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जीएसटी एक क्रांतिकारी कदम, विपक्ष का विरोध महज नौटंकी : नित्यानंद राय

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पटना 30 जून, बिहार भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का कुछ राजनीति दलों के विरोध किये जाने को आज ‘नौटंकी’ करार देते हुए दावा किया कि इससे प्रदेश को क्रांतिकारी लाभ होगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं उजियारपुर के सांसद नित्यानंद राय ने यहां कहा कि जीएसटी का कुछ राजनीतक दल विरोध कर रहे हैं जो एक नौटंकी है। जीएसटी विसंगतियों को दूर कर प्रशासन को और सरल बना देगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी एक ऐसी कर प्रणाली है जो टैक्स के भारी जाल से मुक्ति दिलायेगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जीएसटी आने के बाद बहुत सी चीजें सस्ती हो जायेंगी। लोगों को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि टैक्स की पूरी प्रणाली ही आसान हो जायेगी। उन्होंने कहा कि 18 से ज्यादा करों से लोगों को मुक्ति मिलेगी और देश में सिर्फ एक टैक्स जीएसटी रहेगा। श्री राय ने दावा किया कि जीएसटी के बाद बिहार को क्रांतिकारी लाभ होगा तथा प्रदेश के लोग इससे विशेष लाभान्वित होंगे । कल से लागू हो रहे जीएसटी का उन्होंने स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को इसके लिये बधाई दी ।


बाढ़ एवं सुखाड़ से निपटने की हो पूरी तैयारी : नीतीश

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पटना 30 जून, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ जैसी विभीषिका से निपटने के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुये आज कहा कि दोनों ही स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तैयारी की जानी चाहिए। श्री कुमार ने यहां बाढ़ पूर्व तैयारियों के लिए सभी प्रमण्डल एवं जिलों के वरीय अधिकारियों से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा बैठक की। बैठक में संभावित बाढ़ 2017 एवं सुखाड़ की स्थिति से पूर्व की तैयारी के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गयी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विडियो कांन्फ्रेंसिंग से जुड़े अधिकारियों कई को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री ने कहा, “बाढ़ एवं सुखाड़ दोनों के लिये पूरी तैयारी रखनी चाहिये। सुखाड़ की स्थिति में डीजल अनुदान, नहरों में पानी अंतिम छोर तक पहुंचे, सभी ट्यूबवेल कार्यरत हों, बिजली की पर्याप्त आपूर्ति हो, आकस्मिक फसल योजना का लाभ लोगों तक पहुंचे, इसे देखना होगा।” उन्होंने कहा कि आकस्मिक फसल योजना के संबंध में कृषि विभाग को निरंतर समीक्षा करनी होगी ताकि लोगों को अधिक से अधिक सहूलियत मिल सके।


श्री कुमार ने कहा कि बिहार में बाढ़ पड़ोसी देश नेपाल के साथ ही उत्तराखंड एवं मध्य प्रदेश में वर्षा होने से भी आती है। वर्ष 2007 में सर्वाधिक प्रलयंकारी बाढ़ आई थी। बाढ़ से 22 जिले एवं ढाई करोड़ की आबादी प्रभावित हुई थी। यह बाढ़ कोई प्रमुख नदी में नहीं बल्कि बूढ़ी गंडक नदी में आयी थी। कब कहां से नुकसान होगा, पता नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में वर्षा कम हो या ज्यादा, बाढ़ आ सकती है। उन्होंने कहा कि संभावित बाढ़ के पूर्व की पूरी तैयारी में मुस्तैदी दिखानी होगी। कम बारिश होने की स्थिति में भी सुखाड़ होने की भी पूरी तैयारी रखने की जरूरत है। बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री के समक्ष बाढ़ पूर्व तैयारी से संबंधित पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया। इसमें बाढ़ की स्थिति में संसाधन मानचित्र पर चर्चा की गयी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की प्रिपोजिशनिंग कर ली गयी है। चर्चा के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि नाविकों को प्रशिक्षण एवं उनका उन्मुखीकरण अनिवार्य रूप से कराया जाये। 

श्री अमृत ने बताया कि बैठक में राहत सामग्रियों की जिलावार निविदा एवं क्रय की स्थिति की भी समीक्षा की गयी। इस पर श्री कुमार ने निर्देश दिया कि प्रदेश के जिन जिलों में दर निर्धारित नहीं हुई है, वहां जल्द ही दर निर्धारित कर लिया जाये। इसके अलावा समीक्षा में बाढ़ शरण स्थलों की पहचान, जिला टास्क फोर्स का गठन, बाढ़ प्रबंधन सूचना प्रणाली, तटबंधों की स्थिति, पथों की स्थिति के संबंध में विस्तृत रूप से चर्चा की गयी। समीक्षा के क्रम में कृषि विभाग द्वारा कृषि से संबंधित विभिन्न पहलुओं, वर्षापात, खरीफ फसल आच्छादन, आकस्मिक फसल योजना, डीजल अनुदान के संबंध में मुख्यमंत्री के समक्ष विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। श्री कुमार को यह भी जानकारी दी गयी कि सभी जिलों में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अबतक कम वर्षा हुयी है। जून माह में होने वाली वर्षा गत तीस वर्षों के औसत से कम है। बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा ऋतुकालीन वर्षा से संबंधित विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव, ऊर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, कृषि मंत्री रामविचार राय, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री अवधेश कुमार सिंह, आपदा प्रबंधन मंत्री चन्द्रशेखर, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यासजी सहित सभी विभागों के प्रधान सचिव एवं सचिव उपस्थित थे। 

