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युवती का पीछा करने के मामले में पुलिस को स्वतंत्र कार्रवाई करने दी जाए: अमरिंदर

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नयी दिल्ली 08 अगस्त, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज कहा कि चंडीगढ़ में हरियाणा प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख के बेटे के खिलाफ एक लड़की का पीछा और उसे अगवा करने की कोशिश के आरोपों की जांच कर रही पुलिस को बिना कोई राजनीतिक दबाव के स्वतंत्र रूप काम करने दिया जाना चाहिए । कैप्टन अमरिंदर ने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि पुलिस को इस हाई प्रोफाइल मामले की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच करने दी जानी चाहिए । उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ मामले को कमजोर करने की किसी तरह की कोशिश नहीं की जानी चाहिए । इस मामले में किसी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए और पुलिस को कानून के अनुसार तटस्थ रूप से मामले की जांच करने का पूरा अधिकार होना चाहिए । एक सवाल के जवाब में उन्होंने इस मामले में नैतिक आधार पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के इस्तीफे की मांग को यह कहकर खारिज कर दिया कि इस घटना के लिए उन्हें कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है । देश के किसी भी हिस्से में यदि कोई निजी व्यक्ति या पार्टी नेता और उनके सगी -सम्बन्धी शामिल होते हैं तो उसके लिए श्री सिंह को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है । यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि हरियाणा प्रदेश भाजपा प्रमुख के बेटे को बचाने के लिए चंडीगढ पुलिस पर राजनीतिक दबाव डाला जा रहा है , कैप्टन सिंह ने कहा कि यह गुंडागर्दी का मामला है इस बारे में स्वाभाविक रूप से कुछ सवाल उठेंंगे । उन्होंने कहा कि वीडियो टेप के महत्वपूर्ण भाग को हटाया या नष्ट कर दिया गया है, जिससे जांच में दिक्कत होगी। विशेषकर जब किसी महिला की गरिमा का मामला हो तो किसी को भी पुलिस बल के कामकाज में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने चंडीगढ की सांसद किरण खेर से संसद के बाहर मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि युवती का पीछा करने वाले आरोपियों से कानून के तहत सख्ती से निपटा जाना चाहिए । इस मामले में हरियाणा प्रदेश भाजपा प्रमुख के पुत्र विकास बारला को उसके मित्र आशिष के साथ गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में दोनों आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया क्योंकि उनके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता और मोटर वाहन अधिनियम की जमानती धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी सरकार परेशानी में पड़ गयी है और विपक्षी कांग्रेस एवं अन्य दलों ने इसे लेकर भाजपा पर तीखे हमले किए हैं और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से इस्तीफे की मांग की है1 इस पर श्री खट्टर ने कहा था,“प्रदेश पार्टी प्रमुख का इस घटना से कोई लेना देना नहीं है। आरोपी यदि दोषी साबित होते हैं तो उन्हें सजा दी जाएगी।”


दक्षिण-पश्चिम चीन में भूस्खलन से 23 लाेगों की मौत

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बीजिंग,08 अगस्त, दक्षिण-पश्चिम चीन के सिचुआन प्रांत में आज भूस्खलन की घटना में 23 लोगों की मौत हो गई, प्रांंतीय सरकार ने यह जानकारी दी, प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर बताया कि भारी बारिश के कारण सिचुअान प्रांत के लियांगशाहन में भूस्खलन की घटना में 23 लोगों की मौत हो गयी। इस हादसे के बाद दो लोग अभी भी लापता हैं और मलबे से एक व्यक्ति काे जीवित निकाला गया है। इस हादसे में कुल 71 मकान तबाह हो गए हैं। इस वर्ष जून में इसी प्रांत के अन्य हिस्से में भूस्खलन की घटना में 10 लाेगों की मौत हो गई थी अौर 70 अभी भी लापता हैं। चीन में गर्मियों के मौसम में तूफान आना आम बात है और इसी दौरान बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं होती हैं।

सेबी के शिकंजे से लगातार दूसरे दिन लुढ़का शेयर बाजार

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मुंबई 08 अगस्त, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड(सेबी) द्वारा कई सूचीबद्ध कंपनियों के सीमित कारोबार करने के आदेश के कारण जमकर हुई बिकवाली तथा विदेशी बाजारों से मिले मिश्रित संकेतों से घरेलू शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन गिरावट में बंद हुए, दिग्गज कंपनियों में हुई बिकवाली से बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 259.48 अंक लुढ़ककर 32,014.19 अंक पर और नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 78.85 अंक गिरकर 10,000 के आंकड़े के नीचे 9,978.55 अंक पर बंद हुआ। दिग्गज कंपनियों की तुलना में छोटी और मंझोली कंपनियों में अधिक बिकवाली का दबाव देखा गया। बीएसई का मिडकैप 1.20 प्रतिशत अर्थात 187.12 अंक गिरकर 15,413.15 अंक पर और स्मॉलकैप 1.30 प्रतिशत यानी 209.12 अंक लुढ़ककर 15,900.09 अंक पर रहा। बीएसई का सेंसेक्स 67.38 अंकों की बढ़त के साथ 32,341.05 अंक पर खुला और लिवाली के बल पर 32,354.77 अंक के दिवस के उच्चतम स्तर तक चढ़ा। इसी दौरान इसमें बिकवाली शुरू हो गयी और यह 32,000 के आंकड़े के नीचे 31,915.20 अंक के दिवस के निचले स्तक तक लुढ़का। इसके बाद फिर से इसमें कुछ सुधार आया और यह गत दिवस की तुलना में 0.80 प्रतिशत यानी 259.48 अंक गिरकर 32,014.19 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी का ग्राफ भी सेंसेक्स की तरह ही रहा। यह गत दिवस की तुलना में 10.95 अंक की तेजी में 10,068.35 अंक पर खुला। यह 10,083.80 अंक के दिवस के उच्चतम और 9,947 अंक के निचले स्तर से होता हुआ अंतत: गत दिवस की तुलना में 78.85 अंक यानी 0.78 प्रतिशत लुढ़ककर 9,978.55 अंक पर बंद हुआ। बीएसई में कुल मिलाकर 2707 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ जिनमें से 1984 गिरावट में और 600 तेजी में रहे जबकि 123 में कोई बदलाव नहीं हुआ।

चुनाव आयोग से गुजरात में दो विधायकों के मतपत्र रद्द करने की कांग्रेस की मांग

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नयी दिल्ली,08 अगस्त, गुजरात में राज्यसभा चुनाव के हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच कांग्रेस ने चुनाव आयोग से दो बार मुलाकात अपने दो विधायकों के मतपत्र रद्द करने की मांग की, आयोग से मुलाकात के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी ने आयोग से दोनों विधायकों के मत रद्द करने की मांग की है । उन्होंने कहा कि इन विधायकों द्वारा अपना मतपत्र पार्टी के अधिकृत एजेंट के अलावा दो या तीन लोगों को दिखाने के वीडियोग्राफी सबूत मौजूद हैं । इसलिए इन विधायकों के मतपत्र अनिवार्य रूप से रद्द किये जाने चाहिए । श्री चिदंबरम ने बताया कि ऐसी परंपरा है कि अधिकृत व्यक्ति के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को मतपत्र दिखाने पर उसे रद्द कर दिया जाता है । इस संदर्भ में उन्होंने हरियाणा में जून 2016 में हुए राज्यसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय कांग्रेस के विधायक के वोट इसी आधार पर रद्द किये गये थे जबकि 2000 में राजस्थान में एक निर्दलीय का वोट रद्द किया गया था । उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अपनी ही परंपरा के खिलाफ नहीं जा सकता । आयोग को संविधान ,कानून और अपने परिपत्र अनुरूप निर्णय लेना चाहिए । उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में चुनाव आयोग ही सर्वोच्च संवैधानिक संस्था है और चुनाव अधिकारी की नियुक्ति आयोग ने की है । गुजरात के चुनाव अधिकारी आयोग के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं । प्रतिनिधिमंडल में श्री चिंदबरम के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ,आनंद शर्मा ,पार्टी के गुजरात प्रभारी अशोक गहलोत ,रणदीप सिंह सुरजेवाला ,आर पी एन सिंह और आरपीएन सिंह शामिल थे । इससे पहले भी ने कांग्रेस नेता सुरजेवाला और आर पीएन सिंह ने आयोग से मुलाकात करके विधायक भोलाभाई गोहिल और राघवजी पटेल का मतदान रद्द करने की मांग की थी जिन्होंने अपना वोट पार्टी के एजेंट के अलावा अन्य लोगों को दिखाया ।

कांग्रेस की अपील पर ध्यान नहीं दे आयोग : भाजपा

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नयी दिल्ली 08 अगस्त, भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग से गुजरात में राज्यसभा चुनावों में दो विधायकों के वोट रद्द करने की कांग्रेस की मांग पर ध्यान नहीं देने का अनुरोध किया है, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। मुलाकात के बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद हैं और ये कांग्रेस की हार की हताशा के परिणाम हैं। मतदान सुबह से हो रहा है लेकिन कांग्रेस ने सुबह से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। उन्होंने कहा कि मतपत्र पेटी में बंद होने के बाद कांग्रेस बौखला गयी है। इससे पहले पीठासीन अधिकारी ने कुल डाले गए मतों की घोषणा की जिससे कांग्रेस को हार का अहसास हो गया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव आयोग से अपील की कि कांग्रेस की मांग पर ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि मतदान प्रक्रिया के दौरान कांग्रेस की ओर कोई आपत्ति नहीं की गयी और चुनाव अधिकारी तथा दोनों पर्यवेक्षकों ने कोई रिपोर्ट नहीं दी है। इसलिए आयोग को कांग्रेस की अपील पर ध्यान नहीं देते हुए मतगणना करानी चाहिए। श्री प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस को अगर अब कोई आपत्ति है ताे उसे अदालत में जाना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में शामिल केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि मतदान के समय अगर शिकायत की जाती तो चुनाव अधिकारी संबंधित मतपत्र को रद्द कर सकता है या अलग रख सकता है। जब मत पत्र मतपेटी में बंद कर दिया जाता है तो उसके बाद शिकायत का कोई मतलब नहीं है और चुनाव अधिकारी का निर्णय अंतिम होता है। श्री गोयल ने कहा कि राज्यसभा चुनावों में गोपनीयता का कोई मतलब नहीं रह गया है। मौजूदा नियमों के अनुसार सदस्य अपना मतपत्र अपनी पार्टी के एजेंट को दिखाने के बाद मत पेटी में डालता है। अगर एजेंट चाहे तो बाहर जाकर सौ लोगों को बता देता है। इसलिए गुप्त मतदान का कोई मतलब नहीं है। प्रतिनिधिमंडल में इनके अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री निर्मला सीमारमण, पी पी चौधरी एवं मुख्तार अब्बास नकवी भी शामिल है। इससे पहले कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर अपने दो विधायकों के वोट रद्द करने की मांग की।

जम्मू कश्मीर में बाढ राहत में हुअा बड़ा घोटाला : सी ऐ जी

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नयी दिल्ली,08 अगस्त, नियंत्रक एंव महालेखा परीक्षक (कैग) ने जम्मू-कश्मीर में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए आवंटित कोष के इस्तेमाल में बड़ी अनियमतताएं होने का खुलासा किया है, वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक राज्य आपदा प्रबंधन प्रतिक्रिया निधि (एसडीआरएफ) से खर्च हुए 1,369.16 करोड़ की राशि की लेखा जांच का हवाला देते हुए कैग ने कहा है कि आपदा प्रभाव कम करने के उद्देश्य से किए जाने वाले व्यय में से 25 प्रतिशत (342.43करोड़) को 'अयोग्य'कार्यों में लगाया गया, अधिक भुगतान करने और ऊंचे दाम पर सरकारी खरीद पर भी इसे खर्च किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत-संकटजनक स्थितियों और पिछले कुछ समय में कई आपदाओं की घटनाओं के बावजूद राज्य सरकार द्वारा आपदाओं के प्रभाव को कम करने और उसके लिए तैयार रहने के लिए उठाए गए कदम उम्मीद के अनुरूप नहीं रहे। सांस्थानिक व्यवस्थाओं, नीतियों और योजना निरूपन में कमियां रहीं साथ ही आपदा-पूर्व उपायों के क्रियान्वन में भी खामियां पाई गईं। कैग ने इस संबंध में राज्य में 2014 की बाढ़ के बाद हुई अव्यवस्थाओं का उदाहरण देते हुए अपनी रिपोर्ट ने कहा है कि राज्य को विशेष योजना सहायता (एसपीए) के तहत क्षतिग्रस्त अवसंचरना के पुन:निर्माण के लिए अक्टूबर 2014 में एक हजार करोड़ रूपये मुहैया कराये गये थे। इसमें से 4.66 करोड़ एसपीए की शर्तों का उल्लंघन करते हुए खर्च किए गए और 37.58 करोड़ रुपये उन कार्यों पर खर्च किए गए जो क्षतिग्रस्त अवसंचरना के पुन:निर्माण से संबंधित नहीं थे।

