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विशेष आलेख : मर्जी का रिश्ता मित्रता !!

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किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,
    किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है,
    दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,
    किस रोज बिछड जाना है ये कौन जानता है.!
हर रिश्तों से पवित्र दोस्ती का रिश्ता 

ज्यादातर रिश्ते तो हमें जन्म से ही मिलते हैं। कहते हैं कि हमारे जीवन में आने वाला हर रिश्ता भी भगवान पहले से तय करके रखता है। सिर्फ दोस्ती का ही एक रिश्ता ऐसा होता है, जिसे हम अपनी मर्जी से चुनते हैं। ये वो रिश्ता है जो कभी हंसाता है, तो कभी रुलाता है, तो कभी जीने का सलीखा सिखाता है। कच्चे धागे में अनमोल मोती सा... चाहे मीलों दूर ही सही, पर आंखों की ज्योति सा... कभी सच्चा सा, कभी झूठा सा... कभी हमें मनाता... मिन्नतें कर के, कभी हमसे ही रूठा सा... मुश्किलों में जो छोड़ते नहीं, करता मैं गर गलत, समझाते हैं सही... मिल जाए वो मुझे, कट जाए यह सफर, जी जाऊं जिंदगी, ना कोई हो फिकर.. ऐसे हैं मेरे यार। 

friendship
वैसे तो दोस्ती का कोई दिन नहीं होता क्योंकि ये तो ऐसी खुशी है जो हर दिन हर पल सेलिब्रेट होती है। लेकिन दुनिया है न ..हर दिन को किसी रंग या किसी रूप में रिश्तों से जोड़ देती है इसलिए उसने ‘फ्रेंडशिप डे‘ को भी बना दिया। एक ऐसा दिन, जिस दिन हम अपने सबसे अच्छे दोस्त को याद करते हैं और उसे अहसास दिलाने की कोशिश करते हैं कि उसकी हमारी जिंदगी में क्या अहमियत है। दोस्ती में बिना शब्दों के अभिव्यक्तियों से ही बहुत कुछ कहा जाता हैं। कर्ज दोस्‍ती का अदा कौन करेगा, जब हम ही न रहे तो दोस्‍ती कौन करेगा। ऐ खुदा मेरे दोस्‍त को सलामत रखना, वरना मेरे जीने की दुआ कौन करेगा। जी हां दोस्ती की भावना कुछ ऐसी ही होती है। इसमें कोई दो राय नहीं कि जिन्दगी एक बार ही मिलती है और दोस्ती उसे बेहतरीन बनाती है। कहते है दोस्ती जीवन का सबसे खास रिश्ता होता है। बिल्कुल निःस्वार्थ, एक-दुसरे के लिए हर मुसीबत और सुख-दुख में साथ रहते हैं। कुछ तो हर मुश्किल घड़ी में साथ रहते हैं। वो हमारी हिम्मत भी बढ़ाता है और हौसला भी देता है, ताकि मुश्किल से लड़कर दोबारा खड़े हो सकें। खुशी में हम अपनी काबिलियत का दंभ भरते हैं और नाकामी, उसके सिर डाल देते हैं। लेकिन वो कभी बुरा नहीं मानता...। 

मतलब साफ है यह एक ऐसा रिश्ता है, जिसे समझा कम और महसूस ज्‍यादा किया जा सकता है। अर्थात दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जिसे हम बनाते हैं। दोस्त से हम अपने दिल की सारी बातें कह सकते है। प्रेम, विश्वास और आपसी समझदारी के इस रिश्ते को ही दोस्ती कहते हैं। दोस्ती का रिश्ता जात-पांत, लिंग भेद तथा देशकाल की सीमाओं को नहीं जानता। कहा जा सकता है दोस्ती, एक सलोना और सुहाना अहसास है, जो संसार के हर रिश्ते से अलग है। दोस्त वह विश्वसनीय शख्स होता है जिसके समक्ष आप अपने मन की अंतिम परत भी कुरेद कर रख देते हैं। अलग-अलग रंगों से सजी दोस्ती कदम-कदम पर अपना रूप दिखाती है। कई दोस्त दोस्ती की गरिमा के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर देते हैं। दोस्ती कहने को तो सिर्फ एक शब्द है, लेकिन इस एक शब्द के कई रंग, कई रूप मौजूद हैं। मौज, मस्ती, हंसी, मजाक, आजादी, अपनापन, दुख, आंसू, सहारा और भी न जाने क्या-क्या। दोस्ती का हर रंग, हर रूप एक मखमली एहसास से भर देता है। यह दिल को एक अनकहा सुकून देने वाला होता है। तमाम मौजूदा रिश्तों के जंजाल में यह मीठा रिश्ता एक ऐसा सत्य है जिसके लिए शब्द नहीं है। भारत में तो प्राचीन सभ्यता से ही दोस्ती की कई मिसालें देखने को मिलती हैं। राम जी ने दोस्ती के वास्ते ही सुग्रीव की मदद की थी, भगवान कृष्ण और सुदामा की दोस्ती की मिसाल तो जमाना आदि काल से देता आ रहा है। 


friendship
कृष्‍ण-सुदामा
दोस्ती कोई दीवार नहीं जानती, कोई अंतर नहीं समझती। कृष्‍ण-सुदामा की मित्रता भी हमें यही सीख देती हैं। बचपन के साथ जब कई साल मिलते हैं, तो कृष्‍ण द्वारका के राजा बन चुके होते हैं और सुदामा निर्धन। लेकिन इसके बावजूद कृष्‍ण, सुदामा से ऐसे मिलते हैं, जैसे उनकी मित्रता के बिना भगवान स्वयं कुछ नहीं। 

राम-हनुमान
भक्त और भगवान के बीच प्रेम कह लीजिए या मित्रता, रामचरितमानस में भगवान राम और उनके भक्त हनुमान के बीच ऐसा रिश्ता दिखा, जो अभूतपूर्व है। श्रीराम की सेवा हो, लक्ष्मण को बचाने की जुगत या माता सीता से मिलने को समंदर लांघना, हनुमान ने श्रीराम के लिए सब कुछ किया। और सीना चीरकर दिखाया भी कि उनके हृदय में भी भगवान ही बसे हैं। 

कर्ण-दुर्योधन 
महाभारत का जिक्र होता है, तो हमारा ध्यान कौरव-पांडवों के बीच कुरुक्षेत्र में लड़े गए युद्ध पर जाता है, लेकिन इसमें कर्ण और दुर्योधन की दोस्ती भी रेखांकित की जा सकती है। ऐसा कहा जाता है कि अपने भाइयों की मृत्यु पर एक आंसू ना गिराने वाला दुर्योंधन, कर्ण के चले जाने से फूट-फूटकर रोया था। कर्ण ने मित्रता निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 

पिता और पुत्र 
यूं तो हम में से ज्‍यादातर बचपन में मां की तुलना में पिता से कुछ डरते भी हैं और झिझकते भी हैं। लेकिन उम्र और समझ बढ़ने पर अहसास होता है कि पिता से बढ़िया और परिपक्व कोई दोस्त नहीं होता। हम उनसे अपने मन की हर बात कह सकते हैं और वो उन्हें समझते भी हैं, क्योंकि यही चीजें वो पहले खुद अनुभव कर चुके हैं। 

मां और बेटी 
कुछ इसी तरह का तालमेल मां और बेटी के बीच भी देखने को मिलता है। हम ऐसा नहीं कर रहे कि मां और बेटे के बीच प्रेम कम होता है, लेकिन मां-बेटी के बीच परस्पर सहयोग का जो स्तर देखने को मिलता है, वो लाजवाब है। अक्सर देखने को मिलता है कि कई बार बेटे माता-पिता का इतना ख्‍याल नहीं रख पाते, जितना बेटियां रखी पाती हैं। 

जय-वीरू
ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे...बीते करीब 40 साल से यह गाना दोस्ती को समझने-समझाने का जरिया बना हुआ है। सिक्का उछालकर अच्छाई की तरफ कोई फैसला करना हो या अपनी जान दांव पर लगाकर दोस्त को बचाना, जय और वीरू अपराधी होने के बावजूद हमें दोस्ती करनी और निभानी, दोनों सिखा गए। 

टॉम एंड जेरी 
हम सभी ने बचपन में यूं तो कई ऐसे कार्टून देखें होंगे, जिनमें दोस्ती भी होगी और रिश्ते भी। लेकिन टॉम और जेरी का ऐसा बेहतरीन रिश्ता दूसरा नहीं मिलता, जो दिन भर लड़ते रहें, लेकिन साझा मुसीबत सामने आने पर साथ हो जाएं। साथ रहें, तो लड़ें और अलग रहें, तो बोर हो जाएं। असलियत में क्या दोस्ती और दोस्त कुछ इसी तरह नहीं होते? हम सभी में टॉम और जेरी जो छिपा है। 

हम और ईश्वर
भगवान, खुदा, यीशू...कोई नाम दे लीजिए, ऊपरवाला एक ही है। हम जब मुसीबत में होते हैं, अक्सर इसी दोस्त के पास जाते हैं। वो हमारी हिम्मत भी बढ़ाता है और हौसला भी देता है, ताकि मुश्किल से लड़कर दोबारा खड़े हो सकें। खुशी में हम अपनी काबिलियत का दंभ भरते हैं और नाकामी, उसके सिर डाल देते हैं। लेकिन वो कभी बुरा नहीं मानता। 

मोदी-शाह
पीएम नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ऐसी दोस्ती है जो देश और देश की राजनीति को एक नई शक्ल प्रदान की है। मोदी के भरोसे और अमित शाह के विश्वास ने आज देश की संसद को भगवा रंग में रंग दिया है। मोदी-शाह तेरी जीत ..मेरी जीत.. तेरी हार.. मेरी हारकृहर सबकुछ एक-दुसरे के पूरक हो गए है। जबकि यह सच है कि पीएम मोदी बहुत कम लोगों पर भरोसा करते हैं और बहुत कम लोग ही उनके निकट हैं, लेकिन उन कम लोगों में सबसे ऊपर नाम अमित शाह का है जो उनके हमराज और राजनीति के हमसफर बन चुके हैं। मोदी और अमित शाह की दोस्ती केवल 32 साल पुरानी है। इन 32 सालों में मोदी और अमित शाह ने देश की राजनीति को बेहद करीब से देखा है। अगर शाह के साथ मोदी ने गुजरात में हैट्रिक पूरी की है तो वहीं साल 2002 के दंगो का गम और दंश भी झेला है। तो वहीं अमित शाह जब जेल में थे तो उनके परिवार को भी संभालने का काम मोदी ने ही किया है। यह आपस में दोनों की समझदारी और प्यार ही है जो मोदी ने सभी लोगों को दरकिनार करते हुए साल 2014 के आम चुनावों में यूपी का चुनाव प्रभारी अमित शाह को बनाया और अमित शाह ने मोदी को पार्टी की जीत का तोहफा दिया। कुल मिलाकर शाह और मोदी की जोड़ी रमेश सिप्पी की फिल्म ‘शोले‘ के जय-वीरू से कम नहीं हैं। 


दोस्त के बिना जिंदगी अधूरी
एक पुरानी अंग्रेजी कहावत है, ‘अगर जिंदगी के अंत में आपके पास पांच दोस्त हैं, तो यकीन जानिए आपने एक शानदार जिंदगी जी है।’ यानी इनसान की दोस्ती ही तय करती है उसके जीवन की गहरायी। दोस्त तो आईने की तरह होता है, जिसके सामने आप सब कुछ कह सकते हैं, बेबाक, बेलाग लपेट। बिना सोचे समझे। दोस्त आपके शब्द नहीं, आपकी ‘भावनाओं’ को समझते हैं। खासकर इंटरनेट की दुनिया में तो दोस्ती में और प्रगाढ़ता दिखती है। यूं लगता है जैसे हर रिश्ता बस यहीं से होकर गुजरता है। ‘वॉट्स अप’ और ‘वी चैट्स’ जैसी मोबाइल वो एप्लिकेशन हैं, जो स्मार्टफोन के जरिए दोस्तों को एक धागे में पिरो कर रख दी हैं। फेसबुक तो बिछुड़ों को मिलाने के लिए खोया-पाया विभाग की तरह हो गया है। कितने ही लोग कह उठते हैं, ‘कब के बिछुड़े हुए हम आज यहां आके मिले’। ज्यादातर रिश्ते तो हमें जन्म से ही मिलते हैं और कहते हैं कि हमारे जीवन में आने वाला हर रिश्ता भी भगवान पहले से तय करके रखता है। सिर्फ दोस्ती का ही एक रिश्ता ऐसा होता है, जिसे हम अपनी मर्जी से चुनते हैं। दोस्त की खुशी में खुश और दुख में दुखी। दोस्त ने कोई उपलब्धि हासिल की तो ऐसा लगना, जैसे खुद ने आसमान छू लिया हो। दोस्त बीमार हो तो उसके लिए दिन-रात दुआ करना और उसकी सेवा में लगे रहना। दोस्ती की ये कुछ ऐसी भावनाएं हैं, जिन्हें सिर्फ एक दोस्त दूसरे दोस्त के लिए सिर्फ कर सकता है। ‘दोस्ती का एक उसूल है मैडम...नो सॉरी नो थैंक्यू‘। ‘दोस्ती की है तो निभानी तो पड़ेगी‘। ये फिल्मी डाॅलाग दोस्ती में चार चांद लगाते हैं। 

दोस्‍ती है अनमोल!
अपने दुश्‍मन को हजार मौके दो कि वो तुम्‍हारा दोस्‍त बन जाए, और अपने दोस्‍त को एक भी ऐसा मौका ना दो कि वो तुम्‍हारा दुश्‍मन बन जाए। 
दोस्‍ती अच्‍छे से करो
बुरे दोस्‍त कोयले की तरह होते हैं। जब कोयला गर्म होता है, तो हाथ जला देता है और जब ठंडा होता है, तो हाथ काला कर देता है।
खून के रिश्‍तों जैसी...
ऊपरवाला जिन्‍हें खून रिश्‍ते में बांधना भूल जाता है, उन्‍हें दोस्‍त बनाकर अपनी गलती सुधारता है। 
दोस्‍ती की कदर जानिए...
कभी भी उसे नजरअंदाज मत करो, जो तुम्‍हारी परवाह करता है। वरना किसी दिन अहसास होगा कि तुमने पत्‍थर जमा करते-करते हीरा गंवा दिया। 
हंसाती है यारियां...
दोस्‍ती उनसे रखो, जो मुस्‍कुराते हो सदा। मुस्‍कुराने की अदाएं तुमको भी आ जाएंगी। 
हाथ मिलाते रहिए...
जिंदगी बहुत लंबी है, दोस्‍त बनाते चलो दिल ना मिले, हाथ मिलाते रहो। 
दिल से निभाओ दोस्‍ती...
एक साल में 50 मित्र बनाना आम बात है। 50 साल तक एक ही मित्र से मित्रता निभाना बड़ी खास बात है। 
ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे...

दोस्त जिंदगी है हमराज है। दोस्त है तो खुशियां हैं, शिकवे हैं, शिकायतें हैं। दोस्त न होते तो जीवन में राह कौन दिखता। दिल की बातें कौन सुनता और मन में कुछ कर दिखाने की उम्मीद कौन जगाता। वो दोस्त ही तो है जो सॉरी बोलने पर कहता है- पार्टी कब दे रहा है यार? और वो दोस्त ही तो है जिसकी एक जादू की झप्पी दिल को इस सुकून से भर देती है कि हम अकेले नहीं कोई है हमारे साथ।

कहां और कब हुई फ्रेंडशिप डे 
दोस्ती के प्रतीक के रूप में जाने वाले इस दिन की शुरुआत सन 1919 में हुई, जिसका श्रेय हॉलमार्क कार्डस के संस्थापक जॉएस हॉल को जाता है। लोग उन दिनों अपने दोस्तों को फ्रेंडशिप डे कार्ड भेजा करते थे। लेकिन व्यक्ति के जीवन में दोस्तों की अहमियत को समझते हुए और दोस्तों के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करने के उद्देश्य से अमेरिकी कांग्रेस ने सन 1935 में फ्रेंडशिप डे मनाने की घोषणा की। अमेरिकी कांग्रेस के इस घोषणा के बाद हर राष्ट्र में अलग-अलग दिन फ्रेंडशिप डे मनाया जाने लगा। भारत में यह हर वर्ष अगस्त माह के पहले रविवार को मनाया जाता है। 27 जुलाई, 2011 से संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस दिन को एकरूपता देने और पहले से अधिक हर्षोल्लास से मनाने के उद्देश्य से 30 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय फ्रेंडशिप डे घोषित कर दिया है। इसके जरिये जीवन में दोस्ती के महत्व को दर्शाया गया। यह माना गया कि आदमी के जीवन में दोस्ती का कोई विकल्प नहीं है। हालांकि आम तौर पर फ्रेंडशिप डे की शुरुआत 1960 के दशक में यूनाइटेड स्टेट अमेरिका से मानी जाती है। उस समय अमेरिका में राजनैतिक रैलियों से फ्रेंडशिप बैंड बांधने की परंपरा शुरू हुई थी जो अब पूरी दुनिया में फैल चुकी है और हर देश के यंग लड़के और लड़कियां फ्रेंडशिप बैंड बांधकर अपनी दोस्ती का इजहार करते है। 

युवाओं की जिम्मेदारी
जैसे भी जो भी रिश्ते हैं उनको संवारने में युवाओं की ही अहम भूमिका है। इसलिए, अगर दोस्ती के रिश्ते में मिलावट हो रही है तो उसे दूर करने में युवाओं को ही अहम भूमिका निभानी होगी। 

बदल गए दोस्ती के मायने
समय के साथ जैसे दूसरी बातों में अंतर आया है उसी तरह दोस्ती जैसे पवित्र रिश्ते में भी अंतर आ चुका है। अब दोस्ती भी सोच-समझ कर करना पड़ती है। लोग कहने के लिए दोस्त होते हैं लेकिन आप उन पर भरोसा नहीं कर सकते। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां दोस्त ही धोखा कर जाते हैं। अब दोस्त काम के वक्त बनाए जाते हैं काम निकलते ही दोस्तों को भूलने में समय भी नहीं लगता।

