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इंदिरा गांधी के दिल में था भारत के लिये जुनून : प्रणव

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नयी दिल्ली, 13 मई, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भारत के भाग्य को संवारने में योगदान देने के लिये पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ करते हुये आज कहा कि भारत और यहां के लोगों के लिये उनमें जबरदस्त जुनून था। श्री मुखर्जी को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने श्रीमती इंदिरा गांधी पर लिखी किताब इंडियाज इंदिरा- ए सेंटेन्नियल ट्रिब्यूट’ की पहली प्रति भेंट की। इस किताब का संपादन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने किया है। इस मौके पर श्री मुखर्जी ने कहा, “ इंदिरा जी का पूरा जीवन भारत और भारत के लोगों के प्रति जुनून से भरा था, हमारे बुनियादी मूल्यों के लिए वह पूरी तरह प्रतिबद्ध थी। उनमें भारत को गरीबी से निकालने और वंचितों को ऊपर उठाने की इच्छा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को ऊंचा उठाने के लिए प्रतिबद्धता थी।” इस किताब का विमोचन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने तीनमूर्ति भवन के नेहरू मेमोरियल संग्रहालय एवं पुस्तकालय में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य कांग्रेसी नेताओं की मौजूदगी में किया। राष्ट्रपति ने कहा कि दिवंगत इंदिरा गांधी का जीवन साहस और दृढ़ विश्वास की गाथा है। उन्हाेंने कहा, “काम करने में निडरता और साहसी निर्णय उनके चरित्र की खासियत थी। उन्होंने अपने जीवन में सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ निरंतर संघर्ष किया।” इस माैके पर श्री अंसारी ने उनकी उपलब्धियों का बखान करते हुये कहा कि इंदिराजी के समय में भारत कुशल वैज्ञानिक एवं तकनीक संपन्न कामगारों के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश बना। उनके कार्यकाल के दौरान सैन्य शक्ति के मामले में यह दुनिया में पांचवे स्थान पर था, परमाणु शक्ति संपन्न छठा देश बना, अंतरिक्ष की दौड़ में सातवें और औद्योगिक क्षेत्र में दसवें स्थान पर रहा।’’


भारत ने लिया ‘वन बेल्ट वन रोड’ सम्मेलन के बहिष्कार का निर्णय

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नयी दिल्ली, 13 मई, भारत ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को उसकी संप्रभुता एवं प्रादेशिक अखंडता के विरूद्ध बताते हुए उसके बीजिंग में कल आयोजित ‘वन बेल्ट वन रोड’ सम्मेलन के बहिष्कार का निर्णय लिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने आज रात यहां बताया कि भारत को चीन की तरफ से ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ सम्मेलन के छह फोरम में भाग लेने के लिए निमंत्रण प्राप्त हुए हैं। उन्होंने साफ किया कि भारत आर्थिक विकास के लिए आर्थिक गलियारों एवं व्यापारिक मार्गों के विकास का समर्थक है। भारत की ऐक्ट ईस्ट नीति के तहत भारत-म्यांमार-थाइलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग का निर्माण किया जा रहा है। इसी प्रकार पश्चिम से परिवहन संपर्क के वास्ते ईरान के चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्त- दक्षिण परिवहन गलियारे के विकास के अलावा उसने अपने पड़ोसी देशों के साथ बीबीआईएन (भूटान-बंगलादेश-भारत-नेपाल) नेटवर्क के विकास की भी पहल की है। उन्होंने कहा कि तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को लेकर भारत का रूख सर्वविदित है। कोई भी देश ऐसी किसी परियोजना को स्वीकार नहीं कर सकता है जो उसकी संप्रभुता एवं प्रादेशिक अखंडता संबंधी मुख्य चिंताओं की अनदेखी करता है।

स्थाई शिक्षकों को नियुक्त करने पर अनुदान मिलेगा : जावडेकर

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नयी दिल्ली.13 मई, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि अगर कोई कालेज, विश्वविद्यालय या शैक्षिक संस्थान अपने यहाँ स्थाई शिक्षक नहीं रखेंगे तो सरकार उनका अनुदान का हिस्सा नहीं देगी1 श्री जावडेकर ने जानकारी दी यह पूछे जाने पर कि दिल्ली विश्वविद्यालय एवं अन्य कई शिक्षण संस्थाओं में ठेके पर शिक्षक रखे जा रहे हैं और सालों से वे पढ़ा रहे हैं .ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता कैसे बढ़ेगी,श्री जावेडकर ने कहा,“ हमने ठेके पर शिक्षकों को नियुक्त नहीं किया है हम तो कह रहे है कि आप स्थाई शिक्षकों को नियुक्त करो1 हमें जनादेश तो स्थाई शिक्षक के लिए मिला है1 हमने सरकारी अनुदान को इससे लिंक किया है  जो संस्थान स्थाई शिक्षक भर्ती करेंगे उन्हें अनुदान का हिस्सा मिलेगा  हम ने गुणवत्ता को भी इससे लिंक किया है  जिसकी गुणवत्ता अधिक होगी उसे अनुदान अधिक मिलेगा ” यह कहे जाने पर कि शिक्षकों के सातवें वेतन आयोग से सम्बंधित चौहान समिति की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं की गयी जबकि चड्ढा समिति ने अपनी सिफारिशें सार्वजनिक की थी ,उन्होंने कहा कि यह गलत परम्परा थी और हम उस गलती को नहीं दोहराएंगे ” यह पूछे जाने पर कि क्या पिछले वेतन आयोग के समय चड्ढा समिति ने जो सिफारिशें की थी उससे क्या इस बार अधिक अच्छी सिफारिश की गयी है ,उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि शिक्षक समुदाय को न्याय जरुर मिलेगा 


