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संयुक्त राष्ट्र ने परमाणु-हथियारों पर प्रतिबंध से संबंधित संधि स्वीकार की

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संयुक्त राष्ट्र, आठ जुलाई, परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध से संबंधित पहली वैश्विक संधि की स्वीकृति के लिये संयुक्त राष्ट्र में 120 से अधिक देशों ने मतदान किया, जबकि भारत तथा अमेरिका, चीन एवं पाकिस्तान समेत आठ अन्य परमाणु सम्पन्न देशों ने परमाणु हथियार प्रतिबंध के साधन को लेकर कानूनी तौर पर बाध्यकारी इस वार्ता में हिस्सा नहीं लिया। परमाणु अप्रसार के लिये कानूनी तौर पर बाध्यकारी पहले बहुपक्षीय साधन Þपरमाणु हथियार निषेध संधि   को लेकर 20 वर्ष वार्ताओं का दौर चला। कल भारी प्रशंसा के बीच 122 देशों ने इसके पक्ष में और नीदरलैंड्स ने इसके खिलाफ मतदान किया जबकि सिंगापुर मतदान की प्रक्रिया से बाहर रहा। भारत एवं अन्य परमाणु सम्पन्न राष्ट्रों -- अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इस्राइल ने वार्ता में हिस्सा नहीं लिया। परमाणु हथियारों पर रोक के मकसद से इसे कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाने के संबंध में इस साल मार्च में इसका मूल सत्र आयोजित हुआ था। परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन की दिशा में पिछले साल अक्तूबर में परमाणु हथियारों पर रोक के लिये कानूनी रूप से बाध्यकारी सनद को लेकर वार्ता हुई थी और इससे संबद्ध संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक प्रस्ताव पर 120 से अधिक राष्ट्रों ने मतदान किया था। बहरहाल भारत इस प्रस्ताव से दूर रहा था। अक्तूबर में आए प्रस्ताव से दूर रहने के संबंध में भारत ने  मतदान स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि भारत इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं था कि प्रस्तावित सम्मेलन परमाणु अप्रसार पर व्यापक साधन के लिये अंतरराष्ट्रीय समुदाय की दीर्घकालिक उम्मीद का निवारण कर सकता है। भारत ने कहा कि वह परमाणु अप्रसार को लेकर वार्ताएं शुरू किये जाने का समर्थन करता है जबकि भारत इस बात पर भी कायम रहा था कि जिनेवा में हुयी कॉन्फ्रेंस ऑन डिस्आर्मामेंट :सीडी: एकमात्र बहुपक्षीय परमाणु अप्रसार वार्ता मंच है।


विशेष आलेख : ‘सिस्टम’ की रोग मुक्ति सफलता का आधार

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उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी का सौ दिनों का कार्य अंधेरों में रोशनी का प्रतीक बना है। सरकार ने इन दिनों में विकास के प्रतिमानों को ऊंचा रखते हुए लोगों के दिल को जीतने का काम किया है। इस अल्पावधि में सरकार ने अपनी नीतियों, योजनाओं एवं कार्यों से जन-जन में लोकप्रियता प्राप्त की है। प्रदेश की जनता ने बदलाव भी देखा और महसूस भी किया, भय, भ्रष्टाचार एवं अफसरशाही पर लगाम कसी है, बिजली की कटौती से राहत मिली है, विकास की नयी संभावनाओं ने पांव पसारना शुरु कर दिया है। लेकिन इन प्रशंसनीय स्थितियों के बीच कानून व्यवस्था अभी भी चरमराई हुई है। पिछले चैदह सालों से भ्रष्टाचार और गुंडाराज से जूझ रहे प्रदेश में एक नई तरह की कार्य संस्कृति और बदलाव देखने को मिल रहा है लेकिन कानून-व्यवस्था की दृष्टि से सकारात्मक नतीजे सामने आने जरूरी हैं।

उत्तर प्रदेश में विकास से भी ज्यादा आवश्यक कानून व्यवस्था सशक्त होना है, जिसमें अभी कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है, अपराधियों के हौसले आज भी बुलन्द है, जो योगी सरकार के लिये एक चुनौती है। विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कानून-व्यवस्था को एक बड़ा मुद््दा बनाया था। भाजपा ने मायावती और अखिलेश यादव की सरकारों पर जंगल राज का आरोप मढ़ते हुए यह वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आई तो फौरन कानून व्यवस्था को ही सर्वोच्च प्राथमिकता देगी। लेकिन तीन महीने से ऊपर हो गए, आज हकीकत क्या है? भले ही योगी ने पिछले दिनों अपनी सरकार के सौ दिनों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया, तो उसमें कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर भारी कामयाबी का दावा था। पर यह आत्म-प्रशंसा खोखली जान पड़ती है। 
अपराधियों का हौसला किस कदर बढ़ा हुआ है, इसका ताजा संकेत बिजनौर की एक घटना से मिल जाता है, जिसमें बीते शुक्रवार की रात अज्ञात अपराधियों ने एक सब इंस्पेक्टर की गला रेत कर हत्या कर दी, उनका शव गन्ने के एक खेत में फेंक दिया और उनकी सर्विस रिवाल्वर लेकर भाग गए। इससे पहले एक पेट्रोल पंप के मालिक को लूटा जाना, एक व्यापारी की हत्या, दो लड़कियों समेत एक परिवार के चार सदस्यों की धारदार हथियार से हत्या, गहने की दुकान में डकैती, एक राजनीतिक की हत्या, एक पुलिस सब इंस्पेक्टर को खुलेआम पीटा जाना। सहारनपुर में जातिगत टकराव व हिंसा। गोरक्षा के नाम पर उत्पात व हिंसा। इस सिलसिले पर विराम कब लगेगा? इन्हीं आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण ही प्रदेश वास्तविक बदलाव हो सकता है, ऐसा न होना योगी की विफलता को ही दर्शाता है। जनता बहुत विश्वास से योगी पर अपराधमुक्त प्रदेश का सपना संजोये हैं। क्योंकि अपराधियों एवं पुलिस के आपसी सहयोग से प्रदेश की जनता डरावनी, दिल दहला देने वाली, खौफनाक आपराधिक घटनाओं हर दिन रू-ब-रू होने को विवश रही है। प्रदेश अपराध का गढ़ बना हुआ है, पुलिस का भ्रष्टाचार सहज है, उनकी लापरवाही एवं गैर-जिम्मेदाराना हरकते आम बात है। अपराधी बेखौफ है और निर्दोष पिसता रहा है। कब उत्तर प्रदेश भयमुक्त हो सकेगा? इन कानून-व्यवस्था की अंधेरी गलियों से प्रदेश की जनता को रोशनी में लाना जरूरी है, पुलिस महकमें को दुरुस्त और जिम्मेदार बनाना, अपराधों पर नियंत्रण यही योगी की सबसे बड़ी सफलता हो सकती है। इसके लिये योगी को सख्त कदम उठाने होंगे।
मुख्यमंत्री ने पदभार संभालते ही कानून-व्यवस्था को प्राथमिकता प्रदान की, उन्होंने हर पुलिस अधीक्षक को सुबह नौ बजे तक दफ्तर पहुंच जाने, रोज कम-से-कम एक थाने का निरीक्षण करने जैसे कई निर्देश जारी किए थे। यही नहीं, खुद थाने का औचक निरीक्षण करके उन्होंने यह संदेश भी देना चाहा कि पुलिस महकमे के कामकाज पर उनकी सीधी नजर है। फिर क्या वजह है कि एक तरफ आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी और दूसरी तरफ पुलिस के आत्मविश्वास में कमी आई दिखती है? पुलिस के कामकाज में राजनीतिक हस्तक्षेप की उत्तर प्रदेश की ही नहीं समूचे देश की पुरानी  शिकायत है, समस्या है। सर्वोच्च न्यायालय ने  पुलिस महकमे से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिये कई बार हिदायत दी, सोराबजी कमिटी के द्वारा दिये गये सुझाव जैसे वरिष्ठ पुलिस अफसरों का कम से कम दो साल तक तबादला न करने और उनकी पदोन्नति, निलंबन आदि के लिए एक स्वायत्त बोर्ड बनाने को राज्य सरकारों ने लागू नहीं होने दिये हैं, जबकि सर्वोच्च न्यायालय इसके लिये बार-बार निर्देश-आदेश जारी करता रहा है। उत्तर प्रदेश के मामले में सबसे खटकने वाली बात यह है कि पुलिस अफसरों के काम में राजनीतिक दखलंदाजी के अलावा पुलिसकर्मियों पर हमले की भी कई घटनाएं हुई हैं, और कई मामलों में आरोप राजनीतिकों पर हैं। योगी को इन गंभीर स्थितियों को बदलना होगा। अपनी पार्टी के लोगों को सतर्क एवं सावधान करना होगा कि वे पुलिस महकमें में अनुचित तरीके से दबाव बनाकर अपराध का साथ नहीं देंगे। आज प्रशासनिक ढांचे में परिवर्तन लाने की शुरूआत हो गई है। क्यों न अब राजनीतिक ढांचे एवं सोच को सुधारने की प्रक्रिया शुरू होें।

सौ दिन का वक्त इन जड़ और जटिल हो चुकी समस्याओं एवं परिस्थितियों को बदलने के लिये पर्याप्त नहीं है। लेकिन इन सौ दिनों में ही योगी सरकार ने बेहतरीन काम करके और अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करके साबित कर दिया है कि वो ईमानदार नीति और नीयत के साथ काम कर रही है, इसका तो स्वागत होना ही चाहिए। स्वागत तो इस बात का भी होना चाहिए कि पहली ही कैबिनेट की मिटिंग में किसानों की कर्ज माफी का ऐलान किया गया, इतना ही नहीं गेहूं खरीद में भी सरकार ने रिकार्ड खरीद कर और गन्ना खरीद का तुरंत भुगतान कर चुनावी संकल्प पत्र के वायदों को पूरा करने का काम किया। एंटी रोमिया स्क्वायड का गठन, एंटी भूमाफिया स्क्वायड का गठन भी सराहनीय कदम हंै। यही नहीं योगी की सरकार बिना भेदभाव के हर जिले में पर्याप्त पानी-बिजली देने का प्रयास कर रही है, जिससे जनता को बहुत राहत का अनुभव हुआ है। भर्तियों के काम को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए ही सरकार ने नौकरियों से इंटरव्यू खत्म करने का भी फैसला ले लिया है। पिछली सरकारों के दौरान प्रदेश की जेलों को अपनी ऐशगाह बनाने वाले माफियाओं का जेल ट्रांसफर करके योगी की सरकार ने माफियाओं की नकेल कस दी है। भ्रष्टाचार के तमाम मामलों में सीबीआई जांच की सिफारिश कर सरकार ने ये साबित किया है कि वो जनता की गाढी कमाई लूटने वाले बेईमानों को कड़ी सजा दिलाने जा रही है। अफसर वक्त से दफ्तरों में पहुंचने लगे हैं जबकि अध्यापक और चिकित्सक अस्पतालों में। अफसरों को बिना किसी दबाव और राजनीतिक हस्तक्षेप के काम करने का अवसर मिल रहा है। इसी का नतीजा है कि जनता की सुनवाई होने लगी है। खुद मुख्यमंत्री एक ईमानदार जनसेवक की तरह हर रोज जनसुनवाई कर रहे हैं। साथ ही वो उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी कर रहे हैं जो जनसुनवाई के काम में ढीले पाए गए। योगी को एक सशक्त एवं ईमानदार प्रशासनिक ढांचा खड़ा करने के साथ-साथ सामाजिक व्यवस्था को भी मजबूत करना होगा। हर स्तर पर दायित्व के साथ आचार संहिता अवश्य हो। दायित्व बंधन अवश्य लायें। निरंकुशता नहीं। आलोचना भी हो। स्वस्थ आलोचना, पक्ष और प्रतिपक्ष दोनों को जागरूक रखती है। पर जब आलोचक मौन हो जाते हैं और चापलूस मुखर हो जाते हैं, तब फलित समाज को भुगतना पड़ता है।
आज हम अगर दायित्व स्वीकारने वाले समूह के लिए या सामूहिक तौर पर एक संहिता का निर्माण कर सकें, तो निश्चय ही प्रजातांत्रिक ढांचे को कायम रखते हुए एक मजबूत, शुद्ध व्यवस्था संचालन की प्रक्रिया बना सकते हैं। हां, तब प्रतिक्रिया व्यक्त करने वालों को मुखर करना पड़ेगा और चापलूसों को हताश, ताकि सबसे ऊपर अनुशासन और आचार संहिता स्थापित हो सके अन्यथा अगर आदर्श ऊपर से नहीं आया तो क्रांति नीचे से होगी। जो व्यवस्था अनुशासन आधारित संहिता से नहीं बंधती, वह विघटन की सीढ़ियों से नीचे उतर जाती है। काम कम हो, माफ किया जा सकता है, पर आचारहीनता तो सोची समझी गलती है- उसे माफ नहीं किया जा सकता। ‘सिस्टम’ की रोग मुक्ति प्रगतिशील प्रदेश एवं स्वस्थ समाज का आधार होगा और वही वास्तविक सफलता का आधार भी हो सकता है।




