Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74203 articles
Browse latest View live

मोदी सरकार के तहत भारत-इस्राइल संबंध और अधिक स्पष्ट हुए : इस्राइल

$
0
0
india-israil-relation-become-strong
नई दिल्ली, 23 अप्रैल, इस्राइल ने मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत-इस्राइल संबंधों के अधिक ‘‘स्पष्ट’’ होने की सराहना करते हुए आज कहा कि इस्राइल और अरब देशों के साथ संबंधों को साधने में ‘‘किसी एक के कारण किसी दूसरे का नुकसान’’ ना होने की भारत की नीति ने मजबूत संदेश दिया है। भारत से इस वर्ष जुलाई में संभावित पहली प्रधानमंत्री स्तरीय यात्रा के मद्देनजर यहां इस्राइल के राजदूत डेनियल कैरमन ने रक्षा, सुरक्षा, कृषि, शिक्षा और संस्कृति समेत व्यापक क्षेत्रों में फैले रणनीतिक संबंधों में और अधिक सहयोग पर भी जोर दिया। कैरमन ने एक साक्षात्कार में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद भारत-इस्राइल संबंधों में काफी ‘‘स्पष्टता’’ आयी है और यहूदी देश इस बदलाव का सम्मान करता है। कैरमन ने कहा, ‘‘इस्राइल और अरब देशों के साथ संबंधों को साधने में किसी एक के कारण किसी दूसरे का नुकसान ना करने की भारत की नीति ने एक सकारात्मक संदेश दिया है। भारत और इस्राइल के बीच रिश्ते 2014 में नहीं बने लेकिन जो बदलाव आया है वह है चीजों में स्पष्टता, जो हम साथ मिलकर कर रहे हैं। जो भी बदलाव आया है वह महत्वपूर्ण है और इस्राइल उसका बहुत सम्मान करता है।’’ इस्राइली राजदूत ने यह भी कहा कि हो सकता है कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत की नीति और वचन में बदलाव आया हों। मौजूदा राजग सरकार मनमोहन सिंह सरकार की तुलना में इस्राइल के साथ संबंधों को लेकर काफी खुली हुई है जबकि पिछली सरकार इस्राइल के साथ भारत के संबंधों को खुले तौर पर जाहिर करने में सावधानी बरतती थी।


वरिष्ठ नागरिक लाभ के लिए 60 साल की उम्र सीमा का पालन सुनिश्चित करेगी सरकार

$
0
0
government-will-final-senior-citizen-age-60
नयी दिल्ली, 23 अप्रैल, सरकार चाहती है कि बुजुर्गों को योजनाओं का लाभ दिलाने और उम्र संबंधी विसंगति पर गौर करने के लिए सभी मंत्रालय, विभाग और निजी एजेंसियां 60 वर्ष की उम्र को वरिष्ठ नागरिक को परिभाषित करने के लिए समान उम्र मानदंड के तौर पर स्वीकार करें। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय इस बदलाव को लागू करने के लिए माता पिता एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण संबंधी 2007 के कानून में संशोधन लाने पर विचार कर रहा है। इस कानून के अनुसार, वरिष्ठ नागरिक भारत का वह नागरिक है जो ‘60 वर्ष और इससे अधिक’ उम्र का है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि ‘60 वर्ष और इससे अधिक’ शब्दावली का कई एजेंसियों द्वारा अलग अलग उम्र सीमा अपनाकर वरिष्ठ नागरिक उपबंधों के तहत लाभ देने से मना करने में प्रयोग किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें ज्ञात हुआ है कि कई सरकारी विभागों ने बुजुर्गों को दिये जाने वाले लाभ और छूट के लिए अलग अलग उम्र मानदंड अपनाए हुए हैं। इसी तरह से कुछ निजी बीमा कंपनियों ने अलग अलग उम्र सीमाएं तय की हैं।’’ एयर इंडिया द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली यात्रा छूट के लिए योग्यता मानदंड हाल के समय तक 63 वर्ष था। पिछले सप्ताह एयर इंडिया ने इसे घटाकर 60 वर्ष कर दिया है। अधिकारी के अनुसार, पूर्व सामाजिक न्याय मंत्री कुमारी शैलजा ने पूर्व संप्रग सरकार के दौरान एयर इंडिया संबंधी मुद्दा उठाया था लेकिन तब यह सुलझ नहीं पाया था। हाल में सामाजिक न्याय मंत्रालय ने इस मुद्दे को नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू के सामने उठाया था। भारतीय रेल में मूल किराये में छूट के लिए महिलाओं की योग्यता ‘58 वर्ष और इससे अधिक’ तथा पुरूषों के लिए ‘‘60 वर्ष और इससे अधिक’’ है।

व्यंग्य : लालबत्ती का फ्यूज हो जाना

$
0
0
सरकार वीआईपी कल्चर पर लगाम लगा रही है, ये दिखाने के लिए एक मई से सड़क से लालबत्तियां अदृश्य हो जाएगी। ऐसा लगता है मोदी सरकार ने लालबत्ती और लालकृष्ण दोनों को "लाल-सलाम"कह दिया है और हैरानी की बात यह है कि इसका लालकिले से भी कोई एलान नहीं किया गया था। सरकार द्वारा लालबत्ती पर रोक लगाए जाने का ऐसा प्रचार किया जा रहा है मानो आम आदमी की सारी समस्याओ की ज़िम्मेदार यहीं लालबत्ती ही थी जिसे अब ज़िम्मेदारी मुक्त कर दिया गया है। प्रधानसेवक जी ट्वीट कर बताते है कि हर भारतीय वीआईपी है, अगर ऐसी बात है तो प्रधानसेवक जी को अगले ट्वीट में यह भी बताना चाहिए था कि अगर हर भारतीय वीआईपी है तो उसे अब तक  रोटी-कपडा-मकान की तरह लालबत्ती से वंचित क्यों रखा गया? लेकिन प्रधानसेवक जी ने ट्वीट कर ऐसा कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया, हो सकता है उस दिन एक ट्वीट के बाद ही उनका जिओ का  "मैक्सिम डेली डेटा यूज़"पूरा हो गया हो। वैसे एक बात और जो गौर और शौर करने लायक है वो यह की ,अगर सरकार देश से वीआईपी कल्चर खत्म ही करना चाहती है तो फिर हर भारतीय को वीआईपी कहने का क्या तुक है? सरकारी बयानों में तुक ढूंढने से अच्छा है कि इंसान अपने पड़ोस में फ्री वाई-फाई ढूंढ ले।


लालबत्ती केवल  रोशनी ही नहीं देती थी बल्कि वीआईपी कल्चर को शोभा भी देती थी। लालबत्ती गुल होने से वीआईपी और वीवीआईपी होने का चिराग तो नहीं बुझेगा लेकिन उसकी रोशनी ज़रूर मद्धम पड़ेगी। पहले लालबत्ती वाली गाड़ी के सड़क पर उतरते ही आपातकाल सा माहौल हो जाता था लेकिन अब केवल आपातकालीन सेवाओ से जुड़े वाहनों पर ही लालबत्ती का उपयोग संभव होगा। लालबत्ती स्टेटस सिंबल हुआ करती थी लेकिन बिना लालबत्ती के स्टेटस सिंबल "दिव्यांग"सा फील दे रहा है। बिना लालबत्ती के वीआईपी होना ठीक वैसा ही है जैसे बिना घोटाले की सरकार। लालबत्ती हटाकर सरकार न केवल उस महान वीआईपी परंपरा ,जिसे कई नेताओ और अधिकारियों ने अपनी कार और अहंकार से  सजाकर इस मुकाम तक पहुँचाया है, को लांछित करने का प्रयास कर रही है बल्कि आम आदमी की छवि को धूमिल करने का प्रयास  भी कर रही है। क्योंकि जब तक समाज में वीआईपी रहेंगे तब तक आम आदमी उनको देखकर अपने को छोटा महसूस करता रहेगा और सरकारे उसके उत्थान हेतु कदम उठाती रहेगी। अगर समाज से वीआईपी सभ्यता ख़त्म होकर सभी आम आदमी हो गए तो सरकारे आम आदमी के कल्याण के लिए कहाँ से प्रेरणा लेगी। असली समाजवाद लाने के लिए देश में विशिष्ट और विशिष्टता का रहना अत्यंत आवश्यक है। विशिष्टता का शिष्टता में बदल जाना लोकतांत्रिक और सामाजिक  मूल्यों के लिए खतरा है।

