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विशेष : हदों को तोड़ती “लिपस्टिक अंडर माई बुर्का”

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बॉलीवुड की ज्यादातर फिल्में दर्शकों से अपना दिमाग सिनेमा हाल से बाहर छोड़ देने की मांग करती हैं लेकिन “लिपस्टिक अंडर माई बुर्का” साल भर में रिलीज हुई उन चुनिन्दा फिल्मों में से हैं जो आपसे मनोरंजन के साथ–साथ सोचने की भी मांग करती है. हमारे समाज में मर्द ही हैं जो जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं के लिये “कोड आफ कंडक्ट” तय करते हैं. यहां औरतों के खुद की मर्ज़ी की कोई बख़त नहीं है. इसलिए महिलायें जब भी समाज द्वारा बनाये गये बंधनों और ढ़ांचे को तोड़ कर बाहर निकल निकलती हैं तो समाज इसे बर्दाश्त नहीं कर पाता है फिर वो चाहे फिल्म में ही क्यों ना हो. “लिपस्टिक अंडर माई बुर्का” को उसके बोल्ड विषय ने विवादित बना दिया और लोग इसे लड़कियों को बर्बाद करने वाली फिल्म बताने लगे. परम संस्कारी और हर दूसरी बात पर आहत हो जाने वाले भारतीय समाज में ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्क़ा'जैसी  फिल्में बनाकर उसे रिलीज करना कितना मुश्किल भरा काम है यह इस फिल्म के मेकरों से बेहतर कौन बता सकता है, इसके लिये उन्हें सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के साथ लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी.यह फिल्म सेंसर बोर्ड के मुखिया पहलाज निहलानी द्वारा जताये गये ऐतराजों के बाद चर्चा में आई थी जिसमें उनकी मुख्य आपत्ति थी कि एक महिला प्रधान फिल्म में औरतों की फेंटसी दिखाई गयी है जिससे हमारे समाज पर बुरा असर पड़ेगा. सेंसर बोर्ड के इस रुख की वजह से इस फिल्म को अपने रिलीज के लिए संघर्ष करना पड़ा.


जीवन के अन्य भागों की तरह कला, साहित्य और फिल्मों पर भी पुरुषवादी नजरिया हावी रहती है और सेक्स को तो मर्दों की बपौती माना जाता है. यहां सब कुछ मर्द ही तय करते हैं, दरअसल पुरुषों के लिये यौनिकता सदियों से स्त्रियों पर नियंत्रण का सबसे बड़ा हथियार रहा है. “लिपस्टिक अंडर माई बुर्का” इन्हीं सवालों से टकराती है. यह महिलाओं के आकांक्षाओं की कहानी है फिर वो चाहे किसी भी उम्र, धर्म या समाज की हों. यह औरतों के इच्छाओं और अभिलाषाओं की एक यात्रा है. फिल्म में लिपस्टिक्स और बुर्के को इच्छाओं व पितृसत्तात्मक नजरिये के रूपक के तौर पर दिखाया गया है. फिल्म की कहानी भोपाल जैसे मध्यम शहर में रहने वाली चार महिलाओं की है जो अपने परिवार और समाज की रवायतों की बंदिशों में जकड़ी हुई है. ये चारों अलग-अलग उम्र की हैं लेकिन अपनी छिपी इच्छाओं और अभिलाषाओं को हक़ीक़त बनाने की इनकी कोशिश में समानता है, फिर वो चाहे वित्तीय स्वतंत्रता,गायक बनने की,बड़े शहर में जाने की हो या बस जीवन को पूरी तरह से खुल कर जीने की हो. 

विधवा ऊषा (रत्ना पाठक) हवाई महल नाम के एक पुरानी इमारत की मालकिन हैं, जहाँ शिरीन (कोंकणा सेन शर्मा), लीला (अहाना कुमरा) और रिहाना (पलबिता बोरठाकुर) किराये पर रहती हैं.चारों की कुछ छिपे सपने हैं जिसे वे पूरा करने की कोशिश करती है, शिरीन का पति (सुशांत सिंह) उसे सिर्फ इस्तेमाल की चीज समझता है लेकिन वो छुपकर एक सेल्स गर्ल की नौकरी करती है. लीला एक फोटोग्राफर से प्यार करती है लेकिन उसकी मां ने उसकी शादी एक दूसरे लड़के के साथ तय कर दी है. रिहाना एक बुरखा सिलने वाले दर्जी की बेटी बनी हैं जो घर से कॉलेज के लिए निकलती तो बुरखा पहन कर है लेकिन कॉलेज में बुरखा बैग में रखकर जींस-टॉप में घूमती है, ‘जींस का हक, जीने का हक’ जैसे नारे लगाती है और माइली सायरस को अपना आदर्श मानती है. उषा जी जो 55 साल की विधवा हैं जिन्हें आस पास के सभी लोग बुआ जी कहते हैं, उनका यौन अस्तित्व समाज में स्वीकार्य नहीं है लेकिन वे अकेलेपन से छुटकारा पाने की कोशिश करती हैं. इन्हीं चारों किरदारों के इर्दगिर्द पूरी फिल्म घूमती है और अपने अंदाज से सारे हदों को तोड़ती जाती है. समाज की ढ़ोंगी नैतिकताओं और महिलाओं को पीछे रखने वाली सोच पर सवाल करते हुए यह आपको चौंकाती और झकझोरती है. फिल्म में सभी कलाकारो का अभिनय प्रभावशाली है और सभी अपने किरदार में फिट नजर आते हैं जहाँ रत्ना पाठक और कोंकणा सेन शर्मा का अभिनय अपने बुलंदी पर है तो वही आहना कुमरा, प्लाबिता बोरठाकुर भी चौकाती हैं. 


फिल्म की डायरेक्‍टर अलंकृता श्रीवास्तव दिल्ली के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय से मास कम्‍युनिकेशन में पोस्‍ट ग्रेजुएट हैं और वे लम्बे समय तक प्रकाश झा के साथ बतौर सहायक निर्देशक काम कर चुकी हैं. यह उनकी दूसरी फिल्म है इससे पहले 2011 में उनकी 'टर्निंग 30 नाम से एक फिल्म आ चुकी है. वे हिम्मती है और जोखिम लेना जानती हैं, सेंसर बोर्ड द्वारा  “लिपस्टिक अंडर माई बुर्का” को प्रमाणित करने से इनकार करने पर उन्होंने कहा था कि “मैं पराजित या निराश नहीं हूं”. अगर उन्होंने अपनी यही गति बनाये रखी तो आने वाले दिनों में वे पुरुषवादी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को एक नया नजरिया दे सकती हैं.





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जावेद अनीस 
Contact-9424401459
javed4media@gmail.com

अदालत नहीं पहुंचे लालू के गवाह

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रांची 27 जुलाई, अरबो रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव आज जहां रांची स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में सशरीर उपस्थित हुए वहीं उनके दो गवाह अदालत नहीं पहुंचे। चारा घोटाले के विभिन्न मामलों में श्री यादव की 28 एवं 29 जुलाई को भी पेशी होनी थी लेकिन अदालत की ओर से उन्हें इन दो तारीखों में व्यक्तिगत पेशी से छूट मिल गयी और वे वापस पटना लौट गये। सीबीआई की विशेष अदालत में आज श्री यादव की ओर से दो गवाह सदानंद सिंह और राजेंद्र खां की गवाही होनी थी लेकिन दोनों न्यायालय नहीं पहुंचे। राजद अध्यक्ष के खिलाफ चारा घोटाले से जुड़े आरसी 64ए/96, आरसी 68ए/96, आरसी 38ए/96 और आरसी47ए/96 मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई चल रही है। ये मामले क्रमशः देवघर, चाईबासा, दुमका और डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी का है। 

नागपंचमी : सात पीढियों की रक्षा करेंगे नाग देवता

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नागपंचमी मानव मित्र सर्पों का विनाश रुकवाने, शत्रुता खत्म करने और सद्भाव बढ़ाने का पर्व है। इस दिन नागों की पूजा करने से आध्यात्मिक शक्ति और धन की प्राप्ति होती है। यही वजह है कि इस दिन नाग मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है। कहा जाता है कि आज के दिन यदि नाग के दर्शन हो जाए तो पूजा सफल हो जाती है। इस बार नागपंचमी 27 जुलाई गुरुवार को है। क्योंकि 27 जुलाई 2017 को प्रातः 7.05 बजे तक भद्रा लगी हुई है, इसलिए इस दौरान पूजा ना करें। पंचमी तिथि प्रातः 7.05 बजे प्रारंभ होगी, जो 28 जुलाई को सुबह: 6. 38 बजे तक रहेगी। मान्यता है इस बार ऐसा संयोग है जिस किसी ने भी अगर विधि-विधान से पूजा कर ली तो उसके सात पीड़ियों की रक्षा करेंगे नाग देवता   


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वैसे भी सर्प भारतीय संस्कृति और जीवन दर्शन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। कहते हैं सर्प वायु पीता है अर्थात वायुमंडल की संपूर्ण विषाक्तता को स्वयं ग्रहण कर वह मानव व अन्य जीव-जंतुओं के लिए स्वच्छ पर्यावरण प्रदान करता है। शायद इसीलिए नाग कल्याणकारी शिव को सर्वाधिक प्रिय है। उन्होंने बासुकी नाग को अपने गले का हार बना लिया। इसलिए नाग भी देवता के रूप में पूजे जाने लगे। शिव ने स्वयं भी तो समुद्र मंथन से निकलेे विष को जगत के कल्याण के लिए अपने कंठ में धारण कर लिया। बौद्ध साहित्य में भी उल्लेख है कि बासुकी नाग भगवान बुद्ध का उपदेेश सुनने के लिए अपनी प्रजाति के साथ आता था। रामायण और महाभारत में भी बासुकी की कथाओं का उल्लेख है। शास्त्रों में पाताललोक को नागलोक के रूप में मान्यता दी गयी है। कहते हैं नागदेवता की पूजा से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलता है। इस दिन महिलाएं नाग देवता की आराधना के साथ परिवार की सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना करती हैं। इस व्रत के प्रताप से कालभय, विषजन्य मृत्यु और सर्पभय नहीं रहता। नागपंचमी के व्रत का सीधा सम्बन्ध उस नाग पूजा से भी है जो शेषनाग भगवान शंकर और भगवान विष्णु की सेवा में तत्पर है। इनकी पूजा से शिव और विष्णु पूजा के तुल्य फल मिलता है। नागपंचमी के दिन भगवान शिव के विधिवत पूजन से हर प्रकार का लाभ प्राप्त होता है। नागपंचमी के दिन नागदेवता का दूध से अभिषेक कर पूजा करने से परिवार पर उनकी कृपा बनी रहती है। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु नागदेवता की पूजा करते हैं, नागदेव उनके परिवार के सदस्य की रक्षा करते हैं। परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु नाग के डंसने से नहीं होती। मान्यता है कि इस शुभ तिथि के दिन सृष्टि के अनुष्ठाता ब्रह्मा ने शेषनाग को पृथ्वी का भार धारण करने का आदेश दिया था।

शेषनाग के फन पर टिकी है पृथ्वी 
कहते हैं इस दिन नागों की पूजा करने का विधान है। हिन्दू धर्म में नागों को भी देवता माना गया है। महाभारत आदि ग्रंथों में नागों की उत्पत्ति के बारे में बताया गया है। महाभारत के अनुसार महर्षि कश्यप की तेरह पत्नियां थीं। इनमें से कद्रू भी एक थी। कद्रू ने अपने पति महर्षि कश्यप की बहुत सेवा की, जिससे प्रसन्न होकर महर्षि ने कद्रू को वरदान मांगने के लिये कहा। कद्रू ने कहा कि 1 हजार तेजस्वी नाग मेरे पुत्र हों। महर्षि कश्यप ने वरदान दे दिया जिसके फलस्वरूप सर्पों की उत्पत्ति हुई। इनमें शेषनाग, वासुकि, तक्षक आदि प्रमुख थे। कद्रू के बेटों में सबसे पराक्रमी शेषनाग थे। इनका एक नाम अनन्त भी है। शेषनाग ने जब देखा कि उनकी माता व भाइयों ने मिलकर ऋषि कश्यप की एक और पत्नी के साथ छल किया है तो उन्होंने अपनी मां और भाइयों का साथ छोड़कर गंधमादन पर्वत पर तपस्या करनी आरम्भ की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा ने उन्हें वरदान दिया कि तुम्हारी बुद्धि कभी धर्म से विचलित नहीं होगी। ब्रह्मा ने शेषनाग को यह भी कहा कि यह पृथ्वी निरंतर हिलती-डुलती रहती है। अतः तुम इसे अपने फन पर इस प्रकार धारण करो कि यह स्थिर हो जाय। इस प्रकार शेषनाग ने सम्पूर्ण पृथ्वी को अपने फन पर धारण कर लिया। क्षीर सागर में भगवान विष्णु शेषनाग के आसन पर ही विराजित होते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण व श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम शेषनाग के ही अवतार थे। 

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नागों की मां थी सुरसा 
रामायण में सुरसा को नागों की माता और समुद्र को उनका अधिष्ठान बताया गया है। महेन्द्र और मैनाक पर्वतों की गुफाओं में भी नाग निवास करते थे। हनुमान जी द्वारा समुद्र लांघने की घटना को नागों ने प्रत्यक्ष देखा था। नागों की स्त्रियां अपनी सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध थी। रावण ने कई नाग कन्याओं का अपहरण किया था। प्राचीन काल में विषकन्याओं का चलन भी कुछ ज्यादा ही था। इनसे शारीरिक सम्पर्क करने पर व्यक्ति की मौत हो जाती थी। ऐसी विषकन्याओं को राजा अपने राजमहल में शत्रुओं पर विजय पाने तथा षड्यंत्र का पता लगाने हेतु भी रखा करते थे। रावण ने नागों की राजधानी भोगवती नगरी पर आक्रमण करके वासुकि, तक्षक, शंक और जटी नामक प्रमुख नागों को परास्त किया था। कालान्तर में नाग जाति चेर जाति में विलीन हो गयी जो ईस्वी सन के प्रारम्भ में अधिक समपन्न हुई थी। 

जब दी गयी सर्पो की आहुति 
कहा जाता है कि अभिमन्यु के बेटे राजा परीक्षित ने तपस्या में लीन ऋषि के गले में मृत सर्प डाल दिया था। इस पर ऋषि के शिष्य श्रृंगी ऋषि ने क्रोधित होकर श्राप दिया कि यही सर्प सात दिनों के पश्चात तुम्हें जीवित होकर डस लेगा। ठीक 7 दिनों के पश्चात उसी तक्षक सर्प ने जीवित होकर राजा को डसा। तब क्रोधित होकर राजा परीक्षित के बेटे जन्मजय ने विशाल सर्प यज्ञ किया जिसमे सर्पों की आहुतियां दी। इस यज्ञ को रुकवाने हेतु महर्षि आस्तिक आगे आये। उनका आगे आने का कारण यह था कि महर्षि आस्तिक के पिता आर्य और माता नागवंशी थी। इसी नाते से वे यज्ञ होते देख न सके। सर्प यज्ञ रुकवाने, लड़ाई को खत्म करने, पुनः अच्छे सम्बन्धों को बनाने हेतु आर्यों ने स्मृति स्वरूप अपने त्योहारों में सर्प पूजा को एक त्योहार के रूप में मनाने की शुरुआत की। 


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खेतों की रक्षक है नाग 
भारत में नागों को खेत की रक्षा करने वाला बताया गया है। यहां नागों को क्षेत्रपाल भी कहा जाता है। जीव-जंतु जो फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, सांप उन्हें खाकर खेतों को हरा-भरा रखने में मदद करते हैं। नागपंचमी के दिन लोग नाग देवता का सत्कार करते हैं और इनकी पूजा करते हैं।

