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दुमका : अधिवक्ताओं ने बंदोवस्त पदाधिकारी का पुतला दहन किया

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) जिला अधिवक्ता संघ, दुमका के सचिव राघवेन्द्र नाथ पाण्डेय के साथ दुव्र्यवहार के विरुद्ध दिन शुक्रवार को संघ के सदस्यों ने बंदोवस्त पदाधिकारी, संपप्र, दुमका बिसराई उरांव का पुतला दहन कर विरोध प्रकट किया। इतना ही नहीं अधिवक्ताओं ने मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। प्राप्त समाचार के अनुसार 19 जुलाई को अपने केस के सिलसिले में जब जिला अधिवक्ता संघ, दुमका के सचिव आर एन पाण्डेय बंदोवस्त पदाधिकारी से मिलने पहुँचे तो उनके साथ दुव्र्यवहार किया गया, इससे अधिवक्ताओं में रोष उत्पन्न हो गया परिणामस्वरुप उक्त पदाधिकारी के विरुद्ध गोलबंद हो पुतला दहन किया। बंदोवस्त पदाधिकारी के पुतला दहन कार्यक्रम में संघ के अध्यक्ष अधिवक्ता विजय सिंह सहित वरीय व कनीय अधिक्तागण मौजूद थे। अधिवक्ताओं का कहना था बंदोवस्त पदाधिकारी का व्यवहार अधिवक्ताओं के प्रति ठीक नहंी है और हमेशा अधिवक्ताओं को नीचा दिखाना चाहते हैं। दिन शनिवार को अधिवक्ताओं ने सफेद फीता लगाकर बंदोवस्त न्यायालय का कार्य संपादित करने का फैसला लिया है। 


आपदा के दौरान नुकसान को कम करने वाली तकनीक की जरूरत : नीतीश कुमार

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पटना 21 जुलाई, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि प्राकृतिक आपदा के प्रभाव को कम करने के लिए ऐसी तकनीक को अपनाने की जरूरत है जिससे नुकसान कम से कम हो। श्री कुमार ने राजधानी के अधिवेशन भवन में बिहार राज्य आपदा जोखिम न्यूनीकरण मंच 2017 को संबोधित करते हुये कहा, “प्राकृतिक आपदा को कोई नहीं रोक सकता। आपदा से जान-माल का नुकसान होता है। यह नुकसान कम से कम हो, हमारा यही लक्ष्य है। हमें यह लक्ष्य निर्धारित करना चाहिये कि कैसे आपदा के प्रभाव को कम कर सकें। हमें आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये हमेशा प्रयत्नशील रहना चाहिये।” मुख्यमंत्री ने बिहार को बहुआपदा प्रभावित राज्य बताया और कहा कि राज्य में विचित्र स्थिति है। प्रदेश बाढ़ एवं सुखाड़ दोनों से प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि यदि बिहार में वर्षा कम हो फिर भी पड़ोसी देश या अन्य राज्यों में हो रही वर्षा से बिहार प्रभावित होता है। यदि नेपाल में भारी वर्षा हुयी तो नेपाल से निकलने वाली नदियों में उफान आयेगा। यदि मध्यप्रदेश एवं झारखंड में अधिक बारिश हुयी तो दक्षिण बिहार में बाढ़ की स्थिति बन जायेगी। इसी तरह यदि उत्तराखंड में अधिक वर्षा हुयी तो गंगा में उफान आ सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को हर साल बाढ़ और सुखाड़ से लड़ने के लिये तैयार रहना पड़ता है। 


श्री कुमार ने कहा कि वर्ष 2008 की कोसी त्रासदी के एक साल पहले वर्ष 2007 में भी बिहार में भीषण बाढ़ आयी थी। बाढ़ से 22 जिले और 2.5 करोड़ लोग प्रभावित हुये थे। लोगों को राहत पहुंचाया गया, आपदा प्रबंधन का कार्य किया गया। राहत कार्य के दौरान कई चुनौतियां भी सामने आयीं। उन्होंने कहा कि पहले कहा जाता था कि राज्य में 86 प्रतिशत छोटे एवं सीमान्त किसान हैं लेकिन राहत कार्य के दौरान पता चला कि उनकी संख्या लगभग 96 प्रतिशत है। उसी समय यह तय किया गया कि सब चीजों के लिये मापदंड बनाये जाएंगे। किस स्थिति में क्या करना है, इसके लिये एसओपी बनाया जायेगा। आपदा से प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता देने के कार्य की शुरूआत की गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर गुजरात का भूकंप, ओडिशा में आये तूफान के बाद आपदा प्रबंधन के विषय पर चर्चा होने लगी कि सिर्फ राहत कार्य से काम नहीं चलेगा। उन्होंने वर्ष 2008 की कोसी त्रासदी की चर्चा करते हुए कहा कि इस प्रलंयकारी बाढ़ का कारण नेपाल में कोसी नदी पर बने बांध का टूटना था। त्रासदी के एक पखवाड़े तक निरंतर लगकर कर प्रभावितों को राहत पहुंचाई गयी। पहली बार इतने बड़े स्तर पर राहत शिविर बनाये गये। श्री कुमार ने प्रदेश में वज्रपात की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वज्रपात के संबंध में पहले से कोई पूर्वानुमान नहीं होने से अधिक नुकसान होता है। आन्ध्रप्रदेश ने एक तकनीक विकसीत की है जिसके माध्यम से वज्रपात के तीस मिनट पूर्व उससे संबंधित जानकारी मिल जाती है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से उक्त तकनीक को जल्द से जल्द बिहार लाने का निर्देश देते हुए कहा कि यदि वज्रपात से पूर्व उसकी जानकारी मिल जाती है तो उस क्षेत्र के लोगों को सचेत किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देत हुए कहा, “तत्काल इस तकनीक को बिहार में लाइये, देर नहीं कीजिये, पूरा नेटवर्क तैयार कीजिये। तकनीक को बिहार लाने में जो भी राशि व्यय होगी, वह मुख्यमंत्री राहत कोष से दिया जायेगा।” 


