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विशेष : गणेश चतुर्थी का, उत्सव गणपति की आराधना

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मेरे घर में पधारों गजानन जी...
गण का अर्थ है वर्ग, समूह, समुदाय और ईश का अर्थ है स्वामी। अतः गणेश शब्द का अर्थ है, ‘जो समस्त जीव-जगत के ‘ईश‘ अर्थात मालिक हैं वही गणेश हैं। ‘गणानां जीवजातां यः ईशः स्वामी स गणेशः।‘ आठ वसु, ग्यारह रुद्र और बारह आदित्य गणदेवता कहे गए हैं। ज्योतिष शास्त्र में अश्विनी आदि जन्म नक्षत्रों के अनुसार देव मानव एवं राक्षसगण हैं। इन सबके ईश श्रीगणेश हैं यानी ज्ञानार्थवाचको गश्चणश्च निर्वाणवाचकः। तयोरिषं परब्रह्मं गणेशम् प्राणाम्यहम्।। अर्थात ‘ग‘ ‘ज्ञानार्थवाचक‘ और ‘ण‘ ‘निर्वाणवाचक‘ है। ज्ञान-निर्वाणवाचक गण के ईश परब्रह्म हैं, मैं उनको प्रणाम करता हूं। श्री गणेश, ज्ञान, बुद्धि, विवेक के प्रतीक है 



ganpati bappa
‘घर में जब हो गणपति का वास तो हर मुश्किल हो जाती है आसान। अगर दिन हो गणेश चतुर्थी का, उत्सव हो गणपति की आराधना का तो बाप्पा की कृपा पाने का इससे अच्छा मौका भला और क्या हो सकता है।‘ ऐसा शास्त्रों में भी कहा गया है। गणेश चतुर्थी बुद्धि और ज्ञान के देवता भगवान श्रीगणेश की पूजा का सबसे बड़ा दिन है। अगर इस दिन की पूजा सही समय और मुहूर्त पर विधि विधान से की जाए तो हर मनोकामना की पूर्ति होती है। धन संपदा, कामयाबी और खुशियां, छप्पर फाड़ कर बरसने लगती हैं। विद्या, बुद्धि की तथा ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति तो होती ही है, विघ्न-बाधाओं का भी समूल नाश होता है। ऐसा माना जाता है कि गणपति जी का जन्म मध्यकाल में हुआ था इसलिए उनकी स्थापना इसी काल में होनी चाहिए। पौराणिक मान्यताओं में किसी भी देवी-देवता में सबसे पहले गणपति की पूजा होती है। क्योंकि यह वरदान और ऐसी व्यवस्था उनके पिता भगवान शंकर ने ही की, जिसके बाद से वह सबसे पहले पूजे जाते हैं। श्री गणेश जी विघ्न विनायक हैं जो आपके जीवन के दुखों को हर लेते हैं। भगवान गणेश का स्वरूप मनोहर एवं मंगलदायक है। वे अपने उपासकों पर जल्दी ही प्रसन्न होकर उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। 

उमा-महेश्वर के पुत्र है श्रीगणेश  
एक रूप में भगवान श्रीगणेश उमा-महेश्वर के पुत्र हैं। वे अग्रपूज्य, गणों के ईश, स्वस्तिक रूप तथा प्रणव स्वरूप हैं। ऐसी मान्यता है कि हरित वर्ण का दूर्वा जिसमें अमृत तत्व का वास होता है, उसको भगवान श्री गणेश पर चढाने से समस्त विघ्नों का नाश हो जाता है तथा अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है। गणेश ज्ञान-विज्ञान के देवता भी माने जाते हैं। विनायक के बारह नामों से की गई स्तुति सभी संकटों का निवारण करने वाली है। गणेश चतुर्थी के दिन विनायक की प्रतिमा की परिक्रमा बहुत ही फलदायक मानी जाती है जो आपके जीवन में शुभता को लाती है। वैसे भी मानव जीवन का परम लक्ष्य सद्गुणों में वृद्धि के साथ देवत्व की प्राप्ति है। परन्तु काम, क्रोध, मद और लोभ जैसे आसुरी भाव उसमें सबसे बड़ा विघ्न पैदा करते हैं। ऐसे में भगवान श्रीगणेश की साधना, उपासना करके सभी कार्यो में निर्विघ्नता पाई जा सकती है। समस्त मांगलिक कार्यो के आरंभ में श्रीगणेश का पूजन, स्तवन, स्मरण, नमन आदि का विधान भी है। विद्यारंभ या व्यावसायिक बही-खातों के प्रथम पृष्ठ पर ‘श्रीगणेशाय नमः‘ मांगलिक वाक्य अवश्य लिखा जाता है। श्रीरामचरित मानस में तो संत तुलसीदास सर्वांग्र-पूज्य, आदिपूज्य, पार्वती तनय श्रीगणेश की गरिमा में कहते हैं, ‘महिमा जासु जान गनराऊ, प्रथम पूजिअत नाम प्रभाऊ‘। 

समाज के प्रेरणास्रोत है श्रीगणेश 
हाथी सी काया यानी बुद्धि, धैर्य एवं गांभीर्य की प्रधानता। बड़े कान इस बात का द्योतक हैं कि सबकी सुनने के बाद धीरता एवं गंभीरतापूर्वक विचार करने वाला व्यक्ति ही अपने कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है। श्रीगणेश जी का विशाल व्यक्तित्व यह प्रकट करता है कि जिस महापुरुष में सुबुद्धि जितनी विशाल होती है, उसकी कुबुद्धि उतनी ही छोटी होती है। श्रीगणेश का बौना स्वरुप इस बात का द्योतक हैं कि व्यक्ति सरलता, नम्रता आदि सद्गुणों के साथ स्वयं को छोटा मानता हुआ अपने प्रत्येक कार्य को प्रभु को अर्पण करता हुआ चले ताकि उसमें अहंकार के भाव उत्पंनद न हो। श्री गणपति लंबोदर हैं। उनका मोटा उदर इस बात का द्योतक है कि व्यक्ति को सबका भला-बुरा सुनकर उसे अनावश्यक प्रकाशित नहीं करना चाहिए। महर्षि व्यास के आग्रह पर श्रीगणेश द्वारा महाभारत जैसे महाकाव्य का निरंतर लेखन इस बात की प्रेरणा देता है कि कार्य चाहे कितना ही दुष्कर हो, निरंतर, अनवरत, एकाग्रचित्ता से, दुढ़ इच्छाशक्ति से, मन लगाकर किया जाय तो दुष्कर कार्य भी साध्य हो जाते हैं। गणेश जी के चार आयुध पाश, अंकुश, वरदहस्त और अभयहस्त हैं। श्रीगणेश पाश द्वारा भक्तों के पाप समूहों तथा संपूर्ण प्रारब्ध का आकर्षण करके अंकुश से उसका नाश करते हैं व भक्तों की कामनापूर्ति करते हैं। 


बुद्धि-विवेक के अधिष्ठाता है श्रीगणेश 
जीवन में इहलोक-परलोक को सुधारने के लिए ज्ञान-विवेक की आवश्यकता होती हैं। इसके अधिष्ठाता देवता श्रीगणेश हैं। गीता में दो बुद्धियां बताई गयी है। जो बुद्धि संसार के द्वैतभाव को नष्टकर अद्वैतभाव स्वरुप सच्चिदानंद परब्रह्म में अवस्थान करा दें, वह सुबुद्धि और परमात्मा को विषय न करती हुई अद्वैतमय परमत्व में संसार के प्रचंड का विस्तार करें वह कुबुद्धि होती है। सुबुद्धि में सांसारिक प्रपंच क्षीण होकर अद्वैतभाव में लीन होने के भाव को सूचित करने के लिए श्रीगणेश गजवंदन हैं। चित्त की पांच वृत्तियां मानी गई है- क्षिप्त, मूढ़, विक्षिप्त, एकाग्र और निरुद्ध। जहां-जहां चित्त जाता है उसमें वह तदाकार हो जाया करता है। जो अपनी चित्त वित्तियों का निरोध करते हुए ध्योय के साथ तदाकार हो जाता है उसे अखंड और अनुपम आनंद का अनुभव होने लगता हैं। चित्त वित्तियों का निरोध मूलाधार चक्र के विकसित होने से होता है और शरीर के मूलाधार चक्र पर श्रीगणेश का स्थान माना जाता है। ‘गणपत्यथर्वशीर्ष‘ में श्रीगणेश का श्रेष्ठ मंत्र निरुपित किया गया है। ‘ऊं गं गणपतये नमः‘ इस मंत्र में गकार पूर्वरुप, मध्यम आकार और अन्त्यरुप अनुस्वार हैं। बिन्दु उत्तररुप है। इस मंत्र में ‘गं‘ बीज है और ‘ओंकार‘ शक्ति है। इसके संबंध में एकाक्षर- ‘गणपतिकवच‘ में कहा गया है- ‘ग बींज शक्तिरोंकारः सर्वकामार्थसिद्धये।‘ अतः सर्व कार्यो की निर्विघ्न सिद्धि के लिए श्रीगणेश की अग्रपूज्यता एवं आराधना का माहात्मय है। गणेशजी का वाहन चूहा है। ऋद्धि व सिद्धि गणेशजी की दो पत्नियां हैं। इनका सर्वप्रिय भोग लड्डू हैं। प्राचीन काल में बालकों का विद्या-अध्ययन आज के दिन से ही प्रारम्भ होता था। आज बालक छोटे-छोटे डण्डों को बजाकर खेलते हैं। यही कारण है कि लोकभाषा में इसे डण्डा चैथ भी कहा जाता है। 

इस मंत्र से मिलता है कर्जमुक्ति 
‘ऊं गं (गम) गणपतये नमः सिद्धि विनायक नमो नमः, अष्ट विनायक नमो नमः गणपति बप्पा मोरया, ऊं गणेशाय नमः एवं श्री गणेशाय नमः।। इन मंत्रों का 11 या 108 बार जाप करने मात्र से मिल जाती है कर्ज से मुक्ति। वैसे भी ये ऐसे मंत्र है जिनका उच्चारण सदियों से होता आया है। किसी भी कार्य के शुभारंभ से पहले हम इन मंत्रों का उपयोग करते हैं। ऊंकारमाघं प्रवदंति संतो वाचः श्रुतीनामपि यं गृणन्ति। गजाननं देवगणानताङ्फघ्निं भजेअहम धर्मेन्दुकृतावंत समः।। अर्थात संत-महात्मा जिन्हें आदि ऊंकार बताते हैं, श्रुतियों की वाणियां भी जिनका स्तवन करती है, समस्त देव समुदाय जिनके चरणारविंदों में प्रणत होता है तथा अर्धचंद्र जिनके भालदेश का आभूषण है, उस भगवान गजानन का मैं भजन करता हूं। 

