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डिजिटलीकरण से काली अर्थव्यवस्था पर लगाम लगेगा : मेघवाल

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मुंबई, 14 मई, केंद्रीय मंत्री अजरुन मेघवाल ने अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण के लिये तीव्र अभियान पर जोर देते हुए आज कहा कि सरकार का डिजिटल मुहिम काला बाजार पर अंकुश लगाने के लिये महत्वपूर्ण है। वित्त राज्य मंत्री ने यहां कहा, ‘‘देश में 22-26 प्रतिशत काला बाजार है।’’ काला बाजार में अवैध आर्थिक गतिविधियां होती हैं और अघोषित आय होती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह बड़ा प्रतिशत है और देश के लिये ठीक नहीं है। जब काला बाजार पर अंकुश लगेगा देश का सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: बढ़ेगा।’’ मंत्री ने कहा कि उच्च मूल्य की मुद्रा को चलन से हटाये जाने के बाद देश में डिजिटलीकरण बढ़ा है जिससे काली अर्थव्यवस्था पर अंकुश लगाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि अवैध आर्थिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिये ‘डिजिटल इंडिया’ जरूरी पहल है। मेघवाल ने ‘डिजिटल इंडिया शिखर बैठक में कहा, ‘‘जब हमारे यहां बड़ी काली अर्थव्यवस्था है, ऐसे में डिजिटल इंडिया से अवैध लेन-देन पर अंकुश लगेगा। फलस्वरूप खपत, निवेश और निर्यात बढ़ेगा तथा इन सबसे जीडीपी में भी वृद्धि होगी।’’ इस बैठक का विषय प्रधानमंत्री की प्रमुख योजना डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को अपनाने और आगे ले जाने में सहकारी बैंकों की भूमिका’ था। मंत्री ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर के क्रियान्वयन समेत विभिन्न सरकारी पहल के लिये 2017 को आर्थिक सुधारों के वर्ष के रूप में जाना जाएगा।


साक्षी को लगता है जापानियों को हराना मुश्किल

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नयी दिल्ली, 14 मई, भारतीय महिला पहलवान एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में जापानी खिलाड़ियों से पार पाने में नाकाम रही और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक का भी मानना है कि कम से कम इस जिंदगी में तो उनको हराना नामुमकिन है। साक्षी, विनेश फोगाट और दिव्या ककरान एशियाई चैंपियनशिप में अपने अपने भार वर्गों के फाइनल में जापानी पहलवानों से हार गयी थी और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। रियो ओलंपिक में 63 किग्रा में स्वर्ण पदक जीतने वाली रिसाको कवाई ने साक्षी को 60 किग्रा के फाइनल में आसानी से हराया। रियो खेलों की एक और चैंपियन सारा दोशो ने दिव्या ककरान को 69 किग्रा भार वर्ग में हराया। साक्षी और दिव्या कोई भी छह मिनट तक नहीं टिक पायी। विनेश ने साई नांजो का कुछ देर मुकाबला किया लेकिन आखिर में उन्हें भी हार ही मिली। साक्षी ने कहा, ‘‘जापानी खिलाड़ियों को हराना बहुत मुश्किल है। इस पूरी जिंदगी में उनकी बराबरी करना बहुत मुश्किल है। हमें उन्हें हराने के लिये अगला जन्म लेना होगा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा कौशल और तकनीक के मामले में हमसे कहीं बेहतर हैं। वे बेहद चुस्त और मैट पर काफी तेज होती है। अधिकतर समय हम उनकी तेजी की बराबरी नहीं कर पाते हैं। हमें उन्हें चुनौती देने के लिये अपनी तेजी बढ़ानी होगी। ’’

प्लेआफ में स्टोक्स की कमी खलेगी : स्मिथ

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पुणे, 14 मई, राइजिंग पुणे सुपरजाइंट के कप्तान स्टीव स्मिथ ने आज कहा कि किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ करो या मरो वाले मैच में आसान जीत के बाद अब उनकी टीम को प्लेआफ में बेन स्टोक्स की कमी खलेगी। यह मुकाबला एक तरह से नाकआउट जैसा था लेकिन पुणे ने किंग्स इलेवन को 73 रन पर ढेर करके नौ विकेट से जीत दर्ज की। वह अब पहले क्वालीफायर में मुंबई इंडियन्स से भिड़ेगा जो अंकतालिका में शीर्ष पर रहा। स्मिथ ने कहा, ‘‘यह शानदार दिन था। गेंदबाजों ने शानदार भूमिका निभायी। हम पहले कुछ मैचों में उचित संयोजन की तलाश करते रहे। कुछ नये खिलाड़ी आये और अब हमारे पास अच्छी संतुलित टीम है। दूसरे स्थान पर रहना वास्तव में अच्छा है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास स्टोक्स के एक दो विकल्प हैं। उसने अब तक बेहतरीन खेल दिखाया और हमारे लिये यह बड़ा नुकसान है। उम्मीद है कि अन्य खिलाड़ी उनकी भरपायी करने की कोशिश करेंगे। ’’ स्मिथ ने कहा कि टास ने आज की जीत में अहम भूमिका निभायी। उन्होंने कहा, ‘‘हम भाग्यशाली रहे जो टास जीत गये। आज फैसला करना आसान था। शादरुल ठाकुर और जयदेव उनादकट ने शानदार गेंदबाजी की। ’’ किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान ग्लेन मैक्सवेल ने भी कहा कि इस महत्वपूर्ण मैच में टास गंवाना उनकी टीम को भारी पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘टास ने अहम भूमिका निभायी। कुछ दिनों की बारिश के बाद पिच में नमी थी। यह केवल परिस्थितियों का सही आकलन करने से जुड़ा था। हम शुरूआती झटकों से नहीं उबर पाये। हम पिछले पांच मैचों में चार में टास नहीं जीत पाये थे। दुर्भाग्य से आईपीएल में टास पर काफी कुछ निर्भर होता है। ’’

