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युवा खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण मिले : रघुवर

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रांची 11 जुलाई, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास से आज कहा कि उनकी सरकार राज्य के खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के साथ ही हरसंभव सुविधाएं प्रदान करेगी। झारखंड के उभरते अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी सौरभ तिवारी ने यहां मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने सौरव का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि देश के लिये खेलना सम्मान की बात है। पूरी तरह समर्पित होकर खेलें। उन्होंने विभिन्न खेलों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश और झारखंड का नाम रौशन करने वाले खिलाड़ियों से कहा कि वे राज्य के उभरते युवा खिलाड़ियों के बीच अपने अनुभव बांटे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हरसंभव खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण और सुविधाएं प्रदान करेगी। इस दौरान सौरभ के साथ सुबोध सिंह गुड्डू, आलोक रंजन श्रीवास्तव, राजीव वर्मा तथा आशुतोष सिंह थे। 


सोरेन परिवार ने सिर्फ सीएनटी एक्ट का उल्लंघन किया है : भाजपा

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रांची 11 जुलाई, झारखंड भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और उनके परिवार पर छोटा नागपुर कास्तकारी (सीएनटी) एक्ट का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि सोरेन परिवार ने न सिर्फ एक्ट का उल्लंघन किया है बल्कि चुनाव आयोग, मीडिया और जनता को भी गुमराह किया है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन और सीता सोरेन की संपत्ति के खुलासे के बाद प्रदेश की आम जनता आश्चर्य में है और सोरेन परिवार का असली चेहरा पहचान चुकी है। सोरेन परिवार ने आदिवासियों का स्वघोषित रहनुमा बनकर आदिवासियों को ही चूना लगाया है । उन्होंने कहा कि सीएनटी एक्ट के सरलीकरण पर हंगामा मचाने वाले हेमंत सोरेन बताएं कि एक्ट की किस धारा के तहत उन्होंने रांची में आदिवासी भूमि खरीदी। हेमंत खुद सीएनटी एक्ट की धज्जी उड़ाते हैं और भाजपा को बदनाम करते हैं। श्री प्रभाकर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देने की बजाय उल्टा भाजपा पर भ्रम फैलाने का आरोप लगा रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने कुछ नहीं छिपाया। उन्होंने सवाल किया कि हेमंत सोरेन के पास कौन सा कैलकुलेटर है, जिससे वह तीस कट्ठा जमीन को मात्र 3000 वर्गफीट का बताते हैं। उन्होंने अरगोड़ा मौजा की तीस कट्ठा से ज्यादा जमीन को चुनाव आयोग के हलफनामा में मात्र 3000 वर्गफीट का दिखाया है। 


भाजपा नेता ने कहा कि सोरेन परिवार ने कल्पना मुर्मू के नाम से अरगोड़ा मौजा के खाता 233 एवं प्लाट संख्या 1975 में होल्डिंग संख्या 233-232 की 13 कट्ठा 14 छटाक जमीन फरवरी 2009 में तथा होल्डिंग संख्या 233-184 की 17 कट्ठा 8 छटाक जमीन मार्च 2009 में खरीदी। यह जमीन स्व महली उरांव के पुत्रों राजू उरांव तथा राजन उरांव से खरीदी गई। दोनों जमीन का कुल क्षेत्रफल 30 कट्ठा यानी 21,600 वर्गफीट है। यह जमीन सीएनटी एक्ट के तहत दूसरे थाना के आदिवासी को हस्तांतरित नहीं की जा सकती। हेमंत सोरेन को बताना चाहिए कि यह जमीन इतने सस्ते में उन्होंने मिट्टी के मोल कैसे ले ली और चुनाव आयोग से तथ्य क्यों छिपाया। श्री प्रभाकर ने सवाल किया कि पांच करोड़ की इस जमीन को चुनाव आयोग को मात्र पांच लाख में खरीदा दिखाया गया है। पांच वर्षों में ही उसका बाज़ार मूल्य अस्सी लाख दिखा दिया गया। फरवरी 2009 में ही लालपुर में कल्पना सोरेन के नाम से 13340 वर्गफीट भूमि पर बने 10340 वर्गफीट होस्टल को मात्र चार लाख 16 हज़ार में खरीदा दिखाया गया है और 2014 में इसका भी बाज़ार मूल्य 70 लाख बता दिया गया जबकि यह संपत्ति भी कम से कम पांच करोड़ की है। 

जदयू ने तेजस्वी को जनता के सामने तथ्य रखने का दिया मौका

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पटना 11 जुलाई, भ्रष्टाचार के मामले में कथित रूप से फंसे बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक दल के नेता एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मामला दर्ज किये जाने से हुयी राजनीतिक गहमागहमी के बीच आज प्रमुख घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने कहा कि वह श्री यादव से जनता को उनके खिलाफ लगे आरोप पर तथ्यपरक जवाब देने की अपेक्षा करती है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने पार्टी के विधान मंडल दल के सदस्यों, सांसदों, जिलाध्यक्षों और विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्षों के साथ प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद यहां जदयू के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भ्रष्टाचार और अपराध पर पार्टी के रुख को स्पष्ट करते हुए उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम लिये बगैर कहा कि जिन पर इस तरह के आरोप लगे हैं वह जनता की अदालत में अपनी बात रखें । पार्टी उम्मीद करती है कि आरोप लगने के बाद वह तथ्य परक जवाब जनता के साथ ही मीडिया के बीच भी पेश करेंगे । श्री कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन धर्म का पालन करना अच्छी तरह से जानती है और इस धर्म का पालन करना भी चाहती है। भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए पार्टी हमेशा प्रतिबद्ध रही है। ऐसे में अब यह फैसला जिन पर आरोप लगा है (तेजस्वी ) उन्हीं को लेना है। उन्होंने कहा कि जदयू को अपने काम पर विश्वास है। प्रवक्ता ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के किये गये अब तक के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि श्री कुमार ने वर्ष 2005 में अपने शपथ ग्रहण के चार घंटे के अंदर ही नवनियुक्त मंत्री श्री जीतन राम मांझी से एक पुराने मामले में इस्तीफा ले लिया था। श्री कुमार ने कहा कि इसी तरह वर्ष 2008 में एक अन्य पुराने मामले में तत्कालीन परिवहन मंत्री रामानंद प्रसाद सिंह से भी इस्तीफा लिया था। वर्ष 2011 में तत्कालीन सहकारिता मंत्री रामधार सिंह, 18 फरवरी 2010 को उत्पाद एवं मद्य निषेद मंत्री जमशेद अशरफ से तथा वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव के समय तत्कालीन उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री अवधेश कुशवाहा से इस्तीफा ले लिया गया था । प्रवक्ता ने कहा कि उनकी पार्टी राजनीतिक भूमिका में ही नहीं बल्कि सामाजिक सुधार की दिशा में बढ़ रही है। वह भ्रष्टाचार, बाल विवाह और दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिये काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी की एक राष्ट्रीय पहचान बनी है और पार्टी ने कथनी और करनी में कभी भी अंतर नहीं किया है। 


श्री कुमार ने कहा कि बैठक में जदयू के प्रखंड, सेक्टर (नगर क्षेत्र ), जिला एवं प्रदेश कार्यालय की ओर से आयोजित कार्यक्रमों का एक कैलैंडर जारी किया गया । जारी कैलैंडर में पार्टी के प्रखंड और सेक्टर अध्यक्ष प्रत्येक माह के पहले रविवार को प्रखंड पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे । उन्होंने कहा कि इसके बाद उसी दिन प्रखंड और सेक्टर के अध्यक्ष अपनी अध्यक्षता में प्रखंड पदाधिकारियों एवं प्रकोष्ठ अध्यक्षों की संयुक्त बैठक भी करेंगे। प्रवक्ता ने कहा कि प्रकोष्ठों के जिला एवं नगर अधक्ष प्रत्येक माह के दूसरे रविवार को जिला पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे । इसके बाद उसी दिन पार्टी के जिला एवं नगर अध्यक्ष अपनी अध्यक्षता एवं संगठन प्रभारी की उपस्थिति में जिला पदाधिकारियों एवं प्रकोष्ठों के जिला एवं नगर अध्यक्ष के साथ भी बैठक करेंगे। श्री कुमार ने कहा कि प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्ष प्रत्येक माह के तीसरे रविवार को प्रदेश पदाधिकारी और राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों के साथ बैठक करेंगे। बैठक की तिथि भी सभी पदाधिकारियों को उपलब्ध करा दी गयी है। उन्होंन कहा कि पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों एवं राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों की हर दूसरे माह के चौथे रविवार को संयुक्त बैठक आयोजित की जायेगी । पंचायत से प्रदेश स्तर तक के प्रत्येक पदाधिकारी अपने निजी आवास पर पार्टी का झंडा एवं नेम प्लेट लगायेंगे। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि राज्य मुख्यालय से पंचायत तक जयंती और दिवस का आयोजन किया जायेगा। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनायी जायेगी। उन्होंने कहा कि 23 मार्च को राम मनोहर लोहिया, 11 अक्टूबर को लोक नायक जयप्रकाश नारायण, 15 अप्रैल को भीम राव अम्बेदकर और 24 जनवरी को जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाई जायेगी। इसी तरह पांच अप्रैल को मद्य निषेध दिवस का आयोजन होगा। उल्लेखनीय है कि रेलवे के दो होटलों के आवंटन में अनियमितता मामले में राजद अध्यक्ष एवं पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव के यहां दस सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास पर 07 जुलाई को सीबीआई ने छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान राजद अध्यक्ष श्री यादव पशु पालन घोटाला के एक मामले में पेशी के लिये रांची गये हुए थे। इस दौरान सरकारी आवास पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और उनकी मां एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से सीबीआई ने पूछताछ की थी। सीबीआई के उप मुख्यमंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद से ही मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनके इस्तीफे मांग पर अड़ी हुई है। उप मुख्यमंत्री श्री यादव के इस्तीफा दिये जाने की भाजपा की मांग को लेकर कल ही राजद विधानमंडल दल की बैठक हुयी थी जिसमें एक सुर से उनके इस्तीफा दिये जाने की मांग को अस्वीकार कर दिया गया था। 

