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मधुबनी : समाजिक अनुभूति अभियान'की शुरुआत

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मधुबनी (दिनेश सिंह / अशोक कुशवाहा) :  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा , समाज के विकास के लिये , समाजिक अनुभूति अभियान'की शुरुआत की है । अभियान 23 जून से 30 जून 2017 तक चलेगा । अभियान के तहत प्रत्येक दिन एबीवीपी कार्यकर्ता ,कई पंचायतों का भ्रमण कर पंचायत के विकास का आकलन करेंगे । जिसमें शिक्षा , सड़क , बिजली व्यवस्था , आवास एवं शौचालय की स्थिति , खाद्य सुरक्षा योजना एवं अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं के प्रगति का अध्यन करेंगे । पहले दिन राजनगर प्रखंड अन्तर्गत सहस पूर , चीरचीरी , एवं सिमरी पंचायत में जाकर गरीब समुदायों से मुलाकात की एवं उनके समस्याओं से रूबरू हुए । समाजिक अध्यन के दौरान पया कि ,समाज में सरकारी नीतियों के कमी के साथ साथ समाजिक कुरीतियों का भी समाजिक विकास में बाधक बनी हुई है । समाजिक अनुभूति के तहत समस्याओं का अध्यन करने वालों में नगरमंत्री अशोक कुशवाहा , प्रदेश सह मंत्री सुजीत पासवान ,विमलेश चौधरी ,सूरज मिश्रा , पुरुषोत्तम , मोनू कुमार , बंधु जी , गोपाल कुमार ,एवं अन्य अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य मौजूद थे ।


2000 में पहली बार ‘मैदान से भागने’ के लिए ही मुख्‍यमंत्री बने थे नीतीश !

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मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व लोकसभा अध्‍यक्ष मीरा कुमार को हारने के लिए विपक्षी दलों द्वारा राष्‍ट्रपति उम्‍मीवार बनाये जाने का बयान देकर राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। राष्‍ट्रपति चुनाव में किसी उम्‍मीदवार का समर्थन करना नीतीश कुमार और उनकी पार्टी का अधिकार है। सहयोगी पार्टी उनसे अपने पक्ष में खड़ा होने का आग्रह कर सकती है, लेकिन बाध्‍य नहीं कर सकती है।





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लेकिन नीतीश कुमार ने विपक्षी उम्‍मीवार खड़ा करने पर ही सवाल उठा कर चुनाव और राजनीतिक प्रक्रिया को ही नकार दिया है। यह सर्वविदित है कि राष्‍ट्रपति चुनाव में मीरा कुमार की हार तय है। यह आंकड़ों का खेल है और आंकड़े सार्वजनिक हैं। इसमें नीतीश ने कोई नया खुलासा नहीं किया है। लेकिन चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करना लोकतंत्र के लिए घातक हो सकता है। नीतीश 1977 और 1980 में विधान सभा चुनाव हार चुके हैं। वह भी निर्दलीय उम्‍मीदवार भोला सिंह से। 1985 में पहली बार विधान सभा के लिए‍ निर्वाचित हुए। वे 2004 में भी बाढ़ लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। उनके बयान के आलोक में यह सवाल उठता है कि उन्‍होंने चुनाव में हार की रणनीति बनायी थी कि चुनाव हार गये थे। जबकि 2004 में उन्‍होंने बाढ़ में हार सुनिश्चित मानकर ही नालंदा से भी चुनाव लड़ा था।


2000 के विधान सभा चुनाव के बाद भाजपा से लगभग आधी सीट लाकर भी समता पार्टी के उम्‍मीदवार के रूप में नीतीश कुमार ने बिहार का मुख्‍यमंत्री का पद संभाला था। उस सरकार की विदाई कुछ दिनों में तय थी और सातवें दिन सरकार की विदाई भी हो गयी। डूबने वाली नाव पर सत्‍ता की सवारी कर रहे नीतीश कुमार क्‍या 2000 में मैदान छोड़कर भागने के लिए सीएम बने थे। अभी पिछले महीने दिल्‍ली महानगर पालिका चुनाव में जदयू ने उम्‍मीदवार खड़े किये थे। क्‍या जदयू ने चुनाव हारने की रणनीति के तहत उम्‍मीदवार उतारे थे। नीतीश कुमार के बयान से चुनाव प्रक्रिया की गंभीरता और औचित्‍य पर सवाल उठ गया है। नीतीश के बयान से गठबंधन सरकार को बिहार में कोई खतरा नहीं है। लेकिन उनका बयान लोकतंत्र के प्रति उनकी निष्‍ठा के लिए जरूर खतरनाक साबित हो सकता है।




साभार : वीरेंद्र यादव

जगन्नाथ रथयात्रा : आत्म-विशुद्धि एवं कृत-कर्माें की समीक्षा का पर्व

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पुुरी के सागर पर दस दिनों तक चलने वाली जगन्नाथ रथयात्रा को महायात्रा कहा जाता है, यह भारत में मनाए जाने वाले धार्मिक महामहोत्सवों में सबसे प्रमुख तथा महत्त्वपूर्ण है। जगन्नाथ रथ उत्सव आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया से आरंभ करके शुक्ल एकादशी तक मनाया जाता है। यह रथयात्रा न केवल भारत अपितु विदेशों से आने वाले पर्यटकों के लिए भी बहुत दिलचस्पी और आकर्षण का केंद्र बनती है। भगवान श्रीकृष्ण के अवतार जगन्नाथ की रथयात्रा का पुण्य सौ यज्ञों के बराबर माना जाता है, इस उत्सव के समय आस्था का जो विराट वैभव देखने को मिलता है, विलक्षण और दुर्लभ है। इस रथयात्रा के दौरान भक्तों को सीधे प्रतिमाओं तक पहुँचने का बहुत ही सुनहरा अवसर प्राप्त होता है। यात्रा की तैयारी अक्षय तृतीया के दिन श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा के रथों के निर्माण के साथ ही शुरू हो जाती है। 


भारत के चार पवित्र धामों में से एक पुरी के 800 वर्ष पुराने मुख्य मंदिर में श्रीकृष्ण जगन्नाथ के रूप में विराजते हैं। साथ ही यहाँ बलभद्र एवं सुभद्रा भी विराजित हैं। इन तीनों के रथ बनाये जाते हैं। ये रथ लकड़ी के बने होते हैं। इन रथों के नाम हैंः जगन्नाथजी के रथ को ‘गरुड़ध्वज’ या ‘कपिलध्वज’, बलरामजी के रथ को तालध्वज एवं सुभद्राजी का रथ ‘दर्पदलन’ व ‘पद्मध्वज’। पौराणिक मान्यता है कि द्वारका में एक बार सुभद्राजी ने नगर देखना चाहा, तब भगवान श्रीकृष्ण एवं श्री बलराम ने उन्हें एक पृथक रथ पर बैठाकर अपने रथ के मध्य में उनका रथ करके नगर का भ्रमण कराया। इसी घटना की याद में हर साल तीनों देवों को रथ पर बैठाकर नगर के दर्शन कराए जाते हैं। रथयात्रा से जुड़ी कई अन्य रोचक कथाएं भी हैं जिनमें से एक जगन्नाथजी, बलरामजी और सुभद्राजी की अपूर्ण मूर्तियों से भी संबंधित हैं। इस रथयात्रा का एक मुख्य आकर्षण महाप्रसाद भी होता है। यह महाप्रसाद जगन्नाथ पुरी मंदिर स्थित रसोई में बनता है। इस प्रसाद में दाल-चावल के साथ कई अन्य चीजें भी होती हैं जो भक्तों को बेहद कम दाम पर उपलब्ध कराई जाती है। नारियल, लाई, गजामूंग और मालपुआ का प्रसाद यहां विशेष रूप से मिलता है। 

