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आबादी के मामले में भारत होगा सबसे आगे

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नयी दिल्ली 09 जुलाई, देश में परिवार नियोजन के सघन प्रयासों से प्रजनन दर में गिरावट के बावजूद महज सात सालों में भारत चीन को पछाड़ कर दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश हो जाएगा। विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई के उपलक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र की अोर से जारी ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2024 में भारत जनसंख्या के लिहाज से चीन से आगे निकल जाएगा। चीन की मौजूदा आबादी एक अरब 40 करोड़ है जबकि भारत की एक अरब 30 करोड़ रिपीट एक अरब 30 करोड़ है। जनसंख्या विस्फोट के खतरों को भांपते हुए ही इस बार विश्व जनसंख्या दिवस का विषय “परिवार नियोजन:लोगों का सशक्तिकरण और देशों का विकास” रखा गया है। जनसंख्या दिवस के साथ ही परिवार नियोजन पर एक बडा वैश्विक सम्मेलन भी आयोजित किया जा रहा है जिसके तहत 2020 तक दुनियाभर में और 12 करोड़ महिलाओं को स्वैच्छिक परिवार नियोजन के लिए प्रोत्साहित करने तथा उसके लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है क्योंकि ऐसा माना गया है कि दुनिया में 22 करोड़ से ज्यादा ऐसी महिलाएं है जो गर्भधारण करने की इच्छा नहीं रखने के बावजूद गर्भ निरोधक उपायों का इस्तेमाल नहीं करती हैं। भारत ने भी इस दिशा में बड़ी पहल की है और जनसंख्या की बेतहाशा वृद्धि से जनहित से जुड़ी कई योजनाओं के पटरी से उतरने के खतरे को देखते हुए नयी राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत घरेलू स्तर पर परिवार नियोजन के लिए ‘मिशन परिवार विकास’ के नाम से व्यापक अभियान चलाया है। नई नीति के तहत देश में सबसे ज्यादा करीब तीन प्रतिशत की प्रजनन दर वाले सात राज्यों के 146 जिलों को चिन्ह्नित करके वहां लोगों को परिवार नियोजन के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते कई कार्यक्रम शुरु किए हैं। इन राज्यों में प्रजनन दर 2025 तक घटाकर 2.1 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान के तहत उन कारणों का बारीकी से पता भी लगाया जा रहा है जो जनंसख्या वृद्धि की वजह बन रहे हैं। इनमें परिवार नियोजन सुविधाओं का अभाव, पर्याप्त चिकित्सा केन्द्रों और वहां डाक्टरों और चिकित्साकर्मियों की कमी तथा ढांचागत सुविधाओं का अभाव जैसे कारणों के समाधान के लिए ठोस नीति पर काम हो रहा है। इस बीच, परिवार नियोजन जागरूकता अभियान के तहत कई नयी पहल भी की गई है। नवविवाहित जोड़ों को नियोजन पहल किट उपलब्ध कराई जा रही है और परिवारों में सास-बहू के बीच बेहतर संवाद की व्यवस्था के लिए दरबार आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें छोटा परिवार रखने के महत्व को समझाया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में हर जगह परिवार नियोजन से संबंधित सुविधाएं देने की तैयारी की गई है। परिवार नियोजन के तरीके अपनाने वालों को प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की गई है। इस महत्वाकांक्षी अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन और कई निजी संस्थायें भी सहयोग कर रही हैं। 


दार्जिलिंग हिल्स में तनाव जारी, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

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दार्जिलिंग / सिलीगुड़ी 08 जुलाई, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग हिल्स में कथित रूप से तीन गोरखा कार्यकर्ताओं की मौत और सरकारी संपत्तियों को जलाये जाने की घटना के एक दिन बाद समूचे क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस बीच गोरखा कार्यकर्ताओं के आज प्रस्तावित दार्जिलिंग से सिलीगुड़ी तक करीब 80 किमी मानव श्रृंखला बनाये जाने के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है। गोरखा जनमुक्ति माेर्चा(जीजेएम) और गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट(जीएनएलएफ) ने दावा किया है कि सोनादा और चौकबाजार में सुरक्षाबलों की गोलीबारी में तीन युवकों तुसी भूटिया, समीर गुरंग और सूरज सुंदास की मौत हुई है जबकि राज्य सरकार ने सुरक्षाबलों द्वारा किसी प्रकार की गोलीबारी की घटना से इंकार किया है। जीजेएम के सहायक सचिव विनय तमांग ने कहा कि गोलीबारी के शिकार युवकों के शवों को लेकर चौकबाजार से रैली निकाली जायेगी और उसके बाद लेबोंग से सिलीगुड़ी तक मानव श्रृंखला बना कर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। इससे पहले शुक्रवार की रात करीब 23.00 बजे तुसी की मौत के बाद गोरखा कार्यकर्ताओं ने शनिवार को चौबाजार में प्रदर्शन किया और यूनेस्को द्वारा संरक्षित टॉय ट्रेन के सोनादा रेलवे स्टेशन सहित सरकारी संस्थानों में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने कुर्सियोंग में अनुमंडलीय अधिकारी कार्यालय, गोरुबथान में रेंज कार्यालय और दो पुलिस के वाहनों में आग लगा दी। इसके अलावा कलिम्पोंग में नियोरा रेंज अावास और कार्यालय तथा मिरिक में एक यातायात पुलिस चौकी में भी आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया।

शाेपियां को छोड़कर कश्मीर में जन-जीवन सामान्य

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श्रीनगर 09 जुलाई, आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के सेना के साथ मुठभेड में मारे जाने की बरसी के मौके पर सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर लगायी गयीं पाबंदियों और कर्फ्यू के कारण कश्मीर में दो दिनाें तक जन जीवन अस्त-व्यस्त रहने के बाद आज स्थिति समान्य है। घाटी के दूसरे इलाके के इतर शोपियां में लगातर तीसरे दिन व्यापार और अन्य गतिविधियां प्रभावित रहीं। इस शहर में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच सुबह झड़प की रिपोर्ट है। अधिकारियाें ने बताया कि शोपियां को छोड़कर घाटी के किसी इलाके से किसी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। कानून व्यवस्था से संबंधित किसी भी तरह की समस्याओं से निपटने के लिये सरक्षाबलों को जगह-जगह तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि श्रीनगर में सुरक्षाबलों ने सड़क मार्गों पर लगे अवरोध हटा लिए गए हैं। रविवार को खुली रहने वाली दुुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान सुबह से खुले हैं। शेहर-ए-खास (एसके) सहित दूसरे सभी मार्गों पर यातायात समान्य रूप से चल रहा है। ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के आसपास तैनात किए गए सुरक्षाबलों और राज्य पुलिस कर्मियों को भी वापस बुला लिया गया है।

