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देश काे दलित समुदाय से दूसरा राष्ट्रपति मिलना तय

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नयी दिल्ली, 22 जून, विपक्ष द्वारा पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को आज राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने के साथ ही देश में के आर नारायणन के बाद दलित समुदाय से दूसरा राष्ट्रपति बनना तय हाे गया है। भारतीय जनता पार्टी ने दलित नेता रामनाथ कोविंद को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाने की पिछले साेमवार को घोषणा की थी। सत्रह विपक्षी दलों की आज हुयी बैठक में जाने माने दलित नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की पुत्री मीरा कुमार को सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिये उम्मीदवार बनाने का फैसला किया गया। इससे साफ हो गया है कि दलित नेता ही अगला राष्ट्रपति चुना जायेगा। एक खास बात यह है कि सत्ता पक्ष आैर विपक्ष के दोनों उम्मीदवारों का नाता बिहार से है। श्रीमती कुमार जहां बिहार की बेटी हैं वहीं राजग का उम्मीदवार घोषित होेने से पहले श्री कोविंद बिहार के राज्यपाल थे। भाजपा के दलित समुदाय के नेता को उम्मीदवार घोषित करने के बाद से ही विपक्ष की ओर से भी किसी दलित नेता को उम्मीदवार बनाये जाने की अटकलें लग रही थीं और उम्मीदवार के रुप में श्रीमती कुमार के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे और प्रकाश अंबेडकर के नाम चर्चा में थे । श्रीमती कुमार के कल शाम यहां कांग्र्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद उन्हें उम्मीदवार बनाये जाने की संभावनायें बढ़ गयी थीं। श्रीमती गांधी की अध्यक्षता में विपक्षी दलों के नेताअों की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगा दी गयी। कांग्रेस अध्यक्ष ने सभी दलों से श्रीमती कुमार का समर्थन करने की अपील की है। विपक्षी उम्मीदवार का नाम सामने आते ही बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने उनके समर्थन की घोषणा की। भाजपा द्वारा श्री कोविंद को उम्मीदवार बनाये जाने पर उन्होंने कहा था कि दलित समुदाय से होने के कारण उनके प्रति उनकी पार्टी का रुख सकारात्मक रहेगा बशर्ते विपक्ष दलित समुदाय से किसी बेहतर व्यक्ति को उम्मीदवार ना बना दे। श्रीमती कुमार को उम्मीदवार बनाने से बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यू के अध्यक्ष नीतीश कुमार पर दबाव बढ़ गया है, जिनकी पार्टी ने कल ही श्री कोविंद का समर्थन करने की घोषणा की थी। बिहार में सत्तारुढ़ महागठबंधन के सबसे बड़े दल राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने विपक्षी दलों की बैठक के बाद कहा कि श्री नीतीश कुमार का भाजपा उम्मीदवार का समर्थन करना एक गलत फैसला है और वह उनसे अपने फैसले को बदलने और बड़ी राजनीतिक भूल नहीं करने के लिये कहेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में अलग अलग राय होने के बावजूद बिहार में महागठबंधन की सरकार चलती रहेगी। मतों के हिसाब से देखा जाए तो सत्तारुढ़ गठबंधन के उम्मीदवार का पलड़ा भारी दिखायी पड़ता है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सभी घटक दलों के अलावा राजग के बाहर के कई दलों ने भी उन्हें समर्थन देने की घोषणा की है, जिनमें जनता दल यू , बीजू जनता दल , तेलंगाना राष्ट्र समिति, अन्नाद्रमुक के दोनों धड़े शामिल हैं।


अफगानिस्तान में अलगे साल जुलाई में संसदीय चुनाव

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काबुल 22 जून, अफगानिस्तान में चुनाव आयोग ने अगले वर्ष सात जुलाई को संसदीय और जिला परिषद के चुनाव करने की घोषणा की। ये चुनाव निर्धारित समय से तीन साल की देरी से हो रहा है। देश के स्वतंत्र चुनाव आयोग (इंडिपेंडेंट इलेक्शन कमीशन-आईईसी) के अध्यक्ष नजिबुल्लाह अहमदजई ने आज चुनाव की तारीखाें की घोषणा करते हुये कहा कि चुनाव की सफलता उचित फंडिंग और सुरक्षा व्यवस्था पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, “ चुनाव के लिये बजट बनाने कि जिम्मेदारी सरकार की है। चुनाव के दौरान सुरक्षा मुहैया करने की जवाबदेही सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की है।” मौजूदा संसद का कार्यकाल जून 2015 में खत्म हो गया है और देश में यह चुनाव 2015 में ही होना था लेकिन चुनाव की तैयारियों को सरकार के अंदरूनी घमासान और तलिबान के खिलाफ संघर्ष के कारण झटका लगा। 2014 में हुये राष्ट्रपति चुनाव के बाद एक दुसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे अशरफ गनी और अब्दुल्ला अब्दुल्ला के संयुक्त नेतृत्व में राष्ट्रीय एकता सरकार का गठन हुआ जिसमें श्री गनी राष्ट्रपति बने और श्री अब्दुल्ला मुख्य कार्यकारी । दोनों खेमे में मतदाता पंजीकरण, चुनावी धोखाधड़ी और सुरक्षा के मुद्दे के बीच असहमति है। काबुल स्थित अमेरिका दूतावास और संयुक्त राष्ट्र ने चुनाव के नये तारीखों की घाेषणा का स्वागत किया। तारीखों की घोषणा ऐसे समय में की गयी है जब देश में राजनीतिक और जातीय तनाव बढ़ रहे है। 

