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देउबा की भारत यात्रा सफल : प्रचंड

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काठमांडू. 27 अगस्त , नेपाल के माओवादी प्रमुख पुष्प दहल कमल प्रचंड ने कहा कि प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की भारत यात्रा सफल रही है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री प्रचंड ने कल एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री देउबा ने अपनी यात्रा के दौरान भारतीय नेताओं के साथ पहले की योजनाओं को कार्यांवित करने तथा कुछ वर्तमान के जरूरी मुद्दों पर बातचीत की है। श्री प्रचंड ने देश में राजनीतिक स्थिरता तथा आर्थिक समृद्धि के लिए संविधान के कार्यान्वयन को लागू करने के लिए सभी से सहयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि आगामी संघीय और प्रांतीय चुनावों के लिए भारत का सहयोग सकारात्मक रहा है।


हिंसा बर्दाश्त नहीं, दोषी बख्शे नहीं जाएंगे : मोदी

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नयी दिल्ली, 27 अगस्त, बलात्कार के दोषी पाये गये डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों द्वारा हरियाणा में मचाये गये उत्पात तथा हिंसा के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी और कानून हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। श्री मोदी ने आकाशवाणी पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में डेरा सच्चा सौदा समर्थकों द्वारा की गयी हिंसा पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा “मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूँ, कानून हाथ में लेने वाले, हिंसा की राह पर दमन करने वाले किसी को भी, चाहे वो व्यक्ति हो या समूह हो, न ये देश कभी बर्दाश्त करेगा और न ही कोई सरकार बर्दाश्त करेगी | हर किसी को कानून के सामने झुकना होगा, कानून ज़बाबदेही तय करेगा और दोषियों को सज़ा देकर रहेगा।” प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने हिंसा करने वालोें को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा “मैंने लाल किले से भी कहा था कि आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी, चाहे वो सांप्रदायिक आस्था हो, राजनैतिक विचार धाराओं के प्रति आस्था हो, व्यक्ति के प्रति आस्था हो,परम्पराओं के प्रति आस्था हो, आस्था के नाम पर, कानून हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है|” उन्होंने कहा कि लोगों को इस तरह की हिंसा से बचना चाहिए और याद रखना चाहिए “ हमारा देश बुद्ध और गांधी का देश है, देश की एकता के लिए जी-जान लगा देने वाले सरदार पटेल का देश है| सदियों से हमारे पूर्वजों ने सार्वजनिक जीवन-मूल्यों को, अहिंसा को, समादर को स्वीकार किया हुआ है, हमारे ज़ेहन में भरा हुआ है| अहिंसा परमो धर्म:, यह हम बचपन से सुनते और कहते आये हैं।” श्री मोदी ने कहा कि यह दुखद और चिंताजनक है कि एक तरफ देश उत्सवों में डूबा हुआ है और दूसरी तरफ देश के किसी कोने से आस्था के नाम पर हिंसा की खबरें आती हैं। उन्होने कहा कि डॉ बाबा साहब आंबेडकर ने देश को जो संविधान दिया है उसमें हर व्यक्ति को न्याय पाने की हर प्रकार की व्यवस्था है। 

योग्यता और भरोसे की कमी के चलते मंत्रिमंडल में स्थान रिक्त : कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 27 अगस्त, केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों के बीच कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपनी पार्टी के नेताओं पर भरोसा नहीं होने के कारण मंत्रिपरिषद में स्थान रिक्त पडे हैं और नये मंत्री बनाने की बजाय कुछ ही मंत्रियों को कई कई अहम मंत्रालय सौंपे गये हैं जिससे सरकार का कामकाज प्रभावित हो रहा है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता मनीष तिवारी ने बातचीत में कहा कि मोदी सरकार के 38 माह के अब तक के कार्यकाल में 20 माह तक कोई पूर्णकालिक रक्षा मंत्री नहीं रहा जिससे निश्चित रुप से राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ा है इसके अलावा श्री मोदी ने कुछ मंत्रियों को एक से ज्यादा अहम मंत्रालय सौंप रखे हैं उन्होंने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल का अाधे से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अहम मंत्रालयों के लिये अलग अलग मंत्री नहीं नियुक्त होने के पीछे दो प्रमुख कारण है एक तो भाजपा के पास सरकार चलाने के लिये योग्य नेता नहीं है और दूसरा श्री मोदी को पार्टी के नेताआें पर भरोसा नहीं है  इससे यह भी पता चलता है कि भाजपा और उसकी सरकार की प्राथमिकता क्या है उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व का गोवा जैसे छोटे राज्य में सत्ता हासिल करने के लिये तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाकर वहां भेजने से साफ है कि श्री मोदी के लिये राष्ट्रीय सुरक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण गोवा में पार्टी की सरकार बनाना था श्री तिवारी ने कहा कि पांच दिनों के अंदर लगातार दो रेल दुर्घटनाओं के बाद रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इस्तीफे की पेशकश तो कर दी लेकिन श्री मोदी ने उसे ‘वेटिंग’ में डाल दिया  इसी तरह श्री एम वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बन जाने के बावजूद उनकी जगह नया मंत्री बनाने की बजाय शहरी विकास आैर सूचना प्रसारण मंत्रालय का कार्यभार दो मौजूदा मंत्रियों को सौंप दिये गये जिनके पास पहले से ही महत्वपूर्ण मंत्रालय हैं पूर्व पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे की मृत्यु होने पर उनके मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन को सौंप दिया गया श्री तिवारी ने कहा कि असलियत में मौजूदा केंद्र सरकार डेढ़ व्यक्तियों की सरकार है एक श्री मोदी और अाधे श्री अमित शाह इस सरकार काे चला रहे हैं उन्होंने दावा किया कि तवज्जो नहीं मिलने से भाजपा के बहुत से नेता अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं तथा उनमें हताशा व्याप्त है लेकिन फिलहाल कोई खुल कर नहीं बोल रहा है उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटें यदि 200 से कम हो जाती है तो श्री मोदी का भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का नेता बन पाना मुश्किल होगा

