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भूख से मरने वाले 118 देशों में 97 वें स्थान पर भारत

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मुसहरी। संसार में भूख से मरने वाले 118 देशों में 97 वें स्थान पर भारत पहुंच गया है। जबकि भारत 2008 में 66 वें और 2014 में 55 वें स्थान पर था। खैर, मुजफ्फरपुर जिले में बाढ़ और उसके तबाही से लोग परेशान हैं। बाढ़ के तुरंत बाद लोगों को रोजगार चाहिये। महात्मा गांधी नरेगा से लोगों से लोगों को काम देने की व्यवस्था नहीं की गयी है। लोगों को सलाह देने वाले नहीं हैं जो काम के लिये आवेदन दिलवा दें।निश्चित समय में काम नहीं मिलने पर बेरोजगारी भत्ता मांग कर सकते हैं। निजी काम भी नहीं मिल रहा है। एकता परिषद की राष्ट्रीय समिति की सदस्या मंजू डुंगडुंग ने कहा कि मुसहरी प्रखंड के नवादा गांव में गये। यहां 30 द्यरों में 160 लोग रहते हैं। यहां पर सरकार की ओर से व्यवस्था नहीं करने के कारण  भूखमरी का आलम है। हेल्दी लाइफ के लिये कम से कम भात,दाल और सब्जी चाहिये। जो महिलाओं और बच्चों को नहीं मिल रहा है। बच्चे छूछे भात खाने को बाध्य हैं। परोपकारी जन संगठन एकता परिषद बिहार के द्वारा फिलवक्त 3 किलोग्राम चिऊरा और 250 ग्राम मीठा की व्यवस्था की गयी है। इसके साथ सभी द्यरों में थाली,कटौरा और गिलास दिया गया। मौके पर एकता परिषद के उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी, एकता परिषद की राष्ट्रीय सदस्या मंजू डुंगडुंग,प्रांतीय सदस्य लखेंद्र जी,जिला समन्वयक शिवनाथ पासवान और मुसहरी प्रखंड कार्यकर्ता वासुदेव दास मौजूद थे।


विशेष आलेख : बंगाल वामपंथ से कट्टरपंथ की आगोश में.

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एक पंथनिरपेक्ष समाज के इस्लामीकरण से आज देश की अखंडता खतरे में है.जब कोई व्यक्ति बिना किसी विचारधारा के समाज को देखता है या समझता है तो समाज की विचारधारा उन्हें जल्द ही अपनी चपेट में ले लेती है.यही आज पच्शिम बंगाल में हो रहा है.बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी ज़मात तृणमूल कांग्रेस लोकतंत्र के आड़ में जिस रास्ते पर चल रही है वह कुख्यात सुहरावर्दी को भी पीछे छोड़ दिया है. पश्चिम बंगाल लगभग तीन दशक से अधिक समय तक भारतीय स्टालिनवादीओ की कैद में रहा और राज्य की हालत बद से बदतर होती गयी.वोटो के खातिर थोक में ये वामपंथी बांग्लादेशी घुसपैठियो को वैध नागरिक बनाया. ये नृशंश वामपंथी राज्य के जनता को बंगाल की संस्कृति से दूर कर इस्लामी जेहादीओ के करीब लाता गया.आज बंगाल अघोषित इस्लामी तानाशाह के आगोश में कैद है. वामपंथियो की त्रस्त व्यवस्था से जब बंगाल के नागरिक निकलना चाहा तो २०११ में तृणमूल रूपी राजनीती में विश्वास किया किन्तु बंगालियो के दुर्दिन छूटे नही. उनकी स्थिति खजूर से टपका बबुल में अटका बन गयी.ममता बनर्जी आज कुख्यात एच एच सुहरावर्दी के खुनी कदम पर चल रही है. फलत; यदि आज बंगाल को भ्रष्ट सांप्रदायिक राज्य के रूप में लिया जाय तो गलत नही होगा. 


ममता बनर्जी ने मुस्लिमो के खातिर देश की सेना को भी नही बख्शा इस्लामीकारन के अंधी दौड़ में तृणमूल की सरकार जिस रास्ते पर चल रही वह देश की एकता अखंडता और संप्रभुता के साथ साथ राज्य की सामजिक ताना वाना को लहू लुहान किये है..मौलाना नूर रहमान बरकती जैसा घोर भारत विरोधी जिसने बांग्ला देशी लेखिका तसलीमा नसरीन की हत्या करने का फतवा ज़ारी किया वैसे  क्रूर जेहादी मुस्लिम के साथ ममता बनर्जी मंच पर बैठकर उसका प्रोत्साहन करती.इसके कारण आज गावो में मुस्लिम गुंडे हिन्दुओ को जीना दूभर कर रखा है क्योंकि ये गुंडे तृणमूल के घटक होते है.  जिस बंगाल के सपूतों ने देश को राष्ट्र गान और राष्ट्र गीत दिया आज उसे गाने का विरोध करने बाले ममता बनर्जी की प्रिय साथी है.आखिर यह किस लोकतंत्र की मर्यादा को रख रही है.आज बंगाल इस्लामी कट्टरता का मुख्य केंद्र बना है तो इसमें वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का शत प्रतिशत हाथ है,इनके प्रत्यक्ष और परोक्ष शह पर बंगाल विदेशी जिहादी मुस्लिमो का भी सबसे सुरक्षित स्थान है.राष्ट्रवाद की अलख जगानेवाला बंगाल आज इस्लामी जेहाडियो के हाथो लहुलुहान हो रही जिसका भयावह प्रगटीकर्ण बंगाल में अनेक अवसरों पर देखने को मिलता है.

वर्तमान ममता सरकार एक महिला होकर भी महिला के दर्द को नही समझी और बलात्कार जैसे घृणित अपराध को भी यह हिन्दू और मुस्लिम के चश्मे से देखती है .काम्धुनी बलात्कार मामले में इस सरकार की क्या मंशा है इसी से समझा जा सकता है की २० वर्षीय  छात्रा का अपहरण और बलात्कार के मामले में ८ गिरफ्तार अपराधियो में से ६ को इसलिए छोड दिया गया क्योंकि अपराधी मुस्लिम समुदाय से था और इस घटना का प्रमुख अपराधी ममता बनर्जी के ज़मात तृणमूल से जुडा था. जिस बंगाल में फ़ुटबाल खेल पुरुष हो या महिला सबके सर पर चढ़ कर बोलती है .उसी बंगाल में यह सरकार महिला फ़ुटबाल खिलाडियो का मैच नही खेलने दिया गया क्योंकि कट्टरपंथी मुस्लिम मुल्लो ने इसका विरोध किया था.अप्रेल २०१२ में यादवपुर यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर को इसलिए गिरफ्तार कर लिया की उसने ममता बनर्जी का कार्टून बनाया था.इतना ही नहीं बलूचिस्तान और कश्मीर की गाथा पर कोलकाता क्लब में होने बाले संगोष्ठी को ममता बनर्जी ने नही होने दिया.यह सरकार कठमुल्लों के गिरफ्त में इस प्रकार है की बगैर इन जेहादियो की अनुमति लिए ना बंगाल में कोई खेल हो सकता ना कोई बौधिक सेमीनार ना राष्ट्रवाद पर चर्चा हो सकती ना कोई गैर इस्लामी सभा.आखिर बंगाल क्या शरीयत के अनुसार चलेगी.

इस्लामीकरण की प्रक्रिया को आगे बढाते हुए तृणमूल ने बंगला भाषा को कुचल ममता के राज्य में आज १२ जिलो के दूसरी आधिकारिक भाषा उर्दू कर दी गयी.बंगाल एक ऐसा राज्य है जहाँ २ लाख से अधिक इमामो और मुआज्ज़िमो को सात हजार से लेकर दस हजार रूपये का वेतन दिया जा रहा,आज यह राज्य सलाफी जिहाद की आगोश में है. दिसम्बर २०१६ धुलागढ़ का मुस्लिम दंगा शायद देश के सेकुलर भूले नही होंगे की बंगाल में किस तरह से हिन्दुओ की बहु-बेटियो और सम्पतियो को लुटा गया किन्तु देश के सेकुलरों की बोल नही फूटी.बर्धमान जिले के कटवा के दंगे जहाँ शनी मन्दिर में मुसलमानों ने प्रतिबंधित मांस का टुकडा फेका. इसी तरह २४ परगना नार्थ के हाजीनगर दंगे, बीरभूम जिले के इल्म बाज़ार दंगे, मालदा के कालियाचक दंगे, नादिया जिले के दंगे...२०१६ में ही दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर प्रतिबन्ध लगा दिया.आखिर बंगाल में कौन सी सरकार है.

इस वर्ष भी बंगाल का महान पर्व दुर्गा पूजा जिसके स्थापना से विसर्जन तक पर ममता बनर्जी कोर्ट के आदेश को धत्ता बताते हुए जितनी बंदिशे लगाई है शायद उतना बंदिश अल कायदा जैसे आतंकी के सूबे में में ही सम्भव होगा.कोर्ट की जितनी तल्ख़ टिप्पणी बंगाल सरकार के खिलाफ आई है यदि दुसरे राज्य के लिए आई होती तो देश के सेकुलर गिरोह भारत ही नही भारत से बाहर भी छाती कूट रहा होता .भारत जैसे महान राष्ट्र के लिए बंगाल की सरकार एक नासूर है जो लोकतंत्र की आड़ में देश की एकता और अखंडता के लिए घातक है.पिछले दिन दशक तक बंगाल जिस वामपंथी आतंक के साए में जी रहा था उससे बंगाल को छुटकारा नही बल्कि आज बंगाल इस्लामी जिहाद के ढेर पर खड़ा है.वामपंथ यदि बंगाल के लिए कोढ़ थी तो ममता सरकार उस कोढ़ में खाज ही है. 



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संजय कुमार आजाद
निवारणपुर ,रांची-834002
 फोन-9431162589  
ईमेल- azad4sk@gmail.com

विशेष आलेख : जब मां विन्ध्यवासिनी का पलड़ा बैकुंठ से पड़ गया भारी

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मां विंध्यवासिनी एक ऐसी जागृत शक्तिपीठ है, जिसका अस्तित्व सृष्टि आरंभ होने से पूर्व और प्रलय के बाद भी रहेगा। त्रिकोण यंत्र पर स्थित विंध्याचल निवासिनी देवी लोकहिताय, महालक्ष्मी, महाकाली तथा महासरस्वती का रूप धारण करती हैं। विंध्यवासिनी देवी विंध्य पर्वत पर स्थित मधु तथा कैटभ नामक असुरों का नाश करने वाली भगवती यंत्र की अधिष्ठात्री देवी हैं। कहा जाता है कि इस स्थान पर जो तप करता है, उसे अवश्य सिद्वि प्राप्त होती है। शायद यही वजह है जब देवासुर संग्राम के वक्त देवों पर दानव भारी पड़ने लगे तो देवों के देव महादेव, ब्रह्मा व विष्णु ने भी इस धाम में तप की और मां के आर्शीवाद से विजय हासिल की। विविध संप्रदाय के उपासकों को मनवांछित फल देने वाली मां विंध्यवासिनी देवी अपने अलौकिक प्रकाश के साथ यहां नित्य विराजमान रहती हैं


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चमत्कार की ढेरों कहानियां अपने अंदर समेटे विन्ध्य पहाड़ी पर विराजमान है आदिशक्ति जगत जननी मां विन्ध्यवासिनी। वह भी एक-दो नहीं, बल्कि तीन रुपों में भक्तों को दर्शन देती है मां विन्ध्यवासिनी। पहला मां विन्ध्यवासिनी, दुसरा मां काली और तीसरा मां सरस्वती, जिन्हें अष्टभुजा के रुप में भी जाना जाता है। मां किसी को भी अपने दरबार से खाली हाथ नहीं भेजती, तभी तो मां अपने भक्तों की चिंता तो दूर करती ही है, यहां वही भक्त पहुंच पाता है, जिसे मां का बुलावा होता है। मां का ये धाम अनोखा व अद्भूत इसलिए भी है कि भक्तों को यहां मां का दर्शन होता है गुफा के एक छोटे झरोखे में। खास बात यह है कि मां के तीनों रुप एक त्रिकोण पर विराजमान है, जिनकी परिक्रमा व विधि-विधान से पूजन-हवन कर लेने मात्र से भक्त न सिर्फ मोक्ष को प्राप्त होता है, बल्कि लौकिक व इलौकिक सुखों को भोगता हुआ प्राणियों की हर प्रकार की मुरादें पूरी होती है। इसके अलावा मंदिर पसिर में ही स्थित कुंड में हवन बारहों महीने अखंड ज्योति के रुप में जलता रहता है, जिसमें पूर्णाहुति कर लेने से शत्रु तो परास्त होते ही है, मिलता है राजसत्ता सुख का वरदान। मां के आशीर्वाद से बिगड़े काम भी तो बन जाते ही हैं, सफलता की राह में आ रही बाधाएं भी दूर हो जाती है। मुश्किलों को हरने वाली मां के शरण में आने वाला राजा हो या रंक मां के नेत्र सभी पर एक समान कृपा बरसाते है। मां की कृपा से असंभव कार्य भी पूरे हो जाते है।  