जो लोग लालबत्ती का रोब जमाते थे इस निर्णय से उनके मुँह में अब दही जम चुका ताकि इस मुद्दे पर अच्छे से रायता फैलाया जा सके। लालबत्ती से सजी गाड़ी जब शान से निकलती थी तो अच्छे -अच्छो की हवा बिना स्क्रू-ड्राईवर के ही टाइट हो जाया करती थी।  साहब के "लॉन"से निकली गाडी बिना किसी "चालान"के सायरन बजाती हुई रेडलाइट क्रॉस कर पूरी ठसक से अपने गंतव्य तक पहुँच कर वीआईपी होने के मंतव्य को पूरा करती थी। आम जनता "लालबत्ती धारको"को विशिष्ट और सम्मानित नज़रो से देखती थी लेकिन सरकार के इस "वीआईपी विरोधी"निर्णय से अब आम जनता बिना लालबत्ती के उनको सामान्य दृष्टि से ही देखेगी। आम जनता के इस दृष्टिदोष और वीआईपी लोगो की मानहानि की भरपाई के लिए सरकार को संसद के अगले सत्र में विशेष मुआवज़े की घोषणा करनी चाहिए। मुआवजा मानहानि की पूर्णरूप से भरपाई तो नहीं कर सकता  है लेकिन लालबत्ती के चले जाने के गम को गलत करने का सही रास्ता तो बता ही सकता है।





liveaaryaavart dot com

---अमित सिंह---

विशेष आलेख : अयोध्या में मंदिर निर्माण ही समस्या का हल

$
0
0
अयोध्या प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर से निर्णय दिया है कि इससे जुड़े 13 लोगों पर आपराधिक प्रकरण के अंतर्गत सुनवाई की जाएगी। न्यायालय के बारे में किसी प्रकार की टिप्पणी करना नहीं चाह रहे, फिर जहां आस्था की बात हो, वहां भारत की जनता के मन में यह प्रश्न आ सकता है कि देश के करोड़ों हिन्दुओं के आराध्य भगवान श्रीराम के काम के प्रति समर्पित होना, क्या वास्तव में अपराध है? देश की जनता आज संभवत: यही सोच रही होगी कि यह अपराध कैसे हुआ। भारत का यह अकाट्य सच है कि मोक्षदायिनी अवध की भूमि पर भगवान श्रीराम का अवतरण हुआ था। हमारे धार्मिक दस्तावेज भी इसको ठोस रुप से प्रमाणित करते हैं। यह प्रमाण वर्तमान में भारत के बहुसंख्यक हिन्दू समाज की आस्था का कारण है। आस्था मन की गहराइयों से संबंध रखती है। जब कोई व्यक्ति या संस्था इस पर टिप्पणी करती है तो स्वाभाविक रुप से आस्था पर आघात होता हुआ दिखाई देता है। अयोध्या के नाम पर आस्था पर आघात करने का यह सुनियोजित खेल लम्बे समय से भारत में लगातार चल रहा है।


सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय वास्तव में सर्वमान्य ही है, चूंकि यह कानून का मामला है, और कानून का पालन करना हम सबकी प्रथम जिम्मेदारी भी है। लेकिन मनों में जो सवाल उठ रहे हैं उसका निराकरण कौन करेगा? वास्तव में अयोध्या मामले में हमें समाधान की ओर बढ़ना चाहिए, लेकिन क्या यह समाधान का रास्ता हो सकता है? इसका जवाब भी तलाश करना चाहिए? पूरे प्रकरण का अध्ययन किया जाए तो यही दिखाई देता है कि राजनीतिक कारणों के चलते इसे विवादित बना दिया है, जबकि अयोध्या के बारे में सब कुछ प्रमाणित है, दूसरे पक्ष के पास प्रमाण के नाम पर केवल आक्रांता बाबर का नाम है। अयोध्या के बारे में किए जा रहे विवाद के हल के लिए सोमनाथ से अच्छा उदाहरण नहीं कहा जा सकता। सोमनाथ के मंदिर की भी इस प्रकार की स्थितियां रहीं। देश को ेस्वतंत्रता मिलने के बाद भारत की प्रथम गठित सरकार ने गुलामी के चिन्हों को हटाने और उनके जीर्णोद्धार करने का संकल्प लिया था, उसी के परिणाम स्वरुप गुजरात के सोमनाथ मंदिर का कायाकल्प हो सका था। हम जानते हैं कि सोमनाथ मंदिर भी मुगल आक्रांता की बर्बरता का शिकार हुआ था, लेकिन सरकार ने सोमनाथ मंदिर को बनवाकर उसे भव्य रुप प्रदान किया। इसी प्रकार भगवान श्रीराम के मंदिर के बारे में भी सरकारी स्तर पर प्रयास किया जा सकता है और यही करना भी चाहिए।

यह बात सच है कि हिन्दू समाज ने केवल अपने आराध्य देवों के स्थल से प्रेरणा ली है, उसके पूर्वजों ने इन पवित्र स्थलों को हमेशा अपनी धार्मिक यात्राओं का केन्द्र बनाकर अपनी आस्था का प्रकटीकरण किया। चाहे वह भगवान श्रीराम की जन्म स्थली अयोध्या हो या भगवान कृष्ण की जन्म भूमि मथुरा की बात हो या फिर भारत के अन्य धार्मिक स्थानों की, सभी के प्रति आस्था का उमड़ना भारत की शाश्वत परंपरा को प्रकट करता है। हम यह जानते ही होंगे कि जब देश का हिन्दू समाज किसी अत्याचार का प्रतिकार करने की स्थिति में नहीं था, तब विदेशी शासकों ने भारत को धार्मिक और सांस्कृतिक रुप से और कमजोर करने का जबरदस्त प्रयास किया। इसी षड्यंत्र पूर्वक प्रयासों की कड़ी में विदेशी हमलावर बाबर ने अयोध्या के मंदिर को तोड़कर हिन्दुओं को नीचा दिखाने का काम किया, लेकिन वर्तमान में देश में क्या हो रहा है। बाबर के इस भारत विरोधी कृत्य को समर्थन क्यों मिल रहा है। यह बात भी सही है कि सच की हमेशा विजय होती है और अयोध्या मामले में सच यही है कि वह भगवान राम की जन्म स्थली है। उस पर भगवान श्री राम का पावन मंदिर बनाने की मांग पूरी तरह से उचित है। देश में कहीं भी राम मंदिर हों, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर न हो, यह बात गले नहीं उतर सकती। इसलिए सर्वप्रथम तो अयोध्या में राम मंदिर बनना ही चाहिए। इसके लिए भारत के मुसलमान समाज को भी हिन्दुओं का साथ देना चाहिए और जहां तक हो सके वार्ता के माध्यम से हल निकाला जाना चाहिए। अयोध्या का सबसे बड़ा सच तो यह है कि वहां पहले से ही राम मंदिर है और रहेगा। हर तर्क की कसौटी पर यही सामने आएगा कि अयोध्या में राम मंदिर ही था। हम जानते ही है कि जब सच जानने के लिए श्रीराम की जन्म स्थान की खुदाई की गई, तब भी पाषाण के रुप में अनेक प्रमाण उपस्थित हो गए जो इस बात की गवाही देने के लिए पर्याप्त माने जा सकते थे कि यहीं पर राममंदिर था। हम यह भी जानते हैं कि राम भारत की धड़कनों में समाए हैं। जिस दिन भारत से राम निकल जाएंगे, उस दिन भारत मृत प्राय: ही हो जाएगा। इसलिए इस सच को सभी वर्गों को स्वीकार करना चाहिए।


