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शरद यादव ने राज्यसभा के सभापति को सौंपा जवाब

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नयी दिल्ली 22 सितंबर, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राज्य सभा सदस्य शरद यादव और अली अनवर ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में सदन की सदस्यता से अयोग्य करार दिये जाने की शिकायत पर आज राज्यसभा के सभापति के समक्ष अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया। पार्टी के बागी गुट के नेता यादव और अली पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आधार पर जदयू नेतृत्व ने राज्यसभा के सभापति एम वैंकेया नायडू से दोनों नेताओं की संसद सदस्यता रद्द करने का अनुरोध किया था। शरद गुट के नेता जावेद रजा ने बताया कि सभापति द्वारा जारी नोटिस पर दोनों नेताओं ने अपने वकील के माध्यम से 400 पेज का अपना जवाब पेश किया है। रजा ने बताया कि जवाब में यादव की अगुवाई वाले गुट को ही वास्तविक जदयू बताते हुये दलील दी गयी है कि शिकायत के दायरे में लाये गये दोनों सांसदों के ऊपर दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं होता है। इसमें कहा गया है कि यादव और अली की शिकायत करने वाला पार्टी का गुट अब भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हो गया है। इसी आधार पर हाल ही में हुई जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले शिकायतकर्ता गुट द्वारा किये गये पार्टी संबंधी फैसलों को रद्द कर दिया गया है। यादव और अली ने दूसरी अहम दलील वास्तविक जदयू की पहचान का मामला चुनाव आयोग में लंबित होने की दी है। इसके हवाले से यादव और अली ने आयोग का अंतिम फैसला दिये जाने तक सभापति से इस शिकायत का निस्तारण नहीं करने का अनुरोध किया है। उल्लेखनीय है कि जदयू में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले गुट के राजग में शामिल होने के फैसले के विरोध में शरद यादव गुट ने विद्रोही तेवर अपना लिये थे। इसके बाद दोनों गुटों ने अपने अपने धड़े को वास्तविक जदयू बताते हुये पार्टी के चुनाव चिन्ह पर अपना दावा पेश किया है।


चुनाव जीतने के लिये तिजोरी को ‘तबाह’ करती थीं पिछली सरकारें : मोदी

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वाराणसी, 22 सितम्बर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर सरकारी तिजोरी को चुनाव जीतने के कार्यक्रमों में ‘तबाह’ करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि उनकी सरकार की कोशिश है कि गरीब की जिंदगी में बदलाव लाने के अवसर तैयार करने वाले सपने साकार हों। प्रधानमंत्री ने यहां करीब एक हजार करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद कहा, ‘‘हर समस्या का समाधान आखिर विकास में ही है। पहले ऐसी सरकारें आयीं, जिनमें विकास से नफरत जैसा माहौल था। उनके लिये सरकारी तिजोरी चुनाव जीतने के कार्यकमों में तबाह हो जाती थी। हमारी कोशिश है कि विकास के वे सपने साकार हों, ताकि गरीब की जिंदगी में बदलाव लाने का अवसर तैयार हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप किसी भी गरीब से बात कीजिये, उससे पूछिये कि आपने जैसी जिंदगी गुजारी, क्या आप अपने बच्चों के लिये भी वैसी ही जिन्दगी पसंद करेंगे। गरीब से गरीब व्यक्ति भी कहता है कि मेरे नसीब में जो था, मैंने भुगता लेकिन मैं नहीं चाहता हूं कि मेरी आने वाली पीढी ऐसी गरीबी की जिंदगी जीने को मजबूर हो। किसी गरीब के दिल में अपनी संतानों को विरासत में गरीबी देने की इच्छा नहीं है। हर गरीब का अपनी भावी पीढ़ी के लिये जो सपना है, वही सपना मेरी सरकार का भी है।’’ मोदी ने कहा कि उनकी सरकार यही प्रयास कर रही है कि सारी योजनाएं ऐसी हों, जो समाज के हर तबके में सशक्तीकरण लाएं। आज देश तेज गति से प्रगति कर रहा है। यह विकास गरीब और मध्यम वर्ग के कल्याण को केन्द्र में रखकर हो रहा है। अनेक साहसपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं और 20-25 साल से लटके मुद्दों का निपटारा बड़ी हिम्मत से किया जा रहा है। हिम्मत से फैसले किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया देख रही है कि भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। भारत बदल रहा है। हमें पूर्वी उत्तर प्रदेश को भी बदलना है। जैसी पश्चिम की ताकत है, वैसे ही पूरब की भी ताकत हो। हमें विश्वास है कि यहां के आर्थिक और सामाजिक जीवन तथा मूलभूत ढांचे में बदलाव लाने के लिये यह योजनाएं काम आएंगी।

हिन्दुस्तान की धरती से नक्सलवाद खत्म होकर रहेगा : राजनाथ सिंह

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दुमका :झारखंडः, 22 सितंबर, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यहां कहा कि हिन्दुस्तान की धरती से नक्सलवाद खत्म होकर रहेगा। झारखंड की रघुवर दास सरकार के एक हजार दिन पूरे होने पर आज यहां आयोजित रैली में केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘नक्सली गरीबों के बच्चों को गुमराह कर उनके हाथ में बंदूक पकड़ा देते हैं। बड़े बड़े नक्सली नेता स्वयं ऐशो आराम की जिंदगी बिताते हैं और गरीब के बच्चों को बंदूक पकड़ाकर उन्हें जंगलो में भटकने को मजबूर करते हैं। कोई भी नक्सली नेता अपने बच्चों के हाथ में बंदूक नहीं पकड़ाता है। यह बहुत अफसोसजनक है और केन्द्र सरकार इसे खत्म करेगी। केन्द्र की मोदी सरकार हिन्दुस्तान की धरती से नक्सलवाद खत्म करने को प्रतिबद्ध है।’’ राजनाथ ने कहा कि नक्सली देश के गरीबों, आदिवासियों और दलितों का शोषण करते हैं और देश के विकास में बाधा उत्पन्न करते हैं लेकिन वर्तमान सरकार ऐसा नहीं चलने देगी। उन्होंने कहा कि सभी को हिंसा का रास्ता छोड़ना पड़ेगा लेकिन इस काम में सरकार को जनता का सहयोग भी चाहिए।

आतंकवाद को लेकर सुषमा ने पाकिस्तान पर करारा हमला किया

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संयुक्त राष्ट्र, 22 सितंबर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी बहुपक्षीय बैठकों में आतंकवाद से लड़ने की जरूरत पर बल दिया और पाकिस्तान को ‘‘बेहद कड़ा’’ संकेत दिया कि वह राष्ट्र की नीति के रूप में आतंकवाद का उपयोग बंद करे। सुषमा के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक में शामिल होने के लिए फिलहाल न्यूयॉर्क में मौजूद सुषमा ने ब्रिक्स, इबसा, दक्षेस और इंडिया-सीईएलएसी सहित अन्य समूहों के नेताओं के साथ बहुपक्षीय बैठकें कीं। ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) पांच सदस्यीय समूह है, इबसा (भारत, ब्राजील और दक्षिण एशिया) तीन सदस्यीय ब्लॉक है और ईसीईएलएसी.. कम्युनिटी ऑफ लैटिन अमेरिकन एंड कैरेबियन स्टेट है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कल यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘विदेश मंत्री के साथ हुई लगभग सभी बहुपक्षीय बैठकों के बाद जारी ज्यादातर प्रेस विज्ञप्तियों और बयानों में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का जिक्र जरूर रहा है। यह बहुत मजबूती से रखा गया है।’’ कुमार ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री ने स्वयं अपने भाषण में अन्य देशों की मदद से गतिविधयां चला रहे आतंकवादी समूहों पर जोरदार हमला बोला। वास्तव में यह पाकिस्तान के लिए स्पष्ट संकेत है कि उसे राष्ट्र की नीति के रूप में आतंकवाद का उपयोग बंद करना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित आतंकवादी संगठनों को पनाह देना बंद करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि सुषमा ने आतंकवादी नेटवर्कों और आतंकवादियों को वित्त पोषण बंद करने का भी आह्वान किया। त्रिपक्षीय बैठक में शामिल होने के साथ-साथ सुषमा ने कजाख्स्तान और अर्जेंटीना के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। देर शाम वह राष्ट्रमंडल मंत्रिमंडलीय कार्य समूह की ओर से आयोजित रात्रिभोज में भी शामिल हुई।

पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है : राजनाथ सिंह

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दुमका (झारखंड), 22 सितंबर, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यहां कहा कि भारत अब दुनिया की एक बड़ी ताकत है और पाकिस्तान को उसकी हरकतों के लिए हर स्तर पर मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। झारखंड की रघुवर दास सरकार के एक हजार दिन पूरे होने पर आज यहां आयोजित रैली में केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात कही। सिंह ने कहा, ‘‘देश पहले से सुरक्षित है। अब आपका, हमारा भारत कमजोर देश नहीं रह गया है। भारत अब दुनिया की एक बड़ी ताकत बन गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान को उसकी हरकतों के लिए हर स्तर पर मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है।’’ सिंह ने कहा, ‘‘देश की सेना एवं अर्धसैनिक बल सीमाओं की सुरक्षा पूरी मुस्तैदी से कर रहे हैं और हर नापाक हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।’’ सिंह ने कहा कि मोदी सरकार और राज्य की भाजपा सरकारों का लक्ष्य गरीबों का कल्याण है और सरकार की सभी नीतियां गरीबों को ही समर्पित हैं। इस सिलसिले में उन्होंने झारखंड के चेक डैम की योजना, उज्ज्वला योजना एवं रोजगार नीति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि काले धन पर केन्द्र सरकार बहुत सक्रिय है और इसी उद्देश्य से विमुद्रीकरण की नीति लायी गयी जिससे ‘‘काला धन जमा करने वालों की खाट खड़ी हो गयी।’’

जीएसटी का क्रियान्वयन उम्मीद से ज्यादा सुगम रहा : जेटली

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मुंबई, 22 सितंबर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली का शुरुआती क्रियान्वयन उम्मीद से ज्यादा सुगम रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य के बीच शीर्ष स्तर पर निर्णय करने की प्रक्रिया का ‘तार्किक संस्थानीकरण’ किया गया। साथ ही इस प्रक्रिया ने दिन-प्रतिदिन के मुद्दों को तेजी से सुलझाने की व्यवस्था बनायी। यहां इंडियन बैंक्स एसोसिएशन :आईबीए: की 70वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, ‘‘ वैकल्पिक कर प्रणाली के क्रियान्वयन के यह शुरुआती दिन हैं। जहां तक है यह उम्मीद से कहीं ज्यादा सुगम रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के तहत अधिकतर लोग स्वयं शामिल हो रहे हैं और यह धीरे-धीरे बढ़ रहा है। जीएसटी को इस साल एक जुलाई से लागू किया है। इससे देश की अर्थव्यवस्था एकल कर व्यवस्था के तहत आ गई है।

