Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all 74203 articles
Browse latest View live

आप का कार्यालय आवंटन रद्द करने का उपराज्यपाल का आदेश खारिज

$
0
0
hc-sets-aside-lt-gov-s-order-dismissing-aap-s-office-allocation
नयी दिल्ली, 23 अगस्त, आम आदमी पार्टी(आप) को आज दिल्ली उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली जब न्यायालय ने पार्टी कार्यालय के लिये आवंटित बंगला रद्द करने के उपराज्यपाल का आदेश खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति विभू बखरू ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए इसे उपराज्यपाल के पास वापस भेज दिया और आठ सप्ताह में तर्कसंगत निर्णय लेने के लिये कहा। न्यायमूर्ति बखरू ने कहा कि उपराज्यपाल के इस वर्ष 12 अप्रैल के आदेश में बंगला आवंटन रद्द करने पर यह जानकारी नहीं दी गयी कि इसके आवंटन में कौन से कानून या नियम का उल्लंघन किया गया है। न्यायालय ने कहा कि राजनीतिक दलों को परिसर आवंटित करने की अगर कोई नीति है तो उसे समान रूप से लागू किया जाना चाहिये। न्यायालय ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग के 13 जून को पारित दो अहम आदेशों को भी स्थगित रखा है। विभाग ने पार्टी के वैकल्पिक कार्यालय का अनुरोध खारिज कर दिया था। विभाग ने अनुरोध खारिज करने के साथ ही पार्टी को 31 मई तक के बंगले के 27 लाख रुपये से ज्यादा के किराये के बकाया का भुगतान करने को भी कहा था। पार्टी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कठपालिया ने बताया था कि पार्टी को 31 दिसम्बर 2015 को राउज एवेन्यू पर बंगला क्रमांक 206 आवंटित किया गया था। इसे रद्द करने के लिये इस वर्ष 12 अप्रैल को उपराज्यपाल की तरफ से रदद करने का पत्र मिला था। आप की तरफ से न्यायालय से यह भी कहा गया कि अन्य राजनीतिक दलों को राजधानी में कार्यालय के लिये स्थान मिला हुआ है जबकि उसी के खिलाफ यह कार्रवाई की गयी है। पार्टी ने कहा कि केन्द्र सरकार की नीति के तहत सभी पंजीकृत राजनीतिक दल पार्टी कार्यालय के लिये पात्र हैं।


भारत और पाकिस्तान सैन्य अधिकारियों की फ्लैग मीटिंग

$
0
0
india-pak-hold-flag-meet-agree-to-maintain-calm-on-loc
नयी दिल्ली 23 अगस्त, जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर सीमा पार से निरंतर हो रहे संघर्ष विराम उल्लंघन के बीच भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों की आज फ्लैग मीटिंग हुई। पुंछ सेक्टर के चकन दा बाग में हुई बटालियन कमांडर स्तर की यह बैठक 50 मिनट तक चली और इसमें भारत ने सीमा पार से घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को पाकिस्तानी सेना द्वारा दी जा रही शह और संघर्ष विराम उल्लंघन कर असैनिकों को निशाना बनाने की हरकतों पर विरोध दर्ज कराया। बैठक में चकन दा बाग के रास्ते व्यापार और आवागमन पर भी चर्चा की गयी। सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई बैठक में दोनों पक्षों में नियंत्रण रेखा पर संयम बरतने और स्थानीय कमांडरों के बीच संपर्क के माध्यमों को खुला रखने पर सहमति बनी। दोनों ने नियंत्रण रेखा पर स्थायी शांति और मैत्रीपूर्ण माहौल बनाये रखने का तंत्र बनाने की जरूरत पर भी बल दिया।

ओबीसी सूची में होगा उप वर्गीकरण, बनेगा आयोग

$
0
0
sub-classification-will-be-made-in-obc-list-commission-will-be-constituted
नयी दिल्ली 23 अगस्त, सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) के आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर की आय सीमा छह लाख से बढ़ाकर आठ लाख रुपए प्रति वर्ष करते हुए केंद्रीय ओबीसी सूची में जातियों के उप वर्गीकरण के वास्ते एक आयोग गठित करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस अाशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गेहलोत ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल जातियों का उप वर्गीकरण करने के लिए आयोग बनाने की सिफारिश संविधान के अनुच्छेद 340 के अंतर्गत राष्ट्रपति से की जाएगी। यह आयोग अपने गठन की तिथि से 12 सप्ताह के भीतर केंद्र सरकार को रिपोर्ट देगा। आयोग केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल पांच हजार से ज्यादा जातियों का उप वर्गीकरण करेगा। उन्हाेंने बताया कि बैठक में ओबीसी आरक्षण लाभ लेेने के लिए क्रीमी लेयर की सीमा छह लाख से बढ़ाकर आठ लाख रुपए करने की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की सिफारिश स्वीकार कर ली गयी। श्री जेटली ने बताया कि इस आयोग का नाम “अन्य पिछड़ा वर्ग उप वर्गीकरण जांच आयोग’’ होगा। यह आयोग केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल जातियों को आरक्षण के लाभ के असमान वितरण की जांच करेगा और इस असमानता को दूर करने के तौर-तरीके और प्रक्रिया तय करेगा। इस अवसर पर मौजूद श्री गेहलोत ने बताया कि ओबीसी सूची में शामिल जातियों के उप वर्गीकरण की सिफारिश राष्ट्रीय ओबीसी आयोग ने 2011 में की थी। इससे पहले 1992 में उच्चतम न्यायालय भी इस संबंध व्यवस्था दे चुका है। वर्ष 2012, 2013 और 2014 में संसदीय समितियों ने भी सूची में उप वर्गीकरण करने की सिफारिश की है। उन्हाेंने बताया कि इन सिफारिशों के आधार पर आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, पुड्डुचेरी, कर्नाटक, हरियाणा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र और तमिलनाडु तथा जम्मू-कश्मीर अपनी राज्य ओबीसी सूची का उप वर्गीकरण कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस उप वर्गीकरण से उन जातियों को भी लाभ मिल सकेगा जो अभी तक आरक्षण के लाभ से वंचित रही है। केंद्रीय ओबीसी सूची में उप वर्गीकरण के विरोध काे खारिज करते हुए श्री गेहलोत ने कहा कि सरकार का ध्यान गरीबों के कल्याण पर है और गरीबों को अारक्षण का लाभ देने में किसी को विरोध नहीं करना चाहिए।

नेपाल के प्रधानमंत्री देउबा ने मोदी से की मुलाकात

$
0
0
deuba-meets-modi
नयी दिल्ली 23 अगस्त,  नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने आज शाम यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की, वह श्री मोदी के निमंत्रण पर भारत की पांच दिन की सरकारी यात्रा पर आज पूर्वाह्न यहां पहुंचे हैं, आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री देउबा की श्री मोदी से यह एक शिष्टाचार भेंट थी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर श्री देउबा और उनकी पत्नी एवं सांसद श्रीमती आरज़ू राणा देउबा का गर्मजोशी से स्वागत किया। श्री देउबा ने कहा कि उन्हें दिल्ली आकर बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने हवाईअड्डे पर आकर स्वागत करने के लिये श्रीमती स्वराज को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद श्री देउबा की यह पहली भारत यात्रा है। वह यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बुलावे पर आये हैं। वह 23 से 27 अगस्त तक भारत की यात्रा पर रहेंगे। उनके साथ आये उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल में उपप्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री कृष्ण बहादुर महारा एवं अन्य मंत्री और सांसद भी शामिल हैं। श्री देउबा का कल राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक रूप से भव्य स्वागत किया जायेगा। वह राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे और बाद में हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री श्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में शिरकत करेंगे। इस बैठक में दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग के कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर किये जायेंगे और दोनों प्रधानमंत्री भारत नेपाल पारेषण लाइनों का रिमोट कंट्रोल से संयुक्त रूप से उद्घाटन करेंगे। नेपाली प्रधानमंत्री राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद और उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू से भेंट करेंगे। विदेश मंत्री श्रीमती स्वराज और वित्त मंत्री अरुण जेटली भी मेहमान प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे और अलग अलग क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के बारे में बात करेंगे। नेपाली प्रधानमंत्री राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल होंगे। इसके अलावा वह दिल्ली में नेपाली समुदाय के एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे और भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भी शामिल होंगे। वह दिल्ली के अलावा हैदराबाद, तिरुपति बालाजी और बोधगया भी जायेंगे।

प्रभु ने इस्तीफे की पेशकश की

$
0
0
prabhu-offered-to-resign
नयी दिल्ली 23 अगस्त, रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने लगातार दो रेल हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर इस्तीफे की पेशकश की। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद श्री प्रभु ने सिलसिलेवार टि्वट में दुर्घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए लिखा है कि इनमें यात्रियों के मारे जाने और घायल होने से वह क्षुब्ध हैं और इससे उन्हें गहरा दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा , “ माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिला और पूरी नैतिक जिम्मेदारी ली। प्रधानमंत्री ने मुझे इंतजार करने को कहा है। ” श्री प्रभु ने कहा कि तीन वर्ष से भी कम समय में रेल मंत्री के तौर पर उन्होंने रेलवे की बेहतरी के लिए अपना खून पसीना बहाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सभी क्षेत्रों में व्यवस्थित सुधारों के जरिये दशकों से हो रही रेलवे की अवेहलना खत्म करने का प्रयास किया जिससे अभूतपूर्व निवेश हुआ और कई मुकाम हासिल किये गये। उन्होंने कहा कि रेलवे को प्रधानमंत्री की नये भारत की कल्पना के अनुरूप दक्ष और आधुनिक होना चाहिए । रेल मंत्री ने कहा , “ मैं भरोसा दिलाता हूं कि रेलवे अब इसी पथ पर अग्रसर है। ”

मित्तल का इस्तीफा, अश्विनी लोहानी रेलवे बोर्ड के नये अध्यक्ष

$
0
0
mittal-resigns-ashwini-lohani-is-new-chairman-of-railway-board
नयी दिल्ली 23 अगस्त, चार दिन में दो रेल हादसों के बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ए.के. मित्तल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुये एयर इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अश्विनी लोहानी को आज रेलवे बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त कर दिया।  आधिकारिक जानकारी के अनुसार, मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने श्री मित्तल की जगह श्री लोहानी को रेलवे बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। आधिकारिक नोट में कहा गया है कि रेल मंत्रालय को इस संबंध में आवश्यक सूचना दे दी गयी है।

