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सोनिया के पुत्रमोह में डूब रही है कांग्रेस : रूपाणी

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पालनपुर, 30 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृहराज्य गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने आज आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के पुत्रमोह की वजह से डूब रही है। श्री रूपाणी ने सर्वाधिक बाढग्रस्त बनसाकांठा और पाटन जिलो के आज से शुरू हुए अपने पांच दिवसीय दौरे के पहले दिन कहा कि श्रीमती गांधी का अपने बेटे राहुल गांधी से इतना मोह है कि इसकी वजह से उन्होंने पूरी पार्टी को डूबा दिया है। गुजरात में आठ अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के छह विधायकोें के इस्तीफे और पार्टी की ओर से भाजपा सरकार पर विधायकों को धमकाने और उनकी खरीदफरोख्त का आरोप लगाये जाने के बारे में पूछे गये सवाल पर कहा कांग्रेस छोड कर आये नेता ही कह रहे हैं कि पार्टी की हालत बेहद खराब है और वहां कोई भी किसी की बात मानने अथवा नियम मानने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि आज गुजरात भीषण बाढ़ से जूझ रहा है और कांग्रेस ने सोनिया के सलाहकार अहमद पटेल को राज्यसभा में भेजने के लिए बाढग्रस्त इलाके के विधायकों को बेंगलोर केे भव्य रिसार्ट में भेज दिया है। पार्टी को गुजरात के बाढ की कोई फिक्र नहीं है। जल्द ही कांग्रेस पार्टी भी इस बाढ़ में डूब जाएगी। मुख्यमंत्री ने आज थरा के खारिया गांव जहां एक ही परिवार के 17 लोग मारे गये थे का भी दौरान किया। उन्होंने पीडित परिजनों से मुलाकात की। वह धानेरा और कुछ अन्य स्थानों पर गये और पालनपुर के कलेक्टर कार्यालय में एक बैठक भी की।


दार्जिलिंग में हिंसक घटनाएं, कई पुलिसकर्मी, गोरखा घायल

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दाजिँलिंग/सिलीगुड़ी. 30 जुलाई, पृथक गोरखालैंड की आग में जल रहे पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग हिल्स में हिंसा की ताजा घटनाओं में पुलिसकर्मियों समेत कई गोरखा कार्यकर्ता घायल हो गये। इस बीच अलग राज्य की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा(जीजेएम) के आह्वान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल के आज 47वें दिन भी मौजूदा गतिरोध के टलने अथवा हिल्स में शांति बहाली के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे हैं। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जयगांव में भारत-तिब्बत सीमा के समीप सुरक्षा बलों ने खुखरी(पारंपरिक हथियार) लिए गोरखा समर्थकों की रैली को रोका । इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच झड़प रक्तिम संघर्ष में बदल गयी, जिससे कई पुलिसकर्मी और गोरखा समर्थक घायल हो गये। इससे पहले कल शनिवार को जयगांव में गोरखा समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया और पेट्रोल बम फेंके। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और रबर की गोलियां चलायी तथा आंसूगैस के गोले छोड़े। दूसरी तरफ शनिवार को ही सुकना के समीप सुरक्षा बलों और गोरखालैंड समर्थकों के बीच झड़प में छह पुलिस कर्मियों सहित 30 से अधिक लोग घायल हो गये। घायलों में सिलीगुड़ी के सहायक पुलिस आयुक्त प्रणव सिकदार भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पुलिस ने छह गोरखा समर्थकों को सुकना से गिरफ्तार किया है। स्थानीय प्रशासन ने समूचे सुकना और सालबाड़ी इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक गोरखा समर्थकों ने भारत-नेपाल सीमा के समीप नक्सलबाड़ी में रैली निकाली और कार के टायर जलाकर तथा पेट्रोल बम फेंक कर राजमार्ग बंद कर दिया। गोरखालैंड आंदोलन समन्वय समिति(जीएमसीसी) ने अब दुआर्स और तेराई तथा नेपाल एवं भूटान के अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती इलाकों तक अपने आंदोलन को विस्तार देने का निर्णय लिया है।

पाकिस्तान में नये प्रधानमंत्री का चुनाव मंगलवार को

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इस्लामाबाद, 30 जुलाई, पाकिस्तान में अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की जगह नये प्रधानमंत्री का चुनाव मंगलवार को होगा और माना जा रहा है कि उनके भाई शाहबाज शरीफ के संसद की सदस्यता हासिल करने तक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री रहे शाहिद खकान अब्बासी को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पनामागेट मामले में श्री नवाज शरीफ को शुक्रवार को दोषी करार देते हुए प्रधानमंत्री पद के अयोग्य ठहराया था जिसके बाद श्री शरीफ ने इस्तीफा दे दिया था। श्री शरीफ द्वारा श्री अब्बासी को अंतरिम नेता के तौर पर पेश किए जाने और अपने भाई शाहबाज शरीफ को उत्तराधिकारी घोषित करने के बाद पाकिस्तानी राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने एक विशेष सत्र बुलाया था। इसके बाद ही मंगलवार को प्रधानमंत्री चुने जाने की पुष्टि की गयी। श्री शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग :नवाज: (पीएमएल-एन) के पास संसद में 342 में से 188 सीटें हैं लिहाजा वह तुरंत अपनी पसंद के व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना सकती है। चुनाव आयोग द्वारा नवाज शरीफ की नेशनल असेंबली की सदस्यता को समाप्त करने के बाद उनकी सीट रिक्त हो गई है इसलिए शाहबाज शरीफ के इस सीट से चुनाव लड़ने की भी संभावना है। रिक्त हुई सीट को पीएमएल-एन का गढ़ माना जाता है। श्री अब्बासी ने आज श्री शरीफ के काम को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा “मुझे उम्मीद है कि ईश्वर नवाज शरीफ की नीतियों को आगे ले जाने में मेरी मदद करेगा।” गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रही संयुक्त जांच समिति (जेआईटी) की रिपोर्ट के आधार पर फैसला सुनाते हुए श्री शरीफ और वित्त मंत्री इशाक डार को अयोग्य घाेषित कर दिया था। इसके अलावा न्यायालय ने नेशनल असेंबली के सदस्य कैप्टन मोहम्मद सफदर को भी पद के अयोग्य ठहराया है। जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि श्री शरीफ के परिवार के पास आय के घोषित श्रोत से बहुत अधिक संपत्ति है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को आदेश दिया कि वह दो सप्ताह के भीतर श्री शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज करें।

महबूबा ने इस्लाम पर बयान को लेकर की दलाई लामा की सराहना

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लेह, 30 जुलाई, जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के उस बयान की आज सराहना की जिसमें उन्होंने मुसलमानों पर आतंकवादी का ठप्पा लगाने वाले लोगों की कड़ी आलोचना की है। दलाई लामा वार्षिक बौद्ध समारोह के सिलसिले में यहां पहुंचे हुए हैं। सुश्री मुफ्ती ने यहां उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए दलाई लामा के बयान को लेकर उनकी सराहना की। दलाई लामा ने हाल ही में एक बयान में उन लोगों की कड़ी आलोचना की थी जो मुसलमानों पर आतंकवादी होने का ठप्पा लगाते हैं। उन्होंने लोगों से सौहार्द और बंधुत्व का रास्ता अपनाने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतने ऊंचे व्यक्तित्व द्वारा इस तरह का बयान दिया जाना वक्त की जरूरत है और इससे दलाई लामा की अद्भुत आध्यात्मिक महिमा प्रतिबिंबित होती है। । मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर की विविधतापूर्ण संस्कृति पर प्रकाश डाला और इसे विभिन्न मान्यताओं एवं संस्कृतियों का निवास बताया। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी धर्मों और समुदायों के लोग सौहार्द और भाईचारे के साथ रहते हैं। उन्होंने दलाई लामा के बेहतर स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की। इस अवसर पर दलाई लामा ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने श्री मुफ्ती की जन-जन तक पहुंच की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि वह राज्य को हर मुश्किल में बाहर निकाल लेंगी।

मायावती के बाद भाजपा की नजर अब मुलायम के वोट बैंक पर

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लखनऊ 30 जुलाई,  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दलित वोटों के बाद अब पिछडों खासकर मुलायम सिंह यादव के कट्टर समर्थक माने जाने वाले ‘यादव’ वोटों पर पैनी नजर है। राजनीतिक प्रेक्षक मान रहे हैं कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज लखनऊ में इसी वजह से पार्टी के बूथ लेबल कार्यकर्ता सोनू यादव के यहां अपना दोपहर का भोजन रखवाकर एक बडा संदेश देने की कोशिश की है। तीन दिन के दौरे पर लखनऊ आये श्री शाह ने दूसरे दिन सोनू यादव के यहां खाना खाने का निश्चय किया। सोनू यादव के यहां भोजन करने का खूब प्रचार भी करवाया गया। उत्तर प्रदेश में यादव मतदाताओं की संख्या काफी है। 44 फीसदी पिछडे मतदाताओं में से करीब 09 फीसदी यादव हैं। लोधी मतदाता 07 प्रतिशत, जाट 1़ 7 फीसदी, कुशवाहा और कुर्मी 04-04 प्रतिशत हैं। पिछडे वर्ग के मतदाताओं में सर्वाधिक संख्या यादव की है। इस पर काफी दिनों से भाजपा की नजर है और शायद इसीलिये 2017 के राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेन्द्र यादव को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गयी थी।

राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र जरुरी : शाह

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लखनऊ 30 जुलाई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र को जरुरी बताते हुए कहा है कि सोनिया गांधी के बाद राहुल का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय है, लेकिन भाजपा में मेरे बाद कौन अध्यक्ष बनेगा इसकी जानकारी किसी को नहीं है।  तीन दिवसीय लखनऊ दौरे के दूसरे दिन की शाम श्री शाह प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और कुछ अन्य पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है,लेकिन भाजपा में पूरी तरह लोकतंत्र है। सभी को पार्टी फोरम पर अपनी बात कहने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में परिवारवाद इस कदर हावी है कि सभी जानते हैं सोनिया गांधी के बाद राहुल ही पार्टी की बागडोर संभालेंगे लेकिन भाजपा में उनके बाद जो भी अध्यक्ष बनेगा उसकी जानकारी किसी को नहीं है। भाजपा में पूरी तरह आंतरिक लोकतंत्र है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र का ही नतीजा है कि चाय बेचने वाले का बेटा प्रधानमंत्री बन गया। उन्होंने कटाक्ष किया कि आतंरिक लोकतंत्र नहीं होने की वजह से वारिस तय करने में कभी कभी समाजवादी पार्टी की तरह गलती हो ही जाती है। इस गलती में बेटा हो भाई क्या फर्क पडता है।

शास्त्री भवन में आग लगी

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नयी दिल्ली 31 जुलाई, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कई अहम मंत्रालयों के कार्यालय शास्त्री भवन में आज मामूली रूप से आग लग गयी। अग्निशमन अधिकारियों ने बताया कि सुबह नौ बजकर बयालीस मिनट पर शास्त्री भवन की सातवीं मंजिल में आग लगने की सूचना मिली, जिसके बाद पांच दमकलों को मौके पर भेजा गया। करीब दस बजकर पांच मिनट पर आग पर काबू पा लिया गया। घटना में कोई घायल नहीं हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक आग लगने के कारणों को अभी पता नहीं चल सका है।

व्यंग्य : साहित्य का अग्निपथ

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चतुर्वेदी जी मंझे हुए साहित्यकार है। वे हमेशा साहित्यिक साधना में लीन रहते है,उनके चारो और हमेशा साहित्य भिनभिनाता रहता है। साहित्यिक तेवर को ही वे अपना ज़ेवर मानते है। अपनी रचनात्मक चेत "ना"पर सवार होकर वे काफी लंबी साहित्यिक दूरी तय कर चुके है। इतना दूर आने के बाद उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि उनके जीवन की सबसे बड़ी गलती क्या थी, अपना साहित्यिक सफ़र शुरू करना या फिर सफ़र शुरू करने के बाद तुरंत वापस ना लौट जाना। साहित्य के क्षेत्र में टाटा नैनो से शुरुआत करके वो टाटा-407 तक पहुँच चुके है, अब सभी उनके साहित्य को टाटा-टाटा करने की राह देख रहे है। उनका सृजित साहित्य काफी दूर तक पहुँचा है, अब दूर दूर के पाठक उनके साहित्य से तौबा कर रहे है। वे बिना डगमगाए साहित्यिक डग भरते है जिसके चलते उनके पाठक आहे भरते है। अपनी प्रबल साहित्यिक निष्ठा के चलते चतुर्वेदी जी बड़ी ही निष्ठुरता से कविता, कहानी, व्यंग्य, गीत और ग़ज़ल को ठिकाने लगा चुके है। चतुर्वेदीे जी साहित्यिक कर्मयोगी है, प्रति दिन कुछ ना कुछ नया रचते है और अन्य रचनाकारो को भी इसके लिए उकसाते है। मेहनत और लगन से चतुर्वेदी जी की छवि साहित्य जगत में ऐसी बन चुकी है की उनके धतकर्म को भी रचना कर्म मान लिया जाता है। साहित्य विशेषज्ञ "साहित्यिक मनरेगा"शुरू करने का श्रेय चतुर्वेदी जी को ही देते है जिसे वो बड़ी विनम्रता से ड़कार देते है। उनके द्वारा रचित साहित्य में काफी वजन होता है और इस बात की गवाही उनकी सोसाईटी का रद्दी तोलने वाला कबाड़ी भी देता है।


