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बावर्ची से खिलाड़ी कुमार बने अक्षय को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

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मुंबई. 03 मई, मार्शल आर्ट ट्रेनर, बावर्ची से रूपहर्ले पर्दे का किंग बनने तक का सफर किसी मुंबइयां फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नही लेकिन खिलाड़ी कुमार अपनी मेहनत के बलबूते आज बॉलीवुड में उस मुकाम पर हैं जिसका सपना मायानगर आने वाला हर शख्स देखता है। अक्षय कुमार (मूल नाम राजीव भाटिया) का जन्म नौ सितंबर 1967 को पंजाब के अमृतसर में एक मध्यम वर्गीय पंजाबी परिवार में हुआ था। उनका बचपन दिल्ली में बीता। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अक्षय बैंकाक चले गये और वहां बावर्ची का काम करने लगे। इस दौरान वह वहां मार्शल आर्ट सीखा करते थे। बैंकाक से लौटने के बाद अक्षय कुमार मुम्बई आ गए और मार्शल आर्ट ट्रेनर का काम करने लगे। इसी दौरान अक्षय की मुलाकात फिल्मकार प्रमोद चक्रवर्ती से हुई और उनसे अपनी फिल्म..दीदार.. में काम करने की पेशकश की। हालांकि इससे पहले उनकी फिल्म.सौगंध.प्रदर्शित हो गई। इस बीच निर्देशक अब्बास मस्तान की नजर अक्षय कुमार पर पड़ी। उन्होंने उनसे अपनी फिल्म ..खिलाडी.. 1992. में काम करने का प्रस्ताव दिया। रहस्य और रोमांच से भरी यह फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी और वह काफी हद तक इंडस्ट्री में पहचान बनाने में कामयाब हो गये। फिल्म खिलाड़ी की सफलता के बाद अक्षय फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गये। खिलाड़ी के बाद अक्षय फिल्म इंडस्ट्री में खिलाड़ी कुमार के नाम से मशहूर हो गये। इसके बाद फिल्मकारो ने उन्हें लेकर खिलाड़ी टाइटल वाली कई फिल्मों का निर्माण किया। इनमें मै खिलाड़ी तू अनाड़ी, सबसे बडा खिलाड़ी, खिलाड़ियों का खिलाड़ी, मिस्टर ऐंड मिसेज खिलाड़ी, इंटरनेशनल खिलाड़ी, खिलाड़ी 420 आदि है। वर्ष 1994 अक्षय कुमार के सिने कैरियर के लिये अहम वर्ष साबित हुआ। इसी वर्ष उनकी ये दिल्लगी, मोहरा सुहाग, एलान और मै खिलाड़ी तू अनाड़ी जैसी सुपरहिट फिल्में प्रदर्शित हुयीं। फिल्म ये दिल्लगी में उन्हें निर्माता निर्देशक यश चोपड़ा के साथ पहली बार काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से नामांकित भी किये गये।


वर्ष 1994 में ही प्रदर्शित फिल्म ..मोहरा .. सिने करियर की सर्वाधिक सुपरहिट फिल्म साबित हुयी। मारधाड़ और एक्शन से भरपूर इस फिल्म में उन पर फिल्माया गीत ..तू चीज बडी है मस्त मस्त.. उन दिनों श्रोताओं के बीच क्रेज बन गया था।  वर्ष 1994 में ही अक्षय की फिल्म मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी भी प्रदर्शित हुयी। इस फिल्म में उन्होंने सैफ अली खान के साथ मिलकर दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। इस फिल्म में उन पर फिल्माया गीत ..मै खिलाड़ी तू अनाड़ी.. दर्शको के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। इन फिल्मों की सफलता के अक्षय फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गये। वर्ष 1997 में प्रदर्शित फिल्म ..दिल तो पागल है ..अक्षय की सुपरहिट फिल्म में शुमार की जाती है। इस फिल्म में उन्हें एक बार फिर से निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा के साथ काम करने का अवसर मिला। इसमें उनके सामने शाहरूख खान थे। इसके बावजूद अक्षय छोटी सी भूमिका के जरिये दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे। फिल्म में दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिये नामांकित भी किये गये। वर्ष 2000 में प्रदर्शित फिल्म ..हेराफेरी ..अक्षय की महत्वपूर्ण फिल्म में शुमार की जाती है। प्रियदर्शन निर्देशित इस फिल्म से पहले लोगो की धारणा थी कि अक्षय केवल मारधाड़ से परिपूर्ण अभिनय ही कर सकते है लेकिन इस अक्षय कुमार ने फिल्म में परेश रावल और सुनील शेटृी के साथ मिलकर उन्होंने अपने कारनामों से दर्शको को हंसाते-हंसाते लोटपोट कर दिया।
फिल्म की सफलता को देखते हुये 2006 में इसका सीक्वेल ..फिर हेराफेरी ..बनाया गया। वर्ष 2001 में अक्षय को निर्माता.निर्देशक अब्बास मस्तान के साथ एक बार फिर से फिल्म ..अजनबी.. में काम करने का अवसर मिला।
फिल्म में उनका यह किरदार ग्रे शेडस लिये हुये था। इसके बावजूद वह दर्शको का दिल जीतने में सफल रहे। इस फिल्म के लिये वह सर्वश्रेष्ठ खलनायक के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित भी किये गये। वर्ष 2004 में अक्षय की एक और सुपरहिट फिल्म ..मुझसे शादी करोगी ..प्रदर्शित हुयी।

डेविड धवन निर्देशित इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा और सलमान खान ने मुख्य भूमिका निभाई थी। हास्य से भरपूर इस फिल्म में वह सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से नामांकित किये गये। वर्ष 2007 अक्षय के सिने कैरियर के लिये सर्वाधिक महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उनकी नमस्ते लंदन, हे बेबी, वेलकम और भुलभुलैया जैसी सुपरहिट फिल्में प्रदर्शित हुयीं। इन फिल्मों में अक्षय के अभिनय के विविध रूप देखने को मिले। फिल्म नमस्ते लंदन के लिये वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से नामांकित किये गये। वर्ष 2008 में प्रदर्शित फिल्म ..सिंह इज किंग ..अक्षय की सर्वाधिक सुपरहिट फिल्म साबित हुयी। रोमांटिक कॉमेडी पर आधारित फिल्म..सिंह इज किंग ..में अक्षय ने एक भोले भाले और हंसमुख सिख का किरदार निभाया और अपनी लाजवाब अदाकारी से न सिफ दर्शको का दिल जीता बल्कि वर्ष 2008 की सबसे अधिक सफल फिल्म में भी इसका नाम दर्ज करा दिया और दर्शकों के बीच अपने को फिर से किंग साबित कर दिया। अक्षय की जोड़ी सुनील शेट्टी के साथ काफी पसंद की गयी। वही अभिनेत्रियों में अक्षय की जोड़ी अभिनेत्री रवीना टंडन और कैटरीना कैफ के साथ काफी पसंद की गयी। अक्षय ने अभिनय के साथ ही जोकर, ओ माई गाड, पटियाला हाउस, खिलाड़ी 786 और द बॉस जैसी कुछ फिल्मों का निर्माण भी किया है। अक्षय ने अपने ढ़ाई दशक लंबे सिने कैरियर में लगभग 100 फिल्मों में काम किया है। अक्षय की पिछले वर्ष बेबी, गब्बर इज बैक ,ब्रदर्स और सिंह इज ब्लिंग जैसी हिट फिल्म प्रदर्शित हुयी हैं। वर्ष 2016 अक्षय के सिनेकरियर का महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ है। इस वर्ष अक्षय एयरलिफ्ट,हाउसफुल 3 और रूस्तम प्रदर्शित हुयी है। तीनों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ से अधिक की कमाई की है। अक्षय इन दिनों रजनीकांत के साथ रोबोट के सीक्वल में कामकर रहे हैं। फिल्म में अक्षय कुमार नेगेटिव किरदार में नजर आयेंगे।