सभी देशों को एक दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए : शी

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बीजिंग, 14 मई , चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने आज कहा कि सभी देशों को एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने चीन के ‘बेल्ट एंड रोड फोरम’ सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह टिप्पणी की। भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर से हो कर गुजरने वाले इस विवादित आर्थिक गलियारे को लेकर अपनी चिंताओं के चलते इस फोरम का बहिष्कार किया है। एक-दूसरे से जुड़ी हुई नयी दुनिया और अपने महत्वकांक्षी बेल्ट एंड रोड :बी एंड आर: कदम पर चीन के दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए अपने उद्घाटन भाषण में 63 वर्षीय शी ने प्राचीन रेशम मार्ग का संदर्भ दिया और ‘‘सिंधु तथा गंगा स5यताओं सहित’’ विभिन्न स5यताओं के महत्व पर अपनी बात रखी। लेकिन उन्होंने 50 अरब डॉलर की लागत से बन रहे चीन भारत आर्थिक गलियारे :सीपीईसी: पर भारत की आपत्ति का कोई जिक्र नहीं किया। ‘बी एंड आर’ के तहत यह महत्वाकांक्षी परियोजना पाकिस्तानी कब्जे वाले गिलगिट और बाल्टिस्तान से होकर गुजरती है। भारत पूरे जम्मू-कश्मीर को अपना अभिन्न अंग मानता है। 



हालांकि चीनी राष्ट्रपति शी ने कहा, ‘‘सभी देशों को एक दूसरे की संप्रभुता, मर्यादा और क्षेत्रीय अखंडता का, एक दूसरे के विकास के रास्तों का, सामाजिक प्रणालियों का और एक दूसरे के प्रमुख हितों तथा बड़ी चिंताओं का सम्मान करना चाहिए।’’ भारत ने कल ही स्पष्ट कर दिया था कि वह सीपीईसी को लेकर अपनी संप्रभुता संबंधी चिंताओं के चलते बीजिंग में आज से शुरू हुए सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा। भारत के फैसले के बाद शी ने आज 45 मिनट लंबा उद्घाटन भाषण दिया। भारत ने कल रात आधिकारिक बयान जारी कर अपने बहिष्कार का स्पष्ट संकेत दिया कि भारत ऐसी परियोजना को स्वीकार नहीं कर सकता जो उसकी सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करता हो। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने एक बयान में कहा, ‘‘कोई देश ऐसी परियोजना को स्वीकार नहीं कर सकता जो सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर उसकी मुख्य चिंताओं को नजरअंदाज करती हो।’’ हालांकि, दो दिवसीय इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कुछ भारतीय विद्वानों ने हिस्सा लिया। बीजिंग में हो रहे इस सम्मेलन में 29 देशों के नेता शामिल हुए। सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ संभवत: सबसे बड़े शिष्टमंडल.. चार मुख्यमंत्रियों और पांच संघीय मंत्रियों.. के साथ आये हैं। शी ने कहा कि ‘बेल्ट एंड रोड’ ‘‘इस सदी की परियोजना है’ जिससे पूरी दुनिया के लोगों को लाभ होगा।

ब्रिटेन के एक प्रतिष्ठित स्कूल में अब छात्र भी पहन सकेंगे स्कर्ट

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लंदन, 14 मई, लंदन का एक प्रतिष्ठित स्कूल स्कूली-वर्दी में लैंगिक भेदभाव को समाप्त करने की दिशा में काम करते हुए लड़कों को भी स्कर्ट पहनने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। ‘द संडे टाइम्स’ की खबर के अनुसार, उत्तरी लंदन का हाईगेट स्कूल इस मुद्दे पर विचार कर रहा है। स्कूल में छात्रों को भी स्कर्ट पहनने की अनुमति देने के निर्णय पर ऐसे समय में विचार किया जा रहा है जब विभिन्न स्कूलों के प्रधानाध्यापक विद्यार्थियों द्वारा अपनी लैंगिक पहचान पर किये गये सवालों से जूझ रहे हैं। हाईगेट में प्रधानाध्यापक एडम पेट्टिट ने अखबार को बताया, ‘‘मौजूदा पीढ़ी यह सवाल कर रही है कि क्या हम सचमुच चीजों को बाइनरी :दो के जोड़े में: देख रहे हैं।’’ वर्तमान में हाईगेट स्कूल की छात्राएं ग्रे रंग की पलतून, गहरे नीले रंग का जैकेट और टाई पहन सकती हैं, लेकिन छात्रों को सलेटी रंग के प्लेट वाला स्कर्ट पहनने की अनुमति नहीं हैं, और नाहीं 16 वर्ष की आयु से पहले वह ईयररिंग :कान के झुमके: पहने सकते हैं। उन्होंने कहा, अगर कुछ लड़के स्कर्ट पहन कर ही खुश होते हैं तो यह अच्छी बात ही होगी। प्रधानाध्यापक ने कहा कि फैसला लेने से पहले अभिभावकों से भी बातचीत की जाएगी। हालांकि स्कूल के कुछ विद्यार्थी इस कदम का विरोध भी कर रहे हैं।

मधुबनी : मध्यान भोजन रसोया बैठक

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मधुबनी/अंधराठाढ़ी (मोo आलम अंसारी)। मध्यान भोजन रसोइया फ्रंट की एक बैठक अंधराठाढ़ी प्रखंड परिसर में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता मधुबनी जिलाध्यक्ष सुश्री जूली देवी और सञ्चालन रमन कुमार राम ने की। बैठक के मुख्य अतिथि थे उत्तर बिहार प्रभारी संतोष कुमार श्रीवास्तव।  बैठक को संबोधित करते हुए श्री श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार रसोइयों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार कर रही है। राज्य एवं केंद्र सरकार की हठधर्मिता एवं लापरवाही के कारण आज रसोईया बहनों की हालत बद से बदतर हो गई है। हमारी रसोइया बहनों को न्यूनतम मजदूरी भी नसीब नहीं हो रहा है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि रसोइया बहनों को बारह महीने के बजाय केवल 10 महीने का मानदेय ही दिया जा रहा है। केंद्र व् राज्य सरकार महिला विकास के दावो के उलट रसोइया बहनों के साथ अन्याय व शोषण कर रही है।  अपने संबोधन में जिलाध्यक्ष जूली देवी ने कहा कि अपने अधिकारों के लिए हमें एकजुट होना पड़ेगा। महीनो से रसोइया बहनों का मानदेय बाकी है। उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि पूर्व के बकाया मानदेय का जल्द से जल्द भुगतान किया जाये। सुश्री जुली ने मांग की कार्यरत रसोइयों को पारिश्रमिक मानदेय का भुगतान 10 की बजाए 12 महीनों का किया जाए। इस आमसभा में सर्वसम्मति से मोहम्मद मंजूर आलम को रसोइया फ्रंट मधुबनी का जिला प्रभारी मनोनीत किया गया। आम सभा का संचालन अंधराठाढ़ी प्रखंड अध्यक्ष रमन कुमार राम ने किया। आमसभा को संबोधित करने वालों में ललित कुमार राम, अनीता देवी, आशा देवी, धानों देवी, भिखारी मंडल, राधा देवी, राजेश पासवान, सुमित्रा देवी, सुनीता देवी, फूलोदेवी, मोहम्मद अब्दुल कयूम आदि प्रमुख थे।