साहित्य जगत में चतुर्वेदी जी का नाम काफी इज़्ज़त से लिया जाता है क्योंकि वे उन मुट्ठी भर लोगो में से है जो पहले रात-दिन मेहनत करके साहित्य सृजन करते है फिर उससे दुगुनी मेहनत करके अपने ही कमाए धन से उसे प्रकाशित और प्रचारित भी करते है। आज के स्वार्थपरक समय में तन-मन-धन से साहित्य की ऐसी निस्वार्थ सेवा करके भी चतुर्वेदी जी को अहम छू तक नहीं पाया है। इतनी ऊँचाई पर पहुँचने के बाद भी चतुर्वेदी जी अपनी जड़ो से जुड़े हुए है। चतुर्वेदी जी के करीबियों का मानना है कि इससे उनको  साहित्य की जड़े काटने में ज़्यादा दूर नहीं जाना पड़ता। साहित्य के प्रति उनके समर्पण का आलम यह है कि जिस दिन वो साहित्य सृजन नहीं कर पाते उस दिन बेचैन होकर साहित्य वमन करने लगते है।  साहित्य ने उनके मन मस्तिष्क में इस तरह घर कर लिया है कि "हायहुकू-हायहुकू हाय हाय" भी उन्हें "हाइकु"सुनाई पड़ता है। 


चतुर्वेदी जी की रचनाए काफी गहराई लिए होती है, इसलिए पाठक के साथ संपादक भी उसमे उतरने से डरते है। चतुर्वेदी जी तब तक किसी अख़बार या पत्रिका को प्रसिद्ध नहीं मानते जब तक उनकी कोई रचना उसमे प्रकाशित नहीं हो जाती है। बहुत "काशन"(Caution) लेकर उनकी रचनाओ का "प्रकाशन"होता है। साहित्यिक जानकर मानते है कि अब समय आ गया है कि चतुर्वेदी जी की रचनाओ को "स्वास्थ्य के लिए हानिकारक"चेतावनी के साथ ही प्रकाशित किया जाए।  साहित्यिक और रचनात्मक ईमानदारी के मामले में चतुर्वेदी जी का हाथ बिलकुल साफ़ है और इसी के चलते वो सभी सम्मानित पुरस्कारों पर हाथ साफ़ कर चुके है। "लिखने से ज़्यादा दिखने"के अपने आदर्श के चलते साहित्यिक चर्चाओ और संगोष्ठीयो में भी चतुर्वेदी जी छाए रहते है। हर युवा रचनाकार, चतुर्वेदी जी से दोस्ती और संपर्क बनाए रखना चाहता है ताकि वो साहित्य के साथ साथ राजनीती के गुर भी सीख सके। साहित्य में पैर ज़माने के लिए चतुर्वेदी जी ने वरिष्ठ साहित्यकारों के पैर दबाए है और वो इस बहुमूल्य परंपरा को केवल अपने तक सीमित रख कर किसी साहित्यिक पाप के भागी नहीं बनना चाहते है। साहित्यिक अग्निपथ पर चतुर्वेदी जी की रचनात्मक कदमताल साहित्य की अमूल्य निधि है।




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---अमित शर्मा (CA)---

दुमका : संत शिरोमणि गोस्वामी तुलसी दास व उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की मनायी गई जयन्ती

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) विश्व प्रसिद्ध ग्रंथ रामचरित मानस के रचयेता संत शिरोमणि गोस्वामी तुलसी दास व उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयन्ती पूरे धूमधाम से मनायी गईं। शिवपहाड़ स्थित वरीय नागरिक संघ भवन में 30 जुलाई को आहुत कार्यक्रम में उपरोक्त विद्वतजनों की जयंती के अवसर पर दुमका के साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों, काॅलेज शिक्षकों व अन्य ने संस्कार भारती के संयुक्त तत्वावधान में पुष्पांजलि सह विचार गोष्ठी का आयोजन कर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उनके स्मरण व प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला गयां। तुलसी दास रचित भजन की प्रस्तुति कर गौरकांत झा, कुबेर झा व कश्यप नंदन ने इस अवसर पर   कार्यक्रम में समां बांध दिया। गोस्वामी तुलसी दास की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए शिक्षक सुधांशु शेखर, अरुण सिन्हा, सी एन मिश्रा, कमलाकांत प्रसाद सिन्हा, सेवानिवृत्त शिक्षक एन के झा, राजीव नयन तिवारी, ई0 के0 एन0 सिंह, सहजानन्द राय, व डा0 रामवरण चैधरी ने विश्व के मानचित्र पर गोस्वामी तुलसी दास रचित रामचरित मानस को कालजेय कृति बतलाया। अपने-अपने विचार प्रकट करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भगवान श्रीराम के चरित्र व पूरे अयोध्या प्रकरण पर जिस तरह तुलसी दास ने एक-एक शब्दों के माध्यम से पूरे ग्रंथ को अविस्मरणीय बना दिया युगांे-युगांे तक उसकी भरपाई असंभव है। तुलसी दास के साहित्य व उसके बाद के समाज पर उनके दर्शन का प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की गई। तुलसी दास की प्रासंगिकता विषय पर आयोजित कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्यापति झा ने कार्यक्रम के उद्देस्यो पर प्रकाश डाला। बाद में झारखंड कला केंद्र के कला दल द्वारा तुलसीदास के भजन गाए गए। कार्यक्रम में मंच संचालन की जिम्मेवारी अमरेंद्र सुमन ने बखूबी निभाईं। व्याख्याता  खिरोधर प्रसाद यादव, शैलेन्द्र सिन्हा, कृष्ण नंदन सिंह, सहजानंद राय, मनोज घोष, अंजनी शरण, बाल कृष्ण ठाकुर, राहुल रंजन, अशोक सिंह, एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे। दुमका के साहित्यकार बन्धुओं सहित बुद्धिजीवियों व कला दल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तुलसी जयंती व प्रेमचंद जयंती के आयोजन को सफल बनाने में़े अंजनी शरण व कश्यप नंदन ने महती भूमिका निभाई। हिन्दी साहित्य में कालजयी भूमिका व रचनाधर्मिता के लिये कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर उन्हें भी पूरे श्रद्धाभाव से याद किया गया। उनकी अमर कृतियों को सार्वकालिक बताते हुए वक्ताओं ने हिन्दी साहित्य में उसे मील का पत्थर कहा। 

बिहार : येसु समाज के संस्थापक संत इग्नासियुस लोयोला का पर्व है

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sant-ignatsiusपटना। येसु समाज के संस्थापक संत इग्नासियुस लोयोला का पर्व है। पटना महाधर्मप्रांत के बेतिया ,मुजफ्फरपुर,बक्सर,पूर्णिया,भागलपुर और पटना धर्मप्रांत में हर्षोल्लास ढंग से महरूम संस्थापक का पर्व मनाया जा रहा है। बेतिया में स्थित के०आर हाई स्कूल के प्रांगण में येसु समाज के संस्थापक संत इग्नासियुस लोयोला का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष काजितेन ओस्ता द्वारा मिस्सा पूजा चढ़ा कर येसु समाज के संस्थापक संत इग्नासियुस लोयोला का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस मिस्सा पूजा में बेतिया धर्मप्रांत के सभी पुरोहित,धर्म बहने और विश्वासीगण उपस्थिति थे, कार्यक्रम में बेतिया शहर के येसु समाजी सभी फादर का स्वागत किया गया। सभी उपस्थित विश्वासीगणों को  के०आर हाई स्कूल के तरफ से शुभकामनाएं दी गयी,तथा इस कार्यक्रम की शुरुआत संत इग्नासियुस लोयोला की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। इसके बाद दीप प्रज्ज्वलित और स्वागत भाषण के बाद मिस्सा पूजा चढ़ाया गया। संत इग्नासियुस लोयोला का जन्म 526 साल पूर्व 23 अक्टूबर,1491 को हुआ। 48 वर्ष की अवस्था में 1539 में 'येसु समाज'की स्थापना कर दी। इस ऐतिहासिक कृत्य में संत पीटर फेबर और संत फ्रांसिस जेवियर संग-संग रहे। कोई 1 साल के बाद संत पापा पौल ने 1540 में मान्यता दे दी।इस तरह येसु समाज के गठन 478 और मान्यता मिलने 477 साल से फलफुल रहा है येसु समाज। भारत में अमेरिकन जेसुइट का उल्लेखनीय योगदान रहा है। 64 साल की अवस्था में 31 जुलाई, 1556 को मौत को गला लगाये। विश्व स्तर पर 461 वीं पुण्य तिथि मनायी जा रही है। परलोक सिधारने चुकने के 66 साल बाद इंग्नासियुस को संत पापा गेग्ररी xv ने 12 1622 को 'संत'से सम्मानित किया। संत इंग्नासियुस को विधिवत 'संत'बने 395 साल हो रहा है।

बिहार : जनकन्वेंशन में वाम, 74 आंदोलन और समाजवादी धारा के नेताओं को किया जाएगा आमंत्रित.

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  • 1-6 अगस्त: नीतीश-मोदी द्वारा जनादेsh से गद्दारी और लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ विरोध अभियान
  • 8 अगस्त को पटना में जनकन्वेंशन गेट पब्लिक लाइब्रेरी में.
  • 9-15 अगस्त: ‘जनादेश से गद्दारी नहीं सहेंगे, भूमि अधिकार लेकर रहेंगे’ अभियान

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पटना 31 जुलाई, बिहार में महागठबंधन की जगह एक बार फिर से जद(यू)-भाजपा की सरकार चोर दरवाजे से थोप दी गयी है. बिहार विधानसभा 2015 के जनोदश को उलटते हुए नीतीश कुमार ने अपने पुराने सहयोगी को बिहार में सत्ता हड़पने का मौका दिया है. जिस आनन-फानन में उन्होंने भाजपा की गोद में लौटकर एनडीए सरकार का गठन किया, उसेे  तख्तापलट और चरम राजनीतिक अवसरवाद के अलावा कुछ नहीं कहा जा सकता है.  नीतीश कुमार भ्रष्टाचार विरोध के नाम पर इसे सही ठहराने और ‘जीरो टाॅलरेंस’ का दावा कर रहे हैं. लेकिन अपने पहले कार्यकाल में खजाना घोटाला से लेकर मौजूदा कार्यकाल में डिग्री घोटाले के लंबे सिलसिले के लिए नीतीश कुमार सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं. भाजपा भी बिहार सहित अन्य राज्यों में तथा केंद्र में कई बड़े भ्रष्टाचार के मामलों में दागी है. जनादेश के साथ गद्दारी तो अपने आप में ही बहुत बड़ा घोटाला है. कार्यकाल के बीचों-बीच नीतीश कुमार ने 2015 के जनादेश के अर्थ और उसकी दिशा को मनमाने रूप से बदल दिया है. यह चरम राजनीतिक भ्रष्टाचार नहीं तो क्या है? 


एनडीए की गोद में लौटने का मतलब है कि बिहार में भी भाजपा के प्रभुत्व वाली सरकार कायम हो गयी है. नीतीश कुमार अब उसकी दया पर निर्भर रहेंगे. विधानसभा में सरकार ने विश्वासमत भले हासिल कर लिया हो, लेकिन बिहार की व्यापक जनता की नजरों में इस सरकार की कोई वैधता नहीं है. 2005 से 2013 तक जद (यू)-भाजपा शासन से परिस्थितियां आज कई मामलों में भिन्न हैं. उस वक्त न तो केंद्र में एनडीए सरकार थी और न ही संघ परिवार की आज वाली चौतरफा आक्रामकता थी. लेकिन उस समय भी नीतीश सरकार ने संघ और भाजपा के एजेंडे को पूरी वफादारी से लागू करने का ही काम किया था. अमीरदास आयोग को भंग किया जाना और भूमि सुधार आयोग की रपट को रद्दी की टोकरी में डाल देना - इन दोनों कारनामों ने काफी पहले ही नीतीश कुमार के रवैये का साफ संकेत दे दिया था. शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ही ‘जय श्री राम’ के जोर-जोर से लगाए गए नारे इस बात को साफ कर देता है कि इस बार नीतीश सरकार संघ-भाजपा के हाथ में कठपुतली भर रहेगी.

