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पटना के गांधी मैदान में ईद की नमाज अदा, मुख्यमंत्री हुए शामिल

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पटना 26 जून, बिहार में ईद का त्योहार आज धूमधाम से मनाया जा रहा है । राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में सुबह आठ बजे ईद की नमाज अदा की गयी जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए । इस दौरान श्री कुमार ने राज्य और देश के लोगों को ईद की बधाई दी । उन्होंने कहा कि ईद आपसी भाईचारा, प्रेम और सौहार्द का त्योहार है जिसे लोग परस्पर सहयोग से मनाते हैं । ईद की नमाज को लेकर गांधी मैदान में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये थे । गांधी मैदान के बाहर और अंदर बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती के साथ ही सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही थी । मैदान के चारों मुख्य प्रवेश द्वार पर एम्बुलेंस के साथ चिकित्सकों की भी तैनाती की गयी थी । राजधानी पटना के स्टेशन स्थित जामा मस्जिद के अलावा विभिन्न मस्जिदों में बड़ी संख्या में मुस्लिम भाईयों ने ईद की नमाज अदा की । इसके अलावा बिहार के अन्य हिस्सों में भी ईद का त्योहार धूमधाम से मनाया गया तथा लोगों ने नमाज अदा की । मुख्यमंत्री के अलावा राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी , उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव , राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव , कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं शिक्षा मंत्री अशोक कुमार चौधरी , हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी राज्य के लोगों को ईद की बधाई एवं शुभकामनाएं दी ।


मोदी ने शीर्ष अमेरिकी कंपनियों के सीईओ से की मुलाकात

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वाशिंगटन, 26 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी तीन देशों की यात्रा के दूसरे पड़ाव के तहत अमेरिका के वाशिंगटन पहुंचने के बाद पहले दिन वाशिंगटन के होटल विलार्ड इंटरकंटीनेंटल में दिग्गज कंपनियों के मुख्यकार्यकारी अधिकारियों के साथ गोलमेज बैठक की। यह बैठक सवा घंटे से ज्यादा समय तक चली। इस दौरान मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ट्रंप के फर्स्ट अमेरिका नीतियों के बीच तालमेल बैठाने को लेकर अमेरिकी कंपनियों के सीईओ से बातचीत हुई। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे में कारोबार और जीएसटी मुद्दे पर निवेशकों से बातचीत शीर्ष एजेंडे में है। श्री मोदी के साथ बैठक में एडोब के अध्यक्ष और सीईओ, चेयरमैन शांतनु नारायण, अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस, अमेरिकन टावर कॉरपोरेशन के सीईओ जेम्स टेकलेट, एप्पल के सीईओ टीम कुक, कैटरपिलर के सीईओ जिम यूम्पलेबाई, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, मरियोट्ट इंटरनेशनल के प्रमुख अर्ने सोरेनसन, जोन्सन एंड जोन्सन के एलेक्स गोर्स्की, मास्टरकार्ड के अजय बग्गा, वारबर्ग पिंचुस के चार्ल्स काये और कार्लिले ग्रुप के डेविड रुबेनस्टेन समेत 21 कंपनियों के सीईओ मौजूद रहे। इससे पहले अमेरिका की दिग्गज कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मोदी के साथ होने वाली इस मुलाकात को लेकर बेहद उत्साहित दिखे। इस बैठक का उद्देश्य भारत में निवेश को प्रोत्साहित करना था। दरअसल, जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को लेकर विदेशी निवेशकों में तमाम आशंकाएं थी। ऐसे में यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। इससे निवेशकों को जीएसटी को समझने में भी मदद मिली। इससे पहले रविवार सुबह वाशिंगटन पहुंचने पर भारतवंशियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जोरदार स्वागत किया। इस दौरान श्री मोदी ने भारतीय समुदाय के लोगों से हाथ मिलाया और अभिवादन स्वीकर किया। अभी तक श्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात नहीं हुई है। हालांकि श्री मोदी व्हाइट हाउस से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित दो सौ साल पुराने विलॉर्ड होटल में ठहरे हुए हैं। श्री मोदी ने कहा कि जीएसटी को लागू किये जाने का ऐतिहासिक फैसला अमेरिका के बिजनेस स्कूलों में अध्ययन का विषय हो सकता है। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने ट्वीट कर कहा कि सारी दुनिया भारत की ओर देख रही है। भारत सरकार ने 7,000 सुधार अकेले कारोबार सुगमता और न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के लिए किए हैं। श्री बागले के मुताबिक श्री मोदी ने कंपनी प्रमुखों से कहा कि भारत की वृद्धि उसके और अमेरिका दोनों के लिए फायदेमंद है। अमेरिकी कंपनियों के सामने इसमें योगदान देने का एक महान अवसर है। वहीं, भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि श्री मोदी भारत में निवेश आकर्षित करना चाहते हैं। आज दोपहर बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और श्री मोदी के बीच मुलाकात होगी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा होगी। दोनों नेताओं के बीच चीन की वन बेल्ट वन रोड परियोजना और आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान के खिलाफ सख्ती को लेकर भी बातचीत हो सकती है। अमेरिकी अधिकारियों की मानें, तो श्री मोदी का यह दौरा मेलमिलाप पर केंद्रित रहेगा। 

अपनी सुरक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाएगा भारत: मोदी

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वाशिंगटन 26 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीमा पार आतंकवाद को प्रश्रय देने वालों को आज आगाह किया कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाने की सामर्थ्य रखता है और कोई भी उसे रोक नहीं सकता। श्री मोदी ने यहां भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए सीमा पार आतंकवादियों के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे दुनिया को समझ आ गया है कि भारत संयम रखता है लेकिन जरूरत पड़ने पर अपने सामर्थ्य का परिचय भी देता है। उन्होंने कहा कि हम विश्व के कानूनों से बंधे हुए हैं क्योंकि यह हमारा संस्कार और स्वभाव है, वसुधैव कुटुम्बकम छोटे शब्द नहीं हैं यह हमारे चरित्र में हैं। उन्होंने कहा कि भारत विश्व व्यवस्था का पालन करता है और हम इसे तहस नहस कर अपना धंधा जमाने वाला देश नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा,“हम अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करते हुए अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के लिए तथा जनसामान्य की सुरक्षा, सुख शांति, प्रगति के लिए कठोर से कठोर कदम उठाने का सामर्थ्य रखते हैं। जब भी जरुरत पड़ी है हम ऐसे निर्णय लेते रहे हैं दुनिया हमें कभी भी रोक नहीं सकती”। श्री मोदी ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक एक ऐसी घटना थी कि दुनिया चाहती तो हमारे बाल नोच देती, हमें कटघरे में खड़ा करती, हमसे जवाब मांगती हमारी आलोचना होती। लेकिन, पहली बार किसी ने भी इस पर एक भी सवाल नहीं उठाया। पाकिस्तान का नाम लिये बिना उन्होंने कहा जिन्हें भुगतना पड़ा उनकी बात अलग है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह इसलिए हुआ क्योंकि हम दुनिया को यह समझाने में सफल रहे हैं कि आतंकवाद का कौन सा रूप भारत को तबाह कर रहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया आतंकवाद से परेशान है और यह मानवता का दुश्मन बन गया है। बीस पच्चीस वर्ष पहले जब भारत आतंकवाद की बात करता था तो यह बात दूसरे देशों के गले नहीं उतरती थी और वह कहते थे कि यह कानून व्यवस्था की समस्या है। उन्होंने कहा कि इन देशों ने तब आतंकवाद को भुगता नहीं था आज उन्हें आतंकवाद समझाना नहीं पड़ता है आतंकवादियों ने उन्हें समझा दिया है। 

