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बिहार : पटना वि॰वि॰ पर छात्रों का रोषपूर्ण प्रदर्शन

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  • छात्र-छात्राओं की सुरक्षा एवं भयमुक्त माहौल की मांग, वि॰वि॰ अधिकारियों से वार्ता 

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पटना वि॰वि॰:- पटना वि॰वि॰ मुख्यालय पर आज छात्रों ने रोषपूर्ण प्रदर्शन किया। छात्र-छात्राओं की सुरक्षा एवं भयमुक्त माहौल, जेण्डर सेन्सिटाइजेशन सेल को सशक्त बनाने, सभी छात्रावासों को मेरिट के आधार पर शीघ्र आवंटित करने को लेकर 12ः00 बजे दिन में प्रदर्शन किया गया। ए॰आई॰एस॰एफ॰, आइसा, दिशा, ए॰आई॰डी॰एस॰ओ॰, पी॰डी॰एस॰एफ॰ एवं ए॰सी॰एस॰एफ॰ के बैनरतले प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं ने अपने मांगों को लेकर रोषपूर्ण प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी जानकारी पाकर बड़ी संख्या में पुलिस, एस॰ रैंक के जवानों को तैनात कर दिया गया था। इस दरम्यान पुलिस एवं छात्रों में झड़प भी हुई। प्रदर्शन के दरम्यान ही डी॰एस॰डब्ल्यू॰ प्रो॰ एन॰के॰ झा ने गेट पर आकर छात्रों से वार्ता की पहल की तथा कुलपति के बीमार होने की जानकारी दी। छात्रों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों का लिखित ज्ञापन भी सौंपा। वार्ता में प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि विगत 11 अगस्त को पटना काॅलेज परिसर में एक छात्रा से कुछ असामाजिक तत्वों ने छेड़खानी की थी । पटना काॅलेज कैंपस एवं वि॰वि॰ परिसर में आए दिन इस तरह की घटना घटती रहती है। भयमुक्त माहौल एवं छात्र-छात्राओं की सुरक्षा की गारंटी वि॰वि॰ प्रशासन करे। प्रतिनितधिमंडल ने एक सशक्त जेण्डर सेन्सिटाइजेशन सेल गठन की मांग की। साथ ही मेरिट के आधार पर सभी छात्रावासों को जरूरतमंद छात्रों को आवंटित करने की मांग भी की। वार्ता में शामिल पटना वि॰वि॰ कुलसचिव रवीन्द्र कुमार, डी॰एस॰डब्ल्यू॰ एन॰के॰ झा एवं कुलानुशासन जी॰के॰ पिल्लई ने पूरे मसले से कुलपति को अवगत करा शीघ्र हीं कुलपति से मुलाकात कराने एवं मांगों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया। प्रतिनिधिमंडल में ए॰आई॰एस॰एफ॰ के जिला सचिव सुशील उमाराज, आइसा के रामजी यादव, दिशा की वारूनी, ए॰आई॰डी॰एस॰ओ॰ की रूबी कुमारी एवं पी॰डी॰वाई॰एफ॰ के राधे कुमार शामिल थे। प्रदर्शन का नेतृत्व ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राज्य सचिव सुशील कुमार, आइसा के राज्य अध्यक्ष मोख्तार, ए॰आई॰डी॰एस॰ओ॰ के निकोलाई शर्मा, दिशा के आकाश एवं पी॰डी॰वाई॰एफ॰ के    ने किया। प्रदर्शन में ए॰आई॰डी॰एस॰ओ॰ के पीयू सचिव संदीप कुमार, राजीव किशोर, जन्मेजय कुमार, आकाश कश्यम, सुभाष पासवान, फुरकान अहमद, निकोलाई, अभिषेक, तौसीफ, अदनान इमरान, रणजीत कुमार सिंह, आदित्य कुमार, मणजीत कुमार आदि दर्जनों वामपंथी छात्र-छात्राओं शामिल थे।


15 हजार करोड़ का है सृजन घोटाला, हो निष्पक्ष जांच : लालू यादव

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पटना 19 अगस्त, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अरबों रुपये के बहुचर्चित सृजन घोटाले की तर्ज पर सहरसा जिले में भी करीब 160 करोड़ रुपये की सरकारी राशि की अवैध निकासी को सरकार संरक्षित घोटाला करार दिया और कहा कि यदि इस महाघोटाले की निष्पक्ष जांच करायी जाये तो यह पंद्रह हजार करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर जायेगा। श्री यादव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक बार फिर से निशाना साधते हुए लिखा, “ भागलपुर के बाद अब सहरसा जिले मे भी 160 करोड़ रुपये के सरकारी राशि की अवैध निकासी। निष्पक्ष जांच करने पर सृजन घोटाला 15000 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा का होगा।” इससे पूर्व श्री यादव ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संरक्षण में सृजन महाघोटाला हजार करोड़ रुपये के आंकड़े का पार कर जायेगा। सृजन घोटाले को लेकर विपक्षी दलों के हमलावर रूख को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य सरकार ने घोटाले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो से कराने की सिफारिश कर दी है। इस संबंध में केन्द्र को एक अनुरोध पत्र भी भेज दिया गया है। 

सृजन घोटाला: हिरासत में लिये गये तीन जिला सहकारिता पदाधिकारी

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भागलपुर,19 अगस्त, बिहार के अरबों रुपये के बहुचर्चित सृजन घोटाले मामले में आर्थिक अपराध इकाई एवं विशेष जांच दल (एसआईटी) की संयुक्त टीम ने आज भागलपुर, बांका और सुपौल के जिला सहकारिता पदाधिकारियों को हिरासत में ले लिया। भागलपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने यहां बताया कि घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई एवं जिला पुलिस की टीम ने सुपौल के जिला सहकारिता पदाधिकारी पंकज कुमार झा को आज सुपौल से हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा भागलपुर के सुभाष कुमार और बांका के जिला सहकारिता पदाधिकारी संजय कुमार मंडल को भी हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि सुपौल के जिला सहाकारिता पदाधिकारी श्री झा पूर्व में भागलपुर में भी पदस्थापित रहे हैं। हिरासत में लिये गये तीनों पदाधिकारियों से पूछताछ की जाएगी। श्री कुमार ने बताया कि पूछताछ के दौरान यदि उक्त पदाधिकारियों की संलिप्ता पायी जाएगी तो आगे की कार्रवाई होगी। वहीं हिरासत में लिए गए बैंक आँफ बड़ौदा के सहायक प्रबंधक अमित कुमार को पूछताछ के बाद कल रात जेल भेज दिया गया । वरीय पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में फरार सृजन की सचिव प्रिया कुमार एवं उसके पति अमित कुमार की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की एक विशेष टीम बेंगलुरू गयी है जबकि दूसरी टीम भागलपुर के जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह को पकड़ने के लिए पटना और अन्य ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक गिरफ्तार सभी आरोपियों के संपत्तियों के आकलन का काम आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने शुरू कर दिया है। 

