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आप के 20 विधायकों के भविष्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म

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नयी दिल्ली, 23 जुलाई, श्री रामनाथ कोविंद के देश का नया राष्ट्रपति चुने जाने के साथ ही लाभ के पद के आरोप में फंसे दिल्ली के 20 विधायकों के भविष्य का फैसला जल्दी होने की अटकलें जोर पकड़ने लगी है। चुनाव आयोग के समक्ष लाभ के पद के विधायकों का मामला पिछलें कई महीनों से विचाराधीन है। आयोग इस मामले की सुनवाई लगभग पूरी कर चुका है और कभी भी इस मसले पर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेज सकता है। अरविंद केजरीवाल सरकार के फरवरी 2015 में शपथ गहण करने के बाद आम आदमी पार्टी(आप) के 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त करते हुए इन्हें तमाम तरह की सरकारी सुविधाएं दी गयी थी। सरकार के इस कदम के विरूद्ध प्रशांत पटेल नामक वकील ने लाभ का पद का आरोप लगाते हुए 19 जून 2015 को राष्ट्रपति के समक्ष विधायकों की सदस्यता को रद्द करने के लिये शिकायत की थी। राष्ट्रपति ने यह मामला चुनाव आयोग को भेज दिया था और आयोग ने विधायकों को नोटिस जारी किया था। प्रशांत पटेल की शिकायत के बाद केजरीवाल सरकार ने अपने इन विधायकों की सदस्यता को लेकर उत्पन्न खतरे से बचने के लिये इनकी नियुक्ति के बाद दिल्ली विधानसभा में एक विधेयक पारित कर राष्ट्रपति को मंजूरी के लिये भेजा था जिसे राष्ट्रपति ने पिछले साल जून में स्वीकृति देने से मना कर दिया था। दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीटें है। कानून के अनुसार विधायकों के 10 प्रतिशत के बराबर मुख्यमंत्री समेत सात लोगों को मंत्रिमंडल में रखा जा सकता है। वर्ष 1999 में तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा ने कानून में संशोधन करते हुए खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष और दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष को लाभ के पद के दायरे से बाहर किया था। इसके बाद 2006 में शीला दीक्षित सरकार ने संशोधन कर इसमें मुख्यमंत्री के संसदीय सचिव का पद शामिल किया था।


पार्टी को मजबूत बनाने वाले विस्तारकों को सुविधा उपलब्ध कराने पर विचार

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जयपुर 23 जुलाई, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने विस्तारकों से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की तर्ज पर संगठन को मजबूत बनाने का आह्वान करते हुये संकेत दिये कि इस कार्य में जुटे विस्तारकों को सुविधा भी उपलब्ध करायी जायेगी। श्री शाह ने अपने राजस्थान प्रवास के अंतिम दिन आज पार्टी मुख्यालय में विस्तारकों के साथ चर्चा की और उन्हें सरकार के बजाय संगठन को मजबूत बनाने की नसीहत दी। लगभग एक घंटे तक चली चर्चा के दौरान उन्होंने पन्द्रह मिनट का समय सवाल जवाब के लिये भी रखा और इस दौरान उन्होंने विस्तारकों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का जवाब भी दिया। उन्होंने विस्तारकों से संगठन के लिये बोझ बनने की बजाय सहयोगी की भूमिका निभाने की जरूरत पर बल देते हुये कहा कि विस्तारक संगठन की नींव है और वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पेर्टन पर कार्य करते हुये जिला , मंडल तथा बूथ स्तर तक अपनी पकड बनावें। बैठक के दौरान विस्तारकों को क्षेत्र में कार्य करने के दौरान सुविधा उपलब्ध कराने का मुद्दा भी उठाया गया। इस पर विस्तारकों को आश्वस्त किया गया कि संगठन इस संबंध में विचार कर रहा है और शीघ्र ही इसकी जानकारी उन तक पहुंच जायेगी। चर्चा के दौरान विस्तारकों द्वारा सरकार से जुडी समस्याओं का समाधान नहीं होने का मुद्दा उठाने पर श्री शाह ने कहा कि सरकार से जुडे काम नहीं होने पर वह अपनी बात मंडल और जिला स्तर के अध्यक्षों के समक्ष रखें। बैठक के बाद विस्तारकों ने पत्रकारों को बताया कि संगठन को मजबूत बनाने के लिये पार्टी अध्यक्ष श्री शाह ने आगामी अक्टूबर माह में आयोजित होने वाले प्रदेश व्यापी सम्मेलन में केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने में सक्रिय रूप से जुटने का आह्वान किया। कुछ विस्तारकों ने बताया कि बैठक में विस्तारकों को काम करने में होने वाली कठिनाई के मद्देनजर उन्हें बाईक उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया।

बिहार में पर्यटन का नया केंद्र बन रहा सिमरिया

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पटना 23 जुलाई, बिहार में पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए सरकार की ओर से जारी गंभीर प्रयासों के बीच वर्ष 2011 में आयोजित अर्द्धकुंभ और अब इस वर्ष होने वाले महाकुंभ की बदौलत बेगूसराय जिले का सिमरिया पर्यटन के नये केंद्र के रूप में उभर रहा है। गंगा किनारे बसे सिमरिया ने 13 अक्टूबर से 17 नवंबर 2011 तक चले अर्द्धकुंभ के दौरान पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था। आंकड़े बताते हैं कि इस अर्द्धकुंभ में देश-विदेश से आये करीब 90 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में डुबकी लगाई थी। वहीं, वर्ष 2017 में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले महाकुंभ में दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इसके अलावा यदि सरकार आधारभूत ढांचे का और विकास करे तो सिमरिया सालो भर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रह सकता है। आयोजक संगठन सर्वमंगला विद्वत परिषद् की अभी हाल में हुई संगोष्ठी में वर्ष 2017 के महाकुंभ की तिथियों का निर्धारण कर दिया गया है। 17 अक्टूबर को महाकुंभ का ध्वजारोहण होगा वहीं 18,19, 26 और 31 अक्टूबर तथा 04, 14 एवं 16 नवंबर 2017 को विशेष पर्व स्नान होगा। संगोष्ठी के दौरान गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, जगद्गुरू शंकराचार्य एवं अन्य धर्माचायों की उपस्थिति में महाकुंभ चातुर्मास्य ध्वजारोहण भी किया गया। 


परिषद् ने बताया कि सिमरिया महाकुंभ-2017 के प्रतीक चिन्ह का भी लोकार्पण किया गया। इसमें एक पीतल का कलश है, जिसपर मधुबनी चित्रकारी में समुद्र मंथन का चित्र अंकित है। कलश के नीचे शुभत्व का प्रतीक अल्पना बना हुआ है। कलश के ऊपर आम्र पल्लव एवं पुष्प सुसज्जित है वहीं पीछे की ओर दैदीप्यमान सूर्य की आभा बिखरी है। संगोष्ठी में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से सिमरियाधाम की अत्यधिक महत्ता है। निर्विवाद रूप से यह स्थान समुद्र मंथन की महान ऐतिहासिक घटना से जुड़ा है। यह भी कि आदि कुंभस्थली के रूप में सिमरियाधाम की प्रतिष्ठा है जिसके समस्त प्रमाण उपलब्ध हैं।यह प्रस्ताव भी पारित हुआ कि महाकुंभ दैव निर्धारित और शास्त्र सम्मत है। यह किसी संस्था-संगठन का नहीं बल्कि लोक आयोजन है। यह सत्य है कि बीच के कालखंड में सिमरिया में महाकुंभ की कड़ी टूटी लेकिन कुंभ के अवशेष के रूप में कल्पवास की परंपरा बनी रही। इस लिहाज से सिमरियाधाम एवं प्रकारांतर से बिहार को इसे पुनर्जीवित और पुनर्जागृत करने का गौरव प्राप्त हो रहा है। उल्लेखनीय है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद भी यहां आने वाले घरेलू पर्यटकों की संख्या में 68 प्रतिशत एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या में नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं, यदि महाकुंभ से पहले आधारभूत संरचना को बेहतर बनाकर सिमरिया को भी पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाये तो राज्य में पर्यटकों की संख्या में और इजाफा होने से सरकार के राजस्व में और बढ़ोतरी हो सकती है। 