तीन साल रहे ‘बेमिसाल’: मोदी

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 वाशिंगटन 26 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार के तीन साल के काम को ‘बेमिसाल’ बताते हुए कहा कि देश तेज गति से आगे बढ़ रहा है और दुनिया में भारत को एक चमकते हुए सितारे के रूप में देखा जा रहा है। श्री मोदी ने भारतीय समयानुसार कल देर रात यहां भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार पर तीन साल के दौरान कोई दाग नहीं लगा है जबकि पहले की सरकारें भ्रष्टाचार और बेइमानी से आम आदमी को नफरत होने के कारण बदलती रही हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार तेज गति से सही दिशा में नतीजे लाने वाले काम कर रही है और निर्णय समय पर लिए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों और कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा, “तीन साल बेमिसाल रहे हैं। और हम आने वाले हर पल देश को नयी ऊंचाईंयों पर ले जाने के लिए काम करते रहेंगे”। उन्होंने कहा कि सरकार के सुशासन और जनहित के कार्यों से देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। 21वीं सदी का हिन्दुस्तान बनाने की दिशा में भारत आर्थिक क्षेत्र में उदारतापूर्वक अपनी नीतियां बना रहा है। भारत को दुनिया में एक चमकते हुए सितारे के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश को आगे बढ़ाने में नवाचार, प्रौद्योगिकी और याेग्यता की अहमियत है। उन्होंने विदेशों में रह रहे भारतीयों को देश में निवेश करने और दूसरे माध्यमों से सहयोग देने का आह्वान करते हुए कहा कि उनके पास काफी सामर्थ्य है और यह बुद्धिधन एवं अनुभव धन अगर हिन्दुस्तान के काम आ सकता है तो इससे बड़ा अवसर कभी नहीं आएगा। श्री मोदी ने कहा कि जिस तरह अमेरिका आए भारतीयों को यहां अनुकूल माहौल मिलने पर फलने-फूलने का मौका मिला उसी तरह अब सवा सौ करोड़ देशवासियों को अब हिन्दुस्तान में अनुकूल माहौल मिल रहा है और वे कुछ न कुछ करना चाहते हैं ताकि देश आगे बढ़े। उन्होंने प्रगति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि इससे पारदर्शिता आई है और भ्रष्टाचार रुका है। इस संदर्भ में उन्होंने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि रसोई गैस सिलेंडर और यूरिया में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना से करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार रुका है। प्रधानमंत्री ने पिछले तीन साल के दौरान विदेश मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा कि इससे विदेशों में भारतीय मिशनों और दूतावासों के प्रति प्रवासी भारतीयों का नजरिया बदला है। विदेशों में रह रहे भारतीयों को अब यह चिंता नहीं होती कि विदेश में कुछ होने पर उनका क्या होगा बल्कि उन्हें अब यह विश्वास हो गया है कि भारतीय दूतावास उनके लिए कुछ न कुछ करेगा। इसके लिए उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की विशेष रूप से प्रशंसा भी की। 

मौजूदा समय विपक्ष के लिए साथ खड़े होने का : तेजस्वी

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पटना 25 जून, राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार को समर्थन दिये जाने को लेकर विपक्षी दलों की अलग-अलग राय के बीच आज बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में विपक्ष को संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट का होने का समय है। श्री यादव ने ‘दिल की बात’ श्रृंखला के तहत कहा, “जिंदा और गतिमान राजनीतिक दलों के रूप में, हम छद्म राष्ट्रवाद के आकर्षक शोर में निर्दोष लोगों के दुःखों और उनकी हताशा की गुहार को अनदेखा नहीं कर सकते। मोदी उत्सव और समर्थित मीडिया में प्रायोजित एजेंडे के इस शोर में क्या यह उचित समय नहीं है कि हम सामूहिक रूप से खड़े हों, आवाज उठाएं, संविधान की रक्षा करें और लोकतंत्र को बचाएं। यदि हम इस वक़्त क्रियाशील नहीं होंगे तो आने वाला वक्त हमें माफ़ नहीं करेगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के प्रति सहानुभूति रखने वाले लोग भी इस बात को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं कि लगभग हर क्षेत्र में हताशा और निराशा की डरावनी छवियों का विश्लेषण कैसे किया जाये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तमाशे वाली ‘न्यू इंडिया’ ने ‘महान भारत’ की आस्था, मूल्यों और प्राथमिकताओं को गंभीर संकट में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) द्वारा नफरत, घृणा और भेदभाव-उत्पीड़न की विचारधारा के समर्थकों को हर प्रकार की मदद प्रदान कर प्रोत्साहित किया जा रहा है। उनके द्वारा प्रायोजित गुंडे गाय, धर्म, राष्ट्रवाद और आस्था-विश्वास के नाम पर निर्दोष लोगों का क़त्ल कर रहे हैं। श्री यादव ने कहा कि केंद्रीय हुकूमत द्वारा पोषित यह हिंसक भीड़ निडर होकर 'कानून के राज’ का गला घोंट रही हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा से प्रोत्साहित भीड़ ने पूरे देश को डर के गणतंत्र में तब्दील कर दिया है। हर कोई यह डरावना संयोग देख सकता है कि ऐसे सभी घृणित कृत्य भाजपा शासित राज्यों में हो रहे हैं। भोजन की विविधता, भिन्न पोशाक और अलग पूजा पद्धति एवं प्रतीकों की उपासना के नाम पर लोगों की हत्या हो रही है। 

योगी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मिली जुली प्रतिक्रिया

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लखनऊ 26 जून, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के आज 100 दिन पूरे होने पर आमजन और राजनीतिक दलों ने मिश्रित प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार 100 दिनों के शासनकाल का रिपोर्ट कार्ड कल जारी कर सकती है। इसके साथ ही पिछली समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार के कुशासन का पार्टी श्वेतपत्र भी जारी करेगी। योगी सरकार ने इसी साल 19 मार्च को शपथ ग्रहण की थी। सूबे के आठ जिलो में 2782 करोड की लागत से बनने वाली सड़क पर 1950 करोड के कर्ज के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल ही केन्द्र सरकार के अफसरों की मौजूदगी में एशियन विकास बैंक के अधिकारियों के साथ एक करार पर हस्ताक्षर करेंगे। इससे पहले पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार के शासनकाल में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुये भाजपा सरकार एक श्वेतपत्र जारी करेगी। यह श्वेत पत्र कल ही जारी होना था मगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के यहां आने के कारण कार्यक्रम को टाल दिया गया था। इस बीच राज्य सरकार का दावा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले 100 दिनों में लोगों की उम्मीद से बढ़कर विकास के कार्य हुये। सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने के अलावा कानून व्यवस्था की स्थिति और बेहतर हुयी हालांकि इस दावे से परे विपक्षी दलों का आरोप है कि योगी राज में कानून व्यवस्था की हालत और बदतर हुयी है। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार के शासनकाल में शुरू की गयी योजनाओं का श्रेय मौजूदा योगी सरकार ले रही है। उन्होंने ट्वीट किया “ राम राम जपना, पराया काम अपना।” उधर, भाजपा ने कहा कि सत्ताधारी दल ने 86 लाख छोटे और मझोले किसानों का 36 हजार फसली ऋण माफ करने की घोषणा कर एेतिहासिक काम किया है जिससे आर्थिक संकट से गुजर रहे किसानों को राहत मिली है। राज्य भाजपा महासचिव विजय बहादुर पाठक ने दावा किया कि पिछले 15 सालों में यह एेसी इकलौती सरकार है जिसने प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने और पारदर्शिता को लेकर गंभीर पहल की है। उन्होंने कहा कि गेंहू की रिकार्ड खरीद की गयी। सभी परियोनाओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति की गयी। एंटी माफिया टास्क फोर्स का गठन किया गया। मथुरा वृंदावन और अयोध्या फैजाबाद का निगमीकरण, ई निविदा समेत अनेक ऐसे काम सरकार ने किये जो राज्य की जनता की उम्मीदों से कहीं अधिक थे। 

तीन साल में मेरी सरकार पर एक भी दाग नहीं : मोदी

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वाशिंगटन 26 जून, अमेरिका यात्रा पर गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने में अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि बीते तीन साल में उनकी सरकार पर  एक भी दाग या धब्बा नहीं लगा है। वर्जिनिया में आयोजित एक स्वागत समारोह में करीब 600 भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, भारत में इससे पहले की सरकार के खिलाफ मतदान क्यों हुआ, इसकी मुख्य वजह थी भ्रष्टाचार। उन्होंने कहा, भारतीय भ्रष्टाचार से नफरत करते हैं। प्रधानमंत्री ने अमेरिका में भारतीय प्रवासियों को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार भारत को नयी उंचाइयों पर ले जाने का प्रयास जारी रखेगी। उन्होंने कहा, मैं पूरी विनम्रता के साथ कहना चाहता हूं कि बीते तीन साल में मेरी सरकार ने जो भी कार्य किये हैं, अब तक उस पर पर एक भी दाग या धब्बा नहीं लगा है।  उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि प्रौद्योगिकी से पारदशर्तिा आयी है और भारत में सभी क्षेत्रों में महान उंचाई हासिल करने में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, मैं ऐसे कई उदाहरण दे सकता हूं जहां भारत प्रौद्योगिकी की मदद से महान उपलब्धियां हासिल कर रहा है, फिर चाहे वह अंतरिक्ष का क्षेत्र हो या कृषि का।  उन्होंने कहा, प्रौद्योगिकी आधारित शासन एवं विकास के लिये नये स्तर से ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई मंचों पर देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि टिकाउ विकास के लिये आधारभूत संरचना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मुख्य फोकस वैश्विक मानदंड, विकास के उच्च मानक स्थापित करने पर है। देश में तेजी से विकास का सबसे मुख्य कारण आम जन की बढ़ती आकांक्षा है। वहां मौजूद लोगों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मोदी ने कहा,   हमलोग भारत की जनता की इन्हीं आकांक्षाओं को पूरा करने का कार्य कर रहे हैं।  मोदी ने कहा कि भारत को अब रिकॉर्ड संख्या में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हो रहे हैं और सभी साख एजेंसियां एवं बहुपक्षीय मंच भारत के बारे में सकारात्मक रेटिंग दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत अभूतपूर्व तेजी से आगे बढ़ रहा है। अमेरिका में रह रहे भारतीयों के योगदान की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि विकास एवं समृद्धि के लिये अमेरिका में सहायक माहौल मिलने से उन्होंने और विकास किया। उन्होंने कहा,  भारत में भी अब एक अरब से ज्यादा भारतीयों को अनुकूल माहौल मिल रहा है और वे भी तेजी से भारत का स्वरूप बदल रहे हैं। 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बने पैनल की अध्यक्षता करेंगे के कस्तूरीरंगन