ममता, अखिलेश, शरद यादव लालू की विशाल रैली में

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पटना, 27 अगस्त, भाजपा के विरुद्ध विपक्षी एकता का प्रदर्शन करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई दिग्गज नेताओं ने आज यहां लालू प्रसाद की महारैली में मंच साझा किया। राजद प्रमुख लालू प्रसाद पहले ही कह चुके हैं कि ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ रैली 2019 के लोकसभाचुनाव में भाजपा नीत राजग के पतन का सूत्रधार होगी। रैली में जदयू के बागी शरद यादव का मंच पर प्रसाद ने गले लगाकर स्वागत किया। वह पार्टी के आदेश का उल्लंघन कर रैली में शामिल हो रहे हैं, उन पर निष्कासन की तलवार लटक रही है। उनके साथ जदयू के राज्यसभासदस्य अली अनवर भी थे। जदयू नेता के सी त्यागी ने यादव को भेजे पत्र में उन्हें रैली से दूर रहने को कहा था। पत्र के अनुसार ऐसा नहीं करने पर यह माना जाएगा कि उन्होंने अपनी इच्छा से पार्टी छोड़ दी है। राजद प्रमुख और उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी का अभिवादन किया और उनके बेटे तेजस्वी यादव ने उनका चरण स्पर्श किया। भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी और सचिव डी राजा भी मंच मौजूद थे । झामुमो प्रमुख एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी रैली में पहुंचे थे। राकांपा नेता और सांसद तारिक अनवर ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। प्रसाद, उनकी पत्नी, बेटे तेजस्वी एवं तेज प्रताप यादव, बेटी एवं राज्यसभा सदस्य मीसा भारती मंच पर अगली पंक्ति पर बैठे थे तथा अन्य पार्टियों के नेताओं का पहुंचने पर स्वागत कर रहे थे। रैली में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। रघुवंश प्रसाद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दिकी, शिवानंद तिवारी समेत शुरुआती वक्ताओं ने महागठबंधन तोड़ने तथा राज्य में भाजपा के साथ मिलकर नयी सरकार बनाने के लिए नीतीश कुमार की आलोचना की। उन्होंने प्रसाद के बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की प्रशंसा की और उन्हें ‘बिहार का भावी नेता’ बताया। अखिलेश यादव, हेमंत सोरेन, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप मंच पर साथ आए तथा उन्होंने हाथ हिलाकर भीड़ को बड़े राजनीतिक दलों की नयी पीढ़ी के बीच एकता का संकेत दिया। गांधी मैदान में हुई इस रैली के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किया गया । वहां 64 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

जनधन, आधार, मोबाइल से सामाजिक क्रांति आ रही है : जेटली

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नयी दिल्ली, 27 अगस्त, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि जनधन, आधार और मोबाइल :जैम: की ‘त्रिमूर्ति’ से सामाजिक क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। इससे सभी भारतीय साझा वित्तीय, आर्थिक और डिजिटल क्षेत्र में आ चुके हैं। यह कुछ उसी तरीके से है जिससे माल एवं सेवा कर :जीएसटी: से एकीकृत बाजार बना है। उन्होंने कहा, ‘‘अब देश की निगाह एक अरब-एक अरब-एक अरब पर है। एक अरब आधार नंबर जो एक अरब बैंक खातों और एक अरब मोबाइल फोन से जुड़े हों। एक बार यह हो जाने के बाद पूरा देश वित्तीय और डिजिटल मुख्यधारा में आ जाएगा।’’ प्रधानमंत्री जनधन योजना :पीएमजेडीवाई: की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर फेसबुक पोस्ट में लिखा है, ‘‘जिस तरह से जीएसटी से एक कर, एक बाजार, एक भारत बना है, पीएमजेडीवाई और जैम क्रांति से सभी भारतीयों को एक साझा वित्तीय, आर्थिक और डिजिटल क्षेत्र से जोड़ा जा सकता हैं। कोई भारतीय इस मुख्यधारा से बाहर नहीं रहेगा।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि जैम किसी सामाजिक क्रांति से कम नहीं है। इससे सरकार, अर्थव्यवस्था और विशेषरूप से गरीबों को काफी फायदा मिलेगा।

सिंधू पहली विश्व चैम्पियन भारतीय बनने की ओर

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ग्लास्गो, 27 अगस्त, ओलंपिक रजत पदकधारी पीवी सिंधू ने चीन की चेन युफेई पर आसान जीत से विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया, जिससे वह इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बनने की ओर हैं। बाईस वर्षीय सिंधू ने दुनिया की 10वें नंबर की चेन को बीती रात महिला एकल के सेमीफाइनल में सीधे गेम में 21-13 21-10 से जीत दर्ज कर भारत के लिये कम से कम रजत पदक तो पक्का करा दिया क्योंकि हमवतन खिलाड़ी साइना नेहवाल को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। फाइनल मुकाबले में सिंधू का सामना जापान की नोजोमी ओकुहारा से होगा जिन्होंने कल पहले सेमीफाइनल में साइना को 12-21 21-17 21-10 से मात दी थी। साइना के सेमीफाइनल में हारने से भारतीय खिलाड़ियों के बीच फाइनल मुकाबले की उम्मीद भी समाप्त हो गयी थी। यह विश्व चैम्पियनशिप में सिंधू का पहला फाइनल होगा जिससे यह उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। विश्व चैम्पियनशिप में यह सिंधू का तीसरा पदक होगा क्योंकि वह 2013 और 2014 में सेमीफाइनल में हारने के बाद दो बार कांस्य पदक जीत चुकी हैं। वह इससे भी बेहतर कर इतिहास रच सकती हैं। खिताब जीतकर वह पहली भारतीय विश्व चैम्पियन शटलर बन जायेंगी। भारत ने इससे पहले विश्व चैम्पियनशिप में एक रजत (साइना के 2015 के जरिये) और चार कांस्य पदक अपने नाम किये हैं। प्रकाश पादुकोण 1983 में पुरूष एकल में कांस्य पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे जिसके बाद ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की भारतीय महिला युगल जोड़ी ने 2011 में कांस्य पदक अपने नाम किया था।

