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विशेष आलेख : महिलाओं के अत्याचार की दास्तां क्या कभी थम पाएगी?

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आज भारत समेत पूरे संसार में महिला सषक्तिकरण की बातें हो रही हैं। वहीं दूसरी ओर महिलाओं के साथ उत्पीड़न रूकने का नाम ही नहीं ले रहा है। षायद ही ऐसा कोई दिन जाता होगा कि महिला उत्पीड़न की खबर अखबार की सुर्खी न बनती हो। अखबार में दो से तीन खबरें ऐसी ज़रूर होती हैं जो महिला उत्पीड़न से जुड़ी होती हैं जैसे दहेज के लिए बहू को जलाकर मार दिया गया, षादी की नीयत से लड़की को अगवा कर लिया गया, मासूम बच्ची के साथ बलात्कार करके मार दिया गया, स्कूल जाती लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार आदि। दुनिया बदल रही है, चारों ओर विकास की बातें हो रही हैं, मगर पुरूश समाज की नारी जाति के प्रति सोच तुच्छ और छोटी ही है। गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय अपराध रिकाॅर्ड ब्यूर¨ के अनुसार पिछले कुछ समय¨ं से भारत में महिलाअ¨ं के साथ हिंसा सबसे तेजी से बढ़ने वाला अपराध है। इस रिप¨र्ट के अनुसार हर 26 मिनट पर एक महिला के साथ छेड़-छाड़ ह¨ती है अ©र हर 34 मिनट पर किसी महिला के साथ बलात्कार ह¨ता है। महिला उत्पीड़न को रोकने के लिए न जाने कितने कानून बना दिए गए,  मगर महिलाओं के साथ होने वाला उत्पीड़न और अत्याचार रूकने का नाम ही नहीं ले रहा। बिहार भी इससे अछूता नहीं है। बिहार पुलिस मुख्यालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल नवंबर तक प्रदेष में महिलाओं से जुड़े 10898 अपराध के मामले दर्ज किए गए जिसमें बलात्कार, अपहरण, छेड़खानी, दहेज और दहेज प्रताड़ना के क्रमषः 1052, 4102, 299, 1129 और 4316 मामले षामिल हैं। वर्श 2012 मे बिहार में महिलाओं से जुड़े 9795 अपराधों में बलात्कार, अपहरण, छेड़खानी, दहेज और दहेज प्रताड़ना के क्रमषः 927, 3789,118, 1275, और 3686 मामले षामिल थे। पिछले आठ साल के कार्यकाल के दौरान बिहार में महिला अपराध के आंकड़ों पर नज़र डाली जाए तो वर्श 2006, 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013 में क्रमषः 4974, 4969, 6186, 6393, 6790, 8141, 9795 और 10898 मामले दर्ज किए गए। आंकड़े बिहार में महिला सुरक्षा पर सवालिया निषान खड़ा करने के लिए काफी हैं।
           
एक ऐसा ही किस्सा बिहार के जि़ला बिहारषरीफ के राजगीर प्रखंड के अधवष गांव की दामिनी का है जो बचपन से ही यातनाएं झेलते-झेलते बड़ी हुई है। वह सिर्फ पांच साल की थी जब उसके अपनों ने उसके साथ दुश्कर्म करने का प्रयास किया। दामिनी उस वक्त अपने गांव में रहती थी। एक दिन उसकी मां पड़ोस में कहीं गई हुई थी। अपनी मां को ढं़ुढ़ते हुए जब वह घर से निकली तो रास्ता भटक गई। उसे अपने पड़ोस वाले भाई मिल गए जिन्होंने उसे रास्ता बताने का वादा किया और उसके साथ षर्त रखी। फिर उसके साथ वह किया जिसे लिखना मेरे बस में नहीं। यहीं से बिहार की इस दामिनी के दुश्कर्म की कहानी षुरू हुई जो आज तक जारी है। इस सब के बावजूद वह लड़की आज तक जिंदा है तो सिर्फ अपने माता-पिता के लिए। धीरे धीरे वह बड़ी हुई फिर से उसके साथ यही घटना घटी। इस बीच उसने स्कूल जाना षुरू कर दिया। स्कूल में जैसे जैसे उसकी समझ विकसित होती गई अतीत में अपने साथ घटी घटना से वह परेषान रहने लगी। कई बार उसने परेषान होकर आत्महत्या करने की सोची, मगर अपने करियर और माता-पिता के सपनों को पूरा करने के बारे में सोचकर उसने आत्महत्या के बारे में सोचना बंद कर दिया। मगर वह अपने साथ हुए हादसे के कारण घुट-घुट कर जीती रही। कहीं न कहीं उसके घुटकर जीने की वजह उसकी बढ़ती जागरूकता रही । इसी बीच एक अधेड़ उम्र के आदमी ने उसके साथ दुश्कर्म करने का प्रयास किया, मगर वह सफल नहीं हो पाया। उस समय वह सिर्फ पांचवी कक्षा में थी। इसके बाद भी वह षांत रही और अंदर ही अंदर घुटकर जिंदगी के सफर में आगे बढ़ती गयी। मैट्रिक पास किया, फिर इंटर पास किया, मगर इस दौरान वह फिर से एक लड़के का षिकार बनी और उस लड़के ने उसकी अब तक की जिंदगी बर्बाद कर दी है। लड़के ने उससे षादी की, मगर अपने लिए नहीं , सिर्फ पैसा कमाने के लिए। 
            
लड़के ने लड़की का इस्तेमाल किया और उससे पटना, मुज़फ्फरपुर और गया में रखकर उससे वेश्यावृŸिा जैसा घिनौना काम करने को कहा। मजबूरी में लड़की को करना पड़ा क्योंकि उसके पास और कोई विकल्प नहीं था। न कहने पर वह लड़की की बुरी तरह पिटाई कर देता था। आखिर तंग आकर लड़की ने लड़के से अलग होने का फैसला कर लिया। आज वह अकेली अपने माता-पिता के साथ रहती है और स्नातक की पढ़ाई कर रही है। इस लड़की के दिल के अंदर क्या चल रहा है, यह कोई नहीं जानता। घर में रहती है तो घर वालों के तानें, बाहर निकलती है तो बाहर वालों के ताने ,उपर से मर्दों की चुभती नज़रे, आदि से वह परेषान हो चुकी है। आखिर यह किस जुर्म की सज़ा है कि मनुश्य अपनी हवस पूरी करने के लिए किसी लड़की की जिंदगी यूं ही चुटकियों मे बर्बाद कर दे। अगर बात किसी लड़की की जिंदगी संवारने की हो तो कोई आगे नहीं आता या कोई षायद सौ में से एक हो जो आगे आए। आखिर ऐसा कब तक चलता रहेगा और यूं ही किसी की मां, बहन और बेटी अपनी इज़्ज़त गंवाती रहेंगी? आज से चार या पांच दषक पहले युवती के साथ इस तरह की घटना घटती थी तो वह घर की चाहरदीवारी में रहती थी, मगर मोबाईल, टीवी और इंटरनेट के इस दौर में लड़की के साथ घटी कोई भी घटना आग की तरह फैल जाती है। 
               
लोगों ने सोचा था कि पिछले साल दिल्ली के दामिनी केस से लोगों को सीख मिलेगी लेकिन सच यह है कि दामिनी केस के बाद भी युवतियों के खिलाफ होने वाले अत्याचार में किसी तरह की कोई कमी नहीं आयी है। हालही में 18 मार्च 2014 को बिहार के फुलवारी षरीफ में चार लोगों ने एक सात साल की बच्ची के साथ बलात्कार कर उसे मौत की नींद सुला दिया। एक साल पहले पटना के षाहगंज, महेन्द्रु थाना की एक बच्ची (15) के साथ बलात्कार करने के बाद उसके हाथ पैर काटकर उसे नाले में फेंक दिया गया। इसमें कोई दो राय नहीं है कि महिलाएं आज हर क्षेत्र मे मर्दों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं लेकिन यह भी सच है कि महिलाओं के साथ बढ़ते हादसों की वजह से आज महिलाएं घर से निकलते वक्त सोचने पर मजबूर हो गयीं हैं कि कहीं उनके साथ कोई हादसा न हो जाए। आखिर वह दिन कब आएगा जब महिलाएं बेखौफ होकर घूम सकेंगी।





कनीज़ फातिमा
(चरखा फीचर्स) 

आलेख : प्रगतिशील महाराष्ट्र पर सवालियां निशान हैं दाभोलकर हत्या

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narendra dabholkar
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला मुंबई उच्च न्यायालय सुनवाया. प्रगतीशील कहलाने वाले महाराष्ट्र राज्य में इस फैसले का स्वागत भी किया गया. लेकिन इस हत्या के संबंध में चल रही जांच प्रक्रिया पार अभी भी कई सवालियां निशान खडे होते हैं. 20 अगस्त को दाभोलकर सुबह की सैर के लिए निकले थे कि तभी मोटरसाइकिल पर सवार दो हमलावरों ने उनके सिर पर करीब से गोलियां दाग दीं. महाराष्ट्र में 'अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून'लाने की कोशिशों में जुटे नरेंद्र दाभोलकर को दक्षिणपंथी संगठनों की तरफ से जो आखिरी धमकी दी गई थी उसमें कहा गया था 'गांधी को याद करो: याद करो हमने उसके साथ क्या किया था'. 