कोडरमा घाटी में ट्रक पलटने से पांच लोगों की मौत

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कोडरमा 30 जून, झारखंड के कोडरमा जिले के कोडरमा घाटी में आज एक भीषण सड़क हादसे में चार महिलाओं समेत पांच लोगों की मौत हो गयी। पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि घाटी के जंगलों में लकड़ी इक्ट्ठा करने के बाद सभी लोग एक मोरम (एक प्रकार की मिट्टी) लदे ट्रक को रोक उसपर सवार हो गये। ट्रक जब कोडरमा घाटी से गुजर रहा था तभी अनियंत्रित होकर पलट गया। इस दुर्घटना में चार महिलाओं समेत पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी। सूत्रों ने बताया कि मरने वालों में दिलीप भुइयां, रेखा देवी और रेखा शामिल हैं। दो अन्य मृतक महिलाओं की पहचान नहीं हो सकी है। वहीं, हादसे के कारण रांची- पटना मुख्य मार्ग पर भीषण जाम लग गया। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस एवं सामान्य प्रशासन के वरीय अधिकारी मौके पर पहुंच गये हैं। दुर्घटनाग्रस्त वाहन को हटा दिया गया है। उक्त मार्ग पर धीरे-धीरे यातायात सामान्य हो रहा है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है। 

पाकिस्तानी एथलीटों के लिए वीजा को मंजूरी

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भुवनेश्वर, 30 जून, पाकिस्तान के एथलीटों का छह से नौ जुलाई तक यहां होने वाली 22 वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हिस्सा लेने का रास्ता साफ़ हो गया है। पाकिस्तानी एथलीटों के लिया वीजा को मंजूरी मिल गयी है। ओड़िशा के खेल एवं युवा मामलों के मंत्री चंद्र सारथी बेहेरा ने शुक्रवार को बताया कि पाकिस्तानी एथलीटों के वीजा को मंजूरी मिल गयी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पाकिस्तानी एथलीटों के वीजा मुद्दे को लेकर पत्र लिखा था और उन्हें मंजूरी दे दी गयी है। खेल मंत्री ने कहा “हम पाकिस्तानी टीम का स्वागत करने का इन्तजार कर रहे हैं।” भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के सचिव वी के वालसन ने भी कहा कि पाकिस्तानी एथलीटों के वीजा से सम्बंधित मुद्दे को सुलझा लिया गया है। उन्होंने कहा “पहले वीजा मुद्दे को लेकर कुछ समस्या थी लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रयासों से पाकिस्तानी दल को मंजूरी मिल गयी।” इससे पहले पाकिस्तान एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष अकरम साही ने एक ओड़िया चैनल को इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें वीजा को लेकर भारत से कोई पुष्टि नहीं मिली है। यदि आज उन्हें पुष्टि नहीं मिलती है तो पाकिस्तानी एथलीटों के लिए इस चैंपियनशिप में हिस्सा लेना मुश्किल हो जाएगा।

भीड़ द्वारा हत्या बर्बरता,राज्य सरकारें करें सख्त कार्रवाई: नायडूू

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नयी दिल्ली,30 जून, सूचना और प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने गोरक्षा के नाम पर लोगों की सरेआम पीट-पीटकर की गई हत्याओं को बर्बरतापूर्ण हरकत करार देते हुए आज कहा कि राज्य सरकारों को इसे रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, श्री नायडू ने झारखंड में कल हुई ऐसी ही एक घटना के सवाल पर यहां पत्रकारों से कहा ‘ ऐसी घटनाएं देश के हर हिस्से में हो रही हैं, यह बर्बरता है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री समेत हर किसी ने इसकी भर्त्सना की है। हालांकि इसे साम्प्रदायिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।’ झारखंड के रामगढ़ में उग्र भीड़ ने कल अलीमउद्दीन असगर नाम के एक व्यक्ति को गोमांस लेकर जाने के संदेह में पीट-पीट कर मार डाला था। यह घटना गोरक्षा के नाम पर हिंसा के खिलाफ दिए गए प्रधानमंत्री के भाषण के बावजूद हुई। प्रधानमंत्री ने कल अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में नाराजगी भरे लहजे में कहा था कि गोरक्षा के नाम पर किसी की हत्या नहीं की जा सकती। गायों के मामले में कौन दोषी है और कौन नहीं इसका फैसला कानून करेगा। कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है।

मोदी ने दिया ‘मेक टेक्सटाइल इन इंडिया’ का नारा

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गांधी नगर,30 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में कपड़ा एवं परिधान क्षेत्र में निवेश की असीम संभावनाओं के मद्देनजर देश और दुनिया के निवेशकों से इस क्षेत्र में निवेश की अपील करते हुए ‘मेक टेक्सटाइल इन इंडिया’ का आज यहां नया नारा दिया। श्री मोदी ने महात्मा मंदिर में आयोजित टेक्सटाइल इंडिया, 2017 के उद्घाटन समारोह में कहा कि देश-दुनिया के पूंजीपति भारतीय कपड़ा क्षेत्र में निवेश करें और ‘भारत में कपड़ा तैयार करें।’ उन्होंने अपनी सरकार के शासन काल में कारोबार से संबंधित विभिन्न वैश्विक सूचकांकों पर भारत की हो रही तरक्की का उल्लेख करते हुए कहा, “भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में अनेक नीतिगत फैसले किये हैं, जिनसे यहां कारोबार करना आसान हुआ है। वैश्विक स्तर के संबंधित सूचकांक इसकी गवाही देते हैं। मैं देश और दुनिया के निवेशकों से अपील करता हूं कि वे यहां कपड़ा क्षेत्र की अपार संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए यहां निवेश करें और ‘भारत में ही कपड़ा’ तैयार करें। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ की तरह नया नारा दिया- ‘मेक टेक्सटाइल इन इंडिया।’ उन्होंने कहा कि भारत में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में कृषि के बाद कपड़ा क्षेत्र का ही स्थान आता है और इस क्षेत्र में सदियों से भारत का वर्चस्व रहा है। कपड़ा क्षेत्र के पास अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में महती भूमिका निभाने की क्षमता है और राज्य सरकारों को भी इसका दोहन करना चाहिए।

