Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74327 articles
Browse latest View live

विशेष आलेख : असामान्य होती स्थितियों का गंभीर चुनौती बनना

$
0
0
chllenge-life
हर देश की राजनीति समाज का आईना होती है। पिछले तीन वर्षों से हमारे यहां राजनीतिक स्तर पर जो कुछ चलता रहा है, उसका समाज और उसकी प्रक्रियाओं से गहरा संबंध है। मोदी सरकार ने राष्ट्र निर्माण और विकास के मुद्दों के इर्द-गिर्द एक मजबूत पकड़ बनाई है, लोक लुभावन वादों का सिलसिला भी जारी है, लेकिन इन सब स्थितियों के बावजूद देश का अशांत बनना विडम्बना है, क्या यह अशांति एवं तनाव की स्थितियां प्रायोजित है या सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध का स्वर है? एकाएक किसान आन्दोलन एवं किसानों के द्वारा आत्महत्या की घटनाओं ने तो सरकार की परेशानियों को बढ़ाया ही है। साथ-ही-साथ कश्मीर का लगातार अशांत बनना गंभीर चुनौती के रूप में सामने आ रहा है। गौरखालैंड की चिनगारी भी तनाव का कारण बनी हुई है। अर्थव्यवस्था की विरोधाभासी तस्वीर एवं बेरोजगारी आदि स्थितियां देश की लगातार असामान्य होती स्थितियों को ही उजागर कर रही है। लेकिन इस सबके साथ एक अलग राजनीति, जिसका सरोकार जीविका संबंधी प्रश्नों से जुड़ा हुआ है, इस देश की कोख में पनपती हुई दिखाई दे रही है। आश्चर्य नहीं होना चाहिए, यदि आगे आने वाले दिनों में इस देश की जनता नई राजनीति के तहत सक्रिय हो और सामाजिक परिवर्तन का स्रोत बने। क्योंकि समाज में व्यापक स्तर पर एक परेशानी का माहौल बनने लगा है या बनाया जा रहा है। 


देश में गजब विरोधाभासी माहौल देखने को मिल रहा है। हाल ही में आए आंकड़ों ने अर्थव्यवस्था की एक ऐसी ही विरोधाभासी तस्वीर पेश की है। एक तरफ खुदरा महंगाई में राहत बरकरार है, वहीं दूसरी तरफ औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आइआइपी) में गिरावट दर्ज हुई है। महंगाई के मोर्चे पर दिख रही राहत के चलते रिजर्व बैंक से नीतिगत दरों में कटौती की मांग तेज हो सकती है। पिछले दिनों जारी हुई द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को यथावत रखा, जो उद्योग जगत को भी नागवार गुजरा। पर खुदरा महंगाई में नरमी बने रहने का रुख जारी ही रहेगा, यह दावा नहीं किया जा सकता, क्योंकि जीएसटी के संभावित असर को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घट कर अप्रैल में 3.1 फीसद पर आ गई। पिछले साल अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर साढ़े छह फीसद थी। गिरावट के पीछे खासकर मैन्युफैक्चरिंग, खनन व बिजली क्षेत्र का लचर प्रदर्शन है। इस समय रोजगार के मोर्चे पर निराशाजनक तस्वीर है, तो इसका एक प्रमुख कारण मैन्युफैक्चरिंग की वृद्धि दर में आई गिरावट भी है। खनन और बिजली के कमजोर प्रदर्शन औद्योगिक क्षेत्र में घटती मांग और ठहराव को दर्शाते हैं। जाहिर है कि न तो बुनियादी उद्योगों में स्थिति संतोषजनक है न मैन्युफैक्चरिंग में। यह हालत तब है जब सरकार ने स्टार्ट अप इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया जैसे अनेक कार्यक्रम चला रखे हैं। इन कार्यक्रमों से मैन्युफैक्चरिंग की गति बढ़नी चाहिए थी, पर इसके विपरीत सुस्ती नजर आ रही है। रोजगार के मोर्चे पर और बुरा हाल है। अनुमान है कि देश के तीस फीसद से ज्यादा युवा बेरोजगार हैं। नौकरियों में छंटनी का क्रम भी तीव्रता से जारी है। क्या यह रोजगार-विहीन विकास की बानगी है?

मोदी सरकार ने गरीबों और पिछड़े वर्गों की तरफ अपनी प्रतिबद्धता दिखाई, लेकिन उस प्रतिबद्धता को साकार कराने में उसने कुछ खास मुस्तैदी नहीं दिखाई। साथ-साथ नोटबंदी के द्वारा सुधार की जो प्रक्रिया शुरू की गई थी, उसके दुष्प्रभाव भी सामने आने लगे है। बाजार मंदी की चपेट में है और एक नया भ्रष्टाचार पनपा है। नोटबंदी, वैश्वीकरण और आर्थिक सुधार ने सभी को, और खासतौर से आम आदमी को यह सपना दिखाया कि एक बार आर्थिक सुधार की प्रक्रिया आगे बढ़ गई तो सभी के लिए संपन्नता का प्रवाह होगा और हालात सुधरेंगे। आर्थिक सुधार के सपने ने लोगों को इस खतरे से आगाह नहीं किया था कि नोटबंदी का उद्देश्य एवं वैश्वीकरण की प्रक्रिया फेल भी हो सकती है। सच तो यह है कि जिन कॉर्पोरेशंस ने शुरू में नौकरियां दी थीं, वे धीरे-धीरे छंटनी करने लगे। साथ-साथ आर्थिक सुधारों के नाम पर सरकार सामाजिक सेक्टर से अपना हाथ खींचने लगी। इसके कारण गरीबों और कमजोर वर्गों के लिए खड़ा किया गया सामाजिक सहायता का ढांचा कमजोर होने लगा। चाहे स्वास्थ्य का क्षेत्र हो या शिक्षा का, सरकार की ओर से बार-बार यह आश्वासन दिए जाने के बावजूद कि नागरिक का स्वास्थ्य और शिक्षा उसकी जिम्मेदारी है, इस दिशा में ठोस काम नहीं किया जा सका।

जमीन के अधिकार से जुड़े सवालों और बड़ी संख्या में आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों के विस्थापन ने नई परेशानियां पैदा की हैं। अनेकानेक जनसंघर्ष शुरू हुए और अभी भी चल रहे हैं। कॉर्पोरेट के दबाव में सरकार ने ऐसे सभी आंदोलनों के प्रति दमन की नीति अपनाई। यदि निष्पक्ष जायजा लें तो ऐसा लगेगा कि इन सब प्रश्नों और मुद्दों का देश की राजनीति से कोई सरोकार नहीं रह गया है। बल्कि ये मुद्दे अब भी राजनीतिक स्वार्थों की रोटियां सेंकने का हथियार मात्र है।

मोदी सरकार की नोटबंदी कालेधन एवं भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की मुहिम का हिस्सा भले ही रही हो, लेकिन कोई भी सभ्य सोच रखने वाला व्यक्ति यह मानेगा कि किसी लोकतांत्रिक समाज में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए इस तरह के प्रयोग लम्बी तैयारी के बाद ही होने चाहिए। क्योंकि उनकी सारी मुहिम डाइवर्सनरी-रास्ता भटकाने वाली ही साबित हुई है। कॉर्पोरेट दुनिया में जिस प्रकार का संकट आया हुआ है और प्रोपर्टी, शेयर, सट्टा बाजार अस्त-व्यस्त हो गया है, साथ ही आर्थिक और औद्योगिक विकास में जिस तरह कमजोरी देखने में आ रही है, उसके संदर्भ में मोदी की मुहिम लोगों का ध्यान गंभीर आर्थिक मुद्दों से हटाने का काम कर रही है। मैं इस तर्क को पूरी तरह नकारना नहीं चाहूंगा कि शायद मोदी सरकार के समर्थक भ्रष्टाचार को लेकर संजीदा हैं, लेकिन कई ऐसे प्रश्न हैं, जिनका न तो उत्तर दिया गया है और न ही उनके बारे में कोई सूझबूझ दिखाई गई है। इस देश में बहुत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कॉर्पोरेट जगत और पूंजीवादी व्यवस्था से जुड़ा है। लेकिन मोदी की मुहिम के लिए यह चिंता का विषय नहीं है। उनके यहां इस बात की समझ भी नहीं है कि भ्रष्टाचार की समस्या, जिसकी जड़ें समाज में दूर तक फैली हैं, कानून की जादुई छड़ी हिला कर समाप्त नहीं की जा सकती। ज्वलंत और मौलिक आर्थिक मुद्दे, जिनकी तरफ से फिलहाल हमारा दिमाग हटाया गया था, पुनः सामने खड़े हो रहे हैं।


आज कई राज्यों के किसान कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं। यह एक आर्थिक एवं नीतिगत मुद्दा है। प्रश्न यह है कि क्या कर्ज माफी चुनावी मुद्दा होना चाहिए? यह तो शुद्ध रूप से नीतिगत मामला है और नीति बनाने वाली संस्थाओं पर छोड़ देना चाहिए था। लेकिन क्यों राजनीति लाभ लेने के लिये इसे भुनाया गया? आखिर किस आधार पर उत्तर प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ करने का एलान खुद प्रधानमंत्री की ओर से किया गया? क्या अन्य राज्यों के किसान की उत्पादकता उत्तर प्रदेश के किसानों से ज्यादा है? इस साल देश में रिकॉर्ड 274 मिलियन टन अनाज पैदा होने का अनुमान है। गेहूं और चावल के साथ दालों का उत्पादन भी जरूरत से ज्यादा हुआ है। विडंबना देखिए कि इसके बाद भी किसान आंदोलन की राह पर हैं, क्यों? 