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नयी दिल्ली 26 जून, नयी शिक्षा नीति (एनईपी) पर काम करने के लिये मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अंतरिक्ष वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में एक नई समिति गठित की है। समिति में नौ सदस्य होंगे। मंत्रालय ने विभिन्न विशेषज्ञता और शैक्षणिक योग्यता वाली पृष्ठभूमि के लोगों को इस समिति में शामिल किया है। यह समिति भारतीय शिक्षा नीति को नये सिरे से गढ़ने का काम करेगी। सूत्रों ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की कमान संभाल चुके कस्तूरीरंगन के अलावा समिति में पूर्व आईएएस अधिकारी के जे अल्फोंसे कनामथानम भी हैं। उन्होंने बताया कि इस अधिकारी ने केरल के कोट्टायम और एर्नाकुलम जिलों के पूर्ण साक्षरता दर हासिल करने में अहम भूमिका निभाई है। मध्य प्रदेश के महू स्थित बाबा साहेब अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति राम शंकर कुरील भी समिति का हिस्सा होंगे। उन्हें कृषि विज्ञान और प्रबंधन के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है। सूत्रों ने कहा कि कर्नाटक राज्य नवोन्मेष परिषद के पूर्व सदस्य सचिव डॉ एम के श्रीधर, भाषा संचार के विशेषज्ञ डॉ टी वी कट्टीमनी, गुवाहाटी विश्विवद्यालय में फारसी के प्रोफेसर डॉ मजहर आसिफ और उ}ार प्रदेश के पूर्व शिक्षा निदेशक कृष्ण मोहन óािपाठी को भी इस समिति में शामिल किया गया है। इसके अलावा प्रिंसटन विश्विवद्यालय के गणितज्ञ मंजुल भार्गव और मुंबई की एनएनडीटी विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति वसुधा कामत भी इस समिति का हिस्सा होंगी। एक अधिकारी ने कहा, Þ Þइस समिति का गठन इस बात को ध्यान में रखकर किया गया है कि सदस्य शिक्षा के विविध क्षेत्रों से जुड़ी विशेषज्ञता लेकर आयेंगे। महत्वपूर्ण रूप से यह समिति देश की विविधता भी दिखाती है क्योंकि सदस्य विभिन्न वर्गो और क्षेत्रों से आते हैं। Þ Þ उन्होंने कहा कि मंत्रालय को उम्मीद है कि इस विविधता से समिति को ऐसे अहम नीतिगत दस्तावेज तैयार करते वक्त विभिन्न मुद्दों को ध्यान में रखने में मदद मिलेगी। कुछ साल पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पूर्व कैबिनेट सचिव टी एस आर सुब्रमण्यन की अध्यक्षता में नयी शिक्षा नीति पर एक समिति बनाई थी। सूत्रों ने कहा कि इस समिति के सुझावों का भी इस्तेमाल किया जायेगा।


किसी देश ने सजर्किल हमलों पर सवाल नहीं उठाया: प्रधानमंत्री मोदी

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वाशिंगटन 26 जून, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि नियंत्रण रेखा के पार भारत द्वारा किए गए सजर्किल हमले यह साबित करते हैं कि भारत अपनी रक्षा के लिए कड़े से कड़े कदम उठाने में नहीं हिचकेगा। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि दुनिया के किसी भी देश ने इन हमलों पर सवाल नहीं उठाए। वर्जीनिया में एक समारोह के दौरान भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत विश्व को, आतंकवाद के उस चेहरे के बारे में समझाने में सफल रहा है, जो देश में शांति और सामान्य जीवन को तबाह कर रहा है। उन्होंने कहा , जब हम आज से 20 साल पहले के आतंकवाद की बात करते हैं, तो दुनिया में कई लोगों ने कहा था कि यह कानून और व्यवस्था से जुड़ी समस्या है और तब वे इसे समझते नहीं थे। अब आतंकियों ने उन्हें आतंकवाद का अर्थ समझा दिया है।इसलिए हमें अब उन्हें समझाने की जरूरत ही नहीं है।  मोदी ने कहा कि सजर्किल हमलों ने दिखा दिया कि आम तौर पर संयम के सिद्धांत का पालन करने वाला भारत जरूरत पड़ने पर अपनी संप्रभुता की रक्षा भी कर सकता है और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित भी कर सकता है।उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहा, भारत ने जब सजर्किल हमले किए तो विश्व को हमारी ताकत का अहसास हो गया। विश्व ने देखा कि वैसे तो हम संयम बरतते हैं लेकिन आतंकवाद से निपटने और खुद की सुरक्षा करने के दौरान जरूरत पड़ने पर भारत अपनी शक्ति एवं पराक्रम भी दिखा सकता है। भारत ने पिछले साल उरी हमले के 11 दिन बाद 29 सितंबर को नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर सजर्किल हमले किए थे। उरी हमले में 19 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।


जीएसटी लाएगा बड़ा बदलाव,अमेरिका के लिए कारोबार की अपार संभावनाएं:मोदी

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वाशिंगटन 26 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से भारत में बड़ा आर्थिक बदलाव आएगा और इससे अमरीकी कपंनियों के लिए देश में कारोबार की अपार संभावनाएं बनेंगी, श्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होने वाली मुलाकात से पहले अमरीकी अखबार वाल स्ट्रीट जर्नल में लिखे लेख में यह विचार व्यक्त करते हुए लिखा, ‘बदलते भारत में अमेरिकी कंपनियों के लिए निवेश और कारेाबार की अपार संभावनाएं बनेंगी। एक जुलाई से लागू होने जा रहे जीएसटी से एक अरब तीस कराेड़ की आबादी वाला भारत एक ही झटके में महाद्वीप के आकार के एक विशाल एकीकृत बाजार में परिवर्तित हो जाएगा। ’ उन्हाेंने भारत-अमेरिकी रणनीतिक संबंधों को अटूट बताते हुए कहा कि इसे सांस्कृतिक विविधता वाले समाज में ‘हमारे विश्वास ने और मजबूत बनाया है। इस आस्था के कारण ही हम दुनिया के हर कोने में अपने मूल्यों को सहेजने में कामयाब रहे हैं और इसके लिए सर्वोच्च बलिदान भी दिया है।’ श्री माेदी ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि आने वाले कुछ दशक हमारी महत्वाकांक्षाओं के नए क्षितिज, साझी कार्रवाई और साझे विकास की कहानी कहेंगे। उन्होंने कहा कि देश के 75 वे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 2022 तक सौ स्मार्ट शहर तैयार करने, देशभर में रोड और रेल नेटवर्क बिछाने और सस्ते मकानों का निर्माण केवल वायदे नहीं है बल्कि देश में शहरीकरण को नया आयाम देने की तैयारी है। श्री मोदी ने कहा कि ये योजनाएं भारत और अमरीका के बीच उद्यमिता में साझेदारी का फल है। आने वाले दशकों में अमरीका से इसमें अरबों डालर की मदद मिलने जा रही है, जो दोनों ही देशों में राेजगार के बड़े अवसर पैदा करेगी। उन्हाेंने कहा कि भारत और अमरीका ‘अपने समाज और दुनिया को आंतकवाद,कट्टरपंथी सोच और गैर पारंपरिक सुरक्षा खतरों से बचाना चाहते हैं। इस मामले में दोनों के हित परस्पर जुड़े हुए हैं। ‘ भारत के पास आतंकवाद से निबटने का चार दशक का अनुभव है। इसमें अमरीकी प्रशासन के सक्रिय सहयोग को हम साझा करना चाहते हैं।’ प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के अटूट और प्रगाढ़ रिश्तों पर कहा कि जब कभी दोनों साथ आए हैं, इसका फायदा पूरी दुनिया को मिला है । चाहे यह डेंगू या रोटावायरस के खिलाफ जेनरिक दवाओं की खोज ही क्यों न हो। उन्होंने कहा कि इसी तरह शिक्षा,अतंरिक्ष विज्ञान और अापदा प्रबंधन तक हर क्षेत्र में दोनों मुल्कों के बीच सहयोग लगातार बढ़ा है। 