भाजपा आज देश में निर्लज्जतापूर्वक सत्ता के अपहरण में लगी हुई है. मणिपुर, गोवा का उदाहरण हमारे सामने है. अब तो संघ-भाजपा विचारक ‘आॅपरेशन बिहार’ की तुलना खुलेआम हिटलर के विजय अभियानों से कर रहे हैं. वे कह रहे हैं कि बिहार में तख्तापलट करना हिटलर के द्वितीय विश्वयु़द्ध के अभियानों और 1967 में इस्राएल द्वारा फिलीस्तीन के कई इलाकों पर जबरन कब्जा करने के समान है. यह भी कह रहे हैं कि मोदी सरकार की ‘मारक क्षमता’ अब उच्च स्तर पर पहुंच गयी है. संघ-भाजपा आज खुद हिटलर और इस्राएल के फासीवादी अभियानों से अपनी तुलना करके अपने फासीवादी चरित्र को उजागर कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर बिहार जनादेश 2015 से गद्दारी की है, तो केंद्र की मोदी सरकार जनादेश 2014 का लगातार अपमान ही कर रही है. इस तरह दो गद्दारों में एकता हो गयी है. विकास के नाम पर देश में काॅरपोरेट लूट धड़ल्ले से जारी है. अंबानी-अडानी के बाद बाबा रामदेव भी पूंजीपतियों की नई कतार में शामिल हो गये हैं. एक तरफ, अमीरों की संपत्ति में दिन-प्रतिदिन इजाफा हो रहा है, तो दूसरी ओर आम जनता का जीवन लगातार संकटग्रस्त होता जा रहा है. साथ ही, भाजपा का ‘स्वच्छ भारत’ और नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून के काले प्रावधान आज दलित-गरीबों के दमन-उत्पीड़न के नए औजार बन गये हैं.


ऐसे में हमें चौतरफा प्रतिरोध तेज करना ही होगा. बिहार 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम से ही आजादी, लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और सांप्रदायिक सौहार्द्र के संघर्ष का अगुवा केंद्र रहा है. आज जब काॅरपोरेट लूट, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, सामाजिक उत्पीड़न, चरम राजनीतिक अवसरवाद के एजेंडे के जरिये लोकतंत्र को खत्म कर देने की कोशिशें की जा रही हैं, तो निश्चित रूप से बिहार की जनता फासीवाद विरोधी संघर्ष की अगली कतार में खड़ी रहेगी. जनता ने भाजपा के खिलाफ जद (यू) को वोट किया था, लेकिन भाजपा से गलबहियां करके नीतीश कुमार ने जनता का अपमान किया है. इसलिए जद (यू) के विधायकों से जवाब मांगने का समय आ गया है. 74 आंदोलन व आपातकाल विरोध की राजनीति से निकले नीतीश कुमार आज मोदी के अघोषित आपातकाल व बढ़ती निरंकुशता के सबसे बड़े पार्टनर बन गये हैं. बिहार की लोकतांत्रिक विरासत के साथ यह बहुत बड़ा विश्वासघात है. समाजवादी धारा के कुछ लोगों ने बिहार में तख्तापलट का विरोध किया है, उनका यह कदम स्वागतयोग्य है. वक्त आ गया है कि समाजवादी धारा के लोग खुलकर इस राजनीतिक भ्रष्टाचार व तानाशाही के खिलाफ जनता के पक्ष में खड़े हों. भाकपा (माले) अपने जन्मकाल से ही लोकतंत्र की रक्षा व विस्तार के लिए हमेशा से संघर्ष की अगली कतार में रही है.

कार्यक्रम की रूपरेखा
1-6 अगस्त: नीतीष-मोदी द्वारा जनादेष से गद्दारी और लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ विरोध अभियान
8 अगस्त को पटना में जनकन्वेंषन गेट पब्लिक लाइब्रेरी में.
9-15 अगस्त: ‘जनादेष से गद्दारी नहीं सहेंगे, भूमि अधिकार लेकर रहेंगे’ अभियान

बढ़ती बेरोजगारी एवं शिक्षा की बदहाली के खिलाफ, भाकपा का कन्वेंशन ने किया संघर्ष का ऐलान

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पटना, 31 जुलाई। बढ़ती बेरोजगारी एवं षिक्षा की बदहाली के खिलाफ आज यहां भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने किया आई.एम.ए. हाॅल, पटना में राज्यस्तरीय कन्वेंषन। भाकपा का कन्वेंषन ने किया आगामी 9 अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर राज्यभर में समाहरणालयों पर जुझारू प्रदर्षन का ऐलान। कहा देना होगा सबको षिक्षा, सबको काम नहीं तो होगा चक्का जाम, सरकार रोजगार दे या जीवन यापन के लिए दस हजार रूपये मासिक भत्ता दे, समान षिक्षा प्रणाली लागू करें छात्रों-नौजवानों को झांसा देना बंद करें भाकपा राज्य कार्यकारिणी सदस्य प्रमोद प्रभाकर, राज्य परिषद सदस्य परवेज आलम एवं निखिल कुमार झा की संयुक्त अध्यक्षता में आयोजित कन्वेंषन का उद़घाटन करते हुये भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने कहा कि आज देष में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या बन गई है। केन्द्र सरकार की नवउदारवादी आर्थिक नीतियों के कारण लगातार रोजगार के अवसर घट रहे हैं और बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। देष में गरीबी, कुपोषण, अषिक्षा, जातिय एवं साम्प्रदायिक तानाव, नक्सली एवं अपराधिक समस्याओं व घटनाओं के जड़ में बेरोजगारी ही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रति वर्ष दो करोड़ नौजवानों को रोजगार देने सहित कई वादा, छलावा साबित हुआ। केन्द्र की मोदी सरकार, सरकारी नौकरियों का दरवाजा पूरी तरह से बंद कर दी है, नोटबंदी के बाद प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लभगभ बीस लाख लोगों की छंटनी हो गई।  भाकपा नेता ने कहा रोजगार की तलाष में लाखों लोग हर साल बिहार से बाहर पलायन कर रहे हैं, भारतीय उद्योग से जुडे़ लोगों में बिहार की हिस्सेदारी एक प्रतिषत से भी कम है। बिहार सरकार को नौकरियों में भी रिक्त स्थानों पर बहाली  नहीं हो रही है सभी विभागों में नियोजित किये जा रहे है, नियोजित कर्मियों को मामूली राषि मानदेय के रूप में दी जाती है, जो इनके साथ अन्याय है। हमारी पार्टी समान काम के लिए समान वेतनमान की मांग करती है। उन्होंने कहा कि हमारे देष में कृषि, कुटीर एवं लघु उद्योग ऐसा क्षेत्र रहा है, जहां बड़े पैमाने पर रोजगार मिलता था। परंतु आज कृषि चैपट हो गया, कुटीर एवं लघु उद्योग लगभग बंद हो गया, सरकार की ओर से इन्हें न सरंक्षण मिला और न सहयोग। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार, रोजगार विहीन विकास की ढ़ोल पीट रही है। रोजगार सृजन के प्रति दोनों ही सरकार संवेदनहीन एवं निकम्मी है। जब कि रोजगार की यहां अपार सभावनाएँ हैं, कम पंूजी निवेष से छोटे एवं मझौले उद्योग लगाये जा सकते हैं, कृषि आधारित उद्योग 



स्थापित कर कृषि को लाभकारी बनाया जा सकता है, कुटीर एवं लघु उद्योग को पुनर्जीवित किया जा सकता है। बिना रोजगार, विकास का दावा करना जले पर नमक छिड़ने की तरह है।  भाकपा नेता ने षिक्षा की बदहाली, षिक्षा का साम्प्रदायीकरण एवं व्यवसायीकरण पर रोष प्रकट करते हुये राष्ट्रहित एवं छात्र हित में समान षिक्षा, रोजगारोन्मुखी षिक्षा एवं वैज्ञानिक षिक्षा की आवष्यकता बताया। उन्होंने षिक्षा की बदहाली एवं बेरोजगारी के खिलाफ व्यापक संघर्ष का आह्वान किया। कन्वेंषन को संबोधित करते हुये भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य प्रो॰ एम. जब्बार आलम ने कहा कि भारत में प्रतिदिन 350 नौकरियां घट रही है। 2021 तक 23 प्रतिषत नौकरियाँ खत्म हो जा सकती है। 77 प्रतिषत परिवारों के पास नियमित आय का कोई जरिया नहीं है, इस भीषण स्थिति को अर्जुन सेन गुप्ता आयोग ने भी उजागर किया है। उन्होंने कहा कि बिहार में 21 लाख परिवार भूमिहीन है, जबकि 21 लाख एकड़ भूदान, हदबंदी से फाजिल, सरकारी और गैर मजरूआ जमीन है, जिस पर दबंगों एवं भू-स्वामियों एवं भू-माफियाओं का अवैध कब्जा है, अगर यह जमीन भूमिहीनों के बीच वितरित कर दिया जाय तो भूमिहीन परिवार को रोजगार का अवसर मिल सकता है। उन्होंने कहा कि रोजगार गारंटी योजना लगभग भ्रष्टाचार का भेट चढ़ जाता है।, आवंटित राषि का बड़े हिस्से की लूट हो जाती है, श्रमिकों को वाजिब लाभ नहीं मिलता इसलिए मजदूरों का पलायन बदस्तुर जारी है। भाकपा नेता बेरोजगारी के इस भीषण स्थिति के खिलाफ संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। कन्वेंषन को विधान पार्षद एवं बिहार माध्यमिक षिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पाण्डेय ने संबोधित करते हुए कहा कि दोहरी षिक्षा एंव महंगी षिक्षा से छात्रों का भविष्य अंधकार मय हो रहा है, बड़ी संख्या में गरीब छात्र उच्च षिक्षा पाने से वंचित रह जाते है। उन्होंने षिक्षा के निजीकरण एवं केन्द्र सरकार द्वारा  प्रस्तावित नई षिक्षा नीति 2016 पर घोर आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने समान षिक्षा प्रणाली लागू करने, गुणवत्तापूर्ण षिक्षा के लिए नियोजित षिक्षकों को वेतनमान देने की मांग की। उन्होंने कहा कि षिक्षा बुनियादी परिवत्र्तन का सबसे बड़ा हथियार है, इसलिए षिक्षा समान हो एवं सबके लिए हो, इसकी लड़ाई लड़नी होगी।   कन्वेंषन में षिक्षा की बदहाली एवं बेरोजगारी के खिलाफ एक लिखित प्रतिवेदन षिक्षक नेता विजेन्द्र केसरी ने प्रस्तुत की।  कन्वेंषन को भाकपा राज्य सचिवमंडल के सदस्य अखिलेष कुमार, ए.आई.एस.एफ. के राज्य सचिव सुषील कुमार, ए.आई.वाई.एफ. के राज्य सचिव रौषन कुमार  सिन्हा, ने संबोधित किया। इन नेताओं ने केन्द्र व राज्य सरकार को छात्र-युवा विरोधी सरकार करार देते हुए कहा कि राष्ट्रपति का हो या भंगी की संतान सबको षिक्षा एक समान। सरकार बेरोजगारो को रोजगार दे या दस हजार रूप्या मासिक, जीवन यापन भत्ता दे, अन्यथा इसके गंभीर परिणाम होंगे। नेताओं ने 9 अगस्त, क्रांति दिवस के अवसर पर बिहार के सभी जिला समाहरणालयों पर जुझारू प्रदर्षन करने का आह्वान किया।  

