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नीतीश ने सृजन घोटाले में जेल जाने से बचने के लिए भाजपा से हाथ मिलाया : लालू प्रसाद यादव

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पटना 20 अगस्त, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने महागठबंधन के सहयोगी रहे जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भागलपुर की स्वयंसेवी संस्था सृजन में सरकारी राशि घोटाले की जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि इस मामले में जेल जाने से बचने के लिए ही श्री कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिला लिया। श्री यादव ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे और साथ में वित्त विभाग का भी प्रभार था तब चारा घोटाला मामले में इसी आधार पर उनपर मुकदमा चलाया गया कि उन्हें इसकी जानकारी थी। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार मुख्यमंत्री श्री कुमार को भी सृजन घोटाला मामले में 25 जुलाई 2013 को चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं सामाजिक कार्यकर्ता संजीत कुमार ने पत्र लिखकर जानकारी दी थी। वर्ष 2006 से 2013 तक सरकारी खाते से अवैध निकासी कर सृजन के खाते में रकम जमा कराये जाने का सिलसिला चलता रहा और इस अवधि में श्री सुशील कुमार मोदी वित्त मंत्री थे। इस प्रकार श्री कुमार और श्री मोदी दोनों को इस घोटाले की जानकारी थी और इनके खिलाफ मुकदमा चलाये जाने का आधार बनता है। राजद अध्यक्ष ने कहा कि 09 सितंबर 2013 को रिजर्व बैंक ने बिहार सरकार को पत्र लिखकर सृजन समिति में हो रही वित्तीय अनियमितता की जांच कराने को कहा था। साथ ही उसने को-ऑपरेटिव के रजिस्ट्रार को भी इन गड़बड़ियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। लेकिन, मुख्यमंत्री ने कार्रवाई करना तो दूर रिजर्व बैंक के संदेह को भी दरकिनार करते हुये लगातार घोटालेबाजों का सहयोग किया। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं वर्ष 2010-11 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी खजाने में 11 हजार से 12 हजार करोड़ रुपये की अनियमितता होने का जिक्र किया था। इसके बावजूद मुख्यमंत्री रहते हुये श्री कुमार ने चुप्पी साधे रखी।


राजद अध्यक्ष ने सवालिया लहजे में कहा कि वर्ष 2013 में ही भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी ने सृजन मामले में शिकायत मिलने पर जांच का आदेश दिया था लेकिन उस जांच की रिपोर्ट आज तक नहीं आई। श्री कुमार बतायें कि उस जांच रिपोर्ट को क्यों दबा दिया गया और रिपोर्ट को दबाकर किसे फायदा पहुंचाया गया। साथ ही मुख्यमंत्री ने जांच का आदेश देने वाले जिलाधिकारी का तबादला क्यों कर दिया। उन्होंने इस घोटाले का दोष मुख्यमंत्री श्री कुमार और तत्कालीन वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी पर मढ़ते हुये कहा कि वर्ष 2006 से चल रहे इस घोटाले में श्री कुमार ने 10 साल तक कार्रवाई क्यों नहीं की। श्री यादव ने कहा कि आर्थिक अपराध शाखा ने सृजन घोटाले में लिप्त राज्य सरकार की पदाधिकारी जयश्री ठाकुर के सात करोड़ 32 लाख रुपये जब्त किये, फिर भी शाखा ने किसके इशारें पर पूरे मामले की जांच नहीं की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 से गृह विभाग श्री कुमार के पास रहा है। उन्होंने आर्थिक अपराधा शाखा की जांच को क्यों छुपा लिया। उन्होंने 14 जुलाई 2013 को समाचार पत्रों में छपी खबर का हवाला देते हुये कहा कि तत्कालीन प्रधान सचिव ने कहा था कि श्रीमती ठाकुर अपर समाहर्ता स्तर की पदाधिकारी हैं इसलिए उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का अधिकार मुख्यमंत्री को है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद श्री कुमार ने श्रीमती ठाकुर को इतने वर्षों तक बर्खास्त क्यों नहीं किया। राजद अध्यक्ष ने सवालिया लहजे में कहा कि श्रीमती ठाकुर की अधिकांश पोस्टिंग भागलपुर और बांका जिले में ही क्यों हुई। उन्होंने कहा कि सामान्य प्रशासन और कार्मिक विभाग भी मुख्यमंत्री के पास ही रहा है तथा उनकी इच्छा से ही श्रीमती ठाकुर को बांका का भू-अर्जन पदाधिकारी रहते हुये भागलपुर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। उन्होंने कहा कि इस घोटाले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश कर मुख्यमंत्री किसे बेवकूफ बना रहे हैं। क्या उन्हें रिजर्व बैंक के सर्कुलर की जानकारी नहीं है, जिसमें स्पष्ट है कि यदि 30 करोड़ रुपये से ज्यादा की वित्तीय अनियमितता की जांच सीबीआई ही करेगी जबकि यह तो 15 हजार करोड़ रुपये का महाघोटाला है। 