बदलते परिवेश में जरुरी है दोस्त 
आज के न्यूक्लियर फैमिली के दौर में हर एक दोस्त जरूरी होता है। फ्रेंडशिप डे पश्चिमी सभ्यता की सोच और मांग है जहां के एकल जीवन में अकसर दोस्तों का महत्व बेहद कम हो जाता है। फ्रेंडशिप डे यानि दोस्ती का दिन। या यूं कहें मेट्रो कल्चर के बढ़ते प्रभाव के कारण खतरे यहां भी पनपने लगे हैं अकेलेपन के और ऐसे में हर एक दोस्त जरूरी होता है। क्योंकि एक सुकोमल और गुलाबी रिश्ता है दोस्ती, छुई-मुई की नर्म पत्तियों-सा। अंगुली उठाने पर यह रिश्ता कुम्हला जाता है। इसलिए दोस्त बनाने से पहले अपने अन्तर्मन की चेतना पर विश्वास करना जरूरी है। सचाई, ईमानदारी, परस्पर समझदारी, अमिट विश्वास, पारदर्शिता, समर्पण, सम्मान जैसे श्रेष्ठ तत्व दोस्ती की पहली जरूरत है। एक सच्चा दोस्त आपके विकसित होने में सहायता करता है। उसका निश्छल प्रेम आपको पोषित करता है। जिसके साथ आप अपनी ऊर्जा व निजता बांटते हैं। 

जमाने के प्रदूषण से बचना भी है जरूरी 
दोस्ती की नवविकसित नन्ही कोंपल को जमाने के प्रदूषण से बचाना जरूरी है। तमाम उम्र इंसान को एक अच्छे दोस्त की तलाश रहती है। इसी तलाश में यह पता चलता है कि दोस्ती का एक रंग नहीं होता। अकसर अच्छी दोस्ती को शक की दीमक लग जाती है जो अन्ततः उसे खोखला कर के छोड़ती है। लाइफ में फ्रैंड्स होने से लाइफ बड़ी ही रोचक हो जाती है। यारों दोस्ती बड़ी ही हसीन है ये न हो तो क्या फिर बोलो ये जिंदगी है...। फैं्रड्स के साथ रहने से कभी टेंशन नहीं होती। दोस्त अच्छा हो बुरा हो ये मैटर नहीं करता। बस, हर एक फ्रैंड जरूरी होता है। 





(सुरेश गांधी)

बिहार : बदमाश मस्त और पुलिस पस्त दीघा क्षेत्र है अपराधियों के बाहों में

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पटना। दीघा थाना क्षेत्र में रहने वाले लोग अपराधियों के रहमोकरम से जिंदा हैं।अपराधियों का इतना मनोबल बढ़ गया है,जब चाहते है वारदात कर जाते हैं। वहीं पुलिस हवा में हाथ मारती रह जाती है। यह कहना अतियशोक्ति नहीं होगी दीघा पुलिस पस्त और अपराधी मस्त हैं। गत 24 घंटे में बालूपर मोहल्ले रहने वाली ग्रेजुएशन की छात्रा सिल्बिया विजय को चाकू मारकर जख्मी करने वाले बदमाश पकड़ से बाहर है। वहीं आज बदमाशों ने एलबेस्टर को हटाकर चंदू की दुकान में हेलकर पैसा-पैसा बटोरकर चलता बना। आई.टी.आई.के पास है दीघा एफ.सी.आई. गोदाम। इस गोदाम के सामने चंदु नामक शख्स अंडे बेचने का थोक व्यापार करता है।हर दिन की तरह ही शनिवार की रात दुकान बंदकर चला गया। जब वह रविवार को दुकान खोला,तब पता चला की वह लूट गया है। टेबल बॉक्स के अंदर निर्मित दराज में लगे ताले तोड़ दिये। चंदु कहते हैं कि एक-एक पैसा ले गये। कोई 15 हजार रू.था। बगल में ग्राहक सेवा केंद्र है। केंद्र में सीसीटीवी है। उसकी छवि आई है मगर स्पष्ट छवि नहीं है। इसके कारण पकड़ से बदमाश बाहर है। इस बीस बालू माफियाओं के साथ संबंध बेहतर रखने वाले थानाध्यक्ष को निलम्बित कर दिया गया है।

भगवान जगन्नाथ की फोटो होगी 1000 के सिक्के पर

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सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा भगवान जगन्नाथ के सिक्के की प्रस्तावित डिजाइन पर हुए विवाद के करीब 2 साल बाद भारत सरकार सदी के पहले नबकलेवर-2015 के उपलक्ष मे भगवान जगन्नाथ के  फोटो छपे विशेष स्मारक सिक्कों का एक सेट जारी करने जा रही है  ! भारत सरकार की मुम्बई टकसाल मे बने सिक्कों के इस सेट मे भगवान जगन्नाथ की फोटो युक्त 1000 रुपये और 10 रुपये का सिक्का होगा ! यह 1000 रुपये का सिक्का अन्य धातुओं के मिश्रण के साथ 80% चाँदी का बना होगा जो प्रचलन मे नही आयेगा और इसी विषय पर साधारण धातुओं से बना 10 रुपये का सिक्का कूछ महीनों बाद चलन हेतु बाज़ारों मे आ जाएगा ! सिक्कों और करेंसी नोटो के जानकार सुधीर लुणावत ने बताया कि नबकलेवर पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के साथ जुड़ा एक प्राचीन अनुष्ठान है जिसमे एक निश्चत अवधि के बाद भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा की लकड़ी से बनी मूर्तियों का कलेवर  बदलना होता है जिसे नव मतलब नया कलेवर मतलब आवरण या शरीर के बदलने को ही नबकलेवर कहते है ! सुधीर के अनुसार नबकलेवर का आयोजन 12 से 19 वर्षों के अंतराल से तब होता है जब हिन्दू पंचांग के अनुसार जिस वर्ष मे 2 आषाढ़ महीने हो और उस वर्ष नबकलेवर आयोजन की शुरुआत  लकड़ी की मूर्तियाँ बनाने के लिये एक विशेष प्रकार के नीम के पेड़ को चुनने की खोज प्रक्रिया से शुरू होकर मूर्तियों का निर्माण हो जाने के बाद उनकी प्राण प्रतिष्ठा के साथ समाप्त होती है ! पिछली बार ऐसा आयोजन 1996 मे हुआ था !

रायबरेली : शिवसेना ने पदयात्रा कर पूरे गांव की समस्या सुनी

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रायबरेली के अमावा ब्लॉक के गांव पूरे जगन का पुरवा में  शिवसेना जिला प्रमुख अजय सिंह के नेतृत्व में बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान जिला प्रमुख अजय सिंह ने पदयात्रा कर पूरे गांव की समस्या सुनी। गांव वालों ने अपनी समस्याओं से उनको अवगत कराते हुए कहा कि ग्राम प्रधान ने अभी तक  गांव की कोई परेशानी नहीं सुनी है।बैठक के दौरान जिला प्रमुख ने कहा कि शिवसेना हमेशा गरीब समाज के लिए लड़ाई लड़ती आ रही है। आजकल हमारे किसान भाइयों को भी फसल का फायदा नहीं मिलता, मंडी मे फसल को सही दामों में नहीं खरीदा जाता। हमारे देश मे दो सेना हैं, एक बार्डर पर रहकर हमारे देश की सुरक्षा करती हैं। दूसरे आप लोग हैं जो शिवसेना के माध्यम से अपने गांव के हक की लड़ाई लड़े। शिवसेना काम करने मे विश्वास रखती, न की राजनीति करने मे। लोगों को शिवसेना जिला प्रमुख अजय सिंह ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही उनकी समस्याओं का निदान करने के लिए पार्टी उचित कदम उठाएगी। इस दौरान , नरेश गुप्ता, कुलदीप, धीरज, अरुण, दिनेश पाल, आलोक,  सुरेश, सुधारक, आशुतोष, मुकेश गुप्ता आदि शिवसैनिक मौजूद रहे।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 06 अगस्त

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जिले में रक्षाबंधन के अवसर पर महिला सषक्तिकरण विभाग की अनुठी पहल व्यसन मुक्ति हेतु संकल्प के माध्यम से बहनों की भाईयों से अपील   

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दिनांक 8 मार्च 2017 को अंर्तराष्ट्रिय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेष की महिलाओं के जीवन के गुणवत्ता स्तर में वृद्धि हेतु प्रतिमाह मुलभूत सुधार हेतु गतिविधिया आयोजित की जा रही है। सषक्त परिवार सषक्त देष के तहत व्यसन मुक्ति हेतु जनजागरण अभियान किया जा रहा है। परिवार के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य हेतु समाज मे शराब/धुम्रपान/अन्य व्यसनों का उन्मुलन किया जाना है। जिसका आरंभ महिला सषक्तिकरण विभाग द्वारा माह अगस्त मे रक्षाबंधन पर्व पर बहनों द्वारा भाईयों से व्यसन त्याग करने का प्रेम पूर्ण वचन प्राप्त करने से किया जा रहा है। इस अवसर पर किये जाने वाले संकल्प का प्रारूप जिले में माननीय सांसद , विधायक, जिला पंचायत, जनपद , नगरीय निकायों के अध्यक्षों व पार्षदगण कालेज व स्कूलों मे तथा समस्त शासकीय एवं गैर षासकीय संस्थाओं आदि समस्त के माध्यम से जनसाधारण को जानकारी देते हुए रक्षाबंधन पर्व पर जिले को व्यसन मुक्त बनाने हेतु अपील की गई है। विभाग द्वारा समस्त राखी की दुकानों महिलाओं हेतु उपयोगी सामान की दुकानों , शराब की दुकानों एवं पान गुटखा की दुकानों पर पोस्टर लगवाये गये है। जिसमें व्यसन छोडनें हेतु बहनों द्वारा भाइयों से अपील की गइ है।   

कारपेट इंडस्ट्री के जॉब वर्क पर जीएसटी घटने से कारोबारियों की बल्ले-बल्ले

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  • जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया 

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वाराणसी (सुरेश गांधी )।जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद से सूरत से लेकर भदोही तक कपड़ा एवं कालीन व्यापारियों में हड़कंप मचा था। इस क्षेत्र में 18 फीसदी जीएसटी लगाये जाने के विरोध में कारोबारी हड़ताल पर थे। लेकिन अब वित्त मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि अब उन्हें जाॅब वर्क पर सिर्फ पांच फीसदी ही जीएसटी देना होगा। इससे कारोबारियों ने न सिर्फ राहत बताया है बल्कि जेटली का स्वागत भी किया है। सीइपीसी के चेयरमैन महाबीर प्रसाद उर्फ राजा शर्मा ने कहा कि सरकार ने कारपेट इंडस्ट्री को बड़ी राहत दी है। जॉब वर्क पर लगने वाले जीएसटी में बड़ी कमी कर दी गई है। उद्योग से जुड़े सभी जॉब वर्क पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। सीईपीसी के सीनियर मेम्बर उमेश गुप्ता, पियुश बरनवाल ने भी इसकी सराहना करते हुए कहा है कि सरकार ने उद्योग को बड़ी राहत दी है। 


गौरतलब है कि पिछले 19 जुलाई को कारपेट इंडस्ट्री पर सरकार द्वारा 18 प्रतिशत जीएसटी लगाए जाने के विरोध में बड़ी संख्या में कालीन निर्यातकों, बुनकरों व वूल कारोबारियों ने सड़क पर जुलूस निकालकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम संबोधित मांग पत्र अपर पुलिस अधीक्षक व एसडीएम को सौंपा था। कहा गया था कि जीएसटी कालीन उद्योग के लिए काला कानून है। इस काले कानून से न सिर्फ कालीन उद्योग तबाह हो जायेगा, बल्कि लाखों गरीब बुनकरों की दो वक्त का निवाला छिन जायेगा। करोड़ों रुपये की विदेशी मुद्रा भारत सरकार की झोली में नहीं आ पायेगा। सीईपीसी के चेयरमैन महावीर प्रसाद उर्फ राजा शर्मा ने कहा था कि कालीन उद्योग कृषि उद्योग की श्रेणी में आता है। अभी तक सरकार द्वारा इस पर उत्पाद शुल्क, सेवा कर, व्यापार कर नहीं लिया जाता था। किंतु केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी के तहत कालीन की बिक्री पर 12 व निर्माण कार्यों पर 18 फीसदी कर लगा दिया गया है, जो न्यायोचित नहीं है। इसके चलते उद्योग बंदी के कगार पर पहुंच जाएगा। सीइपीसी के सीनियर प्रशासनिक सदस्य उमेश गुप्ता ने कहा कि कालीन उद्योग भदोही, मिर्जापुर समेत पूरे पूर्वांचल व दिल्ली, मुंबई, जयपुर, जम्मू कश्मीर आदि क्षेत्रों में फैला है। इस उद्योग में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रुप से तकरीबन बीस लाख से भी अधिक लोग जुडे है। यह उद्योग पांच हजार करोड़ से भी अधिक विदेशी मुद्रा भारत सरकार को अर्जित कराती है। बावजूद इसके सरकार की उपेक्षात्मक रवैये के चलते अन्य उद्योगों के मुकाबले कालीन उद्योग पिछड़ता चला जा रहा है। वैश्विक मंदी के चलते यह उद्योग कुछ ज्यादा ही प्रभावित है। ऐसे में अगर इस उद्योग को जीएसटी के दायरे में लाया जायेगा तो तबाही आ जायेगी। सरकार से मांग है कि कारपेट इंडस्ट्री से जीएसटी को अलग रखा जायें। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 06 अगस्त

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यहाँजन स्वास्थ्य , भाजपा शासन की सदा सर्वोच्च प्राथमिकता रहती आई है - स्वास्थ्य मंत्री श्री रुस्तमसिंह
  • आगामी 50 वर्षो को दृष्टिगत कर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओ की उपलब्धता का प्रयास शासन द्वारा जारी

झाबुआ । ेमध्यप्रदेश में दवाईयों के लिए सरकार के पास मुद्रा कोष की कोई समस्या नहीं है , सम्पूर्ण प्रदेश में ऐसी व्यवस्था कायम की गई है की जहाँ भी चिकित्सालय में दवाईयों की कमी होती है प्रदेश मुख्यालय से स्वतः ही वहाँ कमी की पूर्ति कर दी जाती हैं चाहे सम्बंधित केंद्र द्वारा दवाई की मांग ना भी बताई जाए।आने वाले 4 - 5 वर्षो में पुरे प्रदेश में डाक्टरों की कमी नहीं रहेगी ऐसी व्यवस्था भाजपा सरकार द्वारा की गई है।झाबुआ जिले में साढ़े तीन लाख मेडिकेटेड मच्छरदानियाँ वितरित कर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया की जा चुकी है।वर्ष 2003 में मात्र 656 करोड़ का स्वास्थ्य बजट हुआ करता था जो भाजपा के राज में आज लगभग 5,600 करोड़ के आसपास है।शासन द्वारा जनता का स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता का विषय है। उक्त विचार स्वास्थ्य मंत्री मप्र शासन श्री रुस्तमसिंह ने इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकारो से हुई एक चर्चा में व्यक्त किए।गौरतलब है की नगरीय निकाय चुनाव के तहत इन दिनों स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंह झाबुआ के सतत प्रवास पर है , स्थानीय हॉलिडे रिसोर्ट पर भाजपा जिलाध्यक्ष श्री दौलत भावसार की उपस्थिति में इलेक्ट्रानिक मिडियाकर्मिंयों ने उनसे मुलाकात की।यह जानकारी देते हुए जिला भाजपा मीडिया प्रभारी श्री अंबरीष भावसार ने  बताया स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंह ने कहा जिले में एंटी रैबीज दवाईयों की कमी सम्बन्धी शिकायत को जल्द ही दूर किया जाएगा। उन्होंने शव वाहन सम्बन्धी प्रश्न के जवाब में कहा की मप्र शासन द्वारा ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है की शासन स्तर पर प्रत्येक स्थान पर शव वाहन की व्यवस्था की जाए जिसका संचालन स्थानीय नगरीय निकाय , स्थानीय जनप्रतिनिधियों की निधि और जनभागीदारी से किया जा सके।उन्होंने बताया ऐसे प्रयास किए जा रहे है की स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधा की दृष्टी से आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओ को ध्यान में रखकर उनकी पूर्ति की जा सके ताकि जनता को और अधिक सुविधाएं मुहैया हो सके।उन्होंने कहा शासकीय चिकत्सालयो से आज भी 80 से 90 प्रतिशत जनता लाभान्वित होती है।कुछ लोग है निजी चिकित्सालयों में जाना पसन्द करते है।मप्र शासन द्वारा दूरस्थ क्षेत्रो के स्वास्थ्य केन्द्रो तक में प्राथमिक उपचार की सभी आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता सदैव बनाकर रखी जा रही है।मप्र में पिछले करीब डेढ़ दशक से भाजपा सरकारो द्वारा निरंतर विकास किया जा रहा है यही कारण है की 2003 के पहले ऊर्जा संकट का यह आलम था की  बिजली आना भी एक समाचार बनता था लेकिन आज कारणवश कुछेक घण्टे भी बिजली गुल हो जाए तो खबर बन जाती हैं , उस दौर में स्थिति इतनी खराब थी की लोगो को अपने घरो में पंखे चलाने के लिए भी जनरेटर खरीदना पड़ते थे।हम लगातार विकास के मुद्दे पर ही चुनाव में उतरते रहे है , हम किसी और से हमारी तुलना नहीं करते बल्कि हम हमारे स्वयं के पिछले कार्यों से तुलना करते हुए सतत् आगे बढ़ने की वृत्ति रखते है।मप्र शासन द्वारा विकास के लिए कभी भी क्षेत्रगत भेदभाव नहीं बरता जाता इसका सबसे अच्छा उदाहरण झाबुआ जिले की राणापुर नगर पंचायत है यहाँ सभी क्षेत्रो की तरह ही किसी तरह की आर्थिक कमी नहीं आने दी गयी।झोलाछाप चिकित्सको सम्बन्धी प्रश्न पर उन्होंने कहा समय समय पर शासन द्वारा कड़ी कार्रवाई किये जाने का क्रम लगातार जारी रहता है।उन्होंने नगरीय निकाय चुनाव के सम्बन्ध में कहा लगातार किए जा रहे विकास कार्यो के बल पर ही जनता लगातार भाजपा को चुनती आई है और इन चुनावो में भी सभी स्थानों पर भाजपा प्रत्याशी विजय होकर जनहित में अपने दायित्वों का एक बार फिर निर्वाह करते दिखाए देंगे।



जब तक पुरे परिवार के वोट ना डले तब तक चूल्हा ना जलाने का संकल्प ले . श्रीमती माखीजा
  • नगर के सभी 18 वार्डो की भाजपा महिला मोर्चा कार्यकर्ताओ का वृहद सम्मेलन आयोजित