पिछडा वर्ग के मामले में मोदी के फैसले पर शिवराज ने व्यक्त किया आभार

$
0
0
shivraj-thanks-to-modi-for-obc
भोपाल, 23 अगस्त, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछड़ा वर्ग के लिये शासकीय नौकरी और शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण के लिये निर्धारित -क्रीमी लेयर- की सीमा 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रूपए करने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वर्षों बाद पिछड़े वर्गों को न्याय मिला है। श्री चौहान ने देर रात यहां एक विज्ञप्ति में कहा कि छह लाख रूपए तक की क्रीमी लेयर की सीमा होने के कारण पिछड़े समाजों का बहुत बड़ा वर्ग शासकीय नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थाओं में आरक्षण के लाभ से वंचित था। अब वंचित बहनों - भाईयों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पिछड़ों में भी अति पिछड़ों का उपवर्गीकरण किया जायेगा। वैज्ञानिक तरीके से यह कार्य करने के लिये आयोग के गठन के फैसले को क्रांतिकारी बताते हुए श्री चौहान ने कहा कि आयोग 12 सप्ताह में अपनी अनुशंसाएं देगा। अनुशंसाओं के आधार पर पिछड़ों में भी अति पिछड़ों के लिये वैज्ञानिक तरीके से फैसला लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पिछड़ों को न्याय देने के लिये अभूतपूर्व कदम उठाया है। इससे पिछड़े वर्ग में आस जगी है कि उनको भी न्याय मिलेगा। मुख्यमंत्री ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का फैसला लेने के लिये भी प्रधानमंत्री श्री मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि विरोधी दलों के पिछड़ा वर्ग विरोधी होने के कारण राज्यसभा में सफल नहीं हो सके थे, लेकिन अब विश्वास है कि दृढ़ संकल्प शक्ति के धनी श्री मोदी जल्दी ही पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने में सफल होंगे। उन्होंने इन क्रांतिकारी फैसलों के लिये प्रधानमंत्री का प्रदेश की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया है। 

दाभोलकर और पंसारे की हत्या योजनाबद्ध थी: उच्च न्यायालय

$
0
0
dabholkar-pansare-planed-murder
मुंबई, 23 अगस्त, बम्बई उच्च न्यायालय ने आज कहा कि तर्कवादी नरेन्द्र दाभोलकर और गोविन्द पंसारे की हत्या सुनियोजित ढंग से की गयी थी और अपराधियों को संगठनात्मक मदद मिली हुई थी। अदालत ने जांचकर्ताओं को अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए जांच को मौजूदा जांच से अलग तरह से करने को कहा है। न्यायाधीश एस सी धर्माधिकारी और विभा कानकानवाडी की खंडपीठ ने कहा दोनों हत्यों के बीच एक “स्पष्ट सांठगांठ” थी। रिपोर्ट में कहा गया कि यह स्पष्ट रूप से एक या दो छिटपुट घटना नहीं है। कुछ संगठनों को उनको समर्थन प्राप्त था और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की गयी। इन दोनों घटनाओं को सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया गया था। गौरतलब है कि सीबीआई ने 2013 में दाभोलकर हत्याकांड के संबंध में सारंग अकोलकर और विनय पवार की पहचान की थी लेकिन पुलिस अब भी दोनों की तलाश रही है। अदालत ने कहा आज के दौर में किसी का इतने लंबे समय तक छिपे रहना असंभव है। अदालत ने नये तकनीक,बैंक लेन-देन और एटीएम की सहायता से इन आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने के आदेश दिये। खंडपीठ ने दोनों जांच एजेंसियों को 13 सितंबर को अगली सुनवाई तक नई प्रगति रिपोर्ट प्रस्तु करने का निर्देश दिया है। 


बंद नहीं होंगे दो हजार के नोट : जेटली

$
0
0
2000-note-will-not-be-close
नयी दिल्ली 23 अगस्त, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले साल नवंबर में प्रचलन में लाये गये दो हजार रुपये के नोटों के बंद होने संबंधी आशंकाओं को आज खारिज करते हुए कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है। श्री जेटली ने आज यहाँ एक संवाददाता सम्मेलन में इस संबंध में पूछे गये सवाल पर स्पष्ट शब्दों में कहा “ऐसी कोई योजना नहीं है। ” सरकार ने आज ही 200 रुपये के नोटों को वैधता देने वाली अधिसूचना जारी की है। उनसे पूछा गया था कि क्या 200 रुपये के नोटों के चलन में आने पर दो हजार रुपये के नोटों को बंद कर दिया जायेगा। इस पर श्री जेटली ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई योजना नहीं है। पिछले साल 09 नवंबर से सरकार ने 500 रुपये और एक हजार रुपये उस समय प्रचलन में रहे नोटों को बंद कर दिया था। इसके बदले में 500 रुपये के नोट महात्मा गाँधी (न्यू) सीरीज में और इसी सीरीज में दो हजार रुपये के नोट लाये गये हैं। उसी समय से यह आशंका जताई जा रही है कि सरकार दो हजार रुपये के नोट सिर्फ तत्काल नकदी की अचानक कमी को जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए लाई थी और इन्हें भविष्य में बंद किया जा सकता है।

त्वरित निर्णय करें : मोदी ने नौकरशाहों से कहा

$
0
0
make-quick-decisions-says-modi-to-bureaucrats
नयी दिल्ली 24 अगस्त, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरकार के सभी अंगों से साथ मिलकर काम करने और नौकरशाही को त्वरित निर्णय लेने को कहते हुए वादा किया कि अच्छी मंशा के साथ ईमानदारी से लिये गए फैसलों को हमेशा प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, 70 से ज्यादा अवर सचिवों और संयुक्त सचिवों के साथ बातचीत के दौरान मोदी ने कहा कि सुशासन अधिकारियों की प्राथमिकता होनी चाहिए। मोदी ने अधिकारियों से कहा कि वह भारत के 100 सबसे पिछड़े जिलों पर ज्यादा ध्यान दें ताकि विकास के विभिन्न मानदंडों पर उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर लाया जा सके।कल शाम हुई इस बातचीत के संबंध में जारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास और सुशासन का गठजोड़ नागरिकों के कल्याण के लिए आवश्यक है। उन्होंने सर्वोत्तम संभव परिणाम प्राप्ति के लिए सरकार के सभी अंगों के एक साथ मिलकर सौहार्दपूर्ण तरीके से काम करने पर जोर दिया। चुप्पी तोड़ने के महत्व पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि सरकार के विभिन्न विभागों के बीच प्रभावी आंतरिक संचार-संवाद होना चाहिए। बयान के अनुसार, मोदी ने कहा कि सभी अधिकारियों को गरीबों को आम जनता को ध्यान में रखते हुए फैसले लेने चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को सर्वोच्च लाभ पहुंचाने का अधिकारियों के पास यह अभूतपूर्व अवसर है। प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि त्वरित और प्रभावी निर्णय लेने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अच्छी मंशा के साथ ईमानदारी से लिए गए फैसलों को केन्द्र सरकार हमेशा प्रोत्साहित करेगी। बयान के अनुसार, बातचीत के दौरान अधिकारियों ने डिजिटल एवं स्मार्ट शासन, प्रशासनिक प्रक्रिया और जवाबदेही, पारदर्शिता, किसानों की आय दोगुनी करना, कौशल विकास, स्वच्छ भारत, उपभोक्ता अधिकार, पर्यावरण संरक्षण और 2022 तक नये भारत के निर्माण सहित विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया सकारात्मक आशाओं के साथ भारत की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को लगता है कि सफल भारत वैश्विक संतुलन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत के आम लोगों में भी बहुत अच्छा करने की प्रतिभा है। सामान्य पृष्ठभूमि से आने वाले युवा, अपने सीमित संसाधनों के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं और खेल में बड़ा नाम कमा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह अपनी सेवा के पहले तीन साल की ऊर्जा और क्षमता को याद करते हुए ऐसी प्रतिभाओं को बढ़ावा दें।

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 23 अगस्त

$
0
0
कुंदन भट्टी मे तप पर ही शुद्धता प्राप्त करता है उसी प्रकार आत्मा तप के द्वारा ही कर्म रहित बनती है- आचार्य देवेश ऋषभचन्द्रसूरीजी मसा
  • भगवान का जन्म कल्याणक पर्व उत्साह के साथ मनाया गया, शोभायात्रा का नगर मे जगह जगह गहूली कर किया गया स्वागत

jhabua news
झाबुआ । भगवान महावीर का सन्देश चहूं और आलोकित हो चुका, पर्यूषण पर्व का संयोग सोने में सुहागा सा बन गया, सत्य,धर्म,शांति,प्रेम,अहिंसा,अचैर्य का महिमा का साक्षात्कार हो रहा, उपासना एवं तपस्या का नदी प्रवाह सा दौर बन रहा । नगर के पंच जिनालयों में भगवान साक्षात बिराजित हेै , आचार्य श्री के सानिध्य में सिद्धीतप सहित तपस्या से माहौल सराबोर हो रहा । चातुर्मास एवं पर्यूषण पर्व के संयोग के बीच ही महान पवित्र दिवस भगवान के जन्म कल्याणक पर्व का आया । चातुर्मास हेतु बिराजित आचार्य देवेश श्रीऋषभदेवचन्द्रसूरीजी मसा ने श्रावक श्राविकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अहिंसा, सत्य, अचैर्य, ब्रह्मश्चर्य एवं अपरिग्रह के महाव्रतों को तीर्थकर महावीर स्वामी जी ने जन जन के कल्याण के लिये हमे उपहार मे दिये है । इन महाव्रतों को अंगीकार करके जीव अपनी आत्मा का कल्याण कर मोक्ष सुख को प्राप्त कर सकता है । भगवान महावीर स्वामी ने साधु साध्वी, श्रावक श्राविकाओं में चार प्रकार के धर्म मार्ग की स्थापना की । इसमे साधु साध्वियों के लिये 5 महाव्रत एवं श्रावक श्राविकाओं के लिये 12 व्रतों को अंगीकार करने को बताया गया हे । इन व्रतों एवं महाव्रतो  को धारण कर मनुष्य अपने जीवन को सदगति में ले जासकता है । तीर्थंकर महावीर स्वामी ने अनेकान्तवाद एवं स्याद्ववाद के मुख्य सिद्धान्तों को बताया। ये सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है । उक्त प्रवचन महापर्व पर्यूषण के पांचवे दिन श्री कल्पसूत्र जी का वाचन करते हुए बावन जिनालय मतें महती धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य देवेश श्री ऋषभचन्द्रसूरीजी मसा ने कही । कल्पसूत्र में भगवान महावीर स्वामी के जीवन चरित्र को बताते हुए आचार्य श्री ने भगवानकी माता त्रिशलाजी द्वारा देखे गये 14 स्वप्नो का वर्णन किया । इस अवसर पर धर्म चर्चा में मुनिप्रवर श्री रजतचन्द्रविजय जी मसा ने संबोधित करते हुए कहा कि जैन मान्यता के अनुसार तीर्थंकर के जन्म के समय उनकी माता को किसी प्रकार की पीड़ा नहीं होती थी और न ही उनके शरीर का रूपांतरण होता था। अंतः वह घड़ी आ गई। चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को भगवान का जन्म हुआ।महावीर जब युवा हो गए तो उनका कद 7 हाथ ऊंचा था। शरीर पर चक्र, स्वस्तिक, तारामंडल, सूर्य, चंद्र आदि 1008 शुभ मांगलिक लक्षण सुशोभित थे। निर्मल शरीर स्वेद (पसीना) रहित और सुगंधीयुक्त था। भगवान महावीर का जीवन ही सबके लिये सन्देश है । जिसने भगवान महावीर को आत्मसात कर लिया वह भगवान महावीर के समतुल्य बन जाता है । जैन श्रीसंघ के रिंकू रूनवाल ने  बताया कि महावीर जन्म कल्याणपर्व मंदिरजी में पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ भव्य पैमाने पर मनाया गया । श्री संघ के अध्यक्ष धर्मचन्द्र महेता द्वारा गुरूवंदन की विधि संपन्न कराई कई । इसके पश्चात जन्म कल्याण का वाचन कियागया । कार्यक्रम के पूर्व  आचार्य श्री ने माता त्रिशला द्वारा देखे गये हाथी, वृषभ,सिंह,लक्ष्मीजी,फुलकीमाता,चन्द्रमा,सूर्यघ्वजा,पूर्ण कलश, पद ्म सरोवर, क्षीरसागर, देवविमान,रत्नों की राषि एवं निर्धुम अग्नि आदि के चढावे बोले गये जिसमें श्री संघ के सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया । ज्ञान पूजा का लाभ दिलील संघवी परिवार एवं कमलाबेन राठौर परिवार ने लिया । लक्ष्मीजी का चढावा कमलेश कोठारी परिवार ने लिया । इस अवसर पर 14 सपनाजी को बधाकर एवं तिलक लगा कर श्री संघ की सुश्राविकाओं ने सभी लाभार्थी परिवार की श्राविकाओं को प्रदान किये । जन्म वाचन के पश्चात मे झालर बजाकर प्रभू जन्मोत्सव की सूचना दी गई । प्रभूजी को पालने मे बिठाकर लाभार्थी परिवार ने सर्व प्रथम झुलाया । पूरा मंदिर परिसर भगवान महावीर स्वामी के जय जय कारों से गुंज उठा । श्रद्धालुजन जन्मोत्सव के हर्ष मे नृत्य करने लगे एवं एू दूसरों को मंगल बधाई दी गई । श्रीफल बदारकर एवं मिठाई खिलाकर सुक्षीया मनाई गई । देवझिरी तीर्थ पर आदिनाथ मणीभद्र राजेन्द्र जेन मंदिर भगवान आदिनाथ का जन्म कल्याणक पर्व 14 सपनोंजी की स्थापना के साथ श्रद्धा के साथ मनाया गया ।


