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जीएसटीएन पोर्टल पर हर घंटे 80,000 रिटर्न दाखिल : चेयरमैन

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नयी दिल्ली, 20 सितंबर, अगस्त के आरंभिक जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए अंतिम दिन भारी संख्या में कारोबारियों ने जीएसटी नेटवर्क पोर्टल का रुख किया और हर घंटे 80,000 से ज्यादा जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल किए गए हैं। यह जानकारी आज जीएसटीएन के चेयरमैन अजय भूषण पांडे ने दी। उन्होंने कहा कि जीएसटीआर-3बी के रूप में अगस्त का रिटर्न भरने के लिए कारोबारियों के पास मध्यरात्रि तक का समय था और जीएसटीएन पोर्टल को अतिरिक्त भार लेने के लिए तैयार रखा गया था। एक जुलाई को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को लागू किए जाने के बाद यह दूसरा महीना था जब जीएसटीआर-3बी फॉर्म दाखिल किए जाने थे। इसी महीने जीएसटीएन पोर्टल के चेयरमैन पद को संभालने वाले पांडे ने कहा, ‘‘मौजूदा समय में जीएसटीएन सही तरीके से काम कर रहा है और इस पर हर घंटे करीब 80,000 से ज्यादा जीएसटीआर-3बी रिटर्न अपलोड स्वीकार किए जा रहे हैं।’’ जीएसटीएन इस नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के लिए तकनीकी रीढ़ का काम करता है। पिछले महीने करीब 47 लाख जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल किए गए थे।


बीसीसीआई ने पद्म भूषण के लिये धोनी का नाम भेजा

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नयी दिल्ली, 20 सितंबरm भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी का नाम देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण पुरस्कार के लिये भेजा है। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुये कहा कि बीसीसीआई ने पद्म सम्मान के लिये सर्वसम्मति से एक नाम भेजा है जोकि भारत के सबसे सफल कप्तान का नाम है । बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना नेकहा, ‘‘ बोर्ड ने महेन्द्र सिंह धोनी का नाम पद्म भूषण सम्मान के लिये भेजा है। यह फैसला सदस्यों की सर्वसम्मति से हुआ। वह मौजूदा क्रिकेट के महानतम नामों में से एक है और बोर्ड के लिये सबसे उपयुक्त विकल्प।’’ धोनी भारत के इकलौते खिलाड़ी है जिनकी कप्तानी में टीम ने दो विश्व कप जीते हैं जिसमें 2007 में टी-20 विश्व कप और 2011 का एकदिवसीय विश्व कप शामिल है। खन्ना ने कहा, ‘‘ वह एकदिवसीय में 10,000 रन के करीब है और हमारे सबसे महानतम एक दिवसीय खिलाड़ियों में से एक हैं। इस पुरस्कार के लिये उनसे अच्छा कोई नाम नहीं हो सकता था।’’ अगर धोनी को यह खिताब मिलता है तो यह सम्मान पाने वाले वह देश के 11वें क्रिकेटर होंगे। इससे पहले सचिन तेंदुलकर, कपिल देव, सुनील गवास्कर, राहुल द्रविड़, चंदू बोर्डें, प्रो. डी.बी. देवधर, कर्नल सी.के. नायडू और लाला अमरनाथ के साथ साथ पटियाला के राजा भलिंद्रा सिंह और विजयनगर के महाराज विजय आनंद को यह सम्मान मिला है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 16 शतक (एकदिवसीय में 10 और टेस्ट में छह) और 100 अर्धशतक लगाने वाले 36 वर्षीय धोनी ने अब तक 302 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 9737 रन बनाये है जबकि 90 टेस्ट में उनके नाम 4876 रन है। टी20 अंतरराष्ट्रीय के 78 मैचों में धोनी के बल्ले से 1212 रन निकले हैं। विकेट के पीछे भी उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने 584 (टेस्ट में 256, एकदिवसीय में 285 और टी-20 में 43) कैच लपकने के साथ 163 स्टंपिंग भी की है। धोनी को पहले ही राजीव गांधी खेल रत्न और पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है।

31 मार्च तक सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में खुलेंगे आई बैंक : सुशील कुमार मोदी

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पटना 20 सितंबर, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि अगले वर्ष 31 मार्च तक राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में आई बैंक खुल जाएंगे। श्री मोदी ने यहां 31 मार्च 2018 तक राज्य के सभी मेडिकल काॅलेज अस्पतालों में आई बैंक खोलने की घोषणा करते हुये कहा कि सरकार ने इस साल 31 दिसम्बर तक पटना के राजेन्द्र नगर सुपर स्पेश्यालिटीज अस्पताल में आई बैंक की स्थापना करने का निर्णय लिया है। उपमुख्यमंत्री की उपस्थिति में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और दधीचि देहदान समिति के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बैठक में राज्य स्तर पर अंगदान के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्णय लिया गया। श्री मोदी कहा कि स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में अंगदान से जुड़े मुद्दे पर सरकार को सलाह देने के लिए एक सलाहकार समिति भी गठित की जायेगी। श्री मोदी ने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल काॅलेज अस्पतालों में ब्रेन डेड घोषित करने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की एक कमेटी अधिसूचित की जायेगी। उन्होंने कहा कि परिजनों की सहमति से ब्रेन डेड घोषित मरीजों के अन्य अंगों को निकाल कर जरूरतमंदों में प्रत्यारोपित किया जा सकेगा। सरकार सभी मेडिकल काॅलेज अस्पतालों में एक उत्प्रेरक की नियुक्ति करेगी जो मरीजों के परिजनों को अंगदान के लिए प्रेरित करेगा। सरकार की ओर से अप्रैल में अंगदान-चक्षुदान सप्ताह का आयोजन कर बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान चलाया जायेगा।

सृजन घोटाला मामले में नीतीश पर भी चले मुकदमा : तारिक अनवर

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पटना 20 सितम्बर,  बिहार के कटिहार से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सांसद तारिक अनवर ने आज कहा कि स्वयंसेवी संस्था सृजन के माध्यम से सरकारी राशि के बड़े पैमाने पर घोटाले के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए। श्री अनवर ने यहां पार्टी मुख्यालय में प्रदेश कार्यसमिति की हुयी बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा घोटाला मामले में सरकारी राशि की अवैध निकासी का आरोप लगा था । उन्होंने कहा कि सृजन घोटाले में भी श्री कुमार पर चारा घोटाला की तरह ही आरोप लगा है , इसलिए उनके खिलाफ भी मुकदमा चलाया जाना चाहिए। राकांपा सांसद ने कहा कि श्री कुमार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात तो करते हैं लेकिन सृजन घोटाला मामले में कुछ नहीं बोल रहे हैं। सिर्फ खानापूर्ति के लिए केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की अनुसंशा की गयी है । उन्होंने कहा कि सृजन घोटाले की जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में होने से ही सच्चाई का पता चल सकेगा। 


श्री अनवर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार के सभी कार्यों पर उनकी पीठ थपथपाने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की नाक के नीचे पिछले कई वर्षों से भागलपुर जिले के सृजन संस्था के खाते में सरकार की राशि जमा होती रही । हजारों करोड़ रुपये से अधिक की राशि सृजन के खाते में गयी और घोटाला होता रहा। राकांपा सांसद ने कहा कि इसका खुलासा होने के बाद अब मुख्यमंत्री श्री कुमार और उप मुख्यमंत्री श्री मोदी दोनों ही इस घोटाले में अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं जबकि इनलोगों ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट को भी नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने कहा कि सवाल यह उठता है कि सरकारी राशि गबन करने की जवाबदेही किसकी है। श्री अनवर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में फिर से शामिल हो गये हैं इसलिए उन्हें बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार से करनी चाहिए । उन्होंने कहा कि केन्द्र की तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय श्री कुमार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मामला जोरशोर से उठा रहे थे लेकिन अब इस मुद्दे चुप्पी साध ली है । उनकी पार्टी इस मुद्दे पर श्री कुमार के साथ मजबूती से खड़ी है। 

नीतीश ने भागलपुर में बांध टूटने के मामले की जांच का दिया आदेश

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पटना 20 सितंबर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भागलपुर जिले के बटेश्वरस्थान गंगा पंप नहर परियोजना के बांध की दीवार कल ट्रायल रन के दौरान ही पानी के दबाव से टूटने के मामले की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया है। जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री ने विभागीय प्रधान सचिव को मामले की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। श्री सिंह ने बताया कि इस नहर का निर्माण वर्ष 1985-88 के बीच किया गया था और उनकी सरकार ने गंगा नदी के पानी से सिंचाई के लिए पिछले साल एक पंप स्टेशन का निर्माण कराया था। अधिकारियों को उसके उद्घाटन के पूर्व नहर की जांच करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि हादसे के सभी पहलुओं की जांच की जायेगी। प्रारंभिक तौर पर यह बात प्रकाश में आयी है कि राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीस) ने इस नहर के नीचे से एक भूमिगत रास्ता बनाया था जिससे संभवत: नहर की दीवार कमजोर हुई होगी। 


इस बीच भागलपुर में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने आज संवाददाता सम्मेलन के दौरान विभागीय चूक की बात स्वीकारते हुए बताया कि उद्घाटन के पूर्व नहर की जांच नहीं की गयी जिसके लिए वह स्वयं विभाग की ओर से खेद व्यक्त करते हैं। श्री सिंह ने कहा कि मामले की जांच में जो भी विभागीय कर्मी दोषी पाये जायेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। प्रारंभिक स्तर पर करीब 12 अभियंताओं को चिन्हित किया गया है। उन्होंने कहा कि एनटीपीस द्वारा नहर के नीचे से रास्ता बनाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया था या नहीं, इसकी भी जांच की जायेगी। सभी कमियों को दूर कर इस नहर पंप का उद्घाटन अब दो महीने के बाद किया जायेगा। प्रधान सचिव से मुलाकात करने आए कहलगांव स्थित एनटीपीस के कार्यकारी निदेशक राकेश सैम्युएल ने कहा कि इस रास्ते का निर्माण बहुत पहले किया गया था, जिसके दस्तावेजों को वह देखेंगे लेकिन एनटीपीसी बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र पाए कोई कार्य नहीं करती। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज इस परियोजना का उद्घाटन करने वाले थे। कार्यक्रम की पूरी तैयार कर ली गई थी लेकिन बांध की दीवार टूटने से कार्यक्रम स्थगित हो गया। इस परियोजना का उद्घाटन कार्यक्रम अबतक चार बार स्थगित हो चुका है। उल्लेखनीय है कि कहलगांव के निकट बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर परियोजना के तहत बने नवनिर्मित तटबंध में कल शाम ट्रायल के लिए गंगा नदी का पानी छोड़ा गया था। इसी दौरान खुटहरी गांव के निकट तटबंध करीब चार फुट तक अचानक टूट गया। घटना की सूचना मिलते ही जल संसाधन विभाग के अभियंताओं की टीम मौके पर पहुंच कर मरम्मत कार्य में जुट गयी। परियोजना के पंप हाउस एक और दो में सोमवार को जैसे ही ट्रायल के दौरान पंप से मुख्य नहर में पानी छोड़ा गया वैसे ही कई लीकेज को देखते ही कार्य स्थल पर अधिकारियों में हड़कंप मच गयी। आनन-फानन में राजमिस्त्री को बुलाकर ब्रांच लाइन में हुए लीकेज को बंद कराने का काम कराया गया। दो छोटे लीकेज तो बंद कर दिये गये लेकिन एक बड़े लीकेज का प्वाइंट नहीं मिलने से देर रात तक बंद नहीं किया जा सका। इससे पहले भी ब्रांच लाइन के आधा दर्जन जगहों पर हुए लीकेज को दुरुस्त किया गया था। अविभाजित बिहार के भागलपुर जिले के कहलगांव मे जनवरी 1977 में गंगा पंप नहर परियोजना का निर्माण कार्य शुरू हुआ। बिहार एवं झारखंड के लगभग 27,604 हेक्टेयर खेतों को सिंचाई के लिए अनवरत पानी मुहैया कराने के उद्देश्य से स्थापित इस महत्वकांक्षी नहर परियोजना की आरंभिक लागत 13 करोड़ 83 लाख रुपये थी और पांच साल के भीतर इस परियोजना से किसानों के खेतों को पानी मिलना था। लेकिन, 40 साल बीतने के बाद भी यह परियोजना पूरी नहीं हो सकी। इस परियोजना में अबतक 389.31 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। 

