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बोले लालू- तीन माह की राजग सरकार में बिहार में तीन बड़े घोटाले

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पटना 06 नवम्बर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने शौचालय घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गठबंधन सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि तीन माह की जदयू-भाजपा सरकार में हजारों करोड़ रुपये के तीन बड़े घोटाले हुए हैं। श्री यादव ने एक बार फिर अपने ट्वीट के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा पर हमला बोलते हुए लिखा, “ भाजपा के साथ नीतीश कुमार की सरकार के सौ दिन। सृजन घोटाला, शौचालय घोटाला और महादलित विकास मिशन घोटाले के रूप में हजारों करोड़ रुपये के तीन बड़े घोटाले सामने हैं। एक अन्य ट्वीट में श्री यादव ने टॉयलेट के चित्र को प्रदर्शित करते हुए लिखा, “ इस तरह के करीब दस हजार टॉयलेट्स नीतीश सरकार ने लूट लिये।” इससे पूर्व घोटाले के उजागर होने के बाद राजद सुप्रीमों ने शनिवार को ट्वीट कर नीतीश कुमार को न केवल इसके लिए जिम्मेवार ठहराया था। उन्होंने ट्वीट कर तंज करते हुए पूछा, “ तथाकथित चारा घोटाले में ये लोग बोलते थे, लालू चारा खा गये। अब शौचालय घोटाले में वो क्या बोलेंगे, नीतीश क्या खा गए।”


किसानों को पेंशन देने की मांग

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नयी दिल्ली 05 नवंबर, पिछले पांच दिनों से राजधानी में धरना दे रहे किसानों ने सरकार से स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, भूमि अधिग्रहण कानून वापस लेने और किसानों को पेंशन देने की मांग की है। अखिल भारतीय किसान सभा के एक नवंबर से पांच नवंबर तक आयोजित धरने में तमिलनाडु, केरल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कनार्टक, पद्दुचेरी, मणिपुर, त्रिपुरा, असम, बंगाल तथा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड एवं पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर आदि राज्यों से आये हजारों स्त्री-पुरूष किसान शामिल हुए। किसान नेताओं ने अपने संबोधनों में सरकार से मांग की कि स्वामीनाथन आयोग की रिपाेर्ट को लागू किय जाना चाहिए और भूमि अधिग्रहण कानून 2014 काे वापस लिया जाना चाहिए। किसानों को पूर्ण ऋण माफी दी जानी चाहिए। इसके अलावा महिला-पुरूष किसानों, खेत मजदूराें एवं ग्रामीण दस्तकारों को 60 वर्ष की उम्र पर 10 हजार रूपये मासिक पेंशन देने की व्यवस्था किये जाने की भी मांग की गयी।

मधुबनी : दृष्टि फाउंडेशन के प्रशिक्षण कार्यक्रम

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कुछ ऐसे लोग जो किसी संस्थान से कभी ताल्लुक रखते हों और फ़िलहाल मे किसी और संस्थान मे अपनी सेवा दे रहे हों तो सामान्यतया ऐसे लोगों को “ALMUNI” के नाम से पुकारा एवं जाना जाता है l ऐसे ही कुछ लोगों की भीड़ दृष्टि फाउंडेशन के सौराठ, मधुबनी स्थित “दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना” के प्रशिक्षण केंद्र दिखी l यह योजना वर्ष 2014 से संचालित है एवं करीब 500 बी.पी.एल परिवार के बच्चों को “एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विस प्रोवाइडर “ का प्रशिक्षण दिलाया गया है l इस केंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त बच्चे जो आज विभिन्न कम्पनी मे कार्यरत हैं उन्होंने अपना अनुभव उन बच्चों के साथ साझा किया जो अभी तक रोजगार नहीं प्राप्त कर पाए हैं l कार्यक्रम का उद्घाटन सुश्री ऋचा गार्गी (जिला परियोजना पदाधिकारी – जीविका ), रोशन प्रकाश (मेनेजर जॉब्स – जीविका), एवं “दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना” के राज्य स्तर पर प्लेसमेंट मोनिटर करने एवं इस योजना के लिए दृष्टि फाउंडेशन के नोडल पदाधिकारी श्री धनञ्जय द्वेदी ने दीप जला के किया l दृष्टि के जोनल मेनेजर रिटायर्ड एयरफोर्स  ग्रुप कप्तान  श्री इंदुभूषण ठाकुर एवं इस प्रोजेक्ट के स्टेट हेड श्री अजय कुमार ने बच्चों के वर्तमान उपलब्धि पर बधाई एवं उनके स्वर्णिम भविष्य के लिए भी शुभ कामना दी l सरोज कुमार कामत , माला कुमारी, राजेश कुमार कामत, कल्याणी कुमारी,रोशन कुमार, प्रतिक कुमार, गायत्री कुमारी , कमलेश मुखिया संग दर्जनों छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव साझा किये l सरोज जन्हा  अपने छोटे भाई को मेडिकल की तयारी  करने के लिए हर माह दस हजार अपने परिवार को दे रहे हैं वन्ही गायत्री जो की पैर से दिव्यांग होते हुए भी 35 किलोमीटर की दुरी प्रतिदिन तय करके नौकरी करती है , गायत्री की जीवटता उन लोगों के लिए सिख  है जो अनुकूल संसाधनों के होने के बावजूद भी नौकरी करने मे हिचकते है l गायत्री जैसे बच्चे उन सभी बच्चों  के लिए उदहारण हैं जो विपरीत परिस्थितियों मे चलने की हिम्मत रखते हैं l इस प्रोजेक्ट के क्वालिटी हेड राजीव रंजन दास ने बताया की इस बच्चों को इस योजना के अंतर्गत बेहतर नौकरी के विकल्प दिए जा रहे हैं , वन्ही श्री धनञ्जय द्वेदी ने बताया की अगले माह की ८ एवं ९ तारीख को मधुबनी मे रोजगार मेला लगाया जायेगा जिसमे ज्यादा से जयादा नौकरी के विकल्प सामने लाये जायेंगे , उम्मीद है की हम और बच्चों को रोजगार से जोड़ पाएंगे l इस कार्यक्रम का सञ्चालन राजीव रंजन दास ने की वन्ही इस प्रोजेक्ट के नियोजन पदाधिकारी इन्द्रेश झा एवं अरुण झा ने बच्चों को अपने क्षेत्र मे बेहतर देने के लिए प्रोत्साहित किया l

पटना में आंदोलनरत नर्सों पर बर्बर लाठीचार्ज बेहद निंदनीय: माले-ऐपवा

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पटना 6 नवम्बर , भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने आज पटना में प्रदर्शनकारी नर्सों पर बर्बर लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है और कहा है कि नीतीश सरकार लाठी-गोली की सरकार बन गयी है. आंदोलनकारियों की जायज मांगों को सुनने की बजाए वह दमन का सहारा ले रही है. उन्होंने कहा कि महासंघ(गोप गुट) से सम्बद्ध बिहार राज्य एएनएम(आर) संविदा कर्मचारी संघ के आह्वान पर अपनी सेवा के नियमितीकरण और समान काम के लिए समान वेतन की मांग पर पिछले 2 नवम्बर से नर्सों का अनिश्चितकालीन हड़ताल चल रहा है, लेकिन सरकार अथवा उसके किसी प्रतिनिधि ने आंदोलनकारियों से वात्र्ता करना तक उचित नहीं समझा. आज जब वे प्रदर्शन कर रही थीं, तो उनके उपर बर्बर पुलिसिया दमन ढाया गया. जिसमें दर्जन भर नर्सों को गहरी चोट आई है. यहां तक कि  इस बर्बर पुलिसिया कार्रवाई में जुलुस को नियंत्रित कर रहे महासंघ (गोप गुट) के महासचिव प्रेमचंद कुमार सिन्हा को भी गंभीर चोटें आई है. बिहार सरकार आंदोलनकारियों के प्रति घोर संवेदनहीनता बरत रही है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी पूरी तरह से उनकी मांगों का समर्थन करती है. उनकी सेवा स्थायी होनी चाहिए और समान काम के लिए समान वेतन लागू होना चाहिए. ऐपवा की बिहार राज्य सचिव शशि यादव ने भी घटना की तीखी भत्र्सना की है. उन्होंने कहा कि नर्सों के ऊपर बर्बरता से किया गया हमला बतलाता है कि नीतीश सरकार न केवल कर्मचारी विरोधी बल्कि घोर महिला विरोधी भी है. ऐपवा उनके संघर्षों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर करती है और उनकी मांगों को अविलंब लागू करने की मांग करती है.

