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बॉलीवुड की बार्बी गर्ल है कैटरीना कैफ

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मुंबई, 15 जुलाई, बॉलीवुड में कैटरीना कैफ एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर शुमार की जाती है जिन्होंने अपनी दिलकश अदाओं से लगभग एक दशक से दर्शकों को अपना दीवाना बनाया हुआ है। 16 जुलाई 1984 को हांगकांग में जन्मी कैटरीना कैफ मूल नाम कैटरीना टॉरकेटी ने 14 वर्ष की उम्र में मॉडलिंग से अपने करियर की शुरूआत की। वह मॉडलिंग करने के उद्देश्य से मुंबई आयी थी लेकिन इस दौरान उनकी मुलाकात कैजाद गुस्ताद से हुयी। कैजाद गुस्ताद उन दिनों बूम बना रहे थे। उन्होंने कैटरीना को बूम में काम करने का प्रस्ताव दिया जिसे कैटरीना ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। वर्ष 2003 में प्रदर्शित फिल्म बूम आपराधिक पृष्ठभूमि पर आधारित थी। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और जैकी श्राफ ने मुख्य भूमिका निभायी थी। कमजोर पटकथा के कारण बूम बॉक्स ऑफिस पर कोई धूम नहीं मचा सकी। वर्ष 2005 में कैटरीना कैफ को एकबार फिर से अमिताभ के साथ सरकार में काम करने का अवसर मिला लेकिन फिल्म की सफलता के बावजूद उन्हें कोई खास फायदा नहीं मिला। वर्ष 2005 में प्रदर्शित फिल्म मैने प्यार क्यों किया कैटरीना कैफ के सिने करियर की पहली सुपरहिट फिल्म साबित हुयी। बताया जाता है कि यह फिल्म कैटरीना को सलमान खान की वजह से मिली थी। इस फिल्म की सफलता के बाद कैटरीना को फिल्म इंडस्ट्री में अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव मिलने शुरू हो गये। कैटरीना कैफ के सिने करियर में उनकी जोड़ी खिलाड़ी कुमार अक्षय कुमार के साथ काफी पसंद की जाती है। 


अक्षय और कैटरीना की जोड़ी सर्वप्रथम वर्ष 2006 में प्रदर्शित फिल्म ‘हमको दीवाना कर गये’ में एक साथ नजर आयी। फिल्म हालांकि टिकट खिड़की पर कामयाब नहीं हुयी लेकिन दोनों की जोड़ी को पसंद किया गया। हमको दीवाना कर गये के बाद अक्षय और कैटरीना की जोड़ी वर्ष 2007 में प्रदर्शित फिल्म ‘नमस्ते लंदन’ में नजर आयी। यह फिल्म सुपरहिट साबित हुयी। इसके बाद इस जोड़ी ने वेलकम, सिंह इज किंग, दे दना दन और तीसमार खान जैसी कई फिल्मों में एक साथ काम किया। कैटरीना की जोड़ी सलमान के साथ मैंने प्यार क्यूं किया, पार्टनर और एक था टाइगर जैसी फिल्मों में पसंद की गयी। कैटरीना कैफ को फिल्म इंडस्ट्री में आये हुये लगभग एक दशक हो चुके है और इस दौरान उन्होंने शाहरुख, सलमान, ऋतिक रोशन और अक्षय कुमार जैसे बड़े कलाकारों के साथ काम किया है। कैटरीना कैफ के करियर की अन्य उल्लेखनीय फिल्मों में “अपने, रेस, न्यूयार्क, ब्लू, अजब प्रेम की गजब कहानी, राजनीति, जिंदगी ना मिलेगी दुबारा, मेरे बद्रर की दुल्हन, जब तक है जान, धूम-3, बैंगबैंग फैंटम और फितूर प्रमुख है। कैटरीना की फिल्म जग्गा जासूस हाल ही में प्रदर्शित हुयी है।

द्रविड़ और जहीर की नियुक्तियां अधर में, शास्त्री चुनेंगे नया स्टाफ

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नयी दिल्ली, 15 जुलाई, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) ने गेंदबाजी कोच जहीर खान और बल्लेबाजी सलाहकार राहुल द्रविड़ की हाल में नियुक्तियों पर अचानक पैर पीछे खींच लिये हैं तो प्रशासकों की समिति(सीओए) ने इन नियुक्तियों को केवल सिफारिशें बताकर पूर्व क्रिकेटरों को अधर में लटका दिया है। बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने 11 जुलाई को पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री को भारतीय टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया था जबकि द्रविड़ को विदेशी दौरों पर भारतीय बल्लेबाजी सलाहकार तथा पूर्व तेज़ गेंदबाज जहीर खान को गेंदबाजी कोच बनाने की घोषणा की थी। लेकिन अब बोर्ड ने अपने इस फैसले पर बड़ा यू-टर्न ले लिया है। वहीं माना जा रहा है कि शास्त्री अब खुद ही अपना सपोर्ट स्टाफ चुनेंगे। बोर्ड का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति के अध्यक्ष विनोद राय ने कहा है कि द्रविड़ और जहीर के नामों की सपोर्ट स्टाफ में इन पदों पर केवल सिफारिश ही की गयी थी और उनकी नियुक्तियों पर मुहर के लिये सीओए से और मुख्य कोच शास्त्री से सलाह किये जाने की जरूरत है। इस बीच माना जा रहा है कि नवनियुक्त कोच शास्त्री अपना सपोर्ट स्टाफ खुद ही चुनेंगे। वहीं सीओए ने शनिवार को ही एक नयी चार सदस्यीय समिति का गठन किया है जो द्रविड़ और जहीर को लेकर आगे का फैसला करेगी।

एनआईए ने किया बरूआ और हजारिका के खिलाफ आरोप पत्र दायर

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नयी दिल्ली 15 जुलाई, राष्ट्रीय जांच एजेन्सी (एनआईए) ने उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आॅफ असम (उल्फा) के प्रमुख कमांडरों परेश बरूआ और मुकुल हजारिका के खिलाफ देश के विरूद्ध जंग छेड़ने और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के मामले में आरोप पत्र दायर किया है। एनआईए के अनुसार यह आरोप पत्र एजेन्सी के गुवाहाटी स्थित विशेष न्यायालय में आज दायर किया गया। गृह मंत्रालय ने वर्ष 2013 में जांच एजेन्सी को इन दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी थी। परेश बरूआ अभी म्यांमार में जबकि मुकुल हजारिका दोनों ब्रिटेन में है और भारत की एजेन्सियों ने दोनों को भगोडा घोषित कर रखा है । इस मामले में संगठन के एक अन्य सदस्य गगन हजारिक के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किया गया है जो एजेन्सी की गिरफ्त में है। जांच एजेन्सी ने कहा है कि वह उल्फा नेता दृष्टि राजखोवा और अन्य के खिलाफ अपनी जांच आगे जारी रखेगी। जांच एजेन्सी ने कहा है कि उसके पास आरोपियों के खिलाफ सभी तरह के पर्याप्त सबूत हैं जिनसे पता चलता है कि वे देश और विदेशों में नये कैडर की भर्ती, और उग्रवादी गतिविधियों के लिए शिविरों का आयोजन करते हैं। वे उगाही के लिए फिरौती और अपहरण के मामलों में भी शामिल हैं। ये लोगों को भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले और सरकारी प्रतिष्ठानों तथा ढांचागत सुविधाओं में तोड फोड के लिए उकसाते हैं जो देश के खिलाफ लड़ाई छेड़ने के समान है। 