जगन्नाथ रथयात्रा से जुड़े कुछ बेहद रोचक तथ्य हैं। जैसे जगन्नाथ पुरी इकलौता ऐसा मंदिर है जहां के तीनों ही भगवान भाई-बहन हैं। दुनियाभर के हिन्दू तीर्थों और मन्दिरों में केवल इसी तीर्थस्थल से मूर्तियों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जाता है। इस यात्रा के सात दिन पहले से मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं क्योंकि भगवान जगन्नाथ स्वास्थ्य लाभ के लिये जगह में बदलाव लाने के लिए उन्हें उनकी मौसी के घर भेजा जाता है। इन तीनों भाई-बहनों को गुण्डिचा बाड़ी यानी मंदिर ले जाया जाता है। इस मंदिर के बारे में प्रचलित है कि यहीं पर देवशिल्पी विश्वकर्मा ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी की प्रतिमाओं का निर्माण किया था। हर वर्ष तीन नए रथों का निर्माण होता है जिनमें कि नई लकड़ियों और सामान का प्रयोग किया जाता है पर ये तीनों रथ पिछले साल के रथ के टू कॉपी होते हैं। इन रथों के निर्मित की प्रक्रिया धार्मिक आस्था से जुड़ी है, कहा जाता है कि यह ईष्र्या, द्वेष, अहंकार एवं लोभ का गलाने की प्रक्रिया है। मतलब सालों से ये रथ एक जैसे दिखते आ रहे हैं और वास्तुकला एवं नक्काशी के अद्भुत नमूने हैं। कहते हैं मौसी के घर जाते समय भगवान बीच में आगे बढ़ने से इनकार कर देते हैं। ऐसे में बहुत जोर लगाने पर ही इनका रथ आगे बढ़ता है। पुरी में राजाओं के वंशज अभी भी रहते हैं। ऐसे में जब तक पुरी के राजा खुद आकर असली सोने की बनी झाडू से रास्ते को साफ नहीं करते तब तक भगवान मंदिर से बाहर नहीं निकलते। नौ दिनों तक मौसी के घर में रहने के बाद जब भगवान को वापस लाया जाता है तो बीच में वे एक जगह रूककर अपनी पसन्द की मिठाई पोडा पीठा जरूर खाते हैं। कहते हैं हर साल इस यात्रा के दिन पुरी में बारिश जरूर होती है। 


कहते हैं कि रथयात्रा के तीसरे दिन यानी पंचमी तिथि को देवी लक्ष्मी, भगवान जगन्नाथ को ढूंढते हुए यहां आती हैं। तब द्वैतापति दरवाजा बंद कर देते हैं, जिससे देवी लक्ष्मी रुष्ट होकर रथ का पहिया तोड़ देती है और ‘हेरा गोहिरी साही पुरी’ नामक एक मुहल्ले में, जहां देवी लक्ष्मी का मंदिर है, वहां लौट जाती हैं। बाद में भगवान जगन्नाथ द्वारा रुष्ट देवी लक्ष्मी मनाने की परंपरा भी है। यह मान-मनौवल संवादों के माध्यम से आयोजित किया जाता है, जो एक अद्भुत भक्ति रस उत्पन्न करती है। आषाढ़ माह के दसवें दिन सभी रथ पुनः मुख्य मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं। रथों की वापसी की इस यात्रा की रस्म को बहुड़ा यात्रा कहते हैं। जगन्नाथ मंदिर वापस पहुंचने के बाद भी सभी प्रतिमाएं रथ में ही रहती हैं। देवी-देवताओं के लिए मंदिर के द्वार अगले दिन एकादशी को खोले जाते हैं, तब विधिवत स्नान करवा कर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच देव विग्रहों को पुनः प्रतिष्ठित किया जाता है। तब इनका शृंगार विभिन्न आभूषणों एवं शुद्ध स्वर्ण से किया जाता है, इस धार्मिक अनुष्ठान को सुनबेसा कहा जाता है। वास्तव में रथयात्रा एक सामुदायिक पर्व है। इस अवसर पर घरों में कोई भी पूजा नहीं होती है और न ही किसी प्रकार का उपवास रखा जाता है। एक अहम् बात यह कि रथयात्रा के दौरान यहां किसी प्रकार का जातिभेद देखने को नहीं मिलता है। ढोल, नगाड़ों, तुरही और शंखध्वनि के बीच भक्तगण भक्तिगीतों को गाते हुए इन रथों को एक विशाल जन-समुदाय खींचता है और हर्षपूर्वक जयकारा लगाता है। यह जयकारे एवं भक्तिगीतों की ध्वनि एक तीन दूर तक सुनी जा सकती है। कहते हैं, जिन्हें रथ को खींचने का अवसर प्राप्त होता है, वह महाभाग्यवान माना जाता है। मान्यता है कि रथ खींचने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है। शायद यही बात भक्तों में उत्साह, उमंग और अपार श्रद्धा का संचार करती है। 

वर्तमान रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ को दशावतारों के रूप में पूजा जाता है, उनमें विष्णु, वराह, कूर्म, नृसिंह, परशुराम, श्रीराम, श्रीकृष्ण, वामन, बुद्ध, कल्की हैं। जगन्नाथ मंदिर की पूजा, आचार-व्यवहार, रीति-नीति और व्यवस्थाओं नेे शैव, वैष्णव, बौद्ध, जैन धर्मावलम्बियों को भी प्रभावित किया है। रथ का रूप श्रद्धा के रस से परिपूर्ण होता है। वह चलते समय शब्द करता है। उसमें धूप और अगरबत्ती की सुगंध होती है। इसे भक्तजनों का पवित्र स्पर्श प्राप्त होता है। रथ का निर्माण निर्मल बुद्धि, शांत चित्त और अहंकारमुक्ति से होता है, ऐसे रथ रूपी शरीर में आत्मा रूपी भगवान जगन्नाथ विराजमान होते हैं। इस प्रकार रथयात्रा शरीर और आत्मा के मिलन का दुर्लभ संयोग होती है और जीवन को पवित्र बनाए रखने की प्रेरणा देती है। रथयात्रा के समय रथ का संचालन आत्मा युक्त शरीर करता है जो जीवन यात्रा का प्रतीक है। सांसारिक जीवन जीते हुए इंसान को नेकी करने के लिये एवं जीवन की शुद्धता-पवित्रता के लिये प्रतिबद्ध होना चाहिए, आत्म-शुद्धि ही इस यात्रा का सन्देश है। यद्यपि शरीर में आत्मा होती है तो भी वह स्वयं संचालित नहीं होती, बल्कि उसे माया संचालित करती है। इसी प्रकार भगवान जगन्नाथ के विराजमान होने पर भी रथ स्वयं नहीं चलता बल्कि उसे खींचने के लिए लोक-शक्ति की आवश्यकता होती है। इस तरह यात्रा में ईश्वर और भक्त दोनों को ही महत्व दिया गया है। सचमुच! कितना पवित्र है आत्म-विशुद्धि एवं कृत-कर्माें की समीक्षा का यह धार्मिक अनुष्ठान। यह पारदर्शी मन का निर्माण करता है और अपनी भूलों को सुधारने के लिये तत्पर करता है। यह धार्मिक पर्व संकल्प बने पवित्र जीवन का। हम भूलों की पुनरुक्ति का अभ्यास छोडे़।  जगन्नाथ रथयात्रा एक बहुत ही प्रसिद्ध भक्ति एवं श्रद्धा का उत्सव है। केवल जगन्नाथपुरी में ही नहीं, देश के अन्य भागों में भी रथयात्रा के जुलूस निकाले जाते हैं। 






