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आप ने ईवीएम पर मढ़ा हार का ठीकरा

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नयी दिल्ली 26 अप्रैल, आम आदमी पार्टी :आप: ने नगर निगम चुनाव में भाजपा के हाथों करारी हार के लिये ईवीएम को जिम्मेदार ठहराया है। सभी 272 वार्ड के चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले ही आसन्न हार को देखते हुये आप नेताओं ने पार्टी की हार का ठीकरा ईवीएम में गड़बड़ी पर फोड़ दिया। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी देश के लोकतंत्र का कड़वा सच है। उन्होंने कहा कि ’’इस मुद्दे पर कोई भी हमारा मजाक उड़ा सकता है लेकिन मजाक से डरकर हम सच बोलने से खुद को अलग नहीं कर सकते है।’’ हालांकि आप में इस राय से इत्तेफाक नहीं रखने वाले नेताओं के एक तबके ने ईवीएम पर हार का दोष मढ़ने के पार्टी के आधिकारिक रख से दूरी बना ली है। पार्टी की प्रत्येक हार के लिये ईवीएम को दोषी ठहराने की रणनीति से दूरी बनाने वालों में पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। पार्टी में उभरे अंतर्विरोध के ये स्वर अभी सतह पर आना बाकी हैं। इस बीच चांदनी चौक से आप विधायक अल्का लांबा ने अपने विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुये विधायक पद से इस्तीफे की पेशकेश कर दी है।


महज दो साल पहले विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करने वाली आप की लगातार हार पर मंथन के लिये आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर आगे की रणनीति तय करने के लिये पार्टी नेताओं का जमावड़ा लगा । बैठक में शामिल हुये श्रम मंत्री गोपाल राय ने कहा कि पूरे शहर में ‘‘ईवीएम की लहर’’ चल रही है। भाजपा की जीत को ईवीएम लहर करार देकर राय ने भाजपाई जीत के सिलसिले को प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता से जोड़ने के सियासी पंडितों के प्रयास को नया मोड़ देने की कोशिश की। राय ने कहा कि यह मोदी लहर नहीं बल्कि ईवीएम लहर है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिये खतरा बताते हुये कहा कि यही बात उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिली। राय ने कहा कि मतदाताओं के मताधिकार को सुनिश्चित करना होगा। भाजपा लोकतंत्र को नष्ट करना चाहती है।

केजरीवाल के मीडिया सलाहकार नागेन्द्र शर्मा ने भी भाजपा की जीत पर तंज कसते हुये ट्वीट किया कि ‘‘दिल्ली की गलियों को एक दशक तक साफ किये बिना एमसीडी में जोरदार जीत होने जा रही है। जब मशीन आपका साथ दे रही हो तब फिर लोगों की इच्छा निर्थक हो जाती है।’’ हालांकि इससे पहले पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने पार्टी की हार स्वीकार करते हुये कहा कि नवगठित होने जा रहे नगर निगम और दिल्ली सरकार को अब जनहित में मिलकर काम करना होगा। मिश्रा के विधानसभा क्षेत्र करावल नगर में आप को पांच में से तीन वार्ड में हार का सामना करना पड़ा है।


मधुबनी : तलाक एक हो, दो हो अथवा तीन हो सभी गलत है : मौलाना मो. वली रहमानी

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मधुबनी/अरडीया संग्राम । (मोoआलम), आॅल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के महासचिव मौलाना मो. वली रहमानी ने कहा कि तलाक एक हो, दो हो अथवा तीन हो सभी गलत है। तलाक किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है। तलाक से सभी को बचना चाहिए। वे मंगलवार की रात अरड़िया संग्राम के आरफीया मदरसा में प्रेस से बाते करते हुए उक्त बातें कही। उन्होंने गो हत्या एवं तीन तलाक जैसे ज्वलंत मामले पर खुलकर अपनी बातें रखी। मौलाना रहमानी ने कहा कि तीन तलाक का मामला मुस्लिम धर्म से जुड़ा है इसलिए सरकार वेवजह तुल दे रही है। आज लगता है कि जैसे हिन्दुस्तान में तीन सिर्फ तीन तलाक का एक मात्र मुद्दा है। इस मामला में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वस्तुतः स्थिति स्पष्ट होगी। संविधान के आर्टकिल 25 में धार्मिक स्वतंत्रता का हक माना गया है। संविधान की धरा 26 में ये हक दिया गया है कि देश का हर निवासी अपने परंपरा रितिरिवाज व मान्यता पर अमल कर सकता है। इसमें पार्लियामेंट अथवा कोट हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। इसी आधार पर आसाम के कामख्या मंदिर में कोर्ट ने निर्णय दिया, कि वहां महंथ के चयन में महिलाओं का योगदान नहीं होगा। यह निर्णय एक जाति के मर्द के द्वारा ही वोट देने की पुरानी परंपरा के आधार पर ही दी गयी है। ठीक यही हाल और परंपरा एक, दो या तीन तालाक का भी है। कहा कि आरटीआई से इस बात का खुलासा हुआ है कि वर्ष 2011 सं 2017 तक देश में तीन तलाक के मामले 1307 ही है। मुस्लिम में तीन तलाक का रिकार्ड गवाह है कि तलाक की संख्या सबसे कम मुस्लिम में हो रहा है जबकि इससे कहीं ज्यादा हिन्दू, सिख एवं इसाई संप्रदाय में इसका प्रचलन है। जहा तलाक लेना के लिए सालों साल कोर्ट का चक्कर लगान पड़ता है तो काफी कठिन है। बावजूद मुस्लिम समुदाय में तलाक की संख्या सबसे कम होना एक अच्छी बात है। फिर भी सरकार तीन तलाक मामले को ऐसे बता रही है कि यह देश का सबसे बड़ा मुद्दा हो। मौलाना ने एक उदाहरण के तौर पर बताया कि यूपी की योगी सरकार तीन तलाक से पीड़ीत लोगो के लिए शरणस्थली खोली है। यह अच्छी बात है।

झारखंड में 10 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया

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लोहरदगा :झारखंड:, 26 अप्रैल, झारखंड के लोहरदगा में आज दो स्वयंभू एरिया कमांडर समेत दस माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि दोनों स्वयंभू एरिया कमांडरों पर दो..दो लाख रपये का इनाम घोषित था। इनकी पहचान विशाल खेरवार और कैलाश खेरवार के तौर पर हुई है। उन्होंने बताया कि माओवादियों ने ‘‘बंदूक छोड़ो वॉलीबॉल खेलो अभियान’’ नामक एक कार्यक्रम के तहत पुलिस उपमहानिरीक्षक ए वी होमकर के समक्ष आत्मसमर्पण किया। पुलिस ने कहा कि लोहरदगा पुलिस की नक्सल विरोधी अभियान के लिये यह सबसे बड़ी उपलब्धि है। पुलिस ने 22 अप्रैल को माओवादियों के चंगुल से छह नाबालिगों को बचाया था।

कांग्रेस की हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने माकन को जिम्मेदार ठहराया

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नयी दिल्ली, 26 अप्रैल, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने एमसीडी चुनाव में कांग्रेस की हार के लिए स्थानीय नेतृत्व की संलिप्तता की कमी को जिम्मेदार बताते हुए आज आरोप लगाया कि अजय माकन के नेतृत्व में दिल्ली कांग्रेस लोगों तक पहुंच नहीं सकी। शीला ने कहा, ‘‘पार्टी :मतदाताओं तक: उस तरह पहुंच नहीं बना पाई, जिस तरह उसे बनानी चाहिए थी। जब आप कुछ करना नहीं चाहते तो कोई भी बहाना बनाया जा सकता है। आला कमान को फैसला करना होगा। नेतृत्व को आत्मविश्लेषण करने की आवश्यकता है।’’ पूर्वाह्न 11 बजे तक की मतगणना के बाद 233 वाडरें के उपलब्ध रझानों के अनुसार कांग्रेस इनमें से मात्र 26 वाडरें में आगे है। पार्टी अभी तक कोई सीट भी नहीं जीत नहीं है जबकि भाजपा ने सात और आप ने एक-एक सीट पर जीत प्राप्त की है। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बात पर दुख प्रकट किया कि माकन चुनाव प्रचार मुहिम में उनके :शीला: समेत वरिष्ठ नेताओं को शामिल करने में असफल रहे। शीला ने कहा, ‘‘मुझे चुनाव प्रचार के लिए कहा ही नहीं गया था, तो मैं प्रचार कैसे कर सकती थी।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस मतदाताओं तक पहुंचने में भी नाकाम रही। पार्टी आलाकमान इस मामले को देखेगा।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 25 अप्रैल

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विष्व मलेरिया दिवस पर जनजागरूकता रैली का आयोजन

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विष्व मलेरिया दिवस के अवसर पर जिला मलेरिया कार्यालय सीहोर द्वारा जन जागरूकता रैली का आयोजन किया गया जिसमें कार्यालय के कर्मचारियों के साथ-साथ महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रषिक्षण केन्द्र के प्रषिणार्थियों ने भाग लिया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.आर.के.गुप्ता  द्वारा रैली को हरी झंडी दिखाकर  जिला चिकित्सालय परिसर से रवाना किया गया,। रैली शहर के प्रमुख मार्गों का भ्रमण करने केे उपरान्त जन जागरूकता रैली का समापन किया गया, साथ ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा मलेरिया की रोकथाम के लिए निर्देष दिये गये। जिला मलेरिया अधिकारी ने भी मलेरिया उन्मुलन के लिए उचित उपायों से लोगो को अवगत कराया। जिला मलेरिया अधिकारी श्रीमती क्षमा बर्वे द्वारा आकाषवाणी पर चर्चा कार्यक्रम में मलेरिया-रोग के कारण, लक्षण निदान उपचार रोकथाम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही शासकीय कन्या महाविद्यालय में स्लोगन प्रतियोंगिता का आयोजन किया गया जिसका विषय मलेरिया का अन्त-कल्याण के लिए था। जिस पर स्लोगन के माध्यम से भी छात्राओं ने अपनी भावनाएं प्रकट की। जिला मलेरिया कार्यालय द्वारा संपूर्ण जिले में जनजागरूकता के अंतर्गत आम हितग्राहियों को जागरूक किया जा रहा है। वहीं मलेरिया से बचाव के  लिए बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। 