लालू में गठबंधन तोड़ने की हिम्मत नहीं : सुशील

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पटना 26 जून, बिहार भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)विधानमंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन में मचे घमासान के बीच आज कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव में गठबंधन तोड़ने की हिम्मत नहीं है क्योंकि उन्हें मालूम है कि यदि ऐसा हुआ तो हजार करोड़ की बेनामी सम्पत्ति के मामले में घिरे उनके मंत्री पुत्रों और परिवार को सबसे अधिक नुकसान होगा। श्री मोदी ने यहां कहा कि राजद अध्यक्ष श्री यादव लाख गीदड़भभकियां दें लेकिन गठबंधन तोड़ने की उनमें हिम्मत नहीं है। राजद अध्यक्ष श्री यादव को यह अच्छी तरह से मालूम है कि यदि गठबंधन टूटा तो हजार करोड़ की बेनामी सम्पति के मामले में घिरे उनके पुत्र एवं स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनके परिवार के सदस्यों को सबसे अधिक नुकसान होगा। भाजपा नेता ने कहा कि राजद अध्यक्ष को अपने दोनों पुत्रों को बचाने के लिए राज्य सरकार का हर हाल में संरक्षण चाहिए। ऐसे में राजद के गरजने वाले बादल (प्रवक्ता) कभी बरसेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत भी उम्रदराज और अक्सर बीमार रहने वाले श्री यादव में अब नहीं रह गया है। 

प्रेम, सद्भाव और सहिष्णुता से देश बढ़ता है आगे : नीतीश

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पटना 26 जून, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रेम, सद्भाव एवं सहिष्णुता को समाज और देश की तरक्की के लिए जरूरी बताया और कहा कि आपसी प्रेम तथा भाईचारा ही देश की ताकत है, जिससे किसी भी संकट में लड़ने की शक्ति मिलती है। श्री कुमार ने ईद-उल-फितर के अवसर पर यहां संवाददाताओं से बातचीत में लोगों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुये कहा, “प्रेम, सद्भाव और सहिष्णुता के माहौल से समाज एवं देश आगे बढ़ता है। मेरी यही कामना है कि इसी तरह समाज में प्रेम, भाईचारा, मैत्री, सद्भाव तथा एक दूसरे के प्रति सम्मान का भाव बना रहे तथा समाज और देश तरक्की करे।” मुख्यमंत्री ने कहा कि जो प्रेम और सद्भाव का माहौल बिहार में है, वह हमेशा कायम रहे। उन्होंने कहा कि देश पर कई तरह के संकट आते रहते हैं लेकिन जो आपसी भाईचारा और प्रेम है, वो देश की सबसे बड़ी ताकत है। यह ताकत बनी रहे, यही आज के दिन उनकी प्रार्थना है। श्री कुमार ईद के मौके पर फुलवारीशरीफ स्थित खानकाह-मुजीबिया, इमारत-ए-शरिया, एदारा-ए-शरिया गये और अंजुमन इस्लामिया हॉल में आयोजित ईद मिलन समारोह में भी शिरकत की। इससे पूर्व मुख्यमंत्री राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में उपस्थित सभी नमाजियों, गणमान्य लोगाें एवं बच्चों से मिलकर उन्हें ईद की मुबारकबाद दी। 

दिल्ली में गैस सिलेंडर में विस्फोट से पांच मरे

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नयी दिल्ली 27 जून, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ओखला इलाके में कल रात एक चाय स्टाल में एक गैस सिलेंडर में विस्फोट से कम से कम पांच लोगों की मौत हो गयी जबकि चार अन्य घायल हो गये। अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रात करीब 21.56 बजे घटना की सूचना मिली , जिसके बाद पांच दमकलें मौके पर पहुंची और लगभग एक घंटे की मश्क्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक हादसे में नौ लोग गंभीर रूप से झुलस गये, जिन्हें ईएसआई और सफदरजंग के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इनमें से पांच लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया, जबकि अन्य लोगों का उपचार चल रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और घटना के कारणों की जांच कर रही है। 

मोदी ने ट्रम्प को भारत यात्रा का दिया निमंत्रण

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वाशिंगटन 27 जून, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को भारत आने का निमंत्रण दिया है, जिसे उन्होंने तहेदिल से स्वीकार कर लिया और वह जल्द ही भारत की यात्रा पर जायेंगे। यहां जारी संयुक्त बयान में बताया गया कि श्री ट्रम्प ने श्री मोदी के न्योते को सहर्ष स्वीकार कर लिया है और उन्होंने आने वाले समय में परस्पर मित्रता की भावना से काम करने की प्रतिबद्धता जताई है। अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस में प्रतिनिधिमंल स्तर की वार्ता के बाद संवाददाताओं से बातचीत में श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने श्री ट्रम्प तथा उनके परिवार को भारत आने का न्योता दिया। उन्होंने कहा, “ उम्मीद है कि आप मुझे भारत में स्वागत और मेजबानी का मौका देंगे। ” दोनों नेताओं के बीच पहली द्विपक्षीय बैठक थी। श्री ट्रम्प ने अमेरिका यात्रा के श्री मोदी की बार बार प्रशंसा की तथा उन्हें महान प्रधानमंत्री कहकर संबोधित किया। 

पठानकोट और 26/11 हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करे पाकिस्तान: भारत, अमेरिका

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वाशिंगटन 27 जून, भारत और अमेरिका ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर आतंकवाद को प्रश्रय देने वालों के लिए सख्त संकेत देते हुए कट्टर इस्लामी आतंकवाद को मूल रूप से नष्ट करने का संकल्प लिया है। संयुक्त वक्तव्य में भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान को 26/11 और पठानकोट हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उसके क्षेत्र का उपयोग अन्य देशों पर आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए नहीं किया जाए। इससे पहले भारत और अमेरिका के प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद एक संयुक्त बयान में श्री ट्रम्प ने कहा, “भारत और अमेरिका दोनों आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित हैं और हम कट्टर इस्लामिक आतंकवाद को जड़ से मिटाने का संकल्प लेते हैं।”


भारत-अमेरिका मिलकर खत्म करेंगे आतंकवाद

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वाशिंगटन 27 जून, भारत और अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष को सर्वोच्च प्राथमिकता करार देते हुए उग्र इस्लामी आतंकवाद को समूल नष्ट करने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यहां ह्वाइट हाउस में जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि आतंकवाद और उसे सुरक्षित पनाह देने वालों के खिलाफ संघर्ष में दोनों देश परस्पर सहयोग करेंगे। श्री मोदी ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के दौरान दुनिया में बढ़ रहे आतंकवाद, अतिवाद और उग्र कट्टरवाद के मसले पर भी चर्चा हुई और इस पर अंकुश लगाने में सहयोग पर सहमति बनी। श्री ट्रम्प ने अपने बयान में कहा, “भारत और अमेरिका दोनों आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित रहे हैं और हम कट्टर इस्लामिक आतंकवाद को जड़ से मिटाने का संकल्प लेते हैं।”

श्री मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका विकास के मामले में वैश्विक इंजन हैं। आतंकवाद को समाप्त करना दोनों देशों की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरी अमेरिका यात्रा और यहां हुई बातचीत दोनों देशों के संबंधों के इतिहास में महत्वपूर्ण अध्याय साबित होगी।” उन्होंने कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थायित्व और सुरक्षा उनकी सरकार की प्राथमिकता है और सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर सुरक्षा एवं रक्षा के क्षेत्र में अमेरिकी सहयोग महत्वपूर्ण है। उन्होंने अफगानिस्तान में अस्थायित्व फैलाने के लिए पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा कि पड़ोसी देश अफगानिस्तान में अस्थायित्व भारत के लिए चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री ने श्री ट्रम्प को सपरिवार भारत आने का न्योता दिया। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति की बेटी इवानका को भी व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल लेकन भारत आने का न्योता दिया। श्री ट्रम्प ने खुद इस न्योते के बारे में मीडियाकर्मियों को बताया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने मेरी बेटी इवानका को भारत में व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल लेकर आने का न्योता दिया है और मुझे लगता है कि उसने (इवानका ने) इसे मंजूर कर लिया है।” श्री ट्रम्प ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध कभी बेहतर और मजबूत नहीं रहे, लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनावों के वक्त कहा था कि ह्वाइट हाउस में भारत का एक मित्र होगा और आज वास्तव में भारत के पास यहां एक मित्र मौजूद है। उनका इशारा खुद अपनी ही ओर था। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की तुलना कोई नहीं कर सकता। दोनों देशों के संविधान की शुरुआत भी तीन शब्दों से होती है- ‘वी द पीपुल।’ उन्होंने कहा कि श्री मोदी एवं वह खुद सोशल मीडिया के वैश्विक नेता हैं और दोनों जनता को पर्याप्त अधिकार दिये जाने में विश्वास रखते हैं। श्री ट्रम्प ने प्रधानमंत्री एवं भारत की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि वह और श्री मोदी नौकरियां सृजित करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा, “श्री मोदी और मैं दोनों देशों की सहयोग जरूरतों को समझते हैं।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने श्री मोदी के नेतृत्व में भारत में हो रहे कर सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि अगले कुछ दिनों में भारत महत्वपूर्ण कर सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाते हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका भी जल्द ही इस दिशा में कदम बढ़ायेगा। इससे पहले श्री मोदी ने आज ह्वाइट हाउस में श्री ट्रम्प से मुलाकात की। इस अवसर पर अमेरिकी राष्ट्रपति की पत्नी भी मौजूद थीं। ट्रम्प दम्पती ने ह्वाइट हाउस की साउथ पोर्टिको में आकर खुद श्री मोदी की अगवानी की। 

