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वास्तव में एक चमत्कार था मिजो समझौता : कोविंद

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एजल, 30 नवंबर, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा है कि 1986 का मिजो समझौता वास्तव में एक चमत्कार था क्याेंकि उसने उस समय के उग्रवाद और संकट काे समाप्त करने में मदद की जिसकी वजह से देश तथा मिजो समाज विभाजित हो गया था। श्री कोविंद ने आज मिजोरम विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि मिजो समझौता पूरे देश और दुनिया के लिए एक ‘बेहतरीन उदाहरण’ है। उन्होंने कहा, “मिजो समझौते का सभी पक्षों ने सम्मान किया और सभी पक्षों के राज्य और जनता के कल्याण के लिए मिलकर शांतिपूर्वक काम करने से उग्रवाद की स्थिति समाप्त हुई थी। यह हमारे समय में एक चमत्कार है। इससे हमें मिजोरम के सम्माननीय महिला-पुरुष के समाज काे अंतर्दृष्टि मिली।”  गौरतलब है कि केन्द्र सरकार और लालडेंगा के नेतृत्व वाले मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के बीच 30 जून 1986 को मिजो समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। 

इससे पूर्वोत्तर राज्यों में 20 वर्षों से चले आ रहे उग्रवाद के अंत के साथ स्थायी शांति स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ था। लालडेंगा के नेतृत्व में 01 मार्च 1966 को एमएनएफ ने मिजोरम से स्वतंत्रता की घोषणा कर दी थी और अगले 20 वर्षों तक भारतीय सेना के साथ उनका खूनी संघर्ष चलता रहा। इसके बाद प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ मिजो समझौता हो जाने के बाद स्थिति मेें काफी सुधार अाया। श्री कोविंद ने राजनीतिक हितधारकों, सिविल सोसायटी और चर्चों के सामूहिक योगदान को चिरस्थायी शांति तथा विकास का श्रेय देते हुए कहा, “समझौता और इसकी विरासत भारत के लंबे इतिहास की सबसे बड़ी सफलता को दर्शाती है।” उन्होंने कहा कि हमें राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री ललथनहावला के प्रयासों और उदारता की भावना के साथ-साथ लालडेंगा के दूरदर्शी नेतृत्व को भी याद करना चाहिए। श्री कोविंद कल यहां पहुंचे थे।

दूसरी तिमाही में सुधरी आर्थिक गतिविधि, विकास दर 6.3 प्रतिशत पर

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नयी दिल्ली 30 नवंबर, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में आयी तेजी के बल पर देश की आर्थिक गतिविधियाें में सुधार हुआ है। सितंबर में समाप्त तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही जबकि सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) 6.1 प्रतिशत पर रहा। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत और जीवीए दर 5.6 प्रतिशत रही थी। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में जीडीपी वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रही थी जबकि जीवीए 6.8प्रतिशत पर रहा था। केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा आज यहां जारी जीडीपी के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6.0 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल करने वाले क्षेत्रों में विनिर्माण,बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य यूटिलिटी सेवाओं के साथ ही व्यापार, होटल, परिवहन तथा संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवायें शामिल है। वर्ष 2011- 12 के बेसिक मूल्य के आधार पर इस वर्ष सितंबर में समाप्त तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र का जीवीए 7.0 प्रतिशत रहा है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह दर 7.7प्रतिशत रही थी।

नोटबंदी और जीएसटी का असर खत्म. अगली तिमाही में जीडीपी अधिक तेजी से बढेगी..जेटली

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नयी दिल्ली. 30 नवम्बर, पांच तिमाही के बाद सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) की दर में बढोतरी से गदगद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) का प्रभाव अब पीछे छूट गया है और आने वाली तिमाही में अर्थव्यवस्था के और तेजी से आगे बढने की उम्मीद है।  चालू वित्त वर्ष में जून.सितम्बर की तिमाही के लिए आज आये आंकडों में जीडीपी में पांच तिमाही के बाद गिरावट का सिलसिला थमा और यह अप्रैल..जून की तिमाही के 5.7 प्रतिशत के मुकाबले 6.3 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढी है। श्री जेटली ने जीडीपी के नवीनतम आंकडों पर कहा कि नोटबंदी और जीएसटी का प्रभाव अब पीछे छूट गया है। पांच तिमाहियों के बाद गिरावट का सिलासिला रुका है और अगली तिमाही में विकास दर और बेहतर होने की संभावना है।  वित्त मंत्री ने नवीनतम आंकडों पर कहा कि जून.सितम्बर की तिमाही की विकास दर में विनिर्माण क्षेत्र में अच्छी बढोतरी बहुत ही सकारात्मक संकेत है।  पिछले साल आठ नवंबर और इस वर्ष 30 जून को जीएसटी लागू किए जाने के बाद अर्थव्यवस्था में आई सुस्सी के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार विपक्षी दल के निशाने पर है। गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान तो कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएसटी को “गब्बर सिंह टैक्स” बताया। इसके अलावा अन्य नेताओं ने भी जीएसटी के अलग.अलग नाम दिए हैं। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने जीडीपी पर प्रतिक्रिया में कहा कि अगले 4-5 महीनों में निजी क्षेत्र में निवेश लौटेगा और इससे अर्थव्यवस्था और तेजी से आगे बढेगी। उन्होंने कहा कि अगले दशक में विकास दर को नौ से 10 प्रतिशत तक ले जाना बहुत आवश्यक है । 
श्री कांत ने कहा कि सरकार ने कई ढांचागत सुधारों की शुरुआत की है। निर्माण.खनन और विद्युत क्षेत्र में काफी तेजी देखने को मिली है।  मुख्य सांख्यिकीविद टी सी ए अनंत ने जीडीपी के आंकडों पर कहा कि पांच तिमाहियों की गिरावट के उपरांत विकास दर में वृदि्ध शुरु हुई है। यह काफी प्रोत्साहक है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण में सात प्रतिशत .विद्युत .गैस और पानी आपूर्ति में 7.6 प्रतिशत और होटल.परिवहन और दूरसंचार क्षेत्र में 9.9 प्रतिशत की अच्छी वृदिध हुई है।  गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी तीन वर्ष के न्यूनतम स्तर 5.7 प्रतिशत रही थी1

एक और बड़े मंदिर में राहुल ने टेका मत्था,

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  •  पास ही स्थित मोदी के गुरू के मंदिर में जाने से किया गुरेज

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भावनगर, 30 नवंबर,  कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमनाथ मंदिर के दौरे से पैदा हुए विवाद के बीच आज गुजरात के एक और बड़े मंदिर में पूजा अर्चना की और साधु संतो का भी आशीर्वाद लिया। सौराष्ट्र क्षेत्र में चुनावी दौरे के दूसरे दिन राहुल आज बोटाद के गढड़ा में गोपीनाथजी देवमंदिर ट्रस्ट संचालित प्राचीन भगवान स्वामीनारायण मंदिर गये। मंदिर के संचालन बोर्ड के सलाहकार एस पी स्वामी ने उन्हें पगड़ी और हार पहना कर उनका स्वागत किया। वह करीब आधे घंटे तक इस मंदिर में रहे और प्रसाद ग्रहण करने के अलावा साधु संतो का आशीर्वाद भी लिया। पिछले दो तीन माह में चुनावी माहौल के बीच गुजरात के कुल 23 मंदिरों का दौरा कर चुके श्री गांधी ने बाद में गढड़ा में एक चुनावी सभा भी की और मोदी सरकार तथा सत्तारूढ भाजपा पर अपने प्रहार का क्रम जारी रखा। मजेदार बात यह है कि इस मंदिर से लगभग दो सौ मीटर की दूरी पर ही स्वामीनारायण संस्थान के बीएपीएस संप्रदाय का वह मंदिर है जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 15 अगस्त को दौरा कर इसके ब्रह्मलीन प्रमुख स्वामी को श्रद्धांजलि दी थी। प्रमुख स्वामी महाराज श्री मोदी के अाध्यात्मिक गुरूओं में से एक माने जाते हैं। एस पी स्वामी ने बताया कि राहुल इस मंदिर में नहीं गये।

राहुल इससे पहले बीएपीएस संप्रदाय के गांधीनगर स्थित अक्षरधाम मंदिर जा चुके हैं। उन्होंने सबसे पहले द्वारका के जगत मंदिर से इस बार गुजरात में अपने मंदिर दौरों की शुरूआत की थी। उनकी स्वामीनारायण संप्रदाय के मंदिर के दौरे के राजनीतिक निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं क्योंकि जिस पाटीदार समुदाय का समर्थन लेने के लिए वह एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं उनका एक बड़ा वर्ग इस संप्रदाय का अनुयायी भी है। इसे इस समुदाय को रिझाने के एक प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है।

नीतियों के लिए राजनीतिक कीमत चुकाने को तैयार : मोदी

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नयी दिल्ली 30 नवम्बर, गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चल रहे आरोप प्रत्यारोपों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बड़ा बयान देते हुए कहा कि वह अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने तथा देश की बेहतरी के उद्देश्य से उठाये गये कदमों के लिए बड़ी से बड़ी राजनीतिक कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं। श्री मोदी ने हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट-2017 में अपनी सरकार की ओर से पिछले साढे तीन वर्षों के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उठाये गये कदमों का ब्योरा देते हुए कहा कि जो उपाय किये गये हैं उनसे बदलाव आया है और देश प्रगति की राह पर तेजी से बढा रहा है। उन्होंने कहा, “ हमारे यहां जो सिस्टम था उसने भ्रष्टाचार को ही शिष्टाचार बना दिया था। कालाधन ही देश के हर बड़े सेक्टर को कंट्रोल कर रहा था। वर्ष 2014 में देश के सवा सौ करोड़ लोगाें ने इस व्यवस्था को बदलने के लिए वोट दिया था। उन्होंने वोट दिया था देश को लगी बीमारियों के परमानेंट इलाज के लिए, उन्होंने वोट दिया था न्यू इंडिया बनाने के लिए। ”

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस दिन देश में ज्यादातर खरीद-फरोख्त, पैसे के लेन-देन का एक तकनीकी और डिजिटल पता हो गया , उस दिन से ही संगठित भ्रष्टाचार काफी हद तक थम गया। उन्होंने कहा, “ मुझे पता है, इसकी मुझे राजनीतिक तौर पर कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन उसके लिए भी मैं तैयार हूं।” उन्होंने कहा कि जब योजनाओं में गति होती है, तभी देश में प्रगति होती है। उनकी सरकार के पास भी वही साधन और संसाधन हैं लेकिन व्यवस्था में रफ्तार आ गयी है। कुछ तो परिवर्तन आया होगा जिसकी वजह से सरकार की तमाम योजनाओं की गति बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो पाया है क्योंकि सरकार नौकरशाही में भी एक नई कार्य-संस्कृति विकसित कर रही है। उसे ज्यादा जवाबदेह बना रही है। श्री मोदी ने कहा कि पिछले वर्षों में देशवासियों में पहली बार आत्मविश्वास बढ़ने और सकारात्मकता का माहौल बनने से विकास की नींव मज़बूत हुई है जिससे व्यवस्था में बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि दो साल पहले जब वह इस समिट में आये थे तो विषय था- बेहतर भारत की ओर ,लेकिन आज हम भारत की प्रगति पर बात कर रहे हैं। ये सिर्फ विषय का बदलाव नहीं है। ये देश की सोच में और आत्मविश्वास में आये बदलाव का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि देश में जो सकारात्मक मानसिकता आयी है, वह पहले कभी नहीं थी। उन्हें याद नहीं आता कि गरीबों, नौजवानों, महिलाओं, किसानों और शोषितों-वंचितों ने अपने सामर्थ्य, अपने संसाधन, अपने सपनों पर इतना भरोसा, पहले कभी किया था। उन्होंने कहा , “ हम सब सवा सौ करोड़ भारतीयों ने मिलकर इसके लिए दिन-रात एक किया है। देशवासियों का अपने आप पर भरोसा, देश पर भरोसा, किसी भी देश को ऊँचाइयों पर ले जाने का यही मंत्र है।”

डॉ. अम्बेडकर का समग्रता में समावेश होना चाहिये, न कि समग्रता का अकेले डॉ. अम्बेडकर में विलय कर दिया जाये?

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एक सवाल अकसर पूछा जाता है कि- *इस बात का जवाब भी दिया जाना चाहिये कि डॉ. अम्बेड़कर ने राज्यसभा में किन परिस्थितियों में भारत के संविधान को जलाने की बात कही होगी?* 

वास्तव में इस सवाल का सही-सही जवाब तो डॉ. अम्बेडकर ही दे सकते थे। यद्यपि डॉ. अम्बेडकर जब यह कहते हैं कि *मैं भाड़े का टट्टू था और भारत का संविधान जलाने योग्य है,* तो बिना पूर्वाग्रह के समझने की क्षमता रखने वाले विवेकवानों को संविधान को जलाने के वक्तव्य का कारण भी स्वतः ही समझ में आ जाना चाहिये। हां जो नहीं समझना चाहेंगे, वो कभी भी नहीं समझेंगे। क्योंकि *मानव मनोविज्ञान का सिद्धान्त है कि पूर्वाग्रही या ब्रेनवाश किया हुआ व्यक्ति कभी भी सत्य को नहीं देख सकता।* डॉ. अम्बेड़कर के उक्त कथन को समझने के लिये अपूर्वाग्रही, तार्किक, निष्पक्ष एवं बुद्ध की दृष्टि जरूरी है। मेरा निजी मत (जरूरी नहीं यह सही भी/ही हो और सर्वग्राह्य भी हो) *यदि डॉ. अम्बेडकर जैसे विश्वस्तरीय विधिवेत्ता माने जाने वाले व्यक्ति को भारत का संविधान बनाने ('बनाने'शब्द पर ध्यान दिया जाये) का वास्तव में अवसर मिला होता तो और स्वयं डॉ. अम्बेडकर ने 1932 से पहले की अपनी डिप्रेस्ड क्लास उद्धारक तथा समर्थक सोच को त्यागा नहीं होता तो निश्चय ही संविधान का वर्तमान स्वरूप नहीं बना होता।*

यदि हम समग्रता से विचार करें तो इस विषय पर गहराई से विमर्श, मंथन एवं चिन्तन करने की जरूरत है। यह एक कड़वा सच है कि MOST/वंचित वर्ग और विशेष रूप से अजा वर्ग में शामिल आर्यवंशी शूद्रों के वर्तमान वंशजों ने डॉ. अम्बेड़कर के जीवित रहते हुए तो बाबू जगजीवनराम को आगे करके  डॉ. अम्बेड़कर का विरोध किया और उनकी संदिग्ध मौत के तीन दशक बाद राजनीतिक मकसद के लिये डॉ. अम्बेडकर को संविधान निर्माता ('निर्माता'शब्द पर ध्यान दिया जाये) के रूप में प्रचारित करके परोक्ष रूप से बकवास वर्ग के संवैधानिक अन्याय का मार्ग ही प्रशस्त किया है। यह भी एक वजह है कि *आज बकवास वर्ग द्वारा डॉ. अम्बेडकर के संविधान के प्रावधानों के नाम पर वंचित वर्गों के हकों का जमकर मखौल उड़ाया जा रहा है। जिसके लिये डॉ. अम्बेडकर नहीं, बल्कि वे लोग जिम्मेदार हैं, जो जबरन डॉ. अम्बेडकर को संविधान निर्माता के रूप में अधिरोपित करते आ रहे हैं। जबकि डॉ. अम्बेडकर संविधान के निर्माता नहीं, बल्कि संविधान के प्रारूपकार थे।*

