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झड़प के बाद पुलिस महानिदेशक से मिला भाजपा और राजद प्रतिनिधिमंडल

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पटना 17 मई, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से जुड़े ठिकानों पर आयकर छापे के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्र राजद के कार्यकर्ताओं के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यालय पर हमले से दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प के बाद भाजपा और राजद का प्रतिनिधिमंडल आज यहां पुलिस महानिदेशक से मिलकर ज्ञापन सौंपा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद नित्यानंद राय और पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस महानिदेशक पी. के. ठाकुर से मिलकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि राजद नेता एवं राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के इशारे पर एक सुनियोजित साजिश के तहत राजद कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय पर हमला किया है। इसमें कई कार्यकर्ताओं गंभीर रूप से घायल हो गये। बाद में श्री राय ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि यदि दोषियों पर कानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो पार्टी आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक ने पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। वहीं दूसरी तरफ राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस महानिदेशक से मिलकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंत राय और पार्टी नेता सुशील कुमार मोदी के इशारे पर 200 की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता कार्यालय से लाठी-डंडा लेकर निकले और राजद कार्यकर्ताओं पर टूट पड़े। इस हमले में कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गये।


बिहार सरकार वार्ड विकास समिति के जरिये नही करेगी नल का जल स्कीम लागू : उच्च न्यायालय

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पटना 17 मई  पटना उच्च न्यायालय ने आज बिहार सरकार को वार्ड विकास समिति के माध्यम से हर घर नल का जल और नाली-गली योजना के कार्यान्वयन पर रोक लगाते हुए अब इसे पंचायती राज अधिनियम 2006 के तहत बनी कमेटियों के माध्यम से कराने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन और न्यायमूर्ति सुधीर सिंह की खंडपीठ ने आज यहां मुखिया संगठनों की ओर से दाखिल की गयी एक याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार को यह निर्देश दिया। अदालत ने राज्य सरकार को इन योजनाओं को पंचायती राज अधिनियम 2006 के तहत पहले से ही मौजूद एक समिति द्वारा कार्यान्वित करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार अब वार्ड विकास समिति के माध्यम से इस योजना को लागू नहीं कर सकती है।

ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए शीघ्र होगी चिकित्सकों की नियुक्ति : रघुवर

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रांची 17 मई, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा को मजबूत बनाने के लिए शीघ्र ही डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी और उन्हें 20 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। श्री दास ने यहां रांची आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) परिसर में पार्किंग स्टेडियम और मैकेनाइज्ड लौन्ड्री का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि बीएस सामुदायिक स्वास्थ्य पाठ्यक्रम लांच किया जा रहा है। छात्रों का पाठ्यक्रम पूरा होते ही उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो में नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य में सहायक का पद सृजित करने के लिए अलग से नियम लाया जाएगा। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि मरीजों की साफ-सफाई के लिए मैकेनाइज्म लौन्ड्री की शुरुआत सरकार की ओर से उठाया गया एक बड़ा कदम है। इससे मरीजों को साफ बेडशीट, कंबल, तौलिया और गाउन उपलब्ध कराने में आसानी होगी। इस अवसर पर श्री दास ने चिकित्सा महाविद्यालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए पावर ग्रिड द्वारा उपलब्ध कराये गये 20 एंबुलेंस की सेवाएं भी शुरू की। श्री दास ने कहा कि पड़ोसी राज्यों बिहार, ओडिशा एवं छत्तीसगढ़ से मरीज रिम्स में इलाज कराने आते हैं। उनके लिए शीघ्र ही पांच करोड़ रुपये की लागत से एक शयनगृह का निर्माण कराया जाएगा। मरीज और उनके परिजनों के लिए यहां सस्ती दर पर भोजन की भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में नर्सिंग पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। इससे लड़कियों को नौकरी मिलने के साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों की कमी भी दूर की जा सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ्य झारखंड निर्माण के लिए अभी भी कई आवश्यक कदम उठाये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को मंजूरी दी है, जिससे राज्य की 80 प्रतिशत आबादी को लाभ होगा। उन्होंने अधिकारियों से इस योजना के बारे में लोगों के बीच जागरुकता फैलाने को कहा। श्री दास ने इस अवसर पर चिकित्सकों के बीच नियुक्ति पत्र भी बांटे और कहा कि उन्हें लगन भाव से काम करना चाहिए और काम में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के लिए सिविल सर्जनों को उनके क्षेत्र में अल्ट्रासाउंड मशीनों का पंजीकरण करवाने का आदेश दिया। उन्होंने अधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों से अस्पताल परिसर में स्वच्छता बनाये रखने की अपील की। इसके अलावा उन्होंने लोगों से सरकारी अस्पतालों में निजी अस्पतालों की तरह व्यवस्था बनाने के लिए सलाह भी मांगी। इस अवसर पर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी भी उपस्थित थे। 