इसके साथ ही एक और सच को भी आपके समक्ष प्रस्तुत करने का मन कर रहा है, वह यह कि देश को विदेशी आक्रांताओं से स्वतंत्रता मिलने से पहले भी देश के हिन्दू समाज ने राम मंदिर के लिए संघर्ष किया और अपने प्राणों की आहुति दी। अब तक किए गए लगभग 490 संघर्षों में तीन लाख से ज्यादा हिन्दुओं ने बलिदान दिया।  इसमें सबसे पहले यह कहना मुझे जरुरी लगता है कि जो मामले आस्थाओं से जुड़े होते हैं, वे सरकारी नियंत्रण या कानून की मर्यादाओं से बाहर होने चाहिए। अयोध्या का राम मंदिर भारत की आस्था का सवाल है। जिस प्रकार भारत की सरकार ने सोमनाथ में भगवान शिव के मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था, आज उसी प्रकार के प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। वर्तमान में हर स्तर पर हमारे देश में समस्याओं के निराकरण की एक मुहिम सी चलती दिखाई देती है। चाहे वह भ्रष्टाचार का मामला हो या फिर सामाजिक असमानता की गहरी होती खाई की बात हो। सरकारी स्तर पर इसे मिटाने की कार्यवाही प्रारंभ होती हुई दिखाई देने लगी है। जब देश में सारे विवादों को निपटाने का प्रयास किया जा रहा हो, तब अयोध्या मामले में भी सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर कार्यवाही किए जाने की जनता अपेक्षा करती है। हिन्दू समाज तो प्रारंभ से ही यह मांग करता रहा है कि अयोध्या भगवान श्रीराम की पावन जन्म भूमि है और उस स्थान पर मंदिर का निर्माण होना चाहिए, इसके बाद अब तो मुसलमान भी इस सत्य को स्वीकारने लगे हैं कि अयोध्या में मंदिर निर्माण ही समस्या का एक मात्र हल है। अभी हाल ही में कुछ मुसलमान राम मंदिर बनाए जाने की मांग को लेकर अयोध्या में पहुंचे थे।

समस्त विश्व में भगवान श्रीराम की पावन जन्म स्थली अयोध्या धार्मिक दृष्टि से हिन्दू समाज के लिए अत्यंत महत्व का स्थान है। अपने श्रद्धा भाव को प्रकट करने के लिए समाज के सामने उस स्थान पर भव्य श्रीराम मंदिर का होना अति आवश्यक है। विश्व में केवल अयोध्या एक ऐसी भूमि है, जहां मंदिर निर्माण किया जाना अति आवश्यक है। जिसके जिए देश के सभी समाजों को एक दूसरे की आस्था का आदर करते हुए अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। गुजरात में भगवान सोमनाथ के मंदिर का जिस प्रकार से जीर्णोद्धार किया गया था, अयोध्या के लिए वह एक प्रेरणा बन सकता है। इस प्रकरण में राजनीति नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि यह देश के बहुत बड़े समाज की आस्था से जुड़ा हुआ मामला है। इसका हल सरकार को निकालने का प्रयास करना चाहिए।




liveaaryaavart dot comसुरेश हिन्दुस्थानी
झोकन बाग, झांसी, उत्तरप्रदेश
मोबाइल 09455099388
(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)

बच्चों को गलत पढ़ाया गया की अकबर महान था: आरावकर

$
0
0
  • छत्रसाल की प्रतिमा से गौरवान्वित होगा बुन्देलखण्ड, ढलाई शुरू

great-akbar-was-false
छतरपुर। अपने जीवनकाल में 52 लड़ाईयां जीतकर अजेय रहे महाराज छत्रसाल की 52 फुट ऊंची प्रतिमा को स्थापित करने का कार्य शुरू हो गया है। बीते रोज मऊसहानियां में गणमान्य नागरिकों के बीच धातु की ढलाई का कार्य वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्या भारती के राष्ट्र सहसंगठन मंत्री श्रीराम आरावकर ने कहा कि महाराजा छत्रसाल भारत के इतिहास के असली नायक हैं। देश के बच्चों को आज तक गलत इतिहास पढ़ाया गया। उन्होंने बताया गया कि अकबर महान था जबकि सच ये है कि ये सभी आक्रांता थे। उन्होंने विद्या भारती के आचार्यों से कहा कि वे बच्चों को देश का सच्चा इतिहास पढ़ाएं। श्रीराम आरावकर ने कहा कि महाराज छत्रसाल का बचपन भले ही अभाव में बीता हो लेकिन जब वे खड़े हुए तो उन्होंने न केवल सबसे बड़ी सत्ता को चुनौती दी बल्कि उसे शिकस्त भी दी। महाराज छत्रसाल का दानवता के खिलाफ मानवता का संघर्ष रहा है। उन्होंने महाराज छत्रसाल स्मृति शोध संस्थान के दो वर्षों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने जो अल्प समय में बड़ा संकल्प लिया और इसे पूरे करने जा रहे हैं वह एक मिशाल होगा और महाराज छत्रसाल की विशालकाय प्रतिमा लगाए जाने के साथ ही अन्य गतिविधियां पूरे राष्ट्र में विख्यात होंगी।


शोध संस्थान के सचिव राकेश शुक्ला राधे ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए संस्थान के दो वर्षों के कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने लोहा संग्रहण से लेकर महाराज छत्रसाल के जीवन पर आधारित परीक्षा आयोजित किए जाने की जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नेशनल काउंसिल ऑफ रूरल इंस्टीट्यूट के उपाध्यक्ष डॉ. भरत पाठक ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि लक्ष्य निर्धारित कर उसे समय सीमा में पूर्ण करने का अलग ही आनंद होता है। शोध संस्थान ने जिस तरह से कार्य शुरू किया है उसे सभी को मिलकर करना चाहिए इससे समाज का भला होता है। एसपी ललित शाक्यवार ने कहा कि अच्छे काम करने निकलने वालों की पूरी प्रकृति साथ देती है। डॉ. पवन तिवारी के नेतृत्व में यह कार्य तेज गति से हुआ है। आने वाले समय में यह एक बड़ा पर्यटन केन्द्र बन जाएगा। उन्होंने कहा कि वे कहीं भी रहेंगे, महाराज छत्रसाल के दर्शन करने अवश्य आएंगे। मंच पर एडीएम डीके मौर्य, डॉ.पवन तिवारी आरएसएस के जिला संघचालक वीरेन्द्र असाटी, समाजसेविका नंदिता पाठक, संस्थान के अध्यक्ष भगवतशरण अग्रवाल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। वहीं अतिथियों का स्वागत शोध संस्थान के सदस्य धीरेन्द्र शिवहरे, सहसचिव विनय चौरसिया, जयदेव सिंह बुन्देला, प्रो. पीके खरे, हर्ष अग्रवाल, गोविंद सिंह बुन्देला, अनिल अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम का संचालन गौरव दीक्षित और सुशील वैद्य ने किया।