इस तथ्य को हमें यों समझना चाहिये कि जितने भी एक्ट/अधिनियम संसद द्वारा अधिनियमित/पारित किये जाते हैं, हम कभी भी इन एक्ट्स/अधिनियमों के प्रारूपकारों को श्रेय देने की बात क्यों नहीं करते? जबकि इन एक्ट्स/अधिनियमों के ड्राफ्ट्स को भी तो किसी न किसी व्यक्ति के द्वारा ही लिखा ही जाता है। जैसे अजा एवं अजजा अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 (जिसे संरक्षित दोनों वर्गों के लिए उच्च कोटि की विधि माना जाता है, लेकिन इसके ड्राफ्ट/लेखक का आज तक किसी को पता नहीं) को बनाने का श्रेय राजीव गांधी सरकार को दिया जाता है। हाँ यह भी सच है कि ड्राफ्ट लेखक के विचार भी प्रस्तावित एक्ट/अधिनियम के ड्राफ्ट में समाहित होते हैं, लेकिन उन विचारों के लिये, ड्राफ्ट लेखक के रूप में ऐसा व्यक्ति उत्तरदायी एवं जिम्मेदार नहीं होता है। अतः उसे ऐसे एक्ट/अधिनियम का निर्माता कभी नहीं कहा/माना जाता। हां ड्राफ्ट पर चर्चा करके उसे पारित करने वाले अवश्य ऐसे एक्ट/अधिनियम के निर्माता के रूप में संसद के सदस्य के रूप में सामूहिक रूप से और निजी स्तर पर आंशिक रूप से उत्तरदायी एवं जिम्मेदार होते हैं।

डॉ. अम्बेड़कर की भी इसी प्रकार की दोहरी भूमिका रही थी। यह अलग बात है कि प्रभावशाली कानूनविद होने के कारण उन्होंने संविधान सभा की चर्चाओं में अनेक विषयों पर प्रभावी और तार्किक विचार पेशकर अपने उद्देश्यों के अनुसार संविधानसभा को सकारात्मक और नकारात्मक रूप से प्रभावित करने का सम्पूर्ण प्रयास किया था। जिन पर चर्चा या विमर्श करना भारतीय लोकतंत्र में गुनाह नहीं है। विशेषकर तब, जबकि हम डॉ. अम्बेड़कर के श्रेृष्ठ कार्यों और प्रयासों के लिये उन्हें श्रेय/क्रेडिट दे सकते हैं तो साथ ही साथ उनके अश्रेृष्ठ या नुकसानदायक या किन्हीं समूहों के लिये या समग्र वंचित वर्ग या राष्ट्र के लिये हानिकारक प्रतीत होने वाले विचारों या किन्हीं अवसरों पर उनके मौन धारण करने पर क्या विमर्श भी नहीं कर सकते? ऐसा विमर्श तब ही सम्भव है, जबकि हम डॉ. अम्बेड़कर तथा तत्कालीन हालातों के प्रति अपूर्वाग्रही और निष्पक्ष दृष्टिकोंण रखें। मेरे विचार से *डॉ. अम्बेड़कर को संविधान निर्माता कहकर प्रचारित और महिमा मण्डित किया जाना, बेशक अजा वर्ग को राजनीतिक लाभ के लिये संगठित करने में सहायक रहा हो, लेकिन समग्र MOST/वंचित वर्ग के लिये यह विचार आत्मघाती सिद्ध हुआ है और हो रहा है। देश के वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक हालात उक्त तथ्य/बात के गवाह भी रहे हैं। अनुसूचित जाति वर्ग के अलावा MOST/वंचित वर्ग में शामिल शेष समुदायों के आम लोग जब तक संयुक्त रूप से एकजुट नहीं होंगे, सामाजिक न्याय, बराबरी और समान भागीदारी का लक्ष्य मिलना असम्भव है।* 

अत: हमें डॉ. अम्बेड़कर को संविधान निर्माता के रूप में नहीं (जो सच भी है), बल्कि संविधान के ड्राफ्ट लेखक के रूप में ही जानने और समझने की कोशिश करनी होगी।

*-तब ही हम राज्यसभा में संविधान को जलाने की बात कहने वाले डॉ. अम्बेडकर के वक्तव्य के दर्द या हकीकत जो भी रही हो, को समझ सकेंगे।*
*-तब ही हम वंचित वर्ग के हित संरक्षण करने में अप्रभावी संविधान की कमजोरियों पर परिणामदायी विमर्श कर सकेंगे।* (जबकि इसके विपरीत वर्तमान भारत में संविधान की कमजोरियों पर विमर्श या चर्चा करने को एक वर्ग/समूह द्वारा संविधान निर्माता के रूप में डॉ. अम्बेडकर का विरोध कहकर दबाने की चेष्टा की जाती है, जो उनका अतार्किक, अन्यायपूर्ण, अबौद्धिक, असंवैधानिक और आत्मघाती विचार है।)
*-तब ही हम समस्त वंचित वर्ग के हित में सकारात्मक और परिणामदायी संयुक्त विमर्श कर सकेंगे।*
*-तब ही हम, "वास्तव में हम"कहलाने के हकदार होंगे।*
*अंतिम और महत्वपूर्ण तथ्य:* हजारों वर्षों से वंचित वर्गों के खिलाफ जारी रहे अन्याय के खिलाफ सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले डॉ. अम्बेडकर एक मात्र या अकेले व्यक्तित्व नहीं थे, बल्कि वे सामाजिक अन्याय और कुटिल विभेद के विरुद्ध लड़ने वाले अग्रणी तथा चोटी के लोगों में से एक थे। *अतः उनका (डॉ. अम्बेडकर का) समग्रता में समावेश होना चाहिये, न कि समग्रता का अकेले डॉ. अम्बेडकर में विलय कर दिया जाये। जैसा कि एक समुदाय द्वारा किया जाने का प्रयास जारी है।*

*नोट: उक्त सामग्री मेरी ओर से ब्रॉड कास्ट के जरिये भेजी गयी है। यदि आपको इससे कोई परेशानी हुई हो तो अग्रिम खेद व्यक्त करता हूँ। यदि आपको परेशानी हो तो कृपया अवगत करावें, आगे से कोई सामग्री नहीं भेजी जायेगी।*



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-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश', 
राष्ट्रीय प्रमुख-हक रक्षक दल (HRD) 
संपर्क : 9875066111, 02102017

गुरुनानक देव : एक महान धर्म प्रवर्तक थे

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विश्व मंे अनेक धर्म-सम्प्रदाय प्रचलित हैं। सभी धर्मों ने मानव जीवन का जो अंतिम लक्ष्य स्वीकार किया है, वह है परम सत्ता या संपूर्ण चेतन सत्ता के साथ तादात्म्य स्थापित करना। यही वह सार्वभौम तत्व है, जो मानव समुदाय को ही नहीं, समस्त प्राणी जगत् को एकता के सूत्र में बांधे हुए हैं। इसी सूत्र को अपने अनुयायियों में प्रभावी ढंग से सम्प्रेषित करते हुए ‘सिख’ समुदाय के प्रथम धर्मगुरु नानक देव ने मानवता का पाठ पढ़ाया। उनका धर्म और अध्यात्म लौकिक तथा पारलौकिक सुख-समृद्धि के लिए श्रम, शक्ति एवं मनोयोग के सम्यक नियोजन की प्रेरणा देता है। दीपावली के पन्द्रह दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा को जन्में गुरु नानक देव सर्वधर्म सद्भाव की प्रेरक मिसाल है। वे अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्म-सुधारक, समाज सुधारक, कवि, देशभक्त एवं विश्वबंधु - सभी गुणों को समेटे हैं। उनमें प्रखर बुद्धि के लक्षण बचपन से ही दिखाई देने लगे थे। वे किशोरावस्था में ही सांसारिक विषयों के प्रति उदासीन हो गये थे। 

प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन नानक देव का जन्मोत्सव मनाया जाता हैं। इस वर्ष गुरु नानक जयंती 4 नवंबर को मनाई जा रही। गुरु नानक जयंती को सिख समुदाय बेहद हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाता है। यह उनके लिए दीपावली जैसा ही पर्व होता है। इस दिन गुरुद्वारों में शबद-कीर्तन किए जाते हैं। जगह-जगह लंगरों का आयोजन होता है और गुरुवाणी का पाठ किया जाता है। उनके लिये यह दस सिक्ख गुरुओं के गुरु पर्वों या जयन्तियों में सर्वप्रथम है। नानक का जन्म 1469 में लाहौर के निकट तलवंडी में हुआ था। नानक जयन्ती पर अनेक उत्सव आयोजित होते हंै, त्यौहार के रूप में भव्य रूप में इसे मनाया जाता है, तीन दिन का अखण्ड पाठ, जिसमें सिक्खों की धर्म पुस्तक ‘गुरु ग्रंथ साहिब’ का पूरा पाठ बिना रुके किया जाता है। मुख्य कार्यक्रम के दिन गुरु ग्रंथ साहिब को फूलों से सजाया जाता है और एक बेड़े (फ्लोट) पर रखकर जुलूस के रूप में पूरे गांव या नगर में घुमाया जाता है। शोभायात्रा में पांच सशस्त्र गार्डों, जो ‘पंज प्यारों’ का प्रतिनिधित्व करते हैं, अगुवाई करते हैं। निशान साहब, अथवा उनके तत्व को प्रस्तुत करने वाला सिक्ख ध्वज भी साथ में चलता है।  पूरी शोभायात्रा के दौरान गुरुवाणी का पाठ किया जाता है, अवसर की विशेषता को दर्शाते हुए, धार्मिक भजन गाए जाते हैं। 

गुरुनानक देव एक महापुरुष व महान धर्म प्रवर्तक थे जिन्होंने विश्व से सांसारिक अज्ञानता को दूर कर आध्यात्मिक शक्ति को आत्मसात् करने हेतु प्रेरित किया। उनका कथन है- रैन गवाई सोई कै, दिवसु गवाया खाय। हीरे जैसा जन्मु है, कौड़ी बदले जाय। उनकी दृष्टि में ईश्वर सर्वव्यापी है और यह मनुष्य जीवन उसकी अनमोल देन है, इसे व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। उन्हें हम धर्मक्रांति के साथ-साथ समाजक्रांति का प्रेरक कह सकते हैं। उन्होंने एक तरह से सनातन धर्म को ही अपने भीतरी अनुभवों से एक नयेे रूप में व्याख्यायित किया। उनका जोर इस बात पर रहा कि एक छोटी-सी चीज भी व्यक्ति के रूपांतरण का माध्यम बन सकती है। वे किसी ज्ञी शास्त्र को नहीं जानते थे, उनके अनुसार जीवन ही सबसे बड़ा शास्त्र है। जीवन के अनुभव ही सच्चे शास्त्र है। शास्त्र पुराने पड़ जाते हैं, लेकिन जीवन के अनुभव कभी पुराने नहीं पड़ते। गुरुनानकजी बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे । आपके स्वभाव में चिंतनशीलता थी तथा आप एकांतप्रिय थे। आपका मन स्कूली शिक्षा की अपेक्षा साधु-संतों व विद्वानों की संगति में अधिक रमता था । बालक नानक ने संस्कृत, अरबी व फारसी भाषा का ज्ञान घर पर रहकर ही अर्जित किया। इनके पिता ने जब पुत्र में सांसारिक विरक्ति का भाव देखा तो उन्हें पुनः भौतिकता की ओर आसक्त करने के उद्देश्य से पशुपालन का कार्य सौंपा। फिर भी नानकदेव का अधिकांश समय ईश्वर भक्ति और साधना में व्यतीत होता था।

नानक के बचपन में ही अनेक अद्भुत घटनाएँ घटित हुईं जिनसे लोगों ने समझ लिया कि नानक एक असाधरण बालक है। पुत्र को गृहस्थ जीवन में लगाने के उद्देश्य से पिता ने जब उन्हें व्यापार हेतु कुछ रुपए दिए तब उन्होंने समस्त रुपए साधु-संतों व महात्माओं की सेवा-सत्कार में खर्च कर दिए। उनकी दृष्टि में साधु-संतों की सेवा से बढ़कर लाभकारी सौदा और कुछ नहीं हो सकता था । एक और घटना है- नानक ग्रीष्म ऋतु की चिलचिलाती धूप में किसी ग्राम में गए। वहाँ वे गर्मी से बेहाल विश्राम करने के लिए बैठ गए। उन्हें कब नींद आ गई पता ही नहीं चला क्योंकि एक बड़े सर्प ने अपना फन फैलाकर उन्हें छाया प्रदान कर दी थी। गाँववाले यह दृश्य देखकर स्तब्ध रह गए। गाँव के मुखिया ने उन्हें देवस्वरूप समझकर प्रणाम किया। तभी से नानक के नाम के आगे ‘देव‘ शब्द जुड़ गया। वे कालांतर में ‘गुरु नानकदेव‘ के नाम से विख्यात हुए। एक अन्य रोचक घटना में उनके पिता ने उन्हें गृहस्थ आश्रम की ओर ध्यानाकर्षित करने के लिए तत्कालीन नबाव लोदी खाँ के यहाँ नौकरी दिलवा दी। वहाँ उन्हें भंडार निरीक्षक की नौकरी प्राप्त हुई। परंतु नानक वहाँ भी साधु-संतों पर बेहिसाब खर्च करते रहे। इसकी शिकायत नवाब तक पहुँची तब उसने नानक के खिलाफ जाँच के आदेश दे दिए। परंतु आश्चर्य की बात यह थी कि उस जाँच में कोई कमी नहीं पाई गई। एक बार नानकदेव भ्रमण के दौरान मक्का पहुँचे। वह थकान के कारण काबा की ओर पैर करके सो गए। जब वहाँ के मुसलमानों ने यह दृश्य देखा तो वे अत्यधिक क्रोधित हुए। चमत्कार उस समय घटित हुआ जब लोग उनका पैर जिस दिशा में करते उन्हें उसी दिशा में काबा के दर्शन होते। यह देखकर सभी ने उनसे श्रद्धापूर्वक क्षमा माँगी।