तेजस्वी मामले में राजद के जवाब का भाजपा करेगी इंतजार : सुशील मोदी

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पटना 11 जुलाई, बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद राज्य में मचे सियासी घमासान के बीच सत्तारूढ़ महागठबंधन के मुख्य घटक जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के रुख पर आज कहा कि श्री यादव को तथ्यों के आधार पर जनता को जवाब देने की मांग कर जदयू ने राजनीतिक गेंद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पाले में डाल दी और इसपर उसके जवाब का भाजपा भी इंतजार करेगी। श्री मोदी ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, “जदयू विधानमंडल दल, जिलाध्यक्षों तथा विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्षों की हुई बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की 1000 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति मामले में सीबीआई की ओर से उनके खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी में लगाये गये आरोपों का जनता को तथ्यों के आधार पर जवाब देने की मांग की गई है। ऐसा करके जदयू ने राज्य की सियासी गेंद राजद के पाले में डाल दी है। अब देखना होगा कि इसपर राजद कबतक जवाब देता है क्योंकि जदयू की तरह भाजपा को भी उसके जवाब का इंतजार है।” भाजपा नेता ने कहा कि वह आशा करते हैं कि जदयू की मांग पर श्री तेजस्वी प्रसाद यादव के जवाब देने की अवधि अनिश्चितकालीन नहीं होगी। संभवत: चार से पांच दिन के अंदर जवाब आ जाना चाहिए। उन्होंने कि जवाब आने के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उप मुख्यमंत्री के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई का भी उन्हें इंतजार है। इसके बाद ही उनकी पार्टी आगे की रणनीति तय करेगी। 


श्री मोदी ने कहा, “उप मुख्यमंत्री के मामले में स्पष्टीकरण की कोई आवश्यकता नहीं थी। यह बिल्कुल स्पष्ट मामला था और हमे अपेक्षा थी कि श्री कुमार उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करेंगे क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के मामले में उन्होंने त्वरित कार्रवाई की थी जबकि वह नौ साल पुराना मामला था।” भाजपा नेता ने कहा कि जब जदयू ने श्री तेजस्वी प्रसाद यादव को जवाब देने का मौका दे ही दिया है तो बतायें कि वह राजधानी पटना के सगुना मोड़ स्थित 200 करोड़ रुपये मूल्य की तीन एकड़ जमीन और 1000 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति के मालिक कैसे बन गये। इसके अलावा वह चार कंपनियों डिलाइट मार्केटिंग, ए. बी. एक्सपोर्ट्स, ए. के. इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और फेयरग्रो के शेयरधारक और निदेशक कैसे बन गये। श्री मोदी ने कहा कि उप मुख्यमंत्री के मामले में सत्तारूढ़ महागठबंधन के तीनों घटक दलों का रुख साफ हो गया है। राजद ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी कीमत पर श्री तेजस्वी प्रसाद यादव अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। वहीं, कांग्रेस भी राजद के सुर में सुर मिला रही है। उन्होंने कहा कि वैसे भी भ्रष्टाचारियों का साथ देना कांग्रेस का इतिहास रहा है। चारा घोटाला मामले में भी कांग्रेस ने राजद अध्यक्ष को बचाने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि अब जदयू ने भी जनता के बीच तथ्यों के आधार पर जवाब देने की मांग कर श्री तेजस्वी प्रसाद यादव को मौका दे दिया है। 

भाजपा नेता ने राजद की ओर से केंद्रीय मंत्री उमा भारती के इस्तीफे की मांग पर कहा कि उनके (सुश्री भारती) खिलाफ कोई आपराधिक नहीं बल्कि यह एक राजनीतिक मामला है। उन्होंने कहा कि नेताओं पर राजनीतिक मामला दर्ज होना कोई नई बात नहीं है। छात्र आंदोलन के समय उनपर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई आंदोलनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी हुई थी। श्री मोदी ने कहा कि राजद सदस्य कह रहे हैं कि केवल मामला दर्ज होने से श्री तेजस्वी प्रसाद यादव इस्तीफा नहीं देंगे। यह कोई नई बात नहीं है क्योंकि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भी चारा घोटाला मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद ही मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। वहीं, हवाला मामले में नाम आने के बाद पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने आरोप पत्र दाखिल होने से पूर्व ही त्यागपत्र दे दिया था। भाजपा नेता ने पार्टी पर महागठबंधन सरकार को गिराने के आरोप लगाये जाने पर कहा कि भाजपा सरकार गिराने में विश्वास नहीं रखती है। राज्य की सरकार को पांच साल के लिए जनादेश मिला है, इसलिए उनकी पार्टी चाहेगी कि यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करे लेकिन यदि सरकार में भ्रष्टाचारी शामिल हों तो भाजपा चुप नहीं बैठेगी। 

तेजस्वी मामले में जदयू के रुख से राजद नेताओं की सरगर्मी बढ़ी

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पटना 11 जुलाई, बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के प्रमुख घटक जनता दल यूनाईटेड(जदयू) की बैठक के बाद अब सियासी गेंद बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पाले में जाने के साथ ही राजद प्रमुख के यहां पार्टी नेताओं की सरगर्मी बढ़ गयी है। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के आज चारा घोटाले के एक मामले में रांची की एक विशेष अदालत में पेश होकर लौटने के बाद उनके यहां दस सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है। महागठबंधन सरकार में राजद कोटे से मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी, मंत्री आलोक कुमार मेहता, प्रदेश अध्यक्ष रामचद्र पूर्वे, प्रधान महासचिव एवं विधायक मुंद्रिका सिंह यादव, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह और महासचिव जगदानंद सिंह समेत पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता गहन मंथन में लगे हैं। राजद नेता केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से पार्टी विधायक दल के नेता एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ दर्ज मामले में लगाये गये आरोपों का जनता को तथ्यपरक जवाब देने की जदयू की मांग को लेकर गहन मंथन कर रहे हैं।


उल्लेखनीय है कि सीबीआई के उप मुख्यमंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद से ही मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनके इस्तीफे मांग पर अड़ी हुई है। श्री यादव के इस्तीफा दिये जाने की भाजपा की मांग को लेकर कल ही राजद विधानमंडल दल की बैठक हुयी थी जिसमें उनके इस्तीफे की मांग को अस्वीकार कर दिया गया था। साथ ही उप मुख्यमंत्री के कार्यों की प्रशंसा भी की गयी थी। इसबीच राजद अध्यक्ष से मिलने आये राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि किसी के आरोप लगाने से कुछ नहीं होता है और उप मुख्यमंत्री श्री यादव किसी भी हाल में इस्तीफा नहीं देंगे । उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि राजद अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव लगातार तथ्यपरक जवाब मीडिया के माध्यम से जनता को दे रहे हैं। भाजपा को इस्तीफा मांगने को कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि कई दागी नेता नरेन्द्र मोदी सरकार में मंत्री हैं। वहीं, राजद के प्रधान महासचिव एवं विधायक मुंद्रिका सिंह यादव ने कहा कि उप मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता है । इस मुद्दे पर पार्टी के सभी विधायक और नेता एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि जनता सब देख रही है और समय आने पर इसका उचित जवाब भी देगी। 

मधुबनी : पुरानी रंजिश को लेकर दो पक्षों मे हुयी हिंसक मारपीट

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  • अनुमंडलिये अस्पताल मे कई जगह के बल्ब है खराब ,मरीज अँधेरे मे रहने को है मजबूर

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प्रखंड मुख्यालय जयनगर के कोरहिया गाँव मे पुरानी रंजिश को लेकर दो पछो मे हुयी हिंसक मारपीट ,,हुयी मारपीट मे फात्मा खातून उम्र 35 वर्ष लगभग को गम्भीर रुप से मार कर किया घायल ,लोगो ने दी जयनगर थाना  को जानकारी ,थाने से घायल  महिला फात्मा खातून को जयनगर अनुमंडल हॉस्पिटल मे ईलाजरत हेतु भेजा  गया ।ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डाक्टर आफ़ताब आलम ने बतलाया की मारपीट की केस है तथा चोट की निशान है ईलाज शुरू हो गयी है दवा दी गयी है, वही दूसरी घटना जयनगर वार्ड नम्बर 14 के निवासी भरत शाह को रास्ते मे कोई  कीड़ा  ने काट लिया और पैर मे जख्म के निशान है जिनका ईलाज भी जयनगर अनुमंडल हॉस्पिटल मे चल रहा है चिकित्सक आफ़ताब आलम ने बतलाया की दवा दे दिये है कूछ घंटों मे पता चल जायेगा की क्या है 

मधुबनी : अत्यधिक वर्षा से दरका NH57

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झंझारपुर/मधुबनी, 11 जुलाई .पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से झंझारपुर के कन्हौली स्थित NH57  बुरी तरह से दरक गया है जिससे एक लेन पर आवागमन पूरी तरह से बाधित होने के आसार हैं। गैरतलब है कि कल उस रेनकट वाले जगह पर मिट्टी भरी गयी थी किन्तु कल देर रात से जारी बारिश से वो मिट्टी बहकर पड़ोस के फराज मंसूरी के घर में घुस गया। जिसमें दबकर फराज की एक बकरी भी मर गयी साथ ही इनलोगों के रहने-सोने का संकट भी खड़ा हो गया है। प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार से मिलने को कोई नहीं पहुंचा है। फराज मंसूरी के परिजनों का हाल चाल पूछने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक गीतेश झा, नगर अध्यक्ष शंकर झा और नगर मंत्री हिमकर कौण्डिन्य पहुंचे और प्रशासन से हर संभव सहयोग करवाने को पहल करने का भरोसा दिया।

विशेष आलेख : सेल्फी की चाहत में मौत को गले लगाते युवा

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आजकल सेल्फी युवाओं की मौत का सबब बनती जा रही है। महाराष्ट्र के नागपुर में एक बार फिर सेल्फी की चाहत ने आठ युवा दोस्तों की जान लेकर उनके परिवार में ऐसा अंधकार किया कि अब वहां उजाले की किरणें कभी नजर नहीं आयेंगी। लोग कहीं घूमने जाएं या फिर रेस्तरां में खाना खाने बैठें, सेल्फी लेना नहीं भूलते। फिर चाहे उस तस्वीर को दोबारा जिंदगी में कभी देखें भी नहीं। खास कर युवाओं के स्मार्टफोन सेल्फी वाली तस्वीरों से भरे रहते हैं। फोन को हाथ में लिए कैमरे की ओर मुस्कुराते हुए पोज देते समय किसी के ध्यान में नहीं आता कि यह आखिरी मुस्कराहट हो सकती है। दुनिया भर में सेल्फी के चक्कर में 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।


फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप जैसी सोशल नेटवर्किंग की चकाचैंध ने पूरे विश्व में अपने पैर पसार लिये हैं। सोशल मीडिया एक तरफ युवाओं के लिये वरदान साबित हो रही है तो दूसरी तरफ अपने को अलग दिखाने की चाहत और जुनून में युवाओं के लिये मौत का सबब बनती जा रही है। जिसमें शेयर, लाइक, कमेंट की चाहत में युवा सेल्फी लेने के चक्कर में मौत के कुऐं में कूदकर अपनी जान गंवा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के आधे-अधूरे आंकड़ों को मानें तो सेल्फी की चाहत में पूरे विश्व में साल 2014 से लेकर सितंबर 2016 के बीच 127 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जिसमें अकेले भारत में 76 मौतें हुईं, जो कुल विश्व में हुई मौतों का 60 प्रतिशत से अधिक है। सेल्फी की यह संस्कृति दुनिया भर में तेजी से एक सनक का रूप लेती जा रही है। एक ऐसी सनक जिसके चलते लोग अपनी जान तक गँवा रहे हैं। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार सेल्फी की इस सनक का असर लोगों के रिश्तों पर भी पड़ रहा है। सेल्फी से जुड़ी मौतों के कुछ प्रकरण इस प्रकार हैं- चलती ट्रेन के सामने सेल्फी लेना, नदी के बीच में नाव पर सेल्फी लेना, पहाड़ी पर सेल्फी लेना और ऊँची इमारत पर चढ़कर सेल्फी लेना इत्यादि। सेल्फी की यह सनक दुनिया भर में तमाम युवाओं को कुण्ठा और हीन भावना का शिकार भी बना रही है।