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झाबुआ  । भारतीय लोकतंत्र में हम महिलाओ की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है ए इसलिए हमें मतदान के दिन विशेष ध्यान रखना है की प्राथमिकता के साथ जब तक परिवार के सभी सदस्यों का मतदान ना हो जाए तब तक चूल्हा ना जले ए ऐसा संकल्प ले ताकि हम सब बहने लोकतंत्र के महापर्व चुनाव में अपनी भूमिका ईमानदारी से निभा पाए। मतदान के दिन तक हमें जहाँ और जैसे समय मिले महिलाओ की प्रगति के लिए लगातार कार्य करने वाली भाजपा का लगातार प्रचार करना है।यही एकमात्र पार्टी है जिसने जन्म से लेकर मरण तक अनेक योजनाए ना केवल बनाई ही बल्कि उन्हें जमीन पर असरदार तरीके से क्रियान्वित भी किया है। उक्त प्रभावी उद्बोधन भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष रही श्रीमती अंजू माखीजा ने भाजपा के वृहद महिला कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिया।स्थानीय राजवाड़ा परिसर स्थित पैलेस गार्डन में आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा महिला कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि बहुत ही संवेदनशील और जागरुकता पूर्ण भूमिका समाज में निभाती है ए वे अपने क्षेत्र में किसी एक जगह बड़ी लाइट लगाने की बजाय उस राशि का उपयोग प्रत्येक घर के आगे छोटी . छोटी लाइट लगाकर पुरे क्षेत्र को रोशन करने का उदार दृष्टिकोण लिए होती है।आज निश्चित रूप से हमारी पार्टी केंद्र और मध्य प्रदेश सहित अनेक राज्यों में शासन कर रही हैं लेकिन स्थानीय निकाय के चुनाव भी अपनेआप में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। हमें लोकसभा और विधानसभा चुनावो जैसी ही सतर्कता और चौकन्नापन यहां भी दिखाते हुए अपने . अपने क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशियों को भारी बहुमत जीत दिलवानी है। यह जानकारी देते हुए जिला भाजपा मिडिया प्रभारी श्री अंबरीष भावसार ने बताया सम्मेलन को भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री और चुनाव की दृष्टी से विभाग प्रमुख सुश्री श्रेष्ठा जोशी ने संबोधित करते हुए कहा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और राष्ट्र के पुनर्निर्माण की संकल्पना महिलाओ की भागीदारी के बिना कभी पूरी नहीं हो सकती ए हमें अपना महत्व मालूम होना चाहिए।लोकतंत्र के यज्ञ में जितनी अधिक हो सके हमें आहुतियाँ देना होगी ताकि स्वस्थ और सुदृढ़ लोकतंत्र में हम अपनी भूमिका चरितार्थ कर सके।आज भाजपा ही पुरे देश में एकमात्र ऐसी पार्टी है जो महिलाओ के प्रतिनिधित्व को विशेष महत्व देने के वादे को पूरा करती दिखाई देती है।भाजपा सरकारो द्वारा महिलाओ के लिए जननी सुरक्षा ए लाड़ली लक्ष्मी ए सुकन्या योजना ए गर्भवती महिलाओ को अनुदान ए विशेष ऋण सुविधा जैसी अनेकानेक योजनाए ना केवल बनाई बल्कि उन्हें धरातल पर क्रियान्वित करते हुए अनेकानेक महिलाओ को नियमित रूप से लाभान्वित भी करती जा रही हैं।सुश्री जोशी ने कहा भाजपा सरकार द्वारा ऐसी योजना क्रियान्वित की जाएगी जिसके तहत वर्ष 2022 तक जो जो नागरिक आज किराए के मकानों में रह रहे हैं उन्हें अपना घर उपलब्ध होगा।आज मेधावी विद्यार्थियों के कैरियर निर्माण हेतु लगने वाले समस्त खर्चो को उठाने के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार आगे आई है।अब हम सभी महिला कार्यकार्ताओं की यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है की जो पार्टी हमारा इतना ध्यान रखती है उसे और उसके प्रत्याशी किसी भी कीमत पर जीत कर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करे ताकि विकास की गति को तीव्रता मिले। वृहद महिला सम्मेलन को भाजपा जिलाध्यक्ष श्री दौलत भावसार ने संबोधित करते हुए कहा मातृशक्ति जिधर मुड़ जाती है समाज उसी दिशा में गतिमान हो जाता है। यह वो शक्ति है जो समाज और देश के नेतृत्व को सशक्तता प्रदान करती है।आज भाजपा की मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 165 से अधिक और केंद्र सरकार द्वारा 130 से अधिक लोककल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है ए जिनमें लगभग आधी योजनाएं सीधे . सीधे महिलाओं से सम्बंधित है। भाजपा की सरकारो के निर्माण में महिलाओ की भूमिका सदैव महत्वपूर्ण रहती आई है ए नगर पालिका चुनावो में भी आप सभी को उसी भूमिका का निर्वाह करते हुए एक बार फिर भाजपा को काबिज करवाना है।आजादी के बाद से अब तक किसी भी सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के ऐसे जमीनी प्रयास नहीं किए गए है जैसे भारतीय जनता पार्टी लगातार करती जा रही है। क्षेत्रीय विधायक श्री शांतिलाल बिलावल ने कहा भाजपा विश्व का सबसे बड़ा राजनितिक संगठन है ए जिसके द्वारा देश को सर्वाधिक संख्या में सांसद और विधायक के रूप में जन प्रतिनिधि दिए गए है।इस भारतीय लोकतंत्र में महिलाओ की भूमिका महत्वपूर्ण है। महिलाएं ना केवल घरेलू मोर्चे पर बल्कि आज देश और समाज में प्रत्येक क्षेत्र में अपनी भूमिका जोरदार तरीके से निभा रही है।कृषि जैसे मेहनतकश और सबसे बड़े और महत्वपूर्ण क्षेत्र में महिलाओ की भूमिका पुरुषो के समकक्ष ही नहीं बल्कि कई मायनो में तो उनसे भी महत्वपूर्ण दिखाई देती है। आप सभी अगर ठान ले तो भाजपा की जीत को कोई चुनौती नहीं दे सकता। भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य श्री शैलेष दुबे ने कहा भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है जो सत्ता के लिए नहीं बल्कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पंडित श्यामाप्रसाद मुखर्जी द्वारा दिखाए और सिखाए सेवा के भाव को जीती है ए इसके कार्यकर्ता समाज सेवा के कार्य में सतत लगे दिखाई दे जाते है।आप बहने अगर सक्रिय चुनाव प्रचार से ना भी जुड़ पाए तो भी एक दूसरे के साथ होने वाली बातचीत में भाजपा का जिक्र भी नियमित करती रहे तो पार्टी का सन्देश जन . जन तक अपनेआप पहुँच जाएगा। झाबुआ नगर की पिछली भाजपा नपा परिषद द्वारा विकास के सतत कार्य किए गए है ए नगर के 224 परिवारो के पास प्रधानमन्त्री आवास योजना का लाभ पहुँचना आरम्भ हो गया है।निर्माण कार्य लगातार नज़र आ रहे है।विकास की यह गति भाजपा की जीत के साथ और तीव्र ही होगी।विकास के लिए भाजपा की जीत जरूरी है और आप सभी की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है।स्वागत भाषण नपाध्यक्ष प्रत्याशी श्रीमती बसंती बारिया ने देते हुए विश्वास व्यक्त किया की महिला कार्यकर्ताओ की सक्रिय भूमिका से जीत निश्चित रूप से साकार होगी और नगर के विकास हेतु नवीन कार्यों सहित पिछले जो कार्य अधूरे रह गए हैं उन्हें पूर्ण कर नगर को प्रदेश और देश में विशेष पहचान मिलेगी।इससे पूर्व वृहद महिला सम्मेलन की शुरुआत भाजपा की वरिष्ठ और राष्ट्रीय नेता स्वण् श्रीमती राजमाता विजयाराजे सिंधिया के चित्र के समक्ष दिप प्रज्वलित कर की गई।इस अवसर पर मंच पर वक्ताओं सहित भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष श्रीमती आरती भानपुरिया और इंदौर महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष श्रीमती पदमा भोजे मंचासीन थी।नगर के सभी 18 वार्डों से बड़ी संख्या में उपस्थित महिला कार्यकर्ताओ की उपस्थिति में सम्मेलन पश्चात आतिशबाजी का आयोजन किया गया। संचालन भाजपा जिला कार्यसमिति सदस्य श्रीमती किरण शर्मा ने किया व आभार श्रीमती आरती भानपुरिया ने माना।



सर्वजन हिताय ए सर्वजन सुखाय ष्का घोष साकार कर रही भाजपा . श्रीमती भानपुरिया
  • ढोल ढ़माको के साथ वार्ड 18 के घर घर पहुँच भाजपा जीत की अपील की महिला मोर्चा ने

झाबुआ । पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के सपने को साकार करने के लिए भारतीय जनता पार्टी कृत संकल्पित है यहीं कारण हैं की समाज के सबसे पिछड़े और अंतिम पायदान के व्यक्ति को भी आज भाजपा सरकार की योजनाओ का लाभ नियमित रूप से मिल रहा है। भाजपा सरकार प्रत्येक वर्ग के विकास हेतु अनेकानेक योजनाओ के माध्यम से ष् सर्वजन हिताय ए सर्वजन सुखाय ष् के ध्येय को लगातार पा रही है।झाबुआ की नगर पालिका में आपके आशीर्वाद से एक बार फिर भाजपा काबिज होकर नगर को नवीन विकास कार्यो की सौगात देकर जनसेवा में सक्रिय होगी। उक्त विचार भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष श्रीमती आरती भानपुरिया ने नगर के वार्ड क्रमांक 18 में सघन जनसम्पर्क के दौरान व्यक्त किए। उक्त जानकारी देते हुए जिला भाजपा मीडिया प्रभारी श्री अंबरीष भावसार ने बताया मोर्चा जिलाध्यक्ष के साथ महिला मोर्चा की अनेक कार्यकर्ताओ ने मतदाताओ को भाजपा प्रत्याशियों को भारी बहुमतो से जीताने की अपील घर . घर पहुँचकर कर की। ढोल ढ़माको के साथ शनिवार शाम वार्ड में किए गए जनसम्पर्क के दौरान नपाध्यक्ष प्रत्याशी श्रीमती बसंती धनसिंह बारिया ए वार्ड पार्षद प्रत्याशी श्री योगेश रायपुरिया ष् लल्ला ष् ए भाजपा जिला उपाध्यक्ष श्री अजय पोरवाल ए पूर्व नपाध्यक्ष श्री धनसिंह बारिया ए पूर्व पार्षद श्री सईदुल्ला खान ए श्री आशीष चतुर्वेदी  ए महिला मोर्चा कार्यकर्ता साक्षी गुप्ता ए दक्षा ए अर्चना सहित अनेक भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।इसी वार्ड में राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य श्री जटाशंकर करोसिया ने अयोध्या बस्ती के अलावा महात्मा गांधी ग्राम के मतदाताओ के साथ बैठक कर भाजपा प्रत्याशी को भारी बहुमत से जीताने की अपील की।
चित्र . भाजपा प्रत्याशियों के साथ जनसम्पर्क करती भाज

अखिल भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस महासचिव मोहनप्रकाश जी तीन दिवसीय झाबुआ.अलीराजपुर जिलों के दौरे पर

झाबुआ । अखिल भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं मध्‍यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी मोहनप्रकाश जी झाबुआ.अलीराजपुर जिले के दौरे पर आ रहें है। श्री मोहनप्रकाश जी दिनांक 7 अगस्‍त की रात्रि को इंदौर से प्रस्‍थान कर झाबुआ पधारेंगे। दिनांक 8 अगस्‍त मंगलवार को सवेरे वे हॉलीडे रिसोर्ट में वरिष्‍ठ कांग्रेस पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे तथा दोपहर 11 बजे से रोड शौ का आयोजन रखा गया है। श्री मोहनप्रकाश जी झाबुआ से थांदला पहुंचकर दोपहर 3 बजे रोड.शौ करेंगे। तथा 5ण्30 बजे पेटलावद में रोड.शौ करेंगे। श्री मोहनप्रकाश जी रात्रि विश्राम झाबुआ में करेंगे तथा दिनांक 9 अगस्‍त को अलीराजपुर जिले के भाभरा नगर में पहुंचकर रोड.शौ करेंगे। दोपहर 1ण्30 बजें अलीराजपुर नगर में उनके रोड.शौ का आयोजन रखा गया है एवं दोपहर 3 बजे जोबट में रोड.शौ करेंगे। शाम 6 बजे वे इंदौर के लिए रवाना होंगे। जिला कांग्रेस प्रवक्‍ता हर्ष भट्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि दोरे के दौरान सांसद कांतिलाल भूरिया एवं पूर्व मंत्री महेश जोशी भी मोहनप्रकाश जी के साथ उपस्थित रहेंगे। इस दौरान जिला कांग्रेसए शहर कांग्रेसए ब्‍लॉक कांग्रेसए युवक कांग्रेसए एनएसयूआईए महिला कांग्रेसए के पदाधिकारी भी इस रैली में स‍म्‍मलित होंगे।

अखिल भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस प्रवक्‍ता एवं राउ विधायक जीतू पटवारी तथा युवक कांग्रेस अध्‍यक्ष कुणाल चौधरी झाबुआ.अलीराजपुर जिलों के दौरे पर

झाबुआ । अखिल भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस के प्रवक्‍ता तथा गुजरात के प्रभारी एवं राउ विधायक जीतू पटवारी एवं मध्‍यप्रदेश युवक कांग्रेस के अध्‍यक्ष कुणाल चौधरी अपने दो दिवसीय दौरे पर झाबुआ जिले में दिनांक 8 अगस्‍त को पधारेंगे। 8 अगस्‍त की दोपहर 2ण्30 बजे राणापुर नगर के विभिन्‍न वार्डो में जनसंपर्क करेंगे तथा शाम 5ण्30 बजे पेटलावद पहुंच कर जनसंपर्क करेंगे। दिनांक 9 अगस्‍त को झाबुआ राजवाडा से प्रातरू 11 बजे पहुंचकर राजवाडा चौक से निकाली जाने वाली विशाल वाहन रैली के साथ झाबुआ के 18 वार्डों में वाहन रैली के साथ भ्रमण करेंगे। उक्‍त जानकारी जिला कांग्रेस प्रवक्‍ता हर्ष भट्ट ने देते हुए बताया कि इस दौरान जिला कांग्रेसए शहर कांग्रेसए ब्‍लॉक कांग्रेसए युवक कांग्रेसए एनएसयूआईए महिला कांग्रेसए के पदाधिकारी भी इस रैली में स‍म्‍मलित होंगे।

सांसद भूरिया के नेतृत्‍व में चारों जगह बनेगी कांग्रेस की नगर परिषद दृ निर्मल मेहता

झाबुआ । झाबुआ जिले की झाबुआ नगर पालिकाए राणापुरए थांदला एवं पेटलावद नगर पंचायत में 11 अगस्‍त को मतदान होगा। जिला कांग्रेस ने इन सभी जगहों पर अध्‍यक्ष पद एवं पार्षद पद पर अपने प्रत्‍याशी खडें किए है। जो नगर एवं विभिन्‍न वार्डों में भ्रमण कर कांग्रेस पार्टी के पक्ष में नगर पालिका एवं नगर पंचायत के चुनाव में विजय होने के लिए जी जान से जुट चुकें है। जिला कांग्रेस अध्‍यक्ष निर्मल मेहता एवं जिला कांग्रेस प्रवक्‍ता हर्ष भट्ट ने कहा है कि इन सभी जगहों पर कांग्रेस पार्टी को भारी जन समर्थन प्राप्‍त हो रहा है और चारों जगहों पर कांग्रेस की परिषद बनना तय है। जिला कांग्रेस ने इस चुनाव को पूरी गंभीरता से लिया है तथा किसी भी तरह की चुनौती से लडने के लिए वह हर मोर्चें पर तैयार है एवं सतकर्ता बनाए हुए है। यदि इन क्षेत्रों में कहीं से भी कोई कांग्रेस के प्रत्‍याशियों के विरूद्ध कोई कार्य करता है तो उसे अनुशासन हिनता माना जाएगा तथा ऐसे लोगों के विरूद्ध कांग्रेस पार्टी कार्यवाही करने से किसी भी तरह की कोई कोताही नहीं बरतेगी। उन्‍होने सभी कांग्रेसजनों से अपील करते हुए कहा कि कांग्रेसजन सांसद कांतिलाल भूरिया के नेतृत्‍व में चुनाव लड रहें है जिस प्रकार लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने एक जुटता दिखाते हुए सांसद कांतिलाल भूरिया को सांसद पद का ताज दिलाया था उसी तरह पूरे जिले में कांग्रेस आज एक जूट होकर सभी निर्वाचन में कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से विजयी बनाएंगे।

रक्षाबंधन के पावन पर्व पर क्षेत्रीय सांसद कांतिलाल भूरिया एवं जिला कांग्रेस ने दी जिलेवासियों को बधाई

झाबुआ । क्षेत्रीय सांसद कांतिलाल भूरिया ने रक्षाबंधन के पावन पर्व पर जिले के सभी भाई बहिनों एवं प्रदेशवासियों को परिवत्र स्नेह के बंधन के पर्व रक्षा बंधन के अवसर पर बधाईया देते हुए सभी के उत्तरोत्तर सुखमय जीवन की मंगल कामनायें की है । श्री भूरिया ने रक्षासूत्र के पावन पर्व के अवसर पर अपने सन्देश में कहा है कि आजकल समाज में सामाजिक रिश्तों को लेकर जो संकट के हालात दिखाई दे रहे हैं, उन हालातों से निपटने और अपने रिश्तों को अक्षुण रखने के लिए रक्षा बंधन पर्व से नई पीढ़ी को प्रेरणा और बल मिलेगा। श्री भूरिया ने सभी भाइयों और बहनों से आग्रह किया है कि वे अपने पवित्र रिश्तों को सुदृढ़ बनाने के लिए लगातार प्रयास करें तथा आपसी एवं परस्पर स्नेह की भावना से अपने क्षेत्र एवं देश के विकास में अपनी महती भूमिका का निर्वाह करें । इस अवसर पर  जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, जिला पंचायत अध्यक्षा एवं जिला कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया,पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेश चंद्र जैन, शांतिलाल पडियार, युवा नेता डाॅ.विक्रांत भूरिया, पूर्व विधायक वीरसिंह भूरिया, वालसिंह मेडा, रतनसिंह भाबोर, गंगाबाई बारिया, जेवियर मेडा, जिला कोषाध्यक्ष प्रकाश रांका, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष रूपसिंह डामोर, हनुमंत सिंह डाबडी, विजय पांडे, वरिष्ठ नेता रमेश डोशी, ठा. जोरावर सिंह, मानसिंह मेडा, कांग्रेस नेत्री कल्पना भूरिया, शीला मकवाना, जिला पंचायत उपाध्यक्ष चंद्रवीरसिंह राठौर, जिला महामंत्री जितेन्द्र प्रसाद अग्निहोत्री, यामीन शेख, वीरेन्द्र मोदी, सलेल पठान, सलीम शेख, अलीमुददीन सैयद, जिला कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भट्ट, आचार्य नामदेव, साबीर फिटवेल, सेवादल संगठक राजेश भट्ट, युवक कांग्रेस अध्यक्ष आशीष भूरिया, महिला कांग्रेस अध्यक्ष कलावती मेडा, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष विनय भबोर, किसान कांग्रेस अध्यक्ष नंदलाल मेड, ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष हेमचंद्र डामोर, सहित जिला कांग्रेस, ब्लाॅक कांग्रेस, शहर कांग्रेस, महिला कांग्रेस, विभिन्न मोर्चा संगठन के पदाधिकरीगण आदि ने इस अवसर पर जिलेवासियों को रक्षाबंधन पर्व की बधाईयां दी है।

