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जदयू विधान मंडल दल की बैठक कल

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पटना 25 जुलाई, बिहार विधान मंडल के 28 जुलाई से शुरू होने वाले मॉनसून सत्र के मद्देनजर सत्तारूढ़ महागठबंधन के प्रमुख घटक जनता दल यूनाइटेड(जदयू) विधान मंडल दल की बैठक कल बुलायी गयी है । जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने आज कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक अणे मार्ग स्थित सरकारी आवास पर पार्टी विधान मंडल दल की बैठक कल शाम होगी । उन्होंने कहा कि बैठक में महागठबंधन सरकार में जदयू कोटे के सभी मंत्री , विधायक और विधान पार्षद समेत वरिष्ठ नेता भाग लेंगे । ऐसा समझा जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी की ओर से विधान मंडल के मॉनसून सत्र में अपनायी जाने वाली रणनीति पर विचार -विमर्श के साथ -साथ बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के मामले पर भी चर्चा होगी । श्री यादव के खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्यूरो( सीबीआई) के प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद जदयू ने उन्हें इस मामले में बिन्दुवार जवाब दिये जाने की मांग की थी लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है । राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कुछ दिन पूर्व घोषणा की थी कि उनके परिवार का कोई सदस्य अब इस मामले में सफाई नहीं देगा और जो भी तथ्य रखना होगा वह सीबीआई या प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष रखा जायेगा । उल्लेखनीय है कि रेलवे होटल को 15 वर्षों के लिये निजी कम्पनी को पट्टे पर दिये जाने के मामले में अनियमितता को लेकर राजद अध्यक्ष श्री यादव , पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ सीबीआई ने पांच जुलाई को प्राथमिकी दर्ज की थी और सात जुलाई को श्री यादव के पटना स्थित आवास समेत इस मामले में 12 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी भी की गयी थी । वहीं राजद ने भी कल ही अपने पार्टी के विधान मंडल दल की बैठक बुलायी है ।


हड़ताल के बाद श्रीनगर में कर्फ्यू जैसे हालात

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श्रीनगर, 25 जुलाई, जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में अलगाववादी नेताओं के हड़ताल के आह्वान के मद्देनजर पुरानी बस्ती और शहर-ए-खास में आज सुबह प्रशासन के प्रतिबंध लगाने से कर्फ्यू जैसे हालात पैदा हो गये, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)ने आतंकवादियों को आर्थिक सहायता देने के आरोप में सात अलगाववादी नेताओं को कल गिरफ्तार किया है। कलेक्टर डॉ फारुक अहमद लोन ने बताया कि किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिये जिले के नौहट्टा, एम आर गंज, रैनावाड़ी, खन्यार और सफादल थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गयी है। मौके पर स्थिति पूरी तरह अलग है जहां सुरक्षाबलों ने सभी प्रमुख मार्गों को बंद कर दिया है और स्थानीय नागरिकों को घरों मेंं रहने को कहा गया है। एनआईए के कल सात अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार करने के विरोध स्वरूप दोनों अलगाववादी धड़ों हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एचसी) और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) ने संयुक्त रूप से हड़ताल का आह्वान किया है। मीरवाइज उमर फारूक के गढ़ में स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद का मुख्य द्वार फिर से बन्द कर दिया गया है। बुलेट प्रूफ जैकेट पहने सैंकड़ों हथियारबंद पुलिसकर्मी और सुरक्षा बल मस्जिद के बाहर तैनात हैं। जामिया मार्केट में भी बड़ी संख्या में सुरक्षा बल के जवान तैनात कर दिये गये हैं और उस इलाके में आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गयी है। पम्पोर से खान्यार जाने वाले मुख्य मार्ग को भी कई स्थानों पर कंटीले तारों से बंद कर दिया गया है। सुरक्षाबलों ने शहर की मुख्य बस्ती और शहर-ए-खास के अलावा राजौरी कदल, नवा कदल, रंगार स्टॉप, नौहट्टा और जाइना कदल पर किसी पैदल जुलूस को रोकने के लिये 'नकस'स्थापित किया है। एस. के. इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जाने वाले मार्ग को मरीजों, एम्बुलेंस या पैरामेडिकल स्टाफ को जाने के लिए खोला गया है।

निलंबन वापस लेने की मांग को लेकर विपक्ष का हंगामा, लोकसभा स्थगित

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नयी दिल्ली,25जुलाई, कांग्रेस के छह सांसदों का निलंबन वापस लेने की मांग को लेकर आज लोकसभा में कांग्रेस सहित सभी विपक्षी सदस्यों ने भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ,तृणमूल कांग्रेस तथा माकपा के सदस्यों ने अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से कांग्रेसी सदस्यों का निलंबन वापस लेने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह यह मानते हैं कि इन सदस्यों ने कल सदन में जो कुछ किया वह संसदीय परपंरा के खिलाफ था लेकिन गुस्से और नाराजगी में कभी कभी ऐसा हो जाता है उनके इस आचरण के लिए उन्हें क्षमा किया जाए और उनका निलंबन वापस लिया जाए। इसपर श्रीमती महाजन ने कहा कि वह इस मसले पर अभी कुछ नहीं कहना चाहेंगी और इस बारे में बाद में विचार करेंगी। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने के श्री खड़गे के अनुरोध पर कहा कि अध्यक्ष के आसन की तरफ कागज फाड़ कर फेंकना असंसदीय आचरण था जिसे किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता। इसपर कांग्रेसी सदस्यों और विपक्ष के सदस्यों के बीच जमकर कहा सुनी होने लगी और सदन में शोर शराबा इतना बढ़ गया कि अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।

गुजरात में बाढ की स्थिति और बिगडी, प्रधानमंत्री ने किया हवाई सर्वेक्षण

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  • 500 करोड के तत्काल राहत की घोषणा

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गांधीनगर/पालनपुर, 25 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वर्षा जनित बाढ से गंभीर रूप से प्रभावित अपने गृहराज्य गुजरात का दौरा कर अहमदाबाद हवाई अड्डे पर ही एक आपात समीक्षा बैठक की तथा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद 500 करोड के तत्काल राहत और कई अन्य उपायों की घोषणा की। श्री मोदी ने कहा कि बाढ से हुए नुकसान का शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग अलग केंद्रीय दल जायजा लेंगे। किसानों के फसल काे हुए नुकसान का आंकलन कर उन्हें तेजी से बीमा का भुगतान कराया जाएगा। मृतकों के आश्रितों को प्रधानमंत्री कोष से दो दो लाख तथा घायलों को 50 हजार रूपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी इससे पहले आज सुबह दिल्ली जाकर श्री मोदी से मिले थे और उन्हें बाढ के बारे में अवगत कराया। इसके बाद दोनो नेता आज शाम एक साथ वायु सेना के विमान से यहां पहुंचे। श्री मोदी ने मुख्यमंत्री के साथ हेलीकॉप्टर से डीसा पहुंच कर बाढ प्रभावित उत्तर गुजरात का हवाई निरीक्षण भी किया। ज्ञातव्य है कि गुजरात में लगातार हो रही अति भारी वर्षा के कारण आयी बाढ की स्थिति भयावह हो गयी है और मौसम विभाग ने सर्वाधिक प्रभावित बनासकांठा जिले, जहां कुछ स्थानों पर पिछले 24 घंटे में 18 ईंच तक बरसात हुई है में पिछले 24 घंटे में लगभग 23 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। पूरे उत्तर गुजरात में 43 हजार से अधिक जिसमें पाटन जिले में 11 हजार से अधिक, अहमदाबाद में छह हजार से अधिक तथा अरवल्ली में दो हजार और साबरकांठा में सवा सात सौ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाढ में फंसे सात सौ से अधिक लोगों को आज बचाया गया है। छह राष्ट्रीय राजमार्ग, 26 राज्यस्तरीय राजमार्ग समेत 501 रास्ते और कई स्थानों पर रेल पटरियां क्षतिग्रस्त हो गयी है। कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। वर्षा और बाढ से करीब आधा दर्जन और मौतों के साथ ऐसी मौतों की कुल संख्या सरकारी आंकडो के अनुसार 84 हो गयी है। पर अनअधिकारिक तौर पर यह संख्या इससे कही ज्यादा है। एक हजार से अधिक पशुओं के भी मारे जाने की सूचना है। करीब पांच सौ गांवों में बिजली नहीं है। हजारो लोग अब भी बाढ ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे हैं जहां वायु सेना, बीएसएफ, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां व्यापक राहत और बचाव कार्य कर रही है। उधर उत्तर गुजरात में बाढ के चलते धरोई बांध से आज सुबह से करीब 60 हजार घन मीटर प्रति सेकंड की दर से पानी छोडे जाने के चलते अहमदाबाद शहर के बीचोबीच बहने वाली साबरमती नदी का जलस्तर भी खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। साबरमती रिवरफ्रंट को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है तथा इसका निचला हिस्सा पानी में डूब गया है। शहर के निकटवर्ती चंद्रभागा क्षेत्र में अलर्ट जारी कर लोगों को स्थानांतरित किया जा रहा है। बाढ के दौरान कल अरवल्ली जिले के मेघरज में नदी में कार समेत बह गये दो लोगों के शव आज बरामद किये गये हैं। पिछले 24 घंटे में 30 जिलों के 190 तालुका में वर्षा हुई है लेकिन सबसे अधिक वर्षा बनासकांठा, पाटन, साबरकांठा, महेसाणा और गांधीनगर जैसे उत्तरी जिलों में हुई है। दांतीवाडा में सबसे अधिक 18 ईंच वर्षा हुई है तो अन्य स्थानों पर भी चार से 15 ईंच तक बरसात दर्ज की गयी है। आज भी कई स्थानों पर वर्षा का क्रम जारी रहा। अगले तीन दिन में राज्य के कच्छ समेत कई स्थानों पर भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गयी है।