नीतीश सरकार में बह रही भ्रष्टाचार की गंगा : तेजस्वी यादव

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पटना 20 सितम्बर, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवायी में राज्य में भष्टाचार की भयावह गंगा बह रही है और इस भ्रष्टाचार रूपी गंगा का प्रवाह इतना तेज है कि बड़े-बड़े घोटाले तो हो ही रहे हैं अब नवनिर्मित बांध भी टूटने लगे हैं। श्री यादव ने यहां कहा कि भागलपुर के कहलगांव में लगभग 828 करोड़ रुपये की लागत से तैयार गंगा पम्प नहर परियोजना का नवनिर्मित बांध कल टूट गया। जल संसाधन विभाग प्रदेश में भ्रष्टाचार का गढ़ और लूट का सबसे बड़ा अड्डा बन चुका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार की सरपरस्ती में जल संसाधन विभाग में बाढ़, कटाव रोधक कार्य और राहत कार्य के नाम पर लगातार घोटाले हो रहे हैं। प्रतिपक्ष के नेता ने सवालिया लहजे में कहा कि नहर एवं बांध निर्माण की मरम्मत में संवेदकों और अभियंताओं की मिलीभगत से क्या मुख्यमंत्री श्री कुमार अवगत नहीं हैं। नैतिकता की बड़ी-बड़ी पाठ पढ़ाने वाले श्री कुमार जल संसाधन विभाग में हो रहे घोटाले का संज्ञान क्यों नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री कुमार की ऐसी कौन सी मजबूरी है कि उन्होंने इस विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को नजर अंदाज कर दिया है। 


श्री यादव ने कहा कि एक मुख्यमंत्री के लिये इससे बड़ी प्रशासनिक विफलता क्या होगी जो उनके उद्घाटन करने से महज कुछ घंटे पहले ही लोगों का लगभग 828 करोड़ रुपये भ्रष्टाचार की गंगा में बह गया। जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले श्री कुमार के सामने प्रतिदिन हजारों करोड़ रुये के घोटाले उजागर हो रहे हैं फिर भी पता नहीं किस नैतिकता के आधार पर वह इमानदारी का ढोल पीट रहे हैं। प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि प्रदेश के लोग भी अब यह कहने लगे हैं कि जबतक राष्ट्रीय जनता दल (राजद ) सरकार में था तब एक भी घोटाला उजागर नहीं हुआ था। महागठबंधन की सरकार में राजद बड़ी पार्टी थी और उसमें श्री कुमार के कथित भ्रष्ट सिपहसलारों को घोटाला करने की छूट नहीं थी शायद इसीलिये उनका दम घुट रहा था। श्री यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री का इकबाल अब समाप्त हो चुका है और उनकी तथाकथित छवि से पूरा देश परिचित हो चुका है। लोगों को पता है कि बिहार सरकार में चूहे कैसे भ्रष्टाचारी बन गये हैं, जो अब मिट्टी नहीं सीमेंट और कंक्रीट के बांध तथा नहर को भी सरकारी सरपरस्ती में कुतर रहे हैं। 

बांध टूटना सरकार की विफलता नहीं, अभियंताओं की गलती : सदानंद सिंह

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पटना 20 सितंबर, बिहार के भागलपुर में गंगा पंप नहर परियोजना के नव निर्मित बांध की दीवार टूटने को जहां महागठबंधन के बड़े घटक राष्ट्रीय जनता(राजद) ने नीतीश सरकार की विफलता बताया वहीं अन्य घटक कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता एवं पूर्व सिंचाई मंत्री सदानंद सिंह ने इसे केवल कुछ अभियंताओं की गलती कहा है। श्री सिंह ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार ने वर्षों से लंबित पड़ी इस परियोजना को पूरा करने के लिए काफी बेहतर काम किया है। इस परियोजना के नवनिर्मित बांध की दीवार का टूटना सरकार की विफलता नहीं बल्कि यह इस परियोजना से जुड़े कुछ अभियंताओं की गलती के कारण हुआ है। कांग्रेस नेता ने कहा कि अभियंताओं को मुख्य नहर में पानी छोड़ने का ट्रायल इस परियोजना के उद्घाटन के कुछ घंटे पहले नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यह ट्रायल कम से कम दो महीने पहले किया जाना चाहिए था। यदि ऐसा होता तो कोई समस्या उत्पन्न होने पर उसके निराकरण के लिए उनके पास पर्याप्त समय होता। उन्होंने कहा कि यदि अभियंता चौकसी बरतते तो बांध की दीवार नहीं टूटती। श्री सिंह ने कहा कि 40 साल पुरानी इस परियोजना से राज्य के बहुत बड़े भूभाग को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके मद्देनजर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस परियोजना का काम शीघ्र पूरा करवाने का आग्रह किया था। इससे पूर्व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भागलपुर जिले में ट्रायल रन के दौरान पानी के दबाव से गंगा पंप नहर योजना के बांध की दीवार के अचानक टूट जाने के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को दोषी ठहराते हुए उनसे इस्तीफा देने तथा मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की। वहीं, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने आरोप लगाते हुये कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार की अगुवायी में राज्य में भष्टाचार की भयावह गंगा बह रही है और इस भ्रष्टाचार रूपी गंगा का प्रवाह इतना तेज है कि बड़े-बड़े घोटाले तो हो ही रहे हैं अब नवनिर्मित बांध भी टूटने लगे हैं। 

अंतरराष्ट्रीय कारको से बढ़े हैं पेट्रोल डीजल के दाम : जेटली

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नयी दिल्ली 20 सितंबर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में पिछले दो महीने के भीतर हुयी बढोतरी को लेकर सरकार की ओलाचना करने वालों को अाज आड़े हाथों लेते हुये कहा कि अंतरराष्ट्रीय कारकों की वजह से इनके दाम बढ़े हैं जो सीमित दायरे में थे। श्री जेटली ने मंत्रिमंडल के निर्णयों की जानकारी देने के दौरान एक सवाल के जबाव में कहा कि अमेरिका में तूफान की वजह से पेट्रोलियम उत्पादों की रिफाइनरिंग लागत बढ़ गयी है जिसके कारण दाम में बढोतरी करनी पड़ी थी जो सीमित दायरे में ही रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पेट्राेलियम मंत्री भी बयान दे चुके हैं लेकिन फिर भी कुछ राजनीतिक दल सरकार आलोचना कर रहे हैं लेकिन उन दालों की जहां सरकारें हैं उन राज्यों में पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट में कमी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों पर कर से मिलने वाली राशि के केन्द्रीय पूल में से राज्यों को 42 फीसदी राशि दी जाती है और उन राज्यों को यह राशि लेने से मना करना चाहिए। श्री जेटली ने महंगाई बढने के सवाल पर कहा कि दो वर्ष पहले तक महंगाई जब 11 से 12 प्रतिशत पर पहुंच गयी थी तब यह कोई मुद्दा नहीं होता था जबकि आज यह 3.26 प्रतिशत पर है तो इसको उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह अभी भी चार प्रतिशत महंगाई के दायरे में है। हालांकि मानसून में सीजनल कारकों से महंगाई में बढोतरी होती है। 


रेयान स्कूल के मालिकों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से न्यायालय का इन्कार

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चंडीगढ़, 20 सितम्बर, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने रेयान स्कूल समूह के मालिकों की गिरफ्तारी पर आज राेक लगाने से इन्कार कर दिया। रेयान पिंटों , ग्रेस पिंटों और फ्रांसिस पिंटो की गिरफ्तारी पर उच्च न्यायालय ने रोक लगाने से इन्कार करते हुए हरियाणा सरकार को नोटिस भेजकर छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले में जवाब मांगा है। प्रद्युम्न के पिता की तरफ से हाजिर हुए वकील सुशील टेकरीवाल ने न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जिस निर्मम ढंग से बच्चे की हत्या की गयी है, उसे देखते हुए स्कूल के मालिकों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जानी चाहिये। उन्होंने बाद में कहा कि न्यायालय ने इसे एक गंभीर मामला बताया और कहा कि बिना सभी पक्षों की दलील सुने, इस पर निर्णय नहीं लिया जा सकता है। इस मामले पर अगली सुनवाई सोमवार को होगी । गौरतलब है कि 08 सितम्बर को गुरुग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल की दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की विद्यालय के शौचालय में गला रेतकर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को गिरफ्तार किया हुआ है। इसके अलावा स्कूल के दो अन्य पदाधिकारियों को भी गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल ये तीनों न्यायिक हिरासत में है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ए बी चौधरी ने कल रेयान स्कूल के मालिकों की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई करने से यह कहते हुए खुद को अलग कर लिया था कि वह पिंटो परिवार को निजी तौर पर जानते है।

भारतीय संसद में गिरा है चर्चा का स्तर : राहुल गांधी

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प्रिन्सटन (अमेरिका)20, सितम्बर, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि भारतीय संसद में शुरुआती दौर की तुलना में चर्चा का स्तर काफी गिर गया है और इसमें सुधार की जरूरत है, श्री गांधी ने अमेरिका के प्रिन्सटन विश्वविद्यालय में छात्रों से बातचीत करते हुए आज कहा कि संसद का वर्तमान माहौल देखकर उन्हें लगता है कि इसमें पारदर्शिता तथा विकेंद्रीयकरण आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा “हम संसद में बैठते हैं, विमर्श करते हैं लेकिन कानून नहीं बनाते हैं। कानून बनाने का काम नौकरशाह और मंत्री कर रहे हैं और संसद सिर्फ उस पर मोहर लगा रही है।” उन्होंने कहा कि संसद में 1950 के दौरान विभिन्न मुद्दों पर बहस होती थी और चर्चा का स्तर गंभीर हुआ करता था। “उस समय संसद में “विशिष्ट’’ चर्चा होती थी क्योंकि सांसद कानून बनाते थे। इन दिनों चर्चा का स्तर बहुत कमजोर हो गया है।” कांग्रेस उपाध्यक्ष ने राजनीतिक व्यवस्था में सत्ता के केंद्रीकरण को बड़ी समस्या बताया और कहा कि वर्तमान परिवेश में राज्य का मुख्यमंत्री गांव में सड़क निर्माण के बारे में फैसला ले रहा है जबकि यह काम स्थानीय प्रशासन को करना चाहिए। स्थानीय प्रशासन को गांव की स्थिति और वहां के माहौल की जानकारी होती है लेकिन सत्ता का केंद्रीकरण होने से यह समस्या पैदा हो रही है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में पिछले सप्ताह कांग्रेस अध्यक्ष पद लेने और प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के लिए तैयार हाेने की बात करने वाले श्री गांधी ने कहा कि देश का कानून नौकर शाह तैयार करते हैं और इस स्थिति बदलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह लोकसभा तथा विधानसभाओं के काम करने के माजूदा तरीके में सुधार लाकर कानून बनाने की प्रक्रिया में बदलाव लाया जाना चाहिए।

विशेष : रोहिंग्याई मुसलमान : खतरों को आमंत्रण

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रोहिंग्या मुसलमान के बारे में अब यह स्पष्ट हो रहा है कि आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। इन्होंने म्यांमार में अशांति फैलाने का काम किया है। इस प्रकार की गतिविधियों में संलिप्त रहकर काम करने वाले रोहिंग्याई मुसलमान के पक्ष में भारत में वातावरण बनाना निश्चित रुप से एक भीषण खतरे का संकेत है। इस बारे में म्यांमार की नेता आंग सान सू की ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि रोहिंग्या मुसलमान आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। लेकिन हमारे भारत देश में मात्र वोट बैंक बनाने के लिए बिना विचार किए इस संभावित खतरे को खुलेआम आमंत्रण देने का काम कुछ संस्थाएं कर रही हैं। भारत देश में आज जो समस्याएं विद्यमान हैं, वह अंदर की कम बाहर से आई हुई ज्यादा दिखाई दे रही हैं। वास्तव में आज देश में घुसपैठ एक ऐसी समस्या है, जो बाहरी लोगों द्वारा पैदा की गई है। भारत पहले से ही बांग्लादेशी घुसपैठ से परेशान था, अब रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ से परेशानी और बढ़ती जा रही है। कहा जाता है कि घुसपैठ करने वाला व्यक्ति भले ही भारत में आकर निवास कर रहा हो, लेकिन उसका मानसिक जुड़ाव अपने मूल देश के साथ ही रहता है। इसलिए यह कहा जा सकता है कि घुसपैठ हमेशा ही देशद्रोह को बढ़ावा देती है। देश के प्रति विद्रोह की भावना को पनपाने वाली यह घुसपैठ प्रारंभ में भले ही दया का पात्र जैसी लगती हो, लेकिन कालांतर में यही घुसपैठ विभाजन के बीज बो सकती है। ऐसी बात नहीं है कि यह समस्या वर्तमान की ही है, हम पहले भी ऐसे षड्यंत्रों का शिकार हो चुके हैं। रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ की बारीकी से जांच की जाए तो कई गंभीर बातों से साक्षात्कार हो सकता है। यह भी हो सकता है कि यह कदम भारत में मुसलमानों की संख्या बढ़ाने का अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र हो।


