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नीतीश ने सृजन मामले में 14 बार चेक बाउंस होने के बाद भी नहीं की कार्रवाई : लालू यादव

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पटना 12 सितम्बर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आज कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भागलपुर की स्वयंसेवी संस्था सृजन में बड़े पैमाने पर हुयी सरकारी राशि के घोटाले के साथ ही 14 बार चेक बांउस किये जाने की भी जानकारी होने पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की जो यह साबित करता है कि इस मामले में उनकी सांठगांठ थी। श्री यादव ने यहां अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सृजन घोटाले से संबंधित दस्तावेजी प्रमाण उपलब्ध कराते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार के संज्ञान में इतना बड़ा घोटाला हुआ है। श्री कुमार को घोटाले की पूरी जानकारी थी इसके बावजूद इसे रोका नहीं गया। उन्होंने कहा कि लोगों की गाढ़ी कमाई को लूटा गया है। राजद अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में जब तक मुख्यमंत्री श्री कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं हो जाती और वह जेल नहीं चले जाते तब तक वह शांत बैठने वाले नहीं हैं। चारा घोटाले के समय उनपर इसी तरह का आरोप लगा था कि उनकी जानकारी में ही हुआ है तो ऐसे में श्री कुमार और श्री मोदी के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए।


श्री यादव ने कहा कि श्री कुमार को प्रदेश के लोगों को यह बताना चाहिए कि इतनी बड़ी राशि की लूट कैसे हुयी। राज्य के लोग इस सच्चाई को जानना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने पर ही उन्हें नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले श्री कुमार को अब तो लोगों के बीच आकर सृजन के सच का खुलासा करना चाहिए। राजद अध्यक्ष ने कहा कि उप मुख्यमंत्री श्री मोदी की भी इसमें संलिप्तता पायी गयी है। श्री मोदी की बहन रेखा मोदी का नाम खुलकर सामने आया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार के समय श्री कुमार अपना चेहरा छिपाने के लिये श्री मोदी का सहारा लेकर उनके खिलाफ आरोप लगवाते थे। इस बात को श्री मोदी ने भी स्वीकार किया था कि सरकार में बैठे हुये लोग ही उन्हें श्री यादव के खिलाफ दस्तावेज उपलब्ध करवा रहे हैं। श्री यादव ने कहा कि एक जुलाई 2014 से सात अगस्त 2017 तक चौदह बार सरकार की ओर से जारी किये गये चेक खाते में पर्याप्त राशि नहीं होने के कारण लौटा दिये गये। चेक लौटाये जाने की जानकारी स्थानीय प्रशासन के साथ ही श्री कुमार और श्री मोदी को थी फिर भी इस मामले को छुपा लिया गया। उन्होंने कहा कि जब मामला तूल पकड़ने लगा तब जाकर श्री कुमार स्वयं को बचाने के लिये स्थानीय पुलिस की देखरेख में विशेष जांच दल का गठन कर दिया। 

राजद अध्यक्ष ने कहा कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने वर्ष 2008 की अपनी रिपोर्ट में सृजन में बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी की जानकारी दी थी। कैग की रिपोर्ट को भी श्री कुमार ने दबा दिया। उन्होंने कहा कि भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी ने भी इसपर आपत्ति जतायी थी बावजूद इसके कार्रवाई नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि श्री कुमार ने अपने मनपंसद अधिकारी को भागलपुर का जिलाधिकारी बनाकर भेज दिया जिसके कारण यह सिलसिला जारी रहा। श्री यादव ने कहा कि वर्ष 2008 से ही सृजन का घोटाला होता रहा और इसपर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गयी। श्री कुमार इस घोटाले के मुख्य आरोपी हैं और इसके लिये उन्होंने जो इंजीनियरिंग की है वह सभी को फेल कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में खुद को फंसता देखकर श्री कुमार ने महागठबंधन छोड़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर सरकार बना ली। राजद अध्यक्ष ने कहा कि महागठबंधन छोड़ने से पहले श्री कुमार बराबर दिल्ली की यात्रा किया करते थे। इस घोटाले में स्वयं को बचाने के लिये श्री कुमार के पास महागठबंधन की सरकार को तोड़ना ही एक मात्र रास्ता बच गया था।उन्होंने कहा कि दस्तावेज के आधार पर श्री कुमार और श्री मोदी इस मामले में अब बच नहीं सकते। 

बिहार में ट्रक और पिकअप से भारी मात्रा में शराब बरामद, दो गिरफ्तार

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पटना 12 सितम्बर, बिहार में बक्सर और वैशाली जिले से पुलिस ने आज करीब बीस लाख रुपये मूल्य का विदेशी शराब बरामद कर दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया । बक्सर से प्राप्त यहां रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार को सूचना मिली थी कि ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के रामगढ़ पेट्रोल पंप स्थित लाइन होटल के निकट ट्रक से भारी मात्रा में शराब लायी गयी है। इसके बाद पुलिस की एक टीम का गठन किया गया और इस टीम ने एक ट्रक से 104 कार्टन विदेशी शराब बरामद की । सूत्रों ने बताया कि इस दौरान पुलिस ने चालक विजय पासवान और सह चालक मंजीत कुमार मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। विजय विक्रमगंज का जबकि मंजीत झारखंड के रांची शहर के सिल्वा थाना क्षेत्र का निवासी है। गिरफ्तार चालक और सहचालक ने बताया कि वे झारखंड से शराब की खेप लेकर चले थे जिसे ब्रम्हपुर थाना क्षेत्र के रामगढ़ पेट्रोल पंप के निकट पहुंचाना था। बरामद शराब की कीमत करीब दस लाख रुपये बताया जाती है। 


वहीं हाजीपुर से मिली सूचना के अनुसार वैशाली जिले के जोरावनपुर थाना क्षेत्र के सहारपुर गांव से पुलिस ने एक पिकअप वैन से 105 कार्टन विदेशी शराब बरामद की । पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि सूचना के आधार सहारपुर गांव निवासी नवल राय के घर के निकट एक पिकअप वैन से 105 कार्टन विदेशी शराब बरामद की है । बरामद शराब की कीमत करीब दस लाख रुपये बतायी जाती है । हालांकि छापेमारी की भनक लगते ही गृहस्वामी मौके से फरार हो गया। सूत्रों ने बताया कि गृहस्वामी की गिरफ्तारी के लिए संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। बरामद शराब हरियाणा निर्मित है। उल्लेखनीय है कि सोमवार को भी जिले के सहदेई आउट पोस्ट थाना क्षेत्र में एक कंटेनर से 200 कार्टन जबकि विदुपुर इलाके में एक ट्रैक्टर से 20 कार्टन विदेशी शराब जब्त की गयी थी। 