मोदी ने भाजपा सांसदों को दी 05 अगस्त को मौजूदगी की हिदायत

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नयी दिल्ली 25 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति चुनाव में 21 सांसदों के वोट अवैध घोषित होने को गंभीरता से लेते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों को आज हिदायत दी कि वे पांच अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनाव के दिन हर हाल में यहां संसद में उपस्थित रहें। श्री मोदी ने भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 17 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव में 21 वोट अवैध करार दिये गये थे। ऐसा होना नहीं चाहिये था। उन्होंने कहा कि सभी सांसद पांच अगस्त को संसद में मौजूद रहें। उन्होंने कहा कि हमें सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी वोट अवैध घोषित नहीं हो। पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री का इस प्रकार से सभी सांसदों को संसद में मौजूद रहने को कहना सामान्य बात नहीं है। आमतौर पर पार्टी के मुख्य सचेतक और नेता सदन ही यह निर्देश देते हैं। श्री मोदी ने आज देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में श्री रामनाथ कोविंद के शपथ ग्रहण करने को लेकर कहा, “जिस यात्रा को डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने शुरू किया था, आज उसका एक अहम पड़ाव है।” उल्लेखनीय है कि श्री काेविंद भाजपा से राष्ट्रपति पद पर पहुंचने वाले के पहले व्यक्ति हैं जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक भी रहे हैं। पांच अगस्त को उपराष्ट्रपति पद का चुनाव है जिसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से भाजपा के पूर्व अध्यक्ष श्री एम. वेंकैया नायडू को उम्मीदवार बनाया गया है और वाेटाें के समीकरण के हिसाब से उनकी जीत तय मानी जा रही है।

देश में युद्ध के लिए पर्याप्त है गोला बारूद : जेटली

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नयी दिल्ली 25 जुलाई, रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने युद्ध के लिए 10 दिन का ही गोला बारूद होने संबंधी एक रिपोर्ट को ख़ारिज करते हुए कहा कि देश में पर्याप्त मात्रा में आयुध सामग्री है और इसकी खरीद प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है। श्री जेटली ने आज राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव द्वारा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की गत दिनों संसद में पेश रिपोर्ट का हवाला देते हुये पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह एक मत्वपूर्ण मुद्दा है लेकिन 2013 का मामला है। अब हथियारों की खरीद प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और इसके लिए अधिकारों को विकेन्द्रित किया गया है तथा हाल ही में आवश्यक गोला बारूदों की खरीद की गयी है। उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट एक समय विशेष के सन्दर्भ में दी गयी है लेकिन उसके बाद इस में काफी प्रगति हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि कैग की रिपोर्ट पर हम चर्चा नहीं करते लेकिन लोक लेखा समिति में इस पर विचार होने की संभावना है। श्री जेटली के बयान पर कांग्रेस के आंनद शर्मा ने कहा कि तीन वर्ष से यह सरकार क्या कर रही थी। सरकार ने तो मात्र दस दिन पहले एक समिति गठित कर खरीद बिक्री की प्रक्रिया को सरलीकृत किया है। श्री शर्मा की इस बात का कई विपक्षी सदस्यों ने भी समर्थन किया और बोलना चाहा तो उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि अगर वे इस पर विस्तृत चर्चा चाहते है तो नोटिस दें।

सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना जरूरी : राष्ट्रपति कोविंद

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नयी दिल्ली 25 जुलाई, देश के 14 वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विविधता को देश की सफलता का मूल मंत्र बताते हुए प्राचीन भारतीय ज्ञान और समकालीन विज्ञान की मदद से ऐसे भारत के निर्माण की जरूरत बतायी है जिसमें सभी को समान अवसर मिलें। संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में आज राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद श्री कोविंद ने अपने संबोधन में इक्कसवीं सदी को भारत की सदी बताते हुए कहा कि पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के लिए हमारी तरफ देख रही है। देश की उपलब्धियां ही इस सदी की दिशा और स्वरूप तय करेंगी और भारत को आर्थिक नेतृत्व देने के साथ साथ नैतिक आदर्श भी प्रस्तुत करना है। विभिन्न मुद्दों पर असहमति को भी जगह दिये जाने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि देश में एक - दूसरे के विचारों का सम्मान करने की परंपरा है और असहमति को भी जगह मिलना भारतीय लोकतंत्र की खुबसूरती है। श्री कोविंद ने कहा कि देश ने बहुत कुछ हासिल किया है लेकिन इससे भी अधिक तेजी से प्रयास करने की जरूरत है जिससे कि आखिरी गांव के आखिरी घर तक और समाज की आखिरी पंक्ति में खडे व्यक्ति तथा गरीब परिवार की आखिरी बेटी के लिए भी नयी संभावनाओं और अवसरों के द्वार खुलें। राष्ट्रपति ने कहा ,“ देश की सफलता का मंत्र उसकी विविधता है। विविधता ही वह आधार है, जो हमें अद्वितीय बनाता है। इस देश में हमें राज्यों और क्षेत्रों, पंथों, भाषाओं, संस्कृतियों, जीवन-शैलियों जैसी कई बातों का सम्मिश्रण देखने को मिलता है। हम बहुत अलग हैं, लेकिन फिर भी एक हैं और एकजुट हैं।” उन्होंने कहा कि इक्कसवीं सदी का भारत बनाने के लिए परंपरा , प्रौद्योगिकी, प्राचीन भारत के ज्ञान और समकालीन भारत के विज्ञान को साथ लेकर चलना होगा। इसके साथ एक तरफ जहां ग्राम पंचायत स्तर पर सामुदायिक भावना और विचार-विमर्श से समस्याओं का निराकरण होगा, वहीं दूसरी तरफ डिजिटल राष्ट्र हमें विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचने में सहायता करेगा। सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने पर जाेर देते हुए श्री कोविंद ने कहा,“ भारत को तेजी से विकसित होने वाली एक मजबूत अर्थव्यवस्था, एक शिक्षित, नैतिक और साझा समुदाय, समान मूल्यों वाले और समान अवसर देने वाले समाज का निर्माण करना होगा। एक ऐसा समाज जिसकी कल्पना महात्मा गांधी और दीन दयाल उपाध्याय जी ने की थी। ये हमारे मानवीय मूल्यों के लिए भी महत्त्वपूर्ण है। ये हमारे सपनों का भारत होगा। एक ऐसा भारत, जो सभी को समान अवसर सुनिश्चित करेगा। ऐसा ही भारत, 21वीं सदी का भारत होगा।” विश्व में भारत के दृष्टिकोण के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पूरा विश्व भारतीय संस्कृति और भारतीय परंपराओं की तरफ आकर्षित है। विश्व समुदाय अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के लिए भारत की ओर देख रहा है। उन्होंने कहा ,“ चाहे आतंकवाद हो, कालेधन का लेन-देन हो या फिर जलवायु परिवर्तन। वैश्विक परिदृश्य में हमारी जिम्मेदारियां भी वैश्विक हो गई हैं।” उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव से लेकर राष्ट्रपति भवन तक के अपने सफर को देश और समाज की यात्रा बताते हुए श्री कोविंद ने कहा ,“ मैं एक छोटे से गांव में मिट्टी के घर में पला-बढ़ा हूँ। मेरी यात्रा बहुत लंबी रही है, लेकिन ये यात्रा अकेले सिर्फ मेरी नहीं रही है। हमारे देश और हमारे समाज की भी यही गाथा रही है। हर चुनौती के बावजूद, हमारे देश में, संविधान की प्रस्तावना में उल्लिखित—न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल मंत्र का पालन किया जाता है और मैं इस मूल मंत्र का सदैव पालन करता रहूँगा।” देश के नव निर्माण में सभी नागरिकों की भागीदारी पर जोर देते हुए श्री कोविंद ने कहा कि राष्ट्र निर्माण अकेले सरकारों द्वारा नहीं किया जाता। सरकार सहायक हो सकती है, वह समाज की उद्यमी और रचनात्मक प्रवृत्तियों को दिशा दिखा सकती है, प्रेरक बन सकती है। राष्ट्रीय गौरव को राष्ट्र निर्माण का आधार बताते हुए उन्होंने कहा कि देश को भारत की मिट्टी ,पानी ,विविधता, सर्वधर्म समभाव ,समावेशी विचारधारा , संस्कृति, परंपरा , अध्यात्म और हर नागरिक पर गर्व है।

