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मोदी और जिनपिंग ने मिलाया हाथ, कई मुद्दों पर की बात

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हैम्बर्ग 07 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आज यहां ब्रिक्स देशों की अनौपचारिक बैठक के दौरान एक दूसरे से गर्मजोशी से मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने ट्वीट किया,“ चीन द्वारा आयोजित ब्रिक्स नेताओं की अनौपचारिक बैठक में श्री मोदी और श्री जिनपिंग के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई। ” लेकिन उन्होंने बातचीत का कोई ब्योरा नहीं दिया। दोनों देशों के बीच सिक्किम सीमा पर चल रहे तनाव के मद्देनजर दोनों नेताओं के बीच इस बातचीत को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दोनों नेताओं ने ब्रिक्स देशों की अनौपचारिक बैठक में अपने वक्तव्यों में एक दूसरे के बारे में सकारात्मक टिप्पणियां करके वातावरण खुशगवार बनाया। बैठक समाप्त होने पर जब सभी नेता उठे तो श्री मोदी और ब्रिक्स के वर्तमान अध्यक्ष चीनी राष्ट्रपति का आमना -सामना हुआ। दोनों नेताओं ने मुस्कराहट के साथ गर्मजोशी से हाथ मिलाया और दोनों के बीच कुछ देर अलग से बातचीत भी हुई। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी प्रधानमंत्री के साथ मौजूद थे।


आतंकवाद के समर्थकों के प्रवेश पर लगे रोक : मोदी

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हैम्बर्ग 07 जुलाई, पाकिस्तान का नाम लिये बिना भारत ने आज कहा कि कुछ देश अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिये आतंकवादियों का इस्तेमाल कर रहे हैं ऐसे में जी-20 के सदस्यों को आतंकवाद को पनाह और समर्थन देने वाले देशों के अधिकारियों और प्रतिनिधियों के अपने यहां प्रवेश पर रोक लगाकर कड़ा संदेश देना चाहिये, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां रिट्रीट पर जुटे जी-20 देशों के नेताओं के समक्ष भारत का ग्यारह सूत्री एजेंडा पेश करते हुए कहा कि आतंकवादियों तथा उनके समर्थकों के खिलाफ साझी कार्रवायी जरुरी है, उन्होंने पाकिस्तान या किसी अन्य देश का नाम लिये बिना कहा कि कुछ देश अपने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिये आतंकवादियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। अातंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के विरूद्ध सख्त कदम उठाना अनिवार्य है ताकि वह ऐसी हरकतों से बाज आएं। उन्होंने ऐसे देशों के अधिकारियों के जी-20 देशों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया। उन्होंने आतंकवाद को विश्व की सबसे बड़ी चुनौती बताते हुये कहा कि कोई भी आतंकवादी संगठन हो उसका एकमात्र मकसद है नफरत फैलाना और नरसंहार करना। इस सिलसिले में उन्होंने अल कायदा, लश्करे तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क, आईएसआईएस और बोकोहरम का उल्लेख किया और कहा कि आतंकवादियों द्वारा साइबर स्पेस का इस्तेमाल युवा पीढ़ी को पथभ्रष्ट करने, उनमें कट्टरता के बीज बोने तथा आतंकी संगठनों में भर्ती के लिये किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से लड़ने की जी-20 की कार्ययोजना का स्वागत करते हुए कहा कि संदिग्ध आतंकवादियों की सूची जी-20 के देशों को एक दूसरे को देनी चाहिये तथा घोषित आतंकवादियों और उनके समर्थकों के विरुद्ध साझा कार्रवाई करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई की बात की जाये तो विभिन्न देशों के बीच तालमेल की तुलना में आतंकवादी ज्यादा एकजुट हैं। आतंकवाद के विरुद्ध हर देश अपने-अपने स्तर पर ही लड़ रहा है। श्री मोदी ने संदिग्ध आतंकवादियों की सूची का सदस्य देशों के बीच आदान प्रदान तथा घोषित आतंकवादियों तथा उनके समर्थकों कि विरूद्ध साझी कार्रवाई के तहत आतंकवादियों के प्रत्यर्पण जैसी कानूनी प्रक्रिया को सरल बनाने और उसमें तेजी लाने पर भी जोर दिया।

विशेष आलेख : सावन में धर्म, कर्म, विरह श्रृंगार सबकुछ

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सावन का रंग अनोखा होता है। काली घटाओं के बीच फैली हरियाली जहां मन मोह लेती है वहीं आसमान से बरसती बूंदे तन को भी भिगो जाती है। सावन की बदरी और लोगों के बीच गूंज रही कजरी का अलग ही नजारा है। सावन में धर्म कर्म, विरह श्रृंगार सबकुछ है
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सावन मास पर ही भक्ति की रसधारा सबसे अधिक बहती है। चाहे वे सावन सोमवार हों या फिर रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, कजली तीज आदि व्रत-त्योहारों का यही मौसम है। यही वजह है कि हर किसी को सावन की रिमझिम फुहारों का बेसब्री से इन्तजार है। इसके साथ ही चारों तरफ उल्लास छा जाता है। जहां प्रकृति नित नये रंग बदलती है वहीं पेड़-पौधे, जीव-जन्तु, धरा सभी की रंगत देखते ही बनती है। सावन के सुहाने मौसम में मन मयूर नाच उठता है। काले बादल जब धरती से मिलते हैं तो दिलों में प्रेम की चरम की अनुभूति होती है। अठखेलियां कर रही प्रकृति के साथ झूले के बिना तो सावन की कल्पना नहीं की जा सकती। इनसे ना जाने कितनी लोक-मान्यताएं और लोक-संस्कृति के रंग जुड़े हुए हैं। उन्हीं में से एक है- कजरी। कजरी वह विधा है, जिसे आज की आधुनिकता या यूं कहें फिल्मी गाने भी लेना तो दूर उसे छू तक नहीं सकी है। ग्रामीण अंचलों में अभी भी सावन की अनुपम छटा के बीच लोक रंगत की धारायें समवेत फूट पड़ती हैं। इसके बोल पर हर कोई झूम उठता है और गुनगुना उठता है- 


रिमझिम बरसेले बदरिया, 
गुईयां गावेले कजरिया 
मोर सवरिया भीजै न
वो ही धानियां की कियरिया
मोर सविरया भीजै न। 
बीरन भइया अइले अनवइया
सवनवा में ना जइबे ननदी।
पिया सड़िया लिया दा मिर्जापुरी पिया
रंग रहे कपूरी पिया ना
जबसे साड़ी ना लिअईबा
तबसे जेवना ना बनईबे
तोरे जेवना पे लगिहैं मजूरी पिया
रंग रहे कपूरी पिया ना। 

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जी हां, ‘लोकगीतों की रानी’ यानी शास्त्रीय व उपशास्त्रीय बंदिशों से रची कजरी सिर्फ गायन भर नहीं है, बल्कि यह सावन मौसम की सुन्दरता और उल्लास का उत्सवधर्मी पर्व है। जिसे उत्तर भारत ही नहीं सात समुन्दर पार विदेशों में भी बसे भारतीयों को अभी भी कजरी के बोल सुहाने लगते हैं। तभी तो कजरी अमेरिका, ब्रिटेन इत्यादि देशों में भी अपनी अनुगूंज छोड़ चुकी है। या यूं कहें लोग भले ही गांवों से नगरों की ओर प्रस्थान कर गये हों पर गांव के बगीचे में पेंग मारकर झूला झूलती महिलाएं, छेड़छाड़ के बीच रिश्तों की मधुर खनक अब भी लोगों के जेहन में है। कजरी के मूलतः तीन रूप हैं- बनारसी, मिर्जापुरी और गोरखपुरी कजरी। बनारसी कजरी अपने अक्खड़पन और बिन्दास बोलों की वजह से अलग पहचानी जाती है। इसके बोलों में अइले, गइले जैसे शब्दों का बखूबी उपयोग होता है, इसकी सबसे बड़ी पहचान ‘न’ की टेक होती है। विंध्य क्षेत्र में गायी जाने वाली मिर्जापुरी कजरी की अपनी अलग पहचान है। अपनी अनूठी सांस्कृतिक परम्पराओं के कारण मशहूर मिर्जापुरी कजरी को ही ज्यादातर मंचीय गायक गाना पसन्द करते हैं। इसमें सखी-सहेलियों, भाभी-ननद के आपसी रिश्तों की मिठास और छेड़छाड़ के साथ सावन की मस्ती का रंग घुला होता है। सावन में तो नयी ब्याही बेटियां अपने पीहर वापस आती हैं। बगीचों में भाभी और बचपन की सहेलियों संग कजरी धुनों में झूला झूलती है और रात में गांव की चैपालों में इसे उत्सव के रुप में मनाती हैं। इस कजरी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह पीढ़ी दर पीढ़ी चलती हैं और इसकी धुनों व पद्धति को नहीं बदला जाता। कजरी गीतों की ही तरह विंध्य क्षेत्र में कजरी अखाड़ों की भी अनूठी परम्परा रही है- 

कइसे खेलन जइबू
सावन मंे कजरिया
बदरिया घिर आईल ननदी
संग में सखी न सहेली
कईसे जइबू तू अकेली
गुंडा घेर लीहें तोहरी डगरिया।

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आषाढ़ पूर्णिमा के दिन गुरू पूजन के बाद इन अखाड़ों से कजरी का विधिवत गायन आरम्भ होता है। स्वस्थ परम्परा के तहत इन कजरी अखाड़ों में प्रतिद्वन्दता भी होती है। कजरी लेखक गुरु अपनी कजरी को एक रजिस्टर पर नोट कर देता है, जिसे किसी भी हालत में न तो सार्वजनिक किया जाता है और न ही किसी को लिखित रूप में दिया जाता है। केवल अखाड़े का गायक ही इसे याद करके या पढ़कर गा सकता है। बनारसी और मिर्जापुरी कजरी से परे गोरखपुरी कजरी की अपनी अलग ही टेक है और यह ‘हरे रामा‘ और ‘ऐ हारी‘ के कारण अन्य कजरी से अलग पहचानी जाती है- 

हरे रामा, कृष्ण बने मनिहारी
पहिर के सारी, ऐ हारी। 

मिथिला में सावनी माह में हिंडोले पर बैठकर नर-नारी मल्हार के गीत गाते हैं। राजस्थान में तीज के अवसर पर गाये जाने वाले हिंडोले के गीत भी कजरी की ही कोटि में आते हैं। मथुरा में राधा-कृष्ण की रासलीला को माध्यम बनाकर नायिका अपनी सहेलियों के साथ ढोलक पर थाप दे-देकर अपने चितचोर को सुनाते हुए गा उठती है - 
कान्हा हंसि-हंसि बोली बोलड़