गुरु नानकदेव एक महान पवित्र आत्मा थे, वे ईश्वर के सच्चे प्रतिनिधि थेे। आपने ‘गुरुग्रंथ साहब’ नामक ग्रंथ की रचना की । यह ग्रंथ पंजाबी भाषा और गुरुमुखी लिपि में है । इसमें कबीर, रैदास व मलूकदास जैसे भक्त कवियों की वाणियाँ सम्मिलित हैं। 70 वर्षीय गुरुनानक सन् 1539 ई॰ में अमरत्व को प्राप्त कर गए। परन्तु उनकी मृत्यु के पश्चात् भी उनके उपदेश और उनकी शिक्षा अमरवाणी बनकर हमारे बीच उपलब्ध हैं जो आज भी हमें जीवन में उच्च आदर्शों हेतु प्रेरित करती रहती हैं। सतगुरु नानक प्रगटिया, मिटी धुन्ध जग चानण होया” सिख धर्म के महाकवि भाई गुरदासजी ने गुरु नानक के आगमन को अंधकार में ज्ञान के प्रकाश समान बताया।
गुरुनानक देवजी ने स्वयं किसी धर्म की स्थापना नहीं की। उनके बाद आये गुरुओं से अपने समय की स्थितियों को देखकर सिख पंथ की स्थापना की। उनका उद्देश्य भी भारतीय धर्म और संस्कृति की रक्षा करना ही था। श्री गुरुनानक देव जी का जीवन सदैव समाज के उत्थान में बीता। उस समय का समाज अंधविश्वासों और कर्मकांडों के मकड़जाल में फंसा हुआ था। कहने को लोग भले ही समाज की रीतियां निभा रहे थे पर अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिये उनके पास कोई ठोस योजना नहीं थी। इधर सामान्य लोग भी अपने कर्मकांडो में ऐसे लिप्त रहे कि उनके लिये ‘कोई नृप हो हमें का हानि’ की नीति ही सदाबहार थी। ऐसे जटिल दौर में गुरुनानक देवजी ने प्रकट होकर समाज में अध्यात्मिक चेतना जगाने का जो काम किया, वह अनुकरणीय है। वैसे महान संत कबीर भी इसी श्रेणी में आते हैं। हम इन दोनों महापुरुषों का जीवन देखें तो न वह केवल रोचक, प्रेरणादायक और समाज के लिये कल्याणकारी है बल्कि संन्यास के नाम पर समाज से बाहर रहने का ढोंग करते हुए उसकी भावनाओं का दोहन करने वाले ढोंगियों के लिये एक आईना भी है। 

श्री गुरुनानक देवजी के सबसे निकटस्थ शिष्य मरदाना को माना जाता है जो कि जाति से मुसलमान थे। आप देखिये नानक देवजी के तप का प्रभाव कि मरदाना ने अपना पूरा जीवन गुरुनानकजी के सेवा में गुजारा। इसका उल्लेख कहीं नहीं मिलता कि मरदाना ने कभी अपना धर्म छोड़ने या पकड़ने का नाटक किया। सैकडों साल पुराने सामाजिक सच, आज के सच हों, यह जरूरी नहीं है। अतः सत्य की खोज के लिए गतिशीलता एवं विवेक की अपेक्षा है। कर्तव्य एवं प्रगति से मुंह मोड़ लेने का संबंध धर्म-दर्शन या अध्यात्म से जोड़ना भ्रम है, अज्ञान का परिचायक है। भेड़ें मिमियाती भर हैं, झूठ नहीं बोलतीं, खरगोश किसी की हिंसा नहीं करते, पर इतने मात्र से उन्हें सत्यवादी या अहिंसक नहीं कहा जा सकता। अंधे, बहरे और गूंगे न अशुभ देखते हैं, न अशुभ सुनते हैं और न अशुभ बोलते हैं फिर भी उन्हें धार्मिक या साधक नहीं कहा जा सकता। क्योंकि धर्म स्वतंत्र चेतना से विवेक और वैराग्य के तटों के मध्य प्रवाहित होने वाला व पुरुषार्थ से प्रदीप्त ज्ञान ज्योति का निर्मल झरना है और इसी झरने को गुरुनानक देव ने प्रवाहित किया। उन्होंने परम चक्षु-अंतर्दृष्टि को जगा और श्रेष्ठताओं के संवर्धन हेतु विशिष्ट पराक्रम किया। इसका तात्पर्य यह है कि आध्यात्मिक विकास हेतु विवेकयुक्त पुरुषार्थ की नितांत अपेक्षा रहती है। 

गुरुनानकजी का धर्म जड़ नहीं, सतत जागृति और चैतन्य की अभिक्रिया है। जागृत चेतना का निर्मल प्रवाह है। उनकी शिक्षाएं एवं धार्मिक उपदेश अनंत ऊर्जा के स्रोत हैं। शोषण, अन्याय, अलगाव और संवेदनशून्यता पर टिकी आज की समाज व्यवस्था को बदलने वाला शक्तिस्रोत वही है। धर्म के धनात्मक एवं गतिशील तत्व ही सभी धर्म क्रांतियों के नाभि केन्द्र रहे हैं। वे ही व्यक्ति और समाज के समन्वित विकास की रीढ़ है। ये व्यक्ति के शरीर, मन, प्राण और चेतना को प्रभावित करते हैं। व्यक्ति-व्यक्ति का स्वस्थ तन, स्वस्थ मन और स्वस्थ जीवन ही स्वस्थ समाज की आधारिशला है और ऐसी ही स्वस्थ जीवन पद्धति एवं धर्म का निरुपण गुरुनानक देव न किया है।




(ललित गर्ग)
ई-253, सरस्वती कंुज अपार्टमेंट
25 आई. पी. एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

विशेष आलेख : चिनफिंग इज चाइना

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चीन विरोधाभासों से भरा देश है, जहाँ एक कम्युनिस्ट शासन व्यवस्था के माध्यम से पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का सफल संचालन हो रहा है, चीनी शासक वर्ग इसे चीनी विशेषताओं वाले समाजवाद के रूप में पेश करता है. इसी अटपटे रास्ते पर चलते हुए आज चीन विश्व अर्थतंत्र का ड्राइविंग मशीन बन चुका है. चीन की सफलता चमत्कारी है, पिछले दशकों में चीन ने जिस तरह से अपनी कामयाबी के झंडे गाड़े हैं उनसे दुनिया को अचंभित किया है लेकिन अब इसका इरादा सब को पीछे छोड़ देने का है.  हाल ही में संपन्न  चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के (सीपीसी) 19वें महाधिवेशन में इस बात पर मुहर लग चुकी है कि यह “शी जिनपिंग काल” है और उनके सपने ही चीन के सपने हैं. अब वे केवल चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय केंद्रीय कमेटी के महासचिव, चीनी राष्ट्रपति और चीनी केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष जैसी असीमित शक्तियों वाली पदों से ही लैस नहीं हैं बल्कि उन्हें चेयरमैन माओ के बराबरी का खिताब मिल चुका है. उनके नाम और उनके विचारों को सीपीसी के संविधान में शामिल कर लिया गया है, जिसके बाद से बकौल चीनी मीडिया वे हमेशा के लिए जनता के सेवक, युग के अग्रणी और राष्ट्रीय रीढ़ बन चुके हैं.

18 से 24 अक्टूबर के बीच आयोजित चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के 19वें कांग्रेस के दौरान यह साफ़ हो गया है कि चीन अपनी पहचान को पीछे रखते हुए सिर्फ आर्थिक विकास पर ध्यान देने वाली अपनी नीति से अब आगे बढ़ना चाहता है. देश की तमाम शक्तियों को अपने आप में केन्द्रित कर चुके शी चिनफिंग के इस दौर में चीन दुनिया के मंच पर अपनी खास भूमिका देखता है. शी चिनफिंग जिस नये युग के शुरू होने और चीनी राष्ट्र के महान पुनरुत्थान की कर रहे हैं उसका सम्बन्ध भी दुनिया के रंगमंच पर अपनी भूमिका निर्णायक रूप से बढ़ाने से हैं. 

चेयरमैन चिनफिंग 
शी चिनफिंग को 2012 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कमान मिली थी फिर 2013 में वे राष्ट्रपति बने जिसके बाद से लगातार वे अपनी ताकत बढ़ाते गये हैं. दरअसल अपने पहले पांच वर्ष के कार्यकाल को शी और उनके समर्थकों ने इस बात को स्थापित करने में लगा दिया कि सामूहिक नेतृत्व के  मॉडल की वजह से समस्याएँ पैदा होती है. इससे गुटबाजी एवं भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है इसलिए चीन में नये युग की शुरुआत के लिये मजबूत और केंद्रीकृत नेतृत्व की जरूरत है. इसी दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका बहुचर्चित अभियान भी चलाया गया. इस अभियान से उन्होंने बड़ी संख्या में नेताओं, उच्च अधिकारियों और रिटायर्ट सैन्य अफसरों को जेल पहुंचाया दिया लेकिन यह केवल भ्रष्टाचार विरोधी अभियान भर नहीं था इसके जरिये उन्होंने अपने विरोधियों और प्रतिद्वंदियों को भी काबू में किया है.इन्हीं के चलते शी चिनफिंग को अपने हाथों में अपार ताकत हासिल करने में कामयाबी मिली है. चीन ने आने वर्षों में उनके द्वारा पेश किये गये रास्ते पर आगे बढ़ने का निर्णय लिया है. अब उनकी तुलना सीधे तौर पर चेयरमैन माओ से की जाने लगी है. चीनी राष्ट्रवाद उनका खास कार्यक्रम है और अपने पूर्ववर्तियों के मुकाबले मसीहा बनने से उन्हें कोई परहेज नहीं है. अपने ‘टू फाइव्स’ (पांच वर्ष के दो कार्यकाल) पूरा  करने के बाद वे अपनी जगह छोड़ने वाले हैं या नहीं फिलहाल उन्होंने इसका कोई निशान नहीं छोड़ा है. 2022 में शी का दूसरा कार्यकाल पूरा होने के बाद क्या होने वाला है इसको लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. घरेलू स्तर पर दूर-दूर तक उनका कोई प्रतिद्वंदी नजर नहीं आता है. अब वे “कोर लीडर” हैं और अपने बारे में निर्णय सिर्फ उन्हीं को लेना है. 

अगर इससे पहले चीन में माओ और उसके बाद देंग युग था तो 2012 के बाद के दौर को शी युग कहा जाएगा. हालांकि शी चिनफिंग को माओ की तरह पेश किया जा रहा है लेकिन वे सुधारवादी नेता तंग श्याओ-फिंग के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं. दरअसल ये देंग शियाओ पिंग ही थे जिन्होंने माओ की मृत्यु के बाद चीन की अर्थव्यवस्था में खुलेपन की नीति को स्वीकार किया था 1978 में उन्होंने सुधार व खुलेपन की नीति पेश की थी. इसे ही चीनी विशेषताओं वाला समाजवाद कहा जाता है. शी भी चीनी विशेषताओं वाले समाजवाद की बात कर रहे हैं  बस इसमें उन्होंने नया युग जोड़ दिया है. हालांकि उनके काम करने का तरीका माओ की तरह है, माओ की तरह वे भी ऐसे सर्वोच्च नेता की अवधारणा पर यकीन करते हैं जो सर्वशक्तिशाली हो और जिसमें सभी शक्तियां निहित हों. माओ के बाद चीन को एक बार फिर अपना चेयरमैन मिल चुका है. 

चीनी माडल 
चीन का माडल अपने आप में अलग और अनोखा है, इसे वे चीनी विशेषताओं के साथ समाजवाद कहते हैं जिसकी राजनीतिक व्यवस्था तो कम्युनिस्ट पार्टी के तौर-तरीके से संचालित होती है लेकिन अर्थव्यवस्था का संचालन पूँजीवाद के नियम-कायदों से होता है. यहाँ अर्थव्यवस्था में खुलेपन की वकालत की जाती है लेकिन सियासत में खुलेपन और कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण पर सवाल उठाने वालों के प्रति कोई रियायत नहीं बरती जाती है, नागरिकों के अभिव्यक्ति की आजादी सीमित है, खुली आवाजों पर पाबंदी है और जनता के पास राजनैतिक चुनाव का कोई विकल्प नहीं है. चीनी में कम्युनिस्ट पार्टी का शासन है जो लोकतांत्रिक केंद्रवादी सिद्धांत पर चलती है. पार्टी के 90 मिलियन सदस्य बताये जाते हैं लेकिन इसकी पूरी शक्ति सात सदस्यीय स्थायी समिति (पीबीएससी) में निहित है और अगर स्थायी समिति के चेयरमैन शी जैसे नेता हों तो फिर सारी ताकत एक ही व्यक्ति में केन्द्रित हो जाती है. आज जब पश्चिम की उदारवादी लोकतांत्रिक व्यवस्था अपनों के ही सवालों में उलझी है, चीन ने अपने आप को एक वैकल्पिक माडल के रूप में प्रस्तुत किया है. लेकिन इसी के साथ ही चीन ने दुनिया को कभी भी यह यकीन दिलाने में कोताही नहीं बरती है कि वो अपने माडल का निर्यात नहीं करता है और वो बस चीन का ही माडल है. 

चीनी सपना 
चीन ने जिस तेजी से अपनी अर्थव्यवस्था का विकास किया है उसे चमत्कार ही कहा जायेगा. दरअसल इसके लिये उसने गजब के धैर्य का परिचय दिया है और बहुत ही ठहराव और फोकस तरीके से अपने आपको इस दिशा में आगे बढ़ाया है. देंग शियाओ पिंग का एक मशहूर कथन है “बिल्ली काली है या सफ़ेद इसका तब तक कोई मतलब नहीं, जब तक कि वह चूहे पकड़ रही हो” जाहिर है उनका पूरा जोर तरीके पर नहीं लक्ष्य पर रहा है. आज चीनी अर्थव्यवस्था विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है. शंघाई की चमक विश्व के सबसे विकसित देशों के शहरों को टक्कर देती है, सुधारवादी नीतियों के लागू होने के बाद असमानता बढ़ी है लेकिन इस दौरान बड़ी संख्या में लोग गरीबी से बाहर भी निकले हैं, सैन्य क्षमता है और वैश्विक स्तर उनकी धमक बढ़ी है. अगले साल चीन में सुधार और खुलेपन की नीति लागू करने की 40वीं वर्षगांठ है और शी चिनफिंग घोषणा कर चुके हैं कि चीनी विशेषता वाला समाजवाद एक नये काल में प्रवेश कर चुका है जो कि चीन के विकास की नयी ऐतिहासिक दिशा साबित होगी. शी चिनफिंग महान चीनी राष्ट्र के पुनरुत्थान का सपना पेश कर रहे हैं जिसमें चीन के आर्थिक मजबूती के साथ दुनिया के मंच पर उसे एक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने की बात भी शामिल है. अपनी इस अभिलाषा को वे 'चीनी ड्रीम'यानी सभी चीनियों की अभिलाषा के रूप में पेश कर रहे हैं. इसके लिये वे 'व्यापक नवीनीकरण'की वकालत कर रहे हैं जिसमें खुलेपन के विस्तार और शासन क्षमता के आधुनिकीकरण जैसी बातें शामिल हैं. 2021 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अपनी स्थापना की 100वीं वर्षगांठ मनाएगी, शी चिनफिंग ने इससे पहले यानी 2020 तक चीन में व्यापक रूप से एक ऐसे खुशहाल समाज के स्थापना की बात की है जहाँ कोई अभाव नहीं होगा. इसी तरह से 2035 तक वे चीन को विश्व सैन्य शक्ति के रूप में देखना चाहते हैं और 2050 तक चीन को पूर्णरूप से विकसित बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

दुनिया पर असर 
चीन अब अपनी महत्वाकांक्षाओं  को छुपाता नहीं है, उसने अपने मंसूबों को खोल दिया है. सीपीसी के 19वें महाधिवेशन में चीन के नए चैरमैन ने ऐलान कर दिया है कि “अब वक्त आ गया है कि हम दुनिया के केंद्रीय मंच पर अपनी जगह लें और मानवजाति को अपना महान योगदान दें”. जाहिर है चीन वैश्विक मंच पर अपने आपको केन्द्रीय भूमिका में देखना चाहता है. शी के पहले कार्यकाल से ही चीन ने दुनिया के मंच पर अपनी ताक़त का मुजाहिरा करना शुरू कर दिया था, इस दौरान वे चीन को विश्व की उभरती हुई महाशक्ति के रूप में पेश करते रहे हैं फिर वो चाहे दक्षिणी चीन सागर में बनावटी द्वीप बनाने का मामला हो या फिर बेल्ट ऐंड रोड प्रोजेक्ट या फिर राष्ट्रपति ट्रंप के पेरिस जलवायु समझौते और व्यापार समझौतों से हटने के बाद शी का भूमंडलीकरण के अगुवा के रूप में सामने आना. इस दौरान चीन के राजनीतिक एवं आर्थिक हितों का वैश्विक स्तर पर फैलाव हुआ है. सीपीसी का 19वां महाधिवेशन एक ऐसे समय हुआ है जब दुनिया एक खास मोड़ पर खड़ी नजर आ रही है ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका विश्व के अगुवाई को लेकर अनिच्छुक नजर आ रहा है, यूरोपी देशों में आपसी सहमती टूट रही है, भारत अपने रास्ते से भटकता हुआ नजर आ रहा है और इन सबसे बढ़कर पश्चिम का उदारवादी लोकतान्त्रिक माडल संकट में नजर आ रहा है ऐसे में चीन के पास इन सब का फायदा उठाने का ऐतिहासिक मौका है बशर्ते वो बेलगाम ना हो.  एक चीनी कहावत है “हजारों मील लंबी यात्रा की शुरुआत एक कदम से होती है.”” चैयरमैन चिनफिंग के नेतृत्व में चीन नये युग की तरफ कदम बढ़ा चूका है.  





