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इतालवी मरीन प्रकरण के आरोपी विशेष अदालत में पेश होंगे

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वर्ष 2012 में केरल तट से दूर समुद्र में दो भारतीय मछुआरों को मारने के आरोपी दो इतालवी मरीन कल यहां की एक अदालत में पेश होंगे जो उन दोनों को हिरासत में लेने के राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अनुरोध पर सुनवाई करेगी।

भारत और इटली के बीच राजनयिक विवाद पैदा करने वाला यह मामला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा के समक्ष सुनवाई के लिए आएगा। उन्होंने मरीन- मैसीमिलियानो लातोर्र और सालवातोरे गिरोन को उनके समक्ष पेश होने के लिए नोटिस जारी किया था।

एनआईए ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत से अनुरोध किया था कि वह ऐसे कदम उठाएं ताकि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार दोनों आरोपी उसकी हिरासत में आ सकें। सुनवाई की निर्धारित तिथि को दोनों अदालत में पेश नहीं हुए थे लेकिन उनका प्रतिनिधित्व उनके वकीलों ने किया था। अदालत ने केवल उस दिन के लिए उन्हें पेशी से छूट दी गई थी। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख आठ जनवरी, 2014 तय की थी। सूत्रों के अनुसार इस मामले में इसी माह आरोपपत्र दायर किया जा सकता है।


भारतत-बांग्लादेश सीमा पर बढी चौकसी

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भारत ने बांग्लादेश में जारी राजनीतिक उथल-पुथल और अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमले की घटनाओं को देखते हुए बांग्लादेश से लगी अपनी सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी ने बताया कि हमने अपने जवानों से भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा और चौकसी बढ़ाने को कहा है। भारतीय राज्यों में संवेदनशील सीमाक्षेत्रों पर अतिरिक्त बलों की भी तैनाती की गई है।

अधिकारी ने कहा, ''हालांकि, हमें त्रिपुरा, असम, मिजोरम और मेघालय की सीमा से सटे बांग्लादेश के इलाके में किसी तरह की गड़बड़ी की गुप्त खबर नहीं मिली है, पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे बांग्लादेशी इलाके में गड़बड़ी और अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले की खबर है।''मीडिया में आई खबरों के मुताबिक बांग्लादेश में जस्सोर ओर दिनाजपुर जिलों के अलग अलग हिस्सों में अल्पसंख्यक हिंदू समुदायों के 200 घरों और दुकानों में जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं ने तोड़ फोड़ और लूट मचाई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बांग्लादेश सरकार से देश के अल्संख्यकों की सुरक्षा के लिए उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

भाजपा के त्रिपुरा इकाई के अध्यक्ष सुधींद्र दासगुप्ता ने कहा, ''यदि बांग्लादेश सरकार तुरंत कार्रवाई कर सुरक्षा के लिए उचित कदम नहीं उठाती है, तो हालात नियंत्रण से बाहर हो जाएंगे।''त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक सी. बालासुब्रमण्यन ने संवाददाताओं को बताया, ''सरकार ने बीएसएफ के जवानों से सीमा पर कड़ी सतर्कता बरतने के लिए कहा है। हमने सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधीक्षकों को हालात का सामना करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।''उन्होंने कहा, ''मोबाइल टास्क फोर्स के अधिकारी और सैनिक सीमा पार से किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए सीमावर्ती इलाके में 24 घंटों निगरानी कर रहे हैं।''बीएसएफ प्रमुख और पुलिस महानिरीक्षक राजीब कृष्णा ओर अतिरिक्त महानिदेशक (पूर्व) बी. डी. शर्मा ने सीमा निरीक्षण के मुद्दे को लेकर लगातार बैठकें की हैं।

हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है : केजरीवाल

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है। आम आदमी पार्टी के कौशांबी दफ्तर पर आज सुबह हमला और तोड़फोड़ की घटना पर केजरीवाल ने कहा कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है और अगर ऐसी घटना को अंजाम देने वाले लोग इसे हल मानते हैं तो वह समय और स्थान बता दें, मैं वहां आ जाऊंगा और वे अपनी इच्छा पूरी कर लें।

केजरीवाल ने कहा कि कश्मीर मे सेना की तैनाती का फैसला केंद्र सरकार का है। महत्वपूर्ण यह है कि लोगों की निजी राय का सम्मान किया जाना चाहिए। इस संबंध में जनमत संग्रह कोई विकल्प ही नहीं है।

वहीं, प्रशांत भूषण ने इस घटना पर कहा कि यह इस बात को दर्शाता है कि भारतीय जनता पार्टी आप की बढ़ती लोकप्रियता से बहुत हताश हो गई है। मैं अपने बयान के बारे में स्पष्ट कर चुका हूं, लेकिन यह घटना बीजेपी, संघ परिवार और उनके सहयोगी संगठनों में गहरी हताशा को प्रतिविंबित करती है।

उन्होंने दावा किया कि हमलावरों में एक वह शख्स भी था जो 12 दिसंबर 2011 को सुप्रीम कोर्ट में उनके चैम्बर में उनके साथ की गई धक्का-मुक्की में भी शामिल था। उन्होंने कहा कि हमलावरों में तेजिंदर सिंह बग्गा भी था, जिसने चैम्बर पर मेरे ऊपर हमला किया था। यह बीजेपी का सक्रिय कार्यकर्ता है। उसकी वेबसाइट को बीजेपी और संघ परिवार का सहयोग मिला है।

अमर्यादित व्यवहार रोकने की जरूरत : ऋतिक रोशन

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hritik roshan
बॉलीवुड सुपरहीरो ऋतिक रोशन ने उन खबरों का खंडन किया है जिसमें कहा गया कि उनकी नवीनतम फिल्म 'क्रिश 3'की बॉक्स ऑफिस कमाई को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है। उन्होंने कहा कि अमर्यादित व्यवहार रोकने की जरूरत है। अफवाहों का खंडन करने के लिए ऋतिक ने मंगलवार रात सोशल नेटवर्किं ग वेबसाइट फेसबुक के अपने अधिकारिक पृष्ठ को चुना।

39 वर्षीय इस अभिनेता ने कहा, "फिल्मोद्योग और मीडिया के कुछ वर्गो के लोग मुझे, मेरे पिता और 'क्रिश 3'को नीचा दिखाने पर अडिग हैं। मैं अब तक चुप रहा लेकिन अब इन अमर्यादित व्यवहारों को रोकने की जरूरत है।"उन्होंने कहा, "क्रिश 3'ने भारत में करीब 244 करोड़ और विदेशों में करीब 55 करोड़ रुपये कमाए।"ऋतिक ने गारंटी दी कि उनके और पिता राकेश रोशन के पास फिल्मजगत को देने के लिए बहुत कुछ है।

उन्होंने कहा, "कर्म में यकीन रखिए जैसे मैं और मेरे पिता रखते हैं। मैं और मेरे पिता के बारे में एक और आखिरी बात कह दूं कि हमने अभी शुरुआत की है।"

क्या वे भूषण को मारना चाहते थे : केजरीवाल

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arvind kejriwal
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यालय पर हुए हमले की निंदा की और यह सवाल उठाया कि क्या हमलावरों की मंशा उनके सहयोगी प्रशांत भूषण की हत्या करना था। केजरीवाल ने यहां मीडिया से कहा, "क्या वे भूषण को मारना चाहते थे? क्या यही उनका मकसद था? क्या वे मुझ पर और भूषण पर हमला करना चाहते थे? वे क्या चाहते थे?"


मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर में सेना की तैनाती पर भूषण के दिए गए बयान पर खुद भूषण और पार्टी ने स्पष्टीकरण दिया है। केजरीवाल ने कहा कि हमलावर उन पर या भूषण पर हमला करने के लिए मुक्त हैं, अगर उन्हें लगता है कि वे कश्मीर की समस्या का हल निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा, "लेकिन हिंसा किसी राष्ट्रीय समस्या का हल नहीं करती है।"



आप के कौशांबी स्थित राष्ट्रीय मुख्यालय में हिंदू रक्षा दल के 25 से 40 कार्यकर्ताओं ने हमला किया था। उन्होंने खिड़की के शीशे, फूलदान तोड़े दिए, आप नेताओं पर भविष्य में हमले की धमकी दी और उन्हें अपशब्द कहा। आप का कार्यालय केजरीवाल के आवास के नजदीक है। केजरीवाल ने कहा कि हिंदूओं के भगवान राम ऐसी कोई सेना नहीं बनाते, जो आप के कार्यालय पर हमला करने जैसी हरकतें करते।



उन्होंने खुद को हिंदू करार देते हुए कहा कि वह हमलावरों से अपील करते हैं कि वे राम के सिद्धांतों का पालन करें। केजरीवाल ने कहा कि आप इसका बदला नहीं लेगी। उन्होंने कहा, "हमारी बदला लेने की मंशा नहीं है।"

कुख्यात माओवादी गुड्सा ने किया पत्नी के साथ समर्पण

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नक्सली संगठन के प्रवक्ता गुड्सा उसेंडी ने मंगलवार की शाम एसआईबी हैदरबाद के सामने अपनी पत्नी के साथ समर्पण कर दिया है। पत्नी का नाम रज्जी बताया जा रहा है। गुड्सा उसेंडी पिछले पंद्रह सालों से नक्सलियों के साथ काम कर रहा था। वह नक्सलियों के बड़े नेताओं में शामिल था। आंध्रप्रदेश के खम्मम एसपी ने गुड्सा के सरेंडर करने की पुष्टि की है।

आंध्रप्रदेश पुलिस ने गुड्सा पर 20 लाख का इनाम भी रखा था। बताते चलें कि नक्सलियों की तरफ से आने वाले सभी प्रेस नोट गुड्सा उसेंडी के नाम से ही आते थे। पिछले साल मई में कांग्रेसी नेताओं पर हुए नक्सली हमले की जिम्मेदारी भी गुड्सा ने प्रेस नोट के ज़रिये ली थी।

बताया जा रहा है कि गुड्सा कई बड़ी वारदातों में मास्टरमाइंड था, यह वो कड़ी था जो शहरी नेटवर्क से जानकारी निकाल के नक्सलियों को देता था और प्लानिंग करता था। यही नहीं अपने भाषणों के जरिये यह नक्सलियों में जोश भरने का काम भी करता था। गुड्सा की पत्नी रज्जी छत्तीसगढ़ में कमांडर रैंक पर काम करती थी। बताया जा रहा है कि गुड्सा उसेंडी को गुरिल्ला युद्ध और अत्याधुनिक हथियार चलाने में महारथ हासिल है। छत्तीसगढ़ में हुए लगभग सभी बड़े नक्सली हमले में गुड्सा किसी न किसी रूप में शामिल रहा है। 

गुड्सा पिछले पंद्रह सालों से नक्सलियों के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहा था और इस दौरान छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में नक्सलियों द्वारा अंजाम दी गई हर बड़ी वारदात की जिम्मेदारी गुड्सा ने प्रवक्ता के तौर पर ली है। गुड्सा के सरेंडर करने से कई अहम् खुलासे होने की उम्मीद है। अभी तक उसके समर्पण करने की वजह के बारे में पुलिस की तरफ से कोई जानकारी नहीं मिली है।