ऊ तो करइ ठिठोली ना 

सावन की अनुभूति के बीच भला किसका मन प्रिय मिलन हेतु न तड़पेगा, फिर वह चाहे चन्द्रमा ही क्यों न हो-

चन्दा छिपे चाहे बदरी मा
जब से लगा सवनवा ना।

विरह के बाद संयोग की अनुभूति से तड़प और बेकरारी भी बढ़ती जाती है। फिर यही तो समय होता है इतराने का, फरमाइशें पूरी करवाने का-

पिया मेंहदी लिआय दा मोतीझील से
जायके साइकील से ना। 

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इलाहाबाद और अवध अंचल तो कजरी सिर्फ गाई नहीं जाती बल्कि खेली भी जाती है। एक तरफ जहां मंच पर लोक गायक इसकी अद्भुत प्रस्तुति करते हैं वहीं दूसरी ओर इसकी सर्वाधिक विशिष्ट शैली ‘धुनमुनिया’ है, जिसमें महिलायें झुक कर एक दूसरे से जुड़ी हुयी अर्धवृत्त में नृत्य करती हैं। कजरी में सिर्फ संयोग श्रृंगार की ही नहीं, बल्कि वियोग की भी मार्मिक अभिव्यक्ति मिलती है। झमाझम पानी बरस रहा है। सहेलियां उल्लसित, आह्लादित होकर झूला झूलने में मशगूल हैं। इधर ठंडी हवाएं छेड़छाड़ करने पर उतारू हो चली हैं। काले-कलूटे बादलों की गुर्राहट और बिजली की चकाचैंध न जाने क्यों दिल में दहशत पैदा कर रही है। बावजूद इसके पिया-मिलन की आस में नयी नवेली दुल्हनें मटियामेट हो उठती है। आखिर परदेसी प्रियतम जो नहीं आए। 


आंखों से आंसू टपक रहे हैं - टप-टप।
करूं कौन जतन अरी ऐ री सखी
मोरे नयनों से बरसे बादरिया
उठी काली घटा, बादल गरजें
चली ठंडी पवन, मोरा जिया लरजे
थी पिया-मिलन की आस सखी
परदेश गए मोरे सांवरिया 

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मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ अंचलों में तो रक्षाबन्धन पर्व को ‘कजरी पूर्णिमा’ के तौर पर भी मनाया जाता है। मानसून की समाप्ति को दर्शाता यह पर्व श्रावण अमावस्या के नवें दिन से आरम्भ होता है, जिसे ‘कजरी नवमी’ के नाम से जाना जाता है। कजरी नवमी से लेकर कजरी पूर्णिमा तक चलने वाले इस उत्सव में नवमी के दिन महिलायें खेतों से मिट्टी सहित फसल के अंश लाकर घरों में रखती हैं एवं उसकी साथ सात दिनों तक माँ भगवती के साथ कजमल देवी की पूजा करती हैं। घर को खूब साफ-सुथरा कर रंगोली बनायी जाती है और पूर्णिमा की शाम को महिलायें समूह बनाकर पूजी जाने वाली फसल को लेकर नजदीक के तालाब या नदी पर जाती हैं और उस फसल के बर्तन से एक दूसरे पर पानी उलचाती हुई कजरी गाती हैं। इस उत्सवधर्मिता के माहौल में कजरी के गीत सातों दिन अनवरत् गाये जाते हैं। कजरी भले ही पावस गीत के रूप में गायी जाती हो पर लोक रंजन के साथ ही इसने लोक जीवन के विभिन्न पक्षों में सामाजिक चेतना की अलख जगाने का भी कार्य किया है। कजरी सिर्फ राग-विराग या श्रृंगार और विरह के लोक गीतों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें चर्चित समसामयिक विषयों की भी गूंज सुनायी देती है। स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान कजरी ने लोक चेतना को बखूबी अभिव्यक्त किया - 

हरे रामा सुभाष चन्द्र ने फौज सजायी रे हारी 
कड़ा-छड़ा पैंजनिया छोड़बै, छोड़बै हाथ कंगनवा रामा
हरे रामा, हाथ में झण्डा लै के जुलूस निकलबैं रे हारी। 

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कहा जा सकता है सावन सुख, समृद्धि, सुन्दरता, प्रेम, उल्लास का ही नहीं बल्कि इन सब के बीच कजरी जीवन के अनुपम क्षणों को अपने में समेटे यूं ही रिश्तों को खनकाती रहेगी और झूले की पींगों के बीच छेड़-छाड़ व मनुहार यूं ही लुटाती रहेगी। अर्थात कजरी हमारी जनचेतना की परिचायक है। जब तक धरती पर हरियाली रहेगी कजरी जीवित रहेगी। अपनी वाच्य परम्परा से जन-जन तक पहुंचने वाले कजरी जैसे लोकगीतों के माध्यम से लोकजीवन में तेजी से मिटते मूल्यों को भी बचाया जा सकता है। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। सावन में स्त्री-पुरुष को कौन कहे, मंदिर में भगवान को भी झूले में बिठाकार झुलाया जाता है। भक्तों की भीड़ इस ‘झूलन‘ को देखने के लिए उमड़ पड़ती है। वे झूले में झूलते भगवान के दर्शन कर उन्हें झूम-झूमकर मनभावनी कजरी सुनाते हैं।





(सुरेश गांधी)

गुरु पूर्णिमा : गुरु पूजन का अनूठा पर्व

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पर्वों, त्यौहारों  और संस्कारों की भारतभूमि में गुरु का स्थान सर्वोपरि माना गया है। पश्चिमी देशों में गुरु का कोई महत्व नहीं है, वहां विज्ञान और विज्ञापन का महत्व है परन्तु भारत में सदियों से गुरु का महत्व रहा है। गुरु-पूर्णिमा गुरु-पूजन का पर्व है। सन्मार्ग एवं सत-मार्ग पर ले जाने वाले महापुरुषों के पूजन का पर्व, जिन्होंने अपने त्याग, तपस्या, ज्ञान एवं साधना से न केवल व्यक्ति को  बल्कि समाज, देश और दुनिया को भवसागर से पार उतारने की राह प्रदान की है। जीवन विकास के लिए भारतीय संस्कृति में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका मानी गई है। गुरु की सन्निधि, प्रवचन, आशीर्वाद और अनुग्रह जिसे भी भाग्य से मिल जाए उसका तो जीवन कृतार्थता से भर उठता है। क्योंकि गुरु बिना न आत्म-दर्शन होता और न परमात्म-दर्शन। गुरु भवसागर पार पाने में नाविक का दायित्व निभाते हैं। वे हितचिंतक, मार्गदर्शक, विकास प्रेरक एवं विघ्नविनाशक होते हैं। उनका जीवन शिष्य के लिये आदर्श बनता है। उनकी सीख जीवन का उद्देश्य बनती है। अनुभवी आचार्यों ने भी गुरु की महत्ता का प्रतिपादन करते हुए लिखा है- गुरु यानी वह अर्हता जो अंधकार में दीप, समुद्र में द्वीप, मरुस्थल में वृक्ष और हिमखण्डों के बीच अग्नि की उपमा को सार्थकता प्रदान कर सके।



आषाढ़ की समाप्ति और श्रावण के आरंभ की संधि को आषाढ़ी पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा अथवा गुरु पूर्णिमा कहते हैं। गुरु पूर्णिमा आत्म-बोध की प्रेरणा का शुभ त्योहार है। यह त्योहार गुरु-शिष्य के आत्मीय संबंधों को सचेतन व्याख्या देता है। काव्यात्मक भाषा में कहा गया है- गुरु पूर्णिमा के चांद जैसा और शिष्य आषाढ़ी बादल जैसा। गुरु के पास चांद की तरह जीए गये अनुभवों का अक्षय कोष होता है। इसीलिये इस दिन गुरु की पूजा की जाती है इसलिए इसे ‘गुरु पूजा दिवस’ भी कहा जाता है। प्राचीन काल में विद्यार्थियों से शुल्क नहीं वसूला जाता था अतः वे साल में एक दिन गुरु की पूजा करके अपने सामथ्र्य के अनुसार उन्हें दक्षिणा देते थे। महाभारत काल से पहले यह प्रथा प्रचलित थी लेकिन धीरे-धीरे गुरु-शिष्य संबंधों में बदलाव आ गया। भारतीय संस्कृति में गुरु का बहुत ऊंचा और आदर का स्थान है। माता-पिता के समान गुरु का भी बहुत आदर रहा है और वे शुरू से ही पूज्य समझे जाते रहे है। गुरु को ब्रह्मा, विष्णु, महेश के समान समझ कर सम्मान करने की पद्धति पुरातन है। ‘आचार्य देवोभवः’ का स्पष्ट अनुदेश भारत की पुनीत परंपरा है और वेद आदि ग्रंथों का अनुपम आदेश है। ऐसी मान्यता है कि हरिशयनी एकादशी के बाद सभी देवी-देवता चार मास के लिए सो जाते है। इसलिए हरिशयनी एकादशी के बाद पथ प्रदर्शक गुरु की शरण में जाना आवश्यक हो जाता है। परमात्मा की ओर संकेत करने वाले गुरु ही होते है। गुरु एक तरह का बांध है जो परमात्मा और संसार के बीच और शिष्य और भगवान के बीच सेतु का काम करते हैं। इन गुरुओं की छत्रछाया में से निकलने वाले कपिल, कणाद, गौतम, पाणिनी आदि अपने विद्या वैभव के लिए आज भी संसार में प्रसिद्ध है। गुरुओं के शांत पवित्र आश्रम में बैठकर अध्ययन करने वाले शिष्यों की बुद्धि भी तद्नुकूल उज्ज्वल और उदात्त हुआ करती थी। सादा जीवन, उच्च विचार गुरुजनों का मूल मंत्र था। तप और त्याग ही उनका पवित्र ध्येय था। लोकहित के लिए अपने जीवन का बलिदान कर देना और शिक्षा ही उनका जीवन आदर्श हुआ करता था। प्राचीन काल में गुरु ही शिष्य को सांसारिक और आध्यात्मिक दोनों तरह का ज्ञान देते थे लेकिन आज वक्त बदल गया है। आजकल विद्यार्थियों को व्यावहारिक शिक्षा देने वाले शिक्षक को और लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान देने वाले को गुरु कहा जाता है। शिक्षक कई हो सकते है लेकिन गुरु एक ही होते है। हमारे धर्मग्रंथों में गुरु शब्द की व्याख्या करते हुए लिखा गया है कि जो शिष्य के कानों में ज्ञान रूपी अमृत का सींचन करे और धर्म का रहस्योद्घाटन करे, वही गुरु है। यह जरूरी नहीं है कि हम किसी व्यक्ति को ही अपना गुरु बनाएं। योग दर्शन नामक पुस्तक में भगवान श्रीकृष्ण को जगतगुरु कहा गया है क्योंकि महाभारत के युद्ध के दौरान उन्होंने अर्जुन को कर्मयोग का उपदेश दिया था। माता-पिता केवल हमारे शरीर की उत्पत्ति के कारण है लेकिन हमारे जीवन को सुसंस्कृत करके उसे सर्वांग सुंदर बनाने का कार्य गुरु या आचार्य का ही है। 