जीएसटी लागू करने में सरकार की तैयारी अधूरी : राहुल गांधी

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नयी दिल्ली, 30 जून, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज आरोप लगाया कि सरकार आधी -अधूरी तैयारी से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू कर रही है और इस मौके पर संसद के केंद्रीय कक्ष में समारोह आयोजित कर अपना प्रचार करना चाहती है। श्री गांधी ने जीएसटी तमाशा हैशटैग के साथ ट्वीट किया “कर सुधारों की इस व्यवस्था में अत्यधिक संभावना है लेकिन सरकार अपने प्रचार के लिए आधी -अधूरी तैयारी के साथ इसे लागू करने पर जश्न मना रही है। भारत में जीएसटी लागू करने के लिए ऐसी तैयारी की जानी चाहिए थी जिससे देश के करोड़ों नागरिकों, कारोबारियों तथा व्यापारियों को पीड़ा का सामना नहीं करना पड़ता।” उन्होंने कहा कि मोदी सरकार नोटबंदी की तरह जीएसटी को भी बिना तैयारी के लागू कर रही है। जीएसटी लागू करने के लिए उसने न कोई योजना बनायी और ना ही इसके लिए संस्थानों को तैयार किया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा “असंवेदनशील और अक्षम सरकार ने जीएसटी को कोई दूरदृष्टि अपनाए बिना और संस्थानों को तैयार किए बिना ही नोटबंदी की तरह लागू कर दिया। जीएसटी जैसे कर सुधारों को लेकर कांग्रेस की प्रमुख भूमिका में रही है और वह शुरू से इसका समर्थन कर रही है।” गौरतलब है कि कांग्रेस ने शुक्रवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में आज अाधी रात को जीएसटी लागू करने के लिए आयोजित समारोह में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।

उर्वरक पर जीएसटी दर 12 से घटाकर पांच प्रतिशत

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नयी दिल्ली 30 जून, वस्तु एवं सेवा कर लागू होने से एक दिन पहले आज जीएसटी परिषद् ने उर्वरकों पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पाँच प्रतिशत और ट्रैक्टरों के कलपुर्जों पर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया। परिषद की बैठक की 18वीं बैठक की अध्यक्षता के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यहाँ संवाददाताओं को बताया कि उर्वरकों को 12 प्रतिशत के स्लैब में रखने से उनके दाम में कुछ राज्यों में बढ़ोतरी की आशंका थी। ये वैसे राज्य हैं जिन्होंने पहले से इस पर कर की दर काफी कम रखी हुई थी। उर्वरकों को 12 प्रतिशत के स्लैब में रखने के खिलाफ कुछ ज्ञापन भी मिले थे। इसको देखते हुये परिषद् ने सर्वसम्मति से इसे पांच प्रतिशत के स्लैब में लाने का फैसला किया। इसके अलावा किसानों के हित में एक और कदम उठाते हुये खास तौर पर ट्रैक्टरों के लिए इस्तेमाल होने वाले कजपुर्जों को 28 प्रतिशत के स्लैब से हटाकर 18 प्रतिशत के स्लैब में कर दिया गया है। श्री जेटली ने बताया कि इसके अलावा 01 जुलाई से जीएसटी लागू करने के लिए कुछ जरूरी कानूनों को भी परिषद् ने आज की बैठक में मंजूरी प्रदान की है। अगस्त से हर महीने के पहले शनिवार को जीएसटी परिषद् की बैठक होगी।


कल से अधिकांश खाद्य पदार्थ होंगे सस्ते

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नयी दिल्ली 30 जुलाई, देश के इतिहास में आजादी के बाद के सबसे बड़े अप्रत्यक्ष कर सुधार ‘एक राष्ट्र, एक कर- एक बाजार ’ की अवधारणा पर अधारित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के आज मध्य रात्रि से लागू होने के साथ ही अधिकांश खाद्य पदार्थ, लग्जरी कारें, मोटरसाइकिल, साइिकल आदि जहां सस्ते हो जायेंगे, वहीं स्कीम्ड मिल्क, कस्टर्ड पाउडर, चॉकलेट, इंस्टेंट काॅफी आैर मेकअप के समान जैसे उत्पाद महंगे हो जायेंगे, जीएसटी परिषद ने सभी उत्पादाें और सेवाओं के लिए दरें तय कर दी हैं जो 01 जुलाई से प्रभावी होंगी। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आज मध्य रात्रि संसद के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित एक कार्यक्रम में देश में जीएसटी लागू किये जाने का ऐलान करेंगे। परिषद ने हालाँकि कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दरें संशोधित की हैं। परिषद ने जीएसटी के लिए चार दरें - पाँच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत - तय की हैं। उच्चतम दर में शामिल अधिकांश वस्तुओं पर अधिभार लगाया गया है जबकि खाने की अधिकांश खुली वस्तुओं पर शून्य जीएसटी है। परिषद ने सेवाओं के लिए भी दरें तय कर दी हैं। कुछ सेवाओं के महंगे होने का असर भी वस्तुओं पर पड़ेगा। जिन वस्तुओं को शून्य जीएसटी में रखा गया है उनमें खुला आटा, चावल, मैदा, बेसन, गेहूँ, दूध, दही, लस्सी, पनीर, अंडा, मीट, मछली, शहद, ताजे फल एवं सब्जियाँ, प्रसाद, नमक, पान के पत्ते, मिट्टी के बर्तन, खेती के उपकरण, गैर-ब्रांडेड आॅर्गेनिक खाद आदि शामिल हैं।

