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चीन का दावा गलत , भारत ने नहीं हटाये डोकलाम से सैनिक

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नयी दिल्ली 02 अगस्त, भारत ने चीन के इस दावे का जोरदार शब्दों में खंडन किया है कि उसने भारत-चीन- भूटान ट्राइ जंक्शन के निकट डोकलाम में तैनात अपने सैनिकों की संख्या में भारी कमी कर दी है और अब वहां केवल 40 भारतीय सैनिक तैनात हैं। सूत्रों ने साफ शब्दों में कहा है कि डोकलाम में पहले की तरह यथास्थिति बनी हुई है। भारतीय सैनिक जिस जगह पर और जितनी संख्या में तैनात थे उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि चीनी दूतावास के आज यहां जारी वक्तव्य में दावा किया गया है कि भारत ने डोकलाम में तैनात सैनिकों की संख्या में भारी कमी की है और अव वहां उसके 400 के बजाय केवल 40 सैनिक बच गये हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच पिछले डेढ महीने से इस क्षेत्र में गतिरोध बना हुआ है और चीन भारत पर दबाव बनाने के लिए लगभग हर रोज नया पैंतरा चल रहा है । चीन द्वारा इस क्षेत्र में 16 जून को सड़क बनाये जाने की कोशिशों को देखते हुए 18 जून को भारत ने डोकलाम में अपने लगभग 350 सैनिक तैनात कर उसकी इस कोशिश को विफल कर दिया था। इस क्षेत्र में चीन के भी लगभग इतने ही सैनिक हैं और इस घटनाक्रम के बाद से दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध बना हुआ है। भारतीय सैनिक भीषण ठंड, बारिश और प्रतिकूल मौसम के बावजूद अपनी जगह पर मजबूती से डटे हुए हैं। ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में भाग लेने के लिए चीन गये भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस मुद्दे पर चीन के अपने समकक्ष और चीनी राष्ट्रपति से बातचीत भी की थी। हालाकि इस बातचीत से गतिरोध दूर होने के कोई संकेत सामने नहीं आये। चीन के आज जारी वक्तव्य में कहा गया है कि 18 जून को भारत के 400 से अधिक सैनिक दो बुलडोजरों और हथियारों के साथ चीन की सीमा में घुस 180 मीटर अंदर तक घुस आये थे और वहां तीन टेंट लगा लिये। उसने कहा है कि जुलाई के अंत तक वहां तैनात भारतीय सैनिकों की संख्या केवल 40 रह गयी है और अब वहां केवल एक बुलडोजर ही है। सूत्रों ने चीन के इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों की संख्या में कोई कमी नहीं की गयी है और वहां पहले की तरह यथास्थिति बनी हुई है।


बैंकों ने दरों में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को नहीं दिया है : आरबीआई

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मुंबई 02 अगस्त, रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने आज नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की घोषणा करते हुये कहा कि बैंकों ने दरों में पहले की गयी कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को नहीं दिया है तथा वे ऋण पर ब्याज अभी भी घटा सकते हैं। ब्याज दर में लाभ हस्तांतरण के संबंध में आरबीआई ने एक अध्ययन समूह का भी गठन किया है। आरबीआई ने जारी बयान में कहा “अप्रैल 2016 में सीमांत लागत आधारित ऋण दर प्रणाली (एमसीएलआर) लागू करने के बाद से नीतिगत दरों में कटौती का बैंकों द्वारा दिया गया लाभ संतोषजनक नहीं रहा है। इसलिए रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों के लाभ के हस्तांतरण की दृष्टि से एमसीएलआर प्रणाली के अध्ययन के लिए एक आंतरिक अध्ययन समूह का गठन किया है।” इसमें कहा गया है कि समूह बैंक के ऋण दर को सीधे बाजार आधारित मानदंड से जोड़ने की संभावनाओं पर भी विचार करेगा। अध्ययन समूह इस साल 24 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगा। श्री पटेल ने संवाददाताओं के प्रश्न के उत्तर में कहा कि बैंकों ने नये ऋणों पर तो जनवरी 2015 से ब्याज दरों में की गयी कटौती का ज्यादातर लाभ ग्राहकों को दिया है, लेकिन पुराने ऋणों पर ग्राहकों को पूरा लाभ नहीं मिला है। साथ ही आवास ऋण और वाहन ऋण जैसे प्रतिस्पर्द्धि सिगमेंट में ब्याज दरों में ज्यादा कटौती हुई है जबकि अन्य सिगमेंट में पूरा लाभ नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि बैंकों के पास अब भी ब्याज दर घटाने का विकल्प है, विशेषकर उन सिग्मेंटों में जिनमें लाभ हस्तांतरण अब तक कम रहा है। बयान में कहा गया है कि एमसीएलआर लागू करने के बाद बैंकों की आधार दर में ज्यादा कमी नहीं आयी है जो चिंता का विषय है। अधिकतर पुराने ऋण में ब्याज दर आधार दर के अनुरूप तय होती है। बयान के अनुसार, आधार दर में कमी नहीं होने से वास्तविक अर्थव्यवस्था को नीतिगत दरों में कटौती का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। अब भी ज्यादातर सिग्मेंटों बैंकों की फ्लोटिंग ब्याज दर आधार दर से तय होती है। आरबीआई नीतिगत दरों में कटौती का लाभ हस्तांतरण आधार दर में भी होना सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार करेगा।

जीएसटी से कश्मीर की आर्थिक स्वायत्तता प्रभावित हाेगी : कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 02 अगस्त, कांग्रेस ने आजादी के बाद सबसे बड़े कर सुधार ‘वस्तु एवं सेवा कर’ (जीएसटी) को जम्मू-कश्मीर तक विस्तारित करने के सरकार के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए आज कहा कि इससे राज्य को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत मिला विशेष दर्जा और आर्थिक स्वायत्तता प्रभावित होगी। कांग्रेस के सदस्यों- अधीर रंजन चौधरी एवं शशि थरूर- ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (जम्मू-कश्मीर तक विस्तार) विधेयक 2017 एवं एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (जम्मू-कश्मीर तक विस्तार) विधेयक 2017 पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए सरकार के इस फैसले को राज्य की आर्थिक आजादी पर कुठाराघात करार दिया। चर्चा की शुरुआत करते हुए श्री चाैधरी ने जहां इसे अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को मिले विशेष अधिकारों काे प्रभावित करने वाला करार दिया, वहीं श्री थरूर ने सरकार को आगाह किया कि इससे राज्य की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होगी। श्री थरूर ने कहा कि सरकार जीएसटी को भले ही ‘एक राष्ट्र एक कर’ और ‘अच्छा और साधारण कर’ की संज्ञा दे, लेकिन इसके तहत तीन प्रकार के कर प्रावधानों और छह टैक्स स्लैब को देखते हुए इसे ‘एक राष्ट्र, तीन टैक्स, छह स्लैब’ कहा जाना ज्यादा उपयुक्त होगा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर संवेदनशील राज्य है और आतंकवाद के कारण इसकी अर्थव्यवस्था चौपट होती रही है, पर्यटन कारोबार बाधित हुए हैं, ऐसी स्थिति में राज्य को प्राप्त विशेष अधिकारों में किसी तरह की कटौती करना या जीएसटी थोपना ‘कर आतंकवाद’ की श्रेणी में आयेगा। श्री चौधरी ने चर्चा की शुरुआत में कहा था कि जम्मू कश्मीर में सीजीएसटी और एसजीएसटी के चलते राज्य का विशेष दर्जा प्रभावित होगा और आर्थिक स्वायत्तता गड़बड़ा जाएगी।

नीतिगत दरों में कटौती, ऋण सस्ता होने की बनी उम्मीद

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मुंबई 02 अगस्त, चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में महंगाई के चार प्रतिशत से ऊपर निकलने के जोखिम के बावजूद मानूसन के अब तक बेहतर रहने और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के सफलतापूवर्क लागू होने के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों रेपो और रिवर्स रेपो में एक चौथाई फीसदी की कटाैती करने की आज घोषणा की, जिससे व्यक्तिगत ऋण के साथ ही आवास एवं कार ऋण के भी सस्ते होने की उम्मीद बनी है। एमपीसी ने रेपो दर में इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में 0.25 फीसदी की कटौती की थी। मौद्रिक नीति समिति की दो दिवसीय बैठक के रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने जारी बयान में नीतिगत दरों में कटौती की घोषणा की। श्री पटेल सहित पाँच सदस्यों ने कटौती के पक्ष में मतदान किया जिनमें एक सदस्य ने इसमें आधी फीसदी की कटौती की वकालत की। छठे सदस्य ने यथास्थिति बनाये रखने के पक्ष में मत दिया। बयान में श्री पटेल ने कहा कि मानूसन के बेहतर रहने तथा जीएसटी के सही तरीके से लागू हो जाने के मद्देनजर नीतिगत दरों में एक चौथाई फीसदी की कटौती की गयी है। अब रेपो दर 6.25 प्रतिशत से घटकर 6.0 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर 6.0 प्रतिशत से घटकर 5.75 प्रतिशत हो गयी है। यह कटौती तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी है। इसी तरह से मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटी (एमएसएफ) दर और बैंक दर भी 6.50 प्रतिशत से घटकर 6.25 प्रतिशत हो गयी है। हालांकि, नकद तरलता अनुपात (सीआरआर) 4.0 प्रतिशत पर यथावत है। इसमें कहा गया है कि महंगाई को ऋणात्मक/घनात्मक दो फीसदी के साथ चार प्रतिशत के दायरे में रखने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुये यह कटौती की गयी है। हालांकि, समिति ने चालू वित्त वर्ष का विकास अनुमान 7.3 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। समिति के अध्यक्ष श्री पटेल के साथ ही डॉ. चेतन घाटे, डॉ़ पमी दुआ और डॉ. विरल वी. आचार्या ने नीतिगत दरों में एक चौथाई कटौती के पक्ष में अपना मत दिया जबकि डॉ. रवीन्द्र एच. ढोलकिया इसमें आधी फीसदी की कटौती चाह रहे थे। हालांकि, डॉ़ माइकल देबब्रत पात्रा यथास्थिति बनाये रखने के पक्ष में थे।

