Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74271 articles
Browse latest View live

मिताली बनीं आईसीसी महिला विश्वकप टीम की कप्तान

$
0
0
mithali-raj-chosen-as-world-cup-team-captain-by-icc
दुबई, 24 जुलाई, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भारतीय कप्तान मिताली राज को आईसीसी महिला विश्वकप टीम का कप्तान नियुक्त किया है, आईसीसी ने सोमवार को जारी टूर्नामेंट की टीम की घोषणा की जिसकी कमान रन मशीन और भारतीय कप्तान मिताली को सौंपी गई है। मिताली के अलावा आस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 171 रन की विस्फोटक पारी खेलने वाली ऑलराउंडर हरमनप्रीत कौर और दीप्ति शर्मा को भी 12 सदस्यीय टीम में शामिल किया गया है। 34 वर्षीय मिताली के नेतृतव में भारत को रविवार को आईसीसी महिला विश्वकप के फाइनल में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के हाथों नौ रन से हार का सामना करना पड़ा। कप्तान मिताली टूर्नामेंट में 409 रनों के साथ सर्वाधिक स्कोरर के मामले में दूसरे नंबर पर रहीं। भारत के अलावा विश्व चैंपियन इंग्लैंड की पांच खिलाड़ियों टैमी ब्यूमोंट , अन्या श्रबसोल, विकेटकीपर सारा टेलर, एलेक्स हार्टले और नताली शिवर को भी आईसीसी महिला विश्वकप टीम में मौका दिया गया है। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका की तीन और ऑस्ट्रेलिया की एक खिलाड़ी को टीम में शामिल किया गया है।


राजनीतिक चंदे के लिए बनेगा कानून : जेटली

$
0
0
act-to-be-in-place-for-political-donations-jaitley
नयी दिल्ली 24 जुलाई, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि राजनीतिक चंदे को लेकर कानून बनाने की तैयारी चल रही है और यदि इस पर आम सहमति नहीं बनेगी तो सरकार कानून बनायेगी, श्री जेटली ने आयकर कानून के 157 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर यहां आयोजित आयकर दिवस समारोह, 2017 में कहा कि कालेघन के विरुद्ध जारी अभियान के तहत पिछले वर्ष कई उपाय किये गये, अब राजनीतिक चंदे की बारी है और इसके लिए आम सहमति बनाने की कोशिश की जायेगी, लेकिन, यदि ऐसा नहीं होगा तो सरकार अपने स्तर पर कानून बनायेगी। उन्होंने कहा कि कर नियमों का पालन नहीं करने के लिए स्टैंडर्ड प्रक्रिया अपना रहे हैं और इसके लिए फर्जी कंपनियों का सहारा लिया जा रहा है। अब इसमें राजनेता भी शामिल हो गये हैं। गोपनीयता के नाम पर कर नियमों काे अनुपालन नहीं करने का बहाना नहीं चलेगा। कर चुकाना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। करदाता आधार बढ़ाने, भ्रष्टाचार मिटाने और ईमानदार करदाताओं को पुरस्कृत करने के लिए कई उपाय किये गये हैं। श्री जेटली ने कहा कि अधिकाधिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है ताकि ईमानदार करदाता अपने घर से ही सभी प्रक्रियायें पूरी कर सके और जो लोग कर नियमाें का पालन नहीं कर रहे हैं उन पर शिंकजा कसा जा सके। उन्होंने कहा कि अब लोगों की सोच में भी बदलाव आ रहा है और अधिकांश लोगों का मानना है कि किसी को छूट क्यों दी जाये। कर राष्ट्रीय हित में लगाया जाता है जिसमें रक्षा से लेकर विकास तक के लिए धनराशि की जरूरत होती है। कर चुकाना राष्ट्रभक्ति है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेज गति बढ़ रही अर्थव्यवस्था है अौर ग्रामीण क्षेत्र, सड़क सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए धनराशि की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आयकर इस देश के लिए कभी लोकप्रिय विषय नहीं रहा है, लेकिन अब लोगों की सोच बदलने लगी है। उन्होंने कहा कि 157 वर्ष पूर्व तीन प्रतिशत आयकर लगाया था और उस समय 30 लाख रुपये की वसूली हुयी थी। चालू वित्त वर्ष में इसके बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुंचने का अनुमान है। इस मौके पर श्री जेटली ने आयकर विभाग के अधिकारियों को सम्मानित किया अौर विभाग पर जारी एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। इस दौरान वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार, राजस्व सचिव हसमुख अधिया और केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष सुशील चंद्रा भी मौजूद थे। आज ही के दिन 157 वर्ष पूर्व देश में पहली बार आयकर काननू लागू हुआ था और उसी दिन से यह विभाग काम कर रहा है।

कांग्रेस के हंगामे के कारण लोकसभा दिनभर के लिए स्थगित

$
0
0
lok-sabha-adjourned-for-a-day-due-to-congress-s-ruckus
नयी दिल्ली, 24 जुलाई, कांग्रेस के छह सदस्यों को अशोभनीय व्यवहार के कारण पांच दिन के लिए लोकसभा से निलम्बित किए जाने को लेकर पार्टी के सदस्यों ने आज सदन में भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी, दो बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही ढाई बजे जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस सदस्यों ने अपने सहयोगियों के निलम्बन को लेकर जबरदस्त हंगामा शुरू कर दिया, उपाध्यक्ष थम्बी दुरै ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की लेकिन सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ और उन्होंने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले शून्यकाल के दौरान गोरक्षा के नाम पर पीट-पीट कर लोगों के मारे जाने के मुद्दे पर कांग्रेस सदस्यों ने भारी हंगामा किया था। हंगामे के बीच कुछ सदस्यों ने कागजात फाड़कर अध्यक्ष के आसन की तरफ फेंके तो अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के लिए स्थगित कर दी। उसके बाद अपराह्न दो बजे कार्यवाही शुरू हुई तो श्रीमती महाजन ने शून्यकाल में किए गए सदस्यों के बर्ताव पर गहरा क्षोभ और चिंता जताते हुए कहा कि सदस्यों का यह आचरण सदन की मर्यादा और गरिमा के विपरीत है। श्रीमती महाजन ने कहा कि शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के छह सदस्यों गौरव गोगोई, अधीर रंजन चौधरी, एम के राघवन, सुष्मिता देव, के सुरेश और रंजीत रंजन ने अशोभनीय व्यवहार किया है और इसके लिए उन्हें सदन से पांच दिन के लिए निलम्बित किया गया है। इस पर सदस्यों ने जमकर हंगामा शुरु कर दिया जिस पर अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

देश ईमानदारी की ओर बढ रहा है : मोदी

$
0
0
the-country-is-moving-towards-honesty-modi
नयी दिल्ली 24 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकार की नीयत पर जनता के भरोसे का जिक्र करते हुए आज कहा कि जनता ईमानदारी चाहती है और देश इस ओर आगे बढ़ रहा है, श्री मोदी ने यहां राजस्थान के भारतीय जनता पार्टी के सांसदों के साथ बैठक में कहा कि पिछले चुनावों में मिले जनादेश को ध्यान में रखते हुए अर्थ-नीति में नरमी से निर्णय लेने से देश का भला नहीं होगा , यह बात देश की 125 करोड़ जनता भली-भांति समझती है | राजस्थान के भाजपा सांसदों ने भी कहा कि वस्तु एवं सेवाकर , नोटबंदी एवं गाँव, गरीब और किसानों के लिए उठाये गए कदमों की सफलता से जन-जन में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है | प्रधानमंत्री ने सांसदों को अपने क्षेत्र और इलाके की तस्वीर बदलने के लिए नेतृत्वकारी भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए कहा कि जन-प्रतिनिधियों को जन-भागीदारी से जल-संचय, मध्याह्न भोजन, कुपोषण निवारण, मुद्रा योजना और कृषि फसल योजना जैसी गरीब कल्याणकारी पहलों का प्रसार करना चाहिए | इस सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि नदियों पर छोटे चेक डैम बनाकर तालाब बनाये जा सकते हैं और इससे ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा दिया जा सकता है । श्री मोदी ने कहा कि संसद पुस्तकालय में सांसदों के लिए वस्तु एवं सेवाकर हेल्प-डेस्क शुरू हो रहा है, जिसमें सांसद, वरिष्ठ अधिकारियों से इस संबंध में जानकारी ले सकते हैं | उन्होंने कहा कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवाकर के ऐतिहासिक निर्णयों में आम जनता का भरोसा बढ़ा है और उनका अप्रत्याशित समर्थन मिला है । बैठक में संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार भी उपस्थित थे । गौरतलब है कि पिछले सप्ताह श्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसदों से मिले थे । इस बैठक में प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के कामकाज के बारे में जानकारी ली थी। प्रधानमंत्री संसद सत्र के दौरान विभिन्न राज्यों के पार्टी के सांसदों से बारी-बारी से मुलाकात करके शासन व्यवस्था और राजनीतिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हैं।

