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हिंसा दूर करने के लिए किताब, लैपटाप चुनिये : सेना प्रमुख

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नयी दिल्ली, 13 जून, जम्मू कश्मीर में अशांति के कारण पीढ़ियां बरबाद होने की बात की ओर ध्यान दिलाते हुए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज राज्य के छात्रों से कहा कि वे हिंसा का दौर समाप्त करने के लिए लैपटाप और किताबों को चुनें। सेना द्वारा समथर्ति एक कार्यक्रम में भाग लेने और आईआईटी प्रवेश परीक्षा उ}ाीर्ण करने वाले छात्रों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सफलता कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है तथा वे अब घाटी में युवाओं के उज्ज्वल उदाहरण बन गये। जम्मू कश्मीर में अपनी नौकरी के अनुभवों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में 1981.82 में उनकी पहली पोस्टिंग के समय स्थिति काफी बेहतर थी। उन्होंने कहा कि उनकी दूसरी पोस्टिंग के समय 1991 एवं 1993 के दौरान स्थितियों में गिरावट आयी। वह 2006..08 और 2010.12 में भी राज्य में तैनात थे। रावत ने सवाल किया, ेमैंने स्थिति देखी है। कितनी और पीढ़ियों को तोपों की गोलाबारी और विस्फोटकों का धुआं देखना होगा।े उन्होंने कहा कि इसकी वजह से पीढ़ियां बरबाद हो गयी। कश्मीर के लोगों एवं युवाओं के मन में यह भय घर कर गया है..कोई आतंकवादी या सुरक्षा बल आएंगे। सेना प्रमुख ने कहा, ेलिहाजा एक तरफ आतंकवादी है और दूसरी तरफ सुरक्षा बल हैं। हम इस माहौल में कब तक रहेंगे। हमें इसे खत्म करना होगा। हमारी मंशा है कि वहां शांति कायम हो और हम किसी समस्या के बिना अपना दैनन्दिन काम कर सकें।े उन्होंने कहा, ेकश्मीर स्वर्ग है। हमें उस स्तर को वापस लाना है जो वहां पहले था। लोग घाटी को देखने के लिए उमड़ पड़ते थे किन्तु तनाव के कारण लोग नहीं आ पा रहे हैं।े उन्होंने छात्रों से कहा कि वे अपना अध्ययन पूरा करने के बाद अपनी जड़ों की ओर वापस लौटे और राज्य के विकास में मदद करें ताकि लोगों की समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सके।


UPSC ने परीक्षाथर्यिों के लिए निर्देश जारी कर ई-एडमिट कार्ड डाउनलोड करने को कहा

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नयी दिल्ली, 13 जून, यूपीएससी ने रविवार को होने वाली सिविल सेवा के प्रारंभिक परीक्षा के वास्ते अंतिम क्षणों में भाग-दौड़ से बचने के लिए ेपहले हीे ई-एडमिट कार्ड डाउनलोड करने को कहा है। संघ लोकसेवा आयोग ने पिछले कुछ सालों से कागज वाला एडमिट कार्ड जारी करना बंद कर दिया है और परीक्षाथर्यिों को अब इसके वेबसाइट से इसे डाउनलोड करना पड़ता है। यूपीएससी ने अपने हालिया सलाह में कहा है, ेअंतिम क्षणों की भाग-दौड़ से बचने के लिए परीक्षाथर्यिों को ेई-एडमिटे कार्ड डाउनलोड करने और पहले से ही ेमहत्वपूर्ण निर्देशों से भिज्ञे होने की सलाह दी जाती है।े परीक्षाथर्यिों से ई-एडमिट कार्ड सावधानीपूर्वक जांच करने और अगर कोई विसंगतियां है तो इसे यूपीएससी के नोटिस में तत्काल लाने को कहा गया है । इसमें बताया गया है कि परीक्षाथर्यिों को ध्यान रखना चाहिए कि इनकोडिंग में विसंगति या ओएमआर उ}ार पत्र में विशेषकर क्रमांक भरने और टेस्ट बुकलेट सीरिज कोड विवरण भरने में कोई चूक पायी जाती है तो इसे रद्द किया जा सकता है। यूपीएससी ने परीक्षाथर्यिों से परीक्षा केन्द्र पर कोई भी महंगा सामान नहीं लाने की भी अपील की है।

‘सामाजिक कार्यकर्ताओं को मंदसौर जाने से रोकना गंभीर षड्यंत्र को छिपाने का प्रयास’

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नयी दिल्ली 13 जून, सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश तथा कुछ अन्य लोगों ने मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों पर पुलिस फायरिंग के मामले में आज आरोप लगाया कि पुलिस वहां नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जाने से रोक रही है, इससे ऐसा लगता है कि राज्य प्रशासन किसी गंभीर षड्यंत्र को छिपाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार मंदसौर और समीपवर्ती जिलों की घेराबंदी करके लोगों को वहां जाने से रोककर उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। मध्यप्रदेश से लौटने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में स्वामी अग्निवेश ने केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन पर इस मामले में आंखें मूंद लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह बाबा रामदेव के साथ योगाभ्यास करने में व्यस्त हैं, जबकि किसान कष्ट झेल रहे हैं। स्वामी अग्निवेश के नेतृत्व में दो दिन पहले योगेन्द्र यादव और मेधा पाटकर सहित विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मंदसौर गया था। उन्होंने अारोप लगाया कि देश भर के किसानों के ‘चलो मंदसौर’ अभियान को रतलाम के पुलिस अधीक्षक और उपमंडलीय जिला अधिकारी ने टॉल प्लाजा पर रोक दिया और सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उसे आगे जाने की इजाजत नहीं दी गयी। श्री यादव ने कहा कि इस समय मध्यप्रदेश में कोई कानून व्यवस्था नहीं रह गयी है और राज्य सरकार पूरी तरह असंसदीय आचरण कर रही है। उन्होंने कहा कि मंदसौर और उसके समीपवर्ती जिलों रतलाम और नीमच में पुलिस मंदसौर में किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश रोकने के लिए कड़ी चौकसी बरत रही है। एक अन्य नेता हार्दिक पटेल को आज उस समय गिरफ्तार कर लिया गया, जब वह किसानों से मिलने मंदसौर जा रहे थे।

