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प्रणय अौर श्रीकांत सेमीफाइनल में

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जकार्ता, 16 जून, भारत के एच एस प्रणय ने उलटफेर का सिलसिला जारी रखते हुये शुक्रवार को आठवीं सीड चीन के चेन लोंग को 21-18 16-21 21-19 से शिकस्त देकर इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। प्रणय के साथ किदाम्बी श्रीकांत भी सेमीफाइनल में पहुंच गये हैं। श्रीकांत ने चीनी ताइपे के जू वेई वांग को 21-15 21-14 से पराजित किया। प्रणय ने अपना मुकाबला एक घंटे 15 मिनट के संघर्ष में जीता जबकि श्रीकांत ने अपना मैच मात्र 37 मिनट में निपटा दिया। गैर वरीय प्रणय ने पिछले राउंड में विश्व रैंकिंग में तीसरे नंबर के खिलाड़ी और शीर्ष वरीय मलेशिया के ली चोंग वेई को धूल चटाई थी और क्वार्टरफाइनल में उन्होंने आठवीं रैंकिंग के चेन लोंग का शिकार कर लिया। विश्व रैंकिंग में 25वें नंबर के खिलाड़ी प्रणय का इससे पहले चेन लोंग के खिलाफ 0-3 का रिकार्ड था लेकिन अब उन्होंने इस दिग्गज चीनी खिलाड़ी के खिलाफ करियर की पहली जीत हासिल कर ली।


गोरखालैंड आंदोलन तेज, आगजनी की घटनायें बढ़ी, अतिरिक्त बल तैनात

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दार्जिलिंग 16 जून, पश्चिम बंगाल में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) प्रमुख विमल गुरुंग के कार्यालय में कल पैरा-मिलिट्री बलों के छापे की कार्रवाई के विरोध में जीजेएम समर्थकों ने आज दूसरे दिन भी सरकारी संपत्तियों को आग लगाने की घटनाओं को अंजाम दिया। इस बीच कानून एवं व्यवस्था पर नियंत्रण के मद्देनजर केंद्र से भेजे गये 400 और पैरा-मिलिट्री बल के जवान दार्जिलिंग पहुंच गये हैं। दूसरी तरफ राज्य सरकार ने सात और आईपीएस अधिकारियों को यहां तैनात किया है। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक गोरखालैंड समर्थकों ने पुलिस कर्मियों पर हमले के बाद दो सरकारी बसों, मीडिया के एक वाहन , एक पुलिस चौकी तथा एक सरकारी कार्यालय में आग लगा दी। इससे पहले कल प्रदर्शनकारियों ने मिरिक में दो पंचायत कार्यालय, लोधामा में बिजली स्टेशन, कलिम्पोंग में तारखोला के समीप वन विभाग के कार्यालय तथा दो अन्य जगहों पर आग लगा दी थी। सेना की छह और पैरा-मिलिट्री बल की 10 टुकड़ियाें के साथ ही राज्य के सशस्त्र बलों की तैनाती के बावजूद यहां माहौल अशांत और तनावपूर्ण है तथा आगजनी की घटनायें बढ़ रही है। दूसरी तरफ राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों के प्रति नरम रूख अख्तियार करने से साफ इंकार किया है तथा दार्जिलिंग में चार आईपीएस अधिकारियों की मौजूदगी के बावजूद सात और आईपीएस अधिकारियों को यहां तैनात किया है।

सिसोदिया से सीबीआई की पूछताछ पर राजनीति गर्मायी

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नयी दिल्ली, 16जून, केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम द्वारा आज दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से उनके घर में की गई पूछताछ को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है, आम आदमी पार्टी (आप) के नेता जहां इसे सीबीआई की छापेमारी बताते हुए मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं, वहीं सीबीआई का कहना है कि यह कोई छापा नहीं था, बल्कि जांच के सिलसिले में की गई पूछताछ भर थी। सीबीआई की टीम आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा ‘टाक टू एके’ के नाम से चलाये गये सोशल मीडिया अभियान में कथित अनियमितताआें से जुड़ी जांच के संबंध में पूछताछ के लिए श्री सिसोदिया के घर गई थी। इस अभियान को लेकर श्री सिसोदिया जांच के घेरे में हैं। दिल्ली के सतर्कता विभाग की शिकायत पर सीबीआई ने अभियान के संबंध में श्री सिसोदिया और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन की पुत्री सौम्या जैन के खिलाफ जनवरी में प्राथमिक जांच का मामला दर्ज किया था। आज सीबीआई की टीम इसी जांच के संबंध में श्री सिसोदिया से कुछ पूछताछ के लिए उनके घर गई थी। आप ने इसे सीबीआई का छापा बताया है। श्री सिसोदिया के मीडिया सलाहकार अरुणोदय प्रकाश ने ट्वीट कर कहा, ‘‘उप मुख्यमंत्री के घर सीबीआई का छापा पड़ा है। सरकार ‘पिंजरे में बंद तोते’ का इस्तेमाल विरोधियों का मुंह बंद करने के लिए कर रही है। अगर वह यह समझ रही है कि इससे सिसोदिया भयभीत हो जाएंगे और स्कूलों के लिए काम करना बंद कर देंगे तो वे गलती कर रहे हैं, बहुत बड़ी गलती।’’ केजरीवाल सरकार के राजेश गौतम ने कहा कि केंद्र सरकार आप को परेशान करने में लगी है। वह इसके लिए सीबीआई का गलत इस्तेमाल कर रही है। अगर 'टॉक टू एके'के सिलसिले में पूछताछ की जा रही है, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संवाद कार्यक्रम 'मन की बात'की भी जांच होनी चाहिए। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने इस मामले में अप्रत्याशित रूप से आप का पक्ष लेते हुए कहा कि सीबीआई ने अक्टूबर 2015 में डीडीसीए में 400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। इसमें वित्त मंत्री अरुण जेटली भी जांच के घेरे में थे, लेकिन सीबीआई उस मामले को छोड़कर श्री सिसोदिया के यहां छापे मार रही है। केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगा चुके दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने सीबीआई पूछताछ को सही ठहराते हुए कहा कि जांच एजेंसी अभी उप मुख्यमंत्री पर और कई मामलों में भी शिकंजा कस सकती है। इस बीच सीबीआई प्रवक्ता आर के गौड़ ने छापेमारी के अारोप से इन्कार करते हुए कहा है कि उसकी टीम छापा मारने नहीं, बल्कि श्री सिसोदिया से एक मामले से जुड़ी जांच के संबंध में कुछ स्पष्टीकरण लेने गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि श्री सिसोदिया के घर पर न तो कोई छापा मारा गया है और न ही उनके घर की तलाशी ली गई है।

राष्ट्रपति चुनाव पर बात हुयी पर नाम नहीं आया सामने

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नयी दिल्ली 16 जून, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आम सहमति बनाने के लिए सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष के बीच आज बातचीत हुयी लेकिन उम्मीदवार का नाम सामने नहीं अाने से बात आगे नहीं बढ़ सकी। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम सहमति बनाने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा गठित समिति ने आज विपक्षी दलों के नेताओं के साथ इस सिलसिले में बातचीत की प्रक्रिया तेज कर दी । समिति के सदस्यों राजनाथ सिंह तथा एम वेंकैया नायडु ने आज पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी से अलग अलग बातचीत की। इसके बाद श्री नायडू ने इस सिलसिले में बहुजन समाज पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डी राजा तथा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। विपक्ष को उम्मीद थी कि बातचीत में भाजपा नेता राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लियेे कोई नाम सुझाएंगे लेकिन इसके उलट उन्होंने विपक्ष से ही उम्मीदवार का नाम जानने का प्रयास किया। कांग्रेस और माकपा ने इस पर निराशा जताते हुये कहा कि जब नाम ही सामने नहीं आयेगा तो उस पर आम राय कैसे बनेगी। भाजपा नेताओं की श्रीमती गांधी के साथ उनके आवास पर हुई बातचीत में पार्टी के दो वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद तथा मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे। मुलाकात के बाद श्री आजाद और श्री खड़गे ने कहा कि भाजपा नेताओं ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम का खुलासा नहीं किया, बल्कि उन्होंने श्रीमती गांधी से ही उम्मीदवार का नाम जानने का प्रयास किया। कांग्रेस को उम्मीद थी कि भाजपा नेता इस मुलाकात में कोई नाम सुझायेंगे ताकि कांग्रेस अध्यक्ष पार्टी के भीतर तथा अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ उस पर विचार विमर्श कर सकें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस द्वारा सहयोग करने संबंधी सवाल पर श्री आजाद ने कहा कि जब भाजपा की तरफ से कोई नाम ही नहीं सुझाया गया तो फिर सहयोग देने या विचार करने का सवाल ही कहां उठता है।

कश्मीर में आतंकवादी हमले में छह पुलिसकर्मी शहीद

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श्रीनगर, 16 जून, दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले में आज शाम आतंकवादी हमले में एक पुलिस अधिकारी समेत छह पुलिसकर्मी शहीद हो गये। आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैबा ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। आतंकवादी संगठन ने मीडिया के माध्यम से आने वाले दिनों में और ऐसे हमलों की चेतावनी दी है। कश्मीर घाटी में पिछले 24 घंटे में तीन अलग-अलग आतंकवादी हमलों में आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं। पुलिस महानिदेश डॉ. एसपी वैद ने इससे पहले कहा था कि यह आतंकवादियों की निराशा का परिणाम है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अनंतनाग जिले के थाजवारा अचबल में आतंकवादियों ने पुलिस पार्टी को निशाना बनाकर हमला किया। इस हमले छह पुलिसकर्मी शहीद हो गये जिसमें एक सब इंस्पेक्टर फिरोज अहमद शामिल है। इस हमले में एक अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गया।