पारस के विधान परिषद में मनोनयन के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर

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पटना 12 सितम्बर, लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और बिहार के पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस के राज्यपाल कोटे से विधान परिषद सदस्य के रूप में मनोनयन को चुनौती देते हुए पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गयी है। याचिकाकर्ता मणीभूषण प्रताप सेंगर ने दायर याचिका में कहा है कि पशुपति पारस का राज्यपाल कोटे से मनोनयन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 171 एवं अन्य प्रावधानों का खुला उल्लंघन है। प्रावधानों के अनुसार राज्यपाल द्वारा विधान परिषद में मनोनयन सिर्फ वैसे लोगों का किया जायेगा जिनका साहित्य, कला, विज्ञान, सहकारी आंदोलन तथा समाज सेवा में विशेष योगदान हो लेकिन श्री पारस का इस क्षेत्र में ऐसा कोई उल्लेखनीय योगदान नहीं है, जिसके तहत उनका मनोनयन राज्यपाल कोटे से किया जा सके। याचिका में कहा गया है कि श्री पारस का मनोनयन भारतीय संविधान से प्रदत्त शक्तियों का दुरुपयोग है। याचिका के माध्यम से अदालत से मांग की गयी है कि मंत्री श्री पारस का मनोनयन तय प्रावधानों के अनुरुप नहीं है इसलिए उन्हें अयोग्य घोषित करने का निर्देश दिया जाये। 

नाबालिग के साथ दुष्कर्म के दोषी मस्जिद के इमाम को आठ साल की सजा

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बेगूसराय 12 सितंबर, बिहार में बेगूसराय जिले की एक अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी मस्जिद के इमाम को आज आठ साल कारावास के साथ ही पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीयूष कमल दीक्षित ने यहां सजा के बिंदुओं पर सुनवाई के बाद सहरसा जिले के सलखुआ थाना क्षेत्र में अरवा गांव निवासी इमाम मोहम्मद कासिफ जया को भारतीय दंड विधान की धारा 365 में पांच साल का कारावास एवं पांच हजार रुपये अर्थदंड तथा पॉक्सो की धारा चार के तहत आठ साल के कारावास एवं पांच हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनायी है। इस मामले में आठ सितम्बर को अदालत ने कासिफ को दोषी करार दिया था। आरोप के अनुसार, 21 अप्रैल 2015 की रात्रि में बेगूसराय जिले के बखरी थाना क्षेत्र में मोहनपुर गांव की 15 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण करने के बाद मस्जिद के एक कमरे में कैद कर इमाम ने उसके साथ दो दिनों तक दुष्कर्म किया। बाद में नाबालिग के पिता ने कासिफ के खिलाफ संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। एक अन्य नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में न्यायाधीश पीयूष कमल दीक्षित की ही अदालत ने दोषी तिलक सहनी को सात साल कारावास की सजा सुनाई और पांच हजार रुपये का जुर्माना भी किया। गौरतलब है कि बेगूसराय जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र के बगरस गांव निवासी तिलक सहनी ने 16 मार्च 2016 की रात्रि में गांव की ही एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया था। 

सृजन घोटाले के दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा,कानून सब के लिए बराबर : चिराग

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भागलपुर 12 सितंबर, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष एवं जमुई से सांसद चिराग पासवान ने आज कहा कि कानून सबके लिए बराबर है और बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में जो भी दोषी होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जायेगा। श्री पासवान ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अरबों रुपये के इस घोटाले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच कर रही है और इसकी निष्पक्षता पर किसी को बिल्कुल संदेह नहीं करना चाहिए। जहां तक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का सवाल है, उनकी कारगुजारियों को राज्य की जनता समझ चुकी है। उन्होंने कहा कि आज कल श्री यादव हड़बड़ी में अनर्गल बातें बोल रहे हैं। लोजपा सांसद ने कहा कि श्री यादव पर पहले से ही चारा घोटाला का केस चल रहा है और अब नया मामला भी चलने वाला है। इसलिए पहले अपने और अपने परिवार को बचाने के लिए उन्हें उपाय करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनने के बाद यहां विकास के काम में काफी तेजी आई है। केंद्र के सहयोग से बिहार सरकार बेहतर काम कर रही है और इससे आम जनता को ज्यादा लाभ मिल रहा है। इससे पूर्व श्री पासवान ने लोजपा के जिला कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र की राजग सरकार की अच्छी नीतियों के कारण एक ओर जहां देश में विकास कार्यो में तेजी आई है वहीं लोग खुशहाल जीवन जी रहे हैं। खासकर गरीबों को इस सरकार से काफी राहत मिल रही है। 

बिहार में अस्थाई निवास प्रमाण से भी मिल सकेगा कौशल विकास प्रशिक्षण

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पटना 12 सितंबर, बिहार में युवाओं का कौशल विकास करने के लिए गंभीर नीतीश सरकार ने इस योजना के नियमों में ढील देते हुये आज कुशल युवा कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए स्थाई निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता समाप्त कर दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यहां बिहार विकास मिशन के शासी निकाय की चौथी बैठक में सात निश्चय योजना की प्रगति की समीक्षा की गई। इस दौरान श्री कुमार ने निर्देश दिया कि कुशल युवा कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आवेदनकर्ता जिस जिले में आवेदन कर रहे हैं, वहां का अस्थाई निवास प्रमाण पत्र भी जमा करा सकते हैं। सात निश्चय के आर्थिक हल युवाओं को बल योजना के तहत जिला निबंधन एवं परामर्ष केन्द्र पर अब तक 4,44,603 आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिनमें स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड के तीन प्रतिशत, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के 41 प्रतिशत तथा कुशल युवा कार्यक्रम से संबंधित 56 प्रतिशत आवेदन शामिल हैं। श्री कुमार को इस कार्यक्रम की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि डीआरसीसी पर कुल 2,49,928 आवेदन प्राप्त हुये, जिनमें 2,48,181 आवेदन स्वीकृत किये गये। अब तक योजना के अन्तर्गत 1,170 केन्द्र कार्यरत हैं, जहां पर युवाओं को संवाद कौशल, व्यवहार कौशल तथा कम्प्यूटर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा उन्हें बताया गया कि 319 सरकारी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में निःशुल्क वाई-फाई सेवा उपलब्ध करानी थी, जिनमें से अभी तक 300 संस्थानों में यह सेवा शुरू कर दी गई है।


मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि महाविद्यालयों में कितने छात्र आते हैं, इसका भी ध्यान रखा जाये। यदि विद्यार्थियों की उपस्थिति कम है तो इसका क्या कारण है, इसका अध्ययन होना चाहिये। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में बिहार का सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) मात्र 13.9 प्रतिशत है। इस अनुपात को 30 प्रतिशत से ऊपर ले जाना हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्रयास किये गये तो सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुये। इसी तरह महाविद्यालयों में भी छात्रों की उपस्थिति की निगरानी की जानी चाहिए। श्री कुमार को हर घर बिजली निश्चय योजना की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि इस योजना के तहत कुल 39,073 में से 38,596 गांवों को आच्छादित किया जा चुका है। शेष 477 गांवों को आच्छादित करने के लिए महीने के आधार पर कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है। दिसम्बर 2017 के अंत तक सभी गांवों को आच्छादित कर दिया जायेगा। शौचालय निर्माण, घर का सम्मान योजना की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि अब तक 16,726 ग्रामीण वार्ड, 478 पंचायत, 25 प्रखण्ड एवं एक अनुमण्डल को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया जा चुका है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के कारण नष्ट हुये शौचालयों के संबंध में आपदा प्रबंधन विभाग समुचित कार्रवाई करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 02 अक्टूबर से बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरुद्ध सशक्त अभियान चलाया जाएगा। इसमें स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग तीनों का सक्रिय सहभागिता जरूरी होगी। मुख्यमंत्री ने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसका बहुत अच्छा प्रभाव पड़ रहा है और लोग लाभान्वित हो रहे हैं। बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ ही राज्य मंत्रिमंडल के सभी मंत्री, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पी. के. ठाकुर, प्रधान सचिव मंत्रिमण्डल समन्वय सह सदस्य सचिव बिहार विकास मिशन ब्रजेश मेहरोत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मिशन निदेशक बिहार विकास मिशन एवं मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा समेत सभी संबंधित विभागों के प्रधान सचिव और सचिव के साथ ही अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे। 

बिहार में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के लिए 91.49 करोड़ मंजूर

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पटना 12 सितंबर, बिहार सरकार ने लोगों को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के लिए चालू वित्त वर्ष में 91 करोड़ 49 लाख 20 हजार रुपये व्यय की मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रिमंडल की हुई बैठक में वित्त वर्ष 2017-18 के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना का कार्यान्वयन करने के लिए 91 करोड़ 49 लाख 20 हजार रुपये व्यय प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। श्री मेहरोत्रा ने बताया कि इस मद में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 45 करोड़ 77 लाख 86 हजार रुपये तथा राज्य की हिस्सेदारी 30 करोड़ 51 लाख 90 हजार रुपये होगी। वहीं, राज्यांश मद से इसमें अतिरिक्त सहायता के रूप में 15 करोड़ 19 लाख 44 हजार रुपये दी जाएगी। 


प्रधान सचिव ने बताया कि बैठक में केंद्रीय सड़क निधि से वित्त पोषित सारण जिले में छपरा शहर के गांधी चौक से नगरपालिका चौक तक ओवर ब्रिज बनाने के लिए 411 करोड़ 31 लाख 33 हजार रुपये अनुमानित व्यय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि कि गृह विभाग के स्वीकृत किये गये एक प्रस्ताव के तहत राज्य की काराओं में पदस्थापित सहायक अधीक्षक एवं उपाधीक्षक को अब वर्दी या पोशाक के बदले 4500 रुपये तथा अधीक्षक को 5000 रुपये नकद भुगतान किया जाएगा। श्री मेहरोत्रा ने बताया कि बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम 2011 के तहत खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के अधीन जोड़ी गई नई सेवाओं नये राशन कार्ड जारी करना, कार्ड में संशोधन एवं कार्ड का प्रत्यर्पण या रद्द करने जैसे कार्य अनुमंडल पदाधिकारी के क्षेत्राधिकार में आते थे लेकिन अब यह अधिकार प्रखंड विकास पदाधिकारी को दे दिया गया है। प्रधान सचिव ने बताया कि व्यवहार न्यायालयों में लंबित महिला, बालक, विभिन्न जरूरतमंद व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों, समाज के उपेक्षित वर्गों एवं भ्रष्टाचार उन्मूलन से संबंधित मुकदमों के त्वरित निष्पादन के लिए गठित फास्ट ट्रैक न्यायालयों में पीठासीन पदाधिकारी के पद पर जिला न्यायाधीश संवर्ग के कुल आठ सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रधान न्यायाधीश एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश को पुनर्नियोजित कर पदस्थापन के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 15 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। 

सृजन घोटाला में सीबीआई की भू-अर्जन कार्यालय में छापेमारी

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भागलपुर 12 सितंबर, बिहार के चर्चित अरबों रुपये के सृजन घोटाला मामले की जांच कर रहे केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज यहां के जिला भू-अर्जन कार्यालय में छापा मारकर कई कागजात जब्त किये। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि सृजन घोटाले के मुख्य सूत्रधार रहे जिला भू-अर्जन कार्यालय में आज सीबीआई की टीम ने छापा मारा। इस दौरान ब्यूरो के अधिकारियों ने कुछ कर्मचारियों से कई घंटों तक पूछताछ की और कई कागजात की भी जांच कर उसे जब्त कर लिया। सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा सीबीआई ने बैंकों से कर्ज लेने वालों की सूची तैयार की है और इस मामले में वह करोड़ों रुपये की बड़ी रकम लेने वाले को जल्द ही नोटिस भेज कर पूछताछ करेगी। इसबीच वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने यहां बताया कि जेल में बंद सृजन घोटाले का आरोपी बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व मुख्य प्रबंधक अरुण कुमार सिंह को आज देर रात ट्रेन से इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) भेजा जायेगा। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों की सलाह पर उन्हें वाहन से नहीं भेजा जा सका है। श्री सिंह किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं।


मायावती ने प्रदेश सरकार से की शिक्षामित्रों के प्रति सहयोगपूर्ण रवैया अपनाने की मांग