दुमका (झारखण्ड) की 05 नवंबर की हलचल

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29वाँ राष्ट्रीय सब जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता 2017

संगीत की धुन पर देर रात्रि तक थिरके खिलाड़ी

Dumka kabaddi
अमरेन्द्र सुमन, दुमका, 29वीं राष्ट्रीय सब जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता में खिलाड़ियों एवं तकनीकी पदाधिकारियों के आवासन हेतु नकटी स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक महिला कॉलेज के छात्रावास में व्यवस्था की गई है ।रात्रि में उनके मनोरंजन हेतु आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में दुमका के मलूटी म्यूजिकल ग्रुप के कलाकारों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए । कलाकारों के संगीत धुन पर देर रात तक खिलाड़ी नाचते गाते रहे।विभिन्न राज्यों से आये हुए बालक और बालिका खिलाड़ियों ने जमकर नृत्य किया ।म्यूजिक निदेशक महेन्द्र प्रसाद ,अनिल साह ,तारापद आदि के वाद्ययंत्र की धुन पर निरंजन प्रसाद साह ने बड़ी दूर से आए हैं प्यार का तोहफा लाए हैं ..संदीप कुमार ने सोचेंगे तुझे प्यार करें  ना करें आदि मधुर गीत गाये । इसके अलावा अन्य कई फरमाइशी गीतों पर दर्शक देर रात तक झूमते रहे इस कार्यक्रम का संचालन सांस्कृतिक कार्यक्रम के समन्वयक गौर कांत झा ने किया ।  कार्यक्रम के दौरान दुमका के अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार ,आयोजन सचिव उमाशंकर चौबे, मैदान समिति के संयोजक गोविंद प्रसाद ,मीडिया प्रभारी मदन कुमार, दीपक झा सहित आयोजन समिति के अन्य सदस्य तथा बड़ी संख्या में विभिन्न राज्यों से आए हुए बालक एवं बालिका खिलाड़ी तथा तकनीकी पदाधिकारी उपस्थित थे ।

प्रथम चरण में बालक एवं बालिका वर्ग में 8-8 पूल बनाकर हो रहें हैं लीग मैच । बालक और बालिका दोनों वर्ग में बिहार ने जीता अपना पहला मुकाबला। कलाकारों के संगीत धुन पर देर रात्रि तक थिरके खिलाड़ी

साई तथा हरियाणा की टीम पर होगा खिताब बचाने का दबाव 

अमरेन्द्र सुमन, दुमका, चार दिवसीय 29वीं राष्ट्रीय सब जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता का आगाज हो चुका है ।गत वर्ष की विजेता साई तथा हरियाणा की टीम पर अपने अपने खिताब की रक्षा करने की बड़ी चुनौती होगी । उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 2016 की चैंपियनशिप में बालक वर्ग में साईं की टीम विजेता रही थी जबकि  उपविजेता टीम महाराष्ट्र थी । बालिका वर्ग में हरियाणा ने खिताब जीता था जबकि साईं की बालिका टीम उप विजेता थी।इन दोनों ही टीम के प्रदर्शन पर सबकी निगाहें रहेंगी । बिरसा मुंडा आउटडोर स्टेडियम में 4 नवंबर से आरंभ हुए 29 वें राष्ट्रीय सब जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता में बालक एवं बालिकाओं की टीम को आरम्भ में 8- 8 पूलों में बांटकर लीग चरण के मैच होंगे। बालक वर्ग के पूल A में साईं ,पश्चिम बंगाल तथा जम्मू कश्मीर की टीम है ।पूल B में तमिलनाडु ,मणिपुर और उत्तर प्रदेश ,पूल C में तेलंगाना ,छत्तीसगढ़ तथा बिहार। पूल D में उत्तराखंड , हरियाणा और आंध्र प्रदेश ।पूल E में हिमाचल प्रदेश ,विदर्भ ,चंडीगढ़ तथा राजस्थान । पुल F में पंजाब, असम ,केरल तथा महाराष्ट्र। पूल G में कर्नाटक, त्रिपुरा, गोवा तथा गुजरात ।जबकि पुल H में मध्य प्रदेश, उड़ीसा ,झारखंड तथा दिल्ली की टीम को रखा गया है ।बालिका वर्ग में पूल Aमें बिहार, हरियाणा तथा मणिपुर ।पूल-B में साईं ,कर्नाटक तथा त्रिपुरा ।पूल C में झारखंड ,तेलंगाना तथा हिमाचल प्रदेश ।पूल D में तमिलनाडु, उत्तराखंड तथा उड़ीसा । पूल E में दिल्ली, पश्चिम बंगाल तथा गोवा । पूल F में केरल ,चंडीगढ़ ,असम तथा महाराष्ट्र । पूल G में मध्य प्रदेश ,छत्तीसगढ़ ,पंजाब तथा जम्मू और कश्मीर । जबकि पूल H में उत्तर प्रदेश ,आंध्र प्रदेश ,विदर्भ तथा गुजरात के बीच परस्पर मैच होंगे । लीग चरण के बालक वर्ग में बिहार ने तेलंगाना को 42-20 से ,पश्चिम बंगाल ने जम्मू कश्मीर को 53-26 से तथा तमिलनाडु ने मणिपुर को 52-20 , राजस्थान ने चंडीगढ़ को 47-24 ,गुजरात ने गोवा को 52-27, पंजाब ने असम को 40-24 तथा आंध्र प्रदेश ने उत्तराखंड को 61-25 के बड़े अंतर से परास्त कर क्वार्टर फाइनल में पहुँचने के लिए अपना दावा मजबूत किया । वही बालिका वर्ग में कर्नाटक ने त्रिपुरा को 72-19, दिल्ली ने गोवा को 40 -11, उत्तर प्रदेश ने गुजरात को 25-19, बिहार ने मणिपुर को 51-24 ,उड़ीसा ने उत्तराखंड को 59-29 , मध्य प्रदेश की टीम ने जम्मू-कश्मीर की टीम को 47- 08 ,आंध्र प्रदेश की टीम ने विदर्भ को 58-21 ,असम ने चंडीगढ़ को 37-25 के अंतर से परास्त किया । 029वां राष्ट्रीय सब जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता में खिलाड़ियों एवं तकनीकी पदाधिकारियों के आवासन हेतु नकटी स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक महिला कॉलेज के छात्रावास में व्यवस्था की गई है ।रात्रि में उनके मनोरंजन हेतु आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में दुमका के मलूटी म्यूजिकल ग्रुप के कलाकारों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए । कलाकारों के संगीत धुन पर देर रात तक खिलाड़ी नाचते गाते रहे।विभिन्न राज्यों से आये हुए बालक और बालिका खिलाड़ियों ने जमकर नृत्य किया ।संगीत निदेशक महेन्द्र प्रसाद साह , नाल वादक तारापद बाउरी , गिटार पर अनिल साह तथा अन्य वाद्य यंत्रों की मधुर धुन पर निरंजन प्रसाद साह ने बड़ी दूर से आए हैं प्यार का तोहफा लाए हैं ,संदीप कुमार ने सोचेंगे तुझे प्यार करें  ना करें आदि गीतों से समा बाँध दिया ।इसके अलावा अन्य कई फरमाइशी गीतों पर दर्शक देर रात तक झूमते रहे । इस कार्यक्रम का संचालन गौर कांत झा ने किया । कार्यक्रम के दौरान दुमका के अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार ,आयोजन सचिव उमाशंकर चौबे, मैदान समिति के संयोजक गोविंद प्रसाद , जयप्रकाश झा जयंत मीडिया प्रभारी मदन कुमार, दीपक झा,नवल किशोर झा ,सपन पत्रलेख , सौरभ सिन्हा, सहित आयोजन समिति के अन्य सदस्य तथा बड़ी संख्या में विभिन्न राज्यों से आए हुए बालक एवं बालिका खिलाड़ी तथा तकनीकी पदाधिकारी उपस्थित थे ।