पूजन की विधि 
इस दिन लोगों को नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करना चाहिये। पूजन के लिए सेंवई-चावल का ताजा भोज बनाना चाहिये। इसके बाद घर में दीवाल पर गेरू पोतकर पूजन के लिए स्थान बनाना चाहिये। कच्चे दूध में कोयला घिसकर उससे गेरू पुती दीवाल पर घर जैसी आकृति बनानी चाहिये और इस आकृति के भीतर कई नागों की आकृतियां बनानी चाहिये। सबसे पहले निकटतम नाग की बांबी में एक कटोरा दूध चढ़ाना चाहिये। इसके बाद दीवाल पर बनाये गये नाग देवता की कच्चा दूध, दही, दूर्वा, कुशा, गंध, अक्षत, पुष्प, जल, रोली और चावल से पूजा करनी चाहिये। इसके बाद आरती कर नागपंचमी की कथा सुनने से भक्तों को नागपंचमी की पूजा का लाभ मिलता है। 

घरों में नहीं चढ़ता तवा
परम्परा के अनुसार नागपंचमी के दिन घर-घर में नागदेवता का पूजन किया जाता है। महिलाएं नागदेवता की पूजा करने के साथ ही वर्षों पुरानी परम्परा को आज भी बरकरार रखी है। जिसके चलते घर में तवा भी नहीं चढ़ाया जाता और न ही चावल बनाये जाते हैं। केवल दाल-बाटी जैसे व्यंजन का उपयोग होता है। इसलिये घर-घर में दाल-बाटी ही बनती है। साथ ही चाकू या कैंची का उपयोग भी नहीं किया जाता। इस दिन केवल गुड़ की मिठाई का भोग लगाने का विशेष महत्व है।

नहीं होती खुदाई ं
इस दिन पृथ्वी की खुदाई करना वर्जित है। भोले भण्डारी नागपंचमी के दिन अपनी झोली से विषैले जीव को भूमि पर विचरण के लिये छोड़ देते हैं और जन्माष्टमी के दिन पुनः अपनी झोली में समेट लेते हैं। इस मास में भूमि पर हल नहीं चलाना चाहिये। मकान बनाने के लिये नींव भी नहीं खोदनी चाहिये। इस दिन किसी सपेरे से नाग खरीदकर उसे खुले जंगल में छोड़ने से शांति मिलती है। पूजा में चंदन की लकड़ी का प्रयोग अवश्य करें।

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जब सांप ने बनाया बहन 
कहावत है कि एक सेठ के सात बेटे थे। सातों की शादी हो चुकी थी। सबसे छोटे बेटे की पत्नी काफी सुंदर, सुशील और ज्ञानी थी। लेकिन उसका कोई भाई नहीं था। एक दिन बड़ी बहु के साथ सभी बहुएं घर लीपने के लिए मिट्टी लाने गईं। मिट्टी निकालते समय वहां एक सांप नजर आया। जिसे देखते ही बड़ी बहु हाथ में मौजूद खुरपी से उसपर वार करने लगी। यह देख छोटी बहु चिल्ला पड़ी और बड़ी बहु से विनती कर बोली कि इसका अपराध क्या है, इसे न मारो। अगले दिन छोटी बहू को अचानक याद आया कि उसने सर्प से वहीं रुकने को कहा था। वह दौड़ती हुई वहां पहुंची तो देखी कि सांप वहीं बैठा है। वह बोली, भैया मुझे माफ करना। मैं भूल गई थी कि आपको मैंने यहां रुकने के लिए कहा था। सांप ने कहा, अब आज से तुम मेरी बहन हुई तो जो हुआ उसके लिए मैं तुम्हें माफ करता हूं। अब तुम्हें जो चाहिए वह मुझसे मांग लो। छोटी बहू ने कहा कि मुझे कुछ नहीं चाहिए। आप मेरे भाई बन गए, मुझे सबकुछ मिल गया। कुछ दिन बीत जाने के बाद वही सांप मनुष्य का रूप लेकर बहू के घर आया और परिवार वालों से कहा कि मेरी बहन को मेरे साथ कुछ समय के लिए भेज दें। घरवालों ने कहा कि इसका तो कोई भाई था ही नहीं तो तू कौन हैं। उसने कहा कि मैं दूर का भाई लगता हूं और जब छोटा था तभी मैं गांव से बाहर चला गया था। घरवालों को यकीन हो जाने के बाद अपनी बहन को लेकर वह अपनी घर की ओर चल पड़ा। रास्ते में बहुन को याद दिलाते हुए उस मनुष्य ने कहा कि बहन तुम डरना मत। मैं वही सर्प हूं और चलने में कोई भी दिक्कत हो तो बस मेरी पूंछ पकड़ लेना। सर्प के घर पहुंचकर उसने देखा कि उसके घर खूब धन-सम्पत्ति है। एक दिन सांप की मां कहीं जा रही थी तो उसने सांप को ठंडा दूध पिलाने को उससे कहा। वह भूल गई और गर्म दूध उसे पिला दिया। जिससे सांप का मुंह जल गया। जब मां लौटकर आई तो काफी नाराज हुई। लेकिन बेटे के कहने पर उसने उसे माफ कर दिया। फिर, उसे बहुत सारा धन-सम्पत्ति, सोना-चांदी, हीरे-जवाहरात आदि देकर अपने घर विदा कर दिया। इतना सारा धन देख छोटी बहू के ससुराल वाले हैरान थे। सांप ने अपनी बहन को हीरा और मणि से जड़ा एक हार लाकर दिया। उस हार के बारे में सुन नगर की रानी राजा से इसे मंगाने का जिद कर बैठी। यह हार मंत्री को कहकर मंगा तो लिया गया, लेकिन जैसे ही रानी ने इसे पहना वह हार सांप बन गया। राजा ने इसे छोटी बहू का जादू समझकर उसे हवेली बुलवाया। जैसे ही यह हार छोटी बहू ने अपने गले में डाला यह फिर हीरे और मणियों का बन गया। राज ने सच्चाई जानकर उसे बहुत सारा धन-संपत्ति देकर विदा कर दिया। घर में छोटू बहू को सोने-चांदी से लदा देख बड़ी बहुओं को ईष्र्या होने लगी तो वे उसपर तरह-तरह के लांछन लगाने लगीं और उसके पति से पूछने को कहा कि वह इतना धन-संपत्ति कहां से लाई है। पत्नी ने पति से सब सच-सच बता दिया। यह बता ही रही थी कि सांप उसी समय प्रकट हुआ और उसने कहा कि जो भी मेरी बहन के चरित्र पर शक करेगा उसे में डस लूंगा। छोटी बहू के पति ने माफी मांगी और सर्प देवता का खूब आदर-सत्कार किया। उसी दिन से यह नागपंचमी का त्योहार मनाया जाने लगा। कहते हैं महिलाएं सांप को भाई मानकर नागदेवता की पूजा किया करती हैं।





(सुरेश गांधी)

विशेष : आत्‍मा कुर्सी की होती है, जो कभी ‘अंतरात्‍मा’ हो जाती है तो कभी ‘बहिर्आत्‍मा‘

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भाजपा के साथ नयी पारी शुरू करने के पहले ही सत्र में आज मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा स्थित अपने कक्ष में ‘आत्‍मा’ की तलाश कर रहे थे। वह आत्‍मा जो कुर्सी की होती है। एक गठबंधन के साथ आत्‍मा मर जाती है और दूसरे गठबंधन के साथ सजीव हो जाती है। बात जदयू सांसद अली अनवर और महेश्‍वर यादव की आत्‍मा की हो रही थी। नीतीश कुमार की अंतरात्‍मा के साथ इन लोगों की अंतरात्‍मा भी हिलोरे खा रही थी।

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मुख्‍यमंत्री करीब साढ़े 10 बजे विधान सभा स्थित अपने कक्ष में पहुंचे। उनके पीछे-पीछे विधायकों का जत्‍था जुटने लगा। दर्शन और आशीर्वाद के साथ विधायक आ-जा रहे थे। इसी बीच उपमुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी आये। उनके साथ भाजपा विधायकों का काफिला आया। मुख्‍यमंत्री ने उनका स्‍वागत किया। थोड़ी देर बैठने के बाद सुशील मोदी यह कहकर चले गये कि हम हाउस में ही आते हैं। सीएम कक्ष में सांसद आरसीपी सिंह, हरिवंश सिंह, रामनाथ ठाकुर, कहकशां परवीन के अलावा एकाध एमएलसी भी मौजूद थे। मुख्‍य सचिव अंजनी कुमार सिंह, गृहसचिव आमिर सुबहानी, डीजीपी पीके ठाकुर के साथ सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार समेत सीएम सचिवालय के कई अधिकारी मौजूद थे। विधान पार्षद संजय गांधी नीतीश कुमार के निर्देश का पालन कर रहे थे। सीएम कक्ष में काफी देर तक विभिन्‍न मुद्दों पर चर्चा होती रही। घंटी बजने के बाद सीएम सदन के लिए प्रस्‍थान किये।

हम भी प्रेस दीर्घा में घुसे। खचाखच भीड़। सभी की नजर स्‍पीकर विजय कुमार चौधरी की ओर थी। उन्‍होंने कार्यवाही की शुरुआत की। उन्‍होंने सदन के नेता नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्‍वी प्रसाद यादव को घोषित किया। इसके बाद मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्‍वास का प्रस्‍ताव सदन में रखा। तय कार्यक्रम के अनुसार, इस पर चर्चा की शुरुआत भाजपा के नंदकिशोर यादव को करनी थी। लेकिन विश्‍वास प्रस्‍ताव के बाद नेता विरोधी दल तेजस्‍वी यादव ने बोलना शुरू किया। उन्‍होंने खूब बोला और आक्रमक तरीके से बोला। नीतीश कुमार और सुशील मोदी पर हमला जमकर बोला। इस जोश में उन्‍होंने असंसदीय शब्‍द का इस्‍तेमाल भी किया, जिसे कार्यवाही से निकालने की घोषणा स्‍पीकर ने की। सत्‍ता पक्ष की ओर नंद किशोर यादव ने तेजस्‍वी यादव पर हमला किया। इसके बाद कांग्रेस के सदानंद सिंह ने विश्‍वासमत के खिलाफ बोला। सुशील मोदी ने भी बेनामी संपति को लेकर तेजस्‍वी पर हमला किया। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का भाषण भी भाजपा के ‘सुर-ताल’ का विस्‍तार था। मुसलमानों के लिए किये गये कामों का जरूर उल्‍लेख किया। सत्‍ता पक्ष के तीनों नेताओं का भाषण संक्षित्‍प ही था।


स्‍पीकर ने पहले ध्‍वनि मत से मत विभाजन कराया, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण लॉबी डिविजन हुआ। इसके अनुसार, विश्‍वास मत के पक्ष में 131 और विपक्ष में 108 मत पड़े। परिणाम की घोषणा के बाद विधान सभा की बैठक अनिश्चित काल के लिए स्‍थगित कर दी गयी। विश्‍वास मत पर लॉबी डिविजन इससे पहले 1997 में हुआ था, जब राबड़ी देवी सरकार को बहुमत हासिल करना था। सदन से बाहर निकलते हुए नीतीश का नया नामकरण ‘नीतीश मोदी’ हो गया। इस नाम से जयकारे भी लगे। बैठक स्‍थगित होने के बाद सीएम कक्ष में फिर आशीर्वादियों की लाइन लगी हुई थी। सुशील मोदी भी मौजूद थे। कक्ष में बढ़ी भीड़ को देखते हुए नीतीश व सुशील बाहर निकले और ‘मॉव फेसिंग’ के लिए परिसर में निकले। बाहर में कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद नीतीश फिर अपने कक्ष में वापस आये, जबकि सुशील प्रस्‍थान कर चुके थे। सीएम के साथ फिर काफिला जुटा। इस बीच सीएम की गाडि़यों का काफिला पोर्टिको में पहुंच गया था। अपने कक्ष से नीतीश निकल रहे थे। इस बीच पत्रकारों ने कुछ पूछना चाहा तो नीतीश ने कहा कि रुकिये न, हम खुद पितपिताये हैं। बोलेंगे और खूब बोलेंगे। पहले हम बोलेंगे तब आप लोग सवाल पूछिएगा। मंत्री परिषद के विस्‍तार से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि आपको ज्‍यादा दिन इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ नीतीश बाहर निकल गये और हम नाश्‍ता की तलाश में कैंटिन की ओर निकले।




साभार : वीरेंद्र यादव

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 28 जुलाई

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कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक द्वारा पुल-पुलियों का जायजा

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कलेक्टर श्री अनिल सुचारी और पुलिस अधीक्षक श्री विनीत कपूर ने आज संयुक्त रूप से अतिवर्षा के कारण बेतवा और बैस नदी के मार्ग के पुलो के ऊपर वर्षारूपी जलभराव के कारण आवागमन बंद होने के कारण चरणतीर्थ और बैसनगर क्षेत्र का जायजा लिया। कलेक्टर श्री सुचारी ने यहां तैनात सुरक्षाकर्मियो को स्पष्ट निर्देश दिए कि जब तक पुल के ऊपर पानी बह रहा है। तब तक किसी को भी पार ना करने दें। उन्होंने पुल के दोनो तरफ बेरिकेट्स लगाए रखने, चैबीस घंटे कर्मचारी तैनात रहने एवं रात्रि में रेडियमयुक्त डेªस व छड़ी से आवागमन को रोेके रखने की सख्त हिदायत दी है। पुलिस अधीक्षक श्री कपूर ने पुलिसकर्मियों से कहा कि वे मुस्तैद रहे किसी भी प्रकार की हानि ना हो के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित करें। जलभराव क्षेंत्रो पर सतत निगरानी रखें। किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होने की संभावना हो तो अविलम्ब सूचित करें। भ्रमण के दौरान एसडीएम श्री आरपी अहिरवार, सीएसपी श्री नागेन्द्र पटेरिया, डिस्ट्रिक्ट कमाण्डेट होमगार्ड श्री सुनीत मिश्रा के अलावा अन्य विभागोें के अधिकारी साथ मौजूद थे।


मीडिया कार्यशाला आज

विश्व स्तनपान सप्ताह आयोजन के परिेपेक्ष्य में एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन 29 जुलाई शनिवार को प्रातः 11.30 बजे से कलेक्टेªट के सभाकक्ष में आयोजित की गई है। ज्ञातव्य हो कि जिले में भी एक अगस्त से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। जिले के मीडियाबंधुओं से महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री बृजेश शिवहरे ने अपील की है कि मीडियाकर्मी कार्यशाला में शामिल होकर विश्व स्तनपान सप्ताह जागरूकता के क्षेत्र में आपका योगदान सार्थक हो। 

प्रथम रेण्डमाइजेशन आज

नगर परिषद शमशाबाद में अध्यक्ष को वापिस बुलाए जाने हेतु मतदान प्रक्रिया 11 अगस्त को होगी। कि जानकारी देते हुए उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा ने बताया कि नगर परिषद शमशाबाद के मतदान केन्द्रों में उपयोग की जाने वाली ईव्हीएम मशीनो का प्रथम रेण्डमाइजेशन जिला मुख्यालय पर 29 जुलाई की दोपहर तीन बजे से जिला सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) में आयोजित किया गया है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने समस्त मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के जिलाध्यक्ष, सचिव को पत्र प्रेषित कर ईव्हीएम मशीनों के प्रथम स्तरीय रेण्डमाईजेशन के अवलोकन हेतु नियत दिनांक एवं स्थल पर उपस्थित हो ताकि क्रियान्वित प्रक्रिया से भलीभांति अवगत हो सकें। 

जिले मंे 494.2 मिमी औसत वर्षा हुई

जिले की तहसीलों में स्थापित वर्षामापी यंत्रो पर शुक्रवार की प्रातः आठ बजे दर्ज की गई वर्षा की जानकारी देते हुए अधीक्षक भू-अभिलेख श्रीमती सविता पटेल ने बताया कि शुक्रवार को जिले में 36 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है जबकि एक जून से आज दिनांक 28 जुलाई तक 494.2 मिमी औसत वर्षा हो चुकी है। उक्त अवधि में गतवर्ष 726.6 मिमी औसत वर्षा हुई थी। ज्ञातव्य हो कि जिले की सामान्य वर्षा 1075.2 मिमी है।  शुक्रवार को तहसीलवार दर्ज की गई वर्षा तदानुसार विदिशा में 68 मिमी, बासौदा में 222.2 मिमी, कुरवाई में 20.4 मिमी, सिरोंज में 19 मिमी, लटेरी में 37 मिमी, ग्यारसपुर में 52 मिमी, गुलाबगंज में 40 मिमी और नटेरन तहसील में 29 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।


