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2018 में करम पेड़ लगाने का पूरे राज्य में अभियान चलाया जाएगा। : सीएम

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  • प्रकृति पर्व करमा पूजा के अवसर पर सिदगोड़ा (जमशेदपुर) के जैप 6  के परिसर में  सीएम ने लगाया करम का पौधा लगाया।

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रकृति पर्व करमा पूजा के अवसर पर जमशेदपुर के सिदगोड़ा जैप 6 परिसर में दिन शुनिवार को  करम पौध का वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर श्री दास ने उपस्थित लोगों को करमा पूजा व बकरीद की बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत की एकता का कारण हमारी साझा संस्कृति है।  नृत्य व  संगीत झारखण्ड की पहचान है। इस संस्कृति को बचाए रखना है। उन्होंने कहा कि करमा पर्व की अनेक कथाएं हैं जो हमें अच्छा कर्म करने के लिए प्रेरित करती हैं। मैं भगवान से कामना करता हूं कि मुझे इतनी शक्ति दे की मैं कुपोषण एवं गरीबी को झारखण्ड से समाप्त कर सकूं। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि सरना एवं सनातन धर्म में कोई अन्तर नही है, दोनो प्रकृति की पूजा करते हैं। उन्होंने कहा कि जितने भी वृक्ष हैं उन सभी में देवी देवता का वास होता है। यह प्रकृति पूजा ही हमारी संस्कृति है। श्री  दास ने इस अवसर पर कहा कि करम वृक्ष धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं इसलिए अगले वर्ष करमा पूजा के अवसर पर करम पर्व मनाते हुए पूरे राज्य में वन विभाग द्वारा करम के पौधे लगाए जाएगे। उन्होंने कहा कि वृक्षों की कितनी कमी है इसका अनुमान हम सभी जलवायु परिर्वतन को देख कर लगा सकते है, इसलिए हम सभी को अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाना है तो हम सभी लोगों को मिल कर काम करना होगा । रघुवर दास ने सूर्य मंदिर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने शिशु एवं मातृत्व मृत्यु दर में कमी लाने पर जोर दिया है, इसके सकारात्मक परिणाम आये हैं। यह स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट से भी स्पष्ट है। हमारी सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली एवं पानी की समस्या को पूरी तरह से समाप्त करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होनें पत्रकारों से कहा कि हमारी सरकार ने 20 हजार शिक्षकों की बहाली कर ली है तथा 18 हजार शिक्षकों को नियुक्त करने जा रही है जिससे कि शिक्षा के स्तर को सुधारा जा सके। उन्होंने कहा कि गरीबी, कुपोषण, अशिक्षा को हम दूर करने का प्रयत्न कर रहें हैं। इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों से अपील किया कि आप देश के चौथे स्तम्भ के रुप में कार्य करतें हैं आप हमारी समालोचना करें पर, जो सकारात्मक कार्य धरातल पर किया जा रहा है उसे भी सामने लाएं और लोगों को जागरुक करें।


दुमका : राष्ट्र शक्ति सम्मेलन के सफ़ल आयोजन के लिये बैठक

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meeting-dumkaदुमका (अमरेन्द्र सुमन) गिरी वनवासी कल्याण परिषद की बैठक अग्रसेन भवन में दिन शनिवार को आयोजित की गई । बैठक की अध्यक्षता    प्रो प्रशांत ने की ।  मुख्य वक़्ता प्रणय दत्त (क्षेत्रीय नगर कार्य योजना प्रमुख)  ने आदिवासी छात्रों के लिए किये जा रहे पिछले प्रयासों की सराहना की तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा की तैयरियों व अन्य परीक्षा के अवसर समान रूप से जनजातीय बच्चों को मिले इसके लिये सामूहिक प्रतिबद्धता दुहराई।  बैठक में वर्ष भर की गतिविधियों पर चर्चा हुई तथा प्रांत की योजना से 08 अक्टूबर 2017 को दुमका गांधी मैदान में राष्ट्र शक्ति सम्मेलन को सफ़लता से आयोजित करने के लिये एक समिति का गठन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रणय दत्त प्रो प्रशांत कुमार, टेकलाल मरांडी, राजीव कुमार मिश्रा, ई॰ के एन सिंह, अमर कुमार गुप्ता, भीम मंडल, मंगल मंडल, सुरेश मुर्मू, अंजनी शरण, सुमन, संदीप मिश्रा, शंकर सिंह पहाड़िया, मनोहर हेंबरोम, रामजी पाल, विक्रम सिंह, रुसोराम बास्की, धानो हेमबरम, रानी सोरेन, डॉ राजकिशोर हँसदा, इंग्लिश लाल मरांडी, मनोहर हेमब्रम एवं अन्य कई लोग उपस्थित थे। 

मधुबनी : अज्ञात लाश मिलने से सनसनी फैल गयी।

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अंधराठाढ़ी/मधुबनी (मोo आलम अंसारी) अंधराठाढी।रुद्रपुर थाना के पस्टन नवटोली गांव के पास देर शाम एक अज्ञात लाश मिलने से सनसनी फैल गयी। लोगों ने तुरंत इसकी सूचना रुद्रपुर थाना को दी। थाना प्रभारी कुणाल कुमार के नेतृत्व में पुलिस दल घटना स्थल पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की देर शाम पस्टन नवटोली के पास एक खेत मे एक करीब 40- 45 वर्षीय युवक की लाश औंधे मुंह पड़ी थी। युवक ने अच्छे कपड़े पहने थे और उसकी पीठ पर जख्म के कुछ निशान थे। रखवारी के सरपंच बलराम पासवान ने घटना की पुष्टि की है। इधर पुलिस अपनी तहकीकात में जुट गई है।

विशेष आलेख : भाई-बहनों के बीच स्नेह दर्शाने वाला पर्व है करमा

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  • झारखंड और बिहार में विशेष तरह से से मनाते हैं

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पटना।करमा पर्व भादो शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को मनाया जाता है, जिसे भादो एकादशी भी कहते हैं।जनजातीय समुदाय खेती–बारी के कार्यो की समाप्ति के बाद इसे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस पर्व के अनेक रूप हैं, जिसे विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न–भिन्न तरीकों से मनाया जाता है। जैसे जितिया करम, दसई करम, राजी करम आदि। इनमें राजी करम सभी स्थानों पर एक ही साथ निश्चित तिथि अर्थात भाद्रपद शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को मुख्यत: खुखरा परगना में मनाया जाता है। प्रो. सतीश कुमार भगतदोज सगे भाई थे करमा और धरमा। करमा बड़ा था ओर धरमा छोटा। दोनों अलग–अलग मनोवृत्तियों वाले थे। करमा कठोर मेहनत, समय की बचत और धन की बचत पर विश्वास रखता था। उसका मुख्य पेशा व्यापार था, जबकि धरमा प्रेम, विनम्रता, पूजा, धर्म, नैतिकता, सरलता, सामूहिकता पर विश्वास करता था। उसका मुख्य पेशा कृषि था। 