दाभोलकर पिछले 40 सालों से अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून बनवाने के लिए प्रयासरत थे. दाभोलकर की हत्या इस बात का संकेत है कि हमारे बीच कुछ ऐसे कट्टरपंथी और फासीवादी हैं जो हिंसा से सभी तर्कसंगत आवाजों को दबा देना चाहते. अंधविश्वास के जरिए सामाजिक-आर्थिक फायदे उठाने वाले लोगों के खिलाफ उनके द्वारा शुरू लड़ाई उनके पुत्र हमीद, मुक्ता तथा इस आंदोलन से जुडे कार्यकर्ता जारी राखे हुए है. हत्या के विरोध में तथा हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़कर कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग को लेकर कार्यकर्ताओ ने विविध मार्गो से आंदोलन किए. अभी भी सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइलों को ब्लैक कर शासन, प्रशासन का निषेध करते दिखाई देते है. पुलिस की नाकामयाबी और जांच में देरी होने के आरोप बार-बार लगाए गये. अब जाकर इस मामले को सीबीआय को सौंपा दिया है. इसपर हमीद ने कहा कि हमारी मांग थी कि इस मामले की जांच न्यायालय के नियंत्रण में हो. 

एक प्रणाली से दूसरी प्रणाली को मामले की जांच सौंपने में विलंब न हो, इसका ध्यान रखना चाहिए. उच्च न्यायालय के फैसले के दस्तावेज प्राप्त होने के बाद उसका अध्ययन किया जाएगा. बाद में परिवार, अंनिस के कार्यकर्ताओं से चर्चा कर आगे की रणनीति तय की जाएगी. हत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के फैसले का दाभोलकर परिवार, अंनिस और प्रगतिशील गतिविधियों के कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है. डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के बाद प्रगतिशील गतिविधि के कार्यकर्ताओं में बेचैनी थी. अंधश्रद्धा निर्मूलन गतिविधि का दाभोलकर ने राज्यभर में प्रचार किया था. लोगों के मन से अंधविश्‍वास दूर करने के लिए दाभोलकर ने जीवनभर संघर्ष किया. मगर लगता है कुछ पुलिस अधिकारी नसीब और ईश्‍वर पर भरोसा रखकर मामले की जांच कर रहे हैं. दाभोलकर हत्या मामले की जांच कौन कर रहा है और वह किससे होनी है, यह महत्वपूर्ण नहीं है. इस घटना का सूत्रधार कब पकड़ा जाएगा? यह महत्वपूर्ण है. हत्यारों का पता नहीं चलने से कार्यकर्ता अस्वस्थ हैं. 

अब यह मामला सीबीआई को सौंपा गया है, इसका मतलब यह नहीं कि महाराष्ट्र के राजनेता और पुलिस को इससे छुटकारा मिला है. सूत्रधार की गिरफ्तारी महत्वपूर्ण हैं. ह्त्या की जांच में शुरुवात से ही गड़बड़िया सामने होती रही. ह्त्या का जुर्म कबूलने के लिए पैसे लेने के आरोप तक पुलिस पर लगे. मामले की जांच के लिए एनआईए ने भी इनकार किया. कड़े संघर्ष के बाद जब विरोधी स्वर उभरे तब जाकर जांच प्रक्रिया तेज हुई. महाराष्ट्र पुलिस ने हर कोनों से इसकी जांच की, लेकिन अबतक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. अब उच्च न्यायालय ने जांच सीबीआय को सौपने के आदेश दिए है. इससे सभी कार्यकर्ताओं में थोडीसी राहत हुई जरूर हुई है, लेकिन प्रगतिशील कहलानेवाले महाराष्ट्र जैसे राज्य में अंधविश्वास के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे सच्चे कार्यकर्ता की ह्त्या निंदनीय है और इससे भी अधिक शर्म की बात है कि कातिल 9 माह बाद भी पकडे नहीं गए है.






live aaryaavart dot com

निलेश झालटे, युवा पत्रकार
संपर्क : 09822721292
ई मेल : nileshzalte11@gmail.com 

पाकिस्तान ने जम्मू में किया युद्धविराम का उल्लंघन

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pak attack on loc
पाकिस्तानी सेना ने युद्ध विराम का उल्लंघन करते हुए शनिवार को जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास भारतीय क्षेत्र में गोलीबारी की। सेना के प्रवक्ता कर्नल मनीष मेहता ने रविवार को बताया, "पाकिस्तान सेना ने पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के पास कृष्णा घाटी सेक्टर में नांगी टिकरी बटालियन क्षेत्र में युद्धविराम का उल्लंघन किया। गोलीबारी शनिवार रात 10.35 बजे शुरू हुई। उन्होंने छोटे और स्वचालित हथियारों से हमारे ठिकानों पर गोलीबारी की।" उन्होंने कहा, "हमारी तरफ कोई हताहत नहीं हुआ है और किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है।"

पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम उल्लंघन वाले दिन ही भारतीय सेना ने पुंछ जिले में दो घुसपैठियों को मार गिराया था और उनके पास से भारी मात्रा में हथियार एवं गोला बारूद बरामद किए थे। वरिष्ठ सैन्य एवं खुफिया अधिकारियों का आरोप है कि पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू एवं कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश कर रहे अलगाववादी आतंकवादियों को आड़ देने के लिए नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की।

मेरठ में सांप्रदायिक झड़प के बाद शांति

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meerut danga
उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक झड़प के अगले दिन रविवार को माहौल शांतिपूर्ण है। पुलिस ने हिंसा के मामले में 200 से ज्यादा लोगों पर मामला दर्ज किया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हालात का जायजा लेने के लिए पुलिस महानिदेशक और प्रमुख सचिव (गृह) को रविवार को मेरठ भेजा है। मेरठ के कोतवाली शहर इलाके में शनिवार शाम मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिद के पास प्याऊ रख रहे थे। उसी दौरान जैन समुदाय के कुछ लोगों ने इसका यह कहते हुए विरोध किया कि पानी पीने वालों की भीड़ से पास के मंदिर की शांति भंग होगी। इसे लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया, जिसने जल्द ही हिंसक झड़प का रूप ले लिया।

दोनों पक्षों ने तोड़फोड़ और पथराव किया। घटना में दोनों पक्षों के करीब 25 लोग घायल हुए हैं। गोली चलने की भी बात सामने आई।  वहीं, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को पुलिस महानिदेशक ए.एल. बनर्जी और प्रमुख सचिव गृह अनिल कुमार गुप्ता को मेरठ जाकर हालात का जायजा लेकर उन्हें अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।

पुलिस महानिदेशक ने रविवार को बताया कि फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। शनिवार शाम के बाद से कोई हिंसक घटना सामने नहीं आई है। मौके पर पुलिसबल के साथ ही त्वरित कार्य बल (आरएएफ) और प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के जवान तैनात किए गए हैं। मेरठ के पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि वीडियो फुटेज के जरिए उपद्रवियों को पहचानने की कोशिश की जा रही है। 

फांसी की सजा बंद की जाए : न्यायाधीश

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no hang punishment
दिल्ली के एक न्यायाधीश ने फांसी की सजा को अमानवीय कृत्य बताते हुए एक किताब में कहा है कि यही वक्त है, जब भारत में कैदियों को मृत्युदंड देने के दूसरे विकल्पों पर गौर किया जाना चाहिए। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गिरीश कठपालिया का कहना है कि फांसी की सजा इतनी क्रूरतम है कि कई सारे देशों में फांसी को बंद करके गोली मारने या नसों में जहरीला इंजेक्शन लगाकर मृत्युदंड देने की शुरुआत कर दी गई है।

न्यायाधीश ने 262 पन्नों की किताब 'क्रिमिनोलॉजी एंड प्रिजन रिफॉर्म्स'में लिखा है, "जहरीले इंजेक्शन को अब दुनिया भर में मानवीय एवं स्वीकृत मृत्युदंड के रूप में मान्यता मिल गई है। इस पद्धति से व्यक्ति को मृत्युदंड की प्रक्रिया में अपेक्षाकृत कम तकलीफ होती है।"कठपालिया कहते हैं कि ज्यादातर देश फांसी की सजा को खत्म कर रहे हैं, क्योंकि यह अमानवीय और अभद्र है और इसमें व्यक्ति को असहनीय तकलीफ होती है।

किताब में विशेषज्ञों की राय और न्यायिक फैसलों के माध्यम से फांसी की अमानवीय प्रकृति की व्याख्या की गई है। फांसी की सजा मिलने के एक दिन पहले फंदा तैयार करने के लिए जब कैदी के गले और शरीर की नाप ली जाती है, तब वह असहनीय मानसिक तकलीफ और भयावह अनुभव से गुजरता है।

परामर्श पत्र के अनुसार जहरीले इंजेक्शन की प्रक्रिया में व्यक्ति के प्राण जाने में पांच से नौ मिनटों का समय लगता है, जबकि फांसी की प्रक्रिया में 40 मिनटों के संघर्ष के बाद व्यक्ति के प्राण जाते हैं।जहरीले इंजेक्शन की प्रक्रिया में व्यक्ति के शरीर में कोई विकृति नहीं आती, यह दर्दरहित होता है और मृत्युदंड का सबसे आसान और उपयुक्त तरीका है। किताब में लिखा गया, "यही वक्त है जब भारतीय न्याय व्यवस्था को भी फांसी के बजाय मृत्युदंड देने के लिए दूसरे विकल्पों पर गौर करना चाहिए।"