सेल्फी से होने वाली मौतों में भारत के बाद दूसरा स्थान पाकिस्तान का है। दिल्ली के सरकारी विश्वविद्यालय आईआईआईटी और अमरीका की कार्नेजिया मेलन यूनिवर्सिटी ने इस बाबत संयुक्त शोध किया। जिसमें अबतक भारत में 76, पाकिस्तान में 09 और अमरीका में कुल 08 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। वर्ष 2014 में 15 मौतें हुई थीं। साल 2006 में आंकड़ा 39 तक पहुंचा। इसके बाद साल 2016 में 73 लोगों की मृत्यु सेल्फी के कारण हुई। इनमें में रुस, फिलिपींस और स्पेन के लोग भी शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार मृत लोगों ने ज्यादातर पहाडियों व ज्यादा ऊंचाई वाली लोकेशन पर चढ़कर सेल्फी लेने की कोशिश की थी। इस प्रयास में वो पांव फिसलने से नीचे गिर गए। उनकी तुरंत मौत हुई। ये सभी लोकेशन बेहद आकर्षक थी। इसके अलावा नदी व समुद्र में सेल्फी क्लिक करने से भी जानें गईं। पुरुषों की तुलना में महिलाएं सेल्फी की अधिक दीवानी हैं। हालांकि जिनकी मुत्यु हुई उनमें पुरुष ज्यादा हैं। 75.5 फीसदी पुरुषों की मौत हुई। इनकी उम्र 24 साल से कम थी। ये सभी फेसबुक व ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर तस्वीरें अपोलड करने के लिए सेल्फी खींच रहे थे। रिपोर्ट के अनुसा साल 2015 में 2400 करोड़ सेल्फी की तस्वीरें गूगल पर अपलोड की गई थीं।

वैसे तो अधिकांश युवाओं में मोबाइल से सेल्फी में लेने का उनके शौक सिर चढ़ गया है। जिसमें बीते दिनों महाराष्ट्र के नागपुर में नौका सवार 8 दोस्तों की सेल्फी के चक्कर में मौत हो गई। मोबाइल से खतरनाक स्थानों पर सेल्फी लेने और मोबाइल की लीड कान में लगाकर गाने सुनते हुए रेलवे ट्रैक पार करने में हुई युवाओं की मौत की घटनाओं से अन्य युवाओं को सावधान होने और सबक लेने की आवश्यकता है। क्योंकि यह शौक उनकी जान का दुश्मन बनता जा रहा है। कान में लीड लगाकर गाने सुनते हुए रेलवे ट्रैक पार करते हुए बीते पांच साल में करीब 14 युवा अपनी जान गवां चुके हैं। जबकि अरावली पहाड़ी में बनी कृत्रिम झीलों में मौजमस्ती की नियत से नहाने की वजह से बीते दस साल में करीब चालीस युवा अपनी जान से हाथ धो बैठे। मनोचिकित्सक मोबाइल उपयोग की अधिकता को एक मनोरोग बताते हैं। मनोचिकित्सक डॉ. टीआर जाजोर बताते हैं कि भले ही सेल्फी अभी तक डब्ल्यूएचओ की आईसीडी में अभी शामिल नहीं है, लेकिन यह एक मनोरोग मान लिया गया है। पहले कुछ लोग अपनी परछाई से डर कर जान गवां बैठते थे, यह भी एक मनोरोग था, इसी प्रकार सबसे अलग दिखने की चाह में खतरनाक स्थानों से सेल्फी लेना भी इसी प्रकार का एक मनोरोग है। मनोचिकित्सक डॉ. टीआर जाजोर बताते हैं कि अक्सर जब युवक और युवतियां अपने दोस्तों के साथ होते हैं तब वो खतरनाक जगहों से सेल्फी लेने का खतरा अधिक मोल लेते हैं। चाहे वो झील हो, पहाड़ हो, नदी हो, झरने हो या फिर कोई ऊंचाई वाली जगह हो। ऐसे में सेल्फी लेने के चक्कर में छोटी सी लापरवाही अबतक भारत में सेल्फी की चाहत में घटी प्रमुख घटनाओं पर नजर डालें तो तेलंगाना के वारंगल में अपने दोस्त को बचाने गए 5 छात्र पानी की चपेट में आ गए और उनकी जान चली गई। इस दर्दनाक हादसे के बाद रेस्क्यू कर रहे गोताखोरों ने सभी 5 छात्रों का शव झील से बाहर निकाले। जिसमें धर्मसागर झील के पास इंजीनियरिंग की तीसरे वर्ष की पढ़ाई कर रहे छात्रों का समूह घूमने गया था। वहां पहुंचते ही झील में रम्या नाम की एक छात्रा चट्टान पर जाकर सेल्फी लेने लगी तभी अचानक से उसका संतुलन बिगड़ गया और वह झील में डूबने लगी। जिसे देख उसके 5 दोस्तों ने पानी में छलांग लगा दी। लेकिन पानी के तेज बहाव के चलते सभी 5 छात्रों की मौत हो गई हालाकि रम्या को सुरक्षित बचा लिया गया। इसी तरह सेल्फी लेते हुए उत्तर प्रदेश के कानपुर में 7 छात्रों की मौत हो गई। इसी तरह यमुनानगर क्षेत्र में एक युवक स्टंट करते हुए ट्रेन के सामने सेल्फी लेना चाहता था कि उत्तर प्रदेश से अमृतसर जा रही शताब्दी ट्रेन के आगे भागते हुए दो युवक ट्रेन की चपेट में आ गए। दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। पाकिस्तान में सेल्फी लेने के दौरान एक 11 साल की बच्ची की मौत हो गयी. बचाने की कोशिश में मां बाप की भी जान गयी। इसी तरह पिकनिक मनाने के लिए मुबंई में विरार के राजौड़ी बीच पर गए सात युवाओं में से चार युवकों की समुद्र में डूबने से मौत हो गई। वे समुद्र में की तेज लहरों में सेल्फी लेने की कोशिश करने के दौरान बह गए थे। इसी तरह की दर्जनों घटनाऐं हैं जब किसी ने पहाड़ से किसी ने समुद्र में तो किसी ने झील और नदी तो कभी ट्रेन के आगे सेल्फी लेने के चक्कर में अपनी जान गंवाई। और उनकी यह सेल्फी की सनक अंतिम साबित हुई। वहीं उनके परिवारों के लिये जीवनभर अंधकार का कारण बन गई। जो सिलसिला आज भी नागपुर की घटना के रूप में सामने आया है। युवाओं से यही अपेक्षा है कि वह सेल्फी की चाहत में अपनी जिंदगी को दांव पर ना लगाएं।



सेल्फी लेते समय यह रखे सावधानी
-खतरनाक स्थानों पर सेल्फी लेने का जोखिम न उठाएं।
-झील, स्वीमिंगपूल, पहाड़, ट्रेन, चलती बस, कार, जहाज, ऊंची बिल्ड़िंग, रफ्तार, जैसे खतरनाक स्थानों से बचें।
-दोस्तों के बीच अव्वल दिखाने की होड़ छोड़ें।
-चिकित्सकों के मुताबिक अधिक सेल्फी लेने से चेहरे पर छुर्रिया जल्दी आती हैं।





liveaaryaavart dot comमफतलाल अग्रवाल
(लेखक वरिष्ट पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता हैं।)

व्यंग्य : स्वतंत्र लेखन के ज़रिए साहित्यिक टशन

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वे स्वतंत्र लेखक है। वे पूर्वाग्रह की बेडियो में बंधकर निर्बाध रूप से स्वतंत्र लेखन का कार्य संपन्न करते है और इस कार्य ने उनको काफी संपन्न भी बनाया है।वे काफी वर्षो से स्वतंत्र लेखन को निपटा रहे है लेकिन त्वचा के साथ साथ उनके लेखन से भी उनकी उम्र का पता नहीं चलता है। उनका मानना है कि लेखक को किसी के दबाव में नहीं लिखना चाहिए हालाँकि प्रलोभन के लिए वो ऐसा नहीं मानने के लिए स्वतंत्र है।  स्वतंत्र लेखन से उन्होंने काफी प्रसिद्धि पाई है। उनके चाहने वाले अब उनकी प्रसिद्धि को चारो तरफ महामारी की तरह फैलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उनकी कलम और ज़बान दोनों समान रूप से स्वतंत्र है और इसकी भरपाई करने के लिए समाज हित  में उन्होंने दिमाग और विचारो की स्वतंत्रता बाधित कर रखी है। स्वतंत्रता बेलगाम रहे इसलिए उनकी कलम और ज़बान दोनों का ब्रेक फ़ैल हो रखा है जो शायद अच्छे दिन आने के बाद ही पास मतलब "ठीक"हो पाए। वे अपने लेखन से समाज में क्रांति की अलख जगाते  है , हालाँकि सुबह जल्दी उठने के लिए वो पूरे परिवार के मोबाइल फोन में अलार्म लगाते है। उनका मानना है कि भले ही स्वतंत्रता सविंधान प्रदत्त अधिकार हो लेकिन एक लेखक के लिए स्वतंत्रता उसका स्वाभाविक गुण होना चाहिए। इस स्वाभाविक गुण ने  उनके लेखन को भी अपना बंदी बना रखा है।  वे शुरू ही से समाज को स्वतंत्र लेखन के फायदे बताते आए है और हाल ही में उनके घर पर पड़े आयकर के छापे से समाज ने उन फायदों को अपनी आँखों से खुद देखा।