GST लागू होते ही बदलना होगा दुकान के बाहर लगा बोर्ड

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दिल्ली (किशोर कुमार)अगले 1 जुलाई से सारे भारत वर्ष में सरकार का नया अधिनियम यानि की जी.एस.टी.(गुड्डस सर्विस टैक्स) में कुछ नया प्राविधान किया गया है.। जिसके मुताबिक हरेक पंजीकृत करदाता दुकानदार को अपनी आँफीस,दुकान, माँल, गोदाम, फैक्ट्री, कार्यालय में लगाये गये नाम के पर अपना रजिस्ट्रेंशन न. मतलब कि जी.एस.टी.आई.एन.नम्बर भी लिखना आवश्यक हो जायेगा.। विशेषज्ञों के माने तो जिस -जिस जगह से पंजिकृत करदाता व्यापार करता है उन सभी जगहों, फर्म, कंपनी के नाम के आगे जीएसटीआईएन न. भी लिखना आवश्यक हो गया है.। इस नियम को लागू होते ही तमाम उन लगे नाम के बोर्डों को तुरंत ही बदलना आवश्यक होगा.। अभी तक किसी भी अप्रत्यक्ष कर कानून में बोर्ड पर रजिस्ट्रेशन नम्बर लिखना जरुरी नही था.। लेकिन जीएसटी कानून में अब यह प्राविधान कर दिया गया है.। यही नही सभी व्यापारिक करदाता को आपने आँफिस, दुकान, माँल और कंपनी, कार्यालय ,गोदाम सभी जगहों पर जीएसटी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट न. डिस्पले करके मुख्य प्रवेश जगह पर ही रखना होगा.। जिससे उन सभी पंजिकृत एवं अपंजिकृत व्यापारियों का पहचान कर पाना आसान हो जायेगा.। विशेषज्ञों के मुताबिक इससे कर वुसुली करने वाले अधिकारियों को काफी आसानी हो जायेगी, वही उन व्यापारियों को भी लाभ मिलेगा कि वह सामान पंजिकृत या अपंजिकृत व्यापारी से खरीद रहे है.। क्योंकि इसप्रकार से खरीदे गये माल से जहाँ इनपुट टैक्स क्रेडिट मिल जायेगी ,परंतु अपंजिकृत व्यापारी से खरीदे गये माल पर रिर्वस चार्ज म़े पुनः टैक्स जमा करना पड़ सकता है.। इसमें रेटिंग प्रक्रिया का भी प्रावधान है जिससे करदाता और कर न चुकाने वाले व्यापारियों की पूरी पहचान भी सामने आयेगी.। जिसमें करदाता को कुछ सहुलियत भी मिल सकता है परन्तु जिन्होनें इस कानून का उलंघन किया उन्हें सबक भी सिखाया जा सकता है.।

झरिया में भूमिगत आग से प्रभावित विस्थापितों के लिए विश्वस्तरीय टाउनशिप

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रांची 16 जून, झारंखड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि झरिया में भूमिगत आग से प्रभावित विस्थापितों के लिए धनबाद में सभी सुविधाओं से लैस टाउनशिप का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारम्भ किया जाएगा। श्री दास ने आज यहां कहा कि झरिया में भूमिगत आग से प्रभावित विस्थापितों के लिए बनने वाले इस टाउनशिप में कुल 40 हजार आवास बनाए जाएंगे। टाउनशिप में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, सिवेज ट्रीटमेंट प्लांट, पार्क, विद्यालय, आंगनबाड़ी केन्द्र, कम्युनिटी हॉल इत्यादि होंगे। पाईप वाटर सुविधा के साथ विद्युत सब स्टेशन भी होंगे। उन्होंने कहा कि टाउनशिप के कार्य के साथ-साथ पाईप जलापूर्ति एवं बिजली सब स्टेशन एवं अन्य संबंधित कार्य भी समांतर रूप से किया जायेगा ताकि टाउनशिप के निर्माण होने के बाद लोगों को पाईपवाटर से जलापूर्ति एवं बिजली के लिए इंतजार न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्थापितों के पुनर्वास योजना को बेहतर ढंग से पूरा कराने की सरकार की योजना है। उन्होंने कहा कि प्री-कास्ट कंक्रीट स्लैब के उपयोग से प्रोजेक्ट को जल्द पूरा किया जा सकता है। स्लैब के निर्माण के लिए दो स्थलों पर प्लांट लगाया जा सकता है। साथ ही स्लैब के निर्माण में झारखण्ड के विभिन्न पावर प्लांट के फ्लैग-ऐस का उपयोग कर पर्यावरण को भी स्वच्छ रखा जा सकता है। स्लैब निर्माण के प्लांट में लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

केंद्र के सौतेले व्यवहार से बिहार में मनरेगा मजदूरी दूसरे राज्यों से कम : श्रवण

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पटना 16 जून, बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने केंद्र सरकार पर महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत दी जाने वाली मजदूरी में राज्य के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि योजना के तहत जहां अन्य राज्यों में प्रति व्यक्ति मजदूरी 277 रुपये तक है वहीं बिहार में यह केवल 168 रुपये है। श्री कुमार ने यहां कहा कि केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 में बिहार के मनरेगा मजदूरों के लिए केवल एक रुपये की बढ़ोतरी करते हुए 168 रूपये मजदूरी निर्धारित की है, जो अन्य राज्यों में तय की गई मजदूरी से करीब 100 रुपये कम है। उन्होने बताया कि एक ओर हरियाणा में मनरेगा मजदूरी दर 277 रुपये, चंडीगढ़ में 265 रुपये, केरल में 258 रुपये, गोवा में 240 रुपये, कर्नाटक में 236 रुपये और पंजाब में 233 रुपये निर्धारित की गई है वहीं दूसरी तरपु बिहार जैसे कृषि प्रधान, जनसंख्या बहुल एवं मैदानी राज्य को केवल 168 रुपये दी जा रही है, जो केन्द्र का प्रदेश के साथ सौतेले व्यवहार को दर्शाता है। मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार ने न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948, के तहत इस वर्ष 01 अप्रैल से अकुशल कृषि श्रमिकों के लिए 232 रुपये मजदूरी तय की है। राज्य में मजदूरी का निर्धारण वर्ष में दो बार किया जाता है जबकि केन्द्र सरकार ऐसा केवल साल में एक बार करती है। उन्होंने कहा कि राज्य में निर्धारित मजदूरी एवं केन्द्र सरकार द्वारा तय मजदूरी में भी 64 रुपये का अंतर है, जो निर्धारित मजदूरी के एक तिहाई से भी अधिक है। 


श्री कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने बिहार के मजदूरों को पिछले वर्षों से अपने संसाधन के जरिए अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराते हुए 177 रुपये मजदूरी दे रही है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में निर्धारित मनरेगा मजदूरी की तुलना में बिहार के लिए कम मजदूरी तय करने तथा राज्य सरकार निर्धारित मजदूरी 232 रुपये से भी कम मजदूरी के कारण प्रदेश से मजदूरों के पलायन की संभावना बनी रहती है। मंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में केन्द्र की ओर से निर्धारित मनरेगा मजदूरी के आंकड़ों की जानकारी देते हुए बताया कि गोवा में मनरेगा मजदूरी 240 रुपये, कर्नाटक में 236 रुपये, महाराष्ट्र मे 201 रुपये, उत्तर प्रदेश एवं उतराखंड में 175-175 रुपये तथा मध्य प्रदेश में 172 रुपये है, जिससे बिहार के साथ केन्द्र का व्यवहार परिलक्षित होता है।श्री कुमार ने बताया कि उन्होंने मई 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तथ्यों से अवगत कराते हुए बिहार में मनरेगा मजदूरों के लिए हरियाणा की तरह 277 रुपये अथवा बिहार सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के तहत निर्धारित न्यूनतम मजदूरी 232 रुपये निर्धारित करने का आग्रह किया है, जिससे वर्तमान में मनरेगा मजदूरों को दी जाने वाली मजदूरी एवं कृषि क्षेत्र के अकुशल श्रमिकों को दी जाने वाली मजदूरी के बीच 65 रुपये के अंतर को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि आजतक केन्द्र सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष गुवाहाटी में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में भी अन्य बिन्दुओं के साथ-साथ मनरेगा मजदूरों के लिए समान मजदूरी या राज्य में निर्धारित न्यूनतम मजदूरी के अनुरूप मजदूरी तय करने का सुझाव दिया था। 

झारखंड के शहरी निकाय दो अक्तूबर तक होंगे खुले में शौच से मुक्त : रघुवर

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रांची 16 जून, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य को खुले में शौचमुक्त करने संकल्प दुहराते हुए आज कहा कि सूबे के शहरी निकायों को दो अक्तूबर तक ओ0डी0एफ0 (खुले में शौचमुक्त) कर लिया जायेगा। श्री दास ने आज यहां झारखंड मंत्रालय में केंद्रीय लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण (पी0एच0इ0डी0) सचिव पी0 अय्यर से मुलाकात के दौरान सूबे में हो रहे कार्यो की जानकारी देते हुए कहा कि इसके लिए ओडीएफ के लिए योजनाबद्ध और समयबद्ध कार्यक्रम चलाया जा रहा है। झारखंड के शहरी निकायों को दो अक्तूबर एवं 11 जिलों को शीघ्र ओ0डी0एफ0 कर लिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत साहेबगंज में भी झारखंड ने काफी अच्छा काम किया है। क्षेत्र में पड़नेवाले 78 में से 69 गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया चुका है। वहां जल्द ही गंगा आरती शुरू करने की योजना है। गंगा में गंदा पानी न जाये, इसके लिए काम किया जा रहा है। झारखंड में सी0एस0आर0 फंड से भी शौचालय बनाने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा माइनिंग फंड से पाइपलाइन के द्वारा पानी पहुंचाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। 