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (10 मई)

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भाजायुमो की नगर कार्यकारिणी घोषित
छतरपुर। भारतीय जनता युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष विनय तिवारी ने भाजपा जिलाध्यक्ष डाॅ. घासीराम पटेल, महामंत्री पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह गुड्डू, युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अरविन्द्र पटैरिया की सहमति से भारतीय जनता युवा मोर्चा की नगर कार्यकारिणी घोषित कर दी। घोषित कार्यकारिणी में 7 उपाध्यक्ष, 2 महामंत्री,  7 मंत्री, 1 कार्यालय मंत्री, 1 कोषाध्यक्ष और मीडिया प्रभारी की नियुक्ति की है। भाजायुमो के नगर अध्यक्ष विनय तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यकारिणी में सुषील दीक्षित, राॅकी ठाकुर, राहुल यादव, अभिलाष मिश्रा, दीपक यादव, मुकेष यादव, विकाष चैरसिया को उपाध्यक्ष, आषीष पाठक, सुरेन्द्र सिंह तोमर को महामंत्री, शैलेन्द्र चैबे, प्रमोद कुषवाहा, संर्घष दुबे, धीरज साहू, चुन्नी सोनकिया, मनीष रैकवार, राहुल असाटी, प्रदीप गुप्ता व विपिन को मंत्री एवं बंटी त्रिपाठी अरविन्द्र पटेल को कार्यालय मंत्री नियुक्त किया है। उन्होंने कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी रोहित गोस्वामी को एवं नितेष राय को मीडिया प्रभारी का दायित्व सौंपा है।

तहसीलदार, आरआई एवं एसआई के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

बड़ामलहरा।  जेएमएफसी नीरज सोनी की अदालत ने धोखाधड़ी के मामले में तहसीलदार, आरआई, एसआई सहित 6 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।  एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि जे.एम.एफ.सी. बड़ामलहरा नीरज सोनी ने शासकीय अभिलेखों में जमीन की हेरफेर करने के मामले में तहसीलदार, तत्कालीन पटवारी, एसआई सहित छ: लोगों पर धोखाधड़ी करने पर आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120वी के तहत मामला पंजीबद्ध किया था। मामला दर्ज होने पर तहसीलदार फेरन सिंह रूगर तहसील भुगावली जिला अशोकनगर, आरआई भू-अभिलेख पन्ना और एसआई संतोष जामरा पुलिस थाना विनायका जिला सागर सहित छ: लोगों को अदालत ने हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किए गए थे। मामला
दर्ज होने की सूचना मिलने के बावजूद भी जब उक्त सभी अभियुक्त श्री सोनी की अदालत में हाजिर नहीं हुए तब अदालत द्वारा तहसीलदार, आरआई, एसआई सहित सभी छ: लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए है। 
क्या है मामला- जनवरी 2014 में राजाराम यादव, शंकर यादव और श्रीमती गुड्डी यादव निवासी मारोतखेरा (बमनौरा) ने न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी नीरज सोनी की अदालत ने इस आशय का इस्तगासा पेश किया था कि वे सन् 1980 से बमनौरा मौजा स्थित शासकीय भूमि खसरा नम्बर 3616 और 3617 में काबिज होकर कास्तकारी कर रहे है और शासन के द्वारा समय-समय पर उक्त जमीन के संबंध में जुर्माना भी लिया जाता है। हल्काई यादव, काशीराम यादव निवासी बहसखेरा ने षडयंत्र कर अपने नाम पर सुम्मेर सिंह, लक्ष्मण सिंह निवासी बमनौरा के नाम से उक्त शासकीय भूमियों के संबंध में फर्जी बसीयत सन् 1986 में बनवा ली थी। बमनौरा के पूर्व सरपंच देवी सिंह ने बमनौरा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी एसआई एस.के. जामरा से मिलकर नियम विरूद्ध तरीके से सुम्मेर सिंह का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया। इस संबंध में राजाराम के वकील राजेंद्र जैन ने श्री सोनी की अदालत में सभी कागजात पेश किए है। मौजा बमनौरा के तत्कालीन पटवारी रतन सिंह गौढ़ और घुवारा के तत्कालीन तहसीलदार फेरन सिंह रूगर से मिलकर उक्त शासकीय जमीनों के संबंध में राजस्व अभिलेखों में हेरफेर की गयी, जबकि पटवारी के द्वारा कई बार राजाराम यादव बगैरह को उक्त शासकीय जमीनों में काबिज होने के संबंध में प्रमाणित किया गया, किंतु फर्जी तरीके से वर्ष 2010 में उक्त शासकीय जमीनों को राजस्व रिकार्ड में हेरफेर की गयी। जेएमएफसी नीरज सोनी की अदालत ने मामले की जांच कराकर सुनवाई करने के बाद राजस्व रिकार्ड में हेरफेर करने, फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनका उपयोग करने का आरोप पाए जाने पर तहसीलदार, एसआई , पटवारी के खिलाफ संज्ञान लेकर आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120वी के तहत मामला दर्ज किया था।

गोवा ने जीता आॅल इंडिया ग्र्रामीण क्रिकेट टुर्नामेंट

balaghat news
बालाघाट। म.प्र. श्रमजीवी पत्रकार संघ एंव म.प्र. ग्रामीण क्रिकेट संघ के संयुक्त तत्वाधान में 5 वीं आल इंडिया ग्रामीण चेम्पियनशीप का फायनल मुकाबला महाराष्ट एंव गोवा के मध्य खेला गया जिसमें बतौर अतिथि म.प्र. ग्रामीण क्रिकेट संघ के प्रदेश अध्यक्ष इन्द्रजीत भोज, प्रदेश सचिव ओमेन्द्र बिसेन, जिलाध्यक्ष ललीत प्रधान, अजहर कुरैशी, श्रवण शर्मा, संदीप आश्वले, मदन ब्रदर, किरण खंडागले, एजे शेख, संजय गमरे, जे फैययाज, राजेन्द्र तुफे, डाॅ पी जी मगदूम मौजूद थे। प्रतियोगिता की खिताबी भिडत में महाराष्ट ने टाॅस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करने का फेसला किया। गोवा की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में अपने सभी विकेट खोकर 128 रन बनाये जिसमें वैभव पाटिल ने 45 रन एंव अजीत ने 25 रन का योगदान दिया। महाराष्ट की ओर से अमजद ने 4 विकेट, विलास ने 2 विकेट रिजवान, सोमनाथ, नितिन ने 1-1 विकेट हासिल किये। जवाबी पारी खेलने उतरी महाराष्ट की टीम 17 ओवर में 84 रन ही बना सकी। महाराष्ट की ओर से सोमनाथ ने 15 रनो का सर्वाधिक योगदान दिया बाकि कोई भी बल्लेबाज दहाई का आकडा पार नही कर पाया। गोवा की ओर से दर्शन ने किफायती गेंदबाजी करते हुए 6 विकेट प्राप्त किये। यह मैच गोवा ने 45 रन से जीतकर 5 वीं आॅल इंडिया चेम्पिन टाफी पर अपना कब्जा किया। मैच में एम्पायर की भूमिका अजहर कुरैशी, राजेन्द्र थुपे ने निभाई। वहीं स्कोरर के रूप में प्रांजल सिरसाम एंव कामेन्टेटर रजनीश राॅहंगडाले द्वारा अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। प्रतियोगिता में मैन आॅफ द सीरिज वैभव पाटिल गोवा एंव सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज दर्शन गोवा व फायनल मैच का मैन आॅफ द मैच दर्शन गोवा को 6 विकेट हासिल करने की बदौलत चुना गया। प्रतियोगिता को सफल बनाने हेतू म.प्र. ग्रामीण क्रिकेट संघ के प्रदेश अध्यक्ष इन्द्रजीत भोज, प्रदेश सचिव ओमेन्द्र बिसेन, नईम खान, अजहर कुरैशी, रजनीश राॅहंगडाले, तपेश हरिनखेडे, सतेन्द्र राॅय, ललित प्रधान, जितेन्द्र मंगलानी, प्रमोद कनौजिया, आकाश श्रीवास्तव, अतुल त्रिवेदी, रोहित दुबे, अमित असाटी, संदीप आश्वले, सहित समस्त खिलाडियो ने खेल प्रेमी जनता का आभार व्यक्त किया है।



उत्तराखंड : ख्वाजा अहमद अब्बास शताब्दी समारोह

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uttrakhand news
राजभवन, देहरादून में आयोजित दो दिवसीय ‘ख्वाजा अहमद अब्बास शताब्दी समारोह’ में देश के प्रतिष्ठित विद्वानों ने अब्बास साहब को महान स्वप्नदर्शी और अपने वक्त की बुराइयों के खिलाफ सबसे बड़ा योद्धा बताया। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि साहित्य, फिल्म और पत्रकारिता जैसे माध्यमों को समकालीन चुनौतियों को ईमानदारी के साथ प्रस्तुत करना चाहिए जैसा कि अब्बास ने किया।
           
