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प्राणि उद्याान में मनाया जायेगा विश्व पर्यावरण दिवस

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लखनऊ,03 जून, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में आगामी पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जायेगा। प्राणि उद्यान के निदेशक अनुपम गुप्ता ने आज यहां बताया कि उद्याान में पर्यावरण दिवस धूम-धाम से मनाया जायेगा और दर्शकों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदाकर उन्हे जोडने का कार्य किया जायेगा। वन्य जीवों की जागरूकता के उद्देश्य से विश्व पर्यावरण दिवस से एक दिन पूर्व 4 जून को प्राणि उद्यान में ’’अपने वन्य जीवों को जाने’’ कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा, जिसमें प्राणि उद्यान के एनिमल कीपर्स द्वारा -बब्बर शेर, बाघ, सफेद बाघ, हिप्पापोेटेमस, जिराफ, डक पोण्ड, सारस आदि वन्य जीवों के बारे में रोचक जानकारियाँ दी जायेंगी। श्री गुप्ता ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रकृति और पृथ्वी की रक्षा करना और पर्यावरण को बेहतर बनाना है। बेहतर भविष्य के लिये पर्यावरण को सुरक्षित एवं स्वस्थ बनाने के लिए नई योजनाएं बनाने एवं लोगो को जागरूक करना है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1972 में यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली,स्टाकहोम, स्वीडन में पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने की घोषणा की गई थी। विश्व पर्यावरण दिवस पर उद्यान में कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इस कार्यक्रम में बाल रेल से प्राणि उद्यान के कर्मियों द्वारा इच्छुक दर्शकों एवं बच्चों को प्राणि उद्यान की बारीकियों के बारे में बताया जायेगा। उद्यान में वृक्षारोपण अभियान चलाया जायेगा जिसमें 101 पौधों का रोपण किया जायेगा।


नूतन पहली मिस इंडिया थी जिसने फिल्मों में काम किया

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मुंबई 03 जून, आज के दौर में जहां मिस इंडिया का खिताब जीतने वाली सुंदरियों को फिल्मों में काम करने का मौका आसानी से मिल जाता है वही नूतन को फिल्मों में काम पाने के लिये कड़ा संघर्ष करना पड़ा था। 04 जून 1936 को मुंबई में जन्मी नूतन (मूल नाम नूतन समर्थ) को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनकी मां शोभना समर्थ जानी मानी फिल्म अभिनेत्री थी। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण नूतन अक्सर अपनी मां के साथ शूटिंग देखने जाया करती थी। इस वजह से उनका भी रूझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेत्री बनने के ख्वाब देखने लगी। नूतन ने बतौर बाल कलाकार फिल्म ..नल दमयंती .. से अपने सिने कैरियर की शुरूआत की। इस बीच नूतन ने अखिल भारतीय सौंदर्य प्रतियोगिता में हिस्सा लिया जिसमें वह प्रथम चुनी गयी लेकिन बॉलीवुड के किसी निर्माता का ध्यान उनकी ओर नही गया। नूतन को वर्ष 1950 में प्रदर्शित फिल्म ..हमारी बेटी ..में अभिनय करने का मौका मिला । इस फिल्म का निर्देशन उनकी मां शोभना समर्थ ने किया । इसके बाद नूतन ने हमलोग .शीशम. नगीना और शवाब जैसी कुछ फिल्मों में अभिनय किया लेकिन इन फिल्मों से वह कुछ खास पहचान नहीं बना सकी। वर्ष 1955 में प्रदर्शित फिल्म ..सीमा..से नूतन ने विद्राहिणी नायिका के सशक्त किरदार को रूपहले पर्दे पर साकार किया। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये नूतन को अपने सिने करियर का सर्वश्रेष्ठ फिल्म अभिनेत्री का पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। इस बीच नूतन ने देवानंद के साथ पेइंग गेस्ट और तेरे घर के सामने में नूतन ने हल्के-पुल्के रोल कर अपनी बहुआयामी प्रतिभा का परिचय दिया।


वर्ष 1958 में प्रदर्शित फिल्म सोने की चिडिया के हिट होने के बाद फिल्म इंडस्ट्री में नूतन के नाम के डंके बजने लगे और बाद में एक के बाद एक कठिन भूमिकाओं को निभाकर वह फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गयी। वर्ष 1958 में प्रदर्शित फिल्म ..दिल्ली का ठग.. में नूतन ने स्विमिंग कॉस्टयूम तरण वेश पहनकर उस समय के समाज को चौंका दिया। फिल्म बारिश में नूतन काफी बोल्ड दृश्य दिये जिसके लिये उनकी काफी आलोचना भी हुयी लेकिन बाद में विमल राय की फिल्म सुजाता एवं बंदिनी में नूतन ने अत्यंत मर्मस्पर्शी अभिनय कर अपनी बोल्ड अभिनेत्री की छवि को बदल दिया । वर्ष 1959 में प्रदर्शित फिल्म ..सुजाता .. नूतन के सिने कैरियर के लिये मील का पत्थर साबित हुयी । फिल्म में नूतन ने अछूत कन्या के किरदार को रूपहले पर्दे पर साकार किया। इसके साथ ही फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह अपने सिने कैरियर में दूसरी बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयी।  वर्ष 1963 में प्रदर्शित फिल्म बंदिनी भारतीय सिनेमा जगत में अपनी संपूर्णता के लिये सदा याद की जायेगी। फिल्म में नूतन के अभिनय को देखकर ऐसा लगा कि केवल उनका चेहरा ही नही बल्कि हाथ पैर की उंगलिया भी अभिनय कर सकती है। इस फिल्म में अपने जीवंत अभिनय के लिये नूतन को एक बार फिर से सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। सुजाता.बंदिनी और दिल ने फिर याद किया जैसी फिल्मों की कामयाबी के बाद नूतन ट्रेजडी क्वीन कही जाने लगी। अब उनपर यह आरोप लगने लगा कि वह केवल दर्द भरे अभिनय कर सकती हैं लेकिन छलिया और सूरत जैसी फिल्मों में अपने कॉमिक अभिनय कर नूतन ने अपने आलोचको का मुंह एक बार फिर से बंद कर दिया ।

वर्ष 1965 से 1969 तक नूतन ने दक्षिण भारत के निर्माताओं की फिल्मों के लिये काम किया । इसमे ज्यादातर सामाजिक और पारिवारिक फिल्में थी । इनमें गौरी.मेहरबान.खानदान.मिलन और भाई-बहन जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल है । वर्ष 1968 में प्रदर्शित फिल्म सरस्वती चंद्र की अपार सफलता के बाद नूतन फिल्म इंडस्ट्री की नंबर वन नायिका के रूप मे स्थापित हो गयी। वर्ष 1973 में फिल्म सौदागार में नूतन ने एक बार फिर से अपने अविस्मरणीय अभिनय किया। नूतन ने अपने सिने कैरियर में उस दौर के सभी दिग्गज अभिनेता के साथ अभिनय किया। राजकपूर के साथ फिल्म अनाड़ी में भोला -भाला प्यार हो या फिर अशोक कुमार के साथ फिल्म बंदिनी में संजीदा अभिनय या फिर पेइंग गेस्ट में देवानंद के साथ छैल..छबीला रोमांस हो नूतन हर अभिनेता के साथ उसी के रंग में रंग जाती थी। अस्सी के दशक में नूतन ने चरित्र भूमिकांए निभानी शुरू कर दी और कई फिल्मों मे ..मां ..के किरदार को रूपहले पर्दे पर साकार किया। इन फिल्मों मे मेरी जंग.नाम और कर्मा जैसी खास तौर पर उल्लेखनीय है। फिल्म मेरी जंग के लिये में अपने सशक्त अभिनय के लिये नूतन सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित की गयी। फिल्म ..कर्मा ..में नूतन ने अभिनय सम्राट दिलीप कुमार के साथ काम किया 1इस फिल्म में नूतन पर फिल्माया यह गाना ..दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिये ..श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। नूतन की प्रतिभा केवल अभिनय तक ही नही सीमित थी वह गीत और गजल लिखने में भी काफी दिलचस्पी लिया करती थी। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बतौर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री सर्वाधिक फिल्म फेयर पुरस्कार प्राप्त करने का कीर्तिमान नूतन और काजोल के नाम संयुक्त रूप से दर्ज है। नूतन अपने सिने कैरियर में पांच बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लगभग चार दशक तक अपने सशक्त अभिनय से दर्शको के बीच खास पहचान बनाने वाली यह महान अभिनेत्री 21 फरवरी 1991 को इस दुनिया को अलविदा कह गयी।