बंगलादेश में भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 94 हुई

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ढाका,13 जून, बंगलादेश में जारी भारी बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में आज भूस्खलन की विभिन्न घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 94 तक पहुंच गई है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रफीकउल्लाह ने बताया कि देश के दक्षिणपूर्व हिस्से में पहाड़ी जिलों में भारी बारिश के कारण एक गांव में 10 लोग,दूसरे गांव में आठ और तीसरे गांव में सात लोगाें की मौत हाे गई है। उन्होंने बताया कि मलबे में अभी अौर शवों की तलाश की जा रही है और अनेक लोग लापता हैं। इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि मृतकों में सेना के चार जवान भी हैं जो राहत एवं बचाव कार्यों में लगे थे। अन्य क्षेत्रों से भी लोगों के शव बरामद हो रहे है1 इससे कुछ हफ्ते पहले दक्षिण पूर्वी बंगलादेश में चक्रवाती तूफान ‘मोरा ’आया था जिसमें कम से कम सात लोगों की माैत हो गई थी और कईं हजार मकान तबाह हो गए थे। वर्ष 2007 में दक्षिणपूर्व चटगांव जिले में भूस्खलन की भीषण घटना में कम से कम 130 लोगों की मौत हाे गई थी।

किसानों को लेकर बेहद असंवेदनशील है केंद्र सरकार : कांग्रेस

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भोपाल, 13 जून, नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने आज केंद्र सरकार पर किसानों के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाया। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में संवाददाताओं से चर्चा में सुश्री चतुर्वेदी ने कहा - केंद्र ने कॉरपोरेट घरानों के डेढ लाख करोड़ के कर्ज माफ कर दिए, लेकिन वह किसानों के कर्ज नहीं माफ कर रही। - केंद्र सरकार की तीन साल की कथित असफलताओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भोपाल आईं सुश्री चतुर्वेदी ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में किसान अपनी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य पाने, कर्जमाफी और बिचौलियों की भूमिका कम करने के लिए जो आंदोलन कर रहे हैं, कांग्रेस पार्टी उसके समर्थन में है। उन्होंने कहा - एक नई सरकार, एक नए उत्साह और वादों के साथ सत्ता में आई थी। पिछले तीन साल में हर वादा सिर्फ चुनावी जुमला बताया गया है, सरकार हर वादे से पीछे हट गई है। आश्चर्य की बात ये है कि इसके बाद भी तीन साल का जश्न मनाया जा रहा है। - इस बात पर जोर देते हुए कि केंद्र सरकार ने पिछले साल देश की सकल घरेलू उत्पाद दर (जीडीपी) में इजाफे का प्रचार किया, हालांकि यह एक नए फार्मूले के आधार पर निकाली गई थी, उन्होंने कहा कि इसके बाद भी जीडीपी इस साल घट कर 6.1 फीसदी रह गई। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा एक बार फिर चीन के पास पहुंच गया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक फरवरी, 2016 में 5.3 फीसदी की वृद्धि दर पर था, वह इस साल मार्च में 1.9 फीसदी रह गया, इसी तरह बैंकों की कर्ज विकास दर भी पिछले 63 साल में सबसे कम रह कर 2016-17 में 5.3 फीसदी रह गई। उन्होंने आरोप लगाया कि न केवल किसान बल्कि रोजगार के साधन नहीं मिलने से युवा भी इस सरकार से परेशान हैं। भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में आने पर हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन स्टार्ट अप इंडिया परियोजना भी रोजगार देने में असफल साबित हो गई। युवाओं के बीच रोष बढ़ रहा है। नोटबंदी पर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए सुश्री चतुर्वेदी ने कहा कि केंद्र ने कहा था कि इससे आतंकवाद, काले धन और नकली मुद्रा पर रोक लगेगी, लेकिन इसका ऐसा कोई फायदा केंद्र सरकार साबित नहीं कर सकी।

ईपीएफओ में आधार अनिवार्य

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नयी दिल्ली 13 जून, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने अंशधारकों के सभी लेन देन के लिए ‘आधार’ को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया है। ईपीएफओ ने आज यहां बताया कि सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि एक जुलाई, 2017 से पेंशन योजना - ईपीएस, 1995 से जुड़ने वाले सभी नए सदस्‍यों के संदर्भ में नियोक्‍ता आधार नंबर अवश्‍य ही उपलब्‍ध कराएं। पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में यह व्यवस्था एक अक्‍टूबर, 2017 से प्रभावी होगा। इसके अलावा अंतराष्‍ट्रीय श्रमिकों के हितों को ध्‍यान में रखते हुए कवरेज प्रमाण पत्र (सीओसी) के संबंध में सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को नए निर्देश जारी किए गए है। नियोक्‍ताओं को सीओसी के लिए आवेदन पत्र को एक माह पहले ही प्रस्‍तुत करने काे कहा गया है। ईपीएफओ ने छूट प्राप्‍त न्‍यासों (ट्रस्‍ट) के प्रदर्शन की निगरानी व्‍यवस्‍था को और दुरुस्‍त करने के लिए नया सॉफ्टवेयर जारी किया गया है। ईपीएफओ की ई-कोर्ट प्रबंधन प्रणाली भी शुरू की गयी है। इसका मकसद एक पारदर्शी और इलेक्ट्रॉनिक मामला प्रबंधन प्रणाली की स्‍थापना सुनिश्चित करना है।

संविधान में अल्पसंख्यक शब्द परिभाषित नहीं : दीक्षित

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लखनऊ 13 जून, उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने ‘अल्पसंख्यक’ शब्द को संविधान में परिभाषित नहीं बताकर एक नई बहस को जन्म दे दिया, श्री दीक्षित ने यहां ‘यूनीवार्ता’ से कहा कि संविधान में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द को परिभाषित ही नहीं किया गया है, इसलिये यह निर्विवाद नहीं है। हालांकि,वर्तमान राजनीतिक दौर में इस शब्द को परिभाषित किये जाने की जरूरत हैे। उन्होंने कहा कि 1976 में आपातस्थित के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी ने संविधान में समाजवादी और पंथ निरपेक्षता शब्द जुडवा दिये थे। यह संशोधन संसद में विपक्ष की नामौजूदगी में कराया गया था, क्योंकि देश के प्रमुख विपक्षी नेता उस समय जेल में थे। उनका कहना था कि उस समय सभा अपने स्वरुप में नहीं थी। इन दोनो शब्दों को परिभाषित भी नहीं किया गया था। परम्पराओं के अनुसार विधि निर्माण में प्रयुक्त शब्दों को परिभाषित किया जाना चाहिये। अल्पसंख्यक शब्द भी परिभाषित नहीं है, इसलिये इसको निर्विवाद नहीं कहा जा सकता।