मधुबनी : वार्ड सदस्य महा संघ ने की बैठक

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अंधराठाढी/मधुबनी (मोo आलम अंसारी) अंधराठाढ़ी ।प्रखंड वार्ड सदस्य संघ की बैठक मध्य विद्यालय अंधरा बाजार के प्रांगण में रविवार को हुयी। बैठक में वार्ड सदस्य महासंघ के जिला अध्यक्ष राजकुमार झा वतौर मुख्य अतिथि सिरकत किये थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा की निर्वाचित मुखिया को आर्थिक लोभ मोह से उपर उठकर सोचना चाहिए।  विकास की जिम्मेदारी निचली स्तर पर देना एक स्वस्थ्य राजनीति की बात है। सरकार ने सात निश्चय योजना के क्रियान्वयन में वार्ड स्तर पर गठित कमिटी को जिम्मेदारी दिया है। मुखिया को विरोध करने के वजाय उन्हें साथ देना चाहिय। उन्होंने कहा की जिस दिन मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने विधायक को एच्छिक कोष समाप्त कर दिया । विधायक ही आन्दोलन पर उतर आते।  संघ ने यह तय किया की 9 अगस्त क्रांति दिवस के अबसर पर सात निश्चय योजना के अब तक क्रियान्वयन में हुयी बिलम्ब को लेकर जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय पर बिरोध प्रदर्शन करेगे ।  जबकि बैठक को संबोधित करते हुए संघ के जिला सचिव पवन कुमार ने बताया की पंचायत में प्रधानमंत्री आवास खाद्य सुरक्षा मनरेगा एवं 13वी वित्त चतुर्थ वित् मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना में एकाधिकार समाप्त होना उनको पच नही रहा है। जवकि प्रखंड अध्यक्ष मो आलम ने कहा की  मुखिया क्यों अभिकर्ता बनने के लिए आपे से बहर है। उन्हें ठिकेदारी करने का उतना ही शौक है तो क्यों नही ठिकेदारी का लाइसंस बनाकर पेसेबर ठीकेदार बन जाते हैं। वे समाज सेवा से अधिक ठिकेदारी में विश्वास करते है। मो आलम की अध्यक्षता एवं  मदन झा के संचालन में सम्पन्न इस बैठक में  विनोद मंडल ,रुपेश कुमार यादव, संतोष कुमार सदय ,दिनेश ठाकुर ,संतोष कुमार ,विन्देश्वर सदाय, ओमप्रकाश,लजिना खातून ,विश्वम्भर प्रसाद यादव,अशोक कुमार आदि ने भी संबोधित किया।

विशेष आलेख : आओ! मोदी के नये भारत की अगवानी करें

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी नया भारत बनाने की बात कर रहे हैं। वे भारत को भौतिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि नैतिक दृष्टि से भी सशक्त बनाना चाहते हंै। स्वतंत्रता के सातवें दशक में पहुंचकर पहली बार ऐसा आधुनिक भारत खड़ा करने की बात हो रही है जिसमें नये शहर बनाने, नई सड़कें बनाने, नये कल-कारखानें खोलने, नई तकनीक लाने, नई शासन-व्यवस्था बनाने के साथ-साथ नया इंसान गढ़ने का प्रयत्न हो रहा है। एक शुभ एवं श्रेयस्कर भारत निर्मित हो रहा है। जबसे नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, एक नई सभ्यता और एक नई संस्कृति करवट ले रही है। नये राजनीतिक मूल्यों, नये विचारों, नये इंसानी रिश्तों, नये सामाजिक संगठनों, नये रीति-रिवाजों और नयी जिंदगी की हवायें लिए हुए आजाद मुल्क की एक ऐसी गाथा लिखी जा रही है, जिसमें राष्ट्रीय चरित्र बनने लगा है, राष्ट्र सशक्त होने लगा है, न केवल भीतरी परिवेश में बल्कि दुनिया की नजरों में भारत अपनी एक स्वतंत्र हस्ती और पहचान लेकर उपस्थित है। चीन की दादागिरी और पाकिस्तान की दकियानूसी हरकतों को मुंहतोड़ जबाव पहली बार मिला है। चीन ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि सीमा विवाद को लेकर डोकलाम में उसे भारत के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। यह सब मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व का प्रभाव है। उन्होंने लोगों में उम्मीद जगाई, देश के युवाओं के लिए वह आशा की किरण हैं। इसका कारण यही है कि लोग ताकतवर और तुरन्त फैसले लेने वाले नेता पर भरोसा करते हैं ऐसे कद्दावर नेता की जरूरत लम्बे समय से थी, जिसकी पूर्ति होना और जिसे पाकर राष्ट्र केवल व्यवस्था पक्ष से ही नहीं, सिद्धांत पक्ष भी सशक्त हुआ है। किसी भी राष्ट्र की ऊंचाई वहां की इमारतों की ऊंचाई से नहीं मापी जाती बल्कि वहां के राष्ट्रनायक के चरित्र से मापी जाती है। उनके काम करने के तरीके से मापी जाती है।


हमारे राष्ट्रनायकों ने, शहीदों ने एक सेतु बनाया था संस्कृति का, राष्ट्रीय एकता का, त्याग का, कुर्बानी का, जिसके सहारे हम यहां तक पहंुचे हैं। मोदीजी भी ऐसा ही सेतु बना रहे हैं, ताकि आने वाली पीढ़ी उसका उपयोग कर सके। मोदीजी चाहते हैं कि हर नागरिक इस सेतु बनाने के लिये तत्पर हो। यही वह क्षण है जिसकी हमें प्रतीक्षा थी और यही वह सोच है जिसका आह्वान  है अभी और इसी क्षण शेष रहे कामों को पूर्णता देने का, क्योंकि हमारा भविष्य हमारे हाथों में हैं। हमारी सबसे बड़ी असफलता है कि आजादी के 70 वर्षों के बाद भी हम राष्ट्रीय चरित्र नहीं बना पाये। राष्ट्रीय चारित्र का दिन-प्रतिदिन नैतिक हृास हो रहा था। हर गलत-सही तरीके से हम सब कुछ पा लेना चाहते थे। अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए कत्र्तव्य को गौण कर दिया था। इस तरह से जन्मे हर स्तर पर भ्रष्टाचार ने राष्ट्रीय जीवन में एक विकृति पैदा कर दी थी। न केवल यूपीए के 10 वर्ष के शासन से बल्कि क्षेत्रीय पार्टियों एवं राज्यों में उनकी अलोकतांत्रिक एवं भ्रष्ट गतिविधियों से जनता ऊब चुकी थी और विपरीत एवं अराजक स्थितियां जनता को बार-बार अहसास दिला रही थी कि देश को एक ताकतवर नेता की जरूरत है जो कड़े त्वरित फैसले ले सके। लोग मोदीजी के हर फैसले का सम्मान कर रहे हैं। जब राजनीति निर्णायक हो तो चुनावी राजनीति भी निर्णायक हो जाती है। भारत की यह खासियत है कि जब-जब संक्रमणकाल आया, जनता ने स्वयं अपना नेता चुन लिया। नरेन्द्र मोदी को जनता ने स्वयं चुना है इसलिए वे जन-जन के नेता बन चुके हैं, सशक्त एवं तेजस्वी जननायक हैं।

नरेन्द्र मोदी शून्य से शिखर तक पहुंचे राजनीतिज्ञ ही नहीं बल्कि कुशल प्रशासक एवं प्रखर राष्ट्रनिर्माता हैं। राजनीतिक सफलता के लिये कूूटनीति एवं राजनीतिक दांवपेंच जरूरी होते हंै और इसमें मोदीजी मोहिर है, सिद्धहस्त है, लेकिन उनकी नजरों में  सत्ता से ज्यादा अहमियत सिद्धान्तों की है। उनकी अपनी मौलिक सोच है, संकल्प है, सपना है और सार्थक प्रयत्न है। जिस दौर में लोगों की राजनीतिज्ञों के प्रति कोई आस्था नहीं, उस समय मोदीजी की लोकप्रियता में कोई कमी न आना, उनका जादू कायम रहना, चुनाव में भी कुछ बाधाओं को छोड़कर भाजपा को जीत दिलवाना और अपने विदेश दौरों के दौरान लगातार कूटनीतिक सफलताएं हासिल करना हैरान कर देने वाला है। इसका कारण है कि बदलती भारत की व्यवस्था के मंच पर बिखरते मानवीय मूल्यों के बीच अपने आदर्शों को, उद्देश्यों को, सिद्धान्तों को, परम्पराओं को और राजनीतिक जीवनशैली को वे नया रंग दे रहे हैं कि उससे उभरने वाली आकृतियां हमारी  न केवल वर्तमान पीढ़ी को बल्कि भावी पीढ़ी को भी आश्वस्त कर रही है, सही रास्ता दिखा रही है। दरअसल उन्होंने जनता का भरोसा जीत लिया है। दिन-रात अथक परिश्रम करके उन्होंने देश-विदेश में भारत को गौरव दिलाया है। वह गौरव जिसकी राष्ट्र को कई वर्षों से दरकार थी। सर्जिकल स्ट्राइक, स्वच्छता अभियान, योग को विश्व गरिमा प्रदान करना, नोटबंदी, भ्रष्ट राजनीतिज्ञों पर नकेल कसना और जीएसटी जैसे बड़े फैसले लेकर उन्होंने दिखा दिया कि एक ईमानदार एवं पारदर्शी सरकार क्या-क्या कर सकती है।


नरेन्द्र मोदी एक दृृढ़ संकल्पी एवं मनोबली व्यक्तित्व है। एक दृढ़ मनोबली व्यक्ति के निश्चय के सामने जगत् किस तरह झुक जाता है। बाधाएं अपने आप हट जाती हैं। जब कोई मनुष्य समझता है कि वह किसी काम को नहीं कर सकता तो संसार का कोई भी दार्शनिक सिद्धांत ऐसा नहीं, जिसकी सहायता से वह उस काम को कर सके। यह स्वीकृत सत्य है कि दृढ़ मनोबल से जितने कार्य पूरे होते हैं उतने अन्य किसी मानवीय गुणों से नहीं होते। मोदीजी जैसे मनोबली राजनीतिज्ञ दूसरा व्यक्तित्व न उनके अपने दल में है और न विपक्ष में। मोदीजी का एक नया भारत बन रहा है। नये भारत का एक ऐसा प्रारूप प्रस्तुत हो रहा है जिसमें गरीबी, राजनीतिक भ्रष्टाचार, धार्मिक संघर्ष, अस्पृश्यता, नशे की प्रवृत्ति, मिलावट, रिश्वतखोरी, शोषण, दहेज और वोटों की खरीद-फरोख्त को विकास के नाम विध्वंस का कारण माना जा रहा है। भ्रष्टाचार और सुशासन में भाजपा को कोई घेर नहीं सकता। जनता को लोकतंत्र का असली अर्थ समझ में आने लगा है। जानकारी का अभाव मिटने लगा है। लोकतंत्र के सूरज को घोटालों और भ्रष्टाचार के बादलों ने घेरना बन्द कर दिया है। ज्यादा समय नहीं लगेगा कश्मीर की समस्या को सुलझने में। आतंकवाद और नक्सलवाद को भी समाप्त होना ही है। हमें ऐसी ही किरणों को जोड़कर नया सूरज बनाना होगा, नया भारत बनाना होगा। कुछ चीजों का नष्ट होना जरूरी था, अनेक चीजों को नष्ट होने से बचाने के लिए। जो नष्ट हो चुका वह कुछ कम नहीं, मगर जो नष्ट होने से बच गया वह उस बहुत से बहुत है। 

‘मन की बात’ करने वाले मोदीजी देश के लिये ही सोचते हैं, देश के लिये ही करते हैं, देश के लिये ही जीते हैं। जबकि अब तक की राजनीति में सब कोई अपने लिये और अपने स्वार्थों के लिये जी रहे थे। सबसे बड़ी पार्टी की कुछ ऐसी ही गलत नीतियां रही है कि आज उसका सफाया हो चुका है। भारत को कांग्रेस मुक्त करने के संकल्प को पूरा करने में मोदी को ज्यादा वक्त नहीं लगा। भाजपा ने राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की जगह ले ली है। बात कांग्रेस की ही नहीं, बात राष्ट्रीय चरित्र को धुंधलाने की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने बिहार में चुनावी हार को जीत में बदलने में कितना समय लिया? देश की कुल आबादी के करीब सत्तर फीसदी पर भाजपा का शासन हो चुका है। यह सब मोदी का नहीं, उन मूल्यों का जादू है जिनसे लोकतंत्र मजबूत बनता है, राष्ट्र मजबूत बनता है, समाज मजबूत बनता है और व्यक्ति मजबूत बनता है। कोई भी व्यक्ति दूसरों की नकल कर आज तक महान् नहीं बन सका। सफलता का अनुकरण नहीं किया जा सकता। मौलिकता अपने आप में एक शक्ति है जो व्यक्ति की अपनी रचना होती है एवं उसी का सम्मान होता है। संसार उसी को प्रणाम करता है जो भीड़ में से अपना सिर ऊंचा उठाने की हिम्मत करता है, जो अपने अस्तित्व का भान कराता है। प्रेषक:




liveaaryaavart dot com

(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, डीएवी स्कूल के पास,
दिल्ली- 11 0051 
फोन: 22727486, 9811051133

ज्योतिषियों का रक्तदान एवं नवग्रह पूजन कार्यक्रम संपन्न

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कोलकाता ,31 जुलाई,2017 पश्चिम बंगाल के ज्योतिषियों की संस्था एस्ट्रोलॉजी एंड एस्ट्रोलॉजर्स के तत्वावधान में कोलकता साल्ट लेक स्थित बी.ए.कम्युनिटी हॉल में रक्तदान और नवग्रह पूजन  कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें लगभग ६०० लोगों ने भागीदारी की. बड़ी संख्या में जुटे ज्योतिषियों एवं प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति में पहली बार ज्योतिष संस्था द्वारा आयोजित सामाजिक कार्यक्रम में ९१ लोगों ने रक्तदान किया. कार्यक्रम में बंगाल फिल्म उद्योग के कलाकार मनामि घोष, भास्कर बनर्जी ,शकुंतला बरुआ,तनिमा सेन, कलकत्ता के उप मेयर तापस चटर्जी,जॉयदीप बागची,शिल्पी चक्रवर्ती, शिवजी चट्टोपध्या,आत्मबोधानंद महाराज,राजन महाराज ,पंडित अनिमेष शास्त्री,कोलकता और इलाहबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीष नरेंद्र नारायण रॉय,अमल कृष्णा शास्त्री,अचिन्त्य भट्टाचार्य आदि उपस्थित  थे. इस रक्तदान एवं नवग्रह पूजन कार्यक्रम को सफल बनाने में मरीन अभियंता एवं वास्तुविद तमोजित चक्रवर्ती ,निर्मलानन्दन शास्त्री, साधन शास्त्री,आदि का अहम् योगदान रहा.