यह पूछे जाने पर कि शिक्षकों को अब तो पेंशन नहीं मिल रही है ,ऐसे में गुणवत्ता कैसे बढ़ेगी ,श्री जावडेकर ने कहा कि 2004 के बाद तो देश में पेंशन की व्यवस्था ख़त्म हो गयी इसलिए ऐसा हुआ है  यह कहे जाने पर कि दिल्ली उच्च न्यायलय ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षकों को पेंशन देने की बात कही है उन्होंने कहा कि 1986 से पहले के शिक्षकों को यह सुविधा मिलेगी1 यह पूछे जाने पर कि शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षकों की अभी भी कमी है ,श्री जावडेकर ने कहा है कि शिक्षकों की कोई कमी नहीं है ,उनका वेतन भी बहुत अच्छा है  जितने सरकारी स्कूल में छात्र हैं उनसे अधिक शिक्षक है  लखनऊ में दस हज़ार शिक्षक हैं लेकिन उतने स्कूल नहीं है  समस्या यह है कि शिक्षक देहात में जाना नहीं चाहते  यह कहे जाने पर कि स्कूलों में फीस काफी बढ़ रही है और उसकी कोई निश्चित प्रणाली नहीं है तो उन्होंने कहा ,“ गुजरात ने इस बारे में एक कानून बनाया है1 राज्य भी इसे देख रहे हैं। हम भी इस मामले को देखेंगे1 हमारे यहाँ तर्कसंगत फीस की व्यवस्था है 1” उन्होंने कहा,“शिक्षा में निजी निवेश भी जरुरी है निजी स्कूलों का खर्चा भी है1 जनता को इससे स्कूलों का विकल्प मिलेगा1 दो सौ वाली फीस का स्कूल है तो दो हज़ार और दो लाख वाली फीस वाले स्कूल भी हैं लेकिन हम सरकारी स्कूल की गुणवत्ता को बढ़ाएंगे1 अभी महाराष्ट्र, राजस्थान,आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में निजी स्कूलों से छात्र सरकारी स्कूलों में जा रहे हैं

उत्तरप्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों के लिए तैयार होगा कुशल कार्यबल

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नयी दिल्ली 13 मई, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री राजीव प्रताप रूडी से उत्तरप्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने आज यहां मुलाकात की और राज्य में कौशल विकास से संबंधित गतिविधियों पर चर्चा की। दोनों मंत्रियों ने मुलाकात के दौरान उत्तरप्रदेश में युवाओं के कौशल विकास की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया। बैठक में श्री महाना ने बताया कि राज्य सरकार ने क्षेत्र में तीन आैद्योगिक क्षेत्रों का चयन किया है। ये औद्योगिक क्षेत्र नोएडा, आगरा और कानपुर में हैं। श्री रूडी ने कहा, ‘‘ कौशल विकास के तहत ऐसे कई पाठ्यक्रम पेश किए गए हैं जो उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुसार राष्ट्रीय कौशल गुणवत्ता के अनुसार हैं। हमारी यह पहल बेहतर नौकरियों की तलाश में उत्तरप्रदेश से युवाओं के पलायन की समस्या को भी हल करेगी और राज्य में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करेगी। ’’ उन्होंने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों में कुशल श्रमिकों की मांग को पूरा करने के लिए कुशल कार्यबल तैयार किया जा रहा है। इसके लिए क्षेत्र विशेष के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गयी है। बैठक में उत्तरप्रदेश कौशल विकास मिशन के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।

मेरे बच्चों को मेरी आवाज पसंद नहीं थी : श्रीदेवी

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मुंबई, 13 मई, बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी का कहना है कि उनके बच्चों को उनकी आवाज पसंद नहीं थी। श्रीदेवी फिल्म ‘मॉम’ में दिखाई देंगी। उन्होंने बताया कि उनकी बेटियों जाह्न्वी और खुशी को उनसे लोरी सुनना पसंद नहीं था क्योंकि उनकी आवाज अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा , “जब भी मैं उन्हें कोई कहानी सुनाती थी तो वे नहीं सोती थीं, लेकिन जब मैं कोई लोरी गाती थी तो वे तुरंत सो जाती थीं क्योंकि मेरी आवाज अच्छी नहीं है और वे नहीं चाहती थीं कि मैं और गाऊं। ” श्रीदेवी ने कहा कि उनकी बेटियां शुरू से समझदार हैं और उन्हें कभी उनके साथ सख्ती बरतने की जरूरत नहीं पड़ी। उन्होंने कहा, “मैं मां से अधिक उनकी दोस्त हूं। कोई भी महिला अपनी मां के बिना या मां बने बिना अधूरी है। ” रवि उदयवर द्वारा निर्देशित ‘मॉम’ 7 जुलाई को रिलीज होगी। इसमें अक्षय खन्ना और नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं।

करीना हमेशा सलाह देती रहती हैं: सोहा

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मुंबई, 13 मई, बॉलीवुड अभिनेत्री सोहा अली खान ने कहा कि उनकी भाभी और अभिनेत्री करीना कपूर खान उनके मां बनने के मद्देनजर उन्हें खान-पान संबंधी सुझाव देती रहती हैं। सोहा ने कहा, “करीना बेहद मददगार रही हैं। वह हाल ही में मां बनने की प्रक्रिया से गुजरी हैं, इसलिए मैं रोज उनसे ढेर सारे सवाल करती हूं, जैसे क्या खाना चाहिए, क्या खाना होता है और क्या नहीं। ” सोहा के बड़े भाई और अभिनेता सैफ अली खान की पत्नी करीना पिछले वर्ष अपने पहले बच्चे की मां बनी। आगामी मदर्स डे के बारे में सोहा ने कहा, “मदर्स डे मेरे लिए मील का पत्थर है, क्योंकि मैंने अपने पूरे जीवन में अपनी मां शर्मिला टैगोर की सराहना की है और अब मैं खुद एक मां बनने जा रही हूं।

महिला ने विमान में दिया बच्चे को जन्म

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लंदन, 13 मई, एमिरैट्स एयरलाइंस की दुबई से पेरिस जा रही फ्लाइट में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। ब्रितानी अखबार डेली एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, शुक्रवार को उड़ान संख्या ए380 में उड़ान के दौरान ही एक महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। इसके बाद उसने विमान में ही बच्चे को जन्म दिया। विमान को चिकित्सा आपातकाल की स्थिति में रास्ते में साइप्रस के लर्नाका हवाई अड्डे पर उतारा गया और जच्चा-बच्चा को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि दोनों स्वस्थ हैं। बच्चे के जन्म के बाद साइप्रस हवाई अड्डे ने ट्वीट कर कहा “कहते हैं कि अच्छी चीजें छोटे आकार में आती हैं। हमें आज लर्काना हवाई अड्डे पर एक सुखद आश्चर्य प्राप्त हुआ। ए380 के साथ एक बच्चा आया है। ” महिलाओं को 29 सप्ताह के गर्भ के बाद हवाई यात्रा के लिए चिकित्सा प्रमाण पत्र देना होता है जिसमें यह लिखा होना चाहिये कि गर्भ सामान्य है। इस पर यह भी लिखा होना चाहिये कि वे किस तारीख तक हवाई यात्रा कर सकती हैं। जुड़वाँ या ज्यादा बच्चों के गर्भस्थ होने की स्थिति में 32 सप्ताह के बाद हवाई यात्रा की अनुमति नहीं होती है जबकि एक मात्र बच्चा गर्भ में होने की स्थिति में 36 सप्ताह के बाद एयरलाइंस के चिकित्सकों द्वारा यात्रा के लिए फिट करार दिये जाने के बाद ही यात्रा की अनुमति होती है। शुक्रवार के मामले में अभी यह ज्ञात नहीं है कि महिला कितने सप्ताह की गर्भवती थी।