बिहार : सीमांचल के बाढ़ग्रस्त इलाकों में मामूली सुधार, 17 जिले प्रभावित

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पटना 19 अगस्त, बिहार और नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश की रफ्तार थमने से जहां सीमांचल के बाढ़ग्रस्त इलाकों में लाखों प्रभावित राहत महसूस कर रहे हैं वहीं गोपालगंज समेत राज्य के 17 जिलों में बाढ़ का प्रभाव जारी है। आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि राज्य के पूर्णियां, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज के साथ-साथ सहरसा सहित 17 जिलो में बाढ़ का प्रभाव जारी है। बाढ़ पीड़ितों के लिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 1304 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिनमें कुल 4 लाख 8 हजार 397 लोग रह रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि इन शिविरों के अतिरिक्त वैसे पीड़ित जो राहत शिविरों में नहीं रह रहे हैं उनके लिए सामुदायिक रसोई घर चलाया जा रहा है। इस तरह कुल 1765 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं, जिसके माध्यम से करीब साढ़े तीन लाख लोगों को भोजन दिया जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर अपर प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव अन्य विभागों के सचिव के साथ किशनगंज, अररिया तथा पूर्णियां का हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं। इसके बाद राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की जाएगी। 

चार साल बाद राजग में शामिल हुआ जदयू

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पटना 19 अगस्त, बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड (जदयू) करीब चार साल के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर आज पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के0 सी0 त्यागी ने राजग में शामिल होने का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। बैठक में पंजाब और झारखंड समेत कई अन्य राज्यों के जदयू के प्रदेश अध्यक्ष भी मौजूद थे । पार्टी के इस फैसले के साथ ही चार साल बाद जदयू की राजग में वापसी हो गयी । पिछले लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा की ओर से श्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किये जाने के विरोध में जदयू जून 2013 को राजग से अलग हो गया था। इसके बाद जदयू ने लोकसभा का चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ा लेकिन उस चुनाव में उसके दो ही उम्मीदवार जीतने में सफल रहे । लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद जदयू ने राष्ट्रीय जनता दल(राजद) और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर वर्ष 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ा जिसमें महागठबंधन को दो तिहाई से भी अधिक सीटों पर सफलता मिली । इस अपार जनसमर्थन के बल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करीब 20 माह तक महागठबंधन की सरकार चलायी लेकिन भ्रष्टाचार तथा बेनामी सम्पत्ति के मामले में राजद नेता और तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जदयू की ओर से बार-बार अनुरोध किये जाने के बावजूद इस मामले में श्री यादव की ओर से जनता के बीच स्थिति स्पष्ट नहीं किये जाने के कारण श्री कुमार ने 26 जुलाई को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था । श्री कुमार इस्तीफे के 24 घंटे के अंदर ही भाजपा से नाता जोड़कर फिर से मुख्यमंत्री बन गये । इसके बाद श्री कुमार जब पहली बार दिल्ली गये तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी । इसी दौरान श्री शाह ने श्री कुमार को राजग में शामिल होने का न्योता दिया था । 

शरद समर्थकों ने मचाया उत्पात, जदयू कार्यकर्ताओं के साथ की मारपीट

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पटना 19 अगस्त, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर आयोजित जनता दल यूनाईटेड (जदयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बीच आज पार्टी के वरीय नेता शरद यादव के समर्थकों ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर जदयू नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की।  राजधानी पटना के एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर जारी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बीच सांसद शरद यादव के कथित समर्थक वहां पहुंच गये और वहां मौजूद जदयू नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की। घटना के समय जदयू नेता राष्ट्रीय कार्यकारणी की समाप्ति पर पार्टी के एक अन्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अंदर जाने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। इनमें कई जिला अध्यक्ष भी शामिल हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मद्देनजर मुख्यमंत्री के सरकारी आवास और आसपास के इलाके में पहले ही सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई थी। इससे पहले कि मामला अधिक गंभीर होता वहां मौजूद सुरक्षा बलों ने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया। झड़प के दौरान कई समाचार चैनलों के पत्रकार और कैमरामैन को भी मामूली चोटें आयी हैं। 

बाढ़ का कहर, दरभंगा-समस्तीपुर के बीच रेल परिचालन बंद

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दरभंगा/समस्तीपुर 19 अगस्त,  बिहार में पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल के हायाघाट-थलवारा स्टेशन के बीच बनी रेल पुल संख्या - 16 पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने के कारण आज दोपहर से समस्तीपुर-दरभंगा खंड पर गाड़ियों का परिचालन ठप हो गया है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सह मीडिया प्रभारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि मंडल के हायाघाट-थलवारा स्टेशन के बीच पुल संख्या- 16 पर आज दोपहर अचानक बागमती नदी का पानी चढ़ गया। उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर इस खंड पर अगले आदेश तक गाड़ियों के परिचालन को रोक दिया गया है। रेलवे के इस निर्णय से पूर्व मध्य रेलवे के महत्वपूर्ण स्टेशनों में शुमार और मिथिलांचल की राजधानी कही जाने वाली दरभंगा एवं समस्तीपुर के बीच प्रतिदिन यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। श्री कुमार ने कहा कि जयनगर से दिल्ली के बीच आज चलने वाली ट्रेन का मार्ग परिवर्तित कर वाया सीतामढ़ी चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस खंड पर चलने वाली जहां सभी सवारी गाड़ियों को रद्द कर दिया गया है वहीं लंबी दूरी की रेलगाड़ियों को लेकर वरीय अधिकारी मीटिंग कर रहे हैं और जल्द ही इस पर भी निर्णय कर लिया जायेगा। 

महागठबंधन अमानत, मजबूत विपक्ष का प्रयास रहेगा जारी : शरद यादव

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पटना 19 अगस्त, बिहार में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) से गठजोड़ करने के श्री नीतीश कुमार के फैसले से बागी हुये जनता दल यूनाईटेड(जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समानांतर बैठक में महागठबंधन को अमानत बताते हुये इसके टूटने पर दुख जताया और कहा कि संकट से घिरे देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए मजबूत विपक्ष जरूरी है और वह इस दिशा में ‘साझी विरासत’ के जरिये शुरू किये गये प्रयास को आगे बढ़ाने में लगे हैं। श्री यादव ने आज यहां श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में जदयू के बागी गुट की ओर से आयोजित ‘जन अदालत का फैसला महागठबंधन जारी है ’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में महागठबंधन बनना अमानत के समान था लेकिन यह बिखर गया। महागठबंधन का बिखरना काफी दुखद है। बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद वह देशभर में लोगों से मिलकर उनकी राय ली है। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान किसी व्यक्ति या पार्टी का नाम नहीं लिया और कहा कि उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष से नहीं है, वह विचारधारा और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। जदयू के राज्यसभा सांसद ने कहा कि देश आज विकट दौर से गुजर रहा है। आजादी के 70 साल बाद भी बिहार में अभी भी बाढ़ की समस्या बनी हुयी है और इससे अब तक डेढ़ सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को ‘जवान’ बताते हैं, जहां युवाओं की आबादी सबसे अधिक है लेकिन 60 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं के हाथ में काम नहीं होने से घर औेर बाहर उन्हें ताना सुनना पड़ता है। 


