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मध्यप्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्र अयोग्य घोषित, चुनाव लडने पर तीन साल तक पाबंदी

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नयी दिल्ली 24 जून, चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश के सिंचाई मंत्री नरोत्तम मिश्र को चुनावी खर्च की गलत जानकारी देने के मामले में विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित किया है और उनके तीन साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी है। चुनाव आयोग ने अपने एक आदेश में श्री मिश्रा को जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 7 (बी) के तहत सदस्यता के अयोग्य ठहराया है। उनके विरुद्ध कांग्रेस के राजेन्द्र भारती ने 2009 में आयोग के समक्ष एक याचिका दायर कर कहा था कि श्री मिश्रा ने 2008 के विधानसभा चुनाव के खर्चे का सही ब्योरा नहीं दिया है। उन्होंने कई मदों में किए गए खर्चे नहीं दिखाये हैं, जिनमें ‘पेड न्यूज’ भी शामिल है। आयोग ने श्री मिश्रा की शिकायत की जांच करने के बाद पाया कि उनकी कुछ अखबारों में प्रकाशित सामग्री पेड न्यूज के दायरे में आती है। आयोग ने इस बात को भी सही माना कि उन्होंने चुनाव खर्च का सही ब्योरा नहीं दिया है। यह देखते हुए आयोग ने जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत उन्हें सदस्यता के अयोग्य ठहराया है और यह आदेश जारी किए जाने से लेकर तीन साल तक उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगायी है।


महाराष्ट्र में डेढ़ लाख रूपए तक किसानों का कर्ज माफ

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मुंबई, 24 जून, महाराष्ट्र सरकार ने आज एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 89 लाख किसानों के 34 हजार करोड रूपये कर्ज माफ करने की आज घोषणा की। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने मंत्रिमंडल की विशेष बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि सरकार राज्य के 89 हजार किसानों का 1़ 5 लाख रूपये तक का कर्ज माफ करने का निर्णय लिया है और जो किसान नियमित रूप से कर्ज भर रहे हैं उन्हें 25 प्रतिशत या 25 हजार रूपये तक अनुदान दिया जायेगा। उन्होंने कहाकि जून 2016 तक का कर्ज माफ किया जायेगा। श्री फडनवीस ने कहा कि किसानों का कर्ज माफ करने के लिए सहयोगी पार्टी शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, किसान संगठन के नेताओं और कांग्रेस के नेताओं के साथ किसानों का कर्ज माफ करने के संबंध में चर्चा की थी। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी कृषि सम्मान योजना तैयार की गयी है। लगभग 40 लाख किसानों का 1़ 5 लाख रूपये का पूरा कर्ज माफ हो जायेगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने राज्य के किसानों का 7 हजार करोड रूपये का कर्ज माफ किया था,लेकिन वर्तमान सरकार ने 34 हजार करोड रूपये का कर्ज माफ कर रही है और पिछली सरकार के समय कर्ज माफी में जो घोटाला हुआ था उस तरह का घोटाला नहीं होने के लिए भी कदम उठाया गया है। हालांकि किसानों के कर्ज माफी से राज्य के राजस्व कोष में बहुत अधिक दबाव आयेगा लेकिन इस दबाव को कम करने के लिए भी उपाये किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि हम बैंक अधिकारियों के साथ बैठक कर कर्ज के चुकता करने के संबंध में चर्चा करेंगे।

आयोग के फैसले से दिल्ली में राजनीति का पारा गरमाया

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नयी दिल्ली, 24 जून, राजधानी में पिछले कुछ दिनों से मौसम सुहावना रहने के बाद अाज अचानक गर्मी बढ़ गयी, और इसी के साथ लाभ के पद से जुड़े मामले में चुनाव आयोग के फैसले के बाद राजनीतिक पारा भी चढ़ गया है, चुनाव आयोग ने कल फैसला दिया कि लाभ के पद मामले में फंसे आम आदमी पार्टी(आप) के 20 विधायकों पर वह सुनवाई जारी रखेगा, इन विधायकों ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर आयोग से इस मामले को खत्म करने का अनुरोध किया था। आयोग के आदेश के बाद भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और कांग्रेस ने अनिश्चितता का माहौल खत्म करने के लिये इस मामले से जुड़े विधायकों से नैतिकता के आधार पर तुरंत इस्तीफे की मांग की है। उधर आप पार्टी ने कहा है कि आयोग के फैसले का इन विधायकों की सदस्यता पर कोई असर नहीं पड़ा है। आप के 21 विधायकों को 13 मार्च 2015 को संसदीय सचिव नियुक्त किया गया था। वकील प्रशांत पटेल ने 19 जून 2015 को विधायकों की नियुक्ति को लाभ का पद बताते हुए चुनौती दी थी। राष्ट्रपति को दी गयी श्री पटेल की याचिका में विधायकों की सदस्यता रद्द करने का अनुरोध किया गया था । राष्ट्रपति ने 22 जून को यह याचिका चुनाव आयोग को भेज दी थी। इन विधायकों में से जरनैल सिंह ने पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिये इस्तीफा दे दिया था। इस वर्ष मार्च में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में श्री सिंह पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ लंबी से चुनाव लड़े थे और हार गये थे। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल 08 सितम्बर को संसदीय सचिव के रूप में विधायकों की नियुक्ति रद्द कर दी थी । लाभ के पद मामले में फंसे विधायकों ने इसके बाद चुनाव आयोग में याचिका दी थी कि जब न्यायालय ने संसदीय सचिव की नियुक्ति को ही रद्द कर दिया है तो फिर आयोग में मामला चलने का कोई सवाल नहीं रह जाता । आयोग ने विधायकों की मामला खत्म करने की याचिका को खारिज कर दिया है। आयोग ने याचिका खारिज करने के पीछे तर्क दिया है कि विधायकों के पास 13 मार्च 2015 से 08 सितम्बर 2016 तक संसदीय सचिव का पद था । इसलिये उन पर मामला चलेगा । आयोग ने कहा है कि राजौरी गार्डन के विधायक इस वर्ष जनवरी में इस्तीफा दे चुके है। इसलिये उन पर यह मामला नहीं चलेगा। आयोग के इस निर्णय के बाद अब इस मामले की अंतिम सुनवाई शुरू होगी और विधायकों को यह साबित करना पड़ेगा कि संसदीय सचिव के तौर पर वह लाभ के पद पर नहीं थे। आयोग अब इस मामले में राष्ट्रपति को दी जानी वाली राय पर सुनवाई करेगा । इस सुनवाई के बाद आयोग विधायकों की संसदीय सचिव के रूप में नियुक्ति की वैद्यता को लेकर क्या राय देता है उसी पर इनकी सदस्यता निर्भर करेगी । श्री पटेल की चुनौती के बाद दिल्ली सरकार ने दिल्ली विधानसभा में इन विधायकों के संसदीय सचिव की नियुक्ति को वैध बनाने के लिए एक विधेयक पारित किया था जिससे पिछली तारीख से कानून बनाकर लाभ पद दायरे में आये इन विधायकों बाहर किया जा सके। इस विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली और लौटा दिया गया । शिकायकर्ता का कहना है कि संसदीय सचिव नियुक्त करने के बाद इन विधायकों काे कई तरह की सुविधाएं दी गयी । उधर विधायकों की यह दलील है कि संसदीय सचिव के रूप में उनकी नियुक्ति से न उन्हें कोई आर्थिक लाभ नहीं मिला है। इन विधायकों में प्रवीण कुमार (जंगपुरा), अनिल कुमार (गांधीनगर), सोमदत्त (सदर बाजार), शरद कुमार (नरेला), अवतार सिंह कालका (कालकाजी), आदर्श शास्त्री (द्वारका) , मदन लाल (कस्तूरबा नगर), शिवचरण गोयल (मोतीनगर), वीरेन्द्र गर्ग विजय (राजेन्द्र नगर), संजीव झा (बुरारी), कैलाश गहलोत (नजफगढ़), सरिता सिंह (रोहतास नगर), अलका लांबा (चाँदनी चौक), नरेश यादव (महरौली), मनोज कुमार (कोन्डली), जरनैल सिंह(तिलक नगर), नितिन त्यागी (लक्ष्मीनगर), राजेश गुप्ता (वजीरपुर), सुखबीर सिंह (मुंडका) और राजेष ऋषि (जनकपुरी) शामिल हैं।