एक बार करमा व्यापार के सिलसिले में विदेश चला गया। व्यापार से उसने काफी धन अर्जित किया। फलत: वह घमंडी हो गया और अपने आप को ताकतवर महसूस करने लगा। तब विदेश से वह अपने गांव–घर के लिए रवाना हुआ। अपार संपत्ति अर्जित करने के बाद वह अपने गांव की सीमा पर अपने सहयोगियों के साथ विश्राम करने लगा। उसने अपने भाई धरमा को आने की सूचना दी, ताकि गांव की परिपाटी के अनुसार उसके स्वागत के लिए उसका भाई सीमा पर पहुंचे, परंतु छोटा भाई धरमा उस समय अपने परिवार और गांव के लोगों के साथ पूजा–अर्चना में मशगूल था। अत: वह अपने भाई का स्वागत करने के लिए समयानुसार वहां पहुंच नहीं सका। इस पर करमा आग–बबूला हो गया और गुर्राता हुआ वह अपने घर पहुंचा। उसने धरमा के पूजा स्थल को नष्ट कर दिया और करम राजा को उखाड़ कर फेंकना चाहा। भाई धरमा तथा गांव के लोगों द्वारा जोड़ी–बिनती करने के बावजूद करमा ने करम देवता को उखाड़ कर फेंक दिया। उसके इस व्यवहार से गांव के लोग बहुत दुखी हुए और रोने चिल्लाने लगे, विलाप करने लगे। इसके बाद करमा पुन: गांव की सीमा पर पहुंचा, जहां उसकी कमाई हुई धन–संपत्ति रखी थी। वहां वह यह देख कर चकित रह गया कि उसकी पूरी संपत्ति गायब थी। यह देखकर वह निराश और दुखी मन से संपत्ति की खोज करने लगा। संपत्ति नहीं मिलने पर उसने अपने सहयोगियों से सलाह मांगी। उन्होंने उसे करम राजा की पूजा–आराधना करने की सलाह दी। चूंकि वह करम राजा के निवास स्थान से परिचित नहीं था, इसलिए उसे सात समुंदर पार जाकर करम राजा को लाने को कहा। करमा करम देवता की खोज में निकल पड़ा। रास्ते में उसे जोरों की प्यास लगी। वह पानी पीने के लिए तालाब पर पहुंचा तो उसके पानी में कीड़े भरे हुए थे। इसलिए वह पानी नहीं पी सका। उसे भूख लगी तो वह एक गूलर के पेड़ के पास गया, लेकिन गूलर के सभी फलों में कीड़े कुलबुला रहे थे। अत: वह फल भी नहीं खा सका। वह आगे बढ़ा तो देखा कि एक गाय अपने बच्चे को दूध पिला रही थी। उसने गाय को अपना दुखड़ा सुनाया तो गाय ने उसे दूध पीने की अनुमति दे दी, लेकिन जब वह गाय को दूहने लगा तो उसके थन से दूध के बदले खून गिरने लगा। इससे वह दूध भी पी नहीं सका। आगे बढ़ने पर उसने देखा कि एक महिला चूड़ा कूट रही है। वह उसके पास पहुंच कर उसे बताया कि वह भूख से परेशान है। तब महिला ने उसे चूड़ा खाने को दिया, लेकिन चूड़े में कंकड़ और धूल ऐसे भरे पड़े थे कि वह खा नहीं सका। वहां से वह आगे बढ़ा तो उसे एक घोड़ा दिखाई पड़ा। उसने घोड़े से अपनी परेशानी बता कर मदद मांगी, लेकिन घोड़ा भी वहां से भाग निकला। हताश निराश होकर वह आगे बढ़ा तो एक दी मिली। नदी में वह बीचोबीच एक मगरमच्छ आ पहुंचा। उसने उसे अपनी पीठ पर बैठा कर करम देव के पास पहुंचा दिया। करम देवता उसको परीक्षा में सफल देखकर प्रसन्न हो उठे और उन्होंने वरदान दे दिया। साथ ही करम डाली की पूजा करने की सलाह दी। वहीं से करम देव की पूजा शुरू हो गई। एक था करमा, एक था धरमा पर्यावरण का पर्व करमा वस्तुत: पर्यावरण का पर्व है। करम देव के आदेशानुसार कर्मा पर्व के अवसर पर व्रती और उनके परिजन ढोल–मांदर की ताल पर नाचते गाते घर से निकलते हैं और जंगल में जाकर करम डाली लेकर पूरे सम्मान के साथ अपने घर ले आते हैं। उसे आंगन में गाड़ कर उसकी पूजा–अर्चना करते हैं। 


प्रसाद में चना, उड़द, जौ, गेहूं, मकई, ज्वार, कोदो का अंकुर और गुड़ होता है, जिसे करम देव को अर्पित कर वहां उपस्थित लोगों के बीच वितरण करते हैं। इस दौरान करमा और धरमा की कहानी सुनी जाती है, जो संदेश देती है कि जीवन को खुशहाल बनाने के लिए कर्म और धर्म दोनों की आवश्यकता होती है। फिर शुरू होता है नाच–गान का सिलसिला, जिससे रात भर आस–पास का क्षेत्र गूंजता रहता है। दूसरे दिन सुबह करम डाली को नदी या तालाब में विसर्जित कर दिया जाता है। इस दिन हर परिवार के लोग अपने खेतों में केंदु, करम और भेलवा की पत्ती एवं डाली गाड़ते हैं। भेलवा की पत्ती फसल में लगे कीड़ों को मारने का काम करती है। खेतों में डालियों का गाड़ना कर्म करने का प्रतीक है तो वहीं पेड़ों की रक्षा करते हुए पर्यावरण को बचाने का प्रयास धर्म का प्रतीक। खेतों में वृक्षों की डालियों को गाड़ने से उनपर चिडि़यां बैठती हैं और फसल के हानिकारक कीड़ों को खा जाती है। फलत: फसल अच्छी होती है। इस प्रकार कर्मा पर्व कृषि एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण पर्व है। कर्म भी चाहिए और धर्म भी नजातीय मानव समुदाय आदि काल से ही धरती माता की गोद में जीवन व्यतीत करता आ रहा है। उसके लिए धरती पर जंगल–झाड़, पहाड़, पेड़–पौधे, नदी–नाले, पोखर–तालाब एवं बहती छाएं इत्यादि बिल्कुल अपनी सी लगती है। धरती की इन सारी चीजों की बदौलत ही इस समुदाय का जीवन सुखी और मंगलमय रहा है। इन प्राकृतिक उपहारों को प्रकृति पूजक आदिवासी कतई बिसार नहीं पाते। आदिवासी समाज, जो न केवल जन्म से लेकर मृत्यु तक, बल्कि पीढ़ी दर पीढ़ी पेड़– पौधों के साथ अपने आचार–व्यवहार से, अपनी संस्कृति से और अध्यात्म से इस प्रकार बिल्कुल करीब से जुड़ा है, रच बस गया है कि चाह कर भी इन्हें विश्व का बदलता परिवेश उनकी मौलिक धारणाओं और उनके विश्वासों को छू न सका। यही वजह है कि सृजन से लेकर आजतक प्रकृति पर पूर्ण आस्था रखनेवाले जनजातीय समुदाय आज करम वृक्ष में कर्म देव को निरूपित कर भादो महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को प्रतिवर्ष हर्षोल्लास के साथ करमा पर्व मनाते आ रहे हैं। यह करमा पर्व कर्म को ही धर्म बतानेवाला पर्व है। झारखंड राज्य के जनजातीय क्षेत्रों का सर्वाधिक लोकप्रिय पर्व है करमा, जिसे आदिवासी और सदान मिलजुल कर सदियों से मनाते रहे हैं।

मान्यता के अनुसार करमा पर्व के अवसर पर बहनें अपने भाइयों की दीर्घायु एवं मंगलमय भविष्य की कामना करती हैं। यह सर्वविदित है कि जनजातियों से जिन परंपराओं एवं संस्कृति को जनम दिया, सजाया–संवारा, उन सबों में नृत्य, गीत और संगीत का परिवेश प्रमुख है। झारखंड राज्य की संस्कृति, इतिहास, परंपरा और विविध लोककथाएं अति समृद्ध और अनूठी हैं। इस राज्य की जनजातीय भाषा, गीत, लोककथाएं, नृत्य एवं प्रथाएं अन्य क्षेत्रों से भिन्न और अपने आप में विशिष्ट हैं। विशिष्टता ही इसकी पहचान और अस्मिता है। इस सांस्कृतिक विशिष्टता की अभिरक्षा, संवहन एवं परिव‌र्द्धन के दायित्व का निर्वहन करना भी समाज का कर्तव्य है। आदिवासी समाज के पूर्वज महान थे। उन्होंने एक वैज्ञानिक तथा रचनाकार के रूप में कार्य किया। उनके द्वारा ब्रंाांड प्रकृति, जलवायु, वन–संपदा, भूमि आदि की पूजा की गई तथा पर्यावरण संतुलन एवं वातावरण समायोजन आदि को ध्यान में रखकर करम पर्व तथा अन्य पर्वो का शुभारंभ जन जातीय समाज में किया था, ताकि पूरे संसार में शुद्ध तथा पवित्र वातावरण बना रहे। करमा पर्व भादो शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को मनाया जाता है, जिसे भादो एकादशी भी कहते हैं। जनजातीय समुदाय खेती–बारी के कार्यो की समाप्ति के बाद इसे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस पर्व के अनेक रूप हैं, जिसे विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न–भिन्न तरीकों से मनाया जाता है। जैसे जितिया करम, दसई करम, राजी करम आदि। इनमें राजी करम सभी स्थानों पर एक ही साथ निश्चित तिथि अर्थात भाद्रपद शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को मुख्यत: खुखरा परगन में मनाया जाता है। रांची के पश्चिम में दसई करम तथा कसमार परगन में सोहराई करम के नाम से मनाया जाता है। राज्य के पश्चिम क्षेत्र में करम मनाने के विधि विधान में थोड़ा–बहुत अंतर पाया जाता है, लेकिन उसका मतलब एक सा ही होता है। करम मुख्यत: कुड़ुख यानी उरांव समुदाय के बीच करम देवता के रूप में आस्था के प्रतीक हैं।