लालू ने सामाजिक न्याय और जाति के नाम पर लोगों को ठगा : रघुवर दास

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पटना 23 जुलाई, झारखंड के मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रघुवर दास ने आज आरोप लगाया और कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सामाजिक न्याय तथा अपनी जाति के नाम पर लोगों को गुमराह कर बिहार को केवल ठगा है। श्री दास ने यहां तेली साहु समाज के नगर निकायों के चुनाव में विजयी प्रत्याशियों के अभिनंदन समारोह का उद्घाटन करने के बाद कहा कि बिहार में 20 से 25 वर्ष तक एक ही परिवार का शासन रहा । उन्होंने कहा कि इस दौरान राजद अध्यक्ष श्री यादव ने अपनी जाति के नाम पर मतपेटी भरा और सत्ता प्राप्त कर अपने अर्थ की पेटी भर लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री यादव तो अपने अर्थ की पेटी भरकर धनाढ्य हो गये लेकिन उनकी जाति का वह गरीब यादव आज भी दूध दूह रहा है । किस्मत तो श्री यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनकी पुत्री मीसा भारती की ही बदली। उन्होंने कहा कि समाजिक न्याय और जाति के नाम पर उन्होंने सिर्फ बिहार को ठगा है । श्री दास ने कहा कि श्री यादव ने अपने कार्यकाल में 12 सौ करोड़ रुपये का चारा घोटाला किया और अब इस मामले में पेशी के लिए उन्हें रांची-पटना तथा पटना-रांची की दौड़ लगानी पड़ रही है। जैसी करनी, वैसी भरनी । उन्होंने कहा कि अब उनके पुत्र एवं बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और पत्नी राबड़ी देवी दिल्ली-पटना तथा पटना-दिल्ली की दौड़ लगायेंगे। मुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि श्री यादव दौलत कमाकर क्या करेंगे । गरीबों की आह उन्हें खा जायेगी। उन्होंने कहा कि श्री यादव ने सरकारी योजनाओं की राशि लूटकर ही धन इकट्ठा किया है। राजनीति में शुचिता बनी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को आजाद हुए 70 वर्ष हो गये लेकिन भ्रष्टाचार की जननी कांग्रेस ने अबतक सिर्फ लूटने का ही काम किया है । श्री दास ने कहा कि जबतक बिहार में एकरस-समरस समाज नहीं हो जाता तबतक प्रदेश का कल्याण होने वाला नहीं है। प्रदेश में जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार थी तब एकरस-समरस समाज था। उन्होंने कहा कि भाजपा में न वंशवाद है और न ही परिवारवाद। ईमानदारी एवं निष्ठा से काम करने वाला व्यक्ति शिखर पर पहुंचता है, जिसके जीते-जागते उदाहरण दलित समाज से आने वाले देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं । 


मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में स्थायी सरकार है और बिहार में भी भाजपा की अगुवाई में ऐसी ही सरकार की जरूरत है। बिहार जातिवाद एवं समुदायवाद में उलझा हुआ है और यदि सही मायने में कल्याण होना है तो एकरस-समरस समाज बनाना ही होगा। उन्होंने कहा कि बिहार बुद्ध की धरती रही है और उनके बताये मार्ग पर चलकर ही समाज के सभी वर्गों को जोड़ा जा सकता है और भाजपा शासित राज्यों के समान ही विकास कर शिखर पर पहुंचा जा सकता है । श्री दास ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दस वर्षों के कार्यकाल में सिर्फ घोटाले ही हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद देश में पहली बार बेदाग सरकार बनी है। पहली बार गरीबों के लिए बैंकों में खाते खोले गये और किसानों की चिंता भी की गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के 70 वर्ष के कार्यकाल में अधिकांश गांव में शौचालय नहीं थे और मां-बहने शाम ढलने का इंतजार करती थीं, लेकिन स्वच्छ भारत अभियान चलाये जाने के बाद अब ऐसी बात नहीं रह गयी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 के अक्टूबर माह तक झारखंड को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया गया है। राज्य में उज्ज्वला योजना के तहत सरकार की ओर से चूल्हा मुफ्त दिया जा रहा है । श्री दास ने कहा कि 14 वर्ष पूर्व झारखंड में सिर्फ भ्रष्टाचार ही होता रहा लेकिन पहली बार बेदाग सरकार बनी है। झारखंड सरकार ने 50 लाख रुपये की संपत्ति के निबंधन कराने पर मात्र एक रुपये लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए रोजगार का सृजन किया है। इस मौके पर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के 20 दिन बाद अभी तक कोई जवाब सरकार की ओर से नहीं दिया गया है । उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में 27 जुलाई तक श्री यादव के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी तो 27 जुलाई से शुरु हो रहे बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र को राजग नहीं चलने देगा। श्री मोदी ने कहा कि उप मुख्यमंत्री का इस्तीफा या उनकी बर्खास्तगी दोनों में से किसी एक को चुनना होगा। उन्होंने कहा कि हवाला मामले में आरोप लगने पर श्री लाल कृष्ण आडवाणी और श्री शरद यादव ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री श्री यादव 26 वर्ष की उम्र में ही 26 संपत्ति के मालिक बन गये। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि इतनी कम उम्र में श्री यादव 750 करोड़ रुपये के मालिक कैसे बन गये। 

दिल्ली में बारिश से मौसम हुआ सुहावना

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नयी दिल्ली 23 जुलाई, राजधानी दिल्ली में आज दोपहर बाद से रूक-रूककर हो रही बारिश से मौसम सुहावना हो गया और न्यूनतम तापमान 26.5 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से एक डिग्री नीचे है। राजधानी में सुबह से ही आसमान में बादल छाये हुए थे तथा दोपहर बाद बारिश हुई। दिल्ली में कल भी हल्की बारिश हुई थी जिससे मौसम सुहावना हो गया था। मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पालम इलाके में 0.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी जबकि रिज इलाके में 2.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गयी। उन्होंने कहा कि यहां और भी बारिश होने का अनुमान है तथा बादल छाये रहने की उम्मीद है। अधिकतम तापमान आज 34 डिग्री रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि कल भी आसमान में बादल छाये रहने तथा हल्की बारिश होने का अनुमान है। अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान कल क्रमश: 26 और 33 डिग्री रहने का अनुमान है।

बिहार : इंसाफ मंच ने निकाला प्रतिवाद मार्च. पटना में कारिगल चैक पर किया प्रतिवाद.

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  • बिहारशरीफ की घटना को प्रशासन द्वारा सांप्रदायिक रंग देने के खिलाफ, मस्तान मांझी व पेंटर मांझी की रिहाई की भी उठायी गयी मांग.
  • मीना तिवारी ने कहा कि पुनर्वास की बजाए दलित-गरीबों को उजाड़ने वाला है शराबबंदी कानून, उसके काले प्रावधान रद्द करने को होगा अब आंदोलन.

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पटना 23 जुलाई, पिछली 17 जुलाई को बिहारशरीफ में ‘नाॅट इन माइ नेम’ और इंसाफ मंच के बैनर से आयोजित अमन मार्च पर नालंदा जिला प्रशासन द्वारा बर्बर किस्म के सुनियोजित हमले और उसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिशों के खिलाफ इंसाफ मंच के बैनर से आज पूरे बिहार में प्रतिवाद मार्च निकाला गया.  इसंाफ मंच के राज्य सचिव सूरज कुमार सिंह ने कहा कि राजधानी पटना सहित आज मुजफ्फरपुर, दरभंगा, जहानाबाद, आरा, अरवल, नवादा, समस्तीपुर, खगड़िया आदि शहरों में भी प्रतिवाद कार्यक्रम आयोजित किए गए. राजधानी पटना में इंसाफ मंच द्वारा आयोजित मार्च की अध्यक्षता जाने माने चिकित्सक डाॅ. अलीम अख्तर ने किया. संचालन ऐक्टू के बिहार राज्य सचिव रणविजय कुमार ने किया. प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि लंबे समय से दलित-अल्पसंख्यक समुदाय के न्याय के लिए संघर्षरत इंसाफ मंच को बिहारशरीफ प्रशासन संदेहास्पद बता रहा है. जिला प्रशासन ने 17 जुलाई को बेहद सुनियाजित तरीके से दमन चक्र चलाया और मनमाने ढंग से अल्पसंख्यक समुदाय, भाकपा-माले व इंसाफ मंच के कार्यकर्ताओं पर मुकदमा थोप दिया है. जबकि ये लोग देश में भाजपा-आरएसएस द्वारा फैलाये जा रहे सांप्रदायिक उन्माद के खिलाफ अमन-चैन व अमरनाथ यात्रा में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकजुट हुए थे. बिहार की नीतीश-लालू सरकार धर्मनिरपेक्षता का दावा करती है, लेकिन यहां भी योगी राज की तरह दलितों-अल्पसंख्यकों की आवाज को कुचलने की कोशिशें हो रही हैं. नालंदा जिला प्रशासन का रवैया पूरी तरह संविधान, लोकतंत्र और देश की गंगा-जमुनी तहजीब के खिलाफ है.


उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने लंबे आंदोलन के बाद शराबबंदी कानून लागू करवाने में सफलता प्राप्त की थी. लेकिन नीतीश कुमार अपनी पीठ खुद थपथपा रहे हैं और अब तो शराबबंदी के नाम पर सरकार ने बिहार के गरीबों-दलितों के साथ जो अन्याय किया है, वह भी खुलकर सामने आ रहा है. हमने शराबी संस्कृति खत्म कर बेहतर माहौल निर्माण की लड़ाई लड़ी थी, गरीबों के पुनर्वास के लिए लड़ाई लड़ी थी, जिसे नीतीश कुमार ने गांव-गांव में शराब की दुकानें खुलवाकर तबाह कर दी थीं. लेकिन उन्होंने जो शराबबंदी कानून लागू किया है, वह दलित-गरीबों के पुनर्वास की बजाए उजाड़ने वाली है. जहानाबाद में मुसहर समुदाय के दो दिहाड़ी मजदूरों मस्तान मांझी व पेंटर मांझी को सजा सुना दी गयी है, जबकि उनके घर में भूखमरी की नौबत है. हमने शराबबंदी की मांग की थी, गरीबों-दलितों के घर उजाड़ने की नहीं. सभा को संबोधित करते हुए सरोज चैबे ने कहा कि हमें बिहारशरीफ के अनुमंडलाधिकारी ने बताया कि चूंकि बिहारशरीफ में उपद्रव की कोई घटना नहीं घटी है, इसलिए 17 जुलाई का कार्यक्रम निरूद्देश्य था. अनुमंडलाधिकारी ने खुलकर कहा कि मार्च में शामिल सभी लोग उपद्रवी और इसंाफ मंच के बैनर से शहर में दंगा-फसाद करने आए थे. जाहिर है, प्रशासन अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित था. जांच टीम ने यह पाया कि एफआईआर में मनमाने तरीके से नाम डाला गया है. यहां तक कि आपकी पार्टी के एमएलसी राजू गोप के विधायक प्रतिनिधि अखलाक सहित कई ऐसे नाम हैं, जिनका कार्यक्रम से कोई संबंध नहीं था. सोगरा काॅलेज के प्राचार्य मो. सगीर उज्जमा का भी नाम एफआईआर में है. पुलिस ने घरों में घुसकर लोगों के साथ मारपीट की. जबकि अमन मार्च में शामिल लोग ‘भीड़ द्वारा की जा रही हत्या’ के खिलाफ थे. वे अमरनाथ आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकजुट हुए थे. ऐसे में अमन मार्च से कौन सी शांति भंग हो रही थी? लाठी चार्ज में सुरेन्द्र राम, रामदास अकेला, मकसूदन शर्मा, मनमोहन, पाल बिहारी लाल समेत सैकड़ो लोग घायल हुए. प्रशासन की दमनात्मक कार्रवाई की वजह से मुस्लिम समुदाय में अब तक भय व आतंक का माहौल है.

अन्य वक्ताओं ने बर्बर लाठीचार्ज और अमन मार्च को सांप्रदायिक स्वरूप साबित करने वाले बिहारशरीफ अनुमंडलाधिकारी पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने, गिरफ्तार सभी आंदोलनकारियों को बिना शत्र्त अविलंब रिहा करने, इंसाफ मंच को बदनाम करने की साजिश पर रोक लगाने और बिहारशरीफ में भय व आतंक के माहौल में जी रहे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की सुरक्षा की गारंटी करने की मांग की. प्रतिवाद सभा में समकालीन जनमत के केके पांडेय, जसम के राजेश कमल, भाकपा-माले के अभ्युदय, उमेश सिंह, मुर्तजा अली, नसीम अंसारी, इनौस से नवीन कुमार, कर्मचारी नेता रामबलि प्रसाद, कोरस की समता राय, हिरावल से अभिनव, आइसा से मोख्तार व बाबू साहेब, माले नेता सुधीर कुमार आदि उपस्थित थे.

दुमका : विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेला की तीसरी सोमवारी को भारी भीड़ का अनुमान, जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क

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फौजदारी बाबा वासुकिनाथ के दरबार में प्रति सप्ताह रविवार, सोमवार व मंगलवार को अप्रत्याशित भीड़ का रहता है नजारा। बाबा मंदिर गर्भ गृह, पार्वती मंदिर, बाबा मंदिर निकास द्वार, शिवगंगा स्थित नया जलार्पण काउंटर,, बाबा मंदिर निकास द्वार स्थित पुराना जलार्पण काउंटर, वासुकिनाथ धाम प्रशासनिक शिविर व पानी टंकी के पास स्थापित शिविर मार्ग से ही अधिकांश डाकबमों का प्रवेश होता है मंदिर में।  भारी भीड़ की वजह से कोई चूक न हो इसके लिये अधिकारियों-कर्मचारियों व मेला ड्यूटी में तैनात कर्मियों को डीसी ने दिये कड़े निर्देश।





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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में फौजदारी बाबा वासुकिनाथ के दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ प्रतिदिन अप्रत्याशित रुपों में बढ़ती ही जा रही है। प्रति सप्ताह लगातार तीन दिनों (रविवार, सोमवार व मंगलवार) तक श्रद्धालुओं की भीड़ का दबाव काफी ज्यादा होता है। उपरोक्त दिनों मंदिर परिसर से लगभग 5 किलोमीटर परिधि तक कावंरियों की कतार पहुंच जाती है। डीसी दुमका, मुकेश कुमार ने कहा कि वासुकिनाथ धाम में तीसरी सोमवारी को श्रद्धालुओं की भीड़ में अप्रत्याशित वृद्धि को नजर में रखते हुए प्रेशर पॉइंट्स चिन्हित किए गए हैं, जिनपर विशेष सतर्कता रखने की आवश्यकता है। बाबा मंदिर गर्भ गृह, पार्वती मंदिर, बाबा मंदिर निकास द्वार, शिवगंगा स्थित नये जलार्पण काउंटर, बाबा मंदिर निकास द्वार स्थित पुराना जलार्पण काउंटर, वासुकिनाथ धाम प्रशासनिक शिविर व पानी टंकी के पास स्थापित प्रशासनिक शिविर मार्ग से ही अधिकांश डाक बमों का प्रवेश होता है इसलिए इन मार्गों पर लगातार भ्रमणशील व सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि नियंत्रित तरीके से डाकबम का प्रवेश कराया जा सके। डीसी श्री कुमार ने कहा कि वासुकिनाथ धाम स्थित मुख्य प्रशासनिक शिविर में प्राप्त होने वाली महत्वपूर्ण सूचनाओं के आलोक में समस्याओं का निराकरण कराने की व्यवस्था की जाय। वासुकिनाथ धाम मंदिर से पानी टंकी होते हुए भागलपुर बस स्टैंड तक सुलभ आवागमन व भीड़ पर नियंत्रण रखने  के आवश्यक निदेश डीसी ने दिये। वाहनों की पार्किंग यत्र-तत्र नहीं हो, निर्धारित स्थानों पर ही इनकी पार्किंग की जाय। शिवगंगा के चारों ओर कांवरियों के लिए बने कांवरिया रूट लाइनों में किसी प्रकार की अफरातफरी का माहौल न बने इसका नियंत्रण रखा जाय। शिवगंगा स्थित नये जलार्पण काउण्टर शिवगंगा के समीप होने के कारण श्रद्धालुओं की बहुत अधिक भीड़ देखी जा रही है। इस जगह पर महिलाओं व पुरूषों के लिए अलग-अलग काउंटर निर्मित है। यह काउंटर विशेष रुप से दिव्यांग, असहाय व  वृद्ध महिला श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए हैं। उन्हें जलार्पण में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। डीसी मुकेश कुमार ने कहा बाबा मंदिर निकास द्वार स्थित पुराने जलार्पण काउंटर स्थल पर भी महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग-अलग काउंटर निर्मित है। इसके लिए प्रतिनियुक्त अधिकारी कार्यस्थल पर लगातार निगरानी रखते हुए भीड़ को नियंत्रित रखकर सुलभता पूर्वक जलार्पण करायेंगे। सभी चिन्हित प्रेशर पॉइंट्स पर अपर दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किए गए हैं तथा इन्हें निदेश दिया गया है कि प्रत्येक रविवार, सोमवार और मंगलवार को विशेष रुप से गतिशील रह कर भीड़ को नियंत्रित रखने की कार्रवाई करेंगे। उपायुक्त ने यह भी निर्देश दिया प्रेशर पॉइंट्स पर ड्रोन कैमरा से भी निगरानी रखा जाय। उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारी कर्मचारी अपने प्रतिनियुक्ति स्थल पर रहकर पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। अनुपस्थित पाए जाने वाले पदाधिकारी कर्मचारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 


