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विश्व श्रम दिवस : देश के निर्माण में श्रमिकों भूमिका अतुलनीय-डीसी राहुल कु0 सिन्हा

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अमरेन्द्र सुमन (दुमका), भारत के निर्माण में श्रमिकों के महत्वपूर्ण योगदान को भूलाया नहीं जा सकता। यह राष्ट्र श्रमिकों के प्रति सम्मान प्रकट करता है। श्रमिक दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम में दुमका के डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने उपरोक्त बातें कही। श्री सिन्हा ने कहा असंगठित शब्द से अलग हटकर संगठित शब्द को अपनाने की जरुरत है ताकि काम की गुणवत्ता व उसका टिकाउपन बना रह सके। श्री सिन्हा ने कहा कि हमारे श्रमिक भाई संगठित नहीं हैं, जिसके कारण सरकार की योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा। सरकार ने श्रमिकों के लिए कई योजनायें बनाई हैं लेकिन जागरूकता के अभाव में वे  लाभ प्राप्ति से वंचित हैं। डीसी श्री सिन्हा ने कहा कि आप अपने महत्व को समझें, आपकी उन्नति से ही राज्य व देश की उन्नति है।  श्रमिकों से ही काम आसान हो पाता है। जिला परिषद अध्यक्षा जोयेस बेसरा ने कहा कि हमारे आस-पड़ोस के ही श्रमिक हैं, जिन्हें सम्मान देने की जरुरत है। श्रमिकों के लिए कई योजनायें हैं जिनका लाभ वे नहीं प्राप्त कर पाते हैं।  कहा श्रमिकों से अपील है कि वे अपने बच्चों को शिक्षित करें, स्कूल भेजें ताकि वह बड़ा होकर एक अच्छा जिन्दगी जिये। सरकार अपके हित में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा श्रमिक दिवस के अवसर पर यह प्रण लें कि आप सभी श्रमिक भाई बहन अपना एक संगठन बनायेंगे। नगर पर्षद अध्यक्षा अमिता रक्षित ने कहा कि श्रमिक ही हमारे देश की पहचान हैं।  वे सरकार की योजनाओं से जुड़ें व उसका लाभ लें। उन्होंने कहा कि सुर्योदय से सुर्यास्त तक हमारे श्रमिक भाई लगातार मेहनत करते हैं, इसी का परिणाम होता है कि शहर में बड़े बडे़ मौल, अपार्टमेंट व आधारभूत संरचना का निर्माण हो पाता है। जिला परिषद उपाध्यक्ष असीम मंडल ने कहा कि श्रमिकों को अपने अधिकार समझने की जरुरत है। श्रमिकों के लिये आयेाजित कार्यक्रम के दौरान निर्माण सेफ्टी किट योजना से 659, श्रमिक औजार किट योजना से 276, साईकिल योजना से 264, सिलाई मशीन सहायता योजना से 8, प्रसुति सहायता योजना से 32, अंत्येष्टि सहायता योजना से 2, चिकित्सा सहायता योजना से 2, सरस्वती योजना से 14, पेंशन योजना से 9 एवं आम आदमी योजना से 1275 लाभूकों को लाभ मिला। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्षा जोयेस बेसरा, दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, नगर पर्षद अध्यक्षा अमिता रक्षित, जिला परिषद उपाध्यक्ष असीम मंडल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की। श्रम अधीक्षक दुमका एच के दास ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में श्रम अधीक्षक दुमका एच के दास, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सरैयाहाट लक्ष्मीकांत वर्णवाल, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सदरा मुकेश नारायण, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रामगढ़ अवधेश कुमार चैधरी, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी गोपीकान्दर प्रदीप कुमार मेहता व भारी संख्या में श्रमिक उपस्थित थे।


बिहार : राजकीय आदेश का मुंह चिढ़ाता "आंगनबाड़ी"बेगूसराय

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प्रद्योत कुमार,बेगूसराय। नगर निगम के वार्ड संख्या 28 लोहिया नगर बेगुसराय के आंगनबाड़ी केंद्र में अफरातफरी तब मच गया जब लाभार्थी को देने के लिए चावल का बोरा खोला गया।बोरा में चावल काला का अंश वाला था जैसे उसमें सीमेंट और गिट्टी की मिलावट की वजह से ऐसा हो सकता है।सूचना मिलते ही पूर्व वार्ड पार्षद डॉ जितेंद्र ने सक्रियता के साथ केंद्रों की जांच करते हुए बताया कि केंद्र संख्या 08 और 41 पर एक एक बोरा मिलावटी चावल पाया गया एवं केंद्र संख्या 40 पर चार बोरा और 39 पर एक बोरा जो वितरित कर दिया गया मना करने के बावजूद भी,पाया गया,बाक़ी शिकायत के बाद संवेदक ने लौटा लिया।केंद्र संख्या  39 की सेविका अर्चना कुमारी से पूछे जाने पर उसने कहा कि मैंने चावल संवेदक को लौटा दिया है जब की उसने अपना चावल वितरित कर दिया था,संवेदक ने भी चावल लौटाने बात स्वीकार नहीं किया।पूर्व पार्षद ने बताया कि लाभार्थी को 39 की सेविका अर्चना कुमारी अनाज कम वज़न तौल कर देती है उनहोंने वजन को दूसरी जगह जांच करवाया तो पता चला।जिस लाभार्थी को कम वजन दिया गया वो हैं;अनीता देवी,पति अनिल पौद्दार,रंजू देवी पति रंजीत पौद्दार।उक्त बातों की शिकायत जब डॉ जितेंद्र ने दूरभाष से डीपीओ को की तो उन्होंने कहा कि ये मामला मेरे कार्य क्षेत्र में नहीं बल्कि ज़िलाधिकारी के कार्य क्षेत्र में है,दूरभाष पर उनसे भी सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा,'देखते हैं'।जो शायद नहीं देखा गया और न ही देखा जाएगा।सच जानिये तो आंगनबाड़ी केंद्र में लूट मचा हुआ है और लगभग ज़िला के सम्बंधित विभागीय अधिकारी से लेकर सभी आला अधिकारी को इस लूट की सूचना है लेकिन कभी कोई कार्रवाई नहीं होती है,खैर।प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र 1000 आबादी में एक होना चाहिए और उसमें 96 लाभार्थी को अपने पोषक क्षेत्र में लाभ भी मिलते रहना है;जैसे अतिकुपोषित 12,कुपोषित 28,गर्भवती 08,धातृ 08 और स्कूल पूर्व बच्चा 40 होना अनिवार्य है।इसके लिए 16,700 रु प्रति केंद्र मिलता है,चावल छोड़ कर और वेतन अलग से।ऊपर से क्रमशः चावल 04 केजी, दाल 02 केजी और सोयाबीन 500 ग्राम,चावल 2.5 केजी,दाल 1.25 केजी,सोयाबीन 300 ग्राम,चावल 03 केजी, दाल 1.5 केजी,सोयाबीन 300 ग्राम,चावल 03 केजी,दाल 1.5 केजी,सोयाबीन 300 ग्राम प्रति लाभार्थी मिलना है।स्कूल पूर्व 40 बच्चों को प्रति 6 महीने पर पोषाक राशि 250 रु प्रति बच्चा मिलता है और अन्य पोषक तत्व में अभी गर्मी में मूंगफली देना है और ठंडी में अंडा देना है।ये तमाम योजना काग़ज़ पर भली भांति दौड़ रहा है लेकिन ज़मीनी स्तर पर सही तरीके से रेंग भी नहीं रहा है।किसी भी आंगनबाड़ी केंद्र में  96 लाभार्थी का सिर्फ और सिर्फ काग़ज़ी घोड़ा ही है धरातल पर सरकार की योजना को मुंह चिढ़ा रहा है।कभी कभार ज़िलाधिकारी महोदय दिखावे के लिए अपने कार्यालय से एक पत्र ज़ारी कर उपयुक्त कार्रवाई करने का निष्क्रिय निर्देश अवश्य निकाल देते हैं जो महज एक ऑफिसियल खानापूर्ति है।सीडीपीओ हो या सुपरवाइजर कोई भी अनिवार्य आवश्यक ऑफिसियल निरीक्षण नहीं करते हैं चूँकि सब मैनेज है और इसे कहते हैं "ग़ैर कानूनी मैनेजमेंट"।अगर इस पर उपयुक्त कार्रवाई की जाय तो अधिकतर केंद्र को बंद ही करना पड़ेगा।सरकार को चाहिए कि लूट खसोट की इस योजना को बंद कर दें या सेविका सहायिका,सीडीपीओ और सुपरवाइजर पर सख़्त से सख़्त उचित विभागीय कार्रवाई करें लेकिन जनाब फिर वही बात यहाँ सब मैनेज है।