पत्रकार ने सर्जिकल स्ट्राइक करने को लेकर पूछा था सवाल: पर्रिकर

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पणजी, 03 जून, गोवा के मुख्यमंत्री एवं पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि म्यांमार में सेना द्रवारा सर्जिकल स्ट्राइक करने के बाद एक मीडियाकर्मी ने मुझसे पूछा था कि सेना इस तरह की कार्रवाई भारत-पाक सीमा पर कब करेगी? श्री पर्रिकर ने नरेंद्र मोदी सरकार के तीन वर्ष पूरा होने के मौके पर पार्टी इकाई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा ,“ भारतीय सेना को म्यांमार में हुये सर्जिकल स्ट्राइक की केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर द्वारा घोषणा (औपचारिक) करने के एक दिन बाद देश के पश्चिमी सीमा पर सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी करने के निर्देश दिये गये थे। ” उन्होंने कहा“ श्री राठौर ने 2015 में भारत-म्यांमार बॉर्डर पर हुये सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी मीडिया को दी थी। इस दौरान एक पत्रकार ने सवाल किया था कि भारत इस तरह की कार्रवाई देश के पश्चिमी सीमा पर कब करेगा? अगले दिन हमने बैठक बुलाई तथा सेना से देश के पश्चिमी सीमा पर सर्जिकल स्ट्राइक करने को कहा ''इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संदीप पात्रा, केंद्रीय मंत्री आयुष श्रीपाल नाईक, दक्षिण गोवा के सांसद नरेंद्र सवाइकर तथा गोवा प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विनय तेंदुलकर भ्मी जूद थे।

कानून व्यवस्था से किसी को खिलवाड़ न करने दिया जाये: योगी

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लखनऊ 03 जून, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अधिकारी राज्य में कानून-व्यवस्था के साथ-साथ भ्रष्टाचारमुक्त, अपराधमुक्त, पारदर्शी एवं संवेदनशील प्रशासनिक व्यवस्था उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि श्री योगी आज मिर्जापुर में विन्ध्याचल मण्डल की कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि माफिया एवं आपराधिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने में अधिकारी जरा सा भी संकोच न करें। अपराधियों, असामाजिकतत्वों एवं माफियाओं को चिन्ह्ति कर उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। कानून के साथ खिलवाड़ करने का मौका किसी को न दिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी एवं सार्वजनिक भूमि, तालाब, पार्क आदि पर अवैध कब्जा करने वालों को चिन्ह्ति कर उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए अवैध कब्जे को सख्ती के साथ खाली कराया जाए। नक्सली गतिविधियों पर सतर्कता बरती जाए तथा नक्सल प्रभावित गांवों तथा क्षेत्रों में विकास की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। पशु तस्करी, अवैध खनन, जंगलों में अवैध कटान को रोकने के लिए अपराधियों पर निगरानी रखें और ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस पेट्रोलिंग, पैदल गश्त और यूपी-100 सेवा को प्रभावी बनाया जाए। घटना की सूचना मिलते ही यूपी-100 तत्काल मौके पर पहुंचकर पीड़ित को सहायता उपलब्ध कराए और जांच कर दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए। गुण्डा टैक्स की वसूली तथा राजमार्ग पर वाहन स्टैण्ड के सम्बन्ध में मिल रही शिकायतों का निस्तारण करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। यदि कोई पुलिसकर्मी एवं अधिकारी आपराधिक गतिविधियों तथा अपराधियों के साथ संलिप्त पाया जाता है, तो उसे चिन्ह्ति कर जेल भेजने की कार्रवाई की जाए।

गणेश के टॉपर फर्जीवाड़े में कई पुलिस की गिरफ्त में

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पटना 03 जून, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) की 12 वीं की परीक्षा में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर कला संकाय के टॉपर बनाये गये गणेश कुमार की गिरफ्तारी के बाद पुलिस फर्जीवाड़ा के इस धंधे में शामिल कुछ और लोगों को आज हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है ।  पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनुमहाराज ने यहां बताया कि गणेश से पूछताछ के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं । इसी आधार पर पटना तथा समस्तीपुर जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने में जुटी है । उन्होंने कहा कि पूछताछ के बाद ही यह पता चल सकेगा कि इस धंधे में और कौन-कौन लोग शामिल हैं । इस बीच सूत्रों ने बताया कि गणेश को टॉपर बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले समस्तीपुर जिले के रोसड़ा के हरिपुर गांव के रहने वाले संजय कुमार की पुलिस को तलाश है । इस संबंध में संजय के पिता रामनारायण सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि संजय पटना में अपने परिवार के साथ रहता है और वह क्या करता है इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है । पुलिस की छानबीन से यह पता चला है कि संजय ने ही गणेश को समस्तीपुर जिले के रामानंद सिंह जगदीश नारायण इंटर स्कूल में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर नामांकन कराया था । 


सूत्रों ने बताया कि गणेश का स्कूल में नामांकन कराने के लिए संजय स्वयं उसका अभिभावक बना था । पुलिस को मिली जानकारी से यह स्पष्ट हो गया है कि संजय ऐसे लोगों को ढ़ुंढ़कर इस तरह के स्कूलों में दाखिला करवाने के साथ दलाली का काम किया करता था । गणेश की गिरफ्तारी के बाद से स्कूल के संस्थापक सह सचिव जवाहर प्रसाद सिंह और विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य अभितेन्द्र कुमार पुलिस से बचने के लिए भूमिगत हैं ।इस मामले में स्कूल के संस्थापक सह सचिव और प्रभारी प्राचार्य की संलिप्ता भी उजगार हुई है । पुलिस भी दोनों की गिरफ्तारी के लिए लगातार संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी करने में लगी हुई है । उल्लेखनीय है कि झारखंड के गिरिडीह जिले का निवासी टॉपर गणेश की उम्र 42 साल से अधिक है और उसने परीक्षा के लिए दिये अपने आवेदन में अपनी उम्र 24 वर्ष बताया था । वह दो बच्चे का पिता है । गणेश गिरिडीह में कई वर्षों तक एक चिटफंड कंपनी में काम किया था जहां वह 15 लाख रुपये के कर्ज में फस गया था । बीएसईबी के कार्यालय में गणेश से कल रात गहन पूछताछ की गयी थी जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ और पटना के कोतवाली थाना में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद गिरफ्तार किया गया । 

विशेष : लेखक परम हंस क्यों हो?

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भारतीय काव्य-शास्त्र में आचार्य मम्मट को सम्माननीय स्थान प्राप्त है। मम्मट कश्मीरी पंडित थे और मान्यता है कि वे नैषधीय-चरित के रचयिता कवि हर्ष के मामा थे। वे भोजराज के उत्तरवर्ती माने जाते है। इस हिसाब से उनका काल दसवी शती का उत्तरार्ध बैठता है। ऐसा विवरण भी मिलता है कि उनकी शिक्षा-दीक्षा वाराणसी में हुई थी।इनके एकमात्र ग्रंथ 'काव्यप्रकाश'पर 'सुधासागर'नामक टीका के टीकाकार भीमसेन के अनुसार आचार्य मम्मट के पिता जैयट थे।ऐसी भी मान्यता है कि 'अष्टाध्यायी'नामक व्याकरण ग्रंथ पर महर्षि पंतञ्जलि द्वारा प्रणीत 'महाभाष्य'के टीकाकार कैयट और यजुर्वेद के भाष्यकार उव्वट (कहीं-कहीं पर औव्वट) दोनों आचार्य मम्मट के अनुज थे। काव्य-प्रयोजन के बारे में मम्मट के विचार बड़े महत्वपूर्ण और बहुचर्चित हैं।अपने प्रसिद्ध सूक्त में उन्होंने काव्य का प्रयोजन क्रम से “यश-प्राप्ति,” “धनलाभ” “व्यवहार में दक्षता” शिवत्व से इतर यानी “अमंगल का नाश”, “रस अथवा आनन्द की प्राप्ति” और “प्रयेसी/पत्नी के समान सरस-शैली में उपदेश देना या अपनी बात कहना,” ये छह प्रयोजन बताये हैं।