श्री कुमार ने कहा कि राज्य के स्कूली बच्चों को भूकम्प एवं आग जैसी चीजों के बारे में संवेदनशील बनाया जा रहा है। बच्चों को आपदा की स्थिति में बचाव की जानकारी और प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि प्रदेश के स्कूली बच्चों को सही ढंग से प्रशिक्षित किया जाये तो वे अन्य लोगों को भी इसके बारे में बतायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में करीब 2.5 करोड़ स्कूली बच्चे हैं। यदि उन्हें प्रशिक्षित कर दिया जाता है तो निश्चित तौर सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने अगलगी की चर्चा करते हुए कहा, “पिछले वर्ष अप्रैल माह में बिहार में अगलगी की अप्रत्याशित घटनायें घटी। जब इस संदर्भ में जानकारी ली गयी तो पता चला कि ज्यादातर अगलगी की घटनायें 11 बजे पूर्वाह्न से 4 बजे अपराह्न के बीच होती है, जिसका मुख्य कारण खाना पकाना था। इसके लिए सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की। सरकार का उतरदायित्व आमलोगों के प्रति है। हम हमेशा उनकी सुविधा एवं बेहतरी के लिये काम करते रहेंगे। आपदा जोखिम न्यूनीकरण ऐसी चीज है, जिसका आभास सभी लोगों के मन में होना चाहिये।” श्री कुमार ने कहा कि डिजास्टर रोडमैप के क्रियान्वयन में जन-जन को शामिल करना होगा। हर क्षेत्र में कोई न कोई आपदा का खतरा है, खतरों के बारे में सोच विकसित करने, उसका नुकसान कम से कम हो, इन सबको ध्यान में रखते हुये 15 साल के लिये आपदा रोडमैप बनाया गया है। उन्होंने आशा जताई कि कार्यक्रम में शामिल विशेषज्ञों के बीच चर्चा के सकारात्मक परिणाम निकलेंगे।इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन के पारंपरिक ज्ञान पर लिखित पुस्तक ‘धरोहर’ का विमोचन किया तथा  संबल ऐप का लोकार्पण किया। श्री कुमार ने मकर सक्रांति पतंगोत्सव के दिन घटित भीषण नाव दुर्घटना में उत्कृष्ट बचाव कार्य करने के लिये राजेन्द्र सहनी, आशुतोष कुमार, संदीप सहनी, सोनू सहनी, जामुन सहनी और पंकज कुमार को पुरस्कृत किया। समारोह को आपदा प्रबंधन मंत्री चन्द्रशेखर, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ब्यासजी, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य डॉ0 उदय कान्त मिश्रा समेत अन्य लोगों ने भी संबोधित किया। 

तेजस्वी के साथ तेजप्रताप को भी बर्खास्त करें नीतीश : सुशील कुमार मोदी

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पटना 21 जुलाई, बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के पेट्रोल पंप को भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के सील कर कब्जे में लेने की कार्रवाई पर आज कहा कि धोखाधड़ी से आवंटित कराये गये पंप की जानकारी छुपाकर श्री यादव ने जनता को धोखा दिया है इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें और भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे उनके छोटे भाई एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को अविलंब मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें। श्री मोदी ने यहां कहा कि दूसरे की जमीन को अपनी बता कर धोखाधड़ी से बीपीसीएल का पटना में पेट्रोल पम्प आवंटित कराने और औरंगाबाद की 54 लाख रुपये की 45 डिसमिल जमीन को अपने चुनावी शपथपत्र में छुपा कर स्वास्थ्य मंत्री ने जनता के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे में मुख्यमंत्री 750 करोड़ रुपये के मॉल और 26 बेनामी सम्पति के मालिक उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ ही स्वास्थ्य मंत्री को भी अपने मंत्रिमंडल से अविलंब बर्खास्त करें। भाजपा नेता ने कहा कि श्री तेजप्रताप यादव ने वर्ष 2012 में केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में बीपीसीएल से धोखाधड़ी कर अपने नाम से एक पेट्रोल पंप आवंटित करा लिया था। जांच के बाद आरोप सही पाये जाने पर बीपीसीएल ने आवंटन रद्द कर दिया था। श्री मोदी ने कहा कि बीपीसीएल की इस कार्रवाई को लालू परिवार ने न्यायालय में चुनौती दी थी जिसपर बुधवार को पटना सिविल कोर्ट स्थित एक दिवानी अदालत ने पेट्रोल पंप मामले में यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश को समाप्त कर दोनों पक्षों को मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके बाद कल देर रात बीपीसीएल ने उक्त पेट्रोल पंप को सील कर अपने कब्जे में ले लिया।


भाजपा नेता ने कहा कि इसी तरह श्री तेजप्रताप यादव ने वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने शपथपत्र में उनके नाम से औरंगाबाद में 54 लाख रुपये में खरीदी गई 45 डिसमिल जमीन का ब्यौरा छुपा कर जनता के साथ धोखाधड़ी किया, जिस पर वर्तमान में हीरो होंडा का चार मंजिला शोरूम चल रहा है। उन्होंने कहा कि तथ्यों को छुपाने के आरोप में उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए भाजपा ने चुनाव आयोग को अभी हाल ही में एक ज्ञापन भी सौंपा है। श्री मोदी ने कहा कि पर्यावरण एवं वन मंत्री के तौर पर श्री तेजप्रताप ने पर्यावरण अधिनियम की धज्जियां उड़ा कर अपने छोटे भाई एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के राजधानी पटना के सगुना मोड़ में 750 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे माॅल के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की। भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री जालसाजी, धोखाधड़ी, गलतबयानी और 12 से अधिक बेनामी संपत्ति इकट्ठा करने वाले स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव को भी सीबीआई द्वारा अभियुक्त बनाये गए श्री तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ मंत्रिमंडल से अविलंब बर्खास्त करें। 

