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शराब कारोबारियों को बचाने का प्रयास कर रही भाजपा : जदयू

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पटना 04 अप्रैल, बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर शराब कारोबारियों का हित साधने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद से भाजपा शासित राज्य इन कारोबारियों का कारोबार बचाने के लिए राजकीय राजमार्गों को जिला पथ में तब्दील करने का प्रयास कर रहे हैं। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के राष्ट्रीय एवं राजकीय राजमार्गों के आसपास शराब की दुकाने बंद करने के आदेश के बाद से हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गोवा जैसे भाजपा शासित राज्य शराब कारोबारियों का कारोबार बचाने के लिए राजकीय राजमार्गों को जिला पथ में बदलने का तिकड़म कर रहे हैं। श्री प्रसाद ने आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय के जिस फैसले से देश की महिलाओं समेत करोड़ों लोगों में ख़ुशी की लहर है, उस फैसले की भाजपा सरकारें धज्जियां उड़ा रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं के लिए जन भावना और कानून से अधिक महत्वपूर्ण शराब कारोबारियों का हित है। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पूर्ण शराबबंदी लागू करने और शराब मुक्त समाज बनाने के आह्वान का राष्ट्रव्यापी असर हुआ है। कई राज्यों में बिहार की तर्ज पर पूर्ण शराबबंदी के लिए आंदोलन हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने सरकारी राजस्व और शराब कारोबारियों से ज्यादा जनता की सेहत और खुशहाली को महत्व देकर सामाजिक परिवर्तन लाने वाला क्रांतिकारी कदम उठाया है। श्री प्रसाद ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी देशभर में राष्ट्रीय एवं राजकीय राजमार्गों के किनारे शराबबंदी का आदेश देकर समाज एवं जनता के हित में फैसला किया है जबकि जनता के मत से सत्ता में आने वाली भाजपा सरकारें जनहित को दरकिनार कर नशे के सौदागरों का हित साधने में लगी हुई हैं।


हजारीबाग में जबरन जुलूस निकालने को लेकर विधायक और पूर्व सांसद हिरासत में

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हजारीबाग 04 अप्रैल,  झारखंड के हजारीबाग में जबरन रामनवमी जुलूस निकालने का प्रयास कर रहे सदर विधायक मनीष जायसवाल और हजारीबाग के पूर्व सांसद यशवंत सिन्हा को पुलिस ने आज हिरासत में ले लिया। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि हजारीबाग शहर में शांति व्यवस्था कायम रखने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने इस बार भी रामनवमी जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी लेकिन जुलूस निकाले जाने को लेकर श्री सिन्हा महुदी पहुंचे। दोनों नेताओं को लोगों को आक्रोशित करने और प्रतिबंध के बावजूद बजरन जुलूस निकालने की कोशिश के आरोप में हिरासत में ले लिया। उल्लेखनीय है कि बड़कागांव अंतर्गत महुदी गांव में वर्ष 1984 में रामनवमी जुलूस के दौरान दो गुटों के बीच हुई झड़प में दो लोगों की मौत हो गई थी। प्रतिबंध के कारण इसके बाद वहां रामनवमी जुलूस कभी नहीं निकाला गया। जिला प्रशासन ने एहतियात बरतते हुये इस बार भी जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी। 

गुजरात की पहली महिला पुलिस प्रमुख बनीं दंगा मामलों से हटायी गयी आईपीएस अधिकारी

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अहमदाबाद, चार अप्रैल, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी गीता जौहरी को गुजरात का नया पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया है। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने जौहरी पर पक्षपात का आरोप लगने के बाद वर्ष 2002 के गुजरात दंगों की एसआईटी से उन्हें हटने को कहा था। अपने करियर के दौरान अकसर विवादों में रहीं 1982 बैच की आईपीएस अधिकारी राज्य के प्रभारी पुलिस महानिदेशक पीपी पांडेय का स्थान लेंगी। इशरत जहां मुठभेड़ मामले में दायर आरोपपत्र में पांडेय का नाम आने के बाद उन्होंने अपनी सेवा विस्तार अवधि पूरी होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। जौहरी राज्य पुलिस प्रमुख बनने वाली पहली महिला हैं। उच्चतम न्यायालय ने कल गुजरात सरकार से कहा था कि वह राज्य के पुलिस महानिदेशक और गांधीनगर रेंज के महानिरीक्षक पदों से पांडेय के इस्तीफा को स्वीकार कर लें। 1980 बैच के आईपीएस अधिकारी पांडेय को 30 अप्रैल तक का सेवा विस्तार दिया गया था। लेकिन पांडेय ने उच्चतम न्यायालय में पूर्व पुलिस प्रमुख जुलियो फ्रांसिस रिबेरियो की ओर से उन्हें हटाने की मांग किए जाने पर इस्तीफा दे दिया था। मुंबई के पुलिस आयुक्त और उग्रवाद के दिनों में पंजाब के पुलिस महानिदेशक रह चुके रिबेरियो ने पांडेय को पद से हटाने की मांग करते हुए कहा था कि सीबीआई ने इशरत जहां मामले में उनके तथा अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर कर दिया है।