शारापोवा के विंबलडन में खेलने का फैसला 20 जून काे

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लंदन, 03 मई, पूर्व नंबर एक रूस की मारिया शारापोवा का इस वर्ष विंबलडन चैंपियनशिप में खेलने का फैसला 20 जून को होगा। तीन से 16 जुलाई तक होने वाले विंबलडन के लिए आयोजक 20 जून को अपनी बैठक में शारापोवा के खेलने को लेकर फैसला करेंगे। डोपिंग का डंक झेलने के 15 महीने बाद फिर से कोर्ट पर वापसी कर रही शारापोवा को विंबलडन टूर्नामेंट में वाइल्डकार्ड, मुख्य ड्रा या फिर क्वालीफाइंग के जरिये टूर्नामेंट में प्रवेश दिया जा सकता है। विंबलडन में प्रवेश पाने की आखिरी तारीख 22 मई है। ऑल इंग्लैंड क्लब के चेयरमैन फिलिप ब्रुक ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा,“ शारापोवा को वाइल्डकार्ड देने के फैसले पर हमने काफी सोच विचार किया है। सबसे पहले हमें यह देखना होगा कि यदि वह वाइल्डकार्ड के लिए आवेदन करती हैं तो हम उनके आवेदन पर विचार करेंगे और फिर 20 जून को होने वाली बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा। ” शारापोवा गत सप्ताह स्टटगार्ट के सेमीफाइनल तक पहुंची थी। इससे पहले पूर्व नंबर एक कैरोलिना वोज्नियाकी और पूर्व विंबलडन उप विजेता यूजिनी बुकार्ड ने शारापोवा को वर्ष के दूसरे ग्रैंड स्लेम फ्रेंच ओपन में वाइल्कार्ड दिये जाने को लेकर आयोजकों की कड़ी आलोचना की थी। ब्रुक ने कहा कि किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले सभी पहलुओं पर गौर किया जाएगा। दो बार की फ्रेंच ओपन चैंपियन शारापोवा को फ्रेंच ओपन टूर्नामेंट के लिए वाइल्डकार्ड दिए जाने का फैसला 16 मई को किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश : लडकियों को मोबाइल पर बात करने पर पंचायत ने लगाया प्रतिबंध

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मथुरा,03 मई, उत्तर प्रदेश में मथुरा के मैडोरा ग्राम पंचायत ने एक तुगलकी फरमान जारी कर घरों के बाहर लडकियों के मोबाइल फोन से बातचीत को प्रतिबंधित करने का फैसला किया है। पूर्व ग्राम प्रधान मोहम्मद गफ्फ़ार ने मोबाइल फोन पर घर के बाहर बातचीत प्रतिबंधित करने का निर्णय लेते हुए कहा कि वह लडकियों के फोन पर बातचीत के खिलाफ नहीं है, लेकिन वह इसका इस्तेमाल अपने घरों के भीतर करें न कि बाहर। उन्होंने कहा कि दिकतात (फरमान) का उल्लंघन करने वाली लडकी पर 2100 रूपया का जुर्माना होगा। पंचायत ने गाे वध के दोषियों पर 2.50 लाख रुपये का भी भारी जुर्माना लगाने की घोषणा की है। अगर कोई दंड चुकता करने में असहाय है तो उसकी संपत्ति से दंड की भरपाई की जायेगी श्री गफ्फार ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गाे वध के खिलाफ अभियान के लिए समर्थन किया है। पूर्व प्रधान ने कहा कि वह भी गाय का सम्मान करते हैं और वह किसी को इसका वध करने की इजाजत नहीं देते। गो वध करने की सूचना देने वाले को 51 हजार रूपया भी देने की घोषणा की। उन्होंने दावा किया कि मुसलमान भी गायाेें का सम्मान करते हैं और गोवंशीय पशुओं के हत्यारों को पकडकर पुलिस के हवाले करेंगे। उनका सामाजिक बहिष्कार किया जायेगा।

अाईएस अपना खुद का सोशल मीडिया प्लेटफार्म विकसित करने की फिराक में :यूरोपोल

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लंदन,03 मई, यूराेपीय संघ की पुलिस यूरोपाेल ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट अपना खुद का सोशल मीडिया विकसित करने की तैयारी में है ताकि उनके इस संचार तंत्र पर कोई भी सुरक्षा एजेंसी किसी तरह का हमला न कर सके और न ही उसके दुष्प्रचार काे रोका जा सके। यूरोपोल के प्रमुख रोब वेनराइट ने आज यहां एक सुरक्षा बैठक में कहा कि इस नए आनलाइन प्लेटफार्म का पता पिछले सप्ताह लगाया गया जब विभिन्न देशों के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने 48 घंटे का एक विशेष अभियान चलाया था। उ्रन्होंने बताया कि इस अभियान में यह पता चला कि अाई एस अब अपना खुद का सोशल मीडिया प्लेटफार्म बना रहा है और अपने दुष्प्रचार को बढ़ावा देने के लिए भी इंटरनेट पर अलग से व्यवस्था कर रहा है। उन्होंने बताया कि आईएस और अल कायदा से जुड़ी जानकारी का पता लगाने के लिए अमेरिका,बेल्जियम,पोलेंड,और पुर्तगाल के अनेेक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस अभियान को अंजाम दिया और उनके 2000 से अधिक जिहादी विषयों तथा 52 सोशल मीडिया प्लेटफार्म की पहचान हुई। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यूरोप को इस समय सबसे अधिक आतंकी खतरे का सामना करना पड़ रहा है और सबसे अहम बात यह है कि सुरक्षा अधिक महत्वपूर्ण है और यूरोप के हितों काे देखते हुए यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी बनती है।

आधार मामला : केंद्र की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने जतायी नाराजगी

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नयी दिल्ली, 03 मई, उच्चतम न्यायालय ने आधार कार्ड न बनवाने को अपराध की संज्ञा देने की केंद्र सरकार की दलील पर आज गहरा ऐतराज जताया। एटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने पैन कार्ड बनवाने और आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने में आधार संख्या को जरूरी किये जाने को लेकर आयकर कानून की धारा 139(एए) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के दौरान आज फिर केंद्र सरकार के फैसले का बचाव किया। उन्होंने न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ के समक्ष दलील दी कि आधार कार्ड ऐच्छिक नहीं है, बल्कि अनिवार्य है। जो जानबूझकर आधार कार्ड नहीं बनवा रहे हैं, वे एक तरह से अपराध कर रहे हैं। न्यायालय ने, हालांकि केंद्र के इस जवाब पर गहरा ऐतराज जताते हुए कहा कि सरकार यह नहीं कह सकती कि जिन्होंने आधार नहीं बनवाया वे अपराधी हैं। याचिकाकर्ता ने भी केंद्र की उक्त दलील का यह कहते हुए पुरजोर विरोध किया कि एक तरफ यूआईडीएआई का कहना है कि आधार स्वैच्छिक है तो दूसरी तरफ एटर्नी जनरल कहते हैं कि यह अनिवार्य है। याचिकाकर्ता ने कहा, “हम नहीं चाहते कि 24 घंटे कोई हम पर नजर रखे। ” आधार डाटा लीक की खबर पर केंद्र सरकार ने दलील दी कि यह डाटा भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) से लीक नहीं हुआ है, बल्कि यह दूसरे सरकारी विभागों से लीक हुआ है, जिन्हें आधार डाटा को पारदर्शी और सुरक्षित रखने में दिक्कत हो रही है। श्री रोहतगी ने दावा किया कि पैन फर्जी भी हो सकता है, मगर आधार पूरी तरह सुरक्षित है। अभी तक करीब दस लाख पैन रद्द किये जा चुके हैं, जबकि अब तक जारी किये गये एक अरब 13 करोड़ 70 लाख आधार कार्ड की नकल का एक भी मामला सरकार के पास नहीं आया है। उन्होंने दलील दी कि आधार कार्ड आतंकी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने की समस्या और काले धन के प्रचलन पर अंकुश लगाने का प्रभावी तरीका है। केंद्र सरकार ने पीठ से कहा कि आधार डाटा पूरी तरह सुरक्षित है, क्योंकि इसे यूआईडीएआई ने आयकर अधिनियम के तहत जोखिम पूर्ण बुनियादी संरचनाओं की श्रेणी में रखा है। हालांकि, केंद्र ने यह माना कि कोई भी तकनीक 100 फीसदी पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं होती। इस मामले की सुनवाई कल भी जारी रहेगी।

