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संदीप दीक्षित ने सेना प्रमुख के खिलाफ की आपत्तिजनक टिप्पणी,मांगी माफी

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नयी दिल्ली,11 जून, कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने थल सेना प्रमुख बिपिन रावत के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जिससे विवाद उत्पन्न हो गया लेकिन इसके कुछ देर बाद ही उन्होंने माफी मांग ली। एक समाचार चैनल के अनुसार श्री दीक्षित से आज जब पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा की भारत पाकिस्तान सीमा के संबंध में बयानबाजी के बारे में सवाल किए गए तो उन्होंने जनरल रावत को ‘सड़क का गुंडा’ कह दिया। बयान देने के हालांकि कुछ देर बाद ही श्री दीक्षित ने माफी मांग ली । उन्होंने ट्वीट कर कहा,“ मैं मानता हूं कि मैंने जो कहा है, वह गलत है, इसलिए माफी मांगता हूं और अपना बयान वापस लेता हूं। ” उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान एक ही चीज कर सकता है और वो है अनाप-शनाप बयानबाजी देना। खराब तो तब लगता है जब हमारे थल सेना प्रमुख सड़क के गुंडे की तरह बयान देते हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने श्री दीक्षित के बयान की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट किया, “कांग्रेस के साथ हो क्या रहा है? कांग्रेस सेना प्रमुख को सड़क का गुंडा कैसे कह सकती है।


लखनऊ के 72 स्कूली बच्चे संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में करेंगे योग

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नयी दिल्ली 11 जून, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य आयोजन इस बार जहां नवाबों के शहर लखनऊ में होने जा रहा है , वहीं इस शहर के स्कूली बच्चों का एक समूह इस दिन न्यूयार्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में योग का प्रदर्शन करेगा । लखनऊ के सिटी मान्टेसरी स्कूल (सीएमएस )के 72 विद्यार्थियों का दल कल यहां से न्यूयार्क के लिए रवाना होगा। सी एम एस के संस्थापक जगदीश गांधी ने बताया कि ये बच्चे 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन न्यूयार्क में यौगिक अासन करेंगे । इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय संस्था के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी मौजूद रहेंगे । श्री गांधी ने बताया कि ये बच्चे 19 मई को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर उनके समक्ष योग कर चुके है । उनके स्कूल के 36 बच्चों का दल इससे पहले भी 2015 में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग के आसन कर चुका है । श्री गांधी ने कहा कि इन बच्चों के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि योग की अादत बचपन से ही डाल दी जानी चाहिए । यौगिक आसनों से शरीर एवं मस्तिष्क स्वस्थ रहता है तथा एकाग्रता भी बढती है तथा मानसिक विकृतियां नहीं पनपने पातीं । उल्लेखनीय है कि इस बार योग दिवस का मुख्य कार्यक्रम लखनऊ में होगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र भी हिस्सा लेंगे । श्री मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा दिसंबर 2014 में की थी । पहला विश्व योग दिवस 21जून 2015 में मनाया गया था । मुख्य कार्यक्रम में यहां राजपथ पर आयोजित किया गया था जिसमें 121 देशों ने हिस्सा लिया था ।

लालू हुए 70 साल के, मुख्यमंत्री समेत कई नेताओं ने दी बधाई

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पटना 11 जून, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के 70वें जन्मदिन पर आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई दलों के नेताओं ने बधाई दी । श्री यादव की पत्नी श्रीमती राबड़ी देवी के यहां आवास दस सर्कुलर रोड पर उन्हे जन्मदिन की बधाई देने वालों का सुबह से ही तांता लगा रहा । मुख्यमंत्री श्री कुमार ने उनके आवास पर पहुंच कर उन्हें गुलदस्ता भेंट किया । इसके बाद श्री कुमार ने श्री यादव से गले मिलकर बधाई दी । उन्होंने श्री यादव के स्वस्थ, सफल और दीर्घ जीवन की कामना की । राजद अध्यक्ष को सुबह से ही जन्म दिन की बधाई देने वालों का तांता लगा रहा । राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे कार्यकर्ताओं की ओर से एक बड़ा केक लाये, जिसे श्री यादव ने काटा और कार्यकर्ताओं को खिलाया। राजद अध्यक्ष को जन्म दिन की बधाई देने वालों मे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, वित मंत्री अब्दुलबारी सिद्दिकी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी, कृषि मंत्री रामविचार राय, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर, पर्यटन मंत्री अनीता देवी, श्रम संसाधन मंत्री विजय प्रकाश, खान मंत्री मुनेश्वर चौधरी, उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह, परिवहन मंत्री चन्द्रिका राय समेत नीतीश मंत्रिमंडल के कई मंत्री, विधायक और विधान परिषद के सदस्य शामिल थे । 

बिहार का सर्वांगीण विकास सरकार की प्राथमिकता : नीतीश

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पटना 11 जून, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न्याय के साथ राज्य के सर्वांगीण विकास की प्रतिबद्धता को दुहराते हुये आज कहा कि विरोधियों का काम हर मुद्दे पर राजनीति करना है और वह करते रहेंगे लेकिन उनकी सरकार का एजेंडा राज्य के प्रत्येक कोने का विकास करना है और इसके लिए पुरजोर कोशिश जारी है। श्री कुमार ने यहां रिमोट कंट्रोल के जरिये आरा-छपरा के बीच गंगा नदी पर नवनिर्मित उच्चस्तरीय एक्स्ट्राडोज्ड पुल वीर कुंवर सिंह सेतु और गंगा नदी पर दीघा-सोनपुर पुल (जेपी सेतु) के पहुंच पथ के लोकार्पण के साथ ही 138 अन्य योजनाओं का उद्घाटन किया, जिनमें अनेक पुल-पुलिया शामिल हैं। इस मौके पर उन्होंने कहा, “चुनाव में महागठबंधन को विकास के लिए जनादेश प्राप्त हुआ था, जिसका सम्मान करते हुये हमारी पुरजोर कोशिश है कि न्याय के साथ राज्य का सर्वांगीण विकास हो।”  मुख्यमंत्री ने कहा, “बिहार में जिसकेे लिये काम हो रहा है उसे काम के बारे में पता है। उनके मन में किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं है। कुछ लोग तकरार करने में विश्वास रखते हैं तो वे करते रहें। लेकिन, हमलोग इससे विचलित नहीं होंगे। हम बिहार की तरक्की के लिये पूरी दृढ़ता और प्रतिबद्धता के साथ प्रयासरत रहेंगे।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सड़कों एवं पुल-पुलियों के रख-रखाव के लिये नई नीति बनायी है। ग्रामीण सड़कों का निर्माण उच्च गुणवत्ता के साथ कराया जा रहा है। श्री कुमार ने कहा कि आज आरा-छपरा वीर कुंवर सिंह सेतु तथा दीघा-सोनपुर जेपी सेतु के पहुंच पथ का लोकार्पण हुआ है। केन्द्र सरकार ने पुल का निर्माण कर राज्य सरकार को सौंप दिया और पहुंच पथ का निर्माण राज्य सरकार को करना था। इसमें भूमि अधिग्रहण संबंधित कई अड़चनें थीं, जिन्हें दूर करते हुये बहुत कम समय में इस पहुंच पथ का निर्माण कार्य पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि आज 138 अन्य योजनाओं का उद्घाटन भी हुआ है जिसमें अनेक पुल-पुलिया शामिल है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि आरा-छपरा पुल का नाम वीर कुंवर सिंह के प्रति आदर और सम्मान प्रकट करने के लिए रखा गया है वहीं, निर्माण कार्य शुरू होने के दिन ही दीघा-सोनपुर पुल का नाम जेपी सेतु रख दिया गया था। उन्होंने कहा कि वीर कुंवर सिंह के विजयउत्सव का 160वां साल होने वाला है। अगले वर्ष वीर कुंवर सिंह के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान प्रकट करते हुये इस उत्सव को भी अच्छे ढंग से मनाया जाएगा। श्री कुमार ने दीघा-सोनपुर रेल पुल निर्माण के बारे में बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा ने तत्कालीन रेल मंत्री रामविलास पासवान के समय में इस पुल का शिलान्यास किया था। उन्होंने कहा कि वर्ष 1998 में जब वह रेल मंत्री बनें तो पुल का निर्माण कार्य तेजी से कराने के लिए संबंधित परियोजना का अध्ययन करना शुरू किया तो पता चला कि यह योजना तो अभी मंजूर ही नहीं हुई है। तब उन्होंने इसका डीपीआर तैयार करवाया और केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इसकी मंजूरी दिलायी। उन्होंने कहा कि दूसरी बार जब वे रेलमंत्री बने तो तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी से इस पुल का कार्यारंभ करवाया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव रेलमंत्री बने तो यह परियोजना केवल रेल पुल से संबंधित थी। इस पर आपसी चर्चा के बाद इसका निरीक्षण और अध्ययन कराया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस रेल पुल पर सड़क पुल निर्माण की संभावना तलाशने के उद्देश्य से पुल के फाउंडेशन का विस्तृत अध्ययन किया गया और तकनीकी नतीजों के आधार पर रेल-सह-सड़क पुल पर काम शुरू हुआ और राज्य सरकार ने सम विकास योजना के अन्तर्गत इसे मंजूरी प्रदान कर दी। उन्हाेंने कहा कि रेल-सह-सड़क पुल के निर्माण में श्री लालू प्रसाद यादव का अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि आरा-छपरा सेतु निर्माण का 2010 में निर्णय हुआ था। निर्माण के क्रम मेें कई समस्यायें आयीें। इस पुल का डीपीआर वर्ष 2010 में आई बाढ़ के उच्चतम स्तर के आधार पर बना था। उन्होंने कहा कि एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया जा रहा है जो देखेगी कि गंगा नदी के एप्रोच में और क्या मोडिफिकेशन करना पड़ सकता है। श्री कुमार ने कहा कि जब यहां एलिवेटेड एप्रोच रोड बन जायेगा तो पटना देश के विकसित शहरों की तरह दिखायी देगा। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू मार्ग जिसे आज भी लोग बेली रोड के नाम से जानते हैं पर लोहिया चक्र पथ बन रहा है। इस मार्ग पर फ्लाई ओवर बन जाने से दानापुर जाने में लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो रही है। आवश्यकता के अनुसार जहां भी जरूरत है विकास का कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि आज इन पुलों के लोकार्पण से पता नहीं लोगों को क्यों एतराज है। 

बिहार के गन्ना उद्योग मंत्री से रंगदारी मांगने वाला गिरफ्तार

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पटना 11 जून, बिहार की पटना पुलिस ने गन्ना उद्योग मंत्री खुर्शीद अहमद उर्फ फिरोज अहमद से 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगने वाले अपराधी को महज 12 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया।  वरीय पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने आज यहां बताया कि गन्ना उद्योग मंत्री फिरोज अहमद ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके मोबाइल पर अज्ञात अपराधियों ने मैसेज कर 10 लाख रुपये रंगदारी की मांगने के साथ ही राशि नहीं देने पर पूरे परिवार को बम से उड़ाने की धमकी दी है। उन्होंने बताया कि मंत्री श्री अहमद की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुये पुलिस की विशेष टीम का गठन कर उसे मामले का उद्भेदन करते हुये इसमें शामिल अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया। श्री महाराज ने बताया कि टीम ने तकनीकी और वैज्ञानिक तरीके से मामले से जुड़ी सूचनाएं संग्रहित करनी शुरू कर दी। इसी क्रम में पता चला कि जिस मोबाइल नंबर से मंत्री श्री अहमद को रंगदारी देने और परिवार को उड़ाने की धमकी वाला मैसेज आया था, वह नंबर बेतिया में पप्पू कुमार नाम का व्यक्ति इस्तेमाल कर रहा है। वरीय पुलिस अधीक्षक ने बताया कि प्राप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुये विशेष टीम बेतिया के लिए रवाना हुई और वहां मुफस्सिल थाना क्षेत्र से पप्पू कुमार को गिराफ्तार कर रंगदारी मांगन में इस्तेमाल किये गये मोबाइल नंबर को भी बरामद कर लिया। उन्होंने बताया कि पूछताछ के क्रम में पप्पू ने स्वीकार किया कि वह और उसके एक मित्र ने मिलकर मंत्री श्री अहमद से रंगदारी की मांग की थी। 