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(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कुंज अपार्टमेंट
25, आई0पी0 एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोन: 22727486

विशेष : अच्छे प्रेरकों की पहचान के लिए लोक शिक्षा केन्द्र का आंतरिक मूल्यांकन

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साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत जिले में संचालित कार्यक्रम व गतिविधियों की समीक्षा के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी-सह-सचिव जिला साक्षरता समिति, दुमका धर्मदेव राय की अध्यक्षता में दिन मंगलवार (20 जून 2017) को जिला साक्षरता समिति की बैठक आयोजित की गयी। डीईओ धर्मदेव राय ने मुख्य कार्यक्रम प्रबंधक सिंहासन कुमारी एवं डीपीएम अशोक सिंह के साथ मिलकर प्रखण्डवार कार्यक्रम के प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा के क्रम में सभी प्रखण्डों के बीपीएम ने बताया कि पंचायत के प्रेरकों के द्वारा भीटी के माध्यम से गाँव-टोला स्तर पर फिर से लक्ष्य के अनुसार नये एवं छुट हुए असाक्षरों का नामांकन कर साक्षरता केन्द्रों का संचालन शुरू कर दिया गया है। शिक्षण सामग्री का वितरण भी किया जा चुका है। प्रखण्ड और पंचायत स्तर से अनुश्रवण भी किया जा रहा है। समीक्षा के क्रम में डीईओ धर्मदेव राय द्वारा राज्य से प्राप्त निदेश के आलोक में सभी प्रबंधकों को निदेश दिया गया कि शत-प्रतिशत साक्षर पंचायत के तहत पूर्व में चयनित 3-3 पंचायत के अतिरिक्त फिर प्रति प्रखण्ड 5-5 नये पंचायतों का चयन कर सूची एक सप्ताह के अन्दर जिला को उपलब्ध करायें। इसके चयन में 50 प्रतिशत से कम महिला साक्षरता दर वाले पंचायतों तथा कम असाक्षरों की संख्या वाले पंचायतों का चयन करें। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि यह पंचायत पूर्व में चयनित शत-प्रतिशत साक्षर पंचायतों के बगल वाला हो और वहाँ के प्रेरक सक्रीय भी हों। इस क्रम में यह भी स्पष्ट किया गया कि अच्छे प्रेरकों की पहचान के लिए लोक शिक्षा केन्द्रों का आंतरिक मूल्यांकन किया जा रहा है, जिन्हें सम्मानित भी किये जाने की योजना है। साथ ही निष्क्रीय व लापरवाह प्रेरकों को भी चिन्हित किया जा रहा है ताकि उन पर कार्रवाई किया जा सके। जिला स्तर से विभिन्न प्रखण्डों में लगातार हो रहे अनुश्रवण और उससे प्राप्त वस्तुस्थिति की समीक्षा करते हुए यह भी निर्णय लिया गया कि प्रखण्ड स्तर से अनुश्रवण के दौरान लोक शिक्षा केन्द्र बंद पाये जाने पर संबंधित प्रेरकों को प्रखण्ड स्तर से स्पष्टीकरण जारी किया जायेगा लेकिन आज की तिथि के बाद जिला स्तरीय पदाधिकारी द्वारा अनुश्रवण के दौरान अगर कोई लोक शिक्षा केन्द्र बंद पाया गया तो बिना स्पष्टीकरण जारी किये सीधे संबंधित प्रेरक को कार्यमुक्त किये जाने की कार्रवाई की जायेगी। बैठक में जिला कार्यकारिणी में लिये गये निर्णय के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा की गयी, जिसके आलोक में प्रखण्ड एवं पंचायत साक्षरता समितियों के पुनर्गठन का निदेश दिया गया, जिसमें जरमुण्डी के बीपीएम ने बताया कि जरमुण्डी के सभी पंचायतों में पंचायत साक्षरता समितियों का पुनर्गठन हो गया है, प्रखण्ड समिति का पुनर्गठन बाकी है। डीईओ ने कहा कि कार्ययोजना के क्रियान्वयन के साथ-साथ समितियों के पुनर्गठन का कार्य भी जल्द पूरा करें। साथ ही सभी बीपीएम क्षेत्र भ्रमण कर केन्द्रों का अनुश्रवण करें और रिपोर्ट जिला को उपलब्ध करायें, साथ ही अकिल बत्ती साक्षरता व्हाटसेप ग्रुप पर भी फोटो डालें। सभी बीपीएम अपने-अपने प्रखण्ड का व्हाटसेप ग्रुप बनाकर प्रेरकों को उससे जोड़ें। इसी क्रम में प्रेरकों को डीबीटी के तहत आधार सिडिंग की रिपोर्ट जिला को जल्द देने को कहा गया, नही ंतो प्रेरकों का मानदेय भुगतान नहीं किया जायेगा। बैठक में कई प्रखण्डों के प्रखण्ड कार्यक्रम प्रबंधक शामिल हुए।







अमरेन्द्र सुमन, 
दुमका

विशेष आलेख : राष्ट्रपति चुनाव- धर्मसंकट में नीतीश ?

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रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति पद के लिए आडवाणी , पीएम  मोदी की मौजूदगी में नामांकन पत्र भर दिया है। उधर विपक्ष ने भी रामनाथ कोविंद के मुकाबले मीरा कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है। सबसे खास बात यह है कि इस बात दो पार्टियों ने दलित कार्ड खेला है। हालांकि इस कार्ड को खेलने में विपक्ष पीछे जरूर रह गया है। या फिर शायद वो सत्तादल  का इंतजार कर रहा था कि वो अपने पत्ते खोले जिससे कि पता चल सके और उसी हिसाब से अपना उम्मीदवार घोषित कर सके। 

मामला कुछ भी रहा हो । लेकिन विपक्ष से कहीन कहीं कोई चूक जरूर हो गई। राष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ कोविंद को एनडीए ने जब उम्मीदवार बनाया, तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी उनका समर्थन कर दिया। लेकिन विपक्ष के राजनीतिक कार्ड ने नीतीश कुमार को सदमे में जरूर डाल दिया है। मीरा कुमार भी एक दलित नेता है। ऊपर से बिहार की रहने वाली है।


