Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74313 articles
Browse latest View live

स्वास्थ्य : दिल के दौरे के खतरे को कम करता है बिनौला तेल

$
0
0
heart-attack-danger-low-cottonseed-oil
नयी दिल्ली 20 अगस्त, केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान मुंबई के वैज्ञानिकों का दावा है कि कपास के बिनौले का तेल अनेक विशिष्ट गुणों से भरपूर है जो मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयुक्त है तथा इसके नियमित उपयोग से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बहुत कम हो जाता है । संस्थान के वैज्ञानिकों ने अपने एक अध्ययन में कहा है कि बिनौले का तेल एक उच्चकोटि का खाद्य तेल है जो परिष्कृत करने के बाद मानव स्वास्थ्य के लिए अति उपयोगी है । इसका खाने में इस्तेमाल से दिल के दौरे के खतरा बहुत कम हो जाता है । दिन प्रतिदिन के आहार में इसका उपयोग किया जा सकता है । चाहे वह तेल के मिश्रण के तौर पर हो या फिर वनस्पति या कैप्सूल के रुप इसका उपयोग स्वास्थ्यवर्द्धक है । बिनौले के तेल में संतृप्त वसा अम्ल कम होता है जिसके कारण इसे अन्य खाद्य तेलों की तुलना में बेहतर माना जाता है । संतृप्त वसा अम्ल को हृदय के लिए हानिकारक माना जाता है । यह उन विशेष तेलों में से है जिसे अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने ओके फूड की सूची में दर्ज किया है । इस तेल में 50 प्रतिशत से अधिक लीनोलिक वसा अम्ल पाया जाता है जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी है ।


लीनोलिक वसा अम्ल शरीर के हारमोन्स को संश्लेषित करने के लिए बहुत जरुरी है जो हमारे शरीर के आंतरिक अवयवों की कार्यक्षमता बढ़ाती है । यह अम्ल मनुष्य के शरीर में नहीं बन सकता है । इस अम्ल की दूसरी विशेषता यह है कि काेलेस्ट्रोल की वजह से केरोनरी धमनियों में होने वाले रक्त प्रवाह के अवरोध को रोकता है । बिनौले के तेल में नौ कैलोरी ग्राम पोषक तत्व होते हैं। तेल की पाचन क्षमता करीब 97 प्रतिशत है और इसकी तुलना किसी भी उच्चकोटि के तेल जैसे मूंगफली , सरसों या नारियल के तेल से की जा सकती है । बिनौले के अधिकांश किस्मों में गासीपाल नामक एक तत्व पाया जाता है जो एक अमाशय वाले जीवों के लिए हानिकारक है । गासीपाल को रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा आसानी से अलग कर दिया जाता है जिसके बाद इसका रंग सुनहरा होता है और विटामिन ई से युक्त होता है । देश में सालाना लगभग 110 लाख टन बिनौले का उत्पादन होता है जिसके 95 प्रतिशत हिस्से का उपयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है । बिनौले में तेल की मात्रा 17 से 25 प्रतिशत तक होती है लेकिन वैज्ञानिक तरीके से तेल नहीं निकालने के कारण इसमें से 10 से 12 प्रतिशत ही तेल निकल पाता है । सही तरीके से तेल नहीं निकाले जाने के कारण सालाना सात लाख टन तेल के नुकसान होने का अनुमान है । देश में वैज्ञानिकों ने अाधुनिक विधि से बिनौला से अधिक से अधिक मात्रा में तेल निकालने की तकनीक विकसित कर ली है ।

ट्विंकल जुड़ी टाॅयलेट-पार्ट-2 की तैयारी में

$
0
0
twinkle-khanna-shares-first-scene-of-toilet-ek-prem-katha-part-2-on-twitter-here-is-how-people-reacted
नयी दिल्ली,19 अगस्त, अक्षय कुमार अभिनीत “टाॅयलेट एक प्रेम कथा” को रिलीज हुए अभी महज एक सप्ताह ही हुआ है कि अक्षय कुमार की पत्नी ट्विंकल खन्ना ने आज इंस्टाग्राम पर एक फोटो चस्पा करके इसे “टाॅयलेट”पार्ट दो का नाम दिया । अपने मजाकिया अंदाज के लिये चर्चित ट्विंकल ने जो फोटो शेयर किया है,वह समुद्र किनारे खुले में शौच के लिये बैठे एक आदमी का है। “ट्विंकल ने उसे “टाॅयलेट-पार्ट-2” कहा है। इंस्टाग्राम पर पोस्ट इस फोटो में ट्विंकल खुले में शौच के लिये बैठे व्यक्ति की तरफ इशारा करती नजर आ रही है। फोटो में दूर एक व्यक्ति दिखाई दे रहा है, जो समुद्र के तट पर बैठा शौच करता नजर आ रहा है। ट्विंकल ने इंस्टाग्राम पर फोटो के साथ कैप्शन लिखा, “गुड मार्निंग और मुझे लगता है कि यह है टाॅयलेट एक प्रेम कथा-पार्ट-2 का पहला सीन। ” अक्षय कुमार की टाॅयलेट एक प्रेमकथा पिछले शुक्रवार को ही रिलीज हुई है। फिल्म देश में शौचालयों की कमी और उसकी वजह से महिलाओं को मजबूरन खुले में शौच जाने और उसके जुड़ी दिक्कतों पर आधारित है। बाॅक्स ऑफिस पर फिल्म को दर्शकों का खूब समर्थन मिल रहा है और यह 100 करोड़ क्लब में शामिल हो गयी है।

कारखाना अधिनियम में प्रस्तावित बदलावों का विरोध किया बीएमएस ने

$
0
0
factory-act-proposed-changes-conflict-bms
नयी दिल्ली 20 अगस्त, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोगी श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने कारखाना अधिनियम (संशोधन) विधेयक 2014 का विरोध करते हुए कहा है कि ‘स्टार्ट अप’ और ‘कारोबार के अनुकूल माहौल’ बनाने की प्रक्रिया ने अधिनियम का उद्देश्य ही समाप्त कर दिया है तथा कारखानों में काम करने वाले मजदूरों और आस पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को खतरनाक हालत में डाल दिया है। बीएमएस का कहना है कि प्रस्तावित बदलाव में उद्योगों के साथ साथ मजदूरों और समाज के हितों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। बदलाव प्रगतिशील होने चाहिए लेकिन कारखाना अधिनियम में प्रस्तावित बदलावों से देश एक बार फिर सामंतवादी व्यवस्था में पहुंच जाएगा। सरकार प्रस्तावित संशोधनों के जरिए श्रम संबंधी संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों का भी उल्लंघन कर रही है। समिति ने कारखाना अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों के जरिए श्रमिकों की सुरक्षा, संरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण की गारंटी देने को कहा है। श्रमिक संघ का आरोप है कि प्रस्तावित संशोधनों से बड़ी कंपनियों को लाभ होगा और उनको गलतियां करने का मौका मिलेगा। सरकार ऐसे संशोधन करने जा रही है जिन्हें विभिन्न श्रमिक संगठनों ने अस्वीकार कर दिया है। सरकार ने त्रिपक्षीय विचार विमर्श को ‘मजाक’ बना दिया है। प्रस्तावित संशोधनों से सुरक्षा संबंधी प्रावधान को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए बीएमएस ने कहा है कि देश के प्रत्येक शहर में भोपाल त्रासदी जैसे हादसे होने की आशंका बढ़ जाएगी। श्रम संबंधी कानूनों को लागू करने और इनमें बदलाव करने के समस्त अधिकार नौकरशाही में समाहित हो जाएगें।

नीतिश ने मेरे वोट के लिए पैसे से की होगी सौदेबाजी : वसावा

$
0
0
nitish-sold-me-gujrat-mla
गांधीनगर/भरूच, 20 अगस्त, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीति सचिव अहमद पटेल की गत आठ अगस्त को गुजरात में हुए राज्यसभा चुनाव में नजदीकी अंतर से हुई जीत में प्रमुख भूमिका निभाने वाले जनता दल यूनाईटेड के इकलौते विधायक छोटू वसावा ने आज दावा किया कि उन्हें लगता है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने उनके वोट को भाजपा को दिलाने के लिए पैसे से सौदेबाजी की थी पर उन्होंने अपना वोट श्री पटेल को ही दिया। उन्होंने कहा कि जदयू की गुजरात इकाई शरद यादव के साथ ही रहेगी। जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के करीबी माने जाने वाले तथा ढुलमुल छवि के श्री वसावा ने हाल में यह दावा किया था कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने चुनाव की पूर्व संध्या पर उन्हें फोन कर भाजपा के तीसरे प्रत्याशी बलवंतसिंह राजपूत को वोट देने काे कहा था। श्री वसावा जिनका अाभार जताने के लिए श्री अहमद पटेल स्वयं उनके आवास पर पहुंचे थे, ने आज पत्रकारों से कहा कि उन्हें लगता है कि श्री कुमार ने उनके वोट को भाजपा को दिलाने के लिए 50 करोड रूपये में सौदेबाजी की थी। ज्ञातव्य है कि श्री वसावा ने कुछ समय पहले श्री कुमार को जदयू का इकलौता दमदार नेता बताया था और कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें खरीद लिया। ज्ञातव्य है कि उक्त राज्यसभा चुनाव में नाटकीय घटनाक्रम के बीच मध्यरात्रि के बाद हुई मतगणना में श्री पटेल नजदीकी अंतर से जीते थे जबकि श्री राजपूत को हार का सामना करना पडा था। भाजपा के दो अन्य प्रत्याशी अमित शाह अौर श्रीमती स्मृति ईरानी आसानी से जीत गये थे। श्री वसावा ने इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव में मतदान का बहिष्कार कर दिया था।

गुजरात दंगे: मोदी के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट आज फैसला सुनाएगा

$
0
0
अहमदाबाद, गुजरात हाईकोर्ट साल 2002 के दंगों के मामले में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को निचली अदालत द्वारा क्लीन चिट दिये जाने को चुनौती देने वाली दिवंगत कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी की याचिका पर सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा। इस मामले की सुनवाई तीन जुलाई को पूरी हो गयी थी। कोर्ट ने जाफरी और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के गैर सरकारी संगठन ‘सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस’की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की। याचिका में 2002 के दंगों के पीछे कथित बड़ी आपराधिक साजिश होने के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा क्लीन चिट दिये जाने को सही ठहराने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गयी है। याचिकाकर्ताओं ने इस नये सिरे से जांच की मांग की है। अहमदाबाद। गुजरात में हाल ही में राज्यसभा चुनाव हारे बीजेपी उम्मीदवार बलवंत सिंह राजपूत ने कांग्रेस के दो बागी विधायकों के वोट अमान्य करार देने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है जिस पर सोमवार को सुनवाई होगी। 8 अगस्त को हुए चुनावों से पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए राजपूत ने यह दलील भी दी कि दो अन्य कांग्रेसी विधायकों के वोट भी नहीं गिने जाने चाहिएं और उन्हें विजयी घोषित किया जाना चाहिए। राजपूत की याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग के आदेश को रद्द किया जाना चाहिए।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 20 अगस्त

$
0
0
जिला टीबी फोरम द्वारा टीबी रोगियों को पोष्टीक आहार का किया गया वितरण
  • आहार लेने से हो रहा है टीबी रोगियों के स्वास्थ्य में सुधार

jhabua news
झाबुआ। जिला टीबी फोरम द्वारा जिला चिकित्सालय परिसर में झाबुआ विकासखंड के टीबी रोगियों को पोष्टीक आहार का वितरण कार्यक्रम जिला सलाहकार मंडल (डीपीए) के अध्यक्ष यषवंत भंडारी, सिविल सर्जन डाॅ. आरएस प्रभाकर, जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी डाॅ. जितेन्द्र बामनिया, टीबी चिकित्सा संघ के डाॅ. अरविन्द दातला के आतिथ्य में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला टीबी फोरम के अध्यक्ष डाॅ. एलएस राठौर ने की। इस अवसर पर सभी टीबी रोगियों के रक्त एवं खंखार की जांच जिला चिकित्सालय की लेबोरेट्री मंे जिला टीबी कार्यक्रम के पर्यवेक्षकों के मार्गदर्षन में करवाई गई। कार्यक्रम के प्रारंभ मंे उपस्थित सभी टीबी रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें आवष्यक परामर्ष जिला क्षय अधिकारी डाॅ. जितेन्द्र बामनिया एवं वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ. एलएस राठौर ने दिया। कार्यक्रम का शुभांरभ एवं संचालन करते हुए डीपीए अध्यक्ष श्री भंडारी ने कहा कि पिछले कई महीनों से इस विकासखंड के टीबी बिमारी के मरीजों को पोष्टीक आहार का वितरण विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है। जिसका सुपरिणाम यह है कि अब टीबी मरीज स्वस्थ हो रहे है तथा उनके खून के हिमोग्लोबीन में वृद्धि हो रहंी है। आपने जिला टीबी फोरम के कार्य एवं सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि इस फोरम के माध्यम से टीबी रोगियों के स्वास्थ्य में शीघ्र सुधार हो रहा है तथा उनके मनोबल एवं आत्म बल में वृद्धि हो रहंी है।