हुर्रियत नेताआें की सुरक्षा समाप्त करने का समय अा गया है : डीजीपी

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श्रीनगर,24 जून, जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में पुलिस उपाधीक्षक मोहम्मद अयूब पंडित की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटना से आहत पुलिस महानिदेशक डॉ. एस पी वैद्य ने कहा है हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारूक की गतिविधियों की जांच की जा रही है और अब इन नेताओं की सुरक्षा को समाप्त करने का सही समय अा गया है। डॉ वैद्य ने कल शाम एक निजी टेलीविजन चैनल पर चर्चा में कहा कि मीरवाइज जैसे नेता सरकारी सुरक्षा दिए जाने लायक नहीं हैं अौर मीरवाइज की गतिविधियोें की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया उपाधीक्षक सादी वर्दी में मस्जिद के बाहर जिन लोगों की सुरक्षा के लिए तैनात थे उन्होंने ही बाद में उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी और अब सही समय आ चुका है कि ऐसे नेताओं की सुरक्षा को हटा दिया जाना चाहिए। गाैरतलब है कि पुलिस ने अभी तक इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है और सात अन्य की पहचान कर ली गयी है। इस मामले की त्वरित जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। इस घटना के बाद क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया गया है।

बेटियों को शिक्षित करने से परिवार एवं समाज होगा शिक्षित : कुशवाहा

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डेहरी-आन-सोन ( रोहतास) 24 जून, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने लोगों से बेटियों को उच्च शिक्षा देने का आग्रह करते आज कहा कि बेटिया पढ़ेगी तो परिवार और समाज शिक्षित हो जायेगा श्री कुशवाहा ने स्थानीय महिला महाविद्यालय में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि डेहरी में इग्नू के इस नये क्षेत्रीय कार्यालय के खुलने से आसपास के कई जिलों के छात्र-छात्राओं के आलावा कामकाजी लोगों को भी अब उच्च अध्ययन का लाभ मिलेगा। इस महाविद्यालय में जल्द ही इग्नू का स्टडी सेंटर खोला जायेगा ताकि बेटियां उच्च शिछा प्राप्त कर सके। स्थानीय सांसद ने कहा, “ इस संसदीय क्षेत्र की धरती ने मुझ पर जो कर्ज डाला है उसे इस जीवन में पूरा नहीं कर पाउगा। इस क्षेत्र के अधिक से अधिक लोगो की सेवा करने की मेरी इच्छा है। इग्नू के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना उसी की एक कड़ी है।” इस मौके पर श्री कुशवाहा ने अनुमंडल के एकल अंगीभूत महिला कालेज में इग्नू के स्टडी सेंटर खोलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इग्नू के स्टडी सेंटर खुलने से क्षेत्र की बेटिओं को उच्च शिक्षा मिल सकेगी।


वहीं, इग्नू के निदेशक (सेवा प्रभाग) डा. वी वेणुगोपाल रेड्डी ने कहा कि इस क्षेत्रीय कार्यालय के खुलने से अब बिहार में इग्नू के चार क्षेत्रीय कार्यालय कार्यरत है। डेहरी-आन-सोन क्षेत्रीय कार्यालय से रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद, गया, नवादा के अलावा झारखंड के पलामू एवं गढ़वा जिले के स्टडी सेंटर जुड़ेंगे। इग्नू के कुलपति आचार्य प्रो. रविन्द्र कुमार ने उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह मुक्त विश्वविद्यालय जन -जन तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाने का कार्य कर रहा है। इग्नू ने आम जन से सम्बन्धित कई कोर्स की शुरुआत की है । इस समय इग्नू के देश भर में 67 क्षेत्रीय कार्यालय कार्यरत है जिससे करीब तीन हजार स्टडी सेंटर जुड़े है। इन स्टडी सेंटर के माध्यम से 232 एकेडेमिक प्रोग्राम चलाये जा रहे है। इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. ओ पी तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में कॉलेज के शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्राओं के अलावा विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य भी उपस्थित थे। 