 छवि भी उनकी ईमानदार है। दूसरी ओर रामनाथ कोविंद से नीतीश कुमार के बेहतर संबंध रहे हैं। बिहार में शराबबंदी के फैसले पर रामनाथ कोविंद ने नीतीश का समर्थन किया था। जबकि  महागठबंधन दल के नेताओं के साथ ही अन्य कई दल इसकी आलोचना कर रहे थे। कोविंद के समर्थन को लेकर मीरा कुमार को राष्ट्रपति का उम्मीदवार ऐलान के बाद आरजेड़ी प्रमुख ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फैसला बदलने और ऐतिहासिक भूल न करने की सलाह दे डाली। लालू के कहा कि वो नीतीश से अपील करेगें कि बिहार की बेटी का समर्थन करें। अब इस मामले में दलित कार्ड तो खेला नहीं जा सकता। क्योंकि दोनों नेता उम्मीदवार दलित हैं। तो अब बिहार की बेटी का कार्ड खेलना ही संभव है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जो  रिकॉर्ड रहा है वह यह है कि गठबंधन से अलग वो अपने खुद के फैसले हमेशा लेते रहे हैं। जीएसटी का मुद्दा रहा हो या फिर नोटबंदी का। उन्होंने सरकार का समर्थन किया है।  

अगर हम बात करें 2012 में राष्ट्रपति चुनाव की तो नीतीश कुमार एनडीए में रहते हुए यूपीए के प्रणव मुखर्जी को राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन किया था। जिससे ये आसार लगाए जा सकते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने फैसले को बदलते नहीं है। लेकिन नीतीश कुमार के इस फैसले से विपक्ष की एकता की हवा जरूर निकल गई है।  इस राष्ट्रपति चुनाव से कांग्रेस की कोशिश 2019 के लिए विपक्षी एकता को मजबूत करने की थी। नीतीश ने उस पूरे मंसूबे पर पानी फेर दिया  जिससे कांग्रेस की रणनीति चित होती नज़र आ रही है। पिछले कुछ महीनों से नीतीश कुमार का रूख बीजेपी के लिए नरम पड़ा है। चाहे वह नोटबंदी का मामला रहा हो या फिर कोई और। अब देखनें वाली बात है कि क्या नीतीश कुमार धर्मसंकट में है? या फिर अपने समर्थन पर कायम रहेगें।






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रवि श्रीवास्तव (स्वतंत्र पत्रकार)
ईमेल :ravi21dec1987@gmail.com 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 24 जून

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राष्ट्रीय बचत पत्र (छैब्) के स्थान पर ई प्रमाण पत्र प्राप्त करें

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जिला महिला सशक्तिकरण सीहोर के परामर्शदाता ने बताया कि मध्यप्रदेष शासन व मा. मुख्यमंत्री जी की अत्यंत महत्वपूर्ण व महत्वकांक्षी लाडली लक्ष्मी योजना नवीन स्वरूप अन्तर्गत ई लाडली बन चुकी है। ई लाडली अन्तर्गत हितग्राही बालिकाओं को पूर्व में प्रदत्त राष्ट्रीय बचत पत्र (छैब्) के स्थान पर ई प्रमाण पत्र प्रदाय किया जा चुका है। जिला सीहोर में लाडली लक्ष्मी योजना पात्र ऐसे हितग्राही जिन्होंने अभी तक अपनी छैब् जमा नहीं कराई है, वह यथाषीघ्र अपनी छैब् आंगनबाड़ी केन्द्र अथवा एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय अथवा जिला महिला सषक्तिकरण कार्यालय में जमा करवाकर ई प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। लाडली लक्ष्मी योजनान्तर्गत योजना का लाभ लिया जाने हेतु आवेदन-पत्र संबंधित आंगनबाड़ी केन्द्र/एकीकृत बालविकास परियोजना कार्यालय पर निःषुल्क जमा किया जा सकता है तथा लोक सेवा गारंटी केन्द्र/ आॅनलाईन कियोस्क सेन्टर से निर्धारित राषि भुगतान कर आवेदन पत्र जमा किया जा सकता है। अधिक जानकारी हेतु जिला महिला सषक्तिकरण कार्यालय, जिला सीहोर में हेल्प लाईन सम्पर्क क्रं. 9993183931 पर कार्यालयीन समय में संपर्क किया जा सकता है।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 24 जून

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मानोरा मेला में व्यवस्थाओें के पुख्ता प्रबंध, श्रद्वालुगण पिंड भरते हुए पहुंच रहे है
  • भगवान जगदीश स्वामीजी की रथ यात्रा आज

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मानोरा मेला आज से शुरू हुआ जो 26 जून तक चलेगा। मेला में शामिल होने के लिए श्रद्वालुगण पिंड भरते हुए, पैदल चलकर पहुंचने लगे है। श्रद्वालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं का आज पुनः कलेक्टर श्री अनिल सुचारी और पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी ने संयुक्त रूप से व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जिसमें मुख्य रूप से टूर-व्हीलर, फोर व्हीलर वाहनों के लिए पार्किंग स्थलों का चिन्हांकन, मेला प्रागंण में तैनात होने वाले सुरक्षाकर्मियों की उपस्थिति, पेयजल, बिजली, साफ-सफाई के लिए तैनात कर्मचारियों के कार्य स्थलों का मौके पर पहुंचकर जायजा लिया गया। 


सीसी कैमरे
मानोरा मेला में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए चहुंओर सीसी कैमरे लगाए जाएंगे। जिसका नियंत्रण स्कूल प्रागंण में बनाए गए पुलिस कंट्रोल रूम से होगा। 

साफ-सफाई
मेला आयोजन के पूर्व और पश्चात् क्षेत्र में साफ-सफाई का दायित्व निभाने के लिए सफाई दल गठित कर नियत स्थलों पर तैनाती की गई है। 

पेयजल आपूर्ति
मानोरा मेला में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छ पेयजल आपूर्ति में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो। इसके लिए विभिन्न स्थलों पर पानी के टेंकर रखे गए है।  इसके अलावा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा मानोरा ग्राम के सभी हेण्ड पंपो, नलजल योजनाओं को दुरूस्त किया जा चुका है क्षेत्र के पेयजल के अन्य स्त्रोतांें में ब्लीचिंग एवं क्लोरीन डालने का कार्य भी पूरा किया जा चुका है। जगह-जगह टंेकरों मंे नलोें की 12-12 टोटिंया भी लगाई गई है। 

हाॅकर जोन
मानोरा मेला में हाॅकर जोन बनाये जाएंगे। जिसके अनुसार व्यवसाईयों के सर्किल बनाकर संबंधित व्यवसाईयों द्वारा नियत सर्किल में ही व्यवसायी गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। 

यातायात
मेला अवधि के दौरान यातायात व्यवस्था सुगमता से संचालित हो सकें इसके लिए पुलिस प्रशासन द्वारा व्यापक व्यवस्था सुनिश्चित की जाएंगी। कोई भी वाहन मुख्य सड़क से मेला परिसर की सड़कों पर प्रवेश नही कर सकेगा जिसमें दो पहिया वाहन भी शामिल हैै। 

पार्किंग
मानोरा मेला में आने वाले वाहनो के लिए पृथक-पृथक पार्किंग की व्यवस्था की गई है।  ग्यारसपुर की ओर से आने वाले वाहन और विदिशा की ओर से आने वाले वाहनो के लिए अलग-अलग पार्किंग स्थल चिन्हित किए गए है। 