सरकारी आदेश के अनुसार, ‘‘गुजरात पुलिस आवास निगम की प्रबंध निदेशक गीता जौहरी गुजरात राज्य के पुलिस महानिदेशक के साथ-साथ गांधीनगर की पुलिस महानिरीक्षक का अतिरिक्त पदभार संभालेंगी।’’ यह भी कहा गया है कि सरकार ‘‘पीपी पांडेय को चार अप्रैल, 2017 को :कार्यावधि के बाद से: भ्रष्टाचार-निरोधक ब्यूरो के निदेशक, अहमदाबाद और गुजरात राज्य, गांधीनगर के पुलिस महानिदेशक तथा प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक पद से सेवानिवृत्ति देते हुए और उनका कार्य विस्तार समाप्त करते हुए बहुत खुश है। इस आशय की घोषणा करते हुए राज्य के गृहमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने कहा कि सरकार ने पांडेय का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। जडेजा ने कहा, ‘‘हमने पी पी पांडेय का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। हमारे मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने आज गीता जौहरी, वर्तमान में सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी, को गुजरात का नया प्रभारी पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया है।’’ गांधीनगर में मीडिया से बातचीत में जौहरी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता महिलाओं के समक्ष आने वाली समस्याओं का निराकरण और राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की होगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं तुरंत पदभार संभालूंगी। राज्य की पहली महिला पुलिस महानिदेशक होने के नाते मेरी प्राथमिकता, महिलाओं की समस्याओं का निराकरण करना है। वे कभी भी मेरे पास आ सकती हैं, मैं उनकी समस्याएं सुलझाने का सर्वोत्तम प्रयास करूंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि इस वर्ष चुनाव होने हैं, मुझे चुनावों के दौरान शांति सुनिश्चित करनी होगी।’’

श्रीदेवी को अभिनय की रानी मानते हैं अनुपम खेर

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मुंबई, 04 अप्रैल, बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता अनुपम खेर रूप की रानी श्रीदेवी को अभिनय की रानी मानते हैं। श्रीदेवी फिल्म मॉम से बॉलीवुड में फिर से कमबैक कर रही है। श्रीदेवी पिछली बार 2012 में ‘इंग्लिश विग्लिश’ में नजर आई थीं। अनुपम ने श्रीदेवी की फिल्म ‘मॉम’ के टीजर का लिंक साझा करते हुए ट्विटर पर लिखा, “अभिनय की रानी और मेरी पसंदीदा अभिनेत्री लौट आई हैं। श्रीदेवी की फिल्म ‘मॉम’ का टीजर देखिये और साझा कीजिए। जय हो। ” गौरतलब है कि ‘मॉम’ का निर्देशन रवि उदयवार ने किया है। यह एक महिला केंद्रित फिल्म है। इसके निर्माता श्रीदेवी के पति बोनी कपूर हैं। यह हिंदी, तमिल और तेलुगू भाषा में 14 जुलाई को रिलीज होगी। फिल्म में अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ-साथ पाकिस्तानी अभिनेत्री सजल अली और अभिनेता अदनान सिद्दीकी भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। 

गायकों की जगह कलाकार नहीं ले सकते: परिणीति

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मुंबई, 04 अप्रैल, बॉलीवुड अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा का कहना है कि गायक पेशेवर और तकनीकी रूप से प्रशिक्षित होते हैं और उनकी जगह कलाकार नहीं ले सकते हैं। बॉलीवुड के कई कलाकार इन दिनों फिल्मों में अभिनय के साथ पार्श्वगायन भी कर रहे हैं। परिणीति फिल्म ‘मेरी प्यारी बिंदू’ में एक गाना गाते हुए नजर आएंगी। परिणीति का कहना है कि कलाकार भले ही माइक संभालने लगे हों, पर वे गायकों की जगह नहीं ले सकते। परिणीति ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि गायकों की जगह ली जा सकती है। वे पेशेवर और तकनीकी रूप से प्रशिक्षित होते हैं। यदि हम कलाकार गायन के प्रति जुनूनी हैं तो हम गा सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम यहां उनकी जगह लेने के लिए हैं। ” गौरतलब है कि यशराज फिल्म्स द्वारा निर्मित ‘मेरी प्यारी बिंदू’ में परिणीति के अलावा आयुष्मान खुराना की भी अहम भूमिका है। यह फिल्म 12 मई को रिलीज होगी।

विशेष : प्रतिभा किसी संस्थानों की मोहताज़ नहीं होती !

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दो दिन पहले एमएचआरडी ने देश के टाॅप यूनिवर्सिटी और काॅलेजों की लिस्ट जारी की है। इस सूची से देश के छात्रों और संस्थानों पर क्या असर पड़ेगा, वो तो मुझे नहीं मालूम...लेकिन जिस सरकार के मंत्री ने यह लिस्ट जारी किया उस सरकार के लिए यह सबसे शर्मनाक बात है की टाॅप में से कोई भी यूनिवर्सिटी या काॅलेज गाँव और कस्बों में से नहीं है...अधिकतर संस्था राजधानी से है या कोई बड़े शहर से..वैसे भी सरकार से लेकर उसके काम तक गाँव के टीले पर आते आते अपना दम तोड़ देता है...शायद प्रकाश जावड़ेकर को यह नहीं पता होगा की गाँव और कस्बों के यूनिवर्सिटी का वर्तमान परिदृश्य में क्या स्थिति है??भारत गाँवों का देश है..और इसकी प्रतिभा गाँव में ही दबी रहती है...चाहे वो नालंदा के बीहर में हो..या बस्तर के जंगल में...जिस तरह से समय समय पर ये प्रतिभा बिना संसाधन के उभरकर समाज के सामने आया है...जो की साफ दर्शाता है की अब शिक्षा एलीट वर्गों की एकाधिकार नहीं रहा... एलीट वर्ग भले ही लूटियन्स जोन में बैठकर जेएनयू और डीयू की मुफ़्तरोटी तोड़े..लेकिन उसके हाथों से प्रतिभा खिसकती जा रही है..यूपीएससी से लेकर तमाम एग्जामों में जहाँ आमलोगों की नज़रें एलीट वर्गों पर रहता है...और अंतिम समय में जिस तरह से कोई गाँव के दूरदराज में बैठा प्राइवेट कोर्स में पढ़ कोई बीड़ी बेचने वाले का बेटा बाजी मार लेता है...उस समय शायद यह एमएचआरडी का लिस्ट धरा का धरा ही रह जाता है...पिछले साल के यूपीएससी के रिजल्ट में तकरीबन बिहार से 26 बच्चों का सेलेक्शन हुआ जिसमें से 16 से ज़्यादा बच्चे गाँव से पढ़कर पास हुए थे..मुझे भी कई बार लोग पूछते है। तुम इस यूनिवर्सिटी में क्यों नहीं पढ़ते?? तुम वहां क्यों नहीं पढ़ते?? मेरा अक्सर जवाब होता है..अगर मैं वहां पढ़ता तो शायद आप मुझे नहीं जानते...!! मैंने अक्सर देखा है बहुत सारे लोग सिर्फ इस बात पर गर्व करने में अपनी पूरी जिंदगी गुजार देतें हैं की अना काॅलेज से पढ़े हैं...उसने फना काॅलेज से डिग्री ली है..जबकि उसे इस बात के लिए गर्व करना चाहिए की उसने उस संस्था से पढ़ने के बाद समाजिक सारोकार में कितना योगदान दिया??  वैसे भी सरकार और एमएचआरडी को यह आत्मज्ञान करते रहना चाहिए की एलीट वर्ग को सफलता अधिकतर संसाधनों की वजह से मिलता है...जबकि दूर दराज में पढ़ रहे बच्चे जहाँ तीन साल का कोर्स पाँच साल में पूरा होता है..वहां वो खुद की बदौलत सफलता प्राप्त करता है..अर्थात यूँ कहे की प्रतिभा किसी भी संस्थानों की मोहताज़ नहीं होती...!!