बैठक में श्री अय्यर ने स्वच्छ भारत योजना के तहत झारखंड में हो रहे काम की तारीफ की। उन्होंने कहा कि झारखंड में देश के दूसरे राज्यों की तुलना में काफी बेहतर काम हो रहा है। यहां शौचालय निर्माण के लिए नये-नये तरीके से पैसा जुटाया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा झारखंड को इस कार्य के लिए और भी राशि दी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा खर्च की गई राशि को भी केन्द्र सरकार देने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत गंगा के नजदीक आदर्श गंगा ग्राम बनाना है। झारखंड इसमें भी अग्रणी भूमिका निभा सकता है। इसके तहत गांव में ही लिक्विड वाटर मैनेजमेंट, ड्रेनेज आदि की सुविधा रहेगी। गांव में शौचालय समेत अन्य सुविधाएं मुहैया करायी जायेंगी। सचिव ने कहा कि शौचालयों में ट्वीन पिट तकनीक का इस्तेमाल करने की जरूरत है। इससे लोगों को एक साल के भीतर खाद भी मिल जायेगी। इस योजना में शौचालय में दो गड्ढे बनाये जाते हैं। एक गड्ढा भर जाने पर दूसरा गड्ढा शौचालय के लिए काम आयेगा। भरा हुआ गड्ढा एक साल के भीतर सेल्फ ट्रिटमेंट प्लांट के रूप में काम करते हुए वेस्टेज को खाद के रूप में परिवर्तित कर देगा। श्री अय्यर ने स्वच्छ भारत अभियान को प्रेरित करती बॉलीवुड फिल्म ‘टायलेट प्रेम कथा’ को टैक्स फ्री करने के संबंध में वार्ता की। मुख्यमंत्री श्री दास ने इसपर सहमति व्यक्त की। मुख्मयंत्री ने कहा कि इस फिल्म से लोगों को प्रेरणा मिलेगी। दो अक्तूबर के बाद इस फिल्म को मोबाइल वैन के माध्यम से झारखंड के गांवों में दिखाने पर विचार किया जा रहा है। वहीं झारगोव टीवी के माध्यम से इसे सभी मुखिया को भी दिखाया जायेगा। बैठक में मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, स्वच्छ भारत मिशन के निदेशक राजेश कुमार शर्मा भी उपस्थित थे। 

प्रश्न पूछना यदि किसी का अधिकार, तो उत्तर देना या नहीं देना दूसरे का : लालू

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पटना 16 जून, राष्ट्रीय जनता दल(राजद)अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव ने एक निजी समाचार चैनल के पत्रकार के सवाल का जवाब नहीं देने के मुद्दे पर जारी बहस के बीच आज स्पष्ट किया कि जिस तरह प्रश्न पूछने का किसी को अधिकार है, उसी तरह सवाल का जवाब देना या नहीं देना दूसरे का अधिकार है। श्री यादव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा, “प्रश्न पूछना किसी का अधिकार है। ठीक उसी तरह ‘उत्तर’ देना या नहीं देना किसी दूसरे का।” एक अन्य ट्वीट में राजद सुप्रीमो ने मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा, “लालू मीडिया की वजह से नहीं, मीडिया लालू की वजह से है। उन्हें (मीडिया) मेरा शुक्रगुज़ार होना चाहिए जो बेरोज़गारी के दौर में उन्हें रोज़ी-रोटी दे रखी है। इससे पूर्व सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर बिहार के उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव ने दिल की बात श्रृंखला के तहत लिखे पोस्ट में मीडिया को अपने पिता के खिलाफ दुष्प्रचार से बाज आने की नसीहत देते हुए कहा था कि लालू परिवार के कारण ही मीडिया का रोजगार चल रहा है।

नीतीश की नई पहल, कृषि रोडमैप बनाने के लिए किसानों से की सीधी बातचीत

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पटना 16 जून, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में विभिन्न मांग को लेकर हुये किसान आंदोलन के बीच आज बिहार के मुख्मयंत्री नीतीश कुमार ने नई पहल करते हुये राज्य का कृषि रोडमैप (वर्ष 2017-22) तैयार करने के लिए किसानों से सीधी बातचीत की। श्री कुमार ने राजधानी पटना के नवनिर्मित ज्ञान भवन के अशोका कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किसान समागम में कृषि रोडमैप तैयार करने के लिए किसानों की ओर से दी गई सुझाव को गंभीरता से सुना और इसके बाद किसानों के साथ जमीन पर बैठकर भोजन भी किया। मुख्यमंत्री ने समागम को संबोधित करते हुये कहा, “राज्य में कृषि और किसान सरकार की प्राथमिकता है और किसानों की आमदनी में वृद्धि करना हमारा लक्ष्य है। हमने नीति निर्धारण किया है कि किसान की आमदनी बढ़ायी जाये। इस प्रकार के समागम के आयोजन से काफी लाभ होता है। कृषि समागम में किसानों ने कई अच्छे सुझाव दिये हैं जिनपर निश्चित तौर पर गौर किया जायेगा।” 


श्री कुमार ने कहा कि राज्य के 76 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर हैं। कृषि प्रधान राज्य होने के बावजूद बिहार की स्थिति खराब है। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों के साथ ही कृषि से संबंधित क्षेत्रों का भी विकास होना चाहिए। किसानों की आमदनी में वृद्धि करना सरकार का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने शराबबंदी की चर्चा करते हुए कहा कि शराबबंदी से समाज में व्यापक बदलाव आया है। शराबबंदी से एक तरफ जहां अपराध एवं सड़क दुर्घटनाओं में कमी आई है। वहीं, दूसरी ओर उपभोक्ता वस्तुओं जैसे दूध, फर्नीचर, मिठाई, कपड़ों की बिक्री में वृद्धि हुई है। पहले जो लोग शराब में अपना पैसा गंवाते थे, शराबबंदी के बाद उनका पैसा बच रहा है और लोग इन पैसों का उपयोग अपने जीवन की बेहतरी के लिए कर रहे हैं। श्री कुमार ने कहा, “प्रदेश में शराबबंदी से पूर्व लोग शराब पीकर आते थे और झगड़ा-झंझट करते थे। लेकिन, शराब की बिक्री बंद होने के बाद घर का माहौल बेहतर हो गया है। राज्य अब शराबबंदी से नशामुक्ति की ओर बढ़ रहा है। हमें नशामुक्त समाज बनाना है। यदि समाज नशामुक्त होगा तो बिहार को आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।” उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री श्री कुमार ने कहा था कि किसानों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार को और भी बेहतर व्यवस्था करने की जरूरत है। 

राष्ट्रपति चुनाव:राजनाथ और वेंकैया ने की विपक्षी नेताओं से मुलाकात

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नयी दिल्ली,16 जून, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह एवं वेंकैया नायडू ने आज राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी(भाकपा) के नेता एस सुधाकर रेड्डी एवं डी राजा और जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के नेता शरद यादव से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार भाजपा के नेताओं ने समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव और नरेश अग्रवाल से भी मुलाकात की। इससे पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर केंद्रीय मंत्रियों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी(माकपा) के नेताओं सीताराम येचुरी, प्रकाश करात और वृंदा करात से भी मुलाकात की थी। हालांकि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने कहा है कि बिना उम्मीदवार की घोषणा किए बगैर राष्ट्रपति चुनाव के लिए आम सहमति बनाना संभव नहीं है। सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं ने आज भाजपा के दो वरिष्ठ नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी और डां मुरली मनोहर जोशी से भी मुलाकात की। हालांकि भाजपा के सूत्रों ने यह नहीं बताया कि भाजपा नेताओं ने आपस में किस संबंध में चर्चा की। 

विशेष : फिजाओं में आज भी गूंजती है हेमंत कुमार के संगीत की खुशबू

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मुंबई, 16 जून, फिल्म जगत को अपनी मधुर संगीत लहरियों से सजाने और संवारने वाले महान संगीतकार और पार्श्व गायक हेमंत कुमार मुखोपाध्याय उर्फ हेमंत दा के गीत आज भी फिजा में गूंजते हुए महसूस होते हैं। बनारस में 16 जून 1920 को जन्में हेमंत कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कलकत्ता के मित्रा इंस्टीट्यूट से पूरी की। इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद हेमंत कुमार ने जादवपुर विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग में दाखिला ले लिया। लेकिन कुछ समय बाद हेमंत कुमार ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ दी क्योंकि उस समय उनका रूझान संगीत की ओर हो गया था और वह संगीतकार बनना चाहते थे। इस बीच हेमंत कुमार ने साहित्य जगत में भी अपनी पहचान बनानी चाही और एक बंगाली पत्रिका ‘देश’ में उनकी एक कहानी भी प्रकाशित हुयी। लेकिन वर्ष 1930 के अंत तक हेमंत कुमार ने अपना पूरा ध्यान संगीत की ओर लगाना शुरू कर दिया। अपने बचपन के मित्र सुभाष की सहायता से वर्ष 1930 में हेमंत कुमार को आकाशवाणी के लिये अपना पहला बंगला गीत गाने का मौका मिला। हेमंत कुमार ने संगीत की अपनी प्रारंभिक शिक्षा एक बंगला संगीतकार शैलेश दत्त गुप्ता से ली। हेमंत कुमार ने उस्ताद फैयाज खान से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा भी ली। वर्ष 1937 में शैलेश दत्त गुप्ता के संगीत निर्देशन में एक विदेशी संगीत कंपनी कोलंबिया लेबल के लिये हेमंत कुमार ने गैर फिल्मी गीत गाये। इसके बाद हेमंत कुमार ने लगभग हर वर्ष ग्रामोफोनिक कंपनी ऑफ इंडिया के लिये अपनी आवाज दी। ग्रामोफोनिक कंपनी के लिये ही 1940 में कमल दास गुप्ता के संगीत निर्देशन में हेमंत कुमार को अपना पहला हिंदी गाना ‘कितना दुख भुलाया तुमने’ गाने का मौका मिला जबकि वर्ष 1941 में प्रदर्शित एक बंगला फिल्म के लिये हेमंत कुमार ने अपनी आवाज दी।