बिजली की आपूर्ति
मानोरा मेला की अवधि में बिजली की आपूर्ति सतत बनी रहें इसके लिए ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की टीम 24 घंटे तैनात रहेगी। क्षेत्र को मेला अवधि तक कटौती से मुक्त रखा गया है। अपरिहार्य कारणों से कही कटौती होती है तो उन क्षेत्रों में जनरेटरों से बिजली आपूर्ति के भी प्रबंध किए गए है।

चिकित्सा व्यवस्था
मेला अवधि में चिकित्सा व्यवस्थाएं चुस्त रहेगी इसके लिए बकायदा चिकित्सक दल एवं एम्बुलेंस मौजूद है ताकि यदि किसी श्रद्धालुगणों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है तो उन्हें अविलम्ब चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जा सकें और उन्हें निःशुल्क दवाई दी जाएगी। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने बताया कि मेला अवधि में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न स्थलों पर राजस्व एवं पुलिस की संयुक्त टीम तैनाती के साथ-साथ सेक्टर मजिस्टेªट भी नियुक्त किए गए है। कलेक्टर और एसपी के द्वारा मेला प्रागंण का जायजा पैदल चलकर लिया गया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विनोद कुमार चैहान, एसडीएम श्री मनोज कुमार वर्मा समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी और मेला समिति के पदाधिकारी साथ मौजूद थे।

ग्रामीणों से रू-ब-रू हुए राज्यमंत्री

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राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा के द्वारा प्रत्येक शनिवार को शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र की तहसील नटेरन और शमशाबाद में जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। नटेरन के जनपद पंचायत में आज हुई जनसुनवाई कार्यक्रम में 27 आवेदन तथा शमशाबाद के फाॅरेस्ट रेस्ट हाउस में राज्यमंत्री श्री मीणा को 47 आवेदकों ने आवेदन प्रस्तुत किए। राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने आज अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता जो काठमांडू मंेें आयोजित की गई थी जिसमंे क्षेत्र के खिलाडी श्री मयूर भार्गव भी भारतीय टीम में शामिल थे। टीम के द्वारा गोल्ड मैडल प्राप्त करने पर राज्यमंत्री श्री मीणा ने खिलाडी श्री भार्गव का शाल श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया वही पांच हजार रूपए की राशि विधायकनिधि से देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि शमशाबाद जैसे छोटे से क्षेत्र से अंतर्राष्ट्रीय खिलाडी का उदय हुआ है जो अन्य खेलों में रूचि रख रहे खिलाड़ियो के लिए प्रेरणा देने का काम करेगा।


जिले में अब तक 105 मिमी औसत वर्षा दर्ज हुई

जिले के तहसील कार्यालयों में स्थापित वर्षामापी यंत्रो पर शनिवार की प्रातः आठ बजे दर्ज की गई वर्षा की जानकारी देते हुए अधीक्षक भू-अभिलेख श्रीमती सविता पटेल ने बताया कि शनिवार को जिले में 9.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है जबकि एक जून से आज दिनांक 24 जून तक 105 मिमी औसत वर्षा हो चुकी है। उक्त अवधि में गतवर्ष 46.3 मिमी औसत वर्षा हुई थी। शनिवार की प्रातः जिन तहसीलों में वर्षा दर्ज की गई है तदानुसार विदिशा में 8.2 मिमी, सिरोंज में 42 मिमी, लटेरी मंे 17 मिमी, नटेरन में दो मिमी, बासौदा में 9.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। शेष तहसीलों में वर्षा नगण्य रही।

बिहार : परीक्षाफल गड़बड़ी पर छात्र-युवा संगठनों का कन्वेंसन 6 जुलाई को

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  • मानसून सत्र में विधान सभा का घेराव करने पटना पहुँचेंगे हजारो छात्र युवा।

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पटनाः- इंटर परीक्षाफल गड़बड़ी पर जारी आन्दोलन के तहत आज लंगर टोली स्थित  ए. आई. एस. एफ. राज्य कार्यालय में छात्र-युवा संगंठनों की बैठक हुई। बैठक में इंटर परीक्षाफल में हुए व्यापक गड़बड़ी को लेकर सूबे के छात्रो को बोलबंद करने एवं चरणबद्ध आंदोलन चलाने की रणनीती तैयार की गई। बैठक में यह तय हुआ की राज्य की गिरती शिक्षा व्यवस्था की वजह से ही इंटर के बाद मैट्रिक का भी परीक्षाफल खराब हुआं राज्य के अंदर समान स्कूल प्रनाली लागू किए बिना शिक्षा में कोई बड़ा बदलाव नहीं हो सकता। बैठक में तय किया गया कि आगामी 6 जुलाई को छात्र-युवा संगठनों का संयुक्त कन्वेंसन पटना के आई. एस. एफ. हाॅल में किया जाएगा। कन्वेंसन में सूबे के क्षत्र-युवाओं के अलावे शिक्षा विद् सामाजिक कार्यकत्ता भी बड़ी तादात में शिरकत करेंगे साथ हीं कन्वेंसन में पूरे सूबे में आंदोलन को कैसे व्यापक रूप दिया जाए उसकी रणनीति तैयार की जाएगी। इस आंदोलन के अगली करी में विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में हजारों की संख्या में छात्र-युवा विधान सभा का घेराव करने पटना पहुँचेंगें। बैठक की अध्यक्ष्ता आर. वाई. ए. के राज्य सचिव नवीन कुमार ने की। बैठक में   ए. आई. एस. एफ. के राज्य सचिव सुशील कुमार, राज्य उपाध्यक्ष सुशील उमाराज  आइसा के राज्य अध्यक्ष मुख्तार डी. वाई. एफ. आई. के राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार चंद्रवंशी इसवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमर अजाद, गौतम पासवान, अजय यादव, एस. एफ. आई. के प्रभात यादव, ए. आई. वाई. एफ. के विनोद कुमार शामिल थे।


खोटा सिक्का का सम्मान नहीं : शिवकुमार

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बैंगलोर,24 जून,2017,आर्यावर्त डेस्क, कर्णाटक विधानसभा भवन सभागार में आयोजित सहकारिता कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने खुद का सम्मान किये जाने के बाद, जैसे ही ऊर्जा मंत्री डी.के.शिवकुमार का सम्मान किया जाने लगा,  मुख्यमंत्री माइक लेकर भाषण देने लगे और कहा कि शिवकुमार का सम्मान बाद में कर लेना ,मुझे कई काम हैं.उनके अचानक इस बर्ताव से उपस्थित लोग तो हंसने लगे परन्तु शिवकुमार काफी झेंप गए.बाद में जब मुख्यमंत्री के जाने के बाद आयोजकों ने ऊर्जा मंत्री शिवकुमार का सम्मान करना चाहा तो उन्होंने यह कहते हुए सम्मानित होने से मना कर दिया कि मैं अब खोटा सिक्का हो गया हूँ और खोटे नोट का सम्मान नहीं होता. इतना कहकर वे भी चलते बने.