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अविनीश मिश्रा
लेखक माखनलाल यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत है

विशेष आलेख : मनोवांछित फल प्रदाता और समस्त कामना पूर्ण करने वाली कामदा एकादशी

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यूँ तो भारतीय पौराणिक संस्कृति में प्रत्येक मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में आने वाली दोनों एकादशियों का अपना विशेष महत्व होता है, लेकिन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का अपना पृथक महत्व होने का कारण और भी खास होती है। एक तो यह भारतीय काल गणना प्रणाली में संवत्सर की पहली एकादशी होती है। चैत्र शुक्ल एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है। यह बहुत ही फलदायी होती है इसलिये इसे फलदा एकादशी भी कहते हैं। पुरानों में इसे श्रीविष्णु का उत्तम व्रत कहा गया है। कामदा एकादशी व्रत के पुण्य से जीवात्मा को पाप से मुक्ति मिलती है। यह एकादशी कष्टों का निवारण करने वाली और मनोवांछित फल देने वाली होने के कारण फलदा और कामना पूर्ण करने वाली होने से कामदा कही जाती है। इस एकादशी की कथा व महत्व श्रीकृष्ण ने पाण्डु पुत्र युधिष्ठिर को बताया था। इससे पूर्व राजा दिलीप को यह महत्व वशिष्ठ मुनि ने बताया था। मान्यतानुसार कामदा एकादशी का व्रत रखने व्रती को प्रेत योनि से भी मुक्ति मिल सकती है। समस्त पापों की शांति के उद्देश्य से की जाने वाली चैत्र शुक्ल पक्ष की कामदा एकादशी ब्रह्महत्या आदि पापों तथा पिशाचत्व आदि दोषों का नाश करनेवाली है। इसके पढ़ने और सुनने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाने वाला कामदा एकादशी का उपवास अर्थात व्रत अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2017 में 7 अप्रैल को है। 


मान्यतानुसार मनोवांछित फल प्रदाता और समस्त कामना पूर्ण करने वाली कामदा एकादशी व्रत चैत्र शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन किया जाता है। पौराणिक कथानुसार धर्मावतार महाराज युधिष्ठिर के द्वारा पूछे जाने पर वसुदेव-देवकी नंदन भगवान श्री कृष्ण ने चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में स्थित कामदा एकादशी का विधान व माहात्म्य बतलाते हुए कहा कि एक समय यही प्रश्न राजा दिलीप ने अपने गुरुदेव वशिष्ठ जी से किया था। तब उन्होंने जो उत्तर दिया था वही मैं आपकी जिज्ञासा शांत करने हेतु श्रवण कराता हूं, आप एकाग्रचित्त से श्रवण करें। रजा दिलीप की जिज्ञासा शांत करते हुए महर्षि वशिष्ठ जी बोले- चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को की जाने वाली कामदा एकादशी व्रत पापों को भस्म करने वाली है। इसके व्रत से कुयोनि छूट जाती है और अंत में स्वर्ग की प्राप्ति होती है। यह पुत्र प्राप्त कराने वाली एवं संपूर्ण कामनाओं को पूर्ण करने वाली है। कामदा एकादशी के व्रत में पहले दिन दशमी के मध्याह्न में जौ, गेहूं और मूंग आदि का एक बार भोजन करके भगवान् विष्णु का स्मरण करन चाहिए । दूसरे दिन (एकादशी को) प्रातः स्नानादि करके ममाखिल पापक्षयपूर्वक परमेश्वर प्रातिकामनया कामदैकादशीव्रतं करिष्ये । यह संकल्प करके जितेन्द्रिय होकर श्रद्धा, भक्ति और विधिपूर्वक भगवान का पूजन करना चाहिए । उत्तम प्रकार के गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करके नीराजन करने के पश्चात जप, हवन, स्तोत्र पाठ और मनोहर गीत-संगीत और नृत्य करके प्रदक्षिणा कर दण्डवत करना चाहिए । इस प्रकार भगवान की सेवा और स्मरण में दिन व्यतीत करके रात्रि में कथा, वार्ता, स्तोत्र पाठ तथा भजन, संकीर्तन आदि के साथ जागरण करें। फिर द्वादशी को भगवान विष्णु का पूजन करके ब्राह्मण भोजनादि कार्यों को पूर्ण कर पारण व भोजन करना चाहिए । इस प्रकार जो चैत्र शुक्ल पक्ष में कामदा एकादशी का व्रत रखता है उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है।