मधुबनी : बाइक लूट कांड का खुलासा, दस गिरफ्तार

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मधुबनी : बीते दिनों भैरव स्थान थाना क्षेत्र से हुए बाइक लूट कांड का पुलिस ने खुलासा कर लिया है.  इस कांड में मास्टर माइंड सहित दस अपराधियों को पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर राहत की सांस ली है. बीते तीन चार दिनों से नये तरीके से एनएच पर मोटरसाइकिल लूट की घटना को अंजाम देकर अपराधियों ने पुलिस को चुनौती दी थी. जिन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है उसमें सरिसव पाही के मास्टरमांइड मो. मुर्तुजा, दरभंगा के रौशन कुमार,  पंडौल के संतोष कुमार,  भैरवस्थान के वरूण कुमार, सरिसवपाही के सुशील कुमार साह, सरिसवपाही के सुनील कुमार, दरभंगा बहेरी के प्रदीप मंडल, मनीगाछी के मो. फैजुल्लाह, बेगूसराय के सोनू कुमार, पतौना के रौशन कुमार शामिल हैं. इनके पास से दो नकली पिस्टल, एयर गन, लूट के एक मोबाइल सहित दस मोबाइल, लूट के दो मोटरसाइकिल सहित एक अपाची गाड़ी भी पुलिस ने बरामद की है. 


इस गिरोह का मास्टरमांइड मो. मुर्तुजा नये लूट गिरोह बनाना चाहता था. प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए एसपी दीपक बरनवाल ने बताया है कि सभी नये नये लड़के हैं जो इस गिरोह में शामिल हुए.  ये लोग मोटरसाइकिल लूट की वारदात को अंजाम देने के साथ ही रकम लूट की योजना बना रहे थे.  इन लोगों का प्लान था कि नया गिरोह खड़ा किया जाये.  जानकारी के अनुसार बीते 22  एवं 23 जुलाई को भैरव स्थान थाना क्षेत्र से एनएच से दो दिन में दो बाइक लूट की घटना को इन लोगों ने नकली पिस्टल के दम पर अंजाम दिया.  इस मामले को पुलिस ने गंभीरता से लिया और झंझारपुर एसएसपी निधि रानी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. सोमवार को पुलिस को सूचना मिली की कुछ अपराधी किस्म के लोग विदेश्वर स्थान के समीप एकत्रित हुए हैं. तुरंत ही भैरवस्थान थाना पुलिस मौके पर पहुंचे. पुलिस को देखते ही सभी अपराधी भागने की कोशिश की. पर इस दौरान छह लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.  पूछताछ के दौरान इन लोगों ने मोटरसाइकिल लूट कांड में अपनी संलिप्तता को स्वीकार की. इन्ही के निशानदेही पर फरार चार अन्य अपराधियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से लूट का मोटरसाइकिल भी पुलिस ने बरामद कर लिया. एसपी ने कहा है कि इस टीम में पुलिस ने अधिक मेहनत की है. इन सभी अधिकारियों को अलग से पुरस्कृत किया जायेगा. प्रेस वार्ता के दौरान झंझारपुर एएसपी निधि रानी सहित भैरव स्थान थाना प्रभारी, सकरी थाना प्रभारी, फुलपरास थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिस अधिकारी शामिल थे.

मधुबनी : वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने की पहल शुरू

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मधुबनी : निजी विद्यालय के वाहनों में जिला पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक के निर्देश पर स्पीड गवर्नर लगाने का कार्य शुरू हो गया है.  डीटीओ सुजीत कुमार ने बताया कि प्रत्येक निजी विद्यालय के वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य हो जाने के कारण अब विद्यालयों की यह बाध्यता हो गया है कि स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य हो गया है. जिले में सबसे पहले पोल स्टार स्कूल के वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाया गया है. परिवहन पदाधिकारी ने कहा कि स्पीड गवर्नर लगाना इसलिए अनिवार्य है कि इससे चालक बच्चे को लेकर स्कूल वाहन को तेज रफ्तार में नहीं चला सकते हैं. बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल वाहन में स्पीड गवर्नर को लगाना इसलिए आवश्यक हो गया है.  उन्होंने पोल स्टार स्कूल के वाहनों में लगे स्पीड गवर्नर का निरीक्षण भी किया.  उनके साथ एमवीआई सुनील कुमार, मुन्ना ठाकुर सहित कई लोग शामिल थे.

मधुबनी : मुख्यमंत्री करेंगे अयाची मिश्र की प्रतिमा का अनावरण

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मिथिला के महान विभूति पं. अयाची मिश्र की प्रतिमा का सरिसब गांव में आगामी 9 सितंबर को अनावरण होगा। प्रतिमा का अनावरण सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। अयाची डीह विकास समिति की ओर से प्रतिमा का अनावरण व न्याय दर्शन विषय पर आयोजित सेमिनार में देश भर के मूर्धन्य विद्वानों को बुलाया गया है। ये बातें मंगलवार को आयोजित अयाची डीह समिति की बैठक में कही गयी। बैठक में समिति के अध्यक्ष पूर्व प्रवाचक डॉ. किशोर नाथ झा ने कहा कि अयाची मिश्र के पाण्डित्य को उनके पुत्र व शिष्य शंकर मिश्र की कृतियों में देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि न्याय दर्शन व सामाजिक विषयों पर छह सत्रों में आयोजित सेमिनार में देश भर के विद्वान भाग लेंगे। आयोजन समिति के संरक्षक व मिथिलांचल चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष नवीन जायसवाल ने कहा कि यह गौरव की बात है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समारोह का उद्घाटन व मूर्ति का अनावरण करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी मुख्य अतिथि होंगे। समिति के उपाध्यक्ष डॉ. जगदीश मिश्र ने कहा कि भवनाथ मिश्र प्रसिद्ध अयाची भौतिक सुख-सुविधाओं का परित्याग कर पठन-पाठन के व्यसनी बन अद्भूत विद्यापीठ का निर्माण कराया। वे कहीं भी याचना नहीं किए। चेतना समिति के संरक्षक उमेश मिश्र ने कहा कि इस आयोजन के द्वारा मिथिला की प्राचीन गौरवशाली परंपरा से सामान्य जनों तथा देश के अन्य भागों में प्रबुद्ध जनों को मिथिला की बौद्धिक संपदा से अवगत कराया जाएगा। अयाची मिश्र के वंशज जीवनाथ मिश्र ने कहा कि चौपाड़ि शैली के प्रतिष्ठापक अयाची मिश्र नि:शुल्क शिक्षा व्यवस्था के आग्रही थे। वे एक शिष्य को शिक्षित कर उन्हें दस छात्रों को शिक्षित करने का दायित्व सौंपते थे। पुन: उनके दस शिष्य सौ छात्रों को दीक्षित कर सारे देश में ज्ञान परंपरा का विस्तार करते थे। संचालन अजित आजाद ने किया। बैठक को अयाची डीह विकास समिति के सचिव डॉ. विद्यानंद झा, समिति के संयोजक व मुखिया राम बहादुर चौधरी, संयुक्त सचिव उदय कुमार झा, डॉ. नीरजा रेणु, प्रो. असर्फी कामत, अमल कुमार झा, सतीश साजन, अनुराग मिश्र, मो. निजामुद्दीन आदि ने भी संबोधित किया।

