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बिहार : दुःख का दौर कटो रे भैया, सुख का दौर आयो रे!

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स्वस्थ भारत अभियान के पहल पर सीवान जिले के रजनपुरा उप स्वास्थ्य केंद्र की बदहाली का दौर ख़त्म होने लगा है। यहां पर सप्ताह में तीन दिन एएनएम उषा कुमारी की तैनाती हुई है। स्वास्थ्य केंद्र में चार कुर्सियां, टेबल, बेड और स्टूल की ब्यवस्था हो गयी है। कुछ जरुरी दवाइयाँ आ गईं हैं। हसनपुरा के प्रभारी अभय कुमार का तबादला कर दिया गया है। हसनपुरा प्रखंड का प्रभार हुसैनगंज के प्रभारी आर एन पाठक को दिया गया है। श्री पाठक ने स्वस्थ भारत से बातचीत में कहा कि वे रजनपुरा पंचायत के लोगों के साथ हैं। रजनपुरा की स्वास्थ्य ब्यवस्था ठीक करने में पूरी मदद करेंगे। उपस्वास्थ्य केंद्र की सफाई और बाउंड्री को दुरुस्त कराने में वे मदद करेंगे। दूसरी तरफ अपने गांव आये स्वस्थ भारत अभियान के राष्ट्रीय संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने मुखिया, सरपंच एवं उप सरपंच से इस बावत बातचीत की है। सबने इस बात का आश्वासन दिया है की वे अस्पताल के जीर्णोद्धार में मदद करेंगे। सामाजिक कार्यकर्त्ता चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि हमलोग अपने गांव पंचायत को आदर्श बनाना चाहते हैं। इसके लिए पूरा पंचायत सहयोग करने के लिए तैयार है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से मांग की कि वे गांव में जल्द से जल्द चिकित्सक की बहाली सुनिश्चित करें। गौरतलब हैं की पिछले दिनों रजनपुरा पंचायत के ग्रामीणों ने स्वास्थ्य मंत्री से गुहार लगाई थी और रजनपुरा उपस्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक बहाली की मांग की थी। जिसके आलोक में स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय ने सिविल सर्जन, सीवान को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसी आलोक में सिविल  सर्जन ने हसनपुरा के स्वस्थ्य अधिकारी अभय कुमार का तबादला कर दिया। विगत 4 जुलाई को सीएस ने रजनपुरा उप स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया था और एएनएम् को रेगुलर बैठने का निर्देश दिया था। साथ ही यहाँ पर जल्द चिकित्सक की नियुक्ति का आश्वाशन दिया था।


बिहार में ऑटो और बस के बीच टक्कर में दस की मौत , सात घायल

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हाजीपुर 18 जुलाई, बिहार में वैशाली जिले के सराय थाना क्षेत्र में पुरानी बाजार के समीप आज ऑटो रिक्शा और बस के बीच आमने -सामने की टक्कर में दस लोगों की मौत हो गयी तथा सात अन्य घायल हो गये । पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि हाजीपुर -मुजफ्फरपुर के बीच राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 77 पर पुरानी बाजार के निकट आज सुबह ऑटो रिक्शा और बस के बीच सीधी टक्कर में नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी तथा आठ अन्य घायल हो गये। घायलों को तत्काल स्थानीय सदर अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के क्रम में बस के सहायक चालक की मौत हो गयी । सूत्रों ने बताया कि सभी घायलों को आरंभिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिये पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया है । घटनास्थल पर मारे गये सभी लोग ऑटो रिक्शा पर सवार थे जो भगवानपुर से हाजीपुर की ओर आ रहे थे। शवों को पोस्टर्माटम के लिये भेजा जा रहा है । 

नीतीश सरकार ने बिहार में शिक्षा की नींव खोद दी : कुशवाहा

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समस्तीपुर 18 जुलाई, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने बिहार की गिरती शिक्षा व्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए आज कहा कि राज्य की नीतीश सरकार ने शिक्षा की नींव खोदकर रख दी है। श्री कुशवाहा ने समस्तीपुर के दलसिंहसराय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि नीतीश सरकार की गलत नीतियों के कारण बिहार की शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है। नीतीश सरकार ने प्रदेश मे शिक्षा की नींव ही खोदकर रख दी है ,जिसके कारण लाखों बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ उनकी पार्टी आगामी 15 अक्टूबर को पटना में ‘आक्रोश दिखाओ-शिक्षा बचाओ’ महापंचायत का आयोजन करेगी। इससे पहले आगामी 09 अगस्त को पूरे राज्य में गिरती शिक्षा व्यवस्था को लेकर चक्का जाम आन्दोलन किया जायेगा। बिहार की मौजूदा राजनीतिक हालात की चर्चा करते हुए श्री कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सत्ता के लालच में ही राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ समझौता किया था। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निर्भर है कि भ्रष्टाचारियों के साथ कब तक अपनी सरकार चलाते है। 

बिहार में राजद-जदयू के बीच सियासी घमासान थमने का नाम नहीं

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पटना 18 जुलाई, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के इस्तीफे के मसले पर राज्य में सत्तारुढ़ महागठबंधन के दो प्रमुख घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अपने रुख पर आज भी अड़े रहने के कारण नीतीश सरकार में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है । महागठबंधन के प्रमुख घटक जद यू के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता एवं विधान परिषद के सदस्य संजय सिंह ने यहां कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कभी भी भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किया है और न करेंगे । भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति शुरु से ही रही है । श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार राजनीति में रहे या न रहे भ्रष्टाचार से वह कभी समझौता नहीं करने वाले हैं । संकेत में ही कहा कि इंतजार कीजिये , नतीजा सामने आ जायेगा । उन्होंने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चार दिन पहले ही दीवार की लिखावट पढ़ने को कहा गया था , जिसे वह नहीं पढ़ पायें । जद यू के ही प्रदेश प्रवक्ता एवं विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने राजद अध्यक्ष श्री यादव को नसीहत देते हुए कहा कि हठधर्म से बड़ा होता है गठबंधन धर्म । जद यू को आज भी राजद से सफाई की उम्मीद है । हालांकि उन्होंने कहा कि इस संबंध में अंतिम फैसला जद यू नेतृत्व को ही लेना है ।  वहीं राजद के विधायक सर्वजीत ने कहा कि महागठबंधन को गरीबों ने बड़ी उम्मीद के साथ जनादेश दिया था । गरीबों का भरोसा हर हाल में टूटने नहीं दिया जायेगा ।  राजद के ही विधायक मुद्रिका सिंह यादव ने कहा कि जद यू दूसरे को दीवार की लिखावट पढ़ने का सलाह दे रहा है लेकिन वास्तव में उसे ही यह लिखावट पढ़ने की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि राजद अध्यक्ष श्री यादव पहले ही तेजस्वी के त्यागपत्र के मामले में पार्टी का रुख स्पष्ट कर चुकी है और इसमें अब कोई परिवर्तन नहीं होगा । 