बिहार : ए॰आई॰एस॰एफ॰ राज्य सम्मेलन संपन्न,

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  • परवेज आलम एवं सुशील कुमार पुनः बने राज्य अध्यक्ष व राज्य सचिव, 10 सदस्यीय राज्य सचिवमंडल, 75 सदस्यी राज्य परिषद् एवं 25 सदस्यीय कार्यकारिणी गठित।


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पटना, आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन की नवगठित राज्य परिषद् ने बैठक कर 10 सदस्यीय राज्य सचिवमंडल का गठन किया है। जिसमें परवेज आलम को राज्य अध्यक्ष एवं सुशील कुमार को पुनः राज्य सचिव चुना गया है। जबकि अमीन हमजा, कुमार जितेन्द्र, हर्षवर्द्धन सिंह राठौड़ एवं सुशील उमाराज को राज्य उपाध्यक्ष चुना गया। विकास झा, अकाश गौरव एवं रंजीत पंडित को सह सचिव और सरिता कुमारी को कोषाध्यक्ष चुना गया। राज्य परिषद् की बैठक मिर्जा गालिब काॅलेज गया में संपन्न हुआ। इससे पहले 16-18 अप्रैल को गया के गया काॅलेज एवं हादी हाशमी स्कूल में ए॰आई॰एस॰एफ॰ को तीन दिवसीय सम्मेलन लगभग तीन वर्षों के बाद हुआ। सम्मेलन में समान स्कूल प्रणाली, शिक्षक-कर्मियों की स्थायी बहाली, छात्र संघ चुनाव, छात्राओं एवं अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों को निःशुल्क शिक्षा लागू कराने, पाटलिपुत्र, पूर्णिया, मुंगेर वि॰वि॰ के निर्माण को लेकर संघर्ष तेज करने, बेगूसराय में दिनकर वि॰वि॰ बनाने आदि कई प्रस्ताव पारित किये गये। सम्मेलन में सभी विश्वविद्यालयों एवं राज्य के 34 जिलों के 379 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
सम्मेलन में हरेन्द्र कुमार पंडित, मृत्युंजय मृणाल, किशोर कुमार, मो॰ वसीमुद्दीन, अरुण कुमार, लक्ष्मी कुमारी, मणि कुमार, आरती कुमारी, मो॰ गयासुद्दीन, रजनीकांत कुमार, आदित्य राजय, विमल कुमार, विकास कुमार गुप्ता, शरद कुमार सिंह, अमित कुमार, अभिषेक आनंद, महेश कुमार, हरिशंकर कुमार एवं कृति मिश्रा को राज्य कार्यकारिणी में चुना गया। राज्य सम्मेलन दो लाख सदस्यता के आधार पर किया गया है। नवंबर मंे पटना में होनेवाले राष्ट्रीय सम्मेलन के पूर्व दो लाख और नये छात्रों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

जानकी नवमी :'जानकी नवमी'मनाने की उठने लगी मांग

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केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा द्वारा राज्यसभा में सीता की जन्मभूमि 'सीतामढ़ी'के बारे में बयान दिए जाने के बाद 'वैदेही'की जन्मभूमि को लेकर जहां बहस शुरू हो गई है, वहीं मां सीता के जन्मोत्सव 'जानकी नवमी'को भगवान राम के जन्मोत्सव 'रामनवमी'की तरह धूमधाम से मनाने की मांग उठने लगी है। कई संगठनों द्वारा जन जागरण अभियान भी चलाया जा रहा है। मां सीता की जन्मभूमि सीतामढ़ी को लेकर कई अभियान चला रहे 'जानकी सेना'के प्रमुख मृत्युंजय झा कहते हैं कि इस वर्ष जानकी नवमी (4 मई) को कई आयोजन किए जा रहे हैं। पिछले चार महीने से जानकी नवमी को लेकर जन जागरण अभियान के तहत रथयात्रा और पदयात्रा कर चुके झा कहते हैं कि इस वर्ष जानकी नवमी को लेकर झांकी निकाली जा रही है। उन्होंने बताया कि मिथिला क्षेत्र के सीतामढ़ी सहित 12 क्षेत्रों से इस वर्ष झांकी निकाली जाएगी, सभी झांकियां मधुबनी पहुंचेंगी। इसके बद यहीं जानकी जन्मोत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा। झा को इस बात का संतोष है कि लोग अब जानकी नवमी को लेकर उत्साहित हैं, लेकिन इस बात का मलाल भी है कि अभी इस उत्सव को रामनवमी की तरह प्रसिद्धि नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि जब मिथिला के 'दामाद'की जय-जयकार होगी, तो 'बेटी'की भी जय-जयकार होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक मां जानकी का रथ अयोध्या नहीं पहुंचेगा, तब तक वहां भव्य राम मंदिर का निर्माण असंभव है। 


मृत्युंजय झा ने कहा कि सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में भी जानकी नवमी को लेकर कई तरह के आयोजन हो रहे हैं।  इधर, भाजपा के सांसद प्रभात झा का मानना है कि अभी तक तो सीता मां की जन्मस्थली को लेकर ही लोगों में एक मत नहीं है। उन्होंने हालांकि सीतामढ़ी को ही मां सीता की जन्मभूमि बताते हुए कहा कि अब सीतामढ़ी को 'संस्कारधानी'बनाने की जरूरत है। उन्होंने बताया, "सीतामढ़ी को 'संस्कारधानी'बनाने और इस पावन भूमि की विशेषता बताने को लेकर अब तक मैंने 6000 लोगों को पोस्टकार्ड लिख चुका हूं।"उनका मानना है कि सीता के बिना न राम की कहानी शुरू होगी और न ही पूरी होगी। झा कहते हैं कि इस वर्ष जानकी उत्सव का आयोजन बड़े रूप में किया जा रहा है। सीता की जन्मभूमि पुनौरा धाम में भी अखंड पाठ का आयोजन किया गया है। 

मिथिला की महादेवी वर्मा मानी जाने वाली प्रसिद्ध लेखिका डॉ़ शेफालिका वर्मा का मानना है कि पुरुष प्रधान समाज में प्रारंभ से ही नारी को दोयम दर्जे के रूप में देखा गया है। मां सीता भी नारी थीं। यही काराण है कि आज लोग रामनवमी धूमधाम से मनाते हैं, जबकि जानकी नवमी की जानकारी बहुत कम लोगों को है। उन्होंने कहा, "रामायण में राम के चरित्र को उभार दिया गया है, उनकी पहचान मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में की गई है, जबकि सीता के त्याग को कम महत्व दिया गया है। सीता को भी अगर बराबर महत्व दिया गया होता, तो आज उनकी पहचान भी नारी शिरोमणि की होती।"उन्होंने हालांकि संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आज की 'सीताओं'के कारण शक्ति को पहचान मिलने लगी है। उनका मानना है, "शक्ति की पूजा बिना पुरुष भी संपूर्ण नहीं है। इस कारण रामनवमी की तरह जानकी नवमी को लेकर भी उत्साह होना चाहिए और उसी भव्य तरीके से इसे भी मनाया जाना चाहिए।" 