‘योग्यता के अनुसार काम’ की अवधारणा पर ध्यान देने की जरुरत: नीति आयोग

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नयी दिल्ली 27 अगस्त, नीति आयोग ने कहा है कि भारत में बेराेजगारी बड़ी समस्या नहीं है बल्कि देश योग्यता के अनुरुप काम नहीं मिलने (अंडर इम्प्लायमेंट) तथा बेहतर मजदूरी (वेल पेमेंट) देने की चुनाैती का सामना कर रहा है और इस पर तुरंत ध्यान देेने की जरुरत है। नीति आयोग ने पिछले सप्ताह देश के विकास का तीन साल का एजेंडा “इंडिया : थ्री ईयर एक्शन एजेंडा 2017-18 टू 2019-20” जारी करते हुए कहा कि बेरोजगारी देश के सामने इतनी बड़ी चुनाैती नहीं है बल्कि बड़ी समस्या यह है कि लोगों को ‘योग्यता के अनुसार काम’ नहीं मिल रहा है और उनको ‘उचित मजदूरी’ भी नहीं मिल रही है। देश के सामने ‘श्रम बल को योग्यता के अनुसार काम देना’ और उनको ‘बेहतर मजदूरी’ देना प्रमुख समस्याएं हैं जिनपर सरकार को तुरंत ध्यान देना चाहिए। पिछले कई दशकों से बेरोजगारी की दर दो से तीन प्रतिशत के बीच रहने का उल्लेख करते हुए नीति आयोग ने कहा है कि अधिकतर लोगों को काम मिला हुआ है लेकिन वह उनकी योग्यता के अनुरूप नहीं है और न ही उनको बेहतर वेतन मिल रहा है। इससे उत्पादकता प्रभावित होती है और आर्थिक विकास दर बाधित होती है। ऐसे लोग सूक्ष्म एवं लघु तथा स्व रोजगार के क्षेत्र में कार्यरत हैं। नीति आयोग ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकड़ों के हवाले से कहा है कि 2015 में देश में प्रति व्यक्ति आय 1604 डाॅलर प्रति वर्ष थी जबकि चीन में 8141 डाॅलर थी। आयाेग के अनुसार इस भारी अंतर का कारण प्रति व्यक्ति मजदूरी तथा उत्पादकता में अंतर है। इसी कारण से चीन के विनिर्माण क्षेत्र में भारत के मुकाबले प्रति श्रमिक उत्पादकता और मजदूरी तीन गुना अधिक है।

जब कारों की बजाय दौड़ेंगी ‘सड़कें’

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नयी दिल्ली, 27 अगस्त, क्या कभी आपने ऐसी किसी परियोजना की कल्पना की है, जहां वाहन चलने के बजाय ‘सड़कें’ चलें? जी हां, एक भारतीय इनोवेटर ने सरकार को एक ऐसी परिवहन परियोजना सौंपी हैं, जिस पर यदि अमल किया जाये तो कारों के बजाय ‘सड़कें’ दौड़ती नजर आयेंगी। देश में सबसे पहले अप्पू घर और एम्यूजमेंट पार्क की स्थापना करने वाले इंनोवेटर सुरेश चावला ने ‘ट्रेवलिंग रोड’ परियोजना का पेटेंट कराकर इसे सरकार को सौंपा है। इस परियोजना पर यदि अमल होता है तो इससे न केवल डीजल, पेट्रोल की खपत में कमी आयेगी, बल्कि वाहनों द्वारा उड़ाये जाने वाले धूल और धुआं से होने वाले वायु प्रदूषण, शोर-शराबे से होने वाले ध्वनि प्रदूषण से निजात भी मिलेगी तथा पर्यावरण भी स्वच्छ रह सकेगा। वस्तुत: इस परियोजना में एक निश्चित ऊंचाई पर तैयार लाइनों पर ऐसे कैरियर वाहन चल सकेंगे, जिनमें कार एवं अन्य वाहन एक-एक करके फिट हो जाएंगे और वह शहर के एक छोर से दूसरे छोर तक बिना धूल-धुआं उड़ाये पहुंच जायेंगे। कार एवं अन्य वाहनों को ढोने वाले ये कैरियर वाहन सौर ऊर्जा पर चल सकेंगे, जिसका दोहरा लाभ मिलेगा। ये कैरियर वाहन एक बार में 200 कारें या अन्य छोटे वाहन लेकर चल सकते हैं। इस परियोजना पर प्रति किलोमीटर 30 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है, जबकि मेट्रो रेल के निर्माण में प्रति किलोमीटर 120 करोड़ रुपये लागत आती है। मेट्रो परियोजना की तुलना में ‘ट्रेवलिंग रोड परियोजना’ में लागत की रिकवरी भी अधिक होगी और भारत दूसरे देशों को भी यह परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराकर कमाई कर सकता है। श्री चावला ने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह के माध्यम से यह परियोजना सरकार के पास भेजी है। उनके अनुसार, यह परियोजना देश की परिवहन व्यवस्था के लिए वरदान साबित होगी। उन्होंने एक आंकड़े का हवाला देते हुए बताया कि 2025 तक जहरीली गैस के कारण हर साल 35 हजार लोगों की मौत हो सकती है। दिल्ली की सड़कों पर रोजाना करीब साढ़े 10 लाख वाहनों का बोझ होता है, जिससे जाम और प्रदूषण की समस्या बढ़ती है।