मैथिली में साहित्य अकादमी का बाल साहित्य पुरस्कार अमलेन्दु पाठक को

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दरभंगा 22 जून, साहित्य अकादमी के मैथिली भाषा में वर्ष 2017 के बाल साहित्य पुरस्कार के लिए मैथिली के चर्चित साहित्यकार एवं पत्रकार अमलेन्दु शेखर पाठक का चयन किया गया है। साहित्य अकादमी, नई दिल्ली की ओर से वर्ष 2017 के लिए दिये जाने वाले बाल साहित्य पुरस्कार एवं युवा पुरस्कार की घोषणा आज कर दी गई। साहित्य अकादमी में मैथिली की प्रतिनिधि डा. वीणा ठाकुर ने आज यहां दूरभाष पर बताया कि साहित्यकार श्री पाठक को यह पुरस्कार उनके बाल उपन्यास ‘लालगाछी’ के लिए प्रदान किया जाएगा। वहीं, चंदन कुमार झा को कविता संग्रह 'धरती सं अकास धरि'के लिए युवा पुरस्कार मिलेगा। डॉ . ठाकुर ने बताया कि असम के गुवाहाटी में आज हुई अकादमी की कार्यसमिति की बैठक में यह फैसला किया गया। मैथिली में इन पुरस्कारों को लेकर विगत 20 जून को दिल्ली में निर्णायकों की बैठक हुई थी। बाल साहित्य पुरस्कार के लिए गठित निर्णायक मंडल में डॉ. इंद्रकांत झा, डॉ. शशिनाथ झा तथा प्रभाष कुमार झा शामिल थे। तीनों निर्णायकों ने सर्वसम्मति से अमलेन्दु शेखर पाठक की पुस्तक का चयन पुरस्कार के लिए किया। उधर, युवा पुरस्कार के लिए गठित निर्णायक मंडल में सम्मिलित मंत्रेश्वर झा, योगेंद्र पाठक वियोगी और डॉ. वैद्यनाथ चौधरी बैजू ने चंदन कुमार झा के कविता संग्रह को पुरस्कार के लिए चुना। उन्होंने बताया कि साहित्य अकादमी चयनित साहित्यकारों को यह पुरस्कार 14 सितंबर को आयोजित होने वाले समारोह प्रदान करेगी। उल्लेखनीय है कि प्रो. पाठक मूलरूप से समस्तीपुर के मुजौना गांव के निवासी हैं और जन्म से ही दरभंगा में हैं। मैथिली के कवि, कथाकार, उपन्यासकार, समीक्षक, अनुवादक, पत्रकार एवं अभियानी के रूप में प्रो. अमलेन्दु शेखर पाठक स्थानीय एमएमटीएम कालेज के मैथिली विभाग में व्याख्याता है और इनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होने कई पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया है। वहीं, चंदन कुमार झा मधुबनी जिला के सड़रा गांव के निवासी हैं और कोलकाता में रहते हैं। 'मोनक बात'सहित इनकी भी कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। 

मोदी सरकार के खिलाफ शीघ्र होगा आंदोलन : शरद यादव

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सहरसा 22 जून, जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद शरद यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जनता से वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि केन्द्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के विरुद्ध शीघ्र ही आंदोलन चलाया जायेगा। श्री यादव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से किये गये वादे पूरे नहीं किये हैं। देश में महंगाई और भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। उन्होंने कहा कि आम लोगों के साथ की गयी वादाखिलाफी को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाया जायेगा। आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिए सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई जाएगी। सांसद ने कहा कि किसानों के हित की बात करने वाली केंद्र सरकार किसानों के साथ ही भेदभाव कर रही है। किसानों को फसल का उचित मूल्य भी नहीं दिया जा रहा है, जिससे देश में बड़ी संख्या में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा कर देश की सत्ता हासिल करने वाली मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में प्रति वर्ष दो करोड़ युवा बेरोजगार हो रहे हैं। सांसद ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर महागठबंधन में कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर जदयू का निर्णय सही है और पार्टी का महागठबंधन के साथ कोई मतभेद भी नहीं है। उन्होंने कहा कि सहरसा शहरी क्षेत्र में जल निकासी से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए 80 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। इसके लिए प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है। इस मौके पर बिहार के जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और विधायक दिनेश यादव सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

कृषि रोडमैप में फेल नीतीश सरकार किसानों का कर्ज माफ करे : सुशील मोदी

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पटना 22 जून, बिहार भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)विधानमंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नीतीश सरकार पर कृषि रोडमैप के फेल होने और उपज की खरीद नहीं होने से किसानों को खस्ताहाल बनाने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि ऐसे में राज्य सरकार को उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और कर्नाटक की तर्ज पर किसानों का ऋण माफ करने पर विचार करना चाहिए। श्री मोदी ने यहां कहा कि कृषि रोड मैप के फेल होने और उपज की खरीद नहीं होने से बिहार के किसानों की हालत खस्ता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और कर्नाटक के किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा की तर्ज पर बिहार सरकार को भी किसानों के ऋण को माफ करने पर विचार करना चाहिए। भाजपा नेता ने कहा कि बिहार के 39 लाख किसानों पर 21,615 करोड़ रुपये का अल्पकालीन कृषि ऋण हैं। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने एक-एक लाख रुपये तक के कर्ज माफ कर जहां दो करोड़ किसानों को राहत दी है वहीं कर्नाटक ने भी 50 हजार रुपये तक के ऋण को माफ कर 22 लाख किसानों का लाभ पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को भी 39 लाख किसानों के हित में कर्ज माफी का निर्णय लेना चाहिए। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा बिहार सरकार को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगना, आन्ध्र प्रदेश ,राजस्थान और पंजाब की तरह किसानों को ब्याजरहित ऋण देना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि इस साल 90 लाख मिट्रिक टन धान का रिकाॅर्ड उत्पादन होने के बावजूद राज्य सरकार मात्र 18 मिट्रिक टन ही खरीद पाई। इसका परिणाम यह हुआ कि किसानों को औने-पौने दाम पर अपनी ऊपज को बेचने के लिए बाध्य होना पड़ा। उन्होंने कहा कि दूसरा कृषि रोड मैप (2012-17) अपने सभी मानकों पर बुरी तरह से विफल रहा है। डीजल अनुदान के भुगतान और कृषि यंत्रीकरण में भी सरकार विफल रही है। ऐसे में सरकार को किसानों के कर्ज को माफ करने के साथ ही उन्हें आगामी फसलों के लिए ब्याजरहित ऋण देना चाहिए।

धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन बंद करने के पीछे बड़ी साजिश : बाबूलाल