भगवान महावीर की भव्य शोभायात्रा निकाली
भगवान के जन्मोत्सव के पश्चात भगवान महावीर स्वामी की भव्य रथयात्रा निकाली गई जिसमें भगवान महावीर स्वामी को रथ मे बिराजित किया गया था । भगवान के रथ के सारथी के रूप में बिराजित दोनों और छोटे बच्चों द्वारा चंर ढुलाया जारहा था । श्री संघ के श्रावकगण द्वारा सभी को केशरिया छापे लगाये गये । रथ यात्रा में युवावर्ग द्वारा भगवान महावीर स्वामी के मूल सिद्धांतज ीयो और जिने दो, माता त्रिशलानन्दन का लाडला, जय महावीर, वंदे वीरं आदि नारे लगा रहे थे वही महिलायें मंगलगीत गा रही थी । जगह जगह भगवान के सम्मुख श्री संघ के सदस्यों द्वारा अक्षत श्रीफल से गहूली की गई । भगवान के पंचकल्याणक पर्व के अवसर पर आचार्य देवेश की उपस्थिति में निकली भव्य शोभायात्रा के अवसर पर सांसद कांतिलाल भूरिया पूरे समय शोभायात्रा मे साथ रहे तथा  धर्मलाभ प्राप्त किया ।रथयात्रा को युवा वर्ग द्वारा ख्ंिाचा जारहा था ।नगर के प्रमुखमार्गो से होते हुए शोभायात्रा मंदिरजी मे पहूंचे वहां प्रभूजी की चैत्य वंदन आचार्य देवेश के द्वारा करवाइ्र्र गई । इसके बाद लाभार्थि परिवार द्वारा आदिनाथ भगवान की जन्म की आरती अशोक, राजेन्द्र, समरथमल राठौर परिवार ने, केशरिया नाथ भगवान की मनोज संदीप जैन नेताजी परिवार द्वारा, महावीर स्वामी भगवान की सुभाष कोठारी परिवार द्वारा, मंगल दीपक प्रमोद भंडारी परिवार द्वारा लाभ लिया गया, गौतम स्वामी एवं गुरूदेवी राजेन्द्र सूरीजी की आरती काक लाभ राजेन्द्रकुमार गंेदालाल रूनवाल परिवार, नमस्कार महामंत्र की योगेश जैन परिवार ने , एवं मणीभद्र जी की आरती का लाभ सुभाष कोठारी परिवार द्वारा लाभ लिया गया । श्रीमती श्यामुबेन रूनवाल परिवार द्वारा पंजेरी वितरण का लाभ लिया गया । इस अवसर पर भगवान की आकर्षक अंग रचना की गई तथा मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया ।

पयूषर््ाण पर्व के छटवे दिन भी बही ज्ञान एवं धर्म की गंगा
सूरज तपकर ही संसार को उजाला एवं उर्जा देता है, अग्नि स्नान किये बगैर घडा पानी भरने योग्य नही बनता है । कुंदन भट्टी मे तप पर ही शुद्धता प्राप्त करता है उसी प्रकार आत्मा तप के द्वारा ही कर्म रहित बनती है । तपस्या से आत्मा निर्मल बन कर मौक्ष के शाश्वत सुख को प्राप्त करती है । भगवान महावीर स्वामी ने भी तपके माध्यम से केवल्यज्ञान की प्राप्ति की । उक्त उदबोधन पर्यूषण पर्व के छठवें दिन श्री ऋषभदेव बावन जिनालय मे महती धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य देवेश ऋषभचन्द्रसूरीजी मसा ने महती धर्मसभा कल्पसूत्र का वचान करते हरते हुए करते हुए कहीं । आचार्य देवेश ने कहा कि महावीर स्वामी भगवानतीन नाम से प्रसिद्ध हुए प्रथम नाम माता पिता द्वारा प्रदत्त’’ वर्धमान’’ दूसरा राग द्वेष रहित तपस्या में कष्ट सहन करने से प्राप्त नाम ’’श्रमण’’ उत्कृष्ट परिषद सहन कर चारित्र पालन में तत्पर ऐसे वीरत्व गुणो से देवताओं द्वारा प्रदत्त नाम ’’ महावीर’’ से तीन नाम ही 24 वे तीर्थंकर से प्रभू प्रसिद्ध हुए । इस अवसर पर मुनि श्री जनकचन्द्र विजय जी ने कल्पसूत्र का वाचन करते हुए महावीर स्वामी के जन्मोत्सव एवं 64 इन्दो द्वारा अभिषेक का वर्णन किया । प्रभू ने दीक्षा के प्श्चात साढे बारह वर्ष तक घोर तपस्या कर कैवल्यज्ञान की प्राप्ति कर चजुर्विद संघ की स्थापिना की । प्रभू वीर के 11 गणधर थे, 14 हजार साधु, 36 हजार साध्वियों को दी दी । प्रभू ने 1 लाख 59 हजार श्रावक एवं 3 लाख 18 हजार श्राविकाओं को व्रत अंगीकार करवाये एवं करोडो जीवों को धर्म के मार्ग के जोडा और अपनी आत्मा का कल्याण कर 72 वर्ष की आयुष्य पूर्ण कर मोक्ष पधारे ।

मासक्षमण की उग्र तपस्या कर रहे तपस्वी
मास क्षमण की कठोर 31 उपवास की तपस्या मे श्रेयांश मेहता, दिलीप संघवी, एवं अशोक कोठारी ने बुधवार तक 28 उपवास के पच्चखणा परम पूज्य आवार्य देवेश ऋषभचन्द्रसूरीजी मसा से ग्रहण किये । साथ ही 75 सिद्धी तप के तपस्वी, चत्तारी तप एवं 100 से अधिक 16,11 एवं 8 उपवास के तपस्वी तप आराधना कर रहे है । वही सिद्धी तप में मुनि जीतचन्द्रविजयजी मसा एवं साध्वी अनुभवदृष्टाश्रीजी तथा वर्धमान तप 52 वीं ओली तपस्या मुनिराज जनकचन्द्रविजय जी मसा द्वारा किये जारहे है ।

लक्ष्मीनगर विकास समिति धुमधाम से मनायेगी गणेशोत्सव, बारह दिनों तक होगें मनोरंजक कार्यक्रम

jhabua news
झाबुआ । मंगलवार रात्री को लक्ष्मीनगर विकास समिति द्वारा 25 अगस्त से 5 सितम्बर तक लक्ष्मीनगर में गणेशोत्सव के आयोजन को लेकर बैठक का आयोजन नीरजसिंह राठौर की अध्यक्षता में किया गया । जिसमें  विनोद शर्मा, हिरालाल पालीवाल, प्रहलाद चैहान, नरेन्द्र पंवार, मुकेश बैरागी, रमेश सोलंकी, प्रदीप सोलंकी, मांगीलाल राठौर, विजय भार्गव, अमृत नायक, अनिल व्यास, राजू नायक अजय शर्मा सहित बडी संख्या में कालोनीवासी उपस्थित थे ।बैठक मे गणेशोत्सव को धुमधाम से मनाये जाने के लिये विचार विमर्श किया तथा 12 दिवसीय गणेशोत्सव आयोजन में 25 अगस्त शुक्रवार को धुमधाम से गणेशजी की स्थापना की जाकर महाआरती एवं प्रसादी वितरण होगा, 26 अगस्त शनिवार को गणेश माला, 27 अगस्त रविवार को निंबु रेस, 28 अगस्त सोमवार को एक निमट प्रतियोगिता, 29 अगस्त मंगलवार को चेयर रेस, 30 अगस्त बुधवार को चित्रकला प्रतियोगिता, 31 अगस्त गुरूवार को खो-खो स्पर्धा, 1 सितम्बर शुक्रवार को भजन एवं राष्ट्रीय गीत प्रतियोगिता, 2 सितम्बर शनिवार को अमृतवाणी महिला भजन, 3 सितम्बर रविवार को बाल चेस प्रतियोगिता, 4 सितम्बर को पारितोषीक वितरण एवं 5 सितम्बर मंगलवार को गणेश विसर्जन का भव्य कार्यक्रम होगा । विसज्रन के दिन लक्ष्मीनगरवासियों को लिये सहभागी होगा हेमेन्द्र टेलर, निखील चैहान, दुर्गेश जोष्ज्ञी, मोहन राठौर को विभिन्न प्रतियोगिता का प्रभारी बनाया गया है ।

प्रदेश क¨ कुप¨षण मुक्त बनाने मिशन मोड में काम करें, प्रदेश के हर विकासखंड में बनेगा न्यूट्रिशन स्मार्ट विलेज

झाबुआ । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह च©हान ने महिला एवं बाल विकास विभाग के फील्ड स्तरीय अधिकारियो से कहा कि प्रदेश क¨ कुप¨षण मुक्त बनाने मिशन मोड में काम करें। संकल्प लें कि प्रदेश से कुप¨षण के कलंक क¨ दूर करेंगे। प्रदेश में इसके लिये संसाधन¨ं की क¨ई कमी नहीं है। उपलब्ध संसाधन¨ं के बेहतर उपय¨ग से लक्ष्य क¨ हासिल करेंगे। प्रदेश के सभी विकासखंड¨ं में अगले एक वर्ष में एक-एक ग्राम क¨ न्यूट्रिशन स्मार्ट विलेज बनाया जायेगा। प्रदेश की विकास दर लगातार दहाई अंक¨ं में है। कृषि विकास दर देश में सर्वाधिक है। प्रति व्यक्ति आय भी लगातार बढ़ रही है। विकास का लाभ आम आदमी तक जब तक नहीं पहुंचता तब तक विकास बेमानी है। विकास का लाभ गरीब¨ं अ©र बच्च¨ं तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करना ह¨गा। राज्य सरकार ने बच्च¨ं के लिये कई य¨जनाएं बनायी हैं। मेधावी बच्च¨ं की उच्च शिक्षा में दिक्कत नहीं आये, इसके लिये मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी य¨जना बनायी है। बच्चे प्रदेश अ©र देश का भविष्य हैं। बेहतर य¨जनाअ¨ं के साथ बेहतर क्रियान्वयन की आवश्यकता है। उन्ह¨ंने महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अधिकारिय¨ं से कहा कि वे अपने कार्य क¨ मिशन मानकर काम करें। बच्च¨ं अ©र महिलाअ¨ं के विकास का काम पवित्र अ©र महत्वपूर्ण है। बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारी-कर्मचारी क¨ पुरस्कृत किया जायेगा। अपने प्रदेश क¨ देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदेश बनाने के लिये काम करें।