अब तक पुलिस के पास यह जानकारी थी कि गुड्सा उसेंडी माओवादियों के प्रवक्ता का एक पद है जिसके नाम से नक्सली अपने सभी प्रेस नोट्स मीडिया को भेजते हैं। पिछले कुछ समय में नक्सली कैंप में अहम् पदों पर काम करने वाले कैडेट्स ने समर्पण किया है। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने के लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों ने पर्चे बांटे थे, ये पर्चे भी गुड्सा उसेंडी के नाम से ही छपे थे।

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (08 जनवरी )

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चार-चार गनरों के साथ सत्ता की धमक दिखा रहा कांग्रेस सचिव भूपेश उपाध्यायः फर्स्वाण
  • आपदा प्रभावितों को बंटने वाले कम्बल जिला पंचायत चुनाव जितने का बने जरिया

देहरादून, 8 जनवरी। सुप्रीम कोर्ट जहां अवैध रूप से गाड़ियों में लगी लालबत्ती और हूटर पर सख्त है, वहीं प्रदेश में सत्ता की धमक दिखाने के लिए कांग्रेस का एक प्रदेश सचिव एक नहीं चार-चार नगरों से पर्वतीय क्षेत्रों में अपनी धमक दिखाते नजर आ रहे हैं। उनकी यह धमक जिला पंचायत चुनाव को लेकर बताई जा रही हैं इतना ही नहीं यह भी जानकारी सामने आई है कि प्रदेश सचिव द्वारा आपदा प्रभावितों के लिए बांटे जाने वाले कम्बल जिला पंचायत चुनाव क्षेत्र में वोटरों को रिझाने के लिए बांटे जा रहे हैं। गौरतलब हो कि प्रदेश में गनर के सहारे अपना राजनैतिक स्टेट्स मेंटेन करने की परिपाटी काफी समय से चली आ रही है, लेकिन उत्तराखण्ड में कांग्रेस की सरकार के बाद यह परिपाटी तेजी से आगे बढ़ती हुई नजर आई हैं प्रदेश में कई छोटे नेता जिन्हैं सुरक्षा की दृष्टि से एक भी गनर उपलब्ध नहीं होना चाहिए, वह सत्ता की धमक के आगे एक दो नहीं चार-चार गनरों को लेकर अपना राजनैतिक स्टेट्स मेंटेन करते हुए नजर आ रहे हैं। उत्तराखण्ड में कपकोट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेसी विधायक ललित फर्स्वाण ने अपनी ही पार्टी के प्रदेश सचिव का मामला उठाते हुए प्रदेश के डीजीपी को पत्र लिखकर उत्तराखण्ड में कांग्रेस के प्रदेश सचिव भूपेश उपाध्याय को सुरक्षा हेतु गनर दिए जाने का सवाल उठाया हैं साथ ही कहा है कि प्रदेश में जब पुलिस के जवानों की भारी कमी मौजूद है, तो ऐसे में भूपेश को किस विशिष्ट श्रेणी के अंतर्गत गनर उपलब्ध कराए गए हैं। वहीं बागेश्वर जनपद से भी दिसम्बर माह में दो पुलिसकर्मियों की तैनाती भूपेश उपाध्याय की सुरक्षा में किए जाने की बातें सामने आई थी, लेकिन इस खबर को पुष्ट करने के लिए बागेश्वर के एसपी आनंद शंकर ताकवाले से जब सम्पर्क करना चाहा तो उन्होंने अपना फोन नहीं उठाया। इसके साथ ही प्रदेश के अंदर कई कांग्रेसी नेता नियम कानूनों को ताक पर रखकर अपने साथ गनर रखते हुए अपना राजनैतिक स्टेट्स मेंटेन करते नजर आ रहे हैं, जबकि सुरक्षा की दृष्टि से उन्हैं गनर उपलब्ध नहीं कराया जा सकता। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश सचिव भूपेश उपाध्याय बागेश्वर सीट से जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हैं और चर्चाओं के अनुसार प्रदेश सचिव द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बंटने वाले कम्बल वर्तमान में बागेश्वर के उस क्षेत्र में बांटे जा रहे हैं, जहां से पंचायत चुनाव के लिए भूपेश उपाध्याय जोर आजमाईश में लगे हैं। उत्तराखण्ड के लिए इससे बड़ी विडम्बना क्या होगी कि एक तरफ तो प्रदेश के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लोग कड़ाके की ठंड में सरकार से आशियानों के साथ-साथ गर्म कपड़ों की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उन कम्बलों को बागेश्वर के क्षेत्रों में राजनैतिक लाभ लेने के लिए वितरित किया जा रहा हैं सूत्रों का तो यहां तक दावा है कि आपदा के दौरान देश-विदेश से राज्य के आपदा प्रभावितों के लिए भेजे गए हजारों कम्बल इसी तरह कांग्रेस के कई नेताओं के गोदामों की शोभा बढ़ा रहे हैं और ये कम्बल तब बाहर आएंगे, जब कोई चुनाव होगा। वहीं यह भी खबर है कि जिला पंचायत अल्मोड़ा की सीट वर्ष 2003 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान महिला अनुसूचित जाति की थी, जो वर्ष 2008 के हुए चुनाव में सामान्य पुरूष हो गई थी, लेकिन राज्य सरकार द्वारा किए गए परिसीमन पर यह सीट वर्तमान में महिला सामान्य होनी चाहिए थी, लेकिन इस सीट पर एक राजनेता को फायदा पहुंचाने के लिए इस सीट का रोस्टर सामान्य पुरूष रखा गया, जिससे उक्त राजनेता क्षेत्र में अपनी राजनैतिक जमीन तैयार कर सके। वहीं सूत्र यह भी बताते हैं कि कांग्रेसी नेता द्वारा क्षेत्र में खरीदी गई जमीन भी चर्चा का केंद्र बिंदु बनी हुई हैं 

राका की फाइल राहुल के दरबार में, बहुगुणा पर संकट बरकरार
  • पंचायत चुनाव से पहले बहुगुणा को करना होगा विवादित अधिकारी को दरकिनार

vijay bahuguna
देहरादून, 8 जनवरी। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में जहां उत्तराखण्ड शासन सारंगी के इशारों पर नाचा करता था, वहीं मुख्यमंत्री बहुगुणा की सरकार में सारंगी का पर्याय बन चुके राका की धुन पर अब प्रदेश सरकार नाच रही है, लेकिन इसके धुन पर थिरकने वाले लोगों की जमात कोई लम्बी नहीं है, ऐसे लोगों ने राका के अब तक के काले कारनामों की फाईल राहुल दरबार की ओर सरका दी है। अब यह देखना है कि राहुल भी इसकी धुन पर नाचंते हैं अथवा नहीं यह बात राजनीति के गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। गौरतलब हो कि उत्तराखण्ड की सरकार को चलाने के लिए अधिकारियों रूपी सारंगी की कृपा हर सरकार में लगातार जारी है। भाजपा सरकार के शासनकाल में सारंगी की धुन पर प्रदेष के आला नेता जहां नाचा करते थे वहीं सारंगी के बिना शासन के अंदर कोई भी काम नही हो पाता था। खंडूरी के शासनकाल में सारंगी द्वारा किए गए कारनामे जहां भाजपा कार्यकर्ताओ को सरकार से दूर करते चले गए जिसका कारण रहा कि खंडूरी को मुख्यमंत्री की कुर्सी से अलविदा हाईकमान द्वारा कर दिया गया लेकिन खंडूरी के बाद मुख्यमंत्री बने निषंक के शासनकाल में सारंगी का नाम बदलकर यह नाम राका के नाम से फेमस हो गया। निषंक शासनकाल में राका के इषारे पर कई कारनामांे को अंजाम दिया गया जब तक निषंक कुछ समझ पाते तब तक काफी देर हो चुकी थी। भाजपा हाईकमान राका के कारनामों से इतनी आजिज आ चुकी थी कि उसने भाजपा कार्यकर्ताओं को ही सरकार से दूर कर दिया। 2012 के विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद उत्तराखण्ड में विजय बहुगुणा विरोध के बाद कांग्रेस की सरकार के मुख्यमंत्री के रूप विराजमान हुए और बहुगुणा के शासनकाल में एक चर्चित अधिकारी  जिसे शासन से लेकर प्रषासन तक राका के नाम से जाना जाता है के इषारे पर उत्तराखण्ड की सरकार चलनी शुरू हो गई। राका के कारनामो की लिस्ट इतनी लम्बी होती चली गई कि वर्तमान मुख्यमंत्री आम जनता के साथ साथ कांग्रेस के कार्यकर्ताआंे से भी दूरी बनाते चले गए। यह दूरी उसी राका के इषारे पर अंजाम दी गई जो पूर्व में अंजाम दी जाती रही है। उत्तराखण्ड की सरकार में इस विवादित अधिकारी का नाम कई घोटालो में सामने आने के बाद भी अभी तक सरकार के मुख्यमंत्री यह समझने में नाकाम साबित हुए हैं कि अब तक लिए गए फैसले जनता के बजाए इसी अधिकारी के इषारो पर परदे के पीछे से खेले गए हैं। राका का खौफ उन ईमानदार अधिकारियो पर भी लगातार बरकरार बना हुआ है जो प्रदेष के हित में विकास की योजनाओ को आगे बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन इस विवादित अधिकारी पर सरकार की कृपा के चलते कोई भी ईमानदार अधिकारी अपना विरोध दर्ज नही कराना चाहता। यदि कोई विरोध दर्ज कराने की कोषिष करता है तो उसे षडयंत्र के तहत किनारे करने का खेल खेल दिया जाता है। उत्तराखण्ड में आगामी पंचायत चुनाव सरकार की परफोर्मंस साबित करेगंे वहीं यह चुनाव आगामी 2014 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाईनल के रूप में भी माना जा रहा है, इससे यह पता चलेगा कि सरकार की जनता में कितनी पैठ है। वहीं खबर है कि उत्तराखण्ड के विवादित अधिकारी राका की भूमिका को प्रदेष के मुख्यमंत्री समझ पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं और जनता से दूर जाते हुए नजर आ रहे हैं यही कारण है कि देहरादून से लेकर दिल्ली तक सरकार की छवि जनता के बीच नाकारात्मक नजर रही है और जनता का मुखिया होने के कारण मुख्यमंत्री भी जनता के मुख्यमंत्री ना होकर सिर्फ राका तक सीमित होकर रह गए हैं। उत्तराखण्ड को सैरगाह बनाने वाले आधा दर्जन से अधिक अधिकारी डेपोटेषन पर अपना कार्यकाल पूरा चुके हैं लेकिन इसके बाद भी उन्हें उत्तराखण्ड से उनके मूल राज्यो में नहीं भेजा जा सका हैं इसके पीछे भी विवादित अधिकारी राका की कृपा बनी हुई है। माना जा रहा है उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने यदि इस विवादित अधिकारी से दूरी बनानी नहीं शुरू की तो आने वाले दिनो में कोई भी चुनाव कांग्रेस जीतती हुई नजर नही आ रही है और वही हाल प्रदेष के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का होगा जो भाजपा के शासनकाल में खंडूरी व निषंक को दरकिनार कर भाजपा हाईकमान द्वारा किया गया था। राजनैतिक विष्लेषक मानते हैं कि सरकार वर्तमान में विवादित राका के इषारो पर नाचती हुई नजर आ रही है और खुद के विवेक के बजाए ऐसे अधिकारी के विवेक से संचालित हो रही है जो कभी भी राज्य के हित में कोई काम नहीं कर सका हैं। वहीं अब राका की कई विवादित फाइलें राहुल के दरबार में दस्तक दे चुकी हैं और जल्द ही कांग्रेस हाईकमान उत्तराखण्ड में राका रूपी इस अधिकारी को ठिकाने लगाने की रणनीति में जुट गया हैं।