मधुबनी : विभिन्न शिवालय को फूल मालाओं से सजाया गया

$
0
0
somwari-sawan-jaynagar
जयनगर/मधुबनी, श्रावण महीना की तीसरी सोमवारी को लेकर प्रखंड के विभिन्न शिवालय को फूल मालाओं तथा आधुनिक लाईट से सजाया गया है एवम विधि विधान से पूजा अर्चना की गयी वही जयनगर के शिवालय मे भजन कीर्तन की आयोजन किया गया ,,,,जयनगर महावीर चौक के पास महावीर मंदिर मे झांकी की आयोजन के साथ भजन संध्या की आयोजन की गयी कई सैकड़ो की संख्या मे भक्त गण   दर्शन के लिये शामिल हुये  ॥इस मंदिर परिसर मे एक पुरानी कुआँ मौजूद है और सबसे महत्वपूर्ण बाती यह है की जब भी कमला नदी मे पानी बढ़ती है तो आपरूप तरीकों से मंदिर परिसर मे पानी जमा हो जाती है ,जिसे मोटर लगाकर भक्तो के द्वारा मंदिर परिसर से पानी की निकासी किया जाता है प्रत्येक साल यह मंजर देखने को मिलती है ,भक्त गण के द्वारा महाप्र्साद की व्यवस्था किया गया था

नायडू ने बेटा-बेटी को पहुंचाया करोडों का फायदा : कांग्रेस

$
0
0
naidu-gives-benefits-of-crores-to-his-son-and-daughter-congress
नयी दिल्ली, 24 जुलाई, कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार वेंकैया नायडू पर अपनी बेटी और बेटे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही की वकालत करने वाले श्री नायडू को देश को इन आरोपों का जवाब देना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता जयराम रमेश ने यहां संसद भवन परिसर में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि हमेशा जवाबदेही और पारदर्शिता की बात करने वाले श्री नायडू ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सरकार को चूना लगाया और बेटी तथा बेटे को पांच सौ करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया। ईमानदारी, पारदर्शिता तथा जवाबदेही को लेकर उन्हें इन सवालों पर देश की जनता को जवाब देना चाहिए। श्री रमेश ने आरोप लगाया कि श्री नायडू के प्रभाव में तेलंगाना सरकार ने गत 20 जून को एक विशेष आदेश जारी किया और स्वर्णभारत ट्रस्ट को सरकार को दो करोड़ रुपए से ज्यादा के विकास शुल्क का भुगतान करने से छूट दे दी। इस ट्रस्ट में श्री नायडू की बेटी प्रबंधन ट्रस्टी हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह से श्री नायडू के बेटे को फायदा पहुंचाने के लिए तेलंगाना सरकार ने बिना निवदा निकाले दो कंपनियों को 270 करोड़ रुपए का आर्डर दिया। इन कंपनियों में एक के मालिक श्री नायडू के बेटे हैं और दूसरी कंपनी के मालिक राज्य के मुख्यमंत्री के बेटे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि भोपाल में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर छह अप्रैल 2011 को कुशाभाऊ ठाकरे स्मारक ट्रस्ट को दी गयी 20 एकड़ जमीन का आवंटन रद्द किया गया था। यह जमीन भोपाल के अहम इलाके में थी और इसकी कीमत करीब छह सौ करोड़ रुपए थी। श्री नायडू इस ट्रस्ट के अध्यक्ष थे। उन्होंने आरोप लगाया कि 1978 में श्री नायडू जब अांध्र प्रदेश विधानसभा में विधायक थे तो उन्होंने नल्लोर में भूमिहीनों की करीब पांच एकड़ जमीन अपने नाम करा ली थी लेकिन अगस्त 2002 में उन्हें यह जमीन प्रशासन को लौटाने के लिए बाध्य होना पड़ा था। उन्होंने कहा कि श्री नायडू को इन सभी सवालों का जवाब देना चाहिए और देश की जनता को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।

कांग्रेस के भ्रष्टाचार के आरोप झूठे और राजनीति से प्रेरित: नायडू

$
0
0
congress-allegations-of-corruption-are-false-and-politically-motivated-naidu
नयी दिल्ली, 24 जुलाई, उपराष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार एम. वेंकैया नायडू ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए आज कहा कि ये झूठे, राजनीति से प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण आरोप हैं। श्री नायडू ने यहां इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सभी मामले वर्षों पुराने हैं और अलग-अलग मंचों पर इनकी जांच हो चुकी है। उन्होेंने कहा कि उपराष्ट्रपति पद के चुनाव से कुछ दिन पहले ये मामले उठाने से स्पष्ट है कि इन्हें राजनीतिक मंशा और दुर्भावना से उठाया गया है। यह कांग्रेस की ‘हताशा और राजनीतिक दिवालियापन’ को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि वह ऐसी राजनीतिक पार्टी और संस्कृति की उपज है जहां सार्वजनिक जीवन में शुचिता पहली शर्त हैं। उन्होंने कहा, “मैं हमेशा इन्हीं मानकों के साथ रहा हूं।” इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि हमेशा जवाबदेही और पारदर्शिता की बात करने वाले श्री नायडू ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर तेलंगाना सरकार को नुकसान पहुंचाया है और बेटी तथा बेटे को पांच सौ करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया। ईमानदारी, पारदर्शिता तथा जवाबदेही को लेकर उन्हें इन सवालों पर देश की जनता को जवाब देना चाहिए। इस बीच संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने भी श्री नायडू पर कांग्रेस के भ्रष्टाचार के आराेपों को निराधार और तथ्यहीन करार दिया है। उन्होंने कहा कि ये आरोप निराधार और तथ्यहीन हैं, जिनमें कोई दम नहीं है।

निठारी कांड में कोली और पंढेर को फांसी की सजा

$
0
0
nithari-case-trialcourt-orders-death-sentences-to-koli-pandher
गाजियाबाद,24 जुलाई, उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने लोमहर्षक निठारी हत्याकांड से जुड़े 20 वर्षीय एक युवती की हत्या अौर दुष्कर्म मामले में मनिन्दर सिंह पंढेर और सुरेन्द्र कोली को आज फांसी की सजा सुनाई, निठारी कांड का यह आठवां मामला है, जिसमें सजा का एलान हुआ है, सीबीआई ने यह मामला 29 दिसंबर 2006 को दर्ज किया था। विशेष अदालत के न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने दोनों को दो दिन पहले इस मामले में दोषी ठहराया था। उन्हें युवती के अपहरण, हत्या, दुष्कर्म और आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया गया। फांसी के अलावा अदालत ने दोनों पर 35-35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाये जाने के वक्त दोनों दोषी अदालत में मौजूद थे। पंढेर जमानत पर रिहा हुआ था। सजा सुनाये जाने के तुरंत बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। घर में काम करने वाली 20 वर्षीय युवती पांच अक्तूबर 2006 को काम से वापस आने के बाद लापता हो गयी थी। कोली ने युवती की हत्या कर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया था और उसे घर के पिछले भाग में फेंक दिया था। सीबीआई ने बाद में इसे बरामद किया था। अभियोजन पक्ष के वकील जे पी शर्मा की दलीलों पर अदालत ने गौर किया। उनका कहना था कि वैज्ञानिक तथ्यों से यह साबित हो गया कि कोली ने युवती का अपहरण करने के बाद उसके साथ बलात्कार किया और फिर हत्या कर दी। कोली ने सबूतों को मिटाने का भी प्रयास किया। युवती के डीएनए का उसके माता-पिता से मिलान किया गया। अभिभावकों ने बरामद कपड़ों को भी पहचान लिया था। अदालत ने पंढेर को इस पूरी आपराधिक साजिश में शामिल पाया। वर्ष 2006 में पुलिस ने नोएडा के निठारी में पंढेर के आवास के पास 16 लोगों की खोपड़ियां और हड्डियां बरामद की थीं। यह अधिकांश बच्चों की थी। मामले की तफ्तीश से सामने आया कि निठारी की झुग्गियों से कई बच्चे गायब हुए थे। कोली पर बच्चों को बहला-फुसलाकर उनकी हत्या और शवों के साथ दुष्कर्म करने, मानव मांस का भक्षण करने के आरोप हैं। कोली को इससे पहले सात मामलों में फांसी की सजा हो चुकी है। इनमें पांच बालिकाओं की हत्या के मामले, एक महिला की हत्या और एक युवती की हत्या के मामला शामिल है।