डीआरडीओ को मिले ढाई लाख करोड के सौदे

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नयी दिल्ली 13 जून, मोदी सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ की नीति को आगे बढाते हुए रक्षा खरीद परिषद ने देश के प्रमुख रक्षा शोध संस्थान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से ढाई लाख करोड रूपये से अधिक की खरीद के सौदों को मंजूरी दी है। रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने डीआरडीओ के सशस्त्र सेनाओं और अर्धसैनिक बलों को आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस करने में योगदान का उल्लेख करने वाली एक पुस्तिका का आज विमोचन किया। रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार पिछले तीन वर्षों में डीआरडीओ के साथ हुए रक्षा सौदों की राशि में 60 फीसदी की बढोतरी हुई है। इस दौरान डीआरडीओ के साथ 2 लाख 57 हजार करोड रूपये के सौदों को मंजूरी दी गयी जबकि इससे पहले इतनी ही अवधि में केवल 1 लाख 61 हजार करोड रूपये के सौदे किये गये थे। डीआरडीओ द्वारा दूसरे देशों को बेची जाने वाली रक्षा सामग्री में भी काफी इजाफा हुआ है और यह 3 करोड 79 लाख डालर तक पहुंच गयी है। डीआरडीओ ने सशस्त्र सेनाओं को तेजस लडाकू विमान , अवाक्स रडार प्रणाली , आकाश मिसाइल प्रणाली, सोनार प्रणाली, वरूणास्त्र टारपीडो , परमाणु, जैविक और रसायनिक हथियारों को नष्ट करने वाला वाहन, अग्नि - 5 मिसाइल , सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी, मध्यम दूरी की मिसाइल, बख्तरबंद वाहन और मानव रहित यान से लैस करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस मौके पर डीआरडीओ के अध्यक्ष डा एस क्रिस्टोफर , सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत , नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल करमबीर सिंह , वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल एस बी देव और रक्षा मंत्रालय तथा डीआरडीओ के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।


अनौपचारिक क्षेत्र में रोजगार के आँकड़े जारी करेगी सरकार

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नयी दिल्ली 13 जून, देश में बेरोजगारी बढ़ने के आरोप झेल रही मोदी सरकार ने आज कहा कि अर्थव्यवस्था में औपचारिक क्षेत्र के साथ अनौपचारिक क्षेत्र के भी रोजगार के आँकड़े जारी किये जाएगें। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री डी.बी. सदानंद गौड़ा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में अपने मंत्रालय की तीन साल की उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए कहा कि सरकार ने अप्रैल 2017 से अनौपचारिक क्षेत्र में रोजगार के आंकड़े जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पूरी प्रक्रिया में लगभग एक वर्ष का समय लगेगा और दिसंबर वर्ष 2018 में पहला श्रम सर्वेक्षण जारी होने की उम्मीद है। इससे पाक्षिक आधार पर रोजगार के आंकडे एकत्र किए जा सकेंगे और रोजगार की प्रमाणिक स्थिति का पता लग सकेगा। उन्होंने बताया कि इस श्रम सर्वेक्षण में विभिन्न उद्योगों में उपलब्ध रोजगार के अवसरों की जानकारी होगी। इसमें उद्योगों में रोजगाररत लोगों की संख्या का पता लग सकेगा। शहरी क्षेत्रों के लिए रोजगार की उपलब्धता के आँकड़े तिमाही और ग्रामीण क्षेत्र के वार्षिक आधार पर जारी होंगे। श्री गौड़ा ने बताया कि इस तरह के आँकडों से सरकार में उच्च स्तर पर निर्णय लेने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार धीरे-धीरे सभी प्रकार के सर्वेक्षणों में संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय मानकों को ज्यादा से ज्यादा अपानाने पर जोर दे रही है।


एक जुलाई से ही लागू होगा जीएसटी : सरकार

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नयी दिल्ली 13 जून, देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने में विलंब होने की आशंकाओं को खारिज करते हुये सरकार ने आज स्पष्ट किया कि यह 01 जुलाई से ही लागू होगा। जीएसटी के लागू किये जाने में विलंब की अफवाहों के सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद सरकार ने यहां जारी एक बयान में साफ-साफ शब्दों में कहा कि यह 01 जुलाई से ही लागू होगा और केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) राज्य सरकारों के साथ मिलकर कारोबारियों के लिए बड़े पैमाने पर आउटरीच कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। जीएसटी को शीघ्र ही अधिसूचित किया जायेगा। इस बीच राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने जीएसटी से जुड़े अफवाहों के मद्देजनर ट्वीट किया कि जीएसटी को लागू करने में देरी की बात अफवाह मात्र है। इससे भ्रमित होने की जरूरत नहीं है। पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने जीएसटी के लिए तैयारियाँ पूरी नहीं होने तथा वर्तमान स्वरूप में इसे स्वीकार नहीं किये जाने का हवाला देते हुये इसको कम से कम एक महीने टालने की माँग की थी। उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल वर्तमान स्वरूप में जीएसटी को स्वीकार नहीं करेगा। हालाँकि, कुछ राज्यों को छोड़कर अधिकांश इससे जुड़े कानून पारित कर चुके हैं। श्री मित्रा ने इस मुद्दे को जीएसटी परिषद की 15वीं बैठक में भी उठाया था। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि जीएसटीएन अपनाने के लिए करदाताओं के वास्ते इसके लिए पंजीयन फिर से शुरू किया गया है। इसके साथ ही जीएसटी को 01 जुलाई से सरलतापूवर्क लागू करने के लिए तैयारियाँ जाेरशोर से जारी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले सप्ताह कहा था कि जीएसटी को लागू करने की तिथि 01 जुलाई से आगे बढ़ाये जाने को कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि करदाता आधार बढ़ने के मद्देनजर शुरूआत में कुछ समस्यायें हो सकती हैं।

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिये सरकार बनाएगी आम सहमति : नायडू