क्योंकि वोट पाने की ललक में पार्टियां पहले गैर जिम्मेदाराना वादे करती हैं और फिर या तो मुकर जाती हैं या आंशिक रूप से उन्हें पूरा करके समूचे देश में आक्रोश पैदा करती हैं। आज अगर देश के सभी किसानों का कर्ज माफ करना पड़े तो करीब ढाई लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। क्या केंद्र या राज्य की सरकारें इतनी बड़ी राशि खर्च करने की स्थिति में हैं और अगर हैं तो क्या अर्थव्यवस्था उसे वहन करने की हालत में होगी? कर्ज माफ करना हो या कश्मीर-दार्जिलींग की अशांति, आदिवासी-दलित से जुड़ी समस्याएं हो या बेरोजगारी का प्रश्न-सरकार की ओर से इन समस्याओं के समाधान के लिये जिस तरह के प्रयत्न किये जा रहे हैं, वे कैंसर के मरीज को दर्द की गोली देने से अधिक कुछ भी नहीं है। 



liveaaryaavart dot com

(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कुंज अपार्टमेंट
25, आई0पी0 एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोन: 22727486

आलेख : अधिकारियों के काम की समीक्षा एक अच्छी पहल

$
0
0
देश में शासकीय अधिकारियों की कार्यशैली पर कई बार ऐसे सवाल उठते रहे हैं, जिससे उनकी कर्तव्यहीनता पर संदेह पैदा होता रहा है। वास्तव में वर्तमान में कई शासकीय अधिकारियों की कार्यशैली ऐसी होती जा रही है, जो जनता से सरोकार नहीं रखती। ऐसे सरकारी अधिकारी कर्तव्यहीन ही कहे जा सकते हैं, क्योंकि जो सरकारी योजनाएं आम जनता की भलाई के लिए बनाई जाती हैं, वे अधिकारी और कर्मचारियों की निष्क्रियता के चलते मूर्त रुप नहीं ले पाती। देश का यह सबसे बड़ा सच ही कहा जाएगा कि सरकारी योजना को साकार करने के लिए शासकीय सेवकों की बहुत बड़ी भूमिका होती है। सरकारी योजनाओं का असफल होना भी कहीं न कहीं इन सरकारी अधिकारियों की निष्क्रियता है।


केन्द्र की मोदी सरकार ने जिस प्रकार से देश की जनता को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार दी है, उससे देश में एक विश्वास तो पैदा हुआ है कि भ्रष्टाचार को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है। इसके लिए पहल करना आवश्यक भी था, क्योंकि कांगे्रस के शासन काल में देश की जनता भ्रष्टाचार से बहुत दुखी होती जा रही थी। देश की गाड़ी कमाई का बहुत बड़ा हिस्सा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता ही जा रहा था, कहीं से भी रुकने की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही थी। उसके बाद देश की जनता ने नरेन्द्र मोदी पर विश्वास किया और केन्द्र सरकार ने जनविश्वास के आधार पर सरकार का संचालन करके जनधारणा को परिवर्तित करने का अभिनव सूत्रपात किया है। ऐसी सरकार को पाकर देश की जनता प्रसन्न दिखाई दे रही है। कहते हैं कि जब सत्ता में बैठे लोग ईमानदार होंगे, तभी ईमानदार व्यवस्था लागू हो सकती है। आज सरकार में ईमानदार लोग हैं और वह जैसे हैं, वैसा ही देश को बनाना चाहते हैं। सरकार में बैठे मंत्रियों के स्तर पर भले ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा हो, लेकिन प्रशासन स्तर पर कहीं न कहीं भ्रष्टाचार किए जाने की प्रतिध्वनि सुनाई पड़ रही थी। जिसके कारण जनता अभी भी परेशान थी। जिस अधिकारी के कार्य से जनता होती है, वास्तव में उस अधिकारी के काम की समीक्षा किया जाना बहुत जरुरी है। अगर वह समीक्षा करने के बाद अनफिट दिखाई देता है, तो उसकी सेवाएं समाप्त करने जैसा कदम भी सरकार को उठाना चाहिए।


वर्तमान में जिस प्रकार की शिक्षा पद्धति देश में दिखाई दे रही है, उसमें सबसे ज्यादा अंक हासिल करने वाले शिक्षार्थी भी संदेह के घेरे में आने लगे हैं। नकल माफिया के दबाव के चलते छात्र कागजी योग्यता तो प्राप्त कर लेते हैं, लेकिन उनको उन विषयों का भी ज्ञान नहीं होता, जिसकी उसने परीक्षा दी है। इसी प्रकार परीक्षा और भर्ती घोटाले भी सुने जाते हैं। ऐसे में सवाल यह भी है कि जो व्यक्ति भ्रष्टाचार के रुप में रिश्वत देकर नौकरी पाने का प्रयास करता है, वह देश का कितना भला कर सकता है। रिश्वत लेना और देना, दोनों ही गंभीर अपराध की श्रेणी में आते हैं। लेकिन इससे अयोग्य व्यक्तियों का चयन भी हो जाता है, ऐसे अयोग्य व्यक्ति को कुर्सी मिल जाने के कारणों से ही कर्तव्यहीनता बढ़ती जा रही है। ऐसे व्यक्ति अपने काम के प्रति न्याय भी नहीं कर पाते, फिर जनता की भलाई कैसे कर सकते हैं। देश की जो जनता कर्मचारियों को वेतन देती है, उनको कष्ट देना कहां तक उचित है। यह भी कर्तव्यहीनता की श्रेणी में आता है।

शासकीय कार्यालयों के कामकाज से कई नागरिक परेशान हुए हैं। कई लोगों ने सरकारी अधिकारियों व बाबुओं की शिकायत भी की होगी, लेकिन सरकार में बैठे राजनेता कितनी प्रभावी कार्यवाही करते हैं, यह भी सबको पता है। किसी का सगा अगर मंत्री बन गया तो तो उस शासकीय सेवक को तो कोई काम भी नहीं करना पड़ता। शासकीय कार्यालयों में कई फाइलें धूल खा रही हैं। उनका नंबर कब आएगा, कोई नहीं बता सकता। यह सब काम न करने के कारण ही हो रहा है। यही हमारे देश में अभी तक होता रहा है। लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं। अब देश में केन्द्र सरकार के मंसूबे स्पष्ट दिखाई देने लगे हैं। यह सोच तभी धरती पर उतर कर सामने आएगी, जब सरकार के मंसूबे के मुताबिक प्रशासन भी अपने कार्यों को अंजाम दे। फिलहाल मोदी सरकार ने इस हेतु कदम बढ़ा दिए हैं। शासकीय सेवकों के काम काज की समीक्षा की तैयारियां प्रारंभ भी हो गर्इं हैं। अगर यह समीक्षा सही तरीके से की गई तो परिणाम भी अच्छा दिखाई देगा।






liveaaryaavart dot com
सुरेश हिन्दुस्थानी
झांसी, उत्तरप्रदेश पिन- 284001
मोबाइल-09455099388
(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)

केन्द्र की मोदी सरकार पिछले तीन वर्षों में हर मोर्चे पर रही विफल-प्रदेश प्रवक्ता व प्रदेश महामंत्री

$
0
0
केन्द्र मंे मोदी सरकार के आने से इस देश का विकास पूरी तरह हो गया है ठप्प। पिछले तीन वर्षों में हर मोर्चे पर विफल रही केन्द्र की भाजपा सरकार। वर्ष 2014 के लोक सभा चुनाव में प्रति वर्ष देश के दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने की बात पीएम मोदी ने कही थी, स्थिति इन दिनों ठीक इसके विपरित है। प्रति वर्ष इस देश में दो करोड़ लोग बेरोजगार हो रहे हैं।