मौके पर एक महिला कहती है कि क्या कर  रही हैं? वह जवाब देती है कि अपन करम भइया के धरम करमा झूर में घुसीआवेला। तब फिर सवाल करती हैं कि संतुष्ट हो गयी? तब कहती है कि जी संतुष्ट हो गयी।इसी तरह उपस्थित बहना झूर पकड़-पकड़ कर कहती हैं। दीद्या थाना क्षेत्र में है डाक बाबा ढकनी भाई मंदिर । ग्राम मखदुमपुर की महिलाएं जुटी थीं अपने-अपने भाइयों की आजीवन खुशहाली के लिये व्रत रखी। बाजार से झूर खरीदकर लायी। भगवान गणेश, पार्वती, भगवान शंकर ,सिद्धी की मिट्टी प्रतिमा बनायी। सुबह से व्रर्ती केवल रात्रि में आहार के रूप में शर्बत पीयेगीं। व्रर्ती मालती देवी कहती हैं कि आज करमा  भादो शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को मनाया जाता है। आज पुलिस भइया पन्ना लाल यादव की खुशहाली और सुरक्षित जीवन की कामना के लिए करमा-धरमा के समक्ष गुहार लगा रही हैं। इस तरह की पूजा कई जगहों पर आयोजित की गयी है।                

नवादा में 7 महादलित मजदूरों को दबंगों ने बना रखा है बंधक, प्रशासन की चुप्पी शर्मनाक : कुणाल

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पटना 3 सितंबर, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि बिहार में कानून का राज नहीं बल्कि दबंगों का राज चल रहा है. नवादा जिले के वारसलीगंज प्रखंड के बरनामा में सामंती-अपराधियों द्वारा पिछले कई दिनों से 7 महादलितो को बंधक बनाकर उनसे चिमनी भठ्ठा पर जबरन काम करवाया जा रहा है. इसके खिलाफ हमारी पार्टी की नवादा जिला कमिटी लगातार अनिश्चितकालीन ‘घेरा डालो-डेरा डालो कार्यक्रम’ कर रही है, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. यह साबित करता है कि भाजपा-नीतीश राज में दबंगों का राज चल रहा है और उनके सामने प्रशासन पूरी तरह नतमस्तक है. ‘सुशासन’ राग अलापने वाली नीतीश सरकार तथा प्रशासन की बेरूखी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि महादलितो को.भय के साये मे जीने के लिए छोङ दिया है, और प्रशासन पूरी तरह दबंगो के पक्ष मे खड़ा है. ऐसे परिस्थिति मे 4 सितंबर को पूरे जिले मे प्रतिवाद दिवस मनाया जाएगा.


उन्होंने आगे कहा कि दबंगों के चंगुल से मजदूरो को मुक्त कराने, अनुसूचित जाति/जनजाति थाना कांड सं. 18/2017 के अभियुक्त राजकुमार यादव व वीरेन्द्र यादव को गिरफ्तार करने, माइनिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने, वारिसलीगंज थाना कांड सं. 176/2017 के तहत महादलितो पर थोपे गए मुकदमा को मुकदमा वापस लेने, गरीबो को सुरक्षा प्रदान करने, विस्थापित महादलितो को पुनर्वासित करने आदि मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन ‘घेरा डालो डेरा डालो कार्यक्रम’ चल रहा है. विदित हो कि नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के वरनामा गांव के आधा दर्जन महादलितों को दबंगों द्वारा पिछले कई दिनों से बंधक बना कर रखा गया है और सरकार तथा प्रशासन कुंभकर्णी नींद में है. केंद्रीय मंत्री व नवादा के सांसाद गिरिराज सिंह, जो हर बेकार के विषयों पर भाषण देते रहते हैं, इस गंभीर सवाल पर चुप्पी साध रखी है. बंधक बनाए गए महादलितों के परिवार अपने परिजनों को मुक्त कराने की मांग को लेकर पांच दिनों से समाहरणालय के समक्ष धरना पर बैठे हैं. लेकिन सरकार व नवादा प्रशासन की नींद ही नहीं खुल रही. अपराधी प्रवृति के राजकुमार यादव व वीरेंद्र यादव द्वारा 15 वर्षों से महादलित मजदूरों से बगैर मजदूरी के दिन-रात काम करवाते रहे हैं, जो मानवाधिकार का खुलेआम उल्लंघन है. ऐसे अपराधी प्रवृति के लोगों पर प्रशासन कठोर कारवाई करे. साथ ही बंधक महादलितों को अविलंब मुक्त कराए.

बिहार : सरकार के साथ बदल गये कार्यकर्ताओं के सरोकार भी

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पटना (बीवाईएन)।शनिवार की दोपहर में हम पुनाईचक से फुलवारी जा रहे थे। रास्‍ते में उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी का सरकारी आवास 1, पोलो रोड पड़ता है। उपमुख्‍यमंत्री से मिलने की उम्‍मीद से साइकिल उनके आवास में मोड़ दिया। मुख्‍य बिल्डिंग के दरवाजे पर शैलेंद्र ओझा मिल गये। वर्षों से वे सुशील मोदी के साथ उनके निजी स्‍टाफ में शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि थोड़ी देर में मोदी जी आ रहे हैं। अंदर बैठिये। वेटिंग रूम के रूप में बड़ा सा हॉल है। उसमें दरवाजा खोलकर देखा तो खचाखच भरा हुआ था। उसके बगल में उपमुख्‍यमंत्री का कार्यालय है, जिसमें स्‍टाफ बैठते हैं। उसी में थोड़ी जगह और खाली कुर्सी मिली तो बैठ गये। उपमुख्‍यमंत्री के आवास में एक ‘दरबार हॉल’ है। उनका ‘जनता दरबार’ इसी में लगा करता था। पिछली बार उपमुख्‍यमंत्री थे, तब भी। और जब सरकार से हटे तब भी, जनता दरबार का सिलसिला जारी रहा। हर मंगलवार को लगने वाला दरबार पर्व-त्‍योहार और अन्‍य राजनीतिक व्‍यस्‍तताओं को छोड़कर लगातार लगता रहा। इस बार सत्‍ता में लौटने के बाद जनता दरबार शायद नहीं लग पाया है। मुख्‍यमंत्री का जनता दरबार बंद होने का साइड इफेक्‍ट उपमुख्‍यमंत्री के जनता दरबार पर भी पड़ सकता है। लेकिन कार्यकर्ताओं और समर्थकों का भरोसा थमता नजर नहीं आ रहा है।


शनिवार को भी यही स्थिति थी। लोग दरबार हॉल के बजाये वेटिंग और स्‍टाफ रूम में भरे हुए थे। थोड़ी देर बाद सुशील मोदी आये। मिलने वालों की लिस्‍ट भेजी गयी। इसके बाद मिलने का सिलसिला शुरू हुआ। हम भी अपनी बारी के इंतजार में कुर्सी छोड़कर गलियारे में टहलने लगे। थोड़ी देर बाद बुलावा आया। अंदर मिलने वाले बारी-बारी से मुलाकात कर रहे थे और अपनी बात रख रहे थे। भाजपा के सरकार में आने से पहले मिलने वाले अधिकतर लोग सरकार के खिलाफ शिकायत लेकर आते थे। लेकिन कल मिलने वालों में अधिकतर सरकार से उम्‍मीद लेकर आये थे। शिकायत भी थी तो साथ में समाधान का भरोसा भी चेहरे पर नजर आ रहा था। उपमुख्‍यमंत्री को किसी प्रोग्राम में जाना था और सूची लंबी थी। समय का अपना दबाव था। इसको देखते हुए उन्‍होंने बाहर में लोगों को मिलने के लिए बुलाया। सुशील मोदी के कमरे के बाहर निकलते ही मिलने वालों की भीड़ टूट पड़ी। पोर्टिको के बाहर लोग अपनी-अपनी शिकायत और उम्‍मीदों से उपमुख्‍यमंत्री को अवगत कराते रहे। हर कोई अपनी बात कह लेना चाहता था और पुख्‍ता आश्‍वासन की अपेक्षा भी चाहता था। सुशील मोदी भी अपनी ओर से अपेक्षाओं को पूरा करने का भरोसा दिला रहे थे। ‘कहा-सुनी’ का यह दौर लंबा होते देख हम अपनी साइकिल पर सवार हो घर के लिए प्रस्‍थान कर लिये।