इधर, मिथिलालोक फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ़ बीरबल झा कहते हैं, "आम तौर पर हम राधा-कृष्ण और सीता-राम बोलते हैं, लेकिन जब व्यावहारिकता की बात आती है, तो हम इस पुरुष प्रधान समाज में नारी (सीता व राधा) को भूल जाते हैं।"वह कहते हैं, "राम जन्मोत्सव की तरह सीता जन्मोत्सव का भव्य आयोजन किया जाना चाहिए, तभी समाज में भी नारी का सम्मान बढ़ेगा।"उन्होंने इतिहासकारों पर तंज कसते हुए कहा, "जहां से सीता का हरण किया गया, उस पंचवटी की प्रसिद्धि तो देश-दुनिया में है, लेकिन सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी को बहुत कम लोग जानते हैं।"डॉ़ झा ने कहा कि रामायण की शुरुआत ही सीता से होती है और अंत भी सीता से ही होती है। सीता के बिना राम की कल्पना ही नहीं की जा सकती।"जानकी नवमी का आयोजन और सीतामढ़ी को विकसित करने को लेकर जनजागरण अभियान चलाए जाने की वकालत करते हुए झा कहते हैं कि राम मंदिर की तरह सीतामढ़ी के पुनौरा धाम (मां सीता की जन्मस्थली) पर भी भव्य मंदिर का निर्माण आवश्यक है, तभी देश में रामराज की कल्पना की जा सकती है। 

मधुबनी : डीजल अनुदान राशि के लिये किसान हताश निराश।

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  •  दो से चार हजार किसानो का भुगतान लंबित है।  

andhrathadi-blockमधुबनी/अंधराठाढी (मोo आलम  ) डीजल अनुदान योजना के राशि लेना यहॉ के किसानो के परेशानी का शवव बन गया है। दो र्वा से प्रखंड कृा पदाधिकारी कार्यालय ,प्रखंड नजारत फिर बैंक के चक्कर लगाते लगाते किसान परेशान हो रहे है। सूत्रो के मुताविक तकरीवन 4000 किसानो को डीजल अनुदान राशि मिलना है। सरकार ने तकरीवन 52 लाख रूपये इस मद में भुगतान के लिये मुहैया कर चुकी है। कृा कार्यालय के सूत्रो के मुताविक किसानो की सूची तैयार कर प्रखंड कार्यालय को उपलब्ध करा दिया है। प्रखंड कार्यालय भी अपना पल्ला झाडते हुये वताया कि भुगतान हेतु उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक शाखा रूद्रपुर को एकाउण्ट के माध्यम से भुगतान हेतु किसानो के बैंक एकाउण्ट समेत सूचि उपलब्ध करा दी है। वैंक को आरटीजीएस के माध्यम से लाभुको के खाता में पैसा भेजना है। दो साल के वकाया भुगतान लंबित होने के कारण किसान हताश और निराश हो चुके हैं किस स्तर पर भुगतान रूका हुआ हैं । वह विभाग और बैंक हीं जाने । इसी तरह ओलावृटि मद की अनुदान राशि से बंचित दो सौ से अधिक किसान हतोत्साह है। पांच हजार से अधिक किसानो को तकरीवन डेंढ कडोर रूपये इस प्रखंड को आवंटित हुआ था। शे किसानो को खाता पर अनुदान राशि पहुंची तकरीवन दो सौ किसानो के नाम या खाता संख्या आदि लिपिकीय भुल के कारण भुगतान से बंचित है। इसे सुधार करना प्रखंड कार्यालय की जिम्मेवारी बनती है। रबी फसल के अनुदान राशि गेहॅू कटाई के वावजूद भी भुगतान लंवित है। इसमें जीरो टीलेज के 310 किसान को 1980 रू मुख्यमंत्री गेहू बीज योजना के 96 किसान एवं मूग दाल अनुदान के 96 किसानो को 324 रू स्वी विधि के तहत 37 किसानो के 1560 के दर से अनुदान मिलना है। यह राशि प्रखंड कृा पदाधिकारी के द्वारा भुगतान देना है। 


कहते है कृ पदाधिकारी रामपुकार पासवान :रबी फसल के अनुदान राशि एक सप्ताह के भीतर किसानो के खाते में राशि पहुच जायेगी । आरटीजीएस के लिए सूची बैंक को भेज दी गयी है। 

कहते है प्रखंड विकास पदाधिकारी आलोक कुमार शर्मा : डीजल अनुदान राशि भुगतान हेतु बार बार शाखा प्रवंधक को लिखा गया हैं । बैंकर्स मीटींग में भी शाखा प्रवंधक ग्रामीण बैंक रूद्रपुर को कहा गया है। इस सप्ताह में भुगतान नहीं करने पर उच्चाधिकारियो को लिखा जायेगा । ओलावृठि मद की अनुदान राशि स्टेट बैंक झंझारपुर से आरटीजीएस होता है। समस्या सुधार कर कई वार सूची दूवारा भी भसेजा गया हैं अव कम हीं किसान इस लाभ से बंचित है।     

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 03 मई

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श्रमदान से तालाब का गहरीकरण कार्य जारी

vidisha news
जलाभिषेक अभियान के तहत जिले में जल संचय की नवीन संरचनाओं का निर्माण कराया जा रहा है वही जिले के पुराने तालाबों का जीर्णोद्वार, गहरीकरण कार्य भी साथ-साथ किया जा रहा है। बुधवार की प्रातः ग्राम पंचायत ढोलखेडी के तालाब का गहरीकरण कार्य के दूसरे दिन भी नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन समेत अन्य जनप्रतिनिधियों के अलावा कलेक्टर श्री अनिल सुचारी, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, एसडीएम श्री आरपी अहिरवार और अन्य अधिकारी, कर्मचारियों के साथ-साथ ग्रामीणजनों ने सहभागिता निभाई। जनसहयोग से किए जा रहे उक्त तालाब के गहरीकरण कार्य मेें अधिक से अधिक श्रमदान की आहूति देने का आग्रह एसडीएम द्वारा किया गया है। उन्होंने तालाब की मिट्टी को अपने खेतों में डालने हेतु इच्छुक कृषक स्वेच्छा से परिवहन कर सकते है। उन्हें किसी भी प्रकार की रायल्टी देने की आवश्यकता नही होगी।  श्रमदान अभियान के तीसरे दिन मीडियाकर्मी सहभागिता निभाएंगे। इसके लिए श्रमदान स्थल तक आने जाने के लिए वाहन की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई हैै। वाहन नीमताल चैराहे से गुरूवार की प्रातः सात बजे नियत स्थल के लिए रवाना होगा। 


आर्थिक सहायता जारी

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने दो प्रकरणों में आर्थिक सहायता जारी कर दी है। तदानुसार हिट एण्ड रन के एक प्रकरण में 25 हजार रूपए तथा आरबीसी के प्रकरण में चार लाख रूपए की सहायता राशि जारी की है। जारी आदेश में उल्लेख है कि ग्राम बागरी के राजेश पुत्र श्री तोरन सिंह गुर्जर की बासौदा रोड ढोलखेडी चैराहे के पास अज्ञात वाहन से दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर मृतक की मां श्रीमती मुन्नीबाई को 25 हजार रूपए की तथा सिरोंज तहसील के ग्राम सफदरपुर निवासी संतोष पुत्र श्री कल्याण सिंह अहिरवार की मृत्यु सर्पदंश से हो जाने के कारण मृतक की पत्नी श्रीमती गुंजाबाई अहिरवार को चार लाख रूपए की सहायता आरबीसी के प्रावधानों के तहत जारी की गई है।

प्रशिक्षण हेतु आवेदन आमंत्रित

खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के द्वारा विभिन्न टेªडों के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है कि जानकारी देते हुए खादी ग्रामोद्योग के प्रबंधक ने बताया कि प्रशिक्षण उपरांत रोजगार, स्वरोजगार की पात्रता होगी। जो इच्छुक युवक-युवतियां प्रशिक्षण में भाग लेना चाहती है वे जिला पंचायत कार्यालय के कक्ष क्रमांक-पांच में संचालित खादी ग्रामोद्योग शाखा से कार्यालयीन दिवसोें अवधि में सम्पर्क कर प्राप्त कर सकते है। प्रशिक्षण मोबाइल मरम्मत, टू-व्हीलर मरम्मत, सर्विसिंग फोर व्हीलर, सिलाई रेडीमेड गारमेंट, दोना पत्तल, बैकरी उद्योग, लाख चूडी निर्माण, मधुमक्खी पालन, प्लम्बर कार्य, इलेक्ट्रिशियन, वीडियोग्राफी, सैल्समेन टेªनिंग और साइकिल मरम्मत इत्यादि विधाओं में आयोजित किया गया है।