काव्य-प्रयोजन सम्बन्धी ये सारे ‘प्रतिमान’ अथवा ‘आदेश’ आज से लगभग एक हज़ार वर्ष पूर्व के हैं। समय, स्थिति, देशकाल और हमारे जीवन-मूल्यों में इस बीच में भारी परिवर्तन आया है। साहित्य के उक्त निकष भी अपना अर्थ खो रहे हैं।पूर्ण रूप से भले ही न खो चुके हों मगर आंशिक रूप से अवश्य खो चुके हैं।मम्मट के समय में, संभव है, यश की कामना(लोलुपता) अर्थ-लाभ से अधिक महत्वपूर्ण रही हो, अतः मम्मट ने इसे पहले स्थान पर रखा। ‘प्रयेसी/पत्नी के समान सरस शैली में उपदेश देना या अपनी बात कहना,’ वाली विचारणा पर भी प्रश्न-चिन्ह लग सकता है।आज के संदर्भ में मम्मट के आदेशों में सर्वस्वीकृत अथवा सर्वमान्य आदेश अगर कोई हो सकता है तो वह शिवत्व से इतर यानी “अमंगल का नाश” ।मगर ऐसा नहीं हो रहा है। अन्य लोगों की तरह ही आज का रचनाकार/कवि भी यश और धन-लिप्सा के प्रति अपेक्षाकृत अधिक चिंतित नजर आ रहा है।धन अथवा यश-प्राप्ति को जो ‘हेय’ समझते, समाज/देश के वही नायक, हर्ताकर्ता, नियंत्रक,कर्णधार और अधिपति जब खुद धन और यश कमाने के लिए हर तरह के उचित-अनुचित काम कर रहे हैं, तो भला एक कवि या लेखक ही ‘परमहंस’ क्योंकर हो सकता है?




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 (डॉ० शिबन कृष्ण रैणा)

विशेष आलेख : मां गंगा के धरती पर आने का पर्व है ‘‘गंगा दशहरा‘‘

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प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस वर्ष गंगा दशहरा 4 जून को है। गंगा दशहरा यानि मां गंगा के धरती पर आने का दिन। कामनाओं को पूरा करने का दिन। मां से वरदान पाने का दिन। गंगा दशहरा पर पतित पावनी में लगाई गई एक छोटी सी डुबकी आपकी किस्मत बदल सकती है। इस बार गंगा दशहरा पर ग्रह-नक्षत्रों का शुभ संयोग बना है। गंगा दशहरा पर मां गंगा की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा या किसी भी पवित्र नदी में स्नान, ध्यान तथा दान करने से मिल जाती है सभी पापों से मुक्ति 




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मां गंगा भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व की परम पवित्र नदी है। कहते है भारत भूमि में जिस तरह संस्कृत भाषा को ‘देववाणी’ की मान्यता प्राप्त है, उसी प्रकार गंगा को ‘देवनदी’ के रुप में। धवल स्वेत वस्त्राभूषणों में सुशोभित चतुर्भुजस्वरूपिणी, मकरवाहिनी मां गंगा को कलिमलदहिनी और पापनाशिनी भी कहा जाता है। दस दिव्य योगों में धरती पर अवतरण करने वाली मां गंगा का उल्लेख श्रीमद्भागवत पुराण, वाल्मीकि रामायण और महाभारत समेत कई ग्रंथों में हैं। गंगे तव दर्शनात मुक्तिः! यानी गंगा मां के दर्शन से मुक्ति मिलती है। इस दिन ऊं नमः शिवाय नारायण्यै दशहरायै गंगायै स्वाहा, मंत्रों द्वारा गंगा का पूजन करने से जीव को मृत्युलोक में बार-बार भटकना नहीं पड़ता। निष्कपट भाव से गंगा मां के दर्शन करने मात्र से जीव को कष्ट से मुक्ति मिल जाती है। गंगा दशहरा को बाबा रामेश्वर महादेव की प्राण प्रतिष्ठा का दिन भी माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान, पूजन और दान के साथ बाबा विश्वनाथ, महाकाल, बाबा सोमनाथ, बाबा बैजनाथ धाम समेत 12 ज्योर्तिलिंगों का दर्शन मोक्षदायिनी माना गया है। 


मान्यता है कि सूर्यवंशी राजा भगीरथ के कठोर तप के बाद ज्येष्ठ मास के शुक्ल दशमी तिथि, दिन बुधवार, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर योग, आनंद योग, कन्या राशि में चंद्रमा और वृषभ में सूर्य योग में देव नदी मां गंगा का स्वर्ग से धराधाम पर आई थी। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को संवत्सर का मुख कहा गया है। इसलिए इस इस दिन दान और स्नान का ही अत्यधिक महत्व है। मां गंगा इतनी पावन है कि इसके संपर्क में आते ही लोगों के पाप धुल जाते हैं, निष्कलंक हो जाते हैं। सदियों से मोक्षदायिनी मां गंगा निरंतर लोगों की नकारात्मकता को स्वयं में समाहित कर सकारात्मकता का प्रसार करती आ रही है। इस दिन गंगा नदी में खड़े होकर जो गंगा स्तुति करता है, तर्पण करता है वह जाने-अनजाने में किए गए अपने सभी दस पापों से मुक्ति पा लेता है। इन दस पापों के हरण होने से ही इस तिथि का नाम गंगा दशहरा पडा है। इन दस पापों में तीन पाप कायिक, चार पाप वाचिक और तीन पाप मानसिक होते हैं। इस दिन दान में सत्तू, मटका व हाथ का पंखा दान करने से दोगुना फल प्राप्त होता है। गंगा दशहरा के दिन सभी गंगा मंदिरों में भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। गंगा का पूजन-अर्चना भी किया जाता है। 

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मोह-माया के भव सागर से पार 
जो मनुष्य इस दशहरा के दिन गंगा के पानी में खड़ा होकर दस बार गंगा मंत्रों का जाप करता है वह चाहे दरिद्र हो, चाहे असमर्थ हो, वह भी प्रयत्नपूर्वक गंगा की पूजा कर उस फल को पाता है। मनुस्मृति में 10 प्रकार के कायिक, वाचिक और मानसिक पाप कहे गए हैं। बिना आज्ञा दूसरे की वस्तु लेना, शास्त्र वर्जित हिंसा, परस्त्री गमन ये तीन प्रकार के कायिक (शारीरिक) पाप हैं। कटु बोलना, असत्य भाषण, परोक्ष में किसी की निंदा करना, निष्प्रयोजन बातें करना ये चार प्रकार के वाचिक पाप हैं। परद्रव्य को अन्याय से लेने का विचार करना, मन में किसी का अनिष्ट करने की इच्छा करना, असत्य हठ करना ये तीन प्रकार के मानसिक पाप हैं। इनकी महिमा का गुणगान करते हुए भगवान महादेव श्रीविष्णु से कहते हैं- हे हरे! ब्राह्मण की शापाग्नि से दग्ध होकर भारी दुर्गति में पड़े हुए जीवों को गंगा के सिवा दूसरा कौन स्वर्गलोक में पहुंचा सकता है, क्योंकि गंगा शुद्ध, विद्यास्वरूपा, इच्छा ज्ञान एवं क्रियारूप, दैहिक, दैविक और भौतिक तीनों तापों को शमन करने वाली, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थो को देने वाली शक्ति स्वरूपा हैं। इसीलिए इन आनंदमयी, शुद्ध धर्मस्वरूपिणी, जगत्धात्री, ब्रह्मस्वरूपिणी अखिल विश्व की रक्षा करने वाली गंगा को मैं अपने मस्तक पर धारण करता हूं। कलियुग में काम, क्रोध, मद, लोभ, मत्सर, ईष्या आदि अनेकानेक विकारों का समूल नाश करने में गंगा के समान कोई और नहीं है। विधिहीन, धर्महीन, आचरणहीन मनुष्यों को भी गंगा का सान्निध्य मिल जाए तो वे मोह एवं अज्ञान के भव सागर से पार हो जाते हैं। 