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लखनऊ, 12 सितम्बर, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने शिक्षामित्रों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुये प्रदेश सरकार से सहयोगपूर्ण रवैया अपनाने की माँग की है। सुश्री मायावती ने आज जारी बयान में कहा कि प्रदेश के शिक्षामित्रों में बड़ी संख्या में महिलायें भी शामिल हैं। उनका जीवन अधर में लटका हुआ है। वे लोग वास्तव में एक प्रकार से सड़क पर आ गये हैं। उनका काम आने वाली पीढ़ी का जीवन सुधारने का है। उन्होंने प्रदेश सरकार से शिक्षामित्रों के साथ सहयोगपूर्ण रवैया अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्र राज्य सरकार से न्याय व सहारा पाने के लिये लगातार आन्दोलनरत हैं। प्रदेश सरकार उनकी सुध लेने को तैयार नहीं दिख रही है। शिक्षामित्रों का वेतन कम करके मात्र 10,000 रूपये मासिक कर दिया गया है। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षामित्र सरकार से कोई न्यायसंगत नीति बनाकर समस्या को हल करने की अपनी माँग के समर्थन में आन्दोलन करते हैं। भाजपा सरकार उन पर पुलिस की लाठियाँ-डण्डे बरसा रही है जो न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को वास्तव में शिक्षामित्रों के प्रति सकारात्मक रुख अपनाकर ऐसी नीति बनानी चाहिये जिससे उनकी नौकरी सलामत रहे और वे दिल-जान से वापस शिक्षण के काम में लग जायें। सुश्री मायावती ने कांशीराम ग्रीन इको गार्डेन की उपेक्षा पर चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि पहले आग की घटना और अब वहाँ लगी मूर्तियों की चोरी ने मामले को काफी गम्भीर बना दिया है। राज्य सरकार को सख़्त कदम उठाना चाहिये ताकि ऐसी घटनाओं को आगे रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इससे पहले इको गार्डेंन व अन्य स्मारकों के रख-रखाव पर समुचित ध्यान दिये जाने के सम्बन्ध में बसपा का प्रतिनिधिमण्डल मुख्यमंत्री से मिल चुका है। ग्रीन इको गार्डेंन एक सार्वजनिक पार्क है जो राजधानी लखनऊ की शोभा है तथा दलितों व पिछड़ों में जन्मे महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान से जुड़े होने के कारण इन स्थलों से करोड़ों लोगों की भावनायें भी जुड़ी हुई हैं। सुश्री मायावती ने कहा कि लखनऊ मेट्रो के सुचारु संचालन में आ रही लगातार बाधाओं से भी प्रदेश की काफी बदनामी हो रही है। इस पर राज्य सरकार को समुचित ध्यान देना चाहिए।

देश का 33 फीसदी भू-भाग होगा वनाच्छादित : हर्षवर्द्धन

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नयी दिल्ली 12 सितंबर, केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री डॉक्टर हर्षवर्द्धन ने आज कहा कि सरकार देश के 33 प्रतिशत भू-भाग को वनाच्छादित करने तथा तीन अरब टन का अतिरिक्त कार्बन सिंक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, श्री हर्षवर्द्धन ने आज यहां ‘टिकाऊ भू और वन पारिस्थितिकी तंत्र : सिद्धांत से क्रियान्वयन तक’ विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर वनों के महत्व को रेखांकित करते हुये कहा कि यह जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने तथा जैव विविधता को संरक्षित करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं इसलिए इनका संरक्षण सबकी जिम्मेदारी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार देश के वन क्षेत्र को मौजूदा 24 फीसदी से बढ़ाकर 33 फीसदी करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही ढाई से तीन अरब टन का अतिरिक्त कार्बन सिंक बनाने की तैयारी में भी है। यह काम वृक्षारोपण के विभिन्न सुनियोजित प्रयासों से पूरा किया जायेगा। उन्हाेंने इसके लिए लोगों और विशेषज्ञों से अभिनव सोच के साथ आगे आने की अपील करते हुये कहा कि नवोन्मेषण आज के वक्त का सबसे बड़ा तकाजा है। उन्हाेंने विकास से जुड़ी गतिविधियों और पर्यावरण सरंक्षण के बीच बेहतर संतुलन बनाये जाने की वकालत करते हुए सम्मेलन में उपस्थित वैज्ञानिकों और वन विशेषज्ञों से खर-पतवार की समस्या के समाधान के लिए नये तरीके ईजाद करने का अनुरोध किया। पर्यावरण मंत्री ने वनों को भारतीय परंपरा और संस्कृति का अभिन्न अंग बताते हुए कहा कि यही वजह है कि भारत बड़ी आबादी के बोझ के बावजूद आज भी अपनी वन संपदा को काफी हद तक बचाये रखने में सफल रहा है। उन्होंने इस अवसर पर वनों के संरक्षण तथा वन संसाधनों के न्यायसंगत इस्तेमाल के वास्ते जागरुकता पैदा करने के लिए ‘वुड इज गुड’ अभियान का शुभारंभ भी किया और कहा कि लकड़ी पर्यावरण के लिहाज से सुरक्षित होने के साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा का स्रोत भी है जो अपने पीछे कोई भी कार्बन फुट प्रिंट नहीं छोड़ता। अमेरिका की ‘एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’ द्वारा संचालित कार्यक्रम फॉरेस्ट प्लस भारत सरकार के वन और पर्यावरण मंत्रालय को वनों के सरंक्षण के प्रयासों में मदद दे रहा है। इसका मूल उद्देश्य भारत सरकार को वन संपदा प्रबंधन के लिए ऐसी तकनीकी मदद मुहैया करानी है जाे उसे एक ऐसी अर्थव्यवस्था निर्मित करने में मदद कर सके जो कम कार्बन उत्सर्जित करने वाली हो और जिससे वनों की सेहत तथा जैव विविधता को बेहतर तरीके से संरक्षित किया जा सके।

विनिर्माण में ठहराव, आईआईपी 1.2 प्रतिशत बढ़ा

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नयी दिल्ली 12 सितंबर,  विनिर्माण उत्पादन में लगभग ठहराव के कारण इस साल जुलाई में देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 1.2 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गयी, इससे पहले जून में विनिर्माण उत्पादन घटने से आईआईपी में 0.17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी जबकि पिछले साल जुलाई में आईआईपी वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही थी। चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने में अप्रैल से जुलाई के दौरान औद्योगिक उत्पादन की समेकित वृद्धि दर 1.7 प्रतिशत रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 6.5 प्रतिशत रही थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा आज यहाँ जारी आँकड़ों के अनुसार, आईआईपी में 77.63 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन जुलाई में महज 0.1 प्रतिशत बढ़ा। पिछले साल जुलाई में इसकी वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत रही थी। इस दौरान बिजली का उत्पादन सूचकांक 6.5 प्रतिशत और खनन का 4.8 प्रतिशत बढ़ा। पिछले साल जुलाई में ये क्रमश: 2.1 प्रतिशत और 0.9 प्रतिशत बढ़े थे। चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने में विनिर्माण का उत्पादन सूचकांक 1.3 प्रतिशत, बिजली का 5.6 प्रतिशत और 2.1 प्रतिशत बढ़ा है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में विनिर्माण 6.3 प्रतिशत, बिजली 7.9 प्रतिशत और खनन 5.8 प्रतिशत बढ़ा था।