अखिल भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस के उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी पर गुजरात में हुए कायराना हमले को लेकर सांसद कांतिलाल भूरिया एवं जिला कांग्रेस ने जताया गहरा रोष
  • दोषियों के खिलाफ की कडी कार्यवाही की मांग

झाबुआ । अखिल भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस के उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी पर गुजरात दोरे के दौरान हुए हमले को लेकर जिला कांग्रेस ने अपना गहरा रोष व्‍यक्‍त करते हुए कड़ी निंदा की है। सांसद कांतिलाल भूरिया ने गुजरात में हुए इस कायराना हमले को भाजपा के पूर्वनियोजित आतंकवाद हमला निरूपित किया है। श्री भूरिया ने कहा कि इससे भाजपा का चालए चरित्र और चेहरा उजागर हो गया है। भाजपा सत्‍ता में बने रहने के लिए कुछ भी करने को तैयार है ओर विरोधी पार्टी को हमेशा तोडने एवं डराने का प्रयास किया जा रहा है और अभिव्‍यक्ति की आजादी को कुचला जा रहा है। जो कि लोकतंत्र के भविष्‍य के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है। किंतु कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से इनका जवाब देने के लिए तैयार है तथा गांधीजी के अहिंसावादी सिंद्धांतों पर चलकर कांग्रेस पार्टी ऐसे लोगों का मुंहतोड जवाब देगी। जिला कांग्रेस अध्‍यक्ष निर्मल मेहता ने इसे भाजपा की ओछी मानसिकता का प्रमाण बताया है। जिला पंचायत अध्‍यक्ष सुश्री कलावती भूरिया ने कहा कि भाजपा में अब नैतिेकता नाम की कोई चीज नहीं बची है। आए दिन भाजपा के नेता एवं पदाधिकारी असामाजिक तत्‍वों के साथ मिलकर ऐसे.ऐसे घृणित कार्य कर रहें है जो निदंनीय है। युवा नेता डॉण्विक्रांत भूरिया ने राहुल गांधी पर किए गए हमले को भाजपा द्वारा सुनियोजित षडयंत्र करार देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी इनकी ओछी हरकतों से डरने वाली नहीं है तथा कांग्रेस पार्टी ने हमेशा आम जनता के हित में कार्य किए है ना कि किसी नेता पर हमला किया है। जिला कांग्रेस प्रवक्‍ता हर्ष भट्टए आचार्य नामदेवए साबीर फिटवेलए जिले के पूर्व विधायकगण वालसिंह मेडाए वीरसिंह भूरियाए रतनसिंह भाबोरए जेवियर मेडाए जिला कांग्रेस कोषाध्‍यक्ष प्रकाश रांकाए जिला कांग्रेस उपाध्‍यक्ष हनुमंत सिंह डाबडीए रूपसिंह डामोरए विजय पांडे सहित जिला कांग्रेसए ब्‍लॉक कांग्रेसए शहर कांग्रेसए युवक कांग्रेसए एनएसयूआई एवं विभिन्‍न मोर्चा संगठन के पदाधिकारियों ने इस कायराना हमले की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

नगर के सर्वांगीण विकास में भाजपा सरकारो की भूमिका महत्वपूर्ण . जिलाध्यक्ष श्री भावसार
  • वार्ड  में जिलाध्यक्ष और विधायक ने किया सघन जनसम्पर्क

झाबुआ । भारतीय जनता पार्टी द्वारा झाबुआ के विकास के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है और नपा चुनाव में भाजपा पूरे नगर के सभी क्षेत्रो में विजय पताका फहराते हुए एक बार फिर  नगर के तीव्र विकास में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएगी।भाजपा की राज्य और केंद्र की लोक कल्याणकारी योजनाओ का नगर की जनता लगातार लाभ लेती रही है और आने वाले समय में भी भाजपा सरकार की योजनाओ की नियमित रूप से नगर के विकास में अहम भूमिका रहेगी। यह विचार भाजपा जिलाध्यक्ष ने वार्ड क्रमांक 4 में नपाध्यक्ष प्रत्याशी श्रीमती बसंती बारिया एवं वार्ड पार्षद प्रत्याशी श्री मनीष यादव की विजय हेतु सघन जनसम्पर्क के दौरान कार्यकर्ताओं और मतदाताओ को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। जनसम्पर्क में क्षेत्रीय विधायक श्री शांतिलाल बिलवाल ने क्षेत्र के मतदाताओ से कहा भाजपा के शासन में क्षेत्र के विकास में निरन्तर गति दी जा रही है और कई विकास कार्य निकट भविष्य में मूर्त रूप लेंगे  जिससे नगरवासी लाभान्वित होंगे। नगर पालिका में भाजपा की पूर्ण विजय के साथ ही विकास की गति दुगुनी हो जाएगी।वार्ड के जगमोहनदस मार्ग ए रोहीदास मार्ग ए राजवाड़ा परिसर ए सज्जन रोड़ ए अमन कॉलोनी में सघन जनसम्पर्क के दौरान पूर्व नपाध्यक्ष श्री धनसिंह बारिया ए पूर्व पार्षद श्री सईदुल्ला खान ए श्री ओण्एलण् जैन ए श्री बंटी ब्रजवासी ए श्री कैलाश राठौर ए श्री ईशा भाई ए श्री हेमेन्द्र नागर ए श्री अनिल मकवाना ए श्री मनीष राठौर सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे। चित्र रू वार्ड में सघन जनसम्पर्क करते हुए नपाध्यक्ष प्रत्याशी श्रीमती बसन्ती बारिया एवं पार्षद प्रत्याशी श्री मनीष यादव

कांग्रेस प्रत्‍याशी घर.घर जाकर कर रहें है अपना प्रचार

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झाबुआ । नगर पालिका निर्वाचन के नजदीक आते ही हर वार्ड में कांग्रेस प्रत्‍या‍शी का जनसंपर्क ओर तेज हो गया है। मतदाताओं द्वारा उनसे अपेक्षा की जा रही हे कि वे चुनाव में जीत कर आए और एक अच्‍छी साफ सुतरी छबी वाली परिषद का निर्माण करें। वार्ड क्रमांक 7 में वार्ड प्रत्‍याशी रशीद कुरैशी ने अपने कार्यकाल के दौरान वार्ड के मतदाताओं से अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए वोट मांगे तथा वार्ड को और अधिक विकास करने के लिए पुनरू एक मौका देने की बात कही जिससे जो कार्य भाजपा की परिषद के विरोध के कारण अधुरे रह गए उसे कांग्रेस की परिषद आने पर पूरा करने की बात कही है। अध्‍यक्ष पद प्रत्‍याशी मनुबेन ने भी भाजपा परिषद द्वारा झाबुआ नगर में भाजपा द्वारा किए गए कार्यकलापों को उजागर करते हुए तथा नगर में कागजी विकास को लेकर मतदाताओं को भाजपा के पोल खोलते हुए आगामी चुनाव में कांग्रेस की एक स्‍वच्‍छ एवं पारदर्शी नगर पालिका को लेकर कांग्रेस के पक्ष में वोट मांगा। वार्ड के मतदाताओं के द्वारा उनहें शुभकामनाएं दी गई। इस अवसर पर डॉण्विक्रांत भूरियाए रमेश डोशीए जिला कांग्रेस अध्‍यक्ष निर्मल मेहताए मेहमुद शेखए हनीफ शेखए अब्‍दुल र‍शीद शेखए जितेन्‍द्र प्रसाद अग्निहोत्रीए बंटु अग्निहोत्रीए सहित बडी संख्‍या में कांग्रेस पदाधिकारीए कार्यकर्ता एवं गणमान्‍य उपस्थित थे। इसी प्रकार संध्‍या 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक वार्ड क्रमांक 9 में कांग्रेस अधिकृत प्रत्‍याशी तब्‍बसुम मंसुरी के पक्ष में प्रचार किया गया। वार्ड में कांग्रेस पदाधिकारी एवं नेताओं द्वारा घर.घर जाकर कांग्रेस प्रतयाशी के पक्ष में वोट करने की अपील की जिसे जनता द्वारा सहर्ष स्‍वीकार करते हुए अध्‍यक्ष प्रत्‍याशी एवं पार्षद प्रत्‍याशी को विजय श्री दिलाने की बात कही। इस अवसर पर डॉण्विक्रांत भूरियाए सुश्री कलावती भूरियाए हेमचंद्र डामोरए आशीष भूरियाए प्रकाश रांकाए वसीम सैयदए कुण्तरन्‍नुमए बेबी बारियाए फिरोज मंसुरीए इम्तियाज कुरेशीए जिम्‍मीए लक्‍की कहारए कुलदीपए जमीरए अन्‍नु बेनए विशाल राठौरए गोपाल शर्माए बंटु अग्निहोत्रीए राकेश सोनावाए सहित बडी संख्‍या में वार्ड के नागरिक एवं कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।

राघोगढ विधायक जयवर्धन सिंह रविवार को एक दिवसीय झाबुआ प्रवास पर

झाबुआ  । राघोगढ विधायक जयवर्धन सिंह जी झाबुआ जिले के एक दिवसीय दौरे पर पधार रहें है। जिला कांग्रेस प्रवक्‍ता हर्ष भट्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि जय‍वर्धन सिंह जी दोपहर झाबुआ पहुचेंगे तथा अपरान्‍ह 3 बजे से झाबुआ नगर पालिका चुनाव हेतु कांग्रेस अधिकृत प्रत्‍याशियों के समर्थन में जनसंपर्क स्‍थानीय बस स्‍टैण्‍ड स्थित फंवारा चौक से प्रारंभ होगा जो बस स्‍टैण्‍ड से थांदला गेटए टॉकिज गलीए मेन मार्केटए सुभाष मार्गए बाबेल चौराहाए रूनवाल बाजारए लक्ष्‍मीबाई मार्ग होते हुए राजवाडे पर पहुंचेगा। यहां पर एक नुक्‍कड सभा को जयवर्धन सिंह जी एवं कांग्रेस पदाधिकारी संबोधित करेंगे। इस अवसर पर जिला कांग्रेस के पदाधिकारीगणए अध्‍यक्ष प्रत्‍याशी एवं समस्‍त संबंधित वार्ड प्रत्‍याशी जयवर्धन जी के साथ जनसंपर्क में सम्मिलित होगे। शहर कांग्रेस ने अधिक से अधिक संख्‍या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं गणमान्‍यों से इस जनसंपर्क में शामिल होने का अनुरोध किया है।

जिला विकलांग एवं पुनर्वास केंद्र में ब्रहा्राकुमारिज संस्था द्वारा रक्षाबंधन पर्व मनाया गया
  • दिव्यांगजनों को बांधे रक्षासूत्र

झाबुआ। श्री प्रजापिता ब्रहा्राकुमारिज ईष्वरीय विष्वविद्यालय संस्थान द्वारा ग्राम रंपगुरा स्थित जिला विकलांग एवं पुनर्वास कंेद्र रंगपुरा में रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाया गया। इस अवसर पर संस्था की बीके जयंती दीदी द्वारा केंद्र मंे निवासरत बच्चों को तिलक लगाकर उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा गया। साथ ही इस दौरान बच्चों को रक्षाबंधन पर्व के महत्व के बारे में भी जानकारी दी। सर्वप्रथम केंद्र में निवासरत बच्चों को रक्षासूत्र बीके जयंती दीदी द्वारा बांध गए उन्हें तिलक लगाकर रक्षासूत्र बांधकर प्रसादी का वितरण किया गया। साथ ही इस दौरान बच्चों को नेपकीन भी वितरित किए गए। इस कार्य में सहयोग संस्था से जुड़ी भावना दीदी, रमिला दीदी, मनीषा दीदी, रमेषभाई आदि ने प्रदान किया।

यह रक्षा सूत्र आपकी हमेषा रक्षा करेगा
इस अवसर पर जयंती दीदी ने कहा कि संस्था द्वारा जो रक्षा सूत्र आपको बांधा गया है, वह आपकी आजीवन रक्षा करेगा। षिव बाबा का बांधा गया यह सुरक्षा कवच है जो आपके सुख-दुख, हर पल में आपकी मद्द करेगा, वहीं जो प्रसाद वितरित की गई है, वह षिव बाबा की प्रसाद है। इसे ग्रहण कर आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. जीएस त्रिवेदी ने किया एवं आभार केंद्र के संचालक शैलेन्द्रसिंह राठौर ने माना। इस अवसर पर केंद्र मंे निवासरत बच्चें बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

आज जिला जेल में मनाया जाएगा रक्षाबंधन पर्व
ब्रहा्राकुमारी संस्था द्वारा रविवार को दोपहर 11 बजे जिला जेल में रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस अवसर पर जिला जेल के कैदियों को पर्व का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए उन्हंें रक्षासूत्र बांधे जाएंगे। कार्यक्रम में अन्य संस्थाओं की भी सहभागिता रहेगी।

साहित्य संस्था कवि संगम ने सैनिको को भेजे हजारो रक्षा सूत्र, छात्र-छात्राओं एवं महिलाओं की अभिनव पहल

झाबुआ । देशकी प्रतिष्ठीत साहित्यीक संस्था राष्ट्रीय संगम की मध्यप्रदेश ईकाई के मार्गदर्शन में सीमा के प्रहरी देश के जांबाज  सैनिको के लिये स्थानीय राष्ट्रीय संगम के जिला संयोजक पण्डित गणेश उपाध्याय द्वारा हजारो की संख्या में रक्षा सूत्र एकत्रित करके  सेना मुख्यालय पर शनिवार को भेजे गये । श्री उपाध्याय ने जानकारी देते हुए बताया कि विशुद्ध रूप  से भारतीय परिवेश के अनुकुल रेशमक े रक्षा सूत्र एकत्रित करने में रामकृष्ण नगर महिला मंडल एवं सरस्वती शिशु मंदिर के छात्र छात्राओं एव ंविद्यालय परिवार के सदस्यों ने अनुकरणीय एवं सराहनीय सेवायें प्रदान की है । श्री उपाध्याय के अनुसार रक्षाबंधन पर्व पर देश की सीमाओं पर तैनात सैनिकों को इस आदिवासी अंचल की बहिनों की ओर से रक्षासूत्र भेज कर बहिनों की भावनाओं को संबल प्रदान किया गया है ।

निराश्रितों की सहायता करना हमारा प्रथम कर्तव्य है -ः डीपीए अध्यक्ष श्री भंडारी
  • आर्य प्रतिनिधि सभा संभालेगी आश्रम की व्यवस्था -ः दया सागरजी

झाबुआ। निराश्रितों की सहायता करना, उनके सुख-दुख में सहभागी बनना। साथ ही उनके जीवन में  साथी बनना खुषियों के पल हमेषा रहे, ऐसे प्रयास करना हमारा प्रथम कर्तव्य होना चाहिए। असहायों, बुजुर्गों, निराश्रितों की सेवा करने से जो पुण्य लाभ प्राप्त होता है। उसकी तुलना अन्य धार्मिक कार्यों से नहीं की जा सकती है। उक्त विचार जिला सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष यषवंत भंडारी ने ग्राम अंतरवेलिया स्थित श्रद्धानंद निराश्रित आश्रम में रोटरी क्लब झाबुआ द्वारा आश्रम के निराश्रित बच्चों के लिए खाद्यान सामग्री वितरण कार्यक्रम में व्यक्त किए। आपने कहा कि वह व्यक्ति अत्यंत सौभाग्यषाली होता है जो अपने सामथ्र्य अनुसार परमार्थ का कार्य करता है। हम बहुत ही सौभाग्यशाली है कि हमे इन निराश्रित बच्चों की सेवा करना का अवसर प्राप्त हो रहा है। यह बच्चें केवल जिले की नहीं अपितुू देष की भी धरोहर है और इनका भविष्य बहुत उज्जवल हो और यह आगे चलकर एक अच्छे मुकाम पर पहुंचे, इस हेतु हम सभी को मिलकर प्रयास करना होंगे।

आश्रम की व्यवस्था आर्य समाज ने ली
इस अवसर पर आर्य सभा के प्रतिनिधि एवं जिले में आर्य समाज द्वारा संचालित सेवा प्रकल्पों के प्रभारी आचार्य दया सागरजी ने बताया कि इस श्रद्धानंद निराश्रित आश्रम को अब मप्र आर्य प्रतिनिधि सभा के माध्यम से आर्य समाज से सीधा जोड़ लिया है। यहां की व्यवस्था अब आर्य समाज के प्रतिनिधि सभा के माध्यम से होगी। यहां पर रहने वाले प्रत्येक निराश्रित बच्चों को अच्छी षिक्षा, अच्छा स्वास्थ्य एवं अच्छी सुविधाएं प्राप्त हो, इसके लिए हमने एक बड़ी योजना तैयार की है। जिसका अगले कुछ ही दिनों में क्रियान्वयन प्रारंभ हो जाएगा।

निरंतर भोजन व्यवस्था संभाली
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आश्रम के नए व्यवस्थापक मनोज गोस्वामी ने कहा कि श्री भंडारी का समाजसेवा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान रहा है। आपने कहा कि पिछले 20 वर्षों से इस संस्था से जुड़े रहकर समय-समय पर निराश्रित बच्चों की हमेषा मद्द की है। पिछले दिनों जब आश्रम सचिव पर संचालक  पर विपत्तीयां आई, तब भी श्री भंडारी ने भारतीय जैन संगठन एवं रोटरी क्लब के माध्यम से दो माह तक इन बच्चों की भोजन व्यवस्था बहुत ही सुव्यवस्थित ढंग से करने में सहयोग प्रदान किया।