शिव की सर्वाधिक प्रिया थी गंगा 
ब्रह्मा के कमंडल में रहनेवाली गंगा भगवान शिव की जटाओं में गईं। भगवान शिव ने गंगा के कोप और वेग को शांत करने के लिए गंगा को बहुत समय तक जटाओं में ही छुपाए रखा। गंगा का कोप शांत हुआ। शिव के प्रति गंगा के मन में तो प्रेम पहले था ही, शिव को भी गंगा का संसर्ग सुखकर लगने लगा। ब्रह्म पुराण में कहा गया है- यस्मिन्काले सुरेशस्य उमापत्न्यभवत्प्रिया। तस्मन्नेवाभवद्गंगा प्रिया शंभोर्महामते ।।अर्थात जिस काल में सुरेश की उमा प्रिया पत्नी हुई थीं, उसी काल में शम्भु की प्रिया गंगा देवी हुई थीं। शिव की सर्वाधिक प्रिया गंगा हो गई थीं। सर्वाब्यो ध्यधिकप्रीतिर्ग....तामेव चिंतयानोसौ...। अर्थात सबसे अधिक प्रीतिवाली गंगा हो गई थी, भगवान शिव भी सदा उसी गंगा का चिंतन किया करते थे। चूंकि शिव ने गंगा को जटाओं में छुपा रखा था, इसलिए पार्वती को इसका आभास हुआ।


गंगा ने पति रूप में चाहा था शिव को 
गंगा शिवप्रिया के रूप में पुराणों में प्रसिद्ध है तथा पार्वती शिवपत्नी के रूप में। दोनों देवियों के बीच अत्यंत रोचक संबंध है। कहीं-कहीं तो भगवान शिव को उमागंगा पतीश्वर भी कहा गया है। गंगा राजा हिमवान की ज्येष्ठ पुत्री थीं। पार्वती भी गंगा की ही भांति हिमवान और मैना की पुत्री थीं। दोनों सहोदरा थीं। पार्वती को छोड़कर हिमवान की सारी कन्याएं नदी रूप में थीं। गंगा का वर्णन शरीर और नदी दोनों रूपों में है। गंगा और पार्वती के संबंधों को मुख्यतः तीन धरातलों-सती के मृत शरीर के विखंडित, अंतिम और सभी 51 वें पिंड की रक्षिका के रूप में, सहोदरा रूप में सपत्नी या शिवप्रिया रूप में। जब सती के शरीर के विभिन्न टुकड़े भिन्न-भिन्न स्थलों पर गिर कर शक्तिपीठ का रूप ग्रहण कर चुके थे, तो सती का अंतिम और 51 वां पिंड तारकासुर नष्ट कर रहा था। मार्कंडेय ऋषि ने राजा हिमवान और गंगा के सहयोग से तारकासुर से युद्ध कर उस पिंड की रक्षा की। उसी समय भगवान शिव का पदार्पण हुआ। शिव को देखते ही गंगा के मन में उनके प्रति प्रेम उत्पन्न हो गया। गंगा ने शिव से पत्नी रूप में स्वीकारने की प्रार्थना की। शिव सती के वियोग में थे। उन्होंने कहा- मैं सती के अतिरिक्त किसी के बारे में सोच भी नहीं सकता। शिव ने गंगा को वरदान दिया कि जबतक ब्रह्मांड रहेगा, तबतक तुम पावन बनकर लोगों को पापमुक्त करती रहोगी। बाद में असुरों से स्वर्गलोक की रक्षा के लिए ब्रह्मा जी की याचना पर हिमवान ने त्रिभुवन के हित की इच्छा से गंगा को धर्मपूर्वक उनको दे दिया। गंगा ने भी प्रतिज्ञा की कि जबतक शिव स्वयं नहीं बुलाएंगे, मैं पृथ्वी पर नहीं आऊंगी। ईश्वरीय योजना के अनुरूप सती का पार्वती के रूप में हिमवान के घर जन्म हुआ। रिश्ते से गंगा पार्वती की ज्येष्ठ बहन हो गईं। पार्वती और गंगा के संबंधों का सर्वाधिक रोचक स्थल तब सामने आता है, जब भगीरथ के प्रयास से गंगा पृथ्वीलोक पर आने को तैयार होती हैं। स्वर्गलोक से पृथ्वी पर आने की बात से गंगा कुपित थीं। अपने तीव्र वेग से पृथ्वी का नाश कर देना चाहती थीं। भगवान शिव ने भूलोक की रक्षा के लिए गंगा को अपनी जटाओं में धारण कर लिया।

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जटा में देख कुपित थीं पार्वती
एक दिन गंगा जटाओं से समुद्गत हो गईं और शिव जटाओं में छुपाने लगे, तो पार्वती की नजर पड़ गई। पार्वती से यह सहन हुआ। उन्होंने कहा-जिसे आप छुपा रहे हैं, उसे प्रकट कर प्रेम कीजिए। शिव तैयार नहीं हुए। पार्वती ईर्ष्या से कुपित थीं। उन्होंने अपनी परेशानी गणेश को बताई। गणेश ने जया ब्रह्मा के सहयोग से गौतम ऋषि को गोहत्या के पाप में फंसाया। फिर ब्रह्मा ने पापमुक्ति के लिए शिव को प्रसन्न कर गंगा को विमुक्त करने के लिए तैयार किया। गौतम ऋषि ने सोचा कि ठीक ही है, गंगा पृथ्वी पर आएंगी, जो सबके लिए श्रेयस्कर होगा। मेरा भी पाप नहीं रहेगा। यद्यपि यह पौराणिक प्रसंग है, पर इसे लोककल्याण के लिए ईश्वरीय योजना के रूप में स्वीकारना श्रेयस्कर होगा।

दस पापों से मिलती है मुक्ति 
ऐसी मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान पूजन से 10 तरह के पापों का शमन होता है। इस दिन दान में सत्तू, मटका और हाथ का पंखा दान करने से दुगुना फल प्राप्त होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन लोग व्रत करके पानी भी (जल का त्याग करके) छोड़कर इस व्रत को करते हैं। ग्यारस (एकादशी) की कथा सुनते हैं और अगले दिन लोग दान-पुण्य करते हैं। इस दिन जल का घट दान करके फिर जल पीकर अपना व्रत पूर्ण करते हैं। इस दिन दान में केला, नारियल, अनार, सुपारी, खरबूजा, आम, जल भरी सुराई, हाथ का पंखा आदि चीजें भक्त दान करते हैं। गंगा दशहरे के दिन श्रद्धालु जन जिस भी वस्तु का दान करें उनकी संख्या दस होनी चाहिए और जिस वस्तु से भी पूजन करें उनकी संख्या भी दस ही होनी चाहिए। ऐसा करने से शुभ फलों में और अधिक वृद्धि होती है। यदि कोई व्यक्ति पूजन के बाद दान करना चाहता है तब वह भी दस प्रकार की वस्तुओं का करता है तो अच्छा होता है लेकिन जौ और तिल का दान सोलह मुठ्ठी का होना चाहिए। दक्षिणा भी दस ब्राह्मणों को देनी चाहिए। जब गंगा नदी में स्नान करें तब दस बार डुबकी लगानी चाहिए। 

पूजा विधि 
गंगा दशहरा का व्रत भगवान विष्णु को खुश करने के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन लोग व्रत करके पानी भी (जल का त्याग करके) छोड़कर इस व्रत को करते हैं। ग्यारस (एकादशी) की कथा सुनते हैं और अगले दिन लोग दान-पुण्य करते हैं। इस दिन जल का घट दान करके फिर जल पीकर अपना व्रत पूर्ण करते हैं। इस दिन दान में केला, नारियल, अनार, सुपारी, खरबूजा, आम, जल भरी सुराई, हाथ का पंखा आदि चीजें भक्त दान करते हैं। गंगा जी का ध्यान करते हुए षोडशोपचार से पूजन करना चाहिए। गंगा जी का पूजन करते हुए निम्न मंत्र पढ़ना चाहिए - 

“ऊं नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः”

इस मंत्र के बाद “ऊं नमो भगवते ऐ ह्रीं श्रीं हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा” मंत्र का पांच पुष्प अर्पित करते हुए गंगा को धरती पर लाने भगीरथी का नाम मंत्र से पूजन करना चाहिए। इसके साथ ही गंगा के उत्पत्ति स्थल को भी स्मरण करना चाहिए। गंगा जी की पूजा में सभी वस्तुएं दस प्रकार की होनी चाहिए। जैसे दस प्रकार के फूल, दस गंध, दस दीपक, दस प्रकार का नैवेद्य, दस पान के पत्ते, दस प्रकार के फल होने चाहिए। यदि कोई व्यक्ति पूजन के बाद दान करना चाहता है तब वह भी दस प्रकार की वस्तुओं का करता है तो अच्छा होता है। लेकिन जौ और तिल का दान सोलह मुठ्ठी का होना चाहिए। दक्षिणा भी दस ब्राह्मणों को देनी चाहिए। यूं तो प्रायः सभी तीर्थों की महिमा अकथनीय है परंतु भगवती गंगा के संबंध में तो वैदिक साहित्य में अनेकों ऐसे मंत्र पाए जाते हैं जिनमें गंगाजल की लोकोत्तर महिमा का विशद वर्णन विद्यमान है।