चीन के बीआरएफ शिखर सम्मेलन समारोह में भारत शामिल नहीं हुआ

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बीजिंग, 14 मई, भारत ने चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे :सीपीईसी: को लेकर संप्रभुता संबंधी चिंता के चलते आज चीन के ‘‘बेल्ट एंड रोड फोरम’’ के उद्घाटन समारोह में हिस्सा नहीं लिया। समारोह को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने संबोधित किया जिसमें कोई भारतीय प्रतिनिधिमंडल नजर नहीं आया। पूछे जाने पर भारतीय राजनयिकों ने बीती रात विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले द्वारा जारी बयान की ओर संकेत किया। बागले ने कहा था ‘कोई भी देश ऐसी परियोजना को स्वीकार नहीं कर सकता जिसमें उसकी संप्रभुता एवं भूभागीय एकता संबंधी प्रमुख चिंताओं की उपेक्षा की गई हो।’’ बैठक में कुछ भारतीय शोधार्थियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि कोई भारतीय प्रतिनिधिमंडल नजर नहीं आया। जिस सभागार में समारोह हुआ उसमें मीडिया को जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। ‘‘बेल्ट एंड रोड फोरम’’ :बीआरएफ: बैठक में 29 देशों और सरकारों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया जिनमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे और अन्य दक्षिण एशियाई देशों के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल शामिल थे। रूस, अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस सहित विभिन्न देशों के नेताओं और अधिकारियों ने समारोह में हिस्सा लिया।बीती रात कड़े शब्दों में जारी एक बयान में भारत ने कहा था कि संपर्क संबंधी पहल :कनेक्टिविटी इनीशिएटिव: को इस तरीके से आगे बढ़ाया जाना चाहिए कि संप्रभुता एवं भूभागीय एकता का सम्मान हो। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने एक बयान में कहा था ‘‘इस मामले में हमारी सैद्धांतिक स्थिति के मुताबिक हम चीन से उसकी संपर्क संबंधी पहल ‘वन बेल्ट, वन रोड’ पर एक सार्थक बातचीत करने का अनुरोध करते हैं जिसका नाम बाद में बदल कर ‘बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव’ कर दिया गया। हमें चीन की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया का इंतजार है।’’

कांग्रेस 2018 का कर्नाटक चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ेगी : खड़गे

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बेंगलुरू, 14 मई, कांग्रेस नेता मल्लिकाजरुन खड़गे ने आज कहा कि उनकी पार्टी 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव ‘‘सामूहिक नेतृत्व’’ में लड़ेगी। यह पूछने पर कि क्या उनके नाम पर पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष पद के लिए विचार किया जा रहा है तो लोकसभा में कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैंने इसके लिए आवेदन तक नहीं किया है।’’ उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे.. सत्ता में आने के बाद कांग्रेस विधायक दल :सीएलपी: और हमारे आलाकमान के निर्णय के मुताबिक चीजें होंगी।’’ वर्ष 2018 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच राज्य कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कड़ा मुकाबला है। गृह मंत्री जी. परमेश्वर जहां पद पर काबिज रहने का प्रयास कर रहे हैं वहीं डी के शिवकुमार, एम बी पाटिल, एस आर पाटिल जैसे अन्य नेता भी दौड़ में बताए जाते हैं।


चुनाव रद्द करने के पक्ष में है कांग्रेस, भाजपा चाहती है स्पष्टीकरण

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  • मतदाताओं को रिश्वत दिए जाने की स्थिति में चुनाव रद्द करने के लिए आयोग को शक्ति दिए जाने के पक्ष में है कांग्रेस, भाजपा चाहती है स्पष्टीकरण

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नयी दिल्ली, 14 मई, वोट के बदले में रिश्वत देने के मामले में चुनाव रद्द करने की वैघानिक शक्ति दिए जाने के चुनाव आयोग के एक प्रस्ताव को विपक्षी कांग्रेस का समर्थन मिला है, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा कि पहले सभी कानूनों में रिश्वत की एक समान परिभाषा की जरूरत है। गत शुक्रवार को यहां हुई सर्वदलीय बैठक में चुनाव आयोग ने अपने प्रस्ताव पर सभी पार्टियों से राय मांगी थी। इस प्रस्ताव के तहत चुनाव आयोग ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में विशेष प्रावधान डालने की मांग की है ताकि मतदाताओं को रिश्वत देने की स्थिति में चुनाव आयोग को चुनाव रद्द करने समेत उचित कार्रवाई करने की शक्ति दी जा सके। संसद में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने के पक्ष में है।


पार्टी नेता विवेक तन्खा ने कहा, ‘‘कांग्रेस लोकतंत्र की संस्थाओं को मजबूत बनाने के पक्ष में है। वैसे सभी कदम जो धन बल की समस्या से लड़ेंगे और उसे कम करेंगे, पार्टी उसका समर्थन करेगी।’’ पूर्व अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल तन्खा ने सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व किया था। भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि उनकी पार्टी एजेंडा सामग्री पर चुनाव आयोग को विस्तार से अपने रख की जानकारी देगी। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, रिश्वत शब्द की परिभाषा सभी कानूनोंे में एकसमान होनी चाहिए। संसद पहले ही भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में संशोधन के रूप में इस विषय पर विचार कर रही है।’’ यादव ने बैठक में भाजपा का प्रतिनिधित्व किया था। आयोग ने सरकार से जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में धारा 58 ए की तर्ज पर नयी धारा 58 बी जोड़ने को कहा है। धारा 58 ए चुनाव आयोग को मतदान केंद्र पर कब्जा किए जाने के आधार पर चुनाव को स्थगित करने या रद्द करने की शक्ति देती है। फिलहाल चुनाव आयोग मतदाताओं को बड़े पैमाने पर रिश्वत दिए जाने की स्थिति में चुनाव रद्द करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करता है। तमिलनाडु में आर के नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव को हाल में इसी आधार पर रद्द किया गया था।