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(ललित गर्ग)
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फोनः 22727486, 9811051133

विशेष : संवैधानिक मर्यादा लांघती ममता की राजनीति

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वर्तमान में पश्चिम बंगाल के जो हालात हैं, वह किसी से छिपे नहीं हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि बंगाल में हिंसा को लेकर राज्य की सरकार द्वारा पक्षपाती राजनीति की जा रही है। सरकार का संचालन करने वाली ममता बनर्जी जहां अप्रत्यक्ष रुप से केन्द्र सरकार को आड़े हाथ ले रही हैं। वहीं संवैधानिक पद पर आसीन राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी की सलाह को भी दरकिनार कर रहीं हैं। ममता बनर्जी का राजनीतिक इतिहास बताता है कि वह राज्य सरकार की जिम्मेदारी के लिए भी केन्द्र सरकार को दोषी ठहराने में पीछे नहीं रहती। जबकि यह सभी जानते हैं कि राज्य की कानून व्यवस्था राज्य सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। यह बात सही है कि कानून व्यवस्था ठीक नहीं होने पर राज्यपाल सरकार को सलाह देने का संवैधानिक अधिकार रखते हैं। पश्चिम बंगाल में राज्यपाल की सलाह को दरकिनार ही नहीं किया गया, बल्कि उन्हें भाजपा का तोता तक कह दिया। यह वक्तव्य मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्यपाल का अपमान करने की श्रेणी में आता है।


हालांकि देश में कई अवसरों पर ऐसे हालात पैदा हुए हैं, जिसमें मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच मतभेद सामने आए, लेकिन इसके बाद भी संवैधानिक मर्यादाओं का पालन किया गया। पश्चिम बंगाल में मर्यादा टूट रही हैं। वास्तव में राज्य सरकार को हिंसा पर काबू करने का प्रयास करना चाहिए था, लेकिन ममता बनर्जी ने जैसी सक्रियता दार्जिलिंग की हिंसा के बारे दिखाई थी, वैसी 24 परगना में क्यों नहीं दिखाई, यही सवाल वर्तमान में उभर रहा है। पूरी घटना के पीछे का सच देखा जाए तो मात्र इतना ही है कि एक छोटे से बालक ने अपनी फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट कर दी थी, वैसे आजकल सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट बहुतायत में हो रही हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उसको आधार बनाकर हिंसा जैसा रुप दिखाया जाए। एक वर्ग विशेष की हिमायती दिखने की लालसा में ममता बनर्जी ने हिंसा के जिम्मेदार लोगों के विरोध में कोई बयान नहीं दिया। उन्होंने इस मामले में पूरी तरह से राजनीति रुख अपनाया है। वास्तव में राज्य की हिंसा के लिए राज्य सरकार ही पूरी तरह से दोषी होती है। इसलिए यह कहा जा सकता है कि राज्य सरकार ने इस हिंसा के मामले में अपने कर्तव्यों का पूरी ईमानदारी के साथ निर्वाह नहीं किया।

वास्तव में लोकतंत्र की मर्यादा को ध्यान में रखा जाए तो किसी भी सरकार को पक्षपात पूर्ण व्यवहार नहीं करना चाहिए। मुख्यमंत्री सबका होता है, किसी एक राजनीतिक दल का भी नहीं। फिर मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर बैठकर ममता बनर्जी इस हिंसा को राजनीतिक नजरिए से क्यों देख रही हैं। हालांकि यह हो सकता है कि अपनी कमी को छिपाने के लिए उसका आरोप किसी और दल पर लगा दिया जाए। यही तो ममता बनर्जी ने किया है। उन्होंने राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद की मर्यादाओं को ताक पर रख दिया है। हमें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के कार्य व्यवहार से कुछ सीखना चाहिए। वर्तमान में देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाजपा की पृष्ठभमि के हैं और राष्ट्रपति कांगे्रस की पृष्ठभूमि के हैं। अगर दोनों राजनीतिक रुप से विचार करते तो संभवत: एक दूसरे के विरोधी हो जाते, लेकिन कांगे्रसी पृष्ठभूमि के होने के बाद भी राष्ट्रपति ने कभी भी इसका आभास नहीं होने दिया। यही बात प्रधानमंत्री के साथ है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति को पूरा सम्मान देते हुए उन्हें अपना पिता तुल्य माना। प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रुप से कहा भी है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पिता तुल्य मार्गदर्शन दिया है। ममता बनर्जी को केन्द्र में प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति पद पर आसीन व्यक्तियों से प्रेरणा लेनी चाहिए। अगर सुश्री बनर्जी को राज्यपाल की किसी बात पर असंतोष था, तब उनका नाराजगी व्यक्त करने का अंदाज सभ्य होना चाहिए। वास्तव में ऐसे ही तालमेल से देश और प्रदेश को विकास और शांति के मार्ग पर चलाया जा सकता है। लेकिन राजनीतिक विद्वेष की अवधारणा को अंगीकार करने वाली ममता बनर्जी ने जिस प्रकार की राजनीति की है, वह संवैधानिक मर्यादाओं का खुला उल्लंघन ही माना जाएगा। क्योंकि राज्यपाल किसी भी प्रदेश का संवैधानिक मुखिया होता है और इस नाते उनकी प्रथम जिम्मेदारी तो यही होती है कि राज्य की राजनीतिक सत्ता का संचालन करने वाली मुख्यमंत्री को उचित समय पर मार्गदर्शन दिया जाए। आखिर राज्यपाल भारतीय शासन व्यवस्था में राज्य सरकार का प्रमुख होता है। मुख्यमंत्री व मंत्रीमंडल में हालांकि व्यावहारिक शक्तियां निहित रहती हैं, लेकिन उनका वास्तविक धारक राज्यपाल ही है। अब अगर राज्यपाल राज्य के शासन में अच्छे-बुरे पर कुछ बोल ही नहीं सकता, तब वह अपने संवैधानिक दायित्वों को भला कैसे निभा पाएगा? ममता बनर्जी द्वारा राज्यपाल के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग करना वास्तव में निन्दनीय कृत्य ही कहा जाएगा।


जहां तक पश्चिम बंगाल की बात है, ममता बनर्जी हर मामले में केन्द्र सरकार के साथ टकराव की स्थिति पैदा कर लेती हैं। उन्हें भाजपा सरकार के हर निर्णय में साजिश की बू नजर आती है। अनेक दफा उन्हें राज्य सरकार की नाकामियों को छुपाने के लिए ठीकरा केन्द्र सरकार के सिर फोड़ा है। यह बिना तोल-मोल की भाषा ही है, जिस कारण ममता बनर्जी सुर्खियों में बनी रहती हैं। ताजा घटनाक्रम में ममता बनर्जी ने हदें ही पार कर दी हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री व राज्यपाल के बीच विचार-विमर्श की गोपनीयता की परम्परा का भी अपमान किया है। परिस्थितियां ऐसी हो गई हैं कि पश्चिम बंगाल में संसदीय मर्यादा एक तमाशा बन गई है। जबकि देश में पश्चिम बंगाल के बाहर संसदीय मयार्दाओं की बेहतरीन मिसालें भी हैं।

बंगाल में मालदा दंगो में हिंदुओं पर अत्याचार हो या वीरभूमि में हनुमान भक्त के ऊपर लाठीचार्ज या हाल ही में 24 परगना जिले में आगजनी हो ऐसे ही न जाने कितनी घटनाएं पिछले कुछ सालों के अंदर बंगाल में घटित हुई हैं जिनमें हिंदुओं के साथ अत्याचार की घटनाएं सामने आई हैं। इन सभी घटनाओं ने ममता सरकार और प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया है। लेकिन वोट बैंक की राजनीति इन अत्याचारों को दबाती नजर आयी है। इसी के चलते पिछले समय मे हाईकोर्ट ने ममता सरकार पर वोट बैंक की राजनीति करने के लिए फटकार भी लगाई थी। जहाँ एक तरफ बुद्धजीवी मीडिया और अवार्ड वापसी गिरोह पूरे देश मे केवल कथित बीफ विवाद खोज कर केवल केंद्र सरकार को घेरने में लगी है। चाहें उत्तरप्रदेश का अखलाख हो या फिर हरियाणा का जुनैद विवाद चाहे ट्रैन में सीट का हो या और कोई बस ये बुद्धजीवी डिजायनर पत्रकार देश मे एक नया माहौल खड़ा करने में लग जाते हैं और देश को अल्पसंख्यक विरोधी माहौल बताने लग जाते हैं लेकिन यही डिजायनर पत्रकार कश्मीर में शहीद अयूब खान की मौत पर एक शब्द बोलने तक कि जहमत नहीं उठाते। इन्हें पत्थरबाजों पर सैनिकों की पैलेट गन तो दर्द देती है लेकिन सेना के शहीद सैनिक के लिए दो शब्द तक नहीं निकलते। इसी प्रकार बंगाल और कश्मीर में हिंदुओं की हजारों हत्याओं पर इन बुद्धजीवी पत्रकारों को साँप सूंघ जाता है। ऐसी दोहरी मानसिकता देश में एक विभाजन माहौल पैदा कर रही हैं जो देश के लिए खतरनाक साबित हो रही है।





सुरेश हिन्दुस्थानी
झांसी, उत्तरप्रदेश पिन- 284001
मोबाइल-09455099388
(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)

मुक्त बंधुआ मजदूरों के पुनर्वास के लिए प्रस्ताव की गयी जारी

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पटना 9 जुलाई 2017, एक्शनएड एसोसिएशन एवं सहयोगी जनसंगठन असंगठित क्षेत्र कामगार संगठन तथा राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण साझा अभियान के संयुक्त तत्वाधान में बंधुआ व बाल मजदूर के पुनर्वास विषय पर राज्य स्तरीय परामर्श सभा का आयोजन ए.एन. सिन्हा सामाजिक अध्ययन संसथान के सभागार में आयोजित की गयी . इस कार्यक्रम में राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश से मुक्त हुए लगभग 1300 से ज्यादा बंधुआ व् बाल मजदूरों के पुनर्वास की स्थिति एवं विषय पर विस्तारपूर्वक नीतिगत स्तर पर चर्चा की गयी, साथ हीं संस्था एवं संगठनों के द्वारा बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग के समक्ष एक प्रस्ताव सर्वसमति से पारित की गयी . इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार सरकार के पूर्व श्रम संसाधन मंत्री श्री दुलाल चंद गोस्वामी ने कहा की बिहार में बंधुआ प्रथा के उन्मूलन एवं मुक्त बंधुआ मजदूरों के पुनर्वास विषय पर वर्तमान सरकार काफी संवेदनशीलता से कार्य करने के लिए ठोस कदम उठायेगी. ज्ञात हो की सभी मुक्त बंधुआ मजदूरों को मात्र मुआवजा के तौर पर सरकार के ओर से बीस हज़ार राशी ही दी गयी है. उक्त बातों को इस कार्यक्रम को संचालित करते हुए एक्शनएड एसोसिएशन के पंकज श्वेताभ ने कहा कि बंधुआ मजदूर उन्मूलन व पुनर्वास अधिनियम, 1976 के मुताविक सभी मुक्त बंधुआ मजदूरों को पुनर्वासित करने के लिए वासभूमि, इंदिरा आवास, रोजगार के संसाधन व वितीय सहायता, सामाजिक सुरक्षा योजना, खाद्य सुरक्षा योजना अदि प्रमुक्ता से प्रथ्मिकिता देते हुए सुनिश्चित करना अनिवार्य है . इस कार्यक्रम में उपस्थित बिहार अनुन्सुचित जाति आयोग के पूर्व चेयरमैन श्री विद्यानंद विकल ने कहा की बंधुआ प्रथा स्थित पूर्व से काफी कम हुयी है और वर्तमान सरकार वंचित समुदायों की स्थित को बेहतर बनाने के लिए प्रतिवध है. 


इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेने में बिहार राज्य के विभिन्न संस्थाओं एवम जनसंगठन के प्रतिनिधिनों ने भाग लिया जिसमें प्रमुख रूप से यूनिसेफ के सैयद मंसूर, प्रक्सिस के अनिंदो बनर्जी, सेव द चिल्ड्रेन के पियूष, भोजन अधिकार अभियान के रुपेश, चेंज अलायन्स से आरती वर्मा, दलित अधिकार मंच से कपिलेश्वर राम, असंगठित क्षेत्र कामगार संगठन के विजयकांत, सुनील बासु, अभिषेक कुमार और अजय कुमार, बिहार चाइल्ड राइट्स फोरम के लालमोहन एवं एक्शनएड पटना के क्षेत्रीय प्रबन्धक सौरभ कुमार, सरद कुमारी, एकराम, सयदा बरी अदि उपस्थित थे. इस कार्यक्रम में एक्शनएड राजस्थान के नरेन्द्र शर्मा एवं राजस्थान बल अधिकार संरक्षण साझा अभियान के विजय गोयल शामिल थे जिन्होंने जयपुर में कार्यरत बिहार के मजदूरों को जयपुर के विभिन्न उधोगो से मुक्त करने में अहम् भूमिका निभाई. इस कार्यक्रम में मुक्त बंधुआ एवं बाल मजदूरों के अविभावक जो प्रमुख रूप से बिहार के गया, समस्तीपुर, वैशाली एवं मुजफ्फरपुर से आये थे ने अपनी हालत को वयान किया. 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 08 जुलाई

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खेती को लाभ का धंधा बनाने वाली प्रदेष की भाजपा सरकार ने किसानों के विकास के लिये अच्छा काम किया- शांतिलाल बिलवाल
  • कांग्रेसी  सांसद भूरिया ने कृषिमंत्री रहने काद भी जिले को कुछ नही दिया- भावसार
  • किसान सन्देष यात्रा का हुआ समापन

झाबुआ । कांग्रेस के 60 साल के कुशासन में न तो केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने कोइ्र कदम उठाया और ना ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने किसानों के हित की बात को सोचा। प्रदेश की शिवराजसिंह सरकार के आने  के बाद से सतत विकास की गति ऐसी बढी की प्रदेश का स्थान देश के अन्य राज्यों की तुलना में अग्रणी हो गया । कृषि के क्षे़त्र में प्रदेश ने कृषि विकास में इतनी अधिक प्रगति कर ली की प्रदेश को 5-5 बार केन्द्र सरकार द्वारा कृषि कर्मण पुरस्कार से नवाजा गया । प्रदेश में किसानों के हित मे शिवराजसिंह सरकार ने अनेको योजनायें एवं कार्यक्रम लागू करके किसानों की माली हालत को उत्तरोत्त बढाने का काम किया है । वर्तमान सांसद कांतिलाल भूरिया जो केन्द्र में कृषि मंत्री रहे के द्वारा इस अंचल के किसानों के लिये कुछ भी काम नही किया । मंत्री होते हुए भी यहां कृषि महाविद्यालय तक नही लासके । जब कांतिलाल भूरिया सांसद के साथ ही जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष रहे तो तब वे किसानों से 16-17 प्रतिशत व्याज वसुल करके किसानों का शोषण करते रहे है  । जबकि शिवराजसिंह ने सबसे पहले किसानों की ऋण पर लगने वाली ब्याज दर को शून्य प्रतिशत पर लाकर किसानों को भरपुर राहत दी है ।  खेती को लाभ का धंधा बनाने वाला प्रदेश प्रथम राज्य है ।प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में कई बहुआयामी योजनायें लागू की है वही प्रदेश सरकार की 165 से अधिक योजनाओं के कारण गरीबों के उत्थान का कार्य तेजी से हुआ है । भाजपा सरकार ने किसानों के हित मे जितना किया उतना कोई सरकार नही कर पाई है । कांग्रेस के शासनकाल में किसानों की बात सुनने वाला ही कोई नही था आज किसानों को बगैर किसी पेरशानियों के योजनाओं का लाभ मिल रहा है । किसानों की बेहतरी के लिये उठाये गये कदमों से कांग्रेस ने बौखला कर किसानों की आड में प्रदेश में शांत वातावरण को बिगाडने का काम किया और अन्ततः जांच के बाद साबित हो रहा है कि इस आन्दोलन के नाम पर ऐसे अफीम तस्करों एवं कांग्रेस के लोगों उने सोची समझी रणनीति के तहत किसान आन्दोलन की आड में अपनी राजनैतिक रोटिया सेकने का काम किया किन्तु उन्हे सफलता नही मिली है । आज कांग्रेस की हालत बिना आधार वाली हो चुकी है और किसान एवं जनता सभी जानगये है कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ प्रदेश में अशान्ति का माहौल तेयार करके अपना उल्लु साधना चाहती है । उक्त बात रविवार को स्थानीय कृषि उपज मंडी में किसान सन्देश यात्रा के समापन के अवसर पर बडी संख्या में हाट बाजार मे आये किसानों, पार्टी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों को  संबोधित करते हुए कहीं । श्री बिलवाल ने कहा कि सन्देश यात्रा का उद्देश्य ही किसानों को सरकारी योजनाओं के बारे बताना तथा कांग्रेस की गंदी राजनीति से जन जन से परिचित कराना है । 27 जुन से प्रारंभ हुई किसान सन्देश यात्रा के समापन के अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष दौलत भावसार, नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, कल्याणसिंह डामोर, जिला मतंत्री गोपालसिंह पंवार, जिला महामंत्री थावरसिंहद , जिला पिछडावर्ग प्रकोष्ठ अध्यक्ष संतोष सोनी,  पूर्णकालिक नवीन कुवाते, हरू भूरिया, सुरेश चैहान, बबलु सकलेचा, सूरसिंह हटिला, मुकेश अजनार,विधायक प्रतिनिधि राजेन्द्रकुमार सोनी, बहादूर हटिला, लालरा गुण्डिया, मथियास भूरिया, मेजिया कटारा, प्रवीण सुराणा, जगदीश बडदवाल, अमीत वसुनिया, भूपेश सिंगोड रईसा कुरेशी, बसंती बारिया, उरोशन आरा सहित बडी संख्या में पार्टी पदाधिकारी उपस्थित थे । इस अवसर पर जिला भाजपा अध्यक्ष दौलत भावसार ने भी किसान सन्देश यात्रा के समापन के अवसर पर कांग्रेस पार्टी को आडे हाथ लेते हुए  कांग्रेस पार्टी पर आम किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया ।प्रदेश की शिवरीाजसिंह सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों की प्रसंशा करते हुए प्रदेश को 5 बार मिले कृषि कर्मण पुरस्कार का जिक्र करते हुए प्रदेश सरकार द्वारा प्राकृर्तिक आपदा आदि मे जिले के किसानों को 9 करोड कके मुआवजे वितरण की जानकारी दी । कांतिलाल भूरिया के कृषिमंत्री के रूप  में उनके द्वारा विदेश यात्रा मे दो फर्जी किसानो को विदेश यात्रा करवाने का जिक्र करते हुए कहा कि कांतिलाल भूरिया को जिले में एक भी ऐसा किसान नही दिखाई दिया जिसे विदेश मे अध्ययन के लिये ले जाते । श्री भावसार ने किसान आन्दोलन के नाम पर कांग्रेस द्वारा प्रदेश की फिजा बिगाडने का आरोप लगाते हुए इस आन्दोलन मे किसानों की आड मे अफीम तस्करों एवं काग्रेसी नेताओं का हाथ बताया । उन्होने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी द्वारा आन्दोलन के नाम पर किये गये कृत्यों की निन्दा करते हुए कहा कि जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्रों में किसान सन्देश यात्रा के नाम से किसानों मे जन जागृति फैलाने का काम किया है । उन्होने केन्द्र सरकार की उज्ज्वला योजना के बारे में भी विस्तार से बताया । श्री भावसार ने किसानों के नाम पर राजनीति5 करने वाली कांग्रेस को झुठी एवं किसान विरोधी बताया । इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह की किसान हितैषी योजनाओं का जिक्र करते हुए विधानसभा क्षेत्र में सफल आयोजन करने के लिये विधायक शांतिलाल बिलवाल की प्रसंशा की । , इस अवसर पर किसान सन्देश यात्रा में पूरे समय विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता काम करने वाले राधुसिंह भूरिया एवं बबलु वाहन चालक का विधायक सहित अतिथियों ने पुष्पमालाओं से सम्मान किया । कार्यक्रम का संचाल नगर मंडल अध्यक्ष बबलु सकलेचा ने किया तथा आभार मंडी उपाध्यक्ष बहादूर हटिला ने माना । विधायक ने गा्रमीण किसानों को किसान हितैषी योजनाओं का साहित्य का हाट बाजार मे वितरण किया ।


भजन संध्या में साई भजनों पर झुम उठे श्रोता, गुरूपूर्णिमा पर शिरडीधाम बना साई मंदिर
  • हजारों ने भंडारा प्रसादी का लिया लाभ, भव्य पालकी यात्रा का नगरवासियों ने किया स्वागत ।

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झाबुआ । श्रीशिरडीसाई मंदिर परिसर में त्रि दिवसीय  श्री गुरूपूर्णिमोत्सव में रविवार को प्रातःकाल से ही शिरडी साई बाबा का मंदिर शिरडीधाम बन गया । हजारों उकी संख्या में साईबाबा के दर्शनार्थ लोगों ने कतार लगा कर बाबा का वंदन पूजन किया ।  कार्यक्रम संयोजिका श्रीमती कविता शेलेन्द्र सिंगार ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरूपूर्णिमा की पूर्व संध्या पर शनिवार रात्रि को बाबा के दरबार में अमर पंजाबी की भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसमें एक से बढ कर एक भजनों की प्रस्तुति से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया । संगीत की स्वर लहरियों पर श्रोतगण नाचने लगें। रविवार को प्रातःकाल से गुरूपूर्णिमा के अवसर पर  प्रातः 5 बजे कांकड आरती में बडी संख्या में साईभक्तो ने आरती में भाग लिया तथा बाबा के अभिषेक काक अनुष्ठान भी किया गया । प्रातः 10 बजे से बाबा के दरबार मे भव्य भंडारे काक आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में गा्रमीणों एवं नगरवासियों ने प्रसादी का लाभ लिया । स्वयं जिला कलेक्टर आशीष सक्सैना, पुलिस अधीक्षक महेशचन्द्र जैन ने भोजन प्रसादी परोसी । वही क्षेत्रीय विधायक शांतिलाल बिलवाल, नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, श्रीमती बसंती बारिया, श्रीमती संगीता शैलेन्द्र सिंगार, बबलु सकलेचा, प्रवीण सुराणा आदि ने भंडारा प्रसादी में परोसगारी की । विधायक ने गुरूपूर्णिमा के पर्व पर सभी को बधाईया देते हुए गुरू को ज्ञानदाता बताया । युवा साई समिति के दिलीप कुशवाह ने जानकारी देते हुए बताया कि सायंकाल 4 बजे से साई बाबा मंदिर से गाजे बाजे के साथ भव्य एपालकी यात्रा आयोजित की गई ।  जिसमे आदिवासी लोक नृत्य दल आलीराजपुर, विश्वकर्मा डीजे के साउंड सिस्टम, बेंड बाजो, ताशापार्टी,नासिक के ढोल आकर्षण का केन्द्र रहे । बच्चों के मनोरंजन के लिये मिक्की माउस गणेश जी बंदर आदि आकर्षण का केन्द्र रहे । शोभायात्रा मे साई पालकी को उठाने के लिये साईभक्तों का उत्साह देखने लायक था । साई पालकी मन्दिर प्रांगण से राजगढ़ नाका, ब्लॉक कॉलोनी, कुरेशी कंपाउंड, भोजमार्ग, चारभुजा नाथ मंदिर ,राजवाड़ा चैक, लक्ष्मी बाई मार्ग,जैन मंदिर वाली गली,रूनवाल बाजार, थांदला गेट, मैन बाजार, आजाद चैक, कालिका माता मंदिर , नेहरू मार्ग होते हुए पुनः साई मंदिर प्रांगण पहूचेगी जहां बाबा की आरती की जावेगी । रात्री में 8-30 बजे बाबा की महा आरती एवं 9 बजे से इन्दौर के कलाकारों द्वारा रंगारग आतिशबाजी की गई तथा प्रसिद्ध भजन गायक श्री अमर पंजाबी की भजन संध्या का आयोजन किया गया । श्री कुश्वाह ने बताया कि रात्री 8-30 बजे बाबा की महा आरती मे हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया । रात्री 11 बजे शयन आरती के बाद त्रि दिवसीय साई महोत्सव का समापन हुआ ।