गुजरात में सरकार बनी तो 4000 प्रति माह तक बेरोजगारी भत्ता देगी कांग्रेस

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अहमदाबाद, 12 सितंबर,  गुजरात में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले विपक्षी दल कांग्रेस ने आज दावा किया कि अगर यह सत्ता में आती है कि नवसर्जन गुजरात युवा रोजगार योजना के तहत राज्य के शिक्षित बेरोजगारों को हर माह बेरोजगारी भत्ता समेत अन्य सुविधाएं दी जायेंगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री भरतसिंह सोलंकी ने प्रदेश प्रभारी अशोक गेहलोत और अन्य नेताओं की मौजूदगी में एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि पोस्टग्रेजुएट बेरोजगारों को प्रति माह चार हजार, ग्रैजुएट को 3500 रूपये और 12 वीं पास बेरोजगारों को प्रति माह तीन हजार रूपये का भत्ता तब तक दिया जायेगा जब तक उन्हें नौकरी नहीं मिल जाती। उन्होंने राज्य में 40 लाख बेरोजगार होने का दावा किया। श्री सोलंकी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर युवाओं को स्मार्ट फोन तथा सस्ता रिण भी मुहैया कराया जाएगा। पार्टी के वरिष्ठ विधायक शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि इस योजना के लिए पंजीकरण का काम भी जल्द ही शुरू किया जाएगा।

मोदी सरकार की नीतियों से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान : राहुल

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नयी दिल्ली/बर्कले 12 सितंबर, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुये कहा है कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को जल्दबाजी में लागू करने जैसे गैर-जिम्मेदाराना एवं खतरनाक फैसलों से अर्थव्यस्था को भारी नुकसान हुआ है। अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में छात्रों और बुद्धिजीवियों को संबोधित करते हुये श्री गाँधी ने नोटबंदी को अपने पैर पर आप कुल्हाड़ी मारने जैसा बताया और कहा कि इससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को करीब दो प्रतिशत का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि यह फैसला मुख्य आर्थिक सलाहकार और संसद को विश्वास में लिये बगैर लिया गया जिसकी देश को भारी कीमत चुकानी पड़ी है। अमेरिका की दो हफ्ते की यात्रा पर आये श्री गांधी ने कहा कि नोटबंदी से लाखों छोटे व्यापारियों का रोजगार समाप्त हो गया। नकदी में लेनदेन करने वाले किसानों समेत कई लोगों को चोट पहुंची। कृषि क्षेत्र संकट में है और देश भर में किसानों की आत्महत्याओं की घटनाएँ तेजी से बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि देश की ज्ञानवान संस्थाओं की उपेक्षा करके फैसले लेना गैर-जिम्मेदाराना और खतरनाक है । कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि हर वर्ष तकरीबन एक करोड़ 20 लाख बेरोजगार युवक रोजगार की तलाश के लिए बाजार में पहुंच रहे हैं जिनमें से करीब 90 प्रतिशत हाई स्कूल या उससे भी कम शिक्षा प्राप्त हैं जबकि सरकार प्रतिदिन मात्र 500 रोजगार के अवसर पैदा कर पा रही है। अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त होने से देश में गुस्सा बढ़ रहा है। रोजगार सृजन को सबसे बड़ी चुनौती करार देते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि यदि लाखों बेरोजगार युवकों को काम नहीं दिया गया तो गुस्सा और बढ़ेगा। इससे अब तक जो भी हासिल किया गया है उसके पटरी से उतरने की आशंका है। उन्होंने कहा कि यह भारत के साथ-साथ दुनिया के लिए बडा संकट साबित होगा।

सहयोग बढ़ाने के लिए भारत और बेलारूस के बीच कई समझौते

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नयी दिल्ली 12 सितंबर, भारत और बेलारूस ने आज परस्पर सहयोग बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े दस अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किये, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत यात्रा पर आये बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर जी. लुकाशेंको की उपस्थिति में तेल और गैस, युवा मामलों, खेल, कौशल विकास और उद्यमिता के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच समझाैता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया। श्री लुकाशेंको के साथ मुलाकात के अवसर पर दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार, निवेश, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा लोगों के बीच परस्पर संपर्क के साथ ही परस्पर हितों से जुड़े क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। श्री मोदी ने बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि भारत और बेलारूस ने अपने मैत्रिपूर्ण संबंधों की समीक्षा की है और उसे विस्तार देने के उपायों पर विचार-विमर्श किया है। निमार्ण में प्रयुक्त होने वाले भारी उपकरणों की भारत में अच्छी मांग है और बेलारूस ऐसे उपकरणों के निमार्ण में अग्रणी है। श्री लुकाशेंको ने कहा कि बहुध्रुवीय विश्व में भारत एक बड़ी भूमिका में होगा। दोनों देश परस्पर सहयोग के नए चरण में है। प्रधानमंत्री और श्री लुकाशेंको ने भारत और बेलारूस के बीच राजनयिक संबंधों के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी श्री लुकाशेंको से मिलने पहुंचे। श्री लुकाशेंको के साथ आये व्यापार शिष्ट मंडल के सदस्यों के लिए औद्योगिक संगठनों के साथ अलग से बैठक की व्यवस्था की गयी है ताकि दोनों देशों के कारोबारी एक-दूसरे के यहां व्यापार की संभावनाएँ तलाश सकें।