विषेष अभियान चलाया जा रहा
जिला क्षय अधिकारी डाॅ. बामनिया ने बताया कि इस समय हमारे जिले में 1500 से अधिक क्षय रोग के रोगी की पहचान कर ली गई है, जो अन्य जिलों की तुलना में अधिक है। जिसका कारण यहां पर उपचार के प्रति जागरूकता नहीं होना है। उन्होंने कहा कि अब मोबाईल वेन के माध्यम से भी प्रत्येक गांव में जाकर टीबी रोगियों की पहचान करने के लिए विषेष अभियान भी चलाया जा रहा है।

रोगियों को नियमित दवाई का सेवन करना आवष्यक
टीबी फोरम के अध्यक्ष डाॅ. राठौर ने कहा कि इस रोग के रोगियों को नियमित दवाई का सेवन करना आवष्यक है। यदि एक दिन भी रोगी दवाई नहीं लेता है, तो पिछले दिनों जो रोगी ने दवाई ली है, उसका असर भी खत्म हो जाता है, इसलिए आप लोगों को बिना किसी अंतराल के दवाई लेना है। दवाई के कारण होने वाली कमजोरी एवं अन्य दूषित प्रभाव को रोकने के लिए आपको यह पोष्टीक आहार का वितरण टीबी फोरम के माध्यम से किया जा रहा है। जिसके कारण आपके स्वास्थ्य मंे सुधार होता दिखाई दे रहा है।

टीबी फोरम का कार्य प्रसंषनीय
नवागत सिविल सर्जन डाॅ. प्रभाकर ने कहा कि जिले में टीबी फोरम के माध्यम से टीबी मरीजों को जो पोष्टीक आहार प्रतिमाह दिया जा रहा है, वह बहुत ही प्रसंषनीय एवं अनुकरणीय कार्य है। जिला चिकित्सालय में टीबी रोगियों को सभी प्रकार की उपलब्ध सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर उपलब्घ करवाई जाएगी। साथ ही जो दवाईयां इन्हें निःषुल्क प्रदान की जाती है, वे निरंतर रोगियों को प्राप्त होती रहे, ऐसे प्रयास हमारे द्वारा किए जाएंगे।

सामाजिक संस्थाओं की सेवाएं सराहनीय
टीबी फोरम के जिला सचिव रामप्रसाद वर्मा ने बताया कि दवाई के साथ पोष्टीक आहार लेना भी बहुत जरूरी है। यहां के रोगी अधिकांषतः आर्थिक दृष्टि से बहुत पिछड़े हुए है, जिसके कारण वे अच्छा पोष्टीक आहार भोजन के रूप में खरीद नहीं सकते है, ऐसी स्थिति में सामाजिक संस्थाओं द्वारा पोष्टीक आहार वितरण करने का कार्य बहुत ही परोपकार का कार्य है तथा वे सभी धन्यवाद के पात्र है।

पोष्टीक आहार वितरण किया
इस अवसर पर निजी चिकित्सा संगठन के डाॅ. दातला के प्रयासों से सेवा भारती एवं रोटरी क्लब आजाद द्वारा टीबी रोगियों को पोष्टीक आहार का वितरण किया गया। कार्यक्रम में डाॅ. विजय हाड़ा, जितेन्द्र बाबेल, अर्चित बाबेल एवं स्वास्थ्य विभाग से इरफान, हेमराज आदि कर्मचारी उपस्थित थे।

राजीव गांधी की 73वी जयंति पर कांग्रेस ने किया स्मरण, उनके बताये मार्गों पर चलने का लिया संकल्प

jhabua news
 झाबुआ । देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की 73वी जयंति रविवार को स्थानीय जिला कांग्रेस कमेटी झाबुआ पर प्रातः 11.30 बजे से सदभावना दिवस के रूप में मनाई गई। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सांसद प्रतिनिधि डाॅ.विक्रांत भूरिया, पूर्व विधायक जेवियर मेडा एवं नवनिर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती मनुबेन डोडियार थे। कांग्रेस पदाधिकारियों द्वारा स्व.राजीव गांधी के चित्र पर माल्यापर्ण कर दीप प्रज्जलित किया गया तत्पश्चात उपस्थित सभी सदस्यों ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उन्हे अपनी-अपनी पुष्पांजलि अर्पित की।  इस अवसर पर जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष डाॅ.विक्रांत भूरिया ने संबोधित करते हुए कहा कि स्व. राजीव गांधी ने राष्ट्र के विकास में महती भूमिका निभाई है, उन्हे आदशर््ा पुरूष बताते हुए उनके द्वारा किये गये कार्यो को आगे बढाने का संकल्प लेते हुए आज हमे उर्जावान, कर्मठ एवं ईमानदार कार्यकर्ताओं की जरूरत है ,जो अपनी लगन से पार्टी व राष्ट्र के विकास में सहभागी बन सके। श्री भूरिया ने आगे कहा कि आज जो हम हेंडपंप का उपयोग कर रहे है वह भी राजीव गांधी की ही देन है। उन्होने सारे देष में हेंडपंप लगवाने की शुरूआत की थी। उन्होने कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर पार्टी को मजबुत कर राष्ट्र की सेवा करने का आव्हान किया। ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष हेमचंद्र डामोर ने कहा कि राजीव जी ने देश को संचार क्रांति, इलेक्ट्रोनिक, औद्योगिक और कृषि के क्षेत्र से लेकर पंचायतीराज आदि, 21 वी सदी के युवा भारत बनाने की कल्पना को साकार करने हेतु कदम बढाया। पूर्व विधायक जेवियर मेडा ने कहा कि राजीव गांधी ने अपने प्रधानमंत्री काल के दौरान आदिवासी व गरीब वर्गो के उत्थान हेतु अनेक कल्याणकारी योजना बनाई जिससे आम लोगों व देश का चहुमंखी विकास हुआ। हमे राजीव गांधी से प्रेरणा लेनी चाहिए जिन्होने विपरित परिस्थितियों को सामना करते हुए भारत को एक नई दिशा दी। मोबाईल क्रंाति, कम्प्यूटर कां्रति के द्वारा राष्ट्र में अपनी पहचान बनाई। कार्यक्रम का संचालन कंाग्रेस नेता मनीष व्यास ने किया एवं आभार जिला कांग्रेस महामंत्री जितेन्द्र प्रसाद अग्निहोत्री ने माना। इस अवसर पर प्रवक्ता एनएसयूआई जिलाध्या विनय भाबोर, हर्ष भट्ट, नवनिर्वाचित पार्षद साबीर फिटवेल, जिला संगठन मंत्री गोपाल शर्मा, कांग्रेस नेता राजेन्द्र अग्निहोत्री, शरद कांठेड, अविनाष डोडियार, रामला गुंडिया, रविंद्र चैहान, राजेष डामोर, संतोष पंवार, दिलीप चैहान, अक्षय परमार, राकेष राठौर, आलोक रावत सहित जिला कांग्रेस, ब्लाक कांग्रेस के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे ।


पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा अपनी पराजय को लेकर लगाए गए आरोपों पर कांग्रेस ने किया पलटवार

झाबुआ । पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया ने पिछले दिनों हुए नगर पालिका निर्वाचन में अपनी धर्मपत्नि बसंती बारिया की पराजय से बौखला कर मीडिया में जो बयान दिए है कि भाजपा की हार का खामियाजा जनता को भुगतना पडेगा उक्त बयान की जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सांसद प्रतिनिधि डाॅ.विका्रंत भूरिया ने कडे शब्दों में निदंा करते हुए कहा कि यह भाजपा के चाल, चरित्र एवं चैहरे एवं अहंकार को उजागर कर रहा है। डाॅ.विका्रंत भूरिया ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि भाजपा एवं धनसिंह बारिया को जनता दिए गए जनादेष का सम्मान करना चाहिए। जनता ने ही उन्हें अपने किए कर्मों के फल का प्रसाद दिया है। उन्हें आत्मचिंतन करना चाहिए की हमने कब-कब और कहां-कहां गलतियां की है जनता की परेषानियों का अनसुना करते हुए उन्हें राहत देने की बजाय और परेषान किया है जिसका खामियाजा हमकों हार के रूप में भुगतना पडा है। श्री भूरिया ने कहा कि अपने मुंह मियां मिट्ठु बनने वाले एवं रिमोट कंटोल से चलने वाली परिषद से सही विकास कार्य नहीं हो सकते। जनता समझदार है, अच्छे व बुरे कार्यों पर जनता की पैनी नजर रहती है एवं समय आने पर वह इसका उपयोग कर सबक सिखाने से भी पिछे नहीं हटती है। कांग्रेस पार्टी ने पूरी एकजुटता दिखाते हुए चुनाव लडा तथा जनता का विष्वास भी प्राप्त हुआ है। नगर जनता ने उन्हें परिषद बनाने का एवं नगर के विकास कार्य करने का एक मौका दिया है। भाजपा के नेताओ से आषा है कि वे झाबुआ नगर के विकास में अपनी हार से सबख लेकर नगर के विकास कार्यों में रचनात्मक भूमिका निभा कर झाबुआ के नगर को विकास की राह पर आग्रसर करे एवं जनता को पिछले कुछ वर्षों से हो रही परेषानियों से निजात दिलाने में सहयोग प्रदान करेंगे।

सहायक अध्यापक संघ के संभागीय सम्मेलन के तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित हुई

jhabua news
झाबुआ । आगामी 27 अगस्त को राज्य सहायक अध्यापक गुरूजी संघ के पैलेस गार्डन में होने वाले महासम्मेलन को लेकर रविवार को जिले के सभी छः विकासखंडो के संगठन पदाधिकारियों की बैठक प्रांताध्यक्ष तेजनारायण द्विवेदी के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुई । प्राताध्यक्ष श्री द्विवेदी ने जिले भर से आये सभी पदाधिकारियों को सम्मेलन  की सफलता के लिये सौपे गये दायित्वों का निर्वहन करने के लिये तथा  अन्य जिलो से आने वाले संगठन के पदाधिकारियों एवं सहायक अध्यापकों के लिये समुचित व्यवस्था करने  का आव्हान करते हुए सम्मेलन को सफल बनाने के लिये गठित की गई कार्यक्रम स्थल समिति, अतिथि व्यवस्था समिति, संगठन के पदाधिकारियों की व्यवस्था समिति, प्रचार-प्रसार समिति, वीडियों एवं फोटोग्राफी व्यवस्था समिति, यातायात पार्किग समिति, होर्डिग प्रभारी, भोजन एवं स्वल्पाहार व्यवस्था समिति, इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया समिति, साश्यल मीडिया समिति, अतिथि समिति सम्मान व्यवस्था समिति, स्वागत व्यवस्था समिति, रजिस्ट्रेशन समिति एवं मुख्य द्वारा प्रवेश व्यवस्था समिति के  प्रभारियों एवं पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौपे ।  इस अवसर पर बहादूर भूरिया अध्यक्ष ने बताया कि इस ऐतिहािसक संभागीय महासम्मेलन में पूरे प्रदेश से प्रतिनिधि भाग लेगें । 3000 से अधिक लोगों द्वारा इसमें भाग लिया जावेगा वही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान को भी यहां लाने के लिये चर्चायें की जारही है । सम्मेलन में केबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त सुलतानसिंह शेखावत, राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त रमेशचन्द्र शर्मा, मंत्री दर्जा प्राप्त शिव चैबे, भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री केपी सिंह, विधायक शांतिलाल बिलवाल एवं प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य शैलेष दुबे की सहमति प्राप्त हो चुकी है । सम्मेलन में सभी जिम्मवारों को 26 अगस्त की सायंकाल तक पहूंचना है तथा 27 अगस्त को उन्हे अपने दायित्वों का निर्वहन करना है ।  इस अवसर पर संभागीय पदाधिकारी प्रकाश पालिवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये । सम्मेलन की पूर्व तैयारी हेतु आयोजित इस बैठक में बडी संख्या मे महिलायें एवं पुरूष सहायक अध्यापकगणप उपस्थित थे ।

संतोष मालवीय अध्यक्ष, जितेंद्र मालवीय सचिव नियुक्त
  • झाबुआ के राजा गणेश मंडल की पहली कार्यकारिणी घोषित

झाबुआ.। शहर के कस्तूरबा मार्ग में विराजित की जाने वाली जिले की सबसे बड़ी गणेश प्रतिमा-झाबुआ के राजा की स्थापना 25 अगस्त को धूमधाम से होगी। कार्यक्रम की तैयारियां जोरशोर से चल रही है। आयोजन के लिए पहली बार कार्यकारिणी का गठन किया गया है। सर्वसम्मति से अध्यक्ष संतोष मालवीय व सचिव जितेंद्र मालवीय (बुई भाई) को बनाया है। संरक्षक मनोहर नीमा, सुभाष नीमा, लूणाजी पंचाल, गोपाल नीमा व जयंतीलाल जैन होंगे। संयोजक की जिम्मेदारी अक्षय कटारिया व जितेंद्र पंचाल को दी गई। सह सचिव प्रताप चैहान (दादू) व सुनील कटकानी को नियुक्त किया। उपाध्यक्ष भरत पंचाल, विनोद पंचाल, गणेश अरोरा, नवीन अरोरा, राजेंद्र नीमा व कार्तिक नीमा को बनाया। कोषाध्यक्ष हरीश वतनानी व सह कोषाध्यक्ष दिपेंद्र परमार को मनोनीत किया। मीडिया प्रभारी प्रवीण सोनी, जिनेश कटकानी व अक्षीस नीमा होंगे। पूजा एवं आरती प्रमुख मनोज पंचाल व विक्रांत परमार, साज-सज्जा प्रमुख अजय अरोरा व कपिल पंचाल, स्वच्छता प्रमुख चेतन सोलंकी व राकेश पंचाल लाइट-साउंड प्रमुख लोकेश नानावटी व भय्यू कसेरा को मनोनीत किया। कार्यकारिणी में दीपक कसेरा, प्रितेश जैन, सुनील जैन, अनिल जैन, आयुष जैन, अतीश शर्मा, अभिषेक जैन, शेलू जैन, संजय डाबी, नवीनत डाबी, भूपेश डाबी, गर्वित डाबी, गर्वित जैन, जगदीश बैरागी, रामू, अलकेश पंचाल, कल्पेश पंचाल, छोटा कालू, विशाल शाह, यमंक जैन को शामिल किया।

