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विशेष आलेख : स्वतंत्रता को दें नया आयाम

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पन्द्रह अगस्त हमारे राष्ट्र का गौरवशाली दिन है, इसी दिन स्वतंत्रता के बुनियादी पत्थर पर नव-निर्माण का सुनहला भविष्य लिखा गया था। इस लिखावट का हार्द था कि हमारा भारत एक ऐसा राष्ट्र होगा जहां न शोषक होगा, न कोई शोषित, न मालिक होगा, न कोई मजदूर, न अमीर होगा, न कोई गरीब। सबके लिए शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा और उन्नति के समान और सही अवसर उपलब्ध होंगे। आजादी के सात दशक बीत रहे हैं, अब साकार होता हुआ दिख रहा है हमारी जागती आंखों से देखा गया स्वप्न। अहसास हो रहा है स्वतंत्र चेतना की अस्मिता का। अब बन रहा  है नया भारत।  हमें स्वतंत्रता दिवस को मनाते हुए एक ऐसे भारत को निर्मित करना है जो न केवल भौतिक दृष्टि से ही बल्कि नैतिक दृष्टि से भी सशक्त हो। स्वतंत्रता के सातवें दशक में पहुंचकर पहली बार ऐसा आधुनिक भारत खड़ा करने की बात हो रही है जिसमें नये शहर बनाने, नई सड़कें बनाने, नये कल-कारखानें खोलने, नई तकनीक लाने, नई शासन-व्यवस्था बनाने के साथ-साथ नया इंसान गढ़ने का प्रयत्न हो रहा है। एक शुभ एवं श्रेयस्कर भारत निर्मित हो रहा है। हर बार आजादी के जश्न को मनाते हुए अनेक प्रश्न खडे़ रहे हैं, ये प्रश्न  इसलिये खड़े हुए हैं क्योंकि आज भी आम आदमी न सुखी बना, न समृद्ध। न सुरक्षित बना, न संरक्षित। न शिक्षित बना और न स्वावलम्बी। अर्जन के सारे स्रोत सीमित हाथों में सिमट कर रह गए। स्वार्थ की भूख परमार्थ की भावना को ही लील गई। हिंसा, आतंकवाद, जातिवाद, नक्सलवाद, क्षेत्रीयवाद तथा धर्म, भाषा और दलीय स्वार्थों के राजनीतिक विवादों ने आम नागरिक का जीना दुर्भर कर दिया। हमारी समृद्ध सांस्कृतिक चेतना जैसे बन्दी बनकर रह गई। शाश्वत मूल्यों की मजबूत नींवें हिल गईं। राष्ट्रीयता प्रश्नचिन्ह बनकर आदर्शों की दीवारों पर टंग गयी। आपसी सौहार्द, सहअस्तित्व, सहनशीलता और विश्वास के मानक बदल गए। घृणा, स्वार्थ, शोषण, अन्याय और मायावी मनोवृत्ति ने विकास की अनंत संभावनाओं को थाम लिया। 


स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, लेकिन इसका स्वाद हम चख ही नहीं पाए। ऐसा लगता रहा है कि जमीन आजाद हुई है, जमीर तो आज भी कहीं, किसी के पास गिरवी रखा हुआ है। ट्रेन या सड़क दुर्घटनाएं हो या बार-बार आतंकी बम धमाकों से दहल जाना या फिर महिलाओं की सुरक्षा का प्रश्न- चहुं ओर लोक जीवन में असंतोष है, असुरक्षा का भाव है। लोकतंत्र घायल है। वह आतंक का रूप ले चुका है। मुझे अपनी मलेशिया एवं सिंगापुर की यात्रा से लौटने के बाद महसूस हुआ कि हमारे यहां की फिजां डरी-डरी एवं सहमी-सहमी है। कभी पुलिस कमिश्नर तो कभी राजनेताओं ने महिलाओं पर हो रहे हमलों, अत्याचारों के लिये उनके पहनावें या देर रात तक बाहर घुमने को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि सिंगापुर एवं मलेशिया में महिलाओं के पहनावें एवं देर रात तक अकेले स्वच्छंद घूमने के बावजूद वहां महिलाएं सुरक्षित है और अपनी स्वतंत्र जीवन जीती है। हमें समस्या की जड़ को पकडना होगा। केवल पत्तों को सींचने से समाधान नहीं होगा। ऐसा लगता है कि इन सब स्थितियों में जवाबदेही और कर्तव्यबोध तो दूर की बात है, हमारे सरकारी तंत्र में न्यूनतम मानवीय संवेदना भी बची हुई दिखायी नहीं देती। लगभग तीन सप्ताह से चल रही संसद में विरोधी पार्टियों के द्वारा अवरोध बना हुआ है, जनता के हितों पर कुछ सार्थक निर्णय लेने के लिये चुनी गयी संसद अपने ही हितों के लिये संसद की कार्रवाही का अवरोध करना, कैसा लोकतांत्रिक आदर्श है? प्रश्न है कि कौन स्थापित करेगा एक आदर्श शासन व्यवस्था? कौन देगा इस लोकतंत्र को शुद्ध सांसे? जब शीर्ष नेतृत्व ही अपने स्वार्थों की फसल को धूप-छांव देने की तलाश में हैं। जब रास्ता बताने वाले रास्ता पूछ रहे हैं और रास्ता न जानने वाले नेतृत्व कर रहे हैं सब भटकाव की ही स्थितियां हैं। 

बुद्ध, महावीर, गांधी हमारे आदर्शों की पराकाष्ठा हंै। पर विडम्बना देखिए कि हम उनके जैसा आचरण नहीं कर सकते- उनकी पूजा कर सकते हैं। उनके मार्ग को नहीं अपना सकते, उस पर भाषण दे सकते हैं। आज के तीव्रता से बदलते समय में, लगता है हम उन्हें तीव्रता से भुला रहे हैं, जबकि और तीव्रता से उन्हें सामने रखकर हमें अपनी व राष्ट्रीय जीवन प्रणाली की रचना करनी चाहिए। गांधी, शास्त्री, नेहरू, जयप्रकाश नारायण, लोहिया के बाद राष्ट्रीय नेताओं के कद छोटे होते गये और परछाइयां बड़ी होती गईं। हमारी प्रणाली में तंत्र ज्यादा और लोक कम रह गया है। यह प्रणाली उतनी ही अच्छी हो सकती है, जितने कुशल चलाने वाले होते हैं। लेकिन कुशलता तो तथाकथित स्वार्थों की भेंट चढ़ गयी। लोकतंत्र श्रेष्ठ प्रणाली है। पर उसके संचालन में शुद्धता हो। लोक जीवन में ही नहीं लोक से द्वारा लोक हित के लिये चुने प्रतिनिधियों में लोकतंत्र प्रतिष्ठापित हो और लोकतंत्र में लोक मत को अधिमान मिले- यह वर्तमान समय की सबसे बड़ी अपेक्षा है। भारत स्वतंत्र हुआ। आजादी के लिये और आजाद भारत के लिये हमने अनेक सपने देखें लेकिन वास्तविक सपना नैतिकता एवं चरित्र की स्थापना को देखने में हमने कहीं-ना-कहीं चूक की है। आज जो देश की तस्वीर बन रही है उसमें मानवीय एकता, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, मैत्री, शोषणविहीन सामाजिकता, अंतर्राष्ट्रीय नैतिक मूल्यों की स्थापना, सार्वदेशिका निःशस्त्रीकरण का समर्थन आदि तत्त्व  को जिस तरह की प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिली, जो कि जनतंत्र की स्वस्थता के मुख्य आधार हैं। स्वतंत्रता दिवस को मनाते हुए हमें इन तत्त्वों को जन-जन के जीवन स्थापित करने के लिये संकल्पित होना होगा। इसके लिये केवल राजनीतिक ही नहीं  बल्कि गैर-राजनीतिक प्रयास की अपेक्षा है।