श्री यादव ने कहा कि स्कूल और कॉलेजों में पढ़ाई चौपट हो गयी है। उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा कि केन्द्र में सत्तारूढ़ दल ने प्रत्येक वर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था और इस वादे के अनुसार अब तक छह करोड़ तथा पांच वर्ष में दस करोड़ युवाओं को रोजगार मिल जाता। इस तरह प्रत्येक परिवार में यदि पांच व्यक्ति भी हो तो इससे देश के करीब 50 करोड़ लोगों की जिंदगी संवर सकती थी। जदयू सांसद ने कहा कि लोकतंत्र में बोली सच्ची होनी चाहिए। महात्मा गांधी ने भी कहा था कि बोली और कर्म में अंतर हो तो लोकतंत्र नहीं चलेगा। आज सिर्फ जनता से झूठे वादे किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं और धर्म के नाम पर हत्याएं हो रही है। वहीं, दूसरी ओर किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। श्री यादव ने कहा कि किसानों के समक्ष अकाल की समस्या खड़ी हो गयी है। किसान कभी आत्महत्या नहीं किया करते थे लेकिन आज खेत ही उनकी मौत का कारण बन गयी है। कई हजार किसानों ने आत्महत्याएं की है। उन्होंने कहा कि इस देश की खूबसूरती यही है कि सभी धर्म के लोग रहते हैं। उन्होंने पूना में मरे हुए जानवर की खाल निकाले जाने की चर्चा करते हुए कहा कि जानवर की खाल निकालने पर धर्म के नाम पर उस व्यक्ति की पिटाई की गयी। उन्होंने कहा कि देश में धर्म से जात नहीं बनी है। बाबा साहब भीम राव अम्बेदकर ने संविधान तो बना दिया लेकिन यदि इसे लागू करने वाले ईमानदार नहीं हुए तो देश भला नहीं होगा। 

जदयू सांसद ने कहा कि बिहार में गठबंधन था जो अब बिखर गया है लेकिन उनकी किसी से शिकायत नहीं हैं। देश में कई बड़ी समस्याएं हैं। उन्होंने कहा कि जब वह मधेपुरा से लोकसभा का चुनाव हारे थे तभी उन्हें एहसास हुआ था कि ऐसी शक्तियों को रोकने के लिये महागठबंधन बनाना आवश्यक है। इस पर श्री नीतीश कुमार ने सहमति भी जतायी थी और इसके बाद ही महागठबंधन बना था जिसमें कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जदयू शामिल हुयी। श्री यादव ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की ओर इशारा करते हुए कहा कि महागठबंधन बनने के बाद बिहार में भाजपा के विजयी रथ को रोक दिया गया। प्रदेश के लोगों ने दो तिहाई बहुमत से महागठबंधन के उम्मीदवारों को चुनाव में जीत दर्ज करायी थी। उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन बनने के बाद देशभर में इसकी चर्चा हो रही थी लेकिन आज परिस्थिति उलट गयी है। गठबंधन तोड़कर अब सरकारी पार्टी बन गयी है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की यह भी खूबसूरती है कि विपक्ष मजबूत रहे और तभी लोगों का कल्याण हो सकेगा । जदयू सांसद ने कहा कि गठबंधन लोगों के दिलों में बना रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि महागठबंधन टूटने के बाद जब वह बिहार में लोगों से जन संवाद कार्यक्रम के लिये निकले तब उनके साथ रहे पूर्व मंत्री रमई राम, पूर्व सांसद अर्जुन राय समेत कई लोगों को पार्टी से निकाल दिया गया। चुटकी लेते हुए कहा कि बचे हुए जदयू से अब उन्हें भी बेघर करने की कोशिश हो रही है। महागठबंधन टूटने से बिहार के लोग आज दुखी हैं। उन्होंने कहा कि लोग तो आते जाते रहते हैं लेकिन रह जाता है सिद्धांत। आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण और जननायक कर्पूरी ठाकुर हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके सिद्धांत आज भी कायम है।अपने पुरखों की याद उनके साथ है। उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा कि किसी ने राहत ली लेकिन वह तो नहीं बदले। लोकतंत्र में जनता ही मालिक होती है और उसी का फैसला अंतिम होता है। इस मौके पर जदयू के बागी राज्यसभा सांसद अली अनवर, पूर्व मंत्री परवीन अमानुल्लाह, रामधनी सिंह, रमई राम, अर्जुन राय, रामदेव यादव, पूर्व सांसद राजवंशी महतो, पूर्व विधायक परमेश्वरी प्रसाद निराला और पार्टी से निलंबित राष्ट्रीय महासचिव अरुण श्रीवास्तव ने भी सभा को संबोधित किया । 


लालू की रैली में शामिल हुये तो जीवन की पूंजी स्वाहा कर लेंगे शरद : जदयू

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पटना 19 अगस्त, जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने महागठबंधन से नाता तोड़कर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) से गठजोड़ करने के श्री नीतीश कुमार के फैसले के बाद बागी हुये पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को चेतावनी देते हुये आज कहा कि पार्टी उनकी वरिष्ठता का सम्मान करते हुए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है लेकिन वह 27 अगस्त को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की होने वाली रैली में शामिल हुये तो उसी दिन उनके जीवन की पूंजी खुद स्वाहा हो जाएगी। जदयू के महासचिव के. सी. त्यागी और राज्यसभा सदस्य हरिवंश ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में श्री यादव को पार्टी से निकाले जाने के सवाल पर स्पष्ट जवाब देने से बचते हुये कहा, “पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के बावजूद केवल उनकी वरिष्ठता का सम्मान करते हुये उन्हें अभी तक पार्टी से निकाला नहीं गया है लेकिन यदि वह 27 अगस्त को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की होने वाली रैली में शामिल हुये तो उसी दिन उनके जीवन की पूंजी खुद स्वाहा हो जाएगी।” श्री त्यागी ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुमार जहां केंद्र सरकार के नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक के अलावा महिला आरक्षण का समर्थन कर रहे थे वहीं श्री शरद यादव लगातार इन मुद्दों पर पार्टी की लाइन से हटकर बयान दे रहे थे। हद तो तब हो गई जब श्री कुमार ने जदयू के विधायकों, विधान पार्षदों, सांसदों और कार्यकर्ताओं की सहमति से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद का समर्थन किया लेकिन श्री यादव विपक्षी दलों के साथ मिलकर पार्टी के इस फैसले का विरोध कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इतना कुछ होने के बाद भी उनका सम्मान करते हुये उन्हें पार्टी से नहीं निकाला गया बल्कि केवल राज्यसभा में जदयू के नेता पद से हटाया गया है। 