मां के चमत्कारों की कहानी लंबी है और महिमा अनंत। मां के द्वार पर एक बार जो आ गया, वो फिर कहीं और नहीं जाता। कहते है दरबार में नित्य होने वाली मां के चारों रुपों की आरती का दर्शन कर लेने मात्र से हजार अश्वमेघ यज्ञ के फलों की प्राप्ति होती है। यह दिव्य मनोरम जगह है बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी व भगवान विष्णु की नगरी प्रयाग के मध्य पवित्र विन्ध्याचल धाम, जो उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में है। जहां यूपी ही नहीं देश के कोने-कोने से तो श्रद्धालुओं का मां के दर्शन को तो आना होता ही है। चैत व शारदीय नवरात्र के नौ दिनों तक विशाल मेला लगता है। इस मेले में लाख-दो लाख नहीं बल्कि 25 लाख से भी अधिक श्रद्धालु पहुंचते है मां का दर्शन कर मन्नतों की झोली भरकर ले जाते है। मंदिर के प्रधान पुजारी श्रृंगारिया शेखर सरन उपाध्याय कहते है, विन्ध्य क्षेत्रे परम् दिव्यम् नास्ति ब्रह्मांड गोलके अर्थात विन्ध्याचल जैसा स्थान, जहां मां भगवती के तीनों रुप मां लक्ष्मी, मां काली मां सरस्वती एक ऐसे त्रिकोण पर विराजमान है, जो पूरे ब्रहमांड में कहीं नहीं है। नंदगोप गृहे जाता यशोदागर्भसम्भवा, तत्स्तौ नाशयिष्यामि विन्ध्याचलवासिनी।। अर्थात भगवती जी ने स्वयं बोली है मैं द्वापर युग में नंद के यहां यशोदा के गर्भ से पैदा होगी और कंस के हाथों से मुक्त होकर विन्ध्य क्षेत्र में निवास करेगी। मां विंध्यवासिनी एक मात्र ऐसी जागृत शक्तिपीठ है जिसका अस्तित्व सृष्टि आरंभ होने से पूर्व और प्रलय के बाद भी रहेगा। यहां देवी के 3 रूपों का सौभाग्य भक्तों को प्राप्त होता है। पुराणों में विंध्य क्षेत्र का महत्व तपोभूमि के रूप में वर्णित है। त्रिकोण यंत्र पर स्थित विंध्याचल निवासिनी देवी लोकहिताय, महालक्ष्मी, महाकाली तथा महासरस्वती का रूप धारण करती हैं। विंध्यवासिनी देवी विंध्य पर्वत पर स्थित मधु तथा कैटभ नामक असुरों का नाश करने वाली भगवती यंत्र की अधिष्ठात्री देवी हैं। यहां पर संकल्प मात्र से उपासकों को सिद्वि प्राप्त होती है। इस कारण यह क्षेत्र सिद्व पीठ के रूप में विख्यात है। ब्रह्मा, विष्णु व महेश भी भगवती की मातृभाव से उपासना करते हैं, तभी वे सृष्टि की व्यवस्था करने में समर्थ होते हैं। इसकी पुष्टि मार्कंडेय पुराण श्री दुर्गा सप्तशती की कथा से भी होती है। शास्त्रों में मां विंध्यवासिनी के ऐतिहासिक महात्म्य का अलग-अलग वर्णन मिलता है. शिव पुराण में मां विंध्यवासिनी को सती माना गया है तो श्रीमद्भागवत में नंदजा देवी कहा गया है। मां के अन्य नाम कृष्णानुजा, वनदुर्गा भी शास्त्रों में वर्णित हैं। इस महाशक्तिपीठ में वैदिक तथा वाम मार्ग विधि से पूजन होता है। शास्त्रों में इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि आदिशक्ति देवी कहीं भी पूर्णरूप में विराजमान नहीं हैं, विंध्याचल ही ऐसा स्थान है जहां देवी के पूरे विग्रह के दर्शन होते हैं। शास्त्रों के अनुसार, अन्य शक्तिपीठों में देवी के अलग-अलग अंगों की प्रतीक रूप में पूजा होती है। 

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जागृत है मां विन्ध्यवासिनी शक्तिपीठ 
देश के तमाम स्थानों में शक्तिपीठ है, लेकिन यहां की शक्तिपीठ की महिमा अद्भूत व निराली है। पुराणों में विन्ध्याचल को शक्तिपीठ, सिद्धपीठ व मणिपीठ कहा गया है। चूणामणि में 51 शक्तिपीठ व श्रीमद्भागवत में 108 पीठों का उल्लेख मिलता है। जिसमें विन्ध्याचल शक्तिपीठ का विशेष महत्व है। विन्ध्य पर्वत माला की आंचलों में स्थित यह विंध्याचल शक्तिपीठ अनादिकाल से ही शक्ति की लीला भूमि रही है। शास़्त्रों के अनुसार शती के पृष्ठभाग का विपार्थ हुआ था। कहा जाता है कि मां देवी पार्वती ने यहीं पर तप कर अर्पणा नाम पाया व भगवान शिव को प्राप्त किया। इस क्षेत्र को साधना व तपस्या हेतु जागृत प्रदेश माना जाता है। विन्ध्य क्षेत्र में ही नारायण ने महादेव की आराधना कर चक्र सुदर्शन प्राप्त किया था। इसके पीछे कथा यह है कि भगवान विष्णु की आराधना से जब महादेव प्रसंन हुए तो बदले में उनका नेत्र मांगा और जैसे ही विष्णु ने चाकू से अपनी आंख निकालने की कोशिश की, महादेव नेे रोक लिया और विश्व कल्याण व सुरक्षा के लिए सुदर्शन चक्र भेंट किया। इसके बाद यहीं पर मां लक्ष्मी ने शिवशंकर की तपस्या की तथा महादेव से स्त्री यौवन व सदैव युवती रहने का वरदान प्राप्त किया। कहा जाता है कि देवासुर संग्राम के वक्त जब दानव देवों पर भारी पड़ने लगे तब स्वयं देवों के देव महादेव, ब्रह्मा एवं विष्णु ने मां विन्ध्यवासिनी के गर्भगृह में बने कुंड में हजारों साल तक तपस्या कर मां के आर्शीवाद से दानवों को परास्त कर सके थे।  

अपरंपार है मां की महिमा 
कहा जाता है कि एक बार नारायण ने भगवान महादेव से विन्ध्य क्षेत्र की महिमा का वृतांत पूछा, महादेव ने कहा, विन्ध्य क्षेत्रस्य महात्मयम वक्तु शिशु परमेश्वर लिखतुम हहया क्षचु दृष्टतः सुरेश्यम् अर्थात विन्ध्य क्षेत्र की महिमा हजार मुख वाले सिस, लिखने को हजार भुजा वाले अर्जुन व सहस्त्र शस्त्रों से युक्त इंद्र भी बताने में असमर्थ है। जबकि एक बार ब्रहमा ने तराजु पर वैकुंठ व विंध्याचल को तौला था। वैकुंठ का पलड़ा हल्का होने से वह स्वर्ग चला गया, जबकि विंध्य पृथ्वी पर ही रह गया। इस तरह वैकुंठ स्वर्ग से भी विन्ध्यधाम अतिउत्तम है। कहा जाता है कि सूरज का रास्ता रोकने वाला इस संसार में एकमात्र विन्ध्य पर्वत ही था। विन्ध्य पर्वत द्वारा रास्ता रोक दिये जाने से परेशान सूर्यदेव, विन्ध्य के गुरु अगस्त्य मुनि की शरण में गये। सूरज की प्रार्थना सुनकर गुरु अगस्त्य मुनि ने विन्ध्य पर्वत से कहा कि, वह अपना आकार बढ़ाना रोक दे। अगस्त्य मुनि का कहना था, कि वे अब बूढ़े हो चले हैं। उनसे अब और ऊँचाई पर चढ़ पाना इस बढ़ती उम्र में असंभव है। अगस्त्य मुनि के लाख आग्रह के बाद भी जब विन्ध्य पर्वत नहीं माना तो उन्होंने श्राप देने को कहा, तभी विन्ध्य पर्वत शरणागत होते हुए क्षमा याचना की। मुनि द्वारा क्षमा किए जाने के बाद विन्ध्य पर्वत ने अपना आकार बढ़ाना रोक दिया। इसके बाद ही सूरज को आगे बढ़ने का रास्ता मिलना संभव हो पाया था। कहते हैं कि, तभी से विन्ध्य पर्वत आज भी जहां के तहां सिर झुकाये खड़ा है, अपने गुरु की आज्ञा पालन के लिए। इस तथ्य का उल्लेख श्वामन पुराण के 18वें अध्याय में भी है। कहते हैं कि, पर्वतराज विन्ध्य के ऊपरी शिखर पर ही मां भगवती दुर्गा आज भी निवास करती हैं। भगवान भास्कर की पहली किरण विध्याचल धाम पर ही पड़ती है। विन्ध्य क्षेत्रे समं क्षेत्रं, नास्ति ब्रहृमांड गोलके। विन्ध्य क्षेत्रं परम् दिव्यं, पावनं मंगलं प्रदत।। 

मां विन्ध्ययवासिनी आरती 
मां विन्ध्यवासिनी की चार आरती में चार पुरुषार्थ धर्म, काम, अर्थ व मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो भक्त जिस आरती में सरीक होता है उस आरती में उसे मां का उसी दिव्य स्वरुप का दर्शन होता है, और उसे उसी प्रकार के फलों की प्राप्ति होती है। ब्रह्ममुहूर्त में सुबह 4 बजे मां की प्रथम मंगला आरती होती है। इस आरती में मां का बाल्यवस्था का दर्शन होता है। इस आरती से भक्त को धर्म की प्राप्ति होती है। जिसमें उसका भविष्य मंगलमय होता है। मां के चरणों में शीश झुकाकर भक्त मनवांछित फल प्राप्त करता है। मध्यान्ह 12 बजे मां की द्वितीय आरती की जाती है, जिसे राजश्री आरती कहा जाता है। इसमें मातारानी का स्वरुप राज राजेश्वरी युवा अवस्था का होता है। इस आरती से भक्तों को अर्थ अर्थात समृद्धि एवं वैभव की प्राप्ति होती है जिससे मनुष्य धन-धान्य से परिपूर्ण होता है। मां विन्ध्यवासिनी को वन देवी भी कहा जाता है। इन्हीं के इच्छा से शती का प्रार्दुभाव हुआ। सायंकाल 7 बजे मां की तृतीय आरती छोटी आरती होती है जिसमें मां का स्वरुप द्रोणा अवस्था का होता है। इस आरती से भक्त को संतान तथा वंशवृद्धि की प्राप्ति होती है। मां की चतुर्थ शयन यानी बड़ी आरती रात साढ़े नौ बजे की जाती है इसमें मां का स्वरुप वैभव व वृद्धा अवस्था का होता है। इस आरती में शामिल होने वाले भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मां की सुबह-शाम होने वाली आरती में जो लोग शामिल होते हैं वो अखंड पुण्य के भागी होते हैं। आरती की लौ में मां का असीम आशीर्वाद है और आरती के लौ की रौशनी जीवन के तमाम कष्टों का अंधियारा हर कर भक्तों के जीवन में खुशियों का उजियारा लाती है। हजारों लाखों भक्त मां के दर्शन करने, उनकी आरती में शामिल होने के लिए घंटों इंतजार करते हैं और जब ढोल नगाड़ों व घंटे की आवाजों के मां का श्रृंगार और उनकी आराधना होती है तो भक्तों की हर कामना पूरी हो जाती है।