पुराणों में कामदा एकादशी की कथा भी अंकित है लेकिन प्रायः सभी स्थानों पर एक ही कथा मिलती है जो महर्षि वशिष्ठ के द्वारा राजा दिलीप को पूर्व में तथा बाद में श्रीकृष्ण के द्वारा युद्धिष्ठिर को सुनाई गई है। कथा के अनुसार महर्षि वशिष्ठ द्वारा राजा दिलीप को सुनाई गई कामदा एकादशी व्रत की पौराणिक कथा युद्धिष्ठिर को सुनाते हुए कहा कि प्राचीन काल में स्वर्ण और रत्नों से सुशोभित भोगिपुर नामक नगर में अनेक ऐश्वर्यों से युक्त पुण्डरीक नाम का एक राजा राज्य करता था। भोगीपुर नगर में अनेक अप्सरा, किन्नर तथा गन्धर्व वास करते थे। इसी नगर में ललित और ललिता नामक गंधर्व पति-पत्नी युगल भी रहता था। ललित और ललिता एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे, यहां तक कि दोनों के लिये क्षण भर की जुदाई भी पहाड़ जितनी लंबी हो जाती थी। एक दिन राजा पुण्डरिक की सभा में नृत्य का आयोजन चल रहा था जिसमें गंधर्व गा रहे थे और अप्सराएं नृत्य कर रही थीं। गंधर्व ललित भी उस दिन सभा में गा रहा था लेकिन गाते-गाते वह अपनी पत्नी ललिता को याद करने लगा और उसका स्वर, लय एवं ताल बिगडने लगे। इस त्रुटि को कर्कट (कर्कोट) नामक नाग ने उसकी इस गलती को भांप लिया और उसके मन में झांक कर इस गलती का कारण जान राजा पुण्डरिक को बता दिया। पुण्डरिक यह जानकर बहुत क्रोधित हुए और ललित को श्राप देकर एक विशालकाय राक्षस बना दिया। जब उसकी प्रियतमा ललिता को यह वृत्तान्त मालूम हुआ तो उसे अत्यंत दुःख व खेद हुआ।ललित वर्षों वर्षों तक राक्षस योनि में घूमता रहा। उसकी पत्नी ललिता भी उसी का अनुकरण करती रही। अपने पति को इस हालत में देखकर वह बडी दुःखी होती थी। वह भी राक्षस योनि में विचरण कर रहे ललित के पीछे-पीछे चलती और उसे इस पीड़ा से मुक्ति दिलाने का मार्ग खोजती। एक दिन चलते-चलते वह श्रृंगी ऋषि के आश्रम में जा पंहुची और ऋषि को प्रणाम किया अब ऋषि ने ललिता से आने का कारण जानते हुए कहा हे देवी इस बियाबान जंगल में तुम क्या कर रही हो और यहां किसलिए आयी हो। तब ललिता ने सारी व्यथा महर्षि के सामने रखदी। ललिता बोली कि मेरा नाम ललिता है। मेरा पति राजा पुण्डरीक के श्राप से विशालकाय राक्षस हो गया है। इसका मुझको महान दुःख है। उसके उद्धार का कोई उपाय बतलाइए। श्रृंगी ऋषि बोले अब कुछ दिन बाद चैत्र शुक्ल एकादशी आने वाली है, जिसका नाम कामदा एकादशी है। इसका व्रत करने से मनुष्य के सब कार्य सिद्ध होते हैं। यदि तू कामदा एकादशी का व्रत कर उसके पुण्य का फल अपने पति को दे तो वह शीघ्र ही राक्षस योनि से मुक्त हो जाएगा और राजा का श्राप भी अवश्यमेव शांत हो जाएगा। ललिता ने मुनि की आज्ञा का पालन करते हुए ठीक वैसा ही किया जैसा ऋषि श्रृंगी ने उसे बताया था। ललिता ने मुनि के आश्रम में ही एकादशी व्रत का पालन किया और द्वादशी के दिन व्रत का पुण्य अपने पति को दे दिया। व्रत के पुण्य से वह राक्षस रूप से पुन: अपने पुराने सामान्य स्वरूप में लौट आया और कामदा एकादशी के व्रत के प्रताप से ललित और ललिता दोनों विमान में बैठकर स्वर्ग लोक में वास करने लगे।

ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से समस्त पाप नाश हो जाते हैं तथा राक्षस आदि की योनि भी छूट जाती है। संसार में इसके बराबर कोई और दूसरा व्रत नहीं है। इसकी कथा पढ़ने या सुनने से वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है। पौराणिक मान्यतानुसार जो एकादशी के दिन ॠषियों द्वारा बनाये हुए दिव्य स्तोत्रों से, ॠग्वेद , यजुर्वेद तथा सामवेद के वैष्णव मन्त्रों से, संस्कृत और प्राकृत के अन्य स्तोत्रों से व गीत वाद्य आदि के द्वारा भगवान विष्णु को सन्तुष्ट करता है उसे भगवान विष्णु भी परमानन्द प्रदान करते हैं ।पौराणिक उक्ति है -

य: पुन: पठते रात्रौ गातां नामसहस्रकम् ।
द्वादश्यां पुरतो विष्णोर्वैष्णवानां समापत: ।
स गच्छेत्परम स्थान यत्र नारायण: त्वयम् ।

अर्थात - जो एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे वैष्णव भक्तों के समीप गीता और विष्णुसहस्रनाम का पाठ करता है, वह उस परम धाम में जाता है, जहाँ साक्षात् भगवान नारायण विराजमान हैं ।