इंदिरा गांधी की देशभक्ति उदार और महान : सोनिया

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नयी दिल्ली, 13 मई, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को एक व्यापक और सहिष्णु दृष्टिकोण वाली भारतीय महिला बताते हुए आज कहा कि उनकी देशभक्ति का ब्रांड उदार और महान था, जो उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े महान व्यक्तियों से प्राप्त किया था। श्रीमती इंदिरा गांधी पर लिखी पुस्तक इंडियाज इंदिरा- ए सेंटेन्नियल ट्रिब्यूट’ के विमोचन के अवसर पर सोनिया गांधी के भाषण को उनकी अनुपस्थिति में उनके पुत्र एवं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पढ़ा। अपने भाषण में श्रीमती गांधी ने कहा कि जहां तक उन्होंने अनुभव किया इंदिरा गांधी की देशभक्ति का ब्रांड उदार और महान था, जो उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों से प्राप्त किया था। श्रीमती गांधी ने कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने महान पिता पंडित नेहरू से लेकर गांधीजी तक कई नेताओं से बहुत कुछ सीखा। श्रीमती गांधी ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े उल्लेखनीय नेताओं के लिए राष्ट्रवाद एक दर्शन था। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इंदिरा गांधी न केवल एक ऐसी भारतीय थीं जिनपर गर्व किया जा सकता है बल्कि वह विश्व की एक नागरिक भी थीं। अपने संदेश में सोनिया गांधी ने कहा कि इंदिरा गांधी जानतीं थी कि वह एक महिला, सास, मां और दादी हैं और इन सभी कर्तव्यों को कैसे निभाना है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने श्रीमती इंदिरा गांधी पर लिखी किताब इंडियाज इंदिरा- ए सेंटेन्नियल ट्रिब्यूट’ की पहली प्रति राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भेंट की। इस पुस्तक का विमोचन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने तीनमूर्ति भवन के नेहरू मेमोरियल संग्रहालय एवं पुस्तकालय में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य कांग्रेसी नेताओं की मौजूदगी में किया।


आतंकवादी मूसा ने छोड़ा हिजबुल का साथ

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श्रीनगर, 13 मई, अलगाववादी नेताओं का सिर काटकर लालचौक पर लटकाने की धमकी देने वाले आतंकवादी जाकिर मूसा ने आज फिर से एक ऑडियो टेप जारी कर कहा कि उसने आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन से नाता तोड़ लिया है।  कल मूसा के सिर काटने के बयान के बाद हिजबुल मुजाहिदीन ने उससे किनारा कर लिया है। मूसा ने नये ऑडियो टेप में कहा, “अगर हिजबुल मेरी नुमायंदगी नहीं करता तो मैं भी उसका हिस्सा नहीं हूं।”  मूसा ने कल कहा था कि कश्मीर में आतंकवाद कि घटना को इस्लामिक संघर्ष की जगह राजनीतिक संघर्ष का नाम देने वाले का वह सिर काट देगा। मूसा ने कहा, “मैं अपने कल के बयान पर कायम हूं। मैंने सिर्फ उन लोगों के बारे में बयान दिया था जो धर्मनिरपेक्ष राज्य के बारे में बात करते हैं।”  मूसा ने हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी का नाम लेते हुए कहा कि उसने अपने पिछले ऑडियो में उन लोगों को लटकाने के बारे में कहा था जो धर्मनिरपेक्ष राज्य की बात करते हैं, अगर गिलानी या हुर्रियत के दूसरे नेता कश्मीर को इस्लामिक स्टेट बनाने की लड़ाई लड़ेंगे तो वो हमारे दुश्मन नहीं हैं। 


मूसा ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष राज्य के लिए लड़ रहे आतंकवादियों को शहीद नहीं कहा जा सकता। मूसा ने कहा, “हिजबुल ने कहा है कि उसका मेरे वक्तव्य से कोई संबंध नहीं इसलिए यदि हिजबुल मेरा प्रतिनिधित्व नहीं करता तो मैं भी उसका प्रतिनिधित्व नहीं करता। आज से हिजबुल मुजाहिद्दीन से मेरा कोई संबंध नहीं।” मूसा ने इस्लामिक स्टेट अथवा अलकायदा के साथ किसी भी प्रकार के संबंध से इंकार किया है। मूसा ने कहा, “ न ही मैं आईएसआईएस अथवा अलकायदा के बारे में कुछ जानता हूं न मैं यह कह सकता हूं कि मैंने सही अथवा गलत किया है क्योंकि मैंने उनपर कोई शोध नहीं किया है।” मूसा का यह वक्तव्य हिजबुल की ओर से उसके बयान से किनारा करने के कुछ घंटों के भीतर आया है। हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रवक्ता सलीम हाशमी ने एक वक्तव्य में कहा कि संगठन का मूसा के वक्तव्य से कोई लेना देना नहीं है। वहीं इसी बीच मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यदि अलगाववादी सुरक्षा की मांग करते हैं तो राज्य सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने पर विचार करेगी। 

विशेष आलेख : मां तुझसे ही मेरा वजूद है.

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मां एक शब्द ही नहीं है, इस शब्द में पूरा संसार समा सकता है. दुनिया में आने से पहले ही मां का प्यार मिलना शुरू हो जाता है. जब हम इस धरती पर अपना पहला कदम रखते हैं तब से मां हमें अपने सीने से लगाकर रखती हैं।   कुछ बड़े होने पर उंगली पकड़ कर चलाना सिखाती हैं. जब भी हम रोते हैं मां का आंचल हमेंशा हमारे सिर पर होता है. मां ही हमारी पहली गुरू होती हैं. मां के बलिदान और त्याग की बात की जाए तो शब्दों में इसे बयां नहीं किया जा सकता. अपने बेटे के लिए सारी खुशियों का त्याग कर एक मां ही होती हैं जो दु:ख झेलती रहती हैं. बचपन में ग़लतियों को लेकर जब पिता जी से डांट पड़ती तो मां ही अपने पीछे छिपाती. प्यार, दुलार करके समझाती . बेटा ये ग़लत कार्य है इसे मत किया करों.  फिर अपने आंचल का सहारा देकर हमें कोई गीत या प्रेरणा दायक कहानी सुनाती हैं. जब भी हमें कोई ठोकर लगती है तो सबसे पहले मां शब्द ही निकलता है. माँ जिसकों सिर्फ़ बोलने से ही हृदय में प्यार और ख़ुशी की लहर आ जाती है.  माँ क्या लिखूं तेरे बारे में तुझी से ही तो मेरा वजूद है. जन्म देने के बाद से बड़े प्यार से पाल पोश कर बड़ा करने वाली मां के क़र्ज को हम अपनी जिंदगी में नही उतार सकते हैं. मातृ दिवस को लेकर सोशल मीडिया में लोग शुभकामनाएं दे रहे हैं.