आर्थिक मदद जारी

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने पांच प्रकरणों में आर्थिक मदद के आदेश जारी कर दिए हैै। मृतकों के परिजनों को आरबीसी के तहत प्रत्येक प्रकरण में क्रमशः चार-चार लाख रूपए की आर्थिक मदद जारी की गई है। नटेरन तहसील के ग्राम सिरसी के श्री अजय सिंह गुर्जर की मृत्यु कुंए में डूबने से हो जाने के कारण मृतक के पिता श्री गंधर्व सिंह को एवं ग्राम खैराई की श्रीमती आरती रघुवंशी की मृत्यु सर्पदंश से हो जाने के कारण मृतिका के पति श्री सुनील रघुवंशी को तथा सिरोंज तहसील के ग्राम जमालपुर की कुमारी रजनीबाई की मृत्यु मकान की दीवाल गिरने से हो जाने के कारण मृतिका के पिता श्री करन सिंह पारधी को तथा विदिशा तहसील के ग्राम कागपुर निवासी कुमारी हरीबाई जाटव की मृत्यु सर्पदंश से होने के कारण मृतिका की मां श्रीमती शांतिबाई को और राजेन्द्र नगर गंजबासौदा तहसील  की कुमारी पिंकी की मृत्यु नदी में डूबने से हो जाने के कारण मृतिका के पिता श्री करन सिंह रायकवार को आर्थिक मदद जारी की गई है। 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अंतिम तिथि 16

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ 2017 में अऋणी व डिफाल्टर कृषको के फार्म जमा करने की अंतिम तिथि 16 अगस्त है कि जानकारी देते हुए किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक ने कृषको से आग्रह किया है कि वे अंतिम तिथि का इंतजार ना करते हुए शीघ्र ही अपने फार्म पास की बैंक शाखा में जमा कराए ताकि उनकी फसलों का बीमा योजना के तहत सुनिश्चित हो सकें। 

प्रीमियम
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सोयाबीन फसल के लिए प्रीमियम राशि 440 रूपए प्रति हेक्टेयर तथा उडद एवं मूंग के लिए क्रमशः 342 रूपए नियत है। भरे हुए फार्मो के साथ भू-अधिकार पुस्तिका की फोटो काॅपी, बोनी का प्रमाण पत्र संबंधित से प्राप्त कर पहचान पत्र के अंतर्गत आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड, पेन कार्ड इत्यादि से में से कोई एक इसके अलावा बैंक खाता की पासबुक फोटो काॅपी उपलब्ध करानी होगी। ततसंबंध में अन्य जानकारी के लिए कृषि, राजस्व, पंचायत विभाग के स्थानीय कर्मचारी से सम्पर्क किया जा सकता है। 

बीमा राशि शीघ्र मिलेगी
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक श्री पीके चैकसे ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ 2016 की बीमा राशि पांच सौ 72 करोड़ शीघ्र ही विदिशा जिले के बीमाधारी कृषकों को वितरित की जाएगी। 

नाक,कान,गला रोग निदान षिविर 30 जुलाई को

सेवाभारती भवन श्रीकृध्ण कालोनी दुर्गानगर में 30 जुलाई रविवार को सुबह11बजे से पूर्व पंजीकृत नाक,कान,गला,रोग से पीड.ीत मरीजों की जांच एंव चिकित्सा परामर्ष राकलैंड अस्पताल दिल्ली की डाॅ.मीना अग्रवाल डीएनवी द्वृारा की जायेगी। सेवा भारती के सचिव राजीव भार्गव ने ऐसे मरीज जिनके कान से मवाद आता हो,पर्दे में छेद की षंका हो,नाक की हडुी तिरछी हो,मुंह में हमेषा छाले बने रहते हों। इस षिविर का लाभ लेने के लिये अपना पंजीयन डाॅ जी के माहेष्वरी  किरी मौहल्ला में सिटी कोतवाली के पास करा सकते हैं। विदिषा से बाहर के मरीज अपना पंजीयन मोबाइ्रल नं.9425483315 पर करा सकते हैं।

किसानों के हित में कांग्रेस करेगी धरना प्रदर्षन और सौंपेगी ज्ञापन

विदिषाः ब्लाॅक कंाग्रेस कमेटी विदिषा नगर, ब्लाॅक कांग्रेस कमेटी विदिषा ग्रामीण, ब्लाॅक कंाग्रेस कमेटी गुलाबगंज एवं विदिषा जिले के समस्त ब्लाॅक कांग्रेस कमेटीयों द्वारा दिनांक 29.07.2017 दिन शनिवार को किसानों को 2015-16 में खराब हुई खरीफ एवं रवी की फसल की बीमा राषि दिलाये जाने को लेकर स्थानीय ए.डी.एम. बंगले के पास धरना प्रदर्षन किया जायेगा। धरना प्रदर्षन में सिरोंज विधायक श्री गोवर्धन उपाध्याय, बासौदा विधायक श्री निषंक जैन, म.प्र. कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव श्री शषांक भार्गव, महिला कांग्रेस, एन.एस.यू.आई., जिला कांग्रेस सेवादल सहित अन्य वरिष्ठ कांग्रेसजन उपस्थित रहेंगे। धरना उपरांत कलेक्टर महोदय को माननीय राज्यपाल महोदय के नाम ज्ञापन सौंपा जायेगा। धरना प्रदर्षन में समस्त प्रकोष्ठो के पदाधिकारियों, किसान भाईयों एवं कार्यकर्ताओं से उपस्थित होने की अपील की है।

गुलाबगंज में कंाग्रेस ने फॅूका मुख्यमंत्री और भाजपा अध्यक्ष का पुतला

विदिषाः पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भाजपा प्रदेष अध्यक्ष एवं अन्य नेताओं द्वारा दलित उत्पीड़न के झॅूठे आरोप लगाने के विरोध में ब्लाॅक कंाग्रेस कमेटी गुलाबगंज द्वारा गांधी चैक गुलाबगंज पर मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान एवं भाजपा प्रदेष अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चैहान का पुतला दहन किया। इस अवसर पर जन समूह को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता शषांक भार्गव ने कहा कि संघ और भारतीय जनता पार्टी की राजनीतिक आधारषिला झूॅठ पर आधारित है। अंग्रेजों के जमाने से झॅूठी अफवाहें फेलाने में फाॅसीवादी ताकतों को महारत हासिल है। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की लोकप्रियता से घबराकर मुख्यमंत्री षिवराजसिंह चैहान और भारतीय जनता पार्टी सिंधिया जी पर बेबुनियाद आरोप लगा रही है। इस अवसर पर पूर्व सरपंच प्रकाष गुप्ता, डाॅ. जी.आर. राय, किषनसिंह दांगी, जसवंतसिंह दंागी, बालमुकंुद पाल, थानसिंह, अब्दुल मजीद खान, रतनसिंह यादव, रईस अहमद कुरैषी, बिट्टू भदौरिया, अजय दांतरे, नंदकिषोर शर्मा, अजय कटारे, मोहरसिंह रघुवंषी, अनुज लोधी, अमित ठाकुर, रामराज दांगी, मलखानसिंह मीणा, संतोष गुर्जर, देवेन्द्र दांगी, किषोर रघुवंषी, देषराज रघुवंषी, कैलाष रघुवंषी, रामस्वरूप शर्मा, दीपक दुबे, पहलवानसिंह दांगी, रामबाबू रघुवंषी, जयराम दांगी, राम दांगी, शैलेन्द्र दांगी, रिंकू दांगी, संजीव दांगी, हरिओम शर्मा, विषाल दांगी, मयंक गुप्ता सहित सैकडों कांग्रेसजन उपस्थित रहे।  

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 28 जुलाई

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पदीय दायित्वों का निर्वहन न करने तथा  लापरवाही पाये जाने पर दो हुए निलंबित
  • नसरूल्लागंज के पीसीओ तथा सीहोर कोडियाछीतू के सचिव पर हुई कार्यवाही

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जनपद पंचायत नसरूल्लागंज के पंचायत समन्वयक अधिकारी श्री शंकरलाल धनवारे द्वारा प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के कार्यों मंे रूचि न लेने, आबंटित ग्राम पंचायतों का भ्रमण न करनें, ग्राम पंचायत मंे चल रहे विकास कार्यों मंे रूचि न लेने पर पदीय दायित्वों के प्रति लापरवाही मानते हुऐ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डाॅ0 केदारसिंह ने निलंबन आदेश जारी किया है। इसी प्रकार जनपद पंचायत सीहोर की ग्राम पंचायत कोडिया छीतू के सचिव श्री पूनमचंद्र तिवारी द्वारा बिना निर्माण कार्य कराये ग्राम पंचायत सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर कर सात लाख रूपये आहरित करने पर निलंबन की कार्यवाही की गई है। ग्राम पंचायत सचिव द्वारा प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के साथ निर्माण कार्यों मंे भी रूचि न लेने के साथ लापरवाही पायी गई। मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ0 केदारसिंह ने आदेश जारी करते हुऐ बताया कि ग्राम पंचायत कोडियाछीतू के सचिव श्री पूनमचंद्र तिवारी तथा नसरूल्लागंज के पंचायत समन्वयक अधिकारी श्री शंकरलाल धनवारे को म0प्र0 सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9-1 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि मंे श्री धनवारे का मुख्यालय जनपद पंचायत इछावर तथा श्री तिवारी का मुख्यालय जिला पंचायत सीहोर नियत किया गया है।


हेल्थ सुपरवाईजर्स करेंगे ई-निरीक्षण

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जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथोडे की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक कलेक्टेªट सभाकक्ष में गत दिवस आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर ने निर्देषित किया कि जिले में पदस्थ समस्त स्वास्थ्य सुपरवाईजर्स सप्ताह में दो दिन मैदानी क्षेत्रों में जाकर समस्त स्वास्थ्य योजनाओं की ई-माॅनीटंिरग एवं ई-रिपोर्टिंग करेंगे और निरीक्षण की सीधी रिपोर्ट कलेक्टर को उसी दिन शाम तक देंगे। कलेक्टर ने निर्देषित किया कि सभी चिकित्सक समय पर अपने-अपने कार्य स्थल पर उपस्थित होकर कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करें षिकायत पाए जाने पर संबंधित चिकित्सा अधिकारियों के विरूद्ध कडी कार्यवाही की जाएगी बल्कि उनके विरूद्ध मेडिकल काउंसिल इंडिया को भी लिखा जाएगा। उन्होंने निरंतर अवकाष पर चल रहे नसरूल्लागंज बीएमओ को तत्काल कार्य पर लौटने हेतु निर्देषित किया अन्यथा उनके विरूद्ध विभागीय जांच बिठाए  जाने के निर्देष दिए। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.आर.के.गुप्ता,जिला परिवार कल्याण अधिकारी डाॅ.डी.आर.अहिरवार,जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.टीआर उईके,जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ.एम.चंदेल, जिला आयुष अधिकारी डाॅ.आर.राजपूत, सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग, डीपीएम श्री धीरेन्द्र आर्य, जिला लेखा प्रबंधक श्री रमाकांत द्विवेदी, जिला मूल्यांकन अधिकारी श्री निलेष गर्ग, डिप्टी अधिकारी सुश्री उषा अवस्थी, जिला मीडिया सलाहकार श्री शैलेष कुमार,एपीडियोमीलाॅजिस्ट सुश्री रूचिरा उइके, जिला टीबी समन्वयक श्री कीर्ति सिंह सहित समस्त बीएमओ, डाॅ.बीबी शर्मा, डाॅ.प्रवीर गुप्ता,डाॅ.वीवी देषमुख, डाॅ. मनीष सारस्वत, समस्त सीडीपीओ, समस्त हेल्थ सपुरवाईजर्स, बीइई एवं अन्य विभागीय अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.आर.के.गुप्ता ने बताया कि कुपोषित बच्चों की सेहत ठीक करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के अमले को साथ मिलकर तथा समन्वय बनाकर काम करने के निर्देष दिए। कलेक्टर ने कहा कि समन्वित योजनाओं का लक्ष्य प्राप्त नहीं होनेे पर दोनों ही विभागों के सुरवाईजर्स तथा सीडीपीओ सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे। उन्होंने समीक्षा के दौरान कहा चिकित्सकों तथा समस्त जिम्मेदार अधिकारियों को अपने कार्य दायित्व का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन करना होगा आम हितग्राही का अहित किसी कर्मचारी के कारण होता है तो ऐसेे कर्मचारियों की वेतनवृद्धि रोकी जाएगी साथ ही ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार अपराधिक प्रकरण भी दर्ज किए जाएंगे। स्वास्थ्य समिति की बैठक में समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रमों की समीक्षा भी की गई। वर्ष 2017-2018 का पीआईपी भी अनुमोदित किया गया। रोगी कल्याण समिति की समीक्षा के दौरान उन्होंने जिला चिकित्सालय में सुलभ शौचालय बनाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की उन्होंने कहा कि इस पर तत्काल कार्य शुरू किया जाना चाहिए। जिला चिकित्सालय के वाहन स्टेण्ड,ओपीडी विंडो सहित महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के भी निर्देष दिए। उन्होंने कार्य में लापरवाही बरतने वाले नियमित एवं संविदा कर्मचारियांे की सूची तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देष सीएमएचओ को दिए जिससे उनके विरूद्ध कडी कार्यवाही की जा सकें। एसएनसीयू की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने षिषु मृत्यु दर कम करने पर जोर दिया । टीबी कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान खखार की जांच बढ़ाए जाने के निर्देष समस्त बीएमओ को दिए गए वहीं राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान निर्देषित किया कि स्वास्थ्य विभाग सहित महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी संयुक्त प्रयास कर नसबंदी का दिया गया लक्ष्य पूरा करने में समन्वय बनाकर कार्य करें। कलेक्टर ने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ निष्क्रिय एवं अक्रियाषील आषाओं को तत्काल हटाने के निर्देष दिए वहीं निर्देषित किया कि ब्लॅाकों में पदस्थ बीईई भी सुपरवाईजर्स के ई-निरीक्षण की समीक्षा कर रिपोर्ट मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से कलेक्टर को प्रस्तुत करेंगे। सफाई ठेकेदार द्वारा सफाई कर्मियों को कम वेतन दिए जाने का मुद्दा भी बैठक में उठा जिस पर कलेक्टर ने संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने तथा ठेके पर कार्यरत सफाई कर्मियों को कलेक्टर दर पर वेतन दिए जाने के निर्देष दिए। बैठक में रोगी कल्याण समिति,पीसीपी एंड डीटी,रेडक्राॅस सोसायटी के कार्यो की भी समीक्षा की गई तथा जरूरी दिषा निर्देष मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए गए। 