‘भारत छोड़ो’ के सिद्धांतों पर चुनौतियों को परास्त करेगी कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 08 अगस्त, कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्य समिति ने भारत छोड़ो आंदोलन के समय की कांग्रेस के सिद्धांतों का स्मरण करते हुए आज कहा कि वर्तमान परिवेश में देश में भय तथा हिंसा का वातावरण पैदा किया जा रहा है और पार्टी अपने परंपरागत मूल्यों का पालन करते हुए उसे परास्त करेगी। बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि कार्य समिति में देश के वर्तमान हालात पर चिंता व्यक्त की गयी और भारत छोड़ो आंदोलन के समय की कांग्रेस के सिद्धांतों के अनुरूप ही वर्तमान चुनौतियों से लड़ने का प्रस्ताव पारित किया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हिंसा के सामने कभी हार नहीं मानी और न ही सिर झुकाया है। इसलिये हमेशा अपने सिद्धांतों का पालन करते हुए इन स्थितियों को मुकाबला करेगी और अपने सिद्धांत पर अडिग रहेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए आठ अगस्त को विशेष दिन करार दिया और कहा कि आज के ही दिन 75 साल पहले महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो का आह्वान किया था। स्वतंत्रता सेनानियों ने ‘करो या मरो’ के सिद्धांत को अपनाया था और उसी के बाद उस समय की कांग्रेस कार्य समिति के सभी सदस्यों को जेल भेज दिया गया था। इनमें से कई सदस्यों के साथ ही कांग्रेस के असंख्य कार्यकर्ता तीन साल तक दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति तक जेलों में ही रहे।

दो वोटों को रद्द करने पर अडी कांग्रेस, नहीं शुरू हो पायी मतगणना

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गांधीनगर, 08 अगस्त, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में आज विपक्षी विधायकाें के कम से कम नौ क्रॉस वोटिग के बीच तीन सीटों पर हुए राज्यसभा चुनाव के बाद इनमें से 2 वोटों को तकनीकी आधार पर रद्द करने की कांग्रेस की मांग को लेकर देर रात तक मतगणना शुरू नहीं हो पायी, हालांकि आयोग के सूत्रों का कहना है कि चुनाव आयोग इस प्रकरण पर बैठक कर रहा है और आज रात ही इस मामले में अपना निर्णय सुना देगा जिसके बाद अगर अदालती पेंच नहीं फंसा तो मतगणना भी हो जाएगी। भाजपा और कांग्रेस दोनो के लिए प्रतिष्ठा का प्रशन बने इस चुनाव में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल समेत चार उम्मीदवार हैं। उधर कांग्रेस और भाजपा ने इस मामले में जबरदस्त आरोप प्रत्यारोप के बीच तीन तीन बार चुनाव आयोग के पास अपने पक्ष और संबंधित दस्तावेज रखे। रात दस बजे तक आयोग कोई फैसला नहीं ले सका था। निर्धारित समय चार बजे से करीब दो घंटे पहले ही सभी 176 विधायकों के वोट डालने के कारण मतदान समय पूर्व संपन्न हो गया था। शाम पांच बजे से मतगणना होने वाली थी जो रात दस बजे तक शुरू नहीं हुई। कांग्रेस ने भाजपा के लिए क्रॉस वोटिंग करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला गुट के दो कांग्रेस विधायकों राघव पटेल तथा भोला गोहिल के कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन कर भाजपा प्रत्याशी अमित शाह समेत पार्टी के तीनों उम्मीदवारों को बैलेट दिखाने को लेकर अापत्ति की है तथा उनके मत को रद्द करने की चुनाव आयोग से मांग की है। लेकर शाम पांच बजे ही शुरू होने वाली मतगणना अब तक शुरू नहीं हो सकी है। इस मामले के अदालत में भी पहुंचने की संभावना है। तीसरी बार चुनाव अायोग से मुलाकात के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने फिर कहा कि दोनो मत रद्द होने ही चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा गुजरात के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने आयोग तथा पूर्व में दो बार सेवा विस्तार पा चुके रिटर्निंग ऑफिसर और विधानसभा के सचिव डी एम पटेल की भूमिका पर ही संदेह व्यक्त करते हुए कहा है कि कही आयोग भाजपा के साथ मिली भगत कर कांग्रेस को हराने के लिए वोटों की हेराफेरी में तो शामिल नहीं। उधर नयी दिल्ली में पार्टी के एक और प्रतिनिधिमंडल के साथ आयोग से मिलने वाले पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि अायोग को 11 जून 2016 को हरियाणा में ऐसे ही मामले की तर्ज पर दोनो मतों को रद्द करना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि आयोग के पास ही इस मामले में निर्णय लेने का अंतिम अधिकार है। रिटर्निंग ऑफिसर के पास नहीं। इससे पहले श्री मोढवाडिया ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के स्पष्टीकरण तथा जदयू के इकलौते विधायक के काग्रेस के पक्ष में मतदान की स्पष्टता के बाद भी भाजपा इनके वोटों पर दावा कर रही है जिससे यह संशय पैदा होता है कि कही आयोग के साथ मिल कर सत्तारूढ दल ने वोटों की हेराफेरी तो नहीं कर ली है। दिल्ली में भाजपा आयोग में वरिष्ठ मंत्रियों का जमावडा लगा कर उस पर दबाव बना रही है। उधर इस मामले को लेकर गेंद अब चुनाव आयोग के पाले में है। वित्त मंत्री अरूण जेटली की अगुवाई में भाजपा के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भी अपना पक्ष नयी दिल्ली में आयोग के समक्ष रखा। भाजपा ने भी कांग्रेस की तर्ज पर तीन तीन बार आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखा। इसके बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हार के डर से कांग्रेस इस मुद्दे को उठा रही है। उन्होंने मतदान समाप्त होने तक इस मुद्दे को नहीं उठाने पर सवाल खडे किये। उन्होंने कहा कि एक बार मतदान बैलेट बॉक्स में जाने के केवल अदालत के ही निर्देश पर ही कुछ किया जा सकता है। उन्होंने कांग्रेस की ओर से रिटर्निंग ऑफिसर और केंद्रीय पर्यवेक्षकों पर सवाल खडे करने पर एतराज जताया और कहा कि उसके सारे आरोप बेबुनियाद हैं। घटना की वीडियो फुटेज से भी यह स्पष्ट है।


अनौपचारिक क्षेत्र को औपचारिक बनायेगा जीएसटी: गोयल

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नयी दिल्ली 08 अगस्त, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने का उद्देश्य अनौपचारिक क्षेत्र को औपचारिक बनाना है। श्री गोयल ने यहां फिक्की की महिला इकाई एफएलओ को संबोधित करते हुये कहा कि जीएसटी फ्रेमवर्क में शुरू से लेकर अंत तक एक एक लेनदेन का हिसाब रखने, उत्पादन स्थल से अंतिम विक्रय केन्द्र तक का रिकार्ड रखने और पादर्शिता लाने के साथ ही भ्रष्टाचार मुक्त कारोबारी माहौल का निर्माण करने पर आधारित है। उन्होंने अनौपचारिक क्षेत्र को औपचारिक बनने से होने वाले लाभों को गिनाते हुये कहा कि जीएसटी से न:न सिर्फ करदाता आधार बढ़ेगा बल्कि इससे कर दरों में भी कमी आयेगी। कर राजस्व में बढोतरी होने से गरीब, वृद्ध, बच्चे और महिलाओं के साथ ही समाज के निचले तबके के लोगों के कल्याण पर व्यय करने के लिए अधिक धनराशि भी मिलेगी। इसके अतिरिक्त सरकार को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण करने के लिए भी राजस्व मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी से भेदभाव मुक्त एक समान तंत्र बनेगा क्योंकि यह प्रौद्योगिकी आधारित है। पहले कई तरह के कर लगाये जा रहे थे लेकिन अब सिर्फ जीएसटी लग रहा है।

महोबा का सुप्रसिद्ध कजली मेला आज से आरंभ

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महोबा 08अगस्त, बुंदेलखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व गौरवशाली वीरोचित परंपरा का संवाहक 835 वर्ष प्राचीन वीरभूमि महोबा का सुप्रसिद्ध कजली मेला (भुजरियों का मेला) आज से आरंभ हो गया है। इसके साथ ही रक्षाबंधन का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। इस मौके पर यहां भव्य शोभायात्रा निकाली गई जिसमें सुदूर क्षेत्रों से आकर सम्मिलित करीब तीन लाख के अपार जनसमूह ने यहां ऐतिहासिक कीरत सागर सरोवर में सामूहिक कजली विसर्जन की पुरातन परम्परा का निर्वहन किया। उत्तर भारत के सबसे प्राचीन और विशाल मेले के रूप में विख्यात महोबा के कजली मेले की परम्परागत शुरुआत यहां 1857 में प्रथम स्वाधीनता संग्राम के अमर शहीदों के बलिदान के साक्षी हवेली दरवाजा मैदान से हुई। जिलाधिकारी अजय कुमार और पुलिस अधीक्षक अनीस अहमद अंसारी ने इस मौके पर कजली की शोभायात्रा को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। बैंड बाजो और प्राचीन वाद्य यंत्रों की मधुर स्वर लहरियों के बीच हाथी, घोड़े, ऊंट और कजली के पर्णपात्रो को सिर पर धारण किये सैकड़ो की संख्या में महिलाओं समेत ऐतिहासिक तथा धार्मिक परिवेश की अनगिनत झांकियो के साथ शोभा यात्रा देखने के लिये सड़क के दोनों ओर उमड़ी भारी भीड़ ने पुष्पवर्षा कर इसका करतल ध्वनि से स्वागत किया। इस बार मेले की 836 वीं वर्षगांठ पर कजली की शोभायात्रा में हाथी में सवार आल्हा, अश्वारूढ़ ऊदल,राजकुमारी चंद्रावल का डोला आदि की झांकियां लोगो के प्रमुख आकर्षण का केंद्र रही। मेले में अपार भीड़ के कारण शोभायात्रा को लगभग दो किलो मीटर के अपने निर्धारित मार्ग को पूरा करने में पांच घंटे से भी अधिक का समय लगा।