इं मे गंगे! यमुने सरस्वती! शतुऋि! स्तोमं सचत परुष्ण्या।
अतिक्न्या मरुद्बधे, वितस्तयार्जीकाये! शृणुहया सुषोमया।।

अर्थात - हे गंगा, शतुद्री, परुष्णी, असिक्नी, मरुद्वृधा, वितस्ता, सोमा, आर्जीकीया नाम वाली नदियोंध्तुम हमारी प्रार्थना को श्रवण करो और स्वीकार करो। उपर्युक्त मंत्र में जिन पवित्र दस नदियों का नाम लिया गया है उन सबमें सर्वप्रथम गंगा का उल्लेख हुआ है। एक अन्य मंत्र में भी इसी आशय की पुष्टि की गई है। यथा-

सितासिते-सरिते-यत्र-संगते, तत्रप्लुता सो दिवमुत्पतन्ति।
ये वे तनुं विसृजन्ति धीरा, स्तैजनासोऽमृतत्वं भजन्ते।।

अर्थात - ‘जिस स्थान में (प्रयाग) श्वेत काली नदियों-(गंगा और यमुना) का संगम हुआ है उस स्थान में यात्रा करने से स्वर्ग मिलता है और जो धीर पुरुष इस स्थान में शरीर त्याग देते हैं वे अमर पद को प्राप्त होते हैं।’ यहां भी ‘अभ्यर्हितं पूर्व’ के अनुसार ‘सिता’ नाम से प्रथम गंगा का ही उल्लेख किया गया है।
गंगा जल महौषधि है-

हिमवतः प्रस्त्रवन्ति सिन्धो समह संगम।
आपौ हृ मह्यं तद्देवीर्ददन हृद्द्योतभेषजम्।।

इसलिए ‘बाल्मीकीय रामायण’ बालकांड सर्ग-34 में महर्षि विश्वामित्र जी ने भगवान रामचंद्र जी को भगवती गंगा का वर्णन करते हुए उसे ‘सर्व लोकनमस्कृता’ और ‘स्वर्गदायिनी’ कहा है। जगजननी सीता ने भी वन यात्रा के समय गंगा की वंदना करते हुए सकुशल वापस लौटाने पर बड़े समारोह के साथ पूजा करने की मन्नत मांगी है।़

वैज्ञानिक तथ्य 
निर्मल जलस्तर पर हुए तमाम शोधों के बाद वैज्ञानिक भी मानते है कि मां गंगा सबसे पवित्र नदियों में एक है गंगा। गंगाजल में किटाणुओं को मारने की क्षमता होती है। इसका जल हमेशा पवित्र रहता है। यह सत्य भी विश्वव्यापी है कि गंगा नदी में एक डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं। हिन्दू धर्म में तो गंगा को देवी मां का दर्जा दिया गया है। 

गंगा मैया के मंत्र
‘नमो भगवते दशपापहराये गंगाये नारायण्ये रेवत्ये शिवाये दक्षाये अमृताये विश्वरुपिण्ये नंदिन्ये ते नमो नमः’ अर्थात हे भगवती, दसपाप हरने वाली गंगा, नारायणी, रेवती, शिव, दक्षा, अमृता, विश्वरूपिणी, नंदनी को नमन।। ‘ॐ नमो भगवति हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा’, अर्थात हे भगवती गंगे! मुझे बार-बार मिल और पवित्र कर।। 

पौराणिक मान्यताएं 
कहते हैं भगवान राम के रघुवंश में उनके एक पूर्वज हुए हैं महाराज सगर, जो चक्रवर्ती सम्राट थे। एक बार महाराज सगर ने अश्वमेघ यज्ञ का अनुष्ठान किया। उसके लिए अश्व को छोड़ा गया। राजा इन्द्र यह यज्ञ असफल करना चाहते थे। इसीलिए इंद्र ने अश्वमेघ यज्ञ के उस घोड़े को ले जाकर कपिलमुनि के आश्रम में पाताल में बांध दिया। तपस्या में लीन होने के कारण कपिल मुनि को इस बात का पता नहीं चला। महाराज सगर के साठ हजार पुत्र थे, जो स्वभाव से उद्दंड एवं अहंकारी थे। मगर उनका पौत्र अंशुमान धार्मिक एवं देव-गुरु पूजक था। सागर के साठ हजार पुत्रों ने पूरी पृथ्वी पर अश्व को ढूंढा परंतु वह उन्हें नहीं मिला। उसे खोजते हुए वे पाताल में कपिल मुनि के आश्रम में पहुंचे, जहां उन्हें अश्व बंधा हुआ दिखाई दिया। यह देख सगर के पुत्र क्रोधित हो गए तथा शस्त्र उठाकर कपिल मुनि को मारने के लिए दौड़े। तपस्या में विघ्न उत्पन्न होने से जैसे ही कपिल मुनि ने अपनी आंखें खोलीं, उनके तेज से सगर के सभी साठ हजार पुत्र वहीं जलकर भस्म हो गए! इस बात का पता जब सगर के पौत्र अंशुमान को चला, तो उसने कपिल मुनि से प्रार्थना की, जिससे प्रसन्ना होकर कपिल मुनि ने अंशुमान से कहा, यह घोड़ा ले जाओ और अपने पितामह का यज्ञ संपन्न कराओ। महाराज सगर के ये साठ हजार पुत्र उद्दंड एवं अधार्मिक थे, अतः इनकी मुक्ति तभी हो सकती है, जब गंगाजल से इनकी राख का स्पर्श होगा। महाराज सगर के बाद अंशुमान ही राज्य के उत्तारधिकारी बने किंतु उन्हें अपने पूर्वजों की मुक्ति की चिंता सतत बनी रही। कुछ समय बाद गंगा को स्वर्ग से पृथ्वी पर लाने के लिए अंशुमान राज्य का कार्यभार अपने पुत्र दिलीप को सौंपकर वन में तपस्या करने चले गए तथा तप करते हुए ही उन्होंने शरीर त्याग दिया। महाराज दिलीप ने भी पिता का अनुसरण करते हुए राज्यभार अपने पुत्र भगीरथ को सौंपकर तपस्या की, किंतु वे भी गंगा को पृथ्वी पर नहीं ला सके। सूर्यवंशी महाराजा भागीरथ ने अपने पितामहों का उद्धार करने का संकल्प लेकर हिमालय पर्वत पर घोर तपस्या की। इससे ब्रह्माजी प्रसंन होकर भगीरथ से कहा, हे भगीरथ! मैं गंगा को पृथ्वी पर भेज तो दूंगा, पर उनके वेग को कौन रोकेगा? इसलिए तुम्हें देवादिदेव महादेव की आराधना करनी चाहिए। इस पर भगीरथ ने एक पैर पर खड़े होकर भगवान शंकर की आराधना की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने गंगा को अपनी जटाओं में रोक लिया और उसमें से एक जटा को पृथ्वी की ओर छोड़ दिया। इस प्रकार गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ। अब आगे-आगे भगीरथ का रथ और पीछे-पीछे गंगाजी चल रही थीं। शिव की जटाओं से होकर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को हस्त नक्षत्र, बृषभ राशिगत सूर्य एवं कन्या राशिगत चन्द्र की यात्रा के मध्य गंगा का स्वर्ग से धरती पर पहाड़ों से उतर कर हरिद्वार ब्रह्मकुंङ में आईं थीं। मार्ग में जह्नुऋषि का आश्रम था। गंगा उनके कमंडल, दंड आदि को भी अपने साथ बहाकर ले जाने लगीं। यह देख ऋषि ने उन्हें पी लिया। राजा भगीरथ ने जब पीछे मुड़कर देखा, तो गंगा को नहीं पाकर उन्होंने जह्नुऋषि से प्रार्थना की तथा उनकी वंदना करने लगे। प्रसन्न होकर ऋषि ने अपनी पुत्री बनाकर गंगा को अपने दाहिने कान से निकाल दिया। इसीलिए गंगा को जाह्नवी के नाम से भी जाना जाता है। भगीरथ की तपस्या से अवतरित होने के कारण उन्हें भागीरथी भी कहा जाता है। जिसके बाद मां गंगा के पावन चरणों की धूली पाकर राजा सगर के 60 हजार पुत्रों का उद्धार हुआ था। तभी से इस दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाने लगा। 