1962 और आज में बहुत अंतर है : जेटली

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नयी दिल्ली, 30 जून, रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने सिक्किम क्षेत्र में सीमा पर बढ़े तनाव को लेकर चीन की धमकी का करारा जवाब देते हुए आज कहा कि 1962 और 2017 की स्थिति में बहुत फर्क है, वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) पर एक टेलीविजन चैनल के कार्यक्रम में श्री जेटली ने कहा कि भूटान ने बयान दिया है कि चीन जहां सड़क का निर्माण कर रहा है वह उसकी भूमि है, भूटान और भारत के बीच सुरक्षा संबंध है इसलिए भारतीय सेना उस जगह पर है। चीन के रक्षा मंत्रालय की इस टिप्पणी पर कि भारत को इतिहास से सबक लेना चाहिए, श्री जेटली ने कहा कि 1962 के हालात अलग थे और आज की स्थिति अलग है। उन्होंने कहा “हमें इस बात को समझना होगा। 1962 और 2017 में बहुत फर्क है।” चीनी रक्षा मंत्रालय का बयान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की इस टिप्पणी पर आया था कि भारतीय सेना चीन, पाकिस्तान और आतंकरिक खतरे के ‘ढाई मोर्चे’ से निपटने के लिए तैयार है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने धमकी भरे लहजे में कहा था “भारतीय सेना प्रमुख की ऐसी टिप्पणी बेहद गैरजिम्मेदार है। हमें उम्मीद है कि भारतीय सेना का यह व्यक्ति इतिहास से सीख लेकर ऐसे उकसाने वाली टिप्पणी नहीं करेगा।” इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया करते हुए आज कहा कि भारत सीमा पर जारी चीन की गतिविधियों से बहुत चिंतित है और उसने चीन सरकार को अवगत कराया है कि डोकलाम क्षेत्र में वह जो निर्माण कर रहा है उससे सामरिक परिस्थितियों में बदलाव आयेगा और उसका भारत की सुरक्षा पर गहरा असर पड़ेगा। इस संदर्भ में भारतीय अधिकारियों ने चीन को याद दिलाया है कि दोनों देशों की सरकारों ने 2012 में यह समझौता हुआ था कि सीमा पर किसी तीसरे देश के सीमावर्ती क्षेत्रों के बारे में अंतिम फैसला संबंधित देश से बातचीत करके ही लिया जायेगा। अत: ऐसे त्रिपक्षीय सीमा क्षेत्र में एकतरफा ढंग से फैसले लेना उस समझौते का सीधा उल्लंघन है।

सत्रह साल के लम्बे सफर के बाद जीएसटी पहुंचा मुकाम पर

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नयी दिल्ली 30 जून, “एक राष्ट्र, एक कर” की अवधारणा को साकार करने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को अपना सफर पूरा करने में सत्रह वर्ष का समय लगा, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आजादी के बाद के सबसे बड़े आर्थिक सुधार (जीएसटी) को संसद के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित भव्य जलसे में आज मध्य रात्रि इसका श्री गणेश किया। जीएसटी की परिकल्पना की शुरूआत तत्कालिन वित्तमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने 1986-87 के बजट में की थी। उन्होंने उत्पाद शुल्क ढांचे में बड़े बदलाव का प्रस्ताव किया था और वर्ष 2000 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस अवधारणा को पेश किया। इसके बाद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बर ने 28 फरवरी 2006 को बजट पेश करते हुए जीएसटी के क्रियान्वयन के लिये एक अप्रैल 2010 की तारीख तय की थी। वर्ष 2009 में विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति ने जनता के विचारार्थ इसे पेश किया। वर्ष 2011 में 155वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया गया और 2013 में संसद की स्थाई समिति ने सौंपी रिपोर्ट में इसे और बेहतर बनाने के सुझाव दिये। मई 14 में नरेन्द्र मोदी की सरकार ने जीएसटी को लागू करने की दिशा में गंभीर प्रयास शुरू कर दिये और राज्यों की सहमति के लिये ताबड़तोड़ बैठकों का दौर शुरू हुआ। लोकसभा में 19 दिसंबर 2014 को 122वां संविधान संशोधन पेश किया गया। पिछले साल सितंबर में राष्ट्रपति ने इस विधेयक को अपनी मंजूरी दी। इस वर्ष 16 जनवरी को वित्त मंत्री अरूण जेटली ने एक जुलाई 2017 जीएसटी के क्रियान्वयन की डेडलाइन रखी। श्री जेटली ने 27 मार्च को केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी), एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी), केन्द्र शासित प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर (यूटीजीएसटी) और क्षतिपूर्ति विधेयक संसद में रखे। लोकसभा और राज्यसभा ने सभी चार प्रमुख विधेयकों सीजीएसटी, आईजीएसटी, क्षतिपूर्ति कानून और केन्द्र शासित जीएसटी विधेयकों पर मुहर लगाकर इसके क्रियान्वयन का रास्ता साफ कर दिया। जीएसटी में 5,12,18 और 28 प्रतिशत की कर दरें रखी गई है। सहमति नहीं बन पाने के कारण पेट्रोल, डीजल और शराब को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।

जीएसटी गरीबों के हित में सबसे सार्थक व्यवस्था : मोदी

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नयी दिल्ली 30 जून, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को देश के सबसे बड़े कर सुधार के साथ आर्थिक और सामाजिक सुधार करार दिया और कहा कि यह गरीबों के हित की सबसे सार्थक व्यवस्था होगी, श्री मोदी ने संसद के केंद्रीय कक्ष में अब तक के सबसे बड़े अप्रत्यक्ष कर सुधार की शुरुआत के मौके पर कहा कि इससे कालाधन और भ्रष्टाचार रोकने का मौका मिलेगा, कर आतंकवाद और इंस्पेकटर राज खत्म होगा तथा नयी प्रशासनिक संस्कृति की शुरुआत होगी। जीएसटी को सहयोगात्मक संघवाद की मिसाल तथा टीम इंडिया के सामार्थ्य का परिणाम बताते हुये उन्होंने कहा कि इसे लागू करने से पहले लंबी प्रक्रिया के दौरान कई प्रकार की शंकाएँ-आशंकाएँ रहीं, राज्यों के कई सवाल रहे जिन्हें अथक प्रयास से दूर किया गया। जीएसटी को आर्थिक एकीकरण का महत्वपूण कार्य तथा देश की आधुनिक कर प्रणाल करार देते हुये उन्होंने कहा कि इससे 500 प्रकार के करों से मुक्ति मिल रही। इससे ‘एक देश, एक कर’ का हमारा सपना साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी ‘गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स’ से आगे ‘गुड एंड सिंपल’ टैक्स है।