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक 25 सितंबर को

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नयी दिल्ली, 22 सितंबर, भाजपा 25 सितंबर को पार्टी की विस्तारित कार्यकारिणी में अगले लोकसभा चुनाव की रणनीति का तानाबाना बुनेगी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अभी डेढ़ साल बचा है लेकिन भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है । लिहाजा सभी सांसदों, सभी विधायकों एवं पार्षदों के साथ प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों समेत 2000 नेताओं को इसमें शामिल होने के लिये बुलाया गया है। भाजपा सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया जायेगा जिसमें रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे को शामिल किये जाने की संभावना है। राजनीतिक प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी राम माधव और विनय सहस्रबुद्धे को सौंपी गयी है । इसके अलावा एक आर्थिक प्रस्ताव भी पेश किया जा सकता है जिसमें वस्तु एवं सेवा कर :जीएसटी: से आए आर्थिक बदलाव और नोटबंदी के कारण बदली परिस्थितियों का जिक्र हो सकता है। उल्लेखनीय है कि रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर सरकार के रूख की कुछ विपक्षी दलों समेत एक वर्ग आलोचना कर रहा है। दूसरी ओर वस्तु एवं सेवा कर :जीएसटी: और नोटबंदी के मुद्दे पर भी सरकार,कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के निशाने पर है। कार्यक्रम आयोजन के लिये दिल्ली प्रदेश में समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी कैलाश विजयवर्गीय को सौंपी गई है । भाजपा की विस्तारित राष्ट्रीय कार्यकारणी की यह बैठक दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती समारोह के समापन के अवसर पर आयोजित की जा रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन खास होगा जो कुछ राज्यों में आसन्न विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव की दिशा तय करेंगे । भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी लगातार अलग-अलग राज्यों का दौरा कर पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार करने का प्रयास कर रहे हैं । भाजपा पिछले एक साल से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष मना रही है जो पिछले साल केरल के कोझिकोड में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के दौरान तय हुआ था। बैठक में पार्टी के सभी 281 लोकसभा सदस्य, राज्यसभा के 57 सदस्य, 1400 विधायक और विधान पार्षद, कोर ग्रुप के सदस्य और प्रदेश इकाइयों के अध्यक्ष एवं महामंत्री शामिल होंगे । राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आमतौर पर स्थायी और विशेष आमंत्रित सदस्यों समेत 200 से कम सदस्य हिस्सा लेते हैं । इस बार इसमें हिस्सा लेने वालों की संख्या 2000 के आसपास होगी । सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक के विषयों पर 24 सितंबर को पदाधिकारी मंथन करेंगे ।

उत्तर कोरिया ने दी प्रशांत महासागर में हाइड्रोजन बम का परीक्षण करने की धमकी

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सोल, 22 सितंबर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उत्तर कोरिया को बर्बाद करने की धमकी के जवाब में, देश के विदेश मंत्री ने आज कहा कि वह प्रशांत महासागर में हाइड्रोजन बम का परीक्षण करने पर विचार कर सकते हैं। इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा दिए गए भाषण की निंदा करते हुए उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने इसके जवाब में ‘‘इतिहास में किसी कदम के खिलाफ अब तक का सबसे कठोर कदम उठाने’’ की चेतावनी दी थी। किम ने इस महीने हाइड्रोजन बम का परीक्षण कर वैश्विक स्तर पर चिंता पैदा कर दी थी। उत्तर कोरिया ने दावा किया कि यह हाइड्रोजन बम मिसाइल से दागा जा सकता है। उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री री योंग-हो ने न्यूयॉर्क में संवाददाताओं से बातचीत में भविष्य में और अधिक शक्तिशाली हाइड्रोजन बम का परीक्षण करने की संभावना जताई। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि शायद प्रशांत महासागर के ऊपर अभूतपूर्व स्तर का हाइड्रोजन बम का परीक्षण हो सकता है। लेकिन यह हमारे नेता पर निर्भर करता है तो मैं अच्छी तरह नहीं जानता।’’ कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल यूनीफिकेशन में विश्लेषक चुंग सुंग यून ने कहा कि इस बात की ‘‘बहुत अधिक संभावना’’ है कि किम आगे किसी तरह की उकसावे की कार्रवाई कर सकते हैं। बहरहाल, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उत्तर कोरिया क्या करेगा। चुंग ने कहा कि इस बात की संभावना है कि उत्तर कोरिया उत्तरी प्रशांत महासागर में हाइड्रोजन बम का परीक्षण करने की कोशिश कर सकता है। उन्होंने कहा कि इससे अमेरिका संभावित रूप से रॉकेट को मार गिराने की कोशिश करेगा जबकि चीन उस पर और कड़े प्रतिबंध लगा सकता है जो आर्थिक संकट से जूझ रहे देश के लिए विनाशकारी होगा।


बिहार : 14 माह की वेतन निकासी के एवज में 15 हजार की मांग

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  • डिप्टी सीएम की द्योषणा हवा में करने वालों पर हो शख्त कार्रवाई

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पटना। सूबे के उप मुख्यमंत्री हैं सुशील कुमार मोदी। जी वित मंत्री भी हैं। कर दी है द्योषणा राज्यकर्मिंयों को महापर्व दशहरा के रूप वेतन दे दिया जायेगा। हां, इसके कारण मीडियाबिहटा में छा गये। इस द्योषणा से राज्यकर्मिंयों के द्यरों में उम्मीद जगी। अब बड़ा बाबूओं द्वारा काम के बदले दाम वसूलने के बाद ही अग्रेतर कार्य करने से दशहरा पूर्व वेतन न मिल सकने को लेकर राज्यकर्मी नाउम्मीद होने लगे हैं। बताया गया कि पटना जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बिहटा में कार्यरत कर्मियों को 14 माह से वेतन नहीं मिल रहा है। 14 माह का वेतन निकालने के लिए प्रति कर्मी 15 हजार रू. की मांग की गयी है। मजे की बात है कि यहां की महिला कर्मी स्वास्थ्य विभाग में गये शिकायत करने तो उनलोगों को बताया गया कि बड़ा वेतनमद की राशि की मांग नहीं करते है। दूसरी ओर बड़ा बाबू को चढ़ावा देने वालों का वेतन बनाया जा रहा है। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पुनपुन के कर्मियों को 10 माह से वेतन नहीं मिल रहा है। बड़ा बाबू बड़ा हथियाने के मूड में थे। जोश में आकर होश खोकर 65 हजार रू.मांग कर बैठे। ट्रेजरी वालों को 65 हजार रू. देना है। इस मांग से आगत होकर चिकित्सा प्रभारी के समक्ष कर्मी गये। सभी कर्मियों को मोबाइल से सूचना दी गयी कि गुरूवार को ट्रेजरी जाकर धरना और प्रदर्शन करना है। टहलते -टहलते यह जानकारी बड़ा बाबू तक चली गयी। जान आफत में देख बड़ा बाबू पे एडवाइस को ट्रेजरी तक पहुंचा दिया। जानकारी के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,धनरूआ के बड़ा बाबू ने प्रति कर्मी 500 रू.आंवटन और ऑनलाइन  500 रू.देने की मांग की थी। मांग की गयी नहीं मिलने से 6 माह का वेतन मिलने का आसार नहीं है। यह अतिशयोक्ति नहीं है कि लाल सलाम वाले नेता हैं और चंदा वसूलते हैं। समय-समय प्रदर्शन करवाते हैं। इसके बाद बड़ा बाबू और सहायकों से मिलकर अवैध वसूली करवाने में लग जाते हैं। वहीं वित मंत्री सुशील कुमार मोदी से निवेदन है कि आप आकलन करें कि द्योषणा के अनुरूप दशहरा के पूर्व वेतन दिया गया अथवा नहीं? उसी के अनुरूप विभागीय कार्यवाही बड़ा बाबू और सहायकों पर हो।

बिहार भाजपा ने बड़े पैमाने पर राहत सामग्री बाढ़ पीड़ितों के लिए उपलब्ध करायी: राय

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पटना 22 सितम्बर, बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज कहा कि राज्य में इस वर्ष बाढ़ की विभिषिका को देखते हुए पार्टी की ओर से बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत एवं बचाव कार्य के साथ ही बड़े पैमाने पर खाद्य सामग्रियों के साथ ही आवश्यक उपभोक्ता सामान मुहैया कराये गये। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद नित्यानंद राय ने यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी एक राजनीतिक दल ही नहीं बल्कि सामाजिक सरोकार का संगठन भी है जो देश एवं प्रदेश में आपदा की स्थिति में लोगों के बीच सक्रियता बनाये रखती है । केन्द्र एवं बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार होने के बावजूद पार्टी कार्यकर्ताओं का संगठनात्मक कार्यों में लगे रहना भाजपा की सबसे बड़ी खासियत है । श्री राय ने कहा कि राज्य में बाढ़ की विभिषिका के आने के साथ ही प्रदेश में पार्टी संगठन के सभी कार्यक्रमों को तत्काल स्थगित कर दिया गया था । पार्टी के सभी सांसद , विधायक और पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में रहकर बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद पहुंचाने में लगे रहे । उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त जिलों में भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों की टीम जिला स्तर पर बनाये गये राहत केंद्रों का संचालन भी किया । 


प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष सेलार ने बिहार में आपदा के लिए एक करोड़ 25 लाख रुपये का चेक दिया था । इसी तरह कई अन्य छोटे-छोटे संस्थाओं की ओर से 69 लाख 68 हजार 837 रुपये की राशि चेक के माध्यम से पार्टी को प्राप्त हुआ । उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में 765 ट्रक राहत सामग्री उपलब्ध करायी गयी है । श्री राय ने कहा कि इसी तरह प्रभावित इलाकों में पार्टी की ओर से सैकड़ों की संख्या में राहत सामग्री पहुंचायी गयी । पार्टी मुख्यालय से प्रभावित इलाकों में अबतक 6225 क्विंटल चावल , 3695 क्विंटल चूड़ा , 1932 टन आलू, और 34 क्विंटल दाल समेत अन्य सामग्रियों को भेजा जा चुका है । प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरान करने के बाद 500 करोड़ रुपये तत्काल राहत की घोषणा के अलावा बाढ़ में हताहत हुए लोगों के परिजनों के लिए दो लाख और घायलों के लिए 50 हजार रुपये की सहायता की घोषणा की थी । पार्टी की ओर से मुख्यंत्री राहत कोष में 11 लाख रुपये का चेक भी दिया गया है । 