कांग्रेस के छह सदस्य लोकसभा से पांच दिन के लिए निलम्बित

$
0
0
six-congress-mps-suspended-from-lok-sabha-for-five-days
नयी दिल्ली 24 जुलाई, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज अशोभनीय व्यवहार करने पर कांग्रेस के छह सदस्यों गौरव गोगोई, अधीर रंजन चौधरी, एम के राघवन, सुष्मिता देव, के सुरेश और रंजीता रंजन को सदन से पांच दिन के लिए निलम्बित कर दिया, गोरक्षा के नाम पर लोगों को पीट-पीट कर मारे जाने के मुद्दे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से सदन में चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के देर तक हंगामा करने और कागजात फाड़कर अध्यक्ष के आसन की तरफ फेंके जाने को अशोभनीय करार देते हुए श्रीमती महाजन ने इन सदस्यों को नियम 374 ए के तहत पांच दिन के लिए निलम्बित कर दिया। श्रीमती महाजन ने सदस्यों के इस बर्ताव पर गहरा क्षोभ और चिंता जताते हुए कहा,“ आज सदन में शून्यकाल के दौरान कुछ सदस्यों ने दलितों, अल्पसंख्यकों और उनसे सम्बन्धित मामलों में कथित अत्याचार के बारे में चर्चा करने की मांग की थी । इस पर मैंने कहा कि मैं सदस्यों द्वारा नियमों के तहत नोटिस दिये जाने पर सभी मुद्दों पर चर्चा कराने को तैयार हूं। संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने भी कहा था कि सरकार भी इन सभी मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद श्री गोगोई ने आसन के सामने मेज से कागज छीन लिए और उन्हें आसन की ओर लहराया। श्री सुरेश ने भी मेज से कागज छीने और उन्हें फाड़कर आसन की ओर उछाला। श्री चौधरी, श्रीमती रंजन, सुश्री देव और श्री राघवन ने भी कागजात फाड़े और उन्हें आसन की ओर फेंका। उन्होंने कहा कि सदस्यों का यह आचरण बेहद अशोभनीय है। इससे सदन के नियमों का उल्लंघन हुआ है और यह इसकी गरिमा को कम करता है। इन सदस्यों ने जानबूझकर सदन के कामकाज में लगातार बाधा डाली, जिससे सदन में बड़ी अव्यवस्था फैल गयी। ” अध्यक्ष ने कहा,“ इसलिए मैं लोकसभा के कामकाज की प्रक्रिया और आचार के नियम 374 ए के तहत श्री गोगोई, श्री के सुरेश, श्री चौधरी, श्रीमती रंजन, कुमारी देव और श्री राघवन का नाम लेने के लिए बाध्य हूं । मैंने जिन सदस्यों का नाम लिया है, वे नियम 344 ए के प्रावधान के तहत सदन की लगातार पांच बैठकों के लिए सदन से स्वत: निलम्बित माने जाएंगे। वे सदन से तुरन्त बाहर चले जाएं।” इससे पहले सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामपंथी दलों के सदस्यों ने सदन का निर्धारित कामकाज रोककर गोरक्षा के नाम पर पीट-पीटकर हो रही हत्याओं पर चर्चा कराने की माँग की। अध्यक्ष ने इसकी इजाजत नहीं दी और कहा कि इस संबंध में सदस्य शून्यकाल के दौरान अपनी बात रख सकते हैं और उन्होंने प्रश्नकाल शुरू कर दिया। इस पर इन दलों के कुछ सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे और पूरा प्रश्नकाल इसी नारेबाजी के बीच चला। इस दौरान कुछ सदस्य सदन के बीचोबीच जमीन पर बैठ गये। संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। हर चर्चा का समय कार्यमंत्रणा समिति तय करती है और उसी के अनुरूप सरकार इस मामले में भी चर्चा कराएगी। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने और प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया लेकिन श्री कुमार और श्रीमती महाजन के अनुरोध का विपक्षी सदस्यों पर कोई असर नहीं पड़ा और वे नारेबाजी करते रहे। इसके बाद हंगामे के बीच ही शून्यकाल की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस के नेता श्री खडगे ने गोरक्षा-हत्या, दलितों और महिलाओं पर किये जा रहे अत्याचार का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने नियमों के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया है। गोरक्षा के नाम पर हो रही हत्याओं के कारण अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्ग में आतंक फैल गया है। सरकार इस तरह की बर्बर और शर्मनाक हत्याओं को रोकने में असफल रही है। प्रधानमंत्री कई बार यह कह चुके हैं कि गोरक्षा के नाम पर हत्या करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। उन्होंने माँग की कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा करायी जाए और प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री सदन में रहकर इस बारे में सभी सदस्यों की बात सुनें। इसके बाद भी ये सदस्य हंगामा करते रहे और कुछ सदस्यों ने कागज फाड़कर अध्यक्ष के आसन की तरफ उछाल दिये। इस पर सत्ता पक्ष के कुछ सदस्य विरोध करते हुए अपनी सीटों पर खड़े हो गए। संसदीय कार्यमंत्री ने बार-बार विपक्षी सदस्यों से शांति बनाये रखने की अपील की। श्री कुमार ने कहा कि विपक्ष को इस विषय में बोलने के लिए नोटिस देना चाहिये और संयम रखना चाहिये। कागज फाड़े जाने से क्षुब्ध लोकसभा अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष के सदस्यों से बैठने की अपील करते हुये कहा “मुझे भी देखने दीजिये ये किस हद तक गिर सकते हैं।“ उन्होंने कहा कि चर्चा के लिए कोई मना नहीं है, लेकिन ऐसे चर्चा नहीं होती। उन्होंने बार-बार विपक्षी सदस्यों से सहयोग की अपील की, लेकिन सदस्य शांत नहीं हुये और हंगामा करते रहे । इस पर उन्होंने करीब पौने एक बजे सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के लिए अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी।

सभी तरह की हिंसा से मुक्त हो समाज: प्रणव मुखर्जी

$
0
0
our-society-should-be-free-from-all-kinds-of-violence-pranav
नयी दिल्ली, 24 जुलाई, देश में गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा की घटनाओं के बीच निवर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सहिष्णुता को भारतीय सभ्यता की नींव बताते हुए समाज को शारीरिक तथा मौखिक सभी तरह की हिंसा से मुक्त करने की जरूरत बतायी है. श्री मुखर्जी ने पदमुक्त होने से पहले राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा कि जिम्मेदार समाज के निर्माण के लिए सहिष्णुता और अहिंसा की शक्ति को पुनर्जागृत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “प्रतिदिन हम अपने आसपास बढ़ती हुई हिंसा देखते हैं। इस हिंसा की जड़ में अज्ञानता, भय और अविश्वास है। हमें अपने जनसंवाद को शारीरिक और मौखिक सभी तरह की हिंसा से मुक्त करना होगा।” राष्ट्रपति ने कहा कि सभी प्रकार की हिंसा से मुक्त समाज ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया में लोगों के सभी वर्गों, विशेषकर पिछड़ों और वंचितों की भागीदारी सुनिश्चित कर सकता है। उन्होंने कहा, “हमें एक सहानुभूतिपूर्ण और जिम्मेदार समाज के निर्माण के लिए अहिंसा की शक्ति को पुनर्जागृत करना होगा।” संस्कृति, पंथ और भाषा की विविधता को भारत की विशेषता करार देते हुए उन्होंने कहा, “हमें सहिष्णुता से शक्ति प्राप्त होती है। यह सदियों से हमारी सामूहिक चेतना का अंग रही है।’’ जनसंवाद के विभिन्न पहलुओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “हम बहस मुबाहिशा कर सकते हैं, हम किसी से सहमत हो भी सकते हैं और नहीं भी, लेकिन हम विविध विचारों की आवश्यक मौजूदगी को नहीं नकार सकते, अन्यथा हमारी विचार प्रक्रिया का मूल स्वरूप ही नष्ट हो जायेगा।”