अपात्र को लाभ देने की सूचना देने वाले को पुरस्कृत किया जायेगा

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना  में अपात्र व्य‍क्ति को लाभांवित किए जाने की शिकायत सही पाए जाने पर शिकायतकर्ता को ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 5000 रूपये का नगद पुरूस्कार दिया जायेगा। पुरूस्कार की राशि सीधे शिकायतकर्ता के बैंक खाते में भेजी जायेगी। यह व्यवस्था हितग्राहियों के चयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गयी है। अपात्र हितग्राहियों को लाभ देने के लिये जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों को सेवा से पृथक किया जायेगा। पंचायती राज संस्था के पदाधिकारियों की संलिप्तता की दशा में उन्हें निलंबित करते हुए पद से पृथक करने की कार्रवाई की जायेगी। अपात्र हितग्राही को योजना की किश्त दिये जाने की दशा में हितग्राही एवं जिम्मेदार लोगों से वसूली की जायेगी। विकास आयुक्त कार्यालय में इसके लिए एक हेल्प डेस्क स्थापित की गई है जिसमें दूरभाष नंबर 9407509864, 9407509464, अथवा टोल फ्री नंबर 1800-2337202 पर योजना के तहत अपात्र व्यक्तियों को लाभ देने की सूचना प्रमाण के साथ दर्ज कराई जा सकती है। इस योजना से संबंधित अन्य शिकायतें भी इन दूरभाष नंबरों पर दर्ज कराई जा सकती है। 

राशन दुकान पर आधार नम्बर दर्ज करवायें

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत रियायती दर पर राशन सामग्री प्रदाय की जा रहा है। हितग्राही राशन प्राप्त करते समय शासकीय उचित मूल्य दुकान पर अपना आधार कार्ड लेकर जायें तथा अपना आधार नंबर दर्ज करायें। परिवार के जिन सदस्य का आधार क्रमांक पीओएस मशीन में दर्ज नहीं है, वह अपना आधार कार्ड लेकर स्वयं दुकान पर उपस्थित होकर पीओएस मशीन के माध्यम से बायोमेट्रीक सत्यापन कराकर दर्ज करा सकते हैं। जिन हितग्राहियों द्वारा अपना आधार कार्ड नहीं बनवाया गया है, वह अपना आधार कार्ड तत्काल बनवायें। जिन हितग्राहियों द्वारा आधार नंबर खाद्य विभाग एवं शासकीय उचित मूल्य दुकान के माध्यम से ऑनलाईन पोर्टल पर दर्ज नहीं कराया गया है, वे तत्काल सम्पर्क कर अपना आधार नम्बर दर्ज करावे व भविष्य में होने वाले असुविधा से बचे।

जीत को सीआरपीएफ के जवानों को समर्पित करेगी भाजपा, नहीं मनाएगी जश्न

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नयी दिल्ली, 26 अप्रैल, तीनों नगर निकायों में भारी जीत की ओर बढ़ रही भाजपा ने आज अपनी जीत को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों को समर्पित किया है और किसी भी जश्न से दूर रहने का फैसला किया है। चुनावी रूझानों के अनुसार, 270 वाडरें में से अधिकतर वाडरें में भाजपा के उम्मीदवार अपने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में बढ़त बनाए रहे। इन वाडरें के लिए चुनाव पिछले रविवार को हुए थे। दिल्ली भाजपा के प्रमुख मनोज तिवारी ने कहा कि सुकमा में सीआरपीएफ के 25 जवानों की मौत पर हर दिल दर्द से भरा हुआ है और पार्टी चुनावी जीत का जश्न नहीं मनाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सुकमा की घटना के चलते, हम लोग इस भारी जीत का जश्न मनाने के लिए सड़कों पर नहीं उतरेंगे। हम इस जीत को सुकमा के शहीदों के चरणों में समर्पित करते हैं।’’ तिवारी ने इस बात पर भी जोर दिया कि एमसीडी चुनाव के नतीजे केजरीवाल सरकार के प्रति एक जनादेश है। उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले भी यह कहते आ रहे हैं कि एमसीडी चुनाव केजरीवाल सरकार के लिए जनादेश होंगे। अरविंद केजरीवाल अकसर राइट टू रीकॉल का समर्थन किया करते थे और अब ऐसा लगता है कि दिल्ली की जनता ने उन पर इस अधिकार का इस्तेमाल किया है।’’ मतगणना की शुरूआत आज सुबह आठ बजे हुई और भाजपा को तीनों नगर निगमों- एनडीएमसी, एसडीएमसी और ईडीएमसी में बढ़त मिली। कुल 272 वाडरें में से 270 वाडरें के लिए चुनाव 23 अप्रैल को हुआ था। दो वाडरें में उम्मीदवारों की मौत हो गई थी और मतदान रद्द हो गया था।

चीन ने क्षेत्रीय तनाव के बीच दूसरे विमानवाहक पोत उतारा

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बीजिंग, 26 अप्रैल, चीन के दक्षिण चीन सागर में विस्तार को लेकर चिंताओं के बीच बीजिंग ने आज अपने पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत का जलावतरण किया है जो यूक्रेन से खरीदे गए मौजूदा पोत के साथ शामिल होगा। इससे बीजिंग की सैन्य क्षमताओं में भी बढ़ोतरी होगी। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार ‘चीन शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री कॉपरेरेशन’ :सीएसआईसी: के पूर्वोत्तर डालियान शिपयार्ड में प्रक्षेपण समारोह के दौरान 50,000 टन के इस नए विमानवाहक पोत को सूखे डॉक से पानी ने स्थानांतरित किया गया। चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह चीन का दूसरा विमानवाहक पोत है, जिसका अभी नाम नहीं रखा गया है। जहाज को लियाओनिंग, डालियान शिपयार्ड से पास के तट पर लाया गया था। विमानवाहक पोत कथित तौर पर लियाओनिंग से ज्यादा उन्नत होगा, जो 25 वर्ष पूर्व निर्मित किया गया यूक्रेन से खरीदा नवीनीकृत सोवियत जहाज है। चीन ने अपने दूसरे विमानवाहक पोत का निर्माण कार्य नवंबर 2013 में शुरू किया था। डॉक का निर्माण मार्च 2015 में शुरू हुआ था। हालांकि विमानवाहक पोत के वर्ष 2020 से पहले पूरी तरह सक्रिय होने की संभावना नहीं है। शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने कहा कि विमानवाहक को पानी में उतारना चीन की स्वदेशी विमानवाहक पोत डिजाइन एवं निर्माण करने की प्रक्रिया को रेखांकित करता है।

बिहार : शहीद जवानों को नमन, हिंसा की निंदा

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पटना, 26 अप्रैल। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने छत्तीसगढ़ के सुकमा में 25 सी.आर.पी.एफ. जवानों की नृषंसा हत्या की निंदा करते हुए निम्नलिखित वक्तव्य जारी किया है. छत्तीसगढ़ राज्य के सुकमा में माओवादियों द्वारा पच्चीस सी.आर.पी.एफ. के जवानों की हत्या की जितनी निंदा की जाये, कम है। हम भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से शहीद जवानों का नमन करते हुए उनके परिजनों को गहरी संवेदना प्रेषित करते हैं। कुछेक हलकों द्वारा उक्त घटना को लाल आतंक की संज्ञा देकर पूरे वामपक्ष को कठघरे में खड़ा करने की कोषिषें की जा रही है जो सरासर गलत और दुराग्रहपूर्ण है। वास्तविकता, जबकि, यह है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी समेत अनेक वामपंथी दल हैं जो उक्त क्षेत्र में आदिवासी जनगण के हकों की हिफाजत और उनकी जीवन रक्षा के लिए काम कर रहे हैं और वे माओवादियों के साथ राजनैतिक व वैचारिक रूप से न तो सहमत हैं, न ही संघर्ष के उनके हिंसक तरीकों से इत्तेफाक रखते हैं। केन्द्र और राज्य सरकारों को व्यापक संदर्भ और संदर्ष में यह देखना चाहिए कि उक्त क्षेत्र की स्थिति को नियंत्रित करने में वे लगातार क्यों और कैसे विफल होती रही हैं। आष्चर्य की बात तो यह है कि फिलवक्त सी.आर.पी.एफ का न तो कोई नियमित प्रधान है, न ही उसके पास खुफिया जानकारियां हैं। यदि ऐसी व्यवस्था नहीं होती तो संभवतः ऐसी हिंसक वारदातों से बचा जा सकता था। भाकपा नेता ने जवानों की षहादत पर राजनीतिक करने से परहेज करते हुए आदिवासी क्षेत्र और उसके जनगण की मूलभूत समस्याओं का कालबद्ध निदान ढ़ूंढ़ने के साथ-साथ हिंसा के रास्ते को त्यागने की आवष्यकता जताई। उन्होंने बिहारी मूल के शहीद जवानों के परिजनों को समुचित मुआबजा और सरकारी नौकरी देने की मांग मुख्यमंत्री नीतीष कुमार से की।


झारखण्ड : वैध रुप से किया जा रहा पत्थर उत्खनन का मामला।

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  • उप राजधानी दुमका के प्रखण्ड शिकारीपाड़ा अन्तर्गत ग्राम कुलकुली डंगाल में तकरीबन 93 बीघा 15 कट्ठा 10 धूर के एक बड़े गोचर भूखंड पर अवैध रुप से किया जा रहा पत्थर उत्खनन का मामला।  
  • एक बड़े गोचर भूखंड पर प0 बंगाल के एक पत्थर माफिया द्वारा अवैध रुप से किये जा रहे पत्थर उत्खनन कार्यों के विरुद्ध ग्रामीण हो रहे गोलबंद। जिला प्रशासन व राज्य सरकार को चुनौती देते हुए एसपीटी एक्ट का किया जा रहा घोर उल्लंघन। 