कीरत सागर तट सामूहिक कजली विसर्जन कार्यक्रम सम्पन्न होने के साथ ही यहां स्थित आल्हा परिषद ऐतिहासिक मंच में एक सप्ताह तक अनवरत रूप से चलने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी शुरुआत की गई। विशुद्ध ग्रामीण परिवेश में बुंदेली लोक कला संस्कृति का दिग्दर्शन कराने वाला कजली मेला महोबा के चंदेल साम्राज्य द्वारा 12वीं शताब्दी में हए भुजरियों के युद्ध मे मिली विजय के उत्सव की स्मृति में आयोजित किया जाता है। दिल्ली नरेश पृथ्वी राज चौहान ने तब यहाँ आक्रमण कर चंदेल शासक परमाल से अपनी बेटी चंद्रावल,लोहे को छुआने पर सोना बना देने वाली पारस पथरी आदि सौंपकर अधीनता स्वीकारने अथवा युद्ध करने का प्रस्ताव भेजा था। सन 1182 में सावन माह की पूर्णिमा के दिन एकाएक अपनी मातृभूमि की आन-बान और शान पर आए इस संकट का सामना करते हुए वीर सेनानायकों आल्हा ओर ऊदल ने अप्रतिम युद्ध कौशल का प्रदर्शन कर चौहान सेना को बुरी तरह परास्त कर विजय प्राप्त की थी। पूर्णिमा का दिन तब युद्ध मे गुजरने के कारण महोबा में राखी का त्योहार नही मनाया जा सका था और कजली भी विसर्जित नही हो सकी थी। इसलिये इसके साथ ही महोबा समेत आसपास के क्षेत्रों में रक्षाबंधन का पर्व भी आज हर्ष और उल्लास से मनाया गया। कजली मेला आयोजक महोबा संरक्षण एवं विकास समिति के कार्यकारी अध्यक्ष अपर जिलाधिकारी आनंद कुमार ने बताया कि कीरत सागर तट पर अाठ अगस्त से शुरु होकर 12 अगस्त तक चलने वाले मेले को आकर्षक स्वरूप प्रदान करने के लिए विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओ ओर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा अबकी दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय मेला व प्रदर्शनी भी आयोजित की गई है। मेले के मुक्ताकाशी मंच पर दिन में जिले के कृषि,उद्यान,समाज कल्याण आदि विभागों द्वारा गोष्ठियों में लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। जबकि संध्या कालीन कार्यक्रमो में यहां हर रोज विभिन्न विधाओं के प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमो से मेलार्थियों का मनोरंजन करेंगे।

चुनाव आयोग ने रद्द किए दो वोट, वोटों की गिनती शुरू

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गांधीनगर, 08 अगस्त, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में आज विपक्षी विधायकाें के कम से कम नौ क्रॉस वोटिग के बीच तीन सीटों पर हुए राज्यसभा चुनाव के बाद इनमें से 2 वोटों को तकनीकी आधार पर रद्द करने की  कांग्रेस की मांग को देर रात चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया जिसके बाद मतगणना की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।  आयोग ने देर रात जारी बयान में कहा है कि इसने वोटिंग संबंधी शिकायत का वीडियो देखा है तथा इससे स्पष्ट है कि दोनो ने वोटिंग के नियमों का उल्लंघन किया है इसलिए इनके मत रद्द होने चाहिए। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी ने कहा कि आयोग ने लोकतंत्र में लोगों के विश्वास को बहाल किया है। कांग्रेस प्रत्याशी अहमद पटेल सबसे अधिक मतों से जीतेंगे। भाजपा और कांग्रेस दोनो के लिए प्रतिष्ठा का प्रशन बने इस चुनाव में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल समेत चार उम्मीदवार हैं। उधर कांग्रेस और भाजपा ने इस मामले में जबरदस्त आरोप प्रत्यारोप के बीच तीन तीन बार चुनाव आयोग के पास अपने पक्ष और संबंधित दस्तावेज रखे। निर्धारित समय चार बजे से करीब दो घंटे पहले ही सभी 176 विधायकों के वोट डालने के कारण मतदान समय पूर्व संपन्न हो गया था। शाम पांच बजे से मतगणना होने वाली थी जो रात साढे ग्यारह बजे तक शुरू नहीं हुई थी। कांग्रेस ने भाजपा के लिए क्रॉस वोटिंग करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला गुट के दो कांग्रेस विधायकों राघव पटेल तथा भोला गोहिल के कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन कर भाजपा प्रत्याशी अमित शाह समेत पार्टी के तीनों उम्मीदवारों को बैलेट दिखाने को लेकर अापत्ति की थी तथा उनके मत को रद्द करने की चुनाव आयोग से मांग की थी। इसको लेकर शाम पांच बजे ही शुरू होने वाली मतगणना रात साढे ग्यारह बजे तक शुरू नहीं हो सकी थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा गुजरात के उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल ने कहा कि वीडियो में स्पष्ट है कि कांग्रेस के चुनाव एजेंट शक्तिसिंह गोहिल ने राघवजी पटेल से धक्कामुक्की की तथा हार की आशंका के चलते पहले से सुनियोजित साजिश के तहत ऐसा बर्ताव किया। कांग्रेस ने आयोग पर दबाव बनाया जिससे उसने सही निर्णय नहीं दिया। घटना की सीडी को देश को सार्वजनिक करना चाहिए तथा अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। जनता को पता लगेगा कि आयोग जैसी बडी संस्था भी गलती कर सकती है। हालांकि उन्होंने दावा किया कि मत रद्द होने पर भी भाजपा के तीनो उम्मीदवार जीतेंगे। 

आयोग के आदेश के बावजूद शुरू नहीं हुई मतगणना

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गांधीनगर, 08 अगस्त, कांग्रेस ने दावा किया है कि चुनाव आयोग की ओर से इसके दो बागी विधायकों के मत रद्द किये जाने की मांग स्वीकार करने के बाद गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों पर आज हुए चुनाव की मतगणना शुरू करने के इसके आदेश पर रिटर्निंग ऑफिसर डी एम पटेल ने भाजपा के दबाव में अमल नहीं किया है। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने यहां पत्रकारों से कहा कि आयोग के आदेश के बाद भी मतगणना शुरू नहीं हुई है। रिटर्निंग आफिसर भाजपा के दबाव में हैं। उन्होंने दावा किया कि आयोग ने भाजपा की कुछ शिकायतों का पहले ही निपटारा कर दिया है। मतगणना जल्द से जल्द शुरू होनी चाहिए। श्री मोढवाडिया ने कांग्रेस के इकलौते उम्मीदवार अहमद पटेल की आसान जीत का दावा किया है। नियत समय के अनुसार पांच बजे शाम को ही मतगणना शुरू होनी थी पर कांग्रेस की अर्जी के चलते आयोग ने रात साढे ग्यारह बजे अपना फैसला सुनाया और वोटों की गिनती शुरू करने के भी निर्देश दिये। 

अहमद पटेल ने आयोग के आदेश का किया स्वागत

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नयी दिल्ली, 08 अगस्त, कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने गुजरात में तीन सीटों पर हुए राज्यसभा चुनाव के बाद इनमें से दो वोटों को तकनीकी आधार पर रद्द करने की कांग्रेस की मांग को स्वीकार करने और उसके दो बागियों के वोट रद्द करने के चुनाव आयोग के आदेश का स्वागत किया है। श्री पटेल ने चुनाव अायोग के आदेश के बाद कहा,“ मैं आयोग के फैसले की सराहना करता हूं। हमें जीत का पूरा विश्वास है।” उन्होंने कहा कि आयोग के इस फैसले से गुजरात में कांग्रेस की नैतिक जीत हुई है। इससे पहले चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में आज विपक्षी विधायकाें के कम से कम नौ क्रॉस वोटिग के बीच तीन सीटों पर हुए राज्यसभा चुनाव के बाद इनमें से 2 वोटों को तकनीकी आधार पर रद्द करने की कांग्रेस की मांग को आखिरकार स्वीकार कर लिया। आयोग ने वाघेला गुट के दो विधायको राघवजी पटेल और भोला गोहिल के मतों को रद्द कर दिया। यह चुनाव भाजपा की श्रीमती स्मृति ईरानी (केंद्रीय मंत्री) तथा दिलीप पंडया और कांग्रेस के अहमद पटेल (श्रीमती सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव) के कार्यकाल पूरा होने (18 अगस्त तक) के नजदीक पहुंचने के कारण हुए हैं। भाजपा ने अपने अध्यक्ष अमित शाह तथा श्रीमती ईरानी और कांग्रेस छोड कर भाजपा में आये बलवंतसिंह राजपूत के रूप में तीन उम्मीदवार उतारे हैं जबकि कांग्रेस के एकमात्र उम्मीदवार के तौर पर श्रीमती सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल मैदान में हैं। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 08 अगस्त

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मुख्यमंत्री श्री चैहान का रोड शो और विशाल जनसभा आज झाबुआ , थांदला और पेटलावद में

झाबुआ । प्रदेश के विभिन्न जिलो में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव के मद्देनजर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान का प्रदेश में लगातार प्रवास जारी है। इसी क्रम में 9 अगस्त को मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान झाबुआ जिले के दो दिवसीय प्रवास के दौरान 9 अगस्त को झाबुआ -  थांदला - पेटलावद में रहेंगे। यह जानकारी देते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष श्री दौलत भावसार ने बताया मुख्यमंत्री श्री चैहान झाबुआ में प्रातः 8 बजे रोड़ शो पश्चात जन सभा करेंगे। झाबुआ में जनसम्पर्क पश्चात थांदला 11 बजे पहुंचेंगे।यहाँ रोड शो और सभा पश्चात प्रस्थान कर दोपहर 1.30 बजे पेटलावद पहुँचेंगे , यहाँ वे रोड़ शो के माध्यम से सघन जनसम्पर्क कर विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे।


महिला मोर्चा ने घर - घर पहुँच पीले चावल देकर भाजपा हेतु की मतदान की अपील

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झाबुआ । आगामी 11 अगस्त को नगरीय निकाय चुनावो के तहत भाजपा को भारी बहुमत से जीत दिलाने हेतु भाजपा महिला मोर्चा द्वारा नगरीय निकाय चुनाव क्षेत्रो में घर - घर जाकर पीले चावल देते हुए भाजपा प्रत्याशियों के लिए मतदान की अपील की जा रही है।उक्त जानकारी देते हुए जिला भाजपा मीडिया प्रभारी श्री अंबरीष भावसार ने बताया मंगलवार को झाबुआ के वार्ड क्रमांक 8 में भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष श्रीमती आरती भानपुरिया के नेतृत्व में वार्ड पार्षद भाजपा प्रत्याशी श्रीमती प्रीति जीतेन्द्र पांचाल के साथ बड़ी संख्या में मोर्चा कार्यकर्ताओं ने सघन जनसम्पर्क करते हुए वार्ड मतदाताओ के घर पहुँचकर पीले चावल भेंटकर 11 तारीख को भाजपा प्रत्याशी को भारी बहुमत से जीताने हेतु मतदान करने की अपील की।जनसम्पर्क के दौरान श्रीमती दक्षा देवाना नीमच से महिला मोर्चा की छाया,  अर्चना शर्मा ,साक्षी गुप्ता , उषा वसुनिया , निर्मला खपेड , श्रुति व अन्य महिला मोर्चा कार्यकर्ता उपस्थित थी।

प्रदेश के मुख्यमंत्री का दौरा महज औपचारिक
  • जिले की जनता सब कुछ जानती है -ः जिपं अध्यक्ष सुश्री भूरिया

झाबुआ। जिला पंचायत अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री सुश्री कलावती भूरिया ने आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेष के मुख्यमंत्री का दौरा महज औपचारिक है। वे चुनाव के दौरान दौरा कर जिले की जनता को पार्टी के पक्ष में लुभाने का प्रयास कर रहे है, लेकिन मुख्यमंत्री की यह कोषिष सार्थक साबित नहीं होगी। जिपं अध्यक्ष सुश्री भूरिया ने प्रदेष के मुख्यमंत्री को घोषणावीर मुख्यमंत्री की संज्ञा देते हुए आगे कहा कि वे जब भी चुनाव के दौरान आते है, तो अनेक घोषणाएं करके चले जाते है, लेकिन उस पर कोई अमल नहीं होता है। उन्होंने नगरपालिका परिषद् के पिछले चुनाव के दौरान भी कई घोषणाएं की थी, जिन पर अब तक पूरी तरह से अमल नहीं हो पाया है। आखिर वे चुनाव के दौरान ही क्यो आते है। वे घोषणाओं के माध्यम से क्षेत्र की जनता को रिझाने का प्रयास करते है एवं सरकार के पक्ष में माहौल बनाने की कोषिष करते है, लेकिन अब उनके यह प्रयास सफल नहीं होगे, क्योकि क्षेत्र की जनता सरकार एवं पूर्व  नगरपालिका परिषद् की कथनी और करनी में अंतर अच्छी तरह से समझ चुकी है और इसका वह इसका जवाब जरूर देगी।