आवेदन आॅन लाइन फारवर्ड करने की अंतिम तारीख दस मई

भारत सरकार के माध्यम से संचालित अल्पसंख्यक प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैटिक एवं मेरिट कम मीन्स छात्रवृत्ति योजनांतर्गत अल्पसंख्यक विद्यार्थियों द्वारा आॅन लाइन आवेदन शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा नियमानुसार पात्रता के अनुसार अगले चरण हेतु भारत सरकार के पोर्टल पर आन लाइन फारवर्ड करने की अंतिम तारीख दस मई है। 
पीडीएस कार्डधारियों हेतु पचास हजार रूपए तक का ऋण

पिछडा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग के पीडीएस कार्डधारी हितग्राहियों को बैंको के माध्यम से ऋण प्रदान करने हेतु मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना प्रारंभ की गई है उक्त योजना जिले में भी प्रभावशील है। मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजनातंर्गत पूर्व उल्लेखित वर्ग के पीडीएस कार्डधारी हितग्राहियों को पचास हजार रूपए तक का ऋण स्वीकृत किया जा सकेगा। परियोजना लागत का पचास प्रतिशत अधिकतम 15 हजार रूपए अनुदान राशि हितग्राही को प्रदाय की जाएगी। ततसंबंध में अन्य विस्तृत जानकारी के लिए कलेक्टेªट कार्यालय में संचालित अल्पसंख्यक कल्याण शाखा से कार्यालयीन दिवसों अवधि में सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है। 


पुरस्कार हेतु आवेदन आमंत्रित

राज्य सरकार द्वारा युवाओं के लिए स्थापित पुरस्कारों यथा कबीर, शंकराचार्य, गुरूनानक, गौतम बुद्व, रहीम राज्य सम्मान पुरस्कार हेतु आवेदन 16 मई तक आमंत्रित किए है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा ततसंबंध में जारी दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए डिप्टी कलेक्टर ने बताया कि जिला स्तर पर प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों के संबंध में पुरस्कार नियमो में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार वर्ष 2015 के पुरस्कार हेतु आवेदनकर्ता द्वारा जनवरी 2015 से दिसम्बर 2015 तक इसी प्रकार वर्ष 2016 के लिए दिए जाने वाले पुरस्कारों हेतु आवेदनकर्ता द्वारा जनवरी 2016 से दिसम्बर 2016 की अवधि में किए गए उत्कृष्ट कार्यो के आधार पर चयन किया जाएगा।जिला स्तरीय पुरस्कार हेतु प्राप्त आवेदनों के परीक्षण हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय समिति गठित की गई है जिसमें चार सदस्य भी शामिल किए गए है।

दबाव से लोकतंत्र के प्रवाह को रोका नहीं जा सकता : भाजपा

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नयी दिल्ली 03 मई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में एक आदिवासी दम्पति के कथित रूप से अगवा कर तृणमूल कांग्रेस का सदस्य बनाने की घटना की निन्दा करते हुए आज कहा कि दबाव से लोकतंत्र के प्रवाह को रोका नहीं जा सकता, भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बूथ स्तर पर तैयारी के सिलसिले में पिछले दिनों नक्सलबाडी का दौरा किया था और वहां के एक आदिवासी परिवार ने उन्हें भोजन कराया था। उन्होंने कहा कि इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इस परिवार को अगवा कर उन्हें तृणमूल का सदस्य बना दिया। भाजपा ने इस सिलसिले में मामला दर्ज कराने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने दर्ज नहीं किया। श्री प्रसाद ने कहा कि पश्चिम बंगाल लम्बे समय तक वामपंथी हिंसा और खौफ से पीडित रहा है और अब वहां यह दौर तृणमूल के माध्यम से चल रहा है। उन्होंने कहा कि जब भी दबाब से बदलाव का प्रयास किया जाता है तो प्रतिक्रिया होती है और जनता जवाब देती है। उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में भाजपा का विस्तार हो रहा है और इसका उदाहरण मणिपुर है। उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार पर समाज के एक पक्ष को खुश करने के लिए तुष्टिकरण की राजनीति करने तथा दूसरे पक्ष को कई धार्मिक अवसरों पर शोभायात्रा भी नहीं निकालने देने का आरोप लगाया। उन्होंने राज्य सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बंगाल की घटनाओं से वह आहत हैं परेशान नहीं। भाजपा नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल के पार्टी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल आज शाम वहां के राज्यपाल से मिलकर हाल की घटनाओं पर अपना पक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा कि श्री शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्वाचन क्षेत्र भवानीपुर का भी दौरा किया था और वहां कुछ लोगों से मिले थे अब उन लोगों पर भी तृणमूल में शामिल होने का दबाव बनाया जा रहा है।

दिसंबर 2017 तक सबको बिजली देने के लक्ष्य के लिए जुट जाएं राज्य : गोयल

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नयी दिल्ली 03 मई, केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने दिसंबर 2017 तक सभी घरों, कल-कारखानों और किसानों समेत देश के हर नागरिक तक बिजली पहुंचाने का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य हासिल करने के लिए सभी राज्यों का जुट जाने का आह्वान किया है। श्री गोयल ने राज्यों के बिजली मंत्रियों के यहां शुरू दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह लक्ष्य 2022 तक हासिल करना था लेकिन इस दिशा में अच्छी प्रगति को देखते हुए सभी राज्यों ने इसे 2017 तक पूरा करने का संकल्प लिया है। अब इस मिशन को हासिल करने के लिए सबको सामूहिक प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि माओवाद-उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में बिजली पहुंचाने में कठिनाई आ रही है। इस बारे में गृह मंत्रालय से बातचीत की जाएगी। किसानों के लिए बिजली उपलब्ध कराने पर खासतौर पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इस बात के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है कि अन्नदाता को ऊर्जा की दक्षता वाले पंप और जरूरत के हिसाब से बिजली -पानी मिले।


अाईसीसी से टकराव माेल न ले बीसीसीअार्इ: सीअाेए

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नयी दिल्ली, 03 मई, सर्वाेच्च अदालत द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति(सीओए) ने कहा है कि यदि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) अपनी विशेष आम बैठक में क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने वाला कोई निर्णय लेता है तो वह फिर इस मसले में हस्तक्षेप करने और इसे शीर्ष अदालत तक ले जाने से पीछे नहीं हटेंगे। सीओए का यह बयान ऐसे समय आया है जब बीसीसीआई के अधिकारियों ने एक दिन पहले ही राज्य संघों के सदस्यों की अचानक से कांफ्रेस कॉल आयोजित कर उनसे आईसीसी चैंपियंस ट्राफी से हटने को लेकर उनकी राय मांगी थी। सीओए का नेतृत्व कर रहे विनोद राय ने बोर्ड के इस कदम की आलोचना भी की थी। सीओए ने चेतावनी भरे अंदाज में राज्य क्रिकेट संघों को बुधवार सुबह भेजे ईमेल के जरिये यह संदेश भेजा है कि यदि सात मई को आयोजित होने वाली विशेष आम बैठक में बीसीसीआई कोई ऐसा फैसला लेता है जिससे भारतीय क्रिकेट को नुकसान पहुंचे और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद(आईसीसी) में उसकी समझौते की कोशिशों को धक्का लगे तो वह इस मसले को सर्वाेच्च अदालत तक ले जा सकता है। बीसीसीआई ने आगामी रविवार को एसजीएम बुलाई है जिसमें आईसीसी में राजस्व मॉडल को लेकर भारत को हुये नुकसान और चैंपियंस ट्राफी में खेलने को लेकर सदस्यों की राय पूछी जाएगी। यह बीसीसीआई की एक महीने से कम समय में दूसरी एसजीएम है। इससे पहले 18 अप्रैल को भी एसजीएम बुलाई गयी थी जिसमें सचिव अमिताभ चौधरी और सीईओ राहुल जौहरी को आईसीसी में अपना पक्ष रखने के लिये नियुक्त किया गया था।