कोविंद ने विधायकों एवं सांसदों की बैठक में मांगा समर्थन

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रायपुर, 09 जुलाई, राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार श्री रामनाथ कोविंद ने आज यहां छत्तीसगढ़ में भाजपा सांसदों और विधायकों की बैठक में उनसे समर्थन मांगा। इस मौके पर केन्द्रीय वित्त मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता अरूण जेटली भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह के शासकीय आवास पर भाजपा सांसदों और विधायकों की बैठक आहूत की गई थी, जिसमें श्री कोविंद ने सभी से समर्थन मांगा। बैठक में पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री डा.सिंह के अलावा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने पुष्प गुच्छ भेंटकर श्री कोविंद एवं श्री जेटली का स्वागत किया। बैठक में राज्य की रायगढ़ सीट से सांसद केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री विष्णु देव साय, राज्य के मंत्रीगण सर्वश्री बृजमोहन अग्रवाल, राम सेवक पैकरा, अमर अग्रवाल, राजेश मूणत, केदार कश्यप, दयालदास बघेल, पुन्नू लाल मोहिले, रमशीला साहू, महेश गागड़ा, भईयालाल राजवाड़े, लोकसभा सांसद रमेश बैस, अभिषेक सिंह, कमला देवी पाटले, चन्दूलाल साहू, विक्रम उसेण्डी तथा राज्यसभा सांसदद्वय भूषण लाल जांगड़े एवं राम विचार नेताम के साथ ही लगभग सभी भाजपा विधायक मौजूद थे। इससे पूर्व विशेष विमान से माना विमानतल पर पहुंचने पर श्री कोविंद का जोरदार स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह, उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों, संसदीय सचिवों, सांसदों और विधायकों सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने पुष्प गुच्छ भेंटकर उनका स्वागत किया। श्री कोविंद वित्त मंत्री श्री जेटली के साथ ही विशेष विमान से वापस दिल्ली लौंट जायेंगे। आज की इस बैठक में केवल भाजपा के सांसदों विधायकों को आमंत्रित किया गया था। राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा एवं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों के अलावा असम्बद्द सदस्य अमित जोगी के अलावा छत्तीसगढ़ कांग्रेस के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस के दो विधायकों के साथ ही एक निर्दलीय सदस्य विमल चोपड़ा भी है जिन्होने अभी अपने पत्ते नही खोले है कि वह किसे समर्थन देगे।बसपा के एक मात्र सदस्य ने विपक्ष की उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान पहले ही कर दिया है।

जेलियांग का नागालैंड में सरकार बनाने का दावा

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कोहिमा, 09 जुलाई, नागालैंड के पूर्व मुख्यमंत्री टी आर जेलियांग ने नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) विधायक दल का नेता एवं डेमोक्रेटिक एलायंस आॅफ नागालैंड (डीएएन) का अध्यक्ष हाेने का दावा करते हुए एनपीएफ नीत डीएएन की नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया है। कल राज्यपाल को लिखे एक पत्र में श्री जेलियांग ने एनपीएफ के 47 विधायकों में से स्वयं सहित 34 विधायकों का समर्थन का दावा किया है। इस तरह उन्होंने कुल 49 विधायकों का समर्थन का दावा किया है। पत्र की प्रतियां मीडिया को भी उपलब्ध करायी गयी है। श्री जेलियांग ने कहा कि दीमापुर में चार जुलाई को उनके निवास पर हुई बैठक में उन्हें एनपीएफ विधायक दल का नेता चुना गया जिसमें उन्हें स्वयं समेत कुल 34 विधायकों ने अपना समर्थन दिया। श्री जेलियांग ने कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री शुरहोजेली लीजीत्सू का मंत्रिमंडल अल्पमत में है , इसलिए उन्होंने राज्यपाल से उन्हें सरकार बनाने के लिए निमंत्रण देने की अपील की है ।

राजनाथ ने चामलिंग को दिया हरसंभव मदद का आश्वासन

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नयी दिल्ली 09 जुलाई, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग से राज्य के सुरक्षा हालात पर चर्चा की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया । आधिकारिक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि श्री सिंह ने श्री चामलिंग को फोन करके पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे सिक्किम के इलाकों की सुरक्षा की स्थिति पर विचार -विमर्श किया और उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 10 की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है। श्री सिंह ने केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि काे पश्चिम बंगाल प्रशासन के साथ समन्वय करने तथा राजमार्ग संख्या 10 पर सुरक्षा तथा सुगम यातायात सुनिश्चित करने का निर्देश दिया । पश्चिम बंगाल सरकार से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जा रहा है कि सिक्किम को जाेड़ने वाली सडकें खुली रहें । गृह मंत्री ने श्री चामलिंग को भरोसा दिलाया कि राजमार्ग संख्या 10 पर पुख्ता सुरक्षा होगी तथा राज्य के लोगाें को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति निर्बाध जारी रहेगी ताकि उन्हें किसी तरह की कठिनाई का सामना न करना पडे । श्री चामलिंग ने श्री सिंह को बताया कि सिक्किम को जोडने वाले अहम राजमार्ग के बंद होने से राज्य के लोगों को दवा ,बच्चों के दूध ,सब्जी , तथा पेट्रोल एवं डीजल जैसी आवश्यक वस्तुओं की निहायत ही किल्लत हो गयी है । उल्लेखनीय है कि अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल में जारी आन्दोलन में 17 जून से अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है तथा बंद आज 28वें दिन में प्रवेश कर गया है। इससे पडोसी राज्य सिक्किम भी प्रभावित हुआ है। 

कर नही देना किसी व्यवसाय का मौलिक अधिकार,यह नही चल सकता : जेटली

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रायपुर 09 जुलाई, केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)का विरोध करने वाले कुछ व्यवसायों से जुड़े लोगो को आड़े हाथों लेते हुए आज कहा कि..कोई कर नही देगा यह उसका मौलिक अधिकार हैं,यह 2017 में नही चल सकता..। श्री जेटली ने यहां छत्तीसगढ़ के वाणिज्यक कर(जीएसटी)विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए खासकर कपड़ा व्यवसाय का नाम लिए बगैर उसकी ओर इशारा करते हुए कहा कि..वह फाइवर और यार्न पर जो कर देंगे इसका उन्हे इनपुट पर क्रेडिट मिलेगा तो लगने वाला कर लगभग नही के बराबर होगा..।पहले की व्यवस्था में कुछ लोग कर नही देते थे,इसलिए वह उनका मौलिक अधिकार है,वह मौजूदा व्यवस्था में नही चल सकता। उन्होने सर्राफा व्यवसाय का जिक्र करते हुए कहा कि उन पर एक प्रतिशत कर लगाने की वित्त मंत्री रहते प्रणव दा,चिदम्बरम जी ने कोशिश की लेकिन उऩ्हे वापस लेना पड़ा लेकिन वह कड़े विरोध के बाद भी पीछे नही हटे,आज वहीं सर्राफा व्यवसायी जीएसटी में तीन प्रतिशत कर लगने पर भी कोई विरोध नही कर रहे है।उन्होने कहा कि..कर तो आपको उपभोक्ता से लेना है जब वह विरोध नही कर रहा तो फिर आपके विरोध का क्या मायने है..। जीएसटी को आर्थिक रूप से देश के एकीकरण का कदम बताते हुए उन्होने कहा कि सरदार पटेल ने आजादी के बाद 550 रजवाड़ों को कई तरह की कोशिशे कर देश का एकीकरण जरूर कर दिया था लेकिन उसे 70 वर्षों बाद जीएसटी आर्थिक रूप से एकीकृत करेगी।उन्होने कहा कि अब तक चल रही व्यवस्था के सफल होने की कतई संभावना नही थी।जीएसटी से निर्माता,विक्रेता और देश सभी को लाभ होगा। 

शिक्षा क्षेत्र में विषमताओं को पाटने और गुणवत्ता तय करने में ई शिक्षा की होगी अहम भूमिका: प्रणव