‘अाप’ ने भाजपा पर शिक्षा के भगवाकरण का लगाया आरोप

$
0
0
aap-blame-center-to-comunalize-education
नयी दिल्ली 24 जुलाई, आम आदमी पार्टी (आप) ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास से जुड़े दक्षिणपंथी कार्यकर्ता दीनानाथ बत्रा के द्वारा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) को भेजे गये सुझाव पर निशाना साधते हुये आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर शिक्षा का भगवाकरण करने का आरोप लगाया । आप की पोलिटिकल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) की सदस्य आतिशी मर्लेना ने कहा “ एनसीईआरटी ने स्कूल पाठ्य-पुस्तकों की समीक्षा करने के लिए जनता से कुछ सुझाव मागे थे जिसके बाद दीनानाथ बत्रा ने एनसीईआरटी को जो सुझाव भेजा वह सीधे तौर पर आरएसएस और भाजपा की सोच को दर्शाता है।” उन्होंने कहा, “ आरएसएस से जुडी शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास चाहती है कि किताबों से उर्दूं, अरबी, पास की एक कविता, मिर्जा गालिब की पंक्तिया और एमएफ हुसैन की आत्मकथा को किताबों से हटा दिया जाये। यह पहली बार नहीं है जब आरएसएस अौर भाजपा शिक्षा का भगवाकरण करनेे की कोशिश कर रही है। उन्होंने पहले भी एेसा किया है।” उन्हाेंने आरोप लगाया कि वे शिक्षा पर राजनीति कर रहे हैं क्योंकि वे शिक्षा प्रणाली को वामपंथी बनाम दक्षिणपंथी और हिंदू बनाम मुसलमानों की वैचारिक लड़ाई में बदलना चाहते है। सुश्री मर्लेना ने कहा, “ अगर वे शिक्षा की स्थिति को सुधारने को लेकर गंभीर होते तो प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति करते लेकिन भाजपा और आरएसएस की शिक्षा पर राजनीति धर्म से शुरू होकर धर्म पर ही खत्म होती है। 

मशहूर वैज्ञानिक एवं प्रोफेसर यशपाल का निधन

$
0
0
professor-yashpal-dead
नयी दिल्ली 25 जुलाई, मशहूर वैज्ञानिक एवं शिक्षाविद् प्रो.यशपाल का कल रात नोएडा में निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि प्रो.यशपाल का कल रात आठ बजे नोएडा के मैक्स अस्पताल में निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी और दो पुत्र है। पद्म विभूषण और पद्म भूषण समेत कई सम्मानों से नवाजे गये प्रो.यशपाल अनेक महत्वपूर्ण पदों पर आसीन रहे हैं जिनमें योजना आयोग में मुख्य सलाहकार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में सचिव और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग में अध्यक्ष शामिल हैं। उनका अंतिम संस्कार आज अपराह्न तीन बजे लोधी शवदाह गृह में किया जायेगा। 

निफ्टी 10,000 अंक के पार, सेंसेक्स नयी ऊंचाई पर

$
0
0
nifty-at-10000-sensex-at-its-new-high
मुंबई 25 जुलाई, नया इतिहास रचते हुए आज शुरुआती कारोबार में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी सूचकांक पहली बार 10,000 अंक के आंकड़े को पार कर गया और बंबई शेयर बाजार (बीएसई)के सूचकांक सेंसेक्स ने भी एक नए पायदान को छू लिया।एनएसई का 50 कंपनियों के शेयरों पर आधारित सूचकांक सुबह के कारोबार में 44.90 अंक यानी 0.45% उछाल के साथ 10,011.30 अंक पर पहुंच गया। इसने अपने कल दिन में कारोबार के समय के 9,982.05 अंक के उच्चतम आंकड़े को पछाड़ते हुए 10,000 अंक का स्तर पार किया और एक नया इतिहास लिखा। ब्रोकरों के अनुसार विदेशी पूंजी का सतत प्रवाह बने रहने और खुदरा निवेशकों की व्यापक खरीद से शेयर बाजारों में उछाल का रुख देखा गया। इसके अलावा बड़ी कंपनियों की अच्छी आय से भी बाजार में सकारात्मक धारणा देखी गई। इसी प्रकार बीएसई का 30 कंपनियों के शेयरों पर आधारित सेंसेक्स भी 128.43 अंक यानी 0.39% चढ़कर 32,374.30 अंक के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। इसके अपने कल के 32,320.86 अंक के रिकॉर्ड उच्च स्तर को पीछे छोड़ दिया। पिछले दो सत्र के कारोबार में इसमें 341.47 अंक की बढ़त देखी गई है।


श्री रामनाथ कोविंद ने ली राष्ट्रपति पद की शपथ

$
0
0
kovind-takes-oath-as-14th-president-of-india
 नयी दिल्ली 25 जुलाई, श्री रामनाथ कोविंद ने आज देश के राष्ट्रपति के रूप में संविधान की रक्षा की शपथ ली। देश के मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर ने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित आकर्षक समारोह में श्री कोविंद को दोपहर सवा बारह बजे पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में राज्य सभा के सभापति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, मंत्री परिषद के सदस्य, विदेशी दूतावासों के प्रमुख, सांसद और शीर्ष सैन्य अधिकारी शामिल थे। शपथ ग्रहण के बाद नये राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी गयी। इसके बाद श्री कोविंद ने संसद को सम्बोधित किया। देश के नये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विविधता को देश की सफलता का मूल मंत्र बताते हुए ऐसे समाज के निर्माण पर जोर दिया है जिसमें सभी को समान अवसर मिले। संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में देश के 14 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद श्री कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि देश की प्रगति के लिए परंपरा , प्रौद्योगिकी, प्राचीन भारत के ज्ञान और समकालीन भारत के विज्ञान को साथ लेकर चलना होगा। उन्होंने कहा ,“ देश की सफलता का मंत्र उसकी विविधता है। विविधता ही वह आधार है, जो हमें अद्वितीय बनाता है। इस देश में हमें राज्यों और क्षेत्रों, पंथों, भाषाओं, संस्कृतियों, जीवन-शैलियों जैसी कई बातों का सम्मिश्रण देखने को मिलता है। हम बहुत अलग हैं, लेकिन फिर भी एक हैं और एकजुट हैं।” इक्कसवीं सदी को भारत की सदी बताते हुए उन्होंने कहा कि देश की उपलब्धियां ही इस सदी की दिशा और स्वरूप तय करेंगी। सबको मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो आर्थिक नेतृत्व देने के साथ ही नैतिक आदर्श भी प्रस्तुत करे। देश के लिए ये दोनों मापदंड कभी अलग नहीं हो सकते। ये दोनों जुड़े हुए हैं और इन्हें हमेशा जुड़े ही रहना होगा। 