बेनामी सम्पत्ति बनाना कौन सी विचारधारा : सुशील

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पटना 24 जून, बिहार भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) विधान मंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि राष्ट्रपति चुनाव को विचारधारा की लड़ाई बताने वाले नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि सत्ता का दुरुपयोग कर घोटाले करना और काम के बदले लोगों की करोड़ों की जमीन लिखवा कर बेनामी सम्पत्ति बनाना कौन-सी विचारधारा है।  श्री मोदी ने यहां कहा कि राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव किस सिद्धांत के तहत लगातार 18 बार से पार्टी के अध्यक्ष चुने जा रहे हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि राम मनोहर लोहिया और लोक नायक जयप्रकाश नारायण का नाम लेने वाले लोगों ने गैर-कांग्रेसवाद को भूल कर सोनिया गांधी से क्यों हाथ मिला लिया। भाजपा नेता ने कहा कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को राजनीति में आये अभी जुमा-जुमा चार रोज हुआ है और वह महागठबंधन के नेता तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर बेतुकी टिप्पणी कर उनका अपमान कर रहे हैं। श्री यादव विधायक बनने के बाद पहली बार राष्ट्रपति का चुनाव देख रहे हैं, इसलिए उन्हें पता नहीं है कि इसमें जीत-हार कैसे तय होती है। 


श्री मोदी ने कहा कि उप मुख्यमंत्री श्री यादव को यह समझना चाहिए कि राष्ट्रपति चुनाव क्रिकेट की तरह अनिश्चित हार-जीत का खेल नहीं है। जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के समर्थन में 28 दल, 20 मुख्यमंत्री और 65 प्रतिशत निश्चित मत सामने है, तब राजद अध्यक्ष श्री यादव कांग्रेस की गोद में बैठकर बिहार की बेटी मीरा कुमार का अपमान कराने पर उतारू क्यों हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बाबू जगजीवन राम को भी अपमानित किया था, इसलिए वह लोकनायक जयप्रकाश नारायण के साथ आ गए थे। भाजपा नेता ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में करारी हार को साफ देख कर बौखलाये राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह और राजद के ही विधायक भाई वीरेंद्र राज्य के मुख्यमंत्री श्री कुमार के लिए धोखेबाज-पलटीमार जैसे ओछे शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में जनता दल यूनाइटेड(जदयू ) को तय करना है कि वह अपमान का घूंट पीकर कब तक सत्ता में बने रहना चाहता है। श्री मोदी ने कहा कि मॉल,मिट्टी और 1000 करोड़ रूपये के बेनामी सम्पत्ति के मामले में फंसे राजद अध्यक्ष श्री यादव और उनके परिवार के लोग अब संतुलन खो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने राजद अध्यक्ष श्री यादव के सामने ही पार्टी कार्यकर्ता सनोज यादव की लात-जूतों से पिटायी कर दी थी । उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या यह सिद्धांत की राजनीति है। 

नीतीश महागठबंधन में असहज - रामविलास

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पटना 24 जून, लोक जनशक्ति पार्टी(लोजपा) के अध्यक्ष एवं केन्द्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार सत्तारूढ़ महागठबंधन में अपने को असहज महसूस कर रहे हैं इसलिये उन्हें अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) में आ जाना चाहिए । श्री पासवान ने यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित इफ्तार के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार महागठबंधन के बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल(राजद)के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के साथ अपने को असहज महसूस कर रहे हैं । श्री कुमार को बगैर विलंब किये हुए राजग में आ जाना चाहिए । लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि कभी भी दो नाव की सवारी नहीं करनी चाहिए । श्री कुमार को भी एक ही नाव की सवारी करनी चाहिए जो राजग है । उन्होंने कहा कि श्री कुमार यदि राजग में आते हैं तो उनकी पार्टी उनका स्वागत करेगी । हाल के दिनों में श्री कुमार के लिये गये कुछ निर्णय से ऐसा लगता है कि उनके और राजद अध्यक्ष श्री यादव की राह अलग है। उन्होंने कहा कि राजग की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का तथा नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार का समर्थन कर श्री कुमार ने बेहतर फैसला लिया हैं ।

बहुचर्चित नीरज सिंह हत्याकांड का एक अन्य आरोपी गिरफ्तार

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धनबाद 24 जून, झारखंड में धनबाद के बहुचर्चित नीरज सिंह हत्याकांड में शामिल एक अन्य अभियुक्त सोनू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वरीय पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि धनबाद के पूर्व उप मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह की हत्या का आरोपी सोनू उर्फ कुर्बान अली को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि पूछताछ के क्रम में सोनू ने नीरज सिंह हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए एक अन्य आरोपी अमन के तर्ज पर सिलसिलेवार तरीके से पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है। श्री चौथे ने बताया कि हत्याकांड को अंजाम देने के लिए सोनू को पांच लाख रुपये दिये जाने थे और तीन किस्त के रूप में उसे अबतक 64 हजार रुपये मिल चुके हैं। सोनू से मिली अहम जानकारियां साझा करते हुए उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेता नीरज सिंह के चालक की हत्या करने के बाद अपराधियों ने तीन तरफ से पूर्व उप मेयर पर अंधाधुंध गोलीबारी की जिसमें उनकी मौत हो गयी। 


श्री चौथे ने बताया कि घटना में शामिल सागर सिंह उर्फ शिबू को धनबाद पुलिस ने उत्तर प्रदेश एसटीएफ के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के प्रतापपुर से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किये गये अपराधी शिबू को जेल भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को धनबाद पुलिस मामले में शिबू को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। उन्होंने आशा जताई कि घटना में शामिल अन्य आरोपी भी शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिये जायेंगे। इस बहुचर्चित हत्याकांड में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी होने बावजूद शूटर सतीश और घटना को अंजाम देने के लिए हथियारों की आपूर्ति करने वाला पंकज और संतोष अब भी फरार है। उल्लेखनीय है कि 21 मार्च 2017 को धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या सरायढ़ेला स्थित उनके आवास के निकट कर दी गई थी। उनके साथ तीन अन्य लोग भी इस हमले में मारे गए थे। मरने वालों में नीरज सिंह का निजी सचिव, उनका बॉडीगार्ड और ड्राइवर शामिल था। हमलावरों ने नीरज सिंह को 25 से अधिक गोलियां मारी थीं। 


