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बिहार में 1 फरवरी से लागू होगा खाद्य सुरक्षा कानून : नीतीश

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nitish kumar
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा कि राज्य में आगामी एक फरवरी से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू किया जाएगा, इसके तहत वर्तमान में लक्षित जन वितरण प्रणाली के तहत प्रति वर्ष वितरित किए जा रहे 26 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न लगभग दोगुना यानी 56 लाख मीट्रिक टन किया जाएगा। मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण तथा सहकारिता विभाग के तत्वावधान में आयोजित अनाज भंडारण के लिए निर्मित गोदामों और राइस मिलों का उद्घाटन एवं निर्माण कराए जाने वाले गोदामों का कार्यारंभ किया। 

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 1372 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 2900 गोदामों एवं गैसीफायर आधारित राइस मिलों का उद्घाटन एवं शिलान्यास खाद्यान्न भंडारण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कारण राज्य में अगले एक वर्ष के अंदर 18 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा आधुनिक खाद्यान्न भंडारण सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

उन्होंने इसकी आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षो से बिहार एक प्रमुख खाद्यान्न अधिप्राप्ति राज्य के रूप में उभरा है, इसके लिए उचित भंडारण का होना नितांत आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष 2013-14 से राज्य में विकेंद्रीकृत खाद्यान्न अधिप्राप्ति व्यवस्था लागू की गई है, जिसके तहत राज्य खुद अनाज की अधिप्राप्ति करेगा तथा अपने लक्षित जन वितरण प्रणाली के लिए उसका उपयोग करेगा। इसके साथ ही उन्होंने व्यापार मंडल एवं प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति (पैक्स) द्वारा राज्यों में निर्मित एवं निर्माण किए जा रहे गैसीफायर आधारित राइस मिलों की आवश्यकता पर भी बल दिया। 

उन्होंने कहा कि राज्य में विगत दो वर्षो में क्रमश: 23 लाख एवं 20 लाख मीट्रिक टन धान की अधिप्राािप्त की गई एवं राज्य में सीमित मिलिंग क्षमता होने के कारण धान की कुटाई उत्तर प्रदेश एवं पड़ोसी राज्यों में करवाने के लिए बाध्य होना पड़ा था। 

मुंबई एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 का प्रधानमंत्री ने किया उद्धाटन

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मुंबई एयरपोर्ट आज से दुनिया के उन चुनिंदा एयरपोर्ट्स में शामिल हो गया है, जो अपने खूबसूरती और चकाचौंध से सबको आकर्षित करते हैं। देश के सबसे भव्य और आधुनिक एयरपोर्ट टमिर्नल का आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उद्घाटन किया।

ये एयरपोर्ट अपने आप में एक बेंचमार्क साबित होगा। आधुनिक सुख सुविधाओं से लैस इस टमिर्नल को बनाने में 12,500 करोड़ रुपये का खर्चा आया है। 4.39 लाख वर्ग मीटर एरिया में फैले इस नए टर्मिनल की क्षमता 4 करोड़ यात्रियों को हैंडल करने की है।

टी2 टमिर्नल के उद्घाटन समारोह में कृषि मंत्री शरद पवार, विमानन मंत्री अजित सिंह, प्रफुल्ल पटेल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण समेत कई नामी हस्तियां शामिल हुईं। 4.39 लाख वर्ग मीटर एरिया में फैले इस नए टर्मिनल में गार्डन और फाउंटेन के साथ मल्टीलेवल कार पार्किंग तक मौजूद हैं और इसकी क्षमता सालाना 4 करोड़ यात्रियों की है। टर्मिनल 2 में आना-जाना आसान बनाने के लिए 37 ट्रैवेलेटर्स, 48 एस्केलेटर्स और 72 लिफ्ट हैं। सुरक्षा के मद्देनजर यहां 3,000 सीसीटीवी कैमरे और 70,000 डिटेक्शन डिवाइसेज के साथ फायर अलार्म लगे हैं।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनल-2 के उद्घाटन के बाद कहा कि ये टर्मिनल हमारे इंफ्रास्ट्राक्चर में नया आयाम होगा। इस बेहतरीन टर्मिनल को बनाने के बाद हमने ये साबित कर दिया है कि हम वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में सक्षम हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछले 10 सालों में सिविल एविशन सेक्टर के इंफ्रास्ट्रक्चर में बहुच तरक्की हुई है। आने वाले दिनों में सरकार मेट्रो शहरों में ही नहीं टियर-2 और टियर-3 शहरों में 50 नए एयरपोर्ट बनाएगी।

सुशील कुमार शिन्दे ने प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल का समर्थन किया

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केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में राहुल गांधी का शुक्रवार को समर्थन किया। शिन्दे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मैंने जयपुर सत्र के दौरान भी इस बारे में कहा था कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए। पूरा देश और हमारी पार्टी चाहती है कि राहुल को प्रधानमंत्री बनना चाहिए। इस बारे में कोई दूसरी राय नहीं है।

सब्सिडी वाले सिलेण्डरों की संख्या प्रति परिवार 9 से बढाकर 12 सिलेण्डर सालाना करने के बारे में किये गये एक सवाल के जवाब में, शिन्दे ने कहा कि कई दिन से इस बारे में चर्चा चल रही है । हम लोगों का दुख समझते हैं। कुछ सोचा जा सकता है लेकिन आज वह इस बारे में नहीं बोल सकते। यह पूछने पर कि इशरत जहां आतंकवादी थी या नहीं, शिन्दे ने कहा कि प्रश्न मजबूत है लेकिन अभी इस पर चर्चा नहीं कर सकता ।

शिवराज भी 'आप'के नक्शे-कदम पर

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shivraj chauhanदिल्ली में सत्ता में आई आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के मंत्रियों की कार्यशैली का असर मध्य प्रदेश में नजर आने लगा है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार आप के नक्शे-कदम पर चलते हुए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया और खुद शुक्रवार को कई दफ्तरों का आकस्मिक निरीक्षण किया तथा सड़क निर्माण की गुणवत्ता को जानने के लिए एक सड़क की खुदाई भी करवाई। मुख्यमंत्री शिवराज ने भ्रष्टाचार की शिकायतें करने के लिए हेल्पलाइन नंबर '9009133322'जारी किया और लोगों से इस नंबर पर सुझाव भी मांगे। 

उन्होंने शुक्रवार को नगरपालिका कोलार व नगर निवेश कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया और भवन निर्माण के लिए दी जाने वाली अनुमति के संदर्भ में जानकारी हासिल की। दोनों ही दफ्तरों में मौजूद आम लोगों से शिवराज ने चर्चा कर उनकी बात सुनी। मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता जानने के लिए एक सड़क के बीच में खुदाई कराई। उन्होंने खुद सड़क में प्रयुक्त किए गए डामर के उपयोग को जानने की कोशिश की। पिछले दिनों उन्होंने विदिशा में सड़क निर्माण में गड़बड़ी पर तीन इंजीनियरों को निलंबित किया था। 

शिवराज ने इस मौके पर बताया कि वे इन दफ्तरों में आकर यह जानना चाहते थे कि भवन निर्माण की स्वीकृति जो अमूमन 60 दिन में मिल जाती है, उसकी क्या स्थिति है। यहां आकर जब उन्होंने एक आवेदनकर्ता से फोन पर पूछा तो उसने बताया कि अनुमति 22 दिन में मिल गई। इस पर उन्होंने प्रसन्नता जताई। शिवराज ने बताया कि नगर निवेश के दफ्तर में एक अधिकारी सिगरेट पीते मिला था, जिस पर दो सौ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि जिन दफ्तरों में वे गए थे, वहां के रिकार्ड देखे जा रहे हैं। अच्छा काम होने पर कर्मचारियों की पीठ थपथपाई जाएगी और गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा अस्पतालों व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह भी परिवहन विभाग के दफ्तरों का आकस्मिक निरीक्षण कर चुके हैं। नई सरकार पर 'आप'की छाप पड़ने से राज्य के लोगों की उम्मीदें जगी हैं। 

रोहन बोपन्ना डेविस कप टीम में शामिल

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rohan bopanna
अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) की चयन समिति ने शनिवार को युगल स्पर्धा के विशेषज्ञ खिलाड़ी रोहन बोपन्ना को डेविस कप के लिए चयनित छह सदस्यीय टीम में वापस बुला लिया। इंदौर में 31 जनवरी से शुरू हो रहे डेविस कप के अंतर्गत भारतीय टीम एशिया/ओसीनिया के ग्रुप-1 में चीनी ताइपे से भिड़ेगी। देश के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने चूंकि व्यक्तिगत कारणों से इस वर्ष के लिए टेनिस से दूर रहने का निर्णय किया है, वहीं पिछले तीन वर्ष से डेविस कप में हिस्सा न लेने वाले एक और टेनिस स्टार महेश भूपति को भी डेविस कप में जगह नहीं दिया गया है।

लंदन में हुए पिछले ओलम्पिक में लिएंडर के साथ जोड़ी बनाने से इनकार करने पर भूपति और बोपन्ना को सितंबर, 2012 में एआईटीए ने दो वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि दोनों खिलाड़ी कर्नाटक उच्च न्यायालय से अपने ऊपर लगे प्रतिबंध पर रोक लगाने का आदेश पाने में सफल रहे।

हाल ही में सिडनी इंटरनेशनल टेनिस टूर्नामेंट में अपने पाकिस्तानी जोड़ीदार ऐसाम-उल-कुरैशी के साथ उपविजेता रहे बोपन्ना आगामी डेविस कप में एकमात्र युगल स्पर्धा के विशेषज्ञ खिलाड़ी हैं। चयनकर्ताओं ने बोपन्ना के अलावा, साकेत मायनेनी, सोमदेव देववर्मन, युकी भांबरी, जीवन नेदुनचेझियान और युवा रामकुमार रामनाथन को चुना है।

देश को प्रधानमंत्री के रूप में इंसान चाहिए आदमखोर नहीं : बेनी प्रसाद वर्मा

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beni prasad verma
केन्द्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने आज यहां कहा कि देश को भावी प्रधानमंत्री के रूप में इंसान की जरूरत है न कि आदमखोर की। यह बात उन्होंने राजधानी लखनऊ में आयोजित दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज और सरकार को बदलने के लिए जरूरी है कि दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक एक साथ खड़े हों। उन्होंने कहा कि इनकी संख्या इतनी है कि यदि वह एकजुट हो जाएं तो अपनी मनचाही पार्टी को सत्ता के शिखर तक पहुंचा सकते हैं।

रविन्द्रालय प्रेक्षाग्रह में आयोजित सम्मेलन में बेनी ने कहा कि देश के लिए कांग्रेस का सत्ता में आना बहुत जरूरी है, क्योंकि कांग्रेस देश के डीएनए में है। कांग्रेस ने देश को आजाद कराने से लेकर उसे विकास के पथ पर ले जाने के लिए जो त्याग और प्रयास किया है। उससे देश की जनता भली भांति परिचित है। जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री का नाम लिये बगैर उन्हें आदमखोर की संज्ञा देते हुए कहा कि उनके द्वारा किये गये कारनामों से भी देश की जनता भलीभांति परिचित है। 

उन्होंने कहा कि देश को एक रखने और विकास की राह पर ले जाने के लिए इन वर्गो को समय की मांग को समझते हुए कांग्रेस के झंडे तले एकजुट हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी ही नहीं बल्कि समाज के दबे कुचले और पिछड़े वर्ग की चाहत है कि राहुल गांधी देश की बागडोर सम्भालें। इस दिशा में उनसे जो भी हो सकेगा वह करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि आज का यह सम्मेलन समाज के 60प्रतिशत लोगों को एकजुट कर उन्हें जागरूक करने की नियति से आयोजित किया गया है। इस तरह के सम्मेलन प्रदेश के अन्य जिलों में भी आयोजित किये जायेंगे।

कांग्रेस काम ज्यादा करती है लेकिन मार्केटिंग अच्छी नहीं: राहुल

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rahul gandhi
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ज्यादा काम करती है, लेकिन उन्हें उतने अच्छे ढंग से प्रचारित नहीं कर पाती, जिस तरह विपक्षी दल करते हैं। राष्ट्रीय युवा और छात्र घोषणापत्र के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय विमर्श में मंथन सत्र के दौरान राहुल ने कहा कि हमारे विपक्षी मार्केटिंग में ज्यादा अच्छे हैं, काम में कम, हम काम ज्यादा करते हैं, लेकिन मार्केटिंग में अच्छे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अकेली पार्टी है जो प्रत्येक भारतीय को एक साथ रख सकती है- अमीर, गरीब, हिन्दू अथवा मुस्लिम। उन्होंने छात्रों, पेशेवरों, नवाचारियों, कार्यकर्ताओं, शोधार्थियों, कलाकारों और पंचायत प्रतिनिधियों सहित समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े युवा भारतीयों की मौजूदगी में आयोजित सत्र में यह बात कही।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि राजनीति में युवाओं के लिए अपर्याप्त जगह होने की बुनियादी वजह उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि राजनीति में युवाओं के लिए अपर्याप्त जगह क्यों है इसका बुनियादी कारण प्रवेश और प्रोन्नति की प्रक्रिया का पारदर्शी न होना है। वास्तविक समस्या उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया है। उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह, केन्द्रीय मंत्रियों मनीष तिवारी, सचिन पायलट और जितेन्द्र सिंह सहित वहां मौजूद लोगों से कहा कि क्या किसी पार्टी ने लोगों से पूछा कि उनके इलाके से उम्मीदवार कौन होना चाहिए।

इंफोसिस के सह संस्थापक और आधार कार्यक्रम के प्रमुख नंदन नीलेकणि भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। उनकी बेंगलूर से कांग्रेस के टिकट पर लोक सभा का चुनाव लड़ने की योजना है। गांधी ने ऐसे संस्थानों और प्रक्रियाओं के निर्माण पर जोर दिया जो लोगों को शक्तियां दें, लेकिन साथ ही कहा कि व्यवस्थाएं बनाने में समय लगता है, यह उतना आसान नहीं, जितना लगता है। मीडिया को दिए गए गांधी के वक्तव्य में कहा गया है कि वास्तविक सशक्तीकरण निरंतर और दीर्घकालिक होना चाहिए। अल्पावधि सशक्तीकरण दरअसल शक्तियों का हनन है।

गांधी ने कहा कि देश की उच्चतर शिक्षा प्रणाली को खोलने और इसे औद्योगिक प्रणाली, एनजीओ प्रणाली और विभिन्न अन्य प्रणालियों से जोड़ने की जरूरत है। पश्चिम बंगाल के एक प्रतिनिधि द्वारा महिलाओं के खिलाफ दमन के बारे में की गई टिप्पणी का जवाब देते हुए गांधी ने कहा कि देश में सबसे बड़ी समस्या महिलाओं के पास कम शक्तियां और उनके साथ किया जाने वाला व्यवहार है। उन्होंने कहा कि अगर मैं एक परिवर्तन लाना चाहता हूं तो वह महिलाओं का सशक्तीकरण है। उन्होंने कहा कि सच्चा शासन वही है जो जनता को सम्मान और गरिमा प्रदान करे और सुनिश्चित करे कि उनकी आवाज सुनी जाए। तिवारी ने बताया कि 2014 के लोकसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र के लिए सुझाव हासिल करने के इरादे से कांग्रेस ने यह तीसरी विमर्श बैठक आयोजित की है। उन्होंने कहा कि जनता की सलाह से घोषणापत्र तैयार करने की प्रक्रिया कांग्रेस के जनता की आवाज को वास्तविक रूप से प्रतिध्वनित करने वाली सरकार सुनिश्चित करने के संकल्प से उपजी है।

यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस अब जनता के साथ जुड़ने की कोशिश क्यों कर रही है। उसने पिछले दस वर्ष के शासन में ऐसा क्यों नहीं किया, पर तिवारी ने कहा कि यह देर से नहीं है, यह समय पर है। तिवारी ने कहा कि कांग्रेस खाद्य सुरक्षा कानून और सूचना के अधिकार कानून जैसी नीतियों के जरिए देश में बदलाव लाई और अब उनकी पार्टी इसे अगले स्तर तक ले जाना चाहती है।

स्वामी विवेकानंद हमेशा बने रहें दिल और दिमाग में

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swami vivekanand
स्वामी विवेकानंद वह दिव्य एवं ईश्वरीय विभूति हैं जिनका नाम ही हर आबाल-वृद्ध में प्रेरणा संचरण और समाज तथा देश के लिए जीने-मरने की परम उत्तेजना पैदा कर देता है। विवेकानंद का समग्र व्यक्तित्व और कार्य अपने आप में उद्दीपन का वह अविरल स्रोत है जिससे समुदाय और देश की हर इकाई में जागरण का माद्दा पैदा हो सकता है।

विवेकानंद का जीवन व्यक्ति के जीवन-आदर्शों की आचार संहिता, नवनिर्माण और ऎतिहासिक महापरिवर्तन का सुनहरा अध्याय कहा जाए, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा। विवेकानंद ने दुनिया भर में भारत के गौरव एवं गरिमा में जो अभिवृद्धि की वह युगों से उनका गुणगान करती रही है और सदियों तक उनका नाम और कर्म गूंजते रहकर पीढ़ियों तक में प्रभावी प्रेरणा का संचरण करती रहेगी।

विवेकानंद के जीवन, ध्येय और कर्मयोग के बारे में भारतीयों को कुछ बताने की आवश्यकता नहीं है।  सिर्फ जरूरत है तो यह कि हर भारतीय कम से कम एक बार विवेकानंद की जीवनी और उनके उपदेशों का साहित्य पूरा पढ़ ले। शेष सब कुछ अपने आप होता चला जाएगा।

विवेकानंद के नाम और कर्म ही ऎसे जादुई हैं कि उन्हें एक बार पढ़ लेने और आत्मसात कर लेने वाला व्यक्ति अपने आप में निखार लाने का अभ्यास आरंभ कर ही देता है और एक समय बाद उसमें परिवर्तन अपने आप आने लगता है। इस दृष्टि से आज की पीढ़ी तक विवेकानंद के साहित्य और उनकी जीवनी को पहुँचाने की आवश्यकता है।

विवेकानंद के नाम पर दिन, सप्ताह और पखवाड़ा मना लेना ही काफी नहीं है बल्कि हम यदि समाज और देश का उत्थान चाहते हैं तो हमें विवेकानंद को निर्धारित दिनों में ही सीमित नहीं रखकर साल भर उनके जीवन और ध्येय को हृदयंगम करते हुए आगे बढ़ना होगा। आज का युवा दिग्भ्रमित होता जा रहा है। पाश्चात्य खिलौनों के आकर्षण और सहज सुलभ उपलब्ध भोग विलासिता के उपकरणों और दैहिक गिरावट भरे वैश्विक ज्ञान ने युवाओं की जवानी छीनने का काम किया है।

युवाओं के बौद्धिक एवं शारीरिक सामथ्र्य पर सर्वाधिक हमला किसी ने बोला है जो पाश्चात्यों ने, जिन्होंने सांस्कृतिक, सामाजिक और देशज परंपराओं के वैज्ञानिक, स्वयंसिद्ध और महानतम ज्ञान और व्यवहार से व्यक्ति, समाज और देश को दूर कर दिया है।

इसी का नतीजा है कि हम स्वाभिमान को भुलाकर, नैतिकता और आदर्शों को हाशिये पर रखकर दासत्व भरी मानसिकता में जीने को विवश हैं और हमारा अस्तित्व विदेशियों के हाथों में सुरक्षित लगने लगा है। ऎतिहासिक शौर्य-पराक्रम के साथ आध्यात्मिक ज्ञान की बदौलत पूरी दुनिया को राह दिखाने वाले हम लोग पश्चिम की अंधाधुंध नकल करते हुए जाने कहाँ जा रहे हैं? पाश्चात्य सोच हमारे मन-मस्तिष्क पर हावी होती जा रही है, जिस्म के मामले में हम कमजोर हो रहे हैं और राष्ट्रभक्ति, सामुदायिक कत्र्तव्यों तथा सेवा व परोपकार से दूर भागने लगे हैं।

भारतीय संस्कृति के बुनियादी तत्वों से दूर रहकर हमारी स्थिति त्रिशंकु जैसी होती जा रही है। न हम अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं, न आधुनिकताओं को पूरी तरह अंगीकार करने की स्थिति में हैं।  स्वामी विवेकानंद का अवतरण जिन दिनों हुआ था उन दिनों के हालात कमोबेश आज जैसे ही थे। उस समय स्वामी विवेकानंद थे, आज उनके विचार हमारे सामने हैें।

स्वामी विवेकानंद को मानने और उनके ध्येय वाक्यों पर चलने के भाषण देना और पब्लिसिटी कमाना जुदा बात है और वास्तव में विवेकानंद को अपने जीवन में उतारकर किसी न किसी प्रकार का बदलाव लाकर अपने आपको समाज एवं देश की सेवा में समर्पित करना अलग बात है।

आज हम हर साल विवेकानंद के नाम पर शोर तो करते रहे हैं मगर एक-दो दिन या सप्ताह भर बाद उन्हें भूल जाते हैं। साल भर हम जयंतियों और पुण्यतिथियों की औपचारिकताओं के मकड़ जाल में अभिनय करते हुए रमते रहते हैं। 

कई लोग वास्तव में कुछ करने का जज्बा रखते हैं जबकि काफी सारे लोग इन दिवसों और सप्ताहों के नाम पर प्रचार पाने या आयोजन पूरा करने भर के लिए कुछ न कुछ करते रहने को मजबूर हैंं। विवेकानंद कोई एक दो दिन स्मरण रखकर भूल जाने जैसे युगपुरुष नहीं हैं। हम कितने ही सालों से यह सब करते आ रहे हैं फिर भी हमारे देश का युवा आज कहाँ है? यह सभी को पता है।

स्वामी विवेकानंद को मूर्तियों, दिवसों, सप्ताहों और समारोहों के कछुवा खोल से बाहर निकाल कर हम सभी को यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि उन्होंने जो कुछ रास्ता दिखाया है उस पर चलकर दिखायें। हर साल हर आदमी विवेकानंद के जीवन से एकमात्र प्रेरणा ही प्राप्त कर ले तो आने वाले कुछ वर्ष में ही हमारा भारत दुनिया को वह सब दे सकता है जिसकी विश्व ने कभी कल्पना तक नहीं की होगी।

विवेकानंद हमारे दिल और दिमाग में साल भर बने रहने चाहिएं। हम जो भी कर्म करें उसमें जरूरतमन्दों और आप्तजनों के स्थान पर खुद को रखकर देखें, अपने आप हम वो धरातल प्राप्त कर लेंगे जिसकी कल्पना विवेकांनद ने की थी।

सभी को विवेकानंद जयन्ती की हार्दिक शुभकामनाएँ .... ।
मुर्दों और प्रमादियों की तरह पड़े न रहें। अग्निधर्मा व्यक्तित्व का आवाहन करें।
खुद जगें, जगाएं और आगे बढ़ें।





---डॉ. दीपक आचार्य---
9413306077
dr.deepakaacharya@gmail.com


पूजा-अर्चना से होगा राजस्थान का विकास

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संविधान या कानून द्वारा स्वीकृत प्रावधानों के तहत या संसारभर में विज्ञान के किसी भी सिद्धान्त से इस बात की प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पुष्टि नहीं हुई है कि पूजा-अर्चना किये जाने से किसी प्रदेश की जनता की उन्नति और प्रदेश के विकास का मार्ग प्रशस्त होता हो। ऐसे में जनता से संग्रहित राजस्व को प्रदेश की उन्नति और विकास के नाम पर राजस्थान सरकार द्वारा खर्च किया जाना असंवैधानिक और अवैज्ञानिक तो है ही, साथ ही साथ ऐसा किया जाना अंधविश्‍वासों को बढावा देने वाला है। जो संविधान के अनुच्छेद 51क (ज) में वर्णित नागरिकों के मूल कर्त्तव्यों के विपरीत भी है।

एसआर बोम्मई बनाम भारत संघ, (1994) 3 एससीसी मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने साफ लफ्जों में कहा है कि धर्म निरपेक्षता का सिद्धान्त भारतीय संविधान का आधारभूत (अर्थात् मूल) ढांचा है। राज्य सत्ता द्वारा इसका उल्लंघन किया जाना संविधान का खुला उल्लंघन है। हमारे देश के संविधान के अनुसार धर्म लोगों के व्यक्तिगत विश्‍वास की बात है, उसे लौकिक क्रियाओं में नहीं मिलाया जा सकता है, क्योंकि लौकिक क्रियाओं को तो राज्य विधि बनाकर विनियमित कर सकता है, लेकिन धर्म, आस्था या विश्‍वास को विनियमित नहीं किया जा सकता। केवल यही नहीं, बल्कि राज्य सत्ता अर्थात् सरकार को धर्मनिरपेक्ष बने रहने के लिये धार्मिक मामलों में पूरी तरह से धर्म निरपेक्ष और तटस्थ बने रहना राज्य सत्ता का बाध्यकारी संवैधानिक दायित्व है। ऐसा करके ही कोई भी राज्य सत्ता या सरकार धर्मनिरपेक्ष या पंथनिरपेक्ष होने का दावा कर सकती है।

हमारे संविधान में धर्म निरपेक्षता का जो मूल अधिकार लोगों को दिया गया है, उसके अन्तर्गत किसी भी धर्म या ईश्‍वरीय सत्ता में आस्था नहीं रखने वाले नास्तिकों के लिये भी संवैधानिक संरक्षण प्रदान किया गया है। अर्थात् यदि कोई व्यक्ति देश में प्रचलित किसी भी धर्म को नहीं मानता हो या नहीं मानना चाहता हो तो उसके इस नास्तिक विश्‍वास और आस्था की रक्षा करना भी राज्य सत्ता का संवैधानिक दायित्व है। इसीलिये राज्य सत्ता से संवैधानिक अपेक्षा की जाती है कि राज्य सत्ता प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोई भी ऐसा कृत्य नहीं करे, जिससे किसी भी प्रकार के धार्मिक, आस्तिक या नास्तिक विश्‍वासों में आस्था रखने वाले लोग या नागरिक आहत हों या उनकी आस्था को किसी भी प्रकार की प्रत्यक्ष या परोक्ष चोट पहुँचे।

केवल यही नहीं, बल्कि जनता से संग्रहित राजस्व को राज्य सत्ता द्वारा किसी भी प्रकार के धार्मिक आयोजनों या किसी भी धर्म को बढावा देने या किसी धर्म के विरुद्ध इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। यही कारण है कि राज्य सत्ता द्वारा किसी भी धर्म या किसी भी धार्मिक कर्मकाण्ड को बढावा देने या किसी भी धर्म को क्षति कारित करने वाला कोई भी कृत्य किया जाना धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त तथा संविधान का खुला उल्लंघन माना जाता है। यही कारण है कि लोकतांत्रिक तथा संवैधानिक मूल्यों में आस्था रखने वाली संसार की सभी धर्मनिरपेक्ष सरकारें धर्मनिरपेक्षता के इस सिद्धान्त का ईमानदारी से पालन करती हैं।

उपरोक्त सभी तथ्यों, अवधारणाओं और हमारे देश के संवैधानिक प्रावधानों के ठीक विपरीत संविधान के स्पष्ट प्रावधानों को धता बताते हुए राजस्थान की वर्तमान वसुन्धरा राजे सरकार ने निर्णय लिया है कि राजस्थान के मंदिर हो या दरगाह, चाहे गुरुद्वारा या फिर गिरजाघर। सभी धार्मिक स्थलों पर प्रदेश की उन्नति और विकास की कामना से सरकार की ओर से "विशेष"आराधना का कार्यक्रम चलाया जायेगा। इसके लिए राज्य सरकार ने बाकायदा राज्य के खजाने से 34 लाख 80 हजार रुपये का विशेष बजट आवंटित किया है।

ऐसे 108 धार्मिक स्थलों का चयन किया गया है, जहां सरकार की ओर से ईशवंदना का आयोजन होगा। सुख-समृद्धि की कामना से देवस्थान विभाग के मंदिरों में महाआरती की जाएगी, तो दरगाहों पर चादरपोशी का दौर चलेगा। यही नहीं, गुरुद्वारों में अरदास और गिरजाघरों में प्रार्थना सभाएं होंगी। सरकार द्वारा सभी विभागों से तैयार कराई जा रही 60 दिन की विशेष कार्ययोजना के तहत देवस्थान विभाग की ओर से महाआरती व सांस्कृतिक कार्यक्रम तय किए गए। धार्मिक स्थलों पर विभिन्न आयोजन के साथ ही राज्य के प्रत्येक जिले के एक मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। इस सब पर प्रतिपक्ष की चुप्पी भी आश्‍चर्यजनक है!