त्रिकोण पर विराजती है मां 
मां विन्ध्यवासिनी मंदिर में दो प्रवेश द्वार व दो निकास द्वार है। इस मंदिर में मां अपने दिव्य रुप में विराजमान हो भक्तों को दर्शन देती है। हृदय में भक्ति और नैनों में दर्शन का उत्साह लिए उत्साह भक्तों को दर्शन मात्र से ही होती है फलों की प्राप्ति। लघु त्रिकोण पर मां के मंदिर में मां का विग्रह श्रीयंत्र पर है। कहते है नवरात्र के नौ दिनों में मां के मंदिर में लगे ध्वज पर ही विराजती है। ताकि किसी वजह से मंदिर में न पहुंच पाने वालों को भी मां के सूक्ष्म रूप के दर्शन हो जाएं। नवरात्र के दिनों में इतनी भीड़ होती है कि अधिसंख्य लोग मां की पताका के दर्शन करके ही खुद को धन्य मानते हैं। नवरात्र में मां भक्तों को नौ रुपों में भक्तों को दर्शन देकर उनकी मनोकामनाएं पूरी करती है। देवी के द्वादस ग्रहों में मां विन्ध्यवासिनी ही है। मंदिर प्रांगण में पंचमुखी महादेव है। यहां मां काली व मां सरस्वती का भी दिव्य स्थल है। जो भक्त वृहद त्रिकोण परिक्रमा नहीं कर सकते उनके लिए मां के मंदिर में ही लघु त्रिकोण परिक्रमा हो जाती है। भक्त लक्ष्मी स्वरुपा माता के गर्भ परिसर में स्थित सभी देवी-देवताओं का दर्शन-पूजन करते है। तो उन्हें लघु त्रिकोण का फल प्राप्त हो जाता है। गर्भ गृह परिसर में दक्षिण दिशा में महाकाली, पश्चिम में महा सरस्वती एवं महादेव विराजमान होकर त्रिकोण का फल प्रदान करते है। यहां विशाल नीम के पेड़ पर मां चूड़ा छोड़ती है ऐसा भक्तों का मान्यता है। अतः जहां भी मां का मंदिर होता हे वहां नीम का पेड़ अवश्य होता है। मां के श्रृंगार हेतु यहीं पर चंदन घिसा जाता है। मां के द्वार पर विराजित गणेश जी की पूजा के बाद मां की श्रृंगार फिर आरती की जाती है। मंदिर का उपरी परिसर जहां भक्त परिक्रमा व धागा बांधते है। मंदिर में पाठ करते हुए ये देवी भक्त साध रहे है जिनका मां इनका कल्याण करती है। भक्त हलवे का प्रसाद बनाकर लाते हे और मंदिर के भक्तों में वितरीत कराते है। मां विन्ध्यवासिनी का मंदिर त्रिकोण पर स्थित है। कहते है यहां मां का प्रार्दुभाव नहीं प्राकट्य होता है, इनका भी प्राकट्य हुआ था। भूमंडल में अद्भूत यह त्रिकोण तीन शक्तियों से जागृत त्रिकोण होता है। सारे जगत में उद्भव, सम्ृति व संहार का प्रतीक है। उसमें एक बिन्दु पर महालक्ष्मी के रुप में विराजमान है तो दुसरे बिन्दु पर महाकाली और तिसरे बिन्दु पर मां सरस्वती अष्टभुजा के नाम से जानी जाती है। इन्हीं तीनों रुपों का लोग दर्शन करते है। भगवती के दर्शन से अर्थ, मोक्ष काम धर्म प्राप्त होता है। यहां ज्ञानी और अज्ञानी दोनों प्रकार के लोग साधनाएं कर भगवती से अपनी क्षमता के अनुसार साधना ग्रहण करते है। मां के मंदिर से 6 किमी की दूर पहाड़ी पर महाकाली, महालक्ष्मी और अष्टभुजा के रुप में भी विराजती है। इसके बाद काली खोह में स्थित मां काली के दर्शन के लिए जाना होता है। दोनो मंदिरों की दूरी ज्यादा नहीं है। विन्ध्यवासिनी से काली मां के मंदिर को आटो-रिक्शा से जाया जा सकता है। शास्त्रों में मां विंध्यवासिनी के ऐतिहासिक महात्म्य का अलग-अलग वर्णन मिलता है। शिव पुराण में मां विंध्यवासिनी को सती माना गया है तो श्रीमद्भागवत में नंदजा देवी कहा गया है। मां के अन्य नाम कृष्णानुजा, वनदुर्गा भी शास्त्रों में वर्णित हैं। इस महाशक्तिपीठ में वैदिक तथा वाम मार्ग विधि से पूजन होता है। शास्त्रों में इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि आदिशक्ति देवी कहीं भी पूर्णरूप में विराजमान नहीं हैं, विंध्याचल ही ऐसा स्थान है जहां देवी के पूरे विग्रह के दर्शन होते हैं। शास्त्रों के अनुसार, अन्य शक्तिपीठों में देवी के अलग-अलग अंगों की प्रतीक रूप में पूजा होती है। लगभग सभी पुराणों के विंध्य महात्म्य में इस बात का उल्लेख है कि 51 शक्तिपीठों में मां विंध्यवासिनी ही पूर्णपीठ है। 

कालीखोह में मां काली 
मां काली के बारे में मान्यता है कि मां ने रक्तबीज का नाश करने के लिए मां दुर्गा का रुप धारण किया, लेकिन रक्तबीज को मारने के दौरान उसका रक्त जमीन पर गिरते ही वह जीवित हो उठता था। इसके बाद मां ने चंडी का रुप धारण किया फिर भी वह नहीं मरा। मां विन्ध्यवासिनी ने पुनः काली का रुप धारण किया, जो आकाश की ओर मुंह खोली थी और रक्त बीज का रक्त पान करने लगी, जिससे एक भी बूंद जमीन पर नहीं गिरा और उसकार सर्वनाश हो गया। मां के अधिक क्रोध के कारण शरीर काला पड़ गया। काली खोह में मां उसी मुद्रा में विराजमान है। जहां भक्त मां के दर्शन कर मनवांछित फलों को प्राप्त करते है। यहां भी चारों वक्त मां की आरती है। यहां भगवान शिव भी विराजमान है और जहां पर रक्तबीज का रक्त गिरा वह आज भी लाल है। इस मनोरम स्थान पर परम शांति मिलती है। पेड़ो पर यहां लंगूरों का जमावड़ा रहता है, भक्त इन्हें प्यार से चना खिलाते है। कालांतर में मां भगवान शिव की पत्नी बनी। सती और शिव का संबंध अटूट है। भगवान भोले में बसती हैं सती और शक्ति के हृदय में रहते हैं शिव, लेकिन दक्ष यज्ञ में सती की अग्निसमाधि के बाद जब शिव, सती का शरीर लेकर समूचे ब्रह्मांड में भटक रहे थे तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। धरती पर ये टुकड़े जहां-जहां गिरे वो स्थान शक्तिपीठ कहलाए। उन 51 शक्तिपीठों में से एक है मां काली देवी मंदिर जहां मां के शरीर के पक्ष का भाग का विपार्थ हुआ था। मां काली की सर्वसिद्धि ममता सर्वविदित है। बलि पूजा और पंचमकार साधना यहां की जागिर है। 

मां अष्टभुजा 
काली मां के दर्शन के बाद कुछ दूर आगे जाकर अष्टभुजा देवी का मंदिर है। मंदिर से दिखाई देना वाला पास ही बह रही गंगा का दृश्य अत्यंत मनोरम दिखाई देता है। अष्टभुजा मां को भगवान श्रीकृष्ण की सबसे छोटी और अंतिम बहन माना जाता है। कहा जाता है, श्रीकृष्ण के जन्म के समय ही इन मां का जन्म हुआ था। इनके जन्म की सुनकर कंस इन्हें ले आया। कंस ने जैसे ही इन मां की हत्या के लिये इन्हें पत्थर पर पटका, वे उसके हाथों से छूटकर आसमान की ओर चली गयीं। जाते-जाते मां ने घोषणा भी कि थी, कि कंस तुझे मारने वाला (भगवान श्रीकृष्ण) इस युग में धरती पर आ चुका है। कहते है मां भगवती ने मनु-सत्रुपा के तपस्या से प्रसंन होकर उन्हें वंश वृद्धि का आर्शीवाद देकर कहा था कि वह विन्ध्य पर्वत पर निवास करेगी। इसीलिए मां गंगा भी मां के धाम को स्पर्श करते हुए बहती है। मां महा-सरस्वती और विन्धयवासिनी देवी के रुप में साक्षात महा-लक्ष्मी जी हैं। सबसे पहले मां दुर्गा (पार्वती मां जिन्हें विन्यवासिनी भी कहा जाता है) के दरबार में पूजा के लिए जाया जाता है। मां अष्टभुजा मंदिर के पास ही एक झरना बहता है। इस झरने का जल इस हद तक शुद्ध और लाभकारी है, कि इसके पीने से शरीर के तमाम रोग दूर हो जाते हैं। इस झरने और जल के बारे में मां के दरबार में प्रसाद की दुकान लगाने वाले किसी भी दुकानदार से पूछा जा सकता है। मां अष्टभुजा मंदिर परिसर में ही पातालपुरी का भी मंदिर है। यह एक छोटी गुफा में स्थित देवी मंदिर है। 

चारों दिशाओं में विराजमान है लाटभैरव 
देवी मंदिर के अलावा बाहरी बाधाओं से रक्षा के लिए शहर के चारों दिशाओं में लाट भैरव भी स्थित हैं। ऐसा माना जाता है कि जिनके प्रभाव से शहर सुरक्षित रहता है। शहर के पूर्वी हिस्से में आनंद भैरव का मंदिर है, पश्चिम की ओर सिद्धनाथ का मंदिर, दक्षिण दिशा में कपाल भैरव एवं उत्तर की ओर रूद्र भैरव का मंदिर स्थित है। इन मंदिरों में भी भक्त दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। तो दुसरी तरफ दिखता है मोइद्दीन चिश्ती का दरगाह। एक ही ईश्वर के दो रुपों के दर्शन। यहां बरतर तिराहा बटुक हनुमान जी का मंदिर है। परम सुखदायी, कल्याणकारी, हितकारी मां के सेवक व रक्षक बटुक हनुमान जी का दर्शन कर विन्ध्याचल के कोतवाल कहे जाने वाले बटूक भैरव के दर्शन बहुत जल्द ही होते है। संयोग देखिएं यहां भौतिक कोतवाल व दैविक कोतवाल दोनों आमने-सामने है। कहा जाता है कि जो भी भक्त आता है, बाबा का दर्शन जरुर करता है। बाबा के दर्शन बगैर मां का दर्शन पूर्ण नहीं होता और न ही फलों की प्राप्ति होती है। यहां जो भक्त अर्जी लगाता है तभी मां का दर्शन पूर्ण होता है और फल मिलता है। बटूक दर्शनोंपरांत प्राचीन संतोषी मां के भी दर्शन हो जाते है, जो पास में ही है। यहां महादेव भी विराजते है, जिन्हें वनखंडी भोलेनाथ के नाम से जाने जाते है।  