चप्पे-चप्पे पर शिवभक्तों की सेवा में तैनात पहाड़िया बटालियनः आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय को मुख्य धारा से जोड़ने, उनकी सामाजिक व आर्थिक व्यवस्था में बदलाव लाने के भागीरथी प्रयास में पिछले चार माह पूर्व साहेबगंज में पीएम नरेन्द्र मोदी के हाथों पहाड़िया बटालियन के 956 महिला व पुरुष सिपाहियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करवाया गया था। आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के लोगों को मुख्यधारा में लाने व इनके लिए अधिकाधिक रोजगार की व्यवस्था उपलब्ध कराना उपरोक्त नियुक्ति का मुख्य उद्देश्य था। साहेबगंज में प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि नये भारत की कहानी पहाड़िया बटालियन ही लिखेंगे। कभी जंगल की तराई तो कभी पहाड़ की खोह में गुजर बसर करने वाले इन युवाओं के आत्म विश्वास को श्रावणी मेला के दौरान वासुकिनाथ धाम में देखा जा सकता है। श्रावणी मेला के दौरान प्रत्येक दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा पर जलार्पण करने आते है। ंभीड़ अनियंत्रित न हो तथा हताहत की स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी के साथ मेला परिसर में इनकी प्रतिनियुक्ति को प्रमुखता दी है। पहाड़िया बटालियन के कर्मी जगह-जगह पर पूरी मुस्तैदी के साथ सुरक्षा व्यवस्था को संभाले दिख जाते हैं। श्रद्धालुओं पर वे अपनी पैनी नजर रखते हैं। श्रद्धालुओं को परेशानी न हो इसके लिए पूरे कांवरिया रूट लाईन में सुरक्षाकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। नव नियुक्त पहाड़िया बटालियन श्रद्धालुओं की सेवा में पूरी तत्परता से अपने कर्तव्यों का निर्वहण कर रही है। गुरिल्ला युद्ध में माहिर  400 पहाड़िया बटालियन की प्रतिनियुक्ति में  350 पुरूष एवं 50 महिला पूरे मेला क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं। किसी भी परिस्थिति में ये बटालियन एक्टिवेट मोड में आकर श्रद्धालुओं की सुरक्षा कर सकने में माहिर हैं। बाबा के भक्तों की सेवा करने में उन्हें असीम आनन्द की अनुभूति हो रही है। 

दुमका : शहीद चन्द्रशेखर आजाद की जयन्ती मनायी गयी ।

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छात्र चेतना संगठन दुमका,  नगर इकाई द्वारा स्थानीय संगठन कार्यालय में पंडित चंद्रशेखर आजाद की जयंति समारोह का आयोजन किया गया। जयन्ति समारोह की अध्यक्षता नगर संगठन प्रभारी अमित कुमार यादव ने की। कार्यक्रम में मुख्य रूप से छात्र चेतना संगठन के संथाल परगना प्रभारी राजीव मिश्रा ने पंडित चंद्रशेखर आजाद के चित्रपट पर माल्यार्पण  किया। माल्यार्पण कार्यक्रम में संगठन के कार्यकर्ताओं  ने  उनके चित्रपट पर पुष्पांजलि अर्पित की । कार्यक्रम को  संबोधित करते हुए राजीव मिश्रा ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को एक छोटे से गाँव मे हुआ था। आजाद जब मात्र 14 वर्ष के थे तो उन्होंने असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया और अंग्रेजो के दांत खट्टे किए । किसी मुखबिर के संकेत पर 27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में में वे अंग्रेजी सैनिकों  द्वारा घेर लिए गए ।  चारों  ओर से इनपर गोलियां बरसाई जाने लगी। जब उनके पिस्तौल की सारी गोली खत्म हो गयी तो अंतिम गोली अपनी कनपट्टी पर मार ली और हमेशा  के लिए आजाद हो गए । उन्होंने अपने जान की आहुति देकर हम भारतीयों को आजादी दिलाई और हमेसा आजाद रहने का संदेश दिया। कार्यक्रम को अमित कुमार यादव , राहुल चौराशिया , सुभम कुमार ,आनंद सिंह ने भी संबोधित किया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से संगठन के स्वक्षता प्रभारी अब्दुल राजा, नगर मीडिया प्रभारी सौरभ कुमार , नगर सचिव राहुल चौराशिया , राकेश मिश्रा , पीयूष राज , अमित कुमार , संजीत पासवान ,चंदन शर्मा , विजय पॉल , सोहेब सिद्दीकी , आफताब , इमरान खान , राजू अली , आर्या केशरी , मोहम्मद शाहनवाज , आशु राज ,देवाशीष कुमार , पीयूष कुमार  सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्तिथ थे।


09 अगस्त को झारखंड विधानसभा का घेराव करेगी कांग्रेस

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रांची 23 जुलाई, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी आर. पी. एन. सिंह ने आज कहा कि पार्टी 09 अगस्त को छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) और संथालपरगना काश्तकारी (एसपीटी) अधिनियम में रघुवर सरकार की ओर से किये गये संशोधन के विरोध में झारखंड विधानसभा का घेराव करेगी। श्री सिंह ने अपने तीन दिवसीय झारखंड दौरे के अंतिम दिन यहां संवाददताओं से बातचीत में कहा कि ये दोनों अधिनियम आदिवासियों और मूलवासियों का सुरक्षा कवच है इसलिए 09 अगस्त, जिसे अगस्त क्रांति दिवस तथा विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाया जाता है को पार्टी ने इस मुद्दे पर विधानसभा घेराव का कार्यक्रम तय किया है। पूर्व मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि इन दोनों अधिनियमों में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि जब भी प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनती है तो इन दोनों अधिनियमों में परिवर्तन करने का प्रयास शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन दोनों अधिनियमें में किये गये संशोधन को रोकने के लिये किसी भी हद तक जाने काे तैयार है। 


श्री सिंह ने कहा कि झारखंड में पिछले एक महीने के दौरान बहुत से किसानों ने आत्महत्या कर ली है और यहां की सरकार ने उनके लिये सिर्फ एक हेल्पलाईन नम्बर चालू कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार किसानों के कर्जमाफी के मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में धान खरीद में भारी घोटाला हुआ है क्योंकि किसानों को अभी तक धान की कीमत नहीं मिली है। उन्होंने प्रदेश में गिरती हुयी कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किये और कहा कि यदि लोग राजधानी रांची में सुरक्षित नहीं है तो कहां होंगे। पूर्व मंत्री ने कहा कि कांग्रेस संगठन को मतदान केन्द्र से प्रखंड स्तर तक मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि झारखंड कांग्रेस के सभी नेता एकजुट हैं और लोगों से जुड़े हुये मुद्दों पर एक साथ काम करेंगे। इस अवसर पर प्रदेश के सह प्रभारी उमंग सिंघर, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय कुमार, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम उपस्थित थे। 