बिहार में मंजूर तीन हजार योजनाओं का काम शुरू ही नहीं हुआ : नंदकिशोर

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पटना 21 जुलाई, भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने बिहार की नीतीश सरकार पर विकास कार्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि पिछले तीन वर्ष के दौरान मंजूरी की गई तीन हजार से अधिक विकास योजनाओं का काम आजतक शुरू नहीं हो सका है। श्री यादव ने यहां कहा कि राज्य सरकार द्वारा पिछले तीन वर्षों के दौरान मंजूर की गई तीन हजार से अधिक विकास योजनाओं का धरातल पर कहीं अता-पता नहीं है। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर सात निश्चय के नाम पर राज्य सरकार ने नई-नई योजनाओं की कवायद शुरू कर दी है। पिछले तीन वर्षों के भीतर राज्य सरकार ने 13500 योजनाओं को मंजूरी दी है। भाजपा नेता ने कहा कि आपसी खींचतान और वर्चस्व को लेकर महागठबंधन में छिड़ी आंतरिक लड़ाई का सीधा असर सरकार के कामकाज पर पड़ रहा है और हालत इतनी खराब हैं कि कई विभाग आवंटित राशि खर्च करने में फिसड्डी साबित हो रहे हैं। 

श्री यादव ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान ग्रामीण कार्य विकास विभाग की 3028 योजनाओं को सरकार ने मंजूरी दी थी लेकिन 2772 योजनाओं की फाइल सचिवालय में धूल फांक रही है। चालू वित्त वर्ष में यह विभाग अब तक मात्र 10.36 प्रतिशत राशि ही खर्च पाया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान सरकार ने 13500 से अधिक योजनाओं को मंजूरी दी है। लघु जल संसाधन विभाग की 131, भवन निर्माण विभाग की 27, पथ निर्माण विभाग की 44 तथा पीएचईडी की सात योजनाओं का कार्य तक शुरू नहीं हुआ है। भाजपा नेता ने कहा कि इन योजनाओं के प्रति सरकार की गंभीरता का अनुमान इस से लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में बजटीय प्रावधान के आलोक में लघु जल संसाधन विभाग ने 5.30 प्रतिशत, भवन निर्माण विभाग 5.48 प्रतिशत, पथ निर्माण विभाग 25.03 प्रतिशत और पीएचईडी केवल 4.52 प्रतिशत राशि ही खर्च कर सका है। श्री यादव ने कहा कि एक ओर जहां पुरानी योजनाएं अधर में लटकी हुई हैं, वहीं दूसरी ओर विभागों पर सात निश्चय का लबादा डाल दिया गया है, जिसका निर्धारित अवधि के भीतर लक्ष्य पूरा कर पाना असंभव है। उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग तो योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए अब तक कैलेंडर भी नहीं बना पाया है क्योंकि इसकी योजनाओं की फाइल को कई विभागों से गुजरना पड़ता है। 

किसानों की आत्महत्या की घटना दुर्भाग्यपूर्ण : सुबोधकांत सहाय

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रांची 21 जुलाई, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने राज्य में किसानों की आत्महत्या की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। श्री सहाय ने आज यहां कहा कि रघुवर सरकार की लापरवाही से राज्य की जनता को नुकसान हो रहा है। उन्होंने रांची जिले के बुढमू थाना क्षेत्र में ओझासारम के करमा गांव में दो दिन पहले दुखन यादव की आत्महत्या की घटना को दुखद बताया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्थानीय प्रशासन को इस बात की जानकारी है लेकिन इस मामले को उजागर न करके वह इसे छिपाने की कोशिश कर रहा है। प्रशासन इस मामले मे लापरवाह बना हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य में किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं और सरकार इसकी अनदेखी कर रही है। अधिकारी बेलगाम हैं और सरकार मे शामिल मंत्री अपने में मस्त हैं। श्री सहाय ने कहा कि रघुवर सरकार अपनी मुट्ठी भर उपलब्घियों को गिनाने मे जुटी है। राज्य सरकार एक हजार दिन पूरे होने पर जश्न मना रही है वहीं राज्य में किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर विफल है। 

पिछले ढाई वर्षों में झारखंड विकास की नई ऊंचाई पर : रघुवर दास

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रांची 21 जुलाई, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि पिछले ढाई वर्ष की स्थिर सरकार की बदौलत राज्य ने विकास की नई ऊंचाइयाें को छुआ है। श्री दास ने यहां नीति आयोग के दल के साथ हुई बैठक के बाद कहा कि पिछले ढाई वर्ष की स्थिर सरकार के बल पर झारखंड ने विकास की नई ऊंचाइयाें को छुआ है। लेकिन, राज्य को आज भी केन्द्र से शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विकास के लिये कई ठाेस कदम उठाए हैं आैर झारखंड विकास के कई पायदानाें में अव्वल राज्यों की श्रेणी में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 70 साल में झारखंड का विकास उपेक्षित रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने अलग राज्य का गठन कर इसके विकास की नई नींव रखी थी। उन्हाेंने कहा कि पिछले 14 वर्षों की राजनीतिक अस्थिरता के कारण भी राज्य का अपेक्षित विकास नहीं हाे पाया। श्री दास ने कहा कि वर्ष 2018 तक सभी घरों में विद्युत सुविधा तथा सभी जिलों को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य में महिला साक्षरता दर में भी सुधार हुआ है। बालिका शिक्षा एवं जनजातीय समुदायों के शिक्षा एवं समग्र विकास के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। इस मौके पर मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने बताया कि देश की आैसत विकास दर 6.8 से आगे 8.6 प्रतिशत विकास दर के साथ टीम झारखंड की प्रतिबद्धता आैर कार्य की दिशा स्पष्ट है। उन्हाेंने कहा कि सुगम्य व्यापार की दृष्टि से झारखण्ड 96.5 प्रतिशत स्कोर के साथ अव्वल राज्यों की श्रेणी में खड़ा है। मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार का महिला सशक्तीकरण, स्वास्थ्य, शिक्षा, कल्याण जैसे क्षेत्र में विशेष जाेर है। नीति, निवेश एवं कार्यान्वयन में राज्य के पास सबल नीति है और टीम झारखंड कार्यान्वयन के स्तर पर प्रतिबद्ध है। साथ ही बजट एवं निवेश में केन्द्र से आैर अधिक सहयाेग प्राप्त हाेगा ताे राज्य दीर्घस्थायी विकास के लक्ष्य को हासिल कर सकेगा। नीति आयोग के सदस्य डॉ वी. के. सारस्वत ने समीक्षा करते कहा कि हर क्षेत्र में झारखंड ने विश्वसनीय शुरूआत की है। विकास दर, माेमेंटम झारखंड के द्वारा एक डायनेमिक नेतृत्व, प्रभावशाली नीतियां आैर सफल कार्यान्वयन का निदर्शन हुआ है। उन्होंने कहा कि समावेश अर्थात अपने नॉलेज नीति संसाधन काे राष्ट्रीय स्तर पर समन्वयन आैर आदान-प्रदान के तहत स्वीकार करना चाहिए। 