देहरादून एक्सप्रेस में लगी आग, 9 की मौत

ठाणे/देहरादून, 8 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। मंगलवार रात बांद्रा टर्मिनस से करीब साढ़े ग्यारह बजे देहरादून को रवाना हुई देहरादून एक्सप्रेस में आग लगने से नौ लोगों की मौत हो गई हैं मिली जानकारी के अनुसार यह हादसा बुधवार तड़के सुबहर तीन बजे मुंबई से करीब 170 किलोमीटर दूर दहाणू और घोलवाड़ स्टेशन के बीच हुआ, वहीं इस हादसे के लिए रेलवे प्रशासन की लापरवाही को भी जिम्मेदार बताया जा रहा हैं प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रेन संख्या 19019 की स्लीपर बोगी एस टू, एस थ्री और एस फोर में आग थी। आग पर करीब दो घंटे बाद ही काबू पा लिया गया। ये ट्रेन बांद्रा टर्मिनस से रात करीब साढ़े ग्यारह बजे रवाना हुई थी और देहरादून जा रही थी। हादसे की वजह से इस रूट पर ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा हैं ट्रेन की बोगियों में आग कैसे लगी, इसकी वजह अभी साफ नहीं हो पाई हैं वहीं वेस्टर्न रेलवे के पीआरओ के मुताबिक यात्रियों की मौत दम घुटने की वजह से हुई। रेल अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक एस फोर बोगी में मौजूद एक यात्री ने बताया कि आग एस थ्री कोच के पीछे वाले हिस्से में लगी थी और बाद में ये एस टू और एस फोर कोच तक फैल गई। सर्दी होने की वजह से यात्रियों ने खिड़कियां बंद कर रखी थीं। जिसकी वजह से 6 यात्रियों की धुएं में दम घुटने से मौत हो गई। जब ट्रेन दहाणू और घोलवाड स्टेशन के बीच में थी तभी एक गेटमैन ने ट्रेन के गार्ड को आग के बारे में जानकारी दी। मरने वालों में दो लोगों की पहचान दीपिका शाह और देवशंकर उपाध्याय के रूप में हुई हैं वहीं चश्मदीदों की मानें तो ट्रेन हादसे में होने वाली मौत के लिए रेलवे प्रशासन की लापरवाही जिम्मेदार हैं कहा जा रहा है कि देहरादून एक्सप्रेस ट्रेन में दहानु स्टेशन से पहले ही आग लगने की खबर मिल गई थी। इस खबर के मिलने के बाद ट्रेन को गोरेगांव स्टेशन पर रोक दिया गया। लेकिन इसके बाद आग की पूरी तरह से तहकीकात करने के बजाय इसे मामूली बता दिया गया और ट्रेन को रवाना कर दिया गया। अगर शिकायत मिलते ही आग की ठीक से जांच-पड़ताल की गई होती तो इतने बड़े हादसे को टाला जा सकता था। साफ है कि रेलवे प्रशासन की समें बड़ी लापरवाही थी। रेल मंत्री मल्लिकाजरुन खड़गे ने मुंबई-देहरादून एक्सप्रेस ट्रेन में आग हादसे में लोगों की मौत पर आज दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रूपए का अनुदान देने की घोषणा की। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अरूणेंद्र कुमार ने कहा, रेल मंत्री ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और इस दुर्भाग्यूपर्ण घटना में मरने वाले लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रूपये तथा गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को एक-एक लाख रूपए का अनुदान देने की घोषणा की हैं मामूली रूप से घायल लोगों को 50-50 हजार रुपए की राशि दी जाएगी। वहीं पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी शरतचंद्र ने कहा कि 9 मृतकों में एक महिला और 4 पुरूष हैं। बाकी लोगों की पहचान होनी अभी बाकी हैं पुलिस ने बताया कि चार लोग मामूली रूप से घायल हुए हैं। चंद्र ने कहा कि आग एक डिब्बे में सुबह लगभग 2 बजकर 50 मिनट पर लगी और जल्द ही यह दो अन्य डिब्बों में फैल गई। उस समय यात्री सोए हुए थे। आग लगने की वजह का पता अभी नहीं चल सका हैं 
     
देहरादून जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण की स्थिति घोषित

देहरादून, 8 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। मंगलवार देर रात देहरादून जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण की स्थिति घोषित कर दी गई। जिसमें महिलाओं के लिए 50 फीसदी सीटें आरक्षित की गई हैं। आठ और नौ जनवरी को आरक्षण के प्रस्तावों पर आपत्तियां दर्ज की जाएंगी। वहीं आपत्तियों का निस्तारण 10 और 11 जनवरी को किया जाएगा। 13 जनवरी को आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। जिले में 460 ग्राम पंचायतों, 43 जिला पंचायत सदस्यों एवं 240 क्षेत्र पंचायतों सीटों पर चुनाव होने हैं। जहां ब्लॉक चकराता व कालसी को अनारक्षित रखा गया है तो वहीं विकासनगर - अनुसूचित जाति महिला, सहसपुर - अन्य पिछड़ा वर्ग महिला, रायपुर - अनारक्षित, डोईवाला - अनुसूचित जनजाति महिला, क्षेत्र का नाम - श्रेणी, किस्तुड - अनुसूचित जनजाति महिला, बायला - अनुसूचित जनजाति महिला, आरा - अनुसूचित जनजाति महिला, बनाड बास्तिल - अनुसूचित जनजाति, अंबाड़ी - अनुसूचित जनजाति, मलेथा - अनुसूचित जाति महिला, मंगरौली - अनुसूचित जाति महिला, कचटा - अनुसूचित जाति महिला, मैरावना - अनुसूचित जाति, उदपाल्टा - अनुसूचित जाति, सुद्धोवाला - अनुसूचित जाति, फतेहपुर - अन्य पिछड़ा वर्ग महिला, जोहड़ी - अन्य पिछड़ा वर्ग महिला, मारखमग्रांट द्वितीय - अन्य पिछड़ा वर्ग महिला, शाहपुर कल्याणपुर - अन्य पिछड़ा वर्ग, शंकरपुर - अन्य पिछड़ा वर्ग, डैशवाला - अन्य पिछड़ा वर्ग, बकराल गांव - महिला, चंद्रबनी - महिला, डांडा लखौंड - महिला, नत्थनपुर द्वितीय - महिला, बडासीग्रांट - महिला, चकतुनवाला - महिला, माजरी माफी - महिला, रानीपोखरी ग्रांट - महिला, रायवाला - महिला, ऋषिकेश पंचम - महिला, ऋषिकेश चतुर्थ - महिला, सेवलाकला - महिला, रसूलपुर - महिला, जामनखाता - अनारक्षित, शेरपुर - अनारक्षित, सेंट्रल होपटाउन - अनारक्षित, लक्ष्मीपुर - अनारक्षित, भुडडी - अनारक्षित, लाडपुर - अनारक्षित, सुदंरवाला - अनारक्षित, भारुवाला ग्रांट - अनारक्षित, अठूरवाला - अनारक्षित, श्यामपुर - अनारक्षित, पुनाड पोखरी - अनारक्षित, व्यासनहरी - अनारक्षित, केदारावाला - अनारक्षित श्रेणी में रखा गया हैं 

पल्लेदार की हत्या

देहरादून, 8 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। पल्लेदार ने पल्लेदार की शराब के नशे में ईट मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने शव को कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए भेज हत्यारोपी की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस द्वारा प्र्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार प्र्रातः पटेलनगर कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि निरंजनपुर मण्डी में एक व्यक्ति का शव पडा हुआ है। सूचना मिलते ही बाजार चौकी प्र्रभारी नरेन्द्र्र ठाकुर मौके पर पहुंचे। आसपास के लोगों ने बताया कि मृतक का नाम दिनेश बिजनौरी है। उन्होंने बताया कि मृतक मण्डी में पल्लेदारी का काम करता था। आसपास के लोगों ने पुलिस को बताया कि गत दिवस दिनेश का अपने साथी पल्लेदार रामअवतार पुत्र छोटे लाल निवासी तहसील तिलक जनपद शाहजहां पुर के साथ शराब पीकर विवाद हो गया था तथा रामअवतार ने दिनेश के सिर पर ईंट से हमला कर घायल कर दिया था। उन्होंने पुलिस को बताया कि ईट लगने के बाद दिनेश नशें में वही घुमता रहा था तथा मण्डी में ही सो गया था। प्र्रातः लोंगो ने जब उसका उठाने का प्र्रयास किया तो वह उन्हें मरा मिला था। चौकी प्र्रभारी नरेन्द्र्र ठाकुर ने बताया कि ईट लगने से दिनेश के सिर में खून जम गया था जिससे उसकी मौत हो गयी। पुलिस के अनुसार मृतक पूर्व में रेलवे स्टेशन पर जेब काटने का काम करता था तथा कई बार जेल भी जा चुका है। पुलिस ने शव को कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए भेज रामअवतार की तलाश शुरू कर दी है।

महिलाओं को आत्म सुरक्षा के गुर सियाये

देहरादून, 8 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। बुधवार को पुलिस लाईन में महिलाओं को आत्म सुरक्षा के गुर सिखाने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। आज पहले दिन छात्राओं को जूडो-कराटे का प्रशिक्षण दिया गया। मनचलों से बचाव के लिए उन्हें स्प्रे पेपर भी बांटे गये। पुलिस लाईन के सभागर में इस जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें तीन सौ से अधिक छात्राओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक केवल खुराना, पुलिस अधीक्षक नवेदिता कुकरेती तथा महिला संरक्षण अधिकारी रविन्द्री मंदरवाल मौजूद थे। छात्राओं को फायरिंग प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही उन्हें जूड़ो कराटे व योगा का प्रशिक्षण भी दिया गया। उन्हें साईबर क्राईम के बारे में भी जानकारी दी गयी। दोपहर बाद इन छात्राओं को विभिन्न थानों की कार्यप्रणाली से अवगत कराने और थाने-चौकियो में जाने की हिचक को दूर करने के लिए थानों का भ्रमण भी कराया गया। एसएसपी ने बताया कि यह जागरूकता अभियान 12 जनवरी तक चलेगा। 12 जनवरी को जागरूकता रैली निकाली जायेगी। इस दौरान उनसे आईएएस व आईपीएस महिला अधिकारी भी अपने अनुभव शेयर करेंगी।