ईएसएम का अनुशासन और संगठनात्मक क्षमता सराहनीय : प्रणब

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नाबाग्राम 15 जुलाई, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि सक्रिय सेवा छोड़ने के बावजूद पूर्व सैन्यकर्मियों ( ईएसएम) का अनुशासन और संगठनात्मक क्षमता सराहनीय है। श्री मुखर्जी यहां सैन्य स्टेशन में पूर्व सैन्यकर्मियों की पहली रैली को संबोधित किया जिसे सेना के पूर्वी कमान के ब्रह्मास्त्र कोर द्वारा आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में मुर्शिदाबाद और आस-पास के इलाकों के दो हजार से ज्यादा वरिष्ठ सैनिक और वीर नारी (शहीद सैनिकों की पत्नी) मौजूद थे। राष्ट्रपति ने सक्रिय सेवा छोड़ने के बावजूद ईएसएम के अनुशासन और संगठनात्मक क्षमता की सराहना करते हुये आशा व्यक्त की कि नाबाग्राम न केवल एक मॉडल सैन्य स्टेशन बनेगा बल्कि क्षेत्र में नौकरियों और बुनियादी ढांचे के निर्माण के मामले में भी आगे बढेगा। श्री मुखर्जी ने अपने कार्यकाल के पूरा होने से पहले इस क्षेत्र के जवानों, वीर नारियों और ईएसएम से आखिरी बार मिलने पर खुशी जाहिर की। राष्ट्रपति ने वीर नारियों के प्रति अपनी तरफ से सम्मान प्रकट करते हुये कहा कि उनके नुकसान की भरपायी तो नहीं की जा सकती लेकिन सरकार उनका ख्याल रखेगी। इससे पहले जीओसी-इन-सी ने राष्ट्रपति और सभी अन्य गणमान्य व्यक्तियों को इस समारोह में उपस्थित रहने पर दिल से स्वागत किया। उन्होंने विशेष रूप से राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और सांसद अभिजीत मुखर्जी द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ही सेना को पश्चिम बंगाल में यह भूमि आवंटित हुई थी। इस मौके पर केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्रकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र प्रधान, संसद सदस्य अभिजीत मुखर्जी, राज्य सरकार में मंत्री जाकिर हुसैन, पूर्वी कमान में चीफ जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी-इन-सी, ईसी) लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बक्शी, बंगाल क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल जीएस संघ, ब्रह्मास्त्र कोर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एसएस हसबनीस और सैन्य तथा नागरिक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

असम में बाढ़ से मृतकों की संख्या 59 पहुंची

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गुवाहाटी 15 जुलाई, असम में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 59 पहुंच गई है। हालांकि स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। पिछले 24 घंटे में राज्य में बाढ़ से सात और लोगों की मौत हो गई जिससे मृतकों की संख्या 59 हो गई हैं। बाढ़ से 24 जिलों के करीब 12 लाख लोग प्रभावित है। ब्रहमपुर समेत कुछ नदियां विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इस बीच राज्य के वित्त मंत्री डा. हिमांता बिश्वा शर्मा ने आज यहां कहा,“ बाढ़ से प्रभावित लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए धनराशि की कोई कमी नहीं है। हमने जिला उपायुक्तों को राहत धनराशि उपलब्ध कराई हैं। ” उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार राज्य सरकार के संपर्क में है और सभी मंत्रालयों ने अपनी ओर से सहायता उपलब्ध कराने का संकल्प जताया हैं।

कार्यकर्ता सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को दे बढावा : अमित शाह

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नयी दिल्ली 15 जुलाई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज पार्टी कार्यकर्ताओं से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने का आग्रह करते हुए कहा कि इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए पार्टी इकाइयों को नया रूप दिया जा रहा है। श्री शाह ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, “आप लोगों को देश के लिए चुनाव मशीनों के रूप में काम नहीं करना चाहिए, बल्कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और अंत्योदय के राष्ट्रीय मिशन के लिए काम करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए 19 विभागों और 10 प्रकोष्ठों काे बनाकर संगठन को नया रूप दिया गया है। श्री शाह ने जोर देकर कहा कि पार्टी पदाधिकारियों को दी गई जिम्मेदारियों को आत्म पदोन्नति का एक अवसर नहीं माना जाना चाहिए बल्कि यह लोगों की सेवा के लिए एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि विभागों और प्रकोष्ठ एक तरफ जहां संगठन को सुगमता के साथ चलाने का मात्र एक माध्यम है तो वहीं दूसरी ओर सरकार की नीतियों के फायदों को लोगों तक पहुंचाने में भी यह सहायक होते है। इन्हीं चुनौतियों के साथ पार्टी को 11 करोड़ कार्यकर्ताओं का संगठन बनना चाहिए जो केवल सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के उद्देश्य को हासिल करने के मिशन के लिए कार्य करें।

मिताली और गायकवाड के कमाल से भारत सेमीफाइनल में

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डर्बी, 15 जुलाई, रन मशीन और कप्तान मिताली राज (109) के शानदार शतक के बाद लेफ्ट आर्म स्पिनर राजेश्वरी गायकवाड (15 रन पर पांच विकेट) के करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी के दम पर भारत ने करो या मरो के अहम मुकाबले में शनिवार को न्यूजीलैंड काे 186 रन के बड़े अंतर से पीटकर आईसीसी महिला विश्वकप के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मिताली (109) के शानदार शतक और वेदा कृष्णामूर्ति (70) तथा हरमनप्रीत कौर (60) के बेहतरीन अर्धशतकों की बदौलत निर्धारित 50 ओवर में सात विकेट पर 265 रन का मजबूत स्कोर बनाया और फिर न्यूजीलैंड की टीम को 25.3 ओवर में 79 रन पर ढेर 186 रन से मैच अपने नाम कर लिया। इस विशाल जीत के साथ ही भारतीय टीम आईसीसी महिला विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली चौथी टीम बन गई है। भारत से पहले इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया की टीमें पहले सेमीफाइनल का टिकट कटा चुकी है। भारत से मिले 266 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की शुरूआत बेहद खराब रही और टीम नियमित अंतराल पर विकेट गंवाती चली गई। कीवी टीम की तरफ से उसके तीन बल्लेबाज ही दहाई का आंकड़ा छू सके। एमी सर्थवैट ने 47 गेंदों में चार चौकों की मदद से सर्वाधिक 26 और काते मार्टिन ने 12 तथा एमीला केर ने नाबाद 12 रन का योगदान दिया। भारतीय गेंदबाजों ने इस करो या मरो के अहम मुकाबले में कमाल का प्रदर्शन करते हुए न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को चारो खाने चित कर दिये। गायवाड ने 7.3 ओवर में एक मैडन रखते हुए 15 रन देकर पांच खिलाड़ियों को आउट किया। 26 वर्षीय गायकवाड का वनडे में यह सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन है। इससे 18 रन पर चार विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन था जाे उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ हासिल किया था। गायकवाड के अलावा दीप्ति शर्मा ने 26 रन पर दो विकेट और झूलन गोस्वामी, शिखा पांडे तथा पूनम यादव ने एक-एक विकेट हासिल किया। 


इससे पहले रन मशीन और कप्तान मिताली राज (109) के शानदार शतक और वेदा कृष्णामूर्ति (70) तथा हरमनप्रीत कौर (60) के बेहतरीन अर्धशतकों की बदौलत भारत ने सात विकेट पर 265 रन का मजबूत स्कोर बनाया और फिर न्यूजीलैंड की टीम को 79 पर ढेर कर 186 रन से मैच जीत लिया। टाॅस जीतकर पहले गेंदबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम ने भारत के दोनों ओपनरों पूनम राउत (4) और स्मृति मंधाना (13) को 21 रन के अंदर प्वेलियन भेज दिया। लेकिन इसके बाद मिताली ने 123 गेंदों में 11 चौकों की मदद से 109 रन की शानदार शतकीय पारी खेलकर टीम को एक सम्मानजक स्कोर तक पहुंचा दिया। वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने का रिकार्ड अपने नाम करने वाली स्टार बल्लेबाज मिताली ने अपने करियर का छठा शतक जड़ा। कप्तान मिताली 49.3 ओवर में आउट हुई। टूर्नामेंट में मिताली अब तक तीन अर्धतशतक भी जड़ चुकी है। मिताली ने मध्यम क्रम की बल्लेबाज कौर के साथ तीसरे विकेट के लिए 27.3 ओवर में 132 रन आैर कृष्णामूर्ति के साथ पांचवें विकेट के लिए मात्र 13 ओवर में 108 रन की बेशकीमती शतकीय साझेदारी की। 34 वर्षीय मिताली के अलावा कृष्णामूर्ति ने 45 गेंदों पर सात चौकों और दो छक्कों की मदद से 70 रन की विस्फोटक पारी खेली। 24 वर्षीय कृष्णामूर्ति का यह छठा अर्धशतक है। मिताली और कृष्णामूर्ति के अलावा कौर ने भी 90 गेंदों में सात चौकों की मदद से 60 रन की उपयोगी पारी खेली। उन्होंने अपने करियर का नौंवा अर्धशतक ठोका। मंधाना ने 24 गेंदों में 13 रन की पारी में दो चौके जड़े। न्यूजीलैंड की तरफ से लैग कास्पेरेक ने 45 रन पर तीन विकेट और हन्ना रोवे ने 30 रन पर दो विकेट झटके। ली ताहु ने 49 रन पर एक विकेट हासिल किया। अपने पिछले दोनों मैच हार चुकी भारतीय टीम को टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए यह मैच हर हाल में जीतना था। 