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धनबाद 22 जून, झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) सुप्रीमो एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज आरोप लगाया कि धनबाद-चंद्रपुरा (डीसी) रेलवे लाइन को बंद करने के पीछे बड़ी साजिश है। श्री मरांडी ने डीसी लाइन के बंद होने के विरोध में चंद्रपुरा से धनबाद तक की पदयात्रा के बाद यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला खनन कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) और झारखंड नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (जेआरईडीए) 137 किलोमीटर रेल लाइन को बंद करने की योजना बना रहे हैं और धनबाद-चंद्रपुरा रेलवे लाइन को बंद करना इसी योजना का हिस्सा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1956 के नियम के अनुसार, कोयला खनन कार्य पूर्ण होने के बाद उस जमीन को उसके मालिक को सौंपने का प्रावधान है लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में कोल इंडिया के अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जानी चाहिए। श्री मरांडी ने कहा कि धनबाद-चंद्रपुरा रेलवे लाइन को बंद करने से पहले केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सीआईएमएफईआर) से संपर्क नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में लगी भूमिगत आग पर अनुसंधान करने का अवसर सीआईएमएफईआर को अवश्य दिया जाना चाहिए था। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र की भूमिगत आग के बारे में पूछे जाने पर कहा कि यदि खाड़ी देश कुवैत के तेल कुओं में आग लगने के बाद उस पर कुछ महीनों में काबू पाया जा सकता है तो देश की इस कोयला नगरी में जमीन के नीचे लगी आग को नियंत्रित क्यों नहीं किया जा सकता। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में पहल करने की अपील करते हुये कहा कि वैश्विक स्तर की निविदा आमंत्रित कर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। श्री मरांडी ने कहा कि वर्ष 2016 में राज्यसभा चुनाव के दौरान गड़बड़ी हो चुकी है और इस संदर्भ में चुनाव आयोग से पत्र मिलने के बावजूद झारखंड सरकार कोई भी कार्रवाई करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे में मुख्यमंत्री रघुवर दास को इस्तीफा देना चाहिए या विधानसभा को भंग कर दिया जाना चाहिए। 

बिहार बोर्ड: मैट्रिक परीक्षा में पचास प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण

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पटना 22 जून, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) की ओर से आयोजित राज्य बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में लगभग 50 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुये हैं। बीएसईबी के अध्यक्ष आनंद किशोर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मैट्रिक की परीक्षा में शीर्ष दस में आने वाले छात्र-छात्राओं का प्रत्यक्ष सत्यापन कर सूची तैयार की गयी है, ताकि किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी ना हो। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 की मैट्रिक परीक्षा में 21 छात्र-छात्राओं ने शीर्ष में अपना स्थान बनाया है। इनमें 11 छात्र-छात्राएं सिमुलतला आवासीय विद्यालय के हैं। मैट्रिक परीक्षा में लखीसराय के मानो स्थित गोविंद उच्च विद्यालय के छात्र प्रेम कुमार ने 465 अंक हासिल कर पूरे राज्य में टॉप किया है। वहीं, सिमुलतला आवासीय विद्यालय की भाव्या कुमारी और हर्षिता कुमारी क्रमश: 464 और 462 अंक लाकर दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं। श्री किशोर ने बताया कि इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा में करीब 17 लाख 27 हजार विद्यार्थी शामिल हुये थे जिनमें से करीब आठ लाख 63 हजार उत्तीर्ण हुए। उन्होंने कहा कि परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में पहली बार कोडिंग की व्यवस्था की गई थी। परीक्षा में शामिल हुये कुल विद्यार्थियों में से 51.3 प्रतिशत छात्र और 40 प्रतिशत छात्राएं उत्तीर्ण हुई हैं। उल्लेखनीय है कि बीएसईबी प्रदेश में हर साल दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराती है। इससे पहले बीएसईबी ने इंटर का परिणाम जारी किया था। हालांकि कला संकाय में फर्जी टॉपर को लेकर बोर्ड की काफी फजीहत हुई थी।

शिक्षा की बदहाली के लिए जिम्‍मेवार अधिकारियों के खिलाफ हो कार्रवाई : पप्‍पू यादव

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पटना 22 जून, जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्‍पू यादव ने बिहार में शिक्षा के गिरते स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए इसके लिए जिम्‍मेवार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। श्री यादव ने आज यहां कहा कि बिहार सरकार देश के अन्‍य राज्‍यों की तुलना में शिक्षा पर अधिक व्‍यय करती है। इसके साथ ही, बिहार में अन्‍य विभागों की तुलना में शिक्षा पर अधिक खर्च होता है। इसके बावजूद राज्य की शिक्षा व्यवस्था खस्‍तहाल है। बिहार की डिग्री अविश्‍वसनीय हो गयी है और परीक्षा परिणाम मजाक बन गया है। सांसद ने कहा कि पंगु हो चुके प्रशासनिक तंत्र और भ्रष्‍ट राजनीतिक व्‍यवस्‍था के खिलाफ महाभारत से भी बड़़ी लड़ाई की जरूरत है। इसके लिए और इंतजार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज मैट्रिक का परीक्षा परिणाम जारी हुआ है, जिसमें करीब 50 प्रतिशत परीक्षार्थी अनुत्तीर्ण हो गये हैं। यह स्थिति तब है, जब छात्रों को ग्रेस मार्क्‍स भी दिये गये। उन्‍होंने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि शिक्षा पर सर्वाधिक खर्च होने के बावजूद शिक्षा की गुणवत्‍ता क्‍यों खत्‍म हो रही है। 


बिहार के बैंक किसानों को देेते हैं कम ऋण : जदयू

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पटना 22 जून, बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के प्रमुख घटक जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के किसानों का ऋण माफ करने के बयान पर पलटवार करते हुये आज कहा कि पूर्व में वित्तमंत्री रहे श्री मोदी को यह नहीं पता कि राज्य के बैंक किसानों को बहुत कम ऋण देते हैं। जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने यहां कहा कि पूर्व में वित्त मंत्री रहे श्री मोदी को यह समझ नहीं आ रहा कि केंद्र के बैंक बिहार के किसानों को पहले ही बहुत कम पैसे कर्ज के रुप में देते है। वैसे भी राज्य के किसानों के जो हालात वह बता रहे हैं, वैसा नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों को यहां बैंक से बहुत कम रकम कर्ज के रुप में मिलती है। राज्य के पैसे से दूसरे राज्य विकसित हो रहे हैं। इस कारण यह है कि यहां के बैंकों में जमा होने वाली राशि को बैंक आम लोगों की ऋण के रूप में आर्थिक सहायता देने या जन कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च नहीं कर रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में किसान आंदोलन कर रहे हैं और आत्महत्या कर रहे हैं तो श्री मोदी बिहार के किसानों को भी भड़का रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह पर निशाना साधते हुये कहा कि वह हवाई जहाज से सीधे मोतिहारी में लैंड करते हैं। लगता है कि बिहार में और कोई दूसरा जिला है ही नहीं। उन्होंने कभी राष्ट्रीय बैंकों को निर्देश नहीं दिया कि बिहार के किसानों और यहां के आम लोगों को आसानी से ऋण उपलब्ध करायें। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान नकद जमा अनुपात 44.99 प्रतिशत था। बिहार के बैंकों में जमा हुए रुपये यहां तो खर्च नहीं हो पा रहे हैं लेकिन दूसरे राज्यों खासकर विकसित राज्यों में बड़े स्तर पर खर्च हो रहे हैं। इसी का नतीजा है कि विकसित राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के बैंकों का यह अनुपात 100 प्रतिशत से भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों में तो यह 150 प्रतिशत से भी ज्यादा है।