आधी रात से हुई जीएसटी की शुरुआत, पूरे देश में समान कर व्यवस्था लागू

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नयी दिल्ली 30 जून, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के आज आधी रात को आजाद भारत के इतिहास के सबसे बड़े कर सुधार ‘वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)’ को लागू करने की घोषणा करने के साथ ही ‘एक राष्ट्र-एक कर-एक बाजार’ की परिकल्पना साकार हो गयी, संसद के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित समारोह में श्री मुखर्जी ने उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौडा तथा वित्त मंत्री अरुण जेटली की मौजूदगी में देश में एक जुलाई से जीएसटी लागू करने का ऐलान किया। जीएसटी में 17 तरह के अप्रत्यक्ष करों और 23 उपकरो को समाहित किया गया है जिससे पूरे देश में माल का आवागमन सुगम होने के साथ ही एक वस्तु पर एक ही का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इससे कालेधन के सृजन पर रोक लगने की उम्मीद है। विपक्षी दलों विशेषकर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और वाम दलों ने जीएसटी समारोह का बहिष्कार किया। कांग्रेस ने यह कहते हुये आयोजन में शामिल नहीं होने की घोषणा की कि आजादी के जश्न की तर्ज पर संसद के केंद्रीय कक्ष में इसका आयोजन उचित नहीं है। तृणमूल कांग्रेस ने इसकी अधूरी तैयारियों का हवाला देते हुये इसे अभी कम से कम एक महीने टालने की मांग की है। जीएसटी पर वर्षाें पूर्व चर्चा शुरू हो गयी थी। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने जीएसटी पर चर्चा शुरू की थी लेकिन 2004 में उनकी सरकार के जाने के बाद यह ठंडे बस्ते में चला गया था। फिर मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही इस पर जोरशोर से चर्चा शुरू हुयी और वर्ष 2011 में श्री मुखर्जी ने वित्त मंत्री के रूप में जीएसटी से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था। लेकिन, तत्कालीन मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के भारी विरोध की वजह से यह विधेयक उस समय पारित नहीं हो सका।

चर्चा : फर्जी कॉल कर लगाया 35,000 रूपए का चूना.

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देश में फर्जी कॉल कर लोगों से रूपए लूटने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मामला बागपत के सिसना गांव के रहने वाले जगबीर सिंह चौहान का है।  जगबीर को  एक फर्जी फोन कॉल आया। जिसमें कहां गया कि ये कॉल कार्पोरेशन बैंक की तरफ से है,  बैंक आप का एकाउण्ट बंद देगी अगर आप ने अपनी डिटेल बैंक को नहीं बताई।  इस बात से जगबीर सिंह ने घबरा गए और उन्होंने अपनी बैंक की सारी डिटेल, आधार कार्ड से लेकर एटीएम के पिन तक उस फर्जी फोन कॉल वाले को बता दी। सारी डिटेल की मिलते ही उसने डेबिट कार्ड के जरिए पैसे ट्रांस्फर करना शुरू कर दिया। जिसमें एअरटेल मनी पर 19,999 रुपए, ओला कैब.कॉम पर 10,000 रुपए और मोबाइल वैलेट पर 5,000 रूपए किए।  जैसे ही पैसे एकाउण्ट से कटने शुरू हुए जगबीर सिंह परेशान हो गए कि खाते से पैसे अपने आप कैसे निकल रहे हैं। मामला जब संज्ञान में आया तो जगबीर सिंह बैंक के मनेजर के पास गए, बैंक के मनेजर ने उनसे कहा कि पुलिस स्टेशन जाकर एफआईआर करें।


 पुलिस स्टेशन में कहा गया कि उनके पास ट्रैक करने के लिए कुछ नहीं है साइबर सेल जाओ, साइबर सेल में सीधा सा जवाब मिला कि 2 करोड़ रूपए से कम पर कार्यवाही नहीं करते, काफी प्रयासों के बाद आखिर में साइबर वालों ने शिकायत दर्ज कर ली। । आप को बता दें कि 8051850186, 8677829017  नम्बर से जगबीर सिंह को फोन आया था। गौरतलब है कि एक तरफ पीएम मोदी कैशलेस सोसाइटी बनाने की वकालत करते रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर फर्जी कॉल से लोगों का पैसा लूटना वाला गिरोह लगातार सक्रिय है। 


रवि श्रीवास्तव
स्वतंत्र पत्रकार 



विशेष आलेख : देश और किसान – कौन, किसका कर्ज़दार ?

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हमारा देश कृषि प्रधान  है। करीब 70% लोग यहां खेती किसानी करते हैं। एक तरह से देखा जाए तो  किसान देश के रीढ़ की हड्डी के समान है। जिससे हमारा देश प्रगति की ओर बढ़ रहा है।  लेकिन आज कल यही रीढ़ की हड्डी कमजोर होती हुई दिख रही है। देश के अन्नदाता कहे जाने वाले किसान परेशान हैं। कभी कर्ज को लेकर , तो कभी फसलों के मूल्यों को लेकर। किसानों के कर्ज को लेकर केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायड़ू ने कहा कि ये तो फैशन बनता चला जा रहा है।  हाल ही में मध्य प्रदेश में  20 दिन में 15 किसानों ने आत्महत्या कर ली है और सरकार को कर्जमाफी फैशन लगता है। साहब ये कोई रैंप नए डिजाइन के कपड़े पहनकर चलने वाला काम नहीं है। किसान जब खेत में मेहनत करते है तो तनपर कपड़े भी ठीक से नहीं होते हैं। उन्हें किसी को दिखाना नहीं होता कि उन्होंने क्या पहन रखा है ?  किसान अपना फर्ज और कर्तव्य अच्छे से जानते हैं। आज देश की जनता अपने घर में बैठकर सुकून की रोटी जो खा रही है ये किसानों की देन है।