विंबलडन : मुगुरूजा बनीं विंबलडन की नई मल्लिका

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लंदन, 15 जुलाई, स्पेन की गरबाइन मुगुरूजा ने करिश्माई प्रदर्शन करते हुए पांच बार की पूर्व चैंपियन अमेरिका की वीनस विलियम्स को शनिवार को एकतरफा अंदाज में 7-5, 6-0 से हराकर विंबलडन टेनिस चैंपियनशिप का महिला एकल खिताब जीत लिया। मुगुरूजा इसके साथ ही विंबलडन की नई मल्लिका बन गई। मुगुरूजा को पहले सेट में थोड़ा संघर्ष करना पड़ा। लेकिन दूसरे सेट में उन्होंने 37 वर्षीय वीनस को पूरी तरह धोकर रख दिया। मुगुरूजा का यह दूसरा ग्रैंड स्लेम खिताब है। इससे पहले उन्होंने 2016 में फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। मुगुरूजा ने पूर्व नंबर एक खिलाड़ी वीनस को हराने में एक घंटे 17 मिनट का समय लगाया। 14 वीं सीड मुगुरूजा ने इसके साथ ही 10 वीं सीड वीनस का छठी बार विंबलडन चैंपियन बनने का सपना तोड़ दिया। वीनस आठ वर्ष के अंतराल के बाद विंबलडन का फाइनल खेल रही थी। लेकिन स्पेनिश खिलाड़ी स्टिक प्रदर्शन के सामने उनकी एक नहीं चली। 37 वर्षीय वीनस को उनके सेमीफाइनल तक के जबर्दस्त प्रदर्शन और कई युवा खिलाड़ियों को लुढ़काने के कारण खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। यदि वीनस इस खिताब को जीतती तो वह सबसे उम्रदराज विंबलडन चैंपियन बन जाती। लेकिन मुगुरूजा ने उन्हें चैंपियन बनने का मौका नहीं दिया। वीनस इस साल के शुरू में अपनी छोटी बहन सेरेना विलियम्स से हारकर उपविजेता रहीं थी और विंबलडन में भी उन्हें उपविजेता रहकर संतोष करना पड़ा। मुगुरूजा वर्ष 2015 में विंबलडन के फाइनल में सेरेना से हारी थी। लेकिन उस हार का बदला उन्होंने इस बार वीनस से चूका लिया। 


23 वर्षीय मुगुरूजा ने मैच में 14 विनर्स लगाए और सात में से चार बार वीनस की सर्विस तोड़ी। वीनस ने हालांकि 15 विनर्स लगाए। लेकिन उन्हें 25 बेजा भूले बहुत भारी पड़ी जो उनकी हार का सबसे बड़ा कारण रहा। दूसरे सेट में तो वीनस मुकाबले में बिलकुल भी खड़ी नहीं हो पाई। मुगुरूजा के खिताब जीतने के कुछ मिनटों बाद ही उनका नाम विंबलडन टेनिस चैंपियनशिप की महिला विजेताओं के बोर्ड पर भी अंकित हो गया। मुगुरूजा ने अपनी दूसरी सर्विस पर 50 फिसदी अंक जीते जबकि वीनस 33 फिसदी अंक ही जीत पाई। वीनस को तीन बार मुगुरूजा की सर्विस तोड़ने का मौका मिला। लेकिन वह एक बार भी इसका फायदा नहीं उठा सकी। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह पांचवां करियर मुकाबला था जिसमें मुगुरूजा ने दूसरी बार जीत हासिल की। मुगुरूजा ने इस साल रोम मास्टर्स के क्वार्टरफाइनल में भी वीनस को हराया था। मुगुरूजा ने पहले सेट में वीनस की कड़ी चुनौती पर काबू पाते हुए लगातार नौ गेम जीते और लगातार दो वर्षाें में दूसरा ग्रैंड स्लेम खिताब अपने नाम किया। स्पेनिश खिलाड़ी की तरफ से यह एक बेहतरीन प्रदर्शन था और वह खिताब की सही हकदार बनीं। मुगुरूजा इस जीत के साथ विजेता ट्राफी उठाने वाली स्पेन की दूसरी खिलाड़ी बन गई है। इससे पहले यह उपलब्धि कोंचित मार्टिनेज को हासिल थी जिन्होंने 1994 में मार्टिना नवरातिलोवा को हराया था। मार्टिनेच इस टूर्नामेंट के दौरान मुगुरूजा को कोचिंग दे रही थी। यह दिलचस्प तथ्य है कि जब मार्टिनेज ने जब नवरातिलोवा को हराया था तो नवरातिलोवा की उम्र 37 वर्ष थी और जब मुगुरूजा ने वीनस को हराया तोे वीनस की उम्र भी 37 वर्ष है। मुगुरूजा ने इस खिताब जीत के बाद कहा,“ वीनस के खिलाफ फाइनल खेलना अविश्वसनीय रहा। दो वर्ष पहले जब मैं फाइनल में सेरेना के हाथों हारीं थी ताे उन्होंने मुझसे कहा था कि एक दिन मैं जरूर जीतूंगी।” 

पांच साल में 70 लाख को रोजगार देगी योगी सरकार

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लखनऊ 15 जुलाई, उत्तर प्रदेश सरकार अगले पांच सालों में 70 लाख युवाओं को रोजगार मुहैया करायेगी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां तीसरे विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि आगामी पांच वर्षों में प्रदेश सरकार का 70 लाख व्यक्तियों को रोजगार देने का लक्ष्य है, जिसमें से 10 लाख लोगों को रोजगार व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के माध्यम से दिया जाना है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कृषि, डेयरी, लघु उद्योग, औद्योगिक विकास आदि सभी विभागों को बेहतर समन्वय के साथ प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि मौजूदा समय में रेडीमेड गाॅरमेन्ट, मोबाइल रिपेयरिंग, फूड प्रोसेसिंग आदि में रोजगार की बड़ी सम्भावनाएं हैं। इन क्षेत्रों में कौशल विकास के प्रयास होने चाहिए। नौजवानों को कौशल विकास से होने वाले लाभ के प्रति जागरूक किए जाने की भी आवश्यकता है।