भारत में सर्वोच्च न्यायालय ने रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में केन्द्र सरकार से भी सवाल किया। केन्द्र सरकार ने वही कहा जो म्यांमार ने भुगता है। इससे यह भी सिद्ध हो रहा है कि वर्तमान केन्द्र सरकार देश की सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता करने के लिए तैयार नहीं है। वास्तव में देश की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं की जाना चाहिए, लेकिन भारत में हमेशा ही देखा जाता है कि कुछ सामाजिक संगठन और राजनीतिक दल केवल अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश की सुरक्षा को भी बलाए ताक पर रख देते हैं। इस प्रकार का भाव रखने वाले संगठन देश का किस प्रकार से भला कर सकेंगे, यह सोचने का विषय है। केन्द्र सरकार ने जो अपना मत प्रकट किया है, वह देश की जनता की भावना का समर्थन कर रहा है। देश की जनता अब ऐसा कतई नहीं चाहती कि जानबूझकर खतरे को आमंत्रित किया जाए। यहां सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि रोहिंग्या मुसलमानों के पक्ष में जिस प्रकार से भारत में माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है, उस प्रयास की दिशा चीन और बंग्लादेश के प्रति क्यों नहीं हैं। जबकि चीन और बंग्लादेश म्यांमार के ज्यादा समीप हैं। चीन में उनके रहने के लिए मांग क्यों नहीं की जा रही। रोहिंग्याई भारत ही आना क्यों चाहते हैं। इन सवालों का जवाब तलाश किया जाए तो शायद यही दिखाई देगा कि यह किसी साजिश के तहत किया जा रहा है।

मुसलमानों के बारे में आज का सबसे बड़ा सच यह भी है कि उसे किसी देश से कोई भी सरोकार नहीं है, न ही वह किसी देश के साथ सांमजस्य स्थापित करने की मानसिकता में रहता है। वह तो केवल अपने संप्रदाय के प्रति समर्पित रहता है। इसमें चाहे सामान्य जीवन जीने वाला मुसलमान हो या फिर आतंकी गतिविधियों में भाग लेने वाला मुसलमान हो। सभी अपने संप्रदाय के लिए ही काम करते दिखाई देते हैं। रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में भी यही कहा जाता है कि वह केवल अपने मजहब के लिए समर्पित होकर काम करते हैं। फिर चाहे उनको विदेश से ही संकेत क्यों न मिलें। अब तो लगभग यह भी प्रमाणित हो चुका है कि रोहिंग्या मुसलमानों के आतंकी संगठनों से सीधे संबंध हैं। इनसे उनको दिशा निर्देश भी प्राप्त होते रहे हैं। इस सच को म्यांमार भी खुले रुप से स्वीकार कर चुका है। जब रोहिंग्याई मुसलमानों के बारे में इतना बड़ा सच लगभग प्रमाणित हो चुका हो, तब यह कैसे उम्मीद की जा सकती है कि वह भारत में रहकर आतंकी गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे। वर्तमान में जो भी रोहिंग्याई मुसलमानों का समर्थन कर रहे हैं, वे जाने अनजाने में एक प्रकार से आतंकवाद का ही समर्थन कर रहे हैं। पिछली सरकारों के समय आतंकवाद को कथित समर्थन मिलने के कारण ही हमारा देश आज भी विकराल समस्याओं का सामना कर रहा है। पिछले तीन सालों में घटित होने वाली आतंकी घटनाओं के लिए देश की मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाले राजनीतिक दल अगर अपने गिरेबान में झांककर देखेंगे तो उनको स्वयं पता चल जाएगा कि आतंकवाद की समस्या उनकी ही देन हैं। हम यह भी जानते हैं कि कांगे्रस के वरिष्ठ नेताओं ने आतंकवादियों के प्रति सम्मानजनक भाषा का प्रयोग किया। इस कारण देश में आतंकवादियों के हौसले तो बढ़े ही, साथ ही उनका समर्थन करने वाले लोग भी बेखौफ हो गए। हालांकि वर्तमान में स्थितियां परिवर्तित हुर्इं हैं। लोगों को भयभीत करने वाले आतंकी आज खुद भयभीत दिखाई दे रहे हैं। उनका समर्थन करने वाले भी सावधान होते जा रहे हैं। इतना सब होने के बाद भी रोहिंग्या मुसलमानों के पक्ष में माहौल बनाना किसी भी रुप से जायज नहीं कहा जा सकता।

घुसपैठ करने वालों रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि म्यांमार में इनको क्यों नहीं रहने दिया जा रहा है। कहा जाता है कि म्यांमार में इन मुसलमानों की संदिग्ध गतिविधियों के चलते ही स्वीकार नहीं किया जा रहा है, इसलिए इन मुसलमानों को जबरदस्ती म्यांमार से बाहर निकालने के लिए मजबूर किया जा रहा है। करीब चालीस हजार रोहिंग्या मुस्लिम भारत आ चुके हैं। इनकी फटेहाल हालत पर भारत का मुस्लिम नेतृत्व हमदर्दी दिखाकर इन्हें यहां रहने देने की पैरवी कर रहा है। भारत के मुस्लिम नेतृत्व की हालत यह है कि विदेश के मुस्लिमों के सरदर्द से इनका सिर फटने लगता है। सवाल यह है कि बाहर के घुसपैठियों की बीमारी जो हमारे देश की जड़ें खोदने की साजिश में शामिल रहते हैं, हम उन्हें बर्दाश्त क्यों करें? इसलिए राष्ट्रहित के लिए आवश्यक है कि इन घुसपैठियों को कड़ाई से बाहर का रास्ता दिखाया जाए।




सुरेश हिन्दुस्थानी
लक्ष्मीगंज, लश्कर ग्वालियर मध्यप्रदेश
मोबाइल-9425101815, 9770015780
(लेखक वरिष्ठ स्तंभकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं)

मध्यप्रदेश : बच्चों के साथ त्रासदियों का पुराना सिलसिला

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दुर्भाग्य से गोरखपुर की घटना कोई इकलौती घटना नहीं है इससे पहले भी देश के अनेक हिस्सों में इस तरह की घटनायें होती रही हैं . पूर्व में हुई घटनाओं से हम सीख हासिल सकते थे लेकिन हमने  कभी भी ऐसा नहीं किया है. हमने तो  जवाबदेही को एक दुसरे पर थोपने और हर नये मामले को किसी हिसाब से रफा दफा करने का काम किया है.  मध्यप्रदेश भी पिछले कई दशकों से बच्चों के लिए कब्रगाह बना हुआ है एक तरफ तो बीच-बीच में गोरखपुर की तरह होने वाली घटनायें है तो दूसरी तरह भूख और कुपोषण से होने वाली मौतों का अंतहीन सिलसिला ,तमाम ढोंगों और ढकोसलो के बावजूद इसकी प्रेतछाया दूर होने का नाम ही नहीं ले रही है.


इसी साल 21 जून को इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवाय हॉस्पिटल) में भी कुछ इसी तरह की घटना हुई थी जहाँ चौबीस घंटे में 17 लोगों की मौत हो गई थी इसमें  चार नवजात बच्चे भी शामिल थे, यहाँ भी मामला ऑक्सीजन सप्लाई ठप होने का ही था. हैरानी की बात यह है कि हॉस्पिटल में जिस प्लान्ट से 350 मरीजों तक ऑक्सीजन सप्लाई की की कमान 24 घंटे सिर्फ एक व्यक्ति के हाथ में रहती है. यानी वह कहीं चला जाए या रात में सो जाए और इस बीच ऑक्सीजन खत्म हो जाए तो सप्लाई रुक जाने का खतरा बना रहता है. जैसा की हमेशा से होता आया है यहाँ भी  अस्पताल प्रशासन और मध्यप्रदेश सरकार ने इन मौतों को सामान्य बताया था और पूरी तरह से घटना को दबाने और पूरे मामले की लीपापोती में जुट गये थे. अखबारों में प्रकाशित ख़बरों के अनुसार उस रात एमवाय अस्पताल की मेडिकल गहन चिकित्सा इकाई, ट्रॉमा सेंटर और शिशु गहन चिकित्सा इकाई ऑक्सीजन की आपूर्त कुछ देर के लिए बंद हो गयी थी जिसकी वजह से यह मौतें हुयीं. प्रशासन इस इन मौतों को सामान्य बताता रहा और बहुत ही संवेदनहीनता के साथ कुतर्क देता रहा कि एमवाय अस्पताल में तो  हर रोज औसतन 10-15 मौतें होती ही हैं.

महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवाईएच) का ही एक दूसरा मामला मई 2016 है जब ऑपरेशन थियेटर में ऑक्सीजन की जगह एनिस्थीसिया (निश्चेतना) के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नाइट्रस आक्साइड गैस दे दिया गया था जिसकी वजह से दो बच्चों की मौत हो गई थी. बाद में अस्पताल प्रशासन की गयी जांच में पता चला कि ऑपरेशन थिएटर में जिस पाइप से ऑक्सीजन आनी चाहिए, उससे नाइट्रस ऑक्साइड की आपूर्ति की जा रही थी. ऑपरेशन थिएटर में गैसों की आपूर्ति और इनके पाइप जोड़ने का काम करने वाली एक निजी कम्पनी के हवाले था जिसके खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 304-ए (लापरवाही से जान लेना) के तहत मामला दर्ज करके पूरे मामले को दबाने की कोशिश की गयी. बाद में ‘स्वास्थ्य अधिकार मंच’ ने इस मामले में गठित जांच समिति पर सवाल उठाते हुए आशंका जताई थी कि चूंकि इस मामले की जांच करने के लिए गठित जांच समिति के सभी पांच डॉक्टर एमवाईएच से जुड़े हैं इसलिए वे अस्पताल के दोषी स्टाफ को बचाने के लिए जांच के नाम पर लीपापोती कर सकते हैं. खैर जांच के लिए गठित समिति ने पाया था कि कि पाइप लाइन में लीकेज भी है जिसका  मेंटेनेंस किया जाना चाहिये  लेकिन लापरवाही की हद देखिये एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद यह काम भी पूरा नहीं किया जा सका है जबकि इसी की वजह से पिछले साल हादसा हुआ था . 

सूबे की राजधानी भोपाल गैस काण्ड जैसी त्रासदी के लिए तो कुख्यात है ही, यह एक ऐसी त्रासदी है जिसके  33 साल होने को है लेकिन इसका असर आज भी  देखा जा सकता है. यह दुनिया की उन त्रासदियों में शामिल है जिसका असर कई पीढ़ियों पर पड़ा है. आज भी यहां जन्म लेने वाले बच्चों में इसकी वजह से विकृति देखी जा सकती है. भोपाल स्थिति यूनियन कार्बाइड कंपनी के कारखाने से मिथाइल आइसोसाइनेट के रिसाव से दुनिया का सबसे भयावह औद्योगिक हादसों में से एक है ,इस हादसे में 15 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और कई हजार लोग बीमार हो गए. गैस के विनाशकारी प्रभाव आज की पीढ़ियों तक में देखे जा सकते  हैं. गैस प्रभावित इलाकों में अभी भी  बच्‍चे कई असामान्‍यताओं के साथ पैदा हो रहे हैं. पिछले साल गैस पीड़ितों के स्वास्थ्य के लिए काम रही संस्था संभावना ट्रस्ट द्वारा एक अध्ययन किया गया था इस अध्ययन में करीब एक लाख से गैस पीड़ित शामिल थे, अध्ययन के दौरान चिकित्सक द्वारा प्रमाणित टीबी, कैंसर, लकवा, महिलाओं का प्रजनन स्वास्थ्य तथा शिशुओं और बच्चों की शारीरिक, मानसिक व सामाजिक विकास की जानकारी इकट्ठा की गयी. अध्यनन में पाया गया कि गैस पीड़ितों की चौथी पीढ़ी भी इसके दुष्परिणामों को भोग भोगने के लिये अभिशप्त है, 1700 से अधिक बच्चों को जन्मजात विकृति से ग्रस्त पाया गया.
  