सरकार के खिलाफ लामबंद्ध हुए व्यापारी

देहरादून, 8 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। सत्रह साल पहले समाप्त कर दिये गये कानून को फिर से लागू करने से बिफरे व्यापारी सड़कों पर उतर आये। बुधवार को घण्टाघर पर व्यापारियों ने सरकार का पुतला फूंक कर आक्रोश जताया। व्यापारियों ने इस कानून को शीघ्र समाप्त न करने पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल उत्तराखण्ड के बैनरतले सभी व्यापारी एमडीडीए कॉम्पलैक्स में एकत्र हुए जहां से उन्होंने सरकार के पुतले के साथ घण्टाघर तक रैली निकाली। घण्टाघर चौराहे पर सरकार का पुतला फूंकने के बाद व्यापारियों ने जिला मुख्यालय का रूख किया और जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। संगठन के अध्यक्ष अनिल गोयल का कहना था कि सरकार द्वारा व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। उत्तराखण्ड अनुसूचित वस्तु व्यापारी आदेश को लागू कर सरकार व्यापारियों को समाप्त करना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह कानून वर्ष 1955 में लागू किया गया था जो 17 वर्ष पहले समाप्त हो चुका है लेकिन सरकार फिर से इस कानून को व्यापारियों पर थोपना चाहती है। उनका कहना था कि अब इस कानून का कोई औचित्य नहीं है। यहां पर भण्डारण की कोई व्यवस्था ही नहीं है यह कानून उत्तराखण्ड जैसे विषम भौगोलिक परिस्थिति जैसे राज्य के अनुकूल नहीं है। यहां पिछले 50 वर्षों में न तो कोई जमाखोर है और न ही जमाखोरी का कोई मामला प्रकाश में आया है। आज जब देश खाद्य पदार्थों की दृष्टि से आत्मनिर्भर हो चुका है तो इस कानून का कोई औचित्य ही नहीं है। व्यापारियों का कहना था कि स्टाक सीमा प्रतिबंध लागू होने से प्रदेश का खुदरा व्यापारी मात्र 10 कंुतल तक ही स्टाक कर पायेगा जबकि कुमाउं व गढ़वाल के पर्वतीय क्षेत्रों में सप्लाई करने वाले नगरों के व्यापारियों को बारिश, सर्दी व आपदा की स्थिति में अविलम्ब पर्वतीय क्षेत्रों में खाद्यान्न की आपूर्ति करनी होती है ऐसे में यह कानून पहाड़ी क्षेत्रों में खाद्यान्न संकट खड़ा कर देगा। इस कानून के लागू होते ही उत्तराखण्ड के तराई क्षेत्रों में धान व दालों का व्यापार करने वाले व्यापारी भी व्यापार नहीं कर पायेंगे। उनका कहना था कि उत्तराखण्ड शासन द्वारा राज्य के व्यापारियों पर स्टाक भण्डारण की लिमिट तय करते हुए खाद्य विभाग के अधिकारियों को व्यापारिक स्थलों पर छापे की कार्यवाही, व्यापारी की अनुपस्थिति के दौरान उसके प्रतिष्ठान के ताले तोड़ कर तलाशी व जेल तक का प्रावधान रखा गया है जो किसी भी तरह से व्यापारियों के हित में नहीं है और वे इसका पुरजोर विरोध करते हैं।
व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश में खाद्यान्न की कमी, महंगाई, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के अलावा हर वक्त व्यापारी पर जेल व उत्पीड़न की तलवार लटकी रहेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस कानून अविलम्ब समाप्त न किया गया तो वे सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। प्रदर्शनकारियों में प्रदेश अध्यक्ष अनिल गोयल, कार्यकारी अध्यक्ष उमेश अग्रवाल, जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र प्रभाकर, महानगर अध्यक्ष विपिन नागलिया, महानगर महामंत्री अमरजीत सिंह आनंद, अखिल भाटिया, अनुज जैन तथा मीत अग्रवाल आदि शामिल थे।

ग्रीन दून, क्लीन दून मूवमेंट के तहत जनांदोलन किया जाएगा: नेगी

देहरादून, 8 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। भाजपा पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी दिगम्बर सिंह नेगी ने कहा विजन और प्लानिंग का एमडीडीए के नये मास्टर प्लान में अभाव है। संशोधन के नाम पर अपरिभाषित क्षेत्र के नाम से लीपापोती की गयी। उन्होंने कहा कि ग्रीन दून, क्लीन दून मूवमेंट के तहत लोगों के सहयोग से जनांदोलन किया जाएगा। बुधवार को त्यागी रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए भाजपा पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी दिगम्बर सिंह नेगी ने कहा कि एमडीडीए मास्टर प्लान में देहरादून के प्राकृतिक सौन्दर्य व पर्यावरण संरक्षण कर समाज के सभी वर्गो की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विजय और प्लानिंग का अभाव है। मास्टर प्लान 2005 में जारी होना था लेकिन 2013 में जारी हो रहा है। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान के संशोधन के नाम पर प्लान में अपरिभाषित क्षेत्र के नाम से लीपापोती की गयी है। एमडीडीए का प्लान स्पष्ट व वर्गीकृत नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि देहरादून नगर निगम में 79 और ग्रामीण क्षेत्र में 39 अधिकृत मलिन बस्तियां है। इन बस्तियों को मास्टर प्लान में नहीं दर्शाया गया है। साथ ही मलिन बस्तियों के पुनर्वास की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थल लक्ष्मणसिद्ध को पर्यटन स्थल दर्शाना होटल बनाने का षडयंत्र है। एमडीडीए लोगों की सुनवाई कर दो माह में मास्टर प्लान की विसंगतियों को दूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रीन दून क्लीन दून मूवमेंट के चलते मंदिरों, गुरूद्वारों, मस्जिदों, चर्चो, शैक्षणिक संस्थाओं, ग्राम पंचायतों, नगर निगम के वार्डो में जन सहयोग से आंदोलन किया जाएगा। 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर संकल्प दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में निवास करने वाले किसानों की आवश्यकताओं की पूर्ति की कोई योजना नहीं है। मास्टर प्लान में दर्शायी गयी योजनाओं को साकार करने के लिए बजट का भी निर्धारण नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि देहरादून में इनफ्राइस्टक्चर विकसित करने व सेवा प्रदान करने वाली सरकारी संस्थाओं नगर निगम, जल निगम, जल संस्थान, लोनिवि, आरटीओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जेएनएनयूआरएम, जिला पंचायत, उर्जा निगम आदि से समन्वय का स्पष्ट अभाव दिखायी दे रहा है। इस अवसर पर भाजपा सह मीडिया प्रभारी अभिमन्यु कुमार, प्रदेश संयोजक शिक्षा प्रकोष्ठ श्रीमती इन्दूबाला, श्रीमती शोभना स्वामी, ग्राम प्रधान लाडपुर कपिल बोहरा आदि मौजूद थे।

मंडी कार्यालय पर गरजे भाजपा कार्यकर्ता

देहरादून, 8 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। सरकार द्वारा फल व सब्जियों से मंडी शुल्क हटाने के बावजूद इनकी आसमान छूती कीमतों को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंडी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के नाम एक ज्ञापन मंडी सचिव के माध्यम से प्रेषित किया। बुधवार को भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश सुमन ध्यानी के नेतृत्व में धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता एवं किसानों ने निरंजनपुर स्थित कृषि उत्पादन मंडी समिति के कार्यालय पहंुचकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि सब्जियों के दाम मंडी से बाहर निकलने से पहले ही आढत और अन्य शुल्क के कारण 13.25 प्रतिशत जाते है। मंडी शुल्क समाप्त होने के बाद भी न तो किसानों को लाभ हो रहा है और न ही उपभोक्ताओं को सस्ती सब्जियां मिल रही है। उन्होंने कहा कि मंडी में पफल एवं सब्जी उत्पादकों से 6.25 प्रतिशत आढत ली जा रही है। जबकि मंडी एक्ट के प्रावधन के अनुसार किसान से कोई आढत नहीं ली जा सकती। आढत के कारण किसानों को दिक्कतें हो रही है और सब्जियां महंगी हो रही है। उन्होंने किसान से आढत न लेने, फल एवं सब्जियों को उपभोक्ताओं तक सस्ते दामों में पहंुचाने की मांग की। इस अवसर पर विष्णु सुन्दरियाल, चरना सिंह कंडारी, मुकुण राणा, संतराम, मुन्नालाल वर्मा, सुरेन्द्र शर्मा, दीप गुप्ता, मनोज चतुर्वेदी, जमशेद अली, सुकई प्रसाद, सत्यप्रकाश, जगदीश, छोटेलाल, सोनू वर्मा, राकेश, संजीव, जयकरन आदि शामिल थे।

नेपाल के बिजली संकट के लिए हम जिम्मेवार नहीं : भारत

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power crisis in nepal
भारत ने स्पष्ट किया है कि नेपाल में छाए गंभीर बिजली संकट के लिए वह जिम्मेवार नहीं है। संकट से निपटने में अधिकारी जुटे हुए हैं। भारत ने हालांकि कहा है कि वह नेपाल में बिजली की कमी को दूर करने में मदद करेगा और इस दिशा में कुछ ठोस कदम उठाए गए हैं।

नेपाली मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चूंकि भारत ने नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) को भारतीय इलाके में पारेषण लाइनों को सुधारने की इजाजत नहीं दी इसकी वजह से लोड शेडिंग बढ़ गई।

नेपाल में उत्पादन और वितरण करने वाली एकमात्र विद्युत कंपनी एनईए ने कहा है कि बारिश के मौसम के मुकाबले अन्य समय में बिजली की मांग 100 मेगावाट से ऊपर हो जाती है। बिजली गुल रहने के पीछे नदियों में पानी का स्तर घट जाना बताया जा रहा है। जलस्तर घट जाने से बिजली का उत्पादन गिर गया है।

विकास दर रह सकती है 5 फीसदी : प्रधानमंत्री

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manmohan singh
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि देश की मौजूदा कारोबारी साल में विकास दर पिछले कारोबारी वर्ष की भांति पांच फीसदी रह सकती है। उन्होंने साथ ही कहा कि देश की वर्तमान और भविष्य की आर्थिक स्थिति पर चिंता करने की जरूरत नहीं है। 12वें प्रवासी भारतीय दिवस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "2004 के बाद नौ सालों में हमने औसत 7.9 फीसदी विकास दर हासिल की।" उन्होंने कहा, "बेशक हाल में विकास दर घटी है और संभवत: इस साल भी विकास दर पिछले साल की तरह पांच फीसदी रह सकती है।" सिंह ने कहा कि कई घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पहलुओं के कारण ऐसी स्थिति हुई है।

उन्होंने कहा, "इन चुनौतियों के बाद भी हमारी आर्थिक बुनियाद मजबूत है। हमारी बचत और निवेश दर अब भी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 30 फीसदी है।"उन्होंने अनिवासी भारतीयों से कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य के बारे में कई सवालों और सामाजिक चुनौतियों की चिंता के बाद भी वे आशान्वित रहें। सिंह ने कह, "बाहर यह धारणा बनी है कि पिछले एक दशक में हासिल देश की विकास दर थोड़ी घटी है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से इसे और बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है, जिसकी आवाज चुनावी वर्ष में और बढ़ जाती है।"