श्री सिंह ने कहा कि इन राज्यों में नकद जमा अनुपात से अधिक ऋण बांटे जा रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि बिहार जैसे गरीब राज्यों में जो लोग पैसे जमा करते हैं, उनका उपयोग बैंक वाले विकसित राज्यों में कर रहे हैं। तभी तो बिहार और इन राज्यों के जमा अनुपात में दो गुना से ज्यादा का अंतर है। उन्होंने कहा कि राज्य में मौजूद बैंक ऋण देने में सबसे ज्यादा कोताही बरतते हैं, जिसकी वजह से रुपये बैंकों में पड़े रहते हैं। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 में राज्य के सभी बैंकों में दो लाख 80 हजार 370 करोड़ रुपये जमा हुए, जिसमें महज एक लाख 23 हजार 191 करोड़ रुपये ही ऋण के रूप में बांटे गये। बैंक शेष राशि को दूसरे राज्यों में वितरित करते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के बैंकिंग कारोबार में पिछले 12 साल में 65 से 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने के बावजूद यहां का नकद जमा अनुपात में सुधार नहीं हो पा रहा है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि श्री मोदी बताएं कि इन बैंको पर केंद्र सरकार का अधिकार है या नहीं। शहरों में तो कुछ लोगो को बैंक ऋण दे देते है लेकिन गांव के किसानों के सामने बैंक इतनी समस्या खड़ी कर देते हैं कि किसान बेचारे मायूस हो जाते हैं। 

कोविंद को समर्थन पर पुनर्विचार नहीं : जदयू

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पटना 22 जून, जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को दिये समर्थन पर पुनर्विचार करने की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की अपील पर आज कहा कि इस मुद्दे पर पार्टी अपना रुख नहीं बदलेगी। बिहार जदयू के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की अपील पर यहां प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि उनकी पार्टी ने काफी गंभीरता से सोच-विचार के बाद श्री कोविंद को समर्थन देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि जब जदयू ने उन्हें समर्थन देने का निर्णय लिया तब तक कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी पार्टियों की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में उनकी पार्टी ने बिहार के राज्यपाल के रूप में श्री कोविंद के बेहतर कार्यों को ध्यान में रखते हुये समर्थन देने की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि राजद अध्यक्ष श्री यादव ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विपक्षी दलों की हुई बैठक में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के नाम की घोषणा के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी पार्टी द्वारा श्री कोविंद को समर्थन देने के निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की। 

श्री सिंह ने कहा, “पार्टी के श्री कोविंद को समर्थन देने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का प्रश्न ही नहीं उठता।” उन्होंने कहा कि जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने श्री कोविंद को किन परिस्थितियों में समर्थन किया है, इसके बारे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को भी अवगत करा दिया है। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (बीपीसीसी) के अध्यक्ष एवं राज्य के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार से उनकी पार्टी द्वारा श्री कोविंद को समर्थन करने की घोषणा पर एक बार और विचार करने का आग्रह किया जायेगा। उन्होंने कहा, “बिहार में कांग्रेस श्री कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन का घटक है। ऐसे में अन्य घटक दलों जदयू और राजद के लिए बेहतर होगा कि वे भी विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार का समर्थन करें।” वहीं, बीपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष सदानंद सिंह ने भी सभी राजनीतिक दलों से विपक्ष की उम्मीदवार श्रीमती कुमार का समर्थन करने की अपील करते हुये कहा कि जिन पार्टियों ने श्री कोविंद को समर्थन देने की घोषणा की है, उन्हें भी अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। 

गुजरात चुनाव के लिए कोविंद बनाये गये राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार : शिवानंद

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पटना 22 जून, बिहार के पूर्व मंत्री शिवानंद तिवारी ने आज कहा कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने गुजरात विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर कोली बिरादरी के वोट को लुभाने के इरादे से श्री रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। श्री तिवारी ने यहां कहा कि श्री कोविंद कोली बिरादरी से आते हैं और वह इस बिरादरी के अखिल भारतीय संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। यह बिरादरी गुजरात-महाराष्ट्र में पिछड़ी जातियों की सूचि में शामिल है लेकिन उत्तर प्रदेश में यह अनुसूचित जाति है। उन्होंने कहा कि गुजरात में संख्या के दृष्टिकोण से यह ताकतवर जाति है और उसकी आबादी वहां करीब 18 से 24 प्रतिशत है। पूर्व मंत्री ने कहा कि देश की राजनीति में रुचि रखने वाले जानते हैं कि गुजरात में पाटीदार बिरादरी के लोग संपन्न माने जाते हैं। किसानी के अतिरिक्त कपड़ा, शिक्षा, भवन निर्माण तथा छोटे और मध्यम कल कारख़ानों का स्वामित्व भी उनके पास रहा है लेकिन किसानी की हालत ख़राब है।अर्थव्यवस्था में गंभीर मंदी की वजह से छोटे और मध्यम क्षेत्र के कल-कारख़ाने या तो बंद हैं या बीमार हैं। अपनी इस हालत के लिए वे सरकार की नीतियों को जिम्मेदार मानते हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए ही यह बिरादरी गुजरात में सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलन की राह पर है और इस आंदोलन का नेतृत्व हार्दिक पटेल कर रहे हैं। श्री तिवारी ने कहा कि गुजरात की आबादी में पाटीदार 12-13 प्रतिशत हैं। कांग्रेसी मुख्यमंत्री माधव सिंह सोलंकी ने जब गुजरात में पिछड़ों के लिए आरक्षण लागू किया था तब उसके विरोध की अगुवाई पाटीदारों ने ही की थी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ उस आरक्षण विरोधी आंदोलन का रणनीतिकार था। उन्होंने कहा कि भाजपा के श्री केशु भाई पटेल उसी आंदोलन से उभर कर सामने आए थे और मुख्यमंत्री बने थे। 