माता-पिता का परिक्रमा कर गणेश हुए अग्रणी 
कहा जाता है कि एक बार सभी देवों में यह प्रश्न उठा कि पृथ्वी पर सर्वप्रथम किस देव की पूजा होनी चाहिए। सभी देव अपने को महान बताने लगे। अंत में इस समस्या को सुलझाने के लिए देवर्षि नारद ने शिव को निणार्यक बनाने की सलाह दी। शिव ने सोच-विचारकर एक प्रतियोगिता आयोजित की- जो अपने वाहन पर सवार हो पृथ्वी की परिक्रमा करके प्रथम लौटेंगे, वे ही पृथ्वी पर प्रथम पूजा के अधिकारी होंगे। सभी देव अपने वाहनों पर सवार हो चल पड़े। गणेश जी ने अपने पिता शिव और माता पार्वती की सात बार परिक्रमा की और शांत भाव से उनके सामने हाथ जोड़कर खड़े रहे। कार्तिकेय अपने मयूर वाहन पर आरूढ़ हो पृथ्वी का चक्कर लगाकर लौटे और गर्व से बोले, मैं इस स्पर्धा में विजयी हुआ, इसलिए पृथ्वी पर प्रथम पूजा पाने का अधिकारी मैं हूं। शिव अपने चरणों के पास भक्ति-भाव से खड़े विनायक की ओर प्रसन्न मुद्रा में देख बोले, पुत्र गणेश तुमसे भी पहले ब्रह्मांड की परिक्रमा कर चुका है, वही प्रथम पूजा का अधिकारी होगा। कार्तिकेय खिन्न होकर बोले, पिताजी, यह कैसे संभव है? गणेश अपने मूषक वाहन पर बैठकर कई वर्षो में ब्रह्मांड की परिक्रमा कर सकते हैं। आप कहीं तो परिहास नहीं कर रहे हैं? नहीं बेटे! गणेश अपने माता-पिता की परिक्रमा करके यह प्रमाणित कर चुका है कि माता-पिता ब्रह्मांड से बढ़कर कुछ और हैं। गणेश ने जगत् को इस बात का ज्ञान कराया है। इतने में बाकी सब देव आ पहुंचे और सबने एक स्वर में स्वीकार कर लिया कि गणेश जी ही पृथ्वी पर प्रथम पूजन के अधिकारी हैं। 

मोदक और भगवान गणेश
भगवान गणेश की मूर्तियों एवं चित्रों में उनके साथ उनका वाहन और उनका प्रिय भोजन मोदक जरूर होता है। शास्त्रों के मुताबिक भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए सबसे आसान तरीका है मोदक का भोग। गणेश जी का मोदक प्रिय होना भी उनकी बुद्धिमानी का परिचय है। भगवान गणेश को मोदक इसलिए भी पसंद हो सकता है क्योंकि मोदक प्रसन्नता प्रदान करने वाला मिष्ठान है। मोदक के शब्दों पर गौर करें तो मोदक का अर्थ होता है हर्ष यानी खुशी। भगवान गणेश को शास्त्रों में मंगलकारी एवं सदैव प्रसन्न रहने वाला देवता कहा गया है। अर्थात् वह कभी किसी चिंता में नहीं पड़ते। गणपत्यथर्वशीर्ष में लिखा है, यो मोदकसहस्त्रेण यजति स वांछितफलमवाप्नोति। इसका अर्थ है जो व्यक्ति गणेश जी को मोदक अर्पित करके प्रसन्न करता है उसे गणपति मनोवांछित फल प्रदान करते हैं।

गणपति महोत्सव 
वैसे तो प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का दिन भी भगवान श्रीगणेश को प्रसंन करने के लिए बेहतर है, लेकिन भाद्रपद के शुक्लपक्ष की गणेश चतुर्थी विशेष फलदायी है। यह दिन गणेश जी के पूजन और उनके नाम का व्रत रखने का विशिष्ट दिन है। गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और गणेश चैथ के नाम से भी जाना जाता है। गणेश पुराण में वर्णित कथाओं के अनुसार इसी दिन समस्त विघ्न बाधाओं को दूर करने वाले, कृपा के सागर तथा भगवान शंकर और माता पार्वती के पुत्र श्री गणेश जी का आविर्भाव हुआ था। गणेशोत्सव अर्थात गणेश चतुर्थी का उत्सव, 10 दिन के बाद, अनन्त चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है। इस दिन गणेश विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है। अनन्त चतुर्दशी के दिन श्रद्धालुजन बड़े ही धूम-धाम के साथ सड़क पर जुलूस निकालते हुए भगवान गणेश की प्रतिमा का सरोवर, झील, नदी इत्यादि में विसर्जन करते हैं। शिवपुराणमें भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को मंगलमूर्तिगणेश की अवतरण-तिथि बताया गया है। जबकि गणेशपुराण के मुताबिक गणेशावतार भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को हुआ था। गणपति यानी ‘गण’ अर्थात पवित्रक। ‘पति’ अर्थात स्वामी, ‘गणपति’ अर्थात पवित्रकोंके स्वामी। भाद्रपद मास की शुक्ल चतु्र्थी को अत्यंत शुभ माना जाता है। भविष्यपुराण अनुसार इस दिन अत्यंत फलकारी शिवा व्रत करना चाहिए। इस दिन से दस दिनों का गणेशमहोत्सव शुरु होता है। पौराणिक मान्यता है कि दस दिवसीय इस उत्सव के दौरान भगवान शिव और पार्वती के पुत्र गणेश पृथ्वी पर रहते हैं। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। उन्हें बुद्धि, समृद्धि और वैभव का देवता मान कर उनकी पूजा की जाती है। रोशनी, तरह-तरह की झांकियों, फूल मालाओं से सजे मंडप में गणेश चतुर्थी के दिन पूजा अर्चना, मंत्रोच्चार के बाद गणपति स्थापना होती है। यह रस्म षोडशोपचार कहलाती है। भगवान को फूल और दूब चढाए जाते हैं तथा नारियल, खांड, 21 मोदक का भोग लगाया जाता है। दस दिन तक गणपति विराजमान रहते हैं और हर दिन सुबह शाम षोडशोपचार की रस्म होती है। 11वें दिन पूजा के बाद प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाया जाता है। कई जगहों पर तीसरे, पांचवेया सातवें दिन गणेश विसर्जन किया जाता है। 

11 दिनों का होगा गणेशोत्सव 
गणेश चतुर्थी 25 अगस्त को है। इस बार गणेशोत्सव 10 दिन के बजाय 11 दिनों तक चलेगा। क्योंकि इस अवधि में दो दशमी तिथि पड़ रही हैं। पहला 31 अगस्त और दुसरा 1 सितंबर है। दोनो दिन दशमी तिथि रहेगी। इसलिए इस बार गणोत्सव 25 अगस्त से शुरु होकर पांच सितंबर अनंत चतुर्दशी तक चलेगा। ज्योतिषियों के मुताबिक अगस्त और सितम्बर के बीच भाद्रप्रदा हर साल आता है। यह शुक्ल चतुर्थी (अर्थात् चांद वृद्धि अवधि के चैथे दिन पर शुरू होता है। अनंत चतुर्दशी पर 10 दिन अर्थात् चांद वृद्धि अवधि के 14 वें दिन के बाद समाप्त होता है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर भाद्रपद शुक्लपक्ष अमृत योग व वियोग के हस्त नक्षत्र में प्रतिमा स्थापना की जाएगी। इसके लिए अमृत योग अलसुबह 5.51 से लेकर शाम 8.32 तक रहेगा। वहीं रवि योग सूर्योदय से दोपहर 1.35 तक रहेगा। यह शुभ अवसर दशमी तिथि के दो दिवसीय होने के कारण प्राप्त हो रहा है। दशमी तिथि 31 अगस्त और 1 सितंबर दोनों ही दिन मनाई जाएगी। 

गणेश विसर्जन 
यह गणेश चतुर्थी के 11 वें दिन होता है। गणेश विसर्जन अनंत चतुर्दशी के अंत में किया जाने वाला अनुष्ठान समारोह है। इस बार गणेश विसर्जन 5 सितंबर को है। कुछ लोग अनंत चतुर्दशी से पहले 3, 5, 7, 10 वें और 11 वें दिन गणेश विसर्जन करते हैं। ये तिथि इस प्रकार है 
26 अगस्त, 2017 को गणेश विसर्जन डेढ़ दिन पर होगा।
27 अगस्त, 2017 को गणेश विसर्जन तीसरे दिन होगा।
29 अगस्त, 2017 को गणेश विसर्जन 5 वें दिन होगा।
1 सितंबर, 2017 को गणेश विसर्जन 7 वें दिन होगा।
10 वें दिन गणेश विसर्जन 4 सितंबर, 2017 को होगा।
11 वें दिन (अनंत चतुर्दशी) गणेश विसर्जन 5 सितंबर, 2017 को होगा।
अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन की पूरी अवधि 4 घंटे और 40 मिनट के लिए है। गणेश विसर्जन का समय सुबह में 9.12 से दोपहर में 1.54 बजे तक है। 





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(सुरेश गांधी)

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 04 सितम्बर

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जल प्रदाय वाले स्त्रोतों पर मूर्ति विसर्जन न करें