"जब महान चीजें लौटकर वापस आती हैं, तो सिर झुक जाते हैं"

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  • 'सफल ब्रांड बनाने के मंत्र'पर अपने शानदार सत्र के साथ एशिया पैसिफिक इंस्‍टीच्‍यूट ऑफ मैनेजमेंट : दिग्‍गज ऐड गुरु श्री प्रह्लाद कक्‍कड़ से सबक


 3 सितंबर,: 'दिग्‍गज ऐड गुरु से सबक'पर अपने शानदार सत्र के साथ एशिया पैसिफिक इंस्‍टीच्‍यूट ऑफ मैनेजमेंट। और इस बार भारत के अपने दिग्‍गज ऐड गुरु श्री प्रह्लाद कक्‍कड़ 8 सितंबर, 2017 को एशिया पैसिफिक इंस्‍टीच्‍यूट ऑफ मैनेजमेंट के गलियारों को सुशोभित करेंगे तथा 'सफल ब्रांड बनाने के मंत्र'पर जिज्ञासु छात्रों के साथ बातचीत करेंगे।


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श्री प्रह्लाद कक्‍कड़ के बारे में : कक्‍कड़ भारत के मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग में एक मशहूर हस्‍ती हैं। 1977 में शुरू स्‍थापित होने के बाद से आपकी फर्म जेनेसिस फिल्‍म ने अनेक अग्रणी कंपनियों जैसे कि यूनिलीवर, नेस्‍ले, पेप्सिको आदि के लिए अनेक वाणिज्यिक विज्ञापनों का निर्देशन किया है। जोखिम उठाने की अपनी शैली के अनुरूप श्री प्रह्लाद कक्‍कड़ ने अनेक उपाधियों को अपने नाम किया है जैसे कि ऐड मैन, डायरेक्‍टर, स्‍कूबा ड्राइवर, रेस्‍टोरेटनियर और वाइन मेकर। 1996 से, एशिया पैसिफिक इंस्‍टीच्‍यूट ऑफ मैनेजमेंट भारत और विदेशों में समान रूप से प्रबंधन के क्षेत्र में बड़ी-बड़ी उपलब्धियां हासिल कर रहा है। एआईएम आज के गतिशील परिवेश की मांग के अनुसार अपने छात्रों को प्रशिक्षि‍त करने और ढालने में विश्‍वास रखता है। उद्योग जगत के साथ अटूट संबंध एशिया पैसिफिक इंस्‍टीच्‍यूट ऑफ मैनेजमेंट की प्रमुख विशेषता रही है। भारत के शीर्ष व्‍यवसाय स्‍कूलों में शामिल एशिया पैसिफिक इंस्‍टीच्‍यूट ऑफ मैनेजमेंट अपने छात्रों को बौद्धिक एवं पेशेवर ज्ञान प्रदान करने के लिए विख्‍यात है।

बिहार : 20 नवम्बर को दिल्ली में होगी विशाल किसान रैली, बिहार से भाग लेंगे 50 हजार किसान.

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  • किसान मुक्ति यात्रा का चैथा चरण व पांचवें चरण बिहार से होकर गुजरेगी. तैयारी को लेकर बैठक. 

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पटना 3 सितंबर,  आज पटना के छज्जूबाग स्थित 13, एमएलए आवास संख्या में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की बैठक हुई. बैठक समिति के राष्ट्रीय कोर ग्रुप के सदस्य व अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इस बैठक में अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य सचिव विनोद कुमार, किसान-मजदूर विकास संगठन के प्रवक्ता सच्चिदानंद पंडित, एआईकेएमएस के रामवृक्ष राम व शंभू प्रसाद सिंह, स्वराज अभियान के देवनाथ देवन, अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव, राज्य सचिव रामाधार सिंह, भारतीय क्रांतिकारी किसान संघ के राजेन्द्र प्रसाद, अखिल भारतीय किसान महासभा के पाल बिहारी लाल, उमेश सिंह, राजेन्द्र पटेल, अभाकिम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केडी यादव, असंगठित क्षेत्र कामगार यूनियन के रामनंदन प्रसाद सहित किसान संगठनों के नेता शामिल हुए.


बैठक में बिहार में किसान मुक्ति यात्रा एवं 20 नवंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर आहूत किसान रैली को बड़े पैमाने पर सफल बनाने पर निर्णय लिया. विदित हो कि देश के 162 किसानों-आदिवासियों के संगठनों ने एकता बनाकर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का गठन कर, देश के बटाईदारों, छोटे-मध्यम किसानों समेत सभी किसानों के सरकारी व महाजनी कर्जों से मुक्ति एवं स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करते हुए फसलों की लागत डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने आदि के सवाल पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ रखा है. समिति के नेतृत्व में विगत 6 जुलाई से 18 जुलाई तक मध्यप्रदेश के मंदसौर से 7 राज्यों में किसान मुक्ति यात्रा चलाते हुए 18 जुलाई को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विशाल रैली हुई थी. यह किसान मुक्ति यात्रा 6 चरणों में पूरे देश में निकलेगा. चैथे व पांचवें चरण की यात्रा बिहार से होकर गुजरेगी, जिसमें देश के बड़े किसान नेतागण भाग लेंगे. तथा 20 नवंबर को दिल्ली में बड़ी रैली होगी. बैठक ने 2-3 अक्टूबर व 2-5 नवंबर को बिहार से गुजरने वाली किसान मुक्ति यात्रा के दौरान बड़ी-बड़ी सभायें आयोजित करने और 20 नवंबर को दिल्ली के किसान रैली में बिहार से 50 हजार किसानों को भागीदार बनाने का निर्णय लिया गया.

2-3 अक्टूबर को बिहार के चंपारण, मोतिहारी, गोपालंगज, सिवान होते हुए यूपी की ओर प्रस्थान करेगी. 2-5 नवंबर को किसान मुक्ति यात्रा बिहार के नवादा, नालंदा, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास, भोजपुर, पटना, बेगूसराय, व समस्तीपुर होते हुए मुजफ्फरपुर में समाप्त होगी. बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पारित कर बिहार के बाढ़ पीड़ितों, बाढ़ से मारे गये नागरिकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए सरकार की आपराधिक लापरवाही व राहत कार्य में उदासीनता व लूट का विरोध किया गया तथा बाढ़ के स्थाई समाधान, तत्काल राहत कार्य में तेजी लाने, बटाईदारों, छोटे-मध्यम किसानों सहित सभी किसानों केा फसल क्षति मुआवजा देने की मांग की गयी.