अजजा मोर्चा जिलाध्यक्ष बनने पर शैलेन्द्र सोलंकी का किया गया स्वागत

झाबुआ । भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चे के प्रान्ताध्यक्ष गजेन्द्रसिंह पटेल द्वारा प्रदेश भाजपाध्यक्ष नन्दकुमारसिंह चैहान की सहमति से झाबुआ जिले में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चे कि जिलाध्यक्ष के पद पर शैलेन्द्र सोलंकी की नियुक्ति किये जाने पर रविवार को विधायक शांतिलाल बिलवाल के नेतृत्व में श्री सोलंकी का आत्मीय स्वागत कर बधाईया दी गई । इस अवसर पर प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य शैलेष दुबे, जिला भाजपा महामंत्री थावरसिंह , युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष भानू भुरिया, गा्रमीण मंडल अध्यक्ष हरू भूरिया, बहादूर हटिला, राजू डामोर, सूरसिंह हटिला, श्यामा ताहेड, लाला गुण्डिया,  मेजिया कटारा, नाथुसिंह कामलिया,शरमा भूरिया कांतिलाल प्रजापत, सहित बडी संख्या में भाजपाई उपस्थित थे । इस अवसर पर विधायक शांतिलाल बिलवाल ने शैलेन्द्रसिंह सोलंकी को बधाईया देते हुए कहा कि प्रदेश संगठन ने ऐसे व्यक्तित्व को जिम्मवारी सौपी है जो सर्दव ही भाजपा की रीति नीति को लेकर पूरे मनोवेग से सक्रियता से काम करके भाजपा को जन जन की पार्टी बनाने में अपनी भूमिका निभाता रहा है । श्री सोलंकी के  मोर्चा जिलाध्यक्ष बनने पर  पूरे आदिवासी अंचल मे भाजपा का परचम तेजी से लहरायेगा वही गा्रमीण अंचलों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान की जनकल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमो का गा्रमीण क्षेत्र में लाभ दिलाने में ओर तेजी आयेगी । श्री बिलवाल ने प्रदेश मोर्चा अध्यक्ष श्री गजेन्द्रसिंह पटेल एवं प्रदेश भाजपाध्यक्ष नन्दकुमारसिंह का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनका आभार व्यक्त किया है ।

स्वर्णकार समाज  महिला मंडल ने बच्छ बारस का किया सामुहिक उद्यापन

झाबुआ । श्री मेढ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज महिला मंडल द्वारा शनिवार को पैलेस गार्डन में बच्छ बारस का सामुहिक उद्यापन का कार्यक्रम आयोजित किया । इस अवसर पर महिलाओं ने परिवार की सुख समृद्धि की कामना के साथ ही गाय के बछडों की विधि विधान से पूजा करके भक्ति गीत गाये तथा समाज की 8 महिलाओं द्वारा सामुहिक रूप से व्रत का उद्यापन किया गया । इस अवसर पर श्रीमती चंचला सोनी, श्रीमती कुंता सोनी, वर्षा सोनी, सुनिता सोनी, आशा सोनी सहित बडी संख्या में समाज की महिलाओं ने उद्यापन समारोह में सहभागी होकर धार्मिक आयोजन को संपन्न किया ।

संसार मंे स्वजन, संपत्ति वैभव यह सब अनित्य है -ः आचार्य देवेष श्री ऋषभचन्द्र सूरीजी
  • पर्यूषण महापर्व में बह रहीं धर्म की गंगा

झाबुआ। विष्व पूज्य दादा गुरूदेव श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीष्वरजी मसा द्वारा प्रतिष्ठित स्थानीय श्री ऋषभदेव बावन जिनालय सहित शहर के 7 जैन जिनालयों में पर्वाधिराज महा पयूर्षण पर्व में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम संपन्न हो रहे है। जिसमें श्रावक-श्राविकाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे है। इन दिनों सभी मंदिरों मंे धर्म की अनवरत गंगा बह रहीं है। एक तरफ शहर में भव्य चातुर्मास चल रहा है तो दूसरी ओर जैन समाज से सबसे बड़े महा पर्व चलने से समाज के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई धर्म-आराधना एवं जप-तप आदि करने में लीन है। यह जानकारी देते हुए श्वेतांबर जैन श्री संघ के युवा रिंकू रूनवाल ने बताया कि श्री ़ऋषभदेव बावन जिनालय मंे पर्व को लेकर बावन जिनालय में दुल्हन की तरह सज्जा की गई है। प्रतिदिन भगवान की आकर्षक अंगरचना की जा रहंी है एवं दीपक सज्जा से जिनालय जगमग हो रहा है। प्रतिदिन सुबह प्रतिक्रमण, भक्तामर स्त्रोत पाठ, प्रभु पूजन के साथ राष्ट्रसंत आचार्य देवेष श्रीमद् विजय श्री ऋषभचन्द्र सूरीष्वरजी मसा, मुनिराज रजतचन्द्र विजयजी मसा आदि ठाणा-5 द्वारा प्रवचनों के माध्यम से समाजजनों को धर्म में पूरी तरह से लीन किया जा रहा है। इसके साथ साधु-साध्वी भगवंतों द्वारा प्रतिदिन धर्म एवं ज्ञान के संबंध में परिपक्व किया जा रहा है।

धर्म एवं पुण्य कार्य, दिखते नहीं, परन्तु उनका फल निष्चित ही मिलता है
रविवार को कविरत्न आचार्य विद्याचन्द्र सूरीष्वरजी मसा के सुशिष्य वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य जीव दया प्रेमी देवेष श्रीमद् विजय ़़ऋषभचन्द्र सूरीष्वरजी मसा ने कहा कि इस संसार मंे स्वजन, संपत्ति वैभव, यह सब अनित्य है। यहां तक की यह जो शरीर है, यह भी एक दिन हमारा साथ छोड़कर चला जाएगा। संसार में जो कुछ भी आंखांे से वस्तुएं दिखती है, वह सभी अनित्य है एव ंहमे दगा देकर साथ छोड़ने वाली है। अगर सारभूत कोई वस्तु है तो वह है धर्म, पुण्य कार्य, जो कि दिखते नहीं, परन्तु नित्य है। धर्म करके अनंत-अंनत पुण्य का उपार्जन कर जीव अपना मनुष्य भव सार्थक बना सकता है। जीव का हमेषा सांसर की असारता एवं अनित्यता की भावना का चिंतन करना चाहिए।

धर्म मनुष्य की हमेषा रक्षा करता है
आचार्य श्रीजी ने आगे कहा कि धर्म को अपने प्राणों पर संकट आने पर भी नहीं छोड़ना चाहिए। इस पर सूर्ययषा राजा की कथा कहीं। जिन्होंने जीवन संकट के समय भी धर्म नहीं छोड़ा एवं आत्मा का कल्याण किया एवं धर्म ने ही उनकी रक्षा की। अनित्य भावना पर प्रवचन देते हुए चक्रवती भरत महाराजा की कथा भी कहीं। उन्होंने बताया कि श्रावकों को हमेषा धर्म करना चाहिए एवं पर्व तिथियां जैसे पर्यूषण पर्व, ज्ञान पंचम, अष्टमी, ग्यारस, चतुर्दषी, अमावस एवं पूर्णिमा पर्व आदि पर तो उपवास सहित पोषधव्रत लेकर आराधना करनी चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि किया गया तप एवं जप गया जाप कभी निष्फल नहीं होता है।

मोक्ष मार्ग पर चलने वाले स्त्री-पुरूष सुपात्र कहलाते है
पश्चात् मुनिराज श्री रजतचन्द्र विजयजी मसा ने कहा कि जिनेष्वर परमात्मा के बताए हुए मोक्ष मार्ग पर चलने वाले स्त्री-पुरूष सुपात्र कहलाते है। वे सुपात्र है, साधु-साध्वी, श्रावक-श्राविका, इनकों भक्ति से, प्रेम, से, बढ़ा से दान देने का होता है। वाणी मंे हमेषा मधुरता होनी चाहिए, हमे व्होराने में उत्साह होना चाहिए। मुनिश्री ने इस दौरान जीरण सेठ का उदाहरण भी दिया।

श्री कल्पसूत्र का वाचन आज से
पर्वाधिराज पर्यूषण के अंतर्गत सोमवार से श्री कल्पसूत्रजी का वाचन प्रातः 8.30 बजे से प्रारंभ होगा। इसके पूर्व कल्पसूत्र जीजी की व्होराने की बोली के लाभार्थी चिराग संतोष नाकोड़ा परिवार द्वारा आचार्य श्रीजी को वोहराया जाएगा। इसके पश्चात् सूत्र. की प्रथम वाक्षेप पूजा सुश्रावक धर्मचन्द मेहता परिवार द्वारा की जाएगी। इसके पश्चात् अष्टप्रकारी पूजन एवं आरती उतारी जाएगी।

माता त्रिषला बनकर श्राविकाएं करेगी चुंदड़ी का उपवास
कल्पसूत्र के अंतर्गत तीर्थकर श्री महावीर स्वामीजी का जीवन चरित्र का वर्णन सोमवार से प्रारंभ होगा। जिसमें माता त्रिषला रानी ने 14 उत्तम स्वपनाजी (स्वप्न) को देखा था। उसी अनुरूप श्राविकाएं माता त्रिषला रानी बनकर चुंदड़ीक ा उपवास करेगी एवं 14 स्वपनाजी को अपने सिर पर रखकर प्रसन्नचित होगी। दोपहर 3 बजे 14 स्वपनाजी एवं पानाजी का जुलूस बावन जिनालय से प्रारंभ होगा।

नन्हें बच्चों ने किया र्पोषध व्रत
पर्यूषण पर्व के अंतर्गत परम् पूज्य युवा प्रवचनकार रजतचन्द्र विजयजी मसा की प्रेरणा से छोटे-छोटे बच्चों द्वारा भी तप-आराधना की जा रहीं है। रविवार को छोटे बच्चों द्वारा उपवास एकासने का व्रत कर पोषधव्रत किया। छोटे में हर्ष लोढ़ा, क्रिष रूनवाल, अवि मेहता, संस्कार मेहता, शाष्वत मेहता, हर्षित, नैतिक रूनवाल, माहिर जैन, मोहक जैन, सुजल कोठारी, पर्व रूनवाल आदि द्वारा प्रतिक्रमण किया गया। जिनका श्री संघ एवं चार्तुमास समिति द्वारा बहुमान किया गया।

मोटर सायकल की चोरी
       
झाबुआ । फरियादी बाबुलाल पिता रमणलाल कौचरा उम्र 43 साल निवासी लखपुरा ने बताया कि अपनी मोटर सायकल हिरो होण्डा कं्र. एमपी-45 एमएफ-0592 को राणापुर झाबुआ रोड़  तिराहे पर खड़ी की थी जिसे कोई अज्ञात बदमाश चुराकर ले गया। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रं. 673/17 धारा 379 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अज्ञात वाहन की टक्कर से मोत 
        
झाबुआ । फरि. अंतरसिंह पिता नानकिया वास्केला उम्र 35 साल निवासी छापरखण्डा ने बताया कि अज्ञात वाहन चालक तेज गति व लापरवाही पूर्वक वाहन को चलाकर लाया व केशरसिंह पिता भारतसिंह उम्र 22 साल निवासी छापरपाड़ा को टक्कर मार दी जिससे केशरसिंह की मृत्यु हो गयी। प्रकरण में थाना रानापुर में अपराध क्रं. 384/17 धारा 304-ए भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

टेक्टर ने मारी तीन को टक्कर
         
झाबुआ । आरोपी टेªक्टर क्रं एमपी-45 एए-0336 का चालक तेज गति व लापरवाही पूर्वक टेªक्टर को चलाकर लाया व बाबुलाल हरवाल, राहुल व बाबु भुरिया निवासीगण टांडी को टक्कर मार कर तीनों को चांेट पहुचायी। प्रकरण में थाना रानापुर में अपराध क्रं 383/17 धारा  279,337 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विशेष : प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र हुए बीमार, कैसे बनेगा ‘न्यू इण्डिया’