श्री रामकृष्ण सेवा समिति ने मनाया गुरूपूर्णिमा पर्व

झाबुआ । नगर के एकलव्य भवन थांदला गेट पर श्री रामकृष्ण सेवा समिति द्वारा गुरूपूर्णिमा पर्व पूरी श्रद्धा के साथ मनाया गया । शनिवार रात्रि को संगीतमय सुंदरकांड का पाठ का आयोजन किया गया तथा रविवार प्रातः 6 बजे से अभिषेक हवन के बाद दोपहर 12 बजे महा आरती कर गुरूवंदना की गई । बालिका भोजन  एवं विकलांग केन्द्र के बच्चों को भेजन करवाया गया तथा इसके बाद महा भंडारे का आयोजन किया गया जिसमे बडी संख्या में लोगों ने भोजन प्रसादी प्राप्त की ।

बडो के घर बिना बुलाये मत जाओं और छोटे और गरीब के यहां बिना बुलाये जाना चाहिये - मुनि रजतचन्द्र विजय जी मसा
  • गुरू महिमा अनन्त होती है- आचार्यदेवेश ऋषभचन्द्रसूरीजी मसा बावन जीनालय मे गुरूपूर्णिमा पर्व हर्षोल्लास से मनाया ।

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झाबुआ । गुरूपूर्णिमा के अवसर परमपूज्य आचार्य देवेश श्री ऋषभचन्द्रसूरिश्वरजी मसा के चातुर्मास के दूसरे दिन गुरूपूर्णिमा पर्व बडे ही धुमधाम से मनाया गया । बडी संख्या में उपस्थित श्रावक श्राविकाओं को गुरू महिमा के बारे में बताते हुए श्री ऋषभचन्द्रसूरीजी मसा ने कहा कि गुरू की महिमा अनन्त है । उन्होने अपने सभी गुरूओं का गुणगान करते हुए कहा कि उन्होने अपने गुरू पूज्य श्री विद्याचन्द्रसूरीजी मसा के सानिध्य में 22 साल तक शास्त्रों का गहन अध्ययन किया उसके बाद ही उनकी दीक्षा संपन्न हुई । उसके बाद 25 साल तक पूज्य हेमेन्द्र सूरीज मसा की आज्ञ में  मुनिधर्म का निर्वाह किया । उनके सांसारिक भ्रमा एवं गुरू रवीन्द्रसूरिश्वरजी मसा की पाट परम्परा के अनुसार उन्होने धर्म का ज्ञान अर्जित किया । उनहोने अपने गुरूओं का गुणानुबाद किया । इसके पूर्व धर्मसभा को संबोधित करते हुए अपने पवचन में पूज्य मुनि रजतचन्द्रवियजय जी मसा ने कहा कि गुरू के प्रति समर्पण भाव हो वही सच्चा शिष्य होता है । भगवान महावीर स्वामी एवं उनके प्रथम शिष्य  गौतम स्वामी का समर्पण भाव ही उनकों परम उपलब्धि प्रदाता बना । गुरूकृपा से उन्हे ऐसी लब्धि प्राप्त हुई  िकवे जिसे भी दीक्षा देते उन्हे कैवल्यज्ञान प्राप्त हो जाता और मोक्ष की प्राप्ति हो जाती । मुनि श्री ने महाराजा छत्रपति शिवाजी का उद्धरण देते हुए कहा कि उनके गुरू स्वामी रामदाय जी को कोई गंभीर बीमारी होगई । बहुत उपचार कराया किन्तु ठीक नही हुए । किसी वैद्य ने कहा कि शेरनी का दुध ही इसका उपचार है । शिवाजी महाराज ने  अपने बुद्धिबल से जंगल की ओर जाकर शेरनी के पास जाकर अपने स्नेह एवं प्रेम भाव के चलते उसका दुध ले आये । मुनि श्री ने आगे कहा कि शिवाजी को गुरू पर आस्था थी इसलिये उन्हे भय नही था । प्रेम भाव से सभी भय दूर हो जाते है । उन्होने कहा कि भगवान महावीर तारने के लिये चण्डकौशिक सर्प के पास गये और प्रतिवोधित कर उसको भी तारा औरी देवलोक को प्राप्त हुआ ।  गुरू की कृपपा दृष्टि हो तो शिष्य सुशिय हो कर सभी विद्या को प्राप्त कर सकतपा है । गुरू द्रोणाचार्य और एकलव्य का उदाहरण देते हुए उन्होन बताया कि दा्रेणाचार्य केचल क्षत्रिय पुत्रों को ही आयुध की शिक्षा एवं िवद्या प्रदान करते थे किन्तु समर्पण भाव के चलते एकलव्य ने गुरू द्रोणाचार्य की माटी की मूर्ति बना कर आयुध का पर्याप्त ज्ञान हांसील कर लिया । श्री कृष्ण और सुदामा का उदाहरण से यही शिक्षा मिलती है कि बडो के घर बिना बुलाये मत जाओं और छोटे और गरीब के यहां बिना बुलाये जाना चाहिये । मुनि श्री ने आगे कहा कि गुरू के प्रति समर्पण भाव हो तो गुरू द्रोणाचार्य जिन्होने एकलव्य से दक्षिणा में उसका दाये हाथ का अंगुठा मांग लिया और एकलव्य ने  बिना सोच वि0चार के उन्हे अंगुठा दे दिया । समर्पण भाव ही गुरू कृपा का कारण होता है । गुरू गोविन्द दोनो खडे हो तो गुरू के ही पांव लगना  शिष्य का धर्म होता है । इस अवसर पर साध्वीरत्ना कल्पलताश्री ने गुरू महिमा पर प्रेरक प्रवचन देते हुए गुरू के कीर्तन भाव से गुणगान किये । परमात्मा और गुरू के गुणों का वर्णन एक दिन मे नही गाया जासकता है । गुरू का मार्गदर्शन ही भव मुक्ति दिला सकता है । भक्त से भगवान बनाने की कला गुरू ही बता सकते है । गुरू चरणों को जो लूट जाता है वही भाग्यशाली होता है । गुरू की कृपा भगवान की कृपा के तुल्य होती है । एक बार देवों में बहस हो गई किसी ने देव ने कहा पृथ्वी बडी है , किसी ने शेष नाग, किसी ने शिवजी किसी ने कैलाश पर्वत, बताया जहां शिवजी निवास करते है, किसी ने हनुमानजी को बडा बताया जिन्होन पर्वत उठा लिया था तो किसी ने राम को बडा बताया जिनके चरणों में हनुमान लोटा करते थे अन्ततः निष्कर्ष यही निकला कि सबसे बडे तत्व गुरू ही होते है । मुनिश्री जितविजयजी मसा ने काव्य के माध्यम से गुरू गुणानुवाद किया उन्होने कहा कि उनका सानिध्य ही हमारे जीवन के लिये कल्याणकारी होता है ।कुमारी नेहा ने भी गुरू पर अपने विचार व्यक्त किये और गुरू को परमात्मा और प्रभू का स्वरूप् बताया । गुरू पूर्णिमा के अवसर पर मोहनखेडा, राजगढ, पारा आदि आदिवासी क्षेत्र के बडी संख्या में गा्रमीणजन भी नारियल एवं फुल पूज्य आचार्य देवेश को चढाने के लिये आये । इस अवसर पर बालिकाओं ने धार्मिक नृत्य प्रस्तुत कर गुरूमहिमा बताई । इस अवसर पर करीब 30 श्री संघों के बाहर से श्रावक जनों ने धर्मसभा का लाभ लिया । पूज्य आचार्य के जन्म स्थल7 सियाणा से भी अंजनशलाका के मुहर्त के लिये श्रीसंघ का आगमन हुआ ।अश्टम पट को संतोष नाकोडा द्वारा झाबुआ श्री संघ को अर्पित किया गया जिसे आचार्य श्री ने वाक्षप के साथ उसका मुहर्त भी किया । मेघनगर श्री संघ, इन्दौर, रारजगढ,  नागदा, बम्बई, बैंगलोर, से श्री आये श्रावकों को बहुमान किया गया ।गुरू पूजन परेशभाई एसपी ग्रुप मुबई द्वारा किया गया गुरूमंत्र प्राप्त करने वाले लाभार्थी सियाणा श्री संघ के 50 सदस्य रहे । पूज्य राजेन्द्र सरीजी मसा की गुरू चरण पादुका  केहनलाल राठौर अनील एवं सुनील राठौर रहे ।


नेशनल लोक अदालत सहकारिता खण्डपीठ क्र 14 के माध्यम से जि0सह0के0बैंक झाबुआ एवं संबंद्ध समितियो के 112 प्रकरणो का निराकरण
  • राषि रू. 12.12 लाख ब्याज माफ किया आवास ऋण के एक प्रकरण मे 5.09 लाख की सर्वाधिक छूट

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झाबुआ । म.प्र. उच्च न्यायालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीष मान. श्री श्यामकांत कुलकर्णी के निर्देषानुसार,जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित झाबुआ परिसर मे दिनांक 08.07.2017 को आयोजित नेषनल लोक अदालत सहकारिता खण्डपीठ में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक झाबुआ एवं बैंक से संबंद्ध सहकारी समितियो के 112 प्रकरणो मे रू.12.12 लाख राषि की छूट दी जाकर 29.05 लाख राषि वसूल कर प्रकरणो का निराकरण किया गया । बैंक की मुख्य शाखा झाबुआ के आवास ऋण प्रकरण में कुलराषि रू. 21.23 लाख वसूल की जाकर 5.09 लाख की छूट प्रदान कर काफी पुराने कालातीत ऋण प्रकरण का निराकरण किया गया। उक्त आयोजित नेषनल लोक अदालत सहकारिता खण्डपीठ झाबुआ के पीठासीन अधिकारी एवं उपायुक्त सहकारिता श्री जी.एल.बडोले, सुलहकर्ता श्री मनोज मेहता एडव्होकेट झाबुआ, बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री पी.एन.यादव, वरिष्ठ सह.निरीक्षक श्री कैलाष मुवेल, संबंधित शाखा प्रबंधक,पर्यवेक्षक व स.प्र. एवं कक्ष प्रमुखों आदि के संयुक्त प्रयास से कुल 112 प्रकरणो का निराकरण कराया जाकर बैंक एवं संस्थाओ के ऋणी सदस्यों को लाभांवित किया ।
कुल प्रकरणो की संख्या
कुल बकाया कालातीत ऋण(एनपीए)
सदस्यों को दी गई छूट
 सदस्यों से वसूल की गई राषि
112 
35.40 लाख
12.12 लाख
29.05  लाख