modi-government-fail-jharkhand-congress
दुमका (अमरेन्द्र सुमन) झारखण्ड प्रदेश काॅग्रेस कमिटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद व महामंत्री डा0 राजेश गुप्ता ने ’’झूठे वादे झूठे बोल, भाजपा शासन की खुल गई पोल’’ के तहत दिन मंगलवार को सर्किट हाउस, दुमका में संयुक्त रुप से प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि किसान विरोधी केन्द्र की मोदी सरकार पिछले तीन वर्षों में हर मोर्चे पर विफल रही। किसानों को उनकी उपज की लागत मूल्य में 50 प्रतिशत जोड़कर न्यूनतम एमएसपी तय करेगी के वादे करने वाली  केन्द्र की सरकार अपने वादे से मुकर गई। जिलाध्यक्ष श्यामल किशोर सिंह, मनोज अम्बष्ट, महेश राम चन्द्रवंशी, संजीत कुमार सिंह, डा0 सुशील मराण्डी व प्रेम कुमार साह की मौजूदगी में प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि काॅग्रेस के दस वर्षों के कार्यकाल में गेहूँ में 14 प्रतिशत, अरहर में 22 प्रतिशत, मूँगदाल में 23 प्रतिशत व पैडी क्राॅप में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी किन्तु वष्र 2014 से 2017 तक की बात करें तो गेहूँ में 4 प्रतिशत, अरहर में 6 प्रतिशत, मूँगदाल में 5 प्रतिशत व पैडी में मात्र 4 प्रतिशत की वृद्धि ही दर्ज की गई। यूपीए सरकार में सलाना वार्षिक दर जहाँ एक ओर 15 प्रतिशत थी वहीं दूसरी ओर एनडीए के शासन काल में तीन वर्षों में सालाना वार्षिक व्यय मात्र 4 प्रतिशत ही रह गया। प्रवक्ता राजीव रंजन सिन्हा ने एनडीए के तीन वर्षों की पूरी जानकारी से अवगत कराते हुए कहा कि यूपीए सरकार में धान क्रय का सरकारी मूल्य 590 रुपये था जो बढ़ाकर 1, 400 रुपया कर दिया गया। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मोदी जी ने वर्ष 2014 के लोक सभा चुनाव में प्रति वर्ष देश के दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने की बात कही थी किन्तु स्थिति बिल्कुल इसके उलट है। प्रति वर्ष इस देश में दो करोड़ लोग बेरोजगार हो रहे हैं। तीन वर्षों के कार्यकाल में मोदी सरकार ने उत्पादन, व्यापार, कंस्ट्रक्शन्स, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन व अन्य क्षेत्रों में मात्र 15.1 लाख नौकरियाँ ही सृजित कर पायी जो पहले के तीन वर्षों की तुलना में 39 प्रतिशत कम है। वर्ष 2012-13 में पीएम रोजगार सृजन के तहत 4 लाख 28 हजार नौकरियाँ दी गई जबकि वर्ष 2015-16 में मात्र 3 लाख 23 हजार ही रहीं। वर्ष 2015 से वर्ष 2016 तक (दो वर्षों) में मात्र 3.68 लाख रोजगार का सृजन किया गया जबकि वर्ष 2012 व 2013 में 7.41 लाख रोजगार का सृजन किया गया था। वर्ष 2015-16 में कैम्पस जाॅब आॅफर 79 प्रतिशत था जो वर्ष 2016-17 में गिरकर 66 प्रतिशत हो गया। एक वर्ष में इस तरह 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गईं। भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविन्द सुब्रहमन्यम ने कहा था कि देश की तेज आर्थिक वृद्धि दर के वर्षों में आईटी, कन्स्ट्रक्शन्स, कृषि कठिनाईयों के दौर से गुजर रहे हैं। वर्ष 2004 से वर्ष 2009 तक तेज आर्थिक वृद्धि का दौर था। इन वर्षों में सालाना वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा 6 करोड किसान सहित 2 करोड़ भूमिहीनों के लिये कृषि आजीविका का मुख्य साधन है। साढे तीन करोड़ लोगों को  कन्स्ट्रक्शन्स में रोजगार प्राप्त होता है। 37 लाख लोग आईटी सेक्टर से जुड़े होते हैं। आज उपरोक्त कठिनाईयों के दौर से गुजर रहे हैं। प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि 7 प्रतिशत की वृद्धि दर से देश के आगे बढ़ने का दावा मोदी सरकार करती है किन्तु सच्चाई यह है कि रोजगार के क्षेत्र में मात्र एक प्रतिशत की वृद्धि ही दर्ज हो पायी है। वर्ष 2016-17 में जीडीपी 8 प्रतिशत से गिरकर 7.1 प्रतिशत ही रह गई है। बैंकों में ऋण उठाव की स्थिति भयावह है। 30 सितम्बर 2016 को क्रेडिट ग्रोथ की दर 12.1 प्रतिशत थी जो घटकर 5.4 प्रतिशत पर आकर ठहर गई है। वर्ष 2014-15 में एनपीए 2.67 लाख करोड़ था जो दिसम्बर 2016 में बढ़कर 6.06 लाख करोड़ हो गया। वर्ष 2016-17 में 2.4 प्रतिशत निजी निवेश सूचक रह गया। प्रदेश महामंत्री डा0 राजेश गुप्ता ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में शिक्षा का स्तर काफी बदहाल रहा। शिक्षा पर सेस से इन वर्षों में भाजपा सरकार ने 1, 32, 649 करोड़ रुपये जमा किये । इन पैसों को पारदर्शी तरीके से खर्च नहीं किया गया।  कैग की रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है। देश भर में 5 लाख से अधिक शिक्षकों का पद रिक्त है। मीड डे मील योजना के लिये आधार को अनिवार्य बना दिया गया है किन्तु इससे 14 करोड़ बच्चे प्रभावित हो जाऐंगे। यूजीसी बजट में 55 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है। वर्ष 2015-16 में इस मद में 9315 करोड़ रुपये का प्रावधान था जो घटकर वर्ष 2016-17 के लिये 4286 करोड़ रुपये ही रह गई है। यूजीसी से विवि को दी जाने वाली फंडिेंग सौ प्रतिशत से घटाकर सत्तर प्रतिशत कर दी गई। केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में 6080, एनआईटीएस में 3183, आईआईटीएस में 2671 व  आईआईएमएस में 212 पद रिक्त पड़े हुए हैं। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान के लिये एक हजार करोड़ रुपये के निर्भया फंड का उपयोग नहीं हो रहा। रेप पीड़िताओं की मदद के लिये स्थापित 660 वन स्टाॅप सेंटरों में से 640 की स्थापना ही नहीं हो सकी है। राजस्थान व हरियाणा में महिलाओं के लिये शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य करके 75 प्रतिशत महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया है। उपरोक्त ने कहा जब से मोदी सरकार केन्द्र मंे आयी है इस देश का विकास पूरी तरह ठप्प हो गया है। सरकार विज्ञापनों के माध्यम से व प्रचार-प्रसार कर भले ही अपनी पीठ थपथपा रही हो किन्तु हकीकत यह है कि केन्द्र की मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। 

दुमका के उपायुक्त के रुप में मुकेश कुमार ने पदभार ग्रहण किया

$
0
0
dumka-dc-mukesh-kumar
दुमका के निवर्तमान उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा से पदभार ग्रहण कर मुकेश कुमार ने दुमका के नये उपायुक्त के रुप में इस जिले की कमान संभाली। इस अवसर पर महत्वपूर्ण अभिलेखों पर हस्ताक्षर कर दोनों ही उपायुक्तों ने एक-दूसरे से प्रभार देने-लेने की औपचारिकताएँ पूरी कीं। उपायुक्त मुकेश कुमार 2010 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। दुमका से पूर्व खूंटी, लातेहार व हजारीबाग के उपायुक्त के रुप में इन्होंने अपनी सेवाएँ दी है।  जेएनयू, नई दिल्ली के छात्र रहे मुकेश कुमार ने दुमका के उपायुक्त के रुप में पदभार ग्रहण कर निवर्तमान उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा को उनके नये स्थान देवघर के लिए अपनी शुभकामनायें दी। देवघर के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा (2011) ने भी दुमका के उपायुक्त मुकेश कुमार के प्रति सम्मान प्रकट किया व शुभकामनाएँ दी। 


अधिकारी बिना अनुमति के मुख्यालय न छोड़ें
दुमका के उपायुक्त का पदभार ग्रहण करते ही मुकेश कुमार ने सभी जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर उनका परिचय प्राप्त किया व अपनी प्राथमिकताओं से उन्हें अवगत कराया। उपायुक्त ने कहा कि वे सभी अधिकारियों का सम्मान करते हैं तथा उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना भी करते हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अधिकारी अपने कार्यों के प्रति व अपने अधीनस्थ अधिकारियों, कर्मियों पर पूरी पकड़ बनाए रखें। अपने कार्यों के लिए समयबद्ध एक्शन प्लान हो तथा वस्तुनिष्ठ तथ्यों से अवगत रहें। उन्होंने कहा कि केवल कार्य करते रहना महत्वपूर्ण नहीं बल्कि समयबद्ध परिणाम देना जरूरी है। उपायुक्त ने कहा कि टालमटोल या अस्पष्टता स्वीकार्य नहीं होगी। बैठक में पूरी तैयारी से अधिकारी आऐगें व बैठक को गम्भीरता से लेंगे। उन्होंने कहा अधिकारी चाहे वे किसी भी विभाग के हांे बिना उपायुक्त की अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। अवकाश के लिए कोई मनाही नहीं पर बिना सूचना व किसी अन्य कार्य के नाम पर मुख्यालय से बाहर रहना स्वीकार्य नहीं होगा। उपायुक्त ने सभी प्रशिक्षु अंचल अधिकारियों व क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्धारित स्थल पर रहने को कहा। उन्होंने कहा कि वे कभी भी औचक निरीक्षण में पहुँच सकते हैं। उपायुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि स्वच्छता मिशन उनकी पहली प्राथमिकता होगी। केवल शौचालय निर्माण के लक्ष्य को हासिल करना नहीं बल्कि पंचायत व प्रखंड को ओडीएफ करने का एक्शन प्लान लेकर सामने आना होगा। शिक्षा व स्वास्थ्य भी उनकी महत्वपूर्ण प्राथमिकतायें होंगी। नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी से उन्होंने कहा कि मेरी अपेक्षा है कि सुबह-सुबह नगर की साफ-सफाई का खुद जायजा लें। सबकों कार्य के लिए प्रेरित करें।

विशेष आलेख : योग से कैसे मिलेगी मन की शांति ?

$
0
0
तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देश में विभिन्न शहरों में योग शिविर का आयोजन किया गया। सोशल मीडिया पर योग करते हुए फोटो भी डालीं गई। फेसबुक पर योग दिवस की बधाईयों की पोस्ट देखने को मिली। जैसा की अक्सर होता है, जब भी कोई इस तरह का दिवस आता है , उस दिन लोगों का जुनून देखने लायक होता है। फिर दूसरे दिन उस बम की तरह जिसका पलीता जलता तो बहुत ही तेजी से है पर दगने के समय फुस्स हो जाता है।  वैसा ही कुछ हाल लोगों का हो जाता है। दूसरे दिन पूरी तरह से फुस्स हो जाते हैं। कहते है योग करोगे तो निरोग रहोगे। अरे साल में एक बार योग करने से निरोग हो जाएगें। योग दिवस पर जितने लोगों ने योग किया है उनमें से शायद 20 प्रतिशत लोग ही रोज योगा करते होगें या कर पाएगें।  हां इतना जरूर है कि अगर साल में एक बार योग करेगें तो आप की पसलिंया जरूर दर्द करेगीं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ के रमाबाई पार्क में आयोजित योग कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा योग से मन को स्थिर रखने की शक्ति मिलती है। प्रधानमंत्री जी आप की यह बात सत्य है, पर सब पर लागू नहीं होती। ये बात उनपर लागू होती है जिनके पेट भरें हो।