माता के लिए चंद शब्दों की लाइनें लिखते हैं. लेकिन क्या सिर्फ चंद लाइनों में मां का प्यार सिमट जाता है. आज हम मातृ दिवस पर शुभकामनाएं दे रहें हैं कल इस बात को भूल क्यों जाते हैं. जन्म देने वाली मां हमेशा हमारे लिए सहारा बनी रहती हैं तो हम उसके बुढ़ापे का सहारा बननें में आखिर क्यों कतराते हैं. ऐसी बहुत सारी मां को देखा है जो अपने बेटों को देखने के लिए तड़पती बिलखती नज़र आती है, दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज रहती हैं लेकिन फिर भी अपने बच्चों की सलामती की दुआएं करती रहती हैं.मां तो मां ही होती हैं, चाहे अपनी हो या किसी और की. आज कल के युवाओं में एक और बात देखी जाती है. अगर हम कहीं सफर कर रहें होते हैं तो देखतें हैं सीट पर बैठने के लिए जगह नहीं होती और कोई महिला खड़ी होती है तो हम अपनी सीट भी उसे नही देते. आखिर क्यों क्या हमें सिर्फ अपनी मां का सम्मान करना चाहिए ? अगर ऐसा है तो फिर किस बात का के मातृ दिवस मनाते हैं हम. बस में या ट्रेन में खड़ी वो महिला भी किसी की मां होगी. हम ऐसा क्यों नहीं सोचतें हैं? बेशर्मों की तरह सीट पर बैठे देखते रहते हैं.

अगर वह महिला आप की मां हो आप उसकों स्थान दिलाने की भी कोशिश करते हैं. अगर आप का रिश्ता उनसे नही है तो खड़े रहो  मुझे क्या मतलब हैं. तो मातृ दिवस पर दिखावा क्यों ? चाहे किसी की मां हो अगर आप उसका सहारा बनते हो तो उसकी दुआएं आप को मिल ही जाती हैं. वह दुआ देते समय  फर्क नही करती कि ये मेरा बेटा नही है इसकों कुछ और दुआ दो.  भगवान ने भी मां शब्द को एक ही बनाया है. उसने ये नहीं कहा कि ये फलाने की मां ये ढ़माके की मां. उनसे मां को प्यार , त्याग , जैसे अटूट बंधनों से जोड़ा हैं. जिसका कोई मोल नही हैं.  न ही कभी हो सकता है. 




--रवि श्रीवास्तव--

मधुबनी : मोटरसाइकल और ऑटो की सीधी टक्कर में एक की मौके पर ही मौत, मृतक के गाँव में पसरा मातम

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मधुबनी (दिनेश सिंह), बाबूबरही थानान्तर्गत पिपराघाट गुमटी के पास ऑटो और मोटरसाइकल की सीधी टक्कर में मोटरसाइकल सवार की मौत मौके पर ही हो गयी । दुर्घटना के बाद ऑटो चालक घटनास्थल से फरार है । दुर्घटना के कूछ ही देर बाद वहाँ भीड़ जमा हो गये , भीड़ ने कूछ देर सड़क पर यातायात अवरुद्ध कर नारेबाजी भी की । सूचना मिलते ही बाबूबरही थाना प्रभारी अरुण कुमार सिंह ,पूरी फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुँचकर भीड़ को शांत किया । फ़िर लाश को अपने कब्जे में लेकर , पोस्टमार्टम के लिये मधुबनी भेज दिया । वहीँ ऑटो को जप्त कर अज्ञात ऑटो चालक की तलाश में जुट गयी । मृतक की पहचान , पौसी निवासी छठु पासवान का पुत्र हरी पासवान उर्फ रंजीत पासवान बताया गया । मृतक के गाँव में मातम  छाया हुआ है । मधुबनी से दिनेश सिंह की रिपोर्ट ॥

बिहार : मीडिया में महिला संघर्षों की जगह लगातार रही है घट, यह बेहद चिंताजनक.

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  • आधी जमीन पत्रिका के रजत विशेषांक लोकार्पण पर ‘समकालीन मीडिया और महिलायें’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन.
  • सेमिनार में पटना विश्वविद्यालय के शिक्षिकाओं, महिला वकीलों और प्रबुद्ध नागरिकों ने लिया भाग.

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पटना 14 मई, महिलाओं की वैचारिक व आंदोलनात्मक पत्रिका आधी जमीन के 25 वर्ष पूरा होने पर पत्रिका के रजत विशेषांक का आज लोकार्पण आर ब्लाॅक स्थित इंस्ट्टियूशन आॅफ इंजीनियर्स हाॅल, पटना में संपन्न हुई. लोकर्पण पत्रिका की प्रधान संपादक मीना तिवारी, सह संपादक व पटना विश्वविद्यालय इतिहास विभाग की पूर्व शिक्षिका प्रो. भारती एस कुमार, मगध महिला काॅलेज की प्राचार्य धर्मशीला देवी, न्यायाधीश अंजना भगत, जानी मानी वकील अलका वर्मा, तलाश पत्रिका की संपादक मीरा दत्त, पत्रकार निवेदिता झा व सीटू तिवारी, ऐपवा की राज्य अध्यक्ष सरोज चैबे, राज्य सचिव शशि यादव, प्रो. रश्मि जायसवाल, प्रो. दीप्ति कुमारी आदि ने संयुक्त रूप से किया. इस मौके पर ऐपवा की पटना जिला सचिव अनीता सिन्हा, प्रबंध संपादक मधु, व आधी जमीन टीम की सहयोगी मंजू , विभा गुप्ता, समता राय, रचना, प्राची, प्रीति कुमारी, मनस्विनी, मंजू शर्मा आदि बड़ी संख्या में महिलायें उपस्थित थीं. लोकार्पण के अवसर पर सेमिनार हाॅल में उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए प्रो. भारती एस कुमार ने कहा कि आज से जब 25 वर्ष पहले लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में देश में दक्षिणपंथ का उभार हो रहा था और वैश्वीकरण की आड़ में आम लोगों, खासकर महिलाओं पर नए किस्म के हमले शुरू हुए, उस दौर में आधी जमीन पत्रिका का आरंभ हुआ. तब से लेकर आज तक आधी जमीन ने महिलाओं और प्रबुद्ध नागरिकों के बीच एक वैचारिक व आंदोलनात्मक पत्रिका के रूप में अपनी पहचान बनायी है. यह ऐसी पत्रिका है जो औरतों की आवाज बन गयी है. आज जब एक बार फिर महिलाओं पर नए प्रकार के हमले हो रहे हैं, इसकी भूमिका और भी प्रासंगिक हो जाती है. आज केवल कट्टरपंथ की ताकतों ने न केवल महिलाओं पर नैतिक पहरेदारी बैठा रखी है और अभिव्यक्ति की आजादी को कुचल देने पर आमदा है, बल्कि औरतें आज घर से बाहर तक तरह-तरह के उत्पीड़न की शिकार हो रही हैं. आधी जमीन घर हो या बाहर, औरतों के हर सवाल को अपना विषय बना रही है.