वर्ष 1944 में एक गैर फिल्मी बंगला गीत के लिये हेमंत कुमार ने संगीत दिया। इसी वर्ष पंडित अमरनाथ के संगीत निर्देशन में उन्हें अपनी पहली हिंदी फिल्म ‘इरादा’ में गाने का मौका मिला। इसके साथ ही वर्ष 1944 में रवीन्द्र नाथ ठाकुर के रवीन्द्र संगीत के लिये हेमंत कुमार ने कोलंबिया लेबल कंपनी के लिये गाने रिकार्ड किये। वर्ष 1947 में बंगला फिल्म ‘अभियात्री’ के लिये बतौर संगीतकार काम किया। इस बीच हेमंत कुमार भारतीय जन नाट्य संघ ‘इप्टा’ के सक्रिय सदस्य के रूप में काम करने लगे। धीरे-धीरे हेमंत कुमार बंगला फिल्मों में बतौर संगीतकार अपनी पहचान बनाते चले गये। इस दौरान हेमंत कुमार ने कई बंगला फिल्मों के लिये संगीत दिया जिनमें हेमेन गुप्ता निर्देशित कई फिल्में शामिल हैं। कुछ समय के बाद हेमेन गुप्ता मुंबई आ गये और उन्होंने हेमंत कुमार को भी मुंबई आने का न्यौता दिया। वर्ष 1951 में फिल्मीस्तान के बैनर तले बनने वाली अपनी पहली हिन्दी फिल्म ‘आनंदमठ’ के लिये हेमेन गुप्ता ने हेमंत कुमार से संगीत देने की पेशकश की। फिल्म ‘आनंदमठ’ की सफलता के बाद हेमंत कुमार बतौर संगीतकार फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गये। फिल्म ‘आनंदमठ’ में लता मंगेश्कर की आवाज में गाया हुआ वंदे मातरम आज भी श्रोताओं को भावावेश में ला देता है।
                        
वर्ष 1954 में हेमंत कुमार के संगीत से सजी फिल्म ‘नागिन’ की सफलता के बाद हेमंत कुमार सफलता के शिखर पर पहुंच गये। फिल्म ‘नागिन’ का एक गीत ‘मन डोले मेरा तन डोले’ आज भी श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय है। इस फिल्म के लिये हेमंत कुमार सर्वश्रेष्ठ संगीतकार के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये। वर्ष 1959 में हेमंत कुमार ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रखा और हेमंता बेला प्रोडक्शन नाम की फिल्म कंपनी की स्थापना की जिसके बैनर तले मृणाल सेन के निर्देशन में एक बंगला फिल्म ‘नील आकाशेर नीचे’ का निर्माण किया । इस फिल्म को प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल दिया गया। इसके बाद हेमंत कुमार ने अपने बैनर तले बीस साल बाद ‘कोहरा’,‘बीबी और मकान’,‘फरार’, ‘राहगीर’ और ‘खामोशी’ जैसी कई हिन्दी फिल्मों का भी निर्माण किया। वर्ष 1971 में हेमंत कुमार ने एक बंगला फिल्म ‘आनंदिता’ का निर्देशन भी किया लेकिन यह फिल्म बॉक्स आफिस पर बुरी तरह से नकार दी गयी। वर्ष 1979 में हेमंत कुमार ने चालीस और पचास के दशक में सलिल चौधरी के संगीत निर्देशन में गाये गानों को दोबारा रिकार्ड कराया और उसे ‘लीजेंड ऑफ ग्लोरी -2’ के रूप में जारी किया और यह एलबम काफी सफल भी रही। वर्ष 1989 मे हेमंत कुमार बंगलादेश के ढाका शहर में माइकल मधुसूधन अवार्ड लेने गये जहां उन्होंने एक संगीत समारोह मे हिस्सा भी लिया। समारोह की समाप्ति के बाद भारत लौटने के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा। जिसके बाद हेमंत कुमार 26 सितम्बर 1989 को इस दुनिया को अलविदा कह गये।

विशेष आलेख : तम्बाकू के 'सादे पैकेट'पर चित्रमय चेतावनी क्यों है अधिक प्रभावकारी?

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सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003 के तहत तम्बाकू उत्पाद के पैकेट पर, चित्रमय चेतावनी 1 जून 2009 से भारत में लागू हो पायी. पर इतना पर्याप्त नहीं है क्योंकि तम्बाकू महामारी पर अंकुश लगाये बिना असामयिक मृत्यु दर कम हो नहीं सकता. अब भारत को जन स्वास्थ्य के लिए, एक बड़ा कदम लेने की जरुरत है जो अनेक देशों में लागू है और तम्बाकू नियंत्रण में कारगर सिद्ध हुआ है: 'प्लेन पैकेजिंग'या सादे तम्बाकू पैकेट पर अधिक प्रभावकारी और बड़ी चित्रमय चेतावनी की नीति अब भारत में भी पारित होनी चाहिए. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एकाकार गाढ़े भूरे रंग के अनाकर्षक तम्बाकू पैकेट ('प्लेन पैकेजिंग'या सादे पैकेट) पर बड़ी और प्रभावकारी चित्रमय चेतावनी ज्यादा असरकारी होती है. आशा परिवार के स्वास्थ्य को वोट अभियान के समन्वयक राहुल द्विवेदी ने कहा कि 'प्लेन पैकेजिंग'या सादे पैकेट पर, कोई ब्रांड, ब्रांड सम्बंधित छवि या शब्द आदि, कॉर्पोरेट 'लोगो'या ट्रेडमार्क आदि छापने की अनुमति नहीं होती है. हर तम्बाकू कंपनी को ब्रांड का नाम सामान्य 'फॉण्ट साइज़'में एक ही जगह पर लिखना पड़ता है. ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, इंग्लैंड, आयरलैंड, नॉर्वे, हंगरी, स्लोवेनिया, स्वीडन, फ़िनलैंड, कनाडा, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, बेल्जियम, दक्षिण अफ्रीका आदि देशों में 'प्लेन पैकेजिंग'या सादे पैकेट वाला कानून लागू है, या विचारणीय है.


विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक द्वारा पुरुस्कृत और वरिष्ठ सर्जन प्रोफेसर (डॉ) रमा कान्त ने कहा कि तम्बाकू उत्पाद पर चित्रमय चेतावनी जन स्वास्थ्य के लिए अधिक प्रभावकारी होती हैं। वैश्विक तम्बाकू नियंत्रण संधि (WHO FCTC) को पारित कर के भी 180 से अधिक देशों ने यह वादा किया है कि चित्रमय चेतावनी और व्यापक तम्बाकू नियंत्रण नीतियों को लागू किया जाएगा। सीएनएस (सिटीजन न्यूज़ सर्विस) की प्रधान संपादिका शोभा शुक्ला ने बताया कि प्लेन पैकिजिंग या सादे पैकेट पर चित्रमय चेतावनी अनेक देशों में लागू हो चुकी है: तम्बाकू पैकेट एकाकार गाढ़े भूरे रंग के होते हैं और अत्यधिक बड़ी चित्रमय चेतावनी पैकेट के आगे-पीछे दोनों भाग पर होती है। इसकी विशेषता यह है कि पैकेट पर कोई भी ब्राण्ड डिज़ाइन आदि नहीं हो सकती और चेतावनी साफ़ नज़र आती है। तम्बाकू उद्योग ब्राण्ड, डिज़ाइन, विज्ञापन आदि के ज़रिए पॉकेट को आकर्षित बनाता आया है। इसलिए प्लेन पैकिजिंग के ज़रिए तम्बाकू उद्योग की भ्रामक और धूर्त बाज़ार नीति को झटका लगता है।

न्यूजीलैंड में मजबूत प्लेन पैकेजिंग कानून पारित

हाल ही में न्यूज़ीलैंड ने प्लेन पैकिजिंग (या सादे पैकेट पर चित्रमय चेतावनी) पर, दुनिया का अब तक का सबसे सख़्त और मजबूत क़ानून बनाया। निर्माता या आयातकर्ता को 14 मार्च 2018 से प्लेन पैकिजिंग लागू करनी होगी और विक्रयकर्ता को 12 हफ़्ते बाद 6 जून 2018 से प्लेन पैकिजिंग लागू करनी होगी।  न्यूज़ीलैंड में नई चित्रमय चेतावनी भी लागू होगी जिससे कि हर तम्बाकू उत्पाद पैकेट के सामने वाले भाग के 75% जगह पर चित्रमय चेतावनी हो और पीछे वाले भाग के 100% जगह पर चित्रमय चेतावनी प्रकाशित हो। ऑस्ट्रेलिया ने प्लेन पैकिजिंग को 1 अक्टूबर 2012 से लागू किया। 1 अक्टूबर 2012 से निर्मित हुए तम्बाकू उत्पाद पर प्लेन पैकिजिंग क़ानूनी रूप से ज़रूरी हुई और 1 दिसम्बर 2012 से ऑस्ट्रेलिया में बिकने वाले हर तम्बाकू उत्पाद पर प्लेन पैकिजिंग क़ानूनी रूप से लागू की गयी। ऑस्ट्रेलिया ने जब प्लेन पैकिजिंग या सादे पैकेट पर चित्रमय चेतावनी लागू की तो उसको तम्बाकू उद्योग के भीषण प्रतिरोध का सामना करना पड़ा पर अंतत: ऑस्ट्रेलिया सरकार और जन स्वास्थ्य की जीत हुई। तम्बाकू उद्योग ने ऑस्ट्रेलिया की प्लेन पैकिजिंग नीति में कमियाँ ढूँढ कर अपने बाज़ार और मुनाफ़े को बचाने का असफल प्रयास किया। न्यूज़ीलैंड ने इन कमियों को दूर कर सख़्त क़ानून बनाया।


न्यूज़ीलैंड के प्लेन पैकिजिंग क़ानून की चंद ख़ास बातें:
* तम्बाकू ब्राण्ड का नाम सिर्फ़ एक लाइन में प्रकाशित हो, 50 मिलीमीटर से अधिक लम्बा न हो और 14 'फ़ॉंट साइज़'से अधिक इस्तेमाल न हो
* ब्राण्ड के साथ 'टैग लाइन'या विविधता/ विशेषता ('लाइट', 'स्लिम'आदि) सिर्फ़ एक लाइन में प्रकाशित हो, 35 मिलीमीटर से अधिक लम्बा न हो और 'फ़ॉंट साइज़ 10'से अधिक उसको प्रकाशित करने में उपयोग न हो
* सिगरेट की लम्बाई 7 मिलीमीटर से कम न हो और उसका व्यास (diameter) 9 मिलीमीटर से अधिक न हो
* सिगरेट पैकेट में सिर्फ़ 20 या 25 सिगरेट ही हो

भारत समेत अन्य देश जहाँ पर प्लेन पैकिजिंग क़ानून अभी नहीं पारित हुआ है उनको न्यूज़ीलैंड से अधिक मज़बूत क़ानून बनाना चाहिए। न्यूज़ीलैंड से अधिक सख़्त प्लेन पैकिजिंग क़ानून में यह सुझाव भी शामिल हो सकते हैं जिससे कि तम्बाकू महामारी पर मजबूती से अंकुश लग सके:

* तम्बाकू पैकेट के साथ साथ अंदर सिगरेट आदि का रंग भी एकाकार गाढ़ा भूरा रंग हो
* खुली तम्बाकू, सिगरेट के छोटे पैकेट या 1 सिगरेट की खुली बिक्री पर सख़्त नियंत्रण या रोक लगे

सरकार कैसे करेगी राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के वादे पूरे? 
भारत समेत 190 से अधिक देशों की सरकारों ने सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals/ SDGs) को पारित कर यह वादा किया है कि ग़ैर संक्रमण रोगों से होने वाली असामयिक मृत्यु दर, 2025 तक 25% और 2030 तक एक तिहाई कम होगा। भारत सरकार की हाल ही में पारित राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 का भी वादा है कि गैर संक्रामक रोगों से होने वाली असामयिक मृत्यु दर 2025 तक 25% कम होगा. चूँकि तम्बाकू सेवन जानलेवा गैर संक्रामक रोगों का खतरा अनेक गुना बढ़ाता है, बिना सख्त तम्बाकू नियंत्रण के असामयिक मृत्यु दर कम कैसे होगा?