थांदला - राणापुर के नौ कार्यकर्ता - पदाधिकारी भाजपा से निष्काषित

झाबुआ । जिले की थांदला और राणापुर नगर पंचायत क्षेत्र के नगर पंचायत चुनाव में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों के विरुद्ध संगठन से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों व उनके समर्थको सहित 9 लोगो को 6 वर्षो के लिए प्राथमिक सदस्यता से निलम्बित किया गया है। यह जानकारी देते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष दौलत भावसार ने बताया पार्टी विरूद्ध कार्य करने और बार - बार समझाईश दिए जाने के बावजूद भी लगातार अनुशासनहीनता किए जाने के कारण निम्नांकित पदाधिकारी और कार्यकर्ताओ को संभागीय और प्रदेश संगठन के निर्देश पर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्षो के लिए निलम्बित किया गया। निलम्बित किए गए लोगो में राणापुर के वार्ड 10 से श्री राकेश जोशी व श्री शशिकांत जोशी तथा थांदला नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड 1 से श्रीमती लिजु दिनेश कटारा , नगर मंत्री श्री दिनेश कटारा वार्ड 2 से नगर उपाध्यक्ष श्री मणीराम ब्रजवासी , कार्यकारिणी सदस्यों में शामिल वार्ड 3 से श्री संदीप उपाध्याय वार्ड 4 से श्री किशोर आचार्य वार्ड 5 से श्री राजू धानक सहित वार्ड 7 से ग्रामीण मण्डल मंत्री श्री गोपाल वैरागी शामिल है।

सांसद कांतिलाल भूरिया ने कांग्रेस प्रत्‍याशियों के समर्थन में घर-घर जाकर किया जनसंपर्क

झाबुआ । नगर पालिका निर्वाचन तिथि के नजदीक आते ही हर वार्ड में कांग्रेस प्रत्‍या‍शी का जनसंपर्क ओर तेज हो गया है। मतदाताओं द्वारा उनसे अपेक्षा की जा रही हे कि वे चुनाव में जीत कर आए और एक अच्‍छी साफ सुतरी छबी वाली परिषद का निर्माण करें। आज सांसद कांतिलाल भूरिया ने अपना अमूल्‍य समय निकाल कर झाबुआ नगर के विभिन्‍न वार्डों में मोटर साइकिल एवं पैदल चल कर नगर के विभिन्‍न वार्डों में नगर के गणमान्‍य मतदाताओ से जनसंपर्क कर उन्‍हें अपनी ओर से कांग्रेस प्रत्‍याशियों को भारी बहुमत से जीताने की अपील की। सर्वप्रथम सांसद भूरिया बार एसोसिएशन में जाकर बार एसोसिएशन के समस्‍त सदस्‍यों से व्‍यक्तिगत मुलाकात की तथा उन्‍हें कांग्रेस की परिषद बनना नगर के विकास के लिए क्‍यों जरूरी है इस बारे में विस्‍तृत रूप से बताते हुए कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील की। वहां पर श्री भूरिया का बार एसोसिएशन के सदस्‍यों द्वारा हार-फूल पहना कर उनका आत्‍मीय स्‍वागत किया गया। बार एसोसिएशन के अध्‍यक्ष रमेश डोशी ने अपने स्‍वागत भाषण में कहा कि जब-जब हम भूरिया जी के पास एसोसिएशन से संबधित कोई समस्‍या लेकर गए तो भूरिया जी ने प्राथमिकता के आधार पर हमारी समस्‍याओं के निराकरण किया। आज जो भूरिया जी ने बात कही है उसे हम पूरी प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने हेतु सहयोग प्रदान करेंगे । इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्‍यक्ष एवं बार एसोसिएशन के सदस्‍य निर्मल मेहता ने भी समस्‍त सदस्‍यों के सामने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन मुकेश बैरागी ने किया एव आभार एडव्‍होकेट वीरेन्‍द्र मोदी ने माना। ततपश्‍चात श्री भूरिया ने नगर के विभिन्‍न वार्डो में जाकर मतदाताओं से संपर्क किया एवं नगर के विकास के लिए तथा स्‍वच्‍छ एवं पारदर्शी परिषद बनाने के लिए कांग्रेस को पार्टी को वोट देने की अपील की। सभी जगह गणमान्‍य नागरिकों ने उन्‍हें आश्‍वस्‍त किया कि इस बार झाबुआ नगर में परिवर्तन की लहर चल रही है तथा यहां के मतदाता भी भाजपा की कथनी एवं करनी के अंतर को समझ गए है। झाबुआ नगर भी आज कई समस्‍याओं से जुझ रहा है। आने वाले चुनाव में कांग्रेस पार्टी की परिषद बनना तय है। ततपश्‍चात भूरिया जी वार्ड क्रमांक 4 में कांग्रेस प्रत्‍याशी साबीर फिटवेल एवं अध्‍यक्ष पद उम्‍मीदवार मनुबेन डोडियार के समर्थन में ढोल-ढमाकों के साथ जनसंपर्क किया। वहां के मतदाताओं ने भूरिया जी को वार्ड की समस्‍याओं से अवगत कराया। श्री भूरिया ने कांग्रेस की परिषद के बनने पर प्राथमिकता के आधार पर निराकरण करने का आश्‍वासन दिया। इस अवसर पर मध्‍यप्रदेश कांग्रेस कमेटी से नगर पालिका चुनाव हेतु भेजे गए पर्यवेक्षक अरविंद जोशी, वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता रमेश डोषी, मनोहर भंडारी, वीरेन्‍द्र मोदी, जितेन्‍द्र प्रसाद अग्निहोत्री, प्रवक्‍ता हर्ष भट्ट, कांग्रेस प्रत्‍याशी रिंकु रूनवाल, विशाल राठौर, राजेश भट्ट, गोपाल शर्मा, विजय पांडे, राजेन्‍द्र अग्निहोत्री, प्रशांत बामनिया, मनीष व्‍यास, दिलीप राठौर सहित अनेक कांग्रेस पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।


वार्ड क्रमांक 15 में कांग्रेस अध्‍यक्ष पद उम्‍मीदवार मनुबेन डोडियार एवं पार्षद प्रत्‍याशी ने घर-घर जाकर किया जनसंपर्क

झाबुआ  । नगर पालिका निर्वाचन हेतु कांग्रेस अध्‍यक्ष पद की उम्‍मीदवार  मनुबेन डोडियार ने वार्ड नंबर 15 की कांग्रेस प्रत्‍याशी दिव्‍या मकवाना के साथ आज ढोल-ढमाकों के साथ घर-घर जाकर मतदाताओं का आर्शीवाद लिया। पूरे वार्ड में कांग्रेस पार्टी को जनसमर्थन प्राप्‍त होगा तथा वार्ड प्रत्‍याशी एवं अध्‍यक्ष पद की उम्‍मीदवार को अपना अमूल्‍य वोट देने का आश्‍वासन दिया है। श्री मनुबेन डोडियार ने मतदाताओं को आश्‍वस्‍त किया है कि कांग्रेस की परिषद बननें पर वे वार्ड में प्राथमिकता के आधार पर समस्‍याओं के निराकरण करने के लिए निरंतर प्रयास करेगी तथा किसी भी प्रकार की वार्ड के प्रत्‍याशियों को परेशानी होगी तो न्‍यायोचित तरीके से हर संभव प्रयास करेगी। इस अवसर पर पूर्व विधायक जेवियर मेडा, लोकसभा युथ कांग्रेस अध्‍यक्ष आशीष भूरिया, बंटु अग्निहोत्री, गौरव सक्‍सेना, मानसिंह मेडा, गोपाल शर्मा, शीला भूरिया, शीला मकवाना, वरूण मकवाना, अरूण मकवाना, जितेन्‍द्र प्रसाद अग्निहोत्री, अविनाश डोंडियार, रोशनी डोडियार, हर्ष मेहता सहित बडी संख्‍या में कांग्रेस पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।

मोटरसाइकिल चोर गिरोह का पर्दाफाश
   
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झाबुआ । सोमवार 07 अगस्त को चैकी प्रभारी बामनिया उनि सुश्री पल्लवी भाभर को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि ग्राम भूरीघाटी का वालु पिता राधु जाति डिण्डोर रतलाम तरफ से चोरी की मोटर साइकिल चला रहा है। मुखबिर सूचना पर चैकी प्रभारी पल्लवी भाभर द्वारा साथी पुलिस टीम को हमराह लेकर ग्राम भूरीघाटी में आरोपी वालु के घर दबीश दी। आरोपी घर पर मिला जिसके घर के अन्दर तीन मोटर सायकल रखी थी, जिसके बारे में कागजात का पूछने पर नहीं होना बताया। गाड़ियों में नम्बर प्लेट नहीं थी। शंका पर चैकी पर लाये जिससे पुनः बारीकी से पूछताछ करते अपने दो अन्य साथियों मदन पिता गलिया डिण्डोर निवासी भूरीघाटी व लालु पिता कमजी जाति डिण्डोर निवासी भूरीघाटी के साथ चोरी करना बताया। जिनके मकानों पर दबीश दी आरोपी लालु के घर से मोटर साइकिल व आरोपी मदन के घर से दो मोटर साइकिल बिना नम्बर प्लेट की मिली, जिनको चैकी पर लाये सभी मोटर साइकिल के चेचिस नम्बर व इंजन नम्बर की जांच कराते 01-एमपी-43, बीए-8627 सुरेन्द्र पिता चेनसिंह, निवासी 94 सुंयोग परिसर रतलाम, 02-एमपी-43, एमए-6041 रितेश पिता पुनमचन्द धारीवाल, निवासी धान मण्डी रतलाम, 03- एमपी-43, एमडी-6248 श्रीमती शारदा पति रतनलाल व्यास, निवासी 53 राजेन्द्र नगर गौशाला रोड रतलाम, 04-एमपी-43 बीए-7668 संग्रामसिंह पिता दौलतसिंह राठोर, निवासी मुखर्जी नगर रतलाम, 05-एमपी-43 एमए-9947 श्यामलाल पिता देवीराम जोशी, निवासी 09 निराला नगर नयागांव रतलाम, 06-एमपी-44, एमसी-6505 बलराम पिता रामदयाल सालवी, निवासी बगरेड जावद जिला नीमच तथा एक अन्य वाहन जिसका चेचिस नम्बर, इंजन नम्बर स्पष्ट नहीं है। उक्त आरोपियों से धारा 41(102) के तहत जप्त कर एस.डी.ओ.पी. आर.आर.आवास्या, थाना प्रभारी पेटलावद लोकेन्द्रसिंह ठाकुर के मार्गदर्शन में कार्यवाही की गई। उपरोक्त वाहनो के मिलने की सूचना पुलिस अधीक्षक जिला रतलाम को दी गई है।

आज विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन  

झाबुआ। विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी समाज के मानवीय अधिकारों का संरक्षण उसके जल, जंगल, जमीन के अधिकार संरक्षित करने अस्मिता आत्मसमान कला संस्कृति अस्तित्व कायम रखने एवं शिक्षा का प्रचार-प्रसार व् आदिवासी समाज में जन जागृति हेतु इस दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिन संयुक्त राष्ट्रसंघ की मंशा अनुसार आदिवासियों की समस्याओ एवं अधिकारों को लेकर सभी देशो के शासन-प्रशासन द्वारा किये गए प्रयासों की समीक्षा की जाएगी। झाबुआ जिले में उक्त दिवस मनाने का उद्देश्य समाज में व्याप्त बुराइयों जैसे अंग्रेजी शराब का अधिक सेवन, दापे का प्रचलन, शिक्षा का निम्नस्तर, स्वाथ्य के प्रति जागरूकता का अभाव, उन्नत व्यापार का अभाव, उन्नत कृषि का आभाव जैसी बुराइयों को मिटाने हेतु आदिवासी समाज को जागरूक करना एवं शिक्षा का व्यापक प्रचार-प्रसार करना। इसके अलावा संवैधानिक हक अधिकार जैसे पांचवी अनुसूची व पैसा एक्ट का सही रूप से क्रियान्वयन नहीं हो पाना, आरक्षण खत्म करना, पदौन्नति में आरक्षण बंद करना और बेकलॉग पद 2002 से अब तक करीब 1.5 लाख से अधिक की पूर्ति सरकार द्वारा नहीं किया जाना जैसी ज्वलंत समस्याओ निराकरण हेतु कलेक्टर महोदय को माननीय राजयपाल महोदय के नाम ज्ञापन सौपा जाएगा।  कार्यक्रम सुबह 11 बजे उत्कृष्ट विद्यालय प्रांगण में शुरू होकर 3 बजे से रैली के रूप में नगर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ 4 बजे कलेक्टर प्रांगण में ज्ञापन के बाद समापन होगा। उक्त जानकारी अनिल कटारा ने दी।