धर्मेन्द्र के साथ काम करने को लेकर रोमांचित हैं कृति

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मुंबई. 27 अगस्त, बॉलीवुड की नवोदित अभिनेत्री कृति खरबंदा “ही मैन” धर्मेन्द्र के साथ काम करने को लेकर रोमांचित हैं। राज रीबूट और गेस्ट इन लंदन जैसी फिल्मों में काम कर चुकी कृति इन दिनों बेहद उत्साहित हैं। उन्हें धर्मेंद्र के साथ काम करने का मौका मिल रहा है। कृति को फिल्म “यमला पगला दीवाना” के अगले भाग के लिए अहम् रोल में चुना गया है। देओल परिवार की इस फ्रेंचाइज़ी में सनी देओल और बॉबी देओल के साथ धर्मेंद्र भी काम कर रहे हैं। जब कृति को इस फिल्म के लिए साइन किया गया तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। कृति ने कहा, “मेरे लिए यह किसी स्वप्न के सच होने जैसा। मैं धर्मेन्द्र की बहुत बड़ी प्रशंसक हूं । मैं उनके किये हुए कार्य का सम्मान करती हूं । मैं इस बात का एक लंबे समय से इंतजार कर रही थी। यह मेरे लिए सुनहरे सपने जैसा जैसा है। ” फिल्म “यमला पगला दीवाना फिर से” का निर्देशन नवनैत सिंह ने किया है। फिल्म अगले वर्ष रिलीज़ होगी।

जरदारी भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त

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इस्लामाबाद. 27 अगस्त, पाकिस्तान में रावलपिंडी की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में मुक्त कर दिया है। पाकिस्तानी अखबार दी एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में आज बताया गया है कि जवाबदेही अदालत के जज खालिद महमूद रान्झा ने कल अपने फैसले में श्री जरदारी पर 19 वर्ष पहले लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त कर दिया है। श्री जरदारी तथा उनकी दिवंगत पत्नी और पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। श्री जरदारी के वकील फारुक एच नाइक ने बताया कि यह मामला 1999 में शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि तब से राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के छह चेयरमैन सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसके अलावा छह महाधिवक्ता को बदला गया कई कई विशेष वकीलों की नियुक्ति की गयी है। इस मामले में 40 गवाहों की पेशी हुई लेकिन श्री जरदारी के खिलाफ किसी ने प्रत्यक्ष रूप से आरोप नहीं लगाये हैं।

महात्मा गांधी की तरह देश के प्रति समर्पित होना होगा : उपराष्ट्रपति

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चेन्नई, 27 अगस्त, उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि नये भारत के निर्माण के लिए प्रत्येक भारतीय को नि:स्वार्थ भाव से समर्पित होने का समय आ गया है। देशवासियों को वैसी समर्पण की भावना दिखानी होगी जिस तरह की राष्ट्रपति महात्मा गांधी ने ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन के समय दिखायी थी। श्री नायडू ने यहां अन्ना विश्वविद्यालय में भारत छोड़ो आंदोलन की 75 वीं वर्षगांठ को यादगार बनाने के लिए आयोजित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन के समय महात्मा गांधी के भाषण को याद करते हुए कहा कि अंग्रेजी शासन हटाने के लिए महात्मा गांधी का यह ऐतिहासिक भाषण था जिसने देशवासियों को देश प्रेम से ओत-प्रोत करते हुए बच्चा, बूढ़ा, जवान, अमीर, गरीब, किसान एवं वकीलों में नया जोश भर दिया था। अब समय आ गया है कि नये भारत के निर्माण में प्रत्येक देशवासी में वैसा ही जोश और देश प्रेम की भावना जाग्रित हो। उन्हाेंने कहा,“अगले पांच साल में नया भारत बनाने के लिए देश को भ्रष्टाचार, जात-पात, संप्रायवाद, आतंकवाद, अशिक्षा, काला धन एवं लिंग भेद से मुक्त करना होगा। हमें बुराइयों से साथ मिलकर लड़ने का व्रत लेना होगा। ” उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि अभी भी देश की 35 प्रतिशत आबादी अशिक्षित है और 25 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे रह रहे हैं। श्री नायडू ने सवाल किया, क्या हमें महात्मा गांधी के ‘रामराज्य’ को सच करने की दिशा में कदम नहीं उठाना चाहिए? दीन दयाल उपाध्याय और डॉ़ बी आर अम्बेडकर के सपने के भारत के निर्माण का प्रत्यन नहीं करना चाहिए?

खूब लड़ी सिंधू लेकिन रजत से करना पड़ा संतोष

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ग्लास्गो ,27 अगस्त, ओलंपिक रजत पदक विजेता पी वी सिंधू को जापान की नाेजोमी आेकूहारा के खिलाफ सांसों को रोक देने वाले बेहद उतार चढ़ाव भरे रोमांचक मुकाबले में रविवार को तीन गेमों के संघर्ष में हार कर विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में रजत पदक से संतोष करना पड़ा। चौथी सीड सिंधू और सातवीं सीड ओकूहारा के बीच यह हाईवोल्टेज मुकाबला एक घंटे 50 मिनट तक चला जिसमें जापानी खिलाड़ी ने 21-19, 20-22, 22-20 से जीत हासिल कर विश्व चैंपियन बनने का गौरव अपने नाम कर लिया। सिंधू को रियो ओलंपिक 2016 में रजत जीतने के बाद विश्व चैंपियनशिप 2017 में भी रजत से संतोष करना पड़ गया। भारत के लिये टूर्नामेंट ऐतिहासिक रहा और उसने एक चैंपियनशिप में पहली बार दो पदक जीतने की उपलब्धि हासिल की। सायना नेहवाल को कांस्य पदक मिला। सिंधू और ओकूहारा के बीच यह मुकाबला रोमांच की पराकाष्ठा को छूने के बाद समाप्त हुआ। दोनों ही खिलाड़ियों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। मैच में लंबी रैलियां ,नेट पर लाजवाब खेल ,कोर्ट पर चारों तरफ मूवमेंट, बेहतरीन लाब और शानदार स्मैश देखने को मिले। मैच के दौरान दोनों ही खिलाड़ी बुरी तरह थक चुकी थीं लेकिन कोई भी हिम्मत नहीं हार रही थी। मैच का स्कोर इस बात का गवाह है कि यह कितना जबरदस्त मैच था। सिंधू के पास मौका था लेकिन अंत में शायद थकावट उन पर बुरी तरह हावी हो गयी। जापानी खिलाड़ी ने 21-20 के स्कोर पर जैसे ही मैच विजयी अंक लिया ,जापानी समर्थक खुशी से उछल पड़े। सिंधू के हाथ अंत में निराशा लगी लेकिन उन्होंने जोरदार खेल का प्रदर्शन किया। यह ऐसा मैच था जिसे विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के इतिहास में स्वर्णाक्षरों से अंकित रखा जायेगा। विश्व रैंकिंग में 12 वें नंबर की खिलाड़ी ओकूहारा ने चौथे नंबर की भारतीय खिलाड़ी के खिलाफ अब अपना करियर रिकार्ड 4-3 कर दिया है और साथ ही सिंधू से गत वर्ष ओलंपिक और इस साल सिंगापुर ओपन में मिली हार का बदला भी चुका लिया। 