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भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की बात करने वाली भाजपा सरकार के मुखिया रघुवर दास के शासन में भले ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध भले ही एड़ी-चोटी एक कर देने की बात की जाती रही हो, किन्तु इस पर पूरी तरह अंकुश अभी तक नहीं लग पाया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उप राजधानी दुमका के प्रखण्ड शिकारीपाड़ा के कुलकुली डंगाल में पत्थर माफियाओं द्वारा सरकारी नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए बेखौफ अवैध पत्थर उत्खनन का कार्य निर्वाध जारी है। शिकारीपाड़ा प्रखण्ड के कुलकुली डंगाल ग्रामवासी चुनका टुडू ने पश्चिम बंगाल के पत्थर व्यवसायी राजीव बनर्जी द्वारा कुलकुली डंगाल में दाग संख्या-393 पर अवैध रुप से किये जा रहे पत्थर उत्खनन कार्यों के विरुद्ध मोर्चा खोल रखा है। श्री टुडू के अनुसार उक्त दाग नम्बर के तहत तकरीबन 93 बीघा 15 कट्ठा 10 धूर के एक बड़े गोचर भूखंड पर पत्थर माफिया राजीव बनर्जी द्वारा अवैध रुप से कब्जा कर पत्थर उत्खनन का कार्य लगातार जारी है, इससे कुलकुली डंगाल सहित अन्य आजु-बाजू ग्रामवासी काफी आक्रोशित हैं। श्री टुडू के अनुसार ग्राम प्रधान कुलकुली डंगाल व अंचल अधिकारी शिकारीपाड़ा द्वारा पत्थर माफिया श्री बनर्जी के विरुद्ध पत्र सं0-363/रा0 दिनांक 21.04.2016 के माध्यम से शिकारीपाड़ा थाना कांड सं0-49/16 के तहत एक मामला भी दर्ज कराया गया था। कुलकुलीडंगाल ग्रामवासी श्री टुडू के अनुसार पत्थर माफिया राजीव बनर्जी के द्वारा प्रतिदिन 50-50 गाड़ी पत्थर का उत्खनन करवाया जा रहा है। उपरोक्त व्यवसायी के विरुद्ध स्थानीय न्यायालय में मामला अभी लंबित है, जबकि हाई कोर्ट, राँची से वे जमानत पर हैं। श्री टुडू के अनुसार कुलकुली डंगाल में दाग सं0-393 पर अवस्थित तकरीबन 94 बीघा जमीन गोचर जमीन है जिसका उपयोग आदिवासी समुदाय के लोग अपने-अपने मवेशियों को चराने में करते रहे थे। गैंजर्स सेटलमेंट के खाता सं0-47 की जमीन पर सरकार व जिला प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए उपरोक्त माफिया द्वारा उसपर किये जा रहे अवैध पत्थर उत्खनन कार्यों से जहाँ एक ओर एसपीटी एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा वहीं दूसरी ओर स्थानीय नागरिकों की अनदेखी की जा रही। कुलकुली डंगाल ग्रामवासी श्री टुडू ने कहा कि यदि समय रहते जिला प्रशासन व सरकार की नीेंद नहीं खुली तो वह दिन दूर नहीं जब दूसरे राज्य के लोग झारखण्ड की अस्मिता पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा कर देगें। 

मधुबनी : ज्वेलरी ख़रीदारों के लिये लाभ उठाने का सुनहरा अवसर ॥

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मधुबनी (दिनेश सिंह) अक्षय त्रितिया को लेकर नक्षत्र डायमंड ज्वेलर्स कम्पनी दे रही है तीस प्रतिशत तक की विशेष छूट ॥ अक्षय तृतीया को लेकर जिले में स्वर्ण व्यवसाईयों के द्वारा कस्टमर के लिये विभिन्न तरह के योजना लाई है । इसी के तहत भारत के मशहूर कम्पनी नक्षत्र डायमंड ज्वेलरी के द्वारा, एक्जीविशन कम सेल,  के तहत 30 प्रतिशत तक की छूट दे रही है । ये छूट जिले के मुख्य स्वर्ण व्यवसाई महादेव साह अमरनाथ प्रसाद ज्वेलर्स राजनगर ,के यहाँ 27 अप्रैल से 29 अप्रैल तक दिया जाएगा । महादेव साह अमरनाथ प्रसाद ज्वेलर्स के प्रोप्राइटर अमरनाथ प्रसाद ने बताया कि , मधुबनी के लोगों के लिये डायमंड ज्वेलरी खरीदने का एक सुनहरा अवसर है । तीन दिवसीय एक्जीविशन कम सेल , जो नक्षत्र डायमंड ज्वेलर्स के द्वारा दिया जा रहा है , जिसमे तीस प्रतिशत तक की विशेष छूट , मेकिंग चार्ज फ्री एवं अन्य कई छूट यहाँ मिलने वाला है । 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 26 अप्रैल

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जिले में पेयजल संकट ना हो के पुख्ता प्रबंध, सुनिश्चित करें-प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह
  • जिला योजना समिति की बैठक सम्पन्न

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गृह एवं परिवहन मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में आज जिला योजना समिति की बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें उन्होंने ग्रीष्मकाल के दौरान पेयजल संकट की स्थिति निर्मित ना हो को ध्यानगत रखते हुए व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए है। जिला पंचायत के सभागार कक्ष में हुई उक्त बैठक में उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) वन, राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी, विधायक सर्वश्री कल्याण सिंह ठाकुर, श्री वीर सिंह पवार, श्री निशंक जैन एवं समिति के अन्य सदस्यगणों के अलावा कलेक्टर श्री अनिल सुचारी, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, वन संरक्षक श्री रविन्द्र सक्सेना, जिला पंचायत सीईओ श्री दीपक आर्य सहित विभिन्न विभागोें के जिलाधिकारी मौजूद थे। प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने जिले में जारी ग्रामोदय से भारत उदय अभियान को अतिमहत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अभियान के उद्वेश्यों की प्राप्ति अवधि में पूरी की जाए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे शासन के महत्वपूर्ण इस अभियान में सहभागिता निभाएं। ग्राम संसदों में पहुंचकर शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से आमजनों को अवगत कराएं और उनकी समस्याओं के निराकरण में भूमिका निभाएं ताकि अभियान जन अभियान बन सकें। प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि जलाभिषेक अभियान के दौरान जिला पंचायत के द्वारा हरेक विकासखण्ड में कम से कम एक-एक माॅडल के रूप में तालाब का निर्माण कराया जाए और पुराने तालाबों का जीर्णोद्वार जन सहयोग के श्रमदान से सम्पादित किए जाएं। अधिक से अधिक जल संरचनाएं बनाए जाने पर उन्होंने बल देते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ी को हम प्रचुर मात्रा में जल की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। बैठक में ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के तहत अब तक सम्पादित कार्यो की संक्षिप्त जानकारी देते हुए कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने बताया कि अभियान के क्रियान्वयन में जेआरएस का भी योगदान लिया गया है। अब तक साढे सत्ताइस हजार आवेदन प्राप्त हुए है। ग्रामीणजनों को अभियान के उद्वेश्यों की जानकारी दी जा रही है वही कृषि क्रांति रथ के माध्यम से कृषि क्षेत्र में हुए परिवर्तन से अवगत कराते हुए आधुनिक तकनीकियों का प्रयोग खेतीबाडी में करने की अपील अमले द्वारा की जा रही है। ग्राम संसद के दूसरे दिन महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।बैठक में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कार्यो की समीक्षा की गई। इस दौरान विधायकगणों द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल करने के निर्देश प्रभारी मंत्री ने दिए। बासौदा में बागरोद से मुख्य सड़क तक पहुंच मार्ग का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत कराया गया है उक्त कार्य के लिए भिदवासन से बागरोद पहुंच मार्ग में ठेकेदार द्वारा प्लांट लगाया गया था जिस पर हेवी ट्राफिक के कारण भिदवासन सड़क मार्ग उखड़ गया है। शर्तो के अनुसार उक्त कार्य को पूरा नही करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश प्रभारी मंत्री के द्वारा लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री को दिए गए है। बैठक में ऊर्जा, उपार्जन कार्यो की भी समीक्षा की गई वही विदिशा नगरपालिका अंतर्गत राजीव स्वालम्बन योजना के तहत नौ दुकानो के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इसी प्रकार आरईएस के द्वारा बनाए जाने वाली सड़कों के प्रस्ताव का भी समिति द्वारा अनुमोदन किया गया है। 

प्राकट्य पंचमी महोत्सव
कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने शासन द्वारा जारी पत्र का हवाला देते हुए समिति के सदस्यों को बताया कि आदिगुरू शंकराचार्य जी की प्राकट्य पंचमी महोत्सव कार्यक्रम एक मई को जिला मुख्यालय पर आयोजित किया जाएगा। इसी प्रकार के कार्यक्रम विकासखण्ड मुख्यालयों पर भी होंगे। उन्होंने कार्यक्रमों में शामिल होने का आग्रह किया।   

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 26 अप्रैल

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पंचायत सशक्तिकरण में पुरूस्‍कृत होने पर जिला कांग्रेस ने दी बधाई