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म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी गणमान्य नागरिकों से अनुरोध किया है कि जल की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़े इसलिए जल प्रदाय वाले स्त्रोतों पर मूर्तियों का विसर्जन नहीं किया जाये। प्रतिमाओं के विसर्जन हेतु आवश्यकतानुसार जल स्त्रोत (नदियों/तालाब) में निश्चित किये गये स्थानों पर ही विसर्जन करें, जिससे अन्य नदियों एवं तालाबों को प्रदूषण से बचाया जा सके। प्रतिमाओं के साथ लाये गये उनके वस्त्र, पूजन सामग्री, प्लास्टिक का सामान पॉलीथीन बेग्स एवं अनावश्यक सामग्री को तालाब एवं नदियों में नहीं डाला जाये। विसर्जन के पूर्व इस प्रकार की सामग्रियों को प्रतिमाओं से हटा लिया जाये। प्रतिमा विसर्जन हेतु निर्मित अस्थाई तालाब (कुण्ड) में मूर्ति विसर्जन कराया जाये। ऐसे स्थलों के चारों ओर सुरक्षा घेरा तथा तल में सिन्थेटिक लाइनर लगाया जाये जिसमें विसर्जन उपरांत बचे हुए अवशेषों को किनारे पर लाकर व मिट्टी इत्यादि को लैण्ड फिल में डाला जाये तथा लकडी व बांस को पुनः उपयोग किया जाये। मूर्ति विसर्जन के बाद 24 घण्टे के अन्दर जल स्त्रोतों में विसर्जित फूल, वस्त्र, सजावटी सामान (रंगीन कागज एवं प्लास्टिक वस्तुओं) को निकाल लिया जाए जिससे जल जीवन पर मूर्ति विसर्जन का न्यूनतम विपरीत प्रभाव पड़े एवं मूर्ति विसर्जन स्थलों के पास ठोस अपशिष्ट को नहीं जलाया जाये। 


विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 04 सितम्बर

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शौचालय विहीन ना हो, आंगनबाडी एवं स्कूल 

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कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने आज लंबित आवेदनों की समीक्षा के दौरान कहा कि जिले के सभी शासकीय स्कूल एवं आंगनबाडी केन्द्र शौचालय विहीन ना हो। यदि अब तक शौचालय बनाने की कार्यवाही पूर्ण नही हुई है तो शीघ्रतिशीघ्र पूर्ण कराई जाए और संबंधित विभागों के अधिकारियों के द्वारा शतप्रतिशत शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है के आश्य का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाए। कलेक्टर श्री सुचारी ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि 9वीं कक्षा के विद्यार्थियों को विज्ञान और गणित की किताबों की शतप्रतिशत पूर्ति नही की गई है ततसंबंध में डीईओ नेमा ने बताया कि सिलेबस चैन्ज होने के कारण किताबों के नवीन आर्डर राज्य शिक्षा केन्द्र को प्रेषित किए गए है। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि हितग्राहीमूलक योजनाआंें में एसबीआई की शाखाओं के द्वारा वित्त पोषण कराने में लापरवाही बरती जा रही है। क्षेत्र के जीएम को अवगत कराते हुए शाखाओं में जमा शासकीय धन अन्य बैंको में हस्तांतरित करने की कार्यवाही क्रियान्वित करने के निर्देश उन्होंने दिए है। कलेक्टर श्री सुचारी ने मध्यप्रदेश आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक श्री अनिल मरावी के द्वारा विभागीय लक्ष्यों की पूर्ति में की जा रही कोताही पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए ग्रामीण विकास विभाग के पीएस को कार्यवाही करने हेतु पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए है। इसी प्रकार एकीकृत बाल विकास सेवाएं विभाग में रिक्त पदो की पूर्ति हेतु पत्राचार करने के भी निर्देश दिए है। कलेक्टर श्री सुचारी ने नगरीय क्षेत्रों मेें आवासहीनों को पट्टाधृतीय अधिकार सर्वे के उपरांत पात्रताधारियों की सूची चस्पा करने एवं दावे आपत्तियां जारी कार्यक्रम अनुसार आमंत्रित करने के निर्देश दिए है। ततसंबंध में एसडीएम श्री रविशंकर राय ने बताया कि सर्वे उपरांत पात्रताधारियों की सूची नगरपालिका एवं तहसील कार्यालय के सूचना पटलों पर चस्पा की जा चुकी है दावे आपत्तियां 11 सितम्बर तक आमंत्रित की गई है। बैठक में श्रम, कृषि, आधार कार्ड, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य विभाग, ऊर्जा विभाग के लंबित आवेदनों और जाति प्रमाण पत्र, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की अद्यतन प्रगति की भी समीक्षा की गई। वही वरिष्ठ कार्यालयों के साथ-साथ मानव अधिकार आयोग, पीजी सेल, समाधान आॅन लाइन और जन शिकायत निवारण के प्राप्त आवेदनों और पेपर कंटिग पर अब तक संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाहियों की बिन्दुवार जानकारियां प्रस्तुत की गई। कलेक्टेªट के सभाकक्ष में हुई इस बैठक में अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा, एसडीएम श्री रविशंकर राय डिप्टी कलेक्टर श्री एके मांझी के अलावा समस्त विभागों के जिलाधिकारी मौजूद थे। 



संकल्प से सिद्वि अभियान कार्यक्रम

संकल्प से सिद्वि अभियान कार्यक्रम की निहित बिन्दुओं का शत प्रतिशत क्रियान्वयन जिले में हो इसके लिए कलेक्टर द्वारा अधिकारियों को नोड्ल बनाया गया है। प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में जिला मुख्यालय पर एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन सात सितम्बर को किया गया है। अभियान के तहत जिले के प्रत्येक पंचायत स्तर पर छह सितम्बर को स्वच्छता अभियान, रैली एवं चैपाल का आयोजन कर आमजनों को अभियान की उद्वेश्यों की जानकारी देते हुए गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, जातिवाद, सम्प्रदायिकता एवं आतंकवाद के खतरों से आगाह कर उनके उन्मूलन एवं संकल्प दिलाने का कार्य किया जाएगा। सात सितम्बर को जिला मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में देश के समक्ष विद्यमान चुनौतियों के उन्मूलन में सरकार के साथ समाज, एनजीओ की भूमिका तथा आमजनांे से प्राप्त सुझाव संकलित कर राज्य शासन को प्रेषित करने की कार्यवाही क्रियान्वित की जाएगी। उक्त कार्यक्रम के लिए जिला पंचायत को नोडल अधिकारी बनाया गया है। मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद की जिला इकाई सहयोगी टीम के रूप में कार्य करेगी।

धूमधाम से गणेष विसर्जन की अपील

विदिशाः गणेष प्रतिमा विसर्जन को लेकर चली आ रही अनिर्णय की स्थिति पर व्यापार महासंघ की पहल पर जिला प्रषासन के स्वेच्छा से विसर्जन के निर्णय का वरिष्ठ कांग्रेस नेता शषांक भार्गव ने स्वागत किया है। और व्यापार महासंघ के अध्यक्ष मुन्ना भैय्या जैन महामंत्री घनष्याम बंसल एवं अन्य पदाधिकारियों की प्रषंसा की है। सनातन श्री हिन्दू उत्सव समिति गणेष उत्सव समितियों एवं शहरवासियों की धार्मिक आस्था और परंपरानुसार विसर्जन की अनुमति के निर्णय का स्वागत करते हुये श्री भार्गव ने धार्मिक आस्थाओं की शांतिपूर्वक मांग रखने के लिए सनातन श्री हिन्दू उत्सव समिति के समस्त पदाधिकरियों एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं की भी सराहना की है। एवं बताया कि अनंत चर्तुदषी पर विसर्जन के दौरान वे अपने साथियों के साथ जानकी कुण्ड पर उपस्थित रहेंगे जिससे बिना किसी दबाब के गणेष उत्सव समितियाॅ अपनी धार्मिक आस्थाओं और परंपराओं अनुसार प्रतिमा विसर्जन सम्पन्न कर सकें। अपील करने वालों में ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष वीरेन्द्र पीतलिया, शैलेन्द्र भदौरिया, अब्दुल मजीद भाई, अजय कटारे, राजू अवस्थी, प्रियका किरार, अजय दांतरे, दीवान किरार, अनुज लोधी, मोहरसिंह रघुवंषी, बृजेन्द्र परमार, रवि साहू, विजय दीक्षित, प्रषांत शर्मा, अभिनय गट्टू तिवारी, सुमित वैद्य, अब्दुल हक, भानूप्रतापसिंह दरबार, अभिराज शर्मा, सरूण गुप्ता, हैप्पी शर्मा दीपक दुबे सहित सभी धर्मप्रेमी बंधु शामिल है।

”सत्यागृह संघ का रहेगा, जानकी कुण्ड पर पहरा“

विदिशाः देष और धर्म के प्रति हमेषा कर्तव्यनिष्ठता के संकल्प के साथ हमेषा सत्यागृह संघ की अहम भूमिका रही है, और वर्तमान में भी सनातन श्री हिन्दू उत्सव समिति को धार्मिक आस्थाओं के अनुरूप विसर्जन के लिये प्रथम पड़ाव से अंतिम पडाव मतलब धरने से लेकर विसर्जन तक पूर्णतः संहयोग दिया जा रहा है, प्रतिमा विसर्जन के दौरान कार्यकर्ता जानकी कुण्ड पर उपस्थित रहकर प्रषासन द्वारा दिये गये वादे को अमली जामा पहनाने हेतु। कुण्ड पर अपना पहरा बनाये रखेगें जिससे धार्मिक आस्थाअें के ऊपर दबाब न बनाया जा सके। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 04 सितम्बर

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देवी देवताओ का चलता फिरता मंदिर हे गो माता: संत रघुवीर दास जी

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पिटोल । 33 करोड़ देवी देवताओ का चलता फिरता मंदिर हे गौ माता ।गौ माता की पूजा करने मात्र में 33 करोड़ देव देवताओ की पूजा का लाभ मिल जाएगा।आज हमारे लिये बड़े दुर्भाग्य की बात है ,आज हमने गौ माता को हमारे घर से बाहर कर दिया है इसी कारण आज आज गौ माता कसाई के कत्लखाने पहुच गई हे।आज कत्लखानो में गौ हत्या हो रही है और इसका सारा दोष हमारी मनुष्य जाती को जाता हे।पहले हमारे घरो के आँगन में गौमाता विराजमान रहती थी,परंतु आज गौ माता की जगह कुत्तो और गाडियो ने लेली है।गौ मूत्र का पान करने से ही हमें सभी तीर्थो का पुण्य प्राप्त होजाता है।हमें अपना जीवन सफल और खुशहाल करना हो तो कम से कम एक गौ माता घर लाकर उनका पालन पोषण करो,और यदि घर में जगह नहीं है तो गौ शाला में जाकर किसी एक गौ माता को गोद लेकर जीवन भर उसका भरण पोषण करने का संकल्प लो और फिर देखो आपका जीवन कितना खुशहाल हो जाता है। यह बात पिटोल के श्री राधा कृष्णा मंदिर में चल रही श्री मद् भागवत कथा में गौ संत परम पूज्य श्री रघुवीर दास जी महाराज ने कही।कथा में श्री कृष्णा जन्मोत्सव बड़ी धूम धाम से मनाया गया संगीतमय भजनों पर कृष्णा जन्म में भक्त जैम कर थिरके।