 कभी उस गरीब से भी पूछिए, जिनकों दो वक़्त की रोटी नसीब नहीं होती। क्या मन को स्थिर रखने की शक्ति उनको योगा से मिलेगी?  कभी देश के उन नौजवानों से पूछिए जो बेचारे बेरोजगार घूम रहे हैं। रोजगार पाने के लिए दर-दर भटकते हैं। अंत में निराशा हाथ लगती है। अगर रोजगार मिल भी जाता है तो प्राइवेट कम्पनियों में उनको शोषण होता है। ज़रा उनसे पूछिए मन को कैसे स्थिर रखें योगा करके।  उन किसानों से पूछिए जो दिन रात खेत में मेहनत कर फसल उगाता है। मौसम की मार या कर्ज में डूबकर आत्महत्या करने तक मजबूर हो जाता है। वह योगा कर मन को स्थिर रखेगा। पेट में जब भूख की आग लगती है तो योगा से नहीं भोजन से मन तृप्त होता है। परिवार को पालने के लिए रोजगार जरूरी है। रोजगार होगा तो लोग भी खुश रहेगें। उनके भी मन को शांति मिलेगी। देश के अन्नदाता हमारे किसानों के लिए अगर अच्छी योजनाएं हो जिससे उनको फसल का मुनासिफ दाम मिल सके। फिर देखिए उनका मन कैसे स्थिर रहता है।  देश में बहुत सारी व्यापक समस्याएं हैं। जिनका निदान भी जरूरी है। योग को बढ़ावा देना जितना जरूरी है, ‘उससे कहीं ज्यादा जरूरी ये सब हैं’। देश का किसान परेशान है । युवा परेशान है। देश की रीढ़ जिनपर टिकी है, उनको मजबूत करने का समय है। अगर ये रीढ़ टूट गई तो योगा से भी नहीं जुड़ेगी। 

आपने कहा कि लोगों को जीवन में योग को ठीक उसी तरह इस्तेमाल करना चाहिए जिस तरह नमक किया जाता है। ये बात भी आप की सही है। देश में फुटपाथ पर सोने वालों की संख्या बहुत है। जिनकों नमक तो शायद नसीब हो जाए पर रोटी का कुछ पता नहीं। जीवन गुजारने के लिए उनको नमक के साथ रोटी भी मिल जाए तब भी बहुत है उनके लिए। हम खुशनसीब मानते हैं कि आज हमारे देश का योग पूरे विश्व में  अंतराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। जिसमें बहुत सारे देश पूर्ण रूप से विकसित हैं। वहां के लोग भी रोजगार से संपन्न और गरीबी से कोसों दूर हैं। उनकों योग करने से मन की शांति मिल सकती है। योग दिवस को मनाने में कोई मलाल नहीं है। बस बात इतनी है साहब, ‘देश के गरीबों के लिए दो वक्त की रोटी, युवाओं को रोजगार, किसानों को फसल का पूरा लाभ मिले जिसे उनके मन को शांति मिल सके’। 






liveaaryaavart dot com

रवि श्रीवास्तव (स्वतंत्र पत्रकार)
ई मेल : ravi21dec1987@gmail.com

मधुबनी : उपप्रमुख मोतिउर्रमान ने किया ईफतार पार्टी

$
0
0
iftaar-andhrathadi-madhubani
अंधराठाढी/मधुबनी। ( मोo आलम अंसारी ) अंधराठाढ़ी प्रखंड विकास कार्यालय परिसर में गुरुवार की शाम एक भब्य दावते रोजा इफतार पार्टी का आयोजन हुआ था । प्रखंड प्रमुख मो0 मोतिउर्रमान इसके आयोजक थे । दर्जनों हिन्दू मुसलमान पंचायत प्रतिनिधि सामाजिक राजनीतिकर्मी रोजदार प्रशासनिक अधिकारी के अलावे राजद राष्टीय उपाध्यक्ष मंगनी लाल मंडल पूर्व विद्यायक राम अवतार पासवान आदि इसमें शरीक हुए । रोजा इफ्तार के बाद रोजदारो ने मगरिब की नमाज पढ़कर आपसी मिल्लत और अमन चैन की दुआ मांगी । पूर्व मंत्री श्री मंडल ने कहा कि इफ्तार पार्टी से सदभाव और भाई चारा बढ़ता है । जिला पार्षद संजय कुमार शुभंकर झा जिला पार्षद प्रतिनिधि  वीर बहादुर राय तिलेश्वर राय पूर्व जिप हरिमोहन मंडल तोयव आंसारी अंजार अहमद उर्फ़ शाहजादा जिला राजद अध्यक्ष राम बहादूर यादव मुखीया महेन्द्र राय पूर्व मुखीया विष्णुदेव चौधरी मुजीब अंसारी पंसस विष्णुदेव यादव प्रखंड जदयू पूर्व प्रमुख मकसुदन राउत अघ्यक्ष अजीत महतो वीडीओ आलोक कुमार शर्मा अंधराठाढ़ी थाना अघ्यक्ष रंजीत कुमार महतो रुद्रपुर थाना अघ्यक्ष प्रदीप गौड़ आदि शिरकत करने वालो में प्रमुख थे ।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 23 जून

$
0
0
सतर्कता एवं मानिटरिंग समिति की बैठक मंगलवार को

vidisha map
अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानिटरिंग समिति की बैठक 27 जून मंगलवार को आयोजित की गई है। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी की अध्यक्षता में आहूत उक्त बैठक कलेक्टेªट सभाकक्ष में सायं चार बजे से प्रारंभ होगी कि जानकारी देेते हुए आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक श्री नरेन्द्र कुमार अवस्थी ने बैठक एजेण्डा के संबंध में बताया कि अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत स्वीकृत राहत राशि एवं वितरण, आकस्मिकता योजना के तहत पीड़ित व्यक्तियों एवं साक्षियों को दिए जाने वाले यात्रा भत्ता, व्यय, भरण पोषण व्यय, आहार व्यय एवं मजदूरी के साथ-साथ चिकित्सीय सुविधाएं और जीवन निर्वाह भत्ता की समीक्षा की जाएगी। बैठक में पुलिस विवेचना में लंबित प्रकरणों के साथ-साथ विशेष न्यायालय में निराकृत एवं लंबित प्रकरणों की समीक्षा की जाएगी। 


पेंशन फोरम की बैठक 28 को

जिला स्तरीय पेंशन फोरम की बैठक 28 जून बुधवार को आयोजित की गई है यह बैठक कलेक्टेªट के सभाकक्ष में प्रातः 11 बजे से प्रारंभ होगी।

आर्थिक सहायता जारी

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने हिट एण्ड रन के चार प्रकरणों में आर्थिक मदद के आदेश जारी कर दिए है। सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर मृतकों के निकटतम परिजनों को क्रमशः 15-15 हजार रूपए की आर्थिक मदद जारी की गई है उनमें विदिशा तहसील के ग्राम परसोरिया के श्री रामप्रसाद की मृत्यु होेने पर मृतक की पत्नी श्रीमती सुहागरानी को, ग्राम पालकी के श्री प्रेम सिंह की मृत्यु उपरांत मृतक की पत्नी श्रीमती कमलाबाई को, कुरवाई तहसील के ग्राम ईसाखेडी निवासी श्री जमनाप्रसाद कुशवाह की मृत्यु उपरांत मृतक की पत्नी श्रीमती गिरजाबाई कुशवाह को तथा बासौदा तहसील के ग्राम बरेठ निवासी श्री रोहित प्रजापति की मृत्यु उपरांत मृतक के पिता श्री गुड्डा को आर्थिक मदद जारी की गई है। 

कृषि समिति की बैठक आज

जिला पंचायत की कृषि स्थायी समिति की सभापति श्रीमती गीता सिंह राजपूत की अध्यक्षता में कृषि स्थायी समिति की बैठक आज 24 जून को आयोजित की गई है यह बैठक जिला पंचायत के सभागार कक्ष मंे दोपहर तीन बजे से प्रारंभ होगी कि जानकारी देते हुए समिति के सचिव एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक श्री पीके चैकसे ने बताया कि बैठक में कृषि कार्यक्र्रमों की समीक्षा, खरीफ वर्ष 2017 के कार्यक्रमों पर चर्चा एवं लक्ष्यों का अनुमोदन के अलावा अन्य विभागों के कार्यो की समीक्षा की जाएगी। 