झाबुआ । झाबुआ जिले को जिले की पंचायत सशक्तिकरण में पहली बार तीन पुरूस्‍कार एक साथ प्राप्‍त हुए। उत्‍तरप्रदेश की राजधानी लखनउ में कलेक्‍टर, जिला पंचायत अध्‍यक्ष और सरपंच को पहली बार पुरूस्‍कृत किया गया। यहां देश भर की सर्वश्रेष्‍ठ कार्य करने वाली पंचायतों को पुरूस्‍कृत किया जाता है। इस पुरूस्‍कार के अंतर्गत जिला पंचायत, रानापुर जनपद पंचायत और रानापुर की ही ग्राम पंचायत काकरादरा को पुरूस्‍कार प्राप्‍त हुआ। पंचायतों के सशक्तिकरण और जवाबदेही क्षेत्रों के उत्‍कृष्‍ठ कार्य किए जाने पर यह पुरूस्‍कार दिया जाता है। इतने बड़े स्‍तर पर यह पुरूस्‍कार प्राप्‍त करना जिले के लिए गौरव की बात है। लखनउ में आयोजित कार्यक्रम में प्रभारी कलेक्‍टर और सीईओ जिला पंचायत अनुराग चैधरी, जिला पंचायत अध्‍यक्ष सुश्री कलावती भूरिया, रानापुर जनपद पंचायत के अध्‍यक्ष माना अजनार, सीईओ एलएन. रघुवंशी, ग्राम पंचायत काकरादरा के सरपंच नरू मचार ने उत्‍तरप्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ, केन्‍द्रीय मंत्री नरेन्‍द्रसिंह तोमर के हाथो पुरूकार प्राप्‍त किया। जिले को पंचायत सशक्तिकरण में एक साथ तीन पुरूस्‍कार प्राप्‍त करने और जिले का गौरव बढाने के लिए जिला कांग्रेस अध्‍यक्ष निर्मल मेहता, सांसद प्रतिनिधि डॉ. विक्रांत भूरिया, कांग्रेस नेता प्रकाश रांका, रूपसिंह डामोर, चंद्रवीरसिंह राठौर, रमीला कैलाश डामोर, अकमालसिंह डामोर, शंता तेरसिंह डामोर, शारदा अमरसिंह, शांति राजेश डामेार, कलावती गेहलोद, ब्‍लॉक कांग्रेस अध्‍यक्ष हेमचंद्र डामोर, कैलाश डामोर, शंकर भूरिया, प्रवक्‍ता हर्ष भट्ट, आचार्य नामदेव, साबीर फिटवेल, बंटु अग्निहोत्री, चंदु पडियार, आदि ने केन्‍द्रीय प्रशासन एवं क्षेत्र की जनता के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया।


विधवा महिला एवं सभी वृद्वजनो के पेंशन, प्रकरण ग्राम संसद में स्वीकृत करे ...कलेक्टर

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झाबुआ ।कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने संबंधित अधिकारियो को निर्देशित किया है कि जमीन मे पानी की कमी हो जाने से जलस्तर काफी कम हो गया है। जमीन मे पानी का संचय हो, इसके लिए नदी नालो पर छोटे छोटे स्टापडेम बनाये। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर जनभागीदारी से काम करने के लिए ग्राम संसद मे पारित कर काम प्रारंभ करे,ताकि भविष्य मे गंभीर पेयजल समस्या से बचा जा सके। ग्राम संसद मे कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने कुपोषित बच्चो के माता पिता को मनरेगा योजना के काम तत्काल उपलब्ध करवाने के निर्देश रोजगार सहायक ,सीईओ जनपद एवं एसडीएम को दिये। भविष्य में सभी शासकीय योजनाओं का लाभ हितग्राही को सामाजिक आर्थिक गणना 2011  के डाटा के आधार पर दिया जाना है। ग्राम संसद मे सामाजिक आर्थिक गणना के डाटा का वाचन अवश्य करे ,जिन ग्रामीणो के नाम गणना की सूची में छूटे हुए है उनके नाम जोडे जाये। ग्राम संसद मे कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने निर्देश दिये कि ग्राम सभा में ग्राम पंचायत के प्रत्येक गाॅव के लिए शान्तिधाम, खेल का मैदान, पंचायत भवन, आंगनवाड़ी भवन बने हुए नही है,तो प्रस्ताव को मंजूर कर कार्यवाही प्रारम्भ करवाना सुनिश्चित करे,  सुदूर ग्राम में संपर्क के लिए पक्की सड़को का निर्माण कार्य के लिए प्रस्ताव तैयार करवाये ,ग्रामीण क्षेत्र में 2 हेक्टेयर से अधिक जमीन उपलब्ध होने पर सामाजिक वानिकी के तहत वृक्षारोपण की कार्य योजना को मूर्त रूप देकर 2 जुलाई को वृक्षारोपण के लिए कार्यवाही सुनिश्चित करे। तालाब एवं नदियो के किनारे भी वृक्षारोपण की कार्यवाही को मूर्त रूप दिया जाये। ग्राम संसद में प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची का वाचन कर समीक्षा करे और पात्रों को शामिल कर अपात्रों को बाहर किये जाने की कार्यवाही करे। पेंशन योजना के पात्र हितग्राहियो को सूचीबद्ध कर पेंशन स्वीकृति की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। सभी विधवा महिला एवं सभी वृद्वाजनो के पेंशन के प्रकरण ग्राम संसद में स्वीकृत कर पेंशन दिलवाना सुनिश्चित करें। सभी ग्रामीणो के बैंक खातो को उनके मोबाईल नम्बर एवं आधार नम्बर से लिंक करने की कार्यवाही करे,पुराने तालाबो के गहरीकरण के लिए जनसहयोग से कार्यवाही करे, सब इंजीनियर तालाब मे चूने से लाईन डालकर चिन्हित कर दे एवं ग्रामीणजन तालाब की उपजाऊ मिटटी अपने स्वयं के संसाधनो का उपयोग कर खोदकर अपने खेतो मे डाले। इस तरह तालाब का गहरीकरण भी हो जाएगा एवं किसानो को अपने खेत के लिए  उपजाऊ मिटटी भी निःशुल्क मिल जाएगी। तालाबो के गहरीकरण से तालाब की जलधारण क्षमता भी बढ जाएगी। इससे जमीन मे जलस्तर भी बढेगा एवं ग्रामीणो को पानी की समस्या भी नही होगी।

कृषि संसद मे किसानो से हुई फसल की बात
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान आयोजित तीन दिवसीय ग्राम संसद के तीसरे दिन आज रामा ब्लाक के ग्राम उमरकोट, रसोडी छापरी रजला, झूमका में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम बावडीबडी,देवझिरीपण्डा,गोलाछोटी, माकनकुई में, रानापुर ब्लाक के ग्राम गवसर,भूतखेडी, उबेराव, छापरखडा में, मेघनगर ब्लाक के ग्राम उमरादरा, फुलेडी,सजेली मालजीसाथ, बावडीफारेस्ट में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम रामपुरिया, गुणावद, बोडायता, गोपालपुरा, महुडीपाडा कला, मातापाडा, धोलीखाली में, थांदला ब्लाक के ग्राम झोसली, हेडावा, मछलईमाता, बडी धामनी, रतनाली, नारेला, मे में कृषि संसद का आयोजन किया गया। कृषि संसद मंे किसानो को कृषि संबंधी जानकारी दी गई।

महिला संसद मे महिलाओं का स्वास्थ परीक्षण हुआ एवं बच्चो का वजन लिया गया
आज रामा ब्लाक के ग्राम दूधी(खेडा) बोचका, पिथनपुर, दौलतपुरा में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम माण्डली बडी, उमरी, फुलधावडी, पिपलीपाडा, सजवानी छोटी, बामन सेमलिया में, रानापुर ब्लाक के ग्राम भूरीमाटी, भोरकुण्डिया में, मेघनगर ब्लाक के ग्राम गुजरपाडा, तलावली, छोटा नाहरपुरा में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम मुल्थानिया, रामगढ, मोईवागेली, कुडवास, पांच पिपला, भेरूपाडा में, थांदला ब्लाक के ग्राम भीमकुण्ड, पाटडी, धुमडिया में महिला संसद का आयोजन किया गया। संसद में महिलाओं से संबंधी योजनाओं के बारे में चर्चा की गई एवं महिलाओ का स्वास्थ्य परीक्षण कर आवश्यक दवाईया प्रदान की गई। किशोरी बालिकाओ को लालिमा अभियान अंतर्गत आयरन की गोलियो का वितरण किया गया,गंभीर बीमारी से पीडित महिलाओ को सूची बद्ध किया गया। एवं ग्रामीण बच्चो का वजन लेकर सूची बद्ध किया गया। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद आवश्यक दवाईयां भी वितरित की गई। संसद के तीसरे दिन 27 अप्रैल को उक्त ग्रामो में कृषि संसद का आयोजन कर किसानो को कृषि संबधी जानकारी दी जायेगी।

ग्राम संसद मे बनी ग्रामीण विकास की योजना
ग्राम संसद के पहले दिन 26 अप्रैल को रामा ब्लाक के ग्राम धमोई, बलोला में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम ढेकलछोटी,मोहनपुरा, आम्बाखोदरा, कुशलपुरा में, रानापुर ब्लाक के ग्राम मोहनपुरा भूरका में, मेघनगर ब्लाक के ग्राम कडवापाडा,खालखण्डवी में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम हनुमंत्या, हमीरगढ, नाहरपुरा, मोहनकोट, कोटडा,टोडी में, थांदला ब्लाक के ग्राम थेथम,मोरझिरी, कोटडा, मकोडिया, भेरूगढ में ग्राम संसद का आयोजन कर ग्राम संसद में ग्रामीण विकास संबंधी योजनाओं के बारे में चर्चा की गई एवं पात्र हितग्राहियो को सूची बद्ध किया गया। उक्त ग्रामो मे दूसरे दिन 27 अप्रैल को ग्राम संसद में महिलाओं से संबंधी योजनाओं के बारे में चर्चा की जायेगी एवं महिला स्वास्थ्य शिविरो का आयोजन किया जायेगा। गंभीर बिमारी से पीडित महिलाओ को सूचीबद्ध किया जायेगा। संसद के तीसरे दिन 28 अप्रैल को कृषि संसद का आयोजन कर किसानो को कृषि संबधी जानकारी दी जायेगी।