बाहुबली ‘मेक इन इंडिया’ को प्रतिबिंबित करती है : नायडू

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नयी दिल्ली 03 मई, सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने आज बाहुबली फिल्म की मुक्तकंठ से तारीफ करते करते हुए कहा कि यह फिल्म सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को प्रतिबिम्बित करती है। श्री नायडू ने यहां 64 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में कहा कि बाहुबली ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का चमकदार उदाहरण है। उन्होंने फिल्म के निर्देशक एस एस राजामौलि की सराहना करते हुए कहा कि फिल्मकारों को ऐसी फिल्में बनानी चाहिए, जिनसे संस्कृति का संरक्षण हो और शारीरिक सुंदरता से ज्यादा आंतरिक खूबसूरती को दर्शाया जाए । उन्होंने कहा कि सरकार ने युवाओं को फिल्म निर्माण के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते फिल्म प्रोत्साहन कोष का गठन किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा ने हमारे सांस्‍कृतिक वैविध्‍य, हमारे खूबसूरत प्राकृतिक दृश्‍यों, भाषाओं की अपार समृद्धि को उल्‍लेखनीय रूप से दर्शाया है और वह देश को एकता के सूत्र में पिरोने की एक महान कड़ी रहा है। श्री नायडू ने कहा कि त्रासदी की कहानियों का वर्णन करते समय एहतियात और सावधानी बरती जानी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि हमारे समाज पर सिनेमा के सशक्‍त प्रभाव और उसके मूल्‍यों के कारण फिल्‍म जगत को मिशन मोदी (विकसित भारत का निर्माण) में सहायता प्रदान के लिए एकजुट होना चाहिए।

सातवें वेतन आयोग में पेंशनरों के लाभ में संशोधन को मंजूरी

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नयी दिल्ली 03 मई, सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए गठित सातवें वेतन आयोग के वेतन और पेंशन को लेकर की गयी सिफारिशों की खामियों को दूर करने पर विचार के लिए गठित समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है जिससे वित्त वर्ष 2016-17 में सरकार पर 84933 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी प्रदान की गयी। बैठक में लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुये वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि रक्षा पेंशनरों और सैन्यकर्मियों के अपंगता पेंशन में खामियां थी उसमें संशोधन को भी मंजूरी दे दी गयी है। सातवें वेतन आयोग के प्रभावी होने से पहले के पेंशनरों और परिवारिक पेंशनभागियों के लिए भी इसमें संशोधन मंजूर किये गये हैं। उन्होंने कहा कि पेंशनरों के लिए दो तरह के तंत्र को मंजूरी दी गयी है। एक में 2.57 फिटमेंट है । पेंशनर को जो अपने लिए लाभदायक लगेगा उसका वे चयन कर सकते हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार यह बदलाव एक जनवरी 2016 से प्रभावी होगा। सरकार द्वारा मंजूर पेेंशन प्रणाली से वार्षिक पेंशन बिल 176071 करोड़ रुपये पर पहुंच जायेगा। इस निर्णय से वर्ष 2016 से पहले के रक्षा क्षेत्र के पेंशनरों सहित 55 लाख पेंशनभाेगियों को लाभ होगा।

हिन्दी को अनिवार्य करने संबंधी याचिका की सुनवाई से इन्कार

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नयी दिल्ली 04 मई, उच्चतम न्यायालय ने देश के सभी स्कूलों में आठवीं कक्षा तक हिन्दी को अनिवार्य बनाने संबंधी जनहित याचिका की सुनवाई से आज इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश जे एस केहर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि वह इस तरह का कोई आदेश नहीं पारित कर सकती। न्यायमूर्ति केहर ने कहा, “हम इस तरह का आदेश नहीं दे सकते। कल कोई और आकर कहेगा कि संस्कृत को अनिवार्य बनाया जाये, कोई पंजाबी को अनिवार्य करने की मांग करेगा।” न्यायालय ने याचिकाकर्ता भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए सरकार खुद ही काफी प्रयास कर रही है। ये नीतिगत फैसले हैं और इस तरह का कोई आदेश न्यायालय कैसे पास कर सकता है। श्री उपाध्याय की ओर से जिरह कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस सूरी ने बाद में याचिका वापस ले ली।


भारत जवाबी कार्रवाई करेगा.सेना प्रमुख रावत

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नयी दिल्ली 4 मई, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज कड़ा रूख अपनाते हुए कहा कि नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना ने हमारे दो सुरक्षाकर्मियों के शवों को जिस प्रकार क्षत विक्षत किया है ,भारत भी शत्रु की ऐसी हरकतों पर जवाबी कार्रवाई करेगा ।

जनरल रावत ने इस घटना में भारत की संभावित कार्रवाई के ब्यौरे साझा करने से इंकार कर दिया। कुछ दिनों पहले नियंत्रण रेखा के समीप पाकिस्तानी सैन्य कर्मियों ने हमारी सेना के एक नायब सूबेदार और बीएसएफ के हेड कांस्टेबल की जान लेकर उनका शव क्षत विक्षत कर दिया था।

उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद जम्मू कश्मीर में घुसपैठ रोधी तंत्र को और चौकन्ना कर दिया गया है उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले से आगे की योजनाओं के बारे में चर्चा नहीं करते। हम क्रियान्वयन के बाद ब्यौरे साझा करते हैं।’’

परमाणु उर्जा के प्रति जागरूकता के लिए बार्क ले रहा नाटकों का सहारा

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नयी दिल्ली 4 मई, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) लोगों में परमाणु उर्जा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए अब नाटकों का सहारा ले रहा है और इस क्रम में इसने दो नाटक तैयार किए हैं । बार्क द्वारा तैयार किया गया नाटक ‘कम में है दम’ देश को परमाणु उर्जा की आवश्यकता के बारे में बताने के साथ ही लोगों में परमाणु उर्जा संयंत्रों के प्रति व्याप्त आशंकाओं को भी दूर करने का काम कर रहा है । ‘कम में है दम’ नाटक के निर्देशक एवं मुख्य अभिनेता यतिन ठाकुर ने कहा कि नाटक अपनी बात लोगों तक पहुंचाने की एक महत्वपूर्ण विधा है और परमाणु उर्जा विभाग के तहत बार्क ने भी इस मंचन कला का सहारा लिया है । उन्होंने बताया कि नाटक देश को परमाणु उर्जा की आवश्यकता के बारे में बताता है और साथ ही लोगों के मन में इसके प्रति व्याप्त आशंकाओं को भी दूर करता है । यतिन ने कहा कि नाटक में वह खुद तथा एएम लिखिते प्रमुख भूमिकाओं में हैं । नाटक के लेखक डॉ. केपी मुथे हैं । इसकी अवधारणा आरके सिंह ने तैयार की है तथा विजुअल्स और तकनीकी सहायता में आरपी बडाडे की महत्वपूर्ण भूमिका है । उन्होंने बताया कि बार्क द्वारा तैयार किया गया दूसरा नाटक ‘इलेक्ट्रिसिटी की दुनिया का सीईओ’ है । दोनों ही नाटकों के किरदार, लेखक निर्देशक तथा अन्य लोग बार्क के ही अधिकारी एवं कर्मचारी हैं ।