अघोषित बिजली कटौती को लेकर दिया धरना

विदिषाः पिछले एक माह से नगर विदिषा एवं ग्रामीण अंचल में अघोषित विद्युत कटौती की वजह से आमजन परेषान है। कटौती की वजह से उधोग धंधों पर भी विपरित असर पड रहा है आज कल मुस्लिम भाईयों के रोजे भी चल रहें बिजली न होने के वजह से रोजेदार भाईयों को भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण अंचल में यदि कोई डी.पी. खराब होती है और ग्रामीण जन उसे बदलवाने की गुहार बिजली विभाग से करते है तब बिजली कम्पनी के कर्मचारी अधिकारी 40 प्रतिषत राषि जमा करने की बात कहते है, परंतु जिन ग्रामीणजनों ने बिजली बिल भरें हुये है, बिजली विभाग समस्त गांव को चोर साबित करने में लगा हुआ है। बिजली विभाग ने किसानों को जो अस्थाई कनेक्षन दिये हुये है उन किसान भाईयों को भी अत्याधिक परेषानी का सामना करना पड रहा है। इन्हीं सभी समस्याओं को लेकर आज कांग्रेस पार्टी ने धरना दिया एवं डी.ई. महोदय के नाम ज्ञापन दिया धरना उपरांत कांग्रेस पार्टी गांधीवादी तरीके से धरना दे रहे कांग्रेसजन को देख डी.ई. महोदय भाग खडे हुये। जब 2 घण्टे तक कोई भी बिजली विभाग के अधिकारी ज्ञापन लेने नहीं आये तब कांग्रेसजनों ने नारेबाजी की एवं मेन गेट को ताला लगा दिया। तब जाकर श्रीमान सी.ई. साहब ने ज्ञापन लिया और आष्वासन दिया की डी.ई. साहब को 3 दिवस में सस्पेंड कर दिया जावेगा और 2-3 दिवस में बिजली कटौती की समस्या का हल कर दिया जावेगा। धरने में शषांक भार्गव, अषोक ताम्रकार, बसंत जैन, कमल षिलाकारी, महेन्द्र यादव, सुरेष मोतीयानी, मोहित रघुवंषी, प्रियंका किरार, वीरेन्द्र पीतलिया, अजय दांतरे, दीवान किरार, श्रीमती प्रीति कुषवाह, राजेष दुबे, गुरमुखदास छुगानी, रमेष तिवारी, सुरेन्द्रसिंह भदौरिया, सुनीलसिंह दांगी, निरंजनसिंह दांगी, भोलाराम अहिरवार, पर्वतसिंह गौड, आषीष महेष्वरी, विनोदसिंह राजपूत, रामराजसिंह दांगी, शेरसिंह दांगी, गजानन बिजवे, सुरेन्द्रपाल चावला, अब्दुल हक, गीताप्रसाद चैबे, राजेन्द्र भार्गव, मोनू पाल, मोहरसिंह रघुवंषी, डोंगरसिंह कुषवाह, लालू लोधी, अनूप अग्रवाल, जयंत अग्रवाल, विष्णुप्रसाद विष्वकर्मा, मुन्नालाल विष्वकर्मा, सचिन सक्सैना, प्रषांत यादव, योगेष सेन, कमलेष पटेल, गुडडू किरार, डालचंद साहू, मनोज कुषवाह, थानसिंह कुषवाह, भूपेन्द्रसिंह, शरीफ खाॅ, डाॅ. अमित ठाकुर, शेरसिंह राजूपत, रवि साहू, ओमप्रकाष सोनी, अभिराज शर्मा, डाॅ. राजेन्द्रसिंह दांगी, मलखानसिंह मीणा, अजीतसिंह षिकरवार सहित सैकडों आमजन एवं कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 23 जून

$
0
0
महात्मा गांधी नरेगा से अभिसरण कर 307 ग्रामांे में रोपे जायेगें 25.00 लाख पौधे
  • महा पौधरोपण कार्यक्रम से मिलेगा जाॅब कार्डधारियों को रोजगार 

sehore map
विकास खण्ड बुधनी एवं नसरूल्लागंज मे नर्मदा नदी के दोनो तटों पर आने वाले 307 ग्रामांे मे नर्मदा बेसिन पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से अभिसरण कर 22.00 लाख पौधे रोपित किये जावेगें। ग्रामीण विकास, उद्यानिकी, जन अभियान, कृषि विभाग, वन विकास निगम का महात्मा गांधी नरेगा के साथ अभिसरण कर पौध रोपण का कार्य किया जावेगा। जिसमे ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 1.50 लाख, उद्यानिकी विभाग द्वारा 3.00 लाख, कृषि विभाग द्वराा 1.00 लाख, वन विकास निगम द्वारा 15.00 लाख एवं जन अभियान परिषद द्वारा 1.50 लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य लिया गया है। विकास खण्ड बुधनी की 62 ग्राम पंचायतों के 135 ग्राम तथा नसरूल्लागंज की 87 ग्राम पंचायतांे के 172 ग्रामों मे महात्मा गांधी नरेगा से पौधरोपण का कार्य किया जावेगा। महा वृक्षारोपण कार्यक्रम के संचालन से जहां एक ओर नर्मदा नदी के दोनो तटों पर फलदार एवं छायादार वृक्षों का रोपण होगा वही स्थानीय जाॅब कार्डधारी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराते हुये गड्डे तैयार करने का कार्य किया जावेगा जिससे रोजगार की मांग करने वाले श्रमिको को रोजगार उपलब्ध होगा। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डाॅ. केदार सिंह ने समस्त सीईओ जनपद पंचायतांे को निर्देशित किया है कि क्षेत्र की ग्राम पंचायतांे में कार्य प्रारंभ होने की सूचना देते हुये जाॅब कार्डधारियो से कार्य की मांग अनुसार संलग्न कर कार्य प्रारंभ कराये ।


तालाब एवं जलाशय दस वर्षीय पट्टे पर आवंटित होंगे

मत्स्योद्योग के अधिकार एवं कार्यक्रम के तहत तालाब एवं जलाशयों के प्रबंधन के अधिकार त्रिस्तरीय पंचायतों को प्रदाय किए गए हैं। तदानुसार तालाब एवं जलाशयों को 10 वर्षीय पट्टा आवंटन शासनादेशों एवं निर्धारित नीति निर्देशों के तहत प्राथमिकता से किया जाएगा। निर्देश दिए गए हैं कि नगरीय निकाय, जनपद, ग्राम पंचायतें अपने क्षेत्र में उपलब्ध तालाब एवं जलाशयों को पट्टे पर देने के लिए विज्ञप्ति, मुनादी जारी करें। यह कार्यवाही तय समय में पूर्ण कर प्राधिकृत अधिकारी से पट्टा अनुमति हेतु प्रस्ताव सहायक संचालक मत्स्योद्योग को प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। मत्स्योद्योग विभाग की अनुशंसा के बिना पट्टा आवंटन मान्य नहीं होगा। समस्त पूर्व पट्टाधारकों से तय समय तक पट्टा राशि संबंधित पंचायत में जमा कराने के निर्देश दिए गए है।

अलगाववादियों के प्रदर्शन के खिलाफ श्रीनगर में निषेधाज्ञा लागू

$
0
0
curfew-in-srinagar-against-demonstration-of-separatists
श्रीनगर 23 जून, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में पुलिस की कथित गोलीबारी में एक नागरिक के मारे जाने के खिलाफ अलगाववादियों के प्रदर्शन के आहवान को विफल करने के लिए यहां ग्रीष्मकालीन राजधानी के कुछ हिस्सों में आज निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट फारूख अहमद लोन ने पीटीआई भाषा को बताया कि सात थाना क्षेत्रों - खानयार, एमआर गंज, सफाकदल, रैनावाड़ी, करलखुद, नौहट्टा और मैसूमा में लोगों की गतिविधियों को नियंत्रित रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐहतियाती उपाय के तहत निषेधाज्ञा लागू की गयी है। अलगाववादियों ने कल पुलवामा में काकापोरा में सुरक्षा बलों के साथ हुये संघर्षो के दौरान तवसीफ अहमद की हत्या के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आहवान किया है।लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों के एक मुठभेड़ में मारे जाने के बाद संघर्ष हुआ था। हुर्यित कांफ्रेंस के दोनों धड़ों के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूख और जेकेएलएफ के अध्यक्ष मोहम्मद यासिन मलिक ने एक संयुक्त बयान में , एक व्यक्ति के मारे जाने के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील करते हुए कहा था कि शब-ए-कदर और जुमात-उल-विदा को देखते हुये बंद का आहवान संभव नहीं है।

मधुबनी : गरीब रोगियो के बीच फल वितरण

$
0
0
bjp-distribute-fruits-in-pataint
अंधराठाढ़ी/मधुबनी ( मोo आलम अंसारी) श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्य तिथि के अवसर पर मंडल भाजपाइयों ने शुक्रवार को 4स्थानीय रेफरल अस्पताल में भर्ती गरीब रोगियों के बीच फल बाटा । मंडल भाजपा अघ्यक्ष हरिशंकर राय वितरण टीम का नेतत्व किया । इससे पहले एक समारोह आयोजित कर के स्व0 मुखर्जी के फोटो पर माल्यार्पण किया था । इस अवसर पर बबलू झा , देवचन्द्र चौधरी , रंजन झा , भाजयूमो अध्यक्ष राम चन्द्र यादव , संजय सिंह , कुँवर जी झा युवा मोर्चा प्रखंड अध्यक्ष शैलेन्द्र मिश्रा वीर यादव, महा दलित प्रकोष्ट प्रखंड अध्यक्ष विजय राम , हर्ष नारायण झा , मनोज साफी आदि मौजूद थे ।

मधुबनी : डूबने से सात साल के लड़का का मौत.

$
0
0
child-dead-madhubani
अंधराठाढी/मधुबनी ( मोo आलम अंसारी) स्थानीय थाना क्षेत्र के शिवा गाव में सात वर्षीय लड़का को तालव में डूबने से मौत होने की खवर है।  मृत बच्चा गाव के मोलाना मोहम्मद मुमताज़ क़ाश्मी के  सात वर्षीय  पुत्र मोहम्मद सन्नाउल्लाह बताया जाता है। परिवारिक सूत्रों के मुतविक सनाउल्लाह सुबह 9 बजे के क़रीब गाव के तलाव में  स्नान करने लौटने में देर होने के वाद घर के लोग खोज बिन प्रारम्भ कर कही अत पता नही चला । शाम में उसी तलाव में पानी के ऊपर तैरता हुआ  उनका लाश मिला. यह बात पुरे गाव में फाइल गयी । तलाव के किनारे बच्चा को देखने के लिय लोगो की काफी भीड़ लग गयी । तलाव से वच्चा को छान कर बहर निकल गया । तब तक वह बच्चा काल के गाल में समा चूका था।  तीन भाई बहनो में सब से छोटा था। घटना की जानकारी स्थानीय थाना पुलिस को नही दी गयी । परिवार के लोग इसे महज एक दुर्घटना मानती है।

मधुबनी प्रशासन की हलचल (23 जून)