मधुबनी : आजादी के 69 साल बाद भी सड़क नहीं

$
0
0
no-roads-in-andhrathadi
मधुबनी/अंधराठाढ़ी (मोo आलम )। जमैला गॉव से अंधराठाढ़ी मुख्यालय जाने वाली सड़क अब पैदल चलने लायक भी नहीं रही। यह सड़क प्रखंड की कुछ महत्वपुर्ण सड़कों में से एक है। प्रखंड के पुर्वी हिस्से की एक बड़ी आबादी इस सड़क से जुड़ी है। इन गांवों के हाट-बाजार, डाकघर, अस्पताल, स्कुल, कॉलेज, बस पड़ाव, रेलवे स्टेशन, प्रखंड की सभी कामकाज इसी सड़क के माध्यम से होती है। बताते चले कि सड़की की लंबाई करीब सात किलोमीटर है। अंधराठाढ़ी प्रखंड में स्थित रामफल चौधरी स्मृति द्धार से गाय ओलार तक की तीन किलोमीटर में र्वा पुर्व खरंजाकरण किया गया था। शे चार किलोमीटर का भाग कच्ची सड़क आजतक है। खरंजा की इंटें उखड़ कर तीतर-बीतर हो गई है। पैदल चलने वाला मुसाफिर को हमेशा चौकन्ना रहना पड़ता हैं। कई बार तो लोग घायल भी हो चुके हैं। बरसात के समय में कच्ची सड़क पर ये समस्या कई गुणा बढ़ जाती है। गंभीर रोगीयों का चिकित्सा सुविधाऐं और आपदा के समय राहत पहुचाना बहुत कठीन हो जाता है। गौरतलब है कि सड़क मरम्मत के रास्ते में एक बड़ी बाधा थी सुगरवे नदी पर आर सी सी पुल का नहीं रहना। पुर्व मंत्री नीतिश मिश्रा ने अपने समय में इस पुल को बनवा दिया किन्तु यह सड़क फिलहाल बदहाल और अनदेखी बनकर रह गई। स्थानीय मुखिया राजेश मिश्रा बताते हैं कि इस सड़क के कालीकरण की मांग दशकों पुरानी है। बड़े नेताओं के आश्वासनों के बाद भी यह अबतक उपेक्षित है। पंचायत समिति सदस्य देवचन्द्र कामत  कहते है कि आजादी के 69 साल बाद भी स्थिति जस की तस है।

मधुबनी : समान काम के बदले समान वेतन के लिए प्रदर्शन

$
0
0
teachers-protest-madhubani
मधुबनी/फुलपरास (जयलेंद्र कुमार यादव)आज दिनांक 24 अप्रैल सोमवार को बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ फुलपरास के प्रखण्ड  अध्यक्ष श्री रमेश कुमार के अगवाई में सेकड़ो हड़ताल शिक्षकों ने स्थानीय BRC फुलपरास का घेराव कर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी किया तथा समान काम के बदले समान वेतन मांग की घोषणा होने तक आंदोलन पर डटे रहने का संकल्प लिया उन्होंने बताया अगर सरकार शिर्द्ध वार्ता कर मांगों पूरी नही करती है तो वाध्य होकर शिक्षक सड़क पर उतर जायेगा था रेल एवं सड़क मार्ग को अनिशचित कालीन हड़ताल अबरुद्ध करेंगे प्रदर्शन में हड़ताल शिक्षक शंकर पासवान अनिल कुमार संजीव कुमार राजीव कुमार राधे शयम सिंह महेश प्रसाद शर्मा संजय कुमार आदि शिक्षक ने भाग लिया 

रूनकी गोस्वामी ने संगीत निर्देशक और गायिका के तौर पर बनाई पहचान

$
0
0
  • गुरुग्राम निवासी रूनकी ने दक्षिण भारत में साबित की अपनी संगीत प्रतिभा

runki-goswami
दक्षिण भारत की फिल्मी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली रूनकी द्वारा संगीतबद्ध गीतों और गले का जादू दक्षिण में सिर चढ़ कर बोल रहा है। वैसे भी हुनर की कोई सीमा नहीं होती है और इस बात को रूनकी गोस्वामी ने एक बार फिर से साबित कर दिखाया है। दक्षिण भारत के सिनेमा में संगीत निर्देशक और गायिका के तौर पर योगदान दे रही रूनकी, संगीतकारों के परिवार से संबंधित है और संगीत उसकी रग रग में दौड़ता है। सिर्फ 3 साल की उम्र में ही उसने अपनी संगीत प्रतिभा दिखा दी थी और अब उसे साबित भी कर दिया है। रूनकी, बचपन से ही शास्त्रीय संगीत को सीखना शुरू कर चुकी थी और अब भी नियमित रियाज करती है। छह साल की उम्र में तो रूनकी ने मंच से अपनी आवाज का जादू बिखेरना शुरू कर दिया था। एक के बाद एक मंच पर प्रस्तुतियों के बाद रूनकी ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपने स्कूल का प्रतिनिधित्व किया और कई खिताब जीते। उसके बाद ऑल इंडिया रेडियो पर रिकॉर्डिंग की और कई प्राइवेट शो भी किए। मूल तौर से बंगाली, रांची में पली बढ़ी और गुरुग्राम में कार्यरत रूनकी ने 2013 में फिल्मों में शुरुआत की और उन्हें हैदराबाद में तेलगू फिल्म लेखक थेडावास्ते द्वारा संगीत निर्देशक के तौर पर काम दिया। रूनकी के संगीत ने सभी का ध्यान खींचा और उसके संगीत की मिठास सभी को भाई और उसके बाद एक के बाद एक फिल्मों में काम मिला। रूनकी ने कई तेलगू फिल्मों को साइन किया जिनमें तिरूविक्रमन भी शामिल है। उसकी सुपर हिट कम्पोजीशन में तीन मार बेताल्लुकी भी शामिल है जो कि तेलंगाना के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहद पसंद किया जा रहा है। फिल्मों के अलावा रूनकी ने एक बंगाली भक्ति संगीत एल्बम देबोबीना और दो अन्य हिंदी एलबम मनमर्जीयां और ओढ़ी चुनर धानी को भी श्रोताओं ने काफी पसंद किया है। 


आईएसबी हैदराबाद से एग्जीक्यूटिव मैनेजमेंट और मास्टर्स इन कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज्म रूनकी में प्रतिभा, आत्मविश्वास, आत्मअनुशासन और समर्पण कूट कूट कर भरा है। रूनकी संगीत के प्रति समर्पित है और वे एक एमएनसी में वरिष्ठ पद पर कार्यरत हैं लेकिन इस कला के प्रति भी अपने जुनून और प्यार को बनाए रखी हुई हैं। इस समय गुडगांव में रह रही रूनकी ने इंडिया हैबीटेट सेंटर और एपिकसेंटर में भी लाइव प्रस्तुति दी तो दर्शकों ने बार-बार उनसे और गाने की फरमाइश की। खास बातचीत में रूनकी ने बताया कि वे श्रोताओं को अपनी नई संगीत प्रस्तुतियों से रूबरू करवाएंगी। उनका मानना है कि संगीत एकमात्र ऐसा माध्यम है, जिससे वह समाज की बेहतरी के लिए अपना योगदान दे सकती है और इसीलिए वह अपनी सभी बिना टिकट के शोज में गाती है और अपनी प्रस्तुति के लिए भी कोई पैसा नहीं लेती है। रूनकी, उन युवा प्रतिभाओं के लिए एक प्रेरक उदाहरण हैं जो कि कॉर्पोरेट वल्र्ड के लिए अपनी प्रतिभा को भुला देते हैं। वे समय का उचित प्रबंधन करते हुए अपने प्रबंधन कौशल के साथ ही अपने पसंदीदा संगीत की दुनिया में भी उतना ही बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।