बिहार में नक्सल प्रभावित जिलों की सड़कों का होगा चौड़ीकरण

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पटना 21 जुलाई, बिहार सरकार ने वर्ष 2020 तक राज्य के नक्सल प्रभावित छह जिलों की 1050 किलोमीटर लंबी सड़कों के चौड़कीरण करने का लक्ष्य रखा है। पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने आज यहां बताया कि विभाग के ‘विजन 2020’ के तहत राज्य के नक्सल प्रभावित छह जिलों औरंगाबाद, गया, जमुई, नवादा, बांका एवं मुजफ्फरपुर में 1050 किलोमीटर लंबी 60 मुख्य जिला पथों को सिंगल लेन से दो लेन में चौड़कीरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन सड़कों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) मंजूरी के चरण में है। श्री मीणा ने बताया कि 790 किलोमीटर वृहद् जिला पथों को दो लेन में चौड़ीकरण कराने के लिए जापान इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी से वित्तीय सहयोग प्राप्त करने के लिए आगे की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि शेष 3255 किलाेमीटर मुख्य जिला पथों को वर्ष 2020 तक इंटरमीडिएट लेन में चौड़ीकरण करने का लक्ष्य है।

प्रधान सचिव ने कहा कि विभाग के विजन 2020 के तहत निर्धारित प्रत्येक लक्ष्य को हासिल करने के लिए समयबद्ध तरीके से कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसी कड़ी में वर्ष 2016-17 में दो लेन से कम चौड़ाई वाली 632 किलोमीटर लंबी राज्य उच्च पथों को दो लेन में चौड़ीकरण योजना के लिए एशियाई विकास बैंक से वित्तीय सहयोग हासिल करने की आर्थिक मामले विभाग से सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त हो गई है। उन्होंने कहा कि शेष राज्य उच्च पथों को वर्ष 2020 तक दो लेन में चौड़ीकरण करने का लक्ष्य आसानी से प्राप्त कर लिया जाएगा। श्री मीणा ने बताया कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा वित्त वर्ष 2017-18 में कुल 267 पुलों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा, इसमें मुख्यमंत्री सेतु योजना के 58 पुल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में पूर्ण की जाने वाली महत्वपूर्ण पुल परियोजनाओं में राजधानी पटना के जीपीओ से रेलवे स्टेशन होते हुये चिरैयाटांड़ फ्लाइओवर, गंडौल-बिरौल के बीच कमला नदी पर पुल और दाउदनगर से नासरीगंज के बीच सोन नदी पर आरसीसी पुल प्रमुख हैं। प्रधान सचिव ने बताया कि पटना में निर्माणाधीन अखिला भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से दीघा तक के एलिवेटेड कॉरिडोर का कार्य लगभग पूरा किया जा चुका है और इसका सिंतबर 2017 में लोकार्पण किये जाने की संभावना है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 146.34 किलाेमीटर सड़कों का कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा, जिसमें राज्य उच्च पथ संख्या 81, 87, 90 और 91 शामिल हैं। 

चारा घोटाला मामले में लगातार दूसरे दिन पेश हुये लालू

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रांची 21 जुलाई, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले से जुड़े चार अलग-अलग मामलों में आज लगातार दूसरे दिन केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में पेश हुए। श्री यादव सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह और एस. एस. प्रसाद की अदालत में हाजिर हुए और अपने बचाव में गवाह भी पेश किये। अदालत में श्री यादव की ओर से पेश हुये गवाहों के बयान दर्ज किए गए। वहीं, दूसरी ओर सीबीआई ने भी श्री यादव के खिलाफ गवाह पेश किये। यह गवाही सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस. एस. प्रसाद एवं न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में सीबीआई की ओर से दी गई। उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले के ये मामले संयुक्त बिहार के चाईबासा, देवघर, दुमका और डोरंडा कोषागार से लाखो रुपये की अवैध निकासी का हैं।


बिहार में आपदाओं से होने वाली मानव क्षति को 75 फीसदी तक कम करने का लक्ष्य

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पटना 21 जुलाई, बिहार सरकार ने वर्ष 2030 तक प्राकृतिक आपदाओं के दौरान होने वाली मानव क्षति को 75 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने पिछले एक वर्ष में आपदा जोखिम न्यूनीकरण की दिशा में विभिन्न विभागों की ओर से किये गये कार्यों की प्रगति की समीक्षा के लिए यहां आज से शुरू हुई ‘बिहार राज्य आपदा न्यूनीकरण मंच’ कार्यशाला के दौरान बताया कि सरकार ने वर्ष 2030 तक प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली मानव क्षति को मूल आधार आंकड़ों की तुलना में 75 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। श्री अमृत ने बताया कि जापान के सेंडई में हुये विश्व आपदा जोखिम न्यूनीकरण सम्मेलन और इसके बाद राज्य में आयोजित ऐसे प्रथम सम्मेलन से प्राप्त अनुभव तथा विभिन्न विभागों से मिले सुझावों के आधार पर तैयार एवं मंत्रिमंडल से स्वीकृत बिहार आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्ययोजना 2015-30 में वर्ष 2030 तक सड़क, रेल एवं नाव दुर्घटनाओं के आंकड़ों में पर्याप्त कमी करना और आपदाओं से प्रभावित लोगों की संख्या को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधान सचिव ने बताया कि इस कार्ययोजना को मंजूरी देने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। उन्होंने बताया कि इसमें वर्ष 2030 तक राज्य में आपदाओं से होने वाली क्षति में भी 50 प्रतिशत तक की कमी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। श्री अमृत ने बताया कि इस कार्ययोजना को लागू करने के उद्देश्य से सरकार ने वर्ष 2016 में सभी संबंधित विभागों को उनके कार्यक्रमों में आपदाओं से उत्पन्न होने वाले जोखिम को कम करने के लिए लक्ष्य दिये थे, जिसकी प्रगति की समीक्षा के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इसके अलावा कार्यशाला में एक वर्ष के दौरान कार्ययोजना को लागू करने में जो चुनौतियां सामने आई हैं या जो संरचनात्मक कार्य किये गये हैं, उनका मूल्यांकन भी किया जाएगा। 