$
0
0
pm-aushdhi-kendra
डिजिटल इण्डिया, मेक इन इण्डिया, स्टार्ट अप इण्डिया के नारे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से एक बार फिर ‘न्यू इण्डिया’ बनाने का सपना साकार करने का ऐलान किया। वहीं दूसरी तरफ आम आदमी आज भी स्वास्थ्य, चिकित्सा, पेयजल, शिक्षा, रोजगार जैसी मूलभूत समस्याओं से जूझता हुआ नजर आ रहा है। जिसमें उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आॅक्सीजन के अभाव में मासूमों सहित 70 से अधिक मरीजों की मौत होती है और देश के प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री संवेदना व्यक्त कर अपना दुःख बयां कर पूरी घटना पर पर्दा डाल देते हैं। लेकिन सरकार द्वारा चलाई जा रहीं योजनाएं विज्ञापनों और कागजों में सिमटकर रह जाती हैं। इसी तरह केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा 1 जुलाई 2015 को आम जनता एवं गरीबों को 70-80 प्रतिशत तक सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिये प्रधानमंत्री जनऔषधि केन्द्र योजना शुरू की गई थी। केन्द्र संचालन के लिये भारत सरकार के फार्मास्युटिकल्स विभाग द्वारा इसके तहत बी-फार्मा एवं एम-फार्मा डिप्लोमा प्राप्त युवाओं को केन्द्र खोलने के लिये अधिकृत किया गया था। जिसमें केन्द्र संचालक को सरकार द्वारा दवा बिक्री पर 16 प्रतिशत तक मुनाफा, 2 लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता, 1 साल की बिक्री पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त इंसेंटिव (अधिकतम 10 हजार रूपये महीने) देने का प्रावधान किया गया था। इस योजना में मरहम पट्टी-सिरंेज से लेकर कैंसर तक की 757 दवाओं को शामिल किया गया था। मथुरा में करीब 5 माह पूर्व ब्यूरो आॅफ फार्मा पीएसयूएस आॅफ इण्डिया (बीपीपीआई) के नोडल अफसर अवधेश कुमार, गुरुत्व ई-कामर्स सर्विसेज के डायरेक्टर वेदप्रकाश, तेज प्रकाश, यूपी उत्तराखण्ड के वाइस प्रेसीडेंट चैधरी विजय आर्य ने प्रमाणपत्र वितरित करते हुए दावा किया था कि इन मैडिकल स्टोर पर 60 से 70 प्रतिशत तक सस्ती दवाएं मिलेंगी तथा चिकित्सकों को भी इस बात के लिए बाध्य किया जाएगा कि वह सरकार के आदेश के तहत जेनरिक दवाएं ही लिखें। जेनरिक दवाएं नहीं लिखने वाले चिकित्सकों की शिकायत मिलने पर कार्रवाई कराई जाएगी। लेकिन इसके विपरीत जन औषधि केन्द्रों की हालत बदतर है। केन्द्र सरकार का जनता को सस्ती दर पर दवाएं उपलब्ध कराने का दावा जमीनी धरातल पर हवा-हवाई साबित हो रहा है। इस सम्बंध में मैंने जब मथुरा में बीएसए इंजीनियरिंग काॅलेज रोड़ स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र पर सम्पर्क किया तो वहां पूर्ण रूप से सन्नाटा पसरा हुआ था। केन्द्र संचालक शशीकांत दीक्षित से जब केन्द्र के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 757 दवाओं का दावा किया गया था लेकिन इस योजना में मात्र 100 के करीब ही दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। जिसमें सर्जिकल एवं महिलाओं की एक भी दवा उपलब्ध नहीं है। सरकार द्वारा 2 लाख रूपये देने का वादा किया गया था लेकिन आजतक 1 फूटी कौड़ी भी प्राप्त नहीं हुई है। किसी भी डाॅक्टर द्वारा जेनरिक दवाओं का पर्चा नहीं लिखा जा रहा है। पूरे दिन में 1 हजार रूपये की बिक्री भी नहीं होती है जिससे मात्र 100-200 रूपये प्रतिदिन की 20 प्रतिशत कमीशन की दर से आमदनी होती है। जबकि दुकान का खर्चा ही 10 हजार रूपये से अधिक प्रतिमाह का है। बल्कि कम्प्यूटर, प्रिंटर, आॅपरेटर का खर्चा भी उन्हें अपनी जेब से करना पड़ रहा है। दीक्षित बताते हैं कि सरकार द्वारा केंसर की दवा पैसीटाक्सल के 100 एम.जी. का इंजैक्शन जो बाजार में 3450 रूपये का है वह औषधि केन्द्र पर 540 रूपये में जनता को उपलब्ध कराने का दावा किया गया था लेकिन वह आजतक उपलब्ध नहीं हो सकी है। जबकि सरकार द्वारा केन्द्र संचालक को 1 माह की उधारी पर दवा देना बताया गया था लेकिन अब एडवांस में लखनऊ की कंपनी को भुगतान करने के बाद दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। इसी तरह एजिथोमाइसिन 500 एम.जी. एंटी बायोटिक टेबलेट जिसका बाजार मूल्य 178 रूपये है वह 86 रूपये में उपलब्ध कराने का दावा किया गया था लेकिन उसका प्रिंट रेट 135 रूपये है जबकि 250 एम.जी. का बिक्री रेट 70 रूपये है।


श्री दीक्षित के मुताबिक जनवरी 2017 में शुरू किये गये जनऔषधि केन्द्र से उन्हें अब तक 20 हजार रूपये का मुनाफा भी हासिल नहीं हुआ है। जबकि उनके लाइसेंस की सालाना फीस ही 90 हजार रूपये प्राप्त हो सकती है जबकि किसी कंपनी में एमआर की नौकरी करने पर 15000 से 30000 तक का वेतन फार्मासिस्ट को मिल जाता है। लेकिन जन औषधि केन्द्र से रोजगार मिलना तो दूर भारी-भरकम घाटे का सौदा साबित हो रहा है। वह बताते हैं कि सरकार की लापरवाही से आगरा में 2 जन औषधि केन्द्र बंद हो चुके हैं, अगर सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो वह तथा उनके अन्य साथी भी केन्द्रों को बंद कर कहीं नौकरी करने पर मजबूर होंगे। इसी तरह मेरठ के किला परीक्षित गढ़ पर संचालित जन औषधि केन्द्र के संचालक विजय पाल सिंह से दूरभाष पर सम्पर्क स्थापित किया गया तो उन्होंने बताया कि योजना के नाम पर सरकार ने जनता के साथ-साथ उनके साथ भी भद्दा मजाक किया है। ना तो सरकर के पास दवाएं उपलब्ध हैं और न ही शिक्षित बेरोजगारों के लिये रोजगार उपलब्ध है। वह कहते हैं कि जनता केन्द्रों पर दवा लेने के लिए आती है लेकिन उसे निराश होकर लौटने पर मजबूर होना पड़ता है। केन्द्रों पर चर्म रोग की कोई दवा उपलब्ध नहीं कराई गई है। जबकि वर्षा के मौसम में जनता के लिये यह दवाएं महत्वपूर्ण हैं। जो दवा एकबार उपलब्ध करा दी जाती है वह फिर कभी दोबारा नहीं मिलती है। कानपुर के किदवई नगर में केन्द्र संचालक सुजीत कुमार मिश्रा की पत्नी गायत्री मिश्रा ने दूरभाष पर कहा कि केन्द्र सरकार की योजनाएं भाषणों और कागजों तक सिमट कर रह गईं हैं। जन औषधि केन्द्र उनके लिये जी का जंजाल साबित हो रहा है। जिसमें जनता दवा न मिलने पर अभद्रता करने पर उतारू हो जाती है एवं आरोप लगाती है कि जान-बूझकर दवाएं नहीं दी जा रही हैं, उन्हें ब्लैक में बेचा जा रहा है। श्रीमती मिश्रा का कहना है कि सरकार द्वारा जारी सूची में 757 दवाओं का विवरण दिया गया है लेकिन 600 से अधिक दवाएं उपलब्ध नहीं करा पा रही है। सरकार को उन दवाओं को राष्ट्रीय सूची से हटा देना चाहिए जिससे जनता से विवाद का सामना न करना पड़े। वह बताती हैं कि पूर्व में केन्द्रों को प्राजोसिन लोप्रामाइड, मेटोक्लोप्रामाइड टेम्सुलोसिन, मल्टी विटामिन्स, फेब्युक्सोस्टेट, एएसपी, आइरन सीरप, कीटोकोनाजोल, विटामिन बी काॅम्पलैक्स, पीरसेटम जैसी दवाएं एक बार उपलब्ध कराने के बाद दूसरी बार उपलब्ध नहीं कराई गई हैं, जिन्हें लेकर आये दिन केन्द्रों पर जनता हंगामा करती है। जिससे जन औषधि केन्द्रों का संचालन बहुत मुश्किल होता जा रहा है। श्रीमती मिश्रा का कहना है कि कोई भी डाॅक्टर पर्चों पर साल्ट का नाम नहीं लिख रहा है जिसकी शिकायत उन्होंने लोकवाणी पोर्टल पर नवम्बर 2016 में की। जिसका निस्तारण पोर्टल पर तो कर दिया गया लेकिन जमीनी हकीकत में शिकायत की कोई जांच ही नहीं की गई है। वह कहती हैं कि स्वयं उन्होंने कानपुर के ‘बड़ा चैराहा’ स्थिति उर्सला हाॅस्पीटल में पर्चा बनवाकर डा. गौतम जैन को दवा का साल्ट लिखने के लिये कहा था लेकिन उन्होंने भी इसे नजरअंदाज कर दिया था। यही वजह है कि जनऔषधि केन्द्रों पर डाक्टरों का कोई भी पर्चा मरीज लेकर नहीं आते हैं। एक तरफ केन्द्र सरकार योजना के प्रचार-प्रसार पर अरबों की राशि खर्च कर रही है वहीं दूसरी तरफ औषधि केन्द्र स्वयं बीमार होते नजर आ रहे हैं।


जन औषधि केन्द्र की वेबसाइट के मुताबिक पूरे देश में 2149 जनऔषधि केन्द्र खोले गये हैं। जिसमें उत्तरप्रदेश में 301, गुजरात में 188, कर्नाटक मंे 127, राजस्थान में 75, महाराष्ट्र में 162, दिल्ली में 27, पंजाब में 58, हरियाणा में 46, उत्तराखण्ड में 62, मध्यप्रदेश में 63, त्रिपुरा में 20, मिजोरम में 6, आंध्रप्रदेश में 102, उड़ीसा में 44, चंडीगढ़ में 5, जम्मू कश्मीर में 23, हिमाचल प्रदेश में 23, झारखण्ड में 40, बिहार में 39, केरल में 261, छत्तीसगढ़ में 171, अरूणाचल प्रदेश में 21, तेलंगना में 46, तमिलनाडु में 137, असम में 42, पश्चिम बंगाल में 9, नागालैण्ड में 11, मणिपुर में 30, दादर और नागर हवेली में 5, दमन एवं दीव में 1 तथा पांडिचेरी में 3 जनऔषधि केन्द्रों को लाइसंेस जारी किये गये हैं। जिसमें सबसे बदतर हालत यूपी के जनऔषधि केन्द्रों की है जहां न दवा है और न ही मरहम पट्टी है। लेकिन कागजों और विज्ञापनों में यह योजना तेजी से हवा में दौड़ रही है जो आम जनता के साथ बेहूदा मजाक साबित हो रही है। जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लालकिले से ‘न्यू इण्डिया’ का सपना साकार करने का ऐलान कर रहे हैं। अगर नई योजनाओं की बजाय पुरानी योजनाओं को ही वह साकार रूप दे दें तो शायद यह भारत देश पूरे विश्व में नया ही नजर आने लगेगा।


liveaaryaavart dot com

मफतलाल अग्रवाल
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता हैं।)

विशेष आलेख : काश कि रेल बजट तकनीक केन्द्रित होता

$
0
0

बेहतर होता कि हमारी सरकारें देश के नागरिकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझतीं और सरकारी खजाने का प्रयोग  दुर्घटना होने के बाद दिए जाने वाले मुआवजे और जांचो में खर्च करने के बजाय उस पैसे का उपयोग ऐसी जानलेवा घटनाओं को रोकने के लिए नई तकनीकों के आविष्कार एवं सम्पादन में करतीं



rail-budget
"आगे बढ़ने के लिए यह जरूरी नहीं कि गलतियाँ न हों लेकिन यह आवश्यक है कि उनकी पुनरावृत्तियाँ न हों "भारतीय रेल की स्थापना 1853 में की गई थी। आज वह विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है एवं रोजगार देने के क्रम में सम्पूर्ण विश्व में आठवें पायदान पर आता है। भारत में यह यातायात के सबसे सस्ते एवं सुविधाजनक साधन के रूप में देखा जाता है। न सिर्फ लम्बी दूरी की यात्राओं के लिए रेल एक बेहतर विकल्प है बल्कि बड़े बड़े शहरों में तो मेट्रो और शटलस् को शहर की लाइफ लाइन तक कहा जाता है। इनके पहियों के थमने से इन शहरों की रफ्तार ही थम जाती है। लेकिन बहुत ही खेद का विषय है कि  सुरक्षा की दृष्टि से भारतीय रेल विश्व में कहीं कोई स्थान नहीं रखती यह बात एक बार फिर साबित हुई 19 अगस्त की शाम जब उत्कल एक्सप्रेस उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में खतौली स्टेशन के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। ट्रैक पर काम चल रहा था लेकिन ड्राइवर को काँशन काँल नहीं दिया गया। परिणाम स्वरूप जिस ढीली कपलिंग वाली पटरी पर ट्रेन की रफ्तार 15 से 20 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए उस पर वह 105 किमी प्रति घंटा  की रफ्तार से गुजरी। नतीजा 14 बोगियाँ पटरी से उतरीं, 23 लोगों की मृत्यु,74 घायल और 30 की हालत गंभीर। भारत में रेल हादसों की फेहरिस्त काफी पुरानी एवं लम्बी है। रेल मंत्रालय हमारे देश का एक महत्वपूर्ण एवं स्वतंत्र मंत्रालय होने के बावजूद हमारे सिस्टम और हमारे नेताओं का रवैया अत्यंत निराशाजनक रहता आया है।