$
0
0
जेंडर एलायंस कार्यक्रम का उद्घाटन

मधुबनी, 23 जून; आज जिला पदाधिकारी, मधुबनी, श्री शीर्षत कपिल अशोक  ने ग्राम विकास परिषद, राॅटी के परिसर में जेंडर एलायंस के दरभंगा प्रमण्डलीय कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर लिया। कार्यक्रम का आयोजन ग्राम विकास परिषद, मधुबनी द्वारा अपने 30 वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में किया गया था। अपने उदघाटन भाषण में जिला पदाधिकारी ने कहा कि बिहार मंें युवा आबादी काफी अधिक है। प्रजनन दर अधिक रहने के कारण युवाओं की संख्या अभी और बढेगी। युवाओं में आधी आबादी महिलाओं की है। जब तक बिहार की महिलाएं स्वस्थ और षिक्षित नहीं होंगी, तब तक बिहार समृद्व नहीं होगा। इसलिए भारत भी समृद्व नहीं होगा। महिला के अषिक्षित रहने पर पूरा परिवार अषिक्षित रह जाता है। 18 वर्ष से कम उम्र में लडकियों की शादी हो जाने पर उसकी पढाई पूरी होने की संभावना घट जाती है। इसलिए जेंडर एलांयस कार्यक्रम के द्वारा यदि महिलाओं की षादी की न्यूनतम उम्र 21 साल कराने का प्रयास किया जा रहा है तो यह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि कम उम्र में विवाह के चलते बिहार की लगभग 13 प्रतिषत किषोरियां 19 वर्ष के अंदर माॅ बन जाती है। फलतः राज्य में मातृ मृत्यु दर, षिषु मृत्यु दर, कुल प्रजनन दर विपरीत रूप से प्रभावित होता है।  जेंडर एलायंस कार्यक्रम का एक उद्वेष्य दहेज प्रथा को पूर्णतः समाप्त कराना भी है। हमें खुषी है कि बिहार सरकार दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए जल्द ही कार्यक्रम प्रारंभ करने जा रही है। महिलाआंे को समृद्व और सषक्त बनाने में जिला प्रषासन मधुबनी, जेंडर एलायंस कार्यक्रम के साथ हर सहयोग को तैयार है। उन्होंने इस कार्यक्रम को अनुमंडल, गाॅव स्तर तक ले जाने का अनुरोध आयोजकों से किया। आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता सखी संस्था की सचिव श्रीमति सुमन सिंह ने की। जेंडर एलायंस बिहार के नागरिक समाज का एक ऐसा गठबंधन है जो समाज में लैगिक समानता लाने के लिए प्रयासरत है। इस कार्यक्रम से बिहार के 234 स्वंय सेवी संस्थान, षिक्षकगण, पत्रकार सामाजिक कार्यकत्र्ता जुड चुके है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम और बिहार बाॅलेन्टरी हेल्थ एसोसिएषन मिलकर इस कार्यक्रम को चला रहे है। श्री षष्टीनाथ झा इस कार्यक्रम के मधुबनी जिला के प्रभारी है। 


कटाव निरोधी कार्य का निरीक्षण 

madhubani-dm-news
मधुबनी, 23 जून; जिला पदाधिकारी, मधुबनी, श्री शीर्षत कपिल अशोक ने मधेपुर अंचल के बकुआ गाॅव में कटाव निरोधी कार्य का निरीक्षण किया। यह कार्य कार्यपालक अभियंता, बाढ नियंत्रण प्रमंडल झंझारपुर-2 द्वारा कराया गया है। निरीक्षण में जिला पदाधिकारी ने पाया कि कार्योपरांत भी कुछ जगह पर कोषी ने कटाव किया है। जिला पदाधिकारी ने उन जगहों पर सात दिन के अंदर पुनः कटाव निरोधी कार्य कराने का निदेष कार्यपालक अभियंता को दिया। उन्होंने गाॅव के लोगों को आष्वस्त किया कि बकुआ स्थित स्वास्थ्य उप केंन्द्र में सप्ताह में एक दिन चिकित्सक आकर लोगों का इलाज करेंगे। जिला पदाधिकारी ने मधेपुर बीडीओ को निदेष दिया कि वे गाॅव में स्वास्थ्य, षिक्षा आदि की स्थिति पर उन्हें प्रतिवेदन दें। बकुआ से लौटने के क्रम में रहमानी चैक, बेल्थी पर जिला पदाधिकारी का कारवां रूका। पुल बनकर तैयार था, किन्तु पहुॅच पथ बनना बाकी था। उन्होंने ग्रामीणों को आष्वस्त किया कि शीध्र ही पहुॅच पथ बनवा दिया जाएगा। ए.एस.पी. झंझारपुर, एस.डी.ओ. झंझारपुर, बी.डी.ओ. मधेपुर, कार्यपालक अभियंता बाढ नियंत्रण प्रमंडल झंझारपुर-2 आदि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।   

कार्टोसैट उपग्रह प्रक्षेपण: आसमान में मिली भारत को एक और नजर

$
0
0
cartosat-satellite-launched
 श्रीहरिकोटा आंध्रप्रदेश 23 जून, भारत ने आज एक ऐसे उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया है, जो इसकी सैन्य निरीक्षण क्षमताओं को बढ़ावा देगा।इसके साथ ही 30 अन्य छोटे उपग्रहों को भी कक्षा में स्थापित किया गया है। इन 30 छोटे उपग्रहों में से एक उपग्रह को छोड़कर बाकी सभी उपग्रह विदेशी हैं। आज का प्रक्षेपण भारत के किफायती अंतरिक्ष कार्यक््रम के लिए एक और उपलब्धि है। अपनी 40वीं उड़ान में पीएसएलवी सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से सुबह नौ बजकर 29 मिनट पर उड़ा और इसके 27 मिनट बाद इसने उपग्रहों को कक्षा में प्रक्षेपित कर दिया। 44.4 मीटर लंबा पीएसएलवी-सी38 अपने साथ पृथ्वी के पर्यवेक्षेण वाले उपग्रह यानी कार्टोसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह को प्राथमिक पेलोड के तौर पर साथ लेकर गया है। इसके अलावा वह अपने साथ 30 अन्य उपग्रहों को ले गया है। इन उपग्रहों का कुल वजन 955 किलो है। आज के मिशन में इसरो द्वारा एक ही रॉकेट से प्रक्षेपित उपग्रहों की संख्या दूसरी सबसे बड़ी संख्या रही है। इस साल 15 फरवरी को पीएसएलवी-सी37 ने एक ही बार में 104 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करके इतिहास रच दिया था। इनमें से 101 उपग्रह विदेशी थे। कार्टोसैट-2 श्रृंखला के तीसरे उपग्रह के प्रक्षेपण के साथ ही अंतरिक्ष में भारत की नजर और पैनी एवं व्यापक होनी तय है। इसरो के सूत्रों ने कहा कि इस श्रृंखला के पिछले उपग्रह की विभेदन क्षमता 0.8 मीटर की थी और इससे ली गई तस्वीरों ने पिछले साल नियंत्रण रेखा के पार सात आतंकी ठिकानों पर सजर्किल हमले करने में भारत की मदद की थी। हालिया रिमोट सेंसिंग उपग्रह की विभेदन क्षमता 0.6 मीटर की है। इसका अर्थ यह है कि यह पहले से भी छोटी चीजों की तस्वीरें ले सकता है। इसरो के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर पीटीआई भाषा से कहा, यह किसी चीज को 0.6 मीटर की लंबाई और 0.6 मीटर की चौड़ाई वाले वर्ग के बीच मौजूद चीजों को चिन्हित कर सकता है। अधिकारी ने कहा, रक्षा निरीक्षण को बढ़ावा मिलेगा। इसका इस्तेमाल आतंकी शिविरों और बंकरों आदि की पहचान के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उपग्रह के सक्रिय हो जाने पर इसे रक्षा बलों को सौंप दिया जाएगा। रक्षा बलों का अपना पूरा तंत्र है, जिसमें डेटा तक पहुंच बना सकने वाले जमीनी स्टेशन और प्रशिक्षित कर्मी शामिल हैं। इसरो ने कहा कि 16 मिनट की उड़ान के बाद कार्टोसैट-2 श्रृंखला का उपग्रह 505 किलोमीटर की उंचाई पर स्थित ध्रुवीय सौर स्थैतिक कक्षा तक पहुंच गया।इसके बाद अन्य 30 उपग्रह सफलतापूर्वक पूर्वनिर्धारित क्रम में पीएसएलवी से अलग हो गए।


बासुकिनाथ धाम पहुँचने वाले श्रद्धालु यहाँ से अच्छा संदेश लेकर जाएँ : डीसी.