लिली सिंह यूनिसेफ की नयी वैश्विक सद्भावना दूत

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नयी दिल्ली 15 जुलाई, सुपरवूमैन के नाम से प्रसिद्ध भारतीय मूल की कनाडाई अभिनेत्री, कॉमेडियन और लेखिका लिली सिंह को आज यूनीसेफ ने अपनी नयी सद्भावना दूत नियुक्त किया, यूनीसेफ के यहां आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में 28 वर्षीय सुश्री सिंह को नयी वैश्विक सद्भावना दूत घोषित किया गया। इसके साथ ही सुश्री सिंह अब यूनिसेफ के अन्य कई सद्भावना दूत डेविड बेकैम, ओर्लान्डो ब्लूम, जैकी चैन, मुज़ून, अल्मेल्लेहान, डैनी ग्लोवर, लियाम नीसन, प्रियंका चोपड़ा, रिकी मार्टिन और शकीरा जैसों की महत्वपूर्ण सूची में शामिल हाे गयीं हैं। सुश्री सिंह के यूट्यूब पर एक करोड 10 लाख फॉलोअर हैं और इसे दो अरब से ज्यादा लोग देख चुके हैं। इस साल उन्होंने अपनी पुस्तक अंतरराष्ट्रीय और न्यूयाॅर्क टाइम्स की बेस्ट सेलिंग ‘बुक हाउ टू बी ए बॉसे’ जारी की है और हाल में उन्होंने एचबीओ की फिल्म ‘फारेनहाइट 451’ में भूमिका निभाई है। इसके साथ-साथ उन्हें फोर्ब्स मैगज़ीन की मनोरंजन श्रेणी में सर्वाधिक प्रभावित करने वालों की सूची में प्रथम स्थान दिया गया है।

विधानसभा परिसर में फिर रसायन पदार्थ मिलने से सुरक्षाकर्मियों के फूले हाथ-पावं

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लखनऊ 15 जुलाई, उत्तर प्रदेश विधानसभा में मिले विस्फोटक की जांच चल रही है कि विधान भवन के परिसर में एक और रसायन पदार्थ के मिलने से सुरक्षाकर्मियों के हाथ-पांव फूल गये। आनन-फानन में मौके पर पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी पहुंच गये। राज्य पुलिस के आतंकवादी निरोधक दस्ते (एटीएस) महानिरीक्षक असीम अरुण ने बताया कि कल रात विधान भवन का विस्तृत चेकिंग किया जा रहा था। चेकिंग के दौरान पान मसाले के पैकेट आदि मिले थे। उस पैकेट काे जिसमें मैग्नीशियम सल्फेट मिला है उसको कब्जे में लिया गया है। श्री अरुण के मुताबिक मैग्नीशियम सल्फेट पैकिंग मटेरियल में ‘ड्राइंग एजेन्ट’ के रुप में प्रयोग किया जाता है। एटीएस ने इसे कब्जे में ले लिया है। आवश्यकता होगी तो इसका वैज्ञानिक परीक्षण कराया जायेगा। उधर, सदन में मिले विस्फोटक की जांच चल रही है। एटीएस, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के वरिष्ठ अधिकारियों ने विधान भवन का दौरा कर चप्पे चप्पे की निगरानी की। शनिवार होने के कारण आज छुट्टी है फिर भी आने जाने वालों की गहन चेकिंग के बाद ही विधान भवन में प्रवेश दिया जा रहा है। भवन के सभी प्रवेश द्वारों पर पीएसी तैनात है। श्री अरुण के अनुसार जांच में कोई कोताही नहीं होगी। उन्होंने कुछ लोगों से पूछताछ करने के संकेत दिये हैं। उनका कहना था कि आवश्यकता पडी तो विधायकों से भी पूछताछ की जायेगी। विस्फोटक मिलने वाले स्थान पर केवल विधायक, सदन के सुरक्षाकर्मी और सफाईकर्मी ही जा सकते हैं। उनका कहना था कि जांच में सीसीटीवी फुटेज की भी मदद ली जा रही है। गौरतलब है कि सदन के अन्दर समाजवादी पार्टी (सपा) सदस्यों के बैठने वाले स्थान की एक सीट की कुशन के नीचे गत 12 जुलाई को सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले नियमित जांच के दौरान सफेद पाउडर पाया गया था। फारेंसिक लैब में जांच के बाद वह खतरनाक विस्फोटक पेन्टाइरीथ्रिटाल नाइट्रेट (पीईटीएन) निकला। कल इसकी जानकारी होते ही शासन-प्रशासन सकते में आ गया। सदन में अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता विपक्ष राम गोबिंद चौधरी ने इसे चिन्तनीय बताते हुए उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता बतायी। इस मामले की जांच राज्य की एटीएस के साथ ही एनआईए को सौंप दी गयी है। जांच के साथ साथ सुरक्षा के कई और कारगर कदम उठाये गये हैं।

शरद यादव ने की सोनिया से मुलाकात

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नयी दिल्ली 15 जुलाई, बिहार में महागठबंधन के दो बड़े घटक दलों के बीच रिश्तों में बढ़ती खटास के बीच जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने आज यहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। सूत्रों ने हालांकि श्रीमती गांधी के आवास पर हुई इस बैठक में हुई चर्चा के बारे जानकारी नहीं दी। राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम भ्रष्टाचार के मामले में आने के बाद से नीतीश कुमार नीत जद (यू),राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के महागठबंधन को सबसे बड़े संकट का सामना करना पड़ रहा है। जद (यू) नेतृत्व और विशेषकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संकेत दिये है कि श्री तेजस्वी यादव को इस्तीफा देना चाहिए लेकिन राजद ने इस मांग को खारिज कर दिया है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कल कहा था कि उनका बेटा इस्तीफा नहीं देंगा। जद (यू) के नेताओं का कहना है कि श्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे और महागठबंधन को हालांकि तत्काल कोई खतरा नहीं है।

राजग की कल बैठक, उपराष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा संभव

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नयी दिल्ली 15 जुलाई, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव तथा संसद के मानसून सत्र की रणनीति पर विचार के लिये राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सभी घटक दलों की बैठक कल अपराह्न बुलाई गई है, राजग के सूत्रों ने आज यहां बताया कि संसद के पुस्तकालय भवन परिसर में अपराह्न चार बजे राजग की बैठक होगी जिसमें उपराष्ट्रपति पद के लिये सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवार के नाम की घोषणा होने की संभावना है। राजग की बैठक में राष्ट्रपति चुनाव के लिये सोमवार को होने वाले मतदान तथा संसद के मानसून सत्र के लिये रणनीति पर चर्चा होगी। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक भी होने की संभावना है। विपक्ष पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर चुका है। श्री गांधी के सोमवार को नामांकनपत्र दाखिल करने की उम्मीद है। संसद का मानसून सत्र 17 जुलाई से 13 अगस्त तक होगा। सोमवार 17 जुलाई को राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिये मतदान होना है। जबकि 18 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद के लिये नामांकन की आखिरी तारीख है। उपराष्ट्रपति पद के लिये पांच अगस्त को चुनाव होना है। राष्ट्रपति पद के लिये सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को बीजू जनता दल, जनता दल यूनाइटेड, अन्नाद्रमुक के दोनों गुट तथा इंडियन नेशनल लोकदल का भी समर्थन हासिल है। श्री कोविंद का मुकाबला 17 विपक्षी दलों की उम्मीदवार पूर्व लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार से है। संसद के मानसून सत्र के सुचारु रूप से संचालन के मकसद से संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कल ही पूर्वाह्न सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया है जबकि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शाम को सात बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

चीन सीमा, कश्मीर और किसानों के मुद्दे पर बरसेगा विपक्ष

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नयी दिल्ली 15 जुलाई, राजधानी में बदरा भले ही झमाझम नहीं बरस रहे हों लेकिन चीन के साथ सीमा पर तनाव , कश्मीर के बिगड़ते हालात , किसान आंदोलन और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे मुद्दों पर विपक्ष सोमवार से शुरु हाे रहे संसद के मानसून सत्र में सरकार पर जमकर बरसने को तैयार है, कुछ विपक्षी दलों के नेताओं और उनके परिजनों के ठिकानों पर सीबीआई , आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय के छापों , गौ रक्षा के नाम पर पीट - पीट कर हत्या किये जाने की घटनाओं को भी विपक्षी दल जोर शोर से उठायेंगे। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में गोरखालैंड आंदोलन तथा राज्य में कुछ स्थानों पर दंगों की घटनाएं भी संसद में उठने की संभावना है। कश्मीर में आतंकवाद की बढ़ती घटनायें विशेष कर अमरनाथ यात्रियों पर हुये हमले से देश के लोगों में नाराजगी के मद्देनजर विपक्ष सरकार पर तीखा हमला बोलने की तैयारी में है। वह सरकार पर पाकिस्तान के मामले में ‘ढुलमुल’ नीति अपनाने का भी आरोप लगाता रहा है । पश्चिम बंगाल और पुदुचेरी में सरकार और राज्यपाल के बीच कथित टकराव का मुद्दे को लेकर भी इस सत्र के दौरान गहमागहमी रहने के आसार हैं। बजट सत्र में देश भर में एक कर व्यवस्था लागू करने संबंधी जीएसटी विधेयकों को मंजूरी दिलाने के बाद सरकार इस सत्र में कुछ अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की कोशिश करेगी। इनमें राष्ट्रीय पिछडा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से संबंधित 123 वां संविधान संशोधन विधेयक , मोटर यान संशोधन विधेयक , बैंकिंग नियमन संशोधन विधेयक आदि प्रमुख हैं। बैंकिंग नियमन संशोधन के लिए सरकार मई में अध्यादेश जारी कर चुकी है।