विशेष आलेख : किसान आंदोलन पर राजनीति की छाया

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मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन बाद राजनीतिक लाभ लेने के लिए उपवास और सत्याग्रह करने की कवायद की जाने लगी है। भाजपा और कांगे्रस एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ करते दिखाई दे रहे हैं। किसानों के प्रति हमदर्दी दिखाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपवास पर बैठे। इसके माध्यम से उनका उद्देश्य केवल इतना ही था कि वे किसानों से मिलकर समस्या का समाधान निकालना चाहते थे, लेकिन कांगे्रस ने फिर से आग में घी डालने जैसा कृत्य किया है। राजनीतिक लाभ लेने के लिए कांगे्रस के नेताओं को भी उपवास और सत्याग्रह का सहारा लेना पड़ रहा है। इस प्रकार की राजनीति करने से पहले यह किसी ने नहीं सोचा कि किसानों की समस्याओं को दूर कैसे किया जाए। दोनों दल बैठकर किसानों की स्थिति के बारे में चिन्तन करते तो संभवत: यह एक अच्छी पहल मानी जा सकती थी, लेकिन ऐसा लग रहा है कि किसानों की समस्या हल करने में ही कांगे्रस की रुचि नहीं है। कोई भी आंदोलन समाचार पत्र की सुर्खियां तो बन सकता है, लेकिन इससे आम जिन्दगी जीने वाले लोगों को कितना लाभ मिलता है, इसकी समीक्षा करने का साहस वर्तमान में किसी भी राजनीतिक दल के पास नहीं है। वास्तव में यह सत्य है कि वर्तमान में देश का किसान आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है, वहीं छोटे स्तर का किसान निरंतर कर्ज के बोझ तले दबा चला जा रहा है। वह अपनी खेती को छोड़कर मजदूरी करने की ओर प्रवृत हो रहा है। देश में ऐसी स्थितियां क्यों निर्मित हो रही हैं। इस पर विचा करने की आवश्यकता है।


यहां एक सवाल यह आ रहा है कि जब प्रदेश के मुख्यमंत्री समाधान की दिशा में पहल करने के लिए तैयार हो गए, तब कांगे्रस को उपवास और सत्याग्रह करने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है। भाजपा सरकार में है और विपक्षी दल भी सरकार से ही किसानों की समस्या का समाधान करने की मांग करेंगे। आज प्रदेश के किसानों की समस्याओं को अनसुलझा बनाने का जो खेल खेला जा रहा है, वह लोकतांत्रिक तरीके से तो सही ठहराया जा सकता है, लेकिन मानवीयता के तौर पर राजनीतिक दलों की कार्यवाही समस्या को विराट रुप देने की कार्यवाही का हिस्सा माना जा सकता है। कांगे्रस शायद यही सोच रही है कि समस्या को इतना बड़ा कर दो, कि कोई समाधान ही नहीं निकल सके। इस प्रकार की सोच के साथ राजनीतिक करने का यह खेल जब तक चलेगा, तब तक समस्याओं का हल नहीं निकाला जा सकता है। हल निकालने के लिए सामूहिक चिन्तन की जरुरत है। जिसकी गुंजाइश बहुत कम दिखाई दे रही है।

कृषि क्षेत्र में पनप रही समस्याओं के बारे में न तो किसी का ध्यान जा रहा है और न ही कोई इस बारे में सोच रहा है। वास्तव में आज के युग में कृषि ने भी एक व्यवसाय का रुप ले लिया है। धनाढ्य वर्गों ने जमीन खरीद ली हैं और वही खेती करवा रहे हैं। किसान तो उनके खेतों में मजदूरों की तरह जीवन जी रहा है। सबसे बड़ी समस्या यही है कि बड़े किसान मजे में हैं, छोटे किसान जीवन समाप्त करने की ओर है। मात्र इसी कारण से किसान आज कर्ज के बोझ से दबा चला जारहा है। बड़े किसानों के पास जहां खेती करने के सारे आधुनिक संसाधन मौजूद हैं, वहीं छोटे किसानों की खेती उन्ही संसाधनों पर निर्भर होकर रह गई है। कर्ज के दायरे में घिरते जा रहे किसान के सामने कर्ज माफी एक विकल्प के तौर समाधानकारक दिखाई दे रहा है, लेकिन कर्ज माफी किसान की समस्या का स्थाई समाधान नहीं माना जा सकता। कर्ज माफी के साथ ही किसानों के पास संसाधनों की पूर्ति करने के लिए भी व्यवस्थाएं करनी होंगी, नहीं तो कल के दिन किसान फिर से कर्ज के बोझ तले दबेगा ही, यह तय है।


वर्तमान में जिस प्रकार से संसाधन आधारित खेती का चलन बढ़ रहा है, उसी प्रकार से किसान कमजोर होता जा रहा है। किसान के ऊपर इन्हीं संसाधनों को प्राप्त करने के कारण कर्ज बढ़ रहा है। किसान खेती को आधार बनाकर संसाधन तो जुटा लेता है, लेकिन उसकी उपज से प्राप्त होने वाली आय कर्ज चुकाने में ही चली जाती है। इसके बाद उसके परिवार संचालन के लिए कठिनाइयां उत्पन्न हो जाती हैं। सरकार को प्रयास करना चाहिए कि वह किसान की समस्या का बारीकी से अध्ययन करे और उसके समाधान के बारे में सकारात्मक कदम उठाए। वास्तव में ही पूरे देश का किसान परेशान है। किसान को समस्या से उबरने कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है। यह बात सही है कि देश भर का किसान आंदोलन करने को मजबूर है, लेकिन मध्यप्रदेश के किसान आंदोलन की गाथा में राजनीतिक पुट नजर आ रहा है। कहीं कहा जा रहा है कि कांगे्रस के नेताओं ने इस आंदोलन में घी डालने का काम किया। हो सकता है कि यह सही हो, क्योंकि लगभग 19 वर्षों से सत्ता से बाहर रहने वाली कांगे्रस पार्टी आंदोलन को सत्ता प्राप्त करने की सीढ़ी बनाने का सपना देख रही है। यह तो सत्ताधारी भाजपा की कुशलता ही मानी जाएगी कि वह कांगे्रस को कोई अवसर हाथ में नहीं दे। कांगे्रस भले ही इस आंदोलन को भाजपा सरकार की असफलता सिद्ध करने का प्रयास करे, लेकिन सरकार की असफलता का पैमाना यह नहीं माना जा सकता। अगर यह होता तो मध्यप्रदेश में कांगे्रस की सरकार के समय भी किसानों के आंदोलन हुए, उसमें भी अभी से ज्यादा किसान मारे गए। यह भी सत्य है कि उस समय की खेती से आज की खेती में सुधार हुआ है। इसलिए कांगे्रस को ऐसी राजनीति करने की बजाय समाधान का रास्ता निकालने के लिए सरकार का साथ देना चाहिए। यही समय की आवश्यकता है।




liveaaryaavart dot com
सुरेश हिन्दुस्थानी
झांसी, उत्तरप्रदेश पिन- 284001
मोबाइल-09455099388
(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 11 जून

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आधार विहीन कांग्रेस पार्टी घृणित राजनैतिक रोटिया नही सैेंके
  • नगरपालिका नगर विकास के लिये पूरी तरह कटिबद्ध- धनसिंह बारिया
  • कांग्रेस के आरोप का नपा अध्यक्ष ने किया पलटवार

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झाबुआ । नगर विकास में पिछले 50 बरसों में जितने विकास कार्य नगर में नही हुए है उससे अधिक विकास के कार्यो को करके इस परिषद ने 5 बरसों में कीर्तिमान बनाया है । झाबुआ नगर को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान द्वारा करोडो की सौगाते देकर नगर को विकासोन्मुखी बनाने में जो सहयोग दिया गया है उससे कांग्रेस पार्टी अपनी ओछी मानसिकता बताते है  तथा नगरीय चुनावों की आहट पाते ही बरसाती मेंढक की तरह बिल से बाहर आकर सिवाय हो हल्ला मचाने के कुछ नही कर रही है । विगत दो दिन पूर्व बारिश के चलते नगर के नीचले हिस्सो ंमें पानी भरने तथा सब्जी मार्केट में पानी भरने  का मुद्दा लेकर कांग्रेस पार्टी ने नगरपालिका परिषद पर जाकर मात्र 15-20 मिनट हो हल्ला करके अपनी घृणित राजनीति दिखाने के अलावा कुछ नही किया है । कांग्रेस पार्टी ने नगर विकास को लेकर एक भी ऐसा मुद्दा नही उठा पाई है, अब चुनावी राजनीति के चलते नाटकबाजी करने के अलावा कुछ नही कर रही है । कांग्रेस पार्टी का न तो नगर में जनाधार है  और न ही कांग्रेसी नेतागण गंभीरता पूर्वक नगर के विकास में रचनात्मक भूमिका निभा रहे है । खिसीयानी बिल्ली खंभा नोचे की तर्ज पर कांग्रेस के छुट भैये नेता नगरपालिका पर जाकर नारे बाजी करके थोडी देर के लिये मुट्ठी भर लोगों के साथ जो घृणित राजनीति करके अपने  पक्ष में वातावरण बनाने का प्रयास कर रहे है वह सफल होने वाला नही है । नगर की जनता स्वयं देख रही है कि इस परिषद  ने नगर के विकास के लिये कितना काम किया है । नगर की बहुप्रतिक्षित पेयजल योजना की सौगात भी इसी परिषद के कार्यकाल में मिली है । उक्त आरोप नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया ने कांग्रेस पार्टी पर लगाते हुए कहा कि बारिश से नगर के विभिन्न हिस्सो ं में लोगों को परेशानी से मुक्ति दिलाने के लिये वे स्वयं भाजपा नेता शैलेष दुबे के साथ हर क्षेत्र में गये और समस्याओं का समाधान स्वयं खडे रह कर नगरपालिका अमले  से करवाया है ।श्री बारिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में यही अन्तर है कि भाजपा के लोग खडे रह कर काम करवाते है और कांग्रेस के लोग सिवाय चिल्ला चोट करने के लिावा कुछ नही करते है । नगरपालिका  अध्यक्ष धनसिंह बारिया ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं सांसद प्रतिनिधि डा. विक्रांत भूरिया के द्वारा विगत दिनों प्रेस वार्ता करके लगाये गये नगरपालिका अध्यक्ष पर आरोप कि नगरपालिका अध्यक्ष कमजोर होकर अपने  रिमोट गुरू के कहने पर चलता है, इसका प्रतिवाद करते हुए श्री बारिया ने कहा कि भाजपा की इस परिषद द्वारा सामुहिक रूप  से विकास को लेकर निर्णय लिये जाते है जिसमें क्षेत्रीय विधायक, परिषद के सदस्य से विचार विमर्श करके ही नगर हित के बारे मे प्रजातांत्रिक तरिके से निर्णय लेकर क्रियान्वित किये जाते हे । राजनैतिक गुरू से सलाह मशवीरा ं भी नगर के विकास के लिये करना कोई गलत बात नही है । श्री बारिया ने उनके कमजोर अध्यक्ष होने के डा. विक्रांत के आरोप पर कहा कि यदि वे कमजोर अध्यक्ष होते तो सांसद कांतिलाल भूरिया को सार्वजनिक मंच पर उनको जवाब नही दे पाते । जबकि उन्होने सांसद के सभी आधारहिन आरोपो का सिलसिलेवार जवाब देकर उनकों बोती बंद करवा दी थी । नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया ने आगे कहा कि सिर्फ 15-20 मिनट नगरपालिका का घेराव कर लेने तथा नारे बाजी कर लेने से लोगों को राहत नही मिल सकती बल्कि स्वयं3-4 घण्टे खडे रह कर विवेकानंद कालोनी स्थित उमापति महादेव मंदिर के पीछे का नाला जो तेज बारिश के कारण जाम हो गया था उसे क्रेकर मशीन लगा कर नाले में पडे पत्थरो , गिरी हुई दिवार को निकाल कर पूरे नाले  को व्यवस्थित करने का कार्य प्रारंभ करवाया है और शनिवार को भी  उन्होने स्वय जाकर नाले की व्यवस्थित साफ सफाई करवाने के लिये अपनी भूमिका निभाई है । उक्त नाले की सफाई नगरपालिका के स्वच्छता निरीक्षक नसीरखान एवं नपा कर्मी राकेश कटारा के मार्गदर्शन में  रवि, विकास, सूरज, मुकेश अर्जुन गौरव आदि सफाई कर्मियो ं ने नाले का साफ सफाई कर मलबा बाहर निकालने का काम किया है । धनसिंह बारिया ने कहा कि सब्जी मंडी में तेज बारिश के चलते पानी भराव की अचानक समस्या पैदा हो गई थी उसे प्राथमिकता से व्यवस्थित करवाया गया है ताकि सब्जी विक्रेताओं एवं  उपभोक्ताओं को परेशानी नही हो ।  नगर की स्वच्छता, साफ सफाई बनाये रखना नगरपालिका का नैतिक दायित्व है और उसे वह पूरी शिद्दत के साथ निभा रही है । नपा अध्यक्ष श्री बारिया ने कांग्रेस को सलाह दी है कि ओछी राजनीति करने की बजाय नागरिकों की समस्याओं  के निवारण एवं नगर विकास में अपनी सकारात्मक भूमिका निभा कर स्वस्थ राजनीति करें ।