राष्ट्रपति चुनाव को लेकर महागठबंधन में और तकरार बढ़ी

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पटना 24 जून, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बिहार में सत्तारूढ़ महागबंधन के घटक राष्ट्रीय जनता दल(राजद) , जनता दल यूनाइटेड(जदयू) और कांग्रेस में अब तकरार और बढ़ गयी है । महागठबंधन के बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता एवं विधायक भाई वीरेन्द्र ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया और कहा कि वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की गोद में खेल रहे हैं । श्री कुमार कुछ अलग खिचड़ी पका रहे हैं जिसे प्रदेश की जनता समझ रही है । उन्होंने कहा कि श्री कुमार ने राष्ट्रपति पद के लिये राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार का समर्थन कर विपक्षी एकजुटता को कमजोर करने का काम किया है। राजद विधायक ने श्री कुमार का नाम लिये बगैर कहा कि उनके चेहरे पर लगा नकली मुखौटा को शीघ्र ही हटाकर जनता के सामने बेनकाव किया जायेगा । चुनाव से पहले मैदान छोड़ने का कोई मतलब ही नहीं है । उन्होंने कहा कि विधानसभा के चुनाव में उनकी पार्टी को देखते हुए प्रदेश के लोगों ने बड़ा जनादेश दिया जिसका फायदा श्री कुमार उठा रहे हैं । 


वहीं जदयू के राष्ट्रीय महासचिव एवं विधायक श्याम रजक ने राजद विधायक के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के पास कोई दवा नहीं जिसे अपने सहयोगियों का इलाज कर सकें । जदयू ने सोच समझ कर ही राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का समर्थन करने का निर्णय लिया है । जदयू के ही प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा के चुनाव के लिये भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को चुनौती देने की विपक्षी दलों ने निराशाजनक शुरूआत की है । यह जानते हुए भी चुनाव होने की स्थिति में विपक्षी दलों की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार जीत नहीं पायेगी इसके बावजूद उन्हें उतारना हारने के लिये विवश करना हैं । उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने ऐसी पृष्ठभूमि तैयार कर दी है कि श्रीमती कुमार की हार हो जाये । दूसरी ओर निबंधन मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब्दुल जलील मस्तान ने कहा कि समय से पहले हार और जीत का कोई मतलब नहीं होता है । खेल के बाद ही हार या जीत का निर्णय होता है । उन्होंने कहा कि पहले हार और जीत पर जो बात करता है वह सही नहीं है । 

मदनमोहन :‘आपकी नजरों ने समझा प्यार के काबिल मुझे’

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 मुंबई 24 जून, हिन्दी फिल्मों के मशहूर संगीतकार मदनमोहन के एक गीत ..आपकी नजरों ने समझा प्यार के काबिल मुझे.. दिल की ऐ धडकन ठहर जा मिल गयी मंजिल मुझे.. से संगीत सम्राट ..नौशाद..इस कदर प्रभावित हुये थे कि उन्होंने मदन मोहन से इस धुन के बदले अपने संगीत का पूरा खजाना लुटा देने की इच्छा जाहिर कर दी थी। मदन मोहन कोहली का जन्म 25 जून 1924 को हुआ। उनके पिता राय बहादुर चुन्नी लाल फिल्म व्यवसाय से जुड़े हुये थे और बाम्बे टाकीज और फिलिम्सतान जैसे बड़े फिल्म स्टूडियो में साझीदार थे। घर मे फिल्मी माहौल होने के कारण मदन मोहन भी फिल्मों में काम करके बडा नाम करना चाहते थे लेकिन अपने पिता के कहने पर उन्होंने सेना मे भर्ती होने का फैसला ले लिया और देहरादून में नौकरी शुरू कर दी। कुछ दिनों बाद उनका तबादला दिल्ली हो गया। लेकिन कुछ समय के बाद उनका मन सेना की नौकरी से ऊब गया और वह नौकरी छोड़ लखनऊ आ गये और आकाशवाणी के लिये काम करने लगे। आकाशवाणी में उनकी मुलाकात संगीत जगत से जुड़े उस्ताद फैयाज खान .उस्ताद अली अकबर खान .बेगम अख्तर और तलत महमूद जैसी जानी मानी हस्तियों से हुयी जिनसे वह काफी प्रभावित हुये और उनका रूझान संगीत की ओर हो गया। अपने सपनों को नया रूप देने के लिये मदन मोहन लखनऊ से मुंबई आ गये।