बाढ़ प्रभावित सीमांचल की सड़कों पर 24 घंटे में होगा आवागमन बहाल : नंदकिशोर

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पटना 20 अगस्त, बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने आज कहा कि अगले चैबीस घंटे के भीतर बाढ़ प्रभावित सीमांचल की सभी महत्वपूर्ण सड़कों पर आवागमन बहाल कर दिया जायेगा। श्री यादव ने यहां कहा कि बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित सीमांचल के किशनगंज-बहादुरगंज, बहादुरगंज-टेढ़ागाछी, बहादुरगंज-दिग्घल बैंक, किशनगंज-बलवगा, अररिया-कुर्साकाटा-सिकटी, जोकीहाट-पलासी मार्ग पर आवागमन चैबीस घंटे के भीतर बहाल हो जायेगा। उन्होंने कहा कि पथों की मरम्मत का काम संविदा के आधार पर एजेंसियों के माध्यम से कराया जा रहा है। शेष पथों की मरम्मत के लिए संबंधित कार्यपालक अभियंताओं को राशि उपलब्ध करा दी गयी है। मंत्री ने कहा कि बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुये पथों की मरम्मत के लिए ‘स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिड्योर’ निर्गत कर सभी क्षेत्रीय अभियंताओं को इससे अवगत करा दिया गया है। श्री यादव ने विभाग की भावी कार्ययोजना के बारे में बताया कि जैसे-जैसे बाढ़ का पानी कम हो रहा है वैसे-वैसे कम कटान के स्थानों को बालू से भरी बोरियाें, ईंट के टुकड़ों और ह्यूम पाइप से भरा जा रहा है ताकि अन्य पथों पर भी आवागमन शीघ्र चालू हो सके। उन्होंने कहा कि जहां अधिक कटान हुआ है, उस स्थान को बांस की पाइलिंग कराकर बालू भरे बैग, ह्यूम पाइप और ईंट के टुकड़ों से भरा जा रहा है। स्थायी पुनर्स्थापना के लिए पानी सूखने के बाद कार्ययोजना तैयार की जायेगी। मंत्री ने अररिया, पूर्णिया, किशनगंज एवं अन्य जिलों के महत्वपूर्ण सम्पर्कता वाले रूटों में प्राथमिकता के आधार पर यातायात को बहाल करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालयों से प्रखंडों को जोड़ने वाले मार्गों पर यातायात का परिचालन सुनिश्चित करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। 

पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने

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पटना 20 अगस्त, पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया है। राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आज अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन के बाद बताया कि श्री तिवारी को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जबकि श्री निरंजन कुशवाहा पप्पू को प्रदेश प्रवक्ता के पद पर मनोनीत किया गया है। श्री तिवारी और श्री पप्पू पार्टी में दी गयी नयी जिम्मेवारी को बेहतर ढंग से निभायेंगे । उल्लेखनीय है कि श्री तिवारी वर्ष 2008 से वर्ष 2014 तक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से राज्यसभा के सांसद रहे थे। इसके बाद श्री तिवारी ने जदयू से नाता तोड़ लिया था। महागठबंधन टूटने के बाद से श्री तिवारी काफी सक्रिय रहे और राजद अध्यक्ष के पक्ष में मजबूती के साथ खड़े रहे। 

जदयू कार्यकारिणी के दौरान उत्पात मचाने वाले 16 गिरफ्तार

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पटना 20 अगस्त, जनता दल यूनाईटेड (जदयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री आवास के बाहर उत्पात मचाने वाले 16 युवकों को पुलिस ने आज गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर कल जब जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही थी तभी आवास के बाहर कुछ शरारती तत्वों ने जमकर उत्पात मचाया और जदयू कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की। इसके बाद मीडियाकर्मियों के साथ भी बदसलूकी की थी। सूत्रों ने बताया कि इस मामले में सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद कल देर रात से की गई छापेमारी में उत्पात मचाने वाले 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसे आज जेल भेज दिया गया है। 

बिहार की भीषण बाढ़ में अबतक 253 की मौत

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पटना 20 अगस्त, बिहार के 18 जिलों में आई भीषण बाढ़ में राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी रहने के बीच अबतक इसमें 253 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं कुल एक करोड़ 27 लाख प्रभावित हुये हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि गंगा समेत राज्य की नौ प्रमुख नदियों के अभी भी खतरे के निशान से ऊपर होने के कारण 18 जिलों पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सहरसा, खगड़िया, सारण एवं समस्तीपुर में आई बाढ़ में अबतक 253 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ की इस विभीषिका में सबसे अधिक 57 लोगों की मौत अररिया जिले में हुई है। वहीं, मृतकों की संख्या सीतामढ़ी में 31, पश्चिम चंपारण में 29, कटिहार में 23, पूर्वी चंपारण में 19, मधुबनी, सुपौल एवं मधेपुरा में 13-13, दरभंगा में 10, किशनगंज में 11, पूर्णिया में नौ, गोपालगंज में आठ, शिवहर, मुजफ्फरपुर एवं सहरसा में चार-चार, खगड़िया में तीन और सारण में दो पर पहुंच गई। 


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सूत्रों ने बताया कि बाढ़ से अबतक एक करोड़ 27 लाख लोग प्रभावित हुये हैं। सबसे अधिक 19.56 लाख लोग पूर्वी चंपारण में प्रभावित हुये हैं। वहीं, पूर्णिया में प्रभावित हुये लोगों की संख्या 10.90 लाख, अररिया में 15.5 लाख, कटिहार में 12.42 लाख, दरभंगा में 9.15 लाख, सुपौल में 3.75 लाख, पश्चिम चंपारण में 7.19 लाख, मुजफ्फरपुर में 4.28 लाख, किशनगंज में 10.10 लाख, मधेपुरा में 1.05, सीतामढ़ी में 15.50 लाख, गोपालगंज में 3.44 लाख, शिवहर में 1.05 लाख, मधुबनी में 7.65 लाख, सहरसा में 3.12 लाख, खगड़िया में 92 हजार, सारण में 98 हजार और समस्तीपुर में 31 हजार है। बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है तथा अबतक कुल 1358 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें चार लाख 21 हजार 824 लोगों ने शरण ली है। राहत शिविर में नहीं रहे रहे बाढ़ प्रभावितों के लिए 2569 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक दवाएं, ब्लीचिंग पाउडर एवं सर्पदंश से संबंधित दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा दी गई हैं। वहीं प्रभावित पशुओं के टीकाकरण एवं चारे की भी व्यवस्था की जा रही है। प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर जारी रखने के लिए जहां 1152 जवान एवं 118 नौकाओं के साथ एनडीआरएफ की 28 टीम, 466 जवान और 92 नौकाओं के साथ एसडीआरएफ की 16 टीम लगी हुई है वहीं 630 जवान और 70 नौकाओं के साथ सेना की सात कंपनियां मुस्तैदी के साथ लगातार काम कर रही है। 