$
0
0
preprartion-in-bsukinath-dham
दुमका (अमरेन्द्र सुमन) राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव-2017 की तैयारियों की समीक्षा करते हुए दुमका डीसी मुकेश कुमार ने दिन गुरुवार को बासुकिनाथ में विभिन्न कार्याें का भौतिक निरीक्षण किया। उन्होंने कहा बासुकिनाथ धाम पहुँचने वाले श्रद्धालु यहाँ से अच्छा संदेश लेकर वापस अपने घर को जाएँ। निरीक्षण के दौरान वासुकिनाथ धाम गर्भगृह में लगे एसी को उन्होंने खराब पाया। न्यास समिति के सदस्यों ने डीसी को बताया कि दोनों एसी विगत वर्ष ही लगाये गये थे। डीसी ने बीडीओ, जरमुण्डी को निदेश दिया कि एसी लगाने के बाद 5 वर्ष तक के मेनटेनेंस का दायित्व संबंधित कंपनी की ही होती है, अतएव एसी लगाने वाले कंपनी को अविलंब बुलाकर ठीक करायें अन्यथा उनके विरूद्ध कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि यदि संभव हो तो दोनों एसी के अतिरिक्त सेंट्रल एसी भी लगाने की कार्रवाई करें। निरीक्षण के दौरान डीसी श्री कुमार ने गर्भगृह से नीर निकासी हेतु बनाये जा रहे नये नाले के निर्माण कार्य के लिए निदेश दिया और कहा कि निर्माण कार्य उच्च गुणवत्ता के साथ करायें एवं स्लैब से ढंकने के बाद इस मार्ग को पूर्ववतः समतल करा दें, ताकि लोगों को ठोकर ना लगे। विगत वर्ष नगर पंचायत क्षेत्र एवं मुख्यपथ पर स्ट्रीट लाईट लगाने का कार्य राज्यस्तर पर ईईएसएल कंपनी को दिया गया था, परन्तु लाईटें लगाने के कुछ दिनों के बाद ही अधिकांश लाईटें खराब हो गई थी जिसे ठीक कराने हेतु बार-बार अनुरोध के बाद भी कंपनी द्वारा ठीक नहीं करायी गई। डीसी ने ईईएसएल के प्रतिनिधि को निदेश दिया कि एक सप्ताह के अन्दर सभी खराब पड़े लाईटों को बदलकर ठीक किया जाय। मेला क्षेत्रांे में वाहन पार्किंग के सदर्भ में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि जो स्थानीय व्यक्ति इच्छा अनुरूप अपनी जमीन पर वाहनों की पार्किंग के लिए स्थान देना चाहते हों वे सशुल्क अनुमति दे सकते हैं। प्राप्त आवेदनों के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा स्थल, शुल्क व वाहनों की श्रेणी निर्धारित की जाऐगी। कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत, बासुकिनाथ को इस संदर्भ में इच्छा की अभिव्यक्ति के तहत अविलंब स्थानीय लोगों से आवेदन प्राप्त करने को कहा गया। कांवरिया रूट लाईन के निरीक्षण के दौरान डीसी ने नगर पंचायत को जल्द से जल्द रूट लाईन की सफाई का निदेश दिया एवं रूट लाईन पर रौशनी की व्यवस्था कराने का निदेश संबंधित अधिकारी को दिया। आवासन केन्द्र के स्थलों के निरीक्षण के दौरान डीसी ने कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाय कि श्रद्धालुओं को विश्राम करने में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। नगर पंचायत को निदेश दिया कि बस स्टैण्ड के सभी मास्क लाईट ठीक कराये जायें। साथ ही पेयजल हेतु खराब पड़े चापानलों को जल्द से जल्द ठीक कराये जायें।  डीसी ने कहा कि श्रावणी मेला से पूर्व बस स्टैण्ड के शौचालय निर्माण का कार्य पूर्ण हो जाय इसे सुनिश्चित किया जाय। न्यास समिति के सदस्यों द्वारा इस वर्ष मेला की बंदोवस्ती नहीं कराने का आग्रह किया गया क्योंकि बंदोवस्ती हो जाने से दुकानदार जहाँ-तहाँ अव्यवस्थित तरीके से दुकानें लगा देते हैं जिससे आवागमन में कठिनाई होती है। इस संदर्भ में डीसी द्वारा प्रखंड कार्यालय के विपरीत दिशा में स्थित खाली पड़े खास जमीन का निरीक्षण के पश्चात सुझाव दिया कि बंदोवस्ती कार्य मंदिर क्षेत्र के आस-पास नहीं कराकर इसी खाली पड़ी जमीन पर निःशुल्क मेला/स्टाॅल लगाने की अनुमति दी जा सकती है। मेले को सुव्यवस्थित ढंग से सजाने की जिम्मेवारी जिला प्रशासन की होंगी। सुझाव पर उपस्थित स्थानीय लोगों द्वारा भी अपनी सहमति दी गई। प्रखंड विकास पदाधिकारी, जरमुण्डी, अंचल अधिकारी, जरमुण्डी एवं कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत, बासुकिनाथ को निदेश दिया कि इस संदर्भ में सर्वप्रथम स्थानीय बुद्धिजीवियों, पंडा समाज के सदस्यों वअन्य से विचार-विमर्श कर अवगत करायी जाए, तत्पश्चात अग्रतर निर्णय लेने की बात कही गई। निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल, पूर्व सांसद अभयकान्त प्रसाद, अध्यक्ष नगर पंचायत बासुकिनाथ मंटु लाहा, पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष मनोज पंडा, विधायक प्रतिनिधि कुन्दन पत्रलेख, सभी संबंधित विभागीय पदाधिकारी, मंदिर न्यास समिति के सदस्यगण सहित स्थानीय लोग उपस्थित थे। 

मधुबनी : गरीबो के बीच दिया ईंद की खुशिया

$
0
0
eid-gift-distributed-madhubani
अरडियासंग्राम/मधुबनी ( मोo आलम अंसारी) रूरल डेवलपमेन्ट ट्रस्ट अड़रिया संग्राम के द्वारा 50 गरीब निःसहाय परिवार के बीच आस्था का महा पर्व ईंद के अवसर पर नया कपड़ा का वितरण किया गया, ट्रस्ट के कार्यक्रम संयोजक मो0 सादुल्लाह ने बताया की ट्रस्ट अपने स्थापना काल से ही आपसी जन सहयोग से गरीब निःसहाय परिवारों को सहयोग किया जाता रहा है। ग्रामीण परिवारो में आज भी पर्व त्यौहार की बड़ी महत्व हैं। समाज में प्रत्थेक परिवार ने ईंद पर्व दिया जो रोजा खत्म होने के उपरांत मनाया जाता है ईंद के दिन सभी अपने अपने हिसाब से नया कपड़ा अच्छी-अच्छी पकवान बनाते है सभी मिल जुल कर ईंद की खुशी मनाते हैं। रूरल डेवलपमेन्ट ट्रस्ट के कार्यक्रम संयोजन मो सादुल्लाह बताया की आज भी हमारे समाज में सेकड़ो परिवार ऐसे है जो ईंद के दिन भी अपनी गरीबी के कारण पुराना कपड़ा पहनते है मो. सादुल्लाह ने आगे बताया की समाज में कई वर्ग के लोग गुजर-बसर करते हैं जीस में कोई जाति का बंधन नहीं होता है तो है गरीब वर्ग जिसमे ंसभी जाती के लोग एक सथा में खड़ा होता है इस वर्ग का एक ही जाती होता है गरीबी आज हम लोग भी अपने समाज के प्रति संवेदन सील नहीं है इसी कारण समाज दिन प्रति दिन कमजोर होता जा रहा है हम सभी को समाज के प्रति अपनी अपनी जिम्मेदारी निष्ठा पूर्वक निभाना होगा। तभी जाकर समाज से गरीबी को खत्म किया जा सकता है ट्रस्ट के कार्यक्रम संयोजक मो. सादुल्लाह के बताया की 50 परिवार के बीच नया वस्त्र वितरण हुआ जिसमें 36 साड़ी जम्फर साया 8 लुगी 4 सुट आदि गुलशन खातुन रहीला खातुन सेदा खातुन, शमीमा खातुन, अनवरी खातुन, रहना खातुन, समीदा खातुन, मो. हफीज मो0 अकबर कुलीमुद्दीन साह, जहीना खातुन, सकीना खातुन, सुबैदा खातुन, अख्तरी खातुन, नजमा खातुन, साजदा खातुन कपड़ा वितरण समारोह में ट्रस्ट के सचित में वसीमुल हक पूर्व मुखिया अब्दुल रशीद भाषकर कुमार महतो बैजू महतो किरण देवी, सुमन कुमार महतो, मो. जफीर आदि मौजूद थे।


मीरा कुमार को दी गयी जेड प्लस सुरक्षा

$
0
0
meera-kumar-gets-zplus-security
 नयी दिल्ली 23 जून, राष्ट्रपति पद के लिये विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार की सुरक्षा में इजाफा करते हुये उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गयी है। विपक्षी दलों की ओर से कल मीरा कुमार की उम्मीदवारी घोषित किये जाने के बाद गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा को बढ़ाते हुये उन्हें सर्वाधिक सुरक्षा प्राप्त लोगों की श्रेणी में शामिल किया है। सूत्रों के मुताबिक जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिलने के बाद अब कुमार को 24 घंटे दिल्ली पुलिस के सशस्त्र सुरक्षा बल के जवानों का सुरक्षा घेरा मिलेगा। संप्रग सरकार के कार्यकाल में पांच साल तक लोकसभा अध्यक्ष रहीं मीरा कुमार को फिलहाल एक्स श्रेणी की सुरक्षा मिली हुयी है। इस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को अर्धस्वचालित रायफल से लैस एक सुरक्षाकर्मी की हर समय सुरक्षा मिलती है। जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिलने के बाद मीरा कुमार को अब कमांडो सहित 36 सुरक्षाकर्मियों का सुरक्षा घेरा मिलेगा। इससे पहले राजग की ओर से राष्ट्रपति पद के लिये घोषित उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को केन्द्र सरकार की ओर से जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी जा चुकी है। कोविंद ने आज इस पद के लिये नामांकन पत्र दाखिल किया।