पटना के चिड़ियाघर में जल्द दौड़ेगी ट्रैकलेस ट्रेन : सुशील कुमार मोदी

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पटना 22 सितंबर, बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि राजधानी पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान के प्रति लोगों का आकर्षण और बढ़ाने और उनके लिए सुविधाओं का विस्तार करने के उद्देश्य से शीघ्र ही ट्रैकलेस ट्रेन का परिचालन शुरू किया जाएगा। श्री मोदी ने विश्व गैंडा दिवस के अवसर पर उद्यान में गैंडा संरक्षण प्रजनन केंद्र का शिलान्यास करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि चिड़ियाघर में जल्द ही बच्चों के लिए टाॅय और अन्य दर्शकों के लिए ट्रैकलेस ट्रेन का परिचालन शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि थ्री डी थियेटर का शुभारंभ भी शीघ्र होगा, जहां दर्शक प्रकृति एवं वन्य जीवन से संबंधित फिल्में देख सकेंगे। मंत्री ने लोगों से चिड़ियाघर के पशुओं को गोद लेने का आह्वान करते हुए कहा कि वन्य जीव के प्रति आत्मीय लगाव प्रदर्शित करने का यह बेहतर जरिया है। उन्होंने कहा कि पशुओं को गोद लेने वालों का नाम उद्यान में डिसप्ले किया जायेगा। 


श्री मोदी ने चिड़ियाघर और पटना के अन्य उद्यानों के लिए शीघ्र ही आॅनलाइन टिकट बुकिंग सेवा शुरू करने की घोषणा करते हुये कहा कि इससे दर्शक घर बैठे अपनी टिकट ले सकेंगे। साथ ही दर्शकों को गाइड मैप और जानवरों की जानकारियों से संबंधित फोल्डर भी दिए जायेंगे। उन्होंने कहा कि जानवरों के पिंजड़ों के पास आकर्षक डिसप्ले बोर्ड लगाने के साथ ही चिड़ियाघर की वेबसाइट को और आकर्षक बनाया जायेगा। उन्होंने उद्यान घूमने आने वाले दर्शकों से एक फीडबैक फाॅर्म भरवाने का भी निर्देश दिया। मंत्री ने चिड़ियाघर को और बेहतर बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता के आग्रह को यहां पूरी तरह से कार्यान्वित किया जायेगा। उद्यान में कहीं भी गंदगी नहीं रहेगी। इस मौके पर मौजूद अधिकारियों को चिड़ियाघर के सभी विकास कार्यों के लिए समय सीमा तय करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य के लिए पैसों की कमी नहीं है। इस मौके पर श्री मोदी ने चिड़ियाघर के गैंडे के दो नवजात बच्चों का नामकरण तथा गैंडा से संबंधित ब्रॉशर का विमोचन किया। कार्यक्रम में दीघा के विधायक संजीव चैरसिया, वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक डाॅ. डी. के. शुक्ला, मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक भारत ज्योति तथा संजय गांधी जैविक उद्यान के निदेशक कमलजीत सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

नक्सली मुख्यधारा में लौटें नहीं तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें : राजनाथ सिंह

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दुमका 22 सितम्बर, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने नक्सलियों को कड़ी चेतावनी देते हुये आज कहा कि गरीबों के बच्चों को हथियार थमाकर विकास की गति रोकनेवाले उग्रवादी मुख्य धारा में लौट जाएं नहीं तो उन्हें गम्भीर परिणाम भुगतना होगा। श्री सिंह ने यहां झारखड की रघुवर सरकार के 1000 दिन का कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित गरीब विकास मेला को संबोधित करते हुए कहा विकास को और गति देने के लिए नक्सलवादी उग्रवाद का रास्ता छोड़ कर मुख्यधारा में लौटने के लिए आत्मसमपर्ण कर दें नहीं तो उन्हें इसके गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नक्सलवाद के नामपर कुछ लोग गरीबों के बच्चों को गुमराह कर रहे हैं और मासूम बच्चों के हाथों में हथियार देकर विकास की गति बाधित कर रहे हैं जबकि नक्सली गरीबों के पैसे से ऐशो आराम की जिन्दगी जी रहे है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार गरीबों के बच्चों के हाथों में कलम और कम्प्यूटर देकर उन्हें विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए कृत संकल्पित है और इस दिशा में तेजी से कार्य भी कर रही है। श्री सिंह ने कहा कि सरकार को हिंसक गतिविधियों के जरिये विकास की गति रोकनेवाले तत्वों की पूरी जानकारी है। समाज में दहशत पैदा करने का सिलसिला अब नहीं चलने दिया जायेगा। उन्हाेंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि नक्सली यदि मुख्य धारा में नहीं लौटे तो झारखंड सहित देश की धरती से नक्सलवाद को जड़ से समाप्त कर दिया जायेगा।


केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश सुरक्षित हुआ और पूरी दुनिया में भारत ताकतवर देश के रूप में स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि देश की सेना किसी भी स्थिति से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। सेना के जवान पाकिस्तान के भारत विरोधी हरकतों का मुंहतोड़ जबाब दे रहे हैं। श्री सिंह ने रघुवर सरकार द्वारा एक हजार दिन के दौरान गरीबाें के विकास के लिए किये गये कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि विकास के मामले में झारखंड दूसरे स्थान पर पहुंच गया है वहीं बुनियादी ढांचा क्षेत्र में झारखंड में पूंजी निवेश में तेजी आई है। इस कारण राज्य का सकल घरेलु उत्पाद (जीडीपी) 8.8 प्रतिशत को पार कर चुका है आनेवाले वषों में इसके दहाई अंक से अधिक हो जाने की उम्मीद है। उन्हाेंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से गरीब आदिवासियों के विकास की दिशा में तेजी से किये गये प्रयास का असर अब दिखने लगा है। इस मौके पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने 3000 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया तथा करोड़ों रुपये की परिसम्पतियों का वितरण भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य सरकार द्वारा 1000 दिन के दौरान किये गये कार्यों पर विस्तार से चर्चा की। समारोह में राज्य के मंत्रियों में सी. पी. सिंह, नीरा यादव, रामचन्द्र चन्द्रवंशी, चन्द्र प्रकाश चौधरी, अमर बाउरी, रणधीर सिंह, सांसद डाॅ. रवीन्द्र राय, निशिकांत दूबे के साथ मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, पुलिस महानिदेशक डी. के. पांडेय, अपर मुख्य सचिव अमित खरे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

रोहिंग्या मुसलमानों को शरणार्थी का दर्जा नहीं मिलना अमानवीय : तारिक अनवर

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पटना 22 सितम्बर, बिहार के कटिहार से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सांसद तारिक अनवर ने केन्द्र की
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार से देश की संस्कृति और परंपरा के अनुरूप रोहिंग्या मुसलमानों को शरणार्थी का दर्जा दिये जाने की आज मांग करते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो यह अमानवीय होगा । श्री अनवर ने यहां दूरभाष पर यूनीवार्ता से बातचीत में कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मानवता के आधार पर रोहिंग्या मुसलमानों को शरणार्थी का दर्जा देने की बात कही है, जो हर दृष्टिकोण से उचित है। उन्होंने कहा कि आयोग का यह कदम पूरी तरह से सही है और रोहिंग्या को शरणार्थी का दर्जा दिया जाना चाहिए । पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की परंपरा भी यही रही है। इससे पूर्व श्रीलंका , बंग्लादेश और तिब्बत से आये लोगों को यहां शरणार्थी का दर्जा दिया गया है । उन्होंने कहा कि 1971 के बंग्लादेश युद्ध के बाद एक करोड़ से अधिक लोगों को शरणार्थी बनाकर रखा गया था।


श्री अनवर ने कहा कि पूर्व में इन तीनों देशों से आये हुए लोगों को यहां शरण देने में कोई कष्ट नहीं हुआ था तो अब रोहिंग्या मुसलमानों को शरणार्थी का दर्जा देने में क्या दिक्कत है। उन्होंने कहा कि विश्वपटल पर इस मामले में भारत का ट्रैक रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है। वैसे भी जब कोई कष्ट में हो तो उसकी मदद करनी चाहिए। राकांपा नेता ने कहा कि रोहिंग्या को धर्म और जाति के आधार पर नहीं देखा जाना चाहिए । यदि रोहिंग्या को शरणार्थी का दर्जा नहीं मिलता है तो यह देश की परंपरा और संस्कृति के विपरीत होने के साथ ही अमानवीय भी होगा। उल्लेखनीय है कि रोहिंग्या मुसलमानों को देश में शरणार्थी का दर्जा देने या नहीं देने पर छिड़ी बहस के बीच केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में रोहिंग्या को अवैध आप्रवासी बताते हुए उन्हें देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। 

बिहार में सड़कों के किनारे लगेंगे पॉपुलर पौधे, कागज उद्योग को मिलेगी मदद : नीतीश

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पटना 22 सितंबर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कागज उद्योग को कच्चे माल की निर्बाध आपूर्ति के लिए ठोस कदम उठाते हुये आज कहा कि राज्य की ग्रामीण एवं राजकीय सड़कों के किनारे पॉपुलर के पौधे लगाये जाएंगे। श्री कुमार ने यहां कृषि रोडमैप की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को यह निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कों तथा राजकीय राजमार्गों के किनारे पाॅपुलर के पौधों लगाये जायेंगं। इन पौधों का इस तरह से रोपण किया जायेगा कि प्रत्येक वर्ष कागज उद्योग के लिए कच्चा माल मिल सके। साथ ही पॉपुलर के पौधों को लगाने और उसकी कटाई की निरंतरता का भी ध्यान रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पाॅपुलर की लकड़ी का उपयोग कागज उद्योग में कच्चे माल के रूप में किया जाता है। यदि इस पौधे को बड़े पैमाने पर लगाया जाये तो इस उद्योग को काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज भी देश कागज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं है और इसका आयात किया जाता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कों के किनारे लगने वाले पेड़-पौधों की देखभाल करने की जिम्मेवारी पर्यावरण एवं वन विभाग की होगी