कभी मुसलमानों के हितैषी नहीं रहे नसीमुद्दीन : अफजाल अंसारी

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बलिया, 14 मई, बसपा नेता पूर्व सांसद अफजाल अंसारी ने पार्टी मुखिया मायावती पर गम्भीर आरोप लगाने वाले निष्कासित नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर प्रहार करते हुए आज कहा कि यह जनाधार विहीन और एहसान फरामोश नेता कभी मुस्लिमांे के हितैषी नहीं रहे। अंसारी ने कहा कि बसपा के पूर्व महासचिव और मुस्लिम चेहरा कहे जाने वाले नसीमुद्दीन के निष्कासन से बसपा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नसीमुद्दीन का अपना कोई जनाधार नहीं है। अपने बूते वह एक बार विधानसभा में पहुंचे थे। दोबारा उन्हें ऐसा मौका नसीब नहीं हुआ। इसके बावजूद मायावती ढाई दशक से अधिक समय तक उन्हें अहमियत देती रहीं। उनको बराबर विधान परिषद में भेजती रहीं और उच्च सदन में पार्टी का नेता बनाया। यहां तक कि बसपा की सरकार में वह 15 से अधिक विभागों के मंत्री रहे। अंसारी ने नसीमुद्दीन को एहसान फरामोश करार देते हुए कहा कि संगठन में भी उच्च पद दिये जाने के बावजूद वह मायावती के प्रति ईमानदार नहीं रह पाए। यहां तक कि वह उनके फोन को टेप करते रहे। जाहिर है कि उनकी नीयत शुरू से ठीक नहीं रही। अपने कौमी एकता दल का बसपा में विलय कर चुके पूर्व सांसद ने कहा कि नसीमुद्दीन मायावती के खिलाफ खासकर मुसलमानों की हमदर्दी बटोरना चाहते हैं लेकिन उनकी मंशा पूरी नहीं होने वाली क्योंकि मुसलमानों को पता है कि जब वह मंत्री हुआ करते थे तब उन्होंने अपनी कौम की बेहतरी के लिए ना कुछ सोचा और ना ही कुछ किया। उन्होंने वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें तथा उनके भाइयों मुख्तार और सिबगतउल्ला को बसपा से निकलवाने के पीछे भी नसीमुद्दीन को जिम्मेदार बताया। मालूम हो कि मायावती ने कभी अपना दाहिना हाथ कहे जाने वाले नसीमुद्दीन को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में पिछले दिनों पार्टी से निकाल दिया था। उसके बाद नसीमुद्दीन ने बसपा मुखिया पर अनेक गम्भीर आरोप लगाये थे।

पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने के बाद साहित्यिक आवोहवा से शनैः शनैः दूर होता चला गया : राय सच्चिदानन्द

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) जिस समय, परिस्थिति व व्यवस्था में हमारा वर्तमान गतिमान है, वहाँ संभावनाओं की कोई नहीं रह गई है। समय व परिस्थिति के अनुसार इंसान खुद को किस रुप में परिवक्त कर पाता है यह उसके अनुभव व विवेक पर निर्भर करता है। हम यहाँ किसी अन्य क्षेत्र की बात नहीं कर रहे, हम बात कर रहे हैं पत्रकारों के सरोकार वाले क्षेत्र की। पत्रकारिता के अतीत व वर्तमान व्यवस्था की। चाहे प्रिंट मीडिया हो, इलेक्ट्रोनिक्स मीडिया हो, न्यूज एजेन्सी हो, आकाशवाणी हो, दूरदर्शन हो अथवा न्यू मीडिया (फेसबुक, ट्यूटर, गुगल्स, ओरकुट, इन्स्टाग्राम, वाट्सएप, वगैरह.......वगैरह......) हो, तमाम क्षेत्रों में नित्य नयी तकनीकी संभावनाओं का प्रयोग व आविष्कार लगातार जारी हैं। यूँ कहें 80 के दशक में पत्रकारिता के क्षेत्र में सेवा का जो भाव, जो जुनून सर चढ़ कर बोलता था, वर्तमान में वह पूरी तरह प्रोफेसशनल बन चुका है। मीडिया के अन्य क्षेत्रों की बात को यदि छोड़ दें तो हालात यह है कि एक समय एकक्षत्र साम्राज्य स्थापित कर चुका प्रिंट मीडिया अपने अस्त्त्वि को पुनर्जीवित करने की याचना में इन दिनों विवश दिख रहा। भूमंडलीकरण व वैश्वीकरण के इस युग में पत्रकारिता के क्षेत्र में तेजी से बदल रहे परिदृश्य में पुराने दिनों की पत्रकारिता स्मरण शेष बनकर रह गयी है। पत्रकारिता के क्षेत्र में ऐसा परिवर्तन बौद्धिक व मानसिक रुप से जहाँ एक ओर इंसान को लगातार आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा दे रहा, वहीं दूसरी ओर भीड़ में खुद को बनाए रखने की चुनौतियों को भी साझा कर रहा। यह सर्वविदित है कि मीडिया की पहुँच इन दिनों गाँव-कस्बों से लेकर जंगल-पहाड़ तक पहुँच चुकी है। यह भी कि तकनीकी रुप से समृद्ध मोबाईल व इंटरनेट की क्राँतिकारी पहल ने आम-अवाम को मीडिया में हस्तक्षेप से लगातार जुड़े रहने की विवशता में उन्हें ला खड़ा कर दिया है, परिणामस्वरुप लोग अपने-अपने अधिकारों, कर्तव्यों, अभिव्यक्ति व उसकी सीमाओं के प्रति संवेदनशील भी देखे जा रहे हैं, तथापि यह कहना समीचीन प्रतीत होता है कि पत्रकारिता की सार्वजनिक/ सामाजिक स्वीकार्यता से अभी भी लोग कोसांे दूर हैं।