जीएम सरसों की खेती पर नीतीश का विरोध जारी, कहा- नहीं बना सकते राज्यों पर दबाव

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पटना 17 मई, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीन संवर्द्धित (जीएम) सरसोंं की वाणिज्यिक खेती को लेकर जीएम फसल नियामक की सिफारिश का विरोध करते हुये कहा कि कृषि के राज्य सूची का विषय होने से इसकी खेती के लिए राज्यों पर दबाव नहीं बनाया जा सकता है। श्री कुमार ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनिल माधव दवे को लिखे पत्र की प्रति आज यहां जारी की। पत्र में कहा गया है कि मीडिया के माध्यम से ऐसी जानकारी मिली है कि जेनेटिक इंजीनियरिंग ऐप्रेजल कमेटी (जीईएसी) ने देश में जीएम सरसोंं की वाणिज्यिक कृषि शुरू करने की सिफारिश की है और इस आवेदन पर अब श्री दवे को स्वीकृति देने या नहीं देने का निर्णय लेना शेष है। उन्होंने इस खबर के हवाले से जीएम सरसों के खिलाफ विरोध जताते हुये कहा कि कृषि के राज्य सूची का विषय होने के कारण राज्यों पर इसकी खेती के लिए दबाव नहीं बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने इस संदर्भ में इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी पत्र लिखा है। जीएम सरसोंं की खेती के लिए प्रस्ताव पर हमारी चिंता और विरोध के बावजूद इस मुद्दे का समाधान नहीं निकल सका। मैने पहले भी यह मुद्दा उठाया है कि यदि केंद्र सरकार इसकी मंजूरी दे देती है तो इसके घातक परिणाम झेलने के लिए राज्यों पर कैसे दबाव बनाया जा सकता है जबकि कृषि राज्य सूची का विषय है।” श्री कुमार ने कहा कि बहुराष्ट्रीय बीज कंपनियाें द्वारा जीएम तकनीक आधारित सरसों का व्यावसायीकरण करने की आशंका है। इससे बीज कंपनियों का एकाधिकार तो स्थापित होगा ही साथ ही लाखों किसानों का भविष्य इन कंपनियों के पास गिरवी रखने जैसी स्थिति हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा बीज अधिनियम में भी इन कंपनियों के लिए न तो उत्तरदायित्व निर्धारित किया गया है और न ही जीएम सरसों बीज का इस्तेमाल करने पर नुकसान होने से किसानों के लिए क्षतिपूर्ति का ही प्रावधान किया गया है। यह एक जोखिमपूर्ण तकनीक है जो किसानों के साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा अभी भी यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को जीएम सरसों पर कोई भी फैसला करने से पहले उच्च्तम न्यायालय में अपना पक्ष रखना जरूरी है। श्री कुमार ने कहा, “जीएम सरसों को आवेदन को तत्काल खारिज किया जाना चाहिए। आगे भी जीएम फसलों पर जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए क्योकिं इससे किसानों के साथ ही पूरे देश के लोगों को नुकसान हो सकता है।” 

गैर आदिवासी को ही मुख्यमंत्री बनाना था तो झारखंड का गठन क्यों : नीतीश

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रांची 17 मई, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने झारखंड में गैर आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाये जाने को लेकर तंज कसते हुए आज कहा कि यदि ऐसा ही करना था तो अलग राज्य झारखंड का गठन क्यों किया गया। श्री कुमार ने यहां मोरहाबादी मैदान में आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से राज्य सरकार के खिलाफ आयोजित रैली को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे आश्चर्य हुआ जब यहां पहली बार गैर आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया गया। हालांकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन जब गैर आदिवासी को ही मुख्यमंत्री बनाया जाना था तो अलग राज्य झारखंड का गठन क्यों हुआ, तब तो यह बिहार में ही ठीक था।” हालांकि उन्होंने कहा कि उनके मन में यहां के मुख्यमंत्री के लिए कोई द्वेष नहीं है और न ही कोई दुराग्रह। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने झारखंड गठन का समर्थन किया लेकिन अब उन्हें लगता है कि झारखंड की पहचान के साथ छेड़छाड़ की गयी है। उन्होंने छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) एवं संताल परगना काश्तकारी (एसपीटी) अधिनियम में छेड़छाड़ के किसी भी प्रयास की निंदा करते हुए कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा क्योंकि यह आदिवासियों की अस्मिता से जुड़ा मामला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी लोगों के सम्मिलत प्रयास से इसे हासिल किया गया था । 

पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे नहीं रहे

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नयी दिल्ली,18 मई, केन्द्रीय वन,पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनिल माधव दवे का आज सुबह यहां दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 60 वर्ष के थे। श्री दवे को सुबह अचानक तबीयत बिगड़ जाने पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाया गया जहां दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। पर्यावरण मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार श्री दवे का आज ही विमान से कोयम्बटूर जाने का कार्यक्रम था। लेकिन इसी बीच सुबह उन्होंने बैचेनी की शिकायत की जिसपर उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री दवे के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, “मैं कल शाम को अनिल दवे जी के साथ था। उनके साथ नीतिगत मुद्दों पर चर्चा कर रहा था। उनका निधन मेरी निजी क्षति है। दवे जी के रूप में मैने अपना एक मित्र और एक आदर्श व्यक्ति खो दिया है। उन्हें लोग जुझारू लोक सेवक के तौर पर याद रखेंगे। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उनका सक्रिय सहयोग हमेशा याद रखा जाएगा।” केन्द्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू, सुरेश प्रभु, और स्मृति ईरानी सहित कई केन्द्रीय मंत्रियों ने भी श्री दवे के निधन पर शोक व्यक्त किया है। श्री दवे के सम्मान में आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की राजधानियों के सभी सरकारी भवनों और कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया है। श्री दवे के पार्थिव शरीर को आज शाम को पांच बजे सेना के विशेष विमान भोपाल ले जाया जायेगा। अंतिम संस्कार कल सुबह होशंगाबाद जिले के बांद्रा भान स्थित शिवनेरी आश्रम में किया जायेगा। जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते का भारत की ओर से अनुमोदन किये जाने में श्री दवे ने अहम भूमिका निभाई थी। प्रधानमंत्री की पर्यावरण से जुडी योजनाओं में वह एक प्रमुख नीतिकार और सलाहकार थे। एक साल से भी कम समय के अपने छोटे से कार्यकाल में उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर आयेाजित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भारत का प्रभावी नेतृत्व किया और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भारत के हिताें की पुरजोर वकालत करने के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की भूभिका का खाका भी पेश किया। मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद श्री दवे पर्यावरण मंत्री बनने से पहले ही पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न अभियानों अरसे से सक्रिय रहे थे। समाचार एजेंसी यूनीवार्ता को दिए एक विशेष साक्षात्कार में उन्होंने कहा था, ‘पर्यावरण उनकी निजी रुचि का विषय है ऐसा नहीं है कि पर्यावरण मंत्री बनने पर मुझे पर्यावरण की चिंता है बल्कि यह शुरू से मेरे जीवन का हिस्सा रहा है। मुझे इसमें बहुत सुकुन मिलता है।” उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए जमीन से जुड़कर काम करने की वकालत करते हुए कहा था कि एयर कंडीशनर कमरों में बैठक नीतियां भर बनाने से काम नहीं चलेगा इसके लिए जमीन में उतरना पड़ेगा स्थानीय लोगों से जुड़ना होगा तभी बात बनेगी। 