श्री कुमार ने कहा कि सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन के लिए सब्जी उत्पादक सहयोग समिति में कोल्ड चेन तथा प्रखंड स्तर पर स्थापित समितियों को गुणवत्तायुक्त बीज तथा बीज संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने काॅम्फेड की तरह सब्जी उत्पादक सहयोग समिति को विकसित करने, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में उर्वरक तथा अनाज के लिए अलग-अलग गोदाम बनाने एवं गोदामों में ड्रायर की व्यवस्था करने, कृषि विज्ञान केन्द्र और प्रखंडों के ई-किसान भवनों में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के सदस्यों को प्रशिक्षण देने के लिए संबद्ध करने तथा प्रत्येक किसान परिवार को पैक्स से जोड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि त्रि-स्तरीय पंचायती राज संरचना की तरह ही प्राथमिक कृषि सहकारी समिति की संरचना को भी विकसित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य भर में अगले तीन साल में सर्वे सेटलमेंट का काम पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही अगले एक वर्ष में नौ जिलों में सर्वे पूरा हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कृषि रोडमैप में वर्षवार आबादी के अनुसार कितने गांवों को ग्रामीण पथ से जोड़ा जायेगा, इसका लक्ष्य स्पष्ट रूप से निर्धारित किया जाये तथा भंडारण के लिए गोदाम बनाते समय पहुंच पथ का अवश्य ध्यान रखा जाये। श्री कुमार ने डाॅ. कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज में पशु विज्ञान एवं मत्स्य विकास संस्थान के लिए विकास की योजना पर विशेष ध्यान दिये जाने पर बल देते हुये कहा कि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में छात्रों को पढ़ाने के साथ-साथ अनुसंधान तथा सरकारी एवं गैर-सरकारी क्षेत्र के लोगों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने मछली उत्पादन का लक्ष्य बढ़ाने का निर्देश देते हुये कहा कि मत्स्यपालन के लिए एक समेकित योजना बनाई जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मुर्गीपालन एवं बकरी पालन की योजनाओं से जीविका को जोड़ा जाये। इस पर जीविका के प्रबंध निदेशक ने बताया कि जीविका के माध्यम से अभी तक 1.80 लाख परिवारों को जोड़ा जा चुका है। साथ ही 591 इकाई के निर्माण के साथ दो लाख परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि बकरी पालन के लिए 8300 अनुसूचित जाति-जनजाति परिवारों को जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि 210 बकरी पालक समूह बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने मुर्गीपालन एवं बकरी पालन के लिए वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता का आकलन करने का निर्देश देते हुये कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को मुर्गीपालन एवं बकरी पालन के लिए जागरूक किया जाये ताकि उनकी आमदनी बढ़ायी जा सके। श्री कुमार ने महिला दुग्ध सहकारी समितियों के गठन पर विशेष बल देने का निर्देश दिया। इस पर कॉम्फेड के प्रबंध निदेशक ने बताया कि 28 हजार महिला दुग्ध सहकारी समितियों का गठन करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि लावारिस पशुओं के लिए गौशाला विकसित किया जाये उत्पादित दूध का उपयोग काॅम्फेड करे। उन्होंने ऐसे पशुओं का उपयोग कर इसे जैविक कोरिडोर के साथ जोड़ने पर बल दिया। बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम नारायण मंडल, ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेष कुमार, सहकारिता मंत्री राणा रंधीर सिंह, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री पशुपति कुमार पारस, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रधान सचिव कृषि विभाग सुधीर कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा एवं मनीष कुमार वर्मा सहित संबंधित विभागों के प्रधान सचिव या सचिव उपस्थित थे। 

देश में शिक्षा और स्वास्थ्य का राष्ट्रीयकरण जरूरी : पप्पू यादव

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भागलपुर 22 सितंबर, जन अधिकार पार्टी (जाप) के राष्ट्रीय संरक्षक एवं बिहार के मधेपुरा से सासंद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज कहा कि आमलोगों के हितों की रक्षा के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य का राष्ट्रीयकरण होना जरूरी है। श्री यादव ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शिक्षा के राष्ट्रीयकरण से हरियाणा के छात्र प्रद्युम्न जैसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी वहीं स्वास्थ्य का राष्ट्रीयकरण होने से गरीब लोग इलाज के अभाव में नहीं मरेंगे। उन्होंने कहा कि प्रद्युम्न की हत्या से देश शर्मसार हुआ है और केंद्र सरकार को इस मामले में कड़ा निर्णय लेना होगा। सांसद ने कहा कि देश के किसानों के हित के लिए केन्द्र सरकार ने कुछ नहीं किया है। किसान मर रहे हैं , आत्महत्या कर रहे है लेकिन उन्हें देखने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल के दौरान देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। 


श्री यादव ने कहा कि महंगाई और पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में इजाफा होने से सबसे ज्यादा बिहार प्रभावित हुआ है लेकिन इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ध्यान तक नहीं है। उन्होंने कहा कि रातों रात रसोई गैस के दाम बढ़ गये लेकिन श्री कुमार इसपर भी चुप्पी साधे हुए हैं। सांसद ने कहा कि बिहार में बांधों के निर्माण और रख-रखाव पर करोड़ों, अरबों रुपये खर्च किये जाते हैं लेकिन बांधों के टूटने का सिलसिला रुक नहीं रहा है। राज्य में बाढ़ के कारण इस बार 40 बांध टूट गये हैं। उन्होंने कहा कि कहलगांव गंगा पंप नहर परियोजना के बांध की दीवार टूटने से नीतीश सरकार के कार्यकाल में घोटाले का पर्दाफाश हो गया, इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। श्री यादव ने कहा कि तटबंध टूटने के मामलों का विभागीय अधिकारियों से जांच कराना, केवल लीपापोती है। उन्होंने कहा कि इसकी न्यायिक जांच पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की देखरेख में होनी चाहिए क्योंकि विभागीय अधिकारी अपनी गलतियों को छिपाने के लिए राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) को दोषी ठहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी की ओर से स्पष्ट किया गया है कि बांध की दीवार टूटने से उसका कोई लेना-देना नहीं है। सांसद ने कहा कि गंगा को प्रदूषित करने वाले आज गंगा की रक्षा की बात कर रहे हैं। गंगा में बढ़ती गाद की समस्या के लिए नेता ही जिम्मेवार हैं। उन्होंने कहा कि गाद राजनीतिक आपदा बन गयी है और अब इसके नाम पर भी करोड़ो, अरबों रुपये की बंदरबाट की जाएगी। उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती मंहगाई और बांध के नाम पर राशि घोटाले को लेकर उनकी पार्टी दशहरा के बाद आंदोलन शरु करेगी । 

आरबीआई ने सृजन घोटाले में संलिप्त दो बैंकों में की जांच

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भागलपुर 22 सितंबर, रिजर्व बैंक (आरबीआई) की टीम ने बिहार के चर्चित अरबों रुपये के सृजन घोटाले में संलिप्त बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक में आज जांच-पड़ताल की। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि आरबीआई की तीन सदस्यीय टीम ने आज सबसे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा में निरीक्षण किया और इस दौरान बैंक प्रबंधक समेत कई कर्मचारियों से पूछताछ की। टीम ने इस शाखा में कई सरकारी विभागों और सृजन महिला विकास समिति के खात़ों से संबंधित स्टेटमेंट तथा अन्य कागजात अपने पास रख लिये। इस के बाद टीम के सदस्य इंडियन बैंक पहुंचे और शाखा प्रबंधक से यहां खोले गए सरकारी विभागों और सृजन के खातों तथा यहां से सरकारी चेकों के माध्यम से हुये भुगतान की रकम के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान खात़ों में सरकारी राशि की जमा-निकासी और फिर सृजन के खात़ों मे स्थानांतरण से संबंधित कागजात अपने साथ ले गए। 


सूत्रों ने बताया कि इस दौरान टीम के सदस्यों ने इस बिंदु पर भी जांच की कि इन बैंकों ने लेन-देन के मामले में आरबीआई के नियमों का उल्लंघन तो नहीं किया। वहीं, सृजन को लाभ पहुंचाने में बैंक कर्मचारी ने किस तरह का सहयोग किया है। उल्लेखनीय है कि 1300 करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी राशि का सृजन के माध्यम से किये गये घोटाले में इन बैंकों की मुख्य भूमिका रही है। भागलपुर जिला समाहरणालय समेत कई सरकारी विभागों के खाते के अलावा सृजन के भी खाते इन दोनों बैंकों में हैं। अरबों रुपये के इस घोटाले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है । इसके अलावा जिले के कई प्रखंडों में स्थित सरकारी खाते भी इन्ही बैंकों में खुलवाये गए थे। परिणामस्वरुप सरकारी कर्मचारी, बैंककर्मी और सृजन के सदस्यों ने मिलकर सरकारी खातों में जमा राशि के चेक सृजन के खातों मे स्थानांतरित कर पैसा का फर्जीवाड़ा का काम कई वर्षों से चल रहा था। 

विशेष : क्यों ना हम पहले आपने अन्दर के रावण को मारें

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“रावण को हराने के लिए  पहले खुद राम बनना पड़ता है ।“ विजयादशमी यानी अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि जो कि विजय का प्रतीक है। वो विजय जो श्रीराम ने पाई थी रावण पर, वो रावण जो पर्याय   है बुराई का, अधर्म का ,अहम् का, अहंकार का और पाप का, वो जीत जिसने पाप के साम्राज्य का जड़ से नाश किया। लेकिन क्या बुराई हार गईं? पाप का नाश हो गया? क्या रावण वाकई मर गया? युगों से साल दर साल पूरे देश में रावण का पुतला जलाकर दशहरे का त्यौहार मनाया जाता है। अगर रावण सालों पहले मारा गया था तो फिर वो आज भी हमारे बीच जीवित कैसे है? अगर रावण का नाश हो  गया था तो वो कौन है जिसने अभी हाल ही में एक सात साल के मासूम की बेरहमी से जान लेकर एक माँ की गोद ही उजाड़ दी? वो कौन है जो आए दिन हमारी अबोध बच्चियों को अपना शिकार बनाता है? वो कौन है जो हमारी बेटियों को दहेज के लिए मार देता है? वो कौन है जो पैसे और पहचान के दम पर किसी और के हक को मार कर उसकी जगह नौकरी ले लेता है? वो कौन है जो सरकारी पदों का दुरुपयोग करके भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है? वो कौन है जो किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति के दर्द को नजरंदाज करते हुए घटना का वीडिओ बनाना ज्यादा जरूरी समझता है बजाए उसे अस्पताल ले जाने के ? एक वो रावण था जिसने सालों कठिन तपस्या करके ईश्वर से शक्तियां अर्जित की और फिर इन शक्तियों के दुरुपयोग से अपने पाप की लंका का निर्माण किया था। और एक आज का रावण है जो पैसे पद वर्दी अथवा ओहदे रूपी शक्ति को अर्जित करके उसके दुरुपयोग से पूरे समाज को ही पाप की लंका में बदल रहा है। क्या ये रावण नहीं है जो आज भी हमारे ही अन्दर हमारे समाज में जिंदा है? हम बाहर उसका पुतला जलाते हैं लेकिन अपने भीतर उसे पोषित करते हैं। उसे पोषित ही नहीं करते बल्कि आजकल तो हमें राम से ज्यादा रावण आकर्षित करने लगा है हमारे समाज में आज नायक की परिभाषा में राम नहीं रावण फिट बैठ रहा है किस साजिश के तहत आधुनिकता कि आढ़ में  हमारे समाज के  नैतिक एवम सामाजिक मूल्यों की विचारधारा पर प्रहार कर के उन्हें बदलनें की कोशिशें की जा रहीं हैं ? रावण जो कि प्रतीक है बुराई का अहंकार का अधर्म का आज तक जीवित इसलिए है कि हम उसके प्रतीक एक पुतले को जलाते हैं न कि उसे। जबकि अगर हमें रावण का सच में नाश करना है तो हमें उसे ही जलाना होगा उसके प्रतीक को नहीं।