राज्यपाल डाॅ. अजीज कुरैशी की पहल पर देश भर में ख्वाजा अहमद अब्बास शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है। इस पहल का मुख्य मकसद यह है कि समाज इस बात को लेकर जागरूक हों कि ख्वाजा अहमद अब्बास ने एक कलाकार, साहित्यकार एवं पत्रकार के रूप में आम लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने में एक प्रेरक भूमिका निभाई।
          
आज राजभवन में इस समारोह के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में ‘नई धरती-नए लोग’ शीर्षक के तहत ख्वाजा अहमद अब्बास के साहित्य, वैचारिकी और पत्रकारिता पर मंथन हुआ। जबकि, दूसरे सत्र में एक फिल्मकार के तौर पर ख्वाजा अहमद अब्बास का मूल्यांकन किया जाना है।
         
uttrakhand news
पहले सत्र में दिल्ली विवि के प्रोफेसर एवं प्र्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. अली जावेद ने कहा कि आज के हालात में वो हर व्यक्ति प्रगतिशील है जो इंसान को इंसान की तरह देखे, उसे जाति, धर्म और नस्ल में विभाजित न करे। उन्होंने कहा कि साहित्य, पत्रकारिता या फिल्म जैसे माध्यम का उपयोग महज मौज-मस्ती और तफरीह के लिए नहीं किया जा सकता और न ही किया जाना चाहिए। ख्वाजा अहमद अब्बास ने अपने वक्त में जिन सवालों का सामना किया, वे आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। इस वक्त ऐसे हर विचार का विरोध किए जाने की जरूरत है जो किसी विशेष धर्म, संस्कृति और भाषा की बात करता है। ये सोच, इस मुल्क की ‘यूनिटी इन डायवर्सिटी’ के खिलाफ है।
        
सिनेमा लेखक और कलाकार अतुल तिवारी ने अब्बास की तीन फिल्मों-‘डा. कोटनीस की अमर प्रेम कहानी’, ‘नीचा नगर’ और ‘धरती के लाल’-को भारतीय फिल्म इतिहास की ट्रैंड-सैटर करार दिया। उन्होंने ख्वाजा अहमद अब्बास को महान स्वप्नदर्शी बताया। 
       
प्रो. प्रमोद बी. लाल ने कहा कि ख्वाजा अहमद अब्बास की हर रचना, चाहे वह किताब हो या फिल्म, आज भी प्रांसगिक है और यही उनकी सबसे बड़ी खूबी भी है जो सोचने को मजबूर करती है। उन्होंने अपनी कृतियों में सौंदर्य और यथार्थ का गहरा संतुलन प्रस्तुत किया। प्रो. लाल ने ख्वाजा अहमद अब्बास पर सूफीज्म के प्रभाव का भी खासतौर से उल्लेख किया। 
       
प्रो. हेमेंद्र चंदालिया ने ख्वाजा अहमद अब्बास के वैचारिक परिप्रेक्ष्य को विस्तार से सामने रखा। प्रो. हेमेंद्र ने कहा कि वे आरंभिक दिनों में गांधी से प्रभावित थे, बाद में नेहरूवादी हो गए। इसके साथ-साथ उनमें वामपंथी झुकाव भी साफ तौर पर दिखाई देता है।
       
सत्र की प्रभावशाली संयोजक और भारतीय योजना आयोग की सदस्य डाॅ. सैयदा हमीद ने कहा कि अब्बास साहब ने मौजूदा दुनिया को और बेहतर बनाने के लिए जिंदगी भर संघर्ष किया। उनकी तुलना शायद ही किसी दूसरे व्यक्ति से की जा सकती है। 
      
समारोह के पहले दिन के अंतिम सत्र में ‘हमारी उर्दू मुहब्बत संस्था’ की ओर से ख्वाजा अहमद अब्बास पर बेहद प्रभावशाली प्रस्तुति दी गई थी। इस प्रस्तुति में आॅडियो, वीडियो और छायाचित्रों के साथ गायिकी और जीवंत-संवादों का बहुत सुंदर संयोजन किया। करीब डेढ़ घंटे की इस प्रस्तुति में राज्यपाल डाॅ. अजीज कुरैशी लगातार दर्शक-दीर्घा में मौजूद रहे। बेगम जकिया जहीर के निर्देशन में हुई इस प्रस्तुति में डाॅ. सैयदा हमीद, बेगम जकिया जहीर और रजा मेहंदी ने सूत्रधार की भूमिका निभाई। इस प्रस्तुति के दौरान रीनी सिंह के गायन ने पूरे माहौल को और प्रभावशाली बना दिया।

आज के सत्र में कुमाउं विवि के कुलपति प्रो. एस.सी. धामी, लोक सेवा आयोग की सदस्य डा. छाया शुक्ला, स्थानीय संयोजक आलोक बी. लाल सहित अनेक विशिष्ट लोग एवं युवा भी मौजूद थे। 

बिहार : न यह है मेरा, न है यह तेरा, यह, ईश्वर का ही वरदान है

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ekta parishand news
पटना।एकता परिषद के सदस्य प्रार्थना गीत जाते है। न यह है मेरा, न है यह तेरा, यह, ईश्वर का ही वरदान है। इससेे आगे बढ़कर नारा बुलंद करते हैं। जल,जंगल और जमीन, यह हो जनता के अधीन। ऐसा प्रतीक होता है कि आप प्रार्थना करें और नारा बुलंद करें। कोई फर्क नहीं पड़ता है। धीरे-धीरे प्राकृतिक संसाधन जल,जंगल और जमीन पर पूंजीपतियों का जोर से जोर पकड़ होने लगा है। लगभग सरकार की विफलता के कारण ही भगवान की तीनों चीजों को कब्जाने में सफल हो रहे हैं। 

गरीबों से जमीन और जंगल हथियाने के बाद पेयजल को भी व्यापारी रूप देने लगे हैं। पहले मिनिरल वाटर के नाम पर बोतलबंद पानी बेचा। अब ‘जार’ में पेयजल भर-भर के धंधा किया जा रहा है। राजधानी के दीघा के बाद दानापुर में प्लांट बैठाया गया है। यहीं से आपके पास कूल-कूल, ठंडा-ठंडा पेयजल पहुंचाया जाता है। आप अपने मार्केट में बैठकर ठंडा-ठंडा पेयजल का लुफ्त उठा सकते हैं।

स्वास्तिक एक्वा नामक जार में पेयजल भरकर लाया जाता है। आप आठ घंटे तक ठंडा पानी का मजा ले सकते हैं। दो तरह के जार में पानी मुहैया कराया जाता है।2 रू.लीटर की दर से 15 लीटर वाले जार की कीमत 30 रू. और 20 लीटर जार की कीमत 40 रू. है। पहले 15 लीटर वाले और बाद में 20 लीटर वाले जार को मार्केट में उतारा जाता है। मांग के अनुरूप साधन नहीं रहने के कारण उपभोक्ताओं की मांग पूर्ण नहीं हो पाती है। दानापुर,राजाबाजार,बोरिंग रोड, खगौल आदि क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध कराया जाता है। कम्पनी के पास 6 वाहन है। एक वाहन पर 70 जार लादा जाता है। उपभोक्ताओं को कार्ड इश्यू किया जाता है। जिसे पानी देने के बाद अघतन कर दिया जाता है। एक महीने के बाद सेल्समैन कीमत वसूल करते हैं।धीरे-धीरे ही सही राजधानी में पानी बिक रहा है। इस ओर सरकार मौनधारण कर रखी है। 



आलोक कुमार
बिहार 

दाभोलकर की बेटी को सीबीआई से उम्मीद

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mukta dabholkar
अंधविश्वासों के खिलाफ मुहिम चलाने वाले कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की बेटी मुक्ता दाभोलकर ने उम्मीद जताई है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) उनके पिता के हत्यारों को पकड़ने में कामयाब होगी। मुक्ता ने शनिवार को यहां आयोजित एक समारोह में संवाददाताओं से कहा, "अब यह मामला सीबीआई के पास है। मुझे उम्मीद है कि हत्यारे गिरफ्तार होंगे।"

अंधविश्वासों के खिलाफ मुहिम चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता दाभोलकर की पिछले साल अगस्त में पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए बम्बई उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी थी। मुक्ता ने कहा, "मेरे पिता द्वारा किए जा रहे कार्यो से जिन लोगों का नुकसान हो रहा था, उन्हीं लोगों ने उनकी हत्या की होगी।"

महाराष्ट्र में बारूदी सुरंग विस्फोट, 7 पुलिसकर्मी शहीद

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naxal attack in gadchiroli
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में रविवार को एक बारूदी सुरंग में हुए विस्फोट में सात पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इस घटना में संदिग्ध नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर पुलिस वाहन को उड़ा दिया। पुलिस ने बताया कि घटना गढ़चिरौली से 35 किलोमीटर दूर मुरमुरी गांव के पास सुबह 9.30 बजे की है। घटना में पुलिस के सात अन्य कमांडो घायल भी हुए हैं।

नक्सलियों ने बारूदी सुरंग विस्फोट उस समय किया, जब पुलिस कमांडों का दल एक वाहन में सवार होकर गढ़चिरौली के जंगलों में सुरक्षा अभियान पर निकला था। घायल जवानों को हेलीकॉप्टर से नागपुर ले जाया गया, जबकि अतिरिक्त सुरक्षा बलों को घटनास्थल की ओर रवाना किया गया।