देश के सभी दवा दुकानों को जनऔषधि केन्द्र बनाने की मांग

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  • स्वस्थ भारत ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र, कहा जनऔषधि योजना विफल हो चुकी है
  • देश के सभी दवा दुकानों राष्ट्रीयकृत कर जनऔषधि केन्द्र में बदलने का सुझाव


नई दिल्ली, स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रही स्वस्थ भारत अभियान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर देश के सभी दवा दुकानों को राष्ट्रीयकृत किए जाने की मांग की है। स्वस्थ भारत अभियान के राष्ट्रीय संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने इस पत्र में प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना की विफलताओं के कारणों पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि देश में 90 फीसद दवाइयां जेनरिक ही बिक रही हैं। फिर देश की तमाम दवा दुकानों पर ब्रांड के नाम पर जनता को क्यों लूटा जा रहा हैं। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि गर सरकार देश की सभी दवा दुकानों को राष्ट्रीयकृत कर दे और सभी दुकानों पर जनऔषधि दवाइयां मिलने लगे तो अलग से जनऔषधि केन्द्र खोले जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि देश का दवा बाजार 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का हो गया है। महंगी दवाइयों के कारण लोग गरीबी रेखा से ऊबर नहीं पा रहे हैं ऐसे में बाजार में भ्रम की स्थिति उत्पन्न करना उचित नहीं है

गौरतलब है कि हाल ही में स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज विषय को लेकर 21000 किमी की स्वस्थ भारत यात्रा कर के स्वस्थ भारत न्यास के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह दिल्ली लौटे हैं। स्वस्थ भारत अभियान के अंतर्गत स्वस्थ भारत न्यास पिछले 5 वर्षों से कई जनजागरूकता कैंपेन चला चुका है। कंट्रोल मेडिसिन मैक्सिमम रिटेल प्राइस, जेनरिक लाइए पैसा बचाइए, तुलसी लगाइए रोग भगाइए, नो योर मेडिसिन एवं स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज सरीखे जनजागरूकता कैंपेनके माध्यम से स्वस्थ भारत टीम पूरे भारत में स्वास्थ्य चिंतन को बढावा देने के लिए काम कर रही है।

भाजपा के लिये मुकुल ‘फूल’ साबित होंगे या ‘भूल’?

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मुकुल राय द्वारा भाजपा का दामन थामने के बाद से राज्य में एक बार फिर जन चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है कि हैं। बस हो ट्रेन, ट्राम हो या फिर शेयर की टैक्सी हर जगह भाजपा में जाने वाले मुकुलराय की चर्चा आम है। लोगों के बीच कहा जा रहा कि भाजपा के लिये मुकुल फूल साबित होंगे या भूल। यह तो वक्त बताएगा। लेकिन राजनीति में छोटी सी भूल कभी कभी सिर पीटने का कारण बनसकती है तो जनबूझ कर उठाया गया जोखिम भविष्य का फयदा भी बन जाता है। भाजपा आला कमान की नीति क्या है यह तो वह जाने लेकिन बंगाल की राजनीति में भाजपा का मुकुल राय द्वारा दामनथामना एक कठोर कदम तो कहा ही जा सकता है। भले ही कुछ लोग इस कदम को मजबूरी भी मान सकते हैं। कुल मिला कर फिर वहीं बात की राजनीति में कब क्या हो कुछ कहा नहीं जा सकता है।लेकिन अनुभव और राज्य की राजनीतिक आबोहवा की पहंचान कर उठाई गई कदम का परिणाम दूर तक दिखता है। आम चर्चा के अनुसार मुकुल राय भगवा खेमे में नारदा व सारदा जैसे तमाम मुश्किलों से निजात पाने के लिये आये हैं। इसका फायदा बीजेपी को मिले सकता है और तृणमूल के नेटवर्क और उसकीकार्यशैली की पूरी जानकारी आसानी से मिलने की सम्भवना से इंकार भी नहीं किया जा रहा है। वहीं तृणमूल से लगभग काट दिये गये मुकुल को एक बड़े प्लेटफार्म की जरूरत थी और बीजेपी को बंगालमें एक ऐसे नेता की जरुरत थी जो बंगाल के ग्राम अंचलों से लेकर शहर पर बी अपनी पकड़ रखता हो।  ऐसे में दोनों एक दूसरे के लिए पूरक साबित हो सकते हैं। लेकिन मुकुल राय के इस कदम सेबीजेपी को कितना फायदा होगा और तृणमूल को कितना नुकसान होगा यह सवाल जरुर उठ रहा है। वैसे लोगों में यह भी सवाल उठ रहा है कि असम में भी बीजेपी सरकार इसीलिए बना पायी क्योंकि हिमंता बिस्वा सरमा ने तरुण गोगोई का साथ छोड़ दिया था? क्या यूपी में मायावती को सत्ता में आने सेइसीलिए रोका जा सका क्योंकि स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी के साथ आ गये थे? क्या उत्तराखंड में बीजेपी सत्ता इसीलिए हथिया सकी क्योंकि विजय बहुगुणा कांग्रेस के बड़े नेताओं को लाकर मैदान खालीकर दिये थे। इन सभी सवालों का एक जवाब क्या हां या नहीं में दिया जाकता है?।  सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि क्या मुकुल राय के भाजपा में आने से कोई बड़ा बैंक पार्टी से जुड़ जाएगा? राज्य कीराजनीति के जानकारों का मानना है कि ऐसे नहीं हो सकता है।कारण राज्य में अबतक ममता बनर्जी के साये में अपना राजनीतिक कद बढ़ाने वाले मुकुल राय के साथ ऐसा कोई चमात्कारिक चेहरा नहींमाने जाते हैं। वह बंगाल में राजनीति का केन्द्र बने अल्प संख्यकों को अपने पाले में ला सकें ऐसी सम्भावना भी क्षीण ही है। राज्य की राजनीति के जानकारों का मानना है सिर्फ मुकुल को भी बीजेपी की जरूरत थी और उन्होंने कुछ नेताओं के जरिये अपना मतलब निकाल लिया।  लेकिन राजधानी दिल्ली में बैठें देश दुनिया कीराजनीति के जानकार बताते हैं कि ऐसा नहीं है। इन लोगों का मानना है कि  मुकुल राय को भाजपा में लाने से पहले काफी चीजों पर ध्यान दिया गया। राजनीति के तमाम जानकारों ने दिन रात एक कियाऔर माना जा रहा है कि बीजेपी के लिए यह बड़ा सौदा है। सच तो यह है कि भाजपा को राज्य में अपनी जड़ें जमानी हैं।  विधानसभा चुनाव से लेकर निकाय चुनाव में बीजेपी तमाम कोशिशें कर चुकी है। नतीजा खास नहीं रहा। कईयों के दावे व सलाह केअनुसार मुस्लिम कैंडिडेट भी मैदान में उतारे लेकिन क्या हुआ सबको पता है। कहा जाता है कि मुकुल राय बंगाल में ममता की जीत को धराताल पर लाने के एक ऐसे नायक हैं जो पर्दे के पीछे रहें। शायदयही कारण भी रहा होग कि  दीदी ने भी उन पर आंख बंद कर भरोसा किया। लेकिन कहते है कि राजनीति में सत्ता की कुर्सी का नशा ऐसा होता है कि हर शासक चहता है कि इस नशे को उनके अपने हीचखे। तो क्या इसी मानसिकता के शिकार मुकुल राय को होना पड़ा।  