जदयू महासचिव ने कहा, “श्री शरद यादव की पार्टी विरोधी गतिविधियों से हम गुस्सा नहीं है बल्कि अफसोस है कि लाेकनायक जयप्रकाश नारायण, डॉ. राममनोहर लोहिया और जननायक कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा के पैरोकार रहे हमारी पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य ऐसे व्यक्ति (लालू प्रसाद यादव) और उनके परिवार के भ्रष्टाचार और परिवारवाद की नीति के समर्थन में उतरकर उनकी रैली में शामिल होने जा रहे हैं, जो केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई), आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की जांच के घेरे में है।” श्री त्यागी ने कहा कि जदयू का गठन भ्रष्टाचार और परिवारवाद का समर्थन करने के लिए नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि श्री कुमार के साथ होने से श्री शरद यादव का पूरे देश में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा थी लेकिन उन्होंने श्री लालू प्रसाद यादव के साथ जाकर अपना रुतबा और सम्मान सब खो दिया है। उन्होंने कहा कि यदि श्री शरद यादव श्री लालू प्रसाद यादव की रैली में गये तो यह लक्ष्मणरेखा लांघने जैसा होगा। महासचिव ने कहा कि श्री कुमार ने पार्टी के सभी विधायकों, विधान पार्षदों, सांसदों और कार्यकर्ताओं की सहमति से महागठबंधन से अलग होने का निर्णय लिया था क्योंकि पूरी पार्टी का कहना था कि उनका राजद के साथ मिलकर काम करना मुश्किल हो गया है, खासकर तब जब राजद कोटे से उप मुख्यमंत्री बने तेजस्वी प्रसाद यादव भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्होंने कहा कि जदयू के महागठबंधन से नाता तोड़ने के फैसले पर श्री शरद यादव को ऐतराज था। इस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुमार ने उन्हें असहमति के बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए आज की कार्यकारिणी बैठक में आमंत्रित किया लेकिन वह नहीं आये। 

श्री त्यागी ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने पर धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देने वालों के खिलाफ जमकर हमला बोला और कहा, देश में विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में श्री कुमार मंत्री थे। उस समय भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए रथयात्रा निकाली। इसे रोकने के लिए सरकार की ओर से ठोस पहल नहीं होता देख उन्होंने केवल धर्मनिरपेक्षता के लिए सरकार का साथ छोड़ दिया था।” उन्होंने कहा कि जदयू को धर्मनिरपेक्षता का पाठ नहीं पढ़ाया जा सकता। महासचिव ने शरद गुट के जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समानांतर बैठक को लेकर पार्टी में टूट के सवालों को सिरे से खारिज करते हुये कहा, “जब पार्टी की 19 में से 16 राज्य कमेटियों के अध्यक्ष, 71 विधायक, 30 विधान पार्षद, सात राज्यसभा सांसद और दो लोकसभा सांसद आज कार्यकारिणी की बैठक में उपस्थित थे और वे हमारे साथ हैं तो यह कैसे कहा जा सकता है कि पार्टी में टूट है। श्री त्यागी ने शरद गुट के 14 राज्य कमेटियों के अध्यक्षों के उनके साथ होने के दावे पर कहा कि जो लोग इस तरह के दावे कर रहे हैं, उन्हें खुली चुनौती है कि वह कार्यकारिणी में शामिल कमेटी के पदाधिकारियों, विधायकों, विधान पार्षदों और सांसदों को अलग करके दिखायें। 

झारखंड को टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित करने को प्रतिबद्ध सरकार: रघुवर दास

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रांची 19 अगस्त, झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि उनकी सरकार झारखण्ड को टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। श्री दास ने यहां ओरिएंट क्राफ्ट लिमिटेड के पहले कारखाने के उद्घाटन के अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि झारखण्ड को विकास के हाई वे पर लाने की तमाम कोशिशों के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा है। इस प्रयास में केन्द्रीय कंपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी एवं उनके वस्त्र मंत्रालय का भरपूर सहयोग राज्य को मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा,“ प्रधानमंत्री ने 7 एफ का सूत्र हमें दिया। इस पर हम काम कर रहे हैं। इसमें फार्म से फाइबर, फाइबर से फैब्रिक, फैब्रिक से फैशन, वस्त्र उद्योग और फैशन से फॉरेन, निर्यात के सूत्र को पूरा करते हुए अब झारखंड के वस्त्र निर्यात किये जायेंगे। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह हमारे सरकार की कार्यशैली को भी दर्शाता है। हम जो वादे करते हैंए उन्हें पूरा करने में विश्वास रखते हैं। ” 


मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का 82 प्रतिशत तसर झारखंड में होता है। सरकार यहां के कारखानों से तसर के उत्पाद तैयार कर देश दुनिया में बेचेगी। इससे यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। राज्य में समृद्धि भी आयेगी। राज्य के पास मेहनतकश मानव बल है। उनका कौशल विकास कर उन्हें रोजगार से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि ओरिएंट क्राफ्ट की एक छोटी यूनिट से ही 900 लोगों को रोजगार मिल रहा है। आने वाले समय में राज्य में दो से तीन लाख लोगों को रोजगार से जोड़ने का काम तेजी से किया जा रहा है। कार्यक्रम में केंद्रीय कपड़ा एवं सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने झारखंड में हो रहे विकास कार्यों की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इतने कम समय में काम धरातल पर दिख रहा है। जल्द ही झारखंड विकसित राज्यों की श्रेणी में आयेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार ने टेक्सटाइल उद्योग को सशक्त बनाने के लिए 6000 करोड़ रूपये का पैकेज दिया है लेकिन झारखण्ड ने इसे सबसे पहले अपने यहां धरातल पर उतारा है। श्रीमती ईरानी ने कहा कि कोई इंटरनेशनल ब्रांड पहली पारी में ही किसी राज्य में अपना विश्वास दिखाए, यह बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि रघुवर दास ने इंडस्ट्री को यह सन्देश दिया है कि अगर वो राज्य की ओर एक कदम बढ़ाएंगे तो राज्य सरकार उनकी तरफ दो कदम चलने को तैयार है। इस मौके पर उद्योग सचिव सुनील बर्णवाल, झारखंड राज्य खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ, ओरिएन्ट क्राफ्ट के संचालक सुधीर ढींगरा समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे। 

राष्ट्रीय जनजाति लघु फिल्म महोत्सव दुमका में 14 अक्टूबर से

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दुमका 19 अगस्त, झारखंड में संतालपरगना के प्रमंडलीय मुख्यालय दुमका में आगामी 14 और 15 अक्टूबर को तृतीय राष्ट्रीय जनजातीय लघु फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। ऑल इंडिया संताली फिल्म एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश हांसदा ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि दुमका परिसदन में राष्ट्रीय जनजाति लघु फिल्म महोत्सव के आयोजन की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को एक अहम बैठक की गयी। इसमें संताल परगना के सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के लोग शामिल हुए। श्री हांसदा ने बताया कि एआइएसएफए के बैनर तले अभी तक फिल्म महोत्सव का आयोजन जमशेदपुर में होता रहा है। इस बार दुमका में इसका आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संताल परगना में भी कलाकारों की भरमार है। इसलिए इस क्षेत्र में आदिवासी सिनेमा एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही यह अहम निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में देश की कई जनजातीय भाषा में बनी फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। 