लोकसभा की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित

$
0
0
proceedings-of-parliament-adjourned-till-3oclock
नयी दिल्ली 25 जुलाई, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद राष्ट्रपति भवन में आयोजित उनके सम्मान में सलामी गारद में मंत्रियों और सांसदों के भाग लेने की व्यवस्था के तहत लोकसभा की कार्यवाही आज शुरू होने के एक मिनट के भीतर दोपहर बाद तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा की और एक प्रश्न भी लिया लेकिन इसी बीच कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे गौ हत्या के मुद्दे पर अपनी बात रखने लगे लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्न और उसके उत्तर के सिवाय कोई अन्य बात रिकार्ड में नहीं जाएगी। प्रश्नकाल में आज पहला प्रश्न भी गायों और बैलों को लेकर था। खड़गे के साथ बाकी कांग्रेसी सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े होकर उनकी बात का समर्थन कर रहे थे और आसन से उन्हें अपनी बात रखने की अनुमति दिए जाने की मांग कर रहे थे । अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कहा कि उन्हें प्रश्नकाल की कार्यवाही स्थगित करने के संबंध में खड़गे का नोटिस मिला है लेकिन लोकसभा की कार्य नियमावली में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण वह नोटिस को नामंजूर करती हैं । कांग्रेस सदस्यों के हंगामा करने पर अध्यक्ष ने कहा कि वह वैसे भी आज सदन की कार्यवाही स्थगित करने ही वाली हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ नवनिर्वाचित राष्ट्रपति महामहिम श्री रामनाथ कोविंद 25 जुलाई2017 को आज दोपहर सवा 12 बजे संसद के केंद्रीय कक्ष में देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे । शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान गारद में मंत्रियों तथा सांसदों के भाग लेने को देखते हुए सदन की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित की जाती है।’’



विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में उमड़ा कांवरियों का सैलाब

$
0
0
shrawani-mela-at-baba-dham
देवघर 25 जुलाई,  गंगाजल का संकल्प लेकर अपने पाप और दुखों के नाश की कामना लिये बिना रुके और थके सुल्तानगंज से देवघर तक की लंबी पदयात्रा के बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए बैद्यनाथधाम में कांवरियों का सैलाब उमड़ पड़ा है। कहते हैं सागर से मिलने का जो संकल्प गंगा का है वही दृढ़निश्चय भगवान शिव से मिलने का कांवरियों में भी देखा जाता है। तभी तो श्रावणी मेले के दौरान धूप-बारिश और भूख-प्यास भूलकर दुर्गम रास्तों पर दुख उठाकर अपने दुखों के नाश के लिए वे बाबा बैद्यनाथ की शरण में पहुंचते हैं। बोल बम का नारा है-बाबा एक सहारा है जैसे नारों और शिव गीतों से बिहार में भागलपुर जिले के सुल्तानगंज से लेकर झारखंड में देवघर जिला मुख्यालय में अवस्थित बाबा बैद्यनाथ धाम और बाबा बासुकीनाथ धाम तक लगभग 105 किलोमीटर का इलाका गूंजायमान हो रहा है। श्रावणी मेले के तीसरे सोमवार को बाबा बैद्यनाथ धाम में करीब एक लाख से अधिक और बासुकीनाथ धाम में 70 हजार से अधिक कांवरियों ने भगवान शंकर का जलाभिषेक किया। इस वर्ष 10 जुलाई से शुरू हुये विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में पिछले 15 दिनों के दौरान बाबा बैद्यनाथ धाम में देश-विदेश से आनेवाले लगभग 20 लाख और बाबा बासुकीनाथ धाम में लगभग दस लाख से अधिक श्रद्धालु भोलेनाथ का जलाभिषेक कर चुके हैं। इन दोनों धामों में प्रतिदिन गेरुआ वस्त्रधारी कांवर यात्रियों का तांता लगा रहता है। बिहार में भागलपुर, मुंगेर, बांका और झारखंड में देवघर और दुमका जिले के नदियों, पहाड़ों और जंगलों से का पूरा इलाका गेरूआ वस्त्रधारी कांवर यात्रियों के रंग में रंग गया है। श्रावणी पूर्णिमा तक चलनेवाले विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले के समापन की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे इस कांवर यात्रा में देश-विदेश से आनेवाले शिव भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। 

इस बार दोनों शिवधामों में जलाभिषेक के लिए प्रतिदिन करीब एक लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बिहार और झारखंड सरकार के निर्देशन में पांच जिलों के प्रशासन द्वारा अपने-अपने इलाके से गुजरने वाले कांवर यात्रियों को सुविधा मुहैया कराने और इस लम्बी दूरी की पैदल यात्रा को सुगम बनाने के लिए सड़क, यातायात, स्वास्थ्य, 
रोशनी, आवासन एवं सुरक्षा के साथ कतारबद्ध पूजा-अर्चना की समुचित व्यवस्था की गयी है। मान्यता है कि सावन महीने में सुल्तानगंज के अजगैबीनाथ धाम में प्रवाहित उत्तरवाहिनी गंगा से कांवर में जल भर कर पैदल 105 किलोमीटर की दूरी तय कर देवघर में द्वादश ज्योर्तिलिंगों में से एक प्रसिद्ध बाबा बैद्यानाथ धाम और यहां से करीब 42 किलोमीटर दूर दुमका जिले में अवस्थित बाबा बासुकीनाथ धाम में जलार्पण और पूजा-अर्चना करने से श्रद्धालु शिवभक्तों की सभी कामनायें पूर्ण होती हैं। इस कारण बैद्यनाथ धाम को दीवानी और बासुकीनाथ धाम को फौजदारी बाबा के नाम से जाना जाता है। बैद्यनाथ धाम की प्रसिद्धि रावणेश्वर धाम और हृदयपीठ रूप में भी है। मान्यताओं के अनुसार, एक समय राक्षसों के अभिमानी राजा एवं परम शिव भक्त रावण ने कैलाश पर्वत पर कठिन तपस्या कर तीनों लोक में विजय प्राप्त करने के लिए अपनी लंकानगरी में विराजमान होने के लिए औघड़दानी बाबा भोले शंकर को मना लिया। लंका जाने के लिए अनमने भाव से तैयार हुये भगवान शंकर ने रावण को वरदान देते समय यह शर्त्त रखी कि लिंग स्वरूप को तुम भक्तिपूर्वक अपने साथ ले जाओ लेकिन इसे धरती पर कहीं मत रखना। अन्यथा यह लिंग वहीं स्थापित हो जायेगा। रावण की इस सफलता से इन्द्र सहित देवतागण चिंतित हो गये और इसका उपाय निकालने में जुट गये। कहते हैं कि रावण लिंग स्वरूप बाबा भोलेनाथ को लंकानगरी में स्थापित करने के लिए जा रहा था कि रास्ते में पड़नेवाले झारखंड के वन प्रांतर में अवस्थित देवघर में शिव माया से उसे भारी लघुशंका की इच्छा हुई, जिसे वह सहन नहीं कर पा रहा था। रावण बैजू नाम के एक गोप को लिंग स्वरूप सौंप कर लघुशंका करने चला गया। बैजू लिंग स्वरूप के भार को सहन नहीं कर सका और उसे जमीन पर रख दिया जिससे देवघर में भगवान भोलेनाथ स्थापित हो गये। लघुशंका कर लौटे रावण ने देखा बाबा भोलनाथ जमीन पर विराजमान हो गये हैं तो वह परेशान हो गया और उन्हें जमीन से उठाने का बहुत प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सका। इससे गुस्से में आकर उसने लिंग स्वरूप भोलेनाथ को अंगूठे से जमीन में दबा दिया जिसके निशान आज भी बैद्यनाथ धाम स्थित द्वादश ज्योर्तिलिंग पर विराजमान है। उस लिंग में भगवान शिव को प्रत्यक्ष रूप में पाकर सभी देवताओं ने उसकी प्राण प्रतिष्ठा कर उसका नाम बैद्यनाथ धाम रखा। 
कहते है बाद में यही ज्योर्तिलिंग बैजनाथेश्वर और रावणेश्वर धाम के नाम से प्रसिद्ध हुआ जो श्रद्धालुओं की सभी कामनाओं की पूर्ति करनेवाला और दर्शन मात्र से सभी पापों को हरनेवाला माना जाता है। इस दिव्य ज्योर्तिलिंग के दर्शन से सभी पापों का नाश और मुक्ति की प्राप्ति होती है। बैद्यानाथ धाम की गणना उन पवित्र तीर्थ स्थलों में की जाती है जहां द्वादश ज्योर्तिलिंग के अलावा शक्ति पीठ भी स्थापित है। श्रद्धालुओं में मान्यता है कि राजा दक्ष द्वारा आयोजित महायज्ञ में अपमानित सती और विष्णु भगवान के सुदर्शन चक्र से खंडित सती का अंग सम्भवतः 51 स्थानों पर गिरा था। इन अंगों में सती का हृदय बैद्यनाथ धाम में गिरा था। इस कारण इस पवित्र धाम को चिताभूमि के साथ सिद्धपीठ और हृदयपीठ के नाम से भी जाना जाता है। प्राचीन काल में घने जंगलाें और पहाड़ों से घिरे इस वन प्रांतर के बीच अवस्थित बाबा बैद्यनाथ धाम और बासुकीनाथ धाम तांत्रिक और सिद्ध महात्माओं के लिए सिद्धिप्राप्ति का आकर्षक केन्द्र भी रहा है। मान्यता है कि राजा भगीरथ के कठिन तप से धरती पर अवतरित हुई गंगा के पवित्र जल को समस्त प्राणियों को पाप से मुक्ति देनेवाला माना जाता है। सदियों से धरती के समस्त प्राणियों को अपने पवित्र जल से गंगा जीवन प्रदान करती है। राजा सगर के साठ हजार पुत्रों की मुक्ति के लिए गंगा धरती पर अवतरित होने को राजी हो गयी थी। भगवान शंकर ने गंगा के वेग को कम करने के लिए उन्हें अपनी जटाओं में समेट लिया था ताकि गंगा ऊपरी सतह को फोड़कर धरती में न समा जाये। शिव की जटा में गंगा को अपनी स्वतंत्रता में कमी प्रतीत होने लगी तो वह ब्रह्मा जी से बोलीं, “आप मुझे इस कष्ट से बचाइये। ब्रह्म्मा जी ने कहा, हे गंगा तुम अति सौभग्यशाली हो जिसे भगवान शंकर ने अपने शीश पर धारण कर रखा है। उनके इस कथन पर गंगा मैया बोलीं आपका कहना ठीक है लेकिन क्या यह स्वर्गलोक में निवास करने वाली गंगा का अपमान नहीं होगा। मेरे पवित्र जल का धरती के अच्छे और बुरे लोग उपयोग करेंगे और इससे मुझे ग्लानी होगी। इस पर ब्रह्मा जी ने गंगा को वरदान दिया कि तुम्हारे पवित्र जल से जितने अच्छे या बुरे लोग स्नान करेगे उससे कहीं अधिक लोग तुम्हारे पवित्र जल को भगवान शंकर के मस्तक पर अर्पित करेंगे।” कहते हैं कि ब्रहमा जी के इस वरदान के कारण गंगा का पवित्र जल शिव भक्त बैद्यनाथ धाम सहित विभिन्न शिवालयों में श्रद्धा पूर्वक अर्पित करते हैं। मान्यता है कि गंगा में स्नान करने और इस जल को बैद्यनाथ धाम द्वादश ज्योर्तिलिंग पर अर्पित करने से प्राणियां के सभी जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। इस कारण प्रतिवर्ष सावन माह में देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु बैद्यनाथ धाम और बासुकीनाथ धाम में गंगा जल अर्पित करने पहुंचते है। 