सीवान : सड़क ऐसी है की पैदल चलना भी दूभर

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damage-siwan-roadसीवान से सिसवन की ओर जाने वाली स्टेट हाइवे संख्या 89 पर रजनपुरा पंचायत हैं। जिला मुख्यालय से महज 20 किमी दूर। प्रखंड मुख्यालय हसनपुरा से 3 किमी दूर। यानि जिलाधिकारी से 20 किमी और प्रखंड विकास अधिकारी से 3 किमी दूर। बावजूद इसके यहां की सड़क ऐसी है की पैदल चलना भी दूभर हो गया है। स्टेट हाइवे से दाहा नदी पर बने पुल जो हुसेनबंगरा सहित कई गांवों को मुख्य सड़क से जोड़ता है का हाल भी राम भरोसे है। बिना सेफ्टी का ध्यान रखे यह पुल चालू है। कई लोग पुल से नदी में गिर चुके हैं। लेकिन कुम्भकर्णी प्रशासन की नींद खुलने का नाम नहीं ले रही है। शायद ये किसी बड़ी दुर्घटना का इंतज़ार कर रहे हैं। तीन किमी तक लंबी इस सड़क को बना रहा ठीकेदार फरार है। लेकिन सिविल इंजीनयर को इसकी क्या चिंता। सबको बस ऊपर की छाली चाहिए। रजनपुरा उप स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति में सुधार लाने के बाद यहाँ के ग्रामीण अब इस सड़क को ठीक करने को लेकर आंदोलन के मूड में है।  अगर मेरी यह बात सूबे के मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री, जिलाधिकारी, सिविल इंजीनयर, प्रखंड विकास अधिकारी तक पहुँच पा रही है तो आपलोग अपने अपने काम पर लग जाइये नहीं तो कही ऐसा न हो बाद में पछताने का भी समय न मिले!

विशेष आलेख : कोविन्द से जगी है नयी उम्मीदें

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देश के नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का शपथ ग्रहण के बाद पहला उद्बोधन नयी आशाओं एवं उम्मीदों को जगाता है। उन्होंने उचित ही इस ओर ध्यान खींचा कि हमारी विविधता ही हमें महान बनाती है। हम बहुत अलग हैं, फिर भी एकजुट हैं। संस्कृति, पंथ, जाति, वर्ग और भाषा की विविधता ही भारत को विशेष बनाती है। अगर इससे विपरीत दिशा में हम चलते हैं तो भारत की सबसे मूल्यवान थाती और अपनी महान सभ्यता के आधार को ही गंवा बैठेंगे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्र के निर्माण में भारत के हरेक नागरिक की बराबर भूमिका है। खेतों में काम करने वाली महिलाएं, पर्यावरण की रक्षा कर रहे आदिवासी, किसान, वैज्ञानिक, स्टार्टअप कारोबारी से लेकर सुरक्षाबल तक, सभी राष्ट्र निर्माता हैं। राष्ट्रपति ने बताया कि वह छोटे से एक गांव से आए हैं। वह मिट्टी के घर में पले-बढ़े। उनके उद्बोधन से जाहिर होता है कि वे भारत के समग्र एवं संतुलित विकास के लिये तत्पर रहेंगे। उन्होंने विनम्रतापूर्वक संकेत करना चाहा है कि हमारी व्यवस्था हर व्यक्ति को आगे बढ़ने के अवसर उपलब्ध कराती है। कोविन्दजी के नाम की राष्ट्रपति पद के लिये घोषणा एवं जीत से सत्ता और पदों की कुर्सी दोनों हाथों से पकड़कर बैठे लोगों की घिग्घी बंध गयी। देखने में ये बहुत छोटी घटनाएं लगती हैं। पर ये छोटी चिंगारियां ही प्रकाश स्तम्भ बन सकती हैं। जब सत्ता की  राजनीति का खेल बंद होगा, सेवा की राजनीति का अध्याय प्रारम्भ होगा तभी मूल्यों का निर्माण होगा, तभी लोकतंत्र मजबूत होगा और तभी लोकजीवन प्राणवान और शुद्ध होगा।


शून्य से शिखर की यात्रा करने वाले रामनाथ कोविंद का जीवन एक उदाहरण है कि अगर किसी नागरिक में असाधारण कार्य करने का जज्बा हो और वह जीतोड़ मेहनत करने के लिए तैयार हो, तो वह शिखर पर पहुंच सकता है। आज उन्हें देखकर समाज का वंचित तबका खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा होगा। न जाने कितने लोग मन ही मन कोविंद से प्रेरित हो रहे होंगे। उनका स्वाभिमान बढ़ा होगा। लोकतंत्र के लिए यह एक बड़ी बात है। प्रगति एवं विकास के लिये आज जिस माॅडल की जरूरत है, कोविन्द उसके सशक्त हस्ताक्षर बन कर प्रस्तुत हो रहे हैं। जैसाकि महात्मा गांधी की नजर में, जो पहले से सुखी हैं, जिनके हिस्से एक बेहतर जीवन है, वे पैमाना नहीं हो सकते प्रगति और विकास का। दुर्भाग्य से दुनिया के ज्यादातर मुल्कों के साथ हमारे मुल्क ने भी पूंजीवादी माॅडल को अपनाते हुए गांधी की इस हिदायत का खयाल नहीं रखा। नतीजा सामने है। हमारा इतना बड़ा निम्न एवं मिडिल क्लास खड़ा तो हो गया। जो गरीब है, उनके लिए इस वल्र्ड आॅर्डर में, ‘क्वालिटी लाइफ’ की गुंजाइश न के बराबर है। इसीलिये कोविन्दजी ने इस बात पर जोर दिया कि हाशिए के लोगों को राष्ट्र की मुख्यधारा में लाना हम सबका फर्ज है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का लगातार ध्यान रखना होगा कि हमारे प्रयास से समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति के लिए और गरीब परिवार की बेटी के लिए भी नई संभावनाओं और नए अवसरों के द्वार खुलें। हमारे प्रयत्न आखिरी गांव के आखिरी घर तक पहुंचने चाहिए। इसमें न्याय प्रणाली के हर स्तर पर, तेजी के साथ, कम खर्च पर न्याय दिलाने वाली व्यवस्था को भी शामिल किया जाना चाहिए।

मां, माटी, मानुष की चिंता बड़ी अच्छी बात है। भारत में राजनीति करने वाली हर पार्टी कुछ हेरफेर के साथ ऐसे ही मुहावरे लेकर जनता के पास जाती है। लेकिन गरीब को हमेशा सरकार का मुंह ताकते रहने वाला प्राणी बनाए रखने की राजनीति से सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों का ही होता देखा गया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि नए राष्ट्रपति सरकार को नागरिकों खासकर समाज के कमजोर वर्ग के प्रति उसके दायित्वों को लेकर सचेत करते रहेंगे। अब वह तमाम दलगत विभाजन से ऊपर उठकर हमारी व्यवस्था के अभिभावक के रूप में  और एक पिता के रूप में सामने आए हैं।  और देश उनसे यही अपेक्षा रखेगा कि वह अभिभावक की तरह ही हरेक नागरिक की आकांक्षा का ध्यान रखें। उन्होंने सबको साथ लेकर चलने की बात कही भी है। उनकी विनम्रता और सहज व्यवहार से हर नागरिक उनके प्रति आत्मीयता का भाव महसूस करता है। पद की गरिमा एवं संवैधानिक अक्षुण्णता के लिये भी वे संकल्पित दिखाई देते हैं, निश्चित ही राष्ट्रपति पद की एक नयी परिभाषा गढ़ी जायेगी। इससे यह भी प्रतीत होता है कि एक शुभ एवं श्रेयस्कर भारत निर्मित होगा। रामनाथ कोविंद एक संवेदनशील राष्ट्रनायक के रूप में सामने आये हैं। कैरिलल के अनुसार, एक अच्छा नायक हमेशा अपने से ज्यादा दूसरों की फिक्र करता है। वह अपने आस-पास के लोगों के बीच इस बात का दिखावा नहीं करता कि वह औरों से अलग है, लेकिन समय आने पर वह ऐसा कुछ कर जाता है कि लोगों के दिल में जगह बना लेता है। वह समूह का अग्रणी होता है और हमेशा इसी कोशिश और खोज में लगा रहता है कि कैसे दूसरों की तकलीफों को कम किया जाए। वह इतना विनम्र होता है कि बड़े-से-बड़ा काम कर जाने के बाद भी वह श्रेय नहीं लेता। उसकी सबसे बड़ी खूबी यह भी होती है कि वह समाज को एक दिशा दे सकता है।