श्रीमद् भागवत कथा में मनाया कृष्ण जन्मोत्सव

झाबुआ। स्थानीय श्री नवग्रह शनि मंदिर के पीछे स्थित राठौर धर्मशाला में राठौर समाज द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन चल रहा है। कथा के पांचवे दिन सोमवार को व्यास पीठ से कथा वाचक पं. अनुपानंदजी महाराज कानुपर ( उत्तर प्रदेश ) ने कृष्ण जन्म महोत्सव की कथा का बखान किया। भगवान श्रीराम एवं श्रीकृष्ण जन्म का गंूढ रहस्य बताया। उन्होने कहा कि मनुष्य को भगवान कृष्ण की लीलाओं को सुनना गाना चाहिए, इससे मनुष्य में सांसारिक रस समाप्त होकर धार्मिक रस का प्रभाव होता है। उन्होने कथा में आगे श्रीकृष्ण जन्म की लीलाओं का मनोहारी वर्णन करते हुए कहा कि राजा परीक्षित से शुकदेव कहते है कि संसार का कल्याण करने के लिए भगवान अवतार लेते है, जब जब धर्म की हानि होती है तब सज्जनों का कल्याण और राक्षसों का वध करने के लिए भगवान अवतार लेते है। पंडितजी ने भगवान के नाम की महिमा का गान करते हुए बताया कि कलयुग में कल्याण का व भागवत चरणों को प्राप्त करने का साधन एक भाव हरि नाम है। उन्होने कहा कि हमें भगवान से भक्ति के अतिरिक्त और कुछ नही मांगना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा के अंतर्गत पांचचे दिन के अमृत वचनों में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कैसे हुआ और जन्म के बारे में श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से विस्तृत वृतांत सुनाया। जिससे कथा में उपस्थित श्रोता खुशी से झुम उठे। कथा में कृष्ण जन्मोत्सव में वासुदेव बने रितेश राठौर नन्हें बालक कृष्ण को टोकरी में लेकर आये वैसे ही सूमचे पांडाल में खुशियां छा गई और पुष्पवर्षा, फल, फूल और टाफियों से सजे संत्सग हाॅल में हर कोई झुमता दिखाई दिया। कृष्ण जन्म होते ही समूचे पांडाल में हाथी घोडा पालकी जय कन्हैयालाल की... जयघोष से गंूज उठा और संत्सग हाॅल में मौजूद श्रद्वालु झुमकर नाचने लगे। महिलाओं और युवाओं ने नृत्य कर वातावरण को आंनदित कर दिया। पश्चात उपस्थित श्रद्वालुओं को केसर के छापे लगाये गये। कृष्ण जन्मोत्सव की आरती पश्चात माखन मिश्री का भोग लगाकर उत्सव मनाया।

आज पं.हरिप्रसाद अग्निहोत्री की छठवी पुण्यतिथि मनाई जायेगी

झाबुआ । झाबुआ जिले के कांग्रेस के भीष्म पितामह स्व0 पं0 हरिप्रसाद अग्निहोत्री की छठवी पुण्यतिथि एवं पूर्व उपराष्ट्रपति डाॅ.सर्वपल्ली राधाकृष्णनन का जन्म दिवस शिक्षक दिवस के रूप में दिनांक 05.9.2017 मंगलवार को प्रातः 10 बजे स्थानीय जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय पर मनाया जायेगा। इस अवसर पर कांग्रेसजनों द्वारा डाॅ. राधाकृष्णनन एवं पं. अग्निहोत्री के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें स्मरण किया जायेगा। उक्त जानकारी देते हुए ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष श्री हेमचंद्र डामोर एवं जिला कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भट ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अवसर पर सांसद कांतिलाल भूरिया, जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया,  जिला कांग्रेस के पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं नगर के गणमान्य नागरिक सहित पूर्व विधायकगण, जनप्रतिनिधिगण, जिला कांग्रेस, महिला कांग्रेस, ब्लाॅक कांग्रेस, शहर कांग्रेस, सेवादल, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई, किसान कांग्रेस एवं विभिन्न मोर्चा संगठनों के पदाधिकारी पंच, सरपंच, तडवी, आदि उपस्थित रहेंगे।

श्री भंडारी शुभ मुर्हुत में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष पद पर करेंगे पदभार ग्रहण
  • शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के 5 वरिष्ठ प्राध्यापकों का होगा सम्मान

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झाबुआ। मप्र शासन उच्च षिक्षा विभाग मंत्रालय के अपर सचिव द्वारा शासकीय शहीद चन्द्रषेखर आजाद स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष पद पर जिला सलाहकार मंडल (डीपीए) के अध्यक्ष यषवंत भंडारी की नियुक्ति की गई है वहीं शासकीय कन्या महाविद्यालय झाबुआ में किर्ती भावसार को अध्यक्ष बनाया गया है। श्री भंडारी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ में मंगलवार को अनंत चर्तुदषी एवं षिक्षक दिवस के उपलक्ष में दोपहर ठीक 12.39 बजे शुभ मुर्हुत में पीजी काॅलेज पहुंचकर अपना पदभार ग्रहण करेंगे। षिक्षक दिवस के अवसर पर इस दौरान एक समारोह का भी आयोजन किया जाएगा। उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मंे भाजपा जिलाध्यक्ष दौलत भावसार उपस्थित रहेंगे। जिनके द्वारा महाविद्यालय के 5 वरिष्ठ प्राध्यापकों का, षिक्षा के क्षेत्र के समर्पित भाव से कार्य करने पर सम्मान भी होगा।


मिशन इन्द्रधनुष 14 जनवरी 2018 तक चलेगा, सफल आयोजन के लिए जिला कार्यबल की बैठक संपन्न

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झाबुआ । स्वास्थ्य विभाग द्वारा माह अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर, व  जनवरी 2018 तक प्रतिमाह 07 से 14 तारीख तक मिशन इन्द्रधनुष चलाया जाएगा। मिशन इन्द्रधनुष अंतर्गत जिले के टीकाकरण से छूटे लक्षित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाएगा। अभियान के सफल आयोजन के लिए विगत 3 सितम्बर को जिला कार्यबल की बैठक का आयोजन कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में किया गया। बैठक मे कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने निर्माण साइटो, झुग्गी बस्तियों एवं माता-पिता के साथ पलायन पर रहने वाले बच्चों पर विशेष फोकस करते हुए टीकाकरण का लक्ष्य शत-प्रतिशत पूर्ण करने के लिए जिला टीकाकरण अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को बैठक में निर्देशित किया। बैठक मे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ डी एस चैहान ,जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ राहुल गणवा, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री जमरा,सीईओ जनपद, एसडीएम राजस्व सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

अधिकारी कर्मचारियो को शासन द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा
लक्षित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण मे उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारियो को शासन द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। जिला स्तर पर रू. 2.00 लाख, स्वास्थ्य विभाग के सेक्टर (प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र) स्तर पर रू. 1.00 लाख एवं ग्राम पंचायत स्तर पर टीकाकरण का लक्ष्य शत-प्रतिशत पूर्ण करने पर रू. 2.00 लाख का पुरस्कार उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारियो को शासन द्वारा दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को हुए 5 साल , मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के लाभार्थियो का सम्मेलन संपन्न

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झाबुआ । मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना को प्रारंभ हुए 5 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर डीआरपी लाइन स्थित सामुदायिक भवन में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के जिले के लाभार्थियो का सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन मे सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमना भिडे सहित योजना के लाभार्थी उपस्थित थे। बुजुर्गो ने सम्मेलन मे अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि कई बुजुर्ग ऐसे रहते है जो चाहकर भी धार्मिक यात्रा पर नही जा पाते । ऐसे में सरकारी योजना श्रवणकुमार बनकर उनके लिए तीर्थदर्शन का माध्यम बनी है। विगत 5 सालो में रामेश्वरम,जगन्नाथपुरी, काशी,द्वारका, वेलगुडीचर्च सहित कई धार्मिक स्थलो पर सरकारी यात्रा जा चुकी है। वरिष्ठ नागरिक बहादुरसिंह चैहान ने अपनी पत्नी के साथ पिछले वर्ष रामेश्वरम की यात्रा की। चैहान ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उपचार से लेकर खाने-नाश्ते की व्यवस्था माकूल थी । दूरी अधिक होने के बाद भी यात्रा में कोई कष्ट नही हुआ । यात्रा का अनुभव अच्छा रहा । वरिष्ठ नागरिक हरिकृष्ण पाठक ने द्वारका की यात्रा इस योजना के तहत की उनका कहना है कि रेल से द्वारका तक ले गए ,लेकिन जहां रेल नही जा सकती थी वहां से आगे जाने के लिए बस की भी व्यवस्था की गई । ठहरने व खाने की व्यवस्था संतोषजनक थी । स्वच्छता का भी ध्यान रखा गया । कोई दिक्कत नही हुई। इस सरकारी योजना ने हमारे तीर्थदर्शन के सपने को साकार किया।

नगरीय निकाय के निर्वाचित सदस्यों की प्रथम बैठक एवं उपाध्यक्ष निर्वाचन के लिए झाबुआ नगर पालिका परिषद एवं नगर परिषद राणापुर का प्रथम सम्मेलन 8 को एवं नगर परिषद पेटलावद, थांदला, मे 9 सितम्बर को

झाबुआ । नगर पालिका झाबुआ एवं नगर परिषद पेटलावद, थांदला, रानापुर में परिषद की प्रथम बैठक की अध्यक्षता करने के लिये एवं उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिये कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आशीष सक्सेना ने राजस्व अधिकारियों को कार्यवाही तत्काल निर्धारित प्रक्रिया अनुसार सम्पन्न कराये जाने हेतु नियुक्त किया है। झाबुआ नगर पालिका परिषद एवं नगर परिषद राणापुर का प्रथम सम्मेलन तथा उपाध्यक्ष के निर्वाचन की कार्यवाही 8 सितम्बर को प्रातः 10.30 बजे से एवं नगर परिषद पेटलावद, तथा थांदला, का 9 सितम्बर को प्रातः 10.30 बजे से परिषद कार्यालयो के सभा कक्ष में संपन्न होगा।