प्रधान संपादक मीना तिवारी ने कहा कि हमारी कोशिश रही है कि आधी जमीन पत्रिका महिलाओं के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधि स्वर बने, चाहे खेत-खलिहान में काम करने वाली महिलायें हो या फिर घर-परिवार में जड़ जमायी पितृसत्तात्मक-मर्दवादी चिंतन से उबाल खा रही लड़कियों का प्रश्न हो, हम उस आक्रोश को अभिव्यक्त करना चाहते हैं और इस दिशा में हमने सफलता पाई है. आज हम आर्थिक आजादी के साथ-साथ जीवन के हर क्षेत्र में बराबरी के आंदोलन को देख रहे हैं, इसी स्वर को आधी जमीन ने जगह दी है. आज जहां मेन स्ट्रीम मीडिया में महिलाओं के संघर्ष व उनके आंदोलनों के लिए काफी कम जगह बची है, वैसी स्थिति में आधी जमीन जैसी पत्रिका सामाजिक बदलाव की दिशा में एक सार्थक हस्तक्षेप है. पत्रकार निवेदिता ने कहा कि आज बाजार की ताकतें मीडिया के भीतर गहरे रूप से प्रवेश कर गयी है और सारी नीतियां चंद कारपोरेट घराने के लोग तय कर रहे हैं. आज जब पढ़ने, लिखने, बोलने सब पर पाबंदी है, लोकतंत्रपसंद आवाम पर हमले हो रहे हैं, वैसे समय में समानान्तर मीडिया के जरिए ही हम अपनी बात कह सकते हैं. सोशल मीडिया के कारण आज कुछ हद तक लड़कियां अपने हक-अधिकार की बात खुलकर लिख रही हैं. वे न केवल अपने हक-अधिकार की चर्चा कर रही हैं, बल्कि पीरियड्स जैसी समस्याओं पर भी लिख रही हैं. आज भाजपा वाले तीन तलाक को जिस प्रकार से पेश कर रहे हैं, उसमें सांप्रदायिकता के पुट हैं, लेकिन हम देखते हैं कि मुस्लिम महिलाओं ने आज से 150 साल पहले भी इसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है. सीटू तिवारी ने कहा कि मीडिया महिलाओं का इस्तेमाल करना तो जानता है, लेकिन उन्हें मीडिया के भीतर नीति निर्माण इकाइयों में नहीं रखता. यह भेदभाव लगातार जारी है.
मगध महिला काॅलेज की प्राचार्य धर्मशीला देवी ने कहा कि पितृसत्ता का जो स्वर उपर दिखलाई देता है, उससे ज्यादा व कई गुणा वह अंदर तक जड़ जमाए हुए है. पितृसत्ता एक सोच है, जिसे बदलने के लिए हमें लगातार व अनवरत लड़ाई लड़नी होगी. हमें हर घर में इस लड़ाई को लड़ना है. मीरा दत्त ने कहा कि हम बेहद संक्रमण के दौर से गुजर रहे हैं, जब फासीवाद की ताकतें अपना सर उठा रही हैं. फासीवादी व लोकतंत्र विरोधी ताकतों का पहला हमला महिलायें बनती हैं. इसके प्रति हमें और सचेत होना होगा और अपनी आवाज बुलंद करनी होगी. गोष्ठी को अलका वर्मा, दीप्ति कुमार व मंजू शर्मा ने भी संबोधित किया.

सम्पादकीय : "आम आदमी"से आम आदमी की टूटती उम्मीदें

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आपको सन 2011 याद होगा.जी हाँ,अन्ना हज़ारे का भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन.देश विदेश में तमाम सुर्खियां बटोरी इस आंदोलन ने.और इसी आंदोलन ने अन्ना हज़ारे के साथ साथ एक और व्यक्ति को राष्ट्रीय मानचित्र पर प्रमुखता दी,वो थे आज के दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सर्वेसर्वा अरविन्द केजरीवाल. अन्ना के साथ जिस तरह से अरविन्द केजरीवाल की सक्रियता देखी गयी, उससे आम जनता ही नहीं शायद अन्ना ने भी केजरीवाल में उम्मीद की एक किरण देखी होगी.प्रसिद्धि मिली ,लोगों का साथ मिला.हौसला इतना मिला कि 26 नवंबर 2012 को केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी नामक नई राजनीतिक पार्टी का गठन कर डाला.लोगों में उम्मीद की ऐसी किरण जगी कि महज एक साल बाद दिसंबर 2013 में दिल्ली विधान सभा चुनाव में दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी के "आम लोगों"को दिल्ली की सत्ता की चाभी सौंप दी.अरविन्द केजरीवाल मुख्यमंत्री बने. 49  दिन बाद फरवरी 2014 में केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.फिर भी लोगों ने साथ नहीं छोड़ा.फरवरी 2015  में पुनः अरविन्द केजरीवाल को दिल्ली की जनता ने पूरी बहुमत से मुख्यमंत्री की कुर्सी और उनकी आम आदमी पार्टी को दिल्ली की सत्ता पर काबिज कराया. यानि भरोसा तब भी कायम था क्योंकि लोगों को लगा था कि यह एक ऐसी पार्टी होगी जो भाई-भतीजावाद ,जातिवाद,भ्रष्टाचार आदि से दूर होगी, जनकल्याणकारी होगी.