मुंबई आने के बाद मदन मोहन की मुलाकात एस डी बर्मन. श्याम सुंदर और सी.रामचंद्र जैसे प्रसिद्व संगीतकारों से हुयी और वह उनके सहायक के तौर पर काम करने लगे। संगीतकार के रूप में 1950 में प्रदर्शित फिल्म ‘आंखे’ के जरिये वह फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने मे सफल हुए। इस फिल्म के बाद लता मंगेशकर मदन मोहन की चहेती पार्श्वगायिका बन गयी और वह अपनी हर फिल्म के लिये लता से ही गाने की गुजारिश किया करते थे। लता भी मदनमोहन के संगीत निर्देशन से काफी प्रभावित थीं और उन्हें ‘गजलों का शहजादा’ कहकर संबोधित किया करती थीं। संगीतकार ओ पी नैयर अक्सर कहा करते थे ,“मैं नहीं समझता कि लता मंगेशकर .मदन मोहन के लिये बनी हुयी है या मदन मोहन .लता मंगेश्कर के लिये लेकिन अब तक न तो मदन मोहन जैसा संगीतकार हुआ और न लता जैसी पार्श्वगायिका। ” मदनमोहन के संगीत निर्देशन मे आशा भोंसले ने फिल्म ‘मेरा साया के लिये’ झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में .. गाना गाया जिसे सुनकर श्रोता आज भी झूम उठते है। उनसे आशा भोंसले को अक्सर यह शिकायत रहती थी कि वह अपनी हर फिल्म के लिये लता दीदी को हीं क्यो लिया करते है ,इस पर मदनमोहन कहा करते थे ,“जब तक लता जिंदा है उनकी फिल्मों के गाने वही गायेगी।
” 
मदन मोहन केवल महिला पार्श्वगायिका के लिये ही संगीत दे सकते है। वह भी विशेषकर लता मंगेशकर के लिये. यह चर्चा फिल्म इंडस्ट्री में पचास के दशक में जोरों पर थी लेकिन 1957 में प्रदर्शित फिल्म ‘देख कबीरा रोया’ में पार्श्व गायक मन्ना डे के लिये ‘कौन आया मेरे मन के द्वारे’ जैसा दिल को छू लेने वाला संगीत देकर उन्होंने अपने बारे में प्रचलित धारणा पर विराम लगा दिया। वर्ष 1965 मे प्रदर्शित फिल्म ‘हकीकत’ में मोहम्मद रफी की आवाज में मदन मोहन के संगीत से सजा गीत ‘कर चले हम फिदा जानों तन साथियो अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों’ आज भी श्रोताओं में देशभक्ति के जज्बे को बुलंद कर देता है। आंखो को नम कर देने वाला ऐसा संगीत मदन मोहन ही दे सकते थे। वर्ष 1970 मे प्रदर्शित फिल्म ‘दस्तक’ के लिये मदन मोहन सर्वश्रेष्ठ संगीतकार के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किये गये। उन्होंने अपने ढाई दशक लंबे सिने कैरियर में लगभग 100 फिल्मों के लिये संगीत दिया। अपनी मधुर संगीत लहरियों से श्रोताओं के दिल में खास जगह बना लेने वाला यह सुरीला संगीतकर 14 जुलाई 1975 को इस दुनिया से अलविदा कह गया। मदन मोहन के निधन के बाद 1975 में ही उनकी ‘मौसम’ और ‘लैला मजनू’ जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयी जिनके संगीत का जादू आज भी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करता है। मदन मोहन के पुत्र संजीव कोहली ने अपने पिता की बिना इस्तेमाल की हुयी 30 धुनें यश चोपडा को सुनाई जिनमें आठ का इस्तेमाल उन्होंने अपनी फिल्म ‘वीरजारा’ के लिये किया। ये गीत भी श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुये।

अभिनेत्रियों को अलग पहचान दिलायी करिश्मा ने

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मुंबई 24 जून, बॉलीवुड में करिश्मा कपूर को एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर शुमार किया जाता है जिन्होंने अभिनेत्रियों को फिल्मों में परंपरागत रूप से पेश किये जाने के तरीके को बदलकर अपने बिंदास अभिनय से दर्शकों के बीच अपनी खास पहचान बनायी। 25 जून 1974 को मुंबई में जन्मी करिश्मा को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनके पिता रणधीर कपूर अभिनेता जबकि मां बबीता जानी मानी फिल्म अभिनेत्री थी। करिश्मा ने बतौर अभिनेत्री अपने सिने कैरियर की शुरूआत वर्ष 1991 में प्रदर्शित फिल्म .प्रेम कैदी. से की। युवा प्रेम कथा पर बनी इस फिल्म में उनके नायक की भूमिका हरीश ने निभायी। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी साथ ही करिश्मा के अभिनय को भी सराहा गया। फिल्म ‘प्रेम कैदी’ की सफलता के बाद करिश्मा ने पुलिस ऑफिसर. जिगर अनाड़ी. अंदाज अपना अपना. दुलारा जैसी सुपरहिट फिल्मों में भी अभिनय किया। इन फिल्मों को दर्शकों ने पसंद तो किया लेकिन कामयाबी का श्रेय बजाये उनके फिल्म अभिनेताओं को अधिक दिया गया। करिश्मा की किस्मत का सितारा वर्ष 1996 में प्रदर्शित फिल्म ‘राजा हिंदुस्तानी’ से चमका। इस फिल्म में उनके नायक के रूप में आमिर खान थे। बेहतरीन गीत.संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की कामयाबी ने करिश्मा को स्टार के रूप में स्थापित कर दिया।


वर्ष 1997 में प्रदर्शित फिल्म ‘दिल तो पागल है’ करिश्मा कपूर के सिने कैरियर की एक और महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उनका मुकाबला माधुरी दीक्षित से था बावजूद इसके अपने सधे हुये अभिनय से वह दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रही। नब्बे के दशक में करिश्मा पर यह आरोप लगने लगे कि वह केवल ग्लैमरस किरदार ही निभाने में सक्षम है। इस छवि से बाहर निकालने में निर्माता..निर्देशक श्याम बेनेगल ने उनकी मदद की और उन्हें लेकर फिल्म ‘जुबैदा’ का निर्माण किया। इस फिल्म में उन्होंने ‘जुबैदा’ की टाइटिल भूमिका में दिखाई दी। फिल्म अभिनेत्री रेखा की मौजूदगी के बावजूद करिश्मा ने अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों की वाहवाही लूटने में सफल रही। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह फिल्म फेयर के समीक्षक पुरस्कार से सम्मानित की गयी। 2000 के दशक में करिश्मा कपूर ने दर्शकों की पसंद को देखते हुये छोटे पर्दे का भी रूख किया और .करिश्मा .धारावाहिक. बतौर अभिनेत्री काम करके दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।

वर्ष 2003 में उद्योगपति संजय कपूर से शादी करने के बाद करिश्मा ने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया लेकिन बाद में फिल्म निर्माता सुनील दर्शन के जोर देने पर उन्होंने फिल्म ‘मेरे जीवन साथी’ के जरिये फिल्म इंडस्ट्री में एक बार फिर से वापसी की। फिल्म में अपने एंटी किरदार से करिश्मा कपूर ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। करिश्मा के सिने कैरियर में उनकी जोड़ी अभिनेता गोविन्दा के साथ काफी पसंद की गयी। उनकी जोड़ी सबसे पहले वर्ष 1993 में प्रदर्शित फिल्म .मुकाबला. में एक साथ पसंद की गयी। बाद में उनकी जोड़ी को फिल्मकारों ने अपनी फिल्मों में रिपीट किया। इन फिल्मों में राजा बाबू,दुलारा, खुद्दार, कुली नंबर वन, साजन चले ससुराल, हीरो नंबर वन, हसीना मान जायेगी और शिकारी. जैसी फिल्में शामिल है। करिश्मा को उनके सिने करियर में तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है । वर्ष 1996 में प्रदर्शित फिल्म .राजा हिंदुस्तानी. के लिये सर्वप्रथम उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया। इसके बाद वर्ष 1997 में प्रदर्शित फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फिल्म फेयर और राष्ट्रीय पुरस्कार .वर्ष 2000 में फिल्म ‘फिजा’ के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार भी दिया गया। वर्ष 2012 में प्रदर्शित फिल्म ‘डेंजरस इश्क’ से करिश्मा ने एक बार फिर से इंडस्ट्री मे एक बार फिर से वापसी की लेकिन दुर्भाग्य से यह फिल्म सफल नही रही। करिश्मा ने अपने दो दशक लंबे सिने कैरियर में लगभग 60 फिल्मों में काम किया है। करिश्मा इन दिनों फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय नहीं है।