नोटबंदी का राजनीतिक लाभ भाजपा को : सिद्धरामय्या

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बैंगलोर,आर्यावर्त डेस्क,24 जून,2017, कर्णाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी का भाजपा को राजनीतिक लाभ मिला परन्तु जनहित और आर्थिक विकास के तौर पर केंद्र सरकार का यह कदम विफल रहा. विधानसभा  भवन में सहकारिता कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बिना किसी तैयारी के अचानक  नोटबंदी की घोषणा करके उत्तर प्रदेश के चुनाव में राजनीतिक लाभ लेने का काम किया और आम जनता की नींद हराम की. उन्होंने कहा कि  नरेंद्र मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर भी अब तक जनता को कोई ठोस परिणाम नहीं मिला.न तो विदेशों से काला धन आया ,न ही काला धन रखने वालों पर कोई कार्यवाई हुयी. सिद्धरामय्या ने कहा कि आज भी बैंकों में सामान्य स्थिति नहीं बन पायी है और आम जनता,किसान,श्रमिक तथा गरीबों की आशा भरी निगाहें केंद्र सरकार की तरफ लगी हुईं हैं,परन्तु उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है.

बिहार : नितीश का फैसला न देश न बिहार हित में : भाकपा

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पटना, 24 जून। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की बिहार राज्य परिषद के सचिव सत्य नारायण सिंह ने राष्ट्रपति चुनाव के प्रसंग में निम्नलिखित बयान जारी किया है.  भारतीय जनता पार्टी और एन.डी.ए. ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि वाले रामनाथ कोविन्द को अपना उम्मीदवार बनाया है। यह आष्चर्यजनक है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीष कुमार ने भाजपा उम्मीदवार समर्थन का फैसला किया है। इससे धर्मनिरपेक्ष और जनतांत्रिक व्यक्तियों को सदमा पहुँचा है। उनका यह फैसला न बिहार के हित में है और न देष के हित में। उल्लेखनीय है कि जब नीतीष कुमार ने पिछले दिनों अपनी सरकार से भाजपा को अलग किया था, तो धर्मनिरपेक्ष और जनतांत्रिक शक्तियों ने उसका स्वागत किया था। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की थी।अभी नीतीष कुमार ने महागठबंधन की उपेक्षा कर के आर.एस.एस. पृष्ठभूमि वाले भाजपा उम्मीवार का समर्थन करने का फैसला किया है, तो आष्चर्य हो रहा है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी नीतीष कुमार से अपील करती है कि वे अपने फैसले पर  पुर्नविचार करें और गैर भाजपा तथा धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को एकजुट करने में मददगार हों।  


अवैध उत्खनन हुआ तो डीएमओ, सीओ व थाना प्रभारी पर होगी सीधी कार्रवाई : डीसी

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किसी भी प्रकार का अवैध उत्खनन या पशु तस्करी जैसे कृत्यों में शामिल वालों व्यक्तियों के विरूद्ध होगी कड़ी से कड़ी कार्रवाई। अवैध पत्थर व कोयला उत्खनन के लिये दोषी होंगे जिला खनन पदाधिकारी, अंचल अधिकारी व थाना प्रभारी।  शिकायतों पर इनके विरुद्ध होगी सीधी कार्रवाई। सोशल मीडिया पर नजर रखी जाय। अफवाह या शांति भंग करने जैसी मिथ्या खबरों को पोस्ट करने वालों या समाज की समरसता को बिगाडने वालों केे विरूद्ध कानून के दायरे में कार्रवाई की जाय।






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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) उप राजधानी दुमका के किसी भी प्रखण्ड में अवैध पत्थर व कोयला उत्खनन हुआ तो जिला खनन पदाधिकारी, अंचल अधिकारी व थाना प्रभारी पर सीधी कार्रवाई होगी। जिला के आलाधिकारियों के साथ डीएसपी मुख्यालय व ग्रामीण,  सभी प्रखण्डों के बीडीओ, अंचल अधिकारियों व सभी थाना के थाना प्रभारियों के साथ विधि व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा उपरोक्त बातें डीसी मुकेश कुमार ने कही। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह के दूसरे शनिवार व चैथे शनिवार को थाना दिवस मनाया जायेगा। शांति समिति की समीक्षा के क्रम में डीसी ने कहा कि आवश्यकता हो तो नये लोगों को शंाति समिति में जोड़ा जाय तथा इसे अधिक प्रभावशाली बनाया जाय। डीसी श्री कुमार  ने कहा कि सोशल मीडिया पर आने वाली खबरों पर नजर रखी जाय तथा वैसे लोग जो अफवाह या शांति भंग करने जैसी मिथ्या खबर पोस्ट कर रहे हैं या समाज की समरसता को बिगाड रहे हैं केे विरूद्ध कानून के दायरे में कार्रवाई की जाय। डीसी ने यह स्पष्ट निदेश दिया कि इस जिले में किसी भी प्रकार का अवैध उत्खनन या पशु तस्करी नहीं होगी। इन कृत्यों को करने वालों के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाय। उन्होंने कहा कि गैरकानूनी तरीके से काम करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जाती है, कार्रवाई से मुकर जाने वाले के विरुद्ध शिकायत मिलती है तो जांच के बाद संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। इसलिये सभी चेत जायें। डीसी ने कहा कि शांति भंग करने वाले असमाजिक तत्वों के विरूद्ध हर संभव कड़ी कार्रवाई की जाय और जरूरत पड़े तो जिला बदर करने का भी प्रस्ताव दें। साज द्वारा बनाये जा रहे सड़कों की समीक्षा करते हुए डीसी मुकेश कुमार ने 30 जून तक हर हाल में नाला-मसलिया पथ पर सभी विद्युत पोल सिफ्ट करने का निदेश कार्यपालक अभियंता को दिया। उन्होंने कहा कि भूमि अर्जन हो या कोई अन्य पहलू, सभी कार्य निश्चित टाईम लाईन में किया जाय। कार्य न होने की कोई सफाई नहीं सुनी जाऐगी। श्रावण माह से पहले हंसडीहा-नोनीहाट पथ को पूरी तरह कांवरियों के अनुकुल करने का निदेश डीसी ने कार्यपालक अभियंता को दिया। उन्होंने कहा कि कार्यपालक अभियंता की यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वे इस पथ के कार्य की प्रगति का पर्यवेक्षण करें। बैठक में ईईआरसीडी दुमका के घनश्याम कुमार अग्रवाल, आईटीएल दुमका के मैटरियल इंजीनियर राम सुमिरन शर्मा, आरसीपीएल के प्रोजेक्ट मैनेजर कुमार राजेश इस अवसर पर उपस्थित थे। 