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नयी दिल्ली, 09 जुलाई, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शिक्षा की विषमताओं को पाटने और शिक्षा को गुणवत्ता युक्त बनाने का आह्वान करते हुए आज कहा कि ई शिक्षा इसमें बड़ा योगदान करेगी। श्री मुजर्खी उच्च शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटलीकरण के जरिए सैकड़ों पाठ्यक्रमों को डीटीएच चैनल्स, टैबलेट्स और मोबाइलों के जरिए उपलब्ध कराने के लिए ‘स्वंय’ और ‘स्वंय प्रभा’ नाम से शुरु की गई सेवाओं का शुभारंभ करने के अवसर पर बोल रहे थे। उन्हाेंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और सबतक इसकी पहुंच बनाना समाज और देश के विकास के लिए बहुत जरुरी है। ई शिक्षा इसमें अहम भूमिका निभा सकती है। उन्हाेंने इस अवसर पर शिक्षक समुदाय से आह्वान किया कि वे ई शिक्षा के जरिए उपलब्ध कराई जाने वाली शिक्षण सामग्री को और बेहतर बनाने के साथ ही इनका इस्तेमाल शिक्षण प्रक्रिया में सुधार के लिए भी करें। उन्होंने इसके साथ शिक्षा के लिए स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल पर भी जोर दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि नयी सेवाएं उन क्षेत्राें तक शिक्षा का प्रसार करेने में मददगार होगीं जहां शिक्षा के लिए पारपंरिक ढांचागत सुविधाएं अभी तक उपलब्ध नही हो सकी हैं। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इस अवसर पर कहा कि ‘स्वयं’ और ‘स्वंयप्रभा’ शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल इंडिया की परिकल्पना काे साकार करेगी। उन्हाेंने शिक्षा को मानव सशक्तिकरण का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम बताते हुए कहा कि देश और समाज को विकास के रास्ते पर ले जाने वाली यह सबसे बड़ी ‘साफ्ट पावर है। इसका डिजटलीकरण इसे पारंपरिक सीमाओं से मुक्त कर सबके लिए सुलभ बनाएगा। सरकार के अनुसार ‘स्वयं’ और ‘स्वयंप्रभा’ सेवाओं का उद्देश्य डिजिटल क्रांति के जरिए देश के दूर दराज इलाकों में भी गुणवत्ता युक्त शिक्षा उपलब्ध कराना है। ‘स्वयं’ के पाठ्यक्रमों को चार विभागों में बांटा गया है। ये हैं विडियो लेक्चर, विशेषतौर पर तैयार की गई पठनीय सामग्री, स्वयं आकलन परीक्षा और आॅनलाइन चर्चा। इनमें इंजीनियरिंग, प्रबंधन,विज्ञान, कला विषय,भाषा और गणित जैसे विषय शामिल हैं। इन पाठ्यक्रमों का प्रसारण ‘ स्वयं प्रभा’ के जरिए किया जाएगा जो कि 32 डीटीएच चैनलों का समूह है। ‘स्वयं’के तहत उपलब्ध कराए गए पाठ्यक्रमों को आईआईटी, जेएनयू, दिल्ली विश्विद्यालय तथा अन्ना विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं के 1,000 से अधिक शिक्षाविदों ने तैयार किया है। आईटी प्लैटफॉर्म, (मैसिव ओपन आॅनलाइन कोर्सेज) के जरिए उपलब्ध कराए गए इन पाठ्यक्रमों के जरिए कक्षा 10 से स्नातकोत्तर तक की कक्षाओं में पढ़ाए जाने वाले विषयों की पढ़ाई की जा सकेगी। इस प्लैटफॉर्म के जरिए छात्र कभी भी, कहीं भी आॅनलाइन पढ़ सकेंगे। ये सभी पाठ्यक्रम नि:शुल्क उपलब्ध होंगे। इन आॅनलाइन पाठ्यक्रमों को क्वॉलीफाई करने वाले छात्रों को नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी सर्टिफिकेट से सम्मानित किया जाएगा।


मधुबनी : बी पी कोइराला इंडिया-नेपाल फाउंडेशन के द्वारा सेमिनार आयोजन

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आज दिनांक 9 जुलाई रविवार को बी पी कोइराला इंडिया-नेपाल फाउंडेशन के तहत आनन्द मेमोरियल फाउंडेशन, पटना के द्वारा होटल अतिथि के सभागार में एक  इंटरैक्टिव डिस्कशन सह सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय "Capacity Building on Disaster managment to Selected School Teachers of India & Nepal " था। सेमिनार की अध्यक्षता  जेएमडीपीएल के प्रिंसिपल डॉक्टर पी सी एल दास ने की। कार्यक्रम का उद्घाटन नेपाल के राजनयिक भरत कुमार रेगमी, नेपाल के कला सचिव कृष्ण कुमार पांडा, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री राजकुमार महासेठ, नेपाल के शिक्षाविद कृष्णा देव यादव, जेएमडीपीएल के प्रिंसिपल डॉक्टर पी सी एल दास ने दीप प्रज्वलित कर के किया। स्वागत भाषण  प्रोफेसर आदित्य कुमार लाल दास ने किया।

            
प्रशिक्षक के रूप में डी पी कर्ण, अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त अग्नि विशेषज्ञ टी एन प्रताप, एवं यूनिसेफ के संतोष कुमार, प्रोफेसर विनय कुमार दास ने आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर आणि अपनी राय रखी। नेपाल के शिक्षाविद कृष्णा देव यादव ने इस प्रयास को भारत नेपाल मैत्री को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त अग्नि विशेषज्ञ टी एन प्रताप ने बताया की आग पाँच प्रकार के होते हैं।  आग इंर्धन, ऑक्सीजन और गर्मी का संयोग( कॉम्बिनेशन) है। अधिकतर आग को रोकने में बालू का उपयोग करना चाहिए। आग में अगर हवा के संपर्क को रोक दिया जाय तो आग रुक जाएगी। गैस सिलेन्डर में आग लग जाने पर बिजली के स्विच अगर ऑन है तो उसे ऑफ न करें और अगर ऑफ है तो ऑन न करें। गैस सिलेन्डर के आग को बालू दे कर बंद करें। प्रोफेसर अमर कुमार ने कहा कि इस प्रकार का ज्ञानवर्धक सेमिनार आम आदमी के लिये भी बहुत उपयोगी है। इस तरह का  कार्यक्रम आम लोगों के लिये भी करनी चाहिए। संतोष कुमार ने भूकंप के बारे में भारत और नेपाल के परिपेक्ष में विस्तार से बताया। 

कार्यक्रम में नेपाल के सुभाष यादव, संजू कुमारी, पंची दास, विनीता, हृदय नारायण, मंजू कुमारी, इन्द्रभूषम रमण, इं० विवेक कुमार महासेठ, मनोज गाँधी, अमित महासेठ, अजय धारी सिंह सहित कई लोगों ने भाग लिया। मंच का संचालन कार्यक्रम के संयोजक  डी पी कर्ण ने किया। आनन्द मेमोरियल फाउंडेशन, पटना द्वारा संचालित इस कार्यक्रम के आयोजक दीपक कुमार ने कहा कि यह कार्यक्रम स्कूली बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया गया है। भविष्य में इसे व्यापक स्तर पर आम जन की भी भागीदारी के साथ किया जाएगा।