राज्य के देवस्थान विभाग के कमिश्‍नर भवानी सिंह देथा के मुताबिक ‘‘हमने सभी जिलों के निर्देश जारी कर दिए हैं कि आयोजन बेहतर हों और अधिक से अधिक लोगों का जुड़ाव हो।’’ धार्मिक स्थलों पर कार्यक्रमों का ये दौर करीब डेढ़ माह तक जारी रहेगा। विभाग के अधिकारियों के अनुसार ये कार्यक्रम 15 जनवरी से शुरू होंगे, जो फरवरी तक जारी रहेंगे।

राज्य के देवस्थान विभाग द्वारा प्रत्येक धार्मिक स्थल पर पूजा-अर्चना, चादरपोशी या अरदास के लिए 10 हजार रुपये का बजट स्वीकृत किया जाएगा। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रत्येक के लिए एक लाख रुपये का बजट रखा गया। इस प्रकार करीब 34 लाख 80 हजार रुपये के बजट में ये आयोजन होंगे।

उपरोक्त आयोजन में राजस्था सरकार द्वारा 34 लाख 80 हजार रुपये तो नगद स्वीकृत किये गये हैं। इसके अलावा डेढ माह तक सरकारी लोक सेवकों को इस असंवैधानिक कार्य को अंजाम देने के लिये कार्य करना होगा। इससे राज्य सत्ता की धर्मनिरपेक्ष संवैधानिक छवि का क्या होगा और किसी भी धर्म में आस्था नहीं रखने वाले लोगों से एकत्रित धन भी धर्म के आयोजनों में खर्च किया जाना, अपने आप में ऐसे नागरिकों की आस्था एवं विश्‍वासों के साथ खुला मजाक और सरकार द्वारा किया जाने वाला धोखा है।

इसके अलावा एक सवाल और भी यहॉं पर खड़ा होता है। राजस्थान की वर्तमान राज्य सरकार जब तक नयी विधानसभा से बजट स्वीकृत नहीं करा लेती है, पिछली विधानसभा एवं पिछली सरकार द्वारा स्वीकृत बजट से ही राज्य सत्ता का संचालन कर रही है। पिछली विधानसभा एवं पिछली सरकार द्वारा संविधान में वर्णित धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त के विरुद्ध धार्मिक आयोजनों पर खर्च करने के लिये ऐसी कोई बजट स्वीकृत प्रदान नहीं की गयी है और संविधान के अनुसार विधानसभा द्वारा सम्भवत: ऐसी बजट स्वीकृत प्रदान भी नहीं की जा सकती है।

ऐसे में जनता की गाढी कमाई से अर्जित राजस्व को सत्ताधारी पार्टी के लोगों द्वारा अपनी आस्थाओं को बढावा देने के लिये सरकारी धन से धार्मिक आयोजनों या पूजा अर्चना पर इतनी बड़ी राशि को खर्च किया जाना, अपने आप में प्रदेश की जनता और संविधान की भावनाओं के साथ खुला खिलवाड़ है। जिसे किसी भी सूरत में संविधान सम्मत नहीं माना जाना चाहिये।

आज तक किसी भी संविधान या कानून द्वारा स्वीकृत प्रावधानों के तहत या संसारभर में विज्ञान के किसी भी सिद्धान्त से इस बात की प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पुष्टि नहीं हुई है कि पूजा-अर्चना किये जाने से किसी प्रदेश की जनता की उन्नति और किसी प्रदेश के विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ हो। ऐसे में जनता से संग्रहित राजस्व को प्रदेश की उन्नति और विकास के नाम पर खर्च किया जाना असंवैधानिक और अवैज्ञानिक तो है ही, साथ ही साथ सरकार द्वारा ऐसा किया जाना अंधविश्‍वासों को बढावा देने वाला है। जो संविधान के अनुच्छेद 51क (ज) में वर्णित नागरिकों के मूल कर्त्तव्यों के विपरीत भी है। इस सन्दर्भ में यहॉं यह उल्लेखनीय है कि संविधान के अनुच्छेद 51क (ज) में भारत के प्रत्येक नागरिक द्वारा वैज्ञानिक विचारधारा को बढावा देना, उसका मूल कर्त्तव्य बताया गया है, जबकि इसके विपरीत स्वयं सरकार वैज्ञानिकता के बजाय अंध विश्‍वासों को बढावा देने वाले धार्मिक आयोजनों पर लाखों रुपये खर्च करने जा रही है।

ऐसे में राजस्थान सरकार का प्रस्तावित धार्मिक पूजा-आयोजन का कृत्य संविधान विरोधी है, जिस पर तत्काल रोक लगे और जनता से एकत्रित राजस्व को बर्बाद होने से बचाया जाये। इसके लिये प्रदेश और देश के प्रत्येक व्यक्ति का यह दायित्व है कि हम सब आगे आकर इसका कड़ा विरोध करें और इस गैर- जरूरी खर्चे को रोकने के लिये सरकार पर दबाव बनायें।





डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’
संपर्क :09828502666,08561955619

जब कला बन जाए कारोबार ...!!

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live aaryaavart dot comकिसी जमाने में जब कला का आज की तरह बाजारीकरण नहीं हो पाया था, तब किसी कलाकार या गायक से अपनी कला के अनायास  और सहज प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की जा सकती थी। शायद यही वजह है कि उस दौर में किसी गायक से गाने की फरमाइश करने पर अक्सर गला खराब होने की दलील सुनने को मिलती थी। इसकी वजह शायद यही है कि किसी भी नैसर्गिक कलाकार के लिए थोक में रचना करना संभव  नहीं है। यदि वह ऐसा करेगा तो उसकी कला का पैनापन जाता रहेगा। हो सकता है कि वह उसकी  रचना की मौलिकता ही खत्म हो जाए। लेकिन बाजारवाद को तो  जैसे  कला को भी धंधा बनाने में महारत हासिल है। अब विवादों में फंसे कथित कमाडेयिन कपिल शर्मा का उदाहरण ही लिया जा सकता है।  

दूसरी कलाओं की तरह कामे़डी भी एक गूढ़ विद्या है। मिमकिरी और कामे़डी का घालमेल कर कुछ लोग चर्चा में आने में सफल रहे। स्वाभाविक रूप से इसकी बदौलत उन्हें नाम - दाम दोनों मिला। इस कला पर कुछ साल पहले बाजार की नजर पड़ी। एक चैनल पर लाफ्टर चैलेंज की लोकप्रियता से बाजार को इसमें मुनाफा नजर आया, और शुरू हो गई फैक्ट्री में हंसी तैयार करने की होड़। कुछ दिन तो खींचतान कर मसखरी की दुकान चली,. लेकिन जल्दी ही लोग इससे उब गए। फिल शुरू हुआ कि कामेडी का बाजारीकरण। यानी जैसे भी हो, लोगों को हंसाओ। लेकिन वे भूल गए कि एक बच्चे को भी जबरदस्ती हंसाना मुश्किल काम है। आम दर्शक खासकर प्रबुद्ध वर्ग को हंसाना अासान नही। लेकिन बाजार तो जैसे हंसी के बाजार का दोहन करने पर आमाद हैै। उसे इससे कोई मतलब नहीं कि परोसी जा रही हंसी की खुराक में जरूरी तत्व है नही। बस जैसे भी हो कृत्रिम  ठहाकों और कहकहों से माहौल बदलने की कोशिश शुरू  हो गई। 

इस   प्रयास में कामेडियन कलाकारों के सामने फूहड़ हरकत करना औरल भोंडेपन का सहारा लेने के  सिवाय और कोई रास्ता नहीं बचा था। जाहिर है अश्ललीलता औ र  महिलाओं को  इस विडंबना का आसान शिकार  बनना ही  था। लेकिन आखिर इसकी भी तो कोई सीमा है। लिहाजा नौबत कपिल शर्मा से जुड़े ताजा विवाद तक जा पहुंची। यह भी तय है कि यदि बाजार ने हंसी को फैक्ट्री में जबरदस्ती पैदा करने की कोशिश जल्द बंद नहीं की तो ऐसे भोंडे कामेडी शो देख  कर लोगों को हंसी नहीं आएगी, बल्कि लोग अपना सिर धुनेंगे।


तारकेश कुमार ओझा, 
खड़गपुर ( पशिचम बंगाल) 
संपर्कः 09434453934
लेखक दैनिक जागरण से जुड़े हैं। 

अमेठी में कुमार विश्वास को काले झंडे

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kumar vishwas black flag
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के गढ़ अमेठी में रैली करने जा रहे आम आदमी पार्टी (आप) के नेता कुमार विश्वास का रास्ते में विरोध हुआ और उन्हें काले झंडे दिखाए गए। लखनऊ से सड़क मार्ग से अमेठी जा रहे कुमार विश्वास को जगदीशपुर में भीड़ ने काले झंडे दिखाए। भीड़ ने विश्वास का पुतला फूंका और उनके वाहन पर काली स्याही फेंकी।


प्रदर्शनकारी 'कुमार विश्वास वापस जाओ'और 'कुमार विश्वास मुर्दाबाद'के नारे लगा रहे थे। मौके पर पुलिस के कुछ जवान भी मौजूद थे, लेकिन वे प्रदर्शनकारियों को रोक पाने में सफल नहीं हो पाए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे किसी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता नहीं हैं, बल्कि वे कुमार विश्वास का विरोध उनके इमाम हुसैन को लेकर दिए विवादास्पद बयान के लिए कर रहे हैं, जिससे लोगों की भावना आहत हुई है।



आप नेता संजय सिंह ने पूरे विरोध को प्रायोजित बताते हुए कहा कि इस विरोध के पीछे कांग्रेस की साजिश हो सकती है। गौरतलब है कि अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके कुमार विश्वास गौरीगंज में रविवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगे, जिसे जन विश्वास रैली का नाम दिया गया है।

हिमाचल प्रदेश की विस्तृत खबर (12 जनवरी )

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हिमाचल में भी अब तख्तापलट की तैयारी


virbhadra singhशिमला, 12  जनवरी  (विजयेन्दर शर्मा) ।कांग्रेस के बीच इन दिनों सियासत तेज हो गई है, खासकर दो पहाड़ी प्रदेशों में भारी  ठंड के बावजूद स्थानीय राजनिति में कुछ भी सामान्य नहीं है। अगले कुछ दिनों में बहुगुणा को जहां रूखसत करने के चरचे हैं वहीं हिमाचल में भी वीरभद्र सिंह विरोधी इन दिनों जोरदार लाबिंग किये हैं। वीरभद्र सिंह ने भी अपने तमाम कार्यक्रम रद्द कर शिमला की ओर रूख कर लिया है, वह कांगड़ा प्रवास पर थे। उनके खिलाफ अब दिल्ली की अदालत में वकील प्रशांत भूषण की ओर से एक ओर केस दायर हो गया है। यही वजह है कि उनके विरोधियों को लगता है कि देर सवेर वीरभद्र सिंह की छुट्टी होनी ही है। लिहाजा वह भी मौका गंवाना नहीं चाहते हैं , यही वजह है कि दिल्ली दरबार में वीरभद्र सिंह विरोधी खेमा पूरी तरह सक्रिय हो गया है।  पूर्व मंत्री आशा कुमारी वीरभद्र सिंह से अपना पुराना हिसाब किताब चुकता करने के मूड में है तो हमीरपुर से लोकसभा सीट के लिये वीरभद्र सिंह की पैरवी को लेकर पार्टी अध्यक्ष सुखविन्दर सिंह को एतराज है। वहीं केन्द्रिय मंत्री चंद्रेश कुमारी भी  जोधपुर के बजाये इस बार कांगड़ा सीट से चुनाव लडऩे का मन बना चुकी हैं। मिली जानकारी के मुताबिक राकेश कालिया, राजेश धर्माणी से लेकर बुटेल तक  तक करीब 15 विधायक वीरभद्र सिंह से मुंह फुलाये बैठे हैं। व चाहते हैं कि नेता बदले तो वह भी कुछ कर दिखायें।लेकिन इस सबके बावजूद अगले नेता को लेकर कोई सहमति नहीं बनती दिख रही। स्वास्थय मंत्री कौल सिंह के अरमाने पर विद्या स्टोक्स ने अपनी दावेदारी को मजबूत कर पानी फेर दिया है। हालांकि यह देखने वाली बात होगी कि वीरभद्र सिंह को हटाया जाता है कि नहीं। लेकिन राहुल गांधी के तेवरों को देखते हुये पार्टी नेताओं को लगता है कि वीरभद्र सिंह को अब जाना ही होगा। अंदरखाते वीरभद्र सिंह सर्मथक व पार्टी अध्यक्ष सुखविन्दर सिंह भी चाहते हें कि उन्हें हटना पड़ा तो  उनकी जगह उनकी विशवस्त सिंचाई मंत्री विद्या सटोक्स को ही अगला सी एम बनाया जाये। जो भी हो सारे मामले ने वीरभद्र सिंह को विवादों में घेर लिया है। व जिस तरह  भ्रष्टाचार के उन पर आरोप लगे हें उनसे वह आहत भी हैं। वीरभद्र सिंह भी दिल्ली जा रहे हैं।  हालांकि कहा जा रहा है कि उन्हें आलाकमान ने लोकसभ प्रत्याशियों के चयन पर चरचा के लिये बुलाया है। इस बीच दिल्ली में भी इस मामले को गहमागहमी शुरू हो गई है।  बताया जा रहा है कि पार्टी प्रभारी अंबिका सोनी ने विधायक राकेश कालिया व पूर्व मंत्री आशा कुमारी से फीडबैक ली है।  काबिलेगौर है कि 15 जनवरी को सरकार को दिल्ली हाईकोर्ट में स्टेटस रिर्पोट देनी है।  मामले की सुनवाई उसी दिन होनी तय है। सी बी आई सूत्रों ने बताया कि टीम ने वीरभद्र सिंह व आनंद चौहान के खातों को खंगाला है।  इसके अलावा वीरभद्र सिंह के बगीचों का भी जायजा लिया गया। जो भी हो अगले कुछ दिन वीरभद्र सिंह के लिये भारी रहेंगे। एक तरफ उन्हें अदालत में अपना पक्ष रखना होगा वहीं राहुल गांधी की ताजपोशी के बाद आलाकमान का उनके प्रति क्या रवैया रहता है देखने वाली बात होगी। यह भी तय है कि इन सात दिनों में उनकी गद्दी बची तो वह मजबूत होकर उभरेंगे।

भाजपा को मुंहतोड़ जवाब देंगे : विक्रमादित्य
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हमीरपुर,12  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा)।  युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह  ने   हिमाचल युवा कांग्रेस की पोल खोल रैली में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और अनुराग ठाकुर पर खूब निशाना साधा।  युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और अनुराग ठाकुर की ओर से उनके परिवार पर लगाए आरोपों का मुंहतोड़ जवाब देगी। धूमल वीरभ्रद सिंह के परिवार पर व्यक्तिगत रूप से आरोप लगा रहे हैं। अनुराग ठाकुर जिस तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं उससे साफ हो जाता है कि वे इस देवभूमि के रहने वाले नहीं हैं। हिमाचल के लोग इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि वीरभद्र ङ्क्षसह को प्रदेश की जनता ने मुख्यमंत्री चुना है। धूमल और अनुराग जनादेश को नहीं मान रहे हैं। भाजपा हमेशा क्षेत्रवाद की राजनीति करती है। विक्रमादित्य ने कहा कि युवा कांग्रेस इस बार हमीरपुर संसदीय सीट को जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देगी। हमीरपुर में इस बार जीत कांग्रेस की होगी। उन्होंने कहा कि आज से हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के दौरे की शुरुआत कर रहे हैं। इस दौरान वह हर गांव का दौरा करेंगे और लोगों की समस्याएं जानेंगे। उन्होंने कहा कि धूमल परिवार ने पहले हमीरपुर भाजपा को हाईजैक किया फिर मुख्यमंत्री बन कर पूरे प्रदेश की भाजपा को हाईजैक कर लिया। धूमल, अनुराग और गुलाब ही प्रदेश की भाजपा सरकार को चलाते रहे। उन्होंने कहा कि एचपीसीए के सभी सदस्य पंजाब के हैं। हिमाचल के लोगों को इसमें क्यों नहीं रखा गया। बेटा एचपीसीए का अध्यक्ष और पिता उसके चीफ पैट्रन बने हुए हैं। भाजपा की सरकार ने 250 करोड़ रुपये की जमीन एचपीसीए को एक रुपये की लीज पर दे दी। फिर उसे सोसायटी से कंपनी बना दिया। एचपीसीए के सही तरीके से चुनाव करवाकर देखो सब सामने आ जाएगा।

अरुण धूमल पहले पंचायत का चुनाव तो लड़े विक्रमादित्य ने कहा कि धूमल अपने छोटे बेटे को भी राजनीति में लाने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं। अरुण धूमल जगह-जगह प्रेस कांफ्रेस कर वीरभद्र सिंह पर आरोप लगा रहे हैं। अरुण धूमल पहले एक बार पंचायत का चुनाव लड़ कर जीत कर तो दिखाएं।

.....धूमल व अनुराग से सवाल........
1. एचपीसीए का होटल पैविलियन जिसकी फ्रेंचाइजी आवेदा कंपनी के नाम पर है। उस आवेदा कंपनी के पार्टनर कौन-कौन हैं।
2. शिक्षा विभाग की इमारत को गिराने के आदेश किसने दिये थे।
3. एचपीसीए का चीफ पैट्रन कौन है और उसे वोट डालने का अधिकार कैसे दिया गया।
4. अनुराग ठाकुर ने एमपी फंड से धर्मशाला स्टेडियम के लिए कितने पैसे दिए।