पहले गुरु उसे कहते थे जो विद्यार्थी को विद्या और अविद्या अर्थात आत्मज्ञान और सांसारिक ज्ञान दोनों का बोध कराते थे लेकिन बाद में आत्मज्ञान के लिए गुरु और सांसारिक ज्ञान के लिए आचार्य-ये दो पद अलग-अलग हो गए। भारत के महान् दार्शनिक ओशो ने जब यह कहा कि हमारी शिक्षण संस्थाएं अविद्या का प्रचार कर रही हैं तो लोगों ने आपत्ति की लेकिन वे बात सही कह रहे थे। आज हमारे विद्यालयों में ज्ञान का नहीं बल्कि सूचनाओं का हस्तांतरण हो रहा है। विद्यार्थियों का ज्ञान से अब कोई वास्ता नहीं रहा इसलिए आज हमारे पास डाॅक्टर, इंजीनियर, वकील, न्यायाधीश, वैज्ञानिक और वास्तुकारों की तो एक बड़ी भीड़ जमा है लेकिन ज्ञान के अभाव में चरित्र और चरित्र के बिना सुंदर समाज की कल्पना दिवास्वप्न बन कर रह गई है। शिक्षा का संबंध यदि चरित्र के साथ न रहा तो उसका परिणाम यही होगा। परंतु इस मूल प्रश्न की ओर कौन ध्यान दे? सत्ताधारी लोग अपने पद को बनाये रखने के लिए शिक्षा का संबंध चरित्र की बजाय रोजगार से जोड़ना चाहते हैं। जो लोग शिक्षा का संबंध रोजगार से जोड़ने की वकालत करते हैं वे वस्तुतः शताब्दियों तक अपने लिए राज करने की भूमिका तैयार कर रहे हैं और उनके तर्क इतने आकट्य हैं कि सामान्य व्यक्ति को महसूस होता है कि समाज के सबसे अधिक हिंतचिंतक यही लोग हैं। यही कारण है कि देश में आज जिस तरह का माहौल बनता जा रहा है, अनैतिकता और अराजकता फैलती जा रही है, हिंसा और आतंक बढ़ता जा रहा है, भ्रष्टाचार और अपराध जीवनशैली बन गयी है। इसका मूल कारण गुरु को नकारकर, चरित्र को नकारकर हमने केवल भौतिकता को जीवन का आधार बना लिया है। 



पाठ्य पुस्तकों में कुछ नीतिपरक श्लोकों को जोड़ने अथवा बच्चों को तोते की तरह गायत्री मंत्र रटाने या अंग्रेजी शैली में योग को ‘योगा’ करने से न तो चरित्र निर्माण होता है और न भावी पीढ़ी में ज्ञान का हस्तांतरण ही संभव है। ज्ञान तो गुरु से ही प्राप्त हो सकता है लेकिन गुरु मिलें कहां? अब तो ट्यूटर हैं, टीचर हैं, प्रोफेसर हैं पर गुरु नदारद हैं। गुरु के प्रति अविचल आस्था ही वह द्वार है जिससे ज्ञान का हस्तांतरण संभव है। हमें इन तथ्यों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। यह सच है कि आज हम जिस सामाजिक और आर्थिक परिवेश में सांस ले रहे हैं वहां इन पुरानी व्यवस्थाओं की चर्चा निरर्थक है परंतु इनके सार्थक और शाश्वत अंशों को तो हम ग्रहण कर ही सकते हैं। आज नकली, धूर्त, ढोंगी, पाखंडी, साधु-संन्यासियों और गुरुओं की बाढ़ ने असली गुरु की महिमा को घटा दिया है। असली गुरु की पहचान करना बहुत कठिन हो गया है। भगवान से मिलाने के नाम पर, मोक्ष और मुक्ति दिलाने के नाम पर, कुण्डलिनी जागृति के नाम पर, पाप और दुःख काटने के नाम पर, रोग-व्याधियां दूर करने के नाम पर और जीवन में सुख और सफलता दिलाने के नाम पर हजारों धोखेबाज गुरु पैदा हो गये हैं जिनको वास्तव में कोई आध्यात्मिक उपलब्धि नहीं है। जो स्वयं आत्मा को नहीं जानते वे दूसरों को आत्मा पाने का गुर बताते हैं। तरह-तरह के प्रलोभन देकर धन कमाने के लिए शिष्यों की संख्या बढ़ाते हैं। जिसके बाड़े में जितने अधिक शिष्य हों वह उतना ही बड़ा और सिद्ध गुरु कहलाता है। मूर्ख भोली-भाली जनता इनके पीछे-पीछे भागती है और दान-दक्षिणा देती है। ऐसे धन-लोलुप अज्ञानी और पाखंडी गुरुओं से हमें सदा सावधान रहना चाहिए। कहावत है कि ‘पानी पीजै छान के और गुरु कीजै जान के।’ सच्चा गुरु ही भगवान तुल्य है। इसीलिए कहा गया है कि ‘गुरु-गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पांय, बलिहारी गुरु आपनो जिन गोविंद दियो मिलाय।’ यानी भगवान से भी अधिक महत्व गुरु को दिया गया है। यदि गुरु रास्ता न बताये तो हम भगवान तक नहीं पहुंच सकते। अतः सच्चा गुरु मिलने पर उनके चरणों में सब कुछ न्यौछावर कर दीजिये। उनके उपदेशों को अक्षरशः मानिये और जीवन में उतारिये। सभी मनुष्य अपने भीतर बैठे इस परम गुरु को जगायें। यही गुरु-पूर्णिमा की सार्थकता है तथा इसी के साथ अपने गुरु का भी सम्मान करें।


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(ललित गर्ग)
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यह विचित्र संयोग रहा कि सात साल बाद विगत मार्च में जब मेरा देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में जाना हुआ तब राज्य में विधानसभा के चुनाव अपने अंतिम चरण में थे, और इस बार जुलाई के प्रथम दिनों में ही फिर प्रदेश जाने का संयोग बना तब देश के दूसरे प्रदेशों की तरह ही यूपी  में भी राष्ट्रपति चुनाव की खासी गहमागहमी चल रही थी। निश्चय ही किसी भी सरकार के काम – काज का आकलन दिनों के आधार पर नहीं किया जा सकता। लेकिन मन में असीम जिज्ञासा यह जानने की रही कि देखें तेज तर्रार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में उत्तर प्रदेश कितना बदला है। नितांत निजी प्रयोजन से पश्चिम बंगाल से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के लिए यात्रा शुरू करते ही रेल रोको आंदोलन के चलते ट्रेन के पूरे छह घंटे विलंब से चलने की पीड़ा दूसरे सैकड़ों यात्रियों के साथ मुझे भी झेलनी पड़ी। प्रतापगढ़ स्टेशन से बाहर निकलते ही मेरी जिज्ञासा जोर मारने लगी। सड़कों की स्थिति परिवर्तन का अहसास करा रही थी। अपने गांव जाते समय कुछ वैकल्पिक मार्गों का पता चला जिससे ग्रामांचलों की दूरियां काफी सीमित हो जाने से लोग राहत की सांस ले रहे थे। बातचीत में कुछ पुलों का जिक्र भी आया जिनकी वजह से ग्रामांचलों में आवागमन सुविधाजनक हो गया था। सबसे बड़ा मसला विधि – व्यवस्था का था। लेकिन इस सवाल पर हर कोई मुस्कान के साथ चुप्पी साध लेता। इसके स्थान पर कुछ कद्दावर भाजपा नेताओं की आपसी कलह की चर्चा शुरू हो जाती। जो मेरे जिले से राज्य सरकार में मंत्री थे। नेताओं के आपसी टकराव की चर्चा लोग चटखारे लेकर कर रहे थे। बिजली के सवाल पर हर किसी से यही सुनने को मिला कि ग्रामांचलों में भी स्थिति कुछ सुधरी है। अनियमित ही सही लेकिन निर्धारित 12 घंटे के बजाय अब लोगों को अधिक बिजली मिल रही है। दूसरे दिन बस्ती जाने के क्रम में मुझे इस बात से काफी खुशी हुई कि मेरे गंतव्य तक जाने वाला राजमार्ग अमेठी, सुल्तानपुर फैजाबाद व अयोध्या जैसे शहरों से होकर गुजरेगा । राजनैतिक – ऐतिहासिक घटनाओं के चलते मैं जिनकी चर्चा अरसे से सुनता आ रहा हूं। अपने गांव बेलखरनाथ से गंतव्य के लिए निकलते ही गाड़ी दीवानगंज बाजार पहुंची तो बाजार में बेहिसाब जल- जमाव व गंदगी के बीच सड़क के बिखरे अस्थि – पंजर ने अनायास ही मेरे मुंह से सवाल उछाल दिया कि परिवर्तन के बावजूद यह क्यों...। जवाब मिला ... यही यहां का चलन है। मेरे यह पूछने पर कि यहां कोई नगरपालिका या पंचायत प्रतिनिधि तो होंगे । क्या उनके संज्ञान में यह सब नहीं है। फीकी मुस्कान के साथ जवाब मिला जब जिला मुख्यालयों में ऐसी ही हालत है तो गांव – जवार की कौन पूछे। गाड़ी आगे बढ़ी औऱ अमेठी के रास्ते गोरखपुर जाने वाले राजमार्ग की ओर बढ़ने लगी। बेखटके चल रही गाड़ी ने अहसास करा दिया कि उत्तर प्रदेश में भी प्रमुख सड़कों की हालत में काफी सुधार आ गया है। हालांकि इस आधार पर कतई इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता था कि गांव – कस्बों की सड़कें सचमुच गड्ढा मुक्त हो पाई है या नहीं। अनेक गांव – कस्बों व जिला मुख्यालयों से होते हुए हम अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे थे। हालांकि मेरे अंदर सबसे ज्यादा कौतूहल परिवर्तन की सरकार में पुलिस तत्परता का अनुभव करने की थी। क्योंकि कानून – व्यवस्था में सुधार के  हर सवाल पर स्थानीय निवासी फीकी मुस्कान के साथ चुप्पी साध लेते थे। अयोध्या से आगे बढ़ते ही बस्ती जिले के प्रवेश द्वार पर एक हादसे के चलते राजमार्ग पर बेहिसाब जाम लग गया था। ट्रक ने सेना के एंबुलेंस को ठोकर मार दी थी। हादसे में किसी की मौत तो नहीं हुई थी। लेकिन हादसे के चलते वाहनों का आगे बढ़ पाना मुश्किल हो रहा था। बढ़ते उमस के बीच इस परिस्थिति ने मेरी बेचैनी बढ़ानी शुरू कर दी। तभी लगा शायद इसी बहाने पुलिसिया तत्परता से दो – चार होने का मौका मिल जाए। अपेक्षा के अनुरूप ही थोड़ी देर में सायरन बजाते पुलिस के दो वाहन मौके की ओर जाते दिखाई दिए। कुछ देर में जाम खुल जाने से मैने राहत की सांस ली। वापसी यात्रा में निकट संबंधी के यहां भुपियामऊ गया, तो वहां निर्माणाधीन विशाल पुल ने मुझे फिर  कभी गांव से नजर आने वाले इस इलाके में  परिवर्तन का आभास कराया। भले ही इसकी नींव बहुत पहले रखी गई हो। वापसी की ट्रेन हमें इलाहाबाद से पकड़नी थी। देर शाम तकरीबन साढ़े आठ बजे हमें प्रतापगढ़ से मनवर संगम एक्सप्रेस मिली। रवाना होते ही ट्रेन की बढ़िया स्पीड ने इस रुट पर कच्छप गति से चलने वाली ट्रेनों की मेरी पुरानी अवधारणा को गलत साबित कर दिया। लेकिन जल्दी ही ट्रेन पुरानी स्थिति में लौट आई और जगह – जगह रुकने लगी। फाफामऊ स्टेशन पर यह ट्रेन देर तक रुकी रही। जिसके चलते असंख्य यात्रियों को रेलवे लाइन पार करने का जोखिम उठाते हुए पहले जाने वाली दूसरी ट्रेनों में चढ़ना पड़ा। इलाहाबाद से हमें आनंदविहार – सांतरागाछी साप्ताहिक सुपर फास्ट ट्रेन पकड़ना था। लेकिन यह ट्रेन धीरे – धीरे पांच घंटे विलंबित हो गई। जिससे यात्रा की शुरूआत की तरह ही मेरी वापसी यात्रा का सगुन भी बिगड़ चुका था। ट्रेन के आने के बाबत रेल महकमे की भारी लापरवाही झेलता हुआ मैं परिवार सहित तड़के इस ट्रेन में सवार होकर अपने शहर को लौट सका। 