उनके लेखन से स्वतंत्रता, चूड़ियों की तरह खन-खन करके बजती है और ज़रूरत पड़ने पर ठीक उसी तरह से टपकती है जैसे बरसात में गरीब की छत। लेखन में उन्हें किसी तरह की गुलामी पसंद नहीं है केवल सम्मानित करने वाली संस्थाओ को छोड़कर। अपने बेबाक और स्वतंत्र लेखन से वो किसी को नहीं बख्शते, सबको धराशायी कर देते है,सिवाय अपने अहम के। देश के सौभाग्य से वो आज़ादी के बाद धरती पर प्रक्षेपित किये गए वरना उनके लेखन की स्वतंत्रता देखकर  देश को आज़ादी दिए बिना ही अंग्रेज़ "नौ-दौ-विजय माल्या"हो जाते। ईश्वर ने उन्हें लेखन का अद्भुत टैलेंट दिया है, इसी के चलते उन्होंने अपनी फेसबुक प्रोफाइल में भी अपना परिचय स्वतंत्र लेखक के रूप में ही दिया है। उनकी प्रोफाइल में स्वतंत्र लेखक लिखा देखकर कई नौसीखिया लेखको को लगता है कि कही हम किसी बैंक के काउंटर से कसकर बाँधी हुई पेन से तो अपना लेखन नहीं घसीट रहे है। दरअसल उनका अपनी प्रोफाइल पर स्वतंत्र लेखक लिखना अपनी स्वतंत्रता का शो-ऑफ करने से  ज़्यादा दूसरे लेखको को प्यार से ज़लील करने का "शगल"है जो उनके लिए कोई बड़ी "गल"नहीं है। लेखकीय स्वतंत्रता उनके लिए "वन-वे ट्रैफिक"जैसी है इसलिए वो ट्रैफिक नियमो का पूरा पालन करते हुए दूसरे पक्ष की स्वतंत्रता से "सुरक्षित-दूरी"बना कर चलते है।

वो लेखन में स्वतंत्रता को तब तक बेहद चाव से चबाते है जब तक लेखन उनकी विचारधारा की चाशनी में डूबा हुआ हो। उनके विचारो से विपरीत धारा का लेखन उनकी सेहत के लिए "बापू"की तरह हानिकारक है इसलिए उसका वे बीफ बैन की तरह विरोध करते है। वैसे स्वभाव से वो पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष है लेकिन लेखकीय स्वतंत्रता का पुजारी बनने से उन्हें कोई गुरेज़ नहीं है। वे हर समय लेखन कार्य में आकंठ डूब कर मुक्त कंठ से साहित्य सृजन में लगे रहते है इसलिए अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए उन्होंने समाज और साहित्य हित में राजनेताओ से गठबंधन कर रखा है।  स्वतंत्र लेखन की इस विधा को  वे अपने क्षेत्र के विधायक की मदद से बहुत ऊँचाईयो तक ले जाना चाहते है (उतनी ही ऊँचाई तक जहाँ तक पहुँचे हुए विधायक जी पहुंचे है)। हालाँकि इतनी ऊँचाई पर पहुँच कर वो जमींन से जुड़े हुए जनहित के मुद्दे कैसे उठाएंगे इस पर कोई जवाब ना देने के लिए लेखक जी स्वतंत्र है।





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--अमित शर्मा--

आलेख : हिन्दुओं की आस्था पर प्रहार कब तक?

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जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने पंद्रह साल बाद एक बार फिर कायराना हरकत की है। हिन्दू आस्था और सौहार्द पर आतंकवाद का कहर टूटा है। सावन के पहले सोमवार की रात लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाया। हमले में सात श्रद्धालु यात्री मारे गए और दो दर्जन से ज्यादा घायल हो गए। श्रद्धालु गुजरात के थे और एक बस में सवार होकर जम्मू लौट रहे थे। इससे पहले आतंकियों ने सन् 2000 में पहलगाम में तीस तीर्थयात्रियों की हत्या की थी। पुलिस ने ताजा हमले के पीछे पाकिस्तान से अपनी कारगुजारियां करने वाले लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अबु इस्लाम का हाथ बताया है। साफ है कि पड़ौसी मुल्क एवं उसकी शह पर पनप रही आतंकवादी ताकतें भारत में अमन-चैन और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहतीं। मानना होगा कि यात्रा संबंधी इंतजाम और सुरक्षा व्यवस्था में कहीं न कहीं चूक हुई है। कहा जा रहा है कि खुफिया एजेंसियों ने यात्रियों पर हमले को लेकर पहले से आगाह किया था, लेकिन लगता है उसके मुताबिक पर्याप्त सतर्कता नहीं बरती गई। इस विडम्बनापूर्ण एवं त्रासद घटना से न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया आहत है। 


अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकवादियों द्वारा किया गया हमला बड़े खतरे का संकेत माना जा सकता है। यह हमला समूचे भारत के हिन्दुओं की आस्था पर प्रहार है, यह कश्मीर की सांझी विरासत और परम्परा पर हमला है। अमरनाथ यात्रा न केवल कश्मीर की परम्परा है बल्कि वहां के पर्यटन को मजबूती देने वाली है। उसकी तो रोजी-रोटी अमरनाथ यात्रा से जुड़ी है। यह यात्रा ऋषि कश्यप की भूमि कश्मीर में साम्प्रदायिक सद्भाव की प्रतीक है। आम कश्मीरी आतंकवाद से थक चुका है। न केवल कश्मीरी बल्कि देश का हर नागरिक आतंकवाद, छापामार-घुसपैठ, साम्प्रदायिक झगड़ों के खूनी मंजर से टूट चुका है। शांति का आश्वासन, उजाले का भरोसा सुनते-सुनते लोग थक गए हैं। अब तो शांति व उजाला हमारे सामने होना चाहिए। इन्तजार मंे कितनी पीढ़ियां गुजारनी होंगी। इस अभूतपूर्व संकट के लिए अभूतपूर्व समाधान खोजना होगा। बहुत लोगों का मानना है कि जिनका अस्तित्व और अस्मिता ही दांव पर लगी हो, उनके लिए नैतिकता और जमीर जैसी संज्ञाएं एकदम निरर्थक हैं। सफलता और असफलता तो परिणाम के दो रूप हैं और गीता कहती है कि परिणाम किसी के हाथ में नहीं होता। पर जो अतीत के उत्तराधिकारी और भविष्य के उत्तरदायी हैं, उनको दृढ़ मनोबल और नेतृत्व का परिचय देना होगा, पद, पार्टी, पक्ष, प्रतिष्ठा एवं पूर्वाग्रह से ऊपर उठकर।

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खबरों के अनुसार आतंकियों के निशाने पर पुलिस और सेना के जवान थे, यह यात्री-बस तो दुर्भाग्यवश चपेट में आ गई। हुआ यों कि मोटरसाइकिल पर सवार तीन आतंकियों ने आठ बज कर दस मिनट पर पहले सुरक्षा बलों के बंकर पर हमला किया। जवाबी कार्रवाई हुई, जिसमें कोई घायल नहीं हुआ। इसके बाद आतंकियों ने पुलिस की एक दूसरी टुकड़ी पर गोली चलाई। पुलिस की ओर से फायरिंग हुई तो आतंकी भागने लगे। इसी दौरान बस वहां से गुजरी तो आतंकियों ने बस पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस मामले में सबसे बड़ा सवाल बार-बार यही उभर रहा है कि राज्य और केंद्र की तरफ से कई बार यह दावा किया गया कि सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता हैं। ऐसे में एक यात्री-बस बिना किसी रोकटोक के और वह भी नियम-विरुद्ध, वहां तक पहुंच गई तो इससे यह भी साबित होता है कि पुलिस और प्रशासनिक तंत्र में समन्वय की कमी है, एक विभाग का दूसरे विभाग से अपेक्षित तालमेल नहीं है। अगर यह बस अवैध रूप से दाखिल हुई, तो इसकी जांच कहीं भी क्यों नहीं की गई? 

पुलिस का यह दावा भी शर्मसार करने वाला है कि बस चालक ने तीर्थयात्रा नियमों का उल्लंघन किया क्योंकि रात सात बजे के बाद किसी यात्रा वाहन को हाईवे पर चलने की अनुमति नहीं है। प्रश्न है कि हाईवे पर कफ्र्यू लग जाता है तो अभागी बस के चालक को कफ्र्यू का उल्लंघन क्यों करने दिया गया? यदि बस रजिस्टर्ड नहीं थी और सुरक्षा काफिले में शामिल नहीं थी तो यात्रा मार्ग के चप्पे-चप्पे पर तैनात सुरक्षा बलों की नजर उस पर क्यों नहीं पड़ी? जब हालात असामान्य हैं और दुर्घटना की संभावनाओं को देखते हुए ही चप्पे-चप्पे पर, यात्रा मार्ग पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती भी की गई थी और यात्रियों की सुरक्षा के अतिरिक्त प्रबंध भी। इसके बावजूद आतंकी यात्रियों और सुरक्षा बलों पर हमले करने में कामयाब हो गए। तो इस तरह की गलतियां होना घोर लापरवाही का ही सबूत है।
 
पृथकतावादी नेताओं अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक ने अमरनाथ यात्रियों पर हमले को कश्मीर की संस्कृृति पर हमला बताया है परंतु आतंकी संगठनों के साथ उनकी हमदर्दी किसी से छिपी नहीं है। आतंकवाद को प्रश्रय देने वाले इन राजनीतिज्ञों की अलगाववादी दूषित सोच के दुष्परिणामस्वरूप जिस प्रकार की मानसिकता कश्मीरी समाज में बढ़ रही है और इसने जिस हिंसा को वहां जन्म दिया है, क्या उसका प्रतिकार अब कोई नहीं करेगा? सवाल यह भी है कि देश का एक तबका आखिर क्यों इसे हिंदुओं पर मुसलमानों के हमले के रूप में भी देख रहा है? उसे याद रखना चाहिए कि ऐसा करके वह आतंकियों के मकसद को ही आगे बढ़ा रहा है। अपना सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखकर ही हम पड़ौसी देश के नापाक इरादों एवं आतंकवादियों के इरादों को नेस्तनाबूद कर सकते हैं।


अमरनाथ यात्रा आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है, इस तरह की घटनाओं से लोगों के दिल और संकल्प कमजोर नहीं पड़ने वाले है, इसलिये यह यात्रा अभी लंबी चलेगी और चल भी पड़ी है बिना किसी भय के। कांवड़ यात्राएं भी शुरू हो चुकी हैं। वैष्णो देवी यात्रा मार्ग भी आतंकियों के निशाने पर है। ऐसे में केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियां यह सुनिश्चित करें कि अमरनाथ यात्रियों पर हमले जैसी किसी नापाक हरकत की पुनरावृत्ति न हो पाए। हिन्दुस्तान के लोगों ने ऐसी अनेक त्रासद एवं दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं का सामना साहस से किया है। जनता को सदैव ही किसी न किसी स्रोत से संदेश मिलता रहा है। कभी हिमालय की चोटियों से, कभी गंगा के तटों से और कभी सागर की लहरों से। कभी ताज, कुतुब और अजन्ता से, तो कभी राम, कृष्ण, बुद्ध और महावीर से। कभी गुरु नानक, कबीर, रहीम और गांधी से और कभी कुरान, गीता, रामायण, भगवत् और गुरुग्रंथों से। यहां तक कि हमारे पर्व होली, दीपावली भी संदेश देते रहते हैं। इन संदेशों से भारतीय जन-मानस की राष्ट्रीयता सम्भलती रही, सजती रही और कसौटी पर आती रही तथा बचती रही। सत्य, अहिंसा, दया और करुणा कभी निस्तेज नहीं हुए। इन संदेशों से इनकी तेजस्विता बनी रही। 