मधुबनी : रक्तदाता ग्रुप ने किया मेगा रक्तदान शिविर, 50 यूनिट का हुआ रक्तदान

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मधुबनी। रक्तदाता ग्रुप द्वारा  रक्तदान शिविर का आयोजन रविवार को किया गया। शिविर में शहर के 50 युवाओं एवं महिलाओं द्वारा रक्तदान किया। अतिथियों द्वारा रक्तदाताओं को प्रतीक चिह्न भेट की गई। शिविर को संबोधित करते हुए रक्तदाता ग्रुप के संस्थापक मुकेश पंजियार ने कहा कि रक्तदान के प्रति लोगों में बढ़ी जागरुकता से जरुरतमंदों के लिए रक्त की कमी को दूर करने में काफी सफलता मिल रही है। किसी भी जरुरतमंदों को रक्तदान कर उसका जीवन रक्षक बनना मानवीय संवेदना को साबित करता है। हरेक लोगों को रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए। रक्तदान के विभिन्न पहलुओं की जानकारी देते हुए गजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि किसी भी स्वस्थ्य पुरुष व महिला को रक्तदान करना चाहिए हैं। जिले में एनीमिया पीड़ितों की संख्या अधिक होने से रक्तदान की अधिक जरूरत होती है। डॉ. विजय रमन ने कहा कि एक यूनिट ब्लड से तीन मरीज का जान बचता है। रक्तदान करने से खुद का भी फायदा है। रक्तदान से शरीर मे इम्युनिटी पावर बढ़ता है। हर्ट अटैक और कैंसर जैसी प्राणघातक बीमारी का खतरा कम हो जाता है। रक्तदान करने वालो में अनिल कुमार दास, शुभकान्त झा, पिंटू पंजियार, पंकज मेहता, इंद्रजीत साह, शीतल साह, गुड्डू कुमार, दीपक कुमार ठाकुर, स्वयंवर नाथ झा, प्रशांत कुमार झा, शिव कुमार झा, दीपक कुमार झा, लक्ष्मी कारक, अमित कुमार मिश्रा, मनोज कुमार, विवेक कुमार, रजनीश कुमार झा, सूर्यकांत चौधरी, रमन कुमार प्रधान, विनोद कुमार ठाकुर शामिल है। शिविर में कृष्णा महासेठ, संतोष, रामशरण पंजियार, ¨पटू पंजियार, रवि राउत, गौरव राउत, राजमणि ठाकुर, दीपक कुमार झा सहित अन्य लोगों ने हिस्सा लिया। रक्तदाताओं से प्राप्त रक्त डीएमसीएच की टीम को सौंपा गया।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 31 जुलाई

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मुख्यमंत्री श्री चैहान झाबुआ - आलीराजपुर के दो दिवसीय प्रवास पर

झाबुआ । प्रदेश के विभिन्न जिलो में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव के मद्देनजर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान का प्रदेश में लगातार प्रवास जारी है। इसी क्रम में आगामी 8 और 9 अगस्त को मुख्यमंत्री आलीराजपुर और झाबुआ जिले के प्रवास पर रहेंगे। यह जानकारी भाजपा जिलाध्यक्ष दौलत भावसार ने दी।उन्होंने बताया मुख्यमंत्री  शिवराजसिंह चैहान 8 अगस्त सुबह  आलीराजपुर और जोबट में सघन जनसम्पर्क करते हुए दोपहर 4 बजे राणापुर में प्रवेश करेंगे। यहाँ विशाल आम सभा और रोड शो पश्चात शाम 6 बजे जिला मुख्यालय झाबुआ में पहुँचेंगे।नगर के कॉलेज क्षेत्र से विशाल रोड शो के रूप में मुख्यमंत्री श्री चैहान झाबुआ नगर के मतदाताओ से रूबरू होंगे। नगर के विभिन्न क्षेत्रों में सघन जनसम्पर्क कर रोड शो नगर के हृदय स्थल राजवाड़ा में विशाल जन सभा में तब्दील होगा। जिलाध्यक्ष श्री भावसार ने बताया मुख्यमंत्री श्री चैहान का  8 अगस्त का रात्रि विश्राम झाबुआ में होगा। 9 अगस्त प्रातः मुख्यमंत्री झाबुआ नगर के गणमान्य नागरिको और मतदान केंद्रों के संयोजको से भेंट करेंगे। उन्होंने बताया भेंट पश्चात मुख्यमंत्री श्री चैहान 9 अगस्त को थांदला 11 बजे पहुंचेंगे।यहाँ रोड शो और सभा पश्चात प्रस्थान कर दोपहर 2 बजे पेटलावद पहुँचेंगे , यहाँ वे रोड़ शो के माध्यम से सघन जनसम्पर्क कर विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे।


वार्ड क्रमांक 7 में भाजपा के जनसंपर्क को मिल रहा व्यापक जन समर्थन
  • विधायक के नेतृत्व मे प्रत्याषियों ने किया घर घर जनसंपर्क

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झाबुआ । भारतीय जनता पार्टी का नगर के विभिन्न वार्डो में चुनाव को लेकर व्यापक जन संपर्क चल रहा है । नगर मे सभी दूर भाजपा की नगरपालिका अध्यक्ष की प्रत्याशी श्रीमती बंसती बारिया एवं पार्षद प्रत्याशियों को अपार जन समर्थन मिल रहा हैै। विधायक शांतिलाल बिलवाल के नेतृत्व में सोमवार को नगर के अल्पसंख्यक बाहुल्य वार्ड क्रमांक 7 में नगरपालिका अध्यक्ष प्रत्याशी श्रीमती बंसती बारिया एवं पार्षद प्रत्याशी शाहिदनुर बागवान सहित  भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शेलेष दुबे,नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, चुनाव संचालक प्रवीण सुराणा, इरशाद कुर्रेैशी, मोहम्मद जुनेद, कीर्ति भावसार,  राजेश नागरू, कैलाश प्रजापत, बच्चुभाई कामील, तोशिब बागवान, इस्माईल खान, युसुफ खान, मुकेश मेेेेेेेेेेेेेेेहता सहित बडी संख्या मे भाजपा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने ढोल ढमाके के साथ घर घर जाकर जन सपर्क कर भाजपा के पक्ष के मतदान करने की वार्डवासियों से अपील की । वार्ड नंबर 7 मे अल्पसंख्यक समुदाय एवं प्रजापत समाज के  लोगों ने उत्साह से प्रत्याशियों का स्वागत किया तथा उन्हे पूर्ण समर्थन देने का भरोसा दिलाया । भारतीय जनता पार्टी को नगर के हर वार्ड में व्यापक जन समर्थन मिल रहा है।तथा प्रत्याशियों को आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है ।

भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश मंत्री ने झाबुआ में किया सघन जनसम्पर्क

वार्ड 7 और 8 में विधायक श्री शांतिलाल बिलवाल के नेतृत्व में घर . घर पहुँच की भाजपा की जीत की अपील
झाबुआ । नगर पालिका चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों का घर . घर पहुँच मतदाताओ से रूबरू होकर भारी मतो से उन्हें विजय करने की अपील करते हुए सघन जनसम्पर्क का दौर जारी है।सोमवार को नगर मण्डल झाबुआ के समस्त पदाधिकारी . कार्यकर्ताओ ने भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री एवं इंदौर संभाग प्रभारी सुश्री श्रेष्ठा जोशी और क्षेत्रीय विधायक श्री शांतिलाल बिलवाल के नेतृत्व में नगर के दो वार्डो में एक . एक घर पहुँच कर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों हेतु मतदान करने की अपील की। उक्त जानकारी देते हुए जिला भाजपा मीडिया  प्रभारी श्री अंबरीष भावसार ने बताया दो वार्डो के सघन जनसम्पर्क की शुरुआत वार्ड क्रमांक 7 से हुई। इस वार्ड के कुम्हार वाड़ा ए पॉवर हाउस रोड ए सुभाष मार्ग सहित सभी क्षेत्र में अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र के प्रत्येक घर पर नपाध्यक्ष प्रत्याशी श्रीमती बसंती बारिया व वार्ड पार्षद प्रत्याशी श्री शाहिद गुलरेज ने दस्तक देकर भाजपा की जीत की अपील की। इसी प्रकार वार्ड क्रमांक 8 के नेहरू मार्ग ए कस्तूरबा मार्ग ए गोविन्द नगर ए गांधी ग्राम ए दत्त कॉलोनी सहित सभी क्षेत्रो में मतदाताओ से व्यक्तिगत रूबरू होकर भाजपा नपाध्यक्ष प्रत्याशी श्रीमती बारिया और वार्ड पार्षद हेतु भाजपा प्रत्याशी श्रीमती प्रीति जितेन्द्र पांचाल ने उन्हें भारी मतो से विजय दिलाने की अपील करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किए। दोनों ही वार्ड में हुए इस सघन जनसम्पर्क में चुनाव संचालक श्री प्रवीण सुराणा ए प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्री शैलेष दुबे ए भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष श्रीमती आरती भानपुरिया ए पूर्व नपाध्यक्ष श्री धनसिंह बारिया ए नगर अध्यक्ष श्री दीपेश सकलेचा ए महामन्त्री श्री कीर्ति भावसार ए अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष श्री इरशाद क़ुरैशी ए वार्डवासी श्रीमती पायल पांचाल ए श्रीमती ममता मालवीय ए श्रीमती किरण पांचाल ए श्रीमती आशा पांचाल ए श्री राजेश नागरु ए श्री जुनैद खान ए श्री इस्माईल खान ए श्री दिनेश प्रजापत ए श्री तौशिफ् बागवान सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे

गायत्री परिवार  की जिला समन्वय समिति की बैठक संपन्न, डा सक्सेना का किया सम्मान 

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झाबुआ । गायत्री परिवार की जिला स्तरीय त्रैमासिक बैठक इंदौर उपजोन प्रभारी केसी षर्मा के मुख्यआतिथ्य एवं जिला समन्वयक घनष्याम वैरागी की उपस्थिति मे स्थानीय गायत्री षक्तिपीठ कालेज मार्ग पर रविवार को संपन्न हुई। बैठक मे जिले भर से आए कार्यकर्ताओ की उपस्थिति मे गायत्री परिवार के पितृपुरूश एवं समाजसेवी डा षिवनारायण सक्सेना का सम्मान किया गया। 

मंत्रोंच्चार के साथ षुरूआत।
बैठक की षुरूआत गायत्री महामंत्र के सामूहिक उच्चारण के साथ हुई। इसके पष्चात अतिथियों द्वारा वेदमाता गायत्री, गुरूदेव पंडित श्रीराम षर्मा आचार्य एवं वंदनीयामाता भगवतीदेवी षर्मा के चित्र की पूजन एवं माल्यार्पण कर किया गया। उपस्थित अतिथीयों का स्वागत जिला समन्वयक घनष्याम वैरागी, नलिनी वैरागी, केके षर्मा, द्वारा मंगल तिलक लगाकर किया गया। 