उन्होंने कहा, "मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि वर्तमान और भविष्य के बारे में चिंता करने का कोई कारण नहीं है।"उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि राजनीतिक समर्थन के अभाव में कई वित्तीय और बीमा सुधार के कदम नहीं उठाए जा सके, लेकिन जो भी कदम उठाए गए हैं, उनके परिणाम आने लगे हैं और भारत फिर से आकर्षक निवेश स्थल के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ महीनों में इसका प्रमाण मिल जाएगा।

शिक्षा क्षेत्र में हुई तरक्की पर उन्होंने कहा कि देश में केंद्रीय विश्वविद्यालयों की संख्या 17 से बढ़कर 44 हो गई है और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान तथा भारतीय प्रबंधन संस्थानों की संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है।

रिज़र्व बैंक की नचिकेत मोर कमेटी की सिफारिशों का व्यापारियों ने किया स्वागत

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  • विशेष बैंक की स्थापना और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कम्पनियों को मजबूत करने की कि मांग

देश के व्यापारियों के शीर्ष संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने रिज़र्व बैंक के गवर्नर श्री रघुराम राजन द्वारा छोटे व्यापारियों और कम आय वाले लोगों को वित्तीय सहायता देने के सम्बन्ध में गठित नचिकेत मोर कमेटी की सिफारिशों का स्वागत करते हुआ कहा है की छोटे व्यापारियों और कम आय वाले लोगों को बैंकों द्वारा कतई वित्तीय सहायता नहीं दी जाती ऐसे में नचिकेत मोर कमेटी की सिफारिशों पर रिज़र्व बैंक और भारत सरकार को तुरंत गौर करते हुए एक उपरोक्त वर्गों के लिए एक सामानांतर वित्तीय व्यवस्था विकसित करनी बेहद आवश्यक है! इससे व्यापार और लघु उद्योग को बढ़ावा मिलेगा वहीँ दूसरी ओर सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा !

 कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की स्वयं नचिकेत मोर कमेटी ने स्वीकार किया है की देश में लगभग 90 % छोटे कारोबारियों और कम आय वाले लोगों को स्थापित वित्तीय संस्थाओं जिनमें सरकारी बैंक भी शामिल हैं से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलती है वहीं दूसरी ओर ग्रामीण एवं शहरी जनसख्यां के लगभग 60 % लोंगों का कोई बैंक अकाउंट तक नहीं है ! इस से साफ़ जाहिर होता है की बैंक ओर सरकारी वित्तीय संसथान छोटे व्यापारियों ओर कम आय वाले लोगों को वित्तीय सहायता देने में बेहद असफल साबित हुए हैं जो बेहद चिंताजनक है !

 श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की वर्त्तमान में छोटे व्यापारियों ओर कम आय वाले लोगों को अपनी वित्तीय आवश्यकताओं के लिए निजी मनी लेंडर्स पर निर्भर रहना पड़ता है जो कोई स्वस्थ पद्दति नहीं है ! उन्होंने कहा की नचिकेत मोर कमेटी ने इन वर्गों के लिए एक "विशेष बैंक"स्थापित करने की सिफारिश की है जो बेहद तार्किक सुझाव है ! उन्होंने ने यह भी कहा की छोटे व्यापारियों ओर कम आय वाले लोगों को आर्थिक सहायता देने में नॉन बैंकिंग फाइनेंस कम्पनियां भी एक महतवपूर्ण भूमिका निभा रही है जो केवल छोटे व्यापारियों ओर कम आय वाले लोगों को ही ऋण देती हैं ! विशेष बैंक स्थापित करने के साथ साथ नॉन बैंकिंग फाइनेंस कम्पनियों को भी सुदृढ़ किया जाए ओर उनके लिए बैंकों से अलग एक विशेष दिशा निर्देश जारी किये जाएँ तो छोटे व्यापारियों ओर कम आय वाले लोगों की वित्तीय आवश्यकता की पूर्ती काफी हद तक की जा सकती है !

 दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा की नचिकेत मोर कमेटी ने अपनी सिफारिशों में यह भी कहा है की देश भर में ऐसे बैंक अथवा वित्तीय संसथान स्थापित किये जाएँ जहाँ केवल 15 मिनट में ही पहुँच कर पैसा जमा करना, निकालना या भुगतान करना सम्भव हो सके ! कमेटी का यह सुझाव भी छोटे व्यापारियों ओर कम आय वाले लोगों को वित्तीय सहायता समय से  उपलब्ध कराने में बेहद क्रन्तिकारी साबित होगा !

 श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की कैट नचिकेत मोर कमेटी का बेहद गहराई से अध्यन करने के पश्चात् इस मुद्दे को रिज़र्व बैंक के गवर्नर ओर भारत सरकार के साथ जोर शोर से उठाएगा जिस से देश भर में फैले 6 करोड़ से अधिक छोटे व्यापारियों ओर बड़ी संख्यां में कम आय वाले लोगों को वित्तीय सहायता के लिए दर दर भटकना न पड़े !


live aaryaavart dot com
---विजयेन्दर शर्मा---

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (08 जनवरी )

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पहुंच मार्गो के निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृृति जारी

vidisha map
राज्यसभा सांसद श्री अनिल माधव दवे की अनुशंसा पर लटेरी एवं सिरोंज विकासखण्ड में स्वीकृृत किए गए पांच पहंुच मार्गो के निर्माण कार्यो हेतु कलेक्टर श्री एम0बी0ओझा ने 15 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृृति जारी कर दी है। सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना निधि से स्वीकृृत किए गए जिन पांच निर्माण कार्यो के लिए क्रमशः तीन-तीन लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृृति जारी की गई है उनमें लटेरी विकासखण्ड के ग्राम बलरामपुर में टोकरा रोड़ से धरगा पहुंच मार्ग और टोकरा से बरखेड़ा घोसी पहुंच मार्ग के लिए तथा सिरोंज विकासखण्ड में ग्राम आरोन रोड़ से जेतपुर पहंुच मार्ग तथा ग्राम आंधारेला से चोपना पहुंच मार्ग और ग्राम खेजड़ाउदा से खेजड़ाहाली पहंुच मार्ग के निर्माण कार्य हेतु प्रशासकीय स्वीकृृति जारी की गई है।

टेंकर क्रय हेतु प्रशासकीय स्वीकृृति जारी

सांसद श्रीमती सुषमा स्वराज की अनुशंसा पर बासौदा विकासखण्ड के ग्राम सौंसेरा में पानी का एक टेंकर क्रय की अनुशंसा कलेक्टर श्री एम0बी0ओझा द्वारा जारी कर दी गई है। सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना निधि से साढे पांच हजार लीटर टेंकर क्रय करने हेतु एक लाख 26 हजार 967 की प्रशासकीय स्वीकृृति जारी की गई है। कार्य के सम्पादन हेतु जिला प्रबंधक एम0पी0स्टेट एग्रो0इंड0डेव्हा0 कार्पोरेशन को ऐजेन्सी नियुक्त किया गया है। क्रय करने की समय सीमा जनवरी 2014 नियत की गई है। 

सर्पदंश के चार प्रकरणों में राशि जारी 

कलेक्टर श्री एम0बी0ओझा ने सर्पदंश के चार प्रकरणों में दो लाख रूपए की आर्थिक मदद मृृतकों के निकटतम परिजनों को जारी कर दी है। जिसमें सिरोंज के मृृतक श्री नसीम मिंया की पत्नि श्रीमती राशिदा निवासी ग्राम सोना को और मृतक श्री लाखन सिंह की पत्नि श्रीमती मस्ताबाई निवासी भूखरी तथा कुरवाई के मृृतक श्री हल्कई के पुत्र श्री रामचरण निवासी ग्राम लायरा और बासौदा के मृृतक श्री कैलाश सिंह की पत्नि श्रीमती सुशीला बाई सहित प्रत्येक को पचास-पचास हजार रूपए की आर्थिक मदद जारी की गई है। 

तहसीलदारो को छह लाख से अधिक की राशि आवंटित

कलेक्टर श्री एम0बी0ओझा ने आर0बी0सी0 के तहत दर्ज किए गए प्रकरणों के पीडि़तों को तत्काल आर्थिक मदद मुहैया हो सकें इसके लिए तहसीलदारों को छह लाख 47 हजार तीन सौ रूपए की राशि आवंटित कर दी है। उन्होंने संबंधित तहसीलदार को निर्देश दिए है कि जारी राशि का जिला कोषालय, उप कोषालयों से शीघ्र आहरण कर वितरित कराएं और की गई कार्यवाही से जिला कार्यालय को अवगत कराएं। कलेक्टर श्री ओझा द्वारा तहसीलवार आवंटित राशि तदानुसार विदिशा को एक लाख 96 हजार सात सौ रूपए, बासौदा को एक लाख 51 हजार पांच सौ रूपए, कुरवाई को एक लाख पचास हजार रूपए, सिरोंज तहसील को एक लाख रूपए, नटेरन को तीन हजार नौ सौ रूपए, ग्यारसपुर को 24 हजार रूपए और गुलाबगंज तहसील को 21 हजार दो सौ रूपए आवंटित किए गए है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रदर्शनकारियों पर बर्बर लाठीचार्ज की सख्त निन्दा की

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आज ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में बिहार विधान सभा पर प्रदर्शन करने जा रहे प्रदर्शनकारियों पर बर्बर लाठीचार्ज की सख्त निन्दा की है। पार्टी ने गिरफ्तार छात्रों को रिहा करने एवं उनपर किए गए झूठे मुकदमें वापस लेने की भी मांग की है। 
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आज यहां जारी अपने बयान में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव ने कहा है कि आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन की बिहार इकाई ने पहले से घोषित अपने कार्यक्रम के मुताबिक आज अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद वली उल्ला कादरी के नेतृत्व में हजारों की संख्या में उपस्थित होकर गाँधी मैदान, पटना से बिहार विधान सभा की ओर मार्च किया। छात्र-छात्राओं के इस जुलुस को पहले तो डाकबंगला पर रोकने का पुलिस ने प्रयास किया। पर इसमें विफल होने पर जब जुलूस आयकर गोलम्बर होते हुए आर॰ ब्लाॅक चैराहे पर पहुँचा तो वहां पर पहले से उपस्थित पुलिस ने छात्रों  पर बर्बर लाठीचार्ज किया जिसमें ए॰आई॰एस॰एफ॰ की बिहार इकाई के राज्य सचिव सुशील कुमार समेत अनेक छात्रों का सरफट गया और हड्डी टूट गयी। पुलिस ने ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्याध्यक्ष परवेज आलम और राज्य के कोषाध्यक्ष हरेन्द्र पंडित समेत अनेक छात्राओं को भी सड़क पर घेरकर बुरी तरह पीटा जिसमें हरेन्द्र पंडित का पैर टूट गया। पुलिस ने छात्राओं को भी नहीं छोड़ा। राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि पुलिस की यह कार्रवायी अजनतांत्रिक है और अत्यन्त ही निन्दनीय है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी उसकी सख्त निन्दा करती है और बर्बर पिटायी के बाद झूठे मुकदमें करके विभिन्न थानों में गिरफ्तार छात्र-छात्राओं को अविलम्ब रिहा करने एवं उन पर किए गए झूठे मुकदमे को वापस करने की मांग करती है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (08 जनवरी )