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तारकेश कुमार ओझा,
खड़गपुर (पशिचम बंगाल)
संपर्कः 09434453934, 9635221463
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं।

न्यूज़ पोर्टल को प्रशासनिक सुविधाओं से वंक्षित रखना सौतेला व्यवहार- लुनिया

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  • संगठन न्यूज़ पोर्टलों को सूचिबद्ध कर शासकीय सुविधाओं की करेगा मांग

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उज्जैन : डिजिटल इंडिया की सबसे बड़ी कामयाबी अगर कोई है तो वो है समाचार पोर्टल, आपको अच्छे से ज्ञात होगा जो न्यूज़ पेपर में 1 दिन बासी खबर लोगो को परोसा जाता था तो वहीँ टीवी चैंनल पर भी समाचार घटना के घंटो बाद दिखाया जाता था उसे सबसे तेजी से पाठको तक पहुंचने वाला सेवा न्यूज़ पोर्टल को आज डिजिटल इंडिया का नारा देने वाली सरकार के शासन काल में नाकारा जा रहा है, वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवा के क्षेत्र में अपनी सक्रीय भूमिका निभाने वाले स्व. अशोक जी लुनिया के द्वारा स्थापित आल मीडिया जर्नलिस्ट सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनायक अशोक लुनिया ने न्यूज़ पोर्टल को जनसम्पर्क विभाग द्वारा एवं अन्य शासकीय विभाग द्वारा नाकार दिए जाने की बात से दुखी होकर कहा की ये हमारे देश की डिजिटल मीडिया का दुर्भाग्य है जो एक तरफ प्रधान मंत्री महोदय डिजिटल इंडिया का नारा दे रहे है वहीँ दूसरी तरफ हमारा सुचना प्रसारण मंत्रालय डिजिटल मीडिया की तरफ बिलकुल ध्यान नहीं दे रहा है जिसके चलते प्रशासन के आवश्यक विभागों द्वारा डिजिटल मीडिया को नाकार दिया जा रहा है. श्री लुनिया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला है की सरकार द्वारा खुद जो समाचार सेवा का संचालन किया जा रहा है जो एक ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल है साथ ही सरकार के द्वारा समाचार पेपर के लिए अनिवार्य न्यूज़ एजेंसियां जो पहले फैक्स के माध्यम से समाचार उपलब्ध करवाती थी अब वो भी अपना पोर्टल के माध्यम से सेवाएं दे रही है तो वही आज टीवी चैंनल हो या किसी भी ग्रुप का न्यूज़ पेपर अपने न्यूज़ पोर्टल एवं मोबाइल एप के माध्यम से सबसे तेजी से सेवाएं दे रहे है ऐसे में देश की तरक्की के क्षेत्र में डिजिटल मीडिया का एक अहम् किरदार नजर आ रहा है जिसको संरक्षण की आवश्यकता है, श्री लुनिया ने जानकारी देते हुए बताया की संगठन के बैनर तले देश भर के विभिन्न भाषाओँ के समाचार पोर्टल को संगठन में सूचिबद्ध किया जायेगा. जिसके पश्चात् संगठन नियमित संचालित समाचार पोर्टलों को शासकीय सेवा मिले इस हेतु संगठन कार्य करेगी. श्री लुनिया ने बताया की संगठन में समाचार पोर्टल को सूचीबद्ध करने के लिए पोर्टल संचालक को अपने पोर्टल के टाइटल के स्वामित्व का प्रमाण के साथ ही यह घोषणा करना होगा की मेरे द्वारा संचालित पोर्टल के नाम से किसी अन्य व्यक्ति का कोई समाचार पत्र/ पत्रिका या चैंनल नहीं है एवं इस पोर्टल का प्रसारण मेरे द्वारा गत 6 माह से किया जा रहा है साथ ही मेरे द्वारा पोर्टल में किसी प्रकार की असामाजिक, असंवैधानिक सामग्री का प्रकाशन नहीं किया जायेगा. श्री लुनिया ने बताया की उक्त कथन को 10 रूपए या उससे अधिक (जिस पर नोटरी हो सके) के स्टाम्प पेपर पर नोटरी करवा के संगठन के एक फॉर्म के साथ निर्धारित सहयोग राशि का भुगतान कर जमा करवाना होगा जिसमे पोर्टल से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी का समावेश हो जिसको संगठन द्वारा गठित पेनल द्वारा जाँच करने के पश्चात् सूचीबद्ध किया जायेगा. एवं सूचीबद्ध करने के पश्चात् संगठन शासकीय स्तर पर मीडिया को प्राप्त होने वाली सेवाओं हेतु सरकार से मांग करेगा.

दुमका : इंडोर स्टेडियम, दुमका में सेंट्रल जीएसटी पर एकदिवसीय सेमिनार संपन्न

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) सेंट्रल जी एस टी  व  वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त तत्वाधान में दिन शनिवार क  इंडोर स्टेडियम, दुमका  में  एक सेमिनार आयोजित किया गया ।  मुख्य अतिथि के रूप में  गोड्डा के भाजपा  सांसद निशिकांत दूबे इस अवसर पर मौजूद थे । श्री दूबे के अलावे  पी वी मीना संयुक्त आयुक्त सी जी एस टी, सुरेश महतो संयुक्त आयुक्त वाणिज्य कर विभाग, अरुण गुटगुटिया, नाथूराम सिंह उपायुक्त वाणिज्य कर दुमका, माणिक माजी सहायक आयुक्त, असीम कुमार मंडल, शिवेंद्र सत्यार्थी एवं अन्य पदाधिकारी  भी मौजूद थे। सांसद श्री दूबे ने अपने संबोधन में  जी एस टी की परिकल्पना एवं स्वीकार्यता तथा भविष्य में होने वाले लाभ से उपस्थित सैकड़ो व्यवसायियों को विस्तार से अवगत कराया।  पूर्व के कर व्यवस्था एवं मौजूद जी एस टी से होने वाले लाभ और इसके दूरगामी परिणामो पर सरल शब्दों में  उन्होंने चर्चा की । कहा कि जब कोई कानून लागू हो चुका हो तो भ्रम की स्थिति से निकलना ही  उत्तम होगा। इससे पूर्व संयुक्त आयुक्त ने कहा कि पहले तिमाही में सभी व्यवसायियों को किसी भी प्रकार के अर्थ दंड या कानूनी कार्यवाही से मुक्त रखा गया है। सेमिनार में दुमका चैम्बर ऑफ कॉमर्स के सियाराम घिडिया, मो शरीफ ,मनोज घोष, पवन पटवारी, मो मुश्ताक , अंजनी शरण ,एवं दर्जनों सदस्य तथा बड़ी संख्या में व्यवसायी मौजूद थे। उपरोक्त की जानकारी दुमका चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के जनसंपर्क अधिकारी अंजनी शरण ने दी। 

मधुबनी - बुजुर्ग दम्पति ने की आत्महत्या ।

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  • बहू के द्वारा घर की चाभी नहीँ दिये जाने पर , आत्महत्या या हत्या , दोनो पहलुओं पर जाँच कर रही है पुलिस ॥

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बाबूबरही/मधुबनी (विष्णु प्रसाद) :बहू द्वारा घर का चाभी दिए जाने से इंकार किए जाने पर बुजूर्ग दंपत्ति ने खुद को कमरे में बंद कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । घटना मधुबनी के बाबूबरही थानाक्षेत्र के विक्रमशेर ईलाके का है । बताया जाता है कि बुजूर्ग दंपत्ति लक्ष्मी मंडल  एवं देवकी देवी ,अपने एक परिचित के घर गये हुए थे जहाँ वापस आते समय चाभी खो गया । जब वे घर वापस लौटे और दुसरी चाभी अपने बहू से मांगे तो बहू ने चाभी देने से इंकार कर दिया । जिसके बाद घर में कलह शुरू हो गया । फ़िर साठ वर्षीय लक्ष्मी मंडल और 55 वर्षीय देवकी देवी ने अपने रुम का ताला तोड़ डाला और घर को अंदर से बंद कर दोनो ने खुदकुशी कर ली । इस घटना के बाद से ईलाके में सनसनी फैल गयी है , वही पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मधुबनी भेज, मामले की जांच शुरु कर दी है । 


विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 08 जुलाई

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खण्ड स्तरीय जागरूकता शिविरों का आयोजन 

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार सृजन कार्यक्रम जो जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के माध्यम से क्रियान्वित है। विभाग के द्वारा खण्ड स्तरीय शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों में हितग्राहीमूलक योजनाओ के इच्छुक उद्यमियों के माध्यम से जागरूकता लाने के प्रयास किए जाएंगे। शिविर  जिले के सभी विकासखण्डो में 14 से 28 जुलाई के मध्य आयोजित किए जाएंगे। उक्त शिविर संबंधित जनपद पंचायत में नियत तिथि को दोपहर एक बजे से सायं चार बजे तक आयोजित किए जाएंगे। विभाग के महाप्रबंधक श्री सुनील तिवारी ने बताया कि विभाग के माध्यम से क्रियान्वित योजनाओं तथा उद्योग आधार पंजीयन के संबंध में मार्गदर्शन दिया जाएगा। वही ऋण प्रकरण भी तैयार किए जाएंगे। शिविरों में शासन की योजनाओं का लाभ लेने के इच्छुक ऐसे व्यक्ति जो कम से कम पांचवीं पास हो और उनकी आयु 18 से 45 वर्ष के मध्य हो। वे सभी शिविर में शामिल हो सकते है। जुलाई माह में आयोजित होने वाले शिविरों की तिथियां इस प्रकार से है। 12 को लटेरी में, 14 को ग्यारसपुर में, 19 को कुरवाई में, 26 को नटेरन में तथा 28 जुलाई को सिरोंज जनपद पंचायत में शिविर का आयोजन किया गया है। 


प्याज की बिक्री 11 को

जिले में समर्थन मूल्य पर क्रय एवं भण्डारित की गई प्याज जहां है जैसी है के आधार पर 11 जुलाई को विक्रय की जाएगी कि जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड के जिला प्रबंधक श्री अशोक राय ने बताया कि विदिशा अनुविभाग क्षेत्र के तीन वेयर हाउस में तथा बासौदा के एक वेयर हाउस में प्याज भण्डारित है। विदिशा के तीन केन्द्र क्रमशः शुभम, रूचि एवं निर्मल वेयर हाउस में 3200 मैट्रिक टन तथा बासौदा के रूचि वेयर हाउस में 1099 मैट्रिक टन प्याज संग्रहित है। जिला स्तरीय समिति द्वारा प्याज विक्रय हेतु 11 जुलाई तय की गई है जिसमंें प्रातः 11 बजे से शुभम वेयर हाउस में, दोपहर 12 बजे से रूचि वेयर हाउस में एवं निर्मल वेयर हाउस में दोपहर एक बजे से तथा गंजबासौदा के रूचि गौदाम में रखी प्याज सायं चार बजे से विक्रय हेतु उपलब्ध रहेगी। तत संबंध में अन्य विस्तृत जानकारी के लिए कार्यालयीन दूरभाष क्रमांक 07592-408880 अथवा जिला प्रबंधक का मोबाइल नम्बर 9926435609 पर सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है। 

पेंशन पखवाडा 11 तक

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली जागरूकता पखवाडा का आयोजन 11 जुलाई तक किया जाएगा कि जानकारी देते हुए जिला पेंशन अधिकारी ने बताया कि इस दौरान अभिदाताओ को जागरूक करने हेतु स्थानीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसके लिए संचालनालय, पेंशन की बेवसाइट पर भी तमाम जानकारियां डाउनलोड कर अवलोकन की जा सकती है।

आॅन लाइन रजिस्टेªशन जारी

डीएल एड द्वितीय वर्षीय नियमित पाठ्यक्रम के इच्छुक आवेदक 15 जुलाई तक आॅन लाइन रजिस्टेªशन फार्म जमा कर सकते है कि जानकारी देते हुए डाइट की प्राचार्यो ने बताया कि पाठ्यक्रम 2017-18 में प्रवेश हेतु कार्यक्रम जारी किया गया है इच्छुक आवेदन एमपी आॅन लाइन के कियोस्क सेन्टर से अपना रजिस्टेªशन 15 जुलाई तक करा सकते है।

किसान स्वाभिमान यात्रा में 14 भाजपा कार्यकर्ताओं ने ली कांग्रेस की सदस्यता

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विदिषाः प्रदेष कांग्रेस कमेटी के आव्हान पर ब्लाॅक कंाग्रेस कमेटी विदिषा ग्रामीण एवं गुलाबगंज द्वारा निकाली जा रही किसान स्वाभिमान यात्रा आज ग्राम चिडौरिया, भोंरिया, परसौरा, परासी, कटसारा, देवराजपुर, मदनखेडी, घुडियाखेडी पहुँची। यात्रा के दौरान ग्राम भौंरिया में भाजपा के कार्यकर्ता प्रषांत किरार, संतोष किरार, चंद्रषेखर किरार, संजू सेन, शषांक तिवारी, राजू राजपूत, कमलेष किरार, सचिन तिवारी, अंषुल तिवारी, रामेष्वर किरार, सुखीलाल किरार, संतोष सेन, जितेन्द्र किरार, रोहित शर्मा, गिरीष कुमार, अभिषेक किरार ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। यात्रा के दौरान ग्राम चैपाल सभा का आयोजन हुआ। मध्यप्रदेष कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव शषांक भार्गव ने अपने उदबोधन में कहा कि कर्ज से परेषान किसान लगातार आत्महत्या कर रहें है। जिसके लिए केंद्र व प्रदेष सरकार की गलत नीतियां होने के साथ आयात व निर्यात में फेल होना है। ऐसे में किसानों की समस्या समझते हुए सरकार को कर्ज माफ करना चाहिए। साथ ही कृषि उपज के दाम दोगुने करना चाहिए। खेती के बंटवारे से बेरोजगारों की बड़ी फौज ग्रामीण क्षेत्रों में खडी हो गई है केंद्र एवं प्रदेष की सरकार ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में नाकाम रही है। यात्रा के दौरान वीरेन्द्र पीतलिया, दीवान किरार, अनुज लोधी, मोहन रघुवंषी, घनष्याम शर्मा, कमलेष प्रजापति, मोनू पाल, अभिराज शर्मा, दीपक दुबे, खिलावनसिंह किरार, पवन बबलू, प्रीतम यादव, नौनीतराम किरार, निर्भयसिंह किरार, अनीष खान, हाजी इस्माईल खान, बाबू खान, भूरा भैया, पप्पू अहिरवार मिश्रीलाल किरार, गजराज धाकड सहित अनेकों कार्यकर्ता एवं ग्रामवासी उपस्थित रहें। 

दुमका : माॅडल एकलव्य विद्यालय (काठीजोरिया) दुमका के रजनीश कुमार सिंह से जुड़ा मामला

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  • कल्याण सम्मान समारोह में उत्कृष्ट शिक्षक के रुप में रजनीश कुमार ंिसंह का नाम भेजा जाना जाँच का विषय 

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) विचार मंच सभाकक्ष दरभंगा हाउस, (राजभवन के सामने) राँची में 10 जुलाई को कल्याण सम्मान समारोह का आयोजन निर्धारित है। इस समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों/ शिक्षकों/ विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाऐगा। उप निदेशक कल्याण, संताल पागना प्रमण्डल, दुमका ने दुमका, देवघर, साहेबगंज व पाकुड़ के जिला कल्याण पदाधिकारी के नाम 05 जुलाई 2017 को एक पत्र भेजा है। सरकार के सुयक्त सचिव, कल्याण विभाग, झारखण्ड राँची के पत्रांक- 1971 दिनांक 05.07.2017 का हवाला देते हुए उप निदेशक, कल्याण संपप्र, दुमका ने विद्यालय, शिक्षकों व विद्यार्थयों को सभा स्थल तक पहुँचने का निर्देश दिया है। इस सम्मान समारोह में उप निदेशक, कल्याण द्वारा जारी लिस्ट में माॅडल एकलव्य विद्यालय (काठीजोरिया) दुमका के रजनीश कुमार सिंह को उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान लिस्ट में प्रथम पायदान पर रखा गया है। उत्कृष्ट शिक्षक के रुप में गणित में इनका प्राप्तांक 85.09 प्रतिशत दर्शाया गया है। उत्कृष्ट शिक्षक के रुप में श्री सिंह के पहले पायदान पर नाम होने से लोगों के बीच काफी आक्रोश व आपत्ति है। कई लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस श्री सिंह को बतौर शिक्षक विद्यालय में पढ़ाते हुए किसी ने कभी नहीं देखा है। शिक्षक के रुप में इनका योगदान विद्यालय में नगन्य है, तथापि उप निदेशक कल्याण द्वारा जारी उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान में इनका नाम पहले पायदान पर रखा गया है जो कि गंभीर जाँच का विषय है। इस सम्मान समारोह के लिये शिक्षक चयन का स्तर बिल्कुल निजी रखा गया है जबकि वास्तविक योग्यताधारी को पीछे ठेल दिया गया है। काठीजोरिया ग्रामवासियों के अनुसार रजनीश कुमार सिंह विद्यालय में बतौर व्यवस्थापक के रुप में काम करते हैं। विद्यालय में व्याप्त आर्थिक अराजकताओं को संरक्षित करने की जिम्मेवारी भी इन्हीं के उपर है। कुछ नागरिकों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि श्री रजनीश के एजुकेशन पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है।


विदित हो $ 2 अजा आ0 उच्च विद्यालय लेड़वा मधुपरु, देवघर के के सुभाष चन्द्र दास को विज्ञान में 72. 36 प्रतिशत व इसी विद्यालय के शालीग्राम चाँद को हिन्दी में 65.44 प्रतिशत अंक प्राप्त है।:$ 2 अजा आ0 विद्यालय कुरुवा दुमका के अर्जुन यादव को संस्कृत में 59.59 प्रतिशत, माॅडल एकलव्य विद्यालय  े काठीजोरिया, दुमका के सुखमती सोनार को सामाजिक विज्ञान में 67.09 प्रतिशत, माूडल एकलव्य विद्यालय भोगनाडीह साहेगंज के अब्दुल अली को अंग्रेजी में 52.06 प्रतिशत, अजजा आ0 बाकिा उच्च विद्यालय कड़हरबील, दुमका के एलिस प्रभा बास्की को संथाली में 58.94 प्रतिशत अंक प्राप्त है। प्रमण्डल स्तर पर 12 वीं में $ 2 पिछड़ी जाति बालिका आिवासीय विद्यालय कुरुवा, दुमका के विनोदी रविदास को अंग्रेजी में 45.57 प्रतिशत, 10 $ 2 अजा आ0 उच्च विद्या0 लेड़वा मधुपुर, देवघर के सुमन्त कुामर को पदार्थ विज्ञान में 61.04 प्रतिशत, सुभाष चन्द्र दास को रसायन ज्ञास्त्र में 44.49 प्रतिशत, माॅडल एकलव्य विद्यालय काठीजोरिया के श्रीमती संजिता मराण्डी को अर्थशास्त्र में 55. 79 प्रतिशत व श्रीमती करुणा शर्मा को जीव विज्ञान में 47. 73 प्रतिशत अंक प्राप्त है। $ 2 अजा आ0 उच्च विद्यालय लेड़वा मधुपरु, देवघर के शालीग्राम चाँद को हिन्दी में 48.33 प्रतिशत अंक प्राप्त है। अनुसूचित जनजाति आवासीय उच्च विद्यालय हिरणपुर पाकुड़ से गंगा पहाड़िया ने गणित में तृतीय स्थान प्राप्त किया है।