पूर्व मंत्री ने कहा कि गुजरात में भाजपा की सरकार बनवाने में पटेलों की मुख्य भूमिका रही थी लेकिन आज पटेल वहां की सरकार के ख़िलाफ़ दिखाई दे रहे हैं। अगले वर्ष होने वाले वहां के विधान सभा चुनाव में पटेलों का वोट मिलेगा या नहीं इसको लेकर भाजपा आश्वस्त नहीं है। उन्होंने कहा कि गुजरात का चुनाव श्री नरेंद्र मोदी और श्री अमित शाह के लिए उत्तर प्रदेश के चुनाव से कम महत्वपूर्ण नहीं है।वहां की हार इन दोनों की व्यक्तिगत हार मानी जाएगी। श्री तिवारी ने कहा कि श्री रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाने के पीछे उनका दलित होना या सज्जन और भद्र मानुष होना कोई मतलब नहीं रखता है। उनका असली मक़सद हर हाल में गुजरात विधानसभा का चुनाव जीतना है। इसलिए श्री कोविंद की जाति (कोली) का अठारह प्रतिशत वोट बहुत माने रखता है। उन्होंने कहा कि श्री कोविंद अपनी बिरादरी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में गुजरात में काफ़ी सक्रिय रहे हैं और वहां के कोलियों को उनकी जाति का परिचय बताने की ज़रूरत नहीं है। पूर्व मंत्री ने कहा कि वोट की राजनीति में येन केन वोट हासिल करना कोई अपराध नहीं है। सब यह कर भी रहे हैं। लेकिन, जब श्री लालू प्रसाद यादव, श्री नीतीश कुमार, श्री मुलायम सिंह यादव और सुश्री मायावती या अन्य वोट के लिए जातियों का ताना-बाना बुने तो वह घिनौना है। वहीं श्री नरेंद्र मोदी और श्री अमित शाह वोट के लिए देश के सर्वोच्च पद को दाव पर लगा दें तो वह पवित्र है । इसे बीमार दृष्टिकोण ही कहा जायेगा। 

आँध्र प्रदेश की बिजली परियोजना के लिए 40 करोड़ डॉलर का ऋण

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नयी दिल्ली 22 जून, भारत सरकार ने आँध्र प्रदेश में चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति परियोजना के लिए विश्व बैंक से 24 करोड़ डॉलर और एआईआईबी से 16 करोड़ डॉलर के ऋण का करार किया है। भारत की ओर से वित्‍त मंत्रालय में आर्थिक मामले विभाग के संयुक्‍त सचिव (एमआई) राजकुमार और विश्व बैंक की ओर से भारत में उसके संचालन प्रबंधक और प्रभारी निदेशक हिसम अब्दो तथा एआईआईबी की ओर से उपाध्यक्ष एवं मुख्य निवेश अधिकारी डीजे पांडियन ने इस संबंध में हुये समझौते पर हस्‍ताक्षर किये। परियोजना कार्यान्वयन इकाई समझौते पत्र पर आँध्र प्रदेश सरकार के ऊर्जा विभाग के सलाहकार के. रंगनाथन् तथा विश्‍व बैंक की तरफ से भारत में निदेशक और एआईआईबी की तरफ से उपाध्यक्ष और मुख्य निवेश अधिकारी ने हस्‍ताक्षर किये। इस परियोजना की कुल लागत 57 करोड डॉलर है, जिसमें से 24 करोड़ डॉलर विश्‍व बैंक और 16 करोड़ डॉलर एआईआईबी प्रदान करेगा। शेष राशि आँध्र प्रदेश सरकार उपलब्‍ध करायेगी। परियोजना का उद्देश्‍य उपभोक्‍ताओं के लिए विद्युत आपूर्ति को बेहतर बनाना है तथा आँध्र प्रदेश के कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में बिजली वितरण में संचालन कार्य कुशलता और प्रणाली के प्रति विश्‍वसनीयता बढ़ाना है।

विशेष : कूल्हे की समस्या का निदान टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी

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नयी दिल्ली 22 जून, आर्थराइटिस और कूल्हे के जोड़ों में दर्द से पीड़ित लाेगों के लिये टोटल हिप रिप्लेसमेंट एक क्रांतिकारी चिकित्सा के रूप में सामने आयी है, जिसके जरिये चलने-फिरने में असमर्थ और उम्मीद खो चुके लोग फिर से अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं। टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी कूल्हे की जोड़ में आर्थराइटिस या चोट के कारण लंबे समय से होने वाले दर्द से राहत दिलाने और जीवन में गतिशीलता को बनाये रखने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया है। इस सर्जरी के जरिये कृत्रिम अंग (प्रोस्थेसिस) को सही जगह पर स्थापित करने में मदद मिलती है। रोगी की चलने-फिरने की प्राकृतिक प्रक्रिया को बहाल रखने के लिए रोगी की शारीरिक संरचना के अनुसार ही प्रतिस्थापित किये जाने वाले जोड़ की प्रतिकृति बनायी जाती है। शल्य चिकित्सा तकनीकों के उन्नयन से अब यह प्रक्रिया सरल और सुरक्षित हो गयी है और इसके अधिक अच्छे परिणाम सामने आये हैं। अस्थि रोग विशेषज्ञों के मुताबिक कूल्हे का जोड़ दो कारकों से बना होता है - बाॅल और साॅकिट ज्वाइंट। जांघ की हड्डी का ऊपरी सिरा बाॅल के आकार का होता है। ये बाॅल के आकार की हड्डी कप के आकार के साॅकिट में फिट बैठ जाती है जिसे कूल्हे की हड्डी में ऐसीटैबुलम नाम दिया गया है। ये बाॅल और साॅकिट जोडों को 360 डिग्री तक घूमने देते है। बाॅल और साॅकिट चिकने पदार्थ कार्टिलेज को संरक्षित करते है। कार्टिलेज घर्षण को कम करता है जिससे गतिशीलता बढ़ती है।


कूल्हे के जोड़ में टूट फूट होने से यही कार्टिलेज खत्म होकर घिसने लगता है जिससे दो हड्डियों के बीच के जोड़ की जगह कम होने लगती है। इससे हड्डियां आपस में घिसने लगती है और क्षतिग्रस्त हड्डियां बाहर की तरफ आने लगती हैं तथा उनमें गांठ पड़ जाती है। इसके असर से दर्द और अकड़न के साथ ही पैरों की गतिशीलता भी कम होने लगती है। आर्थराइटिस केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के सीनियर ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन राजू वैश्य का कहना है कि बुजुर्गों में आर्थराइटिस की समस्या होना आम बात है , लेकिन आजकल युवा, महिला एवं पुरुष वर्ग , विशेष तौर पर अधिक खेलकूद अथवा बहुत ज्यादा शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय लाेगों में ये समस्या देखने को मिल रही है। अचानक गिरने या दुर्घटना के अलावा कई बार तेजी से दौड़ने -भागने पर कूल्हों के जोड़ के कार्टिलेज या ऊतक क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। डाॅ. वैश्य ने कहा कि आर्थराइटिस एवं जोड़ों की अन्य समस्याओं के कारण कूल्हे और घुटने जैसे जोड़ों को काफी अधिक क्षति हो सकती है । दवा लेने के बावजूद लगातार दर्द होता रहता है तथा फिजियोथिरेपी से भी लाभ नहीं मिलता है। अगर शुरुआती दौर में जोड़ों के विकार का पता चल जाएं तो दवाइयों, विभिन्न थेरेपियाें के अलावा दिनचर्या की शैली में बदलाव के जरिये इसका इलाज किया जा सकता है। अगर मरीज इससे ठीक न हो पाए और अगर डाॅक्टर शल्य चिकित्सा की सलाह देता है तो इसमें देरी करना सही नहीं होगा , क्योंकि इससे दर्द बढ़ता जाएगा और बाद में विकृति तक हो सकती है।