.......ओच्छी राजनीति कर रहे धूमल व अनुराग.....
‘उनकी तुर्बत पर दिये भी नहीं, जिन्होंने जलाए चिरागे-वतन’ गांधी चौक हमीरपुर में युवा कांग्रेस की रैली में कुलदीप पठानिया ने कहा कि ऐसी रैलियां पूरे प्रदेश में होंगी। पूर्व भाजपा सरकार की भ्रष्ट नीतियों से लोगों को अवगत करवाया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और उनके बेटे अनुराग ठाकुर ओच्छी राजनीति कर रहे हैं। प्रदेश में आज तक इतनी भ्रष्ट राजनीति नहीं हुई। वहीं वन निगम के उपाध्यक्ष केवल सिंह पठानिया ने कहा कि धूमल ने हिमाचल की सभ्यता और संस्कृति को बिगाडऩे की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि कांगडा जिला के तत्कालीन डीसी ने धूमल पर आरोप लगाया है कि वे कांगडा में जमीन चाहते हैं। वहां पर उनका बेटा स्टेडियम बनाना चाहता है। धूमल और अनुराग ठाकुर व्यक्तिगत दोषारोपण पर उतर आए हैं। पठानिया ने कहा कि दोनों पिता व पुत्र ऐसी हरकतों से खबरदार हो जाएं। अभी यह बस एक ट्रेलर है।

भाजयुमो द्वारा  हमीरपुर के गांधी चौक  पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का पुतला जलाया गया
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हमीरपुर,12  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा)। भाजयुमो द्वारा  हमीरपुर के गांधी चौक  पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का पुतला जलाया गया इसकी अगवाई जिलाध्यक्ष सुरजीत ठाकुर द्वारा की गई। उन्होंने कहा कि यह पुतला प्रदेश के मुख्यमंत्री जोकि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं और प्रदेश में सरकार की शह पर भ्रष्टाचार और गुंडाराज को बढ़ावा दिया जा रहा है उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि इतिहास में पहली बार हुआ कि किसी मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगे हों और उनके पुत्र द्वारा प्रदेश से युवाओं को पैसे के बल पर हमीरपुर में बुलाकर जिस तरह इक्टठा करने की कोशिश की गई जोकि बिलकुल फलाप रहा।  सत्ता में रहते हुए  कांग्रेस सरकार इस तरह के विरोध प्रदर्शन कर रही है लगता है वह विपक्ष में बैठी हुई है। युवा कांग्रेस इस तरह के रैलियां और विरोध प्रदर्शन कर आम जनता का ध्यान बांटने की कोशिश कर रही है जोकि बुहत ही निंदनीय कदम है। युवा कांग्रेस को चाहिए था कि जो उनकी सरकार ने एक साल में अगर कोई विकास के कार्य किए हैं तो वह उनको लेकर आम जनता तक जाते। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस मुख्यमंत्री पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं उसी के आधार पर मुख्यमंत्री  की कुर्सी का मोह त्याग कर इस्तीफा दे देना चाहिए। उनके पुत्र का अभी इतना ऊंचा कद नहीं हुआ है कि वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल व सासंद श्री अनुराग  ठाकुर के खिलाफ टिक्का टिप्पणी कर सकें। हमीरपुर में विकास सिर्फ और सिर्फ प्रेम कुमार धूमल की देन है। जब-जब कांग्रेस की सरकार आई है  तब-तब हमीरपुर विकास में पिछड़ा है और अनुराग सिंह ठाकुर ही मात्र एक ऐेसे सांसद हैं जिन्होंने हिमाचल का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया जोकि कांग्रेस को रास नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस तरह के कार्यक्रमों को नहीं रोका तो युवा मोर्चा प्रदेश स्तर पर कांग्रेस विरोधी अभियान चलाएगा और आम जनता तक भ्रष्टाचार में डूबी सरकार की  जनता विरोधी नाकारात्मक नीतियों को जनता तक पहुंचाने का पूरा प्रयास करेगा। इस मौके पर प्रदेश सचिव अनिल परमार, जिला मीडिया प्रभारी विशाल पठानिया, मंडलाध्यक्ष अजय रिंटू, चमन ठाकुर सहित अन्य युवा मोर्चा के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

                
लोकगीतों की धुनों पर थिरके हमीरपुर के पांव, विधायक राजेंद्र राणा ने प्रतिभागियों को किया सम्मानित


हमीरपुर,12  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा)।  राष्ट्रीय एकीकरण शिविर के समापन समारोह में विभिन्न प्रांतों के प्रतिभागियों ने लोक गीतों की धुनों पर सबको थिरकने के लिए मजबूर कर दिया। असम, बिहार, राजस्थान, जम्मू के लोक वाद्य यंत्र सबके लिए आकर्षण का केंद्र बने रहे। हिमाचल के झमाकड़ा और कुंजुओ चंचलों ने भी विभिन्न प्रांतों से आए प्रतिभागियों की खूब वाहवाही लूटी। समापन अवसर पर विधायक राजेंद्र राणा ने बतौर मुख्यातिथि प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की प्राचीन संस्कृति एवं परंपराओं के बारे में युवाओं को अवगत करवाना जरूरी है ताकि संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि नेहरू युवा केंद्र द्वारा युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए चलाई जा रही विभिन्न शिविर आयोजित किए जा रहे हैं इन शिविरों का युवा निर्माण में अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि हमीरपुर में आयोजित राष्ट्रीय एकीकरण शिविर में देश के विभिन्न प्रांतों की संस्कृति को एक साथ देखने का मौका हमीरपुर के लोगों को मिला है वहीं विभिन्न प्रांतों के प्रतिभागियों ने एक दूसरे की संस्कृति एवं खानपान, वेशभूषा के बारे में भी जानकारी हासिल की है ऐसे शिविरों के आयोजन से राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता को बल मिलता है तथा युवाओं में देश एवं समाज सेवा का जज्बा पैदा होता है। इससे पूर्व मुख्यातिथि ने प्रतिभागियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया गया। प्रदर्शनी में भारत के स्वतंत्रता सेनानियों एवं इतिहास से जुड़े प्रमुख घटनाओं के बारे में जानकारी तथा हिमाचल के जनरल जोरावर सिंह से लेकर स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े विभिन्न फोटाग्राफ्स रखे गए हैं इसके साथ ही असम के प्रतिभागियों ने अपनी सांस्कृतिक परिधानों, वाद्य यंत्रों की जानकारी देने के लिए स्टाल भी लगाया गया है जबकि इसमें हिमाचल के पुरानी एवं लुप्त होती संस्कृति, पहरावा,खान पान इत्यादि के बारे में भी चित्रों के माध्यम से जानकारी दी जा रही है। इससे पहले नेहरू युवा केंद्र के समन्वयक शांतनु शाह ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए शिविर के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि शिविर में सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ साथ शैक्षणिक भ्रमण, योग शिविर तथा विभिन्न विषयों के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी प्रदान की गई वहीं रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया जिसमें 21 प्रतिभागियों ने भाग लिया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि ने हिमाचली टोपी एवं स्मृति चिन्ह देकर सभी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रिंसिपल वर्मा, सहायक प्रोफेसर राकेश शर्मा सहित विभिन्न अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे।

किसानों में खुशहाली लाएगी छौंछ खड्ड तटीयकरण योजना

धर्मशाला, 12  जनवरी (विजयेन्दर शर्मा)। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला की छौंछ खड्ड का जब बरसात के दिनों में जल स्तर बढ़ता है तो इसके दोनों किनारों में बसे गांव के किसान चिंतित हो जाते हैं। हर साल बर्षा के दिनों में यह खड्ड उग्र रूप धारण करके ऐसी तबाही मचाती है कि किसानों की फसलें तो बर्बाद करती ही है, साथ में खेतों की मिट्टी भी बहा कर ले जाती है। हर साल हजारों हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि को छौंछ खड्ड की बाढ़ बंजर में तबदील कर देती है। स्थिति यह होती है कि बरसात में उफाने मारती इस खड्ड के आस-पास जाने से भी लोग कतराते हैं। इस क्षेत्र के लोग लंबे समय से मांग कर रहे थे कि इस खड्ड से फसलों को होने वाले नुकसान से निजात दिलाई जाए ताकि उनकी मेहनत कामयाब रह। किसानों के दर्द को वर्तमान सरकार ने महसूस किया और इसके तटीयकरण की योजना तैयार करने के लिए संबंधित विभाग को हरकत में लाया। 3 अपै्रल, 2013 को भारत सरकार के केंद्रीय जल एवं विद्युत अनुसंधानशाला, पूना (महाराष्ट्र) ने प्रदेश सरकार को इस परियोजना की विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट सौंपी। 12 अगस्त, 2013 को भारत सरकार के केंद्रीय जल संसाधान मंत्रालय की तकनीकी सलाहकार समिति द्वारा इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाई गई। 14 अक्तूबर, 2013 को भारत सरकार के योजना आयोग ने इस परियोजना को इन्वेस्टमेंट क्लीयरैंस प्रदान की तथा 5 नवम्बर, 2013 को प्रदेश सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट को प्रशासनिक अनुमोदन एवं व्यय स्वीकृति प्रदान की गई। 19 दिसम्बर, 2013 को भारत सरकार ने इस परिोजना को बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की जबकि 29 दिसम्बर, 2013 को प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने इंदौरा क्षेत्र के डाह कुलाहड़ा में इस परियोजना के निर्माण का नींव पत्थर रखा। छौंछ खड्ड नूरपुर क्षेत्र के धनेटी से शुरू होती है और पंजाब से सटे मीरथल में ब्यास नदी में समा जाती है। बरसात के मौसम में हर वर्ष अंदाजन 1382 हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि बाढ़ की भेंट चढ़ जाती है। इसके कारण जहां एक तरफ क्षेत्र के निवासियों के जान व माल का नुकसान होता है, वहीं पर कृषि से होने वाली पैदावार से भी वंचित रह जाते हैं। यह खड्ड नूरपुर और इंदौरा क्षेत्र के लोगों के लिए खुशहाली का साधन न होकर अभिशाप बन गई थी। 179$54 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से निर्मित होने वाली इस परियोजना से करीब 13 पंचायतों के 35 गांवों के लोगों को लाभ मिलेगा। इस परियोजना का जलागम क्षेत्र 199$48 वर्ग किलोमीटर है। इसके तटीयकरण की लम्बाई दोनों ओर 34 किलोमीटर होगी। इस परियोजना के कार्य को चार वर्ष के समय में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। परियोजना के निर्माण का कार्य पूरा होने से जिला के नूरपुर और इंदौरा क्षेत्र के प्रभावित गांव के किसानों की कृषि, बागवानी तथा उद्योग लगाने योग्य करीब हजारों हैक्टेयर भूमि बाढ़ के प्रकोप से मुक्त हो सकेगी। परियोजना के कार्यान्वयन से अब तक बेकार पड़ी भूमि में पुन: फसल लहलहाएगी। किसानों के चेहरों पर बहार आएगी। कांगड़ा में शाहनहर परियोजना, सिद्घाता मध्यम सिंचाई योजना, फिन्ना सिंह मध्यम सिंचाई योजना और छौंछ खड्ड बाढ़ प्रबंधन योजना से जिला को प्रदेश एवं देश के खाद्यान्न भण्डार के रूप में स्थापित करने के लिए इस परियोजना से एक नये अध्याय का सूत्रपात होगा और साथ ही किसानों में भी खुशहाली आएगी।

परीक्षा सभागारों में मोबाइल जैमर स्थापित


शिमला, 12 जनवरी (विजयेन्दर शर्मा)। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव श्री बी.सी. बडालिया ने आज यहां कहा कि लिखित परीक्षाओं में अत्याधुनिक उपकरणों के माध्यम से नकल की संभावनाओं को समाप्त करने के लिए आयोग ने आज परीक्षा सभागारों में मोबाइल जैमर स्थापित किए हैं ताकि इन उपकरणों की क्षमता की जांच की जा सके।  उन्होंने कहा कि जैमर हिमाचल प्रदेश इलैक्ट्रोनिक विकास निगम के माध्यम से खरीदे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सितम्बर, 2013 में संयुक्त स्नातक स्तर की परीक्षा-2013 की लिखित परीक्षा के दौरान 34 उम्मीदवारों को नकल करते पकड़े जाने के पश्चात् आयोग के अध्यक्ष श्री के.एस. तोमर द्वारा मोबाइल जैमर स्थापित करने की घोषणा की थी। श्री तोमर ने इसे गंभीरता से लेते हुए प्रथम अक्तूबर, 2013 को बैठक आयोजित कर मोबाइल जैमर प्रयोगात्मक तौर पर स्थापित करने का निर्णय लिया। परिणामस्वरूप आयोग ने परीक्षा हॉलों के परिसर में जनवरी, 2014 में विशेषत: मोबाइल जैमर स्थापित किए। आयोग ने हिमाचल प्रदेश सरकार से इस संदर्भ में मामला उठाया और नकल को रोकने के लिए मोबाइल जैमर की स्थापित करने की मांग की जिसे हिमाचल सरकार ने सैद्वांतिक तौर पर स्वीकार किया। इस प्रकार आयोग ने हिमाचल सरकार को थोड़े से समय में ही मोबाइल जैमर को खरीदने के लिए पर्याप्त बजट प्रदान करने की मांग की ताकि इनकी स्थापना से परीक्षा केन्द्रों में  नकल को रोका जाए। आयोग ने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवाएं मेन की परीक्षाओं से पूर्व आयोग ने मोबाइल जैमर खरीदने का निर्णय लिया। उम्मीदवार उच्च तकनीक से नकल न कर सके और परीक्षा को निष्पक्ष रूप से लिया जाए इस लिए मोबाइल जैमर स्थापित करने का निर्णय लिया।

200 करोड़ की औद्योगिक परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त

शिमला, 12 जनवरी (विजयेन्दर शर्मा)। हिमाचल प्रदेश की औद्योगिक परियोजनाओं के लिए 200 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाने के लिए औद्योगिक विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री अतुल शर्मा ने केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह द्वारा केंद्र के समक्ष इस मामले को प्रभावी तरीके से उठाने तथा उद्योग मंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री के सतत् प्रयासों से राज्य को यह धनराशि उपलब्ध हुई है, जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री आनंद शर्मा का भी आभार व्यक्त किया है।  लघु उद्योग विकास निगम के उपाध्यक्ष ने कहा कि ये सभी परियोजनाएं प्रदेश के विकास में मील पत्थर साबित होंगी। कांगड़ा जिले के कंदरौरी तथा ऊना जिला के पंडोगा में दो नए श्रेष्ठ औद्योगिक नगरों को स्वीकृति मिलने से इन क्षेत्रों में औद्योगिक विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को बल मिलेगा। इन नगरों में बड़े औद्योगिक घरानों के आने से प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार युवाओं विशेषकर स्थानीय युवाओं को हर स्तर पर रोजगार के बेहतर अवसर भी उपलब्ध होंगे। इन दो नगरों के विकास के लिए केन्द्र द्वारा 100 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि श्री वीरभद्र सिंह और श्री मुकेश अग्निहोत्री के प्रयासों से सोलन जिले के बद्दी में औद्योगिक अधोसरंचना परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है। बद्दी में निर्यात माल गोदाम, सघन फार्मा जांच प्रयोगशाला स्थापित करने, एक्सपोर्ट प्रमोशन पार्क में पावर ग्रिड के स्तरोन्यन तथा सिरमौर जिला के काला अम्ब में कॉमन एफ्लयूेंट ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने के लिए 72.17 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता उपलब्ध होगी।  अतुल शर्मा ने कहा कि राज्य द्वारा शिमला जिला के गुम्मा में एप्पल जूस कंसंट्रेट प्लांट स्थापित करने तथा परवाणू में एप्पल जूस कंसंट्रेट प्लांट को स्तरोन्नत करने का मामला केंद्र के समक्ष उठाया गया था। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा इसे स्वीकृति प्रदान करने से प्रदेश के सेब बागवानों को फायदा होगा। उन्होंने केन्द्रीय मंत्रालय ने केन्द्रीय निवेश उपदान प्राप्त करने के लिए पर्यटन सम्बन्धी परियोजनाओं के पूर्व पंजीकरण के सम्बन्ध में एक बार छूट प्रदान करने को भी सहमति प्रदान करने के लिए भी केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।उन्होंने केन्द्रीय निवेश उपदान के अन्तर्गत लम्बित देनदारियों को पूरा करने के लिए 25 करोड़ रुपये जारी करने तथा केन्द्रीय परिवहन उपदान के अन्तर्गत 36.83 करेाड़ रुपये जारी करने को सहमति प्रदान करने के लिए केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री का आभार व्यक्त किया।