राज्य में साम्प्रदायिक द्वेष फैलाने की इजाजत नहीं दी जायेगी : सिद्दारमैया

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बेंगलुरू 09 जुलाई, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने आज यहां कहा कि उनकी सरकार राज्य में साम्प्रदायिक द्वेष फैलाने की इजाजत नहीं देगी तथा ऐसी गतिविधियों में शामिल संगठनों से मजबूती से निपटा जाएगा।  श्री सिद्दारमैया ने दक्षिण कन्नड जिले में गत तीन दिनों से व्याप्त तनाव के लिये केंद्रीय मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता तथा उनकी विभिन्न इकाई शांति बनाये रखे तो स्थिति सामान्य हो जायेगी। उन्होंने कहा, ''राज्य सरकार समाज में साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करने वाली संस्थाओं से कड़ाई से निपटेगी और विपक्ष को सत्ताधारी पार्टी पर आरोप लगाने के बजाय दक्षिण कन्नड जिले में शांति बहाल करने में सहयोग करना चाहिये।''इस मौके पर राज्य के वन्य मंत्री तथा दक्षिण कन्नड जिला प्रभारी रामनाथ राय ने कहा कि अगले एक हफ्ते के भीतर विभिन्न संगठनों के साथ शांति बनाये रखने के लिये बैठक की जायेगी और इससे पहले भी जिले में शांति बनाये रखने के लिये सभी प्रयास किये गये थे। श्री राय ने आरोप लगाया कि श्री गौड़ा तथा भाजपा नेता लोगों को उकसाने वाली गतिविधियों में लिप्त थे। 

पहली बार नहीं, सभी दलों के शासन में अयोध्या में आते रहें हैं पत्थर

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अयोध्या 09 जुलाई, अयोध्या में हाल ही में आये तीन ट्रक पत्थरों को लेकर मचे हंगामें से इतर राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिन्दू परिषद(विहिप) की कार्यशाला में तराशने के लिए हर राजनीतिक दलों के शासनकाल में पत्थर आते रहे हैं। विहिप के बैनर तले काम करने वाले श्री रामजन्म भूमि न्यास ने पत्थरों को तराशने वाली कार्यशाला सितम्बर 1990 में स्थापित की थी। इसके लिए दिगम्बर अखाडे के महन्थ और न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष दिवंगत रामचन्द्र परमहंस ने अखाडे की ही जमीन पर कार्यशाला शुरु करवायी थी। कार्यशाला शुरु होने के समय केन्द्र में विश्वनाथ प्रताप सिंह और राज्य में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी। विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार वामपंथियों की मदद से चल रही थी। उनकी सरकार में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के तत्कालीन महासचिव इन्द्रजीत गुप्त गृहमंत्री थे। दोनों ही सरकारें राम मंदिर निर्माण के समर्थक भारतीय जनता पार्टी और विश्व हिन्दू परिषद के क्रियाकलापों से पूरी तरह खिन्न थीं। इसके बावजूद कार्यशाला को स्थापित करने और न ही उसमें पत्थरों को लाने पर रोक लगायी गयी। विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार गिरने के बाद पी वी नरसिंहराव देश के प्रधानमंत्री बने। वह कांग्रेसी थे। उन्होंने भी कार्यशाला में तराशे जा रहे पत्थरों से कोई छेडछाड नहीं की। उनकी सरकार के कार्यकाल के दौरान पत्थरों के आने और तराशने का कार्य बदस्तूर जारी रहा। केन्द्र में तीसरे मोर्चे की सरकार एच डी देवगौडा और इन्द्र कुमार गुजराल के नेतृत्व में चली। उस दौरान भी कार्यशाला अपनी गति से चलती रही। उत्तर प्रदेश में तीन बार मुलायम सिंह यादव और चार बार मायावती मुख्यमंत्री रहीं लेकिन कार्यशाला के काम में कोई बाधा नहीं डाली गयी। कार्यशाला में पत्थरों के तराशने का काम बदस्तूर चलता रहा। केन्द्र में अटल बिहारी वाजपेयी और राज्य में कल्याण सिंह, रामप्रकाश गुप्त तथा राजनाथ सिंह के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार चली। इस दौरान कार्यशाला के काम में बाधा पडने का सवाल ही नहीं उठता था।

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अखिलेश यादव की सरकार में 2015 में चन्द दिनों के लिए काम में ठहराव आया लेकिन जानकारों का कहना है कि इसके लिए सपा सरकार जिम्मेदार नहीं थी बल्कि विहिप ने ही कारीगरों की संख्या कम कर दी थी। एक समय तो ऐसा आया था कि कार्यशाला में केवल चार कारीगर काम कर रहे थे। जानकार कहते हैं कि विहिप चन्द दिनों के लिए कार्यशाला के कामों में आये ठहराव के लिए अखिलेश यादव सरकार को चाहे जितना जिम्मेदार ठहराये लेकिन सच्चाई है कि इसके लिए तत्कालीन राज्य सरकार को जिम्मेदार नहीं कहा जा सकता। काम कुछ दिनों के लिए रुका इसके पीछे विहिप का अपना कारण था। उधर, विहिप का कहना है कि अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में व्यापार कर विभाग से फार्म नहीं मिल पा रहे थे इसलिए पत्थरों को लाने में दुश्वारियां हुयीं। विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा का कहना है कि सपा सरकार में फार्म नहीं दिये जाने के कारण 2015 में कुछ दिन तक पत्थर नहीं आ सके इसलिए कार्यशाला का काम प्रभावित हुआ था। विहिप के प्रस्तावित माडल के अनुसार मंदिर की उंचाई 128 फिट, लम्बाई 268़ 5 फिट और चौडाई 140 फिट होगी। दक्षिण भारतीय शैली में पत्थरों को तराशा जा रहा है। दो मंजिला मंदिर की इमारत प्रस्तावित है। इसमें 212 खम्भे होंगे। दोनों मंजिलों पर 106 -106 खम्भे बनेंगे। पत्थरों को बडी बारीकी से तराशा जा रहा है,लेकिन सूक्ष्म डिजाइनों को तराशने से परहेज किया जा रहा है। उन्हें पत्थरों को एसेम्बल करने के बाद तराशा जायेगा क्योंकि तराशे पत्थरों को ले जाते समय सूक्ष्म डिजाइनों के टूटने का डर रहता है। प्रस्तावित माडल के अनुसार मंदिर निर्माण होने पर करीब एक लाख 75 हजार घन फिट पत्थर लगेंगे जिसमें से एक लाख दस हजार घन फिट पत्थर तराशे जा चुके हैं। फर्श और प्रथम तल पर लगने वाले पत्थरों के तराशने का काम करीब -करीब पूरा हो चुका है। दूसरी ओर, केन्द्र और राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद मंदिर निर्माण समर्थकों का उत्साह बढा है। श्रीरामजन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास कहते हैं कि केन्द्र में मोदी और राज्य में योगी की सरकार होने की वजह से अब मंदिर निर्माण की बाधाएं हटेंगी क्योंकि दोनों ही राम के उपासक हैं। दोनों चाहते हैं कि मंदिर निर्माण हो।

मंदिर निर्माण के लिए गतिविधियां बढने मात्र से ही दूसरे पक्ष के लोग चिंतित हो उठते हैं। बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमेटी के संयोजक और अधिवक्ता जफरयाब जिलानी का कहना है कि मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। न्यायालय का निर्णय ही मान्य होगा। न्यायालय ने भी सुलह समझौते से मामले के निपटारे का सुझाव दिया था, लेकिन यह मुद्दा अब काफी आगे बढ गया है इसलिए बातचीत से मसले के हल की गुंजाइश कम है। संविधान से ऊपर कोई नहीं है। संविधान से देश चलता है। मामले का निपटारा भी संवैधानिक दायरे में होना चाहिए। मंदिर मस्जिद विवाद के मुद्दई और विवादित धर्मस्थल के पास ही रहने वाले हाजी महबूब कहते हैं कि पत्थरों के आने जैसे मसलों पर लोग शोर मचाने लगते हैं। उनका दावा है कि शोर मचाने का कारण एकमात्र वोट की राजनीति है। देश का यह अहम मसला है, इसलिए इसको राजनीति से अलग रखना चाहिए। न्यायालय के आदेश का इंतजार करना चाहिए। न्यायालय से जो भी आदेश आयेगा उसका पालन किया जायेगा।