मान्यता के अनुसार त्रेता युग से कांवर में गंगाजल भर पैदल यात्रा कर बैद्यनाथधाम में जल अर्पित करने की परम्परा शुरू हुई। जानकारों के अनुसार, त्रेता युग में भगवान राम का अवतार हुआ था। आनन्द रामायण के अनुसार, राज्याभिषेक के बाद भगवान श्रीराम अपनी पत्नी सीता और तीनों भाईयों के साथ सुल्तानगंज उत्तरवाहिनी गंगा का जल लेकर पूर्ण विधि-विधान के साथ बैद्यनाथधाम में भोलेनाथ का जलाभिषेक किया था। पुराणों में वर्णन है कि लंका के राक्षसों के लंकाधिपित राजा रावण ने भी हरिद्वार से गंगा जल लाकर भगवान शंकर पर अर्पित किया था। कहते हैं द्वापर और अब कलियुग में भी कांवर यात्रा कर जलार्पण करने की परम्परा कायम है। इस कांवर यात्रा में बोल बम का विशेष महत्व है। ब्रहमा, विष्ण और महेश के संक्षिप्त नाम से बम शब्द बना है। यात्रा के क्रम में पंचाक्षरी मंत्र ओम नमः शिवाय की तरह दो अक्षरों का बम एक महामंत्र है। कांवर यात्री सुल्तानगंज में उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान-ध्यान करने के बाद कांवर में जल भर कर अपनी 105 किलोमीटर लम्बी पैदल यात्रा प्रारम्भ करते हैं। दुर्गम मार्गों पर चल कर लाखों पैदल यात्री तीन-चार दिन में और डाक बम बिना रुके 24 घंटे के भीतर अपनी यात्रा पूरी करते हैं। देवघर में जलार्पण के बाद अधिकांश तीर्थ यात्री वाहनों से करीब 42 किलोमीटर की दूरी तय कर प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ धाम आते है और जलाभिषेक करते है। मान्यता है कि इस धाम में पूजा-अर्चना करने से शिव भक्तों की मनोकामना शीघ्र पूर्ण होती है। मान्यताओं के मुताबिक कभी दक्षिण निषेध नामक देश में रमणीक मनोहारी दारूक वन में बाबा बासुकीनाथ धाम अवस्थित है, जहां कभी राक्षसों ने मनोहारी नगर बसाया था। इस दारूक वन क्षेत्र और जल मार्ग से गुजरनेवाले लोगों को राक्षस कैद कर लिया करता था। इसमें शिव भक्त सुप्रिय भी शामिल था। सुप्रिय ने राक्षसों के अत्याचार से मुक्ति के लिए भोलेनाथ की अराधना की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शंकर और पार्वती प्रकट हुए और सुप्रिय को राक्षसों का नाश करने के लिए पशुपातस्त्र दिया, जिससे सुप्रिय ने राक्षसों का नाश किया। सुप्रिय बाबा भोलेनाथ और पार्वती से सर्वजन हिताय यहां निवास करने की मनोकामना लेकर आराधना में लीन हो गये। भोलनाथ ने सुप्रिय को इसी क्षेत्र में पार्वती के साथ निवास करने का वरदान दिया। बाद में इस दारूक वन में कंदमूल की तलाश में मनुष्य आकर बसने लेगे। इसमें बासु नामक एक सदाचारी भी आया था। कंदमूल की तलाश के लिए जमीन खोदने के क्रम में वहां खून बहने लगा। यह देख बासु व्याकुल हो कर घर चला गया। उसी समय आकाशवाणी हुई, “हे बासु! मैं बाबा बासुकीनाथ हूं। चिंता छोड़ तुम मेरी पूजा-अर्चना करो। आज से लोग बासु नाम से यहां मेरी पूजा करेंगे।” बासु ने जमीन से प्रकट भोले शंकर की पूजा अर्चना की और सुख-समृद्धि से सम्पन्न हुआ। इस कारण बाबा बासुकीनाथ ज्योर्तिलिंग का प्रादुर्भाव हुआ। 

बिहार : पुलिस मुख्‍यालय खंगाल रहा मंत्रियों का आपराधिक रिकार्ड

$
0
0
police-investigate-ministers-criminal-recored
उपमुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव के खिलाफ सीबीआई द्वारा एफआइआर दर्ज करने के बाद बिहार का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। लालू यादव के खिलाफ सुशील मोदी का अभियान भी जारी है और आंदोलन की धमकी भी दी जा चुकी है। इस बीच पुलिस मुख्‍यालय ने नीतीश सरकार के अन्‍य मंत्रियों के खिलाफ थानों में दर्ज आपराधिक रिकार्ड खंगालने की शुरुआत कर दी है। पुलिस मुख्‍यालय से मिली जानकारी के अनुसार, राज्‍य के  मंत्रियों के शपथ पत्र में दर्ज आपराधिक रिकार्ड का भौतिक सत्‍यापन के साथ उसकी अद्यतन स्थिति की जानकारी हासिल की जा रही है। कई मंत्रियों के खिलाफ संगीन अपराध के साथ भ्रष्‍टाचार के मामले भी दर्ज हैं। इसकी जानकारी मंत्रियों ने खुद अपने शपथ पत्र में दी है। शपथ पत्र में दर्ज आपराधिक रिकार्ड के अलावा पुलिस मंत्रियों से जुड़े अन्‍य आपराधिक रिकार्ड भी खंगाल रही है। माना जा रहा है कि भ्रष्‍टाचार और अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार आपराधिक मामलों में नामजद मंत्रियों के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकते हैं। इसी कारण रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं। इस तरह की सूचनाओं का इस्‍तेमाल सरकार किस रूप में करेगी, कहना मुश्किल है। लेकिन इतना तय है कि पुलिस की इस कवायद से कई मंत्रियों पर संकट गहरा सकता है।