 धूप में जब घर से बाहर निकलने में कतराते हैं  तब किसान खेतों में फावड़ा चलाता है। गर्मी, ठण्डी, बरसात तीनों मौसम उसके लिए बराबर होता है। बहुत से ऐसे किसान हैं, जो अपनी फसल तैयार करने के लिए नमक रोटी खाकर गुजारा करते हैं। उनकी तैयार की गई फसल से एसी में बैठकर बड़े चाव से ना ना प्रकार के व्यंजन खाते हैं। तब भी हम किसी के कर्ज़दार होते हैं। प्रत्यक्ष रूप से न सही तो अप्रत्यक्ष रूप से जरूर होते हैं। अगर किसान खेतों में मेहनत करना छोड़ दे तो देश भी भुखमरी को कगार पर पहुंच जाएगा। आज किसान देश को खिलाने और भुखमरी से बचाने के लिए कर्जदार है तो उसकी क्या ग़लती है ? मौसम की मार से अगर उनकी फसल बर्बाद होती है, तो उसके जिम्मेदार वो तो नहीं होते। अच्छी फसल पैदा करके जब देश को वो भोजन खिलाते हैं तो ये फैशन कहा चला जाता है। किसान कर्ज में डूबकर आत्महत्या कर रहा है। यह चिंता का विषय होना चाहिए। देश का पालन पोषण करने वाला इस तरह दर-दर की ठोकरे खा रहा है। इसमें बेचारा किसान क्या करें?  खेती करने के लिए भी तो रूपयों की जरूरत होती है। दिन-रात मेहनत कर खून पसीने से अपनी फसल की सींचता है। 

आज किसानों की वहज से देश के भण्डार गृह भरे पड़े हैं। अपनी मांगों को लेकर जब किसान आंदोलन करता है तो उसे गोलियां मिलती है। जैसा कि मध्यप्रदेश में देखने को मिला है । ये तो वही बात हुई कि पुलिस की गोलियां और कर्जदारी की दोहरी मार में किसान पिस रहा है। जहां पर किसान अधिक कर्ज में डूबे हैं वहां किसानों की अकाल मौत का आँकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है। देशभर के किसानों के कर्ज को लेकर 30 सितंबर 2016 को अंतिम आंकड़ा जारी किया गया था, जिसमें देश के 10 बड़े कर्जदार राज्यों में उत्तर प्रदेश का पहला स्थान था। प्रदेश के करीब 79,08,100 किसान परिवार कर्ज में डूबे हुए हैं। किसान कर्जदार परिवारों में महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर तो  वहीं राजस्थान तीसरे स्थान है। जिसका एक सीधा सा कारण है कि पिछले दो दशकों में सरकारों  ने फसल की उगाई के लिए खेती की अनदेखी की है, उसका नतीजा है किसान आज कर्जदार है। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार देश में साल 2014 से 2016 के अंत तक करीब 2.50 लाख किसानों ने विभिन्न कारणों से आत्महत्या की हैं। जिसमें उत्तर प्रदेश के करीब 1 लाख किसान हैं। देश में नोटबंदी हुई थी, जिसकी सर्वाधिक मार किसान झेल रहा था। लेकिन फिर भी प्रधानमंत्री के इस फैसले को सराह रहा था। 


खुद केंद्र सरकार की रिपोर्ट बताती है कि यूपी में प्रति एक हजार ग्रामीण परिवारों में 296 परिवार कर्ज में हैं, तो वहीं मध्य प्रदेश में ये आंकड़ा 247 है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने साफ कह दिया कि किसानों का कर्ज केंद्र सरकार माफ नहीं करेगी। सही भी है लेकिन कुछ तो रास्ता निकलना पड़ेगा। कोई तो नीति बनानी पड़ेगी।  देश के कई हिस्सों में किसानों कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हैं। जिसका एक कारण यह है कि घरेलू और वैश्रि्वक बाजार में कृषि उत्पादों की कीमतों में गिरावट आना है। यही वजह है कि देश के अलग-अलग भागों में किसान कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं। अब इस पर तो सरकार को कदम उठाना ही चाहिए जिससे देश का किसान भी खुशहाल रह सके।  अभी तक किसानों के कर्ज माफी के लिए जो राज्य सरकारें आगे आई हैं उसमें उत्‍तर प्रदेश, महाराष्‍ट्र और पंजाब के बाद कर्नाटक कृषि कर्ज माफ करने वाला चौथा राज्‍य बन गया है। आज देश का किसान कर्ज के दबाव में मजबूर है , लेकिन फिर भी खेती करने का काम करता है। फसल उगता है। देश के भण्डार को भरने की कोशिश करता है।  एक तरीके से देखा जाए तो किसान भले ही आज कर्ज़दार है, लेकिन देश हमेशा किसानों का कर्ज़दार रहेगा।




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रवि श्रीवास्तव (स्वतंत्र पत्रकार)
ई मेल : ravi21dec1987@gmail.com

अध्यात्म का राजनीति पर प्रभाव जरूरी: कोविंद

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नई दिल्ली, 1 जुलाई, देश के अगले राष्ट्रपति के लिए एनडीए के उम्मीदवार श्री रामनाथ कोविंद ने गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् नित्यानंद सूरीश्वरजी के दीक्षा के 50 वर्ष की संपन्नता पर आयोज्य संयम तप अर्धशताब्दी महोत्सव के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि जैन समाज का राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है। देश के संतुलित विकास के लिए अध्यात्म का राजनीति पर प्रभाव जरूरी है। श्री कोविंद ने सुखी परिवार अभियान के प्रणेता गणि राजेन्द्र विजय के सान्निध्य में जैन समाज के शीर्ष प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करते हुए उक्त उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने आचार्य नित्यानंदजी के अवदानों की चर्चा करते हुए संस्कृति और सांस्कृतिक धरोहर को जीवंतता प्रदान करने में आचार्यजी के द्वारा किये गये प्रयासों को उल्लेखनीय बताया। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल मंे संसद सदस्य श्री रामसिंह राठवा, अखिल भारतीय संयम तप अर्द्धशताब्दी महोत्सव समिति के श्री दीपक जैन, सुखी परिवार अभियान के राष्ट्रीय संयोजक श्री ललित गर्ग, श्री विजयानंद के संपादक श्री अशोक जैन, श्री शुभकांत जैन, श्री गिरीश पटेल सहित देश के विभिन्न भागों से आये अनेक विशिष्टजन शामिल थे।