गुजरात तट से होती है मादक पदार्थो की तस्करी : अभिषेक मनु सिंघवी

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abhishek manu singhvi
कांग्रेस ने रविवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर राज्य के तटीय क्षेत्रों की सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि गुजरात के तटों से मादक पदार्थो की तस्करी होती है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यहां संवाददाताओं से कहा, "बीते 22 और 23 अप्रैल को ऑस्ट्रेलियन कोलिशन मारिटाइम फोर्सेज ने गुजरात के पंजीकृत जहाज लक्ष्मी नारायण से केन्या के तट पर 1,032 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी, जिसका अंतर्राष्ट्रीय मूल्य 2.89 करोड़ रुपये आंका गया।"

सिंघवी ने कहा कि जहाज अक्टूबर 2013 में गुजरात के हाजी बासी उर्फ हाजा भाई कठिरियैन द्वारा किराए पर लिया गया था। कठिरियैन का भाई हाजी अजीज कुंगड़ा जामनगर जिले के सालाया शहर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का जाना माना नेता है। सिंघवी ने आरोप लगाया कि जहाज का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया गया।

उन्होंने दावा किया, "कोलिशन मारिटाइम फोर्सेज के नौसैनिक जहाज के कमांडर टेरी मॉरिसन ने लक्ष्मी नारायण को जब्त किया था। इसमें से बरामद मादक पदार्थ अल-कायदा सहित दूसरे आतंकवादी संगठनों को हिंसात्मक कार्रवाईयों के लिए दिए जाते थे।"सिंघवी ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर केंद्र सरकार द्वारा आवंटित राशि को तटों की सुरक्षा पर खर्च न करने का आरोप लगाया। 

उन्होंने कहा, "क्या राज्य सरकार गुजरात नौसेना पुलिस के नावों के लिए डीजल उपलब्ध नहीं करवा सकी।"भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस के इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि तटीय सुरक्षा केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है और इसका जिम्मा केंद्र सरकार का है।

तीस्ता संधि की विफलता के लिए ममता जिम्मेदार : हसीना

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sheikh hasina
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि दोनों देशों के बीच तीस्ता नदी जल बंटवारे पर संधि न हो पाने के पीछे वही जिम्मेदार हैं। एक वेबसाईट के अनुसार, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सितंबर 2011 के ढाका दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच तीस्ता जल बंटवारे से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर होने वाला था। 

हसीना ने कहा कि लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता द्वारा अंतिम क्षण में की गई आपत्ति के कारण समझौते पर हस्ताक्षर रद्द कर दिया गया। हसीना ने कहा कि मनमोहन सिंह ने समझौते पर सकारात्मक टिप्पणी की थी। हसीना ने इस समझौते की विफलता के लिए पहली बार रविवार को सीधे तौर पर ममता को जिम्मेदार बताया है।

हसीना ने बांग्लादेश के जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक बैठक में कहा, "हम (बांग्लादेश और भारत) तीस्ता नदी पर बातचीत के बाद एक सहमति पर पहुंच गए थे।"बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा, "लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बनर्जी ने आपत्ति खड़ी की। यह बिल्कुल दुर्भाग्यपूर्ण है। (भारत की) केंद्र सरकार समझदार थी।"

हसीना ने कहा, "हम इस मामले को बातचीत के जरिए हल करने की आशा रखते हैं।"हसीना ने कहा कि मनमोहन सिंह के 2011 के बांग्लादेश दौरे के दौरान बनर्जी भी उनके साथ आने वाली थीं, लेकिन अंतिम क्षण उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया था और समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हो पाया था।

उत्तर प्रदेश और बिहार से लगी नेपाल की सीमा सील

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india nepal border sealed
नेपाल सरकार ने उत्तर प्रदेश और बिहार से लगी अपनी सीमा सील कर दी है। नेपाल ने यह कदम भारत के इन दोनों राज्यों में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के मद्देनजर उठाया है। दोनों राज्यों में सोमवार को मतदान होने हैं। अधिकारियों ने रविवार को कहा कि यह कदम दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हुई बैठक के बाद उठाया गया है। 

नेपाल के रूपनदेहि जिले और उत्तर प्रदेश के महाराजगंज व सिद्धार्थनगर जिलों के बीच की सीमा रविवार को 40 घंटों के लिए सील कर दी गई। बेलहिया और ककरहवा सीमा पर स्थित जांच चौकियां रविवार सुबह सात बजे बंद कर दी गईं और सोमवार रात 11 बजे तक बंद रहेंगी।

पुलिस ने कहा है कि आपात वाहनों को छोड़कर इस अवधि के दौरान दोनों देशों के बीच किसी भी आवागमन की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसी तरह बिहार में भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल-बीरगंज सीमा प्रवेश द्वार शनिवार शाम से तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। 

दोनों देशों के सुरक्षा अधिकारी सात अप्रैल से शुरू हुए आम चुनाव से पहले से ही सुरक्षा मामलों पर चर्चा करने के लिए मुलाकात करते रहे हैं।

वाराणसी में भाजपा कार्यालय में छापेमारी, प्रचार सामग्री जब्त

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bjp office varanasi raid
निर्वाचन आयोग के निर्देश पर वाराणसी जिला प्रशासन ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के क्षेत्रीय कार्यालय में यहां छापेमारी कर भारी मात्रा में प्रचार सामग्री जब्त की। शहर के सिगरा इलाके स्थित भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय में दोपाहर को की गई छापेमारी में प्रचार सामग्री जब्त की गई, जिसमें टी- शर्ट, बैच और बैनर पोस्टर शामिल हैं। छापेमारी के दौरान कार्यालय में मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं की अधिकारियों के साथ नोंक-झोंक भी हुई।

वाराणसी के जिलाधिकारी प्रांजल यादव ने संवाददाताओं को बताया कि निर्वाचन आयोग के आदेश के अनुसार प्रचार पर प्रतिबंध है। हमने सूचना के आधार पर प्रचार से संबंधित सामग्री जब्त की है। यादव ने कहा कि हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि इस प्रचार सामग्री का वितरण नहीं किया जा रहा था। इस जब्त सामग्री को भाजपा को वापस कर दिया जाएगा।

उधर भाजपा नेता रामेश्वर चौरसिया ने कहा कि जिस तरह से छापेमारी की गई वह बिल्कुल गलत है। आयोग ये बताए कि किस सूचना के आधार पर छापेमारी की गई। हमारे कार्यालय में कोई गलत सामान नहीं था। इसका उद्देश्य भाजपा कार्यकर्ताओं को तंग करना है, और कुछ नहीं।

भारतीय जनता पार्टी जीतेगी 300 सीटें : राजनाथ सिंह

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rajnath singh
भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि भाजपा इस लोकसभा चुनाव में 300 सीटें जीतने के साथ बहुमत प्राप्त करेगी। कानपुर में संवाददाताओं से बातचीत में राजनाथ सिंह ने कहा कि भाजपा 300 से ज्यादा सीटें जातने जा रही है। सिंह ने कहा कि भाजपा 300 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा पार करने के बावजूद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) में शामिल घटक दलों से पूरा सहयोग लेगी। सिंह ने कहा कि जो भी राष्ट्रवादी दल राजग में शामिल होना चाहेंगे उनका स्वागत किया जाएगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत से भाजपा के शीर्ष नेताओं की मुलाकात को लेकर पूछे गए सवाल पर सिंह ने कहा कि यह एक शिष्टाचार भेंट थी। हम चुनाव में आरएसएस के स्वयं सेवकों द्वारा किए गए परिश्रम के लिए धन्यवाद देने गए थे।

कांग्रेस द्वारा इस मुलाकात पर सवाल उठाए जाने के सवाल पर सिंह ने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से अवसाद में चली गई है। ऐसे में उनकी किसी बात पर प्रतिक्रिया देने का कोई मतलब नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा के शीर्ष नेताओं की भागवत से मुलाकात में चुनाव बाद सरकार बनाने को लेकर चर्चा की गई।

हिमाचल प्रदेश की विस्तृत खबर (11 मई)

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कांग्रेस पार्टी में बागियों की वापिसी जल्दबाजी में नहीं हो रही, सरकारें संगठन ही बनाते हैं  : सुखविन्दर सिंह 