योगी के 100 दिन के कार्यकाल में सहारनपुर की घटनाओं ने सरकार को किया परेशान

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सहारनपुर 27 जून, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के 100 दिनों के कार्यकाल में सहारनपुर मे हुई साम्प्रदायिक और जातीय हिंसा के कारण दो जिलाधिकारी, दो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, एक मंडलायुक्त और एक पुलिस उप महानिरीक्षक को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश में सरकार बनते ही 20 अप्रैल को सड़क दूधली गाँव मे हुई हिंसा में छह मुकदमें दर्ज किये गये, जिसमें इन मुकदमों मे सांसद एवं विधायक समेत भाजपा के कई स्थानीय नेताओं को आरोपी बनाया गया। योगी सरकार ने कानून व्यवस्था न संभाल पाने के कारण इस हुई हिंसा मे जिलाधिकारी शफ्कत कमाल और एसएसपी लव कुमार का तबादला कर दिया गया। सहारनपुर में पांच मई को रामनगर मे हुई जातीय हिंसा मे दर्जनों वाहन बवालियों ने फूंक दिये तथा कई जगह आगजनी करके सहारनपुर आग में सुलगा दिया। फिर चार दिन बाद शब्बीरपुर गाँव नौ मई को जातीय हिंसा में सुलग गया यहाँ लगभग पचपन दलितों के घर फूंक दिये गये। 23 मई को शब्बीरपुर गाँव में बसपा सुप्रीमो मायावती दलितों को सहानभूति दिखाने पहुंची। उसके बाद शब्बीरपुर की हुई रैली खत्म होते ही रास्ते में घर जा रहे लोगो पर हिंसा हुई जिसमे चौपट हुई कानून व्यवस्था का ठीकरा कई प्रशासनिक अधिकारियों पर फूटा, जिसमें जिलाधिकारी एन पी सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस के दुबे को निलम्बित कर दिया गया तथा कमिश्नर एम के अग्रवाल और डीआईजी जे के शाही का स्थानांतरण कर दिया गया। 

आलेख : इंसानियत का पैगाम देता एक निराला संत

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धरती पर कुछ ऐसे व्यक्तित्व होते हैं जो असाधारण, दिव्य और विलक्षण होते हंै। हर कोई उनसे प्रभावित होता है। ऐसे व्यक्तित्व अपने जीवन में प्रायः स्वस्थ, संतुष्ट और प्रसन्न रहते हैं। उनमें चुनौतियों को झेलने का माद्दा होता है। वे कठिन परिस्थितियों में भी अविचलित और संतुलित रहते हैं। बीजी रहते हुए भी उनकी लाइफ ईजी होती है। वे स्वयं में ही खोये हुए नहीं रहते, बल्कि दूसरों में भी अभिरुचि लेते हैं। अपनी इन्हीं विशिष्टताओं के कारण वे अन्यों के लिए आदर्श या प्रेरणा के स्रोत बन जाते हैं। भारतवर्ष की धार्मिक, दार्शनिक तथा आध्यात्मिक पृष्ठभूमि में ऐसे महान दार्शनिकों, संतों, ऋषियों एवं विलक्षण महापुरुषों की श्रृंखला में एक नाम है गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी। वे शांतिदूत, तीर्थोद्धारक, राष्ट्रसंत एवं मानव-कल्याण के पुरोधा के रूप में विख्यात हैं। उन्होंने नफरत, द्वेष एवं हिंसा की स्थितियों को समाप्त करने के लिये इंसानियत का सन्देश दिया है। आचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी भगवान ऋषभ और महावीर की परम्परा के सशक्त प्रतिनिधि है, जिन्होंने जैन संस्कृति एवं जैन तीर्थों के विकास के लिये अनूठे उपक्रम किये हैं। वे विश्व में सर्वत्र शांति, सद्भाव, सहयोग, सौहार्द के समर्थक हैं, राष्ट्रीय विचारधाराओं में अभिव्यक्ति के प्रखर, आत्म वल्लभ दर्शन को आचरण से चरितार्थ कर वर्तमान भौतिकवाद की विभीषिका में सर्वत्र सर्वधर्म समभाव रखकर जन-जन के कल्याणार्थ चेतना व विकास का शंखनाद करने वाले जिनशासन के अगणित कार्यों को अत्यंत शांति, सहजता व सरलता से पूर्ण करने वाले विशिष्ट संतपुरुष हैं, उन्होंने सत्यं, शिवं और सुन्दरम् की युगपत् उपासना की हंै, इसलिये उनका हर कार्य सृजनात्मकता पैदा करने वाला है। उनका हर उपक्रम प्रशंसा या किसी को प्रभावित करने के लिये न होकर स्वान्तः सुखाय एवं स्व-परकल्याण की भावना से प्रेरित होता है। इसी कारण उनके उपक्रम सीमा को लांघकर असीम की ओर गति करते हुए दृष्टिगोचर होते हैं। 


भारत की राजधानी दिल्ली में धर्मपरायणा श्रीमती राजरानी की रत्नकुक्षि से वि.सं. 2015 द्वितीय श्रावण वदि चतुर्थी पिताश्री चिमनलालजी जैन के चमन में खिलने वाले इस पुष्प को बचपन का नाम मिला प्रवीण। बालक का दिव्य भाल व कांतियुक्त काया को देखकर सभी सहसा कह उठे कि देवलोक से कोई महान पुण्यशाली जीव अवतरित हुआ है। आपके पिताश्री में एक ओर तो राष्ट्रीयता की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी तो दूसरी तरफ संसार के प्रति निरासक्ति के भाल संन्यस्त जीवन जीने के लिए आकृष्ट कर रहे थे। बालक प्रवीण का अतिलघु अवस्था में अनेक गुणों को अपना लेना, हिताहित का कुछ अंशों में भान हो जाना सचमुच ही महानता की निशानी थी। इसलिए कहा है- ‘होनहार वीरवान के होत चिकने पात।’ प्रवीण की संयम मार्ग पर अग्रसर होने की बलवती भावना देखकर माता-पिता भी विस्मित हो उठे। फलस्वरूप वि.सं. 2024 मार्गशीर्ष शुक्ला दशमी के शुभ दिन मात्र 9 वर्ष की अल्पवायु में उत्तर प्रदेश के बड़ौत नामक शहर में राष्ट्रसंत आचार्य श्रीमद् विजय समुद्र सूरीश्वरजी के करकमलों से माता-पिता, तीनों भाई तथा बाबाजी कुल एक ही परिवार के छह सदस्यों ने एक साथ भगवती दीक्षा ग्रहण कर न केवल एक नया इतिहास रचा बल्कि अपना जीवन स्व-परकल्याण हेतु समर्पित कर दिया। गुरु समुद्र ने आपश्री को मुनिश्री नित्यानंद विजय नाम प्रदान करके सांसारिक पिता मुनिश्री अनेकांत विजयजी म.सा. का शिष्य घोषित किया। अध्यात्म की उच्चतम परम्पराओं, संस्कारों और जीवन-मूल्यों से प्रतिबद्ध इस महान विभूति एवं ऊर्जा का सम्पूर्ण जीवन त्याग, तपस्या, तितिक्षा और तेजस्विता का प्रतीक बना हैं और प्रतिभा और पुरुषार्थ का पर्याय बना हैं।