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जावेद अनीस 
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javed4media@gmail.com

व्यंग्य : टॉयलेट से ताजमहल तक

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हमारी सरकार टॉयलेट बनाने पर आमादा है। यूं कहे कि सरकार ने टॉयलेट बनाने का ठेका ले रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां जाते है, वहां शुरू हो जाते है - भाईयों और बहनों और मित्रों ! टॉयलेट बनाया कि नहीं ? ”शौच है वहां सोच है“ सरकार का जब ध्येय होगा तो एक दिन पूरा देश शौचालय में तब्दील होते देर नहीं लेगा। लगता तो यह भी है कि सरकार सत्ता में टॉयलेट बनवाने के लिए ही आई है। प्रधानमंत्री के आह्वान पर सरकारी अध्यापक बच्चों को पढाना छोडकर घर घर टॉयलेट है कि नहीं यह पड़ताल करने में लग गये है। जैसलमेर जैसे इलाके में सरकार ने टॉयलेट तो बनवा दिये लेकिन टॉयलेट की टंकी में पानी देना भूल गयी। इस कारण विवश होकर लोगों ने टॉयलेट को किराणा की दुकान ही बना डाला। सरकार की कृपा से टॉयलेट में भी दुकान अच्छी-खासी चल रही है। बहुत से टॉयलेट ऐसे है जिनके दरवाजे नहीं है, छत नहीं है। ऊपर से भगवान देख रहा है। सरकार है कुछ भी कर सकती है। सत्ता में आने से पहले जो रोजगार देने, महंगाई कम करने, भ्रष्टाचार मिटाने, महिला सुरक्षा, राम मंदिर निर्माण, कालाधन भारत लाने जैसे तमाम वायदे किये थे, अब लगता है सरकार ने टॉयलेट के होल में सारे फ्लेश कर दिये है। सुबह से लेकर शाम तक, शाम से लेकर रात तक, रात से लेकर सुबह तक, सुबह से फिर शाम तक टॉयलेट निर्माण करो। सरकार का एक ही इरादा - बस ! टॉयलेट बनवाओ। यहां तक कि रात में भी नेता लोग सोते हुए भी ये रट लगाये हुए है - टॉयलेट बनाओ। भारत के विश्वगुरु बनने का रास्ता टॉयलेट के अंदर से ही जाता है। कभी कभार यह भ्रम मस्तिष्क में भ्रमर की गूंज की भांति गूंजन करता है कि मोदी सरकार ने ही टॉयलेट का अविष्कार किया है ! इससे पहले तो शायद सृष्टि लोक और भारत वर्ष में टॉयलेट का अस्तित्व ही नहीं था। सरकार ने “टॉयलेट टॉयलेट” शब्द इतनी बार रिपीट किया कि सरकार के दिमाग में भी टॉयलेट घुस गया। तभी टॉयलेट सरीकी हरकते सरकार कर रही है। कभी गांधी बनने का स्वांग रचकर चरखा चलाते हुए अपने फोटो का कैलेंडर छपवा रही तो कभी गांधी को चतुर बनिया भी कहती नहीं हिचक रही है। इसका पुख्ता ज्वलंत उदाहरण यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ताजमहल को पर्यटन पुस्तिका से हटा देना है। गंगा-जमुनी संस्कृति की दुहाई देने वाले योगी के काले चश्मे के पीछे आंखे क्या गुल खिलाती है ये उदाहरण जग-जाहिर कर देता है। हुजूर ! तनिक तो देश की एकता और सर्व धर्म समान मुल्क का ख्याल किया होता। विदेशी पर्यटक भारत में आपके बनाये गये टॉयलेट देखने के लिए थोड़ी न आते है ! वे तो आते है ताज के सफेद दूधिया स्तननुमा संगमरमर से तराशे गये गुंबद को जी-भर के निहारने और अपने दिल के कैमरे में कैद करने के लिए। आपने जब से पर्यटन पुस्तिका में से ताजमहल को हटा दिया है हमें तो भयंकर अतिसार के कारण टॉयलेट आ रही है। सरकार को अब तो समझ लेना चाहिए ये टॉयलेटनुमा फैसले देश की एकता और धरोहर के भविष्य के लिए खतरा बन रहे है। 



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--देवेंद्रराज सुथार--
संपर्क - गांधी चौक,  आतमणावास,  
बागरा, जिला-जालोर, राजस्थान। 343025

बिहार : बाजाप्ता बैनर टांग दिया, यहां पर नि:शुल्क एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध

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मोकामा(पटना).गर्भवर्ती महिला का नाम है चंचल देवी.इसके पति का नाम है पवन मांझी. प्रसव पीड़ा से परेशान हैं वह.सुरक्षित प्रसव कराने के उद्देश्य से परेशान परिवार के लोग दाई खोजने निकल गये.हां चंचल अंधकार में ही घर में बैठी हैं.वह किसी तारणहार की इंतजार में बैठी रही. इस बीच मुसहरी टोला, मरांची उत्तरी ग्राम पंचायत में आशा कार्यकर्ता आ गयी. इससे पहले जीवा के कार्यकर्ता पहुंच गये थे. स्वच्छता की जानकारी दे रहे थे. इस क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता है. वह कभी रूबी तो कभी अनीता देवी नाम बताती रही.पीएचसी से पता चला कि आशा कार्यकर्ता का नाम है अनीता देवी. आशा कार्यकर्ता  अनीता का कहना है कि गर्भवर्ती चंचल पैदल चलकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,मरांची, जा सकती हैं. एम्बुलेंस  वाले 100 रू.लेते हैं. पीएचसी  में दवा उपलब्ध नहीं रहने के कारण बाजार से दवा खरीदनी पड़ती है. कुल मिलाकर 300रू.खर्च होता है.  इस बीच मुसहरी टोला से चंचल देवी पीएचसी पैदल चली गयी. यहां पर कुछ घंटे के बाद चंचल देवी को सामान्य प्रसव से पुत्री रत्न प्राप्त हुई.उसका प्रथम प्रसव हैं.पीएचसी से छुट्टी मिलने के बाद भी चंचल को 102 एम्बुलेंस की सेवा नहीं मिली. इस तरह चंचल पीएचसी पैदल गयी और पैदल ही घर  आयी. 

बिहार : भोजन का अधिकार अभियान का दो दिवसीय पाचवां राज्य सम्मेलन 16 दिसम्बर से

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पटना. भोजन का अधिकार अभियान (बिहार) का पाचवां राज्य सम्मलेन पटना (बिहार) में 16-17 दिसम्बर, 2017 को आयोजित हो रहा है. इस अवसर पर भोजन का अधिकार अभियान आपको और आपके संगठन को इसमें सक्रीय सहभागिता के लिए सादर आमंत्रित करता है. राज्य सम्मेलन उन परिस्थितियों में आयोजित किया जा रहा है, जहाँ राज्य के कई जिले लगभग तीन माह बाढ़ की चपेट में रहे हैं. आम आदमी इस त्रासदी को झेले हैं. माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार किसी भी आपदा की स्थिति में सरकार को खाद्य सुरक्षा से सम्बंधित योजनाओं (आंगनबाड़ी और मध्याह्न भोजन) का संचालन बिना शर्त जारी रखना है. परन्तु इस वर्ष भीषण बाढ़ के दौरान जनता भोजन और दवाइयों के लिए तड़पती रही. राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू हुए लगभग चार साल हो गए हैं. आज भी राज्य में इसके कार्यान्वयन में बहुत सी कमियां है.

आपके संगठन की ओर से इस सम्मेलन में भागीदारी अभियान के लिए महत्वपूर्ण होगा. सम्मेलन में शामिल होने के लिए कोई संगठन, नेटवर्क तथा संस्था के एक जिला से अधिकतम 5 व्यक्ति और कई जिला से इसके गुणात्मक संख्या में आ सकते हैं. सम्मेलन में भाग लेने वाले साथियों को आने-जाने का यात्रा खर्च स्वयं वहन करना होगा. सम्मलेन में दो दिनों तक ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था के लिए पंजीयन शुल्क प्रति व्यक्ति 100 रुपया की दर से भोजन का अधिकार अभियान को सहयोग कर सकते है. विशेष परिस्थिति प्रतिभागियों का पंजीयन उनके आग्रह पर निःशुल्क किया जा सकता है. आप से आग्रह है कि आपके संगठन, नेटवर्क तथा संस्था से सम्मलेन में भाग लेने वाले साथियों की संख्या की जानकारी हमें जल्द से जल्द उपलब्ध करा दें. साथ ही आप एक सप्ताह के भीतर सत्र के लिए सुझाव, समानांतर कार्यशालाओं, वक्ताओं और समन्वय की जानकारी से सम्बंधित सुझाव हमें भेजने का कष्ट करें.

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 01 दिसंबर

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विश्व एड्स दिवस पर जनजागरूकता रैली निकली,कार्यशाला का आयोजन
  • नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिया गया संदेश

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1 दिसंबर 2017 को विश्व एड्स दिवस पर आज जनजागरूकता रैली का आयोजन किया गया। रैली ट्रामा सेंटर, जिला चिकित्सालय सीहोर से रवाना होकर प्रमुख मार्गाें से होते हुए उत्कृष्ट विद्यालय सीहोर पहंुची जहां एड्स नियंत्रण एवं जनजागरूकता, बचाव पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसके साथ ही तहसील चैराहा,लीसा टाॅकीज चैराहा एवं जिला चिकित्सालय चैराहा पर नुक्कड़ नाटक माध्यम से एड्स जागरूकता का संदेश दिया गया। जनजागरूकता रैली को जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी डाॅ.पदमाकर त्रिपाठी, सिविल सर्जन डाॅ.ए.ए.कुरैशी तथा उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य श्री रवीन्द्र बांगरे ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग सहित शासकीय चंद्रशेखर स्नात्कोत्तर महाविद्यालय, उत्कृष्ट विद्यालय, राष्टीय सेवा योजना एवं एनजीओ स्वामी चैतन्य महाप्रभू शिक्षा समिति, पीपीटीसीटी, प्लान इंडिया के पदाधिकारी कर्मचारी,छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.डी.आर.अहिरवार ने बताया कि आज विश्व एड्स दिवस पर आयोेेजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों, महाविद्यालय एवं उत्कृष्ट विद्यालय  के छात्र-छात्राओं की विशाल रैली को ट्रामा सेंटर से हरी झंडी दिखाकर डाॅ.जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी डाॅ.पदमाकर त्रिपाठी एवं सिविल सर्जन डाॅ.ए.ए.कुरैशी एवं प्राचार्य श्री रवीन्द्र बांगरे द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर एक जनजागरूकता, एड्स से बचाव एवं उपचार, सावधानियों से संबंधित कार्यशाला का आयोजन भी शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय सीहोर  में किया गया। संगोष्ठी में जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी डाॅ.त्रिपाठी सहित प्राचार्य श्री रवीन्द्र बांगरे,उत्कृष्ट विद्यालय के एनएसएस प्रभारी श्री डी.के.राय,एनसीसी प्रभारी श्री अशोक राठौर,पीजी काॅलेज कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर श्री देवेन्द्र बरबडे़, कन्या महाविद्यालय से एनएसएस प्रभारी डाॅ.श्रीमती मंजरी अग्निहोत्री,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जिला मीडिया समन्वयक श्री शैलेश कुमार,ने हिस्सा लिया। 

इस अवसर पर जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी डाॅ.पदमाकर त्रिपाठी ने कहा-एड्स एक वाॅयरस से फैलता है जिसे एच.आई.वी.(ह्यूमन इम्यूनो डेफीशिएन्सी वायरस) कहते है। यह वायरस शरीर में रोगों का सामना करने की स्वाभाविक क्षमता को कम करता चला जाता है। एचआईव्ही संक्रमित व्यक्ति एआरटी केन्द्र में अपना पंजीयन करवाकर नियमित दवाई लेकर स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकता है।एनएसएस प्रभारी श्री डीके राय ने कहा एचआईवी संक्रमित होने का अर्थ यह नहीं होता कि उसे एड्स है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति वर्षो तक बिना किसी रोग या बीमारी के लक्षण के स्वस्थ जीवन जीता है। डाॅ.मंजरी अग्निहोत्री ने कहा यदि यौन रोग से पीड़ित हो और यदि गर्भवती महिला,एक साथ अधिक व्यक्तियों के साथ असुरक्षित यौन संबंध हो तो ऐसे महिला पुरूष को एचआईव्ही की जांच करानी चाहिए। प्राचार्य श्री रवीन्द्र बांगरे ने कहा डाॅक्टर की सलाह अनुसार अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। अपने जीवन साथी की एचआईव्ही जांच अवश्यक कराएं। उन्होंनें कहा निराश होने की जरूरत नहीं है एचआईवी के साथ भी लंबे समय स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है। कार्यक्रम में स्वयं सेवक मोहित विश्वकर्मा,पवन पंसारी,कलावती जाटव,शिवानी माहेश्वरी,अभिषेक मालवीय शासकीय कन्या महाविद्यालय से शकुंतला मीणा,दीपा, कल्पना, उर्मिला गौर,कृष्णा सूर्यवंशी, स्वामी चैतन्य महाप्रभु शिक्षा समिति से श्री विनोद राजपूत परियोजना प्रबंधक,कृष्णकांत विश्वकर्मा, प्लान इंडिया पीपीटीसीटी से श्री संतोष तथा कौशल्या,एड्स काउंसलर श्री तकेसिंह, श्रीमती पुष्पा साहू आदि उपस्थित थे। 