Thakur Sukhwinder Singh
ज्वालामुखी, 11 मई (विजयेन्दर  शर्मा) । हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ठाकुर सुखविन्दर सिंह ने आज यहां स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी में बागियों की वापिसी जल्दबाजी में नहीं हो रही।  न ही अनुशासन के नाम पर कोई समझौता किया जायेगा। इस मामले में कोई भी फैसला ठोक बजाकर ही होगा।  ज्वालामुखी के विद्युत विश्राम गृह में  पत्रकार सम्मेलन में उन्होंने  इस बात को भी सिरे से खारिज किया कि अगर बागी वापिस आ जाते तो पार्टी बेहतर प्रर्दशन चुनाव में करती।   यह विचार गलत हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा चुनावों के दौरान बागियों की वापिसी का कोई मुद्दा नहीं था।  बकौल उनके बागियों के सहारे चुनाव नहीं जीते जा सकते, बल्कि पार्टी की नितियों , विचारों और कार्यक्रम के आधार पर लड़े जाते हैं।  कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिन बागियों की पार्टी की वापिसी हुई, उसमें कहीं कोई पिक एंड चूज की निति नहीं अपनाई गई।   जो भी लोग वापिस आये उनके लिये जिला व ब्लाक की तरफ से अनुमोदन आया, तब जाकर उनकी वापिसी हुई।  बाकि मामलों पर भी यही निति लागू है।  हालांकि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। इस पर चरचा पार्टी के अंदर ही होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि  पार्टी अब बागियों को कतई बर्दाशत नहीं करेगी। कुछ नेता तब तक पार्टी के साथ चलते हैं, जब तक उन्हें टिकट मिले। टिकट न मिले तो यह लोग बागी होकर पार्टी को नुक्सान पहुंचाते हैं।  व बाद में फिर पार्टी में वापिस आ जाते हैं। इस सबसे संगठन कमजोर होता है। आम कार्यकर्ता का मनोबल कमजोर होता है।  लिहाजा अब इस परंपरा को सख्ती के साथ रोका जायेगा। बागियों के लिये पार्टी के दरवाजे अब बंद हो चुके हैं।  यह पार्टी का नितिगत सिद्धांत है।  कांग्रेस नेता ने कहा कि संगठन को मजबूत करना उनकी प्राथमिकता है व रहेगी।  उन्होंने चेतावनी दी कि इस मामले में बेवजह बात का बतंगढ़ बनाने वाले नेता जान लें कि सरकारें संगठन ही बनाते हैं।  उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में संगठन को मजबूत करने के लिये और कड़े फैसले लिये जायेंगे।  ताकि पार्टी निचले स्तर पर मजबूत हो। उन्होंने कहा कि कोई अपनी व्यक्तिगत राय पार्टी पर नहीं थोप सकता। पार्टी में जो भी फैसले लिये जाते हैं। वह सामूहिक सोच से लिये जाते हैं।  कांग्रेस नेता ने कहा कि  मिशन 2017  की कामयाबी को लेकर वह जल्द ही प्रदेश का दौरा करेंगे। व पार्टी के बूथ स्तर पर कार्यर्ताओं से मिलेंगे। वहीं संगठन में निष्क्रिय लोगों को हटाया जायेगा।   उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी ने बेहतर तालमेल के साथ काम किया, जिससे पहली बार कार्यकर्ताओं खासा उत्साह देखा गया।  हिमाचल प्रदेश में चुनावों के दौरान यू पी ए अध्यक्षा श्रीमति सोनिया गांधी एवं पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी व दूसरे केन्द्रिय नेताओं के दौरे प्रेरणादायी रहे।  कार्यकताओं में उत्साह बढ़ा। लेकिन इसके साथ ही सोलन रैली को लेकर भाजपा ने बेवजह विवाद खड़ा करने की कोशिश की।   वहीं भाजपा नेताओं ने प्रदेश के सामाजिक ताने बाने को राजनिति के नाम पर तोडऩे की पूरी कोशिश की।  पानी की तरह पैसा बहाया । मतदाताओं को प्रभावित करने के लिये तरह तरह के हथंकडे अपनाये।  वहीं कांग्रेस पार्टी ने पूरा चुनाव मर्यादित तरीके से लड़ा। सुखविन्दर सिंह ने बताया कि चुनावों के दौरान उन्होंने पूरे हिमाचल का दौरा किया। मंडल स्तर पर भी बैठको ं में शिरकत की।  व आम कार्यकर्ता से सीधे संपर्क साधने की कोशिश की।  व पूरे तालमेल के साथ चुनाव को नई दिशा देने की कोशिश की। कांग्रेस अध्यक्ष  ने कहा कि कांग्रेस हर वर्ग का विकास करने में विश्वास रखती है और जातिवाद से हट कर कार्य करती है।  भाजपा ने हमेषा ही देष के लोगों को धर्म, क्षेत्र  व सम्प्रदाय के नाम पर बांटने का काम किया है, जबकि कांग्रेस सदा ही सभी धर्मों के लोगों को साथ लेकर चलती आ रही है।  बकौल उनके देश में कभी भी भाजपा की सरकार नहीं बन सकती, क्योंकि ये लोग साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देते हैं। भारतवर्ष एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है तथा यहां वहीं पार्टी सरकार बना सकती है, जो सभी धर्मों के लोगों का आदर करती हो जैसा कि कांग्रेस पार्टी करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब भी कांग्रेस सरकार बनी हैं, राज्य का समान और संतुलित विकास हुआ है।

सोलन में चार दिवसीय हिम गोल्ड कप महिला हॉकी टूर्नामेन्ट सम्पन्न, यूपी ईलेवन ने 3-1 से हरियाणा को पराजित किया
  • राज्यपाल उर्मिला सिंह ने नवाजे विजेता

 सोलन,11 मई (विजयेन्दर शर्मा)।   सोलन में आज 4 दिवसीय महिला हिम गोल्ड कप हॉकी टूर्नामेन्ट सम्पन्न हो गया। आज हुए एक रोमांचक फाईनल में यूपी ईलेवन ने हरियाणा को 3-1 से शिक्शत देकर ट्राफी अपने नाम की। इस टूर्नामेन्ट में पाकिस्तान की टीम सहित देश के विभिन्न राज्यों से कुल 6 टीमों ने भाग लिया। हरियाणा की निशा टूर्नामेन्ट की बेस्ट प्लेयर रही। समापन अवसर पर राज्यपाल उर्मिला सिंह ने महिला खिलाडिय़ों को बधाई देते हुए कहा कि खेल विचारों और भावनाओं को संतुलित रखने की कला सिखाने के साथ-साथ खिलाडिय़ों के व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायक सिद्ध होते हैं। खेलों के माध्यम से खिलाड़ी न केवल बेहतर नागरिक बनते हैं बल्कि जीवन के सभी क्षेत्रों विशेषकर कार्य क्षेत्र में भी श्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सक्षम होते हैं। उन्होंने कहा युवाओं को खेल गतिविधियों में अधिक से अधिक भाग लेना चाहिए। खेलों के माध्यम सेे आत्मविश्वास, मिलजुल कर कार्य करने की भावना और मित्रता जैसे गुणों का विकास होता है। सभी स्तरों पर खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए । राज्यपाल ने कहा महिलायें आज हर क्षेत्र में आगे आकर अपनी क्षमता का लोहा मनवा रही हैं। यह समाज के लिए अच्छा सूचक है क्योंकि कोई भी देश महिलाओं की प्रतिभागिता के बिना आगे नहीं बढ़ सकता। आज देश की कई महिला खिलाडिय़ों ने राश्ट्रीय और अन्र्तराश्ट्रीय खेलों में देश का नाम ऊंचा किया है । उन्होंने यह साबित कर दिया कि खेलों में भी  वे ऊंचा मकाम हासिल कर सकती हैं। बालिकाओं को स्कूल स्तर से ही खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करने से खेल जगत में महिलायें अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगी । राज्यपाल ने विजेता टीम यूपी ईलेवन को 50 हजार रूपये व ट्रॉफी जबकि उप-विजेता टीम हरियाणा को 25 हजार का चैक व ट्रॉफी प्रदान की। राज्यपाल ने अतिथि टीम पाकिस्तान के सभी खिलाडियों व उनके साथ कोच व मैनेजर को सम्मानित किया। उपायुक्त एवं अध्यक्ष हिम गोल्ड हॉकी एसोसियेशन सोलन मदन चौहान ने स्वागत करते हुए कहा कि एसोसियेशन पिछले 20 वर्षों से लगातार सोलन में हॉकी टूर्नामेन्ट का आयोजन करती आ रही है। इस टूर्नामेन्ट में देश व विदेशों के नामी खिलाड़ी भाग ले चुके हैं।   

अतिरिक्त उपायुक्त एवं टुर्नामेंट के निदेशक सी.पी.वर्मा ने धन्यवाद किया।
इस मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पदम चन्द, वाईस प्रेजिडेंट लोकन्द्र चौहान, महासचिव टशी सन्डूप, सदस्य सचिव सुभाष सकलानी, हॉकी इण्डिया के कार्यकारी निदेशक आर.के. श्रीवास्तव, हिम गोल्ड कप सोसायटी के महासचिव बी.आर. नेगी, सचिव वेद प्रकाश, कोषाध्यक्ष मंगलेश्वर शर्मा भी उपस्थित थे।   