आचार्य नित्यानंद जी ने गुरुवर इन्द्र के भी निजी सचिव, प्रमुख सलाहकार के रूप में वर्षों तक कार्य करते हुए समुदाय विकास के अनेकानेक अनूठे कार्य किए। आपकी निर्णय लेने की क्षमता, विनय, विवेक-संपन्नता, शासनसेवा की तीव्र उत्कंठा से अभिभूत होकर परमार क्षत्रियोद्धारक चारित्रचूड़ामणि आचार्य श्रीमद् विजय इन्द्रदिन्न सूरीश्वरजी ने आपश्री को वि.सं. 2044 में ठाणे में गणि पदवी एवं वि.सं. 2047 में विजय वल्लभ स्मारक दिल्ली में पंन्यास पदवी तथा वि.सं. 2047 में तीर्थोंधिराज श्री शत्रुंजय तीर्थ पालीताणा में आचार्य पदवी से विभूषित करते हुए पंजाब आदि उत्तरी भारत के क्षेत्रों की देखरेख व सार-संभाल का गुरुत्तर भार आपश्री को सौंपा था। आचार्य नित्यानंद सूरीश्वरजी ने वर्ष 2013 का चातुर्मास जम्मू में किया। जम्मू कश्मीर की असामन्य स्थितियों एवं हिंसा की परिस्थितियों में इस चातुर्मास के द्वारा शांति, अहिंसा एवं साम्प्रदायिक सौहार्द का अपूर्व वातावरण निर्मित हुआ। इसी चातुर्मास के दौरान अमरनाथ यात्रा को लेकर संकट की स्थितियां खड़ी हुई एवं यात्रा को बाधित होना पड़ा। इन स्थितियों में आचार्यजी के प्रयासों से यात्रा भी प्रारंभ हुई एवं शांति का वातावरण भी निर्मित हुआ। जम्मू कश्मीर सरकार ने उनके इस उल्लेखनीय भूमिका के लिए उन्हें समारोहपूर्वक प्रांतीय सरकार का महात्मा गांधी शांति पुरस्कार प्रदत्त किया गया। इक्कीसवीं सदी के भाल पर अपने कत्र्तृत्व की जो अमिट रेखाएं उन्होंने खींची हैं, वे इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगी। तीर्थोद्धारक के साथ-साथ वे धर्मक्रांति एवं समाजक्रांति के सूत्रधार भी कहे जा सकते हैं। आपने अध्यात्म के सूक्ष्म रहस्यों को तलाशा है और आंतरिक ऊर्जा को जागृत किया है।


आचार्य नित्यानंद सूरीश्वरजी के अभिनंदनीय सद्गुणों से आकृष्ट होकर दिगम्बराचार्य श्री पुष्पदन्त सागरजी  स्वयं उपाश्रय पहुंचे व विविध विषयों पर विचार विनिमय किया। यहां यह उल्लेखनीय है कि श्री आत्म वल्लभ समुद्र इन्द्रदिन्न पाट परम्परा के आप ऐसे प्रथम आचार्य हैं जिन्होंने भारत के पूर्वी भूभाग कोलकाता में चातुर्मास कर अभूतपूर्व जिन शासन प्रभावना का स्वर्णिम इतिहास रचा। आपने सम्मेदशिखर महातीर्थ में श्री जैन श्वे. तपागच्छ दादावाडी, भगवान महावीर स्वामी की जन्मभूमि क्षत्रियकुंड लछवाड़ में भगवान महावीर हाॅस्पिटल का निर्माण, श्री हस्तिनापुरजी में श्री अष्टापद का भव्य निर्माण, जैतपुरा (राजस्थान) में श्री विजय वल्लभ साधना केन्द्र, चेन्नई में जैन समाज के जरूरतमंद लोगों के लिये साधर्मिक नगर का निर्माण, अंबाला (हरियाणा) में अनेक कालेज, स्कूल आदि अनेक शिक्षा, जिनशासन भावना और समाज कल्याण के कार्य कराए। प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर के सम्पोषक व नवीन धारा के पुरस्कर्ता आपने दक्षिण भारत प्रवास के दो वर्षों में पूज्य गुरुदेवों की यशपताका को फहराने के साथ लोक कल्याण साधर्मिक उत्कर्ष, जीवदया, जिनशासन व परोपकार के इतने कार्य संपन्न कराए जिनका विस्तृत वर्णन करे तो एक महाग्रंथ ही बन जाए। लगभग 100 करोड़ के रचनात्मक कार्य संपन्न करवा कर आप जन-जन की आस्था के केन्द्र बन गए। विजयवाड़ा गुन्टूर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित 19 वर्षों से निर्माणाधीन दक्षिण भारत मुकुटमणिसम श्री हªींकार महातीर्थ का निर्माण आपश्री के पुण्य प्रभाव से द्रुतगति से पुनः प्रारंभ हुआ। इसके लिये आपको ‘शासन दिवाकर’ पद से सुशोभित किया गया हैं। 

राष्ट्रीय समस्याओं एवं आपदाओं के समाधान में आपकी सदैव रचनात्मक भूमिका रही है। सुनामी की विभीषिका से संत्रस्त असंख्य परिवारों के कल्याणार्थ जैन समाज को प्रेरित कर विशाल धनराशि एकत्र करवाकर भिजवाई। इससे पूर्व लातूर, कच्छ के भूकम्प तथा कारगिल जैसी राष्ट्रीय आपदाओं के समय भी समाज को जागृत कर राष्ट्रसेवा का स्वर्णिम इतिहास रचा था। दिल्ली के वल्लभ स्मारक की पुण्यधरा पर वे क्षण तब अविस्मरणीय बन गए जब आपश्री को ‘गच्छाधिपति पद’ से अलंकृत किया।  विगत पचास वर्षों से भारत भूमि की अनेकानेक बार पाद विहार करते हुए परिक्रमा कर जम्मू कश्मीर से पाण्डिचेरी, कोलकाता से मुम्बई विशाल राष्ट्र के जन-जन को अहिंसा, शाकाहार व जीवों के प्रति करुणा के संस्कार देते हुए शिक्षा, सेवा, चिकित्सा के अगणित प्रकल्पों से राष्ट्र को लाभान्वित किया। अहर्निश योजनाबद्ध कार्यक्रमों की मानों कतार बनाकर जम्मू, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश आदि संपूर्ण देश में परोपकार के अनेकविध सुकार्यों से आदिवासियों, निर्धन निरीह बंधुओं, अशिक्षितों, पीड़ितों को लाभान्वित किया। आप गुजरात के आदिवासी समाज के कल्याण के लिये निरन्तर सक्रिय हैं, आपके आज्ञानुवर्ती गणि राजेन्द्र विजयजी ने सुखी परिवार अभियान के माध्यम से वहां सेवा, शिक्षा, बालिका कल्याण एवं जीवदया के अनेक कार्य संचालित किये हुए हैं।

आचार्य नित्यानंद सूरीश्वरजी की अनेक पुस्तकें प्रकाशित होकर जन-जन को प्रेरित कर रही है। उनके जीवन को, व्यक्तित्व, कर्तृत्व और नेतृत्व को किसी भी कोण से, किसी भी क्षण देखें वह एक प्रकाशगृह (लाइट हाउस) जैसा प्रतीत होता है। उससे निकलने वाली प्रखर रोशनी सघन तिमिर को चीर कर दूर-दूर तक पहुंच रही है और मानवता को उपकृत कर रही है। उनके व्यक्तित्व और कर्तृत्व के सतरंगे चित्र को और अधिक चमकाने वाला गुण है उनकी स्फुरणाशील प्रतिभा।  सदैव शांति, अहिंसा, सद्भाव प्रेम, करुणा तथा प्राणिमात्र की मुस्कुराहटपूर्ण विकास के लिए जीने वाले ऐसे कर्मयोगी राष्ट्रसंत विरले ही मिलते हैं। इस वर्ष आपका दीक्षा का 50वां वर्ष हैं, जिसे प्रयोजनात्मक एवं आयोजनात्मक रूप से दिल्ली में भव्य रूप में मनाया जा रहा है। आपका व्यक्तित्व और कर्तृत्व आध्यात्मिक शक्तियों का पुंज है। अपने पुरुषार्थ, प्रतिभा एवं कौशल के आधार पर अपने सफरनामे में आज वे अध्यात्म जगत की विशिष्ट शक्ति के रूप में वंदित, अभिनंदित हो रहे हैं।




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 (ललित गर्ग)
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विशेष आलेख : त्राहि त्राहि नर्मदे

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हम पुराने समय से ही कर्मकांड करने में माहिर रहे हैं जिसमें से ज्यादातर का मकसद खुद का कल्याण करना होता था. इधर मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार भव्य कर्मकांड आयोजित करने में बहुत आगे साबित हुई हैं. इसकी ताजा कड़ी “नमामि नर्मदे यात्रा”” है नर्मदा सेवा के नाम से करीब पांच माह तक चली यह यात्रा नदी संरक्षण के बजाये अपने भव्य प्रचार प्रसार और आयोजनों के लिए चर्चित रही है . यात्रा के दौरान बड़े-बड़े साधू-संत, राजनेता, फिल्मी सितारे, हाईप्रोफाइल समाजसेवक करोड़ों रुपया खर्च करके बुलाये गये जिनका शाही सत्कार किया गया. कुल जमा यह कि इस दौरान ज्यादातर ऐसे काम किये गये जिनका नर्मदा संरक्षण से कोई सम्बन्ध ही नहीं था.यह एक ऐसा अनुष्ठान था जिसमें नमामि नर्मदे यात्रा और खनन माफिया दोनों एक साथ चले. 