तहसीलदार अ©र नायब-तहसीलदार के रिक्त पद¨ं की पूर्ति, संविदा पर करने की मंजूरी

झाबुआ । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह च©हान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में तहसीलदार, नायब-तहसीलदार के संभागवार रिक्त पद¨ं की पूर्ति संविदा पर करने का निर्णय लिया गया। संविदा नियुक्ति सशर्त सेवानिवृत्त तहसीलदार एवं नायब-तहसीलदार से की जायेगी। इसमें 65 वर्ष तक की आयु सीमा वाले आवेदन कर सकेंगे। संविदा नियुक्ति के आधार पर तहसीलदार एवं नायब-तहसीलदार क¨ उसी संभाग की सीमा के भीतर नियुक्त किया जायेगा। संविदा नियुक्ति की अवधि में इन्हें संभाग के भीतर स्थानांतरित किया जा सकेगा। शर्त अनुसार संविदा नियुक्ति के लिये आवेदन-पत्र देने वाला अधिकारी सेवानिवृत्ति से 10 वर्ष पहले तक क¨ई विभागीय जाँच प्रचलित ह¨कर दण्डित नहीं हुआ ह¨ अ©र कभी भी ल¨कायुक्त प्रकरण/आपराधिक प्रकरण में दण्डनीय नहीं हुआ ह¨, पात्र ह¨गा। सेवानिवृत्ति के समय प्राप्त कुल वेतन में से पेंशन की राशि घटाकर ज¨ राशि आयेगी, वह राशि संविदा वेतन के रूप में देय ह¨गी।

झाबुआ ब्लाक को अक्टूबर तक खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य

झाबुआ । जिले को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए आवश्यक कार्य योजना बनाने के लिए आज 23 अगस्त को कलेक्टर कार्यालय में जिला अधिकारी, बैंकर्स एवं वेण्डर की संयुक्त बैठक आयोजित कर शौचालय निर्माण की कार्यवाही त्वरित करवाने के लिए सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमना भिडे की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई। बैठक में थांदला के बाद अब झाबुआ ब्लाक को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए प्राथमिकता से कार्यवाही करने के लिए सीईओ जिला पंचायत ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। झाबुआ ब्लाक को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए ग्रामवार जिला अधिकारियों की नियुक्ति सुपरविजन के लिए लगाई गई है। जिला अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रो में भ्रमण कर ग्रामीणों को शौचालय निर्माण करने के लिए प्रेरित करने के लिए निर्देश दिये गये। जन अभियान परिषद के मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता पाठयक्रम अंतर्गत अध्ययनरत विद्यार्थी भी शौचालय निर्माण एवं लोगो को खुले में शौच नहीं करने के लिए प्रेरित करेगे।

ल¨क सेवा गारंटी अधिनियम के तहत प्राप्त समस्याअ¨ं पर समयावधि मे कार्यवाही नही करने पर 500 का अर्थदण्ड अधिरोपित, कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने की कार्यवाही
     
झाबुआ । ल¨क सेवा गारंटी अधिनियम के तहत प्राप्त समस्याअ¨ं पर समयावधि मे कार्यवाही नही करने पर कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद थांदला श्री अशोक कुमार शर्मा के विरूद्व कार्यवाही करते हुए 500 रूपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया है। ल¨क सेवा गारंटी अधिनियम के तहत नगरीय निकाय के अंतर्गत प्रदायित सेवाओ के  प्रकरण मे पदाभिहीत अधिकारी श्री अशोक शर्मा द्वारा निर्धारित समयसीमा मे निराकरण नही करने पर 500 रूपये अर्थदण्ड अधिरोपित किया है।

भारतीय वायु सेना रैली भोपाल में

झाबुआ । भारतीय वायु सैना में भर्ती के लिए रैली का आयोजन भोपाल में 27 एवं 30 अगस्त को किया जा रहा है। वायु सैनिक चयन केन्द्र-भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार पात्रता रखने वाले झाबुआ जिले के इच्छुक अभ्यर्थी, 27 अगस्त 2017 को लाल परेड ग्राउण्ड मैदान भोपाल में आयोजित भारतीय वायु सेना रैली में सम्मिलित हो सकते है। भर्ती के लिये लाल परेड मैदान, भोपाल में सुबह 5 बजे से 10 बजे तक टोकन प्राप्त करे। टोकन प्राप्त उम्मीदवार ही परीक्षा में भाग ले सकेगे। इच्छुक आवेदक अपने साथ 07 पासपोर्ट आकार की रंगीन नवीनतम फोटो 02 सफेद रंग के 26 ग 12 से.मी. साइज के लिफाफे, दसवी कक्षा की सनद, बारहवी या समकक्ष का सनद एवं अंक प्रमाण-पत्र, एनसीसी प्रमाण पत्र की मूल प्रति, यदि हो, तो प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जारी मूल निवास प्रमाण पत्र, सभी दस्तावेजो की मूल प्रति एवं तीन सेट स्वयं सत्यापित फोटो कापी, रबर,पेन्सिल, पेन अवश्य लाये। भर्ती रैली में कोई आवेदन पत्र आवश्यक नहीं है। सेवारत, सेवा निवृत एवं मृत वायु सेना कार्मिकों के पुत्र भी पात्र है, बशर्ते की माता या पिता उपरोक्त जिले में स्थित यूनिट में कार्यरत हो या मूल निवासी हो, भर्ती रैली केवल अविवाहित युवकों के लिये है। अधिक जानकारी हेतु वायु सैनिक चयन केन्द्र भोपाल के दूरभाष क्रमांक 0755-2661955 पर अथवा वेबसाईट पर लाॅगिन करे।

मिल बांचे मध्यप्रदेश का प्रथम चरण 26 अगस्त 2017 को

झाबुआ । कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने मिल बाॅचे मध्यप्रदेश कार्यक्रम की तैयारी की समीक्षा के लिये बैठक आयोजित की। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री महेशचन्द जैन, वन मण्डलाधिकारी श्री राजेश खरे, जिला समन्वय सर्वशिक्षा अभियान श्री एल एन प्रजापति, समस्त बी.ईओ., बीआरसी, साक्षर भारत के समन्वयक श्री सिकरवार सहित समाजसेवी उपस्थित थे। बैठक में कलेक्टर श्री सक्सेना ने निर्देश दिये की मिल बांचे कार्यक्रम का प्रथम चरण 26 अगस्त 2017 शनिवार को आयोजित किया जा रहा है। इसके लिये सभी तैयारियां 24 अगस्त तक पूर्ण कर ली जावे। पंजीकृत वालेन्टीयर किस स्कूल में पहुॅच रहे है, उन्हें इसकी सूचना एवं सहयोग के लिये प्राचार्य शिक्षक तैयारी कर लेवे। स्कूल में व्यवस्थित रूप से लायब्रेरी, छात्र/छात्राओं हेतु पृथक शौचालय, साफ सुथरी किचनशेड इत्यादि भी वालेन्टीयर को दिखाया जावे। वालेन्टीयर लायबे्ररी हेतु पुस्तकें आदि के लिये सहयोग भी कर सकते है। पंजीकृत वालेन्टीयर 30 से 40 मिनट का समय बच्चों के साथ व्यतीत कर सकते है। इस दौरान बच्चों को कहानियों के कुछ अंश/कक्षा से संबंधित पाठय सामाग्री/रूचि कर परिचर्चा इत्यादि के बारे में बता सकते हेै। किसी भी महापुरूष से संबंधित प्रेरक प्रसंग/स्वयं के जीवन से संबंधित प्रेरक जानकारी बच्चो को बताई जा सकती हेै। शिक्षा के प्रति जागरूकता के लिये बच्चो को शिक्षा के अभाव में होने वाली कठिनाईयों को बताया जाये।

एडीएम श्री एस.पी.एस चैहान ने पदभार ग्रहण किया

झाबुआ  । जिले में खरगौेन से स्थानांतरित होकर आये एडीएम श्री एस.पी.एस चैहान ने आज 23 अगस्त को झाबुआ कार्यालय में अपना पदभार ग्रहण कर लिया है।

बुरी नियत से हाथ पकडा
      
झाबुआ। फरि. ने बताया कि खेत में काम कर रही थी कि आरोपी धुमसिंह पिता खुशाल गामड़ निवासी खेडी ने पिछे से आया व बुरी नियत से पकड़ा व चिल्लाने पर भाग गया। प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अपराध क्रमांक 228/17 धारा 354 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

सट्टा लिखते नकदी सहीत आरोपी गीफतार
    
झाबुआ । आरोपी रोहित पिता धनसुुख संघवी उर्फ महेज अरोडा उम्र 32 साल निवासी झाबुआ को अवैध रूप से हारजीत का रूपयें पैसे का दाव लगाकर सट्टा पर्ची लिखते कब्जे से सट्टा पर्ची, लीड, एक मोबाईल व नगदी 5,500 रूपयें जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना कोतवाली में अपराध क्रंमाक 678/17 धारा 4-क धुत अधिनियम का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अवैध शराब के दो अपराध पंजीबद्ध
      
झाबुआ। आरोपी विनोद पिता राजु बारिया निवासी नाहरपुरा के अवैध कब्जे से 1485/-रू0 की शराब जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रं0 397/17 धारा 34-ए आब. एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी दिपक पिता मानसिंह डिण्डोर निवासी नाहरपुरा के अवैध कब्जे से 1200/-रू0 की शराब जप्त कर गिर. किया गया। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रं0 398/17 धारा 34-ए आब. एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

चोरी के दो अपराध पंजीबद्ध
     
झाबुआ । फरि. दिलीप पिता बाला डामोर उम्र 30 साल निवासी ईशगढ़ पिपलिया ने बताया की आरोपी प्रदीप पिता पेट्रीक मण्डोनिया उम्र 25 साल व अन्य-02 निवासी गण ईशगढ़ के द्वारा कुए पर रखी 05 हार्स पाॅवर पानी की विद्युत मोटर चुराकर ले गये। प्रकरण में थाना कल्याणपुरा में अपराध क्रंमाक 229/17 धारा 379 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। फरि. ताहेर पिता कुतुबददीन बोहरा उम्र 30 साल निवासी काकनवानी ने बताया कि आरोपी तानसिंह पिता जलिया पारगी निवासी काकनवानी ने फरि. के घर के पीछे का दरवाजा तोड़कर चोरी करने की नियत से आया था जो बाद में सीसीटीवी कैमरें में दिखाई दिया। प्रकरण में थाना काकनवानी में अपराध क्रंमाक 276/17 धारा 457,511 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।    

यातायात पुलिस ने छात्र-छात्राओ को यातायात के नियम

झाबुआ । पुलिस अधीक्षक महेश चंद जैन के निर्देशन में झाबुआ जिलें में चलायी जा रही यातायात जागरूकता मुहिम के तहत आज दिनांक 23.08.2017 को यातायात पुलिस के उप निरीक्षक आर. एस. मालवीय, आर. 11 राजुसिंह चैहान द्वारा 1. केन्द्रीय विद्यालय झाबुआ 2. शासकीय हाई स्कूल पिपलीया 3. दिव्य करूणा माध्यमिक विद्यालय ईशगढ पिपलिया में कुल 962 छात्र -छात्राओं को यातायात के नियमों का पालन करने हेतु प्रेरित किया गया। लायसेंस किस प्रकार प्राप्त कर सकते है बताया गया साथ ही पैदल रोड पर चलने के नियम बताये गये। आदर्श वाहन चालक के गुणों पर प्रकाश डाला गया। छात्राओं को निडर रहकर छोटी से छोटी घटना को अपनें अभिभावकों, विद्यालय एवं पुलिस को तुरन्त बताकर मदद लेने के सम्बन्ध में समझाया गया। नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी दी गई तथा 18 वर्ष तक बालिकाओं को केवल पढने हेतु समझाया गया। यातायात जागरूकता मुहिम लगातार जिलें में जारी रहेगी। 

आलेख : रेल हादसों से क्या सीखा हमने ...!!