आलिया और सिद्धार्थ फिर कर सकते है आशिकी

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मुंबई 24 जून, बॉलीवुड अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा और अभिनेत्री आलिया भट्ट फिल्म ‘आशिकी’ के तीसरे संस्करण में नजर आ सकते हैं। बॉलीवुड निर्देशक मोहित सूरी फिल्म ‘आशिकी’ का तीसरा संस्करण बनाने जा रहे हैं। फिल्म का निर्माण महेश भट्ट के बैनर विशेष फिल्म्स के तहत किया जायेगा। इस फिल्म में सिद्धार्थ और आलिया एक साथ रोमांस करते हुए नजर आ सकते हैं। दोनों की ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ और ‘कपूर एंड संस’ के बाद यह तीसरी फिल्म होगी। सिद्धार्थ और आलिया अपने रिश्ते को भले ही ना माने लेकिन दोनों की जोड़ी को दर्शक फिल्मों में देखना बहुत पसंद करते हैं। सिद्धार्थ अपनी फिल्म ‘इत्तेफाक’ की शूटिंग पूरी कर चुके है और आज कल नीरज पांडे निर्देशित फिल्म ‘अय्यारी’ की शूटिंग में व्यस्त हैं। साथ ही पिछले कुछ हफ्तों में काफी बार सिद्धार्थ शूटिंग से समय निकाल कर मोहित सूरी के ऑफिस मैट्रिक्स जाते दिखाई दिए जहां एक बार आलिया भट्ट भी उनके साथ पहुंची थीं। गौरतलब है कि वर्ष 1990 में प्रदर्शित ‘आशिकी’ में जहां राहुल रॉय और अनु अग्रवाल फिल्म की प्रमुख कास्ट रहे वहीं 2013 में बनी ‘आशिकी 2’ में आदित्य रॉय कपूर और श्रद्धा कपूर की मुख्य भूमिका थी ।

भारतीय महिलाओं की इंग्लैंड पर विस्फोटक जीत

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डर्बी, 24 जून, स्मृति मंधाना (90), पूनम राउत (86) अौर कप्तान मिताली राज (71) के शानदार अर्धशतकों से भारत ने आईसीसी महिला विश्वकप टूर्नामेंट में मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ शनिवार को 35 रन से विस्फोटक जीत दर्ज की। भारतीय टीम ने 50 ओवर में तीन विकेट का मजबूत स्कोर बनाने के बाद इंग्लैंड की चुनौती को 47.3 ओवर में 246 रन पर धवस्त कर दिया। भारत ने इस तरह आठ टीमों के इस टूर्नामेंट में जीत के साथ शुरुआत की। उसे इस जीत से दो अंक हासिल हुए। शीर्ष क्रम की भारतीय बल्लेबाजों के अर्धशतकों के बाद भारतीय गेंदबाजों ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। दीप्ति शर्मा ने 47 रन पर तीन विकेट,शिखा पांडेय ने 35 रन पर दो विकेट और पूनम यादव ने 51 रन पर एक विकेट लिया। भारतीय फील्डरों ने भी कमाल का प्रदर्शन करते चार इंग्लिश बल्लेबाजों को रन आउट किया। इंग्लैंड की तरफ फ्रान विल्सन ने सर्वाधिक 81 रन और कप्तान हीथर नाईट ने 46 रन बनाये। इंग्लैंड ने अपने आखिरी पांच विकेट मात्र 30 रन जोड़ कर गंवा दिए।

मुस्लिम युवक की हत्या के मामले में आरोपी तीन दिन की पुलिस हिरासत में

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नयी दिल्ली/बल्लभगढ़ 24 जून, रियाणा के बल्लभगढ़ में ट्रेन में मुस्लिम समुदाय के एक युवक जुनैद की हत्या के मामले में स्थानीय अदालत ने एक आरोपी को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी को राजकीय रेलवे पुलिस(जीआरपी) ने गिरफ्तार किया। उसके बाद उसे आज स्थानीय अदालत ने पेश किया गया, जिसने उसे तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,“ हम और साक्ष्य जुटाने और पीड़ितों से मिली जानकारी अका मिलान करने की कोशिश कर रहे हैं। ” हालांकि पुलिस ने आरोपी की पहचान बताने से इन्कार किया। इस घटना में घायल हुए युवक हाशिम को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के ट्रॉमा सेंटर से छुट्टी दे दी गयी है जबकि दूसरा घायल युवक शकीर अभी अस्पताल में भर्ती है। इस बीच, वृंदा करात, सांसद मोहम्मद सलीम, सुरिन्दर मलिक समेत मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं की एक टीम ने जुनैद, शकीर और हाशिम के परिवारों से मुलाकात की। माकपा की हरियाणा इकाई ने इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। पुलिस ने बताया कि गुरुवार की रात को दिल्ली-मथुरा ट्रेन में कुछ लोगों ने सीट को लेकर विवाद होने पर जुनैद पर हमला कर दिया और उसकी हत्या कर दी जबकि उसके दो भाइयों को घायल कर दिया। ये सभी ईद की खरीदारी करने के बाद ट्रेन से दिल्ली से फरीदाबाद जिले में अपने गांव लौट रहे थे। बल्लभगढ़ में कुछ लोग उनके डिब्बे में घुस गए और सीट को लेकर उनसे झगड़ा करने लगे। घटना में मारे गए युवक की पहचान जुनैद(17) के रूप में हुई जबकि हाशिम (21) और शकीर(23) गंभीर रूप से घायल हो गये। जीआरपी ने हत्या का मामला दर्ज किया है।