विशेष : युवाओं के आदर्शस्वामी विवेकानंद

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युवाओं के लिए व्यक्तित्व विकास के सभी प्रकार के आदर्शों और नैतिक चरित्र के लिए प्रेरणा का कोई एकमात्र स्रोत है तो वह स्वामी विवेकानंद ही हो सकते हैं जिनसे प्रेरणा प्राप्त कर युवा अपने आपको चिर युवा रखकर पूरे उत्साह से जीवनयापन कर सकते हैं। खुद को रौशन भी कर सकते हैं तथा औरों की जिन्दगी से लेकर दुनिया के धु्रवों तक को रोशनी से नहला सकने का सामथ्र्य प्राप्त कर सकते हैं। व्यक्तित्व विकास की प्रेरणा के मामले में दुनिया के सभी किस्मों के लेखकों और संतों, मार्गदर्शकों को एक तरफ रख दिया जाए और दूसरी तरफ स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व हो, तो अकेले विवेकानंद का आदर्श जीवन और कर्मयोग कई गुना भारी पड़ता है।

विवेकानंद ने जिन आदर्शों, मूल्योें और सिद्धान्तों को जीया, उनका प्रचार-प्रसार किया और हजारों-करोड़ों भारतवासियों के मन में  नई चेतना का उदय किया वह अपने आप में युगीन परिवर्तन की महानतम घटना है। स्वामी विवेकानंद को हुए इतने लम्बे समय बाद भी लगता है कि उनका दिव्य और सूक्ष्म व्यक्तित्व और विचार ही हैं जो हमें आज भी जीवंत और आन्दोलित करते हुए लगते हैं।

यह विवेकानंद जैसे युगपुरुष ही हो सकते हैं जिनके जाने के इतने समय बाद आज भी उनकी सूक्ष्म उपस्थिति का अहसास जनमानस कर रहा है। उनके दिव्य और मेधावी व्यक्तित्व ने पूरी दुनिया को जता दिया कि भारतीय संस्कृति, इसकी परंपराओं और आदर्शों में वह दम है कि यह विश्वगुरु के पद पर स्वतः प्रतिष्ठित रहा है, उसे किसी विदेशी संस्था या विदेशियों के समूहों से प्रमाण पत्र की कोई जरूरत नहीं है। मातृभूमि के प्रति उनका समर्पण और युवाओं के माध्यम से दुनिया को बदल डालने का संदेश हर युग में जनमानस को उत्तेजित और जागृत करता रहा है। अकेले विवेकानंद के जीवन चरित्र को ही यदि अपना लिया जाए तो युवा शक्ति अपने भीतर वह सामथ्र्य पैदा कर सकती है जो न केवल भारतवर्ष बल्कि संसार को बदल दे।

आज के समय में देश और दुनिया जिस दौर से गुजर रहे हैं उनमें स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा पाने और उनके उपदेशों को आत्मसात करने की महती आवश्यकता है। आज की तरुणाई मरी-मरी सी और ओज हीन होती जा रही है। कई युवाओं को देखें तो लगता है जैसे असमय बुढ़ापा घर करता जा रहा है। दूसरी ओर आज भी कई बुजुर्ग ऎसे हैं जो युवाओं को भी पीछे छोड़  देने का सामथ्र्य रखते हैं। आज की युवा पीढ़ी दिशाहीन होती जा रही है, पाश्चात्य अप संस्कृति के खतरे सर उठा रहे हैं और ऎसे में अपनी भारतीय संस्कृति और विवेकानंद को अपनाकर ही हम तरुणाई की रक्षा करते हुए सुदृढ़ और सुपुष्ट यौवन को प्राप्त कर सकते हैं। जो व्यक्ति खुद समर्थ नहीं है वह न खुद आगे बढ़ सकता है, न औरों को आगे बढ़ा सकता है।

शक्तिहीनता और आत्महीनता के दौर से गुजर रही वर्तमान पीढ़ी को इनसे उबारने के लिए विवेकानंद के जीवन चरित्र से रूबरू कराने की जरूरत है तभी हम युवाओं के व्यक्तित्व विकास के उद्देश्यों को प्राप्त कर सकते हैं। स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व में वे सारे गुण हैं जिनकी आज की पीढ़ी को जरूरत है। इसके लिए विवेकानंद के साहित्य का घर-घर में प्रचार-प्रसार होना जरूरी है तभी नई पीढ़ी विवेकानंद को जान सकती है, अपना सकती है और अपना आदर्श मानकर आगे बढ़ सकती है।

देश का दुर्भाग्य यह है कि शिक्षा पद्धति में भारतीय संस्कृति और महान आदर्शों, महापुरुषों का भरपूर समावेश नहीं हो पाया है और इस कारण से नई पीढ़ी की बुनियाद में विदेशी दासत्व, विदेशियों के हर कर्म को महान समझने की भूल और भ्रम, नैतिक मूल्यों और आदर्श चरित्र की कमी, पाश्चात्य चकाचौंध के साथ वे सारी बुराइयां भारतीय जनमानस में घर करती जा रही हैं जिनसे आज का युवा दिग्भ्रमित होने के साथ ही अपने मन, मस्तिष्क और तन की शक्तियों को क्षीण करता जा रहा है।

हम ज्यादा पीछे नहीं जाएं और केवल चार दशक पहले के युवाओं को देखें तो आज का युवा उनके मुकाबले शक्तिहीन, वीर्यहीन और ओज हीन हो गया है। लोगों के चेहरों से तेज और दमक गायब है। तेज रोशनी वाली आँखों की बजाय मोटे चश्मे चढ़े हुए हैं, शारीरिक संतुलन से लेकर मानसिक संतुलन तक में कहीं न कहीं उतार-चढ़ाव नज़र आता है। जो पढ़े-लिखे हैं वे  भी, और जो अनपढ़ हैं वे भी, और आधे अधूरे पढ़े-लिखे भी, अपनी पूरी जिन्दगी का मकसद पैसा कमाना और पैसा बनाना ही समझ बैठे हैं। मन-मस्तिष्क और शरीर की ओर कोई ध्यान देने की बजाय सिर्फ भौतिक सुख-विलासिता, चरम भोगवाद और शक्ति खोने के तमाम जतनों में जुटे हुए हैं। और ऎसे में हमारी युवा पीढ़ी निरन्तर उस दिशा में जा रही है जहां क्षणिक चकाचौंध के साथ अंधकार का साम्राज्य व्याप्त है और हम लोग उस दिशा में जा रहे हैं जिस दिशा में मुद्रा और स्वच्छन्द भोग विलास के आगे सब कुछ गौण होता जा रहा है।

हमारे आस-पास से लेकर परिवेश और दूर-दूर तक जो अनचाही घटनाएं हो रही हैं उन सभी का मूल कारण हमारा संस्कृति की जड़ों से कट जाना ही है और जब तक हम इन दुरावस्थाओं से अपने आपको मुक्त नहीं कर लेंगे तब तक हमारा भविष्य न सुनहरा हो सकता है, न रोशनी की कल्पना ही। हमारा सौभाग्य है कि स्वामी विवेकानंद ने इस पुण्य भूमि पर अवतार लिया और दुनिया में भारत का नाम रौशन किया और यह जता दिया कि भारत ही है जो विश्व भर का गुरु रहा है और रहेगा। दूसरी ओर यह हमारा दुर्भाग्य है कि हम विवेकानंद को अपने जीवन में अपनाने की बात तो दूर है, विवेकानंद के बारे में अपनी कोई समझ तक नहीं रखते। 

अभी पानी सर से ऊपर नहीं गुजरा है, अब भी यदि हम अपने जीवन में स्वामी विवेकानंद को थोड़ा भी अपना लें तो हम खुद को बदल सकते हैं और दुनिया को भी बदल डालने का वो सामथ्र्य भी पा सकते हैं जो स्वामी विवेकानंद ने प्राप्त किया था। हमें यह भी सोचना होगा कि जिस विवेकानंद ने थोड़ी आयु में इतना सब कुछ करिश्मा कर दिखाया वो हम उनसे भी ज्यादा आयु पाकर भी कुछ नहीं दिखा पा रहे हैं। यही हमारे आत्मचिन्तन में हमेशा होना चाहिए तभी हमारी वृत्तियां पिंड से ब्रह्माण्ड परिवर्तन का सामथ्र्य पा सकती हैं।





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--- डॉ. दीपक आचार्य---
9413306077
dr.deepakaacharya@gmail.com

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (12 जनवरी )

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जानकी देवी ऐजुकेशनल वेलफेयर सोसायटी द्वारा निःशुल्क चिकित्सा शिविर का 350 से ज्यादा लोगों ने उठाया लाभ
  • गढ़ी कैंट में कई विशेषज्ञों द्वारा किया गया स्वास्थ्य परिक्षण

uttrakhand news
देहरादून, 12 जनवरी। ‘‘विभिन्न सामाजिक सेवाओं द्वारा जनसेवा‘‘ इस उद्देश्य को लेकर जानकी देवी ऐजुकेशनल वेलफेयर सोसायटी (जेडीईडब्लूएस) द्वारा पिछले काफी समय से सामाजिक कार्य तो किए जाते रहे हैं। वहीं रविवार 12 जनवरी 2014 को सोसायटी द्वारा शहीद मेख बहादुर गुरूंग कन्या इण्टर कॉलेज गढ़ी में संस्था द्वारा एक दिवसीय निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। एक दिवसीय निःशुल्क चिकित्सा शिविर का उद्घाटन दून अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. के.बी. जोशी ने किया। जिसमें लगभग 410 से ज्यादा लोगों ने अपने स्वास्थ्य का परीक्षण कराया और दवाईयां भी ली। रविवार को इस एक दिवसीय निःशुल्क चिकित्सा शिविर में हृदय रोग विशेषज्ञ डा. के.वी. जोशी, नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. बी.सी रमोला व डा स्वाति शर्मा, अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. वाईएस थपलियाल, त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. ए आर्य, बाल्य रोग विशेषज्ञ डा. नवीन जोशी एवं डा. एसके पोखरियाल ने स्वास्थ्य शिविर में आए रोगियों की बारीकी से जांच की। वहीं संस्था द्वारा शिविर में जांच कराने आए रोगियों को निःशुल्क दवाईयां भी वितरित की गई। इतना ही नहीं इस शिविर में आहूजा पैथोलॉजी लैब द्वारा रोगियांे के तमाम जांच भी की गई। शिविर में अधिकांश रोगी हृदय, त्वचा के रहे, जबकि कई परिवारों ने अपने बच्चों का स्वास्थ्य बाल रोग विशेषज्ञ से कराया। जानकी देवी ऐजुकेशनल वेलफेयर सोसायटी द्वारा आहूत इस एक दिवसीय निःशुल्क चिकित्सा शिविर में दून अस्पताल के अधीक्षक सहित भारतीय तेल एंव प्राकृतिक गैस आयोग (ओएनजीसी) द्वारा विशेष सहयोग किया गया, जबकि शिविर में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की तरफ से क्षय रोग (टीबी) को रोकने के लिए विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। वहीं संस्थान द्वारा उत्पादित पादप औषधियों का प्रस्तुतिकरण भी गया, ये वे पादप औषधियां हैं, जो हृदय रोग संबंधी बीमारियों और धमनियों में जमे कोलेस्ट्रोल पर काबू पाने में सहायक होती हैं, ऐसे सिबक थोन जूस का भी प्रदर्शन किया गया शिविर में भाग लेने वालों में संस्था के अध्यक्ष संजय जोशी, निदेशिका सारिका प्रधान, सचिव कविता चर्तुवेदी, ऋषभ गर्ग, हीतेन्द्र सक्सेना, अंकित, राजेन्द्र जोशी, सुमित सिंह, सुमित धीमान, मोनिका कठैत, गुलफशा, रूचि सेमवाल, दीपिका रावत, रोहित गुरूंग सहित कैंट चिकित्सालय के समस्त स्टाफ का विशेष सहयोग रहा। 

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए की जाएगी गु्रप इन्श्योरेंस की व्यवस्था
  • महिला कल्याण कोष का शासनादेश जल्द ही जारी किया जाएगा

देहरादून, 12 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। राज्य सरकार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए गु्रप इन्श्योरेंस की व्यवस्था करेगी। महिला कल्याण कोष का शासनादेश जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। मिनी आंगनबाड़़ी केंद्रों के उच्चीकरण के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया जाएगा। रविवार को नगर निगम सभागार में आंगनबाड़ी कार्यकत्रि/सेविका/मिनी कर्मचारी संगठन उŸाराखण्ड द्वारा आयेजित अभिनंदन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दीपावली पर दिया जाने वाला बोनस आगे भी मिलता रहेगा। गौरतलब है कि हाल ही में राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय में एक हजार रूपए की बढ़ोतरी की थी। इसी का आभार व्यक्त करने के लिए उक्त कार्यक्रम आयेाजित किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण में मातृशक्ति का सर्वोपरि योगदान रहा है। यहां की ग्रामीण व पर्वतीय क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था आज भी महिलाओं पर निर्भर है। दुर्गम, सीमांत व पर्वतीय क्षेत्रों में रह रही महिलाओं का कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है। बेहतर राज्य व अच्छे समाज के निर्माण में सभी को मिलजुलकर कार्य करना होगा। राज्य सरकार हमेशा कर्मचारियों की समस्याओं पर बातचीत करने के लिए तत्पर है। हडतालें किसी समस्या का हल नहीं। इससे आम जनता को सर्वाधिक परेशानी होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संगठन में शक्ति होती है। इसका उपयोग सही दिशा में होना चाहिए। जो भी काम करें, निष्ठा व ईमानदारी से करें। सरकार संवेदनशील है। आपदा से राहत दिलाने में राज्य सरकार ने केंद्रीय मानकों से परे जाकर मानवीय दृष्टिकोण के सार्थ आिर्थक सहायता दी। आपदा से प्रभावित महिलाओं को विशेष सहायता दिए जाने का प्रयास किया गया। दैवीय आपदा में विधवा हुई महिलाओं को मृतक आश्रित के रूप में मिलने वाली राशि के साथ ही 25 हजार रूपए की अतिरिक्त सहायता भी दी गई। अनाथ कन्याओं के विवाह के लिए 1 लाख रूपए की एफडी भी राज्य सरकार द्वारा करवाई गई है। महिला सशक्तिकरण व बाल विकास मंत्री श्रीमती अमृता रावत ने कहा कि वर्तमान सरकार महिलाअेंा विशेषरूप से विधवाओं व परित्यक्ताओं के हितों को सुरक्षित रखने के प्रति संवदेनशील है। हड़ताल, प्रदेर्शन की बजाय यदि मिलजुलकर विचार विमर्श किया जाए तो समस्याओं का हल निकाला जा सकता है। कार्यक्रम को विधायक राजकुमार ने भी सम्बोधित किया। संगठन की प्रान्तीय अध्यक्ष रेखा नेगी ने अभिनंदन पत्र पढ़ा जबकि प्रान्तीय महामंत्री सुशीली खत्री ने कार्यक्रम का संचालन किया।