चीन सीमा से लगे पांच राज्यों के मुख्य मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे राजनाथ

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नयी दिल्ली 18 मई, भारत चीन सीमा पर सुरक्षा स्थितियों की समीक्षा के लिए चीन से सटे देश के पांच सीमावर्ती राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करने के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह तीन दिन की यात्रा पर कल सिक्किम रवाना हो रहे हैं। इस दौरान वह गंगटाेक में 20 मई को जम्मू कश्मीर,हिमाचल प्रदेश,उत्तराखंड,सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करेंगे। गृह मंत्रालय की ओर से इस तरह की बैठक का आयोजन पहली दफा किया गया है। बैठक में इन राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास और वहां सुरक्षा उपायों के तहत गृह मंत्रालय की देख रेख में खड़ी की जा रही आधारभूत संरचनाओं के लिए राज्य,केन्द्र और भारत तिब्बत सीमा पुलिस के बीच समन्वय पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। श्री सिंह भारत चीन सीमा पर नाथूला दर्रे और लांचुंग में आईटीबीपी की अग्रिम चौकियों का निरीक्षण करने जाएंगे और वहां जवानों से मिलेंगे। वह अगले दिन 21 मई को सशस्त्र सीमा बल के गेजिंग और युकसाम स्थित मुख्यालय भी जाएंगे वहां से नेपाल सीमा पर स्थित इस बल के उत्तारे,कुमुख और बजराजाधारा स्थिति अग्रिम चौकिंयाें का हवाई दौरा करेंगे। 

गंगा की अविरलता राजनीतिक नहीं, राष्ट्रहित का मुद्दा : नीतीश

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नयी दिल्ली 18 मई, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि गंगा की अविरलता बनाये रखना उनके लिए कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय महत्व का विषय है और इसके लिए केंद्र सरकार को बेहतर गाद प्रबंधन नीति बनानी चाहिए। श्री कुमार ने यहां इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में बिहार जल संसाधन विभाग की ओर से ‘गंगा की अविरलता में बाधक गाद : समस्या एवं समाधान’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुये कहा, “गंगा की अविरलता मेरे लिये कोई राजनैतिक मुद्दा नही है। यह बिहार के स्वार्थ से जुड़ा मुद्दा भी नही है। बल्कि यह राष्ट्र से जुडा हुआ मुद्दा है। यह प्रकृति एवं पर्यावरण से जुडा मुद्दा है। गंगा की अविरलता को कायम रखने के लिए केंद्र सरकार को बेहतर गाद प्रबंधन नीति बनानी चाहिए।” मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी की स्थिति चिंता का विषय है। नदी तल में तेजी से जमा हो रहा गाद जल के प्रवाह में अवरोध उत्पन्न कर रहा है। उन्होंने कहा कि गाद से जटिल समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इसका प्रतिकूल प्रभाव बिहार के साथ-साथ अन्य राज्यों पर भी पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में फरक्का बराज के बनने के बाद गंगा के उर्ध्व भाग में निरंतर गाद जमा होता रहा है, जिसके कारण बाढ़ का पानी बिहार के बक्सर, पटना तथा भागलपुर तक काफी देर तक रुका रहता है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से बिहार में आनेवाली बाढ़ से काफी तबाही मचती है, जिससे राज्य को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रत्येक वर्ष काफी नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में बिहार में आयी बाढ़ इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।


फिल्मों और टेलीविजन की चहेती ‘मां’ रीमा लागू नहीं रही

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मुम्बई 18 मई, हिन्दी फिल्मों और टेलीविजन धारावाहिकों में ‘मां’ का सराहनीय किरदार निभाने वाली रीमा लागू का आज तड़के दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 59 वर्ष की थी। रीमा लागू को तड़के करीब सवा तीन बजे दिल का दौरा पड़ा और उन्हें कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका निधन हो गया। मराठी रंगमंच से अपना अभिनय जीवन शुरू करने वाली रीमा ने भारतीय सिनेमा और टेलीविजन धारावाहिक में सलमान खान और शाहरूख खान जैसे बड़े बड़े अभिनेताओं की ‘मां’ का किरदार बखूबी निभाया था। उनकी मशहूर फिल्मों में आशिकी,हम आपके है कौन,कुछ कुछ होता है और साजन आदि शामिल है। इसके अलावा उन्‍हें टीवी पर सुपरहिट सीरियल 'श्रीमान श्रीमती'और 'तू तू मैं मैं'के किरदारों के लिए जाना जाता है। रीमा हिंदी के अलावा मराठी फिल्‍मों का भी हिस्‍सा रही थी। इन दिनों वह टीवी धारावाहिक ‘नामकरण’ में नजर आ रही थी।