27 अप्रैल से यहा प्रारंभ होगी ग्राम संसद
27 अप्रैल को रामा ब्लाक के ग्राम चुडैली, रेहन्दा में, झाबुआ ब्लाक के ग्राम कुण्डला, तलावली, कालापिपल, उमरियावजंत्री में, रानापुर ब्लाक के ग्राम खडकुई में, मेघनगर ब्लाक के ग्राम माडली, जामनीया, झापादरा, मालखण्डवी, में, पेटलावद ब्लाक के ग्राम बैगनबडी, टेमरिया, कोदली, पारेवा, सलुनियाबडा, मोकमपुरा में, थांदला ब्लाक के ग्राम देवका,आमली, बोरडी, नरसिंगपाडा, नाहरपुरा खवासा, में ग्राम संसद का आयोजन किया जाएगा।

कृषि क्रांति रथ गाॅव-गाॅव घूमकर दे रहे सलाह

झाबुआ । कृषि महोत्सव का आयोजन जिले में 2 मई तक किया जाएगा। इस दौरान हर विकास खण्ड में दो-दो कृषि क्रांति रथ गाॅव-गाॅव धूमकर किसानो को कृषि आय को दो गुना करने के लिए तकनीकी सलाह दे रहे है। कृषि क्रांति रथ का गाॅव-गाॅव मे अनाज से स्वागत किया जा रहा है। स्वागत मे प्राप्त अनाज आंगनबाडी केन्द्रो मे पोषण आहार के लिए आंगनबाडी कार्यकर्ता को प्रदान किया गया। झाबुआ ब्लाक मे आज, 26 अप्रैल को बावडीबडी, गोलाछोटी, देवझिरी पण्डा एवं माकनकुई में,रथो का भ्रमण हुआ। 27 अप्रैल को पिपलीपाडा, फूलधावडी, उमरी एवं बामसेमलिया एवं सजवानीछोटी में, 28 अप्रैल को ढेकलछोटी, आम्बाखोदरा, कुशलपुरा, मोहनपुरा में, 29 अप्रैल को कालापीपल, कुण्डला, उमरिया वैजत्री एवं तलावली में, 30 अप्रैल को भोयरा, पिटोलबडी, फुटिया एवं चारोलीपाडा में, 1 मई को कांकरादरा, आमलीफलिया, गडवाडा एवं सेमलिया बडा में एवं 2 मई को डूमपाडा, कालाखूंट, पिपलिया पारा रोड एवं परवट में रथ भ्रमण करगे । रामा ब्लाक मे आज 26 अप्रैल को उमरकोट, रसोडी, छापरी रजला एव झुमका में, रथो का भ्रमण हुआ। 27 अप्रैल को दूधी खेडा, बोचका, पीथनपुर, दोलतपुरा में, 28 अप्रैल को धमोई, देवली बलोला में, 29 अप्रैल को चुडेली, रेहन्दा में, 30 अप्रैल को आम्बा पीथनपुर, गुलाबपुरा में, 1 मई को ढोचका, नरसिंहपुरा में एवं 2 मई को छापरी रणवास, रातीमाली में रथ भ्रमण करगे। रानापुर ब्लाक मे 26 अप्रैल को उबेराव, गवसर, छापरखण्डा, भूतखेडी में, रथो का भ्रमण हुआ। 27 अप्रैल को भूरीमाटी, भौरकुण्डिया में, 28 अप्रैल को मोहनपुरा भुरका में, 29 अप्रैल को खडकुई में, 30 अप्रैल को वागलावाट मोह में, 1 मई को भोडली में एवं 2 मई को वगई बडी में रथ भ्रमण करगे। पेटलावद ब्लाक मे आज 26 अप्रैल को गोपालपुरा, मातापाडा, गुणावद, रामपुरिया, बोडायता, महुडीपाडा कला, घोलीखाली में रथो का भ्रमण हुआ।, 27 अप्रैल को रामगढ, मुलथानिया, मोईवागली, कुडवास, पाॅचपिपला, भैरूपाडा में, 28 अप्रैल को नाहरपुरा, मोहनकोट, हनुमंत्या, हमीरगढ, कोटडा, टोडी में, 29 अप्रैल को पारेवा, कोदली, टेमरिया, बैगनबर्डी,सलुनियाबडा, मोकमपुरा में, 30 अप्रैल को गामडी, बाछीखेडा, बैडदा, अन्नतखेडी, तारखेडी,बनी में, 1 मई को झावलिया, खोरीया, सामली, कुम्भाखेडी में एवं 2 मई को करडावद, कांजबी, कसराखदान, धतुरिया में रथ भ्रमण करगे। थांदला ब्लाक मे आज 26 अप्रैल को झोसली, हेडावा, मछलईमाता, नारेला, रतनाली, बडी धामनी में, रथो का भ्रमण हुआ। 27 अप्रैल को भीमकुण्ड, पाटेडी, धूमडीया में, 28 अप्रैल को मोरझिरी, थेथम, कोटडा, भैरूगढ, मकोडिया में, 29 अप्रैल को देवका, आमली, बोरडी, नरसिंगपाडा, नाहरपुरा में, 30 अप्रैल को दौलतपुरा, गोरियाखांदन, वालाखोरी, कुकडीपाडा,  भामल में, 1 मई को सुजापुरा, नौगावा नगला, परवाडा में एवं 2 मई को सागवा, तलावडा, सेमलिया नारेला में रथ भ्रमण करगे। मेघनगर ब्लाक मे 26 अप्रैल को उमरादरा, फुलेडी, सजेली मालजी साथ, बावडी फारेस्ट में रथो का भ्रमण हुआ।, 27 अप्रैल को गुजरपाडा, तलावली, छोटा नाहरपुरा में, 28 अप्रैल को कडवापाडा, खालखण्डवी में, 29 अप्रैल को जामनीया, माण्डली, मालखण्डवी, झापादरा में, 30 अप्रैल को कचलदारा, खच्चरटोडी, ईटावा, पचंपिपलीया में, 1 मई को पिपलोदाबडा, नागनवाट बडी, जामदा, गोपालपुरा में एवं 2 मई को रामपुरा, तांदलादरा, राजपुरा एवं देवीगढ में रथ भ्रमण कर किसानो को खेती संबंधी तकनीकी जानकारी देगे।


मुख्यमंत्री सोलर पंप योजनांतर्गत ऑन लाईन आवेदन आमंत्रित

झाबुआ ।राज्य शासन के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय व्दारा भारत सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में देय अनुदान के माध्यम से सोलर पंप से सिंचाई प्रयोजन के लिये मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत 15 अप्रैल से ऑन लाईन आवेदन पत्र प्राप्त करने का कार्य प्रारंभ हो गया है तथा किसान 15 मई तक ऑन लाईन आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकते है जो उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के माध्यम से स्वीकार किये जायेंगे। आवेदन पत्र का प्रारूप मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम की वेबसाईट पर उपलब्ध है। मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के अंतर्गत किसानों को आवेदन पत्रक के साथ 5 हजार रूपये की राशि जमा कर पंजीयन कराना होगा तथा आवेदन उपयुक्त पाये जाने पर शेष राशि सोलर पंप की क्षमता एवं प्रकार के अनुसार जमा करना होगा। आवेदन पत्र अनुपयुक्त होने पर जमा राशि वापस कर दी जायेगी। इस योजना के अंतर्गत लक्ष्य से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त होने पर उन आवेदकों को प्राथमिकता दी जायेगी, जहां पर विद्युत अधोसंरचना विकसित नही है, कृषि पंप के लिये स्थाई कनेक्शन नही है, विद्युत कंपनियों की वाणिज्यिक हानि अधिक है एवं ट्रांसफार्मर हटा लिये गये है, खेत की दूरी बिजली की लाईन से 300 मीटर से अधिक है या नदी या बांध के समीप ऐसे स्थान जहां पानी की पर्याप्त उपलब्धता है।  योजना के तहत तीन एचपी तक के सोलर पंप स्थापना के लिये 90 प्रतिशत तथा तीन एचपी से 5 एचपी तक सोलर पंपो पर 85 प्रतिशत का अनुदान दिया जायेगा।

राशन दुकान पर आधार नम्बर दर्ज करवायें

झाबुआ । राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत रियायती दर पर राशन सामग्री प्रदाय की जा रहा है। हितग्राही राशन प्राप्त करते समय शासकीय उचित मूल्य दुकान पर अपना आधार कार्ड लेकर जायें तथा अपना आधार नंबर दर्ज करायें। परिवार के जिन सदस्य का आधार क्रमांक पीओएस मशीन में दर्ज नहीं है, वह अपना आधार कार्ड लेकर स्वयं दुकान पर उपस्थित होकर पीओएस मशीन के माध्यम से बायोमेट्रीक सत्यापन कराकर दर्ज करा सकते हैं। जिन हितग्राहियों द्वारा अपना आधार कार्ड नहीं बनवाया गया है, वह अपना आधार कार्ड तत्काल बनवायें। जिन हितग्राहियों द्वारा आधार नंबर खाद्य विभाग एवं शासकीय उचित मूल्य दुकान के माध्यम से ऑनलाईन पोर्टल पर दर्ज नहीं कराया गया है, वे तत्काल सम्पर्क कर अपना आधार नम्बर दर्ज करावे व भविष्य में होने वाले असुविधा से बचे।

अतिशेष शिक्षकों का पद-स्थापना संबंधी कार्य 10 मई तक पूरा होगा

झाबुआ । प्रदेश की शासकीय शालाओं में स्वीकृत शैक्षणिक पदों के अनुरूप शिक्षकों की पद-स्थापना सुनिश्चित करने के लिये युक्ति-युक्तकरण किये जाने के लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने समय-सारणी तय की है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिये सचिव स्कूल शिक्षा विभाग ने आयुक्त लोक शिक्षण, आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र, आयुक्त नगरपालिक निगम, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को आवश्यक निर्देश जारी किये हैं। प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम में शासकीय शालाओं में छात्रों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की पद-स्थापना किये जाने के प्रावधान किये गये हैं। प्राथमिक शालाओं में 60 बच्चों तक 2 शिक्षक, 61 से 90 बच्चों तक 3 शिक्षक, 91 से 120 बच्चों तक 4 शिक्षक, 121 से 200 बच्चों तक 5 शिक्षक और एक प्रधानाध्यापक की पद-स्थापना का प्रावधान है। प्राथमिक शाला में 200 से अधिक बच्चे होने पर प्रधानाध्यापक को छोडकर शिक्षक रखे जाने का प्रावधान है। प्राथमिक शाला में शिक्षकों के अंतर्गत सहायक शिक्षक, सहायक प्राध्यापक, संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-3 की स्वीकृत पदों के अनुरूप पद-स्थापना की जायेगी।