उन्होने बताया कि टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के तहत कूल्हे की जोड़ के क्षतिग्रस्त हिस्से को हटाकर उनकी जगह कृत्रिम अंग (प्रोस्थेटिक्स) का प्रत्यारोपण कर दिया जाता है जिससे जोड़ों की सक्रियता को बनाये रखने में मदद मिलती है। इस सर्जरी से जोड़ के आसपास के किसी भी कटे-फटे लिगामेंट की भी मरम्मत की जाती है जिससे इम्प्लांट को सहारा देने में मदद मिलती है और सामान्य हलचल को बनाये रखने में मदद मिलती है। डाॅ. वैश्य ने कहा कि युवा रोगियों के मामले में सक्रिय जिंदगी बिताने के लिए स्थिरता एवं स्थायित्व दो महत्वपूर्ण मुद्दे होते है। ऐसे में आधुनिक तकनीक से लैस कूल्हे का प्रत्यारोपण सबसे कारगर इलाज उभरकर सामने आया है। आजकल डुएल मोबिलिटी हिप ज्वाइंट सिस्टम और मिनिमली इनवैसिव सर्जरी आधुनिक तकनीकों ने प्रत्यारोपण को आसान कर दिया है। उन्होंने बताया कि डुएल मोबिलिटी सिस्टम की शुरुआत होने से हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी को नया आयाम मिला है। इसमें दो बातें बहुत महत्वपूर्ण है, पहला, आर्टिकुलेशन से सभी दिशाओं में गतिशीलता दी जा सकती है और दूसरा, पारम्परिक डिजाइन के मुकाबले कृत्रिम ज्वाइंट में घिसाव कम होगा। हिप सिस्टम को एक्स 3 प्रौद्योगिकी के साथ पेटेंट कराया गया है। एक्स 3 पहली ऐसी उच्च क्राॅस लिंक पाॅलीइथिलीन है जो पारम्परिक हिप रिप्लेसमेंट प्रत्यारोपण के प्रमुख मुद्दों को हल करती है। प्रत्यारोपण में इस्तेमाल किया जाने वाला पाॅलीइथिलीन कमजोर नहीं होता और यह बेहतरीन स्थायित्व प्रदान करता है। इसे बनाने में लागत भी कम आती है और इसका प्रत्यारोपण काफी बेहतर है। मौजूदा समय में एमआईएस (मिनिमली इनवैसिव सर्जरी) की मदद से टोटल हिप रिप्लेसमेंट किया जाने लगा है जिससे अधिक उम्र के लोगों में भी कूल्हे को सफलतापूर्वक बदलना संभव हो गया है।


मिनिमली इनवेसिव सर्जरी में क्षतिग्रस्त अंगों की जगह नए कृत्रिम अंग लगाने के लिए शल्य चिकित्सक केवल एक छोटा-सा चीरा लगाते हैं और चीरे के जरिए ही कृत्रिम अंग यानी प्रॉस्थेसिस को क्षतिग्रस्त अंग की जगह पुनः स्थापित कर देते हैं। डॉ. वैश्य ने बताया कि भारत में कूल्हे एवं घुटने के प्रत्यारोपण को बदलने की सर्जरी में कम्प्यूटर नेविगेशन तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इस तकनीक की मदद से आपरेशन किये जाने पर मरीज के साथ जटिलताएं उत्पन्न होने की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है। मरीज को तेजी से स्वास्थ्य लाभ होता है और वह शीघ्र सामान्य कामकाज करने लगता है। इस तकनीक में मरीज एक्स-रे अथवा सीटी स्कैन जैसी मशीनों के विकिरण के संपर्क में आने से बच जाते हैं। यह तकनीक आपरेशन को न केवल अधिक कारगर, सटीक और सुरक्षित बनाती है बल्कि इसमें समय भी कम लगता है तथा मरीजों को आपरेशन के दौरान कम से कम परेशानी उठानी पड़ती है।

जाह्नवी ने साइन की तीन फिल्मों की डील

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मुंबई 22 जून, श्रीदेवी और बोनी कपूर की बेटी जाह्नवी कपूर ने फिल्मकार करण जौहर के साथ तीन फिल्मों के डील साइन करने की चर्चा है। जाह्नवी के बॉलीवुड डेब्यू के बारे में पिछले काफी दिनों से अटकलें लगाई जा रही हैं। जाह्नवी करण के प्रॉडक्शन की किसी फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखेंगी लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि वह किस फिल्म से डेब्यू करेंगी। चर्चा है कि जाह्नवी अपना डेब्यू मराठी की सुपरहिट फिल्म 'सैराट'के ऑफिशल हिंदी रीमेक से करेंगी। चर्चा थी कि वह टाइगर श्रॉफ के अपोजिट 'स्टूडेंट ऑफ द इयर 2'से बॉलीवुड में पदार्पण करेंगी। चर्चा है कि जाह्नवी ने करण के धर्मा प्रॉडक्शन्स के साथ तीन फिल्मों की डील साइन की है। हाल ही में जब श्रीदेवी से उनकी बेटी जाह्नवी के बॉलीवुड में पदार्पण के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा, 'जाह्नवी 'स्टूडेंट ऑफ द इयर 2'करना चाहती थी, शुरू में मैं इसके पक्ष में नहीं थी। मुझे ऐसा नहीं लगता है कि यह एक बुरी इंडस्ट्री है और मैं भी इसी का एक भाग हूं। लेकिन एक पैरंट होने के नाते मैं उसे शादीशुदा देखना चाहती हूं। साथ ही, जाह्नवी की खुशी भी बहुत मायने रखती है और यदि वह ऐक्सट्रेस के रूप में सफल होती है तो यह मेरे लिए गर्व की बात होगी। ” श्रीदेवी ने कहा, 'पहले मैं अपनी बेटियों जाह्नवी और खुशी को पार्टियों प्रीमियर में अपने साथ ले जाती थी लेकिन लोग सोचते थे कि मैं उन्हें प्रमोट कर रही हूं जबकि सच्चाई ये है कि मुझे अपने बच्चों के साथ गर्व महसूस होता है।