हमारे नेताओं एवं ब्यूरोक्रेट्स के इस लापरवाही एवं उपेक्षापूर्ण रवैये का खमियाजा कैसे इस देश के आम आदमी को भुगतना पड़ता है इसका स्पष्ट उदाहरण हमारी रेल सेवा की यह ताजा दुर्घटना है। दिसम्बर 2016 में लोकसभा में प्रस्तुत एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2003 से 2016 के बीच होने वाले रेल हादसों में डीरेलिंग अर्थात पटरी से रेल का उतरना दुर्घटना का प्रमुख कारण रहा है। इसे रेल स्टाफ की लापरवाही कहें या फिर मानवीय भूल जो न सिर्फ हादसे के शिकार हुए लोगों के जीवन का अंत कर देती हैं बल्कि उनके परिवार वालों को  वो दर्द दे जाती हैं जो उन्हें जीवन भर न चाहते हुए भी सहना ही होगा। अब जब हम डिजिटल इंडिया और बुलेट ट्रेनों की बातें कर रहे हैं तो उसमें इस प्रकार की लापरवाही और मानवीय भूलों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। खास तौर पर उस संस्थान में तो कदापि नहीं जिस पर लाखों करोड़ों लोगों के सपनों और उनके जीवन की डोर बंधी हो। बेहतर होता कि हमारी सरकारें देश के नागरिकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझतीं और सरकारी खजाने का प्रयोग  दुर्घटना होने के बाद दिए जाने वाले मुआवजे और जांचो में खर्च करने के बजाय उस पैसे का उपयोग ऐसी जानलेवा घटनाओं को रोकने के लिए नई तकनीकों के आविष्कार एवं सम्पादन में करतीं। आज जब सभी विकसित देश अपनी रेल सेवाओं में आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से एक्सप्रेस ट्रेन नहीं बल्कि बुलेट ट्रेन तक सफलतापूर्वक चला रही हैं तो हमारे देश में आज भी किसी एक व्यक्ति की लापरवाही के कारण होने वाली इन रेल दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति बार बार क्यों हो रही हैं ? दुर्भाग्यपूर्ण है कि वैश्विक स्तर पर रेल हादसों को रोकने में  'यूबीआरडी तकनीक 'एवं  'लिंक हावमैन बुश तकनीक 'से बने डब्बों का प्रयोग होता है लेकिन भारत में हर साल रेल बजट में बढ़ोत्तरी होने के बावजूद तकनीकों में बढ़ोत्तरी पर ध्यान केन्द्रित करने के बजाय चुनावी बजट पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

लेकिन इस सब के बीच एक बदलाव की बयार , एक रोशनी की किरण भी देखने को मिली। कल तक हमारे देश में,इस समाज में एक खतरनाक ट्रेंड चल पड़ा था। सोशल मीडिया के इस दौर में लोगों में दुर्घटनाओं का वीडियो बनाकर उसे अपलोड करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही थी लेकिन पीड़ितों की मदद करने के नाम पर सरकार की जिम्मेदारी बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया जाता था। ऐसी ही किसी परिस्थिति में सरकारी विभाग में फोन लगाकर उन्हें सूचित करके अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ ली जाती थी। लेकिन उप्र के इस गांव के लोगों ने मानवता का वो अद्भुत परिचय दिया जो पूरे देश के लिए एक बहुत ही सुन्दर उदाहरण बन गया। गांव के सभी लोग तत्काल बचाव कार्य में जुट गए,आसपास के मिस्त्री बिन बुलाए ही गैस कटर लेकर पहुँच गए और डिब्बे काटने लगे ताकि फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला जा सके। करीब 65 प्राइवेट एम्बुलेंस आपरेटर घायलों को अस्पताल ले जाने में जुट गए। इतना ही नहीं एहतियातन बिजली बन्द किए जाने की स्थिति में जनरेटर का भी इंतजाम किया गया। क्या यह हमारी सोच में एक खूबसूरत बदलाव नहीं है?


वो मानवीय संवेदनाएँ जो हमारे समाज में धीरे धीरे दम तोड़ रही थीं ऐसा लग रहा है, आज उन्हें नवजीवन मिला है। हर छोटी बड़ी बात के लिए सरकार से ही अपेक्षा करना,अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता और कर्तव्यों के प्रति अनभिज्ञता दिखाने की प्रवृत्ति के बजाय खुद आगे बढ़कर न सिर्फ इस देश का नागरिक होने का फर्ज निभाना लेकिन अपने मानव होने का प्रमाण देना हम सभी के लिए,इस देश के लिए एक सकारात्मक संकेत है। क्योंकि जब हम बदलेंगे, हमारी सोच बदलेगी, हमारे कर्म बदलेंगे तो फल भी तो बदलेंगे।





liveaaryaavart dot com

--डॉ नीलम महेंद्र--

सामयिकी : और अब सुशील मोदी की ‘बिहार भाजपा’

$
0
0
पिछले 26 जुलाई को मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के इस्‍तीफे और 27 जुलाई को भाजपा के समर्थन से जदयू की सरकार बनने के बाद बिहार का राजनीतिक मुहाबरा बदल गया है। लालू यादव की जगह सुशील मोदी ने जदयू की कुर्सी में कंधा लगा लिया है। यह अलग बात है कि सत्‍ता की कुर्सी पर भाजपा भी सवार है।


bihr-bjp-with-sushil-modi
जदयू के साथ भाजपा की नयी यात्रा का चेहरा और चरित्र सब कुछ बदल गया है। यात्रा का मकसद भी बदल गया है। जदयू-भाजपा की पहली पारी ‘न्‍याय के साथ विकास यात्रा’ की थी, जबकि दूसरी पारी ‘समर्थन के बदले में सत्‍ता में हिस्‍सेदारी’ के साथ शुरु हुई है। दोनों पारियों में बदलाव के कई आयाम हो सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ा बदलाव बिहार भाजपा में हुआ है। इस बदलाव ने नये मुहाबरों को भी जन्‍म दिया है। जैसे नीतीश का जदयू, लालू का राजद, रामविलास का लोजपा, उपेंद्र का रालोसपा। वैसे ही सुशील मोदी का बिहार भाजपा। बिहार भाजपा का संगठन भी इसे स्‍वीकार कर रहा है। कम से कम बिहार भाजपा का फेसबुक पेज तो यही कह रहा है- सुशील मोदी का बिहार भाजपा। बिहार भाजपा के फेसबुक पर अधिकृत पेज bjp4bihar  पर 6 अगस्‍त को एक तस्‍वीर लगी है, जिसमें 15 अगस्‍त से 25 सितंबर तक प्रदेश में पार्टी की ओर दो करोड़ पेड़ लगाने का संकल्‍प व्‍यक्‍त किया गया है। इस तस्‍वीर में एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह की तस्‍वीर है। जबकि दूसरी उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी और प्रदेश अध्‍यक्ष नित्‍यानंद राय की तस्‍वीर है।


इससे पहले पार्टी के बैनर, होर्ल्डिंग में सुशील मोदी व नित्‍यानंद राय के अलावा नंद किशोर यादव, प्रेम कुमार और मंगल पांडेय की भी तस्‍वीर नजर आती थी। लेकिन 6 अगस्‍त को फेसबुक पर लगी तस्‍वीर में सिर्फ सुशील मोदी और नित्‍यानंद राय नजर आ रहे हैं। यह तस्‍वीर इस बात की भी गवाह है कि सत्‍ता में लौटी भाजपा का चेहरा सप्‍ताह भर में बदल गया। पार्टी के अन्‍य प्रमुख चेहरे हाशिये पर धकेल दिये गये। पार्टी की पहचान सुशील मोदी व नित्‍यानंद राय बन गये हैं। संभव है कि पार्टी के फेसबुक पर अपलोड तस्‍वीर प्रतीकात्‍मक हो, लेकिन जो दिख रहा है, वह सिर्फ संयोग नहीं हो सकता है।




साभार : वीरेंद्र यादव

मधुबनी : मामला उ. म. वि. जमैला उर्दू का।

$
0
0
madhubani-urdu-school
अंधराठाढ़ी/मधुबनी (मोo आलम) अंधराठाढी मदना पंचायत की वार्ड सदस्या सह विद्यालय  शिक्षा समिति की अध्यक्ष के अभ्यावेदन पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जाँच का आदेश दिया है। वार्ड सदस्या लजिना खातून का कथित आरोप है कि प्रधान शिक्षिका द्वारा विगत कई महिनो से शिक्षा समिति की बैठक नही बुलाने एवं स्वाधीनता दिवस के अवसर पर झंडोत्वलन में आमंत्रित नही किया है। यह मामला अंधराठाढ़ी प्रखंड के मदन पंचायत की उत्क्रमित  मध्य विद्यालय जमैला उर्दू का है। इस वावत जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को जाँच का आदेश दिया है। मालूम हो की उत्क्रमित मध्य विद्यालय उर्दू के प्रभारी प्रधानाध्यापिका नियोजित कनिय शिक्षिका है। जवकी उनसे तीन बरिये शिक्षक विद्यालय में कार्यरत है। वर्ष2012 -13 में प्रभारी पद पर तैनात थी। वित्तीय अनियमितता के आरोप में हटायी गयी थी। विगत 15 माह पूर्व इन्हें शिर्फ़ 6 महिना के लिए प्रभारी बनाया गया था । ताकि उनके जिम्मे असैनिक कार्य पूरा करायी जा सके। बहरहाल जो भी हो एक तरफ सरकार निर्वाचित वार्ड सदस्य को शिक्षा समिति के पदेन अध्यक्ष बना दिया है। जो अधिकांश विद्यालय के प्रभारी को नागवार लगता है। अब जाँच के बाद सही गलत उजागर होगा। फ़िलहाल वार्ड सदस्य को झंडो त्वलन में नही बुलाना चर्चाका विषय बना हुआ है। प्र प्रधान शिक्षिका रौशन आरा के मुताविक झंडो त्वलन के लिए दो बार रसोइया के मार्फत बुलाई गयी थी नही पहुचने पर स्वंय झंडो त्वलन की।

विशेष आलेख : छोटी चूक बड़ी हादसे, कब तक?

$
0
0
यूपी के मुजफ्फरनगर खतौली में कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस हादसा न पहली बार है और न ही आखिरी। हर हादसे के बाद रोकने के लंबे-चैड़े वादे किए जाते है, लेकिन हादसे है, जो रुकने का नाम नहीं ले रहे। अन्य हादसों की ही तरह छोटी सी चूक के चलते इस हादसे में भी 35 लोग मारे गए। जबकि 100 से ज्यादा अस्पताल में जिंदगी-मौत से जूझ रहे है। लेकिन मौके वारदात चश्मदीदों की माने तो हादसा बड़ा है, न जाने कितने लोग काल के गाल में समा चुके हैं। बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर मौत की पटरी पर हम कब तक सफर करते रहेंगे? 24 लोगों की मौत का कौन है जिम्मेदार? आखिर कैसे हुई इतनी बड़ी चूक? क्या वाकई प्रभू भरोसे है रेलवे? और रेल पटरियों का ये हाल है तो कैसे दौड़ेगी बुलेट ट्रेन? ये ऐसे सवाल जिसका जवाब अब हर कोई जानना चाहता है




rail-accident-muzaffarnagar
हर रोज की तरह 19 अगस्त को भी ट्रेन संख्या 18477 कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस पुरी से हरिद्वार जा रही थी। मुजफ्फरनगर के खतौली रेलवे स्टेशन के पास पौने छह बजे अचानक उस वक्त अफरा-तफरी, चीख-पुकार गूंजने लगी जब ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए। ट्रेन की गति कितनी तेज थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है छह डिब्बे न सिर्फ एक-दुसरे पर चढ़ गए, दो डिब्बे आपस में इस कदर चिपक गए कि उन्हें घंटों मशक्कत के बाद अलग नहीं किया जा सका तो पटरी से उतरे दो डिब्बे ट्रैक के पास बने मकानों और स्कूल इमारत में घुस गए। कहा जा रहा है कि उस समय ट्रेन सुपर स्पीड 100 किमी से ज्यादा की रफ्तार से दौड़ रही थी। जबकि यह जगजाहिर हो चुका है घटनास्थल के आसपास की पटरियां डैमेज थी। हादसा उस वक्त हुआ जब ट्रैक पर मरम्मत का काम चल रहा था। यानी पिछले स्टेशन पर ही चालक को कॉशन की जानकारी मिल जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा हो न सका। मतलब साफ है स्टेशन मास्टर और जिम्मेदार पीडब्ल्यू आई इंजिनियर की मामूली भूल ने 24 से ज्यादा जाने एक झटके में ही ले ली। कई परिवारों की जिंदगिया बर्बाद हो गयी।  