स्थायी समिति स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास की बैठक आज

सभापति स्थायी समिति स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास श्रीमती बबीता सिंह की अध्यक्षता में 29 जुलाई 2017 को दोपहर 12 बजे से कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कक्ष में विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई है। बैठक में समिति के सभी सदस्य सहित स्वास्थ्य कार्यक्रमों के समस्त नोडल अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला आयुष अधिकारी सहित समस्त बीएमओ, जिला कार्यक्रम प्रबध्ंाक एनएचएम, जिला लेखा प्रबंधक एनएचएम, जिला मूल्यांकन अधिकारी एनएचएम, जिला मीडिया सलाहकार, जिला आरबीएस केे समन्वयक, जिला स्तर के समस्त समन्वयकों को उपस्थित रहने के निर्देष सीएमएचओ ने द्वारा दिए गए है। बैठक में स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, आयुष विभाग की वर्ष 2017-2018 के प्रथम क्वाटर माह अप्रेैल से जून 2017 तक के लक्ष्य एवं उपलब्धि की समीक्षा की जाएगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा समिति के सचिव डाॅ.आर.के.गुप्ता ने बताया कि दिनांक 29 जुलाई 2017 को आयोजित जिला पंचायत स्वास्थ्य स्थायी समिति की बैठक में दस्तक अभियान, राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम, राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम, मलेरिया एवं कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम, टीबी एवं एड्स नियंत्रण कार्यक्रम, अंधत्व निवारण कार्यक्रम, जनसंख्या स्थिरता माह, आईडीएसपी, महिला एवं बाल विकास द्वारा संचालित समस्त कार्यक्रम, आयुष विभाग द्वारा संचालित समस्त कार्यक्रम सहित समस्त स्वास्थ्य विभाग के समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रमों की विस्तार से समीक्षा की जाएगी। समिति की सभापति श्रीमती बबीता सिंह की अध्यक्षता में आयोजित उक्त बैठक में समिति के सदस्य तथा जिला पंचायत के सदस्य श्री हरीसिंह देवड़ा, श्री अंबाराम मालवीय,श्री राजेष गौर, श्रीमती नमीता सिंह, श्रीमती गायत्री बाई उपस्थित रहेगी। सीएमएचओ द्वारा बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देष सभी नोडल अधिकारियों एवं समस्त बीएमओ को दे दिए गए है।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 28 जुलाई

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किन्नर समुदाय को समाज में सम्मान की दृष्टि से देखा जाने लगा है-ः श्री भंडारी
  • इग्नु द्वारा इस समुदाय को निःषुल्क षिक्षा प्रदान की जाएगी -ः श्री सुलिया

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झाबुआ। एक समय था, जब किन्नर समुदाय को समाज में हेय दृष्टि से देखा जाता था, परन्तु समय के परिवर्तन के साथ एवं समाज में जागरूकता आने के साथ इस समुदाय के लोगांे को अब समाज में सम्मान प्राप्त होने लगा है। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है उज्जैन के सिंहस्थ में इस समुदाय के गुरू को महामंडलेष्वर की उपाधि से सम्मानित कर उन्हें समाज की मुख्य धारा में जोड़ने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही शासन एवं विधिक प्राधिकरण द्वारा भी इस समुदाय के लिए कई योजनाएं बनाकर इनके उत्थान के प्रयास किए जा रहे है। उक्त बात जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के वरिष्ठ सदस्य एवं जिला सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष यषवंत भंडारी ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किन्नर समुदाय के कल्याणार्थ कार्य की जानकारी देने हेतु आयोजित किन्नरों के प्रतिनिधियों के समक्ष कहीं। आपने कहा कि किन्नर समुदाय का इतिहास बहुत ही प्राचीन एवं गौरवमयी रहा है। महाभारत काल में स्वयं अर्जुन ने अपने अज्ञातकाल में वृहनला के रूप में 6 माह बीताए थे, वहीं महाभारत के युद्ध में षिखंडी ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए अर्जुन के आगे खड़े रहे, जिसके कारण भीष्म, अर्जुन पर तीर नहीं चला सके। आपने कहा कि अब आपको अपने परंपरागत व्यवसाय को त्याग कर षिक्षा एवं व्यापार की ओर अपने समुदाय के लोगांे को प्रेरित करना चाहिए।


इग्नू द्वारा निःषुल्क उच्च षिक्षा के प्रावधान
जिला विधिक सहायता अधिकारी सिमोन सुलिया ने कहा कि किन्नर समुदाय के शैक्षणिक उत्थान के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुुक्त विष्वविद्यालय इग्नू द्वारा निःषुल्क षिक्षा प्रदान करने के लिए इनकी फीस माफी के निर्देष जारी किए है। आपने बताया कि इस समुदाय के किसी भी व्यक्ति को इस विष्वविद्यालय द्वारा स्नातक, स्नातकोत्तर एवं अन्य उच्च अध्ययन के लिए इग्नू के माध्यम से निःषुल्क षिक्षा देने की व्यवस्था की गई है। जिसकी इस वर्ष की अंतिम प्रवेष तिथि 31 जुलाई 2107 है।

सहयोग एवं मार्गदर्षन देने का आष्वासन
भारतीय जैन संगठना के प्रतिनिधि संजय जैन ने कहा कि भारतीय जैन संगठना के माध्यम से हम लोग इग्नू द्वारा जो निःषुल्क षिक्षा की सुविधाएं दी जा रहीं है। उसमें पूरा सहयोग देकर जो भी किन्नर उच्च षिक्षा प्राप्त करना चाहता है। हम उन्हे ंपूरा सहयोग एव मार्गदर्षन देकर जैन संगठना के माध्यम से उनको पूरा सहयोग प्रदान करेंगे।

समाज की हमारा पालक है
इस अवसर पर किन्नर समुदाय की जिले की प्रमुख नसीम उर्फ रानी ने कहा कि हम लोगों का किन्नर बनने के पश्चात् माता-पिता एवं परिवार से कोई रिष्ता-नाता नहीं रह जाता है एवं समाज ही हमारा माय-बाप होता है और उनके द्वारा ही दिए जा रहे सहयोग से भरण-पोषण करते है। आपने बताया कि हम लोगों के साथ जो भी परिवार के लोग जुड़ते है। उनके आश्रितों के लिए हम षिक्षा आदि की व्यवस्था करते है। अभी तक हमारे इस समाज में अधिक पढ़े-लिखे लोग नहीं है, पर अब हम प्रयास करेंगे कि हमारे लोग भी पढ़ाई करे। आपने इग्नु द्वारा निःषुल्क षिक्षा व्यवस्था देने पर धन्यवाद देते हुए कहा कि शासन-प्रषासन एवं न्यायिक संस्था द्वारा हमे जो सहयोग वं संरक्षण दिया जा रहा है, उसके लिए हम सभी के आभारी है। इस अवसर पर किन्नर समुदाय के जिले के प्रतिनिधि के रूप मंे रीता, रमिला, संगीता, आनंदी एवं किरण आदि उपस्थित थी।

ताण्डव-2 रियलिटी शो में दिखेगी नगर की बाल प्रतिभाएॅ

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झाबुआ- वैसे तो झाबुआ कि कला और संस्कृति की पहचान देष -विदेष में है। वही जिले में कई ऐसे कलाकार भी है जिन्होंने अपनी कला के प्रदर्षन से नगर का नाम गौरान्वित किया है। कुछ इसी तरह का काम ओर नाम इन्दौर से प्रसारित होने वाले प्रादेषिक चैनल पर नगर की बाल प्रतिभाओं के प्रदर्षन में देखने को मिलेगा। जी हाॅ नगर के बाल कलाकार सिद्विक्षा आचार्य ( एक्टिंग), मास्टर अंजनेष ठाकुर ( एक्टिंग), आध्या आचार्य (नृत्य), वृंदा ठाकुर (नृत्य), रिया आचार्य (गायन), कुमारी वैष्णवी ( शास्त्रीय नृत्य) ने ताण्डव -2 रियलिटी शो में उज्जैन एवं इन्दौर आॅडिषन में सिलेक्ट होकर सेमीफायनल एवं फायनल तक पहुंच कर प्रदेष के उज्जैन , इन्दौर, धार, मंदसौर, देवास, खरगोन, रतलाम सहित अन्य जिलों के प्रतिभागियों के समक्ष अपनी कला का श्रेष्ठ प्रदर्षन कर नगर का नाम रोषन किया है। इस रियलिटी शो में सभी बाल प्रतिभाओं को पुरूस्कार मिले वही मास्टर अंजनेष ठाकुर ने स्पेषल चाइल्ड का अवार्ड प्राप्त किया। रियलिटी शो में डांस इण्डिया डांस एवं एबीसीडी फिल्म में अभिनेता पराग एवं प्रयास ने निर्णायक की भुमिका निभाई। शो के प्रोडूयसर महेष सेंगर ने बताया कि शो का प्रदर्षन प्रति शनिवार सांय 6.00 बजें एवं पुनः प्रसारण प्रति रविवार दोपहर 1.00 बजें एसआर सुपर हिट पर किया जा रहा है। नगर की इन प्रतिभाओं के श्रेष्ठ प्रदर्षन एवं शो के लिए संास्कृतिक संस्था साज रंग, आसरा परमार्थिक ट्रस्ट, आव्हान सोष्यल वेलफेयर आर्गनाईजेष, संस्कृति युवा मण्डल सहित अन्य सामाजिक संस्थाओं ने बधाई दी है।


भाजपा द्वारा अध्यक्ष और पार्षद प्रत्याशियों का सघन जनसम्पर्क आरम्भ
  • वार्ड एक ए दो ए तीन में घर . घर पहुँच कर लिया मतदाताओ का आशीर्वाद

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झाबुआ- भारतीय जनता पार्टी द्वारा आगामी नगर पालिका चुनाव के मद्देनज़र मतदाताओं से व्यक्तिगत रूबरू होकर भाजपा प्रत्याशियों को अधिकाधिक मतो से विजय दिलाने की अपील ए सघन जनसंपर्क द्वारा करने का शुभारम्भ वार्ड क्रमांक एक से ढोलढ़माको के साथ सर्किट हॉउस परिसर स्थित देवालयों में दर्शन कर किया गया।भाजपा जिलाध्यक्ष श्री दौलत भावसार के नेतृत्व में भाजपा की नपाध्यक्ष प्रत्याशी श्रीमती बसंती बारिया और वार्ड क्रमांक एक के पार्षद प्रत्याशी श्री भंवरसिंह गेहलोद ;राजा ठाकुरद्ध ने  बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों के साथ मतदाताओं से उनके घरो पर पहुँच जनसम्पर्क किया। उक्त जानकारी देते हुए जिला भाजपा मीडिया प्रभारी श्री अंबरीष भावसार ने बताया शुक्रवार सुबह ढोल ढ़माको के साथ भाजपा ने सघन जनसंपर्क की शुरुआत की। जिसके तहत भाजपा वार्ड पार्षद प्रत्याशियों ने नगर पालिका अध्यक्ष प्रत्याशी श्रीमती बसंती बारिया के साथ वार्डवार मतदाताओं के बीच पहुँच भाजपा के सुशासन और विभिन्न लोककल्याणकारी कार्यों की जानकारी देते हुए नगर विकास के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए गए और आगामी किए जाने वाले कार्यो की विस्तृत जानकारी दी। पार्टी पदाधिकारियों ने मतदाताओ से भाजपा के सभी प्रत्याशियों को भारी मतो से विजय दिलाने की अपील की। वार्ड एक में आनंदीलाल पारीख मार्ग स्थित श्री बजरंग व्यायामशाला के निकट वार्ड चुनाव कार्यालय का शुभारंभ जिलाध्यक्ष श्री दौलत भावसार ए पूर्व नपाध्यक्ष श्री धनसिंह बारिया व अध्यक्ष प्रत्याशी श्रीमती बसंती बारिया के कर कमलो से किया गया।इसी प्रकार नगर के वार्ड क्रमांक दो में पार्षद प्रत्याशी निशात जहाँगीर कुरैशी और वार्ड तीन में पार्षद प्रत्याशी शाहीन कुरैशी ने श्रीमती बारिया और बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ घर . घर पहुँच जनसम्पर्क कर विजय की अपील करते हुए आशीर्वाद लिया।इस अवसर पर चुनाव संचालक श्री प्रवीण सुराणा ए जिला मंत्री श्री गोपालसिंह पँवार ए प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्री शैलेष दुबे ए नगर मण्डल अध्यक्ष श्री दीपेश सकलेचा ए महामन्त्री श्री कीर्ति भावसार ए श्री विजय नायर ए श्री हेमेन्द्र नागर ष् नाना ष्ए पूर्व पार्षद श्रीमती संगीता पँवार ए  श्रीमती सायरा खान  ए श्रीमती बसन्ती गवली ए श्रीमती प्रेमलता कंडारा ए ज़ोया खान ए रमतु ए अंतु भाबोर  ए शबाना खान ए आशा देवड़ा ए ज्योति पँवारए उसना खान सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।

ब्रजधाम भगवान का हृदय है, इसलिए आज भी वहां भक्ति विद्यमान है- पं. हरिओम शर्मा
  • मनकामेष्वर मंदिर मे भागवत कथा में बह रही ज्ञान गंगा ।

झाबुआ । श्रावण माह के पवित्र अवसर पर स्थानीय मन कामेश्वर महादेव मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण में श्री कृष्ण जन्मोत्सव का संगीतमय वर्णन रतलाम से पधारे पण्डित हरिओम जी शर्मा ने करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को पूर्णावतार कहा जाता है, वे सोलह कलाओं के स्वामी है । उन्होने कहा कि श्रीकृष्ण लीलाओं का जो विस्तृत वर्णन भागवत ग्रंथ मे किया गया है, उसका उद्देश्य क्या केवल कृष्ण भक्तों की श्रद्धा बढ़ाना है या मनुष्य मात्र के लिए इसका कुछ संदेश है तार्किक मन को विचित्र-सी लगने वाली इन घटनाओं के वर्णन का उद्देश्य क्या ऐसे मन को अतिमानवीय पराशक्ति की रहस्यमयता से विमूढ़वत बना देना है अथवा उसे उसके तार्किक स्तर पर ही कुछ गहरा संदेश देना है, इस पर हमें विचार करना चाहिए। श्री कृष्ण एक ऐतिहासिक पुरुष हुए हैं, इसका स्पष्ट प्रमाण हमें छान्दोग्य उपनिषद के एक उल्लेख में मिलता है। कहा गया है कि देवकी पुत्र श्रीकृष्ण को महर्षिदेवरूकोटी आंगिरस ने निष्काम कर्म रूप यज्ञ उपासना की शिक्षा दी थी, जिसे ग्रहण कर श्रीकृष्ण तृप्त अर्थात पूर्ण पुरुष हो गए थे। श्रीकृष्ण का जीवन, जैसा कि महाभारत में वर्णित है, इसी शिक्षा से अनुप्राणित था और गीता में उसी शिक्षा का प्रतिपादन उनके ही माध्यम से किया गया है। किंतु इनके जन्म और बाल-जीवन का जो वर्णन हमें प्राप्त है वह मूलतः श्रीमद् भागवत का है और वह ऐतिहासिक कम, आध्यात्मिक अधिक है और यह बात ग्रंथ के आध्यात्मिक स्वरूप के अनुसार ही है। ग्रंथ में चमत्कारी भौतिक वर्णनों के पर्दे के पीछे गहन आध्यात्मिक संकेत संजोए गए हैं। वस्तुतः भागवत में सृष्टि की संपूर्ण विकास प्रक्रिया का और उस प्रक्रिया को गति देने वाली परमात्म शक्ति का दर्शन कराया गया है। ग्रंथ के पूर्वार्ध स्कंध 1 से 9 में सृष्टि के क्रमिक विकास जड़-जीव-मानव निर्माण का और उत्तरार्ध दशम स्कंध में श्रीकृष्ण की लीलाओं के द्वारा व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास का वर्णन प्रतीक शैली में किया गया है। भागवत में वर्णित श्रीकृष्ण लीला के कुछ मुख्य प्रसंगों का आध्यात्मिक संदेश पहचानने का यहाँ प्रयास किया गया है। भागवत कथा में श्री कृष्ण जन्मतोत्सव नंद घर आनंद भयो जै कन्हैयालाल की के जयकारों के बीच श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की मनोरम झांकी सजाकर माखन मिसरी लुटाए गए श्रद्धालुओं ने भावविभोर होकर नृत्य किया। पण्डित हरिओम शर्मा ने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब तब ईश्वर को नारायण से नर रूप धारण कर अवतार लेना पड़ता है। अवतार के दौरान वे पृथ्वी के पाप का भार उतारते हैं। ब्रजधाम भगवान का हृदय है, इसलिए आज भी वहां भक्ति विद्यमान है। श्रीकृष्ण भगवान की माखनलीला, नागलीला, गोवर्धनलीला का सप्रसंग वर्णन करते हुए कहा कि निर्मल मन में ईश्वर का वास होता है। दीन दुखियों कि सेवा करना ही परम धर्म है भगवान आडंबर से प्रसन्न नहीं होते अपितु उनको निष्काम भक्ति चाहिए। उन्होंने कहा कि भागवत कथा एक श्रीकृष्ण भगवान का ही स्वरूप है जिसके श्रवण मात्र से अनंत जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। से भक्ति, से ज्ञान, से वैराग्य तथा से त्याग की प्राप्ति होती। भगवान कृष्ण की लोक मानस को गौ पालन की प्रेरणा के संदेश के परिभाषित करते हुए उन्होंने कहा कि गौ दुग्ध, दही, मक्खन शरीर बुद्धि को पुष्ट करते हैं, जिसके बल पर ही भगवान श्रीकृष्ण शत्रुओं का संहार करने में सफल रहे। कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण जन्म की जीवन्त झांकी आकर्षण का केन्द्र रही । आरती एवं प्रसादी वितरण के साथ कथा का समापन हुआ।