दुमका : पीटर इंग्लैंड के 13 वें एक्सक्लुसिव शोरुम का उद्घाटन सोमवार को

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) मारवाड़ी चैक (जिला स्कूल रोड) दुमका स्थित मेसर्स नव्या अपारेल में पीटर इंग्लैंड के 13 वें एक्सक्लुसिव शोरुम का उद्घाटन दिन सोमवार (04 सितम्बर2017) को पूरी भव्यता के साथ होने जा रहा है। दुर्गापूजा के पूर्व पीटर इंग्लैंड के 13 वें शोरुम की ओपनिंग से दुमका सहित आसपास के इलाकों से लोग जरुरत के हिसाब से उचित मूल्य पर गारमेंटस खरीद सकेगें। लगभग 8 सौ रुपये से लेकर 2, 500 रुपये तक की राशि में उच्च् क्वालिटी के गारन्टेड लोग खरीद पाऐगें। गारमेंटस कम्पनी पीटर इंग्लैंड की एरिया मैनेजर श्रुति सबरवाल ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि झारखण्ड के विभिन्न जिलों में अब तक कम्पनी के 12 एक्सक्लुसिव शोरुम खुल चुके हैं। दुमका 13 वें स्थान पर है जहाँ पीटर इंग्लैंड का एक्सक्लुसिव शोरुम खुल रहा है। कम्पनी की एरिया मैनेजर सुश्री श्रुति सबरवाल ने कहा कि आज के समय में हर कोई अपने कपडें से पहचाना जाता है। लोग जितने फीट कपड़े में होते हैं उनकी पहचान उसी रुप में देखी जाती है। दुमका में इस शोरुम के खोलने का निर्णय कम्पनी ने बाजार को देखते हुए लिया है।  शोरुम का उद्घाटन शंकर लाल भुवानियां व गौरी शंकर मेहरिया संयुक्त रुप से करेंगें। कम्पनी की एरिया मैनेजर ने प्रेसवार्ता में कहा कि इसमें मेन्सवियर के सर्ट, पैन्ट, टी-सर्ट, जिंस, कुर्ता, सूट, ब्लेजर, बेल्ट, टाई, सहित अण्डरगार्मेटस भी उपलब्ध होगंे। अमित कुमार भुवानियां, विशाल डोकानिया, अमित कुमार, प्रवीण चैधरी, जीवानन्द चादव व अन्य पत्रकार वार्ता के दौरान इस अवसर पर मौजूद थे। 

दरभंगा : छात्रों और पत्रकारों को डाक्टरों ने पीटा

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  • मामला एक एक बच्चे की मौत का, सवाल करने पर डाक्टरों ने अस्पताल में गुंडागर्दी मचाई 
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दरभंगा के डीएमसीएच में इलाज़ के दौरान बरती गई लापरवाही के कारण एक बच्चे की हुई मौत से गमजदा परिजनों के बुलावे पर पहुंचे मिथिला स्टूडेंट यूनियन के कार्यकर्त्ताओं के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। साथ ही इस मारपीट के वाक्यात को कैमरे में कैद कर रहे स्थानीय चैनल के एक पत्रकार का कैमरा छीनकर उसके साथ भी मारपीट की गयी है । जिस संदर्भ में उक्त पत्रकार का आरोप है कि उसे बंद कमरे में बाँध कर मारा-पीटा गया है। सूचना मिलने पर कुछ पत्रकारगण जब पुलिस के साथ डीएमसीएच पहुँचे, तब कहीं जाकर उस पत्रकार की जान बच पायी। फिलहाल घायल एमएसयू के कार्यकर्ताओं का इलाज़ इमरजेंसी में चल रहा है । उधर समाचार लिखे जाने तक घायल पत्रकार द्वारा बेंता ओपी में प्राथमिकी दर्ज करवाने की प्रक्रिया चल रही है। घटना के संदर्भ में बताया जाता है कि सिंहवाडा प्रखंड के अतरबेल निवासी बबन यादव ने मिशू के कार्यकर्ताओं को जानकारी दी कि नर्स के लापवाही के कारण उनके भांजा राकी यादव की मृत्यु डीएमसीएच में इलाज के दौरान हो गई है। नर्स पर आरोप है कि उसने गलत सूई का प्रयोग किया था। फिर जब मिशू के कार्यकर्ता डीएमसीएच पहुँचे, तो वहाँ पहले से ही पुलिस मौजूद थी। जिसने इन कार्यकर्ताओं पर मामले को रफा-दफा करने का दबाव भी बनाया। लेकिन येलोग नहीं माने। फिर जब येलोग शिशू विभाग में प्रवेश करने लगे, तो अपने-आपको डाक्टर एशोसिएशन का चेयरपर्सन बताने वाले एक डाक्टर द्वारा इनलोगों को गेट पर ही रोक दिया गया। कहते हैं कि इसी बीच डीएमसीएच परिसर स्थित हास्टल से सैकडों की तादाद में आए मेडिकल के छात्रों ने इनलोगों पर जानलेवा हमला कर दिया। पत्रकारों के कैमरे छीन लिए गए और इन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। जिस मारपीट के दौरान मिशू के जिलाध्यक्ष अमित कुमार समेत अविनाश कुमार, सागर नवदिया एवं जयप्रकाश झा गंभीर रुप से जख्मी हो गए। फिर भी पुलिस मूक-दर्शक बनकर खडी रही।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 03 सितम्बर

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मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना विश्व की अनोखी : राज्यमंत्री श्री मीणा

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मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के पांच वर्ष पूर्ण होने पर आज जिला मुख्यालय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को विश्व की अनोखी योजना बताते हुए राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने कहा कि प्रदेश में विकास, जनकल्याण के अनेक कार्य चल रहे है। गरीब बुजुर्गो को तीर्थ स्थलों के दर्शन कराने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। योजना की सफलता को देखते हुए अन्य राज्यों ने अपने यहां इसे लागू कराया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने तीर्थ दर्शन योजना को शुरू कर गरीबो की उस मंशा को पूरा किया है जो उनके दिलो दिमाग में रहती थी किन्तु आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण वे तीर्थ दर्शन करने के सपने को पूरा नही कर पा रहे थे। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान का कलयुग का श्रवण बताते हुए कहा कि योजना से लाभ लेने वाले अपने गांव में पहुंचकर वृतांत जरूर सुनाएं। कार्यक्रम को काॅ-आपरेटिव बैंक के अध्यक्ष श्री श्यामसुन्दर शर्मा, उपाध्यक्ष श्री दिनेश सोनी ने भी सम्बोधित किया। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने कहा कि बुजुर्गो की इच्छाओं की पूर्ति करने में तीर्थ दर्शन योजना की तुलना करना संभव नही है। सभी धर्मो के पवित्र स्थलों के लिए सीधी स्पेशल टेªन रवाना होती है। उन्होंने योजनाओं में और क्या सुधार संभव है से अवगत कराने का आग्रह किया। एसएटीआई के पाॅलिटेक्निक सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना से लाभांवित हुए हितग्राहियों ने अपने यात्रा के स्मरणों को सांझा किया। कार्यक्रम स्थल पर अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, एसडीएम श्री रविशंकर राय के अलावा भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष श्रीमती उमा जाट के अलावा अन्य जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक एवं योजना से लाभांवित होने वाले हितग्राही मौजूद थे।


मुख्यमंत्री जी ने सपरिवार श्री बाढ़ वाले गणेश मंदिर,  में पूजा अर्चना की।

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान आज सपत्नी अल्पप्रवास पर विदिशा आए। उन्होंने यहा बेतवा नदी के किनारे स्थित श्री बाढ़ वाले गणेश मंदिर में पहुंचकर पूजा अर्चना की। मंदिर परिसर में जारी सुन्दरकांड में भाग लेकर उन्होंने दोहा चैपाईयों का गान किया। 

हवन
मुख्यमंत्री श्री चैहान ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ श्री बाढ वाले गणेश मंदिर में चल रहे हवन यज्ञ में शामिल होकर पूर्णाहूतियां दी। 

भण्डारा
मुख्यमंत्री जी श्री बाढ़ वाले गणेश मंदिर में आयोजित भण्डारे मंे पहुंचकर कन्याओं को भोजनप्रसादि अपनी हाथो से परोसी। उन्होंने अनेक जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिकों के साथ-साथ अन्य सभी ने भोजन प्रसादी ग्रहण की।  इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग मंत्री श्री रामपाल सिंह राजपूत, राज्यमंत्री  श्री सूर्यप्रकाश मीणा, विदिशा नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी, काॅ-आपरेटिव बैंक के अध्यक्ष श्री श्यामसुन्दर शर्मा समेत अन्य जनप्रतिनिधियों के अलावा कलेक्टर श्री अनिल सुचारी, उज्जैन संभाग के आयुक्त श्री एमबी ओझा, भोपाल संभागायुक्त श्री अजातशत्रु श्रीवास्तव, डीआईजी श्री धर्मेन्द्र चैधरी, विदिशा जिले में पदस्थ रहे पूर्व कलेक्टर द्वय श्री राजकुमार माथुर, श्री योगेन्द्र शर्मा, अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा समेत अन्य विभागों के अधिकारी, गणमान्य नागरिक मौजूद थे। 