केंद्रीय जल आयोग ने बताया कि अभी गंगा समेत राज्य की नौ नदियाें का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। वहीं छह प्रमुख नदियों गंगा, सोन, पुनपुन, घाघरा, बूढ़ी गंडक और कोसी के जलस्तर का बढ़ना अभी भी जारी है। आयोग के अनुसार, गंगा नदी साहेबगंज में 56, कोसी बलतारा में 195, कुरसेला में 26, गंडक डुमरियाघाट में 82, बूढ़ी गंडक अहिरवलिया में 63, सिकंदरपुर में 73, रोसड़ा में 53, खगड़िया में चार, बागमती बेनीबाद में 70, अधवारा समूह कमतौल में 65, एकमीघाट में 136, और महानंदा नदी का जलस्तर ढेंगराघाट में खतरे के निशान से 02 सेंटीमीटर ऊपर रिकॉर्ड किया गया। हालांकि आयोग का कहना है कि पहले के मुकाबले इन नदियों के जलस्तर में धीरे-धीरे कमी आ रही है। केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के सूत्रों ने बताया कि बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से इसके दायां तटबंध के 8.5 किलोमीटर पर बांध क्षतिग्रस्त हो गया। क्षतिग्रस्त तटबंधों पर सिंचाई विभाग के अभियंता मरम्मति कार्य के बाद लगातार चौकसी बरत रहे हैं। राज्य के सभी बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंध पूरी तरह से सुरक्षित हैं। वहीं, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के पूर्वानुमान में बताया कि बिहार के सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में हल्की वर्षा होने की संभावना है। 

दुमका : सरकार के निर्देश के बाद झारखण्ड पुलिस द्वारा माइन्स व मिनरल्स की चेकिंग नहीं की जाएगी।

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) माइन्स व मिनरल्स की चेकिंग झारखण्ड पुलिस द्वारा अब नहीं की जाएगी। पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) झारखण्ड, राँची ने उपरोक्त आशय का पत्र तमाम जिलों को निर्गत कर दिया है। महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक का कार्यालय, झारखण्ड राँची से 18 अगस्त को सूबे के सभी जिलों को निर्गत पत्र में कहा गया है कि झारखण्ड सरकार के निर्देशानुसार माईन्स व मिनरल्स (बालू सहित) के परिवहन के दौरान झारखण्ड पुलिस द्वारा किसी माईन्स व मिनरल्स (बालू सहित) की चेकिंग अब नहीं की जाएगी। जिला से संबंधित खनन पदाधिकारियों द्वारा ही यह चेकिंग की जाएगी। यदि जिला खनन के खनन पदाधिकारियों द्वारा माईन्स व मिनरल्स (बालू सहित) के अवैध उत्खनन से अथवा परिवहन को रोकने के लिये जिला पुलिस से सहयोग मांगा जाता है तो ऐसी परिस्थिति में जिला बल द्वारा आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। तमाम जिलों के वरीय पुलिस पदाधिकारियों को आदेश के अक्षरशः पालन की हिदायत भी पत्र में दी गई है। 

देश सेवा ही एक भारत, श्रेष्ठ भारत की कल्पना को साकार कर सकता है : ठाकुर श्याम सुन्दर सिंह

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) जो बाहर से कड़क अथवा कठोर दिखता हो, जरुरी नहीं कि अन्दर से भी वह वैसा ही हो। यहाँ बात हो रही है एक ऐसे इंसान की जो बाहर से दिखता तो है कठोर, किन्तु अन्दर से वह उतना ही संवेदनशील, मर्मस्पर्शी व परोपकारी है। दीन-दुखियों को देखकर जिसका ह्नदय क्षण भर में ही पिघल जाता है। जो किसी को रोते-विलखते नहीं देख सकता। चाहे औरत हो, मर्द अथवा बच्चे। दरबार में जो भी पहुँच जाए, उसकी खातिरदारी करना वे भूलते नहीं। हर संभव मदद के लिये वे रहते हैं तैयार। धर्म-जाति, उँच-नीच, अमीरी-गरीबी, बाहरी-भीतरी के भेदभाव से कोसों दूर उनकी अपनी एक दुनिया है। बाहरी आडंबर, प्रचार-प्रसार व लोकप्रियता की वर्तमान परिभाषा से इतर हर व्यक्ति का सम्मान, उनका संस्कार बन चुका है। यह दिगर बात है कि धोखेबाजों, मक्कारों व भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध उनकी लड़ाई सदैव चलती रहती है। लीक से हटकर काम करने की उनकी इन्हीं सोंच का परिणाम है कि उप राजधानी दुमका सहित संताल परगना प्रमण्डल के अन्य जिलों व प0 बंगाल के सिउड़ी, वर्द्धमान, कोलकाता तक अधिकांश लोग ठाकुर साहब को आदर, सम्मान के भाव से देखते हैं। भीष्म पितामह की तरह अविवाहित जीवन जीने का संकल्प मन में पाले ठाकुर श्याम सुन्दर सिंह का अधिकांश समय अपने इलाके के गरीब-गुरुबों की समस्याओं के निराकरण में ही व्यतीत हो जाता है। वे मानते हैं, ईश्वर ने पृथ्वी पर मानव को पहले एक इंसान बना कर भेजा है। अपने-अपने स्वार्थ के वशीभूत लोगों ने धर्म के आधार पर इस धरती पर खुद को अलग कर लिया है। ठाकुर श्याम सुन्दर सिंह कहते हैं-न तो कोई उनका अपना है, और न ही कोई पराया। वे सबके लिये हैं और सब उनके लिये है। उनका मानना है, मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। शादी-ब्याह का मामला हो या फिर कोई गंभीर बीमारी का। केस-मुकदमा की बात हो या फिर घर-परिवार के आपसी झगड़ों का। जहाँ तक पहुँच है, लोगों की सेवा व सहयोग के लिये वे हमेशा तत्पर दिखते हैं। वर्तमान समय में जबकि अधिक से अधिक धन कमाने की लालसा में लोग पागल हुआ जा रहा, अब तक ठाकुर श्याम सुन्दर सिंह ने न तो पैसे संचय का कोई ख्वाब देखा और न ही आलिशान महल में विलासिता पूर्वक जीवन जीने का सपना ही पाला। बचपन से ही घर-परिवार के वातावरण से अलग हटकर एक होटल के छोटे से कमरे में अपने जीवन का बहुमूल्य समय व्यतीत कर दिया। कहने वाले तो उन्हें  मसीहा तक कह डालते हैं। ठाकुर श्याम सुन्दर सिंह के शब्दों में- जब भी कोई इंसान उनके करीब आता है उन्हें इस बात की जानकारी हो जाती है कि उसकी मंशा क्या है, वह क्या चाहता है। कुलकुली डंगाल में पत्थर खनन व्यवसाय से जुड़े ठाकुर श्याम सुन्दर सिंह अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा वैसे गरीब, जरुरतमंद लोगांे के हिस्से कर जाते हैं जो घर, परिवार व समाज से ठुकराए हुए होते हैं। जिन्हें देखने वाला कोई नहीं होता। शिकारीपाड़ा प्रखण्ड के संताल-पहाड़िया, अल्पसंख्यक व पिछड़ी जाति बहुल इलाकों के लोग ठाकुर साहब को मरांग बाबा अथवा भगवान का अवतार ही मानते हैं। अपनी बात समाप्त करते हुए ठाकुर साहब कहते हैं-इस जन्म में रखा ही क्या है, उपर वाले ने एक इंसान को जितनी उम्र  बख्शी है, पूरी स्वच्छता, सहजता व सहृदयता के साथ दूसरों की भलाई में उसे व्यतीत कर देना चाहिए। राष्ट्रीयता की भावना के साथ राष्ट्र निर्माण की दिशा में बिना किसी भेदभाव के आगे बढ़ते रहने का नाम ही भारत है। एक भारत, श्रेष्ठ भारत की कल्पना तभी साकार हो सकती है। 