नीतीश अपने 75 प्रतिशत दागी मंत्रियों पर कार्रवाई करेंगे : तेजस्वी

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पटना 02 अगस्त, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनपर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्राथमिकी दर्ज किये जाने का बहाना बनाकर अंतरात्मा की आवाज पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल तो हो गये, लेकिन क्या वह नवगठित मंत्रिमंडल के 75 प्रतिशत दागी मंत्रियों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे। श्री यादव ने यहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे के साथ ही दो अन्य विधायकों की उपस्थिति में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महागठबंधन की सरकार के जाने के बाद से इन दिनों प्रदेश में वर्तमान राजनीतिक माहौल को लेकर चर्चाएं हो रही है। उनके ऊपर सीबीआई के प्राथमिकी दर्ज किये जाने को लेकर श्री कुमार ने नैतिकता और अंतरआत्मा की आवाज का बहाना बना कर मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया और राजग की गोद में बैठ गये। प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि वह शुरू से भ्रष्टाचार के खिलाफ रहे हैं। श्री कुमार ने उनके खिलाफ सीबीआई के प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अंतरआत्मा की आवाज पर तो इस्तीफा दे दिया लेकिन उन्हें यह बताना चाहिए कि प्रदेश की राजग सरकार में 75 प्रतिशत दागियों को मंत्री क्यों बनाया गया। उन्होंने कहा कि एक-एक कर सभी दागियों को बेनकाब किया जायेगा । श्री यादव ने कहा कि वह उम्मीद कर रहे थे कि उनके द्वारा विश्वास मत के दौरान विधानसभा में दिये गये वक्तव्य पर श्री कुमार दो दिन पूर्व अपने संवाददाता सम्मेलन के दौरान तथ्यपरक बिंदुवार जवाब देंगे लेकिन उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति श्री कुमार की ही नहीं बल्कि उनकी भी रही है। 


पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पनामा पेपर लीक घोटाले में भाजपा के नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह के पुत्र, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के ब्रांड एम्बेस्डर और फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन तथा जानेमाने उद्योगपति अडाणी के बड़े भाई का नाम आया है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री कुमार ने चुप्पी साध ली है । उन्होंने कहा कि यदि इस तरह के मामले में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव या उनका (तेजस्वी यादव) नाम आता तो अबतक हायतौबा मच गयी होती । श्री यादव ने कहा कि पनामा घोटाला मामले में दो देशों के प्रधानमंत्री को जहां पद छोड़ना पड़ा वहीं आस्ट्रेलिया में जांच के आदेश दिये गये हैं। श्री कुमार इतने बड़े मामले के बाद भी अभी तक चुप्पी बनाये हुए हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले की जांच क्या सीबीआई करेगी जिसमें अबतक 50 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। श्री कुमार की नैतिकता अब कहां है । प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि प्रदेश की राजग सरकार ने श्री कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत 75 प्रतिशत दागियों को मंत्री बनाया है । ऐसे में नैतिकता की बात करना श्री कुमार को शोभा नहीं देती। उन्होंने कहा कि कितनी बार मुख्यमंत्री की अंतरआत्मा जागती और सोती है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि श्री कुमार को यह बताना चाहिए कि उनके अंदर कौन सी अंतरआत्मा है कुर्सी, डर, लालच या फिर मोदी की आत्मा। 

श्री यादव ने कहा कि महागठबंधन सरकार को तोड़ने के लिए ‘स्वीट डील’ किया गया। उन्होंने आरोप लगाया और कहा कि महागठबंधन सरकार ईमानदारी से बिहार के विकास में लगी हुयी थी और जो धारा सीबीआई ने उनपर लगाया है वही धारा भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी पर भी लगा है । ऐसे में श्री कुमार के बगल में वह कैसे बैठ रहे हैं, यह लोग जानना चाहते हैं। प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि अब तो केन्द्र और बिहार में एक ही सरकार बन गयी है इसलिए यह नियम बना देना चाहिए कि जिस पर भी प्राथमिकी दर्ज होता है वह संवैधानिक पद पर नहीं रहेगा। प्रदेश के लोग इस तरह का कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनादेश के खिलाफ राजग सरकार का गठन किया गया है। श्री यादव ने कहा कि सरकार के गठन के लिए जो वोट की डकैती की गयी है उसे लेकर प्रदेश के लोग श्री कुमार से पूछते रहेंगे। गरीब, शोषित, वंचित और अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने बड़ी उम्मीद के साथ महागठबंधन को वोट दिया था लेकिन श्री कुमार राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) संघ की गोद में जाकर बैठ गये। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वासमत के दौरान जब वह विधानसभा में वक्तव्य दे रहे थे तभी उनकी आवाज दबाने के उद्देश्य से समाचार चैनलों में चल रहे सीधा प्रसारण को बंद करवा दिया गया। 


प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि श्री कुमार का राजद अध्यक्ष पर यह आरोप लगाना कि वह जाति की राजनीति करते हैं यह फिर से लोगों को गुमराह करने का प्रयास है। श्री यादव मंडल आयोग के समय दबे-कुचले लोगों को एकजुट कर इसकी अगुवाई की थी। उन्होंने कहा कि जब एक बार फिर से बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ ही समाजवादियों का जमघट पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में राजद की 27 अगस्त की रैली में होने वाली थी तो उसके पहले ही एकजुटता को तोड़ने का प्रयास किया गया। श्री यादव ने कहा कि श्री कुमार मंडल आयोग के समय भी समता पार्टी का गठन कर ‘कमंडल’ की ओर भाग गये थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में भी श्री कुमार ने भाजपा से धोखा खाया था और इसबार भी कुर्सी की लालच में वह भाजपा से हाथ मिलाकर फस गये हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार में राजग की सरकार अधिक दिनों तक चलने वाली नहीं है और यदि किसी को विश्वास नहीं हो रहा है तो वह उनसे शपथ पत्र भरवा ले। श्री यादव ने कहा कि श्री कुमार चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह की बात तो कर रहे हैं लेकिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारों के पास चले गये हैं। वह अपने आंदोलन की शुरुआत बापू की कर्मभूमि चंपारण से करेंगे और वहां जाकर बापू की प्रतिमा के समक्ष श्री कुमार के साथ आने के लिए उनसे क्षमा मांगेंगे। इसके बाद वह बिहार का दौरा कर जनता के समक्ष श्री कुमार की पोल खोलेंगे। 

25 सितंबर से शुरू होगी मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना : रघुवर दास

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रांची 02 अगस्त, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती (25 सितम्बर) पर समस्त राज्यवासियों के लिये मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरूआत करने की घोषणा की। श्री दास ने आज यहां केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव सी के मिश्र की उपस्थिति में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक के बाद कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती (25 सितम्बर)पर समस्त राज्यवासियों के लिये मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरूआत होगी। संताल परगना के चार जिलों में अब भी विद्यमान कालाजार से झारखंड मुक्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संथालपरगना के चार जिलों दुमका, साहेबगंज, पाकुड़ एवं गोड्डा में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कस्तुरबा बालिका आवासीय विद्यालय की बच्चियां अपने सामाजिक सेवा शिक्षण के अंतर्गत कम से कम 05 गांव में स्वास्थ्य जागरुकता अभियान चलायें जो विद्यालय सबसे प्रभावकारी परिणाम दर्शायेगा उसे 01 लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि ये बच्चियां दूसरों को जागरूक करने क्रम में स्वयं भी जागरूक होंगी तथा ग्रामीणों पर इनकी बातों का विशेष प्रभाव पड़ेगा। स्वास्थ्य सचिव ने झारखंड में सकारात्मक बदलाव और विकास की दिशा में मजबूत पहल करने के लिये राज्य सरकार को बधाई देते हुये कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में केन्द्र और राज्य मिलकर काम करेगी। केन्द्र हर संभव सहयोग प्रदान करेगा। कालाजार, सुरक्षित मातृत्व और मातृ मृत्यु दर आदि पर विषेष फोकस करते हुये कार्य करने की आवश्यकता है। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के नये तीन मेडिकल कॉलेज जिनका शिलान्यास किया गया है, उनमें अगले शिक्षण सत्र से पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक पहल किये जायें। हर हाल में अगले सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो जानी चाहिए। उन्होंने तीन और मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति के संदर्भ में केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव से विशेष पहल की अपेक्षा की। इस पर श्री मिश्रा ने कहा कि वर्ष 2019 तक देवघर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) कार्य करने लगेगा। श्री दास ने कहा कि रांची के कांके स्थित सीआईपी को भी देश के सर्वश्रेष्ठ मेडिकल संस्थानों में एक बनाने में केन्द्र से मदद की उम्मीद है। उन्होंने विभाग को रांची आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में किस क्षेत्र के और किन बिमारियों के लिये अधिक मरीज आते हैं का खाका तैयार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल राज्य की रीढ़ हैं। इसे पूरी तरह मजबूत बनाये रखना सरकार की प्रतिबद्धताओं में शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्र पर कोई चिकित्सक या एएनएम अनुपस्थित रहते हैं तो सिविल सर्जन के विरुद्ध सीधी और सख्त कार्रवाई की जायेगी। सिविल सर्जन सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारियों का पहला दायित्व है कि वे अपने अधीनस्थ कार्यालयों पर कड़ा नियंत्रण बनाये रखें। वे अधिकारी जिनमें जिम्मेवारी का अहसास नही है वे नौकारी छोड़ दें। बैठक में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव के अलावा मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग सुधीर त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार बर्णवाल, एन एच एम के निदेशक कृपानंद झा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। 

योजनाओं को विकेंद्रीकृत तरीके से लागू करने से हुआ बिहार का विकास : नीतीश

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पटना 02 अगस्त, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाप्त वित्त वर्ष में राज्य की आर्थिक विकास दर और प्रति व्यक्ति आय के दहाई अंक में रहने पर खुशी जाहिर करते हुये आज कहा कि योजनाओं को विकेंद्रीकृत तरीके से लागू करने के कारण ही प्रदेश के विकास की गति तीव्र बनी हुई है। श्री कुमार ने यहां नवगठित सरकार के मंत्रियों तथा विभागों के प्रधान सचिव एवं सचिवों के साथ आयोजित अलग-अलग बैठक के दौरान मंत्रियों से राज्य के विकास की गति को तीव्र बनाये रखने के लिए गंभीरता से काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि मंत्री अपने-अपने विभागों में कमी और जरूरतों के बारे में बतायें ताकि उसे शीघ्रता से पूरा किया जा सके। मुख्यमंत्री ने विकास की रफ्तार को तीव्र बनाये रखने के लिए मंत्रियों के बाद प्रधान सचिव एवं सचिवों के साथ बैठक की । बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति मजबूत करने, सात निश्चय के क्रियान्वयन और केंद्र के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने को लेकर भी दिशा-निर्देश दिये।


मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 में वर्तमान दर पर राज्य की विकास दर 14.8 प्रतिशत तथा स्थिर दर पर 10.32 प्रतिशत रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में विकास दर का दहाई अंक पर रहना खुशी की बात है। वर्तमान दर पर राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 13.15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है और इस वृद्धि के मामले में बिहार का देश में दूसरा स्थान है। उन्होंने कहा कि राज्य को विकास की गति तीव्र बनाये रखने में लागू की गयी योजनाओं का सर्वाधिक योगदान है। श्री कुमार ने राज्य के कस्बों में स्कूल भवनाें के निर्माण का उदाहरण देते हुये कहा कि इससे सभी कसबों में निर्माण सामग्री की उपलब्धता बढ़ी तथा लोगों के लिये रोजगार के अवसरों का सृजन भी हुआ। उन्होंने कहा कि योजनाओं को विकेंद्रीकृत तरीके से लागू करने के कारण ही राज्य का विकास हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय के तहत उच्च शिक्षा हासिल करने के इच्छुक विद्यार्थियों को मदद देने के उद्देश्य से शुरू की गई स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की भी समीक्षा की जायेगी कि इस योजना से कितने छात्र-छात्राओं को लाभ मिला है। उन्होंने कहा, “बिहार में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में वृद्धि करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है।” 

मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के प्रधान सचिव एवं सचिवों को उनके विभाग के संसाधनों के उपयोग पर नजर रखने तथा विभाग के कार्यों में पूरी पारदर्शिता बरतने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अलग-अलग विभागों की विस्तृत समीक्षा की जायेगी। उन्होंने कहा कि विकास के कार्यों में और गति लानी होगी। उन्होंने सभी प्रधान सचिव एवं सचिवों को काम नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का सख्त निर्देश भी दिया। श्री कुमार ने कहा कि सभी प्रधान सचिव एवं सचिव अपने-अपने विभाग के सेवा संबंधी मामलों पर ध्यान दें। उन्होंने राजस्व संबंधित मामलों के निष्पादन पर विशेष ध्यान देने का निर्देश देते हुये कहा कि इससे समाज में शांति आयेगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा एवं विधान परिषद के सत्र में प्रश्नकाल एवं कार्यवाही के दौरान विभाग के वरीय अधिकारी-पदाधिकारी दीर्घा में उपस्थित रहें। बैठक में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सभी विभागों के प्रधान सचिव एवं सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव अतीष चन्द्रा एवं मनीष कुमार वर्मा और मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे। 

तेजस्वी में थोड़ी भी ईमानदारी होती तो आरोपाें का जवाब जरूर देते : जदयू

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पटना 02 अगस्त, जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ विधानसभा मेें प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के बयान पर पलटवार करते हुये आज कहा कि यदि श्री यादव में थोड़ी भी ईमानदारी और नैतिकता होती तो वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से लगाये गये आरोपों का जवाब दे देते। जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने यहां कहा है कि यदि श्री यादव में थोड़ी भी ईमानदारी होती तो वह भाजपा की ओर से लगाए गए तमाम आरोपों का जवाब दे देते। उनमे थोड़ी सी नैतिकता होती तो वह पहले इस्तीफा देते। उन्होंने कहा कि श्री यादव की नैतिकता कहां चली गई थी जब पूरा विपक्ष एक साथ उनसे लगे आरोपों पर जवाब मांग रहा था और वह जवाब देने की बजाय इधर-उधर की बातें कर रहे थे। उन्हें ईमानदारी से आत्म निरीक्षण करना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि श्री कुमार ने किसी को धोखा नहीं दिया है। उन्होंने सिर्फ भ्रष्टाचार का साथ नहीं दिया है और यही बात राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को खल रही थी। मुख्यमंत्री के बारे में सभी जानते हैं कि वह कभी भी भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करते। बिहार की जनता समझती है कि किसने किसको धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार ने अकूत संपत्ति जमा की है उससे इतना साबित हो जाता है कि किसने किस को धोखा दिया है। 


जदयू प्रवक्ता ने कहा कि इतिहास गवाह है कि श्री कुमार को कभी कुर्सी से प्यार नहीं रहा है। समय आने पर उन्होंने तुरंत कुर्सी का त्याग किया है लेकिन जो नेता (तेजस्वी) सवाल उठा रहे हैं वह बताएं कि उनको अपने परिवार से कितना प्यार रहा है। उन्होंने कहा कि कुर्सी से प्यार तो लालू परिवार को रहा है। भले बड़ी पार्टी बना ली लेकिन कोई किसी पद पर बैठेगा तो वो उनके ही परिवार का होगा। श्री सिंह ने कहा कि राजद में श्री जगदानंद सिंह, श्री अब्दुल बारी सिद्दीकी और श्री रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे नेता हैं लेकिन उन्हें कोई पद नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि सांसद, विधायक और विधान पार्षद बनाना हो तो लालू परिवार के सदस्य ही पहले बनेंगे। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि श्री तेजस्वी यादव बताएं कि कुर्सी से सबसे ज्यादा प्यार किसको है। प्रवक्ता ने कहा कि श्री कुमार कभी नकारात्मक राजनीति नहीं करते हैं। यदि वह ऐसा करते तो श्री तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री और श्री तेजप्रताप यादव स्वास्थ्य मंत्री नहीं बनते। यह तो श्री कुमार का बड़प्पन है कि उन्होंने राजद अध्यक्ष के दोनों पुत्रों को मंत्री बनाया। उन्हें इस काबिल बनाया कि वह अब बोल सकें। 

नीतीश ने अकलियत, दलित और पिछड़ों की एकता के प्रयास को हमेशा धोखा दिया : लालू

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पटना 02 अगस्त, राष्ट्रीय जनता दल(राजद)अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ हमला जारी रखते हुए कहा कि जब भी देश में अकलियत, दलित और पिछड़ों को एकजुट करने की कोशिश हुई श्री कुमार ने हमेशा धोखा दिया है। श्री यादव ने आज सोशल नेटविर्कंग साइट फेसबुक पर पोस्ट किया है कि जब पूरे देश में मंडल (पिछड़े) की राजनीति उफान पर थी और बिहार में उनकी और उत्तरप्रदेश में श्री मुलायम सिंह और मान्यवर कांशीराम की सरकार थी। तब सदियों से सताये वंचित, उपेक्षित, दलित, अकलियत और पिछड़ों की एकता चरम पर थी, सभी पीड़ित लोग एक दूसरे के दर्द के साझेदार बनकर एक ही माला के सुंदर मोती बन रहे थे। उस दौर में अपनी संकीर्ण मानसिकता और अति महत्वाकांक्षा के कारण श्री नीतीश कुमार बहुजनों के हितों की तिलांजलि देकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) संघ की गोद में जाकर खेलने वाले पहले पिछड़े नेता थे। राजद प्रमुख ने कहा कि बाबरी मस्जिद ध्वस्त करने के बाद जब श्री लाल कृष्ण आडवाणी देशभर में घूम रहे थे तब श्री कुमार 1994 में बंबई में श्री आडवाणी का हाथ अपने हाथ से उठाकर एकता का प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्री कुमार भाजपा नेताओं के साथ घूम-घूम कर उस वक़्त संघ को मज़बूत करने की वकालत करते थे जिस वक़्त भाजपा और आरएसएस मंडल आयोग, आरक्षण और वंचितों की भागीदारी का विरोध कर रहा था। 


श्री यादव ने कहा, “आज फिर 2017 में जब अकलियत, दलित और पिछड़ों को एकजुट कर हम देश और बाबा साहेब का संविधान बचाने की कोशिश कर रहे थे तब यह पलटूराम बहुजनों की एकता को दुत्कार कर फिर अपने आकाओं की गोद में खेलने चले गये।” उन्होंने कहा कि श्री कुमार दलितों, पिछड़ों के सबसे बड़े दुश्मन हैं। श्री कुमार ने ही संघ के इशारे पर वंचित समाज को बांटने का काम किया है। राजद प्रमुख ने कहा कि संघ खुलकर बहुजनों का विरोध करता है और मनुवाद का समर्थन करता है लेकिन श्री कुमार तो उससे भी ख़तरनाक हैं। उन्होंने कहा कि श्री कुमार पीड़ितों और वंचितों के साथ रहकर उनके उद्देश्यों को समझकर उनकी पीठ में ख़ंजर घोपते हैं। श्री यादव ने कहा कि जमात का श्री कुमार से बड़ा कोई दुश्मन नहीं है। श्री कुमार सबसे बड़े अवसरवादी और विश्वासघाती हैं। सभी को उनसे संभलकर रहने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि लोग यह न भूलें कि श्री कुमार अपने स्वार्थ के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भी छोड़ चुके हैं। इस बीच श्री यादव ने जनता दल यूनाइटेड(जदयू) के वरिष्ठ नेता शरद यादव को अपने पाले में लाने के लिए प्रयास तेज कर दिया है। श्री यादव ने श्री शरद यादव की पुरानी तस्वीर फेसबुक और ट्वीटर पर पोस्ट की है जिसमें श्री शरद यादव अस्पताल में भर्ती नजर आ रहे हैं और श्री लालू प्रसाद यादव उनका हालचाल पूछते दिख रहे हैं। राजद प्रमुख ने इस फोटो को पोस्ट करते हुए पूछा है, “नीतीश बताओ मंडल कमीशन लागू करवाने में तुम्हारा क्या रोल था। हमने और शरद यादव ने इसके लिए संघर्ष किया। हम दोनों ने मंडल कमीशन लागू करवाने के लिए क्या-क्या किया तुम क्या जानते हो।” 