दुमका : मम्मा मातेश्वरी जगत अंबा सरस्वती की 52 वीं पुण्यतिथि मनाई गई

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के नगर पालिका चैक दुमका स्थित ओम शांति भवन में दिन शनिवार (24 जून 2017) को प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मम्मा जगतअंबा सरस्वती की 52 वीं पुण्यतिथि स्मृति दिवस के रूप में मनाई गई। बतौर मुख्य अतिथि रामकृष्ण आश्रम के स्वामी विश्वरूप महाराज, दुमका स्थित संस्था की प्रमुख बी0 के0 जयमाला, बी0 के0 रेखा, बी0 के0 जूही व इस अवसर पर मौजूद अतिथियों ने मम्मा मातेश्वरी को भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित किया। मातेश्वरी जगतअंबा सरस्वती प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में अपने गुणों व कार्याें के कारण मीठी मम्मा के रूप में भी जानी जाती है। मुख्य अतिथि स्वामी विश्वरूप महाराज ने संस्था के उद्येश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्था अपने उद्येश्यों के अनुरूप लोगों को अज्ञानता रूपी अंधकार से निकालकर ज्ञान रूपी प्रकाश से प्रकाशमान कर रही है और जिसमें ये अपना शत प्रतिशत देने में सफल भी है। ब्रह्माकुमारी संस्था की बहनों का त्याग व सेवा कार्य देखकर स्वामी जी ने कहा कि आज के इस युग में भी अपने कर्तव्यों के प्रति ईमानदारी पूर्वक अडिग रह कर समस्त विश्व के जन कल्याण के लिए ये बहनें कार्य कर रही है जो काफी प्रशंसनीय व सराहनीय है। अध्यात्म को जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बताते हुए कहा कि अध्यात्म के जरिए ही हम परात्मा से सीधा संपर्क स्थापित कर हर दृष्टिकोण से अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सकते हैं। चाहे किसी भी धर्म, जाति, समुदाय का हों, सबों को परमाात्मा से जुड़कर ही कार्य करना चाहिए। इस व्यस्तता भरी जीवन शैली के बीच से लोगों को निश्चय ही समय निकालकर आश्रम में आना चाहिए जहाँ राजयोग के जरिए सरलतापूर्वक परमपिता परमात्मा से संपर्क स्थापित करने की कला को सहजता पूर्वक सिखाया जाता है। जिससे उर्जा व शांति की प्राप्ति होती है। भोजन के बारे में स्वामी जी ने कहा कि भोजन को बहुत ही शुद्धता के साथ पकाया जाना चाहिए और भोजन का अनादार नहीं करना चाहिए, क्योंकि जैसा भोजन हम करते हैं वैसा ही हमारे विचार होते हैं, जिससे घर-परिवार में सुख शांति का माहौल बना रहता है।  इस संबंध में कहा भी गया है कि जैसा अन्न ! वैसा मन!!  इन्होंने कहा कि सभी धर्मों का हमें आदर करना चाहिए क्यांेकि सभी धर्माे में एक ही समान नैतिक बातें बताई जाती है, बस जरूरत है इसे आत्मसात करने की। संस्था की संचालिका बी0 के0 जयमाला ने कहा कि मम्मा जगतअंबा सरस्वती ने आज के ही दिन 24 जून 1965 को नश्वर देह का त्याग कर संपूर्ण अवस्था को प्राप्त किया। मम्मा जगतअंबा सरस्वती 14 वर्ष की आयु में इस संस्था में आई। इनका बचपन का नाम राधे था।  बचपन से ही ये विलक्षण प्रतिभा की धनी थी, पढ़ाई के साथ-साथ ये गीत-संगीत एवं नृत्य में भी अव्वल रहती थी।  पहली बार जब ये ब्रह्मा बाबा से मिली तो इन्हें एहसास हुआ कि इन्हें अलौकिक पिता मिल चुके हैं।  मम्मा जगतअंबा सरस्वती सिंध समुदाय के बहुत ही साधारण परिवार से थी।  उनके जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण बात यह थी कि वो किसी भी एक गलती को दुबारा आज तक नहीं की।  मम्मा अपने कर्तव्य की पक्की थी।  मम्मा का व्यवहार, कार्यकुशलता, सेवाभाव, कर्तव्यपरायणता, सत्यनिष्ठा, लोगों के प्रति असीम प्यार, स्नेह और त्याग के कारण ही बहुत ही कम उम्र में उन्हें मातेश्वरी जगतअंबा सरस्वती की उपाधि मिली।   इनकी विलक्षण प्रतिभा और त्याग से अभिभूत होकर स्वयं ब्रह्मा बाबा ने जगत कल्याण के लिए इन्हें संस्था की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी प्रदान की। अध्यात्मिक ज्ञान और शक्तियों की चैतन्य दिव्य मूर्ति मातेश्वरी श्री जगदम्बा, कर्मयोग की ज्ञान-गंगा बहाकर आध्यात्मिक क्षेत्र में पुरूष प्रधान वर्चस्व के मिथक को तोड़कर सारे संसार को यह संदेश देने सफल रही कि आध्यात्किम पुरूषार्थ और साधना के लिए त्याग, तपस्या और आत्म-अनुभूति ही यथार्थ सत्य है, इसमें लिंग-भेद और बाह्य पहचान का कोई महत्व नहीं है।  मम्मा ने जिस समय सन् 1936 में आध्यात्मिक साधना द्वारा अज्ञानता में भटकते समस्त मानव के हृदय को ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करने के पथ को चुना था, का वह कालखण्ड एक नारी के लिए महान साहस भरा फैसला था।  क्योंकि उस समय का पुरूष प्रधान समाज धर्म की सुरक्षा के नाम पर नारियों को घर के पर्दे के अंदर कैद करना ही अपना छद्म धर्म समझते थे।  उस वक्त इन्होंने नारियों के पूर्णतः निषेध कर दिए गए धर्म के प्रवेश-द्वार को नारियों के लिए खोल दिया।  मम्मा आज भी नारी-सत्ता द्वारा संचालित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के रूप में समस्त संसार को आलोकित कर रही है। साथ ही संस्था प्रमुख बी0 के0 जयमाला ने बताया कि मम्मा करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणादायक बनीं और ब्रह्माकुमारी बहनों और माताओं के लिए वे एक आदर्श बनकर हमसबों के बीच प्रेरणा के रूप में आज भी विद्यमान है।

दुमका से शीघ्र प्रारंभ होगी विमान सेवा : डीसी

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) जिला के आला अधिकारियों के साथ दिन शनिवार (24 जून 2017) को डीसी दुमका मुकेश कुमार ने दुमका हवाई अड्डा का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा वर्तमान हवाई पट्टी पर छोटे विमानों की आवाजाही हो सकती है। पायलट ट्रेनिंग सेन्टर के भवन से यात्रियों को बोर्डिग के पास, सुरक्षा जांच व आगमन-प्रस्थान कराया जा सकता है। डीसी ने कहा कि एयरपोर्ट क्षेत्र विस्तार के लिए आवश्यक अधियाचना प्राप्त होते ही समयबद्ध त्वरित कार्रवाई होगी। इस अवसर पर डीसी के साथ अपर समाहर्ता इन्दु गुप्ता अनुमंडल पदाधिकारी प्रकाश झा, उप निदेशक जनसम्पर्क अजय नाथ झा, कार्यपालक अभियंता रामेश्वर दास, कनीय अभियंता बुलेट महतो इत्यादि उपस्थित थे। इससे पूर्व डीसी की अध्यक्षता में जिला टास्कफोर्स की बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम वर्ष 2017-18 के अन्तर्गत 103 आवेदकों के आवेदन पत्रों की समीक्षा की गई। बैठक में 90 आवेदन पत्र वित्त पोषण हेतु चयन किये गए। 9 आवेदकों का आवेदन पत्र निरस्त किया गया तथा 4 आवेदकों के आवेदन पत्र को लंबित रखा गया। बैठक के दौरान 22 जून 2017 तक के आॅन लाईन जमा पत्रों की स्क्रुटनी की गई तथा चयनित आवेदकों का आवेदन पत्र शाखा को भेजा गया। 