इस वाकये में भूल व लापरवाही इतनी बड़ी है कि जो क्षमा योग्य नहीं है। बताते है कि हादसे से दो दिन पहले भी इस तरीके का मामला सामने आया था। गेटमैन के मुताबिक, घटनास्थल से कुछ दूरी पर ही 2 दिन पहले ही एक दूसरी पटरी टूटी हुई मिली थी। तीन दिन तक उस तरफ कोई नहीं गया। इस लाइन के 2 स्लीपर भी टूटे हुए मिले थे, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो पटरी काफी पहले टूट गई होगी। बावजूद इसके किसी ने उसकी सुध नहीं ली। हालांकि, ये गनीमत रही कि वहां से ट्रेन गुजरती रहीं और किसी हादसे का शिकार नहीं हुईं। कहा जा रहा है कि अगर जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी जरा सी भी मुस्तैदी दिखाई होती तो खतौली में हुए ट्रेन हादसे को रोका जा सकता था। हद तो तब हो गयी जब घटना वाले दिन जो पटरी काटी गई थी, उसे जोड़ा नहीं गया और ऐसे ही छोड़ दिया गया। इतना ही नहीं, वहां काम करने वाले कर्मचारी अपने मशीन भी वहीं छोड़कर चले गए। ट्रेन के आने का वक्त हो गया। जबकि इससे पहले वहां लाल झंडा लगाया जा सकता था, स्टेशन मास्टर द्वारा काॅशन की सूचना दे देनी चाहिए थी। जबकि सूत्रों का कहना है कि जिस पटरी से कलिंग-उत्कल ट्रेन को गुजरना था, उस पर काम चलने की जानकरी सभी को थी। ट्रेन को धीमी गति से गुजारने के आदेश थे, लेकिन सिग्नल गड़बड़ होने से ड्राइवर को सूचना नहीं मिली और ट्रेन 100 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से चलती रही, जिस वजह से पटरी उखड़ गई। कर्मचारियों ने इंसानियत की सारी हदें उस वक्त तार-तार कर दी जब हादसे के बाद ड्यूटी पर तैनात गैंगमैन, लोहार और जेई भाग खड़े हुए और जेई ने अपना मोबाइल स्वीच आफ कर ली। 

हो जो भी पूरा सच तो जांच के बाद ही आयेगा, लेकिन यह सच है कि जहां कहीं भी ट्रैक पर गड़बड़ी होती है, वहां इंजीनियरिंग विभाग स्टेशन मास्टर को ट्रैक के लिए मेमो देता है। स्टेशन मास्टर सेक्शन कंट्रोल से ब्लॉक (समय, इतने बजे से इतने बजे तक) परमिट कराते हैं। जबकि खतौली स्टेशन पर किसी तरह का ब्लॉक नहीं लिया गया था। और तो और वाकये के बाद राहत के काम में रेलवे की लेट लतीफी इस कदर दी थी कि डेढ़ घंटे बाद भी एक दूसरे पर चढ़े डिब्बों को हटाने के लिए रेलवे की क्रेन नहीं पहुंची थी। रेल मंत्री से अब उम्मीद है कि इस घोर चूक के लिए जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों को कठोर सजा मिलेगी, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही गलती से भी न हो। क्योंकि अगर इन्हीं टूटी पटरियों पर ट्रेने दौड़ती रही तो हादसे दर हादसे होते रहेंगे? अगर इस जानलेवा चूक के जिम्मेदारों को सजा नहीं मिली तो हादसे होते रहेंगे। अब इन लापरवाहों को कौन बताएं कि उनकी एक जरा सी भूल ने कितने परिवारों को गम में डूबों दी। कही बच्चे तो कहीं बुजुर्ग तो कहीं जवान, सब काल कलवित हो गए। लोगों के आंसू सूख नहीं रहे हैं। क्योंकि सबकों पता चला गया है कि अस्पताल में जो लोग जिंदगी मौत से जूझ रहे है वे किसी लापरवाही के शिकार हो चुके है। जो जिन्दा है वे भगवान का नाम ले रहे है। लोगों ने अपने आंखों के सामने कई जिंदगियों को खत्म होते देखा है। न जाने कितनी जिंदगिया बर्बाद हो गयी है। 

खासकर यह मानने योग्य तो कत्तई नहीं है कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु अपनी जिम्मेदारियों से बचते हुए कुछ कर्मचारियों करे निलंबित कर दिया है। सच तो यह है जर्जर हो चुकी व्यवस्था से निपटा कैसे जाय। क्योंकि यदि ऐसी किसी व्यवस्था का निर्माण हो गया होता कि मरम्मत वाली पटरियों से गुजरने वाली ट्रेन के ड्राइवरों को इस आशय की सूचना दी जाएगी और उसकी पुष्टि भी की जाएगी तो इतने लोगों को हताहत होने से बचाया जा सकता था। यह ठीक नहीं कि रेलें बार-बार उन्हीं कारणों से दुर्घटना का शिकार होती रहें जिन कारणों से वे पहले भी हो चुकी हैं। यह ठीक है कि रेलवे में अन्य अनेक उल्लेखनीय सुधार हो रहे हैं और वे नजर भी आ रहे हैं, लेकिन यदि ट्रेन दुर्घटनाओं के सिलसिले को नहीं रोका जा सका तो ये सुधार अपनी महत्ता खो देंगे। यह समझना कठिन है कि आखिर सुरक्षित रेल यात्र को सर्वोच्च प्राथमिकता क्यों नहीं दी जा रही है? एक बड़ी संख्या में ट्रेन दुर्घटनाएं इसलिए हो रही हैं, क्योंकि पटरियां या तो पुरानी पड़ चुकी हैं या फिर जर्जर हो चुकी हैं, लेकिन जब रेल यात्रियों की जान जोखिम में हो तब फिर पुरानी पटरियों को ठीक करने अथवा उन्हें बदलने का काम युद्धस्तर पर क्यों नहीं हो सकता? 

लंबे समय से लगातार रेलवे को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के दावे और वादे किये जा रहे हैं, पर पटरी की मरम्मत की खबर चालक को देने में व्यवस्था अक्षम रही। यह भी अजीब बात है कि रेल विभाग की शब्दावली में इस तरह के रख-रखाव के काम को ‘अनऑफिसियल मेंटेनेंस‘ कहा जाता है। ट्रैफिक के दबाव में कर्मचारियों को काम करना होता है। ऐसी स्थिति में गाड़ियों की गति धीमी करने या पहले से सूचित करने जैसी जरूरी बातों की अनदेखी कर दी जाती है। आम तौर पर जिन पटरियों पर मरम्मत का काम चल रहा होता है, वहां गाड़ियां 10-15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं, ताकि कोई दुर्घटना न हो जाये। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि रेल प्रबंधन पिछली दुर्घटनाओं से सबक लेने में नाकाम रहा है। निश्चित रूप से उन अधिकारियों और कर्मचारियों को दंडित किया जाना चाहिए, जिनकी लापरवाही के चलते यात्रियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है, लेकिन शीर्ष स्तर पर भी जवाबदेही तय की जानी चाहिए। रेलवे का पंचवर्षीय आधुनिकीकरण कार्यक्रम चल रहा है, जिसका बजट 130 अरब डॉलर है। दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के मद्देनजर इस साल फरवरी में 15 अरब डॉलर पटरियों की बेहतरी के लिए निर्धारित किये गये थे. रेल किराये में भी बढ़ोतरी होती रहती है। इसके बावजूद व्यवस्था में सुधार होता दिख नहीं रहा। सुरक्षा और सुविधाओं के प्रति रेल विभाग का रवैया अत्यंत निराशाजनक है। 





(सुरेश गांधी)

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 21 अगस्त

$
0
0
गाजरघास जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

jhabua newsसी.आर.डी.ई कृषि विज्ञान केन्द्र, जिला सीहोर द्वारा विकासखण्ड सीहोर के ग्राम बिजलोन में गाजरघास जागरूकता सप्ताह अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शासकीय माध्यमिक विद्यालय, बिजलोन के विद्यार्थियों, आर.के.डी.एफ विष्ववि़द्यालय, भोपाल के विद्यार्थियों व ग्राम के कृषकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के संदीप चैहान, वैज्ञानिक, द्वारा गाजरघास का एकीकृत नियंत्रण की जानकारी कृषकों व विद्यार्थियों को देते बताया कि गाजरघास के लगातार सम्पर्क में आने से मनुष्यों में डरमेटाइटिस, खुजली, एक्जिमा, बुखार, दमा आदि जैसी बीमारियाॅ होती है। इस खरपतवार द्वारा खाद्यान्न फसलों की पैदावार में भी लगभग 20-30 प्रतिषत तक की कमी आती है। गाजरघास से कम्पोस्ट खाद बनाने की विधियों के विषय पर विस्तृत चर्चा की, साथ ही गाजरघास उन्मूलन हेतु विद्यार्थियों व कृषकों में जागरूकता लाने हेतु प्रेरित किया। डाॅ. सुरेष चन्द कांटवा, विषेषज्ञ ने गाजरघास से होने वाली हानियों व पशुओं पर पडने वाले कुप्रभावों से संबंधित जानकारी बताई। पशुओं के लिए गाजरघास अत्यधिक विषाक्त होती है। इसको खाने पशुओं में अनेक प्रकार के रोग व बीमारियाॅ पैदा हो जाती है एवं दुधारू पशुओं में दुग्ध उत्पादन क्षमता में कमी आने लगती है। श्री बी.एल. विष्वकर्मा, गा्रमीण कृषि विस्तार अधिकारी, सीहोर ने कृषक बंधुओ को गाजर घास उन्मूलन हेतू जागरूक किया। कार्यक्रम के दोरान शासकीय माध्यमिक विद्यालय, के आसपास की गाजरघास को उखाडकर स्वच्छता की गई। साथ ही गाजरघास जागरूकता रैली भी निकाली गई व नारे लगाकर जागरूकता लाई गई। गाजरघास का करे विनाष, तभी बचेगा चारा घास। कम्पोस्ट बनाये, कचरे से सोना बनाये आदि नारो के माध्यम से जागरूकता पर चर्चा की गयी।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 21 अगस्त

$
0
0
सशक्तवाहिनी हेतु जिला स्तर पर महिलाओं की पुलिस में भर्ती, चयन प्रक्रिया 24 अगस्त से शुरू

vidisha map
अभियान सशक्तवाहिनी के तहत जिला स्तर पर युवतियों का पुलिस भर्ती चयन के लिए उन्हे प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन मुहैया कराया जाएगा। पुलिस अधीक्षक श्री विनीत कपूर की अध्यक्षता में गत दिवस ततसंबंध में बैठक आहूत की गई थी जिसमें से सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जिले की 30-40 बालिकाओं के लिए प्रोत्साहन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम अक्टूबर माह तक संचालित किया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए शासकीय कन्या महाविद्यालय की प्राचार्यो एवं पुलिस विभाग की महिला प्रकोष्ठ प्रभारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अभियान सशक्तवाहिनी के तहत ऐसी युवतियों को प्रशिक्षण, प्रोत्साहन दिया जाएगा जो पुलिस में भर्ती होने की इच्छुक है तथा वे बारहवीं पास हो और उनकी आयु 18 से 30 वर्ष के मध्य हो आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों हेतु आयु सीमा में नियमानुसार छूट है न्यूनतम लंबाई 158 सेमी होना चाहिए। चयनित बालिकाओं, महिलाओं की लिखित परीक्षा तैयारी के लिए शिक्षा विभाग द्वारा दस शिक्षकों का पैनल तैयार कर उनके द्वारा आवश्यक मार्गदर्शन समय-समय पर दिया जाएगा। शारीरिक प्रवीणता परीक्षा की तैयारी के लिए पुलिस विभाग द्वारा कम से कम एक घंटे का शारीरिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। प्रशिक्षण स्थल कन्या शासकीय महाविद्यालय में उपलब्ध कराया जाएगा। विकासखण्ड स्तर पर ततसंबंध में पृथक से जागरूकता कार्यक्रम आयोजन करने पर भी बल दिया गया। ताकि ग्रामीण क्षेत्र की युवक-युवतियां भी उक्त प्रक्रिया में शामिल हो सकें। अभियान सशक्तवाहिनी के तहत चयन प्रक्रिया 24 अगस्त से जिले में शुरू होगी। पुलिस अधीक्षक श्री कपूर ने कहा कि जिन विभागों के अधिकारियों को जो जबावदेंही शासन स्तर से सौंपी गई है वे उसका क्रियान्वयन समय सीमा मंें करना सुनिश्चित करें। अभियान सशक्तवाहिनी का मुख्य उद्वेश्य पुलिस में महिलाकर्मियों की संख्या बढाना है। सशक्तवाहिनी के लिए महिलाओं की भर्ती जिला स्तर पर ही की जाएगी और उनकी पदस्थापना जिले के अन्दर ही रहेगी। 