दिल्ली में पटाखों की ब्रिकी पर हटी रोक

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नयी दिल्ली 12 सितंबर, उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों की बिक्री पर गत वर्ष लगाई रोक आज कुछ शर्तों के साथ हटा दी। हालाँकि, उसने दिल्ली पुलिस को यह सुनिश्चित करने का आदेश भी दिया है कि पटाखों की ब्रिक्री केवल लाइसेंस प्राप्त दुकानों से ही की जाये। न्यायमूर्ति एम.बी. लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने गत वर्ष नवंबर में न्यायालय द्वारा पटाखों की ब्रिकी पर लगाई गयी रोक हटाने के लिए पटाखा निर्माताओं द्वारा दायर की गयी याचिका पर सुनवाई करते हुए आज यह आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने बिक्री पर रोक हटाने के साथ ही कुछ शर्तें भी लगाई है। उसने कहा कि दीपावली के बाद वायु प्रदूषण के स्तर की जांच के उपरांत वह अपने आज के आदेश पर पुनर्विचार कर सकती है। पीठ ने कहा है कि पटाखों की बिक्री पर से रोक हटाई जा रही है, लेकिन बिना लाइसेंस वाली दुकानें इसे नहीं बेच सकेंगी। पटाखों की बिक्री के लिए पांच सौ अस्थायी लाइसेंस जारी किये जाएंगे। यह लाइसेंस दिल्ली और एनसीआर में पहले से मौजूद पटाखों की खेप के लिए होगी। दीपावली तथा दशहरा के पहले यहां बाहर से और पटाखे लाने की अनुमति नहीं होगी। न्यायालय का मानना है कि जितने पटाखे दिल्ली-एनसीआर में इस समय मौजूद हैं वह इस साल के लिए पर्याप्त हैं। न्यायालय ने प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का आदेश भी दिया है कि पटाखे शोर वर्जित क्षेत्र तथा अस्पतालों, नर्सिंग होम, स्वास्थ्य केन्द्र, अदालतों और धार्मिक स्थलों के सौ मीटर के दायरे में नहीं छोड़े जायें। उसने पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध के मामले में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष के नेतृत्व में एक समिति गठित करने का ओदश भी दिया है। समिति को अपनी रिपोर्ट 31 दिसंबर तक न्यायालय को सौंपनी है। 


निजी क्षेत्र में ग्रेच्युटी की सीमा होगी 20 लाख रूपये

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नयी दिल्ली 12 सितम्बर, सरकार ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की सीमा बढाकर 20 लाख रूपये करने संबंधी विधेयक को आज मंजूरी दे दी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक 2017 को संसद में पेश करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया, इस संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद निजी क्षेत्र तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकार के तहत काम करने वाले स्वायत्त संस्थानों के कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की सीमा केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर हो जायेगी। पिछले वर्ष तक केन्द्र सरकार तथा निजी क्षेत्र दोनों के कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख रूपये थी। सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू होने के बाद केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की सीमा एक जनवरी 2016 से बढाकर 20 लाख रूपये कर दी गयी थी। ग्रेच्युटी भुगतान के मामले में निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों के समकक्ष लाने के लिए सरकार ने विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव किया था जिसे मंत्रिमंडल आज मंजूर कर लिया। यह संशोधन विधेयक अब संसद में पेश किया जायेगा। सेवानिवृति के बाद कर्मचारी को पेंशन के साथ साथ ग्रेच्युटी का भी भुगतान किया जाता है जिसकी राशि कर्मचारी की सेवा अवधि पर निर्भर करती है।

शरद को झटका ,नीतीश की अगुवाई वाला वास्तविक जद यू -आयोग

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नयी दिल्ली 12 सितंबर, चुनाव आयोग ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल यू को ही वास्तविक जनता दल माना है और पार्टी के बागी नेता शरद यादव के दावे को ठुकरा दिया है, आयोग ने श्री यादव द्वारा पार्टी पर अपने दावे के लिए पेश याचिका पर आज यह निर्णय दिया है । आयोग ने श्री यादव को भेजे अपने संदेश में कहा है कि उन्होंने याचिका में अपने दावे के समर्थन में दस्तावेज पेश नहीं किये हैं ,इसलिए उनकी याचिका खारिज की जाती है । गौरतलब है कि श्री यादव ने पिछले दिनों आयोग के सामने यह दावा किया था कि उनका गुट ही असली जनता दल यू है । जनता यू के अध्यक्ष श्री नीतीश कुमार के भाजपा के साथ हाथ मिलाने के बाद शरद गुट ने विद्रोह कर दिया था । श्री कुमार ने शरद गुट के महासचिव अरूण कुमार को पद से हटा दिया था और सांसद अली अनवर को राज्यसभा में पार्टी के उपनेता और उसके बाद श्री यादव को भी सदन में पार्टी के नेता पद से हटा दिया था । इसके बाद भी श्री यादव श्री नीतीश कुमार पर हमले करते रहे और यह दावा करते रहे कि उन्हें पार्टी की अधिकांश राज्य इकाइयों का समर्थन हासिल है । श्री यादव ने पटना में पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक के समानान्तर अपनी बैठक की थी ।

घृणा और ध्रुवीकरण की राजनीति देश के लिए खतरनाक : राहुल गांधी

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नयी दिल्ली / बर्कले 12 सितंबर, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए आज आरोप लगाया कि घृणा और ध्रुवीकरण की राजनीति से लाखों लोग यह महसूस करने लगे हैं कि अपने ही देश में अब उनका कोई भविष्य नहीं है, श्री गांधी ने अमेरिका में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में अपने संबोधन के बाद सवालों के जवाब में कहा ,‘ ध्रुवीकरण की कुरूप राजनीति ने भारत में अपना सिर उठा लिया है,  उदारवादी पत्रकारों की जान ली जा रही है,  दलितों की पीट -पीट कर हत्या की जा रही है और गोमांस खाने के शक में मुसलमानों को मारा जा रहा है, यह भारत में नयी चीज है और इससे देश को बहुत नुकसान हो रहा है । ’ उन्होंने कहा कि नफरत की राजनीति ने देश में विभाजन और ध्रुवीकरण कर दिया है जिससे लाखों लोग यह महसूस करने लगे हैं कि अपने ही देश में उनका कोई भविष्य नहीं रह गया है । परस्पर एकदूसरे से जुडी आज दुनिया में यह निहायत खतरनाक है । श्री गांधी ने कहा कि भारत में मानव संसाधन में आमूलचूल बदलाव की प्रक्रिया शुरू हुई है । यह गति इतनी तेज है कि भारत की विफलता अब विकल्प नहीं हो सकता । हमारी सफलता से पूरी दुनिया प्रभावित होती है । उन्होंने आगाह किया कि नफरत ,गुस्सा और हिंसा से इस गति को नुकसान हो सकता है ।

विशेष आलेख : हिन्दी कर्क रोग से पीड़ित क्यों ?