श्री सक्सेना का सम्मान। 
कार्यकर्ता ष्याम त्रिवेदी ने डा सक्सेना द्वारा सामाजिक क्षेत्र मे किए गए  कार्यो का उल्लेख करते हुए बताया की गायत्री परिवार के माध्यम से उन्होने आदिवासी जिले मे कुश्ठ रोग, क्षय रोग, षिक्षा विस्तार, विद्यालय संचालन जैसे उल्लेखनीय कार्य किए। वर्तमान मे उनके मार्गदर्षन मे जोबट मे नेत्रदान संकलन केन्द्र का संचालन किया जा रहा है। जिसके माध्यम से अभी तक 54 नेत्रदान किए जा चुके है। श्री त्रिवेदी ने कहा की गायत्री परिवार की सप्तसुत्रीय योजनाओ का कार्य भी श्री सक्सेना ने कार्यकर्ताओं ओर परिजनों के सहयोग से पूरी मेहनत, लगन ओर निश्ठा के साथ किया। उनके द्वारा पर्यावरण संरक्षण, जलषुद्वि, भूमि संरक्षण, नषा उन्मुलन जैसे सराहनीय कार्य किए गए है। समाजसेवा के क्षेत्र मे किए गए इन उल्लेखनीय कार्यो के लिए उपजोन प्रभारी श्री षर्मा, जिला समन्वयक वैरागी, श्रीमती नलिनी वैरागी एवं समस्त तहसील संयोजकों द्वारा डा सक्सेना का षाल एवं श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर श्री सक्सेना ने अपने प्रेरक ओर संक्षिप्त उदबोधन मे कहा की यह समान मेरा नहीं गुरूदेव के सिद्वांतो ओर आदर्षो का सम्मान है। व्यक्ति नहीं संस्था का सम्मान है। जीवन भर मैने समाज को गायत्री परिवार मानकर कार्य किया ओर पूज्य गुरूदेव की कृपा से कार्य होते रहे। 


कार्यो की दी जानकारी। 
बैठक मे जिला समन्वयक श्री वैरागी द्वारा प्रगति प्रतिवेचन के वााचन के बाद नवचेतना केन्द्र खवासा से महेन्द्र सिह राठौर, पेटलावद षक्ठिपीठ से हेमंत षुक्ला, थांदला से कमलेष वास्केल, मेघनगर, नोगांवा से एमएल बसोड, बसंत कालेनी षक्ति पीठ से श्री जायसवाल, कालेज मार्ग षक्ति पीठ से प्रकाष डाबर , रानापुर से जगदीष षर्मा द्वारा प्रगति प्रतिवेदन का वाचन कर उपजोन प्रभारी को जानकारी दी गई। 

इन्होंने व्यक्त किए विचार। 
इस अवसर पर उपजोन प्रभारी श्री षर्मा ने कार्यकर्ताओं को गायत्री परिवार की आगामी योजनाओं से अवगत कराते हुए कहा की सभी कार्यकर्ताओं को समयदान अंषदान जैसे संकल्पों को जीवन मे उतारकर कार्य को गति देना चाहिए। श्री षर्मा ने मातृषक्ति नवसृजन साधना के बारे मे बताते हुए कहा कि यह साधना नो वर्शो तक चलेगी ओर तीन-तीन वर्शो की यह साधना है। साधना, उपासना ओर आराधना कर व्यक्तिगत ओर सामूहिक रूप से इसे करना है। इस अवसर पर महिला समिति की जिला नारी जागरण अध्यक्ष नलिनी वेरागी सहित श्रीमती विद्या व्यास , मनोरमा डाबर , किरण निगम ललिता वर्मा सुधा त्रिवेदी नम्रता षेखावत कृश्णा षर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

यह थे भी थे उपस्थित 
बैठक मे इंदोर उपजोन से नरेन्द्र जोषी, जोबट से पंकज सक्सेना , सुरेष निगम, विनोद गुप्ता, अंतरसिंह रावत, श्री त्रिपाठी, निलेेष पालीवाल श्रीमती सुजाता जायसवाल, श्रीमती दुबे, श्रीमती गुप्ता कलाबेन पांचाल सहित पेटलावद, थांदला, मेघनगर, झाबुआ, रानापुर तहसील से समिति के सदस्य एवं सक्रिय कार्यकर्ताओं सहित कई महिला पुरूश परिजन उपस्थित थे। बैठक का समापन षांतिपाठ से किया गया। बैठक का संचालन केके वर्मा ने किया आभार ष्याम त्रिवेदी ने माना। 

रोटरी मंडल 3040 में झाबुआ के 5 वरिष्ठ सदस्यों का हुआ मनोनयन, भंडारी, बोहरा, बैरागी सहित अन्य पदाधिकारी नियुक्त

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झाबुआ। रोटरी मंडल 3040 के मंडलाध्यक्ष रो. डाॅ. जामिन हुसैन द्वारा वर्ष 2017-18 की अपनी मंडल की कार्य समिति में रोटरी क्लब झाबुआ के 5 वरिष्ठ सदस्यों को महत्वपूर्ण पद प्रदान किए गए है। उक्त जानकारी देते हुए रोटरी क्लब झाबुआ के कार्यकारी सचिव राकेष सोनी ने बताया कि रोटरी मंडल में प्रतिवर्षानुसार मंडलाध्यक्ष द्वारा अपनी टीम में विभिन्न क्लबों के वरिष्ठ सदस्यों का मनोनयन किया जाता है। जिसके अंतर्गत रोटरी क्लब झाबुआ के वरिष्ठ सदस्य रो. यषवंत भंडारी को वोकेषनल सर्विस झोन-6 का चेयरमेन, रो. नुरूद्दीनभाई बोहरा को प्रषासनिक सलाहकार समिति का सदस्य, रो. दिनेष सक्सेना को कम्यूनिटी सर्विस झोन-2 एवं रो. प्रतापसिंह सिक्का को कम्यूनिटी सर्विस झोन-6 तथा रो. जयेन्द्र बैरागी को क्लब सर्विस झोन-2 का चेयरमेन मनोनीत किया गया है। उक्त वरिष्ठ सदस्यों के मंडल में मनोननयन पर रोटरी क्लब अध्यक्ष रो. उमंग सक्सेना एवं सचिव रो. शैलेन्द्र चोरे ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मंडलाध्यक्ष डाॅ. जामिन हुसैन का आभार व्यक्त किया।

इन्होंने दी बधाईयां
उक्त मनोनयन पर रोटरी क्लब के वरिष्ठ पूर्व अध्यक्ष रो. मगनलाल गादिया, प्रदीप रूनवाल, विजय पांडे, मनीष व्यास, प्रकाष रांका, प्रमोद भंडारी,  प्रदीप जैन, अभय रूनवाल, नीरजसिंह राठौर, जगदीष सिसौदिया, डाॅ. केके त्रिवेदी, एमएल फुलपगारे, डाॅ. आईएस तोमर, सुश्री रूक्मणी वर्मा, श्रीमती अर्चना राठौर, निखिल भंडारी, अर्पित संघवी, कार्तिक नीमा, यषिल शाह, अमित यादव, रोटरेक्ट क्लब से रिंकू रूनवाल, दौलत गोलानी, जावेद शेख, भावेष सोलंकी, राजेष चैहान, ग्रामीण सेवा प्रकल्प के नटवरसिंह डोडियार, निलेष भाबोर आदि ने शुभकामनाएं प्रेषित की।

नमस्कार महामंत्र की तुलना संसार की किसी भी वस्तु के साथ करना यानि रत्न के साथ कांच के टूकडों की तुलना करना जेैसा है- मुनि श्री रजतचन्द्रविजयजी
  • बावनजिनालय मे चातुर्मास में बह रही ज्ञान, भक्ति एवं उपासना की श्रृंखला

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झाबुआ । स्थानीय बावन जीनालय में आचार्य देवेश पूज्य श्री ऋषभचन्द्रसूरीजी मसा के सानिध्य में पूरे अंचल सहित विभिन्न राज्यों से पधारे श्रावको द्वारा चातुर्मास में तपोराधना एवं धर्म लाभ लिया जारहा है । सोमवार को पूज्य मुनिश्री रजतविजय जी मसा ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि नमस्कार महामंत्र की तुलना संसार की किसी भी वस्तु के साथ करना यानि रत्न के साथ कांच के टूकडों की तुलना करना जेैसा है । शास्त्रों में भी ज्ञानियों ने बताया है कि नवकार के जैसा महामंत्र, शत्रुजय के समान तीर्थ वितराग कके समान देव न हुआ है न होगा । जैसे पर्वत में मेरू महान है, क्योकि प्रभू का जन्माभिषेक यही पर होता हे । पक्षियों में गरूड उत्तम है क्योकि यह बलशाली भी है और दूर तक देख सकता हे । नदियों में गंगा पवित्र है क्योकि वह सतत प्रवाहशील है तथा उसका उदगम हिमालय से होने  के कारण अनेक जडी बुटियां भी जल मे मिश्रित रहती है । इसी प्रकार नवकार मंत्र भी सभी मंत्रो मे महान है । जेन धर्म की प्रथम सीढी एवं प्रथम पाठ हे नवकार । सभी आराधना एवं क्रिया मे नवकार का समावेश होता ही है । नवकार के एक अक्षर के उच्चारण से 7 सागरोपम पाप क्षय होते है । एक लाख जाप से तीर्थंकर नाम का बंध एवं 9 लाख जाप से नरक निवारण किया जासकता है  बशर्ते मन वचन काया की शुद्धिपूर्वक जाप आराधना होना चाहिये । प्रवचनकार श्री रजतचन्द्र विजय जी मसा ने आगे कहा कि  नवकार मे शक्ति है जिससे  श्रीमेती, सुदर्शन सेठ, अमरकुमार जेैसे अनेकों का संकट निवारण हो गया ।नवकार में भक्ति है, जो भी जप तप उसका मन संसार से दूर होकर प्रभू की भक्तिमय बन जाता है । इसमे शुद्धि है जिससे मन निर्मल एवं पवित्र तथा निर्विकारी बन जाता है । नवकार मे मुक्ति है इससे अनेको आत्माओं का कल्याण हो गया, वे मोक्ष सुख के स्वामी बने । मुनि प्रवर ने आगे कहा कि नवकार में 68 अक्षर है, 68 तीर्थो की भावयात्रा का इससे लाभ मिलता है । म्ुानि रजतविजयजी ने ओजस्वी उबोधन में कहा कि नवकार के हर एक अक्षर में 1008 औषधि है । सर्व ऋद्धि, सिद्धि, लब्धि प्रदायक नवकार की आराधना जीवन में हर एक क्षण करना चाहिये । जिनदास सेवा का रोचक उदाहरण देते हुए मुनिश्री ने सबको प्रभावित किया । मुनिश्री ने आगे बताया कि 9 पदों से युक्त नवकार के प्रथम पद में 7 अक्षर है जो 7 नर्क से बचाने का संदेश देते है । अरिहंत के 12 गुणों पर एवं सिद्धों के 8 गुणों पर भी उन्होने विस्तार से प्रकाश डाला । आध्यात्मिक प्रवचन को सुन कर सैकडो श्रद्धालुओं ने आराधना की महिमा को जाना । चातुर्मास श्री संघ के संतोष नाकोडा एवं संदीप जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि परमपूज्य आचार्य भंगवत श्री ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी मसा ने भगवान पाश्र्वनाथ की महिमा को बताते है कहा कि प्रभू का सम्मेत शिखर पर मोक्ष हुआ था । प्रभू की आराधना तुरंत फलदायी होती है । सोमवार को पाश्र्वनाथ प्रभू के मोक्ष कल्याणक का आयोजन किया गया । लड्डू चढाने का का लाभ कां लाभ कांतिलाल, जितेन्द्र, भरत बाबेल परिवार ने लिया एवं पाश्र्वनाथ कल्याणक का लाभ इन्द्रसेन संघवी को प्राप्त हुआ । एकासने का लाभ सुभाष कोठारी परिवार को प्राप्त हुआ ।

जुलाई माह में सेवानिवृत हुए शासकीय सेवको को समारोह पूर्वक दी गई विदाई

झाबुआ । जिले में पेंषन प्रकरणो के त्वरित निराकरण के लिए कलेक्टर ने षासकीय सेवा से सेवानिवृत होने वाले षासकीय सेवको को समारोह पूर्वक समस्त भुगतानो को करने का निर्णय लिया एवं कलेक्टर के मार्गदर्षन मे जुलाई 2017 में सेवानिवृत्त हुए जिले के षासकीय सेवको को समस्त स्वत्वों का भुगतान समारोह आयोजित कर किया गया। 

सेवानिवृत्त षासकीय सेवको को सम्मानित किया गया
कलेक्टर कार्यालय के सभा कक्ष में सेवानिवृत्त हुए षासकीय सेवको को आज जिला पेंशन अधिकारी श्री आर.एस.चैहान, कोषालय अधिकारी श्रीमती ममता चंगोड, आयुर्वेद अधिकारी श्री रमेश भायल, पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. विल्सन डामोर द्वारा साल श्रीफल एवं पुष्पमाला पहनाकर सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित किया गया। सम्मान समारोह में सभी षासकीय सेवको को स्वत्वों के भुगतान संबंधी आदेष दिये गये। इस अवसर पर एटीओ श्री दिनेश पारगी, श्री मगनलाल सांकला, पेंषनर्स एसोसिएषन के सदस्य एवं सेवानिवृत्त होने वाले षासकीय सेवक उपस्थित थे। समारोह का आयोजन जिला प्रषासन द्वारा किया गया। समारोह में अधिकारियों एवं सेवानिवृत्त हो रहे षासकीय सेवको ने अपने अनुभव बाॅटे। कार्यक्रम का संचालन मोहिनी गिदवानी ने किया एवं आभार प्रर्दशन कोषालय अधिकारी श्रीमती ममता चंगोड ने किया।