386 अरब डॉलर के पार पहुँचा विदेशी मुद्रा भंडार

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मुंबई 09 जुलाई, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 30 जून को समाप्त सप्ताह में 4.01 अरब डॉलर बढ़कर 386.54 अरब डॉलर के अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया। इससे पहले 23 जून को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 57.64 करोड़ डॉलर बढ़कर 382.53 अरब डॉलर पर रहा था। विदेशी मुद्रा भंडार में यह डेढ़ महीने की सबसे बड़ी बढ़त है। इसमें मुख्य योगदान इसके सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति का रहा जो 30 जून को समाप्त सप्ताह में 3.72 अरब डॉलर बढ़कर 362.39 अरब डॉलर पर पहुँच गया। स्वर्ण भंडार भी 25.28 करोड़ डॉलर बढ़कर 20.35 अरब डॉलर पर रहा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 1.89 करोड़ डॉलर बढ़कर 2.32 अरब डॉलर पर और विशेष आहरण अधिकार 1.18 करोड़ डॉलर के इजाफे के साथ 1.48 अरब डॉलर पर रहा।

विवादित श्रीरामजन्म भूूमि के साथ अयोध्या सावन झूला मेले में सुरक्षा के कडे प्रबन्ध

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अयोध्या, 09 जुलाई, विवादित श्रीरामजन्म भूूमि पर कडी चौकसी के साथ ही अयोध्या के प्रसिद्ध सावन झूला मेले में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं। अपर जिलाधिकारी नगर/मेलाधिकारी विन्ध्यवासिनी राय ने आज यहाँ “यूनीवार्ता” को बताया कि कल से शुरू हो रहे सावन झूला मेला की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। इस सिलसिले में जिलाधिकारी संतोष कुमार राय की अध्यक्षता में अधिकारियों के साथ कई बैठकें आयोजित की गयी हैं। उन्होंने बताया कि अयोध्या में खराब सड़कों को ठीक करवाया जा रहा है, साथ ही मेला क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने के लिये व्यापक व्यवस्था की जा रही है। मेलाधिकारी ने बताया कि मेला क्षेत्र को बीस सेक्टरों में विभाजित करके सेक्टर प्रभारी नियुक्त किये जायेंगे। अयोध्या के विभिन्न घाटों तथा यातायात नियंत्रण के लिये छह जोन बनाये जायेंगे। प्रत्येक क्षेत्र में एक जोनल मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जायेगी। जिससे आने वाले तीर्थयात्रियों के सही दिशा में चलने व निगरानी रखने के लिये कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि सरयू तट के किनारे कच्चा घाट, पक्का घाट अौर बंधा तिराहा पर वॉच टॉवर तथा सीसीटीवी कैमरे की स्थापना की जा रही है। श्री राय ने बताया कि मेले में भीड़ को नियंत्रित करने एवं उसे सही दिशा में मोडऩे के लिये विभिन्न मार्गों तक मंदिरों पर करीब पन्द्रह सौ बैरियर लगाये जा रहे हैं। मेले में पेयजल, खाद्य आपूर्ति, चिकित्सा व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था, जल बैरीकेडिंग के साथ जगह-जगह वॉच टॉवरों की स्थापना की जा रही है।पूरे मेला क्षेत्र में लाडउस्पीकर भी लगाये जा रहे हैं जिससे मेलार्थी को समय-समय पर दिशा-निर्देश दिया जा सके। मेला क्षेत्रों में गंदगी व्याप्त न हो इसके लिये लगभग चार सौ सफाई कर्मी तथा अस्थायी शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है।


उन्होंने बताया कि अयोध्या के प्रसिद्ध मंदिर हनुमानगढ़ी के सीढिय़ों पर फिसलन को देखते हुए बालू का छिड़काव भी कराया जा रहा है। कच्चा घाट व पक्का घाट पर लगभग पैंतीस नावों की तैनाती की जा रही है जिससे मेलार्थी सुरक्षित ढंग से सरयू नदी में स्नान कर सकें। मेलाधिकारी ने बताया कि मेला क्षेत्र में करीब आठ जगहों पर उपचार केन्द्र बनाये गये हैं। विभिन्न मार्गों पर खोया-पाया शिविर लगाया गया है। स्नानार्थियों की सुरक्षा के लिये नदी पर पुलिस बल तैनात किये गये हैं और घाटों के चारों तरफ कई मोटरबोटें लगायी गयी हैं। उन्होंने बताया कि सावन झूला मेला सात अगस्त अर्थात् रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगा। इस मेले में दूरदराज से लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं और मेला का आनन्द उठाते हैं। इस बीच, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुभाषचन्द्र बघेल ने बताया कि अयोध्या में आतंकवादी हरकतों की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अयोध्या के प्रसिद्ध सावन झूला मेले में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े प्रबंध किये गये हैं। उन्होंने बताया कि सावन झूला मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के पोख्ता इंतजाम तो रहेंगे ही इसके अलावा मेला क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के द्वारा प्रत्येक व्यक्ति पर कड़ी नजर रखी जायेगी।

उन्होंने बताया कि मेले के दौरान प्रवेश के चारों मार्गों पर लगे बैरियर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहेगी। पूरा मेले क्षेत्र को सुरक्षा की दृष्टिकोण से एक ही स्थान पर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से व्यवस्था देखी जायेगी। साथ ही साथ मेला क्षेत्र में भारी भरकम पुलिस बल की तैनाती होगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पूरा मेले के दौरान सादी वर्दी में महिला पुलिस, पुरुष पुलिस की तैनाती रहेगी। इसके अलावा सरयू नदी में घाटों पर स्नान करने वाले महिलाओं और पुरुषों की सुरक्षा व्यवस्था भी पुख्ता किया जायेगा, साथ ही साथ अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी, कनक भवन, नागेश्वरनाथ जैसे तमाम मंदिरों की भी सुरक्षा रहेगी। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर लगे पुलिस बल के अलावा अलग से और पुलिस बल तैनात करके सुरक्षा को और कड़ा किया जायेगा। श्री बघेल ने बताया कि सावन झूला मेला को देखते हुए जिले के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकें भी की गयी हैं। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अयोध्या पहले से ही संवेदनशील है किन्तु मेले के दौरान विशेष सतर्कता रहेगी। उन्होंने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से सावन मेले में कांवरियों के आने-जाने के रास्तों पर भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करने तथा आने-जाने वाले सभी आगंतुकों की सख्त चेकिंग करने के निर्देश दिये हैं। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मेले में आतंकी गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखी जायेगी। मेले को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने के लिये पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने के निर्देश भी दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि कांवरियों को डीजे की जगह लाउडस्पीकर बजाने की छूट होगी। मेले की सुरक्षा व्यवस्था के लिये डाग स्कवायड, बम खोजी व निरोधी दस्ता आदि सुरक्षा की सभी एजेंसियों को लगाया जायेगा। उन्होंने बताया कि वांछित अपराधियों को गिरफ्तार करने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ पर निगाह रखने के लिये एटीएस कमाण्डो के साथ पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों समेत भारी तादात में पुलिस व पैरामिलेट्री फोर्स व दस्तों के तैनाती के भी निर्देश दिये हैं। जिससे मेले को सकुशल सम्पन्न कराया जा सके।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे गुरूदत्त