रामनाथ कोविंद ऐसे समय राष्ट्रपति बने हंै, जब विश्व बदलाव के दौर से गुजर रहा है। अमेरिका हो या फ्रांस अथव रूस, सभी जगह राष्ट्रपति अपने लिये नई भूमिका तलाश रहे हैं। कोविन्दजी भारत को नयी बुलन्दियों पर पहुंचाने के लिये तैयार दिखाई दे रहे हैं। उनकी सोच एवं संकल्प युगान्तरकारी है, लोकतांत्रिक ताने-बाने को सुदृढ़ कर जन-आस्थाओं पर खरा उतरना उनके लिये सबसे बड़ी चुनौती है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उनको राष्ट्रपति बनाये जाने की घटना को भले ही राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गयी हो, लेकिन मोदी स्वयं पिछड़े वर्ग से आते हैं और एक दलित को राष्ट्रपति पद तक पहुंचाकर उन्होंने एक बार फिर यह संदेश दिया कि वह समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध हैं। वह दलित समुदाय के बीच यह संदेश देने में खास सफल रहे कि हर वर्ग की भलाई उनकी सरकार का एजेंडा है। यह संदेश इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि भाजपा को अमीरों और शहरी तबके की पार्टी के रूप में प्रचारित किया जाता रहा है। भाजपा अपनी रीति-नीति के जरिये इस धारणा को तोड़ने में सफल रही है कि वह किन्हीं खास वर्गों के प्रतिनिधित्व तक ही सीमित है। इसके कई सकारात्मक नतीजे भी सामने आए हैं। 


रामनाथ कोविंद आशावादी हैं, इसमें तनिक भी संदेह नहीं। पर निराशा के कारणों की सूची भी लंबी है, इसे भी नकारा नहीं जा सकता। क्योंकि बुराइयां जीने के लिए फिर नये बहाने ढूंढ लेती हैं। श्रीकृष्ण की गीता जीवन के हर मोड़ पर निष्काम कर्म का संदेश देती है मगर संग्रह और भोग का अनियंत्रण मन को अपाहिज बना देता है। महावीर के जीए गए सत्यों की हर बार समीक्षा होती है मगर सिद्धांतों की बात शास्त्रों, संवादों और संभाषणों तक सिमट कर रह जाती है। गांधी का जीवन-दर्शन सिर्फ अतीत की याद बनकर रह गया है। आज कहां है राम का वह संकल्प जो बुराइयों के विरुद्ध लड़ने का साहस करे? कहां है महावीर की अनासक्ति जो अनावश्यक आकांक्षाओं को सीमा दे सके? कहां है गांधी की वह सोच कि देश का बदन नंगा है तब मैं कपड़े कैसे पहूनूं। आज का जीवन अच्छाई और बुराई का इतना गाढ़ा मिश्रण है कि उसका नीर-क्षीर करना मुश्किल हो गया है। पर अनुपात तो बदले। अच्छाई विजयी स्तर पर आये, वह दबे नहीं। अच्छाई की ओर बढ़ना है तो पहले बुराई को रोकना होगा। इस छोटे-से दर्शन वाक्य में कोविन्दजी की अभिव्यक्ति का आधार छुपा है। और उसका मजबूत होना आवश्यक है। वे अपने अदम्य साहस और संकल्प की बदौलत हमारे लिए धूप के ऐसे टुकडे़ हैं जिन पर ‘लोक‘ एवं ‘लोकतंत्र’ को रोशन करने की बड़ी जिम्मेेदारी हैं।





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(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला,
डी.ए.वी स्कूल के पास दिल्ली-51
फोनः, 9811051133

विशेष : राष्ट्रपति चुनाव और विपक्ष की पराजित मानसिकता

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भारत के नए राष्ट्रपति के रुप में महामहिम रामनाथ कोविन्द का पदारोहण हो गया। चुनाव से पूर्व ही इस बात के संकेत मिल गए थे कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार ही विजयी होंगे और उनकी विजय हुई भी। इस चुनाव के दौरान जितनी सक्रियता भाजपा की ओर से दिखाई दी, वैसी सक्रियता कांगे्रस सहित विपक्षी दलों की ओर से नहीं देखी गई। इससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि विपक्षी दलों की ओर से उम्मीदवार बनाई गर्इं मीरा कुमार का पूरा चुनाव ही पराजित मानसिकता के साथ लड़ा गया। विपक्ष ने यह बात पहले से ही तय मान ली थी कि हमारा उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सकता। विपक्ष जब ऐसी मानसकिता के चलते चुनाव लड़ रहा था, तब यह कल्पना की जा सकती है कि आने समय भी विपक्ष के लिए कमजोर ही होगा। क्योंकि वर्तमान में राजनीतिक गणित का हिसाब लगाया जाए तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन बहुत शक्तिशाली होता दिखाई दे रहा है। भविष्य में भी राजग के और शक्तिशाली होने के संकेत दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष की एकता के जिस प्रकार के दावे किए जा रहे हैं, उन दावों में खोखलापन अभी से दिखाई देने लगा है।


वर्तमान राजनीतिक स्थितियों को देखते हुए यह सहज ही अनुमान लगाया जाने लगा है कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में भी राजग का उम्मीदवार विजयी होगा। यह अनुमान केवल आकलन मात्र नहीं, बल्कि संख्यात्मक हिसाब से भी विजय के संकेत देता हुआ दिखाई दे रहा है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद पर बिठाए गए रामनाथ कोविन्द विशुद्ध ग्रामीण परिवेश से हैं। इससे निश्चित रुप से समाज में यही संदेश गया है कि एक गरीब घर का व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बन सकता है और एक विशुद्ध ग्रामीण जीवन से सरोकार रखने वाला व्यक्ति देश का राष्ट्रपति बन सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परिवार की स्थिति को आज पूरा देश जान चुका है। वास्तव में हमारे देश में पहले जो कुछ दिखाई दिया, उसमें यही संदेश जाता था कि एक मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बनने वाला व्यक्ति केवल अपने परिवार को ही राजनीतिक सुविधाएं और सुरक्षा देता आया है। वर्तमान में मोदी के परिवार को ही नहीं, बल्कि उनकी पत्नी को भी विशेष सुरक्षा नहीं दी गई, इसके विपरीत अन्य राजनेता प्रधानमंत्री स्तर की सुरक्षा अपने पूरे परिवार को देने में संकोच भी नहीं करते।

देश को आजादी मिलने के बाद जिस प्रकार की राजनीतिक संकल्पना को देश की जनता ने देखा है, उससे यही संदेश गया कि राजनीतिक दलों का नेतृत्व केवल उन्ही व्यक्तियों को मिल सकता है, जिनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि है। कांगे्रस सहित कई दलों की राजनीति इसी पृष्ठभूमि को प्रतिपादित करती हुई दिखाई दे रही है। इस मिथक को भारतीय जनता पार्टी ने तोड़ा है। भारतीय जनता पार्टी ने ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति पद पर आसीन किया है। जिसने ग्रामीण जीवन जिया है। आज समाज में एक अच्छा संदेश यह भी गया है कि ऐसा केवल भारतीय जनता पार्टी ही कर सकती है। हो सकता है कि इस प्रकार के लेखन को कांगे्रस पार्टी नकारने का प्रयास करे, क्योंकि वर्तमान में अपनी स्थिति की वास्तविक समीक्षा करते हुए दिखाई नहीं दे रही। जो उसकी कमी को उजागर करता है, उसे भाजपा से जोड़कर देखना ही कांगे्रस की नियति बन गई है। हमारे देश में कहा जाता है कि निन्दा प्रगति के मार्ग के अवरोधों को दूर करने में सहायक मानी जाती है। लेकिन जिसे केवल अपनी प्रशंसा ही सुनने की आदत हो, उसका सुधार हो पाना बहुत मुश्किल है। कांगे्रस आज कुछ ऐसा ही कर रही है, उसकी नजर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हर काम गलत ही होता है। चाहे वह देश हित का काम हो या भ्रष्टाचार मिटाने की बात हो।