अमरनाथ यात्रा को हतोत्साहित करने का अभियान कोई नया नहीं है। इस यात्रा को बाधित करने के प्रयास अनेक तरह से होते रहे हैं। कभी यह आतंकवादियों के निशाने पर थी तो कभी तत्कालीन सरकार के द्वारा इसकी अवधि घटा दी गयी। एक बार तो जम्मू-कश्मीर सरकार ने अमरनाथ यात्रा और वैष्णो देवी यात्रा के लिये राज्य में प्रवेश करने वाले दूसरे राज्यों के वाहनों पर भारी-भरकम प्रवेश शुल्क लगा दिया था। तब देशभर में इसका विरोध हुआ था। यात्रा मार्ग पर भंडारा लगाने वाले आयोजकों से शुल्क पहले से ही वसूला जाता है। क्या दुनिया में ऐसा कोई देश होगा जहां उस देश के बहुसंख्यकों का ही सर्वाधिक दोहन होता हो। इतिहास गवाह है कि जब भी जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक आपदायें आईं तब-तब पूरा देश उनकी मदद के लिये उठ खड़ा हुआ। एक दीपक जलाकर फसलें पैदा नहीं की जा सकतीं पर उगी हुई फसलों का अभिनंदन दीपक से अवश्य किया जा सकता है। हिन्दू-मुस्लिम की सांझा संस्कृति की जीवंतता के लिये प्रयास दोनों ओर से करने होंगे। भारत की बहुलतावादी सनातन संस्कृति के खिलाफ दोगलापन अब असहनीय है। 

बार-बार मुंह की खाकर, अपमान की पीड़ा और अपनी आंतरिक उलझनों के कारण पड़ोसी तो आग लगायेगा ही। जहां पानी को ढलान मिलेगी, पानी बहेगा ही। यह समय सुरक्षा की निर्मम समीक्षा का तो है ही, अपनी व्यक्तिगत पड़ताल का भी है, यह समय पड़ौसी देश के लिये सख्त होने का भी है तो अपने कहे जाने वाले तथाकथित आतंकवाद समर्थक लोगों के मुखौटों को उतारने का भी है। हिंसा और आंतक का भय उत्पन्न करके देश को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। कट्टरवादियों ने अपने दिलों में लकीरें खींच ली हैं और कइयों ने नक्शों में खींच ली हैं। अब जमीन पर खींचना चाहते हैं। आतंकवादी हमले और दंगे सीमाओं और सड़कों से ज्यादा दिमागों में हो रहे हैं। इसलिये सुरक्षा बल और सरकार को अपनी कमर कसने का भी यही समय हैं। हमें ऐसे कायराना हमलों से डरने की नहीं, दोगुने उत्साह से सब कुछ जारी रखने की जरूरत है। बस ध्यान रखना होगा कि अब से हमारी कोई लापरवाही सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती का सबब न बनने पाए।





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(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
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बिहार : जुगाड़ करके पेट भरने का प्रयास, विरोध किये थे शिक्षित मुसहर

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  • तब चिकेन चिल्ली के बदले राइट चिल्ली की मांग करते

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पटना. ये हैं महादलित मुसहर समुदाय के संजय मांझी. हाथ में मकई और पप्पा बिस्कुट रखे हैं.इसको लकड़ी के कंडील में गुथ दिया है. संजय के बच्चे पापा से पप्पा बिस्कुट देने के जिद्द किया, तो पापा ने बच्चे को पप्पा बिस्कुट के बदले में थप्पर दे दिया. इसकी बुनियाद में है बिहार राज्य आवास बोर्ड. बोर्ड द्वारा दीघा क्षेत्र के राजीव नगर में खेती योग्य 10.31 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया. इस अधिकृत जमीन पर किसान और मजदूरों का भविष्य निर्भर था. तब वर्तमान और अब भविष्य चौपट हो गयी. समाज के हाशिए पर रहने वाले मुसहर समुदाय के लोग अधिग्रहित खेत में एक खेतिहर मजदूर की तरह कार्य करते थे. वहीं किसान कोर्ट के द्वार पर दस्तक देने लगे ताकि अधिग्रहण से मुक्त हो सके. किसानों के रहमोकरम पर जिंदा रहने वाले मुसहर समुदाय वैकल्पित रोजगार की व्यवस्था नहीं करने लगे. सरकार ने महादलितों की सुधि नहीं ली ,तो मनचाही धंधा अपना लिये. बुजुर्ग-नौजवान मजदूरी करने लगे. दैनिक मजदूरी की बजाय ठेका लेकर कार्य करने लगे. महिला-लड़कियां शराब बनाने लगी. स्कूल जाने के बदले बच्चे रद्दी कागज चुनने लगे.


छात्र नेता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ,1974 आये थे मखदुमपुर,दीघा. मौके पर सभा को संबोधित किया और कहा कि आपलोगों की जमीन को बिहार राज्य आवास बोर्ड ने अधिग्रहण कर लिया है. आपलोग जेपी आंदोलन को सपोर्ट करें और जेल भरों अभियान को सफल करें. भारी संख्या में लोग जेल गये. आज 43 साल के बाद भी किसानों को जमीन मिली और न ही जेल जाने वालों को जेपी सेनानी पेंशन ही. दोनों ठगे गये. इसका बुरा असर खेत/जमीन पर निर्भर मजदूरों पर पड़ा. सर्वाधिक असर पटना नगर निगम अन्तर्गत वार्ड नं.1 में रहने वालों पर पड़ा. दीघा मुसहरी में महादलित मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं. यहीं चूहा मारने निकले संजय मांझी. रहते है. ये पूर्णत: आवासहीन व भूमिहीन हैं. सरकारी ऎलान के बाद भी आवासहीनों को भूमि नहीं मिली. सरकारी ऎलान का असर संजय मांझी की तरह सैकड़ों महादलित परिवारों पर नहीं पड़ा.जिसके सह परिवार दीघा-पटना रेलखंड के किनारे झोपड़ी में रहने को बाध्य हैं. कई दशक से सुअर के बखौरनुमा झोपड़ी में रहकर वोट दिये. वोट देकर प्रतिनिधियों की तकदीर बनाने वाले  अपन तकदीर और तस्वीर नहीं चमका सका.

सरकार और जन प्रतिनिधियों से उपेक्षित संजय मांझी कहते हैं हमलोग मिलकर वार्ड नं. 01 की प्रत्याशी स्वजातीय मुसहनी छठिया देवी को बनाया.सभी लोग प्रचार किया. इसके बाद छठिया देवी के पक्ष में मतदान किया. इस बार मुसहर एक चुक्कड़ दारू पर बिके नहीं. धनुषधारी की तरह 'आँख'पर यानी प्रतीक चिन्ह पर बटन दबा दी..इस तरह भारी वोट के अंतर से छठिया देवी विजयी बन गयी. अब देखना है कि वार्ड पार्षद छठिया देवी क्या कदम उठाकर विकास और कल्याण कर पा रही हैं. महादलित मुसहर संजय मांझी बेखौफ कहते हैं कि सरकार और एनजीओ ने हमलोगों को ठगा है. आजादी के 70 साल के बाद भी गरीबी दूर नहीं कर सकी. हमलोगों को हसीन सपना दिखाकर थोक भाव में वोट हासिल कर लेते है. वोट पाकर किस्मत और तकदीर चमका लेते हैं. हमलोग जस के तस रह जाते हैं. आप देखे मजदूरी मिलने से चूहा पकड़ने निकले हैं. जैसे सरकार और एनजीओ हित साधने के लिये प्रलोभन देते हैं. उसी तरह चतुर चूहों को फंसाने की व्यवस्था कर लिये हैं.

इसको देखें, इसे कंडील कहा जाता है.इसमें मकई और बिस्कुट लगा दिया गया है. इसे कुछ गड्ढा खोंदकर खड़ा कर देंगे. लम्बा-चौड़ा गड्ढा बनाकर पुल की तरह ढंक दिया जाता है.ऎसा करने से चूहे आते हैं और कंडील में लगाये मकई और बिस्कुट को खाने के क्रम में कंडील हिलने लगता है, इससे पता चलता है कि चूहे आ गये है. तब निर्मित पुल को चूहामार ध्वस्त कर देते है. इसी में चूहे दबकर मर जाता है. इसी तरह जगह बदल बदल कर रहते रहते हैं . दिनभर मेहनत करने के बाद मारे गये चूहों को घर ले जाते हैं.एक से अनेक साथियों के सहयोग से चूहे मारने पर आपस में हिस्सेदारी कर लेते हैं. अधिक होने पर चूहों को बेचते भी हैं. आजकल प्रति किलो डेढ़ सौ रूपये की दर बेच देते हैं.खरीददार बहुत हैं. मिट मशाला डालकर चूहा मनाते हैं. बड़े चाव से चूहा मिट खाते हैं. चूल्हा पर चूहा चढ़ा नहीं कि बच्चे मिट खाने को मचल जाते हैं. चूहे को रोस्टकर चटनी भी बनायी जाती है. विदेशी चूहे को रोस्टकर खाने लगते हैं. आई.एस.एस.अधिकारी विजय प्रकाश ने कार्यावधि में चूहा पालन पर जोर देते रहे. इनका कहना है कि खेत की आड़ी में बिल बनाकर चूहे रहते हैं. इनको बिल से निकालने का प्रयास किया जाता है.बिल में धूंआ करके, बिल तक मिट्टी काटकर, कंडील में मकई और बिस्कुट लगाकर आदि तरीके से चूहे पकड़ते हैं. कभी-कभी हाथ भी आ जाना पड़ता हैं. सभा- सम्मेलन में कहा करते घर में चूहा पालन करें. खुद उपयोग करें और व्यापार करें. कुछ मेहनत करने के बाद चिकेन चिल्ली नहीं राइट चिल्ली की मांग होने लगेगी.इसका विरोध शिक्षित मुसहर करने लगे थे.इसके कारण इस अधिकारी की बात को अमल में नहीं आये. अभी विजय प्रकाश रिटायर हो गये हैं मगर टायड नहीं हैं. इस समय बिहार विघापीठ में अंडा को व्यापक व्यापार का रूप देने में लगे हैं.

गुजरात में ‘आजादी कूच’ में भाग लेने वालों की गिरफ्तारी निंदनीय: कुणाल

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  • बिहार से आइसा-इनौस और इंसाफ मंच के साथी ले रहे हैं भाग.