श्रीनगर में स्कूल में आतंकवादियों ने फिर की गोलीबारी

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श्रीनगर 25 जून, जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एक स्कूल इमारत में छिपे आतंकवादियों ने आज अपराह्न फिर से गोलीबारी की और सुरक्षा बल इमारत की चौथी मंजिल पर तलाशी अभियान चलाये हुए हैं। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक प्रवक्ता ने यूनीवार्ता से कहा,“ हमने बहुमंजिली इमारत की तीन मंजिलों को खाली करा लिया हैं और सुरक्षा बलों ने चौथी मंजिल पर जब तलाशी अभियान शुरू किया तो आतंकवादियों ने अचानक गोलीबारी करनी शुरू कर दी जिससे ताजा मुठभेड़ हुई।” उन्होंने बताया कि अंतिम समाचार मिलने तक मुठभेड़ जारी थी। मुठभेड़ में एक अधिकारी समेत तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गये। घायलों को अार्मी बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पूर्व उन्होंने बताया था कि गोलीबारी रूक गयी है और स्कूल इमारत में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा,“हम पूरी इमारत में तलाशी अभियान चलाये हुए है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इमारत में कोई विस्फोटक सामग्री नहीं रहे।” आधिकारिक सूत्रों ने बताया था कि गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गये है। निकटवर्ती इलाकों में कल देर रात स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद अधिकारियों आज पाबंदियां लगा दी और बदामी बाग कैंट समेत सोनावार से सेमापुर पाम्पोर को बंद कर दिया गया हैं। सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र में घुसने के प्रयास में एक अधिकारी समेत तीन सैन्यकर्मी घायल हो गये। घायलों को आर्मी बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 


राष्ट्रपति के पद को राजनीति के तंग दायरे से बाहर रखा जाए: मीरा कुमार

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 नयी दिल्ली 25 जून, राष्ट्रपति चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष द्वारा दलित कार्ड खेले जाने के बीच राष्ट्रपति पद की विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार ने आज कहा कि राष्ट्रपति के पद को राजनीति के तंग दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। श्रीमती कुमार ने निर्वाचक मंडल के सदस्यों को चुनाव में समर्थन के लिए लिखे गये पत्र में कहा है,“ राष्ट्रपति द्वारा ली जाने वाली संविधान की रक्षा की शपथ हमारे लोकतंत्र का मेरुदंड है। न्याय पाने के लिए मैं और मेरे जैसे अनगिनत व्यक्ति संविधान का आह्वान करते हैं। जाति, धर्म आदि से ऊपर उठकर इसने हमारा मार्गदर्शन किया है। संविधान ने राष्ट्रपति के पद की कानून बनाने की अंतिम कसौटी के रूप में व्याख्या की है। अत: इस पद को राजनीति के तंग दायरे से बाहर रखना नितान्त आवश्यक है।” उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि वह देश के दो अत्यंत विलक्षण संघर्षों से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़ी रही हैं। पहला जाति व्यवस्था, जिससे मुक्ति का संघर्ष आज भी जारी है और दूसरा स्वतंत्रता के बाद के राष्ट्र निर्माण की चुनौतियां हैं, जो अभी शेष हैं। उन्होंने कहा कि उनकी भावनाएं और विचार तथा कार्य इन दोनों संघर्षों से प्रभावित हैं। श्रीमती कुमार ने कहा है कि देश के महान नेता चाहे वे किसी भी दल के हों, वे बचपन से ही उनके प्रेरणास्रोत रहे हैं और उन्होंने उनके जीवन से कुछ न कुछ सीखने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, “ जब से मैं सार्वजनिक जीवन में आयी हूं, मुझे यह देखकर अपार प्रसन्नता हुई है कि मतभेदाें के बावजूद शोषित वर्ग के अधिकारों और समावेशी समाज बनाने के लिए हम एक हो जाते हैं। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि पिछले कुछ दिनों का घटनाक्रम निस्संदेह इतिहास के पन्नों में अंकित होगा कि 17 मुख्य दलों ने एक स्वर में राष्ट्रपति चुनाव को सिद्धांतों और मूल्यों की लड़ाई के रूप में लड़ने का निर्णय लिया है। इन दलों ने इस लड़ाई के केन्द्र में उन्हें अपना प्रत्याशी बनाकर जो सम्मान दिया है, उसके लिए वह सभी आभारी हैं। निर्वाचक मंडल के सदस्यों से समर्थन की अपील करते हुए उन्होंने कहा है,“ आपके पास इतिहास रचने का यह अद्वितीय अवसर है। यही वह पवित्र अवसर है, जब अंतरात्मा की आवाज सुनी जानी चाहिए।” 