$
0
0
एस- सात कोच की बर्थ संख्या 42 व 43 । 12477 पुरी – हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस में यही हमारी सीट थी। जिससे एक दिन पहले ही हम झांसी पहुंचे थे। दूसरे दिन इसी उत्कल एक्सप्रेस के मुजफ्फरनगर में हादसे का शिकार होने की सूचना से मुझे बड़ा आघात लगा। क्योंकि एक दिन पहले इसी ट्रेन में सफर की याद मन – मस्तिष्क में अभी भी ताजा थी। दूसरी बात एक दिन बाद यानी 20 अगस्त को इसी ट्रेन से हमारी खड़गपुर के लिए वापसी यात्रा थी। 18478 हरिद्वार – पुरी उत्कल एक्सप्रेस में इस बार हमारा आरक्षण एस – सेवन कोच में ही 4 और 5 बर्थ पर था। हादसे की सूचना मिलते ही मैं इस बात को लेकर परेशान हो उठा कि इतनी जबरदस्त दुर्घटना के बाद क्या दूसरे दिन हमारी वापसी ट्रेन हरिद्वार से छूट पाएगी। भय हुआ  यदि ट्रेन रद हुई तो हमे रास्ते में बुरी तरह फंस जाएंगे। धड़कते दिल से मैने इंटरनेट में चेक किया तो जवाब नो डिले का मिलता रहा। इससे कुछ आश्वस्ति तो मिली, लेकिन मन में शंका बनी रही कि जिस तरह का हादसा हुआ है, ऐसे में उसी ट्रैक पर वापसी यात्रा मुश्किल है। हालांकि मन को यह सोच कर सांत्वना देता रहा कि विलंबित ही सही लेकिन शायद परिवर्तित मार्ग से ट्रेन चले जिसके चलते सैकड़ों यात्री भारी परेशानी से बच सके। लेकिन दूसरे दिन तड़के फिर इंटरनेट पर चेक करते ही मैं मानो आसमान से धड़ाम से जमीन पर गिरा। इंटरनेट पर ट्रेन रद बताया गया। मैं संभावित मुश्किलों का अनुमान लगाते हुए परेशान हो उठा। क्योंकि कुछ घंटे बाद ही हमारी वापसी यात्रा शुरू होने वाली थी। हादसे के बाद की परिस्थितियों में एक अंजान शहर में भारी भीड़ के बीच पुरानी ट्रेन के टिकट को रद करा कर किसी दूसरे ट्रेन का रिजर्वेशन पाना गुलर के फूल हासिल करने से कम न था। 


खैर सहृदयी मित्र की तत्परता और इंटरनेट की सहायता से मुझे दूसरे दिन यानी 21 अगस्त की ग्वालियर – हावड़ा चंबल एक्सप्रेस का कंफर्म टिकट तो मिल गया लेकिन  पुरानी टिकट को रद कराने की चिंता कायम रही। मैं अराजकता और भारी भीड़ समेत मन में तरह – तरह की आशंका लिए झांसी स्टेशन पहुंचा। स्टेशन के प्रवेश द्वार पर बड़ी संख्या में खाकी वर्दी धारी महिला व पुरुष पुलिस जवान मौजूद दिखे। लेकिन रेलवे प्रशासन के रवैये से कतई यह नहीं लग रहा था कि एक दिन पहले हुए भीषण हादसे को लेकर महकमे में किसी प्रकार की आपाधापी है। इधर – उधर पूछते हुए आरक्षण काउंटर पहुंचा । इतनी बड़ी दुर्घटना के बावजूद वहां मौजूद आठ काउंटरों में केवल एक पर कार्य हो रहा था। बहरहाल कुछ देर बाद हमें रद टिकट के पैसे तो मिल गए। लेकिन अगली यात्रा को लेकर हमारी चिंता कायम रही। जो चंबल एक्सप्रेस से शुरू होने वाली थी। उत्कल एक्सप्रेस में हुई हमारी शुरूआती यात्रा ज्यादा बुरी नहीं थी। यात्रा के दौरान ट्रेन में  हमें वे विसंगतियां नजर नहीं आई जो साधारणतः हिंदी पट्टी की यात्राओं में अक्सर देखने को मिलती है। अलबत्ता हमारे व आस – पास के डिब्बों के शौचालय काफी बुरी हालत में मिले। कई शौचालयों की कुंडी गायब थी। चंबल एक्सप्रेस से यात्रा का अनुभव और भी बुरा रहा। झांसी से बांदा तक तो ट्रेन ठीकठाक चलती रही। लेकिन चिउकी ( इलाहाबाद ) से मुगलसराय की दूरी तय करने में ट्रेन को पांच घंटे से अधिक समय लग गए। भीषण गर्मी में ट्रेन के मुगलसराय पहुंचने तक सभी यात्री बेहाल हो चुके थे। क्योंकि जहां – तहां रुक रही ट्रेन के कहीं खड़ी होते ही डिब्बों की रोशनी और पंखे दोनों बंद हो जा रहे थे। इस बीच नौबत आने पर शौचालय जाने की जरूरत हुई तो किसी की कुंडी गायब मिली तो कहीं  गंदगी बिखरी हुई थी। टायलटों में पानी भी नहीं था। पड़ोसी डिब्बे के शौचालय में जाने पर उसकी दीवार की हालत देख रोंगटे खड़े हो गए। क्योंकि दीवार के कभी भी दरक जाने का खतरा साफ नजर आ रहा था। मन में ख्याल उठा कि दो दिन पहले हुए उत्कल एक्सप्रेस हादसे के बावजूद क्या हम इतने लापरवाह हो सकते हैं। इस परिस्थिति में मैने तत्काल सोशल साइट्स का सहारा लिया। कुछ देर बाद डिब्बों में सामान्य पानी की व्यवस्था तो हो गई, लेकिन दूसरी समस्याएं जस की तस कायम रही। अलबत्ता आसनसोल और बर्दवान स्टेशनों पर कुछ खाकी वर्दी जवान नजर आए जो यात्रियों को अपने – अपने माल – आसबाब के प्रति सजग रहने के प्रति सावधान कर रहे थे। इस तरह हम जैसे – तैसे अपने गंतव्य तक पहुंच पाए।  




liveaaryaavart dot com

तारकेश कुमार ओझा, 
खड़गपुर (पशिचम बंगाल)
संपर्कः 09434453934, 9635221463
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं।

हरितालिका तीज विशेष : पूरी होगी अमर सुहाग की कामना

$
0
0
सुहागनों के लिए सबसे उत्तम व्रत है हरितालिका तीज। हरतालिका तीज व्रत भगवान शिव और मां पार्वती के पुनर्मिलन के पर्व के रूप में मनाया जाता है। कहते है महादेव और मां पार्वती को अगर विधि विधान से पूजा एवं व्रत कर ली जाय तो मिल जाता है अमर सुहाग का वरदान। इस दिन शिव-पार्वती की संयुक्त उपासना से मिल जाता है अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद। मिल जाता है विवाह योग्य कन्याओं को मनचाहा वर। इसलिए हर स्त्री करती है यह व्रत 



haritalika-teej
मौजूदा समय में पारिवारिक मतभेद बढ़ने और रिश्तों में सामंजस्य की कमी आम बात है। ऐसे में हमारे पर्व-त्योहार संबंधों की उष्मा को जीवंत बनाए रखने में अहम् भूमिका निभा रहे हैं। अपनत्व और भावनात्मक लगाव को पोषित कर रहे हैं। हरतालिका तीज का पर्व ऐसा ही त्योहार है जो पति-पत्नी के रिश्तों को सामजंस्य और समर्पण के भाव से जोड़ता है। यही वजह है कि यह त्योहार मौजूदा समय में और भी प्रासंगिक लगता है, जब परिवार बिखर रहे है और अपनों के बीच ही दूरियां पैदा हो गयी है। रिश्तों के बदलते समीकरणों के दौर में यह पर्व जुड़ाव की सीख देता है। सांझी खुशियां सहेजने का भाव पैदा करता है। तभी तो जीवन की आपाधापी को भूल महिलाएं पूरे मान-मनुहार के साथ अपने जीवन साथी के आयुष्य और मंगल की कामना करती हैं। बेशक, पति-पत्नी जीवन रुपी गाड़ी के दो पहिए हैं, जिनका संतुलित रहना और एक साथ चलना जिंदगी को गति देता है। वैवाहिक जीवन में इसी संतुलन और साथ के मायने रेखांकित करते हुए हरितालिका तीज का त्योहार एक सुंदर संयोग बनाता है। कहा जा सकता है परंपरा के निर्वहन और दाम्पत्य जीवन में प्रेम के उल्लास का पर्व है हरितालिका तीज। 


यह त्योहार उम्रभर के साथ और स्नेह की कामना करने का भाव लिए हैं। इस दिन सुहागिन स्त्रियां निर्जला व्रत रख कर शिव गौरी की पूजा करती है। अपने सुहाग की लंबी उम्र, संबंधों में प्रगाढ़ता, उनके स्वास्थ्य एवं परिवार के सुख समृद्धि का आर्शीवाद मांगती है। चूकि मां गौरी कुआरेपन में यह व्रत किया था इसलिए मनचाहा वर पाने और जीवन में मिलने वाले सुखद संसार की कामना के लिए कुआरी कन्याएं भी इस व्रत को करती है। इस व्रत को ‘हरतालिका तीज‘ इसीलिए कहते हैं, क्योंकि पार्वती की सखी उन्हें पिता के घर से ‘हर‘ कर घनघोर जंगल में ले गई थी। ‘हरत‘ अर्थात हरण करना और ‘आलिका‘ अर्थात सखी, सहेली। इस व्रत को कई जगहों पर बूढ़ी तीज तो कहीं गौरी तृतीया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष हरतालिका तीज 24 अगस्त को मनाई जाएगी। संकल्प शक्ति का प्रतीक और अखंड सौभाग्य की कामना का परम पावन व्रत हरतालिका तीज हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने वाली सुहागिन महिलाओं का सौभाग्य अखंड बना रहता है और उसे सात जन्मों तक पति का साथ मिलता है। 