विधायक बिलवाल ने नल जल योजना की पाईप लाईन खोदने के कार्य का किया भूमिपूजन

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झाबुआ । प्रदेश की भाजपा सरकार  गा्रमीण अंचलों के विकास के लिये पूरी तरह कृत संकल्पित है । जहां किसानों के लिये ढेरो योजनायें लागू करके तथा कृषि का लाभ का धंधा बनाने के लिये शिवराजसिंह सरकार ने करोडो की योजनायें प्रदेश के किसानों के विकास के लिये लागू की है वही बिजली, पानी एवं सडक के मामले मे भी इस सरकार ने जो काम किये है उससे गा्रमीण क्षेत्रों एवं शहरी अंचलों के बीच की दूरी समाप्त होगई है । गा्रमीण जनों को अधिक से सुविधायें एवं योजनाओं का लाभ दिया जाना भाजपा की सरकार का मुख्य ध्येय रहा है और इसे वास्तविकता पर धरातल पर उतार कर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जारहा है । उक्त उदगार क्षेत्रीय विधायक शांतिलाल बिलवाल ने शनिवार को  कुंदनपुर में कालिया कोतेड़ी से नलजल योजना की पाईप लाईन डालने के भूमिपूजन के अवसर पर उपस्थित गा्रमीण जनों को संबोधित करते हुए कहीं । श्री बिलवाल ने बताया कि विधायक निधि से विधायक द्वारा लाईट डीपी लगवाई जाएगी। वहीं पीएचई विभाग द्वारा पाईप लाईन डलवाने का कार्य किया जाएगा  साथ ही ग्राम पंचायत काकरादरा द्वारा मनरेगा से लाईन खुदवाने का कार्य किया जाएगा । श्री बिलवाल ने कहा कि इससे इस अंचल की पूरानी मांग साकार हो रही है । भूमि पूजन के अवसर पर बीजेपी नेता युवामोर्चा जिला अध्यक्ष भानु भूरिया सेक्टर प्रभारी सुभाषचन्द्र जैन, संरपच नरू मछार,पुर्व झाबुआ मंडल अध्यक्ष मेजिया कटारा , गवसर सरपंच राजेश मछार, मंडल महामंत्री जितेन्द्र पंचाल, नरेन्द्र नायक, कमलेश पंचाल, निलेश पंचाल, संतोष परमार, कन्हैयालाल प्रजापत आदि उपस्थित रहे। वर्षों से चली आ रही गांव वालो की मांग पूरी होने पर गाँवों वालो मे खुशी का माहोैल छाया हुआ है 

छेड़छाड़ का 1 अपराध पंजीबद्धः-
       
फरि. ने बताया कि तालाब में बनी झिरी पर पानी भरने गई थी कि आरोपी राजेश पिता सक्का डामोर नि. हत्यादेली ने आया व फरि. को मै तुझे औरत बनाउंगा कहकर बुरी नियत से पिछे से पकड़ लिया व चिल्लाने पर छोड़कर भाग गया। प्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्रं. 261/17, धारा 354(ए)-1 भादवि व 7/8 पास्को एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अपहरण के 02 अपराध पंजीबद्धः-
        
झाबुआ । फरि. टाकुडीबाई पति थानसिंह उम्र 45 साल निवासी टाण्डालाला नायक ने बताया कि मेरी लड़की बसंती उर्फ भावना उम्र 16 साल को संदेही आरोपी मोन्टु मेघवाल निवासी झकनावदा ने बहला फुसलाकर भगाकर ले गया। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अपराध क्रं. 198/17, धारा 363 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरि. तोलसिंह पिता भावला नलवाया उम्र 37 साल निवासी डीआरपी लाईन झाबुआ ने बताया कि मेरी लड़की निर्मला उम्र 16 साले घर से बिना बताये कही चली गई शंका है कि आरोपी मनिन्दर पिता अनिल चैहान निवासी कोकावा कालीदेवी ने बहला फुसलाकर भगाकर ले गया। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 487/17, धारा 363 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गयेा।


सरीयो से भरी आयसर लेगए चोर 
     
झाबुआ । फरि. जिग्नेश पिता मणीलाल घोती उम्र 23 वर्ष नि. कोलीवाड दाहोद गुजरात ने बताया की आयसर क्रं. जीजे.-20 वी-6449 को दाहोद से 26 टन सरिये भरकर ला रहा था कि गा्रम ढाढनिया अनास नदी के पुल पर गाडी खड़ी कर फ्रेश होने चला गया कि अज्ञात बदमाश आयसर वाहन व गाड़ी में रखा ओप्पो कंपनी का मोबाईल जिसमें जिओ सिम नः 7990760435 सीम लगी, सरिये सहित चुुराकर ले गया। प्रकरण में थाना मेघनगर में अपराध क्रं 202/17 धारा 379 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

लबाना समाज सहीत पिटोल का गोरव बढ़ाया दिशांक बड़दवाल ने

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पिटोल । इंड़ियन इस्टिटुयुट टेक्नोलोजी (प्प्ज्) में पिटोल क्षैत्र में प्रथम बार किसी बालक का चयन हूआ है। विधायक शांतिलाल के प्रतिनिधी पिटोल एवं आसपास गाॅवो व्यापारी जगत में पहचान रखने वाले जगदिश बड़दवाल के सुपुत्र दिशांक बड़दवाल ने आल इण्ड़ीया रैंकिंग में 6030 वा नम्बर एवं ओ.बी़.सी कोटा रैंकिंग में 1021 वे नम्बर पर जगह बनाई। जिससे उसका चयन प्प्ज् में हुआ । यू तो जिले से कई प्रतिभागीयांे का चयन में हुआ परन्तु पिटोल क्षेत्र से पहली बार इस बालक दिशांक का चयन हूआ इस चयन पर समस्त लबाना समाज का नाम रोशन हुआ वही पिटोल का पूरा बड़दवाल परीवार में खुशीया छा गई दिशांक के दादा दादी , नाना-नानी एवं समस्त रिस्तेदारो के साथ गाॅव के सभी वर्गौ के लोगो ने जगदीश बड़दवाल के परीवार को बधाईया दी। झाबुआ भाजपा नेता शैलेष दूबे , विधायक शांतिलाल बिलवाल , बबलू शकलेचा , मेजीया कटारा , दौलत भावसार , ओम शर्मा , हरू भुरीया , पिटोल के भाजपा नेता महेन्द्र सिंह ठाकुर , प्रतिक शाह, एवं पिटोल के समस्त ड़ाॅक्टर ग्रु़प , समस्त व्यापारी , समस्त पत्रकार बंधुओ ने अपनी ओर से बधाईया दी।    

लूट का अपराध पंजीबद्ध
       
झाबुआ । फरि. प्रकाश गिरी पिता रामगिरी गोस्वामी उम्र 45 साल निवासी धमाना थाना बदनावर जिला धार ने बताया कि ट्रक क्रं. जीजे-17,टीटी-5906 में रेत भरकर बदनावर जा रहा था कि कयडावद में अज्ञात 06 बदमाश सफेद रंग कि स्कार्पियोें से आये व ओवरटेक कर ट्रक के सामने खडी कर दिये व फरि. के साथ मारपीट कर ड्राइविंग लाइसेंस, एटीएम कार्ड, सेमसंग कंपनी का मोबाईल जिसमें सिम 9111077480, 9714779119 लगी व नगदी 7000रू./- व ट्रक सहित लूट कर भाग गये। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 486/17, धारा 394 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अपहरण का अपराध पंजीबद्ध
       
झाबुआ । फरि. दितिया पिता नानसिंह डामोर उम्र 35 साल निवासी उमरिया वेजंती ने बताया कि मेरी लड़की सीमा उम्र 17 साल नहाने के लिये नदी पर गयी थी जिसे आरोपी सागर पिता मडिया भुरिया निवासी उमरिया वेजंती ने बहला फुसलाकर भगाकर ले गया। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 483/17, धारा 363 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

चोर लेगए पंचायत से एलईडी टीवी
     
झाबुआ । फरि. गोपालदास पिता सत्यनारायण बैरागी उम्र 43 साल नि. घुघरी ने बताया की, अज्ञात बदमाश पंचायत भवन करवड के दरवाजें का ताला तोडकर अंदर घुसे व एक एलजी कंपनी की एलईडी व रिसीवर चुराकर ले गये। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रं.266/17 धारा 457,380 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

चक्काजाम करने के दो प्रकरण  पंजीबद्ध 
      
झाबुआ ।  फरि. शांतीलाल पिता काना माल उम्र 30 वर्ष नि. भेरूपाडा ने बताया की अज्ञात आरोपियों ने एकमत होकर खवासा से बामनिया हाईवे रोड को सातेर घाटी रोड पर पत्थर लगाकर आम रोड पर बैठ कर चक्काजाम कर आने जाने वालो को मार्ग अवरूद्ध किया। प्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्रं 259/17 धारा 147,341 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरि. जगदीश पिता पेमाजी उम्र 45 वर्ष नि. करवड़ ने बताया की अज्ञात आरोपियों ने मंदसौर में हुई घटना की बात को लेकर एकमत होकर रतलाम से पेटलावद रोड ग्राम  करवड पर पत्थर लगाकर आम रोड पर बैठ कर चक्काजाम कर आने जाने वालो का मार्ग अवरूद्ध किया। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रं 265/17 धारा 147,341 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विशेष आलेख : सियासत चटकाने में कब तक कटेगी मौत फसल?

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एमपी के मंदसौर में पुलिस की गोली से छह किसानों की मौत का गुस्सा अब लावा बनकर फूट रहा है। आगजनी, तोड़फोड़ जैसी हिंसक घटनाएं बढ़ रही है। ऐसे में यह जानना अब जरुरी हो गया है कि किसानों के इस आंदोलन के पीछे कौन हैं? क्योंकि किसान अपनी मांग के लिए धरना-प्रदर्शन, भूख हड़ताल तो कर सकता है, लेकिन तोड़फोड़, आगजनी जैसी हिंसक घटनाएं तो कम से कम नहीं कर सकता। हो जो भी इस हिंसक आंदोलन के पीछे आरएसएस के किसान संगठन से निकाले गए किसान नेता शिव कुमार शर्मा व कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के नाम लिए जा रहे है। यह वही कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी है जिनकी बाइक पर सवार हो कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंदसौर में मृत किसानों के घर सहानुभूति जताने जा रहे थे। ऐसे में बड़ा सवाल तो यही है कि जय राजनीति के लिए जय किसानों का नारा देकर कब तक किसानों की बलि ली जायेगी? क्या किसानों की मौत, राहुल की सियासत का खाद - पानी है? क्या राहुल गांधी के सियासी यज्ञ में किसानों की आहुति दी गयी? 