निरंतर आश्रम का संचालन करूंगा
आश्रम के संस्थापक सचिव पं. आर्येेन्द्रकुमार वैदिक ने कहा कि इस संस्था के स्थापना के साथ ही बहुत सारे विधर्मी षड़्यंत्रकारियों ने इसे बंद करने के कई असफल प्रयास किए, यहां तक की मुझ पर झूठा आरोप लगाकर जेल तक भिजवाया गया, परन्तु सत्य परेषान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं। मैं जीवन भर आर्य समाज का कार्य करता रहा हूॅ और आगामी समय में भी करता रहूंगा। कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्था के सदस्यों द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया।

नवप्रवेषित बच्चों का किया स्वागत
इस अवसर पर आश्रम के नवप्रवेषित बच्चों का अतिथियों का पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया गया एवं उन्हें अच्छा पढ़ने और अच्छा बनने की सीख दी। कार्यक्रम का संचालन रोटरी मंडल के क्लब सर्विस चेयरमेन रो. जयेन्द्र बैरागी ने किया एवं आभार रोटरी क्लब के पीआरओ अमित यादव ने माना। इस अवसर पर भारतीय जैन संगठन के प्रतिनिधि संजय जैन, रोटरेक्ट क्ल के उपाध्यक्ष दौलत गोलानी, रोटरी क्लब के कार्यकारी सचिव राकेष सोनी सहित ग्राम के ठाकुर साहब सहित ग्रामवासी तथा पालकगण उपस्थित थे।

कांग्रेस  ने नगरविकास के लिये अपना 21 सूत्रीय विकासपत्र जारी किया
  • प्रेस वार्ता कर भाजपा की पूर्व परिषद के अध्यक्ष को लिया आडे हाथ
  • भाई भतिजावाद एवं भ्रष्टाचार का लगाया आरोप, जनता का व्यापक समर्थन मिलने का किया दावा ।

झाबुआ । नगरीय निकाय झाबुआ के आगामी 11 अगस्त को हो ने वाले नपा अध्यक्ष एवं पार्षदों के निर्वाचन को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा शनिवार को जिला कांग्रेस कार्यालय परिसर पर  अपने विकास पत्र अर्थात घोषणा पत्र के विमोचन के साथ ही प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया तथा नगरपालिका झाबुआ के अभी तक के कार्यकाल मे हुए घपलो,घोटालो एवं भ्रष्टाचार-भाई भतिजावाद को लेकर आडे हाथ लिया वही कांग्रेस को इस बार के चुनाव में मिल रहे व्यापक जन समर्थन एवं मतदाताओं में बदलाव करने की बयार के बारे में विस्तार से बताया । जिला पंचायत अध्यक्षा सुश्री कलावती भूरिया ने प्रेस को बताया कि इसबार होने जारहे नगरपालिका के चुनाव निश्चित ही महत्वपूर्ण है और जनता ने भी भाजपा के नगरीय शासन में कुशासन को जड मूल से उखाड फैंकने का पूरा मन बना लिया है । कलावती ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 15 सालों से भाजपा द्वारा शासित  नगरपालिका के भ्रष्टाचार का उल्लेख करते हुए कहा कि इस परिषद ने नगर को अािखर दिया ही क्या है ? उन्होने  कहा के प्रदेश के घोषणावीर मुख्यमंत्री बार बार झाबुआ में  आते है और झुठी घोषणायें करके चलते जाते है । वे अभी तक कितनी घोषणाओं को पूरा कर सके है यह विचारणीय है । वे यहां आते है झुठ बोल कर जनता को गुमराह करके चले जाते है । नगरपालिका जैसे चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान यहां बार बार आना समझ से परे है । प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रूस्तमसिंह पिछले 4 दिनों से यहां डेरा डाले बैठै हुए है और गलियो व वार्डो में घुम कर हार रही भाजपा को जिताने के लिये जनता से गुहार लगा रहे है । जबकि पूरे प्रदेश एवं जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खराब है । मरीजों को दवाइ्रया नही मिल रही है और लोग बीमारी से परेशान है । स्वास्थ्य मंत्री यहां डेरा डाल कर अधिकारियों एवं कतिपय प्रत्याशियों को धमकाने का काम कर रहे है । कलावती ने आगे कहा कि इन्दौर भोपाल के दबंगों को बुलाकर भाजपा चुनाव में दबाव डाले का काम कर रही है । आचार संहिता के चलते भी स्वास्थ्य मंत्री डाक्टरों की मिटिगें ले रहे है  और जिला प्रशासन भी मुक दर्शक बना हुआ है  । आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है । औ र स्वास्थ्य मंत्री दबाव बना कर वोटिंग करवाने का प्रयास कर रहे है । पूरे नगर की जनता धनसिंह बारिया के बारे मे जानती है  िक वे कितने दुध के धुले है । चन्दाखोरो से यहा की जनता त्रस्त है। उत्सवों के नाम पर जबरन वसुली की जाती है । हमारी परिषद आने पर झाबुआ नगर को चन्दामुक्त शहर बनाने का हम वादा करते है तथा नगर को अच्छा विकास करके दिखायेगें। भाजपा के घोषणापत्र मे जनता से जो जो वादे किये गये थे वे थोथे साबित हुए है। कलावती ने धनसिंह बारिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक ड्रायवर मात्र एक साल की अवधि में इसकी माली हालत करोडपति वाली हो गई है । इन्होने एक पार्षद के साथ झुठे वादे करके संबंध स्थापित करके उसे बेघर कर दिया है । धनसिंह बारिया से नगर की बहिन बेटिया सुरक्षित नही है यह उनके साथ भी कभी भी खिलवाड कर सकता है । भाजपा की नगरपालिका के कार्यकाल में व्यापारी वर्ग भी त्रस्त है । नगर के आदिवासी वार्डो में तो काम ही नही कराये गये है । नगर की गलियों में गंदगी का साम्राज्य है एवं मक्खी- मच्छरों का प्रकोप शहर मे बढा है  । सुश्री भूरिया ने कहा कि वे मुख्यमंत्री की पोलखोलों अभियान को चलायेगी तथा जनका के बीच जायेगी । उन्होने कांग्रेस की नपा अध्यक्ष प्रत्याशी मन्नु डोडियार को विजयी बनाने की अपील की । प्रेस  को संबोधित करते हुए डा. विक्रांत भूरिया ने भी नगरपालिका के इस बार हो रहे चुनावों को काफी मजेदार एवं अप्रत्याशित बताते हुए कहा कि भाजपा की नगरपालिका परिषदों में झुला चकरी कांड को लेकर माननीय उच्च न्यायालय ने भी दोषियों के विरुद्ध कठोरतम  कार्यवाही के निर्देश देने के बाद भी प्रशासन ने आज तक दबाव के चलते एफआईआर दर्ज नही करवाई है । भाजपा के पदाधिकारी शैलेष दुबे भाजपा की नगरपालिका के कार्यकाल को शानदान बताते रहतेेेेेेेेेेेेेेजबकि इसका स्वाद नपा अध्यक्ष एवं भाजपा नेताओं ने ही चखा है । जनता को तो कडवा कडवा ही अनुभव मिला है । डा. विक्रांत ने आरोप लगाते हुए कहा कि गत चुनाव में भी भाजपा ने नगरपालिका में टेक्स कम करने का वादा किया था किन्तु इससे उलट इन्होने 15 से 17 प्रतिशत टेक्स बढा कर जनता के साथ विश्वासघात किया है । उन्होने आगे कहा कि  नल जल योजना को पांच सालों में भी पूरा नही कर पाये है। पाईप लाईन खरीदी मे भयंकर भ्रष्टाचार किया गया है ।घटिया क्वालिटी के पाईपों को खरीदा गया है। डेम बैराज तो तेयार ही नही हुआ है और नगर मे पाईप लाईने डालने का काम शुरू कर दिया है । नगर मे पूरानी नलजल योजना से ही पानी का सप्लाय किया जारहा है । नगर के तालाब शुद्धिकरण के लिये आये 65 लाख रूपयों की बंदरबाट की गई तथा आज तालाब की स्थिति यह है कि गंदगी के साथ ही जलकुंभी साफ नही हुई है । डा. भूरिया ने यह आरोप भी लगाया कि टेंकरो का जबरजस्त घोटाला किया गया है  11 लाख की रकम को खर्च बताया गया है जबकि इतनी रकम में तो नये टेंकर ही आ जाते । उन्होने कथित तौर पर नगर मे उत्सव मनाने के नाम पर मोटी रकम  चंदाखोरों द्वारा एकत्रित किये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि जब भी चंदाखोर एकत्रित होते हैजबरन लिखीत रसीद देकर 50 हजार से लेकर डेढ लाख तक वसुलते है। इसे उत्सव की जगह चन्दोत्सव कहना ही ठीक रहेगा । राम रोटी केन्द्र के बारे में आरोप लगाते हुए डा. विक्रांत भूरिया ने आरोप लगाया कि हालांकि यह  पवित्र एवं जनहित का काम है   किन्तु इसमे पारदर्शिता जरा भी नही है । स्वयं जिला भाजपा अध्यक्ष ने भी रोम रोटी को लेकर आरोप लगाया है कि इसके संचालन मे पारदर्शिता नही बरती जारही है । नगर मे पेयज जल का प्रदाय 6 से 7 दिनों में मिल रहा है वह भी दुषित एवं गंदला पानी। विधानसभा में कचरा वाहनों को  लेकर उठाये गये सवाल का झुठा जवाब दिया गया है । जबकि कचरा वाहनों पर नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया ने खुद के परिवार के किशनपुरी के लोगों को रखा गया है और भ्रष्टाचार एवं भाई भतिजावाद किया गया है । डा. विक्रांत ने भाजपा की नगरपालिका प्रत्याशी बसंती बारिया के प्रचार पेंपलेंट पोस्टर में धनसिंह बारिया की जगह शैलेष दुबे का फोटो होने को लेकर भी व्यंग कसा । डा. भूरिया ने पूर्वनपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया पर यह आरोप भी लगाया कि धनसिंह बारिया निर्वाचित होने के एक साल पहले बीपीएल परिवार के थे  और एक साल के बाद तो वे करोडपति हो गये । उन्होने व्यंग करते हुए कहा कि व्यापरियों को धनसिंह बारिया से बिजनेस मनेजमेंट सीखना चाहिये  कि किस तगह से आर्थिक विकास तेजी से हो सकता है । कांग्रेस के सभी पदाधिकारी जनता को विश्वास दिलाते है कि नगर में कुशासन के खिलाफ आवाज उठायेगें तथा हमने जनता से जो जो वादे किये है उन्हे स्वच्छ एवं पारदर्शिता के साथ पूरा करेगें । इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता ने भी प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि पूरा प्रशासन दबाब बना कर नगर के विपक्षीयों की आवाज दबाने का काम कर रहा है । नगरपालिका में करोडो का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए उन्होने आगे कहा कि 14 करोड की लागत से उत्कृष्ठ सडक के नाम पर घटिया सडक तथा सौदंर्यीकरण के नाम पर डिवाईडरों के बीच रोपे ेगये पौधे भी चार दिन में उखड चुके है। पाईप लाईन के नाम पर आधे झाबुआ को खेद दिया गया है तथा घटिया पाईप बिछाने का काम करने के साथ ही भाजपा के पार्षदों ने नल कनेक्शन के नाम पर 1500 तक की रकम वसूल की है । नगर मे बगीचों , सब्जी मार्केट की खस्ता एवं घटिया हालत का जिक्र करते हुए निर्मल मेहता ने आरोप लगाया की आम्बेडकर उद्यान के नाम पर नपा ने 48 लाख खर्च कर दिये किन्तु उद्यान विकसित नही हो पाया और पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ गया । नपा के अध्यक्ष एवं भाजपा के नेताओं के पास कुछ नही था वे करोडपति  बन गये है गाडियों के मालिक है ऐश अयासी के साधन उपलब्ध हो गये हेै । नगर मे कहीं भी महिलाओं के लिये शौचालय नही है ।जबकि रानापुर नगरपालिका का विकास देखा जावे तो उसके आगे झाबुआ जिरो है । श्री महेता ने आरोप लगाया कि नगरपालिका अध्यक्ष के रूप  मे धनसिंह बारिया नगरपालिका में कितने दिन बैठे यह जनता जानना चाहती है  ।उनका कार्यकल भी शुक्रवार से ही समाप्त हो चुका है फिर भी प्रशासन उनसे सरकारी आवास रिक्त नही करवा रहा है। उक्त आवास पर राजनैतिक गतिविध्ाििया चल रही है। इस बारे में कलेक्टर को शिकायत भी की गई तथा चुनाव प्रेक्षक को शिकायत करने के बाद भी कोइ्र कदम नही उठाया गया है । श्री मेहता ने नगर मे 7-7 दिनों में पानी आने की जिक्र करते हुए भाजपा को आडे हाथ लेते हुए नपा के भ्रष्ट कर्णधारों को सबक सीखाने एवं उन्हे हटाने का आव्हान करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी को विजयी बनाने की अपील की । रमेश डोसी ने भी प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि नगर मे कांग्रेस के जन सपर्क के दोरान नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिये श्रीमती मन्नु डोडियार एवं सभी 18 वार्डो के पार्षद प्रत्याशियों को जबरजस्त समर्थन मिल रहा है । पिछले 18 सालों के भाजपा के भ्रष्टाचार भाई भतिजावाद एवं व्यक्तिगत लाभ के बारे में आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के विधायक जयवर्धनसिंह,मोहन प्रकाश सहित कई विधायक नगरपालिका चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष मे जनसंपर्क के लिये  आयेगें और मतदाताओं से रूबरू होगें । प्रेसवार्ता के दौरान सुश्री कलावती भूरिया, अध्यक्ष प्रत्यशी मन्नु डोडियार, निर्मल मेहता, डा. विक्रांत भूरिया,  रमेश डोसी, आशीष भूरिया, हेमचंद डामोर, हर्ष भट्ट के अलावा नगर के सभी वार्डोे के कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशी उपस्थित थे । इस अवसर पर कांग्रेस का  21 सूत्रीय  विकासपत्र का विमोचन किया ।

मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा क्विज प्रतियोगिता 19 अगस्त को आयोजित

झाबुआ । मोटल टूरिस्ट मैनेजर  सुबोध अग्रवाल ने बताया कि मध्यप्रदेश के हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी में कक्षा 9 वी एवं 12 वी तक अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में अपने प्रदेश के बारे में विस्तृत जानकारी तथा मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थल के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग के द्वारा जिला स्तरीय क्विज प्रतियोगिता दिनांक 19 अगस्त 2017 को आयोजित की जा रही है।

पेड न्यूज एवं विज्ञापन के संबंध में जिला स्तरीय समिति की बैठक संपन्न

झाबुआ । निर्वाचन आयोग के निर्देषानुसार नगरीय निकाय निर्वाचन 2017 में पेड न्यूज के संबंध में जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति की बैठक आज 5 अगस्त 2017 को कलेक्टर कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक में एम.सी.एम.सी. समिति के अध्यक्ष श्री दिलीप कापसे सदस्य सचिव श्रीमती अनुराधा गहरवाल उप संचालक जनसम्पर्क, श्री राजेन्द्र रघुवंशी एसडीएम मेघनगर एवं सदस्य एमसीएमसी, श्री सुधीर कुशवाह सांख्यिकी अन्वेषक जिला पंचायत एवं श्री रतनसिंह राठौर वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे।

विज्ञापन की अनुमति के लिये अभ्यर्थी आवेदन संबंधितm नगरीय निकाय के रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में प्रारूप ‘‘क‘‘ में प्रस्तुत करे
अभ्यर्थी प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रसारित करने के लिए विज्ञापन की अनुमति लेने के लिये निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप ‘‘क‘‘ में सबंधित नगरीय निकाय के रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में अथवा झाबुआ में श्री प्रतापसिंह सौलंकी सहायक ग्रेड 03 जिला कार्यालय झाबुआ, श्री जी.एस. चितौडिया सहा.गे्रड 2 आय.टी.डी.पी.झाबुआ, श्री शंकरसिंह पालीवाल सहायक ग्रेड 3 को आवेदन उपलब्ध करवाये। उक्त शासकीय सेवक आवेदन प्राप्त कर परीक्षण हेतु जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति को प्रस्तुत करेगे। समिति आवेदनो के परीक्षण उपरांत अभ्यर्थियो को विज्ञापन प्रसारण की अनुमति प्रदान करेगी।

ईवी एम मशीन हुई सील, 11 अगस्त को मतदान एवं 16 को होगी मतगणना

झाबुआ । नगरीय निकाय निर्वाचन 2017 में जिले में झाबुआ,थांदला, राणापुर एवं पेटलावद में मतदान के लिए उपयोग की जाने वाली ईवीएम को आज निर्वाचन लडने वाले अभ्यर्थियों राजनैतिक दलो के प्रतिनिधियों एवं रिटर्निग अधिकारियों की उपस्थिति में सील किया गया। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आशीष सक्सेना ने सीलिंग कार्य का निरीक्षण किया। सीलिंग कार्य नोडल अधिकारी ईवीएम श्रीमती ममता चंगोड के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।

11 अगस्त को मतदान एवं 16 अगस्त को होगी मतगणना
नगरीय निकाय आम निर्वाचन 2017 के लिये मतदान 11 अगस्त 2017 को प्रातः 7.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक होगा और 16 अगस्त 2017 को मतगणना और निर्वाचन परिणामो की घोषणा की जायेगी।

शासकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों हेतु आॅनलाईन होगे आवेदन 15 अगस्त तक होगे पंजीयन

झाबुआ ।सहायक आयुक्त श्री गणेश भाभर ने बताया कि अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था को पारदर्शी तथा प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के उद्देश्य से एन साईसी के सहयोग से अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य करने हेतु इच्छुक अभ्यर्थियों के आॅनलाइ्रन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को प्रारंभ किया गया है। आॅनलाईन रजिस्ट्रेशन के उपरांत अभ्यर्थी किसी भी हाईस्कूल/हायरसेकेण्डरी स्कूल में अपने डाक्यूमेंट को सत्यापित करा सकते है। डाक्यूमेंट के सफल सत्यापन के उपरांत शिक्षक पात्र सूची में शामिल होगे तथा इसी सूची में उपलब्ध अभ्यर्थियों की विषयवार तथा शाला के स्तरवार प्राथमिक, माध्यमिक, हाई.स्कूल हायर सेकेण्डरी स्कूल में वरीयता के आधार पर सूची जनरेट होगी। जिसके आधार पर अभ्यार्थी को निर्धारित शाला में उपस्थित होना होगा। जारी अदेशानुसार अतिथि शिक्षको की भर्ती के लिए आॅनलाईन पंजीयन 15 अगस्त 2017 तक होगे। डाक्यूमंेट सत्यापन का कार्य 20 से 25 अगस्त 2017 तक किया जायेगा। स्कूलवार/विषयवार अलाॅटमेंट 30 अगस्त 2017 तक होगे।