वास्तव में देश में यह किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि भारतीय जनता पार्टी रामनाथ कोविन्द को राष्ट्रपति के रुप में लाएगी। भाजपा के इस राजनीतिक तीर ने विपक्ष को चारों खाने चित करने का काम किया। उत्तरप्रदेश में जिस दलित उत्थान की बात बसपा की मायावती करती आर्इं हैं। वे चार बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनने के बाद भी दलितों का उत्थान नहीं कर सकीं। इतना ही नहीं उन्होंने अपने अलावा किसी को भी राजनीतिक नेतृत्व का अधिकार भी नहीं दिया। वह चाहती तो दलित नेतृत्व को उभार सकती थीं, लेकिन उन्होंने नहीं किया। दलित उत्थान का जो काम भाजपा ने किया है, वह अपने आपमें एक उदाहरण है। भाजपा के आदर्श पुरुष पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सोच को अंगीकार करते हुए अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को देश का राष्ट्रपति बनाया है। उल्लेखनीय है कि राजग की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय मुसलमान वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले महान वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति पद प्रदान कर विपक्ष के मुंह पर ताला लगाने का काम किया था। हम जानते हैं कि कई राजनीतिक दल आज भी भारतीय जनता पार्टी को मुसलमान और दलित विरोधी बताने का काम करते हैं, लेकिन उनकी यह बात इन दो नामों के साथ ही झूठे प्रमाणित हो जाते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है अब झूठ पर आधारित होने वाली राजनीति के दिन लद गए हैं। लम्बे समय तक झूठ चलता भी नहीं है।


लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव परिणामों पर दृष्टि डाली जाए तो एक बात साफ दिखाई देती है कि कांगे्रस सिमटती जा रही है। पंजाब को छोड़ दिया जाए तो कई राज्यों में कांगे्रस को बुरी तरह से पराजित हुई है। कांगे्रस को इस पराजय के कारणों को तलाशना चाहिए, जबकि कांगे्रस केवल विरोध की ही राजनीति करने को ही अपना प्रमुख लक्ष्य मानकर राजनीति करती हुई दिखाई दे रही है। इसके विपरीत भारतीय जनता पार्टी ने जनता में एक विश्वास पैदा किया है। मोदी की तीन वर्ष के कार्यकाल को देखकर यह आश्वस्ति होने लगी है कि भ्रष्टाचार मुक्त सरकार भी हो सकती है। हालांकि आम जनता को परेशान करने वाला प्रशासनिक भ्रष्टाचार अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ, लेकिन जिस प्रकार जनता में आशा का भाव पैदा हुआ है, उससे यह लगने लगा है कि यह भी एक दिन दूर होगा ही। केन्द्र सरकार की नगद रहित योजना भ्रष्टाचार मिटाने का ही एक कदम है।




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सुरेश हिन्दुस्थानी
102 शुभदीप अपार्टमेंट, कमानीपुल के पास
लक्ष्मीगंज, लश्कर ग्वालियर मध्यप्रदेश
मोबाइल-9425101815, 9770015780

साझे, सचेत व सक्रिय प्रयास से ही अतिवृष्टि से आई आपदा से निजात पा सकते हैं : मुख्यमंत्री

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यह दुख और संघर्ष की घड़ी है।  हम सब साझे, सचेत और सक्रिय प्रयास से इस अतिवृष्टि से आई आपदा से  निजात पा सकते हैं। मुख्यमंत्री  रघुवर दास ने राज्य की जनता के नाम अपील करते हुए दिन बुधवार को उपरोक्त  बातें कही।  अतिवृष्टि से अकारण मृत्यु के शिकार लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व  दुख प्रकट करते हुए श्री दास ने कहा कि ऐसे वक्त में धैर्य से काम लेने की जरूरत है ।  मुख्यमंत्री ने राज्य के मुख्य सचिव राजबाला वर्मा से हालात और इस दिशा में किए जा रहे कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने मुख्य सचिव को व्यापक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन के तहत मृतकों के आश्रितो ंको तत्काल चार लाख रूपये आपदा राहत राशि उपलब्ध कराये जायें साथ ही घायलों को अपंगता की स्थिति में 60 हजार से 2 लाख रूपये तक तथा अस्पताल खर्च के रूप में 4,300 रूपये से 12,700 रूपये तक की सहायता राशि प्रावधान के अनुरूप उपलब्ध कराने का निदेश दिया। मुख्यमंत्री ने यह निदेश दिया कि बड़ी संख्या में पशुओं पर भी आपदा का प्रभाव पड़ा है, तथा लोगों के मकान आंशिक रूप से या पूर्णतः क्षतिग्रस्त हुए हैं। राज्य आपदा रिलीफ फंड से प्रावधान के अनुरूप सहायता राशि तत्काल उपलब्ध कराई जाये एवं इसमें किसी भी प्रकार का विलंब नहीं किया जाय। 


मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से कहा कि सभी विभागों के अधिकारी 24×7 अपने कार्य स्थल पर सचेत और सक्रिय होकर काम करें। सभी अधिकारी अपने निर्धारित दायित्वों से उपर उठ कर आपदा राहत के लिए समर्पित होकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था पूर्णत बहाल रहे। चिकित्सक आपात स्थिति का सामना करने के लिए पहले से ही तैयार रहे। जहां भी पुल-पुलिया या सड़क क्षतिग्रस्त हो रही हैं उनकी तत्काल मरम्मति सुनिश्चित कराई जाय ताकि आवागमन बाधित न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन के अभियंता और अधिकारी सभी डैम के जलस्तर पर निगरानी रखें। मुख्य सचिव श्रीमती राजबाला वर्मा ने बताया कि आपदा के संबंध में सभी जिलों के उपायुक्तों के पास राशि उपलब्ध है। उन्होंने सभी उपायुक्तों को निदेश दिया कि मुख्यमंत्री की भावना के अनुरूप स्वयं तत्परता एवं संवेदनशीलता दिखाते हुए प्रभावितों को प्रावधान के अनुरूप सहायता राशि उपलब्ध करायें। मुख्य सचिव ने पथ निर्माण तथा ग्रामीण विकास कार्य विभाग के अधिकारियों को निदेश दिया कि वे तत्काल क्षेत्र में अपनी सड़कों एवं पुल पुलियों की पूरी निगरानी करें तथा जहां कटाव हो रहा है वहां आम नागरिकों को स्थानीय प्रशासन के माध्यम से जाने से रोकें। उन्होंने विद्युत प्रमंडल के अधीक्षण अभियंताओं को बिजली के पोल के गिरने, तथा विद्युत बाधित होने की की घटना पर दल बनाकर नजर रखें तथा उसे प्रभावित स्थलों में तुरंत विद्युत सेवा बहाल करें। मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी स्थिति में जानमाल का नुकसान न हो इसे सुनिश्चित करें। उन्होंने ने सभी थाना प्रभारी अपने-अपने थाना क्षेत्र की लगातार गश्ती करने और स्वंय सक्रिय होकर राहत कार्य करने का निदेश दिया। स्वास्थ्य ग्रामीण विकास कार्य विभाग, जल संसाधन तथा राजस्व, पथ निर्माण विभाग, भवन, कृषि  आदि के साथ साथ  सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों को व्यापक दिशा निदेश जारी किया है।