यातायात व्यवस्था संबंधी बैठक आज

विदिशा नगर क्षेत्र में यातायात व्यवस्था सुव्यवस्थित रूप से संचालित हो के उद्वेश्य से यातायात समिति की बैठक 22 अगस्त को आयोजित की गई है यह बैठक ट्रक यूनियन भवन में सायं दो बजे से प्रारंभ होगे। कि जानकारी देते हुए यातायात थाना प्रभारी ने बताया कि उक्त बैठक में ट्रक एवं ट्रांसपोर्ट एसोशिएशन, बस ट्रांसपोर्ट एसोशिएशन, आटो यूनियन एवं लोडिंग आटो यूनियन के अध्यक्षों को भी आमंत्रित किया गया है। 

कार्यशाला आज

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला मुख्यालय पर किया गया है उक्त कार्यशाला मंगलवार 22 अगस्त को कलेक्टेªट के सभाकक्ष में दोपहर तीन बजे से प्रारंभ होगी। कलेक्टर श्री सुचारी ने समस्त विभागों के अधिकारियों और सूचना का अधिकार संधारित करने वाले विभागीय शाखा वाहक एवं आपरेटर इत्यादि को भी कार्यशाला में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के निर्देश प्रसारित किए गए है।

पंजीकरण अनिवार्य

जिले में बालको की देखरेख हेतु संचालित स्वैच्छिक अथवा गैर सरकारी संगठनों के द्वारा संचालित आश्रय संस्थानों का किशोर न्याय अधिनियम के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है कि जानकारी देते हुए जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी ने बताया कि पंजीकरण नही कराने वाली संस्थाओं के खिलाफ एक वर्ष की कारावास सह एक लाख रूपए तक का जुर्माना दंडित करने का प्रावधान अधिनियम की धाराओं के तहत प्रस्तावित है। जिले में किसी भी व्यक्ति के द्वारा ऐसी संस्था संचालित करने की जानकारी प्राप्त होती है कि देखरेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद बालको को आश्रय दे रही है और उनके द्वारा किशोर न्याय अधिनियम के तहत पंजीकृत नही कराया गया है ऐसी सभी संचालित संस्थाएं शीघ्र ही महिला सशक्तिकरण के जिला कार्यालय में सात दिवस के भीतर पंजीकरण हेतु सम्पर्क करना सुनिश्चित करें। ततसंबंध में अन्य विस्तृत जानकारी के लिए कार्यालयीन दिवसों, अवधि में दूरभाष क्रमांक 07592- 406482 पर सम्पर्क किया जा सकता है। 


उर्वरक लायसेंस निलंबित

किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक एवं अनुज्ञापन अधिकारी श्री पीके चैकसे के द्वारा फुटकर उर्वरक लायसेंस निलंबित करने के आदेश जारी किए गए है। जारी आदेश में उल्लेख है कि मेसर्स इफको ई-बाजार श्रीराम नगर बरईपुरा गल्ला मंडी रोड़ विदिशा का फुटकर उर्वरक दुकान से डीएपी का नमूना कोड आरएचएफ-09/17 एवं एसएसपी 16 प्रतिशत का नमूना कोड आरएचएफ-03/17 विश्लेषण पश्चात् अमानक स्तर का पाया गया था ततसंबंध में संस्था को कारण बताओें पत्र जारी किया गया था के परिपालन में निहित प्रावधानो के अनुसार विक्रेता के दोनो फुटकर लायसेंस पंजीयन क्रमांक टी-7/01 एवं टी-7/02 को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक निलंबित किया गया है। 

आर्थिक मदद जारी

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने हिट एण्ड रन के एक प्रकरण में आर्थिक मदद के आदेश जारी कर दिए है। जारी आदेश में उल्लेख है कि सड़क दुर्घटना में ग्राम इकोदा तहसील बीना जिला सागर के श्री अमित कुमार नामदेव की मृत्यु कुरवाई में सड़क दुर्घटना में हो जाने से मृतक के पिता श्री पुरूषोत्तम नामदेव को 15 हजार रूपए की आर्थिक मदद जारी की गई है।

बिहार : भाकपा ने बाढ़ में दो सौ से अधिक व्यक्तियों की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की

$
0
0
cpi-logo
पटना, 21 अगस्त। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने बिहार में आयी विनाषकारी बाढ़ पर गंभीर चिन्ता व्यक्त की है। बाढ़ में दो सौ से अधिक व्यक्तियों  की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। पार्टी ने राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे बचाव और राहत कार्यों पर असंतोष व्यक्त किया है। साथ ही केन्द्र सरकार की कोई भी टीम बिहार में बाढ़ में फंसे लोगों की दुर्दषा देखने नहीं आयी, पार्टी उसे दुर्भाग्यपूर्ण मानती है। कल यहां सम्पन्न पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक में जिसमें सभी जिलों के सचिव भी शामिल थे, बिहार में आयी विनाषकारी बाढ़ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की गयी। बाढ़ में राज्य के 19 जिलों के लगभग डेढ़ करोड़ लोग प्रभावित हुए है। दो सौ से अधिक लोगों की मौत हुयी है। 5 लाख एकड़ में लगी फसल बर्बाद हुयी है। अरबों रूपये का नुकसान हुआ है। कई गांव बाढ़ के प्रवाह में बह गए हैं। रेल, रोड, बिजली एवं अस्पताल जैसे आधारभूत संरचनाओं का व्यापक नुकसान हुआ है। यातायत की पूरी व्यवस्था बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में ध्वस्त हो गयी है। बाढ़ के पानी से घिरे लोग सुरक्षित जगहों पर जाना चाहते हैं पर नाव की व्यवस्था नहीं है। गांवों का संपर्क पूरी तरह से प्रखंड एवं जिला मुख्यालयों से कट गया है। लोगों को अपने छोटे-छोटे बच्चों, बूढ़ों एवं महिलाओं को लेकर अत्यधिक परेषानी झेलनी पड़ रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हजारों परिवार वेघर हो गया है। बाढ़ प्रभावित अधिकांष गांवों में लोगों के समक्ष भूख, दवा एवं चिकित्सा की समस्या पैदा हो गयाी है। लोग दाने-दाने को मुंहताज है। गांव घर से पानी निकलने के इन्तजार में वे घूप एवं वर्षा जैसे प्राकृतिक विपदा का सामना करने को मजबूर हैं। सरकार की ओर से बचाव और बाढ़ राहत सामग्री वितरण करने, राहत कैंप की व्यवस्था करने, पर्याप्त मात्रा में सभी आवष्यक वस्तुओं की आपूत्र्ति करने का ढोल तो जरूर बजाया जा रहा है, पर गांवों में दूर-दूर तक यह दिखायी नहीं पड़ रहा है। सरकार ने गांव से दूर कुछ जगहों पर नाव, सामुदायिक कीचन, दवा एवं राहत सामग्री सहित राहत कैम्पों की व्यवस्था जरूर की है, पर बाढ़ में प्रभावित लोगों को देखते हुए यह बिल्कुल ही नगण्य है।


      
बाढ़ प्रभावित अनेक क्षेत्रों में गांवों से पानी तो निकल रहा है, पर वहां बड़े पैमाने पर महामारी की समस्या उत्पन्न हो सकती है जिसका सामना करने के लिए सरकार को पहले से तैयारी करने की जरूरत है। इसके साथ ही वैसे भी क्षेत्रों हैं जहां अबतक बाढ़ नहीं आयी है, पर बहुत जल्द ही आने वाली है। अतः बाढ़ से छुटकारा फिलहाल मिलने वाला नहीं है। अतः भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की समझ है कि इन सबों को मदेनजर रखते हुए सरकार को बाढ़ राहत षिविरों की संख्या बढ़ानी चाहिए,उनमें सामुदायिक कीचन, दवा, डाक्टर, नाव, तिरपाल एवं अन्य आवष्यक बाढ़ राहत सामग्रियों की व्यवस्था करनी चाहिए । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी शीघ्र ही डाक्टरों की एक टीम सहित राहत सामग्रियों को बाढ़ क्षेत्रों में भेजेगी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी आम जनता का आह्वान करती है कि वे प्रखंड स्तर पर सरकार पर जन दवाब देने के लिए धरना, प्रदर्षन में भाग लें। पार्टी अपने तमाम पार्टी इकाइयों को निर्देषित करती है वे जनता को संगठित कर इस प्रकार के जन दवाब के लिए प्रखंड स्तर पर धरना, प्रदर्षन का आयोजन करें इसके साथ ही जनता से सहयोग लेकर बाढ़ राहत के कार्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शीघ्रातिषीघ्र लग जाँय। राज्य कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक में बिहार में 5-6 अक्टूबर को पार्टी द्वारा होने वाले जन सत्याग्रह की समीक्षा की गई। भारतीय कम्युनिस्ट पाटी 5-6 अक्टूबर को राज्य के सभी समारणालयों पर जन सत्याग्रह को आयोजित करेगी। इसकी तैयारी के लिए 1 सितम्बर से 10 सितम्बर तक राज्य भर में पार्टी की साढ़े तीन हजार टोलियां गांवों एवं शहरों में पदयात्रा अभियान चलाएगी और लोगों को जन सत्याग्रह में भाग लेने की अपील करेगी। 11 सितम्बर से 20 सितम्बर तक राज्य स्तरीय नेताओं का सात जीप जत्था राज्य भर में जन सत्याग्रह के प्रचार कार्यक्रम में निकलेगा और विभिन्न जिलों में जिला नेतृत्व के साथियों के साथ छोटी-बड़ी अनेक सभाओं और गोष्ठियों को संबोधित करेगा। 3 और 4 अक्टूबर को जिला स्तर पर जीप, मोटर साइकिल और साइकिल का जत्था अपने-अपने जिला में जन सत्याग्रह में बड़ी संख्या में लोगों को शामिल करने की तैयारी में निकलेगा। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी 5 और 6 अक्टूबर के सत्याग्रह में एक लाख से भी अधिक लोगों को शामिल करने का लक्ष्य रखा है। इसकी संभावना लगातार बढ़ती जा रही है। प्रेस सम्मेलन को पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह, राज्य सचिवमंडल सदस्य रामबाबू कुमार, एवं बिहार रिलिफ संेटर के महासचिव डाक्टर शकील ने संबोधित किया। 

सूबे के सीएम और डिप्टी सीएम के दौरा के बाद पूर्व सीएम करेंगे बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा

$
0
0
jitan-manjhi-releaf-camp
पटना। सूबे के सीएम नीतीश कुमारऔर डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के दौरा के बाद पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी करेंगे बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (से0) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी व प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री वृषिण पटेल कल 22 अगस्त से बाढ़ग्रस्त इलाकों का दो दिवसीय दौरा करेंगे । जिसमें हाजीपुर मुजफ्फरपुर होते हुए अररिया पूर्णिया दरभंगा के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेंगे|पार्टी के जिला अध्यक्षों के साथ बैठक कर बाढ़ राहत की समीक्षा करेंगे । उनके साथ पार्टी के नेता भी साथ होंगे। इधर छात्र हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (से0) के कार्यकर्ता बाढ़ग्रस्त पीड़ितों के सहायतार्थ धन संग्रह करने लगे। पूरे बिहार में जाकर राशि संग्रह कर रहे हैं। अकेले पांच दलों में विभक्त होकर राशि संग्रह करने में लगे हैं। इलाकों का दो दिवसीय दौरा करेंगे ।


विशेष आलेख : साहब हमें बुलेट ट्रेन नहीं चाहिए।

$
0
0
we-dont-need-bullet-train-pm-sir
साहब हमें बुलेट ट्रेन नहीं चाहिए। हम गरीबों के लिए यही ट्रेन सही से चलवा दीजिए साहब। हमारे लिए यही एक सहारा है। वैसे भी हम गरीब लोगों के पास इतना पैसा नहीं है कि बुलेट ट्रेन में बैठ सकें। साहब यही ट्रेन हमारे लिए उचित है। बस सुरक्षा व्यवस्था सही करा दीजिए। आज कल सफर करते हैं तो मन में इक डर बना रहता है। देश में यात्रा को लेकर रेलवे सबसे सुरक्षित माना जाता है। लेकिन लगातार हो रहे ट्रेन हादसे ने सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। यात्रा करने में अब ट्रेन भी सुरक्षित नहीं बची है। बड़े अफ़सोस की बात है। 71 साल की आजादी मना चुके हैं हम। और रेलवे का सफर भी सुरक्षित नहीं रख कर पाएं हैं। बात करें हम 2014 से तो अब तक बहुत से ट्रेन हादसे हो चुकें हैं। साहब जनता की जिंदगी इतनी भी सस्ती नहीं है। आखिर किसकी लापरवाही से ये हादसे हो रहे हैं? इनपर भी कभी गौर किया जाना चाहिए। कुछ ट्रेन हादसों के पीछे आतंकी हाथ भी बताया गया। सुरक्षा व्यवस्था में इतनी चूक आखिर कैसे हो जाती हैं?  हाल में हुए उत्कल एक्सप्रेस हादसे में मारे गए सभी यात्रियों के परिवारों के प्रति मेरी शोक संवेदना हैं। देश कब तक ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण हादसे के लिए शोक संवेदना प्रकट करता रहेगा। कुछ तो करिए साहब। 