यही वजह है कि तीज के पर्व का अनुष्ठान हर तरह से दाम्पत्य जीवन को सुखी बनाने के भावों से जुड़ा है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मां गौरी ने इसी व्रत से भगवान शिव को पति रुप में पाया था। इस दौरान मां पार्वती के तप से न सिर्फ भगवान शिव का आसन डोल गया, बल्कि धरती, आकाश और पाताल तक कंपन करने लगे थे। भगवान शिव को स्वयं पार्वती जी को वरदान देने आना पड़ा। मां पार्वती ने वर स्वरूप भगवान शिव को पति रूप में मांगा। बाद में उनका विवाह भगवान शिव के साथ संपन्न हुआ। मान्यता है कि तभी से महिलाएं मनोवांछित पति, सुखद दांपत्य जीवन एवं पति की दीर्घायु के लिए इस व्रत को करती आ रही है। कहीं-कहीं इस दिन सास अपनी बहुओं को सुहाग का सिंधारा देती हैं। मान्यता है कि इस व्रत से सुहागिन स्त्रियों के सौभाग्‍य में वृद्धि होती है और शिव-पार्वती उन्हें अखंड सौभाग्यवती रहने का वरदान देते हैं। इस दिन महिलाएं हाथों में नई चूड़ियां, मेहंदी और पैरों में अल्ता लगाती हैं और नए वस्त्र पहन कर मां पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। यह दिन स्त्रियों के लिए श्रृंगार तथा उल्लास से भरा होता है। उल्लास, आस्था और प्रेम का यह पर्व यकीनन एक सुंदर उत्सव है। जिसमें शिव-गौरी के पूजन योग्य दाम्पत्य जीवन को प्रतीक मान खुद के लिए सौभाग्य मांगा जाता है। यूं भी भगवान शंकर और माता पार्वती को जन्म-जन्मांतर का साथी माना गया है। उनके अनूठे स्नेह का नाता इतना जीवंत लगता है कि एक आम दंपत्ति के लिए भी वे प्रेरणादायी है। उनका पूजन प्रेमपगी सोच और समर्पण को अपने संसार का हिस्सा बनाने की भावना लिए होता है। 

haritalika-teej
बरसात के इस मौसम में जब पानी की बौछारें वसुंधरा के ऊपर इठलाते इंद्रधनुषी चुनरियों के रंग एक अलग ही छटा बिखेर देते हैं। प्रकृति का यह खिला-खिला रुप रिश्तों को भी नई चमक देता है। यही वजह है कि यह पर्व प्रकृति से भी जुड़ा है। अपनों की कुशलता की कामना का भाव लिए स्त्रियां पारंपरिक तरीकों से सोलहों श्रृंगार करती हैं तथा मां पार्वती से आर्शीवाद मांगती हैं कि उनकी जिंदगी में ये रंग हमेशा हरा-भरा रहें। स्नेह और समर्पण का प्रतीक बन मिठास घोलने वाला हरितालिका तीज का त्योहार दाम्पत्य जीवन के भावनात्मक बंधन की दृढ़ता को बल देता है जो कि आज के समय की दरकार है। पौराणिक मान्यताएं है कि सावन के ठीक बाद तीज पर महादेव की पूजा दोहरे पुण्य का भागी बनाता है। वृक्षों, फसलों, नदियों तथा पशु-पक्षियों को पूजकर उनकी आराधना की जाती है। ताकि समृद्धि के ये सूचक हम पर अपनी कृपा सदैव बनाए रखें। हरियाली तीज को भी इसी कड़ी में देखा जा सकता है। पूजन के बाद महिलाएं मिलकर शिव-गौरी के सुखद वैवाहिक जीवन से जुड़े लोकगीत गाती हैं। इन लोकगीतों की मिठास समूची प्रकृति में घुली हुई सी महसूस होती है। इसके साथ ही आनंद लिया जाता है सावन के झूलों का भी। झूलों पर ऊंची-ऊंची पेंग लेती महिलाओं का उत्साह देखते ही बनता है। उत्तर भारत की स्त्रियों का यह प्रिय पर्व केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं बल्कि प्रकृति का उत्सव मनाने का भी दिन है। इस पर्व को श्रावणी तीज या कजरी तीज भी कहते हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में महिलाएं इसे भावपूर्ण तरीके से मनाती हैं। वे दिन में व्रत रखती हैं, संध्याकाल पूजन करती हैं और रात्रि जागरण के साथ इस व्रत को पूर्णता देती हैं।


तीज से ही होती है पर्वो की शुरुआत 
भारतीय परम्पराओं के अनुसार तीज को पर्वों की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। कहा गया है, ‘आ गई तीज बिखेर गई बीज, आ गई होली भर गई झोली।‘ अर्थात तीज के साथ भारतीय पर्वों का सिलसिला शुरू हो जाता है जो होली तक चलता है। असल में हर त्योहार या उत्सव को मनाने के पीछे के पारंपरिक तथा सांस्कृतिक कारणों के अलावा एक और कारण होता है, मानवीय भावनाओं का। चूंकि प्रकृति मनुष्य को जीवन देती है, जल, नभ और थल मिलकर उसके जीवन को सुंदर बनाते हैं और जीवनयापन के अनगिनत स्रोत उसे उपलब्ध करवाते हैं। इसी विश्वास और श्रद्धा के साथ प्रकृति से जुड़े तमाम त्योहार तथा दिवस मनाए जाते हैं। मेहंदी भरे हाथों की खनक तथा सुमधुर ध्वनि के साथ छनकती चूड़ियां, माहौल को संगीतमय बना देती हैं। सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन की कामना से मनाई जाने वाली तीन तीजों में से एक हरियाली तीज प्रकृति के सुंदर वरदानों के लिए उसका शुक्रिया अदा करने का भी उत्सव बन जाती है।

haritalika-teej
सजना खातिर करती है सोलहों श्रृंगार 
इस व्रत के सुअवसर पर सौभाग्यवती स्त्रियां नए लाल वस्त्र पहनकर, मेंहदी लगाकर, सोलह श्रृंगार करती है। शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और मां पार्वती जी की पूजा करती है। इस पूजा में शिव-पार्वती की मूर्तियों का विधिवत पूजन किया जाता है। हरितालिका तीज की कथा को सुना जाता है। माता पार्वती पर सुहाग का सारा सामान चढ़ाया जाता है। भक्तों में मान्यता है कि जो सभी पापों और सांसारिक तापों को हरने वाले हरितालिका व्रत को विधि पूर्वक करता है, उसके सौभाग्य की रक्षा स्वयं भगवान शिव करते हैं। ऐसा माना जाता है कि “तीज” नाम उस छोटे लाल कीड़े को दर्शाता है जो मानसून के मौसम में जमीन से बाहर आता है। हिन्दू कथाओं के अनुसार इसी दिन देवी पार्वती भगवान शिव के घर गयी थीं। यह पुरुष और स्त्री के रूप में उनके बंधन को दर्शाता है। 

कुंआरियों का होता है शीघ्र विवाह 
वास्तव में तीज का सम्बन्ध शीघ्र विवाह से ही है। अविवाहित कन्याओं को इस दिन उपवास रखकर गौरी की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में कितने भी बाधक योग क्यों न हों, इस दिन की पूजा से नष्ट किये जा सकते हैं। पर इसका सम्पूर्ण लाभ तभी होगा, जब अविवाहिता इस उपाय को स्वयं करें। इस दिन, पूरे दिन उपवास रखना चाहिए। श्रृंगार करना चाहिए। श्रृंगार में मेहंदी और चूड़ियों का जरूर प्रयोग करना चाहिए। सायं काल शिव मंदिर जाकर भगवान शिव और मां पार्वती की उपासना करनी चाहिए। वहां पर घी का बड़ा दीपक जलाना चाहिए। सम्भव हो तो मां पार्वती और भगवान शिव के मन्त्रों का जाप करें। पूजा खत्म होने के बाद किसी सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग की वस्तुएं दान करनी चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। इस दिन काले और सफेद वस्त्रों का प्रयोग करना वर्जित माना जाता है। हरा और लाल रंग सबसे ज्यादा शुभ होता है। 
मिलता है योग्य वर का वरदान 
हर माता-पिता का सपना होता है, समय पर बेटियों के हाथ पीले कर दें। लेकिन कभी-कभी ग्रहदोष या दूसरे कारणों से  विवाह में विलंब होने लगता है। मनचाहा वर नहीं हमल पाता है। प्रेम विवाह में रुकावटें होने लगती है। उम्र ज्यादा होने पर समस्या और भी बढ़ जाती है। ऐसे में अगर हरतालिका तीज के दिन कुआंरी कन्याएं व्रत रहकर विधि-विधान से पूजन-अर्चन करें तो वे मनचाहा जीवनसाथी पा सकती है। जबकि विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन को और भी सुखद बना सकती है। 

पूजा विधि
हरतालिका तीज व्रत करने पर इसे छोड़ा नहीं जाता है। प्रत्येक वर्ष इस व्रत को विधि-विधान से करना चाहिए। इस दिन प्रातःकाल उठकर घर की साफ सफाई करके तिल व आंवले का उबटन लगाकर महिलाएं स्नान करती हैं। फिर ‘उमामहेश्वर सायुज्यसिद्धये हरतालिकाव्रतं करिष्ये‘ मंत्र से व्रत का संकल्प लेती हैं। तत्पश्चात् पार्वती और महादेव की प्रतिमा स्थापित कर मंत्रोच्चार के साथ उनका अभिषेक, पूजन और अर्चना करती हैं। अपने घर के मुख्य द्वार को केले के पत्तों से सजाकर पूरा दिन मां पार्वती का ध्यान रखते हुए अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं। शाम को यथायोग्य दान देकर व्रत का समापन करती हैं। इस व्रत को प्रदोषकाल में किया जाता है। सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त को प्रदोषकाल कहा जाता है। यह दिन और रात के मिलन का समय होता है। पूजन के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की बालू रेत व काली मिट्टी की प्रतिमा हाथों से बनाएं। पूजा स्थल को फूलों से सजाकर एक चैकी रखें और उस चैकी पर केले के पत्ते रखकर भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद देवताओं का आह्वान करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का षोडशोपचार पूजन करें। सुहाग की पिटारी में सुहाग की सारी वस्तु रखकर माता पार्वती को चढ़ाना इस व्रत की मुख्य परंपरा है।  इसमें शिव जी को धोती और अंगोछा चढ़ाया जाता है। यह सुहाग सामग्री सास के चरण स्पर्श करने के बाद ब्राह्मणी और ब्राह्मण को दान देना चाहिए। इस प्रकार पूजन के बाद कथा सुनें और रात्रि जागरण करें। आरती के बाद सुबह माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं व ककड़ी-हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें। इस व्रत को करने से पहले वाले दिन यानी द्वितीया के रोज शुद्ध शाकाहरी व्यंजनों का ही सेवन करना चाहिए और सोने से पहले दातून या मंजन करके सोना चाहिए ताकि अन्न का कोई टुकड़ा व्रत के दिन आपके मुंह में न रहे। इस व्रत को करने वाली महिलाएं सुबह चार बजे उठकर स्नानादि के बाद मन ही मन भगवान से अपने सुहाग की रक्षा की कामना करती हैं और फिर संध्याकाल में शिव-पार्वती की पूजा कर हरतालिका व्रत की कथा सुनती हैं। इस दिन भगवान शिव को गंगाजल, दही, दूध, शहद आदि से स्नान कराकर उन्हें फल समर्पित किया जाता है। इस दिन भजन कीर्तन के अलावा पूरी रात जगने का भी विधान है।