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नयी दिल्ली 13 जून, सूचना एवं प्रसारण मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एम. वेंकैया नायडू ने आज कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए आम सहमति बनाना सरकार का काम है और वह इसके लिए सभी प्रयास करेगी। श्री नायडू ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चयन करने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों के साथ बातचीत की जाएगी। उन्होंने कहा, “ राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए आम सहमति बनाना सरकार का काम है और इसके लिए प्रत्येक राजनीतिक दल के साथ बात की जाएगी।” उन्हाेंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सत्ता में हैं और सहमति बनाना उसकी जिम्मेदारी है। इसे पूरी तरह से निभाने का प्रयास किया जाएगा। भाजपा नेता ने कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन के लिए भाजपा नेताओं ने आपस में बातचीत शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, “ मैंने आज सुबह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ इस मुद्दे पर बात की है।” गौरतलब है कि भाजपा ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिये विभिन्न दलों से बातचीत कर आमसम्मति बनाने के लिये केन्द्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह, श्री नायडू और श्री जेटली की तीन सदस्यीय समिति का गठित की है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल 25 जुलाई को समाप्त हो रहा है। चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया की घोषणा कर दी है। राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना 14 जून को जारी होगी। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 28 जून है और आवश्यक हुआ तो 17 जुलाई को मतदान होगा। मतगणना 20 जुलाई को होगी।

‘नये भारत’ के मोदी के सपने से अमेरिका में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

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वाशिंगटन/नयी दिल्ली,13 जून, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नये भारत’ के दृष्टिकोण से अमेरिका में भी राेजगार के अवसर पैदा होंगे, श्री स्पाइसर ने यहां श्री मोदी की आगामी अमेरिका यात्रा की घोषणा करते हुए कहा, “ प्राकृतिक गैस समेत अमेरिकी ऊर्जा एवं प्रौद्योगिकी की मदद से श्री मोदी के नये भारत के निर्माण का सपना पूरा होगा और इस प्रक्रिया में हजारों नौकरियों का सृजन होगा।” उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 से भारत-अमेरिका व्यापार में छह गुणा वृद्धि हुयी है और यह 19 अरब से बढ़कर 115 अरब का हो गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था सात प्रतिशत से अधिक की दर से विकसित हो रही है। प्रेस सचिव ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान वह और अमेरिकी राष्ट्रपति अपने नागरिकों के हित में भारत-अमेरिका साझीदारी के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण पर चर्चा करेंगे। श्री मोदी 25-26 जून को अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे। वह यात्रा के दूसरे दिन 26 जून को श्री ट्रंप के साथ वार्ता करेंगे। दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात होगी। इस मुलाकात की विश्वभर के कूटनीतिक हलकों में प्रतीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा,“राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका और भारत के बीच संबंध मजबूत बनाने के उपायों तथा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, आर्थिक विकास एवं सुधारों को बढ़ावा देने और भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग का विस्तार करने जैसी अपनी साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा करेंगे।” यह श्री ट्रंप की श्री मोदी के साथ पहली मुलाकात होगी। श्री मोदी ने जनवरी में जब उन्हें राष्ट्रपति का पदभार संभालने पर बधाई दी थी, तभी उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री को अमेरिका आमंत्रित किया था। विदेश मंत्रालय ने कल श्री मोदी की अमेरिका यात्रा की घोषणा की और बताया दोनों नेता भारत तथा अमेरिका के बीच सामरिक साझेदारी के विभिन्न आयामों तथा अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री की इस यात्रा को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

लालू की कथित बेनामी सम्पत्ति को लेकर सुशील मोदी का नया खुलासा

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पटना 13 जून, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)  बिहार विधान मंडल दल के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की कथित बेनामी सम्पत्ति को लेकर आज एक नया खुलासा किया कि रेलवे के एक खलासी ने भी श्री यादव की बेटी हेमा यादव को करोड़ रूपये की जमीन दान में दे दी । श्री मोदी ने यहां जनता के दरबार कार्यक्रम के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री यादव के परिवार को जमीन दान देने वालों का सिलसिला अंतहीन नजर आ रहा है । उन्होंने कहा कि श्री यादव की पुत्री हेमा यादव को गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले ललन चौधरी ने ही केवल 62 लाख रूपये की 7.75 डिसमिल जमीन दान में नहीं दी बल्कि उसी दिन रेलवे के कोचिंग कॉम्पलेक्स स्टोर राजेन्द्रनगर पटना में कार्यरत खलासी हृदयानंद चौधरी ने भी इतनी ही जमीन दान में दी । भाजपा नेता ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि सीवान के सियाढ़ी बड़हरिया के रहने वाले ललन चौधरी और गोपालगंज के उचकागांव थाना क्षेत्र के इटवा गांव निवासी हृदयानंद चौधरी ने एक ही दिन 29 मार्च 2008 को स्वर्गीय देवकी राय के दो पुत्र विशुनदेव राय और ब्रजनंदन राय से एक ही कीमत 4.21 लाख रुपये पर 7.75 डिसमिल जमीन पटना के दानापुर में खरीदी थी। इसके बाद ललन चौधरी और हृदयानंद चौधरी ने 13 फरवरी 2014 को दोनों जमीन श्री यादव की पुत्री हेमा यादव को दान में दे दी । 

श्री मोदी ने कहा कि उस समय 7.75 डिसमिल जमीन की कीमत 62 लाख 10 हजार रुपये थी और दोनों ने स्टांप ड्यूटी के तौर पर अलग-अलग छह लाख 28 हजार रुपया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य शाखा में जमा कराया था । उन्होंने कहा कि दिलचस्प बात यह भी है कि ललन चौधरी के दानपत्र में हृदयानंद चौधरी और हृदयानंद चौधरी के दानपत्र में ललन चौधरी गवाह हैं । भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि श्री लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए जिनको नौकरी , ठेका या अन्य तरीके से मदद की उनसे सीधे जमीन लिखवा लिया । उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि ललन चौधरी और हृदयानंद चौधरी जैसे लोगों का इस्तेमाल श्री यादव ने ..सेरोगेट मदर.. के रुप में किया, पहले जमीन उनके नाम लिखवाया और बाद में अपने परिवार के सदस्यों को दान करवा दिया । श्री यादव ने कहा कि यह गौर करने वाली बात है कि श्री यादव जब रेल मंत्री थे तब 2005 में हृदयानंद चौधरी की नियुक्ति खलासी के पद पर रेलवे में हुयी थी । उन्होंने कहा कि दान देने वाला दोनों व्यक्ति श्री यादव का कोई रिश्तेदार नहीं है बावजूद उसने इतनी कीमती जमीन दान में क्यों दी यह रहस्य है । भाजपा नेता ने कहा कि पटना शहर की अत्यंत कीमती जमीन जिसका उस समय मूल्य एक करोड़ 40 लाख रुपये था , उसकी कीमत आज पांच करोड़ रुपये से भी अधिक है । उन्होंने कहा कि दानपत्र में दान करने वालों का पैन नम्बर भी नहीं है जबकि इतनी कीमती जमीन बिना पैन नम्बर दिये बेची या दान नहीं की जा सकती है । 