38-40 वर्षों तक संताल परगना में ईमानदारी के साथ पत्रकारिता करने वाले तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में लाइव टाईम एचिवमेंट अवार्ड से सम्मानित (16 नवम्बर 2009 को जनमत शोध संस्थान, दुमका के तत्वावधान में आयेाजित कार्यक्रम में पत्रकारिता के लिये राय सच्चिदानन्द को लाईव टाईम एचिवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।) ने अपना उद्गार प्रकट करते हुए उपरोक्त बातें कही। यह सच है कि वर्तमान व्यवस्था व परिभाषा से इतर संताल परगना में जिन लोगों ने पत्रकारिता को आमजनों में प्रतिष्ठापित कर उसकी विश्वसनीयता को बनाए रखने का प्रयास किया, राय सच्चिदानन्द का नाम पूरे गर्व के साथ लिया जाता है। श्री राय संताल परगना की धरती के ऐसे उर्वर फसल रहे हैं जिनका सहयोग व सानिध्य साथी पत्रकारों के साथ-साथ आम जनों के लिये भी काफी गौरव का विषय रहा है। पत्रकारिता से हटकर श्री राय ने भोजपुरी साहित्य सेवा अपनी जिन्दगी का अहम विषय बना रखा था। देश, काल व परिस्थिति ने इनकी दिशा ही बदल डाली, परिणामस्वरुप इन्होंने पत्रकारिता को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बना डाला। राय सच्चिदानन्द के शब्दों में ’’80 के दशक में जब मैनें पत्रकारिता की दुनिया में पहला कदम रखा था, संताल परगना की स्थिति चिराग तले अंधेरा वाली थी। सारी सुविधाओं व संसाधनों से संपन्नता के बावजूद संताल परगना का बहुसंख्यक आदिवासी समाज हाशिये के दौर से गुजर रहा था। मीडिया के माध्यम से अवाम की आवाज दूर-दूर तक पहुँचायी जा सकती है। सरकार, व्यवस्था व बुद्धिजीवी मंचों तक इनकी आवाज पहुँचाना मैनें अपनी जिम्मेवारियों में महत्वपूर्ण कदम माना। इससे जुड़ाव के पश्चात रोज-रोज की घटनाओं, समस्याओं को संकलित कर उसका लेखन व प्रेषण अंततः साहित्यिक आवोहवा से मुझे दूर करता चला गया’’। पहले प्रदीप व उसके बाद हिन्दुस्तान दैनिक के लिये 34-35 वर्षों से काम करते रहने के बाद अब विश्राम ले चुके श्री राय मीडिया के विकेन्द्रीकरण व उसके वर्तमान स्वरुप से जहाँ एक ओर काफी शुकंुन का अनुभव महसूस कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर दिन-प्रतिदिन इसके गिर रहे स्तर से भी काफी मर्माहत हैं। आगे श्री राय कहते हैं- हमारे समय में पत्रकारिता की अपनी सीमाएँ थी। एक लिमिटेशन्स के तहत नीति-निर्धारण होते थे। समाचारों का महत्व बढ़-चढ़ कर होता था। सबकुछ सिमटता जा रहा है अब। बढ़ रहे बाजारबाद व कम्पीटीशन की वजह से प्रतिदिन बड़े-बड़े काॅरपोरेट घरानों द्वारा नये-नये अखबारों का प्रकाशन प्रारंभ हो रहा है। अखबारों मे समाचारों की जगह विज्ञापन ने अपना स्थान श्रेष्ठ बना रखा है। पहले जिलास्तर पर रिर्पोटरों की नियुक्ति हुआ करती थी, अब बिना वेतन/मानदेय के रिर्पोटर अखबारों में खटते नजर आते हैं। गाँव-पंचायतों तक संवाददाताओं की निःशुल्क नियुक्ति की जा रही है। पत्रकारिता में ठेकेदारी का प्रचलन बढ़ गया है। डराने-चमकाने की परंपरा सर चढ़ कर बोल रही है। विज्ञापन व पिपणन में रुचि की वजह से लेखन शैली खासा प्रभावित हुआ है। लिखने की क्षमता दिन-व-दिन क्षीण होती जा रही है। आगे बढ़ने की होड़ में लोग अपनी-अपनी सीमाएँ व आचरण भूलते जा रहे हैं। पत्रकारिता जो एक मिशन हुआ करता था, वर्तमान में पूरी तरह व्यवसायिक हो चुका है। गुण-अवगुण एक सिक्के के दो पहलू हैं। पत्रकारिता अन्य तरह की व्यवस्थाओं से अछूता नहीं रह सकता। जहाँ एक ओर सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत की वर्तमान व्यवस्था में पारदर्शिता का यह बड़ा व ठोस आईना है, वहीं दूसरी ओर कुछ प्रतिशत तथाकथित बुद्धिजीवियों के लिये मिशन से इतर यह जीवन जीने का एकमात्र साधन बनकर रह गया है।