वो रावण जो हमारे ही अन्दर है लालच के रूप में, झूठ बोलने की प्रवृत्ति के रूप में, अहंकार के रूप में, स्वार्थ के रूप में,वासना के रूप में,आलस्य के रूप में, उस शक्ति के रूप में जो आती है पद और पैसे से,ऐसे कितने ही रूप हैं जिनमें छिपकर रावण हमारे ही भीतर रहता है, हमें उन सभी को जलाना होगा। इसका नाश  हम  कर सकते हैं और हमें ही करना भी होगा। जिस प्रकार अंधकार का नाश करने के लिए एक छोटा सा दीपक ही काफी है, उसी प्रकार हमारे समाज में व्याप्त इस रावण का नाश करने के लिए एक सोच ही काफी हैं। अगर हम अपने आने वाली पीढ़ी को संस्कारवान बनाएंगे ,उन्हें नैतिकता का ज्ञान देंगे,स्वयं राम बनकर उनके सामने उदाहरण प्रस्तुत करेंगे तो इतने सारे रामों के बीच क्या रावण टिक पाएगा? क्यों हम साल भर इंतजार करते हैं रावण वध के लिए? वो सतयुग था जब एक ही रावण था लेकिन आज कलयुग है, आज अनेक रावण हैं। उस रावण के दस सिर थे लेकिन हर सिर का एक ही चेहरा था जबकि आज के रावण का सिर भले ही एक है पर चेहरे अनेक हैं, चेहरों पे चेहरे हैं जो नकाबों के पीछे छिपे हैं। इसलिए इनके लिए एक दिन काफी नहीं है, इन्हें रोज मारना हमें अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। उस रावण को प्रभु श्रीराम ने तीर से मारा था, आज हम सबको राम बनकर उसे संस्कारों से,ज्ञान से और अपनी इच्छाशक्ति से मारना होगा।


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--डॉ नीलम महेंद्र--

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 22 सितम्बर

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उच्च षिक्षा विभाग की ओर से विभिन्न विषयों पर हुई भाषण स्र्पधा 
  • जनभागीदारी में बच्चों ने 6 बिन्दुओं पर दिये अपने विचार

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झाबुआ। उच्च षिक्षा विभाग की ओर से 6 बिन्दुओं पर बच्चों को अपने विचार व्यक्त करने की प्रतियोगिता का आयोजन शासकीय महाविद्यालय पर आयोजीत किया गया। जिसमें झाबुआ काॅलेज, पेटलवाद एवं अन्य काॅलेजो से चुने हुये प्रतिभागिायों के द्वारा दियें गये बिन्दुओं पर 4 से 5 मिनट के अंतराल में भाषण देना था। शुक्रवार को दोपहर 1 बजे शासकीय महाविद्यालय पर जनभागीदारी के माध्यम से चुने हुए प्रतिभागियो के द्वारा भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जनभागिदारी के अध्यक्ष यषवंत भण्डारी, रोटरी के पूर्व सचिव प्रकाष सिक्का जी के द्वारा मां सरस्वती वंदना कर सरस्वती मां के चित्र पर माल्यार्पण कर दिप प्रज्वलीत कर किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य एच,एल.अनिजवाल, गोपाल भूरिया, पेटलावद काॅलेज के प्राचार्य राकेष कोटिया, एवं कार्यक्रम की संपूर्ण संचालक डाॅॅ. अनुभा कानडे उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरूआत में ही राष्ट्रगीत वंदे मातरम गीत सभी उपस्थित मुख्य अतिथि, प्राचार्य, सभी प्राध्यापक एवं उपस्थित छात्र छात्राओं के द्वारा गाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथियो का स्वागत जनभागीदारी के छात्र एवं छात्रओं कें द्वारा ही करवाया गया। संपूर्ण कार्यक्रम के संरक्षक प्राध्यापक डाॅ. अनुभा कानाडे द्वारा किया गया कार्यक्रम के शुभारंभ में ही प्राचार्य एच एल अनिजवाल ने उपस्थित छात्र छात्राओं को इस अवसर पर बधाई दी। महाविद्यालय में पधारें जनभागिदारी के अध्यक्ष यषंवत भण्डारी एवं रोटरी के प्रकाष सिक्का का स्वागत किया। उन्होने कहा की राज्य षिक्षा विभाग से 6 बिन्दुओं गरीबि से मुक्त भारत, गंदगी से मुक्त भारत, आंतकवाद से मुक्त भारत, भ्रष्टाचार से मुक्त भारत, जातीवाद से मुक्त भारत, सांमप्रदायिकता से मुक्त भारत पर प्रतियोगियों को अपने विचार रखने है। जिसके विचार सबसे उत्तम होंगे उन्हें हमारें ही काॅलेज के प्राध्यापको के द्वारा जज जयेष भूरिया, सिकवार, गणवा मेडम आदि के द्वारा किया जाएगा। जिसे सबसे ज्यादा नंबर मिलेंगे उसे पुरूस्कृत भी किया जायेगा ओर आगे ओर भेजा जाएगा। विषेष व्याख्याता डाॅ. गीता दुबे ने कहा की उच्च षिक्षा विभाग की ओर से दिये गये 6 बिन्दुओ पर चर्चा करने के लियें दियें भाषण में सच में भारत इस परेषानियों से गुजर रहा है। इस अव्यवस्था को खत्म करने के लियें हर पल हर दिन हमें यह प्रयास करना चाहिये की भारत फिर एक बार वही सोने की चिडिया बन जाये, वही चेन ,वही सुकुन फिर लौट आये। हमारें विद्यालय में इन विषयों को लेकर जो प्रतियोगीता आयोजीत की जा रही है उसके लियें सभी प्रतियोगियों को हार्दिक शुभकांमनाएं दी। भाषण प्रतियोगिता में सर्वप्रथम स्वच्छ भारत बिन्दू पर रष्मि सिंगाडिया ने अपने विचार व्यक्त कियें। जिसमें उन्होने कहा की स्वच्छ भारत का सपना हमारें महात्मा गांधीजी ने देखा था। उनका यह मानना था की हमारा भारत सबसे स्वच्छ बने ओर सुंदर बने। लेकिन उनका यह सपना अधूरा रह गया। जिसको पुरा करने के लिये हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस कार्य को पुरा करने का सकंल्प उठाया है। जिसे हर एक नागरीक को अपना कव्र्तव्य मानकर इसे पुरा करना चाहिये। हमें हमेंषा सर्वप्रथम अपने घर को साफ सुथरा रखकर शुरूआत करना चाहिए फिर उसके बाद गली मौहल्ले और फिर नगर को। यदि हमारा घर ही साफ नही रहेंगा तो भारत ही नही बल्कि नगर भी स्वच्छ नही हो पायेगा। इसी कडी में स्वच्छता केा लेकर ब्रजेष हाडा ने अपने शब्दों में स्वच्छ भारत को लेकर अति सुंदर पंक्तियों के साथ कहा की मैने एक सपना देखा ना हो पाया साकार, गांधी जी ने शुरू किया मोदी ने किया साकार के साथ भारत को सिर्फ एक आदमी स्वच्छ नही बना सकता है। इसके लियें हम सबको साथ मिलकर भारत को स्वच्छ एंव सुंदर बनाना है। इसी के साथ सोनम गांमड ने कहा की सर्वप्रथत हम अपने घर को साफ सुथरा रखें तांकी दूसरो को भी देखकर प्रेरणा मिल सकें। घरों के आसपास गंदगी ना फैलने दे जिससे बिमारियो से बचा जा सकता है। कार्यक्रम में पेटलावद से आये छात्र पंकज मालविय ने बडे ही जोर शोर से अपने अंदाज में कहा की भारत को सब मिलकर स्वच्छ बना रहे है लेकिन उससे पहले क्या हम अकेले अपने घर को स्वच्छ नही बना सकते है। हम मिलकर अपने मौहल्ले में सफाई करे तो धिरे धिरे नगर को भी स्वच्छ रखा जा सकता है। जैसे जैसे नगर स्वच्छ होगा वेैसे वेैसे शहर सुंदर बनेगा। साथ ही हमारा भारत भी एक दिन स्वच्छ नजर आएगा। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. विनोद खत्री द्वारा किया गया एवं आभार व्याख्याता डाॅ. अनुभा कनाडे ने माना।



पिटोल में नवदुर्गोत्सव का धमाकेदार आगाज
  • मांॅ की अगवानी के उत्सवी पलों को मोबाईल केमरों में संजोकर ले गया अंचल, चल समारोह में यहां भी उमडी भीड

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पिटोल - यहां फिर एक बार नवयुवक मण्डल की अगुआई में आयोजित चल समारोंह ने प्रदेश की सीमा से लगे गुजरात के अंचलों को व पिटोल के तकरीबन 10 किमी में फेले 20 गांवों के माता भक्तों को एक कर दीया मां की भक्ति में रंगनें के लिये बडी संख्या में ग्रामीण अंचल से महिला पुरुष यहां पहुंचे व उत्सव में शामिल हो चल समारोह के उत्सवी पलों को अपने केमरों में केद कर ले गऐ। गांव के प्रमुख मार्गों से निकले इस चल समारोह का गांव का जगह जगह स्वागत किया गया। जगह जगह बने मंचों पर यहां आऐ कलाकारों की प्रस्तुतियों को ग्रामीणों ने उत्सुकता के साथ निहारा।

विक्रम व लता के पीछे रही भीड....
आदीवासी युवाओं के पसंदीदा क्षेत्रिय कलाकार विक्रम चैहान व साथ आई लता राणा व सिंगर विरल गिरगर ने  चर्चित गीतों ‘‘दीलों की तु रानी रे’’ ऐ झमरु...चार बंगडी व तने म्हारा पर भरोसो नई क्या पर  नृत्य से सब को बांधे रखा। दोपहर 1 बजे से प्रारम्भ चल समारोह 6 घंटे तक चलता रहा बाद में राधाकृष्ण मंदिर पर जाकर समाप्त हुआ इस दौरान यह चल समारोह स्थानीय बस स्टेण्ड होते हुवे मालटोडी, कुन्दनपुर रोड से होते हुवे सदरबाजार होकर गुजरा रास्ते में ठाकुर परिवार व प्रजापत समाज नें मंच बनाकर पुष्पों से सम्पूर्ण जुलुस का  स्वागत किया व फल बांटे। अन्य समाज के लोगों ने एकत्रित भीड के लिये जलपान का इंतजाम किया।