पुण्यमय भागवत तथा स्कन्दपुराण भगवान विष्णु को प्रिय हैं । मथुरा और व्रज में भगवान विष्णु के बालचरित्र का जो वर्णन किया गया है, उसे जो एकादशी की रात में भगवान केशव का पूजन करके पढ़ता है, उसका पुण्य कितना है, यह मैं भी नहीं जानता । कदाचित् भगवान विष्णु जानते हों । भगवान के समीप गीत, नृत्य तथा स्तोत्रपाठ आदि से जो फल होता है, वही कलि में श्रीहरि के समीप जागरण करते समय विष्णुसहस्रनाम, गीता तथा श्रीमद्भागवत का पाठ करने से सहस्र गुना होकर मिलता है ।जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता । जो जागरणकाल में मंजरीसहित तुलसीदल से भक्तिपूर्वक श्रीहरि का पूजन करता है, उसका पुन: इस संसार में जन्म नहीं होता । स्नान, चन्दन , लेप, धूप, दीप, नैवेघ और ताम्बूल यह सब जागरण काल में भगवान को समर्पित किया जाय तो उससे अक्षय पुण्य होता है । 



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अशोक “प्रवृद्ध”
करमटोली , गुमला नगर पञ्चायत ,गुमला 
पत्रालय व जिला – गुमला (झारखण्ड)

मधुबनी : रामपट्टी में रामनवमी जुलूस को रोकने का प्रयास , माहौल खतरनाक ।

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मधुबनी (दिनेश सिंह) जिले में रामनवमी पूरे हर्षौल्लास के साथ मनाया गया ।  मधुबनी , राजनगर , खजौली , बाबूबरही एवं अन्य जगहों पर रामनवमी के जुलूस में हजारों की संख्या में श्रढालु शामिल हुए वहीँ बजरंग दल के नेतृत्व में कई जगह भंडारा  का भी व्यवस्था किया गया । इसी क्रम में राजनगर के सिमरी रामजानकी मंदीर में भव्य सजावट के साथ रामनवमी मनाये एवं ध्वजारोहण भी किया ,वहीँ हनुमान मंदिर जटही कुणवार चौक सिमरी में रामकथा महायज्ञ का आयोजन किया गया । मिली जानकारी के अनुसार रामपट्टी के गॉसनगर कब्रिस्तान के समीप कूछ मुस्लिम के द्वारा रामनवमी जुलूस को रोकने का प्रयास किया गया , जिससे दोनो समुदायों के विच बहस होने लगी । दोनो समुदायों के बिच मारपीट की भी ख़बर है , जिसमे दोनो पक्षो से घायल होने की सूचना है । तत्काल पुलिस घटनास्थल पर पहुँचकर माहौल को नियंत्रण में लें लिया है ।इस कारण मधुबनी झँझारपूर मुख्य मार्ग घंटों जाम रहा । थाना प्रभारी संजय कुमार ने बताया की महौल नियंत्रण में है , पुलिस पूरी तरह सतर्क है । कोई भी अप्रिय घटना को रोकने के लिये पुलिस मुस्तैद है।उन्होने मारपीट होने की चर्चा को पूरी तरह से नकार दिया।


जेठमलानी फीस मामले की जांच करायी जाये : बिजेन्द्र

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नयी दिल्ली, 05 अप्रैल, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता बिजेन्द्र गुप्ता ने वकील राम जेठमलानी की 3.86 करोड़ रूपये फीस सरकारी खजाने से अदा किये जाने के केजरीवाल सरकार के निर्णय को जनता के साथ आपराधिक विश्वासघात बताते हुए इसकी जांच कराये जाने की मांग की है। श्री गुप्ता ने आज एक प्रतिनिधिमंडल के साथ उप राज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और मांग की कि इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए एक निश्चित समय के भीतर जांच करा कर दोषी लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाये। उन्होंने कहा कि यह जनता के साथ आपराधिक विश्वासघात है और मुख्यमंत्री एक निजी मामले को सरकारी बनाकर जनता की गाढी कमाई को लुटाना चाहते है। प्रतिनिधिमंडल में विधायक ओमप्रकाश शर्मा और जगदीश प्रधान भी शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में आपराधिक साजिश की जा रही है । उपराज्यपाल दिल्ली प्रशासनिक मुखिया है और उनसे इसको छिपाने का पूरा प्रयास किया गया है। उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट आदेश दिये कि फीस की फाइल को उपराज्यपाल के पास मंजूरी के लिये भेजने की जरूरत नहीं है। उप मुख्यमंत्री मामले को लेकर इतने उतावले थे कि सरकार के सामान्य प्रशासनिक विभाग को आदेश दिया कि फीस संबंधी सारी आपैचारिकताएं एक दिन में पूरी कर ली जाये। विपक्ष के नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल पहले बिना किसी सबूत के प्रतिष्ठित लोगों के खिलाफ अपमानजनक बयान देकर उनकी छवि खराब करते हैं और मामला अदालत में जाने पर स्वयं को जेल में जाने से बचाने के लिये नामी गरामी वकील की सेवाएं लेते है और निजी मामले में मोटी फीस सरकारी खजाने से देने का निर्णय करते है जो नियमों का घोर उल्लंघन है।