झारखंड में तीन दिन तक मॉनसून सक्रिय रहेगा

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रांची 23 जुलाई, झारखंड में आज से तीन दिनों तक मॉनसून सक्रिय रहेगा। मौसम विज्ञान के निदेशक बी. के. मंडल ने आज यहां बताया कि वर्तमान में अपर एयर साईक्लोनिक सकुर्लेशन पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र तथा उसके आस-पास स्थित है जिसका उर्ध्वाधर विस्तार 7.6 किलोमीटर है। अपर एयर साईक्लोनिक के प्रभाव से अगले 24 घंटे में कम दवाब का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसकी वजह से अगले तीन दिनों तक झारखंड में मॉनसून सक्रिय रहेगा तथा सभी स्थानों पर दो से छह सेंटीमीटर बारिश होने की संभावना है। श्री मंडल ने बताया कि 23 जुलाई को झारखंड के पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला खरसांवा जिले में एक-दो स्थानाें पर भारी बारिश होने की संभावना है जबकि राज्य के कुछ स्थानों पर भी पर बारिश का अनुमान है। उन्होंने बताया कि 24 जुलाई को दक्षिण पूर्वी, उत्तरी और मध्य झारखंड के कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। उन्होंने बताया कि 25 जुलाई को राज्य के एक-दो स्थानों पर सात से 20 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है। 

तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर महागठबंधन में कशमकश

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पटना 23 जुलाई, बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक दल के नेता एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के इस्तीफे को लेकर राजद और प्रमुख सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में पिछले 20 दिनों से कशमकश की स्थिति बनी हुई है। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता एवं विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने आज यहां कहा कि राजद का यह कहना कि उनकी पार्टी की 27 अगस्त को पटना के गांधी मैदान में होने वाली रैली में उप मुख्यमंत्री श्री यादव स्वयं जवाब देंगे, इससे लोकमत की भावना का प्रकटीकरण नहीं हो सकता है । पार्टी की राजनीतिक रैली है तो उसमें जवाब भी राजनीतिक ही होगा। जदयू के ही प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि राजद की रैली है तो उसमें दिया गया हर जवाब पूरी तरह से राजनीतिक ही होगा। उनकी पार्टी राजद से बिंदुवार तथ्यपरक जवाब की उम्मीद रखती है जो अभी तक नहीं दिया गया और सवाल अभी तक वहीं का वहीं बना हुआ है। श्री आलोक ने कहा कि इस सवाल को लेकर असमंजस की स्थिति यथावत बनी हुयी है। राजद की ओर से जवाब नहीं आना चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने भ्रष्टाचार के मामले में कभी भी समझौता नहीं किया है। 


वहीं, घटक दल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विधान परिषद के सदस्य दिलीप कुमार चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बीच बातचीत हुयी है और संभावना है कि महागठबंधन में जल्द ही सबकुछ ठीक हो जायेगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी के उप मुख्यमंत्री श्री यादव के इस्तीफे नहीं दिये जाने पर 28 जुलाई से विधानमंडल का मानसून सत्र नहीं चलने देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वैसे भी भाजपा के नेताओं ने कब सदन को सुचारू ढंग से चलने दिया है । महागठंधन भाजपा नेता श्री मोदी के निर्णय से नहीं चलेगा बल्कि जो भी निर्णय लेना होगा वह घटक दल मिलकर तय करेंगे । दूसरी ओर महागठबंधन सरकार में राजद कोटे से आपदा प्रबंधन मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को तोता बताने वाले भाजपा ने अब इसे कुत्ता बना दिया है। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री उस समय नाबालिग थे जिस समय का मामला है लेकिन इसके बावजूद राजद अध्यक्ष श्री यादव और उनके परिवार को तंग करने के लिए साजिश रची गयी है । श्री चंद्रशेखर ने कहा कि राजद अध्यक्ष गरीबों और पिछड़ों की आवाज हैं इसलिए इसे दबाने के लिए मनुवादी विचारधारा वाले भाजपा के लोग पूरी ताकत लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार ने स्वयं उप मुख्यमंत्री को लेकर न तो कोई बयान दिया है और न ही पत्र लिखा है । 

आपदा प्रबंधन मंत्री ने कहा कि जदयू के प्रवक्ता अनुशासनहीन हैं और अपनी सीमा से आगे बढ़कर बयान दे रहे हैं। जदयू के ऐसे नेताओं को श्री यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल होने तक इंतजार करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि ऐसी आशंका है कि भाजपा इन नेताओं के बयान के कारण जल्दबाजी में आरोप पत्र दाखिल कराने की साजिश रच सकती है। श्री चंद्रशेखर ने कहा कि गरीबों और पिछड़ों ने काफी उम्मीद से महागठबंधन को पिछले विधानसभा के चुनाव में जनादेश दिया था। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जदयू को जब वोट की जरुरत थी तब राजद ठीक था और अब उसे राजद के नेता दागी नजर आ रहे हैं । जदयू नेताओं को भाजपा की साजिश से सतर्क रहकर गरीबों की आकांक्षा के अनुरूप महागठबंधन धर्म निभाना चाहिए। आपदा प्रबंधन मंत्री ने कहा कि पार्टी की 27 अगस्त को पटना में आयोजित रैली से पूर्व यदि राजद अध्यक्ष श्री यादव, उप मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी जेल चली जाती हैं तो भी रैली अभूतपूर्व होगी। उन्होंने कहा कि मंच पर राजद अध्यक्ष की तस्वीर रखकर रैली की जायेगी। 

बिहार में पत्रकार पेंशन योजना ठंढे बस्ते में : नंदकिशोर यादव

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पटना 23 जुलाई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने आज बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि दो वर्ष पूर्व मंजूर की गई पत्रकार पेंशन योजना को सरकार ने ठंढे बस्ते में डाल दिया है। श्री यादव ने यहां कहा कि बिहार के सेवानिवृत्त पत्रकारों के लिये बनी पत्रकार पेंशन योजना को ठंढे बस्ते में डाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि पेंशन की राशि के लिये लोकतंत्र के चौथे प्रहरी सारे दस्तावेजों को जमाकर दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। पेंशन मिलने की आस में कई पत्रकारों का निधन हो चुका है। भाजपा नेता ने कहा कि श्री जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्रितत्व काल में राज्य के सेवानिवृत्त पत्रकारों को प्रतिमाह पांच हजार रुपये पेंशन देने की योजना को मंजूरी दी गई थी। सरकार के इस निर्णय के दो वर्ष बीत चुके हैं लेकिन एक भी सेवानिवृत्त पत्रकार को पेंशन की राशि नहीं मिली है। वहीं, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छतीसगढ़, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में सेवानिवृत्त पत्रकारों को न केवल पेंशन के मद में यथोचित राशि दी जा रही बल्कि उनके लिये आवास, चिकित्सा और राजकीय बसों में भी सुविधा दी जा रही है। श्री यादव ने कहा कि बिहार के सरकारी बसों में पहले पत्रकारों को रियायत दी जाती थी, जिसे बंद कर दिया गया। हल्की बीमारी के लिये इस वर्ग के लिये अस्पतालों में कोई सुविधा नहीं है, आवास या भूखंड देने का तो कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने पड़ोसी राज्यों में कार्यरत और सेवानिवृत्त पत्रकारों को मिल रही सरकारी सुविधाओं को बिहार में भी देने और बिहार पत्रकार पेंशन योजना 2015 को अविलंब लागू करने की सरकार से मांग की है।

नकली नोटों को छांटने के लिए मशीनें लीज पर लेगा आरबीआई

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नयी दिल्ली, 23 जुलाई, भारतीय रिजर्व बैंक नोटबंदी के बाद जमा हुए 500/1000 रुपये के अप्रचलित नोटों में नकली नोटों को छांटने के लिए 12 मुद्रा सत्यापन प्रणालियां छह महीने के लिए लीज पर लेगा। केंद्रीय बैंक फिलहाल नोटबंदी के बाद देश भर में जमा हुए 500 व 1000 रुपये के अप्रचलित नोटों को गिनने के काम में जुटा है। सरकार ने आठ नवंबर 2016 की रात को नोटबंदी की घोषणा की थी। केंद्रीय बैंक ने मई में 18 मुद्रा सत्यापन व प्रसंस्करण प्रणालियों (सीवीपीएस) के लिए वैश्विक टेंडर जारी किया था। हालांकि इस टेंडर को बाद में रद्द कर दिया गया और इस तरह की 12 प्रणालियों के लिए नया टेंडर जारी किया गया है। टेंडर के अनुसार प्रणाली को 30 नोट प्रति सेकंड की दर से नोटों को छांटना प्रसंस्करण करना होगा। रपटों के अनुसार रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल ने 12 जुलाई को संसदीय समिति के समक्ष कहा था कि नोटबंदी के बाद जमा किए गए अप्रचलित नोटों की गिनती अभी चल रही है।