देश में रेल हादसों का इतिहास काफी पुराना है। 2014 से पहले लगभग 15 बड़े ट्रेन हादसे हो चुके हैं। लेकिन हम इस इतिहास को क्यों दोहराते जा रहें हैं?  इससे सबक क्यों नहीं लेते हैं। ऐसा दोबारा न हो। रेल हादसों के पीछें कहीं न कहीं स्टाफ़ भी कसूरवार है। हर बार इस तरह की लापरवाही सामने आती है। सरकार जांच का आदेश दे देती है। वह जांच कहां तक पहुंची, कौन उसका जिम्मेदार है पता ही नहीं चलता?  फाइलें दबकर रह जाती हैं। रेलमंत्री के अनुसार भी पिछले दो सालों में हुए रेल हादसों की वजह लापरवाही और स्टाफ़ की नाकामी है। अब जब इतना पता ही है तो कार्यवाही क्यों नहीं हो रही हैं? कब तक आम इंसान इस लापरवाही में अपनी बलि देता रहेगा। साहब उन परिवारों से पूछों जिन्होनें  रेल हादसें में अपनों को खोया है। उस दर्द को समझिए किसी ने अपना पिता, किसी ने माता किसी ने अपनी पत्नी, किसी ने अपना बेटा, किसी ने अपनी बहन, किसी ने अपना भाई खोया है। ये भी हो सकता है कि परिवार में कमाने वाला एक ही आदमी रहा हो और वह ऐसे रेल हादसे का शिकार हो गया हो, अब उस परिवार पर क्या बीतती होगी?  कैसे घर का खर्च चलेगा या चलता होगा?  सिर्फ एक लापरवाही से कितनी जिंदगियां उजड़ती हैं? और हम ऐसे मामलों पर लापरवाह होते जा रहें हैं। ये वहीं जनता है साहब जो आप को अपना बहुमूल्य वोट देकर देश की बागडोर देती है। भरोसा करती है कि आने वाले दिनों में हमारे लिए कुछ अच्छा होगा। 

हम गरीबों ने ख्वाब में बुलेट ट्रेन को देख लिया है। अब हकीकत में जब आप की मर्जी को पूरा करिएगा। लेकिन जो देश में यात्रा की रींढ़  मानी जाती है भारतीय रेलवे उसकों सुरक्षित कर दीजिए। सुकून में हंसी मजाक करते हुए, सोतें हुए, गाना सुनते हुए, खिड़की के पास बैठकर यात्रा का आनंद लेते हुए ट्रेन से सफर कर रहे होते हैं। इस बात से पूरी तरह से अंजान की आगे कोई दुर्घटना होने वाली है। तभी अचानक चीख पुकार शुरू होती है। कितना खौफ़ का मंज़र रहता होगा ? कितना दर्द सहते होगें?  बस साहब अब और नहीं देखा जाता। हमें हमारी ट्रेन पर ही रहने दीजिए। पर  यात्रा को सुरक्षित कर दीजिए। बुलेट ट्रेन अमीरों को ही मुबारक हो। हां हमें गर्व जरूर होगा जब देश में बुलेट ट्रेन चलने लगेगी। 





liveaaryaavart dot com

रवि श्रीवास्तव (स्वतंत्र पत्रकार)

दुमका : मलूटी में भादो महोत्सव का भव्य उद्घाटन

$
0
0
malooti-bhado-festival
दुमका (अमरेन्द्र सुमन), मुख्य अतिथि एवम मंचासीन विशिष्ठ अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलित कर तीन दिवसीय भादो महोत्सव-2017 का शुभ उद्घाटन किया गया। विधायक नलिन सोरेन ने मलूटी में भादो महोत्सव के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 108 मंदिरों का गांव मलूटी विष्व में अपनी एक अलग पहचान रखता है। यह गांव पुरातात्तिवक तथा धार्मिक महत्वों का गांव है। मलूटी को जल्द ही टूरिस्ट सर्किट के रूप में विकसित किया जायेगा। उप विकास आयुक्त शशि रंजन ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले समय में यह महोत्सव और भी भव्य होगा और बड़ा होगा। टेराकोटा की मंदिरें बहुत ही अलग और आकर्षक है। आने वाले समय मे मलूटी को टूरिस्ट सर्किट के रूप में डेवलप किया जायेगा। मलूटी को विश्व पटल पर पहचान दिलाने की कोशिश की जा रही है। आने वाले समय मे मलूटी एक बेहतर पर्यटन के रूप में अपनी पहचान रखेगा। आप सभी के सहयोग से ही विकास संभव है। मलूटी में भादो महोत्सव के दौरान छोटे छोटे बच्चियों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई। इस अवसर पर महिलाओं के लिए फैशन शो ‘‘नारी और साड़ी’’ का आयोजन किया गया। तीन दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में भारी संख्या में लोग 108 मंदिरों का गांव मलूटी को देखने के लिए मलूटी पहुंच रहे हैं। मलूटी भादो महोत्सव के उद्घाटन समारोह में विधायक नलिन सोरेन, उप विकास आयुक्त शशिरंजन, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी राशिद अख्त, जिला परिषद अध्यक्ष जोयेश बेसरा, जिला परिषद उपाध्यक्ष असीम कुमार मंडल, नगर परिषद अध्यक्षा अमिता रक्षित एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य उपस्थित थे।

बिहार : बाढ़ पीड़ितों के लिए ए.आई.एस.एफ. के छात्रों ने किया भिक्षाटन।

$
0
0
  • पटना वीमेंस काॅलेज आर्ट काॅलेज, एवं डाकबंगला चैराहे पर कोष संग्रह फूड पैकेंट बना बाढ़ग्रस्त इलाको में जाएगी छात्रों की टीम

aisf-beg-for-flood-victime
पटना:- प्रलंयकारी बाढ़ से प्रभावित लोगों के सहायतार्थ आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेषन (।प्ैथ्) के छात्रों ने आज भिक्षाटन किया। छात्रों ने सुबह 11 बजे से पटना वीमेंस काॅलेज गेंट पर अभियान शुरू कर दिया। जिसमें काॅलेज की छात्राओं ने बढचढ़कर सहयोग किया। वीमेंस काॅलेज के बाद पटना आर्ट काॅलेज एवं शाम में डाकबंगला चैराहे पर कोष संग्रह अभियान चलाया गया। इस अभियान में शामिल छात्रों ने अंधेरा होने तक अपना अभियान जारी रखकर शाम साढ़े छह बजे तक 20 हजार 227 रूपये इकट्ठा किया गया। इकट्ठा किए गए पैसे से फूट पैकेंट बना बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजा जाएगा। भिक्षाटन में ए.आई.एस.एफ. के राज्य सचिव सुषील कुमार, राज्य सहसचिव रंजीत पंडित, राज्य उपाध्यक्ष सुषील उमाराज, जिला उपाध्यक्ष जन्मेजय कुमार, पीयू सचिव  संदीप शर्मा, सुभाष पासवान, ओषो, मंजित, प्रतिभा कुमारी नीलू कुमारी भगत सिंह, नीतेष कुमार, मुकेष कुमार, आर्यन, सौरभ सिंह, गौतम श्रीवास्तव, निषित चतुवैदी, चंदन सिंह, दीपक पाण्डेय, अभिषेक चैबे, आयुष, राज सिंह, विवके शामिल थे।

दुमका : भीड़ ने ली थी एक महिला की जान। मृत महिला का 11 वर्षीय पुत्र गंभीर रूप से घायल।

$
0
0
  • भीख मांग कर  बेटे व खुुद का गुजारा किया करती थी महिला। 
  • चोटी कटवा अफवाह मे आक्रोशित भीड़ की शिकार हुई महिला की मृत्यु के बाद  42 नामजदों के साथ ढाई हजार अज्ञात पर मुकदमा ।

women-killed-in-hair-cutter-doubt
दुमका (अमरेन्द्र सुमन) झारखण्ड की उप राजधानी दुमका सहित साहेबगंज  व गोड्डा जिले में चोटी काटने की घटनाएँ लगातार जारी हैं। जहाँ एक ओर इसे एक अपराध के रूप में देख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अफवाह /  अंधविश्वास के वशीभूत उठाया गया कदम यह माना जा रहा है । विदित हो, चोटी काटने के अफवाह मेें  बीते दिनों  साहेबगंज में एक महिला की पीट-पीटकर  हत्या कर दी गई थी। इतना ही नहीं पुलिस पर भी हमला किया गया था। इस मामले पर साहेबगंज पुलिस प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए संदेह के आधार पर 42 नामजदों सहित तकरीबन  ढाई हजार अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है ।  नागेश्वर चौधरी के बयान पर 17 नामजद और ढाई हजार अज्ञात और राजमहल अनुमंडल पदाधिकारी चिंटू दोराईबुरु के बयान पर सरकारी कार्य में बाधा एवं पुलिस बल पर पथराव के आरोप में 25 नामजद एवं ढाई हजार अज्ञात पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने कड़ाई दिखाते हुए दोषियों को पकड़ने के लिए छापेमारी युद्ध स्तर पर चला रही है। जानें क्‍या है मामला :-  पिछले सप्‍ताह राधानगर थानाक्षेत्र में एक महिला की चोटी कट गयी थी। इसकी सूचना पर उग्र हुई भीड़ ने चोटीकटवा गिरोह के शक में पिछले शनिवार को चार लोगों को बंधक बनाकर जमकर पिटाई कर दी। इनमें भागलपुर निवासी गोलबती देवी की मौत हो गई, जबकि कटिहार जिले के सन्हौली निवासी 11 वर्षीय चिरंजीव चौधरी की हालत गंभीर बनी हुई है। लोगों ने पुलिस पर भी किया था पथराव जब पुलिस ने बंधकों को मुक्‍त कराने गई तो ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इससे कई पुलिसकर्मी चोटिल हो गए थे। साथ ही, पुलिस के तीन वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। पुलिस ने लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग कर बंधक बने दंपती भागलपुर शहर के मिरजानहाट निवासी साबो देवी व नागेश्वर चौधरी को मुक्त कराया। ये सभी भीख मांगने के लिए मीरनगर आए थे। बताया गया कि मीरनगर में राजाराम मंडल की विवाहित पुत्री मौसमी देवी की चोटी काटने की बात सामने आई। भीड़ ने महिला व बच्‍चे पीट-पीट कर किया अधमरा, मौत सूचना मिलते ही संदेह पर कुछ लोगों ने कटहलबाड़ी से खुद को योगी बतानेवाले दंपती को जबरन ऑटो में बैठाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मीरनगर ले आए। इस बीच राधानगर गांव में भीख मांग रही गोलबती देवी और बालक चिरंजीव को भी पकड़कर मीरनगर लाया गया। इसकी खबर मिलते ही काफी संख्या में ग्रामीण जुट गए। 


इसी बीच भीड़ उग्र हो गई और लोगों ने महिला व बच्चे को पीटकर अधमरा कर दिया। सूचना मिलते ही राधानगर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिसकर्मियों ने महिला व बच्चे को किसी प्रकार भीड़ से मुक्त कराकर राजमहल अनुमंडलीय अस्पताल पहुचांया, लेकिन चिकित्सकों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को किया समझाने का प्रयास पुलिस अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया मगर ग्रामीण नही माने। इस बीच भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पथराव में बरहड़वा इंस्पेक्टर कपिलदेव प्रसाद केसरी, राधानगर थाना प्रभारी संजय कुमार, बरहड़वा थाना प्रभारी विनोद कुमार के अलावा कई जवान जख्मी हो गए। स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर चार-पांच राउंड फायरिंग की। भीड़ को तितर-बितर कर पुलिस ने लोगों के कब्जे से दोनों को मुक्त कराया। घायल पुलिसकर्मियों का इलाज बरहड़वा सीएचसी में चल रहा है। मुख्‍यमंत्री ने जांच का दिया आदेश साहेबगंज जिला के मीरनगर की घटना को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। जनता कानून अपने हाथ मे न ले। इस मामले में स्थानीय प्रशासन को भी सीएम ने सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। झारखंड सरकार ने भीड़ के हमले में मारी गई महिला के 14 साल के बेटे की पालन-पोषण करने का एलान किया है।

बहुचर्चित सृजन घोटाले में गिरफ्तार नाजिर की मौत

$
0
0
one-dead-srijan-scam-bhagalpur
भागलपुर 21 अगस्त, बिहार के भागलपुर जिले में अरबों रुपये के बहुचर्चित सृजन घोटाले में गिरफ्तार किये गये जिला कल्याण विभाग के नाजिर महेश मंडल की मौत हो गयी है। वरीय पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने आज यहां बताया कि घोटाले के आरोप में ज़िला कल्याण विभाग से निलंबित महेश मंडल को 13 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद अदालत ने 15 अगस्त को न्यायिक हिरासत में उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया था। हालांकि तबीयत खराब होने की दलील देने के बाद अदालत के आदेश पर उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गिरफ्तार नाजिर पहले से ही किडनी की गंभीर बीमारी से ग्रस्त था और मुंबई के मशहूर हिंदुजा अस्पताल में लंबे समय से उसका इलाज चल रहा था। श्री कुमार ने बताया कि अदालत के आदेश पर नाजिर महेश मंडल का दो दिनों तक ईलाज किये जाने के बाद उसे जेल भेजा गया था। जेल भेजे जाने से पूर्व नाजिर की डायलेसिस भी की गयी था। जेल पहुंचने के बाद रविवार देर शाम अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद महेश मंडल को भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल भर्ती कराया गया, जहां इलाज के क्रम में देर रात उनकी मौत हो गई। 

Viewing all 74313 articles
Browse latest View live




Latest Images