सिंधू की हार के साथ भारत के हाथों पहले विश्व बैडमिंटन खिताब का मौका भी निकल गया। सिंधू का विश्व चैंपियनशिप में यह कुल तीसरा पदक है। उन्होंने इससे पहले 2013 और 2014 में लगातार कांस्य पदक जीते थे। ओकूहारा ने कल सायना नेहवाल को सेमीफाइनल में पराजित किया था और आज उन्होंने सिंधू का सपना तोड़ दिया। इस गजब के मुकाबले में सिंधू ने पहले गेम में लगातार आठ अंक लेते हुए 11-5 की बढ़त बनाई लेकिन ओकूहारा ने 11-14 के स्कोर पर लगातार सात अंक लेकिा 18-14 की बढ़त बनाई। सिंधू ने स्कोर 18-18 से बराबर किया। ओकूहारा ने 19-19 के स्कोर पर लगातार दो अंक लेकर 21-19 पर पहला गेम समाप्त कर दिया। पहला गेम 25 मिनट में समाप्त हुआ। दूसरा गेम इससे भी ज्यादा संघर्षपूर्ण रहा और यह 38 मिनट तक चला। इस गेम में दो जबरदस्त रैलियां देखने को मिलीं। सिंधू ने 15-13 के स्कोर पर 43 शाट की रैली जीती। उन्होंने फिर 21-20 के स्कोर पर 73 शाट की अविश्वसनीय रैली जीतकर दूसरा गेम 22-20 से जीता और मैच में स्कोर एक-एक से बराबर कर दिया। फाइनल में पहले दो गेम में ही एक घंटे तीन मिनट का समय लग चुका था। निर्णायक गेम में मुकाबला और जबरदस्त होता चला गया और यह गेम 47 मिनट तक चला। इस गेम में दोनों खिलाड़ी इतनी थक चुकी थीं कि हर अंक के बाद सुस्ताने लगती थीं या फिर पानी पीने लगती थीं। सिंधू को 12-12 के स्कोर पर कोर्ट के बाहर ज्यादा समय लगाने के कारण पीला कार्ड भी दिखाया गया। निर्णायक गेम में ओकूहारा ने 5-1 की बढ़त बनाई तो सिंधू ने 5-5 से स्कोर बराबर किया। इसके बाद तो दोनों खिलाड़ियों के बीच एक -एक अंक के लिये मैराथन संघर्ष चलता रहा और दर्शक दांतों तले उंगली दबाये इस संघर्ष को देखते रहे। एक-एक अंक पर दर्शकों के बीच से जैसे आह निकलती रही। भारतीय कोच पुलेला गोपीचंद सिंधू को कोर्ट के बाहर से ढांढस बंधाते रहे लेकिन मुकाबला इतना जोरदार था कि मैच किसी के पक्ष में भी जा सकता था। सिंधू ने 16-15, 17-16 और 19-17 की बढ़त बनाई। यहां उनके पास जीत का पूरा मौका था लेकिन जापानी खिलाड़ी ने लगातार तीन अंक लेकर 20-19 की बढ़त बना ली। सिंधू ने स्कोर 20-20 किया। इस समय भी उम्मीद थी कि दूसरे गेम की तरह सिंधू इस बार मुकाबला निकाल लेंगी लेकिन जापानी खिलाड़ी ने लगातार दो अंक लेकर 22-20 से गेम ,मैच और विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया। 

विशेष आलेख : जनता तो भगवान बनाती है साहब लेकिन शैतान आप

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  • जनता की अंधभक्ती को देखने से पहले उसकी उस हताशा को महसूस कीजिए जो वह अपने नेताओं के आचरण में देखती है उसकी बेबसी को महसूस कीजिए जो वह पैसे वालों की ताकत के आगे हारते हुए महसूस करते हैं उस दर्द को समझिये जो ताकतवर लोग अपनी ताकत के बल पर उन्हें अक्सर देते रहते हैं उस असहायपन का अंदाजा लगाइए जब वे रोज अपनी आँखों के सामने कानून को चेहरों और रुतबे के साथ बदलते देखते हैं।