दुमका : 21 से 23 अगस्त 2017 तक मलूटी में होगा भादो महोत्सव

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) 21 से 23 अगस्त 2017 तक मंदिरों के गाँव मलूटी में भादो महोत्सव मनाया जाना है। इस उत्सव के आयोजन की तैयारी अंतिम चरण में है। भादो महोत्सव का उद्घाटन अमर कुमार बाउरी मंत्री राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार, पर्यटन, कला संस्कृति खेल कूद एवं युवा कार्य विभाग झारखण्ड के कर कमलों से सम्पन्न होगा। उप राजधानी दुमका के शिकारीपाड़ा प्रखण्ड अन्तर्गत ग्राम मलुटी में टेराकोटा शैली में कुल 108 मंदिरों का समूह मौजूद था जो अब 72 के आसपास मौजूद है। टेराकोटा शैली में निर्मित उपरोक्त तमाम मंदिरों सहित मां मौलिक्षा के दर्शन के लिए देश के विभिन्न भागों से हजारों की संख्या में पर्यटक व श्रद्धालुओं का पहुँचना होता है। मान्यता है कि मां मौलिक्षा मां (मलूटी, दुमका) माँ तारा (सिद्धपीठ तारापीठ) की बड़ी बहन हैं। तारापीठ (प0 बंगाल) पहुँचने वाले श्रद्धालु मलूटी में माँ मौलीक्षा का दर्शन करना नहीं भूलते।  तीन दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें चित्रांकन प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, क्वीज, अंकन प्रतियोगिता, फैशन शो, ‘‘नारी एवं साड़ी’’। स्थानीय बच्चों के द्वारा कार्यक्रम, भारतीय सेना का पराक्रम व पूर्व सेनिकों की कहानी तथा मोनालीसा, संगीत अकादमी, गोपी डांस अकादमी, रथीन किस्कू संगीत गु्रप तथा उत्तम संगीत अकादमी के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा। मंदिरों के गांव मलुटी में तीन दिनों तक चलने वाले महोत्सव में विभिन्न प्रकार के दुकान, प्रदर्शनी आदि लगाये जाते है। रंगीन लाईट से मंदिरों को सजाया गया है जो देखने में बहुत ही भव्य लग रहा है। 


लंबा खिंच सकता है डोकलाम में चीन के साथ गतिरोध

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नयी दिल्ली 20 अगस्त, डाेकलाम में भारत और चीन के सैनिकों के बीच पिछले लगभग दो महीने से जारी गतिरोध से बनी ‘नो वार नो पीस’ की स्थिति में दोनों पक्षों के अपने-अपने रूख पर अडे रहने से फिलहाल कोई बदलाव होने की संभावना नहीं है। सिक्किम से लगते भूटान और चीन के ट्राइजंक्शन क्षेत्र डोकलाम में चीन की सड़क बनाने की कोशिशों को भारत द्वारा विफल किये जाने से उत्पन्न गतिरोध ने दोनों देशों के बीच अपेक्षाकृत शांत माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है। सीमा पर भले ही लड़ाई की कोई हलचल न दिखाई दे रही हो लेकिन दोनों ओर से किसी भी स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी की बात कही जा रही है। जानकारों का कहना है कि चीन और भारत के अपने-अपने रूख पर अड़े रहने के चलते गतिरोध फिलहाल दूर होने की संभावना नहीं दिखाई देती और यह कुछ लंबा खिंच सकता है। उनका कहना है कि चीन बातचीत के बजाय इस मुद्दे को गीदड़ भभकी से सुलझाने के लिए रोज नये-नये पैंतरे अपना रहा है। चीन के अपेक्षा के विपरीत शुरू से ही आक्रामक रूख अपनाये जाने के बावजूद भारत इस विवाद का बातचीत के जरिये समाधान करना चाहता है और इसके लिए वह किसी भी मौके को नहीं छोड़ रहा है। रोचक बात यह है कि इस बार घटनाक्रम बदला हुआ है और बार-बार भारतीय सीमाओं का अतिक्रमण करने वाला चीन इस बार उल्टे भारत पर उसकी सीमा का अतिक्रमण करने का आरोप लगा रहा है। भारत ट्राइजंक्शन क्षेत्र से जुडे विवादों का समाधान संबंधित समझौतों के आधार पर करना चाहता है इसलिए वह इसी के अनुरूप गत 16 जून से पहले की स्थिति बनाये रखने पर जोर दे रहा है। चीनी सैनिकों ने 16 जून को डोकलाम में सड़क बनाने की कोशिश की थी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारत का रूख स्पष्ट करते हुए कहा है कि इस समस्या का समाधान युद्ध नहीं है और बातचीत से ही हल निकलता है। अमेरिका और रूस जैसे बड़े देशों ने भी दोनों देशों से इस मुद्दे का बातचीत के जरिये हल करने को कहा है। भूटान द्वारा डोकलाम को उसकी जमीन बताये जाने और जापान द्वारा इस मुद्दे पर भारत के रूख का खुलकर समर्थन करने से भी भारतीय पक्ष को बल मिला है। उधर चीन इस बात पर जोर दे रहा है कि बातचीत की किसी भी पहल से पहले भारत अपने सैनिकों को डोकलाम क्षेत्र से पीछे हटाये। वह भारतीय सैनिकों पर उसके क्षेत्र के अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश में है। इस दबाव का असर न होते देख वह कभी सीधे,तो कभी मीडिया के जरिये या फिर अन्य माध्यमों से तकरीबन रोज नयी धमकी दे रहा है। चीन के साथ लगती सीमा पर कुल 12 जगहों पर विवाद है जिनमें हर जगह चीन का अलग अलग रूख देखने काे मिलता है । यदि एक जगह पर उसका व्यवहार मैत्रीपूर्ण है तो दूसरी जगह उसके व्यवहार में उग्रता दिखाई देती है।