राजद विधायक ने कहा कि उप मुख्यमंत्री श्री यादव के जिम्मे तीन विभाग है और इन सभी विभागों में बेहतर कार्य हुआ है । उन्होंने कहा कि राजद विधायक दल ने भी एक प्रस्ताव पारित कर स्पष्ट कर दिया है कि श्री यादव को त्यागपत्र देने का कोई सवाल ही नहीं उठता । उन्होंने कहा कि राजद अपने रुख में कोई परिवर्तन नहीं करेगा । वहीं दूसरी ओर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माझी ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार सत्ता के लिए नौटंकी कर रहे हैं । राजद अध्यक्ष श्री यादव और मुख्यमंत्री श्री कुमार के बीच झगड़ा दिखावे का है । श्री माझी ने कहा कि महागठबंधन सरकार की विफलताओं से ध्यान भटकाने के उद्देश्य से ऐसा किया जा रहा है । मुख्यमंत्री श्री कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव सार्वजनिक मंच पर दूर लेकिन मंत्रिमंडल की बैठक में एक साथ बैठते हैं । उल्लेखनीय है कि उप मुख्यमंत्री श्री यादव के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो के प्राथमिकी दर्ज करने के बाद जदयू ने विधानमंडल दल की बैठक कर उन्हें जनता के बीच जाकर लगे सभी आरोपों का तथ्यपरक जवाब देने का मौका दिया था वहीं, पिछले सप्ताह राजद अध्यक्ष श्री यादव ने प्राथमिकी को वाजिब कारण नहीं मानते हुये स्पष्ट कर दिया था कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे। 

स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप के पेट्रोल पंप मामले में निषेधाज्ञा आवेदन खारिज

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पटना 18 जुलाई, बिहार में पटना सिविल कोर्ट स्थित एक दिवानी अदालत ने आज स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के पेट्रोल पंप मामले में यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश को समाप्त कर दोनों पक्षों को मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। अवर न्यायाधीश (संख्या 11) सची मिश्रा ने मामले में तेजप्रताप यादव की ओर से दाखिल निषेधाज्ञा आवेदन और प्रतिवादी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की ओर से दाखिल मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम की धारा आठ के तहत दायर आवेदन पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है। गौरतलब है कि बीपीसीएल से अनुज्ञप्ति प्राप्त लारा पेट्रोल पंप की जमीन को लेकर बीपीसीएल ने 29 मई 2017 को पत्र जारी कर अनुज्ञप्ति रद्द करने की नोटिस दी थी। लारा ऑटोमोबाइल प्राइवेट लिमिटेड और तेजप्रताप यादव की ओर से अदालत में एक दिवानी मुकदमा दायर कर उस पत्र की वैधता को चुनौती दी गई थी। अदालत ने निषेधाज्ञा आवेदन पर सुनवाई के दौरान यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया था।

तेजस्वी बालिग होने पर बने 13 संपत्ति के मालिक : सुशील कुमार मोदी

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पटना 18 जुलाई, बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज एक बार फिर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि कुल 26 सम्पत्ति के मालिक बने श्री यादव ने 13 सम्पत्ति उस समय हासिल की जब वह बालिग थे। श्री मोदी ने आज यहां जनता दरबार कार्यक्रम के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरने के बाद श्री यादव की यह दलील की जब उन्हें दाढ़ी मूंछ भी नहीं थी तब वह भ्रष्टाचार कैसे कर सकते थे, इसमें कोई दम नहीं है। उन्होंने कहा कि श्री यादव को बताना चाहिए कि 26 की उम्र में वह 26 संपत्ति के मालिक कैसे बन गये और उस समय उन्हें दाढ़ी-मूंछ की याद क्यों नहीं आयी जब बेनामी सम्पत्ति उनके नाम की जा रही थी। भाजपा नेता ने कहा कि श्री यादव एवं सात अन्य पर सीबीआई ने आपराधिक साजिश के साथ धोखाधड़ी के लिए धारा 420 तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की धारा 13(2) और 13(1) डी के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होंने प्राथमिकी का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2010 से 2014 के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेम चंद्र गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता ने अपनी कंपनी डिलाइट मार्केटिंग को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी एवं तेजस्वी यादव को स्थानांतरित कर दिया, यानी जिस समय उप मुख्यमंत्री कंपनी के मालिक बने वह बालिग थे और उन्हें दाढ़ी-मूंछ थी, वह बिना मूंछ के नहीं थे, जैसा वह दावा करते हैं।


श्री मोदी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2014 में 24 वर्ष की उम्र में उप मुख्यमंत्री श्री यादव के नाम डिलाइट मार्केटिंग के शेयर हस्तांतरित किये गये। उन्होंने कहा कि उस समय डिलाइट को राजधानी पटना में मिली तीन एक जमीन का बाजार मूल्य 94 करोड़ तथा सर्किल रेट 32.05 करोड़ थी जिसे लालू परिवार ने केवल 65 लाख में कब्जे में ले लिया। भाजपा नेता ने कहा कि श्री यादव जब नाबालिग थे, उस समय केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कोटे से मंत्री रहीं कांति सिंह और रघुनाथ झा की करोड़ों की जमीन सहित मकान दान में स्वीकार करने में उन्हें कोई हिचक नहीं हुई। उनके नाम गोपालगंज और पटना में कुल 13 संपत्ति निबंधित हैं और यह सभी संपत्ति उस समय रजिस्ट्री करायी गयी जब वो नाबालिग थे. श्री मोदी ने कहा कि दो संपत्ति उस वक्त निबंधित हुई, जब वह मात्र तीन वर्ष के थे। शेष सभी सम्पत्ति उनके नाम तक रजिस्ट्री की गई जब वह नाबालिग थे तथा उनके पिता एवं राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। उन्होंने कहा कि नाबालिग रहते उन्होंने इतनी संपत्ति इकट्ठा कर ली लेकिन उस समय उन्होंने कभी संपत्ति लेने से इनकार नहीं किया। वहीं, जब श्रीमती गुप्ता ने डिलाइट की तीन एकड़ जमीन 2013-14 में उन्हें सौंपी, तक वह बालिग थे। 