भोजन दान सबसे बड़ा दान-मुख्यमंत्री श्री चैहान

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने सार्वजनिक भोजनालय के 35वां स्थापना दिवस में कहा कि भूखे को भोजन कराना आज के युग का सबसे बडा दान है। समाजसेवियों के द्वारा अनवरत वर्षो से इस काम में जो सहयोग किया जा रहा है। उसकी तुलना नही की जा सकती। अस्पताल परिसर में मरीजो के साथ आने वालो को एक रूपए की दर पर स्वादिष्ट भोजन कराना अपने आप में अदभुत काम है। मुख्यमंत्री श्री चैहान ने उद्बोधन मंे बताया कि प्रदेश में दीनदयाल रसोई योजना  शुरू करने का सुझाव इसी सार्वजनिक से प्रेरणा मिली। उन्होंने पद्मश्री से सम्मानित श्री संजीव कपूर से कहा कि वे प्रदेश के व्यंजनों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहंुचाने मंे मदद करें। सरकार उनकी हर संभव मदद करेंगी। मुख्यमंत्री जी ने श्री कपूर से प्रदेश से एमओयू करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री श्री चैहान ने कहा कि भोजन बनाना एक कला है इस कला के माध्यम से अनेकों को रोजगार मिल सकता है। संस्थान के द्वारा नवीन मेडीकल काॅलेज परिसर में सार्वजनिक भोजनालय हेतु स्थल उपलब्ध कराने की मांग को मुख्यमंत्री जी ने सहज स्वीकार करते हुए कलेक्टर को ततसंबंध में आवश्यक निर्देश मंच से दिए। पद्मश्री प्राप्त श्री संजीव कपूर ने कहा कि कोई भी संस्था इतने प्रेम, स्नेह से भोजन कराते हुए मुझे आज तक नही दिखी। इस प्रकार के सार्वजनिक भोजनालयों की संख्या और बढनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए मैं कुछ कर सकूं ये मेरा सौभाग्य होगा। 

विमोचन
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान एवं अन्य अतिथियों ने कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं पर आधारित आफटर गाॅड पुस्तिका का विमेाचन किया। विनायक वैक्यूट हाॅल में हुए इस कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष श्री मोहन अग्रवाल के अलावा अन्य पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, अधिकारीगण मौजूद थे।

मधुबनी प्रशासनिक खबर (03 सितम्बर)

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डीएम ने झंझार पुर में समीक्षा बैठक की 

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मधुबनी, 03 सितम्बर;जिला पदाधिकारी, मधुबनी, श्री शीर्षत कपिल अशोक, अनुमडंल पदाधिकारी झंझारपुर, अनुमडंल पदाधिकारी, फुलपरास एवं अनुमडंल क्षेत्र के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी/अचंलाधिकारियों के साथ अनुमडंल कार्यालय, झंझारपुर में समीक्षा बैठक की गई। जिसमें बाढ़ पीड़ितों को दी जाने वाली अनुग्रह अनुदान राषि आर.टी.जी.एस. के माध्यम से हस्तांतरण हेतु लाभुको की सूची/एडवाइस बनाने के प्रगति की समीक्षा की गई। साथ ही सभी पदाधिकारियों के साथ फसल क्षति, गृह क्षति आदि सर्वेक्षण कार्यो की समीक्षा की गई। सभी पदाधिकारी/कर्मियो को सर्वेक्षण कार्य में तेजी लाकर लाभूको को भुगतान षीध्र हस्तांतरित कराना सुनिष्चित करने का निदेष दिया गया। सभी अंचलाधिकारियों को जी.आर. की राषि लाभुको के खाते में हस्तांतरण हेतु एडभाइस बनाने में तेजी लाकर बैंको को षीध्र भेजने का निदेष दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा निदेष दिया गया कि एडभाइस बनाने के कार्य में अधिक से अधिक कार्यपालक सहायको/डाटा आॅपरेटरो को लगाकर तेजी लाया जाए। जिला पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा भ्रमण के क्रम में झंझारपुर स्थित ललित कर्पुरी स्टेडियम का निरीक्षण किया गया। साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी, झंझारपुर एवं स्थानीय खेल आयोजको के साथ विचार-विमर्ष किया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा स्टेडियम के विकास एवं पवेलियम के निर्माण हेतु अनुमंडल पदाधिकारी, झंझारपुर को आवष्यक दिषा निदेष दिया गया।  जिला पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा झंझारपुर स्थित नगर पंचायत के निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण किया गया। इस क्रम में अनुमंडल पदाधिकारी, झंझारपुर को षेष बचे कार्य का एस्टीमेट बनाकर पुनः आवंटन हेतु भेजने का निदेष दिया गया।


ड्राई फुड पैकेट निर्माण कार्य का निरीक्षण 

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मधुबनी, 02 सितम्बर; जिला पदाधिकारी, मधुबनी, श्री शीर्षत कपिल अशोक, एवं अन्य वरीय पदाधिकारियों द्वारा शनिवार को टाउन हाॅल एवं वाट्सन उच्च विद्यालय में तैयार हो रहे ड्राई फुड पैकेट निर्माण कार्य का निरीक्षण किया गया। साथ ही पर्याप्त स्थान के अभाव के कारण कम फुड पैकेट निर्माण होने को लेकर रहिका प्रखंड के मिठौली स्थित डी.आर.सी.सी. केन्द्र पर भी ड्राई फुड पैकेट निर्माण करने का निर्णय लिया गया। जिला पदाधिकारी मधुबनी द्वारा डी.आर.सी.सी. केन्द्र के हाॅल का निरीक्षण किया गया, वहाॅ उन्होंने पदाधिकारियो को बिजली आदि की व्यवस्था करने एवं अधिक से अधिक फुड पैकेट निधारित समय में तैयार करने का निदेष दिया। जिला आपदा प्रभारी श्री उपेन्द्र पंडित एवं विषेष कार्य पदाधिकारी मधुबनी, श्री नवीन कुमार उपस्थित थे।

मधुबनी : अंधरा ठाढ़ी में इन्द्र्पूजा एवं मेला का शुभारम्भ .

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  • मंत्रोच्चारण से पूरा भक्ति माय बतावरण, कलश शोभा यात्रा निकली गयी.

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अंधराठाढ़ी/मधुबनी (मोo आलम अंसारी) अंधराठाढी स्थानीय उच्च विद्यालय परिसर में रविवार से इन्द्र्पूजा एवं मेला का शुभारम्भ हो गया है.शुभारम्भ के पहले कलश शोभा यात्रा निकली गयी .इसमे 251 कुमरी कन्या शामिल हुई थी.पूजा एवं मेला 3 सितम्बर से 13 सितम्बर तक होगा . देवराज इंद्र के दरवार की भांति सभी देवी देवताओ के प्रतिमा सजा डी गयी है .मूर्ति की भाभ्यता देखते हीं बनती पूजा समिति के अध्यक्ष कमलेश कुमार कुंदन के मुताविक मेला में आये श्रद्धालुओ के लिए की तरह की सांस्कृतिक कार्यक्रमों की व्यवस्था समिति ने की है. पहली पांच रात्रियो में आर के स्ट्रा बाद में बड़े गायक का प्रोग्राम रहेगा.मेला में मनोरंजन के लिए खासे इंतजाम टावर झुला रशियन मारुती बाला मौत का कुआ बंगाल का जादूघर बिभिन्न तरह के मीणा बाजार मिठाई आदि की दुकाने आदि आकर्षण का केंद्र है.एस मेला का खासियत है की किसान उपयोगी गर सामान मिलते है.हर साल किसान अपने उपयोगी सामान का जम कर खरीददारी करते है. सुरक्षा व्यवस्था के ख्याल से पूजा समिति में तीन उप समितिया बनाई गयी है. व्यवस्थापिका कार्य पालिका के अलावे कोष की अलग कमिटी रहती है .इस बार मेला का 24 वर्ष है. विगत 13 वर्षो से एक ही समिति प्रभावी है . १५१ सदस्यी प्रबंध समिति में 11 कार्यकारणी है . कमलेश कुमार रमेश कर्ण लीलाधर ठाकुर देवेन्द्र पासवान ,लालू चौधरी , प्रदीप कामत राजेश मिश्र गोबिन्द चौधरी शम्भू ठाकुर नितिन कुमार आदि प्रमुख है .