‘राधा’ बन थिरकीं अनुष्का शर्मा

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नयी दिल्ली, 22 जून, फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ का पहला गीत ‘राधा’ रिलीज हो गया है जिसमे शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा जाने-माने गायक सुखविंदर सिंह और सुनिधि चौहान की धुन पर नाचते हुए नज़र आ रहे हैं। टैपिंग संगीत और आकर्षक बोल वाला यह आकर्षक गीत यकीनन आपके पैरों को थिरकने पर मजबूर कर देगा। यह गीत हैरी उर्फ ​​शाहरुख खान से शुरू होता है, जिसमें सेजल उर्फ ​​अनुष्का शर्मा को समझाते हैं कि पंजाबी लोग जब बोलते हैं तो वो ऊंची आवाज में क्यों बात करते हैं? उन्होंने सेजल को समझाते हुए कहा कि ज्यादातर पंजाबी किसान होते हैं जो खेतों में काम करते हैं, और ऐसे में ट्रैक्टर के शोर के स्तर से ऊपर अपनी आवाज़ रखने के लिए उन्हें जोर से गाना पड़ता है। सेजल उर्फ ​​अनुष्का उत्साहित हैरी के साथ ताल से ताल मिलाने लगती हैं और फिर दोनों इस मस्त मोले गीत पर मिल कर कदम थिरकाने लगते हैं। इस गीत के वीडियो में अपना नाच दिखाते हुए हैरी और सेजल एक उत्साही और बेबाक मोड पर नज़र आ रहे हैं। यह गीत हैरी के रोचक चरित्र की एक और झलक के साथ समाप्त होता है। प्रशंसकों के लिए गीत पेश करते हुए हैरी उर्फ ​​शाहरुख ने ट्विटर का सहारा लेते हुए सेजल उर्फ अनुष्का शर्मा से फिर से पूछा,“ क्या वो उनकी राधा बनने के लिए तैयार है, सेजल! टाइम्स अप। बता दे क्या आप मेरी राधा बनेंगी? जिसके लिए उन्होंने उत्तर दिया, हां हैरी! बनूंगी तेरी राधा! मैंने सोचा था कि तुम हमेशा से पता था!” पंजाबी मुंडे और गुजराती छोकरी के मेल ने दर्शकों के उत्साह को बढ़ा दिया है। रेड चिलीज एंटरटेनमेंट द्वारा प्रस्तुत, ‘जब हैरी मेट सेजल’ इम्तियाज अली द्वारा निर्देशित है। यह फिल्म चार अगस्त 2017 को रिलीज होगी।


हॉकी : भारत क्वार्टर फाइनल में मलेशिया से हारा

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लंदन, 22 जून, भारत को ऍफ़आईएच वर्ल्ड हॉकी लीग सेमीफाइनल में गुरूवार को मलेशिया के हाथों 2-3 से हार का सामना करना पड़ा और इस हार के साथ ही वह खिताब की होड़ से बाहर हो गया। भारत ने मैच में दो गोल से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी की और 2-2 से बराबरी हासिल कर ली लेकिन रैजी रहीम ने 48 वें मिनट में पेनल्टी कार्नर पर गोल कर मलेशिया 3-2 की बढ़त दिला दी। भारत ने काफी कोशिश की लेकिन उसे बराबरी नहीं मिल पायी। मलेशिया ने इस जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बना ली। भारत का अब पांचवें और छठे स्थान के लिए पाकिस्तान के साथ मुक़ाबला हो सकता है। पहला क्वार्टर गोल रहित रहने के बाद मलेशिया ने 19 वें मिनट में बढ़त बना ली जब रैजी रहीम ने पेनल्टी कार्नर पर गोल दाग दिया। इसके अगले ही मिनट में तेंग्कू ताजुद्दीन ने पेनल्टी कार्नर पर गोल कर मलेशिया को 2-0 से आगे कर दिया। लेकिन रमनदीप सिंह ने 24 वें मिनट में पहले मैदानी गोल कर और फिर 26 वें मिनट में पेनल्टी कार्नर पर गोल कर भारत को 2-2 की बराबरी पर ला दिया। पहले हाफ तक यही स्कोर रहा। दूसरे हाफ में रैजी रहीम के गोल ने भारत की उम्मीदें तोड़ दीं। इससे पहले ओलम्पिक चैंपियन और विश्व की नंबर एक टीम अर्जेंटीना ने पाकिस्तान को 3-1 से पीट कर सेमीफाइनल में जगह बना ली। अर्जेंटीना ने 44 वें मिनट तक की 3-0 की मजबूत बढ़त बना ली थी। मैको कैसेलो ने 22 वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल कर अर्जेंटीना को एक गोल से आगे कर दिया। टूर्नामेंट में अर्जेंटीना के शीर्ष स्कोरर गोंजालो पिलेट ने 33 वें मिनट में पेनल्टी कार्नर पर अर्जेंटीना का दूसरा गोल दाग दिया। कैसेलो ने 44 वें मिनट में अपनी टीम का तीसरा गोल दागा। पाकिस्तान का एकमात्र गोल शान अली ने 49 वें मिनट में किया। इससे पहले एशियाई टीम कोरिया ने तूफानी प्रदर्शन करते हुए स्कॉटलैंड को 6-3 से पीट कर नौंवां स्थान हासिल किया।

किकेट :अफगानिस्तान और आयरलैंड को मिला टेस्ट दर्जा

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लंदन,22 जून, अफगानिस्तान और आयरलैंड को टेस्ट दर्जा मिल गया है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने अपने वार्षिक सम्मेलन में अफगानिस्तान और आयरलैंड को गुरूवार को पूर्ण सदस्य का दर्जा दे दिया। आईसीसी बोर्ड ने इस फैसले को अपनी मंजूरी दे दी। इस तरह ये दोनों देश विश्व क्रिकेट संस्था के 11 वें और 12 वें सदस्य बन गए। दोनों देशों ने पूर्ण सदस्यता के लिए आवेदन किया था। उनके आवेदन को वोटिंग के लिए रखा गया और इसे सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गयी। अफगानिस्तान ने टेस्ट दर्जा पाने से पहले तक 83 एकदिवसीय और 61 ट्वंटी 20 मैच तथा आयरलैंड ने 123 एकदिवसीय और 61 ट्वंटी 20 मैच खेले थे। टेस्ट क्रिकेट में 17 साल बाद जाकर नए देशों को टेस्ट दर्जा दिया गया है। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ने 1877 में एक साथ टेस्ट दर्जा हासिल किया था और टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत की थी। दक्षिण अफ्रीका को 1889, वेस्ट इंडीज को 1928 ,न्यूजीलैंड को 1930,भारत को 1932,पाकिस्तान को 1952,श्रीलंका को 1982,जिम्बाब्वे को 1992 और बंगलादेश को 2000 में टेस्ट दर्जा मिला था।