डोकलाम में भारत के 40 सैनिक एक बुलडोज़र मौजूद : चीन

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नयी दिल्ली 02 अगस्त, चीन ने डोकलाम विवाद पर आज कहा कि इस क्षेत्र में भारत के 40 सैनिक एवं एक बुलडोज़र मौजूद है जिन्हें भारत को तुरंत हटा लेना चाहिए, चीनी दूतावास ने आज यहां एक विस्तृत बयान में कहा कि इस तथ्य से कोई भी इन्कार नहीं कर सकता कि भारतीय सेना ने सीमा पार करके चीनी क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश किया है और इसे लेकर भारत ने जो भी तर्क दिये हैं उनमें कोई तथ्य या वैधानिकता नहीं है, उधर भारत ने दोहराया है कि वह अपने पुराने रुख पर कायम है कि चीन ने भारत भूटान चीन ट्राइजंक्शन क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया है और वह इस मामले को बातचीत से सुलझाना चाहता है जिसे लेकर भारत चीन के साथ कूटनीतिक संपर्क में है। भारत का कहना है कि चीन के डोकलाम क्षेत्र में सड़क निर्माण से उसके सामरिक हित गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं। भारत ने चीन को याद दिलाया है कि सीमा मसले के समाधान को लेकर समझौते में भारत चीन एवं किसी तीसरे देश की सीमा को लेकर कोई भी देश एकतरफा कदम नहीं उठायेगा। चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा तैयार बयान में दावा किया गया है कि चीन ने डोकलाम क्षेत्र में सड़क निर्माण के पहले भारत को सद्भावना के तौर पर पहले सूचना दे दी थी। लेकिन 16 जून को 270 भारतीय सैनिक हथियारों एवं दो बुलडोजर के साथ सीमा पार करके 100 मीटर अंदर आ गये और सड़क निर्माण रोक लिया। बाद में उनकी संख्या 400 हो गयी। उन्होंने चीनी सीमा के 180 मीटर अंदर आकर तीन तंबू लगा लिये। जुलाई के अंत में वहां एक बुलडोजर के साथ 40 भारतीय सैनिक मौजूद थे। चीन के इस बयान के बाद भारतीय सेना ने चीन के इस दावे का कड़े शब्दों में खंडन किया कि उसने डोकलाम क्षेत्र में तैनात अपने सैनिकों की संख्या में भारी कमी कर दी है। सेना के सूत्रों ने साफ शब्दों में कहा है कि डोकलाम में यथास्थिति बनी हुई है। भारतीय सैनिक जिस जगह पर और जितनी संख्या में तैनात थे उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी दोहराया है कि भारतीय सेना चीन की ज़मीन पर नहीं है बल्कि भूटान की ज़मीन पर है। चीनी बयान में कहा गया है कि भारतीय सेना के अतिक्रमण पर 19 जून को भारत को कड़ा प्रतिरोध जताया गया था। विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और चीनी दूतावास ने कई बार संदेश देकर कहा है कि भारत उसकी प्रादेशिक अखंडता का सम्मान करे। चीन ने यह दावा भी किया कि 1890 की ग्रेट ब्रिटेन आैर तिब्बत के बीच संधि में सिक्किम एवं तिब्बत के बीच की सीमा स्पष्ट कर दी गयी थी जिसे भारत की स्वतंत्रता के बाद भारत एवं चीन दोनों ने स्वीकार किया था। 18 जून की घटना ना केवल इस संधि का बल्कि संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्र का उल्लंघन है। बयान में कहा गया कि भारत ने अपने सैनिकाें की इस कार्रवाई के पक्ष में जो भी तर्क दिये हैं वे संयुक्त राष्ट्र महासभा के 14 दिसंबर 1974 के प्रस्ताव संख्या 3314 के अनुरूप नहीं है और इसे किसी देश केे सैन्य बलों द्वारा किसी अन्य देश की ज़मीन से आक्रमण माना जा सकता है। चीन ने कहा है कि दोनों देशों विश्व के सबसे बड़े विकासशील देश हैं। चीन सरकार भारत के साथ अपने मैत्रीपूर्ण संबंधों का सम्मान करती है और उससे अनुरोध करती है कि उसे अपनी सेना वहां से हटा लेनी चाहिये।

गायत्री प्रजापति पर 18 अगस्त को तय होंगे आरोप

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लखनऊ, दो अगस्त, राजधानी की एक अदालत ने आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर को साजिश कर बलात्कार के फर्जी मामले में फंसाने के प्रकरण में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा—211 और धारा—120 (बी) के तहत आरोप तय करने की तारीख 18 अगस्त तय की है । मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) लखनऊ संध्या श्रीवास्तव ने आज प्रजापति की पूर्व न्यायिक हिरासत को निरस्त करते हुए उन्हें धारा 211 व 120बी आईपीसी में न्यायिक हिरासत में भेज दिया । साथ ही मामले में आरोप तय करने के लिए अगली सुनवाई 18 अगस्त को निश्चित की । सीजेएम ने कल ही इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मुक़दमा चलाये जाने के आदेश दिए थे और आज विवेचक को अदालत में पेश होने का आदेश दिया था । लखनऊ पुलिस की अपराध शाखा ने 24 जुलाई को प्रजापति के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया था । अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि नूतन ने उन्हें और उनके पति को महिला आयोग के सदस्यों की सहायता से फर्जी फंसाने के प्रयास का आरोप लगाया था जिस पर पुलिस ने 13 जुलाई 2015 को अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी । इसे सीजेएम ने अपने 22 दिसंबर 2015 के आदेश द्वारा ख़ारिज करते हुए पुनार्विवेचना के आदेश दिए थे । सीजेएम ने कहा था कि विवेचना से प्राप्त तथ्यों से प्रथम दृष्टया प्रमाणित है कि प्रजापति की भूमिका इस अपराध में थी । यद्यपि उनके खिलाफ धारा 467, 468, 471, 420, 203 आईपीसी का अपराध साबित नहीं हुआ । उन्होंने कहा कि अमिताभ और नूतन के खिलाफ दर्ज कराये गए बलात्कार के केस की पत्रावली और इस केस के समस्त केस डायरी से प्रजापति के खिलाफ धारा 211 व 120बी आईपीसी में आरोप पर संज्ञान लेने के पर्याप्त आधार हैं । अदालत ने विवेचक को आज दो अगस्त को उपस्थित होने के भी आदेश दिए थे ।

अपर्याप्त स्तनपान से भारतीय अर्थव्यवस्था को पहुंच सकता है14 अरब डॉलर का नुकसान

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संयुक्त राष्ट्र, दो अगस्त, संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में हर साल लगभग एक लाख बच्चे ऐसी बीमारियों से मरते हैं, जिन्हें स्तनपान के जरिए रोका जा सकता था। इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अपर्याप्त स्तनपान के कारण होने वाली मौतों और अन्य नुकसानों से देश की अर्थव्यवस्था को 14 अरब डॉलर तक का नुकसान पहुंच सकता है। यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ग्लोबल ब्रेस्टफीडिंग कलेक्टिव के साथ मिलकर एक नई रिपोर्ट ‘ग्लोबल ब्रेस्टफीडिंग स्कोरकार्ड’ जारी की है। इसमें कहा गया है कि स्तनपान से न सिर्फ डायरिया और निमोनिया से बचने में मदद मिलती है, बल्कि मांओं के लिए गर्भाशय के कैंसर और स्तन कैंसर के खतरे भी कम हो जाते हैं। चीन, भारत, नाइजीरिया, मैक्सिको और इंडोनेशिया में अपर्याप्त स्तनपान के कारण हर साल 2.36 लाख बच्चों की मौत हो जाती है। इन देशों में अपर्याप्त स्तनपान के कारण होने वाली मौतों और अन्य नुकसानों की वजह से अर्थव्यवस्था को प्रति वर्ष पहुंचने वाला नुकसान लगभग 119 अरब डॉलर का है।

एशिया प्रशांत क्षेत्र में रोजगार को लेकर भारत का परिदृश्य सबसे बेहतर

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मुंबई दो अगस्त,  एशिया प्रशांत क्षेत्र में रोजगार को लेकर भारत का परिदृश्य सबसे बेहतर है। करीब 84 प्रतिशत भारतीय पेशेवरों का मानना है कि देश में भविष्य में बेहतर आर्थिक परिदश्य की संभावानाएं दिख रही हैं। माइकल पेज रोजगार आवेदक विश्वास सूचकांक :दूसरी तिमाही, 2017: के अनुसार भारतीय पेशेवरों में से अधिकांश ने अगले छह महीने के दौरान अपनी नौकरियों और आर्थिक स्थिति को सकारात्मक माना है। उन्होंने इसे अच्छा से लेकर काफी शानदार बताया है। भारत में जहां 84 प्रतिशत पेशेवरों को देश के आर्थिक परिदृश्य के प्रति भरोसा है वहीं एशिया प्रशांत में ऐसा मानने वाले पेशेवरों की संख्या 66 प्रतिशत है। इस अध्ययन में देशभर के संस्थानों और उद्योग जगत के 681 वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों की राय ली गई है। सर्वेक्षण में पाया गया कि इसमें शामिल भारतीय पेशेवरों में ज्यादातर लोगों ने अपने कार्यस्थल की स्थितियों को अच्छा से लेकर शानदार बताया है। इसमें वर्तमान रोजगार शर्तों को 63 प्रतिशत लोगों ने, रोजगार की भविष्य की संभावनाओं को 76 प्रतिशत ने और अपनी दक्षता के क्षेत्र में रोजगार की वर्तमान संभावनाओं को 51 प्रतिशत ने सकारात्मक माना है।

दिल्ली मेट्रो में धुआं निकलने से अफरा-तफरी

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गाजियाबाद02 अगस्त, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जनपद गाजियाबाद के वैशाली को जोड़ने वाली ब्लू लाइन मेट्रो मेट्रो में आज धुआं निकलने के बाद अफरा-तफरी मच गई। मेट्रो के अधिकारियों ने आनन-फानन में कौशांबी स्टेशन पर ट्रेन तथा प्लेटफार्म को भी खाली करा दिया गया। दिल्ली के द्वारका से वैशाली आने वाली ब्लू लाइन मेट्रो में आज शाम सात बजकर 50 मिनट पर कौशांबी स्टेशन के पास अचानक धुआं निकलने लगा। इसके बाद मेट्रो रेल के अधिकारियों ने ट्रेन को खाली करा दिया जिसके कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। उधर, मेट्रो के प्रबंधक (जनसंपर्क) हिमांशु शर्मा ने बताया कि आनंद विहार के नजदीक मेट्रो में ब्रेक जाम की शिकायत थी जिसके कारण ट्रेन को कौशांबी स्टेशन पर रोक कर जांच किया गया। इसके बाद मेट्रो को रवाना कर दिया गया। इस दौरान यात्रियों ने घबराकर स्वयं ही ट्रेन तथा प्लेटफॉर्म को खाली कर दिया।

अभिनेता दिलीप कुमार की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

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मुंबई, 02 अगस्त, बॉलीवुड के जाने माने अभिनेता एवं ट्रेजडी किंग के नाम से मशहूर दिलीप कुमार की तबीयत खराब हाेने के कारण आज शाम उन्हें यहां लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, उनकी हालत स्थिर बतायी जा रही है। अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविशंकर ने संवाददाताओं को बताया 94 वर्षीय अभिनेता को शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब उनकी हालत स्थिर है। वृद्धावस्था के कारण दिलीप कुमार काफी कमजोर हो गये हैं और वह पिछले दो दिन से बुखार से भी ग्रस्त थे। अस्पताल में उनके कई टेस्ट किए गए हैं। उनके साथ उनकी पत्नी सायरा बानो भी अस्पताल में मौजूद हैं। गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों से दिलीप कुमार की तबीयत ठीक नहीं रह रही है। पिछले साल दिसंबर में भी बुखार और पैर में सूजन के बाद उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दिलीप कुमार को अंतिम बार सिने पर्दे पर 1998 में फिल्म ‘किला’ में देखा गया था। उन्हें 1994 में प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपने लगभग छह दशक लंबे करियर में कई हिट फिल्में दी हैं, जिनमें, ‘मधुमती’, ‘देवदास’, ‘मुगल-ए-आज़म’, ‘गंगा जुमना’, ‘राम और श्याम’, ‘कर्मा’ और सौदागर शामिल हैं।


झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 02 अगस्त

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भाजपा गरीबो के ख्वाब टूटने नहीं देती . प्रदेशाध्यक्ष श्री चौहान
  • भाजपा का वृहद कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित

jhabua newsझाबुआ ।  भारतीय जनता पार्टी  ऐसा संगठन है ए जिसकी सरकार गरीबो के ख्वाब टूटने नहीं देती है।आज़ादी के बाद विकास के ऐसे अनेकानेक कार्य जो नहीं हुए उन्हें मतदाताओं ने कमल के फूल का बटन दबाकर संभव करना आसान कर दिया है। आपके झाबुआ नगर की पेयजल योजना हो ए आदर्श सड़क  व्यवस्था हो ए तालाबों का सौंदर्यीकरण हो या नगर में प्रतिभाओं के लिए आडिटोरियम ए नगर के सर्वांगीण विकास के लिए भाजपा सतत संकल्पित है। नगर पालिका में भाजपा का पिछला कार्यकाल भाजपा शासन के तहत विकास कार्यो का एक ट्रेलर मात्र था विकास की पूरी फ़िल्म नपा में भाजपा के पुनः काबिज होने के बाद सबके सामने आएगी। उक्त विचार भारतीय जनटा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष श्री नंदकुमारसिंह चौहान ने स्थानीय पैलेस गार्डन में आयोजित वृहद कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।नगर पालिका चुनाव के मद्देनज़र आयोजित इस वृहद सम्मेलन में उन्होंने कहा कांग्रेसमुक्त भारत की संकल्पना लगातार कार्यकर्ताओ के बल पर साकार होती जा रही है। यह आप सबकी जिम्मेदारी है की लगातार विस्तारित होती कमल की इस बगिया में अब कही भी कोई धतूरा उगने नहीं पाए।देश को तबाह करने वाली कांग्रेस के भूले . बिसरे गीत कभी कभी सुनाई दे जाते है ए जिनकी आवाज़ अब जागरूक मतदाता शीघ्र ही बन्द कर देंगे।उन्होंने बागियों को एक आखरी समझाईश देने की बात कहते हुए कार्यकर्ताओ से कहा अगर फिर भी वो नहीं मानते है तो अपनी मेहनत से ऐसे सभी बागियों को बता दो की उनकी बगावत का परिणाम क्या होता है।किसी भी कार्यकर्ता . पदाधिकारी या जनप्रतिनिधि को किसी भी प्रकार का अहंकार नहीं होना चाहिये क्योंकि आपकी पहचान और आपकी जित तभी साकार हुई है जब कार्यकर्ताओं ने अपना पसीना बहाया है।जिसके हाथ में कमल काफूल है वो ही कार्यकर्ता के लिए भगवान है।हमारी सबकी शान पार्टी से है ए यह कभी भी भूले नहीं ए पार्टी हमारी माँ है।मैं भाजपा वाला हूँ इसलिए मेरा सम्मान है।भाजपा गरीबो पिछडो और अनुसूचित जनजाति सही परतयएक तबके की पार्टी है।भाजपा के कार्यकाल में आपके नगर के 224 परिवारो में  प्रधाननमंत्री आवस योजना के तहत अपना मकान का सपणआ साकार हुअ है और आगामी दिनों में 1ए500 परिवार और लाभान्वित होंगे। उज्ज्वला योजना के थर सौ गैस कनेक्शन डाई गए है। मप्र की भाजपा सरकआर की नवीन योजना के तहत अब प्रतिभाशाली विद्यार्थियो के आगे की पढ़ाई का सारा खर्च भाजपा सरकार उठाएगी। सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्री रुस्तमसिंह ने कार्यकर्ताओ के समक्ष दो प्रसंग सुनाकर पार्टी के लिए समर्पण की भावना को सुदृढ़ किया।उन्होंने ष् सबका साथ सबका विकास ष् करने वाले प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। विधायक श्री शांतिलाल बिलवाल ने कहा भाजपा लगातार विकास कार्य रही है।हमारी दोनों मुट्ठियाँ भरी हुई जबकी कांग्रेस केवल खाली हाथ हिला रही है।आप अपना सारा ध्यान अपने वार्ड पर रखे अन्य क्षेत्र में क्या हो रहा है भूल जाईये।अभी आप अपने वार्ड का ठीक से नेतृत्व करें। इससे पूर्व स्वागत भाषण देते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष श्री दौलत भावसार ने नगर और अविभाजित झाबुआ जिले में भाजपा की जीत का खाता खोलने वाले पूर्व पार्षद श्री कीर्ति भावसार और स्वण् श्री पूनम कोठारी का जिक्र करते हुए सभी समर्पित कार्यकर्ताओ के अथक और अनवरत योगदान और समर्पण को याद किया।उन्होंने कहा ऐसे सभी कार्यकर्ताओ के बल पर ही नगर और जिले में आज सब जगह भाजपा का कमल लगातार खिलता नज़र आ रहा है। सम्मेलन को नपाध्यक्ष प्रत्याशी श्रीमती बसंती धनसिंह बारिया करते हुइ कहा सम्मेलन में शामिल आप सब कार्यकर्ताओ के बल पर नगर में भाजपा एक बार फिर जीतकर जनता की सेवा करेगी। सम्मेलन की शुरुआत पण्डित दीनदयाल उपाध्याय और पण्डित श्यामाप्रसाद मुखर्जी के चित्रो के समक्ष दिप प्रज्वलन और कन्या पूजन के साथ हुई और समापन  राष्ट्र गान के साथ किया गया।इस अवसर पर मंच पर खादी एवम् ग्रामोद्योग के चेयरमैन श्री सुरेश आर्य ए मेला एवम् तीर्थ प्राधिकरण के चेयरमैन श्री विजय दुबे ए नपा चुना झाबुआ प्रभारी इंदौर विधायक श्री सुदर्शन गुप्ता ए सीसीबीई चेयरमैन श्री गौरसिंह वसुनिया ए पूर्णकालिक श्री नवीन कुवादे ए जिला मंत्री श्री गोपलसिंह पँवार ए प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्री शैलेष दुबे ए  पूर्व नपाध्यक्ष श्री धनसिंह बारिया ए महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष श्रीमती आरती भानपुरिया एवैश्य समाज जिलाध्यक्ष श्री प्रवीण सुराणा ए मंडल अध्यक्ष श्री दीपेश सकलेचा ए जिपं सदस्य श्री बहादुरसिंह भाबोर सहित नगर के सभी 18 वार्ड के भाजपा पार्षद प्रत्याशी उपस्थित थे।वृहद कार्यकर्ता सम्मेलन का संचालन पूर्व पार्षद नगर महामंत्री श्री किर्ती भावसार ने किया एवं आभार नगर अध्यक्ष श्री दिपेश सकलेचा ने माना।


झाबुआ नगर के वार्ड मे जिला कांग्रेस का सघन जनसंपर्क जारी
  • कांग्रेस प्रत्याषियों के समर्थन में मांगे वोट

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झाबुआ । जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया एवं युवा नेता डाॅ. विक्रांत भूरिया के नेतृत्व में आगामी नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस अधिकृत अध्यक्ष पद की उम्मीदवार मनुबेन डोडियार के समर्थन में सघन जनसंपर्क किया। साथ ही उन्होने वार्ड क्रमांक 5 एवं 6 में कांग्रेस प्रत्याशी रिंकु रूनवाल एवं विशाल राठौर के समर्थन में सघन जनसंर्क किया। नगर के मतदाताओं ने वार्ड की समस्याओं से अवगत कराया। कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस की परिषद बनने पर सारी समस्यओं को दूर करने का वादा किया। वार्ड के मतदाताओं ने जगह-जगह प्रत्याशियों को शाल एवं श्रीफल से स्वागत कर उन्हें अपनी ओर से शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रकाष रांका, रमेष डोषी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, पूर्व विधायक जेवियर मेडा, कांग्रेस नेता विजय पांडे, नाथु भाई ठेकेदार, आशीष भूरिया, आलोक भट्ट, राजेन्द्र प्रसाद अग्निहोत्री, जय मुणिया, रशीद कुरैशी, गौरव सक्सेना, सब्बीर भाई बोहरा, विजय रूनवाल, निखिल सेठिया सहित कांग्रेस पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं बडी संख्या में वार्ड के गणमान्य भी उपस्थित थे।

समिति प्रबंधक रिश्वत लेते रंगे हाथो पकडाया

झाबुआ । लोकायुक्त पुलिस इन्दोर ने आज आदीम जाति सेवा सहकारी संस्था ढेकलबडी जिला झाबुआ के प्रबंधक को तीन हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथो पकडा। प्राप्त जानकारी के अनुसार ढेकलबडी मे आदिम जाति सेवा सहकारी मर्यादित के प्रबंधक दीपक व्यास को फरयादी दितिया डामोर से तीन हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथो पकडा। बताया जाता हे की शाखा प्रबंधक दीपक व्यास ने दितिया से खाद बीज के लिए केसीसी लोन 50 हजार दिलवाने के बाद खर्चे पानी के नाम पर तीन हजार रुपए की मांग की थी जिसकी शिकायत दितिया ने लोकायुक्त पुलिस इन्दोर को की थी। जिसके पश्चात लोकायुक्त पुलिस इन्दोर ने आज कारवाही करते हुए आदिम जाति सेवा सहकारी समिति ढेकलबडी कुन्दनपुर रोड स्थित कार्यालय से फरयादी की निशान देही पर तीन हजार रुपए लेते दीपक व्यास को रंगे हाथो पकडा।

पेड न्यूज एवं विज्ञापन के संबंध में जिला स्तरीय समिति की बैठक संपन्न

झाबुआ । निर्वाचन आयोग के निर्देषानुसार नगरीय निकाय निर्वाचन 2017 में पेड न्यूज के संबंध में जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति की बैठक आज 2 अगस्त 2017 को कलेक्टर कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक में एम.सी.एम.सी. समिति के अध्यक्ष श्री दिलीप कापसे सदस्य सचिव श्रीमती अनुराधा गहरवाल उप संचालक जनसम्पर्क, सुधीर कुशवाह सांख्यिकी अन्वेषक जिला पंचायत, सहायक रिटर्निंग अधिकारी श्री राजेन्द्र रघुवंशी, श्री वीरेन्द्र व्यास स्वतंत्र पत्रकार एवं श्री रतनसिंह राठौर वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे।

विज्ञापन की अनुमति के लिये अभ्यर्थी आवेदन संबंधित, नगरीय निकाय के रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में प्रारूप ‘‘क‘‘ में प्रस्तुत करे
अभ्यर्थी प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रसारित करने के लिए विज्ञापन की अनुमति लेने के लिये निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप ‘‘क‘‘ में सबंधित नगरीय निकाय के रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में अथवा झाबुआ में श्री प्रतापसिंह सौलंकी सहायक ग्रेड 03 जिला कार्यालय झाबुआ, श्री जी.एस. चितौडिया सहा.गे्रड 2 आय.टी.डी.पी.झाबुआ, श्री शंकरसिंह पालीवाल सहायक ग्रेड 3 को आवेदन उपलब्ध करवाये। उक्त शासकीय सेवक आवेदन प्राप्त कर परीक्षण हेतु जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति को प्रस्तुत करेगे। समिति आवेदनो के परीक्षण उपरांत अभ्यर्थियो को विज्ञापन प्रसारण की अनुमति प्रदान करेगी।