जगदीश यादव



मानव रोजगार कम करते रोबोट

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समय परिवर्तनशील है। समय के साथ इंसान बदल जाता है, इंसानी जीवन के तौर-तरीके बदल जाते है। यही कारण है जो इंसान एक समय में नंगा घूमा करता था, कन्द मूल खाकर अपना पेट भरता था। आज वही इंसान विज्ञान की प्रगति के कारण इतना सक्षम हो गया कि उसने अपने जैसीे हूबहू मशीन का अविष्कार करके पूरी दुनिया को दंग कर दिया है। जो एक समय अकल्पनीय था, आज वह सब हमारी आंखों के सामने होता दिख रहा है। वह मशीन ओर कोई नहीं रोबोट यानि कृत्रिम मानव ही है। जो भले ही हमारी तरह सांस नहीं लेते हो, जो हमारी तरह खाना नहीं खाते हो और जिसके चोट आने पर हमारी तरह जिस्म से खून का संवहन नहीं होता हो, पर कार्य के मूल्यांकन के लहजे से यह मशीन इंसानों से कई आगे है। ऐसे रोबोटों का अविष्कार कोई कम आश्चर्यजनक नहीं था कि सऊदी अरब जैसे इस्लामिक मुल्क ने हाल ही में एक रोबोट को नागरिकता देकर सबको सख्ते में डाल दिया है। ऐसा करके सऊदी अरब रोबोट को नागरिकता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। नागरिकता प्राप्त करने वाले रोबोट का नाम सोफिया है, जिसे हेसन रोबोटिक्स ने बनाया है। इस रोबोट की सबसे खास बात यह है कि यह आपके दैनिक कामों के अलावा सवालों के जवाब भी देता है। गौरतलब है कि सऊदी अरब जैसे कट्टर देश जिसके दरवाजे किसी धर्म, जाति, समुदाय के लोगों के लिए बंद रहते है, जहां महिलाओं को खुला जीवन जीने का अधिकार नहीं है। इसके विपरीत रोबोट को नागरिकता देकर वे सभी अधिकार देना जो वहां की महिलाओं को नहीं है। सऊदी अरब में आंतरिक विरोध का कारण बन सकता है। यह खबर सुनकर हर किसी की भविष्य के प्रति चिंता ओर बढ गई है। एक तो पहले ही हर क्षेत्र में मशीनीकरण के बढते प्रयोग ने मानव को बेरोजगार कर दिया है। वहीं ऐसे अधिक बुद्धिमानी और कार्य निष्पादन में तीव्र रोबोट के बढते निर्माण और प्रयोग के कारण मानव के न केवल काम पर संकट गहराने लग गया है, बल्कि उसके अस्तित्व पर भी संकट के बादल मंडराने लग गये है। क्योंकि आज रोबोट्स न सिर्फ ऑफिस के अंदर, बल्कि ऑफिस के बाहर भी लोगों की नौकरियां छीनने में लगे हैं। इससे चिंता जताई जा रही है कि पूरी दुनिया में रोजगार का ग्राफ नीचे आने वाला है। साल 2020 तक कई रोजगार ऐसे होंगे जो ऑटोमेशन के शिकार हो जाएंगे, तो कुछ ऐसे भी होंगे जिनका अस्तित्व तो होगा लेकिन इनका स्वरूप मानव के लिए एकदम नया होगा। प्यू की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकियों को डर है कि रोबोट उनकी नौकरी पर सेंध लगा रहे हैं। यही कारण है कि ज्यादातर अमेरिकी स्वचालित कार और रोबोट के इस्तेमाल को लेकर झिझक रहे हैं। इसी रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में जिस तरह से ड्राइवरलेस कार का चलन बढ़ रहा है, उससे लगता है कि बहुत जल्द अमेरिका की सड़कों पर केवल ड्राइवरलेस कार का ही कब्जा होगा। अगर ये बदलाव आया तो ट्रैक्सी ड्राइवर और दूसरों की कार चलाने वालों की नौकरी पर खतरा आना तय है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के 56 फीसदी लोग यह मानते हैं कि दस से पचास साल के अंदर पूरे अमेरिका में ड्राइवरलेस कार ही चलेंगी जबकि नौ फीसदी अमेरिकियों के मुताबिक, दस साल के अंदर ही सड़क पर केवल ड्राइवरलेस कार दिखाई देंगी। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में अब तक दो प्रतिशत लोगों की नौकरी जा चुकी है। वहीं जो लोग घंटे के एवज में वेतन पाते थे, उनका काम करने के समय को पांच प्रतिशत तक कम कर दिया गया है। 18 से 24 साल के युवाओं में छह प्रतिशत की नौकरी ऑटोमेशन के चलते नहीं रही, जबकि 11 प्रतिशत युवाओं के काम करने के घंटों में कटौती कर दी गई है।


इतना ही नहीं लंदन में तो अब डिलीवरी बॉय तक की नौकरियों पर संकट नजर आने लगा है। यहां रोबोट्स खाने-पीने की सामग्री घर-घर पहुंचाने का काम सफलतापूर्वक करने लगे है। ‘स्टारशिप’ नाम की एक टेक्नोलॉजी कंपनी का छह पहियों वाला रोबोट सड़क मार्ग से कई बाधाएं पार करते हुए पार्सल लेकर घर पहुंच जाता है। अपने खास सेंसर की मदद से वह किसी से टकराता भी नहीं और सिग्नल्स भी बखूबी पार कर लेता है। यह जरूर है कि जहां हमारे डिलीवरी बॉय किसी पार्सल पहुंचाने में ज्यादा से ज्यादा 20 मिनट लेने का दावा करते हैं, वहीं ये रोबोट अधिकतम 30 मिनट का समय ले रहा है। दरअसल यह साढ़े छह किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से अपना रास्ता तय करता है, ताकि किसी दुर्घटना का शिकार न हो। हालांकि गति की तरह ये जिम्मेदारी में डिलीवरी बॉय से किसी भी मामले में कम नहीं है। अगर कोई पार्सल चुराने का प्रयास करे तो ये उसकी तस्वीर ले सकता है, जो सीधे पुलिस कंट्रोल रूम को भेजी जा सकती है। ऐसा ही हाल कुछ समय बाद भारत में भी देखने को मिलेगा। सोचनीय है कि जब रोबोट सारा काम कर लेंगे तो इंसानों के पास क्या काम रह जायेगा ? क्या इंसान रोबोट का अंधाधुंध अविष्कार करके अपने ही पैरों पर तो कुल्हाडी नहीं मार रहे है ? क्या तकनीकी विकास और विज्ञान की उन्नति का ये दुरूपयोग तो नहीं है ? क्या अब हमें रूक नहीं जाना चाहिए ? ऐसे कई सवाल हर किसी के मस्तिष्क में पैदा होने लग गये है। याद कीजिए रजनीकांत की फिल्म रोबोट को ! जिसमें एक रोबोट कैसे अपनी जिद पर तहस-नहस कर देता है। किस तरीके से आसानी से कोई व्यक्ति रोबोट का गलत उपयोग करके निर्दोषों की जान के साथ खेलता है। अब यहां यह भी सोचने लायक बिंदु है कि आज सऊदी अरब ने रोबोट को नागरिकता दे दी है। कल को यदि यह रोबोट किसी इंसान के साथ शादी करने पर उतर आये तो क्या सऊदी अरब इसकी भी मंजूरी दे देगा ? ओर मान ले कि मंजूरी दे भी दी तो कोई स्त्री या पुरूष रोबोट के साथ वैवाहिक संबंध बनाने के लिए राजी हो जायेगा ? बेशक, परिवर्तन ही संसार का नियम है। लेकिन तकनीकी विकास के इस क्रम में हमारी प्राथमिकता मानव होनी चाहिए। गौर करने वाली बात तो यह भी है कि आज रोबोट इंसान बन रहे है कि इंसान रोबोट ! मशीनों से जैसे हम घिरते जा रहे है हमारी मानवीय संवेदनाएं दम तोडती जा रही है और तनाव, क्रोध व चिढचिढापन बढता जा रहा है। जिस काम को मानव करने के लिए उपलब्ध वहां रोबोट को लगाकर हम मानव से रोबोट को अधिक तवज्जो दे रहे है। ऐसे में हमें रोबोट बनाम मानव के इस लडाई के अंत के विनाशकारी पहलू को ध्यान में रखकर रूक नहीं जाना चाहिए ?