बाल कटवा के शक में महिला की पीट-पीट कर हत्या

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साहिबगंज 19 अगस्त, झारखंड में साहिबगंज जिले के राधा नगर थाना क्षेत्र के मीर नगर में बाल कटवा गिरोह का सदस्य होने के संदेह में ग्रामीणों ने एक महिला को पीट-पीट कर मार डाला । पुलिस सूत्रों ने आज यहां बताया कि राधा नगर थाना क्षेत्र के मीर नगर इलाके में पिछले कुछ समय से चोटी कटवा गिरोह के मौजूद होने की अफवाह के बाद इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ था। इसी को लेकर ग्रामीणों ने संदेह के आधार पर एक महिला की पीट-पीट कर हत्या कर दी। मामले की जानकारी के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को भी ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। इस दौरान ग्रामीणों के पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हो गये। सूत्रों ने बताया कि उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने कई राउंड हवाई फायरिंग करनी पड़ी। इस सिलसिले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है जिनसे पूछताछ की जा रही है। 

शरद गुट के असली जदयू होने की हवा निकली

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पटना 19 अगस्त, जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव गुट के असली जदयू होने की हवा निकल गयी जब आज उनके शक्ति प्रदर्शन में पार्टी पदाधिकारियों के साथ ही कोई भी बड़ा चेहरा नजर नहीं आया। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक ने शरद गुट के असली होने के दावे पर चुटकी लेते हुए कहा, “शक्ति किसी और की और प्रदर्शन कोई और कर रहा है।” उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर इशारा करते हुए कहा कि शरद गुट दूसरे की खेती को अपनी खेती बता रहे हैं। श्री आलोक ने कहा कि बुढ़ापे में जो अपना घर छोड़ दूसरे के घर जाने की सोचते हैं वह किसी घर के नहीं रह जाते। यह जरूरी है कि बड़ों ने जो रास्ता दिखाया है बढ़ती उम्र में वह भी उसी राह पर चलें अन्यथा वह न तो पूजनीय रहेंगे और न ही आदरणीय। 


वहीं, श्री यादव गुट के जदयू के राष्ट्रीय महासचिव पद से हटाये गये अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी संभालने के बाद पहली बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की है। उन्होंने कहा कि हालांकि बिहार में जदयू का जानाधार जरूर है लेकिन उनकी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है। श्री कुमार 13 वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे लेकिन एक दिन का समय भी पार्टी के लिये अब तक नहीं दिया है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि उनके नेता श्री यादव के साथ 14 राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष मजबूती के साथ खड़े हैं। जिन राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष उनके साथ हैं उनमें केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पांडीचेरी, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश शामिल हैं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना और आंध्रप्रदेश के अध्यक्ष श्री कुमार के साथ बैठक में देखे गये है लेकिन यह समझने वाली बात होगी कि किन मजबूरियों में वह गये। पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि कुछ प्रदेश अध्यक्ष श्री कुमार के साथ रह गये हैं। श्री कुमार जिन प्रदेशों के अध्यक्ष को अपने साथ होने का दावा कर रहे हैं उन्हें ठीक से उनका नाम तक मालूम नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता उनके नेता के साथ हैं और यदि आवश्यकता हुयी तो चुनाव आयोग का दरवाजा भी खटखटायेंगे। 

कांग्रेस में विकल्प बनने की क्षमता नहीं : जदयू

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पटना 19 अगस्त, बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड(जदयू)ने कांग्रेस पर देश में विपक्षी एकता की मंशा नहीं रखने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि एकता के लिए उसके निरंतर प्रयासों के बावजूद सफलता नहीं मिली और यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस में विकल्प बनने की क्षमता ही नहीं है। जदयू की आज यहां राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि कांग्रेस आज भी केंद्र में साझा सरकार बनवाने और बाद में उसे गिराने की मानसिकता से बाहर नहीं निकल पाई है। उसने चौधरी चरण सिंह, चंद्रशेखर, एच. डी. देवेगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल को आगे कर केंद्र में सरकार बनवाई और बाद में वादे से मुकरकर समर्थन वापस ले लिया। आज भी इसी मंशा के साथ राजनीति कर रही कांग्रेस ने जदयू के निरंतर प्रयासों के बावजूद कभी भी वैकल्पिक नीतियों और कार्यक्रमों पर आधारित विपक्षी एकता की ईमानदार कोशिश नहीं की। विपक्षी एकता के लिए बिहार में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल(राजद) और जदयू के साथ बने महागठबंधन की तर्ज पर देश में एक मजबूत विकल्प बनाने के लिए वर्ष 2015 से 2017 तक लगातार प्रयास करने के बाद यह महसूस किया गया कि कांग्रेस में विकल्प बनने की क्षमता ही नहीं है। पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद असम के चुनाव में जदयू ने पहल कर साझा विकल्प की हर संभावना तलाशी लेकिन इस पर कांग्रेस लगातार निष्क्रिय और उदासीन बनी रही। वहीं, असम गण परिषद् और यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट(यूडीएफ) नेता विपक्षी एकता के लिए जदयू के साथ सक्रिय रहे। 


जदयू ने कहा कि इसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी उसकी ओर से कोशिश की गई कि बिहार की तरह यहां भी विपक्षी पार्टियां वैकल्पिक नीतियों और कार्यक्रमों के आधार पर मिलकर चुनाव लडें। इस प्रयास में राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते कांग्रेस से उम्मीद की गई कि वह पहल करेगी। लेकिन, चुनाव के लिए जब गठबंधन बनाने की बात हुई तो उसमें जदयू को अहमियत नहीं दी गई। चुनाव परिणाम आने के बाद भी विपक्ष यह समझने को तैयार नहीं हुआ कि जनता क्या चाहती है। इसके बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले साल पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में भी कांग्रेस से विपक्षी एकता के लिए पहल करने की अपील की। कार्यक्रम में आये कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से नेतृत्व संभालने और विपक्ष की एकजुटता का प्रयास करने को लेकर खुली चर्चा हुई। प्रस्ताव में कहा गया है कि जदयू लगातार प्रयास करता रहा है कि देश में वैकल्पिक कार्यक्रमों और नीतियों के साथ एक सशक्त विकल्प बन सके, जिसके पास राष्ट्र निर्माण का सपना और संकल्प हो। लेकिन इस दिशा में सहयोग नहीं मिल सका। दो वर्षों के अथक प्रयास के बाद यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस में विकल्प बनने की क्षमता ही नहीं है। 