गोरखपुर जैसी घ्रटनाएं शर्मनाक : जेटली

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मुंबई, 20 अगस्त, केन्द्रीय वित्त और रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने नये भारत में गोरखपुर जैसे हादसे को ‘ शर्मनाक ’ करार दिया है। श्री जेटली ने आज यहां भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नये भारत संकल्प कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गोरखपुर का हादसा शर्मनाक है। उन्होंने नये भारत के बुनियादी ढांचे का उल्लेख करते हुए कहा “ गोरखपुर जैसी शर्मनाक घटना नहीं होनी चाहिये । ” उन्होंने नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा कि इसके बाद और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) की आतंकवादियों को कथित रूप से फडिंग करने वालों की धर पकड़ के बाद अलगाववादियों के समक्ष विदेशों से धन पोषण का आकाल हो गया है। घन की तंगी के चलते घाटी में अलगाववादियों की गतिविधियों में भी कमी आयी है। गौरतलब है कि एनआईए ने पिछले महीने 24 जुलाई को घाटी से छह और दिल्ली से एक व्यक्ति को पकड़ा था जो कथित रूप से अलगाववादियों को वित्त पोषण करते थे। गुरुवार को अलगाववादियों को धन मुहैया कराने के मामले में घाटी के एक बड़े कारोबारी जहूर वटाली को भी पकड़ा गया है। श्री जेटली ने कहा कि 08 नवम्बर को नोटबंदी और एनआईए की अलगाववादियों के खिलाफ हाल की गतिविधियों से पत्थरबाजों की संख्या नगण्य रह गयी है। कुछ समय तक पहले यह होता था कि आतंकवादियों के छिपे होने पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई अथवा किसी आतंकवादी के मरने पर हजारों की संख्या में पत्थरबाज इकट्ठा होकर रूकावटे डालते थे किन्तु अब यह स्थिति एकदम बदल गयी है और मुश्किल से 25-50 लोग ही एकत्रित हो पाते है। इसकी मुख्य वहज अलगाववादियों को मिलने वाले धन पर नकेल लगना है।

शिखर के तूफान में उड़ा श्रीलंका

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दांबुला, 20 अगस्त, जबर्दस्त फार्म में खेल रहे ओपनर शिखर धवन (नाबाद 132) के तूफानी शतक और उनकी कप्तान विराट कोहली (नाबाद 82) के साथ दूसरे विकेट के लिए 197 रन की जबर्दस्त अविजित साझेदारी की बदाैलत भारत ने श्रीलंका को पहले वनडे में रविवार को नौ विकेट से रौंदकर पांच मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली। शिखर ने टेस्ट सीरीज की अपनी जबर्दस्त फार्म को पहले वनडे में बरकरार रखते हुए भारत को एकतरफा जीत दिला दी। शिखर ने 90 गेंदों पर नाबाद 132 रन में 20 चौके और तीन छक्के उड़ाए जबकि विराट ने 70 गेंदों में नाबाद 82 रन में 10 चौके और एक छक्का लगाया। भारतीय गेंदबाजों खासकर लेफ्ट आर्म स्पिनर अक्षर पटेल और पार्ट टाइम आफ स्पिनर केदार जाधव ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए श्रीलंका को 43.2 ओवर में 216 रन पर ढेर कर दिया। इसके बाद श्रीलंका पर शिखर का कहर टूटा जिन्होंने अपना 11वां शतक जड़ते हुए भारत को इस दौरे की लगातार चौथी जीत दिलाई। भारत ने 28.5 अोवर में एक विकेट पर 220 रन बनाकर मुकाबला अपने नाम कर लिया।

खतौली रेल हादसे के दोषियों को कतई नहीं बख्शा जायेगा: सिन्हा

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ग़ाज़ीपुर 20 अगस्त, रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि खतौली में हुए उत्कल एक्सप्रेस हादसे की जांच के आदेश दे दिये गये हैं और रिपोर्ट जल्द ही आ जायेगी तथा दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा। श्री सिन्हा ने आज यहां इफ्को द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि खतौली रेल हादसे की जांच के आदेश दे दिए गये हैं। जांच रिपोर्ट जल्द आ जायेगी। उन्होंने कहा कि हादसे के लिए दोषी लोगों को कतई नहीं बख्शा जायेगा। उन्होंने कहा कि हादसे में घायल लोगों का इलाज सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने दावा किया कि राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। गौरतलब है कि कल शाम पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंंग उत्कल एक्सप्रेस खतौली स्टेशन के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में 20 से अधिक यात्रियों की मृत्यु हो गई और सैकडों घायल हो गये थे।