दुमका : सभी दण्डाधिकारी व मेला में तैनात कर्मी ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्य स्थल पर बने रहेंगे-उपायुक्त

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) श्रावणी मेला 2017 के मदद्ेनजर बासुकिनाथ धाम के मुख्य प्रदर्शनी षिविर में श्रावणी मेला हेतु प्रतिनियुक्त सभी दण्डाधिकारियों के साथ दुमका के उपायुक्त मुकेश कुमार नेे ब्रीफिंग किया। उपायुक्त के अनुसार हंसडीहा एवं नोनीहाट में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने हेतु कांट्रोल रुम बनाया गया है। श्रावणी मेला के दौरान मंदिर तक किसी प्रकार के वाहन जाने की अनुमति नहीं रहेगी। मेला क्षेत्र में ईमरजेंसी पर ही पदाधिकारियों की गाड़ी मंदिर तक जायेगी। ऐम्बुलेंस एवं अग्निषामन वाहन को ही सभी जगहों पर जाने की अनुमति रहेगी। उन्होंने कहा कि सभी दण्डाधिकारी एवं कर्मी ईमानदारी पुर्वक अपने कर्तव्य स्थल पर रहेंगे। उपायुक्त ने कहा कि वैसे दण्डाधिकारी एवं कर्मी जो अपने समय पर अपने कर्तव्य स्थल पर नहीं पाये जायेंग उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी। सभी वरीय पदाधिकारी मेला क्षेत्र में बने कांट्रोल रुम में प्रतिदिन उपस्थित रहकर व्यवस्था का जायजा लेंगे। स्वच्छता हमारी प्राथमिकता होगी। बासुकिनाथ आने वाले श्रद्धालु यहाँ से जाने के बाद स्वच्छ वतावरण की चर्चा करें इसपर हमें काम करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में बने शौचालय का प्रयोग करें एवं दूसरों को भी प्रेरित करें। जिला प्रशासन द्वारा बनाये जाने वाले सभी आवासन केन्द्र सीसीटीवी की निगरानी में रहेंगे। असमाजिक तत्वों से निपटने के लिए सादे लिवास में श्रद्धालुओं के बीच पुलिस के लोग मौजूद रहेंगे ताकि किसी प्रकार की असमाजिक गतिविधि न हो। बाबा पर जलार्पण करने से पूर्व श्रद्धालु बासुकिनाथ धाम स्थित शिवगंगा में स्नान करते है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे मेला अवधि में एनडीआरएफ की टीम शिवगंगा में उपस्थित रहेगी ताकि विशेष परिस्थिति में आसानी से निपटा जा सके। कई बार श्रद्धालु अपनों से बिछुड़ जाते है, इस परिस्थिति में मंदिर प्रबंधन समिति उन्हे घर तक पहुंचने का कार्य करेगी। उपायुक्त मुकेश कुमार ने कांवरिया रुट लाईन का निरिक्षण किया एवं पूरे रुट लाईन में रौशनी की समुचित व्यवस्था का निदेश दिया। उपायुक्त ने सिविल सर्जन को निदेश दिया कि मेला अविधि में सभी ओपी में डाॅक्टरों की पूरी टीम की व्यवस्था मौजूद रहे। ब्रीफिंग के दौरान उपायुक्त मुकेश कुमार के साथ पुलिस अधीक्षक मयूर पटेल, उप विकास आयुक्त शशि रंजन, अपर समाहर्ता इंदु गुप्ता इत्यादि उपस्थित थे। 

मधुबनी : जिले की प्रशासनिक हलचल (08 जुलाई)

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जिला पदाधिकारी ने विबिन्न कार्यों की समीक्षा बैठक की 

मधुबनी, 08 जुलाई; जिला पदाधिकारी, मधुबनी श्री शीर्षत कपिल अशोक ने आज समाहरणालय सभा कक्ष में मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, इंदिरा आवास योजना, स्वच्छ भारत योजना तथा कला संस्कृति एवं युवा विभाग के कार्यो की समीक्षात्मक बैठक की। बैठक में कलेक्टर ने निम्न आदेश जारी किये.

(क) मनरेगाः-
मनरेगा, के कार्यो में निर्धारित सीमा से अधिक कार्य मषीन द्वारा नहीं हो, इसकी सप्ताह में दो बार जाॅच निदेषक, डी.आर.डी.ए. कराये।
इस वित्तीय वर्ष में जिले के 13 पंचायतो में अब तक एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ है। उन पंचायतों के पी.आर.एस. का वेतन रूका रहेगा तथा उनसे स्पष्टीकरण पूछा जाएगा। यदि अगले 15 दिन के अंदर उन्होनंे संतोषजनक राषि खर्च नहीं की, तो उन्हें पदमुक्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
पिछले वित्तीय वर्ष एवं इस वित्तीय वर्ष में योजना पूर्ण करने का प्रतिषत असंतोषजनक है। निदेषक डी.आर.डी.ए. सारे प्रोग्राम पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछें। खराब उपलब्धि वाले प्रोग्राम पदाधिकारी पर भी कार्रवाई होगी।  
मनरेगा मजदूरों का आधार लिंकिंग की प्रगति कम है। प्रत्येक सप्ताह प्रति पंचायत कम से कम एक सौ मजदूरों का आधार लिंकिंग करायें और निदेषक डी.आर.डी.ए. प्रतिदिन इसकी माॅनीटरिंग करें।

(ख) स्वच्छ भारत मिषनः-
जिले में वित्तीय वर्ष 16-17 में जिले में 13,630 षौचालय का निर्माण हुआ है। इस वर्ष षौचालय निर्माण के कार्य को मिषन मोड में करें।
10 दिन के अंदर जिले के सभी मुखिया को अनुमडंलवार प्रषिक्षण दिया जाएगा। इस प्रषिक्षण कार्यक्रम में मुखिया जी को मनरेगा, स्वच्छ भारत मिषन, इंदिरा आवास, पक्की गली-नाली, घर-घर नल का जल आदि योजनाओं का प्रषिक्षण संबंधित पदाधिकारी गण देंगे।
जिस जिले में स्वच्छ भारत मिषन में अच्छा कार्य हुआ है, वहाॅ का भ्रमण मधुबनी जिला के मुखिया एवं वार्ड सदस्य गण को कराया जाएगा।

(ग) प्रधानमंत्री आवास योजना-
प्रगति धीमी है, इसलिए जिला स्तरीय माॅनीटरिंग की व्यवस्था बनायें।

(घ) इंदिरा आवास-
इंदिरा आवास पर्यवेक्षक को इसका नोडल आॅफिसर बनाकर उनकी जिम्मेवारी तय कीजिये।
गरीबों से जुडी योजना है, इसलिए हम सबको गंभीरता पूर्वक इसे लेना है।
धीमी प्रगति के लिए सभी पर्यवेक्षकों से स्पष्टीकरण पूछें।

(ड़) कला, संस्कृति एवं युवा विभाग-
मधुबनी एवं झझंारपुर में रणजी स्तर का स्टेडियम बनाना है।
टाउन हाॅल को ठीक करना है।
मधुबनी में एक उच्च स्तरीय इंडोर स्टेडियम बनाना है।
विभिन्न उच्च विघालयों में जो स्टेडियम का निर्माण होना है, संबंधित अभियंत्रण विभाग प्रक्रिया में तेजी लाए।
वाट्सन उच्च विघालय, अंबेदकर आवासीय विघालय तथा केजरीवाल उच्च विघालय, झझांरपुर में चल रहे एकलव्य आवासीय विघालय के प्रधानाध्यापक के साथ बैठक कर संचालित एकलब्य आवासीय विघालयो को नियमित किया जाएगा। 


डी एम की आई.सी.डी.एस. की बैठक

मधुबनी, 08 जुलाई; जिला पदाधिकारी, मधुबनी श्री षीर्षत कपिल अषोक ने समाहरणालय सभा कक्ष में आई.सी.डी.एस. की बैठक की। बैठक में कलेक्टर के दिए गए महत्वपूर्ण निदेष निम्न हैं. जहाॅ स्वीकृत बल के विरूद्व कर्मियों की कमी है, वहाॅ रिक्ति भरने की प्रक्रिया के लिए विभाग से मार्गदर्षन मांगे। जिस बैंक के ब्रांच मैनेजर ससमय राषि नहीं दे रहे है उन्हें पत्र दीजिए, उसकी प्रतिलिपि एल.डी.एम. को भी दें। सारे एल.एस. की संविदा विस्तार की संचिका एक साथ उपस्थापित करें। लदनियाॅ में 24 लाख रूपये की डी.सी. बिल का समायोजन अब तक नहीं हो पाया है। डी.पी.ओ. इसकी समीक्षा करें। पोषाहार, टी.एच.आर. वितरण देखने हम क्षेत्र में जाएंगे। मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना के तहत बैंक ससमय बाॅड क्यों नहीं दे रहा है, डी.पी.ओ. इसकी समीक्षा करें। सहायिका के वार्ड षिफ्टिंग के लिए विभाग से मार्ग दर्षन माॅगे। लौकही में 98 नंबर आॅगनवाडी केन्द्र जो नरहिया दक्षिणी पंचायत में है, उसकी सेविका के विरूद्व डी.पी.ओ. तुरत कारवाई करें। सजगता के साथ आप सब काम करंे, षिकायत नहीं मिलनी चाहिए।