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बेशक, मध्य प्रदेश के मंदसौर में जो कुछ हुआ, वह लोकतंत्र के माथे पर लगा वो दाग है जिसे किसी भी प्रायश्चित से मिटाया नहीं जा सकता। अपने हक के लिए आवाज उठा रहे किसानों पर फायरिंग में छह अन्नदाता मारे गए, जबकि दर्जनों घायल है और अस्पताल में जीवन-मौत से जूझ रहे है। लेकिन सवाल यह है कि शांतिप्रिय तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों में ऐसा वह कौन भेड़िया है जो इसे हिंसक रुप दे दिया और पुलिस को गोली चलानी पड़ी। इसके पीछे साजिशकर्ता कौन है यह तो जांचोपरान्त ही पता चलेगा। लेकिन प्रथम दृष्टया बात सामने तो आ ही गयी है कि इस आंदोलन को उग्र रुप देने के पीछे कोई और नहीं, बल्कि कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी है जो राहुल गांधी को अपनी बाइक पर बैठाकर मंदसौर जा रहे थे और वही शिवकुमार शर्मा है, जिन्हें आरएसएस संगठन से सिर्फ इसलिए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था कि आंदोलन की आड़ में लूटपाट करना उनकी नियति बन गयी थी। वहां शिव कुमार शर्मा को लोग कक्काजी के नाम से जानते हैं। कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश में किसानों के हिंसक आंदोलन के पीछे इनका एवं पटवारी का ही चेहरा है। पुलिस फायरिंग का विरोध जताने दाहिने हाथ पर काली पट्टी बांधकर शिव कुमार शर्मा सामने आए थे। हो जो भी लेकिन मध्य प्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर देश की सियासत तेज हो गई है। जहां विपक्ष को किसानों के आक्रोश में राजनीतिक हवा बदलने का फैक्टर दिख रहा है, वहीं केंद्र सरकार और बीजेपी ‘गुडविल’ से आंदोलन को जल्द से जल्द समाप्त कर एक बार फिर विपक्षी आंदोलन के धार को प्रभावहीन करना चाहती है। किसानों के संघर्ष के बीच ज्यादा से ज्यादा सियासी लाभ लेने में जुटीं राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे पर लॉन्ग टर्म राजनीतिक लड़ाई की संभावना देख रही है।

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ऐसे में बड़ा सवाल तो यही है क्या क्या किसानों की मौत, राहुल की सियासत का खाद - पानी है? क्या मंदसौर में कांग्रेस ने किसानों की बलि चढ़ाई? क्या कांग्रेस किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर शिवराज समेत सभी भाजपा शासित राज्यों के सरकारों को अपदस्थ करना चाहती हैं। खास बात यह है कि सिर्फ एमपी ही नहीं महाराष्ट्र, छत्तीागढ़, कर्नाटक में भी किसान आंदोलन चल रहा है। कहा जा सकता है कि देश में किसानों के नाम पर क्या बड़ी राजनीति हो रही है। क्योंकि जिस एमपी में किसानों का आंदोलन चल रहा है वहां 2005, 2006 से 2014, 2015 में कृषि विकास दर साढ़े नौ फीसदी से अधिक है, जो देश के अन्य राज्यों के सापेक्ष ज्यादा है। शिवराज सरकार के विकास दर में कृषि का योगदान 28 फीसदी से बढ़कर 37 फीसदी हो गया है। सवाल यह है कि जब कृषि के क्षेत्र में एमपी इतनी तेजी से विकास हो रहा था तो किसान पिछड़े कैसे हो सकते है। खासकर यह सवाल तब और बड़ा हो जाता है जब आंदोलनरत किसानों की अधिकांश मांगे मान ली थी। यानी आज जो लोग किसानों की चिंता करने का नाटक कर रहे हैं, आखिर वे कभी अपनी गिरेबां में झांककर देखने की कोशिश किए कि ये समस्याएं किसकी देन हैं। मंदसौर में एक जून को किसान आंदोलन शुरू हुआ था, आंदोलन उस वक्त और ज्यादा हिंसक हो गया जब गोली लगने से छह किसानों की मौत हो गई। इस आंदोलन की दो बड़ी वजह नजर आती हैं। एक, न्यूनतम समर्थन मूल्य की राजनीति और दो, कर्ज माफी के बहाने किसान वोट बैंक पर सेंध लगाने की फौरी कोशिश। ऐसी कोशिश 2008 में तब की मनमोहनसिंह सरकार ने की थी और 65 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया था और अगले ही साल सत्ता में उसकी वापसी हो गयी। बीजेपी ने यूपी चुनाव से पहले वहां के किसानों का कर्ज माफ करने का चुनाव दांव खेला और सत्ता पर काबिज हो गयी। 

क्या शिवशर्मा व जीतू पटवारी हैं मृतकों के जिम्मेदार? 
mandsaur-kisan-protestहो जो भी शिव कुमार शर्मा कहते है वे तीन संगठनों के साथ इस आंदोलन को चला रहे हैं। बीकेयू, आम किसान यूनियन और राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के वे अध्यक्ष हैं। जबलपुर विश्वविद्यालय से लॉ ग्रेजुएट शिव कुमार शर्मा ने जेडीयू नेता शरद यादव के साथ छात्र राजनीति शुरू की थी। बाद में शिव कुमार शर्मा सरकारी नौकरी करने लगे और मध्य प्रदेश सरकार में विधिक सलाहकार बन गए। कुछ सालों बाद सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर शिवकुमार शर्मा किसान आंदोलन से जुड़ गए। आरएसएस कार्यकर्ता शिव कुमार शर्मा संघ के द्वितीय वर्ष प्रशिक्षण प्राप्त हैं। आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ के महामंत्री और फिर अध्यक्ष बने। साल 2010 में भारतीय किसान संघ के हजारों किसानों ने भोपाल में चक्का जाम कर दिया था। सीएम आवास के महज 100 मीटर दूर बिजली-पानी की मांग को लेकर किसान धरने पर बैठे थे। वो तारीख 20 दिसंबर 2010 थी। भोपाल में लोगों की नींद खुली तो शहर को किसानों ने घेर रखा था। आरएसएस के संगठन में रहते हुए बीजेपी की शिवराज सरकार के खिलाफ उस महाधरने के पीछे भी शिवकुमार शर्मा ही थे। तब से शिवकुमार शर्मा संघ और सरकार के निशाने पर आ गए। जहां तक आंदोलन के दौरान किसानों पर चली गोली का सवाल है तो मध्य प्रदेश में किसानों पर पहली बार गोली 2012 में रायसेन जिले के बरेली में चली थी। इस दौरान एक किसान की मौत हुई थी। उस आंदोलन के पीछे भी शिवकुमार शर्मा ही थे। इस कांड के बाद आरएसएस ने शिवकुमार शर्मा को निष्कासित कर दिया था। शिवकुमार शर्मा को दो महीने की जेल भी हुई। जब बाहर निकले तो अपना नया संगठन राष्ट्रीय मजदूर किसान संघ खड़ा किया। मध्य प्रदेश में आंदोलन के पीछे यही संगठन है जिसने आंदोलन की रणनीति बनाई और अब ये हिंसक रूप ले चुका है और इस आंदोलन से निपटना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। 


साजिश के तहत भड़की हिंसा 
फिरहाल, मध्य प्रदेश में किसानों के आंदोलन ने जिस तरह और अधिक उग्र एवं अराजक रूप धारण कर लिया है उससे यह साफ है कि उसे भड़काया जा रहा है। किसी के लिए भी यह समझना कठिन है कि आखिर बड़े पैमाने पर वाहनों को जलाने के साथ सड़क और रेल यातायात बाधित करके किसानों को क्या हासिल हो रहा है? क्या इससे उनके प्रति आम लोगों की सहानुभूति उमड़ पड़ेगी अथवा उनकी मांगे अधिक न्यायसंगत नजर आने लगेंगी? यदि कोई आंदोलन इस तरह अराजकता के रास्ते पर जाता है तो वह न केवल अपने उद्देश्य को पराजित करता है, बल्कि जनता की हमदर्दी भी खो देता है। मंदसौर, देवास और अन्य जिलों में हालात काबू करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार को जिस तरह केंद्रीय सुरक्षा बलों की जरूरत पड़ रही है उससे यह स्पष्ट है कि वह समय रहते इसका अनुमान नहीं लगा सकी कि किसानों का यह आंदोलन किस रास्ते पर जा रहा है? केवल यह कहने से काम नहीं चलने वाला कि किसानों के बीच असामाजिक तत्व सक्रिय हैं और विरोधी नेता संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। राज्य सरकार को इसकी चिंता पहले दिन से करनी चाहिए थी कि किसानों के बीच शरारती तत्व सक्रिय न होने पाएं। उसे कई सवालों के साथ इसका भी जवाब देना होगा कि क्या किसानों को उकसाने में खुद भाजपा के असंतुष्ट नेताओं का भी हाथ है? इस सवाल का चाहे जो जबाव हो, यह ठीक नहीं कि राज्य सरकार पहले किसानों की जिन मांगों को मानने से इन्कार कर रही थी उनके प्रति अब नरम रवैया अपना रही है। या तो पहले उसका रुख सही नहीं था या फिर अब? 

कर्जमाफी से बढ़ेगी महंगाई 
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यह कहना कठिन है कि मध्य प्रदेश सरकार ने कर्ज माफी की जगह ब्याज माफी की योजना लाने का जो आश्वासन दिया उससे नाराज किसान संतुष्ट होंगें? वे कर्ज माफी की अपनी मांग पर डटे रह सकते हैं-ठीक वैसे ही जैसे महाराष्ट्र के किसान डटे हुए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को भरोसा दिया है कि वह अक्टूबर तक कर्ज माफी की योजना लेकर सामने आएगी। इस सबके बीच उत्तर प्रदेश सरकार इस तरह की योजना पर अमल का तरीका खोजने में लगी हुई है। यह तय है कि आने वाले दिनों में अन्य राज्य सरकारों पर भी यह दबाव होगा कि वे किसानों के कर्जे माफ करने की कोई योजना लाएं। इस दबाव से केंद्र सरकार अछूती नहीं रह सकती। पता नहीं केंद्र एवं राज्य सरकारें किसानों की कर्ज माफी की मांग का सामना कैसे करेंगी, लेकिन अच्छा होगा कि वे रिजर्व बैंक की इस चेतावनी को ध्यान में रखें कि किसानों के कर्ज माफ करने से वित्तीय घाटे के साथ महंगाई बढ़ने का भी खतरा है। हालांकि हमारे नीति-नियंता इससे अनभिज्ञ नहीं कि कर्ज माफी न तो किसानों के लिए लाभकारी साबित होती है और न ही अर्थव्यवस्था के लिए, फिर भी वे रह-रह कर इसी रास्ते पर चल निकलते हैं। कर्ज माफी की मांग से छुटकारा न मिलने का एक बड़ा कारण ऐसे उपाय न किया जाना है जिससे किसानों के सामने कर्ज लेने की नौबत ही न आए। किसान जब तक खेती के नाम पर कर्ज लेने को मजबूर बना रहेगा तब तक उसकी हालत नहीं सुधरने वाली। 

क्या किसानों का आय दुगुना हो पायेगा? 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से वादा किया है कि वो साल 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करेंगे। जबकि साल 2022 तक किसानों को आय दोगुनी करने के लिए अगले पांच सालों में कृषि विकास दर को 14 प्रतिशत तक रखना पड़ेगा। अभी की हकीकत ये है कि हमारी कृषि विकास दर सिर्फ 4.1 प्रतिशत है। अगर कृषि विकास दर बढ़ भी जाती है तो भी वो किसानों की आय बढ़ने की गारंटी नहीं हो सकती। सच तो यह है कि 17 राज्यों के किसान महीने में औसतन सिर्फ डेढ़ हजार रुपए कमा पाते हैं। अगले 5 सालों में किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य पाना है तो उसके लिए जरूरी है कि किसानों की हर महीने की एक न्यूनतम आय सुनुश्चिति हो। 