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भाषा संवाद संप्रेषण का सशक्त माध्यम है। मनुष्य को इसलिए भी परमात्मा की श्रेष्ठ कृति या श्रेष्ठ सृजन कहा जाता है कि वह भाषा का उपयोग कर अपने भावों को अभिव्यक्त करने में सक्षम है। यहीं विशेषता है जो मनुष्य को अन्य प्राणियों से भिन्न करती है। आज संसार में 6809 से अधिक भाषाएं और अनगिनत बोलियां है। जिसमें से एक भाषा हिन्दी भी है। हिन्दी संसार की दूसरी बड़ी भाषा है जिसका उपयोग सर्वाधिक युवा आबादी करती है। हिन्दी का व्यक्तित्व इसकी वर्णमाला के कारण विराट है। हिन्दी की खासियत है कि इसमें जैसा बोला जाता है, वैसा ही सुना जाता है और वैसा ही लिखा भी जाता है। निस्संदेह, हिन्दी में सामथ्र्य की सुगंध है। उदाहरणार्थ, हम “कोण” बोलेंगे तो हिन्दी में लिखेंगे भी “कोण” ही। “ण” को हम “ण” ही लिखेंगे, “न” नहीं। परंतु उर्दू, अरबी, फ्रेंच और अंग्रेजी भाषा में “ण” को “न” ही लिखा जाएगा। इस प्रकार हिन्दी भाषा का “कोण” अन्य भाषाओं में “कोन” हो जाएगा। परिणामस्वरूप अर्थ में ही अंतर आ जाएगा। इससे सिद्ध है कि सामथ्र्य की जो सुगंध हिन्दी के पास है वह अन्य भाषाओं के पास नहीं। फिर भी हिन्दी अनादृत है तो इसका कारण यह है कि जिस प्रकार से कुछ लोगों को सुगंध से अप्रियताबोध अर्थात् एलर्जी होती है, ठीक उसी प्रकार से भारत में तथाकथित अभिजात्य वर्ग है, जिसकी नाक के नथुने हिन्दी के सामथ्र्य की सुगंध से फड़कने लगते हैं। मातृभाषा जब मात्र कुछ लोगों की भाषा बनकर रह जाए तो उसका कैसा और कितना विकास होगा यह सहज चिंतनीय है।  


हिन्दी भाषा मादक भी है, आकर्षक भी है, मोहक भी है। यहीं कारण है कि रूस के वरान्निकोव और बेल्जियम के बुल्के भारत आकर हिन्दी को समर्पित हो गये। बोलने को तो फ्रेंच भी एक भाषा है, परंतु आकर्षक और मोहक नहीं। इंटेलियन भाषा आकर्षक है, परंतु मादक और मोहक नहीं। चीनी भाषा न तो मादक है, न आकर्षक और न ही मोहक। इन्हीं सब कारणों से हिन्दी अपने गुणों पर गौरवान्वित है। भारत में प्रत्येक वर्ष चैदह सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है। जैसा कि हम जानते है कि हमारा देश लंबे समय तक अंग्रेजों की दासता के अधीन रहा। जाहिर-सी बात है कि गुलाम देश के पास अपनी कोई राज या राष्ट्रभाषा नहीं होती। परतंत्र राष्ट्र बिन भाषा के गूंगे अपाहिज की तरह ही होता है, जो अपनी आंखों के सामने सबकुछ देखता है, पर बोल नही सकता। लहूलुहान और रक्तरंजित क्रांति के उपरांत जब 15 अगस्त, 1947 को भारत आजाद हुआ तो इसके कुछ वर्षो बाद 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर सन् 1953 से संपूर्ण भारत में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की धारा 343(1) में इस प्रकार वर्णित है - संघ की राज भाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। गूंगे राष्ट्र के पास अब अपनी अभिव्यक्ति को प्रकट करने के लिए हिन्दी भाषा अधिकारिक तौर पर एक सशक्त माध्यम बनी। ऐसी बात भी नहीं है कि आजादी से पूर्व देश में हिन्दी का प्रयोग शून्य था, बल्कि हिन्दी भारत को आजाद कराने में एक सैनिक की भांति लड़ी थी और इसका प्रयोग उस समय भी सर्वाधिक था। 

समय की करवट के साथ हिन्दी का आकाश सूना होता गया। लोग अंग्रेजी को भूलाने के बजाय ओर भी इसके दीवाने होते गये। मां के जगह मम्मी और पिता की जगह डैड हो गया। बस ! इसी में सब बैड हो गया। ओर फिर हिन्दी को एक दिन की भाषा बनाकर ऐसे याद किया जाने लगा कि जैसी किसी की पुण्यतिथि हो। दरअसल, हमें अपनी भाषा का गौरव नहीं पता है। उसका मूल्य हम भूल चुके है। हालात यह है कि आज हिन्दवासियों को अंग्रेजी की गाली भी प्रिय लगने लगी है। वस्तुतः सौंदर्य और सुगंध से परिपूर्ण हिन्दी का यश मिटता जा रहा है। आलम है कि हम हिन्दी को कुलियों की और अंग्रेजी को कुलीनों की भाषा मानते हैं। देश स्वाधीन है परंतु वैचारिक और मानसिक दृष्टि से हम आज भी दास हैं। इसी कारण हिन्दी को कूड़े-करकट का ढेर और अंग्रेजी को अमृत-सागर समझने की हमारी मान्यता आज भी नहीं बदली है। 

हिन्दी के प्रति हीनता का बोध राष्ट्र को क्या उन्नति के शिखर पर ले जायेगा ? स्मरण रहे कि कोई राष्ट्र अपनी भाषा का आदर किये बगैर विकसित एवं समृद्धशाली नही हो सकता। लेकिन, हाल में भाषा को लेकर विशेष तौर पर हिन्दी को लेकर देश में जिस तरह विवाद उत्पन्न हुआ उसको देखकर ये कह पाना कठीन है कि आज भी हमारे पास एक राष्ट्र एक भाषा का अत्यंत अभाव है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने जब यह कहा कि हिन्दी राष्ट्रभाषा नहीं राजभाषा है, तब इस पर सोशल मीडिया पर लोगों ने नाराजगी जतायी और थरूर को बुरा-भला भी कहा। लेकिन, शशि थरूर ने सही कहा हिन्दी राष्ट्रभाषा नही राजभाषा है। इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। दूसरी बात यह भी कही कि हिन्दी को थोपना नहीं चाहिए। इस पर असहमति हो सकती है। यदि कोई सड़क के बीच चल रहा है तो यातायात नियम को उन पर स्वतंत्रता का हवाला देकर नहीं थोपना कहां तक उचित है ? क्या उसे बीच राह में चलने दिया जाना चाहिए ?