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 ठहाकों से गूंज उठा पूरा हाॅल, योग शिविर में साधकों का उत्साह चरम पर

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झाबुआ-- रोटरी क्लब द्वारा आयोजित पांच दिवसीय निःशुल्क विशाल योग शिविर के तीसरे दिन योग प्रशिक्षक रमेशचंद्र छीपा एवं प्रकाशचंद्र बीलाला द्वारा हास्यासन करवाकर योगाभ्यास में आए सभी शिविरार्थियों को हंसा-हंसा कर लोट-पोट कर दिया। इसके साथ ही जिला जेल में भी बुधवार को सुबह कैदियों को योग की विभिन्न क्रियाएं करवाई गई। कार्यक्रम के प्रारंभ में श्रीमती माया पंवार द्वारा गायत्री मंत्र का पाठ किया गया। इसके पश्चात् व्यापारी संघ के सह-सचिव कमलेश पटेल, श्रीमती सोनगरा, श्रीमती ज्योति एवं प्रशिक्षकों द्वारा दीप प्रज्जवलित किया गया। प्रशिक्षकद्वय का स्वागत सेवानिवृत्त राजेन्द्र पंड्या एवं श्रीमती माया पंवार द्वारा किया गया।

ओम सार्वभोमिक एवं शास्वत शब्द है
कार्यक्रम के प्रारंभ मंे योग प्रशिक्षक रमेशचंद्र छीपा द्वारा ‘ओम’ शब्द की व्याख्या करते हुए कहा गया कि ‘ओम‘ सबसे बड़ा एवं महामंत्र है। स्वरोलिकिक महामंत्र है और संपूर्ण जगह व्याप्त है। इस ‘ओम’ शब्द के स्मरण मात्र से ही व्यक्ति को आत्म शांति मिलती है। श्री छीपा ने साधकों से कहा कि योग साधकों की एक अलग पहचान दिखे, इसके लिए आपस में जब भी संबोधन या अभिवादन किया जाए तो ‘ओम’ शब्द का उपयोग किया जाए।

नशा मुक्ति के लिए भी उचित उपाय योग
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इस अवसर पर सहायक योग प्रशिक्षक प्रकाशचंद्र भीलाला ने स्वस्थ रहने के गुर सिखाए। उन्होंने बताया कि शरीर को नुकसान पहुंचाने वाला नशा है। आज एक अनुमान के मुताबिक लगभग 35 प्रतिशत से अधिक लोग नशीले पदार्थ शराब, बीड़ी, सिगरेट, गांजा, चरस आदि के शिकार है। यदि इन सबसे दूर रहना है तो योग एक आवश्यक उपाय है। श्री बीलाला ने कहा कि योग शिविर का आप स्वयं लाभ लेने के साथ ही दूसरो को भी इसके लिए प्रेरित करे।

विशेष आसन करवाए गए
बुधवार को सुबह मुख्य योग प्रशिक्षक श्री छीपा द्वारा शिविरार्थियों को विशेष आसन करवाए गए। कमर दर्द, स्लीप डिस्क, स्पोण्डीलाईटीस और सरवाईकल के दर्द के निवारण हेतु उनके द्वारा मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, मर्कटसान आदि करवाए गए। कार्यक्रम के अंत में सिंव्हासन एवं हास्यासन करवाया गया। जिसमें साधकगण अपने आपको को जोर-जोर से हंसने से रोक नहीं पाए। इस अवसर पर पतंजलि योग समिति के पूर्व जिला संयोजक ललित त्रिवेदी, रोटरी क्लब अध्यक्ष यशवंत भंडारी, रोटरेक्ट क्लब के चेयरमेन शैलेन्द्र चोरे, रोटेरियन विजय पांडे आदि द्वारा भी योगाभ्यास किया गया।

योगिक जोगिंग करवाई गई
स्थानीय शगुन गार्डन में कार्यक्रम के पश्चात् जिला जेल में भी योग शिविर का आयोजन किया गया। यहां मुख्य प्रशिक्षक श्री छीपा एवं सहायक मुख्य प्रशिक्षक श्री बीलाला ने कैदियों को नियमित प्राणायाम के साथ में मंडुक आसन, शशकासान, ताड़ासन करवाया गया। इसके साथ ही योगिक जोगिंग भी करवाई गई। प्रशिक्षण के दौरान ही कुछ कैदियों को योगाभ्यास करने में परेशानी होने पर श्री छीपा द्वारा उन कैदियों को अपने पास बुलाकर क्रिया में सुधार करवाया गया। यह कार्यक्रम लगभग एक घंटे तक चला। इस अवसर पर विशेष रूप से जिला जेल के जेलर आरपी वसुनिया भी उपस्थित थे।

सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत यलो कार्ड बनाये जावेंगे

झाबूआ--पुलिस अधीक्षक एस0पी0सिंह ने बताया कि 25वां सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत आज दिनांक 8/1/2014 को झाबुआ शहर के समस्त स्कूलों में जाकर छात्र-छात्राओं को यातायात के नियमों की जानकादी दी गई। छात्र-छात्राओं द्वारा यातायात एवं पुलिस से संबंधित पूछे गये प्रश्नों के उत्तर भी दिये गये। कल दिनांक 9/1/2014 को समस्त दो पहिया वाहन चालकों के वाहनों के कागजातों को चेक कर यलो कार्ड बनाये जावेंगे। साथ ही यातायात नियमों का प्रचार प्रसार एवं जनता को यातायात नियमों के पालन करवाने की समझाइश दी जावेगी। 

पशु कू्रूरता अधिनियम मे आरोपी गिरफतार
झाबूआ--आरोपी थावरिया पिता गलिया भूरिया उम्र 48 वर्ष एवं अन्य 03 निवासीगण कुंडवास, भैस के पाडे को खाने के लिये काटते हुए पकडा गया। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अप0क्र0 3/14, धारा 429 भादवि एवं 11-घ पशु कुरता अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

स्कूल के रास्ते से नाबालीग का अपहरण 

झाबूआ--फरियादी बहादूर पिता थावसिंह वाखला उम्र 38 वर्ष निवासी जामली फल्या ने बताया कि उसकी पुत्री साक्षी उम्र 17 वर्ष मिशन स्कूल में पढ़ने आई थी, जो वापस घर नही आई, आसपास रिश्तेदारी में तलाश करने पर साक्षी की सहेली ने बताया कि राजू पिता जोगडिया भील निवासी आमली फलिया का साक्षी को मो0सा. पर बिठाकर ले गया। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 18/14, धारा 363 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

कलेक्टर ने संकल्प ग्रुप को नेत्रदान महादान परिचय पत्र वितरित किए

jhabua news
झाबुआ--नेत्र दान एक ऐसा पुनित कार्य हैं, जिसके माध्यम से नेत्रज्योति खो चुके लोगो के जीवन में फिर से खुषिया लाई जा सकती हैं, नेत्र दान के लिए संकल्प पत्र भरवाने में जनजाग्रति अत्यंत महत्वपूर्ण माध्यम होती हैं औंर इस कार्य को सेवा भावना मानकर संकल्प ग्रुप झाबुआ ने करके एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया  हैं। उक्त उद्गार जिला कलेक्टर श्रीमती जयश्री कियावत ने मंगलवार को सायंकाल संकल्प ग्रुप के सदस्यो एवं पदाधिकारियो श्रीमती भारती सोनी, सुनिता आचार्य, रजनी पाटीदार, नेहा आचार्य, संगीता षाह, प्रियंका माहेष्वरी आदि को नेत्रदान महादान परिचय पत्र प्रस्तुत करते हुए कलेंक्टर कार्यालय में व्यक्त किए। श्रीमती भारती सोनी के नेतृत्व में संकल्प ग्रुप ने नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रो में नेत्रदान करने के लिए संकल्प पत्र भरवाने मे महत्ती भूमिका का निर्वाह किया औंर स्वास्थ विभाग तथा जिला प्रषासन उनके इस कार्य की भूरी-भूरी प्रषंसा करते हुए अन्य समाजसेवी संस्थाओ को भी नेत्रदान महादान के इस पावन कार्य में सहभागी होने की अपील की।

भारती सोनी आयोग मित्र नियुक्त

झाबुआ--मध्यप्रदेष मानवाधिकार आयोग द्वारा झाबुआ जिले में उत्कृश्ट कार्य को देखे हुए श्रीमती भारती सोनी को आयोग मित्र के रूप में दायित्व सौंपा हैं। श्रीमती सोनी कों मिले इस सम्मान के लिए संकल्प ग्रुप एवं मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज ने उन्हे बधाईंया देते हुए जनसंपर्क संचानालय का आभार व्यक्त किए हैं।

स्वरोजगारमुखी प्रषिक्षण संपन्न

झाबुआ-- आजाद कौषल विकास केन्द्र रोहिदास मार्ग में स्वरोजगार उददेष्य से जमीनी स्तर पर बीपीएलधारकों एवं 5 वी, 8 वीं उत्तीर्ण ग्रामीण/ षहरी शालात्यागियों को डी.जी.ई एवं टी द्वारा वी.टी.पी. पंजीकृत एम.ई.एस पर आधारित कैाषल विकास पहल की अधीन कौषल उन्नयन कुंदन ज्वेलरी बेसिक टेलर की 3 माही प्रषिक्षण सबल योजनान्तर्गत 20 -20 छात्राओं का निःषुल्क प्रषिक्षण सुचारू रूप से संस्था के मास्टर कोचों द्वारा निरंतर दिया जा रहा है। आजाद अल्पसंख्यक उत्थान समिति अध्यक्ष साबिर फिटवेल ने बताया कि भारत सरकार म.प्र. द्वारा स्वरोजगारमुखी कई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। संस्था द्वारा शाासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन को कराने में महती भूमिका का निर्वहन किया जा रहा है। संस्था द्वारा प्रषिक्षण पष्चात प्रषिक्षणार्थियों को प्लेसमेंट राष्ट्रीय बैंको के माध्यम से सुविधा मुहैया कराने में भागीदारी सुनिष्चित करती है।

व्यापारी संघ ने पंजीयन एवं लायसेंस शिविर आयोजित किया- 400 से अधिक पंजीयन हुए 

झाबुआ--व्यापारी संघ के सहयोग से खाद्य एवं औषधि प्रषायप् विभाग द्वारा स्थानीय राजवाडा चैक पर बुघवार को नगर के खाद्य व्यापारियों के लिये  पंजीयन एवं लायसेंस शिविर का आयोजन किया गया । शिविर प्रभारी पंकज जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि  इस शिविर के माध्यम से  पान की दुकानो, सब्जी व्यवसाईयों,हाॅंटेल,रेस्टोरेंट, किराना दुकान , मेडिकल शाप, दुध उत्पाद की दुकानो, आटाचक्की, चाट ठेलों, इत्यादि व्यापारियों का पंजीयन किया गया  वही बडे व्यापारियों का लायसेंस के लिये पंजीयन किया गया । शिविर मे उपस्थित खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेन्द्र ठाकुर  एवं पंकज  आंचल ने इस अवसर पर खाद्य सुरक्षा नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कानूनी पहलुओं के बारे मे विस्तार से जानकारी दी । उन्होने बताया कि 10 दिनों के अन्दर पंजीयन एवं लायसेंस उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन कार्यालय द्वारा प्रदान किये जावेगें । पंजीयन के लिये चालान शुल्क 100 रूपये तथा 50रूपये आन लाईन आवेदल शुल्क के रूप में जमा करवाये गये है। जिन व्यापारियों ने पूर्व मे ही चालान द्वारा राशि जमा की है उनसे 50 रू0 ही आन लाईन शुल्क लिया जारहा है । आयोजित षिविर में राजवाडा चैक में सभी प्रकार के व्यापारियों का दिन भर जमावडा बना रहा तथा 405 के करीर्ब व्यापारियों का पंजीयन शिविर स्थल पर किया गया । इस अवसर पर व्यापारी संघ अध्यक्ष राजेन्द्र यादव, कमलेश पटेल, उल्लास जैन, मनोज बाबेल,, नितेश कोठारी ,नीतिन सकलेचा, संजय कटकानी पप्पु के अलावा बडी संख्या में व्यापारी संघ के पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित रहे । पंकज जैन ने बताया कि इस शिविर के आयोजन से नगर के व्यापारियों को एक ही स्थान पर एक ही दिन में पंजीयन एवं लायसेंस बनाने में काफी सहायता प्राप्त हुई है ।