कर्मचारियों की तर्ज पर किसानों को मिले सुविधाएं 
mandsaur-kisan-protest1970 से लेकर 2015 के बीच गेहूं का एमएसपी सिर्फ 19 बार बढ़ा है। जबकि इसी अवधि में सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह 120 से 150 गुना। कॉलेज शिक्षकों की तनख्वाह 150 से 170 गुना। स्कूल टीचर की तनख्वाह 280 से 320 गुना बढ़ी है। वैसे एमएसपी भी नाम के लिए रह गयी है। शांता कुमार समिति की रिपोर्ट भी कहती है कि एमएसपी से सिर्फ छह प्रतिशत किसानों को ही फायदा होता है। न्यूनतम समर्थन मूल्य का हाल यह है कि महाराष्ट्र में तुअर दाल की खरीद है। वहां एमएसपी 5050 रुपये प्रति टन था लेकिन किसानों को 3500 में अपनी फसल बेचने को मजबूर होना पड़ा। 

ठोस पहल की जरुरत 
किसानों की माली हालत खराब है। खेती करना घाटे का सौदा होता जा रहा है। आम किसान की औसत सालाना आय 20 हजार रुपये हैं। करीब 53 फीसद किसान गरीबी की सीमा रेखा के नीचे आते हैं। ऐसे में राज्य सरकारों के लिए उन सभी 24 जिंसों की खरीद करनी चाहिए जिसपर एमएसपी घोषित की जाती है। राज्य सरकारों को किसान आमदनी आयोग का गठन करना चाहिए। हर महीने एक निश्चित राशि किसानों को देनी चाहिए जो 18 से 20 हजार रुपये के बीच हो सकती है। 

खुद तय करें उत्पादों की कीमत 
अब तक तो यही देखने को मिला है कि किसान अपने उत्पाद की कीमत तय नहीं करता। ऐसे में बड़ा सवाल तो यही है कि जो फसल वह उगाता है, उसकी कीमत कोई और क्यों तय करता है? देश का अन्नदाता अपनी बात कहते वक्त सीने पर गोली खाने के लिए अभिशप्त क्यों है? जिस धरती से सोना पैदा करने के लिए वह पसीना बहाता है, उस धरती पर उसका खून क्यों बहना चाहिए? लेकिन हालात को देखते हुए उसे कीमत खुद तय करनी होगी। क्योंकि जब साबुन से लेकर कार बनाने वाली कंपनियां साबुन और कार के दाम तय करती हैं तो किसान क्यों नहीं कर सकता। मतलब साफ है जब तक खेती लाभ का सौदा नहीं बनेगी किसान को खेती से फायदा नहीं होगा। 

कर्जमाफी की सियासत 
एमपी के उग्र किसान आंदोलन के बाद कर्जमाफी की राजनीति फिर चर्चा में हैं। यूं तो इसकी शुरुवात 2008 में यूपीए सरकार की कर्जमाफी योजना से हुई, जिसमें 65 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया था। इससे तीन करोड़ लघु और सीमांत किसानों को फायदा हुआ था। कहा जाता है कि अगले साल हुए आम चुनावों में मनमोहनसिंह सरकार की वापसी के पीछे कर्ज माफी की योजना थी। इसके बाद के 9 सालों में छह राज्यों ने अपनी तरफ से किसानों के कर्ज माफ किये हैं। ताजा उदाहरण यूपी का है। जहां पहले मोदी ने चुनावी रैलियों में घूम-घूम कर कर्जमाफी की घोषणा की। बाद में योगी सरकार ने पहले ही कैबिनेट बैठक में 36,359 करोड़ रुपये का कृषि ऋण माफ किया। इसके बाद अन्य राज्यों में भी इस मांग ने जोर पकड़ लिया। बैंक ऑफ अमेरिका की एक रिपोर्ट कहती है कि 2019 के आम चुनावों के समय राज्य सरकारें कुल मिलाकर दो लाख 57 हजार करोड़ रुपयों का किसानों की कर्ज माफ करने को मजबूर होंगी। दावा किया गया कि इससे 94 लाख लघु और सीमांत किसानों को लाभ होगा। इसमें सात लाख किसानों का 5630 करोड का कर्ज भी माफ कर दिया गया जिनका कर्ज बैंक डूबते खाते में डाल चुके थे। लेकिन हकीकत तो यह है कि आज भी यूपी के 94 लाख किसानों को कर्ज माफी की चिटठी मिलने का इंतजार है। कर्नाटक, पंजाब और गुजरात मे इसकी जमीन तैयार हो रही है। तमिलनाडु के किसान फिर से शक्ति प्रदर्शन के लिए ऊर्जा ले रहे हैं तो यूपी के किसान ‘वेट ऐंड वॉच‘ की स्थिति में हैं। इन सबकी पृष्ठभूमि में कर्ज माफी की मांग है। इस सच को समझते हुए भी कि कर्ज माफी किसानों की समस्याओं का स्थायी हल नहीं है, इसके बावजूद इस मुद्दे को अगर हवा मिल रही है तो यह सवाल स्वाभाविक है कि आखिर इसकी वजह क्या है? दरअसल राजनीतिक दलों को किसानों के कर्ज माफी का मुद्दा अब सत्ता तक पहुंचने के शॉर्ट-कट रास्ते के रूप में दिखने लगा है। इसी वजह से कर्ज माफी की आग में घी डालने का काम खुद राजनीतिक दलों की तरफ से किया जाता है। किसानों को भी ‘इंस्टेंट रिलीफश्‘ में ज्यादा फायदा दिखता है। वे कर्ज अदायगी से बच जाते हैं। एक बड़े बैंक के शीर्ष अधिकारी के इस बयान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि जो किसान कर्ज अदायगी की स्थिति में होते है, वे भी कर्ज अदा नहीं करते हैं, वह इस उम्मीद में होते हैं कि अगले चुनाव तक कोई न कोई राजनीतिक दल कर्ज माफ करने का वादा कर ही लेगा। ऐसा होता भी है। कर्नाटक में अगले साल चुनाव होने हैं। सिद्धारमैया अपने बचाव में कर्ज माफी को केंद्र के पाले में डालने में जुटे हैं, उनका कहना है कि राष्ट्रीय बैंकों का कर्ज केवल केंद्र सरकार ही माफ कर सकती है लेकिन गुजरात मे जहां कांग्रेस विपक्ष में है और इसी साल के आखिर में वहां विधानसभा के चुनाव होने हैं, पार्टी ने कर्ज माफी का वादा कर बड़ा दांव चला है। गुजरात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने कहा है कि गुजरात में उनकी सरकार आते ही किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। उधर पंजाब में कर्ज माफी के वादे साथ सत्ता में पहुंची कांग्रेस को उसके वादे की याद दिलाने को आम आदमी पार्टी मैदान में उतर पड़ी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव तक अगर यही सिलसिला चलता रहा तो करीब 2,57,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करना पड़ेगा। 

लापरवाही का नतीजा है मंदसौर 
दरअसल, मंदसौर गोली कांड शिवराज सिंह सरकार, प्रशासन और पुलिस की नाकामी का नमूना है। घटना के पहले और बाद में जिस तरह सरकार और पूरे प्रशासन तंत्र ने रवैया दिखाया, वह बताता है कि ऊपर से नीचे तक किसी को किसानों के दुख-दर्द की कोई फिक्र नहीं है। कर्ज माफी और उपज की वाजिब कीमत जैसी मांगों को लेकर मालवा अंचल के कुछ जिलों में किसान लंबे समय से लामबंद हो रहे थे। इंदौर, मंदसौर, नीमच, रतलाम, धार, उज्जैन आदि जिलों में आंदोलन पैर पसारता रहा। इस महीने की पहली तारीख को किसानों ने सड़कों पर हजारों लीटर दूध बहा दिया और कई क्विंटल आलू-प्याज फेंक दिये। धरना, प्रदर्शन, रैली, चक्काजाम, सभाएं सब धीरे-धीरे उग्र होते रहे, लेकिन समूची सरकार और उसका तंत्र अपने कानों में रूई जमाये बैठे रहे। देखा जाएं तो मुख्यमंत्री ने किसान आंदोलन में फूट डालने की भरपूर कोशिश की। एक समझौता वार्ता के बाद सरकारी तंत्र ने खबर फैला दी कि आंदोलन खत्म हो गया। कुछ ही देर में किसान नेताओं ने साफ कर दिया कि सरकार झूठ बोल रही है, आंदोलन जारी रहेगा। इसके बाद आंदोलन और तेज हो गया, लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली। सरकार का कोई प्रतिनिधि, मंत्री, विधायक, सांसद किसानों से बात करने आगे नहीं आया। केंद्र सरकार से लगातार हर साल कृषि कर्मण पुरस्कार‘ जीतने वाली मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को ‘कृषि कर और मर‘ के हाल पर छोड़ दिया है। 





(सुरेश गांधी)

बिकवाली दबाव से सेंसेक्स 156 अंक लुढ़का

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मुंबई, 12 जून, बंबई शेयर बाजार में आज निवेशकों की मुनाफा वसूली का जोर रहा। कारोबार के शुरआती दौर में मुनाफा वसूली का जोर रहने से संवेदी सूचकांक 156 अंक लुढ़क गया। आज दिन में जारी होने वाले आथिर्क आंकड़ों को देखते हुये कारोबारियों ने सतर्कता बरती। एशियाई बाजारों में भी आज नरमी का रख रहा। ब्रिटेन में त्रिशंकु संसद के चुने जाने और फ्रांस के संसदीय चुनावों के पहले दौर के परिणाम की प्रतीक्षा में तमाम एशियाई बाजारों में गिरावट का रख रहा। बंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक कारोबार के शुरआती दौर में 155.91 अंक यानी 0.49 अंक गिरकर 31,106.15 अंक रह गया। विभिन्न कारोबारी क्षेत्रों के सूचकांक में से प्रोद्योगिकी, आईटी, पूंजीगत सामान, बैंक, सार्वजनिक उपक्रमों, बिजली, आटो, तेल एवं गैस के समूह सूचकांक में गिरावट रही। नेशनल स्टॉक एक्सचें जा निफ्टी सूचकांक भी शुरआती दौर में 45.35 अंक यानी 0.46 प्रतिशत घटकर 9,622.90 अंक रह गया। आज शाम जारी होने वाले अप्रैल के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक और मई के खुदरा मूल्य सूचकांक आधारित आंकड़ों की प्रतीक्षा में कारोबारियों ने मुनाफा वसूली पर जोर रखा। डालर के मुकाबले रपये में गिरावट का भी बाजार पर असर रहा। एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई सूचकांक 0.36 प्रतिशत, हांग कांग का हेंग सेंग सूचकांक शुरआती कारोबार में 1.02 प्रतिशत नीचे रहा। चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक भी 0.24 प्रतिशत नीचे रहा।