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हमारी सबसे बड़ी असफलता है कि आजादी के 70 वर्षों के बाद भी हम राष्ट्रीय चरित्र नहीं बना पाये। राष्ट्रीय चारित्र का दिन-प्रतिदिन नैतिक हृास हो रहा था। हर गलत-सही तरीके से हम सब कुछ पा लेना चाहते थे। अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए कत्र्तव्य को गौण कर दिया था। इस तरह से जन्मे हर स्तर पर भ्रष्टाचार ने राष्ट्रीय जीवन में एक विकृति पैदा कर दी थी। न केवल यूपीए के 10 वर्ष के शासन से बल्कि क्षेत्रीय पार्टियों एवं राज्यों में उनकी अलोकतांत्रिक एवं भ्रष्ट गतिविधियों से जनता ऊब चुकी थी और विपरीत एवं अराजक स्थितियां जनता को बार-बार अहसास दिला रही थी कि देश को एक ताकतवर नेता की जरूरत है जो कड़े त्वरित फैसले ले सके। देश में एक ओर गरीबी, बेरोजगारी और दुष्कार की समस्या है। दूसरी ओर अमीरी, विलासिता और अपव्यय है। देशवासी बहुत बड़ी विसंगति में जी रहे हैं। एक ही देश की धरती पर जीने वाले कुछ लोग पैसे को पानी की तरह बहाएँ और कुछ लोग भूखे पेट सोएं-इस असंतुलन की समस्या को नजरंदाज न कर इसका संयममूलक हल खोजना चाहिए। नगर में निवास करने मात्र से ही कोई सच्चा नागरिक नहीं हो जाता। यदि ऐसा होता तो नगर में तो अनेकों कीट-पतंगें और पशु-पक्षी भी रहते हैं, वे भी नागरिक कहे जाते हैं। पर बात ऐसी नहीं है। सही माने में नागरिक वह है, जिसमें सत्य, शौच, श्रद्धा, शील और समता जैसे नागरिक जनोचित सद्गुण हों। ऐसा व्यक्ति अपनी सुविधा के लिए दूसरों को कष्ट नहीं दे सकता। सबके प्रति मित्र भाव रखता है। फलतः उसका जीवन शांत और सुखी बनता है। अधिकारों का दुरुपयोग नहीं हो, मतदाता स्तर पर भी और प्रशासक स्तर पर भी। लोक चेतना जागे। लोकतंत्र के दो मजबूत पैर न्यायपालिका और कार्यपालिका स्वतंत्र रहें। एक दूसरे को प्रभावित न करें। संविधान के अन्तर्गत बनी आचार संहिता मुखर हो, प्रभावी हो। केवल पूजा की चीज न हो। जन भावना लोकतंत्र की आत्मा होती है। लोक सुरक्षित रहेगा तभी तंत्र सुरक्षित रहेगा। लोक के लिए, लोक जीवन के लिए, लोकतंत्र के लिए जरूरत है कि उसे शुद्ध सांसें मिलें। लोक जीवन और लोकतंत्र की अस्मिता को गौरव मिले। इसी सन्देश में स्वतंत्रता की सार्थकता निहित है। बुद्ध, महावीर और गांधी अब वापिस नहीं आ सकते। अब तो लोकतंत्र के समर्थकों को ही तुच्छ राजनीति और दलगत स्वार्थों से ऊपर उठना होगा। अहिंसा के प्रवक्ताआंे को प्रशिक्षण देना होगा। चुप्पी या बीच की लाइन को छोड़कर मतदाता को मुखर होना होगा। अन्यथा हमारा लोकतंत्र ऐसे ही लहूलुहान होता रहेगा और जिस आदर्श स्थिति की हमें तलाश है वह न हमें मिलेगी, न हमारी पीढ़ी को।


इस वर्ष हम स्वतंत्रता दिवस मनाते हुए महसूस कर रहे हैं कि निराशाओं के बीच आशाओं के दीप जलने लगे हैं, यह शुभ संकेत हैं। एक नई सभ्यता और एक नई संस्कृति करवट ले रही है। नये राजनीतिक मूल्यों, नये विचारों, नये इंसानी रिश्तों, नये सामाजिक संगठनों, नये रीति-रिवाजों और नयी जिंदगी की हवायें लिए हुए आजाद मुल्क की एक ऐसी गाथा लिखी जा रही है, जिसमें राष्ट्रीय चरित्र बनने लगा है, राष्ट्र सशक्त होने लगा है, न केवल भीतरी परिवेश में बल्कि दुनिया की नजरों में भारत अपनी एक स्वतंत्र हस्ती और पहचान लेकर उपस्थित है। चीन की दादागिरी और पाकिस्तान की दकियानूसी हरकतों को मुंहतोड़ जबाव पहली बार मिला है। चीन ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि सीमा विवाद को लेकर डोकलाम में उसे भारत के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। यह सब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व का प्रभाव है। उन्होंने लोगों में उम्मीद जगाई, देश के युवाओं के लिए वह आशा की किरण हैं। इसका कारण यही है कि लोग ताकतवर और तुरन्त फैसले लेने वाले नेता पर भरोसा करते हैं ऐसे कद्दावर नेता की जरूरत लम्बे समय से थी, जिसकी पूर्ति होना और जिसे पाकर राष्ट्र केवल व्यवस्था पक्ष से ही नहीं, सिद्धांत पक्ष भी सशक्त हुआ है। किसी भी राष्ट्र की ऊंचाई वहां की इमारतों की ऊंचाई से नहीं मापी जाती बल्कि वहां के राष्ट्रनायक के चरित्र से मापी जाती है। उनके काम करने के तरीके से मापी जाती है। हमारे राष्ट्रनायकों ने, शहीदों ने एक सेतु बनाया था संस्कृति का, राष्ट्रीय एकता का, त्याग का, कुर्बानी का, जिसके सहारे हम यहां तक पहंुचे हैं। मोदीजी भी ऐसा ही सेतु बना रहे हैं, ताकि आने वाली पीढ़ी उसका उपयोग कर सके। मोदीजी चाहते हैं कि हर नागरिक इस सेतु बनाने के लिये तत्पर हो। यही वह क्षण है जिसकी हमें प्रतीक्षा थी और यही वह सोच है जिसका आह्वान  है अभी और इसी क्षण शेष रहे कामों को पूर्णता देने का, क्योंकि हमारा भविष्य हमारे हाथों में हैं। ऐसा करके ही हम स्वतंत्रता दिवस को मनाने की सार्थकता सिद्ध कर पाएंगे।



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(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

गोरखपुर में 64 बच्चों की मौत प्रशासनिक लापरवाही नहीं, राज्य प्रायोजित जनसंहार है : माले

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  • योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे के सवाल पर स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद.


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पटना 11 अगस्त, माले राज्य सचिव कुणाल ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल काॅलेज में आॅक्सीजन की कमी से 64 बच्चों की दर्दनाक मौत पर गहरा दुख प्रकट किया है और उनके परजिनों के प्रति शोक संवेदना जाहिर की है. उन्होंने कहा कि ऐसी हृदयविदारक घटना को महज प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा कहना सही नहीं होगा, बल्कि यह राज्य प्रायोजित जनसंहार है. 5 महीने से आॅक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को महज 70 लाख रु. भुगतान न करने का नतीजा है कि इतने बड़े पैमाने पर बच्चों को मौत की नींद सोना पड़ा. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसकी आपराधिक जवाबदेही स्वीकार करते हुए अविलंब अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ मोदी-योगी की सरकार पूरे देश में उन्माद-उत्पात फैलाकर लोगों में भय व आतंक पैदा कर रही है, तो दूसरी ओर स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषय की उपेक्षा करके जनसंहार रचा रही है. योगी प्रशासन का पूरा जोर यूपी में उन्माद-उत्पात फैलाने व अल्संख्यक समुदाय के लोगों को डराने में है, जाहिर है ऐसे में जरूरी नागरिक सेवायें सरकार के लिए कोई विषय ही नहीं बनेगी. भाकपा-माले इस हृदयविदारक राज्य प्रायोजित जनसंहार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी के इस्तीफे के सवाल पर स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर 14 अगस्त को राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद के तहत पूरे बिहार में विरोध कार्यक्रम आयोजित करेगी. 