तिकरित में इस्लामिक स्टेट के हमले में कम से कम 31 की माैत

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तिकरित, इराक , 05 अप्रैल, इराक के तिकरित शहर में कल रात से जारी इस्लामिक स्टेट के विभिन्न हमलाें में 14 पुलिस अधिकारियों समेत कम से कम 31 लोगाेंं की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग घायल हाे गए। सुरक्षा और चिकित्सा सूत्रों ने आज इस बात की जानकारी दी। पुलिस कर्नल खालिद महमूद ने बताया कि बगदाद से 175 किलोमीटर दूर उत्तर में स्थित तिकरित शहर में आतंकवादी पुलिस की वर्दी पहनकर घुसे और लोगों पर हमला कर दिया। श्री महमूद ने बताया कि इनमें दो आत्मघाती हमलावरों समेत कुल 10 हमलावर थे। इस्लामिक स्टेट की समाचार एजेंसी अमाक ने बताया कि सात आत्मघाती हमलावरों ने शहर के आतंकवाद निरोधी दस्ते के प्रमुख के घर के अलावा पुलिस की एक चौकी पर हमला कर दिया। इस हमले में आतंकवाद निरोधी दस्ते के प्रमुख पुलिस कर्नल और उनके परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। शहर के मुख्य अस्पताल के एक डॉक्टर नावफाल मुस्तफा ने बताया कि इस हमले के बाद अभी तक कुल 31 शवों को अस्पताल भेजा जा चुका है। पुलिस की घेराबंदी के बाद दो आत्मघाती हमलावरों ने खुद काे विस्फाेट से उड़ा लिया और तीन अन्य पुलिस के साथ मुठभेड में मारे गए। श्री महमूद ने बताया कि पांच आतंकवादियों के अभी भी इस क्षेत्र में छिपे होने की आशंका को देखते हुए तिकरित प्रशासन ने क्षेत्र में आज कर्फ्यू लगा दिया ।

पिछड़ा वर्ग के लिए नये आयोग के गठन से संबंधित विधेयक लोकसभा में पेश

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नयी दिल्ली,05 अप्रैल, सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए एक नए राष्ट्रीय आयोग के गठन के के लिए सरकार ने आज लोकसभा में दो विधेयक पेश किए। इनके कानून का रूप लेने के साथ ही मौजूदा पिछड़ा वर्ग आयोग का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने ये दो विधेयक ‘संविधान ( 123 वां सेशोधन ) विधेयक 2017’और ‘राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (निरसन) विधेयक 2017 ’ पेश किए। पहले विधेयक में नए आयोग के गठन का जबकि दूसरे विधेयक में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग कानून 1993 को निरस्त करने की व्यवस्था की गई है। संविधान संशोधन विधेयक के उद्देश्यों और कारणों में कहा गया है कि पिछड़े वर्गों के हितों की प्रभावी रूप से सुरक्षा करने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग तथा राष्ट्रीय जनजाति आयोग की तर्ज पर ही एक ऐसे आयोग के गठन का प्रस्ताव है जिसे संवैधानिक दर्जा प्राप्त होगा। इससे सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के हितों की रक्षा ज्यादा प्रभावी तरीके से की जा सकेगी। पिछड़ा वर्ग आयोग (निरसन) विधेयक के उद्देश्यो और कारणों में कहा गया है कि संविधान में संशोधन कर राष्ट्रीय सामाजिक एवं शैक्षिक पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन का प्रस्ताव है जिसकी वजह से मौजूदा राष्ट्रीय पिछड़ वर्ग आयोग को बनाए रखने की जरुरत नहीं होगी । कुछ राजनीतिक दल नया आयोग बनाए जाने काे लेकर संदह जता रहे हेैं कि सरकार का इसके माध्यम से अपना कुछ और एजेंडा है लाने का इरादा है। इसे देखते हुए संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराना उसके लिए राज्य सभा में आसान नहीं होगा।

शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा, तीन तलाक इस्लाम विरोधी

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लखनऊ 05 अप्रैल, आॅल इण्डिया शिया पर्सनल लाॅ बोर्ड ने तीन तलाक को इस्लाम विरोधी करार दिया है, बोर्ड की आज यहां हुई बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि आवश्यकता पडी तो इस मामले को उच्चतम न्यायालय में भी कहा जायेगा। न्यायालय अगले महीने इस पर सुनवाई करने वाली है। बैठक में 60 सदस्यों में से 45 मौजूद थे। बोर्ड के प्रवक्ता मौेलाना यासूब अब्बास ने बताया कि अध्यक्ष मौलाना मिर्जा मोहम्मद अशफाक और सचिव जहीर अब्बास की मौजूदगी में हुई बैठक में तीन तलाक को इस्लाम विरोधी करार देते हुए गोहत्या पर पूर्ण पाबंदी की जरुरत बतायी गयी। श्री अब्बास ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को भी निलंबित या बर्खास्त करने से पहले सरकार उसकी सुनती है। अपनी बात कहने का मौका देती है लेकिन इधर देखने में आ रहा है कि लोग टेलीफाेन पर ही तलाक दे रहे हैं। इस्लाम इसे शरीयत के खिलाफ मानता है।