सीएनएस अध्यक्ष और लोरेटो कान्वेंट की पूर्व वरिष्ठ शिक्षिका शोभा शुक्ला ने कहा कि "तम्बाकू सेवन में जब तक गिरावट नहीं आएगी, जब तक तम्बाकू सेवन शुरू करने वालों की संख्या शून्य नहीं होगी और तम्बाकू व्यसनी नशा मुक्त नहीं होंगे, तब तक तम्बाकू जनित हृदय रोग, पक्षाघात, कैंसर, दीर्घकालिक श्वास रोग, आदि के दर में कमी कैसे आएगी? यदि गैर संक्रामक रोगों के असामयिक मृत्यु दर में गिरावट लानी है तो तम्बाकू नियंत्रण एक अनिवार्य जन स्वास्थ्य कदम है. स्वास्थ्य को वोट अभियान, आशा परिवार और सीएनएस ने भारत सरकार से अपील की कि प्लेन पैकिजिंग या सादे पैकेट पर चित्रमय चेतावनी कानून पारित पर दक्षिण एशिया में भारत एक अनुकर्णीय मिसाल स्थापित करे.



बाबी रमाकांत, सीएनएस (सिटीजन न्यूज़ सर्विस)
(बाबी रमाकांत, विश्व स्वास्थ्य संगठन महानिदेशक द्वारा पुरुस्कृत, सीएनएस (सिटीजन न्यूज़ सर्विस) के स्वास्थ्य संपादक और नीति निदेशक हैं.

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 17 जून

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ग्रामीणों की समस्याआंे को सुना राज्यमंत्री ने प्रवेशोत्सव आयोजन में शामिल हुए

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उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) वन, राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने आज शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र में दो स्थलों पर जनसुनवाई के माध्यम से ग्रामीणजनों से रू-ब-रू हुए और उनकी व्यक्तिगत, सार्वजनिक समस्याओं को सुनने के उपरांत निराकरण कारगर पहल उनके द्वारा कराई गई है। राज्यमंत्री श्री मीणा शमशाबाद के हाई स्कूल परिसर में आयोजित प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में भी शामिल हुए यहां उन्होंने नवप्रवेशीय बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया और उन्हें पाठ्यपुस्तकें प्रदाय की। कार्यक्रम के दौरान श्री मीणा ने कहा कि मध्यप्रदेश का हर बच्चा शिक्षित हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे है। पहले की अपेक्षा अब स्कूलों की संख्याओं में वृद्वि की गई है ताकि गांव में ही बच्चों को प्राथमिक शिक्षा की प्राप्ति सुगमता से हो सकें। शिक्षा के प्रति बच्चों का रूझान बढे इसके लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। प्रदेश में बारहवीं तक की शिक्षा पूर्ण निःशुल्क मुहैया कराई जा रही है वही बारहवीं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा का भी खर्च सरकार वहन करेंगी। राज्यमंत्री श्री मीणा ने बच्चों के अभिभावकों से कहा कि वे अपने बच्चों को हर रोज स्कूल जरूर भेजे। शासकीय स्कूलों में भी शैक्षणिक सुधार परलिक्षित हो रहे है। राज्य की बोर्ड परीक्षाओं में अधिकांश बच्चे ग्रामीण् क्षेत्रो के ही मैरिट में है। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे पूरा ध्यान पढ़ाई में लगाए। इससे पहले जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल चले हम अभियान के उद्वेश्यों को रेखांकित किया। कार्यक्रम स्थल पर डीपीसी श्री सुरेश खाण्डेकर समेत अन्य अधिकारी व विद्यालयीन शिक्षकगण तथा बच्चे मौजूद थे। नटेरन के जनपद पंचायत सभागार कक्ष में राज्यमंत्री द्वारा आहूत की गई जनसुनवाई कार्यक्रम में अधिकांश आवेदन खाद, बीज की उपलब्धता के प्राप्त हुए। ततसंबंध में कृषि विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश राज्यमंत्री द्वारा दिए गए है उन्होंने कहा कि क्षेत्र में खाद, बीज के वितरण में किसी भी प्रकार का संकट ना आए के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित किए जाए। बीपीएल सूची में नाम जोडे जाने के आवेदनों के मामले में एसडीएम श्री मकसूद अहमद ने आवेदकों को अवगत कराया कि परीक्षण के उपरांत सुपात्रों के नाम बीपीएल सूची में जोडे जाने की कार्यवाही की जाएगी। राज्यमंत्री श्री मीणा ने ग्राम गुरोद मंे नदी के पास के मंदिर के समीप चबूतरा निर्माण हेतु एक लाख रूपए, ग्राम खैरई की हनुमान मंदिर समिति को सोलह हजार रूपए राशि के चेक विधायकनिधि से स्वीकृति के उपरांत प्रदाय किए। इसी प्रकार शमशाबाद के फाॅरेस्ट रेस्ट हाउस मंे भी राज्यमंत्री द्वारा जनसुनवाई के माध्यम से आमजनों की समस्याओं को सुना। यहां मुख्यतः वन भूमि पर काबिज ने भू-अधिकार पत्र दिलाए जाने, बीपीएल सूची में नाम जोडे़ जाने के अलावा व्यक्तिगत कार्यो हेेतु आर्थिक सहायता मुहैया कराए जाने के प्राप्त हुए थे। राज्यमंत्री श्री मीणा ने प्राप्त कुल 48 आवेदनों पर संबंधित विभागों के अधिकारियों को कार्यवाही कर आगामी जनसुनवाई में निराकरण से अवगत कराने के निर्देश दिए है। जनसुनवाई के दौरान एसडीएम श्री आरडीएस अग्निवंशी, तहसीलदार श्री इसरार खान समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, ग्रामीणजन मौजूद थे।


जिले में अब तक 67 मिमी औसत वर्षा दर्ज हुई

जिले के तहसील कार्यालयों में स्थापित वर्षामापी यंत्रो पर शनिवार की प्रातः आठ बजे दर्ज की गई वर्षा की जानकारी देते हुए अधीक्षक भू-अभिलेख श्रीमती सविता पटेल ने बताया कि शनिवार को जिले में 15.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है जबकि एक जून से आज दिनांक 17 जून तक 67 मिमी औसत वर्षा हो चुकी है। उक्त अवधि में गतवर्ष 4.9 मिमी औसत वर्षा हुई थी। शनिवार की प्रातः जिन तहसीलों में वर्षा दर्ज की गई उनमें विदिशा में 39.1 मिमी, कुरवाई में 5.8 मिमी, सिरोंज में 18 मिमी, लटेरी मंे पांच मिमी, ग्यारसपुर में में एक मिमी, गुलाबगंज में 35 मिमी, नटेरन में 18 मिमी वर्षा दर्ज की गई है जबकि बासौदा में वर्षा नगण्य रही। 

मानोरा मेला तैयारियों की समीक्षा आज

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी के द्वारा मानोरा मेला के आयोजन पूर्व की जाने वाली तैयारियों को अंतिम रूप देने के उद्वेश्य से समीक्षा बैठक रविवार 18 जून को मानोरा के सामुदायिक भवन मंें प्रातः 11 बजे से आयोजित की गई है कि जानकारी देते हुए मेला के नोड्ल अधिकारी एवं एसडीएम श्री मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि कलेक्टर महोदय द्वारा पूर्व में की गई समीक्षा में जिन-जिन विभागों को जो-जो जिम्मेदारियां सौपी गई थी उनका क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति से अवगत होने के उद्वेश्य से उक्त बैठक आयोजित की गई है। मेला नोड्ल अधिकारी ने समस्त विभागों के जिलाधिकारियों, खण्ड स्तरीय अधिकारियों से कहा कि विभगीय तैयारियों की समुचित जानकारियों सहित बैठक में उपस्थित हो। 