लेखक - देवेंद्रराज सुथार-










भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर पर रासुका लगाना लोकतंत्र की हत्या: माले

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पटना 6 नवम्बर 2017,  भाकपा-माले के बिहार राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण पर रासुका लगाने से मोदी-योगी की सरकार और भाजपा का दलित विरोधी चरित्र व चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ है. एक तरफ भाजपा अल्पसंख्यकों के खिलाफ दलितों को लड़ाकर सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने की देशव्यापी कोशिश कर रही है, तो दूसरी ओर दलितों को भी तरह-तरह से प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. देश की जनता जानना चाहती है कि आखिर भीम आर्मी के चीफ से देश की सुरक्षा को क्या खतरा है? उन पर रासुका ऐसे वक्त लगायी गयी जब हाइकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी और वे जेल से बाहर आने वाले थे. इस अलोकतांत्रिक कदम की हमारी पार्टी घोर निंदा करती है. उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में जब से योगी की सरकार आई है, सामंती ताकतों द्वारा दलितों पर हमले तेज हो गये हैं और योगी सरकार पूरी तरह उनके दबाव में है. भाजपा की दलित विरोधी कार्रवाइयों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.माले राज्य सचिव ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद रावण पर से हम अविलंब रासुका हटाने की मांग करते हैं. 6 नवम्बर को भोजपुर व सिवान में इस मांग को लेकर प्रतिरोध मार्च आयोजित किया जाएगा. राज्य के अन्य हिस्सों में भी इस सवाल पर कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे. आइसा-इंकलाबी नौजवान सभा द्वारा आगामी 7 नवम्बर से निकल रहे छात्र-युवा अधिकार अभियान के तहत भी हम इस सवाल को प्रमुखता से उठायेंगे. साथ ही, देश के राष्ट्रपति के नाम दलित छात्रावासों व अन्य स्थानों पर चंद्रशेखर पर से रासुका हटाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा.

नौकरी छोड़ खेती में आजमाया हाथ, हो रही लाखों में इनकम

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नई दिल्‍ली। अक्‍सर देखा गया है कि लोगों के पास कुछ खास आइडिया तो होता है, लेकिन अपनी नौकरी की वजह से उस आइडिया को अंजाम तक नहीं पहुंचा पाते हैं। दरअसल, नौकरीपेशा लोग किसी भी तरह के प्रयोग से हिचकते हैं।  वहीं जो लोग प्रयोग करते हैं और अपने आइडिया को अंजाम तक पहुंचा पाते हैं वो यूनिक बन जाते हैं। उन्‍हीं लोगों में से हैं बिहार के सीवान जिले के रहने वाले धीरेंद्र और आदित्‍य । इन दो दोस्‍तों ने अच्‍छी खासी नौकरी छोड़कर खेती में मन लगाया और आज लाखों में कमाई कर रहे हैं। तो आइए जानते हैं धीरेंद्र और आदित्‍य की सफलता की कहानी। 


छोड़ दी बड़ी नौकरी 



वैसे तो धीरेंद्र और आदित्‍य दोनों की पहचान काफी पुरानी है लेकिन ये बिजनेस पार्टनर करीब दो साल पहले बने। मैनेज्‍मेंट और लॉ की पढ़ाई करने वाले धीरेंद्र ने बताया कि वह पहले एक मल्‍टीनेशनल कंपनी में जॉब करते थे। वहीं माइक्रोबायलॉजी से पढ़ाई करने वाले आदित्‍य एनआरआई हैं। धीरेंद्र नौकरी छोड़ बिजनेस करने की सोच रहे थे। तभी उन्‍होंने कहीं एक खास आइडिया के बारे में पढ़ा। यह आइडिया खेती का था। धीरेंद्र बताते हैं कि उन्‍हें इसमें आदित्‍य का साथ मिला और दोनों ने मिलकर बिहार सरकार के एग्रीकल्‍चर टेक्‍नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी ( ATMA) से खुद को रजिस्‍टर्ड कराया। 



1 एकड़ के पॉलीहाउस में खेती 
धीरेंद्र आगे कहते हैं कि जब उन्‍होंने इस पर काम शुरू किया तो पहली नजर में लोगों ने हल्‍के में लिया । लेकिन हमने इसकी परवाह नहीं की। धीरेंद्र और आदित्‍य को इस मिशन में सीवान के ही एग्री एक्‍सपर्ट और मशरूम उत्‍पादन-प्रशिक्षण समिति के प्रेसिडेंट बीएस वर्मा का साथ मिला।  रिटायर्ड इंजीनियर वर्मा के पॉलीहाउस में धीरेंद्र और आदित्‍य ने खेती शुरू की।  करीब 1 एकड़ में फैले पॉलीहाउस में उन्‍होंने पहले साल टमाटर और शिमला मिर्च की खेती शुरू की। 



मिला लोगों को रोजगार 



पिपरा गांव से ताल्‍लुक रखने वाले धीरेंद्र आगे बताते हैं कि हमारा मकसद कमाई के साथ लोगों को खेती के लिए आत्‍मनिर्भर बनाना है। इसमें हम कामयाब भी हो रहे हैं। धीरेंद्र के मुताबिक पहले साल में हमें लाखों में मुनाफा हुआ।  इसके अलावा जो सबसे खास बात यह है कि कई लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। 



कर रहे मशरूम की खेती 



धीरेंद्र ने बताया कि वह और आदित्‍य मिलकर अब मशरूम की खेती कर रहे हैं। धीरेंद्र कहते हैं कि पॉलीहाउस में वह तीन रैक बनाकर मशरूम उगा रहे हैं। इस सीजन में उन्‍हें मशरूम की खेती से 10 लाख रुपए तक की कमाई की उम्‍मीद है। 



यह है फ्यूचर प्‍लानिंग 



अपने फ्यूचर प्‍लानिंग का जिक्र करते हुए धीरेंद्र ने बताया कि अब उनकी योजना फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की है। इसके जरिए मशरूम से बनने वाले फूड प्रोडक्‍ट को तैयार किया जाएगा। इसके अलावा किसानों से जुड़कर उन्‍हें अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराया जाएगा। धीरेंद्र आगे कहते हैं कि किसानों में जो खेती को लेकर भरोसा खत्‍म हो गया था उसे फिर से वापस लाना चाहते हैं।  

जम्मू एवं कश्मीर : मुठभेड़ में 3 जैश आतंकी ढेर, जवान शहीद

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श्रीनगर 7 नवंबर, जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया। इस दौरान सेना का एक जवान भी शहीद हो गया। पुलिस ने बताया कि पुलवामा के अगलार गांव में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान 44 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) का जवान श्याम सुंदर शहीद हो गया।यह हमला उन्हीं आतंकवादियों ने किया, जिन्होंने शनिवार को राजपोरा में पुलिस जांच चौकी पर हमला किया था। पुलिस ने बताया कि इस हमले में एक नागरिक और दो अन्य जवान घायल हो गया। मृतक आतंकवादियों के पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुआ है। आतंकवादियों के क्षेत्र में होने की खुफिया जानकारी के बाद 44 राष्ट्रीय राइफल्स की टुकड़ी, राज्य पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने सोमवार शाम को गांव को चारों ओर से घेर लिया सुरक्षाबलों ने जैसे ही क्षेत्र को चारों से घेरा, आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। यह मुठभेड़ सोमवार रात को शुरू हुई। आतंकवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की भीड़ में शामिल शौकत अहमद नाम का स्थानीय नागरिक घायल हो गया। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से एक एके गन, एक एम16 राइफल और एक पिस्तौल सहित तीन हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। किसी भी तरह की अफवाह को फैलने से रोकने के लिए पुलवामा जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। मृतक आतंकवादियों की शिनाख्त की जा रही है।