भोपाल गैस त्रासदी का महिलाओं और बच्चों पर पड़े प्रभावों को लेकर स्वाति तिवारी जी की ‘सवाल आज भी जिन्दा है’नाम से एक किताब भी आ चुकी है. इस किताब में बताया गया है कि कैसे इस हादसे की वजह कुल 2698 गर्भावस्थाओं में से 436 महिलाओं के गर्भपात के मामले सामने आये थे, 52 बच्चे मरे हुए पैदा हुए थे और अधिकांश बच्चे जो पैदा हुए थे वे बाद में जन्मजात विकृति के साथ जीने को मजबूर हुये थे. मध्य प्रदेश के लिये कुपोषण कई दशकों से एक ऐसा कलंक बना हुआ है जो पानी कि तरह पैसा बहा देने के बाद भी नहीं धुला है. कुपोषण के सामने विकास’के तथाकथित मध्यप्रदेश मॉडल के दावे खोखले साबित हो रहे हैं जमीनी हालात चुगली करते हैं कि  कि मध्यप्रदेश ‘‘बीमारु प्रदेश’’ के तमगे से बहुत आगे नहीं बढ़ सका है. तमाम योजनाओं और बजट के बावजूद मध्यप्रदेश शिशु मृत्यु दर में पहले और कुपोषण में दूसरे नंबर पर बना हुआ है. कुपोषण का सबसे ज्यादा प्रभाव आदिवासी बाहुल्य जिलों में देखने को मिलता है इसकी वजह यह है कि आदिवासी समाज पर ही आधुनिक विकास कि मार 

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (एनएफएचएस -2015-16) के अनुसार मध्यप्रदेश में  42.8 प्रतिशत प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं. एनुअल हेल्थ सर्वे 2014 के अनुसार शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) के मामले में मध्यप्रदेश पूरे देश में पहले स्थान पर है जहाँ 1000 नवजातों में से 52 अपना पहला जन्मदिन नहीं मना पाते हैं. जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर आधा यानी 26 ही है. यह हाल तब है जब कि इस अभिशाप से मुक्ति के लिए पिछले 12 सालों से पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है , पिछले पांच सालों में ही कुपोषण मिटाने के लिये 2089 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. सवाल उठता है कि इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद भी हालात सुधर क्यों नहीं रहे हैं?   मामला चाहए गोरखपुर का हो,इंदौर का या फिर भोपाल का इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहली कोशिश यही रहती है कि किसी भी तरह से इसे नकार दिया जाए. यह महज लापरवाही या अपनी खाल बचा लेने का मामला नहीं है बल्कि इसका सम्बन्ध उस राजसत्ता और व्यवस्था की प्रकृति से है जो अपने आपको "जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता का शासन होने का दावा करता है. सबसे बुनियादी बात तो यह है कि इन त्रासदियों के लिए जिम्मेदार उन लोगों की जवाबदेही सीधे तौर पर तय हो जिनके पास सब कुछ तय करने का अधिकार है और जब एक बार जवाबदेही तय हो जाए तो उसे कड़ाई से लागू भी किया जाये .



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जावेद अनीस 
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javed4media@gmail.com

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 20 सितम्बर

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धमोई के झरने ने लीलली ली जयेश की जिन्दगी

पारा--यहा से करिब आठ किलोमीटर दुर झाबुआ जिले व पारा क्षेत्र का प्रसिद्ध रमणीक स्थल धमोई तालाब के झरने को देखने के जिले भर कई पर्यटक देखने आते रहते हे। मंगलवार की दोपहर पश्चात चार किशोर उम्र के बच्चे भी झाबुआ से उक्त झरने को देखने आए थे। गीरते झरने के निचे नहाने का लोभ करने व वहा की पर्याप्त जानकारी नही हो सकने के कारण झरने के निचे बने विशालकाय सुरंग नुमा गडडे मे गीरने से उसकी मोत होगई। प्राप्त जानकारी के अनुसार दोपहर पश्चात करिब चार बजे के बाद झाबुआ निवासी जयेश पिता घनश्याम भाटी अपने तीन अन्य दोस्त सुधीर संघवी,निलेश पांचाल,प्रियांश,मोहम्मद बुरहान व दीपु भुरीया के साथ धमोई तालाब का झरना देखने के लिए आया था। करिब 35 मीटर चोडे व 30 फीट उचाई से पानी गीरते देख इस झरने मे नहाने का मोह कर बेठे।लेकिन जयेश व उसके दोस्तो को यह पता नही था की झरने के निचे जहा पानी गीर रहा हे वहा करिब 30 से 40 फिट गहरा सुरंग नुमा गडडा होगया हे। झरने के निचे नहाने का मन बना चुके जयेश ने अपने कपडे उतारे व जेसे ही झरने के निचे जाने के लिए कदम बडाया जयेस का पेर सुरंग नुमा गडडे मे चला गया जिससे व अपना बेलेंस नही संभाल पाया ओर गडडे मे गीर गया। तेरना नही आने व उपर से झरने का तेज पानी जयेश के उपर गीरने से जयेश गडडे मे बनी सुरंग मे चला गया। साथीयो ने उसको बचाने के प्रयास किए बावजुद इसके जयेश गडडे मे डुब गया व फिर दीखाई नही दिया। दोड कर साथीयो इसकी सुचना जयेश के पिता व पुलिस चोकी पारा के प्रभारी भागीरथ बधेल को दी। वे तत्काल दलबल सहीत धमोई पहुचे व मुआयना कर अपने परिष्ठ अधिकारीयो की इसकी सुचना दी। देर रात कोतवाली झाबुआ के प्रभारी आर सी भास्करे  भी घटना स्थल पर पहुचे व मामले की जानकारी ली। मोके पर होमगार्ड के गोताखोर भी बुलाए पर रात होजाने से बचाव कार्य शुरु नही होपाया जो कि बुधवार की प्रातः आंरभ हुआ। लेकिन दोपहर तक जयेश का कोई पता नही चलने पर बडवानी से प्रशिक्षित गोताखोर बुलवाए गए। जिनके पहुचने पर ही जयेश के मिलने की संभावना हे। समाचार लिखे जाने तक जयेश का कोई पता नही चल पा रहा था। उधर जयेश के परिजनो का बुरा हाल था।

फोटो--धमोई तालाब के झरने मे गायब जयेश।

मंत्रोच्चार के साथ शक्तिपीठ पर हुआ सामुहिक तर्पण पिण्डदान का अनुष्ठान
  • पितरों की आत्मा की शांति के लिये दी गई आहूतिया ।

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झाबुआ । बुधवारको सर्वपितृ मोक्षदा अमावस्या के पावन अवसर पर कालेज रोड स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर पितरों के प्रति श्रद्धा अर्पित करते के लिये सामुहिक पितरों के तर्पण का अनुष्ठान पण्डित घनश्याम बैरागी द्वारा  वैदिक मंत्रो के साथ करवाया गया । प्रातः 7 बजे से बडी संख्या में पुरूष एवं महिलाओं द्वारा सामुहिक रूप  से जल से तर्पण करके अपने पितृ देवताओं के प्रति अपनी श्रद्धा भावना व्यक्त की । इस अवसर पर पण्डित घनश्याम बैेरागी ने सर्वपितृ अमावस्या पर पितरों का जल सेे विधिविधान से मंत्रोच्चार के साथ तर्पण करवाया तथा पिण्डदान की विधि पूर्ण करवाई । उन्होने बताया कि पितृ पक्ष में अपने  पितरों के प्रति भावांजलि अर्पित करने से पितरा तृप् होते है और उनके आशीर्वाद प्राप्त होने से घसर मे सुख समृति शांति प्राप्त होती है । इस अवसर पर यम आहूतिया भी दी गई तथा देव ऋण, ऋषि ऋण एवं पितृ ऋण के निवारण के लिये आहूतिया अर्पित की गई । इस अवसर पर पितृजनों की आत्मीय शांति के लिये  यज्ञ मे आहूतियां भी अर्पित की गई । प्रातः 7 बजे से 9-30 बजे तक चलते इस सामुहिकतर्पण पिण्डदान  में बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने उपस्थित रह कर अपने  पितरों के प्रति श्रद्धा व्यक्त की ।

सकल व्यापारी संघ की पहल एवं विधायक के प्रयासों से गली का मार्ग हुआ चैडा
  • बस स्टेंड पर पार्किग के लिये स्थान का हुआ चयन,
  • षांति समिति की बैठक में पुलिस अधीक्षक ने हाथो हाथ हल की समस्या

झाबुआ । मंगलवार को शांति समिति की बैठक का आयोजन कलेक्टोरेट सभाकक्ष में किया गया  जिसमें आगामी पर्वो को लेकर नगर मे शांति व्यवस्था बनाये जाने के लिये सामुहिक विचार विमर्श किया जाकर निर्णय लिये गये । बैठक में सकल व्यापारी संघ की ओर से स्थानीय जनपद कार्यालय के पास की सकडी गली में शासकीय भवन की दीवार होने से यहा प्रति दिन दुर्घटनाओं की संभावनायें बनी रहती है,को तुडवा कर गली को चैडा करने तथा छतरी चैराहे स्थित पुलिस चैकी के पास पार्किंग स्थल बनाये जाने की मांग पुरजोर तरिके से उठाई गई । पुलिस अधीक्षक महेशचन्द्र जैन ने तत्काल ही इस बात को गंभीरता से लेते हुए बुधवार को ही उक्त दीवार को तुडवाने का कार्य प्रारंभ कर दिया और दीवार को जमी दोज कर दिया गया । जिसके कारण गली चैडी हो जाने से दुर्घटनाओं की संभावनायें कम हो गई है । ज्ञातव्य है कि इस गली से प्रतिदिन 1000 से अधिक दुपहिया वाहनों का आना जाना बना रहता है। इस प्रस्ताव को विधायक शांतिलाल बिलवाल द्वारा भी जनहित मे जरूरी बताते हुए इस मांग का समर्थन किया गया था । गली चैडी हो जाने से लोगों को आने जाने मे सहुलियत होगी । विधायक के प्रयासों  के चलते ही सकल व्यापारी संघ की मांग पर पुलिस अधीक्षक महेशचन्द्र जेैन ने बसस्टेंड क्षेत्र का पैदल भ्रमण करके बस स्टेंड एवं आसपास  के रहने वाले दुकानदारों  और आवाजाही करने वाले  लोगों के लिये यहां वाहनों के लिये पार्किग स्थल की व्यवस्था कर दी है । जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के इस जनहितैषी निर्णय की  सभी ने प्रसंशा की है तथा कलेक्टर आशीष सक्सेना ,विधायक शांतिलाल बिलवाल, एवं पुलिस अधीक्षक महेशचन्द्र जेैन का आभार व्यक्त करते हुए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया है । उक्त गली के चैडा हो जाने के बाद अब यह ध्यान मे रखना जरूरी हो गया है कि यहां कोई अतिक्रमण नही होने पावे । इसके लिये नगरीय निकाय एवं जनता को ध्यान देना जरूरी है ।इसी तरह शांति समिति की बैठक में  नगर की सडकों वर गड्ढो को लेकर भी प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये थे । पुलिस अधीक्षक एवं जिला प्रशासन ने इसे भी गबंभीरता से लेते हुए नगर में बुधवार से ही सडकों के गड्ढो का पाटने का काम प्रारंभ कर दिया है ।

नदी अभियान रैली फार रिवर यात्रा 21 सितंबर को झाबुआ में‘‘

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झाबुआ । सद्गुरू जग्गी वासुदेव जी महाराज के नेतृत्व में नदियों को बचाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान ‘‘नदी अभियान‘‘ 03 सितंबर से 02 अक्टूंबर तक चलाया जा रहा है जिसमें सद्गुरू स्वंय गाडी चलाकर कन्याकुमारी से हिमालय तक देष में लुप्त होती नदियों के बारे में जागरूकता संदेष देकर नदी संरक्षण में हम सबकी भागीदारी सुनिष्चित कराएंगें। इसी क्रम में यह यात्रा दिनांक 21 सितंबर 17 को दाहोद से झाबुआ होते हुए महेष्वर पहुचेंगी। हम सभी नगरवासी यात्रा में षामिल होकर नदी अभियान में अपना समर्थन दे । यात्रा प्रातः 10.30 पर पिटोल नेषनल हाईवे हनुमान मन्दिर पर पहुचंेगी , जहाॅ पर यात्रा का अभिनंदन एवं सद्गुरू द्वारा संकल्प पत्र का वाचन उसके बाद पिटोल से यात्रा दिलीप गेट के पास मेघनगर नाके पर पहुचेगी यहाॅ पर भी नगर की समस्त धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के द्वारा अभिनंदन एवं संकल्प पत्र का वाचन उसके बाद यात्रा राजगढ़ के लिए प्रस्थान करेगी। आप सबकी सहभागिता से ही यह अभियान सफल होगा।