एक गाॅव की पूरी कार्ययोजना बनाकर दे-- कलेक्टर
  • समयावधि पत्रो की समीक्षा बैठक संपन्न

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झाबुआ । सभी कार्यालय प्रमुख सी.एम. हेल्प लाइन के प्रकरणो का निराकरण एल-1 स्तर पर ही शिकायतकत्र्ता से बात करके करना सुनिश्चित करे। थांदला ब्लाक के गाॅवों को गरीबी मुक्त करने के लिए किसी एक गाॅव की पूरी कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करे। उक्त निर्देश कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आज समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में दिये। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने की। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती जमना भिडे सहित जिला अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में विभागवार लंबित समयावधि पत्रो जनसुनवाई, सी.एम.हेल्पलाइन की समीक्षा की गई एवं आवश्यक निर्देश दिये गये।

पेड न्यूज एवं विज्ञापन के संबंध में जिला स्तरीय समिति की बैठक संपन्न

झाबुआ । निर्वाचन आयोग के निर्देषानुसार नगरीय निकाय निर्वाचन 2017 में पेड न्यूज के संबंध में जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति की बैठक आज 8 अगस्त 2017 को कलेक्टर कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक में एम.सी.एम.सी. समिति के अध्यक्ष श्री दिलीप कापसे सदस्य सचिव श्रीमती अनुराधा गहरवाल उप संचालक जनसम्पर्क, श्री राजेन्द्र रघुवंशी एसडीएम मेघनगर एवं सदस्य एमसीएमसी, श्री सुधीर कुशवाह सांख्यिकी अन्वेषक जिला पंचायत एवं श्री रतनसिंह राठौर वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे। विज्ञापन की अनुमति के लिये अभ्यर्थी आवेदन संबंधित नगरीय निकाय के रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में प्रारूप ‘‘क‘‘ में प्रस्तुत करे अभ्यर्थी प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रसारित करने के लिए विज्ञापन की अनुमति लेने के लिये निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप ‘‘क‘‘ में सबंधित नगरीय निकाय के रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में अथवा झाबुआ में श्री प्रतापसिंह सौलंकी सहायक ग्रेड 03 जिला कार्यालय झाबुआ, श्री जी.एस. चितौडिया सहा.गे्रड 2 आय.टी.डी.पी.झाबुआ, श्री शंकरसिंह पालीवाल सहायक ग्रेड 3 को आवेदन उपलब्ध करवाये। उक्त शासकीय सेवक आवेदन प्राप्त कर परीक्षण हेतु जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति को प्रस्तुत करेगे। समिति आवेदनो के परीक्षण उपरांत अभ्यर्थियो को विज्ञापन प्रसारण की अनुमति प्रदान करेगी।

झाबुआ में मतगणना का प्रशिक्षण संपन्न, राणापुर में कम्यूनिकेशन दल को दिया गया प्रशिक्षण

झाबुआ । नगरीय निकाय निर्वाचन 2017 को निष्पक्ष संपन्न करवाने के लिए आज मतगणना के लिए नियुक्त शासकीय सेवक को मतगणना संबंधी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में ईवीएम की बारिकियों सहित निर्वाचन आयोग द्वारा मतगणना के संबंध में जारी दिशा निर्देशो की जानकारी विस्तार पूर्वक दी गई। प्रशिक्षण में नोडल अधिकारी प्रशिक्षण श्री राजेन्द्र रघुवंशी ने मतगणना की प्रक्रिया को विस्तार पूर्वक बताते हुए शासकीय सेवको के सवालो के जवाब भी दिये। राणापुर में शासकीय उ.मा.वि. में कम्यूनिकेशन दल के सदस्यों को रिटर्निंग अधिकारी रानापुर श्री आर.एस. बालोदिया द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। 11 अगस्त को मतदान एवं 16 अगस्त को होगी मतगणना नगरीय निकाय आम निर्वाचन 2017 के लिये मतदान 11 अगस्त 2017 को प्रातः 7.00 बजे से शाम 5.00 बजे तक होगा और 16 अगस्त 2017 को मतगणना और निर्वाचन परिणामो की घोषणा की जायेगी।

मतदान के लिए 11 अगस्त को सामान्य अवकाश घोषित
         
झाबुआ । जिले की झाबुआ, थांदला, पेटलावद एवं रानापुर नगर पालिका परिषद/नगर परिषद के आम निर्वाचन 2017 के लिए मतदान 11/08/2017 शुक्रवार को होना है। मतदान के लिए जिले के उक्त नगरीय निकाय निर्वाचन क्षेत्रो के लिये कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आशीष सक्सेना ने सामान्य अवकाश तथा परकाम्य लिखित अधिनियम(निगोशिऐबल इन्स्टूमेंट एक्ट) 1881 (1881 का क्रमांक 26)  की धारा 25 के अन्तर्गत सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।

शराब की दुकाने मतदान के 48 घण्टे पूर्व से रहेगी बंद

झाबुआ । नगरीय निकाय निर्वाचन 2017 हेतु जिला झाबुआ में थांदला, पेटलावद, राणापुर झाबुआ में मतदान 11 अगस्त 2017 को संपन्न होगा। मतदान सुचारू निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण संपन्न करवाने के लिए मध्यप्रदेश शासन वाणिज्यिक कर विभाग एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी मध्यप्रदेश के निर्देशानुसार आबकारी अधिनियम अंतर्गत कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी झाबुआ श्री आशीष सक्सेना ने झाबुआ जिले के नगरीय क्षेत्र थांदला, पेटलावद, राणापुर झाबुआ की और नगरीय क्षैत्रो की सीमा से लगी ग्राम पंचायतों में स्थित दुकानो में तथा नगरीय क्षेत्रो से निकलने वाले राज्य मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग/मुख्य सडक से दोनो सीमा से बाहर 5 किलोमीटर की दूरी में स्थित शराब की दुकाने 48 घ्ंाटे पूर्व से मतदान समाप्ति तक बंद रखे जाने संबंधी आदेश जारी किया है। उक्त अवधि में होटल, ढाबों, रेस्टोरेन्ट में किसी भी व्यक्ति को शराब बेचने परोसने की अनुमति नहीं रहेगी एवं शराब के व्यक्तिगत भण्डारण तथा गैर लायसेंस प्राप्त परिसर में शराब के भण्डारण पर पूर्ण रोक रहेगी।

छेड़छाड़ का अपराध पंजीबद्ध
     
झाबुआ। फरि. ने बताया कि घर के बाहर सो रही थी कि आरोपी मोतीलाल पिता गणपत गणावा निवासी बावडी ने फरि. के खाट पर बैठ गया व बुरी नियत से फरि. के साथ छेड़छाड़ कर हाथ पकड़ा व चिल्लाने पर जान से मारने कि धमकी देकर भाग गया। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रंमाक 380/17 धारा 354,506 भादवि. का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

तुफान की टक्कर से एक की मोत दो घायल ेे 
    
झाबुआ । फरि. प्रेमसिंह पिता चुनिया खडिया उम्र 55 साल निवासी बडा जुलवानिया ने बताया कि आरेापी तुफान जीप क्रमांक एमपी-45 बीबी- 1088 का चालक ने तेज गति व लापरवाही पूर्वक तुफान गाड़ी को चलाकर लाया व फरि. के भाई सुभाष की मोटर सायकल केा टक्कर मार दी जिससे फरि. के भाई सुभाष व लड़के गौरव, उमेंश को चोंट आयी व बहु सुरीया पति सुभाष उम्र 30 साल की मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्रमांक 380/17 धारा 279,337,304-ए भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अवैध शराब का प्रकरण दर्ज
      
झाबुआ। आरोपी प्रविण पिता बालु वसुनिया उम्र 19 साल निवासी सेमलिया के अवैध कब्जे से 1800/-रू0 की शराब जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना थांदला में अपराध क्रं0 383/17 धारा 34-ए आब. एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

भारत छोड़ो आंदोलन विशेष : एक और भारत छोड़ो आंदोलन आवश्यक

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  • जन जाग्रति से चीन को सबक सिखाया जा सकता है

भारतीय बाजारों में जिस प्रकार से चीनी वस्तुओं का आधिपत्य दिखाई दे रहा है, उससे यही लगता है कि देश में एक और भारत छोड़ो आंदोलन की महती आवश्यकता है। यह बात सही है कि आज देश में अंगे्रज नहीं हैं, लेकिन भारत छोड़ो आंदोलन के समय जिस देश भाव का प्रकटीकरण किया गया, आज भी वैसे ही देश भाव के प्रकटीकरण की आवश्यकता दिखाई देने लगी है। हम सभी चीनी वस्तुओं का त्याग करके चीन को सबक सिखा सकते हैं। यह समय की मांग भी है और देश को सुरक्षित करने का तरीका भी है। हम देश की सीमा पर जाकर राष्ट्र की सुरक्षा नहीं कर सकते तो चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करके सैनिकों का उत्साह वर्धन तो कर ही सकते हैं। तो क्यों न हम आज ही इस बात का संकल्प लें कि हम जितना भी और जैसे भी हो सकेगा, देश की रक्षा के लिए कुछ न कुछ अवश्य ही करेंगे।

भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए जिन महापुरुषों ने जैसे स्वतंत्र भारत की कल्पना की थी, वर्तमान में वह कल्पना धूमिल होती दिखाई दे रही है। महात्मा गांधी ने सीधे तौर पर स्वदेशी वस्तुओं के प्रति देश भाव के प्रकटीकरण करने की बात कही थी, पर क्या यह भाव हमारे विचारों में दिखाई देता है। कदाचित नहीं। वर्तमान में राजनीतिक दल भी महात्मा गांधी के नाम के सहारे जिन्दा हैं। लेकिन उन राजनीतिक दलों के अंदर देश भाव का अंश दिखाई नहीं देता। देश में जितने भी महापुरुष हुए हैं, सभी ने देश भाव को जन जन में प्रवाहित किया। इसी के कारण ही अंग्रेज और अंगे्रजी मानसिकता के लोगों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। सभी महापुरुषों का एक ही ध्येय था कि कैसे भी हो देश में स्वदेशी भावना का विस्तार होना चाहिए, फिर चाहे हमारे दैनिक जीवन में उपयोग आने वाली वस्तुओं का मामला हो या फिर शिक्षा पद्धति का। सभी में स्वदेशी का भाव प्रकट होना चाहिए। वास्तव में देश धर्म क्या होता है, इसे जानना है तो हमें किसी सैनिक से पूछना चाहिए। वह यही जवाब देगा कि देश धर्म का मूल्य प्राण देकर भी नहीं चुकाया जा सकता। इसके लिए सुख सुविधाओं का त्याग करना पड़ेगा। सुविधाओं का त्याग करने वाला समाज ही अपनी और अपने समाज की रक्षा कर सकता है।


आज जाने अनजाने में हमारे घरों में स्वदेशी की जगह विदेशी वस्तुओं ने ले ली है। चीनी वस्तुएं हमारे घरों की शोभा बन रही हैं। जरा सोचिए कि जो देश हमारे देश पर आक्रमण करने की भूमिका में दिखाई दे रहा है, उसी देश का सामान हम अपने घरों में लाकर उसको महत्व दे रहे हैं। हम अपने घर में चीनी सामान को देखकर खुश हो रहे हैं और चीन हमसे ही कमाए गए पैसे की दम पर हमारे देश को आंख दिखा रहा है। वास्तव में देखा जाए तो वर्तमान में हम मतिभ्रम का शिकार हो गए हैं। विदेशी सामानों की अच्छाई के बारे में कोई झूंठा भी प्रचार कर दे तो हम उस पर विश्वास कर लेते हैं, लेकिन हमें अपने ऊपर विश्वास नहीं। यह बात सत्य है कि भारत एक ऐसा देश है जहां विश्व को भी शिक्षा दी जा सकती है, लेकिन इस सबके लिए हमें अपने अंदर विश्वास जगाना होगा, तभी हम देश का भला कर सकते हैं। जनता अगर एक बार संकल्प करले तो वह दिन दूर नहीं, जब हम चीन को पछाड़ सकते हैं। आज चीन द्वारा निर्मित वस्तुओं का पूरी तरह से त्याग करने की आवश्यकता है। बहुत से लोग यह तर्क भी कर सकते हैं कि सरकार चीन की वस्तुओं पर रोक क्यों नहीं लगा देती? इसका एक ही उत्तर है, जब जनता विरोध करेगी तो सरकार को भी बात मानना होगी।