दुमका में जहाँ हिन्दी सहित अन्य क्षेत्रीय भाषाओं यथा अंगिका, संताली, व बंग्ला में साहित्य सृजन की परंपरा व उसका अपना इतिहास रहा है, ऐसे में दुमका से तकरीबन 9-10 मील दूर 10-12 घरों के एक छोटे से अनाड़ी बस्ती मंझियानडीह में जन्में राय सच्चिदानन्द के ह्दय में भोजपुरी के प्रति आत्मा से जुड़ाव के सवाल पर अपना प़क्ष रखते हुए कहते हैं-भोजपुरी में लिखने की प्रेरणा मुझे स्व0 उमाशंकर प्रसाद से मिली। वे मुझे अपना छोटा भाई मानते थे। हिन्दी में लिखी मेरी रचनाओं से वे काफी प्रभावित थे। हिन्दी से अलग भोजपुरी में साहित्य लेखन के लिये मुझे नियमित वे प्रोत्साहित करते रहते। उनके प्रोत्साहन से प्रभावित हो भोजपुरी में मैनें एक कहानी लिखी बनारस से प्रकाशित मासिक पत्रिका ’भोजपुरी कहानियाँ’ में यह प्रकाशित हुई। राय सच्चिदानन्द की भोजपुरी में प्रकाशित कहानी का शीर्षक था ’भिखारी के बेटी’। श्री राय के अनुसार भोजपुरी एकांकी ’नयकी पीढ़ी’ का एस0 पी0 महाविद्यालय, दुमका में पहली बार मंचन आज भी मन को रोमांचित व प्रफुल्लित कर देता है। पटना से प्रकाशित हिन्दी मासिक पत्रिका ’बेलिक’ में प्रबंध संपादक की हैसियत से काम कर चुके राय सच्चिदानन्द ने भोग गए सत्य व जिये गए यथार्थ सहित ग्रामांचल के जीवन की दरिद्रता व उनकी संवेदनाओं को अपनी लेखनी का आधार बना दाग, साध के अरथी, सपना जे मेटि गेईल एवं एगो चिट्ठी-एगो बात जैसी कहानियाँ लिखकर भोजपुरी में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्शायी जिसकी भरपाई आज तक संभव नहीं हो सका है। प्यासी परछाईयाँ, उबड़-खाबड़ धरती, सीधे-साधे लोग जैसे उपन्यास भी इनके कम चर्चित नहीं रहे हैं।  हिन्दी व भोजपुरी साहित्य में समान अधिकार रखने वाले मुर्धन्य साहित्यकार व कथाकार विवेकी राय (गाजीपुर, यूपी) चैधरी कन्हैया प्र0 सिंह (राँची) ऋषिश्वर (नई दिल्ली) व दैनिक गाण्डिव (वाराणसी संस्करण) के साहित्य संपादक गिरिजा शंकर ’गिरिजेश’ ने राय सच्चिदानन्द की बटोही कहानी संग्रह पर अलग-अलग प्रतिक्रियाओं के क्रम में कहा था ’’सृजन’’ की सड़क पर एक अमराई खड़ी कर श्री राय ने जिस प्रकार भोजपुरी को संताल परगना में प्रतिष्ठापित करने का प्रयास किया, निःसन्देह इस छोटी सी कृति के प्रकाशन में भोजपुरी भाषा की शक्ति सामथ्र्य में बड़ी अभिव्यक्ति हुई। सभी भाषाओं से प्रेम रखने वाले राय सच्चिदानन्द को बंग्ला भाषा औ संस्कृति रक्षा समिति, झारखण्ड की ओर से स्मृतिचिन्ह व अंगवस्त्र प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया गया था। दशकों तक पत्रकारिता करने वाले राय सच्चिदानन्द भले ही उम्र की दोपहर लांघ चुके हों, तथापि मन, तन व वचन से पत्रकारिता के प्रति उनकी जीजीविषा आज भी पूर्ववतः देखी जा सकती है।

कपिल की आड़ न ले भाजपा,हिम्मत है तो सामने आये : अाप

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नयी दिल्ली,14 मई, आम आदमी पार्टी (आप) ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को खुली चुनौती देते हुए आज कहा कि वह पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा की आड़ लेकर वार करने की बजाए सामने आकर उसका मुकाबला करे। आप प्रवक्ता संजय सिंह ने पार्टी से निष्कासित एवं बर्खास्त मंत्री श्री मिश्रा के संवाददाता सम्मेलन के तुरंत बाद उनके आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा आप के पूर्व नेता की आड़ लेकर श्री केजरीवाल की छवि खराब करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा,“ सबूत बताकर फर्जी कागजात हवा में लहराने से काम नहीं बनेगा, हिम्मत है तो सामने आकर मुकाबल करें।’’ श्री सिंह ने कहा कि पिछले ढ़ाई साल से भाजपा आप के बारे में दो करोड़ रूपए के चंदे का मामला उठा रही है। अब श्री मिश्रा भी वही बात दोहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इतनी ताकतवर केन्द्र सरकार है तो चंदे के पक्के सबूत अपने दम पर क्यों नहीं जुटा पा रही, वह श्री मिश्रा जैसों की आड़ क्यों ले रही है। आप प्रवक्ता ने पार्टी पर फर्जीवाड़ा कर चंदा जुटाए जाने के सबूत के तौर पर बिना नाम और तारीख वाले चेक श्री मिश्रा द्वारा मीडियाकर्मियों को दिखाए जाने के जवाब में भाजपा के नाम का ऐसा ही 70 करोड़ रुपए का चेक दिखाया आैर कहा,“ इस तरह के फर्जी चेक कई सारे लाकर लोगों को दिखा सकता हूं । किसने चेक लिखा, किसको दिया कुछ पता नहीं। ऐसे चेक दिखाकर मनगढ़ंत आरोप लगाए जा रहे हैं। पार्टी की मान्यता रद्द करने की कोशिश हो रही है। कपिल की इस हरकत ने पूरे प्रकरण को कामेडी सर्कस बना दिया है।” उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में मौजूद एक व्यक्ति नील को भाजपा का कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि यह इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि पूरी साजिश भाजपा के इशारे पर हो रही है।

मायावती वोट की राजनीति करती है,दलितों से कोई लेनादेना नही : उमा भारती

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झांसी,14 मई, केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा सफाई मंत्री उमा भारती ने बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष मायावती पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि मायावती केवल वोट की राजनीति करती हैं उन्हें दलितों से कोई लेनादेना नहीं है। जैन समाज के यति सम्मेलन में शिरकत करने आज यहां पहुंची सुश्री भारती ने संवाददाताओं से बसपा में मचे घमासान पर कहा कि मायावती दलित राजनीति की सबसे बड़ी शोषक महिला हैं। माया का हर प्रकरण भ्रष्टाचार से जुड़ा रहता है। मायावती ने पैसा बनाने के अलावा कुछ नहीं किया है। केंद्रीय मंत्री ने बसपा से निकाले गए नसीमुद्दीन सिद्दीकी द्वारा मायावती पर लगाए गए आरोपों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, बाबू जगजीवन राम, काशीराम समेत अनेक नेताओं ने दलित समाज के उत्थान के लिए अनेक काम किए लेकिन, मायावती दलितों के लिए शोषक की भूमिका ही निभाती रहीं। उन्होंने कहा कि इस देश में जितने भी दलित नेता हुए उन सभी ने समाज के लिए कोई न कोई योगदान दिया है । कांशीराम ने समाज के लोगों में जागरूकता पैदा कर दलित वोट की ताकत का एहसास कराया है लेकिन मायावती एक ऐसी नेता हैं जिसने शोषक की भूमिका निभाई है |