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पटना 12 जुलाई, ऊना कांड (गुजरात) के 1 साल पूरे होने के मौके पर गुजरात में आयोजित ‘आजादी कूच’ के कार्यक्रम को बाधित करने और यात्रा में शामिल लोगों की गिरफ्तारी की माले राज्य सचिव कुणाल ने कड़ी निंदा की है. इसमें बिहार से आइसा-इनौस और इंसाफ मंच के साथी भाग ले रहे हैं. आज से एक साल पहले ऊना (गुजरात) में गौरक्षकों द्वारा दलितों पर ढाये गये बर्बर जुल्म के खिलाफ उठ खड़े हुए ऐतिहासिक दलित जागरण के एक साल पूरा होने पर गुजरात में ‘आजादी कूच’ का कार्यक्रम आयोजित किया गया है. जिसे गुजरात के जाने माने दलित नेता जिगनेश मेवाणी संयोजित कर रहे हैं. यह कार्यक्रम आज 12 जुलाई से उत्तर गुजरात के मेहसाना जिले के सोमनाथ चैक से शुरू हुई. लेकिन गुजरात की भाजपा सरकार के इशारे पर प्रशासन ने यात्रा की अनुमति नहीं दी, प्रशासन से अनुमति न मिलने के बावजूद यात्रा आरंभ हुई. जिसे प्रशासन ने आगे बढ़ने से रोक दिया और यात्रा में शामिल लोगों केा गिरफ्तार कर लिया है. माले राज्य सचिव ने यह भी कहा कि यह पूरी तरह से लोकतांत्रिक आवाज को दबाने की कोशिश है. भाजपा व संघ परिवार द्वारा यह देश में अघोषित आपाताकाल की स्थिति है. जो देश की आम जनता पर थोप दिया गया है.

दुमका : बैद्यनाथधाम में पूर्व रेलवे द्वारा श्रावणी मेला के लि‍ए विशेष व्‍यवस्‍था करवायी गई है सुनिश्चित

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) बैद्यनाथधाम स्‍टेशन में श्रावणी मेला के दौरान पूर्व रेलवे द्वारा तीर्थयात्रि‍यों के लि‍ए 10 जुलाई से 07 अगस्त 2017 तक के लिये व्‍यवस्‍था में वि‍स्‍तार किया गया है। प्राप्त समाचार के अनुसार जसीडीह में 15 व बैद्यनाथधाम में 03 अति‍रि‍क्‍त बुकिंग काउंटर चालू कि‍ए गए हैं। जसीडीह के प्‍लेटफॉर्म सं. 01 पर ‘क्‍या मैं आपकी सहायता कर सकता हूँ’ का एक बूथ बनाया है। दो अति‍रि‍क्‍त ‘पूछताछ काउंटर’ पूर्व रेलवे के भारत स्‍काउट्स एंड गाइड्स के प्रति‍नि‍धि‍यों द्वारा संचालि‍त हो रहा है। जसीडीह व बैद्यनाथधाम स्‍टेशनों के प्रत्‍येक पूछताछ काउंटर मेें डीओटी फोन मुहैया करवाया गया है। ट्रेन की समयबद्धता व लगातार यात्रि‍यों से संबंधि‍त सूचनाओं के प्रसारण के लि‍ए व्‍यवस्‍था की गयी है। जसीडीह-बैद्यनाथधाम के बीच 14 जोड़ी मेमू ट्रेन चलायी जा रही हैं। मेला अवधि‍ के दौरान मेल/ एक्‍सप्रेस ट्रेनों के लि‍ए अति‍रि‍क्‍त 04 मि‍नट का ठहराव सुनिश्चित करवाया गया है। एक अति‍रि‍क्‍त साधारण दूसरी श्रेणी का डि‍ब्‍बा (जीएस) को लेकर 05 जोड़ी मेल/ एक्‍सप्रेस मेला स्‍पेशल ट्रेनें चलायी जा रही है। 5 ट्रेनों की आवाजाही (फेरे) को बढ़ाया गया। ट्रेनों की समयबद्धता को सुनि‍श्‍चि‍त करने के लि‍ए गंभीर मॉनि‍टरिंग की जा रही है। जसीडीह एवं बैद्यनाथधाम स्‍अेशनों में 150 पेयजल के नल मुहैया कराए गए हैं। यात्रि‍यों को कम कीमत में आरओ जल मुहैया कराने के लि‍ए प्‍लेटफॉर्म सं. 1 व  2 पर 03 वॉटर वेंडिंग मशीन लगाए गए हैं। ट्रेनों की चालू स्थिति बताने के लि‍ए जसीडीह में दो प्‍लाज्‍मा टीवी लगाए गए हैं। सुरक्षा संबंधी रात-दि‍न चैतरफा नि‍गरानी के लि‍ए 26 सीसीटीवी लगाए गए हैं। 100 वाट के 40 एलईडी फ्लड लाईट एवं 150 की संख्‍या मे इन्‍डोर लाईटों द्वारा जसीडीह में पर्याप्‍त रौशनी की व्‍यवस्‍था की गयी है। 70 अति‍रि‍क्‍त पंखे और 25 अति‍रि‍क्‍त्‍ मोबाइल चार्जिंग प्‍वाइंट का भी प्रबंध कि‍या गया हैं। यात्रि‍यों की सुवि‍धा और स्‍टेशनों पर पर्याप्‍त रौशनी के प्रबंध हेतु जसीडीह व बैद्यनाथधाम में चैबीसों घंटे वि‍द्युत आपूर्ति का बैक-अप दि‍या गया है। यात्रि‍यों का मार्गदर्शन करने, भीड़ को नि‍यंत्रि‍त करने संरक्षा एवं सरंक्षा हेतु 340 रेल सुरक्षा बल व राजकीय रेल पुलि‍स के 200 कार्मिकों को तैनात कि‍या गया है। राज्‍य सरकार और सेंट जॉन एंबुलेंस के सहयोग से जसीडीह एवं बैद्यनाथधाम में एंबुलेंस के साथ चि‍कि‍त्‍सा केंद्र खोले गए। प्रबंधन और स्‍टेशन बुकिंग काउंटरों की मॉनि‍टरिंग एवं सुरक्षा व्‍यवस्‍था हेतु एक मेला अधि‍कारी उपलब्‍ध रहेंगे। मेला अवधि‍ में स्‍थि‍ति‍ की गहन नि‍गरानी हेतु जसीडीह में रेलवे वरि‍ष्‍ठ अधि‍कारी उपलब्‍ध रहेंगे। दोमुहानी रेलवे शि‍शु पार्क में वृक्षारोपण कार्यक्रमः- पूर्व रेलवे महि‍ला कल्‍याण संगठन (इरवो) आसनसोल द्वारा 12.07.2017 को दोमुहानी रेलवे शि‍शु पार्क में एक व्‍यापक वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजि‍त कि‍या गया। श्रीमती भारती मि‍श्रा, अध्‍यक्षा इरवो आसनसोल के नेतृत्‍व में दोमुहानी रेलवे कॉलोनी, आसनसोल स्‍थि‍त पार्क में अशोक, बकुल, नीम व अशत्‍ता के कुल 75 पौधे लगाए गए। दिन बुधवार की सुबह  पी.के. मि‍श्रा मंडल रेलवे प्रबंधक, श्रीमती भारती मि‍श्रा अध्‍यक्षा, इरवो आसनसोल, एम.के. मीना वरि‍ष्‍ठ मंडल इंजीनि‍यर (समन्‍वय) श्रीमती अल्‍का मीना सचि‍व, इरवो आसनसोल, ए. केसरवानी वरि‍ष्‍ठ मंडल कार्मि‍क अधि‍कारी व अन्‍य अधि‍कारि‍यों ने एक-एक पौधे रोपे। इस वृक्षारोपण कार्यक्रम को सफल बनाने के लि‍ए रेलवे सुरक्षा बल कर्मि‍यों, भारत स्‍काउट्स एवं गाइड्स के स्‍वयंसेवकों और इंजीनि‍यरिंग वि‍भाग के कर्मि‍यों ने उत्‍साहपूर्वक भाग लि‍या।

बिहार : मरियम कोला का मर्म वार्ड पार्षद ने बताया

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पटना. पटना नगर निगम में 75 वार्ड है. इसमें वार्ड नं.-1 है. हाल में चुनाव के बाद छठिया देवी पार्षद बनी  हैं. वह पढ़ी और न लिखी हैं. इसके आलोक में जटिल समस्याओं को निपटारा करने दिक्कत होगी. बहरहाल वार्ड नम्बर -1 से निर्वाचित हैं छठिया देवी. वार्ड पार्षद के रूप में 19 जून,2017 को शपथ ग्रहण कर चुकी है. अब जनता जर्नादन की समस्या दूर करने का प्रयास हो. फेसबुक पर एक मैडम लिखती हैं कि मरियम टोला में 8 साल रहीं. वर्षा रानी से परेशान होकर अन्यत्र रहने चली गयी. मामूली पानी बरसने से एक्स टी टी आई रोड पर जल भराव हो जाता है. इसके कारण कष्ट झेलनी पड़ती दी. आपको उम्मीद करके प्रतिनिधि बनाया है. पाटीपुर,पोस्ट ऑफिस रोड और एक्स टी टी आई मुख्य मार्ग की जर्जर हालात में सुधार हो. नाला का निर्माण हो. आशा है कि आप उम्मीद पर खरा उतरेगीं. वार्ड पार्षद छठिया देवी कहती है कि राजीव नगर-आशियाना रोड पर है घुड़दौड़ चौक.यहां से पूरब जाती सड़क के किनारे है वार्ड पार्षद छठिया देवी काआवास. इसी आवासीय  कार्यालय खोल दिया है.सुबह 7 से 10 बजे तक जनता से सीधी बात कर समस्या सुनेगीं और समाधान करने का प्रयास होगा.

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 12 जुलाई

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राज्य स्तरीय शालेय सुब्रोतो मुखर्जी फुटबाॅल प्रतियोगिता का समापन