baba-ram-rahim13 मई 2002 को एक हताश और मजबूर लड़की, डरी सहमी सी देश के प्रधानमंत्री को एक गुमनाम ख़त लिखती है। आखिर देश का आम आदमी उन्हीं की तरफ तो आस से देखता है जब वह हर जगह से हार जाता है। निसंदेह इस पत्र की जानकारी उनके कार्यालय में तैनात तमाम वरिष्ठ नौकरशाहों को भी निश्चित ही होगी। साध्वी ने इस खत की कापी पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों और प्रदेश के आला पुलिस अधिकारियों को भी भेजी थी। खैर मामले का संज्ञान लिया पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जिसने 24 सितंबर 2002 को इस खत की सच्चाई जानने के लिए सीबीआई को डेरा सच्चा सौदा की जांच के आदेश दिए। जांच 15 साल चली, चिठ्ठी में लगे तमाम इलजामात सही पाए गए और राम रहीम को दोषी करार दिया गया। इसमें जांच करने वाले अधिकारी और फैसला सुनाने वाले जज बधाई के पात्र हैं जिन्होंने दबावों को नजरअंदाज करते हुए सत्य का साथ दिया। देश भर में आज राम रहीम और उसके भक्तों पर बात हो रही है लेकिन हमारी उस व्यवस्था पर विचार क्यों नहीं किया जा रहा जिसमें राम रहीम जैसों का ये कद बन जाता है कि सरकार भी उनके आगे घुटने टेकने के लिए मजबूर हो जाती है। उस हिम्मत की बात क्यों नहीं हो रही जब ऐसे व्यक्ति से विद्रोह करने का बीड़ा एक अबला जुटाती है?  उसके द्वारा उठाए गए जोखिम की बात क्यों नहीं होती? उस व्यवस्था के दोष की बात क्यों नहीं होती जिसमें एक  बेबस लड़की द्वारा लिखा गया एक पत्र जिसमें उन तमाम यातनाओं का खुलासा होता है जो उस जैसी अनेक साध्वियाँ भुगतने के लिए मजबूर हैं देश के बड़े से बड़े अधिकारियों के पास जाता तो है लेकिन उस पर कार्यवाही नहीं होती। उस भावनाशून्य सिस्टम पर बात क्यों नहीं होती जिसमें  कोई भी इस पत्र में बयान की गई पीड़ा को  महसूस नहीं कर पाता है?



क्योंकि अगर इनमें से कोई भी जरा भी विचलित होता तो क्या यह राम रहीम को उसी समय सलाखों के पीछे डालने के लिए एक ठोस सबूत नहीं था? हम उस सिस्टम को दोष क्यों नहीं देते जिसमें यही आरोप अगर किसी आम आदमी पर लगा होता तो वह न जाने किन किन धाराओं के आधार पर आधे घंटे के भीतर ही जेल में डाल दिया गया होता? हम उस समाज में जी रहे हैं जिसमें जब 24 अक्तूबर 2002 को सिरसा से निकलने वाले एक सांध्य दैनिक  "पूरा सच"अपने अखबार में इस खत को छापता है तो उसी दिन उस पत्रकार को उसके घर के बाहर गोलियों से भून दिया जाता है और कहीं कोई आवाज नहीं उठाई जाती। हम उस दौर से गुजर रहे हैं जिसमें इस खत की प्रतिलिपि इस मामूली अखबार के अलावा उन मीडिया घरानों के पास भी थी जिन्होंने न सिर्फ इस खत को अनदेखा किया बल्कि अपने साथी पत्रकार की हत्या पर भी तब मौन रहे लेकिन आज बाबा का चिठ्ठा खोल रहे हैं। क्या यह हमारी न्याय व्यवस्था का मजाक नहीं है कि देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखे जाने के पन्द्रह साल बाद तक एक आदमी कानून की खिल्ली उड़ाता रहा,सबूतों के साथ खिलवाड़ करता रहा और गवाहों की हत्या करवाता गया? सुनवाई के दौरान न्याय मांगने वाली साधवी सिरसा से 250 किमी का सफर तय करके पंचकुला कोर्ट पहुँचती थीं और गुरमीत सिंह वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिए सिरसा से ही गवाही देता था? इसके बावजूद वह आधी से अधिक गवाहियों में पेश नहीं हुआ और जब आया तो ऐसे काफिले के साथ कि जैसे हिन्दुस्तान में कोई क़ानून व्यवस्था नहीं है और देश में उसी का राज है? प्रशासन मौन साधे खड़ा था और हम जनता को अंधभक्त कह रहे हैं? आखिर 15 साल तक हमारा प्रशासन क्या देखता रहा या फिर देखकर भी आँखें क्यों मूंदता रहा? इस पर भी जनता अंधभक्त है?

हुजूर जनता बेचारी क्या करे जब प्रधानमंत्री को लिखा उसका पत्र भी उसे न्याय दिलाने में उससे उसके भाई की जान और उसके जीवन के 15 साल मांग लेता है? जनता बेचारी क्या करे जब उसके द्वारा चुनी गई सरकार के राज में उसे भूखे पेट सोना पड़ता है लेकिन ऐसे बाबाओं के आश्रम उन्हें भरपेट भोजन और नौकरी दोनों देते हैं। जनता बेचारी क्या करे जब वह आपके बनाए समाज में अपने से ऊँचे पद प्रतिष्ठा और जाती वालों से अपमानित होते हैं लेकिन इन बाबाओं के आश्रम में उन सबको अपने बराबर पाते हैं,। जनता बेचारी क्या करे जब वह बड़े से बड़े नेता को इनके दरबार में माथा टेकते देखती है? साहब, जनता को तो आपने ही अपनी आँखें मूँद कर अँधा बना दिया! जनता को इन बाबाओं की हकीकत समझाने से पहले अपने समाज की हकीकत तो समझें कि  जनता तो इन्हें केवल भगवान ही बनाती है लेकिन हमारा सिस्टम तो इन्हें शैतान बना देता है! यह बाबा अपने अनुयायियों की संख्या बनाते हैं,इस संख्या को चुनावों में हमारे नेता वोट बैंक बनाते हैं, चुनाव जीत कर सरकार भले ही ये नेता बनाते हैं पर इस सरकार को यह बाबा चलाते हैं। जनता की अंधभक्ती को देखने से पहले उसकी उस हताशा को महसूस कीजिए जो वह अपने नेताओं के आचरण में देखती है उसकी बेबसी को महसूस कीजिए जो वह पैसे वालों की ताकत के आगे हारते हुए महसूस करते हैं उस दर्द को समझिये जो ताकतवर लोग अपनी ताकत के बल पर उन्हें अक्सर देते रहते हैं उस असहायपन का अंदाजा लगाइए जब वे रोज अपनी आँखों के सामने कानून को चेहरों और रुतबे के साथ बदलते देखते हैं। सोचिए कि क्यों आम लोगों का राजनीति कानून और इंसाफ से विश्वास उठ गया? सोचिए कि क्यों इस मुकदमे में सजा सुनाने के बाद जज को सुरक्षा के मद्देनजर किसी गुमनाम जगह पर ले जाया गया? 