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मुंबई. 09 जुलाई, भारतीय सिनेमा जगत में गुरूदत्त को एक ऐसे बहुआयामी कलाकार के तौर पर जाना जाता है जिन्होंने फिल्म निर्माण, निर्देशन, नृत्य निर्देशन और अभिनय की प्रतिभा से दर्शकों को अपना दीवाना बनाया । कर्नाटक के बेंगलूर शहर में एक मध्यम वर्गीय बाह्मण परिवार में नौ जुलाई 1925 को जन्में गुरूदत्त का मूल नाम वसंत कुमार शिवशंकर राव पादुकोण था। बचपन के दिनो से ही उनका रूझान नृत्य और संगीत की तरफ था। उनके पिता शिवशंकर पादुकोण एक स्कूल मे हेड मास्टर के थे जबकि उनकी मां भी स्कूल में ही शिक्षिका थीं। गुरू दत्त ने अपनी प्रांरभिक शिक्षा कलकत्ता शहर में रहकर पूरी की। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उन्हें मैट्रिक के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ देनी पड़ी। संगीत के प्रति अपने शौक को पूरा करने के लिये उन्होंने अपने चाचा की मदद से पांच वर्ष के लिये छात्रवृत्ति हासिल की और अल्मोडा स्थित उदय शंकर इडिया कल्चर सेंटर में दाखिला ले लिया, जहां वह उस्ताद उदय शंकर से नृत्य सीखा करते थे । इस बीच गुरूदत्त ने टेलीफोन आपरेटर के रूप में भी एक मिल में काम भी किया। उदय शंकर से पांच वर्ष तक नृत्य सीखने के बाद गुरूदत्त पुणे के प्रभात स्टूडियो मे तीन वर्ष के अनुबंध पर बतौर नृत्य निर्देशक शामिल कर लिये गये। वर्ष 1946 मे गुरूदत्त ने प्रभात स्टूडियो की निर्मित फिल्म “हम एक है” से बतौर कोरियोग्राफर अपने सिने कैरियर की शुरूआत की । इस बीच गुरूदत्त को प्रभात स्टूडियो की निर्मित कुछ फिल्मों में अभिनय करने मौका भी मिला। प्रभात स्टूडियो के साथ किये गये अनुबंध की समाप्ति के बाद गुरूदत्त अपने घर मांटूगा लौट आये। इस दौरान वह छोटी-छोटी कहानियां लिखने लगे जिसे वह छपने के लिये प्रकाशक के पास भेज दिया करते थे। इसी दौरान उन्होंने “प्यासा” की कहानी भी लिखी जिस पर उन्होंने बाद में फिल्म भी बनाई।


वर्ष 1951 में प्रदर्शित देवानंद की फिल्म बाजी की सफलता के बाद गुरूदत्त बतौर निर्देशक अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गये। इस फिल्म के निर्माण के दौरान उनका झुकाव पाश्र्वगायिका गीता राय की ओर हो गया और वर्ष 1953 में गुरूदत्त ने उनसे शादी कर ली। वर्ष 1952 मे अभिनेत्री गीताबाली की बड़ी बहन हरिदर्शन कौर के साथ मिलकर गुरूदत्त ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया लेकिन वर्ष 1953 मे प्रदर्शित फिल्म बाज की नाकामयाबी के बाद गुरूदत्त ने स्वयं को उनके बैनर से अलग कर लिया और इसके बाद उन्होंने अपनी खुद की फिल्म कंपनी और स्टूडियो बनाया जिसके बैनर तले वर्ष 1954 में उनहोंने “आर पार” का निर्माण किया। आरपार की कामयाबी के बाद उन्होंने बाद में सी.आई.डी, प्यासा, कागज के फूल, चौदहवीं का चांद और साहब बीवी और गुलाम जैसी कई फिल्मों का निर्माण किया। गुरूदत्त ने कई फिल्मों की पटकथा भी लिखी जिनमें बाजी, जाल और बाज शामिल है। इसके अलावा उन्होंने लाखारानी, मोहन, गर्ल्स होस्टल और संग्राम जैसी कई फिल्मो का सह-निर्देशन भी किया। वर्ष 1953 में प्रदर्शित फिल्म बाज के साथ गुरूदत्त ने अभिनय के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और इसके बाद सुहागन, आरपार, मिस्टर एंड मिसेज 55, प्यासा, 12ओ क्लाक, कागज के फूल, चौदहवी का चांद, सौतेला भाई, साहिब बीवी और गुलाम, भरोसा, बहूरानी, सांझ और सवेरा तथा पिकनिक जैसी कई फिल्मों में अपने अभिनय का जौहर दिखाया। वर्ष 1954 मे प्रदर्शित फिल्म “आरपार” की कामयाबी के बाद गुरूदत्त की गिनती अच्छे निर्देशकों में होने लगी।

इसके बाद उन्होंने प्यासा और मिस्टर एंड मिसेज 55 जैसी अच्छी फिल्में भी बनायी। वर्ष 1959 मे अपनी निदेर्शित फिल्म कागज के फूल की बाक्स आफिस पर असफलता के बाद उन्होंने निर्णय लिया कि भविष्य में वह किसी और फिल्म का निर्देशन नहीं करेंगें। ऐसा माना जाता है कि वर्ष 1962 में प्रदर्शित फिल्म साहिब बीबी और गुलाम हालांकि गुरूदत्त ने ही बनायी थी लेकिन उन्होंने इसका श्रेय फिल्म के कथाकार अबरार अल्वी को दिया। गुरूदत्त ने कई फिल्मों की पटकथा भी लिखी जिनमें बाजी, जाल और बाज शामिल है। वर्ष 1957 में गुरूदत्त और गीता दत्त की विवाहित जिंदगी मे दरार आ गयी। इसके बाद गुरूदत्त और गीता दत्त ने अलग अलग रहने लगे। इसकी एक मुख्य वजह यह भी रही कि उस समय उनका नाम अभिनेत्री वहीदा रहमान के साथ भी जोड़ा जा रहा था। गीता राय से जुदाई के बाद गुरूदत्त टूट से गये और उन्होंने अपने आप को शराब के नशे में डूबो दिया। अत्यधिक मात्रा मे नींद की गोलियां लेने के कारण गुरूदत्त 10 अक्तूबर 1964 को इस दुनिया को सदा के लिये छोड़ कर चले गये। उनकी मौत आज भी सिनेप्रेमियो के लिये एक रहस्य ही बनी हुई है।

आलोचना करने वालो को सम्मान देना चाहिये: अमिताभ

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मुंबई 09 जुलाई, बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन का कहना है कि आलोचना करने वाला को सम्मान दिया जाना चाहिये। अमिताभ का मानना है कि आलोचना और परवाह का चोली-दामन का साथ है। अमिताभ ने ब्लॉग में लिखा, “जब कोई आपकी आलोचना करे तो आपको समझ लेना चाहिए कि यह शख्स आपकी बहुत परवाह करता है। आपको उसे सम्मान देना चाहिए। ” अमिताभ को फिल्म इंडस्ट्री में आये हुये करीब पांच दशक हो गये हैं। अमिताभ ने कहा कि साहस, ज्ञान और परिपक्वता जैसे गुण समय के साथ आते हैं। अमिताभ ने ब्लॉग में लिखा, “साहस, ज्ञान और परिपक्वता मानव प्रकृति के तत्व हैं, जिसे आत्मसार करने में कई पीढ़ियां लग जाती है।