लेकिन समय बीतते आम आदमी पार्टी में भी वही गुटबाजी,वही भ्रष्टाचार की सुगबुकाहटें ,परिवारवाद,यौन शोषण ,षड्यंत्र जैसे विशेषणों को वरीयता मिलती देख आम आदमी की उम्मीदें धाराशायी होने लगीं.धक्का तब और लगा जब पार्टी के संस्थापक सदस्यों को उपेक्षित कर धक्का दिया जाने लगा.पार्टी की प्राथमिक पहचान रहे वरीय सदस्य भी बाहर कर दिए गए. लेकिन सबसे ज्यादा चोट आम आदमी के दिल में अब लगी जब पार्टी के एक और प्रारंभिक दिनों से सदस्य और दिल्ली सरकार के मंत्री रहे कपिल मिश्रा ने पार्टी और सरकार के मुखिया अरविन्द केजरीवाल पर ही दो करोड़ रुपये घूस लेने का आरोप लगा दिया. रिश्तेदारों को सरकारी ठेका देने,गलत ढंग से चंदे का पैसा छुपाने ,विदेश यात्राओं सहित कई आरोप मढ़ डाला.हालाँकि ये आरोप अभी तक जांच के दायरे में ही हैं,लेकिन अरविन्द केजरीवाल की चुप्पी और घटता आत्मविश्वास इस बात को बल देता जान पड़ता है कि कहीं न कहीं दाल में काला तो जरूर है. 

सवाल सिर्फ इतना है कि अगर केजरीवाल पर लगे आरोप सच साबित होते हैं और भ्र्ष्टाचार के मामले पर जेल हो जाती है जैसा कि कपिल मिश्रा दावा कर रहे हैं तो क्या होगा? आम और राजनीतिक मठाधीशों के लिए तो यह सामान्य बात हो सकती है लेकिन भ्रष्टाचार विरोधी,लोकतान्त्रिक समाजवाद और लोकवाद के सैद्धांतिक आदर्शों पर स्थापित आम आदमी पार्टी से आम आदमी की उम्मीदों ,आम आदमी के सपनों का क्या होगा ?





* विजय सिंह*
वरिष्ट सम्पादक 
आर्यावर्त 

मधुबनी : अचानक शराब तस्करॉ के विरुद्ध पुलिस की छापेमारी तेज ।

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  • तस्करॉ की अब खैर नहीँ । शराब के साथ कई जगह डबोचे गये शराब तस्कर एवं पियक्कड़

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मधुबनी (दिनेश सिंह) पुलिस  कप्तान दीपक बरनवाल के निर्देशानुसार जिले के सभी थानों को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि शराबबंदी कानून को सभी थानाध्यक्ष सख्ती से पालन करें । जिन थानाध्यक्षों के निगरानी में शराब का करोबार होता हुआ मिलेगा उनपर सख्त कानूनी कार्यवाई की जाएगी । जिसके बाद से शराब माफियाओं के रातो की नींद और दिन का चैन उर गये है । बता दे कि पुलिस के त्वरित कार्यवाई में , दो दिन के अंदर कई थानों के  छापेमारी में 426 बोतल शराब एवं 25 लीटर अर्धनीर्मीत महुआ शराब के साथ दो नाबालिग सहित दर्जनों  तस्कर की गिरफ्तारी हो चुकी है । जिला पुलिस अधीक्षक दीपक बरनवाल के अनुसार गिरफ्तारी की संख्या में और वृध्दि हो सकती है । तस्करो पर कार्यवाई की शुरुआत जयनगर से हुआ । जहाँ पुलिस ने निबंधन कार्यालय के नज़दीक एक लकड़ी की दुकान में छापा मारकर 26 बोतल नेपाली शराब के साथ पूनम देवी एवं नथुनी कामत को गिरफ्तार किया । वहीँ टाउन क्लब मैदान के पास से पुलिस ने एक मोटरसाइकल के साथ एक शराबी को धर दबोचा । इसी के तहत राजनगर भट्टी चौक से राजनगर थाना पुलिस के गश्त दल द्वारा तीन बंडल 375 एमएल विदेशी शराब बरामद किया गया । वहीँ  फूलपरास से डीएसपी ऊमेश्वर चौधरी के नेतृत्व में ताबड़तोड़ छापेमारी कर 26 लीटर शराब सहित पाँच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया । इस छापेमारी में एक ऑटो को भी जप्त किया गया है । फूलपरास में ही पुलिस के द्वारा हनुमान नगर गाँव के महेंद्र यादव को 10 बोतल नेपाली शराब , नरहीया के प्रमोद कुमार को 5 बोतल नेपाली शराब के साथ , वहीँ ब्रहम्पूरा गाँव के दुखण यादव एवं शिव कुमार यादव से 14 बोतल विदेशी एवं नेपाली शराब के साथ गिरफ्तार किया । वहीँ लोकहा से 104 बोतल नेपाली एवं विदेशी शराब के साथ लक्ष्मीपूर निवासी राज नारायण गुप्ता एवं बिनोद कुमार को गिरफ्तार किया । इसी क्रम में खुटौना थानाध्यक्ष रामचंद्र मंडल द्वारा हुड्डा कमलपूर गाँव में छापेमारी राम प्रकाश सहनी के घर से अवैध निर्मित 26 लीटर शराब एवं शराब बनाने वाली उपकरण बरामद हुआ । लालमनिया थाना क्षेत्र के बारापट्टी गॉव में रात्रि के छापेमारी में गुप्त सूचना के आधार पर 60 बोतल नेपाल निर्मित शराब के साथ मिथिलेेश कुमार पिता किशोरी महतो  ,उम्र-14 वर्ष , राजेश कुमार ,उम-12वर्ष के दो नाबालिग को गिरफ्तार किया । पुलिस कप्तान ने बताया कि किसी भी इलाके से शराब के बरामद होने पर पुलिस अब कारोबारी समेत उसके सप्लायर , कूरियर एवं खरीददारों पर भी कार्यवाई करेगी । मधुबनी से दिनेश सिंह की रिपोर्ट ॥

आप पर अनियमितताओं के आरोप लगाने के बाद मिश्रा हुए बेहोश

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नयी दिल्ली, 14 मई, दिल्ली की आप सरकार से निकाले गये पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा आज संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पर भारी वित्तीय अनियमितताएं करने का आरोप लगाने के बाद बेहोश हो गये। मिश्रा ने केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर केजरीवाल ने इस्तीफा नहीं दिया तो वह मुख्यमंत्री का ‘कॉलर’ पकड़कर उन्हें तिहाड़ जेल ले जाएंगे। इस बीच, कांग्रेस ने मिश्रा के आरोपों की गहन जांच कराने की मांग की है। वहीं, भाजपा ने केजरीवाल को ‘श्रीमान भ्रष्ट’ बताते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय माकन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘आरोप गंभीर हैं। केजरीवाल को नैतिक और कानूनी आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।’’ भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने आप के इस दावे को हास्यापस्द बताया कि मिश्रा भगवा पार्टी के इशारे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल को दिल्ली के बख्रास्त मंत्री द्वारा लगाए आरोपों से अवश्य ही पाक-साफ होना चाहिए।’’ उन्होंने ट्वीट किया कि आम आदमी पार्टी अब ‘केजरीवाल आदमी पार्टी’ बन गई है। इससे पहले, मिश्रा ने अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अब साफ हो गया है कि अरविंद केजरीवाल भ्रष्ट हैं।’’ अपने पांच नेताओं की विदेश यात्राओं का ब्योरा देने से आप के इनकार करने के खिलाफ पांच दिन से अनशन पर बैठे मिश्रा कमजोरी के चलते बेहोश हो गये। उन्होंने आप विधायकों शिव चरण गोयल और नरेश यादव का उल्लेख करते हुए कहा कि केजरीवाल के करीबी लोगों की फर्जी कंपनियों से आप को करोड़ों रपये का चंदा मिला।