सुप्रीम कोर्ट ने 2017 नीट परीक्षा परिणाम घोषित करने संबंधी फैसले पर रोक लगायी

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नयी दिल्ली, 12 जून, नीट 2017 परीक्षा परिणाम की घोषणा का मार्ग प्रशस्त करते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज परिणामों की घोषणा पर रोक संबन्धी मद्रास उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश को स्थगित कर दिया। गौरतलब है कि मद्रास उच्च न्यायालय ने एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए होने वाली नीट परीक्षा परिणाम की घोषणा पर अंतरिम स्थगन लगा दिया था। न्यायालय का आदेश परीक्षा में शामिल हुए 12 लाख अ5यथर्यिों के लिये राहत लेकर आया है। एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए 12 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी। न्यायालय ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह पहले से तय कार्यक्रम के आधार पर परीक्षा परिणाम की घोषणा, काउंसिलिंग और दाखिला करें। न्यायमूर्त िपीसी पंत और न्यायमूर्त िदीपक गुप्ता की अवकाश पीठ ने कहा कि परीक्षा परिणाम की घोषणा और उसके बाद होने वाली काउंसिलिंग और दाखिला न्यायालय के समक्ष लंबित मामले के फैसले के अधीन होगा। पीठ ने सभी उच्च न्यायालयों से अनुरोध किया कि वे नीट परीक्षा 2017 से संबंधित किसी भी याचिका को स्वीकार ना करें। सीबीएसई की ओर से मद्रास उच्च न्यायालय के 24 मई के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवायी करते हुए न्यायालय ने यह आदेश दिया। मद्रास उच्च न्यायालय ने सीबीएसई द्वारा नीट परीक्षा 2017 के परिणामों की घोषणा करने पर रोक लगा दिया था। सीबीएसई की ओर से अदालत में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल :एएसजी: मनिन्दर सिंह ने पीठ को बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के कारण परीक्षा परिणाम घोषित करने और उसके बाद दाखिले की प्रक्रिया रूक गयी है, साथ ही वह आदेश उच्चतम न्यायालय द्वारा पहले तय प्रक्रिया के साथ टकराव की स्थिति में है।


पीठ ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश उच्चतम न्यायालय द्वारा तय ेकार्यक्रम को परोक्ष तौर पर कमजोर कर रहा हैं।े उच्च न्यायालय के फैसले पर स्थगनादेश देते हुए पीठ ने कहा, ेहम सिर्फ एक आधार पर उच्च न्यायालय के फैसले पर स्थगन लगा रहे हैं। यह आदेश परोक्ष तौर पर उच्चतम न्यायालय द्वारा तय कार्यक्रम को कमजोर बना रहा है।े ग्रीष्मावकाश के बाद मामले की सुनवायी की तारीख तय करते हुए पीठ ने कहा, ेउपरोक्त को देखते हुए, अंतरिम आदेश पर स्थगन लगाया जाता है और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे नीट 2017 का परीक्षा परिणाम घोषित करें, हालांकि यह इस न्यायालय के फैसले के अधीन होगा।े सीबीएसई मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले पर तुरंत स्थगनादेश के लिए नौ जून को उच्चतम न्यायालय गया था। उच्च न्यायालय ने परीक्षा में समान प्रश्न पत्रा नहीं दिये जाने और अंग्रजी तथा तमिल भाषाओं के प्रश्न-पत्र अलग अलग होने संबंधी याचिकाओं पर सुनवायी करते हुए 24 मई को नीट परिणाम की घोषणा पर अंतरिम स्थगन लगा दिया था। सीबीएसई ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के कारण मेडिकल पाठ्यक्रमों में काउंसिलिंग और दाखिले की प्रक्रिया बाधित हो रही है।

संघर्षविराम उल्लंघने के मुद्दे पर पाकिस्तान ने भारत के उप उच्चायुक्त को तलब किया

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इस्लामाबाद, 12 जून, नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिकों की कथित गोलीबारी की निंदा करने के लिए पाकिस्तान ने आज भारत के उप उच्चायुक्त को तलब किया। इस गोलीबारी में तीन पाकिस्तानी नागरिक मारे गए थे। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि महानिदेशक र्दक्षिण एशिया और दक्षेसी मोहम्मद फैसल ने भारत के उप उच्चायुक्त जे पी सिंह को तलब किया और भारतीय बलों की ओर से ेबिना किसी उकसावे के किए गए संघर्ष विराम उल्लंघनों की निंदो की। मंत्रालय ने कहा कि 10 जून और 12 जून को चिरीकोट और हॉट स्प्रिंग सेक्टर में हुई गोलीबारी में तीन नागरिक मारे गए। मंत्रालय ने कहा, ेनागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाया जाना निंदनीय है और यह मानवीय गरिमा, अंतरराष्टीय मानवाधिकारों और मानवतावादी नियमों के विपरीत है।े मंत्रालय ने कहा कि महानिदेशक ने भारतीय पक्ष से अपील की कि वह वर्ष 2003 के संघर्षविराम समझौते का सम्मान करे, संघर्षविराम की इस और अन्य घटनाओं की जांच करे और भारतीय बलों को संघर्षविराम का पूर्ण पालन करने एवं नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने का निर्देश दे।े पाकिस्तान की सेना ने एक बयान में कहा कि ेभारतीय सैनिकों ने बिना किसी उकसावे के मोर्टार समेत भारी हथियारों के साथ आज जंदरोट और हॉटस्प्रिंग सेक्टरों में नियंत्रण रेखा के पास आम नागरिकों को निशाना बनाकर गोलाबारी की।े बयान में कहा गया कि तीन और नागरिक भी भारतीय पक्ष की ओर से हुई गोलीबारी में घायल हुए। पाकिस्तानी सेना ने यह दावा भी किया कि उन्होंने भारतीय चौकियों को नुकसान पहुंचाया है।

जीतने के लिये आहत करने वाली बातें कहनी होती है : कोहली

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लंदन, 12 जून, कप्तानों के विफलताओं से पार पाने के अपने तरीके होते हैं और विराट कोहली का सरल मंत्र है कि ईमानदार रहो और ऐसा कुछ कहो कि साथी खिलाड़ियों के दिल पर चोट करे । श्रीलंका के खिलाफ मैच हारना कोहली के लिये बड़ा झटका था जिसके बाद टीम को आत्ममंथन की जरूरत पड़ी । कोहली ने कहा ,े आपको ईमानदार रहना होगा । आपको ऐसी बातें कहनी होगी जिससे सीधे दिल पर चोट लगे । मेरा तो यही मानना है ।आपको खिलाड़ियों को बताना होगा कि गलती कहां हुई है । हमें उनसे सबक लेकर उतना होगा । इसी वजह से लाखों लोगों में से हमें इस स्तर पर खेलने के लिये चुना गया है ।े गत चैम्पियन भारत ने कल दक्षिण अफ्रीका को खेल के हर विभाग में हराया । अब सेमीफाइनल में भारत का सामना बांग्लादेश से होगा । भारतीय कप्तान ने कहा ,े आपको विफलता से वापसी करने का शउर आना होगा । आप बार बार एक ही गलती नहीं कर सकते । हम एक दो खिलाड़ियों से नहीं बल्कि सभी से ऐसा कह रहे हैं और सभी उस पर अमल भी कर रहे हैं । हमें यह जीत टीम प्रयासों से मिली ।े कोहली ने यह भी कहा कि कप्तानी के मायने टीम के आकलन में ईमानदार रहना है और यह मानव प्रबंधन की भी कला है। उन्होंने कहा ,ेजैसे कि मैने कहा कि आपको यह बताना होगा कि गलती कहां हो रही है । इसी के साथ उन्हें जरूरत से ज्यादा टोकना भी गलत होगा क्योंकि सभी पेशेवर क्किेटर हैं और मैने इन सभी के साथ काफी क्रिकेट खेली है । आपको समझना होगा कि उनसे कैसे बात करनी है और कैसे चर्चा करनी है 

स्टेट बैंक द्वारा जुटाये गये 15,000 करोड़ से मजबूत होगी बैंक की साख : मूडीज

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नयी दिल्ली, 12 जून, भारतीय स्टेट बैंक द्वारा पात्र संस्थागत नियोजन :क्यूआईपी: के जरिये बाजार से जुटाई गई15,000 करोड़ रपये की राशि बैंक के लिये सकारात्मक है और इससे पूंजी के लिये बैंक की सरकार पर निर्भरता कम होगी। अमेरिका की साख निर्धारण एजेंसी मूडीज ने यह कहा है। अमेरिका की इस एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा है कि सरकार की तरफ से बैंक में किये जाने वाले किसी भी तरह के पूंजीकरण से बैंक का पूंजी आधार और मजबूत होगा। भारतीय स्टेट बैंक ने पिछले सप्ताह पात्र संस्थागत नियोजन :क्यूआईपी: के जिरये बाजार से 15,000 करोड़ रपये की पूंजी जुटाई थी। रेटिंग एजेंसी ने कहा है, ेबैंक ने जो पूंजी जुटाई है वह उसकी साख के लिये सकारात्मक है क्योंकि इससे बैंक का पूंजीकरण मजबूत होगा और इससे इसकी रिण वृद्वि का सहारा मिलेगा। बैंक को बासेल-तीन नियमों के तहत अधिक पूंजी की जरूरत होगी। एजेंसी ने कहा है कि इस पूंजी के जुटाने के बाद बैंक बासेल-तीन के नियमों के तहत मार्च 2018 के अंत तक 7.8 प्रतिशत और मार्च 2019 के अंत तक 8.6 प्रतिशत इक्विटी पूंजी हासिल करने में कामयाब रहेगा। मूडीज ने कहा है, ेबैंक ने जो पूंजी जुटाई है उससे पूंजी के लिये उसकी सरकार पर निर्भरता भी कम होगी और यदि सरकार से उसे कोई राशि प्राप्त भी होती है तो उसका पूंजी आधार और मजबूत होगा।े एजेंसी ने कहा है कि 2016-17 की स्थिति को देखते हुये स्टेट बैंक की जोखिम भार वाली संपि}ायां 2017-18 और 2018-19 में बढ़कर 15 प्रतिशत तक पहुंच जायेंगी। मूडीज ने कहा है, ेवृद्वि के हमारे अनुमानों और इस आशंका को देखते हुये कि बैंक के मुनाफे पर रिण लागत का ज्यादा असर होगा हमें इस निष्कर्ष तक पहुंचाती है कि मार्च 2018 के अंत तक बैंक की टीयर-एक इक्विटी अनुपात करीब 10.1 प्रतिशत और मार्च 2019 के अंत तक 9.5 प्रतिशत तक रहेगा।

रेलवे के बेड़े में जुड़ेंगी 40,000 यात्री डिब्बे

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नयी दिल्ली, 12 जून, भारतीय रेल यात्रियों की सुविधा के लिये आने वाले समय में नई साज सज्जा और उन्नत सुविधा वाले करीब 40,000 डिब्बे अपने बेड़े में जोड़ेगी। इस काम पर 8,000 करोड़ रपये की लागत आने का अनुमान है। साथ ही रेलवे के मौजूदा कोचों में सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया जाएगा। इनमें मजबूत कपलर लगाये जायेंगे ताकि दुर्घटना के समय बोगियों के पलटने का खतरा कम हो। योजना के मुताबिक इन डिब्बों की साज सज्जा और इनमें बैठने की व्यवस्था को बेहतर बनाया जायेगा और शौचालय में भी आधुनिक तरीके के होंगे। इस काम पर प्रति कोच 30 लाख रपये तक का खर्च आयेगा। अगले पांच साल में यह काम पूरा हो जाएगा। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अिधकारी के मुताबिक 2023 तक रेलवे में 40,000 नई सुविधाओं वाले डिब्बों को शामिल कर दिया जायेगा। चालू वि}ा वर्ष के दौरान ऐसे 1,000 डिब्बे जोड़े जायेंगे। अगले वि}ा वर्ष में यह संख्या बढ़कर 3,000 तक पहुंच जायेगी और उसके बाद अगले वि}ा वर्ष में यह संख्या 5,500 तक पहुंच जायेगी। अधिकारी ने बताया कि 2018-19 से लेकर 2022-23 के दौरान रेलवे सालाना आधुनिक सुविधाओं वाले 15,000 नये डिब्बों का विनिर्माण करने लगेगी। रेलवे इसके साथ ही सभी परंपरागत डिब्बों को सेंटर बफलर कपलर की सुरक्षा सुविधा से लैस करने का भी विचार कर रही है।