फरवरी के पहले पखवाड़े में सरकार बुला सकती है संसद सत्र

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लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में होने वाले हैं, संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने आज कहा कि सरकार लेखानुदान पारित कराने के लिए फरवरी के पहले पखवाड़े में संसद का सत्र बुला सकती है। नाथ ने कहा कि हम फरवरी के पहले पखवाड़े में संसद का सत्र बुलाने जा रहे हैं और जैसी कि परंपरा है, यह सत्र लगभग 15 दिन या 10 बैठकों वाला होगा। मंत्री प्रवासी भारतीय दिवस समारोह के मौके पर संवाददाताओं से अलग से बात कर रहे थे। 
    
चुनाव आयोग के सूत्रों ने संकेत दिया है कि लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में पांच से छह चरणों में होने की उम्मीद है। परंपरा के मुताबिक सरकार लेखानुदान पारित करती है और चुनाव बाद बनने वाली सरकार बजट पेश करती है। सरकार की भ्रष्टाचार रोधी कुछ महत्वपूर्ण विधेयक पारित करने की भी योजना है। नाथ ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि लोकपाल विधेयक पारित कराने के बाद संप्रग चाहती है कि भ्रष्टाचार रोधी कुछ अन्य महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित हों जो कांग्रेस और सरकार के एजेंडा में हैं। रेलवे लेखानुदान और लेखानुदान के अलावा हम ये कार्य (विधेयक पारित कराना) भी करेंगे।
    
उन्होंने इस बात से इंकार किया कि सरकार आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर ये विधेयक पारित कराना चाहती है। व्हिसिल ब्लोअर विधेयक, न्यायिक जवाबदेही विधेयक, भ्रष्टाचार रोकथाम संशोधन विधेयक, सिटिजन चार्टर विधेयक, सेवाओं की समय पर आपूर्ति विधेयक और सार्वजनिक खरीद विधेयक संसद में लंबित हैं। इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कह चुके थे कि इन विधेयकों को पारित कराने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र की अवधि बढायी जानी चाहिए। संसद सत्र शीतकालीन सत्र की निरंतरता में होगा क्योंकि दोनों ही सदनों का सत्रावसान नहीं किया गया है।

भारत ने यूएस दूतावास से वाणिज्यिक गतिविधियां16 जनवरी तक रोकने को कहा

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राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी को लेकर कुछ और जवाबी कदम उठाते हुए भारत ने अमेरिका से कहा कि वह यहां अपने दूतावास के परिसर में चलाई जा रही वाणिज्यिक गतिविधियों को 16 जनवरी तक रोक दे। भारत का यह फैसला न्यूयार्क में भारत की उप महावाणिज्य दूत खोबरागड़े को 13 जनवरी को न्यूयार्क में वीजा धोखाधड़ी मामले में अभ्यारोपित किए जाने से पहले आया है।

भारत सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए दूतावास से कहा है कि वह अमेरिकन कम्युनिटी सपोर्ट एसोसिएशन :एसीएसए: के तत्वावधान में चलाई जा रही तमाम वाणिज्यिक गतिविधियों को रोक दे। इनमें रेस्टोरेंट:बार, वीडियो क्लब, बॉलिंग एले, स्विमिंग पूल, स्पोर्टस फील्ड, ब्यूटी पार्लर और जिम शामिल हैं। अन्य निर्देशों के अलावा अमेरिका से उसके द्वारा वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए भारतीय अधिकारियों को दिए गए टैक्स रिटर्न भी देने को कहा गया है, जो एसीएसए के जरिए गैर राजनयिक व्यक्तियों, जिनमें निजी अमेरिकी नागरिक और उनके परिवार शामिल हैं, को प्रदान की जा रही थीं।

भारत ने गैर राजनयिकों को इस तरह की वाणिज्यिक गतिविधियों के प्रावधान को कूटनीतिक संबंधों पर 1961 की वियना संधि के अनुच्छेद 41:3: का उल्लंघन बताया है। यह भी समझा जाता है कि सरकार ने अमेरिका से कहा है कि इस महीने के बाद से वह सिर्फ अपने राजनयिक कर्मियों के लिए शराब से जुड़े उत्पाद और सिगरेट जैसा ड्यूटी फ्री सामान सीधे हासिल कर सकेंगे। इससे पहले वह दिल्ली स्थित अन्य विदेशी मिशनों के राजनयिक कर्मियों के हिस्से का सामान भी हासिल करते थे और इसके लिए तर्क यह दिया जाता था कि यह राजनयिक भी एसीएसए के सदस्य हैं।

विशेष : क्या सुपर हीरो भारतीय लोकतंत्र को बचा सकता है?

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rahul gandhi
लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है देश में एक ऐसा सुपर हीरो तलाशने की प्रक्रिया में काफी तेजी आयी है जो प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र की सभी समस्याओं को अपनी जादू की छड़ी से छुमंतर कर देगा। इस होड़ में सबसे आगे भारतीय जनता पार्टी है, जिसने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को सुपर हीरो की तरह जनता के सामने पेश करने में कोई कसर नहीं छोड़ा है। वहीं काग्रेस पार्टी भी प्रधानमंत्री पद के अपने अघोषित प्रत्याशी राहुल गांधी को मोदी के सामने अलग ढंग से पेश करने की तैयारी कर रही है और दिल्ली की सफलता के बाद लोग आप पाटी की प्रमुख अरविंद केजरीवाल को भी सुपर हीरो ही मान रहे हैं। इसमें गौर करनेवाली बात यह है कि नरेन्द्र मोदी स्वंय को सुपर हीरो की तरह पेश करते हुए कह रहे हैं कि वे रोने नहीं लोगों का अंशु पोछने के लिए घुम रहे हैं। वहीं झारखंड में लगाये गये भाजपा के बैनर और पोस्टर यही बताने की कोशिश में जुटे हैं कि मोदी का भाषण सुनते ही देश की समस्या खत्म हो जायेगी। यहां सबसे महत्वूपर्ण प्रश्न यह है कि क्या सचमुच नरेन्द्र मोदी जैसा एक सुपर हीरो 125 करोड़ लोगों की समस्याओं का समाधान कर सकता है? क्या लोकतंत्र एक जादू की छड़ी है? और क्या यह आम जनता को तथ्य और सत्य से परे दिगभ्रमित करने ही कोशिश नहीं है?  

भारतीय लोकतंत्र के पिछले 67 वर्ष का अनुभव यह बताता है कि सुपर हीरो देश की समस्याओं का समाधान नहीं है बल्कि उसे यहां की समस्याएं बढ़ी ही है। देश के आजादी के समय नेतृत्वकर्ताओं की भरमार थी लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू एक सुपर हीरो बनकर निकले। उन्होंने देश की समस्याओं को समझने के चारो ओर भ्रमण कर डिस्कॉभरी ऑफ इंडिया नामक पुस्तक भी लिखी और विदेशों का भ्रमण करने के बाद वहां की विकास नीतियों को यहां लागू किया। फलस्वरूप, समाज में बडे़ पैमाने पर आर्थिक असमानता बढ़ी। समाज के कमजोर तबकों के पास आजीविकास के संसाधन थे वे संसाधन हीन होते गए और देश का संसाधन पूंजीपतियों के पास केन्द्रित हो गया। बावजूद इसके एक समय ऐसा था जब कहा जाता था कि नेहरू के बाद देश का क्या होगा? लेकिन फिर इसी सुपर हीरो के फर्मूला को आगे बढ़ाते हुए इंदिरा गांधी ने देश का नेतृत्व संभाला। 

एक समय ऐसा आया था जब भारत देश में इंदिरा गांधी से बड़ा सुपर हीरो की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती थी? उन्होंने गरीबी हटाओ का जबर्रदस्त नारा दिया लेकिन क्या हुआ? उनके सामने बड़े-बड़े कांग्रेसी नेता मुंह खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। फलस्वरूप, यह सुपर हीरो तानाशाही में परिवर्तित हो गया, जो स्वाभाविक प्रक्रिया था। लेकिन इंदिरा गांधी के खिलाफ ही जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में आमजनता की गोलबंदी ने उसे धाराशाही कर दिया। जे.पी. आंदोलन के समय ऐसा स्थिति बन गया था मानो लग रहा था कि देश में सबकुछ बदल जायेगी। लेकिन ठीक उसका उल्टा हुआ। आज देश में सबसे ज्यादा भ्रष्ट नेताओं का तार जे.पी. आंदोलन से जुड़ी नहीं है क्या? वहीं देश में भ्रष्ट एनजीओ का जाल बिछानेवाले लोग भी कौन है यह किसी से छुपी हुई है क्या? इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी के रूप में फिर से देश को सुपर हीरो मिला, जिन्होंने पहली बार जनता को बताया कि केन्द्र सरकार उनके लिए एक रूपये भेजती है लेकिन उनके पास मात्र 15 पैसा ही पहुंचता। आश्चार्य की बात यह है कि राजीव गांधी भी इस समस्या का समाधान नहीं निकल सके और उनके बेटे राहुल गांधी को भी इसी बात को दुहराना पड़ रहा है। बल्कि अब तो हद यह हो गई है कि कोई भी एक सरकारी योजना भ्रष्टाचार के शिकार हुए बिना नहीं बची है और अरबों रूपये खर्च करने के बाद भी एक भी सरकारी योजना देश में नही है जो पूर्णरूप से सफल हो, जिसपर इंफ और बट न लगा हो। 

देश का अगला तथाकथित सुपर हीरो नरेन्द्र मोदी तो कांग्रेस भगाओ देश बचाओ, कांग्रेस भारत छोड़ो और कांग्रेस को बीमारी का जड़ तक कहा है। लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि कांग्रेस पाटी के अलावे देश में जनता पार्टी के नेता मोरारजी देशाई, भाजपा नेता अटल बिहारी बाजपेयी जैसे सुपर हीरो के हाथों में सत्ता की चाभी दी गई लेकिन क्या समस्याएं छुमंतर हो गई थी? जब नरेन्द्र मोदी को देश बचाने वाला एकमात्र सुपर हीरो के तौर पर पेश किया जा रहा है तो हमें यह भी देखना चाहिए कि गुजरात राज्य जहां वे पिछले 15 वर्षों से सरकार चला रहे है क्या वहां अब कोई समस्या नहीं है? गुजरात के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा, स्वस्थ्य, पेयजल, भूखमरी और गरीबी की जो स्थिति है क्या किसी से छुपी हुई है? यह सुपर हीरो वहां की मूलभूत समस्याओं को समाधान अपनी जादू की छड़ी से क्यों नही कर रहा है? या वह जानबूझकर समस्याओं को बरकरार रखना चाहता है? 