आज भाषा को लेकर संवेदनशील और गंभीरतापूर्वक विचार करने की आवश्यकता है। इस सवाल पर भी सोचना चाहिए कि क्या अंग्रेजी का कद कम करके ही हिन्दी का गौरव बढ़ाया जा सकता है ? जो हिन्दी कबीर, तुलसी, रैदास, नानक, जायसी और मीरा की भजनों से होती हुई प्रेमचंद, प्रसाद, पंत और निराला को बांधती हुई भारतेंदु हरिशचंद्र तक सरिता के भांति कलकल बहती रही, आज उसके मार्ग में अटकले क्यों है ? और आज आजाद भारत में हिन्दी कर्क रोग पीड़ित से क्यों है ? लेकिन, अफसोस इस बात का भी है कि हम हिन्दी का यश बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध तो है पर नवभारत नही न्यू इंडिया में। यदि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का वास्तविक कायाकल्प करना चाहते है, तो हिन्दी को उसकी गरिमा पुनः लौटायें। डिजिटल इंडिया के इस युग में चरमराती हिन्दी को चमकाना होगा। तकनीकि और वैज्ञानिक दौर में हिन्दी के लिए अप्रत्यक्ष रुप से बाध्यता अनिवार्य करनी होगी। उदाहरण के लिए गूगल जैसे बड़े सर्च इंजन की ही ले तो इस पर सर्च करने के बाद 90 फीसदी परिणाम अंग्रेजी में आते है, जबकि इसके विपरीत 90 फीसदी परिणाम हिन्दी में लाने होंगे। सरकारी वेबसाईट को हिन्दी में रुपान्तरित करने से लेकर ऑन या ऑफलाईन फॉर्म सभी को हिन्दी में परिवर्तित या इनका नवीनकरण करना इस दिशा में एक सार्थक कदम होगा। इस तरह अनेक छोटी-छोटी कोशिशे मन से की जाये तो हिन्दी के प्रति एक सुखद माहौल्ल तैयार किया जा सकता है।





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परिचय - देवेन्द्रराज सुथार , अध्ययन -कला संकाय में तृतीय वर्ष, रचनाएं - विभिन्न हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। पता - गांधी  चैक, आतमणावास, बागरा, जिला-जालोर, राजस्थान। पिन कोड - 343025 मोबाईल नंबर - 8101777196

बाढ़ पीड़ितों को राहत देने की बजाए उनपर मुकदमा थोप रही है बिहार सरकार : कुणाल

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पटना 13 सिंतबर, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि बिहार सरकार बाढ़ पीड़ितों के प्रति बेहद असंवेदनशील रवैया अपना रही है. एक तरफ सरकार बाढ़ पीड़ितों को मामूली राहत भी प्रदान नहीं कर रही, तो दूसरी ओर आंदोलन कर रहे बाढ़ पीड़ितों व माले कार्यकर्ताओं की मांगों को सुनने की बजाए उनपर फर्जी मुकदमे लाद रही है. इससे साबित होता है कि संकट के समय भी सरकार अपनी जवाबदेही पूरा करने की बजाए दमन का ही रास्ता अपना रही है. सरकार व प्रशासन का यह रवैया घोर निंदनीय है. उन्होंने आगे कहा कि बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाने की मांग पर हमारी पार्टी ने पिछले 9 सितंबर को उत्तर बिहार में चक्का जाम का आह्वान किया था. सरकार की संवेदनहीनता से आक्रोशित बाढ़ पीड़ितों ने जगह-जगह अपने आक्रोश का इजहार किया और शांतिपूर्ण चक्का जाम के जरिए राहत अभियान तेज करने की मांग की. लेकिन सरकार ने राहत अभियान तेज करने की बजाए आंदोलनकारियों पर फर्जी मुकदमे लाद दिये.


पश्चिम चंपारण व दरभंगा में इस तरह की निंदनीय कार्रवाई की गयी है. पश्चिम चंपारण में जब बाढ पीड़ितों नेे जिला समाहर्ता के समक्ष  प्रदर्शन के कार्यक्रम में भाग लिया, तब उन्हें मुकदमा झेलने की धमकी दी गयी. नरकटियागंज में एसडीएम ने भी धमकी दिया. नरकटियागंज शहर के वार्ड नंबर 12 के वार्ड पार्षद पर नगर कार्यपालक पदाधिकारी ने मुकदमा थोप दिया. इसी तरह योगापट्टी, रामनगर, गौनाहा, मझौलिया आदि प्रखण्डों में भी राहत की मांग करने वाले बाढ़ पीड़ितों पर मुकदमे किए गए हैं.  9 सितम्बर के भाकपा माले द्वारा बाढ़ प्रभावित जिलों में पटना-दिल्ली की सरकारों की संवेदनहीनता के खिलाफ आहूत चक्काजाम के क्रम में भाकपा माले के लोकप्रिय नेता कामरेड मुख्तार मियां, नजरे आलम समेत सैकड़ों बाढ पीड़ितों पर मुकदमा किया गया है. शान्तिपूर्ण ढंग से हुए चक्काजाम के कार्यक्रम में कोई बहाना न मिलने पर एसडीएम ने माले नेताओं को फंसाने के लिए तर्क गढ़ा कि सडक जाम के संबंध में हाईकोर्ट के फैसले का उल्लंघन किया गया है. इसी तर्क के सहारे बाढ़ पीड़ितों पर कर्मचारियों के जरिए मुकदमा करवाया गया है. दरभंगा के भी मब्बी और धोई में बाढ़ पीड़ितों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

माले राज्य सचिव ने कहा कि आज बाढ़ पीड़ित भूखमरी के शिकार हैं. उन्हें राहत देने की बजाए भाजपा-जद (यू) बाढ़ पीड़ितों के दमन पर उतारू है. बाढ़ पीड़ितों की जो सूची बनायी जा रही है, उसमें भी भेदभाव किया जा रहा है. वास्तविक लाभार्थियों के नाम सूची में शामिल नहीं किए जा रहे हैं. आज एक माह बाद भी सैकड़ों बाढ पीड़ित गांवों में पांच किलो चावल वाला पैकेट भी नही पहुंचा है. पश्चिम चंपारण में अब तक कोई भी व्यक्ति अपने बैंक खाते से राहत राशि नही निकाल पाया है. इस तरह बिहार सरकार बाढ़ पीड़ितों केा राहत देने की बजाए उनकी आवाज को दबाने और उनका कष्ट बढ़ाने में लगी हुई है.

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