विद्यार्थियों की समस्याओं का होगा अब त्वरित समाधान -ः जनभागीदारी अध्यक्ष श्री भंडारी
  • महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं से रूबरू हुए समिति अध्यक्ष

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झाबुआ। महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को अब अपनी रोजर्मरा समस्याओं को लेकर परेषान नहीं होना पड़ेगा। जनभागीदारी समिति के अधिकारों के अंतर्गत आने वाली हर समस्या का त्वरित समाधान करने के ठोस प्रयास किए जाएंगे, साथ ही पूर्व मंे लिए गए निर्णयों पर भी संबंधित विभागों के अधिकारियों से चर्चा कर तत्काल अतिषीघ्र सभी कार्य प्रारंभ करने की पहल की जाएगी। उक्त बात स्थानीय शहीद चन्द्रषेखर आजाद स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सभा कक्ष में बुधवार को दोपहर छात्र-छात्राओं से रूबरू होते हुए जन भागीदारी समिति अध्यक्ष यषवंत भंडारी ने कहीं। श्री भंडारी ने कहा कि पहले मैं इस महाविद्यालय का छात्र हूॅ। बाद में जनभागीदारी समिति का अध्यक्ष। आपकी समस्या मेरी समस्या है और उनका निराकरण के लिए मैं आपके साथ सदैव खड़ा रहूंगा।

छात्र-छात्राओं को सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी
आपने कहा कि जनभागीदारी में सबसे ज्यादा सहयोग छात्र-छात्राओं का होता है और इसलिए सबसे ज्यादा सुविधा इन छात्र-छात्राओं के अध्ययन करते हुए ही मुहैया करवाई जाना चाहिए। मेरा उद्देष्य जनभागीदारी समिति से धन संग्रहित करके जमा करवाने का नहीं रहेगा, वरन् उक्त राषि का तत्काल छात्र-छात्राओं को लाभ प्राप्त हो, उन्हें अच्छी सुविधाएं मिले, ऐसे मेरे प्रयास रहेंगे। जिसमें आपका भी सहयोग अपेक्षित है।

स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा
इस अवसर पर स्वच्छ भारत अभियान के प्रदेष संयोजक कल्याणसिंह डामोर ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत हम काॅलेज के छात्रों के साथ मिलकर हर फलिया, ग्राम नगर एवं संस्थाओं में स्वच्छता अभियान चलाएंगे तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आधुनिक भारत के नव निर्माण में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करंेगे। अतिषीघ्र उक्त काॅलेज में भी सफाई अभियान चलाया जाएगा।

छात्र-छात्राओं ने रखी अपनी समस्याएं
कार्यक्रम के प्रारंभ में संचालन कर रहे प्राध्यापक डाॅ. विनोद खत्री ने जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष एवं स्वच्छता अभियान के प्रदेष संयोजक का परिचय करवाया तथा आयोजन के उद्देष्य को बताते हुए छात्र-छात्राओं से अपनी समस्याओं को जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष के समक्ष रखने का आव्हान किया। इस अवसर पर संस्था के बीएससी थर्ड सेमेस्टर के छात्र विपुल गरवाल ने खेल सामग्री फुटबाल, बास्केट बाॅल, व्हालीबाॅल इत्यादि से संबंधित सामग्रीया नहीं होने की बात कहीं। ब्र्रजेष हाड़ा ने क्लाम रूम बढ़ाने एवं लाईट व्यवस्था सुचार करने, फर्निचर की व्यवस्था करने, बीए थर्ड सेमेस्टर के छात्र राजेष भूरिया ने बैठक व्यवस्था, दिनेष डामोर ने लायब्रेरी से पुस्तक नहीं मिलने, एमए अंतिम वर्ष की छात्रा कविता चैहान ने महाविद्यालय में शोरगुल अधिक होने एवं सभी प्रकार की पुस्तके नहीं मिलने की बात कहीं। मधु राठौर ने क्लास मंे डस्टबिन की व्यवस्था एवं माधुरी भूरा ने बाॅटनी में एमएससी होने की मांग रखी।

प्रथम बार जनभागीदारी समिति ने छात्रों से की चर्चा
छात्र-छात्राओं की समस्याओं के निराकरण के संबंध में प्राचार्य एवं जनभागीदारी समिति सचिव एचआर अनिजवाल ने सिलसिलेवार निराकरण करने के प्रयासों से अवगत करवाया। आपने कहा कि कुछ समस्याओं का निराकरण हम तीन दिन में ही कर देंगे वहीं अन्य जटिल समस्याओं का निदान करीब एक माह में कर दिया जाएगा। आपने जनभागीदारी समिति अध्यक्ष श्री भंडारी की इस अभिनव पहल कीास्वागत करते हुए कहा कि इस तरह छात्र-छात्राओं से सीधी चर्चा कर उनकी समस्याओं का जानने का यह यह पहला प्रयास है, जिसमें आपके द्वारा अध्यक्ष के समक्ष अपनी समस्याएं बेबाक रूप से रखी गई। इस अवसर पर महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापक डाॅ. गीता दुबे एवं डाॅ. रविन्द्रसिंह सहित बड़ी संख्या में संस्था के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थी। अंत में आभार जनभागीदारी समिति के प्रभारी डाॅ. गोपाल भूरिया ने माना।

रमेश मेड़ाए मुदित शर्मा एवं रमेश राठौर कांग्रेस से निष्‍कासित

झाबुआ । पिछले माह संपन्‍न हुए राणापुर नगर परिषद निर्वाचन में रमेश मेडा चौर मांडलीए मुदित शर्मा राणापुर एवं रमेश राठौड़ राणापुर को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्‍त पाए जाने एवं ब्‍लॉक कांग्रेस राणापुर द्वारा शिकायत किए जाने पर जिला कांग्रेस अध्‍यक्ष निर्मल मेहता ने इन तीनों को कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्‍यता से तत्‍काल प्रभाव से निष्‍कासित कर दिया है। इसकी सूचना प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेज दी गई है। ज्ञातव्‍य है कि इन तीनों की काफी समय से भाजपा के साथ सांठ.गांठ की खबर पार्टी को मिल रही थी। जिससे पार्टी को नुकसान हुआ। खबर की सत्‍यता शाबित होने पर इनका निष्‍कासन पार्टी से किया गया

तलावली में लोक कल्याण शिविर संपन्न

झाबुआ । ग्राम तलावली जनपद पंचायत मेघनगर में आज लोक कल्याण शिविर आयोजित कर ग्रामीणो को शासन की योजनाओं की जानकारी दी गई। शिविर में विधायक थांदला श्री कलसिंह भाभर, सीईओ जनपद श्री रावत सहित जनप्रतिनिधि शासकीय सेवक एवं ग्रामीण जन उपस्थित थे। शिविर में शासकीय योजनाओं की जानकारी दी गई एवं प्राप्त आवेदनो का निराकरण किया गया।  शिविर में विधायक श्री भाभर ने ग्रामीणो को बताया गया कि जिले के 8 बच्चों का डाॅक्टर बनने के लिए एवं 55 बच्चों का इंजीनियर बनने के लिए चयन हुआ है। इसलिए लडका लडकी दोनो को पढाये ताकि जिले के बच्चे डाॅक्टर इंजीनियर एवं प्रशासनिक आॅफीसर बन सके। जिन बच्चों की पढाई में रूचि है, उनकी शिक्षा व्यवस्था के लिए भी सरकार द्वारा सब तरह से सहयोग किया जा रहा है। एवं ऐसे बच्चे जो पढाई में कमजोर है एवं आगे पढना नहीे चाहते ऐसे बच्चे भी निराश न हो शासन द्वारा उनको स्वरोजगार के लिए मुख्य मंत्री कौशल विकास योजना एवं मुख्यमंत्री कौशल्या योजना में रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद स्वयं का कारोबार करने के लिए बैंक से ऋण की व्यवस्था भी सरकार द्वारा करवाई जाएगी। आप सभी अपने बच्चों को स्कूल भेजकर उनकी पढाई पूर्ण अवश्य करवाये। गाॅव में ग्राम पंचायत में उपलब्ध पेयजल टेंकर का उपयोग शादी ब्याह, मकान बनाने, ईंट भटटे में पानी परिवहन के लिए करे, तो उसका किराया ग्राम पंचायत को जरूर दे ताकि गाॅव में पेयजल संकट आने पर उस राशि से पानी का परिवहन कर सभी गाॅव वालो के लिए पानी की व्यवस्था हो सकेगी।

लडकियो का विवाह 18 वर्ष से कम उम्र में नहीं करे
शिविर में बताया गया कि बच्चो की शिक्षा व्यवस्था के लिये बच्चो को छात्रावास आश्रम में रख कर उनकी शिक्षा पूरी करवाई जा रही है। आप लडकियो की शिक्षा भी पूरी करवाये 18 वर्ष से कम उम्र में उनका विवाह नहीं करे।

उपभोक्ताओं विद्युत सेवा आॅनलाइन पाने के लिए ‘‘उर्जस पोर्टल‘‘ पर करे, आवेदन अथवा शिकायत

झाबुआ । विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं को त्वरित सेवा देने की दिशा में ‘‘एक कदम डिजिटल इण्डिया की ओर‘‘ बढाते हुए उपभोक्ताओं की विभिन्न समस्याओं के आॅनलाइन निराकरण की दिशा में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उर्जस पोर्टल बनाया गया है। विद्युत वितरण कंपनी झाबुआ वृत के अधीक्षण यंत्री आर.एस.तोमर ने अवगत कराया कि विद्युत उपभोकताओं को त्वरित पारदर्शी एवं सुलभ सेवायें आॅनलाईन प्रदान करने की दिशा में विद्युत वितरण कंपनी की ओर से ‘‘उर्जस पोर्टल‘‘ सृजित किया गया है एवं विद्युत उपभोक्ता इस पोर्टल के माध्यम से आॅनलाईन नवीन निम्नदाब कनेक्शन नवीन उच्चदाब कनेक्शन निम्नदाब भार परिवर्तन नाम परिवर्तन, विद्युत बिल सुधार, मीटर परिवर्तन, स्थाई कनेक्शन विच्छेदन, खराब ट्रांसफार्मर की सूचना, खराब केबल की सूचना, बिल भुगतान, पोल संबंधी शिकयत, रूफ टाॅप पेनल इन्स्टालेशन एवं मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन आदि से संबंधित आवेदन एवं शिकयत दर्ज करा सकते है। विद्युत उपभोक्ता उनकी बिजली संबंधी समस्याओं, बिल संशोधन, नवीन कनेक्शन की प्राप्ति एवं फैल ट्रांसफार्मर बदलने संबंधी समस्याओं को इन्दौर मुख्यालय पर स्थापित कण्ट्रोल रूम के टोल फ्री नंबर 1912 पर नोट करा सकते है कण्ट्रोल रूम द्वारा नोट की गई शिकायतों के निराकरण की दिशा में तत्परतापूर्वक काय्रवाही की जाकर उपभोक्ता समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है।

मनरेगा अंतर्गत कराये गये कार्यो का सामाजिक अंकेक्षण, 25 सितम्बर से 4 अक्टूबर तक होगा

झाबुआ । मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे ने बताया कि जनपद पंचायत पेटलावद क्षेत्र अंतर्गत आने वाली समस्त 77 पंचायतों द्वारा मनरेगा अंतर्गत कराये गये कार्यो का सामाजिक अंकेक्षण का कार्य कराया जा रहा है। जिसमें प्रत्येक पंचायत हेतु 3-3 ग्राम सामाजिक एनिमेटर का दल तैयार किया गया है। उक्त दल ग्राम पंचायत स्तर पर गठित ग्रामीण सामाजिक समिति के साथ मिलकर मौका स्थल पर कार्यो का भौतिक सत्यापन, मौखिक सत्यापन एवं ग्राम पंचायत स्तर पर संधारित किये जाने वाले दस्तावेजो का सत्यापन कार्य करेगे। सामाजिक अंकेक्षण के दौरान ग्राम पंचायतों में 1 अक्टूबर 2016 से 31 मार्च 2017 की अवधि के दौरान निष्पादित कार्यो का सत्यापन किया जावेगा। तथा 25 सितम्बर 2017 से 04 अक्टूबर 2017 तक विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया जावेगा। तत्पश्चात पेटलावद जनपद में विकास खण्ड स्तरीय जनसुनवाई का आयोजन 16 अक्टूबर 2017 को किया जावेगा।