जिले में अब तक कुल 512.9 मि.मी. औसत वर्शा दर्ज, 24 घण्टो में कुल 7.2 मि.मी. वर्षा दर्ज

झाबुआ । अधीक्षक भू-अभिलेख झाबुआ ने बताया कि जिले में 1 जून से आज दिनांक तक कुल 512.9 मि.मी. औसत वर्शा हो चुकी है। जिले में विगत 24 घण्टों के दौरान औसत 7.2 मि.मी. वर्शा दर्ज की गई। विगत 24 घण्टो में झाबुआ तहसील में 15.0 मि.मी., थांदला तहसील में 5.4 मि.मी., रानापुर में 5.0 मि.मी., मेघनगर में 2.0 मि.मी., पेटलावद में 3.4 मि.मी., रामा में 25.0 मि.मी. वर्शा दर्ज की गई है।

इलेक्ट्रानिक वोटिंग मषीनो का प्रथम रेंडमाईजेषन संपन्न

झाबुआ । नगरीय निकाय निर्वाचन 2017 के लिए इलेक्ट्रानिक वोटिंग मंषीनो ई.व्ही.एम. का प्रथम रेंडमाईजेषन आज 28 जुलाई 2017 को राजनैतिक दलो के प्रतिनिधियो की उपस्थित में संपन्न हुआ। रेण्डमाइजेशन कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आशीष सक्सेना द्वारा किया गया। रेण्डमाइजेशन के समय, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री दिलीप कापसे, कोषालय अधिकारी श्रीमती ममता चंगोड जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी श्री कन्नौज एवं रिटर्निग अधिकारी उपस्थित थे। द्वितीय रेंडमाईजेषन 29 जुलाई 2017 को प्रातः 11.00 बजे कलेक्टर कार्यालय के सभा कक्ष झाबुआ में रखा गया है। नियत दिनांक व समय पर कलेक्टर कार्यालय के सभा कक्ष में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि एवं नगरीय क्षेत्र झाबुआ, थांदला, राणापुर एवं पेटलावद के निर्वाचन लडने वाले अभ्यर्थीयों एवं रिटर्निंग अधिकारियों को उपस्थित होने के लिए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया है।

राजनैतिक विज्ञापनो का प्रमाणीकरण अवश्य करवाये
  • आदर्श आचरण संहिता का पालन करे, राजनैतिक दलो की बैठक संपन्न

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झाबुआ । नगरीय निकाय निर्वाचन के संबंध में जानकारी देने के लिये राजनैतिक दलो के प्रतिनिधियो एवं निर्वाचन लडने वाले अभ्यर्थियो की बैठक कलेक्टर कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आशीष सक्सेना ने की। बैठक में प्रेक्षक श्री एम.सी आर्य एवं श्री पी.के.वर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री महेशचन्द जैन, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री दिलीप कापसे सहित राजनैतिक दलो के प्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक में राजनैतिक दलो के प्रतिनिधियों एवं निर्वाचन लडने वाले अभ्यर्थियो को आदर्श आचार संहिता, पेड न्यूज, निर्वाचन व्यय तथा विज्ञापन प्रसारण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि प्रचार-प्रसार के लिये व्यक्तिगत सम्पत्ति दिवार,भवन इत्यादि का उपयोग करे तो भवन मालिक की अनुमति अवश्य ले। प्रचार वाहन लाउड स्पीकर एव सभा स्थल की अनुमति संबंधित एसडीएम से लेना सुनिश्चित करे। सभा स्थल की अनुमति पहले आय पहले पाये के नियमानुसार दी जायेगी। प्रिन्ट मिडिया एवं इलेक्ट्रानिक मिडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने के लिये विज्ञापन जिगंल्स इत्यादि की अनुमति जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति से निर्धारित प्रारूप में लेना सुनिश्चित करे। विज्ञापन/जिगंल्स की अनुमति लेने के लिये पंजीकृत राजनैतिक दल एवं अभ्यर्थी को प्रस्तावित प्रकाशन/प्रसारण के लिये 3 दिन पूर्व तथा अपंजीकृत राजनैतिक दल एवं अन्य आवेदक को सात दिन पूर्व आवेदन करना होगा। समिति द्वारा आवेदन का निराकरण दो कार्य दिवस के भीतर किया जायेगा एवं निर्धारित प्रारूप में आवेदक को समिति के निर्णय से अवगत कराया जायेगा। किसी व्यक्ति या प्रेक्षक से प्राप्त पेड न्यूज संबंधी शिकायत के संबंध में अभ्यर्थी को रिटर्निग अधिकारी द्वारा नोटिस भेजा जायेगा। नोटिस का जवाब अभ्यर्थी द्वारा 48 घण्टे के भीतर देना अनिर्वाय होगा। निर्धारित अवधि में जवाब न दिये जाने की स्थिति में समिति का निर्णय अंतिम होगा।

अभ्यर्थी आदर्श आचरण संहिता का करे पालन
झाबुआ जिले में नगरीय निकाय निर्वाचन के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के दिनांक से निर्वाचन परिणाम घोषित होने तक आदर्श आचरण संहिता लागू रहेगी। इस दौरान किसी भी दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे किसी धर्म, सम्प्रदाय या जाति के लोगो की भावना को ठेंस पहुॅचे या उनमें विद्वेष या तनाव पैंदा हो। मत प्राप्त करने के लिए धार्मिक, साम्प्रदायिक या जातीय भावनाओ का सहारा नहीे लिया जाना चाहिये। पूजा के किसी स्थल जैसे कि मन्दिर, मस्जिद, गिरजाधर, गुरूद्वारा आदि का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए। किसी अभ्यर्थी के व्यक्तिगत जीवन के ऐसे पहलुओ की आलोचना नहीं की जाना चाहिए जिनका संबंध उसके सार्वजनिक जीवन या क्रियाकलापों से न हो, और न ही ऐसे आरोप लगाये जाना चाहिए जिनकी सत्यता स्थापित न हुई हो। किसी राजनैतिक दल की आलोचना उसकी नीति और कार्यक्रम पूर्व इतिहास और कार्य तक ही सीमित रहनी चाहिए। दल और उसके कार्यकर्ताओ की आलोचना असत्यापित आरोपो पर आधारित नहीं की जानी चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति के शान्तिपूर्ण घरेलू जीवन के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए, चाहे उसके राजनैतिक विचार कैसे भी क्यो न हो। किसी भी व्यक्ति के कार्यो या विचारो का विरोध करने के लिए किसी दल या उम्मीदवार द्वारा ऐसे व्यक्ति के घर के सामने धरना देने, नारेबाजी करने या प्रदर्शन करने की कार्यवाही का कतई समर्थन नहीं किया जाना चाहिए। राजनैतिक दलो तथा अभ्यर्थियो को ऐसे सभी कार्यो से परहेज करना चाहिए जो चुनाव के कानून के अन्तर्गत अपराध हो, जैसे कि ऐसा कोई पोस्टर, इश्तहार, पैम्पलेट या परिपत्र निकालना, जिसमें मुद्रक और प्रकाशक का नाम और पता न हो, किसी अभ्यर्थी के निर्वाचन की संभावना पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के उद्देश्य से उसके व्यक्तिगत आचरण और चरित्र या उम्मीदवारी के संबंध में ऐसे कथन या समाचार का प्रकाशन कराना जो मिथ्या हो या जिसके सत्य होने का विश्वास न हो, किसी अन्य अभ्यर्थी अथवा राजनैतिक दल की चुनाव सभा में गडबडी करना या विध्न डालना, मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले अडतालीस घंटो की कालावधि के दौरान सार्वजनिक सभा करना। मतदाताओ को रिश्वत या किसी प्रकार का पारितोषिक या प्रलोभन देना, मतदान केन्द्र के 100 मीटर के अन्दर किसी प्रकार का चुनाव प्रचार करना या मत संयाचना करना, मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक लाने एवं वापिस ले जाने के लिए वाहनो का उपयोग करना, मतदान केन्द्र में या उसके आसपास विश्रृंखल आचरण करना या मतदान केन्द्र के अधिकारियों के कार्य में बाधा डालना, मतदाताओं का प्रतिरूपण करना अर्थात गलत नाम से मतदान करने या कराने का प्रयास करना। मतदान समाप्त होने के समय से 48 घन्टे पूर्व से शराब की दूकाने बन्द रखी जाएगी। अतः इस अवधि में किसी अथ्यर्थी या उसके समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा न तो शराब खरीदी जाय और न ही उसे किसी को पेश या वितरित किया जाए। किसी भी अभ्यर्थी या उसके समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते या दीवार का उपयोग झण्डा टांगने, पोस्टर चिपकाने, नारे लिखने आदि प्रचार कार्यो के लिए उसकी अनुमति के बगैर नहीं किया जाना चाहिए। शासकीय एवं सार्वजनिक भवन, उनके अहाते या अन्य परिसम्पतियों का उक्त  प्रयोजन हेतु उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी दल या अभ्यर्थी द्वारा या उसके पक्ष में लगाये गये झण्डे या पोस्टर दूसरे दल या अथ्यर्थी के कार्यकर्ताओ द्वारा नहीं हटाये जाने चाहिए। राजनीतिक दलों अथवा उम्मीदवारों द्वारा मतदाताओं को दी जाने वाली पहचान पर्चिंया सादे कागज पर होनी चाहिए और उनमें उम्मीदवार का नाम या चुनाव चिन्ह नहीं होना चाहिए। पर्ची में मतदाता का नाम उसके पिता/पति का नाम, वार्ड क्रमांक, मतदान केन्द्र क्रमांक तथा मतदाता सूची में उसके सरल क्रमांक के अलावा और कुछ नहीं लिखा होना चाहिए। मतदान शान्तिपूर्वक तथा सुचारू रूप से सम्पन्न कराने में निर्वाचन कर्तव्य पर तैनात अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग किया जाना चाहिए।

संभाएं एवं जुलूस संबंधी
किसी हाट,बाजार या भीड-भाड वाले सार्वजनिक स्थल पर चुनाव सभा के आयोजन के लिए सक्षम प्राधिकारी से पूर्व अनुमति ली जानी चाहिए तथा स्थानीय पुलिस थाने में ऐसी सभा के आयोजन की पूर्व सूचना दी जानी चाहिए ताकि शान्ति और व्यवस्था बनाए रखने तथा यातायात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस आवश्यक प्रबन्ध कर सके। प्रत्येक राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को किसी अन्य दल या अभ्यर्थी द्वारा आयोजित सभा/जुलूस में किसी प्रकार की गडबडी करने या बाधा डालने में अपने कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों को रोकना चाहिए। यदि दो भिन्न-भिन्न दलों या उम्मीदवारो द्वारा पास पास स्थित स्थानो में सभाएं की जा रही हो तो ध्वनि विस्तारक यंत्रो के मुंह विपरीत दिशाओं में रखे जाने चाहिए। किसी अभ्यर्थी के समर्थन में आयोजित जुलूस ऐसे क्षेत्र या मार्ग से होकर नहीं निकाला जाना चाहिए जिसमें कोई प्रतिबन्धात्मक आदेश लागू हो। जुलूस के निकलने के स्थान, समय और मार्ग तथा समापन के बारे में संबंधित स्थानीय पुलिस थाने में कम से कम एक दिन पूर्व सूचना दी जानी चाहिए। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि जुलूस के कारण यातायात में कोई बाधा न हो। जुलूस में शामिल लोगो को ऐसी चीजे लेकर चलने से रोका जाना चाहिए जिनको लेकर चलने पर प्रतिबंध हो या जिनका उत्तेजना के क्षणों में दुरूपयोग किया जा सके। प्रत्येक अभ्यर्थी या राजनैतिक दल को किसी अन्य अभ्यर्थी या दल अथवा किसी समुदाय विशेष के नेताओं के पुतले लेकर चलने या उन्हें किसी सार्वजनिक स्थान में जलाए जाने तथा इसी प्रकार के अन्य प्रदर्शन का आयोजन करने से अपने कार्यकर्ताओं को रोकना चाहिए। सभाओं एवं जुलूसों के आयोजन के दौरान तीव्र संगीत एवं ध्वनि विस्तारक का उपयोग करने के लिए सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति लेना चाहिए।

शासन और संस्थाओं के वाहनो आदि के उपयोग पर प्रतिबंध
शासकीय, सार्वजनिक उपक्रमों/प्राधिकरणों, स्थानीय निकायों, सहकारी संस्थाओं, कृषि उपज मंडियों या शासन से अनुदान अथवा अन्य सहायता प्राप्त करने वाली संस्थाओं के स्वयं के अथवा उनके द्वारा किराए पर अनुबंधित वाहनो, विमानो एवं अन्य संसाधनों जैसे कि टेलीफोन,फैक्स अथवा कर्मचारियों का उपयोग किसी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी के हित को आगे बढाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे वाहनो आदि को उनके नियंत्रक अधिकारियों द्वारा निर्वाचन की घोषणा की तारीख से निर्वाचन समाप्त होने की तारीख तक, मंत्रिगण, सांसदों, विधायको, नगरीय निकायों के पदाधिकारियों अथवा अभ्यर्थियों एवं उनके समर्थको को उपलब्ध नहीं कराया जाना चाहिए।

निर्वाचन घोषणा पत्र
निर्वाचन घोषणा पत्र में ऐसी कोई बात नहीं होगी जो आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों में निहित भावना के अनुरूप न हो एवं जिससे निर्वाचन की शुचिता एवं निष्पक्षता किसी भी प्रकार से प्रभावित होती हो। राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को ऐसे वायदे करने से बचना चाहिए जो निर्वाचन प्रक्रिया के शुचिता को दूषित करे या मतदाताओं पर उनके मताधिकार के प्रयोग में कोई अनुचित प्रभाव डाले। पारदर्शिता एवं सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर प्रदान करने की दृष्टि से यह अपेक्षित है कि घोषणा पत्रों में प्रस्तावित वायदो का औचित्य एवं उनकी पूर्ति हेतु वित्तीय साधन किस प्रकार जुटाये जायेगे इसका स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए। मतदाताओं का विश्वास केवल ऐसे वायदों पर मांगा जाना चाहिए जिन्हें पूरा करना संभव हो।

पेड न्यूज एवं विज्ञापन के संबंध में जिला स्तरीय समिति की बैठक संपन्न

झाबुआ । निर्वाचन आयोग के निर्देषानुसार नगरीय निकाय निर्वाचन 2017 में पेड न्यूज के संबंध में जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति की बैठक आज 28 जुलाई 2017 को कलेक्टर कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक में एम.सी.एम.सी. समिति के अध्यक्ष श्री दिलीप कापसे सदस्य श्रीमती अनुराधा गहरवाल उप संचालक जनसम्पर्क, सुधीर कुशवाह सांख्यिकी अन्वेषक जिला पंचायत, सहायक रिटर्निंग अधिकारी श्री राजेन्द्र सिंह रघुवंशी, श्री वीरेन्द्र व्यास  स्वतंत्र पत्रकार एवं श्री रतनसिंह राठौर वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे। विज्ञापन/प्रचार सामग्री की अनुमति के लिये अभ्यर्थी आवेदन संबंधित नगरीय निकाय के रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करे अभ्यर्थी विज्ञापन एवं प्रचार सामग्री की अनुमति लेने के लिये निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप में सबंधित नगरीय निकाय के रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में अथवा झाबुआ में जनसुनवाई कक्ष में श्री प्रतापसिंह सौलंकी सहायक ग्रेड 03 जिला कार्यालय झाबुआ, श्री जी.एस. चितौडिया सहा.गे्रड 2 आय.टी.डी.पी.झाबुआ, श्री शंकरसिंह पालीवाल सहायक ग्रेड 3 को आवेदन उपलब्ध करवाये। उक्त शासकीय सेवक आवेदन प्राप्त कर परीक्षण हेतु जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति को प्रस्तुत करेगे। समिति आवेदनो के परीक्षण उपरांत अभ्यर्थियो को विज्ञापन/प्रचार सामग्री की अनुमति प्रदान करेगी।