मुंडन संस्कार 
यहां मुंडन संस्कार उत्सव के रुप में होता है, लोग गंगा किनारे बच्चों का मुंडन कराने के बाद मां को अपनी श्रद्धा समर्पित कर दर्शन को मंदिर में जाते है। गंगा किनारे नौका बिहार हेतु यहां नाव का सुंदर प्रबध होता है। नाविक अपने नाव को सजाकर यात्रियों को गंगा के बीच ले जाते हे जहां मां का दर्शन और आनंद दोनों हो जाता है। लोग किसी मनौती के पूरा होने पर भी मां का दर्शन कर चढ़ावा चढ़ाते हैं। साथ ही पूर्वांचल के ज्यादातर परिवार के बच्चों का मुण्डन भी मां विन्ध्यवासिनी के दरबार में होता है। धार्मिक आस्था में गहरे से विश्वास रखने वाले इस देश में विन्ध्याचल का अपना खास महत्व है। घण्ट-घड़ियालों के संगीतमयी स्वर से गूंजने वाले इस क्षेत्र में लोगों का मन शांतचित्त हो जाता है। पतित पावनी मां गंगा एवं शक्तिरूपी मां विन्ध्यवासिनी से मिर्जापुर की धरती पवित्र हो जाती है। पंडा समाज के पं अमरेश पांडेय ने बताया कि सिद्धपीठ विन्ध्याचल धाम पुरातन काल से ऋषियों-मुनियों व जनसाधारण के लिए आकर्षण एवं प्रेरणा का स्रोत रहा है। कहा जाता है कि जो मनुष्य इस स्थान पर तप करता है, उसे अवश्य सिद्वि प्राप्त होती है। विविध संप्रदाय के उपासकों को मनवांछित फल देने वाली मां विंध्यवासिनी देवी अपने अलौकिक प्रकाश के साथ यहां नित्य विराजमान रहती हैं। ऐसी मान्यता है कि सृष्टि आरंभ होने से पूर्व और प्रलय के बाद भी इस क्षेत्र का अस्तित्व कभी समाप्त नहीं हो सकता। ब्रह्मा, विष्णु व महेश भी भगवती की मातृभाव से उपासना करते हैं, तभी वे सृष्टि की व्यवस्था करने में समर्थ होते हैं। इसकी पुष्टि मार्कंडेय पुराण श्री दुर्गा सप्तशती की कथा से भी होती है। नवरात्र में महानिशा पूजन का भी अपना महत्व है। यहां अष्टमी तिथि पर वाममार्गी तथा दक्षिण मार्गी तांत्रिकों का जमावड़ा रहता है। आधी रात के बाद रोंगटे खड़े कर देने वाली पूजा शुरू होती है। ऐसा माना जाता है कि तांत्रिक यहां अपनी तंत्र विद्या सिद्ध करते हैं। 

सीता कुंड 
अष्टभुजा के पश्चिम भाग में भगवती जगत नंदिनी सीता जी द्वारा निर्मित सीता कुंड स्थल प्रकृति की सुरम्यकोण मौजूद है। यहां श्रीराम जानकी की मूर्ति लक्ष्मण के साथ प्रतिष्ठित है। कहा जाता है वनवास काल में मां सीता ने यहां रसोई बनाई थी। जल की आवश्यकता पड़ने पर भगवान श्रीराम ने बाण मारकर यहां पानी का श्रोत निकाला था। बारहों मास इस कुंड का जल अत्यंत शीतल, मधुर व स्वास्थ्यवर्धक है। यहां प्राचीन कलात्मक मंदिर है, जहां मां सीता के चरण चिन्ह आज भी देखने को मिलता है। कहा यह भी जाता है कि वशिष्ठ मुनि के कहने पर भगवान श्रीराम ने अपने पिता का श्राद्ध तर्पण यहीं पर शिवलिंग की स्थापना कर किया थाजो आज भी रामेश्वरनाथ से मौजूद है। यहां स्नान करने से सभी की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हे। पितृ विसर्जन के दौरान भक्त अपने पूर्वजों का यहां तर्पण करने भी आते है।    

धूमधाम से होता है कजरी महोत्सव 
मां विन्ध्यवासिनी का स्थान महाशक्तिपीठ है। यह सिद्धपीठ भी है। माता मंदिरों में सीढ़ियों से सटाएं कुंड है, जो साल में एक ही बार खुलता है। लोग दर्शन-पूजन के लिए रात से ही मां के दरबार में कतारबद्ध हो जाते हैं। भोर में मंदिर का कपाट खुलने के साथ ही मां के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठता है। नवरात्र के नौ दिन उत्सवमयी महौल रहता है। मां विन्ध्यवासिनी के दरबार में बड़ा एवं महत्वपूर्ण कजरी महोत्सव जून में होता है। महोत्सव में कजरी गायन की प्रतियोगिता भी होती है। मां का आर्शिवाद प्राप्त कर जब कलाकार कजरी की स्वरलहरियों की तान लगाते हैं तो पूरा विन्ध्याचल धाम झंकृत हो जाता है। जिस विन्ध्याचल पर्वत पर यह त्रिकोण देवी मंदिर हैं, उस पर्वत का भी अपना दिलचस्प इतिहास है। महेंद्र, मलय, सह्य, शक्तिमान, ऋक्ष, विन्ध्य और परियात्र। इन सात पर्वतों को कुल-पर्वत माना गया है। यह सातों पर्वत हिंदुस्तान में पुण्यक्षेत्र के रुप में स्वीकारे गये हैं। इन पर्वतों में विन्ध्य पर्वत का अपना विशेष स्थान है। 






(सुरेश गांधी)

हमारे लिये दल से बड़ा है देश : नरेन्द्र मोदी

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शहंशाहपुर (वाराणसी), 23 सितम्बर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए आज कहा कि उनके लिए दल से बड़ा देश है और भाजपा वोट पाने के लिए राजनीति नहीं करती क्योंकि उसके लिए देश का विकास सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के दौरे के दूसरे और अंतिम दिन एक समारोह में यहां आयोजित पशुधन आरोग्य मेले का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘दूसरे राजनीतिक दल उसी काम को करना पसंद करते हैं, जिसमें वोट की सम्भावना हो, लेकिन हम अलग संस्कारों में पले बढ़े हैं। हमारा चरित्र अलग है। हमारे लिये दल से बड़ा देश है। इस कारण हमारी प्राथमिकताएं वोट के हिसाब से नहीं होती हैं। आज पशुधन आरोग्य मेले में उन पशुओं की सेवा की जा रही है जिन्हें कभी वोट देने नहीं जाना है।’’ उन्होंने कहा कि कालाधन हो, भ्रष्टाचार, बेईमानी हो, उसके खिलाफ मैंने बहुत बड़ी लड़ाई छेड़ी है। सामान्य ईमानदार आदमी को इसलिये मुश्किल होती है, क्योंकि बेईमान उन्हें लूटते हैं। ईमानदारी का यह अभियान आज एक उत्सव के रूप में पनप रहा है। जिस तरह छोटे व्यापारी भी जीएसटी से जुड़ रहे हैं, चीजों को आधार के साथ जोड़ा जा रहा है, जनता की पाई-पाई का खर्च जनता की भलाई पर होगा। हम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।स्वच्छता अभियान और देश के हर व्यक्ति को घर देने के लिये अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्होंने कहा कि वह जानते हैं कि उन्होंने जो बीड़ा उठाया है, वह बहुत मुश्किल है ‘‘लेकिन अगर मुश्किल काम मोदी नहीं करेगा, तो कौन करेगा।’’  उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि नवरात्र के पावन पर्व में उन्हें यहां शौचालय की की ईंट रखने का सौभाग्य मिला। स्वच्छता देश में गरीबों को बीमारी से मुक्त कराएगी, इसलिये यह गरीबों की भलाई करने का उनका अभियान है। 


मोदी ने कहा कि गांव में शौचालयों पर ‘इज्जतघर’ लिखा है। यह शब्द मुझे बहुत अच्छा लगा, क्योंकि जहां इज्जतघर है, वहां माताओं-बहनों और गांव की इज्जत है। आने वाले समय में जिसे भी इज्जत की चिंता है, वह इज्जतघर बनाएगा। मोदी ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2022 को आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश के हर शहरी और ग्रामीण गरीब को घर देने का बहुत बड़ा संकल्प लिया है। उन्हें मालूम है कि उन्होंने जो बीड़ा उठाया है, वह बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अगर मुश्किल काम मोदी नहीं करेगा, तो कौन करेगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश के हर व्यक्ति के लिये घर बनाना होगा तो समझिये कि यूरोप के किसी छोटे देश जितना देश हमें अपने भारत में बसाना होगा। जब इतनी तादाद में घर बनेंगे तो असंख्य लोगों को रोजगार मिलेगा। मोदी ने पशुधन आरोग्य मेले का जिक्र करते हुए कहा कि इस मेले में करीब 1700 पशुओं का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों से कराया जा रहा है। उन्हें विश्वास है कि ऐसे ही मेले पूरे प्रदेश में लगाए जाएंगे, जिससे उन किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा जो तंगहाली की वजह से अपने जानवरों का इलाज नहीं करा पाते हैं।

बिहार : बागी कांग्रेसियों को न भाजपा घास डाल रही, न जदयू

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पटना (बीवाईएन)। बिहार कांग्रेस में बगावत की खबर समय-समय पर उठती रहती है। कौन बागी है और कौन वफादार, यह तय करना मुश्किल है। बागी और वफादारों की सूची भी मीडिया में आती रही है। कांग्रेस विधायकों के परस्‍पर विरोधी बयान भी आते रहे हैं। कोई भाजपा के नाद में मुंह डालने की जुगाड़ कर रहा है तो कोई जदयू के नाद में। लेकिन वास्‍तविकता यह है कि कांग्रेसी विधायकों को न भाजपा घास डाल रही है, न जदयू अपने खूंटा की ओर फटकने दे रहा है। महागठबंधन टूटने के बाद कांग्रेसी विधायकों को अपने भविष्‍य की चिंता सताने लगी है। कांग्रेस के नाम पर कोई विधायक फिर लौट पाएगा, यही किसी को विश्‍वास नहीं है। गठबंधन के लिए सिर्फ राजद ही बचता है। लेकिन अधिकतर कांग्रेसी विधायकों का जातीय चरित्र राजद के मन-मिजाज से मेल नहीं खाता है। इसके कई सामाजिक और राजनीतिक कारण मौजूद हैं। कांग्रेस के 27 में से 11 विधायक सवर्ण जाति के हैं, जिन्‍हें भाजपा का जातीय चरित्र ज्‍यादा पसंद आता है। 6 मुसलमान विधायक कांग्रेस को छोड़ने को तैयार नहीं हैं, क्‍योंकि उन्‍हें नीतीश का ‘नया चेहरा’ विश्‍वसनीय नहीं लगता है। एसटी-एससी के 6 विधायकों की राजनीतिक भाग्‍य भरोसे ही चलती है। वे ज्‍यादा मुखर भी नहीं हैं। दो यादव विधायकों की वफादारी लालू यादव से बंधी हो, यह भी तय नहीं है। दो कुर्मी व कुशवाहा विधायक नीतीश से खुद को करीब मानते हैं। कांग्रेस के अधिकतर विधायक भाजपा और जदयू में अपनी जमीन तलाश रहे हैं। लेकिन भाजपा व जदयू अभी हड़बड़ी में नहीं है। संभव भी नहीं है। क्‍योंकि पार्टी तोड़ने के लिए 18 विधायकों की जरूरत है, जिसे एकजुट करना किसी के लिए संभव नहीं है। लालू विरोध के नाम पर कांग्रेस में हो रही गोलबंदी भाजपा या जदयू समर्थन के नाम पर बिखर जा रही है। यही कारण है कि हर बार बगावत की आंच मंद पड़ जाती है। फिलहाल कांग्रेस में टूट के इंतजार कर रही राजनीतिक पार्टियों को इंतजार ही करना पड़ेगा। आखिरकार विधानसभा अध्‍यक्ष विजय कुमार चौधरी भी मूलत: कांग्रेसी ही हैं।

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 23 सितम्बर

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58 स्व-सहायता समूहों को 60 लाख से अधिक की राशि स्वीकृत 

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मध्यप्रदेष डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिषन बुदनी द्वारा इंडोर स्टेडियम बुदनी मे बैंक लिकेंज षिविर का आयोजन  कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथोडे की अध्यक्षता में गत दिवस संपन्न हुआ जिसमें स्व सहायता समूह सदस्यों को आजीविका गतिविधि शुरू करने व आजीविका बढाने हेतु विकासखण्ड के भारतीय स्टेट बैंक, बैंक आॅफ इण्डिया, नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक व युनियन बैंक आॅफ इण्डिया बैंको द्वारा कुल 58 स्व सहायता समूहों को 60 लाख 75 हजार रूपये की राषि ऋण हेतु स्वीकृत की गई। इस अवसर पर बैंक लिकेंज षिविर मे अग्रणी जिला प्रबंधक श्री प्रकाष पेंढारकर, जिला समन्वयक (स्टेट बैंक) श्री वी.के. गुप्ता, बैंको के शाखा प्रबंधक, जिला परियोजना प्रबंधक (एनआरएलएम सीहोर) श्रीमति रेखा पाण्डे, विकासखण्ड प्रबंधक श्री हरनाम सिंह मेवाडा एंव विकासखण्ड सदस्य उपस्थित थे।  