मध्याह्न भोजन योजना की समीक्षा 
    
मधुबनी, 08 जुलाई; जिला पदाधिकारी, मधुबनी श्री षीर्षत कपिल अषोक ने आज समाहरणालय सभा कक्ष में मध्याह्न भोजन योजना की समीक्षा की। जिला पदाधिकारी द्वारा बैठक में दिए गए महत्वपूर्ण निदेष हैं. मघ्याह्न भोजन योजना के लिए डी.पी.ओ. संबंधित सहायक अभियंता, कनीय अभियंता को निदेष देंगे कि दो माह के अंदर रसोई सह भंडार गृह का निर्माण जहाॅ नहीं है वहाॅ हो जाए। अन्यथा उनकी संविदा रद्व करने हेतु अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। सभी प्रखंड साधन सेवी की जवाबदेही है कि सभी विघालय में भोजन बने। जिला पदाधिकारी ने खजौली प्रखंड के म.वि. एकडारा में एम.डी.एम. बंद रहने के कारण प्रघानाध्यापक के विरूद्व कार्रवाई करने का निदेष दिया। विघालय निरीक्षण के दौरान अनियमितता के विरूद्व संबंधित प्रभारी से राषि वसूली की कार्रवाई के संबंध में जिला षिक्षा पदाधिकारी को निदेष दिया गया कि अपील की सुनवाई ससमय पूरा करें। डी.पी.ओ. स्थापना रिकवरी करेंगे। प्रत्येक माह की 14 और 28 तारीख को एम.डी.एम. की समीक्षा डी.पी.ओ. एम.डी.एम. करेंगे।


समाहरणालय सभा कक्ष में जीविका की समीक्षात्मक बैठक

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मधुबनी, 08 जुलाई; जिला पदाधिकारी, मधुबनी श्री शीर्षत कपिल अशोक ने आज समाहरणालय सभा कक्ष में जीविका की समीक्षात्मक बैठक की। जीविका के साथ पहली बैठक होने के कारण जिला पदाधिकारी ने पहले जीविका के सभी जिला स्तरीय पदाधिकारियों से परिचय प्राप्त किया तथा जीविका के क्रिया कलापों की जानकारी पावर प्रजेंटेषन के माध्यम से ली। जिला पदाधिकारी ने कहा कि जीविका अच्छा कार्य कर रहा है, किंतु स्वच्छ भारत मिषन में जीविका को और भी सक्रिय भूमिका निभानी है। जिला पदाधिकारी ने जानना चाहा कि जमीनी स्तर पर जीविका लोगो को षौचालय बनाने के लिए कैसे प्रेरित करती है। उन्होंने जीविका से संबंधित कार्ययोजना उन्हें देने का निदेष दिया। डी.पी.एम. जीविका की मांग पर एस.जी.एस.वाई. की परिसंपत्ति जीविका समूह को हस्तांतरित करने का आष्वासन जिला पदाधिकारी ने दिया। डी.पी.एम. जीविका ने षिकायत की कि यूनियन बैंक मधुबनी द्वारा षौचालय लाभुकों के खाते में राषि ससमय हस्तांतरित नहीं की जा रही है, जिला पदाधिकारी ने समस्या के समाधान के लिए उन्हें आष्वस्त किया। 

बली का बकरा नहीं , सिद्धांत की रक्षा के लिये लड़ रही हूँ राष्ट्रपति चुनाव : मीरा कुमार

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पटना 08 जुलाई, राष्ट्रपति चुनाव के लिये 17 विपक्षी दलों की उम्मीदवार एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने आज कहा कि वह कोई बली का बकरा नहीं ,बल्कि दलितों और गरीबों के हितों की रक्षा तथा देश में बढ़ते साम्प्रदायिकता को रोकने की विचारधारा के लिये चुनाव लड़ रही हैं । श्रीमती कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव के लिये बिहार के तीन दिवसीय दौरा के बाद रांची रवाना होने से पूर्व यहां कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृत्व में 17 विपक्षी दलों ने उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है जो आसान बात नहीं है । उन्होंने कहा कि वह कोई बली का बकरा नहीं बल्कि दलितों एवं गरीबों के हितों की रक्षा तथा देश में बढ़ते साम्प्रदायिकता को रोकने की विचारधारा के आधार पर चुनाव लड़ रही हैं । कांग्रेस नेता ने कहा कि 17 विपक्षी दलों का एक साथ आना बड़ी बात है और ये सभी दल साम्प्रदायिकता को रोकने के लिये प्रतिबद्ध हैं । उन्होंने कहा कि देश में जब भी साम्प्रदायिकता की लहर फैली है तो उसे बिहार में ही रोका गया है और उन्हें उम्मीद है कि यहां के लोग इस तरह की भूमिका आगे भी निभायेंगे । 


श्रीमती कुमार ने बिहार से अपनी लगाव की चर्चा करते हुए कहा कि इसी राज्य में उनका जन्म हुआ और यहीं उनका विवाह भी हुआ । उन्होंने कहा कि बिहार के लोग स्वभाव से ही अपने धर्म का सम्मान करने के साथ -साथ दूसरे के धर्म का भी सम्मान करते रहे हैं । उन्होंने कहा कि समाज में जातिवाद कैंसर की तरह फैला है जिसे समाप्त किया  जाना आवश्यक है ।  कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन के लिये मतदाता मंडल के सभी मतदाताओं को पत्र लिखा है । उन्हें उम्मीद है कि मतदाता अंतरात्मा की आवाज पर अपना मत देकर गरीबों और शोषितों के हितों की रक्षा करने वाले सिद्धांत को विजयी बनायेंगे । उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मुलाकात नहीं होने के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि वह उनसे लगातार सम्पर्क में रहती हैं । श्रीमती कुमार ने कहा कि श्री यादव साम्प्रदायिक शक्तियों से हमेशा लड़ते रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि श्री यादव उनके समर्थन में पूरी शक्ति से खड़े हैं । मुख्यमंत्री एवं जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से मुलाकात नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति चुनाव के लिये मतदाता मंडल के सभी मतदाताओं को पत्र लिखकर समर्थन मांग चुकी हैं । 

लालू के ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी की बिहार सरकार को पूर्व जानकारी की बात बेबुनियाद

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पटना 08 जुलाई, बिहार सरकार ने आज स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव एवं उनके परिवारिक सदस्यों के ठिकानों पर शुक्रवार को हुई केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की छापामारी के संबंध में कोई पूर्व जानकारी नहीं दी गयी थी। राज्य सरकार की ओर से यहां जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में ऐसी खबरों का खंडन करते हुए कहा गया है कि इस तरह की खबरें बिल्कुल बेबुनियाद है। इस संबंध में जानकारी सी0बी0आई0 द्वारा शुक्रवार दिनांक 07 जुलाई को छापेमारी शुरू होने के बाद करीब 07.30 बजे दूरभाष पर राज्य के पुलिस महानिदेशक को दी गयी, जिसके पश्चात विधि-व्यवस्था के दृष्टिकोण से एहतियाती प्रबंध कराये गये थे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि आज कुछ समाचार पत्रों में यह प्रकाशित किया गया है कि सीबीआई द्वारा राजद अध्यक्ष एवं उनके परिवार के सदस्यों के ठिकानों पर होने वाली छापामारी की जानकारी गुरूवार की रात्रि में ही राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को दे दी गयी थी, जो पूरी तरह बेबुनियाद है।

दरभंगा : एसबीआई का एटीएम काटकर 18 लाख की लूट

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दरभंगा 08 जुलाई, बिहार के दरभंगा जिले में विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के शिवधारा स्थित भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम से अज्ञात अपराधियों ने करीब 18 लाख रुपये लूट लिये। पुलिस सूत्रों ने आज यहां बताया कि शिवधारा इलाके के एक निजी मकान में लगाये गये एटीएम के चेस्ट को काट कर अपराधियों ने 17 लाख 63 हजार 300 रुपये निकाल लिये। इसके बाद साक्ष्य छुपाने की दृष्टि से अपराधियों ने एटीएम मशीन को आग लगा दी। सूत्रों ने बताया कि मकान के मालिक अजरूल हसन आज अहले सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए जब जा रहे थे तो उन्हें एटीएम का शटर गिरा हुआ पाया। शक होने पर जब मकान मालिक ने शटर का उठाया तो उन्हें पूरे घटनाक्रम का पता चला। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी स्थानीय थाना को दी। मामले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने एटीएम की जांच की। इस सिलसिले में संबंधित थाना में एक मामला दर्ज कराया गया है। मामले की जांच की जा रही है। 


पांच मंत्रियों से इस्तीफा लेने वाले नीतीश अब तेजस्वी से भी लें इस्तीफा: सुशील मोदी

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पटना 08 जुलाई, बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानमंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पूर्व में भ्रष्टाचार एवं अन्य मामलों में पांच मंत्रियों से इस्तीफा लिये जाने के कारण इस बार भी कार्रवाई किये जाने का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा जताते हुए आज मांग की कि वह उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मुकदमा दर्ज किये जाने के बाद उनसे भी इस्तीफा लें ,यह उनके लिए अग्निपरीक्षा की घड़ी है । श्री मोदी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री कुमार जब वर्ष 2005 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने अपने शपथ ग्रहण के चार घंटे के अंदर ही राज्य सतर्कता अन्वेषण ब्यूरो के एक पुराने मामले में मंत्री बने श्री जीतन राम मांझी से इस्तीफा ले लिया था । श्री मांझी पर वर्ष 1999 में ब्यूरो में एक मामला चल रहा था । उन्होंने कहा कि राजग के समय चार घंटे के अंदर ही सरकार की छवि देखने को मिली थी । भाजपा नेता ने कहा कि इसी तरह वर्ष 2008 में ब्यूरो के एक अन्य पुराने मामले में तत्कालीन परिवहन मंत्री रामानंद प्रसाद सिंह से भी इस्तीफा लिया गया था । जिस समय श्री सिंह पर ब्यूरो में मामला दर्ज किया गया था उस समय वह विधायक भी नहीं थे । 


श्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2011 में तत्कालीन सहकारिता मंत्री रामधार सिंह को पूर्व में दिये गये भड़काऊ भाषण के मामले में न्यायालय से समन मिलने के बाद उनसे इस्तीफा लिया गया था । इसी तरह 18 फरवरी 2010 को उत्पाद एवं मद्य निषेद मंत्री जमशेद असरफ को भी इस्तीफा देना पड़ा था । उन्होंने कहा कि इसके बाद वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव के समय तत्कालीन उत्पाद एवं मद्य निषेद मंत्री अवधेश कुशवाहा का रूपया लेते हुए विडियो फूटेज के बाद उनसे इस्तीफा ले लिया गया था । भाजपा नेता ने कहा कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है और उनके सरकारी आवास पर कल छापेमारी भी की गयी । इसके साथ ही उनके 12 से अधिक सम्पत्तियों को आयकर विभाग ने जब्त किया है । उन्होंने कहा कि सीबीआई तथ्य के आधार पर ही प्राथमिकी दर्ज करती है और इसके बाद ही कार्रवाई करती है । श्री मोदी ने सवालिया लहजे में कहा कि श्री मांझी महादलित समुदाय से है इसलिए क्या उन्हें चार घंटे के अंदर ही इस्तीफा देना पड़ा था । उप मुख्यमंत्री के खिलाफ पिछले तीन माह से घोटाले दर घोटाले उजागर हो रहे हैं । उन्होंने कहा कि ऐसे में मुख्यमंत्री श्री कुमार पर उन्हें पूरा भरोसा है कि निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे और यह उनके लिए अग्निपरीक्षा की घड़ी है । 