भाजपा नेता ने कहा कि उप मुख्यमंत्री श्री यादव ने तीन एकड़ जमीन पर सात लाख 66 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में बन रहे 12 मंजिल वाले बिहार के सबसे बड़े मॉल के निर्माण का करार 05 मई 2016 को सुरसंड विधायक अबू दोजाना की कंपनी से किया तब वह बालिग ही नहीं संवैधानिक पद पर बैठे हुए थे। श्री मोदी ने कहा कि डिलाइट मार्केटिंग, ए. बी. एक्सपोर्ट, ए. के. इंफोसिस्टम के माध्यम से जब श्री यादव दिल्ली एवं पटना की 13 अन्य संपत्ति के मालिक बने उस समय वह बच्चे नहीं बल्कि 23 वर्ष के बालिग नौजवान थे। इस तरह उप मुख्यमंत्री कुल 26 संपत्ति के मालिक हैं, इसमें से 13 संपत्ति कंपनियों के माध्यम से और 13 उनके नाम से निबंधित हैं। भाजपा नेता ने कहा कि 26 में से 13 संपत्ति को आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति घोषित कर दी है। उप मुख्यमंत्री ने गिफ्ट लेते समय या जमीन लिखवाते समय कभी नहीं कहा कि मुझे दाढ़ी-मूंछ नहीं है, इसलिए जमीन नहीं लूंगा। उन्होंने कहा कि दाढ़ी-मूंछ होने पर 13 बेनामी संपत्ति के मालिक बन गये और फंस गये तो कह रहे हैं कि उन्हें तो उस समय दाढ़ी-मूंछ भी नहीं थी। 

झारखंड में आयुष चिकित्सकों ने नियुक्ति प्रक्रिया का किया विरोध

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रांची 18 जुलाई, झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत 741 पदों के लिए निकाली गई नियुक्ति प्रक्रिया का आयुष चिकित्सकों ने कड़ा विरोध किया है। चिकित्सकों ने आज यहां आवेदन प्रक्रिया को असंवैधानिक बताया है। चिकित्सकों का कहना है कि आवेदन प्रक्रिया में पूरे देश से आवेदन मांगे गए हैं । झारखंड राज्य आयुष चिकित्सा परिषद् से स्थायी पंजीकरण की अनिवार्यता को अहर्ता की शर्तों में शामिल नहीं किया गया है। नियुक्ति प्रक्रिया की निंदा करते हुए चिकित्सकों ने बताया कि यह प्रक्रिया झारखंड के चिकित्सकों के साथ सौतेला व्यवहार है। पीड़ित चिकित्सकों ने कहा है कि दूसरे राज्यों में आयुष चिकित्सक की नियुक्ति प्रक्रिया में संबंधित राज्य के आयुष चिकित्सा परिषद से स्थायी रूप से पंजीकृत होना आवश्यक है लेकिन झारखंड सरकार ने यह अनिवार्यता खत्म कर दी है। इस बाबत चिकित्सकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एनआरएचएम के निदेशक कृपानंद झा से 12 जुलाई को मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में चिकित्सकों ने बिहार, असम, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ राज्यों के एनआरएचएम आयुष चिकित्सक नियुक्ति प्रक्रिया नियमावली की प्रत्ति सौंपी थी। चिकित्सकों ने बताया कि निदेशक का रवैया इस मुद्दे पर सकारात्मक नहीं है। उनसे जब नियमावली में सुधार करने का अनुरोध किया गया तो उन्होंने इंकार कर दिया और कहा, “हम लंदन से भी चिकित्सक बुलाएंगे। इसमें कोई सुधार अब नहीं होगा।” विरोध जताने वाले चिकित्सकों में डॉ. प्रवीण भारती, डॉ. पंकज, डॉ. विक्रम सम्राट, डॉ. निशांत मोदी, डॉ. शारदा कुमारी, डॉ. निगार तरन्नुम, डॉ. सुबोधकांत चौबे, डॉ. चंदना महतो, डॉ. पार्वती सोरेन, डॉ. तूलिका रोला तिर्की, डॉ. रूपेश समेत सैकड़ों चिकित्सकों के नाम शामिल हैं।

झारखंड से नक्सलियों का शीघ्र होगा सफाया : पुलिस महानिरीक्षक

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ready-for-naxal-said-jharkhand-police-dgpचतरा 18 जुलाई, झारखंड से नक्सलियों का सफाया करने के लिए राज्य की पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कमर कस ली है। पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) आशीष बत्रा ने आज यहां बताया कि राज्य से शीघ्र ही नक्सलियों का सफाया होगा। उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ का संयुक्त अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है ताकि नक्सलियों पर पूरी तरह से काबू पाया जा सके। श्री बत्रा ने कहा कि चतरा आने का मुख्य उद्देश्य माओवादी संगठन के साथ अन्य स्पिलंटर आर्गेनाईजेशन पर भी नकेल कसना है। उन्होंने बताया कि नक्सलियों को सफाया करने के लिये आनेवाले समय में अभियान को और भी तेज किया जायेगा। पुलिस महानिरीक्षक ने जिला पुलिस और सीआरपीएफ के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक भी की। 


झारखंड में मुख्यमंत्री दाल-भात योजना का संचालन टच स्टोन फाउंडेशन करेगा

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रांची 18 जुलाई, झारखंड सरकार ने आज राज्य में मुख्यमंत्री दाल-भात योजना का संचालन मनोनयन के आधार पर टच स्टोन फाउन्डेशन को देने का निणय लिया। मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रिमंडल की हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुये कहा गया कि अब मुख्यमंत्री दाल-भात योजना का नाम मुख्यमंत्री कैन्टिन योजना होगी। आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि बैठक में पंचायती राज स्वशासन परिषद् की गठन को स्वीकृति प्रदान की गई। इस परिषद् के अध्यक्ष ग्रामीण विकास मंत्री होंगे। बैठक में चतुर्थ विधान सभा के दशम् (मानसून) सत्र दिनांक 8 अगस्त 2017 से 12 अगसत 2017 तक आहूत किये जाने के औपबंधिक कार्यक्रम को स्वीकृति प्रदान की गई। पूर्व में मानसून सत्र सात से 11 अगस्त के लिये आहूत किया गया था। सभी सरकारी विद्यालय जहां कक्षा एक से शिक्षण दी जाती है वहां वर्ष 2017-18 से शिशु सदन नाम से एक वर्षीय पूर्व प्राथमिक शिक्षा शुरू करने का निर्णय लिया गया। इसमें पांच वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे नामांकित होंगे। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में 50 के बदले 75 बालिकाओं के नामांकन का निर्णय लिया गया। कक्षा छह तथा नौ में प्रवेश नामांकन क्षमता को 50 से बढ़ाकर 75 करने का निर्णय लिया गया। बैठक में रिम्स, रांची के अंतर्गत परिचारिका महाविद्यालय के लिए व्याख्यता सहित अन्य के 26 पदों के सृजन का निर्णय लिया गया। पूर्व से सृजित 11 पद के साथ कुल 37 पद सृजित हो जायेंगे। अमृत योजना के अंतर्गत देवघर में देवघर सेप्टेज प्रबन्धन योजना की कार्यान्वयन की स्वीकृति प्रदान की गई। इस योजना पर कुल 40 करोड़ 30 लाख 83 हजार रुपये व्यय होगा। निजी-सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर राज्य के शहरी निकायों के बस पड़ावों को विकसित करने का निर्णय लिया गया। प्रथम चरण में गुमला, पलामू, गिरिडीह, कोडरमा, धनबाद, दुमका, गोड्डा, सिमडेगा, हजारीबाग, रांची, जमशेदपुर, चाईबासा, बोकारो और देवघर के बस पड़ावों का विकास होगा। इसके अलावा चारा घोटाले के वाद 59 (।)/96 में दोषमुक्त नहीं होने तथा विभागीय कार्रवाई में दोषी पाये जाने पर डॉ. विनोद कुमार को निलंबित और पालाजोरी के प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी को सेवा से बर्खस्त करने का निर्णय लिया गया। 