पटना : ए॰आई॰एस॰एफ॰ ने निकाला संकल्प जुलूस

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  • संगठन के 82वें स्थापना दिवस और शहीद दीनानाथ पाण्डेय की शहादत दिवस पर निकला जुलूस, बी॰एन॰ काॅलेज स्थित शहीद स्थल पर छाई गंदगी की सफाई एवं प्राचार्य से मिलकर रोष व्यक्त किया।

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पटना:- आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन के छात्रों ने आज पटना वि॰वि॰ गेट से संकल्प जुलूस निकाला। ए॰आई॰एस॰एफ॰ के 82वें स्थापना दिवस और आजादी के बाद प्रथम छात्र शहीद दीनानाथ पाण्डेय की शहादत दिवस पर निकला जुलूस बी॰एन॰ काॅलेज तक गया। पीयू गेट से पटना काॅलेज, पी॰एम॰सी॰एच॰ होते हुए जुलूस बी॰एन॰ काॅलेज स्थित शहीद दीनानाथ पाण्डेय के स्मृति चिन्ह पर छात्रों ने माल्यार्पण किया। हालांकि स्मृति स्थल पर गंदगी देख आक्रोशित छात्रों ने पहले परिसर को साफ किया तथा पुनः प्राचार्य से मिलकर सफाई न होने पर रोष व्यक्त किया। प्राचार्य राजकिशोर प्रसाद ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि माली मात्र एक है जिससे काम प्रभावित हो जाता है लेकिन इस चीज का ख्याल रखा जाएगा। स्मृति स्थल के पास ही ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राज्य पार्षद व बी॰एन॰ काॅलेज के छात्र विद्यानंद पासवान की अध्यक्षत में सभा भी हुई। सभा को संबोध्ति करते हुए ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राज्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि आज देश के पहले छात्र संगठन ए॰आई॰एस॰एफ॰ का स्थापना दिवस और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद प्रथम छत्र शहीद दीनानाथ पाण्डेय की शहादत दिवस है। आज के वक्त में ए॰आई॰एस॰एफ॰ जैसे संगठन पर जवाबदेही है कि शहीदों के विरासत को जिन्दा रख सबको शिक्षा एवं रोजगार देने की लड़ाई तेज करे। जिला सचिव सुशील उमाराज ने कहा कि 1955 के छात्र शहीद दीनानाथ पाण्डेय के योगदानों से नई पीढ़ी को प्रेरणा लेते हुए सत्ता के खिलाफ अंतिम मुकाम तक संघर्ष चलाना चाहिए। 1955 में छात्र आंदोलन के दबाव मंे प्रधानमंत्री को भी पटना आना पड़ा था। राज्य कार्यकारी सदस्य महेश कुमार ने कहा कि छात्रों के हित में 81 वर्षों के ए॰आई॰एस॰एफ॰ का इतिहास संघर्षों एवं कुर्बानियों का इतिहास है। सभा को राज्य परिषद् सदस्य सुभाष पासवान, मीर सैफ अली, मनीष कुमार, राजीव, मंजीत, उपाध्याय, रजनीश, आफताब, अमृत, अमर ज्योति, रौनक, उपेन्द्र, दिनेश, ध्रुव प्रकाश ने संबोधित किया।

बिहार : ए॰आई॰एस॰एफ॰ ने जताया रोष

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  • कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा शहीद भगव सिंह एवं बटुकेश्वर दत्त के अपमान पर ए॰आई॰एस॰एफ॰ ने जताया रोष, तिरंगा यात्रा के दौरान शहीदों की प्रतिमा पर नहीं चढ़ाया माला।

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पटना:- केन्द्रीय कानून एवं सूचना प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा आज पटना में शहीद भगत सिंह एवं बटुकेश्वर दत्त की प्रतिमा पर माल्यार्पण नहीं किये जाने पर ए॰आई॰एस॰एफ॰ ने रोष जाहिर किया है। ए॰आई॰एस॰एफ॰ ने शहीदों में सेलेक्टिव नजरिया अपनाए जाने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए आर॰एस॰एस॰ की टेªनिंग का असली चेहरा आने की बात कही है। ज्ञात हो कि केन्द्रीय मंत्री श्री प्रसाद ने कुछ सेलेक्टिव प्रतिमाओं पर माल्यार्पण आज तिरंगा यात्रा के दौरान किया है। गांधी मैदान स्थित शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्र्यापण नहीं कर केवल कारगिल चैक एवं विधानसभा गेट पर स्थित सिर्फ सात शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जबकि बटुकेश्वर दत्त को छोड़ दिया है। केन्द्री मंत्री ने एक सोची समझी रणनीति के तहत युवाओं के आदर्श व अमर शहीदों को अपमानित करने का काम किया है। वहीं तिरंगा यात्रा पर भी सवाल उठाते हुए ए॰आई॰एस॰एफ॰ ने कहा कि तिरंगा व देश के संविधान पर भी इनकी आस्था नहीं है। संघ मुख्यालय नागपुर पर तिरंगे की बजाय भगवा झंडा फहराते हैं। आजादी आंदोलन में इनकी कोई भूमिका नहीं है। तिरंगा प्रेम अचानक उमड़ना भी एक बड़ा सवाल है?

अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कुराहट लाकर ही स्वतंत्रता सेनानियों को दी जा सकती है सच्ची श्रद्धांजलि-रघुवर दास

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दुमका-राॅची (अमरेन्द्र सुमन) मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव  की जयंती पर एचईसी गोलंबर (राॅची) स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। मुख्यमंत्री श्री दास  ने कहा कि 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष में      ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव ने अद्वितीय राष्ट्रभक्ति का परिचय  दिया था। वर्ष 1858 में जब ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव चतरा तालाब के निकट युद्ध कर रहे थे, तभी धोखे से उन्हें घेर कर पकड़ लिया गया। 16 अप्रैल 1858 को ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव को रांची जिला स्कूल गेट के निकट एक कदंब पेड़ पर फांसी दे दिया गया।  मुख्यमंत्री श्री दास  ने कहा कि उनकी शहादत को हम व्यर्थ नही जाने देंगे। झारखण्ड की गरीबी दूर कर और विकास की राह में खड़े अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कुराहट लाकर ही झारखण्ड के स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।

मौका और दस्तुर बना लिया है केएल राहुल बेहतर खेलने का

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  • द्वितीय पारी में विश्व रिकॉड बनाने का अवसर लगातार फिफ्ट्री बनाकर वर्ल्ड रिकॉड की बराबरी पर