मिसेज फरीदाबाद का शानदार आगाज

$
0
0
mrs-faridabad
रेड कारपेट संस्था की ओर से आयोजित मिसेज फरीदाबाद-2017 प्रतियोगिता में महिलाओं को अपनी प्रतिभा प्रदर्शन का मौका मिला। शादीशुदा महिलाओं ने रैंप पर उम्दा प्रस्तुति दी। इस प्रतियोगिता में पहले स्थान पर पायल परुथी रहीं। रितु तेवतिया पहली रनरअप तथा शिरिन दूसरी रनरअप रहीं। प्रतियोगिता में सुंदर बाल, आंखें, परफेक्ट बॉडी जैसी अलग-अलग श्रेणी में भी कई महिलाओं को पुरस्कृत किया गया। रेड कारपेट संस्था की निदेशक रिया बावेजा ने बताया की पिछले वर्ष 2016 में उन्होंने एक कार्यक्रम किया था, जिसे लोगो ने खूब सराहा था। उसी से प्रेरणा लेते हुए इस वर्ष फरीदाबाद में शादीशुदा महिलाओं को एक मंच देने की सोची गई, जिसके तहत मिसेज फरीदाबाद-2017 प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। फरीदाबाद में रेड कारपेट द्वारा महिलाओं के लिए यह पहली बार आयोजित किया गया है। यह प्रतियोगिता घरेलू महिलाओं को एक अलग अनुभूति और अनुभव देगा। इस प्रतियोगिता में जीतने वाली महिलाओं को मिसेज ईलीट इंडिया में सीधे एंट्री मिलेगी।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 24 अप्रैल

$
0
0
स्टेडियम का भूमिपूजन कार्यक्रम आज

उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) वन, राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा आज मंगलवार को शमशाबाद क्षेत्र के ग्राम मोहनपुरा में आयोजित स्टेडियम निर्माण के भूमिपूजन कार्यक्रम में दोपहर 12.30 बजे शामिल होंगे।

प्रमुख सचिव ने ग्राम संसद की कार्यवाही को देखा, ग्राम सुआखेडी ओडीएफ की ओर

vidisha news
जिले में जारी ग्रामोदय से भारत उदय अभियान का जायजा लेने हेतु राज्य सरकार द्वारा नियुक्त प्रमुख सचिव श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने आज ग्यारसपुर अनुविभाग क्षेत्र के सुआखेडी और बासौदा अनुविभाग क्षेत्र के गौरखेडीमार ग्राम में जारी संसद कार्यक्रम में शामिल होकर ग्रामीणजनों द्वारा ग्रामों के विकास हेतु लिए गए निर्णयों को जाना। प्रमुख सचिव श्रीमती श्रीवास्तव ने ग्यारसपुर अनुविभाग क्षेत्र में शासकीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु किए गए नवाचार की प्रशंसा की और उन्होेने विजेताओं को पुरस्कृत किया। यहां शासकीय योजनाओं की जानकारी आमजनों को देने के लिए ज्ञान कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन ग्राम स्तर पर किया जा रहा है। ग्राम सुआखेडी में हुई उक्त प्रतियोगिता की विजेता और उप विजेता टीम को प्रमुख सचिव के द्वारा पुरस्कृत किया गया है। ग्राम संसद की कार्यवाही के दौरान प्रमुख सचिव को अवगत कराया गया कि स्वच्छता अभियान के तहत ग्राम में 194 शौचालयों का निर्माण कराया जाना था जिसमें से 190 शौचालयों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है शेष चार शौचालय के हितग्राहियोें से प्रमुख सचिव ने कहा कि वे शीघ्र निर्माण करा लें जो ग्राम ओडीएफ घोषित हो जाते है उन्हें शासन द्वारा पृथक से बजट मुहैया कराया जाता है। कलेक्टर श्री सुचारी ने ग्रामीणजनों को शौचालय की महत्वता से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि घरो में जो शौचालय बनाए गए है उसका उपयोग करें। खुले में यदि कोई शौच के लिए जाता है तो पंचायत अपने स्तर पर दंडित कर सकती है। कलेक्टर श्री सुचारी ने बताया कि ग्यारसपुर में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला शुरू हो गई है अतः क्षेत्र के किसान उपज लेने से पहले अपने खेतों की मिट्टी का परीक्षण अनिवार्यतः कराएं ताकि यह पता चल जाए कि मिट्टी में कौन सा उर्वरक डालना जरूरी है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे फसल बीमा जरूर कराएं ताकि प्राकृतिक आपदा के दौरान किसानों को बीमा की राशि सुगमता से मिल सकें। यहां प्रधानमंत्री आवास, विभिन्न प्रकार की पेंशन, ग्राम की कार्ययोजना के तहत लिए जाने वाले कार्यो के संबंध में पूछताछ की गई। ग्राम गौरखेडीमार में ग्राम की छात्राओं ने गांव में ही हाई स्कूल खोले जाने की मांग प्रमुख सचिव के समक्ष रखी। कलेक्टर श्री सुचारी ने हाई स्कूल खोलने के लिए निर्धारित मापदण्डों से अवगत कराया। उन्होंने छात्राओं से कहा कि वे बागरोद चैराहा के पास हाई स्कूल है जो बच्चियां पढ़ने जाएगी उन्हें शासन के दिशा निर्देशानुसार साइकिले मुहैया कराई जाएगी।जिला पंचायत सीईओ श्री दीपक आर्य ने ग्राम के किसानों से कहा कि वे अपने खेतों में कुओं का निर्माण कराए इसके लिए शासन द्वारा पांच बीघा तक के भू-स्वामियों को दो लाख रूपए की राशि मुहैया कराई जाती है। ग्राम के सचिव द्वारा ग्रामसभाओं में शामिल नही होने की बात को गंभीरता से लेते हुए श्री आर्य ने ग्राम सचिव को हटाने के निर्देश जनपद सीईओ को दिए। जेआरएस द्वारा बनाई गई कार्ययोजना का वाचन किया गया। भ्रमण के दौरान ग्यारसपुर एसडीएम श्री मनोज कुमार वर्मा, तहसीलदार सर्व श्री संजय जैन, श्री शत्रुध्न चैहान, श्रीमती सरोज अग्निवंशी, जनपद सीईओ श्रीमती वंदना शर्मा साथ मौजूद थी। 


वनोपज संघ के अध्यक्ष आज विदिशा आएंगे

मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष श्री महेश कोेरी 25 अप्रैल को विदिशा आएंगे। उनका प्राप्त दौरा कार्यक्रम अनुसार दोपहर 12 बजे रायसेन से विदिशा के लिए प्रस्थान कर एक बजे विदिशा में कार्यालय वन मंडलाधिकारी एवं प्रबंध संचालक जिला वनोपज यूनियन विदिशा में वन मंडलाधिकारी एवं प्रबंध संचालक तथा तेन्दूपत्ता कार्य में संलग्न अन्य अधिकारियों से तेन्दूपत्ता शाखकर्तन, मजदूरी भुगतान तथा निर्माण एवं विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे, साथ ही आगामी तेन्दूपत्ता सीजन की तैयारियों, महुआ फूल-गुल्ली संग्रहण आदि पर चर्चा भी करेंगे। इसके पश्चात् वे सागर के लिए प्रस्थान करेंगे। 

स्कूली कक्षाएं 11 बजे तक संचालित होगी

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने जिले में जारी भीषण गर्मी को दृष्टिगत रखते हुए जिले में कक्षा नवमी से बारहवीं तक के बच्चों की कक्षाएं 11 बजे तक संचालित करने के आदेश प्रसारित किए है। उन्होंने संबंधितों को निर्देश दिए है कि जारी आदेश का पालन कराया जाए।