लालू ने मायावती को बिहार से राज्यसभा भेजने का प्रस्ताव दिया

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पटना 18 जुलाई, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आज बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को बिहार से राज्यसभा भेजने का प्रस्ताव दिया। श्री यादव ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सुश्री मायावती को राज्यसभा में दलित के मुद्दे पर बोलने के लिए मौका नहीं दिया जिसके कारण इसके विरोध में उन्हें राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा । उन्होंने कहा कि सुश्री मायावती उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दलितों के खिलाफ अत्याचार की घटना पर राज्यसभा में बोलना चाहती थी, लेकिन भाजपा ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया । राजद सुप्रीमो ने कहा कि सुश्री मायावती ने इस्तीफा देकर एक साहसिक कदम उठाया है जिसकी वह सराहना करते हैं । उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र का गला घोंटना चाहती है , लेकिन उनकी पार्टी किसी कीमत पर ऐसा नहीं होने देगी । श्री यादव ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को बोलने की आजादी है और किसी की आवाज को संख्या बल के आधार पर दबाया नहीं जा सकता है । चाणक्य ने कहा था कि वह सदन सदन नहीं है जिसमें अल्पमत वाले को बहुमत के लोग बोलने का मौका नहीं दें । राजद प्रमुख ने कहा कि सुश्री मायावती यदि चाहे तो उनकी पार्टी उन्हें बिहार से राज्यसभा भेजने को तैयार है । उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ लड़ायी में उनकी पार्टी सुश्री मायावती के साथ मजबूती से खड़ी रहेगी । इसबीच राजद के वरिष्ठ नेता और बिहार के वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दिकी ने भी सुश्री मायावती को राज्यसभा में बोलने का मौका नहीं देने के लिए भाजपा की कड़ी आलोचना की । उन्होंने कहा कि भाजपा अपने विरोधियों की आवाज को दबाने के लिए हर हथकंडा अपना रही है । यह जनता भी समझ रही है । 

दुमका : करोड़पति हों या निर्धन, भुट्टा खाए बिना बाबा की नगरी से आगे नहीं बढ़ते बम

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) पवित्र श्रावणी मास में जहाँ एक ओर केसरिया रंग से पूरा बासुकीनाथ धाम पटा हुआ है, उत्साह व उमंग से प्रतिदिन हजारों डाकबम सहित बोलबम श्रद्धालु फौजदारी बाबा वासुकिनाथ के दरबार में जलार्पण कर दण्डवत अपनी आस्था की झोली में कुछ पाने की इच्छा रख रहे हैं वहीं दूसरी ओर दूर-दूर से थके-मांदे कांवरियों को विश्राम की अवस्था में भुट्टों का सेवन करते हुए देखा जा रहा है। चाहे करोड़पति हो या फिर खाकपति बाबा की नगरी में सब एक बराबर हैं। भीषण गर्मी व  उमस चरम पर होेने के बाद भी आस्था की नगरी में हर एक का चेहरा खिला हुआ दिखाई पड़ता है। कोई असम से बाबा की नगरी में पहुँचा हुआ है तो कोई महाराष्ट्र, गुजरात से। कोई यूपी से है तो कोई बिहार, झारखण्ड, बंगाल से। विभिन्न राज्यों से लोगों का जनसैलाव तो मौजूद है ही, नेपाल, भूटान, श्रीलंका व अन्य देशों से भी श्रद्धालु कांवरियों को छिटपुट रुपों में देखा जा रहा है। दीवानी अदालत से लोग सीधे फौजदारी बाबा के दरबार में शरण ले रहे हैं। गजब की भक्ति है, भक्ति में शक्ति है और फिर इसी दरबार में मुक्ति भी है। जिसे जो चाहिए सब मिल जाऐगा, आपकी आस्था आपको परिणाम दिलाऐगी। असीम श्रद्धा की मिसाल देखने को मिल रही है  बाबा बासुकीनाथ की नगरी में। 107 किमी की लम्बी यात्रा के बाद लोग फौजदारी बाबा के दरबार में पहुँच रहे हैं। बाबा पर जलार्पण के बाद ही श्रद्धालुओं को भूख-प्यास का अहसास होता है, इससे पहले इनमें एक जुनून होता है जलार्पण का। सड़क किनारे फूटपाथ पर तपती दुपहरी में भी स्थानीय महिलाएं शिवभक्तों को ताजा भुट्टा (मकई का बाली) खिलाने के लिए तत्पर दिखती हैं। तीखी धूप में सूर्य की किरणें झेलती  महिलाएँ हाथ पंखे से भुट्टों को सेंकती ताजा मकई खिलाने से नहीं चूक रहीं। 10 रुपये प्रति एक मकई से जितनी आमदनी इन्हें होनी चाहिए भले ही वैसा कुछ भी न हो तथापि भुट्टों को खिलाकर इनका अपना मन काफी आहलादित होता है। इनकी धीरता व सहनशक्ति तारीफे-काबिल है। लगातार 8-8 घंटे तक भीषण गर्मी को झेलती कोयले की तपती आंच में भुट्टा पका कर खिलाने का काम, कहीं से व्यवसाय का अंग नहीं प्रतीत होता बल्कि महिलाओं की ओर से श्रद्धालुओं को सप्रेम भेंट की तरह यह सेवा प्रतीत होता है। बासुकीनाथ प्रखण्ड के हटिया परिसर में रहनेवाली सुगनी देवी बताती हैं कि 55 वर्ष की आयु में भी उन्हें यह काम करने में आनंद आता है। सावन के महीने में जो श्रद्धालुओं की उपस्थिति से बासुकीनाथ धाम भगवा रंग में रंग जाता है तो उनके अंदर भी असीम ऊर्जा का संचार होता है। यही वजह है कि उमस भरी गर्मी को धता बताते हुए ये महिलाएँ बाबा के भक्तों की सेवा में लगी रहती हैं। कुशीनगर, देवरिया उत्तर प्रदेश के राजेश बम गर्मी में खिच्चा भुट्टा खाकर तृप्त थे। उनका कहना था कया लाजबाव भुटटा खिलाया है। इसी तरह अन्य प्रदेशों के लोग बाबा के इस प्रांगन में बिना भुट्टा खाए आगे नहीं बढ़ते। भुट्टा बेचनेवाली महिलाओं को शुभकामना देते हुए बोलबम का नारा लगाते हुए बम आगे बढ़ते रहते हैं। यही है बाबा की नगरी। बाबा के प्रति भक्तों की असीम श्रद्धा। आमोद-प्रमोद का वातावरण। 