गणि राजेन्द्र विजय ने संयम तप अर्द्धशताब्दी महोत्सव के कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि आचार्य नित्यानंदजी ने संस्कृति के उत्थान, राष्ट्रीय एकता, नैतिक मूल्यों के जागरण, नशामुक्ति, साम्प्रदायिक सद्भावना के लिए उल्लेखनीय उपक्रम किए हैं। उन्होंने श्री कोविंद को राष्ट्रपति बनने के लिए आशीर्वाद प्रदत्त किया एवं अग्रिम शुभकामनाएं दी। श्री ललित गर्ग एवं श्री दीपक जैन ने कोविंदजी को आचार्य नित्यानंदजी का साहित्य भेंट किया। विदित हो कि आचार्य श्रीमद् नित्यानंद सूरीश्वरजी के संयम अर्द्धशताब्दी महोत्सव का भव्य वार्षिक आयोजन का शुभारंभ 2 जुलाई 2017 को प्रातः 10ः00 बजे, तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली में होगा। समारोह की अध्यक्षता केन्द्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री रामविलास पासवान करेंगे। अल्पसंख्यक राज्यमंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी, विदेश राज्यमंत्री श्री वी. के. सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री फग्गन कुलस्ते, आदिवासी मामलों के राज्यमंत्री श्री जसवंतसिंह भाभोर, कृषि राज्यमंत्री श्री सुदर्शन भगत सहित अनेक मंत्री एवं सांसद भाग लेंगे।

मधुबनी : राजद कार्यकर्ताओं की बैठक

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मधुबनी/अंधराठाढ़ी (मोo आलम अंसारी)। स्थानीय कोशी निरीक्षण भवन में गुरुवार को प्रखंड राजद कार्यकर्ताओं की एक बैठक हुई। प्रखंड अध्यक्ष जयवीर यादव ने इसकी अध्यक्षता की। पटना में प्रस्तावित भाजपा भगाओ देश बचाओ रैली की तैयारी इसका प्रमुख एजेंडा था। इसके अलावे बूथ लेवल कमिटी और पार्टी की सांगठनिक मजबूती पर भी विचार किया गया। महेंद्र साहू बतौर पर्यवेक्ष्यक इस बैठक में मौजूद थे। बैठक में मौजूद पूर्व विधायक रामावतार पासवान ने कहा कि भाजपा देश और समाज तोड़क पार्टी है। तीन सालों के बाद भी केंद्रीय सरकार की उपलब्धि शून्य है। जिसने अबतक केवल नफरत और हिंसा को हवा दी ही। देश की सीन असुरक्षित है, सैनिक मर रहे है और सरकार डींग हांक रही है। श्री पासवान ने पार्टी कार्यकर्ताओ को अधिकाधिक संख्या में पटना चलकर रैली में भाग लेने का आवाहन किया। प्रखंड प्रमुख शुभेश्वर यादव ने कहा कि राजद देश के सभी तबकों का प्रतिनिधित्व करता है। सामाजिक सौहाद्र इसी पार्टी से संभव है। केवल राजद ही भाजपा की निक्कमी सरकार को जड़ से उखाड़ कर फेंक सकती है। बैठस में अनिल कुमार लोहिया, पूर्व जिला पार्षद हरिमोहन मंडल, मुजीब अंसारी, महेंद्र राय, रत्नाकर झा, रामप्रसाद मंडल, विष्णुदेव चौधरी, खुशीलाल यादव, राजदेव भंडारी आदि दर्ज़नो कार्यकर्ता बैठक में मौजूद थे।

वही समुदाय महान है जो समाज के विकास के लिए चिंतित है, संपप्र का विकास ही हुल के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि-राज्यपाल

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) हुल दिवस (30 जून) के अवसर पर जनजातीय समुदाय के बुद्धिजीवियों के साथ संवाद सह मिलन कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल, झारखण्ड द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि संथाल हुल व इसके नायकों सिदो, कान्हु, चांद, भैरव के प्रति यह देश कृतज्ञ है। राज्यपाल ने कहा कि संथाल परगना व जनजातीय समुदाय के विकास/खुशहाली में ही संथाल हुल के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि निहित है। जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों द्वारा दिये गये सुझावों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि आप जहां रहते हैं उस क्षेत्र के विकास के प्रति चिंतित हैं। किसी क्षेत्र का विकास तभी संभव है जब उसके विकास में स्थानीय समुदाय की चिंता सम्मिलित हो। जिन समस्याओं की ओर आपने संकेत किया है, उनमें से कुछ केन्द्र सरकार तो कुछ राज्य सरकार समाधान करेगी किन्तु बहुत सी ऐसी समस्या है जिन्हें हम सबको मिलकर ग्रामस्तर पर पहल करनी होगी। सशक्त गांव होगा तभी सशक्त देश बनेगा। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है तथा जो शेष है उसे भी जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा। डीसी दुमका मुकेश कुमार ने स्वागत करते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है की 1855 के संताल हुल का शुभारंम संथाल परगना की धरती से हुआ और सफल रहा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल श्रीमती मुर्मू आम जनता की समस्याओं व उनके विकास के प्रति संवेदनशील हैं और सदैव इसके लिए तत्पर रहती है। इससे पहले संथाली समुदाय के बुद्धिजीवियों ने कुछ समस्याओं की ओर अपनी बात रखते हुए सुझाव भी दिया। महत्वपूर्ण सुझावों में संथाल कल्चलर ऐडुकेशन में प्राइमरी शिक्षकों के साथ-साथ पुस्तक की व्यवस्था करने, प्रत्येक विद्यालयों में संथाली भाषा का पाठ्यक्रम निर्धारित कर उसकी पढ़ाई अनिवार्य करने, हाईकोर्ट के एक्सटेन्स ब्रांच को यथाशीघ्र पूरा करने, आदिवासियों की जमीन के अवैध तरीके से कब्जा करने पर रोक लगाने, जनजातीय शोध संस्थान को सक्रिय व कार्यशील बनाने, स्वास्थ्य सुविधा की कमी को देखते हुए जीएनएम, बीएससी नर्सिंग की ट्रेनिंग शुरु करने, जिले के आदिवासी आवासीय विद्यालय में पठन-पाठन के स्थिति में सुधार एवं $2 की पढ़ाई जल्द शुरु करने, संथाल परगना से महिलाओं व पुरुषों के पलायन को रोकने, पानी-बिजली की समस्या को दुरुस्त करने, आदिवासी महिलाओं के विकास के लिए लघु एवं कुटीर उद्योग को बढावा देने, जिले में मलेरिया, ब्रेन मलेरिया, टीबी इत्यादि के उपचार कार्य को वृहत स्तर पर करने जैसे प्रस्ताव राज्यपाल के समक्ष रखे गए। दुमका में 10 वीं परीक्षा का परिणाम काफी अच्छा है परंतु $2 में विज्ञान का परिणाम काफी विचारणीय है। काॅलेज का सत्र काफी लेट चल रहा है इसपर भी ध्यान देने की जरुरत है। मिलन समारोह सह संवाद कार्यक्रम की शुरुआत निर्मला टुडू एवं चन्द्रमोहन हांसदा के द्वारा फूलों का गुलदस्ता देकर तथा विजय टुडू, रसिक बास्की द्वारा हुल समाज पत्रिका प्रदान कर किया गया। सभी ग्राम प्रधानों ने अपना-अपना परिचय राज्यपाल को दिया गया। इसके उपरांत बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र संबंधी समस्याओं एवं उनका निदान बताया गया।