श्रम मेव जयते का साकार स्वरूप दिखाई दिया हाथीपावा की पहाडियों पर
  • पुलिस प्रषासन की पहल पर समाजसेवियों ने रौपे एक दिन मे 5000 से अधिक वृक्ष
  • आज  भी जारी रहेगा वृक्षारोपण का अभिनव कार्यक्रम

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झाबुआ ।  पर्यावरण सरंक्षण एवं हरितिमा को बारहो महीने आच्छादिद रखने के जिला कलेक्टर आशीष सक्सेना एवं पुलिस अधीक्षक महेशचन्द्र जैन के सयंुक्त प्रयासों के चलते हाथीपावा की पहाडियों पर हरीतिमा से आच्छादित करने का क्रम सतत जारी है। पुलिस अधीक्षक महेशचन्द्र जैन ने हाथीपावा की पहाडियों पर 8500 गड्ढो में काली मिट्टी भरवा कर वहां विभिन्न प्रजातियों के वृक्षों को न सिर्फ रौपने बल्कि उन्हे पनपाने के संकल्प को साकार करने का क्रम शुरू कर दिया है । पिछले दो माहों से हाथीपावा की टेकरी पर 8500 से अधिक गड्ढों को तैयार करने के काम की पूर्णाहूति होने के साथ ही शनिवार को  नगर के विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं, घार्मिक संस्थाओं, पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, फारेस्ट विभाग, सकल व्यापारी संघ, गायत्री परिवार पेंशनर्स एसोसिएशन, बोहरा समाज, मुस्लिम समाज, संकल्प ग्रुप, शारदा विद्या मंदिर के स्टाफ एवं छात्र, मां त्रिपुरा कालेज आफ नर्सिंग के छात्र-छात्राये, बडी संख्या में महिलाओं आदि ने फुहारों के बीच प्रातः 9 बजे से 12 बजे तक करीब 5000 से अधिक पौधो (5 फीट से अधिक उंचाई वाले) का रोपण कार्य किया । स्वयं जिला कलेक्टर आशीष सक्सेना , पुलिस अधीक्षक महेशचन्द्र जैन, जिला पंचायत सीईओ दिलीप कापसे, एएसपी रचना भदौरिया, एसडीएम अशफाक अली, तहसीलदार अंजलि गुप्ता, भाजपा नेता शैलेष दुबे, ओम प्रकाश शर्मा, नीरजसिंह राठौर,श्रीमती किरण शर्मा, श्रीमती भारती सोनी, पेंशनर्स संघ अध्यक्ष रतनसिंह राठौर, इन्जिनियर्स संघ के धर्मेन्द्र तोमर एवं श्रीमती तोमर,अजय रामावत, कमलेश पटेल, नुरूद्दीनभाई पिटोलवाला आदि ने सौपे गये सेक्टरों में पौधों का रोपण किया । इचक र जहां वृक्षास अवसर पर हाथीपावा टेकरी पर द्रोण कैमरे से रिकार्डिग भी की गई । नगर की मीडिया के प्रतिनिधियों ने भी हाथीपावा पहूंच कर जहां वृक्षारोपण कार्य में सहभागिता की वही अपने  दायित्वों का निर्वाह भी किया । पुलिस अधीक्षक श्री जैन एवं जिला पंचायत सीईओ श्री कापसे ने मीडिया की प्रसंशा की । प्ुालिस अधीक्षक महेशचन्द्र जैन पौधारोपण के अवसर पर हाथीपांवा टेकरीपर अलग ही अंदाज मे नजर आये । वे हर पौधा रोपने वाले के पास अपने मोबाईल फोन से लाईव रेकार्डिंग करते हुए सभी का उत्साह वर्धन करते रहे । हाथी पावा की पहाडी पर पिछले 2 माह से श्रम दान के बाद आज करीब 8500 गड़ढो में से करीब 5000 पोधो का रोपण किया गया । शेष 3000 गड्ढो में आज गुरूपूर्णिमा के अवसर पर पौधरोपण किया जाएगा । कलेक्टर आशीष सक्सेना के द्वारा गुरूपूर्णिमा पर होने वाले वृक्षारोपण के पुनित कार्य में सहभागी होने के लिये विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओं को भी रविवार को प्रातः 9 बजे हाथीपावा पहाडी पर वृक्षारोपण के लिये आमंत्रित किया है ताकि हाथीपावा की टेकरी पर सर्वधर्म समभाव के साथ किये गये पौधे वृक्ष बनने के बाद एक अनुकरणीय उदाहरण बन सकें ।

देवझिरी मे हर्षोल्लास के साथ षुरू होगा श्रावण सोमवार का अनुष्ठान, महामंगल आरती एवं प्रसादी का होगा वितरण

झाबुआ । श्रावण माह को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने तथा उनकी पूजा अर्चना का  माह माना जाता है । श्रावण माह में पूरी निष्ठा के साथ यदि शिवजी की आराधना की जावे तो भगवान भोलेनाथ की कृपा दृष्टि सतत बरसती रहती है । श्रावण माह का शास्त्रों में भी उल्लेख किया गया है कि भगवान भोलेनाथ को समर्पित इस माह में यदि निच्छल भाव से शिवआराधना की जावे तो मनोवांछित फल प्राप्त होता हे । झाबुआ से 5 किलो मीटर दूर प्राकृर्तिक वातावरण में संत सिंगाजी महाराज की कर्मभूमि देवझिरी में  बिराजित भगवान संकटमोचन महादेव के मंदिर पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी पांचों श्रावण सोमवार को श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाया जावेगा । स्वर्गीय पण्डित हरिप्रसाद अग्निहौत्री द्वारा देविझिरी तीर्थ पर श्रावण सोमवार एवं महा शिवरात्री पर्व की परंपरा को आज भी अग्निहौत्री परिवार  बनाया हुआ है । जितेन्द्र अग्निहौत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को श्रावण माह की प्रथम तिथि के संयोग में मां नर्मदा के पवित्र कुंड के तट पर बिराजित भगवान भोलेनाथ के दरबार में सोमवार को धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन विधि विधान से किया जावेगा । विद्वान पण्डितों द्वारा प्रातः 10-30 बजे से  भगवान भोलेनाथ का रूद्राभिषेक देवझिरी की महन्त संत रूपादास के मार्गदर्शन में किया जावेगा । तथा दोपहर 12 बजे महा मंगल आरती होगी तथा प्रसादी का वितरण किया जावेगा । अग्निहौत्री परिवार ने नगर एवं जिले की धर्मप्राण जनता से पवित्र तीर्थ देवझिरी में प्रथम श्रावण सोमवार को  सपरिवार पधार कर धर्मलाभ प्राप्त करने का अनुरोध किया है ।

साई मंदिर मे चलाया स्वच्छता अभियान, आज निकलेगी साई बाबा की भव्य पालकी यात्रा

झाबुआ । त्रिदिवसीय गुरूपूर्णिमा महोत्सव साई मंदिर परिसर झाबुआ में चल रह आयोजन की कडी मे शनिवार प्रातःकाल से ही साईभक्तों का हुजुम दर्शनाथ। उमडा तथा साईभक्तों ने प्रातः बाबा की आरती में भाग लिया । श्री गुरूपूर्णिमा महोत्सव समिति की संयोजिका श्रीमती कविता शैलेन्द्र सिंगार ने बताया कि प्रातः 10 बजे से युवा साई समिति के सदस्यों ने  मंदिर परिसर मे स्वच्छता अभियान चलाया जिसमे बडी संख्या में महिलाओं एवं पुरूषो ने सहभागिता कर श्रमदान किया । श्रीमती सिंगार ने बताया कि सायंकाल 7-30 बजे महामंगल आरती के साथ ही रात्री 8 बजे से कव्वाल एवं भजन गायक  श्री अमर पजाबी की भजन संध्या को सुनने के लिये बडी संख्या में साई भक्तोक ने सहभागिता की । श्रीमती सिंगार ने बताया कि आज रविवार को प्रातःकाल से ही साई दरबार में श्री गुरूपूर्णिमोत्सव धुमधाम से मनाया जावेगा । पूरे मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है तथा आकर्षक झांकी बनाई गइ्र है ।प्रातः 5 बजे कांकड आरती व बाबा का अभिषेक होगा, 7-30 प्रातः मंगला आरती होगी तथा प्रातः 10 बजे से  सायंकाल 4 बजे तक विशाल भंडारे का आयोजन होगा । सायंकाल 4-30 बजे साई मंदिर से  विशाल साई पालकी शोभायात्रा गाजे बाजों के साथ निकाली जावेगी  जो नगर भ्रमण कर बाबा नगरवासियों को दर्शन एवं आशीर्वाद प्रदान करेगें । श्रीमती सिंगार के अनुसार साई पालकी मन्दिर प्रांगण से राजगढ़ नाका, ब्लॉक कॉलोनी, कुरेशी कंपाउंड, भोजमार्ग, चारभुजा नाथ मंदिर ,राजवाड़ा चैक, लक्ष्मी बाई मार्ग,जैन मंदिर वाली गली,रूनवाल बाजार, थांदला गेट, मैन बाजार, आजाद चैक, कालिका माता मंदिर , नेहरू मार्ग होते हुए पुनः साई मंदिर प्रांगण पहूचेगी जहां बाबा की आरती की जावेगी । रात्री में 8-30 बजे बाबा की महा आरती एवं 9 बजे से इन्दौर के कलाकारों द्वारा रंगारग आतिशबाजी की जावेगी । आज भी भजन संध्या का आयोजन होगा । रात्री 11 बजे बाबा उकी शयन आरती के साथ त्रि दिवसीय गुरूपूर्णिमा उत्सव का समापन होगा ।

कलेक्टर एसपी सहित शासकीय स्कूलों विद्यार्थी एवं सामाजिक संगठनों के सदस्यो ने हाथीपावा पहाडी पर रोपे साढे 8 हजार से अधिक पौधे रोपे

झाबुआ । आज 9 जुुलाई को झाबुआ मुख्यालय पर हाथीपावा पहाडी पर कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना पुलिस अधीक्षक श्री महेशचन्द्र जैन के नेतृत्व में जनप्रतिनिधि सामाजिक संगठनों के सदस्य, शैक्षणिक संस्थाओं के विद्यार्थियों तथा शासकीय अधिकारी कर्मचारियों ने साढे 8 हजार से अधिक पौधे रोपे। प्रातः 8 बजे से प्रारंभ हुए पौधारोपण कार्यक्रम में 7.30 बजे से ही आमजन का हाथीपावा पहाडी पर पहुंचना प्रारंभ हो गया एवं 11 बजे तक हाथीपावा पहाडी पर आमजन के आने जाने का सिल सिला जारी रहा। स्कूली बच्चों के साथ स्कूल के स्टाफ एवं अभिभावको ने भी हाथीपावा पहाडी पर पहुच कर सहर्ष पौधोरोपण किया एवं अपने रोपे हुए पौधे के पास अपने नाम की पट्टिका भी लगाई। पौधारापेण कार्यक्रम में डीएफओ श्री खरे, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री दिलीप कापसे, सहित जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठन के सदस्य, शैक्षणिक संस्थाओं के विद्यार्थी  तथा आम जनो ने उपस्थित होकर पौधा रोपण किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुवे कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने कहा कि हाथीपावा पहाडी पर जंगल और रमणीय स्थल बनाने का सपना जिलेवासियो ने देखा है। इसको पूरा करने में सभी शासकीय अधिकारी एवं जन प्रतिनिधि सभी बाधाओं को दूर कर इसमें सहयोग करे। पौधा रोपना आसान काम है, लेकिन उसे वृक्ष बनाने में कई बाधाएॅ आती है। आप सभी उन बाधाओं को दूर कर अपने-अपने पौधो को वृक्ष बनाये एवं हाथीपावा पहाडी की पर्यटन स्थल के रूप में पहचान विकसित करे। पुलिस अधीक्षक श्री महेशचन्द जैन ने भी आम जन को पर्यावरण संक्षरण के लिये पौधा रोपण कर उन्हें बढा करने के लिये सहयोग करने की बात कहीं।