विशेष आलेख : केवल आकाओं को सन्मति दे भगवान

$
0
0
parliament-of-india
भारतीय लोकतंत्र एक बार फिर शर्मसार हुआ, सांसदों के अमर्यादित व्यवहार ने  संसद की गरिमा को धुंधलाया है। कांग्रेस के छह सांसदों ने लोकसभा में जैसी अराजकता एवं अभद्रता का परिचय दिया और जिसके चलते उन्हें पांच दिनों के लिए निलंबित किया गया, यह भारतीय लोकतंत्र की एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। लोकसभा में हंगामा होना आम बात हो गयी है। पुरे देश का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा के सांसदों के हंगामे और सदन में की जा रही अभद्रता एवं अशालीनता से क्या सन्देश जाता है ये तो हम सब जानते ही है लेकिन इसे शायद हमारे माननीय गण समझ नहीं पाते हंै। इस अशोभनीय घटना के ठीक एक दिन पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नसीहत दी कि हंगामे के कारण सत्तापक्ष से ज्यादा नुकसान विपक्ष का होता है। शायद कांग्रेसी सांसदों ने इस पर गौर नहीं किया। कांग्रेसी सदस्यों के लिए इस तरह के बेवजह हंगामें का कहीं कोई औचित्य नहीं बनता था कि वे लोकसभा अधिकारियों की फाइलों के कागज फाड़कर अध्यक्ष पर फेंकते, क्योंकि वे जिस मसले पर सदन में चर्चा चाह रहे थे उस पर सरकार भी सहमत थी और खुद अध्यक्ष भी। आखिर जब सरकार गौ-रक्षकों की हिंसक भीड़ का निशाना बन रहे दलितों और अल्पसंख्यकों के मसले पर बहस को तैयार थी तब फिर कांग्रेसी सांसदों को अमर्यादित एवं अनुशासनहीन व्यवहार करने और फाइलें फाड़ने की क्या जरूरत थी? कांग्रेसी सांसद जिस तरह बेवजह तैश में आए और अशोभनीय आचरण की हद पार कर गए उससे तो यही लगता है कि वे पहले से तय करके आए थे कि सदन में हंगामा ही करना है। इस तरह के पूर्वाग्रह लोकतंत्र को कमजोर ही नहीं, बल्कि शर्मिन्दा भी करते हैं।


ऐसा लगता है कि आज देश की आजादी मिले सत्तर वर्ष हो चुके हैं, पर उम्र की दृष्टि से आज भी हमारे अनुभव, हमारा लोकतांत्रिक चरित्र बचकाना है। जबकि लोकतांत्रिक आदर्श हमारे शब्दों में ही नहीं उतरना चाहिए, बल्कि राजनीति का अनिवार्य हिस्सा बनना चाहिए था, उन आदर्शों एवं संसदीय मर्यादाओं को सिर्फ कपड़ों की तरह न ओढ़ा जाये अन्यथा फट जाने पर आदर्श भी चिथड़े कहलायेंगे। लोकतांत्रिक जीवन की सार्थकता को जीवंत करना होगा। तभी हम अच्छे-बुरे, उपयोगी-अनुपयोगी का फर्क कर पाएंगे। जनप्रतिनिधि मार्गदर्शक होता है यानि नेता शब्द कितना पवित्र व अर्थपूर्ण है पर नेता अभिनेता बन गया। नेतृत्व स्वार्थी एवं सत्तालोलुप बन गया। आज नेता शब्द एक गाली है। जबकि नेता तो पिता का पर्याय था। उसे पिता का किरदार निभाना चाहिए था। पिता केवल वही नहीं होता जो जन्म का हेतु बनता है अपितु वह भी होता है, जो अनुशासन सिखाता है, विकास की राह दिखाता है, आगे बढ़ने का मार्गदर्शक बनता है और संस्कारों को पोषित करता है। संसद के पिछले सत्रों पर नजर डाली जाए तो जाहिर है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष में समन्वय कहीं नजर ही नहीं आ रहा है। इस टकराव ने संसदीय परम्पराओं की तमाम मर्यादाओं को ध्वस्त कर दिया है। एक-दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ ने संसद की गरिमा को तार-तार कर दिया है। ऐसा नहीं कि हंगामा पहले नहीं होता था। होता था लेकिन एक सीमा के भीतर। आसन का सम्मान किया जाता था। स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इस अभद्रता पर कहा “मैं देखना चाहती हूं कि सांसद कितनी अनुशासनहीनता कर सकते हैं, देश भी इनके बर्ताव को देख रहा है।” समूचे देश ने इस कृत्य को देखा। 

कागज उछालने वाले कांग्रेस के छह सांसदों में गौरव गोगोई, अधीर रंजन चैधरी, रंजीत रंजन, एमके राघवन, सुष्मिता देब और के सुरेश ने जब अभद्रता की, उस दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी मौजूद थे। सोनिया गाँधी ने अपने कार्यालय में इसी मुद्दे को लेकर अन्य विपक्षी नेताओं से मुलाकात की और निलंबन के विरोध में संसद भवन में महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने धरना घोषित किया। यह हंगामा करने की आदत का ही नतीजा कहा जाएगा कि अपने छह सदस्यों के लज्जास्पद व्यवहार पर खेद जताने के बजाय कांग्रेसी सांसद लोकसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ संसद परिसर में गांधीजी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन के लिये तत्पर हुए हैं। यह तो संसद के साथ-साथ गांधीजी के आदर्शों एवं सिद्धान्तों का भी निरादर है। खुद चोर ऊपर से कोतवाल को डांटे वाली हैरत में डालने वाली स्थिति दर्शाती है कि यह उग्र और शर्मनाक आचरण कांग्रेस की उसी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत संसद में हर दिन किसी-न-किसी मसले को उठाकर सदन की कार्यवाही बाधित करना है। इस तरह की सोच एवं व्यवहार राष्ट्रीयता को कमजोर करता है। यह पहली बार नहीं जब विपक्ष की ओर से ऐसे किसी मसले पर संसद में हंगामा किया गया हो, जिस पर सत्तापक्ष चर्चा के लिए सहमत हो। ऐसा अब आए दिन होता है और कई बार तो चर्चा का नोटिस दिए बिना संबंधित मसले पर बहस की जिद पकड़ ली जाती है। आखिर विपक्ष ने यह क्यों मान लिया है कि उस पर किसी तरह के नियम-कानून लागू नहीं होते? या वे किसी भी हद तक अनुशासनहीनता करने के लिये स्वतंत्र है? यदि ऐसा कुछ नहीं है तो फिर निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बगैर चर्चा करने या सरकार से जवाब मांगने के बहाने संसद और देश का वक्त जाया करने वाली हरकतें क्यों की जाती हैं? 