इंस्पायर अवार्ड योजना के लिए प्रशिक्षण संपन्न

झाबुआ । इंस्पायर अवार्ड योजना के लिए थांदला एवं पेटलावद ब्लाक के लिए नियुक्त शासकीय सेवको का प्रशिक्षण आज 26 अप्रैल को अकादमिक प्रशिक्षण केंद मे आयोजित किया गया। प्रशिक्षण मे मास्टर ट्रªेनर्स द्वारा इंस्पायर अवार्ड योजना के बारे मे विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।

अल्प विराम कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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झाबुआ । आज बीआरसी कार्यालय मेघनगर के प्रशिक्षण कक्ष में अल्प विराम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अल्प विराम कार्यक्रम में आजीविका परियोजना के शासकीय सेवक एवं साक्षर भारत के अधिकारी कर्मचारी एवं प्रेरक उपस्थित थे। विगत 24 अप्रैल को थांदला मे एवं 25 अप्रैल को पेटलावद मे अल्प विराम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अल्प विराम कार्यक्रम में श्री जगदीश सिसौदिया, ने अल्प विराम कार्यक्रम का संचालन किया। अल्प विराम कार्यक्रम में शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों के व्यवहार और विचारो को और अधिक सकारात्मक करने के लिए अपने आपकों पहचानने अपने अंदर छुपी अच्छाईयों को और अधिक बढाने एवं अपने अंदर की बुराईयों को धीरे-धीरे कम करने के लिए अभ्यास करवाया गया। कार्यक्रम में तीनो दिन 50 से अधिक शासकीय सेवकों ने भाग लिया।

बाल विवाह रोकथाम के लिए अधिकारियो को सूचित करे

झाबुआ । बाल विवाह रोकथाम अभियान 2017 अन्तर्गत समस्त बाल विकास परियोजना में कन्ट्रोल रूप स्थापित किये गये है। कन्ट्रोल रूम 30 मई तक नियमित प्रातः 9.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक खुले रहेगे। कन्ट्रोल रूम में एक कर्मचारी की ड्युटी लगाई गई हेै। जो बाल विवाह से संबंधित जानकारी प्राप्त होने पर परियोजना अधिकारी बाल विकास, विकास खण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी को सूचित करेगा एवं परियोजना अधिकारी त्वरित कार्यवाही कर महिला सशक्तिकरण कार्यालय को अवगत करावेगे।

यहाॅ करे बाल विवाह की शिकायत

बाल विवाह की रोकथाम के लिए आमजन सूचना जिला कार्यालय झाबुआ में श्री आर.एस.जमरा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को मो.न. 9993109030 एवं 07392-243452 पर, जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी को मो. न. 9630662451 पर एवं परियोजना अधिकारी कार्यालय थांदला में श्री मगनसिंह कनेल परियोजना अधिकारी को मो0न0 9754507325 एवं 07390-283359 पर, परियोजना पेटलावद में श्रीमती जयबाला भालवाडेकर परियोजना अधिकारी प्रभारी को 7566059997 एवं 07391-265865 पर, परियोजना मेघनगर में श्रीमती लीला परमार विकासखण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी को मो0 न0 9630662451 एवं 07390-284420 पर, परियोजना झाबुआ में श्रीमती मीरा गांडगे परियोजना अधिकारी को मो.न. 9827825981 एवं 07392-245543 पर परियोजना रामा में श्रीमती चन्दू चैेहान विकासखण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी को 9977008550 एवं 07392-282236 पर, एवं श्रीमती रामली डावर प्रभारी  मो0न0 9752299119 एवं 07392-282236 पर परियोजना राणापुर में श्रीमती कल्पना सिसौदिया विकासखण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी को 9425943275 एवं 07392-283359 पर सूचित करे एवं बाल विवाह की रोकथाम में सहयोग प्रदान करे। कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने बाल विवाह की रोकथाम के लिए गठित टीम के सदस्यो को बाल विवाह सख्ती से रोकने के निर्देश दिये है।

छो किशोरियो का हुआ अपहरण 
       
झाबुआ । फरियादी रणछोड पिता कानजी भुरिया उम्र 42 साल निवासी नल्दी ने बताया कि मेरी लडकी कु. कांता उम्र 16 साल घर से बिना बताये कही चली गई शंका है कि आरोपी भरत पिता दुला गामड निवासी नल्दी बहला फुसलाकर अपहरण कर ले गया। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रं. 184/17 धारा 363 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरियादी नानसिंह पिता टिटिया चरपोटा उम्र 45 साल नि. डोकरवानाी ने बताया कि मेरी लडकी सुनिबाई उम्र 14 साल को आरोपी खेलु पिता जोगडिया पारगी निवासी आमलीपाडा ने औरत बनाने की नियत से बहला फुसलाकर जबरन अपहरण कर ले गया। प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अपराध क्रं. 134/17 धारा 363, 366 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अवैध शराब का  अपराध पंजीबद्ध
       
झाबुआ । आरोपी मलसिंह पिता नाथु निनामा निवासी चैनपुरी के अवैध कब्जे से 1400 रूपयें की, राजेन्द्र पिता नंदकिशोर उम्र 19 साल निवासी कुडवास के अवैध कब्जे से 650 रूपयें की शराब जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना थांदला, रायपुरिया में अपराध क्रं. 181, 147/17 धारा 34-ए आब. एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विशेष : सुकमा की शहादत का मुंहतोड़ जबाव हो

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छत्तीसगढ़ के सुकमा क्षेत्र में नक्सलवादियों ने 26 सीआरपीएफ जवानों की नृशंस हत्या करके करोड़ों देशवासियों को आहत किया है। इस प्रकार की अमानवीय एवं नृशंस हत्या ने हर बार की तरह अनेक सवाल पैदा किये हैं। मुख्य सवाल तो यही है कि क्या हमारे सुरक्षाकर्मियों की जान इतनी सस्ती है कि उन्हें इस तरह बार-बार नक्सलियों से जूझना पड़ता है? क्यों अपनी जान देनी पड़ती है? बार-बार सरकार का यह कहना कि शहीदों की शहादत व्यर्थ नहीं जायेगी, तो फिर हम कब इस शहादत का मुंह तोड़ जबाव देंगे? पुरानी घटना के घाव सूखते नहीं कि एक और वीभत्स एवं नृश्ंास कांड सामने आ जाता है। आखिर कब नक्सलियों की इन चुनौतियों का जबाव देने में हम सक्षम होंगे? क्या हो गया है हमारे देश को? कभी कश्मीर में आतंकवाद, पूर्वोत्तर में सशस्त्र विद्रोह और मध्य भारत में नक्सलवाद। लहूलुहान हो चुके इस देश के लोगों के दिल और दिमाग में बार-बार करतब दिखाती हिंसा को देखकर भय और आक्रोश होना स्वाभाविक है, विनाश एवं निर्दोष लोगों की हत्या को लेकर चिन्ता होना भी जायज है। इस तरह निर्दोषों को मारना कोई मुश्किल नहीं, कोई वीरता भी नहीं। पर निर्दोष जब भी मरते हैं, पूरा देश घायल होता है।

सवाल यह भी उठता है कि इस प्रकार के नक्सलियों एवं नक्सलवाद से कैसे निपटा जाए। कौन मदद दे रहा है इन नक्सलियों को। किसका दिमाग है जिसने अपने हितों के लिए कुछ लोगों को गुमराह कर उनके हाथों में हथियार थमा दिए और वे राष्ट्र के अनुशासित व राष्ट्रभक्त जवानों को बार-बार निशाना बनाते हैं और सकते में डाल देते हैं। इस तरह का नक्सलवाद एवं आतंकवाद सैकड़ों लोगों को लील रहा है। हजारों को असहाय बना रहा है। सुकमा में हुए नक्सली हमले ने एक बार फिर साबित किया है कि बस्तर के इस इलाके में किसका सिक्का चलता है। यहां नक्सली कमांडर मडवी हिडमा की तूती बोलती है। अब तक मिले सुरागों से पता चलता है कि हिडमा ही इस हमले का मास्टरमाइंड है। मडवी हिडमा उर्फ हिडमन्ना की उम्र 25 साल है। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक वो सुकमा में जंगरगुंडा इलाके के पलोडी गांव का रहने वाला है। इस इलाके में वह हिडमालु और संतोष के नाम से भी जाना जाता है। बीते करीब एक दशक के दौरान उसका खौफ इस कदर फैला कि अब वो इस इलाके का मोस्ट वॉन्टेड नक्सली है। पुलिस ने उस पर 25 लाख रुपये के ईनाम का ऐलान किया है। क्या इनाम की घोषणा इस विकराल समस्या का समाधान है?
देश में हजारों निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है और मौत के आंकड़े डराने वाले हैं। आतंकवाद हो या नक्सलवाद, सुरक्षाकर्मियों ने लगातार अपनी शहादतें दी हैं। देश के सुरक्षाकर्मियों को मारकर चलने वाले इस खौफनाक एवं हिंसक मंजर को आन्दोलन कैसे कहां जा सकता है? आन्दोलन तो लोकतांत्रिक तरीके से जायज मांगों के लिये किये जाने वाला संघर्ष होता है, जिसमें राष्ट्रीयता की भावना तो पहली शर्त है। नक्सलियों की अब तक की स्थितियों को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि वे लूटपाट करने वाले गिरोह है, आतंक फैलाने वाले देशद्रोही है, आम-जनता को डरा-धमका कर लूटना उनकी दिनचर्या है। क्षेत्र-विशेष में उनका पूरा आतंक छाया रहता है, इनको बिना पैसे दिए कोई भी काम नहीं कर सकता। कोई भी व्यापारी बिना पैसे दिए व्यापार नहीं चला सकता। रेल पटरियों, पुलिस थानों, स्कूलों, अस्पतालों को उड़ाते हैं, करोड़ों की देश की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाते है, विकास कार्यों को बाधित करते हैं, सड़कें नहीं बनने देते। नक्सली संगठन और कुछ नहीं वन एवं खनिज संपदा को लूटने एवं उगाही करने वाले ऐसे माफिया गिरोह बन कर रह गये हैं जिनकी सभ्य समाज में कोई जगह नहीं हो सकती। भूख और गरीबी से लोहा लेने और बंदूक के जोर पर शोषक दुनिया को बदलने का सपना लिए रक्त क्रांति की दुनिया में प्रवेश करने से इस आन्दोलन का मूल हार्द ही भटक गया है, जो किसी से छिपा नहीं। शोषण और भ्रष्टाचार में लिप्त व्यवस्थाओं के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन अब विकृत हो चुका है। यही कारण है कि इस आंदोलन के जनक कनु सान्याल ने अपनी विचारधारा के दुर्गति एवं गुमराह होने की स्थितियों से निराश होकर आत्महत्या कर ली थी।