उपार्जन केन्द्र पर आज 13 क्ंिवटल मूंग की खरीदी हुई

राज्य सरकार द्वारा दलहन फसलों के उपार्जन कार्य हेतु समर्थन मूल्य जारी किया गया है जिसमें प्रत्येक दलहन जिन्स के लिए बोनस राशि 425 रूपए प्रति क्ंिवटल के मान से समर्थन मूल्य में शामिल है। जिले में समर्थन मूल्य पर दलहनी फसलों का खरीदी कार्य तीस जून तक विपणन सहकारी संस्थाओं के माध्यम से किया जाएगा। जिला विपणन अधिकारी श्री नीरज भार्गव ने बताया कि विदिशा कृषि उपज मंडी में आज शनिवार को एक किसान के द्वारा समर्थन मूल्य पर 13 क्ंिवटल मूंग एफएक्यू क्वालिटी की बिक्री की गई है। दलहनी फसलों का उपार्जन कार्य हेतु एफएक्यू क्वालिटी के संबंध में जारी किए गए निर्देशों का हवाला देते हुए श्री भार्गव ने बताया कि नमी 12 प्रतिशत, अन्य दाले तीन प्रतिशत, सुकडा हुआ तीन प्रतिशत, घुन एवं टूटा हुआ क्रमशः चार-चार प्रतिशत, आंशिक क्षति तीन प्रतिशत, बाह्य पदार्थ दो प्रतिशत होने तक समर्थन मूल्य पर क्रय करने हेतु उपार्जन केन्द्रों को निर्देश प्रसारित किए जा चुके है। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी के द्वारा जिले मे समर्थन मूल्य पर दलहनी फसलों का उपार्जन कार्य सुव्यवस्थित रूप से सम्पन्न हो इसके लिए उनके द्वारा नोड्ल अधिकारी भी नियुक्त किए गए है अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा को समस्त खरीदी कार्य का संचालन मार्गदर्शन एवं पर्यवेक्षण का दायित्व सौंपा गया है। कलेक्टर श्री सुचारी के द्वारा जिला स्तरीय निगरानी समिति का भी गठन किया गया है। अपर कलेक्टर को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है इसके अलावा सात अन्य सदस्यों को भी शामिल किया गया है। इसी प्रकार खरीदी केन्द्रों में गुणवत्ता हेतु आकस्मिक निरीक्षण के लिए कलेक्टर द्वारा अनुविभाग स्तर पर निरीक्षण दल भी गठित किए गए है। जिला आपूर्ति अधिकारी श्री मोहन मारू ने बताया कि जिले में समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी कार्य विदिशा और बासौदा की कृषि उपज मंडी मंे किया जाएगा। मंूग का समर्थन मूल्य 5225 रूपए प्रति क्ंिवटल है। उड़द खरीदी कार्य बासौदा की कृषि उपज मंडी में ही होगा। उडद का समर्थन मूल्य पांच हजार रूपए प्रति क्ंिवटल घोषित किया गया है इसी प्रकार अरहर (तूअर) खरीदी कार्य शमशाबाद कृषि उपज मंडी में किया जाएगा। अरहर का समर्थन मूल्य पांच हजार पचास रूपए है।

प्रसंग वश - किसान आंदोलन और मेरे कुछ सवाल हैं ?

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किसान आंदोलन के बाद मेरे जे़हन में कई सवाल उठ खड़े हुए। प्रदेश में एक इतनी गंभीर घटना को किस तरह सरकार ने देखा, समझा और एक्ट किया। यूं तो मुख्यमंत्री हादसों, आपदाओं को भुनाने में कभी पीछे नहीं रहे इस बार कहां चूके, क्यों चूके और क्या सोच थी। यह इस प्रदेश को जानना बेहद जरूरी है। इसलिए भी क्योंकि पिछले 2005 से मुख्यमंत्री और भाजपा निरंतर प्रदेश की जनता को सब्जबाग दिखा रहे थे। देखो, मध्यप्रदेश कितना स्वर्णिम बन गया। 2003 के पहले का बार-बार डर दिखाकर भाजपा और शिवराज जनता को यही बताते रहे कि देखो हम कहां से कहां आ गए। अब ये और बात है कि भाजपा इस बदलाव का असली सच नहीं बता पा रही है और कांग्रेस का सच निरंतर दबाया जाता रहा। बिजली, सिंचाई, सड़क क्यों बनी इसकी तह में आप जाएंगे तो शायद जनता को यह पता चले कि यह सब तो कांग्रेस की ही देन है। बिजली  उत्पादन का ही लें भाजपा अपने शासनकाल में यह उत्पादन करने का दावा करती है। वह यह सच बताने से परहेज करती है कि इन संयंत्रों के निर्माण का काम तो कांग्रेस शासन में ही शुरू हुआ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री 2003 के पहले कहा करते थे कि 2007-08 के बाद मध्यप्रदेश जो छत्तीसगढ़ बनने के बाद बिजली के मामले में पिछड़ गया वह आत्मनिर्भर हो जाएगा। पर हम आत्मनिर्भर होने में लेट क्यों हुए? इसकी भी कहानी है क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो 22 हजार करोड़ की बगैर टेंडर की बिजली खरीदी कैसे हो पाती। सड़क लें, सड़कों के निर्माण की बात करें। ग्रामीण सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण का पैसा कहाँ से आया। आम आदमी को यही बताया जाएगा कि यह मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना और बी.आर.टी.एस. के जरिए है। पर यहां आपको पता चले कि गांव-गांव में आज जो सड़कें हैं वे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की वजह से ही है। यह जरूर है कि इस योजना में सेंध लगाकर मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना बना ली, पैसा वही, नाम हमारा। प्रधानमंत्री सड़क योजना में प्रदेश को यू.पी.ए. शासन में कितना पैसा मिला, यह सच अगर  बता दे तो लोग जान जाएंगे कि यह भी कांग्रेस की ही देन है। सिंचाई को लें, सिंचाई परियोजनाएं क्या एक दिन में बनने वाली योजना है। ये परियोजनाएं भी कांग्रेस शासन काल में चालू की गई थी। जिसका दावा यह करते हैं कि साढ़े सात लाख से बढ़ाकर 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कर दी। हालांकि यह पूरा सच नहीं है। इसमें भी तकनीकी तौर पर किस तरह का गोरखधंधा सरकार ने किया है यह सच शिवराज जी नहीं बताएंगें। फिर मनरेगा, ग्रामीण स्वास्थ्य, शहरी आवास, शहरों का सौंदर्यीकरण आदि तमाम योजना है जो तत्कालीन यू.पी.ए. सरकार की थी। आज अस्पतालों में जो मुफ्त दवाइयां मिल रही हैं यह क्या सरकार अपने बजट से करा रही है। यही सच बताया जा रहा है। पर ये झूठ है। यह योजना यू.पी.ए. सरकार की है। हाकर्स कार्नर क्या शहरी गरीबों को आवास देने का मामला है। यह सब यू.पी.ए. सरकार की ही देन है। आज जिस तरह केंद्र की योजनाओं का प्रचार प्रसार राज्य सरकार अपने बजट से कर रही है वैसा उसने कभी यू.पी.ए. सरकार के टाइम पर क्यों नहीं किया।  इसलिए कि फिर क्रेडिट कांग्रेस सरकार को मिलता। इस दौरान उन्हें केंद्र से कितना पैसा मिला और पिछले 3 साल में मोदीराज में कितना मिला। यह सच भाजपा सरकार बता दें। 