हमें पहले इस बात का अध्ययन करना होगा कि हमारा देश गुलामी की जंजीरों में कैसे जकड़ा। इसका सीधा सा जवाब यही होगा कि हमारे देश में अंग्रेजों द्वारा संचालित की जा जाने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी के उत्पादों को खरीदना प्रारंभ कर दिया। उससे स्वावलंबी भारत आर्थिक तौर से परावलंबी होता गया और देश की आर्थिक प्रगति पूरी तरह से अंगे्रजों पर निर्भर हो गई। इसके परिणाम स्वरुप हम आर्थिक रूप से परतंत्र हो चुके थे। अब जरा सोचिए कि जब एक विदेशी कंपनी ने भारत को गुलाम बना दिया था, तब आज तो देश में हजारों विदेशी कंपनियां व्यापार कर रही हैं। देश किस दिशा की ओर जा रहा है। हम जानते हैं कि अंग्रेजों की परतंत्रता की जकड़न से मुक्त होने के लिए हमारे देश के महापुरूषों ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन का शंखनाद किया। इस आंदोलन के मूल में अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर करना था, इसके साथ ही अंग्रेजियत को भी भारत से भगाने की संकल्पना भी इसमें समाहित थी। इस आंदोलन में जहां विदेशियों के प्रति देश के जनमानस में नकारात्मक भाव जाग्रत हुआ, वहीं स्वदेशी यानी देश भक्ति की भावना का प्रकटीकरण हुआ। इस आंदोलन के सफल होने के बाद आज यह अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है कि देश के नागरिकों में देश भाव कूट कूट कर भरा हुआ है, लेकिन आज उसे प्रकट करने की महती आवश्यकता है। ऐसे ही आंदोलनों के चलते देश भाव को प्रकट करने के लिए विदेशी वस्तुओं की होली जलाई जाती थी जिसके पीछे एक मात्र उद्देश्य यही था कि भारतीय जन स्वदेशी भाव को हमेशा जागृत रखें और अपने देश में निर्मित सामानों का ही उपयोेग करें। लेकिन आज के वातावरण का अध्ययन करने से पता चलता है कि आज हमारे देश में सैंकड़ों बहुराष्टÑीय कंपनियां व्यापार के माध्यम से हमारे देश को लूट रहीं हैं। हम अनजाने में विदेशी वस्तुओं को खरीदकर अपने आपको आर्थिक गुलामी की ओर धकेल रहे हैं। इससे ऐसा लगता है कि भारत में एक और भारत छोड़ो आंदोलन की आवश्यकता है। जैसा कि हम जानते हैं कि वर्तमान में भारतीय बाजार चीनी वस्तुओं से भरे पड़े हैं। उसे भारतीय लोग खरीद भी रहे हैं, लेकिन क्या हम जानते हैं कि इन वस्तुओं से प्राप्त आय का बहुत बड़ा भाग चीन को आर्थिक संपन्नता प्रदान कर रहा है। भारत के पैसे से जहां चीन आर्थिक समृद्धि प्राप्त कर रहा है, वहीं भारत कमजोर होता जा रहा है। यह सारा काम भारत की ऐसी जनता कर रही है, जो अपने आप को प्रबुद्ध कहती है। वर्तमान में हम सभी का एक ही उद्देश्य है, चीनी वस्तुएं भारत छोड़ो। इसके लिए जिस प्रकार से जनांदोलन खड़ा करके अंग्रेजों को देश से बाहर किया, उसी प्रकार से देशवासियों को चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करके देश से बाहर करना है।




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सुरेश हिन्दुस्थानी
102 शुभदीप अपार्टमेंट, कमानीपुल के पास
लक्ष्मीगंज, लश्कर ग्वालियर मध्यप्रदेश
मोबाइल-9425101815,9770015780
(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं)

अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवसविशेषः जीवंत आदिवासी समाज की उपेक्षा क्यों? -ः गणि राजेन्द्र विजय:-

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देश एवं दुनिया में 9 अगस्त को अन्तर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाया जाता है। यह दिवस पूरी दुनिया में आदिवासी जन-जीवन को समर्पित किया गया है, ताकि आदिवासियों के उन्नत, स्वस्थ, समतामूलक एवं खुशहाल जीवन की नयी पगडंडी बने, विचार-चर्चाएं आयोजित हो, सरकारें भी सक्रिय होकर आदिवासी कल्याण की योजनाओं को लागू करें। इस दिवस को आयोजित करने की आवश्यकता इसलिये पड़ी कि आज भी आदिवासी लोग दुनियाभर में उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं, उनको उचित सम्मान एवं उन्नत जीवन नहीं मिल पा रहा है। 

 वर्तमान दौर की एक बहुत बड़ी विडम्बना है कि आदिवासी समाज की आज कई समस्यायें से घिरा है। हजारों वर्षों से जंगलों और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले आदिवासियों को हमेशा से दबाया और कुचला जाता रहा है जिससे उनकी जिन्दगी अभावग्रस्त ही रही है। केंद्र सरकार आदिवासियों के नाम पर हर साल हजारों करोड़ों रुपए का प्रावधान बजट में करती है। इसके बाद भी उनकी आर्थिक स्थिति, जीवन स्तर में कोई बदलाव नहीं आया है। स्वास्थ्य सुविधाएं, पीने का साफ पानी आदि मूलभूत सुविधाओं के लिए वे आज भी तरस रहे हैं।  जल, जंगल, जमीन की लड़ाई लड़ने वाले आदिवासियों को अपनी भूमि से बहुत लगाव होता है, उनकी जमीन बहुत उपजाऊ होती हंै, उनकी माटी एक तरह से सोना उगलती है। जनसंख्या वृद्धि के कारण भूमि की मांग में वृद्धि हुई है। इसीलिये बाहरी लोगोें ने आदिवासी क्षेत्रों में घुसपैठ किया है जिससे भूमि अधिग्रहण काफी हुआ है। आदिवासियों की जमीन पर अब वे खुद मकान बना कर रह रहे हैं, कृषि के साथ-साथ वे यहाँ व्यवसाय भी कर रहे हैं। भूमि हस्तांतरण एक मुख्य कारण है जिससे आज आदिवासियों की आर्थिक स्थिति दयनीय हुई है। इस तरह की स्थितियां आदिवासी समाज के अस्तित्व और उनकी पहचान के लिए खतरा बनती जा रही है। आज बड़े ही सूक्ष्म तरीके से इनकी पहचान मिटाने की राजनीतिक साजिश चल रही है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि आज भी विमुक्त, भटकी बंजारा जातियों की जनगणना नहीं की जाती है। तर्क यह दिया जाता है कि वे सदैव एक स्थान पर नहीं रहते। आदिवासियों की ऐसी स्थिति तब है जबकि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आदिवासी को भारत का मूल निवासी माना है लेकिन आज वे अपने ही देश में परायापन, तिरस्कार, शोषण, अत्याचार, धर्मान्तरण, अशिक्षा, साम्प्रदायिकता और सामाजिक एवं प्रशासनिक दुर्दशा के शिकार हो रहे हैं। आदिवासी वर्ग की मानवीय गरिमा को प्रतिदिन तार-तार किया जा रहा है। हजारों आदिवासी दिल्ली या अन्य जगहों पर रोजगार के लिए बरसों से आते-जाते हैं पर उनका आंकड़ा भी जनगणना में शामिल नहीं किया जाता है, न ही उनके राशन कार्ड बनते हैं और न ही वे कहीं के वोटर होते हैं। अर्थात इन्हें भारतीय नागरिकता से भी वंचित रखा जाता है। आदिवासियों की जमीन तो छीनी ही गई उनके जंगल के अधिकार भी छिन गए इतना ही नहीं उन्हें मूल लोकतांत्रिक अधिकार देश की नागरिकता से भी वंचित किया जा रहा है। 


आदिवासी समाज की अपनी एक पहचान है जिसमें उनके रहन-सहन, आचार-विचार एक जैसे ही होते हैं। इधर बाहरी प्रवेश, शिक्षा और संचार माध्यमों के कारण इस ढांचे में भी थोड़ा बदलाव जरूर आया है। देश के विभिन्न आदिवासी क्षेत्रों की समस्याएं थोड़ी बहुत अलग हो सकती है किन्तु बहुत हद तक यह एक समान ही होती है। वैसे वर्षों से शोषित रहे इस समाज के लिए परिस्थितियां आज भी कष्टप्रद और समस्यायें बहुत अधिक हैं। ये समस्यायें प्राकृतिक तो होती ही है साथ ही यह मानवजनित भी होती है। आदिवासियों के लिए ऋणग्रस्तता की समस्या सबसे जटिल है जिसके कारण जनजातीय लोग साहूकारों के शोषण का शिकार होते हैं। आदिवासी लोग अपनी गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी तथा अपने दयनीय आर्थिक स्थिति के कारण ऋण लेने को मजबूर होते हैं, जिसके कारण दूसरे लोग इनका फायदा उठाते हैं। किस तरह ठेकेदारों तथा अन्य लोगों से सीधे संपर्क के कारण समस्त भारतीय जनजातीय जनसंख्या ऋण के बोझ से दबी हुई है। देश में ‘गरीबी हटाओ’ जैसे कार्यक्रम भी बने, मगर उसका क्रियान्वयन ठीक से नहीं हो पाया। केन्द्र एवं राज्य सरकारों ने भी गरीबी कम करने के लिए कई योजनाएं चलाई किन्तु उसे भी पूर्ण रूप नहीं दिया जा सका। साथ ही आदिवासियों से जंगलों के वन-उत्पाद संबंधित उनके परम्परागत अधिकार पूरी तरह से छिन लिए गए। आदिवासी समाज से कटकर भारत के विकास की कल्पना करना अंधेरे में तीर चलाने जैसा होगा। आम तौर पर उनका स्वास्थ्य बढ़िया होता है पर कम पढ़े-लिखे होने के कारण और जागरूकता के आभाव में अक्सर आदिवासी अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान नहीं दे पाते हैं। आदिवासियों की एक समस्या स्वास्थ्य भी है। साथ ही दूर-दराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा की कमी के कारण उनको काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी तो हालात काफी मुश्किल हो जाते हैं और तब अस्पताल के अभाव में इनके जीवन-मृत्यु तक बात पहुंच जाती है।