रक्षामंत्री का अरुणाचल दौरा प्रेरणा का स्रोत : सेना प्रमुख

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Defense Minister's Arunachal Tours Source of Inspiration
नई दिल्ली 7 नवंबर, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर चीन द्वारा आपत्ति जताने के एक दिन बाद मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि उनकी यात्रा प्रेरणा का स्रोत है और इसका उद्देश्य अग्रिम क्षेत्रों में तैनात सैनिकों से संबंधित मुद्दों को समझना था। चीन की आपत्ति पर पूछे गए सवाल के जवाब में सेना प्रमुख ने कहा, "रक्षामंत्री ने सैनिकों से व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए अग्रिम क्षेत्र का दौरा किया, ताकि वह उन मुद्दों को समझ सकें, जिसका सैनिक सामना कर रहे हैं और मुझे लगता है कि रक्षामंत्री की यात्रा हमेशा प्रेरणा का स्रोत होती है।" सेना प्रमुख ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "रक्षामंत्री उन हिस्सों का भी दौरा करेंगी, जहां हमारे सैनिक तैनात हैं। आखिरकार यह रक्षा मंत्रालय ही है, जो हमें सहायता प्रदान कर रहा है।" चीन ने सोमवार को भारतीय रक्षामंत्री की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विवादित क्षेत्र की यात्रा सीमा पर शांति के लिए अनुकूल नहीं होगी। चीन का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है, भारत इस दावे को स्वीकार नहीं करता है। सीतारमण ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की स्थिति और तैयारियों का जायजा लेने के लिए रविवार को अरुणाचल प्रदेश के अग्रिम सैन्य चौकियों और असम में भारतीय वायुसेना (आईएएफ) अड्डे का दौरा किया। रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, किबितु की अग्रिम सैन्य चौकियों की यात्रा के दौरान, उन्हें एलएसी की स्थिति और रक्षा तैयारियों की जानकारी दी गई। उन्होंने सेना से बातचीत की और ऐसी दूरस्थ एवं अस्थिर इलाके में सेवा के प्रति उनके समर्पण की सराहना की। सीतारमण ने बाद में चाबुआ हवाईअड्डे का दौरा किया, जहां उन्होंने अड्डे पर परिचालन की तैयारियों और बुनियादी ढांचे के विकास का जायजा लिया।



पीले धुंध की मोटी चादर से ढंका एनसीआर

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नई दिल्ली 7 नवंबर, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मंगलवार को लोगों को हवा की बेहद खराब गुणवत्ता और धुंध की स्थिति का सामना करना पड़ा, जो पूरे साल भर के वायु प्रदूषण की सबसे गंभीर स्थिति है। सुबह से आसमान में पीले धुंध की चादर छाई रही, जो दिवाली के एक दिन बाद होने वाली स्थिति से भी अधिक गंभीर थी। प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। 21 सक्रिय प्रदूषण निगरानी केंद्रों में से 18 ने वायु गुणवत्ता की स्थिति को 'गंभीर'बताया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्वूआई) अपराह्न् तीन बजे 446 थी। प्रमुख प्रदूषक कणिका तत्व (पीएम) 2.5 या व्यास के साथ कणों का आकार 2.58 मीटर से कम 418 इकाइयों में दर्ज किया गया, जो दिवाली के एक दिन बाद होने वाली स्थिति से भी बदतर है। 20 अक्टूबर, 2017 को एक्वूआई 403 में दर्ज किया गया था, जबकि मंगलवार को दर्ज सूचकांक दिवाली 2016 (31 अक्टूबर) के एक दिन बाद दर्ज किए गए सूचकांक 443 के आसपास है। दिल्ली-एनसीआर में मिलाकर औसतन एक्वूआई 412 दर्ज किया गया, जिसे गंभीर करार दिया गया है। वहीं, सीपीसीबी द्वारा एक बजे पर रिपोर्ट की गई पीएम 2.5 का घनत्व 400 यूनिट था।दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न स्थानों पर पीएम 2.5 आंकड़ा स्वीकार्य सीमा से 23 से 19 गुना अधिक पाया गया। पीएम 2.5 की सुरक्षित सीमा राष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रति घन मीटर 60 माइक्रोग्राम और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक 25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है। मौसम विश्लेषकों के अनुसार, पड़ोसी राज्यों में संयुक्त मौसम संबंधी कारकों और पयाली जलने से हुए प्रदूषण के कारण दिल्ली सबसे खराब 'धुंध की स्थिति'का सामना कर रही है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के मुताबिक, आनंद विहार में दो बजे पीएम 2.5 दर्ज हुआ। दिल्ली के विभिन्न इलाकों के एक्यूआई स्तर दर्ज किए गए, जिनमें दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय (452), पंजाबी बाग (435), दिलशाद गार्डन (413), नॉर्थ कैम्पस (445), शादीपुर (466), मंदिर मार्ग (433), पूसा (453) , द्वारका (435), लोदी रोड (569), आरके पुरम (437), सिरी फोर्ट (430), मथुरा रोड (464), आया नगर (40 9), आनंद विहार (439), फरीदाबाद (412), सेक्टर 125 नोएडा (449), सेक्टर 62 नोएडा (443) और गाजियाबाद का वसुंधरा (443) शामिल रहे। निजी मौसम अनुमान एजेंसी स्काइमेट के निदेशक महेश पलावत ने आईएएनएस को बताया, "वर्तमान में राजस्थान और हरियाणा से पश्चिमी हवाओं की गति नगण्य है, जिसके कारण हवा स्थानीय उत्सर्जन और पयाली जलाने से तैयार होने वाले प्रदूषक तत्व के साथ मिलकर सतह के निकट संघनित हो रही है। कुछ दिनों में हालांकि स्थिति सामान्य हो जाएगी।"

कमल हासन जनवरी तक शुरू कर सकते हैं पार्टी, कहा-हिंदू विरोधी नहीं हूं

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चेन्नई 7 नवंबर, अभिनेता कमल हासन ने मंगलवार को संकेत दिया कि वह जनवरी तक अपने नए राजनीतिक दल के नाम की घोषणा कर सकते हैं। उन्होंने साथ ही यह साफ करने का प्रयास किया है कि वह हिंदू विरोधी नहीं हैं और ना ही उन्होंने जानबूझकर उनकी भावनाओं को चोट पहुंचाई है। अपने 63वें जन्मदिन पर यहां संवाददाता सम्मेलन में कमल हासन ने 'माइयमव्हिसल' (केंद्र सीटी) और 'ददीथीरेपॉम्वा' (हमें खोजें और हल करें) जैसे कई लिंक के साथ 'केएच'नामक एक एप लॉन्च किया। यह लोगों के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करेगा जिस पर वह कमल हासन के साथ बातचीत और शिकायत कर पाएंगे। कमल हासन ने कहा, "मैं लोगों तक पहुंचने के लिए तमिलनाडु की यात्रा करने की योजना बना रहा हूं। यात्रा की तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी।" संवाददाता सम्मेलन के शुरू में ही उन्होंने खुद ही अपने राजनीतिक दल की शुरुआत के मुद्दे पर कहा, "बहुत सारी तैयारियां की जा रही हैं। मैं विशेषज्ञों और दोस्तों से परामर्श कर रहा हूं और उचित समय आने पर इसकी घोषणा करूंगा।" एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि उनके डिजिटल प्लेटफॉर्म के एक लिंक की तरह वह भी 'ना ही लेफ्ट जाएंगे ना ही राइट।' यह पूछे जाने पर कि हाल ही में उनके बयानों के कारण उन्हें हिंदू विरोधी के रूप में देखा जा रहा है, कमल ने यह स्पष्ट करने की कोशिश की कि वह हिंदू चरमपंथ के बारे में बात कर रहे थे न कि हिंदू आतंकवाद के बारे में। कमल ने कहा, "मैं हिंदुओं को दुख पहुंचाने के लिए पार्टी शुरू नहीं कर रहा हूं। मैं एक हिंदू परिवार से आता हूं और मैं अपने परिवार के स्नेह को कभी नहीं खोना चाहता। मैं हिंदुओं को दुख नहीं पहुंचाना चाहता, लेकिन जब गलतियां होंगी तब मैं आवाज उठाऊंगा।" कमल ने कहा, "मैं जब हिंसा पर बोलता हूं तब मैं सिर्फ वास्तविक स्थिति के बारे में बात करता हूं। किसी को भी ऐसी हिंसा में सम्मलित नहीं होना चाहिए। यह हिंदू और मुस्लिम दोनों पर लागू होता है। जब मैं चरमपंथ कहता हूं तो इसका मतलब आतंक नहीं बल्कि हिंसा है।" कुछ हिंदुत्ववादी तत्वों द्वारा उन्हें जाने से मारने की धमकी के संदर्भ में पूछे गए प्रश्न पर कमल ने कहा, "मैं हमेशा केवल सच बोलता हूं। अगर इसके लिए दंड दिया जाता है तो मैं इसके लिए तैयार हूं।" कमल ने कहा, "मेरे मित्र और रिश्तेदार हर समुदाय में हैं, हालांकि कुछ लोग मुझे हिंदू विरोधी कह रहे हैं। मैं ब्राह्मणों के मूल तत्वों से ऊपर उठ चुका हूं। यह एक खोज है। इसमें कोई गर्व या शर्म नहीं है। धर्म में आस्था रखने वाले मुझे नास्तिक कह रहे हैं लेकिन मैं एक तर्कवादी हूं।" यह पूछने पर कि वह अपनी राजनीतिक योजनाओं के बारे में विस्तार से बताने की स्थिति में क्यों नहीं हैं, कमल हासन ने कहा, "आपको मुझे घोषणापत्र, एक नाम के साथ सामने आने के लिए समय देना होगा। मैं इसके संरचनात्मक भाग पर काम कर रहा हूं। मैं जल्दबाजी में नहीं हूं, जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है, मुझे आपके समर्थन की जरूरत है।" एप के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसका नाम अशोक चक्र से लिया गया है। यह एक धार्मिक चक्र है जोकि एक दुष्चक्र बन गया है। वह चाहते है कि लोग विसलब्लोअर बनें। उन्होंने कहा, "कल मुझे शायद कुछ राजनीतिक जिम्मेदारी भी मिले, ऐसे में व्हिसल मेरे खिलाफ भी बजनी चाहिए। मुझसे भी प्रश्न किया जाना चाहिए।" यह पूछे जाने पर कि वह अपने संगठन से दागी लोगों और धन को कैसे दूर रखेंगे, कमल ने कहा कि वह इस पर भी काम कर रहे हैं। कमल ने कहा कि यहां तक कि उनके फिल्मी करियर में कभी काला धन नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि पहले से ही लोगों ने, खासकर गरीबों ने उनके प्रशंसकों के संघ को 30 करोड़ रुपये का योगदान दिया है जिसको ऑडिट किया जा चुका है।