मधुबनी बना रक्तदाताओं का शहर, सौ के करीब हुआ रक्तदान

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मधुबनी 03 सितम्बर, आज शहर में दो अलग अलग स्वेच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन अलग अलग संस्थाओं द्वारा दिया गया जिनमे दोनों जगहों को मिला कर कुल सौ यूनिट के करीब रक्तदान हुआ. पहला रक्तदान शिविर सुबह नौ बजे से सुमंता होटल प्रांगन में सूड़ी सूड़ी युवा शक्ति के द्वारा आयोजित किया गया जिसमें पचास लोगों ने रक्त दान किया, संगठन के अध्यक्ष प्रहलाद पूर्वे ने बताया कि लोगों ने उत्साह के साथ इस रक्तदान किया जिसे उत्साहित करने के लिए स्थानीय विधायक, विधान पार्षद और मुख्य नगर पार्षद भी मौजूद थे. रक्त दाताओं के लिए उचित अल्पाहार और जूस के व्यवस्था के साथ रक्तदाता के सम्मान का प्रमाणपत्र भी प्रदान किया गया. कार्यक्रम में एक दंपत्ति पंकज कारक व खुशबु भारती ने एक साथ रक्तदान किया जिसने समाज को एक सकारात्मक और उत्साहवर्धक संकेत दिया. शिविर में संगठन के क्र्यक्र्ताओं सहित कूल पचास लोगों ने रक्तदान किया.



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वहीँ दोपहर में गिलेशन बाजार के दुर्गा मंदिर पर अखिल भारतीय तुरहा कल्याण मंच द्वारा स्वैछिक रक्तदान शिविर का आयोजन दुर्गा मंदिर गिलेशन बाजार मधुबनी में आयोजित किया गया इस शिविर में भी लगभग 45 यूनिट का रक्तदान हुआ । इस रक्तदान शिविर का उद्घाटन माननीय विधायक समीर कुमार महासेठ ने किया। नगर परिषद के मुख्य वार्ड पार्षद सुनैना देवी मुख्य अतिथि रहे। शिविर में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए माननीय विधायक ने कहा कि रक्तदान रक्तदान मानवसेवा का उत्कृष्ट कार्य है। हर स्वास्थ्य व्यक्ति को प्रत्येक 3 महीना पर रक्तदान करना चाहिये। यही एक ऐसा कार्य है जिसमें लोग जाति, धर्म, रंग से ऊपर उठकर समाज के भलाई एवं उत्थान के बारे में सोंचते हैं। मधुबनी में इस तरह के आयोजन को देखकर खुशी की अनुभूति होती है। मुख्य वार्ड पार्षद सुनैना देवी ने कहा की मधुबनी में एनीमिया के मरीज ज्यादे पाए जाते हैं। इसलिए अधिक से अधिक युवाओं को रक्तदान करना चाहिए। साथ ही जो लोग रक्तदान से अनभिज्ञ हैं उन्हें भी जागरूक करने को जरूरत है। हमारी कोशिश रहेगी कि जन प्रतिनिधि को भी रक्तदान करने के लिए जागरूक किया जाय। संगठन के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि हमारे  समाज के युवाओं में शिक्षा का अभाव रहा है जिस वजह से रक्तदान जैसे पुनीत कार्य से विमुख रहे हैं। यह आयोजन उन्हें रक्तदान के लिए प्रेरित करेगा। 

मुजफ्फरपुर में डायन होने के संदेह में वृद्ध महिला की हत्या

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मुजफ्फरपुर 03 सितम्बर, बिहार में मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर थाना क्षेत्र में डायन बताकर भतीजे ने अपनी वृद्ध चाची की चाकू मारकर हत्या कर दी । पुलिस सूत्रों ने आज यहां बताया कि भटौलिया गांव निवासी तारकेश्वर राणा उर्फ बुच्ची ने कल देर रात डायन होने के संदेह में अपनी विधवा चाची राम लखन देवी (70) की गला दबा दी और बाद में चाकू से भी कई वार किये जिससे उसकी मौत हो गयी । तारकेश्वर के परिवार में एक बच्चे के बीमार होने पर उसे शक हो रहा था कि उसकी चाची डायन है और उसी के कारण बच्चा बीमार हुआ है। सूत्रों ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया । पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। शव पोस्टमार्टम के लिए श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है। 


मोदी ने भोज की थाली छीनने के अपमान का बदला नीतीश से लिया : लालू

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पटना 03 सितम्बर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को तरजीह नहीं देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भोज की थाली छीनने के अपमान का बदला लिया है । श्री यादव ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में जद यू को तरजीह नहीं दिये जाने के संबंध में आज यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि अब जदयू का कोई वजूद नहीं रह गया है । उसके नेता मंत्रिपद की शपथ लेने की तैयारी कर रहे थे , लेकिन भाजपा ने उन्हें इसके लिए न्योता ही नहीं दिया । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नीतीश कुमार से उस अपमान का बदला लिया है जब श्री कुमार ने भोज के लिए भाजपा नेताओं को निमंत्रण देने के बाद अंतिम समय में उसे रद्द कर दिया था । राजद अध्यक्ष ने कहा कि श्री कुमार ने कल खुद कहा था कि उनसे भाजपा के लोगों ने मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में कोई बात नहीं की है । उन्होंने कहा , “कोई किस बात के लिए आपसे राय लेगा । नरेन्द्र मोदी आपको जानते नहीं हैं क्या । आपके चाल-चलन को मोदी और अमित शाह अच्छी तरह से जानते हैं । ” उन्होंने कहा कि भाजपा ने श्री कुमार का अच्छा इलाज किया है तथा आगे और होना बाकी है ।


श्री यादव ने कहा कि श्री कुमार ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी अब राजग का हिस्सा हो गयी है और इसके बाद से उन्हें उम्मीद थी कि उनकी पार्टी के दो-तीन नेता केंद्र में मंत्री बन जायेंगे । उन्होंने कहा कि मीडिया में यह खबर गलत चल रही है कि जद यू ने दो मंत्री के पद की मांग की थी जबकि भाजपा उसे एक ही पद देना चाहती थी । सच्चाई यह है कि भाजपा जदयू को एक भी मंत्री का पद देने के लिए तैयार नहीं है । राजद अध्यक्ष ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी और श्री अमित शाह को बिहार भाजपा के लोगों ने रिपोर्ट दे दी थी कि श्री कुमार कांग्रेस को तोड़कर अपने दम पर बहुमत का जुगाड़ करने में लगे हैं । इसलिए उनपर विश्वास नहीं किया जाये । उन्होंने कहा कि श्री कुमार ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है और अब उनका कहीं गुजर-बसर होने वाला नहीं है ।श्री यादव ने कहा कि श्री कुमार राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर अच्छे से सरकार चला रहे थे और मनमानी करते थे । उन्हें लाख समझाया लेकिन नहीं माने और भाजपा के साथ चले गये । उन्होंने कहा कि उनका आने वाला दिन और भी बुरा होने वाला है । 

राजद अध्यक्ष ने आरा के सांसद राजकुमार सिंह को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जगह दिये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वह एक कुशल प्रशासक रहे हैं। उन्हें राज्य मंत्री नहीं बल्कि कैबिनेट मंत्री बनाना चाहिए था और रक्षा मंत्रालय की जिम्मेवारी दी जानी चाहिए थी। श्री यादव ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री बनाये गये अश्विनी चौबे भागलपुर के बहुचर्चित सृजन घोटाले में संलिप्त हैं । इस घोटाले में बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी शामिल हैं। जल्द ही इन्हें अपना पद छोड़ना होगा । राजद अध्यक्ष ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी को केन्द्रीय मंत्री नहीं बनाये जाने पर अफसोस जाहिर किया और कहा कि श्री राम विलास पासवान का पूरा परिवार मंत्री बन गया है , लेकिन श्री मांझी में ऐसी क्या कमी है जिसके कारण उन्हें बैठाकर रखा गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उपेन्द्र कुशवाहा को केन्द्रीय राज्य मंत्री से प्रोन्नत्ति देकर कैबिनेट मंत्री बनाया जाना चाहिए था। 