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पटना। आखिरकार स्पेशल विश्व रिकॉड की बराबरी कर ली है स्टाइलिस्ट केएल राहुल ने। इसके पूर्व केवल 5 क्रिकेटर ही लगातार 7 अर्द्धशतक बनाये हैं। ये हैं स्पेशल विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले  एवर्टन वीक्स (वेस्टइंडीज),  एंडी फ्लॉवर (जिम्बाब्वे), शिवनारायण चंद्रपॉल (वेस्टइंडीज), कुमार संगकारा (श्रीलंका) और क्रिस रॉजर्स (ऑस्ट्रेलिया) हैं। अब उस श्रेणी में 19 वीं टेस्ट खेल रहे केएल राहुल (भारत) भी शामिल हो गये हैं। हां, केएल राहुल स्पेशल विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। केएल राहुल ने टेस्ट क्रिकेट में शानदार वापसी करते हुए श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो टेस्ट में अर्द्धशतकीय पारी खेली। राहुल की टेस्ट क्रिकेट में यह लगातार सात फिफ्टी  आज तीसरे टेस्ट में बना लिये हैं। अब केएल राहुल को द्वितीय पारी में विश्व रिकॉड तोड़ने का मौका पेल्लेकेले में ही मिल सकता है। राहुल बीमारी के चलते श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में नहीं खेल पाए थे। दूसरे टेस्ट के लिए टीम में उनकी वापसी हुई और उन्होंने 57 रनों की पारी खेली। वे रन आउट हुए। इससे पहले राहुल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार 5 फिफ्टी बना चुके थे। भारत के केएल राहुल एवर्टन वीक्स (वेस्टइंडीज), एंडी फ्लॉवर (जिम्बाब्वे), शिवनारायण चंद्रपॉल (वेस्टइंडीज), कुमार संगकारा (श्रीलंका) और क्रिस रॉजर्स (ऑस्ट्रेलिया) के पथ चिंहों और प्रतिबद्धता के साथ खेल स्पेशल रिकॉर्ड के मुकाम पर पहुंच कर बराबरी कर सके हैं। यह कारनामा राहुल ने लगातार सात फिफ्टी बनाकर किया है। 90 और 51 वि. ऑस्ट्रेलिया - बेंगलुरू (4 मार्च 2017 से शुरू),67 वि. ऑस्ट्रेलिया - रांची (16 मार्च 2017 से शुरू),60 और 51 वि. ऑस्ट्रेलिया - धर्मशाला (25 मार्च से शुरू), 57 वि. श्रीलंका - कोलंबो (3 अगस्त 2017 से शुरू और 85 वि. श्रीलंका- पल्लेकेले यं( 12 अगस्त 2017 से शुरू।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 12 अगस्त

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प्रांतीय प्रवासी कार्यकर्ता कार्यषाला 2017

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विदिशा - विद्या भारती मध्यभारत प्रांत द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रान्तीय प्रवासी कार्यकर्ता कार्यषाला आज दिनाॅक 12.08.17 को सरस्वती षिषु/विद्या मंदिर केषवनगर विदिषा में प्रारंभ हुई। इस कार्यषाला में मुख्य वक्ता श्री गोविन्द प्रसाद शर्मा (राष्ट्रीय अध्यक्ष विद्या भारती) ने कहा कि- प्रवासी कार्यकर्ता के अनुभव हमें साझा करना है । इस लिए आप व हम यहां एकत्र हुए हंै। विद्या भारती का कार्य निरन्तर चल रहा है । जब हम सभी प्रवास करते हंै तो प्रवास का एक निष्चित उद्देष्य होता है । षिक्षा समाज के अन्दर विद्या भारती को नेतृत्वकर्ता बनना है तो हमें स्वंय क्षमतावान, सामथ्र्यवान एवं योग्य बनना होगा । जब नेतृत्व क्षमता नहीं होती और हम नेतृत्व करते हंै तो दूसरे हमारा उपयोग करते हैं इससे दुःखद स्थिति बनती है । ऐसे में हमें पूर्ण रुप से सक्षम व समर्थ बनने के लिए प्रयत्न करना होगा। अपने विद्यालयों के विकास के लिए प्रवास करते समय हमारी दृष्टि ऐसी ही होनी चाहिए अर्थात् हमें अपना लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए। हिन्दू मान्यताएं, हिन्दू विचार, हिन्दू जीवन पद्वति के मुताबिक हमें समाज को खडा करना हैं  अर्थात् हमारे विद्यालयों से निकलने वाले विद्यार्थी इन विचारों को स्थापित करने वाले बनने चाहिए। इसलिए हमारे विद्यालयों को अपने लक्ष्य के अनुरूप विकसित करना होगा। व्यवस्थाओं का संचालन हमारे लक्ष्य प्राप्त करने की दिषा में है कि नही, यह देखना होगा। प्रवासी कार्यकर्ता को यह सब बातें स्पष्ट होनी चाहिए । प्रारम्भ में इस कार्यषाला की प्रस्तावना रखते हुऐ श्री रामकुमार भावसार (प्रांत प्रमुख, नगरीय षिक्षा) ने कहा कि सम्पूर्ण देष में विद्याभारती द्वारा विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं । अपने विद्यालयों को वर्तमान की आवष्यकता के अनुरुप और अधिक विकसित करने के लिए क्या-क्या  प्रयास किए जाऐं एवं नए-नए प्रयोग विद्यालयों मे हों इस पर विचार विमर्ष करने के लिए इस कार्यषाला का आयोजन किया जा रहा है । हमारे विद्यालय समाज की मान्यताओं पर खरे उतरें एवं प्रतिमान स्थापित करें यह विचार करना चाहिए।  इस दो दिवसीय कार्यषाला के शुभारंभ अवसर पर श्री हितानंद शर्मा (प्रांतीय संगठन मंत्री विद्या भारती) , श्री किरीट नागड़ा (प्रांतीय उपाध्यक्ष ग्राम भारती समिति भोपाल) श्री प्रकाष बरतूनिया (प्रांतीय उपाध्यक्ष नगरीय षिक्षा भोपाल) की विषिष्ट उपस्थित रही। मध्यभारत प्रांत के 16 जिलों के लगभग 30 स्थानो से 150 कार्यकर्ता इस कार्यषाला में सम्मिलित हो रहे हैं। कार्यषाला का संचालन श्री राजेन्द्र सिंह परमार(भोपाल) ने एवं स्वागत श्री महेन्द्र सिंह रघुवंषी, (विदिषा) , श्री मुकेष तिवारी (कुरवाई) ने किया । व्यक्तिगत गीत श्री विजय माथुर (भोपाल) द्वारा प्रस्तुत किया गया । 


भारत सरकार की जाँच एजेंसी ने की श्रीहरि वृद्धाश्रम की प्रशंसा

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विदिषा-12 अगस्त 2017/सामाजिक एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार की जाँच एजेंसी आर ,आर, टी सी पुणे की एग्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्य जयदेव नायक ने स्थानीय श्री हरि वृद्धाश्रम का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर संस्था के सचिव कृष्ण बल्देव भट्ट सहित संस्था सदस्य वेद प्रकाश शर्मा उपस्थित रहे। जयदेव नायक ने निरीक्षण के दौरान वृद्धाश्रम की भोजन, चिकित्सा मनोरंजन व्यवस्था एवं प्रतिदिन की गतिविधियों का निरीक्षण करते हुए वृद्धजनों से चर्चा की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सभी गतिविधियों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस वृद्ध आश्रम के वृद्धजनों के खिलखिलाते चेहरे आश्रम के सफल संचालन का जीता जागता प्रमाण है। उन्होंने कहा कि इस वृद्धाश्रम द्वारा वृद्धजन पुनर्वास कार्यक्रम का सफल संचालन समूचे देश के लिए प्रेरक है। वे पुनर्वासित वृद्धजनो की कार्यवाही फाइल की छायाप्रतियां भी अपने साथ ले गए। एक दिव्यांग भिखारी अशोक जैन के जीवन मे बड़ा बदलाव लाकर उन्हें वृद्धाश्रम का स्वागत अधिकारी बनाने में सफलता अर्जित करने पर श्री नायक ने वृद्धाश्रम की अध्यक्ष श्रीमती इंदिरा वेद प्रकाश शर्मा की व्यक्तिगत समर्पित भावना की भी प्रशंसा की। 