राणापुर में मतदान दल का प्रशिक्षण संपन्न, ईवीएम सहित कम्यूनिकेशन प्लान की दी गई जानकारी

झाबुआ 5 अगस्त 17/नगर परिषद निर्वाचन 2017 को निष्पक्ष संपन्न करवाने के लिए आज राणापुर के लिए गठित मतदान दल को मतदान संबंधी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में मतदान दलों को ईवीएम की बारिकियों सहित कम्यूनिकेशन प्लान की जानकारी विस्तार पूर्वक दी गई। प्रशिक्षण में मतदान की प्रक्रिया को भी विस्तार पूर्वक बताया गया।

अवैध शराब का अपराध पंजीबद्ध
      
झाबुआ। आरोपी सरवन पिता नाथा अमलियार नि. तलावपाड़ा के अवैध कब्जे से 4000/-रू0 की शराब जप्त कर  गिर. किया गया। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अपराध क्रं0 261/17 धारा 34(2) आब. एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

सब्जी मण्डी मे गले से सोने चेन की चोरी
झाबुआ। फरियादिया राजुबाई पति विरेन्द्र मावी उम्र 34 साल निवासी सिद्धेश्वर काॅलोनी झाबुआ ने बताया कि शांति निकेतन हाॅटल के पास सब्जी खरीदने गई थी कि अज्ञात महिलाओं द्वारा फरि. के गले में पहनी सोने की चेन चुराकर ले गयी। प्रकरण में थाना झाबुआ में अपराध क्रमांक 630/17 धारा 379 भादवि में पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

ताश के पत्ते खेलते गीरफतार
झाबुआ । आरोपी अशोक पिता पारसमल जैन व अन्य 01 निवासी झकनावदा को अवैध रूप से रूपये पैसे का दाव लगाकर ताश पत्ते खेलते कब्जे से ताश पत्ते व नगदी 1220 रूपये जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अपराध क्रंमाक 264/17 धारा 13 जुआ एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अवैध शराब के दो अपराध पंजीबद्ध
झाबुआ । आरोपी भीमसिंह पिता अन्तेसिह भूरिया निवासी मोहनकोट के अवैध कब्जे से 700/-रू0 की शराब जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अपराध क्रं0 262/17 धारा 34-ए आब. एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी धनसिंह पिता भुवान गामड निवासी मोहनकोट के अवैध कब्जे से 750/-रू0 की शराब जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना रायपुरिया में अपराध क्रं0 263/17 धारा 34-ए आब. एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

गेस की टंकी व नकदी की चोरी 
झाबुआ । फरि. बालूसिंह पिता रतनसिंह भुरिया उम्र 60 साल निवासी पेटलावद ने बताया कि संदेही आरोपी दिपक उर्फ बुचा निनामा निवासी पेटलावद फरि. के घर का ताला तोड़कर अंदर घुसे व 01 गैस टंकी व नगदी 1000 रूपये चुराकर ले गया। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रमांक 374/17 धारा 457,380 भादवि में पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

फांसी लगाने से मोत
झाबुआ । कमलेश पिता गेदाल डामोर उम्र 31 साल निवासी काकनवानी की घर में फाॅसी लगाने से मृत्यु हो गई। थाना काकनवानी में मर्ग क्रमांक 38/2017 धारा 174 जा.फौ. की कायमी की गयी।

नदी मे डुबने से मोत
जोगड़ा पिता रामला वसुनिया उम्र 35 साल निवासी मोदफलिया की मोद नदी में पानी में डुबने से मृत्यु हो गई। थाना रानापुर में मर्ग क्रमांक 46/2017 धारा 174 जाफौ की कायमी की गयी।

मधुबनी : प्रखंड जनता दल (यू) की एक बैठक

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अंधराठाढी/मधुबनी (मोo आलम अंसारी)  अंधराठाढ़ी। रविवार को प्रखंड जनता दल (यू) की एक बैठक कोसी योजना निरीक्षण भवन परिसर में हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष अजित महतो ने की। बैठक में प्रत्येक पंचायत में 25 क्रियाशील सदस्य बनाने, सरकार के कामो का प्रचार प्रसार करने और संगठन को मजबूत बनाने सहित अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में राजद के साथ हुए बेमेल गठबंधन को तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बनाने के मुद्दे पर भी मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। श्री महतो ने पार्टी संगठन को मजबूत करने का आवाहन करते हुए कहा कि पार्टी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की सोच और सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों और कामो को कार्यकर्ता हर पंचायत, हर गांव तक पहुंचाए। लोगों को सरकार के जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरुक करें। पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ बिकाऊ महतो सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन के बाद माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विकास के नए रस्ते पर अग्रसर होगा। श्री कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार के द्वारा महिलाओं और गरीबो के लिए चलायी जा रही योजनाऐं एतिहासिक हैं। शराबबंदी ने बिहार की दशा और दिशा बदल दी है। बैठक में रविन्द्र कुमार चौधरी, राजेश्वर मिश्र, कृष्णमोहन, कुमरलाल मिश्र, गोपाल ठाकुर, युगेश्वर पंडित, संतोष चौधरी, राम उद्गार महतो, जिबछ भारती, देव प्रसाद महतो, मो शब्बीर, मो रजाउद्दीन, उपेंद्र पासवान, उमाकांत पोद्दार, रामबहादुर मंडल, शिव कुमार सहित सभी नेता और दर्ज़नो कार्यकर्त्ता उपस्थित थे।


मधुबनी : तीन साल में हर घर में होगा नल से जल : विनोद नारायण झा

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पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा ने मधुबनी में प्रेस से मिलने के क्रम में मुख्यमंत्री, उप मुख्मंत्री को आभार व्यक्त किया, उन्होंने अपने कार्य लक्ष्य के बारे में बताया कि सूबे में जल का प्रदुषण अत्यधिक है और लोगों को शुद्ध जल पहुँचाना सरकार का पहला लक्ष्य है. उन्होंने कहा हमारा लक्ष्य हर घर को नल पहुंचना है जो तीन साल में पुरा किया जायेगा. हमारे यहां साफ़ पानी है और हम यदि साफ़ पानी लोगों तक पहुचायेंगे तो लोग उस जल का प्रयोग अवश्य करेंगे. पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा कि अब सड़क के किनारे स्टेंड पोस्ट नहीं लगाए जायेंगे . उन्होंने मधुबनी के सर्किट हाउस में प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा की सरकार ने अब निर्णय लिया है की सड़क किनारे स्टेण्ड पोस्ट नहीं बनाएगी, स्टेण्ड पोस्ट का अर्थ है सड़क किनारे नल नहीं लगाएगी कारण नल टूटने पर जल व्यर्थ हो जाता है. उन्होंने कहा जिले में 47 टावर है जिन गाँव में साल भर में हर घर में नल से पानी पहुंचाने का लक्ष्य है. भरष्टाचार पर मंत्री ने कहा कि जीरो टॉलरेंस पालिसी जारी रहेगी.  भाजपा जिलाध्यक्ष घनश्याम ठाकुर ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा की भाजपा कोटे से पहली बार मधुबनी के किसी भाजपा कार्यकर्ता को मंत्री बनाया गया है, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों में काफी उत्साह है. उन्होंने इसके लिए राज्य एवं केंद्रीय नेतृत्व को धन्यवाद दिया है. इस दौरान संजय राम, भारत भूषण, शंकर झा, अनिल दास (जदयू) अनुराग सहनी, मनोज तिवारी सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे.

शिवहर में बच्चे की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों के पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल

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शिवहर 06 अगस्त,  बिहार में शिवहर जिले के पुरनहिया थाना क्षेत्र के बसंतपट्टी गांव में सड़क दुर्घटना में हुई एक बच्चे की मौत से आक्रोशित ग्रामीणों के पथराव में आज कई पुलिसकर्मी घायल हो गये। पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि बसंतपट्टी गांव निवासी रामकुमार दास के नौ वर्षीय पुत्र की सड़क दुर्घटना में मौत हो जाने से आक्रोशित ग्रामीण सड़क जाम कर मुआवजे की मांग कर रहे थे। जाम समाप्त करने पहुंची पुलिस पर ग्रामीणों ने पथराव किया, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गये। घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए शिवहर सदर अस्पताल भेज दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुये जिलाधिकारी राजकुमार और पुलिस अधीक्षक प्रकाशनाथ मिश्रा मौके पर कैंप कर रहे हैं। 

साथ रहना काफी नहीं, केन्द्र से अधिक सहायता बिहार को मिले : नीतीश

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पटना 06 अगस्त, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज केन्द्र सरकार से राज्य के विभिन्न न्यायालयों में लंबित मामलों के शीघ्र निष्पादन के उद्देश्य से आधारभूत सुविधा बढ़ाये जाने के लिए अधिक से अधिक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराये जाने की मांग करते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ उनका होना काफी नहीं है बल्कि इसका असर लोगों को भी दिखना चाहिए । श्री कुमार ने आज यहां विधि एवं न्याय मंत्रालय तथा बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से आयोजित ‘टेली लॉ : मेन स्ट्रीमिंग लीगल एड थ्रू कॉमन सर्विस सेंटर’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने खुशी जाहिर की है कि यह कार्यक्रम ऐसे समय आयोजित किया जा रहा है जब ..हमलोग साथ हो गये है..। उन्होंने कहा कि सिर्फ साथ होना ही काफी नहीं है बल्कि इसका असर भी लोगों को दिखना चाहिए और इसलिए केन्द्र से बिहार की अदालतों में लंबित मामलों के निष्पादन के उद्देश्य से सुविधा विस्तार के लिए अधिक से अधिक सहायता मिलनी चाहिए । मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री श्री प्रसाद ने इसके लिए 50, 60 से 70 करोड़ रुपये की सहायता देने की बात कही है , लेकिन यह काफी नहीं है । उन्होंने कहा कि बिहार एक बड़ा राज्य है और यहां 38 जिले तथा 101 अनुमंडल हैं । उन्होंने कहा कि इतने बड़े राज्य के लिए श्री प्रसाद ने जो राशि देने का वादा किया है वह नाकाफी है । श्री कुमार ने कहा कि वह केन्द्र सरकार से पटना उच्च न्यायालय में आधारभूत सुविधा बढ़ाये जाने के लिए सहायता नहीं मांग रहे हैं बल्कि निचली अदालतों के लिए राशि की मांग कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि पटना उच्च न्यायालय परिसर में अतिरिक्त भवनों के निर्माण और अन्य आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराये जाने के लिए राज्य सरकार ने 169 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है । मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च न्यायालय में सुविधा विस्तार के लिए राज्य सरकार अपने संसाधन से खर्च करने में सक्षम है । उन्होंने कहा कि जब वह वर्ष 2005 में सत्ता में आये थे तब बिहार का बजट आकार 25 से 26 हजार करोड़ रुपये हुआ करता था जो अब बढ़कर एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये हो गया है । श्री कुमार ने कहा कि यह खुशी की बात है कि बिहार में आज से पांच सौ कॉमन सर्विस सेंटर के जरिये लोगों को विधिक सहायता पहुंचाने की सेवा शुरु की गयी है । उन्होंने कहा कि इस संख्या को जल्द से जल्द और बढ़ाया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोगों को आसानी से विधिक सहायता उपलब्ध करायी जा सके । 


मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं , यह उनके लिए खुशी की बात है क्योंकि वह जल्द ही उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले हैं । बिहार के लिए यह गौरव की बात है कि न्यायमूर्ति श्री मिश्रा पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं । उन्होंने कहा कि बिहार के राज्यपाल रहे श्री रामनाथ कोविंद भी अब देश के राष्ट्रपति हैं , यह भी गौरव की बात है । श्री कुमार ने कहा कि लोगों को तय समय सीमा के अंदर चुनिंदा सेवा दिये जाने के उद्देश्य से वर्ष 2010 में लोक सेवा अधिकार की शुरुआत की गयी थी जिसके तहत आवासीय, जाति, चरित्र प्रमाणपत्र कराने समेत अन्य सेवाएं भी दी जा रही है । उन्होंने कहा कि इसी प्रकार लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून भी लागू किया गया जिसके तहत निर्धारित समय सीमा के अंदर लोगों की शिकायतों का निवारण किया जा रहा है । मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अध्ययन कराये जाने पर यह बात सामने आयी है कि शिकायत निवारण केन्द्र में करीब 60 प्रतिशत मामले भूमि विवाद से संबंधित आ रहे हैं । उन्होंने कहा कि भूमि विवाद तनाव और हिंसा का एक प्रमुख कारण है और इसे समाप्त करने का ठोस प्रयास किया जा रहा है । इसके लिए भूमि सर्वेक्षण का कार्य कराया जा रहा है जो अब अंतिम चरण में है और इसके पूरा होने पर काफी हद तक भूमि विवाद समाप्त हो जायेगा । उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पैरा लीगल वॉलंटियर की लोगों को विधिक सेवा पहुंचाने में अहम भूमिका है और उन्हें अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन सही तरीके से करना चाहिए । उन्होंने कहा कि उनके लिए दैनिक भत्ता 250 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है ताकि वे उत्साहित होकर बेहतर कार्य कर सकें । इससे पूर्व विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केन्द्र सरकार बिहार को विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों के निष्पादन के उद्देश्य से बेहतर आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराये जाने के लिए 50,60 से 70 करोड़ रुपये उपलब्ध करायेगी । उन्होंने कहा कि लोगों को विधिक सेवा उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश में छह जून को कॉमन सर्विस सेंटर की शुरुआत की गयी थी और अब इसका शुभारंभ बिहार में किया जा रहा है । श्री प्रसाद ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय में एक लाख 34 हजार 469 मामले लंबित हैं जिनमें आठ हजार 294 मामले दस साल पुराने हैं । इसी प्रकार बिहार की निचली अदालतों में 21 लाख 28 हजार 335 मामले लंबित हैं जिनमें दो लाख सात हजार 916 मामले दस वर्ष पुराने हैं । इस मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी , पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आर.एस. मेनन , न्यायमूर्ति ए.के.त्रिपाठी और रविरंजन ने भी अपने विचार व्यक्त किये । समारोह में पटना उच्च न्यायालय के कई न्यायाधीश , महाधिवक्ता ललित किशोर के अलावा अधिवक्ता वाईसी वर्मा , एसडी संजय , प्रशांत प्रताप और अंजनी शरण के अलावा कई वकील मौजूद थे ।

प्रोजेक्ट जल संचय सभी जिलों में होगा लागू : नीतीश

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पटना 06 अगस्त, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाते हुये कहा कि भूमि का जलस्तर बढ़ाने के लिए नालंदा जिले में शुरू किये गये प्रोजेक्ट जल संचय को राज्य के सभी जिले विशेषकर दक्षिण बिहार के जिलों में लागू किया जाएगा। श्री कुमार ने ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग की कल यहां हुई समीक्षा बैठक में अधिकारियों को नालंदा जिला में मनरेगा के तहत शुरू किये गए प्रोजेक्ट जल संचय को रोल मॉडल बनाते हुए इसे राज्य के सभी जिले विशेषकर दक्षिण बिहार के जिलों में लागू करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने सामाजिक वानिकी के तहत निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप वृक्षारोपण कराने का निर्देश दिया ताकि राज्य में वन आच्छादन में वृद्धि हो सके। साथ ही वंचित वर्ग, महिलाओं, वृद्ध, दिव्यांगों को वन पोषक के रूप में मनरेगा के अन्तर्गत रोजगार मुहैया कराया जा सके। उन्होंने सभी सक्रिय मनरेगा मजदूरों का शत-प्रतिशत आधार सीडिंग दिसम्बर माह तक पूर्ण करने का निर्देश दिया। 


मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया कि जिन पात्र लाभुकों के पास वास भूमि नहीं है, उन्हें भूमि उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से समन्वय कर कार्रवाई सुनिश्चित करे। श्री कुमार ने विकास प्रबंधन संस्थान की महत्ता को रेखांकित करते हुए इसे विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए विभिन्न तरह के सामाजिक, नेतृत्व एवं आजीविका संवर्द्धन से संबंधित विषयों पर कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में विकास के लिए इस उत्कृष्ट प्रबंधन संस्थान की नींव रखी गयी है। उन्होंने इस संस्थान का स्वरूप राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने का निर्देश दिया गया। मुख्यमंत्री ने पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में खासकर पंचायत स्तर पर सरकारी भवनों के निर्माण तथा मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना को तीव्र गति से कार्यान्वित करने का निर्देश दिया। बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त श्री शिशिर सिन्हा, सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज अरविन्द चैधरी, मुख्यमंत्री के सचिव अतीष चन्द्रा एवं मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे। 

राजनीतिक दल बहुलतावाद को एजेंडे में करें शामिल: उपराष्ट्रपति

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बेंगलुरु. 06 अगस्त, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने राजनीतिक पार्टियों से बहुलतावाद को अपने एजेंडे के सारतत्व के रूप में शामिल करने के महत्व को रेखांकित करते हुए आज कहा कि यही एक तरीका है जिससे संविधान के अनुसार देश को आगे बढ़ाया जा सकता है। श्री अंसारी ने नेशनल स्कूल ऑफ लॉ यूनिवर्सिटी ऑफ इंडिया के 25 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक पार्टियां धर्म को शासन के एक भाग के रूप में पहचान दिलाने के लिए अपने कार्यक्रम या सिद्धांत तैयार करती हैं, जिसका संविधान स्पष्ट रूप से निषेध करता है। उन्होंने कहा कि ऐसी सोच संविधान की बुनियादी विशेषता का उल्लंघन करती हैं। श्री अंसारी ने कहा, 'सकारात्मक धर्मनिरपेक्षता ऐसी राजनीति व्यवस्था को नकारती है तथा इस दिशा में आगे बढ़ना संविधान का उल्लंघन होगा। '