मुजफ्फरनगर रेल हादसा: ‘काशन बोर्ड’ का संज्ञान नहीं लिया जाना बडी चूक

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मुजफ्फरनगर 20 अगस्त, उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के खतौली कस्बे के पास पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंगा-उत्कल एक्सप्रेस के दुर्घटना के कारणों में ‘काशन बोर्ड’ का संज्ञान नहीं लिया जाना एक बड़ी चूक मानी जा रही है। इस दुर्घटना में 23 यात्रियों के मरने की पुष्टि हुई है। हालांकि, एक यात्री के मेरठ अस्पताल में आज सुबह मृत्यु की सूचना मिली है। हादसे में 400 यात्री घायल हुए हैं। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) का दावा है कि दुर्घटनास्थल पर रेल पटरी की मरम्मत का काम चल रहा था। मरम्मत के समय रेलगाड़ियाें की रफ्तार उस स्थान पर धीमी हो जाती है, लेकिन कल दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन की रफ्तार 105 किलोमीटर प्रति घंटे बतायी गयी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कलिंगा-उत्कल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले उसी पटरी से दो रेलगाड़ियां गुजरी थीं, लेकिन उनकी रफ्तार धीमी थी। इस बाबत अपर पुलिस महानिदेशक बी़ के़ मौर्य ने “यूनीवार्ता” से कहा कि पटरी की मरम्मत का कार्य चल रहा था। ट्रेन की रफ्तार धीमी होनी चाहिये थी, लेकिन उसकी स्पीड में कोई कमी नहीं थी। उनका कहना था कि मरम्मत कार्य में लगे रेलकर्मी या तो काशन बोर्ड लगाना भूल गये या ड्राइवर बोर्ड को देख नहीं सका। दोनो ही स्थिति भयावह है और परिणाम सबके सामने है।

रेलवे सुरक्षा को लेकर सरकार का रिकॉर्ड निराशाजनक : कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 20 अगस्त, कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के पास खतौली में रेल हादसे में 23 लोगों के मारे जाने और 70 से अधिक लोगों के घायल होने के लिए रेल मंत्रालय को जिम्मेदार बताते हुए आज कहा कि रेलवे सुरक्षा को लेकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार और मंत्रालय का रिकॉर्ड निराशाजनक है। कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां जारी एक बयान में कहा कि शुरूआती रिपोर्ट से पता चला है कि सूचनाओं के आदान-प्रदान में भारी गलती के कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने कहा कि इस दुर्घटना से सुरक्षा इंतजामों की कमी तो उजागर हुई ही है, यह भी पता चला है कि ट्रेन प्रणाली का संचालन कितनी संवेदनशील स्थिति में किया जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की संवेदनाएं और प्रार्थनाएं इस दुर्घटना के पीड़ितों के साथ हैं। श्री सुरजेवाला ने कहा कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु और रेलवे के अन्य अधिकारी यात्रियों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही और ढीलेढाले रवैये के नये रिकॉर्ड स्थापित कर रहे हैं। श्री प्रभु को अपनी जिम्मेदारी माननी चाहिए। उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन को भूल जाइए, मई 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अभी तक 27 रेल हादसे हो चुके हैं। सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही पिछले 15 महीने में छह बड़ी रेल दुर्घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि जब भी कोई दुर्घटना होती है, रेलवे के अधिकारी अपना पल्ला झाड़ने के लिए नयी कहानी गढ़ लेते हैं लेकिन तथ्य कुछ और कहते हैं। इस दुर्घटना में भी बड़े पैमाने पर रेलवे की लापरवाही उजागर हुई है। ट्रैक पर पिछले दो दिन से सिग्नलिंग का काम चल रहा था लेकिन उत्कल एक्सप्रेस के चालक को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी। कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि दुर्घटना के बाद भी रेलवे और स्थानीय प्रशासन की नींद बहुत देर बाद खुली। दुर्घटना के कुछ ही देर के भीतर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग वहां पहुंच गये और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया। स्थानीय स्तर पर 65 निजी एंबुलेंस काे बुला लिया गया तथा गैस कटर एवं अन्य आवश्यक उपकरणों का भी इंतजाम कर लिया गया लेकिन राज्य सरकार की आेर से काफी देर तक कोई मदद नहीं मिली। गौरतलब है कि ओडिशा के पुरी से उत्तराखंड के हरिद्वार आ रही कलिंग उत्कल एक्सप्रेस के 14 डब्बे कल उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के खतौली के पास पटरी से उतर गए थे जिसके कारण 23 लोगों की मृत्यु हो गयी थी तथा 70 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

सरकार का दायित्व मंच देने का, नए भारत के निर्माण की जिम्मेदारी युवाओं की: अमित शाह

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भोपाल, 20 अगस्त, भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने आज हजारों युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का दायित्व युवाओं की संभावनाओं को मंच प्रदान करने का होता है, लेकिन नए भारत के निर्माण की जिम्मेदारी उनकी भी है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के अपने तीन दिवसीय प्रवास के अंतिम दिन आज यहां मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के प्रमाणपत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए श्री शाह ने इतने युवाओं के बीच स्वयं की मौजूदगी को अपने लिए 'आनंद'का सबब बताया। अपने करीब 20 मिनट के संबोधन के दौरान कई बार मुस्कुराते दिखे श्री शाह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मंच पर बैठे सभी लोगों में से कोई भी 50 वर्ष बाद नहीं होगा, नए भारत की जिम्मेदारी आप सभी लोगों की है, सरकार का युवाओं की संभावनाओं को मंच देने का दायित्व है, केंद्र इस काम में लगा है, ये आपकी जिम्मेदारी है कि विश्व भर के युवाओं से प्रतिस्पर्धा कर दुनिया भर की संपत्ति यहां लाएं। केंद्र सरकार की स्टैंडअप, स्टार्टअप और मुद्रा बैंक योजनाओं का विवरण देते हुए श्री शाह युवाओं को उन्हीं की भाषा में समझाते हुए भी नजर आए। श्री शाह ने युवाओं से कहा - ये जो फेसबुक और व्हाट्सऐप जैसी कंंपनियां आज आपको दुनिया की प्रमुख कंपनियों में दिखाई देती हैं, ये सभी पहले स्टार्टअप ही थीं। दो-चार युवाओं ने इन्हें शुरु किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी ही संभावनाओं को एक्स्प्लोर करने के लिए ये योजनाएं बनाईं हैं। इनके समर्थन में डिजिटल इंडिया और मुद्रा बैंक योजनाएं बनाई गईं, ताकि सभी भारत निर्माण में जुटें।