एन.एस.एस.इकाई ने प्रस्तुत किया नुक्कड़ नाटक
शासकीय पीजी काॅलेज सीहोर की एन.एस.एस.इकाई द्वारा कोतवाली चैराहा, लिसा टाॅकीज चैराहा एवं तहसील चैराहा पर नुक्कड़ नाटकों की प्रस्तुती देकर आम लोगों को एड्स से बचाव एवं जागरूकता की जानकारी दी गई। नुक्कड़ नाटक दल मंे पीजी काॅलेज के छात्र मोहित विश्वकर्मा, जया नाथ, कलावती जाटव, शिवानी माहेश्वरी, नीलम गौर, नितिशा त्यागी, सुनील भारती, अभिषेक मालवीय, ़़ऋतु परमार, तनु, रजनी, प्रियंका, अंकित, शिल्पा, विनोद, देवराज एवं कुमार रानी ने लाजवाब प्रस्तुती एड्स जनजागरूता पर दी।

महिलाओं एवं युवतियों के बनवाए जायेंगे ’’पिंक ड्राइविंग लाइसेंस’’

मध्यप्रदेंष शासन एवं माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा महिलाओं एवं बालकाओं के हित में अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। महिलाओं हेतु सुरक्षित वाहन चालन की महत्ता के देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग, परिवहन विभाग के साथ मिलाकर, सम्पूर्ण प्रदेष के ’’पिंक ड्रायविंग लाईसेंस ड्राईव’’ चलाने जा रहा है। सामान्यतः आर.टी.ओ. विभाग से लाईसेंस बनवाने में अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। अतः जिला स्तर पर ’’ड्रायविंग लाईसेंस ड्राईव’’ कैम्प आयोजित कियें जाना हैं। इन षिविरों में केम्प स्थल पर ही महिलाओं का पंजीयन कर आॅफ लाईन फार्म भरवाया जायेगा एवं उनसे आवष्यक दस्तावेज जैसे- दो पासपोर्ट साईज की फोटो, आधार कार्ड की छायाप्रति, मतदाता परिचय पत्र की छायाप्रति एवं जन्म का विधि मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र (10वीं की अंक सूची) आदि महिलाओं से प्राप्त कर कार्यालय में उनको परिवहन विभाग की वेबसाईट पर आॅन लाईन किया जायेगा। इसके बाद एक प्रपत्र प्राप्त होगा जिसमें महिला का उसको लाईसेंस के लिए किस दिन आर.टी.ओ. आॅफिस में उपस्थित होना है की तिथि दी जायेगी। संबंधित महिला को परिवहन विभाग द्वारा दूरभाष द्वारा सूचना दी जायेगी एवं तदानुसार महिला परिवहन विभाग के कार्यालय में जाकर वहां की वैधानिक कार्यवाही पूर्ण करेगी इसके पष्चात महिलाओं को उनका लर्निंग ’’पिंक ड्रायविंग लाईसेंस’’ प्राप्त होगा। इस हेतु महिलाएं एवं युवतिया दिनांक 05.01.2017 सें 06.01.2017 को अपना आवेदन कार्यालय क्षैत्रीय परिवहन अधिकारी जिला सीहोर इछावर रोड, इन्दौर-भोपाल बायपास क्रिसेंट हाॅटल के सामने, जिला सीहोर में जमा करा सकती है। तथा अधिक जानकारी के लिए श्री सुदामा प्रसाद (कार्यालय क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी) मो.न. 8224007086 एवं श्री सुरेष पांचाल (परामर्षदाता महिला सषक्तिकरण) मो.न. 9993183931 सें संपर्क करें ।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 01 दिसंबर

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कलेक्टर द्वारा स्कूलों एवं आंगनबाडी केन्द्रों का जायजा

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कलेक्टर श्री अनिल सुचारी ने शुक्रवार की सुबह अचानक नटेरन पहुंचकर यहां संचालित हो रही आंगनबाडी केन्द्रों, स्कूलों और ई-कक्ष भवन में मौजूद आमजनों से चर्चा कर राजस्व कार्यो के संबंध में जानकारियां प्राप्त की। कलेक्टर श्री सुचारी ने सर्वप्रथम नटेरन में शासकीय महाविद्यालय के निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्य पूर्ण गुणवत्ता के साथ समय सीमा में पूर्ण कराने के निर्देश संबंधितों को देते हुए राजस्व अधिकारियों से कहा कि वे समय-समय पर निर्माणाधीन कार्यो का अनिवार्यतः निरीक्षण करते रहे। कलेक्टर श्री सुचारी ने ग्राम सेऊ के शासकीय हायर सेकेण्डरी एवं माध्यमिक शाला का भी निरीक्षण किया। यहां उन्होंने विद्यार्थियों से संवाद स्थापित कर उनके अध्यापन स्तर का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान हायर सेकेण्डरी स्कूल में निरीक्षण के दौरान तीन कर्मचारी अनुपस्थित पाए जाने पर उन्हें शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश स्थानीय एसडीएम को दिए। निरीक्षण के दौरान गणक नरेश कुमार श्रीवास्तव, लिपिक जीएस रैकवार एवं अतिथि शिक्षक वीरन अहिरवार अनुपस्थित थे। माध्यमिक शाला की कक्षाओं में दर्ज विद्यार्थियों से कम संख्या में विद्यार्थी पाए जाने पर कलेक्टर द्वारा अप्रसन्नता जाहिर करते हुए छात्रों की उपस्थिति बढाने के निर्देश दिए गए है। कलेक्टर श्री सुचारी ने ग्राम पमारिया के आंगनबाडी केन्द्र का भी निरीक्षण किया। यहां आंगनबाडी केन्द्र की दीवारों पर प्रदर्शित चित्रों एवं बच्चों से संबंधित बहु उपयोगी जानकारी को प्रदर्शित करने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए इस प्रकार के प्रयास अन्य केन्द्रों पर भी किए जाए के निर्देश कलेक्टर द्वारा संबंधितों को दिए गए है। आंगनबाडी केन्द्र की कार्यकर्ता से उन्होेंने पोषण आहार, बच्चों को टीकाकरण की जानकारियां प्राप्त की और दर्ज पंजियों का मुआयना किया। 
कलेक्टर श्री सुचारी ने ग्राम पमारिया के ई कक्ष में पहुंचकर खसरा, बी-1 की नकले, आविवादित नामांतरण, बंटवारा एवं प्रधानमंत्री आवास के संबंध में मौजूद ग्रामवासियों से संवाद स्थापित कर जानकारियां प्राप्त की। ग्राम के सुखलाल ने कियोस्क सेन्टर सेऊ से समय पर पेंशन राशि नही मिलने की शिकायत से अवगत कराया। जिसके निराकरण हेतु स्थानीय एसडीएम को निर्देश दिए गए है इसके अलावा ग्रामवासियों द्वारा विद्युत आपूर्ति की समस्या, विद्युत बिल जमा करने के बावजूद लाइट नही मिलने की शिकायते से अवगत कराया गया। इस दौरान कलेक्टर ने ऊर्जा विभाग के कार्यपालन यंत्री से मोबाइल पर चर्चा कर ग्राम में वसूली केम्प आयोजित करने एवं विद्युत आर्पूिर्त शीघ्र चालू करने के निर्देश दिए। ग्राम की विद्या भारत गैस ऐजेन्सी का भी कलेक्टर द्वारा निरीक्षण किया गया। यहां उन्होंने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत कनेक्शन वितरण की जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा आमजनों को दिए जाने वाले कनेक्शनों के बारे में पूछताछ की। निरीक्षण के दौरान स्थानीय एसडीएम श्री मकसूद अहमद, तहसीलदार श्री संजय कुमार जैन, पीसीओ जनपद श्री सीएल अहिरवार, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी श्रीमती पिंकी शाक्य एवं राजस्व तथा अन्य विभागो के अधिकारी कर्मचारी भी साथ मौजूद थे। 

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 01 दिसंबर

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देश के प्रधानमंत्री ने देष के साथ किया छलावा -ः जिपं अध्यक्ष सुश्री भूरिया
  • गुजरात चुनाव को लेकर सुश्री भूरिया ने अपने व्यक्तव्य जारी किए

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झाबुआ। जिला पंचायत अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री सुश्री कलावती भूरिया ने गुजरात चुनाव को लेकर अपने व्यक्तव्य जारी करते हुए दावा किया है कि गुजरात चुनाव में इस बार कांग्रेस की सरकार बनेगी। वर्तमान केंद्र सरकार एवं गुजरात राज्य की पूर्व सरकार जनता के विष्वास पर खरा नहीं उतर पाई है। अब जनता बदलाव चाहती है। जिपं अध्यक्ष सुश्री भूरिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेन्द्र मोदी ने राज्य में कोई विकास कार्य नहीं किया। राज्य की जनता विभिन्न समस्याओं से त्रस्त है। विषेषकर महिलाओं को काफी परेषानियों का सामना करना पड़ा है, उन्हें विभिन्न योजनाओं से वंचित होना पड़ रहा है। अब नरेन्द्र मोदी देष के प्रधानमंत्री रहकर भी देष के साथ छलावा कर रहे है। पहले उन्हांेने नोटबंदी का अनुचित निर्णय लेकर देष के लोगांें को काफी परेषान किया और अब जीएसटी लागू कर गुजरात सहित पूरे देष में व्यापारियों की भारी फजीहत हो गई है। व्यापारियों के व्यवसाय पूरी तरह से ठप्प हो गए है। उनमंे केंद्र सरकार के इस निर्णय को लेकर तीव्र आक्रोष है और अब वे कंेद्र सरकार मंें बदलाव चाहते है। कंेद्र सरकार की उज्जवला योजना भी धरातल स्थल पर फिसड्डी साबित हो रहीं है।

2018 एवं 2019 के चुनाव में कांग्रेस की होगी जीत
इस अवसर पर सुश्री भूरिया ने दावा करते हुए कहा कि गुजरात राज्य मंे कांग्रेस की सरकार बनने के साथ मप्र में वर्ष 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव एवं 2019 में केंद्र सरकार के चुनाव में भी कांग्रेस अपना परचम लहराएगी एवं उक्त राज्यों तथा देष की जनता के विष्वास पर पूरी तरह से खरी उतरेगी। सुश्री भूरिया इन दिनों गुजरात राज्य के गडवाड़ा विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याषी चंद्रिकाबेन बारिया के पक्ष में जोर-षोर से प्रचार-प्रसार कर रहीं है। उनके साथ प्रचार में सहयोग कांग्रेस नेत्री सायराबोना, पार्षद मालू डोडियार, खीमलीबाई, भारूभाई आदि द्वारा प्रदान किया जा रहा है।

भारतीय जनता पार्टी झाबुआ किसान मोर्चा के मडल अध्यक्षो की घोषणा विधिवत रुप से आज भाजपा जिलाध्यक्ष दौलत भावसार ने की

झाबुआ । भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष दौलत भावसार द्वारा किसान मोर्चे के जिलाध्यक्ष श्री छगनलाल जायसवाल से विचार विमर्श करने के बाद झाबुंआ जिले के ग्रामीण मंडल के पदाधिकारी व कार्यकारिणी की घोषणा विधिवत रुप से आज कर दी है। किसान मोर्चे के ग्रामीण मंडल थांदला के पदाधिकारी व कार्यकारिणी इस प्रकार रहेगे- अध्यक्ष - श्री कानजी वसुनिया, उपाध्यक्ष - श्री केगा डामोर, घिरु भुरिया, महामंत्री - श्री दौलतसिंह खराडी, प्रथा मुणिया, मंत्री - श्री रमसु गणावा, राजू मैडा, कोषाध्यक्ष - सुश्री ज्योति डामोर, कार्यकारिणी सदस्य - श्री कालिया सिंगाडिया, दिनेश डामोर, बलु डामोर, वलसिंह कटारा, हीरा कटारा, निर्मल डामोर, नारसिंह मुणिया, कांतु मैडा, हितेश नायक, हिमेसिंह डामोर, मकन डिडोड, दलसिंह रावत, नाथु डामोर, कांतु रावत, जालु माला, तेरु निनामा, कसन फुलजी वाणिया, भावा भाबोर, रुसमल देवला,  नारायण भाबोर, सेतीया वसुनिया,  पप्पु भुरिया, कडवा मुणिया, मुन्ना डांगी, दिनेश डामोर, सकरीया चरपोटा,  पारु वसुनिया, रामचंद्र गरवाल, दिपक मावी, बिल्लु बारिया, रामचंद्र डामोर, राजू कटारा उक्त जानकारी किसान मिडिया प्रभारी आशिष शर्मा एवं जिला भाजपा मिडिया प्रभारी अंबरीष भावसार ने दी।

भारतीय जनता पार्टी अजजा मोर्चा की जिला पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी की घोषणा भाजपा जिलाध्यक्ष ने की

झाबुआ । भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष श्री दौलत भावसार द्वारा अजजा मोर्चा जिलाध्यक्ष श्री शेलेन्द्र सोलंकी ने कल्याणपुरा मंडल के पदाधिकारी के कार्यकारिणी के सदस्यो की सुची अनुशंसा कर अनुमोदन हेतु प्रेषित किये है। उक्त भारतीय अजजा मोर्चा मंडल कल्याणपुरा कार्यकारिणी एवं पदाधिकारी की सूची का अनुमोदन एवं विचार विमर्श के बाद आज विधिवत रुप से भाजपा जिलाध्यक्ष एवं भारतीय अजजा मोर्चा जिलाध्यक्ष एवं अजजा मोर्चा के मण्डल अध्यक्ष द्वारा कार्यकारिणी की घोषणा की है जो इस प्रकार है - अजजा मोर्चे में 1 अध्यक्ष  5 उपाध्यक्ष 2 महामंत्री 6 मंत्री 1 कोषाध्यक्ष 1 कार्यालय मंत्री 1 मिडिया प्रभारी 2 आमंत्रित अतिथि, 22 सदस्य की कार्यकारिणी बनाइ्र्र गई है। जो इस प्रकार हैः- जिलाध्यक्ष - श्री शेलेन्द्र सोलंकी , अध्यक्ष सुरेश चैहान कल्याणपुरा जिला उपाध्यक्ष  -श्री भावला गणेश हटिला, रालु भाई सिंगाडिया, वरसिंह मडु वसुनिया,राजेन्द्र बामनिया, रामचंद्र भाभोर महामंत्री -श्री कश्मीर मल्ला भाबोर, लवनिश वरसिंह वसुनिया, मंत्री - श्री नानसिंह पचाया भमरदा, गोपाल कटारा बरखेडा, कालु मेडा, कमलेश मुणिया, कमलसिंह भुरिया, रवि राठावा, जिला कोषाध्यक्ष - श्री मानसिंह जवला, कार्यालय मंत्री - श्री दिलीप माना पाल, जिला मिडिया प्रभारी- श्री लवनिश वसुनिया, आमत्रित अतिथि - श्री मुलचंद बामनिया, रुपसिंह सोलंकी, सदस्य - श्री वेस्ता कटारा, मेगजी अमलियार, शंकर गणावा, रामसिंह फतिया बामनिया, कालु मेडा अमरपुरा, कम्मा भुरिया, रतन हिसोर, हकरु बबेरिया, भगला पाल, भारत मकवाना, मांगीलाल शुभु बिसोली, गोपाल खपेड, सरदार वसुनिया, गामनिया गोयल, कालु निनामा,  गल्ला अमलियार, नाथु परमार, छतरु भाभोर, टोनी मेडा, मंसु मावी, शैतान निनामा हडमोतिया, खेता वसुनिया, राकेश बारिया  उक्त जानकारी भाजपा जिला मिडिया प्रभारी श्री अंबरीष भावसार ने दी ।