नीतीश विधानसभा भंग करें, भाजपा के सांसद विधायक इस्तीफा देने को तैयार : नित्यानंद

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पटना 13 जून, बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विधानसभा भंग करने की चुनौती देते हुये आज कहा कि पार्टी के सांसद और विधायक सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के विधायकों से पहले इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं उजियारपुर के सांसद नित्यानंद राय ने पार्टी के विधायक अनिल कुमार और नितिन नवीन की मौजूदगी में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री कुमार को वह चुनौती दे रहे हैं कि पहले वह विधानसभा को भंग करें उसके बाद बिहार से पार्टी के सभी सांसदों के साथ ही विधायक भी इस्तीफा करने के लिए तैयार हैं। भाजपा के विधायकों से ही पहले इस्तीफे की शुरुआत होगी उसके बाद ही श्री कुमार की पार्टी जदयू के विधायक इस्तीफा करें। श्री राय ने कहा कि इसी तरह भाजपा के सांसद भी इस्तीफा करने को तैयार हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि इस्तीफा राज्यपाल के समक्ष हो जिससे कि कोई भी विधायक अपना इस्तीफा वापस न ले सकें। उन्होंने कहा कि श्री कुमार ने उत्तर प्रदेश विधानसभा भंग करने की जहां तक बात की है वहां की योगी सरकार का अभी ‘छठी’ भी नहीं हुआ है इसलिए वहां की बात करना उचित नहीं है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के प्रति उत्तर प्रदेश के लोगों ने भरोसा कर विधानसभा चुनाव में भाजपा को अप्रत्याशित जीत दिलाई है। उत्तर प्रदेश के लोगों ने अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए भाजपा की सरकार बनाई है और मुख्यमंत्री श्री कुमार अभी उसी सरकार को मिले जनादेश को चुनौती दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं तो उनके लिए अपने राज्य के संदर्भ में ही बात करना बेहतर होगा। उल्लेखनीय है कि श्री कुमार ने कल यहां कहा था कि उत्तरप्रदेश के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता केशव प्रसाद मौर्य की मांग पर बिहार में मध्यावधि चुनाव के लिए वह तैयार हैं लेकिन बिहार के साथ ही उत्तरप्रदेश में भी मध्यावधि चुनाव कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि बिहार और उत्तरप्रदेश के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सांसदों को इस्तीफा देकर दोनों राज्यों की रिक्त लोकसभा सीट के लिए भी मध्यावधि चुनाव कराने का रास्ता तैयार करना चाहिए।

बिहार में शिक्षकों को ईद का तोहफा, वेतन के लिए करीब 28 अरब मंजूर

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पटना 13 जून,  बिहार सरकार ने राज्य में कार्यरत प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के साथ ही मदरसा शिक्षकों को ईद का तोहफा देते हुये चालू वित्त वर्ष में उनके वेतन के लिए कुल 27 अरब 89 करोड़ 71 लाख छह हजार 735 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बैठक के बाद आज यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। श्री मेहरोत्रा ने बताया कि राज्य के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में सरकार के अधीन नगर प्राथमिक शिक्षक, नगर प्रारंभिक शिक्षक, प्रखंड शिक्षक एवं पंचायत शिक्षकों के स्वीकृत 66104 पद के लिए वित्त वर्ष 2017-18 में वेतन भुगतान के लिए कुल 13 अरब 77 करोड़ रुपये की मंजूरी एवं इस राशि को विमुक्त करने की स्वीकृति दी गई है। प्रधान सचिव ने बताया कि इसी तरह माध्यमिक शिक्षा के तहत जिला परिषद् एवं विभिन्न नगर निकायों में नियोजित 22741 माध्यमिक शिक्षक, 11588 उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं 1896 पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन के लिए 11 अरब 67 करोड़ 71 लाख छह हजार 735 रुपये के सहायक अनुदान जारी करने और व्यय करने को मंजूरी दी गई है। श्री मेहरोत्रा ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में राज्य के अराजकीय प्रस्वीकृत कुल 1128 मदरसों (1119 मदरसा एवं 09 बालिका मदरसा) में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए दो अरब रुपये तथा अराजकीय प्रस्वीकृत 2459+1 कोटि के मदरसा के अंतर्गत 609 मदरसों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को नियत वेतन देने के लिए 45 करोड़ रुपये की स्वीकृत दी गई है। इसमें से 35 करोड़ रुपये को तत्काल विमुक्त किया जाएगा। श्री मेहरोत्रा ने बताया कि शिक्षकों के वेतन के लिए स्वीकृत राशि के संबंध में दो से तीन दिन के अंदर आदेश जारी कर दिया जाएगा ताकि उन्हें शीघ्र वेतन मिल सके। 


झारखंड सरकार उग्रवाद को जड़ से खत्म करने के लिए वचनबद्ध : रघुवर

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रांची 13 जून, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में उग्रवाद को जड़ समाप्त करने की वचनबद्धता दुहराते हुये आज कहा कि इस दिशा में गंभीर प्रयासों का ही परिणाम है कि अब राज्य में नक्सली घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी आई है। श्री दास ने यहां यूनिफाइड कमांड बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि नक्सली अब पॉकेट में सिमट रहे हैं। थोड़ा और प्रयास करें, तो साल के अंत तक नक्सल समस्या पूरी तरह समाप्त हो जायेगी। सीमावर्ती राज्यों से सटे क्षेत्रों में राज्यों के साथ प्रखंड और थाने के स्तर तक समन्वय बनाकर काम करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य की सीमा से लगे दो किलोमीटर अंदर तक के गांवों में सीमावर्ती विकास कार्यक्रम शुरू किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में भयादोहन के लिए अपराधियों द्वारा संगठन तैयार किया गया है। इनपर भी अंकुश लगाने का काम जारी है। इसे उग्रवादियों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। डीसी-एसपी के अंतर्गत यूनिफाइड कमांड की तर्ज पर उग्रवाद प्रभावित जिले में इसका गठन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए कैंप खोले जा रहे हैं। स्थानीय लोगों को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने का काम चल रहा है। सरकार की आकर्षक प्रत्यर्पण एवं पुरस्कार नीति के कारण बड़ी संख्या में राज्य के दुर्दांत उग्रवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं। श्री दास ने एसआरई स्कीम के तहत 314 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि केंद्र सरकार के पास बकाया राशि को शीघ्र जारी करने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने केंद्र से पुलिस विभाग को एक हेलिकॉप्टर उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया।


मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस कैंप के स्थान पर इंटिग्रेटेड डेवलपमेंट सेंटर शुरू करने, यहां पुलिस सुरक्षा के साथ ही विकास कार्य करने और जिन क्षेत्रों में उग्रवादियों का दबदबा है वहीं नये कैंप शुरू करने का सुझाव दिया। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2012 में 180 उग्रवादी घटनाओं की तुलना में वर्ष 2016 में 67 घटनाएं हुईं। पिछले तीन साल से इनमें लगातार कमी आ रही है। रांची में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की शाखा जल्द खुलेगी। आतंकवाद रोधी दस्ते का गठन किया जा चुका है। राज्य को जल्द आईआरबी की तीन बटालियन मिल जायेगी। श्री दास ने उग्रवादी घटनाओं मे शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों और आम नागरिकों को हर वर्ष एक स्थान पर बुलाकर कार्यक्रम करने, उग्रवादियों के साथ ही उनके संरक्षकों पर भी कड़ी नजर रखने और कार्रवाई करने, क्षेत्रों में तैनात जवानों को अच्छी सुविधा मिले इसका खास ध्यान रखने, गृह सचिव की अध्यक्षता में यूनिफाइड कमांड से संबंधित सभी क्षेत्र की हर माह बैठक करने और जो मामले संज्ञान में आयें उनका निराकरण तय अवधि में करने और प्रत्येक तीन माह में मुख्यमंत्री स्तर पर इसकी समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिये। बैठक में पुलिस महानिदेशक डी. के. पांडेय, अपर मुख्य सचिव अमित खरे, प्रधान सचिव एस. के. जी. रहाटे, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, राज्य के वरीय पुलिस पदाधिकारी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के वरीय पदाधिकारी, खुफिया विभाग और सशस्त्र सीमा बल के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अपर सचिव जयदीप गोविंद ने कहा कि झारखंड में उग्रवाद समस्या के निराकरण के लिए काफी बेहतर कार्य हुये हैं। इसके लिए राज्य सरकार की पूरी टीम बधाई के पात्र हैं। यहां के आंकड़े पूरे देश के लिए उत्साहवर्द्धक और प्रेरक हैं। छोटे-छोटे कदम उठा कर राज्य को उग्रवाद मुक्त कराया जा सकता है। राज्य सरकार का पूरा सहयोग केंद्रीय बलों को मिल रहा है। मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि राज्य उग्रवाद मुक्त होने की दिशा में बढ़ रहा है। फिलहाल केंद्र यहां से सुरक्षा बलों को न हटाये।

केंद्र की कृषि नीति किसानों के साथ विश्वासघात : जदयू

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पटना 13 जून, जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने केंद्र सरकार पर किसानों को बदहाली की स्थिति में पहुंचाने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि अन्न उत्पादक किसान यदि खुद दाने-दाने को मोहताज हो जायें और अपने जीवन की बुनियादी जरूरतों के लिए भी आत्मनिर्भर न रह जायें तो इसका सीधा मतलब यही है की देश की कृषि नीति और कृषि व्यवस्था ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद और निखिल मंडल ने यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश का कृषि क्षेत्र एक भयावह दौर से गुज़र रहा है जिसमें किसान पूर्ण रूप से हाशिये पर चले गए हैं। देश के लिए अन्न उत्पादन करने वाले किसान यदि खुद दाने-दाने को मोहताज हो जायें और अपने जीवन की बुनियादी जरूरतों के लिए भी आत्मनिर्भर न रह जायें तो इसका सीधा मतलब यही है की देश की कृषि नीति और कृषि व्यवस्था ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है। श्री प्रसाद ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान जब खाद्यान्नों के लागत मूल्य में 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने की बात कही गयी तो ये उम्मीद जरूर थी की इस नीतिगत बदलाव से किसानों की स्थिति सुधरेगी लेकिन केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की वादाखिलाफी से यह स्पष्ट हो गया है की किसानों के मुद्दे को लेकर उनकी रूचि कभी थी ही नहीं और भाजपा कृषि क्षेत्र के विकास को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के नाम पर किसानों के साथ धोखा हुआ है। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि मध्यप्रदेश के मंदसौर में भाजपा सरकार प्रायोजित किसानों की हत्या के बाद भाजपा नेताओं के द्वारा यह दलील दी गई कि सरकार निर्णायक कदम उठाते हुए कर्ज माफ़ी की प्रक्रिया शुरू करेगी ताकि किसानों के ऊपर से आर्थिक बोझ कम हो सके। उन्होंने कहा कि हालांकि कल केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली के इस बयान से कि केंद्र सरकार का ऋण माफ़ी से कोई लेना देना नहीं है और यदि ऋण माफ करना भी हो तो इसके लिए पैसों के इंतज़ाम की जिम्मेवारी राज्य सरकारों की होगी ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि केंद्र सरकार के लिए किसानों के मुद्दे कोई मायने नहीं रखते हैं।