नीतीश को महंगा पड़ा केंद्र की योजनाओं का नया नामकरण : भाजपा

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पटना 18 मई, भारतीय जनता (भाजपा) पार्टी ने उच्च न्यायालय से बिहार सरकार लगे झटके के बाद आज कहा कि मुख्यमंत्री नीतश कुमार को केंद्र सरकार की योजनाओं को समेट कर ‘सात निश्चय’ नामकरण करना महंगा पड़ा। बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति के सभापति एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने यहां कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं को समेट कर ‘सात निश्चय’ नामकरण करना श्री कुमार को महंगा पड़ा। इसके दो निश्चय पर पटना उच्च न्यायालय का फैसला राज्य सरकार के लिए एक सबक है। इससे भी सीख लेकर राज्य सरकार केन्द्र की योजनाओं का उल्लेख कर सही तरीके से कार्यान्वयन नहीं करती है तो यह उसकी नादानी ही कही जायेगी। श्री यादव ने कहा कि सात निश्चय का हर घर नल का जल और पक्की गली-नाली योजना केंद्र सरकार की पुरानी योजना है जिसके कार्यान्वयन के लिए राशि वही देती है। केंद्र सरकार राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल आपूर्ति कार्यक्रम के तहत 60 प्रतिशत राशि देती है जिसे मुख्यमंत्री ने हर घर नल का जल नाम दे दिया है। भाजपा नेता ने कहा कि इसी प्रकार हर घर पक्की गली-नाली योजना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का नया नामकरण है। यह सपना पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा जिसे साकार करने का संकल्प प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लिया। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए बिहार सरकार ने वर्ष 2016-17 में 3000 करोड़ रुपये दिये। इससे पूर्व इस मद में वर्ष 2014-15 में 1548 करोड़ और 2015-16 में 2781 करोड़ रुपया दिये गये। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत मिली इस राशि में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी राज्य सरकार की है। श्री यादव ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय में मुखिया संघ की ओर से दायर याचिका में इन दोनों योजनाओं में 14वें वित्त आयोग से मिली राशि को खर्च किये जाने की बात कहकर राज्य सरकार की दुराव और छिपाव नीति का भी भंडाफोड़ हो गया है। न्यायालय के फैसले के बाद अब इन योजनाओं के कार्यान्वयन का अधिकार सीधे पंचायतों के पास चला जायेगा जबकि श्री कुमार ने एक सोची समझी राजनीति के तहत इस योजना का सात निश्चय में समावेश कर इसके क्रियान्वयन का अधिकार वार्ड विकास समिति को सौंप दिया था। अंततः न्यायालय ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है । उन्होंने कहा कि अब श्री कुमार के पास खिसियानी बिल्ली की तरह खंभा नोचने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया है।

झारखंड- रघुवर आदिवासीझारखंड में गरीब और आदिवासी की जमीन कोई छिन नहीं सकताः रघुवर

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रांची 18 मई, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में औद्योगिकीकरण को रफ्तार देने का संकल्प दुहराते हुए आज कहा कि नये उद्योगों के लिए राज्य सरकार के पास पर्याप्त जमीन है और किसी भी गरीब या आदिवासी से जबरन जमीन नहीं ली जायेगी। श्री दास ने राजधानी रांची के होटवार में आयोजित ‘मोंमेन्टम झारखण्ड’ शिलान्यास एवं उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि फरवरी में आयोजित ‘मोेंमेन्टम झारखंड’ के आयोजन के 100 दिन से भी कम अवधि में धरातल पर परिणाम दिखने लगे हैं। इससे झारखंड के प्रति देश-दुनिया में लोगों का विश्वास बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, “ कुछ लोग गंदी राजनीति कर रहे हैं। वे नहीं चाहते कि आदिवासियों का विकास हो। मेरे रहते राज्य में गरीब और आदिवासी की जमीन कोई छिन नहीं सकता। उद्योगों के लिए राज्य सरकार के पास पर्याप्त जमीन है। किसी की जमीन लेने की जरूरत नहीं है। जहां उद्योग लग रहे हैं, वहां की जनता स्वयं जमीन देना चाहती है। लोगों की सोच बदल रही है। सभी विकास चाहते हैं।” 

श्री दास ने कहा कि उनकी सरकार केवल वादा नहीं करती, उसे पूरा भी करती है। आज प्रदेश के लिए ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि मोमेंटम झारखंड के दौरान किये गये एम0ओ0यू0 में से 21 का शिलान्यास और 03 का उद्घाटन किया जा रहा है। अब राज्य के लोगों को रोजगार के लिए दूसरे राज्य नहीं जाना होगा। उन्होंने कहा कि यह एक संयोग है कि 16-17 फरवरी को जब ‘मोमेंटम झारखण्ड’ का आयोजन हुआ था तो वो दिन गुरुवार था और आज भी गुरुवार ही है। मुख्यमंत्री ने जोर देेकर कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य राज्य से गरीबी को पूरी तरह समाप्त करना है। गरीब को ताकतवर बनाने की दिशा में उनकी सरकार तेजी से काम कर रही है। यह सरकार की इच्छाशक्ति और टीम झारखंड के कारण संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि मोमेंटम झारखंड तहत निवेश के लिए आई कुछ कंपनियों में जल्द ही उत्पादन शुरू हो जायेगा। जुलाई में एक बार फिर 1000 करोड़ के निवेश का उद्घाटन और शिलान्यास किया जायेगा, जिसमें आई0टी0, ओटोमोबाईल कम्पोनेंट इत्यादि कंपनियां होंगी। श्री दास ने कहा कि झारखंड में निवेशकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए निवेश बोर्ड की स्थापना की गयी है। एम0ओ0यू0 की प्रगति की समीक्षा वे स्वयं कर रहे हैं। निवेशकों को कार्यालय के चक्कर न काटने पड़ें, इसके लिए प्रभावशाली सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है। उन्होंने कहा कि देश सुपर पावर तभी बनेगा जब झारखण्ड जैसे राज्य विकसित होंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में देश का 82 प्रतिशत तसर उत्पादित होता है। उन्होंने कहा कि यदि सम्मिलित प्रयास किये जाये तो झारखंड ‘‘तसर कैपिटल ऑफ इण्डिया’’ बनेगा । इसी तरह देश का करीब 62 प्रतिशत लाह का उत्पादन भी यहां होता है। प्रदेश के गांव की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर लाह के उत्पाद तैयार कराये जायेंगे। इनकी डिजाइनिंग, ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग कर इनका निर्यात किया जायेगा। कृषि, पशुपालन, बागवानी क्षेत्र में भी राज्य में तेजी से काम हो रहा है। मदर डेयरी ने झारखंड में प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया है श्री दास ने कहा कि उनकी सरकार निर्णय लेने वाली मजबूत सरकार है। कुछ लोग यहां की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। गरीब एवं आदिवासियों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन अब गरीब, आदिवासी उनके बहकावे में नहीं आयेंगे। राज्यहित में गरीबी और बेरोजगारी को समाप्त करने के लिए सरकार नियमों के सरलीकरण करने की दिशा में कार्य करेगी। उनके विकास के लिए यदि कड़े फैसले लेने होंगे, तो लेंगे। कार्यक्रम में ओरिएंट क्राफ्ट के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक सुधीर धिंगरा, अमित ऑयल प्रा0 लि0 के सी0पी0 अग्रवाल, बोकारो सेवा ट्रस्ट के डॉ मजीद तलिकोटी, कावेरी एग्री वेयरहाउसिंग के प्रबंध निदेशक जी0 सुमन राव, एस0के0एफ0 के प्रमोटर आफ्ताब आलम ने अपने अनुभव साझा किया। सभी ने राज्य सरकार से मिले सहयोग की सराहना की। रोजगार प्राप्त करनेवाली सिमडेगा की सुनीता सिंह और लोहरदगा की प्रतिमा पटेल सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान मिले अनुभव बांटें। इस दौरान मंत्री सरयू राय, चन्द्र प्रकाश चौधरी, रामचन्द्र चन्द्रवंशी, लुईस मरांडी, सी0पी0 चौधरी, नीरा यादव एवं राज पलिवार समेत कई सांसद, विधायक और वरीय अधिकारी उपस्थित थे। 