कांग्रेस ने दी मुस्लिम एवं बोहरा समाज को मिलाद-उन-नबी की मुबारकबाद

झाबुआ । कांग्रेस पार्टी ने मिलाद-उन-नबी की बधाई्र दी है। सांसद कांतिलाल भूरिया, जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सांसद प्रतिनिधि डाॅ.विक्रांत भूरिया ने मिलाद-उन-नबी के पावन त्यौहार पर अपनी ईद मुबारकबाद दी। इस अवसर पर श्री भूरिया ने अपने सन्देश में कहा कि ईद का यह त्यौहार समस्त मुस्लिम एवं बोहरा समाज के परिवारों एवं पूरी बिरादरी को नियामत बक्षे और सुख, सुकुन व बेहतरी के नये दरवाजे खोले एवं परवरदीगार सबकों नेकी के रास्ते पर चल कर लगातार आगे बढने की ताकत देवें। सांसद भूरिया ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा देश के अल्पसंख्यक वर्ग के साथ पूरी ताकत के खडी है और हमेशा खडी रहेगी।  जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता ने ईद के अवसर पर बधाई देते हुए अपने संदेश में कहा कि यह पावन त्योहार पूरे जिले में अमनो अमान, एकता व भाई चारे को और अधिक मजबुती प्रदान करेगी। जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरिया ने कहा कि प्रदेश का हर बाशिन्दा अमन व सम्प्रदायिक सदभाव के माहौल में तरक्की कर सकें तथा देश एवं प्रदेश तरककी के रास्ते पर आगे बढे। जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सांसद प्रतिनिधि डाॅ.विक्रांत भूरिया ने मिलाद-उन-नबी की बधाई देते हुए कहा कि यह त्यौहार देश के समस्त नागरिक मिल-जुल कर मनाते हैं तथा खुदा से सुख, शंाति एवं बरकत के लिए दुआ मांगते हैं।  जिला पंचायत उपाध्यक्ष चंद्रवीरसिंह राठौर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश डोशी, प्रकाश रांका, नगीन शाह, हनुमानसिंह डाबडी, रूपसिंह डामोर, पूर्वविधायकगण वीरसिंह भुरिया, वालसिंह मेडा, जेवियर मेडा, प्रवक्ता हर्ष भटट, आचार्य नामदेव, साबीर फिटवेल, नगर पालिका अध्यक्ष मनुबेन डोडियार, उपाध्यक्ष रोश्नि डोडियार, कांग्रेस नेता नाथुभाई ठेकेदार, अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष सलेल पठान, सेवादल प्रमुख राजेश भटट, युवक कांग्रेस प्रमुख आशीष भुरिया, कलावती मेडा, विनय भाबोर, जितेन्द्रप्रसाद अग्निहोत्री, हेमचंद्र डामोर, बंटु अग्निहोत्री, अलीमुददीन सैयद, यामीन शेख, विजय पांडे, शब्बीर भाई बोहरा, वीरेन्द्र मोदी, सुरेश मुथा, गोपाल शर्मा, मानसिंह मेडा, शंकर सिंह भूरिया, कलावती गेहलोत, अकमालसिंह डामोर, कैलाश डामोर, विजय भाबोर, गौरव सक्सेना, अविनाश डोडियार, धुमा डामोर, रसीद कुरेशी, विवेक येवले, हेमेन्द्र कटारा, नुरजहां बी, आयुषी भाबोर, मालु डोडियार, सहित जिला कांग्रेस, ब्लाक कांग्रेस, महिला कांग्रेस, शहर कांगेस, सेवादल, युवक कांग्रेस, एनएसयुआई, किसान कांग्रेस सहित विभिन्न मोर्चा संगठन के पदाधिकारियों ने बोहरा एवं मुस्लिम समाज को बधाईयां दी है।

सांसद कांतिलाल भूरिया के अथक प्रयास के चलते इंदौर-अहमदाबाद फाॅरलेन का कार्य तीव्र गति से निर्माणाधीन

झाबुआ । सांसद कांतिलाल भूरिया के द्वारा केन्द्र सरकार को बार-बार दबाव डालकर इंदौर-अहमदाबाद हाईवे को पूर्ण करने का प्रयास अब सार्थक लगने लगा है। भूरिया जी के अथक प्रयास के कारण अब फारलेन का निर्माण कार्य तीव्र गति से प्रारंभ हो गया है। ज्ञातव्य है कि सांसद भूरिया ने अपने कार्यकाल के दौरान तत्कालिन यूपीए सरकार से इस हाईवे के निर्माण कार्य की स्वीकृति दिलवाई थी किंतु वह कार्य निश्चित अवधि में पूर्ण नहीं हो पाया था तथा केन्द्र मे एनडीए की सरकार बनने के बाद इस निर्माण कार्य बंद हो गया था। सांसद भूरिया ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बार-बार मुलाकात की तथा संसद में भी इस मामले को लेकर पूरजोर तरीके से उठाया गया तथा इस निर्माण कार्य हेतु कांग्रेसजनों के साथ मिलकर उन्होने सड़क पर धरना आंदोलन भी किया तथा इस निर्माण कार्य को पूरा कराने हेतु केन्द्र सरकार पर बार-बार दबाव डालकर इसे पूर्ण करने हेतु 122 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत करवाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। श्री भूरिया जी ने विगत दिनों झाबुआ में नेशनल हाईवे रोड़ से जुडे सुमित कुमार जीएम एवं रविन्द्र गुप्ता डीजीएम सहित दिल्ली से आए अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक लेकर इस कार्य में आ रही रूकावटों को लेकर भी जीएम एवं अधिकारियों को अवगत कराया तथा माछलिया घाट सेक्शन की घाट कटिंग के लिए भी 2 करोड़ से अधिक की राशि मंजूर कराने में भी उन्होंने अपनी सार्थक भूमिका निभाई। आज उन्हीें के प्रयास से इंदौर-अहमदाबाद क्षेत्र के आस-पास के निवासियों को इंदौर पहुंचने में कम समय लगने की उम्मीद जागी है। क्षेत्रवासी भूरिया जी के इस अथक प्रयास के लिए उन्हें अपना धन्यवाद भी ज्ञापित कर रहें है। जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सांसद प्रतिनिधि डाॅ.विक्रांत भूरिया एवं प्रवक्ता हर्ष भट्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि श्री भूरिया ने अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक झाबुआ में आयोजित की गई जिसमें अधिकारियों से कहा कि राजगढ़ से देवझिरी तक एवं देवझिरी से पिटोल तक इस कार्य को तय की गई अवधि में पूरा करे तथा इस पूरे फारलेन निर्माण को भी अप्रेल माह से पूर्व पूर्ण करने का प्रयास करें। श्री भूरिया ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि बजट प्राप्त होने के बाद भी यदि यह कार्य पूरा नहीं किया जाता है तो इसकी संपूर्ण जवाबदारी फारेलन से संबंधित अधिकारियों एवं विभाग की होगी।

गीता अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर आत्मज्ञान से भीतर को रोषन करती है:- डाॅ.के.के.त्रिवेदी

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झाबुआ । आगामी गीता जयंति महोत्सव के अंतर्गत प्रथम चरण में दिनांक 27,28 एवं 29 नवंबर को सायं काल 6 बजे से 7 बजे तक तीन दिवसीय गीता पाठ का आयोजन पंडित विष्वनाथ शुक्ल जी के सानिध्य मे संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम के पश्चात गीता पर भी प्रवचन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके मुख्य वक्ता जिले के इतिहासवीद श्री के.के. त्रिवेदी थे। श्रीमद भागवत गीता का मानव जीवन के लिए बहुत अधिक महत्व है। इसका उपदेश मनुष्य को जीवन की वास्तविकताओं से परिचित करवाता है और उसे निःस्वार्थ रूप से कर्म करने को प्रेरित करता है। यह मानव को कर्तव्यपरायण बनाता है। सबसे अहम बात यह भी है कि जब भी आप किसी तरह की शंका में जी रहें हो तो गीता का अध्ययन करें आपका उचित मार्गदर्शन अवश्य होगा। इसके अध्ययन, श्रवण, मनन और चिंतन से जीवन में श्रेष्ठता का भाव आता है। इसके संदेश में मात्र संदेश नहीं है बल्कि यह तो वह मुलमंत्र है जिन्हें हर कोई अपने जीवन में आत्मसात कर पूरी मानवता का कल्याण कर सकता है। गीता अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर आत्मज्ञान से भीतर को रोशन करती है। अज्ञान, दुःख, मोह, क्रोध, काम, लोभ आदि से मुक्ति का ज्ञान बताती है गीता। कुरूक्षेत्र के संग्राम में योगेश्वर श्री कृष्ण ने कर्तव्य विमुख अर्जुन को कर्तव्यबोध का मार्ग दिखाया वह पवित्र एवं प्रेरक ज्ञान श्रीमद भगवत गीता के रूप् में आज विश्व की अमूलय धरोहर बन गया है। कर्मयाग, ज्ञानयोग एवं भक्ति योग के माध्यम से लीला अवतार श्री कृष्ण जिन्हें जीवन जगत और जगत पिता का दर्शन कराया। यह प्राणीमात्र के लिए आंनदमय जीवन का स्त्रोत बन गया है। उक्त उद्गार साहित्स मर्मक डाॅ.के.के त्रिवेदी ने गीता महोत्सव पर चारभुजा मंदिर परिसर में आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए। इसके पूर्व पंडित विश्वनाथ शुक्ल ने गीता के महाआमात्य पर व्याख्यान देते हुए कहा कि मनुष्य को केवल कर्म करने का अधिकार है फल की चिंता करना व्यर्थ अर्थात निःस्वार्थ भाव से अपने कर्म का पालन करना चाहिए। गीता का ज्ञान गीता पड़ने वालों को हर बार एक नए रूप मंे हासिल होता है। मानव जीवन का ऐसा कोई पहलु नहीं है जिसकी व्याख्या गीता में ना मिले। हिंदु धर्म के इस पवित्र धर्म की महिमा जितनी गाई जाए उतनी कम है। किसी भी धर्म में ऐसा कोई ग्रंथ नहीं है जिसके उद्भाव, उत्पत्ति का दिन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। गीता ही एक मात्र ऐसा ग्रंथ है जिसके आविर्भाव के दिन को जयंती महोत्सव के रूप मंे मनाया जाता है। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन एवं आभार समिति के प्रमुख हरीश शाह ने किया। दीपक बद्रीलाल भंडारी की ओर से प्रसादी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शेषनारायण मालवीय, अजय रामावत, जितेन्द्र शाह, संजय शाह, शांतिलाल जी शाह, लक्ष्मीनारायण जी शाह, मीठालाल शाह, पुरूषोत्तम गेहलोद, राजेन्द्र शाह, कृषणकांत शाह, शशिकांत रामावत, शकुंतला कटलाना, सारदा बेन शाह, कीर्ति देवल, स्नेहलता कटलाना सहित बड़ी संख्या में श्रद्वालु एवं गणमान्य उपस्थित थे।

विश्व विकलांग दिवस पर खेलकूद, सामथ्र्य प्रदर्शन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

झाबुआ । जिला कलेक्टर श्री आषीष सक्सेना के मार्गदर्शन में झाबुआ में जिला स्तर पर विश्व विकलांग दिवस 3 दिसम्बर 2017 के अवसर पर निःशक्तता की सभी श्रेणीयों में (अस्थि बाधित, दृष्टि बाधित, श्रवण बाधित एवं मानसिक रूप से अविकसित) एवं आयु वर्गवार (6 से 14 वर्ष 16 से 18 वर्ष एवं 18 वर्ष से अधिक) खेलकूद प्रतियोगिताएॅं, सामथ्र्य प्रदर्शन प्रतियोगिताएॅं एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताएॅ आयोजित की जावेंगी ।  उपसंचालक सामाजिक न्याय श्री अषफाक अली ने बताया कि, जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार इस आयोजन के सफल क्रियान्वयन हेतु सर्वसम्बन्धित विभागों, निःशक्तता के क्षेत्र में जिले में कार्य कर रही संस्थाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं कार्यकर्ताओं की समिति बनाकर दायित्व निर्धारित किया जा चुका है । इस आयोजन में दिनांक 3 दिसम्बर रविवार को प्रातः 10.30 बजे से स्थानीय काॅलेज ग्राउण्ड पर जिला स्तरीय खेलकूद जिसमें निःशक्त व्यक्तियों के सामथ्र्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें एथेलेटिक्स की प्रतियोगिताएॅ लकड़ी / बैसाखी दौड़, जलेबी रेस, थैला रेस, चम्मच रेस इत्यादि का आयोजन किया जावेगा । एवं 3 दिसम्बर 2017 रविवार को दोपहर 2.30 बजे से जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र कल्याणपुरा रोड़ रंगपुरा में चित्रकला सांस्कृतिक एवं सामथ्र्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है । उक्तानुसार जिला स्तरीय खेलकूद, सामथ्र्य एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं व कार्यक्रमों का आयोजन निःशक्ता की सभी श्रेणी के बालक-बालिकाओं के लिए के लिए दो वर्गों सिनीयर वर्ग (18 वर्ष से अधिक) एवं जूनियर वर्ग (18 वर्ष से कम) में किया जावेगा । उक्त समस्त प्रतियोगिताओं में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतियोगियों को पुरूस्कृत किया जावेगा । 4 दिसम्बर 2017, सोमवार को जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र पर प्रातः 10.00 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक निःषक्तजनों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं निःषक्तता प्रमाण पत्र तैयार किये जावंेगे। विश्व विकलांग दिवस के सफल आयोजन हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उपसंचालक सामाजिक न्याय विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारी जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र झाबुआ, जिला षिक्षा अधिकारी, परियोजना समन्वयक सर्वशिक्षा अभियान, म0प्र0 जन अभियान परिषद, कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगरपालिका झाबुआ, जिला क्रिड़ा अधिकारी झाबुआ, पेरेन्ट्स सोसायटी फाॅर वेल्फेयर आॅफ पर्सन्स विथ डिसेबिलिटीस, समन्वय सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास समिति झाबुआ, आजाद विकलांग कल्याण समिति मेघनगर, श्रुति मूक बधिर संस्था अंतरवेलिया को आयोजन के विभिन्न दायित्व सौपे गये । जिले के समस्त जनपद मुख्यालयों से निःशक्तजनों के आवागमन की व्यवस्था हेतु मूख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, खण्ड शिक्षा अधिकारी, खण्ड स्त्रोत समन्वयक, तथा परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास का दायित्व निर्धारित किया गया । साथ ही सर्व सम्बन्धित विभागों जिले की शासकीय व अषासकीय शिक्षण संस्थाओं के प्राचार्य एवं निःषक्तता के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं से इस आयोजन को सफल बनाने हेतु सहयोग कर जिले के अधिकाधिक विकलांगजनों को उक्त कार्यक्रमों में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित करने हेतु आह्वान किया।