भगवान श्री धरणीधर बलराम जी जयंती पर किरार समाज निकालेगा विषाल चल समारोह

विदिशाः दिनांक 13.08.2017 को प्रातः 10ः30 बजे भगवान श्री धरणीधर बलराम जी की जयंती के उपलक्ष्य में विषाल चल समारोह निकाला जायेगा जिसमें आप समस्त समाजजनों एवं समस्त नगर वासियों से उपस्थित होकर कार्यक्रम सफल बनाने की अपील अखिल भारतीय किरार धाकड़ कल्याण महासभा नवयुवक मण्डल के जिलाध्यक्ष दीवान किरार ने की है। स्थानीय किरार धाकड़ धर्मषाला किरी मोहल्ला बैंक आॅफ बडौदा के पास से भगवान श्री बलराम जी की पूजा अर्चना कर प्रारंभ होकर शहर के मुख्य मार्गों से होकर अग्रवाल धर्मषाला पहुॅचेगी। 

मुख्यमंत्री योगी जी के नाम एक खुला पत्र

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सेवा में
माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी
उत्तर प्रदेश सरकार।

विषय- गोरखपुर अस्पताल मे हुए बच्चों के मृत्यु के संबंध में।

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माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन की सप्लाई न होने से बच्चों की हुई मौत को लेकर पूरे देश में गहरे दुख का माहौल है। परिवार वालों के लिए अपनी संवेदना प्रकट करते हुए मैं अपनी बात आप के समक्ष रख रहां हूं। आप ने एक सांसद की तौर पर गोरखपुर की जनता का प्रतिनिधित्व भी किया है। प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने और आप के मुख्यमंत्री बनने के बाद जनता को आप से काफ़ी उम्मीदें भी हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में केवल  बच्चों की मृत्यु ही नहीं हमारे देश के भविष्य की मृत्यु हुई है। मुख्यमंत्री जी बच्चों के परिवार वालों से पूंछो उनपर क्या गुजर रही होगी।बड़ी आस के साथ लोग मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने आते हैं। इनमें बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो गरीबी का दंश झेल रहे होते हैं। मेडिकल के क्षेत्र में अर्सों से लापरवाही देखने को मिलती आई है। ये एक बड़ी विडम्बना है। कमीशन पैसा इंसानों की जिंदगी से ज्यादा मायने रखने लगा है। आक्सीजन सप्लाई करने वाली कम्पनी पुष्पा सेल्स का बकाया होने से ये घटना हुई या फिर अस्पताल की लापरवाही से। मुख्यमंत्री जी आप से विनम्र निवेदन है कि दोनों ही तथ्यों पर संज्ञान लेने की जरुरत है। बकाया की वजह से ऐसा किया गया है तो इंसानियत नाम की कोई चीज उनके अंदर नहीं है। फिर इसे एक तरह से सोचसमझकर की गई हत्या के रुप में देखा जाए। और दोषियों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाए। हम 70 साल की आजादी को मनाने जा रहें हैंं और हमने लापरवाही और कमीशन खोरी की वजह देश के भविष्य को खो दिया।ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी के पत्र में एक वेबसाइट के अनुसार साफ तौर पर बकाए के भुगतान की बात लिखी गई है. करीब 64 लाख रुपए के बकाए के भुगतान के संबध में लिखे गए पत्र में कंपनी साफ तौर पर कह रही है कि भुगतान न होने पर वह गैस की सप्लाई नहीं कर पाएगी.अस्पताल प्रशासन की तरफ से भुगतान न किया जाना भी एक जांच का विषय हो सकता है। मुख्यमंत्री जी आप से अपील है कि इस पूरे मामले में आप संज्ञान लें। जिससे पीड़ित परिवार को न्याय भी मिल सके। प्रदेश की जनता को आज भी आप से बहुत उम्मीद है। 


आप का बहुत बहुत आभार ।

रवि श्रीवास्तव (पत्रकार)

शरद ने दी चुनौती, कहा- निकालते-निकालते थक जाओगे

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दरभंगा 12 अगस्त, जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने वर्तमान समय को अपने राजनीतिक जीवन का चुनौतीपूर्ण समय बताया और कहा कि अब तो यह देखना है कि मंजिल किसे मिलती है। श्री यादव ने शुक्रवार देर शाम यहां आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बगैर उनपर बड़ा हमला करते हुए कहा कि इस समय बिहार में दो जनता दल है, एक सरकारी जनता दल और दूसरा आम जनता का जनता दल। शरद का इशारा नीतीश कुमार और उनके साथ देेने वाले लोगों के लिए ‘सरकारी जनता दल’ जबकि उनके साथ चल रहे लोगों को ‘जनता का जनता दल’ की तरफ था। उन्होंने कहा कि आने वाला समय चुनौतीपूर्ण है और देखना है मंजिल किसे मिलती है। सांसद ने पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यक्रम में शाामिल होने से पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को रोका जा रहा है और उन्हें पार्टी से निकालने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने पार्टी को चुनौती देते कहा कि कितने को निकालोगे। निकालते-निकालते थक जाओगे, उम्र खत्म हो जाएगी लेकिन जनता अपना पुरुषार्थ दिखा कर फिर लड़ेगी। उन्होंने इस तरह की धमकी देने वाले नेताओं को धन्यवाद देते हुए कहा, “ मैं महागठबंधन से पार्टी के अलग होने के फैसले से दुखी हॅूं और इस मुद्दे पर अकेले ही जनता के पास जाऊंगा।”

शरद के दौरे से डरी बिहार सरकार ने जारी कराया तूफान का झूठा अलर्ट : फातमी

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दरभंगा 12 अगस्त, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता अली अशरफ फातमी ने आज आरोप लगाया कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सांसद और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के बिहार दौरे से डरी राज्य सरकार ने एक सोची समझी साजिश के तहत राजनीतिक लाभ के लिए मौसम विभाग से तूफान का झूठा अलर्ट जारी करवाया ताकि लोग उनके (शरद) कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके। श्री फातमी ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव के बिहार दौरे से राज्य सरकार बुरी तरह घबरा गयी। इस घबराहट में मौसम विभाग से तेज तूफान का अलर्ट जारी करवा दिया गया ताकि लोगों को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि पहले केन्द्रीय जांच ब्यूरो, फिर प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग के बाद अब मौसम विभाग का दुरुपयोग कर जानबूझ कर झूठी और भ्रामक खबर फैलाई गई कि बिहार में दो दिनों तक तेज़ तूफान और भारी वर्षा होगी । राजद नेता ने कहा कि तमाम अलर्ट के बावजूद ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने पूरे मामले में बिहार सरकार और केन्द्र सरकार की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार ने मौसम विभाग के माध्यम से यह भ्रम फैलाया ताकि लोगों को दहशत में डाल कर लोगों को शरद यादव के कार्यक्रम में जाने से रोका जाये। उन्होंने आरोप को सही साबित करते हुए कहा कि शरद यादव का बिहार में जहां-जहां दौरा था, मौसम विभाग ने उन जिलों को सबसे ज्यादा तूफान और भारी बारिश की अफवाह फैलाई। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि यह कैसे हो सकता है कि भागलपुर से सीधे तूफान मुजफ्फरपुर पहुंच जाए और बीच के जिले में कुछ न हो और जहां-जहां शरदजी का कार्यक्रम हो तूफान आगे-आगे उन्हीं इलाके में जाये । श्री फातमी ने देश में मुसलमानों की स्थिति पर तत्कालीन उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी के बयान को सही ठहराते हुए कहा कि उन्होंने कोई गलत बात नहीं की। इस तरह की बातें पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी कही थी। उन्होंने कहा कि यह सच्चाई है कि देश में जानवर के नाम पर इंसान को मारा जा रहा है। 