आंगनवाडी केन्द्रो पर संतुलित पोषण थाली प्रतियोगिता आयोजित की गई, राष्ट्रीय पोषण सप्ताह 7 सितम्बर तक आयोजित होगा

झाबुआ । प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 07 सितम्बर 2017 राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। पोषण सप्ताह के दौरान आंगनवाडी केन्द्रो पर पोषण जागरूकता को बढावा देने के लिए ग्रामीणो को समझाया जा रहा है, पोषण विविधता के बारे में बताया जा रहा है, स्थानीय खाद्य सामग्री के उपयोग को बढावा देने की सलाह दी जा रही है। किचन गार्डन लगाने हेतु महिलाओं को प्रेरित किया जा रहा है। पोषण सप्ताह के दौरान अपना पोषण अपने हाथ पर आधारित पोषण आनन्द मेला का आयोजन जिला स्तर पर होगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री जमरा, ने बताया कि पोषण सप्ताह के दौरान आज 4 सितम्बर तृतीय दिवस को आंगनवाडी केन्द्रो पर संतुलित पोषण थाली प्रतियोगिता आयोजित की गई। 5 सितम्बर चतुर्थ दिवस को गोद भराई तथा पोषण परामर्श की नई व स्वादिष्ट रेसिपी की जानकारी हितग्राहियो को बताई जायेगी। 6 सितम्बर पंचम दिवस को पोषण दस्तक तथा पोषण प्रशनोत्तरी भरना, ग्राम की पोषण वाटिका का कृषि विभाग के कर्मचारियो के साथ भ्रमण एवं उपचार बच्चो को स्थानीय सहयोग से रूचिकर व पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। 7 सितम्बर पंचम दिवस को कन्या महाविद्यालयो में पोषण परिचर्चा तथा विद्यालयों में निबंध प्रतियोगिता ‘‘कैसा हो अपने गांव का संतुलित भोजन‘‘ विषय पर आयोजित की जाएगी। सब्जियो और फलों के बीज का वितरण कराया जायगा।

जिले में अब तक कुल 702.9 मि.मी. औसत वर्शा दर्ज, 24 घण्टो में कुल 10.6 मि.मी. वर्षा दर्ज

झाबुआ । अधीक्षक भू-अभिलेख झाबुआ ने बताया कि जिले में 1 जून से आज दिनांक तक कुल 702.9 मि.मी. औसत वर्शा हो चुकी है। जिले में विगत 24 घण्टों के दौरान औसत 10.6 मि.मी. वर्शा दर्ज की गई। विगत 24 घण्टो में झाबुआ तहसील में 10.4 मि.मी, रामा तहसील में 40.5 मि.मी.,  रानापुर में 7.0 मि.मी., थांदला तहसील में 2.8 मि.मी., मेघनगर में नील मि.मी., पेटलावद में 17.6 मि.मी., वर्शा दर्ज की गई है।

बुरी नियत से हाथ पकडा

झाबुआ । फरि. ने बताया कि घर के बाहर शौच करने गई थी जहां आरोपी पीरूलाल पिता नराण गरवाल निवासी कुण्डाल का आया व बुरी नियत से फरि. को बाया हाथ पकड़ कर निचे गिरा दिया, चिल्लाने पर छोड़कर भाग गया। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रंमाक 417/17 धारा 354 भादवि. का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

अपहरण का अपराध पंजीबद्ध
    
झाबुआ । फरि. काहा पिता रामलाल मेडा उम्र 40 साल निवासी झोसर मातापाडा ने बताया कि मेरी लड़की कविता उम्र 17 साल घर से खेत में जाने का बोलकर गयी थी जो वापस नही आयी शंका है कि आरोपी मन्नु पिता हुरसिंग भुरिया निवासी खालखण्डवी ने बहला फुसलाकर अपहरण कर ले गया। प्रकरण में थाना पेटलावद में अपराध क्रंमाक 416/17 धारा 363 भादवि. का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

मर्ग के चार प्रकरण दर्ज
     
झाबुआ । अमरसिंह पिता भूरजी डामोर उम्र 35 साल निवासी जामनिया की चोंटे लगने सं ईलाज हेतु दाहोद ले जाते समय रास्तें में मृत्यु हो गयी। थाना मेघगर में मर्ग क्रमांक 39/2017 धारा 174 जा.फौ. की कायमी की गयी। जना पिता भारू डामोर उमं्र 18 साल निवासी चारोलीपाडा की फांसी लगाने से  मृत्यु हो गयी। थाना कोतवाली में मर्ग क्रमांक 95/2017 धारा 174 जा.फौ. की कायमी की गयी। मो. ईमरान पिता शगीर उम्र 19 साल निवासी झाबुआ की अनास नदी में डुबने से  मृत्यु हो गयी। थाना कोतवाली में मर्ग क्रमांक 96/2017 धारा 174 जा.फौ. की कायमी की गयी। महेश पिता बाबु राठौर उम्र 18 साल निवासी छगौला की किटनाशक दवाई छिड़कने से मृत्यु हो गयी। थाना रानापुर में मर्ग क्रमांक 51/2017 धारा 174 जा.फौ. की कायमी की गयी।

मधुबनी : अंधराठाढी जमैला पथ बदहाल है

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अंधराठाढी/मधुबनी (मोo आलम अंसारी) अंधराठाढी। इसकी लंबाई 5 किलोमीटर है। चालू मानसून के दौरान अतिवृष्टि और बाढ़ ने इसको सात जगहों पर तोड़ दिया है। भाड़ी सड़क वाहनों का परिचालन बंद है। पैदल यात्रियों को चलने भी दिक्कत होती है।  बताते चले जमैला, जमैला बाजार मदना, मैनी और आगे दर्जनो गाँव के जाने वाले यात्रियों के यह एक पसंदीदा सड़क है। इसके बदहाल होने से यात्रियों को भाया गिदरगंज या भाया खोपा होकर जाना आना पड़ता है। इससे इनकी दुरी 25 किलोमीटर हो जाती है। इस सड़क के क्षतिग्रस्त होने से छात्र छात्राओं का प्रखंड मुख्यालय स्थित स्कूल, काॅलेज आना भी बाधित है। गंभीर रोगियों को अस्पताल लाना और त्वरित चिकित्सा सहायता पहुँचाना भी कठिन हो गया हैं। ग्रामीण महेश कुमार राय ने बताया कि इस सड़क को सुधारने की माँग बहुत पुरानी है। सड़क निर्माण के लिए निविदा निकालने की बात विगत दो वर्षों से कही सुनी जा रही है। अगरचे सड़क को अविलंब नहीं सुधारा गया तो आपदा विपदा के समय त्वरित सहाय्य और राहत पहुँचाने में भी प्रशासन को भारी दिक्कत होगी।

मधुबनी : प्रभारी मंत्री ने बाढ़ राहत को लेकर जिले में समीक्षा बैठक की

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मधुबनी, 04 सितम्बर; मधुबनी जिला के प्रभारी मंत्री श्री प्रेम कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को समाहरणालय स्थित सभागार में बाढ़ राहत को लेकर समीक्षा बैठक की गई। जिसमें जिला के माननीय सांसद/विधायक/विधान पार्षद/राजनीतिक दलो के प्रतिनिधियों और सभी विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे। माननीय प्रभारी मंत्री महोदय एवं माननीय विधायको/राजनीतिक दल के स्थानीय प्रतिनिधियों द्वारा बाढ़ राहत कार्य में जिला प्रशासन द्वारा किये गये त्वरित कार्यो की प्रशंसा की गई। विधायको एवं प्रतिनिधियों द्वारा बाढ़ से प्रभावित लोगो से मालगुजारी लगान वसूल पर तत्काल रोक लगाने एवं कृषि ऋण की वसूली पर तत्काल रोक लगाने का आग्रह मंत्री से किया गया। प्रभारी मंत्री द्वारा प्रतिनिधियो को आश्वस्त किया गया कि वे उनकी भावना का कद्र करते हुए उनकी बातों को सरकार के स्तर पर रखने का आश्वासन दिया। अन्य प्रतिनिधियो द्वारा बटाईदारी पर खेती करने वाले किसानो को फसल क्षति का लाभ देने की मांग की गई। माननीय मंत्री द्वारा बताया गया कि राज्य सरकार के स्तर पर इस मुद्दे को वे रखेगे। विधायको द्वारा मखाना उत्पादक किसानो, मत्स्य पालको एवं बागवानी से हुए क्षति का सर्वेक्षण कर पीड़ित किसानो को अनुदान देने का आग्रह किया गया। प्रभारी मंत्री द्वारा जिला पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि वे सर्वेक्षण कर पीड़ित किसानो को अनुदान का लाभ दें। अन्य प्रतिनिधियों द्वारा सड़क, बिजली, स्वास्थ्य आदि से संबंधित समस्याओ के सुधार हेतु ध्यान आकृष्ट कराया गया। जिला पदाधिकारी मधुबनी द्वारा माननीय विधायको/राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों को इन समस्याओं को शीघ्र दुर करने का आश्वासन दिया गया। बैठक में सांसद झंझारपुर श्री विरेन्द्र चौधरी, विधान पार्षद श्री सुमन महासेठ, विधायक मधुबनी श्री समीर महासेठ, विधायक राजनगर श्री रामप्रीत पासवान, विधायक खजौली श्री सीताराम यादव, विधायक हरलाखी श्री सुधांशु शेखर, विधायक लौकहा श्री लक्ष्मेश्वर राय, विधायक, फुलपरास श्रीमति गुलजार देवी, जिला परिषद अध्यक्षा, श्रीमति शीला मंडल, सभी दलो के स्थानीय प्रतिनिधि एवं जिले के विभिन्न विभागो के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।  तत्पश्चात माननीय प्रभारी मंत्री द्वारा जगतपुर स्थित डी.आर.सी.सी. केन्द्र पर निरीक्षण कर बन रहे ड्राई फूड पैकेट के गुणवत्ता की जांच की एवं पैकेट की गुणवता को लेकर संतोष व्यक्त किया गया।