सीहोर ग्रामीण ब्लाक के पर्यवेक्षक घनश्याम जांगडे आज कार्यकर्ताओ से मिलेंगे

सीहोर/ कांग्रेस पार्टी में इन दिनों संगठन चुनाव की प्रक्रिया चल रही है । विदिशा लोकसभा के उपाध्यक्ष बिर्जेश पटेल ने बताया की इसी प्रक्रिया के तहत आज रविवार को दोपहर दो बजे क्रिसेंट चौरहे पर पीडब्लूडी रेस्ट हाउस में सीहोर ग्रामीण ब्लाक के पर्यवेक्षक श्री घनश्याम जांगडे कांग्रेस कार्यकर्ताओ की बैठक लेंगे । बैठक में क्षेत्र के कांग्रेस जन शामिल होंगे और संगठन को लेकर रायशुमारी की जाएगी ।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 23 सितम्बर

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*जैन सोशल ग्रुप का क्षमावाणी पर्व सम्पन्न*
  • *समाजसेवी विकास पचौरी का करेंगे सम्मान*
  • *मैत्री यात्रा के दौरान तीर्थों पर करेंगे वृक्षारोपण*

विदिशा। जैन सोशल ग्रुप विदिशा का क्षमावाणी पर्व एवं साधारण सभा ग्रुप अध्यक्ष राजेश जैन के निवास पर संपन्न हुई। प्रारंभ में फेडरेशन सूत्र का वाचन इंजी. अवनेश जैन ने किया। क्षमावाणी विषय पर सारगर्भित उद्बोधन नंदनी गोयल ने दिया। ग्रुप में शामिल हुये नये सदस्य अनूप जैन व आभा जैन को ग्रुप अध्यक्ष राजेश जैन व सचिव मीनाक्षी जैन ने पेन व पिन लगाकर विधिवत् सदस्यता प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन करते हुए ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष राकेश जैन ने फेडरेशन द्वारा आयोजित निबंध प्रतियोगिता, अंताक्षरी प्रतियोगिता व गरवा डांडिया प्रतियोगिता की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने 30 सितम्बर 1-2 अक्टूबर को सकल जैन समाज हेतु आयोजित 3 दिवसीय मैत्री यात्रा की जानकारी दी। आयोजित साधारण सभा में तय किया गया कि ग्रुप द्वारा मैत्री यात्रा के दौरान तीर्थ क्षेत्रों पर फलदार व औषधि के पौधे सुरक्षा व्यवस्था के साथ रोपित किए जावेंगे। यात्रा के दौरान श्री अशोक जैन, बर्रो के निर्देशन में विधि - विधान पूर्वक पूजन की जावेगी। कार्यक्रम में आयोजित धार्मिक प्रतियोगिता में विजेता किरण जैन, ऋषभ गोयल, अमीता जैन व राजेश जैन को रीजन संयुक्त सचिव राकेश जैन, समता जैन, जोन चेयरमैन  अरूण जैन व आशा जैन के करकमलों से पुरुष्कृत किया गया। सर्व सहमति से तय किया गया कि 25 सितंबर को इंजी. अवनेश जैन के निवास पर विश्व शांति व प्राकृतिक आपदा से बचाव की कामना के साथ धार्मिक अनुष्ठान श्री भक्तांबर जी का पाठ व ग्रुप के छठवे स्थापना दिवस पर नगर के विशिष्ट समाज सेवी श्री विकास पचौरी का सम्मान किया जावेगा। कार्यक्रम का संचालन राकेश जैन ने किया व आभार सचिव मीनाक्षी जैन ने व्यक्त किया। इस अवसर पर ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष राकेश जैन,जोन चेयरमैन  अरूण जैन, अध्यक्ष राजेश जैन, उपाध्यक्ष प्रदीप जैन, सचिव मीनाक्षी जैन, सहसचिव सारिका बड़कुर, कोषाध्यक्ष विमल प्रकाश तारण, पीआरओ ग्रीटिंग्स राजेश जैन, मैनेजिंग डायरेक्टर समता जैन, ऋषभ गोयल, प्रकाश जैन, प्रो. संजय जैन, इंजी. अवनेश जैन, मंजू जैन, सुनील जैन, मीनू जैन, अमीता जैन, आशा जैन, आशा तारण, नंदनी गोयल, किरण जैन, अनिल जैन, आरति जैन, अनूप जैन, आभा जैन सहित शिखा जैन ने सक्रिय भागीदारी की।


सदगुुरू श्री जग्गी वासुदेव जी आज विदिशा आएंगे

नदियों के बारे में जागरूकता फैलाने के अभियान के प्रेरणायेता सदगुरू श्री जग्गी वासुदेव जी 24 सितम्बर को विदिशा से होते हुए ललितपुर जाएंगे। विदिशा जिले की सीमाओं में सदगुरू जी का भव्य स्वागत हो इसके लिए तमाम तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया है।  सदगुरू जी रविवार की प्रातः नौ बजे विदिशा के गणेश मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे तथा आमजनों को सम्बोधित करेंगे। उद्बोधन का हिन्दी में अनुवादक की भी व्यवस्था की गई है। सदगुरू जी मंदिर परिसर में पौधा भी लगाएंगे।  सदगुरू जी जिस मार्ग से प्रस्थान करेंगे उसके दोनो तरफ मानव श्रृंखला बनाकर नगरवासियों द्वारा सदगुरू जी का स्वागत किया जाएगा। मार्ग मंे स्वागत द्वार बनाए गए है जहां जनप्रतिनिधियों के अलावा वाॅलिन्टियर्सो के साथ-साथ व्यापारी वर्ग, लायंस क्लब, रोटरी क्लब, जन अभियान परिषद, स्वंयसेवी संस्थान, ईशा फाउण्डेशन के सदस्यगण एवं गणमान्य नागरिकों के द्वारा स्वागत किया जाएगा एवं मानव श्रंृखला में सहभागिता निभाई जाएगी।

यातायात व्यवस्था 

ईशा फाउण्डेशन के संस्थापक सदगुरू जग्गी वासुदेव द्वारा प्रारंभ की गई रैली फाॅर रिवर रविवार को विदिशा आएंगे। इस दौरान कार्यक्रमों में व्यवधान ना हो इसके लिए वाहनों के  आवागमन मार्गो के रूट में परिवर्तन किया गया है कि जानकारी देते हुए यातायात थाना प्रभारी ने बताया कि रविवार की प्रातः नौ बजे से कार्यक्रम समाप्ति तक भोपाल से विदिशा आने वाले वाहन अग्रवाल एकेडमी के सामने के वायपास रोड़ से होकर आवश्यकतानुसार लिंक रोड के माध्यम से शहर में प्रवेश करेंगे। टैªक्टर-ट्रालियां एवं भारी वाहन उक्त अवधि तक पूर्णतया प्रतिबंधित रहेंगे। ढोलखेडी से विदिशा आने वाले वाहन यात्री वाहन एवं टेªक्टर-ट्राली में भोपाल से कार्यक्रम स्थल पर आने वाले चार पहिया वाहन हेतु पार्किंग की व्यवस्था जीत फार्म हाउस पर तथा दो पहिया वाहनों के लिए पार्किंग स्थल रंगई करैया मार्ग निर्धारित किया गया है। विदिशा से कार्यक्रम स्थल श्री बाढ वाले गणेश मंदिर तक जाने वाले चार पहिया वाहनो के लिए पार्किंग रंगई मंदिर का कच्चा रास्ता तय किया गया है। इसी प्रकार दो पहिया वाहनों के लिए रंगई मंदिर के बाई स्थान पर वाहन खडे कर सकेंगे। गणेश मंदिर के सामने की पार्किंग का स्थान रैली में आने वाले वाहनों एवं व्हीआईपी वाहनो के लिए सुरक्षित रखा गया है। 

कलेक्टर द्वारा राजस्व कार्यो का जायजा

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कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने आज राजस्व अधिकारियों के माध्यम से सम्पादित होने वाले कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने समस्त एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिए कि कार्य क्षेत्रों में अन्य विभागोें के माध्यम से क्रियान्वित योजनाओं एवं कार्यक्रमों का सुपात्रों को लाभ मिले इसके लिए नवाचार करें। कलेक्टर श्री सुचारी ने ऐसे राजस्व निरीक्षक जिनके द्वारा सीमांकन कार्यो में मशीन का उपयोग नही किया जा रहा है। उन सभी को शोकाॅज नोटिस देने एवं वेतन रोकने के निर्देश एसएलआर को दिए है। उन्होंने प्रत्येक गांव में वी-1 का वाचन किया गया है कि नही की क्रास माॅनिटरिंग की। कलेक्टर श्री सुचारी ने राजस्व अधिकारियों से कहा कि अविवादित बंटवारो का निराकरण शत प्रतिशत जिले में नही किया गया है। अतः फिर से अभियान के माध्यम से इस कार्य को किया जाए। कलेक्टर श्री सुचारी ने शासन के दिशा निर्देशों का हवाला देते कहा कि अब टीएसएम से ही सीमांकन कार्य कराया जाना है। ताकि बारिश के कारण सीमांकन के प्रकरण लंबित ना रहे सकें। उन्होंने जरीब से सीमांकन करने की शिकायते प्राप्त होने पर संबंधितों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने के निर्देश एसडीएम को दिए है। कलेक्टर श्री सुचारी ने कहा कि सीमांकन के उपरांत सभी की जानकारी आरसीएम पोर्टल पर दर्ज की जाए। उन्होंने राजस्व रिकार्ड को अपडेट रखने के लिए विशेष अभियान चलाने पर बल दिया है। कलेक्टर श्री सुचारी ने प्रत्येक ग्राम पंचायत पर एक-एक सूचना पत्र फ्लेक्स के माध्यम से प्रदर्शित करने के निर्देश दिए है जिसमंे कृषि खाते में दर्ज मृतक खातेदार की सूचना अविलम्ब प्राप्त हो सकें। उन्होंने कोटवारों के माध्यम से मुनादी कराने की भी बात कही है ताकि ग्राम पंचायत, ग्राम के संबंधित कृषकबंधुओं को सूचित किया जा सकें कि यदि उनके परिवार में किसी मृतक सदस्य का नाम कृषि खाते में है तो तत्काल इसकी सूचना या निर्धारित प्रारूप में आवेदन मृत्यु प्रमाण पत्र, वैध वारसान की प्रमाणित जानकारी शपथ पत्र सहित ग्राम पंचायत, पटवारी, अथवा तहसील कार्यालय में प्रस्तुत कर मृतक के स्थान पर अपना नामांतरण करवाएं। कलेक्टर श्री सुचारी ने आबादी भूखण्ड भवन के सर्वेक्षण पंजी को भी अद्यतन करने के निर्देश दिए है। बैठक में बंटवारा, न्यायालयों में खारिज प्रकरणों के अलावा सीएम हेल्पलाइन, समाधान आॅन लाइन और जनसुनवाई में प्राप्त होने वाले आवेदनों के निराकरण की समीक्षा की गई है। व्हीसी कक्ष में हुई उक्त बैठक में अपर कलेक्टर श्री एचपी वर्मा समेत समस्त एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार मौजूद थे। 

इज्जत के लिए ‘इज्जत घर‘ जरूरी : नरेन्द्र मोदी

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  • मोदी ने कहा, मेरे लिए ‘दल से बड़ा है देश‘ 

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वाराणसी (सुरेश गांधी )।प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के दौरे के दूसरे और अंतिम दिन पशुधन आरोग्य मेले का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने शहंशाहपुर गांव में एक स्वच्छता कार्यक्रम में हिस्सा लिया और गड्ढा खोदकर शौचालय की नींव रखी। मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कालाधन हो, भ्रष्टाचार, बेईमानी हो, उसके खिलाफ मैंने बहुत बड़ी लड़ाई छेड़ी है। सामान्य ईमानदार आदमी को इसलिये मुश्किल होती है, क्योंकि बेईमान उन्हें लूटते हैं। ईमानदारी का यह अभियान आज एक उत्सव के रूप में पनप रहा है। जिस तरह छोटे व्यापारी भी जीएसटी से जुड़ रहे हैं, चीजों को आधार के साथ जोड़ा जा रहा है, जनता की पाई-पाई का खर्च जनता की भलाई पर होगा। हम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। 