शेयर बाजारों में गिरावट, सेंसेक्स 360 अंक नीचे

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 मुंबई 7 नवंबर, देश के शेयर बाजारों में मंगलवार को गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 360.43 अंकों की गिरावट के साथ 33,370.76 पर और निफ्टी 101.65 अंकों की गिरावट के साथ 10,350.15 पर बंद हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 49.82 अंकों की बढ़त के साथ 33,781.01 पर खुला और 360.43 अंकों या 1.07 फीसदी की गिरावट के साथ 33,370.76 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 33,781.01 के ऊपरी और 33,341.82 के निचले स्तर को छुआ। सेंसेक्स के 30 में से पांच शेयरों में तेजी रही, जिनमें इंफोसिस (2.92 फीसदी), टीसीएस (1.55 फीसदी), विप्रो (0.87 फीसदी), कोटक बैंक (0.36 फीसदी) और आईटीसी (0.32 फीसदी) शामिल हैं। सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे- ल्यूपिन (16.84 फीसदी), सिप्ला (7.18 फीसदी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (3.57 फीसदी), भारती एयरटेल (3.45 फीसदी) और रिलायंस (2.98 फीसदी)। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। बीएसई का मिडकैप सूचकांक 246.33 अंकों की गिरावट के साथ 16,543.46 पर और स्मॉलकैप सूचकांक 242.53 अंकों की गिरावट के साथ 17,668.37 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 25.35 अंकों की बढ़त के साथ सुबह 10,477.15 पर खुला और 101.65 अंकों या 0.97 फीसदी की गिरावट के साथ 10,350.15 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 10,485.75 के ऊपरी और 10,340.80 के निचले स्तर को छुआ। बीएसई के सभी 19 में से दो सेक्टरों में तेजी रही, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी (2.06 फीसदी) और प्रौद्योगिकी (1.21 फीसदी) शामिल रहे। बीएसई के गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे स्वास्थ्य सेवाएं (3.51 फीसदी), रियल्टी (2.24 फीसदी), ऊर्जा (2.04 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (2.03 फीसदी) और दूरसंचार (1.87 फीसदी)। बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 839 शेयरों में तेजी और 1,916 में गिरावट रही, जबकि 116 शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ।


नोटबंदी भ्रष्टाचार को खत्म करने का एकमात्र समाधान नहीं : जेटली

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नई दिल्ली 7 नवंबर, पिछले साल सरकार द्वारा की गई नोटबंदी का बचाव करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि नोटबंदी भ्रष्टाचार को खत्म करने का एकमात्र समाधान नहीं है, लेकिन इसने आर्थिक और वित्तीय फैसलों को एक 'नई दिशा'दी है। जेटली ने कहा, "नोटबंदी भ्रष्टाचार को खत्म करने का एकमात्र समाधान नहीं है, यह हो भी नहीं सकता। लेकिन इसने एजेंडे में बदलाव किया है और यह बदला हुआ एजेंडा यह है कि हमें नकदी रहित अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ना चाहिए। निजी आयकर चुकानेवालों की संख्या बढ़ी है, डिजिटल लेनदेन में इजाफा हुआ है और आतंकवादियों का वित्त पोषण कम हुआ है।" वित्त मंत्री ने कहा कि वे अर्थव्यवस्था की नई दिशा से 'पूरी तरह संतुष्ट'हैं। जेटली ने कहा, "हम भाजपा के लोग यह मानते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था और उसके भविष्य के लिए यथास्थिति में बदलाव जरूरी है। किसी भी अर्थव्यवस्था में उच्च मूल्य के नोट होने से, खासतौर पर जिसमें 86 फीसदी प्रचलित नोट उच्च मूल्य वाले हों, कर चोरी बढ़ती है। इसके कारण करदाताओं को ही कर चोरों का भी बोझ उठाना पड़ता है।" उन्होंने कहा कि यह अन्यायपूर्ण है कि देश के विकास और गरीबों के कल्याण के लिए संसाधनों को अमीर लोगों के खजाने में रखा जाए। उन्होंने कहा कम नकदी वाली प्रणाली से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा, लेकिन भ्रष्टाचार करना मुश्किल जरूर हो जाएगा।

सरकार का उद्देश्य 'कानून का राज'बनाए रखना : नीतीश

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पटना 7 नवंबर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां मंगलवार को कहा कि बिहार सरकार का उद्देश्य 'रूल ऑफ लॉ'को बनाए रखना है। इसमें शासन, पुलिस और न्यायपालिका की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि सरकार की यह सोच है कि 'न तो हम किसी को फंसाते हैं न ही किसी को बचाते हैं। अगर किसी ने अपराध किया है तो कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी। कानून का राज बनाए रखने में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।' मुख्यमंत्री पटना के संवाद भवन में बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम द्वारा आयोजित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 54 थाना भवन सहित कुल 174 नवनिर्मित पुलिस भवनों का उद्घाटन एवं 23 पुलिस भवनों के शिलान्यास कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज निगम काफी सक्रिय है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 के पहले निगम की स्थिति ऐसी थी कि इसे बंद करने का निर्णय लिया गया, लेकिन उसके बाद उस निर्णय को रद्द कर फिर से निगम को गतिशील बनाया गया। यह निगम आज न सिर्फ भवनों का निर्माण करता है, बल्कि भवनों का रखरखाव को भी देखता है। मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों से अपील करते हुए कहा कि बिहार की पहचान 'रूल ऑफ रूल'के लिए है। इसकी पहचान आपलोगों को बनाए रखने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा, "शराबबंदी कानून लागू करने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है। अगर पदाधिकारी सजग रहेंगे, तो इस शराबबंदी पर नकेल कसी जा सकेगी। पुलिस की जितनी जरूरतें हैं, उसे हम पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "हमारा मुख्य उद्देश्य है 'रूल ऑफ रूल'को बनाए रखना। सरकार का जो नजरिया है, वह पुलिस का भी नजरिया होना चाहिए। जिले में अगर पुलिस अधीक्षक सतर्क रहेंगे, तो नीचे सब कुछ ठीक होगा।" इस समारोह में मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों को आश्वासन देते हुए कहा कि उन्हें जिन चीजों की जरूरत होगी, सरकार उसे उपलब्ध कराएगी। जरूरत पड़ी तो पद सृजित करेंगे, धन उपलब्ध कराएंगे। आपकी सजगता से लोगों के मन में भरोसा जगता है। मुख्यमंत्री ने कहा, "बिहार में नए तरह से विशिष्ट भवन बनाए जा रहे हैं। सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर, बिहार संग्रहालय, राजगीर का कन्वेंशन सेंटर, सभी भवन अपने आप में विशिष्ट है। राजगीर में बनने वाला पुलिस अकादमी मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है।" मुख्यमंत्री ने पुलिस भवन निर्माण निगम के उत्कृष्ट कार्य करने वाले एजेंसी, संवेदकों, अधिकारियों और कर्मियों को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक पी़ क़े ठाकुर, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुब्हानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक सुनील कुमार सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