राज्यमंत्री ने पीडितों को चेक वितरित किए

vidisha news
उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) वन, राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा आज ग्राम बामनखेडा में पहुंचकर अग्नि दुर्घटना से पीड़ितों को आर्थिक सहायता के चेक प्रदाय किए। श्री मीणा ने 16 हितग्राहियों को 16 लाख 24 हजार छह सौ रूपए के चेक प्रदाय किए है। ज्ञातव्य हो कि विगत बुधवार 19 अपै्रल को विदिशा तहसील के ग्राम बामनखेडा में अज्ञात कारणों से आग लग जाने के कारण ग्राम में निवासरत व्यक्तियों के कच्चे रहवासी मकान पूर्णतः नष्ट हो गए थे आरबीसी के प्रावधानों के तहत पीड़ितों को आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई है। 

व्यर्थ नहीं जाएगा शहीदों का बलिदान, सुकमा हमले पर मोदी ने कहा

$
0
0
modi-statement-on-sukma-atack
नयी दिल्ली, 24 अप्रैल, धानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए नक्सली हमले की निंदा करते हुए उसे ‘‘कायरतापूर्ण और निंदनीय बताया’’ तथा इसबात पर जोर देते हुए कहा कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ जवानों पर हमला कायरतापूर्ण और निंदनीय है। हम स्थिति की करीबी निगरानी कर रहे हैं।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘हम अपने सीआरपीएफ जवानों की बहादुरी पर गौरवान्वित हैं। शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उनके परिवारों के प्रति संवेदनाएं।’’ उन्होंने आज के हमले में घायल हुए जवानों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना की। बेहद भीषण हमले में नक्सलवादियों ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में दोपहर करीब साढ़े बारह बजे सीआरपीएफ के काफिले पर घात लगाकर हमला किया। इसमें कई जवान मारे गए और कई अन्य घायल हो गये।


सोनिया, राहुल ने सुकमा हमले की निंदा की

$
0
0
rahul-sonia-condemn-sukma-attack
नई दिल्ली, 24 अप्रैल, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने आज सुकमा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए नक्सल हमले की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी ‘‘बेतुकी हिंसा’’ चरमपंथी ताकतों से लड़ने के संकल्प को कमजोर करने में कभी कामयाब नहीं होगी। पार्टी ने यह भी मांग की कि नरेंद्र मोदी सरकार इस घटना के पीछे की ताकतों के खिलाफ त्वरित और कड़ी कार्र वाई करें। सोनिया गांधी ने हमले को ‘‘हमारे सुरक्षा बलों पर बिना सोचे समझे और निर्मम तरीके से किया गया हमला’’ बताते हुए कहा कि 24 बहादुर जवानों का बलिदान देश के लिए बड़ी क्षति है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे हमले चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई को कभी नहीं रोक पाएंगे।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने शहीदों के मित्रों और परिजनों के प्रति एकजुटता जतायी और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं जताते हुए सीआरपीएफ जवानों के शौर्य और बलिदान की प्रशंसा की। उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘‘बेतुकी हिंसा चरमपंथ की ताकतों से लड़ने के हमारे संकल्प को कमजोर करने में कभी कामयाब नहीं होगी। मेरी संवेदनाएं सुकमा में हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के परिवार के प्रति है। हम बहादुर जवानों के बलिदान और शौर्य को सलाम करते हैं।’’ कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और उम्मीद करता हूं कि केन्द्र सरकार इस कृत्य में संलिप्त लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करेगी। एआईसीसी के संचार विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि राज्य में हाल ही में नक्सलियों का यह दूसरा नृशंस हमला है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 11 मार्च को नक्सलियों के नृशंस हमले में अर्धसैन्य बलों के 11 कमांडो को अपनी जान गंवानी पड़ी। उन्होंने कहा, ‘‘क्या भाजपा के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार कोई सबक सीखेगी? क्या यह केंद्र और राज्य सरकार की ओर से खुफिया तंत्र की नाकामी का स्पष्ट मामला नहीं हैं? मौजूदा सरकार नक्सलियों से निपटने में कैसे कदम उठाती है? प्रधानमंत्री को राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ निर्णयात्मक कार्रवाई करनी चाहिए, जो सीधे तौर पर राष्ट्र की शक्ति को चुनौती दे रहे हैं।’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हम बहादुर जवानों को सलाम करते हैं और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं जताते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने नक्सलियों से लड़ाई की और बलिदान दिया। नंद कुमार पटेल: विद्या चरण शुक्ला: महेंद्र कर्मा और अन्य नेताओं ने अपनी जान न्यौछावर कर दी।’’

मां के पास लौटना नहीं चाहतीं यौन कर्मियों की बच्चियां

$
0
0
sex-workers-daughter-dont-want-return
नयी दिल्ली, 24 अप्रैल, आंध्र प्रदेश की यौन कर्मियों की चार नाबालिग बच्चियों ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वे अपनी अपनी माताओं के पास वापस नहीं जाना चाहतीं। इन बच्चियों ने अपनी अपनी माताओं की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति दीपा शर्मा की पीठ के समक्ष यह बात कही। छह से 10 वर्ष के बीच उम्र की ये बच्चियां इस समय में दिल्ली स्थित एण्क गैर सरकारी संगठन की देखरेख में हैं। बच्चियों ने पीठ को बताया कि वे इस संगठन के साथ खुश हैं और वापस अपनी अपनी माताओं के पास नहीं जाना चाहतीं। पीठ ने यह पूछा था कि वे अपनी अपनी माताओं के पास जाना चाहती हैं या नहीं। अदालत को यह बताया गया था कि नाबालिग बच्चियां वापस नहीं जाना चाहतीं क्योंकि उन्हें एनजीओ का जीवन पसंद है जहां उन्हें बेहतर शिक्षा, पोषण और देखभाल मिल रही है। दिल्ली सरकार के वरिष्ठ स्थायी वकील राहुल मेहरा ने पीठ को बताया कि शुरू में माताओं ने एनजीओ कर्मियों को बच्चों को अपने साथ ले जाने की अनुमति दी थी लेकिन जब जब बच्चों ने वापस जाने से मना किया तो उन्होंने बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका दायर की। अदालत को यह भी बताया गया कि गैर सरकारी संगठन द्वारा मानव तस्करी से बचाये गये ऐसे बच्चों के लिये चलाये जा रहे आवासीय स्कूल की जांच एवं निगरानी बाल कल्याण समिति :सीडब्ल्यूसी: करता रहा है, जिसके समक्ष समय समय पर प्रत्येक बच्चे की प्रगति रिपोर्ट पेश की जाती है।