तेजस्वी के मुद्दे पर जदयू हुआ और आक्रामक, राजद ने साधी चुप्पी

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पटना 21 जुलाई, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के इस्तीफे को लेकर सत्तारूढ़ महागठबंधन में जारी विवाद के बीच आज मुख्य घटक जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने उप मुख्यमंत्री को गूंगा, बहरा और मोटी चमड़ी वाला तक कह दिया। जदयू के प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक ने यहां उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम लिए बगैर कहा कि भ्रष्टाचार के जिन पर आरोप लगे हैं उनको पूरे तथ्यों के साथ अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारे सब्र का इम्तिहान लिया जा रहा है, जिनको जवाब देना है वो चुप हैं। लगता है जैसे कान में रूई डाल कर बैठे हैं, या गूंगे हो गये हैं या चमड़ी मोटी हो गयी है।” डॉ. आलोक ने कहा कि पार्टी इस मामले में ज्यादा दिनों तक सब्र नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के साथ समझौता करके वर्ष 2019 में विपक्षी एकजुटता की बात करना बेमानी है।


वहीं, जदयू के एक अन्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि भ्रष्‍टाचार और अपराध के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की जो नीति पार्टी की है, उससे पीछे नहीं हट सकते । जिन पर आरोप लगे हैं उनको जनता के सामने आकर पूरे तथ्यों के साथ अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई तो करनी ही होगी। श्री सिंह ने कहा कि जहां तक महागठबंधन का सवाल है तो इसे चलाने की जिम्मेदारी इसमें शामिल तीनों दलों की संयुक्त रूप से है, अकेले जदयू की नहीं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता और पूरा देश इस बात को जानता है कि अपराध और भ्रष्टाचार के मामले में जदयू की परम्परा क्या रही है। पार्टी की परंपरा और सिद्धांत से कोई समझौता नहीं होगा। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि राजनीतिक कुर्बानियों की बुनियाद पर राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने का जदयू का रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी पॉलिटिक्स विद डिफरेन्स के लिए जानी जाती है। हमने भ्रष्टाचार का मामला उठाया है। राजद को जवाब तो देना ही पड़ेगा।” उधर राजद के नेताओं ने जदयू के प्रवक्ताओं के बयान पर कुछ भी कहने से इंकार किया। गौरतलब है कि राजद प्रमुख ने पार्टी के सभी प्रवक्ताओं और नेताओं को मीडिया के समक्ष कुछ भी कहने से मना किया है। 

किसानों की समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री किसान राहत कोषांग स्थापित

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रांची 21 जुलाई, झारंखड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि झारखण्ड सरकार ने किसानों की समस्या के त्वरित समाधान के लिए मुख्यमंत्री किसान राहत कोषांग स्थापित किया गया है। श्री दास ने कहा, “किसान हमारे अन्नदाता हैं, हम किसानों की सेवा करने को तत्पर हैं। किसानों को कोई समस्या हो तो उन्हें किसी भी कीमत पर घबराना नहीं चाहिए है। झारखंड सरकार हर पल उनके साथ है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी समस्या आने पर किसान राहत हेल्पलाइन पर फोन करें । तीन दिन में हर हाल में उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा। किसानों की सहायता के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री किसान राहत कोष का गठन किया गया है।

नागालैंड में जेलियांग ने जीता विश्वास मत

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कोहिमा,21 जुलाई, नागालैंड के मुख्यमंत्री टी आर जेलियांग ने विधानसभा में आज विश्वास मत हासिल कर लिया। श्री जेलियांग के विश्वास मत हासिल करने के लिए इस विशेष सत्र की शुरुआत उनके विश्वास प्रस्ताव पेश करने के साथ हुयी। इसके बाद नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के सदस्यों के अलावा डॉ शुरहोजिले लीजित्सु और श्री जेलियांग के समर्थकों ने प्रस्ताव पर लंबी चर्चा की। इस संबंध में दोनों पार्टियों ने व्हिप जारी किया है। प्रस्ताव पर चर्चा के बाद विधानसभा के अध्यक्ष इम्तिवापांग एयर ने सदस्यों से मतदान करने को कहा। विधानसभा के 47 सदस्यों ने श्री जेलियांग के समर्थन में मतदान किया जबकि 11 सदस्यों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मत दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने श्री जेलियांग के विश्वास मत जीतने की घोषणा की। साठ सदस्यीय विधानसभा के 58 सदस्यों ने मतदान किया। विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के बाद अध्यक्ष ने श्री जेलियांग काे सदन का नेता नियुक्त करते हुए सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