वित्त मंत्री ने दी लोहड़ी की शुभकामनाएं

देहरादून, 12 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। लोहडी पर्व पर वित्त मंत्री श्रीमती डा0 इन्दिरा हृदयेश ने पंजाबी समुदाय के अलावा समस्त क्षेत्रवासियो एवं प्रदेश वासियो को शुभकामनायें दी है। अपने संदेश में वित्त मंत्री ने कहा है कि लोहडी सौर वर्ष के साथ जुडा हुआ त्योहार है। आम तौर पर इस त्योहार का आगाज आग या अलाव की पूजा से किया जाता है। लोहडी एक सांस्कृतिक उत्सव है जोकि सर्दियो की विदाई का संकेत एवं बसंत के स्वागत का त्यौहार है। लोहडी पारंपरिक रूप से फसलों से जुडा हुआ त्यौहार भी माना गया है। जिसमें मूगफली, तिल, मक्का, गुड. की आहुति देते है और सेवन करते है। पंजाबी किसानो के नये वित्तीय वर्ष के रूप में भी लोहडी को मनाया जाता है। डा0 हृदयेश ने कहा है कि लोहडी का पावन पर्व लोगो के जीवन में हर्ष उल्लास के साथ ही समृद्धि भी लेकर आये। इसी तरह श्रममंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल ने भी शुभकामनाये देते हुये कहा है कि लोहडी का त्यौहार भाइचारे एकता का प्रतीक है ये त्यौहार हमें राष्टीय एकता एवं भाईचारे को परम्परागत तरीके से एकता की भावना के साथ समाज व राष्ट्र निर्माण का संदेश देता है। 

जीवन में कमजोर होते मानवीय मूल्यों को मजबूती मिले: बिज्लवाण

देहरादून, 12 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। मानव भाईचारें को बढ़ावा देने के लिए, मानवीय मूल्यों को अपना कर जीवन जीने की प्रेरणा देने के लिए, इस जीवन के सफर को षान्तिपूर्वक तय करने के लिए महापुरूशों-सन्तों, गुरू-पैगम्बरों ने युगों-युगों में जो राह दिखाई है, उसी रास्ते पर चलकर इस जीवन के सफर को तय करने की आज प्रेरणाएं मिल रही है। उक्त आशय के उद्धगार सन्त निंरकारी मण्डल के तत्वाधान मे रैस्ट कैम्प भवन में आयोजित रविवारीय सत्संग कार्यक्रम में उपस्थित सन्तो-भक्तों, प्रभु-प्रमियों के उमड़ें जन-सैलाब को सम्बोधित करते हुए स्थानीय ज्ञान प्रचारक ”युवा सन्त राजीव बिज्लवाण ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि युगों-युगों में आये महापुरूषो, पैगम्बरो के जीवन का वर्णन करते हुये बताया कि हर युग में महापुरूषो-पैगम्बरों ने मानव को बार-बार यही संदेष दिया कि “इंसान अगर तू निराकार-प्रभु- परमात्मा की खोज मे लगा है, अगर तुझें निराकार-प्रभु-परमात्मा, के ब्रहृमज्ञान की चाहना है तो अन्य कोई विषेश कार्य न कर मात्र अपने मन में ब्रहृमज्ञान की खोज की जिज्ञासा पैदा कर लें। जोकि इस मानव योनि में मिल सकता है तो यह जानकारी तेरे जीवन में आ जायेगी और तेरा यह आवागमन का बन्धन छूट जायेगा“। सत्गुरू की कृपाओं का वर्णन करते हुए उन्होने कहा कि निराकार-प्रभु-परमात्मा को पाना सहज और सरल है, तथा यह काम षीघ्र हो सकता है यदि समय के सद्गुरू की कृपा हो जायें तो फिर निराकार-प्रभु- परमात्मा की जानकारी होने में तनिक भी देर नही लगती। ऐसे लोग भी है जो निराकार-प्रभु-परमात्मा को पाने के लिए कई तरह के यत्न-प्रयत्न करते है। निराकार-प्रभु-परमात्मा प्राप्ति की जिज्ञासा भी मन में जगाते है, लेकिन मंजिल प्राप्त नही कर पाते। निराकार-प्रभु- परमात्मा प्राप्ति के लिए जप-तप, कर्म-काण्ड करते है लेकिन इस निराकार-प्रभु-परमात्मा को पाने की भूख खत्म नही होती और ऐसे इन्सान जैसे ही इस संसार में आते, वैसे ही इस संसार को छोडकर चले जाते है। सत्संग समापन से पूर्व दूर-दूर से आये भक्तो-प्रभु प्रेमियों ने गीत व प्रवचनों के माध्यम से संगत को निहाल किया। मंच का संचालन बहन सुमित्रा रमोला ने किया। 

खुले आसमान के नीचे पढने को मजबूर नौनिहाल 

श्रीनगर गढ़वाल/देहरादून, 12 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। चौरास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भ्यूंपाणी का पुनर्निमाण एवं ग्राम भ्यूंपाणी को सडक मार्ग से जोडने की मांग को लेकर अलकनन्दा सामाजिक एवं पर्यावरण संस्था मढी चौरास ने प्रदेश के पेयजल एवं शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी को ज्ञापन प्रेषित किया है। संस्था ने ज्ञापन में कहा है कि प्राथमिक विद्यालय भ्यूंपाणी के भवनों की स्थिति जीर्ण शीर्ण होने के कारण नौनिहाल खुले आसमान के नीचे शिक्षा ग्रहण करने के लिए मजबूर हैं। जर्जर भवनों के कारण कभी भी कोई बडी दुर्घटना घट सकती है। यही नहीं विद्यालय में पीने के पानी के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है और न ही स्कूल के चारों ओर सुरक्षा दीवार है। शिक्षा मंत्री से संस्था ने मांग करी है कि जल्द से जल्द प्रावि भ्यूपांणी का पुनर्निमाण किया जाए या विद्यालय को किसी अन्यत्र गांव में स्थापित किया जाय जिससे के अधिक से अधिक छात्र छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर सकें। साथ ही यह भी मांग की है कि भ्यूंपाणी गांव को शीघ्र ही सडक मार्ग से भी जोडा जाये। 

सीमा सड़क संगठन की लापरवाही जनता पर पड रही भारी 

श्रीनगर गढ़वाल/देहरादून, 12 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। सीमा सडक संगठन की लापरवाही आम जनमानस पर भारी पड़ती नजर आ रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग की बदहाली के चलते आम जनता के साथ ही पर्यटको को भी भारी परेशानियों का सामना करने पर विवश होना पड़ रहा है। ऋषिकेश बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग केदारनाथ व बद्रीनाथ धामों तक पहुंचाने वाला मार्ग है लेकिन इसकी बदहाली ऐसी कि एनएच पर गाड़ियां तो दूर फुटपात पर चलने के लिए भी दयनीय स्थिति है। एनएच पर कीर्तिनगर पुल से श्रीनगर तक इतने गड्ढे हैं कि चंद दिनों मंे ही वाहन स्वामियों को वाहनों का मेंटिनेंस कराना पडता है। यही नहीं श्रीनगर से श्रीकोट व आगे भी सडक का यही हाल है। जगह जगह पाइपों की लीकेज से भी एनएच पर बने गढ्डों में पानी भरा है जो दुपहिया ही नहंी बल्कि चौपहिया वाहनों के लिए भी दुर्घटना का सबब बन सकते हैं। ये भयानक गढ्डे हादसों को इस कदर न्यौता दे रहे हैं लेकिन बीआरओ ने अभी तक डामरीकरण का कार्य शुरू नहंी किया है जबकि डामरीकरण का सामान कलियासौढ कैम्प में पहुंच गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही श्रीकोट में बेस चिकित्सालय स्थित हैं जहां चौबीसों घण्टे गम्भीर मरीजों को इलाज के लिये लाया जाता है स्वतः ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि दयनीय स्थिति व हिचकोले खाने को मजबूर करने वाले एनएच पर वाहन में मरीज की क्या स्थिति होगी होगी या यूं कहें कि एनएच पर इलाज से पूर्व ही मरीज की स्थिति बेदम हो जाती है। बीआरओ की इस लापरवाही से क्षेत्रीय जनता में आक्रोश व्याप्त है जो एक बडे आंदोलन का प्रारब्ध लग रहा है।

डीएम की अध्यक्षता में होगा जनता दरबार, 15 जनवरी से होगी शुरूआत

रूद्रपुर/देहरादून, 12 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। जिलाधिकारी डॉ0 पंकज कुमार पाण्डे की अध्यक्षता में 15 जनवरी दिन बुधवार को खटीमा विकास खण्ड परिसर में तथा 21 जनवरी दिन मंगलवार को जसपुर विकास खण्ड परिसर में प्रातः 10 बजे से जनता दरबार आयोजित किया जायेगा। जिसमें प्राप्त जन समस्याओं को मौके पर ही निस्तारित किया जायेगा तथा जिन समस्याओं को  जनता दरबार के दरिम्यान निस्तारण नही किया जा सकेगा, उनको निराकरण हेतु सम्बन्धित विभागों को सन्दर्भित कर निस्तारण की समय सीमा निर्धारित की जायेगी जो अधिकतम् 15 दिन से अधिक नही होगी। जिलाधिकारी ने इस वावत जिला विकास अधिकारी आरसी तिवारी को निर्देषित किया है कि जनता दरवार में प्राप्त जनसमस्याओं को सूचीबद्ध कर 15 दिन के उपरान्त समीक्षा कर निस्तारण की प्रगति से उन्हें अवगत करायेंगे। उन्होंने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों एवं सम्बन्धित तहसील व विकास खण्ड स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह पूरी तैयारी के साथ शिविर में उपस्थित रहना सुनिष्चित करें। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर कृषि, उद्यान, स्वास्थ्य, उरेडा, महिला शिशु कल्याण, समाज कल्याण आदि विभागों द्वारा क्षेत्र में चल रही विकास योजनाओं के वावत अपने-अपने स्टाल लगाकर जनता को योजनाओं की जानकारी एवं सामानों की बिक्री भी की जायेगी। उन्होंने बताया कि जनता दरवार में समाज कल्याण से सम्बन्धित अन्य योजनाओं की जानकारी के साथ ही बृद्धावस्था, किसान, विधवा, विकलांग, पेंशन प्रार्थना पत्रों की जांच एवं स्वीकृति प्रदान की जायेगी। 

शिविर का आयोजन 17 जनवरी से 

चम्पावत/देहरादून, 12 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। आगामी १७ जनवरी से जनपद के विभिन्न स्थानो में डी०बी०टी०एल० योजनान्तर्गत गैस वितरण केन्द्र पर नामांकन हेतु शिविर लगाये जायेगें।  उक्त सम्बन्ध में प्रभारी अधिकारी जिला कार्यालय/योजना के नोडल अधिकारी उपजिलाधिकारी पाटी अशोक जोशी ने अवगत कराया कि आई०टी०आईएल० द्वारा गैस गोदाम लोहाघाट एवं गैस गोदाम चम्पावत के अन्तर्गत विभिन्न वितरण स्थल हेतु कैम्प लगाये जायेगें जिसमें गैस गोदाम लोहाघाट क्षेत्रान्तर्गत १७ जनवरी से ३१ जनवरी, २०१४ तक गैस वितरण प्वाइंट पुल्ला, रौसाल, किमतोली हेतु प्राथमिक पाठशाल किमतोली में, गल्लागांव, बर्दाखान हेतु विकास खण्ड सभागार बाराकोट में, भिंगराड़ा हेतु गुरूद्वारा रीठा साहिब में, ढेरानाथ, धूनाघाट हेतु रा०इ०का० खेतीखान में, मरौड़ाखान, चौमेल हेतु रा०इ०का० चौमेल में नामंकन शिविर लगायें जायेगें। इसी प्रकार दिनांक ०२ फरवरी से १७ फरवरी २०१४ तक गैस गोदाम चम्पावत अन्तर्गत तामली क्षेत्र हेतु तामली में मौनपोखरी हेतु मंच में, ललुवापानी, नरसिंहडांडा, बिरगुल, सिप्टी, पुनावे हेतु पुनावे में, श्यामलाताल, बुड़म, चल्थी हेतु सुखीढागं मेें तथा धौन, बडोली, पचनई, खटोली, दियूरी हेेतु अमोड़ी में नामंकन शिविर लगायें जायेगें। उक्त सम्बन्ध में नोडल अधिकारी द्वारा दोनों गैस गोदाम प्रभारियों, कार्बी संस्था सहित सम्बन्धित तहसीलदारों को उक्त आयोजित कैम्पों में आवश्यकीय व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। 

संदिग्ध हालत में फांसी पर लटकी जेई की पत्नी, मौत 
  • किराए के मकान पर रहता था परिवार  
  • सुबह आंखें खुली तो लटकी मिली मृतक 

काशीपुर/देहरादून, 12 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। संदिग्ध अवस्था में बिजली विभाग में तैनात जेई की पत्नी ने फांसी पर लटक कर मौत को गले लगा लिया। पंखे के कुंडे पर लटकी मृतका को देख परिवार के होश उड गए। परिजनों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। सीओ व कोतवाल ने मौके पर पहुंच कर जानकारी हासिल की। मृतक का परिवार किराए के मकान में रहता था। पति महुआडाबरा जसपुर में कार्यरत है। सतेंद्र प्रसाद जोगिया पुत्र मोतीराम निवासी ग्राम नौगांव टिहरी की चार साल पहले ग्राम अखाडी धनशाली निवासी पवन रेखा (29) से शादी हुई थी। चूंकि जेई काशीपुर में कार्यरत था। लिहाजा वह अपने परिवार को यहीं लेकर आया और पदमावती कॉलोनी में मकान लेकर किराए में रहने लगा। शनिवार की सायं जेई अपना कार्य सामाप्त कर घर पहुंचा तो उसकी मृतक पत्नी ने देर से आने की वजह पूछी। खाना खाने के बाद उसके दो बच्चे वह पति सोने दूसरे कमरे में चले गए। किंतु मृतक पवन रेखा किताब बढने की बात कर बैठक रूम में ही बैठी रही। जब जेई रविवार सुबह उठा तो उसकी पत्नी पंखे के कुंडे से टंगी मिली। जिसे देख उसके होश उठ गए। उसने आनन-पफानन में पत्नी को नीचे उतारा। लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इस दौरान उसने पुलिस को सूचना दी तो सीओ प्रकाश चंद्र आर्य व कोतवाल उत्तम सिंह जिमिवाल ने घटना स्थल पर पहुंच कर जानकारी हासिल की। बाद में पंचनामा भर कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। उधर, कोतवाल ने बताया कि मृतक पवन रेखा के परिवार को सूचना दी गई है। जो धनशाली में रहते हैं। जबकि एक भाई मृतक के साथ रहता था। उससे भी जानकारी ली गई है। उन्होंने बताया कि मृतक ने गैस सिलेंडर के उपर चढ कर फांसी लगाई, इसके बाद उसने सिलेंडर को गिरा दिया। 