जिले की ग्राम पंचायतों में भी हुआ पौधा रोपण
जिला मुख्यालय पर हाथीपावा पहाडी पर पौधा रोपण किया गया तो ग्राम पंचायतों में भी आज एक साथ पौधा रोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ग्रामीण क्षेत्रो में पटवारी, कोटवार, आंगनवाडी कार्यकत्र्ता, सहायिका, आशा कार्यकत्र्ता, एएनएम सहित ग्राम स्तरीय शासकीय सेवको एवं आमजन ने पौधा रोपण किया।

झाबुआ पुलिस द्वारा शराब पीकर वाहन चलाने वालांे के विरुद्ध चलाया जा रहा है विशेष चैकिंग अभियान
      
झाबुआ । पुलिस मुख्यालय, भोपाल के निर्देश पर एवं पुलिस अधीक्षक जिला झाबुआ के मार्गदर्शन में शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकांे के विरुद्ध दिनांक 19 जून से 18 जूलाई 2017 तक विशेष चैकिंग अभियान चलाया जा रहा है जिसमें यातायात पुलिस झाबुआ एवं जिले के थानों द्वारा कार्यवाही करते हुए पुलिस द्वारा अभियान के तहत् शराब का सेवन कर वाहन चला रहे वाहन चालकों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए कुल चालान संख्या ’’43’’ न्यायालय में प्रस्तुत किए गए है, जिसमें न्यायालय द्वारा ’’72,500/-’’ रुपयें अर्थदण्ड भी किया गया है। गौरतलब है कि अभियान के प्रारंभ होने के पूर्व से ही पुलिस अधीक्षक झाबुआ द्वारा ग्रामों में जाकर खाटला बैठकों एवं जन संवाद के दौरान जनसामान्य के बीच यह समझाईश दी जा रही है, कि शराब पीकर वाहन ना चलाए ओर ना ही चलाने दे। संभवतः इस प्रयास से जिले में शराब के नशे में वाहन चलाने पर होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आएगी। यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक की जनसामान्य में शराब का सेवन कर वाहन चलाने की प्रवृति समाप्त नहीं हो जाती।

अपहरण का अपराध पंजीबद्ध
झाबुआ । फरि. माणक पिता राणाराम सेन उम्र 40 साल निवासी हरिनगर ने बताया कि मेरी लडकी मधु उम्र 16 साल घर पर सोई थी जो बिना बताये कही चली गई शंका है कि संदेही आरोपी प्रताप पिता दिनेश मकवाना निवासी हरिनगर ने फरि. की लड़की मधु को बहला फुसला कर भगा कर ले गया। प्रकरण में थाना काकनवानी मे अपराध क्रं. 231/17, धारा 363 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

मधुबनी : अंधरा बाजार हटिया के दिन सडक पर बेतरतीव मंडी लगाने से 100 मीटर की सफर करने में घंटो लग जाता है

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अंधराठाढ़ी/मधुबनी (मोo आलम अंसारी) अंधराठाढी। प्रखंड का प्रमुख बाजार होने के कारण अंधराठाढी बाजार मे जाम की समस्या ने लोगो को भारी परेशानी में डाल दिया है। यहॉ अब ये समस्या विकराल रूप ले चुका है। बाजार मे अतिक्रमण की बजह से सडक पर जगह ही नही बची है। अतिक्रमण इस तरह हो चुका है की फुटपाथ पर चलना भी लोहे के चने चवाने जैसा हो गया है। अतिक्रमित सडक और यत्र तत्र सजी फुटकर दुकाने अंधराठाढी बाजार की पहचान बनकर रह गयी है। 

क्या है कारण-अबैध कब्जा और अतिक्रमण के कारण अंधरा बाजार का मुख्य सडक पगडंडी बन के रह जाता है। बाजार आते ही जाम देखकर लोगो की बचौनी बढ जाती है। लोगो की परेशानी और बढ जाती है जब हर ओर से गाडियो का जमावडा लग जाता है। लोगो का दम घुटने लगता है और लम्बी दूरी तक गाडियो से सडक जाम हो जाता है। मालुम हो की यह बाजार अंधराठाढी प्रखंड का मुख्य बाजार है। यहॉ आसपास के गॉवो से हजारो लोग रोज ही खरीददारी करने आते है। साथ ही साथ यहॉ स्टेट बैंक पंजाब नेशनल बैंक और ग्रामीण बैंक जैसे तीन तीन राष्टीय बैंक भी अवस्थित है। इस कारण भी अहले सुबह से देर रात तक लोगो का आना जाना लगा रहता है। अंधराठाढी बाजार के स्व0 रामफल चौधरी चौक पर बेतरतीव खडी आटो से रोज जाम लगता है।  सप्ताह में दो दिन सोमवार और शुक्रवार को अंधराठाढी में हाट लगता है। हटिया के दिन सडक पर बेतरतीव मंडी लगाने से 100 मीटर की सफर करने में घंटो लग जाता है। सडक के दोनो किनारे  सडक अतिक्रमण कर दूकान सजी रहती है। रोगी बाहन,अग्नीशामक आदि जरूरी बाहनो को आने जाने में घंटो मशक्कत करना पडता है। स्व0 रामफल चौधरी स्मृति द्वार से लेकर रेफरल अस्पताल तक टेम्पू का अघोषित अडडा बना हुआ है। जिससे हमेशा जाम का आलम बना रहता है। जाम के कारण अस्पताल आने वाले रोगियो को भी काफी परेशानी का सामना करना पडता है। 

क्या कहते है लोग- बाजार के पूर्व मुखिया कमरूज्जमा.ललित पंडित.मोo अजीम .दीलीफ गुप्ता.आदि ने बताया की यहॉ हमेसा ही जाम लगा रहता है। प्रशासन को तत्काल ही दिन में बडी गाडियो के बाजार मे प्रवेश पर रोक लगाकर और अतिक्रमणकारियो पर नकेल कस यहॉ के लोगो को जाम की समस्या से निजात दिलाना चाहिये।
क्या कहते है अधिकारी- गौरतलव हो कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार सडक को अतिक्रमण मुक्त रखना अंचल अधिकारी और थानाध्यक्ष का दायित्व है। मगर प्रशासन की लापरवाही ने मामले को और विेेकराल बना दिया है। अंचलाधिकारी रविन्द्र कुमार मिश्र कहते है बाजार को अतिक्रमणमुक्त करने का प्लान तैयार है और जल्द ही लोगो को इससे छुटकारा मिल जायेगा।

मधुबनी : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के स्थापना दिवस पर वृक्षारोपण

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मधुबनी, 09 जुलाई, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 69वें स्थापना दिवस के पुनीत अवसर पर जिला संयोजक गीतेश झा के नेतृत्व में विद्यार्थी परिषद के विभिन्न नगर एवं महाविद्यालयों के इकाई के द्वारा वृक्षारोपण माह का शुभारम्भ किया गया। मौके पर उपस्थित जिला संयोजक ने इस आशय की जानकारी देते हुए कहा कि पर्यावरण को संरक्षित करने हेतु पेड़ लगाना सबसे सरल उपाय है। एक वृक्ष सौ पुत्रों के समान होता है। अतः यह हमारा कर्तव्य है कि अपने जीवनकाल में अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं। आज इस अभियान के प्रथम दिन विभिन्न जगहों पर लगभग 100 पौधा लगाया गया। इस मौके पर नगर अध्यक्ष शंकर झा, नगर मंत्री हिमकर कौण्डिन्य, छात्र संपर्क प्रमुख चेकितान कौण्डिन्य, अभिनव ठाकुर,जितेंद्र राम,वरुण कुमार, नगर उपाध्यक्ष किशोर कुमार ,राजु यादव, श्याम भजन कामत, धर्मेंद्र कुमार, कृष्णमोहन कुमार, कार्यालय मंत्री शुभम झा सहित ढेरों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

मधुबनी : भारत विकास परिषद के स्थापना दिवस पर रक्तदान शिविर

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मधुबनी, 09 जुलाई, भारत विकास परिषद के स्थापना दिवस के पूर्व दिवस के अवसर पर राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के क्रम में मधुबनी शाखा एवं अभ्युदय शाखा के संयुक्त तत्वाधान में स्थानीय सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में समारोह पूर्ण तरीके से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि सिविल सर्जन महोदय डॉ0 अमरनाथ झा तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ0 विनोद कुमार झा के पर्यवेक्षण में 27 पुरुष एवं महिलाओं ने रक्तदान किया। अतिथियों द्वारा एवं संगठन के दायित्वधारियों द्वारा रक्तदाताओं को सम्मान पत्र एवं स्मृति चिह्न भेंट किया गया। कार्यक्रम संयोजक सह शाखा सचिव मुकेश पंजियार, वित्त सचिव, डॉ0 विजय रमन आयोजन के स्वरूप एवम कार्ययोजना तय किया। प्रांतीय संरक्षक उदय जायसवाल ने परिषद द्वारा संचालित सेवा प्रकल्प यथा रक्तदान, निःशुल्क दवा वितरण, उपचार, पैथोलोजिकल जांच आदि कार्यों को रेखांकित किया। भोला नंद झा ने योग शिविर एवं स्वच्छता कार्यक्रम की जानकारी दी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से नेमी कुमार, सुखदेव राउत, डॉ0 नरेंद्र ना0 सिंह 'निराला', कृष्ण कुमार महासेठ, वेदानंद साह, श्याम नंदन लाल, धर्मेंद्र कुमार पांडेय गजेंद्र प्रसाद आदि ने अपनी सहभागिता दी।  अनिता कुमारी पंजियार, मुकेश पंजियार, आशीष कसेरा, अभिषेक कुमार, लक्ष्मण सिंह, राकेश कुमार प्रसाद, मो0 मुख्तार ने उक्त अवसर पर रक्तदान किया।


मधुबनी : श्रावणी महोत्सव 2017मेला का उद्घाटन

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जयनगर/मधुबनी (सुरेश कुमार) प्रखंड के  कमला पूला पश्चिमी तट पर्ण कुटी मंदिर परिसर ,गुरु पूर्णिमा के अवसर पर श्रावणी महोत्सव 2017मेला की विधि वत उद्घाटन जयनगर अनुमंडल पदाधिकारी श्री राघवेंद्र सिंघ एवम मुख्य अतिथि अनुमंडल पूलिश पदाधिकरी सुमित कुमार ने फीता काट कर उद्घाटन किया ।उद्घाटन के बाद कमला घाट का नीरीछ्न किया गया एवम सूरछा सम्बन्धी कई निर्देश दिये ।श्रावणी मेला महोत्सव मे बोल बम सेवा समिति के कार्यकर्ताओं के द्वारा कांवरिये   के सुरक्षा सहित खाना नाश्ता सहित कई आकर्षण दुकानों की भी व्यवस्था किये है !पूलिश प्रशासन द्वारा पूलिश बल की भी तैनाती की है वही बोल बम सेवा समिति के स्वयं सेवक कार्यकर्ता भी तैनात रहेंगे ।

डॉ. बीरबल झा ने की 'मिथिला एंथम'की रचना

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मैथिल एवं मिथिला संस्कृति को लेकर देश-विदेश में अलख जगाने वाले मिथिलालोक फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. बीरबल झा ने अंग्रेजी भाषा में एक 'मिथिला एंथम' (मिथिला गान) की रचना की है जिसे पिछले दिनों ही भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा कॉपी राइट्स अधिकार मिला है। बीस पंक्तियों की इस रचना में दुनिया भर में फैले उन सभी मिथिलावासियों से मिथिला आने का आह्वान किया गया है जो इस संस्कृति व विरासत का हिस्सा हैं और इससे जुड़कर अपनी पहचान बनाये रखना चाहते हैं। 