योगी सरकार की अक्षमता का परिणाम गोरखपुर की घटना : लालू यादव

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पटना 12 अगस्त, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन आपूर्ति रूकने से तीस से अधिक बच्चों की मौत पर अफसोस जाहिर करते हुए इसे उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की अक्षमता और लापरवाही का परिणाम बताया है। श्री यादव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, “ गोरखपुर अस्पताल में मारे गये निर्दोष बच्चों की मौत की खबर सुनकर काफी मर्माहत हॅूं। यह योगी सरकार की अक्षमता और लापरवाही है। दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए।” उल्लेखनीय है कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन खत्म होने से अबतक तीस से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। मरने वाले बच्चे एनएनयू वार्ड और इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती थे। घटना से दो दिन पूर्व नौ अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेडिकल कॉलेज का हाल देखकर गये थे। 

शरद राज्यसभा में जदयू के नेता पद से हटाये गये, आरसीपी को मिली जिम्मेदारी

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पटना 12 अगस्त, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के बगावती सुर को देखते हुए पार्टी ने उन्हें राज्‍यसभा में पार्टी के नेता पद से हटा दिया है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने आज यहां इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि श्री आर.सी.पी.सिंह को राज्यसभा में जदयू का नेता बनाया गया है । उन्होंने कहा कि श्री शरद यादव की मौजूदा गतिविधि को देखते हुए ऐसा करना जरूरी हो गया था । पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा ने आज सुबह दस बजे उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात कर पार्टी की ओर से इस संबंध में पत्र सौंपा है। पत्र में सूचित किया गया है कि पार्टी ने राज्यसभा में श्री शरद यादव की जगह श्री आरसीपी सिंह को अपना नेता चुना है। गौरतलब है कि राज्यसभा में जदयू के 10 सदस्य हैं । बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार बनाने के श्री नीतीश कुमार के फैसले के बाद से श्री शरद यादव के अलावा दो अन्य सदस्य अली अनवर और केरल के वीरेन्द्र कुमार बागी हो गये । पार्टी ने कल ही श्री अली अनवर को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण निलंबित कर दिया था । इस बीच जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने पार्टी के फैसले को सही करार देते हुए कहा है कि श्री शरद यादव पर कार्रवाई करना जरूरी था । वह बेवजह पार्टी के खिलाफ अनाप-शनाप बयान दे रहे थे । दरअसल वह राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की भाषा बोल रहे हैं और श्री लालू प्रसाद यादव के भ्रष्टाचार में उनका साथ दे रहे हैं। ऐसे में पार्टी नेतृत्व ने उनपर कार्रवाई की है, जो बिल्कुल सही है।

माकपा ने भागलपुर महाघोटाले की सीबीआई जांच की मांग की

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समस्तीपुर 12 अगस्त, मार्क्सवादी कम्युनिट पार्टी (माकपा) ने बिहार में भागलपुर जिले में करीब सात सौ करोड़ रुपये की सरकारी राशि के गबन की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है। माकपा राज्य सचिव अवधेश कुमार ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि देश में चर्चित भागलपुर के इस सरकारी राशि घोटाला कांड में राजनीतिक नेताओं के भी हाथ हैं। उन्होंने कहा कि जब-तक इस घोटाले की जांच सीबीआई नहीं करेगी तब तक इसमें शामिल राजनीतिक दलों के नेताओं का नाम का खुलासा नहीं हो पायेगा। श्री कुमार ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह अवसरवादी राजनीति करने में माहिर हैं । उन्होंने कहा कि इसका ताजा उदाहरण देखने को तब मिला जब उन्होंने नाटकीय ढंग से महागठबंधन से नाता तोड़ कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ राज्य में सरकार का गठन कर लिया । माकपा राज्य सचिव ने कहा कि साम्प्रदायिकता और अवसरवादी राजनीति के खिलाफ उनकी पार्टी आगामी 19 सितम्बर को पटना मे जन आक्रोश मार्च निकालेगी। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या बिहार में भाजपा एजेंडा को लागू कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सरकार चलायेगें। एक सवाल के जवाब में उन्होंने जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के बिहार में चलाये जा रहे संवाद कार्यक्रम को हिम्मत वाला कदम बताया। इस अवसर पर माकपा राज्य सचिव मंडल के सदस्य अजय कुमार और जिला मंत्री राम दयाल भारती भी उपस्थित थे। 

बगहा में गंडक और सुपौल में कोसी नदी उफान पर, 171 गांव प्रभावित

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बगहा/सुपौल 12 अगस्त, बिहार के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही व्यापक वर्षा के कारण आज बाल्मीकिनगर बराज से दो लाख और कोसी बराज से दो लाख 80 हजार 225 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंडक और कोसी नदी में उफान से पश्चिम चंपारण एवं सुपौल जिले के निचले इलाके के 171 गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से इन इलाकों के लोग ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर शरण लिये हुए हैं । बगहा से यहां प्राप्त सूचना के अनुसार पिछले दो दिनों से नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही वर्षा के कारण बाल्मीकिनगर बराज में पानी का दबाव बढ़ गया था जिसके बाद आज बराज से दो लाख क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया है । पानी छोड़े जाने के कारण पश्चिम चंपारण जिले के गंडक नदी के दियारा वाले निचले इलाके के ठकराहा, भितहा, मधुबनी और पिपरासी प्रखंडों के एक सौ अधिक गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इन इलाकों के लोग तटबंध के अलावा ऊंचे एवं सुरक्षित स्थानों पर शरण लिये हुए है । बाढ़ के पानी से दियारा इलाके के हजारों एकड़ में लगी फसलों को भी नुकसान हुआ है । सूत्रों ने बताया कि गंडक के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण पिपरा-पिपरासी तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ गया है जहां जल संसाधन विभाग के अभियंता 24 घंटा चौकसी बरत रहे हैं । वहीं जलस्तर में वृद्धि के कारण बगहा नगर के मिर्जा टोली के निकट कटाव स्थल पर पानी का भारी दबाव बना हुआ है । सूत्रों ने बताया कि वही दूसरी ओर लगातार वर्षा के कारण जिले के पहाड़ी नदी भपसा और मनोर के जलस्तर बढ़ने से बाल्मीकिनगर टाईगर रिजर्व के जंगलों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है । वन एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारी इस पर नजर बनाये हुए हैं । वहीं सुपौल से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कोसी नदी में आये उफान के कारण जिले के सरायगढ़ , मरौना, बसंतपुर समेत कई प्रखंडों के 30 पंचायतों के 71 गांव में बाढ़ का ताजा पानी फैल गया है । पानी के कारण इन गांवों के 310 कच्चे मकान ध्वस्त हो गये है । आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि कोसी बराज से आज दो लाख 80 हजार 225 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है । बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिये गये हैं और 171 नावों का परिचालन किया जा रहा है । प्रभावित इलाकों के 2350 लोगों सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। 

सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्ति को लेकर हंगामा

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रांची 12 अगस्त, झारखंड विधानसभा में आज उस समय अजीवोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गयी जब कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि राज्य में उनकी सरकार बनेगी तो वह सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्ति को तोड़ देंगे।  राज्य के नगर विकास मंत्री सी पी सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के बिरंची नारायण के एक ध्यानाकर्षण सूचना के जवाब में कहा कि रांची में सरदार बल्लभ भाई पटेल पार्क की जमीन किसी को नहीं दी जायेगी और इस पार्क का उपयोग यहां के लोग करेंगे तथा इस पार्क में सरदार बल्लभ भाई पटेल की मूर्ति लगाई जायेगी । इसी दौरान कांग्रेस विधायक श्री अंसारी ने कहा कि उनकी सरकार आने पर इस मूर्ति को तोड़ देगी । इस पर सदन में शोर-शराबा भी हुआ । हालांकि इस पर नगर विकास मंत्री श्री सिंह ने भी तीखी टिप्पणी की लेकिन उनकी टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया। इससे पहले श्री सिंह ने कहा कि सरकार बल्लभ भाई पटेल पार्क की जमीन में से एक दशमलव 33 एकड़ जमीन पिछली सरकार के समय आवास बोर्ड ने पांच करोड़ 45 लाख रूपये में एक स्कूल को दे दिया था और यह मामला उच्चतम न्यायालय तक गया था । उन्होंने कहा कि आवास बोर्ड को दो करोड़ से ज्यादा अनुमानित मूल्य की चीजें देने का अधिकार नहीं है और इसके लिये उसे राज्य सरकार से अनुमति लेनी चाहिये थी, लेकिन आवास बोर्ड के अधिकारियों ने अनुमति नहीं ली । श्री सिंह ने कहा कि वह पूरे मामले की जांच करायेंगे और षडयंत्र कर जमीन देने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी । उन्होंने कहा कि इस जमीन पर पार्क ही रहेगा और भूमि का आवंटन स्कूल को नहीं होने दिया जायेगा । 


नीतीश ने सत्ता के लालच में जनता के साथ विश्वासघात किया : पूर्वे

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समस्तीपुर 12 अगस्त, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र पूर्वे ने आज आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ता के लालच में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से गठबंधन कर बिहार के लोगों के साथ विश्वासघात किया है। श्री पूर्वे ने यहां नगर भवन मे राजद की ओर से आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों ने बिहार के विकास के लिए महागठबंधन को सरकार चलाने का जनादेश दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री श्री कुमार ने जनता को धोखा देकर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की गोद मे जा बैठे हैं । उन्होने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने साम्प्रदायिक शक्तियों के खिलाफ हमेशा संघर्ष किया है वहीं अवसरवादी मुख्यमंत्री श्री कुमार ने जनादेश का अपमान कर साम्प्रदायिक शक्तियों के साथ गठबंधन कर लिया है। इस अवसर पर राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एवं विधान पार्षद मो.कमरे आलम, बिहार के पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता, राजद विधायक सह प्रदेश प्रवक्ता अख्तरुल इस्लाम शाहिन ने कहा कि संघ मुक्त भारत का नारा देने वाले मुख्यमंत्री श्री कुमार आज कुर्सी के लिए आरएसएस और भाजपा की कठपुतली बन बैठे है। नेताओं ने कहा कि ऐसे लालची नेता को बिहार की जनता कभी माफ नही करेगी। राजद नेताओ ने कहा कि "भाजपा भगाओ-देश बचाओ "के तहत आगामी 27 अगस्त को पटना मे आयोजित रैली ऐतिहासिक होगी। सम्मेलन को राजद की नेता एवं विधान परिषद की पूर्व सदस्य रोमा भारती, समीर महासेठ, समस्तीपुर जिला सह प्रभारी दानी प्रजापति, राजद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री रामचन्द्र राय समेत कई नेताओं ने भी संबोधित किया । 

झारखंड में आय प्रमाण पत्र की अवधि अब एक वर्ष होगी : रघुवर दास

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रांची 12 अगस्त, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज विधानसभा में घोषणा की कि अब आय प्रमाण पत्र की अवधि एक वर्ष और जाति प्रमाण पत्र की अवधि तीन वर्ष की रहेगी । श्री दास ने विधानसभा में कांग्रेस के आलमगीर आलम के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर के दौरान हस्तक्षेप करते हुये कहा कि आय प्रमाण पत्र की अवघि पहले छह माह होती थी जिसे अब बढ़ाकर एक वर्ष कर दी गयी है । इसी तरह जाति प्रमाण पत्र की अवधि एक वर्ष थी जिसे बढ़ाकर तीन वर्ष कर दी गयी है । उन्होंनें कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के जाति प्रमाण पत्र की अवधि आजीवन रहेगी । श्री दास ने कहा कि राज्य में पंचायत सचिवालय के माध्यम से आवासीय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र उपलब्ध कराये जायेंगे तथा इसके लिये लोगों को प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगाना नहीं पडे़गा । इससे पहले राज्य के जल संसाधन मंत्री चन्द्र प्रकाश चौधरी ने कहा कि नामांकन एवं नियुक्तियों से सम्बन्धित आवासीय, जाति और आय प्रमाण पत्र के आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित समय सीमा अंदर निष्पादित किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि राज्य में लागू राइट टू सर्विस एक्ट के तहत आवासीय , जाति एवं आय प्रमाण पत्र आवेदन देने के तीस दिनों के अंदर देना अनिवार्य है । 

भागलपुर में करोड़ों के घोटाले में इओयू की छापेमारी जारी

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भागलपुर 12 अगस्त, बिहार के भागलपुर जिले में हुए सरकारी राशि के करोड़ों रुपयें के घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने आज सिविल सर्जन कार्यालय समेत कई स्थानों पर छापेमारी कर इससे संबंधित बैंक पासबुक समेत अन्य कागजातों को जब्त किया। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि इओयू की टीम ने भागलपुर के सिविल सर्जन कार्यालय में छापेमारी की । छापेमारी के दौरान कई बैंकों के पासबुक और कागजातों को अपने कब्जे में लिया । इसके बाद सिविल सर्जन से भी पूछताछ की गई । सूत्रों ने बताया कि इससे पूर्व इस घोटाले की जांच कर रही जिला पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कल देर रात जगदीशपुर थाना क्षेत्र के पिस्ता गांव स्थित जिला युवा जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शिव कुमार मंडल के घर पर भी छापेमारी की । छापेमारी की भनक लगते ही मंडल फरार हो गया । वहीं इओयू की टीम ने कल ही घोटाले के मुख्य आरोपी स्वयंसेवी संस्था सृजन के सचिव के आलीशान मकान की घेराबंदी कर छापेमारी की थी , लेकिन वह भी हाथ नहीं लग सका । 



इस बीच भागलपुर के जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने यहां बताया कि अभी तक इस मामले में घोटाले की राशि बढ़कर करीब 668 करोड़ रुपये तक हो गयी है । उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक अलग-अलग सात प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है । श्री तितरमारे ने बताया कि जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है उनमें जिला भू-अर्जन विभाग का सर्वाधिक 275 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी का भी मामला शामिल है। उन्होंने बताया इस घोटाले में शामिल सात लोगों को अबतक गिरफ्तार कर आज जेल भेज दिया गया है और हिरासत में लिए गए अन्य लोगों से कड़ी पूछताछ की जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में जिला समाहरणालय, बैंक और सृजन से जुड़े लोग शामिल है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए सरकारी कर्मचारियों के निलंबन की प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्द ही सभी को निलंबित किया जाएगा । इसके साथ ही उनपर विभागीय कार्रवाई भी होगी । वहीं घोटाले से जुड़े जिला नजारत के नाजीर अमरेंद्र कुमार यादव के फरार रहने के कारण उससे अभी स्पष्टीकरण पूछा गया है। इसबीच झारखंड के गोड्डा के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद निशीकांत दुबे, भागलपुर के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सांसद बुलो मंडल एवं कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने इस महाघोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग केंद्र सरकार से की है। वहीं दूसरी ओर इस घोटाले में शामिल इंडियन बैंक , भागलपुर के शाखा प्रबंधक नवीन कुमार राय को आज उप क्षेत्रीय प्रबंधक ने निलंबित कर दिया है। मामला उजागर होने के बाद से वह फरार हैं । 