ये हुवे सेवानिवृत्त
डाॅ शिव शंकर तिवारी उप संचालक पशु चिकित्सा सेवा, श्री जुवानसिंह अमलियार ए.व्हीएफ.ओ. पशु चिकित्सा सेवा झाबुआ, श्री हुरजी निनामा भृत्य तहसील थांदला, श्री खुमानसिंह बारिया सहायक ग्रेड-3 तहसील थांदला, श्री बलदेवसिंह राठौर पंप आपरेटर एवं श्री केशरसिंह नायक उपयंत्री जल संसाधन विभाग झाबुआ, श्री जसवंतसिंह राठौर सहायक शिक्षक मठमठ, श्री मोहनलाल सिंगारे सहायक शिक्षक झायडा, श्री देवीसिंह चैहान सहायक शिक्षक बोलासा, श्री सोहनलाल सोलंकी सहायक शिक्षक सारंगी, श्री भारतसिंह नायक सहायक ग्रेड 3 थांदला, श्री धनराज नायक भुत्य मेघनगर आदिवासी विकास विभाग झाबुआ, श्री रतनसिंह सोलंकी प्रधान पाठक पारा, श्रीमती मंजूबाला व्यास सहायक ग्रेड-3 अति.सहा.विकास आयुक्त आ.वि. मेघनगर, श्री गोमतसिंह हाडा वन मडल झाबुआ, श्री शांतिलाल पंचाल सहायक ग्रेड-2 स्वास्थ्य विभाग झाबुआ, श्री ब्रजेन्द्रप्रतापसिंह सहा. उप निरीक्षक पुलिस विभाग झाबुआ।

जिले में अब तक कुल 540.7 मि.मी. औसत वर्शा दर्ज, 24 घण्टो में कुल 1.2 मि.मी. वर्षा दर्ज

झाबुआ । अधीक्षक भू-अभिलेख झाबुआ ने बताया कि जिले में 1 जून से आज दिनांक तक कुल 540.7 मि.मी. औसत वर्शा हो चुकी है। जिले में विगत 24 घण्टों के दौरान औसत 1.2 मि.मी. वर्शा दर्ज की गई। विगत 24 घण्टो में झाबुआ तहसील में नील मि.मी., थांदला तहसील में 2.4 मि.मी., रानापुर में 2.0 मि.मी., मेघनगर में नील मि.मी., पेटलावद में 1.8 मि.मी., रामा में नील मि.मी. वर्शा दर्ज की गई है।

पेड न्यूज एवं विज्ञापन के संबंध में जिला स्तरीय समिति की बैठक संपन्न

झाबुआ । निर्वाचन आयोग के निर्देषानुसार नगरीय निकाय निर्वाचन 2017 में पेड न्यूज के संबंध में जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति की बैठक आज 31 जुलाई 2017 को कलेक्टर कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक में एम.सी.एम.सी. समिति के अध्यक्ष श्री दिलीप कापसे सदस्य सचिव श्रीमती अनुराधा गहरवाल उप संचालक जनसम्पर्क, सुधीर कुशवाह सांख्यिकी अन्वेषक जिला पंचायत, सहायक रिटर्निंग अधिकारी श्री राजेन्द्र रघुवंशी, श्री वीरेन्द्र व्यास स्वतंत्र पत्रकार एवं श्री रतनसिंह राठौर वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे।

विज्ञापन की अनुमति के लिये अभ्यर्थी आवेदन संबंधित, नगरीय निकाय के रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करे
अभ्यर्थी प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रसारित करने के लिए विज्ञापन की अनुमति लेने के लिये निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप में सबंधित नगरीय निकाय के रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में अथवा झाबुआ में श्री प्रतापसिंह सौलंकी सहायक ग्रेड 03 जिला कार्यालय झाबुआ, श्री जी.एस. चितौडिया सहा.गे्रड 2 आय.टी.डी.पी.झाबुआ, श्री शंकरसिंह पालीवाल सहायक ग्रेड 3 को आवेदन उपलब्ध करवाये। उक्त शासकीय सेवक आवेदन प्राप्त कर परीक्षण हेतु जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति को प्रस्तुत करेगे। समिति आवेदनो के परीक्षण उपरांत अभ्यर्थियो को विज्ञापन प्रसारण की अनुमति प्रदान करेगी।

सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमना भिडे ने पदभार ग्रहण किया

झाबुआ । जिले में नीमच से स्थानांतरित होकर आई सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमना भिडे ने आज 31 जुलाई को झाबुआ कार्यालय में अपना पदभार ग्रहण कर लिया है।

विश्व स्तनपान सप्ताह की कार्यशाला संपन्न

झाबुआ । 1 अगस्त से 7 अगस्त तक आयोजित होने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह के संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग की समस्त पर्यवेक्षको हेतु जनपद सभाकक्ष झाबुआ में विश्व स्तनपान सप्ताह की कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री रणजीत सिंह जमरा की अध्यक्षता में सीएचएआई समन्वयक श्री शाकिर खान एवं ईसीसीई समन्वयक कु. नलिनी कटारा ने कार्यशाला के दौेरान बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन 1 से 7 अगस्त तक जिले की प्रत्येक आंगनवाडी में किया जाना है। विश्व स्तनपान सप्ताह के आयोजन हेतु क्षैत्र में वातावरण निर्मित करने हेतु दीवार लेखन एवं रैली का आयोजन किया जाना है। पहले दिन 1 अगस्त को मंगल दिवस के दिन आंगनवाडी केन्द्र पर अमृत उत्सव का आयोजन किया जाना है। इस दिन विभिन्न गतिविधियों के आयोजन से साथ नवीन गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के साथ गाॅव की अन्य महिलाए अपने अनुभव साझा करेगी। अभियान के दौरान सुविधानुसार फिल्म प्रदर्शनी का आयोजन, गाॅव में मैराथन/दौड का आयोजन किया जाना है जिसके माध्यम से स्तनपान का महत्व ग्रामवासियों को समझाया जा सके। कार्यशाला के दौरान परियोजना अधिकारी, ईसीसीई समन्वयक एवं जिले की पर्यवेक्षक  उपस्थित थी।

छेड़छाड़ का अपराध पंजीबद्ध
     
झाबुआ । फरि. कमल पिता हजारीमल गादीया उम्र 48 साल निवासी कालीदेवी ने बताया कि  मेरी लड़की सुबह मोबाईल पर बात कर रही थी मैने देखा और मेरी लड़की से पुछने पर बताया कि आरोपी आयुष पिता कैलाश चैहान निवासी झाबुआ ने मोबाईल दिया हैं व मोबाईल देते हुए बोला की किसी को बताया तो जान से मार दुंगा व पिछा करके रोज छेड़छाड़ कर परेशान करता है। प्रकरण में थाना कालीदेवी में अपराध क्रं. 145/17 धारा 354(डी) भादवि व 11,12 पास्को एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अवैध शराब का  अपराध पंजीबद्ध
        
झाबुआ । आरोपी भगवान सिंह पिता लिम्बा हटिला निवासी कुशलपुरा के अवैध कब्जे से 1200/-रू0 की शराब जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना राणापुर में अपराध क्रं0 356/17 धारा 34-ए आब. एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

चोरी का प्रकरण दर्ज
    
झाबुआ । फरि. मोहनसिंह पिता फौतिया बामनिया उम्र 48 साल निवासी रामपुरा ने बताया कि घर के बाहर ढालिये में बंधे दो बकरे व एक बकरी को 03 अज्ञात बदमाश चुराकर ले गये। प्रकरण में थाना राणापुर में अपराध क्रं0 354/17 धारा 379 भादवि का प्रकरण मे पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

सर्प दंश से दो की मोत
        
झाबुआ । सुकाबाई पति मन्नु भुरिया उम्र 48 साल निवासी बिजलपुर छोटी ने घर के पिछे रखे कण्डे निकालने गयी थी जहां सांप ने हथेली पर काट लिया जिससे मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में मर्ग कं्र. 32/17 धारा 174 जा.फो. का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। सकिला पिता रमेश भाबोर उम्र 07 साल निवासी मसुरिया की सांप काटने से ईलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में मर्ग क्रं. 33/17 धारा 174 जा. फौ. का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

नीतीश सरकार के गठन को चुनौती देने वाली राजद की याचिका खारिज

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पटना 31 जुलाई, पटना उच्च न्यायालय ने श्री नीतीश कुमार के बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के दावे को दरकिनार करते हुये श्री कुमार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोग से फिर से सरकार बनाने का आमंत्रण दिये जाने के निर्णय को चुनौती देने वाली राजद की याचिका आज खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन और न्यायाधीश ए. के. उपाध्याय की खंडपीठ ने यहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक सरोज यादव, चंदन यादव तथा अन्य की ओर से इस मामले दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई के बाद इसे खारिज कर दिया। अदालत ने राज्यपाल द्वारा सरकार बनाने के लिए श्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को आमंत्रित करने के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि नीतीश सरकार ने 28 जुलाई को बिहार विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है इसलिए अब इस मामले में कुछ भी नहीं बचा है। न्यायालय में बिहार सरकार की ओर से पेश हुये महाधिवक्ता ललित किशोर, रज्यपाल के अधिवक्ता वाई. गिरी और केंद्र सरकार अपर सॉलिसिटर जनरल एस. डी. संजय ने अपनी दलील में कहा, “इस मामले में राज्यपाल ने अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल करते हुये उस दल या दलों के समूह को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया, जिसके बारे में उन्हें विश्वास था कि वह विधानसभा में बहुमत साबित कर लेगा।” अधिवक्ताओं ने दायर याचिका में एस. आर. बोम्मई मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्णय के हवाले पर कहा “इस मामले में न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि किसी भी सरकार के बहुमत में होने का आकलन करने का सर्वश्रेष्ठ तरीका उसका सदन में बहुमत साबित करने की प्रक्रिया है।”


याचिका खारिज होने के बाद राजद विधायक सरोज यादव ने संवाददाताओं से कहा कि वह पटना उच्च न्यायालय के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे। उल्लेखनीय है कि याचिका में 26 जुलाई को श्री नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सरकार बनाने के लिए सबसे अधिक (80) विधायकों वाली पार्टी राजद के दावे को नजरअंदाज कर श्री कुमार की अगुवाई वाले गठबंधन राजग को मौका देने के राज्यपाल के निर्णय को चुनौती दी गई थी। श्री कुमार ने इस्तीफा देकर पहले महागठबंधन से नाता तोड़ा और उसके कुछ घंटे के भीतर ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राजग के सहयोग से सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। याचिकाकर्ताओं ने एस. आर. बोम्मई मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुये अदालत से अनुरोध किया था कि बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी राजद को सरकार बनाने का मौका देने के लिए राज्यपाल को निर्देश दिया जाये। 

नैतिकता की दुहाई देने वाले नीतीश दें इस्तीफा : राजद

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पटना 31 जुलाई, बिहार की मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आज कहा कि तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद श्री नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं तो जब उनपर हत्या का मुकदमा दर्ज है तब उन्हें नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देना चाहिए। राजद के पूर्व सांसद जगदानंद सिंह ने यहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे की उपस्थिति में प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री कुमार पर वर्ष 1991 में ही पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल में हत्या और आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज हुआ था । इस मामले में वर्ष 2009 में अदालत से संज्ञान भी हो चुका है। श्री सिंह ने कहा कि ऐसे में किसी मुजरिम को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का अधिकार नहीं रह गया है। नैतिकता की दुहाई देने वाले श्री कुमार ने सिर्फ तत्कालीन उप मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने मात्र से महागठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें अब यह बताना चाहिए कि हत्या समेत अन्य मामलों के मुजरिम होने के बावजूद वह कुर्सी पर कैसे बने हुये हैं। पूर्व सांसद ने कहा कि यदि यह मामला खत्म हो गया है तो फिर श्री कुमार ने विधान परिषद चुनाव में अपने शपथ पत्र में यह स्वीकार क्यों किया है कि उन पर हत्या का मामला चल रहा है। जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित मध्यप्रदेश में हुए व्यापमं घोटाले के साक्ष्य को मिटाने के लिए एक-एक को मार डाला गया उसी तरह से सीताराम सिंह हत्याकांड के साक्ष्यों को भी मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। 