हमें यह भी समझना होगा कि आप पाटी के नेता अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से चुनाव में जो वादा किया है क्या वे उसमें सचमुच खरा उतरेंगे? क्या वे प्रत्येक परिवार को 700 लीटर पानी मुफ्त में देंगे? क्या वे बिजली की दामों में 70 प्रतिशत कम करेंगे? और अगर करेंगे भी तो उसकी भरपाई के लिए कहां से अतिरिक्त धन इक्टठा करेंगे? ऐसे देखा जाये तो अपने जमाने में एन टी रामाराव, जे जयललिता, ममता बनर्जी, प्रफुल्ल कुमार महंत, करूणानिधि, मुलायम सिंह यादव, लाल प्रसाद यादव, बीजू पाटनायक और नीतिश कुमार भी सुपर हीरो के तौर पर चर्चित रहे लेकिन क्या इनके शासनकाल में उन राज्यों की समस्याओं का समाधान हो गया? भाजपा जो एक समय नीतिश कुमार को बिहार का सुपर हीरो के रूप में पेश कर रही थी आज उनपर उंगलियां क्यों उठा रही है? इसी तरह पिछले लोकसभा चुनाव तक ऐसा महौल बनाया गया था कि 2014 के आम चुनाव के लिए प्रधानमंत्री उम्मीदवार एकमात्र राहुल गांधी ही हैं लेकिन यूपीए-2 के शासन शैली ने इस गुबारे का हवा ही निकाल दिया और अब उसी शैली में नरेन्द्र मोदी को देश के सामने प्रस्तुत किया जा रहा है, जिसकी कभी भी हवा निकल सकती है क्योंकि पहले भी ऐसा हो चुका है। 2004 के आम चुनाव में अटल बिहारी बाजपेयी को देश एक मात्र मसीहा के रूप में दिखाया गया था लेकिन नतीजा क्या निकला?  

भारत की आजादी से लेकर अबतक देश में कई सुपर हीरो पैदा हुए और खत्म भी हो गए, समास्याओं के समाधान हेतु खरबों रूपये खर्च किये गये, भारत के संविधान में कई संशोधन किया गया, नये-नये कानूनी व नीतियां लायी गयी और राजनीति का स्वरूप में भी बदलाव आयी लेकिन समस्याएं घटने के बजाये बढ़ती ही जा रही है। यह इसलिए हो रहा है क्योंकि भारत का बहुसंख्यक लोग ऐसा समाज का प्रतिनिधित्व करने हैं जो व्यक्तिवादी सोच पर आधारित है इसलिए सबकुछ एक व्यक्ति के इर्द-गिर्द घुमती रहती है और बहुसंख्यक लोग अपना दयित्व नहीं निभाते हैं। इस तरह से नयी-नयी समस्याएं पैदा होती हैं और मौजूदा समस्याएं भी बढ़ती जाती है और एक बार फिर लोग वहीं फिल्मी शैली में सुपर हीरो की खोज में यह सोचकर जुट जाते हैं कि अब उनसे कुछ नहीं हो सकता है और उनके पास एक ही विकल्प है और वह है सुपर हीरो। 

लेकिन हमें यह समझाना चाहिए कि भारतीय लोकतंत्र का नेतृत्व जबतक सामुहिक नहीं होगा, सरकारी ओहदे पर बैठे हुए लोग ईमानदारी से काम नहीं करेंगे और मैंगो पीपुल अपना जिम्मेवारी नहीं निभायेंगे तबतक हम कभी भी अपने समस्याओं से निजाद नहीं पायेंगे। भारतीय लोकतंत्र को सक्षम नेतृत्व चाहिए, जो सभी को लेकर चले, स्वयं का गुनगाण करनेवाला सुपर हीरो देश का कभी भला नहीं कर सकता है। आज अगर लोकतंत्र सही मायने में जिन्दा है तो बस इसलिए क्योंकि पिछले छः दशकों से लगातार ठगे जाने के बावजूद यहां के किसान, मजदूर, आदिवासी, दलित और गरीब लोग लगातार इस उम्मीद में अपना वोट देते हैं कि एक दिन उनके लिए भी सूर्योदय होगा। लेकिन क्या मैंगो पीपुल के उम्मीद से नेताओं को कुछ लेना देना भी है?  


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---ग्लैडसन डुंगडुंग---
लेखक मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं।  

ध्यानचंद को भारत रत्न के लिए निकला जुलूस

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dhyanchandराष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हॉकी प्रशंसकों ने विश्व के महानतम हॉकी खिलाड़ी तथा 'हॉकी का जादूगर'के नाम से लोकप्रिय ध्यानचंद को मरणोपरांत देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न'दिए जाने की मांग करते हुए बुधवार को जुलूस निकाला। ध्यानचंद के लिए निकाली गई यह रैली बुधवार को अपराह्न 2.0 बजे से बाराखंबा रोड से टॉलस्टॉय मार्ग की तरफ शुरू हुई। टॉलस्टॉय मार्ग से होते हुए जुलूस राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख धरना स्थल जंतर-मंतर पहुंची जहां प्रदर्शनकारियों ने धरना दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय को एक ज्ञापन सौंपा।

हॉकी सिटिजन ग्रुप के बैनर तले निकाली गई इस रैली के बाद प्रदर्शनकारियों ने मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिए जाने की मांग वाला पत्र प्रधानमंत्री को सौंपा।

बंगाल की 'एकाधिकारवादी सत्ता'मुझे नहीं देखना चाहती थी : गांगुली

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a k ganguli
पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग (डब्ल्यूबीएचआरसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ए. के. गांगुली ने बुधवार को कहा कि कुछ मामलों में आयोग के अध्यक्ष के रूप में की गई उनकी सिफारिशों को राज्य सरकार ने कभी पसंद नहीं किया। गांगुली ने अपने इस्तीफे में कहा है कि वे 'किसी और साजिश को रचने से रोकने के लिए'और अपने परिवार की 'खुशी और शांति सुनिश्चित'करने के लिए पद छोड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के उनके कार्यकाल के दौरान आयोग के कामकाज के प्रति लोगों में विश्वास जगने से शिकायतों की संख्या दोगुनी हो गई। उन्होंने टीवी चैनल एबीपी आनंद को दिए गए साक्षात्कार में बताया, "हम लोगों का भरोसा जीतने में कामयाब रहे। शिकायतों की संख्या 5000 से बढ़गर 12000 से 14000 हो गई और इसमें अब वृद्धि होगी। लेकिन इस काम को करते हुए मैंने महसूस किया कि राज्य सरकार इसे पसंद नहीं करती है।"

गांगुली पर एक विधि प्रशिुक्षु ने यौन प्रताड़ना का आरोप लगाया था जिसके बाद से उन पर इस्तीफा देने का दबाव था। गांगुली ने उनके मामले में जिस तरह से तीन सदस्यों वाली जांच समिति गठित की गई उसके लेकर सर्वोच्च न्यायालय की भी आलोचना की।

उन्होंने कहा, "पश्चिम बंगाल सरकार मुझे पद पर बने देखना नहीं चाहती थी। बंगाल में जो कुछ हो रहा है वह वास्तव में एकाधिकारवादी सत्ता है जहां किसी को भी विरोध करने की इजाजत नहीं है।"यौन प्रताड़ना का आरोप सामने आने के बाद बनर्जी ने दो बार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखा और गांगुली को पद से हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया था।

प्रवासी भारतीयों को डॉलर में नहीं तौला जाए : मोदी

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narendra modi
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि प्रवासी भारतीयों को डॉलर और पाउंड में नहीं तौलना चाहिए और उनके अनुभव का इस्तेमाल देश को नई दिशा देने में होना चाहिए। प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर मोदी ने कहा, "जब हम प्रवासी भारतीय के बारे में बात करते हैं तो सोचते हैं कि वे डॉलर और पाउंड लाते हैं। हमारे भारतीय भाई-बहनों को डॉलर और पाउंड में नहीं तौलना चाहिए। उनकी अलग कार्य संस्कृति, ज्ञान और अनुभव है। यह अनुभव हमें नई दिशा दे सकता है।" मोदी ने केंद्र सरकार पर भी कई अप्रत्यक्ष हमले किए और कहा कि प्रवासी भारतीय और अन्य निवेशक अब सीधे राज्य सरकार के साथ सौदा करना चाहते हैं।

मोदी ने प्रवासी भारतीय सम्मलेन के तीसरे दिन कहा, "प्रधानमंत्री ने बुधवार को कुछ अच्छी बातें कही थीं। उन्होंने कहा कि लोगों को उम्मीद नहीं छोड़ना चाहिए और अच्छा दिन जल्द वापस आएगा। संभवत: इसके लिए लोगों को चार-छह महीने इंतजार करना पड़ेगा, लेकिन मुझे विश्वास है कि अच्छा दिन आगे आएगा।"उन्होंने यह बात नई सरकार के सत्ता में आने के संदर्भ में कही। 

सीताशरण शर्मा मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष बने

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madhy pradesh assembly
 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सीताशरण शर्मा को सर्वसम्मति से मध्य प्रदेश विधानसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया है। शर्मा के नाम का प्रस्ताव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रखा और संसदीय कार्यमंत्री सहित पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने इसका समर्थन किया। चौदहवीं विधानसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन शेष रह गए विधायकों को प्रोटेम स्पीकर के.डी. देशमुख ने शपथ दिलाई। उसके बाद मुख्यमंत्री चौहान ने अध्यक्ष के लिए शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा, जिस पर सर्वसम्मति बनी। इसके बाद उन्हें अध्यक्ष चुन लिया गया। 

निर्वाचन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुख्यमंत्री चौहान सहित सत्ता और विपक्ष के सदस्य शर्मा को उनकी आसंदी (कुर्सी) तक ले गए। मुख्यमंत्री ने बधाई देते हुए कहा कि शर्मा इस सदन के स्वाभाविक नेता हैं। उनके नाम पर सत्तापक्ष के साथ विपक्षी दल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी व निर्दलीय विधायक सहमत थे। 

चौहान ने आगे कहा कि विधानसभा सिर्फ भवन नहीं है बल्कि यह लोकतंत्र का मंदिर है। शर्मा के संसदीय ज्ञान और उनकी निष्पक्षता पर किसी को संदेह नहीं है।  इसके अलावा कांग्रेस के विधायक सत्यदेव कटारे ने शर्मा से विपक्ष को भी पूरा संरक्षण मिलने की उम्मीद जताई। उधर, नवनिर्वाचित अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि वे तय परंपराओं का पालन करते हुए सभी को अपना संरक्षण देंगे।
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