चुनाव परिणामों का बेसब्री से इंतजार

ज्वालामुखी ,11 मई (विजयेन्दर शर्मा)।   जैसे जैसे चुनाव परिणामों का दिन नजदीक आ रहा है, वैसे ही  नेताओं की धुकधुकी भी तेज होने लगी है। व तरह तरह की कयासबाजी जारी है। दोनों ही दलों के नेता अपनी अपनी बढ़त के दावे कर रहे हैं। लेकिन जमीनी हालात कुछ ओर ही हैं। जिससे नेताओं की परेशानी बढ़ी है। व हर कोई अपने तरीके से आकलन करने में जुटा है। ज्वालामुखी इस बार जहां कांगड़ा संसदीय चुनाव क्षेत्र का हिस्सा है तो देहरा व जसवां परागपुर हमीरपुर का, ऐसा डिलिमिटेशन की वजह से हुआ है।  हालांकि पहले तीनों ही हल्के हमीरपुर में आते थे।  ज्वालामुखी से कांग्रेस के विधायक हैं व दूसरे दोनों हल्कों  से भाजपा के विधायक रविन्दर सिंह रवि व विक्रम ठाकुर हैं।  इस बार के संसदीय चुनावों में चुनावी नजारा बदला ही नजर आया।  ज्वालामुखी में जहां कांग्रेस के खिलाफ महौल को  देखा जा सकता है। इसका सीधा फायदा पूर्व विधायक रमेश धवाला को हुआ है। व एक बार फिर राजनैतिक तौर सक्रिय हो गये हैं।  शांता कुमार के मैदान में होने से इलाके का ब्राहम्ण वोटर भाजपा के साथ लामबंद हो गया है तो धवाला के साथ बिरादरी चली ।  यही नहीं चंगर बैल्ट में भी कुछ नाराजगी स्थानीय विधायक के प्रति देखी गई। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा खासकर रमेश धवाला ने शुरू से ही पार्टी काडर को सक्रिय कर दिया व समय समय पर खुद शांता कुमार ने ज्वालामुखी हल्के को पूरा समय दिया व लोगों से सीधे तौर पर रूबरू हुये।  इस मामले में  कांग्रेस प्रत्याशी चंदर कुमार पिछड़ गये। व वहीं विधायक संजय रतन को भी पार्टी संगठन का पूरा सहयोग नहीं मिल पाया। अपने तौर पर उन्होंने हर बूथ पर जाने की कोशिश की , लेकिन लोग शुरू से ही चंदर कुमार से इस बात को लेकर नाराज थे कि उन्होंने देहरा में सेंटरल यूनिवर्सिटी  का विरोध किया था। इस मामले पर चंदर कुमार ने भी अपने दौरे के दौरान कोई  स्पष्टीकरण देने की कोशिश नहीं की।   वहीं इलाके में  जातीगत ध्ु्रावीकरण भी नहीं हो पाया।  ज्वालामुखी में अस्पताल के स्थानांतरण से लेकर एस डी एम आफिस की स्थापना के फैसले चंगर के लोगों को रास नहीं आये।  वहीं धवाला ने अपने भाषणों में पूरी आक्रमकता दिखाई व स्थानीय मुद्दे जोरदार ढ़ंग से उठाये।   व बार  चेताया कि कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनावों में छह हजार लोगों को नौकरियां देने की बात की, लेकिन पूरी नहीं हुई।  कुछ भी  इससे अब साबित हो गया है कि लोगों  को विकास नहीं व्यक्तिगत मेल मिलाप की जरूरत है।  ऐसा ही कुछ देहरा में भाजपा के साथ हुआ।  आम आदमी के बीच मोदी लहर के बावजूद पार्टी प्रत्याशी अनुराग ठाकुर  कोई खास छवि नहीं बना पाये।  यहीं नहीं लोग करीब डेढ़ साल बाद अपने विधायक  रविन्दर सिंह रवि को देख रहे थे,  वहीं भाजपा ने  कृपाल परमार व उनके समर्थको को यहां जोडऩे की कोशिश ही नहीं की। जबकि कांग्रेस के तमाम छोटे बड़े नेता एक मंच पर दिखे।  जसवां परागपुर में भी  अनुराग ठाकुर के प्रति लोगों में गुस्से के साथ  कांग्रेस पार्टी को प्रचार में खासा फायदा रहा। 

ज्वालामुखी में भिखमंगों  का आतंक 

ज्वालामुखी,11 मई (विजयेन्दर शर्मा)।ज्वालामुखी मंदिर परिसर, पुराना बाजार, बस अड्डा, टैक्सी स्टैंड व अन्य सार्वजनिक स्थल जहां देखो वहीं पर भीख मांगने वाले बच्चे, बूढ़े, पुरुष, महिलाएं नजर आने लगे हैं, जिससे इस विश्वविख्यात तीर्थस्थल ज्वालामुखी की गरिमा व पवित्रता पर चोट हो रही है। बाहरी राज्यों से मेहनत मजदूरी करने आए, फेरी का सामान बेचने आए व रेहड़ी फड़ी, छाबा आदि लगाकर सामान बेचने वाले लोगों की महिलाएं व बच्चे शहर में मंदिर में व अन्य सार्वजनिक स्थलों में भीख मांग कर लोगों को परेशान कर रहे हैं। बाहर से आने वाले यात्रियों को परेशान करते हैं। उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं। मंदिर के साथ दुकान कर रहे फीनू राम ने कहा कि यदि यात्री उनको पैसे न दें तो यह लड़कियों यात्रियों से लड़ाई करने लग पड़ती हैं उनको श्राप देने का ढोंग करने लग पड़ती हैं, जिससे यहां की पवित्रता पर बुरा असर पड़ता है यात्रियों की श्रद्धा, आस्था व भक्ति भावना पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस संदर्भ में नगर परिषद ज्वालामुखी की अध्यक्ष अनिल प्रभा शर्मा ने कहा कि शहर में बढ़ी भिखारियों की संख्या निश्चित रूप से बड़ी समस्या बनती जा रही है। इस संदर्भ में थाना प्रभारी सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि उनके ध्यान में भी यह बात आई है कि कुछ नौजवान लड़कियां भी मंदिर के पास भीख मांगती है, जो समाज के लिए बुरी बात है। पुलिस विभाग इस विषय में जरूर कार्रवाई करेगा, ताकि इस प्रवृत्ति को दूर किया जा सके।

लव, धोखा फिर सबक

ज्वालामुखी ,11 मई (विजयेन्दर शर्मा)।ज्वालामुखी में इन दिनों एक युवती की प्रेम कहानी खासी चरचा में है, दरअसल यह युवती हिमाचली नहीं । कशमीरी है। वह अपनी पढई के सिलसिले में हिमाचल आई तो उसने हमीरपुर के ही एक शिक्षण संस्थान में दाखिला लिया व हमीरपुर में ही रहने लगी।  इस बीच ज्वालामुखी के ही एक युवक से उसकी आंखे दो चार हुईं। प्रेमपाश में बंधी युवती ज्वालामुखी युवक के घर आ गई। व वहां पेईंग गैस्ट के तौर पर रहने लगी। हालांकि युवक कुछ नहीं करता था। लेकिन प्रेम परवान चढ़ा।  इस बीच युवक ने अपनी प्रेमिका की विडियो क्लििंपंग  धोखे से तैयार कर ली थी।  यही वजह थी कि दोनों के संबन्धों में खटास आ गई।  लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई । युवती अपनी नौकरी के सिलसिले में जब वापिस काशमीर चली गई तो उसे एक कंपनी से विदेश जाने का आफर मिल गया।  इससे पहले कि पासपोर्ट बनता युवती फिर मुसिबत में फंस गई। दरअसल उसके सारे दस्तावेज उसी युवक के पास थे, लेकिन युवक उन्हें वापिस देने में आनाकानी करने लगा व धमकी देने लगा कि वह उसकी विडिया फुटेज को भी सोशल मिडिया में डाल देगा। लेकिन युवती दवाब के आगे झुकी नहीं। उसने पहले अपने परिजनों को बात बताई, परिवार के लोगों के माध्यम से बात जम्मू काशमीर के एक नामी गिरोह तक बात पहुंची  तो युवती को इंसाफ दिलाने का बीड़ा उन लोगों ने उठाया जो लोग आज तक लोगों की नजर में आसामाजिक थे।  यह लोग ज्वालामुखी आये व युवक को तुरंत सब कुछ ठीक करने का फरमान सुनाया, युवक को जब उन लोगों की असलियत पता चली तो हेकड़ी चली गई।  चंद ही पलो में युवक ने वह सब कुछ उनके हवाले कर दिया। जिसकी युवती को जरूरत थी। 

ज्वालामुखी मंदिर में चढ़ावे की चोरी का मामला
  • कांगड़ा के जिलाधीश ने जांच की रिपोर्ट भाषा एवं संस्कृति विभाग और राजस्व विभाग को सौंपी