श्री प्रसाद ने कहा कि अफ़सोसजनक बात यह थी की उसी संवाददाता सम्मेलन में वित्तमंत्री बड़ी कंपनियों और कारोबारियों की ओर से नहीं चुकाए गए हज़ारों करोड़ रुपये की ऋणमाफ़ी के लिए बैंकों द्वारा तैयार किये जा रहे मसौदे का विस्तार से जिक्र कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आर्थिक आंकड़ों के परिपेक्ष में देखें तो सिर्फ भाजपा के शासन काल में पूंजीपतियों द्वारा नहीं चुकाए गए ऋण में दो लाख 61 हज़ार 843 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है जिसे सरकार द्वारा माफ़ किये जाने की बात वित्तमंत्री कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह पिछले दो वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार नें पूंजीपतियों को कर एक लाख 33 हज़ार 777 करोड़ रुपये की छूट दी है। इन तथ्यों के आधार पर एक बात स्पष्ट है कि कृषि क्षेत्र में बदलाव को लेकर भाजपा जो बातें कह रही हैं उसका कोई आधार नहीं है और यदि यही स्थिति रही तो कृषि क्षेत्र पूरी तरह से बर्बाद हो जायेगा। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को किसानों की हितकारी योजना के रूप में प्रस्तुत किया गया है लेकिन इस योजना से सम्बंधित आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद जो तथ्य सामने आ रहे हैं वह हैरान करने वाले हैं। वर्ष 2016 के खरीफ के फसल के दौरान देश में केवल तीन करोड़ 70 लाख किसानों ने कृषि बीमा कराया। इसमें से दो करोड़ 69 लाख ऐसे किसान थे जिनको बैंक ने ऋण दिया था जबकि सिर्फ एक करोड़ एक लाख किसान ही ऐसे थे जिनके ऊपर ऋण न होते हुए भी उनका बीमा करवाया गया। इसका सीधा मतलब है कि जो किसान ऋण ले रहे हैं उन्हीं को बीमा करने में प्राथमिकता दी जा रही है। श्री प्रसाद ने कहा कि वर्ष 2015 के खरीफ फसलों के लिए 2.10 करोड़ ऋणधारक किसानों का बीमा किया गया जबकि इस वर्ष केवल 98.4 लाख ऐसे किसानों का बीमा किया गया जिन्होंने कोई ऋण नहीं लिया था। उन्होंने कहा कि सालाना आधार पर बीमाधारकों की वृद्धि का अनुपात से यह खुलासा होता है कि ऋण लेने वाले किसानों की बीमा होने की वृद्धि दर 28 प्रतिशत थी जबकि गैर ऋणधारक किसानों के लिए यह आंकड़ा महज तीन प्रतिशत था। ऐसे में क्या यह निष्कर्ष निकालना गलत नहीं होगा कि मूलरूप से सिर्फ उन्ही किसानों का बीमा हो रहा है जो बैंक से लोन ले रहे हैं और बैंक किसानों को लोन देते वक़्त अपने पैसों को सुरक्षित करने के लिए किसानों से जबरदस्ती बीमा करवा रहा है जिसका सीधा फायदा बैंक और बीमा कंपनियों को मिल रहा है।

पेट्रोल पंप मालिकों का 16 जून से ‘खरीद- बिक्री नहीं’ अांदोलन

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नयी दिल्ली 13 जून, तेल विपणन कंपनियों के 16 जून से रोजाना पेट्रोल-डीजल दाम तय किये जाने के विरोध में पेट्रोल पंप मालिकों ने ‘खरीद-बिक्री’ नहीं आंदोलन करने का निर्णय किया है। दिल्ली पेट्रोल डीजल एसोसिएशन की तरफ से आज जारी बयान में कहा गया है कि 16 जून से खरीद बिक्री नहीं की जायेगी। अखिल भारतीय पेट्रोलियम व्यापारी महासंघ इसकी घोषणा पहले ही कर चुका है। तेल विपणन कंपनियों ने एक मई से चंडीगढ़, जमशेदपुर और विशाखापत्तनम समेत पाँच शहरों में प्रयोग के तौर पर रोजाना दोनों ईंधनों के दाम तय करना आरंभ किया था। कंपनियों ने 16 जून से अब इसे पूरे देश में लागू करने का निर्णय लिया है। डीलरों का कहना है कि जमीनी हकीकत जाने बिना तेल कंपनियों ने इतना बड़ा निर्णय ले लिया। पेट्रोल पंप पर जो स्वचालित प्रणाली है वह कीमतों में स्वत: बदलाव को स्वीकार नहीं कर पायेगी। पंप मालिकों का कहना है कि जब तक उचित व्यवस्था नहीं हो जाती, इसे लागू कर पाना संभव नहीं है। मैनुअली करने से त्रुटि रहने का खतरा रहेगा और पंप चलाने में दिक्कतें आयेंगी। कंपनियों ने स्वचालित कीमत प्रणाली नहीं होने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया है। एक तरफ कंपनियां कह रही हैं कि मैनुअली आंकड़े से काम किया जाये, दूसरी तरफ पेट्रोल पंप का परिचालन शत प्रतिशत स्वचालित हो। यह विरोधाभाषी है।

विशेष : चंबल घाटी मे हिमालियन गिद्ध बना रहे है बसेरा

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इटावा 13 जून, खूंखार डाकुओं की कभी पनाहगाह रही चंबल में एक वक्त खासी तादात में गिद्ध पाये जाते थे। वक्त की मार ने यहां से गिद्धों का सफाया कर दिया लेकिन एक बार फिर से चंबल में गिद्धों के अाने का सिलसिला शुरु हुआ है। इस दफा हिमालियन गिद्ध यहां अपना बसेरा बना रहे हैं जो उनकी वापसी के शुभ संकेत दिख रहे हैं। इटावा स्थित सामाजिक वानिकी की लखना रेंज के उप रेंज अधिकारी विवेकानंद दुबे ने  बताया कि चंबल इलाके में संकेत मिले हैं जिससे यह बात स्पष्ट रुप से कही जा सकती है कि हिमालियन इलाके में पाये जाने वाले गिद्ध चंबल को अपना बसेरा बना रहे रहे है।  गत छह जून को लवेदी क्षेत्र के महात्मा गांधी इंटर कालेज परिसर में मिले दुर्लभ प्रजाति के गिद्ध का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि यह गिद्ध आम गिद्धों से अलग हट कर है क्योंकि इस इलाके में पहले जो गिद्ध पाये जाते थे वे इस गिद्ध से अलग थे। उन्होंने बताया कि लवेदी मे मिला यह गिद्ध करीब छह माह से अधिक का नहीं लग रहा है अभी यह बच्चा ही है इसके फोटोग्राफ पर्यवर्णीय विशेषज्ञों के अलावा वन अधिकारियों को भेजे गये। अधिकारियों ने इसकी पुष्टि हिमालियन गिद्ध के तौर पर की है। फिलहाल इस गिद्ध को लखना वन रेंज पर पूरी तौर पर सुरक्षित रखा गया है । इसकी भोजन की पूरी व्यवस्था की जा रही है । इस गिद्ध को बकरे का मांस दिया जा रहा है ।