उत्तर प्रदेश में 2021 तक प्रतिवर्ष 33 हजार पुलिस भर्तियां होंगी

$
0
0
33-000-police-recruits-every-year-till-2021-in-up
नयी दिल्ली, 24 अप्रैल, उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों के खाली पड़े पदों पर भर्तियों से संबंधित राज्य सरकार का रोडमैप आज स्वीकार कर लिया। राज्य सरकार ने मुख्य न्यायाधीश जे एस केहर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष एक रोडमैप रखा, जिसके तहत अगले चार वर्ष तक प्रति वर्ष करीब 33 हजार सिपाहियों और दरोगाओं की भर्ती किये जाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि राज्य पुलिस में खाली पड़े पदों को 2021 तक भरा जा सके। पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष करीब 3,000 सब-इंस्पेक्टर और 30,000 कॉन्स्टेबल की भर्ती करने के आदेश दे दिए। भर्ती को मंजूरी दिये जाने के साथ ही पीठ ने यह भी कहा कि अगर भर्ती में देरी होती है, तो इसके लिए प्रधान सचिव और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी दोषी होंगे। शीर्ष अदालत ने गत सप्ताह कहा था कि विभिन्न राज्यों के पुलिस महकमों में पांच लाख 52 हजार पद पद खाली हैं, जिन्हें जल्द ही भरे जाने की जरुरत है। पुलिसकर्मियों की सबसे ज्यादा कमी उत्तर प्रदेश में है, जहां 1.5 लाख पद रिक्त हैं जबकि 3.5 लाख कांस्टेबल और अधिकारियों की क्षमता स्वीकृत है। न्यायालय ने पुलिस महकमों में रिक्त पदों पर भर्ती से संबंधित तमिलनाडु और कर्नाटक सरकार का रोडमैप भी स्वीकार कर लिया। पीठ ने दोनों राज्य सरकारों से कहा कि वे भर्ती की प्रक्रिया तय समय पर पूरी करें। न्यायालय ने बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल की सरकारों को भी निर्देश दिया कि वे उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक की तरह ही अपनी भर्ती योजना उसके समक्ष पेश करे। न्यायालय ने गुजरात, तेलंगाना और राजस्थान के गृह सचिवों को एक मई को व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।

इसरो ने बनाया ऐप, बतायेगा कहां लगायें सौर संयंत्र

$
0
0
app-made-by-isro-will-suggest-where-to-plant-solar-plant
नयी दिल्ली 24 अप्रैल, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक ऐसा ऐप तैयार किया है जो यह बतायेगा कि किस जगह पर सौर ऊर्जा की संभावना ज्यादा है ताकि सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए उचित स्थान का चयन आसान हो सके। इसरो ने आज बताया कि इसके लिए भूस्थैतिक उपग्रहों से मिली सूचनाओं एवं आंकड़ों का इस्तेमाल किया जायेगा । एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर काम करने वाला यह ऐप इसरो के अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लिकेशन सेंटर द्वारा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की पहल पर विकसित किया गया है । उसने बताया कि यह सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए स्थलों के चयन में काफी कारगर है । ऐप किसी स्थान पर मासिक/वार्षिक सौर ऊर्जा क्षमता किलोवाट ऑवर प्रति वर्ग मीटर में तथा किसी स्थान विशेष का न्यूनतम एवं अधिकतम तापमान बतायेगा । साथ ही यह उपग्रह से भेजी गयी तस्वीरों पर उस स्थान की स्थिति, उसका उन्नयन कोण तथा साल के दौरान विभिन्न समय में वहाँ दिन की लंबाई की जानकारी भी देगा। ऐप यह भी बतायेगा कि सौर पैनलों को किस कोण पर लगाना सबसे अच्छा होगा । इसके लिए भूस्थैतिक उपग्रहों कल्पना-1, इनसेट-3डी और इनसेट-3डीआर के आंकड़ों का इस्तेमाल किया जायेगा । ऐप के इस्तेमाल के लिए इंटरनेट कनेक्शन जरूरी होगा । इसकी रिपोर्ट हालांकि पीडीएफ के रूप में सुरक्षित रखकर बाद में भी उसका विश्लेषण किया जा सकता है । ऐप डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटवीईडीएएसडॉटएसएसीडॉटजीओवीडॉटइन से डाउनलोड किया जा सकता है ।


सुकमा हमला: राजनाथ ने जताया दुख, अहीर जायेंगे सुकमा

$
0
0
sukma-attack-rajnath-condoled-ahir-will-go-to-sukma
नयी दिल्ली, 24 अप्रैल, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के साथ मुठभेड में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 24 जवानों के शहीद होने पर दुख व्यक्त किया है और उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर स्थिति का जायजा लेने के लिए छत्तीसगढ़ जा रहे हैं । सुकमा जिले में आज बुरकापाल क्षेत्र के जंगलों में छिपे नक्सलियों ने घात लगाकर जवानों पर हमला किया और मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 24 जवान शहीद हो गए जबकि कुछ के लापता होने तथा कुछ के घायल होने की खबर है । श्री सिंह ने हमले की जानकारी मिलने के बाद ट्वीट किया,“ सुकमा में सीआरपीएफ जवानों के मुठभेड में शहीद होने से गहरा दुख पहुंचा है । शहीदों को मेरी श्रद्धांजलि और उनके परिजनों के प्रति शोक तथा संवेदना। ” अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा है , “ सुकमा हमले के बारे में गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर से बात की है । श्री अहीर स्थिति का जायजा लेने के लिए सुकमा जा रहे हैं । ” कांग्रेस ने भी सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने पर दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार को इस मामले में उचित कार्रवाई करनी चाहिए । पिछले 6-7 वर्षों में अर्द्धसैनिक बलों पर नक्सलियों का यह दूसरा सबसे बड़ा हमला है । इससे पहले वर्ष 2010 में दंतेवाडा जिले में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान मारे गये थे ।

प्रणव, मोदी ने की सुकमा हमले की निंदा

$
0
0
pranab-modi-condemns-sukma-attack
नयी दिल्ली, 24 अप्रैल, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज छत्तीसगढ के सुकमा जिले में नक्सली हमले में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 24 जवानों के शहीद होने पर दुख जताया है और उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है। श्री मुखर्जी ने इस हमले को कायराना बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। राष्ट्रपति ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने हमले में घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। श्री मोदी ने शहीद जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि वीर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा । उन्होंने अपने ट्वीट में हमले को कायराना और निंदनीय बताते हुए कहा,“हम हालात पर बारीकी से नजर रख रहे हैं । ” कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जवानों की शहादत पर शेाक व्यक्त करते हुए इसे राष्ट्र के लिए बड़ी क्षति बताया। श्रीमती गांधी ने यहां जारी एक संदेश में कहा कि हमारे सुरक्षा बलों पर यह वहशियाना और कायरतापूर्ण हमला है । जवानों का बलिदान राष्ट्र के लिए बड़ी क्षति है लेकिन इस तरह के हमलों से उग्रवाद के खिलाफ अभियान प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र ठीक होने की कामना की है । श्री गांधी ने भी आज ट्विटर पर जारी संदेशों में कहा, “ हम बहादुर जवानों को सलाम करते हैं । सुकमा हमले में शहीदों के परिजनों के साथ मेरी संवदेनाएं हैं । मैं बहादुर जवानों के साहस और बलिदान को नमन करता हूं ।” उन्होंने कहा कि इन औचित्यहीन हत्याओं से उग्रवाद के खिलाफ संघर्ष करने के हमारे हौसले कम नहीं होंगे ।

नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 26 जवान शहीद, छह घायल, आठ लापता

$
0
0
26-crpf-martyred-in-major-maoists-ambush-at-sukma-govt-calls-it-setback
जगदलपुर, 24 अप्रैल, छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में आज दोपहर नक्सलियों के हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 26 जवान शहीद हो गए और छह जवान घायल हैं। हमले के बाद से आठ जवान लापता हैं। पुलिस ने मुठभेड़ में 4-5 नक्सलियों के मारे जाने का दावा किया है। नक्सली शहीद जवानों के हथियार भी लूटकर ले गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार चिंतागुफा थाने से संयुक्त पुलिस बल गश्त सर्चिंग के लिए रवाना हुआ था। ग्राम बुरकापाल के समीप जंगल में घात लगाए नक्सलियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। सूत्रों के अनुसार हमले के वक्त 200-250 से अधिक नक्सली मौजूद थे, जो आधुनिक हथियारों से लैस थे। नक्सलियों के पास मोर्टार भी मौजूद था। नक्सलियों ने यहां जवानों के लिए पहले से ही एंबुश लगा रखा था। जैसे ही जवानों नक्सलियों के उसकी जद में आए नक्सलियों ने जबरदस्त बारूदी सुरंग विस्फोट कर दिया। जवान जब तक संभल पाते पहाड़ियों में छिपे नक्सलियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। बस्तर संभाग के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) पी सुंदरराज और सुकमा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक मीणा ने बताया कि मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 74वीं बटालियन के 26 जवान शहीद हुए हैं साथ ही छह जवान गंभीर रूप में जख्मी हो गए हैं। घायल जवानों को हेलीकॉप्टर से रायपुर रैफर किया गया है। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल पर मौजूद परिस्थितिजन्य साक्ष्य, खून के धब्बे एवं घसीटे जाने के निशान से यह साबित होता है कि कम से कम 4-5 नक्सली मारे गए हैं और कई लहुलूहान हुए हैं, साथियों के शव नक्सली अपने साथ ले जाने में कामयाब रहे।