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सीहोर, राज्य स्तरीय शालेय सुब्रोतो मुखर्जी फुटबाॅल प्रतियोगिता का समापन शासकीय आवासीय खेलकूद संस्था में श्री मोहन सिंह चेयनमेन उपाध्यक्ष,जिला पंचायत,सीहोर ,श्रीमती सुगन बाई मालवीय अध्यक्ष जनपद पंचायत सीहोर की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। प्रतियोगिता 9 जुलाई से 12 जुलाई तक आवासीय एवं चर्च ग्राउन्ड मैदान पर आयोजित की गई जिसमें विभिन्न संभागो के खिलाडियों ने अपने उत्कृष्ट खेल  का प्रदर्शन कर सभी को रोमांचित कर दिया।कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने सरस्वती के चित्र के समझ दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर शासकीय हाईस्कूल ग्वालटोली की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। अतिथियों का स्वागत पुष्पहार एवं बेज लगाकर किया गया। मुख्य अतिथि श्री मोहन सिंह चेयरमेन ने खिलाडियों को प्रोत्साहित कर विजेता बनने पर शुभकामनाएं दी साथ ही अध्यक्ष जनपद पंचायत श्रीमती सुगन बाई मालवीय ने सीहोर आने पर सभी खिलाडियों को बधाई देतेे हुए प्रतियोगिता में जीत का वरण करने के लिए लगनशील होने की प्रेरणा दी। प्रतियोगिता का प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी अनिल वैद्य ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अतिथियों ने विजेता टीम के खिलाडियों को पुरूस्कार प्रदान करते हुए ट्राॅफी व प्रमाण पत्र प्रदान किये आज खेले गये प्रतियोगिता के परिणामों में 14 वर्ष बालक वर्ग के बीच फायनल प्रतियोगिता का पहला मैच खेला गया जिसमें इंदौर के 14 वर्ष के बालक खिलाडियों ने पूरे दमखम के साथ खेला का प्रदर्शन कर विजेता होने का गौरव हासिल किया इंदौर के खिलाडियों एवं  भोपाल के खिलाडियों के बीच मैच 2-2 की बराबरी पर छूटा एवं अतिरिक्त समय में भी कोई भी टीम अपने विरोधी पर गोल न दाग सकी ओर मैच का परिणाम टाईब्रेकर के द्वारा किया गया जिसमें भोपाल की टीम ने इंदौर की टीम को 6 के मुकाबले 7 गोल से पराजित किया।दूसरा मुकाबला 17 वर्ष बालक वर्ग में इंदौर एवं भोपाल की टीमों के बीच खेला गया।यह मैच भी बहुत की कशमकश भरा रहा टीम की खिलाडियों ने जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया मैच में भोपाल की टीम ने इंदौर की टीम को 2 के मुकाबले 4 गोलों से पटखनी दी एवं प्रतियोगिता में विजेता बनने का गौरव हासिल किया। एक अन्य मुकाबले में 17 वर्ष बालिका वर्ग में इंदौर की टीम ने भोपाल की टीम को 1 गोल संे पराजित कर उपविजेता बनने का गौरव हासिल किया। प्रतियोगिता में नर्मदापुरम की बालिका खिलाडियों ने प्रारंभ से ही सभी टीमों को पीछे छोडते हुए प्रतियोगिता में विजेता बनने का गौरव हासिल किया। आभार प्रदर्शन आलोक शर्मा ने किया ।समापन के अवसर पर भरत लाल शर्मा,सरिता राठौर,वर्षा नायक,नीना दुबे,सुनीता जैन,शैलेन्द्र पहलवान ,संतोष शर्मा,सोना पंवार,आदि ने सहयोग किया। 


मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम अंर्तगत आवेदन आमंत्रित

जिला महिला सषक्तिकरण कार्यालय द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम अंतर्गत समाज कार्य मे स्नातक पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष हेतु जिले से 40 प्रतिभागियो का चयन किया जाएगा। पाठ्यक्रम हेतु 10 पुरुष एवं 10 महिला षौर्यादल के सदस्य, 10 आंगनबाडी कार्यकर्ता, 5 आषा कार्यकर्ता, 5 पर्यवेक्षक को सम्मिलित किया जाएगा। प्रतिभागियों कि उम्र 18 वर्ष से कम व 45 वर्ष से अधिक नही होना चाहिए एवं न्यूनतम षैक्षणिक योग्यता 12वी पास होना चाहिए। पाठ्यक्रम हेतु इच्छुक प्रतिभागी 20 जुलाई 2017 तक अपने आवेदन पत्र जिला महिला सषक्तिकरण कार्यालय कलेक्ट्रेट कक्ष क्र.146,147 अथवा परियोजना कार्यालय एकीकृत बाल विकास सेवा शुगर फेक्ट्री चैराहा सीहोर में कार्यालयिन समय में प्रस्तुत कर सकते है।   

मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम अंर्तगत आवेदन आमंत्रित

जिला महिला सषक्तिकरण कार्यालय द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम अंतर्गत समाज कार्य मे स्नातक पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष हेतु जिले से 40 प्रतिभागियो का चयन किया जाएगा। पाठ्यक्रम हेतु 10 पुरुष एवं 10 महिला षौर्यादल के सदस्य, 10 आंगनबाडी कार्यकर्ता, 5 आषा कार्यकर्ता, 5 पर्यवेक्षक को सम्मिलित किया जाएगा। प्रतिभागियों कि उम्र 18 वर्ष से कम व 45 वर्ष से अधिक नही होना चाहिए एवं न्यूनतम षैक्षणिक योग्यता 12वी पास होना चाहिए। पाठ्यक्रम हेतु इच्छुक प्रतिभागी 20 जुलाई 2017 तक अपनं आवेदन पत्र जिला महिला सषक्तिकरण कार्यालय न्यू कलेक्ट्रेट कक्ष क्र.146,147 अथवा परियोजना कार्यालय एकीकृत बाल विकास सेवा सुगर फेक्ट्री चैराहा सीहोर में कार्यालयिन समय में प्रस्तुत कर सकते है।


विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 12 जुलाई

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रियल एस्टेट परियोजना का पंजीयन अनिवार्य

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जिले में प्रचलित और अपूर्ण आवासीय तथा व्यावसायिक परियोजनाओं के 31 जुलाई के पूर्व रेरा एक्ट के अंतर्गत पंजीयन की शासन द्वारा अनिवार्यतः की गई है। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने मध्यप्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण के अध्यक्ष द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए बताया कि प्रदेश में एक मई से भू-सम्पदा विनियामक अधिनियम 2016 (रेरा एक्ट) लागू हो चुका है इसके अनुसार रियल एस्टेट परियोजनाओं का प्राधिकरण सक्षम पंजीयन अनिवार्य किया गया है। भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण की परिधि में वे परियोजनाएं आती है जो आठ इकाई से अधिक है और भविष्य में निर्मित होना प्रस्तावित है या फिर 30 अपै्रल 2017 को अपूर्ण थी अर्थात जिनको पूर्णतः प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी नही किया गया हो। प्रमोटर्स और डेव्हलपर्स को अपने प्रोजेक्ट की मार्केटिंग करने के पूर्व अथाॅरिटी में रजिस्टेªशन अनिवार्य किया गया है।रेरा एक्ट के क्रियान्वयन हेतु प्राधिकरण के समक्ष प्रथम चुनौती वर्तमान में अपूर्ण आवासीय तथा व्यावसायिक परियोजनाओं के पंजीयन की है जो 31 जुलाई 2017 के पूर्व कराया जाना अनिवार्य है। स्व-प्रेरणा से पंजीयन हेतु वर्तमान में आवेदन अल्पसंख्यक में प्राप्त हुए है तथा अब तक एक माह से कम समय शेष रह गया है। पंजीयन हेतु प्राप्त आवेदन के परीक्षण में भी कुछ समय लगता है। अतएव उचित होगा कि ऐसे सभी आवेदनकर्ता अंतिम तिथि 31 जुलाई 2017 के अंत तक आवेदन करने हेतु इंतजार न करें अपितु शीघ्रतिशीघ्र आवेदन प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत कर दें ताकि उस पर अंतिम तिथि के पूर्व निर्णय लिया जा सकें। 31 जुलाई के पश्चात ऐसी सभी अपंजीकृत परियोजनाएं अवैध हो जाएगी तथा उनमें किसी तरह का निर्माण एवं बिक्री नही की जा सकेगी। अतएव यह अत्यन्त आवश्यक है कि समय रहते कार्यवाही कर ऐसी अप्रिय स्थिति से बचा जाए। उल्लेखनीय है कि प्राधिकरण द्वारा पंजीयन संबंधी समस्त प्रक्रिया को वेबबेस्ड आॅन लाइन के रूप में विकसित किया गया है। संप्रवर्तक बिल्डर तथा रीयल एस्टेट एजेन्ट बडी आसानी से अपने पंजीयन हेतु आवेदन अथाॅरिटी की बेवसाइट ूूूण्तमतंण्उचण्हवअण्पद पर  आॅन लाइन दर्ज करा सकते है।


आर्थिक मदद जारी

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने तीन प्रकरणों में आर्थिक मदद के आदेश जारी कर दिए है। विदिशा तहसील के ग्राम कोठीचारकलां के श्री कोक सिंह की मृत्यु सर्पदंश से हो जाने के कारण मृतक की पत्नी श्रीमती शीलाबाई रघुवंशी को चार लाख रूपए की तथा सिरोंज तहसील के ग्राम सियलपुर की 13 वर्षीय कुमारी समरीनबी की मृत्यु कुएं में डूबने से हो जाने के कारण मृतिका के पिता श्री घस्सू खां को चार लाख रूपए की मदद जारी की गई है। मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना के तहत एक प्रकरण में चार लाख दो हजार रूपए की आर्थिक मदद जारी की गई है जिसमें दो हजार रूपए अन्त्येष्टि अनुदान भी शामिल है। उक्त मदद सिरोंज तहसील के ग्राम सालपुरखुर्द के 16 वर्षीय सौरभ की मृत्यु कृषि कार्यो के दौरान हो जाने के कारण मृतक के पिता श्री दिमान सिंह कुर्मी को आर्थिक मदद जारी की गई है। 

दंतएंव मुंहरोग उपचारएंवनिदान 16 जुलाई षिविर को

सेवाभारती भवन श्रीकृध्ण कालोनी दुर्गानगर में 16 जुलाई को सुबह 11 बजे से  दंातो एंव मुंह के रोग से पीड.ीत मरीजों की जांच एंव चिकित्सा परामर्ष दंत सर्जन डाॅ खुषबू छाबडि.या द्वृारा की जायेगी। सेवा भारती के सचिव राजीव भार्गव ने ऐसे मरीज जिनके दंातों व मुंह के रोग,दंात के दर्द,मवाद की समस्या, सुजन, गठान, पायरिया,,आडे. तिरछे दांत, टूटे जबडे.या फेक्चर, तंबाकू जनित रोग,बच्चों के दंातों की समस्या, मसूड.ो से खून या मवाद, दंातों में ठंडा गर्म की षिकायत आदि समस्याओं से ग्रस्त मरीज परामर्ष ले सकते है। इस उपचार  षिविर का लाभ लेने के लिए अपना पंजीयन 16 जुलाई को सुबह 10बजे से 12 बजे तक सेवा भारती भवन श्रीकृध्ण कालोनी दुर्गानगर में करा सकते हैं।


बिहार : कन्हैया और जिग्नेष की गिरफ्तारी फासीवादी हमला व निन्दनीय

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  • ए.आई.एस.एफ ने तत्काल रिहा करने की मांग की, रिहाई नहीं होने पर कल से आंदोलन की चेतावनी 

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पटना:-  जे.एन.यू. छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार एवं ऊना आंदोलन के नेता जिग्नेष मेवानी और कई प्रगतिषील लोगों सहित 50 लोगों की गिरफ्तारी को ए.आई.एस.एफ. बिहार राज्य परिषद ने फासीवादी हमला करार दिया है। आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेषन, बिहार राज्य परिषद ने गिरफ्तारी को निन्दनीय बताते हुए सभी लोगों को तत्काल रिहा करने की मांग की है। साथ ही शीघ्र रिहाई नहीं होने पर कल से चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी दी है। गौरतलब है कि ऊना आंदोलन के एक साल पूरा होने पर दलित और अल्पसंख्यकों पर जारी दरिंदगी के खिलाफ गुजरात के अहमदाबाद में ऊना कूच में शामिल होने आये कन्हैया कुमार एवं जिग्नेष मेवानी को गुजरात पुलिस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इषारे पर गिरफ्तार कर लिया है। इस मार्च में देष भर के कई हिस्सों से आये प्रगतिषील लोगों का जमावड़ा लगा था। ऊना कूच के परमिषन को पहले रद्द किया गया तथा सभा के दरम्यिान ही गिरफ्तारी की गयी । ए.आई.एस.एफ. ने कहा कि देष के अन्दर में नरेन्द्र मोदी की सरकार के खिलाफ पूरे देष के विभिन्न हिस्सों खासकर दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी एवं युवाओं का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। यह कुछ छात्र-युवा नेताओं एवं प्रगतिषील जमात को गिरफ्तार करने एवं जेल भेजने से थमने वाला नहीं है। किसी भी प्रकार के दमन के खिलाफ पूरे देष में इसका जमकर प्रतिकार होगा।   

बासुकिनाथ : बोलबम का नारा है बाबा तेरा ही एक सहारा है.......