ज्वालामुखी ,11 मई (विजयेन्दर शर्मा)। प्रदेश के प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर में हुए हेरा फेरी मामले में विभागीय जांच शुरू हो गई है। कांगड़ा के जिलाधीश ने जांच की रिपोर्ट भाषा एवं संस्कृति विभाग और राजस्व विभाग को सौंपी है। जिलाधीश द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट में सीसीटीवी की फुटेज सहित कर्मचारियों के बयान और मंदिर से संबंधित दस्तावेज दोनों विभागों को सौंपे गए हैं। इसी जांच रिपोर्ट के तहत विभागों ने कार्रवाई शुरू कर दी है। काबिलेगौर है कि पिछले दिनों ज्वालामुखी मंदिर में चढ़ावे की गणना के दौरान मंदिर अधिकारी को कथित तौर पर बारीदार ने चढ़ावे में गोलमाल करते हुये पकड़ लिया था। व यह सब सी सी टी वी कैमरें में कैद हो गया था। लेकिन मंदिर में चढ़ावे के चोरी के मामले में आज तक मंदिर प्रशासन यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि आखिर उस दिन कितना पैसा चढ़ावे से अपनी जेब में मंदिर अधिकारी ने डाला था। हालांकि पहले कहा जा रहा था कि यह रकम 2500 रूपये थी, लेकिन पुख्ता सूत्र बताते हैं कि यह रकम 7200 रूपये थी। देहरा के एस डी एम रिर्पोट को सार्वजनिक करने से कतराते रहे हैं। वहीं इस सब के पीछे चरचा यह भी है कि  पिछले दिनों मंदिर में जब एक किलो सोने का एक छत्र दिल्ली के एक श्रद्धालु ने चढ़ाया था तो उसे बाकायदा ंमदिर के खजाने में सीलबंद करके रख लिया गया। लेकिन बाद में दूसरे दिन इसी मंदिर अधिकारी की विशेष  कृपा से यह छत्र बाहर आ गया। कानूनन इसकी सील नहीं तोड़ी जा सकती थी। लेकिन तोड़ी गई। इस दौरान इसे बदला भी जा सकता था। कुछ निहित स्वार्र्थी तत्व ऐसा चाहते थे। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। व यहीं से अगली कहानी की शुरूआत हो गई। सारी घटना की टाईमिंग को लेकर यही सवाल उठ रहे हैं। कि आखिर दोषी   पहले क्यों नहीं पकड़ा गया।  शिकायत के आधार पर जिलाधीश ने इस मामले की जांच शुरू कर दी थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मंदिर के कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट में सीसीटीवी फुटेज में कर्मचारी को दानपात्र से पैसे निकालते हुए देखा गया, इसी की बिनाह पर उस कर्मचारी को तुरंत नौकरी से निलंबित कर दिया गया।  बताया जा रहा है कि आरोपी मंदिर अधिकारी की सेवानिवृत्ति के केवल सात दिन ही बचे थे, लेकिन प्रशासन ने तुरंत मामले पर कार्रवाई करते हुए उसे निलंबन के आदेश जारी कर दिए। गौरतलब है कि ज्वालामुखी शक्तिपीठ में तैनात पदाधिकारी द्वारा कथित तौर पर गणना के दौरान हेरा फेरी की गई थी। इसमें हर दिन की तरह पुजारी दानपात्र से पैसे निकाल कर गिन रहा था। गणनाकक्ष के नियमों के मुताबिक चढ़ावे का हिसाब गिनने से पहले एंट्री में हरेक व्यक्ति के अंदर जाने या बाहर निकलने के समय की जांच समय पर होती है। जांच के दौरान कक्ष से बाहर किसी भी व्यक्ति को मोबाइल, नकदी, आभूषण लाने व ले जाने पर पाबंदी है, लेकिन चढ़ावे की गणना के दिन मंदिर अधिकारी को सीसीटीवी कैमरे में पैसे ले जाते हुए देखा गया, जिसकी शिकायत जिलाधीश को की गई। इस पर जिलाधीश ने जांच कार्य शुरू कर दिया। ब्राहम्ण सभा  के संयोजक वी के उपमन्यु ने कहा है कि मंदिरों में तहसीलदार स्तर के अधिकारी अपनी सेवायें बेहतर तरीके से नहीं दे पाये हैं। चूंकि तहसीलदार के पास मानव संसाधन का कोई तुर्जबा नहीं होता।  लिहाजा मंदिरों में रिटायर्ड एच ए एस अधिकारी लगाये जायें जिनका सेवाकाल बेहतर रहा हो व वह लोग मूर्ति पूजा में विशवास रखते हों। बकौल उनके इस त्रिकोणीय व्यवस्था से सुधार नहीं बिगाड़ हो रहा है।  उन्होंने कहा कि मंदिरों को एक ही महकमें के आधीन लाया जाना चाहिये।  इस बीच ज्वालामुखी के विधायक संजय रतन ने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जायेगी ताकि सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने कहा कि उन्होंने विधायक बनने के बाद हाल ही में मंदिर परिसर में करीब दो दर्जन सी सी टी वी कैमरे लगवायें हैं, लिहाजा कहीं भी हेराफेरी की कोई गुंजाईश नहीं है। फिर भी कोई ऐसा कुछ करता है तो वह बच नहीं सकता। संजय रतन ने दावा किया कि पिछले एक साल में मंदिर व्यवस्था में निरंतर सुधार हो रहा है। व कई विकास कार्य चल रहे हैं। श्रद्धालुओं के पैसे का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। महज एक मामले से ही पूरी व्यवस्था को ही गलत नहीं ठहराया जा सकता।

तसलीमा नसरीन को स्तन कैंसर का खतरा

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taslima nasreen
बांग्लादेश से निर्वासित लेखिका तसलीमा नसरीन को स्तन कैंसर का खतरा है। न्यूयार्क के एक अस्पताल में जांच के बाद इस बीमारी का खुलासा हुआ। एक वेब साईट की रपट के अनुसार, चिकित्सकों ने पाया है कि तसलीमा को बड़ा ट्यूमर है और उन्हें बायोप्सी कराने की सलाह दी। बायोप्सी रिपोर्ट 12 मई को आ सकती है। 
रपट के अनुसार, इस बीमारी के बारे में पता चलने पर तसलीमा चिंतित हो गई हैं, क्योंकि उनकी मां की मौत कैंसर से हुई थी और उनका एक भाई न्यूयार्क में कैंसर का इलाज करा रहा है। तसलीमा ने ट्वीट के जरिए अपनी चिंता जाहिर की है और कहा है कि उन्होंने बायोप्सी के तत्काल बाद न्यूयार्क के पैराडाइज रेस्तरां में भोजन में हैदराबादी बिरयानी ली। तसलीमा भारत की भीषण गर्मी से बचने के लिए एक सप्ताह पूर्व न्यूयार्क पहुंची थीं। 

तसलीमा खुद चिकित्सक हैं और उन्होंने 1986 में मायमेनसिंह मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी। चिकित्सक के रूप में अपनी सेवाएं देते रहने के साथ उन्होंने लेखन का अपना शौक भी जारी रखा। उनका उपन्यास लज्जा जैसे ही बाजार में आया, वह कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गईं और उन्हें 1998 में बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था। उसके बाद से ही वह भारत और कई पश्चिमी देशों में निवास कर रही हैं।

अब तक 50 करोड़ मतदाता कर चुके हैं मतदान

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voting in india
देश में जारी लोकसभा चुनाव के आठ चरणों के अंतर्गत अब तक 50 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। आधिकारिक आकड़ों से यह जानकारी मिली। अब तक हुए आठ चरणों के अंतर्गत कुल 75.48 करोड़ मतादाताओं में से 49.91 करोड़ मतदाता मतदान कर चुके हैं। पांचवें चरण के तहत 17 अप्रैल को हुए मतदान में सर्वाधिक 12.35 करोड़ मतदाताओं ने मतदान किया।

सात अप्रैल को शुरू हुआ लोकसभा चुनाव 12 मई के मतदान के साथ ही संपन्न हो जाएगा, तथा मतों की गणना 16 मई को की जाएगी। अब तक हुए सभी चरणों में पड़े मतों का संख्या- पहला चरण : 56.2 लाख, दूसरा चरण : 32.1 लाख, तीसरा चरण : 860.9 लाख, चौथा चरण : 41 लाख, पांचवां चरण : 12.35 करोड़, छठा चरण : 11.89 करोड़, सातवां चरण : 92.23 लाख, आठवां चरण : 65.4 लाख

अब तक 502 लोकसभा सीटों पर आठ चरणों के मतदान में 9,000 से अधिक प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम मशीनों में बंद हो चुका है।

भोपाल में महिला प्रोफेसर का शव मिला

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live in relationship
मध्य प्रदेश की राजधानी की आवासीय कोलानी में एक महिला प्रोफेसर का शव संदिग्ध हालत में मिला है। वह एक पुलिस अधिकारी के साथ 'लिव इन रिलेशनशिप'में रहती थीं। पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, मिसरौद थाना क्षेत्र की आवासीय कालोनी में रहने वाली इंदु शर्मा का अपने घर के भीतर रविवार को संदिग्ध हालात में शव मिला। वह पुलिस अधिकारी उपमन्यु सक्सेना के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहा करती थीं। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

मिसरौद थाने की पुलिस का कहना है कि मामले की जांच चल रही है। वहीं इंदु शर्मा के परिजन सक्सेना पर प्रताड़ित करने का आरोप लगा रहे हैं। इंदु के भाई मनोज का कहना है कि सक्सेना के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

भाजपा के संस्थापक सदस्य ताराकांत झा का निधन

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tarakant jha
बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संस्थापक सदस्यों में से एक ताराकांत झा का रविवार को यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक वे लंबे समय से बीमार थे। झा (80) ने इस वर्ष के शुरू में भाजपा से नाता तोड़ लिया था और सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) का दामन थाम लिया था। पार्टी के कुछ नेताओं की कार्यप्रणाली से खफा होकर झा ने यह कदम उठाया था।

भारतीय जनसंघ और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबद्ध रहे झा प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी रहे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। झा पटना उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता थे। मैथिली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने में उन्होंने महती भूमिका निभाई थी।उनका अंतिम संस्कार बिहार के बेनीपट्टी प्रखंड अंतर्गत उनके पैतृक गांव शिवनगर में होगा। 
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