पूरा कश्मीर भारत का: इसे लेकर कोई संदेह न करें: सुुषमा

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नयी दिल्ली, 05 अप्रैल, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सिर्फ जम्मू कश्मीर ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भी भारत का अभिन्न अंग बताते हुए आज कहा कि इसे लेकर किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। श्रीमती स्वराज ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान बीजू जनता दल के भर्तृहरि मेहताब द्वारा पाकिस्तान की ओर से गिलगित -बाल्टिस्तान को अपना पांचवा प्रांत बनाए जाने का एकतरफा फैसला लिए जाने पर चिंता जाहिर करने और इसके खिलाफ संसद में बाकायदा प्रस्ताव नहीं लाए जाने पर सवाल उठाने पर यह बात कही। श्रीमती स्वराज ने कहा कि पूरा कश्मीर भारत का है इसे लेकर किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह आरोप गलत है कि पाकिस्तान के इस कदम पर भारत सरकार चुप बैठी है। उन्होंने कहा ‘जिस दिन पाकिस्तान में यह प्रस्ताव आया बिना समय गंवाए पांच मिनट के भीतर हमने इसे खारिज किया। संसद के दोनो सदनों का यह प्रस्ताव है कि पूरा कश्मीर हमारा है। पाक के कब्जे वाला हिस्सा भी हमारा है। यह सोचना गलत है कि हम कश्मीर के किसी हिस्से को जाने देंगे और पाकिस्तान को गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना प्रांत बनानें देंगे।’ विदेश मंत्री ने कहा ‘हमारा हमेशा से यह मानना है कि ‘जहां बलिदान हुए मुखर्जी, वह कश्मीर हमारा है। जो सारे का सारा है वह कश्मीर हमारा है।’ श्रीमती स्वराज ने कहा कि वह एक बार फिर से यह स्पष्ट कर देना चाहती हैं कि पाकिस्तान का गिलगिट-बाल्टिस्तान को अपना प्रांत बनाए जाने का फैसला भारत को पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इससे पहले श्री मेहताब ने पाकिस्तान के हाल के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के विभाजन और कश्मीर के भारतीय संघ में विलय के बीच 1947-48 के दौरान एक ब्रिटिश अधिकारी ने मनमाने तरीके से गिलगित -बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का हिस्सा घोषित कर दिया था। आज पाकिस्तान उसी का लाभ उठाते हुए इस क्षेत्र को अपना पांचवा प्रांत बनाने की तैयारी कर रहा है। श्री मेहताब ने कहा कि क्या ऐसे में यह जरुरी नहीं है कि सरकार की ओर से इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी जाए और संसद में इसके खिलाफ बाकायदा एक प्रस्ताव लाया जाए। उन्हाेंने कहा कि सरकार इस पर चुप क्यों है जबकि ब्रिटेन की संसद तक पाकिस्तान के इस कदम को गलत बताते हुए प्रस्ताव पारित कर चुकी है।

रेल विकास प्राधिकरण के गठन को कैबिनेट की मंज़ूरी

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नयी दिल्ली 05 अप्रैल, केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रेलवे के परिचालन की नीति में पहली बार ऐतिहासिक परिवर्तन करते हुए रेल विकास प्राधिकरण के गठन को आज स्वीकृति दे दी जो यात्री किराया-मालभाड़ा तथा रेलवे की दक्षता एवं प्रदर्शन के मानक तय करने के साथ साथ निवेशकों को निष्पक्ष एवं न्यायसंगत अवसर प्रदान करने एवं प्रचार प्रसार का काम करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस प्राधिकरण में एक अध्यक्ष एवं तीन सदस्य होंगे। संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों को इसमें जगह दी जा सकेगी। अध्यक्ष एवं सदस्यों का कार्यकाल पांच वर्ष का होगा। सूत्रों ने बताया कि प्राधिकरण की आरंभिक पूंजी 50 करोड़ रुपय होगी तथा यह रेल अधिनियम 1989 के दायरे में काम करेगा। प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र के बारे में सूत्रों ने बताया कि यह गाड़ियों के यात्री किराये एवं मालभाड़े का निर्धारण करेगा। रेलवे के दक्षता एवं प्रदर्शन के मानक तय करेगा। रेलवे में निवेश करने वालों के लिये निष्पक्ष एवं न्यायसंगत व्यवस्था सुनिश्चित करेगा तथा सूचनाओं के प्रचार प्रसार का काम करेगा। भारतीय रेलवे का परिचालन लागत अनुपात पिछले कुछ वर्षो से आय के मुकाबले बढ़ता जा रहा है। इसे संतुलित करने के लिये रेलवे ने अनेक उपाय किये हैं। रेलवे के ढांचागत सुधारों पर बिबेक देबराय कमेटी ने विभागीय सांगठनिक पुनर्गठन की सिफारिश की थी। उसी के तहत इस प्राधिकरण का प्रस्ताव तैयार किया गया था। इसी संदर्भ में अंतरिम रेल बजट 2014-15 के तहत इसके गठन की घोषणा की गयी थी।

महात्मा गांधी प्रवासी सुरक्षा योजना होगी बंद

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mahatma-gandhi-pravasi-suraksha-yojana-will-be-closedनयी दिल्ली 05 अप्रैल, सरकार ने प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा से संबंधित महात्मा गांधी प्रवासी सुरक्षा योजना बंद करने का फैसला किया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इस योजना की शुरूआत वर्ष 2012 में ‘ आव्राजन जांच आवश्यक’ की श्रेणी में विदेश जाने वाले प्रवासियों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए की गयी थी। सरकार का कहना है कि इस योजना के तहत लाभ लेने वाले लोगों की संख्या बहुत कम हो गयी है और पिछले एक साल से अधिक समय से इस योजना का चयन किसी ने भी नहीं किया है। इस योजना को बंद करने से प्रशासनिक और संबंधित दस्तावेज के रख रखाव के खर्च की बचत होगी।


पांच विभागों की मैराथन बैठकों के बाद लिया गया किसानों की कर्ज माफी का निर्णय : शाही

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लखनऊ 05 अप्रैल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वायदे को पूरा करने के लिये पांच विभागों की दस दिनों तक चली मैराथन बैठकों के बाद उत्तर प्रदेश में किसानों की कर्ज माफी का निर्णय लिया जा सका, सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आज यह खुलासा किया। श्री शाही ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव के दौरान हर रैलियों में कहा कि मंत्रिमंडल की पहली बैठक में किसानों का कर्ज माफ हाेगा। अपने नेतृत्व के वायदे को योगी मंत्रिमंडल ने पहली बैठक में ही पूरा कर किसानों के प्रति अपना समर्पण जाहिर कर दिया। यह सरकार किसानों की मदद के लिये कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेगी। श्री शाही ने ‘यूनीवार्ता’ से कहा कि किसानों की कर्ज माफी के लिये राज्य काे 36 हजार करोड रुपये की व्यवस्था करनी पडेगी। सरकार व्यवस्था करेगी और किसानों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि करीब 86 लाख लघु और सीमान्त किसानों के एक-एक लाख रुपये की फसली ऋण माफ होंगे। मंत्रिमंडल द्वारा कल लिये गये निर्णय के बाद से ही इस पर अमल करने की कार्रवाई शुरु कर दी गयी है।