दिन मंगलवार को कुल 1, 14, 167 श्रद्धालुओं ने बाबा वासुकिनाथ का जलाभिषेक किया

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव वासुकिनाथ धाम 2017 में दिन मंगलवार को कुल 1, 14, 167 श्रद्धालुओं ने बाबा वासुकिनाथ का जलाभिषेक किया। जिनमें शीघ्र दर्शनम् दर्शनार्थी 2, 177, जलार्पण काउण्टर से 45, 017, निकास द्वार से दर्शनार्थी 66, 973 रहे। वासुकिनाथ धाम में दिन मंगलवार को कुल चढ़ावा राशि 77, 387 रु0 रहा, जिसमें गोलक से 62, 625 रुपये व अन्य स्रोत से 14, 762 रुपये रहा। चांदी का द्रव्य कुल 68 ग्राम चढ़ावा के रुप में प्राप्त हुआ। सोना का सिक्का 2 ग्राम का 1 अदद, 10 ग्राम चांदी का सिक्का 4 अदद व 5 ग्राम चांदी का सिक्का 5 अदद बिक्री हुआ। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाये गये विभिन्न चिकित्सा शिविरों में मेला प्रारंभ होने से लेकर अब तक कुल 22, 641 श्रद्धालुओं की निःशुल्क चिकित्सा करवायी गई। कुल 4, 483 श्रद्धालुओं का निःशुल्क चिकित्सा की गई, जिनमें मुख्य प्रसासनिक शिविर के 1, 967, स्वास्थ्य उप केन्द्र के 95, स्वास्थ्य शिविर (सूचना मंडप) के 253, स्वास्थ्य शिविर बस स्टैण्ड के 160, वासुकिनाथ रेलवे स्टेशन के 103, रेफरल अस्पताल वासुकिनाथ के 85, राजस्व तहसील कचहरी के 217, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जरमुण्डी के 57, कांवरिया धर्मशाला सहारा के 66, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तालझारी के 120, स्वास्थ्य उपकेन्द्र कटहराटाड़ के 11, स्वास्थ्य शिविर बोगली के 50, स्वास्थ्य शिविर मोतिहारा के 71, स्वास्थ्य शिविर सुखजोरा के 66 की निःशुल्क चिकित्सा व्यवस्था करवायी गई। ओआरएस/इमरजेंसी काउन्टर के 200, चलन्त चिकित्सा वाहन से 97 एवं टेन्ट सीटी एवं वैक्सीन काउंटर से 865 श्रद्धालु रहे।

दुमका : बाबा के दरबार से खाली हाथ कोई नहीं लौटता, बाबा सबकी सुनतें हैं

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) राजकीय श्रावणी मेला वासुकिनाथ धाम में प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में बाबा पर जलार्पण करते हुए श्रद्धालु बाबा की नगरी से शांखा, पेड़ा, चूड़ा, इलायचीदाना, सिन्दुर, टिकली, हाथकड़ा, बाजूबंद, पीतल व काँसा का वर्तन, पूजा सामग्री, दीपक, तसला, साजी इत्यादि खरीदना नहीं भूलते। बाबा की नगरी से ऐसी वस्तु की खरीददारी वे अवश्य करते जिसका स्मरण कई-कई वर्षों तक के लिये बना रहे। अलग-अलग अलग-अलग भाषा-संस्कृति, वेशभूषा, परिधान, बोलचाल व रीति-रिवाज से ओतप्रोत गेरुवावस्त्रधारी बमांे  की दुनिया इस स्थान पर बिल्कुल बदल जाती है। नागेश ज्योर्तिलिंग की पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालु भक्त बाबा से घर-परिवार व अपने-परायों के लिये मन्नतें मांगने से नहीं चूकते। कोई पुत्र-पुत्री के लिये नौकरी-विवाह की मांग करता है तो कोई असाध्य बीमारियों से छुटकारा पाने के लिये। कोई घर-बाहर की चिंता-अशांति से निजात पाना चाहता है तो कोई पारिवारिक उलझनों से मुक्ति चाहता है। किसी को बेटा चाहिए तो किसी को बेटी। कोई अगले वर्ष भी इसी खुशी से बाबा पर जलार्पण का आर्शीवाद चाहता है तो कोई बाबा के दरबार में ही अपनी अंतिम इच्छा चाहता है। बाबा अपने भक्तों को नाराज नहीं करते। सभी भक्तों को कमोबेश उनकी इच्छा के अनुरुप परिणाम प्राप्त होता है। महिला हो, पुरुष हो, बच्चे हों या फिर बूढ़े। सबकी अपनी-अपनी मनोकामनाएँ। फौजदारी बाबा बासुकिनाथ के दरबार में महिलाओं को को शांखा चूड़ी काफी पसंद आ रहा है। पूरे मेला क्षेत्र में शांखा सहित पेड़ा, चूड़ा, इलायचीदाना, सिन्दुर, टिकली पीतल, काँसा, तांबा के उपकरणों सहित अन्य वस्तुओं की हजारों दूकानें सजी पड़ी हैं। उड़ीसा से बाबा की नगरी पहुँचे कांवरिया विकास का कहना है, श्रावण माह में प्रत्येक वर्ष वे शांखा बेचने वासुकिनाथ धाम आते हैं। शांखा की खरीददारी के लिये महिलाओं की भारी भीड़ उनके दूकान पर प्रतिदिन देखी जा रही है। यहाँ पहुँचने वाली महिला श्रद्धालु उनकी दूकान को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखती हैं। वे शांखा खरीदती हैं। उनके अनुसार 100 रु से लेकर 1000 रु तक का जोड़ा शांखा उनकी दूकान में उपलब्ध है। श्रद्धालु बड़ी मात्रा में खरीदकर वापस जाते हैं। श्रावणी मेले के दौरान वासुकिनाथधाम में पूरे एक महीने यहां आने वाले श्रद्धालु अपने घर लौटते वक्त पेड़ा और चुड़ा की खूब करते हैं खरीददारी। वासुकिनाथधाम का पेड़ा और चुड़ा की बात ही कुछ और है विष्वास न हो तो एक बार खा कर देखिए। देष दुनिया और अलग-अलग राज्यों से आने वाले श्रद्धालु यहाँ से पेड़ा चूड़ा खरीदकर ही वापस जाते है। श्रावणी मेले के दौरान प्रत्येक दिन यहाँ कई क्विंटल पेड़ा और चूड़ा की बिक्री होती है। 