दादरा एवं नागर हवेली को विकास के आदर्श के रूप में प्रस्तुत करें : राजनाथ

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नयी दिल्ली 21 जुलाई, केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दादरा और नागर हवेली प्रशासन से इस केन्द्रशासित प्रदेश के विकास कार्यों में तेजी लाने का आग्रह किया है ताकि उसे देश के सामने विकास के आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया जा सके। श्री सिंह ने आज यहां दादरा और नगर हवेली के लिए गठित गृह मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में दादरा और नगर हवेली का प्रतिनिधित्‍व प्रशासक प्रफुल्‍लभाई खोड़ाभाई पटेल, सांसद नाटूभाई पटेल और अन्‍य सदस्‍यों ने किया। केंद्रीय गृह सचिव श्री राजीव महर्षि, विशेष कार्य अधिकारी (गृह) राजीव गाबा, एमओआरटीएच के सचिव युद्धवीर सिंह मलिक, सलाहकार श्री हरि कृष्ण पालीवाल और गृह मंत्रालय के अधिकारी तथा आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। बैठक में कार्रवाई रिपोर्ट और केन्‍द्र शासित प्रदेश के विभिन्‍न विषयों से संबंधित 40 बिन्‍दुओं की प्रगति का जायजा लिया गया और मौजूदा 15 परियोजनाओं पर विस्‍तार से चर्चा हुई, जिनमें दादरा और नगर हवेली में प्रस्‍तावित मेडिकल कॉलेज की स्‍थापना, इंजीनियरिंग और मेडिकल कोटा सीटों के आवंटन में इजाफा, पंचायतों की अधिकारिता और अन्‍य प्रशासनिक मुद्दे शामिल थे। सिल्‍वासा तक 11.3 किलोमीटर रिंग रोड के निर्माण, जलमलशोधन संयंत्र, सम्‍पर्क में सुधार तथा सैली में खेल परिसर के निर्माण जैसी सरंचना परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई। समिति ने सदस्‍यों के सुझावों के मद्देनजर 25 अन्‍य प्रस्‍तावों पर भी गौर किया। इनमें बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना, स्‍वच्‍छ भारत अभियान के तहत चलने वाले कार्यक्रमों और उपलब्धियों, पर्यटन क्षमता में सुधार के उपाय, शैक्षिक स्‍तर खासतौर से जनजातीय समुदाय को ध्‍यान में रखते हुए उसका उन्‍नयन, दादरा और नगर हवेली में विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना, वृद्धजनों, विधवाओं और दिव्‍यांग व्‍यक्तियों को पेंशन का भुगतान आदि शामिल थे। आवास और कौशल विकास के संबंध में प्रस्‍तावों पर भी चर्चा की गई। इसके तहत जनजातीय समुदायों के बीच सम्‍पर्क कौशल बढ़ाने पर जोर दिया गया। सदस्‍यों ने क्षेत्र में कुष्‍ठ रोगों के मामलों के संबंध में केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय से सहायता का आग्रह किया। श्री सिंह ने परियोजना विकास के लिए प्रशासक और उनके दल द्वारा किये जाने वाले प्रयासों की प्रशंसा की। उन्‍होंने आश्‍वस्‍त किया कि मंत्रालय सदस्‍यों द्वारा दिये गये सुझावों और प्रस्‍तावों पर गौर करेगा।

ममता ने किया भाजपा का सूपड़ा साफ करने का आह्वान

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कोलकाता,21 जुलाई, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) का सूपड़ा साफ करने का आह्वान करते हुए कहा कि सभी क्षेत्रों में भारत की वृद्धि दर में कमी आयी है इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 के आम चुनाव में तीस प्रतिशत वोट भी हासिल नहीं कर पाएंगे। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष सुश्री बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से नौ अगस्त से भाजपा हटाओ अभियान शुरू करने की अपील की जिसे बाद में देश के कोने-कोने तक पहुंचाया जाएगा। सुश्री बनर्जी यहां वर्ष 1993 में रायटर्स बिल्डिंग की घेराबंदी के दौरान पुलिस गोलीबारी में 13 लोगों के मारे जाने की याद में 24वें शहीद दिवस पर आयोजित विशाल रैली को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा,“देश संकट के दौर से गुजर रहा है और मौजूदा स्थिति तो आपातकाल के दौर से भी खराब है।” उन्होंने कहा,“देश में इन दिनों गौरक्षक के नाम पर हिंदू हठधर्मिता को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसके कारण यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है, न तो अल्पसंख्यक एवं न ही बहुसंख्यक। उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय जैसे केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल घोटालों के नाम पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को गिरफ्तार करने में किया है ।

निर्वाचन आयोग को अवमानना की कार्रवाई का अधिकार नहीं

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नयी दिल्ली 21 जुलाई, सरकार ने आज स्पष्ट किया कि निर्वाचन आयोग को उस पर बेबुनियाद आरोप लगाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई का अधिकार देना उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के अनुरूप नहीं होगा। विधि और न्याय राज्य मंत्री पी पी चौधरी ने आज राज्यसभा में लिखित जवाब में बताया कि निर्वाचन आयोग के अनुरोध पर इस आशय के प्रस्ताव की विभिन्न न्यायिक टिप्पणियों और आदेशों के आलोक में समीक्षा की गयी। उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद यह राय दी गयी कि निर्वाचन आयोग को अवमानना के मामलों में कार्रवाई करने का अधिकार देना उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के अनुरूप नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय से राजनीतिक दलों और नेताओं द्वारा निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता पर बार बार सवाल उठाये जा रहे हैं। जिसके बाद आयोग ने सरकार से उसे इस तरह के मामलों में अवमानना की कार्रवाई करने का अधिकार देने का अनुरोध किया था।


केंद्र ने दार्जिलिंग में जल्द शांति बहाली करने को कहा

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नयी दिल्ली 21 जुलाई, संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने आज कहा कि दार्जिलिंग में खराब हालात के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का रवैया जिम्मेदार है और उन्हें वहां जल्द शांति बहाल करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मोहम्मद सलीम द्वारा यह मुद्दा उठाये जाने पर श्री कुमार ने कहा कि केंद्र दार्जिलिंग की स्थिति को लेकर चिंतित है और राज्य सरकार तथा वहां की स्थिति से निपटने में सुश्री बनजी के तौर -तरीकों के कारण हालात अधिक खराब हुए हैं । उन्होंने कहा कि पहले वहां कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक करके शांति स्थापित होनी चाहिए उसके बाद केंद्र आन्दोलनकारियों की मांगों पर विचार कर सकता है। श्री सलीम ने यह मामला उठाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के मुकुट दार्जिलिंग में स्थिति खराब है । वहां के खाद्य मंत्री राशन की आपूर्ति बंद करने की बात कर रहे हैं । वहां की खराब स्थिति से सिक्किम को भी परेशानी उठानी पड रही है । इस पूरी स्थिति के लिए सुश्री बनर्जी को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हाेंने कहा कि वह पंचायत ,गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन तथा अन्य संस्थाओं में बेवजह दखल दे रहीं हैं । उन्होंने कहा कि केंद्र पूरे मामले में खामोश है जबकि उसे अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए । श्री सलीम ने शांति बहाली के लिए त्रिपक्षीय बैठक बुलाने की मांग की और कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों को मिलकर वहां स्थिति सुधारने के उपाय करने चाहिए। इस दौरान सदन में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य मौजूद नहीं थे ।