झाबुआ के लिए श्री एस.एस. राठौर व्यय प्रेक्षक नियुक्त, आमजन सायं 3.00 से 5.00 बजे तक मिल सकते है
  • मोबाईल नं. 9713030989 पर भी संपर्क कर सकते है

झाबुआ । नगरीय निकाय निर्वाचन 2017 हेतु राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा झाबुआ जिले की नगर परिषद झाबुआ के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के श्री एस.एस. राठौर को व्यय प्रेक्षक नियुक्त किया गया है। व्यय प्रेक्षक श्री राठौर ने बताया कि नगरीय निकाय के संबंध में व्यय लेखा संबंधी कोई समस्या/शिकायत हो, तो आमजन उनसे सर्किट हाउस झाबुआ में कक्ष क्रमांक 1 में सायं 3.00 बजे से 5.00 बजे तक समक्ष में मिल सकते है अथवा उनके मोबाइल नम्बर 9713030989 पर किसी भी समय काॅल करके बता सकते है।

किसान खेत में जल भराव की स्थिति में निकासी करे

झाबुआ । जिले में खरीफ मौेसम 2017 अन्तर्गत विभिन्न फसलों हेतु कुल कृषिगत रकबा 188530 हैक्टेयर लक्ष्य के विरूद्ध 179422 हैक्टेयर में क्षैत्राच्छादन उपरांत फसल बुआई कार्य पूर्ण होकर फसल अवधि लगभग 40-45 दिनों की हो चुकी है। भू-अभिलेख की रिपोर्ट अनुसार अद्यतन 541.4 मिलीमीटर वर्षा भी रिकार्ड की जा चुकी है। जिले के जिस क्षैत्र में वर्षा की अनियिमितता या अन्य कारणो से किसान बुआई का कार्य नहीं कर पाये अथवा बोनी के उपरांत मौसमी परिस्थितियों के कारण फसल खराब होने जैसी स्थिति निर्मित होने पर किसानो को सलाह दी जाती है कि इस समय तकनीकी रूप से सोयाबीन की बुआई करना व्यावहारिक नहीं है। अद्यतन में खाली पडे खेत में बाजरा, ज्वार, उर्द, तिल,स्वीटकाॅर्न की बुआई कर सकते है। खेतो में पानी का रिसाव वाले भाग में कम अवधि की धान का रोपा लगाकर फसल ले सकते है। खेत में पानी भराव की स्थिति में उचित जल निकास की व्यवस्था करे। खेत में लगी फसलों में खरपतवार उखाडकर नष्ट करे। फसलों में कीटव्याधी का प्रकोप दिखाई देने पर कृषि वैज्ञानिक द्वारा अनुशंसित कीटनाशक का उचित घोल बनाकर छिडकाव करे। खेतो का नियमित निरीक्षण करे। किसान बोनी से छुटे खेतो में सब्जियों की बुआई कर सकते है। अधिक जानकारी हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक, नजदीकी कृषि कार्यालय अथवा मैदानी अमलों से संपर्क स्थापित कर सकते है।

बीमारियों से बचाव हेतु वर्षाकाल में घरो के आसपास पानी जमा नहीं होने दे

झाबुआ । मच्छरों से होने वाले रोग मलेरिया/डेंगू एवं चिकुनगुन्या को फैलने से रोकने के लिये घरो के आस पास गडडों एवं हैण्डपम्प के आस पास पानी जमा ना होने दे क्योकि मच्छरों के लार्वा पानी में पनप जाते है जो कि मच्छर जनित बीमारियों को फैलातें है। मलेरिया,डेंगू एवं चिकुनगुनिया रोग मच्छरों के काटने से फैलता है। यह मच्छर एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक रूके हुए पानी में पनपता है। मच्छरों की विभिन्न प्रजातियां अलग-अलग पानी के स्त्रोतों में पनपतें है। मलेरिया रोग का मच्छर एनीफिलिज घरों, दुकानो या आस-पास गडडों, डाबरों में रूके हुए पानी में पनपता है। डेंगू रोग को फैलाने वाला एडिज प्रजाति का मच्छर घरों में उपयोग होने वाले पानी की टंकियों, नांद, घडे, सीमेंट की टंकिया, फ्रीज की प्लेट, गमले, मनी प्लांट, कूलर, जानवरों एवं पक्षियों को पिलाने वाले पानी के कंटेनरों में पैदा होता है। यह मच्छर प्रायः घरों में पैदा होता है। पैदा होने वाले क्षैत्र में ही डेगू बीमारी फैलाता है। मच्छरों से फैलने वाले मलेरिया रोग की जांच एवं उपचार की व्यवस्था ग्राम स्तर पर समस्त ग्राम की आशा कार्यकत्र्ताओं, ए.एन.एम. एवं समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में निःशुल्क उपलब्ध है। समय पर पूर्ण उपचार ले, उपचार समय पर नहीं लिया जाता है तो ये रोग जानलेवा हो सकता है। डेंगू/चिकुनगुनिया रोग लाईलाज रोग है। इस बीमारी का कोई निश्चित उपचार नहीं है। डेंगू रोग के लक्षण के अन्तर्गत मरीज को 2 से 7 दिन तक बुखार के साथ निम्न मे सें कोई दो ओर लक्षण जैसे मांसपेशियों में दर्द, जोडो में दर्द, शरीर पर चकते दिखना या रक्त का रिसाव होना आदि लक्षण पाये जाते है, तो तुरंत डाक्टर से सम्पर्क कर जांच/ उपचार प्राप्त करे। जिला मलेरिया अधिकारी श्री सिसौदिया ने जन सामान्य से अपील की है कि डेंगू/मलेरिया/तथा चिकुनगुनिया के मच्छर साफ एवं रूके हुए पानी में पनपते हैं, पानी के बर्तनों की प्रति सप्ताह सफाई करें, एवं सभी कंटेनरों को ढंक कर रखे। अनुपयोगी टायर को जमीन में गाड दे। पानी की निकासी नियमित एवं सुचारू रूप से करे, पानी को एक स्थान पर जमा न होने दे। पानी की निकासी संभव न हो तो वाहनों का जला हुआ आॅयल या मिट्टी का तेल डाल दे। ताकि मच्छर अपने अंडे न दे सके। रात को एवं दिन में सोते समय मच्छरदानी में सोये। गर्भवती महिलाओं एवं छोटे बच्चों को अनिवार्यतः मच्छरदानी लगाकर सुलावे। नीम की पत्तियों का धुंआ शाम के समय अवश्य करे। शाम 5-7 बजे के समय घरों में दरवाजों को खिडकियों बंद करके रखे ताकि मच्छर घरों में प्रवेश न करे। खिडकियों एवं दरवाजों में मच्छरप्रुफ जालिंया लगवाई जा सकती है। मलेरिया/डेंगू नियत्रण हेतु स्थानीय स्तर पर ग्राम पंचायत/नगर पंचायत/ तथा नगरीय निकाय से सम्पर्क स्थापित कर नालियों की नियमित सफाई के लिये समन्वय स्थापित करे।

छेड़छाड़ का अपराध पंजीबद्ध
    
झाबुआ । फरि. ने बताया कि आरोपी आशीफ पिता शोकत अलि निवासी झाबुआ ने फरि. को बोला की मुझे तुझसे बात करनी हैं मना करने पर बुरी नियत से हाथ पकड़कर राजगढ़ नाका लाया व फरि. के चिल्लाने पर आरोपी भाग गया। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 622/17 धारा 354 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अपहरण का अपराध पंजीबद्ध
      
झाबुआ । फरि. भमर सिंह पिता राधु डामर उम्र 35 साल निवासी कचराखदान ने बताया कि मेरी लड़की सविता उम्र 14 साल घर पर परिवार के साथ सोई थी जो रात्री में बिना बताये कही चली गई है शंका है कि संदेही आरोपी वरसिंह पिता गलिया कटारा निवासी जमुनिया ने फरि. की लड़की को बहला फुसलाकर अपहरण कर ले गया। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अपराध क्रमांक 257/17 धारा 363 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

दिवार खोद की चोरी 
    
झाबुआ । फरि. नटवरलाल पिता श्रीरामचरण लाल दुबे उम्र 62 साल निवासी बेकल्दा ने बताया कि कोई अज्ञात बदमाश फरि. के घर की दिवार खोदकर अन्दर घुसे व अलमारी का नकुचा तोड़कर सोने की 02 चुड़िया व 02 चेन व सोना,चाॅंदी के आभुषण चुराकर ले गया। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अपराध क्रं0 256/17 धारा 457,380 भादवि का प्रकरण मे पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया।

विशेष आलेख : सरकारी स्कूलों की गिरती साख की चुनौती

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सरकारी स्कूलों की लगातार गिर रही साख एक गंभीर चिन्ता का विषय है। भूमंडलीकरण के दौर में शिक्षा के नवीन एवं लीक से हटकर प्रयोग हो रहे हैं, ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में भारत में सरकारी स्कूलों का भविष्य क्या होगा? यह एक अहम सवाल है। यह सवाल इसलिये भी महत्वपूर्ण हो रहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एक नया भारत बनाने एवं राष्ट्र की मूलभूत विसंगतियों को दूर करने में जुटे हैं। क्या कारण है कि शिक्षा जैसे बुनियादी प्रश्नों पर अभी भी ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। हाल ही में मानव संसाधन मंत्रालय ने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा को लेकर कुछ बड़े कदम उठाते हुए निर्णय लिये हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आने चाहिए। लेकिन प्रश्न जितने बडे़ है, समस्या जितनी गंभीर है, उसे देखते हुए व्यापक एवं लगातार प्रयत्नों की अपेक्षा है।