विपक्ष का आरोप है कि इस पूरी यात्रा के दौरान करीब 1500 करोड़ रुपये ख़र्च हुए हैं. उधर यात्रा के समापन पर मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि यह एक सामाजिक आन्दोलन बन गया है और इस यात्रा के बाद 25 लाख लोग नर्मदा सेवा से जुड़ गये हैं. जबकि हकीकत यह है कि यह पूरी तरह से सरकारी यात्रा थी . नर्मदा के नाम पर राज्य के खजाने को बहुत बेदर्दी से लुटाया गया है और वह भी राजनैतिक लाभ व स्वयं की ब्रांडिंग के लिए. सब मान रहे हैं कि रुपया पानी की तरह बहाया गया  नर्मदा को मध्यप्रदेश की जीवनधारा माना जाता है, लेकिन यह नदी लगातार खत्म हो रही है, पहले जहाँ जहाँ गर्मियों में दस फीट में पानी होता था अब मुश्किल से घुटने भर पानी बचता है. आज हालात यह हैं कि कई स्थानों पर नदी का प्रवाह बंद हो गया है, नदी में शैवाल बढ़ गए हैं और इसका पानी लगातार गन्दा होता जा रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा नदी को बचाने के लिए 11 दिसंबर 2016 से 'नमामि देवि नर्मदे' - सेवा यात्रा की शुरुआत की थी. 148 दिन में करीब 3300 किमी की दूरी तय की गई, 16 ज़िलों से गुज़रने के बाद सोमवार 15 मई को इस यात्रा का समापन किया गया. लेकिन नर्मदा सिर्फ जीवनधारा नहीं है इसका धार्मिक और राजनीतिक महत्त्व भी है यह सूबे के 96 विधानसभा क्षेत्रों से होकर बहती है. अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में नर्मदा सेवा यात्रा के राजनीति, धर्म और भावनाओं के घालमेल होने से कौन इनकार कर सकता है. नर्मदा मध्यप्रदेश के लोगों के लिए नर्मदा मैया हैं. शिवराज सिंह चौहान से अच्छा कौन समझता होगा कि माँ नर्मदा से जनता के एक बड़े हिस्से की धार्मिक आस्थायें जुडी हुई हैं. 

मध्यप्रदेश सरकार बहुत कुशलता के साथ खुद को हिन्दू धर्म के संरक्षक के तौर पर पेश करने में कामयाब रही है. यहाँ कई बार राज्य और धार्मिक संस्था के बीच का फर्क मिटता हुआ नजर आया है. पिछले साल सरकार ने खुद कुंभ का आयोजन किया था, यह पूरी तरह से सरकारी आयोजन था जिसमें संघ परिवार के संगठनों की भी बड़ी भूमिका थी. पिछले साल  नवम्बर में लोक मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसे राष्ट्रवादी विचारों के महाकुंभ के तौर पर पेश किया गया था. “नमामि नर्मदे यात्रा” इसी कड़ी का ही एक और आयोजन था. इसी यात्रा के दौरान देशभर के अख़बारों में मध्य प्रदेश में आदि शंकराचार्य प्रकटोत्सव के आयोजन के विज्ञापन छपे थे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने ब्लॉग पर लिखा था कि ‘“आज से लगभग 1,200 वर्ष पूर्व यानी 792 ईस्वी में आदि शंकराचार्य मध्य प्रदेश में नर्मदा तट पर ज्ञान प्राप्ति के लिए आए थे.सरकार ने फ़ैसला लिया है कि मध्य प्रदेश में आदि शंकराचार्य के पाठ शिक्षा की पुस्तकों में जोड़े जाएंगे साथ ही ओंकारेश्वर में शंकर संग्रहालय, वेदांत प्रतिष्ठान और शंकाराचार्य की बहुधातु मूर्ति स्थापित की जाएगी”.’ 

बताया जाता है कि शिवराज सिंह के करीब एक दशक के शासनकाल में मध्य प्रदेश में करीब 2 लाख करोड रूपए से ज्यादा की कीमत का अवैध उत्खनन किया जा चूका है जिसमें नेताओं, अफसरों और माफिया की मिलीभगत रही है, कहा तो यहाँ तक जाता है कि नदियों पर सरकार ने जितने पुल नहीं बनाए, उससे ज्यादा तो अवैध खदान करने वालों ने ट्रकों का लंबा चक्कर बचाने के लिए बना दिए हैं. अवैध खनन को लेकर जितने मामले प्रदेश की अदालतों में हैं, उतने अन्य किसी राज्य में नहीं हैं. शिवराज के पूरे कार्यकाल में माइनिंग माफिया पूरी तरह हावी रहा है, अकेले 2016 में खनन माफिया एक आईपीएस अधिकारी समेत 13 लोगों की जान ले चुका है. अवैध खनन से प्रदेश की प्रमुख नदियां सूख रही हैं और कई तो लुप्त हो चुकी हैं. अभी भी शायद ही ऐसी कोई छोटी-बड़ी नदी हो, जिस पर रेत का उत्खनन न हो रहा हो. नर्मदा जिसके नाम पर इतना बड़ा ताम-झाम किया गया, में पोकलेन और जेसीबी मशीनों से इतना खनन किया जा चूका है कि उसके तट खोखले हो चुके हैं. खुद मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बुधनी, नसरुल्लागंज अवैध उत्खनन के सबसे बड़े गढ़ के तौर पर बदनाम रहे हैं.  


ढकोसला देखिये राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण अवैध खनन रोकने के लिए राज्य सरकार को कई बार  सख्त निर्देश जारी कर चूका है लेकिन शिवराज सिंह की सरकार हर बार कान में तेल डाल कर बैठी रही क्योंकि अवैध रेत-खनन को सरकार में बैठे लोगों का संरक्षण प्राप्त है, आरोप यहाँ तक लगते हैं कि कई रेत ठेकेदार मुख्यमंत्री के रिश्तेदार हैं. इस यात्रा के दौरान संजय पाठक कि उपस्थिति ध्यान देने लायक रही. वे शिवराज सरकार में सबसे अमीर मंत्री हैं और मुख्यमंत्री के चहेते भी, कुछ दिनों पहले  ही उनका कटनी हवाला कांड में नाम आ चूका है. कुछ सालों पहले ही जब संजय पाठक कांग्रेस में थे तो भाजपा के लोग ही उन्हें माइनिंग माफिया कहा करते थे. आरोप गलत भी नहीं थे संजय पाठक मध्य प्रदेश में खनन के सबसे बड़े खिलाड़ियों में से एक माने जाते रहे हैं. 

शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल में ही मंडला जिले के चुटका में नर्मदा किनारे ही परमाणु संयंत्र के साथ 35 थर्मल पॉवर प्लांट प्रस्तावित किये गए हैं जिसके लिये पानी नर्मदा से ही लिया जाएगा और बाद में इसके बिजलीघर नर्मदा नदी को ही प्रदूषित करेंगें. इसी तरह से प्रदेश में कई बड़े प्रोजेक्ट आ रहे हैं जो नर्मदा को ही नुक्सान पहुचायेगें. इस साल के शुरुआत में ही राज्य सरकार ने होशंगाबाद में कोका कोला संयंत्र को स्वीकृति दी है जिसे पर्यावरणविद नर्मदा नदी के लिए एक गंभीर खतरा बता रहे, उनका कहना है कि कोका-कोला संयंत्र प्रतिदिन नर्मदा से कम से कम 2.5 लाख गैलन पानी का उपयोग करेगा. इस पूरी यात्रा को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही उठाया जा रहा था कि अगर नर्मदा के संरक्षण को लेकर शिवराज सिंह चौहान इतने ही ईमानदार हैं तो उन्होंने अवैध खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध  क्यों नहीं लगाया. अमरकंटक में खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपरोक्ष रूप से नर्मदा के खनन पर चिंता जताई थी. जिसके बाद 22  मई को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा  अचानक नर्मदा में अवैध रेत खनन रोकने के लिए एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति गठित करने की घोषणा की गयी है और समिति की रिपोर्ट आने तक नर्मदा में रेत खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि एनजीटी ये प्रतिबंध वर्ष 2015 में ही लगा चुकी है, तब सरकार ने ही महंगी रेत का तर्क देकर इस प्रतिबन्ध को हटवाया था.

नर्मदा को मैया बुलाने वाले भक्त संस्कृत में एक श्लोक पढते हैं जिसका एक अंश है ““नर्मदा तुम्हें  नमस्कार है, मुझे विषधर सापों से बचाओ”.” फिलहाल तो नर्मदा को ही ढोंगियों से बचाने की जरूरत है .