किसान पकी हुई फसल को सूखा कर गहाई करे

झाबुआ । कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ द्वारा किसानो को सलाह दी गई है कि आगामी 5 दिवसों में आसमान में मध्यम घने बादल रहने, तापमान सामान्य रहने, वर्षा 19.0 मि.मी. होने की संभावना है। इसे देखते हुए खरीफ फसलों में यदि सिंचाई की आवश्यकता हो तो 2 से 3 दिन अभी सिंचाई न करे होने वाली वर्षा का लाभ ले। मूंग, उडद आदि की पककर तैयार फलियों की तुडाई/फसल की कटाई कर वर्षा से बचाव के उपाय सहित सुरक्षित रखे व धूप में सुखाकर गहाई करे। सोयाबीन व उडद में अर्द्ध कुण्डलक इल्ली, फली छेदक इल्ली की रोकथाम के लिए क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल दवा 100-125 मि.ली/हे. का छिडकाव करे। कपास की फसल में रसचूसक कीट के नियंत्रण के लिये इमिडाक्लोप्रिड या थायोमिथाक्सिन दवा 0.35-0.45 ग्राम/ली की दर से छिडकाव करे। कपास की फसल में फूल आने के समय यूरिया की शेष मात्रा दे व नेफ्थेलिक एसिटिक एसिड के 50 पीपीएम के घोल का छिडकाव करे।

जिले में घट स्थापना 21 सितम्बर के लिये स्थानीय अवकाश घोषित

झाबुआ । कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना द्वारा वर्ष 2017 के लिये संपूर्ण जिला झाबुआ की सीमा क्षेत्र के लिए तीन स्थानीय अवकाश घोषित किये गये है। जिसमें जिले में नवरात्र प्रारम्भ (घट स्थापना) 21 सितम्बर 2017 गुरूवार को विशेष आयोजन होने से संपूर्ण जिले में स्थानीय अवकास घोषित किया गया है। यह स्थानीय अवकाश कोषालय/उप कोषालय तथा बैंको के लिये प्रभावशील नहीं रहेगे। जिन शैक्षणिक संस्थाओं की इन दिनांको में परीक्षाऐ नियत है। इन पर भी यह अवकाश प्रभावशील नहीं रहेगा। परीक्षायें निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यथावत रहेगी।

ग्रामीण युवाओं के लिए ’’भारत सरकार की साॅईल हैल्थ मेनेजमेन्ट  योजनान्तर्गत ग्राम स्तर पर मिट्टी परीक्षण प्रोजेक्ट’’ स्थापित कर रोजगार पाने का सुनहरा अवसर

झाबुआ । भारत सरकार की साॅईल हैल्थ मेनेजमेन्ट योजनान्तर्गत ग्राम स्तर पर मिट्टी परीक्षण प्रोजेक्ट, संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग म.प्र. भोपाल के प्राप्त निर्देषो के अनुक्रम में प्रारंभिक स्तर पर प्रत्येक विकासखण्ड में ग्राम स्तर पर एक मिट्टी परीक्षण प्रोजेक्ट की स्थापना की जानी है ताकि ग्रामीण युवाओ को रोजगार मिल सके और कृषको को उनके ग्राम में ही मिट्टी परीक्षण की सुविधा मिल सके। प्रत्येक प्रोजेक्ट के लिये लागत राषि रुपये 5.00 लाख निर्धारित है जिसमे लागत का 75 प्रतिषत अनुदान रहेगा तथा शेष 25 प्रतिषत राषि हितग्राही को व्यय करना है। दिषा-निर्देष के प्रमुख बिन्दु निम्नानुसार हैः-  
प्रोजक्ट स्थापना हेतु हितग्राही का स्वयं का भवन/बिल्डिंग अथवा किराये का भवन चार वर्ष के एग्रीमेन्ट के साथ होना चाहिये।
हितग्राही की आयु 18 से 27 वर्ष की रेंज की हो तथा वह द्वितीय श्रेणी में विज्ञान विषय के साथ न्युनतम मेट्रिक उत्तीर्ण होना चाहिये। साथ ही कम्प्यूटर का ज्ञान होना आवष्यक है।
प्रोजेक्ट स्थापना हेतु इच्छुक आवेदनकर्ता को आवेदन के साथ फोटो, पेन कार्ड, आधार कार्ड तथा योग्यता संबंधी प्रमाण पत्र संलग्न किया जाना आवष्यक है।
इच्छुक आवेदनकर्ता को प्रोजेक्ट की चार वर्ष की अवधि के लिये बाॅड भरकर आवेदन के साथ दिया जाना होगा।
ग्रिड आधारित साॅईल सेम्पल कलेक्षन, परीक्षण एवं साॅईल हैल्थ कार्ड वितरण का कार्य नियत समय सीमा में सम्पादित करने की बाध्यता होगी। साॅईल सेम्पल कलेक्षन, परीक्षण एवं साॅईल हैल्थ कार्ड वितरण कार्य हेतु साॅईल हैल्थ कार्ड स्कीम अंतर्गत प्रावधानित राषि पात्रतानुसार प्राप्त कर सकेगा।
हितग्राही चयन, ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित होना चाहिये।
प्रोजेक्ट अंतर्गत स्वीकृत/संपादित गतिविधियो तथा आय व्यय का विवरण सामाजिक अंकेक्षण हेतु वार्षिक ग्राम सभा आयोजन के पूर्व ग्राम पंचायत भवन/सार्वजनिक स्थल पर चस्पा किया जाना होगा।
वित्तीय वर्ष में किये जाने वाले नमूना परीक्षण का जिले की विभागीय मिट्टी परीक्षण प्रयोगषाला में रिचेक किया जावेगा।
आवेदन के साथ फायनेन्सियल स्ट्रकचर आॅफ प्रोजेक्ट अनुसार आवष्यक उपकरण/सामग्री क्रय का प्रूफ भी संलग्न प्रस्तुत किया जाना होगा।
प्रोजेक्ट स्थापना हेतु प्राप्त आवेदनो पर अंतिम निर्णय कलेक्टर महोदय की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कार्यकारी समिति द्वारा किया जावेगा।
इच्छुक आवेदनकर्ता को जिला स्तर पर मृदा परीक्षण के संबंध में प्रषिक्षण दिया जावेगा।
प्रोजेक्ट के मूल्यांकन, संचालन एवं माॅनिटरिंग का कार्य जिला स्तरीय कार्यकारी समिति द्वारा किया जावेगा जिसके लिये नोडल एजेन्सी विभागीय जिला कार्यालय नियत है।

-जिले के अनुभाग स्तरीय अनुविभागीय कृषि अधिकारी एवं विकासखण्ड स्तरीय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों को भी निर्देषित किया गया हैं कि वे इच्छुक आवेदनकर्ताओ का चिन्हांकन उपरान्त ग्राम सभा, जनपद पंचायतकृषि स्थाई समिति से अनुमोदन उपरान्त चयन कर निर्देषो अनुसार आवेदन सत्यापन कर जिला कार्यालय को प्रस्तुत करावे ताकि जिला स्तरीय कार्यकारी समिति के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किये जा सके।
अतः इच्छुक आवेदनकर्ता अधिक जानकारी के लिए विकासखण्ड स्तरीय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क स्थापित कर सकते है।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 21 सितम्बर

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कार्डधारियों को राशन वितरण हेतु वैकल्पिक व्यवस्था के निर्देश

कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने जिले की सभी उचित मूल्य दुकानों से कार्डधारियों को सितम्बर माह का खाद्यान्न सुगमता से प्राप्त हो सकें इसके लिए तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था का क्रियान्वयन कर वितरण की कार्यवाही क्रियान्वित की जाए के निर्देश दिए हैै। उन्होंने ततसंबंध में समस्त अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों के साथ-साथ दुकान आवंटन प्राधिकारी, उपायुक्त सहकारिता जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित के प्रबंधक तथा समस्त सहायक एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को आदेश प्रसारित किए है। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में उल्लेख है कि ग्रामीण क्षेत्रों के विक्रेताआंे की विभिन्न मांगो पर उनके द्वारा सामूहिक हड़ताल पर जाने से सार्वजनिक वितरण कार्यप्रणाली का कार्य प्रभावित हो रहा है। हितग्राहियों को नियमित आवंटन का राशन वितरण करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। वितरण नही करना तथा शासकीय उचित मूल्य दुकान बंद रखना आवश्यक वस्तु अधिनियम का स्पष्ट उल्लघंन भी है। पीओएस मशीन लाॅगिन के लिए पूर्व में एक अन्य द्वितीय एल-2 के लाॅगिन पासवर्ड बनाए गए थे अतः द्वितीय लाॅगिन से पीओएस मशीन से तत्काल वितरण की कार्यवाही की जाए। यदि किन्ही कारणों से द्वितीय लाॅगिनकर्ता उपलब्ध नही है तो संस्थाप्रबंधक को निर्देशित कर तत्काल अन्य सहायक इत्यादि की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित कराते हुए वितरण की कार्यवाही क्रियान्वित की जाएं। यदि किन्ही कारणों से पीओेएस मशीन खराब होने या लाॅगिन नही होने से वितरण नही हो पा रहा है तो खाद्य आयुक्त के द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में आधार कार्ड की छायाप्रति प्राप्त कर 25 तारीख से वितरण पंजी से राशन वितरण का कार्य कराया जाए। राशन वितरण नही करने व दुकान नही खोलने पर संबंधित संस्था एवं अन्य के विरूद्व सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश के तहत नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश पूर्व उल्लेखितों को दिए गए है। अतः पात्र हितग्राहियों को सितम्बर माह की नियमित आवंटन की सामग्री का वितरण करने के लिए सर्वसंबंधितों को पाबंद कराना सुनिश्चित करने एवं वितरण की सतत माॅनिटरिंग और कार्यवाही का प्रतिवेदन भेजने के निर्देश समस्त अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को दिए गए है।


रोजगार मेला में 154 आवेदकों का चयन हुआ

vidisha news
जिला रोजगार कार्यालय के माध्यम से आज रोजगार मेला एवं कैरियर काउंसलिंग का आयोजन जालोरी गार्डन में किया गया था। जिसमें आठ निजी कंपनियों के द्वारा 154 आवेदकों को विभिन्न पदों हेतु प्रारंभिक चयन किया गया है। आयोजन स्थल पर 72 आवेदकों की कैरियर काउंसलिंग की गई है। रोजगार मेला के शुभांरभ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी ने कहा कि प्रदेश में रोजगार की अपार संभावनाएं है बस हम जागरूक होकर अपनी योग्यता के अनुसार किस रोजगार की प्राप्ति करना है का प्रयास करें। नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन ने कहा कि प्रतिभा के अनुसार रोजगार मिले इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप स्वर्णिम मध्यप्रदेश की अवधारणा शत प्रतिशत पूरी हो इसके लिए युवाजनों को स्वरोजगारमुखी होने के लिए शासकीय विभागों में विभिन्न पदों पर भर्तिया की जा रही है। वही निजी कंपनियों में भी सुगमता से युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें को ध्यानगत रखते हुए इस प्रकार के रोजगार मेलो का आयोजन सतत जारी है। युवाजन चाहे तो शासकीय स्वरोजगारमुंखी योजनाओं का लाभ लेकर वे स्वंय अन्य को रोजगार मुहैया कराने में सक्षम हो सकते है। उन्होंने युवाओं से आव्हान किया कि वे अपने जीवन में लक्ष्य बडा रखे और जब तक उसकी प्राप्ति ना हो प्रयास करते रहें। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने युवाओं का हौंसला अफजाई करते हुए कहा कि अपने आप पर विश्वास रखें। रोजगार के अवसर उन्हें सतत मुहैया कराए जाते रहेंगे। इस रोजगार मेले में जिनका चयन होगा वे बधाई के पात्र है। चयन से वंचित युवाजन परेशान ना हो। पुनः प्रयास करते रहें। शिक्षा के अनुरूप रोजगार आज नही तो कल अवश्य ही मिलेगा। इस प्रकार के अवसरों को  युवाजन भुनाने में ना चूकें। प्रदेश में मातृशक्ति को बढावा देने के लिए अनेक योजनाएं एवं कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। जिनका लाभ लेकर वे अपने भविष्य को सुन्दर बना सकते है। उन्होंने शासकीय योजनाओं का लाभ लेकर स्वंय का रोजगार स्थापित करने के लिए आगे आने का आव्हान युवाजनों से किया है। जिला रोजगार अधिकारी डाॅ ऊषा गुप्ता ने बताया कि रोजगार मेले में शामिल युवक-युवतियों को शासकीय स्वरोजगार मूलक योजनओं की जानकारी दी गई है साथ ही योजनाओं पर आधारित पुस्तिकाओं का वितरण किया गया है। रोजगार मेले में आठ निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा विभिन्न पदों पर 154 आवेदकों का प्रारंभिक चयन किया गया है। जिसमें सिक्योरिटी गार्ड एवं सुपरवाईजर, गनमैन के बीस पदों पर, जी फोर एस सिक्योरिटी सर्विसेज गुडगांव की कंपनी द्वारा किया गया है। इसी प्रकार भोपाल की नवकिसान बायोफर्टिलाइजर कंपनी के द्वारा 15 सेल्स एजुकेटिव पद हेतु 15 का, एल एण्ड टी फायनेंस सर्विसेज मुबंई ने माइक्रो फायनेंस पद पर दस का, शिवशक्ति बायोटेक लिमिटेड भोपाल में सेल्समैन पद पर नौ का, प्रथम फाउण्डेशन भोपाल द्वारा हाॅस्पिटेलिटी के पदों पर 19 का, एसबीआई लाइफ विदिशा ने बीमा सलाहकार हेतु 19 का,  रिलायबल फस्र्ट अहमदाबाद कंपनी के द्वारा टेªनी, हेल्पर, टेक्नीकल असिस्टेंट के पद पर 51 का तथ एजिस प्रायवेट लिमिटेड भोपाल ने सीएसए पद हेतु दो युवाजनों का चयन किया है।