बच्चो की शिक्षा गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे--कलेक्टर
  • संकुल प्राचार्यो केी बैठक में कलेक्टर ने दिये निर्देश

झाबुआ । संकुल प्राचार्यो की बैठक में कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने निर्देश दिये कि जिले में शिक्षा गुणवत्ता सुधार के लिये विशेष प्रयास करे। बच्चे रेग्लर स्कूल आये, इसकी सतत मानीटर्रिंग करे कोई बच्चा दो दिन से ज्यादा अनुपस्थित रहे तो माता-पिता से सम्पर्क कर वस्तुु स्थिति जाने यदि बच्चे को स्कूल आने में कोई पारिवारिक समस्या हो तो उसका समाधान करने के लिये संबंधित विभागीय अधिकारी को बताये। बच्चो को होमवर्क दे, बच्चों की होम वर्क काॅपी नियमित चेक करे। मासिक टेस्ट लिये जाये, पालक शिक्षक की बैठक नियमित कर बच्चो की अच्छाई और कठिनाई के बारे में माता-पिता को बताये। शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रति स्कूल, कक्षावार, छात्रवार कार्ययोजना बनाये। बच्चों को उम्र व कक्षा के अनुसार उतना ज्ञान होना चाहिए जितना की उस कक्षा के अनुसार होना अनिवार्य है। शिक्षको की कमी को देखते हुए पढाई प्रभावित ना इसके लिए गाॅव के इच्छुक शिक्षित पढे लिखे महिला पुरूषो का मिल बाॅचे कार्यक्रम में पंजीयन करवाकर प्रतिदिन बच्चों को पढवाये। बच्चो की शिक्षा गुणवत्ता सुधार में किसी तरह का कोई बहाना नहीं चलेगा। शिक्षको और संसाधनो की कमी के बावजूद भी शिक्षा गुणवत्ता में सुधार हो  सकता है। इसके लिये दृढ इच्छा शक्ति के साथ लक्ष्य बनाये। प्रायमरी एवं मिडिल स्कूलो में मध्यान्ह भोजन नियमित एवं मीनू अनुसार मिले यह सुनिश्चित करे। स्कूल निधारित समय तक खुले रहें एवं शिक्षक नियमित उपस्थित होकर अध्यापन कार्य करवाये। इसकी सतत मानीटर्रिंग करे लापरवाही करने वाले शिक्षिको केे विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। बैठक में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री गणेश भाभर सहित बीईओ, बीआरसी, संकुल प्राचार्य उपस्थित थे।

ग्रामीण विकास विभाग के सहायक यंत्री गुप्ता को नोटिस जारी

झाबुआ । जनपद पंचायत मेघनगर में सहायक यंत्री के पद पर कार्यरत श्री विजेन्द्र गुप्ता को 25 जुलाई 2017 को क्षेत्र में सीईओ जिला पंचायत द्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान क्षैत्र में चल रहे निर्माण कार्यो के बारे की स्थिति संतोषप्रद नहीं पाये जाने, अपूर्ण कार्यो को पूर्ण करने की संतोषप्रद कार्य योजना प्रस्तुत नहीं करने, खेल मैदान एवं शांतिधाम के कार्यो की तकनिकी गुणवत्ता संतोषजनक नहीं पाये जाने, शौचालय निर्माण एवं आवास निर्माण की गुणवत्ता ठीक नहीं पाये जाने क्लस्टर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत में सतत निरीक्षण एवं मानिटरिंग नहीं करने एवं कार्य के प्रति लापरवाही बरतने के कारण अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री वास्कले ने नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण 31 जुलाई 2017 को समक्ष में प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया है।

मोबाईल की दुकान मे चोरी
     
झाबुआ । फरि. कपिल पिता प्रमोद भार्गव उम्र 30 साल निवासी थांदला ने बताया कि अज्ञात आरोपी ने फरि. की गुमटी (मोबाईल रिपेरिंग व फोटोकाॅपी की दुकान) का ताला तोड़कर 01 इपोन कलर प्रिन्टर, 01 एचपी प्रिन्टर, मोबाईल एसेसिरीज व स्टेशनरी चुराकर ले गया। प्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्रं. 357/17 धारा 461 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

दुर्घटना का अपराध पंजीबद्ध
      
झाबुआ । फरि. नुरसिंह पिता दीपसिंह भुरिया उम्र 52 साल निवासी कचलदरा ने बताया कि आरोपी दीवान पिता दीपसिंह भुरिया उम्र 52 साल निवासी कचलदरा ने तेज गति व लापरवाही पूर्वक मोटर सायकल चलाकर लाया व फरि. के पोते विजयेस को टक्कर मारकर चोंट पहुचायी। प्रकरण में थाना मेघनगर में अपराध क्रं 262/17 धारा 279,337 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

बिहार : चारू मजूमदार की शहादत दिवस पर सांप्रदायिक ताकतों को शिकस्त देने का संकल्प.

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पटना 28 जुलाई, भाकपा-माले के संस्थापक महासचिव काॅ. चारू मजूमदार की शहादत की 45 वीं बरसी पर आज राजधानी पटना सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में पार्टी सदस्यों की बैठक की गयी. मुख्य आयोजन पार्टी राज्य कार्यालय में आयोजित हुई. जहां सबसे पहले झंडोत्तोलन किया गया और काॅ. चारू मजूमदार सहित सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी. झंडोत्तोलन पार्टी के वरिष्ठ कामरेड बृजबिहारी पांडेय ने किया. तत्पश्चात पार्टी सदस्यों की बैठक आंरभ हुई. सदस्यों को संबोधित करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता काॅ. बृजबिहारी पांडेय ने कहा कि हमने हाल ही में महान नक्सलबाड़ी किसान विद्रोह की पचासवीं वर्षगांठ मनायी है. यह हमारे सदस्यों और क्रांतिकारी जनता का अदम्य साहस, बलिदान, अविचल समर्पण और अनथक मेहनत ही है जिसने इन पांच दशकों में तमाम विपरीत परिस्थितियों में पार्टी की रक्षा की और उसे मजबूत बनाया है.  उन्होंने आगे कहा कि आज हम जीवन के हरेक क्षेत्र में एक नाजुक परिस्थिति का सामना कर रहे हैं. एक ओर जहाँ सरकार की नीतियों के द्वारा जनता के अधिकारों का निषेध और लोगों की आजीविका एवं सामाजिक सुरक्षा पर बड़े-बड़े हमले हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देश के संसाधनों की लूट बदस्तूर जारी है. मोदी सरकार एवं राज्य सरकारों, जिनमें ज्यानदातर भाजपा की सरकारें हैं, के नीतिगत हमलों के साथ-साथ समाज को जहरीले साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण एवं ब्राह्मणवादी वर्चस्व की ओर धकेलने और देश को एक आक्रामक कम्पनी राज के अधीन करने का संघ-भाजपाई एजेण्डा चलाया जा रहा है. संक्षेप में, भारत में लोकतंत्र के सामने गम्भीघ्र फासीवादी खतरा मंडरा रहा है. पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य रामजी राय ने कहा कि भारतीय जनता के क्रांतिकारी कम्युनिस्ट दस्ते के सदस्यों के रूप में इस फासीवादी हमले का अपनी पूरी ताकत से प्रतिरोध करना हमारी जिम्मेदारी है. आज जब देश में और अब बिहार में भी फासीवाद की ताकतों ने छल-बल से सत्ता हड़प लिया है, तो इस मोड़ पर अगर हम अपनी पहलकदमियों और संगठन को मजबूत बनाने की जरूरत है. निश्चंय ही हम आने वाले दिनों में कॉरपोरेट हमलों और साम्प्रदायिक फासीवादी साजिशों को परास्त करने एवं पूरे देश में अपने क्रांतिकारी उद्देश्यों का विस्तार करने में सफल होंगे. कार्यक्रम में इन नेताओं के अलावा ऐपवा की महासचिव काॅ. मीना तिवारी, राज्य अध्यक्ष सरोज चैबे, उमेश सिंह, संतलाल, प्रकाश कुमार, अभिनव, संतोष कुमार आर्या, संतन कुमार आदि उपस्थित थे. राजधानी पटना के विभिन्न इलाकों में भी चारू मजूमदार शहादत दिवस का आयोजन किया गया.


डाॅक्टरों की उपस्थिति सिविल सर्जन सुनिश्चित करें, अन्यथा होगी कार्रवाईः -मुख्य सचिव

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गाँव हो या शहर, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने निदेश दिया कि राज्य के सभी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टॉफ की उपस्थिति सिविल सर्जन सुनिश्चित करें यदि चिकित्सक एवं पारा मेडिकल स्टॉफ यदि अनुपस्थित पाये गये तो इस हेतु सिविल सर्जन जिम्मेदार होंगे।* मुख्य सचिव श्रीमती राजबाला वर्मा ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं विकास का मेरूदंड होती हैं और स्वास्थ्य सेवा अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचे यह सुनिश्चित करना हमारा पहला दायित्व होना चाहिये। श्रीमती वर्मा ने स्वास्थ्य विभाग को निदेश दिया कि जिला स्तर पर 24 घंटे *आपात चिकित्सा दल* किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिये तैयार रहना चाहिये। इसे विभाग सुनिश्चित करे।  मुख्य सचिव ने कहा कि *संथाल परगना के गोड्डा, पाकुड़, दुमका तथा साहिबगंज से कालाजार जैसी गंभीर बीमारी को जड़मूल से नष्ट करने के लिये अभियान मोड में लगातार काम करने की जरूरत है।* चूंकि इन इलाकों में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता का अभाव है, इसलिये सुदूर ग्राम में रहने वाले ग्रामीणों को बीमारी से बचने के लिये उपाय बताये जायें। साथ ही, कालाजार के मरीजों को रोडमैप के अनुसार चिकित्सा सेवा को उपलब्ध करायी जाये  और उन्हें 6000 रूपये की सहायता राशि तुरंत उपलब्ध कराई जाय। मुख्य सचिव ने पदाधिकारियों को निदेश दिया कि मिट्टी के बने हुए घर की ऐसी दीवार जो बराबर अंधेरे में रहती हैं, जहां कालाजार के कीटाणु आसानी से पलते हैं वहां नियमित अंतराल पर दवाओं का छिड़काव हो इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। विभाग जिम्मेदारी तय करे तथा तदनुसार कार्य हो।  मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में मलेरिया की रोकथाम के लिये *अगस्त माह से वर्ल्ड बैंक की ओर से उपलब्ध कराये जाने वाले 63 लाख 80 हजार मच्छरदानी* का वितरण कराया जायेगा। विभाग इसका वितरण और इसके उपयोग का पर्यवेक्षण करें। जागरूकता और एहतियात बरतना से मलेरिया से बचा सकता है। दुख की बात है कि एक लाख से अधिक मलेरिया के मरीज प्रतिवर्ष पाये जाते हैं तथा इनमें से कई की जान चली जाती है।  समीक्षा के क्रम में मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में टीबी के मरीज नियमित दवाओं का सेवन करें इस हेतु डोर टू डोर कैंपेन चलायें तथा टीबी के मरीजों की पहचान कर उन्हें दवा उपलब्ध कराई जाय। साथ ही *कम्यूनिटी वाॅलंटियर* को प्रशिक्षित करें और ऐसे मरीजों के बलगम के नमूनों का संग्रह करायी जाय जिन्हें दो सप्ताह से अधिक तक खांसी की शिकायत है ताकि प्रखंड स्तर पर उपलब्ध माइक्रो स्कोप सेंटर में जांच की जा सके। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री सुधीर त्रिपाठी, निदेशक एनआरएचएम श्री कृपानंद झा सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।

पीएम व सीएम के पुतला दहन कार्यक्रम को दुुमका पुलिस ने किया बाधित-अमरेन्द्र यादव

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) राष्ट्रीय जनता दल की दुमका इकाई  द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पूर्व निर्धारित  पुतला दहन कार्यक्रम को दुमका पुलिस द्वारा बाधित किया गया ।  रघुवर दास के इशारे पर पुलिस ने उपरोक्त कदम उठाया ।  राजद जिलाध्यक्ष अमरेन्द्र यादव के अनुसार   दुमका  पुलिस ने जोर जबरदस्ती से नमो का पुतला राजद कार्यकर्ता के हाथ से छीन लिया। इसका कार्यकर्ताओं ने पुरजोर विरोध किया। कार्यकर्ताओं ने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाया। राजद ने विरोध के बाबजूद नीतीश कुमार का पुतला दहन किया। जिलाध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार यादव ने कहा की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत विरोध जताया जा रहा था उसे भी भाजपा सरकार ने करने से रोक दिया। उन्होंने कहा नीतीश कुमार ने जनमत कर अपमान कर लोकतंत्र को कलंकित किया है। तेजस्वी तो बहाना था उसे तो भाजपा आरएसएस के गोद में जाना था। राजद कार्यकर्ता आक्रोशित हो कर नारेबाजी कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्यरूप से जीतेश कुमार दास, सुबोध यादव, हरि मंडल, कंचन यादव, पंकज यादव, संजय यादव, रामसुंदर पंडित, तारकेश्वर रूज, जुलकर अंसारी, दिनेश मिश्रा, मुन्ना यादव, प्रमोद पंडित, भीम पंडित, कैलाश बिहारी यादव,मुकेश यादव, शुभम कुमार,मनोहर कुमार, मनोज कुमार सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।

नीतीश ने विश्वास मत जीता, पक्ष में 131 और विपक्ष में 108 मत पड़े

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पटना 28 जुलाई, बिहार विधानसभा में आज नीतीश मंत्रिमंडल ने विश्वास मत जीत लिया और उसके पक्ष में 131 और विपक्ष में 108 मत पड़े। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन में घोषणा की कि विश्वास मत के प्रस्ताव के पक्ष में 131 मत पड़े जबकि इसके विरोध में 108 मत मिला। इसके बाद उन्होंने सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। इससे पूर्व विपक्षी सदस्यों के शोरगुल और नारेबाजी के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया था। प्रस्ताव पर करीब एक घंटा 45 मिनट तक हुई चर्चा के बाद जब मत विभाजन कराया गया तब पक्ष में 131 मत जबकि विपक्ष को 108 मत पड़े। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी ने सभाध्यक्ष से गुप्त मतदान कराने की मांग की। सभाध्यक्ष ने जब उनकी मांग नहीं मानी तब राजद के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गये। विश्वासमत पर हुई चर्चा पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अहंकार में जीने वाले लोग भ्रम पाले हुए है और एक पार्टी के अस्तित्व को ही नकार रहे हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि विधानसभा चुनाव में जनादेश काम करने के लिए मिला था। उन्होंने कहा कि उनके सामने कई कठिनाइयां आयीं लेकिन उन्होंने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए पारदर्शिता के साथ बिहार के लोगों की सेवा करने की कोशिश की जबकि दूसरे पक्ष की ओर से गठबंधन धर्म के विपरीत आचरण होता रहा और इसे वह झेलते रहे। श्री कुमार ने कहा कि यह सही है कि उन्होंने श्री तेजस्वी यादव से इस्तीफा नहीं मांगा था बल्कि उनपर लगे आरोपों के संबंध में सफाई देने के लिए कहा था। इस पर श्री यादव ने उनसे पूछा था कि वही बतायें कि वह लोगों के बीच जाकर क्या कहें। तब उन्होंने श्री यादव से कहा था कि वह उनके ऊपर लगे आरोपों के संबंध में बिंदुवार जवाब दें। राजद के कुछ सदस्यों ने जब कहा कि क्या आप कोर्ट है इस पर श्री कुमार ने कहा कि जनता की अदालत सबसे बड़ी अदालत होती है। उन्होंने कहा कि जब श्री यादव ने सफाई नहीं दी तब उन्हें लग गया कि श्री यादव के पास कहने के लिए कुछ भी नहीं है या वह जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं। 