मुम्बई में पकड़ा गया आईएसआई का संदिग्ध एजेंट

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लखनउ 4 मई, उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संदिग्ध एजेंट की फैजाबाद में गिरफ्तारी के बाद उसे जासूसी के बदले धन देने वाले एक अन्य संदिग्ध आईएसआई एजेंट को भी महाराष्ट्र एटीएस की मदद से मुम्बई से गिरफ्तार कर लिया। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की एटीएस की कल संयुक्त कार्रवाई में गुजरात के राजकोट के रहने वाले अल्ताफ भाई कुरैशी को मुम्बई के पाय धुनी क्षेत्र स्थित पोपल वाड़ी से गिरफ्तार किया गया। उत्तर प्रदेश एटीएस के महानिरीक्षक असीम अरुण ने बताया कि अल्ताफ कथित रूप से हवाला का अवैध कारोबार करता है और आरोप है कि उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के कहने पर एक अन्य एजेंट आफताब के खाते में धन जमा कराया था। आफताब को यूूपी एटीएस, सेना की खुफिया इकाई और उत्तर प्रदेश की खुफिया इकाई के आपसी समन्वय से कल फैजाबाद से गिरफ्तार किया गया था। अल्ताफ के पास से लगभग 70 लाख रुपये भी बरामद किए गए हैं। उससे पूछताछ की जा रही है। इस गिरफ्तारी से आईएसआई नेटवर्क की और परतें खुल सकती हैं। इस प्रकरण में अभी और गिरफ्तारियाँ संभव हैं। आरोप है कि आफताब अली नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के संपर्क में था और एटीएस को उसके खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं। एटीएस ने एक अन्य संदिग्ध व्यक्ति को भी हिरासत में लिया है। आफताब के पास से बरामद हुये फोन से आईएसआई नेटवर्क को लेकर और अधिक जानकारी मिलने की संभावना है। आफताब के बैंक खाते में जमा हुये पैसे के बारे में भी जानकारी एकत्र की जा रही है।

एटीएस ने सभी जिला पुलिस कप्तानों को सतर्क कर दिया है। संभावित खतरे को लेकर रेलवे के पुलिस अधीक्षकों को भी सतर्क कर दिया गया है। एटीएस ने हाल ही में आईएसआईएस-खोरासान माड्यूल का पर्दाफाश किया था। पिछले महीने इसी माड्यूल से संबद्ध संदिग्ध आतंकवादी सैफुल्लाह लखनउ में एक मुठभेड में मारा गया था।

जिंदल के खिलाफ कोयला मामला: पांच नए आरोपियों के खिलाफ अंतरिम जमानत बढ़ाई गई

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नयी दिल्ली 4 मई, दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस के नेता एंव उद्योगपति नवीन जिंदल और अन्य के खिलाफ कोयला घोटाला मामले में सीबीआई की ओर से दायर पूरक आरोपपत्र में जिन पांच नए आरोपियों के नाम दर्ज हैं, आज उनकी अंतरिम जमानत को 25 मई तक के लिए बढ़ा दिया। विशेष सीबीआई जज भरत पराशर ने आरोपियों को इस आधार पर राहत दी कि सीबीआई ने अभी तक इन्हें सभी दस्तावेज नहीं उपलब्ध कराए हैं। इन आरोपियों में जिंदल स्टील के सलाहकार आनंद गोयल, गुड़गांव की ग्रीन इन्फ्रा के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ मादरा, निहार स्टॉक्स लिमिटेड के निदेशक बीएसएन सूर्यनारायण, मुंबई के केई इंटरनेशनल के मुख्य वित्तीय अधिकारी राजीव अग्रवाल और मुंबई के एस्सार पावर लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष सुशील कुमार मारू के नाम शामिल हैं। अदालत ने मामले से जुड़े दस्तावेज दिए जाने में देरी पर कड़ी आपत्ति जताई और सीबीआई में एसपी रैंक के अधिकारी से इस मामले में निजी तौर पर गौर करने के लिए कहा।


दक्षिण कश्मीर में आतंकवादी विरोधी बड़ा अभियान शुरू

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श्रीनगर 4 मई, सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के कई इलाकों में आतंकवादियों के खिलाफ आज एक बड़ा अभियान शुरू किया , लेकिन पथराव करने वाली भीड़ उनके प्रयासों में बाधा डाल रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद शोपियां जिले के जैनपोर के छह गांवों में ये अभियान शुरू किए। इस माह दक्षिण कश्मीर के कई बैंकों में विशेषकर शोपियां और पुलवामा जिले के बैंकों में अनेक हमले हुए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आधी रात को शुरू किए इस अभियान में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि हालांकि इन इलाकों में कुछ समूहों के सुरक्षा बलों पर पथराव करने से अभियान बाधित हो रहा है। उन्होंने बताया कि पथराव करने वालों को भगाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को मौके पर भेजा गया है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों और पथराव करने वालों के बीच झड़पों में अभी तक किसी के हताहत होने की कोई रिपोर्ट नहीं है, अभियान अभी जारी है। अधिकारियों द्वारा 22 ऐसे स्थानों और एपलिकेशन पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद हाल ही में बड़े आतंकवादी समूहों के कुछ मामलों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं । सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह वीडियो दक्षिण कश्मीर इलाके, विषेशकर शोपियां जिले के हैं।

डिजिटल इंडिया से मीडिया व मनोरंजन क्षेत्र का होगा विकास:नायडू

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 नयी दिल्ली 04 मई,  सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने आज कहा कि सरकार मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के और विकास के लिए उपयुक्त वातावरण उपलब्ध करने के लिए वचनबद्ध है और उसके डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया अभियान इन क्षेत्रों को मजबूत करेंगे। श्री नायडू ने भारतीय दूरसंचार प्राधिकरण के दो दशक पूरे होने के अवसर पर यहां आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा कि डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया अभियान से ऑनलाइन संगीत और गेम जैसे उद्योग मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि ये अभियान वस्तु एवं सेवा कर समेत नये बदलावों के स्पष्ट संकेत हैं और मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के लिए ये क्रांतिकारी साबित होंगे। उन्होंने कहा कि देश में प्रसारण क्षेत्र डिजिटल प्रसारण के नये युग में प्रवेश करने की दहलीज पर है। इससे नवीनतम प्रौद्योगिकीय नवाचारों के इस्तेमाल के लिए कई अवसर प्राप्त होंगे, जिससे लोेगों तक न केवल सेवा की पहुंच बढ़ेगी बल्कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण सेवा प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल टेरेस्ट्रियल टेलीविजन( डीटीटी) इस समय महत्वपूर्ण चरण में है और भारत के लोकप्रसारक दूरदर्शन की 44 और शहरों तक डीडीटी का विस्तार करने की योजना है। श्री नायडू ने डीटीटी के समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए अनुशंसाएं करने के वास्ते भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण(ट्राई) की सराहना करते हुए कहा कि डिजिटल प्रसारण की ओर बढ़ने पर कई चुनौतियां भी सामने आयी हैं और इस संबंध में किसी भी बाधा से पार पाने में ट्राई की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया के तहत विभिन्न डिजिटल उपकरणों का निर्माण देश में ही होने लगा है और संबंधित पक्षों को देश में उपकरणों के विकास को बढ़ावा देना चाहिए। 



निर्भया मामला : सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनायेगा फैसला

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नयी दिल्ली, 04 अप्रैल, राजधानी के कुख्यात निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले के दोषियों को फांसी की सजा मिलेगी या राहत, इस पर उच्चतम न्यायालय में कल फैसला आ सकता है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ के समक्ष मुकेश, पवन, विनय और अक्षय की अपील को कल फैसले के लिए सूचीबद्ध किया गया है। शीर्ष अदालत कल अपराह्न दो बजे फैसला सुनायेगी। न्यायालय ने गत 27 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायालय यह तय करेगा कि राजधानी में 16 दिसम्बर 2012 को एक पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार मामले के दोषियों को दी गयी फांसी की सजा बरकरार रखी जाये या उन्हें कुछ ढील दी जाये। राजधानी की एक त्वरित अदालत ने निर्भया मामले के चारों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनायी थी, जिसे दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 मार्च 2014 को सही ठहराया था। इसके खिलाफ इन लोगों ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। इन चारों के अलावा एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में ही आत्महत्या कर ली थी, जबकि एक अन्य नाबालिग आरोपी को बाल अपराध न्याय बोर्ड ने सुधार गृह भेज दिया था। उसने सुधार गृह में सजा के अपने तीन साल पूरे कर लिये हैं। दोषियों की अपील पर उच्चतम न्यायालय ने फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद तीन न्यायाधीशों की पीठ को यह मामला भेज दिया गया था। न्यायालय ने अपनी मदद के लिए दो न्याय-मित्र नियुक्त किये थे। 