विशेष आलेख : भारतीयों पर आलसी होने का दाग लगना

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दुनिया के सबसे आलसी देशों में भारत का अव्वल पंक्ति में आना न केवल शर्मनाक बल्कि सोचनीय स्थिति को दर्शाता है। जिस देश का प्रधानमंत्री 18 से 20 घंटे प्रतिदिन काम करता हो, वहां के आम नागरिकों को आलसी होने का तमगा मिलना, विडम्बनापूर्ण है। आलसी होना न केवल सशक्त भारत एवं नये भारत की सबसे बड़ी बाधा हो सकती है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि हम समय रहते जाग जाये और अतीत के उन तमाम सन्दर्भों, व्यवहारों एवं जीवनशैली को अलविदा कहें जिनकी वजह से हमें आलसी होने का खिताब मिला है। हमारी सुस्ती टूट जानी चाहिए क्योंकि यह दरअसल एक धब्बा है जो न केवल हमारी संस्कृति बल्कि जीवनमूल्यों को धुंधला रही है। आज राष्ट्रीय गौरव इसलिए खतरे में नहीं है कि आलस बढ़ रहा है। आलस सदैव रहा है- कभी कम और कभी ज्यादा। सबसे खतरे वाली बात यह है कि सुविधावाद के प्रति आस्था सघन हो रही है।


स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी ने 46 देशों के 7 लाख लोगों का सर्वे किया और पता लगाने की कोशिश की कि कहां के लोग हर दिन औसतन कितने कदम चलते हैं। इसके लिए लोगों के स्मार्टफोन में इन्स्टॉल किए गए स्टेप काउन्टर्स की मदद से उनकी पैदल चलने की गतिविधि का अनुमान लगाया गया और इस आधार पर एक तालिका तैयार की गई। इस तालिका से पता चला कि सबसे सक्रिय एवं जागरूक चीनी लोग हैं, उनमें भी खास तौर पर हांगकांग के लोग हैं, जो एक दिन में औसतन 6880 कदम चलते हैं। सबसे निचले पायदान पर इंडोनेशिया रहा, जहां लोग औसतन 3513 कदम चलते हैं। भारत 39 वें स्थान पर है, यानी पेंदी से जरा ऊपर। हम भारतीय औसतन एक दिन में 4297 कदम चलते हैं। जबकि विशेषज्ञ बताते हैं कि सेहतमंद लोगों को कम से कम 10000 कदम हर दिन चलना चाहिए और राष्ट्र निर्माण में जुटें संकल्पवान लोगों को तो इससे भी अधिक क्रियाशील रहना चाहिए। हम कोशिश करें कि ‘जो आज तक नहीं हुआ, वह आगे कभी नहीं होगा’ इस बूढे़ तर्क से बचकर नया प्रण जगायें। बिना किसी अकर्मण्यता के निर्माण की नई सीमायें खींचे। यही साहसी सफर शक्ति, समय और श्रम को सार्थकता देगा और इसी से हमारे आलसी होने का दाग भी मिट सकेगा। 

आलसी और अकर्मण्य होना न केवल राष्ट्र के लिये बल्कि स्वास्थ्य के लिये भी नुकसानदेह है। अनेकानेक बीमारियों का बढ़ना इसी आलसी प्र्रवृत्ति का परिणाम है। डायबिटीज, डिप्रेशन, हाइपरटेंशन एवं मोटापा जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। कुछ लोगों ने इसीलिये सक्रिय होना स्वीकार किया है। इसीलिये वे जिम जाने, सुबह पार्क में टहलने या योग करने को विवश हुए हंै, लेकिन यह सब पर्याप्त नहीं है। बढ़ती सुविधावादी जीवनशैली ने आदमी को ज्यादा आलसी बनाया है। हमारे देश का दुर्भाग्य है कि यहां के लोगों ने सुविधा और साधनों को ही जीवन का लक्ष्य बना लिया है। सुखवाद और सुविधावाद की मानसिकता को संयम का बोध-पाठ देना होगा अन्यथा अकर्मण्यता का, अपसंस्कृति और विलासिता का बढ़ता सैलाब हमारी संस्कृति और संस्कारों की धरोहर को ले डूबेगा। समाज एवं देश की नेतृत्व-शक्ति का दायित्व है कि वो देश के हितों के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के संस्कारों की सुरक्षा करें ताकि आलसी होने का संकट टल सके।

हाल के सामाजिक-आर्थिक विकास ने कई सुविधाएं पैदा की हैं, तो कई समस्याओं को भी न्योता दिया है। समृद्धि बढ़ने के साथ हर आय-वर्ग के लोगों का कार रखना आम बात है। पहले लोग खरीद-फरोख्त और मनोरंजन के लिए दूर-दूर निकल जाते थे, अब ऐसे सभी कामों के लिए कार से जाते हैं। बाजार खुद घर के भीतर तक आ पहुंचा है। ऑनलाइन शॉपिंग की सुविधा मिलने के बाद खरीदारी के लिए बाहर जाने की जरूरत ही नहीं रह गई है। खाना तक घर पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में चलने-फिरने का कोई दबाव किसी पर नहीं है। 
विशेषज्ञों और डायटिशन के अनुसार फिट रहने के लिए रोज 10 हजार कदम चलना जरूरी है। इतना ही नहीं, आपको पूरे दिन ऐक्टिव रहना होगा। इसके लिए हमें अपने रहन-सहन के साथ अपनी सोच भी बदलनी होगी। चलने-फिरने का कोई मौका हाथ से न जाने दें। दफ्तरों में वर्क कल्चर ऐसा बनाया जाए कि लोगों को सक्रिय एवं जागरूक रहने का अवसर मिले। हमें अपनी जरूरत से जुड़े काम खुद करने की आदत डालनी होगी। इसके लिए सबसे पहले इस सोच से मुक्त होना होगा कि शिक्षित और समृद्ध व्यक्ति अपने काम दूसरों से करवाता है। आज उद्देश्यों की ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिये औरो की बैशाखियां नहीं चाहिए। हमंे खुद सीढ़िया चढ़कर मंजिल तक पहुंचाना है। अपनी क्षमताओं पर अविश्वास कर आलसी और अकर्मण्य नहीं बनना है। हमें खुद ब्रह्मा बनकर अपना भाग्यलेख लिखना है। औरों के विचारों एवं साधनों पर अपना घर नहीं बनाना है। जीवन का हर क्षण एक अवसर है। आंखे मंूदें रहकर उसे खोना नहीं है। यदि अब भी आंख खोलकर देखना शुरू नहीं किया तो उजाला घर में हो या बाहर, कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