आहत लेकिन कप्तान बने रहना चाहते हैं डिविलियर्स

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लंदन, 12 जून, बड़े टूर्नामेंटों में दबाव के आगे घुटने टेकने का कारण उन्हें समझ में नहीं आता लेकिन दक्षिण अफ्रीका के कप्तान एबी डिविलियर्स टीम की कमान संभालते हुए उसे 2019 विश्व कप में खिताब दिलाना चाहते हैं । भारत के हाथों आठ विकेट से हारकर दक्षिण अफ्रीका चैम्पियंस टाफी से बाहर हो गया । इससे एक बार फिर उसने अपने पर लगे ेचोकर्से के ठप्पे को सही साबित कर दिखाया । दक्षिण अफ्रीका के एक पत्रकार ने जब पूछा कि वह कप्तान क्यो बने रहना चाहते हैं तो डिविलियर्सने कहा , क्योंकि मैं अच्छा कप्तान हूं । उन्होंने कहा ,े मैं इस टीम को आगे ले जा सकता हूं । मैं इसे विश्व कप दिला सकता हूं । मेरा ऐसा विश्वास है और यह विश्वास मुझे यहां भी था । उन्होंने कहा , मैं ईमानदारी से कहूं तो कइयों को मुझ पर भरोसा नहीं होगा लेकिन मुझे लगता है कि हम विश्व कप जीतने के करीब हैं । मुझे नहीं लगता कि इसमें समय लगेगा । इस तरह के प्रदर्शन के बाद यह कहना कठिन है लेकिन मुझे दिल से इस पर यकीन है ।े वह 2016 में टेस्ट कप्तानी छोड़ चुके हैं और इस साल इंग्लैंड के खिलाफ चार मैचों की श्रृंखला नहीं खेलेंगे । डिविलियर्स ने कहा कि उनकी टीम ने सब कुछ प्रयास किया लेकिन खराब प्रदर्शन तैयारी में चूक की वजह से नहीं हुआ । उन्होंने कहा , हमने कई चीजें आजमाई, शिविर हो या मनोवैज्ञानिक से सलाह हो या और कुछ भी । यह कोई समस्या नहीं थी । हम बस अच्छा नहीं खेल सके ।े यह पूछने पर कि क्या टीम में आमूलचूल बदलाव की जरूरत है , उन्होंने कहा , यह सवाल उन लोगों से पूछा जाना चाहिये जो फैसले लेते हैं । यह मेरा फैसला नहीं है । हमें इंतजार करना होगा कि आगे क्या फैसला आता है।


पंचायत का बड़ा फैसला : तीन तलाक देने वाले पर लगाया दो लाख रूपये का जुर्माना

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सम्भल :उप्र:, 12 जून, उत्तर प्रदेश के सम्भल जिले में मुसलमानों की तुर्क बिरादरी की पंचायत ने एक ही बार में तीन तलाक कहने वाले व्यक्ति को फटकार लगाते हुए उस पर दो लाख रपये का जुर्माना लगाया है। पंचायत की अध्यक्षता करने वाले शाहिद हुसैन ने आज बताया कि सदिरनपुर गांव निवासी 22 वर्षीय एक युवती का निकाह मूसापुर गाँव के 45 साल के एक व्यक्ति से एक साल पहले हुआ था। निकाह के बाद से ही पति-पत्नी के रिश्तों में तल्खी रहने लगी थी। करीब दस दिन पहले दोनों की आपस में कहा-सुनी हुई जिसके बाद पति ने गुस्से में तीन बार तलाक कह दिया। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर तुर्क बिरादरी की पंचायत कल सम्भल के रायसती स्थित मदरसा खलील उल उलूम में सम्पन्न हुई। इसमें 52 गांव के तुर्क बिरादरी के लोग शामिल हुए थे। पंचायत में सभी के बीच चर्चा हुई, जिसमें पंचायत ने एक साथ तीन तलाक देने को गंभीर मामला माना और तीन तलाक देने वाले व्यक्ति पर सर्वसम्मति से दो लाख रपये का जुर्माना लगाया गया। उस व्यक्ति ने पंचायत की बात मानते हुए मौके पर ही जुर्माने की रकम अदा कर दी। हुसैन ने बताया कि पंचायत ने मेहर के तौर पर 60 हजार रपये तथा दहेज में दिया गया सोफा, बेड, मोटरसाइकिल, बर्तन इत्यादि सारा सामान लड़की पक्ष को वापस दिलाया। मालूम हो कि तुर्क बिरादरी ने एक साथ तीन तलाक कहने पर अपने समाज में पहले ही रोक लगा रखी थी। उसके बाद आये तीन तलाक के इस पहले मामले में पंचायत ने बड़ा जुर्माना लगा कर समाज को कड़ा संदेश दिया है। ज्ञातव्य है कि तुर्क बिरादरी के लोगों ने अपने समाज में दहेज प्रथा, शादियों में फुजूल खर्ची, शादियों में डीजे या डांस पार्टी बुलाने इत्यादि पर पाबंदी लगा रखी है।

विख्यात तेलुगू कवि, लेखक सी नारायण रेड्डी का निधन

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हैदराबाद, 12 जून, प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात तेलुगू कवि और लेखक सी नारायण रेड्डी का आज तड़के यहां निधन हो गया। तेलुगू भाषा के वरिष्ठ साहित्यकार 85 वर्षीय रेड्डी की 80 से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है जिनमें कविता, गीत, गीतात्मक नाटक, नृत्य, निबंध, यात्रा वृतांत, पारंपरिक और गजल, और साहित्यिक आलोचना शामिल है। सूत्रों ने बताया, ेदेर रात हुई स्वास्थ्य समस्या के बाद उन्हें तड़के करीब तीन बजे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में चार बेटियां हैं। 29 जुलाई 1931 को करीमनगर जिले में जन्में प्रख्यात लेखक और गीतकार अपनी पीढ़ी के सबसे प्रतिष्ठित तेलुगू कवि थे। वह तेलंगाना सारस्वत परिषद के अध्यक्ष भी थे। उन्हें 1988 में ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला था। उन्हें 1977 में पद्म श्री और 1992 में पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था। उनकी रचनाओं को एक नई परंपरा की शुरूआत करने वाली रचनाओं के रूप में देखा जाता है। आधुनिक तेलुगू कविता पर परंपरा और प्रभाव का आकलन करने के लिए उन्होंने शोध किया था । उन्होंने करीब 3,500 फिल्मी गीत भी लिखे । तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने रेड्डी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। महाराष्ट और तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने भी रेड्डी के निधन पर दुख व्यक्त किया है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 12 जून

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समर्थन मूल्य पर अरहर एवं मूंग की खरीदी 30 जून तक

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प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में अरहर एवं मूंग विक्रय के लिए आ रही है, परंतु बाजार में कम दर होने के कारण किसानों को हो रही हानि को दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन द्वारा बाजार हस्तक्षेप करते हुए खरीफ मौसम के लिए घोषित समर्थन मूल्य पर अरहर और मूंग की खरीदी 10 जून से 30 जून,2017 तक करने का निर्णय लिया गया है। किसानों से प्रति क्विंटल मूंग 5 हजार 225 रूपये और अरहर 5 हजार 50 रूपये के समर्थन मूल्य (बोनस सहित) पर खरीदी जायेगी। समर्थन मूल्य पर अरहर एवं मूंग की खरीदी एफएक्यू मानक के अनुसार की जायेगी। किसानों से कहा गया है कि समर्थन मूल्य पर मूंग, अरहर विक्रय के समय खरीदी केन्द्र पर अपने बैंक खाता क्रमांक एवं आईएफएससी कोड की जानकारी लेकर आयें। मंडी में किसान द्वारा मूंग, अरहर विक्रय हेतु लाने के समय स्वयं प्रमाणित पत्रक जिसमें उसके द्वारा किस खसरा क्रमांक, ग्राम का नाम एवं कितने क्षेत्र में फसल बोई गई है, की जानकारी लाना होगा। 


विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 12 जून

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टीकाकरण का डाटा आॅन लाइन दर्ज करें, शोकाॅज नोटिस देने के निर्देश 

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कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने आज लंबित आवेदनों की समीक्षा की। उन्होंने जिले में जारी मिशन इन्द्रधनुष अभियान की प्रगति का भी जायजा लिया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कलेक्टर ने निर्देश दिए कि टीकाकरण से एक भी बच्चा वंचित ना रहें। टीकाकरण कार्यो का डाटा हर रोज आॅन लाइन दर्ज कराने की भी कार्यवाही साथ-साथ क्रियान्वित की जाए। कलेक्टर श्री सुचारी ने टीएल बैठक में लगातार अनुपस्थित रहने पर जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री सुनील पाठक को शोकाॅज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए है।मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के आवेदनों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर श्री सुचारी ने जिलाधिकारियांे से कहा कि जबाव समाधानकारक अंकित करें। शिकायतकर्ता को पूर्ण संतुष्ट होने पर ही शिकायत निराकृत मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि मांग संबंधी शिकायतें प्राप्त होती है तो विभागों के अधिकारी सीधे मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के टोल फ्री नम्बर पर सम्पर्क कर उन्हें अवगत कराए कि उक्त शिकायत मांग से संबंधित है ताकि वह शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में शामिल ना हो सकें। कलेक्टर श्री सुचारी ने जिला श्रमपदाधिकारी को निर्देश दिए कि श्रम विभाग के माध्यम से मजदूरों के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति बच्चों को समय पर मिल सकें। इसके लिए आवंटन जनपदों और निकायों को मांग के आधार पर शीघ्र जारी करने की कार्यवाही क्रियान्वित करंे। उन्होंने जनपदों और निकायों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गतवर्ष प्राप्त छात्रवृत्ति की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र आगामी बैठक मंे अनिवार्यतः साथ में लाएं। कलेक्टर श्री सुचारी ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिए कि ग्रीष्मकाल के दौरान किन स्थलों पर नवीन हेण्ड पंप विभाग के माध्यम से खनन कराए गए है कि सूची उपलब्ध कराएं। कार्यपालन यंत्री ने बताया कि विभाग को सौ हेण्ड पंप खनन का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। डीपीसी ने बताया कि धारा-92 के तहत 102 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए है और संबंधितों को नोटिस जारी किया गया है। गतवर्ष की 12 साइकिलें छात्रों को वितरण अभी तक नही की जा सकी है पर कलेक्टर ने असंतोष जाहिर करते हुए निर्देश दिए कि तीन दिवस के भीतर संबंधित छात्रों को साइकिल प्रदान करने की कार्यवाही क्रियान्वित की जाए। इसी प्रकार उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से वितरित किए जाने वाले मोबाइल फोन की भी जानकारी कलेक्टर द्वारा प्राप्त की गई। नोड्ल अधिकारी द्वारा बताया गया कि 650 मोबाइल अभी भी वितरण नही किए जा सकें है। ततसंबंध में कलेक्टर ने संबंधित महाविद्यालय के प्राचार्यो को चेतावनी पत्र जारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि वितरण की कार्यवाही शीघ्र की जाए। बैठक में श्रम, कृषि, खनिज, आधार कार्ड, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य विभाग, ऊर्जा विभाग के लंबित आवेदनों पर गहन समीक्षा की गई। इसके अलावा बैठक में जाति प्रमाण पत्र, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की अद्यतन प्रगति की भी समीक्षा की गई। वही वरिष्ठ कार्यालयों के साथ-साथ मानव अधिकार आयोग, पीजी सेल, समाधान आॅन लाइन और जन शिकायत निवारण के प्राप्त आवेदनों और पेपर कंटिग पर अब तक संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाहियों की बिन्दुवार जानकारियां प्रस्तुत की गई। कलेक्टेªट के सभाकक्ष में हुई इस बैठक में अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, डिप्टी कलेक्टर श्री एके मांझी के अलावा समस्त विभागों के जिलाधिकारी मौजूद थे। 


मानोरा मेला तैयारियों की समीक्षा बैठक बुधवार को

मानोरा में 24 जून से आयोजित होने वाले भगवान श्री जगदीश स्वामी मेला की तैयारियों की समीक्षा कलेक्टर श्री अनिल सुचारी के द्वारा 14 जून बुधवार को मानोरा के सामुदायिक भवन में की जाएगी। उक्त बैठक दोपहर 12 बजे से प्रारंभ होगी। मेला के नोड्ल अधिकारी एवं ग्यारसपुर एसडीएम श्री मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि समीक्षा बैठक में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों से समुचित जानकारियों सहित बैठक में समय पर उपस्थित होने की बात कही है।

जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक 14 को 

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक बुधवार 14 जून को आयोजित की गई है यह बैठक कलेक्टेªट के सभाकक्ष में पूर्वान्ह 11 बजे से प्रारंभ होगी। समिति की सचिव एवं जिला परिवहन अधिकारी ने बैठक मंें शामिल एजेण्डा बिन्दुओ की जानकारी देते हुए बताया कि गत बैठक में लिए गए निर्णयों पर हुई कार्यवाही का वाचन के उपरांत इस बैठक में शामिल एजेण्डा मुख्यतः स्कूल वाहनों के संबंध में न्यायालय द्वारा जारी आदेशों का पालन चालक, परिचालक कल्याण योजना का प्रचार-प्रसार एवं लाभ प्रदान करने, आटो रिक्शा का किराया निर्धारण, टेªक्टर-ट्रालियोे, डम्फर आदि वाहनों में रिफलेक्टर लगाने, नियम विरूद्व बेतरकीब पार्किंग का नियंत्रण, बाजार एवं शहर के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर अतिक्रमण एवं हाथ ठेलों आदि से हो रहे मार्ग अवरोध पर चर्चा के अलावा शहर में घूम रहे आवारा पशुओं पर नियंत्रण, बायपास रोड़ के निर्माण कार्य पर चर्चा, प्रेशर हार्न, बिना पंजीयन, मोटर साइकिलो में दो से अधिक सवारी, बिना नम्बर प्लेट वाले वाहनो पर नियंत्रण एवं रोकथाम, नदी नालों पर निर्माणाधीन सड़कोें पर संकेतक चिन्ह लगाने, सड़कों पर सुधार एवं पेंचवर्क शीघ्र कराने, खतरनाक एवं परिसंकट मय मालवहन करने वाले वाहनो के विरूद्व कार्यवाही इत्यादि शामिल है। 

घायलों को आर्थिक मदद जारी

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने सड़क दुर्घटना में घायलों के लिए आर्थिक मदद स्वीकृति के आदेश जारी कर दिए है। जारी आदेश में उल्लेख है कि विगत दिनों बासौदा तहसील के ग्राम घटेरा उदयपुर में सड़क दुर्घटना में गंभीर घायलों को क्रमशः साढे सात-साढे सात हजार रूपए की आर्थिक मदद जारी की गई है। ग्राम उदयपुर के जिन हितग्राहियों को आर्थिक मदद जारी की गई है उनमें श्री मिट्ठू अहिरवार, श्री प्रताप, श्री तखत सिंह, श्री उदय सिंह, श्री फूल मोहम्मद और फिरोज खां शामिल है।

दलहन फसलों का समर्थन मूल्य जारी

राज्य सरकार द्वारा दलहन फसलों के उपार्जन कार्य हेतु समर्थन मूल्य जारी किया गया है कि जानकारी देते हुए जिला आपूर्ति अधिकारी श्री मोहन मारू ने बताया कि जिले में समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी कार्य विदिशा और बासौदा की कृषि उपज मंडी मंे किया जाएगा। मंूग 5225 रूपए प्रति क्ंिवटल के मान से क्रय की जाएगी।उड़द खरीदी कार्य बासौदा की कृषि उपज मंडी में ही होगा। उडद का समर्थन मूल्य पांच हजार रूपए प्रति क्ंिवटल घोषित किया गया है इसी प्रकार अरहर (तूअर) खरीदी कार्य शमशाबाद कृषि उपज मंडी में किया जाएगा। अरहर का समर्थन मूल्य पांच हजार पचास रूपए है।


तहसीलदार द्वारा रोक लगाई गई

श्री गोपाल कृष्ण मंदिर नाना का बाग विदिशा के भू-स्वामी कलेक्टर दर्ज होने के बावजूद मंदिर के पुजारी शंकरदास त्यागी द्वारा भूमि अनुबंध पत्रों एवं विक्रय पत्रों के माध्यम से हस्तातंरित की जा रही है कि शिकायत आवेदक चन्द्रप्रकाश एलिया द्वारा की गई थी। उक्त  प्रकरण विदिशा तहसीलदार के न्यायालय में विचाराधीन होने पर तहसीलदार द्वारा की गई सुनवाई के उपरांत श्री गोपाल कृष्ण मंदिर की भूमि के विक्रय अनुबंध पत्रों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए है साथ ही हल्का पटवारी को अग्रिम आदेश तक कम्प्यूटर खसरा में अस्तांतरणीय दर्ज करने के आदेश दिए है। ज्ञातव्य हो कि विदिशा तहसील के ग्राम कस्बा विदिशा स्थित भूमि सर्वे नम्बर 2637 रकवा 0.397 हेक्टेयर, 2639 रकवा 0.167 हेक्टेयर एवं 2640 रकवा 0.324 हेक्टेयर राजस्व अभिलेख में मंदिर श्री राधाकृष्ण जी नाना का बाग व्यवस्थापक कलेक्टर विदिशा भूमि स्वामी दर्ज है। इस प्रकार वादग्रस्त भूमि सार्वजनिक होकर शासकीय श्रेणी की है। प्रश्नाधीन भूमि को मंदिर के पुजारी शंकरदास त्यागी द्वारा छोटे-छोटे भूखण्डों में अवैध रूप से अनुबंध/विक्रय पत्र निष्पादित किए जाने की शिकायत पर जांच प्रकरण तहसीलदार के न्यायालय में विचाराधीन है। अतः प्रश्नाधीन भूमियों को भू-खण्डो का अनुबंध/विक्रय पत्र निष्पादित किए जाने में तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है।

किसान धरती के सच्चे सेवक, किसानों के प्रति समूचा राष्ट्र कृतज्ञ है : राहुल कु सिन्हा

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किसान व किसानी संस्कृति वंदनीय है। हमारे देश में कृषि सबसे बड़ा व्यवसाय माना जाता है। कृषि के बिना देश की कल्पना नहीं की जा सकती। किसानो ंके प्रति देश कृतज्ञ है। कृषि के क्षेत्र में दुमका की अपनी एक अलग पहचान है। कोकुन व रेशम उत्पादन के क्षेत्र में यह जिला राष्ट्रीय स्तर पर पहचान में शामिल है।      

     

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) , किसान व किसानी संस्कृति वंदनीय है। कृषि का प्रक्षेत्र इतना बढ़ चुका है कि इस क्षेत्र में हर दिन कुछ न कुछ नया देखने को मिलता रहता है। भारत की जान गांवों में बसती है। गांव में अधिक से अधिक लोग कृषि व इससे जुड़े कार्य में लगे हुए हैं। किसान धरती के सच्चे सेवक हैं। दुमका भी कृषि के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखता है। किसानों को सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से दिन सोमवार को प्रखंड कार्यालय, दुमका में तीन दिवसीय कृषि जागृति अभियान सह मेला 2017 के उद्घाटन के अवसर पर डीसी, दुमका राहुल कु0 सिन्हा ने उपरोक्त बातें कहीं। उन्होेंने  कहा कृषि सबसे बड़ा व्यवसाय माना जाता है, कृषि के बिना देश की कल्पना नहीं की जा सकती। कोकुन व सिल्क के क्षेत्र में दुमका अपना महत्वपूर्ण योगदान देश को देता आ रहा है। किसानों के लिये सरकार दिन-प्रतिदिन विभिन्न तरह की योजनायें ला रही हैं, किन्तु जब तक सारी योजनाओं का लाभ किसान को नहीं मिलता तब तक सही मायने में योजनाओं का कोई महत्व नहीं रह जाता है। हमारी जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है लेकिन हमारा क्षेत्रफल आज भी उतना ही है। बचे भूमि पर उन्नत किस्म खाद व उन्नत किस्म बीजों का इस्तेमाल कर पैदावार बढ़ाने की जरूरत है। डीसी श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार किसानों को अनुदान राशि पर बीज व खाद उपलब्ध करा रही है, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। खुद जागरूक होकर आस-पड़ोस के लोगों को भी जागरूक करें। कृषि में नयी तकनीकों का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है। नयी तकनीकों के माध्यम से अच्छे फसल का भी उत्पादन भी लगातार बढ़ता जा रहा है। डीसी श्री सिन्हा ने आगे कहा इन दिनों किसान फसल तो उपजा रहे हैं किन्तु उत्पादकता में वृद्धि देखने को नहीं मिल रही है। अलग-अलग किस्म के फसल को अलग-अलग भूमि में वक्त पर लगाने की जरूरत है। डीसी ने कहा किसान के प्रति समूचा राष्ट्र कृतज्ञ है। इस तीन दिवसीय कृषि जागृति अभियान सह मेला के आयोजन से तीन दिनों तक  कृषि के क्षेत्र में विशेष जानकारी प्राप्त की जा सकती है। अपनी समस्याओं से कृषि वैज्ञानिकों को अवगत कराएँ।  सरकार की योजनाओं की जानकारी लें। तभी सही मायने में यह मेला सफल होगा। बदलते वक्त में किसान मित्रों को भी बदलना होगा। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक डा श्रीकांत सिंह ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से कृषक मित्रों को सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ प्राप्त होता है। कृषि विज्ञान केन्द्र में अच्छे बीजों पर लगातार शोध जारी है। अच्छे बीज का उत्पादन ही कृषि विज्ञान केन्द्र का उद्देष्य है। उन्होंने कहा कि मौसम के अनुसार किसानों के लिए बीज का उत्पादन किया जाता ह,ै ताकि उन्हें बीज से अच्छे फसल मिलें।  कृषि से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो।  कृषि के क्षेत्र में महिलाओं का भी योगदान है। महिलाएँ भी कृषि के क्षेत्र में लगातार आगे आ रही हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र मंे महिला वैज्ञानिक महिलाओं के लिये बेहतर फसल उत्पादन व कृषि में मदद के लिये लगातार प्रयत्नशील हैं। जो भी  किसान अपने खेतों की मिट्टी की जांच कराना चाहते हैं वे कृषि विज्ञान केन्द्र में आसानी से जाँच करा सकते हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र का द्वार किसान मित्रों के लिए हमेशा खुला रहेगा। परियोजना निदेशक आत्मा, डा देवेश कुमार सिंह ने कहा कि किसानों के लिये अच्छे फसल उत्पादन के निमित्त सरकार बहुत सारी योजनायें चला रही है। सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान राशि उपलब्ध करायी जाती है। योजनाओं का लाभ लेने की जरूरत है। अच्छे फसल का उत्पादन तभी कर सकेंगे। आत्मा एक समूह निर्माण कराती है एवं समूह से जुड़े किसानों को प्रेरित करने का कार्य करती है। इस दौरान मुख्य अतिथि डीसी दुमका राहुल कु0 सिन्हा ने गुमिन हांसदा, रूबीलाल हेम्ब्रम, सुनु मरांडी, हिरालाल सोरेन, सुलेमान मरांडी के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया। अरूण कुमार साहा, रमेश साहा, परिमल साहा, विरेन्द्र हेम्ब्रम को डीसी ने सोयाबीन का बीज वितरित किया। हिरालाल सोरेन, सुकु मरांडी, कन्हाई हांसदा को तील का बीज प्रदान किया गया। गव्य विकास मिनरल मिक्सचर का वितरण राजू यादव, अम्बिका टुडू, बिनोद यादव, रामनरेश यादव के बीच किया गया। धान का बीज रसका मुर्मू एवं गोविन्द पाल को डीसी के हाथों प्रदान किया गया। इस तीन दिवसीय कृषि जागृति अभियान सह मेला में सरकार की विभिन्न योजनाओं के स्टाॅल लागाये गए हैं, जिससे किसान आसानी से सरकार की योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकें। कार्यक्रम का संचालन उप परियोजना निदेशक आत्मा संजय कुमार मंडल ने किया। कार्यक्रम में जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, वरीय वैज्ञानिक सह कृषि विज्ञान केन्द्र, परियोजना निदेशक आत्मा, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र, सहायक निबंधक सहकारिता, योजना पदाधिकारी कृषि एवं भारी संख्या में किसान उपस्थित थे।

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