सेरेना ने नंबर वन बनने का श्रेय अपने बच्चे को दिया

$
0
0
serena-gives-credit-to-kid
लंदन, 24 अप्रैल, अमेरिका की दिग्गज टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स ने महिला विश्व रैंकिंग में फिर से नंबर वन बनने का श्रेय गर्भ में पल रहे अपने बच्चे को दिया है। सोमवार को जारी महिला टेनिस संघ (डब्ल्यूटीए) की ताजा विश्व रैंकिंग में सेरेना 7010 रेटिंग अंकों के साथ फिर से नंबर वन बन गई हैं। उन्होंने जर्मनी की एंजेलिक केर्बर (6925 अंक) को पछाड़कर विश्व रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया। सेरेना अपने करियर में आठवीं बार शीर्ष पर पहुंची है। दुनिया की सबसे मशहूर टेनिस स्टार सेरेना ने इसी वर्ष आस्ट्रेलियन ओपन के रूप में इस वर्ष का पहला और अपने करियर का 23वां ग्रैंड स्लेम हासिल किया था। इस मामले में सेरेना ने स्टेफी ग्राफ को पीछे छोड़ दिया है जबकि वह सर्वकालिक सर्वाधिक स्लेम जीतने वाली मार्गेट कोर्ट के 24 स्लेम से एक कदम पीछे हैं। 35 वर्षीय सेरेना ने इंस्टाग्राम पर कहा,“ मेरा प्यारा बच्चा, आपने मुझे वह ताकत दी है जिसके बारे में मुझे पता नहीं था। आपने मुझे पवित्रता और शांति का सही मतलब सिखाया है। मैं आपसे मिलने के लिए अब और इंतजार नहीं कर सकती।” 


सेरेना ने इसी वर्ष आस्ट्रेलियन ओपन से पहले ही अमेरिकी कारोबारी एलेक्सिस ओहानियन के साथ सगाई की पुष्टि की थी। अमेरिकी खिलाड़ी के 20 सप्ताह की गर्भवती होने के बाद विश्लेषकों का मानना है कि सेरेना भले ही 2018 में वापसी का दावा करें लेकिन यह इसी बात पर निर्भर करेगा कि वह बच्चे के जन्म के बाद कितनी जल्दी अपनी ट्रेनिंग शुरू करती हैं। 23 बार के ग्रैंड स्लेम चैंपियन सेरेना ने कहा,“ लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं आपके साथ दुनिया में फिर से नंबर एक बनने पर बहुत खुश हूं। एक बार फिर आज, विश्व की सबसे पुरानी और सबसे कम उम्र की नंबर वन-तुम्हारी मां।”  सेरेना ने गत बुधवार को सोशल मीडिया पर स्विम सूट में अपनी एक तस्वीर पोस्ट कर उसके नीचे ‘20 सप्ताह’ लिखा था जिसके बाद उनके गर्भवती होने के कयास लगाये जा रहे थे। बाद में सेरेना ने अपनी प्रवक्ता के हवाले से इस खबर की पुष्टि कर दी और साथ ही बताया कि वह अगले वर्ष तक ही अब वापसी कर पाएंगी। 

एशियाई चैंपियनशिप में भारत की अगुवाई करेंगी सिंधू

$
0
0
sindhu-lead-india-in-asia-cup
वुहान (चीन), 24 अप्रैल, रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता देश की शीर्ष बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधू मंगलवार से यहां शुरु हो रही एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारतीय चुनौती की अगुआई करेंगी। इंडिया सुपर सीरीज का खिताब जीतने वाली सिंधू टूर्नामेंट के पहले दौर में अपने अभियान की शुुरुआत विश्व रैंकिंग में 33वें नंबर की इंडोनेशिया की दिनार दिया आयुस्टीन के खिलाफ करेंगी। अायुस्टीन के खिलाफ सिंधू का रिकाॅर्ड 1-0 का हैं। सिंधू ने आयुस्टीन को ऑल इंग्लैंड ओपन टूर्नामेंट में 21-12, 21-4 से पराजित किया था। विश्व रैंकिंग में तीसरे नंबर की सिंधू गिमचियोन में कांस्य पदक जीतने के तीन साल बाद यहां मुकाबले में उतरेंगी जहां उनकी नजरें पदक जीतने पर लगी होगी। सिंधू ने इस वर्ष जनवरी में सैयद मोदी ग्रां प्री गोल्ड टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया है। टूर्नामेंट में सिंधू को चौथी वरीयता मिली है। सिंधू के अलावा मलेशिया ओपन के पहले दौर में शिकस्त झेलने वाली पूर्व नंबर एक सायना नेहवाल अपने अभियान की शुरूआत जापान की सयाका सातो के खिलाफ करेंगी जिनके खिलाफ सायना का रिकॉर्ड 6-1 का है। टूर्नामेंट में सायना को सातवीं सीड मिली है। लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता सायना ने जनवरी में मलेशिया मास्टर्स ग्रां प्री गोल्ड टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया है। इसके अलावा वह ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप और इंडिया ओपन में क्वार्टरफाइनल तक पहुंची थी। 


पुरुषों में करियर का सर्वश्रेष्ठ 13वां स्थान हासिल करने वाले अजय जयराम पांचवीं सीड चीन के टियान हाऊवेई से भिड़ेंगे। टियान ने कल ही चीन मास्टर्स ग्रां प्री गोल्ड का खिताब जीता है। जयराम का टियान के खिलाफ करियर रिकॉर्ड 0-2 का है।  जयराम के अलावा एचएस प्रणय टूर्नामेंट के पहले दौर में आठवीं सीड हांगकांग के एनजी का लोंग एंगस के खिलाफ मुकाबले में उतरेंगे। एंगस के खिलाफ प्रणय का रिकॉर्ड 1-1 का है। प्रणय मलेशिया ओपन और सिंगापुर ओपन में नहीं खेले थे।  अन्य भारतीयों में प्रणव जैरी चोपड़ा और एन सिक्की रेड्डी की मिश्रित युगल जोड़ी को पहले दौर में ही झेंग सिवेई और चेन किंगचेन की चीन की शीर्ष वरीय जोड़ी के खिलाफ उतरना है। मनु अत्री और बी सुमित रेड्डी का सामना पुरूष युगल के पहले दौर में फू हाईफेंग और झांग नान की चीन की पांचवीं वरीय जोड़ी से होगा।  महिला युगल में अश्विन पोनप्पा और सिक्की का सामना चेई यू जुंग और किम सो योंग की कोरियाई जोड़ी से होगा जबकि जे मेघना और पूर्विशा एस राम की भिड़ंत जुंग क्युंग युन और शिन स्युंग चान की कोरिया की जोड़ी से ही होगी। 
Viewing all 74203 articles
Browse latest View live




Latest Images