हम कह सकते हैं कि यह सर्वेक्षण अधूरा है क्योंकि इसमें सिर्फ स्मार्टफोन वालों को शामिल किया गया है। हमारे यहां गांवों में आज भी लोग जबर्दस्त परिश्रम करते हैं। चलते रहना उनकी आदत में शामिल है। लेकिन स्मार्टफोन रखने वाले तबके को भी इतना छोटा न समझें। इसमें महानगरों से लेकर गांवों तक, उच्च वर्ग से लेकर निम्न मध्यवर्ग तक सभी शामिल हैं। यह सर्वे उन सबके रहन-सहन और स्वास्थ्य पर गहरा रहे संकट की ओर इशारा करता है। क्योंकि जीवन आलस में डूबता है तो समझना चाहिए कि हमने सम्पूर्ण बुराइयों को बाहर भीतर आने-जाने का खुला रास्ता दे दिया है। इस आलस एवं अकर्मण्यता को बढ़ावा देकर हम अपने हाथों अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार देते हैं, क्योंकि जहां आलस है वहां हिंसा है, भय है, परिग्रह है, अवरोध है, अविकास है, आत्मविस्मृति है। व्यक्ति जब-जब बाहरी भीड़ में स्वयं को खो देता है तब-तब भटकता है, दुःखो की पंक्ति खड़ी कर लेता है। 
विशेषज्ञों के अनुसार सुबह एक घंटे का प्रातः भ्रमण सभी तरह के व्यायाम की पूर्ति कर देता है, लेकिन ऐसा नहीं है, पूरा दिन सक्रिय रहना जरुरी है। आलस एवं अकर्मण्यता को दूर करने के लिये मानसिक प्रेरणा का प्रभाव जादू की तरह असर करता है। यदि हम सोच ही लें कि हम कमजोर हैं, कुछ नहीं कर सकते, तो हम वाकई में कमजोर हो जाएंगे और यदि सोचें कि हम सर्वशक्तिमान हैं, हम व्यवस्था बदल सकते हैं, हम इंकलाब ला सकते हैं, तो हम ले आएंगे। इसके लिये जरूरी है कि हमें बिन बतलाये वक्त का एक लमहा भी आगे सरकने न पाए, ऐसी जागृति जरूरी है। राष्ट्रीय चरित्र का सुरक्षा कवच है कर्मण्यता एवं अप्रमाद। जहां जागती आंखों की पहरेदारी में बुराइयों की घुसपैठ संभव ही नहीं। इसलिये मनुष्य की परिस्थितियां बदले, उससे पहले प्रकृति एवं जीवनशैली बदलनी जरूरी है। आलस राष्ट्र की धमनियों में फैल रहा ऐसा जहर है, जो सम्पूर्ण संभावनाओं को ग्रहण लगा सकता है। जहर नागिन की जीभ में होता तो उसे गिरफ्त में लिया जा सकता है, पर जहर आदमी के शरीर में घूस गया है। आज राष्ट्र के पास बहुत कुछ होते हुए भी ”राष्ट्रीय चरित्र“ के अभाव में हमारे 250 करोड़ हाथ ताकत नहीं कमजोरी साबित हो रहे हैं। हमारा वजन राष्ट्र ढो रहा है, जबकि राष्ट्र का भार हमारे कंधों को उठाना चाहिए था। 

एक और प्रमुख वैचारिक और मनोवैज्ञानिक बाधा है वह है- विधि का विधान या भाग्य।  कहीं लिखा है कि कलियुग में दिन-प्रतिदिन धर्म की हानि व अधर्मोन्नति होगी तो ऐसा ही होगा, यह मान लेना गलत है। भाग्य के भरोसे बैठना मूर्खता है। अर्थात, जो आलसी होता है, वही भाग्य का रोना रोता है। हमें एक नयी जीवनशैली को विकसित करना होगा। बस, वही क्षण जीवन का सार्थक है जिसे हम पूरी जागरूकता के साथ जीते हैं और वही जागती आंखों का सच है जिसे पाना हमारा मकसद है। ऐसा करके ही हम आलसी होने के कलंक से स्वयं को मुक्त कर पाएंगे।




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(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई॰ पी॰ एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

बिहार : बिन्द समुदाय के लोग का कष्टमय जीवन

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पटना। एल.जे.पी. की जिला महासचिव हैं सोनी देवी। रविवार को न्यू बिन्द टोली,कुर्जी का भम्रण किया। भ्रमण के बाद एल.जे.पी. नेत्री सोनी देवी ने कहा बिन्द समुदाय के लोग कष्टमय जीवन व्यतित कर रहे हैं। बढ़ती गंगा प्रवाह के कारण एल.सी.टी. और गोसाई टोला के सामने निर्मित मार्ग पर पानी भर गया है। इसी राह से किसान और पब्लिक दियारा क्षेत्र में आवाजाही करते थे। अब एक ही मार्ग बच गयी है जो कुर्जी मोड़ के सामने है।


मिट्टी भर मार्ग चलने लायक बना रहे हैं
माँ गंगा को शहर के निकट लाने के.प्रयासक्रम में नहर निर्माण किया गया। ऐसा करने से नहर में कुछ दिन गंगा नदी का पानी ठहरा। गंगा नदी का पानी घटने से नहर का पानी उतर गया।.इसके बाद नहर तो नाली में तब्दील हो गया। राजापुर, मैनपुरा, एल.सी.टी.घाट, गोसाई टोला,सदाकत आश्रम,कुर्जी हॉस्पिटल, नवज्योति निकेतन, कुर्जी आदि का पानी गिरने लगा। इसे जगह-जगह घेर दिया. इसी जगह पर मार्ग बनायी गयी। तीन में दो पर पानी चढ़ गया है। इसके कारण आवाजाही ठप हो गयी है।जो एक मार्ग शेष है, उसपर मिट्टी भरभर ऊंची बनायी जा रही है।

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इस हालात में गौ माता को देखकर राम-राम कर रहे हैं
सामाजिक कार्यकर्ता गुड्डू बाबा परेशान हैं। परेशानी का सबब है कि पशुओं को बेहतर ढंग से अंतिम क्रिया हो। इस बाबत जनहित याचिका दायर की गयी है। माननीय पटना उच्च न्यायालय ने प्रस्ताव पारितकर सरकार को आदेश भी निर्गत कर रखा है। जिसपर सरकार के नौकरशाह अमल नहीं कर रहे हैं। इसका असर गौ माता को भुगतना पड़ रहा है। इसे देखकर लोग राम-राम करके सड़न के बदबू से बचने  के लिये 'नाक'पर कपड़ा रखने को बाध्य हो रहे हैं।

‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम फुस्स : चिदम्बरम

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नयी दिल्ली, 16 जुलाई, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम का कहना है कि दुनिया में भारत को विनिर्माण क्षेत्र का केंद्र बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो साल पहले जिस ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की घोषणा की थी वह पूरी तरह विफल रहा है। श्री चिदम्बरम ने कहा है कि सत्ता में आने के बाद श्री मोदी ने देश को विनिर्माण क्षेत्र का प्रमुख केंद्र बनाने की घोषणा की थी और वह सचमुच बहुत अच्छी पहल थी क्योंकि कोई भी देश तब ही समृद्ध बन सकता है जब वह अपने लोगों की आवश्यकता की जरूरी वस्तुओं का खुद निर्माण करता है, लेकिन दो साल में मोदी सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ नीति घोषणा भर ही बन कर रह गयी है। इस दौरान सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र का निवेश पाने के प्रयास भी बेकार साबित हुये हैं। पूर्व वित्त मंत्री ने पार्टी के मुख पत्र ‘कांग्रेस संदेश’ के ताजा अंक में प्रकाशित एक लेख में कहा “प्रधानमंत्री मोदी बिल्कुल सही थे जब उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार का लक्ष्य, ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है। तब उन्होंने विश्व की विनिर्माण कंपनियों को ‘आओ और भारत में बनाओ’ कहकर आमंत्रित किया था। कोई भी बड़ा देश समृद्ध तभी बनता है जब वह अपने लोगों के उपयोग की वस्तुओं का विनिर्माण शुरू करता है। कोई भी देश यदि अपने लोगों की आवश्यकता वाली वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करने में सक्षम है वह तब ही समृद्ध हो सकता है। ” श्री चिदम्बरम ने कहा कि अब दो साल बाद ‘मेक इन इंडिया’ की स्थिति क्या है यह सबके सामने है। केंद्रीय सांख्यिकी संगठन ने विनिर्माण के सकल मूल्य संवर्धन(जीवीए)के जो आंकड़े दिए हैं उसमें 2015-16 की चौथी तिमाही और 2016-17 चौथी तिमाही के बीच लगातार गिरावट दर्ज की गयी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 15 अगस्त 2015 को ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की घोषणा की थी और उसके बाद कहीं भी यह कार्यक्रम तेज पकड़ता नहीं दिखा है। विनिर्माण क्षेत्र के इस घोषणा से तेजी पकड़ने के उलट इसकी गति काफी धीमी पड़ गयी। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि जब सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ जैसे अहम कार्यक्रम के जरिए देश को विनिर्माण क्षेत्र का हब बनाने और इसके लिए कार्यक्रम शुरू किया तो इसके संचालन के लिए उचित प्रशासनिक ढांचागत व्यवस्था तैयार नहीं की गयी। परिणाम यह हुआ कि देश की सकल स्थिर पूंजी संरचना(जीएफसीएफ) हर तिमाही में गिरती रही और एक साल में इसमें 2.3 प्रतिशत की कमी आ गयी, जो एक तरह की आपदा है। उन्होंने कहा यह कार्यक्रम अच्छा था लेकिन इसे संचालित करने और गति देने में सरकार असफल रही जिसके कारण यह त्रासदी बन गया है। उन्होंने लिखा “मैंने मेक इन इंडिया’ का स्वागत किया था। यह अभिनव और नई आकांक्षा पैदा करने वाला था लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा लगता है कि घोषणा से पहले इसके लिए कोई तैयारी नहीं की गयी और बाद में भी कोई नीतिगत बदलाव नहीं हुए और मेक इन इंडिया एक खोखला नारा बन कर रह गया।”

दुमका : एलईडी की दूधिया रौशनी से बाबा वासुकिनाथ महादेव का दरबार जगमगा उठा है

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वासुकिनाथ (दुमका) से अमरेन्द्र सुमन, दूधिया रंग से रंग गई है बाबा की नगरी, उसपर गेरुवावस़्धारियों का बड़ा हुजूम। देखते ही बनता है नजारा यहाँ का। मंदिर परिषद के चारों ओर प्रतीत होता है स्वर्ग से साक्षात महादेव व पार्वती का आगमन इस पवि़त्र धरती पर हो गया है। पूरे 30 दिनों तक चलने वाले इस विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेले के दौरान बासुकिनाथ धाम में प्रतिवर्ष सावन व भादो माह में हजारों- लाखों की संख्या में श्रद्धालु फौजदारी बाबा बासुकिनाथ पर जलार्पण को आते हैं। यूँ तो आम दिनों में भी फौजदारी बाबा का दरबार भक्तों से भरा रहता है किन्तु श्रावणी मास का नजारा ही कुछ और होता है। चारों दिशाओं से लोगों का आगमन व बाबा के प्रति आस्था का सैलाव किन्तु इन्हीं दो महीनांे के दरम्यान वास्तविक रुप से देखा जा सकता है। इस वर्ष श्रावणी मेला में बासुकिनाथ धाम को पूरी तरह से मोंमेटम झारखंड के तर्ज पर सजा दिया गया है। सड़क, चैक-चैराहा से लेकर गली-मुहल्लो में एलईडी लाईटों से पूरे वातावरण को दूधिया बना दिया गया है। पूरे मेला प्रक्षेत्र में रंग-बिरंगे गेट बनाये गये हैं जो श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। बासुकिनाथ धाम के मुख्य प्रवेश द्वार अर्थात नंदी चैक से लेकर पूरे मेला क्षेत्र व कांवरिया रुट लाइनों में एलईडी की रंग बिरंगी छटा बरबस ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है।  इलेक्ट्रिक पोल में भी एलईडी पट्टा लपेटा गया है जो अंधकार को अपने सामने आने देने से दूर करता है। जगह-जगह पर्याप्त रौशनी की व्यवस्था से पूरे मेला क्षेत्र में देर रात्रि तक भक्त घूमते हुए नजर आते है। पेड़ा, इलाइची दाना, सिन्दूर से लेकर बद्धी, कड़ा, पूजा सामग्रियों से संबंधित दूकानों व श्रृंगार प्रसाधन दुकानों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है।  श्रद्धालुओं के लिये निःशुल्क विश्राम के निमित्त जिला प्रशासन सूचना जनसम्पर्क दुमका द्वारा बनाये गये सभी आवासन केन्द्रों में भी एलईडी लाइट लगाये गये हैं। पूरे मेला क्षेत्र में कब सुबह और शाम होती है यह मेला क्षेत्र से बाहर निकलने के बाद ही पता चल पाता हैं। बासुकिनाथ धाम स्थित शिवगंगा को भी विशेष रुप से सजाया गया है। विदित हो, बाबा पर जलार्पण करने से पूर्व श्रद्धालु भक्त शिवगंगा में आस्था की डुबकी लगाते है फिर बाबा के दर्शनार्थ वे मंदिर की ओर बढ़ते हैं। मेला में एलईडी स्क्रीन से हो रहा है प्रचार-प्रसारः- राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2017 में प्रतिदिन देश के सभी कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं को फौजदारी बाबा पर जलार्पण के लिये बासुकिनाथ धाम पहुँचते हुए देखा जा रहा है। श्रद्धालुओं को जिला प्रशासन द्वारा तमाम तरह की सुविधाएँ मुहैया करवायी जा रही हैं। पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष श्रद्धालुओं के लिये बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएँ की गयी हैं। पूरे मेला क्षेत्र में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा 5 बड़े-बड़े एलइडी स्क्रीन लगाये गये हैं। यह सभी एलईडी स्क्रीन चिन्हित जगहों पर लगाये हैं ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालुओं की नजर एलईडी स्क्रीन पर पड़े। एलईडी स्क्रीन के माध्यम से सरकार के लिये जाने की योजनाओं व निर्णयों को दिखाया जा रहा है। एलईडी स्क्रीन के साथ-साथ बड़े-बड़े स्पीकर भी लगाये गए हैं ताकि मेला की व्यवस्था एवं भीड़-भाड़ के बीच की श्रद्धालुओं के बीच संदेश आसानी से सुनाई पड़े। झारखंड के मनोरम दृश्यों का प्रचार-प्रसार इन एलईडी स्क्रीनों के माध्यम से किया जा रहा है। इन माध्यमों से  प्रचार-प्रसार के माध्यम से से झारखंड पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। श्रावणी मेला के दौरान आने वाले लाखों श्रद्धालु इन एलईडी स्क्रीनों में दिखाये जाने वाले पर्यटन केन्द्रों की ओर आकर्षित होंगंे। इन एलईडी स्क्रीनों में उन सारी सरकारी योजनाओं को भी दिखलाया जा रहा है, बिना प्रचार-प्रसार के जो अपने उद्देश्यों की पूर्ति कर रहे हैं। इन एलईडी स्क्रीनों के माध्यम से आम जनता के बीच केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी पहँुचायी जा रही है। केन्द्र एवं व राज्य सरकार की योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच पहँुचाने के लिए सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा पूरे मेला क्षेत्र में एलईडी स्क्रीन लगाया गया है ताकि योजनओं का लाभ समाज में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहँुचे। साफ-सफाई का रखा जा रहा पूरा ख्याल:-मासव्यापी श्रावणी मेले के 7 वें दिन पूरे हो चुके है। बाबाधाम में जलार्पण करने के बाद हजारों की संख्या में श्रद्धालु फौजदारी बाबा के दरबार वासुकिनाथ धाम आ रहें हैं। पूरे एक माह तक चलने वाले श्रावणी मेले के दौरान श्रद्धालुगण एक अच्छा संदेश लेकर जायें इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने सुविधाओं का हर संभव प्रयास किया है। मेला क्षेत्र में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया है। मेला क्षेत्र को प्रतिदिन साफ-सुथरा रखा जा रहा है। नंदी चैक से लेकर संपूर्ण मेला क्षेत्र में सफाई कर्मी प्रतिनियुक्त हैं। सभी सफाई कर्मी पूरी ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वहण करते नजर आ रहे हैं। सभी सफाई कर्मी मध्यरात्रि से साफ सफाई में लग जाते है एवं पूरे दिन मेला क्षेत्र में साफ-सफाई करते नजर आते है। हाथ में कूड़े की ट्राॅली एवं झाड़ू लिये श्रद्धालुओं की सेवा में सभी सफाई कर्मी लगे हुए है। जलार्पण करने के बाद श्रद्धालुगण विश्राम करने के लिये सूचना जनसम्पर्क विभाग द्वारा बनाये गये निःषुल्क आवासन केन्द्र पहँुचते हैं। आवासन केन्द्र को पूरी तरह से रौषनी युक्त एवं हवादार बनाया गया है साथ ही 24ग7 सफाई कर्मी की नियुक्ति की गयी है ताकि श्रद्धालुओं को सफाई के साथ कोई समझौता नहीं करना पड़ें। कुल मिलाजुलाकर सफाई कर्मी की पूरी टीम पूरे मेला क्षेत्र की साफ-सफाई करने में जुडे हुए हैं। अब तक कुल 15, 059 लोगों की हुई निःशुल्क चिकित्सा व्यवस्था:-श्रावणी मेला 2017 में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाये गये विभिन्न चिकित्सा शिविरों में मेला प्रारंभ होने से लेकर अब तक कुल 15, 059 श्रद्धालुओं का निःशुल्क चिकित्सा किया जा चुका है। 16 जुलाई 2017 को कुल 2, 280 श्रद्धालुओं की निःशुल्क चिकित्सा करवायी गई है, जिनमें मुख्य प्रसासनिक शिविर के 469, स्वास्थ्य उपकेन्द्र के 80, स्वास्थ्य शिविर (सूचना मंडप) के 148, स्वास्थ्य शिविर बस स्टैण्ड के 122, वासुकिनाथ रेलवे स्टेशन के 68, रेफरल अस्पताल वासुकिनाथ के 49, राजस्व तहसील कचहरी के 117, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जरमुण्डी के 61, कांवरिया धर्मशाला सहारा के 30, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तालझारी के 29, स्वास्थ्य उपकेन्द्र कटहराटाड़ में 14, स्वास्थ्य शिविर बोगली के 36, स्वास्थ्य शिविर मोतिहारा में 69, स्वास्थ्य शिविर सुखजोरा में 88,  ओआरएस/इमरजेंसी काउन्टर में 83, 14 बुथों पर एन्टी पोलियो वैक्सीन काउन्टर में 734 व चलन्त चिकित्सा वाहन से 83 श्रद्धालुओं की निःशुल्क चिकित्सा व्यवस्था करवायी गई है। 