मिश्रा ने आरोप लगाया कि इन फर्जी कंपनियों के गुमनाम निदेशक थे जिन्होंने पार्टी को चंदा दिया और काले धन को सफेद किया। मिश्रा ने कहा कि आप को मिले चंदे और चुनाव आयोग को इस बारे में दी गयी जानकारी में विसंगतियां थीं। हालांकि, आप ने मिश्रा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह भाजपा की भाषा बोल रहे हैं। वहीं, एक अन्य संवाददाता सम्मेलन में आप विधायक गोयल और यादव ने मिश्रा द्वारा गिनाई गई कंपनियों से संबंध होने से इनकार किया और कहा कि वे उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। मिश्रा अपने आरोपों के समर्थन में मीडिया के सामने दस्तावेज पेश करने जा रहे थे तभी अचेत होकर गिर गये।


रैंसमवेयर हमला: अव संरचना एजेंसियों को साइबर सुरक्षा बढ़ाने को कहा गया

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नयी दिल्ली, 14 मई, बैंक, हवाईअड्डों, दूरसंचार नेटवर्क और शेयर बाजार समेत प्रमुख अवसरंचनात्मक एजेंसियों को ‘वन्नाक्राई’ रैंसमवेयर से अपने डेटा को सुरक्षित करने के लिए एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है। इस रैंसमवेयर का खतरा पूरे विश्व में बढ़ा है। माइक्रोसॉफ्ट के एक्सपी जैसे पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले कंप्यूटर इस मालवेयर से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं और इससे प्रभावित होते ही कंप्यूटर के सभी फाइल लॉक हो जा रही हैं। साइबर अपराधी उपकरणों को अनलॉक करने के लिए 300 अमेरिकी डॉलर तक की राशि मांग रहे हैं। सप्ताहांत तक इस रैंसमवेयर के जरिए रूस और ब्रिटेन समेत 100 से अधिक देशों के कंप्यूटर सिस्टम पर साइबर हमला किया गया है। यह अब तक के इतिहास का सबसे व्यापक तौर पर फैलने वाला रैंसमवेयर है। भारत में भी आंध्र प्रदेश पुलिस के कुछ सिस्टम के इससे प्रभावित होने की सूचना मिली है। देश की साइबर सुरक्षा एजेंसी सीईआरटी-इन को अब तक बड़े हमलों से जुड़ी औपचारिक सूचना नहीं मिली है। फिर भी उसने सभी सरकारी एजेंसियों और सार्वजनिक क्षेत्र के सेवा प्रदाताओं को आगाह कर दिया है। सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि उसने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संबंधित हितधारकों से सीईआरटी-इन के परामर्श के अनुसार सिस्टम को पैच करने की सलाह देने के लिए संपर्क करना शुरू कर दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि रैंसमवेयर के प्रसार पर उसकी करीबी निगाह है और वह संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वित तरीके से काम कर रहा है। भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया बल :सीईआरटी-इन: के महानिदेशक संजय बहल ने कहा कि सभी केंद्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियांे के लिए पहले ही परामर्श जारी कर दिया गया है। इसके अलावा बैंकों, शेयर बाजार, हवाईअड्डों, रक्षा, उर्जा और सार्वजनिक सेवा प्रदाताओं समेत सभी प्रमुख प्रतिष्ठानों और नेटवर्क को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, की सूची दी गयी है।

150 देशों में ‘अभूतपूर्व’ साइबर हमले में दो लाख उपभोक्ता प्रभावित : यूरोपोल

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लंदन, 14 मई, वायरस या मालवेयर के ‘‘अभूतपूर्व’’ साइबर हमले से 150 देशों में दो लाख उपभोक्त प्रभावित हुए हैं। यूरोप की प्रतिष्ठित सुरक्षा एजेंसी यूरोपोल के प्रमुख ने आज यह जानकारी देते हुए ‘‘फिर से हमला होने की’’ आशंका जतायी है। मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, ऐसा माना जा रहा है कि शुक्रवार को हुए अभी तक के सबसे बड़े साइबर हमले में भारत सहित 150 देशों के उपभोक्ता शिकार हुए हैं। जांच एजेंसियां यह पता करने में जुटी हैं कि बैंकों, अस्पतालों और सरकार तथा वैश्विक एजेंसियों की प्रणाली को प्रभावित करने वाले इस हमले के पीछे कौन है। यूरोपोल के निदेशक रॉब वेनराइट ने कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति में हमारे सामने बड़ा खतरा है। संख्या बढ़ रही है और मुझे चिंता है कि सोमवार को जब लोग काम पर जाएंगे और अपनी मशीनें ऑन करेंगे तो, संख्या में और वृद्धि होगी।’’ उन्होंने कहा, खतरा ‘‘बढ़’’ रहा है क्योंकि साइबर विशेषज्ञों ने आने वाले दिनों में और हमलों की चेतावनी दी है। वेवराइट ने आईटीवी समाचार चैनल से कहा, ‘‘वैश्विक पहुंच अभूतपूर्व है। वर्तमान संख्या कम से कम 150 देशों में 2,00,000 से ज्यादा है और इन पीड़ितों में बड़ी कंपनियों सहित कई कॉरपोरेट भी शमिल होंगे।’’ शुक्रवार को हुए इस हमले में वायरस ने भारत, ब्रिटेन, रूस, स्पेन और फ्रांस सहित 100 देशों में फैली यूजर फाइलों पर नियंत्रण कर लिया था। फाइलें चुराने के बाद वायरस फाइलें वापस देने के लिए उपभोक्ता से बिटक्वाइंग में 300 डॉलर की फिरौती मांग रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अभी तक हैकर्स को लोगों ने 28,458 डॉलर का भुगतान भी कर दिया है।