7 से 18 दिसम्बर तक चलेगा सघन मिशन इन्द्रधनुष का तृतीय चरण
  • सफल आयोजन के लिए जिला कार्यबल की बैठक संपन्न

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झाबुआ । स्वास्थ्य विभाग द्वारा माह जनवरी 2018 तक प्रतिमाह 18 तारीख तक सघन मिशन इन्द्रधनुष अभियान चलाया जाएगा। मिशन इन्द्रधनुष अभियान अंतर्गत जिले के टीकाकरण से छूटे लक्षित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाएगा। अभियान के तीसरे चरण के सफल आयोजन के लिए आज जिला कार्यबल की बैठक का आयोजन कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में किया गया। बैठक मे मिशन इन्द्रधनुष के तीसरे चरण 7 दिसम्बर से 18 दिसम्बर तक चलने वाली गतिविधियों की समीक्षा करते हुवे कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना ने निर्माण साइटो, झुग्गी बस्तियों एवं माता-पिता के साथ पलायन पर रहने वाले बच्चों पर विशेष फोकस करते हुए टीकाकरण का लक्ष्य शत-प्रतिशत पूर्ण करने के लिए जिला टीकाकरण अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को बैठक में निर्देशित किया। बैठक मे सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ डी एस चैहान, जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ राहुल गणावा, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री जमरा, सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

ग्राम पंचायत को मिलेगा 2 लाख का पुरस्कार
लक्षित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कार्य शत-प्रतिशत करने वाली ग्राम पंचायत को भी शासन द्वारा दो लाख रूपये का पुरस्कार दिया जाएगा एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारियो को भी शासन द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। जिला स्तर पर रू. 2.00 लाख, स्वास्थ्य विभाग के सेक्टर (प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र) स्तर पर रू. 1.00 लाख एवं ग्राम पंचायत स्तर पर टीकाकरण का लक्ष्य शत-प्रतिशत पूर्ण करने पर रू. 2.00 लाख का पुरस्कार उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारियो को शासन द्वारा दिया जाएगा। ग्रामीण क्षैत्र में हुए टीकाकरण की मानीटरिंग करने के लिए ब्लाक के बी.ई एवं बीसीएम द्वारा की जाएगी। बी.ई एवं बीसीएम एवं सीडीपीओ महिला बाल विकास की टीम गांव में आकस्मिक जाकर टीकाकरण का भौेतिक सत्यापन करेगी। बच्चो को टीकाकरण बूथ तक लाने ने जाने के लिए सचिव रोजगार सहायक, आंगनवाडी कार्यकत्र्ता एवं सहायिका द्वारा अभियान के दौरान सतत कार्य किया जाएगा।

एडस एवं मिशन इन्द्रधनुष के लिए जागरूकता रैली आयोजित

झाबुआ । आज विश्व एडस दिवस के अवसर पर एडस एवं मिशन इन्द्रधनुष के लिए जन जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। सघन मिशन ईन्द्रधनुष अभियान के तीसरेे चरण में 7 से 18 दिसम्बर 2017 तक टीकाकरण किया जाएगा। इसलिए आज जनचेतना हेतु रैली का आयोजन राजवाडा चैक से जिला अस्पताल तक किया गया। रैली में डाॅ.डी एस चैहान सीएमएचओं डाॅ. राहुल गणावा जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. जितेन्द्र बामनिया, जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ. सिसौदिया व आर आर खन्ना जिला कार्यक्रम अधिकारी ने रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। रैली का आयोजन कर इस अभियान में शामिल हो कर शत प्रतिशत टीकाकरण कर हर बच्चे व गर्भवत्ती महिलाओं को सुरक्षित रखने का प्रयास करने के लिए आमजन से अपील की गई।

राणापुर के नंदकिशोर ने राज्य स्तर पर कहानी उत्सव में द्वितीय स्थान प्राप्त किया

झाबुआ । झाबुआ जिले के शासकीय बालक माध्यमिक विद्यालय राणापुर के छात्र नंदकिशोर पिता शंकर नायक ने राज्य स्तरीय कहानी उत्सव प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त कर जिले को गौरान्वित किया है। नंद किशोर को जिले के लिए इस उपलब्धि के लिए कलेक्टर श्री आशीष सक्सेना, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिडे, सहायक आयुक्त श्री गणेश भाभर सहित विद्यालय के शिक्षको एवं विद्यार्थियों ने बहुत-बहुत बधाई दी।

सत्र 2018-19 में 1 अप्रैल से प्रारंभ होगा शैक्षणिक सत्र

झाबुआ । राज्य शासन द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता को दृष्टिगत रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि आगामी शैक्षणिक सत्र 2018-19 में कक्षा 1 से 12 वी तक का शैक्षणिक सत्र 01 अप्रेैल से प्रारंभ होगा। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है।

विभिन्न चिकित्सीय पाठ्यक्रमों में अनुमति दिये जाने की अंतिम तिथि एवं प्रवेश की तिथि परिवर्तित

झाबुआ । शैक्षणिक सत्र 2017-18 के विभिन्न पाठ्यक्रमों में अनुमति दिये जाने की अंतिम तिथि एवं प्रवेश की तिथि रजिस्ट्रार मध्यप्रदेश सह चिकित्सीय परिषद द्वारा परिवर्तित की गई है। शैक्षणिक सत्र 2017-18 में विभिन्न सह चिकित्सीय पाठ्यक्रमों में अनुमति दिये जाने की अंतिम तिथि 30 दिसम्बर तथा (ऑनलाइन फार्म भरने की अंतिम तिथि) प्रवेश की अंतिम तिथि 15 जनवरी 2018 निर्धारित की गई है।

छोटे -छोटे परिवर्तन कर जीवन को सरल बनाये,  महिला बाल विकास विभाग में अल्प विराम कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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झाबुआ । आज जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग झाबुआ के शासकीय सेवको के लिए अल्प विराम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अल्प विराम कार्यक्रम में नोडल अधिकारी आनंद विभाग एवं उप संचालक जनसम्पर्क श्रीमती अनुराधा गहरवाल ने अल्प विराम कार्यक्रम का संचालन किया। अल्प विराम कार्यक्रम में शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों के व्यवहार और विचारो को और अधिक सकारात्मक करने के लिए अपने आपकों पहचानने अपने अंदर छुपी अच्छाईयों को और अधिक बढाने एवं अपने अंदर की बुराईयों को धीरे-धीरे कम करने के लिए अभ्यास करवाया गया। अल्प विराम कार्यक्रम में पक्षी बाज के जीवन के बारे में बताते हुवे जीवन में छोटे-छोटे बदलाव कर जीवन को आसान बनाने के बारे में बतायो गया। अपने अंदर की बुराईयो को कम करते हुए स्वयं में छोटे-छोटे बदलाव करके अपनी उर्जा को अपने उद्देश्यो को पूरा करने में उपयोग कर सकते है। एवं नकारात्मक विचारो से नष्ट होने वाली उर्जा को बचा कर सकारात्मक कार्यो में लगाया जा सकता है। स्वयं को खुश रखने के तरीके बताये गये। शासकीय सेवको को बताया गया कि वे जीवन मूल्यों को समझकर अपने व्यवहार में बदलाव करके व्यस्तम समय में भी आनंद की अनुभूति कर सकते है। क्रार्यक्रम में कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास  श्री जमरा जिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री बघेल सहित विभाग के शासकीय सेवकों ने भाग लिया।

बिहार : कुलपति ने ए॰आई॰एस॰एफ॰ प्रतिनिधिमंडल वार्ता के दरम्यान में दिलाया भरोसा

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छात्र संघ चुनाव जनवरी में होना तय, पटना काॅलेज छात्रावासों का होगा आवंटन, जनवरी से बढ़ेगी सेन्ट्रल लाइब्रेरी की टाइम, पीएच॰डी॰ नामांकन नए रेगुलेशन से करने की प्रक्रिया शुरू, लाॅ सेमेस्टर की बाधित परीक्षा का दिलाया भरोसा, पत्रकारिता के पी॰जी॰ छात्रों का लैब बनाने का आश्वासन, नेत्रहीन छात्रों के हाॅस्टल में मिलेगी विशेष सुविधा, आर्ट काॅलेज में स्थायी प्राचार्य के लिए प्रक्रिया में संशोधन,  ए॰आई॰एस॰एफ॰ का पी॰यू॰ मुख्यालय पर प्रदर्शन
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पटना:- पटना वि॰वि॰ में छात्रसंघ चुनाव जनवरी में होना तय है। छात्रसंघ चुनाव 23 सीटों पर होगा जिसमें सेन्ट्रल पैनल के पाँच पद होंगे। ये बातें पटना वि॰वि॰ कुलपति ने आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन  के पाँच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के दरम्यान कही। कुलपति रास बिहारी सिंह ने कहा कि महामहिम कुलाधिपति के निर्देशानुसार 15 जनवरी के पहले ही पटना वि॰वि॰ में चुनाव होगा। इसकी अधिसूचना जनवरी में जारी होगी। 10 जनवरी के लगभग किसी डेट पर चुनाव कराने की बात कही। वे आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन के बैनर तले आज छात्रों के प्रदर्शनप के बाद शाम में साढ़े तीन बजे प्रतिनिधिमंडल से वार्ता कर रहे थे।कुलपति श्री सिंह ने कहा कि पटना काॅलेज के मिण्टो व जैक्सन छात्रावास 4 जनवरी को ठेकेदार से हैण्डओवर काॅलेज करेगा। कमरों से चैकी-टेबल व कुर्सी गायब है। इसको लेकर ठेकेदार को तलब किया गया है। 4 करोड़ 85 लाख रु॰ दोनों हाॅस्टलों के लिए जारी हुआ था लेकिन गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं हो पाए हैं। समस्या यह भी है कि पैसा की कमी है हाॅस्टल मंे बिना चैकी-टेबल व कुर्सी के कैसे छात्र रह पायेंगे। इस बात की जानकारी पाकर ए॰आई॰एस॰एफ॰ प्रतिनिधिमंडल ने शीघ्र ही आधारभूत संरचना निगम के निदेशक से भी मिलने की बात कही। कुलपति ने ए॰आई॰एस॰एफ॰ के 24 घंटे केन्द्रीय पुस्तकालय खोलने की मांग पर जनवरी से केन्द्रीय पुस्तकालय का टाइम बहाने का भरोसा दिलाया। वहीं कुलपति ने यू॰जी॰सी॰ रेगुलेशन, 2016 के तहत पीएच॰डी॰ 1 फरवरी के सत्र से कराने की बात कही। कुलपति ने कहा कि हर विभागों से पीएच॰डी॰ स्टूडेन्ट्स की संभावित संख्या मांगकर उसके चार गुना आवंटन आमंत्रित किये जायेंगे। रिक्तियों की संख्या इसी माह में तथा जनवरी तक आवेदन लिए जायेंगे। प्रतिनिधिमंडल ने कई छात्रों के जे॰आर॰एफ॰ लैप्स करने की बात उठायी।
आर्ट काॅलेज में स्थायी प्राचार्य की बहाली प्रक्रियाधीन बताते हुए कहा कि वि॰वि॰ सेवा आयोग के माध्यम से ही बहाली होगी। पहले की अपेक्षा आर्ट काॅलेज प्राचार्य के लिए बनायी गयी नियमावली को शिथिल कर आसान बनाया गया है। वहीं टेªनिंग काॅलेज की मान्यता पर कहा कि वे लगातार चिन्तित है और सरकार से पत्राचार भी हुआ है कि कोई रासता निकल जाए और 1908 मंे स्थापित टेªनिंग काॅलेज जो कि उस वक्त चार पुराने टेªनिंग काॅलेज मंे है धरोहर के तौर पर बचा है। मिण्टो स्थित नेत्रहीन छात्रावास के संबंध में उन्होंने छात्रों से प्रस्ताव मांग कल्याण विभाग से पैसा जारी करवाने की बात कही तथा स्टाफ, स्वीपर एवं गार्ड के लिए बात करने का भरोसा दिलाया। एम॰जे॰एम॰सी॰ मंे लैब बनवाने के लिए विभाग से प्रस्ताव मांगा तथा उसी अनुरूप लैब बनवाने का निर्देश विभागाध्यक्ष को देने की बात कही। एलएल॰बी॰ सेकेण्ड सेमेस्टर की पूरक परीक्षा को कराने के संबंध में नियमों को देख छात्रहित में निर्णय की बात कही। वहीं दरभंगा हाउस के अंदर छात्राओं के ज्वपसमज बनने की प्रक्रियाधीन बताते हुए शीघ्र ही सभी कैंपसों में मूलभूत सुविधाओं को पी॰यू॰ शताब्दी समारोह के समापन के बाद कार्ययोजना मंे जुटने की बात कही। जबकि छात्रों पर दर्ज फर्जी मुकदमों पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधिमंडल में ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राज्य सचिव सुशील कुमार, पी॰यू॰ सह सचिव बब्लू राज, अभिषेक कुमार, आफताब आलम एवं पंकज कुमार शामिल थे। ए॰आई॰एस॰एफ॰ के बैनर तले इससे पूर्व दरभंगा हाउस से जुलूस निकला। जो कि पटना काॅलेज होते हुए पी॰यू॰ मुख्यालय साढ़े बारह बजे पहुंचा। आक्रोशित छात्रों को देख पुलिस व वि॰वि॰ कुलानुशासक पहुँचे। कुलानुशासक जी॰के॰ पिल्लई ने कुलपति से बात कर 3ः00 बजे का समय तय किया। जिसके बाद ए॰आई॰एस॰एफ॰ प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति से मिलकर 12 सूत्री का ज्ञापन सौंपा।प्रदर्शन में ए॰आई॰एस॰एफ॰ के जिला सचिव सुशील उमाराज, जिला उपाध्यक्ष जन्मेजय कुमार, पीयू सचिव मुकेश कुमार, राज्य पार्षद सुभाष पासवान, बिट्टू कुमार, पीयूष कुंवर, राजेश कुमार, विश्वजीत कुमार, शेखर सुमन, प्रकाश पाल, अशोक कुमार यादव, मंजीत, प्रशांत, रणविजय, विकास सहित दर्जनों छात्र शामिल थे।