चेक का भुगतान कर फरार हुआ एकांटेंट, फैक्ट्री के प्लांट हेड की तहरीर पर मुकदमा दर्ज 

काशीपुर/देहरादून, 12 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। एक युवक फैक्ट्री के नाम पर आए चेक का भुगतान कर रूपये लेकर फरार हो गया। फैक्ट्री के प्लांट हेड की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कर उसकी तलाशी शुरू कर दी है। आरोपी महुवाखेडा गंज स्थित फैक्ट्री में एकाउंटेंड के पद पर तैनात था। महुआखेडा गंज स्थित रायल प्रेसिग एंड कम्पानेंटस फैक्ट्री का एकांउटेंड कंपनी के हेड ऑफिस से आए चेक का भुगतान कर रूपये देकर फरार हो गया है। जबकि वह चेक फैक्ट्री के नाम पर आया हुआ था। इसकी जानकारी होने पर अन्य लोगों में हडकंप मच गया। उन्हांेने तुरंत पुलिस को सूचना दी। तहरीर मिलने पर आरोपी प्रदीप कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।  

हेमलता को मिला ग्रामीणों का समर्थन 

गढीनेगी/देहरादून, 12 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। किलावली ग्राम से बैतवाला जिला पंचायत सीट से हेमलता (किरन रानी) को सर्वसम्मति से चुनाव मैदान में उतारा गया है। इस दौरान ग्रामीणों ने भी उन्हें पूरा का पूरा समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि वह किसानों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाएंगी। साथ ही गांव में पेयजल, शौचालय व स्वच्छता पर जोर दिया जाएगा। इस दौरान गांव के लोगों ने उनका स्वागत किया और समस्याएं भी गिनाई। इस मौके पर राज कुमार, दौलतराम गुम्बर, इंदर सिंह प्रधन, मोहन बाबू, करतार सिंह, डॉक्टर माला सिंह, गुरमुख सिंह, अप्पू शर्मा, नारायण दास, मोहन सिंह, भगवान, प्रेम सिंह आदि मौजूद थे। 

उत्कृष्ट कार्य पर काशीपुर व जसपुर की एसडीएम सम्मानित 

काशीपुर/देहरादून, 12 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। उत्कृष्ट कार्य करने पर कास्य सभा के पदाधिकारियों ने काशीपुर व जसपुर की एसडीएम का सम्मानित किया। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। 
चामुंडा स्थित कास्य सभा भवन में आज कार्यक्रम आयोजित कर काशीपुर एसडीएम एके श्रीवास्वत एवं जसपुर की एसडीएम इवा सहाय को समाज में उत्कृष्ट कार्य करने पर सम्मानित किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम मंे बच्चों ने लोगों को मंत्रमुग्ध किया। एसडीएम व अन्य लोगों ने बच्चों की प्रतिभा को देख उनकी हौसला अफजाई भी की। इस मौके पर अनंद स्वरूप सक्सेना, सुरूचि सक्सेना, लता सक्सेना, सुधीर जोहरी, दवेंद्र कुमार आदि मौजूद थे। 

स्वामी विवेकानन्द को किया याद

काशीपुर/देहरादून, 12 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। विवेकानन्द के जन्म दिन पर जन जीवन उत्थान समिति ने उनका जन्म दिन स्वामी विवेकानन्द के चित्र पर मार्ल्यापण करके मनाया। स्वामी विवेकानन्द के चित्र पर समाजसेवी शैलेन्द्र कुमार मिश्रा ने माल्यार्पण कर किया। इसके बाद एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय था ‘‘समाज सुधार के पुरोधा थे स्वामी विवेकानन्द’’ गोष्ठी में बोलते हुये मिश्रा ने कहा कि समाज सुधर के लिये किये गये स्वामी जी के कार्य विश्व में नही भुलायें जा सके। उनका राष्ट्रवाद बलिदान, भक्ति, पवित्रता व मानवता पर आधरित था। वह गीता में दिये गये आत्म त्याग और कार्मयोग की अवधारणा पर जोर देते थे। वह यह भी मानते थे कि अवरोध, एकता का अभाव, महिलाओं की खराब हालत और आम आदमी की अनदेखी भारत की दुर्दशा का कारण है। विवेकानन्द का रुख हमेशा धार्मिक पुनरुत्थान वाद आधुनिक राष्ट्रवाद के पुरोधा के रुप में रहा। उन्होनें भारत को माता का दर्जा देते हुये इसकी अखण्डता का समर्थन किया। आज जरुरत है उनके विचारों को अपने ह्दय पटल पर ग्रहण कर जीवन को सार्थक बनाये और एक ऐसे भारत का निर्माण करें जिसका सपना वह देखा करते थे। इसके बाद समिति ने एक दर्जन गरीबों को गर्म कपड़े बांटे व भोजन कराया। इस मौके पर वीसी हरबोला, नरेश कश्यप, भजन सिंह, सत्यपाल जोशी, एहसान अली, आसिफ अली, सीमा शर्मा आदि उपस्थित थे। 

स्वामी विवेकानन्द की 151वीं वर्षगांठ को युवा दिवसके रूप मे मनाया गया
  • नगर मे  आयोजित हुएविभिन्न कार्यक्रम
  • स्वामीविवेकानन्द ने समाज केसभी वर्गों को दी आत्मनिर्भर होकर जीने की प्रेरणा-डा0 आदित्य गौतम

ऋषिकेश/देहरादून, 12 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। एक वर्ष से आयोजित स्वामी विवेकानन्द की 151वीं वर्षगांठ को लेकर विवेकानन्द सार्द्धशती समारोह के दोरान आज उनके कार्यक्रमों के समापन को युवा शक्ति दिवस के रूप में किया गया है। मायाकुण्ड स्थित जनसरोकार मोर्चे के बैनर तले व सार्द्धशती समारोह के संयोजक्त में आयोजित कार्यक्रम की श्रंृखला में आर्ट प्रतियोगिता के साथ स्वामी विवेकानन्द के जीवन परिचय महिला सुरक्षा व पर्यावरण को लेकर युवक युवतियों ने अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया। निर्मल आश्रम के महन्त रामसिंह की अध्यक्षता व सुनील थपलियाल के संचालन जनसरोकार मोर्चे के संयोजक रामकृपाल गौतम की देखरेख मे आयेाजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यवक्ता ओएमआईटी के निदेशक व विवेकानन्द सार्द्धशती समारोह के संयोजक डा0 आदित्य गौतम ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत में बिना गुरू के दर्शन के जीवन अधूरा है भारत की मिटटी ने अनेकों महापुरूषों को जन्म दिया परन्तु उनका मार्ग अलग अलग रहा जिनमें अनेकों संतो ने वेद उपनिषदों की व्यख्या की जिनमे महर्षि दयानन्द भी प्रमुख संतों मे रहे। परन्तु स्वामी विवेकानन्द ने अपना मार्ग इन सब से अलग चुना। जिन्होने अपने जीवन को वेदान्त को अभिव्यक्ति के रूप मंे लगाकर समाज को यह बताने का प्रयास किया की जीवन को किस प्रकार जिया जाये। महर्षि दयानन्द ने जहां वेदों की व्याख्या की तो वही विवेकानन्द ने वेदान्त को जन जन तक पहुंचाने का कार्य किया उन्होने बीस वर्ष की आयु में सभी वर्गों को जीने का अलग अलग तरीके से जीने का मार्ग बताकर दुनिया को यह सन्देश दिया कि भारत एक ऐसा देश है जो मनुष्य के काम आने की प्रेरणा देता है उन्होने कहा कि हमारे शास्त्रों मे जो लिखा गया है उसे शास्त्र विरूद्ध लोगों ने विखण्डित करने का प्रयास किया है परन्तु स्वामी विवेकानन्द ने उन्हे अपने ही शब्दों के माध्यम से जवाब देकर वेदान्त की महत्ता को प्रदर्शित किया है उन्होने कहा कि वेदान्त मे कहा गया है कि ईश्वर शक्ति होती है। परन्तु उसे पहचानने की आवश्यकता है डा0 आदित्य गौतम ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने कहा कि कोई भी देश तभी सम्पन्न हो सकता है जब उस देश की महिलाएं सम्पन्न होगीं । इसी प्रकार उन्होने युवाओं को भी अपने पैरों पर निर्भर होकर चलने का मार्ग दिया। तो वहीं दुनिया को शान्ति के सन्देश मे ही सभी की सुखमय जीवन व जीने की कला को प्रदर्शित किया है ंइस अवसर पर डा0 कृष्ण कुमार उप्रेती पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा ने भी स्वामी विवेकानन्द के विचारों को अंगीकृत किये जाने का आहवान किया तो वहीं मुख्य अतिथि महन्त राम सिंह ने  स्वामी विवेकानन्द के जीवन दर्शन को आत्मसात किये जाने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार अरूण शर्मा, रामानन्द आश्रम के स्वामी वृन्दावन दास, सनत शास्त्री ने भी अपने विचार व्यक्त किये कार्यक्रम मे विवेक गोस्वामी, चेतन शर्मा, विनय मनमीत, चन्दन  श्रीवास्तव कविता शाह , राजपाल यादव, राजपाल ठाकुर, कविता विश्वास सहित काफी संख्या मे लोग उपस्थित थे।वहीं दिव्य प्रेम सेवा मिशन  द्वारा स्वामी विवेकानन्द जयंती एंव दिव्य प्रेम सेवा मिशन स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया जिसकी अध्यक्षता आचार्य बालकृष्ण ने की जिसमें भाजपा की फायरब्राण्ड नेता उमा भारती राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यवाह श्रीकृष्ण गोपाल व आशीष गौतम सहित काफी संख्या मे लेाग उपस्थित थे। उधर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व स्वामी विवेकानन्द सार्द्धशती समारोह समिति द्वारा देवप्रयाग , लक्ष्मणझूला, आईडीपीएल , रायवाला, डोईवाला, रानीपोखरी, श्यामपुर में भी विवेकानन्द जयंती पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयेाजन किया। 

पुलिस ने 520 ग्राम चरस के साथ चार युवकों को पकडा

देहरादून, 12 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। कोतवाली पुलिस ने 520 ग्राम चरस के साथ आल्टो कार सवार चार युवको को गिरफ्तार किया है चारों के खिलाफ एनडीपीसी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर कार को सीज कर दिया है। पुलिस ने मनोज कुमार वर्मा, रमाकांत शर्मा,निवासी बनखंडी ऋषिकेश, विक्रम उर्फ निक्कू निवासी सुदामा मार्ग, कुमहार बाडा और अजय राजपूत निवासी गणेश मंदिर वाली गली को गिरफ्तार कर वाहन केा सीज कर दिया है। थानाध्यक्ष जेपी कुकरेती ने बताया कि पकडे गए युवक धैंतरी क्षेत्र से चरस की सप्लाई कर ऋषिकेश जा रहे थे।

हाथी ने रोकी कानवाई 

ऋषिकेश/देहरादून, 12 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। दून मार्ग पर लोग उस वक्त खौफजदा हो गए जब एक हाथी कानवाई के बीच आ धमका। कानवाई रूक गई और लोग वाहनेा के अंदर सांस रोककर बैठे रहे। वन कर्मियो ने हाथी को खदेड़ने का प्रयास किया लेकिन वह टस से मस नहीं हुआ। आखिर मे हवाई फायर झोंककर उसे जंगल मंे भगाया। तब जाकर लोगा ने राहत की संास ली। रेंज कार्यालय के मुताबिक जंगलात बैरियर से वाहनेा का काफिला दून के लिए रवाना हुआ । काफिला 12 फूटी के पास मंदिर के समीप पहुंचा तभी एक हाथी कानवाई के बीच मे आ गयां वाहनेा के पहिए जाम हो गए और लोग सामने हाथी को देख दहशत मे आ गए। हाथी मार्ग पर चहल कदमी करने लगा। सूचना पर रेंज अधिकारी गंगा सागार नौटियाल अधीनस्थो के साथ मौके पर पहुंचे औेर हवाई फायर झोंककर हाथी को जंगल की ओर खदेडा। करीब आधा घंटे यातायात बाधित रहा। गनीमत रही कि हाथी ने किसी वाहन पर हमला नहीं किया जिससे हादसा टल गया।

हसीना सरकार का शपथ ग्रहण आज

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sheikh haseena wajid
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का नया मंत्रिमंडल रविवार शाम शपथ लेने जा रहा है। अवामी लीग के नेतृत्व वाले गठबंधन को पांच जनवरी को हुए आम चुनाव में बहुमत मिला है। विपक्ष ने इस चुनाव का बहिष्कार किया था। 

एक सरकारी अधिकारी ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि बंगभबन (राष्ट्रपति आवास) में रविवार शाम नए मंत्रिमंडल को शपथ ग्रहण कराने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 

उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति अब्दुल हमीद प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगियों को एक समारोह में शपथ दिलाएंगे। इसमें करीब 1000 मेहमानों के शामिल होने की आशा है।  मंत्रिमंडल में करीब 48 से 50 सदस्यों के होने की संभावना है। 

भारतीय कंपनियां नेपाल की सबसे बड़ी निवेशक

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नेपाल में विनिर्माण से लेकर पर्यटन क्षेत्र में कारोबार कर रहीं करीब 525 कंपनियों ने 58,161 नौकरियों का सृजन किया है और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत नेपाल के लिए विदेशी निवेश का सबसे बड़ा स्रोत है। नेपाल के उद्योग विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2013 के मध्य तक 525 भारतीय कंपनियों की कुल परियोजना लागत 6,661.28 करोड़ रुपये है, जिनमें से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का हिस्सा 3,480.95 करोड़ रुपये का है।

भारतीय दूतावास के मुताबिक भी भारतीय कंपनियां नेपाल में सबसे बड़ी निवेशक हैं। कुल मंजूर किए गए एफडीआई प्रस्तावों में उनकी हिस्सेदारी 47.5 फीसदी है। आंकड़ों के मुताबिक भारतीय कंपनियों ने दशकों पहले नेपाल में निवेश शुरू कर दिया था और 2013 के मध्य तक नेपाल में 303 विनिर्माण, 125 सेवा, 54 पर्यटन, सात कृषि आधारित कारोबार, 17 निर्माण, 13 बिजली और छह खनिज से संबंधित भारतीय कंपनियां पहुंच चुकी हैं।

नेपाल में दूसरा सबसे बड़ा निवेशक देश चीन है, जहां की 478 कंपनियों ने देश में 26,651 नौकरियां पैदा की हैं। 2012-13 में ही 24 नई भारतीय कंपनियों ने नेपाल में कारोबार शुरू किया। इनसे 1,754 नौकरियां पैदा हुईं। नेपाल के उद्योग विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि हाल ही में संविधान सभा के चुनाव के बाद नेपाल में बने नए राजनीतिक वातावरण और राजनीतिक स्थिरता की बढ़ी आशा के बीच भारत से और अधिक निवेश आने की उम्मीद है।

आईटीसी, डाबर, हिंदुस्तान यूनिलीवर, वीएसएनएल, टीसीआईएल, एमटीएनएल, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय जीवन बीमा निगम, एशियन पेंट्स, टाटा प्रोजेक्ट्स और जीएमआर इंफ्रा नेपाल में निवेश करने वाली कुछ प्रमुख भारतीय कंपनियां हैं।