बेटी शर्मिष्ठा करेंगी अब प्रणब मुखर्जी की देखभाल

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नयी दिल्ली 24 जुलाई, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 25 जुलाई को देश के प्रथम नागरिक से पूर्व राष्ट्रपति हो जायेंगे। इसके साथ ही रायसीना हिल स्थित 320 एकड़ में विस्तीर्ण 340 कमरों वाला भव्य राष्ट्रपति भवन उनका पूर्व पता हो जायेगा और लुटियन दिल्ली में राजाजी मार्ग स्थित 8 बैडरूम वाला 10 नंबर बंगला प्रणब दा का स्थायी पता बन जायेगा। प्रणव मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद से पिता के सेवानिवृत्त होने के बाद उनकी देखभाल का दायित्व सँभालने का फैसला किया है। मशहूर कथक नृत्यांगना शर्मिष्ठा ने  बताया कि मंगलवार को पिता के साथ ही राजाजी मार्ग स्थित घर में वह भी शिफ्ट हो जाएँगी। फिलहाल वह दक्षिणी दिल्ली में ग्रेटर कैलाश स्थित अपने निजी फ्लैट में रहती है। उन्होंने बताया कि दो साल पहले माँ सुव्रा मुखर्जी के निधन के बाद से ही वह पिता की देखभाल का दायित्व निभा रही है लेकिन राष्ट्रपति की जिम्मेदारी से मुक्त होने के बाद 81 वर्षीय मुखर्जी की देखरेख के लिए उन्होंने पिता के साथ ही रहने का फैसला किया है।


राष्ट्रपति पेंशन अधिनियम के तहत पूर्व राष्ट्रपति को उसकी मर्जी से देश में कही भी प्रथम श्रेणी की आजीवन आवासीय सुविधा सरकार द्वारा निशुल्क मुहैया कराई जाती है। इसके तहत मुखर्जी को उनकी पसंद से राजाजी मार्ग स्थित 11776 वर्गफुट क्षेत्रफल में बना 10 नंबर बंगला आवंटित किया गया है। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को भी यही बंगला आवंटित किया गया था। कलाम इसमें साल 2015 में निधन होने तक रहे थे। टाइप 8 श्रेणी का यह बंगला लुटियन दिल्ली का पहला बंगला होगा जिसमें मुखर्जी के विशेष अनुरोध पर लिफ्ट लगायी गई है।लुटियन बंगलों के आवंटन और रखरखाव से जुड़े शहरी विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दो मंजिल वाले इस बंगले में एक छोटी लिफ्ट लगायी गयी है। अधिकारी ने बताया कि सम्पदा निदेशालय के नियमों के तहत ब्रिटिश काल में बसी लुटियन दिल्ली के मूल स्वरुप को बरक़रार रखने के लिए बंगलों की रंगत तो बदली जा सकती है लेकिन इनमें कोई बड़ा तकनीकी या आमूलचूल परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।

सम्पदा निदेशालय की देखरेख में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग इन बंगलों की मरम्मत और रखरखाव करता है। निदेशालय ने नियमों के तहत ही मुखर्जी के बंगले में कोई नया निर्माण कार्य या बड़ा बदलाव किये बिना ही लिफ्ट लगाने का काम मुकम्मल किया है। अधिकारी ने बताया कि मुखर्जी की जरुरत को ध्यान में रखते हुए बंगले में दो हॉल को अतिथि कक्ष के तौर पर तैयार किया है जबकि किताबों से प्रणब दा के विशेष लगाव को देखते हुए एक कमरे को पुस्तकालय में तब्दील किया गया है। वहीं बेटी की नृत्य संगीत साधना की जरुरत को ध्यान में रखते हुए ऊपरी मंजिल का एक कमरा पारम्परिक संगीत की सुविधाओं से लैस किया गया है। मुखर्जी अपनी जीवनी और राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल पर पुस्तक लिखने की मंशा पहले ही जता चुके है इसके मद्देनजर बंगले की दोनों मंजिलों पर एक एक अध्ययन कक्ष का खास इंतजाम किया गया है, जिससे उनका पढ़ने लिखने का काम सुचारु रह सके। राष्ट्रपति भवन से मुखर्जी ने अपने निजी सामान के साथ किताबों का पुराना भंडार ही नए घर में शिफ्ट करने की इजाजत दी है। उनके एक निजी सहायक ने बताया कि राष्ट्रपति बनने पर भी मुखर्जी अपने साथ किताबों का ही अपना संग्रह राष्ट्रपति भवन लेकर आये थे। बतौर राष्ट्रपति बीते पांच सालों में उन्हें जो तोहफे मिले उनमें कुछ चुनिंदा पसंद की किताबें ही मुखर्जी अपने साथ ले जाएंगे शेष तोहफे राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय का हिस्सा बनेंगे।

सांसदों ने राष्ट्रपति मुखर्जी को दी विदाई

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नयी दिल्ली, 23 जुलाई, संसद सदस्यों ने आज निवर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक भव्य समारोह में विदाई दी जबकि नेताओं ने लोकतांत्रिक मूल्यों को बरकरार रखने में उनके योगदान को याद किया। विदाई समारोह में 81 वर्षीय मुखर्जी का स्वागत उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने किया। सुमित्रा ने अपने संबोधन ने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए राष्ट्रपति मुखर्जी के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करने का एक सुअवसर है।’’ अंसारी ने मुखर्जी की ‘‘भारत के विचार में उनके अटल विश्वास’’ के लिए प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने अक्सर लोगों से स्वयं को देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मुखर्जी ने देश की ‘‘सबसे बड़ी ताकत’’ के तौर पर बहुलवाद और विविधता पर जोर दिया। मुखर्जी ने जिस तरह से राष्ट्रपति की भूमिका निभायी उसके लिए अंसारी ने उनकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने शीर्ष पद की काफी प्रतिष्ठा और गरिमा बढ़ाई। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर उनके विचारों ने इस पद का कद बढ़ाया है।’’ निवर्तमान राष्ट्रपति ने विदाई समारोह के लिए सांसदों के प्रति अभार व्यक्त किया।


मुखर्जी ने कहा, ‘‘स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हमने देश में भाईचारा, प्रतिष्ठा और एकता बढ़ाने का बीड़ा उठाया। ये देश के आदर्श बन गए।’’ उन्होंने सांसदों से कहा कि वे संसद में कार्यवाही बार बार बाधित करने से बचें क्योंकि इससे विपक्ष को अधिक नुकसान होता है। उन्होंने कहा, ‘‘संसद में रहते हुए मैंने यह जाना कि संसद बहस, चर्चा, असहमति व्यक्त करने का स्थान होता है। मैंने यह भी जाना कि संसद की कार्यवाही बाधित होने से सबसे अधिक नुकसान विपक्ष को होता है।’’ मुखर्जी ने यह भी कहा कि सरकार को अध्यादेश का रास्ता अपनाने से बचना चाहिए क्योंकि इसे अपरिहार्य परिस्थिति के लिए बचाकर रखना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह रास्ता ऐसे मामलों में नहीं अपनाना चाहिए जो कि :संसद में: चर्चा के लिए विचारार्थ हो।’’ मुखर्जी ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति के तौर पर मैंने संविधान की रक्षा और संरक्षण करने का प्रयास न केवल शाब्दिक अर्थों में बल्कि पूरी तरह से किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस भव्य इमारत से खट्टी मिट्ठी यादों और इस सुकून के साथ जा रहा हूं कि मैंने इस देश के लोगों की उनके एक सेवक के तौर पर सेवा की।’’