मधुबनी : हर्सोल्लास के साथ मनाया गया जिला स्थापना दिवस

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मधुबनी,1 दिसंबर; मधुबनी जिला के 45 वें स्थापना दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित वाट्सन उच्च विद्यालय में जिला स्थापना दिवस कार्यक्रम हर्षोल्लास एवं धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर वाट्सन उच्च विद्यालय से स्टेशन चौक तक स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा प्रभात भेरी निकाली गयी।  जिला पदाधिकारी ने वाट्सन उच्च विद्यालय परिसर से प्रभातफेरी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद जिला पदाधिकारी द्वारा स्टेशन परिसर स्थित गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। पुनः थाना चौक स्थित विद्यापति टावर स्थित विद्यापति की प्रतिमा पर भी जिला पदाधिकारी ने माल्यार्पण किये। इसके बाद कामेश्वर उच्च विद्यालय, पंडौल के परिसर में हो रहे फुटबाॅल खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ किए। तत्पश्चात वाट्सन उच्च विद्यालय परिसर स्थित जिला स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन  जिला पदाधिकारी,   अध्यक्ष, जिला परिषद, एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। 

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उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी ने कहा कि मधुबनी जिले के लोग पूरे विश्व में अपना योगदान दे रहे है। यहां की मधुबनी पेंटिंग पूरे दुनिया में मधुबनी को सम्मान दिला रही है। जिला प्रशासन द्वारा जिला वासियों के सहयोग से विकास कार्य करने के प्रति संकल्पित है। जिला प्रशासन द्वारा सात निशचय योजनाओं को गली-नाली, पक्की सड़क सहित अन्य कार्यो पर विषेष रूप से कार्य कर रही है। खुले में शौच मुक्त के लिए पूरे जिले में जागरूकता एवं व्यवहार परिवत्र्तन के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिला स्थापना दिवस के अवसर पर जिले में शौचालय निर्माण हेतु एक हजार गड्ढ़ा खोदा गया है। आगे वृक्षारोपण से संबंधित कार्यक्रम का भी आयोजन किया जायेगा। जिले में सामाजिक सुधार के लिए भी पहल करने की आवष्यकता है। उन्होने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में मधुबनी जिला राष्ट्रीय स्तर पर नीचे है, जिसके लिए बेहतर कार्य करने की आवष्यकता है। जिसे सभी का सहयोग लेकर बेहतर किया जा सकता है। उन्होने कहा कि जिले के विभिन्न प्रखंडो के 74 बेघर लोगों के बीच जिला स्थापना दिवस के अवसर पर पर्चा का वितरण किया गया है। माननीय, मुख्यमं़त्री, बिहार के द्वारा लगभग 1 हजार लोगों के बीच पर्चा वितरण किया जाना है। पेंषन संबंधी लंबित मामलों के लिए वे पंचायतों को चिन्हित कर पेंषन षिविर का आयोजन कर रहे है। जिला पदाधिकारी ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा लोगों को जागरूक करने के उद्देष्य से स्टाॅल लगाया गया है। जहां उस विभाग से संबंधित जानकारी दी जा रही है। इससे पूर्व श्री दुर्गानंद झा, अपर समाहत्र्ता, मधुबनी द्वारा श्री प्रेम कुमार, प्रभारी मंत्री के संदेषों को पढ़कर लोगों को सुनाया गया।
तत्पश्चात जिला पदाधिकारी द्वारा आत्मा के स्टाॅल का निरीक्षण करते हुए शुरूआत किये। उन्होंने परिवहन विभाग के द्वारा हाई सिक्युरिटी रजिस्ट्रेषन प्लेट का शुभारंभ किये एवं उन्हें बताया गया कि जिला मुख्यालय में वाहन प्रषिक्षण के लिए लिए निजी ड्राईविंग ट्रेनिंग सेंटर खोला गया है। जिससे लोग प्रषिक्षण प्राप्त करेंगे। जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिले के सभी विद्यालयों के बसों में स्पीड लिमिटिंग डिवाइस लगाया जाना है। मुख्यालय स्थित पोल स्टार और रिजनल सेकेड्री स्कूल में यह डिवाइस सभी बसों में लगाया गया है। जिला पदाधिकारी द्वारा सभी विद्यालयों के बसों में यह डिवाइस लगाये जाने का निदेष दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा मत्स्य विभाग द्वारा 70 प्रतिषत अनुदान पर 13 मछुआरों को टी0वी0एस0 एक्स0एल0 100 की बाइक की चाबी और कागजात देकर विदा किया गया। जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि 30 प्रतिषत डाउन पेमेंट लेकर यह बाइक दिया जा रहा है। ताकि मछुआरों को मछली की ढ़ुलाई में सुविधा हो।
जिला पदाधिकारी द्वारा पुरूष/महिला खिलाड़ियों द्वारा आयोजित कबड्डी प्रतियोगिता का फीता काटकर उद्घाटन किया गया तथा सभी खिलाड़ियों का हौसला आफजाई किये। कबड्डी प्रतियोगिता पुरूष/महिला में मधुबनी की टीम ने बाबूवरही की टीम को एकतरफा मुकाबले में पराजित किया। वहीं पंडौल में हुए फुटबाॅल प्रतियोगिता में मधुबनी-दरभंगा की टीम के बीच मैच खेला गया। जिसमें कोई भी टीम समय-सीमा के अंदर गोल नहीं कर पायी। बाद में निर्णायक मंडल के द्वारा ट्राईब्रेकर का सहारा लिया गया। जिसमें मधुबनी ने दरभंगा को 2-0 से हराया। मैच के कोर्डिनेटर श्री मनीष सिंह थे। 

स्थापना दिवस के अवसर पर विभिन्न विद्यालयों की छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। तथा संध्या में मिथिलांचल के अन्य सिद्धस्त कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति पेष किए। इस अवसर पर मुषायरा का भी आयोजन किया गया। जिला स्थापना दिवस के अवसर पर इंडियन रेड क्राॅस, मधुबनी द्वारा सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में रक्तदान षिविर का आयोजन किया गया।  इस अवसर पर श्री दुर्गानंद झा, अपर समाहत्र्ता, मधुबनी, श्री ए0के0 पांडेय, ए0एस0पी,मधुबनी, श्री सुनील कुमार सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी,सदर मधुबनी, श्री जटाषंकर झा, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, मधुबनी, श्री सत्यप्रकाष, वरीय उप समाहत्र्ता, मधुबनी, श्री विनोद कुमार पंकज, नजारत उप समाहत्र्ता, मधुबनी, श्री नवीन कुमार, पी.जी.आर.ओ, एवं श्री उपेन्द्र पंडित, पी.जी.आर.ओ, श्री पंकज गुप्ता, पी.जी.आर.ओ.समेत सभी विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं अन्य लोग उपस्थित थे।

स्वास्थ्य : स्वस्थ रहना है तो पैदल चलें दिल्लीवासी

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नई दिल्ली, 29 नवंबर, भारत की प्रमुख स्टैंडएलोन स्वास्थ्य बीमा कम्पनियों में एक मैक्स बूपा ने फेफड़े और ईएनटी विशेषज्ञों समेत लगभग 40 डॉक्टरों के बीच एक सर्वे किया, जिसका उद्देश्य यह जानना था कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मौजूदा हालात को देखते हुए दिल्ली वासी स्वस्थ रहने के लिए क्या कदम उठाएं।  सर्वे में दिल्ली वासियों के लिए पैदल चलने को सबसे उपयुक्त व्यायाम माना गया। सर्वे में शामिल डॉक्टरों का मानना है कि हवा की गुणवत्ता में लगातार गिरावट के मद्देनजर जॉगिंग करने, दौड़ने और साइक्लिंग की तुलना में पैदल चलने को बेहतर व्यायाम बताया गया। सर्वे किए गए 83 प्रतिशत डॉक्टरों ने बाहर हवा की गुणवत्ता में गिरावट के दुष्परिणामों से बचने के लिए हर दिन पैदल चलने की सलाह दी। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का अनुपालन करते हुए केंद्र सरकार द्वारा गठित पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने विभिन्न स्थानीय और वैश्विक कारणों से हवा की गुणवत्ता में और गिरावट का अंदेशा व्यक्त करते हुए इसे दिल्ली वासियों के स्वास्थ्य पर बड़ा खतरा बताया है। दिल्ली में 27 नवंबर की हवा को 'स्वास्थ्य के लिए बहुत बुरा'बताया गया। दिल्ली के कुछ हिस्सों में 2031 यूनिट में पीएम 2.5 का औसत स्तर पिछले कुछ सप्ताह से कम (450-499 निशान) जरूर दर्ज किया गया फिर भी यह सुरक्षा सीमा से 10 गुना अधिक था।

स्वास्थ्य सेवा के जानकारों का कहना है कि 'खतरा'कम हुआ मान कर लोग बिना किसी सावधानी घर से बाहर पैदल चलने लगे हैं। हालांकि मैक्स बूपा के सर्वे में डॉक्टरों ने मौजूदा हवा को स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक बताया और लोगों से घर के अंदर ही पैदल चलने की सलाह दी है। उनसे घर के बाहर जा कर अपना नुकसान करने के बदले अंदर ही पैदल चल कर एक्टिव लाइफस्टाइल बनाए रखने की अपील की है। घर से बाहर निकलने वालों से डॉक्टर ब्रीदिंग मास्क लगाने के साथ-साथ बाहर निकलने का सही समय और यह भी बताते हैं कि कितना समय बाहर रहें। अगले कुछ दिनों में दिल्ली में वायु प्रदूषण में भयानक वृद्धि का खतरा देखते हुए डॉक्टरों की सलाह का ध्यान रखना अधिक आवश्यक हो जाता है। मैक्स बूपा के एमडी और सीईओ आशीष मेहरोत्रा ने कहा, "हमारा मकसद ग्राहकों को बेहतर स्वास्थ्य और सुखी जीवन देने में सहायक होना है। लेकिन आज हर उम्र के लोगों के स्वास्थ्य पर भयानक प्रदूषण का खतरा है। हम अपने कर्मचारियों, ग्राहकों और सोशल मीडिया पर अपने फॉलोअरों को प्रदूषण के दुष्परिणामों से बचाने के लिए 'लेट्स ब्रीद बेटर टुगेदर'कैम्पेन भी शुरू किया है। इसके माध्यम से हम लोगों को प्रदूषण के दुष्परिणामों से बचने और स्वस्थ रहने के बारे में सुझाव देते हैं।"

व्यापार : टाटा मोटर्स की घरेलू बिक्री 58 फीसदी बढ़ी

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मुंबई, 1 दिसम्बर, वाहन निर्माता टाटा मोटर्स ने शुक्रवार को बताया कि नए वाहनों की लांचिंग के कारण उसने नवंबर में बिक्री में जोरदार वृद्धि दर्ज की है।  कंपनी के मुताबिक, नवंबर में उसकी घरेलू और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 58 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और कुल 52,464 वाहनों की बिक्री हुई। हालांकि इस दौरान कंपनी के निर्यात में 12 फीसदी का गिरावट दर्ज किया गया और कुल 4,927 वाहनों का निर्यात किया गया। कंपनी अपने ज्यादातर वाहनों का निर्यात नेपाल और श्रीलंका को करती है, जहां कम बिक्री दर्ज की गई।

फिल्मों के नाम पर 200 करोड़ की ऑनलाइन ठगी मामले में बदमाश गिरफ्तार

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लखनऊ, 1 दिसम्बर, उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एंपरर मीडिया एंड एंटरटेनमेंट व फिनकार्प क्वाईन नाम की कंपनी बनाकर फिल्म इंडस्ट्री में निवेश के नाम पर व भारी लाभ का प्रलोभन देकर कई राज्यों से लगभग 200 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक जालसाज को इलाहाबाद जनपद से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए बदमाश ओमप्रकाश के पास से एक कंयूटर, तीन मोबाइल, एक जीओ नेट सेंटर, कई बैंक के चेक, आठ रजिस्टर, लैपटॉप, पाचं मोहरें और 290 रुपये मिले हैं। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने शुक्रवार को बताया, "एसटीएफ की इलाहाबाद फील्ड इकाई को सूचना मिली कि इलाहाबाद के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में एक गिरोह फर्जी कंपनी बनाकर फिल्म इंडस्ट्री में निवेश व इसमें भारी लाभ का प्रलोभन देकर ऑनलाइन ठगी कर रहा है, जिसके खिलाफ मुकदमा दर्ज है। अब गिरोह भारी धनराशि वसूल कर कहीं भागने की फिराक में है। इस सूचना पर टीम ने पुलिस के साथ मुखबिर के बताए स्थान इंफ्रा प्राइवेट लि. बिल्डिंग, ताशकंद मार्ग, सिविल लाइन पर दबिश दी और मौजूद अभियुक्त ओमप्रकाश को गिरफ्तार कर लिया।"पूछताछ में बदमाश ने बताया कि 'वह ऑनलाइन प्राइवेट कंपनियों में पूर्व से ही काम करता रहा है। फिर बरेली निवासी मो. असीर के साथ एंपरर मीडिया एवं एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में साथ मिलकर काम करने लगा। इस कंपनी की निदेशक अनारा गुप्ता व नरेश शर्मा (हरियाणा) व प्रदीप शर्मा (हरियाणा) व शत्रुघ्न टी. सिंह हैं। इसका मुख्यायल विभूतिखंड, लखनऊ में है।"एसटीएफ इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों के संबंध में छानबीन कर रही है।

अन्नाद्रमुक, द्रमुक उम्मीदवारों व दिनाकरन ने उपचुनाव के लिए पर्चा भरा

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चेन्नई, 1 दिसम्बर, तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी अन्नाद्रमुक और मुख्य विपक्षी दल द्रमुक के उम्मीदवारों ने 21 दिसम्बर को आर.के. नगर विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव के लिए शुक्रवार को अपने नामांकन पत्र दाखिल किए। अन्नाद्रमुक के उम्मीदवार पूर्व मंत्री ई मधुसूदनन हैं और द्रमुक के उम्मीदवार मारुधु गणेश हैं। अन्नाद्रमुक के एक गुट के नेता टी.टी.वी. दिनाकरन ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दायर किया। अप्रैल 2017 में हुए उपचुनाव में दिनाकरन तत्कालीन सत्तारुढ़ अन्नाद्रमुक दल के उम्मीदवार थे लेकिन मतदाताओं को रिश्वत देने के आरोप में इस उपचुनाव को रद्द कर दिया गया था। आर.के. नगर सीट 5 दिसंबर 2016 को मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के कारण रिक्त हुई है। इंडियन नेशनल लीग ने मधुसूदनन को समर्थन देने की घोषणा की है। द्रमुक ने पहले ही कांग्रेस, वीसीके, मनीथेन्या मक्कल काची और अन्य छोटे संगठनों का समर्थन हासिल कर लिया है। पीएमके, डीएमडीके और तमिल मनिला कांग्रेस ने चुनाव ना लड़ने का फैसला किया है।
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