एशियाई कुश्ती : सुमित को रजत, भारत को एशियाई कुश्ती में मिले कुल दस पदक

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नयी दिल्ली, 14 मई, भारत के सुमित ने आज यहां एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप के अंतिम दिन पुरूषों के 125 किग्रा वर्ग फ्रीस्टाइल में रजत पदक जीता। सुमित फाइनल में ईरान के यादोल्लाह मोहम्मद काजेम मोहेबी से हार गये। इस तरह से भारतीय पहलवानों ने इस चैंपियनशिप में एक स्वर्ण, पांच रजत और चार कांस्य पदक सहित कुल दस पदक जीते जो बैकाक में पिछली चैंपियनशिप की तुलना में बेहतर प्रदर्शन है। तब भारत ने नौ पदक जीते थे। स्वर्ण पदक के मुकाबले में ईरान के मजबूत पहलवान को सुमित खास चुनौती नहीं दे पाये और उन्हें 2-6 से हार का सामना करना पड़ा। शुरू में अंक गंवाने के बाद भारतीय पहलवान ने वापसी करके जल्द ही दो अंक बनाये लेकिन इसके बाद ईरानी पहलवान ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया। पहले राउंड के बाद ईरानी पहलवान 5-2 से आगे था और इसके बाद उन्होंने दूसरे राउंड भी एक अंक बनाया। इससे पहले हैवीवेट पहलवान सुमित ने फाइनल तक बेहतरीन खेल दिखाया क्योंकि उन्हें क्वार्टरफाइनल और सेमीफाइनल के मुकाबलों के दौरान अपने प्रतिद्वंद्वियांे को हराने में खास दिक्कत नहीं हुई। दिन की अपने पहले मुकाबले में सुमित ने क्वार्टर में जापान के ताइकी यामामोटो को 6-3 से शिकस्त दी और फिर सेमीफाइनल में ताजिकिस्तान के फारखोद अनाकुलोव काके 7-2 से हराकर फाइनल में जगह बनायी। हालांकि आज अन्य भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवानों के लिये दिन अच्छा नहीं रहा जिसमें हरफूल :61 किग्रा:, विनोद कुमार ओमप्रकाश :70 किग्रा: और सोमवीर :86 किग्रा: पहले ही बाहर हो गये। हरफूल को क्वार्टरफाइनल में जापान के रेई हिगुची ने 7-6 से पराजित किया। इस भारतीय पहलवान ने अपनी क्वालीफिकेशन मुकाबले में श्रीलंका के दिवोशान चार्ल्स फर्नांडो को 11-0 से हराया था। विनोद कुमार ओमप्रकाश पुरूष 70 किग्रा वर्ग के क्वार्टरफाइनल में जापान के मोमोजिरो नाकामुरा से पराजित हो गये। सोमवीर को क्वालीफिकेशन मुकाबले में कोरिया के गुवानुक किम से 0-11 से शिकस्त मिली।

व्यापार : कंपनियों के तिमाही नतीजों से तय होगी बाजार की दिशा

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नयी दिल्ली, 14 मई, शेयर बाजारों में इस सप्ताह विशेष शेयर आधारित गतिविधियां देखने को मिलेंगी। विशेषज्ञांे का कहना है कि सप्ताह के दौरान भारतीय स्टेट बैंक  और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी बड़ी कंपनियांे के नतीजों से बाजार की दिशा तय होगी। सोमवार को बाजार औद्योगिक उत्पादन और मुद्रास्फीति के आंकड़ोंे पर भी प्रतिक्रिया दे सकता है। ये आंकड़े शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद आए थे। आम्रपाली आद्या ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स के निदेशक एवं शोध प्रमुख अबनीष कुमार सुधांशु ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि बाजार पहले ही उंचे स्तर पर है और यह और आगे जाएगा। हमें कंपनियांे के बेहतर नतीजांे तथा बैंकांे की गैर निष्पादित आस्तियांे :एनपीए: के लिए कुछ सकारात्मक खबरों की जरूरत है।’’ ट्रेड स्मार्ट ऑनलाइन के संस्थापक निदेशक विजय सिंघानिया ने कहा कि निकट भविष्य में वैश्विक स्तर पर किसी प्रमुख घटनाक्रम के अभाव में हमें इस सप्ताह शेयर आधारित गतिविधियां देखने को मिलेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल बाजार में मुनाफावसूली की स्थिति है और नियमित अंतराल पर इसमें कुछ सुस्ती आती है। हालांकि, विशेष शेयर आधारित गतिविधियां जारी रहंेगी। निकट भविष्य में हमें किसी तरह के बड़े ‘करेक्शन’ की संभावना नजर नहीं आती।

आधार पैन लिंक को लोगों ने किया पसंद लेकिन डाटा के लीक होने की चिंता भी नजर आयी

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नयी दिल्ली, 14 मई, पैन और आधारकार्ड को जोड़ने के सरकार को कदम को बड़ी संख्या में लोगों ने पसंद किया है लेकिन उसके एक बड़े हिस्से को निजी ब्योरे के लीक होने एवं दुरूपयोग कर लिये जाने का चिंता सता रही है। दो अलग अलग सर्वेक्षणों में यह बात सामने आयी है। पहला सर्वेक्षण ऑनलाइन मंच लोकल सर्कल्स द्वारा किया गया जिसमें पाया गया कि करीब दो तिहाई लोगों को अपना आधार कार्ड बनवाने की वर्तमान प्रक्रिया के दौरान तथा बैंकों एवं दूरसंचार संचालकों को आधार कार्ड तक पहुंच होने पर उसके ब्योरे के लीक होने का अंदेशा है। करीब एक चौथाई लोगों ने कहा कि उन्हें कोई चिंता है और वे वर्तमान सुरक्षा उपाय से संतुष्ट जान पड़े। बाकी ने कोई राय नहीं व्यक्त की। लोकल सर्वे के इस सर्वेक्षण में 10,729 में शामिल हुए। दूसरे सर्वेक्षण में 70 फीसदी लोगों ने अनुपालन स्तर बढ़ाने के लिए आधार को पैन से जोड़ने के सरकार के कदम का समर्थन किया। करीब 27 फीसदी लोगों ने इसका विरोध किया जबकि तीन फीसदी ने केाई राय नहीं व्यक्त की। यह सर्वेक्षण 9,847 पर किया गया। वित्त अधिनियम, 2017 में करदाताओं के लिए पैन को आधार से जोड़ना अनिवार्य बनाया है। सरकार ने पैन के लिए आवेदन देने के लिए आधार होना अनिवार्य बना दिया है। यह एक जुलाई, 2017 से लागू होगा। ऐसा करने से सरकार को यह स्थापित करने में मदद मिलेगी कि उसकी सब्सिडी लक्षित वर्ग तक पहुंच रही हे और आयकर विभाग लाभार्थी और आयग्रुप में लिंक की पुष्टि कर सकता है। सरकार कर चोरी पर रोक लगाने तथा कालेधन पर निगरानी के लिए आधार को बहुत ही प्रभावी उपाय मानती है।

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