(सुरेश गांधी)

बिहार : छिटपूट घटनाओं के साथ शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न

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मैनपुरा में कई दर्जन लोगों के साथ 130 गिरफ्तार, 98 वाहन जब्त, पटना में 46 % , मुंगेर में 62 % और वारसोई में 71 % मतदान, मुंगेर में चुनाव के बाद से मतगणना शुरू, वारसोई में 6 जून और पटना में 9 जून को मतगणना

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पटना नगर निगम में 75 सीट है.कुल 1i512 मतदान केंद्र है. इसमें 816 अतिसंवेदनशी और 696 संवेदनशील है. 72 चलंतशील बूथ है. 7 वार्ड में 20 महिला बूथ है.  4 जून सुपर संडे है. 16 लाख, 65 हजार 17 मतदाताओं ने 75 वार्ड पार्षदों की किस्मत का फैसलाकर ईवीएम में कैद कर दी है. पहले मतदान और बाद में जलपान की नीति पर सुबह 7 बजे से मतदान केंद्र पर पहुंच गये. ईसाई समुदाय के लोग 6 बजे चर्च गये. कुर्जी चर्च के फादर जोनसन और कुर्जी पल्ली परिषद के सदस्य क्लारेंस हेनरी ने कार्यशील  और अच्छे लोगों को मत देने का आग्रह किये. इस लोकतंत्र के अवसर पर महामहिम राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने भी संवैधानिक अधिकार का  जश्न मनाते जरूर ही मतदान करने को कहा.  क्रिकेट फीवर का मौसम है. इंग्लैंड में जारी है चैम्पियन ट्रॉफी. हां, चिरप्रतिद्वदी पाकिस्तान और टीम इंडिया के संग भिड़ंत 3 बजे से शुरू हुआ. इसका असर पटनाइट पर पड़ा. केवल 46 % मतदान हुआ. पंचायत का अस्तित्व समाप्तकर पटना नगर निगम में 5 पंचायत को शामिल किया गया है. इन पंचायतों को 3 वार्ड में विभक्त किया गया है. वार्ड नं.22 A , वार्ड नं. 22 B और वार्ड नं. 22 C. वार्ड नं. 22 A अनुसूचित जाति और 22 B और 22 C महिलाओं के लिए आरक्षित है. जानकारी के अनुसार आर्दश आचार संहिता का जमकर धज्जियां उड़ायी गयी. उम्मीदवार की ओर हवा हवाई वाहन की व्यवस्था की गयी. इनको 800 रू.दिया गया. 22A वार्ड में वाहन लगायी गयी. मजे की बात है कि महिलाओं को आगे रखकर पूर्व मुखिया, पूर्व उप मुखिया, पूर्व सरपंच आदि शासक बन जाएंगे.


मधुबनी : ट्रस्ट संग्राम द्वारा पंचायत के 50 परिवार के बीच रमजान कीट वितरण किया गया।

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मधुबनी/संग्राम ( मोo आलम अंसारी ) प्रत्येक वर्ष के भांति इस वर्ष भी रूरल डेवलपमेन्ट ट्रस्ट संग्राम द्वारा पंचायत के 50 परिवार के बीच रमजान कीट वितरण किया गया। ट्रस्ट के कार्यक्रम संयोजक मो0 सादुल्लाह ने बताया कि ट्रस्ट अपने स्थापना काल से ही समाज में गुजड़ बसर कर रहे निःसहाय गरीब परिवार को सहयोग करती आ रही है। मो0 सादुल्लाह ने आगे जानकरी दिया की आज हमारे समाज में कई ऐसे परिवार है जिसको सही से ईफ्तार नसीब नहीं होती है फिर भी ग्रामीण क्षेत्र में कई तरह कि परेशानी उठाने के बाद भी लोग रोजा रखते है। ईस्लाम धर्म में रमजान जैसा पवित्र महिना का बहुत बड़ा महत्तव है। इस महिना में जकात सदका, फितरा के रूप में लोग अपनी-अपनी हैसियत के हिसाब से गरीब निःसहाय परिवार को सहयोग करते है। बताया गया अन्य दिनों के तरह रहजान महिना में जो पुन का कार्य किया जाता है, वह पूर्व के दिनों से कई गुणा ज्यदा पुन मिलता है। रोजा का मकसद भी होता है भूख, प्यास और अपनी आदत का त्याग करना। ट्रस्ट के कार्यक्रम संयोजक मो0 सादुल्लाह ने बताया कि हमारे आप पास कई ऐसे परिवार रहते है जो किसी तरह दो वक्त की रोटी जुटा पाता है, कई परिवार ऐसी ही रात गुजाड़ती है उनलोगों को भुखा ही सोना पड़ता है। रमजान का सही मकसद होता है अपने आस-पास रह रहे गरीब निःसहाय परिवार के जरूरतो को भूख प्यास को समझे। समाज में रह रहे गरीब निःसहाय परिवार को सहयोग करें। समाज में निवास कर रहे गरीब निःसाहय परिवार के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश से साथ ही साथ लोगों के जरूरतों के पूरा करने के लिए ट्रस्ट द्वारा आपसी सहयोग से प्रत्येक वर्ष रमजान कीट का वितरण  करती है। रमजान कीट में चुड़ा, चना, आटा, तेल, दाल, खजूर, बैसन आदि सामान रहीला खातुन, सकीना खातुन, गुलशन खातुन, ईरकश खातुन, महताबुल, जरीना खातुन, जुबेधा खातुन, जाहेदा खातुन, को दिया गया। कार्यक्रम वितरण ट्रस्ट के सचिव मो0 वसीमू हक में पूर्व मुखिया अब्दुल रसीश, बैजू महतो, मो0 गुफरान अमीरूल हक औवैस आदि मौजूद थे।

श्रीनगर में एनआईए के दूसरे दिन भी छापे

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श्रीनगर, 04 जून, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के लिए सीमा पार से मिलने वाले धन को लेकर जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेन्सी (एनआईए) ने आज दूसरे दिन भी कश्मीर घाटी में अलगाववादियों के ठिकानों पर छापेमारी की। सूत्रों ने कहा कि एनआईए ने श्रीनगर में दो स्थानों पर सुबह छापे मारे। इस संबंध जांच एजेंसी की ओर से में विस्तृत जानकारी नहीं दी गयी है। एनआईए ने आतंकवादियों तथा अलगाववादियों को वित्तपोषण के मामले में कल कश्मीर में अलगाववादी नेताओं तथा कारोबारियों के आवास समते 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इन छापों में भारी मात्रा में नगदी, दस्तावेज और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किये गये थे। गौरतलब है कि रिपोर्टों के अनुसार एक टेलीविजन चैनल के स्टिंग आॅपरेशन में हुर्रियत नेताओं को यह स्वीकार करते हुए दिखाया गया था कि घाटी में सुरक्षा बलों पर पथराव, तोड़-फोड़ की घटनाओं और आतंकवादी गतिविधियों के लिए उन्हें पाकिस्तान से धन मिलता है। इसके बाद एनआईए ने अलगावादी नेताओं से घाटी में पूछताछ की और अलगाववादी नेता नईम खान, फारूक अहमद डार और गाजी जावेद बाबा को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया था।

प्रणीत बने थाईलैंड ओपन चैंपियन

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बैंकाक ,04 जून, भारत के बी साई प्रणीत ने पहला गेम हारने के बाद जबरदस्त वापसी करते हुए इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी को रविवार को 17-21, 21-18, 21-19 से हराकर थाईलैंड ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया। तीसरी सीड प्रणीत ने चौथी वरीय क्रिस्टी को एक घंटे 11 मिनट तक चले जबरदस्त मुकाबले में हराकर पुरुष एकल खिताब अपने नाम किया। प्रणीत का इस साल का यह दूसरा खिताब है। उन्होंने इससे पहले सिंगापुर ओपन के फाइनल में हमवतन किदांबी श्रीकांत को हराकर खिताब जीता था। हैदराबाद के 24 वर्षीय प्रणीत का यह पहला ग्रां प्री खिताब है। सिंगापुर ओपन उनका पहला सुपर सीरीज खिताब था। प्रणीत इस वर्ष सैय्यद मोदी इंटरनेशनल ग्रां प्री गोल्ड टूर्नामेंट में समीर वर्मा से हारकर उपविजेता रहे थे।