आॅन लाइन फीड होंगे आवेदन

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत आगामी यात्राओं के लिए निकाय एवं ग्रामीण क्षेत्रों की जनपदों में हितग्राहियों द्वारा जमा किए जाने वाले आवेदनों को आॅन लाइन फीड करने के निर्देश संबंधितों को जारी किए गए है। जिसमें आवेदन प्राप्ति की अंतिम तिथि उपरांत सूची सहित तहसील कार्यालय में जमा कराई जाएगी ताकि समय पर वरिष्ठ कार्यालय को समुचित जानकारियां प्राप्त हो सकें।

बाल हृदय रोगोपचार केम्प में 53 का परीक्षण हुआ 

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत आज बाल हृदय रोगोपचार केम्प का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय परिसर मेें आयोजन किया गया था। शिविर में नोबल मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल भोपाल के चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क सेवाएं दी गई। उनकी टीम के द्वारा बाल हृदय केम्प मंे 53 का परीक्षण किया गया है। जिसमें से 17 धनात्मक पाए गए है। जिले के ऐसे युवाजन जो 18 वर्ष तक के है वे हृदय रोग से पीडित है उनके लिए उक्त शिविर का आयोजन किया गया था। परीक्षण की जांच में जो धनात्मक पाए जाने वालो का निःशुल्क उपचार पूर्व उल्लेखित अस्पताल में किया जाएगा। 

नदी बचाओं अभियान की समीक्षा आज 

उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) वन राज्यमंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा की अध्यक्षता में नदी बचाओं अभियान के कार्यो की समीक्षा बैठक 22 सितम्बर को आयोजित की गई है। यह बैठक कलेक्टेªट के सभाकक्ष में प्रातः 11 बजे से शुरू होगी। कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने समस्त विभागोें के जिलाधिकारियों को बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए है।

जिले मंे 708.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज हुई

जिले की तहसीलों में स्थापित वर्षामापी यंत्रो पर गुरूवार की प्रातः आठ बजे दर्ज की गई वर्षा की जानकारी देते हुए अधीक्षक भू-अभिलेख श्रीमती सविता पटेल ने बताया कि गुरूवार को जिले में 23.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है जबकि एक जून से आज दिनांक 21 सितम्बर तक 708.7 मिमी औसत वर्षा हो चुकी है। उक्त अवधि में गतवर्ष 1413.9 मिमी औसत वर्षा हुई थी। ज्ञातव्य हो कि जिले की सामान्य वर्षा 1075.2 मिमी है। गुरूवार को तहसीलवार दर्ज की गई वर्षा तदानुसार विदिशा में 12 मिमी, बासौदा एवं नटेरन में क्रमशः 20-20 मिमी, कुरवाई में 32 मिमी, सिरोेंज में तीन मिमी, लटेरी में 64 मिमी, ग्यारसपुर में 22 मिमी और गुलाबगंज में 18 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। 

बिहार : दूध में 1,2 और 3 रूपये की बढ़ोतरी, रिटेलरों ने 1.20 रू.के बदले 5 रू. कमीशन देने की मांग की

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पटना.विशाल पाटलिपुत्र दुग्ध उत्पादन सहकारी संद्य लिमिटेड के बैनर तले पटना डेयरी प्रोजेक्ट के पत्रांक 3631 दिनांक 20.09.2017 के अनुसार 22.09.2017 से पटना/हाजीपुर/छपरा/बिहारशरीफ समेत.बिहार के अन्य जिलों में दूध महंगा हो गया. इसके साथ ही बिहार में लोगों पर एक बार फिर से महंगाई की मार पड़ी है. रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल दूध की कीमतों में भारी इजाफा किया गया है. बिहार में दूध के सबसे बड़े सप्लायर डेयरी यानी सुधा ने दूध की कीमतों में 2 से 3 रूपये प्रति लीटर तक का इजाफा किया है. दूध की नई कीमतें कल 22.09.2017 दिन शुक्रवार से लागू हो जायेंगी. सुधा ने जो नया रेट चार्ट जारी किया है उसके मुताबिक सुधा गोल्ड हाफ लीटर पैक 23 रू. से 24 रू.में, सुधा गोल्ड एक लीटर 45 रू. से 48 रू.में, एस.एम.हाफ लीटर 20 रू.से 21रू.में, एस.एम.एक लीटर 39 रू.से 40 रू.में, काउ मिल्क हाफ लीटर 19 रू.से 20 रू.में,  काउ मिल्क एक लीटर 37 रू.से 40 रू. में, टी.एम.हाफ लीटर 18 रू.से 19 रू.में, टी.एम. एक लीटर 35 रू. से 37 रू. में, डी.टी.एम.हाफ लीटर 16 रू. से 17 रू.में, डी.टी.एम.एक लीटर 32 रू.से 34 रू.में, टी.स्पेशल हाफ लीटर 18 रू.से 19 रू.में, टी.स्पेशल एक लीटर 36 रू. से 38 रू.में और डी.टी.एम. 200 एमएल पैक 7.00 रू. में बदलाव नहीं किया गया है.


यह परेशानी में डाल दिया है.टोंड मिल्क जो पहले 35 रुपये प्रति लीटर था अब 37 रुपये लीटर मिलेगा. सुधा ने गोल्ड मिल्क की कीमत में तीन रूपये का इजाफा किया है. पहले ये दूध 45 रुपये लीटर मिलता था जो अब 48 रूपये प्रति लीटर मिलेगा. सुधा ने गाय के दूध की कीमतों में भी तीन रूपये का इजाफा करते हुए इसकी कीमत 37 रुपये से 40 रुपये कर दिया है. बिहार स्टेट कॉपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड और कॉम्फेड ने बिहार और झारखंड दोनों स्टेट में दूध और दूध उत्पादों की कीमत बढ़ाने का फैसला लिया है. सुधा प्रबंधन ने कीमत में बढ़ोतरी का कारण दूध की खरीद महंगा होना बताया है. आपको बता दें की गुरूवार से ही नवरात्र का पर्व शुरू हुआ है जिसमें दूध की खपत आम दिनों से ज्यादा होती है. सुधा के बाद अब दूध की सप्लाई करने वाले निजी डेयरी संचालकों और खटाल मालिकों के भी कीमतों में इजाफा करने की संभावना बढ़ गई है. दूध की कीमत में बढ़ोतरी करने के साथ ही रिटेलर भी प्रति लीटर 5.00  रूपये कमीशन देने की मांग करने लगे हैं. रिटेलरों का कहना है कि प्रति लीटर 1.10 पैसा कमीशन मिलता था.दूध की कीमत डेढ़ साल पहले बढ़ायी गयी थी तो हम रिटेलरों को 10 पैसा कमीशन में इजाफा कर 1.20 पैसा कर दिया गया. इस बढ़ोतरी में फिलवक्त ठेंगा दिखला दिया है. रिटेलरों का कहना है कि हमलोग 20 हजार रू.में डीप फ्रीज खरीदते हैं।मिल्क रखने के ट्रे बॉक्स 240 रू.में खरीदते हैं. दूध खराब होने पर वापसी का प्रावधान नहीं है. और तो और बिजली बिल भी देना पड़ता है.

बिहार : टीचर रोजलीन जैरी सम्मानित

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पटना। वह वास्तव में है भाग्यशाली है जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया हो और एक पखवाड़े के अंदर जन्म दिन मनाने का सुअवसर प्राप्त हो जाये। यह भाग्यशाली हैं कुर्जी-दीद्या में स्थित विख्यात संत माइकल हाई स्कूल की भूगोल की टीचर रोजलीन जैरी। यह स्कूल विख्यात है। इसमें कोई शख्त नहीं है। हां, इसे शिखर पर पहुंचाने का श्रेय टीचर्स और स्टूडेंट्स को जाता है। स्कूल के प्राचार्य नेतृत्व करते है। इस समय फादर एडिसन जे आर्मस्टाॅग प्राचार्य हैं। इनका जन्म दिन 18 सितंबर को मनाया गया। आज 21 सितबंर को मिस रोजलीन जैरी का का बर्थ डे है। मिस रोजलीन1987 से संत माइकल हाई स्कूल, पटना में कैरियर शुरू किया। उसका जन्म दिन हर्षोल्लास ढंग से मनाया जा रहा है। फेसबुक पर 'क्रििश्चयन कम्युनिटी फोरम'में प्राचार्य एडिसन जे आर्मस्ट्रॉग । इनके साथ संध्या ओस्ता, शोभा हेनरी, अंजिला रानी, अमित विंसेंट,केविन नताल,जैनी पौल,स्टेला पौल साह आदि ने बधाई दी है।

मधुबनी : दुर्गा पूजा और मुहर्रम को लेकर रुद्रपुर और अंधराठाढ़ी में शांति समिति की बैठक

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अंधराठाढी/मधुबनी (मोo आलम अंसारी) अंधराठाढ़ी। दुर्गा पूजा और मुहर्रम को लेकर रुद्रपुर और अंधराठाढ़ी थाना परिसर में शांति समिति की बैठक हुयी। थानाध्यक्ष कुणाल कुमार की अध्यक्षता में रुद्रपुर थाना एवं  थानाध्यक्ष प्रदीप गौड़ की अध्यक्षता अंधरा ठाढ़ी थाना में बैठक आयोजित थी।  बैठक में आरडीओ  आलोक कुमार शर्मा , अंचल अधिकारी विष्णु देव प्रसाद  ने भी शिरकत किया था।  बैठक में  दोनो समुदाय के काफी लोग शामिल हुए थे। दोनों समुदय के लोगो को शान्ति पुर्ण तरीके से पर्व मनाते की बात कही गयी। थाना प्रभारी ने हिदायत किया कि बिना पुजा समिति को चाहिय की स्थानीय शासन प्रशासन से पूजा एवं मेल लगाने बजा बजाने का अनुमति प्राप्त कर ले । निर्देश के मुताविक चले । उन्होंने  लोगो से अपील किया की हर हल में 30 सितम्बर के मद्य रात्रि तक मूर्ति विर्सजन  कर ले । 1अक्टूवर  को मुहर्म है।  मुहर्रम समिति को भी  अनुज्ञप्ति लेना अनिवार्य कर दिया गया है।  बिना अनुज्ञप्ति बाले पूजा समिति और मुहर्रम समिति  जाँच के दायरे में रहेगा। कमिटी के सदस्यों पर करवाई भी हो सकती है। बैठक में  प्रखंड प्रमुख सूभेश्वर यादव ,उप प्रमुख मोतिबूलर्रहमान , मुखिया अरविन्द , चौधरी ,मो.कमरूज्जमा ,मो ज़ियाउद्दीन ,मो.मोजीब अंसारी , प्रखंड वार्ड संघ के अध्यक्ष मो.आलम ,अंधराठाढी मुखिया महा संघ के अध्यक्ष अरविन्द चौधरी ,राजेश मिश्रा ,अशोक कुमार ,मो,हैदर  अली ,वीर यादव ,मो,ईसमाल नदाफ,विजय राम ,दिनेश ठाकुर ,राम सागर यादव , विक्रम कुमार मंडल,छोटू राय  अजमेरी खातून ,सजन ठाकुर , क्षेत्र के गण्यमान्य व्यक्ति मौजुद थे।

विशेष आलेख : बांध का उद्घाटन से पहले ही ढह जाना!