विशेष आलेख : वृद्धों को जीने की नयी दिशा मिले

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हमारे देश में अन्तर्राष्ट्रीय दिवसों का प्रचलन  बढ़ता जा रहा है। अगस्त माह में अनेेक अन्तर्राष्ट्रीय दिवस आयोजित होते हैं जैसे युवा दिवस, मित्रता दिवस, हिरोशिमा दिवस, स्तनपान दिवस, आदिवासी दिवस, मच्छर दिवस, फोटोग्राफी दिवस, मानवीय दिवस आदि-आदि उनमें एक महत्वपूर्ण दिवस है विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस जो 8 अगस्त को पूरी दुनिया में वृद्धों को समर्पित किया गया है। यह दिवस वरिष्ठ नागरिकों के उन्नत, स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन के लिये आयोजित होता है। इस दिवस को आयोजित करने की आवश्यकता इसलिये पड़ी कि आज के वरिष्ठ नागरिक जो दुनियाभर में उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं, उनको उचित सम्मान एवं उन्नत जीवन जीने की दिशाएं मिले।  वर्तमान दौर की एक बहुत बड़ी विडम्बना है कि इस समय की बुजुर्ग पीढ़ी घोर उपेक्षा और अवमानना की शिकार है। यह पीढ़ी उपेक्षा, भावनात्मक रिक्तता और उदासी को ओढ़े हुए है। इस पीढ़ी के चेहरे पर पड़ी झुर्रियां, कमजोर आंखें, थका तन और उदास मन जिन त्रासद स्थितियांे को बयां कर रही है उसके लिए जिम्मेदार है हमारी आधुनिक सोच और स्वार्थपूर्ण जीवन शैली। समूची दुनिया में वरिष्ठ नागरिकों की दयनीय स्थितियां एक चुनौती बन कर खड़ी है, एक अन्तर्राष्ट्रीय समस्या बनी हुई है।


भारतीय परिप्रेक्ष्य में वरिष्ठ नागरिकों की दशा अधिक चिन्तनीय है। दादा-दादी, नाना-नानी की यह पीढ़ी एक जमाने में भारतीय परंपरा और परिवेश में अतिरिक्त सम्मान की अधिकारी हुआ करती थी और उसकी छत्रछाया में संपूर्ण पारिवारिक परिवेश निश्चिंत और भरापूरा महसूस करता था। न केवल परिवार में बल्कि समाज में भी इस पीढ़ी का रुतबा था, शान थी। आखिर यह शान क्यों लुप्त होती जा रही है?  क्यों वृद्ध पीढ़ी उपेक्षित होती जा रही है?  क्यों वृद्धों को निरर्थक और अनुपयोगी समझा जा रहा है?  वृद्धों की उपेक्षा से परिवार तो कमजोर हो ही रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा नई पीढ़ी प्रभावित हो रही है। क्या हम वृद्ध पीढ़ी को परिवार की मूलधारा में नहीं ला सकते?  ऐसे कौन से कारण और हालात हैं जिनके चलते वृद्धजन इतने उपेक्षित होते जा रहे हैं? यह इतनी बड़ी समस्या कि किसी एक अभियान से इसे रास्ता नहीं मिल सकता। इस समस्या का समाधान पाने के लिए जन-जन की चेतना को जागना होगा। इस दृष्टि से विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस की आयोजना की एक महत्वपूर्ण हो सकती है। वृद्ध एक सम्बल हुआ करते थे, ताकत हुआ करते थे और जीवन को संवारने का सबसे बड़ा माध्यम हुआ करते थे। बचपन को सहलाकर उसे अकल्पित ऊंचाइयां प्रदान करने वाले, परिवारों में सुख-समृद्धि का संवर्धन करने वाले वृद्धजन क्यों घृणा, उपेक्षा और अवमानना के पात्र बन जाते हैं?  यह एक ज्वलंत प्रश्न है। साथ ही यह भी विचारणीय है कि आज पारिवारिक रिश्ते बिखर रहे हैं, उन्हें फिर से जोड़ने, उनमें स्नेह और सौहार्द बढ़ाने का काम बुजुर्ग ही कर सकते हैं। बुजुर्गों को नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बनने की जिम्मेदारी देने में हम लोग क्यों कोताही बरत रहे हैं?  क्यों हम उनके अनुभवों, सूझ-बूझ, ज्ञान-संपदा और समृद्ध विचारों की परिपक्वता से लाभ लेने से हिचकिचा रहे हैं?

हमारे सामने एक अहम प्रश्न और है कि हम किस तरह नई पीढ़ी और बुजुर्ग पीढ़ी के बीच बढ़ती दूरी को पाटने का प्रयत्न करें। इन दोनों पीढ़ियों के बीच संवादिता और संवेदनशीलता इसी तरह लुप्त होती रही तो समाज और परिवार अपने नैतिक दायित्व से विमुख हो जाएगा। दो पीढ़ियों की यह भावात्मक या व्यावहारिक दूरी किसी भी दृष्टि से हितकर नहीं है। जरूरी है कि हम बुजुर्ग पीढ़ी को उसकी उम्र के अंतिम पड़ाव में मानसिक स्वस्थता का माहौल दें, आधि, व्याधि और उपाधियों को भोग चुकने के बाद वे अपना अंतिम समय समाधि के साथ गुजार सकें ऐसी स्थितियों को निर्मित करें। नई पीढ़ी और बुजुर्ग पीढ़ी की संयुक्त जीवनशैली से अनेक तरह के फायदे हैं जिनसे न केवल समाज और राष्ट्र मजबूत होगा बल्कि परिवार भी अपूर्व शांति और उल्लास का अनुभव करेगा। सबसे अधिक नई पीढ़ी अपने बुजुर्ग दादा-दादी या नाना-नानी की छत्रछाया में अपने आपको शक्तिशाली एवं समृद्ध महसूस करेगी। एक अवस्था के पश्चात निश्चित ही व्यक्ति में परिपक्वता और ठोसता आती है। बड़े लोगों के अनुभव से लाभ उठाकर युवा पीढ़ी भी संस्कार समृद्ध बन सकती है और वृद्धजनों के अनुभवों का वैभव और ज्ञान की अपूर्व संपदा उन्हें दुनिया की रफ्तार के साथ कदमताल करने में सहायक हो सकती है। हावर्ड और वर्लिन के वैज्ञानिकों/मनोचिकित्सकों ने इस दिशा में गहन खोजें की हंै। जर्मन वैज्ञानिकों ने युवाओं और बुजुर्गों के समक्ष कुछ जटिल समस्याएं तथा कुछ सुविधाजनक परिस्थितियां प्रस्तुत कीं और उन्हें हल करने को कहा। देखा गया कि जीवन संबंधी समस्याओं को सुलझाने में युवाओं की अपेक्षा बुजुर्ग लोग अधिक सफल या कुशल साबित हुए। अन्य अध्ययनों/विश्लेषणों से भी यह तथ्य सामने आया कि बुजुर्गों के सामने यदि कोई लक्ष्य रख दिया जाए तो वे अपने धीमे सोचने की शक्ति की क्षतिपूर्ति अपने पैने नजरिए एवं बेहतर योजनाओं के द्वारा कर लेते हैं। यह भी एक तथ्य है कि सम्यक् दृष्टिकोण, पारदर्शी सोच, परिणामों का आंकलन किसी भी चीज के अच्छे-बुरे पहलुओं को तोलने/परखने की क्षमता-ये गुण वृद्धों में अपेक्षाकृत अच्छी मात्रा में उपलब्ध होते हैं। अतः आॅफिसों, संस्थाओं या घरों में बुजुर्गों को उपेक्षित करने का जो प्रचलन बढ़ रहा है, उस पर गंभीरता से पुनर्विचार की जरूरत है। यदि उन्हें सम्मान के साथ विभिन्न दायित्वों के साथ जोड़ा जाए तो परिवार और समाज उनके अनुभवों से काफी सीख सकता है, काफी लाभ उठा सकता है। 


समय का तकाजा है कि हम उन सभी रास्तों को छोड़ दें जहां शक्तियां बिखरती हैं। जहां भी हमारे प्रयत्न दुर्बल होते हैं उद्देश्यों को नीचा देखना पड़ता है और आत्मविश्वास जल्दी थक जाता है। वृद्ध पीढ़ी को संवारना, उपयोगी बनाना और उसे परिवार की मूलधारा में लाना एक महत्वपूर्ण उपक्रम है। इसके लिए हमारे प्रबल पुरुषार्थ और दृढ़ संकल्प की जरूरत है। हमंे स्कूलों में पैरंेट्स-डे के स्थान पर ग्रांड-पैरेंट्स-डे मनाना चाहिए। इससे जहां बच्चे अपने दादा-दादी के अनुभवों से लाभांवित होंगे वहीं दादा-दादी को बच्चों के इस तरह के दायित्व से जुड़कर एक सक्रियता मिलेगी। इसी तरह के उपक्रम हम घरेलू, धार्मिक एवं सामाजिक स्तर पर भी कर सकते हैं। हर दिन परिवार में एक संगोष्ठी का क्रम शुरू करके उसमें परिवार के वृद्धजनों के विचारों का लाभ लें और उनसे प्रशिक्षण प्राप्त करें। नई पीढ़ी को संस्कार संपन्न बनाने में वृद्धजनों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। सामाजिक स्तर पर भी बुजुर्ग और नई पीढ़ी की संयुक्त संगोष्ठियां आयोजित की जाएं और उनके अनुभवों का लाभ लिया जाए। बड़े व्यावसायिक घरानों या व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में भी परिवार के बुजुर्गों को कुछ रचनात्मक एवं सृजनात्मक दायित्व दिए जाएं और उनकी क्षमता और ऊर्जा का उपयोग किया जाए। परिवार के आयोजनों और दिनचर्या में कुछ दायित्व वृद्धजनों को दिए जाएं जिन्हें वे आसानी से संचालित कर सकें। इन सब प्रयत्नों से बुजुर्ग पीढ़ी अपने आपको उपेक्षित महसूस नहीं कर पाएगी और उनके अनुभवों का लाभ एक नई छटा का निर्माण करेगी। इस वृद्ध पीढ़ी का हाथ पकड़ कर चलने से जीवन में उत्साह का संचार होगा, क्योंकि इनका विश्वास सामूहिकता में है, सबको साथ लेकर चलने में है। अकेले चलना कोई चलना नहीं होता, चलते-चलते किसी दूसरे को भी चलने के लिये प्रोत्साहित करें। 





liveaaryaavart dot com(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

रक्षाबंधन: डोर से बंधी है... खुशियां जिंदगी की

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भाई-बहन के बीच प्रेम का ऐसा झरना बहता है, जो आपकी जिंदगी को खुशियों से भर देता है। इस रिश्ते का डीएनए ही कुछ ऐसा है कि मुसीबत के वक्त जब कहीं से मदद की उम्मींद नहीं होती है, तब भी कलाई पर बंधा स्नेह जिन्दगी की डोर थामने के लिए खड़ा हो जाता है। अर्थात रक्षाबंधन भाई-बहन के बीच वह रिश्ता है जिसमें गंगाजल की तरह बहनें धारा तो भाई कल-कल। बहनें टहनी तो भाई श्रीफल, बहने स्नेहिल तो भाई वत्सल या यूं कहें भाई-बहनों के सभी सवालों का जवाब है रक्षाबंधन। या यूं कहें भाई-बहन का नाता स्नेह, ममता, वात्सल्य, करुणा और रक्षा के भावों के ताने-बाने में बुना होने से अनूठा ही है। यह नाता जितना स्नेहमय है उतना ही शालीन और पावन भी। क्योंकि इसमें जुड़ी होती है बचपन की यादें। साथ खेलना, झगड़ना, शरारतें और भी बहुत कुछ। जन्म से जुड़ा ये रिश्ता वक्त के साथ मजबूत होता जाता है 

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बेशक, कहने को राखी सिर्फ एक पतले से धागे को कलाई पर बांधने का त्योहार है। लेकिन, इस महीन सी डोर में जीवन को संबल व दिशा देने वाली कितनी शक्ति है, ये तो वे ही बता सकते हैं जिनके मन में बहन के प्रति प्यार बसा है। भाई-बहन का यह भाव प्राचीन काल से हमारे यहां रहा हैं। इस संबंद्ध को लेकर सबसे प्राचीन विमर्श ऋुग्वेद के यम-यमी सुक्त मिलता है। यम और यमी दोनों विवस्वान यानी सूर्य की संतानें है, दोनों जुड़वा भाई-बहन है। यम अपनी बहन को इस संबंध की मर्यादा का बोध कराते हैं। भाई-बहन के बीच परस्पर रक्षा का संबंध भी एकतरफा नहीं है, केवल भाई ही बहन की रक्षा नहीं करता, बहन भी आड़े वक्त में भाई को बचाती है। रक्षाबंधन का पर्व और राखी के धागे इस पारस्परिक रक्ष्य-रक्षक संबंध के प्रतीक हैं। यूं तो नारी, मां, बेटी या पत्नी के विभिन्न रुपों में पुरुषों से जुड़ती है पर उन सब में अपनत्व और अधिकार के साथ-साथ, कहीं न कहीं कुछ पाने की लालसा रहती है। नारी का सबसे सच्चा स्वरुप बहन के रिश्ते में ही प्रकट होता है। मां-बाप भले ही लड़के-लड़कियों में भेद करें पर बहन के मन में ऐसा करने का चाव होता है जिससे भाई के जीवन में खुशहाली रहे। यही वजह है कि भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन यानी रक्षा की कामना लिए कच्चे धागों का ऐसा बंधन जो पुरातन काल से इस सृष्टि में रक्षा के आग्रह और संकल्प के साथ बांधा और बंधवाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके लिए मंगल कामना करती हैं। तो वहीं, भाई भी अपनी बहनों को इस पवित्र बंधन के बदले उपहार देने के साथ ही उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं। कहा जा सकता है रक्षाबंधन के पर्व का संबंध रक्षा से है। 


देखा जाए तो रक्षाबंधन सिर्फ भाई-बहन का त्योहार नहीं है बल्कि ये इंसानियत का पर्व है। यह अनेकता में एकता का पर्व है, जहां जाति और धर्म के भेद-भाव को भूलकर एक इंसान दूसरे इंसान को रक्षा का वचन देता है और रक्षा सूत्र में बंध जाता है। रक्षा सूत्र के विषय में श्रीकृष्ण ने कहा था कि रक्षा सूत्र में अद्भुत शक्ति होती है। रक्षा बंधन भाई-बहन के प्यार का त्योहार है, एक मामूली सा धागा जब भाई की कलाई पर बंधता है, तो भाई भी अपनी बहन की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर करने को तैयार हो जाता है। बहनों का स्नेह, प्यार और दुलार भाइयों के लिए उनके सुरक्षा कवच का काम करता है। वहीं बहनों का मान-सम्मान भाइयों की प्राथमिकता होती है। आजकल बहनें ज्यादा सजग हो गई हैं। अब वे भाइयों के पीछे नहीं, उनके बचाव में सबके सामने खड़ी होने लगी हैं। शायद इसी सेवा भाव के रिश्ते को नमन करते हुए चिकित्सा परिचर्या में लगी महिलाओं को सिस्टर कहा जाता है। वो लोग बड़े खुशकिस्मत होते हैं जिनके बहनें होती हैं क्योंकि जीवन में यह एक ऐसा पवित्र रिश्ता है जिससे आप बहुत कुछ सिखते हैं। पुरुषों के चारित्रिक विकास में मां-बाप से भी ज्यादा एक बहन का संवाद ज्यादा असर करता है। बहन से संवाद से ना केवल पुरुष के नकारात्मक विचारों में कमी आती है बल्कि उसके अंदर नारी जाति के लिए आदर भ्ज्ञी पनपता है।  

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रक्षाबंधन पर्व की भारतीय समाज में इतनी व्यापकता और गहराई से समाया हुआ है कि इसका सामाजिक महत्व तो है ही, धर्म, पुराण, इतिहास, साहित्य और फिल्में भी इससे अछूते नहीं हैं। गुरुकुल परंपरा के अंतर्गत शिक्षा पाने वाला युवा जब शिक्षा पूरी करने के पश्चात गुरुकुल से विदा लेता था, तो वह आचार्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उसे रक्षा सूत्र बांधता था, जबकि आचार्य अपने विद्यार्थी को इस कामना के साथ रक्षासूत्र बांधता था कि वह भावी जीवन में अपने ज्ञान कासमुचित ढंग से प्रयोग करे। मौजूदा समय में पूजा आदि के अवसर पर बांधा जाने वाला कलावा भी रक्षा-सूत्र का ही प्रतीक होता है, जिसमें पुरोहित और यजमान एक-दूसरे के सम्मान की रक्षा करने के लिए एक-दूसरे को अपने बंधन में बांधते हैं। रक्षा-बंधन का पर्व हमारे सामाजिक ताने-बाने में इस प्रकार रचा-बसा हुआ है कि विवाह के बाद भी बहनें भाई को राखी अवश्य बांधती हैं, फिर चाहे उनका ससुराल मायके से कितनी ही दूर क्यों न हो। या तो वे भाई के घर इसी विशेष प्रयोजन से स्वयं पहुंचती हैं अथवा भाई उनके घर आ जाते हैं। अगर आना-जाना संभव न हो, तो डाक से राखी अवश्य भेज दी जाती है। आज के दौर में महिलाओं पर जो अत्याचार बढ़ रहे हैं, उसका मूल कारण यही है कि लोग बहन की अहमियत भूलते जा रहे हैं। बेटों का वर्चस्व बढ़ने और बेटियों को उपेक्षित करने से समाज खोखला होता जा रहा है। गौर कीजिए एक समय, बहन जी शब्द में अपार आदर छलकता था और लोग किसी भी बहन के लिए न्योछावर होने के लिए तत्पर रहते थे। आज इन रिश्तों की सामाजिक अहमियत कम होने के कारण ही महिला उत्पीड़न के मामले बढ़ रहे हैं। जबकि सच यह है कि बेटियों में छिपा बहन का प्यार ही स्वस्थ समाज की बुनियाद गढ़ पायेगा। 

रक्षाबंधन मनाने की विधि‍
एक थाली में रोली, चन्दन, अक्षत, दही, रक्षासूत्र और मिठाई रख लें। भाई की आरती के लिए थाली में घी का दीपक भी रखें। पूजा की थाली को सबसे पहले भगवान को समर्पित करें। ध्यान रहे कि भाई पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह कर के ही बैठे। पहले भाई को तिलक लगाएं। फिर राखी बांधे और उसके बाद आरती करें। फिर मिठाई खिलाकर भाई की मंगल कामना करें। इस बात का ख्याल रखें कि राखी बांधते समय भाई और बहन दोनों का सिर जरूर ढका हो। इसके बाद माता-पिता और गुरु का आशीर्वाद लें। भाइयों को ध्यान रखना चाहिए कि बहनों को उपहार में काले कपड़े, तीखी या नमकीन चीज ना दें। ऐसा उपहार दें जो दोनों के लिए मंगलकारी हो। 