आदिवासी समाज का शिक्षित न होना बहुत बड़ी समस्या है। आदिवासी समाज का शिक्षा से कम सरोकार होना उनके कई समस्या से जुड़ा हुआ है। ऋणग्रस्तता, भूमि हस्तांतरण, गरीबी, बेरोजगारी, स्वास्थ्य आदि कई समस्यायें हैं जो शिक्षा से प्रभावित होती हैं। जनजातीय समूहों पर औपचारिक शिक्षा का प्रभाव बहुत कम पड़ा है। संविधान के प्रभावी होने के पश्चात अनुसूचित जनजाति के लोगों के शिक्षा स्तर में वृद्धि करना केन्द्र तथा राज्य सरकारों का उत्तरदायित्व हो गया है। सरकार के इस पक्ष के अलावा भी कुछ दूसरे पक्ष हैं जिस पर सरकार को सोचने की बहुत जरूरत है। पूर्वोतर के राज्यों को छोड़ कर अभी तक पश्चिम बंगाल के अलावा किसी भी अन्य प्रदेश में आदिवासियों को उनकी मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा नहीं दी जाती है। ऐसे में यह समाज कैसे विकसित होगा जिसे अपनी मातृभाषा से ही दूर रखा गया हो। अगर हम अविभाजित बिहार की बात करें तब राज्य सरकार ने जिसमें झारखंड भी शामिल था, बरसों पहले आदिवासियों को मातृभाषा में पढ़ाने का कानून बना दिया था। राजनीतिक स्वार्थवश इस पर आगे कार्य नहीं हो सका और आज झारखंड के अलग होने के बाद भी प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में देने का प्रावधान लागू नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में जनजातीय लोग देश के अन्य लोगों से बहुत पीछे रह जाते हैं। हमें इस स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए। शिक्षा प्राप्त कर लेना ही विकास का प्रभावी मापदंड नहीं होना चाहिए।  गैर आदिवासी लोगों के बसने के कारण उनकी भाषा भी छिन रही है क्योंकि उनकी भाषा समझने वाला अब कोई नहीं है। जिन लोगों की भाषा छिन जाती है उनकी संस्कृति भी नहीं बच पाती। उनके नृत्य को अन्य लोगों द्वारा अजीब नजरों से देखे जाते हैं इसलिए वे भी सीमित होते जा रहे हैं। जहां उनका ‘सरना’ नहीं है वहां उन पर नए-नए भगवान थोपे जा रहे हैं। उनकी संस्कृति या तो हड़पी जा रही है या मिटाई जा रही है। हर धर्म अपना-अपना भगवान उन्हें थमाने को आतुर है। हिंदुत्ववादी लोग उन्हें मूलधारा यानी हिंदुत्व की विकृतियों और संकीर्णताओं से जोड़ने पर तुले हैं और उनको रोजी-रोटी के मुद्दे से ध्यान हटा कर अलगाव की ओर धकेला जा रहा है।


गुजरात में आदिवासी जनजीवन के उत्थान और उन्नयन के लिये मैं लम्बे समय से प्रयासरत हूं और विशेषतः आदिवासी जनजीवन को उन्नत बनाने, उन क्षेत्रों में शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, संस्कृति-विकास की योजनाओं लागू करने के प्रयास किये जा रहे हैं, इसके लिये हम लोगों ने सुखी परिवार अभियान के अन्तर्गत अनेक स्तरों पर प्रयास किये हैं, जिनसे सर्वसुविधयुक्त करीब 12 करोड की लागत से जहां एकलव्य आवासीय माडल विद्यालय का निर्माण हुआ है, वहीं कन्या शिक्षा के लिये ब्राह्मी सुन्दरी कन्या छात्रावास का कुशलतापूर्वक संचालन किया जा रहा हैं। इसी आदिवासी अंचल में जहां जीवदया की दृष्टि से गौशाला का संचालित है तो चिकित्सा और सेवा के लिये चलयमान चिकित्सालय भी अपनी उल्लेखनीय सेवाएं दे रहा है। अब हम लोग रोजगार की दृष्टि से इसी क्षेत्र में व्यापक संभावनाओं को तलाश रहे है। शिक्षा के साथ-साथ नशामुक्ति एवं रूढ़ि उन्मूलन की अलख जगा रहे हैं। पढ़ने की रूचि जागृत करने के साथ-साथ आदिवासी जनजीवन के मन में अहिंसा, नैतिकता एवं मानवीय मूल्यों के प्रति आस्था जगाना हमारा ध्येय है। हर आदिवासी अपने अन्दर झांके और अपना स्वयं का निरीक्षण करे। आज आदिवासी समाज इसलिए खतरे में नहीं है कि सरकारों की उपेक्षाएं बढ़ रही है। ये उपेक्षापूर्ण स्थितियां सदैव रही है- कभी कम और कभी ज्यादा। सबसे खतरे वाली बात यह है कि आदिवासी समाज की अपनी ही संस्कृति एवं जीवनशैली के प्रति आस्था कम होती जा रही है। अन्तराष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाने की सार्थकता तभी है जब हम इस जीवंत समाज को उसी के परिवेश में उन्नति के नये शिखर दें। इस दृष्टि से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नये भारत की परिकल्पना को आदिवासी समाज बहुत ही आशाभरी नजरों से देख रहा है। 




 (ललित गर्ग)
60, मौसम विहार, डीएवी स्कूल के नजदीक,
दिल्ली-110051
फोनः 22727486, 9811051133

विशेष आलेख : क्यों हम बेटियों को बचाएँ

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“मुझे मत पढ़ाओ , मुझे मत बचाओ,, मेरी इज्जत अगर नहीं कर सकते ,तो मुझे इस दुनिया में ही मत लाओ मत पूजो मुझे देवी बनाकर तुम ,मत कन्या रूप में मुझे 'माँ'का वरदान कहो अपने अंदर के राक्षस का पहले तुम खुद ही संहार करो।“  

यह कैसी व्यवस्था है जहाँ अपने अधिकारों की बात करना एक "हिम्मत का काम"कहा जाता है।
हम एक ऐसा देश क्यों नहीं बना सकते जहाँ हमारी बेटियाँ भी बेटों की तरह आजादी से जी पाँए ?

एक बेटी का दर्द

चंडीगढ़ की सड़कों पर जो 5 ता० की रात हुआ वो देश में पहली  बार तो नहीं हुआ। और ऐसा भी नहीं है कि हम इस घटना से सीख लें और यह इस प्रकार की आखिरी घटना ही हो। बात यह नहीं है कि यह सवाल कहीं नहीं उठ रहे कि रात बारह बजे दो लड़के एक लड़की का पीछा क्यों करते हैं,बल्कि सवाल तो यह उठ रहे हैं कि रात बारह बजे एक लड़की घर के बाहर क्या कर रही थी। बात यह भी नहीं है कि वे लड़के नशे में धुत्त होकर एक लड़की को परेशान कर रहे थे, बात यह है कि ऐसी घटनाएं इस देश की सड़कों पर आए दिन और आए रात होती रहती हैं।
बात यह नहीं है कि इनमें से अधिकतर घटनाओं का अंत पुलिस स्टेशन पर पीड़ित परिवार द्वारा न्याय के लिए अपनी आवाज़  उठाने के साथ नहीं होता। बात यह है कि ऐसे अधिकतर मामलों का अन्त पीड़ित परिवार द्वारा घर की चार दीवारी में अपनी जख्मी आत्मा की चीखों को दबाने के साथ होता है। बात यह नहीं है कि दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतंत्र में न्याय के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है, बात यह है कि इस देश में अधिकार भी भीख स्वरूप दिये जाते है। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ा पहलू यह है कि वर्णिका कुंडु जिन्होंने रिपोर्ट लिखवाई है,एक आईएएस अफ्सर की बेटी हैं, यानी उनके पिता इस सिस्टम का हिस्सा हैं।


जब वे और उनके पिता उन लड़कों के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाने के लिए पुलिस स्टेशन गए थे तब तक उन्हें नहीं पता था कि वे एक राजनैतिक परिवार का सामना करने जा रहे हैं लेकिन जैसे ही यह भेद खुला कि लड़के किस परिवार से ताल्लुक रखते हैं तो पिता को यह आभास हो गया था कि न्याय की यह लड़ाई कुछ लम्बी और मुश्किल होने वाली है। उनका अंदेशा सही साबित भी हुआ। न सिर्फ लड़कों को थाने से ही जमानत मिल गई बल्कि एफआईआर में लड़कों के खिलाफ लगी धाराएँ भी बदल कर केस को कमजोर करने की कोशिशें की गईं। जब उनके साथ यह व्यवहार हो सकता है तो फिर एक आम आदमी इस सिस्टम से क्या अपेक्षा करे? जब एक आईएएस अफ्सर को अपने पिता का फर्ज निभाने में इतनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है तो एक साधारण पिता क्या उम्मीद करे? वर्णिका के पिता ने तो आईएएस लाबी से समर्थन जुटा कर इस केस को सिस्टम वर्सिस पालिटिक्स करके इसके रुख़ को बदलने की कोशिश की है लेकिन एक आम पिता क्या करता? जब एक लोकतांत्रिक प्रणाली में सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष का बेटा ऐसा काम करता है तो वह पार्टी अपने नेता के बचाव में आगे आ जाती है क्योंकि वह सत्ता तंत्र में विश्वास करती है लोकतंत्र में नहीं,वह तो सत्ता हासिल करने का एक जरिया मात्र है।

उसके नेता यह कहते हैं कि पुत्र की करनी की सजा पिता को नहीं दी जा सकती तो बिना योग्यता के पिता की राजनैतिक विरासत उसे क्यों दे दी जाती है। आप अपनी ही पार्टी के प्रधानमंत्री के लाल किले से दिए गए भाषण को भी नकार देते हैं जो कहते हैं कि हम अपनी बेटियों से तो तरह तरह के सवाल पूछते हैं,उन पर पाबंदियां भी लगाते हैं लेकिन कभी बेटे से कोई सवाल कर लेते, कुछ संस्कारों के बीज उनमें डाल देते, कुछ लगाम बेटों पर लगा देते  तो बेटियों पर बंदिशें नहीं लगानी पड़तीं। यह कैसा लोकतंत्र है जिसमें सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा से ऊपर अपने नेताओं और स्वार्थों को रखती है? यह कैसी व्यवस्था है जहाँ अपने अधिकारों की बात करना एक "हिम्मत का काम"कहा जाता है। हम एक ऐसा देश क्यों नहीं बना सकते जहाँ हमारी बेटियाँ भी बेटों की तरह आजादी से जी पाँए ?

हम अपने भूतपूर्व सांसदों विधायकों नेताओं को आजीवन सुविधाएं दे सकते हैं लेकिन अपने नागरिकों को सुरक्षा नहीं दे सकते। हम नेताओं को अपने ही देश में अपने ही क्षेत्र में जेड प्लस सेक्यूरिटी दे सकते हैं लेकिन अपनी बेटियों को सुरक्षा तो छोड़िये न्याय भी नहीं  ? देश निर्भया कांड को भूला नहीं हैं और न ही इस सच्चाई से अंजान है कि हर रोज़ कहीं न कहीं कोई न कोई बेटी किसी न किसी अन्याय का शिकार हो रही है। उस दस साल की मासूम और उसके माता पिता का दर्द कौन समझ सकता है जो किसी और की हैवानियत का बोझ इस अबोध उम्र में उठाने के लिए मजबूर है। जिसकी खिलौनों से खेलने की उम्र थी वो खुद किसी अपने के ही हाथ का खिलौना बन गई। जिसकी हँसने खिलखिलाने की उम्र थी वो आज दर्द से कराह रही है।जो खुद एक बच्ची है लेकिन माँ बनने के लिए मजबूर है।


क्यों हम बेटियों को बचाएँ ? इन हैवानों के लिए? हम अपने बेटों को क्यों नहीं सभ्यता और संस्कारों का पाठ पढ़ाएँ ? बेहतर यह होगा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के बजाय बेटी बचानी है तो पहले बेटों को सभ्यता और संस्कारों का पाठ पढ़ाओ ।उन्हें बेटियों की इज्जत करना तो सिखाओ।


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डॉ नीलम महेंद्र

विशेष : सेण्ट मैरी चर्च गवाह है क्रांतिकारियों की वीर गाथा का

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शाहजहांपुर, प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बढचढ कर हिस्सा लेने वाले शाहजहांपुर के क्रांतिकारियों की वीर गाथा सेंट मैरी चर्च की दीवारें आज भी गर्व से बयां कर रही हैं। वर्ष 1857 की क्रांति के 21वें दिन जीएफ कालेज के सामने स्थित सेण्ट मैरी चर्च पर क्रांतिकारियों ने योजनाबद्ध ढंग से रविवार की प्रार्थना के वक्त अंग्रेज हाकिमों पर धावा बोल दिया था। क्रांतिकारियों ने तत्कालीन कलेक्टर समेत ज्यादातर अंग्रेज अफसरों को दौड़ा-दौड़ाकर मौत के घाट उतार दिया था। प्रसिद्ध इतिहासकार व शाहजहांपुर के इतिहास के रचयिता नानक चन्द्र महरोत्रा की पुस्तक शाहजहांपुर गजेटियर में इस रोमांचक और साहसिक कहानी को बयां किया गया है, बल्कि बॉलीवुड में भी इसी क्रांतिकारी घटना को लेकर शशी कपूर अभिनीत की फिल्म जुनून में भी इसे बखूबी फिल्माया गया है। गजेटियर के अनुसार आज शहर में जिस जगह जीएफ डिग्री कॉलेज है, उस समय यहां डूडे खां का बाग होता था। बाग के ठीक सामने सेण्ट मैरी चर्च स्थित है। 10 मई 1857 को मेरठ से क्रांति की शुरूअात हो गयी थी। इसके मद्देनजर अंग्रेज शासकों ने सभी जिलों से क्रांतिकारियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी तलब की थी। शाहजहांपुर के तत्कालीन कलेक्टर एम डी रिकैट ने किसी तरह की गतिविधि होने से इन्कार करते हुए जिले में हालात सामान्य बता दिया था। मगर हकीकत में ऐसा था नहीं, क्योंकि क्रांतिकारियों ने गुपचुप तरीके से योजनाबद्ध रणनीति तैयार की थी।