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एक बांध उद्घाटन होने से पहले ही ढह गया, भ्रष्टाचार के एक और बदनुमे दाग ने राष्ट्रीय चरित्र को धंुधलाया है, समानान्तर काली अर्थव्यवस्था इतनी प्रभावी है कि वह कुछ भी बदल सकती है, कुछ भी बना और मिटा सकती है। यहां तक की लोगों के जीवन से खिलवाड़ भी कर सकती है। गुजरात में एक बांध का उद्घाटन नयी संभावनाओं के द्वार खोल रहा है तो बिहार में एक बांध राष्ट्र के जीवन में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा है। देश को सम्भालने एवं सृजन करने वाले हाथ जब दागदार हो जाते हैं तो वहां जीवन का उजाला नहीं बल्कि अंधेरा ही प्रतीत होता है। दिन-प्रतिदिन जो सुनने और देखने में आ रहा है, वह पूर्ण असत्य भी नहीं है। पर हां, यह किसी ने भी नहीं सोचा कि जो हाथ राष्ट्र की बागडोर सम्भाले हुए हैं, क्या वे बागडोर छोड़कर अपनी जेब सम्भाल लेंगे? ऐसा जब भी होता है, समूचा राष्ट्र शर्मसार होता है।



भ्रष्टाचार सीमित संख्या में लोगों को अमीर बनाता है परन्तु यह असंख्य लोगों के जीवन के ताने-बाने को कमजोर भी करता है। भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिये कडे़ और कठोर कानून बनाये जाते हैं। कानून बनते हैं उससे पहले ही उनका तोड़ ढूंढ लिया जाता है। नये-नये तरीके भ्रष्टाचार के इजाद कर लिये जाते हैं। बिहार में सृृजन संस्था ने तो भ्रष्टाचार के मामले में कमाल ही कर दिया। महिलाओं से पापड़-वड़ी बनवाकर बाजार में व्यापार करने वाली यह संस्था भ्रष्टाचार का पर्याय बन गयी है, यो भी बिहार भ्रष्टाचार एवं घोटालों के मामलों में कीर्तिमान बनाती रही है, लेकिन सृजन ने जो भ्रष्टाचार का विध्वंसक खेल खेला उसकी जद में बड़े-बड़े लोग भी आ चुके हैं। किसने कितना कमाया, किसने भ्रष्टाचार की कमाई को कहां डाला, सब कुछ धीरे-धीरे सामने आ रहा है। वैसे तो बिहार का भागलपुर इलाका पहले से ही कई कारणों से काफी चर्चित रहा है लेकिन अब यह इस खबर के कारण चर्चा में है क्योंकि भागलपुर में बटेश्वर गंगा पम्प नहर परियोजना कहलगांव लगभग 38 वर्ष बाद पूरी होकर भी धराशाही हो गई, ढह गयी।

इस बहुआयामी परियोजना को पूरी करने के लिए बैठकों पर बैठकें होती रही और  करोडों़ का खर्चा भी हुआ लेकिन इससे पहले कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उद्घाटन करते, उससे एक दिन पूर्व ही बांध ध्वस्त हो गया। मुख्यमंत्री क्या करते, उन्हें अपना दौरा रद्द करना पड़ा। इससे शिथिल निगरानी, निर्माण सामग्री की गुणवत्ता और पूर्व से लेकर वर्तमान तक के इंजीनियरों की कार्यशैली को लेकर प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए हैं। बांध की मजबूती का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि बांध अपने उद्घाटन तक भी पानी का दबाव सहन नहीं कर सका और टूट गया। बांध का हिस्सा टूट जाने की वजह से आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। जो बांध लोगों को जीवन का उजाला देने वाला था, जिसका 38 वर्षों से लोग इंतजार कर रहे थे, वह अंधेरे का सबब बन गया, बिहार के मस्तक पर एक काला दाग लगा गया।
आजकल राष्ट्र में थोड़े-थोड़े अन्तराल के बाद ऐसे-ऐसे घोटाले, काण्ड या भ्रष्टाचार के किस्से उद्घाटित होते हैं लेकिन कुछ ही देर समाचार की सुर्खी बनने के बाद पृष्ठभूमि में चले जाते हैं। पुरानी कहावत तो यह है कि ”सच जब तक जूतियां पहनता है, झूठ पूरे नगर का चक्कर लगा आता है।“ इसलिए शीघ्र चर्चित प्रसंगों को कई बार इस आधार पर गलत होने का अनुमान लगा लिया जाता है। पर यहां तो सभी कुछ सच है, कभी कुछ काला ही काला है। घोटाले झूठे नहीं होते। हां, दोषी कौन है और उसका आकार-प्रकार कितना है, यह शीघ्र मालूम नहीं होता। तो फिर बांध प्रकरण इतना जल्दी क्यों चर्चित हुआ? सच जब अच्छे काम के साथ बाहर आता है तब गूंँगा होता है और बुरे काम के साथ बाहर आता है तब वह चीखता है। बांध जैसे राष्ट्र निर्माण एवं विकास के कार्यों में भ्रष्टाचार का होना त्रासद एवं विडम्बनापूर्ण हैं। दुखद तो यह भी है कि बांध के परीक्षण के दौरान लीकेज सामने आने पर भी लीकेज रोकने के लिए खानापूर्ति की गयी। परियोजना से जुड़े लोगों ने ऐसा करके न केवल घोर लापरवाही का परिचय दिया बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आंखों में धूल झोंकने का भी प्रयास किया। ऐसे भ्रष्ट एवं लापरवाह अधिकारियों को दंडित किया ही जाना चाहिए। बांध परियोजना से जुड़े लोगों की सम्पत्ति और उनके धन के स्रोतों की जांच की जानी चाहिए। आम आदमी जानता है कि भ्रष्टाचार के मामलों में बड़े लोग बच निकलते हैं, उनका बच निकलना इस समस्या को और गहराता है।

यह बांध न केवल बिहार के मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना थी बल्कि बिहार एवं झारखण्ड के जनजीवन को राहत देने एवं विकास की ओर अग्रसर करने का उपक्रम था। इससे बिहार और झारखंड के किसानों को सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था हो जाती लेकिन करोड़ों रुपए पानी में बह गए, जनजीवन के विकास की संभावनाओं पर पानी फिर गया। बिहार के जल संसाधन मंत्री ललन सिंह अब भी लीपापोती कर रहे हैं। वे इससे पहले भी विवादों में रहे हैं। विवादास्पद बयान एवं भ्रष्ट आचरण ने उनके सफेद चमकते चेहरों पर कालिख लगाई है। बाढ़ के दिनों में भी जल संसाधन मंत्रालय की घोर लापरवाही सामने आई थी। अहम सवाल यह है कि आखिर बांध बहा क्यों? इस परियोजना में घपले के संकेत मिल रहे हैं। ट्रायल के दौरान लीकेज पर लीपापोती न कर अगर सत्यता की गंभीरता से जांच होती तो सब कुछ सामने आ जाता।

प्रजातंत्र एक पवित्र प्रणाली है। पवित्रता ही इसकी ताकत है। इसे पवित्रता से चलाना पड़ता है। अपवित्रता से यह कमजोर हो जाती है। ठीक इसी प्रकार अपराध के पैर कमजोर होते हैं। पर अच्छे आदमी की चुप्पी उसके पैर बन जाती है। अपराध, भ्रष्टाचार अंधेरे में दौड़ते हैं। रोशनी में लड़खड़ाकर गिर जाते हैं। चाहे बांध हो या सड़क निर्माण, ब्रिज हो या स्कूलों में दोपहर का भोजन- हर जगह भ्रष्टाचार के शैतान विराजमान हैं। यह राष्ट्रीय लज्जा का ऊंचा कुतुबमीनार है। इस बांध के ढहने से यह स्पष्ट है कि राजनीतिज्ञों, नौकरशाहों एवं अपराधी तत्वों के बीच साँठ-गाँठ है तथा सबने गैर-कानूनी ढंग से धन प्राप्त किया है। यह देश की रक्षा, विकास एवं सार्वजनिक जीवन के लिए एक गंभीर खतरा है।

बांध ध्वस्त होने का कारण भ्रष्टाचार है। जो बांध भ्रष्टाचार के खम्भों पर खड़ा हो उसकी नियति यही होनी ही थी। कुछ दिन पहले बाढ़ के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप में जल संसाधन विभाग ने 19 अभियंताओं को निलम्बित कर दिया था। लोगों का कहना था कि इस वर्ष बाढ़ आई नहीं बल्कि लाई गई है। बाढ़ लोगों के लिए बड़ी मुसीबत होती है लेकिन बाढ़ राहत कोष से राजनीतिज्ञों और अफसरों के चेहरे पर लाली आ जाती है। यह लाली भ्रष्टाचार का कारण बनती है लेकिन असंख्य लोगों  के जीवन को लील कर। आज भ्रष्टाचार राष्ट्रीय जीवनशैली का अंग बन गया है, इसको दफना देना जरूरी हो गया है। यह सच है कि आज हमारे अधिकांश कर्णधार सोये हुए हैं, पर सौभाग्य है कि कुछ सजग भी हैं। मीडिया एवं न्यायालयों भी जागरूक हैं। नागरिकों का जागृत व चैकन्ना रहना सबसे प्रभावी अंकुश होता है।


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( ललित गर्ग)
-60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-51
फोनः 22727486, 9811051133

मधुबनी : पत्रकार को मिला इन्साफ, दरोगा हुआ निलंबित

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मधुबनी : जिले के स्थानीय टीवी चैनल ABN News के वरिष्ट पत्रकार अखलाक़ सिद्दकी के साथ बीते दिन मधुबनी कोर्ट कैम्पस के पास पुलिस पदाधिकारी कुलदीप यादव ने खबर संकलन के दौरान मार पीट किया था और धमकी दी थी जिसके विरोध में जिले के पत्रकारों ने संगठित होकर विरोध दर्ज किया था. जिला पुलिस कप्तान की अनुपस्थिति में वरीय पुलिस पदाधिकारी ने कार्रवाई का भरोसा भी दिया था मगर लीपापोती होते देख पत्रकार उग्र हो उठे और इन्साफ के लिए तत्काल जिला कलेक्टर से भेंट कर पत्रकार के इन्साफ के लिए गुहार लगाईं थी.


जिला पदाधिकारी ने तत्काल कुलदीप यादव को लाइन हाजिर कर SDO मधुबनी सदर, और SDPO मधुबनी सदर का दो सदस्यीय जांच टीम बना कर जांच का आदेश दिया था और उस जांच के आलोक में जिला पुलिस कप्तान ने दरोगा कुलदीप यादव को निलंबित कर दिया. इस निलंबन से पत्रकार जगत में हर्ष व्याप्त है !

मोदी कल वाराणसी में जलमल शोधन संयंत्र की आधारशिला रखेंगे

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नयी दिल्ली, 21 सितंबर, नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 सितम्बर को वाराणसी में 50 एमएलडी क्षमता वाले जलमल शोधन संयंत्र (एसटीपी) की आधारशिला रखेंगे। जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार यह संयंत्र हाइब्रिड एन्यूटी- मॉडल पर आधारित है। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत निर्मल गंगा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह एक बड़ा कदम है। मंत्रालय के अनुसार, 153.16 करोड़ रुपये की लागत वाले इस संयंत्र के निर्माण, परिचालन एवं रख-रखाव का कार्य एक कॉन्सोर्टियम को दिया गया है, जिसकी अगुवायी एस्सेल इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड नामक कम्पनी कर रही है। भारत सरकार द्वारा अनुमोदित हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल के तहत केन्द्र सरकार इस परियोजना का 100 प्रतिशत खर्च वहन करेगी। इस मॉडल के तहत एसटीपी का विकास, परिचालन और रख-रखाव स्थानीय स्तर पर बनाई गई एक विशेष कंपनी (एसपीवी) करेगी। इस मॉडल के अनुसार लागत की 40 प्रतिशत राशि का भुगतान निर्माण के दौरान किया जाएगा और शेष 60 प्रतिशत राशि का भुगतान अगले 15 वर्षों के दौरान वार्षिक तौर पर किया जाएगा जिसमें परिचालन और रख-रखाव का खर्च भी शामिल होगा।

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