श्री कुमार ने कहा कि वह हमेशा से मानते रहे हैं कि सत्ता राजभोग के लिए नहीं होती है। जब उन्होंने समता पार्टी का गठन किया और तब से लेकर जनता दल यूनाईटेड (जदयू) तक उन्होंने कभी भी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनका अपना रास्ता है जिससे वह भटक नहीं सकते । उन्होंने कहा कि उनके लिए अब राजद के साथ चलना मुश्किल था इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया । मुख्यमंत्री ने कहा कि इस्तीफे के समय ही उन्होंने कहा दिया था कि वह राज्यहित में फैसला लेंगे। भाजपा के साथ सरकार बनाने का फैसला राज्यहित में ही दिया है। उन्होंने कहा कि पहली बार केन्द्र और बिहार में एक गठबंधन की सरकार है इसलिए दोनों सरकारें अब मिलकर काम करेगी और राज्य का तेजी से विकास होगा । श्री कुमार ने सांप्रदायिक शक्तियों से समझौता करने के उनके ऊपर लगे आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि धर्मनिरपेक्षता का पाठ उनको देश में कोई नेता नहीं पढ़ा सकता है। धर्मनिरपेक्षता एक विचार है लेकिन कुछ लोग इसका इस्तेमाल भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने और अपने पाप को छुपाने के लिए करते हैं। उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार वर्ष 2005 में बनी थी तब उन्होंने 1984 के भागलपुर दंगे के कई मामलों की फिर से जांच करायी। दंगा पीड़ितों को मिलने वाली मुआवजा राशि भी बढ़ायी गयी और जिनके जमीन पर कब्जा कर लिया गया था, उसे मुक्त कराया गया। इसी तरह उनकी सरकार ने अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कई कार्य किये हैं । मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद के सत्ता में वापस आने के बाद एक बार फिर गांवों में माहौल खराब हो गया था और लोग परेशान थे। उन्होंने कहा कि राजद के लोग अहंकार में न रहें। वह (नीतीश) मर्यादा का पालन करते हैं और अकारण नहीं बोलते हैं लेकिन जब कोई उन्हें विवश करेगा तो वह उसका जवाब देंगे और उसे आईना दिखायेंगे। श्री कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की रही है और आगे भी रहेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में हर तबके के हितों की रक्षा होगी और न्याय के साथ विकास के संकल्प को पूरा किया जायेगा । इससे पहले उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजद के लोग मुख्यमंत्री पर जनादेश के अपमान का आरोप लगा रहे हैं जबकि श्री तेजस्वी यादव ने इस्तीफा दे दिया होता तो चार साल के बाद उन्हें सत्ता में आने का अभी मौका नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में जनादेश सुशासन और भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए मिला था न कि सिर्फ सरकार चलाने के लिए। 

श्री मोदी ने कहा कि राजद में मोहम्मद शहाबुद्दीन जैसे अपराधी हैं जिसे पार्टी ने अभी तक निलंबित नहीं किया है। वहीं, बलात्कार के आरोपी विधायक राजवल्लभ यादव से राजद के प्रमुख बात करते हैं। जनादेश इन सबके लिए नहीं मिला था। वैसे भी समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि जिंदा कौमें पांच साल तक इंतजार नहीं करतीं। उन्होंने कहा कि राजद के साथ रहकर शहाबुद्दीन जैसे अपराधियों पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय 167 विधायकों वाली पार्टी राजद वर्ष 2010 के चुनाव में 22 सीट पर सिमट कर अर्श से फर्श पर आ गयी थी। उन्होंने कहा कि जनादेश बेनामी संपत्ति को बचाने के लिए नहीं मिला था। इस पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव समेत राजद के अन्य नेताओं ने कड़ी आपत्ति जतायी और कुछ देर तक इसको लेकर हंगामा भी किया। शोरगुल के बीच ही श्री मोदी ने कहा कि राजद के लोग बतायें कि नाबालिग करोड़ों रुपये की संपत्ति का मालिक कैसे बन गया। इससे पूर्व विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि विधानसभा चुनाव में जनादेश महगठबंधन के पक्ष में और भाजपा के खिलाफ मिला था लेकिन मुख्यमंत्री ने जनादेश का अपमान कर जनता को धोखा दिया है। यह लोकतंत्र की भी हत्या है। उन्होंने कहा कि छल, कपट और नकारात्मक राजनीति हुयी है और यह सब पहले से नियोजित था। श्री यादव ने कहा कि श्री कुमार को जब भाजपा के साथ ही जाना था तो उन्होंने 16 जून 2013 से 26 जुलाई 2017 के बीच का समय क्यों बर्बाद किया। इस बीच चार सरकारें बनी और विकास को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि क्या यह सब कुछ सिर्फ एक व्यक्ति विशेष की छवि बनाने के लिए नहीं किया गया। इसका जवाब भाजपा, जदयू और श्री जीतन राम मांझी को देना चाहिए। विपक्ष के नेता ने कहा कि भाजपा के लोग और श्री कुमार को बताना चाहिए कि क्या वर्ष 2013 में भाजपा ने कोई भ्रष्टाचार किया था जिसके कारण उसे सत्ता से बाहर किया गया था। उन्होंने कहा कि 91 विधायकों वाली भाजपा को श्री कुमार ने दूध की मक्खी की तरह निकालकर फेंक दिया था लेकिन 80 विधायकों वाले राजद के मंत्रियों को बर्खास्त करने की हिम्मत नहीं जुटा सके। सबको पता है कि राजद के लोग स्वाभिमानी हैं जबकि भाजपा सत्ता की लालची है। श्री यादव ने श्री कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विकास पुरुष का जनाधार क्या है यह इसी से पता चलता है कि जब भी उनकी पार्टी अकेले लड़ी तो उन्हें मुंह की खानी पड़ी। वर्ष 1995 में जब समता पार्टी बिहार विभाजन से पहले राज्य की 324 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ी तब उसे मात्र सात सीटें ही मिलीं। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू को केवल दो सीट पर ही संतोष करना पड़ा। जदयू के लोग बतायें कि इस परिणाम के पीछे श्री कुमार की छवि का असर था या उनके काम का। विपक्ष के नेता ने कहा कि जदयू को पिछले विधानसभा चुनाव में राजद और कांग्रेस ने सिर्फ हारने से ही नहीं बल्कि उसके राजनीतिक वजूद को भी बचाया था। उन्होंने कहा कि श्री कुमार काफी पहले से भाजपा के साथ जाने की योजना बना रहे थे और इसके लिए वह बहाना तलाश रहे थे। 


श्री यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री पर कभी भी उनकी पार्टी का कोई दबाव नहीं था। मुख्यमंत्री भी अक्सर उन्हें और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी को कहते थे कि अब आप लोग ही बिहार के भविष्य हैं। संघ और भाजपा के खिलाफ आप लोगों को ही आगे लड़ना है। उन्होंने कहा कि जब वह उप मुख्यमंत्री बने तो युवा जिनकी आबादी सबसे ज्यादा है, वे काफी खुश हुए। उन्हें लगा कि एक युवा नीति निर्धारण तंत्र का हिस्सा बना है लेकिन उसे झूठे मुकदमें में फंसा दिया गया है। विपक्ष के नेता ने कहा कि उनके जैसा शायद ही कोई युवा होगा जो शुरुआती राजनीति में इस तरह के मुकदमे झेल रहा हो। इस घटना से स्वच्छ राजनीति की चाह में जो युवा इसमें शामिल होना चाहते थे वे सब दुखी हैं। ईमानदारी से काम करने वाले एक युवा को किसी ने छवि बचाने के लिए तो किसी ने राजनीति चमकाने के लिए झूठे मामलों में फंसा दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनसे कभी भी इस्तीफे के बारे में नहीं कहा था बल्कि उन्होंने सिर्फ यह कहा था कि वह आरोपों के बारे में स्पष्टीकरण दे दें। यह उनके लिए भी ठीक होगा। श्री यादव ने कहा कि उनके खिलाफ जो प्राथमिकी दर्ज की गयी है उसमें कई गड़बड़ियां हैं। उनके वकीलों ने भी उन्हें इस बारे में सार्वजनिक तौर पर कुछ भी कहने से मना किया था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि दो साल में उन्होंने कौन सा अपराध किया है। सच्चाई यह है कि सिर्फ व्यक्तिगत छवि बनाने के लिए श्री कुमार ने यह ढकोसला किया है । विपक्ष के नेता ने कहा कि श्री कुमार पर भी हत्या और आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज हैं। इस पर श्री लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि आरोप के आधार पर ही इस्तीफा देना है तो मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री दोनों त्यागपत्र दे दें तथा किसी तीसरे को नेता चुन लिया जाये। उन्होंने कहा कि श्री कुमार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं और प्राथमिकी के आधार पर इस्तीफा देने की बात कहते हैं तो अब तो केन्द्र में उनकी ही सरकार है तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहकर ऐसा कानून क्यों नहीं बनवा देते, जिसमें किसी पर एफआईआर होता है तो उसे पद पर रहने का अधिकार नहीं हो। श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज पाटिल और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के खिलाफ भी मुकदमें हैं तो क्या श्री कुमार उनसे भी इस्तीफा मांगेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि क्या वह शराबबंदी को पूरे देश में लागू कराने के लिए प्रधानमंत्री से आग्रह करेंगे। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि शराबबंदी कानून को जो भाजपा के लोग तालिबानी कानून बताते थे उस भाजपा के साथ क्या शराबबंदी के मामले पर भी कोई सौदेबाजी हुयी है। विपक्ष के नेता ने कहा कि राजद प्रमुख पर पुत्र मोह के कारण महागठबंधन सरकार नहीं बचाने का आरोप लगाया जा रहा है, जो सच नहीं है। यदि राजद अध्यक्ष को पुत्र मोह ही होता तो उन्हें मुख्यमंत्री बनवा देते लेकिन सच तो यह है कि उनको पुत्र प्रेम से ज्यादा भाई प्रेम था इसलिए उन्होंने सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद श्री कुमार को मुख्यमंत्री बना दिया। श्री यादव ने कहा कि चारा घोटाले के कारण श्री लालू प्रसाद यादव यदि पहले से दागी हैं और राजद भ्रष्ट पार्टी थी तो फिर श्री कुमार ने उनके साथ क्यों गठबंधन किया। उन्होंने कहा कि विचारधारा की बात करने वाले श्री कुमार ‘संघ’ (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) मुक्त भारत का अभियान छेड़ने की बात करते थे, आज वह रणछोड़ हो गये हैं और संघ के सामने झुक गये हैं। आज वह महात्मा गांधी के हत्यारों के साथ गले मिल रहे हैं और अब वह हे राम से जय श्री राम कहने लगे हैं। इससे पूर्व विश्वासमत के प्रस्ताव के पक्ष में भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव और विपक्ष में कांग्रेस के नेता सदानंद सिंह तथा भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (लेनिनवादी) के विधायक महबूब आलम ने अपने विचार रखे। 

बिहार में गंगा समेत सात नदियों के जलस्तर का बढ़ना जारी

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पटना 28 जुलाई, नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण बिहार में जहां गंगा समेत सात नदियों के जलस्तर का बढ़ना लगातार जारी है वहीं कोसी और पुनपुन नदी का जलस्तर एक-एक स्थान पर खतरे के निशान से ऊपर दर्ज किया गया। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, बिहार में आज गंगा, सोन, पुनपुन, घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक और अधवारा समूह के जलस्तर में 14 स्थानों पर वृद्धि दर्ज की गई। गंगा नदी बक्सर, पटना के गांधीघाट और हाथीदह के साथ ही मुंगेर, भागलपुर एवं कहलगांव में, सोन भोजपुर के कोइलवर एवं पटना के मनेर में तथा पुनपुन का जलस्तर पटना के श्रीपालपुर में बढ़ा है। इसी तरह घाघरा सारण के छापरा में, गंडक गोपालगंज के डुमरियाघाट एवं वैशाली के हाजीपुर में, बूढ़ी गंडक खगड़िया में तथा अधवारा समूह के जलस्तर में दरभंगा के कमौतल में वृद्धि हुई है। आयोग के अनुसार, जलस्तर घटने के बावजूद कोसी नदी खगड़िया के बलतारा में खतरे के लाले निशान से 37 सेंटीमीटर ऊपर है। हालांकि इसमें कल तक 12 सेंटीमीटर कमी होने की संभावना है। वहीं, पुनपुन नदी का जलस्तर श्रीपालपुर में खतरे के निशान से 96 सेंटीमीटर ऊपर दर्ज किया गया। साथ ही कल तक इसमें 14 सेंटीमीटर की वृद्धि होने का अनुमान है। जल संसाधन विभाग ने दावा किया है कि राज्य के सभी बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंध जहां सुरक्षित हैं वहीं तटबंधों की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। विभाग के अभियंता लगातार नजर रख रहे हैं। इस बीच मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के अपने पूर्वानुमान में कहा है कि बिहार की सभी नदियों एवं सोन नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की बारिश होने की संभावना है। 

महागठबंधन सरकार के नहीं चलने की भविष्यवाणी सच हुई : रामविलास पासवान

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पटना 28 जुलाई, केन्द्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान ने बिहार में श्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बनी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) सरकार पर खुशी जाहिर करते हुए आज कहा कि उन्होंने पहले ही भविष्यवाणी की थी कि महागठबंधन की बेमेल सरकार अधिक दिनों तक चलने वाली नहीं है क्योंकि दिल मिलने से ही दल मिलतें हैं। श्री पासवान ने यहां पार्टी मुख्यालय में लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस की उपस्थिति में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच हुये बेमेल गठबंधन की सरकार डेढ़-दो साल में ही स्वत: समाप्त हो जायेगी। उनके इस बयान पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने चुटकी लेते हुए उन्हें मौसम वैज्ञानिक तक कह दिया था। लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें मौसम वैज्ञानिक बताने वाले राजद अध्यक्ष को अब यह सोचना चाहिए कि उनकी भविष्यवाणी कैसे सच साबित हुयी। महागठबंधन में शामिल तीनों दल देखने में तो ऊपर से संतरे के समान थे लेकिन अंदर से अलग-अलग थे। उन्होंने कहा कि सही मायने में महागठबंधन की बेमेल सरकार थी क्योंकि बिना दिल मिले दल नहीं मिल सकते। श्री पासवान ने कहा कि बिहार में जब से महागठबंधन की सरकार बनी थी तभी से प्रदेश का विकास पूरी तरह से बाधित हो गया था। राजद अध्यक्ष के साथ गठबंधन कर बिहार के विकास के संबंध में सोचना ही बेमानी होगी। उन्होंने कहा कि अब राजग की सरकार बन गयी है इसलिए बिहार का भाग्य बदलेगा। केन्द्र में भी राजग की सरकार है जो बिहार में विकास के लिए वचनबद्ध है। लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र और बिहार में एक ही सरकार होने से प्रदेश में विकास होगा और इसे कोई रोक नहीं पायेगा। बिहार के विकास के लिए वह पूरी ताकत झोंक देंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में नौजवानों के साथ ही लोगों को हर संभव सुविधा उपलब्ध होगी। केन्द्र सरकार बिहार के विकास के लिए राशि देती थी लेकिन उसका सही उपयोग नहीं होता था। श्री पासवान ने कहा कि अब राजग के साथ जदयू का स्वभाविक गठबंधन हुआ है तो हर हाल में विकास होकर रहेगा। महागठबंधन सरकार में एक तरफ जहां भ्रष्टाचार था वहीं दूसरी ओर सुशासन जिसके कारण मुख्यमंत्री श्री कुमार दोराहे पर खड़े थे लेकिन अब उन्होंने सही रास्ता चुना है। उन्होंने दावा किया और कहा कि प्रदेश में राजग की सरकार स्थायी होगी और अपना कार्यकाल पूरा करेगी। 