पहले दिन जब इसे यहां लाया गया था तब इसमें इतनी तीव्रता नहीं थी लेकिन अब काफी सख्ती का एहसास किया जा रहा है क्योंकि एक दिन इसको छोड़ दिया गया तो पकडने के लिए काफी मशक्कत करनी पडी । इसी कारण इसको जब अब बाहर निकाला जाता है तो फिर प्लास्टिक की रस्सी से बांधकर रखा जाता है क्योकि भाग जाने पर कुत्ते आदि इसको शिकार बना सकते हैं। श्री दुबे ने बताया कि लखना रेंज के ही सारंगपुरा के बीहडों में भी पिछले साल 23 दिसंबर को इसी प्रजाति का एक विशाल गिद्ध मिला था जो चलने फिरने से काफी लाचार था । माना जा रहा है कि उसे जंगली जानवरों के झपट्टे के बाद चोट आई होगी । तब यह माना गया था कि हिमालयी इलाके से भटककर चंबल में यह गिद्ध आ पहुंचा है लेकिन 25 दिसंबर को उसकी मौत हो गई थी । यह गिद्ध करीब आठ फुट लंबा और 15 किलो वजन का था। उन्होंने बताया कि 23 दिसंबर को यह गिद्ध बकेवर इलाके के सांरगपुरा गांव के पास देखा गया जो चलने फिरने की स्थिति में नहीं था जिसे वन विभाग के कर्मचारियों ने अपने कब्जे में लेने के बाद उपचार करवाया लेकिन उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ । बाद में इटावा जिला मुख्यालय पर पशु चिकित्सा केंद्र में उसका पोस्टमार्टम कराया गया था । श्री दुबे का दावा है कि छह जून को चलने में अस्मर्थ जो गिद्ध मिला है वो इसी इलाके में कहीं जन्मा है क्योंकि जितना छोटा यह गिद्ध है वह हिमालियन क्षेत्र से भटककर चंबल इलाके तक नहीं आ सकता है। गत 23 दिसंबर को मिले गिद्ध से निश्चित तौर पर इसको कोई ना कोई कनेक्शन माना जा सकता है । यह गिद्ध उसी परिवार का सदस्य हो सकता है ।

उनका दावा है कि किसी हिमालियन गिद्ध का परिवार चंबल में अपना घाेंसला बनाया है जिसकी यह प्रजाति यहॉ पर देखी जा रही है । उन्होंने कहा कि वनकर्मी गिद्ध के आशियाने को खोजने की कोशिश करेंगे। इस गिद्ध को एक दरोगा के साथ पकडने गये वन कर्मी श्रीराम का कहना है कि यह गिद्द एक बार में करीब 250 ग्राम मांस खा रहा है और फिलहाल पूरी तरह से स्वस्थ है । उनका कहना है कि पिछले दिनों मृत्यु मौत का शिकार हुआ गिद्ध भी इसी से जुडा हुआ लग रहा है। इटावा के आसपास पर्यावर्णीय दिशा में काम करने वाले सोसाइटी फार कंजर्वेशन संस्था के सचिव संजीव चौहान का दावा है कि ऐसा हो सकता है कि सर्दी के मौसम में हिमालय क्षेत्र से किसी तरह गिद्ध का जोडा चंबल में आ गया और बाद में उसने यहॉ पर प्रजनन करने के बाद इस बच्चे को जन्म दिया हो । यह बच्चा उसी का हो और जिस युवा गिद्ध की मौत हो गई है वो उस गिद्ध परिवार का मुखिया हो। सफाईकर्मी के रूप में प्रचलित गिद्ध पर संकट 1990 के बाद से शुरू हुआ माना जाता है । चंबल में इससे पहले 2003 तक गिद्धों की तीन प्रजातियों को देखा जाता रहा है, इनमें लांगबिल्डबल्चर, वाइटबैक्डबल्चर, किंगबल्चर है,जो बड़ी तेजी से विलुप्त हुये जबकि इजफ्सियनबल्चर लगातार देखे जाते रहे हैं, इन पर किसी तरह का प्रभाव नजर नहीं आया। गिद्ध के संरक्षण की दिशा में काम कर रही वर्ल्ड कंजर्वेशन यूनियन की पहल के बाद वर्ष 2002 में इसे वन्य जीव अधिनियम के तहत इसके शिकार को प्रतिबंधित करते हुए इसे शेड्यूल वन का दर्जा दिया गया। अस्सी के दशक में एशियाई देशों में गिद्धों की सर्वाधिक संख्या भारत में ही थी। शोध के मुताबिक भारत, नेपाल और पाकिस्तान में गिद्धों की संख्या सिमट कर महज तीन हजार रह गई है जबकि अस्सी के दशक में गिद्धों की संख्या साढ़े आठ करोड़ थी। जानकार बताते हैं कि जिस तेजी के साथ बल्चर गायब हुआ ऐसा अभी तक कोई जीव गायब नहीं हुआ । ताज्जुब यह है कि पिछले एक दशक के दौरान ही गिद्ध की संख्या में अप्रत्याशित रूप से 99 फीसदी की गिरावट आई है।

फ़िल्म इंडस्ट्री से अब अभिनेत्रियों में कैट फाइट नही: अथिया

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no-cat-fight-now-on-film-industry-athiyaमुंबई 13 जून, बॉलीवुड अभिनेत्री अथिया शेट्टी का कहना है कि फ़िल्म इंडस्ट्री से अब अभिनेत्रियों में कैट फाइट नही हुआ करती है। अथिया ने बताया कि उनके और इलियाना डी क्रूज़ के बीच फिल्म 'मुबारकां'के सेट पर कोई कैट फाइट नहीं हुई है। अथिया का मानना है कि अब कैट फाइट का जमाना चला गया है। अथिया ने इस अफवाह को झूठ बताया कि उनके और इलियाना डी क्रूज़ के बीच फ़िल्म 'मुबारकां'के सेट पर कैट फाइट हुई थी। अथिया ने कहा “ इलियाना डी क्रूज़ बहुत अच्छी को-स्टार हैं। उनके साथ काम करने में आनंद आता है। वह हमेशा प्रोत्साहित करती हैं। सेट पर हमारी कोई कैट फाइट नहीं हुई है और अब कैट फाइट का जमाना चला गया है। ” अथिया ने फिल्म मुंबारका अर्जुन कपूर के साथ काम करने का भी एक्सपीरियंस भी शेयर किया। अथिया ने कहा कि अर्जुन कपूर के साथ काम करके मजा आया। वह बहुत ही शानदार अभिनेता हैं। उनका कॉमेडी टाइमिंग लाजवाब है। उन्होंने कहा, “ मैं बहुत भाग्यवान हूं कि मुझे अनिल कपूर, अर्जुन कपूर के साथ काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। मुझे बहुत कुछ सीखने का अवसर प्राप्त हुआ है। मैंने अर्जुन कपूर की फिल्म 'हाफ गर्लफ्रेंड'भी देखी और मुझे अर्जुन कपूर का काम अच्छा लगा।

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