अलग तरह का किरदार निभाना चाहती हूँ: श्रद्धा कपूर

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नई दिल्ली, 09 जुलाई, बॉलीवुड अभिनेत्री श्रद्धा कपूर का कहना है कि वह हमेशा से अलग तरह का किरदार निभाना चाहती थी और फिल्म ‘हसीना : द क्वीन ऑफ मुंबई’ के जरिए उन्होंने अपनी सरल-सहज लड़की की इमेज को तोड़ अलग तरह का किरदार निभाया है। फिल्म ‘हसीना : द क्वीन ऑफ मुंबई’ एक बायोपिक है, जिसमें श्रद्धा अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर की भूमिका में हैं। अपूर्व लखिया निर्देशित फिल्म में श्रद्धा के भाई सिद्धांत कपूर दाऊद की भूमिका में हैं। श्रद्धा ने बताया, “मुझे लगता है कि यह निश्चित रूप से अब तक के मेरे करियर में सबसे अलग भूमिकाओं में से एक है। मुझे लगता है कि मैंने ज्यादातर सकारात्मक किरदार किए हैं और यह पहला ऐसा किरदार है जो ‘ग्रे’ है । मैं उम्मीद करती हूं कि लोग कुछ अलग करने के मेरे सचेत प्रयास का संज्ञान लेंगे। ” श्रद्धा बैंडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल की बायोपिक में भी काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि विविधतापूर्ण किरदार निभाने की चाहत पूरी करने के लिए उन्होंने इस फिल्म के लिये हामी भरी है। उन्होंने कहा, “मैं बस कुछ अलग करना चाहती थी। मुझे महसूस हुआ कि मैं नई तरह की फिल्में करना चाहती हूं और अलग तरह के किरदारों का हिस्सा बनना चाहती हूं, इसलिए मैंने ‘हसीना’ और साइना नेहवाल की बायोपिक का हिस्सा बनने का फैसला किया।

कैंसर पीड़ित पाकिस्तानी युवती ने सुषमा से मांगी मदद

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नयी दिल्ली,09जुलाई, कैंसर से पीड़ित एक पाकिस्तानी युवती ने इलाज के लिए भारत आने के वास्ते विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से वीजा हासिल करने में मदद मांगी है। मीडिया रिपोर्टाें के अनुसार इस पाकिस्तानी युवती फैजा तनवीर का वीजा आवेदन इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास अस्वीकार कर चुका है। फैजा मुंह के कैंसर से पीड़ित है और उसकी बीमारी घातक स्थिति में पहुंच चुकी है। पाकिस्तान की मीडिया में छपी खबरों के अनुसार फैजा गाजियाबाद के इन्द्रप्रस्थ डेंटल कॉलेज में इलाज कराने के लिए दस लाख रूपए का अग्रिम भुगतान भी कर चुकी है। लेकिन भारतीय दूतावास ने उसे वीजा देने से मना कर दिया है। फैजा की मां का मानना है कि वीजा आवेदन संभवत: दोनों देशों के बीच तनाव के कारण निरस्त किया गया है। ऐसी स्थिति में फैजा ने साेशल मीडिया की शरण लेते हुए श्रीमती स्वराज को ट्वीट कर भारत का वीजा हासिल करने में उनसे मदद की गुहार लगाई है। ऐसे ही एक ट्वीट में उसने लिखा है ‘मैैडम कृपया मेरी जिंदगी बचाने में मेरी मदद करें’। फैजा ने ट्वीटर पर अपना फोटा भी डाला है जिसमें कैंसर से प्रभावित उसके मुंह का हिस्सा दिखाई दे रहा है।

लुइस के शतक से विंडीज ने भारत को नौ विकेट से पीटा

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किंग्स्टन, 09 जुलाई, ओपनर एविन लुइस (नाबाद 125) के करियर की सर्वश्रेष्ठ शतकीय तूफानी पारी के दम पर वेस्टइंडीज एकमात्र ट्वंटी 20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में रविवार को भारत को नौ विकेट से पीट दिया। भारत ने निर्धारित 20 ओवर में 190 रन का मजबूत स्कोर बनाया जिसे वेस्टइंडीज ने लुइस के नाबाद 125 रन की शतकीय पारी की बदाैलत 18.3 ओवर में एक विकेट के नुकसान पर 194 रन बनाकर हासिल कर लिया। लुइस ने 24 गेंदों में अर्धशतक और 53 गेंदों में शतक पूरा किया। 25 वर्षीय लुइस ने 62 गेंदों में नाबाद 125 रन की तूफानी पारी में छह चौके और 12 छक्के ठाेके। लुइस का ट्वंटी-20 अंतरराष्ट्रीय करियर में यह दूसरा शतक है। उन्होंने इससे पहले गत वर्ष फ्लोरिडा में भारत के ही खिलाफ 100 रन बनाए थे। लुइस हमवतन क्रिस गेल और न्यूजीलैंड के ब्रैंडन मैकुलम के बाद तीसरे ऐसे बल्लेबाज बन गए हैं जिन्होंने ट्वंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में दो बार शतक ठोका है। लुइस ने ओपनर क्रिस गेल (18) के साथ पहले विकेट के लिए 8.2 ओवरों में 82 और मार्लाेन सैमुअल्स (नाबाद 36) के साथ दूसरे विकेट के लिए 10.1 ओवरों में 112 रन की अविजित मैच जिताउ साझेदारी की। गेल ने 20 गेंदों में 18 रन की पारी में एक चाैका और एक छक्का लगाया। सैमुअल्स ने 29 गेंदों में पांच चौकाें और एक छक्के की बदौलत नाबाद 36 रन का योगदान दिया। भारतीय गेंदबाजों ने 15 अतिरिक्त रन भी दिये। कुलदीप यादव ने 34 रन पर एक विकेट हासिल किया। 

पटना : शहर में बरसात होती है सिर्फ पोल खोलने के लिए

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पटना. आप माने या न माने. परन्तु यह सत्य है. जब शहरों में बरसात होती है सिर्फ पोल ही खुलने लगती है नाला और रोड निर्माण करने वाले  ठेकेदारों और निकाय के अफसर जो नालों की सफाई करवायी है. नगर पंचायत दानापुर निजामत विभाग से अवकाश ग्रहण करने वाले और मखदुमपुर मोहल्ले के निवासी नगीना सिंह कहते हैं कि वार्ड नं. 22 A में नाला ठेकेदारों ने ठीक से निर्माण नहीं किया है.इसके कारण नाला का पानी निकलकर सड़क पर जमा हो जाता है. माननीय पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर नालों की सफाई की गयी.केवल चेम्बर पर ढक्कन हटाकर साफई करके रस्म अदायगी की गयी. भीतर तक नाली की सफाई नहीं करने से कीचड़ के कारण जल बहाव नहीं हो रहा है. यह तो मुख्य मार्ग की समस्या है.बगीचे में रहने वाले बेहाल हैं. घर से निकलना मुश्किल है.यहां तो निगम के अधिकारी और वार्ड पार्षद का दायित्व हैं कि लोगों की समस्या दूर करें.