एनआईए के नाम से ‘टेरर फण्डिंग’ करने वालों के दिल में होती है दहशत :राजनाथ

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लखनऊ 20 अगस्त,, देश में आतंकवाद और नक्सलवाद की चूलें हिलाने वाली राष्ट्रीय जांच एजेन्सी (एनआईए) की तारीफ करते हुये केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एनआईए के नाम से ‘टेरर फण्डिंग’ करने वालों के दिल में दहशत होती है। श्री सिंह ने आज यहां एनआईए के कार्यालय और आवासीय परिसर का उद्घाटन करनेे के बाद अपने संबोधन में कहा “ एनआईए एक ‘क्रेडिबिल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी’ है जिसके नाम से ‘टेरर फण्डिंग’ करने वालों के दिल में दहशत होती है। एनआईए आतंकवादी मामलों की पड़ताल बहुत ही वैज्ञानिक ढंग से करती है। आतंकवाद और नक्सलवाद जैसी समस्याओं में जाली नोटों की बहुत बड़ी भूमिका है। एनआईए इस समस्या के स्रोतों की जांच बहुत ही प्रभावी ढंग से कर रही है। ‘टेरर फण्डिंग’ में लिप्त अनेक लोग अब इसकी गिरफ्त में हैं। ” उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 से अस्तित्व में आयी एनआईए आतंकवादी मामलों की पड़ताल बहुत ही वैज्ञानिक ढंग से करती है। इसने अब तक 165 मामलों में से 95 प्रतिशत मामलों को सुलझाया है, जिसमें से 94 प्रतिशत मामलों में दोषियों को सजा दिलाने में सफलता पायी है। इस एजेंसी के गठन के बाद से नाॅर्थ ईस्ट के उग्रवाद में 75 प्रतिशत की कमी आयी है, जबकि नक्सलवाद की घटनाओं में 40 प्रतिशत की कमी आयी है। श्री सिंह ने कहा कि अभी तक एनआईए का अपना कोई कार्यालय परिसर नहीं था। लखनऊ में निर्मित यह परिसर इस एजेंसी का पहला निजी कार्यालय तथा आवासीय परिसर है। इसकी स्थापना से अब इस एजेंसी की कार्य-कुशलता और बढ़ेगी।

सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए लेह पहुंचे जनरल रावत

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लेह, 20 अगस्त, सिक्किम से लगते डोकलाम क्षेत्र में भारत और चीन की सेनाओं के गतिरोध के बीच सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत लद्दाख क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति का जायजा लेने आज यहां पहुंचे। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि जनरल रावत दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे हैं। वह इस दौरान क्षेत्र में सेना तथा वायु सेना के स्थानीय कमांडरों के साथ स्थिति की समीक्षा करेंगे तथा सैन्य तैयारियों का जायजा लेंगे। पूर्वी लद्दाख में भारत की 800 से भी अधिक किलोमीटर लंबी सीमा चीन से लगती है। इस गतिरोध के चलते स्वतंत्रता दिवस पर दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच होने वाली बैठक भी नहीं हुई। सेना प्रमुख कल एक समारोह में हिस्सा लेंगे जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लद्दाख स्काउट्स रेजीमेंटल सेंटर की सभी पांच बटालियन को प्रेसीडेंट्स कलर्स प्रदान करेंगे। डोकलाम गतिरोध और पेगांग क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों की मामूली झड़प के मद्देनजर सेना प्रमुख की इस यात्रा को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लगभग दो महीने पहले शुरू हुए डोकलाम गतिरोध के बाद से चीन विभिन्न सेक्टरों में भारतीय सीमाओं का निरंतर अतिक्रमण कर रहा है हालांकि चीनी सैनिक भारतीय सैनिकों के प्रतिरोध के बाद वापस लौट जाते हैं लेकिन बार -बार इस तरह की हरकतें कर वह स्थिति को भड़काने में लगा है।

डोकलाम गतिरोध:भारत-चीन के आर्थिक संबंधों का नया आयाम

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नयी दिल्ली 20 अगस्त, भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर पिछले दो माह से जारी तनातनी दोनों देशों के संदेह भरे संबंधों का एक पहलू भर है। दोनों देशों के बीच 1962 के बाद कोई प्रत्यक्ष युद्ध नहीं हुआ है लेकिन आर्थिक मोर्चे पर शह और मात का खेल चलता रहता है। डोकलाम गतिरोध दोनों देशों की व्यापारिक तथा आर्थिक संबंधों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। चीन ने हाल के दशक में दक्षिण एशिया में अपनी पहुंच बढाने के लिए व्यापार, वित्तीय मदद, निवेश और राजनयिक संबंधों का सहारा लिया है। चीन के दक्षिण एशिया में बढ़ते कदम भारत के लिए राजनीतिक रूप और आर्थिक रूप दोनों तरह से घातक हैं। भारत नेपाल, श्रीलंका, भूटान और बंगलादेश के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध रखता है अौर इसी वजह से वह अब तक इन देशों के लिए सबसे अच्छा व्यापारिक साझेदार रहा। लेकिन चीन पिछले कुछ दशक के दौरान दक्षिण एशियाई देशों के लिए सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। वह 2005 में भारत काे पछाड़ते हुए बंगलादेश का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया और उसे सस्ते सूती तथा अन्य कपड़े निर्यात करने लगा। हालांकि नेपाल और श्रीलंका में चीन अभी भारत से पीछे है लेकिन वह व्यापार का यह अंतर बड़ी तेजी से पाट रहा है। भारत श्रीलंका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है लेकिन 2005 से वहां चीन का निर्यात कई गुणा बढ़कर चार अरब डॉलर का हो गया है। चीन ने इसके अलावा पाकिस्तान में भी चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के विकास के लिए 46 अरब डॉलर के निवेश की योजना बनायी है। जो चीन के महत्वाकांक्षी वन बेल्ट वन रोड (ओबीओअार) कार्यक्रम का अहम हिस्सा है। लेकिन चीन के भरसक प्रयास के बावजूद भारत ने ओबीओआर कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया है। भारत सीपीईसी को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है और उसने ओबीओआर कार्यक्रम का इसीलिये बहिष्कार किया है जिससे चीन के मन में अपने इस कार्यक्रम की सफलता को लेकर संदेह पैदा हो गया है। अफगानिस्तान में भारत और चीन दोनों का व्यापार एक अरब डॉलर से कम है और दोनों देश वहां अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटे हैं। भारत ईरान के चाबहार बंदरगाह के रास्ते तो चीन पाकिस्तान के रास्ते गुजरने वाले आर्थिक गलियारे के रास्ते अफगानिस्तान में अपनी आर्थिक पकड़ मजबूत बनाना चाहते हैं।