नीतीश ने शरद को दी जदयू तोड़ने की चुनौती तो लालू पर भी बोला हमला

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पटना 19 अगस्त, बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने आज पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव को जदयू तोड़ने की खुली चुनौती दी तो दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर परिवारवाद तथा भ्रष्टाचार को लेकर हमला बोला और कहा कि राज्य में जनादेश न्‍याय के साथ सरकार चलाने के लिए मिला था, न कि पिछलग्‍गू बनकर दूसरों के कुकर्म को ढोने के लिए। श्री कुमार ने जदयू की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद यहां रवीन्द्र भवन में पार्टी के खुला अधिवेशन में  जदयू के बागी नेताओं को चुनौती देते हुये कहा कि उनमें ताकत है तो वह पार्टी को तोड़ दें। सिर्फ मीडिया में खबरों में बने रहने के लिये टूट का दावा किया जा रहा है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि क्या राजद के बल पर जदयू को तोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी में टूट के लिये दो तिहाई बहुमत चाहिये और यदि यह संख्या उनके पास है तो वह दल तोड़ दें अन्यथा उनकी सदस्यता जायेगी यह भी तय है। मुख्यमंत्री ने श्री शरद यादव की ओर से पिछले दिनों आयोजित ‘साझी विरासत’ पर कटाक्ष करते हुये कहा कि इसमें एक ही विरासत साझी है और वह है परिवारवाद और भ्रष्टाचार। उन्होंने कहा कि बिहार में उन्हें जनादेश काम करने, सुशासन, न्याय के साथ विकास और राज्य के लोगों के जीवन में खुशहाली लाने के लिये मिला था न कि भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने या किसी एक परिवार की खुशहाली और उनके हर कुकर्मो को ढोने के लिये। 


श्री कुमार ने भागलपुर के सृजन घोटाले की चर्चा करते हुये कहा कि जैसे ही उन्हें इसकी जानकारी मिली उन्होंने तुरंत मामले की जांच करायी और दूसरे दिन ही इसके बारे में मीडिया के जरिये लोगों को भी जानकारी दी। जो लोग केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अबतक आलोचना कर रहे थे वे लोग अब उससे जांच कराने की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस मामले की व्यापकता को देखते हुये इसकी जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया। इस संबंध में कल हीं केन्द्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भी भेज दिया गया है और उम्मीद है कि जल्द ही अनुशंसा को स्वीकार भी कर लिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भागलपुर घोटाले के मामले में कोई भी नही बचेगा। लोग यह समझ लें कि गलत तरीके से माल जमा करने वाले आज नहीं तो कल पकड़े ही जाते हैं। गलत तरीके से पैसा कमाने की मानसिकता भी विचित्र है। यह एक तरह की बीमारी है। उन्होंने कहा कि वह कई बार कह चुके हैं कि कफन में जेब नही होती। जो धन कमा रहे हैं उसे वह ले नहीं जा सकते लेकिन शायद ऐसे लोगों को इसका एहसास नहीं है। श्री कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी ने महागठबंधन से नाता तोड़ने का निर्णय इसी आधार पर लिया था। लोकतंत्र लोक-लाज से चलता है लेकिन शायद वह (लालू यादव) इसे भूल गये हैं। उन्होंने कहा कि यदि श्री तेजस्वी यादव खुद त्यागपत्र दे देते तो ऊंचाई पर जाते लेकिन शायद उनके पास इस मामले में स्पष्टीकरण देने के लिये कुछ था ही नहीं। ऐसी स्थिति में क्या वह (नीतीश) अपनी पहचान भूलकर उनके (लालू-तेजस्वी) के साथ चलते। 

मुख्यमंत्री ने कहा, “जो लोग कहते हैं कि हमने जनादेश का अपमान किया, वह पहले जनता के मिजाज को जान लें। जनता ने जनादेश बिहार में न्‍याय के साथ विकास के लिए दिया था। हमारे दल का जो निर्णय है, वह उसी आधार पर है।” उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला सिर्फ बिहार के हित को ध्यान में रखकर लिया है। अब बिहार केन्द्र सरकार के सहयोग से नयी ऊंचाई पर जायेगा और इससे देश का भला होगा। श्री कुमार ने कहा कि जब बिहार में महगठबंधन बन रहा था तब उन्होंने नहीं कहा था कि उन्हें नेता बनायें। लेकिन, जब श्री मुलायम सिंह यादव ने इसकी घोषणा की तब श्री लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि वह जहर पी रहे हैं।जब उनके नेतृत्व में महागठबंधन को अपार सफलता मिली और सरकार बनी तब राजद के लोग ही कहने लगे कि वह परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं और न जाने क्‍या-क्‍या अपमानजनक बातें कही गयीं। इसके बावजूद महागठबंधन में रहते हुए जदयू के किसी एक नेता ने भी राजद प्रमुख को लेकर कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद के लोग सत्ता जाने के कारण हताशा और निराशा में गाली-गलौज तथा अपमानजनक भाषा का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन ऐसा करना उनके (नीतीश) संस्कार में नहीं है। उन्होंने कहा कि राजद के लोग जितना ऐसी भाषा का इस्तेमाल करेंगे उतना ही लोग उनसे दूर होंगे। 


माखनलाल विश्वविद्यालय : अब यहाँ पत्रकार के बजाए गौशाला बनाई जाएंगी !

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जहाँ न यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरी में अच्छी किताब हो, न कम्प्यूटर लैब में ढंग के सिस्टम हो और न स्टूडियो में अच्छे कैमरा ! जहाँ मूलभूत सुविधा के लिए छात्र परेशान होता हो...लेकिन उसी विश्वविद्यालय में एक कुलपति के अड़ियल रवैये और उसके निज स्वार्थ के लिए विश्वविद्यालय कैंपस में गौशाला बनाने का प्लान तैयार किया जा चुका है.. इस योजना को मूर्त रूप कभी भी दिया जा सकता है. जिस विश्वविद्यालय को निर्माण के वक्त विश्व के अच्छे पत्रकार बनाने का जिम्मा मिला था आज वही विश्वविद्यालय पत्रकार बनाने के बजाए गौशाला बनाने का जिम्मा ले लिया है मध्यप्रदेश ही नहीं वरन पूरे देश के अग्रणी पत्रकारों में गिने जाने वाले दादा माखनलाल के नाम पर बने पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति ने ये सनकी भरा फैसला यूनिवर्सिटी के बन रहे नये कैंपस में एक छोर पर गौशाला बनाने का प्लान तैयार करवाया है इस बाबत जब हमने वहां के  जिम्मेदार अधिकारियों से कुछ सवाल पूछना चाहा तो सबने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली यही नहीं कुलपति के इस आदेश से पूरे अधिकारी और कर्मचारी भी हतप्रभित हैं एक कर्मचारी ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि कुलपति जी अपने रूके हुए प्रमोशन पाने के लिए ये सब कर रहे हैं मतलब कर्मचारी का कहने का इशारा था की कुलपति जी अब अपना पदोन्नति पाना चाहते हैं .मगर ये साफ है की यूनिवर्सिटी कैंपस में गौशाला बनाए जाने का ताल्लुकात कुलपति के संघ बैकग्राउंड और उसके एजेंडे के तरफ इंगित करता है यही नहीं इस मुद्दे पर हमनें अनेक छात्रों से बात करने कि कोशिश की मगर यूनिवर्सिटी में कुलपति और उसके तथागत कर्मचारियों के डर से छात्रों ने इस पर बोलने से साफ मना कर दिया...इस मुद्दे पर जब हमने कांग्रेस से जुड़े संगठन एनएसयूआई के छात्र नेता सुहृद तिवारी से पूछा तो उन्होंने इस तरह के कार्यों का विरोध करते हुए कहा "हम पत्रकारिता के यूनिवर्सिटी में किसी भी तरह के संप्रदायिक आयोजन या निर्माण नहीं होने देंगे. हम और हमारे संगठन ने इसका पुरजोर विरोध करने का फैसला किया है।"मगर ये विरोध कितना कारगर होगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन एक पत्रकार यूनिवर्सिटी में इस तरह का निर्माण दुर्भाग्यपूर्ण है...संभवतः माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय विश्व का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जहाँ पत्रकार बनाने के बजाए गौशाला बनाया जा रहा है