दुमका : चैम्बर आॅफ काॅमर्स गायों के चारा इत्यादि के लिए कर रही बढ़-चढ़ कर व्यवस्था

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डीसी दुमका मुकेश कुमार के पहल पर दुमका चैम्बर आॅफ काॅमर्स के सदस्यों द्वारा बाबूपुर गांव में रखे मवेशियों के लिए चारा उपलब्ध कराया जा रहा है। चैम्बर आॅफ काॅमर्स के सदस्यों ने हर्ष प्रकट करते हुए कहा कि वे भविष्य में भी सहयोग से गायों के लिए चारा की व्यवस्था करते रहेंगे। दिन शनिवार को दुमका के अनुमंडल पदाधिकारी जय प्रकाश झा व चैम्बर आॅफ काॅमर्स के सदस्यों ने बाबूपुर गांव तथा भीखमपुर में रखे हुए मवेशियों का जायजा लिया। समय-समय पर जिला पशुपालन पदाधिकारी चिकित्सक दल भेजकर गायों के स्वास्थ्य का जायजा ले रहे हैं। स्थानीय ग्रामीण भी उत्साहपूर्वक गायों की सेवा एवं चारा की व्यवस्था में लगे हुए हैं। चैम्बर आॅफ काॅमर्स के अध्यक्ष मो0 शरीफ, सचिव मनोज कुमार घोष, पूर्व अध्यक्ष सियाराम घिरिया, संजय भालोटिया, मो0 मुस्ताक अली, रमेश अग्रवाल, संजीव सिंहानियां, दिलीप भुवानियां, अजीत दारूका, सुनील कोटरीवाल, अंजनी शरण, राज वर्मा सहित कई व्यवसायियों ने यह दोहराया कि वे समय-समय पर चारा की स्थिति का जायजा लेते रहेंगे तथा उनकी रक्षा के लिए सहयोग करते रहेंगे। अनुमंडल पदाधिकारी ने चैम्बर के प्रति आभार प्रकट करते हुए उनके सक्रिय सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। ज्ञात हो कि ये गाय पशु तस्करी में पकड़े जाने के फलस्वरूप बाबूपुर स्थित अनिल ईष्वर के खटाल और भीखमपुर में शोहिद कुमार झा के गौशाला में रखे गये हैं। 

दुमका : पिछले चार महीनें से बिजली उपभोक्ताओं को नहीं दिया गया है बिजली बिल-पिण्टु अग्रवाल

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दुमका विद्युत विभाग के अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य पिंटू अग्रवाल ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि दुमका के बिजली उपभोक्ताओं को लगभग 4 महीने से बिजली बिल का वितरण नहीं किया गया है, परिणामस्वरुप बिजली उपभोक्ताओं को काफी कष्ट का सामना करना पड़ रहा है। श्री अग्रवाल ने कहा कि जहाँ एक ओर पिछले 4 महीने से बिजली बिल नहीं दिये जाने से उपभोक्ताओं को एक साथ मोटी रकम की अदायगी विभाग को करनी पड़ेगी, वही बिजली विभाग बढ़ी हुई दर की रसीद उन्हें मुहैया करवाए जाने से गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा बिजली विभाग की खुद की समस्या की वजह से दुमका के बिजली उपभोक्ताओं को कष्ट उठाना पड़ रहा है। इतने संवेदनशील विषय पर राज्य सरकार के साथ यहां के अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौन हैं जिससे बिजली उपभोक्ताओं को लगातार कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। श्री अग्रवाल ने कहा कि बिजली विभाग की मनमानी के खिलाफ झाविमोें दुमका के उपायुक्त से मिलकर तमाम घटनाक्रमों की जानकारी देगा विभाग की लापरवाही से बिजली उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी से उन्हें रुबरु कराएगा।  उन्होंने कहा बिजली उपभोक्ताओं के प्रति माह की दर से जो यूनिट का स्लैब बनाया गया है उस अनुसार बिजली का भुगतान विभाग ले अन्यथा बिजली विभाग की मनमानी के विरुद्ध उपभोक्ताओं का आक्रोश सड़क पर नजर आएगा। 

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