विवेकानंद से प्रेरणा लें युवा : प्रधानमंत्री

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manmohan singh
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को हर धर्म और संप्रदाय के युवाओं से आग्रह किया कि उन्हें स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेनी चाहिए। स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के समापन समारोह के मौके पर प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्विटर पेज पर कहा गया है, "हर धर्म और संप्रदाय के युवाओं को ऐसे व्यक्ति से प्रेरणा लेनी चाहिए, यदि वे खुद अपना भविष्य बनाना चाहते हैं।"

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी ने भी दार्शनिक और धार्मिक विद्वान स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि दी। ट्विटर पर कहा गया है कि हमें पूरी विनम्रता के साथ स्वामी विवेकानंद के एक दूसरे के प्रति सहिष्णुता और सभी धर्मो के प्रति सम्मान का पाठ सीखना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वास्तव में तभी स्वतंत्र होगा जब हर भारतीय गरीबी, अज्ञान और रोग से मुक्त होगा। भारत हमारी महान मातृभूिम है और हमें दुनिया को बहुत सीखाने के साथ ही उससे बहुत कुछ सीखना है। 

शौचालय के लिए विद्रोह करने वाली महिला को पुरस्कार

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bindeshwar pathakमध्य प्रदेश की एक दलित महिला द्वारा शौचालय के लिए अपने पति और परिवार के खिलाफ बगावत करने के लिए सुलभ इंटरनेशनल ने रविवार को उसे दो लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की। इस विद्रोह ने उसके विवाह को खतरे में डाल दिया। खुले में शौच से परेशान होकर मध्य प्रदेश के देवास जिले के मुंडलना गांव की एक दलित महिला सविता ने अपने पति देवकरन पर घर में एक शौचालय बनाने के लिए दबाव डाला। 

जब उसकी बात को अनसुना कर दिया गया तो सविता अपने पति के घर से निकल अपने पिता के घर चली गई। इससे उसका विवाह खतरे में पड़ गया। वह तभी अपने पति के घर लौटी जब वहां पर शौचालय का निर्माण हो गया। 

सुलभ इंटरनेशनल से जुड़े स्वयंसेवकों ने कहा कि सविता ने भारत के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं के लिए एक उदाहरण पेश किया है। दलित महिला के साहस को सम्मान प्रदान करते हुए दो लाख रुपये का पुरस्कार घोषित करते हुए सुलभ के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि पूरी तरह दैनिक मजदूरी पर निर्भर व्यक्ति के लिए ऐसी पहल करना अत्यधिक सराहनीय है। 

छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (12 जनवरी )

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कलयुग में गाय ने सत्य-ईमान, धर्म का पाठ पढ़ाया हनुमान जी प्रतिमा के समक्ष !

chhatarpur news
छतरपुर -  कौन कहता भगवान नही है , सत्य नही है, धर्म नही है ? बर्तमान समय में मानव अपने लोभ , अहंकार व प्रभाव में सब कुछ भूल रहा है लेकिन प्रकृति की संरचना में ष्षामिल पषु जो भारत की धरोधर माॅ के स्वरूप में गौ माता गाय है, उसने दो परिवारों को संगीन अपराधों से मुक्ति तो दिला ही दी साथ ही समाज को एक ऐसा संदेष दिया जिससे लोगों को गाय की उपयोगिता का धर्म का पाठ भी पढ़ने केलिए एक मिषाल बन कर सामने आ सकती है । 

हुआ यूॅ कि नौगाॅव सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के सामने तिवारी मेडीकल के संचालक देवनारायण त्रिपाठी के पुत्र कृष्ण मोहन त्रिपाठी उर्फ चंगे गौ सेवा में लगे रहते है उन्हे गाय पालने एवं गाय सेवा करने का ष्षौक है इसी कारण अपने आवासीय मकान में 3 गाय को रखकर उनकी सेवा करते है तथा गाय के दूध का पूरे घर परिवार में उपयोग करते है साथ ही मल मूत्र को औषधी के रूपमें उपयोग करते है । उनकी एक गाय (बछियाॅ) कुछ समय से लापता हो गई , जिसकी खोजबीन करने के बाद पता चला कि नौगाॅव के ही वार्ड 7 में रहने बाले बबलू रिछारिया पिता श्री महादेव प्रसाद नि0 महुॅवाबाॅध हाल नौगाॅव के पास उनकी बछिया उम्र 3 साल बंधी है उन्होने बबलू महाराज से अपनी दावेदारी पैष की लेकिन उन्होने बछिया देने से मना किया यह प्रकरण नौगाॅव नगर निरीक्षक श्री डी डी आजाद के पास पहुॅचा जहां उन्होने आवेदन लेकर जाॅच प्रधान आरक्षक को दी , जाॅच में दोनो पक्षों को थाना में बुलाया गया, जिसमें बबलू रिछारिया व उनके समर्थक सेवानिवृत थाना प्रभारी लक्षमी प्रसाद तिवारी , सेवानिवृत लिपिक हरदेव लटोरिया, किसान संतोष यादव , बबलू जडि़या थाना पहुॅचे वही कृष्ण मोहन त्रिपाठी ने पुलिस के समक्ष कहा कि हमारे तो भगवान श्री कृष्ण साक्षी है  जिस पर नगर निरीक्षक डी0डी0 आजाद ने नौगाॅव के बरिष्ठ पत्रकार संतोष गंगेले के समक्ष यह तय किया कि यदि बलिया जिसकी भी होगी , वही निर्णय देकर अपने मालिक के पास जायेगी ।  गाय को े श्री श्री 1008 हनुमान मंदिर के समक्ष खड़ा कर दो बछिया को बंधन से छोड़ दिया । गाय बंधन से मुक्त हेाते ही अपने मालिक के पास पहुॅच गई , पाॅलीटैकनिक हनुमान जी मंदिर के पुजारी ने गाय का तिलक किया, तथा दोनो का तिलक का आपस में तालमेल व ष्षाॅति पूर्वक जीवन जीने का संदेष दिया । गाय के मालिक ने नगर निरीक्षक के इस निर्णय को भगवान का फैसला बताते हुए धन्यवाद दिया और गाय को छोड़कर अपने घर चला । कुछ समय बाद गाय कृष्ण मोहन त्रिपाठी के घर स्वयं पहुॅच गई । इस घटना को कबरेज करने जब पत्रकार संतोष गंगेले ने दोनो लोगों को समझाकर प्रेम पूर्वक रहने का मार्ग बताया । 

नगर निरीक्षक डी0डी0 आजाद ने बताया कि कुछ घटनाए इस प्रकार की पुलिस के पास आ जाती है जिन्हे हम कानून से नही आपस समझौता से न्याय प्रदान करा देते है, सत्य व झूठ के सहारे लोगों को न्याय भी मिल सकता है । यदि व्यक्ति सत्य का सहारा लेकर अपना जीवन जीना सीख ले तो अपने आप झूठी रिपोर्ट व अपराध कम हो जायेगे । 

बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर (12 जनवरी )

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युवा वर्ग स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनायें----कृषि मंत्री श्री बिसेन
  • बालाघाट में एग्रो पोलीटेक्निक कालेज खोलने की घोषणा

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स्वामी विवकानंद की 151 वीं जयंती के अवसर पर म.प्र. शासन के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने आज 12 जनवरी 2014 को जटाशंकर त्रिवेदी शासकीय स्नोताकोत्तर महाविद्यालय बालाघाट में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यर्पण किया और उन्हें श्रध्दांजली दी। इस अवसर पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के संचालक श्री राजकुमार रायजादा, महाविद्यालय के प्राचार्य श्री जी.पी. स्वर्णकार, श्री मेश्राम, अन्य गणमान्य नागरिक एवं छात्र-छात्रायें उपस्थित थी। 
मंत्री श्री बिसेन ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद के आदर्श देश के युवा वर्ग को देशहित में कार्य करने की प्रेरणा देते है। उनके आदर्शों पर चलकर देश को स्वाभीमान के साथ विकास के पथ पर अग्रसर किया जा सकता है। मंत्री श्री बिसेन ने इस अवसर पर घोषणा की कि कृषि के विकास में नई तकनीक के योगदान को ध्यान मे रखते हुए बालाघाट जिले में इसी वर्ष एक नया एग्रो पालीटेक्निक कालेज खोला जायेगा। प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश में कुल 10 एग्रो पालीटेक्निक कालेज खोलने का निर्णय लिया गया है। उनमे से एक बालाघाट जिले में खोला जायेगा। जिले में एग्रो पालीटेक्निक कालेज खुलने से यहां की कृषि एवं किसानों के उत्थान में मदद मिलेगी। 

5 करोड़ रु. की लागत से बनेगी मंडी
मंत्री श्री बिसेन ने कहा कि बालाघाट के इतवारी गंज में कृषि उपज मंडी की दो एकड़ भूमि पर देश की सबसे अच्छी मंडी बनायी जायेगी। फल एवं सब्जी की इस आधुनिक मंडी को बनाने के लिए मंडी बोर्ड पर प्रथम किश्त के रूप में 5 करोड़ रु. की राशि प्रदान की जा रही है। इस मंडी के बनने से जिले के फल एवं सब्जी उत्पादक किसानों को मदद मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इस मंडी में खाद्य प्रसंस्करण ईकाई भी लगाई जायेगी। 

46 करोड़ रु. की लागत से बनेगा कृषि महाविद्यालय का भवन
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मंत्री श्री बिसेन ने कहा कि आगामी 23 जनवरी को वारासिवनी में राज्य स्तरीय कृषि मेले का आयोजन किया जा रहा है। इसी दिन मुरझड़ में कृषि महाविद्यालय भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन किया जायेगा। इस महाविद्यालय के भवन के लिए 46 करोड़ रु. की राशि मंजूर हो चुकी है। 34 करोड़ रु. की राशि भवन के विस्तार आदि कार्यों के लिए मंजूर किये गये है। इस प्रकार कृषि महाविद्यालय का भवन 80 करोड़ रु. की लागत से बनेगा। 

उत्कृष्ट विद्यालय का नाम एस.बी. वर्मा विद्यालय होगा
मंत्री श्री बिसेन ने कार्यक्रम में बताया कि बालाघाट के उत्कृष्ट विद्यालय का नाम पूर्व प्राचार्य स्व. श्री श्याम बिहारी वर्मा के नाम पर किया जायेगा। यह प्रस्ताव शीघ्र ही म.प्र. केबीनेट में रखा जायेगा और मंजूरी प्राप्त होते ही उत्कृष्ट विद्यालय का नामकरण श्री एस.बी. वर्मा के नाम पर हा जायेगा। 
क्रमांक/80/1495/2013/पटले

कृषि मंत्री श्री बिसेन ने हितग्राहियों को किया सहायता राशि के चेक का वितरण
म.प्र. को भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाना हमारा लक्ष्य----मंत्री श्री बिसेन
शासन के कार्यों में पारदर्शिता लाना और हितग्राहियों को बिना किसी व्यवधान के योजनाओं का लाभ दिलाना है हमारी प्राथमिकता है। म.प्र. को भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाना हमारा लक्ष्य है। जो कोई भी अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार करेगा और हितग्राहियों को उनके हक से वंचित करेगा उसे बख्शा नहीं जायेगा। यह बातें म.प्र. शासन के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने आज जनपद पंचायत बालाघाट में विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को सहायता राशि के चेक वितरण कार्यक्रम में उपस्थित  जनसुदाय को संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम में जिला अंत्योदय समिति की उपाध्यक्ष श्रीमती रेखा बिसेन, जनपद पंचायत बालाघाट की अध्यक्ष श्रीमती कल्पना सेवईवार, श्री अनिल धुवारे, श्रीमती रामकली माहुले, जनपद पंचायत के सदस्य, ग्राम पंचायतों के सरपंच, उप संचालक सामाजिक न्याय श्री धनंजय मिश्रा, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गायत्री कुमार सारथी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। 
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंत्री श्री बिसेन ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के चेहरे पर खुशहाली की चमक लाना चाहती है। कृषि को लाभ का धंधा बनाना चाहती है। कृषि के क्षेत्र में विकास की संभावनायें अनंत है। धन की भी कोई कमी नहीं है। विकास के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति होना चाहिए और विकास के इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जनता का सहयोग मिलना चाहिए। सरकार का काम योजनायें बनाकर पारदर्शिता के साथ विकास कार्य कराने का है। हम वोटों एवं नोटों की राजनीति नहीं करते है। बल्कि सिध्दांतों की राजनीति करते है और बिना किसी भेदभाव के जनता के विकास के लिए काम करते है। 

23 जनवरी को धन-धान्य मेला
मंत्री श्री बिसेन ने कहा कि 23 जनवरी को वारासिवनी में राज्य स्तरीय कृषि मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले के शुभारंभ अवसर पर श्री नीतिन गड़करी, बालाघाट जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयंती मलैया, प्रदेश के आपूर्ति मंत्री कुंवर विजय शाह भी मौजूद रहेंगें। 23 जनवरी को इसी मेले से आम जनता को एक रु. किलो गेहूं व एक रुपये किलो चावल देने की योजना का शुभारंभ किया जायेगा। गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व में सबसे उंची प्रतिमा बनाने के लिए प्रदेश में बालाघाट जिले से किसानों से लोहा एकत्र करने का कार्य भी इसी दिन से प्रारंभ किया जायेगा। 

तिरोड़ी में 5.19 करोड़ की पेयजल योजना का होगा शिलान्यास
मंत्री श्री बिसेन ने बताया कि म.प्र. की पी.एच.ई. मंत्री श्रीमती कुसूम मेहदेले आगामी 29 जनवरी को दो दिवसीय प्रवास पर बालाघाट आ रही है। अपने इस प्रवास के दौरान वे तिरोड़ी में 5 करोड़ 19 लाख रु. की पेयजल योजना के लिए शिलान्यास करेंगी। मंत्री श्री बिसेन ने कार्यक्रम में बालाघाट विकासखंड के विभिन्न ग्रामों के राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना एवं श्रम विभाग की योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को सहायता राशि के चेक प्रदान किये। 

तीन नि:शक्तों को मिला जीने का सहारा

सामाजिक न्याय एवं जिला पुनर्वास केन्द्र द्वारा नि:शक्त व्यक्तियों को आत्म निर्भर बनाने के लिए हर संभव मदद दी जाती है। इसी कड़ी में आज जनपद पंचायत बालाघाट में आयोजित कार्यक्रम में तीन नि:शक्त व्यक्तियों को म.प्र. शासन के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन के हाथों श्रवण यंत्र, कृत्रिम पैर एवं शिक्षा के लिए डी.वी.डी. प्रदान की। बालाघाट विकासखंड के ग्राम भटेरा की बालिका टिकेश्वरी उपवंशी को कानों से कुछ सुनाई नहीं देता है। इस बालिका को 30 हजार रु. का ऋवण यंत्र बी.टी.ई. कानों की श्रवण क्षमता विकसित करने के लिए प्रदान किया गया है। इस यंत्र का उपयोग करने से टिकेश्वरी को कानों से सुनाई देने लगेगा। इसी प्रकार ग्राम सरेखा की विकलांग युवती राजकुमारी को कृत्रिम पैर प्रदान किया गया। राजकुमार पैर से विकलांग होने के कारण ठीक से चल नहीं पाती है। लेकिन इस कृत्रिम पैर की मदद से वह आराम बिना किसी की मदद के चल-फिर सकेगी। वारासिवनी के कक्षा 9 वीं के नेत्रहीन छात्र संतोष बिसेन की आगे पढ़ने की ललक को पूरा करने के लिए उसे डी.वी.डी. एवं होम थियेटर का एक सेट प्रदाय किया गया है। इन उपकरणों की सहायता से वह अपने कानों से सुनकर पढ़ाई कर सकेगा।
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