मियांवाली गाेलीबारी में शहीद एएसआई के परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा

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नयी दिल्ली,04 मई, राजधानी दिल्ली के मियांवाली नगर क्षेत्र में रविवार को बदमाशों की गोलीबारी में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के सहायक पुलिस उप निरीक्षक विजय कुमार के परिजनों के लिए दिल्ली सरकार ने एक करोड़ रुपये की मुआवजा राशि मंजूर की है। इस घटना में दो अन्य लोगों की माैत हो गई थी। दिल्ली सरकार के प्रवक्ता ने आज बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सहायक पुलिस उप निरीक्षक विजय कुमार के परिजनों के लिए एक करोड़ रूपये की मुआवजा राशि को मंजूरी दी है। यह घटना रविवार रात 11 बजे उस समय हुई जब मोनू दरियापुर और उसके दोस्त अरुण तथा मोनू की सुरक्षा में लगे विजयकुमार तथा कांस्टेबल कुलदीप पर कार और बाइक सवार बदमाशों ने जाेरदार गोलीबारी की जिसमें मोनू उसके दाेस्त तथा विजय कुमार की मौत हो गई थी। कांस्टेबल कुलदीप बुरी तरह घायल है जिसका एक अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। कुलदीप के बयान के आधार पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

भारत ने ब्रिटेन से माल्या को जल्द प्रत्यर्पित करने को कहा

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नयी दिल्ली 04 मई,  भगोडे शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ जल्द कार्रवाई की मांग के बीच भारत ने आज ब्रिटेन से माल्या को जल्द भारत भेजने को कहा जबकि दोनों देश प्रत्यर्पण संधि पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर करने के करीब पहुंच गये । आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि गृह सचिव राजीव महर्षि ने ब्रिटेन के गृह सचिव पैट्सी विल्किंसन के साथ यहां बैठक में माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को जल्द पूरी करने का आग्रह किया । माल्या पर ब्रिटेन की एक अदालत में मामला चल रहा है और वह अभी जमानत पर है । इस बीच गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी अशोक प्रसाद ने कहा ,‘ हमने प्रत्यर्पण के अनुरोधों की अडचनों को दूर करने पर विचार -विमर्श किया। ’ उन्होंने कहा कि भारत और ब्रिटेन ने आतंकवाद विरोधी तंत्र में सहयाेग करने तथा साइबर अपराध को रोकने में परस्पर सहयोग पर भी जोर दिया । हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि विजय माल्या का मामला अदालत में विचाराधीन है । 

दोनों पक्षों ने ब्रिटेन में कुछ खालिस्तानी आतंकवादी तत्वों की मौजूदगी पर भी चर्चा की । श्री प्रसाद ने बताया कि ब्रिटेन ने इस मामले पर गौर करने का आश्वासन दिया । दोनों देशों ने अवैध आव्रजकों की चुनौतियों को दूर करने तथा ब्रिटेन में तय अवधि से ज्यादा समय तक रह रहे भारतीयों की जांच के बाद उनकी बाधारहित वापसी के मसले पर मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जतायी । बैठक में खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान की प्रणाली को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई। प्रत्यर्पण के लिए दोनों देशों के बीच अभी तक कोई संधि नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने ब्रिटेन से माल्या के प्रत्यर्पण के लिए इस साल फरवरी में औपचारिक अनुरोध किया था। माल्या को स्काटलैंड यार्ड पुलिस ने गिरफ्तार किया था लेकिन वेस्टमिंस्टर की अदालत ने उसकी जमानत मंजूर कर ली थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कल कहा था कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी है। ब्रिटेन के कानून के मुताबिक माल्या की जमानत मंजूर कर ली गयी है और इसी माह बाद में अदालत में उसका मामला फिर आएगा। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय और केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) माल्या के मामले में ब्रिटेन की सरकारी एजेंसियों के साथ सबूत को साझा कर सकती हैं। 


विशेष आलेख : पाकिस्तान को सबक सिखाना ही होगा

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पाकिस्तान ने एक बार फिर से भारत की कश्मीर घाटी में अपने चरित्र को दोहराया है। बार बार भारतीय सीमा पर हमला कर आतंक फैलाना पाकिस्तान सुधरने की दिशा में जाना ही नहीं चाहता। हालांकि पाकिस्तान इस बात को भली भांति जानता है कि भारत से मुकाबला नहीं किया जा सकता। पाकिस्तान ने भारत द्वारा किए गए सर्जीकल स्ट्राइक के दंश को भोगा है। इसके कारण पाकिस्तान में लम्बे समय तक भयावह वातावरण बना रहा। सरकार के विरोध में जनता के स्वर सुनाई देने लगे। अब फिर से समय आ गया है कि बार बार पाकिस्तान द्वारा की जा रही कायरता पर्ण कार्यवाही का उचित जवाब दिया जाए। पाकिस्तान की इस कायराना हरकत के कारण पूरा देश गुस्से में है। साथ ही शोक में डूबा हुआ है। हर एक की जुबां पर बस यही एक सवाल है कि आखिर कब तक हम जवानों की शहादत पर आंसू बहाते रहेंगे। कभी सुकमा में हमारे जवानों को निशाना बनाया जाता है तो कभी भारत पाकिस्तान की सीमा पर देश की रक्षा करते करते हमारे जवानों को शहीद होना पड़ता है। आखिर कब सुधरेगा पाकिस्तान? कुछ इसी तरह के अनेक सवाल आज हर देशवासियों के मन में उठ रहे हैं। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान लगातार हमारे जवानों को निशाना बना रहा है, हालांकि भारतीय जवान भी किसी से कम नहीं है। वे भी पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादियों को अपना जवाब दे रहे हैं। वे अगर हमारे दो जवानों को निशाना बनाते हैं तो हमारे जवान उनके दस जवानों को मौत के घाट उतार रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या इसी तरह से सब चलता रहेगा। पाकिस्तान को सुधरना ही होगा। हालांकि पिछले दस सालों की अपेक्षा इन दो-तीन सालों में पाकिस्तान को सुधारने के लिए काफी प्रयास वर्तमान सरकार द्वारा किए गए हैं। सर्जिकल स्ट्राइक इसका बड़ा उदाहरण है। सर्जिकल स्ट्राइक के माध्यम से सरकार ने कम से कम पाकिस्तान को यह जताने का काम तो किया ही कि वह किसी से कम नहीं है, उसको भी पाकिस्तान की भाषा में जवाब देना आता है। जिसकी आज भी आवश्यकता महसूस की जाने लगी है।