स्वच्छता अभियान और देश के हर व्यक्ति को घर देने के लिये अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2022 को आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश के हर शहरी और ग्रामीण गरीब को घर देने का बहुत बड़ा संकल्प लिया है। उन्हें मालूम है कि उन्होंने जो बीड़ा उठाया है, वह बहुत मुश्किल है। लेकिन अगर मुश्किल काम मोदी नहीं करेगा, तो कौन करेगा। जब देश के हर व्यक्ति के लिये घर बनाना होगा तो समझिये कि यूरोप के किसी छोटे देश जितना देश हमें अपने भारत में बसाना होगा। जब इतनी तादाद में घर बनेंगे तो असंख्य लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि नवरात्र के पावन पर्व में उन्हें यहां शौचालय की की ईंट रखने का सौभाग्य मिला। स्वच्छता देश में गरीबों को बीमारी से मुक्त कराएगी, इसलिये यह गरीबों की भलाई करने का उनका अभियान है। मोदी ने कहा कि गांव में शौचालयों पर ‘इज्जतघर’ लिखा है। यह शब्द मुझे बहुत अच्छा लगा, क्योंकि जहां इज्जतघर है, वहां माताओं-बहनों और गांव की इज्जत है। आने वाले समय में जिसे भी इज्जत की चिंता है, वह इज्जतघर बनाएगा।

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मोदी ने पशुधन आरोग्य मेले का जिक्र करते हुए कहा कि इस मेले में करीब 1700 पशुओं का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों से कराया जा रहा है। उन्हें विश्वास है कि ऐसे ही मेले पूरे प्रदेश में लगाए जाएंगे, जिससे उन किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा जो तंगहाली की वजह से अपने जानवरों का इलाज नहीं करा पाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए आज कहा कि उनके लिए दल से बड़ा देश है और बीजेपी वोट पाने के लिए राजनीति नहीं करती क्योंकि उसके लिए देश का विकास सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि दूसरे राजनीतिक दल उसी काम को करना पसंद करते हैं, जिसमें वोट की सम्भावना हो, लेकिन हम अलग संस्कारों में पले बढ़े हैं। हमारा चरित्र अलग है। हमारे लिये दल से बड़ा देश है। इस कारण हमारी प्राथमिकताएं वोट के हिसाब से नहीं होती हैं। आज पशुधन आरोग्य मेले में उन पशुओं की सेवा की जा रही है जिन्हें कभी वोट देने नहीं जाना है। पीएम ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी एवं ग्रामीण) के तहत आवास के लिए कुछ चुनिंदा लोगों को श्चयन प्रमाण पत्र सौंपा। पीएम ने कहा कि देश में विकास की गति तेज हुई है। 25 सालों से लटके मुद्दों पर सरकार ने कड़े फैसले लिए जिनका परिणाम पूरी दुनिया देख रही है। अब राजनीतिक कारणों से विकास परियोजनाओं नहीं लटकाई जातीं। पूर्वांचल और पूर्व भारत के विकास की जरूरत बताते हुए पीएम ने कहा कि पश्चिम की तरह इसे भी विकास की दौड़ में आगे आना होगा। 

दुर्गा मंदिर में पूजा-अर्चना
नवरात्र के मौके पर काशी पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने दुर्गाकुंड स्थित प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर में 1008 अड़हुल के फूलों से मां दुर्गा का पूजन किया और 108 नारियल की बलि दी। करीब 15 मिनट तक गर्भगृह में दर्शन-पूजन के बाद पीएम ने मंदिर व पास में स्थित दुर्गाकुंड का अवलोकन किया। पीएम ने पुजारियों से मंदिर के इतिहास की जानकारी ली। बाहर निकलने पर हजारों लोगों ने हर-हर महादेव के उद्घोष से पीएम का स्वागत किया। पीएम नवरात्र का व्रत रखे हुए हैं। पीएम के साथ सीएम व राज्यपाल भी पूजन में शामिल हुए। महंत पं. जयप्रकाश दुबे ने पूजन कराया।

रामायण पर डाक टिकट
मानस मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रामायण पर डाक टिकट जारी किया। कहा, मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि नवरात्र के मौके पर इस पावन धरती पर रामायण पर डाक टिकट के अनावरण का मौका मिला। प्रभु राम का जीवन सभी के लिए प्रेरणादायी है। महात्मा गांधी ने राम को अपना मंत्र बना लिया। डाक टिकट इतिहास का आईना होता है और विश्व में राजदूत की भूमिका अदा करता है।  

काशी से ‘स्वच्छ भारत निर्मल गंगा’ का संदेश
स्वच्छ काशी व सुंदर काशी से एक कदम आगे बढ़ते हुए पीएम नरेंद्र मोदी परियोजनाओं के बहाने शहर में स्वच्छ भारत व निर्मल गंगा का संदेश भी देते गए। सीवर से जुड़ी परियोजनाओं के बहाने वे गंगा व वरुणा के प्रति संवेदना का अहसास भी करा गए। यह प्रोजेक्ट बहुत जल्द धरातल पर उतरने वाले हैं, कुछ पर काम चल भी रहा। बहुत जल्द काशी स्वच्छता के फलक पर छाएगा। सबसे बड़ा प्रोजेक्ट रमना सीवरेज प्लांट है, जो करीब 153 करोड़ रुपये से जमीन पर उतरना है। इसका निर्माण कार्य अब यूपी जल निगम नवंबर के पहले सप्ताह से जरुर कर देगा। इसके बनकर तैयार होते ही सीवर समस्या से निजात मिलेगी। इस बड़ी परियोजना पर प्रधानमंत्री का ध्यान जाने के बाद अब गोइठहां के पास 120 एमएलडी क्षमता के एसटीपी व दीनापुर एसटीपी पर भी निगाह पैनी होगी। दोनों सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के धरातल पर उतरने के बाद वर्ष 2035 तक सीवेज ट्रीटमेंट की व्यवस्था बेहतर हो जाएगी। वरुणा इलाके में अभी सीवर की कोई लाइन नहीं है, नालियों के सहारे दूषित पानी बह रहा है। इस इलाके में हर घर को सीवरलाइन से जोड़ने का काम शुरू हुआ है।

मधुबनी : डीएम ने किया स्वच्छता पखवारा के सफल आयोजन हेतु बैठक

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मधुबनी, 23 सितम्बर; जिला पदाधिकारी, मधुबनी, श्री शीर्षत कपिल अशोक की अध्यक्षता में शनिवार को विकास भवन सभागार में ग्राम समृद्धि एवं स्वच्छता पखवारा के सफल आयोजन हेतु बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला पदाधिकारी द्वारा उपस्थित पदाधिकारियों एवं कर्मियों को प्रखंड स्तर के सभी विभागो से समन्वय स्थापित कर ग्राम समृद्धि की दिशा में ग्राम सभा एवं कृषि सभा का आयोजन, युवाओं का पंजीकरण एवं स्वच्छता अभियान कार्यक्रम चलाये जाने का निर्देश दिया गया। जिला पदाधिकारी ने कहा ग्राम समृद्धि एवं स्वच्छा पखवारा के अंतर्गत महात्मा गांधी की जयंति 02 अक्टुबर 2017 के अवसर पर सभी ग्राम पंचायतो में पंचायत के कर्मी और प्रतिनिधि ग्राम सभा के आयोजन सुनिश्चित करेंगे। साथ ही सभी पंचायतो में स्वच्छता अभियान चलाये जाने का भी निर्देश दिया गया। इसी क्रम में पंचायत स्तर पर दो दिवसीय कृषि सभा के आयोजन का भी निर्देश दिया। इस अभियान के अवधि में प्रत्येक दिन आई.ई.सी. से संबंधित कार्यकलापो का जियो टैग्ड फोटोग्राफ अपलोड किये जाने की जिम्मेदारी नोडल पदाधिकारी की होगी। जिला पदाधिकारी ने दिनांक-28 से 30 सितम्बर को ग्राम पंचायतो में पखवाडे की तैयारी, पंचायत भवन में जागरूता एवं आई.ई.सी. सामग्री का प्रदर्षन करने का निर्देश दिया। 01 अक्टुबर को पंचायत सचिव एवं रोजगार सेवक के माध्यम से सभी जनप्रतिनिधियों एवं आम लोगो को आमंत्रित कर अभियान के बारे में सामान्य जानकारी एवं स्वच्छता अभियान शुरू करने का निर्देश दिया गया।  02 अक्टुबर को सुबह के पंचायत में स्थित विद्यालयो के अध्यापक से समन्वय स्थापित कर प्रभात फेरी में बच्चों को शामिल करने का निर्देश दिया गया। साथ ही बाल सभा, ग्राम सभा, जी.पी.डी.पी समीक्षा, ग्राम पंचायत परिषद की बैठक करने का निर्देश दिया गया। 3 से 7 अक्टुबर तक स्वच्छ हरित गांव के तहत ग्राम स्वच्छता अभियान, सडक के किनारो सार्वजनिक स्थानों से कचरे की सफाई, विद्यालयों में एम.डी.एम. व्यवस्थाओं की निरीक्षण, विद्यालयों की सफाई, आई.सी.डी.एस. केन्द्रो पर बच्चो का वजन जांच आदि कार्य पंचायत सचिव/पी.आर.एस., जीविका स्वंय सहायता समुह, आशा कार्यकर्त्ता के माध्यम से कराने का निर्देश दिया गया। 8 से 9 अक्टुबर तक कृषि सभाओं के माध्यम से मुर्गी पालन, मछली पालन को बढावा देने, एस.एच.जी. सदस्यो की बैठक का आयोजन करने का निर्देश दिया गया। 10 अक्टुबर को जी.पी.डी.पी. कार्यान्वयन की समीक्षा एवं विचार-विमर्ष को कहा गया। 11 अक्टुबर को मनरेगा कार्ययोजना तैयार करने एवं एस.एल.डब्लु.एम. पर विषेष ध्यान देने को कहा गया। 12 अक्टुबर पी.एम.ए.वाई.-जी. संबंधी लाभाथर््िायों की  सूची को सार्वजनिक करने, वृद्धावस्था, छात्रवृति, खाद्य सामग्री वितरण की समीक्षा करने का निदेष दिया गया। 13-14 अक्टुबर को कौषल विकास के तहत युवाओं का पंजीकरण एवं एकजुटता षिविर लगाने एवं दिनांक-15 अक्टुबर को कार्रवाई रिपोट(ए.टी.आर.) प्रस्तुतिकरण करने एवं जीपी रैंक को साझा करने का निदेष दिया गया। बैठक में उपविकास आयुक्त, सभी अनुमडंल पदाधिकारी, डीआरडीए निदेषक, जिला षिक्षा पदाधिकारी, जिला सुचना पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी, मनरेगा सभी प्रखंडो के आई.टी.सहायक, जीविका के प्रतिनिधि एवं अन्य लोग उपस्थित थे।   

मोहाली में पत्रकार और उसकी मां मृत मिली

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मोहाली :पंजाब:, 23 सितंबर, वरिष्ठ पत्रकार के जे सिंह और उनकी 90 साल से अधिक उम्र की मां यहां अपने घर में मृत मिलीं। मोहाली के पुलिस उपाधीक्षक आलम विजय सिंह ने कहा, ‘‘दोनों के गले पर जख्म हैं। ’’ सिंह की उम्र 60 साल के आसपास थी और उनकी मां 92 साल की थीं। पुलिस ने बताया कि वह मामले की जांच कर रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गये हैं। सिंह ने ट्रिब्यून और कुछ अन्य प्रकाशनों में काम किया था।