सरकार से सीधे टकराने एवं हिंसा का तांडव काने वाले ऐसे नक्सलियों के खिलाफ सीधी आर-पार की लड़ाई जरूरी हो गयी है। सुकमा पर रोषभरी टिप्पणियों व प्रस्तावों से नक्सलवाद से लड़ा नहीं जा सकता। नक्सलवाद से लड़ना है तो दृढ़ राजनैतिक इच्छा-शक्ति दिखानी ही होगी। सरकार अगर ईमानदारी से ठान लें तो नक्सलवाद पर काबू पाया जा सकता है। जैसे शांति, प्रेम खुद नहीं चलते, चलाना पड़ता है, ठीक उसी प्रकार नक्सलवाद भी दूसरों के पैरों से चलता है। जिस दिन उससे पैर ले लिए जाएँगे, वह पंगु हो पाएगा। और उसी दिन वास्तविक रूप में नक्सलवाद का अंत होना शुरू होगा। अन्यथा नक्सलियों को महज भटके हुए नागरिक मानना एक किस्म का पलायनवाद ही नहीं बल्कि एक विकराल समस्या के प्रति आंख मूंदना ही कहा जायेगा।

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नक्सलवादियों की हिंसक रचना एवं संगठन अर्द्धसैनिक बलों एवं सरकार की रचना से ज्यादा सशक्त, कारगर एवं प्रभावी क्यों है। वे हिंसा की ऐसी नई-नई तरकीबें कहां से लाते हैं कि सुरक्षा बलों से हमेशा एक कदम आगे रहते हैं। जब भी नक्सलियों को प्रतीत होता है कि अभी वे कमजोर है वे विकेन्द्रित हो जातेे हैं, फिर वे धीरे-धीरे अपनी शक्ति इकट्ठी करते हैं, संगठित होते हैं। जब उन्हें ताकत मिल जाती है तो फिर हिंसक वारदात कर देते हैं। यह बड़ा षडयंत्र है इसलिये इसका फैलाव भी बढ़़ता जा रहा है। अपनी जबर्दस्त रणनीति के चलते नक्सलियों ने देश के कुल करीब 620 जिलों में से 230 जिलों में अपना दबदबा कायम किया हुआ है। नक्सलियों के गढ़ों में हर सड़क बारूदी हो चुकी है, कोई इलाका सुरक्षित नहीं, किसी का भी जीवन सुरक्षित नहीं। सुकमा में नक्सलियों ने ऐसे समय में खूनी कार्रवाई की है, जब राज्य सरकार माओवाद पर नियंत्रण पाने के दावे कर रही थी। कोई ऐसा दावा हो, या सड़के बनना हो या नक्सलवाद को लेकर कोई बड़ी कार्रवाई की भनक- जब-जब ऐसा होता है, नक्सली अपनी मौजूदगी का अहसास कराने के लिए इस तरह की कार्रवाई को अंजाम देते हैं। 

कब तक हम इन घटनाओं को होते हुए देखते रहेंगे। कब तक केन्द्र सरकार राज्य सरकार पर और राज्य सरकार केन्द्र सरकार पर बात टालती रहेगी। कब तक सुस्ती और नक्सली हिंसा से निपटने के मामले में कामचलाऊ रवैये अपनाया जाता रहेगा। न जाने कब से यह कहा जा रहा है कि सीआरपीएफ के जवान छापामार लड़ाई लड़ने का अनुभव नहीं रखते, फिर ऐसे जवानों को क्यों नहीं तैनात किया जाता जो इस तरह की छापामार लड़ाई में सक्षम हो, जो नक्सलियों को उनकी ही भाषा में सबक सिखा सके? इसके साथ ही नक्सलियों के खिलाफ स्थानीय स्तर पर भी सशक्त जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। उनकी कमजोरियों को स्थानीय जनता के बीच लाया जाना चाहिए। नक्सली संगठनों की महिला कार्यकर्ताओं के साथ पुरुषों द्वारा किये जाने वाले शारीरिक एवं मानसिक शोषण को उजागर किया जाना चाहिए।
जैसाकि पहले से तय है कि दिल्ली में नक्सल प्रभावित राज्यों की बैठक आयोज्य हैं, इस बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों एवं राज्यों के संबंध में प्रभावी निर्णय लिये जाने जरूरी है। नक्सलियों से निपटने के लिए नई रणनीति बनाने के साथ ही यह भी जरूरी है कि उस पर कारगर तरीके से अमल भी हो। नासूर बन गए नक्सलियों से सख्ती से निपटने में सेना के हस्तक्षेप से संकोच क्यों? जब हम आतंकवाद के लिये सेना का उपयोग कर सकते हैं तो यहां क्यो नहीं? दरअसल हमारी राजनैतिक दृढ़ इच्छाशक्ति के अभाव एवं आधी-अधूरी सोच ने ही नक्सलियों को दुस्साहसी बनाया है। तभी वे न तो हथियार डालने के लिए तैयार हैं और न ही बातचीत करने के लिए, फिर भी पता नहीं क्यों उन्हें वार्ता की मेज पर आने का बार-बार निमंत्रण दिया जाता रहता है। नक्सली हमलों में जान गंवाने वाले जवानों की बढ़ती संख्या देश के अस्तित्व एवं अस्मिता पर एक बड़ा दाग है। आज किसको छू पाता है मन की सूखी संवेदना की जमीं पर औरों का दुःख दर्द? नक्सलवाद एवं आतंकवाद जैसी नृशंस चुनौतियों का क्या अंत होगा? बहुत कठिन है उफनती नदी में नौका को सही दिशा में ले चलना और मुकाम तक पहुंचाना।




(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

49 हजार लोगों ने चुना नोटा का विकल्प

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49thousand-vote-for-notaनयी दिल्ली 26 अप्रैल, दिल्ली नगर निगम चुनाव में सभी उम्मीदवारों को खारिज करने :नोटा: के विकल्प को 49 हजार लोगों ने अपनाया। आज हुई मतगणना के बाद जारी चुनाव परिणाम के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मतप्रतिशत में नोटा की हिस्सेदारी 0.69 प्रतिशत दर्ज की गयी। दिल्ली के राज्य चुनाव आयुक्त एसके श्रीवास्तव ने कहा कि निगम चुनाव के दौरान कुल नोटा वोट की संख्या 49235 रही। इसमें नोटा का सर्वाधिक :19762 वोट: इस्तेमाल उत्तरी दिल्ली नगर निगम में किया गया जबकि दक्षिणी निगम में 19190 और पूर्वी निगम में 10283 नोटा वोट डाले गये। निगम चुनाव में मतदाताओं को नोटा का विकल्प पहली बार मुहैया कराया गया था। श्रीवास्तव ने बताया कि मतगणना के दौरान कंप्यूटर सर्वर संबंधी मामूली तकनीकी परेशानियां भी सामने आयी। इसकी वजह से मतगणना स्थल पर मतगणना से जुड़े ताजा आंकड़े जारी करने के लिये लगायी गयी एलइडी स्क्रीन कुछ समय के लिये बाधित हुईं। हालांकि इन्हें जल्द ही दुरस्त कर लिया गया।

भारत ने जाधव को राजनयिक मदद की मांग की, पाकिस्तान ने किया इनकार

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pak-refuse-indian-offer-to-support-jadhavइस्लामाबाद, 26 अप्रैल, भारत ने पाकिस्तान में जासूसी के आरोपों में सैन्य अदालत द्वारा भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को आज राजनयिक मदद उपलब्ध कराने की मांग की। लेकिन पाकिस्तान ने मांग मानने से इनकार करते हुए कहा कि 46 वर्षीय जाधव जासूस था और राजनयिक मदद से संबंधित द्विपक्षीय समझौते के तहत नहीं आता है। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले ने पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ से मुलाकात के दौरान यह मांग रखी। इस मांग में जाधव की मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर करना भी शामिल है। बहरहाल, जांजुआ ने बम्बावाले की मांग खारिज करते हुए कहा कि द्विपक्षीय समझौते के तहत राजनयिक मदद जासूसों के लिए नहीं, कैदियों के लिए होती है। पाकिस्तान बीते एक साल में कई बार 46 वर्षीय जाधव को राजनयिक मदद उपलब्ध कराने के भारत के अनुरोध को खारिज कर चुका है। पाकिस्तान की सेना जाधव को राजनयिक मदद उपलब्ध कराने की मंजूरी की किसी भी गुंजाइश को पहले ही खारिज कर चुकी है। जाधव को कथित रूप से जासूसी एवं विघटनकारी गतिविधियों के लिये मृत्युदंड की सजा सुनायी गयी है। बम्बावाले ने 14 अप्रैल को पाकिस्तानी विदेश सचिव से मुलाकात की थी और जाधव के भविष्य को लेकर भारत की चिंता जाहिर की थी। बैठक के बाद बम्बावाले ने मीडिया को बताया कि उन्होंने जाधव की सजा के खिलाफ अपील करने के लिये आरोपों की सूची तथा जाधव के विरूद्ध सैन्य न्यायाधिकरण के फैसले की प्रामाणिक प्रति उपलब्ध कराने के लिये कहा। उन्होंने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक मानवीय आधार पर जाधव को राजनयिक मदद उपलब्ध कराने की मांग की थी।