22 अगस्त को बैंककर्मियों की हड़ताल

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नयी दिल्ली 20 अगस्त, सरकार और बैंक यूनियनों के बीच मांगों के लेकर वार्ता विफल हो जाने के बाद बैंक कर्मियों की 22 अगस्त को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल से बैंकिंग गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। केन्द्रीय श्रम आयुक्त ने बैंक यूनियंस के फोरम यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की 22 अगस्त की प्रस्तावित हड़ताल के लिए बैंक यूनियन और इंडियन बैंक्स एसोशिएसन को वार्ता के लिए बुलाया था। इस वार्ता के पटरी से उतरने के कारण बैंक यूनियंस ने 22 अगस्त की अपनी प्रस्तावित हड़ताल वापस नहीं ली। नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा का कहना है कि गत अगस्त को ही हड़ताल का नोटिस दे दिया गया था। यदि सरकार गंभीर होती तो बहुत पहले ही यूनियन के साथ बैठक करके हड़ताल टाल सकती थी लेकिन केंद्रीय श्रम आयुक्त ने हड़ताल से केवल चार दिन पूर्व बातचीत के लिए बुलाया । वार्ता में सरकार की तरफ से कोई संतोषजनक उत्तर ना मिलने के कारण बैंक कर्मचारी 22 अगस्त को हड़ताल पर जाने के लिय मजबूर हैं। ” इस हड़ताल का आह्वान बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों के संयुक्त संगठन , यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने किया है। इसमें कर्मचारियों के पांच और अधिकारियों के चार संगठन शामिल हैं । इन संगठनों के 10 लाख बैंक कर्मचारी, अधिकारी इस हड़ताल में शामिल होंगे। बैंककर्मियों की मांग है कि बैंकों का निजीकरण और विलय न किया जाये तथा बैंकों में सभी पदों पर भर्ती ,बैंकों में अनुकंपा आधार पर नियुक्ति और नोटबंदी के दौरान किये गये अतिरिक्त काम का ओवरटाइम दिया जाये।

विशेष : बाढ के दौरान पशुओं का विशेष ध्यान रखना जरुरी

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नयी दिल्ली 20 अगस्त, पशु वैज्ञानिकों का कहना हैं कि बाढ़ के दौरान किसानों को आर्थिक नुकसान से बचने के लिए पशुओं की देखभाल पर विशेष ध्यान देना चाहिये और उन्हें फफूंद संक्रमित चारे और दूषित पानी पिलाने से बचने के अलावा दुधारू मवेशियों का दूध प्रति दिन निकालना चाहिये ताकि थनैला जैसी बीमारियों से बचा जा सके । बाढ प्रभावित क्षेत्रों में इन दिनों आमतौर पर आर्द्रता काफी अधिक हो जाती है जिसके कारण चारे में फफूंद का संक्रमण हो जाता है। इसे खिलाने से पशुओं में कई प्रकार की बीमारी हो सकती है । पहले से भंडारित भूसा , कटे सूखे चारे और ‘हे’(पौष्टिक चारा) आदि भी उच्च आद्रर्ता के कारण फफूंद संक्रमित हो सकते हैं । चारे को खिलाने के पहले इसकी जांच करा लेनी चाहिये । राष्ट्रीय पशु पोषण एवं शरीर क्रिया विज्ञान संस्थान बेंगलूरू के वैज्ञानिकों के अनुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पशुओं को पहले से भंडारित उपयुक्त सूखा चारा खिलाना चहिये । ऐसे क्षेत्रों में चारे वाले वृक्ष के पत्ते को पशुओं को खिलाने में उपयोग में लाना चाहिये । चारागाहों के पानी से ढूबे होने के कारण घास सड़ -गल और संक्रमित हो जाती है। इसलिए बाढ़ के बाद पशुओं काे चरने के लिए नहीं भेजना चाहिये । वैज्ञानिकों के अनुसार बाढ प्रभावित क्षेत्रों में कम दूध देने वाले पशुओं को छह से सात किलो चारा , अधिक दूध देने वाले पशुओं को नौ से दस किलो चारा तथा बैल को पांच -छह किलो चारा देना चाहिये । बछड़े और बछिया को दो -तीन किलो तथा भेड़ और बकरी को एक से दो किलो चारा देना चाहिये । 


पशुओं के रहने के स्थान पर पानी भरे होने की स्थिति में उसके खुर में लगन , लंगड़ापन ,श्वसन रोग तथा मांसपेशियों में तनाव की संभावना बनी रहती है । ऐसी स्थिति में उसका तुरंत उपचार कराया जाना चाहिये । विशेषज्ञों की सलाह है कि पशुओं को हर हालत में सूखे स्थान पर रखने का प्रबंध करना चाहिये । पशु विशेषज्ञों का मानना है कि बाढ के दौरान सबसे अधिक पानी प्रदूषित हो जाता है जिसे पिलाने से कई प्रकार की बीमारियों की संभावना बढ जाती है । ऐसी स्थिति में दूषित पानी काे कैल्शियम कार्बोनेट से शुद्ध करके पशुओं को पिलाना चाहिये । दुधारु पशुओं का दूध प्रति दिन निकालना चाहिये अन्यथा इसमें थनैला रोग होने की संभावना काफी बढ जाती है । विशेषज्ञों की राय है कि बाढ के बाद ज्यादातर पशु आहार दूषित हो जाता है जो उसे खिलाने लायक नहीं रहता है । ऐसे में बाढ़ से सुरक्षित आसपास के स्थानों से भूसे या सूखे चारे को मंगाना चाहिये । आजकल मशीन के माध्यम से चारे का ठोस पिंड बनाया जाता है जिससे उसका फैलाव काफी कम हो जाता है जिससे परिवहन खर्च में काफी कमी आती है । संस्थान का मानना है कि बाढ संभावित क्षेत्रों में पहले से ही पशु चिकित्सकों , पशु पोषण विशेषज्ञों , लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञों , स्वैच्छिक कार्यकताओं और गैर सरकारी संगठनों की एक टीम बनानी चाहिये जो किसानों में जागरुकता के साथ ही संकट की स्थिति में आवश्यक प्रबंध कर सके ।
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