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जावेद अनीस 
Contact-9424401459
javed4media@gmail.com

डायलॉग इंडिया पत्रिका द्वारा तीसरे डायलॉग इंडिया कॉन्क्लेव का आयोजन

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  • डायलॉग इंडिया तृतीय कानक्लेव में हुआ शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न विचारों पर मंथन और तकनीकी शिक्षा में अभिनवता पर प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन

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डायलॉग इंडिया पत्रिका द्वारा तीसरे डायलॉग इंडिया कॉन्क्लेव का आयोजन 24 जून 2017 को आईआईटी दिल्ली के सहयोग आईआईटी दिल्ली में किया गया। इस आयोजन में एआईसीटीई भी सहयोगी थी। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा में तकनीकी अभिनवता को बढ़ावा देने के लिए एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था, जिसमे देश भर से आए कई शैक्षणिक संस्थानों ने अपनी तकनीकी अभिनवता को प्रदर्शित किया। इन संस्थानों ने तकनीकी रूप से अपने मौलिक और नए विचारों को मॉडल के रूप प्रदर्शित किया। इस प्रदर्शनी में भाग लेने वाले संसथान थे आईआईटी दिल्ली , रिवेरा मोबाइल, एरा लखनऊ मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, लखनऊ, एससीएमएस स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलोजी, कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज, आरसी पटेल इंस्टीट्युट ऑफ टेक्नोलोजी, केसीजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलोजी, द्रोणाचार्य कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, जीएलए यूनिवर्सिटी मथुरा, मेहर चंद पोलिटेक्निक, ईस्टैंडइन। इन सभी संस्थानों की तरफ से आए प्रतिनिधियों ने अपनी तकनीकी दक्षता और अभिनवता को प्रदर्शित किया। जिनमें  प्रदर्शनी में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले संस्थानों को पुरस्कार दिए गए। दो तृतीय पुरस्कार केसीजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, एससीएमसी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, को और एक द्वितीय पुरस्कार एरा लखनऊ मेडिकल कॉलेज को मिला।  इस कार्यक्रम में आईआईटी दिल्ली के पास हुए विद्यार्थियों द्वारा भी अपने विभिन्न प्रोजेक्ट्स की प्रदर्शनी लगाई हुई थी। करीब बीस विद्यार्थियों ने अपने प्रोजेक्ट्स प्रदर्शित किए थे।


कल दिन भर चले इस आयोजन में भारत भर से आए विद्वानों एवं शिक्षाविदों ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र में सांसद रमेश विधूड़ी मुख्य अतिथि थे। उन्होंने शिक्षा और डिग्री के बीच की दूरी बताते हुए मूल्य आधारित शिक्षा पर ज़ोर दिया। उन्होंने आत्मविकास परक शिक्षा पर ज़ोर दिया। साथ ही उन्होंने मोदी सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उठाए जा रहे विभिन्न कदमों के बारे में बताया। प्रथम सत्र में अर्चना दत्ता, पूर्व महानिदेशक दूरदर्शन, डॉ. कमल तावरी, पूर्व सचिव, सरकार भारत, प्रो. एसके अत्रे, आईआईटी दिल्ली, प्रो. वी.के. गोस्वामी, एक्स वीसी सनराइज यूनिवर्सिटी, संगम युनिवर्सिटी, वर्तमान में वीपी एशियाई अकादमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविज़न, श्री पवन सिन्हा, आध्यात्मिक गुरु ने भारत में उच्च शिक्षा में सुधार की आवश्यकता अर्थात द नीद ऑफ वेकअप इंडिया फॉर रिफोर्म एंड ट्रांस्फोर्मेशन इन हाईअर एजुकेशन, वेक अप इंडिया: इनोवेट, मैनुफैक्चर, ग्लोबलाइज़, विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए तथा शिक्षा में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। शिक्षा के वर्तमान स्वरुप में बदलाव के साथ साथ शिक्षा पर प्राथमिक स्तर से सुधार करने पर जोर दिया गया।

इससे पूर्व डायलॉग इंडिया पत्रिका के समूह संपादक अनुज अग्रवाल ने इस कानक्लेव की आवश्यकता को बताते हुए कहा कि वे निजी क्षेत्र में शिक्षा के स्वरुप से बहुत ही व्यथित हुए थे, और शिक्षा के नाम पर होने वाले घोटाले उनके मन को मथते रहते थे, कहीं न कहीं संवाद हीनता की कमी खलती थी। सरकारी संस्थानों और निजी संस्थानों के बीच में संवाद हीनता उन्हें परेशान करती थी और यही कारण है कि वे कानक्लेव के इस स्वरुप के साथ आए। और इस वर्ष उन्हें आईआईटी और एआईसीटीई का भी सहयोग मिला और कानक्लेव का यह स्वरुप सामने आया। जिसमें तीन विभिन्न पहलू हैं, पहला शिक्षा के क्षेत्र में ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा, दूसरा है विद्यार्थियों द्वारा नए प्रोजेक्ट और तीसरा तकनीकी और अभिनवता पर पेपर प्रेजेंटेशन। दूसरा सत्र गुणवत्ता परक शिक्षा और इनोवेशन में निजी संस्थान प्रमोटर/स्वामियों की भूमिका पर था जिसमें कमांडर वीके जेटली, प्रख्यात पत्रकार श्री वेद प्रताप वैदिक, मेजर जनरल दिलावर सिंह, प्रोफेसर नवीन रामपाल, तथा आईआईटी रुड़की से प्रो. सोनल अत्रे एवं श्रीमती शीला तावरी वक्ता थे। इस सत्र में निजी शिक्षा  संचालकों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा हुई। और उनके सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान पर कई महत्वपूर्ण विचार आए। श्री वैदिक जी के अनुसार शिक्षा में परिवर्तन का समय है और शिक्षा के लिए क्रान्ति का समय आ गया है। शिक्षा के क्षेत्र में आन्दोलन छेड़ने का समय आ गया है। 

तीसरे सत्र में भारतीय मूल्य प्रणाली, उसकी प्रासंगिकता और उच्च शिक्षा में परिवर्तन के आवश्यकता पर चर्चा हुई और इस चर्चा में भारतीय मूल्यों को शिक्षा में पुनर्स्थापित करने की आवाश्यकता पर जोर दिया गया। इस सत्र में कमांडर वी के जेटली, प्रो. एस के अत्रे, डॉ. सुधीर सिंह, डॉ. वाल्मीकि प्रसाद, डॉ. एनके जैन, एवं प्रो. सीमा शर्मा ने उच्च शिक्षा पर भारतीय मूल्यों पर चर्चा की। और इस बात पर आम सहमति बनी कि भारतीय मूल्यों की पुनर्स्थापना हुए बिना भारत में शिक्षा में सुधार नहीं हो सकता है। अंतिम सत्र में केंद्रीय राज्य महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा राज मुख्य अतिथि थी। उन्होंने भी भारतीय मूल्यों की पुनर्स्थापना पर जोर दिया। उन्होंने डायलॉग इंडिया के ग्रुप एडिटर श्री अनुज अग्रवाल को बधाई देते हुए पत्रिका द्वारा निजी संस्थानों की रैंकिंग किए जाने पर भी बधाई दी। श्रीमती कृष्णा राज ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम आगे भी जारी रहने चाहिए। कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत पत्रिका के ग्रुप एडिटर अनुज अग्रवाल एवं मैनेजिंग एडिटर डॉ. सारिका अग्रवाल द्वारा किया गया।


कानक्लेव का एक हिस्सा तकनीक और इनोवेशन में पेपर प्रेजेंटेशन का भी रहा। इनमें तकनीकी और अभिनवता पर पूरे देश भर से आए विभिन्न संस्थानों से 30 से अधिक पेपर प्रस्तुत किए गए। इस पेपर प्रेजेंटेशन में संदीप फाउंडेशन सिजौल और बिरला इंस्टीट्युट ऑफ टेक्नोलोजी मेरेसा, वाईएमसीए टेक्नीकल यूनिवर्सिटी फरीदाबाद, अन्नामलाई यूनिवर्सिटी चेन्नई सहित कई अन्य संस्थानों ने भी भाग लिया और अपने पेपर के माध्यम से नए और मौलिक विचारों को प्रस्तुत किया।   कार्यक्रम में विभिन्न देशों के राजदूत भी शामिल हुए। विजयी प्रतियोगियों को फिलिस्तीन और स्लोवेनिया के राजदूत श्री फेक एच. एच. हमजा और बोरिस जलोस्विक द्वारा पुरस्कार के चेक को वितरित किया गया। कार्यक्रम में कत्थक नृत्यांगना अनु सिन्हा के समूह द्वारा जय शंकर प्रसाद द्वारा रचित कालजयी कृति कामायनी पर एक नृत्यनाटिका की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में दिन भर चले मंथन से उतपन्न विचारों को सरकार को सौंपने पर भी एक सत्र था। सत्र के अंत पत्रिका की प्रबंध निदेशक डॉ. सारिका अग्रवाल एवं पत्रिका के समूह सम्पादक अनुज अग्रवाल ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और इस तरह के संवाद को आगे जारी रखने पर भी प्रतिबद्धता व्यक्त की.
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