झारखंड में पत्रकारों को पेंशन देगी सरकार

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रांची, 23 सितंबर, झारखंड सरकार ने राज्य के पत्रकारों को सेवानिवृत्ति के बाद दस हजार रुपये मासिक की पेंशन देने की घोषणा की है। राजधानी में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार शाम नव निर्मित रांची प्रेस क्लब के भवन का उद्घाटन किया और केरल सरकार द्वारा स्वीकृत नीति के अनुरूप राज्य के पत्रकारों को पेंशन देने की घोषणा की। केरल में पत्रकारों को दस हजार रुपये प्रति माह का पेंशन दी जाती है। प्रेस क्लब के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री दास ने कहा, ‘‘पत्रकारों के लिए पेंशन योजना भी केरल की तर्ज पर आज से लागू की जायेगी। प्रेस क्लब में लाइब्रेरी और जिम भी होगा।’’ क्लब में लाइब्रेरी के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ‘मुख्यमंत्री विवेकानुदान कोष’ से तीन लाख रुपये देने की घोषणा की जबकि क्लब में जिम बनाने की जिम्मेदारी रांची के विधायक एवं शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह ने ली। स्थानीय सांसद रामटहल चैधरी ने प्रेस क्लब को तीन लाख रुपये के सहयोग देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अन्य प्रमंडलों में भी प्रेस क्लब के भवन बनाये जायेंगे। राज्य के स्थापना दिवस पर पंद्रह नवंबर को देवघर और धनबाद के प्रेस क्लब के भवन का आनलाईन शिलान्यास होगा। इस अवसर पर दास ने कहा कि सरकार आलोचना से नहीं डरती है, लेकिन तथ्यपरक आलोचना हो। कमियों को दिखाना मीडिया का काम है। बिना तथ्यों की खबरों से बचना चाहिए। पत्रकारों का काम सनसनी फैलाना नहीं है। इससे विश्वसनीयता खोती है। मर्यादा का पालन सभी को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकशाही की मजबूती के लिए मीडिया का मजबूत होना जरूरी है। प्रेस क्लब में हर तीन माह में अन्य राज्यों के पत्रकारों को बुलायें, उनसे अनुभव सुनें। इसी प्रकार साहित्यकारों को भी आमंत्रित करें। इससे हर किसी को सीखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी जैसे विषयों पर भी कार्यशाला का आयोजन करें। इसमें सरकार अपने अधिकारियों को भी भेजेगी। इससे पत्रकारों को भी विषय की पूरी जानकारी हो पायेगी, जिससे उन्हें खबर लिखने में आसानी होगी और वह जनता को भी सही जानकारी दे सकेंगे। काम के बाद पत्रकार आपस में भी बैठें और विषयों पर चर्चा करें। इससे लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। कार्यक्रम में नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि अखबार अब दैनिक जीवन की आदत बन चुका है। प्रेस की स्वतंत्रता के वह समर्थक हैं और इसी हेतु वह आपातकाल में जेल भी जा चुके हैं। सूचना जनसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार एवं रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष बलबीर दत्त ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

शिवसेना ने भाजपा को राणे के खिलाफ हिदायत दी

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मुंबई, 23 सितंबर, शिवसेना के वरिष्ठ नेता दीपक केसरकर ने भाजपा को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे को पार्टी में शामिल किए जाने के खिलाफ आज हिदायत दी। राणे ने हाल ही में कांग्रेस छोड़ी है। केसरकर ने कहा है कि राणे ‘आपराधिक स्वभाव’ के हैं और वह भ्रष्टाचार में संलिप्त रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा में राणे के शामिल होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विचार सुनना महत्वपूर्ण होगा क्योंकि प्रधानमंत्री अक्सर ही भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की बात कहते हैं। उन्होंने जालना में संवाददाताओं से कहा, ‘‘राणे ने सबक नहीं सीखा है। शिवसेना की तरह, यह भाजपा की जिम्मेदारी है कि वह भी भ्रष्टाचार रोके। क्या वे एक ऐसे व्यक्ति को शामिल करना चाहते हैं जो आपराधिक स्वभाव के हैं और भ्रष्टाचार में संलिप्त रहे हैं? ’’ दरअसल, भाजपा में राणे के शामिल होने की महाराष्ट्र में अटकलें जोरों पर है। शिवसेना प्रमुख दिवंगत बाल ठाकरे ने 1999 में राणे को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना था। राणे ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मतभेदों को लेकर भगवा पार्टी छोड़ दी और 2005 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इस बीच, महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार से हटने की संभावना के बारे में शिवसेना की ताजा धमकी को इस रूप में देखा जा रहा है कि यह भाजपा में राणे के प्रवेश को रोकने की कोशिश है। दोनों सहयोगी भगवा पार्टियों के बीच कुछ समय से तकरार चल रहा है। ये दोनों पार्टियां राज्य और केंद्र में सत्ता साझा कर रही हैं। वहीं, राणे के विधायक पुत्र नीतेश राणे ने अपने पिता को भ्रष्ट कहे जाने को लेकर केसरकर पर पलटवार करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिंधुदुर्ग में जिस व्यक्ति के परिवार को तस्कर के तौर पर जाना जाता है वे हमारा नाम ले रहे हैं।

हमारी प्राथमिकता विकास है, वोट नहीं : नरेन्द्र मोदी

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शहंशाहपुर, 23 सितम्बर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र में विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों के दौरान कहा कि भारतीय जनता पार्टी की राजनीति वोट बैंक के लिये नहीं है। हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता देश का संपूर्ण विकास है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'कुछ नेता अपना वोट बैंक मजबूत करने के लिये काम करते है, लेकिन हम अलग संस्कारों से पले-बढ़े हैं। हमारे लिये राष्ट्र ही सर्वोपरि है और यही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है ।'प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के दूसरे और अंतिम दिन यहां ‘आयोजित पशुधन आरोग्य मेले’ का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘दूसरे राजनीतिक दल उसी काम को करना पसंद करते हैं, जिनमें वोट की सम्भावना हो, लेकिन हम अलग संस्कारों से पले बढ़े हैं। हमारा चरित्र अलग है। हमारे लिये दल से बड़ा देश है। इस कारण हमारी प्राथमिकताएं वोट के हिसाब से नहीं होती है।’’ अट्ठारह सौ एकड़ जमीन पर आयोजित मेले का उदाहरण देते हुये उन्होंने कहा, 'पशुधन आरोग्य मेले में उन पशुओं की सेवा की जा रही है जिन्हें कभी वोट देने नहीं जाना है। यह पशु किसी के मतदाता नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा तब गांव हो या शहर वहां रहने वाले हर गरीब के पास मकान होगा।


उन्होंने कुछ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रमाणपत्र भी बांटे। उन्होंने कहा कि देश में जब करोड़ों मकान बनेंगे तब इसके लिये ईट, सीमेंट, लोहा और लकड़ी की जरूरत होगी, इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा तथा रोजगार के अवसर मिलेंगे।'उन्होंने कहा, 'मैं मुख्यमंत्री को इस बात के लिये बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने पशुधन आरोग्य मेला का आयोजन किया। यह मेला पूरे प्रदेश के किसानों के लिये लाभप्रद होगा।'उन्होंने कहा, ‘‘कालाधन, भ्रष्टाचार, बेईमानी के खिलाफ मैंने बहुत बड़ी लड़ाई छेड़ी। सामान्य ईमानदार आदमी को इसलिये मुश्किल होती है, क्योंकि बेईमान उन्हें लूटते हैं। ईमानदारी का यह अभियान आज एक उत्सव के रूप में पनप रहा है। जिस तरह छोटे व्यापारी भी जीएसटी से जुड़ रहे हैं। चीजों को आधार के साथ जोड़ा जा रहा हैं। जनता की पाई-पाई का खर्च जनता की भलाई पर होगा। हम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि नवरात्र के पावन पर्व में मुझे पड़ोस के गांव में शौचालय की र्इंट रखने का सौभाग्य मिला। स्वच्छता देश में गरीबों को बीमारी से मुक्त कराएगी, इसलिये यह गरीबों की भलाई करने का मेरा अभियान है।’’ उन्होंने कहा कि उस गांव में शौचालयों पर ‘इज्जतघर’ लिखा था। यह शब्द बहुत अच्छा लगा, क्योंकि जहां ‘इज्जतघर’ है वहां माताओं बहनों और गांव की इज्जत है। आने वाले समय में जिसे भी इज्जत की चिंता है वह ‘इज्जतघर’ बनाएगा। स्वच्छता अभियान और देश के हर व्यक्ति को घर देने के लिये अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2022 तक देश के हर शहरी और ग्रामीण गरीब को घर देने का बहुत बड़ा संकल्प लिया है। उन्हें मालूम है कि उन्होंने जो बीड़ा उठाया है वह बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा ‘‘लेकिन अगर मुश्किल काम मोदी नहीं करेगा, तो कौन करेगा।’’

पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सीमा चौकियों पर की गोलाबारी, बीएसएफ जवानों समेत सात लोग घायल

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जम्मू, 23 सितंबर, पाकिस्तानी सेना ने जम्मू, सांबा और पुंछ जिलों में भारतीय सीमा चौकियों पर रातभर गोलीबारी और गोलाबारी की, जिसमें बीएसएफ के दो जवान और पांच नागरिक घायल हो गए। अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से लगातार संघर्षविराम उल्लंघन में सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले सैकड़ों लोगों को मजबूरन अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा है। अधिकारियों ने आज बताया कि पाकिस्तानी सेना ने जम्मू और सांबा जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अरनिया, आर एस पुरा और रामगढ़ सेक्टर में गत शाम से ही गांवों और सीमा चौकियों पर भारी गोलीबारी की और मोर्टार दागे। उन्होंने 20 गांवों को निशाना बनाया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की गोलीबारी और गोलाबारी में आर एस पुरा सेक्टर के सतोवाली गांव में तीन नागरिक घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। उन्होंने बताया कि अरनिया सेक्टर के त्रेवा में एक अन्य गांववासी घायल हो गया। अधिकारियों ने बताया कि सांबा के रामगढ़ सेक्टर में पाकिस्तान की गोलीबारी में बीएसएफ के दो जवान मामूली रूप से घायल हो गए। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने गत शाम नियंत्रण रेखा पर पुंछ सेक्टर में भारी गोलीबारी और गोलाबारी की। गोलीबारी में आठ साल का एक लड़का घायल हो गया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने कल रात कुछ सीमावर्ती इलाकों को निशाना बनाया जिसके बाद पुलिस ने 500 से ज्यादा लोगों को वहां से निकाला। ये लोग अब एक शिविर में रह रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में अरनिया और आर एस पुरा में 20,000 से ज्यादा लोगों को अपने घरों और गांवों को छोड़कर जाना पड़ा है। तेरह से 18 सितंबर के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना की ओर से लगातार गोलाबारी की गई। सीमा पर दो दिन तक शांति बने रहने के बाद 21 सितंबर को फिर से गोलीबारी और गोलाबारी शुरू हुई। इस दौरान पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी और गोलाबारी में एक बीएसएफ जवान और एक नागरिक की मौत हो गई तथा बीएसएफ के पांच जवानों समेत 25 अन्य लोग घायल हो गए। भारतीय सेना के आंकड़ों के अनुसार, इस साल पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ गई हैं। एक अगस्त तक पाकिस्तानी सेना ने 285 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया, जबकि 2016 में पूरे साल में यह संख्या 228 थी।

नोएडा में युवती से चलती कार में बलात्कार, पीड़िता को दिल्ली में छोड़ फरार हुए बदमाश

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नोएडा, 23 सितंबर, उत्तर प्रदेश में नोएडा के सेक्टर-37 के पास से कार सवार दो व्यक्तियों ने एक युवती का कथित तौर पर अपहरण कर चलती कार में उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी पीड़िता को दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के पास छोड़कर फरार हो गए। सहायक पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने बताया कि पीड़िता सेक्टर-36 में रहती है और एक बीपीओ में काम करती है। कल शाम करीब सात बजे वह गोल्फकोर्स मेट्रो स्टेशन के पास कैब का इंतजार कर रही थी। तभी कार में सवार दो युवकों ने युवती से रास्ता पूछा। वह जैसी ही रास्ता बताने लगी। कार में पीछे बैठे एक आरोपी ने युवती को कार में जबरन खींच लिया। उन्होंने कहा कि दोनों बदमाश युवती को लेकर नोएडा एक्सप्रेस-वे के रास्ते यमुना एक्सप्रेस-वे की तरफ चले गए। दोनों ने उसके साथ कार में ही सामूहिक बलात्कार किया। अभिनंदन ने बताया कि युवती ने विरोध किया तो दोनों ने उसे जमकर पीटा। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपी युवती को गंभीर हालत में दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के पास सड़क पर छोड़कर फरार हो गए। युवती ने दिल्ली पुलिस को घटना की सूचना दी। दिल्ली पुलिस उसे लेकर नोएडा आई। उन्होंने बताया कि पीड़िता ने घटना की रिपोर्ट थाना सेक्टर-39 में दर्ज करायी है। इस घटना के बाद से पीड़िता सदमे है।


कट्टरता फैलाने के लिए इंटरनेट का उपयोग पर रोक हेतु भारत ने वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया

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stop-fundamentalist-on-cyber-world-said-indiaन्यूयार्क, 23 सितंबर, कट्टरता फैलाने तथा आतंक के वित्त पोषण के लिये आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट के इस्तेमाल के बढ़ते जोखिम से निपटने के लिये वैश्विक कार्रवाई की मांग करते हुए भारत ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई समूचे भौगोलिक एवं सांस्कृतिक स्तर पर समान होनी चाहिए और इसमें भेदभावपूर्ण मानकों को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में ‘आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट के इस्तेमाल पर रोक’ विषय पर ब्रिटेन एवं इटली की मेजबानी में एक उच्च-स्तरीय बैठक के दौरान विदेश सचिव एस जयशंकर ने यह टिप्पणी की। शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की ओर से जारी एक प्रतिलेख के मुताबिक जयशंकर ने कहा, ‘‘बड़े आतंकवादी हमलों के प्रभाव को कम करने के लिये इंटरनेट के आधार, अहम इंटरनेट संसाधन और आंकड़ा संकलन केंद्रों को अलग अलग तथा अनावश्यक आंकड़ों से रहित होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई समूचे भौगोलिक एवं सांस्कृतिक स्तर पर समान होनी ही चाहिए। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें अलग-अलग मानक स्वीकार्य नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक इंटरनेट की बात है तो हम सभी जानते हैं कि आतंकवाद के लिये यह कितना प्रभावी साधन बन गया है। कट्टरता के प्रसार, किसी के मन मस्तिष्क को प्रभावित करने, आतंकियों की भर्ती और आतंक के वित्त पोषण के लिये इसका इस्तेमाल अब तक अच्छी तरह सिद्ध हो चुका है। ऐसी स्थिति में हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकते। यह मंच इस समस्या पर और अधिक प्रभावी तरीके से हमला बोलने का एक प्रयास है और हम इसकी सराहना करते हैं।’’ भारत के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि भारत आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट के इस्तेमाल से उत्पन्न खतरे से परिचित है।


अपनी टिप्पणी में जयशंकर ने कहा कि इस दिशा में ग्लोबल इंटरनेट फोरम टू काउंटर टेररिज्म (जीआईएफसीटी) एक उत्साहजनक प्रगति है क्योंकि इंटरनेट के आतंकियों द्वारा इस्तेमाल से लड़ाई में जो पक्षकार हैं उनमें कुछ सरकार से इतर भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह नयी नीतियों और सबसे अहम नए नजरियों का आह्वान करता है और हम इस संबंध में सकारात्मक बदलाव देख रहे हैं।’’ बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि आतंकियों द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल एक वैश्विक मुद्दा है जिसके लिये नये, अंतरराष्ट्रीय समाधान की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर इस बैठक में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और इटली के प्रधानमंत्री पाओलो जेंटीलोनी समेत उद्योग जगत एवं कई देशों से नेताओं ने हिस्सा लिया। जीआईएफसीटी के नेताओं की तरह ही फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर और यूट्यूब ने भी कट्टरता फैलाने, आतंकियों की भर्ती, दुष्प्रचार फैलाने के लिए इंटरनेट के इस्तेमाल को रोकने और अपने यूजर्स को ऑनलाइन आतंकियों तथा हिंसक चरमपंथ फैलाने वालों से बचाने के साझा लक्ष्य पर जोर दिया।

मस्जिद के बाहर विस्फोट के लिए म्यामां सेना ने रोहिंग्या लोगों को जिम्मेदार ठहराया, हालात बिगड़े

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सित्तवे (म्यामां), 23 सितंबर, रखाइन राज्य में मस्जिद के बाहर विस्फोट के लिए म्यामां सेना के प्रमुख ने आज आरोप लगाया कि यह रोहिंग्या लोगों का किया है जबकि एक मानवाधिकार समूह ने आरोप लगाया है कि शरणार्थियों को वापस लौटने से रोकने के लिए सेना ने क्षेत्र में गोलीबारी शुरू कर दी है। इस घटना से हालात और बिगड़ गए। कुछ ही दिन पहले म्यामां की असैन्य नेता आंग सान सू ची ने घोषणा की थी कि सैनिकों ने सीमांत इलाकों में ‘सैन्य अभियान’ बंद कर दिया है, जिसकी वजह से महीने भर के भीतर 4,30,000 रोहिंग्या लोगों को शरण के लिए बांग्लादेश भागने को मजबूर होना पड़ा। सेना का दावा है कि वह रोहिंग्या आतंकियों को निशाना बना रही है जिन्होंने बीते 25 अगस्त को पुलिस चौकियों पर हमला किया था। लेकिन उसके बर्बर अभियान को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र को यह कहना पड़ा था कि यह रोहिंग्या मुस्लिमों के ‘‘नस्ली सफाया’’ के बराबर है। आज म्यामां के कमांडर इन चीफ मिन आंग हलैंग ने फेसबुक पर एक वक्तव्य पोस्ट किया है जिसमें कहा गया है कि रोहिंग्या आतंकियों ने कल उत्तरी रखाइन स्थित बूथीदांग शहर में ‘‘देसी बारूदी सुरंग’’ लगाई थी जो एक मस्जिद और मदरसे के बीच फट गई। सेना प्रमुख ने आरोप लगाया कि आतंकियों ने मी चांग जे में अब भी मौजूद बड़ी संख्या में ग्रामीणों को वहां से भगाने की कोशिश की। विश्लेषकों का कहना है कि इस बयान का कोई मतलब नहीं है क्योंकि इस समूह की शक्ति वहां रहने वाले रोहिंग्या समुदाय पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा, ‘‘ ग्रामीण अपने घर नहीं छोड़ना चाहते हैं, इसलिए उन्हें डराने के लिए आतंकियों ने इबादत के समय बम में विस्फोट किया। ’’ विस्फोट में किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

श्रृंखला जीतने और वनडे में भी नंबर वन बनने उतरेगा भारत

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इंदौर, 23 सितंबर, तेज और स्पिन के बेजोड़ संगम से बने अपने 'सुपर आक्रमण'के दम पर पहले दो मैचों में जीत दर्ज करके आत्मविश्वास से भरी भारतीय टीम अपने लिये भाग्यशाली रहे होलकर स्टेडियम में कल यहां आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में श्रृंखला अपने नाम करने और आईसीसी रैंकिंग में फिर से नंबर एक पर काबिज होने के इरादे से मैदान पर उतरेगी। भारत ने चेन्नई में बारिश से प्रभावित पहले मैच में डकवर्थ लुईस पद्धति से 26 रन से जीत दर्ज की थी जबकि कोलकाता में दूसरे मैच में उसने अपने अपेक्षाकृत कम स्कोर का सफलतापूर्वक बचाव करके आस्ट्रेलिया को 50 रन से हराकर पांच मैचों की श्रृंखला में 2—0 की बढ़त हासिल की। अब भारत उस होलकर स्टे​डियम में उतरेगा जिस पर इससे पहले वह न कभी टास हारा है और ना ही मैच। मौसम जरूर भारत का मजा कुछ किरकिरा कर सकता है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से देश के इस भाग में बारिश हो रही है और मौसम विभाग ने कल भी कुछ समय के लिये बारिश होने की संभावना जतायी है। अगर मौसम पर गौर नहीं किया जाए तो सारी परिस्थितियां भारत के अनुकूल बन रही हैं और उम्मीद है कि पूरी तरह से पेशेवर ढांचे में ढल चुकी उसकी टीम आत्मुग्धता से बचेगी क्योंकि आस्ट्रेलियाई वापसी करके श्रृंखला को जीवंत बनाये रखने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।


भारत अगर वर्तमान श्रृंखला और होलकर स्टेडियम में अपना विजय अभियान बरकरार रखता है तो फिर वह आईसीसी की एकदिवसीय रैकिंग में भी नंबर एक पर पहुंच जाएगा। विराट कोहली की टीम अभी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर काबिज है लेकिन वनडे में वह दक्षिण अफ्रीका के बाद दूसरे स्थान पर है। इन दोनों टीमों के अभी समान 119 अंक हैं लेकिन दक्षिण अफ्रीकी टीम दशमलव में गणना में भारत से आगे है। भारत यदि कल का मैच जीत जाता है तो उसके 120 अंक हो जाएंगे लेकिन हार पर उसके 118 अंक ही रह जाएंगे। कोहली एंड कंपनी हालांकि पूरी कोशिश करेगी कि ऐसी कोई नौबत नहीं आये। विश्व क्रिकेट में पिछले कुछ वर्षों से अक्सर भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप की चर्चा होती रही है जिसमें सदाबहार कोहली के अलावा वनडे में बड़ी पारियां खेलने में माहिर रोहित शर्मा और महेंद्र सिंह धोनी जैसा 'सुपर फिनिशर'शामिल है। लेकिन वर्तमान श्रृंखला में भारत के गेंदबाजों ने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। भारत के पास पहली बार वनडे में इतना विविधतापूर्ण गेंदबाजी आक्रमण दिख रहा है जिसमें भुवेनश्वर कुमार अपनी स्विंग और तेजी से, जसप्रीत बुमराह अपनी यार्कर और बड़ी चालाकी से की गयी धीमी गेंदों से तो आलराउंडर हार्दिक पंड्या अपनी उछाल वाली गेंदों से आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की परीक्षा ले रहे हैं।

मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में सुब्रमणियम को मिलेगा एक साल का सेवा विस्तार : जेटली

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नयी दिल्ली, 23 सितंबर, वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि सरकार मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम का कार्यकाल एक साल के लिये अक्तूबर 2018 तक बढ़ाएगी। पीटरसन इंस्टीट्यूट फार इंटरनेशनल एकोनामिक्स के वरिष्ठ फेलो सुब्रमणियम को अक्तूबर 2014 में मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) बनाया गया था। उनका कार्यकाल तीन साल के लिये था जो 16 अक्तूबर को समाप्त हो रहा है। यहां आज संवाददाताओं से बातचीत में जेटली ने कहा कि सुब्रमणियम को एक साल का सेवा विस्तार मिलेगा। भाजपा नीत राजग सरकार का पांच साल का कार्यकाल मई 2019 में पूरा होगा। सीईए वित्त मंत्री को वृहत आर्थिक मामलों पर सलाह देता है और अन्य बातों के अलावा आर्थिक समीक्षा तथा मध्यावधि समीक्षा तैयार करता है।

वैश्वीकरण जारी रहेगा, आर्थिक नीतियों पर संदेह करने वाले गलत साबित हुए: मनमोहन सिंह

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मोहाली :पंजीब:, 23 सितंबर, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि वैश्वीकरण जारी रहेगा और 25 साल पहले जो देश की नई नीतियों को लेकर संदेह करते थे, वे गलत साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि आर्थिक नीतियों का जोर और उसकी दिशा पिछले 25 साल से बरकरार है। सिंह को 1990 के दशक की शुरूआत में किये गये आर्थिक सुधारों का सूत्रधार माना जाता है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने इंडियन स्कूल आफ बिजनेस लीडरशिप सम्मिट, 2017 के 15वें सत्र में कल शाम यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी को पता है कि 1991 में हमने अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के लिये नया रुख अपनाया। इसमें घरेलू और बाह्य अर्थव्यवस्था दोनों में प्रगतिशील उदारीकरण शामिल है।’’ इस दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और साथ ही गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वालों के अनुपात में भी कमी आयी। सिंह ने कहा, ‘‘नि:संदेह कई चुनौतियां हैं। खासकर स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में। साथ ही आय एवं संपत्ति में असामनता को पाटने के लिये व्यावहारिक उपाय किये जाने की जरूरत है...।’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वैश्वीकरण बरकरार रहेगा।’’ पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में काफी अवसर हैं लेकिन आंतरिक चुनौतियां बनी हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘टिकाऊ, नवप्रवर्तन और प्रतिस्पर्धी उपक्रमों के लिये देश में एक बड़ा बाजार है। लोकतांत्रिक देश के रूप में हमें विभिन्न कारणों से आंतरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है लेकिन लोकतंत्र में ही परिपक्वता के साथ इस प्रकार की स्थिति से निपटने की क्षमता होती है और यह इसका एक बड़ा लाभ है।’’ सिंह ने कहा, ‘‘तानाशाही रूख से लोगों की वास्तविक समस्याओं का हल नहीं हो सकता। सिंह ने युवा स्नातकों से अपने जीवन और संबंधित उपक्रमों के प्रबंधन में लोकतांत्रिक मूल्यों को आत्मसात करने को कहा।

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