मधुबनी : पच्चासी बोतल नेपाली शराब के साथ एक तस्कर गिरफ्तार।

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मधुबनी ( दिनेश सिंह) जिले में शराब का करोबार, थमने का नाम ही नहीँ ले रहा है । पुलिस के द्वारा हर दिन जिले में शराब माफियाओं की गिरफ्तारी एवं शराब बरामदगी जाड़ी है । नया मामला राजणगर थाना की है , जहाँ पुलिस ने एक शराब सप्लायर को शराब के साथ धर दबोचा । मिली जानकारी के अनुसार , राजनगर पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि एक साइकल सवार रोज़ पीछे बोरा में शराब भर कर खजौली तरफ़ से आता है और भाया लक्ष्मीपूर होते हुए राजनगर की ओर चला जाता है । सूचना मिलते ही थाना प्रभारी रूपक रंजन सिंह ने, खुद के नेतृत्व में एक टीम बनाई , जिसमें आनि सकलदीप यादव , दिनेश खत्वे , एवं योगेश्वर पासवान , को रखा गया । फ़िर शाम पौने छ: बजे एक साईकल सवार सफेद बोरी साईकल पर लादे हुए आता दिखा , पुलिस उसे रोकने का इशारा किया तो तस्कर साईकल छोड़ भाग खड़े हुए । पुलिस ने पीछा किया और काफी मस्कत के बाद तस्कर को पकड़ने में कामयाबी पायी । पूछताछ में पता चला कि तस्कर की पहचान ,जयनगर थानान्तर्गत कोरहीया निवासी देवन मुखिया का पुत्र लोभीत मुखिया है । वो कई दिनो से जयनगर से शराब लेकर खजौली , राजनगर , एवं अन्य जगहों पर सप्लाई करता था ।


चीन में भूस्खलन,141 लोगों के लापता होने की आशंका

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बीजिंग 24 जून, चीन के दक्षिण पश्चिमी सिचुआन प्रांत में आज सुबह भूस्खलन से 141 लोगों के लापता होने की आशंका है जबकि तीन लोगों को मलबे से जीवित बाहर निकाला गया है। सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी। तिब्बत क्षेत्र के निकट उत्तरी सिचुआन के एक सुदूर पहाड़ी क्षेत्र माओशिआन काउंटी के शिनमो गांव में भूस्खलन की चपेट में 46 मकान आये है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने राहत एवं बचाव अभियान तेजी के साथ चलाने का आह्वान किया है। सरकारी प्रसारक सीसीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अब तक केवल एक दंपती और दो महीने के एक शिशु को बचाया गया है। सरकारी टेलीविजन की रिपोर्टों में दिखाया गया है कि ग्रामीण और राहतकर्मी बचाव अभियान में लगे है। शिन्हुआ ने बताया कि 400 लोग बचाव अभियान में जुटे हुए है और मौके पर छह एंबुलेंस है तथा अतिरिक्त एंबुलेंस मौके पर पहुंचने वाली है। संवाद समिति ने बताया कि पुलिस ने आपात सेवाओं को छोड़कर सभी वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी है। यह क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील है। वर्ष 2008 में मध्य सिचुआन वेनचुआन काउंटी में 8.0 तीव्रता के भूकंप के जबरदस्त झटके महसूस किये गये थे जिसमे लगभग 70 हजार लोग मारे गये थे।

भारत ने पाकिस्तान को 6-1 से धो डाला

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लंदन, 24 जून, रमनदीप सिंह और मनदीप सिंह के शानदार दो-दाे गोलों की मदद से भारत ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को एफआईएच वर्ल्ड हॉकी लीग सेमीफाइनल में शनिवार को 6-1 के बड़े अंतर से रौंद दिया, इस जीत के बाद भारतीय टीम अब पांचवें -छठे स्थान के लिये कनाडा से खेलेगी। भारत ने पांचवें से आठवें स्थान के स्थान निर्धारण मैच में पाकिस्तान को एकतरफा अंदाज में फिर पीट दिया। भारत ने ग्रुप मैच में पाकिस्तान को 7-1 के बड़े अंतर से हराया था लेकिन क्वार्टरफाइनल में मलेशिया से 2-3 से हारने के बाद भारत को स्थान निर्धारण मैच में उतरना पड़ा। भारत के सामने अब पांचवें से छठे स्थान के लिये कनाडा की चुनौती रहेगी जिसने एक अन्य मैच में चीन को 7-3 से धो डाला। भारत और कनाडा के बीच ग्रुप चरण में मुकाबला हुआ था और तब भारत ने 3-0 से जीत हासिल की थी। खिताबी दौड़ से बाहर हो चुके भारत के लिये एक अच्छा मौका है कि वह रविवार को होने वाले मुकाबले में कनाडा को फिर शिकस्त देकर पांचवां स्थान हासिल करे।

जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक गिरफ्तार

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श्रीनगर. 24 जून, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ)प्रमुख यासीन मलिक को आज यहां गिरफ्तार कर लिया गया। जेेकेएलएफ के प्रवक्ता ने बताया कि मलिक को मैसुमा स्थित उसके आवास पर पुलिसकर्मियों ने हिरासत में ले लिया। मलिक ने कल सुरक्षा बलाें को चकमा देकर चरार-ए-शरीफ में शेख नुरूद्दीन वली की दरगाह पर एक जनसमूह को संबोंंधित किया था। इस समय हुर्रियत कांफ्रेंस के दाेनों धड़ों के अध्यक्ष घर पर नजरबंद हैं। अलगाववादी नेताओं ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई में मारे जाने वाले नागरिकों के मामले में जुमे की नमाज के बाद हड़ताल का अाह्वान किया था।

मोदी ने पुर्तगाली प्रधानमंत्री के साथ की बैठक

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लिस्बन 24 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां पुर्तगाल के प्रधानमंत्री अंतोनियो कोस्ता के साथ मुलाकात कर द्विपक्षीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत की। श्री मोदी तीन देशों-पुर्तगाल, अमेरिका और नीदरलैंड की यात्रा के पहले चरण में आज ही यहां पहुंचे। हवाई अड्डे पर पुर्तगाली विदेश मंत्री आगस्तो सांतोस सिल्वा ने प्रोटोकॉल से हटते हुए उनकी अगवानी की। प्रधानमंत्री ने श्री कोस्ता के साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा आर्थिक सहयोग सहित द्विपक्षीय हित के कई मुद्दों पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने के साथ ही विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया। द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए पुर्तगाल के साथ हुए समझौतों के कार्यान्वयन की समीक्षा भी की गई।

संयुक्त राष्ट्र में सम्मानित हुई ममता

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हेग (नीदरलैंड) 24 जून, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज यहां संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार राज्य के सबसे गरीब और संवेदनशील क्षेत्रों में पहुंच के लिये सरकार के कन्याश्री प्रकल्पा कार्यक्रम को मिला। इस वर्ष लोक सेवा समारोह की थीम ‘दी फ्यूचर इज नाऊ : एस्सेलेरेटिंग पब्लिक सर्विस इन्नोवेशन फोर एजेंडा 2030’ है। समारोह में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से पांच सौ से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुये। 63 देशों से 552 परियोजनाओं में से कन्याश्री योजना काे प्रथम चुना गया। यह पुरस्कार पश्चिम बंगाल सरकार की सार्वजनिक सेवाओं में नवीनता और उत्कृष्टता के लिये दिया गया। सतत विकास के लिये सरकार ने 2030 एजेंडे को लागू किया है।

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