पूजन सामग्री 
पूजन के लिए - गीली काली मिट्टी या बालू रेत, बेलपत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल एवं फूल, अकांव का फूल, तुलसी, मंजरी, जनैव, नाडा, वस्त्र, सभी प्रकार के फल एवं फूल, फुलहरा (प्राकृतिक फूलों से सजा), मां पार्वती के लिए सुहाग सामग्री - मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर, बाजार में उपलब्ध सुहाग पुड़ा आदि, श्रीफल, कलश, अबीर, चन्दन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक, घी, दही, शक्कर, दूध, शहद पंचामृत के लिए आदि।

ब्राह्मणों को दी जाती है श्रृंगार पेटी 
कथा श्रवण के पश्चात सुहागिन महिलाएं बाजार से लायी गयीं श्रृंगार पेटी या टोकड़ी को ब्राह्मणों के बीच दान करती हैं, जिसमें वस्त्र, आलता, बिंदी समेत शृंगार के कई सामान उपलब्ध होते हैं।  

समूहिक पूजा से बढ़ता है मेल-मिलाप 
तीज पर सामूहिक रूप से पूजन करने का एक महत्व यह भी है कि इस तरह स्त्रियां आपस में एक-दूसरे से घनिष्ठता के साथ जुड़ भी पाती हैं। तीज के दिन तीज मिलन का आयोजन भी आपसी जुड़ाव बनाने का ही एक प्रयोजन है। महिलाएं गीत गाती हैं, नृत्य करती हैं, हास-परिहास करती हैं। इस तरह वे हंसी-खुशी से तीज का उत्सव मनाती हैं। राजस्थान में तीज पर्व का विशेष महत्व है और इस दिन स्त्रियां दूर देश गए अपने पति के लौटने की कामना करती हैं। अनेक स्थानों पर मेले लगते हैं। 

पौराणिक मान्यताएं 
माता पार्वती द्वारा विवाह के बाबत पूछे गए जवाब में भगवान शिव ने कहा हे गौरी! पर्वतराज हिमालय पर गंगा के तट पर तुमने अपनी बाल्यावस्था में अधोमुखी होकर घोर तप किया था। इस अवधि में तुमने अन्न न खाकर केवल हवा का ही सेवन किया। तुमने सूखे पत्ते चबाकर समय काटा। माघ की शीतलता में तुमने निरंतर जल में प्रवेश कर तप किया था। वैशाख की जला देने वाली गर्मी में पंचाग्नी से शरीर को तपाया। श्रावण की मुसलाधार वर्षा में खुले आसमान के नीचे बिना अन्न जल ग्रहन किए व्यतीत किया। तुम्हारी इस कष्टदायक तपस्या को देखकर तुम्हारे पिता बहुत दुःखी और नाराज होते थे। तब एक दिन तुम्हारी तपस्या और पिता की नाराजगी को देखकर नारदजी तुम्हारे घर पधारे। तुम्हारे पिता द्वारा आने का कारण पूछने पर नारदजी बोले, हे गिरिराज! मैं भगवान् विष्णु के भेजने पर यहां आया हूं। आपकी कन्या की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर वह उससे विवाह करना चाहते हैं। इस बारे में मैं आपकी राय जानना चाहता हूं। नारदजी की बात सुनकर पर्वत राज अति प्रसन्नता के साथ बोले, श्रीमान! यदि स्वंय विष्णु जी मेरी कन्या का वरण करना चाहते हैं तो मुझे क्या आपत्ति हो सकती है। वह तो साक्षात ब्रह्म हैं। यह तो हर पिता की इच्छा होती है कि उसकी पुत्री सुख-सम्पदा से युक्त पति के घर की लक्ष्मी बने। नारदजी तुम्हारे पिता की स्वीकृति पाकर विष्णुजी के पास गए और उन्हें विवाह तय होने का समाचार सुनाया। परंतु जब तुम्हें इस विवाह के बारे में पता चला तो तुम्हारे दुःख का ठिकाना न रहा। तुम्हें इस प्रकार से दुःखी देखकर, तुम्हारी एक सहेली ने तुम्हारे दुःख का कारण पूछने पर तुमने बताया, मैंने सच्चे मन से भगवान शिव का वरण किया है, किन्तु मेरे पिता ने मेरा विवाह विष्णुजी के साथ तय कर दिया है। मैं विचित्र धर्मसंकट में हूं। अब मेरे पास प्राण त्याग देने के अलावा कोई और उपाय नहीं बचा। तुम्हारी सखी बहुत ही समझदार थी। उसने कहा, प्राण छोड़ने का यहां कारण ही क्या है? संकट के समय धैर्य से काम लेना चाहिए। भारतीय नारी के जीवन की सार्थकता इसी में है कि जिसे मन से पति रूप में एक बार वरण कर लिया, जीवन पर्यन्त उसी से निर्वाह करे। सच्ची आस्था और एकनिष्ठा के समक्ष तो भगवान् भी असहाय हैं। मैं तुम्हे घनघोर वन में ले चलती हूं जो साधना थल भी है और जहां तुम्हारे पिता तुम्हें ढूंढ भी नहीं पाएंगे। मुझे पूर्ण विश्वास है कि ईश्वर अवश्य ही तुम्हारी सहायता करेंगे। तुमने ऐसा ही किया। तुम्हारे पिता तुम्हें घर में न पाकर बड़े चिंतित और दुःखी हुए। वह सोचने लगे कि मैंने तो विष्णुजी से अपनी पुत्री का विवाह तय कर दिया है। यदि भगवान विष्णु बारात लेकर आ गए और कन्या घर पर नहीं मिली तो बहुत अपमान होगा, ऐसा विचार कर पर्वतराज ने चारों ओर तुम्हारी खोज शुरू करवा दी। इधर तुम्हारी खोज होती रही उधर तुम अपनी सहेली के साथ नदी के तट पर एक गुफा में मेरी आराधना में लीन रहने लगीं। भाद्रपद तृतीय शुक्ल को हस्त नक्षत्र था। उस दिन तुमने रेत के शिवलिंग का निर्माण किया। रात भर मेरी स्तुति में गीत गाकर जागरण किया। तुम्हारी इस कठोर तपस्या के प्रभाव से मेरा आसन हिल उठा और मैं शीघ्र ही तुम्हारे पास पहुंचा और तुमसे वर मांगने को कहा तब अपनी तपस्या के फलीभूत मुझे अपने समक्ष पाकर तुमने कहा, मैं आपको सच्चे मन से पति के रूप में वरण कर चुकी हूं। यदि आप सचमुच मेरी तपस्या से प्रसन्न होकर यहां पधारे हैं तो मुझे अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार कर लीजिए। तब तथास्तु कहकर मैं कैलाश पर्वत पर लौट गया। प्रातः होते ही तुमने पूजा की समस्त सामग्री नदी में प्रवाहित करके अपनी सखी सहित व्रत का वरण किया। उसी समय गिरिराज अपने बंधु-बांधवों के साथ तुम्हें खोजते हुए वहां पहुंचे। तुम्हारी दशा देखकर अत्यंत दुःखी हुए और तुम्हारी इस कठोर तपस्या का कारण पूछा। तब तुमने कहा, पिताजी, मैंने अपने जीवन का अधिकांश वक्त कठोर तपस्या में बिताया है। मेरी इस तपस्या के केवल उद्देश्य महादेवजी को पति के रूप में प्राप्त करना था। आज मैं अपनी तपस्या की कसौटी पर खरी उतर चुकी हूं। चूंकि आप मेरा विवाह विष्णुजी से करने का निश्चय कर चुके थे, इसलिये मैं अपने आराध्य की तलाश में घर से चली गयी। अब मैं आपके साथ घर इसी शर्त पर चलूंगी कि आप मेरा विवाह महादेवजी के साथ ही करेंगे। पर्वतराज ने तुम्हारी इच्छा स्वीकार कर ली और तुम्हें घर वापस ले गए। कुछ समय बाद उन्होंने पूरे विधि-विधान के साथ हमारा विवाह किया। भगवान शिव ने आगे कहा, हे पार्वती! भाद्र पद की शुक्ल तृतीया को तुमने मेरी आराधना करके जो व्रत किया था, उसी के परिणाम स्वरूप हम दोनों का विवाह संभव हो सका। इस व्रत का महत्त्व यह है कि मैं इस व्रत को पूर्ण निष्ठा से करने वाली प्रत्येक स्त्री को मन वांछित फल देता हूं।श् भगवान् शिव ने पार्वतीजी से कहा कि इस व्रत को जो भी स्त्री पूर्ण श्रद्धा से करेगी उसे तुम्हारी तरह अचल सुहाग प्राप्त होगा।




(सुरेश गांधी)

पटना : जीत का खुमार वाले वार्ड पार्षद मकान और शौचालय बनवा दें

$
0
0
patna-ward-and-toilet
दानापुर। नगर परिषद दानापुर निजामत क्षेत्र में है वार्ड नम्बर 36। वार्ड पार्षद हैं सुनील कुमार। निर्वाची पदाधिकारी द्वारा 9 जून को विजयी द्योषित हुए। इस जीत में महादलित मुसहर समुदाय के लोगों ने अहम भूमिका निभायी। इससे निर्वाचित वार्ड पार्षद खुश हुए। जीत का खुमार उतारने के क्रम महादलितों से कहा कि गोला रोड मुसहरी में क्या कर दें। सदैव खिदमत में लगे रहने वाले और दूसरों की तकदीर व तस्वीर चमकाने में लगे महादलितों ने कहा कि जीर्णशीर्ण अवस्था वाली देवी चौड़ा को बना दें। वार्ड पार्षद सुनील कुमार ने लोगों से उपेक्षित देवी- देवताओं का आशियाना को चमकाकर दे दिया। मंदिर में टाइल्स लगा दिया गया। एक पंखा भी लगा दिये। गोला रोड मुसहरी में 50 द्यर है। जो जर्जरावस्था में है। कोई सवा सौ लोग रहते हैं। केवल गीता कुमारी मैट्रिक पास है। दूसरी रिजल्ट देखने गयी हैं। यहां के लोग जर्जर मकान को तोड़कर राजीव गांधी आवासीय योजना से मकान बनवाना चाहते हैं। अभी नारकीय जीवन बिता रहे हैं। यहां पर सर्वे करके सामाजिक सुरक्षा पेंशन वितरण करने की जरूरत है।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 24 अगस्त