भाजपा को हर हाल में दिल्ली की कुर्सी से हटाकर रहेंगे : लालू

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पटना 19 मई, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आज कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को हर हाल में वह दिल्ली की कुर्सी से हटाकर रहेंगे। श्री यादव ने भाजपा और आरएसएस के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार करते हुए ट्वीट किया, “भाजपा और आरएसएस वाले सुन लें, लालू आप लोगों को दिल्ली की कुर्सी से हटाकर रहेंगे, चाहे मेरी कोई भी परिस्थिति हो। इस बात को सीधे तौर पर समझ लें और मुझे धमकी देने की साहस न करें।” उल्लेखनीय है कि तीन दिन पूर्व राजद अध्यक्ष श्री यादव और उनसे जुड़े लोगों के नयी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) गुरुग्राम के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। इसके बाद से श्री यादव के साथ ही उनकी पार्टी की ओर से भाजपा पर लगातार तल्ख टिप्पणियां की जा रही हैं। 

कोयला घोटाले के एक मामले में पूर्व सचिव सहित चार दोषी करार

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नयी दिल्ली, 19 मई दिल्ली की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता, पूर्व संयुक्त सचिव के एस क्रोफा, कोयला मंत्रालय के पूर्व निदेशक के सी समारिया और केएसएसपीएल फर्म के प्रबंध निदेशक पवन कुमार अहलूवालिया को कोयला घोटाले के एक मामले में दोषी ठहराया है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने हालांकि मध्यप्रदेश के थेसगोरा-बी रुद्रपुरी कोयला ब्लाक आवंटन में हुई अनियमितताओं से जुड़े इस मामले में चार्टर्ड एकाउंटेंट अमित गोयल को बरी कर दिया। यह कोयला ब्लाक केएसएसपीएल फर्म को आवंटित किया गया था। न्यायालय इस मामले में 22 मई को सजा सुनाएगा। इस मामले में आठ अलग-अलग आरोप पत्र दाखिल किये गये थे। न्यायालय ने इससे पहले आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये थे और कहा था पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस मामले में एच सी गुप्ता ने अंधेरे में रखा। अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि गुप्ता ने कोयला ब्लाक आवंटन मसले पर कानून और उनके ऊपर किये गये भरोसे को तोड़ा है। 

माल्या के फार्म हाउस पर जब्ती का आदेश चस्पां

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 नयी दिल्ली/मुंबई 19 मई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब कारोबारी विजय माल्या के महाराष्ट्र के रायगढ़ स्थित एक फार्म हाउस पर आज जब्ती का नोटिस लगा दिया। यह जब्ती माल्या के खिलाफ धनशोधन आरोपों की जांच के मामले में की गई है। यह फार्म हाउस रायगढ़ के अलीबाग इलाके में समुद्र के किनारे स्थित है। इसका मालिकाना हक मांड्वा फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड के पास है जिस पर माल्या का नियंत्रण है। ईडी ने पिछले सितम्बर को इस फार्म हाउस को धनशोधन निवारण कानून के प्रावधानों के तहत अस्थायी रूप से जब्त करने का नोटिस जारी किया था और अप्रैल में वहां रह रहे लोगों को जगह खाली करने का आदेश भी दे दिया था। जब्ती के खिलाफ मांड्वा फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड ने अपीलीय प्राधिकरण में अपील की थी जिसे प्राधिकरण ने दो दिन पहले ही खारिज कर दिया। प्राधिकरण का फैसला आने के बाद ईडी की एक टीम ने आज इस फार्म आउस पर जब्ती का नोटिस चस्पां कर दिया। इस संपत्ति की पंजीकृत कीमत 25 करोड़ रुपये बताई गई है हालांकि इसका बाजार मूल्य 100 करोड़ रुपए से ज्यादा आंका गया है। ईडी इस समय माल्या के विरुद्ध 900 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक ऋण देनदारी मामले की जांच कर रहा है। इस समय माल्या लंदन में हैं। 