जमीन बेचने की अनुमति दी जाए-सदान एकता परिषद

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  • एसपीटी एक्ट की बंदिशों से गैर आदिवासियों को मुक्त करते हुए उन्हें उनकी जमीन बेचने की अनुमति दी जाए-सदान एकता परिषद

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) गैर जनजाति समाज (सदानों) को एसपीटी एक्ट 1949 की बंदिशों से मुक्त करने से संबंधित सदान एकता परिषद की ओर से आयुक्त संताल परगना प्रमण्डल के माध्यम से मुख्यमंत्री झारखण्ड रघुवर दास के नाम एक मांगपत्र भेजा गया है।  सदान एकता परिषद् की ओर से मुख्यमंत्री के नाम भेजे गए मांगपत्र में परिषद् के केन्द्रीय अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा, लक्ष्मीकांत झा लोकेश, कामेश्वर मंडल, कमलाकांत प्रसाद सिन्हा, रमाकांत साह, प्रेम केशरी, नन्दकिशोर अम्बष्ट, विजय कुमार अम्बष्ट ने कहा है कि वर्ष 1949 में लागू एसपीटी एक्ट तत्कालीन संताल परगना प्रमण्डल की आर्थिक व बौद्धिक रुप से कमजोर जनता को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया था। जिस समय यह एक्ट लागू किया गया था उस समय लोग निहायत ही गरीब व अशिक्षित थी। उनकी भूमि किसी दूसरे के हाथ न चली जाए तथा आर्थिक रुप से वे और भी कमजोर न बन जाएँ, एक्ट के लागू करने के पीछे यही उद्देश्य छिपा था। इस एक्ट के लागू हुए 67 वर्ष हो गए। सदान एकता परिषद के नेताओं का कहना है कि इन 67 वर्षों की कालावधि में संताल परगना प्रमण्डल के विभिन्न जिलों यथा-दुमका, देवघर, गोड्डा, पाकुड़, साहेबगंज व जामताड़ा जिले के लोग बौद्धिक, आर्थिक व सामाजिक रुप से काफी जागरुक हो चुके हैं। जो सामंतवादी प्रवृत्ति एक्ट के लागू होने के वर्षों में थी लोग पूरी तरह उससे निजात पा चुके हैं। इन वर्षों में शिक्षा में क्रांतिकारी उछाल आया है। आर्थिक रुप से भी लोग काफी समृद्ध हुए हैं। वर्तमान समय में लोग अपना भला-बुरा खूब समझते हैं। उच्चस्तरीय तकनीकी संसाधनों से पूरे प्रमण्डल का गाँव-कस्बा काफी उन्नत हो चुका है। यह समय ऐसा है कि कोई किसी को बहलाकर उसकी जमीन नहीं हड़प सकता। परिषद् के केन्द्रीय अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा का कहना है जिस समय यह एक्ट लागू किया गया था उस समय इस क्षेत्र की आबादी काफी न्यूनतम थी। आज स्थिति यह है कि जनसंख्या में आमूलचूल परिवर्तन आया है। जनसंख्या वृद्धि के परिणामस्वरुप वर्तमान संताल परगना की आवासीय व्यवस्था सहित शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की भारी कमी देखी जा रही है जिसका एकमात्र कारण इस क्षेत्र में भूमि का अहस्तांतरण है। ननसेलेबुल लैंड होने की वजह से इस क्षेत्र का चतुर्दिक विकास पूरी तरह अवरुद्ध है। न तो इस क्षेत्र में बड़े-बड़े उद्योग-धंधे स्थापित हो सकते हैं और न ही शिक्षा, चिकित्सा के क्षेत्र में बड़े-बडे स्कूल-काॅलेज, मेडिकल, इंजीनियरिंग काॅलेज ही खोले जा सकते हैं। पूरे संताल परगना प्रमण्डल में लाखों परिवार ननसेलेबुल लैंड पर ही बसोवास कर रहे हैं। ननसेलेबुल लैंड में निवास कर रहे लोग भी अब तक इस बात से आश्वस्त नहीं हो सके हैं कि वे जिस जमीन पर रह रहे हैं वह जमीन उनका अपना है। श्री वर्मा ने कहा है कि ननसेलेबुल लैंड से बिक्रेता, क्रेता व सरकार तीनों को हानि हो रही है। जमीन का जो वर्तमान मूल्य है भूस्वामी को जमीन की बिक्री से वह प्राप्त नहीं हो पा रहा। ननसेलेबुल लैंड होने की वजह से न्यूनतम मूल्य पर ही वे अपनी जमीन बेचने के लिये बाध्य हैं। दूसरी ओर जमीन खरीदने वाले भी पशोपेश में हैं और वे यह सोंचने पर मजबूर हैं कि उन्होंने जो जमीन खरीद रखा हे वास्तविक रुप से वह जमीन उन्हीं का है। यहाँ सरकार को भी भारी राजस्व की हानि हो रही है। सेलेबुल लैड रहने से सरकार को जमीन खरीद-बिक्री के एवज में भारी राजस्व की प्राप्ति हो सकती थी। इस तरह प्रतिवर्ष राज्य सरकार को करोड़ों रुपये की राजस्व हानि हो रही है। श्री वर्मा ने कहा कि जमीन खरीदने वालों व जमीन पर घर बनाकर रहने वालों के विरुद्ध भी सरकार कुछ नहीं कर सकती। श्री वर्मा ने कहा कि एसपीटी एक्ट 1949 के लागू होेने के बाद भी जमीन खरीद-बिक्री हो ही रही है तो फिर एक्ट में संशोधन न करने से उन्हें क्या फायदा प्राप्त हो रहा तो इस एक्ट में संशोधन के विरुद्ध हैं। मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित पत्र मंे श्री वर्मा ने कहा है कि यदि आदिवासी समाज के लोग यह चाहते हैं कि उनकी जमीन का हस्तांतरण न हो तो कोई बात नहीं है। वे जो चाहते हैं उसके लिये वे समझें। उन गैर आदिवासियों को क्यों प्रताड़ित किया जा रहा जो चाहते हैं कि उनकी जमीन बिके। अपनी जमीन बेचकर गैर आदिवासी समुदाय चाहते हैं कि उनके बच्चे समाज की मुख्यधारा से जुड़कर राष्ट्र निर्माण की दिशा में अग्रसर हों। वे अपने बच्चों को शिक्षित देखना चाहते हैं। उनके बच्चे आगे बढ़े, वे यह चाहते हैं। मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित पत्र में सदान एकता परिषद् के उपरोक्त नेताओं ने मांग की है कि गैर आदिवासियों की जमीन को सेलेबुल किया जाए ताकि वे अपनी जमीन बेचकर अपने बच्चों को एक नेक इंसान बना सकें। 