धर्मनिरपेक्षता का इस्तेमाल करने वाले उन्हें पाठ न पढ़ायें: नीतीश

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पटना 28 जुलाई, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन तोड़ कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ नई सरकार बनाने पर सांप्रदायिक शक्तियों से समझौता करने के विपक्ष के आरोपों को जवाब देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने और अपने पाप छुपाने के लिए धर्मनिरपेक्षता का इस्तेमाल करने वाले उन्हें इसका पाठ न पढ़ायें। श्री कुमार ने आज विधानसभा में विश्वास मत, जिसमें उनकी सरकार 108 के मुकाबले 131 मतों से जीत गयी, पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि धर्मनिरपेक्षता का पाठ उनको देश में कोई नेता नहीं पढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता एक विचार है लेकिन कुछ लोग इसका इस्तेमाल भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने और अपने पाप छुपाने के लिए करते हैं। अपनी धर्मनिरपेक्ष साख पर सवाल खड़ा किये जाने से नाराज नजर आ रहे मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में जब वह मुख्यमंत्री बने थे तब उन्होंने 1984 के भागलपुर दंगे के कई बंद मामलों की फिर से जांच करायी। इतना ही नहीं दंगा पीड़ितों को मिलने वाली मुआवजा राशि बढ़ायी गयी और जिनके जमीन पर कब्जा कर लिया गया था, उसे मुक्त कराया गया। इसी तरह उनकी सरकार ने अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कई अन्य कार्य किये हैं। 


श्री कुमार ने कहा कि वह विचार से धर्मनिरपेक्षता और पारदर्शिता के समर्थक हैं। कोई धन संपत्ति अर्जित करने के लिए राजनीति करेगा तो वह उसका साथ नहीं दे सकते। उन्होंने कांग्रेस को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव के समय गठबंधन में कांग्रेस को 15-20 से ज्यादा सीटें मिलने वाली नहीं थी लेकिन उन्होंने उसे 40 तक पहुंचाया। उन्होंने तेजस्वी प्रकरण के संबंध में कहा, “हमने उनसे (कांग्रेस) भी कहा कि कोई रास्ता निकालिए।” मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हमेशा से मानते रहे हैं कि सत्ता राजभोग के लिए नहीं जनता की सेवा करने के लिए होती है। जब उन्होंने समता पार्टी का गठन किया और तब से लेकर जनता दल यूनाईटेड (जदयू) तक उन्होंने कभी भी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनका अपना रास्ता है जिससे वह भटक नहीं सकते। उन्होंने कहा कि उनके लिए अब राजद के साथ चलना मुश्किल था इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। बिहार के हितों को ध्यान में रखकर भाजपा के साथ मिलकर सरकार चलाने का निर्णय लिया है। केन्द्र और बिहार में अब एक ही गठबंधन की सरकार है इसलिए दोनों सरकारें मिलकर काम करेंगी जिससे राज्य का तेजी से विकास होगा। श्री कुमार ने कहा कि राजद के सत्ता में वापस आने के बाद एक बार फिर गांवों में माहौल खराब हो गया था और लोग परेशान थे। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि राजद के लोग अहंकार में न रहें। वह (नीतीश) मर्यादा का पालन करते हैं और अकारण नहीं बोलते हैं लेकिन जब कोई उन्हें विवश करेगा तो वह उसका जवाब देंगे और उसे आईना दिखायेंगे। 

नीतीश को सरकार बनाने के आमंत्रण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई अब सोमवार को

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पटना 28 जुलाई, पटना उच्च न्यायालय ने श्री नीतीश कुमार के बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के दावे को दरकिनार करते हुये श्री कुमार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोग से फिर से सरकार बनाने का आमंत्रण दिये जाने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी है। मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायाधीश ए. के. उपाध्याय की खंडपीठ ने अाज राजद विधायक सरोज यादव और चंदन वर्मा की ओर से इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद अगली सुनवाई की तिथि 31 जुलाई (सोमवार) निर्धारित की है। बिहार सरकार, राज्यपाल और चुनाव आयोग के अधिवक्ता को याचिका की प्रति उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण सुनवाई स्थगित कर दी गई। याचिका में 26 जुलाई को श्री नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सरकार बनाने के लिए सबसे अधिक (80) विधायकों वाली पार्टी राजद के दावे को नजरअंदाज कर श्री कुमार की अगुवाई वाले गठबंधन राजग को मौका देने के राज्यपाल के निर्णय को चुनौती दी गई है। श्री कुमार ने इस्तीफा देकर पहले महागठबंधन से नाता तोड़ा और उसके कुछ घंटे के भीतर ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राजग के सहयोग से सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। याचिकाकर्ताओं ने एस. आर. बोम्मई मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुये अदालत से अनुरोध किया कि बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी राजद को सरकार बनाने का मौका देने के लिए राज्यपाल को निर्देश दिया जाये। 


श्रीनगर मेेेें कर्फ्यू जैसी पाबंदिया, जन-जीवन प्रभावित

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श्रीनगर, 28 जुलाई, जम्मूूूू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के शहर-ए-खास और पुराने इलाके में जुमे की नमाज के बाद किसी किस्म के विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर एहतियातन कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लगा दी गयी हैं। अधिकारियों ने यूनीवार्ता को बताया कि प्रमुख विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) द्वारा कल जरूरी वस्तुओं के दाम बढ़ने, पुरानी बस्ती और शहर-ए-खास में लगातार कर्फ्यू लगाने और कथित तौर पर निर्दोष लोगों की हत्या के खिलाफ राजभवन तक मार्च निकालने की कोशिश के एक दिन बाद यह कदम उठाया गया है। उन्होंने बताया कि श्रीनगर जिले के नौहट्टा, एम आर गंज, रैनावाड़ी, खानयार और सफकदल थाना क्षेत्रों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है। सुरक्षा बलों ने सभी प्रमुख मार्गों को कंटीले तारों से बंद कर दिया है और लोगों को अपने-अपने घरों मेंं रहने को कहा गया है। मीरवाइज उमर फारूक के गढ़ में स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद का मुख्य द्वार फिर से बन्द कर दिया गया है। बुलेट प्रूफ जैकेट पहने सैंकड़ों हथियारबंद पुलिसकर्मी और सुरक्षा बल मस्जिद के बाहर तैनात हैं। जामिया मार्केट में भी बड़ी संख्या में सुरक्षा बल के जवान तैनात कर दिये गये हैं और उस इलाके में आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गयी है। परिमपोरा से खान्यार जाने वाले मुख्य मार्ग नल्लाहमार मार्ग को भी कई स्थानों पर कंटीले तारों से बंद कर दिया गया है। सुरक्षाबलों ने शहर की मुख्य बस्ती और शहर-ए-खास के अलावा राजौरी कदल, नवा कदल, रंगार स्टॉप, नौहट्टा और जाइना कदल पर वाहनों और राहगीरों का आवागमन रोकने के लिये नाका स्थापित किए गये हैं। एस. के. इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जाने वाले मार्ग को मरीजों, एम्बुलेंस या पैरामेडिकल स्टाफ को जाने के लिए खोला गया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने कल कहा था कि महंगाई बढ़ने, जुमे के दिन ऐतिहासिक जामा मस्जिद को बन्द रखने, बार-बार कर्फ्यू लगाने और निर्दोषों की मौतों के विरोध में राजभवन तक मार्च निकाला गया है।

कपिल का दावा, केजरीवाल का मोदी के खिलाफ अपशब्द नहीं कहने का वादा

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नयी दिल्ली, 28 जुलाई, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी(आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचार के कई आरोपों में घेरने वाले पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने आज उनके केन्द्र सरकार के एक मंत्री से मिलने का आरोप लगाया । करावल नगर से पार्टी के निलंबित विधायक श्री मिश्रा ने ट्विटर पर लिखा,“ मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता जो केन्द्र सरकार में मंत्री भी हैं,उनसे मुलाकात की है और वादा किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अब वह एक भी अपशब्द का इस्तेमाल नहीं करेंगे।” श्री मिश्रा ने यह दावा किया कि श्री केजरीवाल ने यह भी कहा है कि वह वित्त मंत्री अरुण जेटली के आपराधिक मानहानि मामले में लिखित में माफी मांगेंगे। श्री जेटली ने दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बाद श्री केजरीवाल समेत आप पार्टी के छह नेताओं पर 10 करोड़ रुपये का आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया है। इसी मामले में श्री केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी के यह कहने पर कि मुख्यमंत्री की सलाह पर उन्होंने श्री जेटली को आपत्तिजनक शब्द कहे थे,इसको लेकर भी इतनी ही राशि का एक और मुकदमा ठोका गया है। इस मुकदमे में जवाब नहीं देने पर न्यायालय ने श्री केजरीवाल पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। पूर्व मंत्री ने यह भी दावा किया कि श्री केजरीवाल के प्रधानमंत्री के खिलाफ एक भी अपशब्द का इस्तेमाल नहीं करने के वादे के बाद मंत्री ने कहा कि वह समझते है कि श्री मोदी के पास उनकी बातों पर ध्यान देने का समय नहीं है। यह पहला मौका नहीं है कि श्री मिश्रा ने श्री केजरीवाल पर निशाना साधा हो। श्री मिश्रा ने श्री केजरीवाल और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन पर भ्रष्टाचार और घोटालों के पहले भी कई आरोप लगाने के साथ ही जांच एजेंसियों से इसकी शिकायत की है।

नीतीश के साथ गठबंधन क्या पाकिस्तान को खुश करने के लिये? : शिवसेना

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मुंबई,28 जुलाई, बिहार के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर केन्द्र और महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी शिवसेना ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए सवाल किया है कि उसने श्री नीतीश कुमार के साथ गठबंधन क्या ‘पाकिस्तान को खुश’ करने के लिये किया है। शिवसेना के मुख पत्र ‘सामना’ में आज लिखे संपादकीय में कहा गया है कि वर्तमान राजनीति में ‘नैतिकता और आदर्शों का कोई स्थान नहीं है।’ संपादकीय में भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह के उस बयान का उल्लेख किया गया है जिसमें उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के समय कहा था कि यदि राज्य में श्री कुमार की जीत होती है तो पाकिस्तान इसकी खुशी मनायेगा। पार्टी ने कहा कि श्री कुमार साथ गठबंधन होने पर क्या अब ‘पाकिस्तान खुशी मना रहा है।’ मुख पत्र ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्री शाह ने श्री कुमार को अपने साथ खड़ा कर विपक्षी दलों से उनके प्रधानमंत्री पद के एक संभावित उम्मीदवार को छीन लिया है। संपादकीय में लिखा गया है,‘नीतीश कुमार से हाथ मिलाकर भाजपा ने अब स्वयं ही पाकिस्तान को खुश कर दिया है।’ शिवसेना ने कहा है कि श्री कुमार के फिर से आ जाने से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) को अपना ‘पुराना मित्र’वापस मिल गया है लेकिन श्री कुमार ने राजग से संबंध तोड़ते वक्त श्री मोदी के बारे में जो कुछ कहा था उसका क्या? संपादकीय में कहा गया है,“ क्या उस समय कही गयी बातों का अब कोई मतलब नहीं रह गया है। ” संपादकीय में कहा गया है कि अब राजनीति में आदर्शों और नैतिकता का कोई स्थान नहीं रह गया है। भाजपा ने गोवा और मणिपुर में बहुमत नहीं मिलने के बावजूद सरकार बनायी।

पेंशन योजना की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय समित होगी गठित: बंडारू

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नयी दिल्ली, 28जुलाई, केन्द्रीय श्रम और राेजगार मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने आज आश्वासन दिया कि कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) 1995 की समीक्षा और सुधार के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की जाएगी और उसके सुझावों के आधार पर योजना के प्रावधानों में बदलाव किए जाएंगे। रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि पेंशन योजना के संबंध में लाये गये निजि संकल्प पर लोकसभा में आज आगे की चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए श्री दत्तात्रेय ने सदन को आश्वस्त किया कि कर्मचारी पेेंशन योजना 1995 में सुधार के लिए सदस्यों की ओर से जो सुझाव दिए गये हेैं उनपर सरकार गंभीरता से विचार करेगी। मंत्री के आश्वासन के बाद श्री प्रेमचंद्रन ने अपना संकल्प वापस ले लिया। श्री दत्तात्रेय ने इपीएस में सुधारों के आश्वासन के साथ हालांकि यह भी स्पष्ट किया कि वित्तीय सीमाओं के कारण सरकार फिलहाल ईपीएस के तहत न्यूनतम पेंशन राशि एक हजार रुपये से बढ़ाकर तीन हजार रुपये करने की स्थिति में नहीं है, लेकिन सभी पेंशनरों के लिए कर्मचारी राज्य बीमा येाजना के तहत स्वास्थ्य येाजना लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सरकार श्रमिक हितैषी और संवेदनशील है। श्रमिकों की समस्याओं का निदान करने के हरसभंव प्रयास किए जाएंगे।

विकास एवं अनुसंधान के लिए सरकार के प्रयास अपर्याप्त : उपराष्ट्रपति

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नयी दिल्ली 28 जुलाई, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों की सराहना करते हुये आज कहा कि अनुसंधान एवं विकास पर सरकार द्वारा किया जा रहा खर्च काफी कम है तथा इस दिशा में सरकार के प्रयास अपर्याप्त हैं। श्री अंसारी ने संसदीय सौध में दो सप्ताह के विज्ञान प्रदर्शनी के उद्घाटन से पहले अपने संबोधन में कहा कि भारत वैज्ञानिक अनुसंधानों पर अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का महज 0.9 प्रतिशत खर्च करता है जबकि चीन अपने जीडीपी का दो प्रतिशत, जर्मनी 2.8 प्रतिशत और इजरायल 4.6 प्रतिशत खर्च करता है। उन्होंने कहा, “मैं सरकार की मंशा पर सवाल नहीं उठा रहा, लेकिन वास्तविकता यह है कि इस तेजी से बदलते हुये प्रतिस्पर्द्धी युग में हम काफी पीछे हैं। हमें अपने-आप से पूछना चाहिये कि क्यों हर बजट में विज्ञान की प्राथमिकता काफी पीछे रहती है। अनुसंधान एवं विकास पर सरकार के प्रयास अपर्याप्त हैं।” उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि देश की रक्षा जरूरतों का 60 प्रतिशत हम आयात करते हैं। इसका सीधा मतलब यह है कि विषम परिस्थितियों में हमारी नब्ज हमारे आपूर्तिकर्ता की हाथों में है। उन्होंने कहा, “वैज्ञानिक कहते हैं कि बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक प्रवृत्ति पैदा करने की जरूरत है। लेकिन, इस दिशा में भी हम काफी कम प्रयास देखते हैं।” श्री अंसारी ने कहा कि विशुद्ध विज्ञान में पीएचडी करने वालों की संख्या देश में काफी कम है। एप्लाइड साइंस का स्थान विशुद्ध विज्ञान के बाद आता है। उन्होंने कहा कि हम विज्ञान के लाभ का इस्तेमाल करने में काफी अच्छे हैं। लेकिन क्या हम वैज्ञानिक प्रक्रियाओं में भी उतने ही अध्यवसायी हैं? लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वैज्ञानिक अच्छा काम कर रहे हैं और देश में अच्छे शोध हो रहे हैं, उन्होंने कहा,“ जो हमारे जीवन से संबंधित हैं। हमें उनके बारे में जानना चाहिये।” उन्होंने कहा कि कई बार एक शोध के पूरा होने में 10-12 साल लग जाते हैं। इसके बाद भी कुछ सफल होते हैं और कुछ विफल होते हैं। लंबा समय लगने के कारण कंपनियाँ भी वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में निवेश नहीं करना चाहती हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों से महिलाओं के अनुकूल प्रौद्योगिकियों के विकास की अपील की।

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