क्या इस सब के लिए जनता दोषी हैं या फिर वो नेता जो इन बाबाओं की अनुयायी जनता को वोट बैंक से अधिक कुछ नहीं समझती तब भी जब वो इन बाबाओं के आश्रम में होती है और तब भी जब बाबा जेल में होते हैं और जनता सड़कों पर होती है। काश कि हमारे नेता जनता के वोट बैंक  को खरीदने के बजाये जनता के वोट कमाने की दिशा में कदम उठाना शुरू करे और धरातल पर ठोस काम करें जिस दिन हमारे देश की जनता को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष नहीं करना पडेगा जिस दिन ‘देश के संविधान में सब बराबर हैं’ यह केवल क़ानून की किताबों में लिखा एक वाक्य  नहीं यथार्थ होगा उस दिन ऐसे सभी बाबाओं की दुकानें खुदबखुद बंद हो जायेंगी जनता को इन बाबाओं में नहीं हमारी सरकार और हमारे सिस्टम में भगवान दिखने लगेगा   

वो सुबह कभी तो आयेगी




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---डॉ नीलम महेंद्र---

पर्रिकर पणजी से उपचुनाव जीते

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पणजी, 28 अगस्त, गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पणजी विधानसभा सीट के उपचुनाव में विजयी घोषित किए गए हैं। श्री पर्रिकर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के उम्मीदवार गिरीश चोंडाकर को 4803 मतों से हराया। भारतीय जनता पार्टी ने गोवा विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में सरकार बनाने के लिए श्री पर्रिकर को केन्द्र में रक्षा मंत्री पद से इस्तीफा दिलाकर वहां भेजा था। उन्होंने उस समय विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। मुख्यमंत्री बनने के बाद श्री पर्रिकर का छह माह के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी था इसलिए वह इस उपचुनाव में खड़े हुए थे।

बवाना उपचुनाव जीत पर ममता ने केजरीवाल को दी बधाई

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नयी दिल्ली, 28 अगस्त, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तर पश्चिमी दिल्ली की बवाना विधानसभा सीट के उपचुनाव में आम आदमी पार्टी(आप) के उम्मीदवार रामचंद्र की विजय पर क्षेत्र के लोगों को धन्यवाद और बधाई दी है। आज आये नतीजों में आप उम्मीदवार ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के वेद प्रकाश को 24000 से अधिक मतों से पराजित किया। मुख्यमंत्री ने परिणाम आने के बाद ट्वीट कर कहा,“ आम आदमी पार्टी की स्वच्छ राजनीति और पिछले ढ़ाई वर्षों के कामों पर मोहर लगाने के लिये बवाना की जनता को दिल से शुक्रिया और बधाई।” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बवाना उपचुनाव में जीत के लिये श्री केजरीवाल और आप को बधाई दी है। श्री केजरीवाल ने सुश्री बनर्जी को बधाई के लिये ट्वीटर पर दिये गये जवाब में कहा,“ थैंक यू दीदी।”


बवाना सीट पर ‘आप’ ने मारी बाजी

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नयी दिल्ली, 28 अगस्त, आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली की बवाना विधानसभा सीट पर आज आसानी से जीत हासिल करते हुए इस सीट को बरकरार रखा और कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पीछे छोड़ दिया। दिल्ली के उत्तरी बाहरी इलाके में स्थित इस विधानसभा क्षेत्र में झुग्गियां, गांव और बड़ी संख्या में पूर्वांचली वोट है और ये वे कारक है जिनसे आप की जीत सुनिश्चित हो सकी। आप उम्मीदवार रामचन्द्र को 59,886 मत मिले जबकि भाजपा उम्मीदवार वेदप्रकाश को 35,834 वोट मिले। कांग्रेस के उम्मीदवार सुरेन्द्र कुमार 31,919 वोट हासिल करके तीसरे स्थान पर रहे। नगर निगम चुनाव और राजौरी गार्डन विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज करने के चार महीनों बाद भाजपा को यह हार मिली है। कांग्रेस यह सीट जीतकर अपना कुछ आधार पाने की उम्मीद लगाये हुए थी लेकिन उसकी इन उम्मीदों पर भी पानी फिर गया। मतगणना के शुरूआती कुछ दौर में ऐसा प्रतीत हो रहा था कि कांग्रेस आप को कड़ी टक्कर देगी लेकिन 14वें चरण से आप उससे आगे निकल गयी। मतगणना के कुल 28 चरण हुए। बवाना मतदाताओं की संख्या (2.94 लाख) के लिहाज से दिल्ली के सबसे बड़े विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। बवाना सीट पर उपचुनाव 23 अगस्त को हुआ था और उस समय केवल 45 फीसदी मतदान हुआ था। कुल आठ उम्मीदवार इस दौड़ में शामिल थे।