---अविनीश मिश्रा---
लेखक माख़नलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय का छात्र है।

बिहार : नीतीश चाहते हैं कि पटना-दीद्या रेलखंड बंद हो जाये

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पटना। सी.एम.नीतीश कुमार चाहते हैं कि पटना-दीद्या रेलखंड बंद हो जाये और वहां पर फोर लाइन रोड बने। इस तरह की सोच पूर्व की है। जब केंद्र और एन.डी.ए. से नाता तोड़ दिये थे। अब जबकि महागठबंधन से रिश्ता तोड़ एन.डी.ए. से संबंध प्रगाढ़ कर लिये हैं। बतौर संयोजक बन गये हैं। 4  साल के बाद मन मिल गया है। इसके आलोक में पी.एम.नरेंद्र मोदी ने आरा की चुनावी बैठक में द्योषणा किये थे कि बिहार को बनाने में 1.25 करोड़ देंगे। शर्त था कि काम करने वाली सरकार। इस राशि को लेने में नीतीश सरकार सफल नहीं हो सकी. अब पी.एम. द्वारा द्योषित राशि मिलने की संभावना बढ़ गयी है। इसको लेकर अधिकारी कार्यशील हैं। इस माह के अंत तक मिल जाने की संभावना है। पी.एम.द्वारा द्योषित राशि मिलने के बाद 'प्रभु'की दरबार में नीतीश दस्तक देंगे। दीद्या- पटना रेलखंड को बंद कर फोर लाइन रोड बनाने को रेलवे की जमीन देने को कहेंगे। अब तो मुंह खोलना है। एन.डी.ए.के संयोजक की हस्ति से रखेंगे कि माननीय पटना उच्च न्यायालय भी सवाल उठाना शुरू कर दिया है। यहां रेलवे खर्च करती है रोज 30 हजार और आमदनी 500, पटना हाईकोर्ट ने मांगा जवाब। आर ब्लॉक से दीघा तक ट्रेन चलाने में रेलवे को घाटे का सामना करना पड़ रहा है। इस रूट पर ट्रेन चलाने में रेलवे सालाना एक करोड़ से अधिक खर्च करती है। जबकि रोज तीन से पांच सौ रुपए तक के टिकट ही बिकते हैं।


पटना हाईकोर्ट ने पटना से दीघा घाट तक ट्रेन चलाने के औचित्य पर रेलवे से जवाब तलब किया है। न्यायमूर्ति डॉ. रविरंजन तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई शुरू की। वही इसके पहले रेलवे के वरीय अधिवक्ता देवेन्द्र कुमार सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि रेलवे ने इस ट्रेन के समय में बदलाव कर दिया है, जिससे पीकआवर में आम नागरिकों को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो। उन्होंने कहा कि इस बात से रेलवे के अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है। कोर्ट ने रेलवे से जानना चाहा है कि पटना-दीघा रेलवे लाइन की शुरुआत कब हुई? इस ट्रेन का परिचालन किस उद्देश्य से किया गया था? इस ट्रेन को पैसेंजर ट्रेन में कब तब्दील किया गया? कोर्ट ने यह भी जानना चाहा है कि इस ट्रेन को चलाने पर रेलवे को कितना खर्च करना पड़ रहा है और आमदनी कितनी हो रही है? कोर्ट ने इन सारे सवालों का जवाब देने का निर्देश रेलवे को दिया। कहा कि- इस आदेश की प्रति एडिशनल सॉलिसिटर जनरल और महाधिवक्ता को भी भेज दी जाए। आर ब्लॉक से दीघा तक ट्रेन चलाने में रेलवे को घाटे का सामना करना पड़ रहा है। इस रूट पर ट्रेन चलाने में रेलवे सालाना एक करोड़ से अधिक खर्च करती है। जबकि रोज तीन से पांच सौ रुपए तक के टिकट ही बिकते हैं। परिचालन पर रोज 30 हजार का खर्च आता है। अभी सुबह में पटना घाट से दीघा घाट पैसेंजर और शाम में पटना जंक्शन से दीघा घाट तक ट्रेन चलती है। दोनों ट्रेनें दीघा पहुंचने के थोड़ी देर बाद ही वापस लौट जाती हैं। इस दौरान हड़ताली मोड़ के पास और आर ब्लॉक के पास सड़क की दोनों तरफ जाम लग जाता है। ट्रेन गुजरने के दौरान गुमटी बंद रहने से दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग जाती है। वहीं शहीद सवारी गाड़ी को लोकल बच्चे खिलौना बना लिये हैं। छुकछुक रूकरूक कर चलने वाली पर बच्चे 'स्टंट'भी करने लगे हैं। एक हाथ लहराकर उतड़ते और चढ़ते हैं। इनको कोई रोकने वाले नहीं हैं। रेलखंड के दोतरफा अतिक्रमण है। दीद्या, राजीव नगर, शिवपुरी,पटेल नगर, हड़ताली मोड़, सचिवालय और हार्डिग पार्क हॉल्टों का नामोनिशान नहीं है। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा उद्घाटित हॉल्टों पर टिकट कटता ही नहीं है।

आवंटित कार्यों के आलोक में काम न करने वाले संवेदकों के विरूद्ध हो कार्रवाई -विनोद कुमार लाल

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  • नगर परिसद दुमका में संवेदकों के विरूद्ध उपाध्यक्ष ने खोला मोर्चा