श्री सिंह ने कहा कि श्री कुमार के संबंध में लोगों को बताने की आवश्यकता नहीं है । श्री कुमार जब वर्ष 2009 में मुख्यमंत्री थे तब उनके साथ अपराध जगत के नवरत्न उनके पीछे खड़े दिखायी दिये थे। श्री कुमार के साथ खड़े नवरत्न को अपराध जगत के साथ ही आम लोग अच्छी तरह से जानते थे। इन नवरत्नों में अनंत सिंह, धूमल सिंह, सुनील पांडेय, मुन्ना शुक्ला जैसे अपराध जगत की हस्तियां शामिल थी । पूर्व सांसद ने कहा कि जिस सीताराम सिंह की हत्या हुयी थी, आज उनका परिवार सुरक्षा की गुहार लगा रहा है लेकिन उनकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को वापस ले लिया गया है । स्व. श्री सिंह के दोनों भाई आज भी न्याय की गुहार लगाने के साथ ही सुरक्षा की मांग भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री कुमार में तनिक भी नैतिकता बची है तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। श्री सिंह ने मुख्यमंत्री पर लगे आरोपों का स्पीडी ट्रायल के जरिये सुनवाई कराने की मांग की। सत्ता के शीर्ष पर बैठते समय श्री कुमार को अंतरआत्मा की आवाज सुनायी नहीं पड़ी । उन्होंने कहा कि जब एक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने पर सरकार गिरायी जा सकती है तो हत्या के मामले में अदालत से संज्ञान हो चुके श्री कुमार को तो जरूर इस्तीफा दे देना चाहिए। 

2019 के चुनाव में नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने की क्षमता किसी में नहीं : नीतीश

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पटना 31 जुलाई, भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)की ओर से पिछले लोकसभा चुनाव में श्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किये जाने के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग)से 17 साल का नाता तोड़ लेने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में श्री मोदी का मुकाबला करने की क्षमता किसी में नहीं है। श्री कुमार ने करीब 20 माह तक राष्ट्रीय जनता दल(राजद), कांग्रेस और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की महागठबंधन सरकार चलाने के बाद उससे नाता तोड़ फिर राजग के सहयोग से बिहार में सरकार बनाने के बाद पहली बार यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में श्री मोदी का मुकाबला करने की क्षमता किसी में नहीं है।” मुख्यमंत्री से जब यह पूछा गया कि क्या वह श्री मोदी को अपना नेता मानते हैं तो उन्होंने सवाल का जवाब नहीं दिया। हालांकि बाद में जब उनसे पूछा गया कि क्या वह 2019 में श्री नरेंद्र मोदी को दुबारा प्रधानमंत्री बनाने में सहयोग देंगे तब उन्होंने कहा कि श्री मोदी का मुकाबला करने की क्षमता किसी में नहीं है और दुबारा देश के प्रधानमंत्री वही बनेंगे। वर्ष 2013 में राजग से अलग होने के बाद ‘मिट्टी में मिल जायेंगे लेकिन भाजपा के साथ कभी नहीं जाएंगे’ के बयान के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जिस समय यह बात कही थी उस समय उसका संदर्भ अलग था और आज की परिस्थिति अलग है। उन्होंने कहा कि पूर्व में दिये गये बयान को लेकर उनका मजाक उड़ाया जा सकता है लेकिन उन्होंने बिहार के हित में भाजपा के साथ सरकार बनाने का निर्णय लिया है। उनके लिए बिहार का हित सर्वोपरि है। श्री कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और नोटबंदी लागू करने के साथ ही सर्जिकल स्ट्राइक की सराहना करते हुये कहा कि उन्होंने आर्थिक विकास को गति देने के लिए जीएसटी लागू किया है। इससे जहां कर प्रणाली में पारदर्शिता आएगी वहीं भ्रष्टाचार में लिप्त कारोबारियों पर लगाम भी लगेगी। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से भी कालाधन छुपाने वालों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। यह प्रधानमंत्री का राष्ट्रहित में किया गया सराहनीय प्रयास है, जिसका उन्होंने भी समर्थन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद उन्होंने बेनामी संपत्ति के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए कहा था। इसके बाद प्रधानमंत्री ने बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई करना शुरू करवा दिया। उन्होंने जनता के हित में नोटबंदी का समर्थन किया था और राष्ट्रहित में सर्जिकल स्ट्राइक के मामले पर केंद्र सरकार को समर्थन दिया था। श्री कुमार ने केंद्र की राजनति में उनकी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कहा, “मैं बिहार जैसे बड़े राज्य की सेवा कर रहा हूं जो राष्ट्रधर्म ही है। यदि मेरे कार्यों से राज्य का विकास होता है तो इससे देश भी आगे बढ़ेगा।” उन्होंने कहा कि बिहार में उनके अच्छे कार्यों की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर भी होती है और इसी से उनकी राष्ट्रीय पहचान भी बनी है। उन्होंने अपने ही अंदाज में कहा कि वह केंद्र में कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहने के कारण राष्ट्रीय स्तर पर लंबे अर्से तक सेवा कर चुके हैं।



मुख्यमंत्री ने राजग में शामिल होने पर धर्मनिरपेक्षता को लेकर विपक्षी पार्टियों की ओर से उठाये जो रहे सवालों का जवाब देते हुये कहा कि धर्मनिरपेक्षता एक विचार है और इसके लिए उन्हें किसी से प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके सामने दो ही रास्ते थे कि या तो वह महागठबंधन में रहकर भ्रष्टाचार का समर्थन करते या राजग में आने के बाद धर्मनिरपेक्षता को लेकर आलोचना झेलते। उन्होंने कहा, “हम अपने काम से साबित कर देंगे कि इस मुद्दे पर होने वाली आलोचना का कोई आधार नहीं है।” श्री कुमार ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुये सवालिया लहजे में कहा कि क्या धर्मनिरपेक्षता का अर्थ केवल यह रह गया है कि इसकी चादर ओढ़कर लोग संपत्ति अर्जित करते रहें। उन्होंने कहा कि अब तो यह तय करना होगा कि धर्मनिरपेक्षता केवल वोट के लिए है या सेवा के लिए। उन्होंने कहा कि उन्हें धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, समावेशी विकास और न्याय के साथ विकास के सिद्धांत में पूरा यकीन है और वह आगे भी इन मूल्यों की रक्षा के लिए काम करते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पूर्व राजग के साथ सरकार में रहकर उन्होंने अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए काफी काम किया है और ऐसा इससे पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि राजग से बाहर निकलने के बाद भी वह इस समुदाय के कल्याण के लिए काम करते रहे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने ही भागलपुर दंगे की अंतिम रिपोर्ट आने के बावजूद इसकी दुबारा से जांच करवाकर पीड़ितों को न्याय दिलवाया। उन्होंने कहा कि वह हमेशा सांप्रदायिक सद्भाव कायम रखने के लिए काम करते रहे हैं इसलिए धर्मनिरपेक्षता पर उन्हें किसी के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है।श्री कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ने के कारणों का जिक्र करते हुये कहा कि उन्होंने केवल इतना कहा था कि वह (तेजस्वी प्रसाद यादव) लगे आरोपों का बिंदुवार जवाब जनता के बीच जाकर दे दें लेकिन राजद अध्यक्ष ने इस पर ध्यान नहीं दिया और अपनी पार्टी के बयानों का समर्थन करते रहे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर जदयू ने श्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा क्योंकि वह जानते थे कि गठबंधन में ऐसी बातें होंगी। प्रशासनिक कार्यों में भी हस्तक्षेप होता था फिर भी कभी कुछ नहीं कहा। लेकिन, जब भ्रष्टाचार का मामला सामने आया तो राज्य के हित में यह फैसला लेना पड़ा। उन्होंने कहा, “मैने भ्रष्टाचार के मामले न तो पहले कभी समझौता किया है और न ही अब किया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि हालांकि इन सबके बीच भी राज्य में विकास कार्य चलता रहा। मुख्यमंत्री ने कहा, “देश की मीडिया भ्रष्टाचार के मामले को लेकर मुझ पर सवाल उठा रही थी। हमने केवल कहा कि इस पर बिंदुवार जवाब दे दें। जब श्री तेजस्वी प्रसाद यादव मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मिले तो उन्होंने मुझसे ही पूछा कि क्या करना चाहिए। मैने कहा कि मुझे ऐसी कंपनियों और एसेट्स के बारे में कुछ नहीं पता। आप जनता को जवाब दे दीजिये। लेकिन, वह इसके लिए तैयार नहीं थे या वह सफाई देना ही नहीं चाहते थे। मुख्यमंत्री ने राजद अध्यक्ष पर निशाना साधते हुये कहा, “लोग दावा करते हैं कि उन्होंने ही मुझे मुख्यमंत्री बनाया। श्री यादव जब पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ का चुनाव लड़ रहे थे तो मैने ही उन्हें इंजीनियरिंग कॉलेज से 500 में से 450 छात्रों का वोट दिलवाया था। क्या मैं विधायक और सांसद भी उनकी मदद से बना हूं। पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद मेरे प्रयास से ही श्री यादव मुख्यमंत्री के पद तक पहुंच पाये अन्यथा आज जो उनके काफी खास बने हुये हैं उन्हें ही समझाने में सबसे अधिक मेहनत करनी पड़ी थी। श्री यादव जाति आधारित राजनीति करते हैं जबकि मैं ‘कास्ट नहीं मास’ की राजनीति में यकीन रखता हूं। श्री कुमार ने भाजपा की ओर से राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार के किये गये कई खुलासे पर कार्रवाई करने के बारे में पूछने पर कहा कि वह किसी एक मामला विशेष के बारे में ऐसा करेंगे तो उन पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगने लगेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले भ्रष्टाचार के किसी भी मामले के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह न तो किसी को फंसाते हैं और न ही किसी को बचाते हैं।

श्री कुमार ने राजग में शामिल होने के फैसले पर जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव की नाराजगी पर कहा कि लोकतंत्र में सबके अलग-अलग विचार हैं। पार्टी को केवल बिहार में मान्यता प्राप्त है इसलिए जदयू की राज्य इकाई की अपनी अहमियत है। ऐसे में उनकी उपस्थिति में इकाई ने यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 19 अगस्त को पटना में होगी, जिसमें इन सब मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों और सांसदों से बात करने के बाद ही राष्ट्रपति चुनाव में श्री रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का निर्णय लिया गया था लेकिन श्री यादव इस पर भी नाराज थे। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि बिहार के राज्यपाल रहे श्री कोविंद आज देश के राष्ट्रपति हैं। मुख्यमंत्री ने महागठबंधन से अलग होने के फैसले पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर चुटकी लेते हुये कहा कि यह तो खुशी की बात है कि श्री गांधी को उनके निर्णय के बारे में तीन महीने पहले ही एहसास हो गया था। उन्होंने कहा कि हालांकि जब वह उनसे दिल्ली में मिले तो उन्हें बिल्कुल नहीं लगा कि श्री गांधी को इस बारे में कोई एहसास भी था। उन्होंने कहा, “यदि श्री गांधी को पहले ही पता था कि मैं राजग में शामिल होने वाला हूं तो मुझसे मिलने की इच्छा क्यों जाहिर की।” श्री कुमार ने कहा कि वह श्री गांधी की बहुत इज्जत करते हैं खासकर उस मुद्दे को लेकर तो जरूर जिसमें संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की ओर से भ्रष्टाचार के आरोपी नेताओं को चुनाव लड़ने के लिए राहत देने के उद्देश्य से संसद में लाये गये अध्यादेश की प्रति उन्होंने फाड़ दी थी। उन्होंने कहा कि वह अध्यादेश गलत था और श्री गांधी सही थे। उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि महागठबंधन चले और इसके लिए उन्होंने श्री गांधी को भी कहा था कि कोई रास्ता निकालिये जिससे जदयू जनता को कुछ कह सके लेकिन कोई उपाय नहीं निकाला गया। उन्होंने कहा, “हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि हम आपके सहयोगी हो सकते हैं, अनुयायी नहीं।” मुख्यमंत्री ने कहा कि महागठबंधन में रहते हुये सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी पर समर्थन करने को लेकर अन्य घटक दल राजद और कांग्रेस उनसे नाराज हो गये। लेकिन, उन्हें यह पता होना चाहिए कि सर्जिकल स्ट्राइक पर कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और नोटबंदी पर तत्कालीन राष्ट्रपति, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता होने के साथ ही संप्रग सरकार में वित्त मंत्री भी रहे, के समर्थन देने के बाद ही उन्होंने समर्थन दिया था। 
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