देश में शांति भंग कर रही है भाजपा : खड़गे

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बेंगलुरु, 14 मई, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे नेभारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर देश शांति भंग करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि इससे सशस्त्र सेनाओं के आत्मविश्वास में कमी आयेगी। श्री खड़गे ने यहां पत्रकारों से कहा कि करों में बढ़ोतरी, जनविमुख नीतियां तथा केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण लोगों की रोजमर्रा के जीवन में काफी दिक्कतें आ रही है। उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर गरीब देशों समेत पूरी दुनिया में पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों में कमी आयी है लेकिन भारत में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम काफी अधिक है। श्री खड़गे ने कहा कि लोकपाल विधेयक संसद में पारित होने तथा चहुंओर से इसे लागू करने के दबाव के बावजूद भाजपा इसे लागू करने में रूचि नहीं दिखा रही है। उन्होंने कहा 'लोकपाल की नियुक्त करने में इस सरकार को क्या रुकावटें आ रही हैं।'कांग्रेस के नेता ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपलब्धियों का लंबे-चौड़े भाषणों में बखान किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्रियों को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की शक्ति नहीं क्योंकि सब कुछ प्रधानमंत्री के नियंत्रण में है। भाजपा में एक ही व्यक्ति श्री मोदी बोल सकते हैं, बाकी श्रोता हैं। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। श्री खड़गे ने कहा कि कांग्रेस आला कमान की ओर प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के लिए कोई संकेत नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा 'आला कमान की ओर से प्रदेश की जिम्मेदारी संभालने के लिए कहा जाएगा तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। इसका निर्णय पार्टी आला कमान को करना है।'

आंध्रप्रदेश में बिजली गिरने से सात लोगों की मौत

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अनंतपुरम,14 मई, अांध्रप्रदेश के कुरनूल और अनंतपुरम जिले में बिजली गिरने की घटनाओं में अाज सात लोगों की माैत हाे गई अौर तीन अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अनंंतपुरम जिले में अाज तेज बारिश हो रही थी और इसी दौरान कुछ किसान अौर चरवाहे एक पेड़ के नीचे खड़े हो गए अाैर इसी दाैरान बिजली गिरने की घटना में पांच लोगों की मैात हो गई। इनकी पहचान बोया शिवप्पा(25),बोया अोबान्ना(40) जानाम जानामा (50) कंथारपाल्ली गिरि रेड्डी(40) और करीमुल्ला(34) के रूप में की गई है। इस दौरान तीन अन्य किसान गंभीर रूप से झुलस गए। इन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले की जानकारी मिलने के बाद सूचना और जन संपर्क मंत्री कल्वा श्रीनिवासुलु ने घटनास्थल का दौरा किया। सूत्रों ने बताया कि बिजली गिरने की दूसरी घटना कुरनुल जिले के काडाबूर मंडल के चिना थांबालाम गांव में हुई जहां एक महिला और उसकी पाेती की मौके पर ही मौत हो गई।


भ्रष्टाचारी है केजरीवाल . सजा मिलनी चाहिए : कपिल मिश्रा

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नयी दिल्ली 14 मई, आम आदमी पार्टी से निलंबित विधायक और दिल्ली सरकार के बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा ने आज कई सारे सबूतों के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हाेंने जनता के साथ धोखा किया है इसके लिए उन्हें जेल की सजा मिलनी चाहिए। कई सारी फाइलों और दस्तावेजों के साथ मीडिया के सामने आए अपने अनशन के पांचवे दिन श्री मिश्रा ने इस मौके पर केजरीवाल सरकार के करोड़ों के लेन देन के बारे में ब्योरा रखा और बताया कि किस प्रकार फर्जी कंपनियों से लेन-देन किया गया। किस तरह से फर्जी कंपनियों से पार्टी ने चंदा जुटाया और इसकी जानकारी चुनाव आयोग और आयकर विभाग से छिपाई गई। उन्होंने कहा कि उनके बार-बार पूछने के बावजूद श्री केजरीवाल और न ही उनकी पार्टी उन पांच मंत्रियों विदेश यात्राओं की जानकारी दे रही है जिसमें सरकारी धन का इस्तेमाल किया गया । उन्होंने कहा कि यह सारा खेल हवाला का है और कालाधन को सफेद करने का है। श्री मिश्रा ने कहा कि 2013-14 को पार्टी के खाते में जो पैसा था उसका हिसाब किताब चुनाव आयोग से छिपाया गया। चंदे के हिसाब का ब्योरा पार्टी की वेबसाइट पर नहीं दिया गया। यहां तक की पार्टी के कार्यकर्ताओं से सच काे छुपाया गया।

23 साल पहले जी न्यूज की स्ट्रिंगर थी स्मृति ईरानी

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नयी दिल्ली 14 मई, छोटे पर्दे पर धूम मचाने के बाद थोड़े से समय में राजनीति में अलग मुकाम बनाने वाली केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी 23 वर्ष पहले जी न्यूज के लिए अल्पकालिक संवाददाता के रूप में काम करती थीं। जी न्यूज एस्सेल समूह की एक ईकाइ है और इस समूह की स्थापना के 90 वर्ष पूरा होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में जी न्यूज की ओर से खुलासा किया गया कि श्रीमती ईरानी ने अपने कैरियर के शुरूआती दिनों में इस खबरिया चैनल के लिए काम किया था। एस्सेल समूह के अनुसार श्रीमती ईरानी 1994 में गोवा से जी न्यूज के लिए स्ट्रिंगर के रूप में काम करती थी। समूह ने समारोह में हिस्सा लेने आये लोगों से आज श्रीमती ईरानी का इसी रूप में परिचय कराया। खुद श्रीमती ईरानी ने मंच पर आकर इसके लिए एस्सेल समूह के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने समूह के 90 वर्ष पूरा होने पर उसे शुभकामनाएं दी। समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद थे। श्रीमती ईरानी ने छोटे पर्दे पर अनेक धारावाहिकों में अपने अभिनय की अमिट छाप छोड़ी । इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में अपनी राजनीतिक पारी शुरू की और मोदी सरकार के केन्द्रीय मानव संसाधन तथा विकास जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली। बाद में मंत्रिमंडल में फेरबदल के समय उन्हें केन्द्रीय कपडा मंत्री बनाया गया।