भारत-नार्वे अातंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में करेंगे सहयोग

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ओस्लो, 04 जून, भारत और नॉर्वे संयुक्त राष्ट्र के अलावा कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कई मुद्दों पर मिलजुकर काम करेंगे और आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भी एक दूसरे का सहयोग करेंगे। भारत के कृषि एवं किसान कल्याण तथा संसदीय कार्यराज्यमंत्री एस एस अहलूवालिया की नार्वे यात्रा के दौरान दोनों देशों ने यह संकल्प व्यक्त किया। कल शाम सम्पन्न इस तीन दिवसीय यात्रा में उनके साथ सांसदों का एक दस सदस्यीय शिष्टमंडल भी शामिल था। श्री अहलूवालिया अपनी इस यात्रा के दौरान नॉर्वे की वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री मोनिका मेलैंड और विदेशी मामलों की सचिव मैरिट बर्गर रोजलैंड और विदेशी नीति एवं रक्षा की स्थायी समिति की अध्यक्ष एनी केन व्हिफेल्ट तथा उद्योग एवं व्यापार स्थायी समिति के उपाध्यक्ष गुन्नार गुंडर्सन से मिले। श्री अहलूवालिया ने नॉर्वे के इन मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात के दौरान कहा कि दोनों देशों को कृषि, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा एवं जलप्रबंधन तथा ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में मिलजुलकर काम करना चाहिए और आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भी एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी दोनों देशों को कई मुद्दों पर एक दूसरे का साथ देना चाहिए। श्री अहलूवालिया ने परमाणु आपूर्तिकर्ता देश समूह तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी के समर्थन के लिए नार्वे का आभार व्यक्त किया। नॉर्वे में भारत के राजदूत देवराज प्रधान ने भारतीय शिष्टमंडल के सम्मान में कल एक भोज का भी आयोजन किया। शिष्टमंडल में लोकसभा के सांसद भर्तृहरि महताब, चंद्रकांत खैर, रामकुमार वर्मा, मोहम्मद फैजल पदीपुर्रा आदि के अलावा संसदीय सचिव राजीव यादव भी थे।

रेलवे का निजीकरण नहीं, बुलेट ट्रेन जल्द : मनोज सिन्हा

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रांची 04 जून, केंद्रीय रेल एवं संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने रेलवे का निजीकरण होने की अटकलबाजियों पर विराम लगाते हुये आज स्पष्ट किया है कि निजीकरण नहीं होगा और सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन योजना को धरातल पर उतारने की दिशा में काम शुरु हो गया है। श्री सिन्हा ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर यहां भाजपा कार्यालय में केंद्र सराकर का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए कहा कि रेल सेवा के निजीकरण की बात बेबुनियाद है और सरकार रेल सुविधाओं के विस्तार के लिए कृतसंकल्पित है। उन्होंने बताया कि स्पीड ट्रेन और बुलेट ट्रेन चलाने की दिशा में भी प्रयास शुरु कर दिया गया है। अभी मुंबई से अहमदाबाद तक जापान के सहयोग से ट्रेन चलाने की परियोजना शुरु करने पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि योजना शुरु हो जाने के बाद छह से सात वर्ष में बुलेट ट्रेन का परिचालन शुरु हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का तेजी से विकास हो रहा है। कई अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेन्सियों ने भारत के तीव्र आर्थिक विकास की परिकल्पना की है। मोदी सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में महंगाई दर में भी गिरावट दर्ज की गयी है और अभी महंगाई दर गिरकर 5.23 प्रतिशत तक आ गया है। विदेशी निवेश बढ़ा है, आवास ऋण आठ से 10 प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार वर्ष 2014 में 303 अरब डॉलर था जो अब बढ़कर 373 अरब डॉलर पहुंच गया है। वहीं बंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 22486 अंक से बढ़कर 30 हजार अंक के पार पहुंच चुका है। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 6400 अंक से बढ़कर 13 हजार अंक से ऊपर पहुंच चुका है।



श्री सिन्हा ने कहा कि उज्जवला योजना के माध्यम से गरीब परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है वहीं देश में अब यूरिया की कोई किल्लत नहीं है। इसके साथ ही पारदर्शी शासन के तहत विमुद्रीकरण, कालाधन को वापस लाने, स्पेक्ट्रम एवं कोयला ब्लाॅक की ई.निलामी समेत अन्य कार्य योजनाओं को अंजाम दिया गया है। रेल परियोजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में रेलवे में औसत निवेश 45 हजार करोड़ रुपये था जो अब बढ़कर एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच चुका है। उन्होंने बताया कि झारखंड में वर्ष 2009 से 2013 तक रेल परियोजनाओं के लिए प्रतिवर्ष 500 करोड़ रुपये की राशि दी जा रही जिसे बढ़ाकर अब सालाना 2523 करोड़ रुपये कर दिया गया है। देश के 120 से अधिक स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है। उन्होंने कहा कि रांची डिविजन में भी यात्री सुविधाओं के विस्तार की योजना है। केंद्रीय मंत्री ने संचार सेवाओं के विस्तार का जिक्र करते हुए बताया कि वर्ष 2018 तक देश के प्रत्येक ग्राम पंचायत तक हाई स्पीड इंटरनेट की सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया जा रहा है और इसका 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। वर्ष 2006-07 में सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) घाटे में आ गया था लेकिन इस वर्ष उसे 4000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ होने की संभावना है। श्री सिन्हा ने धनबाद में भूमिगत से रेल लाइन के खतरे के संबंध में बताया कि इस संबंध में रेलवे के शीर्ष अधिकारी खनन मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के संपर्क में है। रेल सुरक्षा महत्वपूर्ण है लेकिन रेल यात्रियों को कोई परेशानी होए इसके लिए आवश्यक कदम उठाये जा रहे है। प्रधानमंत्री कार्यालय खुद सारी मॉनिटरिंग कर रहा है और जल्द ही रास्ता निकाल लिया जाएगा। उन्होंने ट्रेन की खराब बोगियों के संबंध में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में कहा कि इस दिशा में भी चरणबद्ध तरीके से पुराने बोगियों को हटाने का काम चल रहा है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने धनबाद रेलमंडल के राजस्व योगदान की सराहना करते हुए कहा कि कोयला और अन्य वजहों से यह रेलमंडल फायदेमंद रहा है लेकिन सभी क्षेत्रों के लोगों को रेल सुविधा का लाभ मिलें, इस दिशा में भी प्रयास किया जाना चाहिए।

केरल में वामपंथी हिंसा से होगा भाजपा को फायदा : अमित शाह

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तिरुवनंतपुरम 04 जून, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने केरल में मार्कस्वादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) नेतृत्व वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुये आज कहा कि राज्य में वामपंथी हिंसा से भाजपा और मजबूत होगी। श्री शाह ने भाजपा राज्य इकाई के मुख्यालय की नींव रखने के बाद कहा, “ भाजपा कार्यकर्ताओं पर वामपंथियों का जितना हमला होगा राज्य में भाजपा का ग्राफ उतना ज्यादा बढ़ेगा। ” उन्होंने कहा “ राज्य में भाजपा सरकार बनाने की नींव आज पड़ गयी। दिसंबर 2019 तक देश के सभी जिलों में भारतीय जनता पार्टी का कार्यालय होगा।” श्री शाह ने कहा कि राज्य में पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता को बल प्रयोग से कम नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, “ राज्म में जब भी वामपंथी सरकार सत्ता में आई, उन्होंने हमारे कार्यकर्ताओं पर हमला किया है खासकर कन्नूर में ज्यादा हमले हुये हैं। पिनारायी विजयन के मुख्यमंत्री बनने के बाद से पिछले एक साल के दौरान पार्टी के 13 कार्यकर्ता मारे गये।” केरल दौरे के दौरान उन्होंने चर्चों के कई वरिष्ठ पादरियों और अन्य धार्मिक नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ कई दौर की बैठकों को संबोधित करते हुये कहा कि केंद्र में राष्ट्रीय जनतंत्रिक गठबंधन की सरकार ने तीन वर्षों के कार्यकाल के दौरान गरीबों के अच्छे दिन आ गये हैं। जिनके पास बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं, वे केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं से लाभान्वित हुए।

जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण : हर्षवर्धन

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नयी दिल्ली 04 जून, पर्यावरण और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने आज कहा कि स्वच्छ और हरित पर्यावरण की दिशा में आगे ले जाने के लिए विश्व का मार्गदर्शन करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत महत्वपूर्ण भूूमिका निभा सकता है। श्री हर्षवर्धन ने पर्यावरण दिवस को मनाने के लिए प्रकृति से जुड़ाव विषय पर यहां आयोजित समारोह में यह विचार व्यक्त किया। उन्होंने इस अवसर पर कुछ पर्यावरणविदों द्वारा पर्यावरण पर लिखी चार पुस्तिकाओं का विमोचन करने के साथ ही एक मोबाइल ऐप भी लांच किया, जिसके जरिये वन्यजीव अभयारण्यों और विज्ञान से संबंधित सभी सूचनाएं प्राप्त की जा सकती हैं। उन्होंने हरित कौशल विकास कार्यक्रम पर एक पुस्तिका भी जारी की। श्री हर्षवर्धन ने कहा कि विश्व ने प्रकृति के सरंक्षण पर पहले से ध्यान दिया होता और पर्याप्त उपाय किये हाेते तो आज क्योटो प्रोटोकॉल और पेरिस जलवायु समझौते की जरूरत नहीं होती क्योंकि प्रकृति को संरक्षित किया जाये तो वह अपना सरंक्षण स्वयं करती है। उन्होंने कहा कि भारत भी इससे चिंतित है क्योंकि आपके आसपास जो हो रहा है, उससे आप अछूते नहीं रह सकते। श्री हर्षवर्धन ने कहा कि भारतीयों ने प्रकृति माता का संरक्षण करने में कहीं चूक की है और इसी का नतीजा है कि अनियंत्रित अनिश्चितता के रूप में लौट रही है। इसलिए भारत सहित पूरे विश्व को पर्यावरण की इस खराब स्थिति पर सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नब्बे के दशक में जब वह स्वास्थ्य मंत्री थे उस समय मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में देश का पहला व्यावसायिक पर्यावरणीय स्वास्थ्य केन्द्र खोला गया था।


भारत ने किया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण

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बालासोर, 04 जून, भारत ने आज ओडिशा के चांदीपुर में सतह से हवा में कम दूरी तक मार करने वाली इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (अाइटीआर) मिसाइल का सफल परीक्षण किया। आईटीआर के निदेशक बिनय दास ने कहा कि स्वदेश निर्मित इस मिसाइल का एलसी-3 से करीब अपराह्न 12 बजकर 44 मिनट पर परीक्षण किया गया। इसका परीक्षण पहली बार प्रणोदन को जांचने के लिए किया गया है। इस नवनिर्मित मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 20 किलोमीटर तक है। इससे पहले रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पिछले माह इजरायल निर्मित सतह से हवा तक मार करने वाले ‘स्पाइडर’ मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था।

राजनाथ का हिमाचल में कांग्रेस को सत्ता से हटाने का आह्वान

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हमीरपुर, 04 जून, केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सीमा की सुरक्षा करने में हिमाचल प्रदेश के जवानों के अहम योगदान की सराहना करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से राज्य से कांग्रेस नीत गठबंधन सरकार को सत्ता से हटाने का अाज आह्वान किया। श्री सिंह ने कहा कि समय की जरूरत है कि हम अनुशासित और संगठित रहें और पार्टी कार्यकर्ताओं ने समय-समय पर ऐसा कर के भी दिखाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा का उद्देश्य देश के लोगों की सेवा करना है और पार्टी चुनाव जीतने की शर्त पर देश की जनता को कभी धोखा नहीं देती है। श्री सिंह ने यहां स्थानीय स्कूल के मैदान में आयोजित रैली में कहा कि सेना आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए हमेशा मुस्तैद है। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा,राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल,राज्य भाजपा प्रमुख सतपाल सेट्टी एवं राज्य में पार्टी प्रभारी मंगल पांडे भी मौजूद थे।

पेरिस जलवायु समझौता दुनिया की साझा विरासत :मोदी

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पेरिस, 4 जून, पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के अलग होने के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि यह समझौता दुनिया की साझा विरासत है और भारत जलवायु संरक्षण के लिए अपेक्षाओं से भी आगे बढ़कर काम करेगा। फ्रांस के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति एमेनुअल मैक्रॉे के साथ यहां एलिसी पैलेस में व्यापक विचार-विमर्श के बाद मोदी ने कहा कि पेरिस जलवायु करार धरती और हमारे प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के हमारे कर्तव्य को झलकाता है। हमारे लिए यह आस्था का मामला है। उन्होंने मैक्रॉे के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पेरिस जलवायु समझौता दुनिया की साझा विरासत है। यह भविष्य की पीढ़ियों को भी लाभान्वित करेगा।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कार्बन उत्सर्जन कम करने पर हुए पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते से अलग होने की कल घोषणा की थी। ट्रंप ने कहा कि यह समझौता भारत और चीन जैसे देशों को अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत लगातार काम करता रहेगा...पेरिस समझौते की अपेक्षाओं से अधिक करता रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास प्राकृतिक संसाधन हैं क्योंकि हमारी पहले की पीढ़ियों ने इन संसाधनों को संजोया है। हमें भावी पीढ़ियों के लिए ऐसा ही करना होगा।’’

मुस्लिम आबादी अच्छी-खासी होने के बावजूद भारत में नाकाम रहा आईएसआईएस : राजनाथ

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नयी दिल्ली, तीन जून, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज यहां कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी भारत में है फिर भी आईएसआईएस देश में पैर नहीं जमा सका। नरेंद्र मोदी सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के मौके पर सिंह अपने मंत्रालय का रिपोर्ट कार्ड दे रहे थे। इस मौके पर एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘हमने पूरी जिम्मेदारी से देश को सुरक्षा मुहैया करवाने की पूरी-पूरी कोशिश की।’’ उन्होंने बताया कि देशभर से आईएसआईएस के प्रति सहानुभूति रखने वाले 90 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि आतंकी संगठनों की सूची में आईएसआईएस और अंसार उल अम्माह को शामिल किया गया है। सिंह के मुताबिक वर्ष 2011-2014 तक संप्रग सरकार के कार्यकाल के मुकाबले वर्ष 2014 से 2017 तक नक्सली हमलों में 25 फीसदी की कमी आई है। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के अंतिम तीन वषरें की तुलना में राजग सरकार के तीन वषरें में नक्सली हमलों में होने वाली मौतों में 42 फीसदी की कमी देखी गई है। गृहमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष सितंबर माह में नियंत्रण रेखा पार किए गए लक्षित हमलों के बाद के छह महीनों में पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिशों में बीते वर्ष इसी अवधि की तुलना में 45 फीसदी की कमी आई है। राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को खत्म करेगी और जम्मू-कश्मीर में शांति सुनिश्चित करेगी।

समस्तीपुर : बिहार में कला संकाय के टॉपर गणेश मामले में सचिव समेत तीन गिरफ्तार

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समस्तीपुर 04 जून, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) के कला संकाय के टॉपर गणेश कुमार के मामले में कल देर रात पटना से आयी पुलिस की विशेष टीम ने समस्तीपुर जिले के शिवाजी नगर प्रखंड के लक्ष्मीनिया गांव से संजय गांधी उच्च विद्यालय के तत्कालीन सचिव, प्रधानाध्यापिका और लेखापाल को गिरफ्तार कर लिया। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि वर्ष 2015 में गणेश ने दलाल संजय कुमार के माध्यम से संजय गांधी उच्च विद्यालय लक्ष्मीनिया से मैट्रीक की परीक्षा पास की थी। पुलिस ने संजय को कल राजधानी पटना के मुसल्लहपुर से गिरफ्तार किया था और उसकी निशानदेही पर पटना से आयी विशेष टीम ने संजय गांधी उच्च विद्यालय के तत्कालीन सचिव राम कुमार चौधरी , उनकी पत्नी और विद्यालय की प्रधानाध्यापिका देव कुमारी तथा लेखापाल पुत्र सत्यम कुमार चौधरी को देर रात लक्ष्मीनिया गांव से गिरफ्तार कर लिया है । सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों को पुलिस की विशेष टीम पटना लेकर रवाना हो गयी है । गिरफ्तार लोगों पर इस वर्ष की 12 वीं की परीक्षा में कला संकाय के टॉपर बनाये गये गणेश कुमार को मैट्रीक की परीक्षा में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नामांकन करने और बीएसईबी में पंजीयन कराने का आरोप है । 

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