खामियों से परिपूर्ण है जीएसटी : चिदम्बरम

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पुणे 23 जुलाई, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने आज कहा कि मोदी सरकार के वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) में बहुत सी खामियां है और देश में इस नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के लिए पूरी तरह से तैयारी नहीं की गयी। श्री चिदम्बरम ने यहां संवाददाताओं से कहा, “ सात या इससे अधिक दर होने के कारण मैं इसे ‘एक देश एक कर’ नहीं कह सकता। सभी वस्तुओं और सेवाओं पर कर की एकल दर के रूप में उल्लेखित जीएसटी वस्तुत: सभी अप्रत्यक्ष करों का स्थान लेगी। कुछ वस्तुएं और सेवायें भी पूरी तरह से छूट-प्राप्त होगी , यह जीएसटी का एक उपहास है।” उन्होंने कहा कि कर की दरें जहां 0.25, 3, 5, 12, 18, 28 और 40 है , वहीं संभवत: राज्य सरकारों का विवेकाधिकार भी होगा , फिर हम कैसे इसे ‘एक देश एक कर ’ कह सकते हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “ जीएसटी में बहुत सी खामियां है। यह वह जीएसटी नहीं है जिसे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने परिकल्पित किया था।”

वाघेला ने अंतत: अपना औपचारिक त्यागपत्र सोनिया को भेजा

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गांधीनगर, 23 जुलाई, दो दिन पहले 21 जुलाई को अपने जन्मदिन के मौके पर कांग्रेस छोडने की घोषणा कर गुजरात में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सनसनी मचा देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने अंतत: आज विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद से अपना इस्तीफा पाटी अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को भेज दिया। श्री वाघेला के मीडिया समन्वयक निखिल देसाई ने आज यूनीवार्ता को बताया कि श्री वाघेला का तीन पन्ने का इस्तीफा श्रीमती गांधी को आज फैक्स, ईमेल और डाक के जरिये भेजा गया है। श्री वाघेला ने लिखा है कि वह कपडवंज के विधायक पद से अपना इस्तीफा नियम के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष को भेज देंगे। नेता प्रतिपक्ष पद से दिये इस्तीफे में उन्होंने हालांकि श्रीमती गांधी के नेतृत्व की तारीफ की है और उनके लिए त्यागमूर्ति और बेनजीर नेता जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। उन्होंने उनके राजनीतिक सलाहकार तथा गुजरात के ही राज्यसभा सांसद अहमद पटेल की भी सराहना की है और यहां तक की राहुल गांधी की राजनीतिक सफलता की कामना भी की है। हालांकि उन्होंने लिखा है कि उन्हें पार्टी में एक षडयंत्र के तहत निकाला गया है। उन्होंने श्री गांधी, श्री पटेल और गुजरात कांग्रेस प्रभारी अशोक गेहलोत को पार्टी को बेहतर करने के अपने प्रस्तावों से अवगत कराया था पर कोई सकारात्मक प्रत्युत्तर नहीं मिला। उन्होंने कहा कि अपने आत्मसम्मान से समझौता कर पार्टी में रहना संभव नहीं है। पत्र में उन्होंनेे कांग्रेस में बीते अपने करीब आधे राजनीतिक जीवन के दौरान कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देने के लिए श्रीमती गांधी के प्रति आभार प्रकट किया है और दोहराया है कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे।

अध्यादेश का इस्तेमाल बाध्यकारी परिस्थितयों में ही : प्रणव मुखर्जी

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नयी दिल्ली, 23 जुलाई, निवर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि अध्यादेश के रूप में कार्यपालिका को कानून बनाने का असाधारण अधिकार दिया गया है, लेकिन अध्यादेश का रास्ता बाध्यकारी परिस्थितयों में ही अपनाया जाना चाहिए। श्री मुखर्जी ने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित अपने विदाई भाषण में कहा, “मेरा मानना है कि अध्यादेश का रास्ता केवल बाध्यकारी परिस्थितयों में ही अख्तियार किया जाना चाहिए और मौद्रिक मामलों में तो इसका सहारा कतई नहीं लिया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि अध्यादेश का रास्ता वैसे मामलों में भी नहीं अपनाया जाना चाहिए जिन पर सदन में या इसकी किसी समिति के समक्ष विचार विमर्श किया जा रहा है अथवा किसी सदन में पेश किया जा चुका है। उन्होंने कहा, “यदि कोई मामला ज्यादा जरूरी प्रतीत होता है तो संबंधित समिति को संबंधित स्थिति के बारे में अवगत कराया जाना चाहिए और उसे एक निर्धारित समय के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहना चाहिए।” निवर्तमान राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य के तौर पर 37 वर्ष तक देश की सेवा की है। उन्होंने कहा, “कभी सत्ता पक्ष में तो कभी विपक्ष में बैठकर मैंने बड़े-बड़े विद्वानों को घंटों और कई दिनों तक सुना है। उसके बाद उन्हें बहस, विचार-विमर्श और असहमति का वास्तविक महत्व समझ में आया था।”

गैर जिम्मेदार बिल्डरों की नकेल है ‘रेरा’

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irresponsible-builders-reraनयी दिल्ली 23 जुलाई, बिल्डरों की मनमानी रोकने के लिए बनाया गया रीयल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी अधिनियम (रेरा) एक तरफ जहां मकान खरीदने वालों की हिताें की रक्षा करता है तो दूसरी तरफ कई गैर जिम्मेदार बिल्डरों के कामकाज को भी ठप कर सकता है। ऐसा कहना है अरेबियन कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रबंध निदेशक अनी रे का। श्री रे ने  कहा,“ भारत का रेरा कानून दुबई और अमेरिकी मॉडल पर आधारित है। वहां जब 2009 में पहली बार रेरा लागू हुआ था तो कई कंपनियों को अपना कामकाज बंद करना पड़ा था। वास्तव में अधिकतर कंपनियों कानून के प्रावधानों का पालन करने में अक्षम थीं। वहां तब करीब 100 से अधिक कंपनियां बंद हुई थीं। भारत में भी वही डर है। जो लोग संगठित हैं और पैसे वाले हैं, वहीं बाजार में टिक पायेंगे। ” उन्होंने रेरा की तारीफ करते हुए कहा,“ भू संपदा के क्षेत्र में यह बहुप्रतीक्षित सुधार है और इस कानून की अच्छाई यह है कि इसके सामने बेईमान और गैरजिम्मेदार बिल्डर टिक नहीं पायेंगे। एक जगह से पैसे निकालकर उसे दूसरे क्षेत्र में निवेश करने का काम अब ज्यादा नहीं चल पायेगा। अब खरीदारों को इसका लाभ मिलेगा। यहां औसत भारतीयों के लिए घर गाढ़े पसीने की कमाई है। ” मुम्बई में 60 मंजिली इमारत‘ वर्ल्ड आई’ का निर्माण करा रहे श्री रे ने कहा कि रेरा के होने से लोग अब अधिक निश्चित रहेंगे। अब एक अथॉरिटी है, जहां वे अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए बस राज्यों को इस कानून में ज्यादा बदलाव किये बगैर इसे लागू करना होगा।


उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने इसे अधिसूचित कर दिया है और अन्य राज्य भी इसे लागू करने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा कि भारत में रियल एस्टेट क्षेत्र का अब तक कोई ढांचा नहीं रहा है। यह कानून निसंदेह सभी को पेशेवर बना देगा क्योंकि इसके अलावा कोई विकल्प बचा ही नहीं है। यह बिल्डर्स, ठेकेदारों और प्रशासन के लिए अच्छा है और इसका लाभ आम लोगों को मिलेगा। श्री रे ने दुबई और भारत में रियल एस्टेट के कामकाज के अंतर को बताते हुए कहा था भारत में हर काम धीरे-धीरे होता है और यहां लगभग डेढ़ गुणा ज्यादा समय लगता है। यहां तक कि योजना और क्लीयरेंस भी चरणबद्ध तरीके से मिलती है जिससे समय अधिक लगता है। श्री रे ने देश की आर्थिक स्थिति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में किये जा रहे आर्थिक सुधारों के बारे में कहा कि मोदी -युग से भारत में कई सकारात्मक बदलाव आये हैं। 