अक्टूबर तक सभी गाँवों में पहुँच जायेगी बिजली : गोयल

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नयी दिल्ली 19 मई, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि इस साल अक्टूबर तक देश के सभी गाँवों में बिजली पहुँच जायेगी। ग्रामीण विद्युतीकरण की दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की प्रगति के बारे में यहाँ पत्रकारों को बताते हुये श्री गोयल ने कहा कि तीन साल पहले मोदी सरकार के गठन के समय देश के 18,452 गाँव बिजली से वंचित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2015 को एक हजार दिन के भीतर यानी 01 मई 2018 तक इन गाँवों के हर घर तक बिजली पहुँचाने का वायदा किया था। श्री गोयल ने कहा कि अब तक वंचित गाँवों में से 13,511 गाँवों तक बिजली पहुँच चुकी है और शेष 3,997 गाँवों तक अक्टूबर तक बिजली पहुँच जायेगी ताकि अगले साल 01 मई तक हर घर में बिजली पहुँचाने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। पिछले साल अक्टूबर में सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि मई 2017 तक सभी वंचित गाँवों तक बिजली पहुँच जायेगी। वंचित गाँवों में से 944 के बारे में उन्होंने कहा कि ये आबादी रहित हैं। उन्होंने कहा कि अब तक जिन 13,511 गाँवों तक बिजली पहुँचाई गयी है उनमें 50 प्रतिशत घरों तक बिजली पहुँच चुकी है। देश के 4,53,27,748 परिवार अब भी अंधेर में रहते हैं और सरकार ने वर्ष 2022 तक सभी घरों को सातों दिन चौबीसों घंटे बिजली देने का लक्ष्य रखा है, लेकिन सरकार 15 अगस्त 2019 तक ही इस लक्ष्य को हासिल कर लेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि झारखंड और छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कुछ जिलों में विद्युतीकरण में परेशानी आ रही है और इसलिए सरकार ने वहाँ छोटे सौर संयंत्रों के माध्यम से ऑफ ग्रिड विद्युत आपूर्ति देने का लक्ष्य रखा है। उत्तर-पूर्व के दुर्गम गाँवों में भी ऑफ ग्रिड बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की गयी है। श्री गोयल ने कहा कि देश में बिजली की अब कोई कमी नहीं है तथा वास्तव में हमारे पास जरूरत से ज्यादा बिजली है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी 25 करोड़ बिजली मीटरों को स्मार्ट मीटर में बदलने के लिए प्रयत्नशील है तथा इसके लिए वह नियमित ग्रांट के अलावा भी राज्यों की वित्तीय मदद करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में पारेषण और वित्तीय नुकसान 15 प्रतिशत से कम होगा, सात दिन चौबीस घंटे बिजली मुहैया कराने में उन्हें प्राथमिकता दी जायेगी। 


एफएमसीजी कंपनियों ने सेंसेक्स को सँभाला, निफ्टी टूटा

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मुंबई 19 मई, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों की घोषणा के बाद आज घरेलू शेयर बाजार में बनी नकारात्मक निवेश धारणा के बावजूद दिग्गज कंपनियों - विशेषकर एफएमसीजी समूह की कंपनियों - में हुई लिवाली से सेंसेक्स अधिकतर शुरुआती बढ़त गँवाता हुआ 30.13 अंक की तेजी में 30,434.79 अंक पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 1.55 अंक की गिरावट के साथ 9,427.90 अंक पर रहा। रोजमर्रा की उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) को जीएसटी में 18 प्रतिशत के स्लैब में रखा गया है जबकि मौजूदा समय में इन पर औसतन 22 से 25 प्रतिशत कर लगता है। इससे बीएसई के सेंसेक्स में आईटीसी और हिंदुस्तान यूनिलिवर में सबसे ज्यादा तेजी देखी गयी। आईटीसी के शेयर करीब तीन प्रतिशत उछले। हिंदुस्तान यूनिलिवर में भी दो प्रतिशत से अधिक की तेजी रही। वहीं, एशियन पेंट्स में करीब ढाई प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। बाजार पर बिकवाली का दबाव इस कदर हावी रहा कि सेंसेक्स को छोड़ बीएसई के शेष सभी प्रमुख सूचकांक लाल निशान में रहे। जीएसटी में 1,200 वस्तुओं पर करों की दरें गुरुवार को घोषित कर दी गयी थीं जबकि सेवाओं के लिए दरों की घोषणा शुक्रवार शाम होनी है। वैश्विक बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों के बीच सेंसेक्स 104.86 अंक चढ़कर 30,539.65 अंक पर खुला। पहले घंटे के कारोबार में ही यह और चढ़ता हुआ 30,712.35 अंक के दिवस के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया। लेकिन, घरेलू स्तर पर बनी कमजोर निवेश धारणा से दोपहर तक यह लाल निशान में उतर गया। कारोबार के दौरान एक समय यह 30,338.52 अंक के दिवस के निचले स्तर तक भी उतरा, लेकिन सेंसेक्स की एफएमसीजी कंपनियों ने इसे लाल निशान में बंद होने से बचा लिया। यह गत दिवस की तुलना में 0.10 प्रतिशत यानी 30.13 अंक चढ़कर 30,434.79 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी 40.45 अंक की तेजी में 9,469.90 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान 9,505.75 अंक के दिवस के उच्चतम और 9,390.75 अंक के न्यूनतम स्तर से होता हुआ यह गत दिवस के मुकाबले 0.02 प्रतिशत यानी 1.55 अंक उतरकर 9,427.90 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की 30 में से 14 कंपनियाँ लाल निशान में और 16 हरे निशान में रहीं जबकि निफ्टी की 51 में से 32 कंपनियों में गिरावट देखी गयी। बीएसई में कुल 2,911 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें 1,786 के शेयर बढ़त के साथ और 961 के गिरावट में बंद हुये जबकि 164 के शेयरों के बंद भाव गत दिवस के स्तर पर ही रहे। कमजोर निवेश धारणा से मझौली और छोटी कंपनियों में जबरदस्त गिरावट देखी गयी। बीएसई का मिडकैप 0.72 प्रतिशत फिसलकर 14,644 अंक पर और स्मॉलकैप 0.88 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,227.07 अंक पर रहा। 