बीसीसीआई आईसीसी बैठक में राजस्व और संचालन माडल के मतदान में हारा

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दिल्ली, 26 अप्रैल, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद में बीसीसीआई के प्रभाव को बड़ा झटका लगा जब आईसीसी की बोर्ड बैठक में वह आज अलग थलग पड़ गया जहां बहुमत में संचालन और राजस्व ढांचे में बदलाव के पक्ष में मतदान किया गया। दुबई में आईसीसी बोर्ड बैठक के पहले दिन संचालन ढांचे में बदलाव के अलावा नये राजस्व माडल को भी मतदान के लिए रखा गया। बीसीसीआई ‘संचालन और संवैधानिक बदलावों’ पर मतदान 1-9 से हार गया जबकि बड़े टकराव का कारण रहे राजस्व माडल पर भारत के पक्ष में सिर्फ दो जबकि विपक्ष में आठ मत पड़े। बीसीसीआई के पक्ष में सिर्फ श्रीलंका ने मतदान किया। दुबई में मौजूद बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज कहा, ‘‘हां, मतदान खत्म हो गया है। यह राजस्व माडल के पक्ष में 8-2 और संवैधानिक बदलावों के पक्ष में 9-1 से रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बीसीसीआई ने दोनों के खिलाफ मत दिया क्योंकि सैद्धांतिक तौर पर हम कहते रहे हैं कि ये सभी बदलाव हमें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। फिलहाल हम यही कह सकते हैं कि हमारे लिए सभी विकल्प खुले हैं। हमें विशेष आम बैठक में सदस्यों को स्थिति की जानकारी देनी होगी।’’ पता चला है कि बीसीसीआई के अतिरिक्त 10 करोड़ डालर की राजस्व पेशकश सिरे से खारिज करने के बाद एक बार फिर उसे 29 करोड़ डालर का शुरूआती विकल्प दिया गया जो उसे पिछले साल तक मिल रहे 57 करोड़ डालर से 28 करोड़ डालर कम है।

कृषि आय पर किसी प्रकार का कर लगाने की कोई योजना नहीं : जेटली

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नयी दिल्ली 26 अप्रैल, वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि सरकार की कृषि आय पर किसी तरह का कर लगाने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने नीति आयोग के सदस्य विवेक देबराय के इस बारे में दिये गये सुझाव को खारिज कर दिया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि केंद्र सरकार की कृषि आय पर कर लगाने की कोई योजना नहीं है।’’ मंत्री ने स्पष्ट किया कि संविधान के तहत दी गयी शक्तियों के तहत कृषि आय पर कर लगाना केंद्र के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। देबराय ने कल कहा था कि कर आधार बढ़ाने के लिये निश्चित सीमा से अधिक कृषि आय पर कर लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘व्यक्तिगत आयकर का दायरा बढ़ाने के लिये छूटों को समाप्त करने के अलावा एक निश्चित सीमा से अधिक कृषि आय समेत ग्रामीण क्षेत्र में कर लगाया जाना चाहिए।’’ कृषि आय पर कर राजनीतिक रूप से संवेदशील मुद्दा है और विभिन्न सरकारें इससे बचती रही हैं। इससे पहले, वित्त मंत्री ने 22 मार्च को संसद को आश्वस्त किया था कि कृषि आय पर कर नहीं लगा है और न ही लगाया जाएगा।

मधुबनी : मानव संसाधन विश्व में सवसे बेशकिमती संसाधन है : शमशी।

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मधुबनी/अंधराठाढी। (मोo आलम) मानव संसाधन विश्व में सवसे बेशकिमती संसाधन है। तरक्की का मापदंड राजनिति नहीं शिक्षा होनी चाहिये । उक्त वाते शिक्षा विद मो रहमतुलाह समशी ने कही। वे गिदरगज गांव स्थित ईकरा ज्ञाण पब्लिक स्कूल के स्थापना दिवस के अवसर पर संवोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि हर व्यक्ति को साक्षर होना चाहिए । जवतक शिक्षित समाज नहीं होगा तव तक स्वस्थ्य समाज और सरकार की परिकल्पण नहीं की जा सकती । मो अबुल ओला ने कहा कि तकनिकी शिक्षा को अनिवार्य है । गांव के शिक्षित वेरोजगार युवको के प्रयाश से स्कूल संचालित किया जाता है। पच्चीस फिसद गरीव वच्चो को मुफत शिक्षा मुहैया कराती है। स्थापना दिवस के अवसर पर विद्यालय निदेशक इं अबूल हसन ने वर्ग वाईज प्रथम छात्र छात्राओ को पुरस्कृत किया  । इस अवसर पर सानदार सुभा संगम नाईट सो का संस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । मैका पर स्थानीय  ,विणुदेव प्रसाद सिंह , पूर्व प्रमुख पति मो वसीम अहमद, हरिलाल, हाजी अब्दुल कलाम , मो जामिल, अबुल बरकत, मुकेश सिंह, मिना मिश्रा ,प्रधानाचार्य काशी झा ने मुख्य अतिथि को पाग दुपटटा पुपगुच्छ से सम्माणित किया ।   

हिंसा को भारत में समर्थन नहीं : अंसारी

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येरेवन 26 अप्रैल, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आज कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और हिंसा की छिटपुट घटनाओं को समाज से समर्थन नहीं मिलता है, अर्मेनिया की यात्रा पर आये डॉ़ अंसारी ने यहाँ येरेवन स्टेट यूनिवर्सिटी में छात्रों के सवालों पर कहा कि धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान का एक मूल सिद्धांत है और भारतीय लोग इसका पूरी तरह पालन करते हैं। संविधान सभी वर्गों के हितों का ख्याल रखा गया है। इसके बावजूद हिंसा की कोई घटना होती है तो समाज उसका समर्थन नहीं करता है। उन्होंने कहा कि आज विश्व के सामने अधिकतर चुनौतियाँ मानव के जीने, ढँग से जीने, शांतिपूर्वक जीने और किसी मानवीय या प्राकृतिक खतरों के बिना जीने से संबंधित हैं। मूलभूत मानवीय अधिकार माने जाने वाले जीने के अधिकार का मतलब साँस लेने, भोजन, पानी और स्वास्थ्य के अधिकार से है। इन सब के लिए सतत विकास और जलवायु परिवर्तन के सभी पहलुओं के समाधान की जरूरत है। इनके अलावा जनसंख्या, बीमारी, ऊर्जा एवं संसाधन की चुनौतियाँ भी हैं। एक छात्रा ने जब उनसे नस्लभेदी संहार में मारे गये अर्मेनियाई नागरिकों के स्मारक पर उनके जाने के बारे में पूछा तो उपराष्ट्रपति ने कहा “मासूमों के कत्ल पर दो राय हर्गिज नहीं हो सकती। जो गलत है वह गलत है। यह एक ऐसा वाकया है जिस पर कोई भी गर्व नहीं कर सकता।” एक छात्रा ने जब उनसे हिंदी में बात की तो पूरे हॉल में आश्चर्य मिश्रित खुशी दिखाई दी। उपराष्ट्रपति ने उससे कहा कि दुनिया की हर भाषा संपर्क का जरिया है जिसे प्रोत्साहन मिलना चाहिये।संस्कृति के क्षेत्र में काम कर रही दोनों देशों की संस्थाओं को एक-दूसरे की भाषाओं को बढ़ाने में पहल करनी चाहिये। डॉ़ अंसारी ने कहा कि जिन देशों ने लोगों को शिक्षित करने और मजबूत उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था तैयार करने पर निवेश किया है तथा जिनके लोकतांत्रिक संस्थान सामाजिक परिवर्तनों से निपटने में सक्षम हैं वे लाभ की स्थिति में रहेंगे। इसका करण यह होगा कि लोगों की जरूरतें पूरी होंगी और वह राष्ट्र अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में सक्षम होगा।

विश्वविद्यालयों में विचारों के आदान-प्रदान पर अंकुश सही नहीं : प्रणव

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हैदराबाद 26 अप्रैल, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने विश्वविद्यालयों में विचारों के उन्मुक्त आदान-प्रदान पर बल देते हुए कहा है कि इससे शिक्षण संस्थानों का माहौल अच्छा बनेगा, श्री मुखर्जी ने आज यहां उस्मानिया विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि विश्वविद्यालयों का माहौल ऐसा होना चाहिये जहां विचारों के उन्मुक्त आदान-प्रदान पर किसी तरह का अंकुश न हो। छात्र और अध्यापक बिना किसी दबाव के अपनी बात कह सकें। उन्होंने कहा कि वह भी पंडित नेहरू के इन विचारों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा तंत्र के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है और देश में सात सौ से भी अधिक उच्च शिक्षण संस्थान हैं लेकिन इसके बावजूद हमारे कई प्रतिभाशाली छात्रों को विदेशों का रुख करना पड़ता है। इस चुनौती से निपटने के लिए देश में विश्व स्तरीय शिक्षा और शोध के अवसर मुहैया कराये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश के शीर्ष संस्थानों को पर्याप्त संसाधन जुटाने के साथ-साथ देश और विदेश की ऐसी प्रतिभाओं को अपने यहां बुलाना चाहिये जो वस्तुनिष्ठ और संदर्भपूर्ण शिक्षा तथा ज्ञान का प्रचार कर सकें।

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