उल्लेखनीय है कि डॉ. झा पिछले काफी समय से विविध प्रकार की सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करके राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर पर मिथिला संस्कृति व विरासत का प्रचार-प्रसार करते रहे हैं। अभी हाल में ही 'पाग बचाओ अभियान'और 'चलो सौराठ सभा'जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करके उन्होंने विश्वभर के मैथिलवासियों का ध्यान आकर्षित किया था। मिथिला में पाग पहनने की बेहद प्राचीन परम्परा रही है जिसे लोग अब भूलते जा रहे हैं। असल में, यह पाग सम्मान और लोक संस्कृति का परिचायक है जो क्षेत्र विशेष की विशिष्टताओं को व्यक्त करती है। इसी तरह, मिथिला की 'सौराठ सभा'परम्परागत विधियों से दहेजमुक्त सामूहिक विवाह और ज्ञान-विज्ञान पर शास्त्रार्थ करने के लिए प्रसिद्ध रहा है। यहाँ बहुचर्चित मंडन मिश्र और शंकराचार्य जैसे दिग्गज विद्वानों तक के बीच शास्त्रार्थ हो चुका है। इस साल से सौराठ सभा को पुनर्जीवित करने का अभियान भी शुरू हुआ और काफी समय बाद 365 युवा जोड़ियों का विवाह भी संपन्न कराया गया। 


डॉ. झा का मानना है कि 'मिथिला एंथम'मिथिला की इन सभी बिखरी कड़ियों को जोड़ने वाला एक माध्यम साबित होगा। गान मूलतः सामूहिक होता है और इसका उद्देश्य भी मिथिलावासियों के मध्य एकता व भाईचारा विकसित करना है। 'ओ माई डिअर फ़ेलो'से शुरू होने वाला यह 'एंथम'मैथिली भाषा में लिखने के बजाय अंग्रेजी में ही क्यों लिखा गया, इस सवाल पर डॉ. झा का कहना है कि चूँकि अंग्रेजी अंतर्राष्ट्रीय भाषा है और इसके माध्यम से हम देश के बाहर रहने वाले मैथिलवासियों से भी आसानी से जुड़ सकते हैं, इसलिए पहले अंग्रेजी में ही लिखा गया, लेकिन जल्द ही इसका मैथिली और हिंदी दोनों में भावानुवाद कराया जायेगा। उनका कहना है कि अभी तो यही बेहद ख़ुशी की बात है कि मिथिला संस्कृति का एक अपना 'मिथिला गान'बनकर तैयार हो चुका है जो हमें भावनात्मक स्तर पर हमें परस्पर करीब लाने में सहायक होगा।

बिहार में भारी मात्रा में गांजा बरामद, पांच तस्कर गिरफ्तार

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पटना 09 जुलाई, बिहार में वैशाली और गोपालगंज जिले से आज तड़के पुलिस ने दो ट्रकों से भारी मात्रा में गांजा बरामद कर पांच तस्करों को गिरफ्तार कर लिया । स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) के पुलिस अधीक्षक निलेश कुमार ने यहां बताया कि सूचना के आधार पर महात्मा गांधी सेतु पर एक ट्रक से पांच क्विंटल गांजा बरामद किया गया । उन्होंने बताया कि इस दौरान तस्कर अजीत और टूनटून को गिरफ्तार कर ट्रक को जब्त कर लिया गया है । वहीं गोपालगंज से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले के कुचायकोट थाना क्षेत्र के बेलवनमा गांव के निकट एक लाईन होटल पर ट्रक से उतारे जा रहे एक क्विंटल 60 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया । इस दौरान पुलिस ने इसी थाना क्षेत्र के हेम बरदाहा गांव निवासी शिव कुमार के अलावा जिले के जादोपुर थाना क्षेत्र के राजू यादव और रामा शंकर प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया है । सूत्रों ने बताया कि पूछताछ में तस्करों ने बताया कि वे गांजा आंध्र प्रदेश से लेकर आये थे । बरामद गांजे की कीमत लाखों रुपये बतायी जाती है। पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है । 

राजद और जदयू विधायक तेजस्वी के इस्तीफे की करें मांग : सुशील कुमार मोदी

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पटना 09 जुलाई, भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के मुख्य घटक राष्ट्रीय जनता दल(राजद) और जनता दल यूनाईटेड(जदयू) के विधायकों से अपील की है कि वे अपने पार्टी अध्यक्षों से केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) की ओर से बेनामी संपत्ति मामले में आरोपी बनाये गये उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग करें। भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने आज यहां कहा कि राजद विधायकों से भाजपा की अपील है कि कल होने वाली विधायक दल की बैठक में वे पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर एक हजार करोड़ रुपये की बेनामी सम्पति मामले में आरोपी तेजस्वी यादव से इस्तीफा दिलाने और राजद के वरीय सदस्य एवं वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी और ललित यादव में से किसी को उनकी जगह उप मुख्यमंत्री बनाने का दबाव बनायें। श्री मोदी ने कहा कि जदयू विधायक भी 11 जुलाई को होने वाली कोर कमेटी की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोपी मंत्री तेजस्वी और तेजप्रताप से इस्तीफा लेने और इस्तीफा नहीं देने पर उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के लिए दबाव डालें। 


भाजपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य की ताजा राजनीतिक स्थिति पर नजर बनाये हुये है। उन्होंने कहा कि भाजपा को मटियामेट करने का मंसूबा पालने वाले श्री यादव चारा घोटाले के दौर से ही विरोध करते रहे हैं और आज भाजपा केन्द्र में दो-तिहाई बहुमत के साथ तथा देश के 17 राज्यों में सरकार चला रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा श्री यादव की गिदड़भभकी से डरने वाली नहीं है। श्री मोदी ने कहा कि चारा घोटाले में जब जेल जाने की नौबत आई तो श्री यादव ने धमकी दी थी कि यदि मुझे गिरफ्तार किया गया तो खून की नदियां बहेगी। वह जेल भी गए और सजा भी हुई लेकिन खून की नदी बहने की बात तो दूर, एक पत्ता भी नहीं हिला। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का सबसे मुखर विरोध राजद अध्यक्ष ने ही किया क्योंकि उन्हें मालूम था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके बाद बेनामी सम्पत्ति पर सख्त कार्रवाई करने वाले हैं लेकिन बिहार के गरीबों ने श्री यादव के आह्वान को नजरअंदाज कर प्रधानमंत्री का साथ दिया। भाजपा नेता ने कहा कि नोटबंदी के बाद मुख्यमंत्री श्री कुमार ने भी प्रधानमंत्री से बेनामी सम्पत्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि लालू परिवार की बेनामी सम्पत्ति के खुलासे पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि यदि सबूत है तो केन्द्र कार्रवाई करें। श्री कुमार अब अपना रुख बदल नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब गेंद सत्ता और सिद्धांत की कशमकश में फंसे श्री कुमार के पाले में है। 

20 जुलाई को झाविमो का विरोध मार्च

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रांची 09 जुलाई, झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो-प्रजातांत्रिक) ने आज राज्य में किसान, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार बढ़ रहे अत्याचार के खिलाफ 20 जुलाई को विरोध मार्च निकालने की घोषणा की। पार्टी के केन्द्रीय महासचिव बंधु तिर्की ने यहां कहा कि मोरहावादी मैदान से लेकर राजभवन तक निकाले जाने वाले इस विरोध मार्च में राज्य भर से किसान, आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक के अलावा पीड़ित परिवार भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता को झाविमो और उसके अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी से काफी उम्मीदें हैं इसलिये पार्टी के यह दायित्व बनता है कि प्रदेश के लोगों पर हो रहे अत्याचार का विरोध करे और आंदोलन के माध्यम से सरकार पर दवाब बनायें। झाविमो के वरीय उपाध्यक्ष सबा अहमद ने कहा कि राज्य में जो घटनायें घटित हो रही हैं वह सरकार की नाकामियों को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कानून को हाथ में लेने वाले लोगों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा कि राज्य की रघुवर सरकार एक कमजोर सरकार है। राज्य की विधि व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो चुकी है और असामाजिक तत्वों एवं अपराधियों के मन में सरकार का कोई भय ही नहीं दिखता है। 

सीबीआई छापेमारी के बाद राजद की बैठक पर सबकी नजर

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पटना 09 जुलाई, रेलवे के दो होटलों के टेंडर में हुई हेराफेरी के मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष एवं पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव के पटना समेत 12 ठिकानों पर दो दिन पूर्व की गयी छापेमारी के बाद बिहार में बढ़े राजनीतिक तापमान के बीच सत्तारूढ़ महागठबंधन के बड़े घटक राजद ने कल विधानमंडल दल की बैठक बुलाई है जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा किये जाने की संभावना है।राजद सूत्रों ने आज यहां बताया कि पार्टी विधानमंडल दल की बैठक कल श्री यादव के 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास पर होगी। बैठक में पार्टी के सभी विधायक और विधान पार्षद के साथ ही वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे । इस दौरान आगे की रणनीति पर चर्चा तो होगी साथ ही 27 अगस्त को पटना में होने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हटाओ देश बचाव रैली पर भी विचार विमर्श किया जायेगा। राजद अध्यक्ष श्री यादव से आज भी पार्टी के विधायकों के मिलने का सिलसिला बना रहा। पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुनाथ झा ने राजद अध्यक्ष से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। हालांकि आज राजद अध्यक्ष के आवास के बाहर आम दिनों की अपेक्षा कम कार्यकर्ता देखे गये। झमाझम बारिश के बावजूद राजद अध्यक्ष के आवास के बाहर मीडियाकर्मी समाचार संकलन के लिए जमे रहे। 


वहीं, महागठबंधन के प्रमुख घटक जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने 11 जुलाई को पार्टी के विधायकों, विधान पार्षदों, जिलाध्यक्षों और पार्टी के विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्षों के साथ ही प्रदेश प्रवक्ताओं की बैठक बुलाई है। यह बैठक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह की अध्यक्षता में होगी। जदयू के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है और मीडिया से दूरी बनाये हुए हैं। इसी तरह जदयू के प्रवक्ता भी इस मामले पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री श्री कुमार राजगीर में स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद आज पटना आ गये हैं और अब सभी की नजर उन पर टिकी है। वहीं, दूसरी ओर भाजपा विधानमंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से बेनामी संपत्ति के मामले में आरोपी बनाये जाने के बाद राजद अध्यक्ष श्री यादव के पुत्र एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफा देने और नहीं देने पर मुख्यमंत्री श्री कुमार से उन्हें बर्खास्त किये जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। प्रदेश भाजपा भी ताजा राजनीतिक हालात पर नजर बनाये हुए है। वहीं, राजद के नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा है कि श्री यादव इस्तीफा नहीं देंगे। भाजपा पहले केन्द्रीय मंत्री उमा भारती से इस्तीफा ले। 

नीतीश का लालू और तेजस्वी के मामले में चुप्पी साधना उचित नहीं : हम

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पटना 09 जुलाई, बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने आज कहा कि सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेता एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके उप मुख्यमंत्री पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, जो उचित नहीं है। हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार को राजद अध्यक्ष तथा उप मुख्यमंत्री के मामले में अपना मौन तोड़ना चाहिए। महागठबंधन का नेता होने के नाते श्री कुमार को श्री तेजस्वी यादव से इस्तीफा ले लेना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब एक पुराने मामले में मुख्यमंत्री ने उनके मंत्री पद संभालने के मात्र चार घंटे के बाद ही इस्तीफा ले लिया था तो अब उप मुख्यमंत्री के मामले में वह चुप क्यों हैं। श्री कुमार की चुप्पी से लगता है कि वह राजद अध्यक्ष को परोक्ष रूप से समर्थन दे रहें हैं। श्री मांझी ने कहा कि यदि उप मुख्यमंत्री इस्तीफा देने से इंकार करते है तो ऐसे में श्री कुमार को उन्हें तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि श्री कुमार सत्ता में बने रहने के लिए ही चुप्पी साधे हुए हैं। 