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रक्षाबंधन के दिन पूजन से परिवार में खुशहाली
रक्षाबंधन का ये पावन पर्व आपकी कई समस्याओं का समाधान भी बनकर आता है। रक्षाबंधन के दिन विधि-विधान से पूजन करने से मानसिक या शारीरिक समस्याओं का समाधान संभव है। इसके लिए सबसे पहले सफेद वस्त्र धारण करके पूजा के स्थान पर बैठें। अपनी गोद में पानी वाला एक हरा नारियल रखें। इसके बाद ओउम सोम सोमाय नमः का जाप करें। फिर नारियल को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। जिन्हें नजदीकी रिश्तों में समस्या आ रही हो, वे रक्षाबंधन की शाम को चावल, दूध और चीनी की खीर बना कर शिव जी को अर्पित कर दें। इसके बाद सफेद फूल डालकर चन्द्रमा को अघ्र्य दें। खीर को प्रसाद की तरह समस्त परिवार के लोगों को दें और खुद भी ग्रहण करें। राखी बांधते समय बहनें अगर इन मंत्र का उच्चारण करती है तो भाईयों की आयु में वृ्द्धि होती है। जो इस प्रकार है, “येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलःद्व तेन त्वांमनुबध्नामि, रक्षे मा चल मा चल।। 


बेहद अशुभ संयोग में मनेगा रक्षाबंधन 
भाई-बहनों के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन 7 अगस्त है। इस दिन चंद्रग्रहण भी होगा। ऐसा संयोग 12 साल बाद बन रहा है। यानी भद्रा नक्षत्र का योग बन रहा है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता है। खास बात यह है कि इस दिन एक साथ रक्षा बंधन, चंद्रग्रहण और सावन माह के आखरी सोमवार का भी संयोग पड़ रहा है। सात अगस्त को श्रावण मास का आखिरी सोमवार भी है और रक्षाबंधन भी। ज्योतिष गणित के अनुसार सुबह 11.04 बजे तक भद्रा है। इसके बाद दोपहर 1.29 बजे से चंद्रग्रहण का सूतक लग जाएगा। इस बीच 11.05 से लेकर दोपहर 1.28 तक यानि ढाई घंटे तक ही राखी बांधी जाएगी। भद्रा और सूतक के दौरान रक्षाबंधन नहीं मनाया जा सकता है। यह अशुभ होता है। हांलाकि चंद्रग्रहण रात 10.53 बजे से शुरू होगा जो मोक्षकाल देर रात 12.48 बजे तक रहेगा। लेकिन इसका सूतक 9 घंटे पहले ही लग जाएगा। रक्षाबंधन के दिन सूतक दोपहर 1.53 बजे से शुरू हो जाएगा। सूतक व भद्रा काल में सभी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। इस वजह से पर्व भी प्रभावित होगा। बहनें अपने भाइयों को राखी भद्रा की समाप्ति और सूतक लगने से पहले मिलने वाले शुभ मुहूर्त में बांध सकती हैं। ऐसे में वे सुबह 11.05 बजे से लेकर दोपहर 1.53 तक ही राखी बांध सकेंगी। ग्रहण की अवधि 1 घंटा 55 मिनट रहेगी। चंद्रग्रहण पूर्ण न होकर खंडग्रास होगा और संपूर्ण भारत में दिखेगा। इस वजह से सभी जगह ग्रहण का प्रभाव रहेगा। सूतक लगने पर शुभ कार्य के साथ ही मंदिर में स्थापित भगवान के विग्रह का स्पर्श नहीं करना चाहिए। भोजन करना भी वर्जित माना गया है। ग्रहण के मोक्षकाल के बाद पवित्र सरोवर में स्नान कर दान-पुण्य करना चाहिए। वर्ष 1990 में श्रावण पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण था। पूर्णिमा तिथि, सोमवार एवं श्रावण नक्षत्र इस बार की तरह ही तब भी थे। इसका सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। श्रावण माह की पूर्णिमा को श्रावणी उपाक्रम किया जाता है। लेकिन इस वर्ष ग्रहण होने से उपाक्रम श्रावण शुक्ल पंचमी तिथि या हस्त नक्षत्र युता पंचमी में करना चाहिए जो कि 28 जुलाई को है। ग्रहण या संक्रांति से युक्त दिन में उपाक्रम नहीं करते। 

पहले और अब में फर्क 
पुराने जमाने में जब स्त्री और पुरुष की भूमिकाएं बिल्कुल बंटी हुई थीं तब यह रस्म पैदा हुई होगी कि बहन भाई की कलाई पर धागा बांधें और उससे अपनी रक्षा का वचन मांगे। मगर अब स्त्री-पुरुष की भूमिकाओं में पुराने तरह का विभाजन नहीं है। यदि बहन पर आफत पड़ने पर भाई उसकी रक्षा कर सकता है तो भाई पर मुसीबत आने पर बहन भी उसकी सहायता और रक्षा कर सकती है। आज ऐसी कई बहनें हैं जिन्होंने जरूरत पड़ने पर भाई को अपनी किडनी या अन्य अंग देकर जीवनदान किया है। स्वयं के पैरों पर खड़ी ऐसी आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बहनें भी हैं जिन्होंने भाइयों को आर्थिक कठिनाइयों से उबारा है। अपने प्रिय भाई को दीदियां अपने हिस्से की चॉकलेट देती आई हैं तो भाई का अपराध अपने सिर लेकर उन्हें बचपन में मां-बाप की डांट से बचाती भी आई हैं। बड़ा भाई छोटी बहन के सिर पर हाथ रखता है तो बहन भी तो ऐसा निःस्वार्थ प्रेम करना जानती है, जिससे मुकाबला सिर्फ मां का प्यार ही कर सकता है। अतः राखी को हम रक्षा-सूत्र के बजाए मोह का धागा भी कह सकते हैं। और यह रेशमी सूत्र भाई और बहन के बीच ही नहीं, बहनों-बहनों और भाईयों-भाईयों के बीच यह अद्दश्य धागा है। सच कहें तो जिस भी रिश्ते में अपनत्व भरा जुड़ाव है, मोह का यह धागा होता ही है।

छह जार साल पुराना है रक्षा बंधन का इतिहास!
1947 के भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में जन जागरण के लिए भी इस पर्व का सहारा लिया गया। रवींद्रनाथ टैगोर ने बंग-भंग का विरोध करते समय रक्षाबंधन त्योहार को बंगाल निवासियों के पारस्परिक भाईचारे तथा एकता का प्रतीक बनाकर इस त्योहार का राजनीतिक उपयोग आरंभ किया। 1905 में उनकी प्रसिद्ध कविता मातृभूमि वंदना का प्रकाशन हुआ, जिसमें उन्होंने इस पर्व का उल्लेख किया है। शास्त्रों के अनुसार रक्षिका को आज के आधुनिक समय में राखी के नाम से जाना जाता है। रक्षाबंधन के संदर्भ में भी कहा जाता है कि अगर इस पर्व का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व नहीं होता तो शायद यह पर्व अब तक अस्तित्व में रहता ही नहीं। हिन्दू धर्म में प्रत्येक पूजा कार्य में हाथ में कलावा ( धागा ) बांधने का विधान है। यह धागा व्यक्ति के उपनयन संस्कार से लेकर उसके अन्तिम संस्कार तक सभी संस्करों में बांधा जाता है। राखी का धागा भावनात्मक एकता का प्रतीक है। स्नेह व विश्वास की डोर है। धागे से संपादित होने वाले संस्कारों में उपनयन संस्कार, विवाह और रक्षा बंधन प्रमुख है। भविष्य पुराण के अनुसार, जब देव-दानव के युद्ध में दानव हावी होने लगे, तो भगवान इंद्र घबराकर गुरु बृहस्पति के पास गए। वहां बैठी इंद्र की पत्नी इंद्राणी सब सुन रही थीं। उन्होंने रेशम का धागा मंत्रों की शक्ति से पवित्र करके अपने पति के हाथ पर बांध दिया। वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था। लोगों का विश्वास है कि इंद्र इस लड़ाई में इसी धागे की मंत्र शक्ति से विजयी हुए थे। उसी दिन से श्रावण पूर्णिमा के दिन यह धागा बांधने की प्रथा चली आ रही है। यह धागा धन, शक्ति, हर्ष और विजय देने में पूरी तरह समर्थ माना जाता है। इस त्योहार से कई ऐतिहासिक प्रसंग जुड़े हैं। राजपूत जब लड़ाई पर जाते थे तब महिलाएं उनको माथे पर कुमकुम तिलक लगाने के साथ-साथ हाथ में रेशमी धागा बांधती थी। यह विश्वास था कि यह धागा उन्हें विजयश्री के साथ वापस ले आएगा। मेवाड़ की रानी कर्मावती को बहादुरशाह द्वारा मेवाड़ पर आक्रमण करने की सूचना मिली। रानी उस समय लड़ने में असमर्थ थी अतः उन्होंने मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेज कर रक्षा की याचना की। हुमायूं ने मुसलमान होते हुए भी राखी की लाज रखी और मेवाड़ पहुंच कर बहादुरशाह के विरुद्ध मेवाड़ की ओर से लड़ाई लड़ी। हुमायूं ने कर्मावती व उनके राज्य की रक्षा की। एक अन्य प्रसंग में कहा जाता है कि सिकंदर की पत्नी ने अपने पति के हिंदू शत्रु पोरस (पुरू) को राखी बांधकर अपना मुंहबोला भाई बनाया और युद्ध के समय सिकंदर को न मारने का वचन ले लिया। पोरस ने युद्ध के दौरान हाथ में बंधी राखी और अपनी बहन को दिए हुए वचन का सम्मान किया और सिकंदर पर प्राण घातक प्रहार नहीं किया। रक्षाबंधन की कथा महाभारत से भी जुड़ती है। जब युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से पूछा कि मैं सभी संकटों को कैसे पार कर सकता हूं, तब भगवान कृष्ण ने उनकी तथा उनकी सेना की रक्षा के लिए राखी का त्योहार मनाने की सलाह दी थी। कृष्ण और द्रौपदी से संबंधित वृत्तांत में कहा गया है कि जब श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया था तब उनकी तर्जनी में चोट आ गई। द्रौपदी ने उस समय अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उंगली पर पट्टी बांध दी थी। यह श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन था। कृष्ण ने इस उपकार का बदला बाद में चीरहरण के समय उनकी साड़ी को बढ़ाकर चुकाया था। 




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(सुरेश गांधी)

जेटली का केरल में एलडीएफ सरकार पर सीधा हमला

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तिरूवनंतपुरम, छह अगस्त, केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने भाजपा...आरएसएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ बढ़ते हमलों के लिए केरल में माकपा नीत एलडीएफ सरकार पर हमला बोलते हुए आज आरोप लगाया कि जब भी एलडीएफ सरकार सत्ता में आती है राज्य में हिंसा की घटनाएं बढ़ जाती हैं। जेटली ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी शासन के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की राज्य में सबसे ‘‘क्रूर और बर्बर’’ तरीके से हत्या की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्वित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि हिंसा में लिप्त रहने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। जेटली ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रत्येक बार जब एलडीएफ सत्ता में आती है हिंसा की घटनाएं बढ़ जाती हैं। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की राज्य में सबसे ‘‘क्रूर और बर्बर’’ तरीके से हत्या की जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करना राज्य की जिम्मेदारी है कि इन अपराधों को अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाए और उन्हें ऐसी कड़ी सजा मिले जो प्रतिरोध का काम करे।’’ उन्होंने कहा कि पुलिस से भी उम्मीद की जाती है कि वह निष्पक्ष रहेगी और यदि ये दो चीजें नहीं होती हैं तो राज्य में हिंसा की घटनाएं नहीं रूकेंगी। जेटली आज यहां सुबह आरएसएस कार्यकर्ता राजेश के रिश्तेदारों से मिले जिसकी हाल में राज्य में हत्या कर दी गई थी। उन्होंने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात करने के बाद कहा, ‘‘आप एक बेगुनाह को घेरते हैं, पकड़ते हैं जब वह अकेले होता है और उसके शरीर पर कई घाव देते है।’’ उन्होंने कहा कि केरल में बड़ी संख्या में भाजपा...आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है। जेटली ने कहा, ‘‘प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एक हमले में बाल..बाल बच गए। हमारे कार्यकर्ताओं के घरों पर हमला किया जा रहा है और उनमें से कई हमलों में घायल हो रहे हैं।’’ जेटली ने कहा कि दक्षिण के राज्य में उन्होंने जो सुना और जो देखा जा रहा है उससे उन्हें ‘‘दुख’’ हुआ क्योंकि इससे प्रत्येक भारतीय को दुखी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि केरल और उसके लोगों में काफी क्षमताएं हैं और राज्य को शांति की जरूरत है, एक शांतिपूर्ण महौल, सभ्यता और लोकतंत्र की ‘‘सबसे अच्छे स्वरूप में’’ जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी विचलन एक अपवाद है और इसकी निंदा की जा सकती है और दोषियों को सजा दी जा सकती है। यद्यपि जब श्रृंखलाबद्ध घटनाएं होती हैं, उससे राज्य का माहौल खराब होता है जिससे उसके लोगों, अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचता है जिसके परिणामस्वरूप लोकतंत्र प्रभावित होता है।’’

लश्कर का पाकिस्तानी आतंकवादी मुठभेड़ में ढेर

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श्रीनगर, सात अगस्त, जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में पाकिस्तान का लश्कर ए तैयबा का एक आतंकवादी मारा गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आंतकवादी की पहचान उमर के तौर पर की गई है। वह कश्मीर के इस्माइल ग्रुप से था ।10 जुलाई को अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हुए आतंकवादी हमले में इसी संगठन का हाथ था। इस हमले में आठ श्रद्धालु मारे गए थे और अनेक घायल हो गए थे। एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने संबूरा गांव में आतंकवादियों के छिपे होने की खुफिया सूचना मिलने पर कल देर रात गांव को घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू किया। इस पर वहां छिपे आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाईं । जिसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी होने लगी। उन्होंने बताया कि इस मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया ।

संपन्न हुई अमरनाथ यात्रा

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श्रीनगर, सात अगस्त, जम्मू कश्मीर में 40 दिन तक चलने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा का आज समापन हो गया और भगवान शिव के जयकारों के बीच इस वर्ष 2.60 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए है। पवित्र गुफा की यात्रा करने वाली तीर्थयात्रियों की बस पर आतंकवादी हमला हुआ और इसमें आठ श्रद्धालु मारे गए इसके बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आई और 2.60 लाख श्रद्धालुओं ने हिम शिवलिंग के दर्शन किए। हालांकि पिछले 14 वर्ष में यह श्रद्धालुओं की दूसरी सबसे कम संख्या है। पिछले वर्ष कश्मीर में अशांति के चलते 2.20 लाख श्रद्धालुओं ने गुफा मंदिर के दर्शन किए थे। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि भगवान शिव का पवित्र दंड छडी मुबारक सुबह गुफा मंदिर पहुंच गई है। पवित्र दंड के संरक्षक दीपेन्द्र गिरि की अगुवाई में साधुओं और श्रद्धालुओं का समूह चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी में रात्रि विश्राम के बाद पहलगाम पहुंचा और इसके बाद 42 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके गुफा मंदिर पहुंचा। मंदिर में पारंपरिक पूजा अर्चना के बाद सांझ से पहले पवित्र दंड की वापसी की यात्रा शुरू हो जाएगीऔर इसे दशनामी अखाड़े के अमरेश्वर मंदिर ले जाया जाएगा। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यह यात्रा 29 जून को शुरू हुई थी।

गुजरात लौटे कांग्रेस विधायक; आणंद के रिसॉर्ट में ले जाये गये

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अहमदाबाद, सात अगस्त, राज्यसभा चुनाव से पहले बेंगलुरू में प्रवास कर रहे गुजरात से कांग्रेस के सभी विधायक आज सुबह वापस लौट आये हैं, सभी को आणंद के एक रिसॉर्ट में ले जाया गया है। पार्टी के नेताओं ने उक्त जानकारी दी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल कल होने वाले राज्यसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी हैं। पटेल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार भी हैं। कांग्रेस के मुख्य सचेतक शैलेश परमार ने आणंद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे सभी विधायक वापस लौट आये हैं और आणंद के एक रिसॉर्ट में रूके हुए हैं।’’ हवाईअड्डे से सभी विधायकों को सीधा निजाणंद नामक रिसॉर्ट में ले जाया गया। परमार ने कहा, ‘‘हमारे सभी विधायकों ने यहां तक कि ‘रक्षाबंधन’ के दिन भी घर नहीं जाने और कांग्रेस पार्टी के वफादार सिपाही बने रहने का फैसला किया है। वे सभी साथ रहेंगे और कल राज्यसभा चुनाव में मतदान करने के लिए आणंद से (गांधीनगर) जाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अहमद पटेल और राज्य कांग्रेस प्रमुख भारतसिंह सोलंकी उनसे मिलने आणंद आएंगे।’’ विधायकों ने रिसॉर्ट में पुलिस सुरक्षा नहीं ली है। गुजरात से तीन राज्यसभा सीटों पर कल मतदान होना है।

उत्तर कोरिया ने ठुकराया दक्षिण कोरिया का वार्ता प्रस्ताव

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सोल, सात अगस्त, कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव के बीच दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया को बातचीत का प्रस्ताव दिया जिसे उत्तर कोरिया ने ठुकरा दिया है। दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी योनहाप ने आज यह जानकारी दी। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने मनीला में एक क्षेत्रीय फोरम से इतर मुलाकात की जहां दोनों के बीच थोड़ी बहस हुई।इस घटना की जानकारी तब मिली जब दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ फोन पर ‘‘शांतिपूर्ण समाधान’’ की अपील की। राष्ट्रपति ब्लू हाउस की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि मून ने ट्रंप से कहा कि 1950-1953 तक चले कोरियाई युद्ध के बाद दक्षिण ‘‘दूसरा युद्ध नहीं होनें दे सकता।’’ योनहाप ने विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से कहा कि दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री कांग क्यूंग-वहा और उत्तर कोरिया के उनके समकक्ष री योंग-हो के बीच रात्रि भोज के दौरान संक्षिप्त मुलाकात हुई। मुलाकात के दौरान कांग ने री से अनुरोध किया कि वह विभाजित प्रायद्वीप में तनाव को कम करने के लिए सोल की सैन्य बातचीत और विभाजित परिवारों को फिर से मिलाने के लिए नए दौर की चर्चा की पेशकश को स्वीकार करें। रिपोर्ट में एक अज्ञात अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि कांग के अनुरोध को री ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वर्तमान स्थिति में उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने के लिए दक्षिण कोरिया ने अमेरिका के साथ गठजोड़ किया हुआ है और ऐसे में इन प्रस्तावों में संजीदगी नहीं है। दोनों कोरियाई देशों के बीच मंत्री स्तर की यह पहली बैठक थी। यह मुलाकात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् द्वारा उत्तर कोरिया पर उसकी पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के सफल परीक्षण को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों के एक दिन बाद हुई है। उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है।

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