केदारनाथ धाम के खुले कपाट,मोदी ने की पूजा-अर्चना

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देहरादून, 03 मई, उत्तराखंड में केदारनाथ के कपाट आज सुबह मंत्रोच्चारण के बीच खोल दिए गए, मंदिर के कपाट खुलते ही पूजा-अर्चना की गयी और बाबा केदार के जयकारों के साथ पूरा धाम गुंजायमान हो गया, इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किये। श्री मोदी ने बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के बाद जलाभिषेक किया। प्रधानमंत्री पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के बीच गए। उन्होंने प्रोटोकाल तोड़कर श्रद्धालुओं की कतार के पास उनका अभिवादन किया। यहां जौलीग्रांट हवाई अड्डा पहुंचने पर श्री मोदी का राज्यपाल कृष्ण कांत पाल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, सांसद राज्य लक्ष्मी शाह, राज्य के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने उनका स्वागत किया। श्री मोदी ने सुबह नौ बजकर 33 मिनट पर मंदिर में प्रवेश करने से पहले विजिटर बुक पर हस्ताक्षर किए। इस वर्ष केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद गर्भगृह में दर्शन करने वालों में श्री मोदी सबसे पहले व्यक्ति हैं। उनके आगमन के तहत सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पूजा के बाद बाहर आने पर केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से प्रधानमंत्री को शॉल भेंट किया गया।

अमानतुल्ला आप से निलंबित, विश्वास बने राजस्थान के प्रभारी

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नयी दिल्ली, 03 मई, आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास की नाराजगी दूर करने की कोशिशों के तहत आज अपने विधायक अमानतुल्ला खान को पार्टी की प्राथमिक सदस्यस्ता से निलंबित कर दिया। श्री विश्वास अमानतुल्ला के उस बयान से सख्त खफा थे जिसमें श्री खान ने उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आरएसएस का एजेंट बताया था। श्री विश्वास ने इस मामले को लेकर कल सार्वजनिक रूप से यह एलान कर दिया था कि अगर श्री खान को पार्टी से नहीं निकाला गया तो फिर उन्हें ही कुछ सख्त फैसला लेना पड़ सकता है। पार्टी ने अंतरकलह को बढ़ता देख फौरन कार्रवाई की और पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की तीन घंटे तक चली मैराथन बैठक में आज कुछ अहम फैसले लिये। बाद में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पत्रकारों को बताया कि बैठक में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए। पहला यह कि ओखला से विधायक अमानतुल्ला खान को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया और दूसरा कुमार विश्वास को राजस्थान का प्रभारी बनाया गया। उन्हें राज्य में पार्टी के संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कुमार विश्वास ने समूचे घटनाक्रम के दौरान उनका समर्थन के लिए कार्यकर्ताओं और तमाम पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं और उन्हें आश्वस्त करता हूं कि जब भी पार्टी में विचार विमर्श की जरूरत होगी, हम बैठेंगे और बात करेंगे। मैंने पहले ही कहा था कि किसी को भ्रम न हो कि यह वर्चस्व का संवाद है।’ श्री कुमार ने फिर दोहराया कि उनकी मुख्यमंत्री बनने की कोई चाहत नहीं है। उन्होंने किसी और पार्टी में शामिल होने की अटकलों को भी बेबुनियाद बताया। बैठक के बाद कुमार ने ट्विटर पर लिखा है, ‘यदि अंधकार से लड़ने का संकल्प कोई कर ले तो एक अकेला जुगनू भी सब अन्धकार हर लेता है...संघर्ष करेंगे ..विजयी होंगे ... भारत माता की जय।’ हालांकि पीएसी ने पार्टी नेताओं द्वारा सार्वजनिक मंच पर अंदरुनी मतभेदों का जिक्र किए जाने पर नाराजगी जताई और कहा कि किसी को कोई भी शिकायत हो तो उसे ऐसे मसले पार्टी मंच पर उठाने चाहिये। पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने खुलकर कुमार विश्वास पर भाजपा के साथ मिलकर पार्टी को तोड़ने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। ऐसे में श्री विश्वास उम्मीद कर रहे थे कि केजरीवाल अमानतुल्ला को पार्टी से तुरंत बाहर का रास्ता दिखा देंगे, पर ऐसा हुआ नहीं। इस पर नाराज श्री विश्वास ने जब मंगलवार को मीडिया के सामने खुले आम अपनी नाराजगी जाहिर कर दी तो पार्टी को संकट का अंदाजा हुआ। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और श्री सिसोेदिया उन्हे मनाने कल रात उनके आवास पहुंच गए। कुमार विश्वास अन्ना आंदोलन के समय से ही केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के साथ करीब से जुड़े रहे हैं और पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं ऐसे में पार्टी के लिए उनकी नाराजगी झेल पाना मंहगा पड़ सकता था।

तीन तलाक मामला: खुर्शीद रखेंगे तटस्थ लिखित विचार

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नयी दिल्ली, 03 मई, उच्चतम न्यायालय ने तीन तलाक, बहुुविवाह और निकाह हलाला के मामले में प्रतिवादी बनाने एवं एक विशेषज्ञ के तौर पर तटस्थ मंतव्य देने संबंधी वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद का अनुरोध आज स्वीकार कर लिया। श्री खुर्शीद ने मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि वह मुस्लिमोंं में तीन तलाक, बहुुविवाह प्रथा और निकाह हलाला के मामले में तटस्थ विचार रखना चाहते हैं और न्यायालय से अनुरोध है कि वह इसकी अनुमति दे। न्यायायल ने कहा कि इस मामले में लिखित पक्ष रखने की समय सीमा तो समाप्त हो चुकी है। इस पर श्री खुर्शीद ने शीर्ष अदालत से केवल दो दिन देने का अनुरोध किया और कहा कि वह दो दिन के भीतर ही अपना लिखित पक्ष रख देंगे। न्यायालय ने उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया। इस मामले में पांच सदस्यीय संविधान पीठ 11 मई से नियमित सुनवाई करेगी। केन्द्र सरकार ने गत 11 अप्रैल को शीर्ष अदालत में नयी दलीलें दी थीं जिसमें उसने कहा था कि इस तरह की प्रथाएं मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की गरिमा और उनके सामाजिक स्तर पर प्रभाव डाल रही हैं और उन्हें संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों से वंचित कर रही हैं। सरकार ने अपने पहले के रुख को दोहराते हुए कहा कि ये प्रथाएं मुस्लिम महिलाओं को न सिर्फ अपने समुदाय के पुरुषों की तुलना में बल्कि दूसरे समुदाय की महिलाओं की तुलना में भी असमान और असुरक्षित बनाती हैं। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 30 मार्च को अपनी टिप्पणी में कहा था कि तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह प्रथाएं भावनओं से जुड़े अहम मुद्दे हैं। सरकार ने इन्हें असंवैधानिक घोषित करने की मांग करते हुए कहा था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में छह दशक से कोई बदलाव नहीं हुए हैं और मुस्लिम महिलाएं अचानक तलाक के डर से बेहद सहमी रहती हैं। ऑल इंडियन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने इन मुद्दों पर न्यायालय द्वारा निर्णय किये जाने का यह कहते हुए विरोध किया कि ये प्रथाएं पवित्र कुरान से आईं हैं और न्याय क्षेत्र के बाहर हैं। उल्लेखनीय है कि मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक को चुनौती दी हैं जहां पति आमतौर पर तीन बार तलाक बोलकर वैवाहिक संबंध विच्छेद कर लेते हैं और कई बार तो तलाक फोन के जरिये या संदेश भेजकर ही दे दिया जाता है।

के विश्वनाथ को दादा साहब फाल्के,अक्षय कुमार को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार

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नयी दिल्ली 03 मई, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज जाने माने फिल्म निर्देशक के विश्वनाथ को दादा साहब फाल्के पुरस्कार तथा हिन्दी फिल्मों के जाने- माने अभिनेता अक्षय कुमार को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सुरभि लक्ष्मी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया, श्री मुखर्जी ने यहां एक समारोह में 64 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किये। इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू और राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ उपस्थित थे। श्री के विश्वनाथ को भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण याेगदान के लिए दादा साहब फाल्केे पुरस्कार से नवाजा गया। अक्षय कुमार को हिन्दी फिल्म‘रुस्तम’ में बेहतरीन अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सुरभि लक्ष्मी को मलयालम फिल्म मिन्नामिनुंगु: द फायरफ्लाई में उत्कृष्ट अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्रदान किया गया। अक्षय कुमार को पहली बार किसी फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार मराठी फिल्म कसाव को दिया गया जबकि सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फीचर का पुरस्कार नीरजा ने हासिल किया। नीरजा के लिए अभिनेत्री सोनम कपूर विशेषोल्लेख पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अलावा सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सहायक अभिनेता, सहायक अभिनेत्री, बाल कलाकार, पार्श्व गायक, पार्श्व गायिका, आदि वर्गों में भी पुरस्कार प्रदान किये गये। मराठी फिल्म वेंटिलेटर के लिए राजेश मापुस्कर को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, मराठी फिल्म दशक्रिया के लिए मनोज जोशी को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता और हिन्दी फिल्म दंगल के लिए जायरा वसीम को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। अमिताभ बच्चन अभिनीत हिन्दी फिल्म पिंक को सामाजिक मुद्दे पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार दिया गया जबकि सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म का पुरस्कार नागेश कुकुनूर की हिन्दी फिल्म धनक को मिला। सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार संयुक्त रूप से तीन कलाकारों आदिश प्रवीण को मलयालम फिल्म कुंजु दैवम, नूर इस्लाम को बंगला फिल्म सहज पाथेर गप्पो और के मनोहरा को कन्नड़ फिल्म रेलवे चिल्ड्रेन के लिए दिया गया। सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक का पुरस्कार सुंदरय्यर ने तमिल फिल्म जोकर में ‘जैस्मी ए’ और सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का पुरस्कार इमान चक्रवर्ती ने बंगला फिल्म ‘प्रकटन’ में ‘ तुमि जाके भालो बाशो’ ने हासिल किया।

पाक सेना के सहयोग के बगैर बर्बरता संभव नहीं : जेटली

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नयी दिल्ली 03 मई, रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सुरक्षा बलों के साथ हुयी बर्बरता पाकिस्तानी सेना के सहयोग के बगैर संभव नहीं है। श्री जेटली ने आज यहां मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गये निर्णयों की जानकारी देने के दौरान इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि पाकिस्तान के इस संबंध में आ रहे खंडन की कोई विश्वसनीयता नहीं है। जिस तरह से घटनाक्रम हुआ है उससे यह साफ हो गया है कि पहले भारतीय सुरक्षा बल के जवानों को मारा गया और फिर उनके साथ बर्बरता की गयी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना के सहयोग के बगैर यह संभव ही नहीं है। इसलिए पाकिस्तान इसका जितना खंडन कर लें लेकिन उसमें कोई विश्वसनीयता नहीं है। उन से पूछा गया था कि इस मामले में पाकिस्तान के उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था और सबूत दिये गये हैं लेेकिन पाकिस्तान ने इसमें उसकी सेना के शामिल होने का खंडन किया है।

कृष्णा घाटी घटना में पाकिस्तानी सेना के हाथ होने का भारत के पास पर्याप्त सबूत

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नयी दिल्ली 03 मई, भारत ने आज कहा कि उसके पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि जम्मू कश्मीर के कृष्णा घाटी सेक्टर में भारतीय जवानों की हत्या एवं अंगभंग करने में पाकिस्तान सेना की संलिप्तता थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने यहां नियमित ब्रीफिंग में सवालों के जवाब में कहा कि शहीद भारतीय जवानों के खून के निशान नियंत्रण रेखा तक गये हैं और रोज़ा नाला के पास खून के निशान से साफ जाहिर है कि हत्या करने वाले पाकिस्तान के कब्ज़े वाले इलाके में लौटे हैं। श्री बागले ने कहा कि पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को विदेश सचिव एस. जयशंकर ने तलब किया था और उन्हें भारतीय जवानों की पाकिस्तान की सेना के सिपाहियों द्वारा हत्या एवं अंगभंग करने को लेकर भारत के आक्रोश को व्यक्त किया और कहा कि यह हरकत सभ्यता के किसी भी मानदंड के अनुरुप नहीं है और यह घोर उकसावे की कार्रवाई है। भारत ने मांग की है कि पाकिस्तान इस घटना के लिये जिम्मेदार सेना के अधिकारियों एवं कमांडरों के विरुद्ध कार्रवाई करे। उन्होंने बताया कि विदेश सचिव ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को साफतौर पर बताया कि इस घटना में पाकिस्तानी फौज के लोग शामिल थे और भारत के पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं। हालांकि श्री बासित ने पाकिस्तानी सेना की भूमिका से साफतौर से इन्कार किया। उन्हाेंने कहा कि वह भारत सरकार की भावनाओं को इस्लामाबाद में अपनी सरकार तक पहुंचा देंगे। विश्व कूटनीतिक मंच पर पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर उसे अलग-थलग करने की रणनीति के कारगर नहीं रहने के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि ये जगजाहिर है कि हम दशकों से सीमा पार आतंकवाद के शिकार रहे हैं। सरकार ने पठानकोट, उरी आदि हमलों के बाद हमारी नीति में बदलाव आये हैं और उसके परिणाम स्वरूप दुनिया ने हमारे इस पक्ष का समर्थन किया है कि आतंकवाद विश्व के समक्ष एक गंभीर खतरा है और इसे पनाह देने के ठिकानों पर एकजुटता से कार्रवाई की जानी चाहिये। दुनिया ने समझ लिया है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, हम पर थोप रहा है और उसकी गतिविधियाें में कोई बदलाव नहीं आया है। लेकिन इस स्थिति को रोका जाना चाहिये। सिंधु जल संधि को लेकर मार्च में पाकिस्तान में हुई बैठक के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि यह संधि की शर्तों के अनुरूप हुई थी। पाकिस्तान को व्यापार में सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र के दर्जे के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार संगठन के दायित्व के तहत ही पाकिस्तान को यह दर्जा मिला हुआ है। पाकिस्तान के 47 स्कूली बच्चों को वापस भेजे जाने के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने माना कि इन बच्चों को एक गैर सरकारी संगठन द्वारा आमंत्रित किया गया था और ये उसी दिन भारत आये जिस दिन कृष्णा घाटी वाली घटना हुई। इसलिये विदेश मंत्रालय ने गैरसरकारी संगठन को सलाह दी थी कि बच्चो की यात्रा का यह उपयुक्त समय नहीं है।


योग आयुर्वेद को आज़ादी के बाद ही बढ़ावा दिया जाता तो मानवता का कल्याण होता : मोदी