कुर्सी काबिज रहने के लिए इंदिरा ने लगाई थी एमरजेंसी-जेटली

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नयी दिल्ली 25 जून, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बयालीस साल पहले देश में आपातकाल लागू करने को लोकतांत्रिक संस्थानों पर प्रहार बताते हुए आज कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सत्ता पर काबिज रहने के लिए आपातकाल लगाया था। श्री जेटली ने अपने लेख ‘आपातकाल: बयालीस साल पहले ’ में लिखा है कि 25 जून 1975 की रात एमरजेंसी लगाने का कारण भले ही देश में कानून-व्यवस्था की खतरनाक स्थिति बताया गया था लेकिन इसका असली कारण यह था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए श्रीमती इंदिरा गांधी को सत्ता से बेदखल करने का आदेश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने इस आदेश पर सशर्त स्थगनादेश लगाया था। श्रीमती गांधी किसी भी तरह से सत्ता में बने रहना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने देश को आपातकाल में धकेल दिया। श्री जेटली ने उस समय आपातकाल का समर्थन करने वाले दलों और उनके नेताओं पर तंज कसते हुए कहा है कि अब यह रिवाज बन गया है कि कोई भी कह देता है कि ‘देश में अघोषित आपातकाल’ लागू है लेकिन इन लोगों और दलों को एमरजेंसी के दौरान अपनी भूमिका के बारे में आत्मचिंतन करना चाहिए। इन लोगों को अपने आप से सवाल करना चाहिए कि ‘ उन 19 महीनों के दौरान मैं कहां था और इस मुद्दे पर मेरा सार्वजनिक रुख क्या था।’ इनमें से ज्यादातर या तो एमरजेंसी का समर्थन कर रहे थे या उन्होंने किसी भी विरोध प्रदर्शन में शिरकत नहीं की। उन्होंने कहा कि एमरजेंसी के कारण न केवल सभी लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमला किया गया बल्कि उससे एक व्यक्ति की तानाशाही स्थापित हो गयी थी और समाज में भय का माहौल बन गया था। एमरजेंसी लगाने के तुरंत बाद सबसे पहला काम राजनीतिक विरोधियों को हिरासत में लेने का किया गया । जिला मजिस्ट्रेटों और कलेक्टरों को खाली फॉर्म दिये गये थे जिससे वे हजारों की संख्या में नेताओं और कार्यकर्ताओं को बंदी बना सकें। किसी की गिरफ्तारी का कोई कारण नहीं बताया गया था और पुलिस स्टेशनों को सभी के विरुद्ध एक ही तरह की प्राथमिकी दर्ज करने की सलाह दी गयी थी। श्री जेटली ने कहा कि विपक्ष की सभी गतिविधियों को दबा दिया गया था और मीडिया में सरकारी प्रचार के अलावा कुछ प्रचारित नहीं किया जाता था। भारत के संविधान और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों को पूर्व प्रभाव से संशोधित कर दिया गया था जिससे वे सभी आधार निरस्त हो जाएं, जिनके चलते श्रीमती गांधी के चुनाव को रद्द किया गया था। संसद के दोनों सदनों के ज्यादातर विपक्षी सदस्य जेलों में बंद थे। इससे बहुमत में आयी सरकार को संविधान में संशोधन करने का मौका मिल गया। कुछ राज्यों की विपक्षी सरकारों को भी बर्खास्त कर दिया गया और देश में पूरी तरह से तानाशाही स्थापित हो गयी थी।

गैर संचारी रोगों से हर साल 4 करोड़ लोगों की मौत: डब्ल्यूएचओ

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नयी दिल्ली 25 जून, विश्व में गैर संक्रामक बीमारियों से हर साल चार करोड़ लोगों की मौत हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है। रिपोर्ट के अनुसार गैर संक्रामक बीमारियों में दिल के दौरे जैसी हृदय संबंधी बीमारियांं, श्वास रोग, दमा, मधुमेह, कैंसर आदि शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि गैर संक्रामक बीमारियों में सबसे ज्यादा मौतें हृदय संबंधी बीमारियों से होती है और इनसे सालाना एक करोड़ 77 लाख लोगों की मौत हो जाती है। उसके बाद कैंसर से 88 लाख, सांस संबंधी बीमारियों से 39 लाख और मधुमेह से 16 लाख लोगों की मौत होती है। बीमारियों के इन चार समूहों में गैर संक्रामक बीमारियों से समय पूर्व होने वाली मौतों का प्रतिशत 80 प्रतिशत से अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार गैर संक्रामक बीमारियों से निम्न और मध्यम आय वर्ग वाले देश अधिक प्रभावित होते हैं और इन देशों में गैर संक्रामक बीमारियों से होने वाली मौत का आंकड़ा विश्व में इनसे होने वाली मौतों का तीन चौथाई यानी तीन करोड़ है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि गैर संक्रामक बीमारियों से मरने वाले लोगों में एक करोड़ 50 लाख 30 से 69 साल की उम्र के बीच के होते हैं। इनमें से असामयिक मौतों में से 80 प्रतिशत से अधिक मौतें निम्न और मध्यम आय वर्ग के देशों में होती हैं। अस्वास्थ्यकर भोजन, शारीरिक निष्क्रियता, निष्क्रिय धूम्रपान या अत्यधिक शराब के कारण बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों में गैर संक्रामक बीमारियां होने का खतरा रहता है। 

मोदी ने जगन्नाथ रथयात्रा पर देशवासियों को दी शुभकामनाएं

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नयी दिल्ली 25 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जगन्नाथ रथयात्रा के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। श्री मोदी ने आज आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि भगवान जगन्नाथ की रथ-यात्रा देश के कई भागों में बहुत ही श्रद्धा और उल्लासपूर्वक मनायी जाती है और अब तो विश्व के भी कुछ भागों में भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा का उत्सव सम्पन्न होता है।। उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ के साथ देश का ग़रीब जुड़ा हुआ है। डॉ0 बाबा साहेब आम्बेडकर भगवान जगन्नाथ के मन्दिर और उसकी परंपराओं की बड़ी तारीफ़ करते थे, क्योंकि उसमें सामाजिक न्याय, सामाजिक समरसता अंतर्निहित थे। उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ ग़रीबों के देवता हैं और बहुत कम लोगों को पता होगा, अंग्रेज़ी भाषा में एक शब्द है ‘जगरनॉट’ जिसका मतलब होता है, ऐसा भव्य रथ जिसे कोई रोक नहीं सकता और इस शब्द का उद्भव जगन्नाथ के रथ से ही हुआ है। इसलिए हम समझ सकते हैं कि दुनिया ने भी जगन्नाथ की इस यात्रा को अपने-अपने तरीक़े से किस प्रकार से माहात्म्य स्वीकार किया है। प्रधानमंत्री ने कहा,“भगवान जगन्नाथ की यात्रा के अवसर पर मैं सभी देशवासियों को शुभकामनायें देता हूँ और भगवान जगन्नाथ के श्रीचरणों में प्रणाम भी करता हूँ।” 

अंसारी ने ईद उल फित्र पर दी देशवासियों को शुभकामनाएं

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नयी दिल्ली 25 जून, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने ईद उल फित्र के उल्लासपूर्ण अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। श्री अंसारी ने आज अपने संदेश में कहा कि रमजान के पवित्र माह के समाप्त होने का सूचक यह त्योहार हमारे जीवन में दया, दान और उदारता की भावना को मजबूत करता है और भाईचारे और लोगों में आपसी समझ को बढ़ावा देता है। उन्होंने कामना की कि इस त्योहार से जुड़े पवित्र विचार हमारे जीवन को शांति, सौहार्द और मानवता की भावना से समृद्ध करें। 

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