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  • श्रद्धालुओं का सैलाब मंदिर परिसर के साथ-साथ संपूर्ण मेला क्षेत्र में दिख रहा। 500 श्रद्धालुओं के विश्राम के लिये वासुकिनाथ धाम में बनाये टेंट सिटी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा। 

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बासुकिनाथ (दुमका) से अमरेन्द्र सुमन, श्रावणी मेला के तीसरे दिन फौजदारी बाबा बासुकिनाथ मंदिर के पट खुलते ही बाबा पर जलार्पण के लिये श्रद्धालुओं की लम्बी कतार लग गई थी जो शिवगंगा से पंक्तिबद्ध थी। श्रद्धालुओं का सैलाब मंदिर परिसर के साथ-साथ संपूर्ण मेला क्षेत्र में दिख रहा था। केसरिया रंग से पूरा बासुकिनाथ धाम रंगा हुआ प्रतीत हो रहा था। लड़खड़ाते कदमों के साथ हाथ में गंगाजल लिये पूरी श्रद्धाभाव से बोलबम के नारे के साथ श्रद्धालु मंदिर की ओर झूमते हुए आगे बढ़ रहे थे। पूरा मंदिर परिसर बोलबम के नारों से गंुजयमान था। श्रावणी मेला के दौरान मेला क्षेत्र में लगये गये सभी दुकानों में श्रद्धालु खूब खरीददारी भी करते दिखे। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा बनाये गये निःशुल्क आवासन केन्द्र श्रद्धालुओं को काफी पसंद आ रहा है। देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालु जलार्पण के बाद निःषुल्क आवासन केन्द्र में विश्राम करते है। सभी आवासन केन्द्र में सफाई कर्मी, सूचना सहायता कर्मी प्रतिनियुक्त किये गये है ताकि साफ-सफाई बनी रहे। आवासन केन्द्र को पूरी तरह हवादार बनाया गया है तथा कार्पेट लगाया गया जिसपर श्रद्धालु अपनी थकान मिटाते हैं। 500 श्रद्धालुओं के विश्राम के लिये वासुकिनाथ धाम में बनाये टेंट सिटी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। टेंट सिटी में श्रद्धालुओं को सभी वीआईपी सुविधायें दी जा रही है। बेड, चादर, तकीया एवं शुद्ध पेयजल के साथ हवादार टेंट सिटी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। टेंट सिटी में हर श्रद्धालु 3 घंटे तक विश्राम कर सकते है ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को टेंट सिटी की सुविधा मिले इसे ध्यान में रखते हुए समय सीमा निर्धारित किया गया है। श्रद्धालु बाबा पर जलार्पण कारने से पूर्व षिवगंगा में डुबकी लगाते है इसे ध्यान में रखते हुए एनडीआरएफ की टीम श्रद्धालुओं पर अपनी नजर बनायी रहती है। किसी भी आपात स्थित से निपटने के लिये एनडीआरएफ की टीम हमेशा शिवगंगा में उपस्थित है। श्रद्धालुओं के सैलाब को आसानी से जलार्पण कराने में सभी सुरक्षा कर्मी अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। सभी सुरक्षा कर्मी अपने कर्तव्य स्थल पर तैनात दिखे। श्रद्धालुओं को कतारबद्ध कराने से जलार्पण कराने तक सुरक्षा कर्मी अपने कर्तव्य का ईमानदारी पूर्वक निर्वहण करते नजर आ रहे हैं। सूचना सहायता शिविर में प्रतिनियुक्त सभी सूचना सहायता कर्मी बिछड़ों को मिलाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। 


ध्वनि प्रचारक यंत्र एवं अन्य माध्यमों से बिछड़ो को मिलाया जा रहा है। श्रावणी मेला के तीसरे दिन कुल 37,659 श्रद्धालुओं ने बाबा का जलाभिषेक कियाः-राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2017 वासुकिनाथ धाम में कुल 37, 659 श्रद्धालुओं ने बाबा बासुकिनाथ महादेव का जलाभिषेक किया। जिनमें शीघ्र दर्शनम् दर्शनार्थी 579, जलार्पण काउण्टर से 1, 575, निकास द्वार से दर्शनार्थी 35, 505 रहे। बासुकिनाथधाम में दिन बुधवार को समाचार लिखे जाने तक कुल चढ़ावा राशि 6, 36, 566 रु0 रहा जिनमें गोलक से 51290 रु0, दानपेटी से 5, 78, 500 एवं अन्य स्रोत से 6, 776 रु0 रहा। चाँदी का द्रव्य कुल 250 ग्राम चढ़ाया गया। 10 ग्राम चांदी का सिक्का 1 अदद बिक्री हुआ। श्रावणी मेला 2017 में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाये गये विभिन्न चिकित्सा षिविरों में मेला प्रारंभ होने से लेकर अबतक कुल 5780 श्रद्धालुओं का निःषुल्क चिकित्सा किया जा चुका है। 12 जुलाई 2017 को कुल 2225 श्रद्धालुओं का निःषुल्क चिकित्सा किया गया। जिनमें मुख्य प्रसासनिक षिविर के 393, स्वास्थ्य उपकेन्द्र 73, स्वास्थ्य षिविर (सूचना मंडप) 133, स्वास्थ्य षिविर बस स्टैण्ड 132, वासुकिनाथ रेलवे स्टेषन 62, रेफरल अस्पताल वासुकिनाथ 56, राजस्व तहसील कचहरी 66, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जरमुण्डी 40, कांवरिया धर्मषाला सहारा 33, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तालझारी 51, स्वास्थ्य उपकेन्द्र कटहराटाड़ 24, स्वास्थ्य षिविर बोगली 22, स्वास्थ्य षिविर मोतिहारा 27, स्वास्थ्य षिविर सुखजोरा 34,  ओआरएस/इमरजेंसी काउन्टर के 50, 14 बुथों पर एन्टी पोलियो वैक्सीन काउन्टर में 980 एवं चलन्त चिकित्सा वाहन से 49 श्रद्धालु रहे।

मधुबनी : सांसद ने किया सड़क का उद्घाटन

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अंधराठाढी/मधुबनी। (मोo आलम अंसारी) अंधराठाढी। सांसद बिरेन्द्र चौधरी ने अंधराठाढी प्रखंड में दो सडकों का उदघाटन किया। पहली सड़क डुमरा पंचयात में मिठू पासवान के घर से दयाशंकर महतो के घर तक करीब पंद्रह लाख की लागत से बनी है। दुसरी सडक ननौर पंचायत के रतूपार गांव में सिध्हेश्वर भंडारी के घर से धीरेंद्र दास के घर तक बनी  इस अवसर पर सांसद श्री चौधरी ने कहा की हर गांव टोले को मुख्य सड़क से जोड़ने की उनकी योजना है। सड़क निर्माण से देश का निर्माण होता है। गॉवो का विकास बिना अच्छी सडक के संभव नही है। क्षेत्र मे कई सडक, पुल, एवं सडक को जोडने वाली पुल पुलियों का निर्माण कराया गया है। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के लिए भी कई योजनाएं लागू की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी के काम काज से न केवल भारत का विकास तेज हुआ है वल्कि विश्व स्तर पर देश के आन बान शान में बृद्धि हुई है। मौके पर सांसद ने खोजपुर घटना की न्यायिक जांच की भी मांग की। उन्होंने कहा बिहार में खासकर मधुबनी में कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है। उन्होने लालू परिवार के कथित ठिकानों पर पड़े छापे पर नीतीश कुमार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा नीतीश कुमार ऐसे लोगों को मंत्री बनाये हुए हैं जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के स्पष्ट आरोप है। बीजेपी नेता ने कहा कि नीतीश को अपनी छवि के बारे में भी सोचना चाहिए। इस अवसर पर पंकज चौधरी, वरिष्ठ भाजपा नेता रामचंद्र यादव, मंडल महामंत्री रंजन झा, मुखिया राजेश कुमार मिश्रा, शैलेन्द्र मिश्रा सहित ग्रामीणों ने सांसद चौधरी को पाग दुपट्टा चादर एवं माला पहनाकर स्वागत किया।

मधुबनी : जिला पदाधिकारी ने धान अधिप्राप्ति तथा आपूर्ति से संबंधित बैठक की

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मधुबनी, 12 जुलाई; जिला पदाधिकारी, मधुबनी श्री षीर्षत कपिल अषोक की अध्यक्षता में आज समाहरणालय सभा कक्ष में धान अधिप्राप्ति तथा आपूर्ति से संबंधित बैठक हुई, बैठक में कलेक्टर ने निम्नलिखित निर्देश दिए. जिन पैक्स/मिलर द्वारा पूर्व निर्धारित तिथि 15 जुलाई, 17 तक कुल धान अधिप्राप्ति के समतुल्य सी.एम.आर. एस.एफ.सी. को नहीं दिया जाएगा, वैसे पैक्स/मिलर के विरूद्व सुसंगत धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। जिला में फूड कैलेंडर मेंटेन होना चाहिए। जिस माह का खाद्यान्न है, उसी माह उसे बॅटना चाहिए। डोर स्टेप डिलीवरी करने वाला एजेंसी ससमय खाद्यान्न नहीं पहॅुचा रहा है। जिला प्रंबधक एस.एफ.सी. ने जानकारी दी कि 31 जुलाई को एजेंसी के साथ किए गए अनुबंध की अवधि समाप्त हो रही है। जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमिटी तय करेगी कि अनुबंध को एक साल के लिए बठाना है या समाप्त करना है। सभी अनुमडंल पदाधिकारी अनुश्रवण समिति की नियमित बैठक करें। सभी अनुमंडल पदाधिकारी पी.डी.एस. दुकानो का नियमित जांच करें। बैठक में जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला प्रबंधक एस.एफ.सी., जयनगर, फुलपरास, बेनीपट्टी के एस.डी.ओ., जिला सहकारिता पदाधिकारी, एम.ओ., बी.सी.ओ. आदि उपस्थित थे !

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