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हरिद्धार 03 मई, योग एवं आयुर्वेद के क्षेत्र में उच्चस्तरीय अनुसंधान एवं नवान्वेषण पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि गुलामी के लंबे दौर में ध्वस्त किये गये भारत के पुरातन ज्ञान को अगर आज़ादी के बाद भी हमारी परंपराओं से जोड़ कर प्रोत्साहित किया जाता तो मानवता का बड़ा कल्याण होता। श्री मोदी ने यहां योगगुरू बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ के आधुनिक आयुर्वेदिक अनुसंधान केेन्द्र के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि एक समय था जब विश्व में हम इतने छाये हुए थे और इतनी ऊंचाई पर थे कि बाकी दुनिया को लगता था कि वहां तक पहुंचना उसके लिये संभव नहीं है। इसलिये उन्होंने हमारे श्रेष्ठ ज्ञान, विज्ञान एवं परंपरा को नष्ट करने और नेस्तनाबूद करने का रास्ता चुना। इस हजार से बारह सौ साल के ‘गुलामी के कालखंड’ में हमारे इस श्रेष्ठ को बचाये रखने की हमारे ऋषि, मुनि, संत, आचार्य, किसान, वैज्ञानिक, हर किसी की शक्ति खत्‍म कर दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलामी के कालखंड में जिस ज्ञान को नष्ट करने का प्रयास हुआ, पर हम उसे बचा पाये लेकिन अाज़ादी के बाद के लंबे कालखंड में उसे भुलाने का प्रयास किया गया जिससे हमारी तीन-तीन पीढि़यां दुविधा के कालखंड में जिंदगी गुजारती रहीं। उन्होंने कहा, “आजादी के बाद जो बचा था उसे पनपाते, उसे पुरष्‍कत करते, समयानुकूल परिवर्तन करते, नए रंग-रूप के साथ सज्‍जा करते, और आजाद भारत की सांस के बीच उसे विश्‍व के सामने हम प्रस्‍तुत करते, लेकिन वो नहीं हुआ। गुलामी के कालखंड में नष्‍ट करने का प्रयास हुआ, आजादी का एक लम्‍बा कालखंड ऐसा गया जिसमें इन श्रेष्‍ठताओं को भुलाने का प्रयास हुआ। उन्होंने कहा, “दुश्‍मनों ने नष्‍ट करने की कोशिश की, उससे तो हम लड़ पाये, निकल पाये, बचा पाये, लेकिन अपनों ने जब भुलाने का प्रयास किया तो हमारी तीन-तीन पीढि़यां दुविधा के कालखंड में जिंदगी गुजारती रहीं। ....अच्‍छा होता कि हमारी सभी ज्ञान, आधुनिक से आधुनिक ज्ञान भी, उसको भी हमारी इन परम्‍पराओं के साथ जोड़ करके आगे बढ़ाया होता तो शायद मानवता की बहुत बड़ी सेवा हुई होती।”

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सैप के साथ पेश किया जीएसटी समाधान

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मुंबई 03 मई, रिलायंस इंडस्ट्रीज की इकाई कॉर्पोरेट आईटी पार्क लिमिटेड उद्योगों के लिए एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर मुहैया कराने वाली अमेरिकी कंपनी सैप के साथ मिलकर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए छोटे व्यापारियों के इस्तेमाल हेतु समाधान उपलब्ध करायेगी। कंपनी ने आज बताया कि उसने सैप के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है जिसके तहत वे ‘सरल जीएसटी’ नामक समाधान सॉफ्टवेयर पेश करेंगे। इससे कारोबारियों के लिए रिकॉर्ड रखना, जीएसटी की गणना और भुगतान आसान हो जायेगा। उल्लेखनीय है कि 01 जुलाई से देश में जीएसटी लागू होना है जिसमें राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा लगाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के करों को समाहित कर ‘एक देश, एक कर’ की परिकल्पना साकार की जायेगी।

किसानों की आय बढ़ाने के लिए सिंचाई, मधुमक्खी पालन पर जोर

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नयी दिल्ली 03 मई, किसानों की आय पांच वर्ष में दोगुना करने की दिशा में सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिये हैं तथा उसका सबसे ज्यादा जोर उत्पादों का लाभकारी मूल्य दिलाने, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, ई-नाम, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, कृषि वानिकी एवं मधुमक्खी पालन पर है। कृषि मंत्रालय के सूत्रों ने आज बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, वर्षा जल संचय, सूक्ष्म सिंचाई योजना और इनाम योजना के अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं और किसानों का इन योजनाओं के प्रति आकर्षण बढ़ा है। राज्य सरकारों के साथ मिलकर मृदा जांच अभियान चलाया गया और यह अंतिम चरण में पहुंच गया है। मधुमक्खी पालन में कम लागत और परागण से फसलों के उत्पादन में होने वाली वृद्धि के मद्देनजर इस योजना के बजट में भारी वृद्धि की गयी है। पिछले तीन साल में उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुये सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पिछले साल खरीफ सीजन में शुरू की गयी थी। देश में पहली बार फसलों के लगाने के पहले और कटाई के बाद प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपायी करने के लिए बीमा में उपयुक्त प्रावधान किये गये हैं। इस योजना में नुकसान के आंकलन के लिए दूर संवेदी प्रौद्योगिकी और मोबाइल ऐप का प्रयोग किया किया गया जिसके कारण दावे के भुगतान की अवधि पहले की तुलना में काफी कम हो गयी। सरकार ने बीमा योजना के प्रति किसानों में बढ़ते आकर्षण को देखते हुए वर्ष 2017..18 में 40 प्रतिशत और 2018..19 में 50 प्रतिशत किसानों को इसके दायरे में लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। रबी फसलों लिए डेढ़ प्रतिशत और खरीफ के लिए दो प्रतिशत प्रीमियम की दर रखी गयी है जबकि बागवानी फसलों के लिए यह दर सालाना पांच प्रतिशत तय की गयी है। ‘हर खेत को पानी’आदर्श वाक्य के साथ प्रधानमंत्री कृषि 2015-16 में की गयी थी और इसके लिए वर्षों से लंबित बड़ी तथा मध्यम सिंचाई योजनाओं को पूरा करने के लिए बजट आवंटन किया गया था। इसके साथ ही वर्षा जल के संचय और सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं के कार्यान्वयन पर जोर दिया गया। इसके अलावा जिला स्तर पर भी सिंचाई की योजनायें तैयार की गयी हैं। 


किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने और बिचौलियों को इस व्यापार से अलग करने के लिए 14 अप्रैल 2016 से राष्ट्रीय कृषि मंडी (ई-नाम) योजना शुरू की गयी है। यहां किसानों को देश के विभिन्न मंडियों में फसलों के मूल्यों की जानकारी ऑन लाइन मिलती है और वे जहां चाहें वहां अपनी फसल बेच सकते हैं। किसानों के खाते में ऑन लाइन भुगतान किया जाता है। इस योजना के तहत 13 राज्यों के 417 मंडियों को जोड़ा गया है जहां लगभग 38 लाख किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। मोदी सरकार के आने के फौरन बाद मिट्टी जांच पर सर्वाधिक जोर दिया गया था और देश के 14 करोड़ किसानों को यह कार्ड देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 2.21 करोड़ नमूनों की जांच की गयी है तथा 6.4 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को दिए गये हैं। किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृृषि वानिकी और मधुमक्खी पालन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कृषि वानिकी उप मिशन याेजना का उद्देश्य खेतों के मेड़ पर पेड़ लगाना है। इसके लिए 2016-17 से चार साल के दौरान 935 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। किसानों को आय का एक नया स्रोत देने के लिए मधुमक्खी पालन पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है। इस व्यवसाय को किसान खेती के साथ बहुत कम व्यय में आसानी से कर सकते हैं। वर्ष 2011-12 से 2013-14 के दौरान राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड को जहां 5.94 करोड़ रुपये दिये गये थे, उसे 2014-15 से 2016-17 तक बढ़ाकर 18.15 करोड़ रुपये कर दिया गया था।