जयनगर : बिजली की कमजोर वोल्टेज के कारण उपभोक्ता परेशान

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जयनगर/मधुबनी (सुरेश कुमार)नगर पंचायत जयनगर के वार्ड 14 मे बिजली पोल से पुराने तार उतार कर नया तार लगाया गया तथा बिजली ट्रांस्फॉर्मर भी लगाया गया आज गर्मी की तापमान 35 डिग्री और 40 के विच थी  ।वही बिजली की लौ वोल्टेज होने के कारण पंखा भी जवाब दे दिया था ।जयनगर नगर पंचायत छेत्र मे विगत एक सफताह से बिजली की कमजोर वोल्टेज के कारण उप्भौग्ता परेशान है कँजुमर के द्वारा विधुत विभाग के जे ई और एस डी ओ से इस बावत शिकायत की बावजूद सुधार नही हुई साथ ही विगत एक महीनों से ऊपर प्रत्येक दिन लोड सेटिंग होने के कारण भी सही तरीकों से बिजली उप्भौग्ता को नही मिलती है ।जयनगर अनुमंडल से सुरेश कुमार की रिपोर्ट


बिहार में अवैध खनन को रोकने के लिए इस्तेमाल होगा नया साफ्टवेयर

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पटना 07 जुलाई, बिहार सरकार ने खान एवं खनिज के बेहतर प्रबंधन के लिए ओडिशा सरकार से 50 लाख रुपये की लागत पर नया साफ्टवेयर खरीदने का निर्णय लिया है ताकि अवैध खनन को रोकने के साथ-साथ राजस्व क्षति पर भी अंकुश लगाने में सफलता मिले । मंत्रिमंडल एवं समन्वय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने कहा कि ओडिशा सरकार से नया साफ्टवेयर खरीदने का निर्णय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। उन्होंने कहा कि 50 लाख रुपये की लागत से आई 3 एम एस साफ्टवेयर खरीदा जायेगा जबकि इसके इस्तेमाल के लिए अलग से 49 लाख 34 हजार 630 रुपये आवंटित किये गये हैं । श्री मेहरोत्रा ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय , जिला स्तरीय और प्रखंड स्तरीय सतर्कता समिति का गठन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय समिति के अध्यक्ष खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री होंगे जबकि संबंधित जिला के प्रभारी मंत्री जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष होंगे । इस समिति में सांसद , विधायक और विधान परिषद के सदस्यों को भी शामिल किया जायेगा । उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने कुल 17 प्रस्तावों को मंजूरी दी है। 

नीतीश-तेजस्वी की मुलाकात के बाद गतिरोध खत्म होने के आसार

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पटना 18 जुलाई, बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की करीब 40 मिनट तक हुयी बातचीत के बाद पिछले दस दिनों से बने गतिरोध के खत्म होने के आसार नजर आने लगे हैं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी आज मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मध्यस्थ की भूमिका में नजर आये । श्री चौधरी उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा उनके बड़े भाई स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव को लेकर मुख्यमंत्री के कक्ष में गये। कुछ देर के बाद ही स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव बाहर आ गये। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री बीच करीब 40 मिनट तक बातचीत हुयी । हालांकि दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुयी इसका ब्यौरा तत्काल नहीं मिल सका है । सूत्रों के अनुसार संभवत: उप मुख्यमंत्री ने अपने ऊपर लगे आरोपों के संबंध में सफाई मुख्यमंत्री श्री कुमार को सफाई दी है। उप मुख्यमंत्री श्री यादव के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पांच जुलाई को प्राथमिकी दर्ज की थी और उसके बाद सात अगस्त को सीबीआई ने कई ठिकानों पर छापा मारा था। इसके बाद जदयू ने श्री तेजस्वी यादव पर खुद को बेगुनाह साबित करने या पद छोड़ने का दबाव बनाया था।


इसके बाद से ही मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के बीच दूरियां बढ़ गयी थी और ऐसा बताया जाता है कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और श्री तेजस्वी यादव के साथ मुख्यमंत्री की बातचीत भी बंद हो गयी थी । ऐसे में दोनों नेताओं के बीच गतिरोध को तोड़ने के लिए कांग्रेस की ओर से लगातार कोशिश हो रही थी , लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिल रही थी । उधर जद यू ने पहले ही इस मामले में नरमी का संकेत देते हुए कहा था कि पार्टी ने उप मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग नहीं की थी बल्कि उनसे पार्टी की अपेक्षा थी कि वह अपने ऊपर लगे आरोपों के संबंध में जनता के बीच सफाई दें। वहीं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने साफ कहा था कि सिर्फ प्राथमिकी दर्ज होने के कारण उप मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देंगे । राजद प्रमुख ने कहा था कि जहां तक आरोपों का सवाल है वह इस मामले में सीबीआई, आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष अपनी बात रखेंगे । वैसे सभी बातें जनता की जानकारी में है। 