नैतिक जिम्मेदारियों को समझते हुए इस कुकृत्य के लिए क्षमा प्रार्थी होने के बजाय धरना देना इस कहावत की ओर इशारा करता है-एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी  गलती भी आपकी और धरना भी आपका। आज जब इसकी आवश्यकता कहीं अधिक है कि कालेघन, नोटबंदी, जीएसटी, किसानों की समस्याओं, भीड़ की हिंसा समेत अन्य अनेक जो भी गंभीर मसले हैं उन सब पर संसद में सार्थक चर्चा हो तब यह साफ दिख रहा है कि विपक्ष की रुचि सरकार को घेरने के नाम पर हो-हल्ला करते रहने में अधिक है। यह संसद की गरिमा से खिलवाड़ करने और साथ ही अपनी जिम्मेदारी से भागने वाला रवैया है। राजनीतिक दल संसद में हंगामा कर केवल अपनी छवि से ही नहीं खेलते, बल्कि वे आम जनता को भी निराश करते हैं। राजनीति और लोकतंत्र के लिए यह शुभ संकेत नहीं कि संसद और विधानसभाएं धीरे-धीरे हंगामा करने का मंच अधिक बनती जा रही हैं। स्वार्थ के घनघोर बादल छाये हैं, सब अपना बना रहे हैं, सबका कुछ नहीं। और उन्माद की इस प्रक्रिया में आदर्श बनने की पात्रता किसी में नहीं है, इसलिये आदर्श को ही बदल रहे हैं, नये मूल्य गढ़ रहे हैं। नये बनते मूल्य और नये स्वरूप का तथाकथित राजनीतिक चरित्र क्रूर, भ्रष्ट, अमानवीय और जहरीले मार्गों पर पहुंच गया है। पर असलियत से परे हम व्यक्तिगत एवं दलगत स्वार्थों के लिए अभी भी प्रतिदिन ‘मिथ’ निर्माण करते रहते हैं। 

अगर हमें देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बदलाव लाना है, ईमानदारी को प्रतिष्ठित करना है, राजनीति को आदर्श सांचे में ढालना है और चरित्र की प्रतिष्ठा करनी है तो जड़ों को सींचना होगा, केवल पत्तों को सींचने से बदलाव नहीं आ सकता। उसके लिये साफ नीतियां और नियत चाहिए और चाहिए इन नीतियों के निर्माताओं एवं उनको क्रियान्वित करने वाले उन्नत चरित्र वाले राजनेताओं की। आवश्यकता है देश में ऊंचे कद वाले नेता हों। केवल व्यक्ति ही न उभरे, नीति उभरे, जीवनशैली उभरे। चरित्र की उज्ज्वलता उभरे। हरित क्रांति, श्वेत क्रांति के बाद अब चरित्र क्रांति का दौर हो। वरना लोकतांत्रिक मूल्य और देश की अस्मिता बौने होते रहेंगे। महात्मा गांधी के प्रिय भजन की वह पंक्ति- ‘सबको सन्मति दे भगवान’ में फिलहाल थोड़ा परिवर्तन हो- ‘केवल आकाओं को सन्मति दे भगवान।’




liveaaryaavart dot com

(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला,
डी.ए.वी स्कूल के पास दिल्ली-51
फोनः, 9811051133

बिहार : गुजरात में आयाजित आजादी कूच में दलितों ने उठाई जमीन का सवाल.

$
0
0
  • बिहार-गुजरात के बीच आंदोलन के विकसित हो रहे नए सूत्र.

cpi ml logo
 पटना 26 जुलाई, ऊना आंदोलन के एक साल बाद दलितों के राष्ट्रीय औसत से आधी आबादी वाले राज्य गुजरात में दलितों ने अपने मान-सम्मान, जमीन के अधिकार के साथ-साथ देश भर में हो रहे अल्पसंख्यको-दलितों पर हमले के खिलाफ 12 जुलाई से लेकर 18 जुलाई तक आजादी कूच यात्रा का आयोजन किया. इसमें बिहार से भाकपा-माले, आइसा व इनौस के नेता शामिल हुए. दिल्ली, यूपी, और अन्य प्रदेशों से भी माले-आइसा-के नेताओं ने आजादी कूच में शामिल होकर अपनी एकजुटता जाहिर की. बिहार से इंकलाबी मुस्लिम कांफ्रेस के संयोजक अनवर हुसैन, आइसा के बिहार राज्य अध्यक्ष मोख्तार व राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन शामिल थे. यात्रा की शुरुआत 11 जुलाई को अहमदाबाद के अम्बेडकर भवन में कॉन्फ्रेंस के साथ हुई, जिसमें गुजरात के जाने-माने आंदोलनकारी जिग्नेश मेवाणी सहित देश स्तर के कई आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया. पहले तो राज्य प्रशासन ने यात्रा की अनुमति ही नहीं दे रही थी, लेकिन इसके बावजूद 12 जुलाई को यात्रा निकली. अनुमति रद्द होने के बावजूद यात्रा मेहसाना जिला से निकली लेकिन प्रशासन ने शहर से बाहर हाईवे पर यात्रा में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया. लगभग 5 घंटे गिरफ्तार रखने के बाद आंदोलन की व्यापकता को देखते हुए प्रशासान को सभी लोगो को छोड़ना पड़ा। यात्रा मेहसाना, बनासकाठा जिला के लगभग 15 गांव गई जहां आजादी कूच यात्रा का संदेश लोगो के बीच पहुंचा. प्रत्येक गांव में लोगो के बीच यात्रा को लेकर भारी उत्साह था. प्रत्येक बैठक में लगभग 400 से 500 की संख्या जुट रही थी.

यात्रा का समापन 18 जुलाई को बनासकाठा जिला के धनेरा तहसील में हुई, जहां 5000 लोगो की विशाल जनसभा आयोजित की गई। गुजरात मे दलितों को आज से 40 साल पहले ळनरतंज ंहतपबनसजनतम संदक मिमसपदह ंबज के जरिये 1,63,808 एकड़ जमीन का पर्चा दलितों को मिला लेकिन आजतक जमीन पर वास्तविक कब्जा दलितों को नही मिल पाया आजादी कूच यात्रा के अंतिम दिन बनासकाठा जिला के लवारा गांव में 12 एकड़ जमीन पर कब्जा किया गया, जिस जमीन का पर्चा 4 परिवारों के पास था। कांतिभाई नाम के एक दलित परिवार को जिनके पास जमीन का पर्चा था उन्हें पहले से कब्जाधारी कालूसिंह वाघेला ने धमकी दी कि बाद में तुम्हे ये जमीन छोड़नी पड़ेगी । जब ये बात पता चला तो सभा के माध्यम से पुलिस को ये चेतावनी दी गई कि धमकी देने वाले व्यक्ति पर अविलंब थ्प्त् करे पुलिस और साथ ही साथ पर्चाधारी लोगो को पूरी सुरक्षा के साथ जमीन पर खेती करवाये प्रशासन, आंदोलन के दबाव में प्रशाषन ने तुरंत थ्प्त् किया और इस बात का लिखित आश्वाशन दिया कि पुलिस पर्चा धारी परिवारों को पूरी सुरक्षा देगी. हमने बिहार में भाकपा-माले के नेतृत्व में चल रहे आंदोलनों की चर्चा की. बिहार में भी भूमि के सवाल पर हाल के दिनों में जबरदस्त आंदोलन चला है. बिहार में जो आंदोलन 70 के दशक से चल रहा है, उसकी सरगर्मी अब गुजरात पहंुचने लगी है. आने वाले दिनों में गुजरात व बिहार में आंदोलन की ताकतों के बीच एक नई एकता विकसित होने की संभावना है.

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 25 जुलाई

$
0
0
निःषक्तजन  विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत  50-50 हजार की राषि से दिव्यांग हुये लाभांवित 

sehore news
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डाॅ. केदार सिंह, जिला अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी श्री रघुनाथ भाटी एवं मण्डी अध्यक्ष श्री धरम सिंह आर्य ने जिला पंचायत में शवाना बी और स्माइल खां को मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के हित लाभ के अतिरिक्त निःषक्त विवाह प्रोत्साहन योजना से 50-50 हजार रू. की नगद राषि का चैक एवं एफडीआर प्रदान किया। पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग अंतर्गत संचालित मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह/निकाह योजना अंतर्गत 18 अप्रैल 2017 को दिव्यांग विवाह परिचय सम्मेलन में विकास खण्ड आष्टा की ग्राम पंचायत खडीहाट की शवाना बी तथा ग्राम पंचायत खोखरी विकास खण्ड सीहोर के श्री स्माइल खाॅ ने निकाह के एक दूसरे को चयनित किया जिसके बाद 1 मई 2017 को ग्राम मुगीसपुर मे आयोजित मुख्यमंत्री निकाह योजना के तहत आयोजित निकाह सम्मेलन मे दोनो का निकाह सम्पन्न हुआ।

मिलेगा स्वरोजगार प्रषिक्षण 
डाॅ. केदार सिंह ने बताया कि दोनों हितग्राहियो शवाना बी और स्माइल खाॅ को स्वरोजगार योजना के तहत सिलाई मषीन एवं सिलाई प्रषिक्षण का लाभ भी दिया जावेगा। जिससे वे अपनी सिलाई की कला को और अधिक बेहतर से तरीके करते हुये आजीविका चला सकें।  

Viewing all 74271 articles
Browse latest View live




Latest Images