हर गांव तक पहुंचे बिजली- मुख्य सचिव

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राॅची-दुमका (अमरेन्द्र सुमन) मुख्य सचिव, झारखंड  राजबाला वर्मा ने विद्युत संस्थान आपूर्ति व  संचरण की समीक्षा करते हुए अधीक्षण अभियंताओं से कहा कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता है कि प्रत्येक परिवार को वर्ष 2018 तक बिजली उपलबध हो। सुदूर और दुर्गम गांवों में भी ग्रामीणों के घर बिजली के बल्ब से रौशन होने चाहिए । मुख्य सचिव ने कहा कि अधिकारियों के प्रतिबद्ध व संवेदनशील प्रयास से ही यह काम पूरा हो सकता है।  उन्होंने कहा राज्य  में 9 एजेंसी कार्य कर रही है,  उनके कार्यों की निगरानी करें तथा उनकी बाधाओं को दूर करें। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विद्यालयों को विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि आप इस बात की गम्भीरता को समझें कि आपके कार्य के बाद ही राज्य विकास की बुलंदियों को छू सकता है। बिजली बुनियादी आवश्यकता है।  मुख्य सचिव ने कहा कि जो अधिकारी या एजेंसी लापरवाही से काम करेंगे उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी अस्पतालों, निजी नर्सिंग होम, शैक्षणिक संस्थान एवं होटल आदि में सोलर विद्युत को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि कार्यशाला कर लोगों को इसका महत्व बताएं। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य की 16 अदालतों, कस्तुरबा बालिका विद्यालय आदि को सौर उर्जा से प्रथम चरण में जोड़ दें। मुख्य सचिव ने बताया कि 1400 सरकारी भवनों के विरूद्ध 202 भवनों के लिए कार्य आवंटन किया जा चुका है। एजेंसियों को सूचीबद्ध करने के तकनीकी निविदा खोली जा चुकी है, अब तक कुल 65 एजेंसियों का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। बैठक में मुख्य रूप से सचिव उर्जा विभाग श्री नीतिन मदन कुलकर्णी, निदेशक झारखण्ड उर्जा वितरण निगम लिमिटेड श्री राहुल पुरवार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।


सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 26 जुलाई

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कर्मकार मंडल के विस्तारकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न

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म.प्र. जन अभियान परिषद्, विकासखण्ड सीहोर द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन जनपद पंचायत सीहोर के सभागृह में 25 जुलाई 2017 को किया गया। प्रशिक्षण में ब्लाक की सभी 144 ग्राम पंचायतों के विस्तार कार्यकर्ताओं को म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल परियोजना अंतर्गत पात्र हितग्राहियों की जानकारी एकत्र करने एवं उनका पंजीयन कराने हेतु जागरूक कर, उनकी समस्त जानकारियों को पोर्टल पर अपडेट करने तथा उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के बारे में विस्तार से बताया गया जिससे शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राही को लाभ मिल सके। उक्त योजनांतर्गत 1 अगस्त 2017 से सभी पंचायतों में विस्तार कार्यकर्ता घर-घर जाकर श्रमिकों का भौतिक सत्यापन करते हुए आनलाईन एवं आफलाईन दोनो प्रकार से पंजीयन का कार्य प्रारंभ करेंगे। प्रशिक्षण में म.प्र. जन अभियान परिषद की भोपाल संभाग समन्वयक डाॅ. सुश्री सुनीता गुप्ता, जिला समन्वयक पारूल उपाध्याय, जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिलीप जैन, पंचायत कोआर्डिनेटर आफिसर छिलोत्रे, विकासखण्ड समन्वयक प्रदीप सिंह सेंगर द्वारा मुख्य रूप से मार्गदर्शित किया।


विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 26 जुलाई

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मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत आवेदन आमंत्रित
  • जगन्नाथपुरी, तिरूपति, शिर्डी, द्वारकापुरी और रामेश्वरम् तीर्थ दर्शन हेतु रवाना होंगे  
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत जिले के सुपात्रों से योजना के तहत आवेदन आमंत्रित किए गए है कि जानकारी देते हुए जिले के नोडल अधिकारी ने बताया कि 28 अगस्त को रामेश्वरम् तीर्थ दर्शन हेतु 270 तीर्थ यात्री जाएंगे। इसके लिए आवेदन नजदीक के तहसील कार्यालय में 16 अगस्त तक जमा किए जा सकते है।इसी प्रकार 14 सितम्बर को शिर्डी तीर्थ दर्शन हेतु जिले के 130 यात्री रवाना होंगे। इसके लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि एक सितम्बर नियत की गई है। तिरूपति बालाजी के लिए जिले के 150 तीर्थ यात्री 20 सितम्बर को रवाना होंगे। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि चार सितम्बर है। जगन्नाथपुरी के लिए जिले के 175 तीर्थ यात्री एक अक्टूबर को रवाना होंगे। उक्त यात्रा हेतु आवेदन पत्र 18 सितम्बर तक जमा होंगे। द्वारकापुरी तीर्थ दर्शन के लिए जिले के 150 तीर्थ यात्री नौ नवम्बर को रवाना होंगे। इसके लिए आवेदन पत्र 26 अक्टूबर तक जमा किए जा सकते है। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत रामेश्वरम तीर्थ दर्शन के लिए 15 नवम्बर को भी जिले के 240 तीर्थ यात्री रवाना होंगे। आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि दो नवम्बर नियत की गई है।मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत किसी भी एक यात्रा का लाभ उठा चुके वे तीर्थ यात्री पुनः आवेदन प्रस्तुत ना करें। संबंधित तीर्थ दर्शन के लिए निर्धारित लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होते है तो तीर्थ यात्रियों का चयन कम्प्यूटर रेण्डमाइजेशन प्रणाली से किया जाएगा।


कलेक्टर द्वारा स्कूलों और आंगनबाडी केन्द्रों का जायजा, कार्यवाही के निर्देश

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कलेक्टर श्री अनिल सुचारी और जिला पंचायत सीईओ श्री दीपक आर्य ने आज संयुक्त रूप से ग्यारसपुर अनुविभाग क्षेत्र के ग्राम कंजेला एवं सियासी का भ्रमण कर इन गांवो में संचालित स्कूलों, आंगनबाडी केन्द्रों का जायजा लिया वही ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्वित योजनाओं की जानकारी ग्रामीणजनों एवं हितग्राहियों से संवाद स्थापित कर प्राप्त की। कलेक्टर श्री सुचारी ने ग्राम कंजेला के प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला का निरीक्षण किया। यहां बच्चे स्कूली यूनिफार्म में नही होने पर उन्होंने बच्चों और शिक्षकों से पूछताछ की। शिक्षक ने बताया कि उन्हें दो दिन पूर्व ही अवगत कराया गया है कि राशि जारी की गई है। बच्चों के खातो में जमा करने की कार्यवाही क्रियान्वित है। कलेक्टर श्री सुचारी ने क्षेत्र के बीआरसी श्री अनिल शर्मा और जन शिक्षक श्री मुन्नालाल के द्वारा शासकीय दायित्वों का निर्वहन करने में की जा रही कोताही पर दोनो को शोकाॅज नोटिस देने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी श्री एचएन नेमा को दिए। जिला पंचायत सीईओ श्री आर्य ने मध्यान्ह भोजन का जायजा लिया। यहां समूह की जगह शिक्षक द्वारा खाना बनवाया जा रहा है जिसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षक के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए और नए समूह को मध्यान्ह भोजन बनाने का दायित्व सौंपे जाने की प्रक्रिया शीघ्र क्रियान्वित करने के निर्देश दिए। 