निस्वार्थ भाव से काम करने वाले आरएसएस को क्यों कहा जाता है सांप्रदायिक : योगी

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लखनऊ,14 मई, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को साम्प्रदायिक कहने वालों को आडे हाथों लेते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि निस्वार्थ और सेवा भाव से काम करने वाले इस संगठन पर उंगली उठाने वालों को पहले अपने भीतर झांकना चाहिये। श्री योगी यहां सुहेलदेव विजयोत्सव दिवस के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आरएसएस निस्वार्थ भावना से काम कर रहा है। आरएसएस लोगों के अंदर राष्ट्रीयता का भाव पैदा करना चाहता है। जब आरएसएस मलिन बस्ती में काम करता है तो उसपर उंगली उठती है कि वो सांप्रदायिक है। उन्होंने कहा कि देश में एक बार चर्चा हो जानी चाहिए कि कौन सांप्रदायिक है और कौन राष्ट्रवादी है। उन्होने कटाक्ष किया कि जो लोग वोट बैंक बनाकर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं वो खुद को मानवतावादी कहते हैं।'मुख्यमंत्री ने कहा कि 'हमने अपने इतिहास को भुला दिया। इस देश में विदेशी आक्रांताओं के हमले तेज हो गए। जब भी हम अपने इतिहास को भुला देंगे इसका परिणाम पूरे समाज को भुगतना होगा।'महाराजा सुहेलदेव को इतिहास में जितनी जगह मिलनी चाहिए थी उतनी मिली नहीं। एक शरारत के तहत ऐसे महापुरुषों का नाम हटा दिया गया। केन्द्र सरकार ने निर्णय लिया है कि इन सभी महापुरुषों को पाठयक्रमों का हिस्सा बनाएंगे। जब तक हम बच्चों को नहीं बताएंगे कि कौन महापुरूष थे तो उन्हें जानकारी क्या होगी।'

जयललिता का सपना था चेन्नई मेट्रो रेल : वेंकैया

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चेन्नई,14 मई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता तथा केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना को दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता का सपना बताते देते हुए कहा कि यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आज वह हमारे बीच नहीं हैं और उनकी कमी बहुत खल रही है। श्री नायडू ने चेन्नई मेट्रो के तीसरे स्ट्रेच थिरुमंगलम तथा नेहरू पार्क के बीच मेट्रो लाइन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद कहा, “चेन्नई मेट्रो सुश्री जयललिता का सपना था।” उन्होंने कहा कि यह अफसोसनाक है कि सुश्री जयललिता की कमी यहां महसूस हो रही है, “मैं आज उनको सलाम करता हूं।” शहरी विकास मंत्री ने कहा कि इस परियोजना से लोगों को काफी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि चेन्नई मेट्रो के पहले चरण के पूरा होने के बाद करीब 7.75 लाख लोग यात्रा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि चेन्नई मेट्रो परियोजना के विस्तार के लिए जो भी संभव होगा केंद्र सरकार करेगी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी ने इस अवसर पर कहा कि इस योजना के दूसरे चरण के चेन्नई मेट्रो रेल का विस्तार 108 किमी तक होगा जिसकी अनुमति के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजा गया है। उन्होंने कहा कि मेट्रो के पहले चरण का काम अगले साल मध्य तक पूरा हो जाएगा।

‘डिजिटल क्रांति’भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी का एक मजबूत अभियान : नकवी

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मुंबई,14 मई, केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि ‘डिजिटल क्रांति’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का काला धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू किया गया एक मजबूत अभियान है और देश में डिजिटल पेमेंट,ऑनलाइन एवं मोबाइल बैंकिंग व्यवस्था सफल हो रही है। श्री नकवी ने यहां अनुसूचित एवं को-ऑपरेटिव बैंकों के प्रतिनिधियों के एक सम्मेलन कहा कि ‘डिजिटल क्रांति, विकास को सर्वस्पर्शी, समावेशी और पारदर्शी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के ‘डिजिटल क्रांति’ अभियान से विभिन्न जनकल्याणकारी सेवाओं को हर जरूरतमंद तक बिना किसी रोक-टोक के पहुंचाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के इस अभियान का मकसद देश को ‘डिजिटल अर्थव्यवस्था’ में बदलना है। डिजिटल अर्थव्यवस्था भारत को ‘लेस कैश इकोनॉमी’बना रही है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के उन गिने-चुने देशों में से एक है जहां इतने कम समय में डिजिटल व्यवस्था को जन-जन तक पहुंचाया गया है। ‘डिजिटल इंडिया’ के तहत सरकारी विभागों को देश की जनता से जोड़ना है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिना कागज के इस्तेमाल के सरकारी सेवाएं इलेक्ट्रॉनिक रूप से जनता तक पहुंच सकें। इस योजना का एक उद्देश्य ग्रामीण इलाकों को हाई स्पीड इंटरनेट के माध्यम से जोड़ना भी है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत केंद्र सरकार 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ रही है। श्री नकवी ने कहा कि डिजिटल पेमेंट आधारित ‘लेस कैश अर्थव्यवस्था’ से आम आदमी के रोजमर्रा का लेन-देन सरल और सुलभ हो गया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने का मतलब अर्थव्यवस्था से नकदी को पूरी तरह हटा देना नहीं है, बल्कि एक ऐसी अर्थव्यवस्था स्थापित करना है जो कम नकदी और अधिकतम डिजिटल ट्रांजेक्शन पर आधारित हो। उन्होंने आह्वान किया कि ‘ना नकद-ना उधार’करें, डिजिटल लेन-देन और कारोबार। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ‘कैशलेस डिजिटल अर्थव्यवस्था’ की वजह से भ्रष्टाचार में कमी आएगी क्योंकि ज्यादातर भ्रष्टाचार से संबंधित गतिविधियां नगदी में होती हैं। श्री नकवी ने कहा कि छोटी जगहों पर जहां बैकिंग सुविधा नहीं है वहां आसानी से ई-पेमेंट और मोबाइल बैकिंग के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है।

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