$
0
0
मेडीकल एजुकेशन कमिश्नर द्वारा जायजा

जिला जनसम्पर्क कार्यालय, विदिषा मध्यप्रदेष शासन समाचार    मेडीकल एजुकेशन कमिश्नर द्वारा जायजा               विदिषा, दिनांक 24 अगस्त 2017   मेडीकल शिक्षा विभाग के आयुक्त श्री शिवशेखर शुक्ला ने आज विदिशा मंे निर्माणाधीन मेडीकल काॅलेज एवं जिला चिकित्सालय के भवनों का मौके पर जायजा लिया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री अनिल सुचारी, अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा भी साथ मौजूद थे।   आयुक्त श्री शुक्ला ने निर्माणाधीन भवनों में तकनीकी रूप से कोई त्रुटि ना हो का विशेष ध्यान रखते हुए स्मार्ट पार्किंग की व्यवस्था क्रियान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला चिकित्सालय और मेडीकल काॅलेज केम्पस के अन्दर आवागमन सुगमता से हो सकें इसके लिए ईजाद की गई व्यवस्थाओं का तैयार किया गया ड्रांइग चार्ट को देखा। पीआईयू के ईई श्री आसिफ मण्डल ने बताया कि जिला चिकित्सालय का निर्माण पीआईयू द्वारा किया जा रहा है जिसमें नर्सिंग टेªनिंग सेन्टर एवं आवासीय परिसर भी शामिल है। उन्होंने बताया कि जून 2018 तक जिला चिकित्सालय का निर्माण कार्य पूरा कराया जाना है अभी तक अस्सी प्रतिशत निर्माण कार्य विभाग के माध्यम से पूर्ण किया जा चुका है। कुछ निर्माण कार्यो के लिए रिवाईज स्टीमेंट स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है। क्रं0/72/591/अहरवाल
मेडीकल शिक्षा विभाग के आयुक्त श्री शिवशेखर शुक्ला ने आज विदिशा मंे निर्माणाधीन मेडीकल काॅलेज एवं जिला चिकित्सालय के भवनों का मौके पर जायजा लिया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री अनिल सुचारी, अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा भी साथ मौजूद थे। आयुक्त श्री शुक्ला ने निर्माणाधीन भवनों में तकनीकी रूप से कोई त्रुटि ना हो का विशेष ध्यान रखते हुए स्मार्ट पार्किंग की व्यवस्था क्रियान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला चिकित्सालय और मेडीकल काॅलेज केम्पस के अन्दर आवागमन सुगमता से हो सकें इसके लिए ईजाद की गई व्यवस्थाओं का तैयार किया गया ड्रांइग चार्ट को देखा। पीआईयू के ईई श्री आसिफ मण्डल ने बताया कि जिला चिकित्सालय का निर्माण पीआईयू द्वारा किया जा रहा है जिसमें नर्सिंग टेªनिंग सेन्टर एवं आवासीय परिसर भी शामिल है। उन्होंने बताया कि जून 2018 तक जिला चिकित्सालय का निर्माण कार्य पूरा कराया जाना है अभी तक अस्सी प्रतिशत निर्माण कार्य विभाग के माध्यम से पूर्ण किया जा चुका है। कुछ निर्माण कार्यो के लिए रिवाईज स्टीमेंट स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है।


लोहानी ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला

$
0
0
lohani-takes-the-charge-of-railway-board-chairman
नयी दिल्ली 24 अगस्त, रेलवे बोर्ड के नये अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण उनकी प्राथमिकता होगी। एयर इंडिया के अध्यक्ष पद से रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष पद पर लाये गये श्री लोहानी ने कहा कि सुरक्षा और स्टेशनों का आधुनिकीकरण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि ‘वीआईपी कल्चर’ खत्म करने, ट्रेनों में सफाई और रेलवे में भ्रष्टाचार को दूर करने पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा। श्री लोहानी को कल रात ही ए के मित्तल की जगह रेलवे बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। कैफियत एक्सप्रेस की उत्तर प्रदेश के औरेया में कल दुर्घटना के बाद श्री मित्तल ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले मुजफ्फरनगर में खतौली में पुरी-हरिद्वार के बीच चलने वाली उत्कल एक्सप्रेस भी पिछले सप्ताह दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी। इस दुर्घटना में 23 यात्रियों की मृत्यु हो गयी थी और बड़ी संख्या में यात्री घायल हुए थे। एक सप्ताह के भीतर दो रेल दुर्घटनाओं को लेकर रेलवे लोगों के निशाने पर था। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने भी इस्तीफे की पेशकश की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी प्रभु को उनके इस्तीफे पर इंतजार करने को कहा है। रेल मंत्री ने श्री लोहानी को रेलवे बोर्ड का प्रमुख बनाने पर श्री मोदी का धन्यवाद दिया है। 



रिजर्व बैंक कल जारी करेगा दो सौ रुपये का नोट

$
0
0
200-rupee-note-to-be-released-tomorrow
नयी दिल्ली 24 अगस्त, दो सौ रुपये के नोट को लेकर लोगोें की जिज्ञासा कल खत्म हो जायेगी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीअाई) शुक्रवार को इसे जारी करेगा। रिजर्व बैंक ने आज इसकी जानकारी देने के साथ ही नये नोट का चित्र भी जारी किया है। सरकार ने कल ही जानकारी दी थी कि 200 रुपये का नोट प्रचलन में लाया जा रहा है। पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद सरकार ने पांच सौ और एक हजार रुपये के पुराने नोटों का प्रचलन बंद किया था। इसके बाद सरकार एक हजार रुपये का नोट नहीं लायी और दो हजार का नोट पहली बार प्रचलन में आया। फिलहाल प्रचलन में एक,दो, पांच, दस, बीस, पचास, सौ , पांच सौ और दो हजार के नोट प्रचलन में हैं। यह पहला मौका होगा जब सौ और पांच सौ रुपये के नोट के दरमियान दो सौ रूपये का नोट प्रचलन में आयेगा। नये नोट की खासियत में महात्मा गांधी का चित्र बीच में होगा। इसमें देवनागरी में दो सौ अंकित होगा। ‘आरबीआई’ , ‘भारत’, ‘इंडिया’ और ‘200’ छोटे अक्षरों में अंकित होगा। बारीकी से देखने पर एक छाया दिखेगी जिस पर 200 लिखा होगा। सुरक्षा धागा में ‘भारत’ और आरबीआई लिखा होगा। नोट को हिलाने पर इसका रंग हरा से नीला दिखेगा। महात्मा गांधी के फोटो के दाये किनारे पर गारंटी क्लाज, वायदा क्लाज के साथ रिजर्व बैंक गवर्नर के हस्ताक्षर और केंद्रीय बैंक का प्रतीक चिन्ह होगा। 

सुप्रीम कोर्ट का फैसला नये युग की शुरुआत : सोनिया

$
0
0
supreme-court-decision-start-of-new-era-says-sonia-gandhi
नयी दिल्ली 24 अगस्त, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने निजता पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को आज निजी अधिकारों, निजी आजादी तथा मानवीय मूल्यों के लिए नए युग की शरुआत करार दिया। श्रीमती गांधी ने उच्चतम न्यायालय की नौ सदस्यीय संविधान पीठ के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे सरकारों तथा इसकी एजेंसियों द्वारा जन सामान्य के जीवन में किए जाने वाले हस्तक्षेप पर अंकुश लगेगा और वह निजी जिंदगी में ताकझांक नहीं कर सकेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी तथा इसकी सरकारों ने अन्य विपक्षी दलों के साथ एकजुट होकर संसद से लेकर अदालतों तक निजता पर मोदी सरकार के अंकुश लगाने के प्रयास का लगातार विरोध किया है। 

मोदी सरकार की साजिश का पटाक्षेप: कांग्रेस

$
0
0
modi-governments-conspiracy-back-drop
नयी दिल्ली 24 अगस्त, कांग्रेस ने निजता को मौलिक अधिकार करार देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए आज कहा कि इससे मोदी सरकार की ‘फासीवादी साजिश ’का समय रहते पटाक्षेप हो गया जो निजता को सामान्य अधिकार का दर्जा देना चाहती थी। कांग्रेस प्रवक्ता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां पार्टी मुख्यालय में प्रेस ब्रीफिंग में न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह संविधान लागू होने के बाद से उच्चतम न्यायालय के अहम फैसलों में से एक है। श्री चिदंबरम ने कहा ,‘देश ने 1947 में आजादी हासिल की थी । उसके बाद से संसद और उच्चतम न्यायालय ने समय -समय पर इसे और व्यापक तथा समृद्ध बनाया । आज हम एक बार फिर अपनी आजादी का जश्न मना सकते हैं” 1मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले समय में निजता के अधिकार का हनन करने की दूसरी कोशिशें की जाएंगी तथा अन्य चुनौतियां और सवाल खडे होंगे लेकिन “ हम उन चुनौतियों से भी निपट लेंगे।” एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अब इस फैसले के आलोक में समलैंगिकों के अधिकार सम्बन्धी धारा 377 और डाटा हस्तांतरण समेत इसतरह के सभी मामलों पर नये सिरे से विचार करने की जरूरत है । श्री सुरजेवाला ने फैसले को लेकर मोदी सरकार पर कडा प्रहार करते हुए कहा कि यह उसके मुंह पर तमाचा है जो निजता के अधिकार को सामान्य अधिकार का दर्जा देना चाहती थी। फैसले को पथप्रदर्शक करार देते हुए उन्होंने कहा कि इससे फासीवादी साजिश का समय रहते पटाक्षेप हो गया। उन्होंने इस बात पर खुशी जतायी कि न्यायालय ने अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल की दलीलों को खारिज कर दिया और देश की 130 करोड जनता को राहत दी है । उन्होंने बताया कि अटार्नी जनरल ने अपनी दलील में कहा था कि व्यक्ति का अपने शरीर पर भी अधिकार नहीं है । इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि न्यायालय के फैसले के बाद मोदी सरकार लोगों की निजी जिंदगी में ताकझांक करने से बाज आएगी। 


सृजन घोटाला: लालू ने नीतीश से पूछे 11 सवाल, लगाये गंभीर आरोप

$
0
0
alu-asked-nitish-11-questions-regardin-srijan-scam
पटना 24 अगस्त, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अरबों रुपये के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी को सीधे पर दोषी ठहराते हुए आज कहा कि सृजन के सृजनहार सृजनात्मक तरीक़े से सबूत नष्ट करना चाहते है। श्री यादव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर मुख्यमंत्री से 11 बिंदुओं पर सवाल पूछते हुए उनसे जवाब मांगा हैं। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि सृजन घोटाला करने के बाद आज नीतीश नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा, “ सृजन के सृजनहार सृजनात्मक तरीक़े से सबूत नष्ट करना चाह रहे है।” राजद सुप्रीमों ने मुख्यमंत्री से पूछा, “ 25 जुलाई 2013 को संजीत कुमार नाम के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और सामाजिक कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री बिहार को सृजन महिला बैंक चलाने और करोड़ों के गबन संबंधित जानकारी देते हुए एक विस्तृत पत्र लिखा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने उसपर कोई कार्यवाही नहीं करके घोटाला करने वालों को बचाया ही नहीं, बल्कि उन्हें सरकारी खजाना लूटने के लिए प्रेरित किया। इसी तरह 09 सितंबर 2013 को रिजर्व बैंक ने, बिहार सरकार को पत्र लिखकर सृजन समिति में हो रहे घोटाले और वित्तीय अनियमितता की जांच करने को कहा था। रिजर्व बैंक ने कोऑपरेटिव रजिस्ट्रार को भी कार्रवाई करने को कहा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने उसपर भी कोई कार्रवाई नहीं की। मुख्यमंत्री ने रिजर्व बैंक के संदेह को भी दरकिनार करते हुए लगातार घोटालेबाजों का सहयोग किया। श्री यादव ने कहा कि भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी ने सृजन मामले में शिकायत मिलने पर जांच का आदेश दिया था। लेकिन जांच रिपोर्ट आज तक नहीं आई। नीतीश को बताना चाहिए कि उस जांच रिपोर्ट को क्यों दबाया गया और ऐसा कर किसे फायदा पहुंचाया गया। वहीं, साल 2013 में सृजन घोटाले में जांच का आदेश देने वाले जिलाधिकारी का मुख्यमंत्री ने तबादला क्यों किया।

Viewing all 74203 articles
Browse latest View live




Latest Images