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) नगर परिसद दुमका अंतर्गत एनआईटी संख्या 06/16-17, 09/16-17 व 10/16-17 के तहत आवंटित कार्यों को कुछ संवेदकों द्वारा संपादित किया गया, जबकि कुछ संवेदकों द्वारा अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया। उपाध्यक्ष नगर परिसद, दुमका  विनोद कुमार लाल ने  कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, दुमका  को जनहित में  पत्र लिखकर इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करने को कहा है। 19-08-2017 को पत्र के माध्यम से नगर परिसद उपाध्यक्ष ने कहा है कि  तीन दिनों के भीतर संवेदकों द्वारा कार्य प्रारंभ न   करनेे की स्थिति में आवंटित कार्यो को रद्द करते हुए द्वितीय न्यूनतम निविदाकारों को कार्य आवंटित कर दिया जाए एवं भविष्य में ऐसे संवेदकों को कोई कार्य ही आवंटित न किया जाए । मालूम हो एनआईटी संख्या 06/16-17 के अन्तर्गत वार्ड नंबर 17 में संवेदक प्रमोद कुमार  (ग्रुप संख्या 50) रंजीत कुमार रंजन (ग्रुप संख्या 51) वार्ड नंबर 18 में शंभू नाथ झा  (ग्रुप संख्या 52) असलम परवेज  (ग्रुप संख्या 53) व मो0 शमीम (ग्रुप संख्या 54)। वार्ड नंबर 19 में मो0 इम्तियाज आलम  (ग्रुप संख्या 55) जयंत सिन्हा (ग्रुप संख्या 56)। वार्ड नंबर 20 में मे0 आनंद कमल (ग्रुप संख्या 57) व वार्ड नंबर 21 में मो0 रियाज खान  (ग्रुप संख्या 59) को कार्य आवंटित किया गया है। एनआईटी संख्या 09/16-17 के तहत वार्ड नंबर 7 में  मो0 तबरेज अली (ग्रुप संख्या 7) व एनआईटी संख्या 10/ 16-17 के अन्तर्गत वार्ड नंबर 7 में प्रीतम कुमार  (ग्रुप संख्या 8) वार्ड नंबर 18 में विश्वजीत चटर्जी (ग्रुप संख्या 19) वार्ड नंबर 19 में अनन्त केशरी (ग्रुप संख्या 20) व कौशल कुमार भगत  (ग्रुप संख्या 21) वार्ड नंबर 20 में जाॅन सोरेन  (ग्रुप संख्या 23) व राजीव रंजन सिंह  (ग्रुप संख्या 24) को कार्य आवंटित किया गया है। 

अर्द्धशतक से एक कदम दूर राजग, जदयू 49 वीं पार्टी

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नयी दिल्ली 19 अगस्त, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में करीब चार साल वापसी के बाद सत्ताधारी गठबंधन अर्द्धशतक बनाने से बस एक पायदान दूर रह गया है, पिछले आम चुनाव में 29 राजनीतिक दलों वाले राजग ने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की और केन्द्र में सरकार बनायी, सत्ता में तीन साल के दौरान 20 पार्टियों के साथ जुड़ने से राजग में शामिल दलों की संख्या 49 हो गयी है। ऐसी चर्चा है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की एक प्रमुख पार्टी भी अगले कुछ माह में राजग के जहाज़ पर सवार हो सकती है। वर्ष 1998 में पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की अगुवाई में अस्तित्व में आये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राजग ने अपनी 19 वर्ष की यात्रा में नौ वर्ष सत्ता और दस वर्ष विपक्ष में व्यतीत किये हैं। राजग में शामिल दलों में शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल ही हमेशा इसका हिस्सा रहे हैं जबकि अन्य दल आते जाते रहे हैं। जदयू भी आरंभ से राजग का हिस्सा रहा लेकिन वह 2013 में राजग से बाहर चला गया था और आज पुन: इस गठबंधन में औपचारिक रूप से लौट आया। 1998 में पहली बार बने राजग में 14 पार्टियां थीं जो 1999 में बढ़कर 16 हो गयीं जबकि तेलुगु देशम पार्टी केंद्र की इसकी सरकार को बाहर से समर्थन दे रही थी। वर्ष 2004 में राजग का आकार कम हो गया और उस वर्ष आम चुनाव में गठबंधन में 12 दल ही बचे थे जबकि वर्ष 2009 में राजग में 13 दल थे। 2009 के आम चुनावों में सफलता से वंचित रही भाजपा ने वर्ष 2014 के आम चुनाव से पहले पार्टी संगठन के साथ साथ राजग को भी सुदृढ़ एवं व्यापक बनाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया। उसने 29 दलों को राजग में जोड़ कर चुनाव लड़ा और स्वयं पूर्ण बहुमत से दस अधिक 282 सीटें जीतीं जबकि राजग को कुल 336 सीटें हासिल कीं। श्री अमित शाह ने भाजपा अध्यक्ष का पद संभालने के बाद देश भर में भाजपा का बूथस्तर का संगठन में जान फूंकने का अभियान छेड़ा है और उसी के साथ साथ राजग का विस्तार भी चलता रहा। केरल, पूर्वोत्तर के राज्यों और तमिलनाडु में अनेक छोटे छोटे दलों को राजग में जोड़ा गया है। राजग के कुनबे में प्रवेश करने वाला सबसे महत्वपूर्ण दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) रहा जिसके साथ मिलकर भाजपा ने जम्मू कश्मीर में सरकार बनायी है। अाज जदयू के वापसी के फैसले से पहले लोकसभा में राजग के सदस्यों की संख्या 337 और राज्यसभा में 75 है। इस समय 13 राज्यों में भाजपा के नेतृत्व वाली और पांच राज्यों -बिहार, सिक्किम, जम्मू कश्मीर, आंध्र प्रदेश और नागालैंड में सहयोगी दलों के नेतृत्व वाली सरकारें हैं। देश के विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं में कुल 4120 सीटों में से राजग के पास 1814 सीटें हैं जिनमें भाजपा की सीटें 1406 हैं।

राहुल,अखिलेश और मायावती डिप्रेशन की शिकार : भाजपा

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लखनऊ, 19 अगस्त,  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष मायावती की अकुलाहट से लगता है कि ये सभी ‘डिप्रेशन’ में चले गये हैं। सपा नेता डा0 अशोक बाजपेयी को भाजपा में शामिल कराने के बाद श्री मौर्य ने कहा कि श्री गांधी जिस तरह गोरखपुर गये,अखिलेश यादव आपाधापी में दौरे कर रहे हैं और सुश्री मायावती रोज बयान दे रही हैं उससे लगता है कि ये सभी डिप्रेशन के शिकार हो गए हैं। केन्द्र और सूबे में भाजपा की सत्ता को ये नेता पचा नहीं पा रहे हैं,इसलिए आयेदिन बेबुनियादी आरोप के साथ बयानबाजी कर रहेे हैं। उन्होंने कांग्रेस को भ्रष्टाचार की जननी और सपा बसपा को जातिवाद तथा गुण्डागर्दी को बढ़ावा देने वाली पार्टी बताया। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही सपा और बसपा के कई वरिष्ठ नेता भाजपा में शामिल होंगे। इस अवसर पर केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री कलराज मिश्र भी मौजूद थे।

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