हाई-स्पीड रेल परियाजनाओं पर 18 हजार करोड़ के निवेश को नीति आयोग की मंजूरी

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नयी दिल्ली 21 जुलाई, नीति आयोग ने दिल्ली-मुम्बई और दिल्ली-कोलकाता मार्गों पर हाई-स्पीट रेल परियोजनाओं के लिए 18,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज यहां उद्योग संगठन एसोचैम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘रेलटेक 2017’ का शुभारंभ करने के बाद कहा, “हम 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार वाली देश की सबसे उच्च गति वाली ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस पर काम कर रहे हैं। साथ ही मुम्बई-दिल्ली और दिल्ली-कोलकाता मार्गों पर अधिकतर 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार वाली ट्रेनें चलाने की कोशिश कर रहे हैं, जिस पर 18,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और नीति आयोग ने इसे मंजूरी भी दे दी है।” उन्होंने बताया कि जब इस परियोजना का प्रस्ताव रखा गया तो लोग पहले बड़े सशंकित थे। लेकिन अब सबको इसके महत्व का पता चल गया है। यह सबसे कम लागत वाला विकल्प है। इसी कारण हम इसे मूर्तरूप देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “आप कल्पना कर सकते हैं कि यदि ट्रेन दिल्ली से मुम्बई इस रफ्तार से चले तो सफर का कितना समय बच जायेगा।” रेल मंत्री ने कहा कि रेल मंत्रालय फ्रांस सहित कई देशों के साथ इन परियोजनाओं की गति बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। कई अध्ययन किये जा रहे हैं जो अग्रिम चरण में हैं और अगले कुछ माह में उन्हें लागू कर दिया जायेगा।

अमेरिकी पाकिस्तान को सैन्य प्रतिपूर्ति नहीं देगा: पेंटागन

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वाशिंगटन. 21 जुलाई, अमेरिका ने कहा है कि वह पाकिस्तान को वित्तीय वर्ष 2016 के लिए सैन्य प्रतिपूर्ति नहीं देगा। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय मुख्यालय पेंटागन के मुताबिक रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने अमेरिकी कांग्रेस को जानकारी दी है कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के विरूद्ध समुचित कार्रवाई नहीं की है, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। पेंटागन के प्रवक्ता एडम स्टम्प ने आज यहां बताया कि इस समय पाकिस्तान को धन जारी नहीं किया जा सकता क्योंकि रक्षा मंत्री की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान ने राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम के तहत हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं की है।

वाघेला ने की नेता प्रतिपक्ष, विधायक पद से इस्तीफे की घोषणा, कहा विधानसभा चुनाव में होगी बडी भूमिका

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गांधीनगर, 21 जुलाई, गुजरात में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान हुई क्रॉस वोटिंग से शर्मसार कांग्रेस को एक और झटका देते हुए इसके वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने आज पार्टी से नाता तोडने और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तथा विधायक पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर डाली। बाद में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि दलगत राजनीति से अलग होने के बावजूद उन्होंने सार्वजनिक जीवन से सन्यास नहीं लिया है और इस साल गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी बडी भूमिका होगी। पिछले कुछ समय से बगावती तेवर अपनाने वाले 77 वर्षीय श्री वाघेला ने अपने जन्मदिन के मौके यहां टाउनहॉल में फिल्म बाहुबली के गाने की धुन और समर्थकों की ओर से ‘वाघेला तुम आगे बढो हम तुम्हारे साथ है, देखो देखो कौन आया गुजरात का शेर आया’ जैसे नारों के बीच अपने समर्थकों की ओर से मिले तलवार को भी हवा में लहराया। कुछ माह पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से उनकी विधानसभा में हुई औपचारिक मुलाकात के बाद से उनके कांग्रेस छोड कर भाजपा में शामिल होने की अटकले तेज हो गयी थी। श्री वाघेला ने अपने जन्मदिन के मौके पर आयोजित सम समवेदना सम्मेलन में कहा कि पार्टी के अंदर से ही कुछ समय से उन्हें निकालने की साजिश चल रही थी जिससे पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी अवगत थे। पार्टी के अनुशासन के नाम पर गला दबाने की कोशिश हो रही थी। उन्हें पार्टी में जहर पीकर रहना पड रहा था। उन्हें बदनाम करने के लिए उनके नाम से पार्टी के लोग ही पोस्टर लगा रहे थे, पार्टी के कागजातों से उनके नाम हटा दिये जा रहे थे। वह आज पार्टी से नाता तोडते हैं। उन्होंने कहा, ‘मै ही आज कांग्रेस को अपने बंधन से मुक्त करता हूं। मै आज ही नेता प्रतिपक्ष पद से अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेज दूंगा तथा आठ अगस्त को राज्यसभा चुनाव के बाद 15 अगस्त को विधायक पद भी छोड दूंगा।’ ज्ञातव्य है कि कांग्रेस ने इस सम्मेलन में पार्टी विरोधी गतिविधियों की आशंका में पार्टी विधायकों और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों के आने पर रोक लगा रखी थी। हालांकि इसके बावजूद उनके विधायक पुत्र महेन्द्रसिंह वाघेला तथा एक अन्य वरिष्ठ विधायक राघवजी पटेल ने इसमें भाग लिया। कई अन्य स्थानीय कांग्रेस नेता भी इसमें दिखायी दिये। श्री वाघेला ने अपने लंबे भाषण के दौरान यह भी दावा किया कि विनाशकाले विपरित बुद्धि की तर्ज पर कांग्रेस ने उन्हें 24 घंटे पहले ही बाहर का रास्ता दिखाने की कोशिश की थी। उन्होंने हालांकि कहा कि वह भाजपा अथवा अन्य राजनीतिक दल में नहीं जायेंगे ना कोई नयी पार्टी बनायेंगे बल्कि अब जनता के बीच रहेंगे जो उनकी मालिक है। कांग्रेस में उनके समर्थक भी कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। श्री वाघेला ने अपने भाषण के दौरान इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी तथा उनके राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल की बहुत प्रशंसा की। उन्होंने अपने लंबे राजनीतिक जीवन संघ से उनके जुडाव तथा उनके एक साल के मुख्यमंत्रित्वकाल आदि के बारे में भी विस्तार से चर्चा की। मजे की बात यह है कि उन्होंने पार्टी में उनके मुख्य हरीफ समझे जा रहे मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी की भी पूर्व में मदद करने के लिए सराहना की। हालांकि उन्होंने कम समय रहने के बावजूद कांग्रेस में सही तरीके से चुनावी तैयारी नहीं होने की बात फिर से उठायी और यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस के भीतर के ही कुछ नेताओं ने चुनाव में भाजपा को जिताने के लिए सुपारी ले रखी है। 