भाजपा नेता ने कहा कि देश में बिहार की छवि एक बार फिर से खराब हो रही है । उन्होंने कहा कि लोग तरह-तरह का सवाल उठा रहे हैं कि उप मुख्यमंत्री के आवास पर सीबीआई की छापेमारी हुई है और राज्य सरकार चुपचाप बैठी है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार ने भ्रष्टाचार को कभी भी बर्दास्त नहीं किया है और कार्रवाई की है । श्री मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद भी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस की ओर से बिन्दूवार जवाब नहीं दिया है । सिर्फ बदले की भावना से कार्रवाई की बात कह कर बचते नजर आ रहे हैं । उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में उप मुख्यमंत्री श्री यादव जब डिलाइट मार्केटिंग के निदेशक बने थे तब उनकी उम्र 23-24 की थी और वह नाबालिग नहीं थे । भाजपा नेता ने सवालिया लहजे में ही कहा कि डिलाइट मार्केटिंग की जमीन पर बिहार के सबसे बड़े मॉल का निर्माण हो रहा था तब श्री यादव बालिग थे या नबालिग । इसी तरह जब राजद नेता रघुनाथ झा और श्रीमती कांति सिंह से गिफ्ट के रूप में जमीन लिया गया उस समय क्या वह नाबालिग थे । भ्रष्टाचार के आरोप का राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव या उनके परिवार के पास कोई जवाब नहीं है । चारा घोटाले के समय भी राजद अध्यक्ष श्री यादव इसी तरह का बेबुनियाद आरोप लगाते रहते थे फिर भी जेल गये और उन्हें मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था । 

हेमंत सोरेन के मामले पर चुनाव आयोग संज्ञान ले : भाजपा

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रांची 08 जुलाई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से अपनी संपत्ति की गलत जानकारी देने के मामले में चुनाव आयोग से संज्ञान लेकर कार्रवाई की मांग की है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष समीर उरांव और प्रो.आदित्य साहू आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री सोरेन ने झारखंड विधानसभा चुनाव, 2014 के समय चुनाव आयोग से अपनी संपत्ति का ब्योरा छिपाकर गंभीर अपराध किया है और आयोग को इस पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री सोरेन ने कौड़ी के भाव में संपति खरीदी है और कई तथ्य चुनाव आयोग से छिपाये। यह एक गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि 30 मार्च 2007 को श्री सोरेन ने एक साथ 16 निबंधन के जरिये 5.28 एकड़ जमीन खरीदी। नेता द्वय ने कहा कि श्री सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू उर्फ कल्पान सोरेन के नाम पर भी संपति मात्र चार लाख 16 हजार रुपये में खरीदी गयी जबकि बाजार मूल्य एक करोड़ 50 लाख से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि श्री सोरेन की कुल संपति सौ करोड़ से अधिक है। श्री सोरेन ने चुनाव आयोग को जो हलफनामा दिया है उसमें उन्होंने अपनी पत्नी के नाम खरीदी गयी जमीन का ब्योरा छिपाया है। 

हरित उर्जा की ओर कदम बढ़ा चुका है झारखंड : रघुवर दास

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रांची 08 जुलाई, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य के लोगों से वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों को अधिकाधिक अपनाने की अपील की है। श्री दास ने आज गढ़वा सिविल कोर्ट में रूफटॉप सोलर पावर प्लांट के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्यवासियों को बुनियादी सुविधा के साथ-साथ शुद्ध हवा, शुद्ध पेयजल एवं स्वच्छ पर्यावरण देने के लिए कृतसंकल्पित है। पर्यावरण की स्वच्छता के दृष्टिकोण से सरकार सभी सरकारी भवनों में सौर उर्जा लगा रही है। उन्होंने कहा कि सोलर प्लांट लगाने से पर्यावरण प्रदूषण कम होगा। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी लोगों से अपने घरों पर भी सोलर रूफटॉप लगाने की अपील करते हुए कहा कि इससे हरित क्रांति की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। सरकार आने वाले दिनों में हरित क्रांति उर्जा किसानों को तोहफा में देगी। उन्होंने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि किसान भाई भी इस सिस्टम को अपनायें ताकि कृषि क्षेत्र में उनको मदद मिले और उनकी आमदनी भी बढ़े । 


श्री दास ने कहा कि इस कोर्ट परिसर में 110 किलोवाट का सिस्टम लगाया गया है। इस व्यवस्था से सभी प्रकार के सिस्टम चलाये जा सकतें हैं। इस तरह के पावर प्लांट पहले खूंटी एवं साहिबगंज में भी लगाया जा चुके है। आगामी 3 माह में गुमला में भी सोलर प्लांट लगा दिया जायेगा। उन्होंने इस काम में लगे सभी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए उनसे सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अधिक तेजी से काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हरित उर्जा की ओर कदम बढ़ा चुकी है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के प्रत्येक घर में बिजली पहुंचाने का संकल्प दुहराते हुए कहा कि दिसम्बर 2018 तक राज्य के 32,000 गांवों के 68 लाख परिवारों के घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही वर्ष 2019 तक दो-तिहाई संचरण लाईन पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। राज्य के जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो और देवघर जैसे कुल 11 जिलों के शहरी क्षेत्र की सारी बस्तियों में दुर्गा पूजा तक स्मक स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य भी पूरा कर लिया जायेगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायामूर्ति मदन बी लोकुर ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयास से इस सुदूर इलाके में सोलर पावर प्लांट लगाया गया है, जो एक सराहनीय कदम है। इस व्यवस्था से सभी प्रकार के सिस्टम चलाये जा सकतें हैं। कोर्ट द्वारा मामलों के निष्पादन में यह एक अच्छा प्रयास है। बहुत जल्द मोबाईल एप्लीकेशन की व्यवस्था भी होने जा रही है। यह व्यवस्था होने से वकीलों को डायरी रखने की जरूरत नहीं होगी। वे अपने मोबाईल से ही संपूर्ण विवरण प्राप्त कर सकेंगे। इस मौके पर झारखण्ड उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल समेत अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद थे। 

राष्ट्रपति चुनाव में दो विचारधाराओं की लड़ाई : मीरा कुमार

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रांची 08 जुलाई, राष्ट्रपति चुनाव के लिये 17 विपक्षी दलों की साझा उम्मीदवार एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने आज कहा कि यह चुनाव दो व्यक्तियों के बीच की लड़ाई नहीं बल्कि देश में चल रही दो अलग-अलग विचारधाराओं की लड़ाई है। श्रीमती कुमारी ने यहां झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारंखड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह उस विचारधारा का प्रतिनिधित्व करती हैं जो गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकार और उनकी सुरक्षा की बात करता है और सम्प्रदायवाद के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि झारखंड की मिट्टी की खासियत धर्म के आधार पर समाज को नहीं बांटना रहा है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, “ मैंने सभी सांसदों और विधायकों को एक पत्र लिखा है जिसमें उनसे अंतरात्मा की आवाज पर राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का अनुरोध किया है। इस सिलसिले में झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन से भी मिलकर उनका समर्थन मांगा है। इसके अलावा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के घटक दलों से बैठक कर उनके विधायकों एवं सांसदों से भी समर्थन मांगा है। सभी सांसदों और विधानसभा सदस्यों ने समर्थन देने का भरोसा दिया है।” इस मौके पर झारखंड विधानसभा में नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सेरेन ने कहा कि मीरा कुमार जी को झारखंड के विषय में चिन्ता करने की जरूरत नहीं है। जिस दिन श्रीमती कुमार की उम्मीदवारी की घोषणा हुई थी, उसी दिन पार्टी ने यह तय कर लिया था कि वह पूरी मजबूती से उनके साथ खड़ी होगी । उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उसकी विचारधारा को करारा जवाब देने का वक्त आ गया है। संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव बी. के. हरि प्रसाद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत, पूर्व मंत्री अन्नपूर्णा देवी समेत पार्टी के कई विधायक मौजूद थे।

बोम बम के जयघोष के साथ विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरू

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भागलपुर 08 जुलाई, बिहार में भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में ‘बोल बम’ और ‘हर हर महादेव’ के जयघोष के साथ विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला आज से शुरू हो गया। बिहार की पर्यटन मंत्री अनीता देवी और नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने संयुक्त रूप से मेले का विधिवत उद्घाटन किया। इस मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए अनीता देवी ने कहा कि इस विश्व प्रसिद्ध मेला में देश के कोने-कोने से आने वाले हजारों-लाखों कावंरियों की सुविधा के लिए बिहार सरकार ने हरसंभव सुविधा उपलब्ध करायी है और आगे इससे भी बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी आगे बढ़ कर कावंरियों की हरसंभव सेवा करें ताकि वे राज्य और यहां के लोगों के प्रति अपने मन में सकारात्मक छवि लेकर जायें। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने मेले की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यहां आने वाले हर कावंरियों को बिजली, पानी, स्वास्थ्य, सफाई जैसे मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है। इधर, एक माह तक (सावन) चलने वाले श्रावणी मेला में देश-विदेश के गेरुआ वस्त्रधारी कावंरियों का आना शुरू हो गया है। कावंरिया भागलपुर के सुल्तानगंज में उत्तर वाहिनी गंगा का पवित्र जल अपने कावंर में भर कर लगभग 110 किलोमीटर पैदल दुर्गम यात्रा करते हुए झारखंड के देवघर में स्थित बैद्यनाथ धाम में भगवान शंकर के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में नौवां ज्योतिर्लिंग का जलाभिषेक करते हैं। इस दौरान सुल्तानगंज से देवघर तक सम्पूर्ण कावंरिया मार्ग ‘बोल बम और हर हर महादेव’ के जयघोष से गुंजायमान रहता है और पूरा वातावरण भक्तिमय बन जाता है। हर तरफ गेरुआ वस्त्रधारी कावंरियों का सैलाब नजर आता है। इस बीच जिला प्रशासन ने मेले में आने वाले कावंरियों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने और उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है। वरीय पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि मेला क्षेत्र और सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और संदिग्ध लोगों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि सादे लिबास में पुलिस कर्मी भी तैनात किए गये हैं। 

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