अहमद पटेल ने राज्यसभा सदस्य के रूप में ली शपथ

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नयी दिल्ली,28 अगस्त, कांग्रेस के श्री अहमद पटेल ने आज राज्य सभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। वह हाल ही में गुजरात से चुने गये हैं। सभापति एम वेंकैया नायडू ने संसद भवन स्थित अपने कक्ष में श्री पटेल को पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर उपसभापति पी जे कुरियन,राज्यसभा में सदन के नेता अरुण जेटली,विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद,कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा और राज्यसभा महासचिव शमशेर के शरीफ कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। पिछले सप्ताह सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली थी। वे दोनों भी गुजरात से ही चुने गये हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार श्री पटेल गत दिनों गुजरात में बड़े ही नाटकीय घटनाक्रम में राज्यसभा के लिए चुने गये थे। इस चुनाव में असल पेंच श्री पटेल और कांग्रेस के बागी नेता बलवंत सिंह राजपूत के बीच मुकाबले को लेकर था। श्री बलवंत को भाजपा ने टिकट देकर पटेल के खिलाफ उतारा था। हालांकि, दो कांग्रेस विधायकों राघवजी पटेल और भोला भाई गोहिल के वोट ऐन मौके पर चुनाव आयोग द्वारा निरस्त कर दिए जाने से पूरा खेल पलट गया और श्री पटेल 44 वोट हासिल कर बाजी मार ले गये ।

राजनाथ ने की उच्चस्तरीय बैठक में हरियाणा के सुरक्षा हालात की समीक्षा

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नयी दिल्ली, 28 अगस्त, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को आज सीबीआई अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के मद्देनजर यहां एक उच्चस्तरीय बैठक में हरियाणा और दिल्ली की कानून व्यवस्था के हालात की समीक्षा की। दुष्कर्म के आरोप में सीबीआई की अदालत द्वारा शुक्रवार को दोषी ठहराए गए डेरा प्रमुख को सीबीआई की अदालत आज रोहतक की सुनारिया जेल में बनायी गयी अस्थायी अदालत में सजा सुनाने वाली है। शुक्रवार को डेरा समर्थकों ने पंचकूला में भारी उपद्रव और हिंसा की थी जिसमें 38 लोग मारे गए। भारी संख्या में पुलिस और सैन्यकर्मियों की तैनाती के बावजूद पंचकूला में व्यापक स्तर पर आगजनी और तोड़-फोड़ की घटनाएं हुई थीं। एेसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सेना ने आज एहतियात के तौर पर पहले से ही हिसार में डेरा परिसर की घेराबंदी कर दी है। रोहतक सहित हरियाणा के कई हिस्सों में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। कई जगह सेना फ्लैग मार्च कर रही है। रोहतक में उपद्रवियों को देखते ही गोली मार देने का आदेश दिया गया है। दिल्ली में भी पूरी सावधानी बरती जा रही है और संवेदनशील इलाकोें में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं। समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृह सचिव राजीव गौबा के अलावा खुफिया ब्यूरो तथा गृह मंत्रालय और पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। अधिकारियों ने बैठक में गृह मंत्री को हरियाणा और दिल्ली में किए गए सुरक्षा इंतजामों की विस्तृत जानकारी दी।

न्यायालय ने आसाराम के खिलाफ बलात्कार मामले की धीमी जांच के लिए गुजरात से पूछे सवाल

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नयी दिल्ली, 28 अगस्त, उच्चतम न्यायालय ने स्वयंभू बाबा आसाराम बापू के खिलाफ बलात्कार मामले की धीमी जांच को लेकर गुजरात सरकार से आज सवाल किए। न्यायमूर्ति एन वी रामन्ना और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की पीठ ने राज्य सरकार से सवाल किया कि पीड़ित से अभी तक पूछताछ क्यों नहीं की गई। पीठ ने राज्य सरकार को इस संबंध में शपथपत्र दायर करने का निर्देश दिया और मामले की आगे की सुनवाई दीपावली के बाद के लिए स्थगित कर दी। न्यायालय ने 12 अप्रैल को गुजरात में निचली अदालत को निर्देश दिया था कि यौन हिंसा के मामले में सूरत की दो बहनों द्वारा आसाराम के खिलाफ दर्ज कराये गये मामले में अभियोजन के गवाहों के साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया तेज की जाये। न्यायालय ने सूरत की अदालत को निर्देश दिया था कि कथित बलात्कार की पीडितों सहित अभियोजन के शेष 46 गवाहों के बयान दर्ज किये जाएं। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने राजस्थान और गुजरात में दर्ज यौन हिंसा के दो अलग अलग मामलों में आसाराम को जमानत देने से इन्कार कर दिया था।


जन धन जैसी योजनाओं ने लाखों आकांक्षाओं को पंख दिये : प्रधानमंत्री

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नयी दिल्ली, 28 अगस्त, जन धन योजना के तीन साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि इस योजना के जरिये सरकार ने ‘‘लाखों आकांक्षाओं को पंख’’ दिये और साथ ही इसने सामाजिक सुरक्षा योजना, मुद्रा योजना और स्टैंड-अप इंडिया कार्यक्रम की भी शुरुआत की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए जा रहे, गरीबों और पिछड़ों की जिंदगी में गुणात्मक और परिवर्तनकारी बदलाव ‘‘पूरी क्षमता’’ के साथ जारी रहेंगे। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आज जन धन योजना के 3 साल पूरे हो गये। मैं करोड़ों लोगों को मुबारकबाद देना चाहता हूं, खासतौर पर गरीबों को जिन्हें इस पहल से फायदा पहुंचा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जन धन क्रांति गरीबों, वंचित और हाशिये पर पहुंच चुके लोगों को वित्तीय मुख्यधारा में लाने का एक ऐतिहासिक आंदोलन है।’’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘जन धन योजना, सामाजिक सुरक्षा योजना, मुद्रा और स्टैंड-अप इंडिया के जरिये हमनें लाखों आकांक्षाओं को पंख दिये हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कल कहा था कि 30 करोड़ नये परिवारों का जन धन खाता खुल चुका है जिसमें लगभग 65,000 करोड़ रूपये जमा हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह ‘‘काफी तसल्ली महसूस करते हैं कि तीन साल के अंदर समाज के हाशिये पर मौजूद व्यक्ति अब देश की अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा का हिस्सा है।’’

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