ये थे आकर्षण .......
- गोधरा से आया श्रंगारित रथ जिसमें मां अम्बे की प्रतिमा विराजीत थी।
- बजरंग दल अखाडा कुक्षी के हेरतअंगेज कारनामें शरीर के विभिन्न भागों को धारदार हथियारों से छेदने व उनसे मारुति कार को खिंचनें की कला नें दर्शकों का मन लुभाया।
- अलीराजपुर जिले के टीमरी नृत्य, अश्वरोही पताका लहराते कान्हा व दक्ष, गुजरात के नासिक ढोल, इंदौर का डीजे, व स्थानीय महा सरस्वती शिक्षा समिति गुरुकुल द्वारा बेटी पढाओ बेटी बचाओ की नाट्य प्रस्तुति ने सब को अपनी ओर आकर्षित किया। बाबुल बैंड के भजनों व ढोल ढमाकों की थाप पर थिरकते युवाओं ने जमकर माॅ दुर्गा के इस नवदुर्गोत्सव का जमकर आगाज किया।
- मेघनगर के राम व श्याम ने की कडाबीन से फुलो की वर्षा ।
- पुलिस चैकी प्रभारी नवीन पाठक के मार्गदर्शन में पुलिस बल ने ट्राफिक कंट्रोल से लेकर अन्य सुरक्षा प्रबंधों पर चोकसी की।
- माॅ के पांडाल सज चुके थे अब श्री राधाकृष्ण मंदिर , शिवाजी चैक, आजाद चैक व गांव के अन्य गली माहल्लों में रहेगी गरबे रहेगी धुम ....।

पेंषनर एसोसिएषन ने दी श्रद्धांजलि

झाबुआ । जिला पेंशनर एसोसिएशन द्वारा शुक्रवार को सेवा निवृत व्याख्याता सुरेशचन्द्र दुबे एवं  नगर के छायाचित्रकार घनश्याम भाटी के पुत्र जयेश भाटी के असामसिक निधन पर स्थानीय एकलव्य भवन जिला पेंशनर कार्यालय में दो मिनट का मौन रख कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर मृतात्मा की आत्मीय शांति की प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिवारों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की गई । इस अवसर पर जिला पेंशनर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रतनसिंह राठौर, महेशचन्द्र गुप्ता, वरिष्ठ नागरिक फोरम के जिला अध्यक्ष विद्याराम शर्मा,राजेन्द्र सोनी, बालमुकुन्दसिंह चैहान, केएन गुप्ता, अरविन्द व्यास, पीडी रायपुरिया, जनार्दप शुक्ला, श्रीनाथसिंह चैहान, श्याम सुंदर कसेरा, समीउद्दीन सेयद बीएल साकाी, मांगीलाल राठौर, कोमलसिंह, मणीलाल पडियार,सहित पेंशनर संघ के सदस्य उपस्थित थे ।

गरबों के दौरान निगरानी के लिये बजरंगदल ने गठित किये दल

झाबुआ । नवरात्रि के पावन पर्व पर अंचल में विभिन्न गरबा पांडालों में फिल्मी गानों पर गरबा एवं माता बहनों से अश्लील अभद्र व्यवहार की घटनाओं पर प्रभावी रोक के लिये विश्व हिंदू परिषद की बजरंगदल इकाई द्वारा निगरानी टीम गठित की गई है, जोे गरबा पांडालों पर नजर रखेगी तथा ऐसे मामलों पर रोग लगाने तथा आवश्यक कार्यवाही हेतु सक्रिय रहेगी । यह जानकारी बजरंग दल जिला संयोजक राहुल डामोर द्वारा दी गई ।

विभिन्न समाजो द्वारा नगरपालिका के कृत्य की भत्र्सना

झाबुआ । शारदेय नवरात्रि के प्रथम दिवस घटस्थापना के अवसर पर 21 सितंबर को परंपरानुसार नगर में राजगढ़ नाका मित्र मण्डल द्वारा विषाल चल समारोह निकाला गया। अंचल के एक लाख से अधिक लोगो ने चल समारोह में देष के अनेक हिस्सो से पधारे कलाकारो के प्रदर्षन का आनंद उठाया। यह चल समारोह राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुका है। नगर के विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा अतिथि कलाकारो का सत्कार सम्मान किया गया। गत वर्ष तक नगरपालिका परिषद द्वारा भी चल समारोह का हिस्सा बनने वाले समस्त कलाकार दलो का सम्मान किया जाता रहा है। नगरपालिका द्वारा किए जाने वाले इस सम्मान से अतिथि कलाकार अपने आप केा गौरवान्वित अनुभव करते थे। विगत वर्षो में आए अतिथि कलाकार इस सम्मान से अभिभूत हुए। इस वर्ष अचानक ही परिषद द्वारा अतिथि कलाकारेा का सम्मान नही किया जाने का निर्णय लिया गया, इस निर्णय की नगर में चहुॅओर आलोचना हो रही है। नगर के विभिन्न सामाजिक संगठनो ने भी सामूहिक रुप से नगरपालिका के इस निर्णय की भत्र्सना की है। राजपूत समाज, सोनी समाज, युवा ब्राम्हण समाज, जैन सोषल ग्रुप, माली समाज, झाबुआ का राजा, चिंतामण गणेष मण्डल, नीमा समाज सहित कई अन्य समूहो ने इस घटना पर रोष व्यक्त किया है।

इंटरनेशनल स्टूडेंट एजुकेशन फेयर का आयोजन संम्पन्न।

इंदौर । स्टेडी मेट्ो के द्वारा आज 22 सितंबर 17 को इंदौर के प्रसिद्व होटल रेडिशन ब्लू के सभागार में इंटरनेशनल स्टेडेंट एजुकेशन फेयर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ पत्रकार एवं भारतीय पत्रकार संघ के प्रदेशाध्यक्ष दिलीप सिंह वर्मा ने मां सरस्वती देवी के चित्र पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर स्टेडी मेट्ों के चेयरमेन अभिनव बजाज,श्री ओम प्रकाश बजाज सहित 23 देशों के विदेशी न्यूनिवर्सिटी के डेलिगेट्स सहित एक हजार छात्र छात्राऐं उपस्थित थे। स्टूडेड फेयर के अंतर्गत अमेरीका,आस्ट्ेलिया,लंदन,अरब,थाईलैड, सिंगापुर सहित कई देशों की यूनिर्वसिटी के डेलिगेटस उपस्थित थे जिन्होनें इंदौर के सैकडों बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये विदेशों में जाने के लिये काउंसलिंग की। इस दौरान द इंडिया नामा पत्रिका के संपादक संजय रोकडे भी उपस्थित थे। स्टेडी मेट्ो के चेयरमेन अभिनव बजाज ने बताया की भारत के विभिन्न राज्यों में उनकी संस्था के द्वारा प्रतिवर्ष इस प्रकार के मेलों का आयोजन किया जाता है और विदेशों की यूनिर्वसिटीज के प्रतिनिधिगण आते है और भारत से बच्चों को उच्च शिक्षा के लिये भेजा जाता है साथ ही साथ उन्हे स्कालरशिप और प्लेसमेंट भी दिलाया जाता है। जिससे भारत के बच्चे अपना भविष्य बना सकें। बडी संख्या में स्टेडी मेट्ो को इसमें सफलता मिल रही है। और बडी संख्या में बच्चों को उच्च शिक्षा का लाभ मिल पा रहा है। मेले में कई विधार्थियों ने अपने अनुभव बताये और विदेशी डेलिगेटस ने उनके द्वारा दिलाई जा रही सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत संस्था की और से अभिनव बजाज,ओमप्रकाश बजाज ने किया।

चिकित्सालययो की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखे, शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करे
  • जिला पंचायत की साधारण सभा की बैठक संपन्न

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झाबुआ । जिला पंचायत के सभाकक्ष में आज जिला पंचायत की साधारण सभा की बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया ने की। बैठक में उपाध्यक्ष जिला पंचायत श्री चन्द्रवीर सिंह लाला, सीईओं जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे, आतिरिक्त सीईओ श्री वास्कले सहित संबंधित विभागों के जिला अधिकारी एवं समिति के सदस्य उपस्थित थे। बैठक में स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग, शिक्षा विभाग जिला पंचायत के अधो सरपंचना कार्यो योजनाओं एवं निर्माण कार्यो की समीक्षा की गयी एवं आवश्यक निर्णय लिये गये। बैठक में अधोसंरचना कार्यो की राशि एवं जिला पंचायत के कर्मचारियारें को सातवे वेतन का प्रदाय किये जाने पर चर्चा की गई। बैठक में अध्यक्ष सुश्री भूरिया ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रो की साफ-सफाई नियमित की जाये, इसके लिए स्थानीय सफाई कर्मियों की व्यवस्था करे। गांव-गांव स्वास्थ्य सेवाएॅ सुनिश्चित हो सके, इसके लिए सभी स्वास्थ्य केन्द्रो पर एएनएम एवं स्वास्थ्य सेवक की व्यवस्था सुनिश्चित करे। बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने वाले टीके शत-प्रतिशत लगवाना सुनिश्चित करे। सघन मिशन इन्द्रधनुष अभियान के दौरान 2 वर्ष तक के सभी बच्चों का एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण सुनिश्चित करे। बैठक में जिला पंचायत की स्थाई समितियों, पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार अंतर्गत प्राप्त राशि से किये जाने वाले कार्य पर चर्चा की गई एवं निर्णय लिये गये। बैठक में जिला पंचायत के आय व्यय का अनुमोदन भी किया गया।

मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना, एवं मुख्यमंत्री कौशल्या योजना में प्रशिक्षण प्रारंभ होगा

झाबुआ । सरकार द्वारा युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित करने को म.प्र. राज्य कौशल विकास मिशन अंतर्गत मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना एवं मुख्यमंत्री कौशल्या योजना केवल महिलाओं और बालिकाओं के लिए चलाई गई। जिसमें वर्ष 2017-18 में मध्यप्रदेश शासन द्वारा शा.आई.टी.आई झाबुआ में मुख्यमंत्री कौशल्या योजना माह अक्टूबर 2017 से प्रारंभ की जा रही है। जिसके अंतर्गत सी.सी.टी.व्ही कैेमरा इंस्टालेशन, सिक्योरिटी गार्ड, स्वीईग टेक्नोलाॅजी तथा आई.टी. एवं आईटीईएस आदि का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा एवं एन.सी.व्ही.टी स्तर का प्रमाण पत्र सफलता पूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण कर परीक्षा उपरांत सफल प्रशिक्षणार्थियों को प्रदान किया जाएगा तथा यह प्रमाण-पत्र संपूर्ण भारत में मान्य होगा। जिन इच्छुक छात्र-छात्राओ ने पूर्व में पंजीयन करा लिया है वे आई.टी.आई झाबुआ में आकर आगे की प्रक्रिया हेतु उपस्थित होकर जानकारी प्राप्त करें एवं प्रशिक्षण प्राप्त करे तथा जिन विद्यार्थियो ने पंजीयन नहीं कराया है वे कार्यालयीन समय पर उपस्थित होकर अपना आधार कार्ड पंजीयन कराए। अधिक जानकारी के लिए श्री बिम्बिसार कोडाप कैम्पेन मैनेजर से मो0न0 9039840435, 9406953402 पर एवं श्री बादर मेडा हेल्प डेस्क मैनेजर से मो0न0 998106103, 7909605353 पर संपर्क करे।