विशेष : भाजपा नीतीश का ‘बेगार’ बन सकती है, ‘कहार’ नहीं

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  • नीतीश की ‘डोली’ में बैठने को बेताब ‘नित्‍यानंद का कुनबा’ भाजपा नीतीश का ‘बेगार’ बन सकती है, ‘कहार’ नहीं
बिहार भाजपा का ‘नीतीश विरह’ समय-समय पर फूटता रहा है। करीब चार साल पहले नीतीश कुमार द्वारा कुर्सी से बेदखल की गयी भाजपा का घाव अभी तक भरा नहीं है। घाव भी इतना गहरा था कि समय-समय पर टीस मारता रहता है। टीस कभी-कभी मुंह पर भी आ जाती है।



सत्‍ता से बेदखल होने के बाद पिछले विधान सभा चुनाव तक भाजपा आक्रमण की मुद्रा में थी। नीतीश को लेकर हमलावर रही थी। लालू यादव को हाशिए पर रखने का प्रयास भी भाजपा करती रही थी। लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद पार्टी विधान सभा चुनाव की फतह की मुद्रा में आ गयी थी। स्‍वाभाविक भी था। लेकिन विधानसभा चुनाव के पूर्व राजद, कांग्रेस और जदयू के बने महागठबंधन के सामने भाजपा टीक नहीं सकी और भाजपा का पूरा कुनबा यानी एनडीए 58 सीटों पर सीमट गया।


नीतीश के ‘रामराज्‍य’ में आसन जुगाड़ रही भाजपा
इस हार का सदमा भाजपा आज नहीं भूल पायी है। उसे लगने लगा कि महागठबंधन लोकसभा चुनाव में कायम रहा तो 2019 बिहार में भाजपा को मुश्किल हो सकती है। विधानसभा की दुर्गति लोकसभा में भी हो सकती है। यही कारण है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद भाजपा का ‘नीतीश प्रेम’ जागा और लालू वेदना ‘डाह’ देनी लगी। बिहार भाजपा के सभी प्रमुख नेता बिहार की बदहाली के लिए लालू यादव को जिम्‍मेवार ठहराते रहे और नीतीश कुमार के गुणगान में जुटे रहे। यह सिलसिला अभी जारी है। भाजपा के वरिष्‍ठ नेता सुशील मोदी कई बार नीतीश कुमार को लालू यादव के साथ गठबंधन तोड़ने की सलाह दे चुके हैं। सांसद गिरिराज सिंह और भोला सिंह भी नीतीश को एनडीए में आने का परामर्श देते रहे हैं। भाजपा के और भी कई नेता नीतीश के ‘परामर्शी’ में शामिल हैं। आज भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष नित्‍यानंद राय ने भी नीतीश कुमार को महागठबंधन से अलग होने की सलाह दे डाली।

महागठबंधन न रार, न दरार
दरअसल बिहार भाजपा और प्रदेश अध्‍यक्ष नित्‍यानंद राय का पूरा कुनबा मान चुका है कि महागठबंधन कामय रहा तो लोकसभा चुनाव में सूपड़ा साफ होने की आशंका प्रबल है। यही कारण है कि भाजपा लालू यादव को ‘रावण’ बताकर नीतीश कुमार के ‘रामराज्‍य’ में अपने लिए भी ‘सत्‍ता की कुटिया’ में ‘आसन’ पक्‍का करना चाहती है। भाजपा अब लालू यादव व नीतीश कुमार के बीच खाई पैदा कर अपने लिए सत्‍ता की राह बनाने की कोशिश कर रही है। लेकिन नीतीश को भी पता है कि पिछले चार वर्षों में देश का राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गया है। भाजपा अब नीतीश की सत्‍ता के लिए कुछ दिनों का ‘बेगार’ बन सकती है, पर स्‍थायी ‘कहार’ नहीं। यही वजह है कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार लालू यादव के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। और फिलहाल महागठबंधन में रार या दरार की कोई आशंका नजर नहीं आ रही है।



साभार : बिरेन्द्र यादव

विनायक लुनिया ने संभाली मीडिया संगठन की कमान, कहा - पिता के अधूरे कामो को पूरा करना ही लक्ष्य

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कोलकाता : आल मीडिया जर्नलिस्ट सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक कुमार जी लुनिया के १६ मार्च २०१७ को हुए देहांत के बाद से संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद रिक्त होने के कारन संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारणी आपसी सहमति से निर्णय लेकर संस्थापक एवं पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय अशोक जी लुनिया के पुत्र  एवं संगठन के अल्पसमय रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष विनायक अशोक लुनिया जैन को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुना गया. संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आदित्य नारायण बैनर्जी (कोलकाता), राष्ट्रीय महासचिव संतोष कुमार सोनी (उज्जैन) एवं राष्ट्रीय सचिव (बंगलौर) द्वारा दिनांक 19 मई 2017 को यह विनायक अशोक जैन लुनिया को निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत करने की बात कही. उक्त निर्णय पर विनायक अशोक लुनिया जैन ने कहा की पापा ने संगठन को लेकर जो सपना देखे थे वो हम सभी को मिलकर पूरा करना है. श्री लुनिया के अनुसार संस्थापक एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय अशोक जी लुनिया ने पत्रकार सुरक्षा के साथ ही गौ संरक्षण अभियान, सामाजिक कल्याण, व्यापारिक संरक्षण, महिला सुरक्षा के साथ शिक्षा अभियान जैसे मुद्दों पर स्वर्गीय श्री लुनिया सक्रीय भूमिका निभाई थी और उनके इस प्रयास को सकल संगठन को मिलकर पूरा करना है. स्वर्गीय श्री लुनिया ने विश्वस्तर पर निवासरत भारतीय प्रवासियों के लिए भी कार्य करने का प्रस्ताव संगठन में रखा था जो अब जल्द पूरा होगा. और संगठन विश्व स्तर पर सकल भारतियों के लिए सेवा प्रदान करेगा. 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 19 मई

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सेवा पुस्तिकायें 31 मई तक जमा होंगी