पर मैं ये बातें प्रसंगवश कर रहा था। क्योंकि आज जो आक्रोश किसानों के बीच फूटा है इसको लेकर जो झूठ 10-12 साल से मुख्यमंत्री बोल रहे थे यही हालात हर क्षेत्र में है। इसमें चूंकि किसान स्वयं भुगत रहा था और उसके सामने जीवन के अस्तित्व का सवाल आ खड़ा हुआ इसलिए वह गुस्सा उबलकर सामने आ गया। उसके बाद सरकार के मंत्रियों और नेताओं के बयान ‘‘आंदोलन में असामाजिक तत्व मरे, हिंसा कांग्रेस ने फैलाई, पुलिस ने गोली नहीं चलाई, फिर कहा चलाई। ऐसे में भी कहते हैं कि किसानों का कर्ज माफ नहीं हो सकता, सबसे महत्वपूर्ण बात तो कैलाश विजयवर्गीय ने कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी तो किसान हितैषी हैं पर सरकार की नीतियां ठीक नहीं है। अफसर योजनाओं का लाभ किसानों तक नहीं पहुंचने दे रहे हैं।‘‘  यह बात किसी कांग्रेसी की नहीं भाजपा नेताओं की है। 
ajay singh MP
मेरे सवाल यहीं से खड़े होते हैं। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज जी ने दस-ग्यारह साल से प्रदेश को अभियान, यात्राओं, उत्सवों में व्यस्त रखा। इसके शोर में बुनियादी मुद्दे खोए रहे। आपदा को भी उन्होंने मुआवजे देने और दिलासा देने को जष्न में तब्दील कर दिया। खेती को ही लें। शिवराज जी ने कृशि कैबिनेट बनाई, फिर कृशि बजट अलग होने की बात की, कृषि पर एक विशेष सत्र भी विधानसभा का बुला लिया। पांच कृषि  कर्मण अवार्ड भी ले लिए, दुनिया में कृषि विकास में सबसे ज्यादा दर वाला मध्यप्रदेश है यह दावा भी कर दिया हालांकि आज हम सभी विपक्षी और प्रदेश की जनता और किसान यह नहीं जान पाए हैं कि दूसरे नंबर पर कौन है? यह सब बातें होती रहीं लेकिन किसानों के बुनियादी सवालों का जवाब शिवराज जी दस साल में नहीं दे पाएं की आखिर उसे जीरो प्रतिशत ब्याज पर कर्जा ही क्यों लेना पड़े अगर उसकी लागत से अधिक उसकी उपज बिक जाए। उनकी बातों में तो कृषि लाभ का धंधा बने, किसानों की आय बढ़े सब था लेकिन ऐसा किसानों के साथ हुआ नहीं। पिछले 2 माह से किसान अपनी मांगों को लेकर संगठित हो रहे थे और किसान पुत्र मुख्यमंत्री को पता ही नहीं था क्योंकि वे एक ऐसी यात्रा में जुटे थे जो नमामि देवि नर्मदे सेवा यात्रा थी। जिसपर उन्होंने 1500 करोड़ रूपए खर्च कर दिया।  सरकारी खर्च पर अपनी ब्रांडिंग करने की यह अय्याशी तो प्रदेश के इतिहास में पहली बार ही देखने को मिली है। इस आंदोलन में जो हिंसा हुई उसका तो मैं कतई समर्थन नहीं करता पर यह सच है कि किसानों का गुस्सा इस हद पर आ जाए कि लोग उसका फायदा उठा लें यह शिवराज सरकार की कृषि क्षेत्र में सबसे बड़ी असफलता है। इस आंदोलन से उपजे आक्रोश ही कारण थे कि शिवराज जी की बौखलाहट, घबराहट में उपवास जैसी नौटंकी करनी पड़ी। कोई प्रदेश की इतनी चिंता करे हर व्यक्ति को सुख सुविधा संपन्न बनाने की चिंता करे वह व्यक्ति उनके पैसे की सिर्फ 28 घंटे के लिए इतनी बरबादी कैसे कर सकता है। शांति बनाए रखने के एक मुख्यमंत्री के रूप में उनके पास कई हथियार थे। लेकिन स्थिति तब बिगड़ी जब उन्होंने उसका इस्तेमाल करने के बजाय राजनीतिक कदम उठाया। उन्होंने वास्तव में जेा किसान संगठन आंदोलन कर रहे थे उनसे संवाद नहीं किया। इसके साथ ही अगर आंदोलन में असामाजिक तत्व हों तो उसे रोकने का भी काम उनकी ही सरकार का था। क्या सरकार इतनी कमजोर हो गई है कि तंत्र के सामने कुछ असामाजिक तत्व पूरी सरकार को धरने पर ला दें। उनसे निपटने के बजाय उपवास पर बैठ जाना कहां का राजधर्म और सरकारी पैसे से बने पांडाल का राजनीतिक उपयोग। वहां से विपक्षी दल को कोसा जा रहा और सारे भाजपा के नेता कार्यकर्ता वहां इकट्ठे हो गए। यह सब सरकारी खर्च पर।  यह कौन सी परंपरा डाली जा रही  है स्वर्णिम मध्यप्रदेश में।
नमामि देवि नर्मदे सेवा यात्रा के नाम पर हद ही कर दी। पिछले 11 साल में अचानक चुनाव के डेढ़ साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी को देश की जीवन रेखा उस नर्मदा माँ की याद आई जिसके किनारे उनका बचपन बड़ा हुआ। वह भी राजनीतिक याद। वे नर्मदा माँ के कितने सच्चे सेवक हैं इसका उदाहरण देखिए कि उन्होंने नर्मदा किनारे बाबई में कोका कोला फैक्ट्री खोलने के लिए जमीन दे दी। यह सभी जानते हैं कि कोल्ड ड्रिंक बनाने में कितना पानी खर्चा होता है। उसका जो केमिकल है वह कहां जाएगा। यह भी सभी जानते हैं। यह एक नहीं है ऐसे कई कारखाने हैं जिनका आज भी प्रदूषण नर्मदा नदी में प्रवाहित हो रहा है। और तो और माँ नर्मदा ने जो हमें सबसे कीमती संपदा रेत दी है उसका कितना अवैध दोहन किया उसकी छाती छलनी हो गई। घोषित तौर पर कानूनी कार्यवाहियों के रिकार्ड में है कि भाई-भतीजे रिश्तेदार रेत के अवैध उत्खनन में शामिल थे। जनता को सारी नसीहत और स्वयं के लिए कोई नसीहत नहीं। नमामि देवि नर्मदे सेवा यात्रा के नाम पर प्रदेश की जनता को धोखा दिया है। उन्होंने जनता के पैसे सरकारी खजाने से इस यात्रा पर 1500 करोड़ रूपए फूंके। यह कहने को सरकारी यात्रा थी लेकिन इसकी पूरी कमान भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं के हाथों में थी। अपनी ब्रांडिंग की पराकाष्ठा देखिए कि यात्रा के विज्ञापन लंदन के एयरपोर्ट, हर विमान में और गूगल को विज्ञापन दिया गया। ढाई से तीन करोड़ की फिल्म और गीत ही बनवाए गए। शर्मनाक तो तब था जब समापन पर अमरकंटक में मोदी जी की सभा में स्वच्छता मिशन से प्रत्येक प्रेरक को 500 रूपए देकर ले जाया गया। खुले आम आरटीओ को बस उपलब्ध करवाने को कहा उसके लिए अधिकृत रूप से प्रत्येक जिले को लाखों रूपए दिए गए। सभा पर 100 करोड़ खर्च किए गए। अमरकंटक में मोदी की सभा के कारण जो प्रदूषण नर्मदा नदी के तट पर व्याप्त हुआ उसके लिए 40 लाख रूपए का ठेका दिया गया। है तो शर्मनाक। ब्रांडिंग और राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरी करने में बेशर्मी के साथ सरकारी पैसा उड़ाने की मिसाल प्रदेश में पहली बार ही देखने को मिली है। 

औद्योगिक विकास का झूठ देखिए। हर दो साल में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट। इस बीच में कई विदेश यात्राएं। चीन गए वहां के उद्योगपतियों को निवेश पर आमंत्रित करने गए लौटे तो उनकी पार्टी के लोग चीनी सामान के बहिष्कार का अभियान छेड़े थे। संभवतः 10 सालों में एक दर्जन विदेश यात्राएं मुख्यमंत्री ने सपरिवार की। हर बार दावा निवेश के लिए यात्रा। जनता को यह सच बताएं कि उनकी विदेश यात्रा में परिवार सहित पूरे प्रतिनिधिमंडल पर कितना खर्च हुआ और उसके एवज में कितने का निवेश आया। समिट में लाखों करोड़ों के एम.ओ.यू. हुए। इसके हिसाब से तो आज मध्यप्रदेश को देश के नंबर वन औद्योगिक राज्य में होना था और यहां के हर युवक के हाथों में रोजगार होना था पर ऐसा है क्या? यह तो सभी जान रहे हैं। राजनीतिक मैदान में अपने को अव्वल बनाने के लिए सभी लोग जनता में स्वीकार्यता बढ़ाने के लिये कई हथकंडे अपनाते हैं। पर इतना झूठ की वही सच बन जाए। हार जीत तो लोकतंत्र का हिस्सा है पर अपने लिए प्रदेश को वहां की जनता को दांव पर लगा देना इसे क्या बर्दाश्त किया जाना चाहिए। 




---अजय सिंह---
(लेखक म.प्र. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं) 

मधुबनी : पर्यावरण संरक्षण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण महोत्सव

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अंधराठाढ़ी/मधुबनी।( मोo आलम अंसारी )  गोरगामा गाव स्थित सेंट जेवियर्स स्कूल में शुक्रवार को पर्यावरण संरक्षण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण महोत्सव  मनाया गया। प्रखंड प्रमुख शुभेश्वर यादव, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी बीरेंद्र प्रसाद, स्कूल के निदेशक शिक्षाविद सिद्धिनाथ झा और राजबहादुर चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड  प्रमुख शुभेश्वर यादव और संचालन भारतेंदु चौधरी ने किया। इस मौके पर लोगो को संबोधित करते हुए अतिथियों ने कहा कि पेड़ पौधे के अभाव में पर्यावरण असंतुलन बढ़ता जा रहा है। पेड़ पौधों की कमी के कारण जल और जीवन दोनों पर ही संकट मंडराने लगा है। ऐसे में हम सभी को मिलकर अपनी धरती को बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने की शपथ लेनी होगी। शिक्षण संस्थाएं इस कार्य मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस दौरान बच्चो ने पर्यावरण जागरूकता रैली निकाली। स्कूल की प्रधानाचार्य  वंदना कुमारी ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। कार्यक्रम के अंत मे अतिथियों ने बच्चो और शिक्षको के साथ मिलकर स्कूल कैंपस और सड़क के किनारे पर्यावरण के अनुकूल 500 पौधे लगाए साथ ही 1000 और भी पौधे लगाने का संकल्प लिया। मौके पर शिक्षक कन्हैया झा, मनीष चौधरी, दिलीप कर्ण, आशीष, पिंटो भट्टाचार्य, पल्लवी, भावना सहित प्रथम वत्स, नवरत्न कुमार, रियाज़, राखी, प्रिया, सुमित, प्रियांशु, राजन, चंदा, दीपिका, वंदना के साथ साथ दर्ज़नो अभिवावक और ग्रामीण मौजूद थे।

दुमका : स्व. सतीश चन्द्र झा पुष्पांजलि/ श्रद्धांजलि सभा व कवि गोष्ठी का आयोजन

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  • नामचीन साहित्यकार स्व0 सतीश चन्द्र झा की 10 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर सतीश स्मृति मंच के तत्वावधान में वटवृक्ष रुपी सतीश कुटिया में पुष्पांजलि/ श्रद्धांजलि सभा व कवि गोष्ठी का आयोजन