मानव संसाधन मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि शिक्षकों को जनगणना, चुनाव या आपदा राहत कार्यों को छोड़कर अन्य किसी भी ड्यूटी पर न लगाया जाए। सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 में संशोधन करते हुए शिक्षकों की ट्रेनिंग अवधि मार्च 2019 तक बढ़ा दी है। 2010 में यह कानून लागू हुआ था तो देश भर में करीब साढ़े चैदह लाख शिक्षकों की भर्ती की गई थी। इनमें बहुतों के पास न तो बच्चों को पढ़ाने के लिए कोई डिग्री थी, न प्रशिक्षण। इनकी ट्रेनिंग का काम 31 मार्च 2015 तक पूरा होना था, जो नहीं हो पाया तो अब अधिनियम में संशोधन करना पड़ा है। 14 साल तक के सभी बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा मिले, इसके लिए इस संशोधन का स्वागत होना चाहिए, लेकिन सरकारी स्कूलों की बीमार हालत को देखते हुए ऐसे फैसलों को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं हुआ जा सकता। क्योंकि बहुत से सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहाँ पर्याप्त शिक्षक नहीं है। एक या दो शिक्षकों के ऊपर 100 से ज्यादा बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है। वर्तमान में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन की बात हो रही है, लेकिन लंबे-लंबे प्रशिक्षण सत्रों के बीच सतत पढ़ाई के सिलसिले की सांस उखड़ रही है, शिक्षक करीब एक महीने तक विभिन्न ट्रेनिंग सत्रों का हिस्सा होने के कारण स्कूल से बाहर होते हैं। शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कामों में लगाने और शिक्षा की गिरते हुए स्तर के लिए उनको ही जिम्मेदार ठहराने की कोशिशें साथ-साथ जारी हैं। इन स्थितियों में बदलाव की आवश्यकता है। 

सबसे अहम सवाल है कि सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाना होगा। इसके लिये साधनों के साथ-साथ सोच को विकसित करना होगा। कोरा शिक्षकों को प्रशिक्षित करने से क्या फायदा यदि इन स्कूलों में बच्चे ही नहीं आते हो। दोहरी शिक्षा व्यवस्था ने अभिभावकों के मन में यह बात बिठा दी है कि बच्चे को पढ़ाना है तो उसे इंग्लिश मीडियम स्कूल में भेजा जाए। हालांकि ऐसे स्कूलों के लिए भी कोई मानक नहीं है और इनमें ज्यादातर का हाल सरकारी स्कूलों जैसा ही है। जाहिर है, समस्या सिर्फ शिक्षकों की ट्रेनिंग से नहीं जुड़ी है। समस्या है सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने की, उनको प्रतिष्ठित करने की। इस समस्या से उबरने के लिए नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने शिक्षा को प्राइवेट हाथों में सौंप देने का सुझाव दिया है, लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं है। बल्कि उसके अपने खतरे हैं। प्राइवेट स्कूलों की वकालत करने की बजाय सरकारी स्कूलों को प्राइवेट जैसा बनाने की आवश्यकता है।

पिछले कुछ सालों में सरकारी स्कूलों में जिस तेजी के साथ कागजी काम बढ़ रहा है, उससे स्कूल एक ‘डेटा कलेक्शन एजेंसी’ के रूप में काम करते नजर आते हैं। अभी बहुत से शिक्षकों का शिक्षण कार्य कराने वाला समय आँकड़े जुटाने में या गैर-शैक्षणिक गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है। स्कूलों का हाल ये है कि शिक्षक योजनाओं की डायरी भर रहे हैं। बच्चे कक्षाओं में खाली बैठे हैं। उनके बस्ते बंद है। वे शिक्षकों का इंतजार कर रहे हैं कि वे क्लासरूम आएं और पढ़ाएं। उनको कोई काम दें। उनको कुछ बताएं। पिछली पाठ जहाँ पर छूटा था, वहां से आगे पढ़ाएं। जबकि शिक्षक व्यवस्था के आदेश की पालना करने में जुटे हैं। वे बच्चों की अपेक्षाओं के अनुरूप काम नहीं कर पा रहे हैं। वे बच्चों को पढ़ाने वाली योजनाओं के ऐसे पन्ने काले-नीले करने में जुटे हैं जो कक्षाओं में कभी लागू नहीं हो सकतीं। इसके अनेकों कारण हैं, समय की कमी। क्षमताओं का अभाव। कागजी काम का दबाव। जो शिक्षकों को अपने काम से विमुख कर रहे हैं। उन पर तरह-तरह के दबाव है। कभी जनगणना तो कभी चुनाव, कभी मेराथन तो कभी नेताजी का भाषण- शिक्षकों की स्थिति ‘सरकारी आदेश’ से बंधे हुए उस गुलाम की तरह है, जिसके मन में कहने के लिए बहुत कुछ है मगर वह खामोश है। क्योंकि उसके पास सरकारी आदेश की प्रति है। 


ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार सरकारी स्कूलों की दशा और दिशा को सुधारने की बजाय इसे एक बला के रूप में देख रही है। ऐसी जमीनी स्थिति को देखते हुए लगता है मानो सरकारी स्कूलों के निजीकरण की कहानी का ‘प्रारंभिक अध्याय’ लिखने का काम शुरू हो गया है। केंद्रीय स्तर पर शिक्षा के बजट में होने वाली कटौती को भी एक संकेत के बतौर देखा जा रहा है। कुछ राज्यों में सरकारी स्कूलों को पीपीपी मॉडल के रूप में संचालित करने के प्रयोग भी हो रहे हंै। भारत में एक दौर था, जब बहुत से निजी स्कूलों को आरटीई का डर था और उनके ऊपर दबाव था कि इस कानून के आने के बाद उनको अपनी स्थिति बेहतर करनी होगी। या फिर स्कूल बंद करने होंगे। मगर अभी तो पूरी परिस्थिति पर सिस्टम यू-टर्न लेता हुआ दिख रहा है। स्थितियां निजी स्कूलों के पक्ष में जाती हुई नजर आती हैं।

भारत में शिक्षा का अधिकार कानून एक अप्रैल 2010 से लागू किया गया। इसे सात साल पूरे हो गए हैं। इसके तहत 6-14 साल तक की उम्र के बच्चों को अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा का प्रावधान किया गया है। शिक्षा की स्थिति खराब होने का एक कारण शिक्षा में बहुत गहरे तक घुसी हुई राजनीति भी है। हर फैसले में राजनीति होती है। जहां राजनीति नहीं होती, वहां बाकी नीतियां होती हैं। कभी आठवीं तक फेल नहीं करने की नीति लागू होती है तो कभी उसे हटा दिया जाता है, ऐसे ही निर्णय पाठ्यक्रम को लेकर लागू किये जाते हैं, आखिर कब तक शिक्षा जैसे बुनियादी विषयों पर राजनीति होती रहेगी? अगर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर ऊपर उठाना है तो उसके लिए सबसे पहले मानव संसाधन मंत्रालय कोे स्वयं शिक्षा के प्रति अपना नजरिया बदलना चाहिए। इसके बाद शिक्षकों का बदलते दौर के साथ शिक्षा के प्रति अपना नजरिया दुरुस्त करने की सलाह देनी चाहिए। शिक्षा से संबंधित बड़े फैसलों में शिक्षकों के विचारों को जगह देनी चाहिए, यहां शिक्षकों का मतलब शिक्षकों की राजनीति से जुड़ी इकाइयां बिल्कुल नहीं है।

सुखी परिवार फाउण्डेशन का एकलव्य माॅडल आवासीय स्कूल पिछले आठ-नौ वर्षों से गुजरात के आदिवासी गांवों के होनहार आदिवासी बच्चों को शिक्षा दे रहा है। ये बच्चे गरीबी रेखा के नीचे वाले घरों से हैं। इन स्कूली बच्चों का रिजल्ट तो कमाल का है ही, विभिन्न खेलकूद, सांस्कृतिक एवं अन्य गतिविधियों में भी इन बच्चों ने जो प्रतिभा का प्रदर्शन किया है, उसे एक उदाहरण के रूप में सरकारी स्कूलों को लेना चाहिए। यदि हम आजादी के सात दशकों के बाद भी सरकारी स्कूलों को सक्षम नहीं बना पा रहे हैं तो यह हमारी कमी को ही दर्शाता है। संस्कृति और मूल्यों की गौरवमयी विरासत को बचाने एवं स्वर्णिम भारत को निर्मित करने के लिये आवश्यक है कि शिक्षा के अधूरेपन को दूर किया जाये। इस हेतु हम दीर्घकालीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति की संभावनाओं को तलाशें और बिना राजनैतिक हस्तक्षेप के लागू करें ताकि योजना आयोग को सरकारी स्कूलों को प्राइवेट क्षेत्र में देने का सुझाव न देना पड़े। 



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(ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, तीसरा माला, डीएवी स्कूल के पास,
दिल्ली- 11 0051 
फोन: 22727486, 9811051133

विशेष : 2019 के रण में फतह हेतु नरेन्द्र मोदी का नया शिगुफा

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  • 2022 में दरिद्रतामुक्त भारत का सपना 3022 में भी नहीं होने वाला साकार

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गुवाहाटी : 3 अगस्त : 'सन् 2014 के चुनाव अभियान के दौरान तथाकथित चोर-लुटेरों के विदेशी बैंकों में जमा काला धन लाकर हिंदुस्तान के एक-एक गरीब आदमी के बैंक खाते में 15-20 लाख रुपये जमा करवाने का शिगूफा छोड़कर लोगों को उल्लु बनाने वाले नरेन्द्र मोदी ने सन् 2022 तक भारत को दरिद्रतामुक्त करने का नारा देकर देश की जनता को 2019 में भी उल्लु बनाकर सत्ता हथियाने के लिए नया शिगुफा छोड़ दिया है। मल्टी नेशनल कंपनियों की तरह प्रचार तथा चकाचक पैकिंग के बल पर घटिया माल भी अच्छे दामों पर बेचने की कला में माहिर नरेन्द्र मोदी देश की जनता को पुन: उल्लु बना पाते हैं या नहीं यह तो वक्त ही बतायेगा, लेकिन सन् 2022 में तो क्या 3022 में भी इस देश को दरिद्रतामुक्त करना असंभव है, यह बात दावे का साथ कही जा सकती है।Ó पूर्वोत्तर के 15 हजार परिवारों को नि:शुल्क वास्तु सलाह देकर उनके जीवन में अकल्पनीय परिवर्तन लाने वाले 'रि-बिल्ड नॉर्थ ईस्टÓ के अध्यक्ष तथा विशिष्ट वास्तुविद राजकुमार झांझरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में यह दावा किया है।