संचालनालय कोष एवं लेखा म.प्र. भोपाल के निर्देशानुसार संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा द्वारा संभागान्तर्गत सभी शासकीय कार्यालय के आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को अवगत कराया गया है कि वेतन निर्धारण अनुमोदन हेतु कई सेवा पुस्तिकाएं पूर्व में आपत्ति लगाकर वापस की गई थीं। इन सेवा पुस्तिकाओं में आपत्तियों का निराकण कर आवश्यक प्रविष्टि सेवा पुस्तिका में की जाकर एवं वांछित दस्तावेज व प्रपत्र संलग्न कर 31 मई,2017 तक संभागीय संचालक कोष एवं लेखा, कार्यालय में अनिवार्य रूप से जमा करा दी जाए।  इसके अतिरिक्त सेवानिवृत्त, मृत्यु एवं न्यायालयीन प्रकरणों से संबंधित सेवा पुस्तिकाएं वेतन निर्धारण अनुमोदन के लिए 31 मई,201र्7 के बाद भी जमा करायी जा सकती हैं। 

प्रायमरी और मिडिल स्कूल शाला भवन मरम्मत हेतु राशि जारी

प्रदेश में सरकारी प्रायमरी और मिडिल स्कूल भवन के वार्षिक रख-रखाव के लिये 3 कक्ष तक के स्कूल के लिये 5,000 रुपये और तीन कक्ष से अधिक वाले स्कूल के लिये 10 हजार रुपये की राशि जारी की गई है। यह राशि राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा शाला प्रबंधन समिति के खाते में जारी की गई है। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कलेक्टर्स को निर्देश जारी किये गये हैं। स्कूल के रख-रखाव के कार्य शिक्षण सत्र शुरू होने के पहले करवाये जाने के लिये कहा गया है।


डाटा एंट्री आपरेटर को सीपीसीटी परीक्षा उर्तीण करना अनिवार्य

सभी शासकीय कार्यालयों मे विभिन्न योजनाओं के अतंर्गत कार्यरत अथवा नियुक्त डाटा एंट्री आपरेटरर्स को सूचना प्रोद्योगिकी के माध्यम से आयोजित होने वाली सीपीसीटी परीक्षा अनिवार्य रूप से उतीर्ण होगी अन्यथा की स्थिति मे उनका वेतन आहरित नही किया जायेगा। जो भी कम्प्युटर आपरेटर शासकीय कार्यालय मे नियुक्त है वे मई मे होने वाले सीपीसीटी टेस्ट के लिए परीक्षा दे। सभी का सीपीसीटी उर्तीण होना अनिवार्य है। सीपीसीटी टेस्ट के लिए आवेदन की प्रति प्रस्तुत करने पर ही आपरेटर्स का वेतन भुगतान किया जायेगा। 

रोजगार की पढाई चलें आईटीआई अभियान 30 जून तक चलेगा

शिक्षा के साथ-साथ रोजगार भी आवश्यक है। युवाओं को शिक्षा के साथ कौशल उन्नयन से जोडकर रोजगार का अवसर दिया जा रहा है। अभियान 30 जून,2017 तक 4 चरण में चलाया जाएगा। अभियान का प्रथम चरण 25 मई तक चलेगा। इसके तहत आईटीआई में ग्रीष्मकालीन शिविर लगाए जा रहे हैं। इन शिविरों में शालात्यागी बच्चों को प्रतिदिन दो घण्टे आईटीआई में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रत्येक बच्चे को कुल छरू घण्टे का मूलभूत प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें कम्प्यूटर सूचना संचार प्रणाली तथा घरेलू बिजली से संबंधित तकनीकी कार्या का निःशुक्ल प्रशिक्षण दिया जाएगा। विद्यार्थियों को रोजगार एवं स्वरोजगार के विभिन्न विकल्पों की भी जानकारी दी जाएगी। अभियान के दूसरे चरण में ग्रीष्मकालीन शिविर में प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रदेश स्तर पर 30 मई को सम्मानित किया जाएगा। अभियान के तीसरे चरण में 1 जून से 15 जून,2017 तक स्कूल के छात्र-छात्राओं को आईटीआई का भ्रमण कराया जाएगा। उन्हे कौशल उन्नयन के विभिन्न पाठयक्रमों की जानकारी दी जाएगी। अभियान का अंतिम चरण 15 से 30 जून,2017 तक चलेगा। इस अवधि में आईटीआई के प्रशिक्षक एवं अन्य अधिकारी स्कूलों में जाकर रोजगार की पढाई चलें आईटीआई अभियान की जानकारी देगें। 

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 19 मई

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कलेक्टर ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शपथ दिलाई

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आतंकवाद विरोधी शपथ कार्यक्रम कलेक्टेªट प्रागंण में प्रातः 11 बजे आयोजित किया गया था। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने अधिकारी, कर्मचारियों को आतंकवाद विरोधी शपथ दिलाई। उन्होंने आतंकवाद विरोधी दिवस पर ली जाने वाली शपथ का वाचन किया जिसे अन्य ने दोहराया।  कलेक्टेªट प्रागंण में नीम पेड़ के तले हुए शपथ कार्यक्रम में वन संरक्षक श्री रविन्द्र सक्सेना, पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी, अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री चैहान, एसडीएम श्री आरपी अहिरवार, डिप्टी कलेक्टर श्री एके मांझी के अलावा विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। ज्ञातव्य हो कि हर वर्ष 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव श्री संजय कुमार द्वारा आयोजन के संबंध मंे जारी दिशा निर्देश में उल्लेख है कि 21 मई को रविवार को रविवार और 20 मई को तृतीय शनिवार का अवकाश होने के कारण शपथ कार्यक्रम 19 मई को शासकीय कार्यालयों में आयोजित किया जाए। 

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना तहत कमाख्या के लिए आज रवाना होंगे

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत जिले के तीर्थ यात्री कमाख्या (गुवाहाटी असम) के लिए 20 मई को स्पेशल टेªन से 155 तीर्थ यात्री रवाना होंगे। तीर्थ यात्रीगण 25 मई को वापिस आएंगे।

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