भारतीय सीमा पर हमारे दो जवानों की शहादत के बाद पाकिस्तान ने जो कायराना हरकत की, उसके जवाब में भारतीय सेना तुरंत हरकत में आई और उसने पाकिस्तान के दस सैनिक को मौत के घाट उतार दिया लेकिन पाकिस्तान भविष्य में कोई हरकत न कर सके, इसके लिए हमें तैयार रहना होगा और ऐसी ठोस रणनीति तैयार करनी होगी जिससे पाकिस्तान भारत की ओर मुंह उठाकर भी न देख सके। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को घेरने की रणनीति पर भारत को एक बार फिर से कदम बढ़ाने होंगे। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को अपनी बात पुरजोर तरीके से रखना होगी ताकि दुनिया को पता चल सके कि पाकिस्तान भारत के लिए ही खतरा नहीं है बल्कि अन्य देशों के लिए भी खतरा बनता जा रहा है। पाकिस्तान के बारे में यदि यह कहा जाए कि उसके द्वारा फैलाया जा रहा आतंकवाद आज पूरे विश्व के लिए खतरनाक बनता जा रहा है, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं कही जाएगी। हालांकि इसममें पाकिस्तान के साथ और भी कई देश शामिल हैं, लेकिन यह भी सच्चाई है कि पाकिस्तान ने अपने देश में आतंक का पर्याय बने आकाओं को सुरक्षा प्रदान की। पाकिस्तान यह बात अच्छी तरह से जानता है कि यदि उसने भारत में हिंसा करने की कोशिश की तो पाकिस्तान का अस्तित्व संकट में पड़ सकता है, उसे ध्यान रखना होगा कि 1971 में भारत के साथ टकराने का दुष्परिणाम यह हुआ कि पाकिस्तान का एक भाग बांग्लादेश के नाम से स्थापित हो गया।

पाकिस्तान के बारे में यदि यह कहा जाए तो सर्वथा उचित ही होगा कि उसका जन्म नफरत के आधार पर ही हुआ। यही नहीं उसकी तुलना कुत्ते की पूंछ से की जाए तो भी सही ही होगा। पाकिस्तान की तरफ ने कई बार दोस्ती की कवायद की गई, लेकिन पाकिस्तान ने कभी दोस्ती के महत्व को नहीं समझा और न ही समझने की चेष्टा कर रहा है। वह जाने अनजाने में दोस्ती की भाषा का प्रयोग केवल अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को बताने के लिए ही करता रहा है। लेकिन वह इस बात को भी भली भांति जान चुका है कि आज विश्व पटल पर वह आतंकवादी देश के रुप में विख्यात हो चुका है। और इस छवि से वह चाहकर भी बाहर निकलने की स्थिति में नहीं है। क्योंकि पाकिस्तान में रह रहे आतंकवादी सरकार के इशारे पर नहीं, बल्कि सरकार उनके संकेत पर काम करती हुई दिखाई दे रही है। वर्तमान में यह प्रतिदिन की बात हो गई है कि भारत-पाक सीमा पर भारतीय सैनिक देश की रक्षा के लिए शहीद हो रहे हैं। लेकिन हमारी सरकार पाक के खिलाफ कड़ा कदम नहीं उठा रही है, जबकि हम पाकिस्तान को सबक सिखाने में सक्षम हैं। हमारे ताकतवर रणबांकुरे वीरता के लिए दुनिया में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं। हमारी सरकार को पाकिस्तान पर बड़ा हमला करना होगा। इसके बिना हमारे सैनिकों का रोज-रोज शहीद होना बंद नहीं होगा। हमारे यहां एक कहावत कही जाती है कि रोज रोज मरने से अच्छा है कि एक बार मरा जाए। पाकिस्तान की हरकत को सहन करना रोज रोज मरने जैसा है। इससे अच्छा तो यही होगा कि एक बार आर पार की कार्यवाही की जाए और पाकिस्तान की इन कायराना पूर्ण हरकतों का मुंह तोड़ जवाब दिया जाए।


भारत स्थित पाकिस्तानी दूतावास की बात की जाए तो यह बात कई बार उजागर हो चुकी है कि यहां से भारतीय संस्थानों के बारे में अति गोपनीय सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है। यहां से कई बार पाकिस्तानी गुप्तचरों को सूचना देते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है। इसके साथ ही हमें इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि हमारे देश में कई पाकिस्तानी गुम हो गए हैं। यह गुम हुए नागरिक क्या कर रहे हैं? यह हमारे गुप्तचर संस्थाओं को पता लगाना होगा। अगर भारत सरकार को कड़ा कदम उठाना है तो सबसे पहले पाकिस्तानी दूतावास को बंद करना होगा, नहीं तो भारत की बातें पाकिस्तान पहुंचती ही रहेंगी। और भारत में पाकिस्तान के आतंकवादियों की घुसपैठ होती रहेगी। भारतीय सीमा पर अब आतंकवाद अति को पार करता हुआ दिखाई देने लगा है। जहां तक भारतीय जवानों पर गोली चलाने की बात थी, तो यह आमने सामने की लड़ाई में होता ही है, लेकिन जवानों के सिर काट लेना अक्षम्य अपराध है। अब भारत को आरपार की लड़ाई लड़नी होगी। इसके अलावा कोई हल नहीं दिखाई पड़ता। इसमें किसी प्रकार का नरम रवैया नहीं अपनाना होगा, क्योंकि नरम रवैया कई बार अपना चुके हैं और पाकिस्तान भारत की इसी कमजोरी का फायदा उठाता रहा है। सेना को भी बंधनमुक्त करना होगा। उसे इस बात की स्वतंत्रता देनी होगी कि अगर पाकिस्तान भारत की सीमा लांघता है तो हर हाल में सबक सिखाएं, किसी से भी पूछने की जरूरत नहीं है और न ही किसी से आर्डर लेने की जरूरत है। सेना का मनोबल हर हाल में बढ़ाना होगा ताकि वह तात्कालिक निर्णय ले सकें। 



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सुरेश हिन्दुस्थानी
झांसी, उत्तरप्रदेश पिन- 284001
मोबाइल-09455099388
(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)

आलेख : ग्लोबलगिविंग की भारत में संभावनाभरी दस्तक

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दुनियाभर के दानदाताओं को भारत में दान के लिये प्रोत्साहित किये जाने की दृष्टि से क्राउडफंडिंग एक सशक्त माध्यम है। भारत के लिए क्राउडफंडिंग भले ही नया हो पर इसकी अपार संभावनाएं हैं। आने वाले समय में क्राउडफंडिंग भारत की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं, सेवा उपक्रमों एवं धार्मिक कार्यों के लिये दान की उपलब्धता का बेजोड़ माध्यम होगा। भारत के सुनहरे भविष्य के लिए क्राउडफंडिंग अहम भूमिका निभा सकती है और क्राउडफंडिंग भारत में काफी सफल भी हो सकता है क्योंकि यहां अमीर-गरीब के बीच गहरी खाई है। तकनीक एवं सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया में भारत की अलग पहचान है। यह उसे पाटने में अहम भूमिका निभा सकता है। इसके जरिए अमीर एवं सुविधा संपन्न वर्ग मिलकर गरीबों की मदद कर सकते हैं। इससे उन लोगों की जिंदगी में बदलाव आएगा, जो पैसों की कमी की वजह से बुनियादी जरूरतों से वंचित रह जाते हैं। हम अब तक क्राउडफंडिंग से भारत में दान का मतलब सिर्फ गरीबों और लाचारों की मदद करना समझते आ रहे हैं जो कि अब कला, विज्ञान शिक्षा, चिकित्सा और मनोरंजन को समृद्ध करने का भी जरिया होगा। ऐसा होने से क्राउडफंडिंग की उपयोगिता एवं महत्ता सहज ही बहुगुणित होकर सामने आयेंगी। हम जहां रहते हैं वहां एक-दूसरे की मदद के लिए लोगों को आगे आना चाहिए बिना उनके सहयोग के समाज आगे नहीं बढ़ सकता। इस तरह की मदद के लिए हम आगे नहीं आएंगे तो पैसों की कमी के चलते हमारे समाज से जुड़ा एक वंचित वर्ग काफी पीछे चला जाएगा। फिर हमारे ही समाज में सामाजिक समरसता नहीं रह पायेगी।   