दुमका (झारखण्ड) हलचल 23 जून

$
0
0
खान निरीक्षक दिलीप कु0 तांती ने सहायक खनन पदाधिकारी, दुमका के रुप में अपना योगदान दिया 

jharkhand map
प्रभारी सहायक खनन पदाधिकारी, दुमका के रूप में दिलीप कुमार तांती (खान निरीक्षक) ने 22 जून 2017 को दुुमका में अपना पदभार ग्रहण कर लिया। उद्योग, खान एवं भूतत्व विभाग, झारखण्ड की अधिसूचना सं0- राज0 स्था0 (क्षे0)- 13/ 2011 खण्ड 1677 के तहत प्रभारी सहायक खनन पदाधिकारी, रामगढ़ के रुप में कार्य कर रहे श्री तांती को अगले आदेश तक के लिये दुमका में पदस्थापित किया गया है। नये सहायक खनन पदाधिकारी के रुप में दिलीप कु0 तांती के दुमका में आने से बाद जहां एक ओर अवैध पत्थर खनन माफियाओं में हड़कंप मची हुई है, वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार की गंगा में गोता लगाने वाले पूर्व सहायक खनन पदाधिकारी से लिगल पत्थर खनन कार्य करने वाले व्यवसायियों ने राहत की सांस ली है। मालूम हो नव पदस्थापित सहायक खनन पदाधिकारी श्री तांती रामगढ़ से पूर्व संपप्र के देवघर जिले में भी सफलता पूर्वक अपना कार्यकाल पूरा किया है। इसी तरह महेन्द्र प्रसाद (खान निरीक्षक) प्रभारी सहायक खनन पदाधिकारी गढ़वा को स्थानान्तरित करते हुए उप निदेशक, खान का कार्यालय, अंचल कार्यालय दुमका में अगले आदेश तक पदस्थापित किया गया है। निवर्तमान सहायक खनन पदाधिकारी  एस एन बिद्यार्थी दुमका में इस पद पर अतिरिक्त प्रभार में थे। उप निदेशक, भूतत्व के अतिरिक्त प्रभार में भी श्री बिद्यार्थी की प्रतिनियुक्ति थी। इस विभाग में भी नये पदाधिकारी की पदस्थापना हो चुकी है। मूलतः सहायक निदेशक, भूतत्व, दुमका के पद पर आसीन श्री बिद्यार्थी से इस प्रकार उपरोक्त दोनों ही पदों का अतिरिक्त प्रभार स्वतः समाप्त हो जाएगा।


नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री को इस्तिफा दे देना चाहिए-राजद जिलाध्यक्ष

सूबे में राज्यसभा चुनाव के दौरान हाॅर्स ट्रेडिंग के मामले में चुनाव आयोग ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मामले को सही माना। शिकायत को सही पाकर चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री के सलाहकार अजय कुमार व एडीजी अनुराग गुप्ता पर कार्रवाई का आदेश दिया है। इस प्रकार नैतिकता के आधार पर सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी अपने पद से इस्तिफा दे देना चाहिए। राजद की दुमका इकाई के जिलाध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार यादव ने उपरोक्त बातें कही। श्री यादव ने कहा कि इस तरह मुख्यमंत्री की भूमिका भी स्पस्ट उजागर होती है। राज्यसभा चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग व भ्रष्टाचार उजागर होने पर सरकार की पोल खुल चुकी है। उन्होंने कहा नैतिकता का तकाजा है की मुख्यमंत्री को अविलंब इस्तीफा दे देना चाहिए। श्री यादव ने कहा कि दुमका की विधायक व सूबे में समाज कल्याण मंत्री डा0 लुईस मरांडी के पेट्रोल पंप मामले में दोहरा लाभ लेने का मामला उजागर होने तथा विधानसभा चुनाव नामांकन के दौरान प्राध्यापक की नौकरी करने की बात छुपा कर उन्होंने असंवेधानिक कार्य किया है।

माओवादियों ने की मुखिया की हत्या

$
0
0
maoist-kills-mukhiya
 झारखंड 23 जून, खूंटी जिले में पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के संदिग्ध माओवादियों ने एक मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी। सुरक्षा बलों और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के बीच आज पलामू जिले में मुठभेड़ हुआ। माओवादियों ने विजयगिरी पहाड़ी में नक्सल विरोधी अभियान पर आए सुरक्षा बलों पर आज गोलियां चलाई। यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित पलामू जिले के नौदीहाबाजार पुलिस स्टेशन के अंदर आता है। पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा ने बताया कि सुरक्षा बलों को अपनी ओर बढ़ते हुए देखकर माओवादियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी थी। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों की तरफ से होने वाली कार्वाई को देखते हुए नक्सली घटनास्थल से फरार हो गए। मुठभेड़ के बाद नक्सलियों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया गया लेकिन यह बेनतीजा रहा। इसी बीच खूंटी जिले से मिली खबर के मुताबिक पीएलएफआई के सदस्यों ने गोली मारकर एक मुखिया की कल रात नराहातु गांव में हत्या कर दी। पुलिस अधीक्षक अश्विनी कुमार सिन्हा ने घटना की जांच के लिए गांव का दौरा किया।


मधुबनी : बालश्रम उन्मूलन पर "सार्थक"का सेमीनार आयोजन

$
0
0
seminar-on-child-labour
आज दिनांक 23 जून शुक्रवार को सार्थक संस्था के द्वारा होटल अतिथि के सभागार में एक  इंटरैक्टिव डिस्कशन सह सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय "How to eradicate child labour from india" था। सेमिनार की अध्यक्षता सार्थक संस्था के अध्यक्ष सीतेश कुमार ने की। कार्यक्रम    का उद्घाटन प्रोफेसर सर्वनारायण मिश्र, प्रोफेसर गंगाराम झा, उग्रनारायण मिश्र, डी पी कर्ण, सीतेश कुमार  मिश्र एवं सार्थक के सचिव रितेश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर के किया। प्रोफेसर गंगाराम झा ने बाल श्रम के उन्मूलन के लिये मनरेगा या अन्य सरकारी मदद की कमी को मुख्य कारण बताया। प्रोफसर  सर्वनारायण मिश्र ने कहा कि बाल श्रम एक बहुत बड़ी समस्या है जिसका निवारण सरकार एवं समाज को एक साथ मिलकर करने से ही होगा। डी पी कर्ण जी ने बाल श्रम के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए इस समस्या के निदान के लिए सामाजिक आन्दोलन के रूप में लेने पर जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि बाल श्रम भारत में सर्वकालिक एवं सर्बव्यापक रहा है, इसके सफलता पूर्वक निदान के लिए गरीबी उन्मूलन और स्कूल के बच्चों का droop out कम करने की आवश्यकता है। उन्होनो अपने संबोधन को आंकड़ो से ओतप्रोत रखा। सार्थक संस्था के अध्यक्ष सीतेश मिश्र ने कहा कि उनकी संस्था भारतवर्ष से बाल श्रम के उन्मूलन के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और आगे भी करती रहेगी। कार्यक्रम का मंच संचालन एवं स्वागत भाषण सार्थक संस्था के  सचिव रितेश  कुमार ने किया। इस कार्यक्रम में शहर के प्रबुद्ध लोग, शिक्षाविद महिलाओं एवं बच्चों ने भी अपनी-अपनी बातों को रक्खा। कार्यक्रम में सुभाष चंद्र ठाकुर (कोशाध्यक्ष, सार्थक), समाजसेवी निर्मल राय, दीनानाथ झा, रंजना झा, निर्मला कुमारी, पूनम मिश्रा, इन्द्रभूषम रमण, इं० विवेक कुमार महासेठ, डॉ अभिषेक कुमार, मनोज गाँधी, योगेंद्र साहू, सुनील कापड़ी सहित कई लोगों ने भाग लिया।

मधुबनी : प्रशासन के रवैये पर कई सवालिया निशान

$
0
0
journlist-attacked-madhubani
मधुबनी (दिनेश सिंह) : फूलपरास अनुमंडल के घोघरडीहा निवासी , ईटीवी पत्रकार सुरेश झा पर जानलेवा हमले के बाद , प्रशासन के रवैये पर कई सवालिया निशान उठने लगे है । सबसे पहला सवाल तो यही है कि , घटना के 72 घंटे बीत जाने के बाद भी आरोपी खुलेआम प्रशासन के निगरानी में घूम फ़िर रहे है । दूसरा ये कि पत्रकारों के प्रतिनिधि मंडल जब इस बावत जानकारी लेने थाना पहुँचती है तो पुलिस के द्वारा ,उनके साथ भी बदसलूकी की जाती है , हर हमेशा आरोपी को सह देने का काम करती है पुलिस ।    आल इंडियन रिपोर्टर असोसिएशन मधुबनी के जिला अध्यक्ष दिनेश सिंह ने खुद पीरीत पत्रकार सुरेश झा से सभी मुद्दो पर बात चीत की , जिसमें उन्होने बताया कि आरोपी फौजी का लड़का है एवं कई गलत धंधे में उसकी संलिप्तता है । उन्होने बताया कि चुनाव के वक्त  एक ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर, एक करोड़ बाईस लाख रुपये ,के गबन मामले में ख़बर चलाया था । जिसका असर आरोपी के चुनाव समीक्षा पर भी पड़ा था । इसी रंजिश के कारण हर हमेशा जान से मारने के फिराक में था , जो घटना के दिन घट गया । ईश्वर की कृपा से जान बच गई । पीरीत सुरेश झा ने आशंका व्यक्त की है कि अगर आरोपी इसी तरह खुलेआम घूमते रहेंगे तो वो दुबारा हमपे हमला कर सकता है । वहीँ आईरा जिलाध्यक्ष दिनेश सिंह ने इस बावत फूलपरास डीएसपी ऊमेश्वर चौधरी से पूछताछ की तो डीएसपी ने सरासर आरोपी का बचाव किया है । डीएसपी ने बताया कि इन दोनो का झगड़ा आपसी रंजिश का है । दोनो चाचा - भतीजा है । डीएसपी ने चुनावी रंजिश के कारण मारपीट होने की बात भी कबूल की है । जब उनसे पूछा गया कि आरोपी के विरुद्ध आप क्या कार्यवाई कर रहे हैं , तो उन्होने पीरीत की इँज्युरी कम होने के कारण जमानत देने की बात कही , और आरोपी को जमानत भी दें दी । इससे यही साबित होता है कि हम पत्रकार अब गलत को ना देखे , ना सुने , और ना ही लिखे । अगर गलती से लिख दिया तो आरोपी जीने नहीँ देगा और पुलिस प्रशासन जिंदा रखकर तड़पा तड़पा कर मारेगी । अब तो पत्रकारों  को ईश्वर ही बचाए । इससे साफ जाहिर होता है कि चौथा स्तम्भ अब खतरे में है ॥

Viewing all 74327 articles
Browse latest View live




Latest Images