नतीजतन 20 दिन तक कोई गतिविधि नहीं हुई। 31 मई, सन् 1857 रविवार को यहां चर्च में साप्ताहिक प्रार्थना सभा हो रही थी। इसमें तत्कालीन कलेक्टर एम डी रिकैट समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। तभी जवाहर राय के नेतृत्व में 20-25 हथियारबंद क्रांतिकारी सैनिक करीब सुबह सात बजे चर्च में आ धमके। जिससे चर्च में भगदड़ मच गई। कलेक्टर रिकैट अपने निवास की ओर भागे, मगर क्रांतिकारियों से बच नही पाये। कलेक्टर की सहायता को कैप्टन स्नैड, गुलजार, मोहम्म्द बख्श आगे बढ़े लेकिन क्रांतिकारियों के सामने इनकी एक न चली। इसी दौरान शाहजहांपुर की प्रसिद्ध रोजा रम के संस्थापक जेपी केरू व ब्रांड को ग्रामीणों ने मार डाला। कमान्डिँग अफसर कैप्टन जेंस, मैककलम, कलेक्टर कार्यालय लिपिक लेमेस्टर चर्च में ही मारे गए। इनके परिवार का अंत तक पता नहीं लगा। इसी प्रकार सर्जन बाउलग, लिपिक स्मिथ, सहायक मजिस्ट्रेट एसी स्मिथ को भी मार दिया गया। इस कत्लेआम के बाद क्रांतिकारियो ने कैंट क्षेत्र में आग लगा दी और घर लूट लिए। सरकारी खजाना लूट लिया। बाद में क्रांतिकारियों ने शहर को आजाद घोषित करते हुए विजय जुलूस निकाला। इस हमले में जवाहर राय, नारायण पांडेय, रामाधीन, रामनारायण दुबे, शिवचरन, ननकू, गंगा दुबे, महादेव आदि शामिल थे। इसके बाद क्रांतिकारियों ने जेल से कैदियों को छुड़ा लिया। कुल मिलाकर शहर में जीएफ कॉलेज के सामने स्थित यह चर्च आज 1857 क्रांति का गवाह बना हुआ है। हालांकि चर्च अब नया स्वरूप दे दिया गया । जीएफ कॉलेज के सामने बने इस चर्च का निर्माण 1837 में बरेली के चैपलेन ने कराया था। बताया जाता है कि वर्ष 1813-14 में जब शाहजहांपुर को नए जिले की मान्यता मिली तब यहां कोई चर्च नहीं था। यह भी बताया जाता है कि श्याम बेनेगल की फिल्म ‘जुनून’ इसी पृष्ठभूमि पर बनी थी। घटना के बाद यहां प्रार्थना बंद हो गई। इसके बाद 1860 में बिशप काटन के प्रयासों से चर्च में पुन: प्रार्थना शुरू हुई ।

विशेष : मथुरा के रंग जी मंदिर में हर तीसरे साल एक माह बाद मनाई जाती है जन्माष्टमी

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मथुरा 09 अगस्त, वृन्दावन के चार मंदिरों में जन्माष्टमी के दिन वृन्दावन कृष्णमय हो जाता है। रंग जी मंदिर में लगभग हर तीसरे साल एक माह बाद जन्माष्टमी मनाई जाती है। इन मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 15 अगस्त को मनाई जाएगी, जहां गौड़ीय सम्प्रदाय के तीन मंदिरों राधारमण, राधा दामोदर एवं शाहजी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी दिन में मनाई जाती है। रंग जी मंदिर में एक माह बाद जन्माष्टमी मनाई जायेगी। राधारमण मंदिर में तो बालस्वरूप में सेवा होने के कारण गोस्वामी समाज श्रीकृष्ण की दीर्ध आयु का आशीर्वाद भी देता है। वृन्दावन के प्राचीन राधारमण मंदिर के सेवायत आचार्य दिनेश चन्द्र गोस्वामी ने बताया कि मंदिर में बालस्वरूप में सेवा होती है इसलिए लाला को रात में जगाकर उनका जन्म मनाना ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण का अवतरण तो आज से लगभग सवा पांच हजार वर्ष पहले ही हो गया था इसलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी एक प्रकार से श्रीकृष्ण का सालगिरह है। जिस प्रकार बच्चे की सालगिरह पर उसे अच्छे से अच्छे कपड़े पहनाए जाते हैं तथा अच्छा भोजन और पकवान बनाया जाता है उसी प्रकार श्रीकृष्ण जन्म पर मंदिर को सजाने और नाना प्रकार के व्यंजन का भोग लगाने की परम्परा सैकड़ों साल से चली आ रही है। श्री गोस्वामी ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन सबसे पहले अभिषेक में भाग लेने वाले गोस्वामी संकीर्तन के मध्य यमुना जल लेकर आते हैं। पट खुलते ही अभिषेक शुरू हो जाता है। सबसे पहले ठाकुर जी का यमुना के जल से अभिषेक किया जाता है।


इसके बाद 27 मन दूध, दही, घी, बूरा, शहद, औषधियों, सर्वोषधियों, महौषधियों, फूल फल एवं अष्ट कलश से तीन घंटे से अधिक देर तक घंटे घडियाल एवं शंखध्वनि के मध्य अभिषेक होता है। उन्होंने बताया कि सबसे अंत में स्वर्ण पात्र में केसर घोलकर ठाकुर जी का उससे अभिषेक किया जाता है। इसके बाद मंदिर के गर्भ गृह पर पर्दा डालकर अंदर ठाकुर का श्रृंगार करते हैं। श्री गोस्वामी ने बताया कि बालस्वरूप में सेवा होने के कारण जब पट पुनः दर्शन के लिये खुलते हैं तो सारे कार्यक्रम उसी प्रकार चलते हैं जैसे लाला का आज ही जन्म हुआ हो। ठाकुर जी को पहले यज्ञोपवीत धारण कराया जाता है। इसके बाद उन्हें माला धारण कराई जाती है। ठाकुर जी को न केवल काजल एवं डिठौना लगाया जाता है बल्कि राई नोन से उनकी नजर उतारते हैं। इसके बाद गेास्वामी वर्ग लाला की दीर्घ आयु के लिए उन्हें आशीर्वाद देता है। उन्होंने बताया कि इस दिन उस पवित्र वस्त्र के भी दर्शन होते हैं जिसे चैतन्य महाप्रभु ने अपने परमप्रिय शिष्य गोपाल भट्ट गोस्वामी को दिया था। इससे डोर और कौपीन कहा जाता है। इसके साथ ही उस पट्टे के भी दर्शन होते हैं जिस पर बैठकर चैतन्य महाप्रभु प्रसाद गृहण करते थे। जिसे उन्होंने बाद में गोपाल भट्ट गोस्वामी को दिया था। अभिषेक के बाद ठाकुर जी के उस पोतरा वस्त्र का भक्तों में वितरण होता है। जिसे धारण कराकर ठाकुर जी का पूर्व में अभिषेक किया गया था। जिसे यह प्रसाद मिल जाता है बड़ा भाग्यशाली माना जाता है। वृन्दावन के शाह जी मंदिर में इसी प्रकार दिन में जन्माष्टमी मनाते हैं।
          
मंदिर के महंत शाह कृष्ण शरण गुप्ता ने बताया कि इस मंदिर में भी गौड़ीय परंपरा का निर्वहन होता है। उनका कहना था कि मंदिर में दिन में जन्माष्टमी इसलिए मनाते हैं कि वास्तव में यह श्रीकृष्ण की सालगिरह है। उन्होंने बताया कि मंदिर में ठाकुर का यमुना एवं गंगाजल से अभिषेक कराने के बाद कई मन दूध, दही आदि से पंचामृत अभिषेक किया जाता है। इस अवसर पर चंदन, बीजाष्टक, गुलाबजल, सुमंगली, पंचगव्य, पुष्प, औषधियों, महाऔषधियों आदि से अभिषेक किया जाता है। सबसे अंत में एक किलो केशर से अभिषेक होता है। सप्त देवालयों में मशहूर वृन्दावन के राधा दामोदर मंदिर में भी इसी प्रकार वैदिक मंत्रों के मध्य ठाकुर का न केवल अभिषेक होता है बल्कि उस शिला का विशेष अभिषेक होता है जिसे श्यामसुन्दर ने सनातन गोस्वामी को यह कह कर दिया था कि यदि वे इसकी चार परिक्रमा कर लेंगे तो उनकी गोवर्धन की एक परिक्रमा हो जाएगी। इस अवसर पर यहां पर भी कई मन दूध, दही आदि अभिषेक सामग्री से मंदिर के महंत कणिका गोस्वामी के सानिध्य में कई घंटे अभिषेक होता है। कणिका गोस्वामी ने बताया कि इस अवसर पर जीव गोस्वामी के आराध्यदेव राधा दामोदर, कृष्णराजकविराज गोस्वामी के आराध्यदेव राधा वृन्दावनचन्द्र, कवि जयदेव गोस्वामी के आराध्यदेव राधामाधव एवं भूगर्भ गोस्वामी के आराध्यदेव राधा छैल चिकन का भी अभिषेक किया जाता है। यहां के अभिषेक की यह विशेषता है कि ठाकुर के जन्म के बाद एक दूसरे पर हल्दी मिश्रित दही डालकर उसी प्रकार प्रसन्नता व्यक्त की जाती है जैसे लाला का अवतरण उसी दिन हुआ हो। अभिषेक के बाद पर्दे में श्रृंगार होता है तथा श्रृंगार आरती से ही मंदिर के पट बंद हो जाते हैं। तीनो मंदिरों में ही अभिषेक के बाद लगभग एक घंटे तक चरणामृत का वितरण श्रद्धालु भक्तों में बिना किसी भेदभाव के किया जाता है। वृन्दावनवासी तो इस चरणामृत को ग्रहण करके ही अपने वृत के नियम की शुरूआत करते हैं।

चीन में भूकंप, 13 लोगाें की मौत, 175 घायल

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बीजिंग, 09 अगस्त, चीन के दक्षिण पश्चिम में स्थित सुदूर पर्वतीय सिचुआन प्रांत में कल आए जबरदस्त भूकंप में छह पर्यटकों समेत 13 लोगों की मौत हो गई है तथा 175 अन्य घायल हुए हैं। प्रांतीय सरकार और आधिकारिक मीडिया ने आज बताया कि रिक्टर पैमाने पर 7.0 की तीव्रता वाले इस भूकंप में छह पर्यटकों समेत 13 लोगों की मौत हाे गई और 175 अन्य घायल हुए हैं जिनमें से 30 की हालत गंभीर है। भूकंप के कारण हुए एक भूस्खलन में 100 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग ने बताया कि भूकंप का केंद्र ग्वांग्यान प्रांत से 200 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में सतह से 10 किलोमीटर नीचे था। यह स्थान प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जियुझाईगु नेचर रिजर्व के पास है। इससे पहले भूकंप की तीव्रता 6.6 बतायी गयी थी। सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने प्रांतीय प्रशासन के हवाले से बताया कि भूकंप के खतरों को देखते हुए 31500 पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। भूकंप के कारण एक होटल की छत गिर जाने से बड़ी संख्या में लोग फंस गये थे जिनमें से लगभग 2800 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। हताहत पर्यटकों की नागरिकता का अब तक पता नहीं चल सका है। जियुझाइगु विदेशी पर्यटकों की तुलना में चीन के पर्यटकों के बीच अधिक लोकप्रिय है।

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