भारत विश्व गुरू बनने की ओर अग्रसर है : रघुवर

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देवघर 09 जुलाई, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को युगपुरुष बताया और कहा उनके नेतृत्व में देश विश्व गुरू बनने की दिशा में अग्रसर हो रहा है। श्री दास आज देवघर के दुम्मा में श्रावणी मेले के उदघाटन के अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुये कहा कि देश के प्रधानमंत्री के रूप में एक युगपुरुष का अवतरण हुआ है जिनके द्वारा भारत को पुनः विश्व गुरू के रूप में प्रतिस्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भक्तों की श्रद्वा और विश्वास में उनकी पूर्ण आस्था है। उन्होंने कहा कि गुरू पूर्णिमा के अवसर पर गुरू की पूजा की जाती है और गुरू ब्रम्हा, विष्णु तथा महेश के समान होते हैं। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न योजनाओं का उदघाटन तथा शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि देवघर आने वाले श्रद्धालुओं को यदि कोई कष्ट होता है तो वे सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के माध्यम से उन्हें सूचित करें जिसका निराकरण जल्द से जल्द कराया जायेगा। 


श्री दास ने कहा कि देवघर देश में ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर प्रसिद्व है। यहां सुल्तानगंज से वैद्यनाथ धाम तक 105 किलोमीटर की दूरी में कांवरिया भक्ताें का जत्था चलता है। उन्होंने कहा कि 105 किलोमीटर की यह यात्रा दुनिया की सबसे लंबी अध्यात्मिक यात्रा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पवित्र नगरी वैद्यनाथ धाम के अगल-बगल में तपोवन, त्रिकुट, नौलखा मंदिर और बासुकीनाथ धाम आदि अध्यात्मिक एवं पर्यटन केन्द्र हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार इस क्षेत्र को अध्यात्मिक एवं पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिये कृत संकल्पित है। श्री दास ने इस अवसर पर देवघर नगर निगम की तीन, ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल की दो, राष्ट्रीय ग्रामीण नियोजन कार्यक्रम की एक, पथ निर्माण विभाग की एक, जिला परिषद की एक तथा ग्रामीण अभियंत्रण संगठन की दो योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। सभी योजनाओं की कुल प्राक्कलित राशि 61 करोड़ 24 लाख 99 हजार रुपये है। इससे पूर्व श्री दास ने द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा वैद्यनाथ की पूजा-अर्चना की तथा राज्य के लिये सुख-समृद्धि एवं शांति की कामना की। 

नीतीश राजगीर प्रवास के बाद पटना लौटे

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पटना 09 जुलाई, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने तीन दिनों के राजगीर प्रवास के बाद आज लौट आये। श्री कुमार पिछले छह जुलाई को स्वास्थ्य लाभ के लिए पटना से नालंदा जिले के राजगीर गये थे। तीन दिनों तक वह राजगीर में ही रहे और स्वास्थ्य लाभ किया। हालांकि अभी भी वह पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हुए हैं। मुख्यमंत्री के अस्वस्थ्य रहने के कारण पूर्व से निर्धारित सोमवार को होने वाले लोक संवाद कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है। श्री कुमार को तीन जुलाई को अचानक वायरल बुखार हुआ था और इसके अगले ही दिन सभी निर्धारित कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया था। श्री कुमार को वायरल बुखार के बाद चिकित्सकों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी। इसके बाद चार और पांच जुलाई को उन्होंने अपने आवास एक अणे मार्ग में आराम किया और छह को राजगीर चले गये।

भाजपा को बिहार में और मजबूत करने के लिए संगठन महामंत्री की मंथन बैठक

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पटना 09 जुलाई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने बिहार में पार्टी को और मजबूत करने को लेकर मंथन की। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर बिहार आये श्री रामलाल ने आज यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में सभी सांसद, विधायक और विधान पार्षदों के साथ दिन भर मंत्रणा की। उन्होंने पार्टी के नेताओं से कहा कि वह हमेशा ध्यान रखें कि उनका दामन पाक-साफ रहे। सादगी एवं विचारधारा की राह पर चलने वाले जनप्रतिनिधि ही लोकप्रिय एवं सफल होते हैं। महामंत्री ने कहा कि संगठन को निचले स्तर तक और मजबूत करने की जरूरत है और इसके लिए एक-एक कार्यकर्ताओं को लगना होगा। भाजपा एक पार्टी नहीं बल्कि एक परिवार है और इसे इसी रूप में चलना है। उन्होंने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि भाजपा के राष्ट्र निर्माण और गरीब कल्याण की विचारधारा से प्रेरित होकर भ्रष्टाचार रहित, शुचिता एवं विकास की राजनीति करें। उन्होंने नेताओं को जनता के हित एवं सुख-दुख में भागीदार एवं जवाबदेह बनने को कहा। 


श्री रामलाल ने संगठन के विस्तार एवं मजबूती के लिए सांसदों, विधायकों एवं विधान पार्षदों के साथ चर्चा भी की। किस तरह से पार्टी को बूथ स्तर तक ले जाना है इसे लेकर टास्क भी सौंपा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का दुनिया में सम्मान बढ़ा है। केन्द्र सरकार ने गरीबों के कल्याण के लिए जो योजनाएं चलायी है उसे गरीबों तक पहुंचाने में पार्टी के नेता वाहक बनें। महामंत्री ने प्रदेश पदाधिकारियों, प्रवक्ताओं तथा पार्टी के मीडिया प्रभारियेां के साथ भी बैठक की। इस दौरान उन्होंने कुछ टिप्स भी दिये। बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय, भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार, केन्द्रीय मंत्री राधामोहन सिंह, केन्द्रीय राज्य मंत्री रामकृपाल यादव, पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु देवी, राष्ट्रीय मंत्री रजनीश कुमार, प्रदेश संगठन महामंत्री नागेन्द्र जी, सह संगठन महामंत्री शिवनारायण भी उपस्थित थे। इससे पूर्व कल श्री रामलाल ने पार्टी के नेताओं के साथ मंत्रणा की थी। कल हुई बैठक में पार्टी के सभी मोर्चा के अध्यक्षों एवं प्रकोष्ठों के संयोजकों, प्रकल्प एवं विभाग के संयोजकों के साथ बैठक की थी। इसके बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की अध्यक्षता में प्रदेश पदाधिकारियों, मोर्चा के अध्यक्षों, जिला प्रभारियों एवं जिलाध्यक्षों के साथ बैठक हुई थी। 

बिहार में वज्रपात से 23 लोगों की मौत, 11 घायल

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पटना 09 जुलाई, बिहार में तेज बारिश के बीच आज हुये वज्रपात से 23 लोगों की झुलसकर मौत हो गई तथा 11 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये। हाजीपुर से प्राप्त समाचार के अनुसार, जिले में वज्रपात से छह लोगों की मौत हो गयी। वैशाली जिले के महुआ थाना क्षेत्र के केसरिया गांव निवासी सुनील कुमार राय (22) और गौतम राय उर्फ रतन (15) खेत में काम कर रहे थे तभी हुये वज्रपात से उनकी मौत हो गयी। वहीं, महुआ थाना के भागवतपुर बरौरा गांव में वज्रपात से बेदमिया देवी उर्फ कंचन (40) और सिंघारा गांव में हरिभगत के सात वर्षीय नाती की मौत हो गयी। वैशाली जिले के तिसियौता थाना के पिंदौताखुर्द गांव में वज्रपात से रवीन्द्र पासवान (22) की मौत हो गयी। इसी तरह महनार थाना के दियारा क्षेत्र में नदी में मछली पकड़ने के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गयी। वज्रपात की घटना में महुआ थाना क्षेत्र में दो तथा महनार थाना क्षेत्र में दो लोग घायल भी हुये, जिन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पटना जिले में वज्रपात से तीन लोगों की मौत की सूचना है। मृतकों में फतुहा के एक, गौरीचक के एक और दुलहिन बाजार इलाके के एक एक व्यक्ति शामिल हैं। आरा से प्राप्त समाचार के अनुसार, भोजपुर जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्र में वज्रपात से तीन लोगों की मौत हो गयी। जिले के नारायणपुर थाना क्षेत्र के मरनपुर गांव में वज्रपात से सुरेश उपाध्याय और वरुणा गांव में रमेश दिवाकर की मौत हो गयी। वहीं, जिले के पीरो थाना क्षेत्र के मोथी रसेया गांव में शिवजस यादव की मौत हो गयी।


छपरा से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, सारण जिले के मांझी थाना क्षेत्र के मटियार गांव में तेज बारिश के साथ वज्रपात हुआ। इस घटना में राजकुमार (35) और उमेश प्रसाद (30) की मौके पर ही मौत हो गयी तथा चार अन्य झुलस गये। जिले के मढ़ौरा थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गांव में वज्रपात की घटना में यदुवंशी राय (60) की मौत हो गयी।घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शवों को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया है। बक्सर से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक वज्रपात से ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के गरहथा गांव निवासी ललन पासवान की पत्नी सोनिया देवी, सिमरी थाना क्षेत्र के डुमरी गांव निवासी अक्षय लाल यादव तथा मुरार थाना क्षेत्र के जंग बहादुर सिंह की मौत हो गयी जबकि रामबली पासवान की पत्नी राधिका देवी, हरिहर यादव, वीरेंद्र सिंह गंभीर रूप से झुलस गए हैं। घायलों में राधिका देवी और वीरेंद्र सिंह की हालत गंभीर बताई जाती है। इसी तरह वज्रपात से रोहतास जिले में दो, सीवान में एक, अररिया में एक और किशनगंज जिले में भी एक व्यक्ति की मौत की सूचना है।  इस बीच मौसम विभाग ने बिहार में अगले 48 घंटे के दौरान भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। विभाग ने बताया कि राजधानी पटना में आज 48.4 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। 

जज कम, कोर्टरूम ज्यादा, कैसे हो मुकदमों का निपटारा

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नयी दिल्ली, 09 जुलाई, करीब सवा दो करोड़ लंबित मामलों को निपटाने की जद्दोजहद कर रही देश की अधीनस्थ अदालतों में कोर्टरूम ज्यादा हैं पर वहां बैठने वाले न्यायाधीश कम हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार दिसम्बर 2016 के अंत तक निचली अदालतों में अदालत कक्षों की संख्या 17,300 थीं जबकि न्यायिक अधिकारियों की संख्या 16,413 थीं। सरकार जिला एवं अधीनस्थ अदालतों में भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तीन हजार और कोर्टरूम बनवा रही है। इनके बनकर पूरा होने जाने के बाद अदालत कक्षों की कुल संख्या 20 हजार को पार कर जायेगी। विधि मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सरकार ने जिला एवं अधीनस्थ अदालतों में दो करोड़ 16 लाख लंबित मुकदमों को ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायालयों को पत्र लिखकर यथाशीघ्र न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने की सलाह दी है। सरकार ने इसके लिए कम से कम छह हजार न्यायाधीशों की भर्ती करने को कहा है। नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि निचली अदालतों के अलावा देश के 24 उच्च न्यायालयों में 40 लाख और उच्चतम न्यायालय में कम से कम 60 हजार मामले लंबित हैं। जिला एवं अधीनस्थ अदालतों में नियुक्तियां उच्च न्यायालयों के जिम्मे है, इसमें केंद्र एवं राज्य सरकारों की कोई महत्वपूर्ण भूमिका नहीं है। पिछले दो वर्ष में इन अदालतों में रिक्तियों की संख्या तेजी से बढ़ी है और यह 4000 से बढ़कर 5800 पर पहुंच गयी है। विभिन्न शासकीय एवं न्यायिक सुधारों के बावजूद न्यायिक अधिकारियों के पद रिक्त पड़े हैं। देश की बढ़ती आबादी एवं मुकदमा दायर करने की बढ़ती प्रवृत्तियों से सामंजस्य बिठाने के लिए सरकार ने जिला एवं अधीनस्थ अदालतों में जजों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने 2013 में जजों के लिए 19 हजार 500 निर्धारित पदों को 2016 में बढ़ाकर 22 हजार 288 किया है।

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