'पाग पुरुष पुरस्कार'से नवाजे जाएंगे डॉ़ बीरबल झा

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बिहार में सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के लिए कार्य करने वाली संस्था मिथिलालोक फांउडेशन के चेयरमैन और बिटिश लिंग्वा के प्रबंध निदेशक डॉ़ बीरबल झा को सांस्कृतिक एवं सामाजिक योगदान के लिए 'पाग पुरुष पुरस्कार'से सम्मानित किया जाएगा। डॉ़  झा को यह सम्मान मुंबई में 16 सितंबर को डी़ जी़ खेतान इंटरनेशनल ऑडिटोरियम में मैथिली पत्रिका 'मिथिला दर्पण'की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में दिया जाएगा। कार्यक्रम के संयोजक संजय झा ने  बताया कि यह पुरस्कार डॉ़ झा को मिथिला के विकास एवं पाग को राष्ट्रीय-अंर्तराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मिथिला की सांस्कृतिक पहचान 'पाग'को लोग लगभग भूल गए थे, लेकिन डॉ. झा के प्रयासों के कारण आज मिथिला सहित देश में एक बार फिर से मिथिला की संस्कृति के प्रतीक पाग की चचार्  फिर होने लगी है। हाल ही में केंद्र सरकार ने पाग पर डाक टिकट जारी कर मिथिला के सांस्कृतिक प्रतीक पर अपनी मुहर लगाई है और इस पर देश-विदेश में फैले मिथिलावासी गर्व कर रहे हैं। पुरस्कार की घोषणा से प्रसन्न डॉ़ झा ने कहा कि यह सम्मान केवल उनका नहीं, बल्कि प्रत्येक मिथिलावासी का है। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार केवल उनका नहीं, बल्कि सभी मिथिलावासियों की मेहनत और अपनी सांस्कृतिक पहचान को पुनजीर्िवत करने के प्रयास का फल है। उन्होंने कहा कि पुरस्कार पाने के बाद जवाबदेही और भी बढ़ जाती है। 


डॉ. झा का मिथिलालोक फाउंडेशन विगत कुछ वषोर्ं से 'पाग बचाउ अभियान'देशभर में चला रहा है। इस अभियान से अब तक लगभग एक करोड़ से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। डॉ. बीरबल झा का जन्म मधुबनी के एक सुदूर गांव में 22 जनवरी 1972 को एक अत्यंत गरीब परिवार में हुआ था। बीरबल जब एक साल के ही थे, तभी उनके पिता का देहांत हो गया था। उनकी मां जयपुरा देवी ने खेतों में काम कर अपने बच्चों को पाला। डॉ. झा को उनके बचपन ने ही मुसीबतों से लड़ना सिखा दिया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव की सरकारी स्कूल से हुई। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई करने के लिए पटना आ गए। उन्होंने किसी काम को छोटा नहीं समझा।  आगे चलकर उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से  पीएचडी की उपाधि ली। उन्होंने देश में अंग्रेजी प्रशिक्षण संस्थान ब्रिटिश लिंग्वा के माध्यम से अपनी एक अलग पहचान बनाई। डॉ. झा का कहना है, “शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है, जो हमें मानव जीवन संग्राम में सफल बनाती है। वक्त का तकाजा है कि शिक्षा वैल्यू एडेड होनी चाहिए।”  डॉ. झा ने बिहार सरकार के साथ मिलकर 3० हजार से ज्यादा महादलित को स्पोकेन इंग्लिश स्किल का प्रशिक्षण देकर उनकी जिंदगी संवारने का काम किया है। उन्होंने अंग्रेजी एवं व्यक्तित्व विकास पर दर्जनों किताब लिखी हैं।

कांग्रेस को जेब में रखने के लिए ही लालू उसके टूटने की फैला रहे खबर : नीतीश

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पटना 04 सितंबर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल(राजद)अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के जनता दल यूनाईटेड(जदयू)पर कांग्रेस विधायकों को तोड़ने के प्रयास के आरोप पर आज कहा कि कांग्रेस को अपमानित करने और उसे अपनी जेब में रखने के लिए ही श्री यादव ऐसी बातें कर रहे हैं। श्री कुमार ने यहां ‘लोकसंवाद’ कार्यक्रम के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “श्री यादव जानबूझकर कांगेस में टूट होने की खबर का प्रचार कर रहे हैं और इसका दोष जदयू पर मढ़ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि बिहार में श्री यादव लंबे समय से कांग्रेस को अपनी जेब में रखे हुये हैं और जब उन्हें लगता है कि कांग्रेस उनकी जेब से बाहर निकल जाएगी तो वह ऐसी बातें करने लगते हैं। उन्होंने कहा कि वह ऐसी बातों पर ध्यान ही नहीं देते हैं। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के जदयू के खिलाफ दिये गये बयान पर कहा कि श्री आजाद बिहार पर विशेषज्ञ बनने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री आजाद को बड़ी समस्याओं का समाना कर रहे उनके गृह राज्य जम्मू कश्मीर पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि वहां की समस्याओं के समाधान के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि राजद अध्यक्ष ने कल कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह को बिहार भाजपा के लोगों ने रिपोर्ट दे दी थी कि श्री कुमार कांग्रेस को तोड़कर अपने दम पर बहुमत का जुगाड़ करने में लगे हैं। इसलिए उनपर विश्वास नहीं किया जाये।


मुख्यमंत्री ने 27 अगस्त को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुई राजद की रैली के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि यह रैली तो श्री यादव का पारिवारिक उत्सव था। उन्होंने कहा कि राजद के 80 विधायक हैं लेकिन उनमें में से कितने विधायकों को मंच पर जगह मिली, यह आप सबको मालूम है। श्री कुमार ने राजद अध्यक्ष के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव की ओर इशारा करते हुये कहा कि यह सबने देखा कि राजद की रैली में श्री शरद यादव के बाद किसने बोला। उन्होंने रैली में जुटी भीड़ को लेकर राजद की ओर से किये जा रहे दावों पर कहा कि रैली में भीड़ का फोटोशॉप भी सबने देखा है। श्री कुमार ने कहा कि उन्होंने रैली के दौरान श्री यादव के भाषण को सुना लेकिन उन्होंने कुछ भी नया नहीं कहा। इस दौरान उनके भाषण में पिछले कुछ सप्ताह में रांची और पटना में दिये गये बयान की पुनरावृत्ति थी। उन्होंने कुछ भी ऐसा नहीं बोला, जिस पर ध्यान दिया जाये। 

रवि किशन को दिल के करीब मानते हैं मनोज तिवारी

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पटना 04 सितंबर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद और जाने माने अभिनेता मनोज तिवारी भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार रवि किशन को अपने दिल के करीब मानते हैं। श्री तिवारी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जब भी उन्हें किसी कार्यक्रम में बिहार आने का अवसर मिलता है तो उन्हें बेहद खुशी होती है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों ने उन्हें कामयाब बनाया है और उनकी जड़ें बिहार से जुड़ी हुयी हैं। मनोज तिवारी और रवि किशन काफी समय के बाद एक साथ स्क्रीन शेयर करते नजर आयेंगे। रवि किशन के साथ फिर से काम करने के अनुभव के बारे में पूछे जाने पर श्री तिवारी ने कहा, “रवि किशन के साथ काम करने का अनुभव हमेशा से शानदार रहा है। हमने साथ में कई फिल्मों में काम किया है लेकिन गंगा जमुना सरस्वती और तू हमार हउ मेरे दिल के बेहद करीब है। श्री तिवारी ने कहा, “मेरा मानना है मेरे और रवि किशन को लेकर अभी तक ऐसी फिल्म नही बनायी गयी है जिसमें हमदोंनो के किरदार पूरी तरह से निखर कर आ सके। इस दिशा में मैंने रवि किशन जी से बात की है। उम्मीद है कि जल्द ही हम ऐसी फिल्म लेकर लोगों के सामने आयेंगे।” मनोज तिवारी काफी समय के बाद सिल्वर स्क्रीन पर नजर आयेंगे। मनोज तिवारी फिल्म लखनऊ सेन्ट्रल में कैमियो किरदार निभाते नजर आयेंगे। फरहान अख्तर की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में रवि किशन की भी कैमियो भूमिका है। बताया जाता है कि इस फिल्म में फरहान अख्तर भोजपुरी गायक बनने की तम्मना भी रखते हैं और मनोज तिवारी का बड़ा प्रशंसक होने का दावा भी करते हैं।

जदयू का केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा महज मीडिया की अटकलें : नीतीश

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पटना 04 सितंबर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने पर हो रही बयानबाजी के संबंध में आज कहा कि इसको लेकर उनके मन में न तो कोई इच्छा थी और न ही अपेक्षा, यह केवल मीडिया की अटकलबाजी थी। श्री कुमार ने यहां ‘लोकसंवाद’ कार्यक्रम के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जदयू के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस विषय पर चर्चा तो मीडिया ने ही शुरू की थी। उन्होंने कहा, “जदयू हाल ही में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग)में शामिल हुआ है। इस विषय पर न तो हमने गौर किया, न मन में कोई इच्छा थी और न ही अपेक्षा।” उन्होंने कहा कि यह केवल मीडिया की अटकलें थीं, जिसमें कोई दम नहीं था। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकारण मंत्रिमण्डल के विस्तार में जदयू को चर्चा में लाया गया। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर कटाक्ष करते हुये कहा कि इस विषय को अकारण चर्चा में लाने के कारण मीडिया के ‘डार्लिंग नेता’ को मौका मिला लेकिन उन्हें बिहार की जनता गंभीरता से नहीं लेती है। उल्लेखनीय है कि श्री यादव ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में जदयू को तरजीह नहीं दिये जाने के संबंध में कहा था कि अब जदयू का कोई वजूद नहीं रह गया है। उसके नेता मंत्रिपद की शपथ लेने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें इसके लिए न्योता ही नहीं दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उस अपमान का बदला लिया है जब श्री कुमार ने भोज के लिए भाजपा नेताओं को निमंत्रण देने के बाद अंतिम समय में उसे रद्द कर दिया था। राजद अध्यक्ष ने इसके अलावा भी कई आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं।