किसान कर्ज माफी आंशिक पर सही कदम: राहुल

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नयी दिल्ली, 05 अप्रैल, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के किसानों के कर्ज माफी के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह आंशिक लेकिन सही दिशा में उठाया गया कदम है। श्री गांधी आज ट्वीट कर कहा “उत्तर प्रदेश में किसानों को आंशिक राहत, किन्तु सही दिशा में कदम, कांग्रेस ने हमेशा परेशान किसानों के ऋण माफ करने का समर्थन किया है।” हालांकि उन्होंने चेताया कि केन्द्र सरकार “राज्यों में भेदभाव” कर रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा “मैं खुश हूँ कि आखिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मजबूर होकर फैसला लेना पड़ा। मैंने हमेशा केन्द्र सरकार को सलाह दी कि देश भर में किसान पीड़ित हैं और उनके साथ राजनीति नहीं होनी चाहिये। केन्द्र को भेदभाव करने के बजाय राष्ट्रीय स्तर पर यह राहत देनी चाहिये। ” राज्य मंत्रिमंडल कल हुई पहली बैठक में छोटे और सीमांत किसानों का एक लाख रुपये तक का ऋण माफ करने का फैसला लिया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में प्रचार के दौरान यह घोषणा की थी कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही किसानों का ऋण माफी का फैसला लिया जायेगा । योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। योगी सरकार के इस फैसले से राज्य के किसानों का 36359 करोड़ रुपये का कर्जा माफ होगा।

बच्चों के रियलिटी शो में जज की भूमिका आसान: रवीना टंडन

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मुंबई, 05 अप्रैल, बॉलीवुड की मस्त मस्त गर्ल रवीना टंडन बच्चों के रियलिटी शो में जज की भूमिका को बेहद आसान मानती है। रवीना टंडन बच्चों के रियलिटी शो में निर्णायक की भूमिका निभाने को बेहद आसान मानती हैं, क्योंकि उनमें कोई जटिलता नहीं होती। वह बच्चों के रियलिटी शो ‘सबसे बड़ा कलाकार’ के निर्णायकों में से एक हैं। उन्होंने कहा, “बच्चों के रियलिटी शो को जज करना बेहद आसान है क्योंकि वे बेहद सरल होते हैं। उनके लिए जीवन बहुत सरल है..या तो यह सफेद है या काला है और कोई छिपा एजेंडा नहीं है। उनके साथ इस शो को फिल्माना शानदार और बेहतरीन सफर है। ” रवीना के साथ इस शो के निर्णायक मंडल में अरशद वारसी और बोमन ईरानी भी शामिल हैं। रवीना जल्द ही अपनी अगली फिल्म ‘मातृ : द मदर’ में नजर आएंगी। टीवी शो ‘सबसे बड़ा कलाकार’ का प्रसारण 18 अप्रैल से सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर शुरू होगा।

वजन पर काबू पाने के लिये सही आहार जरूरी : दीपिका

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मुंबई, 05 अप्रैल, बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का कहना है कि वजन पर काबू पाने के लिये सही आहार जरूरी है। दीपिका का कहना है कि वजन को नियंत्रित करने का मतलब भोजन त्यागना नहीं है, बल्कि सही वजन पाने के लिए सही आहार का सेवन करना और रोजाना व्यायाम करना जरूरी है। दीपिका ने कहा, “वजन नियंत्रित करने का मतलब भोजन त्यागना नहीं, बल्कि सही आहार का सेवन करना है। इसमें पोषक तत्वों से भरपूर नाश्ता और फिट रहने के लिए रोजाना व्यायाम करना शामिल है। ऐसे आहार का सेवन करें जो स्वास्थ्यवर्धक और पोषक तत्वों से भरपूर हो।

समस्तीपुर में ट्रक से कुचलकर एक बच्ची की मौत, युवक का शव बरामद

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समस्तीपुर 05 अप्रैल, बिहार में समस्तीपुर जिले के हसनपुर थाना अंतर्गत दुधपुरा गांव के निकट आज ट्रक से कुचलकर एक बच्ची की मौत हो गयी।  पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि दुधपुरा गांव के निकट एक बच्ची सड़क पार कर रही थी तभी तेज रफ्तार ट्रक ने उसे कुचल दिया। इस दुर्घटना में बच्ची की मौके पर ही मौत हो गयी।  सूत्रों ने बताया कि घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने रोसड़ा-सिंघिया मुख्य मार्ग को जाम कर दिया है। पुलिस मौके पर पहुंचकर जाम को समाप्त कराने की कोशिश कर रही है। जिले के सिंघिया थाना अंतर्गत डुमरा गांव के निकट से पुलिस ने आज एक युवक का शव बरामद किया।  सूत्रों ने यहां बताया कि डुमरा गांव के ग्रामीणों ने एक युवक का शव पड़ा हुआ देखा और इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए समस्तीपुर सदर अस्पताल भेज दिया है। हालांकि अभी तक मृतक की पहचान नहीं हो सकी है।  सूत्रों ने बताया कि शव को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि युवक की गला दबाकर हत्या की गई और साक्ष्य छुपाने की नीयत से उसे यहां लाकर फेंक दिया गया है। 

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