उधर कांग्रेस ने उनके सम्मेलन के बाद एक आधिकारिक बयान में कहा कि श्री वाघेला को पार्टी से निकाला नहीं गया है अथवा कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गयी है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष दोषी ने यह जानकारी दी। बाद में कांग्रेस ने कडा रूख अख्तियार करते हुए कहा कि श्री वाघेला का बर्ताव पार्टी को धोखा देने जैसा है हालांकि इसके बावजूद पार्टी चुनाव जीतेगी। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने नयी दिल्ली में दावा किया कि श्री वाघेला मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी को हटा कर स्वयं को इस पद पर रखने की मांग की थी जिसे पार्टी ने अस्वीकार कर दिया था। श्री वाघेला ने स्वयं पार्टी छोडने का निर्णय लिया है, उन्हें निकाला नहीं गया है। उधर पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा कोर कमेटी के सदस्य सिद्धार्थ पटेल ने कहा कि श्री वाघेला के कार्यक्रम में बहुत कम विधायकों ने भाग लिया। उन पर कार्रवाई के बारे में पार्टी विचार कर रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी ने कहा कि वह पार्टी छोडने के बाद भी श्री वाघेला का सम्मान करते रहेंगे। श्री वाघेला के विधायक पुत्र महेन्द्रसिंह वाघेला ने कहा कि वह स्वाभाविक रूप से अपने पिता के साथ रहेंगे। ज्ञातव्य है कि श्री वाघेला के पार्टी छोडने के साथ ही एक अटकलों के एक लंबे दौर का पटाक्षेप हो गया है। लंबे समय से उनके कांग्रेस छोडने तथा या तो भाजपा में शामिल होने अथवा नयी पार्टी बनाने की अटकले जारी थीं। उधर उनके इस्तीफे के बाद से कांग्रेस के दो फाड होने के भी आसार हैं। विधायक श्री रावघजी पटेल ने कहा कि उन्होंने वर्तमान नेता प्रतिपक्ष के जन्मदिन के कार्यक्रम में भाग लेेकर कोई अनुशासन भंग नहीं किया है।

फारुक के बयान से गरमाया कश्मीर का मुद्दा

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नयी दिल्ली 21 जुलाई, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष तथा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने आज कहा कि कश्मीर मसले पर पाकिस्तान भी एक पक्ष है और बातचीत के जरिये यह मुद्दा सुलझाया जाना चाहिये जिसमें तीसरे पक्ष को भी शामिल किया जा सकता है, मध्यस्थता की पैरवी तथा कश्मीर में पाकिस्तान को भी एक पक्ष बताये जाने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने एक सुर में निंदा की है, साथ ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के कश्मीर के मौजूदा हालात के लिए केंद्र सरकार की नीतियों को दोषी ठहराये जाने पर सरकार के कई वरिष्ठ मंत्रियों ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। श्री अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा बार-बार संघर्ष विराम के उल्लंघन के बारे में पूछे जाने पर संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा “जब तक आप कश्मीर पर पाकिस्तान से बात नहीं करेंगे, कश्मीर मुद्दे का हल नहीं निकालेंगे, यह नहीं रुकने वाला है। हमें यह समझना होगा कि कश्मीर मसले में पाकिस्तान भी एक पक्ष है।” उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का हल नहीं निकाले जाने के कारण सबसे ज्यादा नुकसान राज्य के लोगों को हो रहा है। जहाँ देश के दूसरे राज्य तरक्की कर रहे हैं, जम्मू-कश्मीर इसमें पीछे छूट गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या यह पाकिस्तान से बात करने का उचित समय है, श्रीनगर-बडगाम लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्री अब्दुल्ला ने कहा “आप जब चीन से बात कर सकते हैं तो पाकिस्तान से बात क्यों नहीं। दोस्तों (तीसरे पक्ष) को शामिल कीजिये और बात कीजिये।” इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने साफ कहा कि वह तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका या चीन की मदद ली जा सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप स्वयं कह चुके हैं कि अमेरिका मध्यस्थता के लिए तैयार है। स्थिति सामान्य होने का इंतजार करने की बजाय तुरंत वार्ता कर मामले को सुलझाये जाने की वकालत करते हुये श्री अब्दुल्ला ने कहा “सही वक्त का इंतजार करते-करते 70 साल बीत चुके हैं। अब और कितना इंतजार करना होगा। इस दौरान चार युद्ध हो चुके हैं। और कितने लोगों को मरवायेंगे। युद्ध इसका समाधान नहीं है। दोनों देशों के पास एटम बम हैं।”

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