खासकर ये बदलाव विदेशों में रहने वाले भारतीयों के लिए हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्रवाद के बगैर आगे नहीं बढ़ा। अचानक ही भारतीयों का मनोबल बढा है। घरेलू स्तर पर विवाद हैं लेकिन विदेशों में रहने वाले बहुत उत्साहित हैं। श्री रे ने कहा कि वे किसी प्रकार की राजनीतिक टिप्पणी नहीं कर रहे लेकिन उनके मुताबिक किसी भी देश के संपन्न होने के लिए , वहां के नागरिकों को खुद पर भरोसा रखना होता है। उन्हें गर्व करना होता है और इसी कारण थोडा सा राष्ट्रवादी होना हमेशा अच्छा है। अब ऐसा भारत में भी दिखने लगा है। यह भावना पहले नहीं थी। कम से कम कुछ भारतीयों में यह राष्ट्रवादी भावना कूट-कूट कर भरी है। इसे मैंने कभी भी विदेशों में रहने वाले भारतीयों में नहीं देखा था। श्री रे ने कहा कि पहली बार भारतीयों को खुद पर भरोसा हो रहा है-यहां तक कि खाड़ी देशों और अन्य जगहों में रहने वालों को भी। हाल में जब श्री मोदी संयुक्त अरब अमीरात गये तो तेल कंपनियों के मुख्यालय पर तिरंगा फहराया गया। कभी भी किसी देश के प्रमुख का इस तरह स्वागत नहीं किया गया था। 

वृन्दावन में हिंडोला उत्सव 26 जुलाई से

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मथुरा, 23 जुलाई,  वृन्दावन के हिंडोला उत्सव में ठाकुर जी स्वयं राधारानी को झूला झूलने का निमंत्रण देते है और फिर वे राधारानी को स्वयं झुलाते भी हैं। इस बार इस उत्सव का प्रारम्भ आगामी 26 जुलाई से हो रहा है। श्यामसुन्दर हरियाली तीज पर राधारानी से कहते हैंः- “राधे झूलन पधारो झुकि आए बदरा’’ हिंडोला एक प्रकार का ठाकुर जी का झूला है जिसे भक्त नाना प्रकार से सजाते हैं। जहां कुछ हिंडोले सोने- चांदी के बनाए जाते हैं, वहीं फल, फूल, मेवा, चन्दन, टाफी, बर्तन, अनाज आदि के हिंडोले भी ब्रज के मंदिरों में डाले जाते हैं। वैसे तो हरियाली तीज से वृन्दावन के प्रत्येक मंदिर में हिंडोला पड़ जाता है पर श्रद्धालुओं का सबसे अधिक आकर्षण बांकेबिहारी मंदिर का हिंडोला हीे होता है। लगभग सात दशक पुराना यह हिंडोला वर्ष में केवल एक बार ही निकलता है, इसे देखकर लगता है कि इसका निर्माण आज ही किया गया है। मंदिर के सेवायत गोपी गोस्वामी के अनुसार स्वर्ण हिंडोले के आसपास सोने-चांदी की मानवाकार सखियां होती हैं। हिंडोले के आसपास के वातावरण को प्राकृतिक बनाया जाता है। हिंडोला उत्सव में स्वयं श्यामसुन्दर राधारानी को झूला झुलाते हैं। भक्तों पर प्रसाद स्वरूप पिचकारी से इत्र और गुलाबजल का मिश्रण डाला जाता है। श्री गोस्वामी जी ने बताया कि ठाकुर जी जहां मंदिर के जगमोहन से कुछ आगे विराजते हैं वहीं राधारानी की सेज मंदिर के जगमोहन में सजाई जाती है और वहां पर राधारानी और श्यामसुन्दर की युगल छवि विश्राम करती है। इस दिन वर्ष् में एक बार मंदिर में घेवर और फैनी का भोग लगाया जाता है। चूंकि इस दिन से ही वृन्दावन के सभी गोपाल मंदिरों में हिंडोला डाला जाता है इसलिए इस दिन वृन्दावन में मेला सा लग जाता है। इस दिन श्यामसुन्दर की अनूठी लीला एक बार फिर देखने को मिलती है। जिस प्रकार महारास में हर गोपी यह अनुभव करती है कि श्यामसुन्दर उसी के साथ रास कर रहे हैं उसी प्रकार वृन्दावन के प्रत्येक मंदिर में सेवायत एवं भक्त यह अनुभव करते है कि जिस मंदिर में वे दर्शन कर रहे हैं ठाकुरजी वहीं पर किशोरी जी को झूला झुला रहे हैं। वृन्दावन के रंग जी मंदिर में सभी परम्पराएं य़द्यपि दक्षिण भारत के मंदिरों जैसी चलती हैं पर हरियाली तीज से इस मंदिर में भी हिंडोला डाला जाता है। राधाबल्लभ मंदिर में हिंडोला में श्यामाश्याम के झूलन को देखने की होड़ सी लगी रहती है। वृन्दावन के राधारमण मंदिर में स्वर्ण एवं रजत हिंडोले डाले जा रहे हैं। 


इस प्राचीन मंदिर के सेवायत आचार्य दिनेश चन्द्र गोस्वामी ने बताया कि द्वादशी से ठाकुर जी पुष्प के कुंज में विराजमान होकर झूला झूलते हैं। पवित्रा द्वादसी पर श्रंगार आरती में रेशम या रुई की माला ठाकुर जी को अर्पित की जाएगी। इसके दर्शन बहुत अधिक शुभ माने जाते हैं। और पद का गायन होता है “राधारमण पवित्रा पहने। लाल हरित सित पीत गुलाबी शोभित वरण सुनहरे। अाचार्य जी का कहना था कि प्रिया प्रियतम कुंज में विराजमान होकर झूला झूलते हैं। इस मंदिर में हरियाली तीज पर सिंधारा का अनूठा भोग लगाया गया जो एक प्रकार का 56 भोग ही है । अंतर यह है कि 56 भोग में घेवर और फैनी नही रखी जाती जब कि सिंधारा भोग में इसे भी रखा जाता है। वृन्दावन के राधा दामोदर मंदिर में हिंडोला उत्सव की शुरूवात हरियाली तीज से ही होती है। इस मंदिर के हिंडोलों में मोरछड़ी और मोरपंखी का हिंडोला अपनी अमिट छाप छोंड़ता है। झूला के पदों का गायन होता है आज राधा श्याम रंगे ते झूलें, मदनमोहन मंदिर वृन्दावन के अजय गोस्वामी के अनुसार मंदिर में चांदी के हिंडोले के साथ साथ फूल, पत्ती का हिंडोला भी डाला जाता है। झूलनोंत्सव के अंतिम दिन रास होता है तथा ठाकुर अंतिम दिन कोतवाल बनते हैं तो राधारानी राजा बनती हैं। उस दिन राधारानी का चरणदर्शन भी होता है। इस मंदिर में हिंडोला उत्सव हरियाली तीज से प्रारंभ होकर नौ दिन तक चलता है। राधाश्यामसुन्दर मंदिर के महंत कृष्ण गोपालानन्द देव गोस्वामी ने बताया कि मंदिर में हिंडोला प्राकृतिक सम्पदा का बनता है तथा विभिन्न प्रकार के फूल, रंग बिरंगी कलात्मक पत्तियों और गोटे से बना यहां का हिंडोला देखते ही बनता है।
इस मंदिर में घटा महोत्सव की शुरूवात भी इसी दिन से होती है। 

कृष्ण बलराम मंदिर,शाह जी मंदिर, गोरे दाउ जी समेत वृन्दावन के अन्य मंदिरों में हरियाली तीज से हिंडोला उत्सव शुरू होकर रक्षा बंधन तक चलता है। बरसाना और नन्दगांव में वैसे तो हिंडोला उत्सव की शुरुवात सावन के शुरू होते ही हो गई है किंतु विशेष आयोजन हरियाली तीज को होता है। नन्दगांव के समाजसेवी यतीन्द्र तिवारी ने बताया कि बरसाना के ही दादीबाबा मंदिर, वृषभान मंदिर, जयपुर मंदिर, अष्टसखी मंदिर,मोरकुटी और गोपाल मंदिर में तथा नन्द गांव के नन्दबाबा मंदिर में विशालकाय चांदी के हिंडोले में श्यामाश्याम के झूलन के दर्शन कर भक्त स्वयं को धन्य करतेे हैं। मथुरा के स्वामी नारायण मंदिर में तो हिंडोला उत्सव की धूम मची हुइ्र है। यहां पर पूरे सावन मास रोज तरह तरह के हिंडोले बनाए जा रहे हैं तथा इसमें प्रयोग की गई सामग्री को भक्तों में बांट दिया जाता है।

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