राणापुर की आंगनवाडी कार्यकत्र्ता एवं सहायिका का 15 दिवस का मानदेय कटा
  • पेटलावद की दो आंगनवाडी कार्यकत्र्ता को नोटिस जारी

झाबुआ । आंगनवाडी केन्द्र द्वारा दी जाने वाली सेवाओं में लापरवाही बरतने के कारण जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री जमरा द्वारा चार शासकीय सेवको पर कार्यवाही की गई है। श्रीमती बंसती चैहान आंगनवाडी कार्यकत्र्ता नयानगर कयडावद एवं श्रीमती गायत्री सिनम आंगनवाडी कार्यकत्र्ता करवड एकीकृत बाल विकास परियोजना पेटलावद को आंगनवाडी केन्द्र के निरीक्षण के दौरान आंगनवाडी केन्द्र नयानगर कयडावद पर बच्चो की उपस्थिति शून्य पाये जाने, समूह द्वारा भोजन नियमित रूप से नहीं दिये जाने, एवं आंगनवाडी केन्द्र करवड पर अभिलेख अपूर्ण पाये जाने, बच्चों का वजन नहीं लिये जाने के कारण जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा जिला झाबुआ द्वारा मानसेवी सेवाएॅ समाप्त किये जाने संबंधी नोटिस जारी कर सात दिवस के भीतर संबंधित पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी के अभिमत सहित उत्तर प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया है। साथ ही राणापुर परियोजना अंतर्गत कंजावानी आंगनवाडी केन्द्र की आंगनवाडी कार्यकत्र्ता श्रीमती देवकन्या एवं सहायिका कल्पना पति दिनेश का 15-15 दिवस का मानदेय काटा गया।

कबबुलबुल कार्यक्रम एवं रैली के लिए बैठक संपन्न

झाबुआ । आज कलेक्टर कार्यालय के सभा कक्ष में संभाग स्तरीय कब बुलबुल कार्यक्रम एवं रैली में स्काउट एवं गाईड के विद्यार्थियों को सम्मिलित करने के लिए कार्य योजना बनाने के लिए बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता अपर कलेक्टर श्री एसपीएस चैहान ने की। बैठक में उपायुकत आदिवासी विकास विभाग श्री बी.जी.मेहता, सहायक आयुक्त झाबुआ श्री गणेश भाभर सहित संबंधित शासकीय सेवक उपस्थित थे।

विशेष आलेख : शक्ति की उपासना और कन्याओं पर बढ़ते जुल्म

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शताब्दियों से हम साल में दो बार नवरात्र महोत्सव मनाते हुए कन्याओं को पूजते हैं। पूरे नौ दिन शक्ति की उपासना होती है। दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा-अर्चना करके लोग उनसे अपने घर पधारने का अनुरोध करते हैं। लेकिन विडम्बना देखिये कि सदियों की पूजा के बाद भी हमने कन्याओं को उनका उचित स्थान और सम्मान नहीं दे पाये हैं। हाल ही कि दो घटनाओं पर नजर डाले, जिनमें एक है तमिलनाडु में एक मजदूर की बेटी अनीता जिसने मेडिकल कॉलेज में दाखिला न मिलने के कारण आत्महत्या कर ली। दूसरी घटना है हिमाचल की शांत, शालीन एवं संस्कृतिपरक वादियां में गुड़िया के साथ हुआ वीभत्स एवं दरिन्दगीपूर्ण कृत्य। किस तरह देश में कन्याओं एवं महिलाओं के साथ गलत हथकंडों में दुरुपयोग किया जाता है, शोषण किया जाता है, इज्जत लूटी जाती है और हत्या कर देना- मानो आम बात है। इन  त्रासद, अमानवीय एवं विडम्बनापूर्ण नारी अत्याचार की बढ़ती घटनाओं के होते हुए मां दुर्गा को पूजने का क्या अर्थ है? सुनने में अजीब लगता है कि देश में अधिकांश लोग पढ़े-लिखे और संपन्न होने के बावजूद घर में कन्या के जन्म लेने पर शोक मनाते हैं। जन्म से पहले ही पता चल जाए कि बच्ची पैदा होगी तो ये उसकी जान लेने से भी नहीं कतराते। ऐसी मानसिकता के लोग किस तरह मां दुर्गा की पूजा के पात्र हो सकते हैं?

पिछली सदी में समाज के एक बड़े वर्ग में यह एक विभीषिका ही थी कि परिवार की धुरी होते हुए भी नारी को वह स्थान प्राप्त नहीं था जिसकी वह अधिकारिणी थी। उसका मुख्य कारण था सदियों से चली आ रही कुरीतियाँ, अंधविश्वास व बालिका शिक्षा के प्रति संकीर्णता। कितनी विडम्बना है कि जिस देश में हम ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा बुलन्द करते हुए एक जोरदार मुहिम चला रहे हैं उस देश में हम एक प्रतिभा सम्पन्न बेटी की जिन्दगी को इसलिये नहीं बचा सके क्योंकि सरकार की नीति उसकी पढ़ाई में बाधक बन गयी। युवा सपनों का टूटना-बिखरना तो आम बात है लेकिन एक दलित बालिका के पढाई का सपना उसकी मौत का कारण बनना सरकार ही नहीं सम्पूर्ण राष्ट्रीयता पर एक बदनुमा दाग है। यह दाग ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प पर भी लगा है और यह दाग हमारे द्वारा मां दुर्गा को पूजने की परम्परा पर भी लगा है। 

नारी अस्मिता एवं अस्तित्व को नौंचने वाली घटनाएं हमें बार-बार शर्मसार करती है। देवभूमि भी धुंधली हुई है क्योंकि उस पवित्र माटी की गुड़िया जैसी महक को जब दरिन्दों ने शिमला के निकट कोटखाई में न केवल हवस का शिकार बनाया बल्कि इस मासूम बालिका को गहरी मौत की नींद सुला दिया। यह वीभत्स घटना भी महाभारतकालीन उस घटना नया संस्करण है जिसमें राजसभा में द्रौपदी को बाल पकड़कर खींचते हुए अंधे सम्राट धृतराष्ट्र के समक्ष उसकी विद्वत मंडली के सामने निर्वस्त्र करने का प्रयास हुआ था। इस वीभत्स घटना में मनुष्यता का ऐसा भद्दा एवं घिनौना स्वरूप सामने आया है जिसने न केवल हिमाचल बल्कि पूरे राष्ट्र को एक बार फिर झकझोर दिया है। एक बार फिर अनेक सवाल खड़े हुए हंै कि आखिर कितनी बालिकाएं, कब तक ऐसे जुल्मों का शिकार होती रहेंगी। कब तक अपनी मजबूरी का फायदा उठाने देती रहेंगी। दिन-प्रतिदिन देश के चेहरे पर लगती यह कालिख को कौन पोछेगा? कौन रोकेगा ऐसे लोगों को जो इस तरह के जघन्य अपराध करते हैं, नारी को अपमानित करते हैं। इन सवालों के उत्तर हमने निर्भया के समय भी तलाशने की कोशिश की थी। लेकिन इस तलाश के बावजूद इन घटनाओं का बार-बार होना दुःखद है और एक गंभीर चुनौती भी है। यह समाज की विकृत मानसिकता को भी दर्शाता है। राम-रहीम जैसे धर्मगुरु किस तरह नारी अस्मिता को धर्म की आड में नौंचते रहे और हम मूकदर्शक बन देखते रहे। सोचनीय प्रश्न है कि मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करतेे हुए भी हर घर में क्या कन्याओं एवं महिलाओं को जीने का सम्मानपूर्वक स्थान प्राप्त है? जिस तरह कन्या भू्रण हत्या की घटनाएं बढ़ी है, उससे तो ऐसा प्रतीत नहीं होती।

जहां पांव में पायल, हाथ में कंगन, हो माथे पे बिंदिया... इट हैपन्स ओनली इन इंडिया- जब भी कानों में इस गीत के बोल पड़ते है, गर्व से सीना चैड़ा होता है। जब नवरात्र के दिनों में कन्याओं को पूजित होने के स्वर सुनते हैं तब भी शकुन मिलता है लेकिन जब उन्हीं कानों में यह पड़ता है कि इन पायल, कंगन और बिंदिया पहनने वाली कन्याओं के साथ इंडिया क्या करता है, तब सिर शर्म से झुकता है। गुड़िया के साथ हुई ताजा त्रासद एवं अमानवीय घटना हो या निर्भया कांड, नितीश कटारा हत्याकांड, प्रियदर्शनी मट्टू बलात्कार व हत्याकांड, जेसिका लाल हत्याकांड, रुचिका मेहरोत्रा आत्महत्या कांड, आरुषि मर्डर मिस्ट्री की घटनाओं में पिछले कुछ सालों में इंडिया ने कुछ और ऐसे मौके दिए जब अहसास हुआ कि भू्रण में किसी तरह नारी अस्तित्व बच भी जाए तो दुनिया के पास उसके साथ और भी बहुत कुछ है बुरा करने के लिए। बहशी एवं दरिन्दे लोग ही नारी को नहीं नोचते, समाज के तथाकथित ठेकेदार कहे जाने वाले लोग और पंचायतंे, तथाकथित राम-रहीम जैसे धर्मगुरु भी नारी की स्वतंत्रता एवं अस्मिता को कुचलने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हंै, स्वतंत्र भारत में यह कैसा समाज बन रहा है, जिसमें महिलाओं की आजादी छीनने की कोशिशें और उससे जुड़ी हिंसक एवं त्रासदीपूर्ण घटनाओं ने बार-बार हम सबको शर्मसार किया है। नारी के साथ नाइंसाफी चाहे कोटखाई में हो या गुवाहाटी में हुई हो या बागपत में या तमिलनाडू में- नवरात्र का अवसर इन स्थितियों पर आत्म-मंथन करने का है, उस अहं के शोधन करने का है जिसमें श्रेष्ठताओं को गुमनामी में धकेलकर अपना अस्तित्व स्थापित करना चाहता है। 