हाजिर जबाव
कलेक्टर श्री सुचारी ने छात्रों की अध्यापन गुणवत्ता का परीक्षण बच्चों से संवाद स्थापित कर उनसे किताबे पढ़वाकर लगाया। छात्र निखिल कुशवाह ने फर्राटे से अंग्रेजी की किताब पढकर बताने पर उसे शाबासी दी और सीमा ने हिन्दी एवं सामाजिक विज्ञान की किताब पढी और पूछे गए सवालो का त्वरित जबाव प्राप्त करने पर कलेक्टर के द्वारा शाबासी दी गई। उन्होंने बच्चों से कहा कि खूब मन लगाकर पढे। उन्हें किसी भी प्रकार की तकलीफ नही होने दी जाएगी। कलेक्टर श्री सुचारी ने शाला के कक्षो में पानी टपकने पर असंतोष जाहिर करते हुए शिक्षक को निर्देश दिए कि शाला कंटजेन्सी राशि से शीघ्र मरम्मत कराएं। कलेक्टर श्री सुचारी ने ग्राम कंजेला में मुख्यमंत्री आवास, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माण कराए जा रहे आवासों का भी अवलोकन किया और हितग्राहियों से संवाद स्थापित किया। यहां ग्राम के निःशक्त श्री श्यामलाल को जयपुरी पैर लगवाने की सलाह दी गई। ग्राम के श्री लच्छू ने बताया कि उनके द्वारा कपिलधारा योजना के तहत कूप का निर्माण कराया गया है किन्तु पूरी राशि अब तक नही मिली है मौके पर जनपद सीईओ को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है। इसी प्रकार कृषक श्री साढू ने बताया कि उनके द्वारा 12 बीघा में सोयाबीन की बोनी की गई है किन्तु अब तक अंकुरित नही हुआ है। बीज परीक्षण करने के निर्देश दिए गए है ताकि संबंधित समिति के खिलाफ कार्यवाही की जा सकें। कलेक्टर श्री सुचारी ने ग्रामवासियोें से संवाद स्थापित कर स्वास्थ्य सेवाओं, उचित मूल्य दुकानों से मिलने वाले राशन और पटवारी के द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की भी पूछताछ की। यहां जिला पंचायत सीईओ ने ग्राम के सार्वजनिक कुंआ की मेढबंधान, सीसी रोड के किनारे नाली का निर्माण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री सुचारी को ग्राम सियासी की सरपंच श्रीमती रामश्री ने बताया कि उनके द्वारा मनरेगा योजना के तहत सार्वजनिक कूप का निर्माण कराया गया है। जिसकी राशि अब तक प्राप्त नही हुई है। ग्राम के जेआरएस को बार-बार बतलाने पर भी कार्यवाही नही की जा रही है मजदूरों द्वारा मजदूरी की भुगतान की राशि मुझसे बार-बार मांगी जा रही है। मौके पर सबइंजीनियर द्वारा बताया गया कि सवा लाख रूपए की राशि मजदूरों को भुगतान की गई है। कलेक्टर श्री सुचारी ने समुचित प्रकरण की जांच करने हेतु ग्यारसपुर एसडीएम श्री एचपी वर्मा को निर्देश दिए कि एक सप्ताह में जांच कर पालन प्रतिवेदन जिला कार्यालय को उपलब्ध कराएं। 

कार्यवाही
कलेक्टर श्री सुचारी ने ग्राम सियासी की आंगनबाडी केन्द्र का भी मौके पर जायजा लिया। यहां एक भी बच्चा केन्द्र में नही पाया जाने पर कार्यकर्ता श्रीमती रक्षा तिवारी की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री सुचारी ने आंगनबाडी केन्द्र के भण्डार गृह का जायजा लिया। यहां एक्सपायरी डेट का टीएचआर पाए जाने पर क्षेत्र के परियोजना अधिकारी श्री संजय सिंह को शोकाॅज नोटिस देने तथा सुपरवाईजर श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव को निलंबित करने संबंधी प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी श्री विवेक शर्मा को दिए।  भ्रमण के दौरान डीपीसी श्री सुरेश खाण्डेकर, तहसीलदार श्री संजय जैन के अलावा खण्ड स्तरीय अन्य विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी साथ मौजूद थे। 

बीजेपी के साथ नीतीश का जाना विधानसभा जनादेश का होगा घोर अपमान: दीपंकर भट्टाचार्य

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  • महागठबंधन के बड़े दल होने के नाते बीजेपी की ओर नीतीश को जाने से रोकने की जवाबदेही लालू प्रसाद की.

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पटना 26 जुलाई, भाकपा-माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य ने नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद कहा है कि महागठबंधन की राजनीतिक एकता को नीतीश कुमार ने लगातार कमजोर किया है और उनमें भाजपा की ओर भागने की प्रवृत्ति रही है. नोटबंदी का सवाल हो, जीएसटी या फिर राष्ट्रपति चुनाव का मामला हो, इन सभी मामलों में नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ देकर विपक्ष की एकता को कमजोर करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि यदि नीतीश कुमार भाजपा से फिर गलबहियां करते हैं, तो यह बिहार विधानसभा चुनाव 2015 से घोर विश्वासघात होगा. नीतीश कुमार को यह याद रखना चाहिए कि बिहार की जनता ने भाजपा की जहीरले सांप्रदायिक व विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ उन्हें वोट दिया था. यह भी कहा कि महागठबंधन का बड़ा दल होने के नाते यह राजद की जिम्मेवारी बनती है कि वह नीतीश कुमार को बीजेपी की तरफ से जाने रोकें और चुनाव में बिहार की जनता से किए गए वादों को पूरा करे.

मधुबनी : राजनीति अनुलोम विलोम से नहीं विचारधारा से चलतीै है।

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अंधराठाढी/मधुबनी (मोo आलम अंसारी) स्थानीय निरिक्षण परिसर में बुधवार को समाजवादी पार्टी सदस्यता अभियान के समीक्षात्क बैठक हुई। पार्टी के जिला महामंत्री जिला पार्षद संजय यादव ने इसकी अध्यक्षता की। प्रदेश समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष सह पुर्व केंद्रीय मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा समाजवादी पार्टी साकारात्मक विचारधारा की राजनीति करती है। इसको नाकारात्मक राजनीति से परहेज है। अच्छी विचारधारा से देश बनता और बदलता है। मौजूदा केंद्रीय सरकार अपने वादो से पलट रही है। जी एस टी और नोटबंदी के जितने फायदे बताए गए और कही जा रही है उसके उलट लोगों का नुकसान हो रहा है। आयकर के स्थान पर खर्च कर लगाना एक व्यावहारिक कदम होगा। कृषि बदहाल है किसान आत्महत्या कर रहे हैं। गोरक्षा के नाम पर हत्याऐ कि जा रही है। देश का विकास दर पिछड़ रहा है। पुर्व मंत्री ने बताया देश की मौजूदा शिक्षा प्रणाली बहुत खराब है इससे देश और समाज के बंटने का खतरा है। देश के लोगों को रोजगार समाजिक सौहार्द उन्नत कृषि इत्यादि की जरूरत है। इसके स्थान पर केन्द्रीय सरकार मात्र सुनहले और भ्रामक सपने दिखा रही है। बिहार की मौजूदा राजनीतिक हालात बाबत श्री यादव ने कहा संशय में शासन का रहना एक खतरनाक संकेत है। ध्रुवीकरण और तुष्टीकरण एवं बदले की भावना से राजनीति करना एक बेहद खराब प्रवृत्ति है। समाजवादी पार्टी सदस्यता अभियान के संबंध में श्री यादव ने कहा की प्रथम फेज में समाजवादी पार्टी ने दो लाख लोगों सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। अबतक एक लाख पच्चीस हजार बन चुके है। जुलाई 30 तक लक्ष्य पुरा हो जाना है। इसके बाद वे एक राज्य स्तरीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर लगाऐंगे और बारह अक्टूबर से मुद्दा आधारित आंदोलन शुरू करेंगे। पुर्व विधायक राम कुमार यादव ने कहा की समाजवादी पार्टी ही देश क भला कर सकती हैं। पार्टी के जिला महामंत्री संजय कुमार यादव  ने कहा कि अंधराठाढी प्रखंड में सदस्य बनाने का लक्ष्य पुरा हो गया हैं। बैठक में सुरेश चंद्र चौधरी, सुनील कुमार मंडल, विशुनदेव यादव, लक्ष्मी साह, चंद्रकांत चौधरी, महानन्द यादव, कृष्ण नारायण यादव, महानन्द यादव, रामसुदिष्ट यादव, मुन्ना चौधरी,आदि दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।

नीतीश दूध के धुले नहीं, भ्रष्टाचार पर उनका जीरो टॉलरेंस एक ढ़ोंग : शिवानंद तिवारी

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पटना 26 जुलाई, बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के दो बड़े घटक दल राष्ट्रीय जनता दल(राजद) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की बैठक से पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जीरो टॉलरेंस को ढ़ोंग बताया और कहा कि वह दूध के धुले नहीं हैं और यदि भेद खुला तो सारे गड़े मुर्दे को उखाड़ देंगे । श्री तिवारी ने आज यहां राजद अध्यक्ष से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सिर्फ प्राथमिकी दर्ज होने से कोई दोषी नहीं हो जाता है। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है। यदि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई होती है तो राजद के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे । उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि मुख्यमंत्री के लोग बोल रहे हैं कि श्री तेजस्वी यादव अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई दें । क्या श्री नीतीश कुमार कोई कोर्ट है या केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनको आउटसोर्स किया है। पूर्व सांसद ने कहा कि वह श्री नीतीश कुमार को 40 सालों से जानते हैं। भ्रष्टाचार पर उनका जीरो टोलरेंस एक ढोंग है। उन्होंने कहा,“नीतीश क्या दूध के धुले हैं । यदि भेद खुला तो सारे गड़े मुर्दे उखड़ेंगे।”

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