अर्थव्यवस्था पर सिर्फ नोटबंदी के प्रभाव का अध्ययन करना संभव नहीं : सरकार

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नयी दिल्ली 18 जुलाई, सरकार ने आज राज्यसभा में कहा कि किसी भी देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बहुत से घटकों पर निर्भर करता है जिनमें मौद्रिक अवयव भी शामिल है इसलिए जीडीपी पर नोटबंदी के प्रभाव को पृथक करना संभव नहीं है। वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन में एक लिखित उत्तर में कहा कि केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी नवीनतम अनुमानों के अनुसार वर्ष 2016-17 की पहली छमाही और दूसरी छमाही में विकास दर क्रमश: 7.7 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने वर्ष 2017-18 में भारत की विकास दर में सुधार होने का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में अनेक संकेत मजबूत हैं जिससे चालू वित्त वर्ष में विकास दर में बढोतरी होने का अनुमान है। सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई उपाय किये हैं और बजट में इसको लेकर प्रावधान किये गये हैं। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के कारण रोजगार गंवाने वालों के संबंध में अभी कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिली है।

उपराष्ट्रपति पद की मर्यादा, गरिमा बरकरार रखेंगे: वेंकैया

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नयी दिल्ली 18 जुलाई, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के प्रति आज आभार व्यक्त किया तथा देश को विश्वास दिलाया कि वह इस उच्च संवैधानिक पद की मर्यादा एवं गरिमा को बरकरार रखेंगे। श्री नायडू ने यहां राज्यसभा के महासचिव शमशेर के शरीफ के समक्ष अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि विशाखापट्नम के लॉ कॉलेज से विधि स्नातक करने के बाद से उनका सार्वजनिक जीवन चार दशक तक जनता के बीच, जनता के लिये और जनता की सेवा करते हुए बीता है। उन्होंने कार्यकर्ता, विधायक, सांसद, मंत्री के रूप में काम किया और जनता के लिये काम करना उनका ध्येय रहा है। उन्होंने कहा कि अब उन्हें जनता के बीच काम करने के बाद अब नयी जिम्मेदारी संभालनी होगी। वह प्रधानमंत्री श्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष श्री शाह और राजग के विभिन्न नेताओं, अन्नाद्रमुक, तेलंगाना राष्ट्र समिति, वाईएसआर कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल के प्रति आभारी हैं जिन्होंने उन्हें इस दायित्व के लिये उपयुक्त समझा है। उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत संसदीय लोकतंत्र हैं। उपराष्ट्रपति पद के अपने दायित्व हैं और कार्य की मर्यादायें हैं। इस पद पर सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ. ज़ाकिर हुसैन, मोहम्मद हिदायतुल्ला, श्री आर. वेंकटरमण, डॉ. शंकरदयाल शर्मा और श्री भैराेंसिंह शेखावत आदि नेता रहे हैं। वह इन नेताओं द्वारा स्थापित गरिमापूर्ण परंपरा का निर्वाह करेंगे। वह जनता को आश्वस्त करते हैं कि उपराष्ट्रपति के रूप में सभी मर्यादाओं का पालन करेंगे। उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के अनिच्छुक होने की मीडिया रिपोर्टों को लेकर श्री नायडु ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी माँ का जब निधन हुआ था तब वह बहुत छोटे थे। उन्होंने भाजपा को अपनी माँ माना और उसकी सेवा करते हुए इस मुकाम तक पहुंचे हैं। इसलिये उन्हें इस पद पर आने के बाद पार्टी से दूर होने की पीड़ा है। उन्हें इस बात का मलाल रहेगा कि वह अब पार्टी कार्यालय भी नहीं जा पायेंगे। वह चाहते थे कि उनकी राजनीतिक सक्रियता के बीच श्री मोदी 2019 में दोबारा प्रधानमंत्री बनें। उसके बाद उनका सामाजिक जीवन में लौटने का मन था। लेकिन नियति को कुछ और ही मंज़ूर था। श्री नायडू ने कहा कि उन्होंने मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया है और पांच अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनाव में यदि वह विजयी हुए तो राज्यसभा की सदस्यता से भी त्यागपत्र दे देंगे। उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार, भाजपा के महामंत्री भूपेन्द्र यादव और भाजपा संसदीय दल के कार्यालय सचिव बालासुब्रह्मण्यम के निरंतर सहयोग के लिये भी आभार व्यक्त किया।

भारत-चीन के बीच टकराव की स्थिति नहीं : विदेश सचिव

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नयी दिल्ली 18 जुलाई, विदेश सचिव एस जयशंकर ने संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति को सिक्किम- भूटान सीमा पर डोकालम क्षेत्र में भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध को लेकर आज बताया कि दोनों देशों के बीच ज़मीन पर तनाव या टकराव की कोई स्थिति नहीं है तथा इस मुद्दे पर राजनयिक स्तर पर बातचीत कर रहे हैं। डॉ. जयशंकर ने यहां संसदीय सौध में कांग्रेस के सांसद एवं पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर की अध्यक्षता वाली समिति की दो घंटे से अधिक चली बैठक में चीन - भारत गतिरोध के हर पहलू पर सांसदों की जिज्ञासा का विस्तार से जवाब दिया। बैठक में शामिल हुए 20 सदस्यों में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल थे। बैठक में शामिल एक सांसद के अनुसार श्री गांधी ने कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे और वह विदेश सचिव के जवाब से संतुष्ट दिखे। बैठक के बाद श्री थरूर ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक में बहुत विस्तार से गहन विचार विमर्श हुआ। सदस्यों के हर सवाल का संतोषजनक जवाब मिला। कुल मिलाकर बैठक बहुत सार्थक एवं उपयोगी रही। बैठक में शामिल एक अन्य सांसद ने कहा कि विदेश सचिव ने बताया कि चीन की ओर से 1962 के बाद से ऐसी घटनायें अनेक बार हुई हैं। लेकिन इस बार चीन ने अपने मीडिया के माध्यम से इस पर बहुत आक्रामक रूख अख्तियार किया है। हालांकि ज़मीन पर तनाव एवं सैन्य टकराव के हालात नहीं है। उन्होंने कहा कि मीडिया में जो दिखाया जा रहा है, वह सही नहीं है। सांसद ने बताया कि श्री गांधी ने विदेश सचिव से जम्मू कश्मीर की स्थिति और रूस, ईरान, तुर्की जैसे पुराने मित्र देशों के रुख के बारे में भी सवाल पूछे। दार्जिलिंग क्षेत्र में गोरखा आंदोलन को लेकर चीन की भूमिका को लेकर भी सवाल किये गये। भूटान और भारत के संबंधों तथा भूटान एवं चीन के बीच रिश्तों को लेकर भी सवाल पूछे गये। सांसद ने कहा कि विदेश सचिव ने बहुत संतोष जनक ढंग से जवाब दिये और कहा कि सरकार चीन के साथ राजनयिक संपर्क में है और उम्मीद है कि इस गतिरोध काे कूटनीतिक माध्यम से दूर कर लिया जायेगा।

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