सृजन घोटाले में सीबीआई जांच पर भरोसा नहीं करने वाले जा सकते हैं न्यायालय : नीतीश

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पटना 04 सितंबर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में अरबों रुपये के सृजन घोटाला मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई)से हो रही जांच की विश्वसनीयत पर सवाल खड़े करने वालों को आज दो टूक शब्दों में कहा कि जिसे सीबीआई पर भरोसा नहीं वह जांच की अदालती निगरानी के लिए न्यायालय जा सकते हैं। श्री कुमार ने यहां ‘लोकसंवाद’ कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “मुझे 08 अगस्त को इस मामले की जानकारी मिली। इसके बाद इस मामले की पूरी समीक्षा करने के बाद इसकी जांच की जिम्मेवारी सीबीआई को सौंपने की अनुशंसा कर दी।” उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच पर सबको भरोसा होना चाहिये। जिनको सीबीआई की जांच पर भरोसा नहीं हैं, वे न्यायालय से उसकी निगरानी करने के लिए आग्रह कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में अलग-अलग विभागों की राशि को फर्जी तरीके से किसी और खाते में हस्तांतरित कर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है। उन्होंने मीडिया से अपील की कि यदि इस घोटाले के बारे में किसी के विरुद्ध कोई जानकारी हो तो उससे संबंधित दस्तावेज सीबीआई को जरूर सौंप दें। उन्होंने कहा कि संस्थागत इंतजाम ऐसा होने चाहिये कि सरकारी राशि का दुरुपयोग न हो सके । इन सब विषयों पर काम हो रहा है। इस घोटाला की ऐसी जांच होनी चाहिये कि भविष्य में कोई ऐसा अपराध करने की हिम्मत न कर सके। 


श्री कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ने पर कहा, “बिहार के जो हालात थे, उस पर बिहार एवं देश की मीडिया राष्ट्रीय जनता दल(राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से अधिक प्रश्न मुझसे कर रही थी। मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टाॅलरेंस की नीति पर कायम हूं और भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं कर सकता।” उन्होंने कहा कि बिहार के हित में उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग)के साथ सरकार बनाने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जदयू विधानमंडल दल की बैठक में ही उन्होंने कहा था कि अब राजद के साथ सरकार चलाना उनके लिये संभव नहीं है। बैठक में सभी ने उनकी बातों को समर्थन किया। उसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की ओर से समर्थन का प्रस्ताव आया, जिसे स्वीकार कर लिया गया और फिर नई सरकार बनी। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लगातार अपमानजनक एवं कटू शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है लेकिन वह बिहार के हित में काम कर रहे हैं क्योंकि वह राज्य को न्याय के साथ विकास की ओर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। श्री कुमार ने कहा कि इस बार राज्य में अप्रत्याशित बाढ़ आयी है और इससे भारी नुकसान भी हुआ है। बाढ़ पीड़ितों के लिए युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य कराया गया और अब आरटीजीएस के माध्यम से प्रत्येक पीड़ित परिवार को छह हजार रुपये की राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कल तक 4,92,000 परिवारों को राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि बाढ़ में क्षतिग्रस्त मकानों के पुनर्निर्माण एवं फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए सब्सिडी दी जायेगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त सड़क एवं बांध के पुनर्निर्माण का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त इलाके में राहत एवं पुनर्वास कार्य के लिए राज्य सरकार की ओर से आपदा प्रबंधन विभाग को दो हजार करोड़ रुपये दिये गये हैं जबकि इस कार्य में अरबों रुपये की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से अपेक्षा है कि बाढ़ से हुये नुकसान के लिए पर्याप्त सहायता राशि मिलेगी। श्री कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के साथ ही समीक्षा बैठक भी की और तत्काल 500 करोड़ रुपये देने की बात कही। यह राशि तत्काल मदद के तौर पर दी गयी है न कि अंतिम। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा पर किसी का नियंत्रण नहीं है लेकिन सरकार लोगों को राहत पहुंचा सकती है और सरकार इसे गंभीरता से कर भी रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के विकास के लिए प्रधानमंत्री से बातचीत हुयी है। प्रत्येक विभाग की अलग-अलग समीक्षा की है। केन्द्र से क्या सहयोग चाहिये, इस विषय पर भी समीक्षा हुयी है। शीघ्र ही प्रधानमंत्री से मिलकर इस संबंध में चर्चा की जाएगी और उन्हें विश्वास है कि केन्द्र से अपेक्षित सहयोग मिलेगा और बिहार में तीव्र गति से न्याय के साथ विकास होगा। 

शिक्षक पर समाज को दिशा देने का दायित्व : द्रौपदी मुर्मू

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रांची 04 सितंबर, झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने आज कहा कि शिक्षक संसार के रचनाकार हैं और उन पर ही समाज को दिशा देने का दायित्व है। श्रीमती मुर्मू ने यहां स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के दो दिवसीय शिक्षक समागम को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक दिवस देश के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर मनाया जाता हैं। इस महान शिक्षाविद् का मत था कि उचित शिक्षा से ही समाज में मौजूद समस्याओं का समाधान हो सकता है। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षक बच्चों में मौजूद प्रतिभा को निखारने का कार्य करते हैं इसलिए शिक्षक को न केवल अच्छी तरह पढ़ाना चाहिए बल्कि उन्हें अपने छात्रों के प्रति असीम स्नेह भी रखना चाहिये। उसके साथ खुद के संतान जैसा व्यवहार किरना चाहिये और उसके बेहतर भविष्य के बार में सदा सोचना चाहिये। उन्हें नैतिकवान होना चाहिये, अच्छा आचरण रखना चाहिये तथा समाज के सामने बेहतर उदाहरण पेश करना चाहिये। इससे उन्हें समाज में प्रतिष्ठा और आदर स्वयं हासिल होगा। श्रीमती मुर्मू ने कहा कि शिक्षक का काम है ज्ञान को प्राप्त करना और फिर उसे बांटना। शिक्षा का लक्ष्य ही है ज्ञान के प्रति समर्पण की भावना और निरंतर सीखते रहने की प्रवृत्ति। उन्होंने दार्शनिक अरस्तू का हवाला देते हुये कहा कि जन्म देने वालों से अच्छी शिक्षा देने वालों को अधिक सम्मान दिया जाना चाहिए क्योंकि जन्म देने वाले ने तो बस जन्म दिया है लेकिन शिक्षकों ने जीना सिखाया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों से राज्य एवं राष्ट्र को काफी अपेक्षायें हैं। शिक्षक राष्ट्र निर्माण के महान सारथी हैं। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के बिना किसी भी राष्ट्र का विकास संभव नहीं है। शिक्षा किसी भी राष्ट्र के विकास की कुंजी होती है और शिक्षक राष्ट्र के विकास में अहम भूमिका का निर्वाह कर रहे हैं। उनके ही के कंधों पर छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने एवं उन्हें आत्मबल प्रदान करने का दायित्व है ताकि वे समाज एवं देश की सेवा निष्ठा एवं समर्पण से कर सकें। 

लालू मीडिया के तो नीतीश मोदी या शाह के डार्लिंग : सिद्दीकी

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पटना 04 सितंबर, राष्ट्रीय जनता दल(राजद)ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को ‘मीडिया का डार्लिंग’ कहे जाने पर पूछा कि श्री कुमार स्पष्ट करें कि क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के डार्लिंग हैं। राजद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, “यदि श्री यादव मीडिया के डार्लिंग है तो श्री कुमार को बताना चाहिए कि वह किसके डार्लिंग हैं- श्री मोदी के, श्री शाह के या राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के।”  श्री सिद्दीकी ने सवालिया लहजे में कहा कि यह उनके लिए खुशी की बात है कि राजद अध्यक्ष मीडिया के डार्लिंग है लेकिन श्री कुमार मीडिया के खलनायक क्यों बन गये हैं। राजद नेता ने कहा कि अब लोग श्री कुमार को अच्छी तरह से समझने लगे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि श्री मोदी, श्री शाह और आरएसएस का विरोध करने वाले उनकी गोद में जाकर क्यों बैठ गये। उन्होंने कहा कि श्री यादव ने हमेशा सांप्रदायिक ताकतों का विरोध किया है और भविष्य में भी यह सिलसिला जारी रहेगा।  श्री सिद्दीकी ने कहा कि श्री कुमार पार्टी बदलने की कला में माहिर है और अब राज्य की जनता इसे समझने लगी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के अथक प्रयास के बावजूद केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में उनकी पार्टी जनता दल यूनाईटेड को तरजीह नहीं दी गई।  उल्लेखनीय है कि श्री कुमार ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर कटाक्ष करते हुये आज कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में जदयू को अकारण चर्चा में लाने के कारण मीडिया के ‘डार्लिंग नेता’ को मौका मिला लेकिन उन्हें बिहार की जनता गंभीरता से नहीं लेती है। 

सृजन घोटाला मामले में सीबीआई ने बैंक अधिकारियों से की पूछताछ

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भागलपुर 04 सितंबर, बिहार में भागलपुर जिले के अरबों रुपये के चर्चित सृजन घोटाले की जांच कर रही केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने आज इस मामले से जुड़े बैकों के अधिकारियों से कई घंटों तक पूछताछ की। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि ब्यूरो के अपर पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र मल्लिक के नेतृत्व में आई टीम के सदस्यों ने आज बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर कई घंटों तक पूछताछ की। टीम ने पूछताछ के दौरान इस मामले में संलिप्त बैंक कर्मियों तथा सृजन से जुड़े लोगों की विस्तृत जानकारी ली। सूत्रों ने बताया कि बैंकों में जिला प्रशासन और सृजन के खातों में होने वाली सरकारी राशि की जमा एवं निकासी के सिलसिले में सीबीआई टीम ने पूरी सूचना प्राप्त कर आवश्यक कागजात भी जब्त किये हैं। इसके अलावा टीम के सदस्यों ने सृजन से जुड़े लोगों एवं सरकारी कर्मचारियों को बैंकों द्वारा दी गयी बड़ी राशियों के ऋणों की भी जानकारियां हासिल की। वहीं, दूसरी ओर करीब नौ सौ करोड़ रुपये से अधिक के इस घोटाले में जेल भेजे गए जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार समेत चार कर्मचारियों की तबीयत खराब होने के बाद आज भागलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उनका इलाज कराया गया। इलाज के बाद इन कर्मचारियों को फिर से जेल भेज दिया गया है। गौरतलब है कि अरबों रुपये के सृजन घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद इस मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। 