श्री झांझरी का कहना है कि भारत की दरिद्रता का मुख्य कारण भारत के लोगों के धरती पर रहकर धरती के सिस्टम से चलने के बजाय अल्ला, ईश्वर, गॉड और शनि-मंगल-बुध, राहु-केतु आदि ग्रह-नक्षत्रों के भरोसे चलने की वजह से है और जब तक देश की जनता धर्मांधता और ज्योतिष के चंगुल से आजाद नहीं होगी तथा धरती के सिस्टम से नहीं चलेगी, तब तक इस देश की दरिद्रता दूर होने वाली नहीं। विज्ञप्ति में श्री झांझरी ने कहा कि धरती हमारी माता है तथा धरती पर रहने वाला हर प्राणी उसकी संतान है। हर मां की यही ख्वाहिश होती है कि उसकी हर संतान जीवन भर सुख, शांति, समृद्धि से रहे। हमारी धरती का भी सिस्टम इस प्रकार निॢमत है कि इस पर रहने वाले हर मनुष्य का जीवन सुख, शांति, समृद्धि से परिपूर्ण हो और वह जीवन भर निरोगी रहे। मानव जाति की यह विडंबना है कि मनुष्य जिस धरती पर रहता है, जिस धरती से ऑक्सीजन, पानी और अन्न हासिल कर जीवित रहता है, उस धरती के सिस्टम से नहीं चलता बल्कि उसने अपने अहंकार और स्वार्थ की पूॢत के लिए हजारों धर्म रच लिये और धरती के बजाय शनि-मंगल-बुध, राहु-केतु आदि ग्रह-नक्षत्रों के भरोसे ही चलने का प्रयास करता आया है। धरती के सिस्टम से चलने का तात्पर्य यह है कि मनुष्य को दिशाओं के अनुसार गृहनिर्माण करने के साथ ही प्रकृृति द्वारा मनुष्य के मन में प्रदत्त अकूत शक्ति का उपयोग करना है। भारत की दरिद्रता का मुख्य कारण भारत के लोगों द्वारा दिशाओं के विपरीत गृहनिर्माण तथा जिन अल्ला, ईश्वर, गॉड का इस ब्रह्माण्ड में कोई अस्तित्व नहीं है तथा जो ग्रह-नक्षत्र धरती से लाखों-करोड़ों योजन दूरी पर हैं, उनके विश्वास पर चलना है। अगर अल्ला, ईश्वर, गॉड नाम की कोई चीज इस ब्रह्माण्ड में होती तो आज भारत विश्व का सबसे समृद्ध और ताकतवर देश होता क्योंकि दुनिया में सबसे ज्यादा धर्म, सबसे ज्यादा तीर्थ, सबसे ज्यादा मंदिर-मस्जिद, गिर्जे-गुरुद्वारे भारत में ही हैं और भारत के लोग सबसे ज्यादा नमाज, पूजा-पाठ, प्रार्थनाओं, तीर्थों और पर्वों के नाम पर वक्त जाया करते हैं।


श्री झांझरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि अगर वे देश को सचमुच दरिद्रतामुक्त करना चाहते हैं तो उन्हें देश की जनता को धरती के सिस्टम से गृह निर्माण करने तथा धर्म और ज्योतिष के चंगुल से निकलकर अपने मन की शक्ति का उपयोग करने की आदत विकसित करने के लिए प्रेरित करना होगा, तभी यह देश इतिहास के पन्नों में दफन 'विश्वगुरुÓ का दर्जा पुन: हासिल कर पायेगा अन्यथा 2022 में तो क्या 3022 में भी भारत दरिद्रतामुक्त होने वाला नहीं।


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- सुदीप शर्मा चौधरी
सचिव, रि-बिल्ड नॉर्थईस्ट, गुवाहाटी

स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर गरीबों को किया जा रहा उत्पीड़ित: कुणाल

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  • खुले में शौच की निगरानी करने वाली टीम के भय से नदी में कूदने से दो बच्चों की डूब कर हुई मौत बेहद दुखद.

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पटना 3 अगस्त, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने सासाराम के चेनारी के खुर्माबाद में खुले में शौच की निगरानी करने वाली टीम के डर से लोग कुदरा नदी में कूद गये. बड़े लोग तो नदी तैरकर निकलकर गये, लेकिन नदी में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गयी. यह बेहद दुखद है.  उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान लोगों दमन-उत्पीड़न का नया जरिया बन गया है. अभी हाल में राजस्थान में खुले में शौच के दौरान महिलाओं की फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी का विरोध करने पर हमारी पार्टी के नेता काॅ. जफर हुसैन की स्थानीय भाजपा कमिश्नर के उकसावे पर पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी. स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर महिलाओं को लगातार अपमानित तो किया जा रहा है, अब इस कदर लोगों में भय समा गया है कि निगरानी टीम को देखकर लोग दहशत में आ जा रहे हैं.

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 03 अगस्त

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निर्वाचन तैयारियों की समीक्षा : पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश

vidisha news
नगर परिषद शमशाबाद के अध्यक्ष को वापिस बुलाए जाने के लिए 11 अगस्त को मतदान होगा। निर्वाचन प्रक्रिया शांतिपूर्वक एवं निष्पक्ष रूप से सम्पन्न हो इसके लिए किए गए प्रबंधनो की आज कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनिल सुचारी ने अपने कक्ष में समीक्षा की। उक्त बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री विनीत कपूर, अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एचपी वर्मा, शमशाबाद के रिटर्निंग आफीसर श्री आरडीएस अग्निवंशी के अलावा सेक्टर मजिस्टेªट, जोनल अधिकारी ओर विभिन्न प्रकोष्ठों के नोडल अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन के संबंध में जो दिशा निर्देश जारी किए गए है उनका अक्षरशः पालन कराया जाना सुनिश्चित हो। बारिश के दौरान मतदाता को मतदान केन्द्र में मत देने के संबंध में किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो के पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित किए जाए। जिला निर्वाचन अधिकारी ने सेक्टर मजिस्टेªट और पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे संयुक्त रूप से प्रत्येक मतदान केन्द्र का मौेके पर जायजा अनिवार्य रूप से लें। मतदान अवधि में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश ना हो के व्यापक प्रबंध सुनिश्चित करें। महिला कर्मचारियों की ड्यूटी अनुपातिक आधार पर लगाई जाए इस कार्य महिला एवं बाल विकास विभाग के अमले को दायित्व सौंपे जाए। उन्होंने निर्वाचन कर्मचारियों को प्रशिक्षण में ईव्हीएम मशीन की प्रायोगिक जानकारी अनिवार्य रूप से देने की बात कही। मतदाता सूची अद्यतन हो सभी 15 मतदान केन्द्रों पर लाइट व्यवस्था के साथ-साथ वैकल्पिक संसाधन ईजाद किए जाए। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पार्षद अपने वार्डक्षेत्र के मतदान केन्द्रों पर एक-एक पोलिंग एजेन्ट नियुक्त कर सकते है जबकि अध्यक्ष सभी 15 मतदान केन्द्रों के लिए पोलिंग एजेन्ट एवं सहायत एजेन्ट नियुक्त कर सकते है। मतदान कक्ष में एक ही एजेन्ट/ सहायक एजेन्ट दोनो में से कोई एक मौजूद रहेगा। पुलिस अधीक्षक श्री विनीत कपूर ने कहा कि मतदान के दौरान आवागमन बाधित ना हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने बस एवं अन्य बडे वाहन शहर के बाहर ही रूकवाने की व्यवस्था मतदान तिथि को की जाए। उन्होंने आसामाजिक तत्वों की धरपकड़ करने के निर्देश पुलिस विभाग के अधिकारियोें को दिए। प्रचार-प्रसार के दौरान पूर्ण निगरानी बरती जाए। शमशाबाद के थाना प्रभारी ने इस दौरान बताया कि निकाय क्षेत्र में 38 शस्त्र लायसेंसधारी है जिनमें से 33 के द्वारा जमा कराने की कार्यवाही की गई है। 13 प्रकरणों मे बाउण्डओवर की कार्यवाही की गई है। निर्वाचन प्रक्रिया सुव्यवस्थित रूप से सम्पन्न हो इसके लिए नाकाबंदी पाइंटों पर पुलिस की तैनाती अभी से की जाने लगी है। शमशाबाद के रिटर्निंग आफीसर श्री आरडीएस अग्निवंशी ने बताया कि मतदान दलो को शमशाबाद की शासकीय कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल के प्रागंण से निर्वाचन सामग्री दस अगस्त को वितरित की जाएगी। इसके लिए कर्मचारियों की ड्यूटी अभी से लगाई जा चुकी है इसी प्रकार मतदान सामग्री वापसी के लिए भी कर्मचारी तैनात किए जा चुके है। शासकीय कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल प्रांगण मेें ही स्ट्रांगरूम बनाया गया है। ईव्हीएम से मतगणना का कार्य भी इसी स्कूल के दो हाॅल में 16 अगस्त को किया जाएगा। मीडियाकर्मियों के लिए निर्वाचन अवधि में जारी होने वाले प्रवेश पत्रो के संबंध में भी उनके द्वारा जानकारी दी गई। 


द्वितीय प्रशिक्षण
प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी श्री एचएन नेमा ने बताया कि शमशाबाद में निर्वाचन प्रक्रिया को सम्पादित कराने वाले सभी कर्मचारी/अधिकारियों का संयुक्त प्रशिक्षण पांच अगस्त को डाइट परिसर में आयोजित किया गया है।

अपात्रों के नाम पोर्टल से विलोपित किए जाएंगे

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत अपात्र परिवारों, सदस्योे का भौतिक सत्यापन कर विलोपित करने एवं अलाभान्वित परिवारों की पात्रता पर्ची जारी करने के निर्देश निकाय एवं विकासखण्ड क्षेत्रों के अधिकारियों को कलेक्टर श्री अनिल सुचारी के द्वारा जारी किए गए है। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि जिले में जितनी संख्या में अपात्र व्यक्तियों के नाम पोर्टल पर विलोपित किए जाएंगे। उतनी ही संख्या में नवीन सत्यापित व्यक्तियों के नाम शामिल किए जा सकेंगे। प्राथमिकता के आधार पर बीपीएल परिवारों के पश्चात अनुसूचित जाति, जनजाति के नवीन सत्यापित परिवारों को जोडने की कार्यवाही की जाएगी। वार्डवार किन्ही कारणो से अस्तित्वहीन (मृत्यु हो जाने, पलायन करने, निवास नही करने या शादी हो जाने अथवा अन्यत्र समग्र आईडी प्रचलित होने इत्यादि) परिवारों, सदस्यों का भौतिक सत्यापन कर सूची तैयार कर पूर्व उल्लेखितों को विलोपित किया जाएगा। ऐसे हितग्राहियों की सूची वार्डवार समग्र आईडी के साथ विलोपित करने के कारण सहित क्षेत्रीय आपूर्ति अधिकारी को एक प्रति उपलब्ध कराई जाएगी। स्थानीय निकाय के लाॅगिन से डिलीट करने की कार्यवाही की जाएगी। उचित मूल्य दुकानो के विक्रेता एवं प्राप्त अस्तित्वहीन परिवार, सदस्य आईडी की सूची संलग्न कर उनका भौतिक सत्यापन कराकर सूची पुनः जिला आपूर्ति कार्यालय को  प्रेषित की जाएगी।निकाय एवं विकासखण्ड क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाकर भौतिक सत्यापन का कार्य दस दिवस में करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा संबंधितों को जारी किए गए है।

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