एनटीपीसी के भू-विस्थापितों ने रेल पटरी पर धरना देकर कोयले की आपूर्ति रोकी

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भागलपुर 03 सितंबर, बिहार में भागलपुर जिले के कहलगांव स्थित राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एटीपीसी) की विधुत इकाई से प्रभावित गांवों के भू-विस्थापितों ने आज सुबह से रेल लाइन पर धरना देकर कोयले की आपूर्ति बाधित कर दी। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि प्रभावित गांवों में सड़क, पानी, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की मांग को लेकर ओगरी, महेशामुंडा, लदमा और सरवदीपुर गांवों के भू-विस्थापितों ने रेल लाइन पर धरना शुरु कर दिया है। धरने के कारण इस सयंत्र को पूर्वी रेलवे से होने वाली कोयले की आपूर्ति बाधित हो गई है। सूत्रों ने बताया कि धरने से रेल सेवा बाधित होने की सूचना मिलते ही एनटीपीसी और स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच कर आंदोलनकारियों को समझाने-बुझाने में लगे हैं। इस बीच ग्रामीण विकास समिति के सचिव ओमप्रकाश मंडल ने कहा कि एनटीपीसी प्रबंधन की लालफीताशाही एवं वादाखिलाफी के कारण आज दुबारा भू-विस्थापितों को आंदोलन करने के लिए विवश होना पड़ा है। प्रबंधन के आश्वासन के बाद भी प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है । उन्होंने बताया कि जब तक हमलोगों की मांगें पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। 

बिहार में जातीय संतुलन बनाने की कोशिश

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पटना. 03 सितम्बर, केन्द्रीय मंत्रिमंडल में बिहार से दो नये चेहरे अश्विनी चौबे और आर.के.सिंह को शामिल कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिशन 2019 के अपने लक्ष्य को हासिल करने लिए राजनीतिक एवं प्रशासनिक अनुभव के साथ राज्य में जातीय संतुलन को भी ठीक करने की कोशिश की है। बिहार से मोदी मंत्रिमंडल में कुल आठ मंत्री थे लेकिन इनमें से कोई भी ब्राह्मण नेता नहीं था। श्री चौबे की ब्राह्मण राजनीति में मजबूत पकड़ है और उन्हें केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जगह देकर इस कमी को पूरा किया गया है। वहीं श्री राजीव प्रताप रूडी के इस्तीफे के कारण बिहार में राजपूत राजनीति पर पकड़ रखने वाले एक तेज - तर्रार नेता की कमी श्री आर के सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल पूरी की गयी है। मोदी मंत्रिमंडल में भाजपा कोटे से रविशंकर प्रसाद, राधामोहन सिंह, गिरिराज सिंह, रामकृपाल यादव, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से रामविलास पासवान, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) से उपेंद्र कुशवाहा मंत्री हैं। वहीं बिहार से ही भाजपा के राज्यसभा के सदस्य धर्मेंद्र प्रधान भी केन्द्रीय मंत्री हैं। हालांकि वह ओडिशा के मूल निवासी हैँ। पिछले 31 अगस्त को कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था । 


मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय संतुलन के साथ राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव का भी ख्याल रखा गया है। पहली बार सांसद बने अश्विनी कुमार चौबे 70 के दशक में जयप्रकाश आंदोलन से राजनीति में सक्रिय रहे और उनका राज्य की राजनीति में गहरा अनुभव है। श्री चौबे वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बक्सर से सांसद चुने जाने से पहले 1995 से 2014 तक बिहार के भागलपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार पांच बार विधायक रहे। वह करीब आठ वर्ष तक नीतीश मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य, शहरी विकास और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण जैसे अहम विभागों की जिम्मेवारी संभाल चुके हैं। श्री आर के सिंह का भले ही राजनीतिक अनुभव कम हो लेकिन उनकी प्रशासनिक कुशलता और दक्षता का लोहा उनके राजनीतिक विरोधी भी मानते हैं। नब्बे के दशक में भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी का रथ रोक कर सुर्खियां बटारने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के बिहार कैडर के पूर्व अधिकारी श्री सिंह केंद्र सरकार में गृह सचिव के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। गृह सचिव के रूप में उन्होंने समझौता एक्सप्रेस और मालेगांव धमाके में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े संगठनों तथा लोगों के शामिल होने संबंधी बयान दिए और इसके कारण भी वह खूब सुर्खियों में रहे। इमानदार और सख्त प्रशासक की छवि वाले श्री सिंह ने बिहार में पुलिस आधुनिकीकरण, जेल सुधार और आपदा प्रबंधन में अहम योगदान दिया था। केन्द्रीय मंत्रिमंडल में इससे पहले बिहार को सबसे ज्यादा महत्व मनमोहन सिंह सरकार के पहले कार्यकाल 2004 में मिला था । जब बिहार से दस नेता केन्द्रीय मंत्रिमंडल में थे। उस समय राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के लालू प्रसाद यादव रेल, रघुवंश प्रसाद सिंह ग्रामीण विकास, कांग्रेस की मीरा कुमार सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण, राजद के प्रेमचंद्र गुप्ता कंपनी उड्डयन (राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार), लोजपा के रामविलास पासवान रसायन, उर्वरक और इस्पात, राज्य मंत्री के रूप में कांग्रेस के शकील अहमद संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी, राजद के मो.तसलीमुद्दीन भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम, एमएए फ़ातमी मानव संसाधन विकास, कांति सिंह- मानव संसाधन विकास और अखिलेश सिंह कृषि, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह सरकार में शामिल थे । मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल में बिहार से एक भी मंत्री उनके मंत्रिमंडल में नहीं था। सासाराम की सांसद मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष थी। 

शिवहर में शराब पीने का विरोध करने पर पत्नी की हत्या

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शिवहर 03 सितम्बर, बिहार में शिवहर जिले के तरियानी थाना क्षेत्र में शराब पीने से मना करने पर अवकाश प्राप्त सैनिक ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। पुलिस सूत्रों ने आज यहां बताया कि मुसहरी गांव निवासी अवकाश प्राप्त सेना का जवान वीरेन्द्र कुमार सिंह उर्फ अजीत को शराब पीने की लत थी जिसका उसकी पत्नी नीलू देवी विरोध करती थी। इसी को लेकर उसने नीलू (32) की गला दबा कर हत्या कर दी तथा शव को भी जला दिया। सूत्रों ने बताया कि सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर थाना क्षेत्र के प्रेम नगर गांव निवासी मृतका का भाई मनीष ने आज संबंधित थाना में पति अजीत, ससुर दिनेश सिंह उर्फ रामनिहोरा और सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। घटना के बाद से सभी आरोपी फरार हैं। सूत्रों ने बताया कि दो माह पूर्व नीलू ने पति के शराब पीकर तंग करने एवं मारपीट करने की शिकायत पुलिस अधीक्षक प्रकाश नाथ मिश्रा से की थी, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कर्रवाई करते हुए अजीत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अजीत 10 दिन पूर्व ही जेल से जमानत पर रिहा हुआ था और फिर शराब पीना शुरू कर दिया था। इसी का विरोध करने के कारण उसने पत्नी की हत्या कर दी। 

समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन शुरू

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समस्तीपुर 03 सितंबर, बिहार में पूर्व-मध्य रेलवे के समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर बाढ़ के कारण बंद पड़ी रेल सेवा आज से शुरू कर दी गई। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक एवं मीडिया प्रभारी वीरेन्द्र कुमार ने यहां बताया कि समस्तीपुर रेल मंडल के हायाघाट-थलवारा के बीच बनी पुल संख्या-16 पर बाढ़ के पानी के कारण पिछले 15 दिनों से समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद था। उन्होंने बताया का बाढ़ का पानी कम होने से इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया गया है। श्री कुमार ने बताया कि इस रेलखंड पर आज से गाड़ी संख्या 12562 स्वतंत्रता सेनानी सुपर फास्ट, 14674 शहीद एक्सप्रेस और 19156 साबरमती एक्सप्रेस के परिचालन की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने बताया कि ये ट्रेनें अपने निर्धारित मार्ग से ही चलेगी। उन्होंने बताया कि समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर बाढ़ के कारण ट्रेन सेवा बंद होने से केवल यात्री सेवा से प्राप्त होने वाली आय में करीब 15 करोड़ रुपये की कमी आई है।

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