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) संताल परगना प्रमण्डल के नामचीन साहित्यकार स्व0 सतीश चन्द्र झा की 10 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर क्वार्टर पाड़ा, दुमका स्थित सतीश चैरा में दिन शनिवार को पुष्पांजलि/ श्रद्धांजलि सह कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। एसपी महाविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर व साहित्यकार डा0 रामवरण चैधरी की अध्यक्षता में संपन्न इस कार्यक्रम में शहर के साहित्यकारों/साहित्यप्रेमियों ने स्व0 सतीश बाबू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें एक उत्कृष्ट साहित्य सेवी कहा। साहित्यिक वट वृक्ष के रुप में स्थापित सतीश कुटिया में स्व0 सतीश बाबू के जीवितावस्था में जिन-जिन साहित्यकारों ने उनके सानिघ्य में साहित्य की विभिन्न विधाओं मंे उल्लेखनीय प्रगति की उन्होंने जीवन का अवस्मरणीय क्षण बतलाया। यह दिगर बात है कि स्व0 सतीश बाबू इस दुनिया में नहीं रहे, किन्तु उनके सिद्वान्तों, उद्देश्यों पर आज भी कवियों/ साहित्यकारों की एक बड़ी फौज उनका स्मरण कर साहित्य सेवा मंे अनवरत क्रियाशील हैं। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डा0 रामवरण चैधरी ने कहा यह कुटिया एक ऐसे वटवृक्ष की तरह है जहाँ कवियों/ लेखकों/ साहित्यकारों को अनवरत लिखने की प्रेरणा प्राप्त होती रहती है। कार्यक्रम की शुरूआत साहित्यकार स्व0 सतीश चन्द्र झा के चित्र पर पुष्पांजलि कर प्रारंभ हुईं। दो सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम के ़ि़द्वतीय सत्र में रामकृष्ण मिशन, पुरुलिया के छात्र व बालकवि अनुभव झा (ओम) ने  लोके बोले काली कालो.... बंग्ला गीत/भजन का मुक्तकंठ गायन कर गोष्ठी में समां ही बांध दियां। ’कैसे रे पाया तूने उत्पल आश्रय प्रभु के श्रीचरण में’ कविता का पाठ कर एक छोटे से बच्चे ने स्व0 सतीश बाबू के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हुए श्रद्वांजलि अर्पित किया। ईश्वरीय प्रेम को परिभाषित को  कर अनुभव ने अपनी दमदार उपस्थिति से श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी। रचनाओं में नित्य नये प्रयोग कर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्शा रहे युवा रचनाकार सौरभ सिन्हा ने सतीश बाबू को समर्पित कविता सतीश स्मृति एक शब्द नहीं प्यार है, न जाने कितने कवियों के लिये यह श्रृंगार है का पाठ किया। अंगिका भाषा में महाकवि स्व0 सुमन सुरो की उस रचना का पाठ कश्यप नंदन ने किया जो उन्होंने हंस कुमार तिवारी के लिये लिखा था, हे अमरपुत्र तो हाॅ फेरू आवो’। किसानों की दुदर्शा पर अपनी कविता ‘संभावनाओं की बदरी छँट रही है’ के माध्यम से कवि नवीन कुमार गुप्ता ने वर्तमान व्यवस्था का मानवीय चेहरा प्रस्तुत किया। होली के क्षणिक पूर्व सुकमा (छत्तीसगढ़) में नक्सलियों द्वारा शहीद सीआरपीएफ के दर्जन भर  जवानों की स्मृति में सीआरपीएफ मंे कमांडेंट के पद पर आसीन व स्व0 सतीश चन्द्र झा के तृतीय पुत्र आशीष कुमार झा ने ‘कहो कैसे मनायें हम होली ?’ का पाठ कर राष्ट्रवादी चिंतन के अभूतपूर्व स्मरण को रेखांकित किया। देश के लिये मर-मिटने वाले जवानों प्रति सच्ची श्रद्धांजलि उन्होेंने अपनी कविता के माध्यम से दी। बेटों से बेटियों को अलग-थलग करने वालीे सोंच व बेटियों की सीमित इच्छाओं को पूरी संजीदगी से प्रस्तुत करते हुए आशीष कुमार झा ने अपनी दूसरी कविता ’’प्रकृति की प्यारी सी भेंट हूँ मैं, पापा नदियों की चमकती रेत हूँ मैं,’’ का पाठ कर बेटियों के संतोष से अवगत कराने का प्रयास किया।  राष्ट्रीय स्तर पर युवावर्ग के प्रतिनिधि रचनाकार अशोक सिंह ने पेड़ों की उजड़ रही अस्मिताओं, मानवीय कारस्तानियों व पर्यावरण पर गंभीर चिंतन को अपनी लम्बी कविता ’’पेड़’’ के माध्यम से रखा। पेड़ बचाओं पर समर्पित कविता ‘पेड़’ की कुछ पंक्तियों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा ’’उसकी छाया में बैठकर, सबकी पंचायती करने वाले पंचों ने भी, कभी उन पर कोई पंचायत नहीं की’। यह कविता मानवीय व्यवहार/ स्वार्थ/ असंवेदनाओें पर पूणतः आधारित थी। विश्वजीत राहा ने ‘जाने मध्य काल के किस ग्रह-नक्षत्र में जन्मी, जन्मते ही बनी बुराई का प्रतिफल व मनोज घोष ने ‘माँ के आँचल में सुख प्राप्त होता है’ का काव्यपाठ कर श्रोताओं की बाहवाही बटोरी। महिला कवियत्री हेना चक्रवर्ती ने ‘धधक रही चारों ओर अग्नि शिखा’ से अपनी उपस्थिति का आगाज किया। $ 2 नेशनल हाई स्कूल दुमका के प्रभारी व हिन्दी के शिक्षक अनंत लाल खिरहर ने ‘स्वपनों को सच कर दिखाना है के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्शायी। राष्ट्रवाद पर आधारित ‘आधी रात नींद खुली जब मुशर्रफ की’ कविता का सस्वर पाठ कर उर्जावान युवा कवि अंजनी शरण ने गोष्ठी में अपनी मौजूदगी का दमदार आभाष कराया।  पेशे से अधिवक्ता, पत्रकार व साहित्यकार अमरेन्द्र सुमन ने ’’कोख में पल रही बच्ची का माँ से प्रलाप’’ शीर्षक कविता का पाठ कर कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध वर्तमान व्यवस्था पर कड़ा प्रहार किया वहीं एक माँ की इच्छा, उसकी मजबूरी व समाज में एक बेटी के प्रति आम रुझान से  समाज को अवगत कराने का प्रयास किया। एक बेटी की करुण व्यथा व भावनाओं का भी सम्मान किया जाना कितना महत्वपूर्ण है इसे साहित्यकार अमरेन्द्र सुमन ने बखूबी दर्शाया। लोक संस्कृति पर आधारित नवीन चन्द्र ठाकुर ने अंगिका भाषा में अपनी रचना ‘शहर में जाय के, कि देखले रे बेटा’ से श्रोताओं का मिजाज बदल दिया। मंच की अध्यक्षता कर रहे डाॅ0 रामवरण चैधरी ने मधुशाला में दो बूँद मैं पी न सका’ के माध्यम से साहित्यरूपी आकाश में साहित्य सृजन की असीम संभावनाओं को मंच के पटल पर रखा। अपने संबोधन में डा0 चैधरी ने सतीश स्मृति मंच के क्रियाकलापों पर संतोष व्यक्त करते हुए शहर में ऐसे अन्य कार्यक्रमों के आयोजनों पर बल देते हुए युवा कंधों को ऐसी जिम्मेवारियों को ले आगे बढ़ने का मंत्र दिया। पुष्पांजलि सह श्रद्धांजलि व कवि गोष्ठी के रुप में दो अलग-अलग सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम में  धन्यवाद ज्ञापित करते हुए विद्यापति झा ने कहा सतीश स्मृति दुमका की साहित्यिक उर्वरता को बनाए रखने का भरसक प्रयास कर रहा है। अपनी-अपनी रचनाओं के  माध्यम से अधिक से अधिक कवि/ लेखक व साहित्यकार इस मंच से सहयोग प्राप्त कर सकते हैं तथा अपने बहुमूल्य समय से वटवृक्ष रुपी कुटिया को विस्तार प्रदान कर सकते हैं। पूरे कार्यक्रम का मंच संचालन साहित्यकार अमरेन्द्र सुमन ने किया। साहित्यकार स्व0 सतीश बाबू की 10 पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में स्व0 झा के परिजनों कुन्दन कुमार झा, पवन कुमार झा, संध्या रानी सहित अरविन्द कुमार,  दीपक कुमार झा, गौर कांत झा, उज्ज्वल कुमार, चम्पा देवी, अमृता झा, शारदा झा, सविता झा, अर्णव, अदिति की उपस्थिति काफी सराहनीय रही।

झारखण्ड : हर्ष मंगला बनाये गए राज्य के उच्च शिक्षा निदेशक

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वर्ष 2008  बैच के भाप्रसे (आईएएस) अधिकारी व दुमका सम्प्ररति अपर सचिव कल्याण विभाग व अतिरिक्त प्रभार, मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति ग्राम विकास योजना, झारखंड व प्रबंध निदेशक अल्पसंख्यक विकास निगम, राॅची को स्थानांतरित करते हुए अगले आदेश तक निदेशक, उच्च शिक्षा, रांची के पद पर पदस्थापित किया गया है। पदस्थापन की प्रत्याशा में प्रतीक्षारत शैलेश कुमार सिंह (भाप्रसे) को अगले आदेश तक निदेशक, कृष्ण लोक प्रशासन संस्थान, रांची के पद पर पदस्थापित किया गया है। निदेशक उच्च शिक्षा, रांची के पद पर पदस्थापित श्रीमति मीणा ठाकुर को स्थानांतरित करते हुए अगले आदेश तक निदेशक, प्राथमिक शिक्षा झारखंड रांची के पद पर नियुक्त एवं पदस्थापित किया गया है। अनुमंडल पदाधिकारी चक्रधरपुर के पद पर पदस्थापित व अधिसूचित उप विकास आयुक्त,  लोहरदगा दिव्यांशु झा को अगले आदेश तक कार्यकारी निदेशक झारखंड स्टेट वेलफेयर सोसाइटी, रांची के पद पर पदस्थापित किया गया है ।

मधुबनी : विशेष समर कैम्प"चक धूम चक धूम 2017"का आयोजन

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अंधराठाढी/मधुबनी ( मोo आलम अंसारी) अंधराठाढ़ी ।राजकीय मध्य विद्यालय फुलबरिया एवं सिजौल  में बच्चों को विशेष समर कैम्प"चक धूम चक धूम 2017"का आयोजन प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक श्री हरिमोहन चौधरी की अध्यक्षता में हुई।कार्यक्रम की शुरूआत बिहार प्रार्थना गीत हुयी। मनोरंजक बाल गीत सुनाकर बच्चों को मनोरंजन कराया गया। तदोपरांत समन्वयक श्री चौधरी एवं मुख्य साधनसेवी श्री रामचतुर विश्वास के द्वारा बच्चों , अभिभावकों एवं माताओं को विज्ञान का चमत्कार , चमत्कारो का पर्दाफाश, अंक एवं अक्षर से चित्र निर्माण, कबार से जुगार एवं रसोई में विज्ञान आदि विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गयी। इस मौके पर लेखा समन्वयक श्री प्रणव कुमार, विद्यालय प्रधान रमेश कुमार, टोलासेवक ग्राम सेवक बाँतर, राकेश कुमार महतों, कामेश्वर चौधरी एवं राज बहादुर सदाय आदि उपस्थित थे।जवकि  गंगद्वार संकुल के  मध्य विद्यालय सिजौल  चक धूम चक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में  टोलासेवक श्री हीरा लाल साफी एवं श्रीमती प्रमीला देवी अनुपस्थित रही।दोनों टोलासेवको को मानदेय पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण किया गया।

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