विशेष : कमज़ोर संक्रमण नियंत्रण के कारण बढ़ी बच्चों में दवाप्रतिरोधक टीबी

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अधिकांश बच्चों में, विशेषकर छोटे बच्चों में, टीबी उनके निकटजनों से ही संक्रमित होती है। अविश्वसनीय तो लगेगा ही कि सरकार ने अनेक साल तक बच्चों में टीबी के आँकड़े ही एकाक्रित नहीं किए पर 2010 के बाद के दशक में अब बच्चों में टीबी नियंत्रण पर सराहनीय काम हुआ है - देश में और विश्व में भी। पर यह पर्याप्त नहीं है क्योंकि संक्रमण नियंत्रण कुशलतापूर्वक किए बैग़ैर हम टीबी उन्मूलन का सपना पूरा नहीं कर सकते। बाल टीबी रिपोर्ट 2012 की संपादिका और सीएनएस (सिटीजन न्यूज़ सर्विस) की निदेशिका शोभा शुक्ला का कहना है कि "जब-जब कोई बच्चा या व्यसक टीबी संक्रमित होता है तब-तब हमारी टीबी से हार होती है। और जब-जब हम सफलतापूर्वक टीबी संक्रमित होने से रोकते हैं तब-तब हम टीबी उन्मूलन की ओर प्रगति करते हैं. यह समझना जरुरी है कि टीबी संक्रमण को फैलने से रोकना है - यह उतना ही जरुरी है जितना हर टीबी से ग्रसित व्यक्ति को पक्की जांच और पक्का इलाज उपलब्ध करवाना."हर बच्चे या व्यसक जिसको टीबी है उसको बिना विलम्ब पक्की जाँच मिलनी चाहिए और असरकारी दवाओं से उसका पक्का इलाज सुनिश्चित करना चाहिए: यदि हम ऐसा नहीं करेंगे तो टीबी जीतेगा और हम हारेंगे।


बच्चों में टीबी पर नयी रिपोर्ट ने झकझोरा
भारत के अनेक शहरों में 76000 बच्चों की टीबी जाँच करने पर ज्ञात हुआ कि 5500 बच्चों को टीबी रोग है और इनमें से 9% बच्चों को दवा-प्रतिरोधक टीबी है (मल्टी-ड्रग रेज़िस्टंट टीबी या एमडीआर-टीबी/ MDR-TB)। एमडीआर-टीबी का इलाज 2 वर्ष से अधिक अवधि का है, अत्याधिक जटिल उपचार है और इलाज का सफलता-दर भी चिंताजनक रूप से कम है। इस रिपोर्ट को फ़ाउंडेशन फ़ॉर इनेवोटिव दायिगनोस्टिक़्स (एफ़आईएनडी) और भारत सरकार के राष्ट्रीय टीबी कार्यक्रम (जिसका औपचारिक नाम है राष्ट्रीय पुनरीक्षित टीबी नियंत्रण कार्यक्रम) ने जारी किया है. स्वास्थ्य को वोट अभियान से जुड़े और बालावस्था में स्वयं टीबी का इलाज सफलतापूर्वक पूरा किये हुए राहुल द्विवेदी ने बताया कि सबसे झकझोरने वाली बात यह है कि बच्चों को टीबी बड़ों/ वयसकों से ही संक्रमित होती है। बच्चों की देखरेख करने वालों या किसी निकटजन को टीबी रही होगी जो बच्चों को संक्रमित हुई। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एमडीआर-टीबी औसतन उस व्यक्ति को होती है जो असरकारी टीबी दवाओं के प्रति प्रतिरोधकता उत्पन्न कर ले। दवा प्रतिरोधकता के कारणवश इलाज जटिल हो जाता है और जिन दवाओं से टीबी का प्रभावकारी इलाज हो सकता है वो विकल्प घटते जाते हैं। जैसे-जैसे दवा प्रतिरोधकता बढ़ती है वैसे-वैसे इलाज के लिए जरुरी दवाओं के विकल्प भी घटते जाते हैं.

जन-स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक संकेत 
पर जिन बच्चों को टीबी हुई उनमें से 9% को एमडीआर-टीबी (दवा प्रतिरोधक टीबी) हुई। ज़ाहिर है कि बच्चों ने विशेषकर कि छोटे बच्चों ने दवा प्रतिरोधकता उत्पन्न तो नहीं की होगी यानि कि उन्हें जिस निकट सम्बंधी से टीबी संक्रमित हुई वो साधारण टीबी नहीं दवा प्रतिरोधक टीबी रही होगी. यह जन-स्वास्थ्य के लिए बहुत चिंताजनक संकेत है। इंटरनेशनल यूनियन अगेन्स्ट टीबी एंड लँग डिज़ीज़ के विशेषज्ञ डॉ स्टीव ग्राहम ने कहा कि 4 साल से कम आयु के बच्चों को बड़ों से टीबी संक्रमित होने का ख़तरा अधिक होता है। कुपोषण के कारण भी बच्चों में टीबी संक्रमित होने का ख़तरा अत्याधिक बढ़ जाता है। बच्चों की संक्रमण से लड़ने की क्षमता यदि क्षीण हुई तो भी टीबी होने का ख़तरा बढ़ जाता है। कुपोषण, एचआईवी संक्रमण, डायबिटीज/ मधुमेह आदि से भी संक्रमण से लड़ने की क्षमता क्षीण होती है. लॉरेटो कॉन्वेंट कॉलेज की पूर्व वरिष्ठ शिक्षिका और स्वास्थ्य को वोट अभियान की सलाहकार शोभा शुक्ला ने बताया कि बच्चों में टीबी संक्रमण को रोका जा सकता है यदि संक्रमण नियंत्रण - घर, समुदाय, अस्पताल-क्लीनिक आदि में - दुरुस्त हो। घर में जो लोग तम्बाकू धूम्रपान करते हों वो नशा उन्मूलन सेवा का लाभ उठाएँ और स्वयं भी स्वस्थ्य रहें और घर के बच्चों को टीबी होने का ख़तरा कम करें। जब तक वो तम्बाकू धूम्रपान नहीं त्याग पा रहे तब तक वे घर में कदापि तम्बाकू धूम्रपान ना करें क्योंकि परोक्ष तम्बाकू धूम्रपान से टीबी होने का ख़तरा बढ़ता है।


बच्चों में टीबी होने का सबसे बड़ा कारण कुपोषण
न्यूज़ ब्लेज़ (अमरीका) से 2010 में सम्मानित शोभा शुक्ला ने कहा कि बच्चों में टीबी होने का ख़तरा बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण है: कुपोषण। सरकार ने कुपोषण समाप्त करने का वादा किया है। सरकार ने 2025 तक टीबी समाप्त करने का भी वादा किया है। यह अत्यंत ज़रूरी है कि खाद्य-सुरक्षा और टीबी कार्यक्रम में प्रभावकारी समन्वयन हो जिससे कि चाहे बच्चे हों या वयस्क, उनका टीबी होने का ख़तरा न बढ़े। मधुमेह/ डायबिटीज से भी टीबी होने का ख़तरा बढ़ता है इसीलिए ज़रूरी है कि टीबी और मधुमेह कार्यक्रमों में आवश्यक समन्वयन हो। बच्चों को बीसीजी वैक्सीन लगवानी चाहिए क्योंकि यह वैक्सीन कुछ संगीन क़िस्म की टीबी से बचाती है हालाँकि टीबी से पूर्ण रूप से नहीं बचाती। यदि टीबी उन्मूलन का सपना साकार करना है तो यह ज़रूरी है कि अधिक प्रभावकारी टीबी वैक्सीन का शोध भी तेज़ हो।

सरकारें वादा निभाएं
190 से अधिक देशों की सरकारों ने संयुक्त राष्ट्र में यह वादा किया है कि 2030 तक टीबी उन्मूलन का सपना साकार होगा. भारत सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के लक्ष्य भी सतत विकास लक्ष्य के अनुकूल हैं. वर्त्तमान में जो टीबी दर में गिरावट दर है वो अत्यंत कम है और इस गति से तो 2030 तक टीबी उन्मूलन का सपना साकार नहीं होगा बल्कि 150 से अधिक साल लगेंगे टीबी उन्मूलन के सपने को साकार करने के लिए. इसीलिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि टीबी दर में गिरावट अधिक तेज़ी से आये जिससे कि सरकार द्वारा किये हुए वादे पूरे हो सकें.





बाबी रमाकांत, 
सीएनएस (सिटीजन न्यूज़ सर्विस)
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