देश में हुई जनगणना के आंकडे़ चैंकाते ही नहीं बल्कि दुखी भी करते हैं। जिस तरह से लड़के-लड़कियों का अनुपात असंतुलित हो रहा है, उससे ऐसी चिन्ता भी जतायी जाने लगी है कि यही स्थिति बनी रही तो लड़कियां कहां से लाएंगे? केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों ने स्थिति की गंभीरता को देखते कड़े कदम उठाये, लेकिन समस्या कम होने की बजाय आज भी खड़ी है। देश में 6 साल तक के बच्चों में लड़के-लड़कियों का अनुपात सबसे बुरी हालत में है। पहले 1000 लड़कों पर 927 लड़कियां थीं, जो अब केवल 914 रह गई हैं। पिछली जनगणना के नतीजों के बाद कई योजनाएं बनीं, पर यह गिरावट कम होने के बजाय और बढ़ी है। शिक्षा के क्षेत्र में कुछ पॉजिटिव बदलाव आए हैं। पुरुषों में साक्षरता पिछले दस सालों में 31 फीसदी बढ़ी है तो महिलाओं में 49 फीसदी। लेकिन लड़कियों के लिए समाज के साक्षार होने का कोई सकारात्मक अर्थ नहीं है क्यांेकि अधिकतर साक्षर राज्यों और जिलों में बच्चियों का जीवन ज्यादा खतरे में है। आदिवासी इलाकों और पिछड़ा कहे जाने वाले क्षेत्रों में बालिका अनुपात अच्छा ही नहीं, काबिले तारिफ है।

जिस देश में हर साल पांच लाख से अधिक कन्या भ्रूण मार दिए जाते हों वहां लड़कियों की सामाजिक हैसियत सुधरने की उम्मीद कैसे की जा सकती है? सरकार की तमाम कोशिशों एवं सख्त कानूनों के बावजूद भू्रण परीक्षण का प्रचलन बढ़ रहा है। क्या कारण है भ्रूण परीक्षण के बढ़ते प्रचलन का? क्या ऐसा इसलिए किया गया कि भू्रण को कोई असामान्य परेशानी थी, मां का शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं था या गर्भ निरोधक नाकाम रहा था। नहीं। एक्सपर्ट कहते हैं 80 फीसदी मेडिकल अबॉर्शन कन्याभ्रूण के ही होते हैं। किस मेडिकल ग्राउंड पर इसकी इजाजत दी जाती है, कोई नहीं जानता। इस मामले में डॉक्टर एवं भ्रूण परीक्षण कराने वाला परिवार दोनों ही दोषी होते हैं। जिन परिवारों में देवी की पूजा अर्चना की जाती है, उन परिवारों में जन्म से पहले ही कन्याओं को मार देने की स्थितियां हमारी धार्मिक आस्था पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े करती है। गुजरात, महाराष्ट्र और बंगाल में लोग छोटा परिवार चाहते हैं और बेटी को बुरी नहीं मानते। लेकिन कम से कम एक बेटा होना उन्हें भी जरूरी लगता है। पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश में ऐसे लोगों की कमी नहीं जो किसी की पहली संतान बेटी होने पर अगली बार बेटा होने का आशीर्वाद देते हैं और अगली बार भी बेटी हुई तो दिलासा देने आते हैं। अस्पताल में बेटी होने पर बधाई नहीं मांगी जाती, लेकिन बेटा होने की खबर आते ही पूरे परिवार एवं समाज में जश्न की तैयारियां होने लगती हैं। अगर कोई बेटी के जन्म पर खुश होना चाहे तो समाज उसे ऐसा नहीं करने देता। क्या जन्म के बाद बेटे और बेटी के बीच भेदभाव कम करने की किसी कोशिश को सराहा जाता है? ऐसा होने लगे तभी देवी-पूजा की सार्थकता है और तभी हमारा नवरात्र महोत्सव मनाना उपयोगी है।



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( ललित गर्ग)
-60, मौसम विहार, तीसरा माला, 
डीएवी स्कूल के पास, दिल्ली-51
फोनः 22727486, 9811051133

केरल में जन्म भूमि और बिहार में कर्म भूमि बनाने वाली हैं सुधा वर्गीज

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  • साइकिल चलाने वाली 'दीदी'से हैं विख्यात, केरल के सीएम के हाथों मिलेगा अवार्ड

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पटना। बिहार में श्रेष्ठतम कार्य कर रही हैं सिस्टर सुधा वर्गीज। सिस्टर को साइकिल चलाने वाली 'दीदी'भी कहा जाता हैं। इनके सामाजिक कार्यों को देखते हुए सरकार ने 2006 में इन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया। इसके अलावा ये मौलाना अबुल कलाम सम्मान 2013, बिहार अस्मिता अवार्ड 2012 और बिहार आईकन 2016 के पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। केरल के सीएम पिनाराई विजयन के हाथों पद्मश्री सुधा वर्गीज को फर्स्ट मार जोसेफ कुन्डुकुलम बर्थ सेंटेनरी अवार्ड केरल में शनिवार 23 सितंबर 2017 को दिया जाएगा। केरल से आयीं हैं पद्मश्री सुधा वर्गीज। कोट्टयम जिले में रहती हैं सिस्टर सुधा। बिहार में आकर समाज सेवा को बनाया धर्म और कर्म।पद्मश्री सुधा वर्गीज। जन्म भूमि केरल। कर्म भूमि बिहार। अब ये बिहार की चर्चित समाज सेविका हैं। इन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है गरीबों के नाम । सुधा वर्गीज के पिता किसान थे और मां हाउसवाइफ थीं। तीन बहनों में सबसे बड़ी सुधा बचपन से ही प्रतिभाशाली थीं। स्कूली पढ़ाई केरल में हुई। मैसूर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और बेंगलुरु यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की। 1965 में वे बिहार आ गयीं। वे सिस्टर ऑफ नोट्रेडम संस्था के जरिए बिहार में आयीं। वे नोटेडम एकेडमी कॉन्वेंट स्कूल शिक्षिका थीं। वे गरीबों के उत्थान के लिए कुछ करना चाहती थीं। शिक्षक के रुप में उनका बिहार के कई जिलों में तबादला हुआ। इससे उन्हें लोगों को करीब से जानने का मौका मिला। जब वे रोहतास में पढ़ा रहीं थीं तब उन्होंने हफ्ते के दो दिन गांव के लोगों के साथ बिताना शुरू किया। पांच दिन स्कूल में पढ़ाती और दो दिन गांव के लोगों का दुख दर्द बांटती।


कुष्ट रोगियों से हुई समाज सेवा की शुरूआत। सिस्टर सुधा ने महसूस किया गांव की अनुसूचित जातियों में बहुत गरीबी है। उनका जीवन स्तर बहुत खराब है। फिर उन्होंने समाजसेवा का संकल्प लिया। इसके बाद जरुरतमंद लोगों की मदद करने लगीं। एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें कुष्ट रोगियों से मिलने का मौका मिला। वे उनकी भी सेवा करने लगीं। लेकिन समाजसेवा का काम बहुत आसान नहीं था। असमाजिक तत्व परेशान करने लगे । वे सुधा वर्गीज को गांव आने से रोकने लगे। कुछ समय के बाद वे मुंगेर आ गयीं। वहां मुसहर समुदाय के बीच उन्हें काम करने का मौका मिला। महिलाओं को किया शोषण के विरूद्ध जागरूक। इन लोगों से जुड़ने के लिए उन्होंने हिन्दी सीखी। मुसहर समुदाय समाज का सबसे वंचित तबका था। अशिक्षा, गरीबी और शोषण का शिकार था। ऐसे महादलित लोगों के हक के लिए आवाज उठाने का फैसला किया। उन्होंने मुसहर समुदाय में जागरुकता पैदा करने के लिए मुहिम शुरू की।जमसौत मुसहरी में रहती भी थीं। वे उनके साथ बैठक करतीं, नियम और कानून की जानकारी देंतीं। उनके शोषण के खिलाफ जब शिकायत होती तब कई बार पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। ऐसे में थाना का घेराव भी करना पड़ता। दबंग इस काम में रोड़ा अटकाने लगे। वे धमकी भी देते। लेकिन सुधा वर्गीज पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। वे अपने काम मुस्तैदी से लगीं रहीं।

रोजगार से मिला महिलाओं को सहारा।
मुसहर समुदाय को जागरुक करने के लिए उन्हें रोजगार से जोड़ा। इसके लिए उन्होंने सरकार से मदद ली। जीविका ने महिलाओं को मुर्गी पालन के लिए पूंजी दी। सामूहिक खेती का प्रयोग किया गया। सत्तू तैयार करने का रोजगार शुरू किया गया। पूरे देश में गूंजा नारी गूंजन बैड। सुधा वर्गीज ने 'नारी गूंजन'के नाम से दलित महिलाओं का एक बैंड बनाया। यह बैंड अभी बिहार ही नहीं दूसरे राज्यों में भी अपनी छाप छोड़ चुका है। लेकिन इस बैंड को बनाने में भी कई तरह की समस्यां आईं। पहले अधिकतर महिलाओं ने इस काम को नकार दिया। जब महिलाएं घर से बाहर नहीं निकल सकती तो वे बैण्ड बाजा कैसे बजा सकती थीं। लेकिन सुधा वर्गीज धीरे धीरे महिलाओं का विश्वास जीता और उन्हें बैंड पार्टी में शामिल होने पर राजी कर लिया। प्रोफेशनल ट्रेनर से बैंड की ट्रेनिंग दी। शुरू शुरू में लोग इन महिलाओं पर टिका टिप्पणी करते। इसकी अनदेखी कर सब लोग अपना काम करते रहे। महिला बैंड ने पहली बार बिहारशरीफ में अपने हुनर का प्रदर्शन किया। इसके बाद इनहें हर जगह से बुलाया जाने लगा। बिहार दिवस , 26 जनवरी आदि मौके पर इस बैंड का प्रदर्शन होने लगा। अब नारी गूंजन बैंड बिहार को रिप्रजेंट करता है। सुधा वर्गीज अभी 'वायलेंस अगेंस्ट वीमेन'के लिए काम कर रहीं हैं। इसके अलावा बच्चों के लिए बिहटा, नौबतपुर में शिक्षा कार्यक्रम चलाती है। ऐसे कुल 42 सेंटर हैं। दानापुर,नौबतपुर, पटना सदर प्रखंड में संचालित है। प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए पांच कोचिंग सेँटर भी हैं। लड़कियों के लिए होम फोर गर्ल्स और अडॉपशन सेंटर भी चलाया जा रहा है। अब समाज सेवा ही इनका धर्म और कर्म बन चुका है।
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