आम हुआ खास, इस साल आम आदमी को नसीब नही होगा आम

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बस्ती, उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिले (पूर्वांचल) के आम आदमी को इस साल आम नसीब नहीं हो पायेगा क्योंकि केवल पांच से दस प्रतिशत ही पेडों आम लगा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के बस्ती मंडल के जिले बस्ती, सिद्धार्थनगर,संतकबीरनगर,गोरखपुर, मंडल के जिलो गोरखपुर , कुशीनगर, देवरिया, महरागंज, आजमगढ़, मंडल के जिले आजमगढ़ बलिया, मऊ, इलाहाबाद, मंडल के जिले कौशाम्बी, इलाहाबाद, फतेहपुर, प्रतापगढ़, अम्बेडकरनगर,बाराबंकी,सुल्तानपुर,मिर्जापुर, मंडल के जिलो मिर्जापुर, संतरविदासनगर, सोनभद्र-,बाराणसी गंडल के जिलो-वाराणसी, चन्दौली गांजीपुर, जौनपुर, देवीपाटन मंडल के गोण्डा, बलरापुर,बहराईच, श्रावस्ती,जिलों में इस वर्ष आम की फसल बहुत कम है। इस क्षेत्र के नागरिको का मानना है कि लगभग 30 वर्षो के बाद इस बार आम की फसल इतनी कम आयी है। आम की फसल कम आने के कारण बाहर से जो आम आयेगा वह मंहगा बिकेगा उसे आम आदमी खरीद कर नहीं खा पायेगा। उत्तर प्रदेश में पिछले वर्ष 35 लाख टन से भी अघिक आम का उत्पादन हुआ था। प्रदेश में ढाई लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आम की बागवानी होती है। पिछले वर्ष पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी आम की फसलें अच्छी थी। उत्तर प्रदेश के ख्यति प्राप्त औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र बस्ती के संयुक्त निदेशक डा0 आर0के0 तोमर ने आम की कम फसल आने के कारणो पर प्रकाश डालते हुए ‘‘यूनीवार्ता’’ को बताया कि आम की फसल एक साल के अन्तराल पर फलता है पिछले वर्ष आम की अच्छी फसल थी। इसी कारण इस वर्ष कम फल आया है दुसरा प्रमुख कारण वे बताते है आम में बौर लगने के समय जनवरी फरवरी माह मे मौसम अनुकूल नहीं था इस कारण आम के पेड़ो में बौर की जगह पत्तिया निकल आयी।


डा0 तोमर ने कहा कि आम के बागो की समुचित रूप से देखभाल न हो पाने के कारण भी आम की फसल इस वर्ष कम आयी है। आम में लगने वाले कीडों से पेडों और फसलो को बचाने के लिए समुचित उपाय नही हो पाता है अच्छी दवाओं की कमी के कारण भी फसलों का रख रखाव ठीक से नही हो पाता है। इस सम्बन्ध में भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी ओ0पी0 सिंह ने बताया है कि दूषित हो रहा पर्यावरण और बढ़ते प्रदूषण के कारण आम के पेड़ो में इस वर्ष फल कम आया है श्री सिंह ने बताया कि दूषित पर्यावरण और बढ़ते प्रदूषण के ही कारण आम के पुराने पेड़ सूख रहे है। आम भारत का राष्ट्रीय फल है आम का उत्पादन पाकिस्तान, बंग्लादेश, नेपाल, अमरीका, फिलीपीन्स, सयुक्त अरब, अमीरात, दक्षिण अफ्रीका, जाबिया, माले, ब्राजील,पेरू,केन्या, जमायिका, तन्जानिया, मेडागास्कर, जापरे,हेती, आइवरी, कोस्ट,थाईलैंड,इण्डोनेशिया,श्रीलंका, सहित अन्श् कई देशो में आम का उत्पादन होता है। भारत में आम का कुल विश्व उत्पादन का लगभग 62 प्रतिशत उत्पादन होता है । भारत में आम उगाने वाले क्षेत्रो में सर्वाधिक क्षेत्रफल उत्तर प्रदेश में है लेकिन सर्वाधिक उत्पादन आन्ध्रप्रदेश में होता है। आम के फल का उपयोग उसके हर अवस्था में किया जाता है। आम की विश्व में लगभग 1100 (एक हजार एक सौ प्रजातिया (किस्मे) पायी जाती है।


प्राचीन काल से ही भारत वर्ष में आम का विशेष महत्व रहा है। आम लैटिन भाषा के गैन्जीफेरा इण्डिया एल शब्द से बना है। आम की गणना भारत के प्राचीन फलों में की जाती है इस बात का उल्लेख मिलता है भारत में लोगों को लगभग छह हजार वर्ष से इसकी उपजाई जाने वाली प्रजातियों के विषय में जानकारी थी। आम नाम ही इस बात का प्रतीक है कि इसे छोटे-बडे गरीब-अमीर सभी समान रूप से प्रसन्द करते है इसके आकर्षक रंग मनमोहक सुगन्ध और उत्तम स्वाद के कारण इसे फलों का राजा कहा जाता है। उत्तर भारत, उत्तर प्रदेश और खास करके पूर्वी उत्तर प्रदेश में दशहरी,लंगडा,चौसा,रामकेला,फजरी,मल्लिका, आम्रपाली, सौरभ, गौरव, राजीव, स्टौल, बम्बईहरा,रोमानी,गौरजीत तोतापरी,बंग्लौरा,हजरी,लखनऊ सफेदा, मलीहावादी सफेदा,नीलम,सहित अनेक देशी प्रजातियों के आम पाये जाते है। उत्तर प्रदेश से भी आम का निर्यात विदेशो में किया जाता है लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश से अभी तक आम का निर्यात शुरू नही हो पाया है। कृषि वैज्ञानिको का मत है कि उन्नतिशील आम की बागवानी करके पूर्वी उत्तर प्रदेशो को विदेशो को आम तथा उससे बने पदार्थ को निर्यात करके अच्छी खासी विदेशी मुद्रा अर्जित की जा सकती है। इससे इस क्षेत्र की किसानों की आर्थिक स्थिति तो सुधरेगी ही देश को विदेशी मुद्रा भी मिलेंगी।

मांसपेशियाें, हड्डियाें को कमजाेर करता है सनस्क्रीन का अधिक इस्तेमाल

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वाशिंगटन, 03 मई, अपनी त्वचा को धूप के दुष्परिणामों से बचाने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने वालों के लिए एक बुरी खबर है, सनस्क्रीन के अधिक इस्तेमाल से आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है जिसके कारण अापकी मांसपेशियां कमजोर होती हैं और हड्डियां टूटने का भी खतरा रहता है। जर्नल ऑफ अमेरिकन ऑस्टियोपैथिक एसोसिएशन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक विश्व में लगभग एक अरब लोग सनस्क्रीन के इस्तेमाल के कारण विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं। सनस्क्रीन के अधिक इस्तेमाल के कारण उनका शरीर धूप के संपर्क में नहीं आता और वे विटामिन डी से वंचित रह जाते हैं। अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित टॉरो यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर किम फोटेनहॉएर ने कहा “लोग घरों से बाहर खुले में बहुत कम समय बिता रहे हैं और जब भी वे बाहर निकलते हैं, सनस्क्रीन लगा कर निकलते हैं लिहाजा उनके शरीर की विटामिन डी निर्माण की क्षमता खत्म हो जाती है। अगर हम चाहते हैं कि लोग त्वचा के कैंसर से अपना बचाव करें तो हमें हल्की धूप में बिना सनस्क्रीन लगाये निकलने की आदत भी डालनी चाहिए ताकि शरीर में विटामिन डी का स्तर बढ़ाने में मदद मिले। अध्ययन के मुताबिक टाइप टू डायबिटीज, गुर्दे की बीमारियों, क्रोन और सेलियक जैसी बीमारियां खाद्य स्रोतों से विटामिन डी के चयापचय की क्षमता में बड़ी बाधा डालता है। विटामिन डी का निर्माण तभी होता है जब शरीर सूरज की किरणों के संपर्क में आता है। विटामिन डी शरीर के क्रियाकलापों में महती भूमिका निभाता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, प्रदाह को नियंत्रित करने और तंत्रिका एवं मांसपेशियों की कार्यक्षमता में वृद्धि करता है। अध्ययन के मुताबिक सप्ताह में दो बार दोपहर में पांच से 30 मिनट तक धूप के संपर्क में रहने से विटामिन डी की कमी दूर करने और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलेगी। शोधकर्ता इस दौरान सनस्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह देते हैं क्योंकि एसपीएफ -15 अथवा इससे अधिक एसपीएफ वाली सनस्क्रीन विटामिन डी3 के उत्पादन को 99 प्रतिशत तक कम कर देती है। प्रोफेसर किम कहते हैं, “आपको ये फायदे लेने के लिए समुद्र तट पर कड़ी धूप में लेटने की जरूरत नहीं है। ज्यादातर लोगों के लिए हाथ-पैर खुले रखकर धूप में थोड़ी देर टहल लेना ही पर्याप्त है।

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