नोटबंदी पर काला दिवस मनाएगी कांग्रेस

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नयी दिल्ली 07 नवंबर, कांग्रेस और उसके सहयोगी संगठन नोटबंदी की पहली बरसी पर कल आठ नवंबर को ‘काला दिवस’ मनाएंगे। युवक कांग्रेस ने आज यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि एक साल पहले आठ नवंबर को इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा करके पूरे देश को आर्थिक संकट में धकेल दिया था और करोड़ों लोगों को बेरोजगारी दहलीज पर खडा कर दिया था।नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस के सहयोगी संगठन युवक कांग्रेस, महिला कांग्रेस, राष्ट्रीय छात्र संगठन तथा सेवा दल संयुक्तरूप से काला दिवस मनाएंगे। युवक कांग्रेस ने नोटबंदी को संगठित लूट करार देते हुए कहा कि इस लूट के खिलाफ यहां जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

फासीवाद के पुनरूत्थान को महान नवम्बर क्रांति की स्पिरिट से ही पीछे धकेला जा सकता है. : माले

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पटना 7 नवम्बर 2017, महान नवम्बर क्रांति की सौवीं वर्षगांठ पर भाकपा-माले ने कहा है कि आज फासीवाद के पुनरूत्थान केा महान नवम्बर क्रांति के स्पिरिट से ही पीछे धकेला जा सका है. साथ ही, इस ऐतिहासिक अवसर पर पूरे राज्य में गांव-मुहल्लों में झंडोत्तोलन कर उसकी प्रेरणादायक विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया. पटना में राज्य कार्यालय के अलावा चितकोहरा व अन्य जगहों पर भी ेऐसे आयोजन संपन्न हुए.

राज्य कार्यालय में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि आज जब पूरी दुनिया में फासीवाद की ताकतें अपने पुनरूत्थान के प्रयास में लगी हुई है, ऐसे वक्त में महान नवम्बर क्रांति की स्पिरिट को ताजा करने की आवश्यकता है. नवम्बर क्रांति हमें इस बात की प्रेरणा देता है कि जिस प्रकार 1917 में साम्राज्यवादी सरगनाओं को धत्ता बताते हुए मजदूरों व किसानों ने रूस में अपना राज कायम किया था, हम भी ऐसा करके दिखा सकते हैं. आज जब अमरीका द्वारा विश्व पर एकध्रुवीय प्रभुत्व कायम करने का बेताबीभरा अभियान देख रहे हैं, और अब डोनाल्ड ट्रम्प तथा विभिन्न देशों में उसकी तुरही बजाने वालों के उत्थान, यहां तक कि हिटलरी ब्रांड के फासीवाद के पुनरुत्थान का खतरा बहुत वास्तविक लग रहा है, तब महान नवम्बर क्रांति की सौवीं वर्षगांठ का पालन हमारे लिए केवल विश्व-इतिहास की एक निर्णायक घड़ी को बुलंद करने तक सीमित नहीं है, बल्कि वर्तमान घड़ी का मुकाबला करने तथा संकटग्रस्त वैश्विक पूंजीवाद तथा पूंजीवादी लोकतंत्र के बुरी तरह छिन्न-विच्छिन्न एवं जर्जर हो चुके प्रतिमान द्वारा हमारे सामने पेश की गई चुनौतियों का क्रांतिकारी जवाब विकसित करने के लिये उस क्रांति की विभिन्न शिक्षाओं और प्रेरणा को ग्रहण करने के दृढ़प्रतिज्ञ संकल्प का अवसर है.

वरिष्ठ माले नेता व समकालीन लोकयुद्ध के संपादक बृज बिहारी पांडेय ने कहा कि नवम्बर क्रांति ने समूची दुनिया में समाजवाद के विचारों को फैलाने तथा कम्युनिस्ट आंदोलनों को प्रेरित करने में सबसे बड़ा योगदान किया था. रूस का एक पिछड़े देश से अग्रगामी राष्ट्र में परिवर्तन, जिसमें वहां के सभी तबकों की मेहनतकश जनता को जिस किस्म के बराबरी के अधिकार मिले, वैसा पहले किसी भी पूंजीवादी देश में नहीं देखा गया था और वहां मुनाफे के भूखे बाजार अर्थतंत्र की जगह जन-पक्षीय योजना-आधारित अर्थतंत्र का उदय हुआ, जिसने समाजवाद के संदेश को दूर-दूर तक फैला दिया. सचमुच, सोवियत संघ के बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय असर ने उसे दुनिया भर के उन देशों के लिये गोलबंदी का केन्द्र बना दिया था जो स्वतंत्र एवं समृद्ध राष्ट्रों के रूप में उभरने के लिये औपनिवेशिक एवं सामंती बाधाओं पर जीत हासिल करने का प्रयत्न कर रहे थे. बीसवीं सदी के अधिकांश भाग में सोवियत संघ पूंजीवादी दुनिया का शक्तिशाली विरोध-केन्द्र बना रहा.

अन्य वक्ताओं ने कहा कि हिटलर के फासीवादी आक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध की दीवार के बतौर, जिसने फासीवादी हमले को सीधे अपने सीने पर झेला और अंततः युद्ध में विजय प्राप्त की, जिससे समूची दुनिया ने भारी राहत की सांस ली और चारों ओर खुशी छा गई, और अंततः अमरीकी साम्राज्यवाद के विश्व-प्रभुत्व कायम करने के प्रयासों के खिलाफ प्रतिद्वंद्वी ध्रुव के बतौर उसकी भूमिका को कत्तई भुलाया नहीं जा सकता. दुनिया के रंगमंच से सोवियत संघ के तिरोधान के फलस्वरूप हम बड़े भारी पैमाने पर वैश्विक पूंजी का नव-औपनिवेशिक हमला बढ़ गया है. आज के कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर प्रसाद, सरोज चैबे, प्रदीप झा, प्रकाश कुमार, संतलाल, विभा गुप्ता, मंजू यादव संतन कुमार आदि नेता उपस्थित थे.

मधुबनी : तीन महीना के अंदर हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन करें बिहार सरकार : धर्मेन्द्र

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*नियोजित शिक्षक संघ ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया सीएवीइएटी याचिका
* कलुआही मे शिक्षक संघ का विजय जुलूस
फोटो :- विजय जुलूस में शामिल शिक्षक एवं शिक्षिका

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मधुबनी/कलुआही, हाई कोर्ट के आदेश पर समान काम के बदले समान वेतन आगामी तीन महीना मे राज्य सरकार ने लागू नही किया तो नियोजित शिक्षक एक जुट होकर निर्णायक आंदोलन करेगा।हाई कोर्ट का आदेश अनुपालन करवाने के लिए संघ की ओर से सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में याचिका दायर कर दी गयी है।उक्त बातें नियोजित शिक्षकों को संबोधित करते हुए बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के राज्य सचिव धर्मेन्द्र कुमार ने कलुआही मे कहा।नियोजित शिक्षकों के अधिकार को उच्च न्यायालय पटना द्वारा जायज ठहराने से उत्साहित शिक्षक एवं शिक्षिका ने विजयी जुलूस निकाला.इस अवसर पर शिक्षकों ने अबीर लगाकर खुशी जताया।शिक्षकों को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष राजू यादव एवं प्रधान सचिव पवन चौधरी ने कहा कि आने वाले चुनाव के समय सरकार के अरियल रुख पर मुँह की खानी पड़ेगी।शिक्षकों का विश्वास जितना है तो अविलम्ब समान काम के बदले समान वेतन लागू करें।विजय जुलूस का नेतृत्व मिथिलेश ठाकुर ,पवन भंडारी, विनय कुमार ठाकुर,सुधीर कुमार दास,गीता कुमारी, रेखा कुमारी,बेबी कुमारी,फूल कुमारी,अनिता बॉबी,आरती कुमारी सहित अन्य ने किया।
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