भारत के प्रमुख गैर लाभकारी, सामाजिक एवं व्यक्तिगत उद्यमों के क्राउडफंडिंग मंच इम्पैक्ट गुरु ने स्वल्प समय में देश की सोच को बदलने के साथ क्राउडफंडिंग को प्रचलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हाल ही में इम्पैक्ट गुरु ने आधिकारिक तौर पर अमेरिका और ब्रिटेन की प्रमुख ग्लोबलगिविंग के साथ अंतरराष्ट्रीय करार किया है। ग्लोबलगिविंग दुनिया का सबसे सशक्त एवं लोकप्रिय क्राउडफंडिंग मंच है। इस करार के अंतर्गत भारत के गैर सरकारी संगठनों को चिकित्सा एवं व्यक्तिगत कारणों के लिए क्राउडफडिंग के माध्यम से धन जुटाया जाएगा। इससे भारतीय मूल के विदेशों में बसे अंतर्राष्ट्रीय दाताओं को कर-लाभ की सुविधा प्राप्त होगी, विशेषकर अमेरिका और ब्रिटेन में बसे गैर निवासी भारतीय यानी भारतीय मूल के लोगों को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए इम्पैक्ट गुरु ग्लोबलगिविंग की तकनीक एवं अंतर्राष्ट्रीय संरचना का उपयोग कर भारत में क्राउडफडिंग को प्रोत्साहित करने का धमाकेदार आगाज कर रहा है। वह भारत के सामाजिक कार्यों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा दान जुटाने का डिजिटल मंच होगा।

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भारत दुनिया में सबसे बड़ा गैर लाभकारी संगठनों का घर है जहां 33 लाख गैर सरकारी संगठन प्रति वर्ष अंतर्राष्ट्रीय दाताओं से 8500 करोड़ रुपये से अधिक का धन जुटाते हैं। दान और परोपकार के माध्यम से करों में लाभ प्राप्त किया जा सकेगा। ग्लोबलगिविंग के साथ हुए करार से अमेरिका और ब्रिटेन के भारतीय दाताओं को कर छूट की सुविधा प्राप्त हो सकेगी और इस तरह भारत के गैर सरकारी संगठनों एवं सामाजिक उद्यमों को अधिक लोकोपकारी एवं जनकल्याणकारी कार्यों के लिए प्रवासी भारतीयों से पूंजी जुटाने की सकारात्मक स्थितियों का बनना देश के लिये शुभ है। भारत सरकार का अनुमान है कि अमेरिका और ब्रिटेन में 60 लाख से अधिक गैर निवासी भारतीय एवं भारतीय मूल के लोग रहते हैं। ब्रिजस्पेन ग्रुप की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार अगर अमेरिका में प्रवासी भारतीयों का धार्मिक कार्यों में योगदान वहां की अन्य आबादी के समान आय वर्ग के अनुरूप था और उन्होंने उसमें से चालीस प्रतिशत परोपकारी सहायता के लिए भारत को चुना है। इस तरह 8000 करोड़ का अतिरिक्त फण्ड इस तरह के दाताओं के द्वारा भारतीय सामाजिक कार्यों के लिए भारत की ओर अग्रसर हो सकेगा, जिससे भारत में न केवल नवीन योजनाओं का आगाज होगा बल्कि आधी-अधूरी पड़ी योजनाएं भी पूरी हो सकेगी। ग्लोबलगिविंग का भारत में सक्रिय होने से अनेक फायदें हैं। इसके माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय दानदाताओं को भारत के गैर सरकारी संगठनों में सहायता के लिए प्रोत्साहित करने हेतु इन संगठनों की पारदर्शिता एवं प्रामाणिकता के बारे में आश्वस्त किया जा सकता है क्योंकि वे एक व्यापक अनुशासन एवं पारदर्शी प्रक्रिया के अंतर्गत वहां सहायता के लिए तत्पर होंगे। 

भारत स्थित सामाजिक उद्यम आॅनलाइन धन उगाहने या इम्पैक्ट गुरु के माध्यम से धन अनुदान जुटाने के लिए पात्र होंगे। ग्लोबलगिविंग के साथ इम्पैक्ट गुरु के करार से न केवल भारत बल्कि दक्षिणपूर्व एशिया के सिंगापुर, हांगकांग, मलेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस, इंडोनेशिया सहित अनेक देशों में गैर-लाभकारी संस्थाओं और सामाजिक उद्यमों को इम्पैक्ट गुरु के माध्यम से धन उगाहने के लिए सक्षम करेगी। इम्पैक्ट गुरु के संस्थापक श्री पीयूष जैन ने इस करार के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इम्पैक्ट गुरु भारत में अपनी क्राउडफडिंग गतिविधियों को प्रारंभ करने से पहले लगभग एक दशक तक का समय भारत से बाहर के देशों में बिताया है। हम प्रवासी भारतीयों को कर लाभ देने एवं भारत के गैर सरकारी संगठनों को प्रदत्त की जाने वाली सहायता की पारदर्शिता के लिए तत्पर होंगे। ग्लोबलगिविंग के साथ भागीदारी को लेकर अति उत्साहित एवं रोमांचित श्री जैन ने कहा कि हम भारत के लिए क्राउडफडिंग को लेकर उदासीनता की स्थितियों को दूर कर सकेंगे और भारत के दुनिया भर में फैले लोगों कोे क्राउडफडिंग के लिए एक सशक्त एवं अनुकूल मंच दे सकेंगे। उधर ग्लोबल गिविंग भी भारत में सक्रिय होकर आशावादी है। उसके एक  प्रवक्ता एवं मुख्य नेटवर्क अधिकारी जाॅन हेकलिंगर का एक बयान इकानोमिक टाइम्स में छपा है, जिसमें उन्होंनें कहा कि ग्लोबलगिविंग इम्पैक्ट गुरु के साथ सहभागी बनकर अति उत्साहित हैं। इम्पैक्ट गुुरु के सहयोग से भारत के गैर सरकारी संगठनों के लिए भारत, अमेरिका और ब्रिटेन के दानदाताओं को एक सशक्त मंच लेन देन के लिए प्रस्तुत करेगा। ग्लोबलगिंविग की इम्पैक्ट गुरु के साथ इस साझेदारी से वैश्विक सामाजिक क्षेत्र को यह जानने में मदद मिलेगी कि दानदाता और गैर सरकारी संगठन स्थानीय और वैश्विक स्तर पर कैसे काम करते हैं।


इम्पैक्ट गुरु एक संपूर्ण क्राउडफडिंग मंच है यह सेवा और परोपकार के क्षेत्र में एक ऐसा समाधान है जिसमें सामाजिक एवं दान विषयक जरूरतों के लिए क्राउडफडिंग के उपक्रम किये जाते हैं। इसके अंतर्गत चिकित्सा, व्यक्तिगत जरूरतों, गैर लाभकारी उपक्रमों, सामाजिक उद्यमों, या स्टार्ट-अप के लिए छोटे या बड़े सभी तरह के धन जुटाने के उपक्रम किये जाते हैं। कंपनी हाॅवर्ड इनवेशन लैब के नवीन खोजकारी उद्यम एवं प्रोत्साहन कार्यक्रम से प्रेरणा एवं प्रशिक्षण पाने के लिए सन 2014 में अमेरिका में सहभागी रहा है। ग्लोबल गिविंग दुनिया का प्रथम और सबसे बड़ा गैर लाभकारी वैश्विक क्राउडफडिंग समुदाय है। ग्लोबलगिविंग सर्वोच्च परोपकार एवं परोपकारी गतिविधियों के लिए सहायता जुटाने का संचालक है जिसने 16000 से अधिक परियोजनाओं के लिए 580000 से अधिक दाताओं से 250 मिलियन से अधिक की सहायता जुटायी है। ग्लोबलगिविंग दुनिया भर के स्थानीय गैर लाभकारी संगठनों को समझने में सहायता करती है कि वे अपने समुदायों के समर्थन के लिए किस तरह से सबसे उपयुक्त हैं विशेषकर संकटकालीन स्थितियों में राहत और संकटों से उबरने के लिए। प्रत्येक संगठन के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए की दान के लिए वह उपयुक्त पात्र है और उसकी आवश्यकताएं उचित हैं, एक संपूर्ण एवं गहन जांच की जाती है। ़विशेषकर प्रवासी भारतीयों को भारत में सामाजिक कार्यों के उत्थान एवं निवेश हेतु प्रेरित किया जाएगा। जिसमें वित्तीय समावेशन, स्वच्छ तकनीक, शिक्षा, शुद्ध पीने का पानी, स्वच्छता और स्वास्थ्य सहित विभिन्न सामाजिक जरूरतों के साथ-साथ परोपकार एवं सेवा से जुड़े क्षेत्रों में निवेश होगा। 