धर्म स्वतंत्र एवं भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पारित, सभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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रांची 12 अगस्त, झारखंड विधानसभा में झारखंड धर्म स्वतंत्र विधेयक 2017 और भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार (झारखंड संशोधन) विधेयक 2017 समेत चार विधायकों को मंजूरी प्रदान करने के साथ ही आज विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी । विधानसभा में भोजनावकाश के बाद झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक, 2017 और झारखंड मूल्यवर्द्धित कर संशोधन विधेयक, 2017 को मंजूरी प्रदान कर दी गयी। जबकि झारखंड धर्म स्वतंत्र विधेयक को प्रवर समिति के विचारार्थ भेजने का आग्रह झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के स्टीफन मरांडी ने किया , लेकिन सभा ने इसे प्रवर समिति को भेजे जाने के आग्रह को अस्वीकार करते हुए बिना कोई संशोधन के इसे पारित कर दिया। भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार (झारखंड संशोधन) विधेयक 2017 को भी प्रवर समिति को सौंपे जाने के लिए झामुमो, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल के 14 सदस्यों की ओर से प्रस्ताव आया, लेकिन सदन ने इसे खारिज करते हुए इस विधेयक को भी पारित कर दिया। हालांकि बाद में इससे नाराज झामुमो विधायकों ने सदन का बहिष्कार किया, वहीं कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपने-अपने स्थान पर बैठे रहें । इस पांच दिवसीय मॉनसून सत्र के दौरान सात विधेयकों को मंजूरी प्रदान की गयी, जबकि मेडिकल प्रोटेक्शन बिल को विचार के लिए प्रवर समिति को सौंप दिया गया है। सत्र के दौरान पहले दो दिनों तक सदन में प्रश्नोत्तरकाल की कार्यवाही बाधित रही, लेकिन चौथे और पांचवें दिन सदन में कई अल्पसूचित और तारांकित प्रश्नों के अलावा ध्यानाकर्षण सूचना पर सरकार की ओर से जवाब आया। झारखंड विधानसभा के दशम् मॉनसून सत्र में सरकार ने सदन की भावना का सम्मान करते हुए कहा कि राज्य की जनता की आवश्यकता एवं आकांक्षा को पूरा करने की दिशा में हर सम्भव प्रयास कर रही है। 


इससे पहले सदन की कार्यवाही समाप्त होने से पहले मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार का सिद्धांत है सबका साथ , सबका विकास। उन्होंने कहा कि पारदर्शी शासन, जवाबदेह और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन सरकार का मूलमंत्र है । राज्य सरकार के एक हजार दिन पूरे होने को हैं। झारखण्ड अब विकास की ओर तेजी से अग्रसर है। उन्होंने कहा कि देश भर में विकास वृद्धि दर में हम दूसरे स्थान पर हैं। जहां यह राज्य नकारात्मक कारणों से चर्चा में ज्यादा रहता था, वहीं अब हमारे राज्य को एक नई सकारात्मक पहचान मिल रही है। इस बदलते झारखण्ड के लिए सबके साथ और साझा प्रयास को मैं श्रेय देना चाहता हूं । उन्होंने कहा कि मेरा मानना है सत्ता सेवा के लिए और विरोध सुधार के लिए होना चाहिए। वस्तुतः लोकतंत्र में जनता स्वामी है और हम सेवक हैं। हम यहां सिद्धांत की राजनीति कर रहे हैं, सुविधा की नहीं। श्री दास ने कहा कि हमारा लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जिसमें वसुधैव कुटुम्बकम की भावना निहित है और हमारा संविधान मौलिक अधिकारों के साथ-साथ हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है। जनप्रतिनिधि सदन में जनता की आवाज को अभिव्यक्त करते हैं। इस अभिव्यक्ति में जनकल्याण की भावना निहित रहती है। उन्होंने कहा कि हम सबों का एक ही उद्देश्य है, जनता की आशाए आकांक्षा और वेदना को ध्यान में रखते हुए उनकी सेवा करना । लोकतंत्र और संसदीय व्यवस्था देश की अनुभूत जीवन पद्धति है और यह हमारा जीवन दर्शन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समावेशी विकास के लिए वित्तीय प्रबंधन में आमजनों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जा रही है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने समाज को अंत्योदय का मंत्र दिया। यह वर्ष दीन दयाल उपाध्याय जी की जन्म शताब्दी वर्ष भी है, इसलिए सरकार इस वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मना रही है। उन्होंने कहा कि विकास की किरण समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े हर व्यक्ति तक पहुंचे, तभी उसे वास्तविक विकास माना जायेगा। इसलिए मैं सभी माननीय सदस्यों के सकारात्मक सुझावों का स्वागत करता हूं, चाहे वे सत्ता पक्ष के हों या विपक्ष के सदस्य । 

श्री दास ने कहा कि सरकार के जन कल्याणकारी कार्य आम जनता तक पहूंचे यह प्रयास सभी माननीय सदस्यों का होना चाहिए। यही राज्य के समग्र विकास का मूलमंत्र है और तभी सम्भव है, जब सभी जनप्रतिनिधि दलगत भावना से आगे बढ़ कर सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार राज्य के सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास एवं सहभागी प्रयास की अवधारणा को ध्यान में रखकर कार्य कर रही है। सभी सदस्यों ने एक दूसरे को सुनने और बोलने देने की संसदीय परम्परा का निर्वहन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह नेता विरोधीदल एवं सभी दलों के नेता तथा माननीय सदस्यों केआभारी हैं जिनकी लोकहित की चिन्ता एवं सार्थक बहस विविध विधायी प्रक्रियाओं के माध्यम से सामने आई है। सभी माननीय सदस्यों ने सरकार को विभिन्न अवसरों पर सहयोग प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि भविष्य में भी इसी तरह का सहयोग मिलता रहेगा । श्री दास ने कहा कि झारखण्ड विधानसभा के दशम् मानसून सत्र की अवधि में कुल 467 प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें से 84 अल्पसूचित, 269 तारांकित और 114 अतारांकित के रूप में स्वीकृत किए गए । सरकार ने सभी प्रश्नों एवं अन्य सूचनाओं का हर सम्भव उत्तर देने का प्रयास किया है। वहीं सदस्यों ने सदन में अनुपूरक बजट पर अपनी सहमति देकर विकास की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए सहयोग किया है।  इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने पांच दिवसीय मॉनसून सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की ।

रघुवर सरकार भेदभाव बरत रही है : फुरकान

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दुमका,12 अगस्त, झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के विधायकों और संतालपरगना क्षेत्र के साथ भेदभाव और पक्षपात पूर्ण रवैया अख्तियार कर रही है । श्री अंसारी आज यहां परिसदन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास और उनके मंत्रियों ने सरकार गठन के समय बिना किसी भेदभाव और द्वेष के बिना कार्य करने का शपथ लिया था,लेकिन मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री विपक्ष के विधायकों के साथ भेदभाव की नीति अपना रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री संविधान के अनुरूप जनता के समक्ष लिये गये कसम के विपरीत कार्य रहे हैं इसलिए उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है । श्री अंसारी ने कहा कि राज्य की भाजपा नीत सरकार प्राथमिकता के अधार पर संतालपरगना का तेजी से विकास करने का दावा कर रही है लेकिन छोटानागपुर क्षेत्र में विशेष कर जमशेदपुर क्षेत्र के लिए दो गुणा योजनाओं को स्वीकृत कर रही है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार भाजपा के विधायकों द्वारा अनुशंसित योजनाओं को मंजूरी दे रही है वहीं विपक्ष के विधायकों द्वारा अनुशंसित योजनाओं को ठंडे वस्ते में डालकर विपक्ष के विधायकों के साथ विकास के मामले में उनके क्षेत्र के साथ भेदभाव और पक्षपात की नीति अपना रही है। 

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