भारत-नेपाल सीमा सड़क निर्माण के आकलन के लिए केंद्रीय टीम आएगी बिहार : नंदकिशोर

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पटना 04 सितंबर, बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा से लगे बिहार के क्षेत्र में सड़क निर्माण योजना की वर्तमान स्थिति का जायजा लेने और आकलन करने के लिए केंद्र के सीमा प्रबंधन विभाग की टीम बिहार आएगी। श्री यादव ने आज दिल्ली में गृह मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और उन्हें राज्य की सड़कों की स्थिति तथा बाढ़ से पथों को हुई क्षति के बारे में विस्तार से बताया। बाद में उनके हवाले से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष बिहार आकर राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ी समस्याओं की भी जानकारी लेंगे।मंत्री के अनुसार केंद्र सरकार ने भारत-नेपाल से लगे बिहार के क्षेत्र में 550 किलोमीटर से अधिक लम्बी सड़क का निर्माण कराने की स्वीकृति दे दी है। भूमि अधिग्रहण का काम राज्य सरकार को करना है। उन्होंने बताया कि बिहार के किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण जिले से यह सड़क गुजरेगी लेकिन इस बार इस क्षेत्र में आई बाढ़ से पानी के बहाव ने कई रास्ते बना लिये और पथों को भारी क्षति पहुंची है। 


बिहार सरकार इस साल नाबार्ड से लेगी 2100 करोड़ ऋण : सुशील मोदी

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पटना 04 सितंबर, बिहार के वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि सरकार राज्य में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने के लिए इस वर्ष राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से 2100 करोड़ रुपये ऋण लेगी। श्री मोदी ने आज यहां नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत संरचना जैसे सड़क, पुल-पुलिया, सिंचाई के साधानों और विद्युत क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं में नाबार्ड के ऋण की बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड का ऋण बाजार से काफी सस्ता होने के कारण इस साल सरकार का नाबार्ड से 2100 करोड़ रुपये ऋण लेने का लक्ष्य है। वित्तमंत्री ने बताया कि पिछले साल राज्य सरकार ने 21,576 करोड़ रुपये का ऋण लिया था जिसमें 1,517 करोड़ का कर्ज नाबार्ड से जबकि 17,700 करोड़ रुपये बाजार से उगाही गई थी। उन्होंने बताया कि नाबार्ड से लिए गए ऋण पर मात्र 4.75 प्रतिशत जबकि बाजार ऋण पर औसत 7.38 प्रतिशत की दर से ब्याज देना पड़ा है। श्री मोदी ने बताया कि नाबार्ड दीर्घकालीन सिंचाई परियोजनाआें के लिए 20 हजार करोड़ रुपये तक के ‘कॉरपस फंड’ के लिए मात्र छह प्रतिशत ब्याज पर ऋण दे सकता है। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों से अधर में लटकी उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना को नाबार्ड से ऋण लेकर पूरा किया जा सकेगा। इस परियोजना के लिए 16 अगस्त को केंद्र सरकार ने 1,622 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी है। इससे झारखंड और बिहार के छह जिलों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। वित्तमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समीक्षा कर रही है कि नाबार्ड के ऋण से पूर्व में स्वीकृत 1,100 करोड़ रुपये की 148 परियोजनाओं में से कई अभी तक शुरू क्यों नहीं हो पाई हैं या उनमें से कई परियोजनाओं की गति धीमी क्यों है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहली बार वृक्षारोपण से जुड़ी 600 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए नाबार्ड को रिपोर्ट भेजी है। आने वाले दिनों में सरकार वेटनरी अस्पताल, दुग्ध चूर्ण प्रसंस्करण इकाई, दुग्ध संग्रहण केन्द्र और मिट्टी जांच केन्द्र की स्थापना के लिए भी नाबार्ड से ऋण लेगी।

अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाना लक्ष्य : नकवी

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नयी दिल्ली 04 सितम्बर, केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि उनका मंत्रालय सरकार के तीन ई- एजुकेशन (शिक्षा), एम्प्लायमेंट( रोजगार) और एम्पावरमेंट (सशक्तिकरण) तथा विकास की रोशनी समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहा है। राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नत श्री नकवी ने श्री वीरेन्द्र कुमार (राज्यमंत्री अल्पसंख्यक मंत्रालय) के साथ कार्यभार ग्रहण करने के बाद यहां संवाददाताओं से कहा कि मोदी सरकार सबका साथ सबका विकास के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है और उसने इस दिशा में मजबूती के साथ काम किया है। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने तुष्टिकरण के बिना सशक्तिकरण का कार्य किया है। श्री नकवी ने कहा कि मौजूदा सरकार के शासन में विकास के माहौल को मजबूती मिली है और पिछले तीन साल में शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में स्पष्ट रूप से परिवर्तन नजर आया है। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार का अभियान भी छेड़ा गया लेकिन जनता के भरोसे के कारण ऐसी ताकतों को कोई फायदा नहीं हुआ। सरकार का ध्यान सिर्फ और सिर्फ विकास पर है । उन्होंने कहा कि विकास के मुद्दे पर किसी अन्य चीज को हावी नहीं होने दिया जाएगा। नयी हज नीति के बारे में सवाल पर उन्होंने कहा कि यह लगभग तैयार है और इसका अध्ययन करने के बाद इसे लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से इस बार पहले की तुलना में 35 हजार से ज्यादा हजयात्री हज पर गये। समुद्र मार्ग से हज यात्रा के बारे में श्री नकवी ने कहा कि इस बारे में जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी के साथ 28 अगस्त को बैठक हुई थी। जहाज से हजयात्रा के बारे में सभी पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है और इस मुद्दे पर सऊदी सरकार से बातचीत करके जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार विकास को चुनाव के लाभ के साथ नहीं जोड़ती है। वह सिर्फ एक ही लक्ष्य के साथ काम कर रही है कि एक भी व्यक्ति विकास की मुख्यधारा से अलग न रह जाए। नये अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि मंत्रालय की कोशिश रहेगी कि प्रशिक्षण को कौशल से जोड़कर बाजार में उसे उपयोगी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि नीतियों और कार्यक्रमाें के जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन की निगरानी की व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।

टीएमसी सांसद सुल्तान अहमद का देहावसान

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कोलकाता,04 सितम्बर, पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आज पूर्व केन्द्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस सांसद सुल्तान अहमद दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 64 वर्ष के थे। एक उत्साही खेल प्रशासक और मोहम्मडन स्पोर्टिंग सहित विभिन्न क्लबों से सम्बन्ध रखने वाले श्री अहमद को अचानक ह्रदयाघात होने के बाद स्थानीय ब्लू वैली अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों में उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनका पार्थिव शरीर अभी अस्पताल में ही रखा गया है जहां उनके निकट सम्बन्धी, सहयोगी और विभिन्न राजनीतिज्ञों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस सांसद एवं पुराने सहयोगी की असमय मृत्यु से उन्हें गहरा दु:ख हुआ है। श्री अहमद मनमोहन सिंह सरकार में केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री थे। वह पन्द्रहवीं लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर हावड़ा के उलुबेरिया सीट से सांसद चुने गये थे। इससे पहले वह दो बार 1987-91 और 1996-2001 के लिये कांग्रेस से विधायक चुने गये थे। मौलाना आजाद कॉलेज में 1969 में पढ़ाई के दौरान श्री अहमद ने कांग्रेस की छात्र इकाई 'छात्र परिषद'में और 1973 में यूथ कांग्रेस में शामिल हुए थे। श्री अहमद 1978-80 में युवा काग्रेस के जिला सचिव नियुक्त हुए। श्री अहमद 1997 में अस्तिस्व मेें आयी तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्य भी थे। वह मोहम्मदीन स्पोर्टिंग क्लब, कोलकाता के अध्यक्ष भी रह चुके थे।

एलपीजी को बढ़ावा देने का चलेगा अभियान : प्रधान

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नयी दिल्ली 04 सितम्बर, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि रसाई गैस का इस्तेमाल सस्ता और पर्यावरण तथा स्वास्थ्य के अनुकूल है, इसलिए सरकार इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू करेगी। श्री प्रधान ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री के रूप में भी आज पदभार ग्रहण कर लिया। उसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि रसाई गैस (एलपीजी) का इस्तेमाल खाना बनाने वाली महिलाओं को धुएं से होने वाली बीमारियों से बचायेगा और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देगा। इसलिए सभी घरों में इसका इस्तेमाल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बारे में जागरूकता लाने के लिए सरकार प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत अभियान शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि एलपीजी के इस्तेमाल की जानकारी को महत्व दिया जा रहा है ताकि सभी घरों में इसका सुरक्षित प्रयोग हो सके। एलपीजी के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के लिए सरकार ने बीमा राशि को एक लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये कर दिया है। पेट्रोल के दाम प्रतिदिन तय किए जाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि यह योजना उपभोक्ता के हित के लिए बनायी गयी है। पहले 15 दिन में पेट्रोल के दाम तय होते और इस दौरान बढ़ने वाले दाम का बोझ उपभोक्ता पर एक साथ पड़ता था लेकिन अब हर दिन दाम घटने या बढ़ने पर उसका फायदा उसी दिन उपभोक्ता को मिल जाता है।

स्टार ने 16347 करोड़ रुपये में खरीदे आईपीएल प्रसारण अधिकार

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मुंबई,04 सितंबर, भारतीय खेल जगत में क्रिकेट प्रसारण में अपना एकाधिकार जमा चुके स्टार इंडिया ने बेशुमार दौलत से भरपूर इंडियन प्रीमियर लीग(आईपीएल) के अगले पांच साल के प्रसारण अधिकार सोमवार को 16347.5 करोड़ रूपये (2.5 अरब डॉलर) में खरीद लिये। स्टार ने 2018 से 2022 तक पांच साल के लिये आईपीएल के प्रसारण अधिकार खरीदे हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) के ख़जाने में इससे भारी इज़ाफा हुआ है। स्टार इंडिया ने आईपीएल के वैश्विक टेलीविज़न और डिजीटल प्रसारण अधिकार खरीद लिये हैं।

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