भारत में क्राउडफंडिंग को स्थापित करने का श्रेय श्री पीयूष जैन को ही जाता है। उनके अनुसार तमाम सार्वजनिक योजनाओं, धार्मिक कार्यों, जनकल्याण उपक्रमों और व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग इसका सहारा ले रहे हैं। इम्पैक्ट गुरु पूर्व में भी अनेक गैर सरकारी संगठनों के साथ अपनी सेवाएं दी हैं जिनमें आॅक्सफेम, एसओएस बाल ग्राम, हैविडेट फाॅर हयूमिनिटी, सीएसआर विभाग- टाटा, गोदरेज, वाॅकहार्ट आदि हैं। वह डेलबर्ग और आशा इम्पैक्ट जैसे संगठनों की तरह ही अपना विस्तार करना चाहता है। श्री पीयूष जैन का मानना है कि क्राउडफंडिंग भारत को दुनिया में एक अलग पहचान दिलायेगी। इसको गति देने के लिए वे इम्पैक्ट गुरु की कार्ययोजना को आकार देने के लिये सक्रियता से जुटे हैं। इम्पैक्ट गुरु जागरूकता लाकर लोगों में दान की एक नई परम्परा को विकसित करेगा। दान देने के लिए हमें लोगों को प्रेरित करना है। श्री पीयूष जैन का मानना है समाज में जो सुविधा संपन्न लोग हैं उनकी भी समाज के प्रति जिम्मेदारी बनती है अतः अपनी आय का कुछ हिस्सा इन गरीबों के उत्थान एवं उन्नयन में खर्च करना चाहिए। श्री जैन कहते हैं कि बड़े दानदाता ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे दान को प्रोत्साहन किया जायेगा। लोगों में भी दान देने का प्रचलन बढ़ाना हमारा लक्ष्य है। विशेषतः नवयुवकों मंे जनकल्याण एवं सामाजिक भागीदारी के लिए दान की परम्परा के प्रति आकर्षण उत्पन्न किया जाएगा, जिसके माध्यम से सेवा और जनकल्याण के नये उपक्रम संचालित हो सकेंगे।




(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

झारखण्ड की अस्मिता पर सवाल खड़ा करने वालों के विरुद्ध हो कड़ी कार्रवाई : कमलाकांत सिन्हा।

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अमरेन्द्र सुमन (दुमका), भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की बातें करने वाली भाजपा सरकार के मुखिया रघुवर दास के शासन में भ्रष्टाचार के खिलाफ भले ही एड़ी-चोटी एक कर देने की बातें कही जाती रही हो, किंतु इस पर अंकुश अभी तक नहीं लग पाया है। उप राजधानी दुमका के प्रखण्ड शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्राअंतर्गत विभिन्न आदिवासी बहुल इलाकों में बंद पड़े अवैध पत्थर उत्खनन का कार्य बड़े पैमाने पर फिर से चालू हो गया है। पूर्व विधायक कमलाकांत प्रसाद सिन्हा ने खनन सचिव, झारखण्ड राँची को पत्र लिखकर शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्रान्गर्तग विभिन्न ग्रामीण इलाकों में प0 बंगाल के पत्थर माफियाओं द्वारा बिना किसी भय से किये जा रहे अवैध पत्थर कारोबारियों के त्वरित कार्रवाई की मांग की है। खनन सचिव को लिखे पत्र से डीसी, दुमका को भी अवगत कराया है। पूर्व विधायक श्री सिन्हा ने खनन सचिव को भेजे पत्र में लिखा है कि पिछले कुछ दिनों से प्रखंड के कुलकुली डंगाल, गोसाई पहाड़ी, कादर पोखर व रामजाम इत्यादि जगहों पर अवैध पत्थर खनन कारोबारी सुजित सोहराब, राजीव बनर्जी, लाल चन्द्र (सभी गोसाई पहाड़ी) बैद्यनाथ मंडल, राजीव बनर्जी, मो0 काजी, मो0 डालिम (कुलकुली डंगाल) मो0 मंसूर अली (कादर पोखर) मो0 बशार, कार्तिक गोराई, मो0 करिबूल व संदीप सैहियार (रामजाम) द्वारा बेखौफ यह गोरखधंधा चलाया जा रहा है। पूर्व विधायक श्री सिन्हा के अनुसार झारखण्ड-प0 बंगाल सीमान्तर्गत जहां एक ओर इन अवैध पत्थर उत्खनन कारोबारियों ने अपना साम्राज्य स्थापित कर रखा है वहीं दूसरी ओर क्षेत्र में इनकी उपस्थिति के विरूद्ध किसी की जुबान तक नहीं खुलती। श्री सिन्हा ने कहा है कि अवैध पत्थर खनन कार्यों से पिछले कई वर्षों से सरकारी राजस्व (खजाने) की बड़े पैमाने पर चोरी भी लगातार जारी है। ग्राम कुलकुली डंगाल में पत्थर व्यवसायी व पश्चिम बंगाल निवासी (पत्थर माफिया) राजीव बनर्जी द्वारा दाग संख्या 393 पर अवैध रूप से किए जा रहे पत्थर उत्खनन कार्यों के विरूद्ध उसी ग्राम के निवासी चुनका टुडू ने मोर्चा खोल रखा है। श्री टुडू के अनुसार उक्त दाग नम्बर के तहत 93 बीघा 15 कट्ठा 10 धूर के एक बड़े भूखंड पर जबरन कब्जा कर पत्थर माफिया राजीव बनर्जी अवैध रुप से पत्थर उत्खनन का कार्य करवा रहे हैं। ग्रामप्रधान कुलकुली डंगाल व अंचलाधिकारी शिकारीपाड़ा के द्वारा पत्थर माफिया के विरूद्ध पत्र संख्या 363/ रा0 दिनांक 21 अप्रैल 2016 के माध्यम से शिकारीपाड़ा थाना कांड संख्या 49/ 2016 के तहत एक एफआईआर भी दर्ज कराया गया था। ग्रामवासी श्री टुडू के अनुसार पत्थर माफिया राजीव बनर्जी के द्वारा प्रतिदिन 50-50 गाड़ी पत्थर का उत्खनन किया जा रहा है। मालूम हो, उपरोक्त व्यवसायी के विरूद्ध स्थानीय न्यायालय (दुमका) में मामला लंबित है, जबकि  हाईकोर्ट, राॅची से उसे जमानत मिल चुकी है। यह भी मालूम हो कि कुलकुली डंगाल में दाग संख्या 393 पर अवस्थित तकरीबन 94 बीघा जमीन गोचर भूखण्ड है। वर्षो से आदिवासी (संताल-पहाड़िया) समुदाय के लोग अपने-अपने मवेशियों को चराने व उनके विश्राम के निमित्त इस भूखण्ड  का प्रयोग करते आ रहे थे। गैंजर्स सेटलमेंट के खाता संख्या 47 की जमीन पर सूबे की सरकार व जिला प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए उपरोक्त पत्थर माफिया द्वारा किए जा रहे अवैथ पत्थर उत्खनन कार्यों से जहां एक ओर एसपीटी एक्ट का घोर उल्लंघन किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर स्थानीय आदिवासियों की अनदेखी की जा रही है। उपरोक्त ने अलग-अलग कहा कि यदि समय रहते जिला प्रशासन व राज्य सरकार की नींद नहीं खुली तो वह दिन दूर नहीं जब दूसरे राज्य के लोग झारखंड की अस्मिता पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा कर देंगे।

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