महाराष्ट्र में किसान आंदोलन हुआ हिंसक,24 घायल

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ठाणे, 22 जून, महाराष्ट्र में मुंबई से सटे ठाणे जिला के कल्याण के समीप नेवली में प्रस्तावित हवाईअड्डा जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों की भीड़ के आज हिंसक हो जाने से पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों समेत 24 से अधिक लोग घायल हो गये। हिंसक भीड़ ने पुलिस जीप को आग लगा दी तथा दोपहिया समेत तीन अन्य वाहनों को भी आग लगा दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार घायलों में सहायक पुलिस आयुक्त सुनील पाटल, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक एम जी वाघमारे और एक पुलिस निरीक्षक (जिसकी पहचान नहीं हो सकी) शामिल हैं। सभी घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिला प्रशासन ने आज एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि जिलाधिकारी डाक्टर महेन्द्र कल्याणरमण ने वरिष्ठ राजस्व अधिकारियों को स्थिति पर निगरानी रखने का आदेश दिया है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मकरंद रानाडे ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रबर की गाेलियों का इस्तेमाल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। ठाणे के प्रभारी मंत्री एकनाथ शिंदे नेवली पहुंच गये और ग्रामीणों के साथ बातचीत की। गौरतलब है कि कल्याण में द्वितीय विश्वयुद्ध के समय रॉयल एअर फोर्स के पायलटों ने कल्याण हवाई पट्टी का उपयोग किया था और देश के आजाद होने के बाद यह जमीन रक्षा मंत्रालय को दे दी गयी। यह जमीन रक्षा मंत्रालय से भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण को दे दी गयी और बाद में यह जमीन किसानों को दे दी गयी। इस वर्ष भारतीय नौसेना ने अहाता के लिए दीवार उठाना शुरू किया। इस जमीन के आस पास 18 गांवों में 22 हजार लोग रहते हैं।

मीरा कुमार को चुने जाने के तीन कारण

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नयी दिल्ली, 22 जून, विपक्ष ने राष्ट्रपति चुनाव में तीन कारणों से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को अपना उम्मीदवार बनाने का फैसला किया। ये तीन कारण हैं उनकी जाति, उनका राज्य और उनकी पार्टी।  राजग प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को लेकर विपक्ष में दरार आने के बाद विपक्ष ने कांग्रेस की मीरा कुमार को अपना प्रत्याशी चुना ताकि जद :यू: को अपने पाले में फिर से लाया जा सके और बसपा अलग नहीं हो। जद :यू: ने कल कहा था कि वह कोविंद का समर्थन करेगी जबकि बसपा ने कहा था कि वह किसी दलित की उम्मीदवारी को लेकर नकारात्मक रख नहीं अपनाएगी, जब राजग ने इस सप्ताह की शुरूआत में उत्तर प्रदेश के एक दलित कोविंद को राष्ट्रपति चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाने की घोषणा की थी। बसपा ने आज विपक्ष के उम्मीदवार का समर्थन किया। उसने कहा कि मीरा कुमार कोविंद की तुलना में अधिक सक्षम और लोकप्रिय हैं। 17 विपक्षी पाटर्यिों की आज हुई बैठक में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कुमार, पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और योजना आयोग के पूर्व सदस्य भालचंद्र मुंगेकर का नाम प्रस्तावित किया। एक वाम दल के सूत्र ने बताया, राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कुमार की वकालत की। दो बातें उनके पक्ष में गईं। एक तो वह कांग्रेस की हैं और उनका चयन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया। सूत्रों ने बताया कि दूसरा तथ्य कि वह बिहार की बेटी हैं और यह नीतीश कुमार को कोविंद का समर्थन करने के अपने फैसले पर पुनवर्चिार करने को बाध्य करेगा। कोविंद पड़ोसी उत्तर प्रदेश से आते हैं। तीसरी बात यह कि वह दलित हैं और उनकी शानदार राजनैतिक पृष्ठभूमि रही है। बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में लालू ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मुद्दे पर अपना मन बदलने की अपील की और कहा कि वह पटना में मुख्यमंत्री से इस बारे में बातचीत करेंगे। लालू ने कहा मैं नीतीश कुमार से मिलूंगा और उनसे राजग उम्मीदवार को समर्थन देने के उनके फैसले को बदलने का अनुरोध करूंगा। मैं उनसे कहूंगा कि वह ऐतिहासिक भूल नहीं करें। मैं उनसे दोबारा सोचने को कहूंगा

बनिया और जैन के बीच बैठ ‘दलित’ कोविंद ने किया नामांकन

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भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्‍व वाले एनडीए की ओर से राष्‍ट्रपति उम्‍मीदवार रामनाथ कोविंद ने आज संसद भवन स्थित लोकसभा के महासचिव के कक्ष जाकर कर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। श्री कोविंद की ओर से नामांकन पत्रों के चार सेट दाखिल किये गये। उन्‍होंने अपना नामांकन बिहार के वोटर के रूप में किया।





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भाजपा की ओर राष्‍ट्रपति पद के लिए बहुप्रचारित दलित उम्‍मीदवार रामनाथ कोविंद ने अपना नामांकन किया। रामनाथ कोविंद की दायीं ओर बनिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जैन अमित शाह बायीं ओर बैठे थे। नामांकन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद महासचिव कक्ष में उपस्थित सभी नेता बाहर निकले। इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडु, संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार, कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के साथ ही कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राजग के घटकदलों के नेता तथा कुछ विपक्षी दलों के नेता भी उपस्थित थे।

उधर श्री कोविंद ने राष्ट्रपति पद को राजनीति से ऊपर करार देते हुये इस चुनाव के मतदाता मंडल के सदस्यों से उन्हें समर्थन देने की अपील की है। श्री कोविंद ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुये कहा कि 125 करोड़ की आबादी वाला भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और इस लोकतंत्र में राष्ट्रपति का पद सबसे गरिमा पद है और वह इस सर्वोच्च पद की गरिमा बनाये रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगें।




साभार : बीरेंद्र यादव 

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