दुमका : कानूनी जागरुकता शिविर के माध्यम से दी जा रही निःशुल्क विधिक जानकारी

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दुमका ,श्रावणी मेले के दौरान फौजदारी बाब के दरबार में हजारों हजार की संख्या में श्रद्धालुगण वासुकीनाथ धाम पहुँचते हैं। जलार्पण के बाद श्रद्धालुगण पूरे मेला क्षेत्र में घूमते नजर आते हैं। सूचना विभाग द्वारा लगाये गये प्रदर्शनी शिविर में झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता शिविर लगाया गया है। इस शिविर में श्रद्धालुओं को पम्पलेट एवं बुक के माध्यम से कानून की जानकारी दी जा रही है। शिविर में प्रतिनियुक्त कर्मी श्रद्धालुओं को कानून की जानकारी देते नजर आ रहे हैं। देश के अधिकांश लोग निर्धन एवं अशिक्षित हैं जो समाजिक न्याय से वंचित रह जाते हैं। न्यायालयों में मुकदमे की संख्या अधिक होने के कारण शीघ्र एवं सस्ता न्याय बहुत कठिन हो गया है। इन सबको ध्यान में रखते हुए लोगों को जागरुक करने हेतु यह षिविर लगाया गया है। इस षिविर के माध्यम से विधिक सेवा के अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली सेवायें जैसे सरकारी खर्च, अभिलेखों कागजातों को तैयार करने का खर्च, गवाहों को आने-जाने का खर्च, मुकदमों से संबंधित अन्य जरुरी खर्च, साथ ही निःषुल्क विधिक सेवा पाने के हकदार तथा विधिक सेवा कहां से प्राप्त कर सकते हैं और प्राप्त करने का तरीका के बारे में बताया जा रहा है। षिविर में प्रतिनियुक्त कर्मियों ने बताया कि श्रावणी मेला के उद्घाटन से अब तक वासुकिनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं के बीच कुल 202 कानून की किताबों को बांटा गया है तथा 1480 पम्पलेट का वितरण किया गया है।

दुमका : छोटी-बड़ी दूकानों से सजा पड़ा है बाबा का दरबार

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) फौजदारी बाबा बासुकिनाथ महादेव का दरबार जहाँ एक ओर गेरुवावस्त्रधारियों से चारों ओर पटा हुआ है वहीं दूसरी ओर पूरा मेला परिसर व बाहरी क्षेत्र सैकड़ों अलग-अलग आईटमों की खरीद-बिक्री से बमबम है। झारखण्ड, बिहार, बंगाल, यूपी, एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, गुजरात व अन्य राज्यों सहित केन्द्र शासित प्रदेशांे के साथ-साथ देश के बाहर नेपाल, भूटान, तिब्बत, मारीशस, फिजी, सुरीनाम, नेपाल व बंग्लादेश के हिन्दू धर्मावलम्बी प्रतिदिन हजारों की संख्या में बाबा बैद्यनाथ व बासुकिनाथ पर जलार्पण को आते हैं। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रद्धालुओं के लिए नंदी चैक से लेकर बाबा के दरबार तक छोटी-मोटी दूकानें खोली गई हैं। सावन माह में पूर  तीस दिनों तक वासुकिनाथ धाम दुल्हन की भांति सजा दिखता है। मेला के दौरान स्थानीय दूकानों से शंखा-चूड़ी से लेकर आलता-बिंदी तक तथा काँसा, चाँदी-तांबा, पीतल, अल्मुनियिम खूब खरीददारी होती है। चप्पल की दुकान से लेकर पूजा प्रसाद तक सभी दुकाने केसरिया रंग से भरा दिखता है या ये कहें कि पूरे बाजार में ही केसरिया रंग का सैलाब आ जाता है। जगह-जगह भूट्टा, सूप, डलिया, अचार श्रद्धालुओं के लिए होटल, छोटे-छोटे बर्तन, तलवार, कैसट रिकाॅर्डिंग और अजीबो गरीब चीजें हरे-हरे चुड़ी, खिलौने, रंग विरंगी लाइट एक विषेष प्रकार की अनुभूति कराती जिसको वर्णन नहीं किया जा सकता। जलार्पण के बाद श्रद्धालुआंे की इतनी भीड़ रहती हैं कि 5 मिनट के रास्ते को 20 मिनट में तय किया जाता है बोलबम और साइड बम से पूरा वासुकिनाथधाम गुंजायमान रहता है। श्रद्धालुओं को तकलीफ न हो इस वजह से सभी दुकानें सड़क के किनारे लगायी गयी है। दुकाने कुछ नाम मात्र के ही स्थानीय लोगों द्वारा लगाया जाता है प्रायः सभी दुकान बाहर से लोग आकर लगाते है एवं श्रद्धालु की सेवा करते है। दुकानदार बताते है पूरे एक महीना वासुकिनाथधाम या बाबा के दरबार में आकर दुकान लगाने से बचे 11 महीने हमारी दुकानदारी ठीक रहती है। उन्होंने कहा कि यहां आने वाले श्रद्धालु बाबा के भक्त हैं और सभी अच्छे होते हैं। हम उनकी सेवा करते हैं एवं हर वर्ष उन्हें यहां आने का निमंत्रण भी देते हैं।

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